ye kahani Hai Diya Rajput ki, jo desh ke top-10 business man ki beti thi vo apne parivar mein sabki laadli thi, fir ek din Diya ki life mein Atharv Aata hai, pehli baar Diya ko dekhte hi Atharv Diya ka deewana ho jaata hai, Atharv puri duniya ka mafi... ye kahani Hai Diya Rajput ki, jo desh ke top-10 business man ki beti thi vo apne parivar mein sabki laadli thi, fir ek din Diya ki life mein Atharv Aata hai, pehli baar Diya ko dekhte hi Atharv Diya ka deewana ho jaata hai, Atharv puri duniya ka mafia king hai, par kahani mein twist tab aata hai jab Atharv ka bhai bhi Diya ko paane ki khwashi rakhta hai, aage kya hota hai , kya Diya ko milega sachcha pyaar? ya vo mafia ki duniya mein fas jayegi jaanne ke liye padhiye mafia ke jaal mein ishq only on story maina pe l
Page 1 of 3
इंडिया/दिल्ली/रात का समय
एक लड़की खाली सुनसान सड़क पर दौड़ रही थी। उसकी आँखों में बेहद दर्द और तकलीफ थी। उसके सामने से एक कार बहुत तेज़ी से आ रही थी। लड़की बेहूद सड़क पर दौड़ रही थी। जैसे ही उसने कार को अपने सामने देखा, डर के मारे अपनी आँखें बंद कर लीं।
तभी कार लड़की के बिल्कुल करीब आकर रुक गई। कार में बैठे आदमी ने जैसे ही देखा कि कोई लड़की उसकी कार के सामने आ गई है, उसने फ़ौरन कार रोक दी। कार रुकने के बाद उसका चेहरा एकदम सख्त हो गया।
वो गुस्से में कार से बाहर निकला। लेकिन जैसे ही उसने लड़की का चेहरा देखा, जो किसी डरी हुई बच्ची की तरह लग रही थी, एक पल के लिए वो देखता ही रह गया। उसका चेहरा देखते ही वो कहीं खो सा गया और उस लड़की को सिर से पाँव तक स्कैन करने लगा।
लड़की की छोटी सी नाक, भारी पलकें, भूरी आँखें, लंबे खुले हुए सुनहरे बाल, गोरा रंग, परफेक्ट बॉडी, पतली सी कमर और 5'4" हाइट... ब्लैक वन-पीस में एकदम क़यामत की ख़ूबसूरती लग रही थी। कोई एक बार देख ले तो बस देखता ही रह जाए, और इस वक़्त वो लड़का भी ऐसे ही कर रहा था।
जब लड़की को एहसास हुआ कि उसे कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा है, उसने अपनी आँखें खोलकर देखा। उसके सामने एक लड़का खड़ा था। एक पल के लिए उसकी आँखें भी उस लड़के पर ठहर गईं। वो लड़का एकदम गोरा-चिट्टा था, हाइट 6'2", काली गहरी आँखें, शार्प जॉलाइन, हल्की दाढ़ी और परफेक्टली सेट बाल। दिखने में एकदम बवाल था। कोई भी लड़की उसे देखे तो बस उसे पाने की तमन्ना कर ले।
जब लड़की देखती है कि वो लड़का उसी को देख रहा है, तो एकदम घबराते हुए बोली, "सॉरी... सॉरी, मेरा ध्यान नहीं था कि मैं कब आपकी कार के सामने आ गई।"
उसकी मीठी आवाज़ जैसे ही लड़के के कान तक पहुँची, वो अपने होश में आया। अपने चेहरे पर थोड़ा सख़्ती लाकर वो अपनी मैग्नेटिक आवाज़ में बोला, "इतनी रात को किससे बचकर भाग रही हो तुम?"
लड़की लड़के की मैग्नेटिक आवाज़ सुनकर एक पल के लिए खो सी गई। फिर लड़का थोड़ा गुस्से भरी कोल्ड वॉइस में बोला, "मैंने तुमसे कुछ पूछा है।"
लड़की घबराते हुए बोली, "वो... मैं... वो..." लेकिन उसके कहने से पहले ही एक और लड़की कार लेकर वहाँ पहुँच गई। वो लड़की कार से निकली और उस पहली वाली लड़की को गले लगाते हुए बोली, "तू कहाँ चली गई थी, दिया? तुझे पता है मैं कितनी परेशान हो गई थी! चल, मेरे साथ।" वो लड़की दिया को खींचकर कार में बिठा देती है और दोनों वहाँ से चली जाती हैं।
लड़का बस उसे जाते हुए देखता रह गया।
कार के अंदर: दिया का ध्यान कहीं और था। उसके पास बैठी लड़की, कव्या, उससे बातें किए जा रही थी। कव्या दिया का हाथ पकड़कर बोली, "तू सुन भी रही है मेरी बात या नहीं?"
दिया थोड़ी कड़वी आवाज़ में बोली, "कव्या, तू चुप कर! कितना बोलती है। मुझे कुछ देर अकेला रहने दे। शांत होकर बैठ जा और जल्दी से घर चल।"
कव्या उसे समझाते हुए बोली, "दिया, मुझे पता है तेरे दिल पर क्या बीत रही है।"
दिया काफ़ी ठंडी आवाज़ में बोली, "तू नहीं समझ सकती। जिस पर बीतती है, वही समझता है। कव्या, तुझे कभी किसी ने धोखा नहीं दिया होगा। हम जिसे दिलो-जान से प्यार करते हैं, वही हमें धोखा दे देते हैं।"
इतना कहकर दिया कार की खिड़की के बाहर देखने लगी। फिर अचानक बोली, "कार रोको, कव्या। मुझे भूख लगी है।"
कैफ़े में: दिया और कव्या एक सुंदर से कैफ़े में चले गए। दोनों एक टेबल पर बैठ गए। कव्या थोड़ा मज़ाक करते हुए बोली, "तेरा अभी-अभी ब्रेकअप हुआ है और तू खाना खा रही है?"
दिया हँसते हुए बोली, "तो क्या करूँ? ब्रेकअप हो गया तो जीना, खाना-पीना छोड़ दूँ? तू क्या चाहती है, मैं देवदास बन जाऊँ उस धोकेबाज़ ध्रुव के चक्कर में?" कव्या हँसी में बोली, "चल, तेरे ब्रेकअप की पार्टी करते हैं।"
दिया उसे घूरकर बोली, "तुझे मेरे ब्रेकअप की खुशी हो रही है?"
कव्या मज़ाक करते हुए बोली, "अरे नहीं यार, मैं तो बस तेरा मूड ठीक करने की कोशिश कर रही थी।"
दिया हँसी में बोली, "मत कर! मेरा मूड ठीक करने की ज़रूरत नहीं। मैं उन लड़कियों में से नहीं जो ब्रेकअप पर ड्रामा करें।"
दोनों खाना खाते हैं और फिर आइसक्रीम ऑर्डर कर लेते हैं। कव्या दिया को देखती हुई बोली, "दिया, तू बहुत स्ट्रॉन्ग है। तेरी जगह कोई और होता तो अब तक रो-रोकर बुरा हाल कर लेता। पर तेरे चेहरे से लग रहा है कि तू अंदर से कितनी तकलीफ में है।"
दिया एक फ़ेक स्माइल देती है और अचानक स्टेज की तरफ़ चली जाती है। कव्या उसे रोकने की कोशिश करती है, लेकिन तब तक दिया स्टेज पर पहुँच चुकी होती है।
दिया का गाना: दिया माइक पकड़कर गाना शुरू करती है:
*"जो मैं जानती, प्रीत करे दुःख होए, तो नगर दिन-डोरा पीटती, कहती प्रीत न करियो कोई।
काश यूँ होता, नींद मेरी खुल जाए, और कोई कह दे, ये सपना था।
पर ये सच ना था... क्या जानूँ मैं, सपना और सच कैसा होए।"*
सब लोग गाने की तारीफ़ करते हैं और तालियाँ बजाते हैं। दिया सबको देखकर अचानक वहाँ से भाग जाती है। कव्या उसके पीछे बिल पे करके भागती है।
अथर्व: उधर लड़का, जो अब पता चलता है कि अथर्व है, दिया की जाती कार को देख रहा होता है। तभी उसका फ़ोन बजता है। दूसरी तरफ़ से आवाज़ आती है, "अथर्व, कहाँ है तू? कब तक आएगा?" अथर्व कोल्ड वॉइस में जवाब देता है, "थोड़ी देर में पहुँच रहा हूँ," और कार में बैठकर निकल जाता है। लेकिन उसके दिमाग में अब भी सिर्फ़ दिया ही घूम रही होती है।
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट्स 🙏 💗
अब आगे
2 साल बाद, दिल्ली
एक लड़की आईने के सामने खड़ी होकर अपने बालों को कंघी कर रही थी तभी उसका फोन बजा। उसने फोन उठाते हुए कहा, "हम्म..."
दूसरी तरफ से एक लड़की की आवाज आई, "दिया यार कहाँ है तू? मैं काफ़ी देर से तेरा इंतज़ार कर रही हूँ।"
दिया बोली: "कव्या, बस हो गई। मैं रेडी हूँ। पाँच मिनट में आती हूँ।"
कव्या बोलती है: "तेरे आधे घंटे से पाँच मिनट ख़त्म नहीं होते।"
दिया बोली: "आ ही गई बस मैं।" उसने इतना कहते ही फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।
कव्या अपना फोन देखते हुए बोली: "इस लड़की का कुछ नहीं हो सकता।"
इधर दिया रूम से बाहर निकल कर लिविंग रूम से बाहर जाने लगी तभी उसे आवाज़ आई: "बेटा, ब्रेकफ़ास्ट कर लो।"
दिया ने बिना देखे जाते हुए ही कहा: "डैड, मैं लेट हो रही हूँ। बाहर से ही कुछ खा लूंगी। आप फ़िक्र मत कीजिए।"
उसके डैड ने थोड़ा सख्ती से बोला: "तुमसे जितना कहा जाए उतना करो।"
दिया अपने डैड की तरफ़ जाते हुए बोली: "डैड, मैं सच में लेट हो रही हूँ। कव्या बहुत देर से मेरा इंतज़ार कर रही है। मैं सच में बाहर खा लूंगी। आपको पता है ना मैं भूखी नहीं रह सकती, लेकिन अभी मेरा बिल्कुल मन नहीं है कुछ खाने का!" वो अपने डैड को हग करते हुए वहाँ से जाने लगती है।
तो उसके डैड उसे पीछे से रोकते हुए बोले: "मुझे तुमसे बात करनी है। कॉलेज से जल्दी आ जाना। डायरेक्ट ऑफ़िस में।"
दिया जाते हुए बोली: "ओके डैड, मैं आ जाऊंगी। बाय!" वो चली गई।
दिया के डैड राजवीर राजपूत उसे जाते हुए देखकर मन में बोले: "मेरी एक गलती की वजह से आज मेरी बच्ची बिल्कुल बदल गई।" उनके चेहरे पर गिल्ट नज़र आने लगा और वो भी वहाँ से अपने रूम में चले जाते हैं।
दिया कॉलेज पहुँचती है। वो देखती है कि बाहर गेट के पास कव्या खड़ी उसका इंतज़ार कर रही थी।
दिया उसके पास जाकर उसे बोलती है: "चल, अब हमेशा लेट करवाती है।"
कव्या अपनी आँख छोटी करके उसे देखती है और हल्के गुस्से में बोलती है: "हँ, हमेशा लेट सोके उठती है। तुझे सुबह फोन करके भी मुझे ही उठाना पड़ता है। रातों को सोती नहीं है, सुबह उठती नहीं है और ब्लेम भी मुझे ही कर रही है कि मैं लेट करवाती हूँ।"
दिया दाँत दिखाते हुए बोली: "हाँ, तो जल्दी उठाना था ना तुझे, मुझे।"
कव्या गुस्से में घूरती है। दिया कहती है: "चल बाबा, अब पहले ही बहुत देर हो गई है!" वो उसका हाथ पकड़कर क्लास की तरफ़ ले जाती है।
कव्या उसे देखकर गुस्से में बोलती है: "तेरी वजह से लेट हुए हैं हम दोनों। अभी तक तो क्लास में प्रोफ़ेसर भी आ गए होंगे।"
दिया उसे देखते हुए कहती है: "तू चिल कर ना, मैं हूँ तेरे साथ। अगर प्रोफ़ेसर कुछ बोले तो चुप रहना। मैं देख लूंगी उन्हें। अब मुँह बंद कर।"
कव्या मुँह बना लेती है और कहती है: "हाँ, तू तो है ही झाँसी की रानी।"
दिया उसे देखकर स्माइल करते हुए बोली: "ऑफ़कोर्स आई एम बेबी।" और एक आई ब्लिंक करती है 😉
तभी कव्या कहती है: "यार, आज न्यू प्रोफ़ेसर आए हैं हमारे। कहीं पहले वाले प्रोफ़ेसर की तरह हिटलर हुए तो..."
दिया बेफ़िक्री से बोली: "हुए तो क्या? हमें कहाँ थोड़ी जानेंगे? तू इतना डरती क्यों है, यार? रिलैक्स रह ना और चुप। अब बहुत बोलती है तू। इतना दिमाग नहीं है जितना सोच-सोच कर ख़र्च कर देती है।" कव्या मुँह बना लेती है।
दिया उसे देखते हुए आई रोल करते हुए बोली: "यार, तू क्यों इतनी छोटी-छोटी बातों पे टेंशन लेने लगती है? मैं हूँ ना तेरे साथ। और गलती की है तो थोड़ी तो सुननी पड़ेगी ही ना प्रोफ़ेसर की। अब कूल डाउन रह, कुछ नहीं होगा।"
वो दोनों बात करते-करते क्लासरूम तक आ जाती हैं। कव्या को थोड़ा डर लग रहा था तो दिया बिल्कुल शांत थी। उसने बोला: "मे आई कमिंग सर?"
तभी प्रोफ़ेसर ने जैसे ही किसी की मीठी आवाज़ सुनी, उस जगह देखने लगा। दिया और कव्या क्लास के बाहर खड़ी थीं। तभी प्रोफ़ेसर ने दिया को देखा तो देखता ही रह गया। दिया ने व्हाइट क्रॉप टॉप और ब्लैक जीन्स और शूज़ पहने थे। बालों को उसने आगे से पिनअप कर रखा था और कुछ लट्टे उसके चेहरे को चूम रही थीं और बालों को खुला छोड़ रखा था। वो बहुत प्यारी लग रही थी। कव्या ने शॉर्ट लाइट ब्लू कुर्ती पहन रखी थी और उसने बालों को खुला छोड़कर आगे से पिनअप कर रखा था। दोनों ही बहुत प्यारी लग रही थीं।
कव्या धीरे से दिया के कान में बोली: "प्रोफ़ेसर तो बड़ा हैंडसम है यार।"
दिया ने उसे अजीब शक्ल बनाकर देखा और दुबारा बोली: "सर, क्या हम अंदर आ सकते हैं?"
प्रोफ़ेसर अपने सेंस में आता है और दिया को देखकर बोला: "कम इन। पूछ सकता हूँ इतनी लेट क्यों आई हो तुम दोनों?"
कव्या कुछ बोलती, उससे पहले दिया ने बोला: "सर, हैवी ट्रैफ़िक।"
प्रोफ़ेसर बोले: "सो इट्स माई फ़ॉल्ट?"
दिया बोली: "डिड आई ब्लेम यू?"
उसकी बात सुनकर पूरी क्लास हँसने लगी। प्रोफ़ेसर ने उन सब की तरफ़ कोल्ड लुक में देखा फिर दिया से बोले: "नाउ गो टू योर सीट। नेक्स्ट टाइम मेरी क्लास में जल्दी आना वरना क्लास में आने की ज़रूरत नहीं है।"
दिया ने कुछ नहीं बोला और अपने सीट पर जाकर बैठ गई। कव्या उसे देखते हुए बोली: "तेरा कुछ नहीं हो सकता। वो तो भला हो उस सर का। इन्होंने हमें कुछ बोला नहीं, वरना पुराने वाले होते तो पता नहीं क्या पनिशमेंट मिलती।" दिया ने उसे देखते हुए बोला: "मेरे होते हुए ये कभी नहीं होगा। तू चिल कर।"
कव्या बोली: "तुझे सर से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी। देख कितने हैंडसम हैं और मुझे तो लगता है शायद वो फ़्रैंक भी हैं।"
दिया ने उसकी बातों का कोई रिप्लाई नहीं दिया। बस सामने बोर्ड पर जो प्रोफ़ेसर समझा रहे थे उसे सुन और देख रही थी। कव्या ने भी अपना सर हिलाकर आगे देखने लगी।
प्रोफ़ेसर ने अपना लेक्चर ख़त्म करते हुए बोले: "सो स्टूडेंट्स, कुछ पूछना है तो पूछ सकते हैं?"
दिया ने अपना हाथ ऊपर करते हुए बोली: "येस सर, मुझे पूछना है।"
प्रोफ़ेसर बोले: "हम्म, पूछो।"
दिया ने बोला: "सर, व्हाट्स योर नेम?"
प्रोफ़ेसर उसे आँखें छोटी करते हुए देखने लगा और मन में बोला: "कितनी अजीब है ये लड़की, बट आई लाइक इट।" और स्माइल करते हुए बोले: "माई सेल्फ़ कबीर रॉय।" कबीर दुबारा बोला: "और कोई क्वेश्चन मिस?"
दिया बोली: "नो सर।"
कबीर एक नज़र दिया को देखकर वहाँ से चला गया और मन में बोला: "सिली गर्ल।"
राघववंशी कॉर्पोरेशन
एक 60 फ़्लोर वाली बड़ी सी बिल्डिंग के सामने BMW आकर रुकती है और उस कार में से एक 27 साल का आदमी बड़े एटीट्यूड के साथ बाहर निकलता है। वो जैसे ही कंपनी में आता है, सब लोग उसे मॉर्निंग विश करते हैं। वो अपनी गर्दन हिलाकर अपनी पर्सनल लिफ़्ट में चला जाता है। उसके पीछे उसका असिस्टेंट वीर भी उसके पीछे चला जाता है। वो टॉप फ़्लोर का बटन प्रेस करता है। कुछ देर में वो दोनों केबिन में होते हैं। वीर के सामने जो लड़का था वो अपनी चेयर पर बैठा फ़ाइल पढ़ रहा था। फिर वो बिना वीर की तरफ़ देखे हाथ से बोलने का इशारा करता है। वीर उसे पूरे दिन का शेड्यूल बता देता है। वो लड़का उसे हाथ दिखाकर जाने का इशारा करता है। वीर वहाँ से चला जाता है।
वो लड़का ग्लास वॉल के पास खड़ा होकर स्मोकिंग करने लगता है। उसका एक हाथ उसकी पैंट की पॉकेट में था तो दूसरे हाथ में सिगरेट। वो ग्लास वॉल के बाहर पूरी दिल्ली को देख रहा था। तभी उसका फ़ोन रिंग होता है। वो कॉल पिक करके कान पर लगाता है तो दूसरी तरफ से कोई कुछ बोलता है और उसकी बात सुनकर लड़का डेविल स्माइल करने लगता है और फ़ोन कट कर देता है। अपनी चेयर पर बैठ जाता है।
तभी उसके केबिन में एक लड़की आती है। जब वो लड़का अपनी नज़र उठाकर देखता है तो उसकी आँखें सख्त हो जाती हैं और वो गुस्से में बोलता है: "तुम मेरे केबिन में बिना नॉक किए आ कैसे गई?"
फिर वो लड़की आई रोल करके बोली: "ओह कम ऑन अथर्व, ये क्या बात हुई? मैं तुम्हारी फ़िआंसी हूँ और तुम मुझसे ऐसे बिहेव करते हो जैसे मैं कोई एलियन हूँ।"
अथर्व उसे देखकर बोला: "एलियन से कम भी नहीं हो अभी की अभी दफ़ा हो जाओ मेरे केबिन से, वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा।"
वो लड़की उसकी बात को इग्नोर करते हुए उसके पास जाने लगी। वो बोली: "यार अथर्व, तुम ऐसे कैसे बोल सकते हो? मैं होने वाली वाइफ़ हूँ तुम्हारी।"
अथर्व बोला: "अभी तक हुई नहीं हो। नाउ गेट लॉस्ट।"
वो लड़की गुस्से में बोली: "तुम मुझसे इस तरह बात नहीं कर सकते, समझें तुम।"
अथर्व सारकास्टिक स्माइल करते हुए बोला: "विधि, अगर तुम यहाँ से अभी की अभी नहीं गई तो तुम सोच भी नहीं सकती मैं क्या कर सकता हूँ। तुम मुझे गुस्सा दिला रही हो।" उसने ये बात कुछ इस तरह से कही कि विधि के माथे पर पसीने की बूँद आने लगी और वो वहाँ से तुरंत भाग गई। अथर्व ने वीर को गुस्से में बुलाया। वीर जल्दी से उसके सामने आकर खड़ा हो गया। उसके चेहरे पर डर नज़र आ रहा था। उसके माथे पर, हाथों में पसीने आने लगे।
अथर्व ने बेहद गुस्से में बोला: "आगे से ये लड़की मेरे ऑफ़िस में आस-पास भी दिखी तो तुम अपनी क़ब्र खोद लेना खुद अपने हाथों से। नाउ गेट लॉस्ट।" वीर उसकी बात सुनकर डर गया और "येस बॉस" बोलकर निकल गया।
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट और ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करो 🙏🏻❤️
अथर्व अपनी आँखें बंद करके चेयर पर लीन होकर बैठ जाता है। जैसे ही वो आँखें बंद करता है, उसकी आँखों के सामने एक खूबसूरत सी लड़की का चेहरा आ जाता है। उसके चेहरे पर एक एडोरेबल स्माइल आ जाती है। वो अपनी आँखें खोलता है तो मन में बोलता है, "कहाँ हो तुम? जब से देखा है दिमाग से निकलने का नाम नहीं ले रही। जितना तड़पाना है, तड़पा लो। सबका हिसाब लूँगा तुमसे।" वो किसी को फोन करता है और उसे बात करके अपने काम में लग जाता है।
शाम का समय
दिया कॉलेज से डायरेक्ट राजपूत एंटरप्राइजेज चली जाती है। उसकी कार बड़ी सी बिल्डिंग के सामने आकर रुकती है और वो कंपनी के अंदर चली जाती है। सभी एम्प्लॉइज़ दिया को ग्रीट करते हैं। दिया सबको बस स्माइल पास करती है। दिया में पैसों का कोई घमंड नहीं था। वो हमेशा सबको इक्वल समझती थी, इसलिए सब उसकी बहुत रेस्पेक्ट करते थे। दिया का नेचर फ्रेंडली था, इसलिए सब उसके साथ जल्दी कम्फ़र्टेबल हो जाते थे।
दिया अपने डैड के केबिन में आती है और वहाँ रखे सोफ़े पर बैठ जाती है। वो केबिन काफ़ी बड़ा था। वहाँ सारी चीज़ें काफ़ी अच्छे से सेट करके रखी गई थीं और दिखने में बहुत क्लासी लग रहा था। दिया जब वहाँ आई तो केबिन में कोई नहीं था, इसलिए वो सोफ़े पर जाकर बैठ जाती है और अपने फ़ोन में इंस्टाग्राम स्क्रॉल करने लगती है। तभी उसके राजवीर केबिन में आते हैं। उसे फ़ोन चलाते देख बोलते हैं, "पूरे दिन फ़ोन में लगी रहती हो। आस-पास भी नज़र घुमाकर देख लो, कोई तुम्हारे पास भी खड़ा है।" दिया आई रोल करती है और बोली, "डैड, मैंने आपको देख लिया। आप आते ही मुझे सुनने लग गए।"
दिया अपने डैड को अपने साथ बैठाती है और बोलती है, "बताइए क्या काम था आपको मुझसे, जो आज आपने मुझे ऑफ़िस बुला लिया?" राजवीर सीरियस होते हुए बोले, "मैं चाहता हूँ, बेटा, तुम ऑफ़िस जॉइन कर लो।" दिया ने जैसे ही ये सुना, वो अपने डैड को अजीब तरीके से देखने लगी। उसने शॉक होते हुए बोला, "व्हाट नॉनसेंस डैड? अभी से क्यों? अभी तो मैं मास्टर कर रही हूँ। मैं अपनी स्टडी में साथ-साथ ऑफ़िस कैसे संभालूंगी? और मुझे तो ढंग से कुछ पता भी नहीं है। मैं..."
"जानता हूँ सब। और तुम अकेली नहीं हो। तुम्हारी हेल्प कार्तिक करेगा। तुम दोनों मिलकर इस कंपनी को संभालोगे। क्योंकि तुम्हारे चाचा और मैं, हम चाहते हैं कि हमारे दोनों बच्चे भी इस फैमिली बिज़नेस को आगे ले जाएँ। जैसे हम टॉप 10 बिज़नेसमैन में आते हैं, तो चाहता हूँ तुम दोनों भाई-बहन इस बिज़नेस को नंबर वन पे ले जाओ।"
तभी केबिन में दिया के चाचा और कार्तिक आते हैं। दिया के चाचा विक्रम राजपूत बोले, "बेटा, भैया सही कह रहे हैं। हम चाहते हैं तुम दोनों अब ये बिज़नेस संभालो।" दिया बोलती है, "क्यों चाचू? आप दोनों क्या अभी से बूढ़े हो गए हो जो हमें इतनी जल्दी बिज़नेस में डाल रहे हो? अरे अभी तो हमारी उम्र खेलने-कूदने की है। क्यों? सही कहा ना भैया?" और बोलकर हँसने लगी। वो तीनों घूरकर दिया को देखने लगे। दिया आई रोल करती हुई बोली, "बट डैड, मैं..." उसने इतना ही कहा था कि राजवीर उसे बीच में ही टोकते हुए बोले, "क्या कहा तुमने? अभी तुम्हारी खेलने-कूदने की उम्र है? 22 साल की हो गई हो।"
"तुम कब बड़ी होओगी, दिया? अगर तुमने ऑफ़िस जॉइन नहीं करना तो ठीक है। हम तुम्हारी शादी करवा देते हैं। हाउसवाइफ़ बनकर रहना ज़िंदगी भर।" राजवीर की बात सुनकर दिया को गुस्सा आ जाता है और वो खड़े हो जाती है और गुस्से में बोली, "डैड, आपके कहने पर मैं पहले भी एक गलती कर चुकी हूँ। वो गलती मैं दुबारा नहीं करने वाली। और क्या आप मुझे शादी की धमकी देना बंद करेंगे? आपको पता है ना मुझे सख्त नफ़रत है इस वर्ड से। और क्या जबरदस्ती है मेरे साथ? अगर बिज़नेस नहीं संभालना तो शादी कर लो। आप मुझे फ़ोर्स नहीं कर सकते, समझें आप।" राजवीर बोले, "मैं तुम्हें फ़ोर्स नहीं कर रहा हूँ बच्चा, पर जब से ध्रुव ने तुम्हारे साथ जो कुछ भी किया है, तुम बहुत बदल गई हो। सब से दूर-दूर रहती हो, बात भी नहीं करती। तुम्हें लेकर तुम्हारी दादी बहुत परेशान रहती है।" दिया बोली, "मैं नहीं बदली हूँ और कम बोलने से कोई बदल नहीं जाता डैड। और रही बात उस ध्रुव की, मैं उसे काफ़ी पहले ही भूल चुकी हूँ। आप लोगों के कहने पर मैंने दो साल पहले उस ध्रुव से शादी करने के लिए मान गई थी। और अगर आपको लगता है मैं बदल गई हूँ तो इसमें आप सबका हाथ है। नहीं आप लोग मुझे उससे शादी करने के लिए फ़ोर्स करते और ना ही मैं बदलती, समझें आप सब। और मैं ऑफ़िस जॉइन नहीं कर रही।" राजवीर बोले, "ऑफ़िस तो तुम्हें जॉइन करना ही पड़ेगा या फिर शादी कर लो। दो ही ऑप्शन हैं। चॉइस इज़ योर्स।" दिया चिल्लाकर बोली, "डैड..." राजवीर ने अपना हाथ दिखाकर उसे चुप रहने को कहा और बोले, "हाँ और ना में जवाब देना। तुम ऑफ़िस जॉइन कर रही हो या नहीं?" दिया ने गुस्से में अपने डैड को देखा। उसने एक गहरी साँस ली और बोली, "ओके।" राजवीर खुश होते हुए बोले, "दैट्स माई गर्ल!" और उसे गले से लगा लेते हैं। दिया भी उन्हें गले लगा लेती है और कहती है, "अगर मुझसे नहीं हुआ तो डैड..." राजवीर बोले, "मुझे अपनी दिया पे पूरा भरोसा है। वो तुम मुझे कभी निराश करोगी। देखो बच्चा, जैसे मैंने और तुम्हारे चाचा ने ये कंपनी संभाली है, वैसे ही तुम और कार्तिक भी संभालो। हमारे जाने के बाद तुम दोनों को ही सब कुछ संभालना है।" दिया बोली, "डैड, आप और चाचू इतनी जल्दी नहीं मरने वाले। आप तो बस हम दोनों भाई-बहन पे ये बिज़नेस का बोझ डालकर खुद थाईलैंड घूमना चाहते हो जब भी आप हम ये सब बोल रहे हो।" उसकी बात सुनकर कार्तिक बोला, "सही कहा छोटी तुमने। एकदम!" और हँसने लगा। राजवीर बोले, "तुम बहुत बोलने लगी हो।" दिया बोली, "अच्छा अब मैंने सच बोल दिया तो मैं बहुत बोलने लगी? चाचू, मैं आपकी और डैड की शिकायत दादी से करूंगी। कैसे हम दोनों इनोसेंट बच्चों को इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दे रहे हो, है ना भैया?" कार्तिक भी दिया को साइड हग करते हुए बोला, "हाँ दिया, हम दोनों शिकायत करेंगे पापा और बड़े पापा की!" और वो सब हँसने लगे। उन्होंने कुछ देर तक बात की और फिर वो सब घर चले गए।
राघववंशी मेंशन
लिविंग एरिया में वहाँ चार उम्रदराज लोग बैठे थे। विशाल गुस्से में बोले, "पापा, आपने अथर्व को सर पर कुछ ज़्यादा ही चढ़ा रखा है। कब आता है, कब जाता है, कुछ पता ही नहीं है उसका।" कुलदीप बोले, "हमारा पोता बहुत मेहनत करता है। जब भी राघववंशी कॉर्पोरेशन आज नंबर वन पे है, तो हमारे पोते के बारे में बोलने की ज़रूरत नहीं है।" तभी रुक्मणी बोली, "हाँ, तुम्हारे पापा एकदम सही बोले। हमारे पोते के बारे में कुछ अनबन-शबन बोलने की ज़रूरत नहीं है।" तभी सीढ़ियों से उतरता हुआ एक शख्स आया। अथर्व के अलावा आपके चार पोते-पोतियाँ हैं, शायद आप भूल रहे हैं दादाजी।" कुलदीप सीढ़ियों की तरफ़ देखते हुए बोले, "दीप, लगता है तुम्हें जलन हो रही है।" दीप आई रोल करते हुए बोला, "कम ऑन दादाजी! मैं और जलन? ऐसा हो ही नहीं सकता। और रही बात अथर्व से जलने की तो वो मेरा कभी कंपेरिज़न नहीं कर सकता। बहुत बड़ी गलतफ़हमी पाल रखी है मेरे छोटे भाई ने।" अथर्व बाहर से आते हुए लिविंग रूम में सोफ़े पर आकर बैठ गया। इधर दीप भी उसके सामने आकर बैठ गया और उसे देखते हुए बोला, "गलतफ़हमी नहीं, ये सच है।" अथर्व मॉकिंग वे में बोला, "वेल, मुझे तुम्हारा कंपेरिज़न करना भी नहीं है। जो खुद दूसरों के टुकड़ों पे पाल रहा है, मैं भला उसका कंपेरिज़न करूँगा? क्यों? सही कहा ना मॉम? मैंने..." दीप ने गुस्से में बोला, "अथर्व, माइंड योर टंग!" अथर्व ईविल स्माइल करते हुए बोला, "जब सुनने की हिम्मत नहीं है तो बोलने की हिम्मत भी मत रखा करो। और मेरे सामने बोलने से पहले सो बार सोचा-समझा करो।" उन दोनों को देखकर रुक्मणी बोली, "बस भी करो! जब देखो दोनों हमेशा लड़ते रहते हो। दिव्या, जाओ सर्वेंट को बोलो खाना लगाए डाइनिंग टेबल पे।" "जी माँ।" तभी अथर्व के चाचा-चाची आए, करण और राधा। इन दोनों के दो बच्चे हैं, प्रीति और कुणाल। और अथर्व और दीप की छोटी बहन कनक। रुक्मणी जी बोली, "बाकी बच्चे कहाँ हैं?" तभी वहाँ तीन लोग आते हैं, "हम यहाँ हैं दादी!" और उनके गले लग जाते हैं। अथर्व एक नज़र उन सबको देखकर अपने रूम में जाने लगता है। तभी उसके दादा कुलदीप बोले, "बेटा, सब डिनर कर रहे हैं। तुम भी आ जाओ।" अथर्व बोला, "मैं अपने रूम में करूँगा।" इतना कहकर वो रूम में चला गया। उसे जाते देख दीप बोला, "दादाजी, मुझे आपसे बात करनी है।" कुलदीप बोले, "डिनर के बाद स्टडी रूम में बात करते हैं।" और वो सब डिनर करने लगते हैं।
राजपूत मेंशन
दिया अपने रूम में बेड पर लेटी हुई थी। तभी उसके रूम में 15 साल की लड़की आई, "दीदी, क्या कर रही हो आप?" दिया उसे देखकर बोली, "निशी?" "बोली, कुछ नहीं लेटी हुई हूँ। क्या हुआ? बोलो, कुछ काम था?" निशी बोली, "नहीं, दादाजी बुला रहे थे। सब नीचे आपका वेट कर रहे हैं।" दिया उसे साथ नीचे आ जाती है। वो दोनों बात करते हुए आ रही थीं, तभी दिया के पैरों को कोई पकड़ लेता है। दिया नीचे देखती है तो खुश हो जाती है। उसके पैरों में एक 4 साल का बच्चा लिपटा हुआ था। दिया उसे गोद में उठाकर बोली, "अरे मेरे लाल! तुम कब आए?" "बुआ, मैं लाल नहीं हूँ, मैं वंश हूँ।" दिया हँसते हुए बोली, "ओह अच्छा! तो तुम वंश हो, पर मेरे हमेशा लाल ही रहोगे।" दिया उसे लेकर डाइनिंग टेबल के पास ले जाकर बैठ गई। "दिया, बच्चा, ठीक हो ना जी?" "चाची, मैं ठीक हूँ।"
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट ❤️🙏🏻
अब आगे
"दिया, तुम ठीक हो ना जी?" "चाची, मैं ठीक हूँ। पर आप ये क्यों पूछ रही हैं? क्या मैं आपको ठीक नहीं लग रही?" दिया की चाची किर्ती बोली, "बेटा, तुम थोड़ी थकी हुई सी लग रही हो, इसलिए पूछ लिया।" दिया ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं ठीक हूँ चाची, आप फ़िक्र मत कीजिए।" किर्ती दिया के पास आकर उसके सर पर हाथ फेरकर बोली, "कैसे ना करूँ? मेरी एक ही तो बच्ची है जिसे मैं इतना प्यार करती हूँ।"
"माँ, मैं भी यहाँ हूँ। मुझे तो आप भूल ही गई हो।" किर्ती और दिया पीछे देखती हैं। सीढ़ियों से एक हैंडसम सा लड़का नीचे उतरता हुआ दिया की साइड चेयर पर आकर बैठ जाता है और दिया से बोलता है, "मोती, सारा प्यार तुम ही ले लो इन घरवालों से। हमारे लिए भी कुछ छोड़ दो। हम भी तो इस घर में रहते हैं।" किर्ती उस लड़के के कान मरोड़ते हुए बोली, "कभार्दर! आगे मेरी बच्ची को कुछ कहा तो तुमसे ज़्यादा लायक है मेरी बच्ची।" दिया हँसने लगी। उस लड़के ने मुँह बना लिया। दिया हँसते हुए बोली, "देव भाई, आप क्यों मुझसे इतना जलते हो? मैं तो बहुत मासूम हूँ, है ना चाची?" किर्ती कहती है, "हाँ, मेरी बच्ची तो बहुत मासूम है।"
देव चिल्लाते हुए बोला, "आह्ह्ह! माँ, दर्द हो रहा है! छोड़ो मेरा कान! और जिसे आप मासूम बता रही हो ना, आप नहीं जानती कितने कांड करके बैठी है।" दिया देव को घूरते हुए बोली, "देव भाई, आप क्या कह रहे हैं? मैंने क्या किया? मैं तो कुछ भी नहीं करती, है ना चाची?" दिया इनोसेंट सी शक्ल बनाकर अपनी चाची की तरफ़ देखती है। किर्ती बोली, "हाँ बच्चा, मुझे पता है। ये ही नालायक है।" देव अपनी माँ की बात सुनकर मुँह बना लेता है। दिया उसे देखकर हँस देती है और डिनर करने लगती है।
दिया बोली, "चाची, वो छोटा चूहा कहाँ है? दिख नहीं रहा।" तभी उसके चाचा बोले, "बेटा, वो अपने कॉलेज की तरफ़ से शिमला ट्रिप पे गया है।" दिया बोली, "ओह्ह्ह! सही है। कोई तो घूम रहा, वरना हमें तो इस जेल जैसे घर में बंद करके रख दिया है और फैमिली बिज़नेस संभालने के लिए कह दिया।"
"चाचू, क्या मैं ऑफ़िस जॉइन करने से पहले कहीं ट्रिप पे नहीं जा सकती अपने फ्रेंड्स के साथ? प्लीज़! मुझे भी घूमना है। आप भैया और देव और उस छोटे चूहे को तो जाने देते हो घूमने, तो मुझे पर इतनी रेस्ट्रिक्शन क्यों?" दिया के चाचा केशव बोले, "बेटा..." उन्होंने इतना बोला ही था कि राजवीर बोले, "हम तुम पर रेस्ट्रिक्शन नहीं लगा रहे बच्चा। हम आपको प्रोटेक्ट कर रहे हैं। तुम जानती हो ना हमारे बिज़नेस राइवल हम पे कभी भी अटैक कर सकते हैं। और वो सब जानते हैं तुम हम सबकी कमज़ोरी हो। तो डैड, भाई, हर भी तो है। क्या इन लोगों पे कोई अटैक नहीं करेगा? और मेरे साथ बॉडीगार्ड भी तो होते हैं।"
राजवीर बोले, "वो सब हम नहीं जानते। मैं तुम्हारी जान के साथ रिस्क नहीं ले सकता।" "बट डैड, छोटा चूहा भी तो गया है ना घूमने? वो भी तो उस घर की जान है, तो मैं ही क्यों?" राजवीर इस बार थोड़े गुस्से में बोले, "दिया, क्या तरीका है अपने छोटे भाई का नाम लेने का? उसका नाम कवि है। और मुझे अब कोई बहस नहीं करनी इस बारे में। चुपचाप खाना खाओ और सो जाओ। समझी?"
दिया गुस्से में खड़ी होती है और बोली, "मुझे नहीं खाना। मर गई मेरी भूख!" और पैर पटककर वहाँ से चली जाती है। केशव बोले, "भैया, क्यों उसे डाँटा? आपकी उस बिचारी की क्या गलती है? वो भी अपनी जगह गलत नहीं है। सबको देखकर उसका भी मन करता है। और उस हादसे के बाद से हमारी बच्ची में इतना बदलाव आ गया है। वो भले ही सबके सामने मुस्कुराती रहती है, पर दिल से बहुत ज़्यादा कमज़ोर हो चुकी है, जब से ध्रुव उसकी लाइफ से निकला है। हमारी एक गलती की वजह से हमारी बच्ची की ये हालत हो गई।"
राजवीर बोले, "मैं जानता हूँ हमारी गलती की वजह से उसने अपने आप को क्या बना लिया है। पर हमारी दिया कमज़ोर नहीं है। बस अपने इमोशन्स कंट्रोल करना सीख गई है। वो बहुत स्ट्रॉन्ग है। और रही बात उसके बदलाव की, सब ठीक हो जाएगा। दिया और लड़कियों से बहुत अलग है, समझदार है। भैया, कहीं हम जल्दबाज़ी तो नहीं कर रहे ना, दिया को बिज़नेस वर्ल्ड में लाकर, क्योंकि उसका कोई इंटरेस्ट नहीं है।"
राजीव बोले, "नहीं, हमने एकदम सही डिसीज़न लिया है। दिया बहुत टैलेंटेड है और समझदार भी बहुत है। जैसे उसने ध्रुव के जाने के बाद खुद को संभाला है, वैसे ही ये बिज़नेस को भी संभाल लेगी। मैं उसकी भलाई के लिए ही कर रहा हूँ। बिज़ी रहेगी तो फ़ालतू की चीज़ों के बारे में नहीं सोचेगी।" राजवीर की माँ कल्याणी बोली, "बेटा, तुम्हारी बहन कविता एक हफ़्ते बाद आ रही है।" राजवीर ने अपना सर हिला दिया और सब खाना खाकर रूम में चले गए।
अगली सुबह
दिया अपने कॉलेज जा रही थी। रास्ते में उसकी कार किसी से टकरा जाती है। वो बाहर निकलकर देखती है तो उसकी कार आगे से डैमेज हो जाती है और अपने सामने वाली कार को देखती है और गुस्से में बोली, "अबे ओए! अंधा है क्या? दिखाई नहीं देता? सुबह-सुबह नशा करके निकले हो क्या? सस्ते नशे करके किसी की भी कार ठोक देते हो। मेंटल इंसान! पता नहीं सारे पागल भगवान ने मेरे ही नसीब में लिख दिए। अबे ओए! अंदर बैठा रहेगा या बाहर भी आएगा? रॉन्ग साइड से कार क्यों लेकर आ रहा था?" तभी कार में से एक हैंडसम सा आदमी बाहर निकला। उसने दिया को देखा तो बस देखता ही रह गया। वो दिया में खो सा गया था। इधर दिया नॉनस्टॉप बोले ही जा रही थी। जब उसने सामने खड़े शख्स को देखा, उसे देखता हुआ जा रहा है और कुछ बोल नहीं रहा, तो दिया उसके सामने चुटकी बजाती है और बोली, "कहाँ खो गए हो भाई?" दिया का "भाई" बोलना उस शख्स को अच्छा नहीं लगा और उसके पास आते हुए बोला, "लिसन..." उसने इतना ही बोला था कि दिया ने उसे बीच में टोकते हुए बोला, "तुम सुनो मेरी बात, पागल आदमी! तुम्हारी वजह से मेरी फ़ेवरेट कार डैमेज हो गई है। एक तो रॉन्ग साइड से कार लेकर खुले साँड की तरह कार भगा रहे हो, ऊपर से मुझे कह रहे हो मैं तुम्हारी बात सुनूँ?" दिया इसे आगे बोलती...
वो शख्स गुस्से में बोला, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई दीप राघववंशी से बदतमीज़ी बात करने की? तुम जानती नहीं हो मैं क्या हूँ?" दिया उतने ही गुस्से में बोली, "मुझे तुम्हें जानने का कोई शौक नहीं है, समझें तुम? अब हटो मेरे सामने से अपनी कबाड़ कार लेकर।" दीप उसे हैरानी से देखने लगा। वो इतनी महंगी कार को कबाड़ कह रही थी। दीप ने दिया का हाथ पकड़ लिया। दिया ने उसके हाथ पकड़ने से चिढ़ गई और गुस्से में बोली, "अबे ओए! हाथ छोड़! तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरा हाथ पकड़ने की? मैं तेरा सर फोड़ दूंगी। एक तो मेरी कार को ठोक दिया, ऊपर से मेरे साथ बदतमीज़ी कर रहे हो।" दीप बोला, "अभी तो बदतमीज़ी करी कहाँ है मोहतरमा? जब बदतमीज़ी पर आया रोकर भाग जाओगी।" दिया गुस्से में बोली, "मुझे उन लड़कियों जैसा मत समझना कि तुम्हारी खोखली धमकियों से डर जाऊँगी। दिया राजपूत नाम है मेरा। आगे मेरे साथ ज़रा सा भी मिसबिहेव किया ना, जेल में चक्की पीसते हुए नज़र आओगे। समझें तुम?"
दीप उसकी बात का मज़ाक उड़ाते हुए बोला, "ओह रियली लिटिल किट्टी? तुम्हें लगता है मैं डर जाऊँगा?" और हँसने लगा। दिया उसके हँसने से चिढ़ जाती है और अपना हाथ को तेज़ी से पीछे खींचती है तो दीप की पकड़ से उसका हाथ छूट जाता है। दीप अपने असिस्टेंट को बोलता है, "जय, लिटिल किट्टी को इनकी कार का जितना भी नुकसान हुआ है, पैसे दे दो।" दिया बोली, "मुझे कोई ज़रूरत नहीं है तुम्हारे पैसों की। अपने पास रखो अपने पैसे। वो पैसे वैसे भी तुम्हारे काम आने वाले हैं।" और दीप उसे कन्फ़्यूज़ होकर देखते हैं। दिया एक बड़ा सा पत्थर उठाकर उसकी कार के फ़्रंट मिरर में दे मारती है और हाथ झाड़ते हुए बोली, "नाउ हिसाब बराबर!" दीप उसे शांति से खड़ा देख रहा होता है और जय उसे हैरानी से देख रहा होता है। वो मन में बोला, "लगता है इस लड़की को अपनी जान प्यारी नहीं है।"
दिया वहाँ से भाग जाती है। दीप उसे एक स्माइल के साथ जाते हुए देख रहा था। जय उसे हैरानी से देख रहा था। वो मन में बोला, "ये बॉस को क्या हो गया? उन्हें इस टाइम गुस्सा आना चाहिए। वो स्माइल कर रहे हैं।" लेकिन एक सेकेंड! वो स्माइल कर रहे हैं उसे और हैरानी से देखने लगता है। दीप जब जय को देखता है तो कोल्ड वॉइस में बोला, "मेरी शक्ल क्या देख रहे हो? जाओ दूसरी कार लेकर आओ। ऑफ़िस नहीं चलाना तुम्हें या मुझे ही देखते रहने का प्लान है तुम्हारा?" जय जल्दी से बोला, "नो बॉस, मैं अभी कार लेकर आता हूँ।"
इधर
अथर्व अपनी कार में था। वो लैपटॉप पे काम कर रहा था। तभी उसका फ़ोन रिंग करने लगता है। वो कॉल पिक करके बात करने लगता है। वो बात करते-करते विंडो के बाहर देखता है तो किसी और ही दुनिया में चला जाता है। उसने दिया को देख लिया था जो बाहर अपनी कार से टेक लगकर खड़ी थी। उसने आज व्हाइट कलर का चिकनकारी सूट पहना था और बालों को खुला छोड़ रखा था। मेकअप के नाम पे बस लिपग्लॉस लगा रखी थी। सिंपल लुक में भी दिया क़यामत लग रही थी। वो अपनी रिस्ट वॉच में बार-बार टाइम देख रही थी और गुस्से में बोली, "ये कव्या की बच्ची कहाँ मर गई?" तभी उसे कव्या साइड हग करते हुए बोली, "मैं आ गई मेरी जान।" दिया उसे बोली, "इतनी लेट क्यों आई?" इधर अथर्व दिया को देखने में इतना खो गया था, वो ये भूल गया था कि वो कॉल पे किसी से बात कर रहा है। वो कॉल कट कर देता है। जब उसने कव्या को दिया को हग करते हुए देखा, उसके चेहरे के एक्सप्रेशन सख्त हो गए।
इधर दिया कार में बैठकर वहाँ से निकल जाती है। अथर्व उसे जाते हुए देख रहा था। उसने वीर से कहा, "मुझे इस लड़की की पूरी इंफॉर्मेशन चाहिए।" वीर उसे ही देख रहा था। वो हैरान था कि उसका ये ख़डूस बॉस किसी लड़की की इंफॉर्मेशन मांग रहा है, जो लड़कियों से कोसों दूर रहता है। उसने "येस बॉस" बोलकर आगे देखने लगा। अथर्व अपने काम में लग गया।
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट्स 🙏 💗
अब आगे...
दीया और काव्या कार में बैठी थीं। काव्या ने दीया को गुस्से में देखकर बोली, "यार, तू इतना गुस्से में क्यों है? क्या हुआ तुझे?"
दीया ने उसे देखकर बोली, "यार, क्या बताऊँ तुझे काव्या? एक तो डैड ने मेरा दिमाग खराब कर रखा है ऊपर से आज एक मेंटल आदमी मिल गया। मेरी फेवरिट कार ठोक दी यार! पता है मेरा मूड पहले से ऑफ था और सुबह-सुबह पागल इंसान पाले पड़ गया, गधा कहीं का!"
"यार, शांत हो जा मेरी जान। अच्छे से बता क्या हुआ? अंकल ने ऐसा भी क्या कर दिया जो तेरा खाली दिमाग भी खराब हो गया?" काव्या यह बोलकर हंसने लगी।
दीया उसे गुस्से से घूरने लगी। काव्या चुप हो गई और बोली, "यार, मैं मजाक कर रही थी। अब बता भी दे क्या बात है? जल्दी बोल, चल!"
दीया मुँह बनाकर बोली, "तू मेरा मजाक उड़ा ले पहले!"
काव्या आँखें घुमाती हुई बोली, "बोलेगी अब!"
दीया सीरियस होते हुए बोली, "यार, पापा चाहते हैं कि मैं फैमिली बिज़नेस में इन्वॉल्व हो जाऊँ। अगर फैमिली बिज़नेस नहीं संभाला तो कहते हैं शादी करवा देंगे। मैंने कहा कि मैं ऑफिस जॉइन कर लूंगी। मैं ऑफिस जॉइन करने के लिए भी मान गई। मैंने कहा कि मुझे ट्रिप पर जाना है, ऑफिस जॉइन करने से पहले लाइफ थोड़ी एन्जॉय करनी है। उन्होंने साफ़ मना कर दिया। कहते हैं मुझे प्रोटेक्ट कर रहे हैं हमारे राइवल से। भाइयों को क्या? राइवल कुछ नहीं करेंगे। सब मेरे ही पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं। सब चीजों की रेस्ट्रिक्शन मुझ पर ही है। वैसे कहते हैं मैं सबकी लाडली बेटी हूँ। लाडली बेटी को कोई ऐसे घर में कैद करके रखता है क्या? कॉलेज से घर, घर से कॉलेज, ये भी कोई लाइफ है क्या? फ़ायदा इतना रिच होने का मेरा जब एक चारदीवारी के अंदर ही रहना है मुझे!"
काव्या दीया को समझते हुए बोली, "देख दीया, इसमें तेरे डैड की कोई गलती नहीं है। सब पेरेंट्स को अपने बच्चों की फ़िक्र होती है। और रही तेरे भाइयों की तो देख, वो लड़के हैं, फ़िजिकल और मेंटली दोनों में तेरे से ज़्यादा स्ट्रांग हैं। गार्ड्स तुम्हारी पूरी फैमिली को प्रोटेक्ट करते हैं और लड़के मुसीबत पड़ने पर हैंडल कर लेते हैं। तेरे भाई बहुत स्ट्रांग हैं, ये तू भी जानती है। और तेरे पे काफ़ी बार अटैक हुआ है तो कोई भी पिता ये नहीं चाहेगा कि उसकी बेटी को कुछ हो। और जब इतने सारे अटैक तेरे पे हो चुके हैं तो उनका ये सब करना बनता है। हमेशा अपने पॉइंट ऑफ़ व्यू से मत देख, सामने वाले को भी समझ। तेरे डैड दुश्मन नहीं हैं तेरे, बस तेरे से बहुत प्यार करते हैं इसलिए ये सब करते हैं। और अब शांत हो जा, समझी? और बिज़नेस जॉइन करने में बुराई ही क्या है? बिज़ी रहेगी तो तेरा ध्यान फालतू की चीजों में नहीं लगेगा, जैसे तू रोज़ रात सोती नहीं है ना ध्रुव के बारे में सोच-सोच कर? सोच सही से तो दिन भर की थकान से तू रात को सो भी जाएगी। और जो हो रहा है होने दे, क्योंकि मम्मी कहती हैं जो होता है अच्छे के लिए होता है।"
दीया उसे घूरती है और बोली, "तुझे किसने कहा मैं ध्रुव के बारे में सोचती हूँ? मैंने उसे जब भी भुला दिया था जब उसने मुझे चीट किया था। और ऐसे इंसान के बारे में सोचकर मैं अपना दिमाग खराब नहीं करूंगी। और रही बात सोने की तो तू जानती है मैं सीरीज़ देखने में बिज़ी रहती हूँ, समझी? और हाँ, थैंक्स, तूने समझाया तो मैं समझ गई तू कितनी समझदार है यार!" दीया काव्या को हग कर लेती है।
काव्या ऐटिट्यूड से बोली, "वो तो मैं हूँ! और मैं तुझे ऐसे नहीं देख सकती। तेरी परेशानी मेरी परेशानी, समझी? और मैं भी तो कहीं नहीं जाती। मेरे घर वाले भी मुझ पर रेस्ट्रिक्शन लगाते हैं। तुझे पता है ना दुनिया कितनी खराब है?"
दीया जल्दी से बोली, "हाँ माँ, समझ गई। अब ज्ञान देना बंद कर, चल कॉलेज आ गया!"
काव्या परेशान होते हुए बोली, "हम आज फिर लेट हो गए। सर शायद आज हमें पनिशमेंट दे दें।"
दीया उसे परेशान देख बोली, "टेंशन मत ले, ज़्यादा से ज़्यादा क्या करेंगे सर? क्लास से बाहर तो हम कैन्टीन में आकर बैठ जाएँगे। और वैसे भी मैं उनकी क्लास में बोर हो जाती हूँ।" वो दोनों क्लासरूम के अंदर आईं और देखा कि प्रोफ़ेसर अभी तक आई नहीं थीं।
काव्या खुश होते हुए बोली, "लक अच्छा है अपने दोनों का आज!" और दोनों अपने सीट पर बैठ जाती हैं।
तभी कबीर अंदर आया और उसकी नज़र दीया पर गई जो अपनी बुक पढ़ रही थी। वो मन में बोला, "ये पढ़ती भी है? लगता तो नहीं है ये पढ़ने वालों में से!" फिर सब स्टूडेंट्स मॉर्निंग विश करते हैं। कबीर अपना लेक्चर स्टार्ट कर देता है। लेक्चर खत्म हो जाता है और...
कबीर सब स्टूडेंट्स की तरफ़ देखकर बोलता है, "एनी डाउट्स स्टूडेंट्स?"
तो सभी स्टूडेंट्स मना कर देते हैं। कबीर की नज़र दीया पर ही थी जो एक बार भी कबीर की तरफ़ आँख उठाकर नहीं देख रही थी। कबीर को इस बात से चिढ़ हो रही थी कि दीया उसे देख क्यों नहीं रही। वो जब उसे रहा नहीं जाता वो बोल पड़ता है, "दीया, तुम्हें कोई डाउट है तो पूछ सकती हो।"
दीया ने बिना देखे ही बोली, "नो सर, मुझे कोई डाउट नहीं है।"
कबीर ने अपने हाथों की मुट्ठियाँ बना ली और वहाँ से चल गया। ऐसे ही दीया काव्या दोनों सारी क्लास अटेंड कर ली थीं।
दीया और काव्या कैन्टीन में बैठी हुई थीं, तभी उनके पास एक लड़की रोती हुई आती है। दीया उसे रोता देख पूछती है, "ऋतु, तू रो क्यों रही है?"
ऋतु रोते हुए बोली, "दीया...दीया...वो...वो उसने मुझे छोड़ दिया।" इतना कहकर वो और तेज़ रोने लगती है।
काव्या उसे पूछती है, "क्या हुआ? ढंग से बताएगी? क्या हुआ?"
दीया उसे हाथ दिखाकर रोक देती है और कहती है, "ऋतु, उसने इतना ही कहा था..." ऋतु दीया के गले लगकर फूट-फूट कर रोने लगती है। दीया उसे रोने देती है।
राघववंशी इंडस्ट्री...
दीप अपने केबिन में बैठा हुआ था। वो बार-बार दीया के बारे में सोच रहा था। उसने खुद से ही बोला, "लिटिल किट्टी, तुमने तो दिमाग में आते ही हलचल कर दी है। मुझे मिलना है तुमसे। जब पहली बार देखा था तब लगा तुम इंट्रोवर्ट टाइप की हो। शक्ल से तो बहुत इनोसेंट हो पर हरकतें वाइल्ड कैट जैसी हैं। पर मुझे वाइल्ड कैट को हैंडल करना बहुत अच्छे से आता है।" और स्माइल करने लगा।
उसने जय को अपने केबिन में बुलाया और उसे बोला, "मुझे आज सुबह वाली लड़की की सारी इंफॉर्मेशन चाहिए। एक घंटा है तुम्हारे पास।" जय, "ओके बॉस," बोलकर चला जाता है। जय जैसे ही बाहर आता है वो हैरानी से बोलता है, "सर, एक लड़की की इंफॉर्मेशन मांग रहे हैं? स्ट्रेंज!" ये बोलकर वो अपने काम पर लग जाता है।
कॉलेज...
दीया ऋतु को शांत करवाती है। जब ऋतु शांत हो जाती है तो दीया पूछती है, "अब बता क्या बात है?"
ऋतु सुबकते हुए बोलना स्टार्ट करती है, "मेरे बीएफ़ ने मुझे चीट किया, वो भी मेरे बेस्ट फ्रेंड के साथ मिलकर।"
काव्या शॉक होते हुए बोली, "व्हाट?"
ऋतु आगे बोलती है, "हाँ, मेरी बेस्ट फ्रेंड प्रिया ने कहा कि उसे मुझसे बदला लेना था इसलिए उसने ये सब मिलकर मुझे धोखा दिया।" ऋतु बोलते हुए फिर से रोने लगी।
दीया उसे शांत करवाते हुए बोली, "चुप हो जा, रोने से क्या होगा? सब बदल तो नहीं जाएगा ना? हो सकता है तुझे कोई मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई हो।"
ऋतु रोते हुए बोली, "नहीं, मुझे कोई गलतफ़हमी नहीं हुई। मुझे उन दोनों को अब सबक सिखाना है।"
दीया बोली, "तू ये बता अब क्या करना है?"
ऋतु अपने आँसू साफ़ करती है और गुस्से में बोली, "मुझे उन दोनों से बदला लेना है और सबक सिखाना है। तू हेल्प करेगी ना दीया मेरी? देख, तू मना मत करना। मैं तेरी बहुत अच्छी दोस्त हूँ। मैं बहुत उम्मीद लेकर आई हूँ दीया। मैं बता नहीं सकती मुझ पर क्या बीत रही है। अगर बात सिर्फ़ मेरे बीएफ़ की होती मैं सहन कर लेती। यहाँ मेरी खुद की बेस्ट फ्रेंड ने मुझे मेरे बीएफ़ के साथ मिलकर धोखा दिया।" ये बोलते-बोलते ऋतु फूट-फूट कर रोने लगी।
दीया उसे चुप करवाते हुए बोली, "देख ऋतु, तू चुप हो जा। मैं तेरी हेल्प ज़रूर करूंगी। तू अब शांत हो जा।" ऋतु खुश होकर उसे गले लगा लेती है।
काव्या बोली, "अब करना क्या है ये बता?"
ऋतु जल्दी से बोलती है, "हम तीनों को मिलकर उन्हें सबक सिखाना है। मेरे पास एक प्लान है।" ऋतु उन दोनों को प्लान बताने लगती है। जैसे-जैसे वो प्लान बताती है वैसे-वैसे दीया की स्माइल बड़ी होती जाती है और...
काव्या उन दोनों को हैरानी से देखती है और हल्के गुस्से से बोली, "तुम सच में पागल हो? हम लड़का कहाँ से लाएँगे?"
ऋतु जल्दी से बोली, "लाना कहाँ से? हमारे पास दीया है ना? हम उसे बना देंगे लड़का।"
दीया हैरानी से कहती है, "तू पागल है क्या? ये मैं कैसे करूंगी? मेरे बस की नहीं है ये लड़के बनने की एक्टिंग करना।"
ऋतु रिक्वेस्ट करते हुए बोली, "दीया, प्लीज़ यार, मना मत कर। मैं हूँ ना तेरे साथ।" दीया और काव्या हाँ में सर हिला देती हैं।
ऋतु खुश होते हुए बोली, "मैं तुम्हें एड्रेस भेज दूंगी। कल शाम को तुम दोनों रेडी रहना, ओके?" और उन दोनों को हग करके वहाँ से चली जाती है।
काव्या मुँह बनाकर बोली, "ये क्या मुसीबत है यार? मुझे डर लग रहा है।"
दीया उसे दिलासा देते हुए बोली, "चल ना यार, वैसे भी लाइफ़ बोरिंग हो रही है। कुछ नया करने को मिल रहा है और हम भी बहती गंगा में हाथ साफ़ कर ही सकते हैं। मैं तो एक्साइटेड हूँ कल के लिए।"
काव्या उसे घूरते हुए बोली, "और मैं ये सोचकर परेशान हूँ घर पे क्या बोलेंगे?"
दीया जल्दी से बोली, "बोलना क्या है? कह देंगे ऋतु के घर ग्रुप स्टडी कर रहे हैं। कॉलेज में एक प्रोजेक्ट मिला है।"
काव्या कहती है, "चल, सही है। घर चलते हैं।" वो दोनों घर चली जाती हैं।
अथर्व का केबिन...
अथर्व एक फ़ाइल रीड कर रहा होता है। तभी केबिन का डोर नॉक होता है। अथर्व बिना देखे "कम इन" बोलता है तो वीर एक हाथ में फ़ाइल लेकर आता है और अथर्व को दे देता है। अथर्व फ़ाइल देखता है और वीर को बोलने का इशारा करता है।
प्लीज़ लाइक और कमेंट करें। ये मेरी पहली नॉवेल है। उम्मीद करती हूँ आप सबको पसंद आए। कमेंट करके ज़रूर बताना कैसी लगी नॉवेल। 🙏🏻😊
अब आगे
टेक्सटाइल एम्पायर/अथर्व की कंपनी
वीर बोलता है: सर, ये राजवीर राजपूत की बेटी दिया राजपूत हैं। इनका बिज़नेस इंडिया में टॉप टेन में आता है और ये अभी अपना मास्टर कर रही हैं और इनकी उम्र 22 साल है।
अथर्व बीच में टोकते हुए बोलता है: कोई बॉयफ्रेंड?
वीर जल्दी से बोलता है: फिलहाल तो इनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। अथर्व उसे कन्फ्यूज़ होकर देखता है। वीर समझ जाता है और बोलता है: सर, दो साल पहले इनका बॉयफ्रेंड था, ध्रुव नाम का। दोनों शादी करने वाले थे, पर ध्रुव ने मैम को चीट किया था। जब से मैम सिंगल हैं और मैम की बेस्ट फ्रेंड है काव्या मैम, इनसे काफी क्लोज़ हैं और...
अथर्व वीर को बीच में रोकते हुए बोलता है: बाकी बातें मैं खुद जान लूँगा। दिया ही मुझे अब अपने बारे में सब बताएगी। अब तुम जा सकते हो।
वीर हैरानी से अथर्व को देखता है, फिर वहाँ से चला जाता है और खुद से ही बोलता है: ये बॉस को क्या हो गया है? लड़की का चक्कर! बाबू भैया बहुत खतरनाक! बच के रहने का!
अथर्व केबिन में बैठा दिया की फोटो को देखता है और बोलता है: यू आर माइन हेवन। बस अब तुमसे मिलना है। नाउ यू गेट रेडी टू कम टू माय केज। इतना कह कर वो एक ईविल स्माइल के साथ उसकी फोटो को देखने लगता है।
Raghuvanshi industry / CEO Deep Raghuvanshi/
दीप का केबिन
जय उसे दिया की इंफॉर्मेशन बताकर जा चुका था और दीप भी दिया की फोटो को देखकर एक ईविल स्माइल के साथ देख रहा था। वो कहता है: लिटिल किट्टी, तुम बहुत ही ज्यादा वाइल्ड हो। तुम पहली लड़की हो जिसने मेरे सामने ऊँची आवाज में बात की और वो भी इतनी बदतमीजी से, बट आई लाइक इट। कोई तो मेरी आँखों में आँखें डालकर मुझसे बात कर सकता है। बट मुझे अपना डर बैठाना होगा तुमhare, दिल par! वरना तुम बहुत वाइल्ड हो जाओगी और मैं वाइल्डनेस बेड पे झेल सकता हूँ। तुम अब सिर्फ़ मेरी हो और किसी ने भी तुम्हारी तरफ़ आँख उठाकर भी देखा, मैं उसकी आँखें निकाल लूँगा। नाउ यू आर रेडी टू स्टे विद मी। पता नहीं मुझे कैसे हैंडल करोगी तुम, माय किट्टी।
नेक्स्ट डे/होटल
दिया, काव्या और रितु एक साथ थीं। वो तीनों एक होटल के रूम में कुछ डिस्कस कर रही थीं। काव्या घबराते हुए बोली: यार, मुझे डर लग रहा है। घर में किसी को पता चल गया तो...
दिया बोरियत से बोली: तुझे डर कब नहीं लगता? ये बता। और रही घर में पता लगने की तो मैंने तेरे घर पे बात कर ली है और तू मेरे साथ है तो तेरे घर वाले किसी चीज़ की टेंशन नहीं लेंगे और मैंने भी अपने घर में बता दिया है कि मैं और तू रितु के घर ग्रुप स्टडी कर रहे हैं तो मुँह बंद रख समझी। रितु के घर वाले वैसे भी कुछ नहीं कहते। कब कहाँ क्या कर रही है, कोई आता पता नहीं है।
रितु बेफिक्री से बोली: मेरे मॉम डैड आउट ऑफ़ इंडिया गए हैं इसलिए मुझे कोई टेंशन नहीं है।
दिया उसे देखते हुए बोली: तू ये सब छोड़, शाम की प्लानिंग कर। वैसे हमने जाना कहाँ है ये तो बता।
रितु एक्साइटेड होते हुए बोली: स्टार क्लब।
दिया और काव्या हैरानी से बोली: तू पागल है क्या? हम क्लब कैसे जा सकते हैं यार?
काव्या परेशान होते हुए बोली: नहीं यार, मैंने सुना है क्लब में दारू पीते हैं और नशा भी करते हैं। रात के टाइम हमारे लिए बिल्कुल भी सेफ़ नहीं है यार दिया, तू समझा इसे।
दिया भी काव्या का साथ देते हुए बोली: देख रितु, काव्या सही कह रही है और आज से पहले हम दोनों कभी ऐसी क्लब जैसी जगह पे नहीं गए और कैसे-कैसे लोग आँगे वहाँ मुझे भी सेफ़ नहीं लग रहा। तू कोई और जगह देख ले और मेरे साथ गार्ड्स भी नहीं होंगे और कुछ हो गया तो फँस जाएँगे, लेने के देने पड़ जाएँगे।
रितु उन दोनों को रिलैक्स करते हुए बोली: मैं जानती हूँ यार, कुछ नहीं होगा। तुम दोनों ड्रिंक मत करना।
दिया आँखें छोटी करते हुए बोली: तुम दोनों से क्या मतलब है? हम वैसे भी ड्रिंक नहीं करते और तू भी नहीं करेगी ड्रिंक।
रितु जल्दी से बोली: पर यार मैं तो...
वो कुछ आगे कहती, दिया उसे घूर के देखती है तो रितु मुँह बनाकर चुप बैठ जाती है। फिर वो बोली: तुम दोनों टेंशन मत लो, हम बच्चे नहीं हैं अब और वहाँ ऐसा कुछ नहीं होगा। तुम दोनों प्लीज़ डरो मत, मैं हूँ ना, तुम मेरा साथ दोगी ना? वो रोने जैसी शक्ल बनाकर उन दोनों को देखने लग जाती है।
दिया गहरी साँस लेकर कहती है: बस कर, ओवरएक्टिंग करना बंद कर। मैं वहाँ कपिल को बुला लूँगी।
काव्या दिया की बात सुनकर जल्दी से बोली: ये तो तेरा वो पुराना बॉडीगार्ड है ना?
दिया बोली: हाँ, कपिल, वो ही है। वो मेरी हमेशा हेल्प करता है, अब भी करेगा। फिर वो तीनों अपने काम पे लग जाती हैं।
रात का समय, नाइट क्लब
रितु, दिया, काव्या तीनों ही क्लब पहुँच जाती हैं। रितु पूरे क्लब में नज़र घुमाते हुए देखते हुए बोली: तुम दोनों अपने काम पे लग जाओ, मैं तुम्हारा रूम में वेट करूँगी। ठीक है काव्या, बस तुझे कैसे भी करके करण को मेरे पास लाना है। ठीक है, अपने हुस्न का कमाल दिखा आज।
काव्या उसकी बात सुनकर रितु को घूरते हुए बोली: अगर कुछ गड़बड़ हुई ना तो तू देख लेना, मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।
रितु जल्दी से बोली: तू क्यों इतनी टेंशन ले रही है? कुछ नहीं होगा। बस काम पे फ़ोकस कर। अब दोनों जाओ अंदर।
दिया और काव्या एक दूसरे को देखती हैं, फिर अपनी गर्दन हिला देती हैं और दोनों क्लब में चली जाती हैं। जैसे ही दोनों क्लब के अंदर आती हैं, सबकी नज़र उन दोनों पे ठहर जाती है।
काव्या ने एक रेड वन पीस पहन रखा था। उसने लाइट मेकअप और रेड लिपस्टिक लगा रखी थी। खुले स्ट्रेट बाल, ब्लैक हाई हील। काव्या आज बला की खूबसूरत लग रही थी। काव्या भी दिया से कम नहीं थी, पर दिया की खूबसूरती के आगे थोड़ी कम थी। सब लड़कों की नज़र काव्या पे ही ठहरी हुई थी। काव्या को बहुत अनकम्फ़र्टेबल फील हो रहा था। सब उसे ही देख रहे थे। उसने दिया की तरफ़ देखा तो दिया ने उसे आँखों से शांत रहने का इशारा किया। काव्या हाँ में गर्दन हिला देती है।
तभी एक लड़की दिया के पास आती है और दिया की नेक पे सेंसुअल तरीके से अपनी इंडेक्स फ़िंगर को फेरने लगती है और बेहद सेडक्टिव वॉइस में बोली: हे हैंडसम, वुड यू लाइक टू हैव अ वन नाइट स्टैंड विद मी टुनाइट?
दिया और काव्या की तो आँखें बाहर निकलने को हो गई थीं। तभी दिया ने उस लड़की का हाथ हटाया तो काव्या उसके आगे आकर उसे घूरते हुए बोली: हे, लिसन, ही इज़ माय मैन, सो गेट लॉस्ट। वरना वो हाल करूँगी, सपने में भी नहीं सोचा होगा तुमने। काव्या की बात सुनकर वो लड़की पर पटक कर वहाँ से गुस्से में चली जाती है।
दिया चैन की साँस लेती है और काव्या से धीरे से बोली: यार, कैसी-कैसी लड़कियाँ हैं। आगे से ऑफ़र दे रही हैं।
काव्या हँसते हुए बोली: तू लग ही इतनी हैंडसम रही है। तेरा लुक बहुत ही ज्यादा हॉट बॉय जैसा लग रहा है। ये कहकर काव्या दिया को ऊपर से नीचे तक देखने लगती है।
दिया ने ब्लैक पैंट और व्हाइट शर्ट पहनी थी। उसके ऊपर उसने ब्लैक जैकेट कैरी की हुई थी। पैरों में शूज़ और हाथ में रिस्ट वॉच है। मुँह पे मास्क और बाल पे विग लगा रखी थी। हाई हील्स के फ़ॉर्मल शूज़ जिससे उसकी हाइट अच्छी खासी लग रही थी। दिया एकदम लड़का लग रही थी। बेशक उसके मुँह पे मास्क था पर उसकी ब्राउन आँखें जो देखे बस देखता ही रह जाए। हमारी दिया लड़के के गेटअप में भी एकदम बवाल मचा रही थी।
दोनों पूरे क्लब को देखती हैं। दिया धीरे से काव्या के कान में बोली: हमारा शिकार कहाँ है?
काव्या दिया की बात सुनकर इधर-उधर नज़ारे घुमाने लगती है और प्रिया और करण दिख भी जाते हैं।
काव्या जल्दी से उनकी तरफ़ इशारा करते हुए बोली: देख दिया, वो रहे। वो दोनों बार काउंटर पे।
दिया उन्हें देखकर बोली: चल, इनका नशा उतारते हैं। वैसे यार, क्लब इतना भी बुरा नहीं है। थोड़ा तो हम एन्जॉय कर ही सकते हैं।
काव्या उसे घूरते हुए बोली: चुपचाप जिस काम के लिए आए हैं उसे कर और निकल यहाँ से। मुझे वैसे भी बहुत अजीब वाइब आ रही है यहाँ तो जल्दी कर।
दिया हाँ में सर हिलाकर कहती है: चल।
वो दोनों प्रिया और करण के पास आकर अपने लिए एक ड्रिंक बोलती हैं। वो दोनों ड्रिंक को हाथ में लेकर गोल-गोल घुमा रही थीं पर पी नहीं रही थीं। काव्या ने दिया को कुछ इशारा किया तो दिया ने हाँ सर हिलाकर डीजे वाले के पास जाकर एक सॉन्ग प्ले करने को बोलती है। डीजे वाले ने थंब्स अप दिखाकर ओके बोला और एक पंजाबी सॉन्ग चला दिया।
सॉन्ग
तू ऐनी शोनी लगदी जावे लगदी जावे मैं जीना तानू ताक दा रवा (2*) 🎵🎵🎶🎶🎶🎶🎶
दिया प्रिया के पास आकर उसका हाथ थाम लेती है और उसके हाथ पे किस करते हुए बेहद प्यार से बोली: विल यू डांस विद मी? तो प्रिया भी खुश हो जाती है और उसके साथ डांस करने स्टेज पे चली जाती है और डांस करने लगती है। दिया ने अपनी आवाज़ को थोड़ा भारी कर लिया था।
तेनु जाद हस दी वेखा, हस दी वेखा, तेनु वेख वेख हस दा रवा 🎶🎵🎵🎶🎶🎵l
तू ऐनी शोनी लगदी जावे लगदी जावे मैं जीना तानू ताक दा रवा (2*)🎵🎶🎶🎵🎵🎵🎵
प्रिया और दिया कपल डांस करने लगती हैं। सब उन दोनों को ही देख रहे थे। दिया ने प्रिया की कमर में हाथ डालकर अपनी तरफ़ खींचा तो प्रिया शर्मा कर उसके कंधे पे अपना सर रख देती है।
दिया मुँह बनाकर मन में बोली: इतना क्या शर्मा रही है? फिर वो दोनों डांस करने लगते हैं। दिया एकदम परफेक्ट तरीके से डांस कर रही थी। सब लड़कियाँ प्रिया से जल रही थीं। प्रिया तो दिया की आँखों में जैसे खो ही गई थी।
🎶🎶 पानी दे किनारे बैठ गल्लान अपनीया गल्लान कर दा हाँ तारियान दे नाल 🎶🎶 सच्ची तेरे बिना किसी और दा ना करा दा मनु मो तेरे लारियान दा ना 🎶🎶 मैं पड़िया ना इश्क़ कदे (2*) मैं तेरे बारे पर्दा रहा 🎵🎵🎶🎵🎵🎵🎵🎵
काव्या करण के पास आती है और उसे ड्रिंक ऑफ़र करती है तो करण उसे ड्रिंक ले लेता है तो काव्या उसे बातें करने लग जाती है: वेल, तुम्हारी गर्लफ्रेंड काफ़ी अच्छा डांस कर लेती है पर तुम्हारे साथ ना होकर वो किसी और के साथ... काव्या इतना कहकर रुक जाती है।
🎶 तू ऐनी शोनी लगदी जावे लगदी जावे मैं जीना तानू ताक दा रवा (2*) 🎶🎶
तो करण काव्या को अजीब तरीके से मुँह बनाकर देखने लग जाता है तो काव्या उसके एक्सप्रेशन देखकर कहती है: क्या हुआ, ऐसे क्या देख रहे हो तुम? तुम्हारी गर्लफ्रेंड उस लड़के के साथ डांस कर रही है। तुम मेरे साथ डांस करना चाहोगे?
तो करण स्माइल करते हुए बोला: पहली बात, वो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है, वो मेरी फ्रेंड है और दूसरी बात, मेरी ऑलरेडी गर्लफ्रेंड है तो मुझे तुम्हारे साथ डांस करने में कोई इंटरेस्ट नहीं है।
इतना कहकर वो वहाँ से जाने लगता है तो रुककर काव्या को देखते हुए बोला: वैसे दिखने में बहुत खूबसूरत हो। ध्यान रखना, यहाँ काफ़ी वाइल्ड एनिमल्स हैं। कहीं तुम्हें नोच ना लें। शक्ल से तो भोली लगती हो, शायद पहली बार आई हो तो ध्यान रखना अपना। इतना कहकर वो एक स्माइल पास करके चला जाता है।
काव्या उसकी बात सुनकर परेशान होते हुए कहती है: ये क्या था? प्रिया उसकी गर्लफ्रेंड नहीं है तो रितु ने हमसे झूठ क्यों बोला? ओह माय गॉड! हम किसी मुसीबत में तो नहीं फँसने वाले? नो, नो, नो... मुझे दिया को बताना होगा।
प्रिय पाठकों, कृपया समर्थन करें 🙏🏻💗
अब आगे / स्टार क्लब
दिया प्रिया से परेशान हो जाती है क्योंकि प्रिया बार-बार उसका मास्क हटाने की कोशिश कर रही थी। वह थोड़े नशे में थी। वह बार-बार दिया से बोल रही थी: बेबी अपना मास्क हटाओ ना, मुझे तुम्हें किस करना है। दिया परेशान होकर उसे खुद से दूर कर रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे प्रिया को खुद से दूर करे। उसने अपनी आवाज थोड़ी भारी करके बोला: बेबे हम रूम में चलते हैं, फिर करते हैं ना किस।
प्रिया हैरानी से बोली: बेबी तुम्हारी आवाज तो थोड़ी-थोड़ी लड़की जैसी है। इतना कहकर वह हंसने लगती है।
दिया घबरा जाती है। उसे लग रहा था कहीं वह पकड़ी ना जाए। वह खुद को नॉर्मल करते हुए बोली: चलें।
प्रिया जल्दी से बोली: ओके चलो, मुझे तुम्हें देखना है।
दिया हाँ में गर्दन हिला देती है और मन ही मन ऋतु को गाली देते हुए बोली: खुद तो कमिनी रूम में बैठी है और मैं इस पागल लड़की को झेल रही हूँ यार्र! पहली बार मिली है और इसको मुझे किस करना है। कोई इतनी जल्दी किसी को किस कैसे कर सकता है? पता नहीं लड़कियों को क्या हो गया है।
काव्या दिया के पास जा ही रही थी। वह कुछ सोच रही होती है, तभी वह किसी से टकरा जाती है। वह गिरने वाली थी, तभी जिससे वह टकराई थी, वह शख्स उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींच लेता है, जिससे काव्या सीधा उसके सीने से लग जाती है। डर की वजह से काव्या अपनी आँखें बंद कर लेती है।
तभी वह शख्स अपनी मैग्नेटिक वॉइस में बोला: आर यू ओके बेबी गर्ल?
काव्या उस शख्स की आवाज सुनकर जल्दी से अपनी आँखें खोलकर सिर ऊपर करके देखती है तो उसकी आँखें काली आँखों से जा मिलती हैं।
काव्या उसे खुद से दूर करती है और हकलाते हुए बोली: सॉरी, वो मैंने ध्यान नहीं था, सॉरी।
तभी किसी ने उस शख्स का नाम लेकर बुलाया: उदय चलो।
वह शख्स जो काव्या से टकराया था, उसका नाम उदय कपूर था। उसने काव्या की तरफ देखा और फ्लर्टी वे में बोला: इट्स ओके। तुम जैसी खूबसूरत लड़की से टक्कर हुई है, मैं तो चाहता हूँ हर बार मेरी टक्कर तुमसे ही हो। इतना कहकर वह एक आई विंक कर देता है। काव्या उसे अजीब सा लुक देकर चली जाती है, पर कुछ बोलती नहीं है। उदय उसे जाते हुए देखता है।
तभी उसके कंधे पर एक आदमी हाथ रख देता है और बोलता है: अगर ताड़ लिया हो तो चलें।
उदय काव्या को देखते हुए बोला: अबे साले खुद तो लड़कियों से दूर भागता है और पहली बार कोई पसंद आई, उसे भी नहीं जी भर के देखने देता।
तो वह आदमी वहाँ से जाते हुए बोला: पहले जिस काम के लिए आए हैं, उसे खत्म कर लेते हैं, फिर जिसे ताड़ना हो ताड़ लेना, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। अभी चल यहाँ।
उदय उसके पीछे चलते हुए बोला: अथर्व तू शादी कर ले जो तुझे झेल सके, मेरी बस की नहीं है। तेरा यह ऑर्डर सुना और माना।
अथर्व उसे कोल्ड लुक देता है तो उदय मुँह बनाकर बोला: चल अब आँखों से ही मेरी जान लेगा। वो दोनों वहाँ से चले जाते हैं।
काव्या दिया को ढूँढती हुई उसके पास जाकर बोली: दिया सुन, मुझे तुझे कुछ बताना है।
दिया जो पहले से ही प्रिया से परेशान थी, वह फ्रस्ट्रेट होते हुए बोली: बोल यार्र।
काव्या उसे देखकर बोली: प्रिया कहाँ?
दिया मुँह बनाकर बोली: वॉशरूम यार्र। उसने तो मुझे परेशान कर के रख दिया। कितनी आग है उसके अंदर भरी बैठी है। कातिल वो तो सुकर है मैं लड़की हूँ, वरना अभी तक तो उसका काम हो जाता।
काव्या परेशान होते हुए बोली: उसे छोड़ और मेरी बात सुन।
दिया उसे परेशान देख बोली: हाँ बोल, मैं सुन रही हूँ तो।
काव्या अपनी और करण की बीच की बात दिया को बता देती है। सारी बात सुनकर दिया हैरानी से बोलती है: ये क्या बोल रही है तू?
काव्या जल्दी से कहती है: मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।
दिया उसे रिलैक्स करवाते हुए बोली: रुक, हमें प्रिया के आने का वेट करना होगा। वही बताएगी हमें सब अच्छे से।
थोड़ी देर बाद प्रिया उन दोनों के पास आती है। उसकी नज़र काव्या पर पड़ी है। वह काव्या को घूर के देखती है और दिया को देखते हुए बोली: बेबी ये लड़की कौन है?
दिया और काव्या उसे देखने लगती हैं। प्रिया के हाथ में ड्रिंक थी। दिया उसके हाथ से ड्रिंक लेकर बोली: कितनी पिएगी?
काव्या जल्दी से बोली: सुन प्रिया मेरी बात।
प्रिया आँखें छोटी करके बोली: तू है कौन और मैं भला तेरी बात क्यों सुनूँ?
दिया उसका हाथ पकड़कर एक साइड ले जाकर आती है जहाँ कोई नहीं था और अपने चेहरे से मास्क हटाकर बोली: प्रिया मैं हूँ दिया।
प्रिया उसे देखकर शॉक हो जाती है और हैरानी से बोली: दिया तू यहाँ क्या कर रही है और तूने ये लड़कों वाला गेटअप क्यों बना रखा है? मुझे तो प्यार ही हो गया था तुझसे, तूने दिल तोड़ दिया मेरा। इतना कहकर वह सैड फेस बनाकर अपना सिर झुका लेती है।
दिया आई रोल करते हुए बोली: अबे ये सब तेरी और उस गधे करण की वजह से हुआ है।
प्रिया उसे कन्फ्यूज होकर देखती है। उसे कन्फ्यूज देख दिया उसे सब बता देती है कि ऋतु ने उन दोनों को क्या-क्या बताया था।
प्रिया अपना माथा पीट लेती है और हैरान होते हुए बोली: ओएमजी ये लड़की इतनी पागल कैसे हो सकती है? काव्या जल्दी से बोली: तुम दोनों की वजह से अब ये बताओ तुम दोनों एक साथ क्या कर रहे हो जो ऋतु को इतनी बड़ी मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई तो?
प्रिया उन्हें देखते हुए बोली: ऋतु कहाँ है? वो तुम दोनों के साथ है?
दिया जल्दी से बोली: हाँ यहाँ क्लब के एक रूम में जिसमें वो हमारा वेट कर रही है।
प्रिया हाँ में सिर हिलाकर बोली: चलो हम सब उसके पास चलते हैं और वही बताऊंगी कि ये सब चल क्या रहा है। तभी वह करण को कॉल करती है और उसे सब बता देती है।
कुछ देर बाद करण उन तीनों के पास गुस्से में आते हुए बोला: ऋतु कहाँ है?
दिया उसे देख बोली: चलो मेरे साथ। वो सब जाने लगते हैं तो।
काव्या अपने फोन को देखते हुए बोली: तुम सब चलो, लकी की कॉल आ रही है।
दिया मुँह बनाकर बोली: जल्दी आना।
काव्या ओके बोलकर फोन पिकअप कर लेती है और लकी से बात करने लगती है। वह खुद को नॉर्मल करते हुए बोली: आई एम सॉरी जान, वो मैं थोड़ा बिजी थी। मैं फ्री होकर तुम्हें कॉल बैक लूंगी।
दूसरी साइड से लकी बोला: कोई बात नहीं जान, मैं भी बिजी हूँ इसलिए ये बताने के लिए फोन किया था। मैं बिजी रहूँगा। तुम खाना खाकर सो जाना, मेरा वेट मत करना। मैं आज रात तुमसे बात नहीं कर पाऊँगा।
काव्या स्माइल करके बोली: ओके जान, मैं भी स्टडी कर रही हूँ अपने दोस्तों के साथ। हम कल बात कर लेंगे, बाय। काव्या बात कर के कॉल कट करके वहाँ जाने लगती है जहाँ दिया और बाकी सब थे।
तभी उसके सामने एक वेटर सामने आ जाता है। वह काव्या को ड्रिंक की ट्रे आगे करके बोला: मैम ड्रिंक?
काव्या मना करते हुए बोली: नो थैंक्स, मैं ड्रिंक नहीं करती। इतना कहकर जाने लगती है।
तभी वेटर जल्दी से बोला: मैम ये सॉफ्ट ड्रिंक है, आप पी सकती हैं।
काव्या को प्यास भी लगी थी तो वह सॉफ्ट ड्रिंक उठाकर पी लेती है और वहाँ से चली जाती है। तभी वह वेटर एक लड़की के पास आता है और बोलता है: मैम काम हो गया।
वह लड़की ईविल स्माइल करते हुए बोली: गुड जॉब। और उसे पैसे देती है।
वेटर वहाँ चला जाता है। वह लड़की ईविल स्माइल करती है तो उसके साथ खड़ी लड़की बोली: ईशा ये सब तूने सही नहीं किया यार्र।
ईशा उसे घूर के देखती है और रूडली बोली: अपना मुँह बंद रख। उसने क्या कहा था? ही इज़ माय मैन। आज वो ही मैन इसकी इज़्ज़त की धज्जियाँ उड़ाएगा। आज ये बनेगी वाइल्ड कैट। इतना कहकर वह हँसकर वहाँ से चली जाती है।
काव्या जिस रूम में दिया बाकी सब थे वहाँ आती है तो देखती है ऋतु सिर झुकाए खड़ी थी। वह दिया के पास आकर पूछती है: क्या हुआ तो?
दिया उसे देखते हुए बोली: इतनी देर कहाँ लग गई तुझे?
काव्या ऋतु को देखते हुए बोली: तू जानती है ना लकी कैसा है? उसे पूरी बाल की खाल चाहिए होती है, इसलिए उसे अपनी बात का विश्वास करवा रही थी। दिया उसकी बात सुन के बस सिर हिला देती है।
काव्या दुबारा पूछती है: अब बताएगी क्या हुआ? क्या झमेला है इस ऋतु का?
तो दिया उसे देख के बोलती है: मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई थी ऋतु को। करण और प्रिया उसके बर्थडे की प्लानिंग करने आए थे यहाँ, इसलिए वो दोनों इतने दिनों से एक साथ प्लानिंग कर रहे थे और इसलिए वो दोनों उसे कुछ पता ना चले इसे इग्नोर कर रहे थे। अब तक इसे कुछ पता ना चले कि इसके बर्थडे प्लानिंग चल रही है। इतनी बड़ी गधी कैसे हो सकती है? और अब यहाँ जब पहुँचे तो ये यहाँ बैठकर टल्ली हो रही है।
काव्या हैरानी से बोली: व्हाट? इसकी तो मैं जान ले लूंगी। इसकी वजह से हम ऐसी अजीब जगह पे आ गए।
दिया हाँ में सिर हिला के बोली: अभी शांत रह, इसे अभी बोलने का कोई फायदा नहीं है। कल इसे बताएँगे। वो दोनों बात कर ही रही थी, तभी उनके कान में चीलाने की आवाज आई। वो उस जगह देखती है जहाँ से आवाज आई।
करण गुस्से में ऋतु पे चिल्ला रहा था। वह गुस्से से बोला: तुम इतना घटिया सोच भी कैसे सकती हो मेरे और प्रिया के बारे में? हम दोनों एक-दूसरे को भाई-बहन की तरह मानते हैं और तुम अपने बॉयफ्रेंड और बेस्ट फ्रेंड में शक कर रही हो। तुमने मुझे बहुत हर्ट किया है ऋतु।
प्रिया भी गुस्से में बोली: तू सोच भी कैसे सकती है यार्र? मैं और करण सीरियसली… अगर तुझे ऐसा कुछ लग रहा था तो तू एक बार मुझसे तो पूछती।
ऋतु रोते हुए बोली: मैंने तुम दोनों को खुद देखा था। करण ने तुम्हारी कमर पकड़ रखी थी और तुम दोनों बहुत क्लोज़ थे और तूने मुझे धमकी भी दी थी। तू इसे मुझे दूर कर देगी।
तो प्रिया गुस्से से बोली: बेवकूफ लड़की! उस दिन मैं गिरने वाली थी, तभी करण ने मुझे संभाल लिया था, वरना मेरी कमर पे चोट लग जाती। और हम तो तेरे बर्थडे प्लानिंग कर रहे थे और वो सब मैंने मजाक में बोला था उस दिन। सब हंसी-मजाक कर रहे थे ना तभी तो कर रही थी। मुझे और करण को लेकर मजाक।
ऋतु रोते हुए बोली: मुझे माफ़ कर दो यार्र, मुझे मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई थी।
प्रिया नाराज़गी से बोली: मैं तुझे बहुत नाराज़ हूँ। इतना कहकर मुँह फेर के खड़ी हो जाती है।
ऋतु करण के पास आकर उसका हाथ पकड़ के बोली: करण आई एम सॉरी। मैं जानती हूँ मैंने बहुत बड़ी गलती करी है। तुम मुझे इस गलती की सज़ा जो दोगे मैं एक्सेप्ट कर लूंगी। प्लीज़ मुझे छोड़कर मत जाना और प्रिया मैं तुझसे भी माफ़ी मांगती हूँ। तुम दोनों जो सज़ा दोगे मैं मान लूंगी। इतना कहकर वह करण के गले लग गई और फूट-फूट के रोने लगी। करण कुछ नहीं बोलता और बस खड़ा रहता है। वह हग बैक भी नहीं करता।
ऋतु उसे थोड़ा दूर होकर उसे देखती है। अपने पंजों के बाल ऊपर होकर करण को किस कर लेती है।
यह सब देखकर प्रिया, दिया और काव्या तो हैरान हो जाती हैं और वो तीनों उन्हें अंदर रूम में छोड़कर बाहर निकल जाते हैं। वो दोनों अपनी प्यार की दुनिया में खो जाते हैं।
डियर रीडर्स प्लीज़ लाइक एंड कमेंट 😀🙏🏻
अब आगे
स्टार क्लब
दीया, काव्या और प्रिया कमरे से बाहर आकर एक-दूसरे को देखती हैं। दीया बंद दरवाज़े को देखते हुए बोली: यार, इनको क्या शर्म नहीं है? हमारे सामने ही चालू हो गए।
प्रिया हँसते हुए बोली: रितु ऐसी ही है, कहीं भी स्टार्ट हो जाती है।
दीया सोचते हुए बोली: पर प्रिया, रितु ने तो कहा था तू उससे बदला लेगी।
प्रिया आँखें घुमाते हुए बोली: यार, बताया ना, अंदर मुझे यह ड्रामा करना पड़ा। करण के कहने पर वो उसे उसके बर्थडे वाले दिन ही शादी के लिए प्रपोज़ करने वाला था, इसलिए मुझे ये सब बातें बोलनी पड़ी कि मुझे उससे बदला लेना है।
दीया उसे घूरते हुए बोली: तुम्हारे ऐसे बेकार से प्लान के चक्कर में मेरी और काव्या की बेंड बज गई, और तू तो मुझे किस करने वाली थी! तू एक बार ही मिली है किसी लड़के से, तो तू फ़र्स्ट मीट में कैसे किस कर सकती है?
प्रिया उसे घूर कर देखते हुए बोली: क्योंकि तू इस लुक में बवाल लग रही है। सब लड़कियाँ तुझे ही देख रही थीं। वैसे, क्यूट कितनी लग रही है तू बिना मास्क के! इतना कह के प्रिया मुस्कुराते हुए दीया के गाल पकड़ कर खींचती है।
दीया उसके हाथ हटाते हुए बोली: आह्हा! क्या कर रही है? मेरे गाल मत खींच, दर्द होता है।
प्रिया मुस्कुराते हुए बोली: तू बहुत क्यूट है, दीया। अगर मैं ज़्यादा नशे में होती, तो आज सच में तेरी किस ले लेती। प्रिया यह बोलकर हँसने लगती है।
दीया उसे अजीब नज़रों से देखने लगती है और मुँह बनाकर बोली: तू लेस्बियन तो नहीं है ना?
प्रिया शरारती मुस्कराहट करते हुए बोली: अभी तक तो नहीं हूँ, पर तुझे देखकर मन बदलने का कर रही हूँ।
दीया उसे हैरानी से देखते हुए बोली: तुझे मैं जान से मार दूँगी!
तभी दीया को काव्या का ध्यान आता है। वह काव्या को देखती है जो उसे कहीं नज़र नहीं आ रही थी। दीया परेशान होते हुए बोली: यह काव्या कहाँ चली गई? दीया आस-पास नज़र घुमाती है तो देखती है काव्या लिफ़्ट की तरफ़ जा रही थी।
दीया उसे जाते देख बोली: यह कहाँ जा रही है? वह काव्या को आवाज़ लगाती है, पर काव्या रुकती नहीं है।
दीया प्रिया को देखकर बोली: तू एक काम कर, प्रिया। हम नीचे पार्किंग एरिया में वेट कर, हम साथ चलेंगे। ठीक है? प्रिया हाँ में सिर हिला देती है और चली जाती है।
दीया काव्या के पीछे जाती है और उसे रोकने के लिए जैसे ही वहाँ पहुँचती है, तो वह देखती है काव्या नीचे क्लब में जा चुकी थी।
दीया सीढ़ियों से उतरकर काव्या के पीछे जाती है। उसने मास्क लगा रखा था। सामने से एक लड़का आ रहा था। दीया उसे लड़के को देखकर डर जाती है और धीरे से बोली: कार्तिक भैया। इतना कहकर वह मुड़ जाती है। वह काव्या को ढूँढ़ने लगती है। जब उसकी नज़र काव्या पर जाती है, तो हैरान हो जाती है। उसके आस-पास लड़के खड़े थे और काव्या उनसे कुछ बात कर रही थी।
दीया धीरे से बोली: यह लड़की इन लड़कों को जानती है। अगर लकी को पता चल गया, तो जान से मार देगा इसे। पहले मुझे इसे यहाँ से ले जाना होगा, वरना कार्तिक भैया ने हम दोनों को देख लिया, तो आज हमारी दोनों की जान जाना पक्का है।
दीया काव्या के पास आती है और उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ़ खींचती है, तो काव्या का चेहरा देखकर हैरान हो जाती है। वह मन में बोली: काव्या ने ड्रिंक कब की? यह पागल लड़की! एक बार घर चल, तुझे बताती हूँ काव्या की बच्ची!
काव्या दीया के ऐसे अचानक खींचने से चिढ़ जाती है और उसे घूरते हुए बोली: क्या कर रही है, यार, दीया? मुझे लग गई ना!
दीया धीरे से डाँटते हुए बोली: चुप, एकदम! वरना बहुत मार खाएगी।
तभी उनमें से एक लड़का बोला: ओए, इसे हमें दे दे। यह आज रात के लिए हमारी है! और जैसे ही वह लड़का काव्या को टच करने वाला होता है,
दीया उसका हाथ गुस्से में झटक देती है और उन सब को कोल्ड लुक देती है। फिर काव्या को वहाँ से ले जाने लगती है। क्लब में लाइट काफी ब्राइट थी और म्यूज़िक भी लाउड था।
तभी उसके सामने ईशा आ जाती है और वह बोली: बेबी, इसे उनके हवाले कर दो। मैं तुम्हें इससे भी ज़्यादा खुश कर दूँगी। इतना कहकर वह दीया को छूने वाली होती है। जैसे ही वह दीया को हाथ लगने जाती है, दीया उसका हाथ झटक देती है और वहाँ से जाने लगती है, तो ईशा उसे कुछ बोलने को होती है, तो दीया उसे हाथ दिखाकर रोककर उसे भी कोल्ड लुक देती है।
दीया कुछ बोल नहीं सकती थी। वह मन में बोली: अगर मैंने कुछ बोला, तो हमारे पीछे चार शैतान खड़े, उनका हम डिनर बन जाएँगी। अभी तो काव्या के पीछे, फिर मेरे पीछे भी पड़ जाएँगे। पहले इस छिपकली से निपटती हूँ, फिर उनको देखती हूँ। काव्या को यहाँ से लेकर मुझे जल्द से जल्द घर पहुँचना है। मैं उसे कुछ नहीं होने दे सकती। अभी दीया यह सब सोच ही रही थी...
तभी काव्या एक थप्पड़ जोर से ईशा के मुँह पर मार देती है और ईशा ज़मीन पर गिर जाती है। यह सब इतना जल्दी हुआ, दीया और ईशा को समझने का मौका ही नहीं मिला। काव्या गुस्से से बोली: मेरी जान पर आँख उठाकर देखेगी? दफ़ा हो जा! मेरी जान सिर्फ़ मेरी है, है ना, दियू? इतना कहकर वह दीया को पपी फ़ेस बनाकर देखने लगती है।
तभी दीया सेंस में आती है और काव्या को लेकर जाने लगती है। तभी पीछे से उन्हीं चार लड़कों में से एक काव्या का हाथ पकड़ लेता है। जब दीया पीछे मुड़कर देखती है, तो उसका दिमाग खराब हो जाता है। वह उस लड़के को जोरदार थप्पड़ मारती है और उसे धक्का देकर काव्या को लेकर वहाँ से भाग जाती है। वे तीनों लड़के अपने दोस्त को देखते हैं, जिसके अभी-अभी थप्पड़ पड़ा था। वह गुस्से से बोला: खड़े-खड़े मेरा मुँह क्या देख रहे हो? पकड़ो उन दोनों को! वे तीनों उनके पीछे भाग जाते हैं।
दीया काव्या को लेकर भाग ही रही थी, तभी उसके सामने कुछ दूसरी साइड से कार्तिक दिख जाता है। दीया उसे देखकर डर जाती है और रास्ता चेंज कर देती है। वह लिफ़्ट के पास जाने लगती है। अभी वह थोड़ा ही दूर थी लिफ़्ट से, तभी पीछे से वे लड़के उन्हें पकड़ने के लिए आ रहे थे। दीया पीछे देखती है, तो जल्दी से काव्या को कमर से अपनी तरफ़ खींचती है। वह काव्या को लिफ़्ट में धक्का देती है। एक लड़का दीया का हाथ पकड़ लेता है। वह लड़के को पीछे मुड़कर देखती है और एक जोरदार लात उसके पैरों के बीच में मारती है। वह लड़का घुटनों के बल बैठ जाता है, अपने दोनों हाथ पैरों के बीच में लगाकर जोर से चिल्लाता है।
दीया उसके मुँह पर जोर से पंच मारती है, जिससे दीया के हाथ में दर्द का एहसास होता है। वह जोर से बोलती है: फ़क! लग गई हाथ में! लगता है हाथ टूट गया मेरा!
दीया उसे देखकर बोली: साले! तेरी इतनी हिम्मत? तू दीया राजपूत को हाथ लगाए! इतना कहकर एक लात उस लड़के के सीने पर मारकर उसे धक्का देकर लिफ़्ट में आ जाती है और लिफ़्ट के बंद होते ही वह अपने दोनों हाथ लिफ़्ट गेट पर टिकाकर और अपना सिर अपने हाथों पर रखकर हाफ़ रही होती है।
दीया खुद से बोली: आज तो बाल-बाल बच गए, काव्या! यार, तू ठीक तो है ना?
दीया गुस्से में अपना मास्क उतारकर फेंक देती है और अपने बालों में से विग भी निकाल देती है और उसके लंबे बाल उसकी कमर पर फैल जाते हैं।
दीया गुस्से में बोली: रितु की बच्ची! तुझे मैं जान से मार दूँगी! तेरी वजह से आज हम दोनों यहाँ फँस गए हैं! तुझे तो मैं कल बताती हूँ!
दीया अभी बोल ही रही थी, तभी उसे काव्या का ध्यान आता है जो उसके साइड खड़ी थी। गुस्से में देखती है, उसके आर्म्स को पकड़कर अपने सामने करते हुए बोली: तुझे किसने कहा था ड्रिंक करने के लिए? अगर आज कुछ हो जाता, तो क्या करती? मैंने मना करा था ना पीने से! ऊपर से यहाँ कार्तिक भैया भी हैं! उन्होंने हम दोनों को यहाँ देख लिया, तो कांड हो जाएगा! दीया बोल ही जारी थी...
तभी काव्या खोए हुए अंदाज़ में बोली: दियू, सामने का नज़ारा देख!
दीया उसे अजीब तरीके से देखती है। उसने अभी तक लिफ़्ट में नज़र नहीं घुमाई थी। इस टाइम वह जाफ़ी गुस्से में थी। उसका पूरा ध्यान बस काव्या पर था। वह काव्या से बोली: मैं तुझे यहाँ बात कर रही हूँ, तू मुझे नज़ारा दिखा रही है? पीने के बाद क्या दारू दिमाग में चढ़ गई है क्या? इधर देख! जो पूछ रही हूँ, उसका जवाब दे! किसने कहा था ड्रिंक करने के लिए?
तभी दीया को जब लगता है काव्या का उसकी बात पर ध्यान नहीं है, वह काव्या की नज़रों को फॉलो करती है। जब सामने देखती है, तो उसके सामने उदय और अथर्व खड़े थे।
दीया उन दोनों को देखती है, तो एक पल के लिए वह डर जाती है। फिर वह अपने आप को संभालती है और अपनी जैकेट निकालकर काव्या को पहना देती है, क्योंकि अभी-अभी उनके पीछे लड़के पड़ गए थे, इसलिए वह थोड़ा डर जाती है उन्हें देखकर। उसके हाथ पर काँप रहे थे। जब उसने लड़के को मारा था, वह ही जानती थी उसने कितनी हिम्मत दिखाई थी। वह खुद को रिलैक्स करते हुए काव्या से धीरे से बोली: नज़ारे बाद में देखियो, समझी? अगर नज़ारे देखने वाली बात लकी को पता चल गई ना, तो नज़ारे देखने लायक नहीं छोड़ेगा तुझे! दीया की बात सुनकर काव्या मुँह बना लेती है।
काव्या मुँह बनाकर बोली: अभी लकी यहाँ है थोड़ी ना!
दीया उसे घूरकर देखती है, तो काव्या चुप हो जाती है। दीया किसी को कॉल लगाती है। कॉल पिक होते ही बोली: कपिल, कहाँ हो तुम? तुम्हें पता है कार्तिक भैया भी इसी क्लब में हैं? तुम भैया को संभाल लो, यार! मैं और काव्या यहाँ से निकल ही रही हैं, बस!
कपिल धीरे से बोला: मैं कार्तिक के सामने ही हूँ और मैंने उसे बोला, मैं यहाँ काम से आया हूँ। तुम जाओ, दोनों। मैं इसे संभाल लूँगा।
दीया जल्दी से बोली: कार कहाँ पार्क की है, तो?
कपिल बोला: मेरा वहाँ एक आदमी खड़ा है, वह तुम्हें ले जाएगा।
दीया बोली: ओके, मैं तुम्हारे घर जा रही हूँ। ठीक है? कपिल ओके बोलकर कॉल कट कर देता है।
इधर काव्या अपने में मगन उदय को ही देखे जा रही थी और उदय भी उसे एक स्माइल करते हुए देख रहा था। दीया की नज़र काव्या पर जाती है, तो उसका हाथ पकड़कर बोली: काव्या, पागलों वाली हरकत मत कर! दीया की नज़र सिर्फ़ काव्या पर थी। उसने अथर्व और उदय को बस एक बार ही देखा था, फिर नज़र हटा ली थी। और अथर्व तो जब से दीया लिफ़्ट में आई थी, तब से उस पर से नज़र ही नहीं हटा रहा था। उसे गुस्सा भी आ रहा था कि दीया ने उसे एक बार भी नज़र भरकर नहीं देखा।
plz like nd comment 🙏 💗
अब आगे
रात का समय/ स्टार क्लब/ लिफ्ट
उदय और अथर्व लिफ्ट में थे। जब लिफ्ट में एक लड़की को देखा, तो उदय उस लड़की को देखकर बोला: बेबी गर्ल, तुम यहाँ? तभी उनके सामने दीया भी आई, जो उनकी तरफ़ पीठ करके एक लड़के के पैरों के बीच में लात मारकर, उसके मुँह पर पंच मारकर लिफ्ट में आ गई। अथर्व ने उसकी आवाज़ सुनी, तो उसकी आँखें कोल्ड हो गईं, क्योंकि दीया ने जब पंच मारा था, उसके मुँह से "फ़क" निकल गया था, क्योंकि उसके हाथ में मोच आ गई थी। दीया लिफ्ट बंद होते ही बोली: लगता है मेरे हाथ की हड्डी टूट गई है। दीया अपने ही मगन में बोले जा रही थी।
तभी उदय अथर्व के कान में धीरे से बोला: भाई, यह तो लड़की है, और एक पंच मारने से इसकी हड्डी टूट गई। लड़कियाँ कितनी नाज़ुक होती हैं!
अथर्व उसे कोल्ड लुक देता है, जिससे उदय शांत खड़ा हो जाता है और काव्या को देखता है, जो उसे ही देख रही थी। तभी दीया उन दोनों को देखती है, तो वह डर जाती है। वह अपने आप को नॉर्मल दिखाने की कोशिश करती है, पर अथर्व उसके डर को समझ जाता है। वह हैरान था दीया कैसे और क्या कर रही थी, और दीया का यह रूप देखकर उसे अच्छा भी लगा था। वह खुद को प्रोटेक्ट कर सकती है, पर हाथ टूटने वाली बात से उसे हँसी भी आई। अथर्व को गुस्सा भी आ रहा था, क्योंकि दीया ने उसे एक बार भी ढंग से नहीं देखा था, और उसकी नज़र दीया से हट ही नहीं रही थी।
उदय अथर्व को दीया को एकटक घूरता देख धीरे से उसके कान में बोला: अबे, आँखों से ही देखकर जाल देगा क्या लड़की को? बिचारी इनोसेंट सी है, और देख वो डरी हुई लग रही है। उसे ऐसे मत देख। उसकी फ्रेंड उसे वैसे भी बहुत परेशान कर रही है। अथर्व उसको खा जाने वाली नज़रों से देखता है, तो उदय मुँह बनाकर शांत खड़ा हो जाता है। फिर वह दीया और काव्या को देखने लगता है।
दीया काव्या को संभाल रही थी, क्योंकि काव्या उसे बहुत परेशान कर रही थी। कभी उसके गालों पर लगती, तो कभी उसके गाल खींचती। काव्या मुस्कुराते हुए बोली: दीया, तू इतनी क्यूट क्यों है?
दीया को गुस्सा आ रहा था। उसने गुस्से में बोला: काव्या, शांत खड़ी रह! आगे से तूने कभी भी ड्रिंक की ना, तो मुझे बुरा कोई नहीं होगा। बहुत हो गया तेरा ड्रामा! शांत खड़ी रह, पागल लड़की! और यह किस अखंड चमन ने इतना ऊपर क्लब बना रखा है? दीया की बात और शक्ल से पता चल रहा था, वह कितनी फ्रस्ट्रेट है।
दीया की बात सुनकर काव्या रोने लगती है और उदय और अथर्व को हँसी आ रही थी। काव्या को रोता देख दीया रोने जैसी शक्ल बना लेती है और बिचारी सी खुद से बोली: यार, यह लड़कियाँ पीने के बाद इतना क्यों ड्रामा करती हैं?
फिर दीया काव्या को देखकर बोली: देख, काव्या! अगर तूने रोना बंद नहीं किया, तो मैं इंद्र के पास कॉल कर दूँगी।
अथर्व धीरे से मुस्कुराया। अथर्व को स्माइल करते देख काव्या और ज़ोर से रोने लगी। वह बोली: दीया की बच्ची! तू मेरे पापा का नाम कैसे ले सकती है? और तू मुझे धमकी दे रही है! जाकर ले जिससे कॉल करना है, मैं नहीं डरती तेरे से! तू हमेशा ही ऐसा करती है मेरे साथ! नए दोस्तों के आते ही मुझे भूल जाती है और इंस्टा पर स्टोरी और व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाकर मुझे जलूस फील करवाती है!
दीया उसे देख हैरानी से बोली: क्या बकवास कर रही है? मैं ऐसा भला क्यों करूँगी? और तू जलूस क्यों होती है, यार? तू जानती है ना, वो सब नॉर्मल फ्रेंड हैं मेरे! तू भी तो लगाती है स्टोरी, स्टेटस में तो नहीं बोलती कुछ!
काव्या उसे घूरते हुए बोली: हाँ, मैं लगाती हूँ, तुझे जलाने के लिए! पर तू स्टोन हार्ट पर्सन है! तू तो खुश होती है मुझे दूसरों के साथ देखकर! क्या, दियू? तुझे जलूस नहीं होती मुझ किसी और के साथ देखकर? काव्या की आँखों में आँसू थे। वह पूरी दीया के सहारे खड़ी थी। दीया ने उसे कमर से पकड़कर खड़ा रखा था।
दीया उसे अजीब नज़रों से देखती है। दीया गहरी साँस लेकर बोली: पर मैं क्यों जलूस होऊँगी? मेरी बहन देख! तू मेरी जान है, और मैं जानती हूँ तू मुझसे ज़्यादा प्यार किसी से नहीं करती, क्योंकि मुझे पता है तू मुझे कभी छोड़कर नहीं जाएगी। और मैं भला क्यों इनसिक्योर होऊँ? तेरी भी लाइफ़ है, तुझे जिससे मिलना है, मिल! जिससे दोस्त बनाना है, बना! मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता, जब तक तू मेरे साथ है, प्यार से रह रही है, तो मैं भला क्यों फ़ालतू की सिरदर्दी पालूँ? और बेवकूफ़ लड़की! तू जलूस क्यों होती है? तेरे अलावा मेरा कोई इतना ख़ास नहीं है, जिसे मेरे सारे काम-कांड पता हो! मेरे बारे में लोग कुछ-कुछ जानते हैं और मेरी पूरी जान-कुंडली तेरे पास है! तू कुछ-कुछ नहीं, बहुत कुछ जानती है मेरे बारे में! मुझसे ज़्यादा समझी! अब रोना बंद कर!
काव्या दीया की बात सुनकर खुश हो जाती है और चिल्लाते हुए कहती है: तू प्रॉमिस कर, मेरी जगह किसी को नहीं देगी!
दीया उसे देखकर बोली: यार, तू जानती है मेरी फ़र्स्ट प्रायोरिटी तू है!
दीया की यह बात सुनते ही काव्या उसे जोर से हग कर लेती है और प्यार से बोली: बेस्ट फ्रेंड फ़ॉरएवर ❤️
दीया के चेहरे पर हल्की स्माइल आ जाती है। वह बोली: हाँ, वो तो है! तेरे आगे मैं किसी और को चूज़ नहीं करूँगी! अब यह ड्रामा बंद कर! और प्रॉमिस कर रही हूँ, कहीं छोड़कर नहीं जाऊँगी! खुश?
काव्या खुश होकर उसके गाल पर किस करने जा ही रही थी, दीया उसे दूर करते हुए बोली: यह पागलों वाली हरकत मत कर, समझी? मुझे बिलकुल पसंद नहीं है!
काव्या मुँह बना लेती है और उसे घूरते हुए बोली: तू मुझे प्यार नहीं करती!
दीया लिफ़्ट के डोर को देखते हुए बोली: हाँ, नहीं करती! चुप! शांत खड़ी रह! अब बहुत बोल लिया तूने!
अथर्व और उदय जो इतनी देर से उन दोनों फ्रेंड को देख रहे थे, तो उदय बोला: यार, यह लड़कियाँ कितनी अजीब होती हैं ना! अथर्व कुछ नहीं कहता। वह बस दीया को ही देख रहा था। जब काव्या उसे किस करने वाली थी, अथर्व की आँखें कोल्ड हो गई थीं। जब दीया ने उसे रोका, तो अथर्व की आँखों में चमक आ गई। दीया उसे एकदम परफेक्ट लग रही थी, जैसी उसे चाहिए थी। दीया बिलकुल वैसी ही थी। दीया को पता था किस टाइम क्या बोलना या क्या करना होता है। उसे दीया समझदार लगी थी। (पर भला अथर्व को कौन बताया हमारी दीया कितनी मैच्योर और कितनी इनोसेंट थी? यह बात तो बिचारे को आगे जाकर पता चलेगी।)
दीया परेशान होते हुए बोली: यह लिफ़्ट रुकी क्यों गई?
उदय उसे परेशान देख बोला: शायद कोई प्रॉब्लम हो गई होगी। तुम फ़िक्र मत करो, सब ठीक हो जाएगा।
दीया उसे एक नज़र देखती है और फिर काव्या को देखने लगती है। उसे डर तो बहुत लग रहा था, पर वह स्ट्राँग दिखा रही थी अपने आप को उन दोनों के सामने। उदय और अथर्व यह बात बखूबी समझ रहे थे। अथर्व को तो बहुत प्यार आ रहा था दीया पे। तभी उदय आगे बढ़ा।
दीया उसे अपनी तरफ़ आते देख डर गई। घबराते हुए बोली: क्या हुआ, भैया?
दीया के मुँह से "भैया" सुनकर उदय मुस्कुरा दिया और दीया से प्यार से बोला: बहन, तुम साइड हटो, मुझे बटन प्रेस करके देखने दो, ताकि लिफ़्ट स्टार्ट हो जाए। उदय के मुँह से "बहन" सुनकर दीया को थोड़ा रिलैक्स फील हुआ। उदय का "बहन" कहना दीया को बहुत अच्छा लगा और वह साइड खड़ी हो जाती है। दीया अथर्व के काफ़ी करीब खड़ी थी। दीया की पीठ अथर्व के सामने थी। अथर्व थोड़ा आगे आकर दीया के बालों को स्निफ़ करने लगा। दीया के बालों की खुशबू से वह पागल सा हो रहा था।
तभी लिफ़्ट ऑन हो जाती है। दीया खुश हो जाती है। दीया काव्या को लेकर लिफ़्ट से बाहर आ जाती है। उदय और अथर्व भी उनके पीछे बाहर आ जाते हैं। उदय उन दोनों को देखते हुए बोलता है: तुम रात को बाहर क्या कर रही हो? तुम्हें पता है ना, लड़कियों के लिए रात के टाइम सेफ़ नहीं होता, और ऐसी जगह तो बिलकुल भी नहीं!
दीया जो कपिल की कार को ढूँढ़ रही थी, वह उदय की बात सुनकर पलटकर अथर्व और उदय को देखती है, जो पैंट की पॉकेट में हाथ डाले, उन दोनों को ही देख रहे थे।
दीया कुछ बोलती, दीया से पहले काव्या उन्हें लाल नशीली आँखों से घूरते हुए बोली: हमें दोनों को भी कोई शौक नहीं है ऐसे रात के टाइम बाहर घूमने का! हम तो फ़र्स्ट टाइम क्लब आए हैं! हमारी स्टूपिड फ्रेंड है ना, उसकी हेल्प करने आए थे! उसकी मिसअंडरस्टैंडिंग की वजह से हम यहाँ हैं! और हमारी दीया रानी महान इतनी है कि कोई इसके सामने दो आँसू बहा देता है, तो इसके अंदर का कीड़ा जाग जाता है दूसरों की हेल्प करने का! उनकी हेल्प करने के चक्कर में खुद मुसीबत को अपने घर बुला लेती है और फँस जाती है, है ना, दियू? काव्या उसे क्यूट सा फ़ेस बनाकर देखने लगती है।
दीया अपना चेहरा शर्म से नीचे कर लेती है और धीरे से बोली: नशे में हूँ, फिर भी ताना मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही!
काव्या उसके कंधे पर सर रखकर बोली: क्योंकि हद से ज़्यादा अच्छा होना भी बेकार है! भले ही काव्या नशे में हो, पर वह दीया से ज़्यादा समझदार थी।
दीया उसका हाथ पकड़ते हुए वहाँ से ले जाते हुए बोली: अच्छा, मेरी माँ! आज के बाद कभी नहीं होगा ऐसा! पर तू प्लीज़ ड्रिंक मत करियो! अभी मैं परेशान हो गई हूँ तुझे संभालते-संभालते!
दीया काव्या को लेकर पार्किंग एरिया में आती है, तो कार ढूँढ़ने लग जाती है। उनके पीछे अथर्व और उदय भी आ जाते हैं। अथर्व दीया को देखते हुए बोला: हम तुम दोनों को तुम्हारे घर ड्रॉप कर... अथर्व इतना ही बोल पाया था...
दीया ने उसे बिना देखे बीच में रोकते हुए बोली: नो थैंक्स! हम चले जाएँगे। आपको फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है। इतना कहकर वह आगे बढ़ जाती है।
अथर्व के हाथों की मुट्ठियाँ बन जाती हैं। उदय उसे हँसते हुए बोला: भाई, यह पहली ऐसी लड़की है जो इतने हैंडसम बंदों को ना बोलकर गई है! वरना लड़कियाँ हमारी एक झलक देखने के लिए तड़पती हैं!
अथर्व जाती हुई दीया को देखकर बोला: शी इज़ माई गर्ल! और जो मुझे पसंद आ जाए, वो चीज़ अलग तो होगी ही ना!
उदय उसकी तरफ़ हैरानी से देखते हुए बोला: तुझे वो लड़की पसंद कैसे आ गई? देखा नहीं कितना ऐटिट्यूड है उसमें! डर रही थी, फिर भी हमें नज़र भरकर भी नहीं देखा! और मुझे तो भैया ही बना लिया! क्या मैं इतना बुरा लगता हूँ? यह बोलते हुए उसने मुँह लटका लिया।
अथर्व उसे घूरकर देखता है, तो उदय दाँत दिखाते हुए बोला: मज़ाक कर रहा हूँ, यार! मैं तो उसे बहन ही बोल रहा था! और वैसे भी मुझे उसमें कोई इंटरेस्ट नहीं है! मुझे तो उसकी फ्रेंड पसंद आ गई! एकदम डॉल की तरह प्यारी है!
अथर्व उसे देखकर बोला: उस डॉल का बॉयफ्रेंड भी है!
उदय बेफ़िक्री से बोला: तो क्या हुआ? ब्रेकअप हो जाएगा! इतना कहकर वह ईविल स्माइल के साथ काव्या को देखने लगा। तभी उन दोनों की आँखें सख्त हो जाती हैं और गुस्से में दोनों की नशे तान जाती है अपने सामने का नज़ारा देखकर।
देखते हैं क्या होगा आगे की कहानी में! लाइक, कमेंट प्लीज़ 🙏🏻❤️
अब आगे...
स्टार क्लब/पार्किंग एरिया।
दिया कव्या को संभालते हुए ले जा रही थी, तभी उन दोनों के सामने वो छह लड़के आ गए जो उन्हें क्लब में परेशान कर रहे थे। दिया उन्हें देखकर डर गई और कव्या को तो कोई होश ही नहीं था, वो दिया के सहारे khadi कुछ न कुछ बड़बड़ा रही थी।
तभी उनमें से एक लड़का उनकी तरफ़ बढ़ा तो दिया पीछे हो गई घबराते हुए बोली: "देखो हमसे दूर रहो, नहीं तो अच्छा नहीं होगा तुम्हारे लिए।"
दिया की बात सुनकर वो चारों लड़के हंसने लगे। उनमें से एक बोला: "भाई हमें तो लगा था ये लड़का है, पर मास्क के पीछे तो चाँद का टुकड़ा छुपा हुआ था।"
उन्हीं में से एक chhichori हँसी हँसते हुए बोला: "चाँद का टुकड़ा नहीं, चाँद ही है। आज तो दो-दो हसीनाओं के साथ रात रंगीन होगी।" और ये बोलकर वो छह लड़के हँस रहे थे और दिया और कव्या की तरफ़ बढ़ रहे थे। दिया उन छह की बात सुनकर घबरा गई थी। उसे समझ नहीं आ रहा था वो यहाँ से कैसे बचकर भागे। उसे बहुत ज़्यादा डर लग रहा था।
तभी उनमें से एक लड़के ने जैसे ही दिया को हाथ लगाने के लिए हाथ बढ़ाया, किसी ने उसका हाथ मज़बूती से पकड़ लिया। उसने सामने देखा तो एक पल के लिए वो डर गया। सामने और कोई नहीं, Atharv खड़ा था। उसे देखकर लड़के की हवा टाइट हो गई क्योंकि Atharv बहुत ख़तरनाक लग रहा था। उसके अंदर से किलिंग वाइब आ रही थी। लड़के ने अपना हाथ Atharv ki पकड़ से छुड़ाने की कोशिश करने लगा क्योंकि उसके हाथ में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था। Atharv उसका हाथ बहुत टाइटली पकड़ा हुआ था।
वो लड़का दर्द से चीखता हुआ बोला: "छोड़ मेरा हाथ! तू जानता नहीं है मैं कौन हूँ?"
Atharv एक ईविल स्माइल करते हुए बोला: "और तू मुझे नहीं जानता मैं कौन हूँ?" इतना कहते ही Atharv ne उस लड़के का हाथ तोड़ दिया।
दिया ने जब ये देखा उसकी हालत ख़राब हो गई। वो डर के दो कदम पीछे हो गई। Atharv के पीछे से एक लड़के ने वार करना चाहा तो Atharv ने बिना पीछे मुड़े उसका हाथ पकड़ लिया और बिना उस लड़के की तरफ़ देखे उसका भी हाथ तोड़ दिया। वो सिर्फ़ एकटक दिया को ही देख रहा था। दिया जो ये सब देखकर डर गई थी, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
एक लड़का कव्या का हाथ पकड़ लेता है, तभी उदय उसकी पीछे से गर्दन पकड़कर अपने सामने करके एक जोरदार पंच उसके मुँह पर मारता है और कव्या को अपनी बाहों में भर लेता है। कव्या भी नशे में होने की वजह से उसे टाइटली हग कर लेती है। कव्या के ऐसे हग करने से उदय की धड़कनें तेज़ हो गई थीं।
Atharv उन चारों लड़कों को बहुत बुरी तरह मार रहा था। उसने दिया की तरफ़ देखते हुए कहा: "ओपन योर आइज़, हेवन।" दिया को तो कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था। वो बस आँखें बंद करके खड़ी थी। वो इतना डर गई थी उसे ये भी पता नहीं चला कब कव्या उससे दूर हो गई। दिया को लड़ाई-झगड़े से बहुत डर लगता था।
Atharv दिया के पास आया और उसकी आर्म्स पकड़कर तेज़ आवाज़ में बोला: "ओपन योर आइज़!"
Atharv की भारी आवाज़ सुनकर दिया ने अपनी आँखें खोली और वो आदित्य की आँखों में देखने लगी। उसने अब Atharv को अच्छे से देखा था। उसने धीरे से बोला: "ये तो वो ही है..." इतना कहकर वो चुप हो गई।
Atharv उसे दिया को देखते हुए बोला: "कुछ कहा तुमने?"
दिया ने सर हिला दिया। Atharv सॉफ्ट वॉइस में बोला: "अब डरने की ज़रूरत नहीं है। देखो इन्हें मैंने सबक सिखा दिया।"
दिया ने उन लड़कों को देखा जो ज़मीन पर पड़े कराह रहे थे। दिया को कव्या का ख्याल आता है। वो आस-पास देखते हुए घबराई आवाज़ में बोली: "मेरी दोस्त कव्या कहाँ है?"
Atharv उसे घबराया हुआ देखकर उसने उदय की तरफ़ इशारा किया तो दिया पलटकर हैरानी से उन दोनों को देखने लगी। उदय ने कव्या को गोद में उठा रखा था और कव्या ने अपना मुँह उसकी नेक में छुपा रखा था और कुछ न कुछ बड़बड़ा रही थी।
Atharv uska हाथ पकड़ता है तो "आह्ह्ह्ह" की आवाज़ दिया के मुँह से निकल जाती है। आदित्य उसे कन्फ़्यूज़ होकर देखता है।
दिया उसके फ़ेस को देखकर समझ जाती है। वो धीरे से बोली: "मेरा हाथ शायद टूट गया है। मैंने उस लड़के को पंच मारा था तो टूट गया।"
Atharv दिया की बात सुनकर उसके चेहरे पे छोटी सी स्माइल आ जाती है। दिया बोलते हुए बहुत मासूम लग रही थी। वो सॉफ्ट वॉइस में बोला: "सिली गर्ल! एक पंच मारने से किसी का हाथ नहीं टूटता। हल्की सी मोच आई है तुम्हारे हाथ में।"
दिया मुँह बनाते हुए बोली: "पर मुझे दर्द ऐसा ही हो रहा है जैसे मेरे हाथ की हड्डी टूट गई हो।"
Atharv उसके क्यूट से चेहरा देखकर खुद को मुस्कुराने से रोक नहीं पा रहा था। वो हल्की स्माइल करते हुए बोला: "चलो तुम्हारे हाथ में गरम पट्टी बांध देता हूँ।"
दिया जल्दी से बोली: "कोई ज़रूरत नहीं है। मुझे घर जाना है अपनी फ्रेंड को लेकर। और हाँ, थैंक्स हम दोनों की हेल्प करने के लिए। अगर आप नहीं होते तो आज हमारे साथ पता नहीं क्या होता। थैंक यू सो मच!" इतना कहकर वो अपना हाथ Atharv ke हाथ से छुड़ाने लगती है पर आदित्य की पकड़ उसके हाथ पे कस गई थी। दिया की बात सुनकर...
दिया उसके हाथ ना छोड़ने से उसे देखते हुए बोली: "आह्ह्ह्ह्ह... छोड़ो मेरा हाथ, दर्द हो रहा है।" वो पलटकर देखती है, हैरान हो जाती है।
दिया ने देखा उदय और कव्या यहाँ नहीं हैं। वो घबराती हुई बोली: "मेरी फ्रेंड वो कहाँ है? वो तुम्हारा भाई कहाँ लेकर चला गया? उसे देखो। हम दोनों ऐसी-वैसी लड़कियाँ नहीं हैं, समझे? जल्दी बताओ कहाँ है मेरी कव्या?"
Atharv उसे देख के बोला: "डोंट बी पैनिक! चलो मेरे साथ।"
दिया को अब गुस्सा आ रहा था। एक तो पहले ही काफ़ी रात हो गई थी, ऊपर से Atharv और उदय उन्हें जाने देने का नाम नहीं ले रहे थे। वो गुस्से से बोली: "मैं कहीं नहीं जाऊँगी। मेरी दोस्त कहाँ है? बताओ मुझे।"
Atharv बिना कुछ बोले उसे गोद में उठा लेता है। दिया Atharv के इस एक्शन की उम्मीद नहीं कर रही थी। वो गुस्से में बोली: "देखो मिस्टर तुम..." वो इतना ही बोली थी कि...
तभी आदित्य नॉटी स्माइल करते हुए बोला: "देखो मिस्स ओ..."
दिया के गाल लाल हो गए थे। अब गुस्से से थे या फिर शर्म से? और दिया जाने वो गुस्से से बोली: "मुझे नीचे उतारो! तुम घटिया आदमी! तुम सब एक जैसे होते हो! उतारो मुझे नीचे! आई स्वेअर अगर तुमने मुझे नीचे नहीं उतारा तो मैं तुम्हारा खून कर दूँगी! समझे? उतारो मुझे नीचे! और मेरी फ्रेंड कहाँ है? छोड़ो! मैंने कहा..." वो उसकी गोद में झटपटाने लगी।
Atharv उसे कोल्ड लुक में देखते हुए गहरी मगर भारी आवाज़ में बोला: "अगर एक भी वर्ड तुम्हारे मुँह से निकला, मैं खुद भी नहीं जानता मैं क्या कर दूँगा। और रही तुम्हारी फ्रेंड की बात तो वो कार में है। नाउ शट योर माउथ!"
दिया उसकी भारी आवाज़ सुनकर खुद के गुस्से को कंट्रोल करते हुए शांत लहज़े में बोली: "हम दोनों को नहीं जाना कहीं भी आप दोनों के साथ। मुझे नीचे उतारिए। मैं और मेरी फ्रेंड खुद चले जाएँगे। जितनी हेल्प करनी थी आप दोनों ने कर ली। बहुत-बहुत धन्यवाद।"
Atharv उसकी बातों को इग्नोर करता है और अब तक वो दिया को गोद में लिए कार के पास ले आता है। उदय कार में कव्या को गोद में लेकर बैठा था और उसे प्यार से देख रहा था। कव्या कुछ न कुछ बड़बड़ाए जा रही थी।
दिया गुस्से से बोली: "सुनो मिस्टर! मुझे अब बहुत गुस्सा आ रहा है! मुझे नीचे उतारो!"
Atharv दिया को नीचे उतारता है। दिया जैसे ही उसे दूर जाने वाली होती है तो Atharv दिया की कमर से पकड़कर अपनी तरफ़ खींच के उसे कार से लगा देता है। उसका दूसरा हाथ कान के पास रखकर उसकी आँखों में देखता है।
दिया उसके इस एक्शन से शॉक हो जाती है और खुद को दूर करने लगती है। वो Atharv के सीने पे हाथ रखकर उसे पुश करती है पर Atharv उसे एक इंच भी नहीं हिला।
Atharv उसे खुद को पुश करता देख भारी आवाज़ में बोला: "स्ट्रगल करना बंद करो! जब तक मैं ना चाहूँ तब तक तुम खुद को मुझसे आज़ाद नहीं करवा पाओगी!"
दिया उसकी आँखों में देखते हुए गुस्से में बोली: "छोड़ो मुझे! जहिल इंसान! वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा! पागल हो गए हो जो ऐसी हरकत कर रहे हो!"
Atharv उसकी आँखों में देखते हुए गहरी आवाज़ में बोला: "तुमने अभी मेरा पागलपन नहीं देखा!" इतना कहकर वो दिया के चेहरे के और भी करीब आकर लो वॉइस में बोला: "यहाँ तुम्हें इतनी रात को कोई टैक्सी नहीं मिलेगी तो हमारे साथ चलो। और तुम्हारी फ्रेंड इस हाल में नहीं है वो खुद चल सके। और तुम्हारे हाथ में भी चोट लगी है। अब मुँह बंद करो! चुपचाप कार में बैठो।" वो दिया के चेहरे के इतना करीब था कि उन दोनों की साँसें एक-दूसरे के चेहरे को छू रही थीं।
तभी कव्या जो उदय का सर खा रही थी उसकी नज़र दिया और Atharv पर जाती है। वो विंडो से सर बाहर निकालकर चीखते हुए बोली: "तुम दोनों किस कर रहे हो? वाव! सो रोमांटिक!"
दिया उसकी तरफ़ देखते हुए हैरानी से बोली: "व्हाट? क्या बक रही है? ऐसा कुछ नहीं कर रहे हम।"
कव्या मुँह बनाकर बोली: "तुम दोनों की पोज़िशन देखो! इतने क्लोज़ हो! किस भी कर ही लो! हना उदय जी! मैं सही कह रही हूँ ना? कब तक तू सिंगल रहेगी उस ध्रुव के बच्चे के चक्कर में?"
दिया गुस्से में बोली: "शट योर फ़किंग माउथ!"
उदय जो कव्या को देख रहा था उसका ध्यान भी उन दोनों पर जाता है। वो भी हैरानी से Atharv दिया को देख रहा था।
तभी कव्या उदय की तरफ़ घूर के देखते हुए बोली: "आप बोल क्यों नहीं रहे हो उदय जी?"
उदय भी थोड़े नॉटी अंदाज़ में बोला: "हाँ ब्रो! सही कह रही है मेरी बेबी गर्ल!"
कव्या खुश होकर उदय के गाल पे किस करके कहती है: "ये हुई ना मेरे उदय वाली बात!"
दिया और उदय उसे हैरानी से देखने लगते हैं। दिया गुस्से से बोली: "कव्या! तू पागल हो गई है क्या कर रही है तू?" इतना ही बोली थी कि Atharv ne अपने लिप्स दिया के लिप्स पे रख दिए थे।
कृपया समर्थन करें 🙏🏻
अब आगे...
दोस्तों, कहानी अगर पसंद आए तो शेयर जरूर करना 💕
दिया के इतने करीब होने से अथर्व का दिल बहुत जोर से धड़क रहा था। दिया के हिलते होंठ उसे अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। अथर्व का गला सूखने लगा था। जब रहा नहीं जाता, तो वह दिया के होंठों पर अपने होंठ रखकर सॉफ्ट किस करने लगता है।
अथर्व के इस हरकत से दिया ब्लैंक हो जाती है | अथर्व उसके निचले होंठ को चूसते हुए चाटने लगता है। धीरे-धीरे उसका किस सॉफ्ट से वाइल्ड किस में तब्दील होती जा रही थी। दिया तो एकदम फ्रीज हो गई थी। उसके कानों में जब कव्या की आवाज आती है...
जो वह खुश होते हुए बोल रही थी: ओह माय गॉड दिया! तेरी फर्स्ट किस आखिरकार हो ही गई!
दिया कव्या की आवाज सुनकर अपने होश में आती है और अथर्व को देखने लगती है, जो आंखें बंद किए उसे पागलों की तरह किस कर रहा था। जब उसे एहसास होता है कि अथर्व क्या कर रहा है, वह जल्दी से उसे पुश करने लगती है, पर वह एक इंच भी अथर्व को हिला नहीं पाती। कहाँ नाजुक सी दिया और कहाँ लंबा चौड़ा इंसान उस पर हावी हो चुका था।
दिया के ज्यादा हिलने से और उसके पुश करने से अथर्व इरिटेट हो रहा था! अथर्व उसके दोनों हाथों को एक हाथ से पकड़कर ऊपर कर देता है। दूसरा हाथ उसकी कमर पर रखकर उसकी कमर पर अपनी उंगलियों से सहला रहा था और अपनी बॉडी पूरी दिया की बॉडी से चिपका देता है। कव्या की बात सुनकर कि दिया की यह फर्स्ट किस है, अथर्व और भी ज्यादा एक्साइटेड होकर उसे किस करने लगता है। दिया को तो लग रहा था आज उसकी जान ही चली जाएगी क्योंकि अथर्व उसके लिप्स को बाइट, लिक बहुत तेजी से कर रहा था! अथर्व अपनी टंग से दिया का माउथ ओपन करने की कोशिश कर रहा था, पर दिया अपना मुंह नहीं खोल रही थी।
जब दिया अपना मुंह नहीं खोलती, अथर्व उसके निचले होंठ को बहुत तेज़ बाइट करता है, जिससे दिया की एक आह निकल जाती है, जो उसके मुंह में ही रह जाती है क्योंकि अथर्व ने दिया के मुंह को अपने कब्ज़े में कर रखा था और दिया का मुंह खुल जाता है। साथ ही उसकी आँखों से आंसू आने लगते हैं क्योंकि अथर्व ने बहुत जोर से बाइट किया था, जिससे दिया के लिप्स में से ब्लड आने लगा था। अथर्व अपनी टंग दिया के मुंह के अंदर डालकर उसका पूरा मुंह एक्सप्लोर करने लगता है। वह उसकी टंग को चूसने लगता है। दिया के लिए ये सब नया था। हालाँकि उसका बॉयफ्रेंड था, पर कभी उसने खुद के करीब नहीं आने दिया। अब उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वह अपना चेहरा भी नहीं हिला पा रही थी। अथर्व ने दिया की पूरी बॉडी को अपने कंट्रोल में ले लिया था। वह उसे पागलों की तरह किस कर रहा था, जैसे कितने सालों की प्यास बुझा रहा हो। अथर्व के मुंह जैसे खून लग गया हो।
दिया स्ट्रगल करके थक गई थी, इसलिए वह शांत खड़ी हो जाती है और अथर्व को जो वह कर रहा था, उसे करने देती है। पर काफ़ी देर बाद भी अथर्व उसे नहीं छोड़ता। दिया का दम घुट रहा था। उसे गुस्सा आने लगता है। दिया उसके लिप को तेज़ बाइट कर लेती है, जिससे अथर्व के लिप्स से भी ब्लड आने लगता है। Atharv दिया के लिप्स को आजाद कर देता है और थोड़ा सा दूर होकर दिया को देखता है, तो उसके लोअर लिप को एक बार चूसकर उसे दूर हो जाता है। दिया घेरी-घेरी साँस ले रही थी। उसका पूरा मुंह लाल हो गया था। Atharv दिया की ऐसी हालत देखकर उसे अपने सीने से लगा लेता है और उसकी पीठ रब करने लगता है।
वीर जो Atharv के पास आ रहा था, वह अपने बॉस को ऐसे देखकर शॉक हो जाता है कि उसका बॉस जो लड़कियों से कोसों दूर भागता है, वह आज एक लड़की को इतनी पैशनेट होकर किस कर रहा था। यही हाल उदय का था और उसने कव्या को अपनी गोद में लिए ही उसका चेहरा अपने सीने में छुपा लिया था। कव्या उसे दूर हो रही थी उदय से। जब कव्या संभालती नहीं है, वह उसके ईयर के पीछे की अपनी दो उंगलियां ले जाकर उस सेंसिटिव जगह प्रेस कर देता है, जिससे कव्या बेहोश हो जाती है। उदय चैन की साँस लेता है। तभी उदय को एक चाटे की आवाज आती है। उसकी आँख हैरानी से बड़ी हो जाती है।
दिया Atharv को धक्का देकर उसे एक जोरदार थप्पड़ लगा देती है और गुस्से से उस पर गरजते हुए बोली: खुद को समझते क्या हो? हिम्मत भी कैसे हुई मेरी परमिशन के बिना मुझे छूने की, मुझे किस करने की? अगर तुम यह सोच रहे हो कि मैं और लड़कियों जैसी हूँ, तो अपने दिमाग से यह ख्याल निकाल देना, मिस्टर व्हाटएवर यू आर। दिया गुस्से में खड़ी-खड़ी काँप रही थी।
Atharv का चेहरा एक साइड झुका हुआ था। उसने दिया से थप्पड़ की उम्मीद नहीं करी थी। उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया था और उसके हाथों की नसें उभर गई थीं। आज तक उस पर किसी ने हाथ उठाने तो दूर किसी ने ऊँची आवाज़ में बात तक नहीं की थी। Atharv ne लाल आँखों से दिया को देखा।
वीर और उदय तो शॉक हो गए थे। दिया के थप्पड़ मारने से उन दोनों को दिया की फिकर हो रही थी। वीर धीरे से बोला: यह क्या कर दिया इस लड़की ने? सोते हुए शेर को जगा दिया। अब पता नहीं बॉस क्या करेंगे। उदय भी यही सोच रहा था।
दिया के ऐसे देखने से डर गई, पर अपना डर छुपाते हुए गुस्से से बोली: ऐसे क्या देख रहे हो?
Atharv दिया की आर्म्स मजबूती से पकड़ता है और गुस्से से चिल्लाते हुए बोला: तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझ पर हाथ उठाने की?
दिया के ऐसे चिल्लाने से कस के आँखें बंद कर लेती है। उसे भी गुस्सा आ रहा था, पर Atharv से उसे डर लग रहा था। वह खुद को churdwate हुए उसी तरह बोली: जैसे तुम्हारी हिम्मत हो गई मुझे किस करने की?
दिया को अपनी आर्म्स में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था। वह दर्द से करहाते हुए बोली: आह्ह्ह्ह छोड़ो मेरा हाथ, दर्द हो रहा है मुझे।
Atharv गुस्से में बोला: बहुत ज़बान चलती है तुम्हारी। मुझे अच्छे से बांधने karna आती है मुझे लोगों की जुबान।
Atharv फिर एक बार दिया को किस करने लगता है और इस बार बिल्कुल भी जेंटल नहीं था। वह काफ़ी वाइल्डली उसे किस कर रहा था। दिया जो अपने लिप्स में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था, वह बार-बार अपना चेहरा इधर-उधर कर रही थी।
Atharv ने एक हाथ उसकी गर्दन के पीछे ले जाकर उसके बालों को कसकर पकड़ लिया और एक हाथ दिया की नेक पर और उसका चेहरा खुद के चेहरे पर प्रेस करते हुए उसे फोर्सफुली किस करने लगा। Atharv दिया की बॉडी से एकदम चिपक गया था। दिया कार और Atharv ke बीच में फंसी थी। दिया की आँखों से आंसू आ रहे थे क्योंकि Atharv उसके लिप्स को बाइट कर रहा था। aur tezi se suck kar raha tha जब Atharv ko कुछ नमकीन सा उसके मुंह में टेस्ट आने लगता है, तो वह आँख खोलकर दिया की तरफ़ देखता है, जो आँखें बंद करे हुए Atharv का टॉर्चर सह रही थी। Atharv फिर दिया की हालत देखकर उसे सॉफ्ट और डीप किस करने लगता है। वह उसके लिप्स को सक और लिक करने लगता है, जिससे दिया को थोड़ा आराम मिलता है। एक सेटिस्फ़ाइड किस के बाद Atharv दिया को छोड़ देता है।
दिया Atharv छोड़ते ही उसके सीने पर अपना सर रखकर तेज़-तेज़ साँस लेने लगती है। अगर Atharv उसे थोड़ी देर किस और करता, तो शायद वह बेहोश हो जाती।
Atharv उसकी पीठ को रब करते हुए कोल्ड वॉइस में बोला: आइंदा से मुझ पर हाथ उठाने से पहले सो बार सोच लेना, वरना इससे भी ज़्यादा बुरी पनिशमेंट होगी। यह तो मैंने तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं किया। इस बार दिया ने कुछ नहीं कहा क्योंकि वह बहुत थक गई थी। Atharv के ऐसे किस करने से उसके लिप्स पर बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था। उसे रोना आ रहा था और वह धीरे-धीरे सिसक भी रही थी। साथ ही अब उसे हद से ज़्यादा डर लग रहा था।
Atharv वीर को देखकर कोल्ड वॉइस में बोला: फ़ार्म हाउस चलो। इतना कह के वह दिया को गोद में उठाकर कार में बैठ जाता है। दिया उसके सीने से लगी हुई अपनी आँखें बंद करके अभी भी तेज़-तेज़ साँस ले रही थी।
Atharv उसे देखते हुए लो वॉइस में बोला: हेवन, तुम्हारी अभी से ही एक किस से इतनी खराब हालत हो गई, इससे आगे मुझे कैसे झेलोगी तुम?
दिया उसकी बात सुनकर काँपने लगी।अथर्व ने दिया को काँपते हुए देखा, तो उसके सर को सहलाने लगा और सॉफ्ट वॉइस में बोला: घबराओ मत, अभी कुछ नहीं कर रहा तुम्हारे साथ। सो जाओ तुम आराम से। तुम्हारे अंदर इतनी ताकत नहीं है जो मुझे अभी झेल सको।
Atharv दिया के सर को सहलाने लगा। जब Atharv को अपने सीने में गरम साँसें महसूस हुईं, तो उसने नीचे सर झुकाकर देखा, तो दिया सो चुकी थी।
Atharv दिया को देखते हुए स्माइल करने लगा। Atharv को स्माइल करता देख वीर शॉक हो गया। वह मन में बोला: सर स्माइल भी करते हैं।
Atharv ने दिया की नेक में अपना मुंह छुपा लिया और उसे टाइटली अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसने अपनी आँख बंद ली। मन में बोला: तुम सच में हेवन हो। तुम्हें देखने भर से मुझे सुकून मिलता है। मैं तुम्हें खुद से कभी दूर नहीं होने दूँगा, चाहे इसके लिए मुझे जबरदस्ती अपने साथ क्यों ना रखना पड़े तुमसे। इतना कहकर वह अपनी पकड़ और भी मजबूत कर देता है दिया पर। दिया के दोनों पैर एक साइड थे और उसने एक हाथ से आर्यन की शर्ट को अपनी मुट्ठी में जकड़ रखा था, बिल्कुल किसी छोटे बेबी की तरह। अथर्व के चेहरे पर सुकून भरी स्माइल आ जाती है।
उदय भी कव्या को गोद में लेकर उसे शिद्दत से निहार रहा था। वह उसे देखते हुए बोला: कितनी मासूम हो तुम। मैं खुद से तुम्हें कभी दूर नहीं होने दूँगा, चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना करना पड़े। इतना कहकर वह उसके गाल पर किस कर लेता है।
वह लोग फ़ार्म हाउस पहुँचते हैं और कार्स से उदय और अथर्व निकलकर दिया और कव्या को अपनी गोद में लिए दोनों एक दूसरे को देखते हैं और अंदर चले जाते हैं। वह दोनों अपने-अपने रूम की तरफ़ बढ़ जाते हैं। उदय कव्या को बेड पर आराम से लिटा देता है और खुद वॉशरूम से फ़्रेश होकर कव्या के बगल में लेट जाता है और उसे अपनी बाहों में जकड़कर सो जाता है। कव्या का पता नहीं कल क्या रिएक्शन होगा, वह अभी दुनिया की फ़िकर छोड़कर आराम से उदय के साथ सो रही थी।
Atharv भी दिया को आराम से सुलाकर वॉशरूम में चला जाता है और फ़्रेश होकर दिया के पास लेट जाता है। वह दिया का शकल गौर से देख रहा था। रोने की वजह से उसकी आँखें सूज गई थीं और नाक भी लाल हो गई थी और लिप्स पर हल्का ब्लड लग रहा था जो सूख चुका था। दिया बहुत ही मासूम लग रही थी। Atharv उसे देखते हुए उसके फ़ोरहेड को किस करता है और एक लाइट किस उसके लिप्स पर करता है। फिर अपना चेहरा दिया की नेक में छुपाकर सो जाता है। Atharv ने दिया को अपने आगोश में लिया हुआ था।
गाइस प्लीज़ लाइक एंड कमेंट 🙏🏻
अब आगे…
अगली सुबह 🌄
अथर्व की आँख खुलती है तो उसे अपने ऊपर कुछ नर्म सा लगता है। वह अपनी आँखें नीचे करके देखता है तो दिया उसके ऊपर किसी बंदर के बच्चे की तरह चिपक कर सो रही थी। उसका मुँह अथर्व की गर्दन में छुपा हुआ था। अथर्व के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है। वह दिया के बालों पर हाथ फेरने लगता है। तभी वह अपना फोन उठाकर समय देखता है तो सुबह 8 बज रहे थे।
वह थोड़ा शॉक हो जाता है क्योंकि अथर्व 5 बजे उठ जाता था जिम और रनिंग के लिए। तभी तो उसकी बॉडी इतनी मेंटेन और अट्रैक्टिव थी।
अथर्व दिया को साइड में अच्छे से लिटाकर उसके माथे पर किस करता है और धीरे से बोला: "आज पहली बार मैं इतनी लेट उठा हूँ तुम्हारी वजह से। हेवन, तुम्हारे पास होने से मुझे सुकून मिलता है।" फिर उसके लिप्स पर लाइट किस करके वाशरूम में चला जाता है। आधे घंटे बाद वह वाशरूम से बाहर आता है। उसने कमर पर एक तौलिया बांध रखा था। वह दिया को देखता है जो अभी भी सो रही थी। वह उसे देखकर अपने वॉर्डरोब से कपड़े निकालकर पहन लेता है।
अथर्व रेडी होने के बाद वह दिया के पास जाता है तो तभी उसका फोन रिंग करने लगता है। वह कॉल पिक करके बालकनी में चला जाता है और कुछ बात करता है फिर कॉल कट कर देता है। फिर दिया के पास जाकर उसके बगल में ही लेट जाता है और दिया को उठाने लगता है।
अथर्व दिया की गर्दन पर किस करते हुए धीरे से बड़बड़ाया: "हेवन, कितना सोगई देखो सुबह हो गई है। उठ जाओ।"
दिया कसमसा कर बोली: "कव्या सो जाने दे यार। क्यों परेशान कर रही है? इतने दिनों बाद तो मुझे सुकून की नींद आई है और तू मुझे वो सुकून भी नहीं लेने दे रही। प्लीज 5 मिनट रुक जा।" इतना कहकर वह अथर्व को हग करके दुबारा सो जाती है।
दिया का ऐसा करने से अथर्व अजीब तरीके से मुस्कुराने लगता है और उसे टाइटली अपनी बाहों में जकड़ लेता है। अथर्व दिया की गर्दन में अपना मुँह डालकर उसे वेट किस करने लगता है। दिया को जब कुछ गीला-गीला अपने गर्दन में फील होता है, वह झट से अपनी आँखें खोल देती है। जब उसे कल रात की बात याद आती है, वह अथर्व को पुश करने लगती है।
दिया का पुश करना अथर्व को अच्छा नहीं लगा। वह दिया की तरफ अपना चेहरा लाकर उसे देखते हुए मैग्नेटिक वॉइस में बोला: "गुड मॉर्निंग, हेवन।"
दिया एक बार तो अथर्व के चेहरे में खो सी जाती है क्योंकि वह बहुत ज्यादा अट्रैक्टिव और हॉट लग रहा था। ऊपर से उसकी मैग्नेटिक वॉइस। दिया का गाला सुखने लगा था।
अथर्व दिया की हालत देखकर स्मर्क करते हुए बोला: "डू यू वांट मी, हेवन?"
दिया उसकी बात सुनकर सेंस में आती है और उसे धक्का देकर उठकर बैठ जाती है। फिर घेरी-घेरी साँस लेने लगती है।
अथर्व उसे देखते हुए बोला: "क्या हुआ, हेवन?"
दिया उसे गुस्से में घूरते हुए बोली: "तुम बेशर्म इंसान! क्या कर रहे थे तुम मेरे साथ? देखो मुझसे दूर रहो और मेरी फ्रेंड कहाँ है और मैं कहाँ हूँ?"
अथर्व भी उठकर बैठ जाता है और दिया की कमर पकड़कर अपने पास खींचता है। वह उसे अपने आप से एकदम चिपका लेता है।
दिया की आँखें हैरानी से बड़ी हो जाती हैं। वह अथर्व से दूर होने लगती है और गुस्से से बोली: "क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे। पागल हो गए हो क्या?"
अथर्व कोल्ड वॉइस में बोला: "अगर तुमने दुबारा मुझसे दूर होने की कोशिश करी तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा।"
दिया गुस्से में बोली: "तुम होते कौन हो मुझे ये बोलने वाले? और क्या कर लोगे तुम? छोड़ो मुझे, मैं डरती नहीं हूँ तुमसे।"
अथर्व अजीब सी मुस्कान के साथ बोला: "हेवन, बहुत बोलती हो तुम। मैं बहुत कुछ कर सकता हूँ और तुम कुछ नहीं कर पाओगी क्योंकि इस टाइम तुम मेरे प्लेस, मेरे घर, मेरे रूम, मेरे बेड पे, मेरे साथ हो। तुम ये भी नहीं जानती तुम कहाँ हो और तुम्हारी दोस्त वो भी मेरे पास है। तो तुम वो करो जो मैं कह रहा हूँ, समझी?"
दिया अथर्व की बात से डर गई थी क्योंकि उसे पता था कि वह कुछ नहीं कर सकती थी। दिया जल्दी से हाँ में सिर हिला देती है। अथर्व एक अजीब सी स्माइल के साथ बोला: "वेरी नाइस, हेवन। तुम तो बहुत समझदार हो, जल्दी समझ गई। अब जल्दी से वाशरूम जाओ, रेडी होकर आ जाओ। मैंने कपड़े मंगवा दिए हैं वाशरूम में ही हैं तुम्हारे। ओके? फिर हम दोनों साथ में ब्रेकफास्ट करेंगे।"
दिया जल्दी से बोली: "मेरी फ्रेंड कव्या वो कहाँ है?"
अथर्व उसके बाल कान के पीछे करते हुए बोला: "वो तुम्हें डाइनिंग टेबल पे मिलेगी। अब जाओ, वरना मैं खुद तुम्हें रेडी करूँगा। तुम चाहती हो मैं करूँ तुम्हें रेडी?" दिया जल्दी से ना में सिर हिला देती है और उसे दूर होकर वाशरूम में भाग जाती है। उसे ऐसे जाते देख अथर्व अजीब सी स्माइल करता है और काउच पर जाकर बैठ जाता है। वह अपने लैपटॉप में काम करने लगता है।
दिया वाशरूम में आती है और जल्दी से गेट को लॉक कर देती है। फिर गेट से टेक लगाकर खड़ी हो जाती है और अपनी बढ़ती साँसों को काबू करते हुए बोली: "कैसा बेशर्म इंसान है! अगर मैं यहाँ फंसी नहीं होती तब बताती इससे। मैं कव्या को क्या जवाब दूंगी? वो तो मुझे जिंदा ही मार देगी। जल्दी से रेडी हो दिया और यहाँ से कव्या को लेकर निकल।"
इधर दूसरी साइड…
कव्या और उदय एक दूसरे को देख रहे थे। कव्या रोए जा रही थी और उदय उसे चुप करवा रहा था। कव्या चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी।
उदय को गुस्सा आ जाता है। वह कव्या की कमर पकड़कर अपनी तरफ खींचता है और गुस्से में बोला: "पागल हो क्या? इतना क्यों रो रही हो? जब से उठी हो रोए ही जा रही हो। ऐसा भी क्या होगा जो इतना रो रही हो?"
कव्या उसे रोते हुए बोली: "छोड़ो मुझे! तुम घटिया आदमी! कहाँ हूँ मैं? कहाँ लेकर आए हो मुझे? मेरी दिया कहाँ है? मुझे घर जाना है! छोड़ो मुझे! और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे इतने करीब आने की?"
कव्या की बात सुनकर उदय अपनी आँखें छोटी करके देखता है और थोड़े गुस्से में बोला: "कल रात को तो बहुत चिपक रही थी। अब मैं तुम्हें याद भी नहीं हूँ और तुम्हारी फ्रेंड मेरे दोस्त के साथ है, उसके रूम में। तो टेंशन मत लो। अब जाओ रेडी होकर आओ। वाशरूम में कपड़े हैं तुम्हारे।"
कव्या घबराई हुई बोली: "मैं तुम्हें नहीं जानती और कल रात क्या हुआ मुझे कुछ याद नहीं है।"
उदय सार्कैस्टिकली बोला: "ओह, रियली बेबी गर्ल? तुम्हें कुछ याद नहीं है? तो कोई बात नहीं, मैं याद दिलाता हूँ तुम्हें।"
कव्या उसे देखने लगती है। उसकी आँखों में आँसू थे। उदय उसकी तरफ झुकने लगा। कव्या जल्दी से बोली: "ये क्या कर रहे हो आप? छोड़ो मुझे!"
उदय मैग्नेटिक वॉइस में बोला: "अगर चाहती हो कुछ ना करूँ तो जाकर रेडी हो जाओ। मैं वेट कर रहा हूँ तुम्हारा। समझी?"
कव्या उसे धक्का देकर जल्दी से वाशरूम में भाग जाती है। उदय उसे जाते हुए देख रहा था। फिर अपनी गर्दन ना में हिलाकर अथर्व को मैसेज करता है। उसका रिप्लाई देखकर वो डेविल स्माइल करता है और वाशरूम के बंद हुए दरवाजे को देखते हुए बोला: "अब बेबी गर्ल, तुम सिर्फ मेरी हो। पता नहीं कैसे हैंडल करोगी मुझे। किसने कहा था इतना मासूम होने के लिए?"
कुछ देर बाद कव्या बाहर आती है। उसने लॉन्ग स्कर्ट और क्रॉप टॉप पहना था। क्रॉप टॉप में उसका हल्का पेट दिखाई दे रहा था। उसके बाल गीले थे और वह अपने बालों को झाड़ते हुए मिरर के सामने खड़ी हो जाती है। उदय तो बस कव्या को देखते ही उसमें ही खो जाता है। उसके पैर अपने आप कव्या की तरफ बढ़ जाते हैं। उदय कव्या के पीछे जाकर खड़ा हो जाता है। कव्या जब मिरर में देखती है, वह डर के पीछे मुड़कर उदय को देखती है जो उसे ही देख रहा था।
कव्या उसके ऐसे देखने से अनकम्फ़र्टेबल हो जाती है और अपनी नज़र इधर-उधर करते हुए बोली: "आप ऐसे क्यों देख रहे हो?"
उदय उसके कान की तरफ झुककर लो वॉइस में बोला: "क्योंकि बेबी गर्ल, तुम बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही हो। मेरा मन कुछ करने को कर रहा है।"
कव्या उसकी बात सुनकर गुस्से में बोली: "क्या बकवास कर रहे हो तुम? दूर रहना मुझसे। समझे? मेरा बॉयफ्रेंड है, तो दूर रहो मुझसे।"
उदय की आँखें सर्द हो जाती हैं। वह सर्द आवाज़ में बोला: "ब्रेकअप कर लो उससे क्योंकि तुम मुझे पसंद आ गई हो और अगर तुमने उसे नहीं छोड़ा, मैं उसे मार डालूँगा।"
कव्या उदय की बात सुनकर डर जाती है। उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं। वह रोते हुए बोली: "प्लीज मुझे जाने दो।"
उसे रोता देख उदय उसे हग कर लेता है और कोल्ड वॉइस में बोला: "रोना बंद करो। मैंने अभी ऐसा कुछ करा नहीं है जो तुम रो रही हो।"
कव्या उसे दूर होते हुए बोली: "मुझे दिया के पास जाना है।"
तभी उस रूम में फोन बजता है। उस फोन की रिंगटोन सुनकर उदय कव्या से अलग हुआ और बोला: "ये कैसी रिंगटोन है? किसका फोन बज रहा है?"
कव्या तुरंत बोली: "ये दिया का फोन बज रहा है।"
दिया के फोन की रिंगटोन:
"आई वुड लाइक टू इंफॉर्म यू दैट योर मैजिकल रिंगिंग डिवाइस इज़ वाइब्रेटिंग इन योर पॉकेट। द स्टेटिक इज़ क्वाइट एनोइंग। पिक अप योर फोन (2*)"
उदय हँसते हुए बोला: "वाह! क्या रिंगटोन है! तुम्हारी दोस्त काफ़ी कूल है।" ये बोलते ही कव्या को लेकर वो दोनों रूम से बाहर आ जाता है। कव्या बहुत डरी हुई थी। उसे बस यहाँ से कैसे भी करके जाना था। उदय की बातें उसके दिमाग में घूम रही थीं जिससे वो बहुत परेशान हो गई थी क्योंकि उदय की पर्सनालिटी और फार्महाउस को देखने के बाद कव्या को ये एहसास हो गया था कि उदय कोई नॉर्मल इंसान नहीं है।
कव्या उसे देखकर धीरे से बोली: "मुझे दिया के पास जाना है। दिया का फोन बार-बार रिंग कर रहा है। शायद कोई इम्पॉर्टेंट बात हो। उसके पास लेकर चलो मुझे।"
उदय ओके कहकर अथर्व के रूम की तरफ बढ़ जाता है। वो दोनों अथर्व के रूम के सामने खड़े थे। उदय कुछ बोलता उससे पहले ही कव्या ने दरवाज़ा खोल दिया और वो हैरानी से सामने देखने लगी। वो एकदम से चिल्ला पड़ी: "दिया!!!"
कृपया सपोर्ट करें 🙏🏻
अब आगे…
फार्महाउस/अथर्व का कमरा
दीया फ्रेश होकर वॉशरूम से बाहर आती है। वह अपने गीले बालों को तौलिए से सुखा रही थी। उसका पूरा ध्यान अपने बालों को सुखाने में था। उसने एक व्हाइट कलर का शॉर्ट फ्रॉक पहन रखा था जो उसकी जांघ तक था, स्लीवलेस और उसके नेकलाइन V शेप में थी जिसमें उसकी हल्की क्लीवेज दिख रही थी। दीया उसमें बहुत क्यूट लग रही थी। तभी उसकी नज़र अथर्व पर गई जो उसे ही बड़ी इंटेंस नज़रों से देख रहा था। एक पल के लिए दीया घबरा गई। उसे बहुत अनकम्फर्टेबल फील हो रहा था अथर्व के ऐसे देखने से। वह दूसरी तरफ मुंह करके बाल सुखाने लगती है।
अथर्व जब दीया को देखता है तो उसकी बॉडी में हलचल होने लगती है क्योंकि दीया बहुत ज़्यादा हॉट एंड सेक्सी लग रही थी। दीया का यूँ मुंह फेरना अथर्व को बिल्कुल पसंद नहीं आया। वह धीमे कदमों से उसके पास जाता है। जब दीया को लगता है अथर्व उसके पास आ रहा है, उसके दिल की धड़कने बढ़ने लगती हैं। वह अपनी कसकर आँखें बंद कर लेती है। अथर्व उसकी कमर में हाथ डालकर एक झटके में अपनी तरफ उसका मुंह करता है। दीया का चेहरा अब उसके सामने था।
दीया के हाथ अथर्व के सीने पर चले जाते हैं। वह कसकर अपनी आँखें बंद कर लेती है। उसे बहुत अजीब सा डर लग रहा था अथर्व से क्योंकि उसका ऑरा ही ऐसा था। दीया का डरना लाज़िमी था। अथर्व दीया के चेहरे से उसके गीले बाल जो उसके एकदम से अपनी तरफ घुमाने से उसके चेहरे पर चिपक गए थे, वह अपनी इंडेक्स फिंगर से उसके बालों को कान के पीछे करता है। फिर अपनी इंडेक्स फिंगर से उसकी ठुड्डी पर रखकर उसका मुंह ऊपर की ओर करता है। फिर अपना मुंह उसके सामने ले जाकर अपनी गरम साँसें दीया के मुंह पर छोड़ता हुआ सेडक्टिव वॉइस में बोला: "ओपन योर आइज़ हेवन ❤️"
दीया उसकी आवाज़ सुनकर धीरे से अपनी आँखें खोलती है। अथर्व उसके इतने करीब होना, उसकी आँखें फेल जाती हैं। वह उसे जैसे ही दूर जाने को होती है, अथर्व उसे अपने आप से चिपका लेता है और मैग्नेटिक वॉइस में बोला: "हेवन ये गलती मत करना। तुम मुझसे दूर तब तक नहीं जा सकती जब तक मैं ना चाहूँ।"
दीया उसकी बात सुनकर अपना सलाइवा निगलती है। फिर थोड़ा रुक के हकलाते हुए बोली: "ये आप क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे।"
अथर्व स्मर्क करके अपनी लो वॉइस में बोला: "हेवन अभी तक तो मैंने कुछ नहीं किया। तुम तो अभी से ही घबरा गई।" इतना कहकर वह अपने होंठों को एक साइड मोड़ लेता है।
दीया से तो कुछ बोला ही जा रहा था। अथर्व के इतने पास होने से उसका दिल इतनी जोर से धड़क रहा था जैसे अभी बाहर निकल जाएगा। यह ही हाल अथर्व का भी था। उसकी धड़कानें अथर्व को भी सुनाई दे रही थीं।
अथर्व एक अजीब सी स्माइल करके दीया को अपने और भी करीब करते हुए अपनी सेडक्टिव वॉइस में बोला: "हेवेना यू नो यू आर लुकिंग टू टेंप्टिंग। आई हैव नॉट बीन एबल टू स्टॉप माइसेल्फ। आई फील आई एम लूज़िंग कंट्रोल ओवर माइसेल्फ।"
अथर्व की बात सुनकर दीया का गाला सुखने लगा। वह बहुत ज़्यादा घबरा गई। उसे कुछ बोला ही नहीं जा रहा था। एक तो अथर्व उसके इतना करीब, ऊपर से उसकी बातें दीया को पागल कर रही थीं। इस टाइम अथर्व बहुत ज़्यादा हॉट लग रहा था। उसका हैंडसम फेस, उसकी मैग्नेटिक वॉइस दीया को अपनी तरफ अट्रैक्ट कर रही थी।
दीया हिम्मत करके हकलाते हुए बोली: "म...मिस्टर दूर र...रह...रह के बा...बा...बात करो मुझसे।"
अथर्व दीया के चेहरे की तरफ झुकते हुए डीप वॉइस में बोला: "मुझे तो ऐसे ही बात करनी है तुमसे। मैं दूर नहीं रह सकता तुमसे।" उसके, अथर्व के लिप्स दीया के लिप्स से टच हो रहे थे।
दीया उसकी बॉडी अथर्व के इतने करीब होने से रिएक्ट कर रही थी। दीया शिवर रही थी। वह अपनी आँखें कसकर बंद करते लेती है और घबराते हुए बोली: "मु...मुझे घर जाना है। छोड़ो मुझे।"
दीया की हालत देखकर अथर्व को बड़ा मज़ा आ रहा था। अच्छे से समझ रहा था कि उसकी करीबी दीया को इफेक्ट कर रही है। उसे और परेशान करने के लिए लो वॉइस में बोला: "अगर ना जाने दूँ तो?"
अथर्व की बात सुनकर दीया एकदम से अपनी आँखें खोलती है और गुस्से में उसे देखती है और उसे पुश करते हुए बोली: "छोड़ो मुझे। तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूँ। अगर मेरे डैड, भाइयों को पता चल गया ना, तुमहें ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे।"
दीया की बात सुनकर और उसके ऐसे एकदम से गुस्से में देखकर अथर्व एक छिड़ाने वाली हँसी हँसते हुए बोला: "hahahaha यू नो व्हाट हेवन यू आर सो फनी।"
अथर्व की ऐसी बातें सुनकर और उसे अपने ऊपर हँसता देख दीया छिड़ जाती है। वह अथर्व को खुद से दूर करते हुए पुश करने लगती है और गुस्से में बोली: "छोड़ो मुझे। मैंने कहा... उम्म्म्म... मम्म्म्म्म्..."
इसे आगे दीया कुछ बोलती, अथर्व ने अपने लिप्स दीया के लिप्स पर रख दिए और उसे पैशनेट तरीके से किस करने लगता है। उसने एक हाथ से दीया की कमर थाम रखी थी और खुद से एकदम चिपका रखा था। उसका दूसरा हाथ दीया की नेक पर था और उसके चेहरे को खुद के चेहरे पर प्रेस कर रहा था। वह कभी दीया के ऊपर लिप को लिक, सक करता तो कभी लोअर लिप्स को लिक, सक करता। वह काफ़ी प्रेशर के साथ दीया के होठों को चूम रहा था।
दीया उसे हैरानी से देखने लगती है। वह अथर्व के एकदम से किस करने से शॉक हो जाती है। दीया अपना मुंह नहीं खोल रही थी। अथर्व उसके लिप पर हल्का सा बाइट करता है जिससे दीया "आह्ह्ह्ह्ह" की आवाज़ से मुंह खोल देती है। अथर्व उसके मुंह में अपनी टंग डालकर पूरा मुंह एक्सप्लोर करता है। फिर उसकी टंग को अपने मुंह में लेकर सक करने लगता है।
जब अथर्व बाइट करता है तब जाकर दीया अपने सेंस में आती है और अथर्व को धक्का देने लगती है। पर अथर्व उसे एक इंच भी नहीं हिला। दीया उसके सीने पर मुक्के मारने लगती है। वह बार-बार अपने आप को अथर्व से दूर करने की कोशिश कर रही थी पर अथर्व की पकड़ इतनी टाइट थी दीया पे, वह चाहकर भी उसे अलग नहीं हो पा रही थी। अथर्व पूरा दीया के ऊपर झुका हुआ था। उसने अपना पूरा बॉडी वेट दीया पर डाल रखा था। दीया उसका वेट ज़्यादा देर तक नहीं झेल पाती। वह पीछे की ओर जाने लगती है पर अथर्व तो जैसे दीया को छोड़ने के मूड में ही नहीं था। वह उसके साथ ही चलने लगता है। दीया के पीछे काउच था। वह उससे टकरा जाती है और उस पर गिर जाती है। अथर्व भी उसके ऊपर आ जाता है। उन दोनों को किस ब्रेक नहीं हुई थी और उसे पागलों की तरह किस करने लगता है। दीया बहुत स्ट्रगल कर रही थी पर अथर्व का पूरा बॉडी वेट दीया के ऊपर था।
दीया को साँस लेने में दिक्कत हो रही थी। एक तो उसके ऊपर इतना भारी अथर्व, ऊपर से इतनी देर से उसे किस कर रहा था। दीया अपने आप को हिला भी नहीं पा रही थी। उसने स्ट्रगल करना भी बंद कर दिया था और उसकी आँखों में आँसू बह रहे थे। उसका पूरा मुंह लाल हो गया था। अथर्व उसके लिप्स पर बाइट और लिक कर रहा था। वह तो दीया को किस करने में इतना खो गया था उसे यह भी नहीं दिख रहा था दीया उसके नीचे दबी हुई है।
तभी अथर्व के रूम का दरवाज़ा खुलता है और काव्या और उदय उन दोनों को देखकर हैरान हो जाते हैं। काव्या चिल्लाकर बोली: "दीया!!!"
उनके पीछे से वीर आ रहा था जो किसी काम से अथर्व के रूम के पास ही आ रहा था। वह भी उन दोनों को देख लेता है तो उदय के कान में धीरे से बोलता है: "ये बॉस को क्या हो गया है? इस बिचारी को साँस भी नहीं लेने देता। कैसे किस कर रहा है बॉस?"
उदय भी हैरानी से बोलता है: "ऐसा लग रहा है आज ही उसे खा जाएगा।" उन दोनों की बातें काव्या भी सुन रही थी। उसकी आँखें भी फटी रह गई थी। वह तो शॉक होकर सामने अथर्व दीया को देख रही थी।
दीया जब दरवाज़े की तरफ देखती है तो उसे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि काव्या, वीर, उदय उन्हें ही देख रहे थे पर दीया हिल भी नहीं पा रही थी। वह अपनी आधी खुली आँखों से काव्या को देखती है। उसकी आँखों में आँसू थे।
काव्या दीया की हालत देखकर उसके पास जाने लगती है पर उदय उसका हाथ पकड़ लेता है। काव्या उसे गुस्से में घूरती हुई बोली: "छोड़ो मेरा हाथ, वरना तुम्हारा यह पागल दोस्त मेरी जान को कच्चा खा जाएगा। रोको उसे।"
उदय काव्या को देखता है जो बहुत ज़्यादा डरी हुई थी। उसकी आँखों में आँसू थे। उसके परेशान चेहरे को देखकर उदय लाउड वॉइस में बोला: "अथर्व छोड़ो उसे। देखो उसे साँस नहीं आ रही। किस करके मार डालने का इरादा है क्या तुम्हारा उसे?" पर अथर्व तो जैसे सुने का नाम ही नहीं ले रहा था। वह किसी और ही दुनिया में चला गया था। वह दीया में खो चुका था।
उदय काव्या के चेहरे को देखता है जो डरी हुई थी। वह फिर से बोला: "अथर्व लीव हर।"
काव्या उदय से अपना हाथ छुड़ाकर उसके पास जाती है और अथर्व के कंधे से पकड़कर उसे दीया से अलग करते हुए गुस्से से बोली: "छोड़ो उसे पागल आदमी। उसे साँस नहीं आ रही। वह बेहोश हो जाएगी। छोड़ो उसे।"
जब अथर्व काव्या की आवाज़ सुनता है वह दीया के होठों को आज़ाद कर देता है। वह अपना चेहरा उठाकर काव्या की तरफ अपना चेहरा घुमाकर काव्या को गुस्से में देखता है। काव्या अथर्व में ऐसे देखने से डर जाती है और दो कदम पीछे हो जाती है। अथर्व तेज़ आवाज़ में बोला: "दफ़ा हो जाओ यहाँ से तीनों।" वह उदय की तरफ देखता है।
उदय जल्दी से काव्या का हाथ पकड़कर वहाँ से ले जाने लगता है। काव्या उसे अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली: "मैं दीया को यहाँ से लेकर बगैर नहीं जाऊंगी।"
उदय उसे देखते हुए बोला: "तुम चलो। वह दीया को लेकर आ रहा है।"
काव्या गुस्से में कहती है: "छोड़ो मुझे।"
उदय जब काव्या को अपनी बात ना मानता देख, वह उसे गोद में उठाकर बाहर डाइनिंग टेबल के पास ले जाता है। वीर रूम का दरवाज़ा बंद करके उदय के पीछे चला जाता है।
अथर्व दीया की तरफ अपना चेहरा लाकर उसे देखता है। वह उसे अभी भी अलग नहीं हुआ था। बस उसने दीया के होठों को छोड़ा था। वह दीया की हालत देखता है। दीया इस टाइम गहरी-गहरी साँस ले रही थी। वह अपनी आधी खुली आँखों से अथर्व को देख रही थी जो उसे अभी भी इंटेंस नज़रों से देख रहा था। दीया अपनी आँखें बंद कर लेती है। अथर्व उसके ऊपर से उठकर दीया को झटके से अपनी गोद में बैठाता है। फिर उसे अपने सीने से लगाकर उसकी पीठ को रब करते हुए सॉफ्ट वॉइस में बोला: "हेवन आर यू ओके?"
दीया खुद को नॉर्मल करते हुए गुस्से से बोली: "जान से मारने का प्लान बना रखा है क्या? भला ऐसे कौन किस करता है?" वह अब भी गहरी-गहरी साँस ले कर अथर्व से शिकायत कर रही थी। अथर्व अपनी क्यूट सी हेवन को देख रहा था जो उसे गुस्से में ही देख रही थी।
अथर्व मैग्नेटिक वॉइस में बोला: "अब मैं क्या करूँ हेवन? तुम्हारे लिप्स बहुत ज़्यादा ही टेस्टी हैं। मैं खुद को रोक ही नहीं पाता हूँ। तुम्हारे लिप्स मुझे इनवाइट करते हैं और अब भी कर रहे हैं। तुम बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही हो। मैं अपना कंट्रोल खोता हुआ महसूस कर रहा हूँ हेवन।" इतना कहकर वह दुबारा दीया के होठों की तरफ झुकने लगता है।
लाइक, कमेंट एंड शेयर 🙏🏻❤️
अब आगे...
फार्महाउस/अथर्व का कमरा
दिया अथर्व को देखती है जो उसे दोबारा किस करने के लिए आगे बढ़ रहा था। वह उसके होठों पर हाथ रखकर उसे दूर करते हुए जल्दी से घबराते हुए बोली: प्लीज़ अब और नहीं।
अथर्व उसे अपनी छोटी आँखों से देखते हैं। दिया घबराई हुई मासूमियत से बोली: मुझे दर्द हो रहा है मेरे लिप्स पे। यह बोलते हुए दिया का गाला भर आता है, उसकी आँखों में आंसू थे।
अथर्व आँखें बंद करता है जैसे खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा हो और यह सच भी था, वह खुद को कंट्रोल कर रहा था। दिया के इतने पास होने से उसकी बॉडी रिएक्ट कर रही थी। उसने एकदम से अपनी आँखें खोली जो लाल हो चुकी थीं। दिया उसे देखकर डर गई। अथर्व उसे खुद से डरता देख उसे रिलैक्स करवाते हुए बोला: ओके फाइन, मैं कुछ नहीं कर रहा। तुम रेडी हो जाओ, मैं अभी आता हूँ। यहाँ से जाना मत, मेरे साथ नीचे चलना, ओके? अगर मेरी बात को नज़रअंदाज़ किया...
अथर्व अपनी बात पूरी करता, उससे पहले ही दिया टपक सी घबराई हुई आवाज़ में बोली: मैं समझ गई।
अथर्व अजीब सी स्माइल करते हुए बोला: गुड गर्ल। इतना कह के उसके फोरहेड को किस करता है, फिर उसके लिप्स पे लाइट किस करके वाशरूम में चला जाता है। दिया उसे जाते हुए देखकर अपने मुँह पर हाथ रखकर रोने लगती है। उसके साथ पहली बार ऐसा कुछ हुआ था। हालाँकि उसका ध्रुव के साथ रिलेशनशिप था, पर आज तक उसने ध्रुव को भी अपने करीब नहीं आने दिया था। उसे खुद को कभी टच भी नहीं करने देती थी, जिससे ध्रुव को गुस्सा तो बहुत आता था पर कुछ कहता नहीं था।
दिया अपने आंसू साफ़ करती है। कुछ देर बाद रेडी होकर वही काउच पर बैठ जाती है। उसने अपने बाल खुले रखे हुए थे और पैरों में व्हाइट कलर के शूज़ पहने थे। वह अपना चेहरा नीचे करके बैठी हुई थी और जो कल से अब तक उसके साथ हुआ वह सोच रही थी। तभी वाशरूम से अथर्व बाहर आता है। वह दिया को देखता है और उसके पास जाकर बैठ जाता है। वह उसकी कमर पकड़कर दिया को अपनी गोद में बिठा लेता है। दिया अपने ही में कहीं गुम थी जब अथर्व के ऐसे गोद में बिठाने से वह चौंक जाती है। उसके पैर अथर्व की कमर पर रैप हो जाते हैं।
अथर्व स्मर्क करते हुए बोला: वेल, ये पोज़िशन अच्छी है। ऐसे ही बैठा करो, ठीक है?
दिया घबराते हुए बोली: छोड़ो मुझे, क्या कर रहे हो? मुझे घर जाना है।
दिया को इतना घबराते हुए देख अथर्व के होठों पर अजीब सी मुस्कान आ जाती है। वह दिया के नेक को पकड़ते हुए अपने चेहरे को एकदम पास लाकर बोला: हेवन, इतना मत घबराओ। अभी कुछ नहीं कर रहा हूँ तुम्हारे साथ। इतना कहकर उसे गोद में लिए हुए ही रूम से बाहर डाइनिंग टेबल के पास ले जाता है। दिया कस के उसके गाल में अपनी बाहों को डाल लेती है गिरने के डर से। वह अपनी आँखें बंद कर लेती है और अथर्व से एकदम चिपक जाती है। अथर्व एक स्मर्क करता है और चेयर पर जाकर बैठ जाता है। वह दिया को अपनी गोद में एडजस्ट करता है।
दिया उसकी गोद में से उठने को होती है। अथर्व उसे सख्त नज़रों से देखते हुए कोल्ड वॉइस में बोला: चुपचाप बैठी रहो मेरी गोद में, अदरवाइज़ तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा। जो रूम में कर रहा था, मैं यहाँ सबके सामने कर सकता हूँ, मुझे फर्क नहीं पड़ेगा। दिया उसकी बात सुनकर डर जाती है। वह कव्या की तरफ रोने जैसी शक्ल बनाकर देखती है। कव्या भी उसे और अथर्व को हैरानी से देखती है।
उदय कव्या का हाथ पकड़कर अपनी लैप पर रख लेता है। कव्या उसे घूरकर देखती है और जैसे ही अपना हाथ खींचने को होती है, उदय उसका हाथ टाइटली पकड़ लेता है और उसके कान में धीरे से बोलता है: जो मेरा दोस्त तुम्हारी दोस्त के साथ कर रहा है, वो मैं भी कर सकता हूँ, तो चुपचाप अपना ब्रेकफास्ट करो। अच्छी बच्ची बनकर मेरी बात मानो। जितना जल्दी तुम खाना खाओगी, उतना जल्दी यहाँ से जाओगी। कव्या बिचारा सा मुँह बनाकर दिया को देखती है, फिर नीचे सर झुकाकर जल्दी-जल्दी खाने लगती है। उदय कव्या को ऐसे देखकर स्माइल करता है, फिर वह भी खाने लगता है।
अथर्व दिया को अपने हाथों से खाना खिला रहा था। दिया चुपचाप खाना खा रही थी। अथर्व मैग्नेटिक वॉइस में बोला: हेवन, लुक एट मी। दिया उसकी तरफ देखती है तो अथर्व उसके लिप्स पर किस करके उसे एक बाइट खिलाता है। दिया हैरान हो जाती है। इधर कव्या का भी यही हाल था। उसके गाल में खाना अटक जाता है। वह खांसने लगती है। उसे खांसता देख दिया जैसे ही उसके पास जाने को होती है, अथर्व की पकड़ दिया की कमर पर मजबूत हो जाती है जिससे दिया की एक चीख निकल जाती है: आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!
अथर्व सख्त नज़रों से देखते हुए बोला: जब मैं तुम्हारे साथ हूँ तो तुम्हारा ध्यान भी मुझ पर होना चाहिए, समझी?
दिया को गुस्सा तो बहुत आ रहा था। वह अपना मुँह नीचे कर लेती है और मन में खुद से बोली: एक बार यहाँ से निकल जाऊँ कव्या को लेकर, फिर दोबारा तुम्हारी शक्ल भी नहीं देखूंगी। कव्या अगर मेरे साथ नहीं होती, तब बताती मैं दिया राजपूत क्या चीज़ हूँ। वह गुस्से में अपनी आँखें बंद कर लेती है। अथर्व को पता था दिया को बहुत गुस्सा आ रहा था। वह उसकी थाई को सहलाने लगता है। अथर्व के ऐसा करने से दिया की बॉडी में एक करंट सा झटका जाता है। वह उसके हाथ को पकड़कर ना में गर्दन हिला देती है।
उदय कव्या को पानी पिलाते हुए बोला: बेबी गर्ल, ध्यान से खाओ। अगर तुम्हें भी किस करते करते खाना खाना है तो मुझे बता देती। ऐसे जलूस होने की ज़रूरत नहीं अपनी दोस्त से।
कव्या और दिया उसे हैरानी से देखते हुए मन में बोली: कोई इतना बेशर्म कैसे हो सकता है? कैसे बेशर्मों से पाला पड़ा है हम दोनों का।
कव्या गुस्से में बोली: व्हाट रबिश! अपने दिमाग का स्क्रू टाइट करवाओ। मैं ऐसा कुछ नहीं चाहती। मेरा बॉयफ्रेंड है, समझे? तुम दूर रहो मुझसे।
उदय सख्त नज़रों से उसे देखते हुए धीरे से बोला: तुम्हें मैं कार में बताता हूँ। इतना कहकर एक लाइट किस उसके लिप पे करता है। दिया और कव्या परेशान हो गई थीं अथर्व और उदय से। उन दोनों को बहुत गुस्सा आ रहा था और अथर्व उदय को मज़ा आ रहा था। उन सब ने नाश्ता किया।
दिया अपने गुस्से को दबाते हुए बोली: अब हम दोनों को घर जाना है, अब तो छोड़ दो हमें।
तभी दिया का फ़ोन रिंग हुआ।
कव्या उसका फ़ोन देते हुए बोली: दिया, सुबह से देव भाई का फ़ोन आ रहा है। एक बार बात कर ले।
दिया उसे फ़ोन लेते हुए जल्दी से बोली: अब हम दोनों को जाने दो।
अथर्व उदय को देखता है और फिर वो दोनों दिया और कव्या को लेकर कार में बैठ जाते हैं।
दिया अथर्व को देखते हुए बोली: कव्या...
अथर्व कोल्ड वॉइस में बोला: उदय के साथ दूसरी कार में आ रही है। कहाँ छोड़ना है तुम्हें?
दिया जल्दी से बोली: मेरे भाई के फार्महाउस पे।
कुछ ही देर में उनकी कार वहाँ से निकल जाती है। अथर्व कार में पार्टीशन कर देता है और पूरे रास्ते दिया को परेशान करता है। दिया उसकी गोद में बैठी-बैठी उसे खुद से दूर कर रही थी पर अथर्व मान ही नहीं रहा था।
दिया परेशान होते हुए गुस्से से बोली: क्या करना चाहते हो तुम? जब से मिले हो परेशान कर रहे हो मुझे। अरे मैं भी इंसान हूँ, मुझे भी दर्द होता है। तुम पागलों वाली हरकत करना बंद करो, समझे?
अथर्व सेडक्टिव वॉइस में: मैं बोला हेवन, तुम बहुत टेस्टी हो। मैं क्या करूँ? मैं खुद पे कंट्रोल नहीं कर पा रहा। ये सब तुम्हारी गलती है। किसने कहा था इतना टेस्टी होने के लिए? मेरी नियत तो खराब होगी ही ना। ये बोलकर एक ईविल स्माइल करते हुए दिया को इंटेंस नज़रों से देख रहा था।
दिया उसे गुस्से में घूरते हुए बोली: बकवास बंद करो, समझे? तुम्हें... उम्म्मम्म्म्... वह बोल नहीं पाई क्योंकि अथर्व उसे फ्रेंच किस करने लगता है। दिया भी स्ट्रगल करके थक जाती है और जो अथर्व करना चाहता है उसे करने देती है। वह आँखें बंद करके बैठ जाती है और उसकी आँखों के कोने से आंसू निकल रहे थे। अथर्व को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था दिया के दर्द से। वह बस जो चाहता था उसे मिल रहा था।
दिया को साँस लेने में दिक्कत होती है। वह अथर्व के लिप्स पे बाइट कर लेती है। फिर भी अथर्व उसे नहीं छोड़ता। दिया के मुँह में अथर्व का ब्लड जा रहा था।
अथर्व उसे थोड़ा दूर होता है और उसके होठों पे बुदबुदाते हुए बोला: हेवन, फील मी। फिर बाद में तुम भी इस किस को एन्जॉय करोगी।
दिया जो गहरी-गहरी साँस ले रही थी, अथर्व फिर से दिया को पैशनटली किस करने लगता है। थोड़ी देर बाद अथर्व दिया के लिप्स को छोड़ देता है और उसकी नेक पर किस करने लगता है। दिया की हालत खराब होने लगती है। वह काँपने लगती है और धीरे से बोली: प्लीज़ रुक जाओ। आई एम नॉट एबल टू हैंडल यू, प्लीज़ स्टॉप।
अथर्व उसकी बात सुनकर रुक जाता है और दिया के चेहरे की तरफ देखता है जो लाल हो चुका था और रोने की वजह से दिया की आँखें सूज चुकी थीं। किस की वजह से वह पसीने से तर हो गई थी। अथर्व उसे सीने से लगाकर उसके सर को और पीठ को सहलाने लगता है। वह कुछ देर ठहर के मैग्नेटिक वॉइस में बोला: रिलैक्स हेवन, मैं कुछ नहीं कर रहा।
अथर्व के ऐसे करने से दिया शांत हो जाती है। दिया धीरे से बोली: मुझे तुम्हारा फ़ोन चुभ रहा है।
अथर्व स्मर्क करते हुए बोला: हेवन, माई इनोसेंट हेवन। वो मेरा फ़ोन नहीं है।
दिया उसके चेहरे की तरफ कन्फ्यूज़न में देखती है। अथर्व एक अजीब सी स्माइल के साथ बोला: मेरा फ़ोन साइड में रखा हुआ है।
दिया अजीब सा मुँह बनाते हुए बोली: फिर मुझे चुभ क्या रहा है ये? इतना कहते ही एकदम से दिया की आँखें बड़ी हो जाती हैं। अथर्व से दूर होने लगती है।
अथर्व उसे अपने आप से एकदम चिपका लेता है और सेडक्टिव वॉइस में बोला: हेवन, ज़्यादा हिलो मत, वरना मैं आगे बढ़ जाऊँगा और तुम्हारे अंदर इतनी ताकत नहीं है जो मुझे झेल पाओ।
दिया के गाल शर्म से लाल हो जाते हैं। ये आदमी कितना बेशर्म है, इसे ज़रा भी शर्म नहीं आती। वो ये सब मन में बोल रही थी। दिया फिर से हिम्मत करते हुए बोली: मुझे बहुत अजीब लग रहा है। प्लीज़ मुझे सीट पे बैठने दो।
अथर्व दिया की थाई सहलाने लगता है। दिया शिवर जाती है। वह अथर्व के हाथ को पकड़ लेती है और हकलाते हुए बोलती है: प्लीज़ डोंट डू दिस दिया। अथर्व की आँखों में देखती है जो उसे बड़ी इंटेंस नज़रों से देख रहा था। दिया जल्दी से अपनी नज़र नीचे कर लेती है।
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट 🙏🏻❤️
आगे कार में
दिया ने ऐसे नीचे देखना अथर्व अजीब तरह मुस्कुराता है और मैग्नेटिक वॉइस में बोला: "लुक एट मी, हेवन। मैं चाहता हूँ तुम्हारी आँखें सिर्फ मुझे ही देखें।"
दिया अथर्व की तरफ देखते हुए मुँह बनाकर बोली: "मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हें देखने का।"
अथर्व उसे घूरने लगता है और जैसे ही कुछ बोलने वाला होता है, दिया का फोन बजने लगता है। दिया फोन की स्क्रीन पर दिख रहे नाम को देखकर घबरा जाती है।
अथर्व उसे घबराते हुए देख बोला: "क्या हुआ, हेवन?"
दिया जल्दी से उसके होंठों पर हाथ रखते हुए घबराई आवाज़ में बोली: "चुप, एकदम चुप। कुछ बोलना मत, प्लीज़। मैं हाथ जोड़ती हूँ। तुम्हारे घर से फोन है।" इतना कहकर वह उसके मुँह पर हाथ रखे हुए ही कॉल पिक कर लेती है। अथर्व उसे अपनी छोटी आँखें करके देखने लगता है, फिर एकदम से इविल स्माइल करने लगा। दिया ने अपने और अथर्व के बीच में थोड़ा डिस्टेंस बना रखा था जो अथर्व को बिल्कुल रास नहीं आता। अथर्व दिया को अपने आप से एकदम चिपका लेता है। दिया रोने जैसी शक्ल बनाकर कॉल पिक करती है।
दूसरी साइड से दिया का भाई देव बोला: "कहाँ हो दिया? मैं काफ़ी देर से तुम्हें कॉल कर रहा हूँ। तुम कॉल क्यों नहीं पिक कर रही हो?"
दिया अपने आप को नॉर्मल करते हुए बोली: "देव भाई, मैं बस घर ही आ रही हूँ। ऋतु के घर थी ना, तो रात भर बहुत पढ़ाई करी थी और अपने प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी। इसलिए सुबह लेट आँख खुली थी। मैं और काव्या आ रहे हैं, एक घंटे में। कुछ काम था आपको भाई।"
देव थोड़ा ठहर के बोला: "हाँ, वंश सुबह से रो रहा है। तुम्हारा ही नाम ले रहा है। बुआ के पास जाना है।"
दिया ने बोलने के लिए जैसे ही मुँह खोला, अथर्व उसे किस करने लगता है। दिया उसे हैरानी से देखने लगती है और उसे दूर करने लगती है।
देव कॉल पर "हेलो हेलो" करता रहता है। दिया फोन को म्यूट करके थोड़ा दूर कर के अथर्व को खुद से दूर करते हुए धीरे से बोली: "प्लीज़ रुक जाओ।"
फिर कॉल अनम्यूट करके फोन कान पे लगाते हुए हकलाते हुए बोली: "भाई, मैं आ ही रही हूँ। थोड़ी देर आप उसे संभाल लो।"
अथर्व दिया की नेक पर किस कर रहा था। दिया के पसीने आ रहे थे। देव को थोड़ा अजीब लगा। वह बोला: "जल्दी आओ तुम और तुम ठीक हो ना? अजीब सी आवाज़ कैसी आ रही है ये?"
दिया घबरा जाती है और अथर्व को मुँह पे हाथ रखकर उसे दूर करते हुए जल्दी से बोली: "भाई, वो टीवी चल रहा है ना, तो उसकी आवाज़ आ रही है। मैं रखती हूँ फोन।" इतना कहकर वह बिना देव की बात सुने फोन कट कर देती है।
दिया की हालत खराब हो चुकी थी। दिया गुस्से में बोली: "दिमाग़ खराब है तुम्हारा। लड़की देखी नहीं और टूट पड़ो उस पर। कब से तुम्हारी ये बेवकूफ़ी भरी हरकतों को टॉलरेट कर रही हूँ। समझते क्या हो खुद को? ये मत सोचना कि अगर मैं चुप हूँ तो तुमसे डर रही हूँ।"
अथर्व दिया के होंठों पर एक उंगली रखते हुए धीरे मगर गहरी आवाज़ में बोला: "शशशश, हेवन। मुझे पसंद नहीं है कोई मेरे सामने ज़्यादा बोले। और रही बात डरने की, मैं चाहता भी नहीं हूँ तुम मुझसे डरो।" इतना कहकर वह उसे अपने सीने से लगा उसे शांत करते हुए बोला: "शांत हो जाओ। अब हम जब पहुँच जाएँगे, मैं बता दूँगा।" इतना कहकर वह उसकी पीठ को सहलाने लगता है। शायद अब वो समझ गया था दिया काफ़ी गुस्से में है और वो नहीं चाहता था दिया उसे हेट करे, पर दिया के सामने होना उसके लिए खुद को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो रहा था।
दिया भी शांत होकर उसकी गोद में बैठी रहती है। वो मन ही मन अथर्व को गालियाँ दे रही थी और खुद से बोली: "समझता क्या है खुद को? एक बार तुमसे दूर हो जाऊँ, कभी तुम्हारे पास भी ना भटकूँ। हूँ आया बड़ा इतना।" इतना कहकर वो अपनी आँखें बंद कर लेती है। उसे अथर्व की बाहों में सुकून मिल रहा था जो उसे खुद को भी नहीं पता था क्यों।
इधर उदय की कार में
काव्या विंडो के बाहर देख रही थी। वो उदय की तरफ़ देख भी नहीं रही थी। उन दोनों के बीच में बहुत डिस्टेंस था। उदय से जब रहा नहीं जाता तो वो काव्या की कमर से पकड़कर खींच लेता है और एकदम खुद से चिपका लेता है।
उदय उसकी आँखों में देखते हुए थोड़े गुस्से में बोला: "बेबी गर्ल, तुम्हें नहीं लगता तुम्हें ज़्यादा ही भौं ख़ा रही हो? लड़कियाँ मरती हैं मुझ पर और तुम हो कि ऐटिट्यूड दिखा रही हो मुझे। मुझे ये बिल्कुल पसंद नहीं है कोई मुझे इग्नोर करे और ऐटिट्यूड दिखाए।"
काव्या उसके एकदम से उदय के खींचने से हैरान हो जाती है और उसकी बात सुनकर वो भी गुस्से में बोली: "मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हें देखने का और मरती होंगी लड़कियाँ तुम पर, पर मैं नहीं। मेरा बॉयफ्रेंड है तो मुझे उसके अलावा किसी को देखने का कोई शौक नहीं है। और जो लड़कियाँ मरती हैं तुम पर तो उनके पास जाओ। मेरी जैसी घमंडी लड़की से जो भौं खाने वाली से दूर रहो। समझे तुम? और अब छोड़ो मुझे। बहुत देर से तुम्हारी बदतमीज़ी झेल रही हूँ। अब और नहीं। समझे तुम? दूर रहो मुझसे।" इतना कहकर वो उसे पुश करने लगती है।
काव्या की बात सुनकर उदय का गुस्सा बढ़ जाता है। वो उसके जबड़े को कसकर पकड़ते हुए गुस्से में बोला: "बेबी गर्ल, बहुत ज़बान चलती है तुम्हारी। और क्या बदतमीज़ी झेल ली तुमने? कल तो बहुत चिपक रही थी मुझसे। 'उदय जी, उदय जी' मेरा नाम जाप रही थी। अब क्या हुआ? मैं कुछ कह नहीं रहा हूँ तो मेरे सर पर चढ़कर नाचोगी?"
उदय के ऐसे पकड़ने से काव्या को दर्द हो रहा था। वो रोने लगती है और रोते हुए बोली: "छोड़ो मुझे, घटिया आदमी। मुझे दर्द हो रहा है। और कल का मुझे कुछ याद नहीं है। जो भी था वो नशे में हुआ था। मुझे होश नहीं था। छोड़ो मुझे।" काव्या उसके सीने पर मुक्के मारने लगती है।
उदय काव्या को रोते देख उसके मुँह को झटके से छोड़ते हुए गुस्से में बोला: "मैं घटिया हूँ? अभी बताता हूँ कि घटिया किसे कहते हैं। और हाँ, तुम्हें कल का याद नहीं है ना कुछ, तो मैं तुम्हें अच्छे से याद दिलाता हूँ।"
काव्या उसकी बात सुनकर डर जाती है और पीछे खिसकाने लगती है और डरते हुए बोली: "दूर रहो मुझसे। पास मत आना मेरे।"
उदय काव्या की कमर में हाथ डालकर अपने पास खींचता है। वो अपने आप से चिपका लेता है और गुस्से में बोला: "नहीं, बेबी गर्ल। बदतमीज़ी कह दिया है तो अब तो बदतमीज़ी करनी पड़ेगी। घटिया बोल ही दिया है तो घटिया harkat karni padegi" इतना कहते हुए वो काव्या के लिप्स पे अपने लिप्स रख देता है और रूडली किस करने लगता है। काव्या उसे दूर करने के लिए पुश करती है और रोने लगती है, पर उदय की पकड़ बहुत मज़बूत थी। वो काव्या को सीट पे लिटा देता है और उसके ऊपर आकर किस करने लगता है। वो उसके होंठों को लिक और बाइट करता है। काव्या उसे धक्का दे रही थी। उदय उसके दोनों हाथों को पकड़कर ऊपर कर देता है और उसे पागलों की तरह किस करने लगता है।
काव्या को साँस लेने में जब दिक्कत होती है, जब जाकर उदय काव्या के होंठों को आज़ाद करता है और उसकी शक्ल देखता है जो गहरी-गहरी साँस ले रही थी। उसका चेहरा रोने की वजह से लाल हो गया था। उसके होंठों से खून निकल रहा था। उदय उसके ऊपर से हाथ कर सीट पर बैठ जाता है और काव्या को अपनी गोद में बिठाकर उसके बाल सही करता है और सीने से लगाकर उसकी पीठ सहलाता है। वो सॉफ्ट वॉइस में बोला: "बेबी गर्ल, क्यों गुस्सा दिलाती हो? मैं तुम्हारे साथ प्यार से रहना चाहता हूँ। मैं जबरदस्ती नहीं करना चाहता तुम्हारे साथ। तुम हो कि समझती नहीं हो।"
काव्या अभी भी रो रही थी और उदय की बात सुनकर और जोर से रोने लगती है। उदय उसका चेहरा अपने सामने लाता है और सॉफ्ट वॉइस में बोला: "बेबी गर्ल, स्टॉप क्राइंग। मुझे रोती हुई लड़कियाँ बिल्कुल पसंद नहीं हैं। मैं तुम्हें रुलाना नहीं चाहता। तुम बस मेरी बात मानो। जैसा मैं कहता हूँ वो करो। ब्रेकअप कर लो अपने बॉयफ्रेंड से।"
फिर काव्या का चेहरा अपने दोनों हाथों में भरकर कोल्ड वॉइस में बोला: "आज के बाद मेरे अलावा किसी और लड़के के साथ मैंने तुम्हें देख लिया तो उस लड़के की जान तो जाएगी, उसके साथ साथ तुम्हें भी पनिशमेंट मिलेगी। अंडरस्टैंड, बेबी गर्ल? हम्म?"
काव्या डरी हुई नज़रों से उदय को देख रही थी। उसकी बातों को सुनकर काव्या से कुछ बोला ही नहीं जा रहा था। उदय ने काव्या की कमर दबाते हुए दुबारा पूछा: "बोलो, बेबी गर्ल।"
काव्या के मुँह से हल्की सी आह की आवाज़ आती है और वो जल्दी से बच्चों की तरह हाँ, गर्दन हिला देती है। उदय एक अजीब सी स्माइल करते हुए काव्या के फोरहेड पर किस करते हुए बोला: "गुड, बेबी गर्ल। तुम बहुत जल्दी समझ गई।"
उदय ने काव्या के चेहरे पे हाथ रखा और उसे खुद से चिपकाकर सेडक्टिव वॉइस में बोला: "कल रात का तुम्हें कुछ याद नहीं है ना? मैं याद दिलाता हूँ। कल रात तुमने खुद मुझे किस किया था। बिल्कुल ऐसे।" इतना कहकर उदय काव्या को किस करने लगता है। वो बहुत ही सॉफ्ट किस कर रहा था। वो उसके होंठों को suck कर रहा था। काव्या अपनी आँखें बंद कर लेती है।
उदय उसकी आँखें बंद करने से मुस्कुरा देता है और थोड़ा उसे दूर होते हुए बोला: "बेबी गर्ल, किस मी।"
काव्या अपनी आँखें खोलकर उदय को देखती है और ना में गर्दन हिला देती है। उदय आँखें छोटी करके बोला: "कर रही हो या मैं अपने तरीके से करूँ? अगर मैंने अपने तरीके से किया तो दर्द तुम्हें ही होगा। समझी?"
काव्या रोते हुए बोली: "तुम क्यों कर रहे हो मेरे साथ ऐसा? मैंने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा?"
उदय उसके गाल सहलाते हुए बोला: "बेबी गर्ल, तुमने मेरा दिल चुरा लिया। अब मैं क्या करूँ? तुम्हारे अलावा मुझे कोई दिखता ही नहीं है। अब ये सब छोड़ो। मुझे किस करो जैसे रात को की थी। और मैं जानता हूँ तुम्हें सब याद है। मेरे सामने भोली बन रही हो। जल्दी करो किस, वरना मैं अपने पर आ गया तो मैं हद पार कर दूँगा।"
काव्या उसकी तरफ़ डर से देखते हुए जल्दी से बोली: "नहीं, कुछ मत करना।"
उदय अजीब स्माइल करते हुए बोला: "अगर चाहती हो कुछ ना करूँ, जो मैं बोल रहा हूँ करो। किस मी।"
काव्या आँख बंद करके उदय को किस करने लगती है। उसे किस करना तो नहीं आता था। बस वो उसके होंठों को suck कर रही थी। उदय बस काव्या की किस का फील कर रहा था। उदय एक्साइटेड हो जाता है और काव्या की नेक पकड़कर उसे किस करने लगता है। वो अपनी टंग उसके मुँह में डालकर पूरा मुँह एक्सप्लोर कर रहा था और उसकी टंग को तेज़ी से suck कर रहा था। वो दोनों फ्रेंच किस कर रहे थे। 30 मिनट की किस के बाद काव्या को जब साँस लेने में दिक्कत होती है तो अपना चेहरा इधर-उधर करने लगती है। उदय समझ जाता है। वो उसके होंठों को छोड़ देता है और उसके सर से अपना सर जोड़ देता है। दोनों गहरी-गहरी साँस ले रहे थे। दोनों की आँखें बंद थीं।
उदय अपनी आँखें खोलकर काव्या को देखते हुए भारी आवाज़ में बोला: "बेबी गर्ल, कभी मुझसे दूर जाने के बारे में सोचना भी मत। अगर मुझसे दूर गई तो मैं सब कुछ जलाकर राख कर दूँगा। और तुम जितना हो सके अपने बॉयफ्रेंड से दूर रहो। अगर उसकी मौत को देखना नहीं चाहती हो तो।"
काव्या उसकी बात सुनकर घबरा जाती है और रोते हुए बोली: "प्लीज़, ऐसा कुछ मत करना। उसे कुछ मत करना। तुम जैसा कहोगे मैं वैसा करूँगी। प्लीज़, उसे कुछ मत मारना।"
उदय आँखें छोटी करके देखकर बोला: "जान किसी और के लिए ये आँसू मत बहाओ। और मैं जब तक कुछ नहीं करूँगा जब तक तुम मेरी सारी मान रही हो। अगर मेरी बातों को तुमने नज़रअंदाज़ किया तो तुम सोच भी नहीं सकती मैं क्या करूँगा तुम्हारे साथ। अंडरस्टैंड।"
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट ❤️🙏🏻
अब आगे...
उदय की कार में...
उदय की बात सुनकर कव्या बस अपनी गर्दन हिला देती है। कुछ देर बाद कार रुक जाती है। कव्या एक नज़र उदय को देखती है और जैसे ही कार का दरवाज़ा खोलती है, उदय उसे soft voice में बोलता है: "बेबी गर्ल, जो मैंने बोला है उसे ignore करने की कोशिश मत करना, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा।" उदय की बात सुनकर कव्या उदय को देखकर बस हाँ में सर हिला देती है। उदय एक दिलकश मुस्कान लेकर कव्या के forehead पर kiss करके बोलता है: "गुड गर्ल।" फिर वो दोनों कार से उतर जाते हैं।
कव्या परेशान होते हुए बोलती है: "दिया कहाँ है?"
उदय अपना फ़ोन देखते हुए बोलता है: "टेंशन मत लो, वो बस आ ही रही है।" कव्या उसकी बात सुनकर चुप खड़ी हो जाती है।
आर्थव की कार...
आर्थव दिया को अपने सीने से लगाकर बैठा था। कार रुकती है। आर्थव दिया को देखते हुए बोलता है: "हेवन, कार रुक गई है।" दिया आर्थव की बात सुनकर सर ऊपर करके देखती है तो कार को रुका हुआ देखकर एक राहत की साँस लेती है। वो आर्थव की गोद से जैसे ही उठने वाली होती है, तभी आर्थव उसकी कमर से पकड़कर बिल्कुल अपने करीब कर लेता है और उसकी आँखों में देखते हुए cold voice में बोलता है: "बहुत जल्दी नहीं है तुम्हें मुझसे दूर जाने की।"
दिया उसे अजीब सा मुँह बनाकर बोलती है: "अब क्या पूरा दिन तुम्हारे पास चिपक कर बैठी रहूँ? देखो Mr., तुम्हारे पास free का time होगा पर मेरे पास नहीं है। अब छोड़ो मुझे, घर जाना है, बहुत ज़रूरी है मेरा जाना।" यह बोलते ही दिया उसकी गोद से उठने लगी।
आर्थव ने उसे फिर से पकड़कर अपने पास खींचा और आँखें छोटी करते हुए बोला: "तुम्हें नहीं लगता है हेवन, तुम कुछ ज़्यादा बोल रही हो।" फिर एकदम से ही seductive voice में बोला: "मैं तो यही चाहता हूँ तुम पूरे दिन मेरे पास, मेरे बाहों पे रहो, एकदम चिपक कर। और ऐसा भी क्या काम है जो तुम इतनी उतावली हो रही हो घर जाने के लिए? Hmm 🤔"
दिया जबरदस्ती मुस्कुराकर बोलती है: "घर पे मुझे लड़के वाले देखने आये हैं, बस उनके लिए ही जा रही हूँ। छोड़ो अब मुझे।"
दिया की बात सुनकर आर्थव की आँखें सख्त हो गईं और उसे गुस्सा आने लगा। उसने गुस्से में दिया का जबड़ा पकड़ा और गुस्से में बोला: "क्या कहा तुमने? मेरे अलावा अगर तुमने किसी और की तरफ आँख उठाकर भी देखा, तुम सोच भी नहीं सकती मैं तुम्हारे साथ क्या करूँगा।"
आर्थव के ऐसे reaction से दिया shocked हो गई। उसे दर्द हो रहा था आर्थव के ऐसे पकड़ने से। उसकी आँखों से आँसू आने लगे। उसने हकलाते हुए बोला: "प्लीज़... प्लीज़ छोड़ो मुझे, दर्द हो रहा है। मैं तो मज़ाक कर रही हूँ।"
आर्थव दिया की बात सुनकर उसे छोड़ देता है और अपना सर दिया के सर से छोड़ते हुए गहरी सख्त आवाज़ में बोला: "आगे से ध्यान रखना, मुझे ऐसे बेवकूफ़ मज़ाक करने की आदत नहीं है। मुझसे मज़ाक ही मत करना। मैं नहीं चाहता अपने गुस्से के चलते मैं तुम्हें hurt करूँ। मैं बहुत short temper हूँ हेवन, इसलिए जितना हो सके उतना मेरे सामने प्यार से रहो। तुम्हारे लिए उतना अच्छा होगा। Understand?"
दिया ने डरते हुए हाँ में सर हिला दिया। आर्थव cold voice में बोला: "हेवन, words?"
दिया ने डरते हुए बोला: "हाँ, मैं समझ गई।" आर्थव दिया की आँखों में देखता है। फिर दिया के पूरे चेहरे को... दिया की आँखें डर से भरी हुई थीं और उसके डर के मारे होंठ काँप रहे थे। उसका छोटा सा चेहरा रोने की वजह से लाल हो गया था। दिया की आँखों में खुद के लिए डर देखना उसे अच्छा नहीं लगा।
आर्थव ने दिया के चेहरे को अपने हाथ में भरा और soft voice में बोला: "हेवन, डरो मत मुझसे। ऐसे काम ही क्यों करती हो जिससे मुझे गुस्सा आए? Hmm?"
दिया अपने नज़ारे नीचे कर लेती है। उसके lips अब भी काँप रहे थे। उसके काँपते होंठों को देखते हुए आर्थव का गाला सुखने लगा। आर्थव magnetic voice में बोला: "हेवन, look at me."
दिया डरते हुए उसकी आँखों में देखती है और आर्थव दिया के neck को पकड़कर अपने चेहरे के करीब करता है और दूसरा हाथ उसकी कमर पर और tight हो गया था। उन दोनों की साँसें आपस में घुल रही थीं। उन दोनों के होंठों के बीच कुछ इंचों की दूरी थी।
आर्थव दिया की आँखों में देखते हुए गहरी मगर सख्त आवाज़ में बोला: "हेवन, कभी भी मुझसे दूर जाने के बारे में सोचना भी मत।" इतना कहकर उसने दिया और अपने बीच की कुछ इंचों की दूरी को भी मिटा दिया। आर्थव दिया को soft kiss करने लगा। दिया ने उसकी गर्दन में अपने दोनों हाथ डालकर उसे कसकर पकड़ लिया। दिया आर्थव के kiss को feel कर रही थी। वो आर्थव की बाहों में पिघल रही थी।
आर्थव उसके होंठों को suck करता है साथ ही lick भी। आर्थव दिया के मुँह में अपनी tongue डालने के लिए अपनी tongue से दिया का मुँह खोलने की कोशिश करता है, पर दिया अपना मुँह नहीं खोल रही थी। आर्थव ने दिया की कमर को कसकर दबा देता है। दिया को ना चाहते हुए भी मुँह खोलना पड़ा और आर्थव जल्दी से अपनी tongue दिया के मुँह के अंदर डाल देता है और उसके मुँह को explore करने लगता है। वो दिया की tongue को suck करने लगता है। दिया को साँस लेने में दिक्कत हो रही थी। वो आर्थव से दूर होने लगती है।
आर्थव समझ जाता है दिया को साँस लेने में दिक्कत हो रही है और वो दिया के होंठों को छोड़ देता है। वो दिया को देखते हुए बोला: "Breath, heaven, breath."
दिया उसकी बात सुनकर गहरी-गहरी साँस लेने लगती है। आर्थव अपनी आँखें छोटी करते हुए बोला: "हेवन, साँस लेना क्या तुम भूल जाती हो? मेरा अभी मान नहीं भरा। मुझे और kiss करनी है तुम्हें।"
दिया उसे घूरकर देखती है और अपना आप को normal करते हुए बोलती है: "पागल हो क्या तुम? kiss नहीं करते, तुम मेरे होंठों को खाते हो। मुझे तो लगता है किसी दिन तुम मुझे kiss से ही मार दोगे। अब छोड़ो मुझे, बहुत देर हो गई है।"
आर्थव आँखें छोटी करते हुए बोला: "हेवन, अभी तो शुरुआत है। तुम अभी से ऐसे बोल रही हो। कोई बात नहीं, धीरे-धीरे तुम्हें आदत हो जाएगी।" वो कार का दरवाज़ा खोल देता है। दिया उसे ही देख रही थी।
आर्थव उसे देखते हुए seductive voice में बोला: "क्या हुआ हेवन? अब तुम्हें जाना नहीं है या ऐसे ही रहने का इरादा? वैसे मुझे कोई दिक्कत नहीं है ऐसे रहने में। तुम ऐसे पूरी ज़िंदगी रह सकती हो मेरे साथ। चलो अब तुम्हें नहीं जाना तो कोई बात नहीं।"
दिया हैरानी से जल्दी से बोली: "नहीं-नहीं, मैं जा रही हूँ। मुझे कोई शौक नहीं है ऐसे रहने का।" इतना कहकर वो जल्दी से कार से उतर जाती है। उसके सामने कव्या खड़ी थी। कव्या उसे tightly hug कर लेती है। आर्थव कार से बाहर निकलकर जाता है। आर्थव और उदय उन दोनों को ही देख रहे हैं।
उदय आर्थव के कान में बोला: "गले तो ऐसे मिल रही हैं जैसे मेले में बिछड़ी हुई बहनें सालों बाद मिली हों।" आर्थव उदय की बातों का कोई reply नहीं करता। वो बस ऐसे ही emotional less face के साथ दिया को देख रहा था।
दिया कव्या से दूर होते हुए बोली: "चल अंदर चलते हैं। change करके घर भी जाना है। देव भाई बार-बार call कर रहे हैं।"
कव्या और दिया farm house के अंदर चली जाती हैं। कव्या पलटकर देखती है तो उदय उसे ही देखकर मुस्कुरा रहा था और उसे एक आँख wink कर देता है। कव्या जल्दी से चली जाती है। उदय उसके ऐसे करने से हँस देता है और बोला: "silly girl!"
जब वो दोनों farm house के अंदर चली जाती हैं, उदय और आर्थव भी कार में बैठकर चले जाते हैं।
दिया living area में सोफे पर जाकर बैठ जाती है और अपने हाथों को अपने सर पर रखकर कुछ सोचने लगती है।
कव्या भी उसके side में जाकर बैठ जाती है और दिया के कंधे पर हाथ रखते हुए बोलती है: "क्या सोच रही है दिया तू?"
दिया अपना सर उठाकर कव्या को देखते हुए भरे गले से बोली: "क्या मुसीबत है ये! लगता है भगवान ने सारी problem को अपना ही पता बता दिया है। पता नहीं कहाँ से ये दोनों पागल मिल गए। मेरी वजह से हमारे साथ ये हुआ। I'm really sorry कव्या।" यह बोलते हुए उसकी आँखों में हल्की सी नमी आ गई थी।
कव्या उसे गले लगाते हुए बोली: "तू रो रही है मेरी दिया? इतनी कमज़ोर कब से हो गई? और sorry मत बोल। तुझे थोड़ी पता था हमें ऐसे पागल मिल जाएँगे।"
हालाँकि कव्या को बहुत tension हो रही थी। जितना दिया परेशान थी उतना ही कव्या भी थी, पर दिया की ऐसी हालत देखकर उसे बहुत दुख हो रहा था। वो दोनों एक दूसरे को बिल्कुल भी दुखी नहीं देख सकती थीं।
दिया कव्या से अलग होते हुए बोली: "कव्या, मेरी वजह से ये सब हो रहा है। मुझे ऋतु की बात ही नहीं माननी चाहिए थी। ना मैं उसके plan में साथ देती और ना ही तू drink करती। कल कुछ भी हो सकता था हमारे साथ।"
कव्या दिया को देखते हुए बोली: "हुआ तो नहीं ना? और मैंने भी तो तुझे कल कितना परेशान किया। तूने कितना संभाला मुझे। मैं तो अजीब-अजीब हरकत कर रही थी और उस नशे के चक्कर में मैंने उस उदय को कल रात में kiss कर दिया था।"
दिया उसे आँखें फाड़कर देख रही थी। वो हैरानी से बोली: "What? सच में? पर कब? मैंने तो नहीं देखा था।"
कव्या sad voice में बोली: "जब तुम दोनों बाहर थे, तब मैंने किया उसे kiss। मेरी first kiss। मैंने लकी के लिए बचाई रखी थी। अब मैं क्या बोलूंगी लकी को?"
दिया उसे अजीब तरीके से देखते हुए बोली: "उस लकी को छोड़। तू ये बता, उदय ने तेरे साथ कुछ किया तो नहीं? तू ठीक है ना?"
कव्या ने उसे सारी बात बता दी। दिया गुस्से में दाँत पीसते हुए बोली: "दोनों के दोनों हवसी हैं। लड़की दिखी नहीं, पागलों की तरह kiss करने लग जाते हैं। हरामखोर गधे कहीं के!"
कव्या उसे देखते हुए बोली: "मेरा तो फिर भी ठीक है, पर जब मैंने उस लड़के को तुझे ऐसे kiss करते हुए देखा, एक बार को तो मेरा भी गाला सुख गया था। उदय ने कम से कम मुझे इस तरह तो kiss बिल्कुल भी नहीं की। माना वो अभी कार में थोड़ा गुस्से की वजह से rude हो गया था, पर उसने बाद में बहुत soft kiss की मुझे, जिसे मुझे अच्छा भी लगा।"
दिया उसे घूरते हुए बोली: "अच्छा, इतना ही अच्छा लगा तो लकी को छोड़कर उसे सेट कर ले अपने उदय जी को।"
कव्या मुँह बनाते हुए बोली: "मुझे वो पसंद नहीं है। मैं अपने लकी से बहुत प्यार करती हूँ।"
कव्या फिर एकदम से रोने लगी। दिया उसे देखते हुए घबराते हुए बोली: "क्या हुआ? तू ऐसे रो क्यों रही है?"
कव्या उसे देखते हुए बोली: "अगर उसे सच में लकी को मार दिया तो उसने कहा था अगर मैंने उसकी बात नहीं मानी तो वो सच में लकी को मार देगा।"
दिया कव्या को शांत करवाते हुए बोली: "तू tension मत ले, मैं हूँ ना। वो ऐसा कुछ नहीं करेगा।"
दिया कव्या को गले लगाते हुए बोली: "फिलहाल हमें घर चलना चाहिए। कल से घर नहीं गए। घर चलते हैं। घर आकर rest करेंगे। फिर इस बारे में मिलकर बात करते हैं। उन दोनों का करना क्या है। जा तू change कर ले। फिर दोनों change करके घर चलते हैं।"
कव्या उसे देखते हुए बोली: "हाँ, तू ठीक कह रही है। वैसे तू इस dress में अच्छी लग रही है। तूने first time short dress पहनी है।"
दिया eye roll करते हुए बोली: "मैं बस अपने room में ही shorts डालती हूँ। मुझे कोई शौक नहीं है अपनी body दिखाने का दुनिया को। ये बस मेरा होने वाला husband देख सकता है।"
कव्या दिया के मज़े लेते हुए बोली: "हाँ, देख ही लिए हैं उसने आज। kiss भी जाम के करी है उसने। Hahahahah" कव्या अपनी बात बोलकर हँसने लगी।
दिया उसे गुस्से में घूरती हुई बोली: "change करने जा रही है या लकी को call करके तेरे और तेरे उदय जी के बारे में बातें करेगी?"
कव्या दाँत दिखाते हुए बोली: "यार, मैं तो मज़ाक कर रही थी। तू तो serious हो गई।"
कुछ देर बाद वो दोनों change करके अपने घर के लिए निकल गईं।
प्लीज़ like और comment 🙏🏻 support 🙏🏻 ❤️ share
अब आगे
राजपूत मेंशन/दिया का कमरा
दिया अपने बेड पर लेटी हुई थी और उसके ऊपर छोटा सा वंश हाथ से सो रहा था। तभी दिया का फ़ोन बजता है। दिया जल्दी से कॉल पिक करती है।
दूसरी साइड से काव्या की आवाज़ आई जो उसे बोल रही थी: "दिया यार, मेरा मन नहीं लग रहा। बार-बार उदय की बातें मेरे दिमाग में घूम रही हैं। जब तक तू साथ थी, तब तक मुझे इतना तनाव नहीं हो रहा था, पर अब मैं अकेली हूँ तो डर लग रहा है। तू आ जा घर मेरे।"
दिया आँखें घुमाते हुए बोली: "काव्या यार, दो घंटे पहले ही तू मुझसे मिली है और जब से मैं 'मि. डेविल' के पास से आई हूँ ना, तो ऐसा लग रहा है मेरे बॉडी में जान ही नहीं है। बहुत ज़्यादा थकी हुई फील कर रही हूँ। उसने किस से ही इतना थका दिया मुझे, मेरा बेड से उठने तक का मन नहीं कर रहा और मैं भी उसी के बारे में सोच रही हूँ कि उन दोनों नमूनों से पिछा कैसे छुड़वाएँ। तूफ़ान की तरह आगे है ज़िंदगी में।"
काव्या परेशान होते हुए बोली: "यार, तू सही कह रही है। मुझे बहुत थकान हो रही है। तू क्या सोच रही है 'मि. डेविल' के बारे में? तुझे नाम भी नहीं पता उसका?"
दिया बोली: "नाम नहीं पता, इसलिए तो 'मि. डेविल' बोल रही हूँ। वैसे भी वो शैतान से कम भी नहीं है।"
दिया थोड़े रुकते हुए बोली: "काव्या, तुझसे एक बात पूछूँ?"
काव्या ने जवाब दिया: "हम्म, बोल ना।"
दिया अपना गाल साफ़ करते हुए बोली: "तुझे किस करके कैसा फील हुआ? मतलब जब तुझे वो किस कर रहा था, तब कैसा फील हो रहा था? देख, मैं जानती हूँ तेरी भी फर्स्ट किस है और मेरी भी।"
काव्या थोड़ा शर्माते हुए बोली: "पहले तू बता, फिर मैं बताऊँगी तुझे।"
दिया मुँह बनाते हुए बोली: "पहले सवाल मैंने किया है, तू बता पहले।"
काव्या ज़िद करते हुए बोली: "तू बता ना पहले, फिर मैं बताऊँगी।"
दिया गहरी साँस लेकर बोली: "ओके, फाइन। जब उसने मुझे फर्स्ट टाइम टच किया, उसके टच से मेरी बॉडी में शिवरिंग होने लगी और जब किस किया, एकदम से मेरा माइंड ब्लैंक हो गया। कुछ सेकंड तो मुझे समझ नहीं आया हुआ क्या? और जब सेंस में आई तो मुझे अजीब लगा, बहुत। क्योंकि उसकी किस से मुझे अच्छा नहीं लगा। एक पल के लिए लगा कहीं मैं लेस्बियन तो नहीं हूँ, क्योंकि उस टाइम मुझे कुछ फील ही नहीं हो रहा था। फिर जब मैं वाशरूम से बाहर आई थी, तब उसने किस किया, तब तो क्या किस की थी। ऐसा लगा मुझे आज ही यमराज के दर्शन करवा देगा। कार में मज़ा आया, किस में अच्छे से फील किया मैंने। भले ही मुझे वो पसंद नहीं है, पर किस के मामले में आई लाइक हिम 😂😂😂 और सबसे बड़ी बात यह है काव्या, मुझे इतने टाइम बाद इतनी अच्छी नींद आई उसकी बाहों में। एक अजीब सा सुकून है 😌 ऐसा सुकून जिसे मैं काफ़ी से ढूँढ़ रही हूँ।"
काव्या मज़े लेते हुए बोली: "तुझे वो पसंद तो नहीं आ गया? अगर आ भी गया है पसंद तो इसमें कोई बुराई नहीं है। हैंडसम है और स्ट्रांग भी है। तुझे एक चांस देना चाहिए उसे, प्यार करके तो देख।"
दिया इस बार सख्त आवाज़ में बोली: "पागल है क्या? एक गलती दिया राजपूत बार-बार नहीं करती। वैसे भी, मर्द जात से भरोसा उठ गया है मेरा अब।"
काव्या उसे समझाते हुए बोली: "हर मर्द एक जैसा नहीं होता मेरी जान। लव इज़ मोस्ट ब्यूटीफ़ुल फीलिंग इन द वर्ल्ड।"
दिया इस बार थोड़े गुस्से में बोली: "भाड़ में गई रोमांटिक फ़िल्म्स, भाड़ में गया ट्रू लव, भाड़ में गया हैप्पिली एवर आफ़्टर। लव इज़ अ फकिंग जोक एंड आई एम डन बीइंग अ जोकर।"
काव्या दिया के दर्द को समझ रही थी। उसने दिया को रिलैक्स रहने के लिए बोला: "दिया यार, छोड़ ना। हर कोई एक जैसा नहीं होता। तुझे कभी ना कभी तो शादी करनी ही है, तो तू किसी को डेट करना स्टार्ट कर।"
दिया अब काव्या की बातों से इरिटेट हो रही थी, इसलिए उसने बात पलटते हुए बोली: "मुझे नहीं करना किसी को डेट और तू काव्या की बच्ची, मुझसे तो पूछ लिया कि मेरा फर्स्ट किस का एक्सपीरियंस कैसा था, अब तू बता तेरा कैसा था?"
काव्या थोड़ा शर्माते हुए बोली: "यार, मुझे भी सेम तेरी वाली फीलिंग आई थी। नशे में जब थी तब इतना ध्यान नहीं था, पर जब आज होश में थी तो ऐसा लगा मुझे भी कि लेस्बियन हूँ। पर कार वाली किस तो मेरी भी मस्त थी 😛😛 ये बोलते ही काव्या हँसने लगी। उसे हँसते देख दिया भी हँसने लगी।"
दिया उससे बोली: "चल तेरा अब मूड ठीक है ना?"
काव्या यॉर्न करते हुए बोली: "हाँ, अब ठीक है। वरना सोच-सोच के दिमाग फ़ाटते जा रहा था और अब मुझे नींद आ रही है। मैं सोने जा रही हूँ। बाद में बात करते हैं।"
दिया "ओके" बोल कर कॉल डिस्कनेक्ट कर देती है। वो भी आँखें बंद करके लेट जाती है, पर जैसे ही वो आँखें बंद करती है, उसके सामने आर्यन का चेहरा आने लगता है। उसका उसे टच करना, किस करना, सब उसके दिमाग में घूम रहा था। दिया वंश को साइड में लेटाकर बैठ जाती है और अपने बाल खींचती हुई फ्रस्ट्रेट होते हुए बोली: "मुझे वो डेविल बार-बार क्यों याद आ रहा है? ऐसे तो मैं पागल हो जाऊंगी। आह्ह्ह्ह डैम इट!"
दिया वाशरूम में जाकर फ्रेश होकर क्लोज़ेट रूम जाती है। वो काफ़ी बड़ा क्लोज़ेट रूम था। उसमें दिया के हर तरह के कपड़े थे, वेस्टर्न, इंडियन। दिया उनमें से एक रेड कलर का अनारकली चूड़ीदार सूट निकालकर पहन लेती है। क्लोज़ेट से बाहर आने के बाद मिरर में देखते हुए अपने बालों को गुथ लेती है। उसके चेहरे पर कुछ बालों को लाते हुए उसके चेहरे को चूम रही थी। वो एक छोटी सी गोल्डन बिंदी लगाती है और लिप्स पर हल्की रेड लिपग्लॉस लगा लेती है।
फिर अपने गोद में वंश को उठाकर रूम से बाहर आती है और कार्तिक के रूम की तरफ़ चल जाती है। रूम में देखती है उसकी भाभी रीना कपड़े कपबोर्ड में लगा रही थी। वो दिया को देखकर बोली: "अरे दिया दीदी आप?"
दिया आँखें घुमाते हुए बोली: "भाभी, कितनी बार कहा है मैंने कि मुझे दीदी मत बोला करो। मैं आपसे बहुत छोटी हूँ और मैं यहाँ वंश को सुलाने आई थी।"
रीना मुस्कुरा के बोली: "भले ही उम्र में मैं आपसे बड़ी हूँ, पर ऐज में तो आपसे छोटे हैं ना।"
दिया आँखें छोटी करते हुए बोली: "आप नहीं मानेंगी ना? भैया से बोलूंगी मैं।"
रीना हँसते हुए बोली: "जाए, बोल दीजिए।"
दिया ने हार मानते हुए बोली: "आपसे नहीं जीत सकती मैं। वेल, मैं अनाथ आश्रम जा रही हूँ। बहुत दिन हो गए बच्चों से मिली नहीं हूँ।"
रीना हँसते हुए बोली: "आपको तो दीदी बच्चे पसंद नहीं थे। दूर भागती थी ना, तो अब बच्चों से एकदम से बच्चे कैसे पसंद आ गए?"
दिया प्यारी सी स्माइल के साथ बोली: "भाभी, जब से आपने हमारी जान वंश को पैदा किया है ना, तब से इसके बिना मेरा मन नहीं लगता। वंश और रुही दीदी के बेबीज़, वो दोनों शैतान भी तो हैं मेरे तीन अनमोल रत्न।"
तभी रीना तपाक से बोली: "दिया दीदी, बुआ और रुही दीदी आ रही हैं कुछ दिनों बाद।"
दिया मुँह बना के बोली: "अब कौन सा नया कलेश करने आ रही हैं दोनों माँ-बेटी?"
रीना हँसते हुए बोली: "पता नहीं।"
दिया गहरी साँस लेकर बोली: "फ़िलहाल मुझे निकलना चाहिए। मैं शाम तक आ जाऊँगी। फिर हम बात करेंगे। भाभी, मेरे छोटे शेर का ध्यान रखना।"
रीना मुस्कुरा के बोली: "ध्यान से जाना।"
दिया जाते हुए बोली: "ओके, डार्लिंग। आप दादी और चाची को बता देना।"
रीना उसे जाते देख बोली: "ठीक है।"
कुछ देर बाद दिया कार में बैठकर अनाथ आश्रम के लिए निकल जाती है।
इधर आर्यन अपने ऑफिस में बैठा दिया की सारी बातें सुन रहा था। दरअसल उसने दिया का फ़ोन हैक कर लिया था। वो खुद से ही अजीब स्माइल करते हुए बोला: "तो मेरी हेवन को प्यार में अब इंटरेस्ट नहीं है। ये तो अच्छी बात है। वैसे भी प्यार जैसी चीज़ सिर्फ़ धोखे के लिए ही बानी है और तुम मेरी मोहब्बत नहीं हो हेवन, तुम मेरा जुनून, सुकून हो, पागलपन हो, दीवानगी बन चुकी हो। तुम्हें देखता हूँ तो मुझे सुकून मिलता है और आज तुम्हारी आवाज़ में दर्द था जिसे मैंने फील किया। डोंट वरी हेवन, अब मैं तुम्हारी लाइफ़ में आ गया हूँ और आई प्रॉमिस कि मैं तुम्हें डिसअपॉइंट नहीं करूँगा, क्योंकि तुम्हें मेरा टच पसंद है, मेरा करीब आना तुम्हें पसंद है।"
आर्यन फिर एक अजीब मुस्कान के साथ बोला: "बट तुमने सही कहा, मर्द जात पे भरोसा नहीं करना चाहिए।"
वो फिर इनोसेंट फ़ेस बनाते हुए बोला: "पर मैं औरों जैसा नहीं हूँ हेवन। कोई नहीं, तुम धीरे-धीरे जान जाओगी मेरे बारे में। वैसे भी उम्र भर तुम्हें झेलना है मुझ जैसे डेविल को। वेल, नाम तो अच्छा रखा है तुमने 'मि. डेविल'। तुम्हारा डेविल तुम्हारे साथ मज़ा आने वाला है। बस मुझे गुस्सा मत दिलाना।" आर्यन बोलते हुए एक अजीब सी मुस्कान के साथ दिया का फ़ोटो देखने लगता है।
अनाथ आश्रम
दिया कार से उतरकर अनाथ आश्रम के अंदर चली जाती है और सभी बच्चे दिया को घेरकर खड़े हो जाते हैं। उनमें से एक बच्ची बोली: "दीदी, आज आप कितने दिनों बाद आई हो? कहाँ थी आप?"
दिया नीचे झुककर उसे अपनी गोद में लेते हुए बड़े प्यार से बोली: "मुझे माफ़ करना छोटी, मैं थोड़ा बिज़ी थी पढ़ाई के चलते।"
उस छोटी बच्ची ने आँखें छोटी करते हुए बोला: "आप कब से पढ़ने लगीं दीदी?"
तभी पीछे से एक १७ साल की लड़की आई। वो छोटी को देखते हुए बोली: "छोटी बहुत बोलने लगी है। इतने दिनों बाद दीदी आई है और तू बकवास कर रही है।" फिर दिया को देखते हुए बोली: "दिया दीदी, नमस्ते। दीदी काफ़ी दिनों बाद आई हो।"
दिया उस लड़की को देखकर छोटी को नीचे उतारते हुए १७ साल की लड़की को गाल लगाते हुए खुश होते हुए बोली: "हाँ धानी, काफ़ी बिज़ी थी। फ़ुर्सत से बताऊंगी। तू जा, सबको बुला ला। आज कुछ नया सीखेंगे।"
दिया फिर सभी बच्चों की तरफ़ खुशी से देखते हुए बोली: "क्यों बच्चों, सीखोगे ना?"
सभी बच्चे एक्साइटेड होते हुए बोले: "हाँ।"
धानी स्माइल करते हुए बोली: "दीदी आप आराम से बैठो। मैं बाकी सबको बुलाकर लाती हूँ। सब बहुत खुश होंगे आपको देखकर और इतने दिनों बाद हमें प्रैक्टिस भी तो करनी है डांस की।"
दिया भी मुस्कुराकर बोली: "हाँ, क्यों नहीं। मैं तुम सब के लिए बहुत सारे गिफ़्ट लेकर आई हूँ।"
दिया की बात सुनकर सभी बच्चे बहुत खुश हो जाते हैं और दिया को घेरकर उसके चिपक जाते हैं। सभी बच्चे दिया के गाल पे किस करते हैं। दिया भी सबके फोरहेड किस करती है और उनके साथ मस्ती करने लगती है।
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट्स 🙏 💗
अब आगे...
राघववंशी mension / शाम का वक़्त
दीप अपने कमरे में सोफ़े पर बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था, तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खटखटाता है। दीप बिना देखे "कम" बोलता है। तभी दीप की माँ दिव्या आती है और दीप को देखते हुए उसके बगल में बैठ जाती है और कहती है: "बेटा, तुम तैयार हो गए ना?"
दीप प्यारी सी मुस्कान करते हुए बोला: "हाँ मॉम, तैयार हूँ। बस ये थोड़ा सा काम कर रहा था। वैसे आप खुद भी तो जा सकती थीं ना अनाथ आश्रम, फिर मुझे क्यों ज़बरदस्ती भेज रही हो?"
दिव्या उसे देखते हुए बोली: "क्योंकि मुझे तुम्हारी दादी के साथ मंदिर जाना है, पंडित जी से बात करने। और वैसे भी हमें बहुत टाइम हो गया है अनाथ आश्रम गए हुए। तुम जाकर वहाँ बच्चों के लिए उनकी ज़रूरत का सामान ले आओ और अपने हाथों से सबको देना, ठीक है?"
दीप मुस्कुराते हुए बोला: "जी माताश्री।"
दिव्या हँसते हुए बोली: "जा अब नटखट बाज़।"
दीप भी अपनी माँ को हग करते हुए वहाँ से अनाथ आश्रम के लिए निकल जाता है। दीप अपनी माँ से बहुत प्यार करता था, वह दिव्या की बात कभी नहीं टालता था।
दीप की कार अनाथ आश्रम आकर रुक जाती है। तभी उसका असिस्टेंट कार से बाहर निकलकर दीप के लिए दरवाज़ा खोलता है। दीप कार से बाहर निकलता है, वह एक नज़र अनाथ आश्रम को देखता है और फिर जय की तरफ़ देखते हुए उसे बोलता है: "चलो चलते हैं, मुझे जल्दी से जल्दी यहाँ से निकलना है।" वे दोनों अनाथ आश्रम के अंदर आ जाते हैं।
तभी वहाँ की ओनर आती है। वह दीप को ग्रीट करते हुए बोली: "मि. राघववंशी, आप आ गए। बैठिए ना।"
दीप हाथ दिखाकर बोला: "मैं यहाँ आराम से बैठने नहीं आया। आप सभी बच्चों को एक जगह बुला लीजिए। मुझे उन्हें गिफ्ट देकर जाना भी है।"
ओनर थोड़ा हकलाते हुए बोली: "मि. राघववंशी, अभी सभी बच्चे गार्डन में हैं और आज उनकी फेवरेट दीदी आई है तो सभी उनके साथ बिज़ी हैं। आप गार्डन में चलिए, क्योंकि जब भी उनकी दीदी आती है तो किसी और की तरफ़ देखते भी नहीं हैं।"
दीप एक आइब्रो ऊपर करके बोला: "अच्छा जी, ऐसा भी क्या है उनकी दीदी में जो बच्चे किसी और पर ध्यान ही नहीं देते?"
ओनर मुस्कुराते हुए बोली: "अगर भी देख लेंगे तो आप भी उनके फैन हो जाएँगे।"
दीप उन्हें सख्त नज़रों से देखने लगता है। ओनर को जब लगता है उसने फ्लो में ज़्यादा बोल दिया, वह बात संभालते हुए बोली: "आप चलिए गार्डन में।"
दीप और जय गार्डन की तरफ़ चले जाते हैं। दीप के दिमाग़ में ओनर की बात चल रही थी। वह मन ही मन बोला: "ऐसा भी क्या है इन बच्चों की दीदी में? हम भी देखें। वैसे मेरी किट्टी जैसी तो नहीं होगी।" जब वे गार्डन में पहुँचते हैं, उनके कानों में एक गाने की धुन सुनाई देती है। वह गार्डन में देखता है, बच्चे एक जगह बैठकर किसी को देख रहे थे। उन बच्चों की नज़र को फॉलो करते हुए वह सामने देखता है जहाँ कुछ लड़कियाँ एक लड़की को बीच में घेरे खड़ी हैं।
बीच में खड़ी लड़की की बैक दीप की साइड थी और वह लड़की गाने की धुन पर थिरकने लगी।
गाना:
रु रु रु रु
रु, रु, रु, रु, रु🎶🎶
तारों को तोड़ी ना छेरूँगी अब से (2*)🎶🎶
लड़की की आवाज़ सुनकर सब उसकी आवाज़ में ही खो गए। दीप को अब क्यूरियोसिटी होने लगी उस लड़की का फ़ेस देखने के लिए। तभी वह लड़की पलटी और जैसे ही उसका फ़ेस दीप के सामने आया, दीप एक जगह ही जम गया। उसकी दिल की धड़कन तेज़ी से बढ़ने लगी। जय जो लड़की को देखकर शॉक हो जाता है, वह कभी उस लड़की को देखता है तो कभी दीप को। दीप को देखते ही उसकी हैरानी का ठिकाना ही नहीं रहता। दीप बिना पलक झपकाए सामने लड़की को देख रहा था और धीरे से बोला: "माय लिटिल किट्टी, यू आर अमेज़िंग। 😍"
जी हाँ, यह और कोई नहीं हमारी दिया थी जिसने दीप के होश उड़ा दिए थे। 😂
🎶🎶बादल ना तोड़े उड़ेडूँगी अब से
खोलूँगी ना तोड़ी किवाड़िया🎶🎶
दिया अदा से साथ डांस करने लगती है।
फेरो ना नज़र से नज़ारिया (4*)🎶🎶🎶
दिया अदा से आगे आती हुई डांस करती है और साथ में गाना भी गा रही थी। जो लड़कियाँ उसके आस-पास थीं, वह दिया को फॉलो कर रही थीं। वहाँ सभी बच्चे बड़े ही दिया को देख रहे थे। दिया एकदम परफेक्ट डांस कर रही थी, ऊपर से उसके हर एक मूव दीप की जान निकालने के लिए काफी थे। दिया बिना मेकअप के भी एकदम अप्सरा लग रही थी। जय की भी नज़र दिया से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी। वह भी एक टक दिया को ही देख रहा था। तभी उसके दिमाग़ में कुछ आया और उसने फ़ोन निकालकर दिया की वीडियो बनानी स्टार्ट कर दी।
🎶🎶अब दो फेरी के पीछे ना भागूँगी धूम धूम🎶🎶 अब की बारिश में बैरी ना भींगूँगी चम चम🎶🎶
दिया फिर अपने बालों में हाथ लगाकर आगे के लिरिक्स गाती है।
🎶🎶अपनी छोटी में जुगनू मैं कस लूँगी चम चम 🎶🎶🎶🎶
तोड़ी अटारिया (2*) लाखूँगी ना तोड़ी अटारिया
तोड़ी अटारिया (2*) माँगूँगी ना तोड़ी चाइया 🎶🎶
दिया अपनी एक आँख पर हाथ रखकर आगे गाती है।
🎶🎶फेरो ना नज़र से नज़ारिया (4*)
दिया की आवाज़ इतनी मधुर और प्यारी थी, सब उसके डांस और आवाज़ में ही खो गए थे। सभी वहाँ उसे बिना पलक झपकाए देख रहे थे। दीप ने तो जैसे साँस लेना ही भूल गया था। वह दिया में इतना खो गया कि धीरे-धीरे चलते-चलते दिया की तरफ़ बढ़ने लगा। जय ने देखा तो वह भी दीप के पीछे जाने लगा। वह तो हैरान था अपने बॉस को देखकर।
🎶🎶फेरो ना ही रे नज़ारिया रे (3*)
दिया घूमने लगती है।
फेरो ना ही रे नज़ारिया रे🎶🎶
गाना ख़त्म हो जाता है और दिया रुक जाती है। दिया जैसे ही रुकती है, दीप उसके सामने खड़ा हो जाता है। सभी बच्चे दीप को घूरने लगते हैं और दिया जैसे ही अपनी नज़र ऊपर करने वाली होती है, तभी पीछे से एक बॉडीगार्ड आता है और दिया के कान में बोलता है: "मैम, आपके डैड का फ़ोन है।"
दिया दीप को ना देखकर बॉडीगार्ड की तरफ़ देखती है और अपना फ़ोन लेकर दूसरी तरफ़ चली जाती है।
दीप ने जब यह देखा, दिया ने उसकी तरफ़ आँख उठाकर भी नहीं देखा। उसकी आँखें सख्त हो जाती हैं और अपने हाथों की मुट्ठियाँ बना लेता है और सख्त नज़रों से बॉडीगार्ड को देखता है। एक पल के लिए तो बॉडीगार्ड के पसीने आ जाते हैं माथे पर। वह दीप को इग्नोर करके दिया के पीछे चला जाता है।
जय दीप को ही देख रहा था। उसने डरते हुए बोला: "बॉस, जल्दी से बच्चों को गिफ्ट दीजिए फिर हमें मि. बजाज के साथ मीटिंग करनी है।"
दीप जय की तरफ़ एक कोल्ड लुक देता है और फिर दिया को देखते हुए बोला: "कैंसिल कर दो मीटिंग। आज मेरी किट्टी यहाँ आई है, मुझे उसके साथ टाइम स्पेंड करना है।"
जय हैरान हो जाता है और हकलाते हुए बोला: "पर बॉस, आपने तो आज तक कोई मीटिंग कैंसिल नहीं की।"
दीप बिना देखे बोला: "आज कर रहा हूँ ना, और नो मोर क्वेश्चन। जितना कहा है उतना करो।"
जय "ओके बॉस" बोल देता है। वह फ़ोन में कुछ देर कुछ करता है फिर दीप की तरफ़ देखकर बोला, "बॉस डन।" फिर जय बोला: "वैसे बॉस, मैंने मैम की वीडियो बना ली है। आपको भेज रहा हूँ, देख लीजिएगा।"
दीप खुशी से जय की तरफ़ देखता है और उसे हग कर लेता है। वह खुश होते हुए बोला: "बहुत अच्छे।"
जय भी हैरान हो जाता है। उसने यह सोचा भी नहीं था कि वह उसे हग कर लेगा एक वीडियो के चक्कर में। जय हँसते हुए बोला: "बॉस लोग हम दोनों के बारे में गलत समझेंगे और दिया भाभी भी देखकर कहीं गलत ना समझ लें।"
दीप उसे जल्दी से अलग होते हुए बोला और घूरते हुए बोला: "बकवास बंद कर, मेरी किट्टी ऐसी नहीं है।"
दिया फ़ोन पर बात करके वापिस आती है और अपने बॉडीगार्ड की तरफ़ देखते हुए बोली: "कार निकालो, हम निकल रहे हैं।"
फिर वह सभी बच्चों के पास आती है और अपनी प्यारी आवाज़ में बोलती है: "बच्चों, आज के लिए इतना ही। हमने आज बहुत मस्ती की है। अब मुझे घर जाना है। मैं फिर कभी आऊँगी।"
दिया की बात सुनकर सभी दुखी हो गए। तभी दिया के पास छोटी आई और उसने अपने हाथ फैलाते हुए बोली: "गौड़ ले दिया दीदी।"
दिया झुककर उसे गोद में उठा लेती है और प्यारी आवाज़ में बोली: "मेरा बच्चा रो क्यों रहा है?"
छोटी रोते हुए बोली: "दिया दीदी, थोड़ी देर और रुक जाओ ना प्लीज़।"
दिया उसके आँसू साफ़ करते हुए बोली: "अगर आपकी दिया दीदी अभी नहीं गई तो फिर कभी नहीं आएंगी। मुझे डाँट पड़ेगी अगर मैं अभी नहीं गई तो। मैं नेक्स्ट टाइम जल्दी आऊंगी। फिर पूरा दिन हम सब मस्ती करेंगे। और वैसे भी हम सब ने बहुत मस्ती की है आज।" इतना कहकर वह छोटी को गोद से उतारकर सबकी तरफ़ देखती है, फिर धानी को इशारे से बुलाती है।
दिया धानी से बोली: "मैं जा रही हूँ। डैड का फ़ोन था। तुम सबको गिफ्ट दे देना और अपना ख़्याल रखना। मैं जल्दी फिर आऊँगी, ठीक है?" इतना कहकर दिया धानी को हग कर लेती है।
दीप दिया को ही देख रहा था और उसकी सारी बातें सुन रहा था। वह जैसे ही उसके पास जाने लगता है, सभी बच्चे एक साथ उसकी तरफ़ भागते हुए बोले: "दीदी, एक-एक फ़ोटो प्लीज़, फिर आप चली जाना।"
दिया प्यारी स्माइल के साथ बोली: "ये भी कोई कहने की बात है? चलो आ जाओ सब।" फिर उन सब के साथ फ़ोटोज़ क्लिक करने लगती है। दीप दूर से खड़ा उन सभी बच्चों को घूर रहा था। तभी उसकी आँखें एकदम से गहरी हो गईं, उसका फ़ेस डार्क हो गया था। जय ने जब देखा दीप को, उसके पसीने आने लगे, क्योंकि दिया को सभी बच्चे किस कर रहे थे, कभी उसके गाल पर तो कभी उसके फॉरहेड पर। और दिया भी उनके गाल पर किस कर रही थी। फिर उन सबको बाय बोलकर अनाथ आश्रम के बाहर जाने लगती है।
दीप उसके पीछे जाता है। वह दिया के पास जैसे ही पहुँचता है, दिया का फ़ोन रिंग करने लगता है। दिया कॉल पिक कर लेती है। तभी दूसरी साइड से कव्या बोली: "दिया, क्या कर रही है?"
दिया चलते हुए बोली: "कुछ नहीं, घर जा रही हूँ।" दीप दिया के पीछे-पीछे चल रहा था और दिया की बात सुन रहा था। दिया अपनी ही धुन में थी और कव्या से बात कर रही थी।
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट ❤️🙏🏻
अब आगे...
अनाथ आश्रम।
दीया फ़ोन पर काव्या से बात करते हुए चल रही थी, तभी उसे लगा कि कोई उसके पीछे है। वह एकदम से रुक गई और काव्या से बोली, "एक सेकंड होल्ड कर, तू।" इतना कहकर वह पीछे पलटकर देखती है तो उसकी आँखें छोटी हो जाती हैं क्योंकि उसके पीछे-पीछे दीप चल रहा था। जब दीप दीया को रुकता हुआ देखता है तो उसके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आ जाती है। वह अपने चेहरे पर स्माइल लिए दीया को ही देख रहा था।
फ़ोन की दूसरी साइड से काव्या बोली, "तेरा एक सेकंड ख़त्म हो गया, दीया। बोल कुछ आगे-आगे।"
दीया काव्या की बात का जवाब देते हुए बोली, "मैं तुझे घर पहुँचकर बात करती हूँ।"
काव्या जल्दी से बोली, "तू ये बता मुझे बिना बताए तू आश्रम कैसे चली गई?"
दीया इरिटेट होते हुए बोली, "पैरों से। और वैसे भी मैंने तुझे कॉल भी किया था और मैसेज भी किया था। फ़ोन चेक कर अपना।"
काव्या मुँह बनाकर बोली, "तो मैं सॉरी थी। मैंने चेक नहीं किया।"
दीया अपने माथे पर हाथ रखते हुए बोली, "तो इसमें मेरी गलती है? ये सब छोड़, मैं बाद में बात करती हूँ।"
काव्या जल्दी से बोली, "तू घर भी तो आ सकती थी मेरे..."
दीया थोड़े गुस्से में बोली, "तू सो रही थी इसलिए मैंने तुझे सोने दिया। अब तो फ़ोन रख, बाद में बात करती हूँ ना।" इतना कहकर दीया ने बिना काव्या की बात सुने कॉल काट दी।
दीया दीप की तरफ़ देखती है जो उसे स्माइल करते हुए देख रहा था। दीया ने एक आईब्रो उठाते हुए पूछती है, "कुछ काम है आपको?"
दीया का यूँ नॉर्मल बिहेव देखकर दीप को अजीब लगता है। वह मन में बोला, "ये मुझसे इतने नॉर्मल तरीके से बात कर रही है। मुझे तो लगा मुझे देखते ही लड़ने लगेगी।"
दीया दीप के आगे हाथ हिलाते हुए बोली, "मैं आपसे ही पूछ रही हूँ, कहाँ खो गए जनाब?"
दीप अपनी सोच से बाहर आते हुए बड़ी सी स्माइल करते हुए बोला, "क्या तुम भूल गई मुझे?"
दीया अजीब नज़ारों से देखते हुए बोली, "क्या हम पहले कभी मिले हैं?"
दीप हैरानी से दीया को देखता है। उसके पीछे जय भी खड़ा था। जय भी हैरान हो जाता है। दीप अपने होठों के कोने मोड़ लेता है, फिर रुक के बोला, "लगता है आपकी याददाश्त बहुत कमज़ोर है।"
दीया कुछ पल रुककर बोली, "नहीं, मेरी याददाश्त एकदम ठीक है।" दीया इसे आगे कुछ बोलती उससे पहले उसका फ़ोन वाइब्रेट करने लगता है।
दीया आँखें छोटी करते हुए कॉल पिक करती है और एक नज़र दीप को देखकर वहाँ से चली जाती है। दीप उसे ऐसे बिना उसकी बात सुने चले जाने से चिढ़ जाता है और उसके पीछे जाने लगता है। दीया अपनी कार में बैठ जाती है और कार स्टार्ट करने के लिए बोल देती है। दीप जैसे ही कुछ बोलने वाला होता है, तब तक दीया की कार वहाँ से निकल चुकी थी।
दीप गुस्से में बोला, "इस लड़की की हिम्मत कैसे हुई मुझे इग्नोर करने की? और ये इतनी जल्दी मुझे भूल भी गई। ये तुमने अच्छा नहीं किया, दीया राजपूत। कई लड़की पागल हैं मेरे पीछे और तुम इतना भाव खा रही हो। वेल, मेरी पसंद है, थोड़ा तो भाव खाना बनता है।" ये बोलकर दीप मुस्कुराने लगा।
तभी पीछे जय बोला, "बॉस, अब घर जाना है या ऑफ़िस?"
दीप दीया की कार को देखते हुए बोला, "घर चलो। आज वैसे भी दिन अच्छा है मेरा। मैंने अपनी किटी को देखा। वो सूट में कितनी सुंदर लगती है। हाये ❤️ उसकी अदा मेरी तो जान ही निकालने वाली थी।" दीप अपने दिल पर हाथ रखते हुए ये सब बोल रहा था और उसकी बातें सुनकर जय को झटके पर झटके लग रहे थे। उसने "ओके बॉस" कहकर कार ले आता है। दीप वहाँ से निकल जाता है।
दीया की कार...
दीया गुस्से में फ़ोन को घूर-घूरकर देख रही थी। वह धीरे से बोली, "ये दादा को क्या हो गया है? इतना गुस्सा क्यों कर रहे हैं? ऐसा भी क्या कर दिया मैंने?"
दीया की कार राजपूत मेंशन में रुकती है और कार से उतरकर वह मेंशन में चली जाती है। वह जैसे ही गेट से लिविंग एरिया में देखती है उसके शकल के एक्सप्रेशन बदल जाते हैं। वह मन में बोली, "भाभी तो कह रही थी ये दोनों माँ-बेटी कुछ दिनों में आएंगी। इतनी जल्दी यहाँ कैसे टपक गईं?"
दीया हाल में पड़े सोफ़े पर बैठ जाती है और तेज़ आवाज़ में बोली, "भाभी, एक ग्लास पानी लाना फिर..."
दीया सामने देखते हुए बोली, "नमस्ते बुआ, नमस्ते रुही दीदी।"
तभी दीया की बुआ, सविता बोली, "नमस्ते बेटा। कैसी हो? और रात के 7 बज रहे हैं। कहाँ थी तुम अभी तक?"
दीया सोफ़े पर लेटते हुए अपने फ़ोन में देखते हुए बोली, "बुआ, वो मैं अनाथ आश्रम गई थी।"
सविता का मुँह बन गया। वो दीया को टॉंट मारते हुए बोली, "हाँ, तुम्हारे दादा कमाते हैं और तुम उन अनाथ बच्चों पे पैसा उड़ाती हो।"
दीया उनको सख्त नज़रों से देखते हुए बोली, "बुआ, अगर कुछ अच्छा नहीं बोल सकती हैं आप तो कुछ बुरा भी मत बोलिए मेरे बच्चों के बारे में। और मेरे दादा के पास बहुत पैसा है और इसे अच्छा आपसे ज़्यादा कोई जान सकता है। आफ्टर ऑल वो पैसा आपके पास भी जा रहा है।"
तभी दीया की दादी गुस्से में बोली, "दीया, तमीज़ भूल गई हो क्या तुम? बुआ हैं तुम्हारी। ये क्या तमीज़ है अपनी बुआ से बात करने की?"
दीया इनोसेंट सी शकल बनाकर बोली, "दादी, मैंने कुछ गलत नहीं बोला। मैं तो चुप बैठी थी। बुआ ही मेरे बच्चों के बारे में अनर्गल बोल रही हैं।"
फिर थोड़ा रूड वॉइस में बोली, "आप बुआ को समझा दीजिए कि मेरे बच्चों के बारे में उन्हें बोलने का कोई हक़ नहीं है।"
तभी बीच में रुही गुस्से में बोली, "तुम मॉम से ऐसे बात नहीं कर सकती, दीया। और इतनी हमदर्दी उन अनाथ बच्चों से..."
दीया सार्कैस्टिकली बोली, "हमदर्दी तो मुझे आपके बच्चों से भी है क्योंकि आपसे ज़्यादा उन्हें बुआ संभालती हैं। वरना आपने तो अपने बच्चों को पैदा करके छोड़ दिया है बुआ के बाद। वो मुझे बहुत अच्छे से जानते हैं।"
रुही गुस्से में खड़ी होती है और दीया को उंगली पॉइंट करते हुए बोली, "माइंड योर टंग, दीया। बहुत ज़्यादा ही बोलने लगी हो तुम। कोई अपनी बड़ी बहन से ऐसे बात करता है?"
दीया भी खड़ी होते हुए नॉर्मली बोली, "मुझे आपसे इस टाइम कोई बहस नहीं करनी। और आगे से मेरे मामले में बोलने की आपको दोनों को ज़रूरत नहीं है। अगर आप चाहती हैं मैं आपसे सीधे मुँह बात करूँ तो आप भी अपनी लिमिट में रहकर मुझे बात किया करो।" इतना कहकर दीया अपने रूम में जाने लगती है।
तभी रीना उसके लिए पानी लेकर आती है। दीया पानी पीकर अपने रूम में जाते हुए बोली, "भाभी, एक चाय भेज देना मेरे रूम में। सर दर्द हो रहा है।" रीना "हाँ" कहकर किचन में चली जाती है और दीया अपने रूम में...
सविता अपनी माँ की तरफ़ देखती है जो दीया को जाते हुए देख रही थी। वो निराश होते हुए बोली, "पता नहीं क्या हो गया है मेरी बच्ची को। पहले कभी इस तरह बिहेव नहीं करती थी।"
सविता गुस्से में बोली, "आप लोगों ने दीया को सर पर चढ़ा रखा है, माँ। देखा ना आपने कितनी बदतमीज़ी से बात करके गई है हम दोनों से।"
रुही भी अपनी माँ का साथ देते हुए बोली, "हाँ, नानी। दीया बहुत बदल गई है।"
कल्याणी (दीया की दादी) थोड़ा गुस्से में बोली, "गलती तुम दोनों माँ-बेटी की है। क्या ज़रूरत थी तुम दोनों को अपनी चोंच चलाने की? हमारी बेटी बाहर से थकी-हारी आई है और तुम दोनों माँ-बेटी उसे सुनने लगीं। और क्या ही गलत किया उसने अनाथ आश्रम जाकर? उसे वहाँ जाकर खुशी मिलती है। और जो हाल हमारी आज दीया का है, उसके पीछे तुम दोनों का सबसे बड़ा हाथ है। आगे से मेरी बच्ची को कुछ बोला ना, मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। जाओ दोनों जाकर फ़्रेश हो जाओ। डिनर के लिए फिर नीचे आ जाना।" इतना कहकर दादी अपने रूम में चली जाती है।
सविता और रुही वहाँ बैठी दीया को कोस रही थीं। रुही गुस्से से बोली, "मॉम, ये दीया कुछ ज़्यादा ही नहीं बोलने लगी? और कोई कुछ कहता भी नहीं है। अब तो नानी ने भी आज हमसे ऐसे बात की।"
सविता गुस्से में उसे देखती है और अपनी जगह से खड़ी होते हुए बोली, "जो हो रहा है तेरी वजह से हो रहा है। चल यहाँ से। तेरे बच्चे तो रो रहे होंगे।"
रुही मुँह बनाते हुए बोली, "इसमें मेरी क्या गलती, माँ? मैंने उस ध्रुव से थोड़ा ना कहा था कि दीया को धोखा दे..."
सविता एक नज़र देखती है, वहाँ से चली जाती है। रुही भी पैर पटककर अपने रूम चली जाती है।
कुछ देर बाद रीना चाय का कप दीया के रूम में लेकर आती है। वो दीया को देखती है जो चेंज करके अपने बेड पर बैठी फ़ोन चला रही थी। रीना प्यार से बोली, "दीया दीदी, चाय।"
दीया अपनी नज़र उठाकर देखती है, फिर एक स्माइल करते हुए बोली, "थैंक्स भाभी। चाय की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी मुझे। बैठो ना भाभी।"
रीना दीया के पास आकर उसे चाय देती है और बेड पर दीया के सामने बैठ जाती है। रीना उसे देखते हुए बोली, "दीदी, आप ठीक हैं ना?"
दीया मुस्कुराते हुए बोली, "हाँ भाभी। मुझे क्या होगा फिर?" चाय की एक सिप लेती है फिर खुशी से बोली, "हाय भाभी, आप सच में ग्रेट हो। बहुत अच्छी चाय बना रखी है। वैसे खाने में क्या बना है? मुझे बहुत भूख लगी है।"
रीना स्माइल करके बोली, "आज आपकी पसंद का खाना बना है दीदी। आप चाय पीकर थोड़ी देर में नीचे आ जाना। ठीक है?"
दीया प्यार से बोली, "ठीक है भाभी। और थैंक्स वन्स अगेन चाय के लिए।"
रीना मुस्कुराकर रूम से चली जाती है। दीया चाय पीकर अपना फ़ोन साइड में रखकर लेट जाती है। तभी उसके रूम में रुही आती है। उसके गोद में एक बच्ची थी जो रो रही थी। रुही परेशान होते हुए बोली, "दीया, देख ना पिहू चुप नहीं हो रही।"
दीया जो आँख बंद करके लेटी थी वो एकदम से उठ जाती है और रुही को देखते हुए बोली, "क्या हुआ दीदी?"
रुही परेशान होते हुए बोली, "पिहू चुप नहीं हो रही।"
दीया अपने हाथ आगे बढ़ाकर बोली, "लाओ पिहू को मुझे दे दो। आप में इसे संभाल लूँगी।"
रुही उसे पिहू को दे देती है और खुश होते हुए बोली, "थैंक्स दीया।" इतना कहकर वो वहाँ से चली जाती है।
दीया ना में सर हिला देती है और रोती हुई पिहू को लेकर खड़ी हो जाती है। उसे पूरे रूम में टहलकर चुप करवा रही होती है। थोड़ी देर में पिहू चुप हो जाती है और दीया की गोद में सो जाती है।
तभी उसके रूम में निशी आते हुए बोली, "दीदी, चलो सब डिनर के लिए बुला रहे हैं आपको।"
दीया उसे देखते हुए बोली, "हाँ, चलो।" वो निशी के साथ डाइनिंग एरिया में आ जाती है।
दीया पिहू को रुही को देते हुए बोली, "रुही दी, पिहू सो गई है। आप इसे ले लो।"
रुही गहरी साँस ले कर बोली, "शुक्र है ये सो गई। वरना जबसे यहाँ आई है रोये जा रही थी।"
दीया अपनी चेयर पर बैठ जाती है। वहाँ सभी एक-एक करके अपनी जगह पर बैठ जाते हैं। रीना सबको खाना सर्व कर रही थी।
दीया उसे देखते हुए बोली, "भाभी, आप भी बैठ जाओ। खाना सर्वेंट सर्व कर देंगे।"
तभी सविता बोली, "घर की बहुएँ सबके खाने के बाद खाना खाती हैं।"
दीया आँखें छोटी करते हुए बोली, "और ये कहाँ लिखा हुआ है बहुएँ सबके बाद खाना खाएँगी? और पहले की बात अलग थी और अब की बात अलग।"
फिर दीया रुही को तरफ़ देखते हुए बोली, "रुही दीदी, आप भी ऐसा करती हैं? सबके बाद खाती हैं खाना अपने ससुराल में?"
रुही जो खाना खाते हुए फ़ोन चला रही थी वो बेपरवाही से बोली, "नहीं, मेरे ससुराल में ऐसा कुछ नहीं है। और मॉम, दीया सही कह रही है। आप भी कौन सा अपने ससुराल में सबके बाद खाती हो?"
दीया स्माइल करते हुए बोली, "सुन लिया ना बुआ?"
सविता गुस्से में दीया को देखती है फिर खाना खाने लगती है। सविता कुछ सोचकर एक ईविल स्माइल करती है और दीया के दादा, राजवीर से बोली, "भैया, मैं क्या कह रही थी? दीया अब 22 की हो गई है। इसकी शादी करवा दो। मेरी रुही ने तो कम उम्र में ही अपना ससुराल संभाल लिया।"
प्लीज़ लाइक एंड कमेंट ❤️🙏🏻
अब आगे...
रात का समय/राजपूत मेंशन
दीया जो अपना खाना आराम से खा रही थी, उसने अभी दो ही निवाले खाए थे कि अपनी बुआ की बात सुनकर उसकी आँखें एकदम से सख्त हो जाती हैं और उसका चेहरा काला पड़ जाता है। वह नज़र ऊपर करके सविता को देखती है और सारे घर के सदस्य पहले दीया को देखते हैं फिर सविता को। दीया अपने पिता राजवीर की तरफ देखती है। राजवीर आँखों से शांत रहने का इशारा करते हैं। दीया चुप बैठ जाती है और खाना छोड़कर अपनी बुआ को देखने लगती है।
राजवीर सीरियस होते हुए बोले: सविता अभी दीया की पढ़ाई चल रही है और कल से वह ऑफिस भी जॉइन कर रही है और जब तक दीया खुद नहीं कह देती शादी की, तब तक हम उसे कोई फोर्स नहीं करेंगे शादी के लिए।
सविता सार्कैस्टिकली बोली: ओहो भैया ये क्या बात हुई? दीया एक लड़की है और इतनी कम उम्र में कहाँ इसके बस की है ऑफिस संभालना? और कब तक उस लड़के के चक्कर में ऐसे रहेगी? देखो ना कितनी बदल गई है हमारी दीया। ना किसी से बात करती है ढंग से और अकेली रहती है।
दीया गुस्से में बोली: बुआ आप चाहती क्या हैं? या फिर जानबूझकर ये हरकतें करती हैं? और मेरी शादी की आपको क्यों इतनी चिंता हो रही है? और मुझे समझ नहीं आता कि आप सब को मैं कहाँ से बदली हुई लग रही हूँ? हर कोई मेरे पीछे हाथ धोकर पड़ गया है।
सविता भोली शक्ल बनाकर बोली: बेटा मैं तो तेरी भलाई के लिए बोल रही थी और रुही ने भी तो कम उम्र में शादी कर ली थी ना?
तभी रुही टपाक से बोली: हाँ दीया, मॉम सही कह रही है और कब तक ध्रुव के चक्कर में अपनी ज़िंदगी बर्बाद करोगी?
दीया सार्कैस्टिकली बोली: कोई ज़रूरत नहीं है मेरी भलाई करने की और मैं जानती हूँ कितनी भलाई करने वाली हैं आप दोनों माँ-बेटी।
तभी राजवीर थोड़े गुस्से में बोले: बंद करो! क्या बच्चों की तरह बहस कर रहे हो तुम लोग? और दीया, ये क्या तमीज है अपनी बुआ से बात करने की?
सविता भोली बनते हुए बोली: भैया मैं तो बस दीया की भलाई के लिए ही कह रही थी। रुही ने भी तो... इससे आगे सविता कुछ बोलती...
दीया ने बीच में उन्हें रोकते हुए बोली: सब जानते हैं रुही ने कैसे शादी की है। आप मेरा मुँह मत खुलवाइए बुआ।
रुही गुस्से में बोली: दीया, तमीज़ भूल गई हो तुम? और मैंने जैसे भी शादी करी, कम से कम मैं अपना घर बसाकर बैठी हूँ। घर-गृहस्थी संभाल रखी है मैंने।
दीया फेक स्माइल के साथ बोली: ओह रियली रुही दी? 24 घंटे तो आप यहाँ पड़ी रहती हो जब भी आप जीजा से लाड़ के आती हो। मैंने तो सुना आप डिवाॅर्स लेने वाली हो। क्या फ़ायदा हुआ आपका भागकर शादी करने का? प्यार ने धोखा दे दिया और मैंने देख ली आपकी घर-गृहस्थी। बहुत अच्छे से बसा रखी है आपने।
सविता और रुही एक साथ चिल्लाते हुए बोलीं: दीया, हद में रहो!
राजवीर गुस्से में टेबल पर हाथ मारते हुए बोले: बस करो तुम सब! और दीया, तुम अभी के अभी माफ़ी माँगो रुही और सविता से।
दीया भी गुस्से में बोली: सॉरी डैड, लेकिन ये तो मैं नहीं करने वाली। आज जो आप सब को लगता है ना मैं बदल गई हूँ, जो कि ऐसा कुछ भी नहीं है। अगर है भी तो इन दोनों माँ-बेटी की वजह से हूँ मैं ऐसी। आज तक मैंने कभी किसी को उल्टा जवाब नहीं दिया, पर उन्होंने हदें पार कर दीं। अपने फ़ायदे के लिए उस ध्रुव से शादी करवाने की सोची ताकि ये हमारी प्रॉपर्टी में हिस्सा ले सकें और इतना सब कुछ करने के बाद भी आप ऐसे रिएक्ट करते जैसे कुछ हुआ ही नहीं। बट आई एम सॉरी डैड, मैं आपकी तरह महान नहीं हूँ। कितना प्यार था मुझे बुआ दीदी से, उन्होंने अपने फ़ायदे के लिए मेरा इस्तेमाल किया। इससे आगे मैं कुछ नहीं बोलूँगी और आई एम सॉरी, मेरी वजह से सबका मूड खराब हुआ। तो अगर इतनी ही बोझ लग रही हूँ आप सब को तो यहाँ से दूर भेज दीजिए मुझे। इतना कहकर दीया अपने रूम में चली जाती है।
किर्ती जैसे ही दीया के पीछे जाने लगती है, राजवीर उन्हें रोकते हुए बोले: रहने दो किर्ती, उसे कुछ देर अकेला छोड़ दो।
किर्ती परेशान होते हुए बोली: पर भैया साहब, उसने खाना नहीं खाया है।
राजवीर बिना एक्सप्रेशन के साथ बोले: टेंशन मत लो, वह भूखी नहीं सो सकती कभी। उसने खाना अवॉइड किया। जब भूख लगेगी खा लेगी। और सविता, तुम अगर आगे से तुम दीया के बारे में कुछ भी बोली तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। मुझे पता है मुझे कब क्या करना है।
ये सब ड्रामा देखकर कल्याणी जी भी गुस्से में बोलीं: मैंने तुमसे शाम को ही बोला था ना, हमारी बच्ची से दूर रहो। तुम समझती क्या हो दोनों माँ-बेटी खुद को?
कल्याणी जी की बात सुनकर रुही गुस्से में बोली: नानी और मामा जी, अगर आपको लोगों को हमारा यहाँ आना पसंद नहीं है तो मैं और मॉम यहाँ कभी नहीं आएंगी।
तभी राजवीर कोल्ड वॉइस में बोला: ओके फाइन, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। राजवीर की बात सुनकर कार्तिक, देव, निशी और रीना मुँह दबाकर हँसने लगे।
देव धीरे से बोला: क्या बात है? पहले दीया ने और अब बड़े पापा ने इनकी बुरी कर दी।
सविता शॉक हो गई अपने भाई की बात सुनकर। तभी वह रुही को डाँटते हुए बोली: चुप कर नालायक लड़की! दीया ने जो भी कहा सही कहा।
रुही अपनी माँ को देखती है और पैर पटक कर वहाँ से रूम में चली जाती है। सविता जल्दी से बोली: भैया आप रुही की बात को सीरियस मत लेना, वह बच्ची है, उसे पता नहीं है कब क्या बोलना होता है और मैं दीया से खुद माफ़ी माँगूंगी।
राजवीर कोल्ड वॉइस में बोला: कोई ज़रूरत नहीं है। बस उससे दूर रहो। अगर मेरी बेटी को इस बार तुम्हारी वजह से फिर से हर्ट हुआ, मैं तुमसे सारे रिश्ते-नाते तोड़ दूँगा। इतना कहकर वह भी वहाँ से चले गए।
तभी केशव सविता को देखते हुए सीरियस वॉइस में बोले: दीदी, कम से कम खाने के टाइम तो अपना मुँह बंद कर लिया करो। आप जानती हैं दीया इस घर की जान है, सबकी लाड़ली है। अगर उसे कुछ हो गया ना हम में से कोई आपको माफ़ नहीं करेगा। वैसे भी आपकी ही वजह से दीया को इतना रूड बना दिया है। उसे अब किसी चीज़ से फ़र्क ही नहीं पड़ता। कहाँ शांत रहने वाली लड़की अब 24/7 घंटे नाक पे गुस्सा लेकर घूमती है। तो प्लीज़ दूर रहिए हमारी बच्ची से। इतना कहकर वह भी वहाँ से चले गए।
धीरे-धीरे सब अपने रूम में चले गए। निशी जैसे ही दीया के रूम में जाने लगी, देव ने उसे पीछे से आवाज़ लगाई। निशी ने मुड़कर देखा तो देव ने बोला: निशी आज उसे अकेला छोड़ दो। कल जाना उसके पास। कल हम सब मिलकर उसका मूड ठीक कर देंगे। निशी ने हाँ में गर्दन हिला दी और अपने रूम में चली गई।
टेरेस
दीया छत पर खड़ी चाँद को देख रही थी, तभी उसके पीछे से किसी ने उसके गाल पर हाथ रखा। दीया ने बिना उस शख्स को देखे बोली: कार्तिक भैया, आप सोये नहीं?
कार्तिक दीया के साइड में खड़ा होता हुआ बोला: गुस्सा शांत हुआ तुम्हारा?
दीया बिना किसी इमोशन के बोली: हम्म, हो गया।
कार्तिक दीया का मूड ठीक करते हुए बोला: वैसे क्या मुँह तोड़ जवाब दिया है तूने उन दोनों माँ-बेटी को?
दीया इमोशनलेस फ़ेस के साथ कार्तिक को देखते हुए बोली: मैं ये सब नहीं करना चाहती थी भैया, पर वो लोग मुझे प्रोवोक कर रहे थे। मैं ऐसी नहीं हूँ, दूसरों की बेइज़्ज़ती करके खुद महान बन जाऊँ। पर जब मेरा गुस्सा आउट ऑफ़ कंट्रोल हो जाता है और मुझे खुद नहीं पता मैं क्या बोल देती हूँ। मैं खुश नहीं हूँ बुआ के साथ ऐसा बिहेव करके, पर जब भी उन दोनों को देखती हूँ मुझे पुरानी सारी बातें याद आ जाती हैं। खैर, जाने दीजिए ये सब। मैं सोने जा रही हूँ, आप भी सो जाओ।
कार्तिक दीया के फोरहेड पे किस करते हुए बोला: सब ठीक हो जाएगा।
दीया स्माइल करके हाँ में सर हिलाकर वहाँ से चली जाती है। कार्तिक भी एक नज़र चाँद को देखता है फिर अपने रूम में चला जाता है।
रीना रूम में बैठी थी दीया के बारे में सोच रही थी, तभी कार्तिक रूम आता है। रीना को कहीं खोये हुए देखकर बोला: कहाँ खोई हुई हो?
रीना कार्तिक की तरफ़ देखती है और परेशान भरी आवाज़ में बोली: दीया दीदी का गुस्सा शांत हुआ?
कार्तिक रीना को हग करते हुए बोला: हाँ, तुम ज़्यादा मत सोचो। मेरी बहन इतनी कमज़ोर नहीं है। ये बताओ छोटा सीताण कहाँ है?
रीना थकी आवाज़ में बोली: मैंने सुला दिया उसे।
कार्तिक नॉट स्माइल के साथ बोला: क्या बात है? चलो थोड़ा रोमांस हो जाए। वो रीना को किस करने लगता है।
रीना उसे दूर करते हुए बोली: यहाँ घर में क्लेश हो रहा है और आपको रोमांस की सूझ रही है।
कार्तिक आई रोल करते हुए बोला: ओह कम ऑन यार! जब भी बुआ आती है ये ही होता है। मुझे इन सब की आदत हो गई है। अब क्लेश के चक्कर में अपनी बीवी को प्यार करना तो नहीं छोड़ सकता और वंश के लिए छोटा भाई-बहन भी तो लाना है। कब तक अकेला खेलेगा?
रीना आँखें छोटी करते हुए बोली: बकवास बातें बंद करो और मैं कुछ नहीं करने वाली। ये अकेला सीताण पूरे दिन मुझे परेशान करके रखता है। इसके जैसा एक और आ गया तो जीना हराम हो जाएगा मेरा।
कार्तिक आँखें छोटी करते हुए बोला: तुम कौन सा वंश को संभालती हो? पूरे दिन रो, चाची, दादी, देव, निशी उसे खिलाते हैं और ज़्यादा टाइम दीया के पास रहता है। तुम्हें कब परेशान करता है?
रीना दाँत दिखाते हुए बोली: मुझे नींद आ रही है, मुझे सोने दो। मुझे बहुत से काम होते हैं, मैं थक जाती हूँ।
कार्तिक उसे घूरता हुआ बोला: ड्रामा करना बंद करो जान। मुझे पता है तुम्हें नींद नहीं आ रही। अब चुपचाप मुझ पर फ़ोकस करो। इतना कहते ही कार्तिक रीना को सॉफ्टली किस करने लगता है। रीना भी अब कुछ नहीं कहती, वह भी उसका साथ देने लगती है। उसे पता था उसका ये प्यारा पति देव उसे छोड़ेगा नहीं।
दीया अपने रूम की तरफ़ जा रही थी, तभी उसका फ़ोन रिंग करता है। स्क्रीन पर फ़्लैश हो रहा नाम देखकर दीया के फ़ेस पर छोटी सी स्माइल आ जाती है। वह कॉल पिक करके बोली: हाँ बोल कव्या, मैं तुझे ही याद कर रही थी।
कव्या गुस्से में बोली: आश्रम से घर अभी तक नहीं पहुँची दीया? तू कितनी बदल गई है! पहले मेरे बिना कहीं आती-जाती नहीं थी। 24/7 घंटे मेरे पास रहती थी और कितना कॉल करती थी। लेकिन अब तू मुझे भूलती जा रही है। बहुत बदल गई है तू।
दीया जो अभी तक उसका मूड थोड़ा नॉर्मल हो गया था, कव्या की बात सुनकर उसका दिमाग खराब हो गया। वह गुस्से में बोली: चुप! एकदम चुप! एक और बार बोला ना बदल गई हूँ तो आई स्वेअर मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। और हाँ, तुझे भी सबकी तरह लगता है मैं बदल गई हूँ तो बात करना छोड़ दे मुझसे। किसी की ज़रूरत नहीं है मुझे।
कव्या दीया को इतने गुस्से में देखती है तो परेशान हो जाती है। वह सॉफ्ट वॉइस में बोली: क्या हुआ दीया? इतने गुस्से में क्यों है?
दीया गुस्से में बोली: कल बात करते हैं, मूड नहीं है मेरा और मैं नहीं चाहती गुस्से में तुझे कुछ ऐसा बोल दूँ जिससे तू हर्ट हो जाए। इतना कहकर कॉल कट कर देती है।
अब तक दीया अपने रूम आ जाती है और डोर लॉक करके बेड पर पेट के बल लेट जाती है और धीरे से बड़बड़ाती है: डोंट क्राई, डोंट क्राई, डोंट क्राई।
तभी उसके कानों में एक आवाज़ आती है...
प्लीज़ 🙏🏻 सपोर्ट, लाइक, कमेंट, शेयर ❤️