बाहर से सैनिक बंदूकन के साथ अंदर आए तो वह यह देखकर हैरान हो गई कि यहां पर तो कुछ भी नहींबदला। दरवाजा बंद होने से पहले कुछ सैनिक यहां पर आ गए थे जबकि बाद में जिन सैनिकों ने की कोशिश की थी वह दरवाजे से बाहर हीरह गए थे। सबको हैरानी हो रही थी... बाहर से सैनिक बंदूकन के साथ अंदर आए तो वह यह देखकर हैरान हो गई कि यहां पर तो कुछ भी नहींबदला। दरवाजा बंद होने से पहले कुछ सैनिक यहां पर आ गए थे जबकि बाद में जिन सैनिकों ने की कोशिश की थी वह दरवाजे से बाहर हीरह गए थे। सबको हैरानी हो रही थी की आखिरी है कैसे हो सकता है कैसे अभी कुछ देर पहले जो मरते टूटी हुई थी वह दोबारा से सही हो सकतीहै क्योंकि यह सब कुछ सुदर्शन चक्र के मायाजाल की वजह से हो सकता है इसकी जानकारी सिर्फ सुरक्षा सलाहकार कोथी। नॉर्मल सैनिकों को इसकी जानकारी नहीं थी और ना ही वह इसका अंदाजा लगा सकते थे। नॉर्मल सैनिक बस हैरान हो सकते थे और यह हैरानी इस वक्त दिखाईदे रही थी।
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