बनारस का सूरज रोज की तरह गंगा किनारे उग रहा था, मगर यादव हवेली में आज सुबह से ही हड़कंप मचा हुआ था। पूरा मोहल्ला जानता था यादव परिवार को, और उनकी यादव डेयरी को, जहाँ से रोज ताजा दूध बनारस के मंदिरों और घरों तक जाता था।इस डेयरी का जिम्मा जिसने संभा... बनारस का सूरज रोज की तरह गंगा किनारे उग रहा था, मगर यादव हवेली में आज सुबह से ही हड़कंप मचा हुआ था। पूरा मोहल्ला जानता था यादव परिवार को, और उनकी यादव डेयरी को, जहाँ से रोज ताजा दूध बनारस के मंदिरों और घरों तक जाता था।इस डेयरी का जिम्मा जिसने संभाल रखा था, वो था कानू। उसका असल नाम था कन्मय यादव, मगर सब उसे कानू ही बुलाते थे।“इस नालायक ने नाक में दम कर रखा है...” मम्मी दीवार से सिर टिकाकर बुदबुदातीं,पर जब वही कानू अपनी लंबी उंगलियों से मम्मी के सिर दबाता, तो उनकी सारी शिकायतें एक पल में गायब हो जातीं।सब कहते थे, “ये लड़का सुधर जाएगा?”और जवाब में हंसते हुए पापा कहते, “इसी की वजह से आज यादव डेयरी खड़ी है।”पूरे मोहल्ले में चर्चा थी कानू की खूबसूरती की। मोहल्ले की हर लड़की उसकी दीवानी थी, फिर भी उसे कोई लड़की पसंद नहीं थी।मगर घर में हड़कंप तब मच गया, जब उसकी मम्मी, देवकी यादव,एक दिन दादी के सामने आकर फट पड़ी:“माई, अब हमसे ना होगा! सारा दिन नाक में दम कर रखा है इस कानू ने। हरवक्त ग़ुस्से में रहता है, किसी की सुनता नहीं... शादी करवा देते हैं इसका, तब जाकर सुधरेगा!” तो दादी ने भी साफ कह दिया, “अगर शादी नहीं करेगा, तो यादव डेयरी का मालिक भी नहीं बनेगा।”अब चाचा के बेटे विक्की और पवन भी यादव डेयरी पर मालिक बनने की नजरें गड़ाए बैठे हैं। अब सवाल यह है:क्या कानू सच में शादी से बच पाएगा? या यादव डेयरी का मालिक बनने के लिए उसे ये शादी करनी पड़ेगी?और कौन होगी वो लड़की, जो इस बिगड़ैल कानू की जिंदगी बदल देगी?या फिर, यही मौका देखकर चाचा के बेटे विक्की और पवन यादव डेयरी पर कब्जा कर लेंगे?
Page 1 of 1