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Passion's Deadly Obsession

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*" Passion Deadly Obsession! "** दुनिया के सबसे अमीर और शक्तिशाली आदमी की उपाधि धारण करने वाला, 26 साल का रेहान अदानी (Dangerous devil), जिसका नाम सुनते ही दुनिया भर में हलचल मच जाती है. उसकी जिंदगी में एक चमकता हुआ सितारा आता है 22 साल की खूबसूरत कि...

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Kiya Kapoor

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Total Chapters (16)

Page 1 of 1

  • 1. Passion's Deadly Obsession - Chapter 1   "रात का जादू, बारिश में तपिश"

    Words: 2352

    Estimated Reading Time: 15 min

         
    रात का समय,

    मुंबई के सुनसान इलाके में बारिश का पानी वातावरण को मदहोश बना रहा था। इसी संतोष में तेज़ रफ़्तार में एक चमकती हुई रोल्स रॉयस ला रोज़ नॉयर ड्रॉपटेल" कस्टमाइज़ड,  कार आ रही थी, जिसमें 26 साल का एक लड़का बैठा था।
     
    उसका चेहरा गुस्से से लाल था, पर उतना ही आकर्षक लग रहा थाः
     
    नीली आँखें जो रात की तरह गहरी और रहस्यमय थीं। गुलाबी, पतले होंठ जो उसके गुस्से को कम नहीं कर रहे थे।
     
    • शार्प जॉलाइन जो उसके चेहरे को एक अजीब सा ख़तरनाक लुक देता था
     
    • फेयर टोन जो उसके चेहरे को एकदम साफ़ और आकर्षक बना रहा था
     
    वह लड़का, रेहान अदानी , कार को चलाते हुए किसी से फोन पर चिला रहा था: "ढूंढो उसे... जो मेरी सब कुछ है ! 10 साल हो गए हैं उसे गए, मुझे नहीं पता कहाँ है, कैसे मिलेगी... ढूंढो नहीं तो अपनी जान दे दो।
    गुस्से में अपना फोन फेंक दिया,

    उसके हाथ कार के स्टीयरिंग पर कसे हुए थे, और वह किसी गहरी सोच में खोए हुए कार चला रहा था,
     
    उसी सड़क पर एक लड़की अपने पैरों से तेज़ - तेज़ भाग रही थी, बारिश की बूंदें उसे भिगो रही थीं और उसकी खूबसूरती को बढ़ा रही थीं
     
    उसके काले लंबे बालों में बारिश की बूंदें फंसी हुई थीं, जो उसके चेहरे पर प्यारा  बना रही थीं उसके होंठ गुलाबी और मॉइस्चराइज़ थे, जो बारिश की बूंदों से भिगे हुए थे उसकी आँखें बड़ी और हल्की भूरी थीं, जो बारिश की रात में भी चमक रही थीं उसका रंग गोरा और चमकदार था, जो बारिश के बूंदों से और निखर गया।
     
    उसकी उमर लगभग 22-23 साल थी, और वह एकदम अकेली भाग रही थी, जैसे कि उसे पीछे कोई जानवर पड़  हो।
     
    रेहान की कार उसे निकलने ही वाली थी कि वह अचानक उसकी कार से टकरा गई और गिर पड़ी।
     
    पीछे रेहान की कार रुक गई, और वह बाहर निकलकर उस लड़की के पास पहुँचा। उसने देखा कि वह लड़की गिर है और उसके माथे से खून निकल रहा है।
     
    रेहान ने उसे उठाया और देखा कि उसकी आँखें बंद थीं, लेकिन उसके चेहरे की खूबसूरती, और मासूमियत कम नही हुई।
     
    रेहान के दिल में एक अजीब सा एहसास पैदा हुआ, उस लड़की के मासूम बेदाग चेहरे को देख के।
    तभी वहा कुछ कुछ गुंडे उसके पास आए और बोले, "यह लड़की हमें दो दो, हमें तुमसे कोई मतलब नहीं है, बस यह लड़की चाहिए."
     
    रेहान की आँखों में गुस्सा आ गया, वह गुंडा लड़की की तरफ बढ़ा और रेहान लड़की को अपने पीछे कर दिया। गुंडा आगे बढ़ के जैसे ही लड़की का हाथ पकड़ने को हुआ , रेहान ने अपने एक हाथ से गुंडा का हाथ तोड़ दिया। जिसे गुंडा दर्द से चीख उठा! रेहान ने उसे एक लात मार दी। गुंडा दूर जा गिरा,  रेहान ने उस लड़की को कार के बोनेट पर लेटा दिया।
     
    बाकी के गुंड़े डर के साथ पीछे हटने लगे, लेकिन रेहान ने उन्हें रोक दिया। 

     रेहान ने गुंडों को रोक दिया, तो वे सीधे भागने लगे। लेकिन रेहान ने उन्हें पकड़ लिया और उनके सामने गुस्सेवाले खतरनाक सर्द चेहरे के साथ खड़ा हुआ।
     
     
    रेहान का गुस्सेवाला चेहरा और भी खतरनाक हो गया। उसने एक गुंड़े का गला पकड़ लिया और उसे तोड़ दिया।
    कुछ गुंड़े डर के साथ चिलाते हुए बोलने लगे, "प्लीज़ हमें माफ कर दो... हमें नहीं चाहिए वो लड़की... तुम ही रखो..."

    बाकी के गुंड़े डर के साथ पीछे हटने लगे, और रेहान ने बाकियों को बहुत बुरी मौत दी।
     
    गुंड़े जान से मारे गए और रेहान ने अपने गुस्से को शांति देना चाहा। लेकिन जब वह उस लड़की के पास गया और उसे बोनट से उठाने लगा, तो उसकी नज़रें उस लड़की के चेहरे पर पड़ीं।
     
    उस लड़की का चेहरा एकदम सुंदर था,  रेहान का गुस्सेवाला चेहरा नरम हो गया।

    जब रेहान ने उस लड़की को देखा, तो उसका चेहरा एकदम नर्म हो गया। वह उसे कार के पीछे की सीट पर लेटा दिया और आगे की सीट पर बैठ जाता हैं,
     
    उसने एक नज़र पीछे मुड़कर उस लड़की को देखा, फिर आगे की तरफ देखते हुए कार चलाने लगा। कुछ देर में वह अपने बड़े से विला पहुँच गया।
     
    उसने कार रोक दी और लड़की को गोद में उठाए !मेहमानों के कमरे में ले जाकर उसे बिस्तर पर लेटा दिया। डॉक्टर आ गए और उस लड़की की जाँच-प्रताल की।
     
    उन्होंने उसके सिर पर पट्टी बांधी, चोट का इलाज किया और इंजेक्शन दिया। 
     
    डॉक्टर ने रेहान से कहा - "सर, यह बस कमजोरी से बेहोश है, कुछ घंटों में होश आ जाएगी।"
     
    रेहान ने हां में बस सर हिला दिया , डॉक्टर को जाने दिया।

    रेहान अपने कमरे में जाकर शॉवर के नीचे खड़ा हो गया, पानी की बूंदें उसके शरीर पर पड़ रही थीं-
     
    उसके काले बालों को भिगो रही थीं, जो अभी तक गुस्से के कारण सुलग रहे थे , उसके 48 इंच के ब्रॉड चेस्ट पर पड़ रही थी, जो उसके पावरफुल फिजिक को दर्शा रहा था।

    उसके चौड़े कंधों पर २० इंच के टोन्ड बाइसेप्स पड़ रहे थे, जो उसके जिम की मेहनत को ज़ाहिर कर रहे थे। उसके 8 पैक एब्स फिटनेस के शौक पर थे,

    उसकी लंबी टांगों पर पड़ रही थी, जो उसके एथलेटिक बिल्ड को दर्शा रही थी। थाई सर्कम्फरेंस 23 इंच और कैल्फ सर्कम्फरेंस 20 इंच था। पैरों और हाथों के मांसपेशियाँ भी परफेक्टली टोन्ड थीं, जो उसके ओवरऑल फिजिक को परफेक्ट बना रही थीं।
     
    रेहान गहरी सोच में था, आँखें बंद की हुई थीं। उसके दिमाग में उस लड़की का चेहरा घूम रहा था - उसके मासूम सी चेहरे, उसके गुलाबी होंठ, उसकी बड़ी-बड़ी आँखें...
     
    उसके चेहरे पर एकदम गुस्से का भाव आ गया जब उसने अपने आप को उस लड़की के बारे में सोचते हुए पकड़ा।
     
    आँखें खोलकर उसने अपने आप को संभाला और बाथरूम में चला गया। फ्रेश होकर रेहान ने एक कैजुअल व्हाइट टी-शर्ट और ब्लैक ट्रोजर पहन लिया।
     
    फिर वह अपने रूम के बाल्कनी में चला गया और एक सिगरेट जलाकर उसके नशे में खो गया।

    टिजुआना, मेक्सिको में एक बड़े बंगले में..."
     
    विक्रम सिंह, एक खतरनाक और शक्तिशाली आदमी, गुस्से से लाल हो चुका चेहरा लेकर फोन पर बोल रहा थाः
     
    "कैसे भाग गई वो?! तुम सभी को मैं मुफ़्त का खाना खाने के लिए पाला हुआ हूं, एक लड़की को संभाल नहीं पाए?! ढूंढो उसे, हर हालत में ढूंढो! वरना तुम सभी की जान ले लूंगा!"
     
    उसकी आवाज़ में इतना गुस्सा था कि फोन के सामने  का आदमी डरे हुए थे। विक्रम सिंह ने फोन काट दिया और सामने रखे टेबल पर लात मारी, जिससे सब कुछ गिर गया।
     
    विक्रम सिंह के गुस्से से भरे चेहरे पर पसीने की बूंदें चमक रही थीं। वह अपने आप से  बोला,
     
    "मैंने तुम्हे आजादी दी थी, लेकिन तुमने मेरे खिलाफ गद्दारी की! इस बार मैं सिर्फ तुमसे शादी करूंगा और..."
     
    विक्रम सिंह की आवाज़  खतरनाक था कि उसके आदमी डरे हुए खड़े थे।
     
    तभी पीछे से एक आवाज़ आई, "क्या तुम पागल हो गए हो विक्रम, इतना गुस्सा क्यों हो रहे हो?"
     
    विक्रम सिंह मुड़कर बोला, "मुझे वह लड़की चाहिए ,और मैं उसे ढूंढकर लाऊंगा! मैं आज ही इंडिया जा रहा हूँ..."
    उस आदमी का चेहरा शॉक से भर गया, वह जोर से चिल्लाया,
     
    "क्या तुम्हें पता है क्या कर रहे हो विक्रम ? यह फैसला तुम्हारे लिए खतरनाक हो सकता है!"
     
    विक्रम सिंह ने उन्हें घूरते हुए कहा,
     
    "मैं जानता हूँ , लेकिन मैं अपने फैसले पर कायम हूँ। मैं उस लड़की को ढूंढकर लाऊंगा और अपना बना लूंगा!"
     
    विक्रम सिंह उन्हें नजरअंदाज करते हुए अपने कमरे से निकलकर अपने खास आदमी कोब्रा को फोन किया,
     
    "कोब्रा, मैं आज ही इंडिया आ रहा हूँ, मुंबई में। उस लड़की को ढूंढने के लिए सभी इंतजाम करो!"
     
    कोब्रा ने हाँ कहा और फोन काट दिया।
    मुंबई में,
     
     लड़की धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलती है, शॉक में पड़ जाती है और बेड पर पीछे की ओर खिसक जाती है। वह कमरे को देखती है, जो लक्जरी से भरा हुआ था - महंगे कार्पेट, क्रिस्टल लैंप, और एक बड़ा प्लाज्मा टीवी।
     
    तभी कमरे का दरवाजा खुलता है और सामने एक आदमी खड़ा होता है रेहान अदानी। उसका चेहरा एक्सप्रेशनलेस है, लेकिन उसकी आँखें गहरी और आकर्षक हैं।
     
    वह लड़की रेहान को देखती है और थोड़ा डर जाती है, उसका दिल तेजी से धड़कने लगता है। रेहान उसकी ओर बढ़ता हैं,
     
    लड़की बेड पर पीछे की ओर खिसकने लगती है, उसकी आँखें बड़ी हो जाती हैं और वह डरने लगती है। उसकी आँखों में डर के आंसू तैरने लगते हैं, और उसके होंठ कांपने लगते हैं।
     
    उसका चेहरा पीला पड़ जाता है और वह अपने शरीर को सिकोड़ लेती है, जैसे कि वह रेहान से दूर हटना चाहती हो। उसके हाथ बेड के पीछे पकड़े हुए हैं और उसकी उँगलियाँ कड़ी हो जाती हैं।
     
    रेहान उसकी ओर बढ़ता है, लेकिन तभी रुक जाता है और खड़े होकर उसे देखता है। उसकी आँखें पत्थर की तरह ठंडी और कड़ी हो जाती हैं,  उसके चेहरे पर एक गहरी रेखा बन जाती है।
     
    कुछ देर तक वह चुप रहता है, फिर रूड आवाज़ में पूछता है,
     
    "कौन हो तुम?"
     
    उसकी आवाज़ में इतना कड़ापन था कि वह लड़की और डर जाती है और रोने लगती है। उसके शरीर में कांपन होने लगती है ! वह बेड पर पीछे की ओर  खिसक जाती है, उसकी आँखें बंद हो जाती हैं और वह जोर से रोने लगती है।
     
    रेहान का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है ! वह आगे बढ़ता है, उसकी आवाज़ और कड़ी हो जाती है,...
     
    "मैंने पूछा है, कौन हो तुम? जवाब दो !"
     
    वह लड़की रोने के साथ ही कांपती हुई बोलती है, लेकिन उसकी आवाज़ इतनी कमजोर है कि रेहान को सुनाई नहीं देती। रेहान का गुस्सा और बढ़ जाता है । वह उसके पास जाकर उसका बाजू पकड़ लेता है।
     
    "मैंने पूछा है, जवाब दो!" रेहान की आवाज़ में इतना गुस्सा है कि वह लड़की और ज्यादा डर जाती है और रोने लगती है।
    रेहान का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है और वह आगे बढ़ता है,
     
    "मैंने पूछा है, कौन हो तुम? जवाब दो!"
     
    उसकी आँखें जलती हुई कोयल की तरह लगती हैं, और उसके होंठ तने हुए हैं।
     
    उसकी पकड़ इतनी मजबूत है कि वह लड़की को दर्द होने लगता है।
     
    "मैंने पूछा है, जवाब दो!" रेहान की आवाज़ में इतना गुस्सा है कि वह लड़की का रोना तेज हो गया था! उसके आँसू रेहान के हाथ पर गिरने लगते हैं। रेहान का चेहरा अभी भी गुस्से से लाल है, लेकिन उसकी आँखों में थोड़ा सा बदलाव आ जाता है, जैसे कि उसे वह लड़की की हालत देखकर थोड़ा अफसोस हो रहा हो।
     
    लेकिन यह बदलाव क्षणिक होता है,  रेहान का गुस्सा फिर से बढ़ जाता है। तभी कमरे में राहुल आता है ! रेहान को वह लड़की से दूर करता है,
     
    "क्या कर रहे हो रेहान, देख नहीं रहे हो, वह लड़की कितनी डरी हुई है?" राहुल की आवाज़ में चिंता और गुस्सा दोनों है।
     
    रेहान गुस्से में बोलता है, "पूछो इसे कौन है और अपना रोने का नाटक बंद करे!"
     
    और गुस्से से अपने कमरे में चला जाता है।
     
    राहुल लड़की की ओर मुड़ता है, उसका चेहरा चिंता से भरा हुआ है। वह लड़की के पास जाता है और कहता है,
     
    "देखो मत डरो, हम आपको कोई नुकसान नहीं पहुँचाएंगे। यह रेहान है, वह थोड़ा गुस्सेवाला है लेकिन वह आपको कोई हानि नहीं पहुँचाएगा।"
     
    लड़की रोते हुए पीछे हट जाती है, राहुल एक ग्लास पानी उसके हाथ में पकड़ाता है,
     
    "पानी को पी लीजिए, आपको शांति मिलेगी।"
     
    लड़की डरते हुए पानी का ग्लास लेती है, उसके हाथ कांप रहे हैं। 
    लड़की पानी पीती है, उसकी सांसें धीरे-धीरे स्थिर होती हैं। वह राहुल को देखती है, उसकी आँखों में अभी भी डर है, लेकिन वह थोड़ी स्थिर हो जाती है।
     
    राहुल उसके चेहरे को देखता है, उसकी आँखों में चिंता और सहानुभूति है।
    राहुल कहता है, "देखो मत डरो, हम आपको कोई नुकसान नहीं पहुँचाएंगे।"

    "तो बताएं, आप कौन हैं।

    लड़की की आँखें फिर से भर आती हैं, वह राहुल को देखती है , उसके चेहरे पर उदासी छा जाती है! उसका सर नीचे की ओर झुक जाते हैं।
     
    राहुल उसके चेहरे को देखता है, उसकी आँखों में सहानुभूति और चिंता है, उसके माथे पर चिंता की लकीरें हैं।
    तभी राहुल उठकर खड़ा होता है और रेहान के कमरे के की तरफ बढ़ जाता है, 
     
    राहुल रेहान के कमरे के बाहर जाकर खड़ा हो जाता हैं।दरवाजे पर नॉक करता है , उसका चेहरा गंभीर हो जाता है।
     
    रेहान कमरे के अंदर से आवाज देता है, उसकी आवाज़ गुस्से से भरी हुई है, "चला जा राहुल, मुझे अभी कोई बात नहीं करनी है।"
     
    राहुल का चेहरा और ज्यादा गंभीर हो जाता है, वह दरवाजे पर खड़ा रहता है,उसकी आँखें सिकुड़ जाती हैं जैसे वह रेहान की बात समझने की कोशिश कर रहा हो।
     
    राहुल थोड़ी देर खड़ा रहता है, फिर धीरे से मुड़ता है और आपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेता है! उसका चेहरा अभी भी गंभीर है, जैसे वह रेहान की बातों के बारे में सोच रहा हो।
    .
    .
    "- "क्या रेहान अदानी और उस लड़की के बीच कोई पुराना रिश्ता है या कोई दास्तान?"
     
    • "क्या रेहान अदानी को उस लड़की से पहले से कोई जानकारी थी?"

    . "क्या गुंडों का असली मकसद क्या था और वे उस लड़की को क्यों पकड़ना चाहते थे?"

    *"आख़िर कौन हैं ये विक्रम सिंह ? किससे शादी करनी है।
    *"कौन था वो, जो विक्रम सिंह को इंडिया जाने से रोक रहा था?

    *"कौन हैं वह लड़की? जिसे रेहान अदानी पूछ रहा है। 
     
     .... आगे जाने के लिए पढ़ते रहे "Passion's Deadly Obsession'" aapki aapni, payari, choti nayi writer Dreamydil 💗 के साथ!

     
    *Author ki Appeal"
    Mera personal request hai ki ye meri pehli novel hai aur kaisa laga is kahaani ko padhke mujhe bataye comment📩 mein.
     
    Acha laga to like 👍karein! • Mujhse koi bhul ho gayi ho to uske liye sorry 🙇aur koi kami hai wo bataiye.
    Main aage ke ke chapters mein un mein un kamiyon ko dur karne ki puri koshish 🙌karungi. Ye meri pehli story hai, toh plz mujhe support karein aur pyaar karein! Aur sabse badi baat - plz ise ek baar padhiye!
     
    https://www.instagram.com/dreamydil_author?igsh=MWpqbGk3Z2J2bHZoeg==
     Meri insta I'd par @Dreamydil_author ko follow kare link par click kare aur novel reels dekhe
     
     

  • 2. Chapter 2 _ "अंधेरे में एक नाम"

    Words: 2017

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब तक:

    विक्रम सिंह, एक खतरनाक और शक्तिशाली आदमी, अपने आदमियों को एक लड़की को ढूंढने का आदेश देता है जो उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वह लड़की भाग गई है और विक्रम उसे वापस पाने के लिए कुछ भी करेगा।

    मुंबई में, उस लड़की को रेहान अदानी की कार से टकराने के बाद होश आता है। वह रेहान के घर में है और रेहान उसे पहचानने की कोशिश करता है, लेकिन वह लड़की डरी हुई है और रेहान के गुस्सेवाले चेहरे से और ज्यादा डर जाती है।

    रेहान का दोस्त राहुल उस लड़की को शांति दिलाने की कोशिश करता है और उससे पूछता है कि वह कौन है। लड़की की आँखें फिर से भर आती हैं और वह उदास हो जाती है।

    राहुल रेहान से बात करने जाता है, लेकिन रेहान गुस्से में है और बात नहीं करना चाहता। राहुल को लगता है कि रेहान की बातों में कुछ गहराई है और वह सोचता है कि रेहान के साथ क्या हो रहा है।

    अब आगे:

    🍀🤞✨🍀🤞✨🍀🤞✨🍀🤞✨🍀🤞✨🍀

    अगली सुबह,

    एक प्राइवेट जेट मुंबई एयरपोर्ट पर उतरता है। एक हैंडसम और डरावना आदमी, जिसका चेहरा गुस्से से लाल था, ब्लैक कोट पहने हुए, एयरपोर्ट के प्राइवेट जेट टर्मिनल से निकलता है।

    उसके बालों में स्लाइट ग्रे स्ट्रीक्स हैं, जो उसकी उमर और अनुभव को दर्शाते हैं। कोबारा, उसका ट्रस्टेड असिस्टेंट, उसे "गुड मॉर्निंग सर" कहकर ग्रीट करता है।

    "कोबारा बोला - मैम को मुंबई में देखी गई थी, सर."

    विक्रम सिंह का चेहरा और भी खट्टा होता है, "क्या हुआ? क्या हमारे लोग उसे ढूंढ पाए?"

    कोबारा डरकर बोलता है, "नहीं सर, वह भाग गई है। हमारे लोग उसे ढूंढ रहे हैं। हमारे आदमी उनके पीछे थे, लेकिन..."

    कोबारा की आवाज़ कमजोर पड़ती है, "सर, हमारे सबसे अच्छे आदमी... सब मारे हुए हैं। बुरी तरह से, उनके शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाया गया था।"

    विक्रम सिंह का गुस्सा उबालने लगता है, "अब पाता करो कोबारा... मुझे उसकी जान चाहिए!"

    दूसरी तरफ़,

    एक सुंदर से ऑफ-व्हाइट रंग का, एक बड़ा सा बंगला था जो काफ़ी शांत और खूबसूरत इलाके में था.

    इसके सामने एक बड़ा सा गार्डन था जिसमें रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे और एक छोटा सा पॉन्ड था जिसमें मछलियाँ तैर रही थीं.

    बंगले की दीवारें साफ और चमकदार थीं, और इसके अंदर एक अच्छी सी लाइटिंग थी जो इसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रही थी.

    इस बंगले में एक लड़का था जो बहुत ही आकर्षक था, जिम कर रहा था, उसका शरीर पसीने से भीगा हुआ था,

    48 इंच का चेस्ट था, 8 पैक एब्स थे, 20 इंच के बाइसेप्स थे, चेहरा भी कमाल का था-शार्प जवलाइन थी, उभरे हुए चीकबोन्स थे, मस्कुलर फेस था, थोड़े पिंक होंठ थे, गहरी नीली आँखें थीं.

    उसके बाल लंबे, घने, सिल्की स्ट्रेट काले थे जो उसके चेहरे को और भी आकर्षक बना रहे थे.

    उसका एक्सप्रेशनलेस चेहरा था, जैसे कि वह किसी गहरी सोच में डूबा हुआ था.

    लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जो उसके आकर्षक चेहरे को और भी आकर्षक बना रही थी.
    जो अपने जिम सेशन के बाद पसीने से भीगा हुआ था,

    • 48 इंच का चेस्ट था जिसके ऊपर बालों से टपकती पसीने की बूंदें मोती की तरह जगमगा रही थीं!

    उसकी स्किन चमकदार थी जैसे चाँदी की तरह झमक रही थी!

    • 8 पैक एब्स और 20 इंच के बाइसेप्स थे जो पसीने से भीगे हुए थे।

    और सबसे बड़ी बात... यह लड़का "REHAAN ADAANI* है!
    रेहान का शरीर इतना आकर्षक लग रहा था कि देखते ही नज़रें ठहर जा रही थीं!

    • पसीने से भीगा हुआ शरीर, मोती की तरह लगती पसीने की बूंदें, और चेहरे की एक्सप्रेशनलेसनेस ने सबको हैरान कर दिया था!

    फिर रेहान नेः

    • जिम रूम से बाहर आकर टॉवल से चेहरे और बालों को पोंछा

    • अपने कमरे में जाकर शॉवर लिया, पसीने का नामोनिशान मिट गया और शरीर एकदम ताज़ा और फ्रेश हो गया !

    • कमरे के अंदर एक बड़े क्लोजेट में गया जिसका साइज़ एक छोटे से रूम जैसा था!

    क्लोजेट में:

    • एकदम मॉडर्न लाइटिंग थी

    • फर्श पर मार्बल का काम किया गया था

    • क्लोजेट में एकदम स्पेसियस अलमारी थीं, जिसमें रेहान के कपड़े, शूज़, और एक्सेसरीज़ थे
    अलमारी से  3-पीस नेवी ब्लू सूट निकाला जो टॉम फोर्ड का कस्टमाइज्ड था और कीमत 5 लाख से अधिक थी !

    • सूट पहना और बाल सेट किए जो अंडरकट स्टाइल में थे, ऊपर की लेयर सिल्की स्ट्रेट और नीचे की लेयर फेड थी !


    • पेटेक फिलिप्पे का कस्टमाइज्ड लक्जरी वॉच जिसकी कीमत 10 करोड़ से अधिक थी!

    + वॉच की बॉडी 24 के गोल्ड की थी जिसमें 500 डायमंड जड़े हुए थे!

    • बेर्लुटी के डिज़ाइन वाले लक्जरी शूज जिनकी कीमत 5 लाख से अधिक थी !

    • शूज की लेदर एकदम मखमली थी जिसमें गोल्ड की 14 कैरेट थ्रेडिंग की गई थी !

    अब रेहान अधानी एकदम रेडी है!

    • चेहरा अभी भी एक्सप्रेशनलेस है लेकिन उसकी ऑरा एकदम किलर है!
    रेहान डाइनिंग एरिया में आता है और राहुल से बात करता है:

    • "उस लड़की को कहीं जाने न देना, यहीं रखो." राहुल सिर्फ हां में सिर हिलाता है और रेहान अपनी कार में बैठकर चला जाता है.

    •  रोल्स रॉयस ला रोज निनोर ड्रॉपटेल, फुली कस्टमाइज्ड, दुनिया की सबसे महंगी और यूनिक कार!

    • बॉडी पर्ल व्हाइट रंग की थी, जिसमें 24-कैरेट गोल्ड की प्लेटिंग की गई थी, जिसमें करीब 10 किलो गोल्ड का उपयोग किया गया था !

    • नंबर प्लेट पर "RA001" लिखा हुआ था, जो कस्टम डिज़ाइन में था और 18-कैरेट गोल्ड से बनाया गया था !
    • हेडलाइट्स डायमंड की थीं, जो करीब 200 कैरेट का उपयोग करके बनाई गई थीं, जो रात में एकदम डेज़लिंग लगती थीं!

    • कार में इंटेलिजेंट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था, जिसमेंः

    • ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम, बायोमेट्रिक सिक्योरिटी सिस्टम, एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम

    • कार के अंदर हैलियन लेदर का उपयोग किया गया था, जो करीब 100 घंटे का काम लगाकर बनाया गया था!

    • कार में 1200 हॉर्सपावर का इंजन था, जो 0-100 किमी/घंटा सिर्फ 2.5 सेकंड में पहुंचाता था !
    • कार बुलेटप्रूफ थी, जिसमें करीब 10 सेमी मोटी स्टील की प्लेटिंग की गई थी, जो किसी भी गनशॉट को रोक सकती थी!

    • कार में एकदम एडवांस्ड सिक्योरिटी सिस्टम था, जिसमेंः

    • मोशन डिटेक्टर्स,+ प्रेशर पैड्स,सीसीटीवी कैमर


    • कार की कीमत लगभग 100 मिलियन डॉलर थी, जो दुनिया की सबसे महंगी कार थी !

    • रेहान की कार एकदम यूनिक और एक्सक्लूसिव थी, जो सिर्फ उसके लिए डिज़ाइन की गई थी !


    अब रेहान ऑफिस पहुंचता है:

    • जब रेहान ऑफिस पहुंचता है, तो वह कार से निकलता है और ब्लैक शेड्स पहनता है, जिसमें वह बहुत ही आकर्षक लग रहा था!

    रेहान अपने बॉडीगार्ड के साथ ऑफिस के अंदर जाता है , रेहान होने से ऑफिस मे एक अलग सी संती छगायी स्टॉफ को सांस लेने में दिक्कत हो रेहान के होने से , सब डरते हुए गुड मॉर्निंग विश कर रहे थे, रेहान सबको इग्नोर कर अपने प्राईवेट लिफ्ट की ओर बढ़ गया ,जो सिर्फ उसके लिए ही रिज़र्व है।

    रेहान अपने बॉडीगार्ड को रुकने का इशारा करता है और अकेले लिफ्ट में जाता है।

    जब रेहान लिफ्ट से निकलता है, तो वह 50 वें फ्लोर पर खड़ा होता है। यह फ्लोर रेहान का निजी कार्यालय है और यहाँ किसी का भी आना मना है, सिर्फ रेहान के सबसे करीबी दोस्तों को छोड़कर।


    • यह फ्लोर एकदम सुरक्षित है, जिसमें कई सारे सीसीटीवी कैमरे और मोशन सेंसर लगे हुए हैं,

    • फर्श पर महंगा काला ग्रेनाइट पत्थर लगा हुआ है,

    दीवारों पर महंगी आर्टवर्क लगी हुई हैं,

    फ्लोर के चारों ओर बड़े-बड़े ग्लास वाले दरवाजे हैं, जिनसे पूरा मुंबई दिखाई देता है,

    • यहाँ केवल रेहान के निजी सहायक और सुरक्षा गार्ड ही आते जाते रहते हैं।

    "रेहान अपने केबिन की ओर बढ़ता है...'

    रेहान का केबिन इस फ्लोर के एक कोने में स्थित है, जो एकदम विशाल और लक्जरियस है।

    • केबिन की एक तरफ की दीवार पूरी तरह से ग्लास से बनी हुई है, जिससे बाहर का नज़ारा दिखाई देता है,

    • इस ग्लास वाली दीवार के सामने एक बड़ा सा बाल्कनी है, जिससे पूरा मुंबई का नज़ारा दिखाई देता है,

    • केबिन में एक बड़ा सा ब्लैक लेदर का सोफा है, जिस पर रेहान बैठता है,

    • केबिन में एक छोटा सा सीक्रेट रूम भी है, जिसका दरवाजा एक पेंटिंग के पीछे छुपा हुआ है,

    • फर्श पर इतालवी मार्बल लगा हुआ है।
    रेहान अपने चेयर पर बैठ गया और अपने लैपटॉप पर काम में बिज़ी हो गया। तभी वहाँ राहुल आता है, जिससे रेहान उस लड़की के बारे में जानकारी मांगता है

    राहुल हाथ में एक फाइल लेकर आता है और रेहान के सामने रखता है। रेहान फाइल खोलता है और उसमें एक सुंदर फोटो देखता है लड़की की खूबसूरती बिल्कुल नेचुरल है,

    उसकी आँखें बड़ी और आकर्षक हैं, उसकी त्वचा गोरी और मुलायम है, उसके बाल लंबे और काले हैं,

    उसकी मुस्कान बहुत ही आकर्षक है और उसके चेहरे पर एक हल्की सी खुशी की झलक है।

    रेहान उस तस्वीर को उठाकर देखता है और फिर बोलता है - "किया कपूर?"

    रेहान फाइल में आगे पढ़ता है और सिर्फ लड़की का नाम और बरेली का पता देखता है। उसके चेहरे पर गुस्से के भाव आ जाते हैं और वह राहुल पर बरस पड़ता है।

    उसकी आँखें लाल हो जाती हैं और चेहरा तमतमा जाता है,

    • वह राहुल से अपनी कर्कश आवाज़ में पूछता है "क्या मज़ा है, आगे की जानकारी कहाँ है?"

    राहुल डरते हुए बोलता है "बस इतना ही मिला, किसी ने लड़की की पहचान छुपा रखी है, लेकिन हम ढूंढ रहे हैं और जल्दी मिल जाएगी जानकारी."

    रेहान राहुल से पूछता है - "क्या तुम्हारे पास कोई और जानकारी है जो तुमने मुझे नहीं बताई?"

    राहुल  सर न में हिलाता है और रेहान के चेहरे को देखकर डर जाता है, रेहान का गुस्सा बढ़ जाता है और वह मुट्ठी बांधकर राहुल से कहता है

    "तुम सब किसी काम के नहीं हो, मुझे एक महीने के अंदर वह लड़की चाहिए, चाहे जो भी हो... वरना तुम सब अपनी जान देना ! गेट आउट!"

    राहुल के जाने के बाद, रेहान अपना हाथ टेबल पर मारता है और गहरी साँस लेता है। उसका गुस्सा शांत होने लगता है, लेकिन उसके मन में अब भी बहुत कुछ चल रहा था।

    रेहान बाल्कनी में जाता है और एक सिगरेट जलाता है। वह मुंबई के शहर के नज़ारे को देखता है और सोचता है -

    "तुम कहीं भी हो मैं तुम्हें ढूंढ निकालूंगा, चाहे जो भी हो..."

    उसके मन में उस लड़की की तस्वीर घूम रही है।
    .
    .
    ⋆。‧˚ʚ ❀ ɞ˚‧。⋆⋆。‧˚ʚ ❀ ɞ˚‧。⋆⋆。‧˚ʚ ❀ ɞ˚‧。⋆⋆。‧˚ʚ ❀

    * क्या पता लगापाएगा लड़की का कहा हैं?
    *"कौन थीं किया कपूर? क्यू चाहिए पूरी इनफॉर्मेशन रेहान को।

    *"किस की तस्वीर घूम रहीं थी रेहान के मन में ?

    .... जाने के लिए आगे बने रहे ,"passion's Deadly Obsession ❤️ के साथ ।


    "Author Appeal*"

    plz mujhe support kare , meri new aur pehli novel h plz isse padhe at least padhe aur plz kaisa laga bas comment kar ke baataye mujhe aap sabhi reader's ki jarurt h ek baar bas meri novel ko padhe plz mai aapko nirash nhi karungi , aapna khayal rakhe aur meri novel ke saath bane rahe h , ummod karti hu aapko kuch alag mile ga padhne ko , aur pasand v aaye !

    Mere reader's jinho ne v padha h thank you,pr plz padhne ke saath mujhe km se km comment kare taki mujhe pata chale ga ki aapko story kaisi lagi ,warna Mai kaise samjhungi ki aapko pasand aa rahi h ki nhi plz ek ek comment kare aur agar pasand h to plzzzz ek like ❤️plz😁
    Aur bakiyo se appeal h plz mujhe ek chance de aur ek baar bs padho aapka time barbaad nhi karungi ye mera promise 🤝

    Aapki aapni , choti, payari, nayi writer......Dreamydil❤️
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    par click kare aur novel ke intresting part ko dekhe , aur aage story ki update wahi dungi to mujhe dono jagah follow karna na bhule thank you, take care ❤️

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  • 3. Chapter 3 " कैद/ भागने की तयारी"

    Words: 2784

    Estimated Reading Time: 17 min

    अब तक :
    दो खतरनाक खिलाड़ी एक ही शहर में उतरते हैं...

    रेहान अधानी, शहर का सबसे अमीर और शक्तिशाली व्यक्ति, एक लड़की किया कपूर के बारे में जानने को उत्सुक है।

    • विक्रम सिंह, एक खतरनाक और रहस्यमय आदमी, मुंबई आता है एक लड़की को ढूंढने के लिए, जिसका नाम और चेहरा अभी तक अज्ञात है।

    उनके मिशन अलग-अलग हैं, लेकिन शहर की रातें जल्द ही खतरनाक होने वाली हैं...

    अब आगे:

    मोनैको सिटी में एक लक्जरी नाइटक्लब था, जिसका नाम "ट्वीगा मोंटे कार्लो" था।

    • इसका एक्सटीरियर स्लीक ग्लास और क्रोम से बना था, जिसमें नियॉन लाइट्स की चमक थी।

    एंट्रेंस पर एक रेड कार्पेट था, जिसके दोनों तरफ सिक्योरिटी गार्ड खड़े थे।

    • अंदर जाने पर, एक ग्रैंड चैंडेलियर और लाविश डेकोरेशन दिखाई दिया, जो केवल वीआईपी लोगों के लिए था।

    एक 20 साल की खूबसूरत सी लड़की ट्वीगा मोंटे कार्लो नाइटक्लब में नाच रही थी। उसका चेहरा ग्लोइंग था, जैसे चाँदनी से भरा हो।

    • उसके बालों में सनी ब्लॉन्ड कलर की हाइलाइट्स थीं, जो उसके गोरे रंग पर चमक रही थीं।

    उसकी आँखों में एक डीप ब्लू कलर था।

    • उसके होंठ पिंक शेड की लिपस्टिक से सजाए गए थे।

    लड़की हँस रही थी और अपनी लाइफ को एन्जॉय कर रही थी, जैसे कोई टेंशन ही न हो। वो अपने दोस्तों के साथ क्लब की जगमगाती रौशनी में नाच रही थी, हँस रही थी, पूरी तरह से खुश थी।

    मुंबई में:

    विक्रम सिंह ने अपने हाथों में पकड़े वाइन का ग्लास ज़ोर से फेंक दिया, जो चकनाचूर हो गया। उसके चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था।

    "कहाँ गई वो? ज़मीन खा गई या आसमान निगल गया? जो कुछ पता ही नहीं चल रहा है! उसकी फैमिली को यहाँ लाओ, फौरन!"

    बरेली में:

    बरेली के एक छोटे से घर में एक परिवार डरा और परेशान था। वे आपस में बातें कर रहे थे—

    "हमने उसे तो भगा दिया था, लेकिन अब वो कहाँ गई, नहीं पता। मैंने कॉल भी किया, पर कुछ समझ नहीं आ रहा।"

    यशिका रोते हुए बोली—
    "...कुछ हुआ तो नहीं? विक्रम सिंह के आदमियों ने उसे पकड़ तो नहीं लिया? अब तक भैया के घर भी नहीं पहुँची… हमने तो उसे वहीं जाने को कहा था...

    मेरा दिल बहुत डर रहा है, कियान जी..."

    कियान ने प्यार से यशिका से कहा,
    "युवी, चुप हो जाओ। हमारी बच्ची बहुत समझदार है, वो बिल्कुल ठीक होगी। उसे कुछ नहीं हुआ होगा।"

    कियान ने यशिका का सिर अपने सीने से लगाकर बाल सहलाए। यशिका चुप हो गई, लेकिन उसकी आँखों में डर अब भी था।

    तभी घर में एक 19 साल की खूबसूरत लड़की मायरा मायूस चेहरे के साथ आई और बोली—
    "माँ, आपको दीदी की याद आ रही होगी न? पर वो तो मामा के घर पहुँच गई होगी न? वो अब सेफ होगी न?"

    यशिका ने मायरा को अपने पास बुलाकर गले लगाया। कियान ने भी उसे सहलाया और कहा—
    "हाँ बेटा, आपकी दीदी बिल्कुल ठीक होगी। तुम चिंता मत करो।"

    लेकिन तभी घर का दरवाज़ा खुला और विक्रम सिंह के कई आदमी अंदर घुस आए। उन्होंने कियान, यशिका और मायरा को घेर लिया।

    कियान ने डरे स्वर में पूछा—
    "क्या मतलब है ये? हमें क्यों पकड़ रहे हैं?"

    एक आदमी बोला—
    "विक्रम सिंह सर ने बुलाया है। आपको उनके पास ले जाना है।"

    ये सुनकर तीनों के चेहरे पीले पड़ गए और मन में चिंता लिए वे उनके साथ चले गए।

    अगली सुबह:

    एक खूबसूरत बंगले में जहाँ बाहर हरियाली और चिड़ियों की चहचहाहट थी, अंदर का माहौल गर्म और डरावना था।

    विक्रम सिंह गुस्से से आग-बबूला था। तीन लोग उसके सामने खड़े थे—कियान, यशिका और मायरा—उनके चेहरे डर से पीले पड़ चुके थे। चारों ओर बॉडीगार्ड हथियार लिए खड़े थे।

    विक्रम सिंह चीखा—
    "कहाँ है वो? बताओ, नहीं तो इसे जान से मार दूँगा!"

    मायरा रो रही थी। यशिका गिड़गिड़ाई—
    "प्लीज़, उसे छोड़ दीजिए! हमें सच में नहीं पता वो कहाँ है..."

    विक्रम ने गन मायरा के सिर पर रख दी—
    "नहीं पता तो अब ये जाएगी!"

    कियान चिल्लाया—
    "रुको! हमें सच में नहीं पता! हमने उसे भगा दिया था, लेकिन अब कहाँ है ये हमें नहीं पता!"

    यशिका रोते हुए बोली—
    "हाँ, हमने उसे जाने को कहा था… लेकिन वो अभी तक नहीं पहुँची। प्लीज़ मायरा को छोड़ दीजिए!"

    विक्रम सिंह ने गुस्से में आकर गन हटा दी और मायरा को धक्का दे दिया। वो गिरने लगी लेकिन कियान ने पकड़ लिया।

    विक्रम सिंह बोला—
    "बंद करो इन्हें! कोबारा, पता करो वो कहाँ है और जल्दी से जल्दी लाओ!"

    फिर वह गुस्से में अपने कमरे में चला गया।

    दूसरी ओर:

    एक लड़की की आँखें धीरे-धीरे खुलीं। उसने देखा कि वह एक आलीशान बंगले में है—दीवारें सफेद, फर्श पर महंगे कार्पेट।

    बेड बहुत आरामदायक था, लेकिन जगह अजनबी थी। वो यहाँ कैसे पहुँची? क्या कर रही है यहाँ?

    तभी उसे कल की बातें याद आने लगीं। उसके चेहरे पर डर छा गया।

    वो तेज़ साँसें लेते हुए बेड से उठी और दरवाज़े की ओर बढ़ी। दरवाज़ा खोलने की कोशिश की, लेकिन वो बंद था।

    वो रोती हुई दरवाज़ा पीटने लगी—
    "कोई है? प्लीज़ मुझे जाने दो! मैं यहाँ नहीं रहना चाहती!"

    तभी बाहर से आवाज़ आई—
    "ये दरवाज़ा नहीं खुलेगा। सर का ऑर्डर है।"

    यह सुनकर लड़की और डर गई। वो फिर बेड पर बैठ गई और रोने लगी।

    थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खुला। एक सर्वेंट ट्रे में खाना लेकर आया।

    "ब्रेकफास्ट कर लीजिए मैम।"

    लड़की ने कहा—
    "प्लीज़, मुझे यहाँ से जाने दो।"

    सर्वेंट बोला—
    "सॉरी मैम, इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता। अगर आपको कुछ चाहिए हो तो बता दीजिएगा।"

    सर्वेंट चला गया और दरवाज़ा फिर से बंद हो गया।

    लड़की दुखी होकर बैठ गई। उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे।

    वो फिर उठी और कमरे का मुआयना करने लगी—शायद कोई रास्ता हो बाहर जाने का। लेकिन न कोई खिड़की, न दूसरा दरवाज़ा।

    वो डरने लगी… सोचने लगी,


    किया को अचानक एक  से विचार आया और वो बाथरूम में गई। वहाँ उसने एक छोटा सा वेंटिलेशन देखा, जो काफी ऊँचाई पर था। किया ने बाल्टी को उल्टा करके उसके ऊपर खड़ी हुई और वेंटिलेशन से बाहर की ओर देखा।

    वहाँ से उसे बंगले का पीछे का हिस्सा दिखाई दिया, जहाँ बॉडीगार्ड कम थे और ऊँचाई भी कम थी। किया ने जल्दी से कमरे में आकर अलमारी खोली, जो अनलॉक थी। उसने चार चादरें निकालीं और उन्हें मजबूती से एक दूसरे से बांध दिया।

    किया बाथरूम में गई और चादर को शावर के पाइप और कुछ चीजों में बांध दिया। जब उसे लगा कि सब सुरक्षित है, तो उसने चादर को वेंटिलेशन से बाहर फेंक दिया। चादर बंगले के पीछे के हिस्से में जा गिरी, जहाँ ऊँचाई कम थी।

    किया ने एक लंबी सांस ली और चादर को पकड़कर वेंटिलेशन से बाहर निकल गई। उसका दिल डर से तेज़ धड़क रहा था, लेकिन उसे यहाँ से निकलना बहुत जरूरी था। वह धीरे-धीरे नीचे उतरी और चादर को छोड़ दिया।

    फिर उसने एक लंबी सांस ली और आगे बढ़ने लगी। बंगले का पीछे का हिस्सा बहुत बड़ा था और आगे बढ़ते बॉडीगार्ड भी बहुत थे।किया कभी पेड़ के पीछे छिपी, तो कभी फूलों के बगीचे में छिपी। लेकिन एक बॉडीगार्ड ने उसे देख लिया और उसके पीछे आ गया।

    "आप यहाँ कैसे आईं?" बॉडीगार्ड ने पूछा।

    किया की सांसें रुक गईं, और वह बिना पीछे मुड़े तेजी से आगे भागी। बॉडीगार्ड ने भी उसका पीछा किया और बाकी गार्ड्स को भी बुला लिया। सभी ने किया का पीछा किया और आखिरकार उसे पकड़ लिया।

    उसे वापस कमरे में बंद कर दिया गया। किया उदास बैठी रही, आँखों में आँसू थे। उसे अपने माँ-पापा की याद आ रही थी।


    ---

    दूसरी ओर...

    राहुल के फोन पर हेड बॉडीगार्ड अशोक का कॉल आया। राहुल ने कॉल उठाया और जो सुना, वह सुनकर वह स्तब्ध रह गया।

    राहुल गुस्से से बोला, "क्या तुमने रेहान को तो नहीं बताया ना?"

    तभी रेहान वहाँ आ गया और सुनकर पूछ बैठा, "क्या मुझे नहीं बताया गया है?"

    राहुल ने कॉल तुरंत काट दी और बनावटी मुस्कान के साथ बोला,
    "कुछ नहीं रेहान... बस यूँ ही..."

    रेहान ने उसे घूरते हुए पूछा, "बोलो अब, क्या बात है?"

    राहुल ने हार मानते हुए सब सच बता दिया — कि किया ने भागने की कोशिश की थी, और अब उसे फिर से कमरे में बंद कर दिया गया है।

    रेहान का चेहरा गुस्से से तपने लगा। उसने टेबल से पेपरवेट उठाकर दीवार पर दे मारा।

    "बहुत हिम्मत है इस लड़की में! अब मैं समझाऊँगा उसे कि मैं कौन हूँ!"

    "जब से आई है, सिर दर्द बन गई है। ऊपर से कोई जानकारी भी नहीं मिल रही — और अब भागने की कोशिश!"

    तभी उसके फोन की घंटी बजी — कॉल था दादाजी (बालराज अदानी) का।

    "रेहान, घर आओ। कुछ ज़रूरी बात करनी है।"

    "दादाजी, मैं व्यस्त हूँ," रेहान ने रूखे स्वर में जवाब दिया।

    "व्यस्तता छोड़ दो और घर आओ!" दादाजी का स्वर सख्त था।

    लेकिन रेहान ने मना कर दिया और कॉल काट दी।

    दादाजी को निराशा हुई, उन्होंने अपने सामने लगी पेंटिंग देखी जो उनकी पत्नी, रेहान की दादी जी की थी "सुमित्रा देवी अदानी".

    सुमित्रा इतने साल बीत गए हैं, लेकिन कुछ भी नहीं बदला, न जाने कब वो दिन आएगा जब मेरा पोता हमारे साथ रहेगा।

    रेहान दादाजी के कॉल के बाद और गुस्से में था। तब्ही दरवाजे पर दस्तक होती है:

    आदित्य (सेक्रेटरी) ने कहा: "रेहान सर, मीटिंग की तैयारी हो गई है। 5 मिनट में मीटिंग शुरू हो जाएगी।"

    रेहान ने कहा: "ठीक है, आदित्य। जाओ, मैं आता हूँ।"

    आदित्य चला गया और रेहान ने अपना कोट लेकर मीटिंग रूम की ओर बढ़ लिया।

    मीटिंग रूम में सभी अधिकारी पहले से ही बैठे हुए थे। रेहान ने आते ही मीटिंग शुरू कर दीः

    आदित्य ने कहा: "सर, आज की मीटिंग में हम एक नई परियोजना के बारे में चर्चा करेंगे जो हमारी कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी मीटिंग राजेश अग्रवाल के साथ हैं।

    राजेश अग्रवाल ने उन्हें ग्रीट किया और सीधे अपने प्रोजेक्ट के बारे में बोलना शुरू कियाः

    "सर, हमारे पास एक बहुत बड़ा और आकर्षक प्रोजेक्ट है जिसमें हम आपकी कंपनी के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। यह प्रोजेक्ट मुंबई में एक बड़े स्तर पर विकसित किया जाएगा और हमें लगता है कि यह हम दोनों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।"

    "हमारा प्रोजेक्ट एक मिश्रित उपयोग वाली परियोजना होगी जिसमें आवासीय, व्यावसायिक और मनोरंजन क्षेत्र होंगे। हमें लगता है कि यह प्रोजेक्ट आपकी कंपनी के लिए भी बहुत फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें हम आपको 25% रिटर्न ऑफ इन्वेस्टमेंट ऑफर कर रहे हैं।"

    रेहान अदानी ने उन्हें ध्यान से सुना ।

    फिर रेहान ने कहा: "मिस्टर अग्रवाल, आपका प्रोजेक्ट अच्छा है, लेकिन मैं 50% रिटर्न ऑफ इन्वेस्टमेंट चाहता हूँ और एक पूरा फ्लोर मेरे लिए रिज़र्व रखा जाएगा।"

    राजेश अग्रवाल का चेहरा निराशा से भर गया, लेकिन उसने जल्दी से हाँ में सिर हिलाया और कहा: "ठीक है सर, हम आपकी शर्तों पर सहमत हैं।

    रेहान अदानी सर हिला दिया।

    राजेश अग्रवाल ने खड़े होकर रेहान को हाथ मिलाया और कहा: "धन्यवाद सर, हम अगली मीटिंग का इंतजार कर रहे हैं।"

    रात के सन्नाटे में रेहान अदानी अपने बंगले में आया, और सीधे अपने कमरे में जाकर शॉवर के नीचे खड़ा हो गया।

    शॉवर के नीचे आँखें बंद किए खड़ा था, लेकिन तभी उसकी आँखों के सामने एक औरत का खूबसूरत चेहरा उभर आया- लाइट पिंक रंग की साड़ी में लिपटी हुई, चेहरे पर एक बहुत ही प्यारी मुस्कान थी, शरीर दूध सा उजला था, आँखें काली सी थीं।

    लंबे खुले बाल हवा में लहरा रहे थे, और कुछ बाल की लटें चेहरे के आगे आ रही थीं। पतली, सुंदर हाथों से बालों को कान के पीछे कर रही थी, और गार्डन में खड़ी होकर मुस्कराते हुए, "रेहान..." पुकार रही थी।

    रेहान की आँखें खुल गईं, और चेहरा गुस्से से काला हो गया, आँखों में खूब उतार आया, शॉवर के ठंडे पानी में भी उसका शरीर बहुत गर्म हो गया था...

    गुस्से में हाथ को दिवाल पर जोड़ से मारा, हाथों से खून बहने लगा पर रेहान के चेहरे पर एक दर्द नहीं,दिल का दर्द शरीर के दर्द से अधिक था।

    बाथरूम से निकलकर सिर्फ ट्राउज़र पहने बालकनी में खड़े होकर सिगरेट के कश लेने लगा, धुएँ के साथ उसका गुस्सा भी उड़ रहा था। न जाने कितनी सिगरेट पी डालीं, लेकिन गुस्सा अभी भी कम नहीं हुआ था, न ही सुकून का नामोंनिशान था।

    जब सिगरेट का पूरा पैकेट खत्म हो गया, तो रूम में आकर हाथ पर बैंडेज कर लैपटॉप में अपने काम में बिज़ी हो गया।

    राहुल ऑफिस से आते ही घर का माहौल देखकर समझ गया कि कुछ गड़बड़ हुई है। वो सीधे रेहान के कमरे में गया और उसके सामने बैठ गया, बस देखता रहा।

    रेहान गुस्से में बोला, "चला जा राहुल, अभी मुझे कुछ बात नहीं करनी।" राहुल नहीं हिला, और राहुल की नज़र उसके हाथ पर पड़ी जो रेहान के चोटिल हाथ पर था। राहुल गुस्से से बोला, "ये क्या किया तूने? क्यू इतना गुस्से में है?"

    रेहान ने अपना हाथ राहुल के हाथ से झटक लिया और कुछ नहीं बोला। वो बस अपने काम में लगा रहा। राहुल गुस्से में बोला, "तू पागल हो गया है, कुछ सुन भी रहे हो तुम या नहीं? रेहान  कोई जवाब नहीं देता?"

    रेहान नहीं बोला, तो राहुल वहाँ से चला गया।

    गेस्ट रूम में एक किया बैठी हुई थी, जो सोच रही थी कि कैसे यहाँ से निकले। तभी एक सर्वेट कमरे में आया और बोला, "मैम, डिनर कर लीजिए, आपने कल से कुछ नहीं खाया है।"

    किया  ने जवाब दिया, "मुझे यहाँ से जाना है।" सर्वेट ने कहा, "सॉरी, मैम, इसमें आपकी मै कोई मदद नहीं कर सकता।" लड़की की आँखों में आंसू आ गए और वो बोली, "नहीं, खाना नहीं... ले जाओ खाना ।"

    सर्वेंट चला गया, सर्वेंट राहुल के रूम के दरवाजे पर खड़ा होके नॉक करता है।

    राहुल ने जवाब दिया, "चले जाओ, मुझे खाना नहीं है।

    सर्वेंट फिर बोला, "सर, मैम ने कल से कुछ नहीं खाया है और अब भी डिनर करने से मना कर दिया है।"


    इसी दौरान रेहान राहुल के रूम के पास खड़ा था, जिसने यह बात सुन ली। वो गुस्से में से निकलकर गेस्ट रूम में आया ।

    रेहान की आँखें लाल हो गईं, भौहें सिकुड़ गईं, और होंठ दबा दिए गए। उसका चेहरा गुस्से से तन गया था, जैसे कि कोई तोप उसके अंदर फटने वाली थी।

    वो तेजी से लड़की के पास गया और उसका हाथ पकड़कर गुस्से से बोला, "कौन... हो... तुम?" उसकी आवाज़ में इतनी जोर थी कि लड़की का दिल धड़कने लगा।

    "यहाँ... क्यों... आई हो?" रेहान के शब्दों के बीच में थोड़ा सा रुकावट थी, जैसे कि वो अपने गुस्से को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा था।

    खाना है तो खाओ वरना मर जाओ मुझे कोई फर्क नही पड़ता हैं, पर जब तक तुम्हारे बारे में पता नही चलता तुम्हे जिंदा रहना होगा।

    लड़की रेहान के चेहरे को देखकर थर-थर कांप रही थी। तभी राहुल आ गया और रेहान को लड़की से दूर किया, बोला, "पागल हो गया है तू? देखते नहीं कितना डर गई है वो?"

    राहुल ने रेहान को शांत करने की कोशिश की, "रेहान, शांत हो जाओ, यह लड़की डर गई है।" लेकिन रेहान का गुस्सा नहीं उतरा, वो बोला,

    "तो बोलो इसे सब कुछ बता दे, यह यहाँ क्यों आई है? नाटक बंद करे वरना..."

    राहुल ने रेहान को दूर किया और लड़की से बोला, खाना खा लीजिए, वरना वो सच में कुछ कर देगा। मुझे भी नहीं पता मैं रोक नहीं पाऊँगा।"

    रेहान चला गया।

    लड़की रोने लगी, राहुल उसके पास गया और बोला, "खा लो, वरना वो सच में कुछ कर देगा।"

    राहुल रेहान के कमरे में गया और बोला, "तू पागल हो गया है, गुस्से पर कंट्रोल कर। देखा नहीं क्या हालात हैं उसकी।"

    राहुल ने फिर बोला , विक्रम सिंह मुंबई में है।

    रेहान ने गंभीरता से कहा, "रात के अंधेरे में घूरते हुए जवाब दिया, "नज़र रखो उसकी हर हरकत पर, हमें पता चलेगा उसका मकसद ।"

    राहुल ने फिर पूछा, "तो हम उसे कुछ नहीं करेंगे?"

    रेहान ने कहा, "नहीं, जब तक वो कुछ नहीं करेगा, हम कुछ नहीं करेंगे, बस नज़र रखो। जरूर कुछ बड़ा करने यहाँ आया है, तूफान से पहले की शांति ?"

    रेहान बोला तूने खाना खाया?

    फिर राहुल ने थोड़ी मुस्कराहट के साथ कहा, "तुझे क्यों फर्क पड़ता है मैं खाता हूँ या नहीं?"

    रेहान ने राहुल को घूरते हुए कहा, "चल, डिनर करते हैं" और दोनों साथ में डिनर कर के अपने-अपने रूम में सो गए।


    क्या वो कभी यहाँ से निकल पाएगी?
    .
    .

    . कौन थी वो लड़की, जो क्लब में नाच रही थी?
    . और कौन थी वो, जो कैद कमरे में रो रही थी...?
    *"Author Appeal*"
    Pata nhi ky ho gaya h aap logo ko ,aaj mai kuch nhi kahungi,man kare to padhiye😞
    https://www.instagram.com/reel/DGnCrjAvD29/?igsh=MTdydWh4amlrd3RkMw==

    Meri I'd ( dreamydil_author ) PR Rehaan Adhani ki real pic h jaisa novel me h
    Aapki apni, payari,choti,nayi writer.... Dreamydil ❤️

  • 4. Chapter 4 "किया का सच"

    Words: 1099

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक :

    रेहान ने गंभीरता से कहा, "रात के अंधेरे में घूरते हुए जवाब दिया, "नज़र रखो उसकी हर हरकत पर, हमें पता चलेगा उसका मकसद ।"

    राहुल ने फिर पूछा, "तो हम उसे कुछ नहीं करेंगे?"

    रेहान ने कहा, "नहीं, जब तक वो कुछ नहीं करेगा, हम कुछ नहीं करेंगे, बस नज़र रखो। जरूर कुछ बड़ा करने यहाँ आया है, तूफान से पहले की शांति ?"
    रेहान बोला तूने खाना खाया?
    फिर राहुल ने थोड़ी मुस्कराहट के साथ कहा, "तुझे क्यों फर्क पड़ता है मैं खाता हूँ या नहीं?"

    रेहान ने राहुल को घूरते हुए कहा, "चल, डिनर करते हैं" और दोनों साथ में डिनर कर के अपने-अपने रूम सो गए।

    अब आगे:

    रेहान के ऑफिस में,

    रेहान अपने केबिन में बैठा था, कौशल देशमुख उसके सामने एक फाइल रख रहा था। रेहान ने फाइल खोली और पढ़ना शुरू किया।

    कौशल बोला, "यह वही लड़की की जानकारी है जो तुम मांग रहे थे, किया कपूर।"

    रेहान ने फाइल पढ़ते हुए कहा, "किया कपूर... 22 साल की, 5'8" की लंबाई, फिट और कर्वी बॉडी, 50 किलो वजन, फेयर व्हाइट स्किन टोन..."

    कौशल बोला, "हाँ , यह जानकारी हमारे सोर्स से मिली है।"

    रेहान ने आगे पढ़ा, "डॉ. गायनो " स्टुडेंट हैं, कॉलेज में पढ़ती है, बरेली में रहती है... कियान कपूर की बेटी, यशिका कपूर किया कि मां,और मायरा कपूर उसकी छोटी बहन है..."

    रेहान ने फाइल पढ़कर बंद की और कौशल को देखा, जो उसकी ओर घूर रहा था। रेहान का चेहरा एकदम गंभीर और शांत था।

    कौशल थोड़ा हिचकिचाते हुए बोला, "किया कपूर से विक्रम सिंह का कनेक्शन है,

    रेहान की आँखें एक पल के लिए सिकुड़ीं, फिर वो फिर से नॉर्मल हो गईं। उसके चेहरे पर कोई भी भावना नहीं दिख रही थी।

    कौशल ने आगे कहा, "किया कपूर विक्रम सिंह की "मंगेतर" है,

    रेहान का चेहरा अभी भी गंभीर था, लेकिन उसकी आँखों में एक चमक आ गई थी।

    राहुल ने कौशल से पूछा, "क्या यह लड़की यहाँ विक्रम सिंह के प्लान के तहत आई है?

    कौशल बोला, पता नही पर मुझे ये कोई बड़ा खतरा लग रही हैं,

    रेहान ने कुर्सी से उठकर बाल्कनी की ओर बढ़ा और बोला, "नजर रखो दोनों पर, हम कुछ नहीं करेंगे, बस देखेंगे कि आगे क्या होता है..."

    और यह कहते हुए रेहान के चेहरे पर एक "डेविल मुस्कान"आ गया।

    राहुल ने रेहान को मुस्कुराते देख लिए, वो भी समझ गया ,जरूर बहुत बड़ा होगा अब।

    दूसरी तरफ़,

    वही किया एक सुंदर से बंगले में एक कमरे में अपनी पलकें खोल रही थी। वह अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी, आँखें बंद किए हुऐ सोई हुई थी और सपना देख रही थीं।

    सपने में :

    वह 12 साल की बच्ची ,जो  एक मेले में एक बड़े से झूले पर झुलती हुई, हाथ हिलाती हुई, हंसती रही थी। उसके माता-पिता उसके पास खड़े थे, हाथ हिला रहे थे और मुस्कुरा रहे थे।

    लेकिन फिर वह झूला की ओर ज्यादा झुक गई और बच्ची के माता-पिता डरकर जोर से चिल्लाए...

    किया की आँखें जोर से खुल गईं। वह हाफ़ रही थी,, सांसें तेज़ चल रही थीं।

    कुछ देर बाद, जब वह संत हो गई, तो उसने अपने आसपास का कमरा देखना शुरू किया।

    फिर वह उठकर अलमारी के पास गई और उसे नीचे देखा, तो उसे एक फोन मिल गया। वह खुशी से मुस्कराई और सोची कि अपने माता-पिता को फोन लगाएगी।

    उसने फोन उठाया और नंबर डायल करा, लेकिन फोन स्विच ऑफ था। वह दोबारा ट्राई करती है, लेकिन फिर भी फोन नहीं लगता।

    और फिर, जब वह फिर से ट्राई कर रही थी, तो उस हाथ से फोन छीनकर रेहान ने कट कर दिया। किया पीछे मूर्ति है और डर से पैर पीछे हटने लगती है।

    रेहान का चेहरा लाल हो गया है, आँखें फटी हुई हैं और भौंहें सिकुड़ी हुई हैं।

    उसके होंठ कसे हुए हैं और आवाज़ में गहराई है, जो कीया को और भी डरा रही है।

    रेहान वैसे ही गुस्से में कीया के पास जाता है और किया के दोनों बाजू को पकड़ लेता है, जिसे किया को दर्द हो रहा था और रेहान अपना चेहरा कीया के चेहरे के सामने रखकर गुस्से में बोलता है -

    "तुमने बहुत बड़ी गलती की है मुझसे उलझकर... अब तुम पछताओगी कि तुमने मुझसे उलझने की कोशिश की। बहुत शौक हैना रेहान अदानी से उलझनें का तो अब देखो..."

    किया का चेहरा सफ़ेद पड़ गया है, आँखें फटी हुई हैं और वह रो रही है। उसके होंठ कांप रहे हैं और आवाज़ में डर है।

    रेहान उसे झटके से छोड़ देता है, जिससे कीया नीचे जमीन पर गिर जाती है और वैसे ही रोने लगती है

    रेहान कमरे से निकलकर बोलता है "नज़र रखो इस पर" और वहाँ से चला जाता है।

    किया अभी भी जमीन पर बैठी हुई थी, रोती हुई। उसके आँसू उसके चेहरे पर बह रहे थे और उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं।

    वह अभी भी रेहान के शब्दों से सहमी हुई थी - "तुमने बहुत बड़ी गलती की है मुझसे उलझकर..."

    किया अभी भी समझ नही आ रहा था कि क्यों रेहान अदानी उसके साथ ऐसा कर रहा उससे क्यू कैद कर के रखा हुआ , और क्यू इतना गुस्सा कर रहा हैं ।

    वह, तो सिर्फ़ आपने माता पिता से बात करना चाहती है,

    किया फर्श पर बैठी, आँखों में आँसू, दिल में डर और दिमाग में सवाल लिए बस एक ही बात सोच रही थी...

    "क्या मेरी ज़िंदगी वाकई एक सवाल बन चुकी है... या फिर ये सवाल किसी बड़े राज़ की चाबी हैं?"

    - क्यों कैद में रखा है रेहान ने?
    - क्या किया की ज़िंदगी एक धोखा है या कोई अधूरी कहानी?
    - क्या वो कभी आज़ाद होगी या हमेशा के लिए रेहान की कैद में रहेगी?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए... "Passion deadly obsession"

    जहाँ हर जवाब एक नए तूफान की दस्तक है..."

    *"Author Appeal*"
    Hello reader's kaise ho sb log? Kahani kaisi lag rahi h ?
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  • 5. Chapter 5 "धोखा और बदले की शुरूआत"

    Words: 1237

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक:

    रेहान कमरे से निकलकर बोलता है "नज़र रखो इस पर" और वहाँ से चला जाता है।

    कीया अभी भी जमीन पर बैठी हुई थी, रोती हुई। उसके आँसू उसके चेहरे पर बह रहे थे और उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं।

    वह अभी भी रेहान के शब्दों से सहमी हुई थी - "तुमने बहुत बड़ी गलती की है मुझसे उलझकर..."

    किया अभी भी समझ नही आ रहा था कि क्यों रेहान अदानी उसके साथ ऐसा कर रहा उससे क्यू कैद कर के रखा हुआ , और क्यू इतना गुस्सा कर रहा हैं ।

    वह, तो सिर्फ़ आपने माता पिता से बात करना चाहती है,किया वैसे ही आंखों मे आशु लिए और दिमाग में कई सवाल चल रहे थे।

    किया खुद से बोलती है, मेरी जिंदा एक बड़ा सा सवाल बन गई  है ,"क्या इन सवालों के जवाब मुझे कभी मिलेंगे ?

    अब आगे:

    अगला दिन,
    विक्रम सिंह के कमरे में कोबारा आता है, और डरते हुए बोलता है:

    "सर, हमें मैम की इन्फॉर्मेशन मिल गई है..."

    विक्रम सिंह के चेहरे पर एक अजीब सी खुशी और शॉक का मिश्रण दिखाई देता है, जैसे कि उसके दिल की धड़कनें तेज हो गई हों। वह अपनी कुर्सी पर पीछे की ओर धकेलते हुए बोलता है:

    "कहाँ है वो? जल्दी बताओ मुझे !

    कोबारा डरते हुए बोलता है:

    "सर, वो... वो रेहान अधानी के कैद में है..."

    विक्रम सिंह का चेहरा गुस्से से काला पड़ जाता है, आँखों में खून उतर आता है। वह जोर से चिल्लाता है:

    "रेहान अधानी... इस बार नहीं, इस बार मैं उसे खत्म कर दूंगा !

    और फिर कोबारा से कहता है:

    "मीटिंग फिक्स करो मुझे उसे मिलना है..."

    विक्रम सिंह के कमरे से कोबारा डरते हुए निकल जाता है और विक्रम सिंह अकेला रह जाता है।

    विक्रम सिंह का गुस्सा बढ़ता जा रहा था, वह अपने कमरे की चीजों को तोड़फोड़ करने लगता है और जोर से चिल्लाता है:

    "रेहान अदानी... मैं तुझे नहीं छोडूंगा !

    उधर रेहान के ऑफिस में.....

    राहुल रेहान के केबिन में आता है और पूछता है:

    "ये तुमने  क्या  करा है? विक्रम सिंह को किया की खबर दी?

    रेहान राहुल को एक एक्सप्रेशनलेस चेहरे के साथ देखता है, जैसे कि उसके चेहरे पर कोई भावना नहीं है।

    फिर वह अपनी कुर्सी पर पीछे की ओर धकेलते हुए, हाथों को पीछे की ओर टिकाता है और बस मुस्करा देता है।

    राहुल थोड़ा हैरान होता है और पूछता है:

    "क्या हुआ, रेहान? तुमने विक्रम सिंह को क्यों न्यूज दी?

    रेहान के चेहरे पर एक डेविल स्माइल के साथ कहता है:

    "बस, एक प्लान है राहुल... जिसे जल्द ही तुम समझ जाओगे।"

    वही विक्रम सिंह अपने खास आदमी कोबारा और बॉडीगार्ड के साथ रेहान अदानी से मिलने जाने के लिए निकल गया है।

    आधे रास्ते में जाने के बाद कोबारा के फोन पर कॉल आता है, जिसे उठाकर वह समने वाली की बात सुनने लगता है। उसका चेहरा एकदम सफेद पड़ जाता है, जैसे कि उसकी सारी खुशी एक पल में ही उड़ गई हो।

    विक्रम सिंह पूछता है - "क्या हुआ, कोबारा?"

    कोबारा डरते हुए बोलता है "सर, रेहान अदानी के लोगों का कॉल था, वो अब हमारे साथ मीटिंग नहीं करेगा।"

    विक्रम सिंह का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है, वह जोर से चिल्लाता है - "रेहान अदानी...! मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा!

    विक्रम सिंह अपने आदमियों के साथ वापस अपने बंगले की ओर मुड़ जाता है। जब वह अपने बंगले के सामने पहुँचता है, तो उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती हैं - बंगले के अंदर का नजारा देखकर वह शॉक्ड रह जाता है और गुस्से से पागल हो जाता है!

    वह जोर से चिल्लाता है "ये तुमने ठीक नहीं किया, रेहान अदानी! मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा !

    उधर रेहान के केबिन में कौशल आता है और मुस्कराते हुए कहता है - "विक्रम सिंह अब हमारे प्लान में फंस गया है..."

    कौशल के चेहरे पर एक जीत की मुस्कराहट है, वह रेहान के सामने वाली कुर्सी पर बैठता है और कहता है

    "विक्रम सिंह अब हमारे प्लान में फंस गया है, और अब वो गुस्से से पागल हो रहा है... जब उसने अपने बंगले में जाकर देखा होगा तो उसे झटका लगा होगा!"

    रेहान एक डिविलिश मुस्कराहट देता है, जैसे कि वह अपने प्लान की सफलता पर खुश है।

    राहुल उन दोनों की बातें सुनकर हैरान हो जाता है, उसके चेहरे पर एक कन्फ्यूज़न का भाव है। वह पूछता है

    "विक्रम सिंह को क्या हुआ है? और यह प्लान क्या है जिसमें वो फंस गया है?

    कौशल मुस्कराते हुए कहता है "रेहान ने एक प्लान बनाया था जिसमें विक्रम सिंह की फियांसे किया कपूर को ढूंढना था...

    जो कि हमारे कब्जे में है!

    विक्रम सिंह को लगता है कि किया कपूर रेहान के पास है, इसलिए उसने रेहान से मिलने का फैसला किया था। लेकिन रेहान ने उसे झूठा यकीन दिलाया कि वो मिलेगा, ताकि विक्रम सिंह अपने आदमियों के साथ निकल जाए।"

    राहुल की आँखें फटी की फटी रह जाती हैं, वह समझ जाता है कि रेहान ने विक्रम सिंह को क्यों फंसाया है।

    कौशल आगे कहता है -

    "अब जब विक्रम सिंह अपने आदमियों के साथ निकल गया है, तो हमारे पास उसके बंगले पर हमला करने का मौका है... और किया कपूर के माता-पिता को बचाने का भी!"

    कौशल बोलता है, उसके चेहरे पर एक गहरी सोच वाला भाव है -

    "विक्रम सिंह की फियांसे किया कपूर के माता-पिता हमारे कब्जे में हैं।

    कौशल की बातें पूरी होते ही राहुल का चेहरा बदल जाता है, उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती हैं और वह हैरानी से बोलता है -

    "तुम लोगों ने मुझे प्लान में शामिल  ही नही किए  बल्कि प्लान ही नहीं बताया! क्या यही तुम्हारी दोस्ती हैं?"

    राहुल के चेहरे पर गुस्से और हैरानी का मिश्रण है, उसकी आवाज़ में कड़ापन है।

    रेहान बस मुस्कराता है, एक डिविलिश स्माइल देता है, उसकी आँखें चमकने लगती हैं और चेहरे पर एक खतरनाक भाव आता है...

    वही दूसरी तरफ़,

    एक बड़े से फार्म हाउस के बाहर बहुत सारे बॉडीगार्ड, हाथो मे गन लिए पहरा दे रहें थे।
    फार्म हाउस के अंदर एक फैमिली लिविंग एरिया में सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे, चेहरे पर परेशानी झलक रही थी, यशिका,"कियान जी हम कहा है, ये लोग कौन है? क्या ये विक्रम के आदमी है।

    कियान -"विक्रम सिंह के अलावा और कौन हमारा दुश्मन है और क्यूं कैद करेगा , ये विक्रम सिंह के ही आदमी है।

    मायरा बोलती है -"दी ठीक तो होगी न? और आप लोगो ने विक्रम सिंह के सामने ये क्यू कहा कि दी मामा जी के घर पर नहीं है?

    "क्या सच में दी मामा जी के घर पर नहीं हैं?"

    कियान -" मायरा के सिर पर हाथ फेरता है , नही बेटा आपकी दी आपके मामा जी के घर पर है , और यशिका मायरा को गले लगा लेती है।

    यशिका कियान को देखती है , दोनो के चेहरे पर चिंता थी और मन में डर।
    .
    .
    *"क्या करेगा अब विक्रम सिंह , क्या किया उसे मिल पाएगी?
    *"क्या इस बार भी रेहान के डेविल स्माइल मे कोई राज़ छुपा हैं ?
    *"क्या चल रहा हैं,रेहान के मन में?
    *"Author Appeal*"

    Plz story padhiye aur mujhe comment kar ke bataiye kaisi lag rahi h story aapko , kuch kami h to wo bataye , plz mujhe aapke support aur payar ki jarurat h🥺

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  • 6. Chapter 6 "मौत से सामना"

    Words: 1007

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक :

    तुम लोगों ने मुझे प्लान में शामिल  ही नही किए  बल्कि प्लान ही नहीं बताया! क्या यही तुम्हारी दोस्ती हैं?"

    राहुल के चेहरे पर गुस्से और हैरानी का मिश्रण है, उसकी आवाज़ में कड़ापन है।

    रेहान बस मुस्कराता है, एक डिविलिश स्माइल देता है, उसकी आँखें चमकने लगती हैं और चेहरे पर एक खतरनाक भाव आता है...

    वही दूसरी तरफ़,
    एक बड़े से फार्म हाउस के बाहर बहुत सारे बॉडीगार्ड, हाथो मे गन लिए पहरा दे रहें थे।

    फार्म हाउस के अंदर एक फैमिली लिविंग एरिया में सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे, चेहरे पर परेशानी झलक रही थी, यशिका,"कियान जी हम कहा है, ये लोग कौन है? क्या ये विक्रम के आदमी है।
    कियान -"विक्रम सिंह के अलावा और कौन हमारा दुश्मन है और क्यूं कैद करेगा , ये विक्रम सिंह के ही आदमी है।
    मायरा बोलती है -"दी ठीक तो होगी न? और आप लोगो ने विक्रम सिंह के सामने ये क्यू कहा कि दी मामा जी के घर पर नहीं है?
    "क्या सच में दी मामा जी के घर पर नहीं हैं?"

    कियान -" मायरा के सिर पर हाथ फेरता है , नही बेटा आपकी दी आपके मामा जी के घर पर है , और यशिका मायरा को गले लगा लेती है।

    यशिका कियान को देखती है , दोनो के चेहरे पर चिंता थी और मन में डर।

    अब आगे :

    रेहान अदानी अपने ऑफिस से निकलकर अपनी कार में बैठा हुआ था, ड्राइवर ने कार चलाई और वाह अपने बंगले की तरफ बढ़ने लगा। रेहान अपने लैपटॉप में व्यस्त था, तभी अचानक ड्राइवर ने कार रोक दी और रेहान ने बिना देखे पूछा, "कार क्यों रोकी है?"

    ड्राइवर डरते हुए बोला, "साहब, वो सामने हैं..."

    रेहान ने लैपटॉप बंद किया और सामने देखा, जहां कई महंगी गाड़ियाँ खड़ी थीं और कई बॉडीगार्ड हाथों में गन लिए खड़े थे। सामने विक्रम सिंह अपने खास आदमी के साथ खड़ा था, रोड को घेरे हुए।

    रेहान कार से निकला और विक्रम सिंह को देखा, जिसका चेहरा गुस्से से काला हो गया था।

    "मुझे मेरी किया वापस दे दे, मैं तुझे कम से कम तकलीफ से मारूँगा!"

    रेहान के चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं था, और वो वैसे ही अपनी दरवानी आवाज में बोला, "क्यों डर लग रहा है तुझे?"

    विक्रम सिंह का गुस्सा और बढ़ गया, और उसने गोली चला दी, जिसे रेहान आसानी से बच गया। रेहान ने अपनी कार के पीछे छुपकर फायर बैक किया, और दोनों तरफ से गोलियों की बरसात होने लगी।

    राहुल और कौशल भी आ गए थे और विक्रम सिंह के आदमियों पर गोली चला रहे थे। रेहान के बॉडीगार्ड विक्रम सिंह के आदमियों पर भारी पड़ रहे थे ।

    रेहान ने एक गोली विक्रम सिंह को मारी, जो उसके बाजू में लग गई। कोबारा विक्रम सिंह को शेल्ड करने लगा और विक्रम सिंह को चलने के लिए कहा, विक्रम सिंह गुस्से में कोबरा को देखा, और वैसे ही रेहान पर फायरिंग किए।

    विक्रम सिंह के आधे से ज्यादा आदमी मारे जा चुके थे।

    कोबारा के समझाने पर विक्रम सिंह को जाना पड़ा, और वो जाते हुए रेहान से बोला, "इस बार जा रहा हूँ, लेकिन अगली बार तुझे नहीं छोडूंगा!"

    विक्रम सिंह के जाने के बाद, राहुल , रेहान के पास आया और बोला, "तूने उसे जाने दिया, क्यों?"

    रेहान ने एक्सप्रेशनलेस चेहरे से जवाब दिया, "इतनी आसानी से उसे मौत नहीं दूँगा, जाने दो उसे..."

    रेहान वहा से अपने बंगले में चला गया।इसके बाद रेहान अपने कमरे में आया और बालकनी में खड़े होकर अंधेरे को घूरता रहा। तभी कौशल ने दरवाजा खटखटाया, रेहान ने बिना मुड़े पूछा, "क्या हुआ, कुछ पता चला?"

    कौशल ने गंभीर चेहरे से जवाब दिया, "हाँ, हमें कुछ पता चला है... उसके के गायब होने में किया का कोई कनेक्शन है..."

    रेहान के चेहरे पर गुस्सा आ गया, और उसने कड़क आवाज में पूछा, "क्या है, बताओ!"

    कौशल ने झुककर जवाब दिया, "हमें इतना ही पता चला है, आगे की जानकारी हमें नहीं मिली है..."

    रेहान गुस्से में तमतमाता हुआ किया के कमरे की ओर बढ़ गया, और जोर से दरवाजा खोलकर अंदर घुस गया। किया सो रही थी, रेहान ने उसके दोनों बाजू पकड़कर उसे दीवाल से लगा दिया और अपना चेहरा उसके करीब लाकर कड़क आवाज में बोला, "बताओ मुझे, वो कहाँ है?"

    किया के चेहरे पर डर था,कुछ नहीं बोली, रेहान का गुस्सा और बढ़ गया, और उसने चिल्लाकर पूछा, "बताओ मुझे, वो कहाँ है?"


    किया के रोने की आवाज तेज हो गई, लेकिन वो अभी भी कुछ नहीं बोली। रेहान का गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया, और उसने किया का गला पकड़ लिया और दीवाल से लगाए रखा।

    किया की साँसें धीमी होने लगीं, वो रेहान के हाथों को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन रेहान का एक उंगली भी नहीं हिला।

    तभी किया की साँसें और धीमी हो गईं, और उसकी आँखें भरने लगीं। रेहान ने तब जाकर किया को छोड़ दिया, और वो बेड पर गिर गई।

    किया जोर से खांसने लगी, किया की हालत अभी बहुत ख़राब थी, और चेहरे पर डर और आंखो में आसू।

    रेहान तेजी से अपने कमरे में चला गया और  सिगरेट की कश लेने लगा। वो अपने गुस्से को काबू करने की कोशिश कर रहा था।
    .
    .
    *"आखिर क्यों विक्रम सिंह को किया चाहिए?
    *"क्यों रेहान किया को वापस नहीं देता है?
    *"किससे कनेक्शन था,किया का?
    *"किसके बारे मर रेहान पूछ रहा था?
    ... जानें के लिए आगे पढ़े।

    "कल का चैप्टर बहुत अलग होगा कुछ ऐसा की आपको भूत पसंद आएगी, कल का चैप्टर स्पेशल होगा।"

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    Aaj mai kuch puchna chahti hu ,kya aapko story aachi nhi lg rahi h , kuch kami h issme , jo aap padhte h tab v comment nhi krte h, plz aapko kaisi lg rahi h,story mujhe bataiye taki mai isse aur behatar kr saku ,kami h wo hi batayiye mujhe pata chalega ki kya sudhar krna h plzzz🥺

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  • 7. Chapter 7 "रिवेंज मैरेज"

    Words: 1565

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब तक:
    कौशल ने गंभीर चेहरे से जवाब दिया, "हाँ, हमें कुछ पता चला है... उसके के गायब होने में किया का कोई कनेक्शन है..."

    रेहान के चेहरे पर गुस्सा आ गया, और उसने कड़क आवाज में पूछा, "क्या है, बताओ!"

    कौशल ने झुककर जवाब दिया, "हमें इतना ही पता चला है, आगे की जानकारी हमें नहीं मिली है..."

    रेहान गुस्से में तमतमाता हुआ किया के कमरे की ओर बढ़ गया, और जोर से दरवाजा खोलकर अंदर घुस गया। किया सो रही थी, रेहान ने उसके दोनों बाजू पकड़कर उसे दीवाल से लगा दिया और अपना चेहरा उसके करीब लाकर कड़क आवाज में बोला, "बताओ मुझे, वो कहाँ है?"

    किया के चेहरे पर डर था,कान नहीं बोली, रेहान का गुस्सा और बढ़ गया, और उसने चिल्लाकर पूछा, "बताओ मुझे, वो कहाँ है?"

    किया के रोने की आवाज तेज हो गई, लेकिन वो अभी भी कुछ नहीं बोली। रेहान का गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया, और उसने किया का गला पकड़ लिया और दीवाल से लगाए रखा।

    किया की साँसें धीमी होने लगीं, वो रेहान के हाथों को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन रेहान का एक उंगली भी नहीं हिला।

    तभी किया की साँसें और धीमी हो गईं, और उसकी आँखें भरने लगीं। रेहान ने तब जाकर किया को छोड़ दिया, और वो बेड पर गिर गई।

    किया जोर से रोने लगी, रेहान तेजी से अपने कमरे में चला गया और सिगरेट की कश लेने लगा। वो अपने गुस्से को काबू करने की कोशिश कर रहा था।
    अब आगे:
    वही विक्रम सिंह अपने बंगलो आ गया था, विक्रम सिंह की हालत अब खराब हो गई थी,कपड़े अब खून से भर गए थे।

    कोबरा विक्रम सिंह को उसके कमरे में लेजा के बेड पर लेटा देता। वहा डॉक्टर पहले से मौजूद थे, और अब विक्रम सिंह का चेक अप कर रहे थे।

    डॉक्टर बोलते हैं,_गोली अंदर हैं काफ़ी हमे केटामाइन (बेहोशी)इंजेक्शन देना होगा।

    विक्रम सिंह डॉक्टर का गला पककर लेता हैं और बोलता हैं,_ऐसे ही निकालो गोली वरना तुम्हारे शरीर में इतनी गोली मरूंगा की कोई इलाज़ भी नहीं कर पाएगा।

    डॉक्टर डर से सर हिलाते है और विक्रम सिंह का गोली निकलने लगते है, एक तेज दर्दनाक आवाज विक्रम सिंह के मुंह से निकलती है और इसके साथ गोली बाहर निकल जाती है । डॉक्टर बैंडेज कर देते है।

    कोबरा डॉक्टर को बहार का रास्ता बता देता है, डॉक्टर चले जाते है। कोबरा विक्रम सिंह को दवा देता है और चला जाता है।

    विक्रम सिंह अब दर्द और दवा के नशे में गहरी नींद में चला जाता है।

    अगली सुबह, विक्रम सिंह किसी को कॉल पर बात कर रहा था, उसके चेहरे पर गुस्से की लकीरें साफ दिख रही थीं गुस्से से भरा हुआ चेहरा, भौहें सिकुड़ी हुई, आँखें लाल।

    सामने वाली की आवाज़ आई, "तुम्हें आना ही होगा!" विक्रम सिंह ने जवाब दिया, "मैं नहीं आऊँगा, किसी भी हाल में!" और फोन कट कर दिया।

    विक्रम सिंह का गुस्सा बढ़ गया, उसने फोन ज़मीन पर पटक दिया और अपने कमरे का सामान तोड़ने लगा। कोबारा भागकर उसके सामने आया और विक्रम सिंह ने कहा, "जेट तैयार करो, मैं आज ही जा रहा हूँ!"

    कोबारा ने सिर्फ "हाँ सर" कहा और जाने लगा। विक्रम सिंह ने उसे रोककर कहा, "रेहान अदानी की हर गतिविधि पर नज़र रखो, मुझे हर पल की खबर चाहिए। मैं उसे नहीं छोडूंगा!"

    कोबारा जेट तैयार करने चला गया। थोड़ी देर बाद, विक्रम सिंह जेट में बैठ गया और कोबारा से कहा, "नज़र रखो, मुझे हर पल की खबर चाहिए।" जेट उड़ गया।

    वहीं रेहान के डेविल विला में, रेहान तैयार होकर नीचे आया और राहुल से कहा, "साड़ी तैयारी हो गई है?" राहुल ने जवाब दिया, "हाँ हो गई है, लेकिन क्या तू सच में यह करेगा?"

    रेहान ने कुछ नहीं कहा, तब तक एक सर्वेट आया और झुककर बोला, "सर, वो मैम ने तैयार होने से मना कर दिया है और बाहर भी नहीं आ रही हैं।"

    रेहान का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और आँखें नाराज़, उसने किया के कमरे का दरवाज़ा खोल दिया। किया वहीं बैठी थी, रेहान को देखकर उसके चेहरे पर डर के भाव आ गए , आँखें सेहमी हुई थी।

    रेहान ने किया का हाथ पकड़कर उसे कमरे से बाहर खींच लिया और कार की तरफ ले जाने लगा। राहुल पीछे से चिल्लाया, "रेहान, इतना गुस्सा मत कर, आराम से काम कर, वो सुन लेगी !

    लेकिन रेहान को किसी बात का फर्क नहीं पड़ा, उसने किया को वैसे ही कार में धकेल दिया और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। कार स्टार्ट कर दी और चलने लगी।

    राहुल भी अपनी कार में बैठकर पीछे से आ गया। उधर, विक्रम सिंह के आदमियों को पता चल गया कि रेहान किया को ले जा रहा है, तो उन्होंने भी रेहान का पीछा करना शुरू कर दिया।

    कोबारा ने अपनी कार में बैठकर रेहान का पीछा किया और विक्रम सिंह को फोन पर बताया, "सर, रेहान किया को लेकर मैरिज रजिस्ट्रार के पास जा रहा है।"

    रेहान की कार मैरिज रजिस्ट्रार के सामने रुकी , रेहान सामने देखा,_कोबरा और उसके बहुत सारे लोग सामने मैरिज रजिस्ट्रार को घेरे खरे थे।

    रेहान कार से बाहर आता है और किया का हाथ पककर उससे भी बाहर निकलता है , तब तक रेहान के बॉडीगार्ड रेहान सामने आ जाते है।
    राहुल भी तब तक आ गया था,कोबरा बोलता हैं,_मैम को हमें दे दो। हम तुम्हे छोड़ देंगे।

    राहुल चेहरे पर मुस्कान के साथ बोलता है,_"कुत्ते कबसे सेर का शिकार करने लगे। कोबरा सुन गुस्सा हो जाता है और गन तन देता है।

    राहुल वैसे ही बोलता है एक बार आपने चारों तरफ़ देख,कोबरा आपने चारों तरफ देखता है,"रेहान के बॉडीगार्ड मैरिज रजिस्ट्रार को चारों तरफ़ से गहरे हुए थे।
    राहुल ,_रेहान से बोलता हैं,_तू जा मैं देख लूंगा इसे।

    रेहान किया का वैसे ही हाथ पककर मैरिज रजिस्ट्रार के अंदर ले जाता है , जहां पहले से कौशल मौजूद होता है।

    कौशल ने पहले से ही मैरिज सर्टिफिकेट और अन्य कागज़ तैयार कर रखे थे।

    रेहान एक्सप्रेशन लेस चेहरे के साथ पेन लेके मैरिज सेटिफिकेट पर साइन कर देता है।

    रेहान ने पेन किया को दिया और कहा, "साइन करो!"
    किया पेन को नही पकड़ रही थीं,रेहान गुस्से में बोला,"भुलो मत तुम्हारी फैमिली मेरे कब्जे में और उनकी जान खतरे में।"

    किया ने डरे हुए हाथों से पेन लिया और कागज़ पर साइन कर दिया। मैरिज रजिस्ट्रार ने कहा, "अब सिंदूर और मंगलसूत्र पहनाएं!"

    कौशल ने सिंदूर और मंगलसूत्र लाकर रेहान को दिया। रेहान ने बिना कोई एक्सप्रेशन दिखाए सख्त चेहरा किया के मांग में सिंदूर भर दिया और मंगलसूत्र पहना दिया।

    मैरिज रजिस्ट्रार ने कहा, "शादी हो गई है, बधाई हो!" किया के आँखों से आंसू बहने लगे और दिल में नफरत थे।

    वही मैरिज रजिस्ट्रार के बाहर,राहुल कोबरा से बोला ,_तुम और तुम्हारे आदमी गन नीचे फेंक दो। कोबरा और उसके आदमी गन नीचे फेंक दिए।

    रेहान ने किया का हाथ पकड़कर उसे कार की तरफ खींच लिया। राहुल ने दरवाज़ा खोल दिया और मुस्कराते हुए कहा, "बधाई हो!"

    किया के चेहरे पर आंसू अभी भी बह रहे थे ,आँसू भरे चेहरे, उदासी भरी आँखें, वो चुपचाप कार में बैठ गई। रेहान भी कार में बैठ गया और ड्राइविंग सीट पर बैठकर कार स्टार्ट कर दी।

    कौशल ने राहुल से पूछा, "अब इनका क्या करें?"

    राहुल ने जवाब दिया, "छोड़ देंगे, आज रेहान कि शादी हुई है, आज के लिए मर-पिट नहीं।"

    फिर दोनो कार में बैठ के चले जाते है।

    दोनो के जानें के बाद कोबरा," विक्रम सिंह को कॉल लागा के सब बता देता है"।

    वही मैक्सिको में,

    एक आलीशान कमरे मे विक्रम सिंह , गुस्से से पागल हुआ जा रहा था, आपने कमरे की हर चीज को तोड़ फोड़ कर दी , कुछ समय में कमरा खंडार में तब्दील हो गया।

    विक्रम सिंह-" गुस्से में चीखते हुए बोला , इस बार नहीं-इस बार नहीं रेहान , मैं तुम्हे बरबाद कर दूंगा पूरी तरीके से।

    वही,
    रेहान की कार डेविल विला के सामने रुकी, रेहान कार से बाहर निकला और किया को भी बाहर निकाला। किया अभी भी उदास थी और नीची नज़रें।

    रेहान डेविल विला में घुस गया और सीधे अपने कमरे में चला गया। वहाँ उसने शावर के ठंडे पानी से अपने गुस्से को कम करने की कोशिश की।

    किया कार में अकेली रहे गई,धीरे से कार का दरवाज़ा खोल बाहर आई और धीमे कदमों से डेविल विला के अंदर जाने लगी।

    किया डेविल विला के अंदर जा रही थी, और चौंके हुए चेहरे, बड़ी आँखें ध्यान से सब कुछ देख रही थी, क्यू की डेविल विला में वो पहले से थी पर कभी ध्यान नहीं दी और इसी लिए किया के लिए सब कुछ नया था ।हर जगह की सुंदरता और शांति देखकर वो आश्चर्यचकित थी।

    लेकिन यह सुंदरता और शांति किया के दिल को सुकून नहीं दे पा रही थी , उसके दिल में अभी भी रेहान के शब्दों का दर्द था।
    .
    .
    *"विक्रम सिंह कहा गया था?
    *"क्या इस शादी का कोई मायने हैं?
    *" क्या किया इस शादी को कभी दिल से अपनाएगी?
    ..... आगे जानें के लिए पढ़ते रहे।

    *"Author Appeal*"
    Kal ka chapter kuch jada hi alaga h aur special aap logo ko pasand aaye ga🙈 to padhna na bhule🤭
    Plz aise hi padhte rahe mujhe support kare aur comment kare thank you 😊

    https://www.instagram.com/reel/DGtaPmuT2aC/?igsh=cGZhdHA5NXE0MzIz
    Meri insta I'd Dreamydil_author ko follow kar le aur is link pr click kare aur story ka scene dekhe aur story ki update wahi hogi to plz insta pr follow kr lo , mai follow back jarur karungi😁

  • 8. Chapter 8 : "गुस्से की प्यास"

    Words: 1828

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब तक :

    रेहान की कार बंगले के सामने रुकी, रेहान कार से बाहर निकला और किया को भी बाहर निकाला। किया अभी भी उदास थी (उदास चेहरा, नीची नज़रें), वो धीरे से बंगले के अंदर चली गई।

    रेहान भी बंगले में घुस गया और सीधे अपने कमरे में चला गया। वहाँ उसने शावर के ठंडे पानी से अपने गुस्से को कम करने की कोशिश की।

    किया बंगले के अंदर जा रही थी, और चौंके हुए चेहरे, बड़ी आँखें ध्यान से सब कुछ देख थी  क्यू की बंगले में वो पहले से थी पर कभी ध्यान नहीं दी और इसी लिए किया के लिए सब कुछ नया था ।हर जगह की सुंदरता और शांति देखकर वो आश्चर्यचकित थी।

    लेकिन यह सुंदरता और शांति किया के दिल को सुकून नहीं दे पा रही थी (उदास चेहरे, नीची नज़रें), उसके दिल में अभी भी रेहान के शब्दों का दर्द था।

    अब आगे:

    किया बंगले के अंदर आती है, उसके चेहरे पर थकावट के निशान हैं, आँखें हल्की सी सूजी हुई थी।

    एक सर्वेट उसके पास आता है, सर्वेट का चेहरा नम्र है, वह सिर झुकाकर बोलता है,

    "मैम, सर ने आपको अपने रूम में बुलाया है..."

    किया का चेहरा अचानक बदल जाता है, आँखें फैल जाती हैं और वह थोड़ा सा रुक जाती है, फिर सर्वेट को देखकर बिना कुछ बोले वह जिस रूम में पहले बंद थी, उसी में चली जाती है।

    काफी देर बाद जब किया रूम से नहीं निकलती है, तो रेहान गुस्से से पागल हो जाता है...

    उसका चेहरा लाल हो जाता है, आँखें सिकुड़ जाती हैं और माथे पर नसें फूल जाती हैं।

    वह लिविंग एरिया में आता है और सर्वेट से गुस्से से भरी आवाज़ में पूछता है,

    "किया कहाँ है? मैंने उसे अपने रूम में बुलाया था, फिर वह क्यों नहीं आई?"

    सर्वेट डरते हुए बोलता है,

    "स-सर, मैंने मैम को आपका संदेश दे दिया था, लेकिन वो गेस्ट रूम में चली गई हैं..."

    रेहान का गुस्सा और बढ़ जाता है, वह तेज़ी से गेस्ट रूम की ओर बढ़ता है, दरवाज़ा लगभग तोड़ते हुए खोलता है और अंदर घुस जाता है...

    रेहान गेस्ट रूम के  अंदर जाता है, उसकी आँखें किया को ढूंढती हैं और जब वह उसे देखता है, तो उसका चेहरा और भी गुस्से से लाल हो जाता है।

    किया डरी हुई नजरों से रेहान को देखती है, उसका चेहरा पीला पड़ गया है और होंठ कांप रहे हैं। वह दरवाजे की ओर बढ़ने लगती है, लेकिन रेहान तेज़ी से उसके पास पहुँच जाता है और उसके गले को पीछे से पकड़ लेता है।

    रेहान की आवाज़ गुस्से से भरी हुई है, वह काँपते हुए बोलता है,

    "बहुत हिम्मत आ गई है तुममें... अब देखो, तुम

    रेहान किया को अपने कमरे में घसीटते हुए ले जाता है, किया के पैर उसके पीछे घसीटते हुए चलते हैं। जब वे रेहान के कमरे में पहुँचते हैं, तो रेहान किया को बेड पर फेंक देता है, जिससे किया का शरीर बेड पर थोड़ा सा मुड़ जाता है।

    किया का चेहरा दर्द और डर से सिकुड़ा हुआ है, आँखें फैली हुई हैं और मुँह से एक कमजोर सी चीख निकलती है। रेहान उसके ऊपर झुक जाता है और उसके बालों को पीछे से पकड़ लेता है, जिससे किया का सिर उसकी ओर झुक जाता है।

    रेहान की आवाज़ गुस्से से भरी हुई है, वह काँपते हुए बोलता है,

    "बहुत हिम्मत आ गई है तुममें... अब बताओ, कहाँ है वो?"

    किया की आँखें डर से भरी हुई हैं, वह थोड़ा सा कांपती हुई बोलती है...

    "म-मैं नहीं जानती... कौन वो?"

    रेहान का चेहरा और भी गुस्से से लाल हो जाता है, वह किया के बालों पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेता है, जिससे किया का सिर थोड़ा और पीछे की ओर झुक जाता है।

    किया की आँखें दर्द से भर जाती हैं, वह फिर से बोलती है,

    "आह्ह्ह... मैं सच कह रही हूँ, मैं नहीं जानती कौन  वो...

    रेहान किया को गुस्से से देखता है, फिर उसके चेहरे के करीब अपना चेहरा ले जाता है और गुस्से से भरी आवाज़ में बोलता है,

    "सिवी... मैं सिवी के बारे में पूछ रहा हू।

    किया का चेहरा पीला पड़ जाता है, आँखें फैली हुई हैं और वह थोड़ा सा कांप जाती है। वह रेहान को देखती है, उसकी आवाज़ कमजोर और डरी हुई है,

    "क-कौन सी सिवी? मैं नहीं जानती किस सिवी की बात कर रहे हैं आप..."

    रेहान का गुस्सा और बढ़ जाता है, वह किया के बालों पर अपनी पकड़ और मजबूत कर लेता है, जिससे किया का सिर थोड़ा और पीछे की ओर झुक जाता है। किया की आँखों में दर्द और डर के आँसू आ जाते हैं।

    रेहान गुस्से से भरी आवाज़ में बोलता है,

    "मत करो नाटक किया! मैं जानता हूँ तुम्हारा कुछ सिवी से कनेक्शन हैं ...और वह लड़की कई सालों से लापता है... तुम्हें पता है कुछ, बताओ !"

    किया का चेहरा डर और भ्रम से भरा हुआ है, वह रेहान को देखती है और अपनी आवाज़ में डर के साथ बोलती है,

    "मैं सच कह रही हूँ... मुझे नहीं पता कौन सी सिवी आप बात कर रहे हैं! मैंने कभी इस नाम को नहीं सुना..."

    रेहान का गुस्सा और बढ़ जाता है, और रेहान की आवाज़ गुस्से से भरी हुई है, वह बोलता है,_

    "तुम  झूठ बोल रही हो किया...

    किया का चेहरा दर्द और डर से सिकुड़ा हुआ है, वह रेहान को देखती है और अपनी आवाज़ में डर के साथ बोलती है,

    " प्लीज़... मैं सच कह रही हूँ! मुझे नहीं पता आप किस सिवी की बात कर रहे हैं... मैं झूठ नहीं बोल रही"

    रेहान का चेहरा और भी गुस्से से लाल हो जाता है, वह किया के बालों को छोड़ देता है और उसके चेहरे के करीब अपना चेहरा ले जाता है। किया की साँसें तेज हो जाती हैं और वह डर से कांप जाती है,आँखें फैली हुई हैं और होंठ कांप रहे हैं।

    वह रेहान को डरी हुई नजरों से देखती है। रेहान की आँखें किया की आँखों में घुसती हुई लगती हैं, जैसे वह उसके डर को पढ़ रहा हो।

    फिर, रेहान का चेहरा और भी करीब आता है, उसके होंठ किया के होंठों के करीब पहुँच जाते हैं। किया का दिल तेजी से धड़कने लगता है, वह अपनी आँखें बंद कर लेती है, डर और अनिश्चितता से भर जाती है।

    रेहान के होंठ किया के होंठों पर पड़ते हैं, एक गुस्से भरा किस्स... किया का शरीर कांप जाता है, वह रेहान को धकेलने की कोशिश करती है, लेकिन रेहान की पकड़ मजबूत है...

    किया के हाथ रेहान के कंधों पर पड़े हुए हैं, वह उसे धकेलने की कोशिश करती है, लेकिन रेहान की पकड़ मजबूत है। किया के शरीर में जैसे जान नहीं है, वह बस रेहान के गुस्से के सामने  हार मान चुकी है।

    किया की आँखों से आँसू निकलने लगते हैं, वह रेहान को देखती है, उसकी आँखों में डर और शॉक है। किया का चेहरा पीला पड़ जाता है, वह जैसे बेहोश होने वाली है।

    रेहान का किस्स और भी गहरा होता जाता है, वह किया को जैसे अपने गुस्से में दबा रहा है। रेहान किस्स नहीं बल्कि किया को सजा दे रहा हो ऐसा था, वह किया के होठ को काट रहा था और अपना गुस्सा बात रहा था ।


    यह किस्स 45 मिनट तक चलता रहता है, किया का शरीर थक जाता है।

    जब रेहान आखिरकार किया को छोड़ता है, तो किया का शरीर निढाल हो जाता है। वह साँस लेने की कोशिश करती है, लेकिन उसकी साँसें अभी भी तेज हैं।

    किया के होंठ सूज गए हैं और उन पर एक छोटा सा कट है, जिससे हल्का सा खून बह रहा है।

    किया की आँखें धीरे-धीरे खुलती हैं, वह रेहान को देखती है, लेकिन उसकी आँखों में दर्द और थकावट है। वह अपने होंठों को छूती है और दर्द से कूंचती है।

    रेहान किया को देखता है, उसका चेहरा अभी भी गुस्से से लाल है। वह किया के चेहरे को देखता है, और उसके होंठों को देखता है जो सूजे हुए हैं और हल्का सा खून से सने हुए हैं। रेहान की आँखें किया की हालत पर टिकी रहती हैं, लेकिन उसके चेहरे पर कोई दया या चिंता नहीं है।

    वह किया को एक पल और देखता है, फिर अचानक मुड़कर स्टडी रूम की तरफ चला जाता है। उसके कदम तेज और गुस्से से भरे हुए हैं। दरवाजा बंद होते ही कमरे में एक अजीब सी खामोशी छा जाती है।

    किया रेहान को जाते हुए देखती है, उसकी आँखों में अभी भी दर्द और थकावट है। वह धीरे-धीरे उठती है और अपने होंठों को छूती है, जो अभी भी सूजे हुए हैं। किया का चेहरा अभी भी रेहान के गुस्से के निशानों से भरा हुआ है, और उसकी आँखों में एक अजीब सी उदासी है...

    किया धीरे-धीरे उठती है और अपने कमरे की तरफ जाती है, उसके कदम थके हुए और धीमे हैं। वह दरवाजे को धीरे से बंद करती है और अपने बिस्तर पर गिर जाती है, उसकी आँखें अभी भी रेहान के गुस्से के निशानों से भरी हुई हैं।

    किया का दिल अभी भी तेजी से धड़क रहा है, और उसके होंठों पर दर्द अभी भी महसूस हो रहा है। वह अपने हाथ से अपने होंठों को छूती है और रेहान की हरकतों को याद करती है, उसके दिल में एक अजीब सी उदासी और डर पैदा हो जाता है।

    तभी किया को याद आता है कि रेहान ने उसे सिवी के बारे में पूछा था, और वह सोचती है कि रेहान को यह जानकारी कहाँ से मिली।

    रेहान स्टडी रूम के बालकनी में जाकर एक सिगरेट जलाता है। वह धीरे-धीरे सिगरेट के कश लेता है, उसके दिमाग़ में किया के साथ हुई घटना और सिवी का नाम घूम रहा है।

    रेहान अपने फोन में कौशल का नंबर डायल करता है और कॉल लगता है। कौशल रेहान की आवाज़ सुनकर हैरान होता है, "क्या हुआ रेहान, इतनी रात में कॉल क्यों किया?"

    रेहान सीधे सवाल पर आता है, "कौशल, मुझे बताओ... किया का सिवी से कोई कनेक्शन है क्या?"

    कौशल थोड़ा रुकता है, फिर बोलता है, "हाँ रेहान, है... हमने पहले भी तुम्हे बताया था।

    रेहान का गुस्सा बढ़ जाता है, वह कॉल काट देता है और फोन को जमीन पर पटकने को होता है, लेकिन खुद को रोक लेता है। वह खड़े होकर बोलता है,

    "किया, तुम्हें बहुत शौक है झूठ बोलने का... तैयार रहो अनजाम के लिए."
    .
    .
    *"आख़िर कौन हैं सिवी, क्यों ढूंढ़ रहा हैं रेहान इतने सालो से?
    *"क्या किया सच में नही जानती सिवी के बारे में?
    *"अब क्या होगा किए के साथ?
    .... आगे जानें के लिए पढ़ते रही ।

    *"Author Appeal*"

    Kal ka chapter Maine aap sb ke liye bhut bara likhi hu aur bhut kuch alag v hoga baki chapter se ,aapko pasand aaye ga isiliye bane rahi ye 😁

    Aur thank you jo v meri story padhte h , aise hi padhte rahe mujhe support kare aur baki v plz padhiye mujhe jarurt h aapki support ki

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  • 9. Chapter 9 "भाभी"

    Words: 1292

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक:

    रेहान स्टडी रूम के बालकनी में जाकर एक सिगरेट जलाता है। वह धीरे-धीरे सिगरेट के कश लेता है, उसके दिमाग़ में किया के साथ हुई घटना और सिवी का नाम घूम रहा है।

    रेहान अपने फोन में कौशल का नंबर डायल करता है और कॉल लगता है। कौशल रेहान की आवाज़ सुनकर हैरान होता है, "क्या हुआ रेहान, इतनी रात में कॉल क्यों किया?"

    रेहान सीधे सवाल पर आता है, "कौशल, मुझे बताओ... किया का सिवी से कोई कनेक्शन है क्या?"

    कौशल थोड़ा रुकता है, फिर बोलता है, "हाँ रेहान, है... हमने पहले भी तुम्हे बताया था।

    रेहान का गुस्सा बढ़ जाता है, वह कॉल काट देता है और फोन को जमीन पर पटकने को होता है, लेकिन खुद को रोक लेता है। वह खड़े होकर बोलता है,

    "किया, तुम्हें बहुत शौक है झूठ बोलने का... तैयार रहो अनजाम के लिए."
    अब आगे:
    अगली सुबह,

    रेहान अपने कमरे में गया था और दरवाजा बंद कर दिया था।

    थोड़ी देर बाद, किया ने सीढ़ियों पर कदमों की आवाज़ सुनी। रेहान नीचे आ रहा था...

    किया का चेहरा अचानक पीला पड़ गया, आँखें फटी की फटी रह गईं और होंठ हल्के से कांपने लगे। कल रात की बातें उसके दिमाग़ में आ गईं रेहान का गुस्सा, उसके सवाल।

    किया का दिल तेजी से धड़कने लगा, वह सोच रही थी कि रेहान अब उसके सामने आयेगा और क्या होगा?

    रेहान डाइनिंग टेबल पर बैठा था, उसका चेहरा अभी भी कल रात के गुस्से से कड़ा था।

    वह अपने नाश्ते में व्यस्त था, पर उसका मन कहीं और था। कल रात किया से हुई बातें उसके दिमाग़ में घूम रही थीं।

    तभी उसने नाश्ता खत्म करा और खड़े होकर चुपचाप घर से निकल गया।

    डाइनिंग एरिया में अब खामोशी थी, लेकिन तभी राहुल वहीं पर आया, जो घर में ही था।

    उसने नरमिन(हेड सर्वेंट) से पूछा, "नरमिन भाई, रेहान कहाँ गए?"

    नरमिन ने झुककर सलाम किया और बोला, "साहब, रेहान सर ऑफिस चले गए हैं।"

    राहुल ने आगे पूछा, "और किया भाभी? वो कहाँ हैं?"

    नरमिन ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, "साहब, मैडम ,कल रात के बाद से नहीं दिखी हैं... उनका कमरा अभी भी बंद है।"

    राहुल को यह बात थोड़ी अजीब लगी, उसने नरमिन से कहा, "नरमिन भाई, किया भाभी को बुलाओ, वो नाश्ता यहीं पर करेंगी।"

    नरमिन ने झुककर कहा, "जी साहब, अभी बुलाता हूँ।"

    नरमिन तेजी से किया के कमरे की ओर चला गया।

    किया अपने कमरे में खड़ी थी, अपने आप को आयने में देख रही थी। उसकी आँखें सूजी हुई थीं, जो बता रही थीं कि वह बहुत रोई है।

    होंठ हल्के से सुझे हुए थे, और चेहरे पर एक हल्की सी लालिमा थी, जो दर्शा रही थी कि वह बहुत रोई है। ओठ हल्के से कटे हुए भी थे, जो कल रात की घटना की वजह से थे।

    किया का चेहरा दुख और उदासी से भरा हुआ था, जैसे कल की गई हरकत ने उसे अंदर तक तोड़ दिया हो।

    वह सिंदूर के डिब्बे से एक चुटकी सिंदूर लेकर सोच रही थी कि क्या वह इसे लगाए...

    हर लड़की का सपना होता है कि वह दुल्हन के जैसे तैयार हो, दूल्हा घोड़े पर आए, उसका हाथ पकड़े और पूरी रीति-रिवाज के साथ शादी हो।

    पर किया का यह ख्वाब टूट गया था... यही सोचकर उसकी आँखों से आंसू की धारा फिर एक बार बहने लगी।

    जब दरवाजे पर दस्तक हुई, जिससे किया अपने दुखों से भरकर आ गई और सिंदूर अपने मांग में भर लिया...

    किया ने दरवाजे को धीरे-धीरे खोला और नरमिन को देखा, जो झुककर सलाम कर रहा था।

    नरमिन ने कहा, "मैडम, राहुल सर आपको नाश्ते के लिए बुला रहे हैं।"

    किया ने हल्के से हाँ कहा और दरवाजा थोड़ा और खोल दिया। नरमिन ने उसे देखा और समझ गया कि किया रोई हुई है, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।

    किया ने अपने आप को संभाला और नरमिन से कहा, "मैं आ रही हूँ..."

    फिर वह दरवाजे को बंद करके अपने बाल ठीक करने लगी, और अपने चेहरे को भी ठीक करने की कोशिश की, लेकिन उसकी आँखें अभी भी सूजी हुई थीं।

    वह धीरे-धीरे नरमिन के पीछे चलने लगी, जो उसे डाइनिंग एरिया में ले जा रहा था, जहाँ राहुल उसका इंतजार कर रहा था...

    किया डाइनिंग एरिया में पहुँची, जहाँ राहुल अकेले बैठे हुए थे। वह उठकर खड़े हो गए और किया को देखकर मुस्कराए।

    "भाभी, आइए... नाश्ता करें," राहुल ने कहा, किया को अपने पास बैठने के लिए इशारा करते हुए।

    किया ने चुपचाप राहुल के सामने बैठ गई, उसकी आँखें नीचे झुकी हुई थीं। राहुल ने उसकी आँखों में देखा और समझ गया कि किया रोई हुई है।

    "भाभी, सब ठीक है न?" राहुल ने चिंता से पूछा, थोड़ा आगे झुककर, पर उसके पास नहीं गया।

    किया ने हल्के से सर हिलाया, लेकिन कुछ नहीं बोली। उसकी आँखों में अभी भी आंसू थे, और राहुल को लगा कि वह फिर से रोने वाली है...

    राहुल ने सोचा, "रेहान का गुस्सा वाकई बहुत खतरनाक है, मैं किया भाभी को परेशान नहीं करूँगा..."

    राहुल ने फिर से पूछा, "भाभी, क्या हुआ है? रेहान ने आप पर फिर से गुस्सा करा ?" किया ने अभी भी कुछ नहीं कहा, बस अपनी आँखें नीचे झुकाए रखीं।

    राहुल ने समझ लिया कि किया अभी बात नहीं करना चाहती, तो उसने विषय बदल दिया। "भाभी, नाश्ता करें? नरमिन ने आपके लिए खास तैयार किया है।"

    किया ने हल्के से सर हिलाया, जैसे नाश्ता करने के लिए तैयार है। राहुल ने नरमिन को इशारा किया, जो नाश्ता लेकर आया।

    जब नरमिन नाश्ता रखकर चला गया, राहुल ने फिर से पूछा, "भाभी, मैं आपकी बात समझता हूँ, पर क्या मैं कुछ कर सकता हूँ?"

    किया ने उसकी ओर देखा, आँखों में आंसू अभी भी थे,फिर उसने अपना सर झुका लिया।

    चुप्पी छा गई, किया कुछ नहीं बोली। राहुल ने उसकी ओर देखा, पर किया ने अपना सर अभी भी झुकाए रखा।

    राहुल समझ गया कि किया अभी बात नहीं करना चाहती, तो उसने भी चुप्पी साध ली।

    राहुल और किया नाश्ता कर रहे थे, चुप्पी छा गई थी। जब राहुल ने नाश्ता पूरा किया, तो उसने किया से कहा,

    "भाभी, अगर आपको कुछ चाहिए तो नरमिन या किसी भी सर्वेट को बोल दें, वे आपकी मदद करेंगे।"

    किया ने हल्के से सर हिलाया, पर कुछ नहीं बोली। राहुल ने फिर से कहा,

    "और... भाभी, यहाँ से भागने की कोशिश न करें, रेहान का गुस्सा बहुत खतरनाक हो सकता है। मुझे नहीं पता वह आपके साथ क्या करेगा..."

    किया का चेहरा फिर से डर से भर गया, उसने राहुल को देखा और हल्के से सर हिलाया, जैसे समझ गई हो।

    राहुल ने कहा, "मैं  जा रहा हूँ, भाभी और वह उठकर चला गया, किया को अकेला छोड़कर।

    किया ने राहुल को जाते हुए देखा, फिर अपने कमरे की ओर चल दी, मन में कई सवाल और डर के साथ...

    किया अपने कमरे में आकर दरवाजा बंद कर लिया और खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई। वह बाहर को देखने लगी, अपने मन में कई सवाल घूम रहे थे।
    .
    .
    *"क्या किया का सपना सिर्फ़ अब सपना ही रहे जाए गा ?"
    ...... आगे जानें के लिए पढ़ते रहे ।

    *"Author Appeal*"
    कल का चैप्टर बड़ा होगा और अच्छा भी बने रहे 😊
    Plz 🥺 do comment aur pasand aa rahi h story to like v kare aur review v de plz , aur padhte rahe plz ,
    Kaisa lg raha h jarur bataye warna aage ki story likhne ka himmat nhi hota h , bhut mehnat lgti h plz comment kare, mai nhi kehti aacha nhi lg raha to aache comment karo , kuch aacha nhi laga wo v likh do plz comment kare 🥺

    https://www.instagram.com/reel/DG1ibe2zjYI/?igsh=NWxzeGl3NHB2MG14
    Plz isse v check kare , meri Insta I'd (Dreamydil_author) hai❤️ usse follow kijiye 🥺,waha story ki update back scenes sb mil jaye ga aur follow back v kr dungi 😁

  • 10. Chapter 10 : "अनचाहे मेहमान"

    Words: 2152

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब तक:
    राहुल और किया नाश्ता कर रहे थे, चुप्पी छा गई थी। जब राहुल ने नाश्ता पूरा किया, तो उसने किया से कहा,

    "भाभी, अगर आपको कुछ चाहिए तो नरमिन या किसी भी सर्वेट को बोल दें, वे आपकी मदद करेंगे।"

    किया ने हल्के से सर हिलाया, पर कुछ नहीं बोली। राहुल ने फिर से कहा,

    "और... भाभी, यहाँ से भागने की कोशिश न करें, रेहान का गुस्सा बहुत खतरनाक हो सकता है। मुझे नहीं पता वह आपके साथ क्या करेगा..."

    किया का चेहरा फिर से डर से भर गया, उसने राहुल को देखा और हल्के से सर हिलाया, जैसे समझ गई हो।

    राहुल ने कहा, "मैं  जा रहा हूँ, भाभी और वह उठकर चला गया, किया को अकेला छोड़कर।

    किया ने राहुल को जाते हुए देखा, फिर अपने कमरे की ओर चल दी, मन में कई सवाल और डर के साथ...

    किया अपने कमरे में आकर दरवाजा बंद कर लिया और खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई। वह बाहर को देखने लगी, अपने मन में कई सवाल घूम रहे थे।

    अब आगे:

    ऑफिस में,

    आर्या अग्रवाल रेहान के ऑफिस में पहुँची,  आर्या अग्रवाल 24 साल की एक खूबसूरत और आकर्षित लड़की थी। उसकी खूबसूरती और आत्मविश्वास से सभी मंत्रमुग्ध हो गए।

    आर्या अग्रवाल  रेहान के सामने खड़ी हुई और कहा, "हैलो... आप तो मुझे जानते हो मिस्टर अदानी!"

    रेहान का चेहरा एक्सप्रेशन लेस था , तभी आदित्य (रेहान का सेक्रेटरी) बोल पड़ा, "मिस अग्रवाल, मीटिंग शुरू करते हैं?"

    आर्या ने मुस्कराते हुए कहा, "हाँ, बिल्कुल... तो मिस्टर अदानी, यह प्रोजेक्ट हमारे दोनों कंपनियों के बीच हुई थी , जिसे मेरे डैड  हैंडल कर रहे थे , अब मैं इस प्रोजेक्ट को संभालूंगी। मैंने सभी डिटेल्स तैयार कर रखी हैं."

    मीटिंग खत्म होने के बाद, आर्या और रेहान खड़े हुए। आदित्य ने कहा, "मिस अग्रवाल, आपकी कार तैयार है, और सर,  हम प्लॉट देखने चलेंगे."

    आर्या मुस्कराई और कहा, "बिल्कुल, मैं अपनी कार में चली जाऊंगी।

    दोनों अलग-अलग कारों में बैठकर प्लॉट की ओर चल दिए, लेकिन आर्या की नजरें रेहान की कार पर टिकी हुई थीं...

    आर्या सोच रही थीं ,  रेहान के साथ प्लॉट देखने का प्लान बनाया था ताकि वह उसके करीब आ सके और उसका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सके।

    प्लॉट पर पहुँचकर, आर्या ने रेहान के साथ चलना शुरू किया। रेहान अपने आसपास के वातावरण को देख रहा था, उसकी आँखें हर जगह थीं, लेकिन आर्या पर नहीं।

    आर्या ने महसूस करा कि रेहान उसे एक बार भी नहीं देख रहा है, जैसे वह उसके लिए अदृश्य हो। उसके दिल में थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी।

    तभी रेहान ने अचानक रुककर कहा, "यह प्लॉट मुझे पसंद आया। आदित्य, डील फाइनल करो।"

    आर्या को लगा कि रेहान उसे अब भी नहीं देख रहा है, बल्कि उसकी उपस्थिति को भी नहीं मान रहा है...

    आर्या ने रेहान से मुस्कराते हुए कहा, "लंच करने चलेंगे? डील फाइनल हो गई है, इसकी खुशी में लंच तो बनता है ना?"

    रेहान ने उसकी ओर देखा, उसकी आँखें ठंडी थीं, जैसे वह आर्या की बातों को महत्व नहीं देता है।

    तभी रेहान ने अपनी कार की ओर बढ़ाई, आर्या ने उसकी पीठ देखकर खुश हो गई , जैसे रेहान ने उसकी बात मान ली , रेहान आपने कार में जा कर बैठ गया।

    आदित्य बोला "सॉरी, मिस अग्रवाल सर बिजी है।

    आर्या का चेहरा थोड़ा झुक गया, उसकी आँखों में एक छोटी सी उदासी आ गई, जैसे वह रेहान की बात से थोड़ी निराश हुई ।

    आदित्य भी ये बोल रेहान के साथ चला गया।

    आर्या का चेहरा अब गुस्से से लाल हो गया था, उसकी आँखें जल रही थीं जैसे आग बरसा रही हो। उसने रेहान की कार को देखा जो अब उसकी आँखों से ओझल हो रही थी।

    उसने अपने दांत भींच लिए और कहा, "रेहान... तुम मुझे इस तरह इग्नोर नही कर सकते!"

    उसने अपनी  पैरो को कार की ओर बढ़ाई और बैठते हुए कहा, "घर चलो...

    कार चल पड़ी, आर्या ने खिड़की से बाहर देखा, रेहान की कार अब दूर तक गायब हो चुकी थी। उसके चेहरे पर एक मुस्कराहट आ गई, जैसे वह रेहान के लिए एक बड़ा प्लान बना रही हो...

    शाम का वक्त,

    रेहान अपने डेविल विला में आता है, अपने रूम में जाता है और देखता है कि किया नहीं है। रेहान को गुस्सा आता है, वह सीधे किया के रूम में जाता है। दरवाजे को जोर से खोलता है, किया खिड़की के पास खड़ी है, उसकी आँखें चौड़ी हो जाती हैं और वह थोड़ा डर जाती है।

    रेहान अंदर आता है और किया का हाथ पकड़कर उसे खींचता है, किया को कुछ समझ नहीं आता। रेहान  कमरे मे लाके, उसे बेड पर फेंक देता है, किया बेड पर गिर जाती है लेकिन उसे कोई चोट नहीं लगती।

    जब तक किया उठ पाती, रेहान उसके नजदीक आ जाता है और गुस्से से भरी आवाज में कहता है, "तुम्हें किसने कहा यहाँ से जाने के लिए? तुम यहीं रहोगी, मेरे साथ, इसी रूम में..."

    किया का चेहरा डर से पीला पड़ जाता है, शरीर में कपकपी होती है...

    रेहान गुस्सा से घूर कर , सीधे बाथरूम में चला जाता हैं।

    किया अभी भी वहीं बैठी है, उसका चेहरा घुटनों के बीच छुपा हुआ है, वह सुबक रही है।

    लगभग एक घंटे बाद बाथरूम का दरवाजा खुलता है और रेहान बाहर निकलता है। वह कैजुअल ड्रेस में है और उसके बाल अभी भी गीले हैं।

    रेहान किया को  एक नज़र देखता है, वह अभी भी वहीं बैठी है, चेहरा घुटनों के बीच छुपा हुआ है। उसकी पीठ थोड़ी झुकी हुई है, जैसे वह थक गई हो। फिर वह स्टडी रूम में चला जाता है और अपने काम में बिज़ी हो जाता है।

    किया बेड पर बैठी रहती है, उसके पेट में अचानक दर्द होने लगता है। वह अपने पेट को दोनों हाथों से पकड़ लेती है, दर्द से उसका चेहरा पीला पड़ जाता है और वह थोड़ा सा कांपने लगती है। उसे कुछ याद आता है।

    उसके दिमाग में बस यही चल रहा है कि रेहान ने उसे कमरे से बाहर जाने के लिए मना किया है। वह सोचती है कि अब वह क्या करे, और किसे बताए कि वह यहाँ फंस गई है।

    बेड पर पैर फ़ैला कर बैठ जाती है, उसका सर बेड के पिलो पर टिक जाता है।

    जब रेहान अपने कमरे में आया तो काफी रात हो गई थी, रेहान देखता है कि किया अभी तक बैठी हुई है, उसकी आँखें चौड़ी हो जाती हैं और चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है, मुंह के कोने खिंच जाते हैं।

    रेहान किया को बोलता है अपनी खुराक आवाज में -"तुम यहीं रहोगी पर सोफे पर सो जाओ वहाँ..." किया का चेहरा डर से और भी पीला पड़ जाता है, आँखें फैल जाती हैं और वह थोड़ा पीछे खिसक जाती है, पर वह हिली नहीं. यह देख रेहान को गुस्सा आने लगता है।

    रेहान पास जाकर किया को उठाने लगता है, किया उसका हाथ पकड़कर बोलती है "प्लीज़..." उसकी आवाज़ कांप रही थी, आँखों में डर के आंसू आ गए थे, चेहरा पीला पड़ गया था।

    किया के हाथ रेहान के हाथ में कांप रहे थे, रेहान को गुस्सा तो था लेकिन किया का यह हाल देखकर उसका गुस्सा थोड़ा कम होने लगता है,

    रेहान की आँखें किया की आँखों में गहराई से देखती हैं, जैसे वह उसके मन को पढ़ने की कोशिश कर रहा हो। किया को लगता है कि रेहान के चेहरे पर एक अजीब सी नरमी है, जो पहले नहीं थी।

    किया डरते हुए कमज़ोर और धीरे आवाज़ में , फ़ोन मांगती हैं,रेहान हैरान हुआ  पर अपना फ़ोन अनलॉक कर के दे देता है।

    किया के हाथ अब फ़ोन पर चल रहे थे, किया फोन को वापस रेहान को दे देती हैं।

    रेहान की आँखें फोन की स्क्रीन पर टिकी हुई हैं, वह पढ़ता है - "मुझे पीरियड आया है, दर्द बहुत ज्यादा है, मदद चाहिए..." रेहान का चेहरा अब पहले से भी ज्यादा नरम पड़ जाता है ।

    रेहान , किया से बोलता हैं, तुम बाथरूम में जाओ । थोड़ी देर में तुम्हारी जरूरत की सारी चीज़े मिल जायेगा ।

    रेहान किसी को कॉल करता है और बालकनी में चला जाता है, वह कुछ चीजें मंगवाता है और अपने  हेड बॉडी गार्ड, अशोक को बोलता है "अशोक, एक फीमेल सर्वेट को हायर करो और सुनिश्चित करो कि वह उच्चतम गुणवत्ता वाली हो, सभी चीजें बेस्ट होनी चाहिए।"

    रेहान कॉल कट कर "देता है। रेहान कमरे में आता है और बेड को देखता है, जहां किया अब नहीं थी, लेकिन बेड पर खून के दाग थे। रेहान यह देखकर फिर से  किसी को कॉल लगता है और वह कमरे से बाहर निकल जाता है, बोलता है "कमरे को साफ करवाओ, जल्दी..."

    किया तब तक बाथरूम में थी, वह दरवाजे को धीरे से खोलकर अंदर देखती है और हैरान हो जाती है। यह बाथरूम बहुत बड़ा था, सभी लक्जरी सामग्री से सजा हुआ था -

    मर्बल की दीवारें, सोने के टैप्स, गर्म और ठंडे पानी के अलग-अलग शॉवर , एक बड़ा जकूज़ी टब,आर्टिफिशियल पौधों से सजा हुआ कोना ।

    किया यह सब देखकर मंत्रमुग्ध हो जाती है, वह सोचती है कि यह बाथरूम तो एक अलग ही दुनिया है।

    वह सबसे पहले गर्म पानी का शॉवर लेने का सोचती है और शॉवर के नीचे खड़ी हो जाती है। गर्म पानी का शॉवर लेने से किया को अपने पेट के दर्द में थोड़ी राहत महसूस होती है।

    थोड़ी देर बाद, जब वह शॉवर बंद कर देती है, तो बाथरूम के दरवाजे पर हल्की नॉक होती है। एक मृदु आवाज़ सुनाई देती है - "मैम, आपकी सभी जरूरत की चीजें आ गई हैं।"

    किया  बोलती है "अंदर रख दीजिए, मैं ले लूँगी।" सर्वेट बोलती है - "मैम, सभी चीजें क्लोजेट में हैं, आप ले लीजिए।" और वह चली जाती है।

    किया बाथरोब में लिपटकर बाहर निकलती है, उसका चेहरा अब गुलाबी हो गया है, वह थोड़ी राहत महसूस कर रही है।

    किया क्लोजेट की ओर बढ़ती है और दरवाजा खोलती है, उसकी आँखें हैरानी से बड़ी हो जाती हैं यह क्लोजेट तो एक अलग ही कमरा है!

    • दीवारों पर लगे हुए बड़े-बड़े मिरर

    लकड़ी के अलमारी जिनमें ढेर सारे कपड़े

    • एक बड़ा आइलैंड जैसा स्टोरेज यूनिट जहां जूते, हैट, बैग रखे हुए हैं

    • एक छोटा सा सोफा जहां बैठकर कपड़े चुन सकते हैं

    किया यह सब देखकर हैरान हो जाती है, वह अपने लिए एक नाइट सूट चुनने के लिए अलमारी की ओर बढ़ती है।

    अलमारी में रखे कपड़े देखकर किया की आँखें और भी बड़ी हो जाती हैं -

    गुच्ची, प्रादा, वेर्साचे जैसे ब्रांड्स के कपड़े ,महंगे और आरामदायक कपड़े जो उसने कभी नहीं देखे थे।

    किया एक नाइट सूट चुनती है और अलमारी से एक बॉक्स निकालती है जिस पर "सैनिटरी प्रोडक्ट्स" लिखा होता है। वह बॉक्स खोलती है और अंदर देखती है -

    • 30 पैकेट्स में अलग-अलग ब्रांड्स के सैनिटरी पैड्स

    पैड्स के साथ गर्म पैक्स और दर्द निवारक क्रीम भी हैं

    एक नोट पर लिखा होता है "मैम, आशा है ये आपकी जरूरत पूरी करेंगे।"

    किया यह देखकर हैरान हो जाती है, वह सोचती है कि रेहान ने इतनी देखभाल से उसकी जरूरतों का ध्यान रखा है। वह बॉक्स को वापस रखती है और  एक पैड और नाइट सूट लेके  तैयार हो जाती है।

    जब वह रेडी होकर कमरे में आती है, तो उसकी नजर बेड पर पड़ती है वहाँ एक बड़ा बॉक्स रखा होता है

    किया उस बॉक्स को खोलती है और अंदर देखती है -

    अलग-अलग तरह के महंगे चॉकलेट्स।

    एक नोट जिस पर लिखा होता है "बेड पर सो जाओ, सोफे पर सोने की जरूरत नहीं है।"

    किया यह पढ़कर मुस्कराती है, उसके चेहरे पर एक छोटी सी स्माइल आ जाती है। वह एक चॉकलेट लेकर बेड पर बैठ जाती है।

    तभी दरवाजे पर दस्तक होती है, नैन्सी नाम की फीमेल सर्वेट आती है जिसकी उम्र लगभग 27-28 साल होगी, वह बोलती है- "मैम, आपके लिए डिनर है।"

    किया आने को बोलती है, नैन्सी मुस्कराते हुए बोलती है_"मैम, डिनर कर लीजिए" और ट्रे को कमरे मे रख के चली जाती है।

    किया डिनर करने लगती है और कमरे को ध्यान से देखती है। काले रंग के वेल्वेट कर्टन्स, सफेद रंग के सोफे और आर्मचेयर, दीवारों पर लगी हुई महंगी पेंटिंग्स , फर्श पर बिछी हुई महंगी पर्शियन कार्पेट।

    किया यह सब देखकर सोचती है- "डेंजरस डेविल (रेहान अदानी) का कमरा तो बहुत ही ग्रैंड है, हर एक चीज़ कितनी खूबसूरती से रखी हुई है..."

    किया डिनर खत्म करके बेड पर लेट जाती है और जल्दी ही गहरी नींद में सो जाती है।
    .
    *"क्या कुछ बदलेंगे हालात या और बिगड़ जायेंगे रिश्ते?
    ..... आगे जानें के लिए पढ़ते रहें "Dangerous Payar" ।

    *"Author Appeal*"
    Aaj ka chapter kaisa laga mujhe bataye 📩 comment kar ke bataye 😊 aur padhte rahe "Passion's Deadly Obsession"

    https://www.instagram.com/reel/DG1ibe2zjYI/?igsh=NWxzeGl3NHB2MG14
    Is par click kare aur story ka scene dekhe , har din story ka scence ab se mai saam 7 se 8 baje post karungi to check kare (dreamydil_author) ko insta pr aur plz 🥺 follow v kare Bina aapke support ke mai aage nhi badh sakti hu plz 🥺 mai follow back karungi💝

  • 11. Chapter 11 "किया की जान खतरे में"

    Words: 1727

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब तक:
    तभी दरवाजे पर दस्तक होती है, नैन्सी नाम की फीमेल सर्वेट आती है जिसकी उम्र लगभग 27-28 साल होगी, वह बोलती है- "मैम, आपके लिए डिनर है।"

    किया आने को बोलती है, नैन्सी मुस्कराते हुए बोलत "मैम, डिनर कर लीजिए" और टे  को कमरे मे रख के चली जाती है।
    किया डिनर करने लगती है और कमरे को ध्यान से देखती है। काले रंग के वेल्वेट कर्टन्स, सफेद रंग के सोफे और आर्मचेयर, दीवारों पर लगी हुई महंगी पेंटिंग्स , फर्श पर बिछी हुई महंगी पर्शियन कार्पेट।

    किया यह सब देखकर सोचती है- "डेंजरस डेविल (रेहान अदानी) का कमरा तो बहुत ही ग्रैंड है, हर एक चीज़ कितनी खूबसूरती से रखी हुई है..."

    किया डिनर खत्म करके बेड पर लेट जाती है और जल्दी ही गहरी नींद में सो जाती है।
    अब तक:
    अगली सुबह,
    रेहान तैयार होकर नीचे आया और अपने हेड बॉडीगार्ड अशोक को बोला, "किया के लिए नैन्सी को कहो वो उसका ध्यान रखे।" फिर वो ऑफिस के लिए निकल गया।

    किया जब उठी, तो उसे पहले से बेहतर महसूस हो रहा था, लेकिन बुखार था। उसके रूम पर दरवाजे पर दस्तक हुई। , "आ जाओ"- रूम के अंदर से किया की आवाज़ आई ।नैन्सी अंदर आई और बोली, "मैम, आपके लिए नाश्ता ले आई हूँ?

    किया बोली, "नाश्ता नहीं, सूप ले आओ। थोड़ी देर बाद नैन्सी रूम में वापस आई, हाथ में ट्रे लिए हुए, जिसमें सूप था। किया ने सूप बेड पर ही मंगवाया और पीने लगी।

    नैन्सी के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई, फिर जल्दी से अपना चेहरा सामान्य कर लिया और मुस्कराते हुए बोली, "मैम, आपको कुछ चाहिए तो बोल दीजिएगा।" फिर वो चली गई।

    नैन्सी ने किसी को चुपचाप कॉल किया और बोली, "सर, काम हो गया है।" फिर से उसके चेहरे पर सैतानी मुस्कान आ गई।

    ऑफिस में ,
    रेहान अपने काम में व्यस्त था, तभी एक कॉल आया। रेहान ने इग्नोर कर दिया, लेकिन रेहान के फ़ोन पर कॉल आने लागा,रेहान इग्नोर कर दिया, फिर से कॉल आया।

    *रेहान ने गुस्से में आवाज में बोला, "क्यू कॉल कर रहें हो?"

    अशोक ने डरते हुए बोला, "सर, सर, सर..."

    रेहान ने गुस्से से अपनी कर्कश आवाज में बोला, "सर सर बोलते रहोगे? आगे बोलो!"

    अशोक ने डरते हुए बोला, "सर, मैम की हालत बहुत खराब हो गई है, उन्हें  खून की उल्टियाँ हो रही हैं और तबीयत बहुत खराब है।"

    रेहान के चेहरे का रंग बदल गया, वो गुस्से से लाल हो गया था। अशोक को बोले बिना ही वो केबिन से जल्दी से निकल गया।

    राहुल रेहान को अचानक इतनी जल्दी में जाते देख पूछा, " "कहाँ जा रहे हैं?"

    रेहान बिना कुछ बोले लिफ्ट में चला गया। राहुल भी उसके पीछे चल दिया।

    रेहान ने कार को फुल स्पीड में चलाया, 1 घंटे का सफर 20 मिनट में तय कर लिया।

    रेहान की कार आखिरकार डेविल विला के सामने रुक गई। रेहान ने कार से उतरकर भागते हुए बंगले में प्रवेश किया।

    **रेहान बंगले में घुसते ही सीधे किया के कमरे की ओर बढ़ गया।

    रेहान कमरे में आया और चारों ओर नज़र घुमाई, लेकिन किया कहीं नहीं दिखाई दी।

    एक बार फिर से रेहान ने कमरे में नज़र घुमाई, तो उसकी आँखें रुक गईं बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था! रेहान के पैर अपने आप ही बाथरूम की ओर बढ़ने लगे।

    जैसे ही रेहान बाथरूम में गया, उसकी आँखें फट गईं। किया बेहोश होकर नीचे गिरी हुई थी, उसका शरीर बेजान सा लग रहा था।

    किया के चेहरे पर खून लगा हुआ था, जो उसकी उल्टियों से निकला था।

    रेहान ने बिना एक पल गवाए किया को अपने गोद में उठाया और तेज़ी से कमरे से बाहर निकल गया। उसकी आँखों में एक खतरनाक चमक थी, जैसे वो किसी को मारने जा रहा हो।

    वो सीधे कार की ओर बढ़ा, किया को अपने गोद में पकड़े हुए। उसके चेहरे पर एक ही सवाल था "किसने यह करा?"

    अब तक राहुल भी आ गया था, उसे कुछ समझ नही आ रहा था। "हो क्या रहा है? किया की ऐसी हालत क्यू है।"

    **कार के पास पहुँचकर रेहान ने किया को पीछे की सीट पर लिटाया और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गया, गाड़ी स्टार्ट कर दी...

    रेहान कार स्टार्ट करके तेज़ी से आगे बढ़ गया, किया को पीछे की सीट पर लिटाए हुए। उसकी आँखों में अभी भी वही खतरनाक चमक थी।

    राहुल रेहान को जाते हुए देखकर भागकर अपनी कार में बैठ गया और रेहान की कार के पीछे चल दिया।

    राहुल ने अपनी कार की गति बढ़ाई और रेहान की कार के करीब आ गया। उसने रेहान को आगे देखा, जो गुस्से से लाल होकर ड्राइव कर रहा था। राहुल को लगा कि रेहान की हालत बहुत खतरनाक है।

    ** रेहान की कार तेज़ी से शहर के बाहर की ओर बढ़ रही थी, राहुल उसके पीछे चल रहा था। तभी रेहान ने एक हॉस्पिटल के सामने कार रोक दी...

    ये हॉस्पिटल रेहान की थी।

    रेहान ने किया को अपने गोद में उठाया और हॉस्पिटल के अंदर भागा। राहुल उसके पीछे चल दिया। हॉस्पिटल के अंदर रेहान ने किया को स्ट्रेचर पर लेटा दिया  और जोर से बोला, "डॉक्टर, डॉक्टर ! जल्दी कुछ करो!"

    डॉक्टरों ने तुरंत किया को इमरजेंसी वार्ड में ले गए। रेहान और राहुल उनके पीछे चल दिए। रेहान का चेहरा अभी भी गुस्से से लाल था ।

    तभी एक डॉक्टर ने आकर रेहान से कहा, "सर, आपको कुछ दस्तावेज़ पर साइन करने होंगे। कृपया यहाँ आइए।"

    **रेहान दस्तावेज़ पर साइन करा ,डॉक्टर  चले गए। ऑपरेशन स्टार्ट हो गया।

    रेहान गुस्से में बोला उसे पकड़ो राहुल जिसने ये करा हैं। राहुल किसी को कॉल लगा के साइड मे चला गया और थोड़ी देर बाद वापस रेहान के पास खड़ा हो गया।

    रेहान की नज़रे ऑपरेशन रूम के दरवाजे पर टिकीं थी।

    कुछ घंटे बाद,

    ऑपरेशन रूम का दरवाजा खुला,डॉक्टर बाहर आए।

    डॉक्टर ने गंभीरता से कहा, "सर ,मैम अब ख़तरे से बाहर हैं, उन्हे सही टाइम पर लाया गया था।

    फिर एक गहरी सांस के बाद बोलते हैं,"उन्हें हाई डोज ज़हर दिया गया था, इसीलिए उनके बॉडी में कुछ दिन तक  सिंपटम रहें गा, और उनकी बॉडी वीक भी रहेगा ।

    उन्हे काल सुबह तक होश आ जायेगा, उन्हे वीआईपी वार्ड में शिफ्ट करा जाएगा।

    डॉक्टर अपनी बात खत्म करके चले गए। रेहान ने किया को देखा, उसकी आँखें अभी भी बंद थीं और शरीर बेजान।

    तभी राहुल का फोन बज उठा। राहुल ने फोन उठाया और कुछ देर बात सुनी, फिर बोला, "हाँ, ठीक है।"

    राहुल ने फोन रखा और रेहान से कहा, "रेहान, वो पकड़ी गई है।"

    रेहान ने एक नज़र किया को देखा, फिर राहुल की ओर देखा। तुम यही रहो और रेहान चला गया।

    वही ,

    एक अंधेरे कमरे में केवल एक पीली लाइट जल रही थी। हवा में अजीब सी खामोशी थी, जैसे कोई भी आवाज़ सुनने को तैयार हो।

    कमरे के एक कोने में एक लड़की रस्सियों से बंधी हुई थी, उसका चेहरा डर से पीला पड़ा हुआ था और पसीने से पूरा शरीर भीगा हुआ था। वो अपनी आँखें बार-बार खोलती और बंद करती थी, जैसे कोई भी उसकी मदद करने वाला हो।

    तभी कमरे का दरवाज़ा धीरे से खुला और एक आदमी ब्लैक ड्रेस में अंदर आया। उसकी पैरों की आवाज़ बहुत खतरनाक और डरावनी लग रही थी। लड़की ने उसका चेहरा देखा और थर-थर कांपने लगी।

    उस आदमी का चेहरा बल्ब की हल्की रोशनी में आया, जिससे लड़की का डर और बढ़ गया। उसका नाम रेहान था, और उसका चेहरा गुस्से से काला हुआ था। आँखों में खून उतर आया था और वो लड़की को अपने दिल दहलाने वाली आँखों से देख रहा था।

    रेहान की आवाज़ ठंडी और खतरनाक थी, "किसके कहने पर तुमने यह करा?

    लड़की डर से कांप रही थी, उसकी आवाज़ भी कांप रही थी, "म... मैंने कुछ नहीं किया है... मुझे छोड़ दो!"

    रेहान का गुस्सा और बढ़ गया, उसने अपनी बंदूक लड़की के सिर पर रख दी। लड़की की आँखें फट गईं, वो चीखने लगी, "रुकिए... मैं बताऊँगी!

    विक्रम सिंह ने मुझे भेजा था... जब उन्हें पता चला कि आपको एक फीमेल सर्वेट जरूरी है, तो उन्होंने मुझे भेजा कि मैं किया को जहर दे सकूँ..."और किया बंगलो से बाहर आ सके, प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए।

    रेहान का चेहरा और भी काला हो गया, उसने अपने बॉडीगार्ड को बोला , इसे तरपा -तरपा के मारो।

    रेहान अपनी कार में बैठकर हॉस्पिटल की ओर बढ़ रहा था, राहुल को कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठाया गया।

    रेहान का गुस्सा बढ़ गया, उसने गाड़ी तेज कर दी। हॉस्पिटल के पास पहुँचकर गाड़ी रोकी और भागकर अंदर गया।

    अंदर देखा तो राहुल विक्रम के कई आदमियों से घिरा हुआ था, वो उनसे लड़ रहा था। रेहान ने अपनी बंदूक निकाली और भागकर राहुल के पास पहुँच गया।

    एक तरफ के आदमी को रेहान ने गिरा दिया, राहुल ने दूसरे को मारा। राहुल बोला- "तू जा भाभी को देख ,मैं इन्हें संभाल लूंगा" ।

    रेहान ने वार्ड की ओर बढ़ गया, रेहान की आँखें कमरे में घूमीं और उसने देखा कि वार्डबॉय किया को स्ट्रेचर पर ले जा रहा था। रेहान का चेहरा गुस्से से भर गया , उसने वार्डबॉय की ओर बढ़ाया और उसके गर्दन को तोड़ दिया।

    वार्डबॉय जमीन पर गिर गया, और तभी कमरे में कई लोग हाथों में हथियार लेकर आ गए। रेहान पीछे मुड़ा और उन पर टूट पड़ा।

    रेहान सबको बुरी तरह से मर रहा था ।  किसी का हाथ, किसी का सिर शरीर से अलग कर दिया, लोग चीखते हुए गिरने लगे। रेहान का चेहरा गुस्से से लाल था, उसकी आँखें खतरनाक लग रही थीं। वह नारक के देवता से कम नहीं लग रहा था।

    सभी लोग जमीन पर बुरी तरह से मरे हुऐ थे , रेहान का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ था। तभी राहुल कमरे में आया और रेहान को देखकर चौंक गया।

    राहुल ने रेहान से पूछा, "भाभी ठीक है ना?"

    रेहान ने किया की ओर देखा और कहा, "क्लीन करो अभी, और पूरे हॉस्पिटल में सिक्योरिटी बढ़ाओ।"
    .
    *"अब क्या करेगा रेहान ? और कुछ बदलेंगे किया और रेहान के बीच रिश्ते या और बढ़ जाएगी दूरियां।
    *"विक्रम सिंह आगे कुछ करेगा या हो जायेगा शांत।

    ..... आगे जानें के लिए पढ़ते रहे "Passion's Untill Destruction"

    *"Author Appeal*"

    padhe aur comment kar ke bataye kaisi lag rahi h aapko novel aur mujhe support kare ❤️ thank you 😊
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  • 12. Chapter 12 " रहस्मय मोड़"

    Words: 1376

    Estimated Reading Time: 9 min

    रेहान का गुस्सा चरम पर था। उसने गाड़ी तेज़ कर दी और हॉस्पिटल के सामने पहुंचकर गाड़ी रोकी। बिना वक्त गंवाए वो अंदर भागा।

    अंदर पहुँचते ही उसने देखा कि राहुल, विक्रम के कई गुर्गों से घिरा हुआ था और उनसे भिड़ रहा था। रेहान ने तुरंत अपनी बंदूक निकाली और राहुल की तरफ दौड़ पड़ा।

    एक गुंडे को रेहान ने गिरा दिया, वहीं राहुल ने दूसरे को धूल चटाई। राहुल ने हाँफते हुए कहा, “तू जा, भाभी को देख। इन सबको मैं देख लूंगा।”

    रेहान वार्ड की ओर बढ़ा। उसकी नज़रें तेजी से कमरे में घूमीं। तभी उसने देखा कि एक वार्डबॉय किया को स्ट्रेचर पर ले जा रहा था। रेहान की आंखों में गुस्सा उतर आया। वह तेजी से वार्डबॉय की ओर बढ़ा और बिना एक पल गंवाए उसकी गर्दन मरोड़ दी।

    वार्डबॉय ज़मीन पर गिर गया। तभी कमरे में हथियारों से लैस कई लोग दाखिल हो गए। रेहान ने बिना देरी किए उन पर हमला बोल दिया।

    वो सब पर कहर बनकर टूटा। किसी का हाथ, किसी का सिर... सब शरीर से अलग हो रहे थे। चीख-पुकार मच गई थी। रेहान की आंखों में खून उतर आया था। वो किसी यमराज से कम नहीं लग रहा था।

    कुछ ही पलों में सब ज़मीन पर ढेर हो गए। लेकिन रेहान का गुस्सा अब भी शांत नहीं हुआ था। तभी राहुल कमरे में दाखिल हुआ और सामने का मंजर देखकर स्तब्ध रह गया।

    “भाभी ठीक हैं ना?” राहुल ने पूछा।

    रेहान ने किया की ओर देखा और गंभीरता से कहा, “अभी क्लीन करो सब कुछ। और पूरे हॉस्पिटल में सिक्योरिटी बढ़ा दो।”

    दूसरी ओर,

    विक्रम सिंह को खबर मिल चुकी थी कि उसका प्लान फेल हो गया है।
    वो अपने कमरे में तिलमिलाता हुआ चीख रहा था। गुस्से में उसने कमरे की चीज़ें तोड़नी शुरू कर दीं।

    “मैं तुम्हें छोड़ूंगा नहीं, रेहान! तुमने मेरी किया को मुझसे छीन लिया... मैं उसे वापस लेकर रहूंगा, चाहे कुछ भी करना पड़े। तुम्हारी जान अब मेरे हाथों में है...”

    वहीं, मुंबई में –

    रात गुजर चुकी थी। वीआईपी वार्ड में किया ने धीरे-धीरे अपनी पलकें खोलीं। खुद को अजनबी जगह देखकर वो चौंकी। वह उठकर बैठने की कोशिश करने लगी। सिर में तेज़ दर्द था और चक्कर आ रहे थे।

    उसे याद आने लगा कि बाथरूम में उसे खून की उल्टी हुई थी... फिर क्या हुआ, ये याद नहीं।

    इन्हीं सोचों में डूबी थी कि कमरे का दरवाज़ा खुला और रेहान अंदर आया।

    किया ने उसे देखा... हल्का सा डर उसकी आंखों में तैर गया। उसने नज़रें नीचे झुका लीं।

    रेहान ने पास आकर पूछा, “कैसी हो अब?”

    किया ने धीरे से कहा, “ठीक हूँ... पर मैं यहाँ कैसे आई? मैं तो बाथरूम में थी...”

    रेहान बोला, “तुम बेहोश हो गई थीं। मैं तुम्हें लेकर आया।”

    किया ने घबराई हुई आवाज़ में पूछा, “मुझे हुआ क्या था?”

    तभी डॉक्टर अंदर आए। उन्होंने किया को चेक किया और बोले, “रिपोर्ट्स अब ठीक हैं। लेकिन शरीर में अभी भी कमजोरी है, कुछ दिन बेड रेस्ट ज़रूरी है। जहर के लक्षण धीरे-धीरे जाएंगे।”

    किया का चेहरा एकदम पीला पड़ गया। उसकी आंखें बड़ी हो गईं। कांपती आवाज़ में उसने पूछा, “ज... जहर?”

    डॉक्टर गंभीर स्वर में बोले, “हाँ मैम। आपको हाई डोज़ ज़हर दिया गया था। लेकिन सही समय पर अस्पताल लाया गया, इसलिए अब आप सुरक्षित हैं।”

    किया के होंठ काँपने लगे। आंखों में आंसू आ गए। वह डरी हुई नज़रों से रेहान की ओर देखने लगी।

    रेहान का चेहरा गंभीर बना रहा। डॉक्टर बोले, “आपको अब आराम करना चाहिए,” और वे वहां से चले गए।

    किया की आंखें अब भी रेहान पर टिकी थीं। वह चुपचाप उसे देख रही थी।

    रेहान ने धीरे से कहा, “तुम आराम करो... मैं बाहर हूँ।”
    इतना कहकर वह कमरे से निकल गया।

    थोड़ी देर बाद, नर्स दवाई और खाना लेकर आई। किया चुपचाप सब लेती रही।

    फिर कमरे का दरवाज़ा खुला और राहुल अंदर आया।

    “कैसी हो भाभी?” उसने मुस्कराकर पूछा।

    किया ने धीरे से जवाब दिया, “ठीक हूँ...”

    राहुल उसके पास बैठ गया और बोला, “आप परेशान लग रही हैं। कुछ हुआ क्या?”

    किया थोड़ी देर चुप रही, फिर धीरे से बोली, “… मुझे कुछ पूछना है।”

    “पूछिए भाभी,” राहुल ने कहा।

    किया ने गहरी सांस ली और बोली, “... क्या मुझे ज़हर रेहान जी ने दिया था?”

    राहुल स्तब्ध रह गया। कमरे में सन्नाटा छा गया।

    फिर वह बोला, “नहीं भाभी। आपको ज़हर विक्रम सिंह ने दिया था। और रेहान ने ही आपकी जान बचाई है।”

    किया की आंखों से आंसू बह निकले।

    “क्या ये सच है?” उसने कांपती आवाज़ में पूछा।

    राहुल ने गंभीरता से सिर हिलाया, “हाँ, भाभी। यही सच है।”

    तभी रेहान कमरे में दाखिल हुआ। उसके चेहरे पर अब भी गुस्से की झलक थी।

    राहुल ने एक नज़र किया पर और दूसरी रेहान पर डाली, फिर बोला, “मुझे एक जरूरी काम याद आ गया…” और जल्दी से कमरे से निकल गया।

    जैसे उसके पीछे कोई भूत हो।

    अब कमरे में सिर्फ किया और रेहान थे।

    किया फूट-फूटकर रोने लगी। रेहान उसके पास आया। उसका चेहरा आंसुओं से भीगा हुआ था, आँखें सूजी हुईं।

    “किया, रो क्यों रही हो?” रेहान ने धीरे से पूछा।

    किया कांपती हुई आवाज़ में बोली, “विक्रम सिंह… वो मुझे मार डालेगा… मेरी फैमिली को भी…”

    रेहान का चेहरा और भी गंभीर हो गया।

    “वो तुम्हें क्यों मारेगा?” उसने पूछा।

    किया ने सिसकते हुए कहा, “वो मुझसे शादी करना चाहता था… मेरी फैमिली मुझे उसके पास से भगा लाई… मैं भाग गई थी…”

    रेहान कुछ पलों तक उसे देखता रहा, फिर बोला, “वो तुम्हें और तुम्हारी फैमिली को कुछ नहीं कर पाएगा। तुम्हारे परिवार को हमने सुरक्षित जगह पर रखा है। भूल गई तुम?”

    किया उसकी आंखों में झांकती रही, जैसे सच्चाई तलाश रही हो।

    रेहान ने धीरे से कहा, “अब तुम आराम करो,” और कमरे से चला गया।

    अगले दिन –

    डॉक्टर ने किया का चेकअप किया और कहा, “मैम अब ठीक हैं। इन्हें घर ले जाया जा सकता है।”

    रेहान ने राहुल की ओर देखा। राहुल डिस्चार्ज पेपर साइन करने डॉक्टर के साथ चला गया।

    कमरे में अब किया अकेली थी। वह चुपचाप रेहान को देख रही थी।

    “अब घर चलो,” रेहान ने कहा।

    किया उठी, लेकिन कमजोरी के कारण जैसे ही बेड से नीचे उतरी, लड़खड़ाने लगी।

    रेहान ने तुरंत उसे थाम लिया और झल्लाकर बोला, “तुम्हें किसने कहा था चलने को?”

    और उसे गोद में उठा लिया।

    किया ने डर से अपने हाथ उसके गले में डाल दिए। रेहान के चेहरे पर कोई भाव नहीं था।

    जब वे हॉस्पिटल से बाहर निकल रहे थे, लोग उन्हें देख कर कह रहे थे, “बेस्ट कपल!”

    एक लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड से कहा, “देखो, तुम मुझे ऐसे क्यों नहीं उठाते?”

    लड़के ने मज़ाक में कहा, “उठा तो लूं, लेकिन अगर तुझे उठाया तो मैं इस दुनिया से उठ जाऊंगा!”

    लड़की गुस्से में उसे पीटने लगी।

    रेहान ने किया की ओर देखा और कहा, “घूरना बंद हो गया हो तो कार में बैठ जाओ।”

    किया शर्मिंदा हो गई और नज़रें फेर लीं।

    कार जब बंगले के सामने रुकी, रेहान ने किया को गोद में उठाया और सीधे कमरे में ले जाकर बेड पर बिठा दिया।

    “आराम करो। कुछ चाहिए तो सर्वेंट को बोल देना।”
    ये कहकर वह नीचे चला गया।

    नीचे, रेहान ने मैरी नाम की नई फीमेल सर्वेंट को बुलाया और कहा,

    “किया का पूरा ध्यान रखना।”

    रेहान ऑफिस चला गया।

    कुछ देर बाद, किया के कमरे का दरवाज़ा खटखटाया गया।

    “आ जाइए,” किया ने कहा।

    एक नई महिला अंदर आई। उम्र लगभग 30 साल, गहरे भूरी आंखें और शांत चेहरा।

    “मैम, मैं मैरी हूँ। सर ने मुझे आपकी देखभाल के लिए रखा है,” उसने विनम्रता से कहा।

    किया ने हल्की मुस्कान दी।

    मैरी ने पूछा, “आपका नाश्ता ले आऊं?”

    किया ने सिर हिलाकर इशारा किया।

    कुछ देर में मैरी ट्रे लेकर आई और बेड पर ही सब अरेंज कर दिया।

    किया ने नाश्ते को देखा और मुँह बनाया, “ये क्या है?”

    मैरी ने नर्मी से जवाब दिया, “मैम, सर ने कहा है कि आपको हल्का और पौष्टिक खाना ही देना है, कम मसाले वाला।”

    किया ने मुँह बनाया, लेकिन बिना कुछ कहे खाना खा लिया। मैरी ने दवा दी, किया ने वो भी ले ली और फिर आराम से लेटकर सो गई।
    .
    .
    क्या अब किया और रेहान के बीच की दूरियाँ कम हो रही हैं?
    क्या विक्रम सिंह फिर से कोई चाल चलेगा?

    जानने के लिए आगे पढ़िए..."Passion Deadly Obsession""

  • 13. Chapter 13 - "अजनबी एहसास"

    Words: 1260

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक:
    किया सुनती और थोड़ा सा मुस्कुरा देती है, मैरी बोलती है, "मैम, आपका ब्रेकफास्ट मैं ले आऊं?"

    किया मुस्कुरा के हाथ से इशारा करती है, थोड़े देर में मैरी हाथों में खाने का ट्रे लेकर कमरे में आती है और बेड पर ही अरेंज कर देती है।

    किया खाना को देखती है और मुँह बनाकर मैरी से बोलती है, "क्या है?"

    मैरी नर्म आवाज में बोलती है, "मैम, सर ने बोला है आपको हल्का और पौष्टिक खाना ही देना है, वो भी कम मसालों वाला।"

    किया यह सुनकर मुँह बना जाती है, किया बेमन से खाना खा लेती है, मैरी दवा देती है, किया दवा खा के आराम से बेड पर लेट के सो जाती है।

    अब आगे:

    मेक्सिको में,

    विक्रम सिंह गुस्से में तैयार होकर कमरे से बाहर जा रहा था, तब ही आवाज़ आती है, "कहाँ जा रहे हो विक्रम?""

    विक्रम सिंह गुस्से में बोलता है, "मैं जा रहा हूँ इंडिया... तुम पागल हो गए हो, समझ नहीं आता..." तभी उनकी बात को बीच में काटते हुए विक्रम सिंह गुस्से में बोल पड़ता है, "हाँ नहीं समझ आता है मुझे, मैं जा रहा हूँ इंडिया और अब मैं आपकी नहीं बात सुनूँगा, आपके कहने पर मैं  यहाँ आया था..." एक दर्द के साथ बोलता है, "मेरी किया सिर्फ मुझसे दूर है... गुस्से में मैं छोडूंगा नहीं इस बार रेहान अदानी, वो अपनी मौत देखेगा मैं उसे बर्बाद कर दूँगा!"

    ये बोलते हुए कोई सनकी पागल सा लग रहा था, बात खत्म करते ही झट से वहाँ से निकल जाता है, पीछे सिर्फ आवाज़ कटती है जाती है... "विक्रम सिंह... मैंने कहा रुक जाओ... विक्रम..." पर विक्रम सिंह की कोई जवाब नहीं आती, और आवाज़ देने वाला व्यक्ति चिंतित हों जाता हैं।

    "मुंबई में,

    रात का समय रेहान अपने कमरे में आता है, उसकी नज़र किया पर पड़ती है, जिसका चेहरा मासूम और  खूबसूरती थी, और सोए हुए बहुत प्यारी लग रही थी।"

    रेहान की नज़रें उस मासूम चेहरे पर टिक जाती हैं, तब ही दरवाज़े पर आवाज़ आती है, जिससे रेहान अपने होश में वापस आता है, चेहरा एक्सप्रेशन लेस हो जाता है, और अपनी कड़क आवाज़ में बोलता है, "आओ..." समने मैरी अंदर आती है, सिर झुकाकर बोलती है, "सर, क्या डिनर ले आऊं? मैम व डिनर अभी नहीं की है..."

    रेहान वैसे ही बस सिर हिला देता है, मैरी चली जाती है, रेहान व फ्रेश होने फोन चाला जाता है,

    थोड़ी देर में वो फ्रेश होकर सिम्पल टी-शर्ट और ट्राउज़र में आता है, तब तक मैरी व डिनर का ट्रे लेकर आ जाती है और टेबल पर रखकर बोलती है, "सर, क्या मैं मैम को उठा दूँ?"*

    रेहान एक नज़र किया को देखकर बोलता है, "जाओ, मैं उठा दूंगा।" मैरी चली जाती है, रेहान किया की ओर बढ़ता  है ,उठाने के लिए अपनी कड़क आवाज़ में बोलता है, "किया, उठो... पर  किया नहीं उठती, वो दोबारा बोलता है, "किया, उठो!"

    इस बार व किया सोए हुए रहती है, रेहान किया को उठाने के लिए अपना हाथ, उसके कंधे पर रखने के लिए आगे बढ़ता है,

    रेहान के हाथ धीरे-धीरे बढ़ रहे थे और रेहान को अजीब सा लग रहा था, फिर किया के कंधे पर हाथ रखकर उसे उठाता है, ... "किया, उठो, पहले डिनर करो,"

    किया अपनी आँखें खोलती है, अपनी आँखों के सामने रेहान का चेहरा देखती है, जिसका चेहरा बहुत हैंडसम था, उसके बाल अभी  गीले  थे, जो उसके हॉट लुक दे रहे थे।

    किया की नज़रें रेहान के चेहरे पर थीं और वो उनमें खो गई, इस समय रेहान किया के ऊपर हल्का झुका हुआ था, और दोनों का चेहरा एक दूसरे के बहुत करीब थी, एक दूसरे की गर्म सांसें एक दूसरे के चेहरे पर महसूस हो रही थीं,

    रेहान अपने होश में आते हुए थोड़ा दूर होकर बोलता है, "उठ जाओ, डिनर कर लो,"

    किया अपने आपे में वापस आती है, और अपनी आँखों को इधर-उधर करती है, चेहरे पर लाली छा जाती है, जैसे कोई चोरी  पकड़ी गई हो,

    किया बेड से धीरे से उठकर बैठ जाती है, और बेड से नीचे उतरती है, तब तक रेहान किया को गोद में उठा लेता है,

    किया अचानक गोद में जाने से गिरने के डर से रेहान के टी-शर्ट को पकड़ लेती है, और उसकी नज़रें रेहान के चेहरे पर होती हैं...

    *किया को बाथरूम के बाहर उतार देता है, और बोलता है, "फ्रेश होकर आओ, और बिना किया को देखे चला जाता है।"

    किया एक नज़र रेहान की पीठ को देखती है और बाथरूम के अंदर चली जाती है। कुछ देर में किया वापस आती है और खुद ही रूम में आती है, पर उसके पैर लड़खड़ा जाते हैं और वो गिरने को होती है।

    तभी दो मज़बूत हाथ किया को थाम लेते हैं और किया को गुस्से से घूरने के बजाय रेहान की आँखें उसकी आँखों में देख रही थीं। किया अपना चेहरा ऊपर करती है और रेहान की आँखों को देखकर डर जाती है।

    रेहान किया को गोद में उठाता है और गुस्से में बोलता है, "तुम्हें कोई बात एक बार में समझ नहीं आती है?" किया अपना चेहरा नीचे कर लेती है, रेहान किया को सोफे पर बिठाता है और खाने को कहता है, और खुद भी डिनर करने बैठ जाता है।

    पर किया बस खाने को घूर रही थी, पर चेहरे पर उदासी और नमी थी, रेहान खाते हुए किया को देखता और पूछता है, "क्या हुआ? तुम खा क्यों नहीं रही?"

    किया धीरे से कमजोर आवाज़ में बोलती है, "मुझे प्लीज़ एक बार अपनी फैमिली से मिलना है..."

    रेहान किया को देखता है, किया की आँखें रेहान की आँखों में देख रही थीं। रेहान किया का उदास चेहरा और आँखों में नमी देखकर न जाने क्या होता है कि वो बस हाँ बोल देता है, "किया, ये सुनकर किया खुश हो जाती है और बोलती है..."* "सच, सच में आप मुझे फैमिली से मिलवाओगे?" रेहान एक्सप्रेशन लेस चेहरे के साथ सिर हिला देता है और बोलता है, "जब तुम पूरी तरह से ठीक हो जाओगी, तब..."

    किया खुशी से सिर को हाँ में हिला देती है और डिनर करने लगती है। दोनों का डिनर खत्म हो जाता है, रेहान किया को दवाई देता है, किया मुँह बना लेती है पर बिना कुछ बोले चुपचाप खा लेती है।

    रेहान उठता है और बोलता है, "तुम बेड पर सो जाओ," यह बोलकर रेहान कनेक्टेड रूम में चला जाता है।" किया बेड पर लेटकर सोच रही थी, क्या सच में उसे उसकी फैमिली से मिलवाएगा?

    उसके दिमाग में रेहान की बातें घूम रही थीं, और वो सोच रही थी कि रेहान क्यों  उसकी फैमिली से मिलने के लिए तैयार हो गया है।

    एक अजीब सा एहसास होता है, जैसे किया को लगता है , जो समझ नही आता हैं उसे अजीब सा एहसास क्यू हो रहा है।

    जल्दी ही नींद के आगोश में चली जाती है, और उसकी आँखें धीरे-धीरे बंद हो जाती हैं, रेहान की बातें और उसका चेहरा अभी भी उसके दिमाग में घूम रहा था...

    .
    *"क्या सच मे रेहान किया को उसकी फैमिली से मिलवाएगा ?

    *"कौन था, वो जो विक्रम सिंह को रोक रहा था?

    ........आगे जानें के लिए पढ़ते रहे "Passion's Deadly Obsession"

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    Janti hu aaj ka chapter kal ke mukable hm intresting h pr kal jarur padhiye ga q kal kuch jada hi special h 😁 chapter , aur ha bhut jaldi aapko new character milenge ,aur aapko pasand aayenge ,meri story ki speed ab tezz hogi ,stay tune❤️

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  • 14. Chapter 14 "किया परेशानी में"

    Words: 963

    Estimated Reading Time: 6 min

    अब तक:

    किया की आँखों में चमक आ जाती है। वह मुस्कराती है और चुपचाप डिनर करने लगती है। खाना खत्म होने पर रेहान उसे दवाई देता है, और किया मुँह बनाकर चुपचाप खा लेती है।

    "तुम बेड पर सो जाओ," कहकर रेहान अपने कनेक्टेड रूम में चला जाता है। किया लेटी-लेटी सोचती है—क्या वो सच में उसे फैमिली से मिलवाएगा?

    रेहान की बातें, उसका चेहरा, सब उसके दिमाग में घूमने लगता है। उसे समझ नहीं आता कि उसे इतना अजीब सा एहसास क्यों हो रहा है। वो सोचते-सोचते नींद की आगोश में चली जाती है।


    ---
    अब आगे :

    चार दिन बाद,

    किया रेहान के साथ उसकी कार में बैठी थी। उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी झलक रही थी। थोड़ी ही देर में कार एक शानदार फार्महाउस के सामने रुकती है। किया की आँखें उस खूबसूरत जगह को देखकर ठहर जाती हैं।

    जैसे ही वे अंदर जाते हैं, फार्महाउस के अंदर एक फैमिली ब्रेकफास्ट कर रही होती है। अचानक दरवाज़े की आवाज़ पर सबका ध्यान जाता है।

    किया अपनी माँ यशिका को देखकर दौड़कर गले लग जाती है। यशिका उसकी पीठ सहलाती है, आँखों से आँसू गिरते हैं मगर होंठों पर हल्की मुस्कान होती है।

    "मेरी बच्ची! तू कहाँ थी इतने दिनों तक?" यशिका ने प्यार से उसके चेहरे को थामा।

    "क्या सिर्फ आप ही मिलेंगी, या हमें भी हमारी बेटी से मिलने का मौका मिलेगा?" किया की नजरें मुड़ती हैं—कियान, उसके डैड, बाहें फैलाए खड़े थे।

    "मैंने आपको बहुत मिस किया डैड," कहती हुई वह उनके सीने से लग जाती है।

    "हमने भी, बेटा..." कहते हुए वे उसके सिर को चूमते हैं।

    पीछे से एक चंचल आवाज़ आती है, "क्या कोई मुझे भी गले लगाएगा, या सारा प्यार दीदी के नाम रहेगा?"

    किया मुड़ती है—मायरा खड़ी थी, मुस्कराती हुई।

    "तुझे तो सबसे ज्यादा प्यार मिलेगा, तू तो जान है हमारी," कहते हुए किया मायरा को भी गले लगा लेती है।

    सब खुश थे... जब तक किया रेहान का हाथ पकड़कर नहीं कहती: "मिलिए, ये हैं रेहान जी—मेरे पति।"

    एक पल को सन्नाटा छा जाता है।

    "किया बेटा, ये तुम क्या कह रही हो?" कियान चौंककर बोलते हैं।

    यशिका ध्यान से किया को देखती हैं—सिर पर सिंदूर, गले में मंगलसूत्र, हाथों में चूड़ा... वो समझ जाती हैं, यह सच है।

    "ये सब कैसे हुआ बेटा?" यशिका पूछती हैं।

    "मैं सब बताऊँगी माँ... पहले कुछ खिला दीजिए, बहुत भूख लगी है।"

    ब्रेकफास्ट के बाद, यशिका किया को अपने कमरे में ले जाती हैं।

    "ये सब क्या है किया?" यशिका की आवाज़ में चिंता थी।

    किया उनका हाथ पकड़कर उन्हें बेड पर बिठाती है, "माँ, जब मैं भागी थी, तब विक्रम ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा। उसी दिन रेहान जी की कार से टकरा गई... उन्होंने मेरी जान बचाई, पनाह दी, और मेरी ज़रूरतों का ध्यान रखा।"

    "फिर?" यशिका पूछती हैं।

    "फिर उन्होंने मुझसे शादी का प्रस्ताव रखा। मैं पहले ही उनके एहसान तले थी, और वो बहुत अच्छे इंसान हैं... मैंने हाँ कर दी।"

    "अब विक्रम मुझे खोज नहीं पाएगा, क्योंकि मैं अब किसी की पत्नी हूँ।"

    यशिका उसकी बात सुनकर उसे गले लगा लेती हैं।

    पीछे से मायरा आती है, "वाह! दीदी के आने से सब मुझे भूल ही गए!"

    सब हँसने लगते हैं। तभी मायरा कहती है, "दीदी , जीजू बुला रहे हैं।"

    किया मुस्कराकर नीचे जाती है। रेहान कहता है, "चलो अब।"

    किया अपने परिवार से विदा लेती है, यशिका उसे गले लगाकर कहती हैं, "खुश रहना, बेटा... और आते रहना।"

    कार में बैठी किया बाहर देख रही होती है, और मन ही मन सोचती है:
    "माफ कीजिएगा माँ... मैं सच नहीं बता सकती। आपको तकलीफ नहीं देना चाहती..."

    कुछ देर बाद:

    रेहान का लक्जरी होटल—जिसका पूरा एक फ्लोर उसके लिए रिज़र्व था—वहाँ पहुँचना होता है। आदित्य पहले से इंतज़ार कर रहा था।

    "सर, सभी मीटिंग के लिए वेट कर रहे हैं।"

    रेहान सिर हिलाता है और किया को रूम में रहने को कहकर मीटिंग में चला जाता है।

    किया बेड पर बैठकर इंटीरियर्स देख रही होती है—किंग साइज सॉफ्ट बेड, बड़ी खिड़कियाँ, और शाही सजावट।

    थोड़ी देर बाद रेहान वापस आता है, "तुमने लंच किया?"

    किया मना करती है। रेहान तुरंत लंच भिजवाने को कहता है। दोनों साथ में लंच करते हैं।

    लंच के बाद रेहान बालकनी में लैपटॉप लेकर चला जाता है, और किया बेड पर लेट जाती है।

    किया को अचानक बहुत तेज़ गर्मी महसूस होती है। वह एसी का तापमान कम करती है, लेकिन राहत नहीं मिलती। वह बेचैनी से अपना दुपट्टा हटाती है, और धीरे-धीरे कपड़े उतारने लगती है।

    रेहान लौटता है और उसे इस हालत में देखकर चौंक जाता है।

    "क्या हुआ किया?"

    किया की आँखों में आँसू थे, चेहरा दर्द से भरा हुआ। "मुझे नहीं पता... बहुत गर्मी लग रही है..."

    एसी पहले से सबसे ठंडे मोड पर था। रेहान उसे रोकता है, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी।

    वह उसे बाथरूम ले जाकर ठंडे पानी के नीचे खड़ा कर देता है, पर किया फिर भी बेहाल रहती है। उसकी बेचैनी, उसका खुद को छूना—रेहान को सब समझ आ जाता है।

    वो एक पॉइंट दबाता है, और किया बेहोश हो जाती है।


    ---

    कुछ देर बाद:

    एक फीमेल डॉक्टर किया को चेक कर रही थी। उसने इंजेक्शन दिया और कहा:

    "मिस्टर अदानी, इन्हें हाई डोज़ सेडेटिव ड्रग्स दिया गया था। थोड़ी देर और होती तो... जान भी जा सकती थी।"

    "ये आपकी कौन हैं?"

    "वाइफ।"

    "तो फिर आपने मुझे क्यों बुलाया?" डॉक्टर ने हैरानी से पूछा।

    रेहान कुछ नहीं कहता।

    "कोई बात नहीं, कल तक होश आ जाएगा।" कहकर डॉक्टर चली जाती है।

    रेहान का चेहरा सख्त था। किया का चेहरा लाल था, बाल भीगे हुए, और उसकी हालत असहज थी।

    रेहान फोन उठाकर बस एक बात कहता है:
    "पता करो किसने किया को ड्रग्स दिया है।"


    ---

    *क्या रेहान को सच्चाई पता चलेगी?
    .
    क्या किया अपनी फैमिली को कभी सच्चाई बता पाएगी?

    आगे पढ़ते रहिए... "Passion's Deadly Obsession"

  • 15. Chapter 15 - "बैन"

    Words: 1448

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब तक:
    मिस्टर आदनी, इन्हें हाई डोज सेडेटिव ड्रग्स दिया गया था, इन्हें थोड़ी देर होती तो इनकी जान भी जा सकती थी।"

    पर क्या मैं पूछ सकती हूँ ,"यह आपकी कौन है?" रेहान ने एक एक नजर किया को देखा और बोला, "वाइफ" **

    डॉक्टर के चेहरे पर आश्चर्य और भौहें ऊपर उठी हुई और बोलती है, "तो फिर आपने मुझे यहाँ क्यों बुलाया और आप इन्हे ठीक क्यों नहीं करा?" **

    रेहान के चेहरे एक्सप्रेशन लेस था, वो कुछ नहीं बोलता है।

    डॉक्टर फिर बोलती है, "कोई बात नहीं, यह आपका पर्सनल मैटर है, इन्हें कल सुबह तक होश आ जाएगा" और चली जाती है।


    रेहान एक नजर किया को देखता है जिसका चेहरा पूरा लाल होता है, गिले बाल होते हैं जो मन मोह रहे थे * किया के चेहरे पर लालिमा और गीलापन, बाल भीगे हुए और उलझे हुए।

    पर चेहरे पर परेशानी झलक रही थी किया के चेहरे पर परेशानी और असहजता के भाव, आँखें बंद थी ।

    रेहान किसी को कॉल कर बोलता है, "पता करो किसने किया और कॉल कट कर देता है"* रेहान  के चेहरे पर गुस्सा के भाव और आँखें सिकुड़ी हुई। फिर सोफे पर बैठ अपने लैपटॉप पर काम में लग जाता।
    अब आगे:
    अगली सुबह, किया अपनी पलकें खोली और धीरे से बेड पर बैठ गई, और एक बार रूम को देखा, उसे कल की सारी बातें याद आ गईं। वो हैरान हो गई, वो यह सब याद कर ही रही थी कि रेहान आ गया, किया रेहान को देखती है।

    उसकी आँखों में शमर्माहट और गालों पर गुलाब उतरे हुऐ थे। रेहान का भी यही हाल था, उसकी आँखें भी झुकी हुई थी।

    दोनों ने अपनी नज़रें एक दूसरे से दूर कर लीं, रेहान पीछे मुड़ गया और बोला, "तुम रेडी हो जाओ, तुम्हारे कपड़े ड्रेसिंग टेबल पर हैं।" और वहाँ से चला गया।


    किया को अभी भी शमर्माहट आ रही थी, किया धीरे से उठी और अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली गई। किया शॉवर के नीचे खड़ी थी,


    उसे कल की बातें फिर से याद आ गईं, कैसे वो रेहान के हाथों से खुद को छू रही थी। यह याद आते ही किया को फिर से शमर्माहट आ गई और अजीब सा महसूस होने लगा।

    किया जल्दी से शॉवर लेकर रेडी हो गई और खुद को आईने में देखा, अभी भी चेहरे पर शमर्माहट की लकीर थीं। तभी दरवाजे पर नॉक होता है।

    रेहान आता है, बिना किया को देखे बोलता है_"चलो," किया बस सिर हिला देती है और दोनों चले जाते हैं।

    थोड़ी देर में किया डेविल विला के कमरे में होती है और सोच रही होती है कि कल उसे क्या हुआ था, वो ऐसी हरकत क्यों कर बैठी थी। इतने सारे सवाल थे, लेकिन जवाब नहीं मिल रहे थे।

    दुसरी तरफ़ रेहान के केबिन में,

    राहुल और कौशल रेहान के सामने खड़े थे, और कौशल रेहान से पूछता है, "ये सब आर्या अग्रवाल का करा हुआ है।"

    राहुल बोलता है, "पर वो ये सब क्यों करेगी?

    कौशल बोलता है, "तुम कुछ भूल नहीं रहे हो, राहुल?

    रेहान का चेहरा गुस्से से काला हो जाता है और वो बोलता है, "उसे उठवा लो।"

    कौशल सिर हिलाकर चला जाता है, रेहान और राहुल अपनी मीटिंग में बिज़ी हो जाते हैं।

    शाम का समय,
    एक घने जंगल के बीचो-बीच एक बडा सा विला था, उस विला के बाहर बड़े बड़े शब्दों में लिखा हुआ था "डेंजरस विला" जहां बहुत सारे बॉडीगार्ड काले कपड़ों में हाथों में गन लिए पहरा दे रहे थे।

    रेहान और राहुल कार से निकले और उस डेंजरस विला के अंदर गए, एक कमरे में एक लड़की को बंद रखा था, जो सुंदर और मॉडर्न लग रही थी पर डर चेहरे से झलक रहा था।

    रेहान और राहुल उसके पास जाते हैं और राहुल अब सीरियस और डेंजरस औरा में ताने हुए आवाज में उस लड़की से बोलता है, "आर्या, तुमने ऐसा क्यों किया?"

    आर्या राहुल का यह रूप पहली बार देखकर अंदर तक कांप जाती है, और डरी-डरी आँखों से राहुल को देखती है, राहुल फिर बोलता है, "बोलो!"

    आर्या कांपती आवाज में बोलती है, "मैं... मैं... मैंने कुछ नहीं किया है।"

    रेहान का सब्र अब खो गया, वो गार्ड को बोलता है, "इसे रूम 2 भेज दो।"

    गार्ड आर्या को उठाकर रूम 2 की तरफ ले जा रहा था, जहाँ किसी की चीखने की आवाजें तेज हो रही थीं और वो आवाजें एकदम से बंद हो गईं।

    आर्या डर से कांप रही थी, पूरा शरीर पसीने से भर गया था, वो जोर-जोर से चीखने लगी, "रुको रुको मैं... मैं सब बताती हूँ!

    राहुल गार्ड को रोकने के लिए कहता है, "रुको!" आर्या के पैरों में अब जान नहीं बची थी, गार्ड के छोड़ते ही आर्या फर्श पर बैठ जाती है और तेज़ साँसें लेने लगती है।

    राहुल बोलता है, "अब बोलो!"

    आर्या डरते हुए बोलती है, "जब रेहान होटल आया था,
    फ्लैशबैक शुरू...

    जब रेहान होटल आया था,और अपनी मीटिंग में बिजी हो गया । वो मीटिंग आर्या के साथ थी।

    मीटिंग खत्म होने के बाद ,रेहान अपने कमरे की तरफ जा रहा था ।

    तब आर्या ने एक सर्वेट को बहुत पैसे दिए और एक पैकेट दिया था... आर्या ने सर्वेट से कहा, "इस पैकेट को रेहान के खाने में मिला देना, और यह काम बहुत सावधानी से करना।"

    सर्वेट ने पैसे और पैकेट ले लिया और बोला, "जी मेम, आपका काम हो जाएगा।"

    रेहान के रूम में गया और और सर्वैंट को कॉल लगा के खाना ऑडर करा।

    थोड़ी देर बाद सर्वेट खाना लेकर आया और रेहान को दिया, रेहान ने खाना शुरू किया और किया को सलाद खाने के लिए दिया, क्योंकि किया को अभी न्यूट्रीशन की जरूरत थी।

    किया ने सलाद खाया और थोड़ी देर बाद उसकी हालत खराब होने लगी... और आर्या का प्लान ख़राब हो गया।

    फ्लैशबैक खत्म,

    अब आर्या राहुल और रेहान के सामने खड़ी है, उसकी कहानी सुनने के बाद रेहान का चेहरा तमाम हो गया है।

    रेहान की आँखें गुस्से से लाल हो जाती हैं, और चेहरा तमाम हो गया, वो बोलता है, "इसे पूरी दुनिया में बदनाम करो और इसके पिता की सारी प्रॉपर्टी और कंपनी बर्बाद कर दो।" रेहान वहा से गुस्से में चला जाता है।

    आर्या का चेहरा नीचे झुक जाता है, पर गिल्टी से नहीं, अपने प्लान फेल होने के कारण। राहुल आर्या को देखता है और गार्ड को बोलता है, "इसे यहाँ से भेज दो।" गार्ड आर्या को पकड़कर ले जाता है और राहुल वहाँ से चला जाता है।

    रेहान घर आता है, अब बहुत रात हो चुकी थी। वो अपने कमरे में आता है जहाँ किया आराम से सो रही थी, उसके चेहरे पर मासूमियत थी। किया के चेहरे पर हल्की मुस्कान भी थी, जैसे कि वो सुंदर सपने देख रही हो।

    रेहान बाथरूम में जाकर शॉवर लेता है और अपने स्टडी रूम में चला जाता है, जहाँ वो काम में बिज़ी हो जाता है।

    अगली सुबह,

    रेहान ऑफिस में था, राहुल उसके सामने बैठा हुआ था और समने टीवी पर न्यूज़ टेलीकास्ट हो रहा था, जिसमें रिपोर्टर बोल रहा था।

    "राजेश अग्रवाल और उनकी कंपनियों पर बड़ा खुलासा हुआ है! उनका काम अवैध है और वो ड्रग्स और अवैध कारोबार में शामिल हैं।"

    रेहान की आँखें टीवी पर टिक गईं, उसके चेहरे पर गहराई आ गई।

    रिपोर्टर आगे बोलता है, "राजेश अग्रवाल की सारी कंपनियाँ, प्रॉपर्टी और बैंक अकाउंट्स ज़ब्त कर लिए गए हैं। राजेश अग्रवाल अब बैंक्रप्ट हो गए हैं!

    " राहुल के चेहरे पर मुस्कान आ गई, उसने रेहान से कहा, "देखो रेहान, काम पूरा हो गया!" रेहान ने राहुल को देखा और सिर हिलाया, उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही था।

    तभी रिपोर्टर ने आगे बोला, "राजेश अग्रवाल की बेटी आर्या अग्रवाल भी इन अवैध कारोबार में शामिल थी, इसलिए उन्हें भी हर जगह से बैन कर दिया गया है और दोनों पर केस चल रहा है!"

    वहीं श्री लंका के एक सुंदर से पेंट हाउस में, सामने न्यूज टेलीकास्ट हो रहा था।

    विक्रम सिंह के चेहरे पर खतरनाक मुस्कान फैल गई, उसकी आँखें चमकने लगीं ।

    वो  कोबारा से बोलता है, _मुझे इसे ,"आर्या अग्रवाल और राजेश अग्रवाल के बारे में हर जानकारी चाहिए... खासकर उनके बर्बादी के पीछे की कहानी।"

    कोबारा सिर हिलाता है और तुरंत काम में जुट जाता है।
    .
    *"क्या किया को कभी पता चल पाए गा आखिर उसकी इस हरकत की वजह क्या है?
    *"विक्रम सिंह क्यों आर्या और राजेश जी के बारे में पता करवा रहा है?
    ...... आगे जानें के लिए पढ़ते रहें "Passion's Deadly Obsession"

    *"Author Appeal*"

    Kal ka episode v aacha aur aapke sare sawalo ka jawab v kal mil jaye ga aur sach me pata chale ga , aarya kon h , kaise rehaan ko janti h sab , pr इसके लिए पढ़ते रहें


    https://www.instagram.com/reel/DHEQQ4CP70p/?igsh=MWxpcWtjdWZoazN2bQ==
    Is par click kare scene dekhe aur mujhe follow kare plz , dreamydil_author ❤️

  • 16. Chapter 16 - "दिल में जगह"

    Words: 1781

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब तक:

    तभी रिपोर्टर ने आगे बोला, "राजेश अग्रवाल की बेटी आर्या अग्रवाल भी इन अवैध कारोबार में शामिल थी, इसलिए उन्हें भी हर जगह से बैन कर दिया गया है और दोनों पर केस चल रहा है!"

    वहीं श्री लंका के एक सुंदर से पेंट हाउस में, सामने न्यूज टेलीकास्ट हो रहा था।

    विक्रम सिंह के चेहरे पर खतरनाक मुस्कान फैल गई, उसकी आँखें चमकने लगीं ।

    वो  कोबारा से बोलता है, _मुझे इसे ,"आर्या अग्रवाल और राजेश अग्रवाल के बारे में हर जानकारी चाहिए... खासकर उनके बर्बादी के पीछे की कहानी।"

    कोबारा सिर हिलाता है और तुरंत काम में जुट जाता है,

    अब आगे:

    शाम के समय डेविल विला में,

    किया राहुल के साथ गार्डन में बैठी हुई थी, और चाय-कॉफी पी रहे थे। किया को आज "भरपूर चाय पीने में आनंद आ रहा था", वरना उसकी जिंदगी कमरे की चार दीवारों में सिमट गई थी।

    किया के चेहरे पर "थोड़ी चिंता के भाव दिख रहे थे", जिसे देख राहुल बोलता है, "क्या है भाभी, आप कुछ परेशान दिख रही हैं? कोई बात है क्या?"

    किया राहुल की तरफ देखती है और "हिचकते हुए बोलती है", "वो मैं आपसे कुछ पूछना चाहती थी..."

    राहुल किया की तरफ देखता है और "मुस्कराते हुए बोलता है", "हा भाभी, आपको जो पूछनी है पूछिए, मैं जरूर बताऊँगा" और "एक प्यारी सी स्माइल देता है".

    किया "हिचकते हुए बोलती है"_ वो ....वो कल मुझे..." और "चुप हो जाती है, सर झुका लेती है".

    राहुल किया को देखता है और "गंभीरता से बोलता है", "भाभी, पता नहीं बताना चाहिए कि नहीं, लेकिन कल आपके खाने में ड्रग्स मिलाया गया था... "

    वो आगे बोलता है, "वो रेहान के लिए था, पर गलती से आप वो सलाद खा लिया था... " किया का चेहरा हैरानी और डर से पीला पड़ जाता है, वो राहुल को देखती है और "आवाज़ में कंपकंपी के साथ बोलती है",

    "ड्रग्स... वो खाने में? और क्यों? और किसलिए? "आँखों में सवाल और चिंता"

    राहुल किया को देखता है और "गंभीरता से बोलता है", "भाभी, ड्रग्स खाने में आर्या ने मिलाया था...

    किया का चेहरा "आश्चर्य और हैरानी से फैल जाता है", वो राहुल से पूछती है, "आर्या? यह कौन है? और हमारे खाने में ड्रग्स क्यों मिलाई?

    राहुल बोलता है, "भाभी, आर्या रेहान को बचपन से जानती है...

    "आर्या की फैमिली और रेहान की फैमिली बहुत लम्बे समय से एक-दूसरे को जानती हैं...

    किया का चेहरा "समझने की कोशिश और जिज्ञासा से भर जाता है", वो राहुल से पूछती है, "तो आर्या ने रेहान जी के खाने में ड्रग्स क्यों मिलाई?"

    वो आगे बोलता है, "आर्या को रेहान बचपन से ही पसंद था, लेकिन रेहान को आर्या से कोई मतलब नहीं था न ही कभी भाव  देता है।

    किया का चेहरा "आश्चर्य और हैरानी से आंखे फैल जाता है", वो राहुल से पूछती है, "तो फिर आर्या ने ऐसा क्यों किया?

    राहुल फिर बोलता है,_खाने में ड्रग्स का असर हो जाता और वो रेहान के करीब जा सकती थी, लेकिन आर्या का यह प्लान फेल हो गया...

    किया के चेहरे पर "हैरानी और आश्चर्य था।

    राहुल किया की तरफ देखता है और "एक लंबी स्माइल के साथ बोलता है", "आप जानती हैं भाभी, आर्या तो मुझे कभी पसंद नहीं थी, हर समय रेहान को अपना बनाने का ख्वाब देखती है..."

    राहुल आगे बोलता है,
    "आप जानती हैं भाभी, आप रेहान की लाइफ में वो लड़की हैं जिसको रेहान लाया है और रेहान ने पहली बार अपना रूल तोड़ा है..."

    किया आश्चर्य और हैरानी से भरी हुई मुद्रा में राहुल की तरफ देखती है " जैसे उसके बाद की बात समझने की कोशिश कर रही हो,

    राहुल गहरी साँस लेता है और बोलता है,

    "इस डेविल विला में आज तक कोई लड़की नहीं है, पर आपको रेहान खुद यहाँ लाया है और इस विला में कभी कोई फीमेल सर्वेट अलाउड नहीं थी, पर आपके लिए रेहान ने खुद एक फीमेल सर्वेट हायर की..."

    राहुल आगे बोलता है, "जिस रेहान से पूरी दुनिया झुकती है और रेहान के रूल पर चलती है, वो इंसान आपके लिए अपना रूल तोड़ दिया है..."

    किया का चेहरा "आश्चर्य और हैरानी से फैल जाता है", वो राहुल की बातों से बहुत ज्यादा प्रभावित हो रही थी।

    राहुल आगे बोलता है, "जो अलग बात है, इसलिए मुझे लगता है कि आपके में कुछ तो बात है जिस रेहान से दुनिया डरती है, वो आपके लिए बदल रहा है..."

    किया के दिल में "एक गर्म एहसास पैदा हो रहा है", जैसे रेहान के लिए उसके दिल में एक खास जगह बन रही है,

    राहुल और किया  इसी तरह"छोटी मोटी बातों में लग जाते हैं।

    दूसरी तरफ़,

    वही विक्रम सिंह के हाथ में एक फाइल है जिसमें आर्या और उसकी फैमिली की सारी डिटेल्स थीं,

    विक्रम सिंह वो सारी इन्फॉर्मेशन पढ़ने के बाद उसके चेहरे पर "शैतानी मुस्कान आ जाती है और वो कोबरा से बोलता है, "कोंटेक्ट करो आर्या से और राजेश अग्रवाल से... मुझे इन दोनों से मिलना है, ये दोनों मेरे बहुत काम के हैं....

    कोबरा सर के हिला देता है और चला जाता है, विक्रम सिंह "मुस्कराते हुए सोचता है, जैसे उसके दिमाग में कोई बड़ा प्लान चल रहा है।

    वहीं मुंबई में डेविल विला के

    डिनिंग टेबल पर राहुल बैठा था और किया खाना पड़ोस रही थी, तभी वहाँ कौशल आता है और मुस्कराते हुए बोलता है, "क्या बात है खाने की तो बहुत अच्छी खुशबू आ रही है, मेरी तो खुशबू से ही भूख बढ़ गई है..


    "राहुल मुस्कराते हुए कौशल से बोलता है, "हाँ आज का खाना भाभी बनाई है..."

    कौशल बोलता है, "वाह भाभी, आपके खाने की खुशबू से पता चल रहा है कि खाना बहुत टेस्टी होगा..." किया मुस्करा देती है, पर कौशल को कन्फ्यूजन में देखती है और मन में सवाल चलता है ये कौन है, देखा तो है पर जानती नहीं...

    कौशल किया को इस तरह देखते हुए समझ जाता है, और चेयर पर बैठते हुए बोलता है, "मुझे माफ कीजिए गा भाभी, मुझे बताने का मौका ही नहीं मिला था, चीजें इतनी अजीब थीं पर अब समय मिल गया है..."

    किया को आश्चर्य होता है, पर कौशल आगे बोलता है, "मेरा नाम कौशल देशमुख है, रेहान का दोस्त और उसका बिजनेस पार्टनर, और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट.. कौशल मुस्करा देता है, किया भी मुस्करा देती है ।

    दोनों को खाना सर्व करती है, खाने में लच्छा पराठा, रुमाली रोटी, शाही पनीर, मसरूम डो प्याजा, नवरतन सब्जी, वेज पुलाव, दाल मखनी, रायता और मिठे में गुलाब जामुन था,

    (पढ़ के मुंह में पानी आया😋 reader's)

    राहुल और कौशल इतना खाना देखकर खुश हो जाते हैं और राहुल बोलते हैं,_"वाह भाभी, इतना सारा खाना देखते ही मुँह में पानी आ गया है..."

    कौशल हंसता है और बोलता है, "तो चलिए शुरू करें, मैं बहुत भूखा हूँ और यह खाना तो सचमुच बहुत अच्छा लग रहा है..."

    किया मुस्कराती है और बोलती है, "तो शुरू कीजिए।

    वहीं रेहान भी आ गया था, किया ने रेहान को भी खाना सर्व किया, पर रेहान खाना देखकर भौंक उठा और बोला,

    "किसने यह खाना बनाया है आज?" भागते हुए नरमिन (हेड सर्वेट) आता है और बोलता है

    "आज खाना मैम ने बनाया है, रेहान नरमिन को घूरता है और बोलता है,

    "मेरा खाना लेकर आओ और इसे चेंज करो, किया जो चेयर पर बैठी थी उसके चेहरे पर उदासी छा गई थी और सर नीचे झुक गए थे।

    नरमिन व रेहान का खाना ले आया, जिसमें वेज मिक्स सलाद और ग्नोची (italin dish) था, राहुल अपना खाना लेकर बैठ गया, खाने की पहली बाइट ली और मुँह में स्वाद फैल गया, आँखें बंद हो गई और चेहरे पर खुशी आ गई,

    राहुल बोला,_"वाह भाभी, क्या खाना बनाया है बहुत टेस्टी है, आज तक इतना टेस्टी खाना नहीं खाया है..."

    कौशल भी खाने की तारीफ करते हुए बोला, "सच में भाभी, खाना बहुत टेस्टी है, हम तो रोज़ उबाला हुआ बेस्वाद खाना खाकर पक गए हैं... अब से रोज़ आप ही हमारे लिए खाना बनाइएगा?"

    किया ने खाने की तारीफ सुनकर खुश हो गई और उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।

    रेहान सबकी बातें सुनकर, अपनी कर्कश आवाज़ में बोलता है,चुपचाप सब अपना खाना खाओ और "भूल गए कि खाने के समय मुझे किसी का बात करना नहीं पसंद, और इतना ही खाना पसंद आ रहा है तो रेस्तरां में खाओ..."

    सब अपना सिर झुका लेते हैं और चुपचाप खाने लगते हैं।

    थोड़ी देर बाद स्टडी रूम में रेहान, राहुल और कौशल खड़े थे,

    कौशल सर झुकाएं था, रेहान कौशल को एक्सप्रेशनलेस चेहरे से देखता है और बोलता है,"अब चुप ही रहोगे या कुछ बोलोगे?"

    कौशल हिम्मत करके बोलता है,"वो सिवी का कनेक्शन भाभी से नहीं है..."

    रेहान का भौंहा सिकुड़ जाता है, चेहरा गुस्से से काला हो जाता है और कौशल को आग उगलने वाली आँखों से देखता हुए रेहान कार्कश आवाज में बोलता है, "तुम्हें समझ आ रहा है कि ये तुम ही थे न जो बोले थे कि किया का कनेक्शन सिवी से है?"

    कौशल थोड़ा हिचकिचाता हुआ बोलता है, "हाँ , सिवी का कनेक्शन भाभी से नहीं पर उनके किसी फैमिली मेंबर से जरूर है..."

    रेहान अभी भी वैसे ही बोलता है, "अगर इस बार ये गलत हुआ तो समझ लेना, कौशल थोड़ा डर गया और बोलता है, "नहीं इस बार इन्फॉर्मेशन सही है..."

    रेहान बोलता है, "कल तक मुझे उसकी फैमिली की सारी की सारी इन्फॉर्मेशन चाहिए, एक - एक छोटी बात, और इस बार गलती की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए..."

    ये बोलकर रेहान अपने कमरे की ओर चला जाता है,

    स्टडी रूम से रेहान के जाने के बाद, राहुल और कौशल एक दूसरे को देखते हैं, कौशल लंबी साँस लेता है और बोलता है, "बच गया..."

    राहुल उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोलता है, "बचा नहीं मरता - मरता बच गया है, पर कल अगर भाभी की सारी इन्फॉर्मेशन रेहान को नहीं दी तो पक्का मारा जाएगा..."

    राहुल हंसते हुए  चला जाता है, कौशल के चेहरे पर अब परेशानी के भाव थे ।

    रेहान अपने कमरे में जाकर बालकनी में सीधा जाता है और सिगरेट के कश लेने लगता है, जब वो वापस आता है तो देखता है कि किया बेड पर बैठी है और उसे देख रही है, रेहान बोलता है, "क्या बात है?"

    किया थोड़ा डरकर बोलती है, "वो... वो मुझे कॉलेज जाना है, मुझे अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करनी है..."

    रेहान किया को एक्सप्रेशनलेस चेहरे से देखता है और कनेक्टेड रूम में चला जाता है, किया का चेहरा उदास हो जाता है,

    वो सोचती हैं,_"शायद अब वो कभी अपने डॉक्टर के सपने को पूरा नहीं कर पाएगी..."और नींद के आगोश में चली जाती है।
    .
    *"क्या कौशल कलेक्ट कर पाएगा , सारी इनफॉर्मेशन किया की?
    "आगे चैप्टर में अब न्यू कैरेक्टर की एंट्री होगी ,और बहुत ट्विस्ट भी"

    ......... आगे जानें के लिए पढ़ते रहें "Passion's Deadly Obsession"

    "Author Appeal*"

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