ये कहानी है कार्तिक सिंघानिया और कनक की,, जहाँ कनक के लिये कार्तिक उसका बचपन का प्यार था,, वहीं कार्तिक के लिये कनक सिर्फ उसकी नफरत थी,,, जिससे वो बचपन से ही नफरत करता आया था,,, ऐसे मैं जब कार्तिक अपने प्यार जूही से शादी करने जा रहा था,, तभी शादी व... ये कहानी है कार्तिक सिंघानिया और कनक की,, जहाँ कनक के लिये कार्तिक उसका बचपन का प्यार था,, वहीं कार्तिक के लिये कनक सिर्फ उसकी नफरत थी,,, जिससे वो बचपन से ही नफरत करता आया था,,, ऐसे मैं जब कार्तिक अपने प्यार जूही से शादी करने जा रहा था,, तभी शादी वाले दिन जुही अपनी शादी छोड कर कहिं चली जाती है,,, तब मजबूरी मैं आकर अपने दील मैं कनक के प्रति कड़वाहट लिये कार्तिक , कनक से शादी करता है,,, और खूद से वादा करता है की वो कनक की जिन्दगी नर्क से भी बत्तर बना देगा।।। क्या होगा इस शादी का अंजाम? क्या कनक जगा पाएगी प्यार कार्तिक के दिल मैं? या हो जाएगी उसकी नफरत की शिकार?
कार्तिक सिंघानिया
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एक आलिशान कमरा जीसे बहुत खूबसुरती से सजाया गया था,,, उस कमरे के बीचों बीच एक किंग साइज बैड था,, जिसे गुलाब की पंखुडियों से सजाया गया था,, उस आलिशान रुम को देख कर ही समझ आ रहा था की इसे किसी नए जोड़े के लिये सजाया गया है, ,,,
उसी कमरे मैं उस किंग साइज बैड के सामने कनक लाल रंग के दुल्हन के जोड़े मैं खडी थी,,,,इस समय उसकी आंखें बंद थी, और उसका दिल बेहिसाब धडक रहा था,,, वो अपने आप मैं बुदबुदाई
"इस कमरे के हर कोने मैं तुम्हारा एहसास है किट्टू"इतना कह उसकी पलके हल्की नम हो जाती है
कनक धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलती है तो उसकी नज़र सामने दिवार पर लगी उस बडी सी काच की फोटो फ्रेम पर जाती है जिसमें कार्तिक सिंघानिया यानी की उसके किट्टू की तस्वीर थी। दिवार पर लगी उसकी तस्वीर मैं उसका रोबिला चेहरा उसकी जीम मैं बनाई हुई बोडी उसकी स्मार्टनेस उसके मौजूद ना होने पर भी उसके होने का एहसास करा रही थी,
उस रुम की दीवारे ब्लैंक ऐंड ग्रे से पेंट की गई थीं,,, साथ ही खिडकियों पर मैचींग परदे भी लगे हुए थें,, उन ब्लैक ऐण्ड ग्रे दिवारों पर कई तरह की बेशकीमती पैंटींग्स भी लगी हुई थीं, जिनकी किमत कई करोडों मैं थी,,, कूल मिला कर अगर देखा जाए तो उस रुम को काफी अच्छे तरीके से मेनटेन करके रखा गया था,,,
इतने सालों से इस घर मैं रहने के बावजूद कनक इस रुम मैं आज दुसरी बार आई थी,,, क्यौंकि कार्तिक को कनक का उसके रुम मैं आना जो पसंद नही था।। कनक को आज भी याद था की बचपन मैं जब वो एक बार कार्तिक के रुम मैं आ गई थी,,, तब कैसे कार्तिक ने इस पूरे घर को अपने सर पर उठा लिया था,,, उसने उसे बोहोत डाटा था,,, जिसके बाद वो उस दिन काफी ज्यादा रोई भी थी,,,, पर हर्टलेस कार्तिक को कहाँ कनक के आंसुओं से फर्क पड़ने वाला था,,, उसने तो बिना कनक पर ध्यान दिए उसे अपने कमरे से बाहर निकाल उसके मुँह पर ही दरवाजा बंद कर दिया था,,,
कनक अभी अपनी यादों मैं खोई हुई ही थी की उसी वक्त उस रुम का दरवाजा एक तेज आवाज के साथ खूलता है,, कनक दरवाजे की तरफ देखने लगती है,,, जहाँ से एक लड़का रेड शेरवानी पहने हुए अभी अभी अंदर आया था,,,, गोरा रंग ,काली गहरी आंखें जिनमें किसी का भी खो जाने का मन करे,,, हल्की दाहडी और 6.6 फीट की हाइट के साथ वो किसी कामदेव से कम नही लग रहा था,,,,
ये कोई और नही बल्कि हमारी कहानी के हीरो कार्तिक सिंघानिया हैं,, जो एशिया के नम्बर वन बिजनेसमैन है, साथ ही इनका कनेक्शन अंडरवर्ल्ड से भी है,, इन्हें बिजनेस किंग के साथ- साथ अंडरवर्ल्ड का किंग भी कहा जाता है,, इनकी उमर महज 28 साल है,,, इनकी पर्सनेलीटी ऐसी है की लडकियों के साथ साथ लडके भी इनसे अत्रेक्ट हो जाते हैं,,,
अब बात आती है हमारी कहानी की हीरोइन कनक की,,, कनक अपनी माँ के साथ रहा करती थीं,,, लेकिन जब कनक 6 साल की थी तभी कनक की माँ यानी की सुमन जी की एक बस एक्सिडेंट मैं डेथ हो गई थी,, बस एक्सिडेंट के दौरान कनक अपनी माँ के साथ ही थी पर उसकी जान बच गई थीं,,, जिसके बाद कुछ लोगों ने उस मासूम सी पाँच साल की बच्ची को अनाथ आश्रम मैं छोड दिया था,,, वहीं बात करे कनक के पिता की , तो उनके बारे मैं किसी को नही पता था की वो कौन थें,,,,, जब कनक 7 साल की हुई थी, तभी उस आश्रम मैं कार्तिक के मम्मी पापा और दादा, दादी ,कार्तिक के साथ उस आश्रम मैं आए थें ,,, क्यौंकि ये आश्रम उन्ही का था ,और वे हर साल कार्तिक के बर्थडे पर वहां आया करते थें
उस दिन भी कार्तिक का बर्थडे था,,,
वे सभी कार्तिक का बर्थडे सेलीब्रेट कर ही रहे थें की तभी कार्तिक की दादी की नज़र कनक पर पडी,,,, गोरा चेहरा ,नीली आंखें, घूंघराले बाल ,फुले गालों और व्हाइट कलर की प्रिंसेस फ्रोग मैं कनक बिल्कुल किसी बार्बी डोल की तरह लग रही थी।।। उसे देखते ही दादी ने उससे एक लगाव सा मेहसूस किया,,, जिसके बाद उन्होने डिसाइड कर लिया की वे कनक को गोद लेंगिं,, क्यौंकि उस समय तक उनके परिवार मैं कोई भी लडकी नही थी, और दादी की बडी इच्छा थी की उनकी एक पोती हो,,, इसलिए उन्होने सभी को कनक के बारे मैं बताया और ये भी बताया की वे कनक को गोद लेना,,, चाहती है,,,
दादी की बात सभी ने खूशी- खूशी मान ली जिसके कुछ दिनों बाद सिंघानिया परिवार ने कनक को गोद ले लिया,, इस तरह से कनक सिंघानिया परिवार मैं आई थी।
कनक अब 21 साल की हो चुकी थी,,, लेकिन आज भी वो उतनी ही प्यारी थी जितनी की वो तब हुआ करती थी जब वो 7 साल की थी,, बस उसके बाल अब घूंघराले ना हो कर स्ट्रेट हो गये थें,,
वहीं कार्तिक एक नज़र कनक की तरफ देखता है,,,, फिर बिना किसी एक्सप्रेशन के वो अपने कदम कनक की तरफ बडा देता,है,,,
कार्तिक को अपनी तरफ बड़ते देख कनक धीरे धीरे अपने कदम पीछे लेने लगती है,,, इसी तरह पीछे होते हुए कनक के कदम अचानक रूक जाते है क्यौंकि बैड के कारन अब पीछे जाने के लिये जगह ही नही बची थी,,,,
कनक साइड से जाने की सोचती है,, लेकिन वो जा पाती की उससे पहले ही अचानक कार्तिक उसे बैड की तरफ धकेल देता है और कनक के ऊपर आ कर उसे रुड्ली किस करने लगता है,,,, कनक बस आंखें फाडे कार्तिक को देख रही थी और अपने हाथों की मदत से उसे दूर करने की कोशिश कर रही थी,, पर अफसोस हमारी नाजूक सी कनक कहाँ कार्तिक जैसे हट्टे कट्टे आदमी के सामने टीक सकती थी,,, कनक जितनी कोशिश करती कार्तिक को खूद से दूर करने की,, कार्तिक उतने उसके करीब आता जा रहा था,, पर कनक इतनी आसानी से हार माननों वाले मैं से नही थी,, इसलिए अब उसने कार्तिक की पीठ पर मुक्के बरसाने शूरू कर दिए थें,,, जिससे चिड कर कार्तिक उसके दोनों हाथों को अपने एक हाथ के पंजे मैं जकड़ कर कनकके सर के ऊपर कर देता है,, और अपने दूसरे हाथ को कनक के पूरे शरीर मैं फिराने लगता है।।।
कनक साइड से जाने की सोचती है,, लेकिन वो जा पाती की उससे पहले ही अचानक कार्तिक उसे बैड की तरफ धकेल देता है और कनक के ऊपर आ कर उसे रुड्ली किस करने लगता है,,,, कनक बस आंखें फाडे हैरानी से कार्तिक को देख रही थी ,, कुछ देर बाद जब कनक को समझ आता है की कार्तिक क्या कर रहा है तब वो अपने हाथों को कार्तिक के सिने पर पूश करते हुए उसे खूद से दूर करने की कोशिश करने लगती है,, पर अफसोस नाजूक सी कनक कार्तिक जैसे हट्टे कट्टे आदमी को खूद से दूर करने मैं नाकामयाब हो जाती है , बल्कि उल्टा कनक जितनी कोशिश करती कार्तिक को खूद से दूर करने की,, कार्तिक उतने उसके करीब आता जा रहा था,, पर कनक इतनी आसानी से हार मानने वालो मैं से नही थी,, इसलिए अब उसने कार्तिक की पीठ पर मुक्के बरसाने शूरू कर दिए थें,,, जिससे चिड कर कार्तिक बिना किस ब्रेक किये कनक के दोनों हाथों को अपने एक हाथ के पंजे मैं जकड़ कर कनक के सर के ऊपर कर देता है,, और अपने दूसरे हाथ को कनक के पूरे शरीर मैं फिराने लगता है,,,
कार्तिक कनक के होठों को किस कम बाइट ज्यादा कर रहा था,,,, जिससे दर्द के मारे कनक की आँखों मैं आंसू आने लगते हैं,,, पर कार्तिक उसके आँसूओं को नज़रअंदाज कर अपने आप को सटिसफाए करने मैं लगा हुआ था।
कनक के होठों को बेदर्दी से किस और बाइट करने के बाद कार्तिक उसके कोलरबोन्स पर आ जाता है,,,,,
कोलरबोन्स पर किस और सक करते हुए कार्तिक ने अपने एक हाथ मैं कनक के दोनों हाथों को होल्ड किया हुआ था तो वहीं अब वो अपने दूसरे हाथ को कनक की बोडी पर फिराना बंद कर उस हाथ की मदत से खूद के कपडे रिमूव करने लगता है।
इस बीच कनक की कोशिश जारी थी कार्तिक को खूद से दूर करने की पर वो चाह कर भी नही कर पा रही थी
वहीं कार्तिक जिसने अपने ऊपर के कपडे तो निकाल दिए थें, लेकिन पेंट नीकालने मैं उसे दिक्कत हो रही थी ,,, इसलिए वो अपनी किस ब्रेक कर कनक से दूर होता है और कनक के हाथों को रिलीज कर अपनी पेंट उतारने लगता है।
वही कार्तिक के खूद से दूर होते ही कनक बेबसी से आंसू बहाते हुए उससे कहने लगती है। आप प्लीससस,,,, मत किजीये ये सब मेरे साथ,, मुझे जाने दिजीये प्लीस,, इसके अलावा आप जो कहेंगें मैं वो करूंगी,,, बस मेरे साथ ऐसे जबरदस्ती मत करिये,,, प्लीस मुझे छोड दिजीये,, मैं अभी इन सब के लिये तैयार नही हूं। इसके साथ ही कनक का रोना तेज हो जाता है,,, पर कार्तिक को इससे कोई फर्क नही पडता है,, और वो अपने कपडे खोलने के बाद कनक के कपडे खोलने लगता है,,, जिससे कनक खूद को बचाने के लिये काफी ज्यादा छटपटाने लगती है,,,
कनक के इस तरह छटपटाने से कार्तिक को उसके कपडे निकालने मैं दिक्कत होती है,,, जिससे उसे गुस्सा आने लगता है और वो गुस्से मैं आकर अपनी पूरी ताकत से कनक के गालों पर एक थप्पड मार देता है,, जिससे कनक के गोरे गालों पर कार्तिक के उंगलियों के निशान छप जाते हैं,,, और उसकी आंखें हल्की हल्की बंद होने लगती हैं,, लेकिन कार्तिक बिना कनक की परवाह किये,, कनक के कपड़ों को एक चररर,,, की अवाज के साथ फाड कर उसके शरीर से अलग कर साइड मैं फेक देता है,,, और आगे बड कर कनक की पूरी बोडी को चूमने लगता है,,, कुछ देर तक कनक की बोडी को चूमने के बाद कार्तिक बिना किसी वार्निंग के जबरदस्ती कनक के अंदर एन्टर होता है,,, जिससे कनक की एक दर्द भरी चीख उस पूरे रुम मैं गूँज जाती है,,, वही कनक की चीख सुनते ही कार्तिक के फेस पर एक डेविल स्माइल आ जाती है,,, लेकिन कुछ याद आते ही अचानक उसकी स्माइल कहिं गायब हो जाती है, और उसके चेहरे पर गुस्सा नज़र आने लगता है,,, वो बडी बेदर्दी से कनक के साथ इंटिमेंट होने लगता है,,, कार्तिक इस समय किसी जानवर की तरह कनक से पेश आ रहा था ,,,
वहीं कनक अपनी लाचारी पर आंसू बहाने के अलावा और कुछ नही कर सकती थी,, आज उसने पहली बार कार्तिक का ये रूप देखा था,, जो उसके लिये काफी ज्यादा दर्दनाक था,,,, हाँ उसे पता था की कार्तिक उससे नफरत करता है,, लेकिन उसने कभी नही सोचा था,, की कार्तिक अपनी नफरत मैं इतना ज्यादा गिर जाएगा की वो उसके शरीर को नोचने से पहले एक बार भी नही सोचेगा,, आज उसने अपनी नफरत मैं कनक को एक काफी गहरा जख्म दिया था जिसे कनक जिन्दगी भर भूलने वाली नही थी।
कहाँ उसने सोचा था की आज से वो कार्तिक के साथ अपनी जिन्दगी की नई शूरुआत करेगी और कहाँ ये सब हो गया था,,, अब तो उसने कार्तिक का विरोध करना भी छोड दिया था , वो चूप चाप बिस्तर पर किसी जिन्दा लाश की तरह लेटि हुई थी और कार्तिक जो कर रहा था उसे वो करने दे रही थी,,,
रात के करीब 4 बजे के आस -पास
काफी घंटों तक कनक के शरीर के साथ खेलने के बाद जब कार्तिक का मन भर जाता है तब जा कर वो कहिं कनक से दूर होता है और कनक को उसी बैजान हालत मैं छोड कर फ्रेश होने के लिये वोश्रूम के अंदर चला जाता है। वहीं कनक अब तक बेहोश हो चुकी थी।
15 मिनट बाद कार्तिक वोश्रूम से अपनी कमर पर एक तौलिया बांधे बाहर आता है,,, और कनक की तरफ बिना देखे बैड साईड़ के ड्रॉर से सिग्रेट ,लाइटर निकाल कर बाल्कनी की तरफ चला जाता है स्मोक करने के लिये।
बाल्कनी मैं,
कार्तिक का एक हाथ रेलिंग पर कँसा हुआ था ,, तो वही उसके दूसरे हाथ मैं सिग्रेट मौजूद थी ,, जिसे वो अपने होठों से लगाए उसके कश भर रहा था,,,, उसके पैरों के आस- पास बहुत से आधे जले सिग्रेट पडे हुए थें,, जिन्हें कार्तिक ने ही स्मोक करने के बाद फेके थें।।
जब कार्तिक एक और सिग्रेट लेने के लिये अपने जेब मैं हाथ डालता है तब उसे समझ आता है की उसकी सारी सिग्रेट्स खत्म हो चूकी ,, जिसका एहसास होते ही कार्तिक एक गहरी साँस लेता है,, और अपनी आंखें बंद कर उन ठण्डी हवाओं को मेहसूस करने लगता है जो उसके चेहरे को छू कर जा रही थीं,,
अभी कार्तिक को आंखें बंद किये हुए कुछ पल ही बीते थें की उसे किसी का मुस्कुराता हुआ चेहरा नज़र आने लगता है,,, जिससे उसके होठों पर भी एक मुस्कुराहट आ जाती है,,, और वो उसी तरह से मुस्कुराते हुए एक नाम पूकारता है,
जूही,,,,,,,
पर तभी वो चेहरा अचानक गायब हो जाता है जिससे एक झटके मैं कार्तिक अपनी आंखें खोल लेता है,,, आंखें खूलते ही उसकी मुस्कुराहट कहिं गायब हो जाती है , और उसकिं आंखें गुस्से से लाल हो जाती है,,, उसके माथें पर उसकी नसें उभर आई थीं,,, वो अपने एक हाथ का मुक्का बना कर रेलिंग पर मार कर दाँत पिस्ते हुए कहता है,,,
कार्तिक अपने एक हाथ का मुक्का बना कर रेलिंग पर मार दाँत पिस्ते हुए कहता है,,, " बहुत शौक है ना तुम्हें दूसरों से उनके प्यार को छीनने का,, उन्हें अपने प्यार से दूर करने का,,,, उनकी खूशियों से भरी जिन्दगी को उजाडने का,,, तो अब मैं तुम्हें बताऊंगा की लोगों से उनके प्यार को छीनने का अंजाम क्या होता है,, उनसे उनकी खूशियों को छीनने की सजा क्या होती है।।। ये कार्तिक सिंघानिया का तुमसे वादा है,, की मैं तुम्हारी जिन्दगी मौत से भी बत्तर बना दूंगा,,,, तुमसे तुम्हारी सारी खूशिया छीन लूंगा,, ठीक उसी तरह से जिस तरह से तुमने मेरी खूशियों को छीना है,, तुम्हारी जिन्दगी, मैं इतनी बत्तर बना दूंगा की तुम ,,,इस जिन्दगी को जीने से अच्छा मरना पसंद करोगी,, पर तुम्हें मौत भी नसीब नही होगी,, इतना कहते ही कार्तिक के होठों पर एक एविल स्माइल और आँखों मैं नफरत उतर आती है।
अगली सुबह 6 बजे
कार्तिक अपने रुम के बडे से आलिशान सोफे पर बेठे हूए पिछले 1:30 घंटों से सामने बैड़ पर सोई हुई कनक को अपनी गहरी आँखों से घूर रहा था,,, जो आराम से सूकून की नीन्द लेने मैं बिजी थी,,, उसे काफी गुस्सा आ रहा था की कहाँ उसने सारी रात जागते हुए बिताई थी और कहाँ कनक सूकून से सो रही थी।।।
जब कार्तिक से कनक को इतने आराम से सोते हुए देखना बर्दाश्त नही होता है तब वो सोफे से उठ वोश्रूम की तरफ चला जाता है और वहां से एक बाल्टी भर पानी लाकर उस पूरे पानी को कनक के ऊपर डाल देता है,, जिससे कनक की नीन्द एक झटके मैं खूल जाती है,, और बैड पर बेठ हैरानी से अपने सामने खड़े कार्तिक को देखने लगती है जो अपने हाथ मैं खाली बाल्टी पकड़े उसे ही गुस्से से देख रहा था।।
कार्तिक के हाथ मैं खाली बाल्टी देख कनक समझ जाती है की उसके ऊपर पानी फेकने वाला कोई और नही कार्तिक ही है,,, जिससे कनक को भी गुस्सा आने लगता है,,, और वो बैडशीट को अपने शरीर के चारों तरफ लपेटते हुए बैड पर खडी हो कर अपने एक हाथ से बेड़शीट पकड अपने दूसरे हाथ की उँगली कार्तिक की तरफ पोइंट करते हुए कहने लगती है।
कनक- मिस्टर मजनू ,, कल तुम्हारी लेला तुम्हें मंडप मैं अकेले छोड कर भाग गई थी,,, जिसकी वजह से आपका कल रात हार्ट ब्रेक था,,, इसलिए कल आपने जो भी मेरे साथ किया उसके लिये मैने आपको माफ किया,, लेकिन आज आपने मेरे ऊपर पानी फेक कर अच्छा नही किया , क्यौंकि इससे मेरी नीन्द खराब हो गई है,, और कनक सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है,, लेकिन ये कभी बर्दाश्त नही करेगी की कोई उसकी नीन्द मैं टांग अड़ाए ,, अब जबकी आपने मेरी नीन्द खराब कर ही दी है तो,,,, इतना कह कनक कार्तिक की तरफ देखती है जो अपनी लाल आँखों के साथ उसकी पोइंट की हुई उँगली की ही तरफ देख रहा था,,,
कार्तिक को इतने गुस्से मैं देख कनक समझ जाती है की अगर अब उसने आगे कुछ और उल्टा सीधा कहा तो कार्तिक सिधे उसकी उँगली की ही बली चड़ा देगा इसलिए वो जल्दी से अपने हाथ को अपनी कमर के पीछे छूपाते हुए आगे कहती है,,
कनक- तो,,, चलों ये आपकी दुसरी गलती है इसलिए मैं आपकों माफ करती हूं,, वैसे भी आप मेरे हसबेंड है तो मैं इतना तो आपके लिये कर ही सकती हूं इतना कह कनक कार्तिक के कन्धों को थप -थपाती और बैडशीट अपने चारों तरफ लपेटे हुए ही बैड़ से उतर कार्तिक के साइड से जाने लगती है,, की कार्तिक बाल्टी साइड मैं फेकते हुए कनक के एक हाथ को पकड उसे मरोड़ते हुए कनक की पीठ से लगा देता है,,जिससे कनक की एक चीख निकल जाती है,, पर कार्तिक उसके दर्द को नज़रअंदाज कर अपने दाँत पिस्ते हुए कहता है।।
कार्तिक- तुम्हारे पर कुछ ज्यादा ही निकल आए हैं ना,,, लगता है, इन्हें कुतरने पडेंगें, इतना कह कार्तिक ,,कनक के बेड़शीट को जिसे उसने अपने शरीर पर लपेटा हुआ था। उसे उसके शरीर से अलग करने लगता है,, जिससे कनक की पकड अपने बैडशीट पर मजबूत हो जाती है,,, और वो कार्तिक से दूर जाने की कोशिश करने लगती है,,, की तभी कोई दरवाजे पर नॉक करता है,,, तो वो दरवाजे की तरफ देखने लगता है जिससे उसका ध्यान कनक के ऊपर से हट जाता है,, साथ ही उसकी पकड कनक के हाथों पर थोड़ी ढीली पड जाती है,,
कार्तिक की पकड खूद के हाथों पर ढीली पडते देख कनक ,,, कार्तिक को एक जोरदार धक्का देती है,,, जिससे कार्तिक जा कर सिधे बैड़ पर गिरता है,,, और कनक इस बात का फाएदा उठाते हुए सिधे वोश्रूम मैं घूस जाती है।।।
कार्तिक वोश्रूम के गेट को घूरने लगता है,,, की एक बार फिर दरवाजे पर नॉक होती है,,, तब कार्तिक बैड़ से उठ कर गेट खोलने के लिये चला जाता है,
जब कार्तिक दरवाजा खोलता है तो उसे दरवाजे पर एक सर्वेंट खड़ा मिलता है,,, कार्तिक उस सर्वेंट से अपनी कोल्ड वोइस मैं पूछता है।
कार्तिक- क्या काम है?
कार्तिक के सवाल पर वो सर्वेंट घब्राते हुए कहता है,,,,
सर्वेंट- सर आपकों और कनक बिटिया को आपके दादा जी निचे बूला रहे हैं,, इतना कह वो सर्वेंट चूप हो जाता है और कार्तिक के कहने का इन्तेजार करता है।।
कार्तिक कुछ ना कहते हुए अपना सर बस हाँ मैं हिला देता है और उस सर्वेंट को जाने का इशारा कर देता है जिसके बाद वो सर्वेंट चला जाता है तो वही कार्तिक अपने स्टडी रुम मैं बने वोश्रूम मैं शावर लेने के लिये चला जाता है।।
दुसरी तरफ कनक अपनी बोडी से उस बेड़शीट को अलग कर साइड मैं फेक देती है,, और सामने लगे मिरर मे अपने शरीर मैं मौजूद उन निशानों को देखने लगती है जो कल रात कार्तिक ने ही उसे दिए थें,,, उन निशानो को देखते हुए जो की अब तक नीले पड चुके थें,, कनक, कार्तिक को कोसते हुए कहती है,,, पागल मजनू, रावण ,, ड्रेकुला कहिं का। अपनी लेला के साथ करता ना वो सब,, देखों मेरी क्या हालत कर दी है उसने 😬 कितना दर्द हो रहा है मुझे । दादी से शिकायत करूंगी मैं इसकी, फिर देखना दादी कैसे इस मजनू के सर से इसकी मजनूपन्ति उतारती है । खूद से इतना कहने के बाद कनक शावर के पास चली जाती है और शावर ऑन कर नहाने लगती है,,,
शावर का पानी जैसे -जैसे कनक के शरीर पड रहा था, वैसे- वैसे कनक को पिछली रात की बातें याद आ रही थी की कैसे कार्तिक ने उसके साथ जबरदस्ती की थी।
अचानक कनक की आँखों से आंसू बहने लगते हैं, जो शावर के पानी मैं मिलने लगते है, साथ ही उसका शरीर भी कांपने लगता है,,, उसे देख कर ऐसा लग रहा था की वो अंदर से काफी ज्यादा टूट चुकी थी।।
रोते हुए वो अपनी आंखें बंद कर लेती है,,, फिर खूद को सम्हालते हुए कहती है" नही कनक तू ऐसे टूट नही सकती है,,, तुझे खूद को मजबूत बनाना होगा,,, उनके मन मैं जो तेरे लिये नफरत है उसे खत्म करना होगा,, जो गलतफेमिया है तुम दोनों के बीच मैं उसे तुझे दूर करना होगा।। तू ऐसे हार नही मान सकती है,, तेरे सामने तो इससे भी बडी- बडी चुनौतियां आने वाली हैं,,, अगर तू अभी से हार मान लेगी तो तू आगे कैसे लडेगि अपनी लड़ाई, इसलिए मजबूत बन और कार्तिक को इट का जवाब पत्थर से दे। इतना खूद से कह कनक अपनी आंखें खोलती है और शावर लेने लगती है।
शावर लेने के दौरान कनक को अपनी बोडी मैं उन निशानों के कारण काफी जलन होती है,, पर वो जैसे- तैसे करके बडी मुश्किल से शावर लेती है
शावर लेने के बाद जब कनक अपने आस - पास कपडे ढूंडने लगती है,, तब उसे ध्यान आता है की वो जल्दबाजी मैं कपडे लाना तो भूल ही गई थी,, ये याद आते ही कनक अपने सर पर एक टपलि मारती है और खूद मैं बडबडाने लगती है"औफ़ हो कनक तू क्या करती है,, अब कैसे जाएगी तू बाहर,, बाहर वो भूका शेर तेरा वेट कर रहा होगा पक्का,, अगर तू बिना कपड़ों के बाहर गई तो वो तेरा शिकार कर लेगा,,, बैडशीट भी तुने आते ही फेक दी अब वो भी गीली हो चुकी है " इतना कहते हुए, कनक अपना रोतलू फेस बना कर पेर पटकने लगती है,,,
की तभी कुछ सोचते हुए वो रूक जाती है
" क्या पता वो मजनू अब तक चला गया हो" इतना खूद से कह कनक वोश्रूम का गेट हल्का सा खोल बाहर देखने लगती है तो उसे बाहर कोई नज़र नही आता,, ये देख कनक खूश हो जाती है,,, और वोश्रूम के गेट को वापस बंद कर कुछ समय तक गहरी साँसे लेने लगती है ,, फिर वापस वोश्रूम का गेट ओपन कर कनक वोश्रूम के लेफ्ट साइड कुछ दूरि मैं बने चेन्जींग रुम जहाँ पर सारे कपडे रखे हुए थें,,, की तरफ जाने वाले रास्ते पर अपनी आंखें बंद करके दौडने लगती है,,, की तभी वो किसी के सक्त शरीर से टकरा जाती है,, और एक तेज अवाज के साथ वो किसी के ऊपर गिर जाती है,,
कनक जिससे टकराई थी वो कोई और नही कार्तिक ही था,, कनक की तरफ वो भी अपने कपडे लेजाना भूल गया था,, इसलिए अपनी कमर पर सिर्फ एक तौलिया बांधे कार्तिक चेन्गींग रुम की तरफ जा रहा था की कनक उससे आ कर टकरा गई थी।
अपने निचे किसी को मेहसूस कर जब कनक अपनी आंखें खोलती है तो उसे कार्तिक नज़र आता है,, जो अपनी आंखें छोटी करके उसे ही घूर रहा था,,,
कार्तिक को खूद की तरफ घूरते देख कनक उसे एक खिसियाहट भरी स्माइल पास करती है और स्माइल के साथ गिल्टी फेस बना के कहती है" 2 बार सोरी, एक अभी आपकों गिराने के लिये और दुसरा आपकों कुछ देर मैं समझ आ जाएगा,, इतना कह कनक अपने शरीर पर टॉवल लपेट कर खडी होती है फिर जल्दी - से चेन्जींग रुम के अंदर चली जाती है,,, और दरवाजा बंद कर देती है
कार्तिक जो फर्श पर लेटे हुए अब भी कनक के 2 बार सॉरी का मतलब समझने मैं लगा था,, वो गेट बंद होने की अवाज से होश मैं आता है,,,, और फर्श से उठते हुए अपनी एक आई ब्रो चडाते हुए खूद से कहता है,, इस बेवकूफ लडकी ने मुझे दो बार सॉरी क्यों बौला,, छोडों मुझे क्या,,, पागल कहिं की,, इतना कह कार्तिक अपनी कमर पर बन्धे टावल को कसने के लिये अपने हाथ बडाता है,, पर उसके हाथ कुछ नही लगता है,, तो कार्तिक अपनी नज़र निचे करता है,,, पर निचे देखते ही उसकी आंखें हैरानी से बड़ी- बडी हो जाती है,, क्यौंकि उसका टावल उसकी कमर से गायब था😂😂
कार्तिक चिल्लाते हुए- टावल चोर😳
कार्तिक जो फर्श पर लेटे हुए अब भी कनक के 2 बार सॉरी का मतलब समझने मैं लगा था,, वो गेट बंद होने की अवाज से होश मैं आता है,,,, और फर्श से उठते हुए अपनी एक आई ब्रो चडाते हुए खूद से कहता है,, इस बेवकूफ लडकी ने मुझे दो बार सॉरी क्यों बौला,, छोडों मुझे क्या,,, पागल कहिं की,, इतना कह कार्तिक अपनी कमर पर बन्धे टावल को कसने के लिये अपने हाथ बडाता है,, पर उसके हाथ कुछ नही लगता है,, तो कार्तिक अपनी नज़र निचे करता है,,, पर निचे देखते ही उसकी आंखें हैरानी से बड़ी- बडी हो जाती है,, क्यौंकि उसका टावल उसकी कमर से गायब था😂😂
कार्तिक चिल्लाते हुए- टावल चोर😳
चेन्जींग रुम के अंदर
कनक अपने सामने देखती है जहाँ एक तरफ आदमियों के कपडे थें तो दुसरी तरफ औरतों के
कनक औरतों के कपड़ों की तरफ जाती है और उन कपड़ों को ध्यान से देखने लगती है जिनमें शॉर्ट ड्रेसेस, जीन्स टॉप, साडी और तरह- तरह के सूट शामिल थें,,, ये सभी लग्जरि ब्रेन्ड्स के थें जिन्हें आदित्य ने खूद पसंद किया था , और उसने खूद इन कपड़ों को सलीके से रखा था,, लेकिन कनक के लिये नही जूही के लिये,, ये सोच उसकी आँखों मैं उदासी उतर आती है
कनक ये बात बहुत अच्छी तरीके से जानती थी की ये कपडे उसके नही हैं,, पर अभी उसके पास खूद के कपडे नही थें इसलिए ना चाहते हुए भी कनक एक रेड कलर की साडी उन कपड़ों के बिच से निकालती है और उसे पहनने लगती है।
कुछ देर बाद कनक वोश्रूम से बाहर आती है साडी पहन कर, उस लाल साडी मैं कनक काफी खूबसुरत लग रही थी बिल्कुल एक नई नवेली दुल्हन की तरह। उस लाल साडी मैं उसका गोरा रंग और भी निखर गया था।
कनक अपने आस - पास देखती है पर उसे कार्तिक कहिं नज़र नही आता है,,, शायद वो वोश्रूम मैं होगा सोच कर कनक ड्रेसिंग टेबल के सामने चली जाती है, और तैयार होने लगती है। इसी बिच कार्तिक वोश्रूम से निकल कर चेन्जींग रुम के अंदर चला जाता है।
लाईट मेक अप करने के बाद कनक सिन्दूर की डिब्बी उठाती है,, और उसमें से थोड़ा सा सिन्दूर लेकर वो अपनी मांग भर लेती है फिर उस सिन्दूर की डिब्बी को वापस उसकी जगह पर रख ,खूद के अक्स को मिरर के जरिये देखते हुए अपने मन मैं सोचती है " कनक ना ये कपडे तेरे हैं, और ना ही ( खूद के गले मैं मौजूद मंगलसूत्र को देख ) ये मंगलसूत्र और ये सिन्दूर ( अपने माथे पर लगे सिन्दूर को देख ) तेरा है इतना सोचते हुए कनक के होठों पर एक उपहास भरी हँसी आ जाती है। जैसे वो खूद की किस्मत पर हँस रही हो।
कनक अभी अपने ख्यालों मैं ही गूम थी की अचानक उसे मेहसूस होता है की कोई काफी देर से उसे देख रहा है,,,
कनक अपनी नज़र घूमा कर देखती है तो उसे मिरर मैं खूद के अक्श के साइड मैं कार्तिक का अक्श नज़र आता है, जिसने ब्लू और व्हाइट कलर के कॉम्बिनेशन मैं बिजनेस सूट पहना हुआ था, कनक समझ जाती है की कार्तिक ठीक उसके पीछे कुछ कदम की दूरि पर खड़ा है ,जो ना जाने कब से अपलक उसे ही घूरे जा रहा था।
कार्तिक को अपनी तरफ घूरते देख ,कनक अपनी आंखें छोटी कर कहती है।
कनक 😒- क्या है । ऐसे क्यों घूर रहे हो , जैसे तुमने कभी लडकी ही नही देखी।
कार्तिक हडबडाते हुए- मैं,,मैं तुम्हें क्यों देखूँगा,,मुझे कोई शौक नही है तुम्हें देखने का,,, तुम क्या कहिं की हूर की परि हो जो मैं तुम्हें देखूँगा,,, मैं तो बस ये देख रहा था की कोई मेकअप के बाद भी इतना बदसूरत कैसे दिख सकता है😏
कनक अपने मन मैं- झूठा कहिं का,, बोलता है मुझे नही देख रहा था। और इसने मुझे बदसूरत कहा,, खूद की शकल कभी देखी है इसने आईने मैं,,, अरे मनहूसियत टपकती है इसके चेहरे से,, आया बडा मुझे बदसूरत कहने वाला,, हूंह्ह्ह्ह😖 ,,,, कनक पैर पटक कर रुम से बाहर जाने लगती है।
कनक को बाहर जाते देख कार्तिक अपनी नज़र उससे फेर लेता है की तभी उसकी नज़र बैड़ पर पड़ती है,, जिस पर ब्लड के कुछ धब्बे थें,, उन धब्बों को देख कर कार्तिक की आंखें सर्द हो जाती है।
कार्तिक बिना किसी भाव के कहता है - वेश्या
कनक के कदम अपनी जगह पर ही थम जाते हैं।
कनक को रूकते देख कार्तिक उसकी पीठ को देखते हुए आगे कहता है- तुम्हें क्या लगा की, तुम अपनी वर्जिनिटी सर्जरी करवा लोगी तो मुझे पता नही चलेगा की ,तुम कितनी नीच और गिरि हुई लडकी हो ,जिसने ना जाने कितनों की रात रंगीन की है। मैं सब जानता हूं तुम्हारे बारे मे,, तुम्हारी फितरत से मैं काफी अच्छी तरह से वाकिफ हूं , इसलिए कभी भी ये मत समझना की मैं तुम्हारे जाल मैं फ़सूंगाँ, अपनी बात खत्म कर कार्तिक ,आगे बड कनक के साइड़ से होते हुए उस रुम से बाहर निकल जाता है और अपने स्टडी रुम मैं चला जाता है ।
कार्तिक तो जा चुका था, लेकिन कनक वहीं पर आंसू बहाते हुए खडी रह गई थी। कार्तिक के शब्द किसी तीर की तरह उसे चुभें थें, उसने कभी नहीं सोचा था की कार्तिक उससे इतने कडवे शब्दों को कहेगा । क्या वो उसे इतना गिरा हुआ समझता है ये सोचते हुए कनक को अपने दिल मैं एक अन्कहा दर्द महसूस होने लगता है । पर वो किसी तरह से खूद को सम्हालती है और अपने आंसुओं को पोछ कर निचे हॉल की तरफ बड जाती है।
निचे हॉल मैं
हॉल मैं आते ही कनक की नज़र कार्तिक की माँ राधिका जी पर जाती है । जो मन्दिर मैं आरती करने मैं बिजी थी, कनक अपने कदम मन्दिर की तरफ बड़ा देती है और हाथ जोड़ कर राधिका जी के साइड मैं खडी हो जाती है।। कनक को देख राधिका जी मुस्कुरा देती हैं। फिर भगवान की आरती खत्म कर राधिका जी आरती की थाल कनक की तरफ बड़ा देती हैं तो कनक आरती लेकर उस थाल को मंदिर के पास रख देती है ।
कनक - माँ सब कहाँ हैं ?
राधिका जी मुस्कुराते हुए - तेरे दादू तो बाहर बगीचें मैं घूम रहे हैं ,आज तो वो बोहोत खूश हैं,, क्यौंकि उनकी बरसों पुरानी इच्छा जो पूरी हुई है, तू उनके खडूस पोते की पत्नी जो बन गई 😊 और बाकी सब आते ही होंगें ,
उनकी बात पर कनक एक फीकी सी मुस्कुराहट अपने होठों पर ला लेती है।
राधिका जी मुस्कुराते हुए - तेरे दादू तो बाहर बगीचें मैं घूम रहे हैं ,आज तो वो बोहोत खूश हैं,, क्यौंकि उनकी बरसों पुरानी इच्छा जो पूरी हुई है, तू उनके खडूस पोते की पत्नी जो बन गई 😊 और बाकी सब आते ही होंगें ,
उनकी बात पर कनक एक फीकी सी मुस्कुराहट अपने होठों पर ला लेती है। की तभी राधिका जी कहती है।
राधिका जी - कनक आज तेरी पहली रसोई है ,,, इसलिए तू बस कुछ मीठा बना लेना बाकी सारे नाश्तें मैं बना लूँगि और वानी ( कार्तिक की चाची ) कल काफी ज्यादा थक गई थी इसलिए मैने उसे नहीं बूलाया । उनकी बात पर कनक मुस्कुराते हुए कहती है ।
कनक - नही माँ आज सारा नाश्ता मैं खूद अपने हाथों से बनाऊंगी वो भी सबकी पसंद का ,
राधीका जी - ठीक है बेटा जैसी तेरी मर्जी ,, और मीठे मैं गाजर का हलवा बना लेना उस खडूस ( कार्तिक ) को गाजर का हलवा बहुत पसंद है ना ।
कनक - हाँ माँ , मैं बना,,,,, ( तभी कनक को ध्यान आता है की राधिका जी ने कार्तिक को खडूस कहा )
कनक अपनी आंखें हैरानी से बडी - बडी करके
कनक - माँ आपने अपने बेटे को खडूस कहा 😲
राधिका जी - हाँ , अब खडूस को खडूस ही कहूँगी ना , देखा नही तुमने कैसे सडी हुई सी शक्ल बना कर घूमता रहता है ।
कनक उनकी हाँ मैं हाँ मिलाते हुए - बिल्कुल सही कहा आपने माँ ,वो नीम चड़ा हमेशा कडवा ही बोलता है, उस कडवे करेले को देख कर कोई भला कह सकता है की उसे खाने मैं मीठा , गाजर का हलवा पसंद है ,, मुझे तो लगता है की पक्का ये नीम का पत्ता पीस कर अपने प्रोटीन शेक मैं मिला कर पिता होगा ,, वरना कोई इतना कडवा कैसे बोल सकता है, किसी की इतनी सडी हुई शक्ल कैसे हो सकती है बिल्कुल किसी मॉन्स्टर की तरह दिखता है । 🙄
अपनी बात खत्म कर कनक राधिका जी को देखती है जो उसे ही घूर रही थी ।
राधिका जी कनक को घूरते हुए - माना की मेरे बेटे की जुबान कड़वी है ,, लेकिन उसकी शक्ल बोहोत सुन्दर है , इसलिए कभी - भी उसकी शक्ल को सड़ि हुई मत कहना क्यौंकि वो थोड़ा - थोड़ा मेरी तरह दिखता है ,, इसलिए तू उसे उसकी जुबान के लिये कडवा करेला बोल या कुछ और बोल बस उसकी शक्ल को लेकर कुछ मत कहना , इतना कह राधिका जी कनक को बेचारगी से देखने लगती है ।
वहीं उनकी बात सुनते ही कनक एक खिंसियानि हँसी के साथ उन्हें देखते हुए कहती है 😅
कनक - सॉरी माँ वो मैं भूल गई थी की वो मॉन्,,,, मेरा मतलब वो कडवा करेला आपकी तरह दिखता है । अब मैं कभी भी उसे उसकी शक्ल से नही चिडाउन्गी,,
कनक की बात पर राधिका जी उसे मुस्कुराते हुए देखती है और कहती हैं।
राधिका जी - कोई बात नहीं बच्चे, चल अब हम दोनों मिल कर नाश्ता बना लेते हैं,
उनकी बात पर कनक अपना सर हां मैं हिलाती है जिसके बाद वो दोनों किचन की तरफ चले जाते हैं,
राधिका जी कनक के द्वारा चूल्हे की पूजा करवाती है जिसके बाद कनक नाश्ता बनाने मैं लग जाती है ।
भले ही कनक ने राधिका जी की , नाश्ता बनाने में उसकी हेल्प करने वाली बात पर हामी भर दी थी लेकिन , कनक ने अकेले ही सारा नाश्ता बनाया था , राधिका जी तो बस साइड में खड़ी हो कर कनक को घूर रही थी , क्योंकि कनक ने उनकी जरा सी भी हेल्प नही ली थी बल्कि जब भी वो कनक की हेल्प करने जाती , तो कनक वापस उन्हें उनकी जगह पर लाकर खड़ा कर देती।
घर में हर काम के लिए सर्वेंट्स थें, लेकिन कार्तिक को राधिका जी के हाथ का खाना ही पसंद आता था और राधिका जी को भी खाना बनाना पसंद था ,इसलिए घर के नाश्ते से लेकर डिनर तक का सारा खाना राधिका जी और कार्तिक की चाची जी ( वानि सिंघानिया ) अपने हाथों से ही बनाती थी ,जिसमें कभी – कभी कनक भी उन दोनों का हाथ बटा दिया करती थी ,,
कुछ 1:30 घंटे के अंदर कनक सारा नाश्ता बना लेती है ,नाश्ते में उसने सबकी पसंद के समोसे , कचोड़ी, ढोकले, मिर्ची वाले पोहे, छोले भटूरे और गाजर का हलवा बनाया था।
सारा खाना तैयार करने के बाद कनक ,राधिका जी की तरफ देखते हुए कहती है ।
कनक – मां सारा नाश्ता तैयार हो गया है , चलिए इसे हम दोनों मिल कर डाइनिंग टेबल पर लगा देते हैं,, इतना कहते हुए कनक राधिका जी को मुस्कुराते हुए देखने लगती है, तो वहीं राधिका जी उससे अपनी आंखें छोटी कर कहती हैं ।
राधिका जी – कनक , मैं नाश्ता बनाने में तुम्हारी हेल्प करने आई थी ,लेकिन आपने तो मुझे यहां स्टेचू की तरह खड़ा कर दिया ,और खुद किसी सुपर वूमेन की तरह सारा नाश्ता बना लिया ,, इतना कह राधिका जी कनक को शिकाएती भरे लहजे में देखने लगी ।
कनक उन्हें देख मुस्कुराते हुए कहती है।
कनक - मां आप भी ना ,, किसने कहा कि आपने मेरी मदत नहीं की, आज मैंने जो कुछ भी बनाया है, उसे बनाना आपने और छोटी माँ ( वानी जी) ने ही तो सिखाया है। आपकी वजह से ही तो आज मैं ये सारा नाश्ता बना पाई ।
कनक की बात पर राधिका जी कनक के पास जाती है और उसके कान खींचते हुए ,मुस्कुरा कर कहती है ।
राधिका जी - तुझे बातों को घुमाना बहुत अच्छी तरह से आता है न।
उनकी बात पर कनक, जीभ निकाल कर अपनी एक आंख बंद कर लेती है।
राधिका जी - शैतान
कनक - वो तो मैं हूं
राधिका जी प्यार से उसके गालों को थप थपा कर कनक के साथ मिल कर सारा नाश्ता डाईनिंग टेबल पर लगाने लगती है।
इस समय घर में जितने भी सदस्य मोजूद थें वे सभी धीरे - धीरे कर आने लगते हैं सिवाए कार्तिक को छोड़ कर।
राधिका जी - तुझे बातों को घुमाना बहुत अच्छी तरह से आता है न।
उनकी बात पर कनक, जीभ निकाल कर अपनी एक आंख बंद कर लेती है।
राधिका जी - शैतान
कनक - वो तो मैं हूं
राधिका जी प्यार से उसके गालों को थप थपा कर कनक के साथ मिल कर सारा नाश्ता डाईनिंग टेबल पर लगाने लगती है।
इस समय घर में जितने भी सदस्य मोजूद थें वे सभी धीरे - धीरे कर आने लगते हैं सिवाए कार्तिक को छोड़ कर ।
फैमिली इंट्रोडक्शन
राम सिंघानिया - राम सिंघानिया कार्तिक के दादा जी हैं, जो की कार्तिक की फैमिली मैं सबसे बडे हैं और घर के हेड भी हैं ,इनकी उम्र 76 साल है, ये काफी सक्त इंसान हैं, 76 की उम्र मैं भी इनका रोब इनके चेहरे से साफ झलकता है, जितना ये बाहर वालों के लिए सक्त हैं, उतना ही ये अपनी फैमिली के लिए नर्म हैं, कनक मैं तो इनकी जान बस्ती है, इन्होने अपने दम पर सिंघानिया कार्पोरेशन की नीव एक छोटे से होटल के द्वारा रखी थी, जिसे इनके दोनों बेटों ने मिल कर एक बड़ी होटल्स की कंपनी में बदल दिया पर इनके होटल्स उस समय सिर्फ इंडिया के अंदर ही थें।
गायत्री राम सिंघानिया- राम जी की पत्नी और कार्तिक की दादी जी है, इनकी उम्र 74 साल है। इन्हीं की वजह से ही कनक सिंघानिया परिवार मैं आई थी, वैसे इन्हें अपने सभी पोता पोतियों से प्यार है पर ये सबसे ज्यादा प्यार कनक से ही करती हैं ।
अशोक सिंघानिया- राम सिंघानिया के बडे बेटे और कार्तिक के पापा, इनकी उम्र 53 साल है । राम सिंघानिया जी के बाद इन्होने और इनके छोटे भाई ने ही सिंघानिया ऐण्ड ग्रूप्स को आगे बडाया था,
राधिका अशोक सिंघानिया - अशोक सिंघानिया जी की पत्नी और कार्तिक की माँ इनकी उम्र 50 साल है । ये एक हाउस वाइफ है, जो अपने सभी बच्चों से प्यार करती हैं, इनका स्वभाव बिल्कुल सरल है ।
राजवीर सिंघानिया - अशोक जी और राधिका जी के बडे बेटे और कार्तिक के बडे भाई । इनकी पर्सनेलीटि भी कार्तिक की तरह है, 6.6 की हाइट, काली आंखें , माथे तक आते बाल, 6 पैक्स एब्स। इनकी उम्र 31 साल है । इन्होने सिंघानिया ऐंड ग्रूप्स जोइन ना करके, अपना एक अलग बिजनेस स्टार्ट किया, ये बडी -बडी फिल्म्स ( जैसे होलीवूड , बोलीवूड ) , बडी - बडी कंपनीस, मैं इन्वेस्ट करते हैं, लेकिन इनका मेन बिजनेस डाईमन्डस का है।
कार्तिक सिंघानिया - राधिका जी और अशोक जी के छोटे बेटे और इस कहानी के हीरो , लेकिन कनक के साथ इनका व्यव्हार किसी विलन की तरह है। इनकी उम्र 28 साल है ।फिलहाल ये अभी सिंघानिया ऐण्ड ग्रूप्स के सीईओ हैं, अशोक जी के बाद जैसे ही कार्तिक ने कंपनी जोइन की उसने कुछ ही महिनों मैं विदेशों में अपने सेवेन स्टार्स होटेल्स खोले, और सिंघानिया कॉर्पोरेशन को दुनिया की टॉप थ्री की कंपनी बना दी । होटेल्स के बिजनेस के साथ - साथ कार्तिक के और भी कई बिजनेस है, इनके बोहोत से मोल्स , कॉलेज , अनाथआलय और हॉस्पिटल्स भी हैं जो की देश - विदेश मैं फैले हुए हैं।
प्रीती राहुल ओब्रोय- अशोक जी के बिजनेस पार्टनर और सबसे अच्छे दोस्त की बेटी , जब प्रीति 15 साल की थी तभी एक कार एक्सिडेंट मैं उसने अपने मम्मी पापा को खो दिया था, जिसके बाद अशोक जी ने प्रीति को गोद ले लिया था, प्रीति की शादी हो चुकी है, प्रीति का रंग हल्का साँवला है, कमर तक आतें लम्बे बाल 5.4 की हाइट और तीखे नैन नक्ष के कारन प्रीति सांवली होते हुए भी दिखने मैं काफी ज्यादा खूबसुरत है। प्रीती की उम्र 22 साल है ।
राहुल ओब्रोय - ये हैं प्रीति के हस्बैंड । राहुल की उम्र 28 साल है, रंग गोरा, माथे तक आतै बाल , हल्की बियर्ड, मस्कुलर बॉडी, 6.3 की हाइट के साथ दिखने मैं काफी ज्यादा हैंडसम है।
वीर सिंघानिया - राम सिंघानिया जी के छोटे बेटे, और कार्तिक के चाचा जी । इनकी उम्र 51 है ।
वानी वीर सिंघानिया - वीर सिंघानिया जी की पत्नी और कार्तिक की चाची जी, इनकी उम्र 49 साल है । वानी जी भी एक हाउस वाइफ है, वानी जी और राधिका जी बिल्कुल बहनों की तरह रहती हैं ।
राघव सिंघानिया - वीर जी और वानी जी का बेटा । राघव की उम्र 27 साल है । राघव एक बोहोत फ़ेमस एक्टर है ।
कंचन सिन्हा - राम सिंघानिया जी की बेटी और कार्तिक की बुआ जी , अपने भाइयों से छोटी हैं, इनके पति की मृत्यू के बाद ये सिंघानिया विला मैं ही आ कर रहने लगी थी। इनका एक बेटा और एक बेटी है ।
केशव सिन्हा - कंचन जी का बेटा, इनकी उम्र 25 साल है। भूरे बाल 6.2 की हाइट, गेहुआ रंग , हल्की बियर्ड के कारन ,लड़कियाँ इनकी दीवानी है , ये एक लॉयर हैं जो सिंघानिया ग्रूप के अंडर ही काम करते हैं ।
रितु सिन्हा - कंचन जी की बेटी जो की अभी कॉलेज के फ़र्स्ट ईयर मैं है । इनकी उम्र 19 साल है ।
बाकी करेक्टर्स के बारे मैं आगे जानेंगें
अब आते हैं कहानी पर
दादा जी मुस्कुराते हुए - खाने की खूश्बू तो काफी अच्छी आ रही है, लगता है आज खाना कनक ने बनाया है। जिस पर राधिका जी कहती है ।
राधिका जी - हाँ आज सारा नाश्ता कनक ने बनाया है उनकी बात पर सभी मुस्कुरा देते हैं, की तभी दादा जी की नज़र कार्तिक की सीट की तरफ जाती है, जो खाली थी,
दादा जी - कार्तिक कहाँ है वो अभी तक आया क्यों नहीं, क्या उसे नहीं पता की सुबहा का नाश्ता सभी को एक साथ करना होता है,
दादा जी की बात पर अभी कनक कुछ कहने ही वाली थी की तभी कार्तिक की अवाज आती है ।
कार्तिक - दादा जी मैं यहाँ हूं ।
सभी की नज़र सिडियों की तरफ जाती है जहाँ से अवाज आई थी तो उन्हें कार्तिक नज़र आता जो काफी एलिगेंट तरिके से सिडियों से उतर रहा था है ।
सिडियो से उतरते ही कार्तिक डाइनिंग टेबल की तरफ ना जा कर बाहर की तरफ जाने लगता है , जिसे जाते देख दादा जी अपनी कडक अवाज मैं कहते हैं ।
दादा जी- आप बाहर कहाँ जा रहे हैं, क्या आप भूल गये हैं, की सुबहा का नाश्ता सभी को साथ मैं करना होता है । पहले यहाँ आइये और नाश्ता करिये फिर जहाँ जाना है, आप जा सकते हैं ।
कार्तिक के कदम रूक जाते हैं, और वो कुछ सोचने लगता है, वो ये बात जानता था, की सुबहा का नाश्ता सभी साथ मैं करते हैं, और वो नाश्ता करने के लिये ही आया था, लेकिन सिडियो से उतरते समय कार्तिक ने दादा जी और राधिका जी की बात सून ली थी की आज का नाश्ता कनक ने बनाया है, इसलिए कार्तिक बिना नाश्ता किये ही वहां से जा रहा था ।
कार्तिक को कुछ ना बोलता देख दादा जी एक और बार उसे टोकट हुए कहते हैं।
दादा जी- आप कुछ कह क्यों नहीं रहे हैं ?
कार्तिक - दादा जी आज एक इम्पोर्टेन्ट मीटिंग है, मैं पहले ही लेट हो चुका हूं, अभी मेरा जाना जरूरी है, नाश्ता मैं ऑफिस मैं कर लूंगा ।
दादा जी - लगता है आपकों हमारी बात समझ नहीं आई ? पहले आप नाश्ता करिये फिर चले जाईएगा ।
कार्तिक एक गहरी साँस लेता है, और अपनी चेयर पर जा के बेठ जाता है क्यौंकि वो जानता था की वो अपने दादा जी से नहीं जीत सकता था ।
कार्तिक के बेठते ही दादा जी खाना परोसने का इशारा करते हैं । जिसके बाद कनक, राधिका जी और वानी जी मिल कर सभी के प्लेट मैं खाना परोसने लगती हैं ।
कार्तिक को कुछ ना बोलता देख दादा जी एक और बार उसे टोकट हुए कहते हैं।
दादा जी- आप कुछ कह क्यों नहीं रहे हैं ?
कार्तिक - दादा जी आज एक इम्पोर्टेन्ट मीटिंग है, मैं पहले ही लेट हो चुका हूं, अभी मेरा जाना जरूरी है, नाश्ता मैं ऑफिस मैं कर लूंगा ।
दादा जी - लगता है आपकों हमारी बात समझ नहीं आई ? पहले आप नाश्ता करिये फिर चले जाईएगा ।
कार्तिक एक गहरी साँस लेता है, और अपनी चेयर पर जा के बेठ जाता है क्यौंकि वो जानता था की वो अपने दादा जी से नहीं जीत सकता था ।
कार्तिक के बेठते ही दादा जी खाना परोसने का इशारा करते हैं । जिसके बाद कनक, राधिका जी और वानी जी मिल कर सभी के प्लेट मैं खाना परोसने लगती हैं ।
खाना खाते हुए सभी कनक की तारिफ कर रहे थें, सिवाए कार्तिक के ।
कार्तिक कुछ भी नहीं खाना चाहता था, लेकिन दादा जी की वजह से ना चहाते हुए भी बेमन से ही वो एक चम्मच गाजर का हलवा खाता है । लेकिन जैसे ही वो उस गाजर के हलवे को टेस्ट करता है, कुछ सेकेंड के लिये उसकी आंखें अपने आप बंद हो जाती है, क्यौंकि जो स्वाद उसे उस हलवे से आ रहा था, सेम वही स्वाद उसे राधिका जी के द्वारा बनाए गये हलवे से भी आता था, और साथ ही जुह,,,,
अचानक कार्तिक की आंखें खूल जाती है, उसकी आँखों मैं खून उतर आया था, वो अपनी लाल आँखों से कनक को देखने लगता है जो सभी को खाना सर्व कर रही थी ।
कार्तिक मन मैं - कितनी मक्कार हो तुम, माँ से खाना बनवा कर सबकी वाह वाही ले रही हो, मैं तो तुम्हारा असली चेहरा जानता हूं, पर पता नहीं मेरे घर वालों के सामने कब तुम्हारा असली चेहरा आयेगा, पर मेरा खूद से ये वादा है, की मैं जल्द ही तुम्हें सबके सामने एक्सपोज करके इस घर से धक्के मार के बाहर निकाल दूंगा ।
कार्तिक अपनी नजरें कनक से फेर लेता है, और आराम से अपना नाश्ता करने लगता है, क्यौंकि उसे लग रहा था की सारा खाना राधिका जी ने ही बनाया है ना की कनक ने ।
दादा जी ,दादी जी, राधिका जी ,अशोक जी , चाचा जी चाची जी ,राघव ,प्रीती, राघव , केशव , कंचन ,रितु सभी एक - एक करके कनक को उसकी पहली रसोई के लिये उसे तोहफे देने लगते हैं । राजवीर और राहुल इस समय यहाँ मौजूद नहीं थें ।
दादा जी कनक को एक 15 एकड की जमीन पर बना हुआ बंगलों गिफ्ट करते हैं, जिसे पहले तो कनक ने लेने से साफ इंकार कर दिया था, लेकिन राधिका जी के समझाने पर की ये उनका आशीर्वाद है इसे मना नहीं करते हैं, तो कनक भी उनकी बात समझ कर वो प्रॉपर्टी के पेपर्स ले लेती है ।
इसी तरह से सभी कुछ ना कुछ कनक को देते हैं, सिवाए कार्तिक के,
राघव - भाई आप कनक के लिये कुछ नहीं लाए ?
कार्तिक घूर के राघव को देखने लगता है, तो राघव एक खिसियानी हँसी के साथ उसे देखने लगता है ।
राधिका जी - हाँ कार्तिक कनक का गिफ्ट कहाँ है।
कार्तिक बिना किसी भाव के कहता है ।
कार्तिक - मैं बाद में उसे उसका गिफ्ट दे दूंगां, फिलहाल मैं मीटिंग के लिये लेट हो रहा हूं,
अपनी बात खत्म कर कार्तिक सभी को एक नज़र देखता है, और वहां से चला जाता है ।
वहीं कार्तिक के इस तरह से जाने से कनक उदास हो जाती है, लेकिन वो अपनी उदासी को अपनी झूठी स्माइल के पीछे छुपाते हुए, मोहौल को हल्का करते हुए कहती है।
कनक- जाने दो उस खडूस को, भई मुझे तो बोहोत जोरों की भूक लगी है, पहले तो मैं अपनी पेट पूजा करूंगी, इतना कह कनक चेयर पर बेठ जाती है, और भूक्कडो की तरह छोले भटूरे खाने लगती है ।
वहीं उसे इस तरह से खाते देख सभी के होठों पर मुस्कान आ जाती है ।
दादी जी प्रीती से- प्रीती, राहुल कहाँ है ? वो कल शादी मैं भी कहिं नहीं दिखा था । कहाँ है वो अभी ।
प्रीती जो मुस्कुराते हुए कनक को खाना खाते हुए देख रही थी, दादी का सवाल सुनते ही अचानक उसके होठों से मुस्कुराहट गायब हो जाती है, और साथ ही उसकी पलके निचे की तरफ झूक जाती है,
प्रीती को कुछ ना बोलते देख इस बार राधिका जी उससे सवाल करती हैं ।
राधिका जी - हाँ प्रीती राहुल कहाँ है ?
कनक भी प्रीती की तरफ देखने लगती है ।
प्रीती राधिका जी को देखते हुए झूठी मुस्कान के साथ- माँ वो अचानक उन्हें किसी काम से जर्मनी जाना पड़ा, शायद बिजनेस से कुछ रिलेटेड़ है ।
अपनी बात खत्म कर प्रीती एक और बार अपनी नजरें झुका लेती है । इस समय उसकी आँखों मैं एक उदासी थी, जिसे उसने सभी से छूपा लिया था क्यौंकि वो नहीं चाहती थी की कोई उसकी वजह से उदास हो । लेकिन कनक से उसकी उदासी छूप ना सकी, वो समझ गई थी की कोई तो बात है जो प्रीती सबसे छुपा रही है ।
अशोक जी - वीर , राजवीर ने बूलाया है, शायद कुछ इम्पोर्टेन्ट है, हमें चलना चाहिए ।
वीर जी - ठीक है भईया ।
इसके बाद अशोक जी और वीर जी चले जाते हैं ,केशव भी सिंघानिया कोर्पोरेशन चला जाता है ।
राधिका जी, वानी जी और कंचन जी किचन की तरफ चली जाती हैं तो वहीं दादा जी दादी जी भी अपने रुम मैं चले जाते हैं । राघव अपने शूटिंग के लिये तो रितु कॉलेज चली जाती है ।
कनक , प्रीती का हाथ पकड कर उसे अपने रुम मैं ले जाती है । और प्रीती को बेड़ पर बिठा कर खूद उसके साइड मैं बेठते हुए उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों मैं होल्ड किये हुए उससे पूछती है ।
कनक- प्रीती चल अब बता क्या बात है, जीजू की बात आते ही तू इतनी उदास क्यों हो गई थी, क्या तेरे और जीजू के बिच कुछ हुआ है, वो कल तेरे साथ शादी मैं क्यों नहीं आए थें,
💐💐💐💐💐💐
प्लीस रेटिंग्स और कमेंट्स जरूर देना ।
अब तक
कनक , प्रीती का हाथ पकड कर उसे अपने रुम मैं ले जाती है । और प्रीती को बेड़ पर बिठा कर खूद उसके साइड मैं बेठते हुए उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों मैं होल्ड किये हुए उससे पूछती है ।
कनक- प्रीती चल अब बता क्या बात है, जीजू की बात आते ही तू इतनी उदास क्यों हो गई थी, क्या तेरे और जीजू के बिच कुछ हुआ है, वो कल तेरे साथ शादी मैं क्यों नहीं आए थे ।
अब आगे ।
कनक का सवाल सुनते ही प्रीति अचानक से परेशान हो जाती है, और किसी सोच मैं गूम हो जाती है , उसके कानों मैं किसी के शब्द गूंजने लगते हैं
" मैं इस शादी को नहीं मानता , मेरे लिये ये शादी सिर्फ एक बोझ है, जिसमें मुझे तुम्हारे साथ जबरदस्ती बांधा गया है , इस शादी के साथ - साथ तुम भी मेरे लिये बोझ ही हो , मैं किसी और से प्यार करता हूं , ये शादी मेरे लिये सिर्फ एक बिजनेस डील है उससे ज्यादा कुछ नही , और वैसे भी तुम सिंघानिया परिवार का खून नहीं हो जो मैं तुम्हें इज्जत दूं तुम एक अनाथ हो , जिसका मुझसे कोई मेच नहीं है, कहाँ मैं जिसके ऊपर कॉलेज की सारी लड़कियाँ मरती थी और आज भी मारती है कहाँ तुम बदसूरत सी जिसे कोई लड़का देखना भी पसंद नहीं करता " तुम्हारी हैसीयत तो मेरी नौकरानी जितनी भी नहीं , तुम इस घर मैं तो जरूर रहोगी लेकिन मेरी पत्नी बन कर नहीं बल्कि इस घर की नौकरानी बन कर और एक नौकरानी की मेरे रुम मैं कोई जगह नहीं है"
इसी के साथ उस शक्श ने प्रीती ( जो बेड़ पर बेठे आंसू बहाते हुए उसे ही देख रही थी ) के हाथों को पकड उसे घसिटते हुए अपने कमरे से बाहर फेक उसके मुँह पर ही दरवाजा बंद कर देता है ।
प्रीती - प्रीती तू कहाँ खो गई मैं तुझसे कुछ पूँछ रही हूं ? तेरे और जीजू के बिच सब ठीक है ना ,वो तेरा ख्याल रखते है ना , की कोई प्रोब्लम है तुम दोनों के बिच,
प्रीती जो कहिं खो गई थी वो कनक के द्वारा उसे अवाज देने पर अपने होश मैं आती है और कनक को फिर से वही सवाल करते देख हड़बडा जाती है , लेकिन फिर खूद को शांत कर एक झूठी मुस्कुराहट के साथ उससे कहती है ।
प्रीती- अरे बाबा तू कितने सवाल करती है, जैसा तू सोच रही है वैसा कुछ भी नही है, हम दोनों के बिच सब कुछ ठीक है, मैं बस उन्हें थोड़ा सा मिस कर रही थी और कुछ नही , काफी दिन हो गये है ना उन्हें गये हुए इसलिए , वैसे तू बता तेरी कल की रात कैसी गई, तेरे गले पर जो हिक्की का निशान है ना उसे देख कर ही समझ आ रहा है की तूने कल रात बहुत मजे किये होंगे कहते हुए प्रीती के होठो पर एक शरारत भरी मुस्कुराहट आ जाती है ।
वहीं प्रीति के सवाल से कनक की आँखों के सामने पिछली रात का मंजर घूमने लगता है की किस तरह से कार्तिक ने उसके साथ जबरदस्ती की थी, वो सब याद आते ही कनक का पूरा शरीर काँप जाता है, लेकिन उसे प्रीती को तो जवाब देना ही था ,इसलिए कनक खूद को शांत कर प्रीती की ही तरह अपने होठों पर झूठी मुस्कुराहट लाते हुए बात पलटते हुए कहती है ।
कनक - शैतान बहुत नटखट हो गई है तू आज कल रूक तुझे अभी बताती हूं, इतना कहते हुए कनक एक पिल्लो उठाती है, वहीं कनक को पिल्लो उठाते देख प्रीती समझ जाती है की अब तो उसकी खेर नही , इसलिए वो बैड से उठ कर भागने लगती है, तो वहीं कनक पिल्लो लिये उसके पीछे- पीछे भागने लगती है ।
प्रीती कनक से बचने के लिये रुम से निकल कर कोरीडोर मैं भागने लगती, भागते हुए अचानक उसे मेहसूस होता है की कनक उसके पीछे नही आ रही है, इसलिए प्रीति भागते हुए ही कनक को पीछे मूड़ के देखती है की इतने मैं ही वो किसी शक्श से टकरा जाती है टक्कर इतनी तेज थी की दोनों ही सम्हल नहीं पाते है और गिर जाते हैं जिस्से प्रीती और उस शक्श के होठ आपस मैं जूड जाते ।
प्रीती जिस शक्श से टकराई थी वो कोई और नहीं उसका हस्बैंड राहुल ही था । इस समय राहुल निचे और प्रीती उसके ऊपर थी ।
इस अचानक हुई किस से प्रीती की आंखें बड़ी - बडी हो जाती है, वो डरते हुए राहुल के फेस की तरफ देखती है, जो बिना किसी भाव के उसे ही घूर रहा था । राहुल इस समय काफी ज्यादा डरावना दिख रहा था ।
प्रीती हडबडाते हुए खूद के होठों को राहुल के होठों से अलग करती है और राहुल के ऊपर से उठने लगती है, लेकिन जल्दबाजी के चक्कर मैं एक बार फिर उसका पैर फिसल जाता है और वो राहुल के ऊपर दूबारा गिर जाती है जिस्से एक बार फिर उन दोनोंं की एक्सिडेंटल किस हो जाती है ।
प्रीती के लिये ये सब काफी अजीब था, क्यौंकि उन दोनों की शादी को 6 महिने हो चुके थें, लेकिन इन 6 महिनों के बिच राहुल कभी भी उसके करीब नहीं आया था, उसने तो उससे शादी के पहले दिन ही कह दिया था की वो उसे कभी भी अपनी पत्नी होने का दर्जा नहीं देगा , ऐसे मैं उन दोनों की ये 1स्ट किस थी जो प्रीती के लिये काफी ज्यादा ओक्वर्ड थी, साथ ही उसे राहुल से भी काफी ज्यादा डर लग रहा था की, पता नहीं वो इसके बाद उसका क्या हाल करेगा ।
प्रीती एक बार फिर उठने की कोशिश करने लगती है, वो अभी उठ ही रही थी की इतने मैं ही राहुल उसे एक जोरदार धक्का देता है जिससे प्रीती ,राहुल के साइड मैं गिर जाती है, और राहुल अपनी जगहा पर खडे होकर, प्रीती के हाथों को पकडता है और उसे उसकी जगह से खड़े कर घसिटते हुए पास के ही एक कमरे के अंदर ले जाता है , और कमरे के अंदर आते ही कमरे का दरवाजा बंद कर प्रीती को दरवाजे के अगेंस्ट पूश कर राहुल , प्रीती के हाथों को मोड़ उसकी पीठ से सटा कर , चिल्लाते हुए कहता है ।
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प्रीती एक बार फिर उठने की कोशिश करने लगती है, वो अभी उठ ही रही थी की इतने मैं ही राहुल उसे एक जोरदार धक्का देता है जिससे प्रीती ,राहुल के साइड मैं गिर जाती है, और राहुल अपनी जगहा पर खडे होकर, प्रीती के हाथों को पकडता है और उसे उसकी जगह से खड़े कर घसिटते हुए पास के ही एक कमरे के अंदर ले जाता है , कमरे के अंदर आते ही कमरे का दरवाजा बंद कर प्रीती को दरवाजे के अगेंस्ट पूश कर राहुल , प्रीती के हाथों को मोड़ उसकी पीठ से सटा कर , चिल्लाते हुए कहता है ।
अब आगे
राहुल गुस्से से- कितनी बार कहा है , मैने तुमसे की मुझसे दूर रहा करों, पर नही तुम अपनी हरकतों से कभी बाज नहीं आओगी ना , तुम मुझसे जान बूझ कर टकराई ना ताकी तुम मेरे पास आ सको , पता नही तुम जैसी बदसूरत लडकी मैं मेरे मॉम - डैड ने ऐसा क्या देखा की उन्होने मुझे तुम्हारे साथ बान्ध दिया, जबकी उन्हें पता था की मैं नितारा ( राहुल की गर्लफ्रेंड ) से प्यार करता हूं, जरुर तुमने ही उन्हें नितारा के खिलाफ भड़काया होगा, सच मैं मानना पडेगा तुम्हें, तुम मेरी सोच से भी ज्यादा चालाक हो, तुम्हारे रंग के साथ - साथ तुम्हारा दिल भी काला है । पर कोई बात नही मैं जल्द ही तुम्हहें अपनी जिन्दगी से निकाल फेखून्गा और नितारा को वापस अपनी जिन्दगी मैं शामिल करूँगा , क्यौंकि तुम्हारी औकात नही है राहुल वाध्वा के साथ खड़े होने की, इतना कह राहुल प्रीती के हाथों को झटकते हुए उसे छोड देता है,
वहीं राहुल की बातों से प्रीती काफी ज्यादा हर्ट हो चुकी थी , उसकी आँखों के कोनों से आंसू बहने लगे थें, वो राहुल की तरफ पलट अपनी पलके झुका रोते हुए कहती है ।
प्रीती - मैं,,, मैने कुछ भी जान - बूझ कर नहीं किया , मैं तो बस कनक से बचा,,,
अभी प्रीती कह ही रही थी की अचानक उसे राहुल की गर्म सांसे काफी करीब से मेहसूस होने लगती है, जब वो अपनी नजरे ऊठा कर राहुल की तरफ देखती है, तो वो मेहसूस करती है की राहुल उसके काफी करीब खड़ा था, और वो एक टक कहिं देख रहा था, जब प्रीती उसकी नजरों का पीछा करती है तो उसकी आंसुओं से भरी आंखें बडी - बडी हो जाती है, जब उसे पता चलता है की राहुल उसके सिने की तरफ देख रहा था ।
प्रीती ने इस समय सूट पहना हुआ था , जिसमें दुपट्टा भी था, उसने दुपट्टे को अपने गले के दोनों तरफ से लिया हुआ था जो राहुल की खिंचा - तानी मैं उसके सिने से थोड़ा निचे की तरफ खिसक गया था, जिस वजह से उसके क्लिवेज हल्के हल्के शो हो रहे थें जिन्हें ,राहुल घूर रहा था ।
प्रीती जल्दी से अपने सीने को कवर करती है और राहुल को खूद से दूर करते हुए जल्दबाजी मैं वोश्रूम के अंदर चली जाती है । और गेट बंद करके उसी गेट से लगे गहरी - गहरी सांसें लेने लगती है । इस समय उसके गाल टमाटर की तरह लाल हो चुके थें, उसे खूद पर शर्म आ रही थी , राहुल के आँखों की तपिश प्रीती अभी भी अपने शरीर पर मेहसूस कर सकती थी । वो इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है की उसे अपने दुपट्टे का भी होश ना रह सका ।
वहीं राहुल जो प्रीती के अचानक धक्का देने से होश मैं आया था, दरवाजा बंद होने की अवाज से वोश्रूम की तरफ देखता है, कुछ पल उस गेट को घूरने के बाद राहुल उस रुम से बाहर चला जाता है ।
कनक जिसकी साडी थोड़ी बिगड गई थी, वो अपनी साडी ठीक करने के बाद जैसे ही सामने देखती है तो उसे प्रीती कहिं भी नज़र नहीं आती है, प्रीती के ना मिलने पर कनक निचे हॉल की तरफ चली जाती है ।
हॉल मैं,,,
कनक जब निचे आती है तो उसकी नज़र किचन की तरफ जाती है जहाँ पर राधिका जी और वानी जी किचन मैं दोपहर के खाने की तैयारी कर रही थी, कनक भी उनकी मदद करने के लिये किचन की तरफ चली जाती है ।
कनक - माँ ( राधिका जी ) ,छोटी माँ ( वानी जी ) आप क्या कर रही हैं दिजीये मैं कर देती हूं
कनक को आया देख राधिका जी जो सब्जियों को कट कर रही थी वो उससे कहती हैं ।
राधिका जी - कनक आप यहाँ क्या कर रही है, मैने आपसे आराम करने के लिये कहा था ना, सुबह आपने कितना सारा नाश्ता अकेले बनाया था, आप थक गई होंगी ना । जाइये जा कर आराम करिये,
वानी जी , राधिका जी की बात मैं हामी भरते हुए,
वानी जी - हाँ कनक दीदी सहिं कह रही हैं, तुम जाओं बेटा जा कर आराम करों, ( फिर एक शरारती मुस्कुराहट के साथ ) वैसे भी कल रात के बाद से तुम बहुत थकी - थकी सी लग रही हो,
वानी जी कि बात पर राधिका जी भी कनक को मुस्कुरा कर देखने लगती है।
कनक को पहले तो कुछ समझ नहीं आता है ,लेकिन जब वो राधिका जी और वानी जी को मुस्कुराते हुए देखती है तो वो समझ जाती है की उनके कहने का क्या मतलब था ,जिस्से कनक झेप जाती है, और बात बदलते हुए कहती है,
कनक - माँ मैं आटा गूँथ देती हूं, इतना केह कर कनक एक कंटेनर से आटा निकाल कर गूँथने लगती है,
वहीं कनक को ऐसे बात बदलते देख राधिका जी और वानी जी एक और बार खूद को मुस्कुराने से रोक नहीं पाती हैं और मुस्कुरा उठती हैं, वो दोनों अब कनक को काम करने के लिये नहीं रोकती है क्यौंकि वे दोनों जानती थी की चाहे वे कनक को कितना ही मना क्यों ना कर ले ,वो करेगी वही जो वो करना चाहती है ।
1 घंटे के अंदर सारा खाना बन कर तैयार हो जाता है, खाने मैं पालक पनीर , मटर राइस, रोटियां, राएता, मिक्स वेज, और डिसर्ट मैं गुलाब जामून बने थें, साथ मैं सैलिड़ भी थें ।
खाने के बनते ही राधिका जी एक टिफिन मैं खाना पेक करते हुए कनक से कहती है ।
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वहीं कनक को ऐसे बात बदलते देख राधिका जी और वानी जी एक और बार खूद को मुस्कुराने से रोक नहीं पाती हैं और मुस्कुरा उठती हैं, वो दोनों अब कनक को काम करने के लिये नहीं रोकती है क्यौंकि वे दोनों जानती थी की चाहे वे कनक को कितना ही मना क्यों ना कर ले ,वो करेगी वही जो वो करना चाहती है ।
1 घंटे के अंदर सारा खाना बन कर तैयार हो जाता है, खाने मैं पालक पनीर , मटर राइस, रोटियां, राएता, मिक्स वेज, और डिसर्ट मैं गुलाब जामून बने थें, साथ मैं सैलिड़ भी थें ।
खाने के बनते ही राधिका जी एक टिफिन मैं खाना पेक करते हुए कनक से कहती है ।
राधिका जी - कनक मैंने तुम्हारे और कार्तिक के लिये खाना पेक कर दिया, आज से तुम कार्तिक के लिये खाना ले जाया करोगी , और उसी के साथ मैं खाना खा कर आया करोगी ।
राधिका जी की बात पर कनक थोड़ी परेशान हो जाती है, कनक कार्तिक से बहुत प्यार करती थी, और उसने कुछ ऐसे ही सपने देखे थें की जब उसकी शादी कार्तिक से हो जाएगी तब वो इसी तरह से रोज कार्तिक के लिये खाना बना कर उसके लिये ले जाया करेगी, लेकिन अब स्विचवेशन अलग थी, बस इसलिए वो कार्तिक के लिये खाना ले कर नहीं जाना चाहती थी, क्यौंकि वो अच्छी तरह से जानती थी की उसे अपने कंपनी मैं देख कर कार्तिक बिल्कुल भी खूश नहीं होगा, लेकिन कनक ,राधिका जी को दूखी भी नहीं करना चाहती थी, इसलिए ना चाहते हुए भी , कनक राधिका जी की बात पर हामी भर देती है फिर कार्तिक के लिये तैयार किया हुआ टिफिन ले कर कनक कार और ड्राइवर के साथ , सिंघानिया कोर्पोरेशन के लिये निकल जाती है ।
कुछ 15 मिनट बाद कनक की कार सिंघानिया कोर्पोरेशन के बाहर आ कर रुकती है ।
कनक के उतरते ही ड्राइवर कार पार्क करने के लिये चला जाता है तो वहीं, कनक सिंघानिया बिल्डिंग के बाहर खड़े होकर सोचने लगती है की उसे अंदर जाना चाहिए की नहीं, क्यौंकि वो बहुत अच्छी तरह से जानती थी की कार्तिक उसे अपने कंपनी मैं देख कर बिल्कुल भी खूश नहीं होगा, क्यौंकि उसने पहले ही कह दिया था की उनकी शादी सीक्रेट रहेगी जिसके बारे मैं बाहर वालों को बिल्कुल भी पता नहीं चलना चाहिए, ऐसे मैं अगर वो कार्तिक के लियेए खाना ले कर जाएगी तो, उसे यकीन था की कार्तिक यही सोचेगा, की वो जान - बूझ ये सब कर रही है ताकी लोगों को पता चल जाए वो मिसेज सिंघानिया है ।
जब कार्तिक और जुही की शादी होने वाली थी तब जुही ने कार्तिक से पहले ही कह दिया था की उनकी शादी सीक्रेट रहेगी, कोई भी मीडिया वहां मौजूद नहीं रहनी चाहिए इसलिए जुही के भाग जाने पर जब कार्तिक की शादी कनक से हुई थी, तब भी कोई मीडिया उनकी शादी के दौरान वहां पर मौजूद नहीं था इसलिए उनकी शादी के बारे मैं किसी को भी पता नहीं था ।
कनक अपने मन - कहिं घूमने चली जाती हूं, कुछ देर घूमने के बाद घर जा कर मम्मा से कह दूँगीं की मैं कार्तिक को खाना खिला कर आ गई हूं, वैसे भी मम्मा को कौन बताएगा की मैं कार्तिक को खाना देने गई थी की नहीं और रही इस खाने की बात , इसे तो मैं मजे से अकेले ही खाउन्गी, सुबह उस डेविल ने ठूस - ठूस कर मेरा बनाया हुआ नाश्ता खाया था पर मजाल है , उसने थोड़ी सी भी मेरी तारिफ की हो,, हूं। इसी तरह से बड - बड़ाते हुए कनक पलट कर जाने लगती है की तभी उसे पीछे से एक अवाज आती है ।
" कनक मेम मुझे मिसेज सिंघानिया ( राधिका जी) ने आपको कंपनी के बाहर से पिक करने के लिये कहा था "
इस अवाज को कनक बहुत अच्छे से पहचानती थी क्यौंकि ये अवाज कार्तिक के असिस्टेंत अक्षय की थी,
कनक अपने होठों पर एक खिसियानी हँसी के साथ अक्षय की तरफ पलटती है और कहती है ।
कनक - चलों चलते है, तुम्हारे उस खडूस बॉस के केबिन मैं,
कनक की बात पर अक्षय अजीब तरह से मुस्कुराता ,जिसके बाद कनक कंपनी के अंदर चली जाती है अक्षय उसके पीछे- पीछे,
कनक को आया देख कंपनी के सभी स्टाफ उसे गुड आफ्टरनून वीश करने लगते हैं, क्यौंकि उन लोगों ने अक्सर कनक को कार्तिक के दादा जी के साथ सिंघानिया कोर्पोरेशन मैं आते हुए देखा था साथ ही उन्हें ये भी पता था की कनक सिंघानिया परिवार की गोद ली हुई बेटी है, जिसे पूरा सिंघानिया परिवार अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता है, इसलिए उनमें से कोई भी कनक को नाराज करने की कोशिश नहीं कर सकता था, साथ ही कनक का वेवहार भी उन लोगों के साथ काफी अच्छा था, इसलिए वो लोग उसे पसंद भी करते थें । ज्यादातर लोग कनक को आया देख खूश तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी थें जो उसे जलन के साथ देख रहे थें, हालांकी वहां मौजूद अक्षय को छोड कर किसी को नहीं पता था की अब कनक मिसेज कार्तिक सिंघानिया भी बन चुकी थी, वरना उनकी जलन और ज्यादा बड जाती।
यहाँ आने से पहले कनक ने अपने मांग पर लगे सिन्दूर को बालों की मदत से अच्छे से कवर कर लिया था, ऐसा ही उसने मंगलसूत्र के साथ भी किया था, इसलिए वो इस समय कहिं से भी शादी - शूदा नहीं लग रही थी ।
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कनक को आया देख कंपनी के सभी स्टाफ उसे गुड आफ्टरनून वीश करने लगते हैं, क्यौंकि उन लोगों ने अक्सर कनक को कार्तिक के दादा जी के साथ सिंघानिया कोर्पोरेशन मैं आते हुए देखा था साथ ही उन्हें ये भी पता था की कनक सिंघानिया परिवार की गोद ली हुई बेटी है, जिसे पूरा सिंघानिया परिवार अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता है, इसलिए उनमें से कोई भी कनक को नाराज करने की कोशिश नहीं कर सकता था, साथ ही कनक का वेवहार भी उन लोगों के साथ काफी अच्छा था, इसलिए वो लोग उसे पसंद भी करते थें । ज्यादातर लोग कनक को आया देख खूश तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी थें जो उसे जलन के साथ देख रहे थें, हालांकी वहां मौजूद अक्षय को छोड कर किसी को नहीं पता था की अब कनक मिसेज कार्तिक सिंघानिया भी बन चुकी थी, वरना उनकी जलन और ज्यादा बड जाती ।
यहाँ आने से पहले कनक ने अपने मांग पर लगे सिन्दूर को बालों की मदत से अच्छे से कवर कर लिया था, ऐसा ही उसने मंगलसूत्र के साथ भी किया था, इसलिए वो इस समय कहिं से भी शादी - शूदा नहीं लग रही थी ।
कनक बदले मैं सभी स्टाफ को गूड़ आफ्टरनून कहते हुए, अक्षय के साथ कार्तिक के प्रसनल लिफ्ट के अंदर चली जाती है,
कुछ देर बाद लिफ्ट कार्तिक के केबिन वाले फ्लोर पर आकर रूकती है, जिसके अंदर से पहले कनक और उसके बाद अक्षय बाहर निकलता है, कनक कार्तिक के केबिन की तरफ अपने कदम बडा देती है , उसके पीछे - पीछे अक्षय भी आ रहा था, कनक बोहोत बार सिंघानिया कोर्पोरेशन आ चुकी थी, इसलिए उसे पता था की कार्तिक का केबिन कहाँ है, ये बात अलग थी की कार्तिक को कनक का उसके केबिन मैं आना बिल्कुल भी नहीं पसंद था, लेकिन दादा जी की वजह से वो कुछ नहीं कर पाता था, और मजबूरन उसे कनक को बर्दाश्त करना पडता था ।
अक्षय जानता था की कनक को कार्तिक के केबिन के बारे मैं पता है, पर फिर भी वो कनक के पीछे आ रहा था क्यौंकि राधिका जी ने उसे सक्त हिदायत दी थी की वो कनक को कार्तिक के केबिन के बाहर छोड के आए और उसे वहां से भागने ना दे ।
कनक अचानक एक जगह पर रूक जाती है जिस्से उसके पीछे आ रहा अक्षय कनक से टकरा जाता है, और कनक के सर से उसकी नाक भीड जाती है ।
अक्षय झल्लाते हुए कहता है ।
अक्षय -कनक मेम आप रूक क्यों गई
अक्षय की बात पर कनक उसकी तरफ पलट कर उसे तो पहले घूरती है, फिर सामने की तरफ देखने का इशारा करती है ।
अक्षय जब कनक की नजरों का पीछा करता है तो उसे एक नेम प्लेट दिखाई देता है जिस पर लिखा था" CEO'S CABIN "
इसका मतलब था की वो दोनो कार्तिक के केबिन के बाहर पहुंच गये थें इसलिए कनक अचानक रूक गई थी ।
अपनी गलती का एहसास होते ही अक्षय एक नज़र केबिन की तरफ देखता है फिर कनक की तरफ देखते हुए अपनी बत्तिसी दिखा देता है जो उसे ही देख रही थी ।
उसके बत्तिस दाँत देख कनक खूद मैं बड - बडाते हुए कहती है
" बेवकूफ "😒 ।
अक्षय उसकी बात को इग्नोर करते हुए कहता है ।
अक्षय - कनक मेम मेरा साथ यहीं तक था अब मैं चलता हूं ।
अपनी बात खत्म कर अक्षय बिना कनक की बात सुने वहां से ऐसे भागता है जैसे उसके पीछे कोई पिशाच पड गया हो ।
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अपनी गलती का एहसास होते ही अक्षय एक नज़र केबिन की तरफ देखता है फिर कनक की तरफ देखते हुए अपनी बत्तिसी दिखा देता है जो उसे ही देख रही थी ।
उसके बत्तिस दाँत देख कनक खूद मैं बड - बडाते हुए कहती है,
" बेवकूफ " 😒 ।
अक्षय उसकी बात को इग्नोर करते हुए कहता है ।
अक्षय - कनक मेम मेरा साथ यहीं तक था अब मैं चलता हूं।
अपनी बात खत्म कर अक्षय बिना कनक की बात सुने वहां से ऐसे भागता है जैसे उसके पीछे कोई पिशाच पड गया हो ।
अब आगे
अक्षय इसलिए भागा था, क्यौंकि जिस तरह से सभी कार्तिक से डरते थें, उसी तरह से अक्षय भी अपने बॉस से बहुत डरता था, और उसके अंदर बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी की वो अपने उस यमराज बॉस का सामना भी कर सके ।
अक्षय को इस तरह से भागते देख कनक खूद से खिसियाते हुए कहती है ।
कनक 😬 -ऐसे तो उसका चमचा बना फिरता है , लेकिन इसमें इतनी हिम्मत नही की उसका सामना भी कर सके ,मुझे उस भूखे शेर के सामने डाल कर खूद भाग गया ।
" हे भगवान बस आज बचा लेना " इतना खूद से कहते हुए कनक दरवाजे पर नॉक करते हुए कहती है "क्या मैं अंदर आ सकती हूं "
कनक के इतना कहने पर अंदर से कार्तिक की एक बहुत ही प्यार भरी अवाज आती है ।
" डार्लिंग तुम्हें मेरे केबिन मैं आने के लिये परमिशन लेने की जरूरत नहीं है, तुम बिना मेरी परमिशन लिये केबिन मैं आ सकती हो । क्यौंकि ये केबिन जीतना मेरा है उतना ही तुम्हारा भी है, हम दोनों का इस पर बराबर का हक है " ।
कार्तिक की ये बात सुनते ही कनक सदमें मैं चली जाती है, और वो खूद से ही कहती है ।
" ये जंगली शेर अचानक चुहा कैसे बन गया " और मु,, मूझे डार्लिंग कह कर बूला रहा है, अपने सबसे बडे जानी दुश्मन को ,कहिं पागल - वागल तो नहीं हो गया । फिर खूद के कान को खूजलाते हुए " शायद मेरे कान के परदे फट चुके हैं ,इसलिए मुझे कुछ ज्यादा ही उंचा सुनाई दे रहा है । "
खूद मैं ही बडबडाते हुए कनक ,कार्तिक के केबिन का डोर ओपन करती है और टिफिन बोक्स अपने हाथ मैं पकडे हुए अंदर जाती है । तो उसे कार्तिक अपनी चेयर पर बेठा नज़र आता है जो अपने मोबाइल मैं देखते हुए कह रहा था ।
" हाँ माँ मेरी बीवी आ चुकी है मेरे लिये खाना लेकर " इतना कह कार्तिक अपनी नज़र अपने मोबाइल से हटा कर कनक को एक तीखी नज़र से देखते हुए कहता है " डार्लिंग लो तुम भी बात कर लो " इतना कह कार्तिक अपने मोबाइल को उसकी तरफ मोड देता है । "
कनक की नज़र फोन की स्क्रीन पर जाती है और उसे सारा माजरा समझ आ जाता है की क्यों कार्तिक उसे इतने प्यार से डार्लिंग कह कर बूला रहा था, कार्तिक के फोन पर एक विडियो कॉल चल रही थी, जिसके दुसरी तरफ कार्तिक के दादा - दादी और राधिका जी मौजूद थें । "
कार्तिक चाहे उससे कितनी ही नफरत क्यों ना कर ले ,कनक जानती थी की कार्तिक चाहते हुए भी अपनी फेमिली के सामने उसकी बेज्जती नहीं कर सकता था , क्यौंकि वो अपनी फेमिली से बहुत प्यार करता था, और उसकी फैमिली कनक से बहुत प्यार करती थी, बस इसलिए वो कनक के साथ कुछ गलत करके अपने दादा - दादी और राधिका जी को नाराज नहीं करना चाहता था ।
दादा जी - कन्नू ( कनक का निक नेम ) तुम्हें पता है तुमने जो गूलाब जामून खास करके मेरे लिये बनाए थें ना ,इस औरत ( दादी जी की तरफ इशारा करते हुए ) ने मुझे खाने ही नहीं दिए ।
दादी जी आंखें छोटी कर दादा जी को घूरते हुए " कितना झूठ बोलता है ये आदमीं ,कन्नू मैने इसे पूरे 2 गूलाब जामून दिए थें, जिसे इन्होने एक ही बार मैं खा लिया था और अब बोल रहे हैं की मैने इन्हें दिए ही नहीं " ।
दादा जी मुँह बना कर - हा तो दो गूलाब जामून से क्या होता है, उनकों खाने से तो मुझे उनका टेस्ट भी समझ नहीं आया, अगर 10 - 12 गूलाब जामून मिल जाते तो ,,,,इतना कहते हुए दादा जी कनक की तरफ देखते हैं जो उन्हें ही घूर रही थी।
कनक 🤨 - आपकों शुगर है ना, फिर भी आप 10 - 12 गूलाब जामून खाना चाहते हैं । आपकी शुगर के हिसाब से आपके लिये 2 गुलाब जामून काफी थें , और वैसे भी मैने ही दादी को मना किया था की वो आपकों 2 से ज्यादा ना दें ।
कनक की बात पर दादा जी का मुँह गुब्बारे की तरह फूल जाता है और वो मुँह मोड कर बेठ जाते हैं, उनके फुले हुए मुँह को देख कर दादी जी, राधिका जी और कनक जोर - जोर से हंसने लगतें हैं ।
कार्तिक जो कनक के ही साइड मैं आ कर खड़ा हो गया था, और अपनी शोकिंग नजरों से अपने दादा जी को देख रहा था जो अभी किसी छोटे से बच्चे की तरह कनक के सामने ऐक्टिंग कर रहे थें, उसे यकीन नहीं हो रहा था, की ये वहीं दादा जी है जो उसके साथ किसी हिटलर की तरह पेश आते हैं ।
"क्या हुआ स्वीटि चलों खाना खाते है, मम्मा कब से बोल रही है"
कार्तिक जो अपने ख्यालों मैं गूम था वो कनक के अवाज देने पर अपने ख्यालों से बाहर आता है, और उसे अजीब तरह से घूरने लगता है ।
कार्तिक को अपनी तरफ घूरते देख, कनक उसे फोन की तरफ इशारा करती है ।
कार्तिक फोन की तरफ देखता है ,तो विडियो कॉल अब भी चल रही थी और राधिका जी उन दोनों को खाना खाने के लिये कह रही थी ।
कार्तिक का काफी आलिशान और बड़ा केबिन था, वो इतना बडा था की उसमें आसानी से एक पूरा घर आ सकता था, केबिन के अंदर एन्टर होते ही सामने एक किंग साइज डेस्क थी, उस डेस्क के साथ कार्तिक के बेठने के लिये सीईओ चेयर थी, उस डेस्क के लेफ्ट साइड कांच की बडी - बडी विंडोव्स थी, यानी की वो पूरा एरिया क्रिस्टल कांच से कवर था जिस्से निचे आती जाती कार्स को आसानी से देखा जा सकता था, उन कांच की विंडोज़ के थोडे आगे किंग साइज सोफे रखे हुए थें, जिसके साथ एक छोटा टेबल भी था , डेस्क के राइट साइड बेडरूम भी था, जहाँ पर कार्तिक के इस्तेमाल की सारी चीजें मौजूद थी, उस रुम मैं वोश्रूम भी था, जब कभी कार्तिक को किसी पार्टी वगेरा मैं जाना होता था तो वो यहीं से तैयार हो कर चला जाता था उसे घर जाने की जरुरत नहीं होती थी ।
कार्तिक और कनक दोनों डेस्क के लेफ्ट साइड ,कांच विंडोव्स के सामने रखे सोफे पर जा कर बेठ जाते हैं ।
कनक दो प्लेट लेकर उसमें खाना निकालने ही वाली थी की राधिका जी उसे टोकते हुए कहती हैं ।
" कन्नू तुम दोनों एक ही प्लेट मैं खाना खाओं, एक ही प्लेट मैं खाने से प्यार बडता है "
राधिका जी की हाँ मैं हाँ मिलाते हुए दादी जी कहती हैं ।
"हाँ , और तुम अपने हाथ से कार्तिक को खिलाओगी"
दादी जी की बात पर कनक का चेहरा देखने लायक हो ,जाता है।
वहीं कार्तिक भी कनक के हाथ से नहीं खाना चाहता था, पर वो कुछ कर भी नहीं सकता था ।
कनक ,पालक पनीर की सब्जी मैं रोटि को डीप कर ,कार्तिक के फेस की तरफ बड़ाती है, जिसे ना चाहते हुए भी कार्तिक को खाना पडता है, लेकिन जैसे ही वो एक बाइट लेता है की अचानक उसके फेस के एक्सप्रेशन्स चेंज हो जाते हैं ।
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"हाँ , और तुम अपने हाथ से कार्तिक को खिलाओगी"
दादी जी की बात पर कनक का चेहरा देखने लायक हो ,जाता है।
वहीं कार्तिक भी कनक के हाथ से नहीं खाना चाहता था, पर वो कुछ कर भी नहीं सकता था ।
कनक ,पालक पनीर की सब्जी मैं रोटि को डीप कर ,कार्तिक के फेस की तरफ बड़ाती है, जिसे ना चाहते हुए भी कार्तिक को खाना पडता है, लेकिन जैसे ही वो एक बाइट लेता है की अचानक उसके फेस के एक्सप्रेशन्स चेंज हो जाते हैं ।
अब आगे
उसका मन किया कि वो पूरा खाना ,कनक के मुंह पर उगल दे, क्योंकि खाना हद से ज्यादा तिखा था, जिसका एक बाइट खाते ही कार्तिक का पूरा चेहरा लाल पड़ जाता है,कार्तिक को बचपन से ही तीखा खाना पसंद नहीं था, उससे तीखा बर्दाश्त ही नहीं होता था, इसलिए एक बाइट से ही उसकी हालत खराब हो गई थी, लेकिन वीडियो कॉल मैं मौजूद लोगों की वजह से उसे जबरदस्ती उस खाने को चबा -चबा
कर खाना पड़ता ,क्योंकि दादा जी की बात से उसे इतना तो पता चल ही चुका था की घर के सभी मेम्बर खाना खा चुके थें, और उन्होने खाने की कोई बुराई नहीं की थी, ऐसे मैं अगर वो कुछ कहता भी ,तो कोई भी उस पर विश्वाश नहीं करने वाला था ।
कार्तिक को एक बाइट खिलाने के बाद, कनक दूसरी बाइट खुद खाती है ,जहां एक बाइट खाते ही कार्तिक की हालत खराब हो गई थी, वहीं कनक बड़े आराम से उस खाने को खा लेती है ।
कार्तिक जो बड़े ध्यान से कनक के फेस को देख रहा था, की तीखे की वजह से उसके फेस एक्सप्रेशंस चेंज होंगे, जब वो ये देखता है कि उसे तो कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है, तो उसे थोड़ा अजीब लगता है, वो जानता था कि कनक स्पाइसी फूड बहुत आसानी से खा लिया करती थी, क्योंकि उसे स्पाइसी बोहोत ही ज्यादा पसंद था, लेकिन जो खाना वो इस समय खा रहे थे, उसमें बहुत ज्यादा मिर्ची थी, जैसे मिर्ची का पूरा डिब्बा ही उड़ेड़ दिया हो, ऐसे मैं कनक का इतनी आसानी से खाना खा लेना, कार्तिक के शक की वजह बन रही थी, दो चार बाइट जैसे- तैसे खाने के बाद, कार्तिक नोटिस करता है, की पालक पनीर की सब्जी की दो डिब्बियाँ थीं, जिसमें से एक डिब्बे के सब्जी का रंग तो नॉर्मल था, लेकिन वहीं दुसरे डिब्बे के सब्जी कुछ ज्यादा ही लाल था, और कनक खूद पहले डिब्बे से खा रही थी और उसे दूसरे डिब्बे से खिला रही थी ।
कार्तिक को समझ आ जाता है की कनक क्या करने की कोशिश कर रही थी ।
कार्तिक एक नज़र कनक को देखता है, फिर फोन की तरफ देखते हुए अपनी दादी से कहता है " दादी ये तो गलत बात है ना ,सिर्फ कनक ही मुझे खिला रही है, मुझे भी तो उसे खिलाना चाहिए ना "
कार्तिक की बात पर दादी जी मुस्कुरा कर " हाँ ये तो तुमने बिल्कुल सहिं कहा, तुम्हें भी कनक को अपने हाथों से खिलाना चाहिए "
दादी जी की बात पर जहाँ कार्तिक के होठों पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ जाती है, और वो कनक की तरफ देखने लगता है जिसकी आंखें बडी हो चुकी थी ।
कनक याद करने लगती है की जब राधिका जी ने उसे खाना पैक करके दिया था, तो उसने राधिका जी की नजरों से बचते हुए , सब्जियों को दो अलग ,अलग कंटेनर मैं डालते हुए एक डिब्बे मैं भर - भर का मिर्ची डाल देती है ।
"डार्लिंग खाओं ना"
कार्तिक के द्वारा अवाज देने पर, कनक अपने ख्यालों से बाहर आती है और उसकी तरफ देखने लगती है, जो उसकी तरफ रोटि मैं मिर्ची वाली पालक पनीर डीप लिये हुए अपने हाथ बडाए उसे खाने के लिये कह रहा था, पर कनक उसे खा ही नहीं रही थी और अपना सर इधर - उधर कर रही थी, कनक को अपना सर इधर - उधर करते देख आदित्य अपने दूसरे हाथ से उसकी गर्दन पकड जबरदस्ती उसके मुँह मैं खाना ठूस देता है ।
जिसे खाते ही कनक का फेस भी कार्तिक की ही तरह लाल हो जाता है,
इसी तरह से कार्तिक लगातार एक के बाद एक कनक के मुँह मैं खाना ठूस्ते जाता है, जिस्से कनक की हालत खराब हो जाती हैं।
" ओके दादू - दादी, माँ हम दोनों ने खाना खा लिया है , इसलिए मैं कॉल कट कर रहा हूं, वो क्या है , ना, मुझे अपनी बीवी के साथ कुछ क्वाइलिटि टाइम भी तो बिताना है, आखिर के लाइन कहते हुए कार्तिक के होठ अजीब तरह से ऊपर की तरफ उठ जातें हैं, इसी के साथ वो वीडियो कॉल भी ऐंड कर देता है, और कनक की तरफ देखने लगता है, जो अपनी आंखें चौडी किये, हैरानी से उसे ही देख रही थी ।
कार्तिक उसे अपनी तरफ देखते देख " उल्लु की तरह आंखें फाड कर मुझे क्या देख रही हो, इसमें इतनी हैरान होने वाली कौन सी बात है, आखिरकार बीवी हो तुम मेरी, अभी - अभी शादी हुई है हमारी, ऐसे मैं हम दोनों का क्वाइलिटि टाइम साथ मैं बिताना आम बात है 😏 ।
अपनी बात खत्म कर कार्तिक धीरे - धीरे कनक के होठों की तरफ अपने होठ बडाने लगता है ।
जैसे - जैसे कार्तिक ,कनक की तरफ बड रहा था, वैसे- वैसे कनक पीछे की तरफ जा रही थी, इसी तरह से कनक आखिर मैं कनक सोफे और कार्तिक के बिच मैं फंस जाती है, जिसका फाएदा उठाते हुए कार्तिक ,कनक के काफी नज़दीक आ जाता है ।
कार्तिक अपनी आंखें बंद कर, अपने होठ, कनक के होठों की तरफ बडा देता है, लेकिन इससे पहले की वो कनक के होठों को छू पाता ,कनक साइड से एक गुलाब जामून उठा कर उसे कार्तिक के मुँह मैं डाल देती, जिसका टेस्ट, कार्तिक को पहले तो बहुत मीठा लगता है, लेकिन फिर अचानक वो उसे काफी तीखा लगने लगता है, क्यौंकि कनक, उस गूलाब जामून के अंदर भी खूब सारी मिर्ची भर के लाई थी, तीखे पन की वजह से कार्तिक की आंखें एक झटके मैं खूल जाती है, वो कनक को घूरने लगता है, जो उसे ही चिडाने वाली हँसी के साथ देख रही थी, वो कुछ कर पाता की, कनक उसे धक्का देते हुए खूद से दूर करती है, और सोफे से उठ जाती है ।
लेकिन कनक वहां से भाग पाती, की कार्तिक उसके हाथों को पकड अपनी तरफ खींचता है, जिस्से कनक उसके ऊपर गीर जाती है, और उन दोनों के होठ एक दूसरे के काफी करीब आ जाते हैं ।
गिरने की वजह से कनक के बाल उसके फेस पर आ जातें हैं, जिन्हें कार्तिक अपनी उंगलियों से कनक के बालों को पीछे करते हुए केहता है " मेरे अअंदर आग लगा कर,तुम कहाँ जा रही हो, अब जब आग लगा ही दी है, तो इसे बुझाना तो पडेगा, आग तुमने लगाइ है, तो इसे बुझाओगी भी तुम "
अपनी बात खत्म करते ही ,कार्तिक अपने होठ कनक के होठों पर रख उसे फ़ोर्स्ड़ किस करने लगता है ।
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लेकिन कनक वहां से भाग पाती, की कार्तिक उसके हाथों को पकड अपनी तरफ खींचता है, जिस्से कनक उसके ऊपर गीर जाती है, और उन दोनों के होठ एक दूसरे के काफी करीब आ जाते हैं ।
गिरने की वजह से कनक के बाल उसके फेस पर आ जातें हैं, जिन्हें कार्तिक अपनी उंगलियों से कनक के बालों को पीछे करते हुए केहता है " मेरे अंदर आग लगा कर,तुम कहाँ जा रही हो, अब जब आग लगा ही दी है, तो इसे बुझाना तो पडेगा, आग तुमने लगाइ है, तो इसे बुझाओगी भी तुम ही"
अपनी बात खत्म करते ही ,कार्तिक अपने होठ कनक के होठों पर रख उसे फोर्सफूलि किस करने लगता है।
अब आगे ।
कनक, कार्तिक को अपने हाथों की मदत से दूर करने की कोशिश कर रही थी, पर अपनी कोशिशों को बावजूद वो कार्तिक को खूद से दूर नहीं कर पाई थी ,क्यौंकि वो थी तो एक लडकी ही, जो एक हट्टे - कट्टे कार्तिक से भला कैसे मुकाबला कर सकती थी
कार्तिक, कनक के होठों को अपने होठों मैं भर कर लगातार किस किये जा रहा था, उसे कनक के होठ किसी स्ट्रॉबेरी की तरह लग रहे,
कार्तिक आपनी टंग ,कनक के मुँह मैं एन्टर करने की कोशिश करता है, लेकिन कनक उसे ऐसा करने नहीं दे रही थी,
कार्तिक झन्नाहट मैं, कनक के होठों को काफी जोर से बाइट कर देता है, जिस्से कनक के होठ एक आह के साथ अलग हो जाते हैं, जिसका फाएदा उठाते हुए कार्तिक अपनी टंग, कनक के मुँह के अंदर एन्टर कर, अपनी टंग से उसके पूरे मुँह को एक्सप्लोर करने लगता है, बीच - बीच मैं कनक की दबि हुई सिसकियां भी निकल रही थी, क्योंकी कार्तिक उसे किस करते हुए उसके होठों को बार - बार बाइट कर रहा था।
कुछ 20 मिनट तक कनक के होठों के साथ खेलने के बाद, कार्तिक उसके होठों से दूर होता है, और कनक के नेक पर किस करने लगता है,
वहीं कार्तिक के दूर होते ही कनक गहरी - गहरी सांसे लेने लगती है, इस मोमेंट मैं वो पूरी तरह से बेहक चुकी थी ,उसके हाथ अपने आप ,कार्तिक के बालों पर चले जाते हैं, और उसके बालों को सहलाने लगते हैं, कार्तिक की फ़ोर्स्ड किस की वजह से उसकी सांसे काफी तेज चल रही थी,
सांसे तेज चलने की वजह से कनक का सीना ऊपर निचे हो रहा था, जो बार - बार कार्तिक के चेस्ट से टच होने के कारन कार्तिक का ध्यान उस तरफ चला जाता है ।
कार्तिक अब और खूद को कंट्रोल ना करते हुए, कनक को अपनी गोद मैं उठाए हुए, केबिन मैं बने अपने रुम की तरफ अपने कदम बड़ा देता है, रुम की तरफ जाते हुए वो एक बार फिर अपने होठ कनक के होठों से जोड़ लेता है ।
कछ देर बाद उस रुम से सिसिकियों की आवाजे आने लगती है।
इस बार उन दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ था, वो दोनों की रजामंदी के साथ हुआ था, किसी भी तरह की कोई जोर जबरदस्ती नहीं थी ।
इस बीच कार्तिक का असिस्टेंट अक्षय, कार्तिक से किसी डॉक्यूमेंट्स मैं साइन लेने आया था, काफी देर तक केबिन मैं आने की, परमिशन माँगने पर भी उसे अंदर से कार्तिक की कोई अवाज नहीं आई थी, तो वो बिना परमिशन के ही अंदर आ गया था, लेकिन केबिन मैं आते ही उसे , जब केबिन मैं बने कार्तिक के रुम से सिस्कियों की आवाजे आने लगी तो, उसके कान अपने आप लाल होने लगे थें, और उसे अच्छे से समझ आ गया था, की अंदर क्या चल रहा था, केबिन मैं आने से पहले उसने सोचा था, की कनक अब तक चली गई होगी, लेकिन अंदर की आवाजों से उसे समझ आ गया था, की अंदर कार्तिक कनक के साथ ही है, जिसके बाद अक्षय जिस गेट से आया था, उसी गेट से हड़बड़ाहट मैं केबिन से बाहर निकल जाता है, साथ ही उसने बाकी सभी को भी, कार्तिक के केबिन मैं जाने से मना कर दिया था ।
शाम के 7 बजे के करीब,
कनक नीन्द मैं ही अपने हाथों को, कार्तिक जहाँ पर सोया था, वहां पर फेराती है, लेकिन उसे मेहसूस होता है की उसके साइड मैं तो कार्तिक है ही नहीं, तब कनक धीरे - धीरे अपनी आंखें खोलती है, और उसी तरह से बेड़ पर उठ कर बेठ जाती है, जब वो पूरे कमरे को ध्यान से देखती है, तो उसे कार्तिक कहिं भी नज़र नहीं आता है, तो कनक अपने कपडे ढूंढने लगती है, जो उसे बेड़ के साइड मैं ही पडे हुए नज़र आते हैं, जिन्हें लेने के लिये वो उतरने लगती है, की तभी उसे अपने शरीर के निचले हिस्से मैं काफी तेज दर्द मेहसूस होने लगता है, जिस्से उसके कदम लडखडा जाते हैं, पर वो गिरने से पहले ही खूद को सम्हाल लेती है, हालांकी ये उसका फ़र्स्ट टाइम नहीं था, लेकिन उसे फ़र्स्ट टाइम से भी ज्यादा दर्द मेहसूस हो रहा था,
कनक खूद को ही कोंस रही थी, की वो कैसे उस डेविल के सामने कमजोर पड गई, जबकी वो जानती थी की, कार्तिक इन्टिमिसी के समय कितना ज्यादा वाइल्ड हो जाया करता था ,
कनक, ने पिछली रात ही मेहसूस कर लिया था, की कार्तिक इन्टिमिसी के समय सब कुछ भूल जाता है, वो अपने ऊपर से पूरा कंट्रोल खोते हुए, काफी ज्यादा वाइल्ड हो जाता है, इसिलिए कनक को अफसोस हो रहा था की वो सब कुछ जानते हुए भी कैसे, बेहक गई थी ।
कनक खूद से बडबडाते हुए " सच मैं डेविल ही है, कितना दर्द हो रहा है मुझे " ये कहते हुए कनक अपना पेट पकडे हुए अजीब - अजीब से चेहरे बना रही थी 😩 😫 😖
उसे इस तरफ से फेसेस बनाते हुए देख, कार्तिक जो अभी - अभी वोश्रूम से शॉवर लेकर निकला था, वो अपने होठों पर एक डेविल स्माइल के साथ कहता है" क्या हुआ डार्लिंग, दर्द हो रहा है क्या "
कनक जो अपने दर्द को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी, वो कार्तिक की बात पर, उसकी तरफ देखती है, जो उसे ही देखते हुए मुस्कुरा रहा था, उसे मुस्कुराते देख, कनक उसे गुस्से से घूरने लगती है ।
वहीं कार्तिक को उसके गुस्से से कोई फर्क नहीं पडता है, और वो अपनी बात जारी रखते हुए कहता है, " अगर दर्द हो रहा है, तो बता दों मुझे, तुम्हें जहाँ - जहाँ दर्द हो रहा होगा, मैं वहां - वहां पर आयलमेंट लगा दूंगा, क्या तुम्हें वहां पर दर्द हो रहा है " अपनी बात कहते हुए कार्तिक, कनक के पेट के निचले हिस्से की तरफ अपनी उँगली पोइंट कर देता है ।
कार्तिक के फेस पर इस समय एक टीजिंग स्माइल थीं, तो वहीं कनक का फेस शर्म और गुस्से से लाल हो जाता है, वो अपने सामने खडे उस डेविल को देख रही थी, जो ऐसे मुस्कुरा रहा था, जैसे ना जाने उसने कितनी महान बात बोली हो
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वहीं कार्तिक को उसके गुस्से से कोई फर्क नहीं पडता है, और वो अपनी बात जारी रखते हुए कहता है, " अगर दर्द हो रहा है, तो बता दों मुझे, तुम्हें जहाँ - जहाँ दर्द हो रहा होगा, मैं वहां - वहां पर ओयलमेंट लगा दूंगा, क्या तुम्हें वहां पर दर्द हो रहा है " अपनी बात कहते हुए कार्तिक, कनक के पेट के निचले हिस्से की तरफ अपनी उँगली पोइंट कर देता है ।
कार्तिक के फेस पर इस समय एक टीजिंग स्माइल थीं, तो वहीं कनक का फेस शर्म और गुस्से से लाल हो जाता है, वो अपने सामने खडे उस डेविल को देख रही थी, जो ऐसे मुस्कुरा रहा था, जैसे ना जाने उसने कितनी महान बात बोली हो ।
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कार्तिक की अपर बोडी पूरी नेकेड थी, तो वहीं उसने अपने लोवर बोडी पर टावल लपेटा हुआ था
कार्तिक को ऐसे नंगू पंगू की पोजीशन मैं खडे देख ,शर्म की वजह से ,कनक ,कार्तिक से नजरे भी नहीं मिला पा रही थी, और लगातार, अपने पैरों को देखते हुए, उनकी उंगलियों को आपस मैं रब कर रही थी ।
कनक का पूरा ध्यान, अपने पैरों की तरफ था, इसलिए उसे पता ही, नहीं चलता है, की कब कार्तिक उसके बेहद करीब आ गया था, जब कनक को अपने चेहरे पर किसी की गहरी सांसे मेहसूस होती है, तब जा कर वो सामने की तरफ देखती है, तो उसकी नज़र कार्तिक पर जाती है, जो उसके बोहोत करीब खड़ा था ।
कार्तिक को अपने इतने नज्दीख देख वो उससे दूर होने ही वाली थी की उससे पहले ही कार्तिक उसे अपनी गोद मैं उठा लेता है, और उसे अपनी गोद मैं लिये हुए ही, वोश्रूम की तरफ बड़ने लगता है।
उसे वोश्रूम की तरफ जाते देख, कनक अपने हाथ पैर मारते हुए हड़बडाते हुए कहने लगती है " ये,,,ये आप क्या करने,,, की कोशिश कर रहे हैं,, मुझे,,,मुझे वोश्रूम की तरफ क्यों ले जा रहे हैं ।
कार्तिक अपनी पकड, कनक के ऊपर मजबूत करते हुए, एक हल्की मुस्कुराहट के साथ कहता है " पिछली रात ,हमारे बिच जो कुछ भी हुआ था, उससे तुम काफी ज्यादा थक गई थी, इसलिए मैने सोचा था, की मैं तुम्हें कुछ दिन रेस्ट करने दूंगा ,लेकिन एक तुम हो जो मुझे बार - बार सिडियूस किये जा रही हो, अब अगर तुम मेरे सामने इस तरह से नेकेड खडी हो जाओगी तो, भला मैं खूद को कैसे कंट्रोल करूँगा, मॉम का कुछ देर पहले कॉल आया था और उन्होने, हमें डिनर तक घर आने के लिये कहा है, ऐसे मैं अगर मैं तुम्हारे साथ रोमेंस करूँगा और उसके बाद अगर तुम शॉवर लेने जाओगी तो, बोहोत देर हो जाएगी और हम दोनों डिनर तक घर नहीं पहुंच पायेंगें, बस इसीलिये मैं तुम्हें वोश्रूम मैं ले कर जा रहा हूं, ताकी दोनों काम एक साथ हो जाए, हम रोमेंस भी कर लेंगें साथ, मैं शॉवर भी ले लेंगें " ये सब कहते हुए कार्तिक की मुस्कुराहट और बड़ी हो जाती है ।
वहीं कार्तिक की बात पर, कनक का ध्यान खूद के ऊपर जाता है, और तब जा कर उसे समझ आता है, की वो इतनी देर से कार्तिक के सामने नेकेड खडी थी, अपनी हालत पर ध्यान जाते ही, कनक खूद को अपने हाथों से ढकने लगती है, साथ ही वो टमाटर की तरह लाल हो चुके चेहरे के साथ कार्तिक से गुस्से के साथ कहती है " मैं,, मैं आप,, आपकों, कोई सिडियूस - विडियुस नहीं कर रही थी, और ना ही मुझे आप,,, आपके साथ रोमेंस करना है, और ना ही शॉवर लेना, मेरे पास खूद के हाथ पैर है, मैं खूद से शावर ले सकती हूं, आप मुझे बस निचे उतार दिजीये " इतना कहते हुए, कनक कार्तिक की बाहों मैं छट - पटाने लगती है, लेकिन कार्तिक की पकड मजबूत होने की वजह से वो खूद को कार्तिक की बाहों से अजाद नहीं कर पाती है ।
उसे इस बात का काफी रिग्रेट हो रहा था, की वो कार्तिक के सामने ऐसे नेकेड कैसे खडी हो सकती है, लेकिन अब पछताने से क्या फाएदा जब चिडिया चूक गई खेत । 😂
वहीं उसे ऐसे खूद को छूपाते देख कार्तिक हँसते हुए कहता है " तुम्हारे छूपाने से कोई फाएदा नहीं है, मैने सब कुछ पहले ही देख लिया है " इतना कहते हुए वो कनक को अपनी गोद मैं लिये हुए, वोश्रूम के अंदर एन्टर होने ही वाला था, की उतने मैं ही, कनक, कार्तिक के दाएं कंधें पर जोरों से बाइट कर देती है, जिसके दर्द की वजह से कार्तिक की पकड ,कनक के ऊपर से ढीली पड़ जाती है, जिसका फाएदा उठाते हुए, कनक ,कार्तिक की गोद से उतर ,कर भागने लगती है,
लेकिन उसने, अभी अपना दुसरा कदम, आगे बडाया ही था, की कार्तिक उसके हाथों को पकड लेता है,
कार्तिक के कब्जे मैं अपने हाथों को देख, कनक उससे अपने हाथों को छूडाने लगती है, इसी तरह से वो निचे बेठ जाती है, और अपने आप को पीछे धकेलने की कोशिश करते हुए, अपने दाँतों से कार्तिक के हाथों को काँटने लगती है, लेकिन उसके काँटने से कार्तिक को कोई फर्क नहीं पडता है, और वो उसे वोश्रूम के अंदर की तरफ खिंचने लगता है,
जब कनक देखती है, की उसके काँटने पर भी कार्तिक को कोई फर्क्नहीं पड़ रहा था, वो उसके हाथों को काटना छोड , चिडते हुए उससे कहने लगती है " आप कितने ठरकी इंसान हैं, क्या आपका एक बार से मन नहीं भरता जो, एक ही चिज को बार- बार करते रहते हैं, लेकिन इस बार ,अगर आपने कुछ भी किया तो, मैं आपकी शिकायत, दादा जी से कर दूँगी, और उन्हें बाताउँगी, की आप मुझे कितना ज्यादा परेशान करते हैं 😬
कनक की बात पर ,कार्तिक की एक आइब्रो ऊपर की तरफ उठ जाती है, और वो कनक को घूरने लगता है, कुछ देर तक उसे घूरने के बाद, कार्तिक एक डेविल स्माइल के साथ उससे केहता है " अच्छा तो तुम दादा जी से मेरी शिकायत करोगी"
कार्तिक की बात पर कनक अपना सर जल्दी - जल्दी हाँ मैं हिलाते हुए कहती है " हाँ, हाँ,,, अगर आपने मुझे और तंग किया तो मैं पक्का आपकी शिकायत दादा जी से कर दूँगी ।
" अच्छा,, अगर ऐसा है, तो तुम शौक से मेरी शिकायत दादा जी से कर सकती हो, ताकी उन्हें भी तो पता चले की, मैं उनके ग्रेन्ड चाइल्ड को लाने के लिये कितनी ज्यादा मेहनत कर रहा हूं " अपनी बात खत्म कर, कार्तिक ,कनक को खिंचते हुए, वोश्रूम के अंदर ले गया था, वहीं कनक, उसकी बातों पर पूरी तरह से स्पीचलेस हो कर अपनी हैरानी भरी आँखों से 😳 उसे देखते ही रह गई थी,
2 घंटे बाद, उस वोश्रूम का दरवाजा एक बार फिर खूलता है, और कार्तिक कनक को अपनी गोद मैं लिये हुए, बाहर आता है, इस समय कार्तिक ने अपनी कमर पर कुछ देर,पहले वाला ही टावल लापेटा हुआ था, तो वहीं कनक अब भी नेकेड थी, और कार्तिक से चिपकी हुई थी, उसके चेहरे पर थकावट को साफ देखा जा सकता था, उसका चेहरा भी काफी ज्यादा लाल हो चुका था, मानों अभी ही उनमें से खून निकलने लगेगा ,उसकी बोडी पर, बहुत से खरोचों के निशान थें, जो अब तक नीले और बैगिनी हो चुके थें , जो निशान कनक की बोडी पर थें सेम वही निशान कार्तिक की बोडी पर भी थें, उन खरोचों को देख का, कोई भी बता सकता था, की वोश्रूम के अंदर उनके बीच क्या हुआ होगा 🤭 ।
बैड के पास पहुंच ,कनक को बेड़ पर लेता कर, कार्तिक बेड़ साइड की ड्रॉर मैं कुछ ढूंढने लगता है, जब उसे वो चिज मील जाती है, तो वो ड्रॉर को बंद कर ,कनक की तरफ मूडता है, जिसने अब तक खूद को ब्लैंकेट से कवर कर लिया था ।
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2 घंटे बाद, उस वोश्रूम का दरवाजा एक बार फिर खूलता है, और कार्तिक कनक को अपनी गोद मैं लिये हुए, बाहर आता है, इस समय कार्तिक ने अपनी कमर पर कुछ देर,पहले वाला ही टावल लापेटा हुआ था, तो वहीं कनक अब भी नेकेड थी, और कार्तिक से चिपकी हुई थी, उसके चेहरे पर थकावट को साफ देखा जा सकता था, उसका चेहरा भी काफी ज्यादा लाल हो चुका था, मानों अभी ही उनमें से खून निकलने लगेगा ,उसकी बोडी पर, बहुत से खरोचों के निशान थें, जो अब तक नीले और बैगिनी हो चुके थें , जो निशान कनक की बोडी पर थें सेम वही निशान कार्तिक की बोडी पर भी थें, उन खरोचों को देख का, कोई भी बता सकता था, की वोश्रूम के अंदर उनके बीच क्या हुआ होगा 🤭 🤭।
बैड के पास पहुंच ,कनक को बेड़ पर लेता कर, कार्तिक बेड़ साइड की ड्रॉर मैं कुछ ढूंढने लगता है, जब उसे वो चिज मील जाती है, तो वो ड्रॉर को बंद कर ,कनक की तरफ मूडता है, जिसने अब तक खूद को ब्लैंकेट से कवर कर लिया था ।
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" कनक को इस तरह से खूद को ब्लैंकेट से कवर करते देख, कार्तिक की आंखें छोटी हो जाती है, लेकिन वो उससे बिना कुछ कहे, उसके ऊपर से ब्लैंकेट को खिंचने लगता है , जिसके ऐसे खिंचने पर कनक चौंक जाती है और ब्लैंकेट पर अपनी पकड मजबूत कर, हकलाते हुए कार्तिक से कहती है " ये,, ये आप क्य,,क्या कर रहें हैं,, ब्लैंकेट क्यों खिंच रहे हैं, छोड़ीए इसे, प्लीस्स्स्स, वरना मैं,, ,,, 😥 " इतना कह, कनक चूप हो जाती है, वहीं उसे अपनी बात कहते हुए रूकते देख कार्तिक अपनी एक आई ब्रो ऊपर करते हुए उससे पूछता है 🤨 " वरना क्या ? "
कार्तिक के सवाल पर कनक अपने होठों को कर्ल करते हुए पप्पि आइस के साथ कहती है 🥺 " वरना,, वरना मैं नंगू - पंगू हो जाऊंगी , और मेरा शेम - शेम हो जाएगा " 😂😂😂
कनक की बात पर कार्तिक अपना सर ना मैं हिला देता है, वो कनक की मासूमियत पर मन - ही - मन हँस रहा था, लेकिन उसने अपने फेस पर कुछ भी शो होने नहीं दिया था । कनक थी भी बोहोत मासूम , लेकिन कार्तिक की बेरूखी से वो कई बार हर्ट हो जाती थी, और उसका बच्चों जैसा मासूम दील कहिं गूम हो जाया करता था ।
कार्तिक को कुछ ना करते देख, कनक भी शांत हो जाती है, और उसकी पकड ब्लैंकेट पर ढीली पड़ जाती है, लेकिन अगले ही पल कार्तिक ने उसके ऊपर से ब्लैंकेट एक झटके मैं ही खिंच लिया था, और साइड मैं फेक दिया था, ये सब इतनी जल्दी हुआ था की कनक को कुछ समझ ही नहीं आया, इसलिए वो बिना कोई मूव किये हैरानी से कार्तिक को देखते ही रह जाती है, कुछ देर बाद जब उसे समझ आता है, की उसके ऊपर ब्लैंकेट मौजूद नहीं है, तो वो जल्दी - जल्दी अपने हाथों की मदत से खूद के शरीर को ढकने लगती है ।
कार्तिक सक्त एक्सप्रेशन के साथ " मैंने पहले ही सब कुछ देख लिया है, तो अब तुम्हारे इस तरह से खूद को छूपाने का कोई फाएदा नहीं है, वैसे भी हम हस्बैंड वाइफ हैं, एक दूसरे को बिना कपड़ों के देखना हमारे बिच कोमन, अब तो हमें जिन्दगी भर एक - दूसरे को बिना कपड़ों के देखना है " कहते हुए कार्तिक ,कनक के शरीर मैं उस मल्हम को अप्लाए करने लगता है, जिसे उसने कुछ देर पहले ही, बेड़ साइड के ड्रॉर से निकाला था ।
वहीं कार्तिक के इस तरह से मल्हम लगाने की वजह से कनक का पूरा फेस शर्म की वजह से लाल हो चुका था, वो कार्तिक की उंगलियों को अपने पूरे शरीर पर मेहसूस कर पा रही थी, उसके लिये ये सब बहुत अजीब था, उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके पेट मैं बटरफ्लाइस उड रही हो, साथ ही उसे गूद - गूदी भी हो रही थी, लेकिन वो हँस नहीं रही थी, वो अपनी हँसी दबाए कार्तिक को अपना काम करते हुए देख रही थी ।
कनक को दवाई लगाने के बाद कार्तिक वोश्रूम के साइड मैं बने चेन्जींग रुम मैं चला जाता है, और 15 मिनट बाद वाइट बिजनेस सूट पहने, अपने हाथों मैं वूमेन क्लोथ्स पकडे हुए वापस आता है और उन कपड़ों को कनक की तरफ बडाते हुए उसे चेंज करने का कह, उस रुम से बाहर चला जाता है , कनक उससे कुछ कहना चाहती थी, लेकिन तब तक कार्तिक जा चूका था ।
कार्तिक के जाने के बाद ,कनक अपने हाथों पर मौजूद कपड़ों को देख रही थी, उसके हाथों मैं एक फुल स्लीव्स की लॉन्ग फ्रोग थी, जो उसके साइज की तो बिल्कुल भी नहीं थीं, क्यौंकि वो जुही के कपडे थें, हाँ कार्तिक ने उसे जुही के कपडे दिए थें, जैसे उसने उसे जुही का मंगलसूत्र और सिन्दूर दे दिया था, ये सोचते हुए कनक उदास हो जाती है, वो कार्तिक को बताना चाहती थी की ये कपडे उसके साइज के नहीं है, लेकिन कार्तिक तो उसकी बात सूने बिना ही यहाँ से चला गया था,
कनक एक गहरी साँस लेती है, फ़िर खूद के अंडरगारमेंट्स , जो बैड के निचे पडे हे थें, उन्हें पहनने के बाद वो कार्तिक के दिए ,जुही के कपड़ों को पहन लेती है और उस रुम से बाहर निकल जाती है ।
अब तक रात के 8 बज चुके थें, कनक जब सिंघानिया कोर्पोरेशन से बाहर आती है, तो उसे अपने सामने अक्षय कार के पास खड़ा नज़र आता है जो शायद उसी का इन्तेजार कर रहा था, कनक उसके पास जाती है और उससे कार्तिक के बारे मैं पूछती है जिसके जवाब मैं, अक्षय उसे बताते हुए कहता है " मेम, बॉस अपने प्राइवेट विला मैं गये हैं हैं, और उन्होने मुझे आपकों सिंघानिया मेंशन छोड़ने के लिये कहा है " अपनी बात खत्म कर अक्षय कार के बैक साइड का डोर ओपन कर देता है ।
कनक - क्या उन्होने बताया की वो कब तक घर ( सिंघानिया मेंशन) आयेंगें ,
अक्षय - नौ मेम मुझे इस बारे मैं कुछ नहीं पता ।
अक्षय की बात पर कनक अपना सर हाँ मैं हिलाते हुए, दुखी मन के साथ कार मैं बेठ जाती है ।
अब तक
अब तक रात के 8 बज चुके थें, कनक जब सिंघानिया कोर्पोरेशन से बाहर आती है, तो उसे अपने सामने अक्षय कार के पास खड़ा नज़र आता है जो शायद उसी का इन्तेजार कर रहा था, कनक उसके पास जाती है और उससे कार्तिक के बारे मैं पूछती है जिसके जवाब मैं, अक्षय उसे बताते हुए कहता है " मेम, बॉस अपने प्राइवेट विला मैं गये हैं हैं, और उन्होने मुझे आपकों सिंघानिया मेंशन छोड़ने के लिये कहा है " अपनी बात खत्म कर अक्षय कार के बैक साइड का डोर ओपन कर देता है ।
कनक - क्या उन्होने बताया की वो कब तक घर ( सिंघानिया मेंशन) आयेंगें ,
अक्षय - नौ मेम मुझे इस बारे मैं कुछ नहीं पता ।
अक्षय की बात पर कनक अपना सर हाँ मैं हिलाते हुए, दुखी मन के साथ कार मैं बेठ जाती है ।
अब आगे
एक बिल्डिंग के सामने कनक की कार आ कर रूकती है, कनक ने अक्षय से सिंघानिया मेंशन जाने की बजाए इस बिल्डिंग मैं आने के लिये कहा था, जहाँ पर उसकी फ्रेंड्स रहा करती थी,
कार के रूकते ही पहले अक्षय उतरता है, और वो बैक साइड का गेट खोलने के लिये आगे बड़ता ही है की उतने मैं कनक खूद ही डोर ओपन कर बाहर आ जाती है, जिस पर अक्षय कहता है " मैंम मैं डोर ओपन कर तो रहा था, आपने वेट क्यों नहीं किया "
कनक अक्षय से डांटने वाले लहजे मैं कहती है," मैने आपकों कितनी बार कहा है की, आप ये सब मेरे लिये मत किया करिये, आप उस नीम चडे कडवे करेले के असिस्टेंट है ना की मेरे, मेरे आप सिर्फ भाई हैं, क्या आपने कभी सुना है की एक भाई अपनी बहन को मैंम कह कर बूलाता हो, तो फ़िर आप ऐसा क्यों करते हैं, जाओ मैं अब आप से कभी बात नहीं करूंगी ( अपनी चीनी उँगली दिखाते हुए ) किट्टी 🤙
अपनी बात कहते हुए कनक ने अपने होठों का पाउट बना लिया था, वो इस समय काफी ज्यादा फन्नी लग रही थी, जिसे इस तरह से देख,अक्षय जोर - जोर से हंसने लगता है, वो बस कनक को टीज कर रहा था, ताकी उसका ध्यान कार्तिक के ऊपर से हट जाए और वो रिलेक्स हो जाए, और जैसा उसने सोचा था, वैसा ही हुआ, कनक का ध्यान अब कार्तिक के ऊपर से हट चुका था, वो अभी बस इस बारे मैं सोच रही थी की उसके भाई अक्षय ने उसके काफी समझाने के बाद भी आज फ़िर उसे मेम कह कर बूलाया था ।
अक्षय के हंसने पर कनक उसे घूरते हुए कहती है, मैं झूठ - मूठ वाला किट्टी नहीं हुई हूं, बल्कि सच्ची वाला किट्टी हुई हूं, मेरे किट्टी को मजाक मत समझों आप, क्यौंकि कन्नू जिस्से भी किट्टी होती है वो दुबारा उससे मिट्टी नहीं होती है " कन्नू को हल्के मैं मत लेना, क्यौंकि वो एक बार जो फैसला ले लेती है, वो उसे बदलती नहीं है । 😏
कनक की बात पर अक्षय अपनी हँसी रोकते हुए अपने कोट की पॉकेट से चॉकलेट निकालते हुए कहता है, " अच्छा तो कन्नू ने मुझसे किट्टी कर लिया है "कनक के सामने उस चॉकलेट को लेहराते हुए " लगता है अब ये चॉकलेट मुझे ही अकेली खानी पड़ेगी" इतना कह अक्षय उस चॉकलेट के रेपर को निकाल खाने ही वाला था की इतने मैं ही कोई उसके हाथ से उस चॉकलेट को छिन कर भाग जाता है, जब अक्षय सामने देखता है, तब तक कनक और चॉकलेट दोनों ही गायब हो चुकी थी, जिसके बाद अक्षय हँसते हुए कार मैं बैठ कर वहां से चला जाता है ,जिसके जाने के बाद कनक पैड के पीछे से निकल ,उसकी कार को जाते हुए देख खूद से कहती है " आए बडे अकेले चॉकलेट खाने वाले, अपनी बात खत्म कर कनक उस चॉकलेट को खाते हुए बिल्डिंग की तरफ जाने ही वाली थी की इतने मैं ही एक सिल्वर रोल्स रोयस वहां पर आ कर रूकती है, जिसे देख कनक की आंखें एक पल के लिये हैरान हो जाती है, क्यौंकि इस कार को वो बोहोत अच्छी तरह से पहचानती थी, पूरी दुनिया मैं सिल्वर रोल्स रोयस सिर्फ एक ही इंसान के पास थी और वो इंसान उसका खूद का पति कार्तिक सिंघानिया था ।
कार्तिक की कार को देखते हुए कनक खूद मैं बडबडाते हुए कहती है " ये आदमी मुझे दो पल चैन से जीने नहीं दे सकता क्या, कंपनी मैं तो मुझे अकेला छोड कर चला गया था, अब फ़िर से यहाँ पर टपक गया, सोचा था आज अपने दोस्तों के साथ चील करूंगी, पर इसकी चील जैसी नजरे मुझ पर से हटे तब तो मैं चील कर पाऊँगि , जरूर अक्षय भाई ने इससे मेरी शिकायत की होगी, तभी इसे पता चल गया की मैं मेंशन ना जा कर अपने दोस्तों के पास आई हूं 🥺🥺 मेरे अच्छे खासे भाई को अपना चमचा बना लिया है इसने, जो हर पल मेरि शिकायत इससे करते रहते हैं "😫😫
" मेरे ख्याल से तुम्हें इस समय मेंशन मैं होना चाहिए था ,है ना "
कनक जो खूद मैं बडबडा रही थी, वो, अचानक आई इस अवाज से एक पल के डर जाती है, और सामने देखती है तो उसकी चीख निकल जाती है ये कहते हुए की " बाप रे भूत "
खूद के लिये भूत शब्द सून कर कार्तिक अपनी आई ब्रो चडाते हुए कहता है " मैं कहाँ से तुम्हें भूत की तरह लग रहा हूं "
कनक कार्तिक के फेस की तरफ इशारा करते हुए " यहाँ से"
कनक की बात पर कार्तिक उसे घूरने लगता है जिस पर कनक तूनकते हुए कहती है, आपके घूरने से कुछ नहीं होगा जो सच है सो है, आपका चेहरा भूत जैसा है, और आंखें चील जैसी , कूल मिला कर कहूँ तो नीम चडे कडवे करेले की तरह हैं आप 😒
कनक के मुँह से अपनी इतनी तारीफे सून कार्तिक को गुस्सा आने लगता है और वो अपने दाँत पिस्ते हुए कहता है " कैची की तरह तुम्हारी जुबान चल रही है, लगता है इन्हें काटना पडेगा "
कनक ,अपनी जीभ निकाल उसे चिडाते हुए 😛 " मैं तो अपनी जुबान और चलाउंगी, लेकिन आप चाह कर भी इसे काँट नहीं सकते नहीं तो मैं दादू से आपकी शिकायत कर दूँगी " अपनी बात खत्म कर वो फ़िर से अपनी जीभ बाहर निकाल कर कार्तिक को चिडाने लगती है की इतने मैं ही कोई उसे अपनी तरफ खिंच लेता है, जिसके अगले ही पल उसे अपनी जीभ पर तेज दर्द मेहसूस होता है ।
अब तक
कनक ,अपनी जीभ निकाल उसे चिडाते हुए 😛 " मैं तो अपनी जुबान और चलाउंगी, लेकिन आप चाह कर भी इसे काँट नहीं सकते नहीं तो मैं दादू से आपकी शिकायत कर दूँगी " अपनी बात खत्म कर वो फ़िर से अपनी जीभ बाहर निकाल कर कार्तिक को चिडाने लगती है की इतने मैं ही कोई उसे अपनी तरफ खिंच लेता है, जिसके अगले ही पल उसे अपनी जीभ पर तेज दर्द मेहसूस होता है ।
अब आगे
करीब आधे घंटे बाद दोनों कार मैं थें, कार्तिक कार ड्राइव कर रहा था, वहीं कनक उसकी साइड वाली सीट मैं बैठी उसे घूर रही थी, उसके होठ बूरि तरह से सूजे हुए थें, और उनमें काटने के भी निशान थें, जिनमें हल्का सा ब्लड लगा हुआ था, जिन्हें देख कर कोई भी बता सकता था, की कुछ देर पहले उन दोनों के बिच क्या हुआ होगा 😁
" अगर तुम्हारा, मुझे घूरना हो गया है, तो अब अपने होठों को साफ करलो, क्यौंकि हम घर पहुंच चुके, और अगर माँ ने तुम्हारे होठों को देख कर पूछ लिया की इन्हें क्या हुआ है, तो मुझे उन्हें पूरा प्रोसेस बताने मैं कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन मुझे लगता है की शायद तुम ऐसा कुछ भी नहीं चाहती होगी "
कार्तिक की बात पर कनक झेपते 😳 हुए अपने हाथों की मदत से अपने होठों को साफ करने लगती है की इतने मैं ही कार्तिक उसकी तरफ अपना रूमाल बडाता है,
कनक एक नज़र कार्तिक को देखती है, फिर उसके हाथों से उस रुमाल को ले लेती है और अपने होठों को साफ करने लगती है होठों को साफ कर जब वो सामने देखती है तो वो दोनों सच मैं सिंघानिया मेंशन पहुंच चुके थें,
कनक ,कार्तिक की सीट की तरफ देखती है, जो खाली थी फ़िर वो खिड़की के बाहर देखती है तो उसे सामने कार्तिक अपने हाथों को बांधें खड़ा दिखाई देता है, जो उसका ही कार से उतरने का वेट कर रहा था,
कनक खूद से " ये नीम चडा कडवा करेला, सच मैं भूत - वूत है क्या, एक पल मैं यहाँ तो दूसरे पल मैं वहां "🙄
" अब बाहर आना भी है की आज इसी कार मैं रात गूजारने का इरादा है तुम्हारा "
कार्तिक के टोकने पर कनक मुँह बनाते हुए कार से उतर जाती है, और कार्तिक के सामने जा कर, उसका एक हाथ आगे कर ,उसे रूमाल थमा कर मेंशन के अंदर चली जाती है
वहीं कार्तिक अपने हाथ मैं मौजूद रूमाल को देख रहा था, जिसे कनक अभी उसे पकडा के गई थी, उसकी नजरों मैं कुछ तो था, जो समझ पाना मुश्किल था ।
दुसरी तरफ फिल्म सेट पर
राघव ( वानी जी का बेटा ) की एक फिल्म की शूटिंग चल रही थी, उसने कुछ देर पहले ही अपना एक सीन कम्पलीट किया था, और अब वो अपने प्रसनल रुम मैं रेस्ट कर रहा था,
कुछ देर रेस्ट करने के बाद ,उसने अपने अगले सीन की स्क्रीप्ट उठाई ही थी की इतने मैं ही, उसके रुम की लाईट चली जाती है, जिसके बाद वो स्क्रिप्ट को उसकी जगह पर रखते हुए, अपना मोबाइल ढूंढने लगता है, जो उसे कुछ देर मैं मिल भी जाता है, लेकिन वो स्विच ऑफ़ था, जिसे देख वो अपने दातों को भीच लेता है, और अपनी पकड उस पर कंसते हुए उस रुम से बाहर निकल जाता है ।
बाहर आकर वो देखता है की सिर्फ उसके रुम की ही लाईट नहीं गई थी बल्कि पूरे सेट की लाईट चली गई थी, और आस- पास पूरा अंधेरा था, इस समय वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था ।
राघव अपने मेनेजर जीत को अवाज लगाते हुए अपनी कडक अवाज मैं कहने लगता है " जीत,,,, जीत,,, तुम कहाँ पर हो, मैने तुमसे कहा था ना मेरे मोबाइल को चार्ज करने के लिये ,फ़िर तुमने अपना काम किया क्यों नहीं, और इस लाईट को क्या हो गया है, इसे जल्दी से जल्दी ठीक करों वरना तुम्हारी खेर नहीं,,,, जीत,,, "
जब राघव को सामने से जीत का रिप्लार नहीं आता है, तो वो उसे ढूंढते हुए आगे बडने लगता है, लेकिन अंधेरे की वजह से उसे कुछ भी अच्छे से दिखाई नहीं दे रहा था,
अचानक राघव की टक्कर किसी से होती है, टक्कर इतनी तेज थी की राघव पीठ के बल पीछे की तरफ गीर जाता है, जिस्से राघव की टक्कर हुई थी, वो शक्श उसके ऊपर आ कर गिरता है, और इतने मैं ही सेट की लाईट आ जाती है,
राघव जैसे ही अपने ऊपर गीरे शक्श का चेहरा देखता है, वो तो अपना माथा ही पीठ लेता है क्यौंकि वो कोई और नहीं, उसके मेनेजर की असिस्टेंत कृती थी, जो हर पल कोई ना कोई गड़बड़ी करती रहती थी,
कृती ,राघव के ऊपर उसी तरह से लेटे हुए, अपने चशमें को ठीक करते हुए अपने सर को हल्के से उठाती है तो उसे राघव नज़र आता है, जिसे देखते ही वो जल्दी - जल्दी कहने लगती है " सॉरी,, सॉरी सर वो अंधेरे की वजह से मैं आपकों देख नहीं पाई,,,
राघव झल्लाते हुए, उसकी बात बीच मैं काट 😖 " सफाइ बाद मैं देते रहना पहले उठों मेरे ऊपर से, कितनी मोटी हो तुम, तुम्हारे भार से तो मैं दब कर ही मर जाऊँगा "
कृती मुँह बनाते हुए 😕 " आपने मुझे मोटा बौला सर ,this is not fair , आपका खूद का शरीर तो गेंड़े जैसा है, और आप मुझे भारी कह रहे हैं, देख नहीं रहे हैं की मैं एक नाजूक सी कली हूं, भले ही मैं आपके ऊपर गीरि हूं, लेकिन फ़िर भी चोट मुझे ही आई है, आपके इस लोहे जैसे शरीर से टकराने की वजह से ,,, हूँ ,,,,"
राघव खिंसियाते हुए " डबल बेट्रि कहिं की, कब से देख रहा हूं, बस बक - बक किये जा रही है, मेरे ऊपर से उठने का तो नाम ही नहीं ले रही है, फेबिकोल की तरफ चिपक गई हो तुम मुझसे, अब उठो भी " कहते हुए राघव कृती को उसके कन्धों से पकड़ता हुआ , उसे अपने ऊपर से हल्का धक्का देता है, जिस्से वो साइड मैं जा कर गिरने ही वाली थी ,की इतने मैं ही वहां पर राघव का असिस्टेंत आता है, और कृती को सम्हाल लेता है, वहीं इस बीच राघव अपनी जगह से उठ चुका था ।
राघव अपने हाथों को झाड, कृती को डाटते हुए कहने लगता है " तुम्हें मैने कितनी बार कहा है की मेरे आस- पास मत घूमा करों और अपने इस गटर जैसे मुँह को हमेशा बंद रखा करों,पर नहीं ,तुम्हें हमेशा मेरे आस - आस ही भटकते रहना , समझा - समझा कर थक चुका हूं मैं लेकिन इतनी सी बात तुम्हारे इस ( कृती के सर की तरफ इशारा करते हुए ) भेजे मैं नहीं घूसती है "
राघव अपनी बात कहे जा रहा था, बिना ये देखें की, उसके शब्दों ने कृती को कितना ज्यादा हर्ट कर दिया था ।
अब तक
राघव अपने हाथों को झाड, कृती को डाटते हुए कहने लगता है " तुम्हें मैने कितनी बार कहा है की मेरे आस- पास मत घूमा करों और अपने इस गटर जैसे मुँह को हमेशा बंद रखा करों,पर नहीं ,तुम्हें हमेशा मेरे आस - आस ही भटकते रहना , समझा - समझा कर थक चुका हूं मैं लेकिन इतनी सी बात तुम्हारे इस ( कृती के सर की तरफ इशारा करते हुए ) भेजे मैं नहीं घूसती है "
राघव अपनी बात कहे जा रहा था, बिना ये देखें की, उसके शब्दों ने कृती को कितना ज्यादा हर्ट कर दिया था ।
अब आगे
जब राघव की नज़र कृती के आंसुओं पर पडती है, तो वो अपनी बात कहते हुए रूक जाता है,
उसे रूकते देख, कृती जिसने अपना सर निचे की तरफ झुका लिया था, वो एक बार फ़िर अपना सर उठा कर उसे देखने लगती है, इस उमीद मैं की शायद उसे रोते देख राघव को बूरा लगा होगा ,
वहीं कृती को अपनी तरफ देखते देख, राघव एक बार फ़िर कहना शूरू करता है " जरा - जरा सी बात पर मेलो ड्रामा शूरू हो जाता है, इस लडकी का " कह कर राघव, कृती को क्रोस करते हुए वहां से चला जाता है वहीं कृती उसके जाने के बाद जीत से मुँह बना बना कर कहने लगती है " ये जंगली चिम्पेंजी कुछ ज्यादा ही डांटने लगा है मुझे 😭, इसे जंगलों मैं फेक कर आना पडेगा, तब जा कर इसकी अक्ल ठिकाने पर आएगि, और मेरी जिन्दगी मैं शांति आएगि 😌
" मैं अभी गया नहीं हूं 😤 "
कृती पीछे मूडती है, तो उसे राघव दिखाई देता है, जो जीत को अपने साथ ले जाने के लिये वापस आया था ।
राघव को देखते ही कृती अपनी बत्तिसी दिखाते 😁 हुए उससे कहने लगती है " सर आप गये नहीं, मैं बस जीत को बता रही थी की आप कितने अच्छे सर हैं, आप इतने अच्छे सर हैं की मैं तो आपकों ट्रीट के लिये जू घूमाने ले जाना चाहती हूं, ताकी आप अपने साथियों,,, ( अटकते हुए ),, मे,,मे,, मेरा मतलब था की आप जू के जानवरों से मिल सके क्या आप चलना चाहेंगें😁 "
राघव, उसके सवाल का जवाब ना देते हुए ,जीत को अपने पीछे आने का इशारा करता है, फ़िर कृती को एक वार्निंग लूक देते हुए इस बार सच मैं चला जाता है ।
वहीं उसके जाने के बाद कृती एक गहरी साँस लेती है फ़िर वो अपना समान पैक करने लगती है क्यौंकि उसके भी घर जाने का समय हो गया था ।
सिंघानिया मेंशन
डाइनिंग टेबल पर बेठें, सभी खाना खा रहे थें राघव अभी तक आया नहीं था,
सभी खाना खाने मैं व्यस्त थें, सिवाए कनक को छोड कर, वो बस अपने लेफ्ट हेंड मैं मौजूद चम्मच को प्लेट मैं पिछले 15 मिनट से घूमाए जा रही थी और अपने राइट साइड मैं बेठें, कार्तिक को तीरछी नजरों से घूर रही थी जो बिल्कुल शांत चेहरे के साथ अपना खाना खा रहा था।
कनक को खाते ना देख, राधिका जी उसे टोकते हुए कहती है " कनक ,बच्चे आप खाना क्यों नहीं का रही है, मैं कब से देख रही हूं, आप ना जाने कब से प्लेट मैं सिर्फ चम्मच घूमा रही हैं, और आपने चम्मच लेफ्ट हेंड मैं क्यों पकडा हुआ है, राइट हेंड मैं क्यों नहीं पकडा, मैने आपकों सिखाया है ना, लेफ्ट हेंड से खाना, खाना बेड़ मैनर्स होते हैं, चलों राइट हेंड से खाना खाओं ,जैसे कार्तिक खा रहा है बिल्कुल मैनर्स के साथ "
कनक उन्हें बेचारगी ☹ से देखने लगती है, अब वो उन्हें कैसे बाताए की उसके साइड मैं बेठा लड़का जो उनका बेटा है जिसे वों मैनर्स के साथ खाना खाते हुए बता रही हैं ,वो टेबल की आड़ मैं उसके हाथ के साथ कितनी मैनरलेस हरकते कर रहा है 🙄
राहुल जो कार्तिक के राइट साइड मैं बेठा था, जब राधिका जी कनक को टोकती हैं, तब उसकी नज़र पहले कनक पर जाती है, फ़िर उसके राइट हेंड पर जिसे कार्तिक अपने लेफ्ट हेंड मैं जकडे हुए, अपने पैरों के बीच दबाए बैठा था,
उस नजारे को देख, राहुल ,कार्तिक के चेहरे को देखने लगता है, जिस पर इस समय किसी भी तरह के भाव नहीं थें, वो बिल्कुल शांत था, जैसे वो कुछ जानता ही नहीं था ।
कार्तिक को देखते हुए राहुल अपने मन मैं कहता है " तुझसे ये उमीद नहीं थी " 😒 😒
कार्तिक उसे अपनी तरफ देखते देख, अपानी एक आई ब्रो उठा लेता है 🤨
राहुल अपना सर ना मैं हिला कर, वापस खाना खाने जा ही रहा था की उसकी नज़र प्रीती पर पडती है, जो आंखें फाडे 😳 कनक के हाथ को ही घूर रही थी ,
राहुल उसके पैरों पर पैर मारते हुए उसका ध्यान अपनी तरफ करता है, और उसे एक वोर्नींग लूक देता है, 🤨 जैसे की कहना चाहता हो की उल्टी सिधी चीजें देखने से अच्छा है की चूप - चाप अपना खाना खाओं,
राहुल के डर से प्रीती अपनी नजरें वहां से हटा लेती है ।
वहीं कनक सोच ही रही थी की वो राधिका जी को क्या जवाब दे, की तभी उसकी तरफ एक हाथ , चम्मच मैं दाल चावल मिक्स किये हुए बडता है, जब कनक उस हाथ का पीछा करती है, तो उसकी नजरें कार्तिक की नजरों से मिलती है जो अभी भी बिना किसी इमोशन के उसे देख रहा था,
कनक ,उसे देखते हुए ही मन्त्रमुग्ध हुए उसके बडाए हुए खाने को खा लेती है, उसकी आंखें इस समय बहुत से इमोशंश थें, जिन्हें समझ पाना बोहोत मुश्किल था, उसने अपनी अब तक की लाईफ मैं कभी नहीं सोचा था की एक दिन कार्तिक उसे अपने हाथों से खाना भी खिला सकता है ।
इसी तरह से कार्तिक अपने हाथों से उसे पूरा खाना खिलाने लगता है, जिसे कनक बिना कोई नखरा किये खाने लगती है ।
वहीं उन दोनों को पूरा परिवार प्यार से देख रहा था, दादा जी दादी जी से अपनी आवाज धीरी कर मुस्कुराते हुए कहते हैं " हमारा खडूस पोता सूधर रहा है, देख रही हो ना कितने प्यार से हमारी कन्नू को खाना खिला रहा है "
उनकी बात पर दादी जी भी मुस्कुरा देती है, वो दोनों जो चाहते थें वही तो हो रहा था, धीरे - धीरे ही सहिं, लेकिन कार्तिक ,कनक को एक्सेप्ट कर रहा था, उसे अपनी जिन्दगी मैं इम्पोर्टेन्ट्स देते हुए , उसका ख्याल रख रहा था ।
अब तक
इसी तरह से कार्तिक अपने हाथों से उसे पूरा खाना खिलाने लगता है, जिसे कनक बिना कोई नखरा किये खाने लगती है ।
वहीं उन दोनों को पूरा परिवार प्यार से देख रहा था, दादा जी दादी जी से अपनी आवाज धीरी कर मुस्कुराते हुए कहते हैं " हमारा खडूस पोता सूधर रहा है, देख रही हो ना कितने प्यार से हमारी कन्नू को खाना खिला रहा है "
उनकी बात पर दादी जी भी मुस्कुरा देती है, वो दोनों जो चाहते थें वही तो हो रहा था, धीरे - धीरे ही सहिं, लेकिन कार्तिक ,कनक को एक्सेप्ट कर रहा था, उसे अपनी जिन्दगी मैं इम्पोर्टेन्ट्स देते हुए , उसका ख्याल रख रहा था ।
अब आगे
फिल्म सेट के बाहर
कृती पिछले 20 मिनट से टेक्सि का वेट कर रही थी, लेकिन अभी तक एक भी टैक्सी तो क्या उसे एक ऑटो भी नज़र नहीं आया था, क्यौंकि अब तक 10 बज चुके थें, और 9 बजे के बाद इस इलाके मैं मुश्किल से ही
कृती अभी टेक्सि का वेट कर ही रही थी की इतने मैं एक ब्लैक कार उसके सामने आ कर रूकती है, जिस्से एक पल के लिये वो घबरा जाती है, लेकिन इतने मैं उस कार के पेसेन्जर सीट की विंडो निचे होती है, और उसे जीत नज़र आता है ।
जीत, कृती को देख उससे एक स्माइल के साथ कहता है " कृती चलों ,मैं तुम्हें घर ड्रॉप कर देता हूं, अभी रात बोहोत हो चुकी है ऐसे मैं तुम्हें यहाँ पर टैक्सी नहीं मिलेगी, आओं बैठों, आज साथ मैं घर चलते हैं । 😊
वहीं जीत को देख कृती जो अचानक कार के अपने पास आ कर रूकने से डर गई थी, वो रिलेक्स होकर उससे कहती है " जीत ये आप है, थैंक गोड, वरना मैं तो सोच रही थी की, अंदर मुझे इतना डांटने के बाद भी उस जंगली चिम्पेंजी का मन नहीं भरा होगा, इसलिए वो मेरा खेल खत्म करने के लिये , अपनी कार से मुझे उड़ाने के लिये यहाँ आ गये होंगें " 😂 😂, कुछ पल रूक, अपने आस - पास देखते हुए, " वैसे आप सहिं कह रहे हैं, अब यहाँ पर टैक्सी या ऑटो मिलना मुश्किल , इसलिए मैं आप से लिफ्ट लेने के लिये तैयार हूं"
कृती की इस बात पर जीत के माथें, पर पसीने आ जाते हैं, वो अपनी उँगली अपने होठों पर रख, उसे अपनी आँखों की मदत से पीछे देखने का इशारा करने लगता है ।
उसे इस तरह से पीछे इशारा करते देख , कृती कार की बैक साइड की तरफ देखने लगती है, जिसकी विंडों बंद थी, और साथ ही विंडोव्स के वन साइडेड होने की वजह से उसके आर- पार नहीं देखा जा सकता था,
जब कृती को कुच समझ नहीं आता है, तो वो फ़िर से जीत की तरफ देखने लगती है, तभी उसकी नजर, जीत के लेफ्ट साइड के सीट पर जाती है, जिस पर एक बोहोत बडा बोक्स रखा हुआ था, जिसे देख उसे लगता है की जीत ये कहना चाह रहा है ,की आगे समान रखा हुआ है , इसलिए तुम पीछे जा कर बैठ जाओं ।
" मैं समझ गई जीत की आप क्या कहना चाह रहे हैं, सच मैं आप कितने अच्छे हैं, जो मुझ बिचारि को इतनी रात मैं लिफ्ट देने के लिये हैयार हैं, वरना आपकी जगह अगर वो जंगली चिम्पेंजी होता तो मुझे लिफ्ट देना तो छोडो, मेरे ऊपर से ही गाड़ी चडा कर निकल जाते " 😂 😂 कहते हुए कृती पीछे जा कर बैक साइड का डोर ओपन कर देती है, जिसके बाद अपने सामने मौजूद शक्श को बैठें देख उसकी आंखें उल्लु की तरह फटी की फटी रह जाती है, साथ ही उसके हाथ मैं मौजूद पर्स, धम की अवाज के साथ जमीन पर गीर जाता है क्यौंकि इस समय उसके सामने कोई और नहीं बल्कि वही जंगली चिम्पेंजी था, जिसकी तारिफ कुछ समय पहले वो, जीत से कर रही थी, यानी की राघव ।
जीत जबरदस्ती की मुस्कुराहट अपने होठों पर लाते हुए कृती से कहने लगता है " वो दरासल राघव की कार खराब हो गई थी, इसलिए मैने इसे अपनी कार मैं लिफ्ट दे दी 😁"
कृती रोन्धू वाले फेस के साथ जीत को देखते हुए अपने मन मैं सोचने लगती है " काशशश,,, काश आपने ये बात मुझे पहले बता दी होती की ,जंगली चिम्पेंजी आपकी कार मैं मौजूद है,, मम्मी की कसम ,मैं यहाँ से गूजरती भी नहीं 🥺🥺 " 😂😂😂
कृती ,राघव को देखने लगती है, जिसके चेहरे पर उसकी नसें उभर आई थीं, और वो उसकी ही तरफ देख रहा था,
उसे अपनी तरफ देखते देख, कृती भीगी बिल्ली बन चुकी थी, अब उसे समझ नहीं आ रहा था, की उसे कार मैं बेठना चाहिए की, किसी नदी मैं जा कर छलांग लगा लेनी चाहिए 😭
" अब क्या तुम्हारे बेठने के लिये अलग से मोहरत निकालनी पड़ेगी, चूप - चाप आ कर बेठ जाओं , वरना अगर ये कार यहाँ से चली गई, तो फ़िर पूरी रात तुम्हें यहीं इसी सडक पर बितानी पड़ेगी, क्यौंकि अब तो यहाँ टैक्सी आने से रही, और सेट से भी सभी जा चुके हैं, ऐसे मैं तुम्हें लिफ्ट भी नहीं मिलेगी " इतना कह राघव सामने की तरफ देखने लगता है, वहीं कृती सीट की तरफ देखने लगती है, जिस पर राघव अपने दोनों पैरों को फैला कर बैठा हुआ था, और उसके इस पार बस थोड़ी सी जगह बची हुई थी, जिस पर अब कृती को बैठना था ।
कृती एक बार फ़िर अपने मन मैं कहने लगती है " खूद तो सांड की तरह फैल कर बैठें हुए हैं, अब मैं कहाँ बैठू ( तंज कस्ते हुए ) इनकी गोद मैं 😒 "
राघव तपाक से " सोचना भी मत "
" बाप रे, ये तो अन्तरयामी भी निकले 😅, चूप - चाप बैठ जा कृती, वरना ये सच मैं तुझें ,यहाँ पर मच्छरों के बीच मैं छोड कर चले जाएंगें " खूद से इतना कह, कृती बची कुची जगह पर किसी तरह से बैठ जाती है, जिसके बाद उसके डोर बंद करते ही, जीत कार स्टार्ट कर देता है, और उनकी कार वहां से चली जाती है।