तो चलिए शुरू करते हैं हमारी कहानी की हिरोइन जो बाद में खुद की ही कहानी की विलन बन जाती हैं - बंधन ...... बंधन शर्मा , एक ऐसी लड़की जिसकी जिम्मेदारीयों ने उसे दस साल की उम्र में इतना बड़ा बना दिया कि वो जिस उम्र में बच्चे खेलते थे ... उस उम्र में उसन... तो चलिए शुरू करते हैं हमारी कहानी की हिरोइन जो बाद में खुद की ही कहानी की विलन बन जाती हैं - बंधन ...... बंधन शर्मा , एक ऐसी लड़की जिसकी जिम्मेदारीयों ने उसे दस साल की उम्र में इतना बड़ा बना दिया कि वो जिस उम्र में बच्चे खेलते थे ... उस उम्र में उसने पैसे कमाने के तरीके ढूंढने शुरू कर दिये । आज बंधन अठारह साल की हो गयी हैं और अपने जिंदगी में आये अब तक के उतार चढ़ाव को तौलने की कोशिश कर रही थी क्योंकि अगले दिन उसकी शादी होने वाली थी और वो भी एक अपर मिडिल क्लास फैमिली के इकलौते बेटे और अगर राजकुमार कहे तो कम नहीं होगा - अहिल शर्मा से ......!! तो कहानी से जुड़े रहिए और अपना सपोर्ट बनाये रखिए ।
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कहानी शुरू करने से पहले मै , आप सभी रिडर्स को एक बात क्लीयर कर देना चाहती हूं कि यह कहानी एक साधारण सी कहानी हैं जो हर रोज हमारे आसपास ही बुनी जाती हैं और किसी की नजर में आये बीना ही खत्म भी हो जाती हैं । एक ऐसी कहानी जो हमारे समाज की उन कुरुतियों को जाहिर करेगी जहां आपकी रुह तक कांपेगी कि क्या हकीकत में कुछ ऐसा भी होता हैं । यहां मेरा उद्देश्य किसी को गलत या सही ठहराना नहीं हैं बल्कि यह दिखाना हैं कि कुछ घटनाएं सच में बहुत दर्दनाक होती हैं जो हर लड़की से उसका सबकुछ छिन लेती हैं । कैसे जिम्मेदारीयां , एक इंसान का सबकुछ छिन लेती हैं और कैसे पैसो की तंगी , एक छोटे बच्चे को इतना मजबूर और समझदार बना देती हैं कि अगर उसे दस रुपए भी मिल जाये तो बीना मनपसंद चीज खाये वो उन पैसो को वापिस अपने पेंट की जेब में रख लेता हैं। कैसे किसी की बुरी लत किसी और इंसान का सबकुछ बर्बाद कर देती हैं । अगर आपको यह कहानी पसंद आये तो प्लीज अपना सपोर्ट बनाये रखे और अगर आपको कुछ गलत भी लगता हैं तो उसे दिल पर ना लेवे क्योंकि जो चीज कभी हमनें आंखों से देखी ही नहीं या फिर जो कभी हमारे खुद पर बीता ही नहीं ... उसको एक्सेप्ट करना हमारे लिए बहुत मुश्किल होता हैं और यह बात मैं अच्छी तरह से समझती हूं ।
तो चलिए शुरू करते हैं हमारी कहानी की हिरोइन जो बाद में खुद की ही कहानी की विलन बन जाती हैं - बंधन ...... बंधन शर्मा , एक ऐसी लड़की जिसकी जिम्मेदारीयों ने उसे दस साल की उम्र में इतना बड़ा बना दिया कि वो जिस उम्र में बच्चे खेलते थे ... उस उम्र में उसने पैसे कमाने के तरीके ढूंढने शुरू कर दिये । आज बंधन अठारह साल की हो गयी हैं और अपने जिंदगी में आये अब तक के उतार चढ़ाव को तौलने की कोशिश कर रही थी क्योंकि अगले दिन उसकी शादी होने वाली थी और वो भी एक अपर मिडिल क्लास फैमिली के इकलौते बेटे और अगर राजकुमार कहे तो कम नहीं होगा - अहिल शर्मा से.... ......!!
जिंदगी को दर्द के सिवा कुछ नहीं मिला । मेरा दर्द सिर्फ , मैं जानती हूं कोई और मुझे क्या पहचानेगा , जब आज मैं खुद खुदको नहीं पहचान पाती हूं । सभी कहते हैं लड़कियां सौभाग्य से होती हैं और अगर मैं कहूं कि मेरा लड़की होना ही मेरा सबसे बड़ा दुर्भाग्य था । भगवान ने मेरे लिए जो भी चुना , उसे मैने सहर्ष स्वीकार किया पर शायद यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी । मैंने उसे स्वीकार किया कभी विरोध नहीं किया ...... अगर विरोध किया होता तो आज मेरी भी यह हालत नहीं होती ।बचपन से ही जब भी किसी को मुस्कराते देखती हूं तो लगता हैं कि यह मुस्कराहट भगवान ने मुझे भी क्यों नहीं दी ? क्या मैं उनको इतनी नापसंद थी कि मेरी किस्मत उन्होंने - दर्द भरी कलम से लिखी ..... !! कुछ दिन पहले ही किसी ने मुझे कहां कि आप थोड़ा मुस्करा दिया किजिए , बहुत खुबसूरत लगेगी .... पर उसे क्या बताती ? अगर बताया होता तो उस दिन फिर मेरा मजाक उड़ाया जाता ? क्योंकि मुस्कराना क्या होता हैं ? यह मैं नहीं जानती । कभी मुस्कराने की कोई वजह ही नहीं मिली और वख्त के साथ स्थिति ऐसी बनती गयी कि अब होठ मुस्कराने के लिए क्या ? रोने के लिए भी नहीं फैलते । कभी कभी खुद को देखती हूं तो सोचती हूं कि भगवान ने मुझे जन्म ही क्यों दिया ? सिर्फ इस चीज का अहसास दिलाने के लिए कि - देखो पुत्री ! मैंने तुम्हारे लिए दर्द की हर सीमा खत्म कर दी ।
और यही सोचते हुए वह अपने साधारण से कमरे की साधारण सी चेयर पर बैठें वह अपने अतीत में खो गयी - ---
जारी हैं .............
उम्मीद हैं यह कहानी आपको पसंद आयेगी और अगर आप लोग इसे आखिरी तक पढ़ते रहे तो आपको कुछ घटनाएं खुद से जुड़ी हुई महसूस होगी ।
जिंदगी में गम ही ना होते तो क्या खाक जिंदगी होती । खैर आज तक मैं भी यही सोचती आयी हूं कि दर्द मुझे ही क्यों
आगे .....
एक महिने बाद
बंधन और अहिल दोनों ने ही एक दूसरे से मिलने से मना कर दिया था । अजय जी और रमेश जी दोनों को समझाकर थक गये थे लेकिन दोनों ने ठान लिया था कि वो एक दूसरे से अपनी शादी के दिन ही मिलेगे ।
बंधन रोजाना , अजय जी से बात करती रहती थी । आज बंधन का मित्तल कंपनी में असीस्टेंट का इंटरव्यू था ... अजय जी और रमेश जी को यह पता था लेकिन फिर भी उन दोनों ने बंधन को और ना ही अहिल को इस बारे में बताया क्योंकि वो चाहते थे कि इस बहाने वो एक दूसरे से मिल लेगे ।
बंधन के साथ उसकी दोस्त अनिका भी जा रही थी क्योंकि स्कूटी चलाना अनिका को ही आता था ।
कुछ वक्त बाद वो दोनों एक कांच की तरह चमचमाती ब्लिडिंग के सामने खड़ी थी । बंधन और अनिका अंदर चली गयी । वह चारों तरफ देखते हुए - इतनी चमक दमक हैं ना यहां...