यह कहानी मैंने यहां से डिलीट कर दी है, लेकिन अगर किसी को यह कहानी पढ़नी हो तो वो "pratilipi" पर पढ़ सकता है। जो कि एक स्टोरी app है। मुझे यहां बिल्कुल भी views नहीं मिल रहे थे, मैंने बोहोत इतंजार लेकिन मुझे यहां अच्छा नहीं लगा। इन्हें अपनी sarvice थो... यह कहानी मैंने यहां से डिलीट कर दी है, लेकिन अगर किसी को यह कहानी पढ़नी हो तो वो "pratilipi" पर पढ़ सकता है। जो कि एक स्टोरी app है। मुझे यहां बिल्कुल भी views नहीं मिल रहे थे, मैंने बोहोत इतंजार लेकिन मुझे यहां अच्छा नहीं लगा। इन्हें अपनी sarvice थोड़ी अच्छी करने की जरूरत है। . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
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दिल्ली,
एक बड़े से घर के बाहर एक कार आ कर रूकती है। उस कार में से एक लड़की बाहर निकलती है, वो लड़की दिखने में 25 साल की लग रही थी। उस लड़की ने एक बेबी पिंक कलर का टॉप टॉप पहना हुआ था जिसके साथ उसने व्हाइट कलर की जींस पहनी थी
और उसके ऊपर उसने वाइट कलर का नेट वाला शुगर पहना हुआ था। उसने अपने बालों की हॉफ पोनीटेल बनाई हुई थी और उसके हाथ में सिल्वर बैंगल्स थे।
वो लड़की अपने सामने उसे घर को देखते हुए मुस्कुरा कर बोली, “फाइनली तीन महीने बाद में वापस आई हूं” यह बोल जल्दी से अंदर चली जाती है।
वहीं हॉल में दो औरतें बैठी हुई थी, वो दोनों जिसे ही उस लड़की को देखती हैरानी हो जाती है। वहीं वो लड़की मुस्कुराते हुए उन दोनों के देख रही थी। कोई कुछ कहता तभी उस लड़की के पीछे से आवाज आती है, “तुम कहाँ से टपक पड़ी?”
यह सुन वो लड़की झट से मुड़कर अपने पीछे एक लड़के को देखती है जो लगभग उसी की उम्र का था। वो लड़की उसे देख कुछ पर रूक बोली, “व्हाट यू मीन कहां से टपक पड़ी मैं तो...”
इससे आगे वो कुछ कहाती तभी वो लडका बीच में बोला, “इसे टपकना ही कहते हैं जो बिना बताया जाते हैं ना उन्हें।”
यह सुन वो लड़की उसे घुरते हुए बोली, “इसे टपकना नहीं इसे सरप्राइज कहते हैं, बट आई नो तुम्हें कहाँ समझ आएगा ये सब।”
तभी वो वो लड़का सारकास्टिकली बोला, “इसे सरप्राइज नहीं शाॅक कहते है, देखो माॅम और बड़ी मां दोनों कैसे शॉक हो गई तुम्हें देख कर।”
यह सुन वो लड़की मुड़ कर उन दोनों औरतों को देखती है और फिर जल्दी से बोली, “तुम देखो ध्यान से वो दोनों कितनी खुशी मेरे आने से, पता है पहले ना तुम सिर्फ पागल थे। पर अब तुम्हारी आँखें भी कमजोर हो गई है, दिखता भी नहीं है सही से...”
यह सुन वो लडका उस घूरते हुए बोला, “मेरा दिमाग और आंखें दोनों बिल्कुल सही है, खुद जा कर खुद का दिमाग चेक करवाओ।”
यह सुन वो लड़की हल्का सा मुस्कुराकर बोली, “नेहमत सिन्हा नाम है मेरा और मुझे किसी से कुछ भी चेक करवाने की जरूरत नहीं है। And you know very well की मैं अपने स्कूल और कॉलेज की टाॅपर रही हूं।”
उसकी बात सुन वो लड़का कुछ बोलता तभी एक आवाज आई, “didu”
यह सुन सब सीढ़ियां के पास देखते है जहां एक लड़की खड़ी थी। उस लड़की को देख नेहमत मुस्कुरा देती है, तभी वो लड़की उसके पास आकर कर झट से उसके गले लग जाती है और बोली, “i miss you didu पता है मैंने आपको कितना मिस किया?”
नेहमत उससे अलग हो कर बोली, “i know तुमने मुझे बोहोत मिस एंड मैंने भी सबसे ज्यादा मिस तुम्हें किया।”
तभी वो लड़का मुंह बना कर बोला, “और मुझे बिल्कुल भी मिस नहीं किया वैसे क्यूं ही करोगे...”
यह सुन नेहमत हल्का सा मुस्कुरा कर उसे अपने पास आने कर इशारा कर बोली, “बिल्कुल भी नहीं रोहन मैंने जितना हीर को मिस उतना ही तुम्हें भी मेरे लिए मेरे दोनों भाई बहन बोहोत इमोटेंट है, और तुम दोनों को ही बोहोत मिस किया।”
उसकी बात सुन रोहन उसे गले लगा कर बोली, “i know di मैं तो बस मज़ाक कर रहा था, और मैं तो तभी भी मज़ाक ही कर रहा था।”
रोहन की बात सुन नेहमत मुस्कुरा कर बोली, “बोहोत अच्छे से पता मुझे की मेरा छोटा भाई मुझसे कभी ऐसे बात नहीं कर सकता।”
तभी वो दोनों औरतें जो कब से उन्हें देख रही थी वो बोली, “अब हमसे भी मिल लो हम भी कुछ लगते है।”
यह सुन नेहमत उनके पास आकर उन दोनों के पैर छुती है और फिर एक औरत के गले लग बोली, “आप कुछ नहीं मां हो मेरी मिससे सभ्या...”
उसकी बात सुन सभ्या हल्का सा मुस्कुरा देती है और नेहमत के माथे पर किस कर बोली, “मुझे बोहोत अच्छे से याद है अपना नाम” यह बोल फिर वो अपने साथ खड़ी औरत को देख कर बोली, “देखा गुंजन अभी घर आए 10 मिनट नहीं हुए और मुझे सिखा रही है।”
यह सुन गुंजन जल्दी से बोली, “दीदी वो सिखा थोड़ी रही है वो तो बस बता रही है आपको।”
यह सुन सभ्या हैरानी से गुंजन को देखने लगती है तभी नेहमत गुंजन को साइड हग करते हुए बोली, “i know चाची मेरी ही टीम में रहती है।”
यह सुन गुंजन मुस्कुरा कर बोली, “हां ओर हमेशा रहूंगी भी मेरी फेवरेट जो हो तुम।”
दूसरी तरफ,
एक बड़ा सा घर जिसके बाहर एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ जिस पर गोल्डन लेटर में रंधावा'स विला लिखा हुआ था। एक लड़का सीढ़ियां से नीचे आता है उसके कानों पर हेडफोन लगे हुए थे और गाने सुनते ही डायनिंग टेबल के पास जाता है। और वही डायनिंग टेबल पर रखे हुए फ्रूट्स में से एक ऐप्पल लेकर वही डायनिंग टेबल के ऊपर बेड जाता है और खाने लगाता है।
तभी वहां पर एक औरत आती है, और उसके हेडफोन निकाल कर बोली, “यह क्या हरकत है ? तुम्हें भूख लगी है बोलो मैं कुछ बना देती है तुम आराम से चेयर पर बैठ कर खाओ। यह डायनिंग टेबल पर चढ़ कर क्यों बैठे हो?”
यह सुन वो लड़का उस औरत के हाथ से अपने हेडफोन वापस लेकर बोला, “क्योकी यह मेरा मतलब एकम रंधावा का स्टाइल है माॅम, you know ना माॅम आपका बेटा...”
तभी वो औरत बीच में बोली, “मेरा बेटा बोहोत अजीब है और उसकी हरकतें उससे भी ज्यादा अजीब है। और यह सब इसलिए है क्योंकि सबने तुम्हें बोहोत सर पर चढ़ा कर रखा हुआ है...”
इससे आगे वो कुछ बोहोती तभी उनके पीछे से आवाज आई, “और सबसे ज्यादा तो सर पर इसे आपने चढ़ाया है।”
यह सुन वो औरत मुड़ कर एक आदमी को देखती है और कुछ पल बाद बोली, “कपील आप कहना क्या चाहते है, इसे मैंने अकेली ने बिगाड़ा है।”
यह सुन कपील उसके पास आते हुए बोले, “बिल्कुल नहीं मेरा ऐसा कोई मतलब नहीं प्रज्ञा जी”
प्रज्ञा कपील को देखते हुए बोली मुझे पता है, “मुझे सबके मतलब बोहोत अच्छे से पता है, कौन क्या कहना चाहता है।” यह बोल वो मुड़ कर ऐकम को देखते है जो अभी भी डायनिंग टेबल पर आराम से बैठा हुआ उन्हें देख रहा था।
प्रज्ञा उसे देख बोली, “अब तो तुझे और तेरी हरकतें दोनों को तेरी बीवी ही ठीक करेंगी।” यह बोल वो वहां से चली जाती है।
तभी कपील उसे देख बोला, “अब मेरा छोटा बेटा भी घोड़ी पर चढ़ेगा।”
यह सुन एकम आई रोल कर बोला, “कम आॅन डैड मुझे अभी कोई शादी नहीं करनी।”
यह सुन कपील उसके कंधे पर हाथ रख हल्का सा मुस्कुरा कर बोले, “बेटा जी शादी से पहले सब यह ही बोलते है और उसके बाद सब...” इतना बोल वो रूक जाता है।
एकम कुछ पल उन्हें देखता है और डायनिंग टेबल से नीचे उतर बोला, “whatever” इतना बोल वो हेडफोन पहन वहां से चला जाता है।
to be continued...
Hello guys यह यहां पर मेरी पहली कहानी है। बट आप सबको यह कहानी जरूर पंसद आएगी।
अगला दिन,
रंधावा विला,
सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठकर ब्रेकफास्ट कर रही थी। तभी एकम वहां पर आता है, उसने एक सिंपल स्लीवलैस टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसके नीचे उसने अपने शॉर्ट्स पहने हुए थे और उसके एक चांदी की चैन थी। और वह फोन में गेम खेलते हुए वहां पर आता है।
वह अपनी चेयर पर बैठ बिना किसी को देख बोला_ हेलो गुड मॉर्निंग गाइस
तभी प्रज्ञा बोली_ एकम कम से कम अभी को फोन छोड़ दो खाने के टाइम पर खाना तो आराम से खाओ, एटलीस्ट तब जब सब साथ हो।
यह सुन एकम ने हल्के से नजर उठा कर सबको देखा है, इस वक्त डाइनिंग टेबल पर प्रज्ञा कपिल को छोड़ भी एक आदमी और औरत बैठे हुए थे। वो ऐकम के डैड यानी की कपील के बड़े भाई अखिल रंधावा और उनकी वाइफ देविका रंधावा थी।
तभी कोई पीछे से एकम के हाथ से उसका फोन ले लेता है, एकम झट से पीछे मुड़ देखता है। वहां एक लड़की खड़ी थी उसे देख ऐकम जल्दी से खड़ा हो उसके गले लग बोला_ मानवी दी आप कब आई?
मानवी उसकी पीठ पर अपना एक हाथ रख सारकास्टिकली बोली_ आई तो अभी ही हूं पर वो तो तुझे तब पता चलेगा ना जब तु अपना ध्यान इस गेम से हटा कर कहीं ओर करेगा।
अभी वो बोल ही रही थी तभी एकम उससे अलग हो कर वापस अपनी चेयर पर बैठ अपने फोन पर वापस गेम खेलने लगता है। तभी मानवी उसे देख हैरानी से बोली_ यह तुने कब लिया? अभी तो मेरे हाथ में था!
एकम उसे देख तिरछा मुस्कुराते हुए बोला_ it's my talent you know ना दी की आपका भाई कितना टैलेंटेड है।
यह सुन मानवी सारकास्टिकली बोली_ hmm कुछ ज्यादा ही टैलेंटेड है। यह बोल वो वहीं उसके पास चेयर पर बैठ जाती है। तभी देविका उसे देख बोली_ सार्थक नहीं आया?
मानवी उन्हें देख बोली_ नहीं उन्हें आॅफीस जाने के लिए लेट हो रहा था तो वो मुझे यहां छोड़ कर चले गए",
देविका कुछ पल रूक बोली_ ओके पर तुम्हें उन्हें ऐसे नहीं जाने देना चाहिए था!
मानवी एक गहरी सांस लेकर बोली_ माॅम मैंने उन्हें बोला था बट उन्हें सच में बोहोत लेट हो रहा था।
उसकी बात सुन प्रज्ञा मुस्कुरा कर बोली_ कोई बात नहीं अच्छा हुआ तुम आ गई, घर में इतनी सारी चीजें पड़ी है और शाम को लड़के वाले भी आ जाएंगे।”
वो अभी बोल ही रही थी तभी कोई उनके पीछे से आते हुए बीच में बोला_ सब हो जाएगा अब तो मानवी भी आ गई है तो टेंशन लेने की क्या ही बात है। यह मिस परफेक्ट सब कुछ परफेक्ट ही करेगी।
यह सुन मानवी अपने सामने तेजो को देखती है जो अपने हाथों में चाय की ट्रे लेकर खड़ी थी। वो चाय की ट्रे डाइनिंग टेबल पर रखती है। तभी मानवी उसके गले लग जाती है। तेजो वेद की वाइफ थी कपील और प्रज्ञा का बेटा।
तभी मानवी उससे अलग हो कर बोली_ विराट कहां है?
तेजो उसे देख बोली_ आज उनकी एक बोहोत इमोपोटेंट मीटिंग थी तो वो जल्दी चले गए।
मानवी एक गहरी सांस लेकर वापस चेयर पर बैठकर बोली_ ओके छोड़ो उसे वैसे माॅम बुआ और जैस्मीन तब तक आएंगे?
देविका उसे देख बोली_ दो घंटे में आ जाएंगे वो",
तभी एकम खड़ा होकर बोला_ हो गया मेरा ब्रेकफास्ट मैं रूम में जा रहा हूं। यह बोल वो वहां से चला जाता है।
To be continued...
वही दूसरी तरफ,
सिन्हा हाऊस,
सब हाॅल में बैठे हुए थे, तभी सभ्या नेहमत को देख बोली_ नेहमत तुम्हें याद है ना हमें शाम को जाना है?
नेहमत उन्हें देख हल्का सा मुस्कुरा कर बोली_ हां माॅम मुझे बिल्कुल याद है, और सब कुछ रेडी है। आप टेंशन मत लो मैं हूं ना",
यह सुन गुंजन मुस्कुरा कर उसे देख बोली_ हां तुम हो इसलिए को तभी कोई टेंशन नहीं है।
उनकी बात सुन नेहमत मुस्कुरा कर बोली_ चाची मैं इस घर की बड़ी बेटी हूं तो मुझे अपने फर्ज भी तो पूरे करने होगे ना। बड़ी बहन हूं इन दोनों को अब मुझे अपनी जिम्मेदारियां भी पूरी करनी होगी ना।
यह सुन नेहमत के डैड विनीत बोले_ देखा मोहित मेरी बेटी को तो अपनी जिम्मेदारी का एहसास बचपन से ही है, इसलिए तो मुझे सबसे ज्यादा प्यारी है यह।
उनकी बात मोहित उन्हें देख बोले_ हां भैया पता ही नहीं चला की हमारी यह छोटी सी नेहु कब बड़ी हो गई? और अब इतनी बड़ी हो चुकी है कि कुछ ही टाइम में उसकी शादी हो जाएगी।
यह सुन विनीत गहरी सांस लेकर बोले_ पता नहीं मैं इसकी शादी के बाद क्या करूंगा?
यह सब बातें करते हुए वहां का माहौल थोड़ा इमोशनल हो गया था। और यह देख नेहमत अपनी जगह से खड़ी हो विनीत के पास बैठ कर बोली_ नहीं पापा मुझे अभी कोई शादी नहीं करनी, मुझे भी अपना करियर बनाना है। और अपनी जिम्मेदारी भी तो पूरी करनी है ना आफ्टर ऑल मैं इस घर की बड़ी बेटी हूं। यह सुन सबके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
थोड़ी देर बाद नेहमत खड़ी कर बोली_ रोहन मुझे तुमसे कुछ बात करनी है चलोगे?
यह सुन रोहन खड़ा होकर बोला_ हां दी ओके चलो",
यह बोल वो नेहमत के पीछे चला जाता है। रूम में पोहचते ही नेहमत रोहन को बैठने का इशारा करती है, रोहन जाकर सोफे पर बैठ जाता है तभी नेहमत उसके पास बैठ कर बोली_ रोहन मुझे तुझसे कुछ पूछना है!
रोहन उसे देख बोला_ हां तो दी पुछिए ना आपको क्या पुछना है?
नेहमत एक गहरी सांस लेकर बोली_ तुम इसे शादी के लिए सच में पूरी तरह से तैयार हो?
यह सुन रोहन एकदम से शांत हो जाता है, तभी नेहमत फिर से बोली_ देखो रोहन तुम अभी सिर्फ 23 साल के हो और शादी ऊपर से बेबी it's not a Joke it's a big Responsibility और बात सिर्फ तुम्हारी नहीं उसकी भी है, वो भी अभी सिर्फ 22 की ही है।
रोहन उसे देख कुछ पल बाद बोला_ i know di शादी और बेबी कोई छोटी बात नहीं है बट मैं इससे पीछे नहीं हट सकता वो बेबी मेरा है। और मैं पीछे हटना भी नहीं चाहता हूं, मुझे पता है अभी मेरी और उसकी उम्र थोड़ी छोटी है इन सबके लिए, but di believe me I really love him। और मुझे और उसे हम दोनों को अपनी इस ग़लती का एहसास है और हम दोनों अपने इस फैसले को लेकर पूरी तरह से sure है।
यह सुन नेहमत कुछ पल उसके गाल पर रूक बोली_ ओके अगर तुम सचमुच उसके लिए रेडी हो तो, अच्छी बात है मैं बस यह चाहती हूं की तुम्हें कभी कोई प्राब्लम ना हो। तुम हमेशा खुश रहो और अगर तुम खुश हो वो खुश है तो मुझे कुछ नहीं चाहिए।
यह सुन रोहन मुस्कुरा उसके गले लग कर बोला_ i know di आपको मेरी बोहोत फिक्र है आप मुझसे बोहोत प्यार करते हो। बट सच में मैं बोहोत खुश हूं।
यह सुन नेहमत भी हल्का सा मुस्कुरा कर उसे हग बैक कर अपने मन में बोली_ भगवान जी प्लीज़ सब कुछ सही रखना कुछ भी गड़बड़ी नहीं होगी चाहिए, मैं अपने भाई की खुशियां के बीच कोई भी प्राब्लम नही चाहती। यह बोल वो अपनी आंखें बंद कर देती है।
to be continued...
शाम का वक्त,
रंधावा विला,
आज रंधावा विला में बोहोत शोर था। क्योंकी कपील और अखिल की छोटी बहन रागिनी की बेटी जैस्मिन की शादी की बात होने वाली थी। और लड़के वाले यही आने वाले थे। इसी वक्त जैस्मिन मानवी के रूम में ट्रेसिंग टेबल के सामने बैठी हुई थी और मानवी उससे रेडी कर रही थी। तभी जैस्मिन अचानक से बोली_ "छोड़ो ना दी ये मेकअप मुझे पसंद नहीं आ रहा मुझे बहुत अजीब सा फील हो रहा है।"
ये सुन मानवी कुछ पल रुक बोली_ "पर तुम्हें तो मेकअप बहुत पसंद था?"
जैस्मिन उसे देख बोली_ "हां दी पसंद था पर अब पसंद नहीं आ रहा है।"
मानवी एक गहरी सांस लेकर बोली_ "समझ गई तुम्हें यह सब प्रेगनेंसी की वजह से हो रहा है, मूड स्विंग्स हो रहे है ना?"
जैस्मिन कुछ पल रुक बोली_ "हां शायद" यह बोल अपना सर झुका लेती है।
तभी मानवी उसके सामने आ उसके पास रखे एक स्टूल पर बैठ कर उससे बोली_ "इट्स ओके कोई बात नहीं प्रेगनेंसी में यह सब होता रहता है। और तुम्हें गिल्ट फील करने की भी कोई जरूरत नहीं है, तुम दोनों को अपनी गलती का एहसास है, और तुमने वो गलती मान ली। इसलिए तो तुम अब शादी कर रहे हो ना?"
मानवी की बात सुन जैस्मिन तुंरत अपना सर उठा कर उसे देखते हैं, तभी मानवी हल्का सा मुस्कुरा कर बोली_ "पर बेटा एक बात आप अच्छे से सुनो, शादी और बच्चा को छोटी बात नहीं है वो बहुत बड़ी बात है। और आप किसी के घर शादी करके जाओगे तो उसी से घर की जिम्मेदारी अभी तो आपकी होगी ना?"
जैस्मिन जल्दी से बोली_ "i know दी मुझे पता है और मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगी, शादी की और उसे घर की जिम्मेदारियां निभाने की मैं अपनी तरफ से कभी कोई कामिनी छोडूंगी।"
मानवी उसके सर पर हाथ रख कर बोली_ "मुझे पता मेरी यह छोटी सी बहन बोहोत अच्छी है, और अपनी सारी जिम्मेदारियां भी बहुत अच्छे से पूरी करेगी। तो अब तुम्हें उदास होने की या कुछ भी फील करने की जरूरत नहीं है, तुम्हारी प्रेगनेंसी है और शादी भी होने वाली है तो इंजॉय करो..." उसकी बात सुन जैस्मिन मुस्कुरा देती है।
थोड़ी देर बाद
रंधावा विला के अंदर चार गाड़ी इंटर करती है। उन चार गाड़ियों में से सिन्हा फैमिली बाहर निकलती है, और सब अंदर जाते हैं वहीं दरवाजे पर सब लोगों उनके स्वागत के लिए खड़े थे। जैस्मिन के डैड प्रतीक उन्हें देख बोले_ "नमस्ते आपके आने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?"
विनीत मुस्कुरा कर बोले_ "नहीं बिल्कुल कोई दिक्कत नहीं हुई।" उसके बाद सब अंदर जाते हैं, और फिर बातें शुरू होती है। जैस्मिन भी वहीं बैठी हुई थी।
रोहन और जैस्मिन दोनों एक ही कॉलेज में थे, और वह दोनों एक दूसरे को 2 साल से डेट कर रहे थे, और अब जैस्मिन प्रेग्नेंट हो गई थी। जिसके बाद उन दोनों ने सब कुछ घर वालों को बता दिया था, क्योंक उन्हें अब शादी करनी थी।
सब लोग बातें कर ही रहे थे, तभी अचानक से नेहमत का फोन बजता है। नेहमत अपना फोन दिखती है, उसकी स्क्रीन पर ऑफिस फ्रेश हो रहा था। यह देख वो सबको "एक्सक्यूज़" कर वहां से बाहर चली जाती है। नेहमत एक फैशन डिजाइनर थी और वो मुंबई में जॉब करती थी, और अभी उसे अपने ऑफिस से एक बहुत इंपॉर्टेंट कॉल आया था।
नेहमत कॉल पर बात करते हुए गार्डन में पहुंचती है। थोड़ी देर बाद वो अपना कॉल कट कर वो जैसे ही मुड़ती है, तभी वो अचानक किसी से टकरा जाति है। पर वो गिरती उससे पहले ही सामने वाले इंसान ने उस पकड़ लिया था, वहीं नेहमत जिसने गिरने के डर से अपनी आँखें बंद कर रखी थी। वो धीरे से अपनी आँखें खोलती और आँखें खोलते ही
उसकी ब्राउन आइज किसी की चॉकलेटी आइस से जहां मिलती है।
वो उसकी आंखों में देख रहे थे, कुछ पल बाद नेहमत एकदम से होश में आकर धीरे से बोली_ "छोड़ो मुझे" उसके इतना कहते हैं एकम जिसने उसे पकड़ रखा था वो उस छोड़ देता है।
to be continued...
दिल्ली इंडिया,
नेहमत के कहने पर एकम उसे छोड़ देता है। और उसके छोड़ते नेहमत सीधे जमीन पे गिरती है और उसके मुंह से एक चीख निकल जाति है। और फिर वो एकम तो देख चिल्लाकर बोली_ "पागल हो क्या? ऐसे कौन छोड़ाता है?"
एकम एकदम बेफिक्र अंदाज में बोला_ "ऐसे कौन छोड़ाता है? क्या मतलब? तुमने बोला छोड़ो दिया..."
यह बोल वो नेहमत की तरफ अपना हाथ बढ़ाता है। नेहमत कुछ पल उसके हाथ तो देखती है, और फिर उसका हाथ थाम खड़ी हो जाती है।
और फिर उसे देख बोली_ "किसी को छोड़ने का मतलब यह नहीं होता कि छोड़ दो, अगर पकड़ कर रखा है तो सीधा खड़ा करो ना।"
उसकी बात सुन एकम उसकी तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए बोला_ "पर तुमने तो सीधा खड़ा करो यह नहीं तुमने कहा छोड़ दो, तो मैंने छोड़ दिया।"
नेहमत कुछ पल रुक कर बोली_ "पर वो तुम्हें खुद को समझना पड़ता है ना!"
तभी एकम उसे एकदम से अपने करीब खींच बीच में बोला_ "पर मुझे तो छोड़ने का मतलब छोड़ना ही समझ आता है और पकड़ने का मतलब पकड़ना..."
एकम की हाइट 6 फूट थी और नेहमत की 5.7 फूट उसने अपनी हिल्स पहनी हुई थी जिसकी वजह से वह एक ऐकम के बराबर आ रही थी।
तभी नेहमत उसे घुरते हुए धीरे से बोली_ "शेमलेस"
तभी एकम बीच में बोला_ "ऐसे किसी के घर पर आकर उसकी बेज्जती नहीं करते। बुरी बात होती है।"
नेहमत कुछ पल रुक बोली_ "मैं तो सच बोल रही हूं, अगर सच तुम्हें बेज्जती लगता है, तुम्हें कुछ नहीं कर सकती..."
एकम उसकी आंखों में देखते हुए वैसे ही बोला_ "कोई बात नहीं आज तक बस मुझे हैंडसम hoti यह कंपलीमेंट मिले थे, पर आज यह भी मिल गया वो भी आपके मुंह से।"
नेहमत उसकी आंखो में देखते हुए बोली_ "हां क्योंकि जिनके मुंह से तुमने यह सब सुना होगा ना वो भी तुम्हारी जैसी पागल ही होगी।"
उसकी बात सुन एकम हल्का सा मुस्कुरा कर बोला_ "मेरी जैसी पागल नहीं मेरे पीछे पागल है वो... और ध्यान रखना कहीं आप भी पागल हो जाओ मेरी तरह..."
नेहमत उसके कंधे पर अपना हाथ रख उसे खुद से दूर करते हुए बोली_ " ना तो मैं तुम्हारी तरह हूं ना तो मुझे तुम्हारी तरह बनने का कोई शौक है..."
तभी एकम हल्का सा उसके चेहरे के करीब आकर बोला_ "offcourse आपको बोहोत समझदार है और ब्यूटीफुल भी..." इतना बोल कर वो अपनी eye wink करता है।
तभी नेहमत बीच में बोली_ "तुमसे तो ज्यादा ही हूं" उसकी बात सुन एकम के होंठों पर एक हल्की सी मुस्कान आ जाती है, और वो बिना कुछ बोले उसे छोड़ देता है। और फिर उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगता हैं।
नेहमत ने अभी एक वाइट कलर का फुल स्लीव अनारकली पहना हुआ था और उसका दुपट्टा उसने अपने गले में दिया हुआ था। अपने बालों को उसने खुला छोड़ा हुआ था। और एक हाथ में सिल्वर चूड़ियां। मेकअप के नाम पे उसने आंखों में काजल और होठों पर रोज पिंक लिपस्टिक। बस इतना ही किया था उसने पर वो बोहोत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।
उसके छोड़ते ही नेहमत कुछ पल उसे देखती है, और फिर तुरंत वहां से चली जाती है।
वही एकम अभी भी वहीं खड़ा उसे देख रहा था, तभी उसके मुंह से अचानक धीरे से निकला_ "fairyfire" यह बोल वो हल्का सा मुस्कुरा देता है।
वहीं नेहमत जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचती है। एक गहरी सांस लेकर खुद से बोली_ "शांत नेहमत गुस्सा नहीं स्माइल अपने भाई के रिश्ते के लिए आई है ना यहां पर शांत"
यह बोल वो खुद को शांत स्माइल करती है, और फिर अंदर चली जाती है। वो वापस आकर अपनी जगह पर बैठ जाती है। अब तक वहां पर सारी बातें हो चुकी थी शादी को लेकर, और अब बस यही बात हो रही थी की कौन से फंक्शन कब करने है।
तभी प्रज्ञा खड़ी होकर अचानक से बोली_ "यह शादी होगी पर उसके लिए मेरी एक शर्त है।"
यह सुन सब लोग उसे कन्फ्यूजन से देखने लगते हैं, सभ्या कुछ पल रुक बोली_ "कौन सी शर्त? कैसे शर्तें?"
प्रज्ञा गहरी सांस लेकर बोली_ "मुझे अपने छोटे बेटे एकम के लिए आपकी बड़ी बेटी नेहमत का हाथ चाहिए, मैं उसको अपने घर की छोटी बहू बनाना चाहती हूं, नेहमत और एकम की शादी।"
यह सुनते ही सब लोग उसे हैरानी से देखने लगते हैं। वही नेहमत अपनी जगह पर फ्रीज हो चुकी थी। वहीं एकम जो घर के अंदर आ रहा था उसने भी एक बात सुन ली थी, और वो भी अपनी जगह पे फ्रीज हो चुका था।
to be continued...
अगला दिन,
सिन्हा हाऊस,
नेहमत अभी अपने रूम में बेड पर बैठी हुई थी और वो कुछ सोच रही थी। कभी सभ्या उसके रूम में आती है, उन्हें देख नेहमत बोली_ “क्या हुआ मॉम?”
सभ्या उसके रूम का दारवाजा बंद कर उसके पास आकर बेड पर बैठ उससे बोली_ “मुझे तुमसे एक बहुत इंपोर्टेंट बात करनी है।”
उसकी बात सुन नेहमत कुछ पल रूक बोली_ “हां मॉम बोलिए”
सभ्या उसे देख बोली_ “तुमने वो कल क्या किया? तुम्हें पता है तुमने अपनी लाइफ का कितना बड़ा डिसीजन लिया है?”
यह सुनते ही नेहमत तो कल रंधावा विला में जो हुआ वो सब याद आ जाता है।
कल जैसे ही प्रज्ञा ने एकम और नेहमत की शादी की बात कही सब उस हैरानी से देखने लगे। सभ्या खड़ी होकर कुछ बोलने वाली थी, तभी नेहमत खड़ी होकर अचानक से बोली_ “i am ready मैं आपके छोटे बेटे से शादी करने के लिए तैयार हूं।”
उसकी यह बात सुनते ही सब शॉक हो जाते हैं और उसे देखने लगते हैं। सभ्या विनीत की तरफ देखती है, तभी विनीत उससे आंखों से इशारा करते हैं। जिसका मतलब था वो बोल रहे थे कि “हमारी बेटी बहुत समझदार है उस पता है कि वो क्या कर रही है” उनका इशारा समझ सभ्या शांत हो जाति है।
तभी प्रज्ञा मुस्कुराकर बोली_ “अगर तुम तैयार हो शादी के लिए तो हम तुम्हारी और एकम की शादी भी जैस्मिन और रोहन के साथ ही कर देते हैं, एक ही टाइम पे दो शादी हो जायेगी।”
नेहमत कुछ पल रूक बोली_ “ओके” यह सुनते ही प्रज्ञा के होठों पे एक बहुत बड़ी मुस्कान आ जाती है। तभी सभ्या खड़ी हो कर बोली_ “पर इतनी जल्दी सारी तैयारी कैसे होगी? पहले एक शादी की तैयारी अब दो 20 दिन में सब कैसे होगा?”
प्रज्ञा उसे देख मुस्कुरा कर बोली_ “हो जाएंगी क्या बड़ी बात है, सब मिल कर लेंगे।”
यह सुन सभ्या आगे कुछ नहीं बोल पाई। तभी नेहमत अपनी नजर घुमा कर देखती है, और उसकी ब्राउन आइज सीधे एकम की चॉकलेट आइज़ सेे जा मिलती है। ऐकम जो कब से वही खड़ा सारी बातें सुन रहा था और उसने अपने हाथों की कस के मुट्ठी बनाई हुई थी। कुछ पल नेहमत की आंखों में देखने के बाद वो तुरंत वहां से चला जाता है। उसके जाते ही नेहमत एक गहरी सांस लेकर वापस सामने देखने लगती है।
नेहमत यह सब सोच रही थी तभी सभ्या उसके कंधे पर हाथ रख बोली_ “नेहमत बेटा तुम्हें पता है ना मेरे लिए मेरी दोनों बेटियां बहुत इंपॉर्टेंट हो। मैं तुम दोनों में से किसी को भी कोई भी प्रॉब्लम में नहीं देखना चाहती, मैं बस यह चाहती हूं तुम दोनों हमेशा खुश रहो।
यह सुन नेहमत उनका हाथ पकड़ हल्का सा मुस्कुरा कर बोली_ “मां आपको टेंशन लेने की बिलकुल जरुरत नहीं, और मुझे अच्छे से पता है आप मुझसे और हीर से कितना प्यार करते हो। और आपको अपनी बेटी पर पूरा यकीन है ना? कि वह कभी कोई गलत फैसला नहीं लगी?”
फिर कुछ पल रूक बोली_ “मैंने जो भी फैसला लिया है जो भी किया है बोहोत सोच समझ कर किया है। और मुझे अच्छे से पता है मैंने क्या किया है, और आप और पापा भी तो मेरी शादी करवाना ही चाहते थे ना? और मेरी शादी की उम्र भी हो चुकी है, मुझे वैसे भी कोई लड़का पसंद नहीं है तो होनी तो अरेंज मैरिज थी ना? तो बस यह भी अरेंज मैरिज ही प्रॉब्लम क्या है?
सभ्या एक गहरी सांस लेकर बोली_ “प्रॉब्लम यह है की तुम मुझे खुश नहीं दिख रही हो, जिस तरह लड़कीयां अपनी शादी में खुश होती है। तुम मुझे वैसे खुश नहीं देख रही हो...”
नेहमत बीच में ही बोली_ “मैं खुश हूं मां सच में मैं बहुत खुश हूं”
सभ्या उसकी आंखों में देखते हुए बोली_ “तो मुझे तुम्हारी आंखों में वो खुशी क्यों नहीं दिख रही?”
यह सुनने ही नेहमत कुछ पल के लिए रूक जाती है और फिर एकदम से मुस्कुरा कर बोली_ “आपको इसलिए नहीं दिख रही, क्योंकि आपको लग रहा है 20 दिन में आपकी बेटी आपसे दूर चली जाएगी। यह सोच रही हो ना? आप की शादी हो जाएगी और मैं आपसे दूर चली जाऊंगी? तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने वाला, हां मेरी शादी होगी पर मैं आपसे दूर नहीं होने वाली।”
यह सब सुन सभ्या एक गहरी सांस लेकर हल्का सा मुस्कुरा कर बोली_ “अगर तुम खुश हो तो मुझे भी कोई प्रॉब्लम नहीं है, मुझे तो बस तुम्हारी खुशी चाहिए फिर चाहे वो इसमें ही क्यों ना।” उसके बाद सुन नेहमत मुस्कुरा देती है।
To be continued...
वहीं दूसरी तरफ,
रंधावा विला,
सब लोग हाल में बैठे हुए थे, तभी कपिल अचानक से बोले_ “प्रज्ञा मैंने आपसे कल रात बात नहीं की पर मुझे अभी करनी है।”
यह सुन प्रज्ञा उन्हें देख बोली_ “कौन सी बात करनी है? क्या बात है?”
कपिल उसे देख बोले_ “कल आपने क्या हरकत की ऐसे बिना किसी को बताएं अचानक से एकम और नेहमत की शादी के बात।”
यह सुन प्रज्ञा कुछ पल रूक बोली_ “हां तो प्रॉब्लम क्या है उनकी शादी से? आपने देखा नहीं नेहमत कितनी सुलझी हुई समझदार और प्यारी बच्ची है। उसे देखकर ही लगता है की वो जिस भी घर में जिसकी भी जिंदगी मेें जाएगी खुशियां भर देगी...”
कपिल एक गहरी सांस लेकर बोले_ “प्रॉब्लम उनकी शादी से नहीं है, प्रॉब्लम यह है की यह बात इस तरह ऐसे अचानक करने की क्या जरूरत थी? अगर आपको एकम नेहमत की शादी करवानी थी तो हम बाद में भी तो आराम से भी बात कर सकते थे ना? और आपने को उनकी शादी जैस्मिन और रोहन की शादी के दिन ही...”
प्रज्ञा खड़ी होकर बोली_ “हां क्योंकि आपको पता है ना की पंडित जी ने क्या कहा है? यह मुहूर्त 10 साल में एक बार आता है, और इतने शुभ मुहूर्त पर अगर इन दोनों की भी शादी हो जाएगी तो कितनी अच्छी बात है। और जब शादी के लिए हां बोल ही दि है तो देर क्यों करना? और नेहमत ने भी तो हां बोली थी ना?”
कपिल कुछ पल रूक बोले_ “नेहमत ने हां बोल दी आपने उनकी हां सुन ली पर क्या? आपने एकम से बात की उससे पूछा? पूछना छोड़ो उसे बताया? की उसकी शादी आपने तय कर दी है?”
यह सुन प्रज्ञा एकदम से मुस्कुरा कर बोली_ “हां मैंने एकम से बात की और वो खुश है, उसने खुद बोला कि वो यह शादी करना चाहता है।”
यह सुनते ही सब शौक हो जाते हैं, तभी प्रज्ञा फिर से बोली_ “मैं कल गई थी उससे बात करने के लिए तभी उसने बोला कि वो रेडी है शादी के लिए।” यह बोल वो सारी बात बताने लगती है।
सबके जाने के बाद प्रज्ञा एकम के कमरे में जाती है। एकम का कमरा बहुत बड़ा था, पर वहां पर सारी चीज फैली हुई थी, क्योंकि एकम तो चीजे सही रखने की आदत नहीं थी। वो जो चीज एक जगह से लेता था दूसरी जगह पर फेंक देखा था।
प्रज्ञा अपनी नजरें चारों तरफ घुमाती है, पर उसे एकम कहीं नहीं दिखता वो उसे ढूंढते हुए बालकनी में जाती है, एकम वही बालकनी में खड़ा सामने देख रहा था। प्रज्ञा कुछ बोलने वाली थी तभी एकम अचानक से बोला_ “आप मुझे शादी के बारे में बताने आई है ना? कि आपने मेरी शादी यानी ऐकम रंधावा की शादी नेहमत सिन्हा के साथ तय कर दी।”
यह बोलते हुए वो मुड़ कर प्रज्ञा को देखता है। प्रज्ञा भी हैरानी से उसे ही देख रही थी, तभी एकम फिर से बोला_ “आपने शादी के लिए उससे पूछा उसने हां कर दी, और आपने शादी तय कर दी चलो हो गया सब। पर आपने मुझसे एक बार पूछा कि मुझे यह शादी करनी है या नहीं?”
प्रज्ञा कुछ पल रुक बोली_ “मैं तुमसे यह ही पूछने आई थी...” तभी एकम बीच में बोला_ “आप शादी के लड्डू खाने के बाद मुझे पूछने आई है कि मैं शादी के लड्डू बनवा दूं?”
यह सुन प्रज्ञा कुछ बोलने वाली थी, तभी एकम फिर से बोला_ “अगर मैं शादी के लिए ना कर दूं तो? कि मुझे शादी नहीं करनी है तो क्या? आप उनके घर जाकर यह रिश्ता कैंसिल करके आएंगी? यह शादी तोड़ देगी?”
यह सुनते ही प्रज्ञा एकदम उसकी आंखों में देखने लगती है। कुछ पल बाद वो एक गहरी सांस लेकर बोली_ “ठीक है अगर तुम्हें शादी नहीं करनी है, तो मैं कल ही उनके घर जाकर यह रिश्ता तोड़ दूंगी।” यह बोल वो मुड़कर वहां से जाने लगती है।
तभी एकम तेज आवाज में बोला_ “पर मैंने यह बोला क्या? कि मुझे शादी नहीं करनी? मैंने तो बस पूछा है की अगर मैं ना कर दूं तो आप कैंसल कर दूंगी क्या?”
यह सुनते ही प्रज्ञा एकदम से मुड़कर उसे कन्फ्यूजन से देखने लगती है। तभी एकम अचानक से बोला_ “मैं तैयार हूं नेहमत से शादी करने के लिए।”
यह सुनते ही प्रज्ञा हैरानी से उसे देखती हैं, और फिर एकदम उसके पास जा उसके गले लग बोली_ “तुम सच में तैयार हो शादी के लिए? मजाक तो नहीं कर रहे ना?”
यह सुन एकम वैसे ही बोला_ “माॅम मैं मजाक करता हूं, पर हर टाइम नहीं करता। मुझे अच्छे से पता है कब मजाक करना है कब नहीं। मैं सच में रेडी हूं इस शादी के लिए...”
उसकी बात सुनते ही प्रज्ञा के होंठों पर एक बड़ी सी मुस्कान आ जाती है, और वो जल्दी से बोली_ “थैंक यू थैंक यू सो मच तुम्हें नहीं पता तुमने मुझे कितनी बड़ी खुशी दे दी है, मैं बोहोत ज्यादा खुश हूं।” यह सुन ऐकम प्रज्ञा के सर पर किस करता है, थोड़ी देर बाद प्रज्ञा वहां से चली जाती है।
उसके जाते ही एकम वापस मुड़ चांद की तरफ देखते हुए बोला_ “i like it fairyfire मजा आएगा...” यह बोलते हुए उसके फेस पर एक तिरछी मुस्कान आ जाती है।
वही सब लोग यह बात सुन बोहोत ज्यादा शौक थे, उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। क्योंकि जब भी कोई उसे शादी के लिए बोलता तो वो साफ मना कर देता था। उसे शादी नहीं करनी है और अब ऐसे उसने अचानक हां बोल दी सब बहुत ज्यादा हैरान थे।
तभी प्रज्ञा बोली_ “अब कोई प्रॉब्लम नहीं है, उसने हां बोल दी और नेहमत की भी हां है। मैं बोहोत खुश हूं।” उसकी बात सुन सब अपना सर हां में हिला देते हैं।
To be continued...
*दिल्ली इंडिया*
*शाम का वक्त*
नेहमत इस वक्त एक कैफे में बैठी हुई थी। थोड़ी देर बाद वो फ्रस्ट्रेशन से बोली_ “क्या है इंसान को अपने टाइम की कदर ही नहीं है, चलो खुद की नहीं है पर दूसरों की को होनी चाहिए ना, मैं कब से यहां बैठी उसका इंतजार कर रही हूं, और वो पता नहीं कहा गायब है? अभी तक आया ही नहीं... ”
यह बोल वो खड़ी होकर मुड़ती है तभी वो अचानक से किसी से टकरा जाती है। वो गिरती उससे पहले ही वो सामने वाला इंसान उसका हाथ पकड़ लेता है, नेहमत अपने सामने एकम तो दिखती है। जिसने उसका हाथ पकड़ा हुआ था और वो थोड़ी सी पीछे की तरफ झुकी हुई थी।
तभी एकम अचानक से बोला_ “छोड़ दूं”
नेहमत जल्दी से बोली_ “बिल्कुल भी नहीं” यह सुनते ही एकम के फेस पर एक तिरछी मुस्कान आ जाती है। और वो झट से नेहमत को अपनी तरफ खींच लेता है, नेहमत सीधे उसकी सीने से टकरा जाती है और उसका दूसरा हाथ उसके के कंधे पर आ जाता है।
और उसका वो पहले हाथ की एकम ने अभी भी कसकर पकड़ हुआ था। नेहमत एक बार चारों तरफ देख धीरे से बोली_ “दूर हटो”
यह सुन एकम अपना दूसरा हाथ नेहमत की कमर पर रख बोला_ “ तुम्हें पता है? fairyfire जब कोई आपकी हेल्प करता है ना? तो उस थैंक यू बोलना चाहिए। और मैने तुम्हारी हेल्प की तुम्हें गिरने से बचाया तो तुम्हें नहीं लगता? की तुम्हें मुझे...”
इतना बोल वो अपनी बात बीच में छोड़ देता है, नेहमत एक बार अपनी चारों तरफ घुमा कर वापस उसे देख बोली_ “थैंक यू अब छोड़ो मुझे”
एकम उस पर अपनी पकड़ मजबूत कहते हुए बोला_ “मुझे थैंक यू बोल रही हो या धमकी दे रही हो? ऐसे कौन थैंक यू बोलता है, थोड़ा अच्छे से बोलो प्यार से सामने वाले को लगना भी तो चाहीए की थैंक यू बोल रही हो।”
यह सुन नेहमत अपनी आँखें बंद कर गहरी सांस लेकर अपनी आँखें वापस खोल जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली_ “थैंक यू, मेरी हेल्प करने के लिए, मुझे गिरने से बचाने के लिए, थैंक यू सो मच...”
यह सुन एकम हल्का सा मुस्कुरा कर बोला_ “नो नीड ये तो मेरा फर्ज था। अब अगर मैं तुम्हें नहीं बचाऊंगा तो कौन बचाएगा?”
यह सुन नेहमत उसे घुरने लगती है और अपने मन में बोली_ “ अगर थैंक यू चाहिए ही नहीं था, तो इतना नाटक क्यों किया कब से?”
फिर कुछ पल बाद वो एकम की आंखों में देखते हुए धीरे से बोली_ “ओके तो अब आप मुझे छोड़ने का कष्ट करेेंगे?”
एकम भी उसकी आंखों में देखते हुए वैसे ही बोला_ “छोड़ने का मन तो नहीं है पर चलो...” इतना बोल वो उसे छोड़ देता है। उससे दुर होते ही नेहमत चारों तरफ देखती है, उस कैफे में ज्यादा लोग नहीं थे पर जितने भी थे वो उन्हें ही देख रहे थे।
उन्हें देख नेहमत एक गहरी सांस लेती है और फिर वापस अपनी चेयर पर बैठ जाती है। एकम भी उसके सामने चेयर पर बैठ बोला_ “तुमने ऑर्डर नहीं किया अभी तक कुछ? नेहमत कुछ कहती उससे पहले ही एकम फिर से बोला_ “ओके चलो शायद तुम्हें भूख नहीं लगी होगी बट मुझे बोहोत भूख लगी है।”
यह बोल वो वेटर को बुलाता है, और फिर अपना ऑर्डर देने लगता है वही नेहमत चुपचाप उसे ही देख रही थी। तभी एकम अचानक उसके सामने चुटकी बजा कर बोला_ “तुम्हारा ऑर्डर” यह सुन नेहमत वेटर को देख हल्का सा मुस्कुरा कर बोली_ “वन कॉल्ड कॉफी”
वेटर उन दोनों का ऑर्डर लेने के बाद वहां से चला जाता है। उसके जाने के बाद नेहमत उसे देख बोली_ “क्या बात करनी थी? मिलने क्यों बुलाया?”
यह सुन एकम उसे देख कुछ पल रूक बोला_ “मेरी होने वाली बीवी हो तुम, और मुझे अपनी होने वाली बीवी से मिलने का मन कर रहा था।”
नेहमत सारकास्टिकली बोली_ “हां तुम्हें को जैसे अपनी होने वाली बीवी की बोहोत ज्यादा याद आ रही थी”
एकम उसकी ब्राउन आंखों में देखते हुए बोला_ “क्या पता सच में आ रही हो”
यह सुनते ही नेहमत के दिल की धड़कनें अचानक से शोर करने लगती है। तभी वेटर उनका ऑर्डर लेकर आता है, एकम ने अपने लिए ग्रिल्ड सेंडविच और फ्रेंच फ्राइस ऑर्डर किए थे। और नेहमत अपनी काॅल्ड काॅफी पी रही थी।
थोड़ी देर बाद एकम खाते हुए अचानक से बोला_ “by the way तुम्हें जो कुछ भी पुछना है मेरे बारे में पूछूं सकती हो!”
नेहमत कुछ सोचती हुए बोली_ “तुम्हें मेरे बारे में कुछ नहीं जानना?”
यह सुन एकम के फेस पर एक तिरछी मुस्कान आ जाति है और वो उसे देख बोला_ “क्या बताओगी तुम मुझे अपने बारे में? मुझे तो सब कुछ पहले से ही पता है। वो भी जो किसी को नहीं पता...”
नेहमत उसे कन्फ्यूजन से देखते हुए बोली_ “क्या मतलब?”
एकम हल्का सा मुस्कुरा कर बोला_ “मतलब ढूंढो को सही शायद मिल जाए, वैसे एकम रंधावा की बातें इतनी आसानी से किसी समझ नहीं आती”
नेहमत अपना मुंह बनाकर बोली_ “जब किसी को समझ ही नहीं आती तो ऐसी बातें करते क्यों हो?”
एकम उसी तरह से बोला_ “क्योंकि मुझे पसंद है ऐसी बातें करना जो किसी को समझना ना आए।”
उसकी बात सुन नेहमत मुंह बना कर बोली_ “whatever”
उसकी बात का एकम कोई जवाब नहीं देता और आराम से अपना सेंडविच खाने लगाता है। तभी अचानक से नेहमत का फोन बजता है, वो अपना फोन चेक करती है उसकी स्क्रीन पर "ईशान" फ्रेश हो रहा था।
यह देख नेहमत काॅल कट करने वाली थी, तभी एकम बोला_ “ऐसे अपने best friend का काॅल कट नहीं करते”
यह सुनते ही नेहमत झट से उसे देखने लगती है उसकी आंखों में सवाल थे, तभी एकम फिर से उसी तरह बोला_ “यह सोच रही हो मुझे कैसे पता की ईशान तुम्हारा बेस्ट फ्रेंड है? और अभी उसी का काॅल है यह कैसे पता?”
यह सुनते ही नेहमत हैरानी से उसे देखने लगती है, क्योंकि वो सच में यह सब सोच रही थी। तभी एकम उसकी आंखों में देख बोला_ “इतना भी ज्यादा हैरान होने की जरूरत नहीं है, बस इतना समझ लो होने वाली हो मेरी तो तुम्हारे बारे में मुझे सब कुछ पता होना ही था। इसलिए बोला था जो किसी को नहीं पता वो भी मुझे पता है!”
यह सब सुन नेहमत को समझ ही नहीं आ रहा था की वो बोले क्या?
तभी एकम खड़ा हो कर बोला_ “मेरा तो हो गया, और तुम्हें मुझसे कुछ पूछना नहीं है तो मैं जाता हूं। कुछ इमोपोटेंट काम है मुझे तो... वैसे एक काम को तुम्हें भी करना चाहिए”
यह सुन नेहमत उसे कम्फूजंन से देखती है। तभी एकम उसके पास आ उसके चेहरे पर झुक कर बोला_ “अपने बेस्ट फ्रेंड को अपनी शादी के बारे में बता दे ना, तुमने उसे अभी तक बताया नहीं ना की तुम्हारी शादी तय हो चुकी है...”
यह बोल वो कुछ पल रूक फिर बोला_ “वो भी एकम रंधावा के साथ, fairyfire” यह बोल वो कुछ पल अपनी Chocolate आइज़ से नेहमत की ब्राउन आइज में देखता है।
और फिर उसकी नज़र नेहमत के होंठों पर जाती है, और वो उन्हें देखन लगता है। कुछ पल बाद वो हल्के से झुक कर उसके के होंठों पर हल्की सी किस कर बिना कुछ बोले वहां से चला जाता है। यह सब इतना जल्दी होता है की नेहमत को कुछ समझ ही नहीं आता । वो बस उसे हैरानी से जाते देख रही थी, कुछ पल वो अपनी होंठों को हल्के से छू कर धीरे से बोली_ “यह मेरी पहले किस लें गया...”
To be continued...
रात का वक्त,
नेहमत अभी अपने बेड पर बैठी हुई थी, और उसके सामने उसका लैपटॉप खुला हुआ था और लैपटॉप पर वो ईशान से वीडियो कॉल पे बात कर रही थी।
एकम ने जो भी बोला था वो सब सच था! ईशान और नेहमत बचपन से एक दूसरे के बेस्ट फ्रेंड थे। वो दोनों बचपन से साथ रहे थे, और ईशान नेहमत का इकलौता दोस्त था उसके अलावा नेहमत का कोई दूसरा दोस्त नहीं थी। उसने कभी कोशिश ही की थी क्योंकि उसे कभी कोई इंट्रेस्ट था ही नहीं न्यू फ्रेंड्स बनाने में। उन्होंने अपना स्कूल, कॉलेज साल ही किया था। और वो दोनों अब ऑफिस में भी एक साथ ही थे, और पिछले 3 साल से जब से वो मुंबई में जॉब कर रही थी, और उन दोनों का अपार्टमेंट भी एक दूसरे के आस पास ही है।
नेहमत अचानक से बोली_ “अब कुछ बोल भी दे ऐसे चुप क्यूं हो गया?
ये सुन ईशान एकदम से बोला_ “क्या बोलूं? तु वहां अपने भाई की शादी कराने गई थी और खुद शादी कर रही है? और मुझे बताया भी क्यूं ही बताएगी अब तो?
ये सुन नेहमत धीरे से बोली_ “नहीं यार ऐसी बात नहीं है! मुझे टाइम ही नहीं मिला, कैसे बताती 19 दिन बाद शादी है। और कल रात को ही तो शादी तय हुई है, और आज बता रही हूं! इससे ज्यादा क्या जल्दी बताती?”
यह सुन ईशान कुछ पल रूक बोला_ “वो सब मुझे नहीं पता? पर...”
इतना बोल वो रूक जाता है तभी नेहमत कम्फूजंन से बोली_ “पर... पर क्या?”
ईशान एक गहरी सांस लेकर बोला_ “पर कुछ नहीं, मैं आ रहा दो दिन वहां फिर आकर तुझसे बात करता हूं।”
नेहमत जल्दी से बोली_ “इतनी जल्दी आने की क्या जरूरत है? शादी की रस्मों से पहले आ जाना!”
यह सुनते ही ईशान उसे घुरते हुए बोला_ “तुझे मेरे वहां आने से प्राब्लम है?”
नेहमत अपनी आंखें बड़ी करते हुए बोली_ “क्या बोल रहा है? मुझे क्यूं प्राब्लम होगी तेरे आने से?
ईशान उसे उसी तरह घुरते हुए बोला_ “जिसे तरह का तेरा रियक्शन था ना! उससे साफ पता चल रहा था की तुझे मेरे वहां आने से बोहोत बड़ी प्राब्लम है!”
यह सुन नेहमत झट से बोली_ “गलती से निकल गया प्लीज सीरियस मत लेना, और अब ओर नाराज मत हो”
ईशान कुछ पल रूक बोला_ “मेरे सीरियस लेने ना लेना से क्या फर्क पड़ता है? तुम्हें जो बोलना था वो तो बोल दिया”
यह सुन नेहमत हैरानी से उसे देखते हुए बोली_ “पागल हो गया है क्या? कुछ भी बोल रहा है। बस ऐसे ही मेरे मुंह से निकल... अच्छा चल तु यह सब छोड़, तु दो दिन में आ रहा है ना! एक बार आ जा फिर अच्छे से बात करते हैं”
ईशान कुछ पल बाद बोला_ “ओके बाय” इतना बोल वो काॅल कट कर देता है।
काॅल कट होने के बाद नेहमत अपने सर पर हाथ रख खुद से बोली_ “भगवान जी क्या करूं मैं इस लड़के का? एक को हर बात पर नाराज़ हो जाता है, मेरी कोई भी बात समझने को तैयार ही नहीं है! अब तो जब यहां पर आएगा तभी अच्छे से बात होगी उससे।”
यह बोल वो सिर हिला कर लैपटॉप बंद कर नाइट स्टैंड पर रख देती है। और फिर बेड पर लेट जाती है, तभी अचानक उसका फोन बजता है, नेहमत अपना फोन उठा कर देखती है। उस unknown नंबर से फोन आ रहा था। यह देख वो कुछ पल रूक कन्फ्यूजन से फोन देख बोली_ “इस टाइम को काॅल कर रहा है?”
यह बोल वो काॅल पिक करती है, काॅल पिक कर बोली_ “हेलो कौन?”
दूसरी तरफ से आवाज आई_ “तुम्हारा होने वाला पति”
ये सुनते ही नेहमत की आँखें एकदम से बड़ी हो जाति है और वो झट से उठ कर बैठ जाति है। और अपना फोन अपने कान से हटा सामने कर नंबर देखती है, और फिर वापस फोन कान पर लगाकर बोली_ “तुम्हें मेरा नंबर कहाँ से मिला?”
यह सुनते ही एकम के फेस पर एक तिरछी मुस्कान आ जाती है और वो बोला_ “अब अगर अपनी होने वाली बीवी का नंबर मेरे पास नहीं होगा तो, यह तो ग़लत बात है ना fairyfire”
यह सुन नेहमत बोली_ “बट तुम्हें मेरा नंबर मिला कहां से?”
एकम अपनी आई रोल करते हुए बोला_ “तुमने को दिया नहीं मुझे अपना नंबर, पर तुम्हें सच में लगता है की तुम्हारा नंबर निकालना मेरे लिए मुश्किल है?
यह सुन नेहमत सारकास्टिकली बोली_ “नहीं नहीं अगर तुम चाहो तो हमारे देश के PM लिए नंबर भी चुटकीयां में मिल जाए...”
एकम बीच में ही बोला_ “मुझे PM में कोई इंटरेस्ट नहीं है! मुझे तो बस अपनी होने वाली बीवी में इंटरेस्ट है।”
नेहमत जल्दी से बोली_ “क्या मतलब? कौन सा इंटरेस्ट?”
ये सुनते ही एकम के फेस पर एक शरारती मुस्कान आ जाती है, और वो कुछ पल रूक बोला_ “क्या हुआ? होने वाली बीवी तुम्हारी दिमाग में कुछ गंदा आ गया?
यह सुनते ही नेहमत एकदम से रूक जाति है, और अपना गला साफ करते हुए बोली_ “क्या मतलब गंदा? कुछ भी गंदा नहीं आया!
यह सुन एकम अपने बेड पर उल्टा लेटते हुए बोला_ “सच बोल रही हो कुछ भी नहीं आया?”
नेहमत धीरे से बोली_ “मैं तुमसे झूठ क्यों बोलूंगी? कुछ भी नहीं आया और वैसे भी मेरा दिमाग तुम्हारे जैसा गंदा नहीं है।”
यह सुनते ही एकम एकदम से खड़ा होकर बोला_ “क्या मतलब? तुम्हारे जैसा गंदा नहीं है? तुम्हें लगता है की मेरा मैं दिमाग गंदा है?”
यह सुन नेहमत कुछ बोलती तभी एकम फिर से बोला_ “ओके चलो मान लेते है, तुम्हारी बात की मेरा दिमाग गंदा है तो! यह भी बता दो किस मामले में गंदा है?”
यह सुन नेहमत तो अब समझ नहीं आ रहा था की वो बोले क्या? तभी वो कुछ पल रूक बोली_ “मैने यह नहीं बोला की तुम्हारा दिमाग गंदा है! वो तो बस गलती से मतलब... मैं यह नहीं बोल रही थी, ये बोल रही थी की मुझे नहीं पता क्या बोल रही थी। मैं कुछ भी नहीं बोल रही थी। और अब मुझे नींद आ रही है, अगर तुम्हें नहीं आ रही तो किसी और को परेशान करो, पर मुझे बोहोत आ रही है। गुड नाइट!”
ये बोल नेहमत कॉल कट कर देती है। वही एकम अपना फोन कान से हटाकर हंसने लगता है, उस नेहमत की बातें सुन बोहोत हंसी आ रही थी। और वो नेहमत को यह सब बातें बोलते हुए इमेजिन कर रहा था की वो इस वक्त कितनी क्यूट लग रही होगी! वहीं दूसरी तरफ नेहमत कॉल कट कर खुद से बोली_ “मैं भी पागल हूं पता नहीं क्या-क्या बोल रही थी? मुझे कुछ भी नहीं करना अब मैं बस सो रही हूं!” यह बोल वो अपना फोन साइड में रख लाइट बंद कर अपने ऊपर ब्लैंकेट खिंच उसके अंदर घुस जाती है।
to be continued...
*अगला दिन*
नेहमत रेडी होकर नीचे आती है, जैसे ही वो नीचे आती है अपने सामने देखती तो हैरान रह जाती है। इस वक्त उसके सामने सोफे पर एकम बैठा हुआ था, उसे देख नेहमत बोली_ “तुम इस वक्त क्या कर रहे हो?”
यह सुनते ही ऐकम की नजर नेहमत की तरफ चली गई, और वो उसे एक तक देखने लगता है। उसे यूं खुद की तरफ देखता देख बोली_ “व्हाट ऐसे क्या देख रहे हो?” यह बोल वो खुद एक बार खुद को ऊपर से नीचे तक देखी है।
उसने इस वक्त एक पंडा वाली ओवर साइज टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसके नीचे उसने अपने शॉट पहने हुए थे। और उसने अपने बालों का मैसी बन बनाया हुआ था। वैसे तो नेहमत फैशन डिजाइनर थी पर वो ज्यादातर इंडियन ही पहनती थी, क्योंकि उसे इंडियन ज्यादा पसंद था, पर इसका मतलब यह नहीं है कि वो वेस्टर्न नहीं पहनती हैं, वो पहनती थी जहां उसे पहनना चाहिए।
पर जब वो घर पर रहती थी तब उसे अपने कंफर्ट जोन में रहना ही पसंद है। वो हमेशा उस तरह के भारी-भरकम कपड़े पहन के नहीं रह सकती थी। और नेहमत अब तक एकम से दो बार मिल चुकी थी और उसने दोनों बार इंडियन ही पहना था।
थोड़ी देर बाद एकम खड़ा होकर उसकी तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए बोला_ “मैं तो बस अपनी होने वाली बीवी से मिलने आया हूं।”
उसकी बात सुन नेहमत कुछ बोलने वाली थी तभी सभ्या वहां कर उससे बोली_ “नेहमत आ गई तुम जाओ एकम के लिए कॉफी बना दो”
यह सुनते ही नेहमत उसकी तरफ देखने लगती है, तभी सभ्या फिर से बोली_ “क्या हुआ? जाओ कॉफी बना दो”
यह सुन नेहमत एक नजर एकम तो देख बिना कुछ बोले किचन में चली जाती है,
नेहमत अभी किचन में पहुंच कॉफी बना ही रही थी, इस वक्त वहां पर कोई नहीं था सब बाहर काम कर रहे थे। तभी एकम वहां पर आता है, उसे देख नेहमत बोली_ “मैं ला तो रही हूं तुम्हारी काफी तुम यहां पर क्या कर रहे हो?”
एकम वही स्लैब से टिक कर नेहमत तो देखते हुए बोला_ “मेरी मर्जी मेरी होने वाली बीवी मेरे लिए कॉफी बना रही है तो मैं बस उसकी हेल्प करने आया था।”
यह सुनते ही नेहमत तो एकदम से हंसी आ जाती है और वो हंसते हुए उसे देख बोली_ “सीरियस तुम मेरी हेल्प करोगे? कभी तुमने पानी का गिलास भी खुद से उठा कर लिया है?’
उसकी बात का एकम कोई जवाब नहीं देता क्योंकि उसका ध्यान तो अभी कहीं और ही था, और वो थी नेहमत की हंसी नेहमत पहली बार इस तरह से एकम के सामने हंस रही थी। और वो उसे इस वक्त इतनी ज्यादा प्यारी लग रही थी कि उसकी नजर हट ही नहीं रही थी।
तभी नेहमत एकदम से चुप हो जाती है, और उसे देख धीरे से बोली_ “क्या हुआ? ऐसे क्या देख...”
वो अभी बोल ही रही थी तभी एकम अचानक से बोला_ “your smile is so beautiful fairyfire”
यह सुनते ही नेहमत एकदम से उसकी आंखों में देखने लगती है, तभी एकम अपने कदम धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगता है, वही नेहमत भी उसे अपनी तरफ बढ़ता देख अनजाने में ही अपने कदम पीछे लेने लगती है।
थोड़ी देर बाद नेहमत फ्रीज से टिकरा जाती है, और अब तक एकम भी उसके पास आ चुका था उसने अपने दोनों हाथ नेहमत के दोनों साइड फ्रीज पर रखे। और अब नेहमत पूरी तरह से फ्रीज और एकम के बीच में थी।
एकम बोहोत गौर से उसकी ब्राउन आइज में देख रहा था, तभी नेहमत हकलाते हुए बोली_ “यह तु.. तुम क्या.. क.. कर रहे.. हो?.”
यह सुन एकम हल्का सा उसके चेहरे पर झुक बोला_ “i don't know”
यह सुन नेहमत उसे देख कम्फूजंन से बोली_ “क्या मतलब?” फिर कुछ पल बाद बोली_ “ओके छोड़ो अभी दूर हटो”
एकम उसी तरह उसे देखते हुए बोला_ “क्यू़ं हटूं”
यह सुन नेहमत कुछ पल रूक धीरे से बोली_ “क्यूं हटूं क्या? हटो क्योंकि मैं बोल रही हूं”
एकम कुछ पल रूक बोला_ “ओके अब अपनी होने वाली बीवी की बात कैसे पालूं”
नेहमत बीच में बोली_ “what पालूं?” इतना बोल फिर कुछ सोच बोली_ “you mean टालू?”
एकम कुछ पल रूक बोला_ “हां मतलब अपनी होने वाली बीवी की बात कैसे टालू?”
तभी नेहमत उसे देख बोली_ “ओके हटो अब मुझे जाने दो”
एकम हल्का सा मुस्कुरा कर बोला_ “ऐसे कैसे हट जाऊं? पहले तुम मुझे यह बताओ कि तुमने कल मेरा कॉल क्यों कट किया?”
यह सुनते ही नेहमत एकदम से शांत हो जाती फिर वो कुछ पल बाद बोली_ “क्या मतलब कॉल क्यों कट किया? मुझे नींद आ रही थी तो मैंने कॉल कट कर दिया!”
एकम वैसे ही फिर से बोला_ “ओके वैसे कल तुम कुछ बोल रही थी ना काॅल पर? कि मेरा तुम्हारा दिमाग तुम्हारे दिमाग जैसा गंदा... मतलब वैसे ही कुछ समथिंग समथिंग!”
यह सुनते ही नेहमत जल्दी से बोली_ “तुम्हें वो सब सीरियस लेने की कोई जरूरत नहीं है, वो तो बस गलती से निकल गया था। और वैसे भी तुम्हारी होने वाली बीवी ने अगर कुछ बोल भी दिया तो...” इतना बोलते ही वो रुक जाती है और कसकर अपनी आंखें बंद कर देती है। उसे अब एहसास हो रहा था कि वो जल्दी-जल्दी में क्या बोल गई।
वही एकम के फेस पर एक तिरछी मुस्कान आ जाती है, कुछ पल बाद एकम बोला_ “ओपन योर आइज fairyfire” यह सुन नेहमत धीरे से अपनी आँखें खोलती है।
तभी एकम नेहमत के बालों की कुछ लटे जो उसके चेहरे पे आ रही थी, उन्हें उसके कान के पीछे करते हुए बोला_ “इसका मतलब तुम मानती हो तुम मेरी होने वाली बीवी हो?”
यह सुन नेहमत कुछ पल रुक धीरे से बोली_ “मैने मना कब किया था? सबसे पहले शादी के लिए हां मैंने ही कहां था।”
यह सुन एकम हल्का सा मुस्कुरा के बोला_ “वो तो मुझे बोहोत अच्छे से याद है”
इतना बोल एकम एकदम से पीछे हट जाता है, नेहमत उसे कन्फ्यूजन से देखने लगती है, वो कुछ बोलने वाली थी तभी उसकी नजर साइड में जाती है। जहां से सभ्या और कोमल आ रहे थे।
उन देख नेहमत जल्दी से स्लैब के पास आती है, तभी वो दोनों उनके पास आकर बोली_ “क्या कर रही हो? नेहमत बेटा अभी तक कॉफी नहीं बनी?”
नेहमत जल्दी से बोली_ “नहीं मां कॉफी तो बन गई” यह बोल वो जल्दी से कॉफी का मग एकम के हाथों में पकड़ा देती है। तभी सभ्या उसे देख मुस्कुराकर बोली_ “ओके” यह बोल वो वहां से चली जाती है। उनके जाने के बाद नेहमत एक गहरी सांस लेकर एकम को देखती है जो स्लैब से टिक कर खड़ा आराम से अपनी काॅफी पीते हुए मुस्कुरा कर उसे ही देख रहा था।
उसे कुछ पल देख नेहमत किचन से बाहर जाने लगती है तभी एकम अचानक से बोला_ “वैसे होने बीवी तुम काॅफी बोहोत अच्छी बनाती हो” यह बोल वो वहीं स्लैब पर बैठ आराम से अपनी काॅफी एंजॉय करने लगता है।
इधर उसकी बात सुन नेहमत रूक जाती है, पर फिर भी वो वापस मुड़ कर एकम को नहीं देखती पर उसकी बात सुन उसके फेस पर अनजाने में ही एक स्माइल आ जाती है, जो शायद उसे खुद भी नहीं पता थी।
अपने काॅफी खत्म करने के बाद एकम अपने फोन पर टाइप करते हुए किचन से बाहर आता है, तभी वो अचानक किसी से टकरा जाता है, एकम अपना सर उठा नेहमत को देखता है जो खुद उसे देख रही थी। नेहमत उसे देख बोली_ “तुम अभी तक यही हो गए नहीं?”
एकम अपना फोन अपनी पोट्रेट में रखते हुए बोला_ “तुम मुझे देखने आई थी fairyfire, कि कहीं मेरे होने वाले पति को कोई प्राब्लम को नहीं है?”
यह सुन नेहमत उसे देख बोली_ “ऐसा कुछ भी नहीं है, मैं यहां बस इसलिए आई थी क्योंकि मां ने मुझे बोला था तुम कुछ चाहिए तो नहीं मैं चेक कर लूं, और अगर जा रहे हो तो बाहर तक छोड़ दूं।”
एकम मुस्कुरा कर बोला_ “देखा मेरी सासूं मां को इनकी बेटी से ज्यादा दामाद की चिंता है!”
यह सुन नेहमत अपना मुंह बना कर बोली_ “ऐसा कुछ भी नहीं है। वो तो इस घर के बड़े दामाद बनने वाले हो इसलिए।”
यह एकम उसे देख धीरे से बोला_ “ofcourse अब मैं उनके घर की बड़ी बेटी का होने वाला पति जो हूं।”
यह सुन नेहमत अपनी आई रोल कर बोली_ “तुम जा रहे थे ना!”
एकम हल्का सा उसके चेहरे पर चुकी मुस्कुरा कर बोला_ “तुम बोलो तो मैं सारा दिन यहां रहे सकता हूं”
नेहमत जल्दी से बोली_ “कोई जरूरत नहीं है इतनी मेहरबानी करने की”
उसकी बात सुन एकम कुछ बोलने वाला था तभी अचानक से उसका फोन बचता है। एकम नेहमत से थोड़ा दुर होकर अपना फोन पॉकेट से निकालता उसकी स्क्रीन पर "माॅम" फैश हो रहा था। यह देख एकम फोन पिक करता है और एक नजर नेहमत को देख वहां से बाहार चला जाता है। नेहमत भी उसके पीछे चली जाती है।
अपनी कार के पास पहुंच एकम काॅल कट कर वापस नेहमत की तरफ मुड़ मुस्कुरा कर बोला_ “ok fairyfire bye” यह बोल वो झुक कर झट से नेहमत के गाल पर किस कर अपनी कार में बैठ जाता है।
वही नेहमत की आंखों बड़ी हो जाती है और वो अपने गाल पर हाथ रख एकम को देखने लगती है। तभी एकम उसकी तरफ देख अपनी eye wink करता है और कार स्टार्ट कर वहां से चला जाता है।
वही नेहमत अभी अपने गाल पर रख हैरानी से उसी तरफ देख रही थी। कुछ पल बाद नेहमत अंदर जाने के लिए जैसे ही मुड़ी उसकी नजर रोहन और हीर की तरफ चली जाती है। जो उसे ही मुस्कुराते हुए देख रहे थे, उन्हें ऐसे मुस्कुराते देख नेहमत बोली_ “what ऐसे क्या देख रहे हो?”
उसकी बात सुन हीर वैसे ही मुस्कुराते उससे बोली_ “कुछ नहीं हम तो बस वो ही देख रहे थे जो हो रहा था...”
नेहमत कुछ पल रूक बोली_ “कुछ भी नहीं हो रहा था, अपना दिमाग चलाना बंद करो” यह बोल वो बिना आगे कुछ सुने तुंरत वहां से अंदर अपने रूम में चली जाती है।
उसके जाने के बाद हीर अपने पर नेहमत और एकम की फोटो देखती है और फोटो हीर ने तब लिए थी जब एकम नेहमत को किस कर रहा था। उस फोटो को देख रोहन उससे बोला_ “यह कब लि तुमने?”
हीर मुस्कुरा कर बोली_ “जब उन दोनों का ध्यान एक दूसरे पर था।” तभी रोहन उसके सर पर एक टपली मार कर बोला_ “ऐसे किसी के फोटो बिना बताए नहीं खींचते गड़ी”
यह सुन हीर अपना सर सहलाते हुए मुंह बना कर बोली_ “एक बात को गड़ी नहीं हूं मैं और वैसे कितने प्यारे लगते हैं ना यह दोनों एक साथ... Hayeeeeee किसी की नजर ना लगे।”
उसकी बात सुन रोहन अपना सिर हिला देता है। वहीं हीर वापस मुस्कुरा कर उसे फोटो को देखने लगती है। तभी उसके दिमाग में कुछ आता है और वो वो फोटो किसी को send कर देती है।
वही एकम जो कार ड्राइव कर रहा था अचानक उसके फोन पर एक नोटिफिकेशन आती है, वो अपना फोन चेक करता है। उसे हीर ने नेहमत और उसके वो किस वाली फोटो भेजी थी। उस फोटो को देख एकम एक फेस पर एक स्माइल आ जाती है। कुछ पल वो अपना साइड में वापस ड्राइव पर ध्यान देने लगता है।
to be continued...
*दिल्ली इंडिया*
*रात का वक्त*
सब लोग सो रहे थे रोहन भी अपने कमरे में आराम से सो रहा था। तभी अचानक उसका फोन बजता है, रोहन नींद में ही काॅल पिक कर बोला_ “हेलो कौन”
दूसरी तरफ से आवाज आई_ “तुम्हारे होने वाले बच्चे की मां”
यह सुनते ही रोहन की नींद एकदम से उड़ जाती है, और वो झट से उठ कर बोला_ “what” यह बोल वो अपने फोन की स्क्रीन देखता है, जिस पर "जैस्मीन" का नाम फैश हो रहा था।
यह देख वो फोन वापस अपने कान पर लगा कर उससे बोला_ “तुम इस टाइम फोन क्यों कर रही हो? क्या हुआ सब ठीक तो है ना? तुम्हें कुछ प्राब्लम हो रही है? कहीं दर्द हो रहा है क्या? कहीं तुम्हें...”
वो यह सब बोल रहा था तभी जैस्मीन बीच में बोली_ “तुम चुप रहोगे तो बोलूंगी ना, तुम तो चुप ही नहीं हो रहे। मैं कैसे बोलूं?”
उसकी बात सुन रोहन एकदम से चुप हो जाता है, फिर कुछ पल बाद धीरे से बोला_ “ओके अब बोलो नहीं बोल रहा”
यह सुन जैस्मीन एक गहरी सांस लेकर बोली_ “मुझे चाट खानी है”
यह सुनते ही रोहन जो अब तक टेंशन में था, वहां जल्दी से बोला_ “what चाट खानी है! ये पूछने के लिए फोन किया है?”
तभी जैस्मिन जल्दी से बोली_ “पूछने के लिए नहीं बताने के लिए फोन किया है कि मुझे चाट की कैविंग हो रही है। और यहां सब लोग सो रहे हैं और मॉम डैड तो मुझसे वैसे भी थोड़े से नाराज हैं, तो मैं उनको उठा नहीं सकती। तो तुम मेरे लिए चाट ले आओ वो भी घर की मुझे बाहार की नहीं घर की चाट खानी है।”
यह सुनते ही रोहन टाइम की तरफ देखता है, अभी रात के दो बज रहे थे, यह देख वो बोला_ “तुमने टाइम देखा है इस टाइम मैं तुम्हें कहां से घर की चाट ला कर दूं? तुम अभी सो जा कल सुबह ला दूंगा”
यह सुन जैस्मिन जिंद करते हुए बोली_ “वो सब मुझे नहीं पता? कि कहां से लाओगे कहां से नहीं! मुझे बस चाट खानी है मतलब खानी है। मुझे कैविंग हो रही है और बिना खाये मुझे नींद नहीं आएगी और अगर मैं नहीं सोऊंगी तो मैं तुम्हें भी नहीं सोने दूंगी!”
रोहन हैरानी से बोला_ “क्या मतलब तुम मुझे भी नहीं सोने दोगी? जैस्मिन रात के 2 बज रहे है और मुझे बहुत तेज नींद आ रही है। वैसे भी आज मैं पूरा दिन ऑफिस में था तो थक गया हूं।”
यह सुन जैस्मिन कुछ पल रुक बोली_ “मुझे पता ही था सबके पति ना शादी के बाद बदलते हैं, पर तुम तो शादी से पहले ही बदल गए। जैसे ही शादी फिक्स हुई तुमने तो अपने रंग ही चेंज कर दिए। आज से पहले तो तुमने कभी नहीं बोला था, क्या टाइम हुआ है, मैं थक गया हूं, और अब तुम्हें अपनी थकान दिख रही है? मेरी नींद के आगे तुम्हें अपनी नींद की पड़ी है? देख लिया कि सब सच ही बोलते हैं लड़के बदल जाते हैं!”
यह सब सुन रोहन हैरानी से बोला_ “क्या बोल हो खुद को भी पता चल रहा है? तुम ना अभी भी नींद में हो इसलिए यह कुछ भी बोले जा रही हो! तो तुम ना जाकर सो जाओ और मुझे भी सोने दो।”
जैस्मीन कुछ पल रूक बोली_ “ठीक है तुम्हें मेरी चाट नहीं लानी ना? कोई बात नहीं अब तुम मुझसे बात भी नहीं करोगे। और शादी अगर तुम अभी के अभी मेरे लिए चाट लेकर नहीं आए ना! तो मैं शादी तोड़ दूंगी, मैं तुमसे शादी नहीं करूंगी!”
यह सुनते ही रोहन बेड पर से झट से खड़ा होकर बोला_ “पागल हो गई हो क्या? कुछ भी बोले जा रही हो! शादी तोड़ दूंगी यह तोड़ दूं वो तोड़ दूंगी, सोच कर तो बोलो”
जैस्मीन जल्दी से बोली_ “मुझे कुछ नहीं सोचना वो सब तुम सोचो वैसे भी प्रेग्नेंट तो तुमने ही किया है।”
रोहन अपनी आंखें हैरानी से बड़ी करते हुए बोला_ “मैंने किया है तो अकेले थोड़ी किया है? और ज़बरदस्ती थोड़ी किया है? और वैसे भी वो तो bye change हुआ है।”
जैस्मीन बीच में बोली_ “पर हुआ तो सही ना? तो अब मैं अकेली क्यों झेलूं मेरे अकेले का थोड़ी है? और सबके शादी के बाद होता है हमने शादी से पहले कर लिया!”
रोहन जल्दी से बोला_ “हां तो क्या फर्क पड़ता है? शादी तो हो रही है ना”
जैस्मिन झट से बोली_ “पर हुआ तो शादी से पहले ना! और यह हुआ इसलिए हम जल्दी शादी कर रहे है? और किसका बच्चा शादी के छः सात महीनों में हो जाता है?”
रोहन बिना एक पल गंवाए बोला_ “हमारा”
ये सुन जैस्मिन इरिटेट होकर बोली_ “मुझे ना तुम अपनी बातों में फंसाने की कोशिश मत करो। मुझे अभी के अभी चाट खानी है, तुम लेकर आओ वरना मैं बोल रही हूं, अगर चाट लेकर नहीं आओगे तुम तो मैं तुमसे शादी भी नहीं करुंगी मना कर दूंगी मैं शादी से।
ये बोल वो रोहन को बिना कुछ बोलने का मौका दिए कॉल कट कर देती है। वही काॅल कट होते ही रोहन अपने सर पर हाथ रख बोला_ “यह क्या मतलब चाट नहीं तो शादी नहीं अब इसे मनाना पड़ेगा।” यह बोल वो अपने रूम से बाहर चला जाता है।
थोड़ी देर बाद रोहन नेहमत के कमरे के बाहर पोहोचता है और उसके रूम का गेट नोक करता है। नोक की आवाज सुन नेहमत अपनी आंखें खोलती है, और एक बार टाइम चेक कर अपने बगल में सो रही हीर को देखती है फिर कुछ पल बाद खड़ी होकर दरवाजा खोलती है।
दरवाजा खोलते ही वो रोहन को देख बोली_ “तुम इस टाइम यहां क्या कर रहे हो?”
उसकी बात सुन रोहन जल्दी बोला_ “बोहोत इंपोर्टेंट काम है, बताता हूं आप चलो” यह बोल वो उसका हाथ पकड़ नीचे ले जाने लगता है, तभी नेहमत बोली_ “पर कहाँ ले जा रहे हो यह तो बोलो क्या काम है?”
रोहन उसे किचन की तरफ ले जाते हुए बोला_ “बता रहा हूं चलो तो” इतना बोल वो उसे किचन में ले आता है, यह देख नेहमत उससे बोली_ “यहां पर क्यों लेकर आए हो मुझे?”
रोहन कुछ पल रुक बोला_ “चाट खानी है”
तभी नेहमत बीच में बोली_ “what तुम्हें चाट खानी है? इसलिए तुमने मेरी नींद बिगड़ी! और वो भी इस टाइम...”
नेहमत अभी बोल ही रही थी तभी रोहन बीच में बोला_ “मुझे नहीं खानी है, जैस्मीन को खानी है। उसे चाट की कैविंग हो रही है। वो भी घर की चाट की वरना मैं बाहर से कहीं देख लेता मिल जाती तो। और उसने यह भी बोला है चाट नहीं तो शादी कैंसिल।”
यह सुन नेहमत उसे अजीब नज़रों से देखते हुए बोली_ “तुम दोनों पागल हो? यह आधी रात में क्या तमाशा कर रहे हो? पता भी है रात के 2:00 बजे रहे हैं?”
रोहन जल्दी से बोला_ “पता है दी मैंने उसे समझाने कि कोशिश की पर अब वो समझ ही नहीं आ रही है। तो मैं क्या करूं? प्लीज आप बना दो ना।”
ये सुन नेहमत कुछ पल उसे घुरती है और फिर एक गहरी सांस लेकर बोली_ “चुप चाप साइड में खड़े रहे हो मुझे डिस्टर्ब मत करना”
यह बोल वो अपने बाल बांध चाट बनाने लगती है। 20 मिनट बाद नेहमत चाट रेडी कर बोली_ “वाह दी देखने में कितनी अच्छी लग रही है”
तभी नेहमत बीच में बोली_ “देखने में नहीं खाने में भी बोहोत अच्छी हैं”
यह सुन रोहन जल्दी से मुस्करा कर उसके गले लग बोला_ “बिल्कुल अच्छी है, मेरी दी ने जो बनाई है। थैंक यू सो मच आप इतनी अच्छी हो ना...” वो अभी बोल ही रहा था। तभी नेहमत बीच में बोली_ “बस बस ज्यादा मुझे मस्का लगाने की जरूरत है, बहुत अच्छे से जानता हूं मैं तुझे”
यह बोल वो उससे अलग होकर चाट टिफिन में पैक कर उसे दे कर बोली_ “जिसे खिलानी हो खिला पर मेरी नींद अब डिस्टर्ब मत करना मुझे बहुत नींद आ रही है।” यह बोल वो वहां से ऊपर चली जाती है। उसके जाने के बाद रोहन भी वो टिफिन लेकर वहां से निकल जाता है।
इधर जैस्मीन अपने कमरे में घूमे हुए खुद से बोली_ “इस लड़के को ना मेरी पड़ी ही नहीं है, सच में मतलब मुझे भूख लगी चाट खानी है। और अगर आज यह चाट लेकर नहीं आया ना तो मैं सच्ची में इससे शादी नहीं करूंगी”
और फिर वो बड़े पर बैठ अपने पेट पर हाथ रख बोली_ “देखा बेबी आपके हो चुके पापा को ना आपकी हो चुकी मम्मा की बिल्कुल भी पड़ी नहीं है। और मम्मा को तो कैविंग आपकी वजह से हो रही है क्योंकि आपको भूख लगी है, और उन्हें ना आपकी भी बिल्कुल नहीं पड़ी...” वो यह सारी बातें बोली ही रही थी तभी अचानक उसका फ़ोन बजता है वो जल्दी से कॉल पिक करती है।
दूसरी तरफ से रोहन बोला_ “गेट खोलो मैं गया हूं तुम्हारे लिए घर की चाट लेकर”
जैस्मीन जल्दी से बोली_ “तुम दरवाजे से आओगे अगर कोई जाग गया और उसने तुम्हें देख लिया तो?”
दूसरी तरफ से रोहन बोला_ “तो क्या हमारी शादी होने वाली है देख भी लिया तो क्या ही हो जाएगा?”
जैस्मिन जल्दी से बोली_ “होने वाली है, हुई नहीं है, और यह तो लव मैरिज है, और लव मैरिज में दामाद को ज्यादा लाड़ प्यार नहीं मिलता। अगर किसी ने देख लिया को भुकंप आ जाएगा, तुम एक काम करो बालकनी से आ जाओ।”
रोहन हैरानी से बोला_ “पागल हो क्या एक तो इतनी रात को मैं तुम्हारे लिए चाट बनाकर लेकर आया हूं, और तुम बोल रही हो मैं बालकानी से आ जाओ। नहीं अगर तुमने दरवाजा नहीं खुला ना तो मैं चाट लेकर वापस जा रहा हूं, पर मैं बालकनी से नहीं आने वाला इतनी हिम्मत नहीं मेरे अंदर!”
यह सुन जैस्मीन जल्दी से बोली_ “नहीं रूको मैं आती हूं, पर आगे वाला नहीं मै पीछे वाला डोर खोलती हूं, तुम ना पीछे वाले दरवाजे से आ जाओ।”
यह सुन रोहन एक गहरी सांस लेकर "ओके" बोला कॉल कट कर देता है। उसके कॉल कट करते ही जैस्मीन जल्दी से अपने रूम से निकल चारों तरफ तरफ देखते हुए नीचे जाती है, और पीछे वाला दरवाजा खोलती है उसके दरवाजा खोलती ही रोहन अंदर आता है।
उसके अंदर आते ही जैस्मीन उसके हाथ से बहुत टिफिन लेकर बोली_ “मेरी चाट”
तभी रोहन बोला_ “यह पर खड़े रहे कर खानी है क्या? चलो कमरे में” यह बोल वो उसका हाथ पकड़ उसके कमरे में ले जाता है, कमरे में आते ही जैस्मीन जल्दी से जाकर सोफे पर बैठ जाती है, और टिपिंग खोल जल्दी से चाट खाने लगती है। उसे इतनी जल्दी में खाते देख रोहन बोला_ “आराम से खाओ तुम्हारी चाट वापस लेकर यहां से भागने नहीं वाला मैं!”
उसकी बात सुन जैस्मीन उस देख धीरे बोली_ “क्या पता भाग भी जाओ तो”
यह बोल वो वापस अपनी चाट पर ध्यान देने लगती है, पर इस बार वो अब आराम से खाने लगती है। वहीं रोहन हैरानी से उसे ही देख रहा था।
थोड़ी देर बाद चाट ख़तम करने के बाद वो रोहन को देख बोली_ “wow कितनी मस्त थी” रोहन मुस्कुरा कर बोला_ “बहन किसकी है नेहमत दी ने बनाई है।”
यह सुन जैस्मिन उसे देख बोली_ “मैं भी यही सोच रही थी तुम्हें तो बनाना आता ही नहीं और इतना अच्छा तो तुम कभी बना ही नहीं सकते” यह सुन रोहन अचानक से उसे घुरने लगता है तभी वो फिर से बोली_ “ओके ये सब छोड़ो मुझे अब नींद आ रही है, यह सुनते ही वो उसे वैसे ही घुरते हुए बोला_ “तो सो जाओ ना मैने वो तुम्हारे हाथ पैर बंध दिये है, जो तुम सो नहीं सकती।”
जैस्मीन उसे देख मुस्कुरा बोली_ “ओके तो फिर तुम अब बालकनी से नीचे चले जाना क्योंकी मैं सो जाऊंगी तो फिर नीचे गेट कौन बंद करेगा”
रोहन जल्दी से बोला_ “नहीं मैं बालकनी से नहीं जाने वाला मैं नीचे से ही जाऊंगा”
यह बोल वो बेड से खड़ा होकर रूम से बाहार जाने लगता है, वहीं जैस्मीन भी उसे देख अपना सर हिला कर है। वो भी उसके पीछे बहार आ जाति है थोड़ी देर में वो दोनों नीचे जाते है, जैस्मीन डोल खोल धीरे से बोली_ “अब तुम जल्दी से जाओ”
यह सुन रोहन एक गहरी सांस लेकर उसके चेहरे को अपने हाथों में पर उसके फोरहेड पर किस तरह बोला_ “i love you टेक केयर ध्यान रखना अपना और बेबी का भी” यह बोल भी वहां से चला जाता है।
वही उसकी बात सुन जैस्मीन के फेस पर एक स्माइल आ जाती है। और फिर वो भी डोर बन के ऊपर अपने रूम में वापस चली जाती है।रूम में आते ही वो बालकनी में जाती है और नीचे देखती हैं, जहां रोहन अपनी कार के पास खड़ा शायद उसे का इंतजार कर रहा था, उसे देखते ही वो उसे अपना हाथ हिला कर बाय का इशारा करता है। जैस्मीन भी मुस्कुरा कर उसे अपने हाथ से बाय का इशारा करती है।
उसके बाद रोहन हल्का सा मुस्कुरा कर अपनी में बैठ वहां से चला जाता है, उसके बाद जैस्मीन भी वापस के अंदर आकर सो जाती है। उसे सच में बोहोत तेज नींद आ रही थी और उसके लेटने के दो मिनट बाद ही वो गहरी नींद में चली जाती है।
to be continued...
*अगला दिन*
सब लोग हॉल में बैठे हुए थे और वही टेबल पर बहुत सारे कार्ड रखे हुए थे वो सारे वेडिंग कार्ड थे। रोहन जैस्मीन और एकम नेहमत के लिए, और अभी सब वो वेडिंग कार्ड ही चूस कर रहे थे।
तब भी एकम अपने रूम से बाहर आता है उसे देख प्रज्ञा बोली_ “एकम कहां जा रहे हो?
यह सुनते ही उसके कदम रुक जाते है और वो मुड़ कर प्रज्ञा तो देख बोला_ “माॅम मुझे कुछ काम है तो मैं जा रहा हूं बाहर! मुझे पता आप क्या कहने वाली हो, बट मुझे यह कार्ड वार्ड चूस करने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। यह सब आप ही कर लो... मुझे बोहोत इमोपोटेंट काम है।” यह बोल वो बिना आगे किसी की कोई भी बात सुने वहां से निकल जाता है।
उसे जाते देख मानवी प्रज्ञा से बोली_ “चाची आपको लगता है यह दोनों एक दूसरे को संभाल पाएंगे? सारी जिंदगी! क्योंकि यह दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग है...”
प्रज्ञा उसे देख कुछ पल रूक बोली_ “वो दोनों हां कुछ चीजों में पूरी तरह से अलग है। पर क्या पता कोई चीजों हो जहां वो एक साथ हो ओर अलग होने का मतलब यह नहीं है की वो एक साथ नहीं यह सकते? और मुझे पता है टाइम आने पर एक दूसरे को संभाल लेगें, थोड़ा यह तो थोड़ा वो और माना एकम थोड़ा सा imresponsible है! लेकिन बेवकूफ नहीं है, पागल नहीं है, वो जो उसे कुछ पता ना हो ऐसे कुछ भी नहीं कर देगा, उसे पता है वो क्या कर रहा है। बोहोत समझदार है वो और उसने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बिना हमारी किसी मदद की अपनी इतनी बड़ी जगह बनाई है। ठीक है तो तुम उनकी टेंशन छोड़ो और यह वेडिंग कार्ड को वैसे भी जैस्मीन चूस करेंगी ना?”
उनकी बात सुन सब मुस्कुरा देते हो फिर सब कार्ड पंसद करने लगते हैं।
वही दूसरी तरफ
सिन्हा हाऊस में भी सब वेडिंग कार्ड चूस कर रह रहे थे। तभी नेहमत बोली_ “पापा ये देखो ना यह कार्ड कैसा है?”
उसकी बात सुनते ही सब उस कार्ड को देखने लगते हैं। जो नेहमत ने चूस किया था, वो वैसे तो वो सिंपल सा था पर फिर भी काफी रॉयल लग रहा था वो ब्लैक और गोल्डन था ऊपर से और उसके अंदर भी व्हाइट गोल्डन एंड ब्लैक कलर का था। और उस पर जो लिखा था वो ब्लैक लेटर्स में था। और दिखने में काफी अच्छा लग रहा था वो कार्ड देख सबकी चेहरे पे मुस्कान आ जाती है।
तभी रोहन अचानक से बोला_ “दी बोहोत अच्छा है, बट मुझे पसंद नहीं आ रहा।”
यह सुन नेहमत हल्का सा मुस्कुरा बोली_ “ओके तो कोई ओर कार्ड देख लो!” यह बोल वो खड़ी हो कर फिर बोली_ “इतने में मैं पानी पी कर आती हूं, मुझे प्यास लगी...”
इससे आगे वो कुछ बोलती की उसे भौकने की आवाज सुनाई देती है, यह आवाज सुनते ही नेहमत झट से मुड़कर अपने पीछे देखती है,
और पीछे देखते ही उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है, वो जल्दी से बोली_ “तुम यहां पर सच में?”
to be continued...
दिल्ली इंडिया,
नेहमत हैरानी सामने देख बोली, "तुम सच में यहां?"
इतना बोल वो जल्दी से आगे जाती है नीचे जमीन पर बैठती हैं, तभी एक छोटा सा डॉगी भाग कर उसके पास आता है। वो डॉगी व्हाइट एंड ब्लैक मैक्स कलर का था और वो बहुत क्यूट सा छोटा सा था। नेहमत उस डॉगी को जल्दी से अपनी गोद में उठा कर बोली_ “मेरा बच्चा कैसे हो आप? ठीक तो होना? आपको किसी ने परेशान नहीं किया? आपका ख्याल पूरी तरह अच्छे से रखा था ना?”
ये बोलते हुए नेहमत अपने सामने खड़े लड़के को देखती है। तभी वो लड़का जल्दी से बोला_ “गजब की लड़की हो यार तुम मतलब मेरी नहीं पड़ी और इस कुत्ते को तुम...” इससे आगे वो कुछ बोल पाती तभी नेहमत अचानक खड़ी होकर बोली_ “Don't you dare इशान खन्ना कुत्ता नहीं एलेक्स नाम है इसका और मैंने इसका यह नाम बहुत प्यार से रखा है।”
यह सुन ईशान धीरे से बोला_ “wow कुत्ते को अपने बच्चे की तरह रखा है, और अपने बेस्ट फ्रेंड तो कुत्ते i mean इज्जत ही नहीं मेरी!”
तभी नेहमत उसे देख जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली_ “कुछ बोलना है?”
ईशान भी वैसे जबरदस्ती मुस्कुरा कर बोला_ “हां बोहोत कुछ बोलना है सुनोगी?”
नेहमत वैसे ही बोली_ “i am interested”
ईशान उसे देख बोला_ “तो पूछ क्यूं रही है?”
नेहमत भी हल्का सा मुस्कुरा कर बोली_ “क्योंकी मुझे पूछने का मन था”
यह सुन ईशान आई रोल कर बोला_ “whatever तु अपने इस कुत्ते मतलब alex के साथ लगी ले! मैं तो जा रहा हूं अंकल आंटी से मिलने के लिए।” यह बोल वो विनीत के पास जा उनके पैर छु कर बुला_ “कैसे हो अंकल जी आप?”
विनीत मुस्कुरा कर बोले_ “बिल्कुल ठीक, पुत्र जी मुझे क्या होगा?”
उनके बाद ईशान सबसे मिलता है लास्ट में वो हीर के पास जाता है और उससे हैंडशेक करते हुए बोला_ “हेलो हीर कैसी हो”
हीर उससे हाथ मिला कर बोली_ “i'm good” और फिर कुछ पल रूक बोली_ “मुझे कुछ काम है” इतना बोल वो तुरंत वहां से चली जाती है। ईशान उसे वहीं खड़ा उसे जाते हुए देखता है और फिर सबको देख बोला_“वैसे आपकी बेटी जब से यहां पर आई है, तब से आप परेशान हो चुके होंगे ना?”
तभी नेहमत बीच में बोली_ “oye hello मैं बोहोत अच्छी हूं कोई भी मुझसे परेशान नहीं होता पर तुम आ गए हो तो जरुर परेशान होंगे।”
ईशान जल्दी से बोला_ “what you mean मेरे आने से सब परेशान होंगे? तुम्हें यह लगता है मैं सबको परेशान करता हूं?”
नेहमत आई रोल कर बोली_ “लगने वाली क्या बात है? मुझे पता है!”
ईशान सारकास्टिकली बोला_ “हां देवी जी आपको तो सब पता है। आपको तो वो भी पता जो मुझे क्या किसी को भी नहीं पता!”
यह सुनते ही नेहमत उसे घुरने लगती है, वो कुछ बोलती तभी सभ्या बोली_ “अपना यह सब तुम दोनों बाद में कर लेना पहले ईशान इतनी दूर से आया है। उसे आराम करने दो और नाश्ता करने दो, फिर उसके बाद तुम दोनों को जो करना है, जितनी लड़ाई करनी है कर लेना!”
यह बोल वो किचन की तरफ चली जाती है और एकम भी उनके पीछे चला जाता है। और नेहमत alex को लेकर अपने रूम में चली जाती है।
ईशान के डैड का भी एक छोटा सा बिजनेस था, और यही दिल्ली में था। पर उसे फ्रेशन डिजाइन बनाना था और उसके लिए उसके पेरेंट्स ने कुछ कहा भी नहीं था।
नेहमत अपने कमरे में बेड पर बैठी एलेक्स के साथ खेल रही थी, तभी अचानक उसके दरवाजा खुला और ईशान अंदर आ गया।
उसे देखते ही नेहमत चिढ़कर बोली_ "तुम्हें दरवाजा नॉक करने की तमीज नहीं है क्या? जब देखो तब चले आते हो!"
ईशान मुस्कुराता हुआ उसके पास आया और बिस्तर पर बैठते हुए बोला_ "नॉक करने की तमीज तो है, पर अगर तुम्हारे रूम में भी नॉक करके ही आऊंगा, तो तुम्हारे और दूसरे के बीच फर्क क्या रह जाएगा? we are best friend" यह बोल उसने हल्के से नेहमत के गाल पिंच किया।
नेहमत झुंझलाकर बोली, "मत किया करो ये सब, अजीब लगता है!"
ईशान हंसते हुए बोला_ "जो खुद पूरी की पूरी अजीब है, उसे भी कुछ अजीब लग सकता है?"
तभी शरण्या ने बीच में बोली_ " ज्यादा बकवास मत कर, और तने एलेक्स को अच्छे खाना खिलाया था ना?"
ईशान अपनी आई रोल कर बोला_ "हां हां, तेरे इस कुत्ते i mean alex को अच्छे से खाना खिलाकर लाया हूं। मुझे कुत्ते कुछ खास पंसद नहीं है पर इसे भूखा रखने का मेरा कोई पेन नहीं है।"
नेहमत ने उसे देखते हुए कहा_ "हद है! कुत्ते तो कितने क्यूट होते हैं, छोटे-छोटे पप्पी इतने प्यारे लगते हैं। और पता नहीं इनसे क्या प्रोब्लम है!"
तभी ईशान बीच में उसके सामने अपने हाथ जोड़ते हुए बोला_ "बस! अब तु कुत्तों पर लेक्चर मत देना, मुझे सब पता है और सब समझ भी आ गया।"
यह सुनते ही नेहमत का मुंह बन जाता है वो कुछ कहती तभी ईशान ने अचानक गंभीर होते हुए कहा_ "पर एक बात बता, तुझे तो अभी शादी नहीं करनी थी ना, फिर अचानक हां कैसे बोल दिया?"
नेहमत कुछ पल चुप रही, फिर हल्के से मुस्कुराकर बोली_ "क्योंकि ऑप्शन अच्छा था। और मामा-पापा भी खुश थे। और सबसे बड़ी बात, वो मुंबई में ही है, तो मुझे अपनी जॉब भी नहीं छोड़नी पड़ेगी। और रोहन और जैस्मिन की शादी के लिए भी। मैं नहीं चाहती थी कि मेरी वजह से उसकी खुशियों में कोई रुकावट आए।"
ईशान उसकी आँखों में देखते हुए बोला_ "तू सच में सिर्फ दूसरों के लिए अपनी खुशियाँ कुर्बान कर रही है?"
नेहमत ने हंसकर कहा_ "नहीं, बिल्कुल नहीं। और वैसे भी, मेरा कोई boyfriend को हैं नहीं! तो आज या कल मुझे करनी तो अरेंज मैरिज ही है!"
ईशान गहरी सांस ले कर उसके गाल पर हाथ रख बोला_ "नेहु, तुझे पता है ना कि तुझे सबसे अच्छ से मैं जानता हूँ। तू कब खुश है, कब नहीं, सब पता चलता है मुझे। और हां, मुझसे झूठ बोलने की कोशिश भी मत करना!"
नेहमत कुछ पल उसे देख अपना फोन उठाती और उसे ईशान को थमाते हुए कहा_ "ये देख तु पहले, फिर तुझे यकीन आ जाएगा।"
उसकी बात सुन ईशान ने फोन की स्क्रीन देखी और देखते ही उसकी आँखें हैरानी से फैल गईं। वह फटी आंखों से नेहमत को देखने लगा और हकलाते हुए बोला, "तू... तू उससे शादी कर रही है?"
नेहमत ने अपना सिर हिला कर बोली_ "हां, एकम रंधावा से। मेरा फेवरेट हीरो, मेरा पहला क्रश।"
तभी अचानक से ईशान उछलकर खड़ा हो गया और उसे देख बोला_ "मुझे यकीन नहीं हो रहा! तू सच में उससे शादी कर रही है?"
नेहमत हंस कर बोली_ "जब मुझे पता चला था की, उसने हां बोल दिया है। तब मुझे भी यकीन नहीं हो रहा!"
तभी ईशान ने उसे कसकर अपने गले लगा कर बोला_ "तेरी लाइफ किसी फिल्म से कम नहीं! मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं हो रहा है तेरी शादी उससे हो रही है।"
नेहमत हल्के से उसकी पीठ थपथपाती हैं और कहती हैं_ "विश्वास तो मुझे भी नहीं हो रहा, लेकिन लग रहा है कि तू आज मुझे मारकर ही मानेगा! मेरी शादी होने से पहले ही छोड़, मेरा गला ही दबा दिया!"
ईशान अचानक पीछे हटता है और जल्दी से कहता है_ "ओके, सॉरी-सॉरी! मैं भूल गया था!"
नेहमत अपनी गर्दन सहलाते हुए बोली_ "तेरी एक्साइटमेंट की तो ऐसी की तैसी! मुझे गर्दन में दर्द करवा दिया। और मेरी शादी होने से पहले ही मेरे दूल्हे को विधवा करना चाहता था!"
यह सुनकर ईशान उसके सर पर एक टपली मार कर बोला_ "पागल लड़की! लड़के" विधवा" नहीं होते, लड़कियाँ 'विधवा' होती है।"
नेहमत जल्दी से बोली_ "अरे पर अगर लड़कियाँ 'विधवा' हो सकती हैं, तो लड़के 'विधवा' क्यों नहीं हो सकते? क्या उसके लिए तुम लड़कों का कोई अलग नाम होता है?"
ईशान उसे अजीब नजरों से देखते हुए बोला_ "पागल हो गई है, क्या? और वैसे भी यह सब मुझे नहीं पता! और तु भी यह सब कुछ छोड़ो और सबसे पहले ये बता कि तुम पहली बार मिले कैसे? तूने कैसे रिएक्ट किया? तुम दोनों के बीच कुछ हुआ क्या?"
तभी नेहमत बीच में बोल पड़ती है_ "क्या मतलब कुछ हुआ क्या?"
ईशान जल्दी से बोला_ "मैं कैसी बातें कर रहा हूँ? मेरा मतलब है कि तुम दोनों के बीच कब से बात चल रही थी? शादी इतनी जल्दी कैसे तय हो गई?"
नेहमत कुछ पल रूक बोली_ "यही तो! मुझे भी डाउट हुआ था। मैंने तो हाँ बोल दी थी, लेकिन लगा था कि वो मना कर देगा। पर जब उसने 'हाँ' बोला, तो मुझे झटका लगा! और सबसे अजीब बात उसे मेरे बारे में सब कुछ पहले से पता था! और उसे तेरे बारे में आई मीन तु मेरा बेस्ट फ्रेंड है, वो भी पता है!"
ईशान हँसते हुए बोला_ "पागल लड़की! वो तेरा होने वाला पति है, तो तेरी इनफॉर्मेशन निकालना उसके लिए बाएँ हाथ का खेल है! इतना मत सोच!"
नेहमत कुछ सोच बोली_ "हाँ, तू सही बोल रहा है... मैं ही ओवरथिंक कर रही हूँ। लेकिन यार, मुझे यकीन ही नहीं हो रहा! जिसे मैंने अब तक सिर्फ टीवी और इंस्टाग्राम पर देखा, जिससे मिलने का सपना भी नहीं सोचा, वो आज मुझसे शादी कर रहा है! आई एम सो एक्साइटेड!"
इतना कहते ही वह अचानक बेड पर चढ़ जाती है।
यह देख ईशान चिल्ला कर बोला_ "पागल! अभी गिर जाएगी, पैर टूट जाएगा! फिर शादी कैसे होगी?"
यह सुनते ही नेहमत झट से जल्दी से नीचे उतरते हुए बोली_ "क्या बद्दुआ दे रहा है? अपनी बेस्ट फ्रेंड को कोई ऐसे बोलते हैं क्या?"
ईशान जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोला_ "मैं बोलता हूं, क्योंकि अगर अभी तुम गिर जाती तो शायद तुम्हारी शादी केंसल हो जाती! और मुझे अपनी बेस्टी का सपना सच होते देखना है।”
यह सुन नेहमत मुस्कुराकर कहती हैं_ "हाँ, ये तो मैंने भी नहीं सोचा था! जिसे मैं लाइक करती थी, जिसकी मूवीज़ देखती थी, उससे मेरी शादी होगी!"
यह बोलते हुए वो एकम के बारे में सोचने लगती है। नेहमत एकम से तब से प्यार करती थी, जब वो 5 साल पहले इस इंडस्ट्री में आया था और उसकी फर्स्ट मूवी जब नेहमत ने देखी थी, वो तब से ही इसके पीछे पागल थी, पर यह बात ईशान के अलावा किसी को नहीं पता थी।
to be continued...
दिल्ली, इंडिया,
सिन्हा हाउस,
नेहमत अपने कमरे में फोन पर बात कर रही थी। वह गुस्से में बोली, "तू आ रहा है या नहीं? मुझे कुछ नहीं पता, तुझे आना ही पड़ेगा!"
दूसरी तरफ से ईशान बोला, "अभी? मेरे पास बहुत ज़रूरी काम है, कोशिश करूँगा, लेकिन वादा नहीं कर सकता।"
नेहमत कुछ पल के लिए रुकी, फिर बोली, "मुझसे ज़्यादा ज़रूरी क्या हो सकता है तेरी ज़िंदगी में? यह मेरी शादी की पहली पूजा है, पहली रसम है! और तू नहीं आएगा,"
ईशान जल्दी से बोला, "तू समझने की कोशिश क्यों नहीं कर रही? मैं नहीं आ पाऊँगा!"
"अच्छा, तो ठीक है!" नेहमत गुस्से में बोली। "अगर तू नहीं आ रहा, तो मुझसे बात करने की भी जरूरत नहीं! मुझे तुझसे कोई बात नहीं करनी!"
वह कॉल काटने ही वाली थी कि ईशान जल्दी से बोला, "ठीक है, मैं कोशिश करूँगा। वादा नहीं कर रहा, लेकिन हो सकता है कि तेरी पूजा खत्म होने से पहले आ जाऊँ। अब गुस्सा मत कर, आज तेरी शादी का पहला फंक्शन है। वैसे भी, अगर तू ऐसे ही लाल टमाटर बनी घूमेगी, तो लोग पूछेंगे कि दुल्हन है या गुस्से में कोई योद्धा!"
नेहमत ने आँखें घुमाई, "ओके! पर याद रखना, अगर तू नहीं आया, तो बहाने मत बनाना! फिर बाद में"
यह कहकर उसने आगे बिना कुछ सुने ही फोन काट दिया।
तभी हीर कमरे में आते हुए बोली, "दी, आप तैयार हो गईं?"
नेहमत हल्की मुस्कान के साथ बोली, "हाँ, बस बाहर आने ही वाली थी कि कॉल आ गया।"
हीर ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और फिर स्माइल करते हुए बोली, "दी, आप तो बहुत खूबसूरत लग रही हैं! पता है, आप पर पर्पल कलर कुछ ज़्यादा ही अच्छा लगता है। और आज तो जीजू आपको देखते ही बेहोश हो जाएँगे! इतनी हॉट जो लग रही हो!"
नेहमत अपनी आँखें छोटी करते हुए बोली, "आजकल कुछ ज़्यादा ही बोलने लगी हो तुम! पता है न, अभी सिर्फ 21 की हो?"
हीर ने आँखें घुमाते हुए कहा, "दी, 21 कोई कम उम्र नहीं होती! इंडिया में लड़कियों की लीगल मैरिज एज 18 है, यानी आपकी बहन शादी के लिए तैयार है! लेकिन घबराइए मत, मैं अभी शादी नहीं करने वाली!"
नेहमत उसके पास आई और हल्के से उसका कान खींचते हुए बोली, "हाँ बेटा, पढ़ाई करने में तो आलस आता है ना, लेकिन शादी की बातें सोचने में नहीं? पहले करियर बनाओ, यह प्यार, शादी, सब बाद होने ही है। फिर जो करना है, करो!"
हीर कान छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली, "ओके, ओके दी, समझ गई! मैं तो बस मज़ाक कर रही थी!"
उसकी बात सुन नेहमत का उसका कान छोड़ देती है। तभी हीर फिर से बोली, "अगर आप तैयार हैं तो, अब हम चले सब हमारा इंतजार कर रहे हैं। मुहूर्त निकल रहा है!"
नेहमत उसे देख बोली, "ओके, चलो" उसके बाद वो दोनों वहां से निकल जाते हैं। बाकी सब पहले ही मंदिर जा चुके थे लेकिन नेहमत तैयार नहीं हुई थी, उसकी वजह से वो दोनों बाद में जा रहे थे।
कुछ देर बाद, नेहमत और हीर कार में बैठकर मंदिर के लिए निकल जाते हैं। आधे घंटे बाद, उनकी कार मंदिर के बाहर रुकी। नेहमत जल्दी से बाहर निकली और अंदर चली गई, जहाँ पहले से ही सब लोग मौजूद थे।
वहीं एकम मंदिर के दूसरी साइड किसी से फोन पर बात कर रहा था। वो ओन काॅल बोला,
"हाँ, मैंने मूवी साइन कर ली है, पर अभी शूटिंग नहीं कर सकता। मेरी शादी हो रही है, और मैं शूटिंग के चक्कर में अपनी शादी नहीं बिगाड़ सकता। अगर इंतजार नहीं कर सकते, तो उन्हें बोलो किसी और को ले लो!"
यह बोल वो काॅल कट देता है। फोन काटने के बाद जैसे ही वह मुड़ता है, अचानक किसी से टकरा गया। उसने सामने देखा— नेहमत खड़ी थी!
उसे देखते ही एकम दिल जैसे एक पल के लिए थम गया। नेहमत ने पर्पल कलर की साड़ी पहनी थी, फुल स्लीव्स ब्लाउज़ के साथ। बाल को पाटेशन करते खुला छोड़ा था, हल्का-सा मेकअप किया था, और पिंक लिपस्टिक उसकी खूबसूरती को और निखार रही थी। कानों में पर्पल ईयररिंग्स थे, जो न ज्यादा बड़े थे, न छोटे।
एकम की नजरें उस पर टिक गईं। वह बस उसे देखता ही रह गया। उसकी नज़र जैसे आज हटने को तैयार ही नहीं थी।
तभी नेहमत उसके सामने चुटकी बजा कर बोली, "हैलो? क्या हुआ? ऐसे क्या देख रहे हो?"
एकम खोए हुए अंदाज में बोला, "मेरी fairyfire को।"
नेहमत ने कम्फूजंन से कहा, "what?"
तभी एकम ने उसे एकदम से अपने पास खींच बोला, "मतलब मेरी परी को… आज तो सच में किसी angel से कम नहीं लग रही हो।"
नेहमत ने हल्की मुस्कान के साथ पूछा, "सच में?"
एकम उसकी आँखों में देखते हुए बोला, "बिल्कुल! मेरी fairyfire जैसी।"
नेहमत धीमे से बोली, "तुम्हारी fairyfire?"
एकम हल्का-सा झुककर उसके चेहरे के करीब आया और बोला, "हाँ, सिर्फ मेरी!"
यह सुनते ही नेहमत के होठों पर अनजाने में ही एक मुस्कान आ गई।
तभी एकम फिर से बोला, "चलो, सब हमारा इंतजार कर रहे होगे, पूजा का वक्त निकल रहा है।"
नेहमत एकदम से बोली, "अरे हाँ! मैं तो तुम्हें यहां बुलाने ही आई थी!"
एकम उसे देख बोला, "बुलाने आई थी ? पर तुमने को मुझे एक बार भी नहीं बोला!"
नेहमत झेंपकर बोली, "तुमने मुझे भुलवा दिया!"
एकम ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, "ओह, तो ऐसा क्या किया मैंने?"
यह सुन अब नेहमत को समझ नहीं आ रहा था, की वो बोले क्या? क्योंकि उसने कुछ नहीं किया था। वो खुद ही उसकी बातों में इतनी खो गई थी। वह कुछ कहती, इससे पहले ही एकम फिर बोला, "बोलो, fairyfire?"
नेहमत जल्दी से बोली , "अब ना टाइम पास बंद करो! चलो, पूजा का वक्त निकल रहा है!"
यह कहकर उसने बिना एकम कि आगे कोई बात सुने, उसका हाथ पकड़ लिया और उसे खींचते हुए मंदिर की तरफ ले गई। और अब एकम भी कुछ नहीं बोलता और चुपचाप उसके साथ चला जाता है।
to be continued...
दिल्ली, इंडिया,
शिव जी का मंदिर,
रोहन और जैस्मीन हवन कुंड के सामने बैठते हैं। और एकम और नेहमत भी उनके साथ ही बैठे हुए थे। जैस्मीन ने येलो कलर का सूट पहना हुआ था। क्योंकि उसे साड़ी अच्छे से पहना नहीं आता था और उससे अभी संभाल भी नहीं सकती थी, इसलिए और उसने और नेहमत ने अपने सिर पर पल्ला ले रखा था। यह पूजा उन चारों की शादी और उनके अच्छे जीवन के लिए रखी गई थी।
करीब एक घंटे बाद पूजा अच्छे से समाप्त होती है। इसके बाद चारों एक साथ आरती करते हैं। यह शिवजी का मंदिर था, जहां शिवजी और पार्वती जी की मूर्ति स्थापित थीं।
आरती समाप्त होने के बाद, चारों लोग सबको आरती बाँटते हैं और पंडित जी का आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद प्रज्ञा उन चारों को शादी का कार्ड देती है और कहती है, "यह तुम्हारी शादी का कार्ड है, इसे शिवजी और पार्वती जी के चरणों में रख दो। इसके बाद हम कार्ड बाँटना शुरू करेंगे।"
वो चारों लोग उस कार्ड को शिवजी और पार्वती जी के चरणों में रख देते हैं। तभी सभ्या बोलती है, "अब तो हो गया! तो कल शाम से कार्ड बाँटना शुरू करते हैं, और अगले हफ्ते से रस्में भी शुरू हो जाएंगी।"
प्रज्ञा मुस्कुराकर कहती है, "क्यों नहीं!"
इसके बाद सभी शादी की तैयारियों और बाकी सारी बातें करने लगते हैं। तभी नेहमत की नजर मंदिर की सीढ़ियों के पास जाती है। वह जल्दी से वहां जाती है, जहाँ ईशान खड़ा था। नेहमत उसके पास जाकर कहती है, "मैंने कहा था ना कि जल्दी आ जाना, पर तुम मेरी बात कभी नहीं सुनते। इसलिए अब मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी,"
इतना बोल वो वहां से जाने लगती है, तभी ईशान उसका हाथ पकड़कर रोकते हुए कहता है, "रुक जा! मैं जब तुम लोग आरती कर रहे थे, तभी आ गया था। और यार, बहुत जरूरी काम था, इसलिए देरी हो गई। तुझे पता है, अगर यह काम अभी नहीं होता ना तो, मैं अच्छे से तेरी शादी एन्जॉय भी नहीं कर पाता।"
नेहमत नाराजगी दिखाते हुए कहती है, "अच्छा! मतलब लेट भी आओगे और मुझे नाराज भी नहीं होने दोगे?"
ईशान मुस्कुराते हुए कहता है, "बिल्कुल नहीं! आखिर मेरी एक ही तो बेस्ट फ्रेंड है, जो इतनी प्यारी और स्वीट है। और आज तो साड़ी में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही है!"
नेहमत तिरछी नजरों से उसे देखती है और कहती है, "तू मेरे साथ फ्लर्ट कर रहा है?"
ईशान एकदम अपने हाथ जोड़कर कर बोला, "नहीं, नहीं देवी जी! मैं आपसे फ्लर्ट करने की हिम्मत भी नहीं कर सकता!"
नेहमत हंसते हुए बोली, "ड्रामा किंग! तेरा ड्रामा कभी खत्म ही नहीं होता।"
ईशान अपने कॉलर को ऊपर करते हुए कहता है, "ये तो मेरा टैलेंट है! तेरे जैसी बोरिंग लड़की के साथ रहकर भी मैं इतना awesome हूँ।"
नेहमत उसे चिढ़ते हुए बोली, "ओह, तो मैं बोरिंग हूँ?"
ईशान जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहता है, "नहीं! तुम तो मुझे किसी भी एंगल से बोरिंग नहीं लगती। पर तुम्हारी हरकतें!"
नेहमत गुस्से में कहती है, "बस चुप हो जा!"
ईशान उसके चेहरे को अपने हाथों में भरकर बोला, "ओके, ओके! गुस्सा मत कर, मैं तो बस मजाक कर रहा था!"
तभी कोई वहाँ आता है। नेहमत पीछे मुड़कर देखती है, तो उसके सामने एकम खड़ा था। वो कुछ पल उसे देखती है और फिर उसे ईशान से मिलाते हुए कहती है, "ईशान this is Ekam my husband and ekam this is Ishaan my childhood best friend."
यह सुन एकम ईशान को देख उसकी तरफ हाथ बढ़ा कर बोला, "hello, i am Ekam Randhawa"
ईशान भी मुस्कुरा कर उससे हाथ मिलाते हुए बोला, "ईशान खन्ना"
एकम हल्का सा मुस्कुरा कर बोला, " i know you everything"
यह सुन ईशान कम्फूजंन से बोला, "what"
एकम धीरे से बोला, "nothing"
इससे आगे कोई कुछ बोलता तभी सभ्या वहां पर आकर कहती है, "सब घर चले गए, और नेहमत तुम नहीं आ रही?"
नेहमत उसे देख बोली, "ओह! नहीं मां, मैंने बताया था ना कि मुझे शॉपिंग पर जाना है। तो मैं ओर ईशान वहां जा रहे हैं, वैसे भी पता नहीं फिर कब मौका मिले हम दोनों को घूमने का!"
यह सुन सभ्या मुस्कुराकर कहती है, "कोई बात नहीं, अच्छे से घूमकर आ जाना, लेकिन ज्यादा देर मत करना।"
ईशान तुरंत बोलता है, "डोंट वरी आंटी, मैं इसे सही समय पर घर छोड़ दूंगा!"
फिर सभ्या एकम की तरफ देखकर कहती है, "और तुम बेटख?"
एकम हल्का सा मुस्कुरा कर बोला, "मुझे थोड़ा काम है, आंटी।"
सभ्या उन्हें देख "ओके" कहकर वहाँ से चली जाती है।
उनके जाने के बाद, एकम नेहमत को देख बोला, "तो तुम शॉपिंग पर जा रही हो?"
नेहमत उसे देख कुछ पल रूक बोली, "हां मैं और ईशान, क्योंकी कुछ दिन में हमारी शादी हो जायेगी और उसके बाद तो पता नहीं, हम साथ में कब कही जा पाएंगे? और दिल्ली आए भी हम दोनों को बोहोत टाइम हो गया था! एक साथ में तो सोचा चले जाते हैं आज।"
एकम कुछ पल रूक बोला, "ओके, बट ज्यादा शॉपिंग करने की जरूरत नहीं है, मतलब कर लेना बट शादी की शॉपिंग मत करना! क्योंकि कल हम दोनों जाने वाले हैं, याद है ना हमने कहा था? शादी की शॉपिंग के लिए हम दोनों के साथ जाना है।"
नेहमत हल्का सा मुस्कुरा कर बोली, "मुझे सब अच्छे से याद है, तो वो तो कल जाना है ना? बट अभी मैं जाऊं my bestu wating for me,"
यह सुनते ही एकम ने ईशान की ओर देखा, जिसने अभी भी नेहमत का हाथ पकड़ रखा था। उसने यह स्टार्ट से ही नोटिस कर लिया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं कहा था। एकम ने कुछ पल उन दोनों के हाथ को देखा और फिर उसने अचानक झटके से नेहमत का दूसरा हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया। ऐसे अचानक खिंचने से नेहमत का हाथ ईशान के हाथ से छूट जाता है, और उसका वो हाथ एकम के कंधे पर जा टिका।
नेहमत यह देख हैरानी से बोली, "यह… यह क्या कर रहे हो? इसका क्या मतलब..."
नेहमत अभी बोल ही रही थी, तभी एकम ने उसके होंठों पर अपनी उंगली रख उसे चुप करा दिया। नेहमत चुपचाप आंखें फाड़े उसे देख रही थी, एकम हल्का सा झुक कर उसके कान के करीब जा धीरे से बोल, "जाओ, बट थोड़ी दूर जरूरी है, i know बेस्ट फ्रेंड है, मैं जानता हूँ… लेकिन होने वाला पति तो मैं हूँ ना!"
फिर वह हल्के से उसके कान पर बाइट कर लेता है। नेहमत का चेहरा लाल पड़ गया। वह हैरानी से उसे देखती रह गई, और उसका हाथ अपने कान पर चला गया।
तभी एकम ने उसे छोड़ उन दोनों को देखते हुए कहा, "एन्जॉय…! क्या पता, अगली बार बेस्ट फ्रेंड को साथ घूमने का मौका मिले या ना मिले!"
यह कहकर उसने हाथ हिलाकर उन दोनों बाय किया और वहाँ से चला गया। नेहमत अब भी वैसे ही हैरानी से खड़ी उसे जाते हुए देख रही थी। तभी ईशान ने उसके कंधे पर हाथ रख बोला,
"हैलो… होश में आओ, गया वो!"
नेहमत झटके से होश में आई और उसकी ओर देखने लगी। वह कुछ कहने ही वाली थी कि ईशान ने फिर से बोला ,
"कुछ नोटिस किया?"
नेहमत कम्फूजंन से बोली, "क्या मतलब? क्या, कुछ नोटिस करना था?"
ईशान उसे देख बोला, "अरे, तुने उसकी जलन नोटिस नहीं की!"
नेहमत जल्दी से बोली, "what, jealousy..."
ईशान तुंरत सिर हिलाते हुए बोला, "yes! He is jealousy, जब मैंने तेरा हाथ पकड़ा हुआ था ना, जब वो यहां आया था तब से लेकर जब तक वो यहाँ था, उसकी नज़र सिर्फ हमारे हाथों पर थी। उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया, लेकिन उसकी नज़रे वही टिकी हुई थी । और जब मैंने उससे हाथ मिलाया, तो उसने मेरा हाथ ज़ोर से दबाया था, वो तो मैंने कुछ कहा नहीं। और उसने अपने दूसरे हाथ की कस कर मुठ्ठी बना रखी थी! तुने देखा नहीं? और हाँ, जब लास्ट में उससे कंट्रोल नहीं हुआ, तो उसने तुझे मुझसे झटके से दूर कर दिया।"
नेहमत कुछ पल रूक बोली, "बट क्यों? उसे जेलेसी क्यूं हो रही थी?"
ईशान ने मुस्कुराते हुए बोला, "पागल, वो तेरा होने वाला पति है, तो थोड़ी - बोहोत जलन को होगी। और बाकी का मतलब को खुद समझ सकती है।"
नेहमत ने कुछ पल रूक बोली, "मुझे कुछ भी नहीं समझना! और हां तु भी अपना ज्यादा दिमाग मत चला! ऐसा कुछ भी नहीं है। और ज्यादा तुझे कुछ भी सोचने की जरूरत नहीं है, शॉपिंग करनी है मुझे। चलो वरना देर हो जाएगी, और फिर वापस घर भी जल्दी जाना है!"
ईशान हल्का सा अपना सर झुका हंसते हुए बोला, "ओके, मैडम जी चलो!"
यह बोल उसने फिर से नेहमत का हाथ पकड़ा और दोनों शॉपिंग के लिए निकल गए।
to be continued...
रात का वक्त,
दिल्ली, इंडिया,
नेहमत अपने कमरे में बिस्तर पर बैठी थी। और वह अपने बेड के पास रखे लैंप को बार-बार ऑन और ऑफ कर रही थी। यह करते हुए वह किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी।
वह अपने मन में बुदबुदाई, "नहीं यार, ऐसा थोड़ी ना होगा। मतलब, वह मुझे लेकर जेलेस क्यों होगा? फिर भी... उसका बर्ताव तो कुछ अजीब ही था। वैसे, हो सकता है ईशान सच बोल रहा हो... पर शायद नहीं भी। पर क्यों?"
यह सब सोचते हुए नेहमत बहुत ज्यादा कन्फ्यूज़ थी।
तभी हीर बोली, "दी, सो जाओ ना यार! यह लाइट ऑन-ऑफ करने से मेरी नींद डिस्टर्ब हो रही है।"
यह सुनकर नेहमत तुरंत उसकी तरफ देखती है और फिर बोली, "ओके, सॉरी! मेरी वजह से तुम्हारी नींद खराब हो रही थी। गुड नाइट।"
यह बोल फिर उसने लैंप बंद कर दिया और बिस्तर पर लेट गई। लेकिन उसके दिमाग में अभी भी वही बातें घूम रही थीं। सोचते-सोचते कब उसे नींद आ गई, यह उसे खुद भी पता नहीं चला।
अगली सुबह
नेहमत अभी भी आराम से बिस्तर पर सो रही थी, तभी अचानक सभ्या उसके कमरे में आते हुए बोली, "नेहमत बेटा, अब उठ भी जाओ। तुम्हें शाॅपिंग पर भी तो जाना है!"
नेहमत ने अलसाई हुई आवाज़ में कहा, "बस 5 मिनट और प्लीज, फिर उठ रही हूँ।"
यह सुनकर सभ्या उसके पास आते हुए बोली, "10 बज चुके हैं, और कितनी देर सोओगी?"
यह सुनते ही नेहमत, जो अब तक आराम से सो रही थी, वो झट से अपनी आंखें खोल उठ कर बैठ बोली, "क्या... क्या टाइम हुआ?" उसने चौंकते हुए पूछा।
सभ्या ने उसे देखते हुए कहा, "10 बज गए हैं!"
उसके इतना कहते ही नेहमत ने झट से घड़ी की तरफ देखती है और अपना फोन उठा कर उसमें टाइम देखती —वाकई 10 बज चुके थे! यह देखकर वो जल्दी से बिस्तर से उठते हुए बोली, "अरे यार! मम्मा, आपको पहले जगाना चाहिए था ना!"
यह बोल वो सभ्या की बात सुने बिना, फटाफट वॉशरूम की ओर भाग गई। उसे ऐसे जाते देख सभ्या ने अपना सिर हिलाते हुए कहा, "पता नहीं इस लड़की का क्या होगा! 25 साल की हो गई है, लेकिन हरकतें अभी भी बच्चों जैसी हैं।" यह बोल वो उसके बेड के पास आ उसे ठीक करने लगी।
करीब एक घंटे बाद, नेहमत वॉशरूम से निकली अब तक सभ्या वहां से जा चूकीं थी। नेहमत अपने क्लोजेट में जाती है और सारे कपड़े देखने के बाद भी उसे समझ नहीं आ रहा था कि आज क्या पहने। वो इडीटेट होकर खुद से बोली, "एक तो पहले ही इतना लेट हो गया और अब समझ भी नहीं आ रहा कि क्या पहनूं! अगर ज्यादा देर हो गई तो वो मेरे बारे में क्या सोचेगा? मैं कुछ भी पहनकर भी तो नहीं जा सकती!"
यह बोल वो वापस कपड़े देखने लगती है। थोड़ी देर बाद, उसने एक लाइट येलो कलर की स्लीवलेस मैक्सी ड्रेस निकाली। उसे देखकर नेहमत के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई और उसने जल्दी से वह ड्रेस पहन ली।
कुछ देर बाद, नेहमत ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी खुद को निहार रही थी। उसने वही लाइट येलो मैक्सी ड्रेस के ऊपर ब्लू डेनिम जैकेट पहनी थी। बालों का हाफ बन बनाया हुआ था, एक हाथ में स्मार्ट वॉच पहनी थी, कानों में गोल डिज़ाइन वाले ईयररिंग्स थे और पैरों में सफेद शूज़। हल्का सा मेकअप करके उसने खुद को आईने में देखा और मुस्कुराते हुए बोली, "परफेक्ट!" यह बोल वो खुद को एक फ्लाइंग किस देती है और फिर कमरे से बाहर निकल गई।
जैसे ही नेहमत सीढ़ियों से नीचे आई, वह गुंजन से टकरा गई। गुंजन ने उसे सँभालते हुए कहा, "अरे-अरे, आराम से! इतनी जल्दी में कहाँ जा रही हो?"
नेहमत जल्दी से बोली, "चाची, बहुत लेट हो गया!"
गुंजन ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "इतनी हड़बड़ी की जरूरत नहीं है, आराम से जाओ। रोहन बाहर तुम्हारा इंतजार कर रहा है।"
यह सुनकर नेहमत ने झट से गुंजन के गाल पर हल्की-सी किस दी और बोली, "ओके, थैंक यू!" यह बोल वो तेजी से बाहर निकल गई। गुंजन उसे जाते हुए देख मुस्कुरा दी और अपना सिर हिला दिया।
बाहर पार्किंग में...
नेहमत बाहर पहुँची, जहाँ जैस्मिन रोहन और एकम पहले से उसका इंतजार कर रहे थे। वह उनके पास जाकर बोली, "आई एम सॉरी, थोड़ा सा लेट हो गया!"
तभी एकम नेहमत को देख मुस्कुरा कर बोला, "इट्स ओके, fairyfire अपनी होने वाली वाइफ का इंतजार करने में तो मज़ा ही आता है!"
यह सुनते ही नेहमत तुंरत उसे देखती है। वहीं जैस्मिन और रोहन भी उन्हें ही देखते हुए मुस्कुरा रहे थे।
तभी नेहमत ने जल्दी से कहा, "लेट हो रहा है, चलो जल्दी चलते हैं!”
To be continued...
दिल्ली, इंडिया,
एकम की कार दिल्ली के सबसे बड़े मॉल के बाहर रुकती है। सब मॉल के अंदर जाते हैं। अंदर जाने के बाद जैस्मीन नेहमत से कहती है, "हम ना सबसे पहले कपड़ों की शॉपिंग कर लेते हैं। वेडिंग लहंगा तो डिजाइनर के पास से लेंगे, लेकिन बाकी फंक्शन के लिए भी तो कपड़े चाहिए। इसलिए, सबसे पहले वही खरीद लेते हैं।"
यह कहकर वह नेहमत का हाथ पकड़कर कपड़ों के सेक्शन की ओर बढ़ जाती है। और रोहन और एकम भी उनके पीछे अंदर चले जाते हैं।
नेहमत और जैस्मीन जैसे ही कपड़ों के सेक्शन में पहुंचते हैं, एक स्टाफ मेंबर उनके पास आकर कहती है, "हाउ कैन आई हेल्प यू, मैम? आपको क्या चाहिए?"
जसमीन मुस्कुराकर जवाब देती है, "हमें वेडिंग फंक्शन्स के लिए कपड़े चाहिए— संगाई, हल्दी, मेहंदी और बाकी सभी रस्मों के लिए।"
स्टाफ मेंबर मुस्कुराकर कहती है, "ओके, मैम! मैं आपको हमारी एक्सक्लूसिव वेडिंग कलेक्शन की ओर ले चलती हूँ।"
यह कहते हुए वह उन्हें एक साइड में ले जाती है, जहाँ दो और स्टाफ मेंबर पहले से मौजूद थीं और सारी वेडिंग कलेक्शन थी।
तभी रोहन उनके पास आकर बोला, "तुम्हें यह इतनी उछल कूद क्यों कर रही हो? ड्रेस ही देख रही हो, आराम से बैठ कर नही देख सकती।"
यह सुन जैस्मीन मुंह बना कर उसे देखती है और कुछ कहने ही वाली होती है, तभी नेमहत उसे समझाते हुए कहती है, "सही कह रहा है वो। बैठ जाओ, ऐसे हालात में ज्यादा खडे़ रहना ठीक नहीं।"
इस पर जसमीन कुछ नहीं कहती और चुपचाप सोफे पर बैठ जाती है।
स्टाफ मेंबर उन्हें एक-एक करके कई ड्रेसें दिखाने लगती हैं। जैस्मीन कहती है, "मुझे सबसे पहले सगाई के लिए ड्रेस देखनी है। मैं इंडो-वेस्टर्न गाउन चाहती हूँ।"
यह बात सुन स्टाफ मेंबर उसे कई खूबसूरत गाउन दिखाती हैं। जैस्मीन अपनी पसंद की ड्रेस चुन लेती है, और नेहमत भी अपनी ड्रेस सेलेक्ट कर लेती है। ऐसे ही वो दोनों अपने सभी फंक्शन की ड्रेस पंसद कर लेती है। तभी वहां स्टाफ मेंबर एक और ड्रेस लेकर आती है।
जैस्मीन और नेहमत उसे देख ही रही थी कि तभी पीछे से एक आवाज आती है, "इट्स परफेक्ट फॉर यू, फेयरीफायर!"
यह सुन सभी मुड़ कर एकम को देखते हैं, जिसकी नज़र उस ड्रेस पर टिकी हुई थी। नेहमत को भी वह ड्रेस बहुत पसंद आई थी। वह एक रेड कलर की गाउन था, जो की वन-शोल्डर था और उसके उपर सीने वाले भाग में फूलों से डिजाइन बनाई गई थी और नीचे वाले पार्ट में बटरफ्लाई से डिज़ाइन बना हुए थे, और उसमें हल्का गोल्डन वर्क भी था। ड्रेस का ट्रेल फर्श को छू रहा था, जिससे वह और भी खूबसूरत लग रही थी।
एकम स्टाफ मेंबर को देखकर कहता है, "इसे पैक कर दो। और जो भी कुछ उन्होंने पंसद किया है, वो सब भी पैक कर देना। लेकिन इस ड्रेस को अलग से पैक करना।"
स्टाफ मेंबर मुस्कुराकर "ओके" बोल वहां से चली जाती है। एकम ने इस वक्त मास्क पहना हुआ था, इसलिए कोई उसे पहचान नहीं पा रहा था। हालांकि, सभी को थोड़ा अजीब जरूर लग रहा था, लेकिन किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
स्टाफ मेंबर के जाने के बाद नेहमत एकम के एकम के पास आकर कहती है, "तुम पागल हो गए हो क्या? यह ड्रेस 20 करोड़ की है!"
यह सुन एकम मुस्कुरा कर बोला, "i don't care, 20 करोड़ हो या 50 करोड़... मैं तुम्हें 'फेयरी फायर' बुलाता हूँ, क्योंकी तुम मुझे सच में परी लगती हो, सो परीयां वाली ड्रेस भी तुम्हारी ही होनी चाहिए। मेरी परी को उसके स्पेशल डे पर सबसे खूबसूरत देखना है।"
यह सुन नेहमत एकम को हैरानी से देखते हुए बोली, "क्या बोल रहे हो? कुछ भी... ऐसा भी बोलो जो समझ में आए!"
एकम तिरछा मुस्कुरा कर उसे अपने करीब खींच कर बोला, "मेरी बातें हमेशा ऐसी होती हैं, जो किसी को समझ नहीं आती। और अगर मैं सबको समझ आने लगूं, तो मुझमें और बाकी लोगों में क्या फर्क रह जाएगा?"
नेहमत इंडिकेट होकर कहती है, "जो भी हो! पर मुझे गिफ्ट कोई नहीं चाहिए, और इतना महंगा तो बिल्कुल नहीं!"
एकम अपने चॉकलेटी आइज़ से नेहमत की ब्राउन आइज में देखते हुए बोला, "तुम चाहो या न चाहो, लेकिन यह तुम्हें लेना ही पड़ेगा। क्योंकि मैं दे रहा हूँ!"
नेहमत कुछ पल रूक धीरे से बोली, "इतना हक किस बात का जमा रहे हो मुझ पर तुम?"
यह सुन एकम हल्का सा मुस्कुरा कर उसके कान के पास झुक धीरे से बोला, "अब तो सारे हक सिर्फ मेरे ही हैं, फेयरी फायर! इतनी जल्दी भूल गई? मैं तुम्हारा होने वाला पति हूँ।"
यह कह कर वो हल्के से नेहमत के कान को बाइट कर लेता है। वही उसके यह करते ही नेहमत के दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं। उस कुछ समझ नहीं आ रहा था और वो बस चुपचाप उसे देखती रह जाती है।
तभी एकम थोड़ा पीछे हटकर कहता है, "तुम्हारे पास सारी ज़िंदगी है मुझे देखने के लिए।"
यह कह कर वो उसके गाल पर हल्की सी किस करके उससे दूर हो जाता है।
वही रोहन और जैस्मीन भी हैरानी से यह सब देख रहे थे। जैस्मीन धीरे से कहती है, "सीरियसली? भाई यह सब भी कर सकते है? मैंने कभी सोचा ही नहीं था!"
रोहन भी वैसे ही धीरे से बोला, "मुझे तो लगा था दी हमारे चक्कर में शादी कर रही है, लेकिन यहां तो कुछ और ही लग रहा है!"
तभी एकम उन दोनों को देख बोला, "तुम दोनों का हो गया? और नहीं हुआ, तो भी जो भी कुछ करना है, आराम से करो। बाहर कार है, और ड्राइवर भी वो तुम्हें दोनों को छोड़ देगा।"
यह सुन वे तीनों उसे अजीब तरीके से देखते हैं।
तभी वह फिर से बोला, "नेहमत को मैं खुद छोड़ दूंगा। अभी हम दोनों कहीं और जा रहे हैं।"
यह सुन वो तीनों एक साथ बोल पड़ते हैं, "कहीं और? मतलब कहां?"
एकम कुछ पल उन्हें देखता है और फिर बोला, "यह मैं तुम लोगों को बताना जरूरी नहीं समझता। और फेयरी फायर, थोड़ा भरोसा करो। तुम्हारा होने वाला पति हूँ, चलो तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है!"
यह कहते हुए वह नेहमत का हाथ पकड़कर मॉल से बाहर निकल जाता है। वही जैस्मीन और रोहन बस खड़े देखते रह जाते हैं।
जसमीन सिर हिलाते हुए कहती है, "कोई देख कर कह सकता है, इन्हें कि यह अरेंज मैरिज हो रही है? मतलब, यहाँ लव मैरिज वाले भी ऐसे नहीं होते!"
रोहन हंसकर कहता है, "तुम्हें अरेंज मैरिज इतनी अच्छी लगती है तो तुम भी अरेंज मैरिज कर लेती। तुमने मुझे प्रपोज क्यों किया?"
यह सुन जैस्मीन मुस्कुराकर जवाब देती है, "क्योंकि तुम काॅलेज के सबसे हैंडसम लड़के थे, मतलब वो तो अभी भी हो।"
उसकी बात सुन रोहन आई रोल कर बोला, "सीरियसली"
जैस्मीन वैसे ही मुस्कुरा कर बोली, "ofcourse"
उसकी स्माइल देख रोहन के फेस पर भी स्माइल आ जाती है और वो उसे गाल पर किस कर देता है और फिर कहता है, "ओके, बेबी! अब तुम शॉपिंग खत्म करो, फिर हम डेट पर चलेंगे!"
यह सुन जैस्मीन एक्साइटमेंट में झट से "ओके" बोलती है ,और फिर उसके बाद वो दोनों वापस अपनी शॉपिंग पर ध्यान देने लगते हैं।
to be continued...
दिल्ली, इंडिया
एकम नेहमत को लेकर अपनी कार के पास आता है और उसके लिए पैसेंजर सीट का दरवाजा खोलता है। नेहमत बिना कुछ बोले अंदर बैठ जाती है। फिर एकम भी ड्राइविंग सीट पर आकर कार स्टार्ट कर देता है।
थोड़ी देर तक नेहमत चुपचाप उसे देखती रहती है। तभी एकम अचानक बिना उसकी तरफ देखे बोलता है,
"कुछ कहना है तुम्हें, fairyfire? या बस ऐसे ही मुझे देखने का मन कर रहा है?"
नेहमत तुरंत झेंप जाती है और खिड़की की तरफ देखते हुए जवाब देती है,
"मुझे तुम्हें देखने का कोई शौक नहीं है। मैं बस ये पूछ रही थी कि तुम मुझे लेकर कहां जा रहे हो?"
एकम हल्का-सा मुस्कुराता है और फिर उसकी तरफ देखता हुआ कहता है,
"सीरियसली? मतलब, तुम मेरी होने वाली बीवी हो, लेकिन तुम्हें अपने होने वाले पति पर बिल्कुल भरोसा नहीं है? ऐसे तो हमारी जिंदगी कैसे चलेगी? जहाँ पत्नी को पति पर भरोसा ही न हो..."
नेहमत बीच में ही जल्दी से बोल पड़ती है,
"ये फालतू की बातें बंद करो और सामने देखो! मुझे अभी मरना नहीं है, एक्सीडेंट करवा दोगे!"
एकम एक गहरी सांस लेते हुए ड्रामेटिक अंदाज़ में कहता है,
"हे भगवान! कैसी होने वाली बीवी दी है आपने मुझे? जिसे अपने होने वाले पति पर ज़रा भी भरोसा नहीं! भगवान जी, इसे चेंज कर दो, मुझे दूसरी बीवी दे दो!"
नेहमत, जो अब तक चुपचाप उसका ड्रामा देख रही थी, वो तुरंत हैरानी से बोल उठती है,
"व्हाट? कोई दूसरी बीवी नहीं आने वाली! तुम्हारी सिर्फ एक ही बीवी होगी, और वो सिर्फ मैं रहूंगी! भगवान जी भी तुम्हारी कोई मदद नहीं करेंगे, वो मेरी साइड हैं!"
एकम अचानक कार रोकता है और फिर नेहमत की तरफ देखकर आंखें चौड़ी करके बोलता है,
"ओह माय गॉड! बहुत बढ़िया! तुमने तो भगवान जी को भी अपनी साइड कर लिया! थोड़ा तो शर्म करो, पता नहीं मेरा क्या होगा? मुझ जैसा मासूम, इनोसेंट बंदा तुम जैसी लड़की के साथ कैसे रहेगा?"
नेहमत झट से बोलती है,
"व्हाट? तुम इनोसेंट? अगर तुम इनोसेंट हो, तो फिर जो शैतान होते हैं, वो कौन होते हैं?"
एकम तुरंत मासूम-सा चेहरा बनाकर बोलता है,
"अब तो तुम्हें मैं इनोसेंट भी नहीं लगता? पहले तो तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं था, और अब ये! तुम मुझ पर ज़ुल्म कर रही हो!"
नेहमत हैरानी से बोलती है,
"ज़ुल्म? मैं तुम पर ज़ुल्म कर रही हूँ?"
एकम चेहरे पर वही मासूमियत लाकर फिर से बोलता है,
"हाँ, तुम मुझ पर ज़ुल्म कर रही हो!"
यह सुन नेहमत कुछ नहीं बोलती उसे समझ आ जाता है कि अगर उसने इस बहस को आगे बढ़ाया, तो एकम ही जीतेगा। इसलिए वो अपने दोनों हाथ जोड़कर कहती है,
"ओके, सॉरी! माफ कर दो, मैं तुम पर जुल्म कर रही हूँ। मेरी सबसे बड़ी गलती ये थी कि मैंने तुमसे पूछ लिया कि तुम मुझे कहां ले जा रहे हो। अब कुछ नहीं पूछूंगी!"
यह सुनते ही एकम एकदम से मुस्कुराते हुए उसके गाल खींचकर हल्के से उसके गाल पर किस कर बोलता है,
"वेरी गुड!"
यह बोल वो फिर से कार स्टार्ट करता है और ड्राइविंग पर ध्यान देने लगता है। वही नेहमत अपने गाल पर हाथ रखते हुए झट से बोलती है,
"तुम यह बार-बार मुझे किस क्यूं करते हो?"
एकम हल्के से मुस्कुराते हुए जवाब देता है,
"क्योंकि मेरा मन करता है अपनी होने वाली बीवी को किस करने का!"
नेहमत अपना मुंह फुलाकर बोलती है,
"पर मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता!"
एकम एक नजर उसे अपने कंधे उचकाकर कहता है,
"मुझे क्या! तुम्हें अच्छा लगे या ना लगे, पर अब तो आदत डाल लो, क्योंकि मैं तो सारी जिंदगी ऐसे ही तुम्हें किस करता रहूंगा!"
नेहमत गुस्से से उसे घूरती है, लेकिन आगे कुछ कहती नहीं। इसके बाद दोनों के बीच पूरे रास्ते कोई बातचीत नहीं होती।
to be continued...
आधे घंटे बाद
एकम अपनी कार एक पहाड़ी के पास रोकता है। नेहमत बाहर निकलकर चारों ओर देखती है और हैरानी से कहती है,
"मुझे पता भी नहीं था कि यहाँ ऐसी कोई जगह है!"
एकम मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़कर उसे पहाड़ी की चोटी की तरफ ले जाने लगता है।
वहां से आधा शहर दिखाई दे रहा था। यह देख नेहमत के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ जाती है। और वो धीरे से बोली,
"ये सब कितना खूबसूरत है! पर मुझे पहले कभी ये जगह क्यों नहीं पता चली?"
एकम उसे पीछे से अपनी बाहों में लेते हुए कहता है,
"ज्यादा लोगों को नहीं पता इस जगह के बारे में... और उन कम लोगों में से एक मैं हूँ... और अब तुम भी!"
फिर वह हल्के-से मुस्कुराकर बोलता है,
"वैसे, मुझे लगता है कि हमें शादी से पहले यहाँ एक डेट प्लान करनी चाहिए!"
नेहमत तुरंत मुड़कर कहती है,
"ओह! तो तुम्हें डेट प्लान करनी है, मेरे लिए?"
एकम उसे थोड़ा और करीब खींचकर कहता है,
"हम दोनों के लिए! तो, मिस नेहमत सिन्हा, क्या तुम मेरी डेट बनोगी?"
नेहमत मुस्कुराते हुए उसके गले में अपनी बाहें डालकर कहती है,
"यस, ऑफ कोर्स, मिस्टर एकम रंधावा!"
एकम हल्के से उसकी कमर में हाथ डालते हुए कहता है,
"तो फिर... किस मी?"
नेहमत उसकी बात सुनकर चौक जाती है और जल्दी से बोली,
"व्हाट? मैं ऐसा कुछ भी नहीं कर रही!"
यह बोल वह झट से उससे दूर होने लगती है, लेकिन एकम अपनी पकड़ कस देता है। और उसे देखते हुए बोला,
"जब तक तुम मुझे किस नहीं करोगी, तब तक तुम जा भी नहीं पाओगी!"
नेहमत उसे घूरते हुए कहती है,
"ये जबरदस्ती है!"
एकम हल्की मुस्कान के साथ कहता है,
"ओके, जैसा तुम सोचो! मुझे तुम्हें ऐसे पकड़ कर रखने में कोई प्राब्लम नही है।"
नेहमत उसे उसी तरह घुरते हुए बोली, "मेरा भी टाइम आएगा, तब तुम देखना की मैं तुमसे कैसे बदला लेती हूं!"
एकम भी उसी हल्की मुस्कान के साथ कहता है,
"मैं तुम्हारे टाइम आने का वेट करूंगा, और अगर तुम्हारा टाइम मेरे जैसा आया तो... आई डोंट हैव एनी प्रॉब्लम!"
यह सुनते ही नेहमत और भी गुस्से में उसे घूरने लगती है। फिर धीरे से अपनी आंखें बंद कर उसकी ओर झुकती है और हल्के से उसके गाल पर होंठ रख देती है। उसके यह करते ही एकम की आंखें बंद हो जाती है। कुछ पल नेहमत उससे दूर हो जाती है क्योंकि एकम की पकड़ ढीली हो गई थी।
इसके बाद दोनों कुछ नहीं बोलते, एकम वही नीचे बैठ जाता है। और नेहमत वो घुमने लगती है। थोड़ी देर बाद नेहमत अब थकने लगी थी, इसलिए वो भी वही एकम के पास नीचे बैठ जाती है और उसके कंधे पर सर रख देती है। एकम एक नजर उसे देखता है पर वो कुछ बोला नहीं।
करीब एक घंटे बाद,
एकम अचानक से उठकर कहता है,
"चलो, घर चलते हैं, अब शाम हो गई है।"
उसकी बात सुनते ही नेहमत जल्दी से खड़ी होती है, लेकिन उसका बेलेंस थोड़ा सा बिगड़ जाता है और वो गिरने लगती है। तभी एकम तुरंत उसे पकड़कर सीधा करता है।
नेहमत उसे देख धीरे से बोली, "thank you"
थोड़ी देर बाद, दोनों कार में बैठते हैं और वापस घर की ओर चल देते हैं। इस पूरे रास्ते में दोनों खामोश रहते हैं।
घर के बाहर पहुँचकर, नेहमत कार से उतरती है और दरवाजे तक जाती है। वह एक बार मुड़कर देखती है—एकम अब भी वहीं खड़ा उसे देख रहा था। नेहमत हल्की-सी मुस्कान के साथ अंदर चली जाती है।
एकम उसे जाते कुछ पल देखता है, फिर कार स्टार्ट करके वहाँ से चला जाता है।
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दिल्ली, इंडिया,
नेहमत अंदर आई और देखा कि हीर और रोहन पहले से ही वहाँ बैठे उसका इंतजार कर रहे थे। दोनों उसे देखकर मुस्कुरा रहे थे। उन्हें ऐसे देखकर नेहमत बोली,
"व्हाट? तुम दोनों मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?"
हीर और रोहन मुस्कुराते हुए बोले, "कुछ नहीं, हम तो बस यही देख रहे हैं कि जो हमें पहले से पता था, वो सही है या नहीं।"
नेहमत उनके जवाब से कन्फ्यूज होकर बोली, "क्या सोच रहे हो? क्या सही? गलत क्या है?"
तभी हीर नेहमत के चारों तरफ घूमते हुए बोली, "यही ही की कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारी नजरों में तुम दोनों अरेंज मैरिज कर रहे हो, लेकिन आपको नजरों में ये लव मैरिज है?"
ये सुनकर अब नेहमत इंडिकेट होने लगी थी, उसने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, "सीधा-सीधा बोलो, क्या कहना चाह रही हो?"
हीर ने मज़े लेते हुए कहा, "सीधा-सीधा यही कि आपको डर था कि family's तुम्हारी लव मैरिज एक्सेप्ट नहीं करेंगे, इसलिए तुम दोनों ने ये तरीका अपनाया — शादी करने का। और वैसे भी, तुम दोनों मुंबई में पहले से एक साथ रह रहे हो, तो हमें क्या पता?"
इतना सुनते ही नेहमत ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींचा और उसके सिर पर हल्की सी चपत लगाते हुए बोली, "ये जो तुम्हारा दिमाग इतना कुछ जो चला रहा है न, ये सब क्राइम पेट्रोल और सीआईडी देखने का नतीजा है! आज ही बंद कर दूँगी सब!"
हीर ने तुरंत हाथ जोड़ते हुए कहा, "सॉरी-सॉरी! मैं तो बस मजाक कर रही थी। और ये रोहन ने ही कहा था कि..."
नेहमत ने घूरते हुए रोहन की ओर देखा। तभी रोहन जल्दी से बोल पड़ा, "व्हाट? ऐसे क्या देख रही हो? मैंने सच ही तो कहा था!"
हीर हंसते हुए बोली, "हाँ, और जो चीज़ें उसने बताई थीं, उनके बाद तो मुझे भी शक होने लगा था!"
नेहमत ने झुंझलाते हुए कहा, "जस्ट शट अप! तुम दोनों न दिमाग लगाना बंद करो! जितना चला रहे हो, उतना तुम्हारे पास बचा भी नहीं है!"
तभी उन तीनों को अचानक पीछे से हँसने की आवाज़ आई। नेहमत मुड़ी तो देखा, ईशान खड़ा था। उसे देखकर नेहमत ने दोनों हाथ बाँधकर कहा,
"अब तुम्हें क्या प्रॉब्लम है? क्या काम है? इस टाइम यहां क्यों टपके हो?
यह सुनते ही ईशान की हंसी बंद हो जाती है और वो नेहमत को देखते हुए बोला, "अरे, मैं तुमसे मिलने आया था! तुम्हारा बेस्ट फ्रेंड हूं, सिर्फ सिर्फ काम की वजह से थोड़ी आऊंगा।"
नेहमत ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली, "बेस्ट फ्रेंड हो न, इसलिए पता है कि तुम कब फ्री होते हो और कब बिजी। मुझसे ज्यादा होशियारी मत दिखाओ!"
ईशान ने नाराजगी से मुँह बनाते हुए कहा, "कोई मेरी इज्जत ही नहीं करता! ठीक है, मैं जा रहा हूँ। करो अपनी शादी-वाड़ी!"
नेहमत ने बाय-बाय का इशारा करते हुए कहा, "अच्छा है, जाओ!"
यह सुन ईशान कुछ पल उसे देखता रहा, फिर अंदर जाकर सोफे पर बैठते हुए बोला, "मैं नहीं जा रहा! तेरे कहने से थोड़ी जाऊँगा! और हाँ, मैं तेरी शादी अटेंड करूँगा, देखता हूँ कौन मुझे रोकता है!"
यह देख नेहमत ने गहरी सांस ली और सिर हिलाते हुए बोली, "एक से बढ़कर एक ड्रामेबाज है मेरी लाइफ में! पता नहीं मैं इन सब के बीच कहाँ फँस गई हूँ!"
फिर सबको देखते हुए उसने कहा, "मैं अपने रूम में जा रही हूँ। आधे घंटे तक कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा मुझे!"
तीनों ने चुपचाप सिर हिला दिया और नेहमत वहाँ से अपने कमरे में चली गई।
नीचे हीर, रोहन और ईशान आपस में बातें कर रहे थे।
रोहन ने ईशान के पास बैठते हुए पूछा, "ईशान भाई, आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? हमारी नेहमत दी की लाइफ तो बहुत बोरिंग थी, लेकिन आप तो बिल्कुल बोरिंग नहीं हो। तो बताइए, कोई है या नहीं?"
यह सुनते ईशान की नजरें हीर की तरफ चली गई, और यह चीज हीर ने भी नोटिस कर ली थी, तभी वो उन दोनों को देख अचानक से बोली, "मुझे एक इंपोर्टएंट कॉल करना है मैं आती हूं"
यह बोल वो वहां से चली जाती है। उसके जाने के बाद ईशान ने वापस रोहन की तरफ देखते हुए कहा, "नहीं, मैंने कोई नहीं बनाई। और वैसे भी, तेरी बहन को झेल रहा था, वो काफी था। मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि किसी और को भी झेल सकूं!"
रोहन को उसकी बात सुनकर हँसी आ गई।
फिर ईशान बोला, "चल, दूल्हे राजा! यह तो बता कि कौन-कौन से फंक्शन होने वाले हैं?"
रोहन ने तुरंत जवाब दिया, "सगाई, मेहंदी, हल्दी और शादी।"
ईशान कुछ पल रूक बोला, "संगीत नहीं होगा?"
रोहन ने जवाब दिया, "नहीं, जैस्मिन प्रेग्नेंट है, इसलिए संगीत नहीं रखा गया।"
ईशान झट से बोला, "व्हाट? बिना संगीत के मजा ही नहीं आएगा!"
रोहन सिर हिलाते हुए बोला, "हाँ, मजा तो नहीं आएगा, लेकिन हम सगाई में ही सब धमाल मचा देंगे! वैसे भी, मेहंदी के फंक्शन में हमारा कोई काम नहीं होगा, तो शायद हमें बुलाया भी न जाए!"
ईशान ने हँसते हुए रोहन के कंधे पर हाथ रखा और बोला, "कोई नहीं, हम तेरी सगाई में सारे स्टंट कर लेंगे!"
फिर दोनों वैसे ही हंसते हुए बातें करने लगे।
to be continued...