Novel Cover Image

क़ैद तेरे इश्क़ की

User Avatar

Suspense Queen

Comments

0

Views

623

Ratings

1

Read Now

Description

होटल के संकरे कॉरिडोर से एक लड़की को दो लड़के घसीटते हुए ले जा रहे थे। उसकी आंखें लाल थीं और कदम लड़खड़ा रहे थे। उसके चेहरे से साफ़ पता चल रहा था कि वह नशे में थी। नशे में होने के बावजूद, वह अपनी पूरी ताकत से खुद को उन लड़कों से छुड़ाने की कोशिश कर र...

Total Chapters (51)

Page 1 of 3

  • 1. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 1

    Words: 885

    Estimated Reading Time: 6 min

    एक होटल के क्लब एरिया में रंग बिरंगी लाइट जल रही थी।ओर तेज म्यूजिक चल रहा था।म्यूजिक इतना लाउड था की नॉर्मल इंसान के लिए वहा रुकना बहुत मुश्किल था।
    उसे म्यूजिक में ऐसा ही हाल वहा खड़ी लड़की का भी था।वो लड़की ने नॉर्मल से जीन टॉप ही पहने थे।ओर उसके चेहरे पर घबराहट थी।उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे की वो पहली बार यहां इस जगह आई हो।
    वो लड़की खुद के टॉप को हाथ में पकड़ कर घबराहट भरी नजरो से आस पास देखते हुए बोलती है।रिया(उस लड़की की फ्रेंड)तुमने मुझे कहा फसा लिया।इस जगह को देख कर ये जगह अच्छी नही लग रही।अगर मुझे मेरी मां के इलाज के लिए पैसे की जरूरत न होती तो मैं यहां कभी नही आती।इतना बोल कर वो वहा खड़े एक वेटर से बोलती है,
    भैया..... यहां mr खान कहा मिलेंगे,वेटर मिशा को उपर से नीचे तक देखते हुए बोलता है,वो अभी आए नही है थोड़ी देर में आ जायेंगे।(Mr खान लोगो को व्याज पर पैसे देते थे।ओर ये लड़की भी यहां पैसे लेने आई थी।)
    एक अंजान होटल की घुटी हुई रोशनी में...  
    होटल के संकरे कॉरिडोर से एक लड़की को दो लड़के घसीटते हुए ले जा रहे थे। उसकी आंखें लाल थीं और कदम लड़खड़ा रहे थे। उसके चेहरे से साफ़ पता चल रहा था कि वह नशे में थी। नशे में होने के बावजूद, वह अपनी पूरी ताकत से खुद को उन लड़कों से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।  
    उन दोनों लड़कों का मकसद साफ़ था, लेकिन तभी अचानक उन्हें किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। आहट सुनते ही दोनों लड़कों के चेहरे पर डर की छाया उभर आई।  
    "रोनित, इसे पकड़ कर रख। मैं देखता हूँ कौन है," एक लड़का फुसफुसाया। रोनित, जिसने उस लड़की को कसकर पकड़ा हुआ था, सिर हिला देता है।  
    जैसे ही उसका साथी आगे बढ़ा, रोनित का फोन बज उठा। वह लड़की को छोड़ एक कोने में जाकर फोन पर बात करने लगा।   
    होटल की बेसमेंट में...  उसी समय, होटल की अंधेरी बेसमेंट में एक आदमी को कुर्सी पर बाँध कर रखा गया था। उसके चारों ओर कई गार्ड खड़े थे, लेकिन उनके माथे से पसीना चू रहा था। और गिरता भी क्यों न, आखिर उनके सामने मौत का देवता बैठा हुआ था।  
    सामने कुर्सी पर एक आदमी, जिसकी आँखें क्रूरता से भरी थीं, अपने हाथ में पकड़ी गन को स्टाइल से घुमाते हुए धीरे-धीरे बोला, "शर्मा, तुझे क्या लगा, तू मेरे साथ गद्दारी करेगा और मुझे पता नहीं चलेगा?"  
    भले ही वह आदमी धीमे बोल रहा था, लेकिन उसकी आवाज़ में छिपी ठंडक ने सामने बंधे आदमी की रूह कंपा दी। शर्मा कुछ कहने के लिए मुंह खोलता ही है कि अचानक एक गोली उसके प्राइवेट पार्ट पर लगती है। वह दर्द से तड़पते हुए वहीं दम तोड़ देता है।  
    "गलती करने की सजा मिल ही जाती है," वह आदमी शांत स्वर में कहता है, अब उसकी गन से निकलता धुआं हवा में घुलने लगा था। यह कोई और नहीं, सूर्यांश राजवंश था, जिसे लोग 'मौत का देवता' कहते थे। सूर्यांश, राजवंश कॉरपोरेशन का एमडी होने के साथ-साथ अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह भी था। काली दुनिया में उसके नाम का सिक्का चलता था।  
    वापस होटल के कॉरिडोर में...  
    रोनित ने जैसे ही फोन काटा और मुड़कर देखा, तो वह लड़की गायब थी। वह घबराकर अपने साथी के पास दौड़ा, जो गुस्से से चिल्लाया, "रोनित! लड़की कहाँ है?"  
    "मुझे क्या पता! मुझे लगा नशे में है, कहाँ जाएगी? मैं बस कॉल सुनने गया था और अब वो यहाँ नहीं है," रोनित ने डरते हुए कहा।  
    "तू एक काम ढंग से नहीं कर सकता! लड़की हाथ से निकल गई," उसके साथी ने गुस्से से जवाब दिया।  
    सूर्यांश का Private Room ...  उधर, सूर्यांश वॉशरूम में शावर के नीचे खड़ा था। उसके शरीर से खून के धब्बे पानी में धुल रहे थे। वह नहाकर बाहर आता है, लेकिन तभी उसे महसूस होता है कि कमरे में कोई और भी है।  
    कमरे की रोशनी काफी डिम थी, जिससे कुछ देख पाना मुश्किल था। सूर्यांश अपने फोन की फ्लैशलाइट ऑन करता है, तभी पीछे से कोई उसे अपनी बाहों में जकड़ लेता है।  
    सूर्यांश का फोन उसके हाथ से गिर जाता है, और कानों में एक मीठी, कमजोर सी आवाज़ गूंजती है, "प्लीज... हेल्प मी... मुझे तुम्हारी ज़रूरत है..."  
    सूर्यांश पलटता है और उसकी नज़र उस लड़की पर पड़ती है। चांद की रोशनी में उसका चेहरा और भी चमक रहा था। बड़ी-बड़ी नीली आँखें, बेदाग चेहरा, और होंठ ऐसे कि किसी का भी दिल उन्हें चूमने का कर जाए।  
    लड़की सूर्यांश को कुछ कहने का मौका भी नहीं देती, और उसके होंठों को अपने होंठों में भर लेती है। वह घबराई हुई थी, लेकिन उसकी हरकतों में एक अजीब सी चाहत थी।  
    सूर्यांश के लिए यह नया नहीं था। उसकी ज़िंदगी में कई लड़कियाँ आईं, लेकिन आज पहली बार किसी ने उसके होंठों को छुआ था। वह लड़की उसे अपने दांतो से हल्के-हल्के काट रही थी, और सूर्यांश यह सब महसूस करते हुए सिर्फ एक शायरी बुदबुदाता है। 
    लेकिन तभी सूर्यांश उस लड़की को उसके बालों से पकड़ कर खुद से दूर करता है और एक गंभीर लहजे में बोलता है, "बेबी, आज के बाद तुम बहुत पछताओगी।"  
    इतना कहते ही वह उसे passionately  किस करता है, जैसे उसे अपने वश में करना चाहता हो।
    Guys अगर कोई स्टोरी पसंद आए तो कमेंट्स जरूर करना।बाय guys
     
     
     
     
     

  • 2. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 2

    Words: 924

    Estimated Reading Time: 6 min

    सूर्यांश ने कुछ करने या बोलने से पहले ही उस लड़की के होंठों को अपने होंठों में भर लिया। जबकि उस लड़की को किस्स करना नहीं आता था, फिर भी उसने सूर्यांश के होंठों को अपने दांतों में दबा लिया।
    सूर्यांश के लिए यह पहली बार नहीं था; वह इससे पहले कई लड़कियों के साथ फिजिकल हो चुका था। उसके पास पैसा, पावर, हुस्न और एटीट्यूड की कोई कमी नहीं थी। रोज़ कोई न कोई लड़की उसके बिस्तर पर आने के लिए तैयार रहती थी। लेकिन आज तक सूर्यांश ने किसी लड़की को खुद के होंठों बिना permision  छूने नहीं दिया था। लेकिन यह लड़की पहली थी जो सूर्यांश के होंठों को छू रही थी और दांतों से भी चबा रही थी।
    सूर्यांश ने लड़की को उसके बालों से पकड़ कर उसे खुद से दूर किया और गंभीरता से कहा, "बेबी, आज के लिए तुम बहुत पछताने वाली हो।" इतना कह कर उसने लड़की के होंठों पर टूट पड़ते हुए उसे और भी अग्रीसिव तरीके से किस्स किया, जैसे वह उन्हें खा ही जाना चाहता हो।
    अब सूर्यांश उस लड़की के होंठों को चूम नहीं, बल्कि खा रहा था। पहली बार उसने किसी लड़की के होंठों को इतनी शिद्दत से चूमा था। फिजिकल रिलेशन तो उसने कई बार बनाए थे, लेकिन किस्स के मामले में यह पहली बार था कि सूर्यांश ने इतनी गहराई से अनुभव किया।
    सूर्यांश पागल हो चुका था; उस लड़की की बॉडी से आती हुई भीनी-भीनी खुशबू ने उसके शरीर से पूरा कंट्रोल खोला हुआ था। वही लड़की भी पूरी कोशिश कर रही थी, सूर्यांश की किस्स में उसका साथ देने में, लेकिन सूर्यांश की स्पीड को पकड़ना उसके लिए मुश्किल था। उसका छोटा सा शरीर सूर्यांश के भारी-भरकम शरीर के नीचे दबता जा रहा था। सूर्यांश को लड़की के किस्स करने के तरीके से समझ आ गया था कि इस लड़की को किस्स करना नहीं आता है। इस बात को जानकर सूर्यांश के अंदर अजीब सी खुशी की लहर दौड़ गई थी।
    अगले ही पल सूर्यांश ने लड़की को कमर से पकड़कर ऊपर की तरफ उठाया। लड़की ने अपने दोनों पैर सूर्यांश की कमर के इर्द-गिर्द फसा दिए। सूर्यांश ने उसे दीवार से धकेल दिया और फिर उसके होंठों और गर्दन पर किस्स करने लगा।
    सूर्यांश ने महसूस किया कि लड़की का शरीर बहुत गर्म है, लेकिन उसने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उसने लड़की की गर्दन पर अपने होंठ चलाते हुए उसे पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया।
    लड़की दर्द और चिल्लाहट से भरपूर थी, उसके आंसू बह रहे थे और वह खुद को सूर्यांश की बाहों में सौंप चुकी थी। सूर्यांश ने लड़की के शरीर से उसकी टी-शर्ट को हटा दिया और उसके मखमली बदन को सामने पाया। उसने कुछ देर के लिए रुका और लड़की के चेहरे पर अपनी उंगली से खेलते हुए कहा, "आखिर ऐसा क्या है तुम में जो इस हार्टलेस सूर्यांश को पागल कर दिया है तुमने?"
    इतना कहकर सूर्यांश धीरे से लड़की की कॉलर बोन को काटता है और फिर से उसमें खो जाता है।
    कुछ ही समय में, उनके कपड़े जमीन पर पड़े हुए थे। सूर्यांश नीचे दबे हुए उस लड़की की बॉडी पर अपने होंठों के निशान छोड़ रहा था। सूर्यांश ने लड़की के पेट से होते हुए नाभी को दांतों से काट लिया, जिससे लड़की की चीख पूरे कमरे में गूंज उठी। लड़की कसकर सूर्यांश के बालों को पकड़ लेती है। 
    लड़की के शरीर पर जगह-जगह सूर्यांश के बाइट्स के निशान थे, जो इस बात को साबित कर रहे थे कि सूर्यांश कितनी वाइल्ड हो गया था। यह पहली बार था जब सूर्यांश इतनी पैशनेट तरीके से किसी लड़की के साथ फिजिकल हो रहा था। उसके मेकआउट सेशन आमतौर पर एक घंटे के आस-पास होते थे, लेकिन इस बार न जाने क्या जादू था उस लड़की में, सूर्यांश थकने का नाम ही नहीं ले रहा था। लड़की की तड़प और भी बढ़ती जा रही थी।
    कुछ देर तक चूमने के बाद, सूर्यांश ने लड़की के होंठों को चूमते हुए कहा, "You drive me crazy." (तुम मुझे पागल कर रही हो)
    इतना कहकर सूर्यांश ने एक बार फिर से लड़की को चूम लिया, जिससे लड़की की दर्द भरी चीख कमरे में गूंज उठी, "आह्ह्ह्ह, आह्ह्ह्ह..."
    सूर्यांश ने एक पल के लिए लड़की की आँखों में देखा और हैरान होकर पूछा, "Are you a virgin?"  
    लड़की दर्द से कराह रही थी, उसकी आवाज़ काँप रही थी, "मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज..."
    सूर्यांश ने लड़की के माथे को चूमते हुए धीरे से कहा, "रिलैक्स, ये तुम्हारा फर्स्ट टाइम है, इसलिए दर्द हो रहा है। बस थोड़ा सब्र करो!"
    इतना कहकर सूर्यांश ने लड़की के कांपते हुए होंठों को चूमा और पागलों की तरह उसे अपनी बाहों में ले लिया। अब उसका रुकना मानो असंभव हो गया था। लड़की को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि यह रात उसकी जिंदगी की सबसे लंबी रात होने वाली थी। पूरी रात लड़की की आहें गूंजती रहीं और सूर्यांश उसके शरीर पर अपनी छाप छोड़ता रहा।
    ---
    सुबह लड़की को होश आते ही उसके सामने कई सवाल खड़े होंगे। उसे क्या रिएक्शन होगा जब वह अपनी हालत देखेगी?
    अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो कृपया कमेंट्स और रिव्यू जरूर दें। अगले चैप्टर में मिलते हैं।
    Guy's अपको क्या लगता है जब सुबह उस लड़की को होश आयेगा तो कैसा रिएक्शन होगा उसका?
    Guys please बताया जरूर करो।की स्टोरी कैसी लग रही है।आप अगर बताओगे तो ही पता चलेगा ना मुझे की मेरी स्टोरी में कोई कमी तो नहीं है।
    Guys अगर स्टोरी अच्छी लगे तो स्टोरी पर कमेंट्स जरूर करे।ओर रिव्यू भी दे।बाकी मिलते है अगले चैप्टर में......
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 3. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 3

    Words: 1193

    Estimated Reading Time: 8 min

    **(तुम मुझे पागल कर रही हो)**
    इतना कहते ही **सूर्यांश** ने फिर से उस लड़की के होंठों को अपने होंठों से दबोच लिया। दोनों के बीच अब एक इंच की भी दूरी नहीं बची थी। सूर्यांश की गर्म सांसें उसके कानों में गूंज रही थीं, साथ ही वो खुद को उसमे समा रहा था । अगले ही पल उसकी दर्द भरी चीख कमरे की दीवारों से टकराकर लौट आई, **"अह्ह्ह्ह, आह्ह्ह्ह..."**
    सूर्यांश की आँखों में एक पल के लिए हैरानी छा गई। उसने उस लड़की की आँखों में गहराई से झाँका और बिना पलक झपकाए पूछा, **"Are you a virgin?"**
    वो लड़की अब तक दर्द से कराह रही थी, उसका शरीर कांप रहा था, और उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। वो कुछ भी कह पाने की हालत में नहीं थी, बस बेबस होकर बोली, **"मुझे बहुत दर्द हो रहा है... प्लीज..."**
    सूर्यांश ने उसके माथे पर एक soft kiss देते हुए धीरे से कहा, **"रिलैक्स, ये तुम्हारा first time है, इसलिए pain हो रहा है। बस कुछ देर और... सब ठीक हो जाएगा।"**
    सूर्यांश  words ने उस लड़की को थोड़ा शांत किया, लेकिन उसका शरीर अब भी डर और दर्द से काँप रहा था। सूर्यांश अब रुकने वाला नहीं था, उसकी आँखों में पागलपन और ख्वाहिशों का सैलाब था। सूर्यांश अब रुकने वाला नहीं था। वह पूरी तरह से उसके ऊपर हावी हो गया, मानो अब वह उसे छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था।
    उस लड़की को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था की ये रात उसकी लाइफ की सबसे लम्बी लम्बी रात होने वाली थी।पूरी रात उस रूम में उस लड़की की आहे गूंजती रही।ओर सूर्य उसके शरीर के है हिस्से पर अपनी छाप छोड़ता रहा।
    इसी तरह पूरी रात गुजर गई।ना जाने किस पहर में सूर्य रुका तो वही वो लड़की पूरी तरह से पसीने में चूर सूर्य की बाहों में ढेर हो गई..... ।
    ---
    **अगली सुबह**
    उस लड़की की आंख अचानक खुली। उसके सिर में तेज़ दर्द हो रहा था और शरीर थका हुआ लग रहा था। उसने खुद को बिस्तर में उलझा पाया, और जब उसने अपनी हालत देखी, उसकी रूह कांप गई। वो तेजी से उठी, और अपने आंसू रोकने की कोशिश की लेकिन वे काबू से बाहर थे। उसकी सांसें तेज़ हो गईं, और उसने घबराहट में अपने मुंह पर हाथ रख लिया।
    उसकी आंखो के सामने वो सीन आ गया जब उसके पास एक वेटर जूस का ग्लास उसके पास ले कर आता है।वो लड़की पहले तो मना कर देती है।लेकिन वेटर के बार बार कहने पर वो उस जूस को पी लेती है।उसे जूस का टेस्ट कुछ अजीब लगता है।लेकिन फिर भी वो पी लेती है।ओर जूस को पीते ही उसका सर चकराने लगता है।उसे ऐसा लग रहा था जैसे की वो गिर जायेगी वो किसी तरह से लड़ाखाते हुए वाशरूम की तरफ चल देती है।
    वही कुछ दूरी पर खड़े लड़के उस लड़की को देख रहे थे। उनमें से एक लड़का बोलता है यार आज तो सच में मजा ही आ जाएगा क्या मस्त माल है ये......आज की रात तो रंगीन होने वाली है।इतना बोलते ही दोनो के फेस पर घटिया सी स्माइल आ गई थी।
    असल में कुछ देर पहले वो लड़के उस लड़की को देख रहे थे।तो वो एक वेटर को एक पाउडर देते है और उस लड़की के जूस में मिलाने के बदल बहुत सारे पैसे देते है वो वेटर भी पैसे के लालच में आ कर उस लड़की के जूस में वो पाउडर मिला कर दे देता है और जिसके बाद वो लड़की की हालत ऐसी हो गई थी।
    Bed के दूसरी तरफ, कोई अजनबी आदमी उसकी तरफ पीठ किए लेटा हुआ था। उसकी आँखों में अजीब सा डर दौड़ गया। वह बिना कोई वक्त बर्बाद किए उठी और अपने कपड़े समेटते हुए। उस अंजान कमरे से बाहर निकलने के लिए भागी, उसके कदम लड़खड़ा रहे थे, पर उसने खुद को किसी तरह संभाला।
    ---
    **उधर सूर्यांश**
    सूर्यांश की आंखों पर सुबह की किरणें पड़ीं, जिससे उसकी नींद खुली। उसने बिस्तर के दूसरे हिस्से को खाली पाया, तो एक अजीब बेचैनी ने उसे घेर लिया। **"वो कहां चली गई?"** ये सवाल बार-बार उसके दिमाग में गूंज रहा था। पहली बार, सूर्यांश जैसा इंसान भी खुद को इतना असहाय महसूस कर रहा था।
    उसने अपना फोन उठाया और अक्षय को कॉल किया। दूसरी तरफ से अक्षय ने चिंतित स्वर में कहा, **"सूर्यांश, तू ठीक तो है ना? कल रात जो लड़की तेरे लिए आनी थी, उसके साथ कुछ problem हो गई थी, इसलिए मैं उसे भेज नहीं पाया..."**
    सूर्यांश का चेहरा पल भर के लिए सफेद पड़ गया। उसकी आवाज़ कांपने लगी, **"क्या? मतलब... वो लड़की जो कल मेरे साथ थी, वो तेरी भेजी हुई नहीं थी?"**
    अक्षय ने हैरान होकर जवाब दिया, **"नहीं भाई, मैं तो तुझे यही बताने वाला था!"**
    सूर्यांश ने एक पल के लिए सब कुछ रुकते हुए महसूस किया। उसने बिना कुछ कहे कॉल काट दी। उसके दिमाग में अब बस एक ही ख्याल था – **"वो लड़की कौन थी?"**
    सूर्यांश के अंदर एक अजीब सा सनक भरा सन्नाटा पसर गया। उसने किसी को कॉल लगाते हुए कहा, **"इस होटल में जो भी लड़कियाँ कल रात आई थीं । सब का पता लगाओ ।  मुझे वो लड़की चाहिए किसी भी कीमत पर ।"** उसकी आंखों में एक पागलपन भरी चमक आ गई थी, और होंठों पर एक सनकी मुस्कान तैरने लगी थी।
    **"चलो, देखते हैं कौन है वो अजनबी जिसने मुझे, इस हार्टलेस सूर्यांश को पागल बना दिया।"** इतना बोल कर उसकी आंखो के सामने उस लड़की के साथ बिताई हुई रात के पल घूम जाते है।वो उन पलों को याद करते हुए आंखे बंद करके ही बोलता है.......
    पूरी रात मैंने गुजारी तेरे साथ,
     
    तेरा गोरा बदन मेरे बदन से रगड़ा जा रहा था,
     
    कितना हसीन वो लम्हा था,
     
    तेरे जाने के बाद हर लम्हा वो याद आ रहा है,
     
    तेरे होंठो पर मेरे होंठ,
     
    खूबसूरत सी वो रात थी,
     
    तेरा मेरा एक होना,
     
    कितने हसीन पल और कितनी हसीन रात थी।
     
     
    (Credits For Shayari ✍️✍️✍️✍️Kapil saroha) 
     
    ---
    **उधर, वो लड़की**
    उधर, लड़की एक छोटे से घर के सामने आकर रुकी। उसने घर का दरवाजा खोलते ही खुद को कमरे में बंद कर लिया। उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे, और वह रोते हुए खुद को कोस रही थी, "मैंने क्या कर दिया... अब मैं किसे मुंह दिखाऊंगी?"
    वो बेबस-सी उठी और वॉशरूम में जाकर जैसे ही अपने कपड़े उतारने लगी, उसकी आँखों में खौफ भर गया। उसके शरीर पर जगह-जगह निशान थे, जो उसकी रात की कहानी बयां कर रहे थे। उसने शावर चालू किया और अपने शरीर को बुरी तरह से रगड़ने लगी, जैसे वह उन निशानों को मिटा देना चाहती हो। पर निशान इतने गहरे थे कि उन्हें मिटाना मुमकिन नहीं था।
    वह शावर बंद करके बाहर निकली। उसकी आँखें रो-रो कर सूज चुकी थीं, और चेहरा थकावट और दर्द से भर गया था।
    ---
    **क्या सूर्यांश उस लड़की को ढूंढ पाएगा? और जब वो लड़की उसके सामने आएगी, तब क्या होगा?**
    Guy's अपको क्या लगता है सूर्य ढूंढ पायेगा उस लड़की को?क्या होगा जब वो लड़की आयेगी सूर्य के सामने?कैसा होगा दोनो का आमना सामना?
    Guy's अगर स्टोरी पसंद आ रही है तो स्टोरी को लाइक कमेंट और शेयर जरूर करे।ओर रिव्यू भी जरूर दे।बाय guys
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 4. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 4

    Words: 1087

    Estimated Reading Time: 7 min

    यहाँ आपकी कहानी को संपादित और विस्तार देते हुए पेश किया गया है:
     
    ---
     
    **तेरे होंठो पर मेरे होंठ**
     
    खूबसूरत सी वो रात थी,
    तेरा मेरा एक होना,
    कितने हसीन पल और कितनी हसीन रात थी।
     
    ✍️✍️✍️✍️ Kapil Saroha
     
    वहीं दूसरी तरफ, लड़की भागते हुए एक छोटे से घर के बाहर आकर रुकती है। घर देखने में न तो बहुत बड़ा था और न ही छोटा, लेकिन दो-तीन लोगों के रहने के लिए पर्याप्त था।
     
    लड़की धीरे से घर का दरवाजा खोलकर एक कमरे में चली जाती है। कमरे में जाते ही उसने दरवाजा बंद किया और उसके साथ लगकर नीचे बैठ गई। उसकी आंखों से बेहिसाब आंसू बह रहे थे। वह रोते हुए अपने बाल नोचते हुए बोलती है, "ये, ये मैंने क्या कर दिया। मैं अब किसी को क्या मुंह दिखाऊंगी..."
     
    काफी देर तक रोने के बाद, वह वाशरूम में जाकर अपने कपड़े उतारती है। अपने शरीर को देखकर हैरान रह जाती है। उसके पूरे शरीर पर काटने के निशान थे, जिन्हें देखकर उसे अपने शरीर से घिन आ रही थी। 
     
    वह शावर को ऑन करके अपने शरीर को बुरी तरह से रगड़ने लगती है, जैसे वह अपने शरीर से उन निशानों को मिटा देना चाहती हो। लेकिन उन निशानों को मिटाना इतना आसान नहीं था। उसने अपने पूरे शरीर को रगड़ रगड़ कर लाल कर लिया, लेकिन निशान पहले से भी ज्यादा दिख रहे थे।
     
    वह शावर को बंद करके बाहर निकलती है। उसकी आंखें रो-रो कर लाल और सूजी हुई थीं।
     
    **अब आगे**
     
    वह लड़की कमरे में कदम रखते ही उसका मोबाइल रिंग करता है। मोबाइल की आवाज सुनकर वह जल्दी से कॉल पिक करती है। दूसरी तरफ एक महिला की आवाज आती है:
     
    "क्या आप मिशिका नागर बोल रही हैं?"
     
    यह मिशिका नागर, जिसे सभी प्यार से मिशा बुलाते हैं। 18 साल की मासूम सी लड़की, जिसकी जिंदगी में कुछ समय पहले तक खुशियां ही खुशियां थीं। 
     
    मिशा: "जी, मैं बोल रही हूँ।"
     
    महिला: "मैम, आप जल्दी से अस्पताल आइए। मैं सिटी हॉस्पिटल से बात कर रही हूँ। आपकी मां की तबियत बहुत खराब हो गई है। जितनी जल्दी हो सके पैसे ले कर आइए।"
     
    मिशा जैसे ही यह सुनती है, फोन उसके हाथ से गिर जाता है। जो कुछ भी उसके साथ हुआ था, वह सब कुछ भूल जाती है। मिशा की मां का तीन दिन पहले एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उन्हें काफी चोटें आई थीं। उनकी हालत गंभीर थी। डॉक्टर ने उसे 5 लाख रुपए का इंतजाम करने को कहा था ताकि उनकी मां का ऑपरेशन हो सके। मिशा उन्हीं पैसे का इंतजाम करने के लिए अपने दोस्त के पास गई थी, लेकिन वहां उसके साथ वही सब हुआ।
     
    मिशा फोन को उठाकर बिस्तर पर रखती है। उसकी आंखों से आंसू फिर बह निकलते हैं। वह जल्दी से अलमारी से अपने कपड़े निकालकर पहन लेती है। कपड़े पहनने से उसकी बॉडी के निशान छिप गए थे, लेकिन उसकी गर्दन पर दांतों के निशान साफ दिख रहे थे। 
     
    मिशा की आंखों में आंसू अब रुक चुके थे, लेकिन उसके चेहरे की चमक कहीं खो गई थी। वह अपने शरीर से घिन महसूस करते हुए बोलती है:
     
    "मैं घुटते घुटते जहर हो गई,
    जिस उम्र को जी भर जीने की चाह थी,
    उस उम्र से नफरत हो गई,
    जिस उम्र की याद संभाल रखते हैं लोग,
    उस उम्र की यादें मेरे लिए जहर हो गई,
    बुरी यादें सब याद हैं,
    कुछ गिनी-चुनी अच्छी यादें धुंधली हो गई,
    जिस उम्र को जिया ही नहीं,
    उस उम्र से नफरत हो गई।"
     
    ✍️✍️✍️✍️ अमन
     
    लेकिन अब वह क्या ही कर सकती थी? जो हो गया था, उसे वह बदल नहीं सकती थी। यही सोचकर उसने अपने गर्दन पर बने बाइट के निशानों को छुपाते हुए वहां से निकल जाने का निर्णय लिया।
     
    वहीं दूसरी तरफ होटल के कमरे में माहौल काफी गर्म था। सूर्य वहां पर खड़े गार्ड्स पर भड़कते हुए बोलता है:
     
    "तुम सब एक लड़की को भी नहीं ढूंढ पाए!"
     
    सामने खड़ा गार्ड डर से कांपते हुए बोलता है:
     
    "बॉस, ये सब लड़कियों की डिटेल्स हैं। आप जिस लड़की की बात कर रहे हैं, वो लड़की कल रात यहां..."
     
    "Shut up! मैं जब बोल रहा हूँ कि इनमें से कोई भी लड़की नहीं है, तो वो लड़की कोई और थी। I want that girl..." सूर्य गार्ड की बात को बीच में ही काटते हुए गुस्से से बोलता है।
     
    सूर्य के गुस्से को देखकर गार्ड अंदर तक कांप जाता है। लेकिन जवाब देना भी जरूरी था, अन्यथा उसकी जान जा सकती थी। 
     
    इसलिए वह अपनी सांसों को रोकते हुए एक ही सांस में बोलता है:
     
    "Yes, sir, we will find that girl..."
     
    इतना बोलकर वह वहां से निकल जाता है। गार्ड के जाते ही सूर्य अपनी आंखें बंद करता है और उसकी आंखों के सामने मिशा के साथ बिताए हुए पल आ जाते हैं। उन पलों को याद करके सूर्य अपने चेहरे पर सनक भरी स्माइल ला कर बोलता है:
     
    "तुम जहां भी हो, मैं तुम्हें ढूंढ कर ही रहूंगा
     
    वहीं दूसरी तरफ, मिशा भागते हुए अस्पताल के अंदर जाती है और उसे सामने डॉक्टर मिल जाते हैं, जो उसकी मां का इलाज कर रहे थे। 
     
    मिशा भागते हुए डॉक्टर के पास जाकर बोलती है:
     
    "डॉक्टर, कैसी है मेरी मां?"
     
    डॉक्टर: "देखो मिशा, मैंने तुम्हें बोला था कि अगर आज शाम तक पैसे का इंतजाम नहीं हुआ तो तुम्हारी मां का ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। और तुम देखो, कितना टाइम हो गया है, अभी तक तुम पैसे ले कर नहीं आई हो।"
     
    डॉक्टर की बात सुनकर मिशा का रोना और बढ़ जाता है। वह रोते हुए बोलती है:
     
    "डॉक्टर, कुछ तो करिए ना, मैं इतनी जल्दी पैसे का इंतजाम नहीं कर सकती। प्लीज़ आप मेरी मां को बचा लीजिए।"
     
    मिशा हाथ जोड़कर डॉक्टर से रिक्वेस्ट करती है। डॉक्टर: "मिशा, मैं तुम्हारी बात समझता हूँ, लेकिन मेरे हाथ में कुछ नहीं है। पैसे के बिना कुछ नहीं हो सकता। जितनी जल्दी हो सके पैसे का इंतजाम करो।"
     
    इतना सुनना ही था कि मिशा घबराते हुए वहीं रखी चेयर पर गिर जाती है। उसकी आंखों से आंसू गिर रहे थे। तभी वहां एक रौबदार आवाज मिशा के कानों में पड़ती है:
     
    "डॉक्टर, तुम इलाज शुरू करो, मैं पैसे दूंगा।"
     
    **गाइज, आपको क्या लगता है, यह शख्स कौन हो सकता है? क्या बच जाएगी मिशा की मां की जान?**
     
    अगर स्टोरी अच्छी लग रही है, तो स्टोरी को लाइक, कमेंट्स और शेयर जरूर करें। और हां, रिव्यू देना न भूलें।
    Guy's अपको क्या लगता है कोन है ये शख्स?क्या बच जाएगी मिशा की मां की जान?
    Guys अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो स्टोरी को लाइक कॉमेंट्स ओर शेयर जरूर करे।ओर हां रिव्यू देना न भूले।
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 5. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 5

    Words: 1037

    Estimated Reading Time: 7 min

    वहीं दूसरी तरफ, मिशा भागते हुए अस्पताल के अंदर जाती है और उसे सामने डॉक्टर मिल जाते हैं, जो उसकी मां का इलाज।
     
    डॉक्टर: "देखो मिशा, मैंने तुम्हें बोला था कि अगर आज शाम तक पैसे का इंतजाम नहीं हुआ तो तुम्हारी मां का ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। और तुम देखो, कितना टाइम हो गया है, अभी तक तुम पैसे ले कर नहीं आई हो।"
     
    डॉक्टर की बात सुनकर मिशा का रोना और बढ़ जाता है। वह रोते हुए बोलती है:
    वहीं दूसरी तरफ, मिशा भागते हुए अस्पताल के अंदर जाती है और उसे सामने डॉक्टर मिल जाते हैं, जो उसकी मां का इलाज कर रहे थे। 
     
    मिशा भागते हुए डॉक्टर के पास जाकर बोलती है:
     
    "डॉक्टर, कैसी है मेरी मां?"
     
    डॉक्टर: "देखो मिशा, मैंने तुम्हें बोला था कि अगर आज शाम तक पैसे का इंतजाम नहीं हुआ तो तुम्हारी मां का ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। और तुम देखो, कितना टाइम हो गया है, अभी तक तुम पैसे ले कर नहीं आई हो।"
     
    डॉक्टर की बात सुनकर मिशा का रोना और बढ़ जाता है। वह रोते हुए बोलती है:
     
    "डॉक्टर, कुछ तो करिए ना, मैं इतनी जल्दी पैसे का इंतजाम नहीं कर सकती। प्लीज़ आप मेरी मां को बचा लीजिए।"
     
    मिशा हाथ जोड़कर डॉक्टर से रिक्वेस्ट करती है। डॉक्टर: "मिशा, मैं तुम्हारी बात समझता हूँ, लेकिन मेरे हाथ में कुछ नहीं है। पैसे के बिना कुछ नहीं हो सकता। जितनी जल्दी हो सके पैसे का इंतजाम करो।"
     
    इतना सुनना ही था कि मिशा घबराते हुए वहीं रखी चेयर पर गिर जाती है। उसकी आंखों से आंसू गिर रहे थे। तभी वहां एक रौबदार आवाज मिशा के कानों में पड़ती है:
     
    "डॉक्टर, तुम इलाज शुरू करो, मैं पैसे दूंगा।
    अब आगे
    मिशा जी की अब तक रो रही थी।वो ऐसे अचानक किसी की आवाज सुनकर वह जैसे ही पीछे मुड़ कर देखती है तो सामने खड़े इंसान को देख कर उसका रोना और तेज हो जाता है।
    मिशा रोते हुए भाग कर उस शख्स के सीने लग जाती है और रोते हुए बोलती है अंकल देखिए ना मां का एक्सीडेंट हो गया है।
    तभी वो शख्स जिसका नाम अजय राजवंश है।ये वर्ल्ड के टॉप रिच पर्सन में से एक है। इनके नाम का सिक्का पूरे देश में चलता है।ओर सबसे बड़ी बात ये सूर्यांश के पिता है।
    अजय________मिशा बेटा परेशान क्यू हो रही हो अनीता को कुछ नही होगा।मैं आ गया हु ना बेटा।इतना बोलते हुए वो मिशा के बालो को प्यार से सहलाने लगते है।
    अनीता नागर मिशा की मां 
    अनीता और अजय दोनो ही दोस्त थे।दोनो एक दूसरे से प्यार भी करते थे।दोनो शादी करना चाहते थे लेकिन अनिता के पापा अजय के साथ शादी के लिए नही मानते क्युकी अजय के पास तब पैसा नहीं था।
    अजय ने भी अनिता के पापा की इज्जत का खियाल करते हुए अनिता से दूरी बना ली थी।दोनो की शादी अलग अलग जगह हो गई थी।
    दूर रहने के बाद भी अजय अनिता की पूरी खबर रख रहा था।शादी के बाद दोनो की दोस्ती अभी भी बरकार थी।अजय मिशा को शांत करवा कर वही पर बिठा देता है।
    वही दुसरी तरफ एक अंधेरे कमरे में सिर्फ धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा था।तभी उस रूम का डोर ओपन होता है।ओर अक्षय अंदर आते हुए बोलता है।
    यार सूर्य तूने ये इतना अंधेरा क्यू कर रखा है और इतना धुआं तुझे सांस कैसे आ रही है। खासते हुए वो रूम की लाइट ऑन करके विडोज खोल देता है।
    अक्षय विंडोज को ओपन करके जैसे ही सूर्य की तरफ पलटता है तो उसकी सांस ही रुक जाती है।सूर्य की आंखे पूरी तरह से लाल थी।ओर उसके हाथ में सिगरेट थी और नीचे जमीन पर दो तीन सिगरेट की डिब्बी जली पड़ी थी।
    सूर्य सिगरेट का कस भरते हुए बोलता है।मैने तुझे जो काम बोला था वो हुआ जा नही?सूर्य के बोलने जा तरीका इतना खतरनाक था की उसकी रूह तक कांप जाती है।
    अक्षय सूर्य की बात सुनकर डरते हुए बोलता है।यार मैं पता करने की कर रहा हु लेकिन जिस लड़की का तूने चेहरा भी नही देखा।उसे ढूंढने के लिए टाइम तो लगेगा ही न।अक्षय डरते हुए एक ही सांस में पूरी बात बोल देता है।
    Get out......
    सूर्य गुस्से से चिलाते हुए बोलता है।अक्षय जैसे ही सूर्य की गुस्से से भरी आवाज सुनता है तो एक पल में ही गायब हो जाता है।
    सूर्य हाथ में पड़ी सिगरेट के कस भरते हुए बेहद जुनून से बोलता है।तुम जो भी हो।भले ही मैंने तेरा चेहरा नही देखा।लेकिन फिर भी तुम मेरे दिमाग और दिल पर हावी हो रही हो।मेरे होंठो को तेरे होंठो की तड़प हो रही है।
    और इस तड़प को मिटाने के लिए मैं तुम्हे ढूंढ कर ही रहूंगा।तुम कही भी हो दुनिया के किसी भी कोने में हो।तुम्हे आना तो मेरे पास ही पड़ेगा।मुझे तुम्हारे होंठो की लत लग चुकी है और इस लत  को तुम्हे ही पूरा करना होगा।।
    वही दुसरी तरफ अनिता के रूम से डॉक्टर बाहर आते हुए मिशा को बोलते है।मिशा अगर तुम चाहो तो अपनी मां को मिल सकती हो। उनके पास ज्यादा टाइम नही है।
    हमने बहुत कोशिश की लेकिन उनकी हालत में कोई भी सुधार नहीं हो रहा है।मिशा जैसे ही डॉक्टर की बात सुनती है तो उसकी आंखो में रुके हुए आंसू फिर से बह जाते है।
    मिशा रोते हुए अपनी मां के रूम में चली जाती है।रूम के अंदर जाते ही उसकी नजर अपनी मां पर जाती है जो की बेड पर बेजान सी बैठी हुई थी।उनके फेस पर ऑक्सीजन मास्क लगा था।ओर वो बेड पर लेटी हुई ऐसे लग रही थी जैसे की उनके अंदर जान ही न बची हो।
    मिशा को अंदर आते ही देख कर अनिता उसे अपने हाथ से अपने पास आने का इशारा करती है।मिशा भाग कर अपनी मां के पास जा कर उन्हे गले लगा लेती है।मिशा के पीछे ही अजय भी रूम के अंदर आते है।अनीता अजय को एक नजर देख कर फिर मिशा को देखने लगती है।
    अनीता भी मिशा को गले लगाते हुए उसे प्यार करने लगती है।वो मिशा के बालो को सहलाते हुए अपनी कमजोर आवाज में बोलती है......
    Guy's अपको क्या लगता है क्या बोला होगा उन्होंने ।ईशा को?
    Guys अगर स्टोरी पसंद आ रही है तो स्टोरी को लाइक शेयर कमेंट्स जरूर करे और रिव्यू भी जरूर दे।बाकी मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में बाय बाय guys
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 6. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 6

    Words: 1182

    Estimated Reading Time: 8 min

    वही दुसरी तरफ अनिता के रूम से डॉक्टर बाहर आते हुए मिशा को बोलते है।मिशा अगर तुम चाहो तो अपनी मां को मिल सकती हो। उनके पास ज्यादा टाइम नही है।
    हमने बहुत कोशिश की लेकिन उनकी हालत में कोई भी सुधार नहीं हो रहा है।मिशा जैसे ही डॉक्टर की बात सुनती है तो उसकी आंखो में रुके हुए आंसू फिर से बह जाते है।
    मिशा रोते हुए अपनी मां के रूम में चली जाती है।रूम के अंदर जाते ही उसकी नजर अपनी मां पर जाती है जो की बेड पर बेजान सी बैठी हुई थी।उनके फेस पर ऑक्सीजन मास्क लगा था।ओर वो बेड पर लेटी हुई ऐसे लग रही थी जैसे की उनके अंदर जान ही न बची हो।
    मिशा को अंदर आते ही देख कर अनिता उसे अपने हाथ से अपने पास आने का इशारा करती है।मिशा भाग कर अपनी मां के पास जा कर उन्हे गले लगा लेती है।मिशा के पीछे ही अजय भी रूम के अंदर आते है।अनीता अजय को एक नजर देख कर फिर मिशा को देखने लगती है।
    अनीता भी मिशा को गले लगाते हुए उसे प्यार करने लगती है।वो मिशा के बालो को सहलाते हुए अपनी कमजोर आवाज में बोलती है......
    अब आगे
    अनीता______मिशा बेटा मेरी बात को ध्यान से सुनो।मुझे पता है की तुम बहुत समझदार हो।इसलिए तुम अपना ध्यान रखना......
    अनीता का इतना बोलना ही था की मिशा अपनी को देख कर रोते हुए बोलती है मां आप ऐसा क्यू बोल रही हो।मैं क्यू रखने लगी खुद का ध्यान आप हो ना मेरा ध्यान रखने के लिए।
    अनीता जी ______मिशा के बालो को सहलाते हुए बोलती है।बेटा अब मेरे पास ज्यादा टाइम नही है।इसलिए तुम्हे समझने की कोशिश करो।
    मिशा रोते हुए अपनी मां को जोर से सीने से लगाते हुए बोलती है।मां ऐसा मत बोलो।मैं आपके बिना कैसे रहूंगी।इतना बोलते हुए फूट फुट कर रोने लगती है।
    अनीता जी अजय को इशारे से अपने पास बुलाने के लिए इशारा करती है।अजय अनिता जी को इस हालत में देख कर खुद भी काफी कमजोर पढ़ रहे थे।उन्होंने कभी सोचा नहीं था की वो कभी अनीता को इस हालत में भी देखेंगे।
    अजय किसी तरह से खुद को कंट्रोल करके अनीता के पास जाता है अनिता अजय को उम्मीद भरी नजरो से देखते हुए बोलती है।अजय देखो तुम्हारे इलावा मैं किसी पर भी इतना विश्वास नहीं कर सकती।
    इसलिए मैं अपनी जान से प्यार बेटी को तुम्हे सौंप रही हु।तुम इसे प्रोटेक्ट करना।मेरी बेटी की लाइफ में बस अब खुशियां ही आए।इसके साथ कुछ गलत न हो।आगे जा कर तुम इसका हाथ किसी अच्छे लड़के के हाथ में देना।आज से तुम इसे अपनी बेटी ही समझना।
    अजय अनिता की बातो को सुनकर काफी इमोशनल हो गया था।वो अपनी आंखो में आई हुई नमी को बहुत ही चालाकी से छुपा लेता है।क्युकी उसे भी समझ आ गया था की अनिता के पास सच में ज्यादा समय नहीं है।
    अजय अनिता के हाथ को अपने हाथ में पकड़ कर बोलता है।अनिता मैं तुमसे वादा करता हु।तुम्हारी बेटी पर कोई भी परेशानी नहीं आएगी।इसे मैं अपनी बेटी से भी ज्यादा प्यार करूंगा।
    अजय ने इतना बोला ही था की अनिता की सांसे तेज चलने लगती है।ओर वहा पर लगे कार्डिक मॉनिटर से तेज आवाज आने लगती है।अजय आवाज को सुनकर जल्दी से डॉक्टर को बुलाते है।
    वही मिशा तो अपनी मां की हालत को देख कर रोए जा रही थी।अजय मिशा को अपने सीने से लगा कर चुप करवाने की कोशिश कर रहा था।लेकिन मिशा तो चुप होने का नाम ही नही ले रही थी।
    और होती भी कैसे आखिर उसकी मां की हालत खराब होती जा रही थी।ओर एक बेटी के लिए अपनी मां को इस हालत देखना बहुत मुश्किल होता है।
    डॉक्टर आ कर अनिता को चेक करते है तो तब तक मशीन की आवाज बंद हो गई थी।ओर उसके साथ ही अनिता जी की सांसे भी थम गई थी।
    डॉक्टर अजय की तरफ देख कर सीरियस फेस के साथ बोलते है।I am sorry हमने अपनी तरफ से बहुत कोशिश की लेकिन इन्हें बचा नही पाए।
    इतना सुनते ही मिशा अजय के सीने से निकल कर अपनी मां को अपने सीने से लगा कर फूट फुट कर रोते हुए बोलती है।मां आप मुझे छोड़ कर नही जा सकती।मैं आपके बिना कैसे रहूंगी।।
    वही दुसरी तरफ एक सुनसान सी जगह जहा पर दो लोगो को पकड़ कर रखा गया था।दोनो की बॉडी पर मारने के निशांत थे।उनमें तो अब हिलने की भी हिम्मत नही थी।
    तभी वहा पर डोर ओपन होता है और एक लंबी परछाई अंदर आती है।लंबी परछाई जैसे जैसे आगे आती है तो वहां पर खड़े लोगो की बॉडी कांपने लगती है।ओर उनके फेस पर डर दिखने लगता है।।
    तभी वो परछाई आ कर सामने रखी चेयर के पास रुक जाती है।ओर वो परछाई जैसे ही घूमती है तो उसका चेहरा सबके सामने आ जाता है।ये कोई और नहीं  बल्कि सूर्य ही था।
    सूर्य चेयर पर राजा की तरह बैठते हुए गार्ड को अपने हाथ में पकड़ी हुई गन से बोलने के लिए इशारा करता है।गार्ड कुछ कदम आगे आ कर बोलता है।बॉस ये वही दो लड़के है जो उस रात उस लड़की को पकड़ कर ले जा रहे थे।
    गार्ड्स का इतना बोलना ही था की सूर्य के हाथ में पकड़ी हुई गन पर पकड़ कस जाती है।वो उन लड़को को गुस्से से भरी नजरो से देखता है।ओर अपनी गुस्से से भरी दमदार आवाज में बोलता है।
    उन्हे बुलाओ........
    उसका इतना बोलना ही था की सबकी सांसे रुक जाती है।वहा का माहोल ड्रवाना हो गया था।कुछ देर में वहा पर कुछ किन्नर ताली बजाते हुए आते है और सूर्य के सामने आ कर ताली बजाते हुए बोलते है।
    क्यू हैंडसम आज हमे कैसे याद किया।सूर्य उन लड़को को देख कर बोलता है।इन दोनो को अपने साथ ले जाओ और तब तक इनके साथ वो सब करो जो ये लड़कियो के साथ करते है।इन्हे भी एहसास हो की किसी के साथ गलत करने का क्या नतीजा हो जाता है।।
    जब तक इनकी सांसे चल रही है तब तक इनका दर्द कम होने की जगह बढ़ता ही जाना चाहिए।सूर्य की बात सुनकर वो लड़के तो गिड़गिड़ाते हुए माफी मांगने लगते है।लेकिन सूर्य तो मौत का दूसरा नाम था उसे कहा से रहम आता किसी पर।
    सूर्य उन लोगो पर बिना ध्यान दिए वहा से निकल जाता है।ओर वही किन्नर हस्ते हुए उन लड़को पर टूट पड़ते है।कुछ ही देर में वहा और उन लड़को की चीखे गूंजने लगती है।ओर समय के साथ वो चीखे दर्द से भरी ओर भी तेज होती जा रही थी।
    कुछ देर तक वो दर्द से भरी चीखें रुक जाती है और वहा पर शांति हो जाती है।किन्नर वहा से जाते हुए उन लड़को पर थूकते हुए बोलता है।तुम जैसे नमर्दो से तो हम जैसे ना मर्द न औरत ही अच्छे है।
    भले ही समाज हमे इज्जत की नजर से नहीं देखता लेकिन हमने कभी घटिया हरकते नही की ओर न ही किसी के साथ जबरदस्ती की।इतना बोल कर वहा से निकल जाते है।।
    Guys अपको क्या लगता है?सूर्य ने उन लड़को के साथ सही किया?क्या मिशा संभाल पायेगी खुद को।
    अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो लाइक शेयर ओर कमेंट्स ओर रिव्यू दे।जितना हो सके सपोर्ट करे।बाय guys...
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 7. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 7

    Words: 1185

    Estimated Reading Time: 8 min

     वो सब करो जो ये लड़कियो के साथ करते है।इन्हे भी एहसास हो की किसी के साथ गलत करने का क्या नतीजा हो जाता है।।
    जब तक इनकी सांसे चल रही है तब तक इनका दर्द कम होने की जगह बढ़ता ही जाना चाहिए।सूर्य की बात सुनकर वो लड़के तो गिड़गिड़ाते हुए माफी मांगने लगते है।लेकिन सूर्य तो मौत का दूसरा नाम था उसे कहा से रहम आता किसी पर।
    सूर्य उन लोगो पर बिना ध्यान दिए वहा से निकल जाता है।ओर वही किन्नर हस्ते हुए उन लड़को पर टूट पड़ते है।कुछ ही देर में वहा और उन लड़को की चीखे गूंजने लगती है।ओर समय के साथ वो चीखे दर्द से भरी ओर भी तेज होती जा रही थी।
    कुछ देर तक वो दर्द से भरी चीखें रुक जाती है और वहा पर शांति हो जाती है।किन्नर वहा से जाते हुए उन लड़को पर थूकते हुए बोलता है।तुम जैसे नमर्दो से तो हम जैसे ना मर्द न औरत ही अच्छे है।
    भले ही समाज हमे इज्जत की नजर से नहीं देखता लेकिन हमने कभी घटिया हरकते नही की ओर न ही किसी के साथ जबरदस्ती की।इतना बोल कर वहा से निकल जाते है।।
    अब आगे
    वही दुसरी तरफ मिशा का घर 
    आज मिशा की मां की डेथ को एक हफ्ता हो गया था।मिशा अपने रूम में अपनी मां की तस्वीर को देख रही थी।उसके साथ ही उसकी आंखो से आंसू भरे हुए थे।
    वो आंसू भरी आंखों से बोलती है।मां आप मुझे छोड़ कर क्यू चली गई।आपके बिना मैं कैसे रहूंगी।इतना बोल कर उसकी गालों पर आए आंसू साफ कर लेती है।
    मिशा अपने हाथ में पकड़ी हुई अपनी मां की फोटो को बेड पर पड़े बैग में रख देती है।जिस में उसने कपड़े रखे हुए थे।शायद वो कही जाने की तयारी कर रही थी।वो अभी अपना बैग बंद कर ही रही थी की डोर वेल की आवाज आती है।
    मिशा बैग को बंद करके डोर खोलती है तो उसके सामने अजय खड़ा था।अजय को देख कर मिशा बिना किसी इमोशन के बोलती है मेरा सामान पैक है।।
    अजय गार्ड्स को समान लाने का इशारा करता है और फिर खुद मिशा के सर को प्यार से सहलाते हुए बोलता है।बेटा मैं समझ सकता हु की तुम परेशान हो।मुझे भी अनिता के जाने से बहुत दुख हुआ है।
    लेकिन हम क्या कर सकते है।भले ही तुमने बहुत दुख देखे हो।लेकिन अब मैं तुम्हे अपनी बेटी बना कर रखूंगा।मिशा जैसे ही अजय की बात सुनती है तो उनकी बात का जवाब देती हुए बोलती है बेटी की तरह रखने ओर बेटी होने में बहुत फर्क है।
    मैं अगर आपके साथ जा रही हु इसका मतलब ये नही की मैं बेसहारा हो गई हु।अगर मेरी मां की आखिरी ईशा नही होती तो मैं कभी आपके साथ न जाती।।
    अजय मिशा की बातो को सुनकर उदास हो गया था।लेकिन फिर भी मिशा को प्यार से बोलते है।चलो बेटा अब हमे चलना चाहिए।मिशा हां में सर हिला कर गाड़ी ने बैठ जाती है।
    जाते हुए घर को देख कर उसकी आंखो में आंसू आ गए थे।वो गाड़ी में जाती हुई घर ओर अपने शहर को देख रही थी आखिर इस शहर ने उससे उसका सब कुछ खो लिया था।पहले उसके पापा फिर उसकी वर्जिनिटी और अब उसकी मां ओर घर भी।
    थोड़ी देर के बाद मिशा और अजय का जेट मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड करता है।जेट के लैंड करते ही वहा पर बहुत सारे गार्ड्स आ कर उस जगह को कवर कर लेते है।ओर एक बहुत बड़ा काफिला महंगी गाड़ियों का वहा पर आ कर रुक जाता है।।
    आता भी क्यू ना सिक्योरिटी होती भी क्यू ना आखिर इतने बड़े आदमी थे अजय राजवंश जी उनके सामने तो बड़े बड़े लोगो की बोलने की हिम्मत नही होती थी।मिशा अजय के साथ कैसे ही जेट से बाहर आती है तो सामने इतनी सिक्योरिटी को देख कर घबरा जाती है।
    मिशा ने लूज t शर्ट जींस और उपर से हुडी डाल कर बालो का मेसी बन बना रखा था।ओर इसके एक्सप्रेशन काफी क्यूट लग रहे थे।क्युकी वो डरते हुए अपनी पलके बार बात चपका रही थी।।
    अजय जी मिशा के चेहरे पर घबराहट देख कर बोलते है।रिलेक्स बेटा।ये सब हमारी सिक्योरिटी के लिए है।तुम्हे कुछ दिन में इनकी आदत हो जाएगी।मिशा अजय की आवाज सुनकर हां में सर हिला देती है।
    कुछ देर में गाड़ियों का काफिला सड़को पर दौड़ने लगता है।मिशा चुप चाप गाड़ी से बाहर देख रही थी।अजय मिशा को ऐसे चुप देख कर उसके साथ बात करने की कोशिश करते हुए बोलते हैं।।
    मिशा बेटा वैसे तो हम पहली बार मिल रहे है।लेकिन फिर भी तुम मुझे अपने बारे में कुछ बताओ ना तुम्हे क्या पसंद है और क्या नहीं।इतना बोल कर वो मिशा को उम्मीद भरी नजर से देखने लगते है।।
    मिशा अपने इमोशिनलेस चेहरे के साथ बोलती है मुझे मेरी पुरानी लाइफ ही पसंद है।क्या आप उसे मुझे लौटा सकते है क्या?
    मिशा के सवाल से अजय काफी उदास हो गए थे।वो उदासी से बोलते है l। मैं तुम्हे पुरानी जिंदगी तो नही दे सकता।लेकिन हां तुम्हे उससे बहुत अच्छी लाइफ दूंगा।मिशा अजय की बात सुनकर भी कोई रिएक्ट नही करती।बल्कि वैसे ही फिर से गाड़ी से बाहर देखने लगती है।।
    अजय कुछ और बोलते उससे पहले ही उनका फोन रिंग करता है वो फोन पर शो हो रहे नाम को देख कर उनके चेहरे पर सिलवटे आ जाती है।वो फोन पिक करते है तो दूसरी तरफ से एक दमदार आवाज आती है।
    डैड मुझे कुछ जरुरी काम है तो मैं जा रहा हु।ये आवाज थी सूर्य की जो की अजय को कॉल कर रहा था।अजय फोन पर धीमी आवाज में बोलते है।तुम ये क्या बोल रहे हो।तुम्हे पता है ना आज मिशा आने वाली है।
    सूर्य_""""___मुझे किसी मिशा से कोई लेना देना नही है वो आपकी headache है।मेरी नही इसलिए अपनी बाते अपने तक ही रखिए इतना बोल कर अजय की बात सुने बिना ही कॉल रख देता है अजय हेलो हेलो बोलते रह जाते है।
    अजय फोन को जैसे ही कान से हटाते है तो उनकी नजर मिशा पर जाती है जो की उन्हे ही देख रही थी।अजय अपने चेहरे ओर झूठी स्माइल चिपकाते हुए बोलते है।।
    वो मेरा बड़ा बेटा था।तुम्हारे आने का वैट कर रहा है।वो बहुत ही सफाई से झूठ बोल देते है क्युकी वो सच तो बता नही सकते थे।की उनका बेटा कितना घमंडी निर्दई और आर्टोगेंट है।ओर हद से ज्यादा बेतमीज भी।लेकिन वो एक बात से खुद अनजान थे की सूर्य की एक और पहचान है जिससे वो खुद अंजान है।
    अजय दुबारा से मिशा की तरफ देखते हुए बोलते है।वो तुम्हारा बहुत अच्छे से ध्यान रखेगा बिलकुल एक बड़े भाई की तरह।अजय ने भाई तो बोल दिया थे लेकिन उन्हें ये नही मालूम था की सूर्य मिशा का ध्यान रखेगा तो जरूर लेकिन भाई बन कर नहीं बल्कि कुछ और बन कर......
    Guy's अपको क्या लगता है।मिशा और सूर्य आयेंगे एक दूसरे के सामने?क्या होगा जब अजय को सूर्य की सचाई पता चलेगी?क्या मिशा सच जाने के बाद सूर्य को अपना पायेगी?
    Guys अगर स्टोरी पसंद आ रही है तो स्टोरी को लाइक शेयर कमेंट और रिव्यू जरूर दे।ओर हां अगर कोई कमी है तो बताइए।हम उसे ठीक करने की कोशिश करेंगे।
    बाय guys मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में.......
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 8. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 8

    Words: 1247

    Estimated Reading Time: 8 min

    सूर्य_""""___मुझे किसी मिशा से कोई लेना देना नही है वो आपकी headache है।मेरी नही इसलिए अपनी बाते अपने तक ही रखिए इतना बोल कर अजय की बात सुने बिना ही कॉल रख देता है अजय हेलो हेलो बोलते रह जाते है।
    अजय फोन को जैसे ही कान से हटाते है तो उनकी नजर मिशा पर जाती है जो की उन्हे ही देख रही थी।अजय अपने चेहरे ओर झूठी स्माइल चिपकाते हुए बोलते है।।
    वो मेरा बड़ा बेटा था।तुम्हारे आने का वैट कर रहा है।वो बहुत ही सफाई से झूठ बोल देते है क्युकी वो सच तो बता नही सकते थे।की उनका बेटा कितना घमंडी निर्दई और आर्टोगेंट है।ओर हद से ज्यादा बेतमीज भी।लेकिन वो एक बात से खुद अनजान थे की सूर्य की एक और पहचान है जिससे वो खुद अंजान है।
    अजय दुबारा से मिशा की तरफ देखते हुए बोलते है।वो तुम्हारा बहुत अच्छे से ध्यान रखेगा बिलकुल एक बड़े भाई की तरह।अजय ने भाई तो बोल दिया थे लेकिन उन्हें ये नही मालूम था की सूर्य मिशा का ध्यान रखेगा तो जरूर लेकिन भाई बन कर नहीं बल्कि कुछ और बन कर......
    अब आगे
    कुछ ही देर में गाड़ियों का बड़ा सा काफिला एक बड़े से गेट से होते हुए अंदर की तरफ आता है।मिशा जो की बाहर की तरफ ही देख रही थी।वो जैसे गार्डन  को देखती है तो उसके होंठो पर हल्की सी मुस्कान आ जाति है।
    बाहर गार्डन में हरी हरी घास लगी हुई थी।ओर उसके साथ ही वहा पर तरह तरह के फूल ,कुछ फूल तो ऐसे थे जिन्हे कभी मिशा ने देखा तक नही था।
    गाड़ी के रुकते ही मिशा और अजय गाड़ी से बाहर आते है।अब तो मिशा की हैरानी की हद हो गई थी।उसकी आंखो के सामने एक बड़ा सा विला था।जिसे की शायद उसने सिर्फ टीवी में ही देखा होगा।उसे तो कभी सपना भी नही आया होगा की वो कभी ऐसे विला में जाएगी।
    मिशा हैरानी से विला को देख रही थी विला दिखने में काफी यूनिक और एंटीक था।ओर इतना बड़ा था की उसमे एक साथ दो तीन शहरो के लोग रह सकते थे।।
    मिशा विला देखने में इतनी खो गई थी की उसे एहसास नही होता की वो जहा अजय के साथ आई है।अजय मिशा को बोलते है मिशा बेटा अंदर चले.....?
    अब जा कर मिशा होश में आती है।ओर अपना सर हां हिला कर अंदर की तरफ चलते हुए बोलती आप इतने बड़े घर में अकेले रहते है।
    अजय______नही यहां मेरा बड़ा बेटा सूर्यांश(सूर्य)मेरी पत्नी सुषमा और मेरी बेटी निकिता(निक्की)रहते है।निक्की तुम्हारी की उमर की है।ओर सूर्य वो तुमसे बहुत बड़ा है।वो वैसे तो 26साल का है कुछ ही महीने में वो 27का हो जाएगा।
    वो बिल्कुल तुम्हारा एक बड़े भाई की तरह ध्यान रखेगा।मिशा_____क्या आपने अपने बेटे की शादी नही की अभी तक?हमारे यहां तो इतनी उमर में शादी कर देते है।मिशा घर के मैन गेट की तरफ जाते हुए बोलती है।
    अजय को मिशा का उससे बात करना अच्छा लग रहा था ।वो घुल मिल रही थी उसके साथ।अजय जवाब देते हुए बोलते है।मैं तो उसकी शादी करना चाहता हु लेकिन उसे कोई लड़की पसंद नही आती है।बोलते हुए अजय के फेस पर थोड़े अजीब एक्सप्रेशन थे।क्युकी वो जानते थे की सूर्य कैसा है और जो लड़की उसके साथ शादी करेगी।
    वो सूर्य का गुस्सा और उसका जिद्दीपन कैसे संभाल पायेगी।बस यहीं चिंता थी उन्हें की किसी लड़की की जिंदगी बरबाद न हो जाए।लेकिन वो इस बात से अनजान थे की सूर्य का गुस्सा और जिद्दिपन झेलने वाली तो वो अपने साथ ही ले कर आए है।।
    थोड़ी दूरी तक चलने के बाद वो मैन गेट पर पहुंच जाते है। यहां पर सुषमा अपने हाथो में आरती की थाली ले कर खड़ी थी।ओर उनके फेस पर एक बड़ी सी स्माइल थी।उनके साथ ही एक पतली सी लड़की जिसके बाल कंधो तक आ रहे थे।ओर उसने लड़को के जैसे कपड़े पहने हुए थे।तो ये है निक्की अजय की बेटी।देखने में बहुत खूबसूरत है लेकिन इसे लड़को की तरह रहना पसंद है।।
    सुषमा मिशा को देख कर मुस्कुराते हुए बोलती है आओ आओ मिशा बेटा हम तुम्हारा कब से इंतजार कर रहे थे।मिशा भी उन्हें देख कर हल्की सी स्माइल कर देती है।सुषमा मिशा की आरती करके उसे घर के अंदर आने को बोलती है।।
    मिशा किसी से भी कुछ नही बोल रही थी वो एक दम शांत थी। वैसे उसका नेचर भी जाहि थी।ज्यादा न बोलना और शांत रहना।निक्की मिशा को गले लगाते हुए बोलती है।तो तुम हो मिशा जिसके आने की तयारी सुबह से हो रही है।
    मिशा ऐसे निक्की के गले लगने से घबरा जाती है।ओर ये बात अजय अच्छे से नोटिस कर लेते है वो मिशा को रिलेशन करवाते हुए बोलते है।मिशा बेटा घबराओ मत ये मेरी बेटी है और इसका नेचर ऐसा ही है बहुत चंचल है ये....
    मिशा भी मुस्कुरा देती है।लेकिन उसके फेस के एक्सप्रेशन चेंज नहीं हुए थे।अब वो घबराती भी क्यू ना वो नई जगह पर आई थी।ओर ऐसे अचानक किसी का उसे गले लगाना घबराहट पैदा करता ही है।
    सुषमा जी मिशा को प्यार से उसके बालो को सहलाते हुए बोलती है।मिशा बेटा चलो तुम्हे तुम्हारा रूम दिखा देते है।तुम थक गई होगी।मिशा हां में सर हिला कर सुषमा के साथ चली जाती है।ओर उनके पीछे ही निक्की भी चल देती है।।
    निक्की मिशा के साथ फ्लर्ट करते हुए बोलती है।babes कुछ भी बोलो तुम हो बहुत खूबसूरत अगर मैं इस घर का बेटा होती ना तो तुम इस घर में पापा के दोस्त की बेटी और मेरी बहन बन कर नहीं बल्कि मेरी बीबी बन कर आती।।
    मिशा तो निक्की की बाते सुनकर मुंह खोले उसे ही देखती रह जाती है । हद है भले कोई लड़की एक लड़की के साथ ही कैसे फ्लर्ट कर सकती है।जो नही हो सकता था वो आज निक्की ने करके दिखा दिया था।।
    सुषमा जी निक्की के सर पर प्यार से मारते हुए बोलती है।निक्की सुधर जा नही तो देखना मैं तुझे किसी की बीबी जरूर बना दूंगी।
    निक्की अपनी मां की बात सुनकर हस्ते हुए बोलती है। मोम ऐसा कभी हो ही नही सकता।जब तक आपके उस हिटलर बेटे की शादी नही होती मेरी शादी कभी नही हो सकती।ओर भाई की शादी तो आप भूल ही जाओ और अगर भाई की शादी भूल जाओ तो मतलब मेरी शादी का तो कोई चांस ही नही है।इतना बोल कर हसने लगती है।।
    इतनी देर में ही मिशा का रूम आ जाता है।सुषमा मिशा को रूम दिखाते हुए बोलती है।मिशा बेटा अगर कुछ पसंद न हो तो मुझे बता देना मैं चेंज करवा दूंगी।।सुषमा बिलकुल अपनी बेटी की तरह ट्रीट कर रही थी मिशा को.....
    निक्की ____अगर अकेले नींद न  आए तो मैं तुम्हारे साथ रुक सकती हु।मिशा_____अपनी धीमी आवाज में बोलती है।नही इसकी कोई जरूरत नही है।हम ठीक है।सुषमा और निक्की दोनो ही मिशा को उसके रूम में छोड़ कर चली जाती है।।
    उनके जाते ही मिशा रूम को देखती है तो रूम बेहद सुंदर था।और वहा पर रखी चीज़ों के कीमत करोड़ों में होगी।मिशा रूम को देख कर खुद से ही बोलती है।हर लड़की इन सब चीजों का सपना देखती है।मैने भी देखा था।
    मेरा सपना सच भी हुआ है लेकिन जिस कीमत पर हुआ है।वो मुझे हरगिज मंजूर नही थी।इतना बोल कर अपनी आंखो मे आए आंसू साफ कर देती है।
    Guys अपको क्या लगता है।मिशा सबके साथ एडजस्ट कर पायेगी?क्या सुषमा करेगी मिशा को बेटी की तरह प्यार?क्या होगा मिशा का दर्द कम?
    अगर स्टोरी अच्छी लग रही है।तो स्टोरी को लाइक कॉमेंट्स ओर शेयर करे।ओर हां रिव्यू भी देना।ओर अगर कोई कमी हो तो कमेंट्स में बता देना।हम उसे ठीक करने की कोशिश करेंगे।
     
     

  • 9. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 9

    Words: 1166

    Estimated Reading Time: 7 min

    निक्की अपनी मां की बात सुनकर हस्ते हुए बोलती है। मोम ऐसा कभी हो ही नही सकता।जब तक आपके उस हिटलर बेटे की शादी नही होती मेरी शादी कभी नही हो सकती।ओर भाई की शादी तो आप भूल ही जाओ और अगर भाई की शादी भूल जाओ तो मतलब मेरी शादी का तो कोई चांस ही नही है।इतना बोल कर हसने लगती है।।
    इतनी देर में ही मिशा का रूम आ जाता है।सुषमा मिशा को रूम दिखाते हुए बोलती है।मिशा बेटा अगर कुछ पसंद न हो तो मुझे बता देना मैं चेंज करवा दूंगी।।सुषमा बिलकुल अपनी बेटी की तरह ट्रीट कर रही थी मिशा को.....
    निक्की ____अगर अकेले नींद न  आए तो मैं तुम्हारे साथ रुक सकती हु।मिशा_____अपनी धीमी आवाज में बोलती है।नही इसकी कोई जरूरत नही है।हम ठीक है।सुषमा और निक्की दोनो ही मिशा को उसके रूम में छोड़ कर चली जाती है।।
    उनके जाते ही मिशा रूम को देखती है तो रूम बेहद सुंदर था।और वहा पर रखी चीज़ों के कीमत करोड़ों में होगी।मिशा रूम को देख कर खुद से ही बोलती है।हर लड़की इन सब चीजों का सपना देखती है।मैने भी देखा था।
    मेरा सपना सच भी हुआ है लेकिन जिस कीमत पर हुआ है।वो मुझे हरगिज मंजूर नही थी।इतना बोल कर अपनी आंखो मे आए आंसू साफ कर देती है।
    अब आगे
    मिशा अपनी आंखो में आए आंसू साफ करके वाशरूम में फ्रेश होने चली जाती है।फ्रेश होने के बाद वो एक लूज टी शर्ट और शॉर्ट्स पहन कर बेड पर लेट जाती है।।
    इतना लंबा सफर करने की वजह से मिशा को जल्दी ही नींद आ जाती है।ओर वो सो जाती है।वही दुसरी तरफ अजय और सुषमा दोनो ही रूम में बैठे थे।
    सुषमा अजय को तरफ देख कर बोलती है। अजय जी बड़ी प्यारी बच्ची है।भगवान भी न जाने क्या करता है।इतनी छोटी उमर में उससे उसकी मां को छीन ली लिया।।
    अजय______अब भगवान की मर्जी के सामने किसी नही चल सकती।जो हो गया उसे हम बदल नही सकते थे।लेकिन जो आने वाला है उसे हम बदल सकते है।इसलिए मैं चाहता हु की आप मिशा को हमारे बच्चो की तरह प्यार दे.....बोलते हुए वो उम्मीद भी नजरो से सुषमा को देखते है।
    सुषमा अजय की बात सुनकर उसको आश्वासन देते हुए बोलती है।आप परेशान मत होइए मैं मिशा की अपने बच्चो से भी ज्यादा प्यार करूंगी।इतना बोल कर वो हल्का सा मुस्कुरा देती है।
    वही दुसरी तरफ मिशा को सोते हुए काफी टाइम हो गया था।सब खाना खा कर अपने अपने रूम में चले गए थे।सुषमा मिशा को बुलाने के लिए आई थी खाने पर लेकिन मिशा काफी गहरी नींद में सो रही थी।
    इसलिए वो मिशा को डिस्टर्ब नहीं करती।मिशा की नींद आधी रात को प्यास की वजह से खुलती है।मिशा उठ कर रूम में ही पानी देखती है तो रूम में पानी था ही नही।
    शायद सुषमा रखना भूल गई थी।मिशा एक नजर फोन पर टाइम देखती है तो रात के दो बज रहें थे।मिशा खुद से ही बोलती है।आधी रात हो गई है इस टाइम किसी को डिस्टर्ब भी नही कर सकती हु।लेकिन प्यास भी लगी है।अगर पानी नही पिऊंगी तो नींद नही आयेगी।।
    फिर कुछ देर वही पर बैठी कुछ सोचने के बाद फैसला करती है की वो खुद ही किचन से पानी ले कर पी लेगी।उसने आते हुए किचन देखी तो थी।वो रूम से निकल कर किचन की तरफ आ जाती है।।
    पूरे घर में अंधेरा था लाइट्स ऑफ थी बस कुछ कुछ जगह पर डिम लाइट थी।जो की आस पास थोड़ी बहुत रोशनी कर रही थी।मिशा फ्रिज को खोल कर पानी की बॉटल निकल कर पानी पीने ही लगती है की उसकी नजर सामने चमकती दो आंखो पर जाती है।
    पहले से ही अंधेरा था और उपर से अंधेरे में सिर्फ चमक रही वो आंखे मिशा के अंदर डर पैदा करने में देर नहीं लगती।मिशा के हाथ से पानी की बॉटल छूट कर नीचे गिर जाती है।ओर वो उल्टे कदमों के साथ घर के मैन डोर की तरफ बड़ने लगती है।।
    मिशा जैसे जैसे अपने कदम पीछे ले रही थी।वैसे वैसे वो आंखे भी उसकी तरफ बढ़ रही थी।मिशा इतना ज्यादा डर गई थी की उसके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी।
    उसके हाथ पाव फूलने लगे थे।वो डरते हुए पीछे हो ही रही थी की वो चमकती आंखों के साथ वहा पर कुत्ते के गुराने की आवाज भी आती है।मिशा जैसे ही ये आवाज सुनती है तो उसे समझने में देर नहीं लगती की ये कोई कुत्ता है।।
    ये था सूर्य का डॉग जिसका नाम टाइगर था और ये pitbull है।ब्लैक कलर का और बड़ा था देख कर ही कोई डर जाए।मिशा अपने इतना डर गई थी की वो भाग जाना चाहती थी।क्युकी मिशा को कुत्तों से बहुत डर लगता था।।वो तो उनके पास से भी नही गुजरती थी।ओर जहा तो कुत्ता इसके सामने खड़ा था और उसकी तरफ बड़ भी रहा था।
    मिशा जैसे ही भागने के लिए मुड़ती है तो वो किसी के सीने से जोर से टकरा जाती है।मिशा जैसे ही टकराती है तो उसके मुंह से आह निकल जाती है।मिशा को सामने खड़े आदमी का चेहरा तो नही दिखाई दे रहा था।लेकिन उसकी प्रेजेंस इतनी स्ट्रॉन्ग थी की मिशा को अजीब सी बेचैनी होने लगी थी।।वही वो कुत्ता (टाइगर)भी अपने मालिक को देख कर वही पर बैठ जाता है वो एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाता है।
    और वही उसके सामने खड़ा सूर्य जो की मिशा को उसकी कमर से पकड़ कर खड़ा था।ओर मिशा के टच की वजह से मदहोश हो रहा था।उसे मिशा को टच करते ही उस होटल वाली लड़की का एहसास होता है।सूर्य मिशा से आ रही भीनी भीनी खुशबू से पागल हो रहा था।
    सूर्य होटल वाली लड़की का एहसास महसूस कर रहा था जिसकी उसने शकल तक सूर्य ने नही देखी थी।लेकिन उसका टच और उसके बिताए पलो ने उसके दिमाग पर कब्जा कर लिया था।सूर्य के हाथ मिशा की कमर को सहलाते हुए उपर की तरफ जाने लगते है और इसके साथ ही सूर्य मिशा की तरफ बड़ने लगता है ।
    जैसे ही सूर्य मिशा के करीब पहुंचता है तो मिशा को सूर्य के पास से अजीब सी स्मेल आती है जिसे महसूस करके मिशा को एहसास हो जाता है।की सूर्य ने काफी ड्रिंक की है।
    और ये सच भी था की सूर्य ने काफी ज्यादा ड्रिंक की हुए थी।वो नशे में पूरी तरह से चूर था।सूर्य मिशा के होंठो को टच करने ही वाला होता है की मिशा सूर्य को जोर से धक्का दे देती है।सूर्य ने भी ड्रिंक की हुई थी।तो वो खुद को संभाल नही पाता है और नीचे गिर जाता है।
    मिशा सूर्य के गिरते ही तेजी से अपने रूम की तरफ भाग जाती है।ओर रूम का डोर क्लास करके तेज तेज सांसे लेने लगती है।मिशा को अजीब सा फील होता है तो वो भाग कर वाशरूम में जाती है।ओर वॉमिटिंग करने लगती है।शराब की स्मेल से उसे वॉमिटिंग हो रही थी।
    Guy's अपको क्या लगता है कैसा होगा दोनो का आमना सामना?
    अगर स्टोरी अच्छी लग रही है।तो स्टोरी को लाइक शेयर ओर कमेंट्स करे।ओर रिव्यू भी जरूर दे।बाकी मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में......बाय guys
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 10. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 10

    Words: 1235

    Estimated Reading Time: 8 min

    सूर्य के हाथ मिशा की कमर को सहलाते हुए उपर की तरफ जाने लगते है और इसके साथ ही सूर्य मिशा की तरफ बड़ने लगता है ।
    जैसे ही सूर्य मिशा के करीब पहुंचता है तो मिशा को सूर्य के पास से अजीब सी स्मेल आती है जिसे महसूस करके मिशा को एहसास हो जाता है।की सूर्य ने काफी ड्रिंक की है।
    और ये सच भी था की सूर्य ने काफी ज्यादा ड्रिंक की हुए थी।वो नशे में पूरी तरह से चूर था।सूर्य मिशा के होंठो को टच करने ही वाला होता है की मिशा सूर्य को जोर से धक्का दे देती है।सूर्य ने भी ड्रिंक की हुई थी।तो वो खुद को संभाल नही पाता है और नीचे गिर जाता है।
    मिशा सूर्य के गिरते ही तेजी से अपने रूम की तरफ भाग जाती है।ओर रूम का डोर क्लास करके तेज तेज सांसे लेने लगती है।मिशा को अजीब सा फील होता है तो वो भाग कर वाशरूम में जाती है।ओर वॉमिटिंग करने लगती है।शराब की स्मेल से उसे वॉमिटिंग हो रही थी।
    अब आगे
    दूसरे दिन सुबह मिशा की नींद सुषमा की आवाज लगाने से खुलती है।मिशा डोर को ओपन करती है तो सुषमा उसके सामने खड़ी थी।मिशा सुषमा को देख कर बोलती है।
    आंटी आप जहा.....?
    सुषमा मिशा का सवाल सुनकर उसके बालो को सहलाते ओर मुस्कुराते हुए बोलती है।बेटा आप जल्दी से फ्रेश हो जाइए नाश्ते का टाइम हो गया है।आपने रात में भी कुछ नही खाया था।
    मिशा जैसे ही रात की बात सुनती है तो उसकी आंखो के सामने रात में उसके साथ जो हुआ वो पल याद आ जाते है।अब उसके मन में ख्याल आने लगा था की कोन था वो शख्स जो उसके इतने करीब आ रहा था।मिशा अपने ही ख्यालों में गुम थी की सुषमा की आवाज दुबारा उसके कानो में पड़ती है।
    जो बोल रही थी की मिशा बेटा आप कहा खो गई।मिशा सुषमा की आवाज सुनकर होश में आती है।ओर हड़बड़ाते हुए बोलती है।कही नही आंटी आप चलिए मैं फ्रेश हो कर आती हु।
    सुषमा हां में सिर हिला कर वहा से चली जाती है।ओर मिशा सुषमा के जाते ही डोर को बंद करके वाशरूम में फ्रेश होने चली जाती है।
    थोड़ी देर के बाद मिशा डाइनिंग टेबल पर आ गई थी।लेकिन डाइनिंग टेबल पर उसे अपने सिवा सिर्फ दो लोग और दिख रहे थे।बाकी और कोई नही था।मिशा वहा बैठी निक्की और सुषमा को देख कर उनके पास चली जाती है।लेकिन उसे बहुत अजीब लग रहा था इतने बड़े डाइनिंग टेबल पर सिर्फ तीन लोग बैठे थे।
    मिशा के बैठते ही सर्वेंट आ कर नाश्ता सर्व करती है।मिशा अपनी प्लेट में नाश्ते को देख कर मुंह बनाते हुए बोलती है।आंटी मैं ऐसा नाश्ता नही करती।उसने ये बात हिचकिचाते हुए बोली थी।
    वो बोल भी सही रही थी।क्युकी सच में उसने कभी ऐसा खाना नही खाया था उसकी प्लेट में सैलेड 🥗 रखा गया था।जो की देख कर ही कोई खाने से मना कर दे।(ये मिशा को लगता था।नही इस घर के सब लोग यही नाश्ता करते थे।ओर ये इस घर का रूल था।ओर ये रूल बनाने वाला हमारा अकड़ू खडूस और arrogant सूर्य ही है।अब भाई सूर्य ने रूल बनाया है तो किसी की क्या मजाल की वो रूल को तोड़ दे। लेकिन आज हमारी मिशा इस रूल को तोड़ने का सोच रही थी)
    निक्की जैसे ही मिशा की बात सुनती है तो उसकी आंखे बाहर आने को थी।क्युकी ये पहली लड़की थी जो नाश्ते के मेनू को चेंज करने का सोच रही थी।।
    निक्की कुछ बोलने के लिए मुंह खोलने ही वाली थी की सुषमा पहले ही बोल पड़ती है।मिशा बेटा अगर तुम्हे नही पसंद तो कोई बात नही।तुम बताओ क्या खाना पसंद करोगी।
    मिशा के चेहरे में स्माइल आ जाती है।वो स्माइल करते हुए बोलती है वैसे तो मुझे मां के हाथ के बने आलू के परांठे बहुत पसंद है ।ये लाइन बोलते हुए उसके चेहरे पर उदासी आ गई थी। लेकिन फिर खुद को नॉर्मल करते हुए बोलती है अब अगर ब्रेड और बटर भी मिलेगा तो चलेगा।
    लेकिन ये नाश्ता मुझे नही होगा।आप ना जाने कैसे घास फूस खा लेते हो।मिशा का इतना बोलना ही था की निक्की बोलती है।हमे कोई शौंक नही है ये सब खाने का लेकिन हनारी मजबूरी है।नही तो मैं भी रोज परांठे खाती वो भी गोबी के.....बोलते हुए उसके चेहरे पर परांठे बहुत खाने के नाम से खुशी दिख रही थी।उसको देख कर ऐसे लग रहा था की वो ना जाने परांठे खाने के लिए कितनी तरस रही हो।
    मिशा निक्की की बात सुनकर बोलती है।खाने के लिए भी मजबूरी ये बात कुछ समझ न आई मुझे.....उसके इतना बोलते ही मिशा के लिए ब्रेड टोस्ट आ रहा जाते है।मिशा ब्रेड टोस्ट का बाइट लेते हुए बोलती है बैसे से बताओ तो सही क्या मजबूरी है इस घास फूस को खाने की.....
    निक्की_____मैं तुम्हे बता तो दूंगी लेकिन उसके बदले में मुझे भी एक टोस्ट देना पड़ेगा।इतना बोलते हुए भी उसकी नजर मिशा के टोस्ट पर थी और वो ललचाई आंखों से टोस्ट को देखते हुए अपने होंठो पर जीव फिरा रही थी।
    मिशा _____अरे  टोस्ट इतनी भी बड़ी बात नही है।वैसे भी मेरे पास ज्यादा है तुम खा सकती हो......
    मिशा की बात सुनकर तो जैसे निक्की की आंखो से खुशी की गंगा बहने लगी थी।वो जल्दी से मिशा की प्लेट से टोस्ट उठा कर जैसे ही खाने को होती है की सुषमा उसे रोकते हुए बोलती है।निक्की बेटा ये तुम क्या कर रही हो।
    निक्की______मोम प्लीज एक बार खाने दीजिए वैसे भी वो अकडू भाई कोनसा जहा मुझे देख रहा है।वो तो वैसे भी कभी हमारे साथ नाश्ता नही करते है।इतना बोल कर वो एक बाइट खाते हुए बोलती है।
    ये रूल मेरे अकडू भाई ने बनाया है की सब हेल्थी नाश्ता करेंगे। ता जो सबकी तबियत ठीक रहे......मिशा निक्की बात सुनकर काफी हैरान होती है।आखिर कैसे कोई किसी को नाश्ता भी अपने हिसाब से करने को बोल सकता है।
    लेकिन मिशा अब इस बात पर ज्यादा न बोलते हुए बोलती है।आंटी क्या मैं ये घर घूम कर देख सकती हु।वो क्या है ना मुझे आपका घर बहुत पसंद आया......
    सुषमा_____अरे बेटा ये भी कोई बोलने की बात है।अब से ये घर तुम्हारा भी घर है।तुम यहां चाहो वहा जा सकती हो।लेकिन वो सामने वाले एरिया में मत जाना.......
    सुषमा 2nd फ्लोर की तरफ इशारा करते हुए बोलती है।मिशा सुषमा की बात सुनकर हैरानी से बोलती है।आंटी उस एरिया में ऐसा क्या है....?
    निक्की अजीब सा मुंह बना कर बोलती है वो मेरे अकडू भाई का एरिया है।ओर उनके एरिया में किसी को जाना अलाउड नही है। मां को भी नही।इसलिए वहा मत जाना।वहा जाना खतरे से खाली नहीं है।
    मिशा______क्या तुम्हारा भाई इतना खतरनाक है जो तुम सब उससे इतना डरते हो......
    निक्की_______वो इतना ज्यादा खडूस और arrogant है की किसी की हिम्मत नही होती उसके सामने बोलने की।जब वो घर में होते है तो कोई भी सर्वेंट आंख उठा कर उपर की तरफ नही देख सकता है। सर्वेंट और घर वालो की तो सांस ही सुख जाती है।उनके आते ही.....
    मिशा जैसे ही सूर्य के बारे में सुन रही थी उसे बहुत अजीब लग रहा था क्युकी वो जिस जगह से आई थी वहा उसने कभी ऐसा नहीं देखा था।
    Guys अपको क्या लगता है?किसी के खाने को अपने हिसाब से मैनेज करना ये ठीक है?क्या सूर्य ठीक कर रहा है?क्या मिशा जाएगी सूर्य के एरिया में?
    Guys अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो स्टोरी को लाइक शेयर ओर कमेंट्स करे।ओर रिव्यू भी दे।बाकी मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में बाय बाय guys......
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 11. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 11

    Words: 1148

    Estimated Reading Time: 7 min

    सुषमा_____अरे बेटा ये भी कोई बोलने की बात है।अब से ये घर तुम्हारा भी घर है।तुम यहां चाहो वहा जा सकती हो।लेकिन वो सामने वाले एरिया में मत जाना.......
    सुषमा 2nd फ्लोर की तरफ इशारा करते हुए बोलती है।मिशा सुषमा की बात सुनकर हैरानी से बोलती है।आंटी उस एरिया में ऐसा क्या है....?
    निक्की अजीब सा मुंह बना कर बोलती है वो मेरे अकडू भाई का एरिया है।ओर उनके एरिया में किसी को जाना अलाउड नही है। मां को भी नही।इसलिए वहा मत जाना।वहा जाना खतरे से खाली नहीं है।
    मिशा______क्या तुम्हारा भाई इतना खतरनाक है जो तुम सब उससे इतना डरते हो......
    निक्की_______वो इतना ज्यादा खडूस और arrogant है की किसी की हिम्मत नही होती उसके सामने बोलने की।जब वो घर में होते है तो कोई भी सर्वेंट आंख उठा कर उपर की तरफ नही देख सकता है। सर्वेंट और घर वालो की तो सांस ही सुख जाती है।उनके आते ही.....
    मिशा जैसे ही सूर्य के बारे में सुन रही थी उसे बहुत अजीब लग रहा था क्युकी वो जिस जगह से आई थी वहा उसने कभी ऐसा नहीं देखा था।
    अब आगे
    मिशा सबके साथ नाश्ता करके उपर रूम में चली जाती है।क्युकी उसे पूरे घर को देखना था।ओर जो चीज उसे अच्छी लग रही थी वो उनको अपने कैमरा में कैप्चर करने के लिए रूम से कैमरा लेने चली जाती है।।
    मिशा के जाते है सुषमा निक्की को देख कर बोलती है।तुम्हे पता है ना आज तूने क्या किया है।आज तूने सूर्य के बनाए हुए रूल को तोड़ दिया है अगर उसे इस बात की जरा भी भनक लगी तो वो तुम्हे इसकी पनिशमेंट देगा।।
    निक्की सुषमा की बात सुनकर थोड़ी देर के लिए घबरा जाती है।लेकिन फिर खुद को संभाल कर बोलती है।मोम पनिशमेंट तो तब मिलेगी जब भाई को पता चलेगा।ओर भाई को कोन बताएगा। यहां तक मैं आपको जानती हु आप कभी नही चाहेगी की मुझे कोई पनिशमेंट मिले।
    तो अब बची मैं और मिशा मिशा को भाई के सामने जाने से मना किया है और मैं तो कभी बताऊंगी ही नही की मैने रूल तोड़ा है।तो अब हो गया मामला सॉल्व तो अब मैं चलती हु कॉलेज......
    वहा से छूटी नही कर सकती हु और न ही लेट हो सकती हु।नही तो वो खडूस प्रोफेसर मुझे क्लास में नही घुसने देगा।ओर ताने देगा वो अलग से इतना बोल कर वो अपने रूम से बैग ले कर कॉलेज के लिए ड्राइवर के साथ निकल जाती है।।
    वही दुसरी तरफ मिशा अपने रूम से कैमरा ले कर घर ने घूमने लगती है।वो हर जगह को एक्सप्लोर कर रही थी।ओर जो यूनिक चीजे थी।उन्हे कैमरा में कैप्चर करने लगती है।
    मिशा पूरा घर घूमते हुए ध्यान नहीं देती की वो उस एरिया में चली जाती है जिस एरिया में सुषमा ने उसे जाने से मना किया था।जानी की सूर्य के एरिया में......
    मिशा वहा बड़े से हॉल को देख रही थी।जिसका कलर और डिजाइन पूरे घर से अलग था।ओर वहा पर रखी चीज़े इतनी अच्छी लग रही थी की कोई उनसे नजर न हटा पाता।
    मिशा वहा की पिक्चर्स क्लिक करने लगती है।वो अभी पिक्चर्स क्लिक कर रही थी की उसे पानी को आवाज आती है।मिशा पानी की आवाज को सुनकर अपने अपने कदम आवाज की तरफ अपने कदम बड़ा देती है।।
    मिशा जैसे ही आवाज के पास जाती है तो वहा का नजारा देख कर उसकी आंखे बड़ी हो जाती है और मुंह खुल जाता है।मिशा आंखे ओर मुंह पाड़े सामने देख रही थी।
    उसके सामने मस्कुलर बॉडी का आदमी स्विमिंग कर रहा था।उसकी बॉडी इतनी ज्यादा अट्रैक्टिव थी की मिशा की आंखे उससे हट ही नहीं रही थी।मिशा आंखे फाड़े देख रही थी।उसके सामने सूर्य सिर्फ बॉक्सर में स्विमिंग करते हुए बहुत ज्यादा अट्रैक्टिव और सेक्सी लग रहा था।
    सूर्य और बॉक्सर में तो आग ही लगा रहा था। उफ्फ उसे देख कर तो कोई भी लड़की मरने मिटने को त्यार हो जाती।ओर यही हाल हमारी मिशा का थी।जो अनजाने में ही सूर्य की तरफ अट्रैक्ट हो रही थी।
    सूर्य की बॉडी पर पानी की बूंदे पानी में भी आग लगा रहे थे।मिशा सूर्य को देखते हुए  बेहद नशीली आवाज में बोलती है। वाह क्या मस्त बंदा है।इसकी बॉडी इतनी अट्रैक्टिव है की उसके उपर से नजर ही नहीं हट रही है।
    मिशा अपने ख्यालों में खोई हुई सूर्य को लस्ट भरी नजरो से देख ही रही थी की सूर्य उसके सामने से गायब हो जाता है।मिशा सूर्य के ऐसे गायब होने से होश में आती है और अपनी नजर घुमा कर सूर्य को ढूंढने लगती है।
    मिशा जब अपनी नजर चारो तरफ घुमा कर देखती है और सूर्य उसे नजर नहीं आता तो वो निराशा से पीछे मुड़ कर जाने लगती है।मिशा जैसे ही पीछे पलटती है तो एक दम से घबरा जाती है।
    क्युकी सूर्य उसके बिलकुल पास खड़ा था।ओर मिशा को ही देख रहा था।मिशा घबराते हुए पीछे होने लगती है।मिशा के कदम पीछे होते ही सूर्य अपने कदम मिशा की तरफ बड़ा देता है।मिशा की आंखो में डर दिखने लगा था।।
    सूर्य मिशा को देख कर अपनी हार्ड आवाज में बोलता है।are you lost little cat.......?
    सूर्य जैसे ही ये बात बोलता है तो मिशा के कदम लड़खड़ा जाते है।ओर वो स्विमिंग पूल में गिर जाती है।स्विमिंग पूल में गिरते ही मिशा छटपटाने लगती है।उसको ऐसे छटपटाते हुए देख कर सूर्य को समझने की देर नही लगती।की मिशा की स्विमिंग नही आती है।
    सूर्य बिना वक्त गवाए ही पुल में कूद जाता है और मिशा को उसकी कमर से पकड़ खुद से चिपका लेता है।मिशा भीगी हुई बहुत खूबसूरत लग रही थी।मिशा के फेस से पानी बहने हुए उसके होंठो तक आ कर नीचे जा कर उसके सीने में समा रहा th।
    और यही बात सूर्य को मिशा की तरफ अट्रैक्ट कर रही थी।करती भी क्यू नही आखिर ये वही लड़की थी जिसने सूर्य के दिल और दिमाग पर कब्जा कर रखा था।जिसे सूर्य हर जगह ढूंढ रहा था वो आज उसकी बाहों में खड़ी थी और सूर्य इस बात से अनजान था की मिशा ही वो लड़की है।
    सूर्य मिशा की आंखो में खो गया था।मिशा का भी कुछ यही हाल था।मिशा भी सूर्य की आंखो में खो गई थी।दोनो में मदहोशी छा गई थी।सूर्य मिशा की आंखो में इतना खो गया था के उसे मिशा के टच ने उस होटल वाली लड़की का टच महसूस हो रहा था।ओर वो उस टच को मेहसूस करते हुए अनजाने में ही उसके मुंह से निकल जाता है....
    कुछ तो था तेरे एहसास में,हर छुअन मुझे दीवाना करती गई,तेरे सांसों से टकराती मेरी सांसे,तू मुझसे मुझे ही जुदा करती गई,तेरा चेहरा देखा नही अब तक,ख्वाहिशें तुझमें समाने की है,तलब तेरे होठों की फिर से जगी है,जिद्द तुझे अपना बनाने की है ! 
    ✍️ शालिनी चौधरी
    सूर्य मिशा को इटनेंसिटी से देखते हुए उसे उसकी कमर से पकड़ कर ही पानी से बाहर आ जाता है।सिर्फ बॉक्सर ने सूर्य और उपर से उसकी मस्कुलर बॉडी और मिशा को उठाने की वजह से दिख रहे बाइसेप्स उफ्फ तबाही लग रहा था सूर्य।
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 12. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 12

    Words: 1069

    Estimated Reading Time: 7 min

    सूर्य मिशा की आंखो में खो गया था।मिशा का भी कुछ यही हाल था।मिशा भी सूर्य की आंखो में खो गई थी।दोनो में मदहोशी छा गई थी।सूर्य मिशा की आंखो में इतना खो गया था के उसे मिशा के टच ने उस होटल वाली लड़की का टच महसूस हो रहा था।ओर वो उस टच को मेहसूस करते हुए अनजाने में ही उसके मुंह से निकल जाता है....
    कुछ तो था तेरे एहसास में,हर छुअन मुझे दीवाना करती गई,तेरे सांसों से टकराती मेरी सांसे,तू मुझसे मुझे ही जुदा करती गई,तेरा चेहरा देखा नही अब तक,ख्वाहिशें तुझमें समाने की है,तलब तेरे होठों की फिर से जगी है,जिद्द तुझे अपना बनाने की है ! 
    ✍️ शालिनी चौधरी
    सूर्य मिशा को इटनेंसिटी से देखते हुए उसे उसकी कमर से पकड़ कर ही पानी से बाहर आ जाता है।सिर्फ बॉक्सर ने सूर्य और उपर से उसकी मस्कुलर बॉडी और मिशा को उठाने की वजह से दिख रहे बाइसेप्स उफ्फ तबाही लग रहा था सूर्य।
    अब आगे
    सूर्य के सीने से लगी मिशा इस वक्त अपनी सांसों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी।क्युकी ऐसे पुल में गिरने की वजह से उसकी जान ही हलक में ही अटक गई थी।
    सूर्य मिशा को अपनी बाहों में उठा लेता है।सूर्य के ऐसे उठाने से मिशा के हाथ कंधे पर लग चले जाते है।मिशा सूर्य के सीने से ओर भी चिपक गई थी।ओर वही सूर्य जो की मिशा की प्रेजेंस से मदहोश हो रहा था।उसकी नजर फुरसत से तराशे मिशा की शरीर और फेस कर थी।
    मिशा पानी में भीगी हुई इतनी अट्रैक्टिव लग रही थी की कोई भी उसे देख कर उससे नजर नही हटा पाता।यही हाल सूर्य का भी था।मिशा को देख कर सच में लगता था की भगवान ने उसे फुरसत से बनाया है।
    सूर्य मिशा को ऐसे ही अपनी गोद में उठा कर पुल से बाहर लाने लगता है।जिसकी वजह से मिशा गिरने के डर से सूर्य की गर्दन पर बाहें लपेट लेती है।सूर्य मिशा को पुल से बाहर ला कर वही साइड में लेटा देता है मिशा सूर्य को देखने में इतना खो गई थी की उसे एहसास ही नही होता की सूर्य उसे पुल से बाहर ले आया है।मिशा सूर्य के अट्रैक्टिव फेस को देख रही थी।
    उसने अपनी लाइफ में सूर्य के जितना हैंडसम आदमी नही देखा था।सूर्य की वो शार्प जाव लाइन और उसके तीखे नैन नक्श किसी भी लड़की को अपने कंट्रोल में करने के लिए काफी थे।यही हाल मिशा का था।वो सूर्य के फेस को बिना पलके चपकाए देखे जा रही थी।सूर्य को देखते हुए मिशा को अपना गला सूखता महसूस हो रहा था।
    सूर्य मिशा के फेस को देख रहा था।जो की एक छोटी सी बच्ची लग रही थी।ओर उसके फेस पर मासूमियत और सबसे बड़ी बात उसकी आंखो में सूर्य को खुद के लिए लस्ट साफ साफ दिखाई दे रही थी।।
    मिशा सूर्य को देखने में इतनी ज्यादा खो गई थी।की उसे इस बात का एहसास ही नही होता की वो अभी भी सूर्य की बाहों में है।ओर उसके हाथ भी सूर्य के गले से लिपटी हुई है।
    सूर्य मिशा के उपर झुका हुआ था।मिशा और सूर्य दोनो ही एक दूसरे में खोये हुए थे।की तभी सूर्य अपनी seductive आवाज में बोलता है....
    do you wanna kiss me......?
    मिशा जैसे ही सूर्य की बात सुनती है तो अचानक से बोलती है क्या......?
    उसकी आंखे बड़ी हो गई थी।ओर उसके चेहरे पर हैरानी साफ साफ दिखाई दे रही थी।
    सूर्य वैसे ही लेटे हुए मिशा को जवाब देते हुए बोलता है।किस्स करना चाहती हो मुझे.....?
    मिशा की हैरानी की अब कोई हद नही थी।वो फिर से बोलती है आप क्या बोल रहे हो।आप ऐसी बाते सोच भी कैसे सकते हो।मैं आपको किस क्यू करूंगी....
    सूर्य_____then leave me.....
    सूर्य की बात सुनकर मिशा को एहसास होता है की उसने अभी तक सूर्य को पकड़ कर रखा हुआ है वो जल्दी से अपने हाथ हटा देती है।मिशा के हाथ हटते ही सूर्य मिशा के उपर से उठ जाता है।सूर्य के उठते ही ?मिशा भी उठ कर खड़ी हो जाती है....
    तभी अजय वहा पर आते हुए बोलता है....
    Are you okay.....
    अजय की बात सुनकर मिशा सूर्य से दूर हो जाती है।सूर्य अजय को इग्नोर करते हुए वही पड़ा टावल उठा कर खुद की बॉडी को साफ करने लगता है।
    मिशा अपना सर झुका कर बोलती है जी अंकल मैं ठीक हु.....वो मुझे पता नही चला ओर मैं पुल में गिर गई थी।मिशा अजय से बता रही थी।लेकिन वही सूर्य बेफिक्र हो खुद को टावल से साफ करने में लगा था।सूर्य को इतना बेफिक्र देख कर ऐसा लग रहा था की जैसे वो वहा अकेला ही हो।जा फिर बोल सकते है की वो अजय और मिशा को इग्नोर कर रहा था।
    अजय सूर्य के कंधे पर हाथ रख कर बोलते है मुझे लगता है की आप दोनो की मुलाकात हो गई है।लेकिन अगर नही हुई है तो मैं करवा देता हु।अजय मिशा को इंट्रोड्यूस करते हुए बोलते है.....
    सूर्य ये है मिशिका नागर.....प्यार से इसे मिशा कहते है।ओर आज से यही रहेगी......फिर मिशा की तरफ देख कर .....
    मिशा बेटा ये है सूर्य मेरा बेटा और आपका बड़ा भाई अगर आपको कोई प्रोब्लम हो तो आप इन्हे बोल सकते हो।ये बड़े भाई की तरह आपकी प्रोब्लम सॉल्व कर देगा.....सूर्य जैसे ही खुद को मिशा का भाई सुनता है तो उसकी आंखे बड़ी हो जाती है। और वही मिशा उसके तो पल में एहसास बदल गए थे जज़्बात बदल गए थे।कुछ देर पहले वो जिस लड़के को लस्ट भरी नजरों से देख रही थी।वो उसका भाई निकला था।
    उसे अब अपनी सोच पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।की वो कैसे अपने ही भाई को लस्ट के साथ देख रही थी।
    वही दुसरी तरफ सूर्य में अपने हाथ की मुठिया इतनी जोर से बंद की हुई थी।की इसके हाथो और गर्दन की नसे दिखने लगी थी।उसे बिलकुल भी बर्दास्त नही हो रहा था की मिशा को उसका भाई बोल कर इंटरड्यूज करवाया जाए।ना जाने क्यू लेकिन सूर्य को ये बात पसंद नही आ रही थी।
    अजय अपनी बात बोल कर वहा से चला जाता है अब वहा पर सिर्फ सूर्य और मिशा रहे गए थे।मिशा सूर्य को देख कर कुछ बोलती है की सूर्य का गुस्सा मिशा पर फुट जाता है।
    Guys अपको क्या लगता है क्या बोला होगा मिशा ने सूर्य को.....?क्या सच में सूर्य मिशा को अपनी बहन मानेगा.....?
    Guys अगर आपको स्टोरी अच्छी लग रही है तो स्टोरी को लाइक शेयर ओर कमेंट्स करना ओर रिव्यू भी देना।बाकी मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में बाय बाय guys
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 13. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 13

    Words: 1032

    Estimated Reading Time: 7 min

    मिशा बेटा ये है सूर्य मेरा बेटा और आपका बड़ा भाई अगर आपको कोई प्रोब्लम हो तो आप इन्हे बोल सकते हो।ये बड़े भाई की तरह आपकी प्रोब्लम सॉल्व कर देगा.....सूर्य जैसे ही खुद को मिशा का भाई सुनता है तो उसकी आंखे बड़ी हो जाती है। और वही मिशा उसके तो पल में एहसास बदल गए थे जज़्बात बदल गए थे।कुछ देर पहले वो जिस लड़के को लस्ट भरी नजरों से देख रही थी।वो उसका भाई निकला था।
    उसे अब अपनी सोच पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।की वो कैसे अपने ही भाई को लस्ट के साथ देख रही थी।
    वही दुसरी तरफ सूर्य में अपने हाथ की मुठिया इतनी जोर से बंद की हुई थी।की इसके हाथो और गर्दन की नसे दिखने लगी थी।उसे बिलकुल भी बर्दास्त नही हो रहा था की मिशा को उसका भाई बोल कर इंटरड्यूज करवाया जाए।ना जाने क्यू लेकिन सूर्य को ये बात पसंद नही आ रही थी।
    अजय अपनी बात बोल कर वहा से चला जाता है अब वहा पर सिर्फ सूर्य और मिशा रहे गए थे।मिशा सूर्य को देख कर कुछ बोलती है की सूर्य का गुस्सा मिशा पर फुट जाता है।
    अब आगे
    सूर्य जैसे ही अजय के कहे शब्दो को सुनता है तो उसका खून खोल उठता है।लेकिन वो इसके आगे कुछ भी कहता के तभी अजय का फोन बज उठता है।जिसे देख कर उन्होंने कहा"एक्सक्यूज मि"!
    इतना बोल कर वो फोन को अटेंड करने के लिए वहा से चले गए।ओर इधर मिशा अपनी हाथो की उंगलियों को आपस में उलझते हुए खड़ी हो गई।
    उसे समझ नही आ रहा था की वो अब आगे क्या बोले,लेकिन फिर उसने एक गहरी सांस ली और बोली अम्म्म......मुझे बचाने के लिए थैंक यू भैया......
    थैंक यू तक तो ठीक था,लेकिन भैया?
    पहले अजय और अब मिशा खुद उसे भैया बोलने लगी थी।इस बार सूर्य ने आव देखा न ताव और तेज कदमों के साथ उसके पास जाते हुए उसने मिशा की बाजू को पकड़ा और खुद उसके उपर लगभग चढ़ते हुए बोला.....
    "खबरदार अगर मुझे भाई बोला"
    उसके गुस्से को देख कर मिशा सुन्न रह गई थी।वो बड़ी बड़ी आंखों से सूर्य के क्रोध से धधक रही आंखो मे देखे जा रही थी ,फिर उसने अपनी लड़खड़ाती हुई आवाज में कहा...पर अभी तो अंकल ने कहा कि मैं आपकी छोटी बहन हु....इसलिए तो मैने आपको भैया कहा, वरना मुझे........
    पर मिशा इससे आगे एक शब्द भी बोल पाती की तभी सूर्य ने अपना एक उसके होंठो पर रख दिया।ओर अपना चेहरा उसके चेहरे के बेहद नजदीक लेजा कर बोला......
    अब अगर एक बार भी तुमने मुझे भैया बोला तो इन फड़फड़ाते हुए होंठो को चूमने में मैं एक बार भी नही सोचूंगा।आई बात समझ?
    मिशा के पूरे शरीर में करंट दौड़ गया था।सूर्य के कहे इन शादो को सुन कर वो उसे आंखे फाड़े देखे जा रही थी।सुने कभी सपने में भी नही सोचा था की सूर्य से उसकी पहली मुलाकात ऐसी होगी....
    इधर सूर्य ने उसके गीले कपड़ों को उसके बदन से चिपके कपड़ो को देखा,जिस कारण मिशा के शरीर की बनावट उभर कर सामने आ रही थी।सूर्य उसे ऐसे देख रही थी जैसे की वो उसे आंखो सा ही खा जाएगा।
    तभी सूर्य ने अपना चेहरा मिशा की गर्दन के करीब ले जा कर बेहद धीरे और सेडक्टिव आवाज में  कहा ओर वैसे भी तुम चीज कयामत हो,तुम्हे सूर्य की नजरे सिर्फ लस्ट की नजर से देख सकती है।बहन की नजर से नहीं......
    ये बोलते हुए ही सूर्य ने मिशा की गर्दन को अपने दांतो तले दबा लिया।जिससे की मिशा तो पूरी तरह से जम गई।पहली दफा कोई इस कदर उसके करीब गया था।हालाकि दोनो पहले भी एक रात साथ में बीता चुके थे।लेकिन चेहरा किसी ने भी एक दूसरे का नही देखा था।ओर रही बात मिशा की तो मिशा तो नशे में पूरी तरह से चूर थी उस रात......
    सूर्य ने पहली मुलाकात में ही मिशा की रूह तक को छू लिया था।जो की आज तक किसी ने भी नही किया था।सूर्य की नजर अभी भी मिशा पर टिकी हुई थी।ओर उसके होंठ मिशा की गर्दन पर हरकत करने लगे थे।
    मिशा जो की अभी तक अपनी जगह पर जमी खड़ी थी वो अचानक से होश में आती है और सूर्य को जोर से धक्का देते हुए बोलती है।आप कितने घटिया इंसान है कितनी घटिया बाते करते है.... छी.......
    सूर्य मिशा को उसके बालो से पकड़ कर बोलता है।exactly यही कहना चाहता हु मै की मैं बहुत घटिया हूं इतना घटिया की तुम सोच भी नही सकती।इसलिए जितना हो सके मुझसे दूर रहना।सूर्य के ऐसे पकड़ने से मिशा को दर्द होने लगा था।मिशा की आंखो में दर्द साफ साफ दिख रहा था।
    सूर्य मिशा के बालो को एक दम से छोड़ देता है जिसकी वजह से मिशा पीछे लगे पिलर से जा लगती है।सूर्य मिशा की तरफ उंगली करते हुए बोलता है।अगर तुम अब मेरे करीब आई तो तुम्हे खुद भी पता नहीं चलेगा की तुम कब मेरे बिस्तर तक पहुंच जाओगे और मदहोशी में में मेरा नाम लेती हुई मेरे नीचे लेटी होगी।
    इतना बोल कर सूर्य बिना वक्त गवाए वहा से निकल जाता है।ओर मिशा वही खड़ी हो कर देखती रहती है उसे यकीन नही हो रहा था की कोई उसे ऐसी बाते भी बोल सकता है।
    उसने इस घर में आने से पहले एक बार भी नही सोचा था की उसका सामना इस घर में ऐसे इंसान से भी होगा।जो की कुछ ही पलों में उसकी सांसे रोक सकता था।मिशा को निक्की की कही बात याद आती है की उसका भाई बहुत खडूस और अकडू है।ओर ये बात मिशा समझ भी गई थी।की सूर्य सच में एक नंबर का अकडू और खडूस इंसान है।
    मिशा सूर्य के बारे में सोचते हुए बोलती है खडूस लार्ड गवर्नर कही का।कोई किसी लड़की से ऐसे बात करता है।भला....इतना बोल कर मिशा सूर्य को दिल ही दिल कोसते हुए वहा से निकल जाती है।
    आखिर क्यू था सूर्य ऐसा?क्या सूर्य पहचान पाएगा की मिशा ही वो लड़की है जिसके साथ वो एक रात बिता चुका है?क्या सच में सूर्य घटिया है?क्या मिशा कभी अपना पायेगी सूर्य को?आखिर क्यों इतना गुरूर है सूर्य को?
    Guys अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो स्टोरी को लाइक शेयर ओर कमेंट्स जरूर करे।ओर रिव्यू भी दे बाकी मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में बाय बाय guys 
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 14. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 14

    Words: 2005

    Estimated Reading Time: 13 min

    इतना बोल कर सूर्य बिना वक्त गवाए वहा से निकल जाता है।ओर मिशा वही खड़ी हो कर देखती रहती है उसे यकीन नही हो रहा था की कोई उसे ऐसी बाते भी बोल सकता है।
    उसने इस घर में आने से पहले एक बार भी नही सोचा था की उसका सामना इस घर में ऐसे इंसान से भी होगा।जो की कुछ ही पलों में उसकी सांसे रोक सकता था।मिशा को निक्की की कही बात याद आती है की उसका भाई बहुत खडूस और अकडू है।ओर ये बात मिशा समझ भी गई थी।की सूर्य सच में एक नंबर का अकडू और खडूस इंसान है।
    मिशा सूर्य के बारे में सोचते हुए बोलती है खडूस लार्ड गवर्नर कही का।कोई किसी लड़की से ऐसे बात करता है।भला....इतना बोल कर मिशा सूर्य को दिल ही दिल कोसते हुए वहा से निकल जाती है।
    अब आगे
    सूर्य की बातो से मिशा अंदर तक हिल गई थी।"यकीन नही होता की इस दुनिया में ऐसे भी लोग है।"मिशा खुद से ही हैरानी भरी आवाज में बोली।
    वही दुसरी तरफ,
    सूर्य जब अपने रूम में आया तो उसका फोन बज पड़ा।उसने कॉल रिसीव किया तो दूसरी तरफ से उसके दोस्त अक्षय ने कहा,"यार उस लड़की का कुछ पता नही चल पा रहा है"?
    अक्षय की बात सुनकर सूर्य हैरानी से बोला"किस लड़की का"?
    अक्षय_____"अरे वही!तेरी वन नाइट स्टैंड !भूल गया क्या उसे"?अक्षय की बात को सुनकर अब जा कर सूर्य को होश आया की जिस लड़की को ढूंढने के लिए उसने दिन रात एक कर दिए थे।आज उसी लड़की का ख़्याल उसके दिमाग से उतर गया था।ओर वो भी किसकी वजह से?मिशा की वजह से!
    ये सोचते ही सूर्य गुस्से से भर उठा।भला वो होती कोन है सूर्य की सोच पर काबू करने वाली।
    "हैलो?सूर्य तू सुन रहा है ना"?सूर्य की तरफ से कोई रिस्पॉन्स न पा कर अक्षय ने कहा।
    "मैं बाद में कॉल करता हु"!कहकर सूर्य ने बिना अक्षय की बात सुने फोन कट कर दिया।
    और गुस्से से फोन को बेड पर फेक दिया।"i hate this girl!"सूर्य ने गुस्से से बोला।
    कुछ देर के बाद
    "चेरी चेरी"बोलते हुए सूर्य की गुस्से से भरी आवाज पूरे हॉल में गूंज उठी।सूर्य को इतने गुस्से से बोलते सुनकर सुषमा भी वहा आ जाती है और साथ में चेरी भी अपना सर झुका कर।चेरी की सांसे सूखने लगी थी।सूर्य को इतने गुस्से में देख कर।
    सुषमा सूर्य को इतने गुस्से में देख कर उसके पास जाते हुए बोलती है।"सूर्य बेटा क्या बात है आप इतने गुस्से में क्यू हो"?
    सुषमा की बात सुनकर भी सूर्य उन्हे इग्नोर कर देता है और खुद चल कर चेरी के सामने आ कर खड़ा हो जाता है।चेरी इतनी ज्यादा घबराई हुई थी की उसके हाथ पैर ठंडे पड़ गए थे।
    लेकिन फिर भी चेरी हिम्मत करके लड़ाखड़ी आवाज में बोलती है, ये,येस सर?क्या हुआ?
    "वो लड़की कहा है"?सूर्य ने एक बार फिर से गुस्से भरी आवाज में बोला।
    "को,...कोन लड़की सर"?
    इस पर सूर्य लग भग गुस्से ने फटते हुए बोला है"मिशा"!
    "स, सर वो तो अभी अभी अपने रूम में गई है"?
    "किस रूम में रुकी है वो"?
    "सर,वो जो न्यू गेस्ट रूम रिनोएट किया था उसी में"!चेरी किसी तरह से घबराते हुए बोलती है।
    और वही सूर्य ये बात सुनकर गुस्से में अपने कदम मिशा के रूम के तरफ बड़ा देता है।ओर वही सुषमा खड़ी सूर्य को देख रही थी जो की उन्हे पूरी तरह से इग्नूरे करके गया था।सुषमा की आंखो में आंसू आ गए थे।वो अपनी आंखो में आए आंसू को साफ करते हुए बोलती है।"कब तक मुझसे बात नही करोगे बेटा मैं तुम्हारी मां हु"?
    सूर्य मिशा के रूम की तरफ जाते हुए बहुत हैंडसम लग रहा था।सूर्य ने इस वक्त ब्लैक कलर की शर्ट डाली हुई थी।ओर उसकी बाजू को कोहनी तक फोल्ड किया हुआ था।ओर साथ में ब्लैक जींस पैंट।शर्ट सूर्य की बॉडी के साथ चिपकी हुई थी।जिसकी वजह से उसका कसा हुआ शरीर और भी अट्रैक्टिव लग रहा था।
    वही दुसरी तरफ मिशा का रूम
    मिशा इस टाइम अपने रूम में आ गई थी।उसमे अपने कवर्ड में से एक टॉप निकाली और रूम में ही चेंज करने लगी।
    मिशा जब अपनी मोम  के साथ रहती थी तो उसके घर ने मिशा और उसकी मॉम के इलावा कोई नही था।इसलिए वो बिना किसी टेंशन के रूम में ही कपड़े चेंज कर लिया करती थी।
    और यहां भी वो बेफिक्री से कपड़े चेंज करने लगी थी।वो भूल गई थी की ये उसका घर नही है....।
    मिशा इस टाइम पूरी भीगी हुई थी।उसके लंबे बाल उसकी कमर तक लटक रहे थे।ओर वो खुद दरवाजे की तरफ पीठ करके खड़ी थी।उसने सबसे पहले अपनी टॉप निकाली जिसके चकते उसकी रेड कलर की br@ विजिबल हो गई।
    और इधर सूर्य गुस्से से भड़कता हुए सीधा मिशा के रूम में आ गया।सूर्य बिना नोक किए सीधा मिशा के रूम में घुस गया था।ओर वही मिशा जिसने अभी तक दुसरी टॉप भी नही पहनी थी वो ऐसा ही मिरर के सामने खड़ी थी।ऐसे अचानक रूम खुलने की आवाज सुनकर मिशा का शरीर अपनी जगह पर जम गया था।
    मिशा ने जल्दी से अपने हाथ में पकड़ी हुती टॉप के अपने सीने पर रखा और जैसा ही पीछे पलटी तो सूर्य को देख कर उसकी चीख निकल गई.....
     
    "आआ आआ आआ"!
    लेकिन सूर्य को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा उसने डोर लॉक किया और सीधा मिशा के पास आ गया।ओर मिशा के चिलाते हुए मुंह पर हाथ रख दिया।
    लेकिन सूर्य के हाथ का दवाब मिशा संभाल नही पाई और उसके कदम लड़खड़ा गए जिसकी वजह से वो सीधे बेड पर जा गिरी।
    इस टाइम सूर्य के बॉडी का भार मिशा के शरीर पर था और सूर्य का हाथ मिशा के मुंह पर और वही मिशा आंखे फाड़ कर सूर्य को देख रही थी।
    कुछ पल के लिए तो सूर्य भी उसकी मोटी मोटी आंखो में देखता रह गया।दोनो के चेहरे करीब थे और यह मिशा के दिल की धड़कने बड़ गई थी।उसे समझ नही आ रहा था की ये आदमी एक ही दिन में उसे और कितने झटके देगा।
    "अगर अब एक बार भी और चिलाई ना तो इस बार तुम्हारा मुंह हाथो से नही बल्कि अपने होंठो से बंद करूंगा"सूर्य ने मिशा की आंखो में देखते हुए बेहद धीरे और सेडक्टिव आवाज में कहा।
    और सूर्य की बात सुनकर मिशा के दिल की रफ्तार बढ़ गई।लेकिन तभी उसे होश आया की वो किस हाल में सूर्य के सामने लेटी हुई है।ये देखते ही वो सूर्य के सीने पर हाथ रख कर उसे खुद से दूर करने लगी।लेकिन तभी सूर्य ने उसकी पतली कलाइयों को अपने हार्ड हाथो में सॉफ्ट तरीके से पकड़ लिया।ओर मिशा की आंखो में देखते हुए बोला"जब से मिली हो तबसे दिमाग खराब कर डाला है तुमने मेरा! यहां मेरी सोच पर आज तक सिर्फ मेरा काबू रहा है वहा तुमने आज पहली बार कब्जा कर लिया है।this is not फेयर डार्लिंग!अगली बार मैंशन के उस पर हिस्से में दिखाई मत दे जाना यहा मैं रहता हु,ओर कोशिश करना की मेरे सामने भी न आओ,वरना........
    इतना बोल कर सूर्य ने अपना चेहरा मिशा के चेहरे के को करीब ले कर कर उसकी नाक से अपनी नाक टकराते हुए अपनी गर्म सांसे उसके चेहरे पर छोड़ते हुए बोला "वरना पछताने का मोका तक नही मिलेगा तुमने"!
    इतना बोल कर सूर्य झटके से मिशा के उपर से हट गया और वही सूर्य के हटते हुए मिशा बेड पर खिसकते हुए बेड के पीछे की तरफ जाते हुए अपने नेकेड शरीर को ब्लैंकेट से ढक लिया।
    मिशा की इस हरकत पर सूर्य हल्का सा मुस्कुराया और वहा से जाने लगा लेकिन दरवाजे तक पहुंचा ही था की उसने बिना मुड़े ही कहा"ओर नेक्स्ट टाइम कपड़े डोर लॉक करके चेंज करना, वरना कही ऐसा ना हो तुम्हारी गर्दन से चार इंच नीचे जो छोटा सा तिल है ना वो सबकी नजर में आ जाए"!
    सूर्य की बात सुनकर मिशा का चेहरा शर्म से लाल पड़ गया।वो तिल तो उसने खुद ढंग से नही देखा था।लेकिन आज उस तिल पर एक अजनबी की नजर पड़ गई थी।मिशा का पूरा शरीर कांप उठा था।उसकी आंखे नम हो गई थी।
    सूर्य के जाते ही मिशा खुद को ब्लैंकेट से कवर करके ही दरवाजे की तरफ गई और अंदर से दरवाजा बंद करके दरवाजे से पीठ लगा कर खड़ी हो गई।"कितना बदतमीज इंसान है ये!समझते क्या है ये खुद को!मैनर्स नाम की भी कोई चीज होती है जो की इनके अंदर शायद जरा भी नही है।अरे खुद बिना बताए मेरे कमरे में घुसे चले आते है और मुझे बोलते है की मैं उनसे दूर रहूं?
    मुझे क्या कोई शोक है इस घटिया इंसान एक नंबर के लार्ड गवर्नर के पास जाने का!मिशा इस टाइम बेहद गुस्से में थी उसे एक बार फिर से याद आ जाता है की सूर्य ने उसे किस हालत में देखा था।
    ये याद आते ही वो अपना चेहरा छिपाकर जमीन पर बैठ गई और शर्म से भर उठी।भले अब कैसे फेस करेगी वो सूर्य को ये सोच कर ही उसका दिमाग खराब हुए जा रहा था।
    वही दुसरी तरफ बाहर 
    सूर्य अपनी ब्लैक रेंज रोवर में कार में ड्राइविंग सीट पर आ कर बैठ गया।उसके दिमाग से मिशा की छबि जाने का नाम ही नही ले रही थी।मिशा के सामने तो उसने खुद को रोक लिया था।लेकिन सच तो ये था की वो पागल हो गया था मिशा के फुरसत से तलाशे हुए बदन को देख कर।
    सूर्य की सांसे बेहद तेज चल रही थी उसने अपना एक हाथ स्टेयरिंग पर रखा ओर अपनी आंखे बंद करके अपना सर सीट से टिका लिया।
    और अब वो सीन सूर्य की आंखो के सामने चलने लगा था।ओर अब उसकी बॉडी में हलचल होने लगी थी।
    मिशा की वो पतली और गोरी सी कमर जिस पर सिर्फ एक ब्लैक कलर की पतली सी स्ट्रिप थी।उसके उपर वो छोटा सा काला तिल जो की उसके कयामत बदन पर नज़र के टीके का काम कर रहा था।
    उफ्फ सूर्य तो पागल हुआ जा रहा था।
    ये उसकी लाइफ की दुसरी लड़की थी जिसे पाने के लिए वो इस कदर बेचैन हो उठा था।ओर पहली लड़की वो थी जिसके साथ उसने एक रात गुजारी थी।जानी की दोनो एक ही है मिशा.....लेकिन सूर्य को इस बात का एहसास ही नही था की दोनो एक ही है।
    वही सूर्य खुद को समझाने में नाकामयाब था।की वो एक साथ दो लड़कियों के लिए एक जैसा कैसे महसूस कर सकता है?लेकिन इस बात से अनजान की जिस लड़की को दिन रात ढूंढ रहा है और जिसे वो दूसरी लड़की बोल रह है वो वही है जिसे ढूंढने के लिए उसने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया है।
    सूर्य अपनी उलझनों में फसा ही था की उसकी टाइम उसका फोन बज उठा।सूर्य ने अपनी आंखे खोली और कॉलर id पर नाम देख कर ब्लूटूथ निकाला और अपने कान पर लगा कर कॉल अटेंड करके गाड़ी स्टार्ट कर वहा से आगे बड़ गया।
    इधर फोन पर अक्षय ने कहा "सूर्य एक बहुत इंपोर्टेंट चीज पता चली है उस लड़की को ले कर"?
    ये सुनकर सूर्य ने तुरंत कहा"क्या पता चला है"?
    "हमे एक सीसीटीवी फुटेज मिला है।तो जल्दी आओ ता जो हम तुम्हे वो दिखा सके।अक्षय की बात सुनकर सूर्य की धड़कने बड़ गई।
    ओके बोल कर सूर्य ने फोन काटा और अपना हाथ स्टेयरिंग पर मारते हुए बोला "फाइनली"
    क्यू सूर्य सुषमा को इग्नोर कर रहा है?क्यू सुषमा माफ करने के लिए बोल रही थी?क्या होगा उस सीसीटीवी फोटोज में?
    और कैसा होगा सूर्य का रिएक्शन जब उसे पता चलेगा की वो जिस लड़की को पूरे शहर में और ना जाने कहा कहा ढूंढ रहा था?वो लड़की उसी के घर में उसके ही साथ रह रही है?ओर वो लड़की कोई और नहीं वही है जिसे वो अभी अभी डरा धमका कर आया है?
    कब आयेगी मिशा की सचाई सूर्य के सामने?ओर जब मिशा को पता चलेगा की सूर्य वही इंसान है जिसके साथ उसने एक रात गुजारी है?कैसा रिएक्शन होगा मिशा का?
    जाने के लिए पढ़ते रहिए मेरी स्टोरी "कैद ए इश्क"
    अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो स्टोरी को लाइक शेयर ओर कमेंट्स करे।ओर रिव्यू भी दे।आज स्टोरी का पार्ट बाकी पार्ट्स से काफी बड़ा है।इसलिए कमेंट्स भी करना ओर अगर कोई कमी हो तो वो भी बताना।हम उसे सुधारने की कोशिश करेंगे।
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 15. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 15

    Words: 2512

    Estimated Reading Time: 16 min

    सूर्य अपनी उलझनों में फसा ही था की उसकी टाइम उसका फोन बज उठा।सूर्य ने अपनी आंखे खोली और कॉलर id पर नाम देख कर ब्लूटूथ निकाला और अपने कान पर लगा कर कॉल अटेंड करके गाड़ी स्टार्ट कर वहा से आगे बड़ गया।
    इधर फोन पर अक्षय ने कहा "सूर्य एक बहुत इंपोर्टेंट चीज पता चली है उस लड़की को ले कर"?
    ये सुनकर सूर्य ने तुरंत कहा"क्या पता चला है"?
    "हमे एक सीसीटीवी फुटेज मिला है।तो जल्दी आओ ता जो हम तुम्हे वो दिखा सके।अक्षय की बात सुनकर सूर्य की धड़कने बड़ गई।
    ओके बोल कर सूर्य ने फोन काटा और अपना हाथ स्टेयरिंग पर मारते हुए बोला "फाइनली"
    अब आगे
    सूर्य कुछ घंटों का सफर कुछ ही मिनटों में तय करके एक होटल के किसी रूम रूम में आया। यहां पर उसके कुछ आदमी पहले से ही बैठे हुए थे।और उनके साथ ही सूर्य का दोस्त अक्षय......
    अक्षय वालिया दिखने में किसी से कम नही था।हां सूर्य के सामने थोड़ा फीका पड़ जाता था।सूर्य और अक्षय दोनो की सामने ही एज थी।
    अक्षय सूर्य के पास आते हुए बोलता है।"सीसीटीवी फोटेज से एक बहुत इंपोर्टेंट चीज पता चली है सूर्य"
    अक्षय की बात सुनकर सूर्य वही लगे किस साइज सोफे पर बैठ कर सामने लगी बड़ी सी एलईडी को देखने लगा।जिस पर सीसीटीवी फुटेज चल रही थी।
    अक्षय एलईडी की तरफ इशारा करते हुए बोलता है इससे साफ तो पता नही चला है,लेकिन इस लड़की का बॉडी स्ट्रक्चर दिख रहा है।
    सूर्य अक्षय की बातो को सुनते हुए सामने स्क्रीन को देख रहा था।जिस पर एक लड़की को दो लड़के पकड़ कर ले जा रहे थे।
    उस लड़की के साथ उन लड़को के कंधो पर थे और देखने में भी बिलकुल ऐसा ही लग रहा था जैसे की वो लड़की अपने होश में नही हो।सूर्य की नजरे तो बस अब उस लड़की पर जा कर थम गई।उसने अचानक से फुटेज चला रहे आदमी से बोला यहां जूम करो जरा।
    उस आदमी ने फोटोज जूम की तो अब सूर्य उस लड़की का चेहरा देख पा रहा था।लेकिन अभी भी वो चेहरा ब्लर था।इसलिए कुछ भी क्लियर समझ नही आ रहा था।
    तभी अक्षय ने  बोला......
    बहुत मुश्किल से हमे बस ये एक क्लू मिला है।ओर ये जो दो लड़के है।उनके साथ तो तू पहले ही सब कुछ खत्म कर चुका है।तूने उन्हे ऑन द स्पॉट मार डाला है।तुम्हे थोड़ा तो सबर रखना चाहिए था।अगर तू उन्हे नही मारता तो अभी तक हम उस लड़की के बारे में पता चल जाता।
    लेकिन एक बात मुझे समझ नही आ रही की आखिर ऐसा क्या है उस लड़की में?जबकि सूर्य के एक इशारे पर हजारों लड़किया खुद चल कर उसके बिस्तर तक आ जाती है।ओर एक तुम जो उस लड़की को ढूंढने में लगे हुए हो।जिसकी तुमने शकल तक नही देखी।
    अक्षय बोले जा रहा था लेकिन सूर्य का ध्यान स्क्रीन पर चल रही फोटेज पर था।वो उस लड़की को देखे जा रहा था।सूर्य स्क्रीन की तरफ ही देखते हुए बोलता है।इस फोटो को मोडीफाई करवाओ मुझे ये पिक्चर बिलकुल क्लियर चाहिए।
    अक्षय जैसे ही सूर्य की बात सुनता है तो बोलता है ठीक है लेकिन थोड़ा टाइम लगेगा।।
    "I don't give a damn! तुम्हे जितना टाइम लेना है लो लेकिन मुझे इसकी क्लियर इमेज चाहिए।सूर्य ने एक दम ठंडी आवाज में कहा जिसे सुनकर अक्षय ने अपनी गर्दन हिला दी।
    वही दुसरी तरफ 
    अजय मिशा को अपने साथ ले कर निक्की के कॉलेज ही गया था।मिशा के अचानक से शहर छोड़ने की वजह से मिशा का कॉलेज भी छूट गया था।जिस वजह से अजय उसे निक्की के कॉलेज में एडमिशन दिलवाने लाया था।
    निक्की जिस कॉलेज में पढ़ती थी। वहा का सबसे बड़ा और महंगा कॉलेज था।अजय मिशा को ले कर अपने साथ डीन के रूम में जाते है डीन  अजय को देख कर अपनी जगह से खड़े हो कर उनका वेलकम करते है।
    थोड़ी देर में मिशा का एडमिशन भी हो जाता है और डीन अजय और मिशा को भरोसा दिलाते है की मिशा को इस कॉलेज में कोई परेशानी नहीं होगी।
    मिशा डीन की बात सुनकर थैंक यू सर बोलती हैअजय डीन के साथ सब बाते करके चले जाते है और वही डीन मिशा को अपने साथ उसकी क्लास दिखाने ले जाते है।
    मिशा को ले कर जैसे ही डिन क्लास में एंटर किया तो सब  लोग उन्हें विश करने लगे। वैसे तो क्लास में कोई भी टीचर नही था जिसकी वजह से सब अपने में बीसी थे।लेकिन डिन के आते ही सब उनकी तरफ देखने लगे थे।
    डिन सब बचो को बैठने के लिए बोल कर बोलते है। बच्चो आज मैं आपको नई स्टूडेंट से मिलवाना चाहता हु बोल कर मिशा की तरफ इशारा कर दिया।
    Meet new student.....
    मिशिका नागर आप सब की क्लास की न्यू स्टूडेंट बोल कर उन्होंने मिशा को इंट्रोड्यूस करवाया। डिन ने क्लास के एक लड़के को मिशा की जो क्लासेज मिस हुई थी उनके नोट्स देने को बोल दिया।मिशा सब बच्चो को देख रही थी की उसकी नजर एक जगह पर रुक जाती है।सामने निक्की बैठी हुई थी और वो मिशा को देख कर अपना हाथ  हेलो बोलने के लिए हिला रही थी।
    तभी डिन ने मिशा को बेंच पर बैठने का इशारा किया। डिन का इशारा समझ कर मिशा साइड में रखे बैंच पर बैठ जाती है। डिन अब जा चुके थे उनके जाते ही एक बार फिर से बच्चे बातो में लग गए थे।ओर बातो में सिर्फ मिशा का ही जीकर था।
    जिसमे कोई उसकी खूबसूरती की तारीफ कर रहा था और कोई उसकी खूबसूरती से जल रहा था।मिशा को सबकी बाते सुनकर अजीब लग रहा था।मिशा अभी सबको देख ही रही थी की निक्की मिशा के पास आ कर उसके कंधे पर टैप करते हुए बोलती है।
    हे ब्यूटीफुल ......
    मिशा निक्की के ऐसे नेचर से घर ही वाखिफ थी।इसलिए वो मिशा के साथ हाथ मिला लेती है जो की उसने मिशा के सामने किया था।निक्की मिशा को देख कर एक बार फिर से बोलती है वैसे अगर तुम्हे आना था तो तुम मेरे साथ ही आ जाती।
    बोलते हुए निक्की मिशा के साथ बैठ जाती है।मिशा _____वो मुझे पता नही था की अंकल मुझे konse कॉलेज में में एडमिशन के लिए ला रहे है और न ही मुझे ये पता था की तुम किस कॉलेज में पढ़ती हो।।
    निक्की_____चलो छोड़ो जो हो गया अब तो पता चल गया न।अब से हम एक ही कॉलेज में एक ही क्लास में पढ़ेंगे।ओर अब हम दोनो मिल कर इस कॉलेज में धमाल करेंगे।बोलते हुए हसने लगती है।मिशा भी अब निक्की के साथ कंफर्टेबल महसूस करने लगी थी।
    दोनो मिल कर खूब बाते करती है।तभी वहा पर वो लड़का आ जाता है जिसे डीन ने मिशा को नोटिस देने को बोला था।वो लड़का अपना हाथ मिशा की तरफ बड़ाते हुए बोलता है।hiii i am Rohit Singh.....मिशा भी अपना हाथ उससे मिलाते हुए बोलती है। मिशीका नागर.....
    रोहित मिशा का नाम सुनकर बोलता है बेहद खूबसूरत नाम बिलकुल आपकी तरह .. ....उसने काफी दिलकश अंदाज और आवाज में बोला था।
    निक्की मिशा का हाथ रोहित के हाथ से खींचते हुए बोलती है।o hello आते ही फ्लर्ट करने लगे क्या तुम्हारे अंदर से मेरे भाई का डर खत्म हो गया है।
    वो जैसे ही निक्की के मुंह से भाई का जीकर सुनता है तो उसके चेहरे पर घबराहट नजर आने लगती है।वो किसी तरह से बोलता है अब इसका तुम्हारे भाई से क्या कनेक्शन है।
    निक्की attitude से अपने बाल पीछे करते हुए बोलती है।मिशा हमारे घर में ही रहती है।ओर ये मेरी बहुत अच्छी दोस्त और पापा के भी दोस्त की बेटी है।तो इसका मतलब हमारी फैमिली मेंबर।ओर अब खुद ही सोच लो की अगर भाई को ये सब पता चला तो क्या होगा u no na भाई फैमिली के लिए कितने पजेसिव है।
    अब रोहित के फेस पर डर बढ़ गया था।वो अपने हाथ में पकड़े नोट्स मिशा की तरफ बड़ाते हुए बोलता है मैं तो ये नोट्स देने आया था।जब हो जाए तो मुझे वापस कर देना।बोल कर वहा से निकल जाता है।
    ऐसे ही पूरे दिन क्लासेज लगती रही।ओर एक्स्ट्रा क्लासेज होने की वजह से काफी लेट हो जाता है दोनो ही शाम के सात बजे फ्री होती है।निक्की मिशा दोनो ही क्लास से बाहर आती है तो निक्की एक्साइटेड हो कर बोलती है चलो मिशा आज क्लब चलते है।।
    मिशा निक्की की बात सुनकर मना करते हुए बोलती है।नही यार मैं नही चलूंगी मुझे नोट्स बनाने है पहले ही काफी स्लेबस मिस हो गया है।निक्की उदासी से मिशा को देखते हुए बोलती है तो ठीक है घर चलते है।मिशा निक्की के फेस पे उदासी देख सकती थी।
    मिशा निक्की को देख कर प्यार से बोलती है।निक्की तुम जाओ क्लब मैं घर जाती हु।निक्की____नही ऐसे कैसे दोनो घर ही चलते है।
    मिशा,_____नही तुम जाओ क्लब मैने बोला ना मैं अंकल को कॉल कर दूंगी वो ड्राइवर को भेज देंगे।पहले तो निक्की मान ही नही रही थी।लेकिन मिशा के समझाने पर मान जाती है।
    निक्की के जाने के बाद मिशा वही पर खड़ी हो कर ड्राइवर का वैट करने लगती है।काफी देर तक वैट करने के बाद भी जब ड्राइवर नही आता की अब वहा से सब स्टूडेंट्स जा चुके थे।मिशा ने फिर से अजय को कॉल किया।
    मिशा_____अंकल मैं कबसे ड्राइवर का वैट कर रही हु लेकिन वो अभी तक नही आया।मिशा की आवाज से परेशानी साफ दिखाई दे रही थी।
    क्या?क्या बेटा ऐसे कैसे हो सकता है।आप रुको मैं अभी बताती हु!कुछ देर के लिए अजय ने कॉल को होल्ड पर रखा और फिर से कुछ देर के बाद अजय ने मिशा से फिर बात करते हुए बोला सॉरी मिशा बेटा ड्राइवर के साथ कुछ प्रोब्लम हो गई है।जिस वजह से वो आ नही पाएगा।
    अब अगर मैं नया ड्राइवर भेजूंगा तो बहुत टाइम लग जाएगा।सॉरी बेटा आज पहले दिन ही तुम्हे ये सब फेस करना पड़ रहा है।अजय की बातो से परेशानी साफ साफ सुनाई दे रही थी।लेकिन तभी अजय के दिमाग में कुछ आया तो वो मिशा को बोलता है मिशा बेटा रुको मैं अभी तुम्हे कॉल करता हु।
    ओके बोल कर मिशा ने कॉल कट कर दिया।
    वही दुसरी तरफ
    सूर्य किसी जरूरी काम में बिजी था की उसे अजय का कॉल आया।अजय का कॉल देख कर सूर्य उसे इग्नोर कर देता है ।लेकिन बार बार कॉल आने के कारण सूर्य को कॉल करना पड़ा।कॉल रिसीव करते ही सूर्य बोला। What happens dad? मैं इस वक्त busy हू।
    सूर्य की बात सुनकर अजय बोला बेटा मेरी बात सुनो मुझे भी तुमसे जरूरी काम है।
    सूर्य____बोलिए?
    एक्चुअली मिशा कॉलेज के बाहर अकेली है।ड्राइवर को भेजा था लेकिन किसी वजह से ड्राइवर पहुंच नहीं पाया है।अब अगर दुबारा किसी ड्राइवर को घर से भेजूंगा तो काफी लेट हो जाएगा.....
    "डैड आपको जो कहना है क्लियर कहिए?"
    सूर्य तुम अभी भी वही हो जहां मिशा का कॉलेज है।इसलिए प्लीज उसे पिक कर लो जा कर तुम तो जानते हो की वो इस शहर में अभी नई है।
    अजय आगे कुछ बोलता उससे पहले ही सूर्य बोलता है तो क्या डैड आप चाहते है मैं उसका ड्राइवर बन जाऊ?
    अजय_____सूर्य प्लीज वो इस वक्त अकेली है वहा पर तुम्हे उसकी मदद करनी चाहिए,छोटी बहन जैसी है वो तुम्हारी.....
    और फिर क्या था छोटी बहन सुनकर सूर्य का खून खोल उठा वो गुस्से से चिलाते हुए बोला ना तो वो मेरी बहन है और न मैं उसका भाई इतना बोल कर सूर्य ने कॉल कट कर दिया।
    वही दुसरी तरफ
    मिशा का दिल बैठा जा रहा था।इंतजार करते करते।कुछ देर पहले अजय का कॉल आया था की वो नया ड्राइवर भेजा है लेकिन कब तक आयेगा वो और कितना वैट करती मिशा ।ओर उपर से वहा से निकलने वाला हर शख्स उसे घूरते हुए जा रहा था।जिसकी वजह से वो अनकंफर्टेबल हो रही थी वो खुद को खुद में समेटे वहा पर खड़ी थी।
    उसके चेहरे पर डर चिंता ओर घबराहट के मिक्स एक्सप्रेशन थे।वो सर झुका कर खड़ी ही थी की उसके कानो में एक आवाज पड़ती है "हे"?
    आवाज को सुनकर मिशा ने देखा तो सामने रोहित खड़ा था।
    अभी तक यही पर हो रोहित ने हैरानी से पूछा?
    वो अभी तक मेरा ड्राइवर नही आया है,मिशा ने परेशानी से कहा।
    अरे तो चलो मैं छोड़ देता हु,रोहित ने बोला,हालाकि की उसे सूर्य से बहुत डर लगता था।लेकिन वो मिशा को ऐसे अकेले छोड़ना नहीं चाहता था।इसलिए वो मिशा से पूछ लेता है ।
    मिशा_____नही थैंक यू मेरा ड्राइवर आता ही होगा।
    रोहित______बातो मानो मिशा काफी रात हो गई है।अब तो ट्रैफिक भी बहुत होगा।ओर पता नही तुम्हारा ड्राइवर कितनी देर तक जहा पूछे।ओर जहा ऐसे तुम्हारा रुकना सैफ नही है।।
    मिशा को अब समझ नही आ रहा था की वो क्या करे और क्या बोले।।
    क्या हुआ मुझ पर ट्रस्ट नही है क्या अगर तुम चाहो तो अपने घर में से किसी को इनफॉर्म करके बता दो की तुम मेरे साथ आ रही हो। ता जो तुम्हे किसी तरह का डर न रहे।रोहित की ये बात सुनकर मिशा को उस पर यकीन होने लगा था।
    और वैसे भी वो अब यहां और नही रुकना चाहती थी।इसलिए वो हां में सर हिला कर ओके ओर थैंक यू बोलती है।
    रोहित ये सुनकर मुस्कुराते हुए उसके साथ पैसेंजर सीट पर बैठ जाती है।
    वही दुसरी तरफ रोहित भी ड्राइविंग सीट पर आ कर बैठ गया और उसने गाड़ी को स्टार्ट कर दिया। वैसे थैंक यू रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा।
    किसलिए?मिशा ने पूछा।
    मुझ पर ट्रस्ट करने के लिए रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा।
    रोहित की गाड़ी ने कुछ ही सफर तय किया था।की पीछे से एक तेज स्पीड से आती गाड़ी ने रोहित की गाड़ी को आगे से आ कर रोक दिया।जिसकी वजह से रोहित भी अपनी गाड़ी को ब्रेक लगा देता है।जिसकी वजह से मिशा का सर डैशबोर्ड से टकराते हुए बचता है।
    रोहित अपनी गाड़ी से सर बाहर निकल कर सामने खड़ी गाड़ी को देख कर बोलता है अभे अंधा है क्या?देख कर नही चला सकता क्या?
    तभी उसके सामने की गाड़ी से एक हैंडसम और डैशिंग बंदा बाहर आता है।जिसकी आंखो पर इस टाइम काला चश्मा लगा हुआ था।जिसमे वो कयामत लग रहा था।ये कयामत लगने वाला इंसान कोई और नही बल्कि सूर्य ही था?
    बिजनेस टाइकॉन सूर्यांश राजवंश उर्फ गैंगस्टर हार्टलेस सूर्य.....उसकी personalty से वो किसी भी मूवी के हीरो को अपने सामने फीका कर सकता था।उसकी लुक्स ही ऐसी थी की कोई मूवी का हीरो उसके सामने टिक नही सकता था।
    सूर्य को वहा देख कर मिशा की आंखे हैरानी से फैल गई।मिशा कुछ रिएक्ट करती जा कुछ बोलती उससे पहले ही सूर्य मिशा के साइड में आ कर अपनी ठंडी आवाज में बोलता है"बाहर आओ"!
    सूर्य की बात सुनकर मिशा हैरानी से आंखे फाड़े सूर्य को देखती रहती है।उसकी आंखे तो लगभग बाहर आने वाली थी।उसे तो यकीन नही हो रहा था की सूर्य वहा पर आया है।।
    अचानक से सूर्य की वहा पर आने की क्या वजह हो सकती है?ओर अब क्या होने वाला था सूर्य के ऐसे अचानक से आने से।अब कोनसा नया तूफान आने वाला था?
    आखिर क्या चल रहा था सूर्य के दिमाग में?क्या मिशा जाएगी सूर्य के साथ?अपको क्या लगता है?
    Guys अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो स्टोरी को लाइक शेयर ओर कमेंट्स करे।ओर रिव्यू भी दे।अगर स्टोरी में कोई कमी लग रही हैं तो आप बता सकते हो।हम उसे ठीक करने की कोशिश करेंगे।
    बाय बाय
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 16. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 16

    Words: 1550

    Estimated Reading Time: 10 min

    तभी उसके सामने की गाड़ी से एक हैंडसम और डैशिंग बंदा बाहर आता है।जिसकी आंखो पर इस टाइम काला चश्मा लगा हुआ था।जिसमे वो कयामत लग रहा था।ये कयामत लगने वाला इंसान कोई और नही बल्कि सूर्य ही था?
    बिजनेस टाइकॉन सूर्यांश राजवंश उर्फ गैंगस्टर हार्टलेस सूर्य.....उसकी personalty से वो किसी भी मूवी के हीरो को अपने सामने फीका कर सकता था।उसकी लुक्स ही ऐसी थी की कोई मूवी का हीरो उसके सामने टिक नही सकता था।
    सूर्य को वहा देख कर मिशा की आंखे हैरानी से फैल गई।मिशा कुछ रिएक्ट करती जा कुछ बोलती उससे पहले ही सूर्य मिशा के साइड में आ कर अपनी ठंडी आवाज में बोलता है"बाहर आओ"!
    सूर्य की बात सुनकर मिशा हैरानी से आंखे फाड़े सूर्य को देखती रहती है।उसकी आंखे तो लगभग बाहर आने वाली थी।उसे तो यकीन नही हो रहा था की सूर्य वहा पर आया है।।
    अचानक से सूर्य की वहा पर आने की क्या वजह हो सकती है?ओर अब क्या होने वाला था सूर्य के ऐसे अचानक से आने से।अब कोनसा नया तूफान आने वाला था?
    अब आगे
    सूर्य इस वक्त आंखो पर ब्लैक चश्मे चढ़ाए और मिशा के सामने खड़ा था।तो वही मिशा उसे हैरानी से देखने लगी।
    इधर रोहित गुस्से अपनी गाड़ी से बाहर निकला और उसने सूर्य के सामने आकर कहा "एक्सक्यूज मि मिस्टर!कोन है आप?"
    रोहित ने अभी तक सूर्य का चेहरा नही देखा था और न ही सूर्य ने उसकी तरफ देखने की हिम्मत की थी।उसकी नजर तो बस मिशा पर टिकी हुई थी।वही मिशा सूर्य की ऐसी नज़र देख कर अपनी नजरे चुराने लगी थी।
    वही रोहित सूर्य की पीठ की तरफ देख कर फिर से बोलता है।उसे क्या देख रहे हो,हां मुझे देख कर बात करो और ये बताओ कोन हो तुम?
    वही सूर्य ने रोहित को पूरी तरह से इग्नोर करके मिशा पर ही अपनी नजर टिकाए हुए बोला"मैने कहा बाहर निकलो यहां से"!
    सूर्य जब देखता है की अभी तक मिशा अपनी जगह से नही हिली है तो सूर्य ने मिशा की तरफ का डोर ओपन करके बोला बाहर निकलो।
    ये सुनकर मिशा ने एक पल उसे देखा लेकिन तभी रोहित दोनो के विच में आ कर बोला नही निकलेगी वो बहार बता क्या कर लेगा.....उसने अभी इतना बोला ही था की उसकी नजर सूर्य के फेस और जाती है।सूर्य के फेस को देख कर उसे समझने में एक मिनट नही लगा की वो कोन है?
    रोहित के फेस पर डर नजर आने लगा था।वही सूर्य अपनी आंखो पर लगे चश्मे को उतारते कहा, बच्चा है तू मेरे सामने इसलिए ज्यादा बोलने की हिम्मत मत कर चुप चाप अपनी गाड़ी में बैठ ड्राइव करके जहा से निकल।
    इतना बोल कर सूर्य मिशा का हाथ पकड़ कर गाड़ी से बाहर निकालते हुए बोलता है तुम्हे सुनाई नही देता एक बार में?मैं बोला निकलो यहां से बाहर!
    मिशा गाड़ी से बाहर आ गई थी। उसे समझ नही आ रहा था की वो रोहित को क्या बोले क्युकी वो उसे क्या बताएगी की सूर्य के साथ उसका क्या रिश्ता।
    वही रोहित के चेहरे में डर साफ साफ दिख रहा था।मिशा जब रोहित का फेस देखती है तो उसे लगता है की वो उसकी वजह से परेशान है।इसलिए वो रोहित की परेशानी दूर करने के लिए बोलती है।
    रोहित तुम घर जाओ मैं इन्हें जानती हु,ये मेरे भाई है मैं उनके साथ घर चली जाऊंगी।
    बस फिर क्या था मिशा के भाई बोलते ही सूर्य का खून खोल उठा।लेकिन मिशा तो सूर्य के इस भियानक रूप से अनजान थी।
    वही रोहित भी अपनी गाड़ी में बैठ कर निकल जाता है।भाई अब उसे सूर्य के हाथो मरना थोड़े था।इसलिए वो वहा से निकलने में ही भलाई समझता है।
    रोहित के जाते ही मिशा जैसे ही पीछे मुड़ कर सूर्य को देखती है तो उसका गला सुख जाता है।सूर्य के फेस पर इतने खतरनाक एक्सप्रेशन देख कर।
    च चले?मिशा ने डरते हुए पूछा।
    तो इधर सूर्य ने उसे कुछ नही कहा,ओर सीधे जा कर वो अपनी महंगी कार में बैठ गया।सूर्य के  बैठते ही मिशा भी डरते हुए उसके साथ वाली सीट पर बैठ जाती है।वो एक नजर भी सूर्य को नही देखती। उसे सूर्य से बहुत डर लग रहा था।जबकि सूर्य ने अभी तक कुछ नही कहा था तब भी मिशा को हालत खराब हो रही थी।
    वही सूर्य ने गाड़ी स्टार्ट की ओर कुछ ही पलों में वहा से रवाना हो गया।मिशा गाड़ी में चुप चाप बैठी बाहर देख रही थी।गाड़ी ने कुछ ही सफर तय किया था की सूर्य ने गाड़ी एक सुनसान जगह पर रोक दी।ओर अपनी सीट बेल्ट निकालते हुए बिना की एक्सप्रेशन के बोलता है बाहर निकलो यहां से....
    सूर्य की बात सुनकर मिशा हैरान रह जाति है।उसे समझ नही आ रहा था की सूर्य करना क्या चाहता है।मिशा सूर्य से कोई बहस नही करना चाहती थी।इसलिए वो सूर्य के कहे मुताबिक गाड़ी से बाहर निकलने लगती है।वही सूर्य गाड़ी से बाहर आया और मिशा के निकलने से पहले ही वो मिशा को गाड़ी से बाहर खीच लेता है।
    और फिर बैक सीट का दरवाजा खोल कर मिशा को सीट पर धक्का देते हुए खुद उसके उपर आ जाता है।मिशा तो सूर्य को देख कर हैरान थी।मिशा कुछ बोलती या कुछ करती उससे पहले ही सूर्य कुछ ऐसा करता की मिशा की आंखे फटी की फटी रह जाती है।
    सूर्य के हार्ड होंठ मिशा के मुलायम होंठो पर थे।सूर्य के हार्ड एंड डार्क होंठो ने मिशा के होंठो को चूम लिया था।कुछ देर के लिए तो मिशा का दिमाग काम करना बंद कर देता है।उसका दिमाग पूरी तरह से ब्लैक हो गया था।
    अगर उस काली रात को वो अपनी लाइफ से निकाल दे तो ये उसकी पहली किस थी।जो की किसी ने छीनी थी।ओर वो भी किसने सूर्य ने....जिसे उसने कुछ देर पहले रोहित के सामने अपना भाई बोला था।
    यहां मिशा का पूरा शरीर सुन पड़ चुका था तो वही सूर्य तो मिशा के होंठो को खाए जा रहा था।सूर्य उसे किस नही कर रहा था बल्कि खा रहा था,वो भी इस कदर जैसे मिशा के होंठ उसकी फेवरेट डिश हो।
    उसने अपनी जिंदगी में पहली बार किसी को इतनी passionate किस्स किया था।वो एक तरफ तो मिशा पर अपना गुस्सा उतारना चाहता था।लेकिन मिशा के होंठो का स्वाद उसके मुंह लगते ही वो पागल सा हो गया था।
    सूर्य ने जोर से मिशा के हाथो को थाम लिया और इसके होंठो को गहराई तक चूमने लगा।सूर्य बिना ब्रेक लिए पागलों की तरह मिशा को किस्स करे जा रहा था।
    मिशा के होंठो को दर्द होने लगा था।सूर्य की इस passionate किस्स से।क्युकी सूर्य ने अपने पूरे शरीर का जोर मिशा के मासूम होंठो पर लगा दिया था।जिसके कारण वो दर्द से तड़प उठी थी।
    सूर्य महसूस करता है की मिशा सांस नही ले पा रही है तो वो अगले ही पल उसने मिशा को अपने साथ उठा लिया।अब वो दोनो कुछ अजीब सी पोजीशन में बैठे थे।जैसे ही सूर्य ने मिशा को बिठाया तो मिशा का सॉफ्ट सीना सूर्य के पत्थर से सीने के साथ टकरा गया।मिशा के दोनो पैर सूर्य की कमर के इधर उधर लिपटे हुए थे।
    सूर्य ने अपने दोनो हाथो को मिशा की कमर को जकड़ रखा था।ओर मिशा की गर्दन पर अपने होंठ फिराते हुए मिशा की पीठ सहलाते हुए बोलता है "breath little cat,breath!"
    मिशा अब गहरी गहरी सांसे लेने लगी थी।क्युकी कुछ देर पहले तो उसे ऐसा लगा था की वो अब सांस ही नही ले पायेगी।मिशा ने अपने छोटे छोटे हाथो से सूर्य के कंधो को पकड़ा और तेज तेज गहरी गहरी सांसे लेने लगी।मिशा अभी सांसे ले ही रही थी की सूर्य मिशा को उसके बालो से पकड़ कर उसके फेस को अपने सामने करके शिद्दत से देखने लगता है।
    मिशा ने अपनी आंखे बंद की हुई थी।ओर गहरी सांस ले रही थी।सूर्य देख सकता था की मिशा कितना स्ट्रगल कर रही थी सांस लेने के लिए।तभी सूर्य ने मिशा के होंठो के साइड उपर की तरफ बने छोटे से तिल को दांतो तले दबा दिया।जिससे की मिशा दर्द से सिसक उठती है। सस्सस! आआह्ह!
    मिशा ने अपने हाथो से कस कर सूर्य के कंधे को पकड़ लिया जिससे की मिशा के हाथो के नाखून सूर्य के कंधो पर लग जाते है।वही सूर्य मिशा के होंठो के पास बने उस तिल को अपने होंठो से सहलाते हुए बोला.....
    "कहा था न की अगर अगली बार गलती से भी तुमने अपने इन होंठो से मुझे भाई कहा तो एक सेकंड भी नही सोचूंगा तुन्हारे इन कापते होंठो चूमने से पहले।
    और वही मिशा जैसे सूर्य के कहे शब्द सुनती है तो वो पूरी तरह से कांप उठी थी उसने कभी नही सोचा था की सूर्य उसके साथ ऐसा करेगा।उसे तो लगा था की वो सिर्फ उसे धमकी दे रहा है।
    अब क्या रिएक्शन होगा मिशा का,मिशा कैसे जवाब देगी सूर्य की इस किस का?
    क्या सूर्य को ये सच पता चल चुका है की मिशा ही वही लड़की है जिसे वो ढूंढ रहा है।
    Guys अगर आपको स्टोरी से रिलेटेड कोई बात करनी है या फिर कुछ पूछना है तो आप मुझे मेरी इंस्टा id 
    Mr_and_mrs_deepak_aman पर msg कर सकते हो।वहा आपके हर सवाल कर जवाब मैं दूंगी।
    जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी नोवेल.....
    Guys story  पर व्यू बहुत कम आ रहे है।अगर कोई कमी लग रही है तो बताओ मैं उसे ठीक कर लूंगी।बाकी अगर चैप्टर पढ़ कर अच्छा लगता है तो चैप्टर को लाइक कमेंट जरुर किया करो और हां रिव्यू देना मत भूलना....
    बाय बाय guys
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 17. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 17

    Words: 1161

    Estimated Reading Time: 7 min

    मिशा ने अपने हाथो से कस कर सूर्य के कंधे को पकड़ लिया जिससे की मिशा के हाथो के नाखून सूर्य के कंधो पर लग जाते है।वही सूर्य मिशा के होंठो के पास बने उस तिल को अपने होंठो से सहलाते हुए बोला.....
    "कहा था न की अगर अगली बार गलती से भी तुमने अपने इन होंठो से मुझे भाई कहा तो एक सेकंड भी नही सोचूंगा तुन्हारे इन कापते होंठो चूमने से पहले।
    और वही मिशा जैसे सूर्य के कहे शब्द सुनती है तो वो पूरी तरह से कांप उठी थी उसने कभी नही सोचा था की सूर्य उसके साथ ऐसा करेगा।उसे तो लगा था की वो सिर्फ उसे धमकी दे रहा है।
    अब आगे
    सूर्य की इस किस ने मिशा को अंदर तक हिला दिया था ।पागल हुए जा रही थी वो उसकी सांसे इस हद तक तेज हो चली थी की उनका संभालना उसे मुश्किल लग रहा था।मिशा अब भी अपना चेहरा सूर्य के कंधे पर टिकाए बैठी थी और सूर्य अभी भी मिशा की गर्दन को चूम रहा था।सूर्य मिशा की पीठ को सहला रहा था की उसे एक जाना पहचाना एहसास हुआ।।
    इस एहसास के चलते ही सूर्य ने अपनी आंखे बंद कर ली और आंखो को बंद करते ही उसे उस रात की याद आ गई।ये टच.....उसे उस अनजान लड़की की याद दिला रहा था।
    उतना ही मखमली बदन,बदन से उठ रही वही भीनी भीनी खुशबू जिसने सूर्य को पागल कर दिया था।ओर तो ओर मिशा होंठ भी वही मदहोशी दे रहे थे जो मदहोशी उस रात सूर्य पर हावी हो गई थी।
    सूर्य मिशा के जिस्म पर हाथ फिरा रहा था।ओर वही मिशा की सबसे जैसे तैसे कंट्रोल में आई तो मिशा ने सूर्य को जोर से धक्का देते हुए खुद से दूर कर दिया।।
     
    वही सूर्य की आंखे खुल गई और वो मिशा के चेहरे पर छाए गुस्से को देख कर अपने फेस पर स्माइल बिखेर लेता है।सूर्य मिशा की हालत अच्छे से देख रहा था।उसके बाल बिखरे हुए थे,होंठो पर हल्की सी सूजन आ गई थी।जिसे देख कर सूर्य अपना अंगूठा मिशा के होंठो के पास ले जाते हुए उसके होंठो को सहलाते हुए बोलता है"
    "लगता है पहली बार किसी ने इन नशीले होंठो का रस पिया है,तभी तो ये नाजुक से होंठ मेरे होंठो की ताकत बर्दास्त न कर पाए"!
    मिशा ने गुस्से से सूर्य का हाथ झटका और बोली "छोड़ो मुझे"!
    तो वही मिशा की बात सुनकर सूर्य के होंठो पर आई मुस्कान गायब हो गई थी और उस मुस्कान की जगह गुस्से ने ले ली थी।वो गुस्से से अपनी सर्द आवाज में मिशा के चेहरे को देखते हुए बोलता है "नही छोडूंगा"
    सूर्य को ऐसे बोलते देख कर अब मिशा का भी खून खोल उठा था।वो गुस्से से चीखते हुए बोलती है"आखिर खुद को समझते क्या है आप?किसने हक दिया अपको मुझे किस करने का?आप होते कोन है मेरे इतना करीब आने वाले?अरे मैने तो आपको भाई का दर्जा दिया था और आपने......."
    मगर इसके आगे के शब्द मिशा के मुंह में ही रह गए थे।क्युकी सूर्य ने मिशा के होंठो को अपने हाथ से दबाते हुए अपना चेहरा मिशा के चेहरे के बेहद करीब ले जाते हुए अपनी तेज और भारी गुस्से से भरी आवाज ने बोला....
    "एक बार फिर मुझे भाई कहो और फिर देखते जाओ मैं तुम्हारे साथ क्या करता हु!अभी तो सिर्फ किस किया है ना अगली बार i will f**k you,if you dare to say bhai again"
    मिशा का पूरा शरीर कांप गया था सूर्य के शब्दो को सुनकर,वो तो आंखे ओर मुंह फाड़े उसे देखती ही रह गई।की एक बार फिर सूर्य ने दबी हुई आवाज में बोला"याद रखें जो मैं बोलता हु, वो मैं जरूर करता हु"!
    इतना बोल कर सूर्य गाड़ी से बाहर निकलते हुए बोलता है,"रोमांस बहुत हो गया लिटिल कैट,बाकी का रोमांस घर पर कंटिन्यू करेंगे!"
    पहले तो मिशा पूरी तरह से सुन रही।लेकिन फिर जल्दी ही होश में आते हुए गाड़ी से बाहर आ कर गुस्से से बोलती है आप जैसे इंसान के साथ जाने से बेहतर है की मैं जहा पूरी रात सड़को पर भटकती रहूं।
    सूर्य ने मिशा की बात का कोई जवाब नही दिया और न ही उसने अपने फेस एक्सप्रेशन बदले....
    इधर मिशा ने अपना बैग निकाला और सूर्य को एक नजर घूर कर दुसरी साइड चल दी।
    सूर्य ने गाड़ी स्टार्ट की ओर मिशा के करीब रोक कर बोला"मैं अपनी बात दोहराता नही हू लिटिल कैट,इसलिए आखिरी बार बोल रहा हु की गाड़ी में आ कर बैठी कही ऐसा ना हो की इतनी रात को इस खूबसूरती को कोई नोच कर ले जाए।
    सूर्य की बात सुनकर मिशा गुस्से भरी आवाज ने बोली,मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता,लेकिन खबरदार अगर आप मेरे करीब आए तो.....
    मिशा की बात सुनकर सूर्य हल्का सा मुस्कुराया और अपनी आंखो पर चश्मे चढ़ाते हुए बोला as you wish sweetheart,good bye 
    कहकर सूर्य ने अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ाई और तेजी से वहा से निकल गया,वही सूर्य की गाड़ी के जाते ही मिशा का दिल बैठ गया।सूर्य से उसने बोल तो दिया था की वो यहां से अकेली चल लेगी,लेकिन अंदर से तो उसका दिल ही जानता था की मिशा कितना डर रही है उस सुनसान रास्ते पर, यहां उसे उसके इलावा कोई दिखाई नही दे रहा था।
    और वही मिशा को भी नही लगा था की सूर्य सच में उसे ऐसे छोड़ कर चला जाएगा।मिशा अपने घबराए हुए चेहरे ओर बैठते हुए दिल के साथ सूर्य की गाड़ी को पीछे से तब तक देखती रही जब तक की वो उसकी आंखो से पूरी तरह गायब नही हो गई।
    मिशा को अब समझ नही आ रहा थे की वो कहा जाए इस अंजान शहर और अंजान रास्तों से कैसे अपनी मंजिल तक पहुंचे,उसे अचानक ही अजय का ख़्याल आया उसने अपने पर्स में हाथ डाल तो वो एक दम शॉक्ड हो गई।
    फो....फोन कहा गया?वो हैरानी और शॉक्ड एक्सप्रेशन के साथ बोलती है।
    तभी मिशा को याद आया की वो अपना फोन तो सूर्य की गाड़ी में भूल गई है ये याद आते ही वो अपना माथा पीट लेती है।
    ओह शीट अब मुझसे क्या हो गया!अब मैं घर कैसे पहुचूंगी बोलते हुए उसका रोना छूट गया था।मिशा ने डरते हुए अपना चेहरा इधर उधर घुमाया तो उसे सुनसान सड़क के इलावा एक मखी तक नजर न आई। 
    मिशा का दिल भर आया था वो रोते हुए आसमान की तरफ देख रही थी।इस वक्त अगर उसे किसी की जरूरत थी तो वो थी उसकी मां।
    आप क्यू चली गई मम्मा,i am dying , बोलते हुए वो ये सब बोले जा रही थी की उसे एक गाड़ी की आवाज सुनाई दी।
    Guy's अपको क्या लगता है?कोन आया होगा?क्या सूर्य वापस आया है?या फिर मिशा फसने जा रही है किसी मुसीबत में?
    Guys अगर स्टोरी पसंद आती है तो स्टोरी को लाइक कॉमेंट्स ओर रिव्यू भी दिया करो और हां शेयर भी किया करो ता जो स्टोरी के व्यू बढ़ सके।
    बाकी अगर स्टोरी से रिलेटेड कोई सवाल पूछना है तो आप मुझे इंस्टा पर dm कर सकते हो इंस्टा id mr_and_mrs_deepak_aman
    Bye guys like comments karna mat भूलना 
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 18. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 18

    Words: 1161

    Estimated Reading Time: 7 min

    मिशा ने अपने हाथो से कस कर सूर्य के कंधे को पकड़ लिया जिससे की मिशा के हाथो के नाखून सूर्य के कंधो पर लग जाते है।वही सूर्य मिशा के होंठो के पास बने उस तिल को अपने होंठो से सहलाते हुए बोला.....
    "कहा था न की अगर अगली बार गलती से भी तुमने अपने इन होंठो से मुझे भाई कहा तो एक सेकंड भी नही सोचूंगा तुन्हारे इन कापते होंठो चूमने से पहले।
    और वही मिशा जैसे सूर्य के कहे शब्द सुनती है तो वो पूरी तरह से कांप उठी थी उसने कभी नही सोचा था की सूर्य उसके साथ ऐसा करेगा।उसे तो लगा था की वो सिर्फ उसे धमकी दे रहा है।
    अब आगे
    सूर्य की इस किस ने मिशा को अंदर तक हिला दिया था ।पागल हुए जा रही थी वो उसकी सांसे इस हद तक तेज हो चली थी की उनका संभालना उसे मुश्किल लग रहा था।मिशा अब भी अपना चेहरा सूर्य के कंधे पर टिकाए बैठी थी और सूर्य अभी भी मिशा की गर्दन को चूम रहा था।सूर्य मिशा की पीठ को सहला रहा था की उसे एक जाना पहचाना एहसास हुआ।।
    इस एहसास के चलते ही सूर्य ने अपनी आंखे बंद कर ली और आंखो को बंद करते ही उसे उस रात की याद आ गई।ये टच.....उसे उस अनजान लड़की की याद दिला रहा था।
    उतना ही मखमली बदन,बदन से उठ रही वही भीनी भीनी खुशबू जिसने सूर्य को पागल कर दिया था।ओर तो ओर मिशा होंठ भी वही मदहोशी दे रहे थे जो मदहोशी उस रात सूर्य पर हावी हो गई थी।
    सूर्य मिशा के जिस्म पर हाथ फिरा रहा था।ओर वही मिशा की सबसे जैसे तैसे कंट्रोल में आई तो मिशा ने सूर्य को जोर से धक्का देते हुए खुद से दूर कर दिया।।
     
    वही सूर्य की आंखे खुल गई और वो मिशा के चेहरे पर छाए गुस्से को देख कर अपने फेस पर स्माइल बिखेर लेता है।सूर्य मिशा की हालत अच्छे से देख रहा था।उसके बाल बिखरे हुए थे,होंठो पर हल्की सी सूजन आ गई थी।जिसे देख कर सूर्य अपना अंगूठा मिशा के होंठो के पास ले जाते हुए उसके होंठो को सहलाते हुए बोलता है"
    "लगता है पहली बार किसी ने इन नशीले होंठो का रस पिया है,तभी तो ये नाजुक से होंठ मेरे होंठो की ताकत बर्दास्त न कर पाए"!
    मिशा ने गुस्से से सूर्य का हाथ झटका और बोली "छोड़ो मुझे"!
    तो वही मिशा की बात सुनकर सूर्य के होंठो पर आई मुस्कान गायब हो गई थी और उस मुस्कान की जगह गुस्से ने ले ली थी।वो गुस्से से अपनी सर्द आवाज में मिशा के चेहरे को देखते हुए बोलता है "नही छोडूंगा"
    सूर्य को ऐसे बोलते देख कर अब मिशा का भी खून खोल उठा था।वो गुस्से से चीखते हुए बोलती है"आखिर खुद को समझते क्या है आप?किसने हक दिया अपको मुझे किस करने का?आप होते कोन है मेरे इतना करीब आने वाले?अरे मैने तो आपको भाई का दर्जा दिया था और आपने......."
    मगर इसके आगे के शब्द मिशा के मुंह में ही रह गए थे।क्युकी सूर्य ने मिशा के होंठो को अपने हाथ से दबाते हुए अपना चेहरा मिशा के चेहरे के बेहद करीब ले जाते हुए अपनी तेज और भारी गुस्से से भरी आवाज ने बोला....
    "एक बार फिर मुझे भाई कहो और फिर देखते जाओ मैं तुम्हारे साथ क्या करता हु!अभी तो सिर्फ किस किया है ना अगली बार i will f**k you,if you dare to say bhai again"
    मिशा का पूरा शरीर कांप गया था सूर्य के शब्दो को सुनकर,वो तो आंखे ओर मुंह फाड़े उसे देखती ही रह गई।की एक बार फिर सूर्य ने दबी हुई आवाज में बोला"याद रखें जो मैं बोलता हु, वो मैं जरूर करता हु"!
    इतना बोल कर सूर्य गाड़ी से बाहर निकलते हुए बोलता है,"रोमांस बहुत हो गया लिटिल कैट,बाकी का रोमांस घर पर कंटिन्यू करेंगे!"
    पहले तो मिशा पूरी तरह से सुन रही।लेकिन फिर जल्दी ही होश में आते हुए गाड़ी से बाहर आ कर गुस्से से बोलती है आप जैसे इंसान के साथ जाने से बेहतर है की मैं जहा पूरी रात सड़को पर भटकती रहूं।
    सूर्य ने मिशा की बात का कोई जवाब नही दिया और न ही उसने अपने फेस एक्सप्रेशन बदले....
    इधर मिशा ने अपना बैग निकाला और सूर्य को एक नजर घूर कर दुसरी साइड चल दी।
    सूर्य ने गाड़ी स्टार्ट की ओर मिशा के करीब रोक कर बोला"मैं अपनी बात दोहराता नही हू लिटिल कैट,इसलिए आखिरी बार बोल रहा हु की गाड़ी में आ कर बैठी कही ऐसा ना हो की इतनी रात को इस खूबसूरती को कोई नोच कर ले जाए।
    सूर्य की बात सुनकर मिशा गुस्से भरी आवाज ने बोली,मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता,लेकिन खबरदार अगर आप मेरे करीब आए तो.....
    मिशा की बात सुनकर सूर्य हल्का सा मुस्कुराया और अपनी आंखो पर चश्मे चढ़ाते हुए बोला as you wish sweetheart,good bye 
    कहकर सूर्य ने अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ाई और तेजी से वहा से निकल गया,वही सूर्य की गाड़ी के जाते ही मिशा का दिल बैठ गया।सूर्य से उसने बोल तो दिया था की वो यहां से अकेली चल लेगी,लेकिन अंदर से तो उसका दिल ही जानता था की मिशा कितना डर रही है उस सुनसान रास्ते पर, यहां उसे उसके इलावा कोई दिखाई नही दे रहा था।
    और वही मिशा को भी नही लगा था की सूर्य सच में उसे ऐसे छोड़ कर चला जाएगा।मिशा अपने घबराए हुए चेहरे ओर बैठते हुए दिल के साथ सूर्य की गाड़ी को पीछे से तब तक देखती रही जब तक की वो उसकी आंखो से पूरी तरह गायब नही हो गई।
    मिशा को अब समझ नही आ रहा थे की वो कहा जाए इस अंजान शहर और अंजान रास्तों से कैसे अपनी मंजिल तक पहुंचे,उसे अचानक ही अजय का ख़्याल आया उसने अपने पर्स में हाथ डाल तो वो एक दम शॉक्ड हो गई।
    फो....फोन कहा गया?वो हैरानी और शॉक्ड एक्सप्रेशन के साथ बोलती है।
    तभी मिशा को याद आया की वो अपना फोन तो सूर्य की गाड़ी में भूल गई है ये याद आते ही वो अपना माथा पीट लेती है।
    ओह शीट अब मुझसे क्या हो गया!अब मैं घर कैसे पहुचूंगी बोलते हुए उसका रोना छूट गया था।मिशा ने डरते हुए अपना चेहरा इधर उधर घुमाया तो उसे सुनसान सड़क के इलावा एक मखी तक नजर न आई। 
    मिशा का दिल भर आया था वो रोते हुए आसमान की तरफ देख रही थी।इस वक्त अगर उसे किसी की जरूरत थी तो वो थी उसकी मां।
    आप क्यू चली गई मम्मा,i am dying , बोलते हुए वो ये सब बोले जा रही थी की उसे एक गाड़ी की आवाज सुनाई दी।
    Guy's अपको क्या लगता है?कोन आया होगा?क्या सूर्य वापस आया है?या फिर मिशा फसने जा रही है किसी मुसीबत में?
    Guys अगर स्टोरी पसंद आती है तो स्टोरी को लाइक कॉमेंट्स ओर रिव्यू भी दिया करो और हां शेयर भी किया करो ता जो स्टोरी के व्यू बढ़ सके।
    बाकी अगर स्टोरी से रिलेटेड कोई सवाल पूछना है तो आप मुझे इंस्टा पर dm कर सकते हो इंस्टा id mr_and_mrs_deepak_aman
    Bye guys like comments karna mat भूलना 
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 19. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 19

    Words: 1084

    Estimated Reading Time: 7 min

    तभी उन में से एक आदमी खुद की आंखो पर हाथ रख कर लाइट से बचते हुए बोलता है ए हमसे उलझने की कोशिश मत करना निकल यहां से.....
    लेकिन वो कार वहा से हिलती नही,बल्कि और तेजी से हॉर्न बजाने लगती है।
    अबे तुझे सुनाई नही देता क्या....?
    इतना बोल कर वो लड़का जैसा ही उस कार के पास जाने को हुआ उसी पल उस गाड़ी की लाइट बंद हो जाती है।
    लाइट बंद होते ही वो लड़का अपनी जगह पर ही रुक जाता है।ओर वही लाइट के बंद होते ही मिशा अपनी रो रो कर लाल हुई आंखो से उस गाड़ी को देखती है......
    गाड़ी को देख कर उसकी आंखो से आंसू बह जाते है।ये दुख के नही बल्कि खुशी के आंसू थे।उसने तो बचने की सारी उम्मीद ही छोड़ दी थी। उस गाड़ी को देख कर मिशा को ऐसा लग रहा था जैसे की उसने कोई बहुत बड़ा खजाना पा लिया हो।
    तभी उस गाड़ी से एक आदमी बाहर निकलता है.....
    अब आगे
    गाड़ी से बाहर निकाला शख्स कोई और नही बल्कि सूर्य ही था।सूर्य गाड़ी के आगे की तरफ आ कर गाड़ी के बोनट से टीक कर खड़ा हो जाता है।
    सूर्य के खड़े होने का स्टाइल इतना डैशिंग था की अगर कोई लड़की उसे देखती तो देखते रह जाती।सूर्य स्टाइल से सिंग्रेट को अपने होंठो में दबा कर स्टाइल से लाइटर से जलाता है।
    सूर्य ने अभी सिगरेट का कस भरा ही था की मिशा जिसके अंदर सूर्य को देखते ही मानो जान आ गई हो।वो इतनी रफ्तार से सूर्य की तरफ भागी की इन लड़कों को रोकने का मौका भी न मिला।
    और इधर मिशा भागते हुए सूर्य के सीने से जा लगी।मिशा का चेहरा सूर्य के सीने में और हाथ सूर्य की पीठ पर कस गए थे।जबकि कुछ देर पहले मिशा सूर्य को नफरत से देख रही थी।लेकिन वक्त ने ऐसी करवट बदली की मिशा ने सोचा भी नही था।जिस चेहरे को देख कर कुछ देर पहले उसे नफरत हो रही थी अब उसी चेहरे को देख कर उसे सुकून मिल रहा था।
    सूर्य को वहा देख मिशा का दिल इस वक्त सुकून से भर उठा था।वो सूर्य के सीने से ऐसे चिपकी हुई थी की जैसे मानो वो कभी उससे दूर ही नही होगी।मिशा ने अपना चेहरा पूरी तरह से सूर्य के सीने में चिपका लिया था।ओर अपने आंसुओ से सूर्य के सीने को भिगोए जा रही थी।
    वही पीछे खड़ा लड़का चिलाते हुए बोलता है। ए तू जो भी है लड़की को वापस कर नही तो तू जहा से जाने के लाइक नही बचेगा।
    वही सूर्य जो की अपने होंठो में सिगरेट फसाए खड़ा था वो सिगरेट का लंबा कस भरते हुए बोलता है।मैने तुम लोगो को कब रोका तुम्हे लड़की चाहिए तो ले जाओ.....
    सूर्य के ये शब्द जैसे ही मिशा के कानो में पड़े तो मानो उसका शरीर में जान ही न बची हो।मिशा ने जो अब तक सूर्य को जोर से पकड़ रखा था।अब उसकी पकड़ ढीली पड़ गई थी।मिशा हैरानी भरी आंखों से सूर्य के दूर हो कर उसे देखने लगती है।मानो वो यकीन करना चाहती हो की जो सूर्य ने अभी अभी कहा वो सच है।
    वही वो लड़के सूर्य की बात सुनकर खुश हो जाते है।उन में से एक लड़का बोलता है जा वे लड़की को ले कर आ लड़का समझदार है।
    वही वो दूसरा लड़का मिशा की तरफ बड़ने लगता है।उसके चेहरे पर घटिया स्माइल थी।ओर वही मिशा सूर्य के सीने से चिपकी गिड़गिड़ाते हुए बोलती है। न.....नही ऐसा मत करो ,मुझे.....मुझे बचा लीजिए मैं आपके हाथ जोड़ती हु।
    इतना बोलते ही मिशा सूर्य के पैरो में गिर जाती है वो सूर्य के पैरो में गिरी हुई बोलती है मैं आपके पैर तक पड़ने को त्यार हु प्लीज मुझे बचा लीजिए।
    वही सूर्य तो बिना की फिकर के अपनी सिगरेट पीने में लगा था।ओर वही मिशा उस आदमी को अपने करीब आते देख कर जैसे जैसे वो आदमी उसके करीब आ रहा था।वैसे वैसे मिशा के दिल की धड़कने भी बड़ रही थी।मिशा एक बार और कोशिश करते हुए सूर्य के पैरो में ही पड़े बोलती है।प्लीज मुझे बचा लीजिए प्लीज.....
    उस सुनसान सड़क पर सिर्फ मिशा की चीखे गूंज रही थी।जिन्हे शायद कोई समझने वाला नही था।तभी वो लड़का मिशा के बिल्कुल करीब आ कर खड़ा हुआ और मुस्कुराते हुए मिशा को देख कर बोलता है
    "ए लड़की जैसा हम बोल रहे है वैसे वैसे करती जा अगर हमारी बात मानेगी तो कम दर्द होगा।लेकिन अगर हम जबरदस्ती पर आए ना तो तुम सोच भी नही सकती की तुम्हारे साथ क्या होगा।
    इतना बोल कर वो लड़का मिशा को पकड़ने को हुआ तो मिशा सूर्य के पीछे जा कर छिप जाती है और फुटफुट कर रोते हुए बोलती है नही प्लीज नही....
    लेकिन उस लड़के ने मिशा की एक न सुनी वो जैसे ही हाथ बड़ा कर मिशा को पकड़ने को हुआ तो बीच में ही सूर्य ने उसकी कलाई पकड़ ली। उस लड़के की कलाई पकड़ते ही वो आदमी सूर्य को स्वालिया नजरो से देखने लगता है।सूर्य अब बोलता है एक मिनट इतनी भी क्या जल्दी है अभी हमारी बात खत्म नहीं हुई है।
    इतना बोल कर सूर्य अपनी आंखो में लगे चश्मे को उतरते हुए मिशा की तरफ देखते हुए बोलता है हां तो तुम क्या कह रही थी।में तुम्हे बचा लू? ठीक है बचा लूंगा तुम्हे.....
    सूर्य की बात सुनकर मिशा उसे उम्मीद भरी नजरो से देखने लगती है।लेकिन तभी सूर्य फिर बोलता है लेकिन तुमने बचाने में मेरा क्या फायदा.....?
    सूर्य की बात सुनकर मिशा की उम्मीद एक बार फिर टूट गई थी।वो अपनी टूटी हुई आवाज में  बोलती है फाय.....फायदा....?
    हां फायदा क्युकी सूर्य कभी भी घाटे का सौदा नहीं करता है अगर तुम्हे मेरे साथ डील करनी है तो एक हाथ लो और एक हाथ दो सूर्य मिशा को बोलता है।
    सूर्य की बात सुनकर मिशा की आंखो में आंसू आ गए थे।वो आंसू भरी आंखों से बोलती है मैं...मैं ....क्या दे सकती हु अपको.....?
    मिशा के बात सुनकर सूर्य मिशा के करीब जा कर उसके चेहरे पर आए बाल मिशा के कानो के पीछे करते हुए बोलता है तुम्हारे पास बहुत कुछ है मुझे देने के लिए लिटिल कैट,लेकिन अभी तो तुम्हे सिर्फ मेरी दो शर्त माननी है।
    Guys अपको क्या लगता है?सूर्य कोन सी दो शर्त रख रहा है?क्या मिशा मानेगी सूर्य की शर्ते?क्या सूर्य बचा लेगा मिशा को?
    Guys अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो स्टोरी को लाइक कॉमेंट्स ओर शेयर करा करो।ओर रिव्यू भी दिया करो।बाकी अगर स्टोरी से रिलेटेड कोई सवाल पूछना है तो आप मुझे इंस्टा पर dm कर सकते हो।
    इंस्टा id mr_and_mrs_deepal_aman
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 20. क़ैद तेरे इश्क़ की - Chapter 20

    Words: 1122

    Estimated Reading Time: 7 min

    सूर्य की बात सुनकर मिशा की उम्मीद एक बार फिर टूट गई थी।वो अपनी टूटी हुई आवाज में  बोलती है फाय.....फायदा....?
    हां फायदा क्युकी सूर्य कभी भी घाटे का सौदा नहीं करता है अगर तुम्हे मेरे साथ डील करनी है तो एक हाथ लो और एक हाथ दो सूर्य मिशा को बोलता है।
    सूर्य की बात सुनकर मिशा की आंखो में आंसू आ गए थे।वो आंसू भरी आंखों से बोलती है मैं...मैं ....क्या दे सकती हु अपको.....?
    मिशा के बात सुनकर सूर्य मिशा के करीब जा कर उसके चेहरे पर आए बाल मिशा के कानो के पीछे करते हुए बोलता है तुम्हारे पास बहुत कुछ है मुझे देने के लिए लिटिल कैट,लेकिन अभी तो तुम्हे सिर्फ मेरी दो शर्त माननी है।
    अब आगे
    सूर्य की शर्त वाली बात सुनकर मिशा बिना कुछ सोचे हां में सर हिला देती है।ओर बोलती है हां मैं त्यार हु।
    मिशा को ऐसे बिना सोचे जवाब देते देख कर सूर्य मुस्कुराते हुए बोलता है पहली शर्त 
    तुम मुझे आज के बाद कभी भाई नही कहोगी.....
    सूर्य की इस शर्त को सुनकर मिशा हैरान हो जाती है।ओर दिल में ही सोचती है अरे ये कैसी शर्त है।ओर इस शर्त को वो एक सेकंड में मान जायेगी।ओर हुआ भी ऐसा वो तुरंत अपनी गर्दन हां में हिला देती है।ओर बोलती है मैं आपकी शर्त मानने के लिए त्यार हु।
    सूर्य____वेरी गुड,अब दूसरी शर्त सूर्य ने अभी इतना बोला ही था की वहा खड़ा लड़का सूर्य के उपर चिलाने लगता है।
    ए हीरो बहुत हो गई अब तेरी बकवास अपुन यहां तेरी बकवास सुनने को नही बैठा है,अब चुप चाप यहां से निकल ले,वरना कही ऐसा ना हो की हम तुम्हे मार मार कर भगवान के पास पहुंचा दे।इतना बोलते ही वो आदमी मिशा का हाथ पकड़ने लगता है।वो आदमी मिशा का हाथ पकड़ पाता उससे पहले ही कुछ ऐसा होता है की सबकी आंखे फटी की फटी रह जाती है।
    वो आदमी अब दर्द से तड़पते हुए जमीन पर पड़ा था।ओर उसको दर्द देने वाला कोई और नही बल्कि सूर्य ही था।क्युकी सूर्य ने उस आदमी के उस हाथ को तोड़ दिया था।जिस हाथ से उसने मिशा को छुने के लिए बढ़ाया था।
    सब लोग ये नजारा देख कर हैरान थे।लेकिन शायद इससे भी कुछ ज्यादा होने वाला था।ओर तभी वहा एक और धमाका होता है जिससे की सबकी जान हलक में अटक जाती है।
    और इस बार ये धमाका कोई आम धमाका नही था।बल्कि सूर्य की गुण से निकली गोली का धमाका था।जिसे सूर्य ने अपनी बैक साइड पैंट के विच से निकाला था।ओर उसने उस गन से नीचे पड़े आदमी के प्राइवेट पार्ट पर गोली चला दी थी।जिससे की उसका प्राइवेट पार्ट पूरी तरह से मास के टुकड़ों ओर खून में बदल गया था।ओर वहा पर आस पास भी मास के टुकड़े बिखर गए थे।ओर खून भी बहने लगा था।।
    इस नजारे को देख कर मिशा की रूह कांप उठी थी।मिशा की जान उसके हलक में अटैक चुकी थी। उस आदमी के गोली लगते ही मिशा ने अपना चेहरा छुपा लिया था।मिशा इतना डर गई थी की उसकी आंखे खोलने की हिम्मत नही हो रही थी।उसे इतना दर्द तो तब भी नही लगा था जब वो आदमी उन्हे पकड़ कर खड़े थे।जितना डर अब उसे सूर्य को देख कर लग रहा था।
    मिशा सूर्य को बदतमीज तो समझती थी।लेकिन वो इतना खतरनाक होगा उसने ये बात तो कभी सपने में भी नही देखा था।
    वही जमीन पर पड़ा आदमी दर्द से करहाते हुए अपनी आंखे बंद कर लेता है और सूर्य तो ऐसे खड़ा था जैसे की उसे कोई फर्क ही न पड़ रहा हो जैसे की ये उसके लिए नॉर्मल सी बात हो।सूर्य के चेहरे के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे उसने किसी छोटी सी चिटी  को मारा हो।।
    सूर्य उस आदमी को देख कर बोलता है साला बहुत बोल रहा था।कान दर्द करने लगे।जब मैं अपनी लिटिल कैट से बात कर रहा था तो इसे विच में आने की क्या जरूरत थी।अब अपनी जान से गया ना।
    इतना बोल कर सूर्य बाकी आदमियों को तरफ देख बोलता है क्या भाई लोग ठीक बोल रहा हु ना,वही वो आदमी तो जैसे तैसे अपनी सांसे रोके खड़े थे।उनके चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थी।
    वही सूर्य के इस रूम को देख कर उन सबकी सुसु उनकी पैंट में ही निकल गई थी।उन आदमियों ने डरते हुए जल्दी से हां में सर हिलाया।अब सूर्य ने अपनी नजर उन लोगो से हटा कर मिशा की तरफ देखा,जो की डर की वजह से अपना मुंह छुपाए खड़ी थी।
    वही सूर्य ने अपनी गन ऐसे ही स्टाइल से अपने हाथ में पकड़े हुए दूसरे हाथ से मिशा की कलाई को पकड़ कर खुद की तरफ खीच कर खुद से चिपका लिया।सूर्य के ऐसे खींचने से मिशा और भी डर जाती है।मिशा डरी हुई आंखो से सूर्य की तरफ देखती है।वो इस टाइम हद से ज्यादा कांप रही थी।ओर ये बात सूर्य भी अच्छे से नोटिस कर रहा था।
    सूर्य मिशा की सेडक्टिव नजरो से देखते हुए मदहोश आवाज ने बोलता है तो मेरी दूसरी शर्त लिटिल कैट.....
    वही मिशा तो बिचारी कुछ बोलने लाइक ही नही बची थी।मिशा को कुछ न बोलता देख कर सूर्य मिशा के चेहरे पर गन को घुमाते हुए बोलता है मैं कुछ पूछ रहा हु लिटिल कैट आंसर मि....
    वही मिशा जैसे ही अपने चेहरे पर गन को महसूस करती है और और भी डर जाती है उसके फेस से पसीना गिरने लगा था।वो डरते हुए अपना सर हां में हिला देती है।सूर्य मिशा के होंठो पर गन फिरते हुए बोलता है....
    लिटिल कैट मुझे वर्ड्स सुनने है तुम्हारा सर हिलता नही देखना है....सूर्य के बोलने का अंदाज कुछ ऐसा था की मिशा का डर ओर भी बढ़ जाता है।
    वो डरते हुए अपना सर हां में हिला कर बोलती है हां हां मैं....मैं ....त्यार हु.....
    वही मिशा की बात सुनकर सूर्य के चेहरे पर न दिखने वाली स्माइल आ गई।वो अपने चेहरे पर आई उस स्माइल को बरकरार रखते हुए मिशा की आंखो में आंखे डाल कर बोलता है....
    ठीक तो.....
    so kiss me right now.......
    वही मिशा जैसे ही सूर्य की बात सुनती है तो उसके होश ही उड़ जाते है।उसे यकीन नही हो रहा था की उसने जो भी सुना वो सच है क्या सच में सूर्य ने ऐसा बोला है।
    Guys अपको क्या लगता है।मिशा करेगी सूर्य को किस्स.....?
    Guys अगर स्टोरी अच्छी लग रही है तो स्टोरी को लाइक शेयर ओर कमेंट्स करे।ओर रिव्यू भी दे......
    अगर आपको स्टोरी के बारे में कुछ पूछना है तो आप मुझे इंस्टा पर कॉन्टैक्ट कर सकते हो।मेरी इंस्टा id है ....
    mr_and_mrs_deepak_aman 
    guys आ मुझे इस id पर कॉन्टैक्ट कर सकते हो.....
    बाय हाय guys 
    Gud night sweet dreams and take care
    कल मिलते है नेक्स्ट चैप्टर में,अगर आज के चैप्टर में अच्छे व्यू आए और अच्छे कमेंट आए तो मैं कल बड़ा चैप्टर दूंगी....