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Beloved Enemy

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Ramandeep Kaur

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“ राधा कब तक तुम अपने बारे मे मै किसी को नहीं बताओगी “, पिया ने कहा । वही राधा उसे देखने लगी । “ मतलब”, उसने कहा । “ यही के मनराज तुम्हारा बेटा है । किसी को नही पता के तुम्हारा डिवोर्स हो चूका है “, पीया ने कहा । वही राधा चुप सी बाहर देख...

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राधा

Heroine

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किशन

Hero

Total Chapters (32)

Page 1 of 2

  • 1. Beloved Enemy - Chapter 1

    Words: 1871

    Estimated Reading Time: 12 min

    DAV कॉलेज की स्टेज पर एक प्ले चल रहा था वही उसी कॉलेज के सभी स्टूडेंट्स और टीचर्स बैठे देख रहे थे तभी उस प्ले में शादी का सीन चलने लगा जिसमें बैठे लड़का लड़की आपने प्ले के मुताबिक सब काम कर रहे थे । जैसे पंडित ने कहा आप फेर ले तो उन्होंने फेरे लिए जैसे पंडित ने कहा के वर वधु के गले में मंगलसूत्र पहना दे तो लड़के ने वैसे ही कर । यहां तक के मांग में सिंदूर भी भर दिया । शादी मुबारक हो पंडित ने कहा वही दोनो लड़का लडकी उठ खड़े हो गए। लेकिन उन बच्चों मे बैठे एक बचे ने खड़े होकर जोर से कहा ।

    "ये शादी तो सच में हो गई "।

    " हां ये शादी हो गई ", पंडित जी ने कहा । सब के सब हैरन से खड़े रह गए ।

    " नहीं ये नहीं हो सकता हम तो प्ले कर रहे थे ", लड़की ने जल्दी से कहा । वही लड़के ने भी यही कहा ।

    " पर मुझे तो कहा गया था के यहां पर शादी करनी है ", उस पंडित ने सब को देख कहा ।

    " नहीं नहीं ये शादी नहीं हो सकती ", लड़की ने जल्दी से मंगलसूत्र उतारते हुए कहा । वही लड़के ने भी अपने गले में लिया दुपट्टा उतार फेंका । ये प्ले जो के एक सामाजिक बुराई के ऊपर बनाया हुआ था अब उसका शिकार ये दो जन बने थे , लड़की अपने सर को देखते हुए ।

    " सर ये नहीं हो सकता ", उसने कहा वही सर ने उसके सिर पर हाथ रखते हुए ।

    " राधा शांत हो जाओ हम बात कर रहे है ", उन्होंने कहा सर शांत कैसे हो जाओ मेरी शादी इस नकचढ़े के साथ हो गई हैं।

    वही लड़का राधा को घूरने लगा " इस गरीब के साथ में खुद को सोच भी नहीं सकता ", उस लड़के ने कहा वही सब देखते रह गए। किशन सर ने कहा तो लड़के ने लड़की जानी के राधा को देख जो उसे ही घूर रही थी । वही इस खबर की धूम मच गई के कॉलेज प्ले में शादी हो गई पंडित ने सच में दोनों को शादी करा दी । ये खबर आग की तरह फैल गई उस पूरे कॉलेज में आखिर सब के सामने ये शादी हुई थी । वही राधा कांप रही थी । उसकी आँखें लाल हो गई थी ।

    सब लोग इस समय प्रिंसिपल के आफिस में खड़े थे यहां पंडित जी भी थे ।

    " देखे पंडित जी आप को कौन लाया यहां ", पर सर ने कहा ।तो पंडित जी देखने लगे ।

    " मुझे फोन आया था के कॉलेज में प्रोग्राम है यहां मुझे शादी करनी है तो मैं आगया उन्होंने कहा। से देखते रह गए ।

    " पर हमने जिनसे बात की थी उनको पता था के यहां पर झूठी शादी करनी है ", एक मैम ने कहा । पंडित जी देखने लगे ।

    " पर मुझे ऐसा कुछ नहीं बताया गया ", उन्होंने कहा । वही सब चुप से थे ।

    " अब शादी हो चुकी है तो दोनों आराम से रह सकते है दोनों की जोड़ी बहुत अच्छी है । और एकदूसरे को चाहते भी है ", पंडित जी ने कहा । तो राधा किशन एकदूसरे को देखने लगे । बेहद गुस्से में ।

    " मैने पहले कहा था के सिर मुझे इस के साथ प्ले नहीं करना ", राधा किशन दोनों एकसाथ बोलें।

    प्रिंसिपल ने उनको देख फिर पंडित जी को देख कर ,"अब आप जा सकते है ", उन्हों कहा । तो पंडित जी चले गए । वही राधा देखती रही

    " सिर आप नहीं जानते में किस मुसीबत में हूं आप प्लीज कुछ करे ", उसने कहा । वही किशन भी हां में सिर हिलाते हुए ।

    " मुझे इस मुसीबत से छुटकार चाहिए ", उसने कहा ।

    " तुम दोनों अभी जाओ में बात करता हूं ", सर ने कहा वही राधा देखती रही । किशन तो आराम से बाहर आ गया उसे देख कर लग नहीं रहा था के कुछ गलत हुआ है । वहीं राधा चुप सी अपने रूम की तरफ चल दी । यहां उसे बहुत से बचे देख रहे थे और आपस में बाते भी कर रहे थे ।

    " देख यार ये दोनों कितने लड़े थे और अब शादी भी हो गई ", एक लड़की ने कहा । तो राधा उसे देखने लगी ।

    " कोई नहीं वो भी किचन है ", दूसरी ने कहा राधा चुप सी अपने रूम में आ गई। और बेड पर बैठ गई । उसके हाथ कांप रहे थे । तभी उसका फोन बजने लगा। उसके पापा का कॉल था । जिसे देख वो पहले तो फोन उठाने की हिम्मत नहीं कर पाई । दूसरी काल पर फोन उठाया तो सामने पापा की कड़क आवाज आई ।

    " ये करने गई थी वहां पर सारे गांव में हमारी गांव मै हमारी थू थू हो रही है । किसी को मुंह देखाने लायक नहीं छोड़ा हमे तुमने । अब हम क्या कहे के हमारी बेटी ने शादी कर ली ", उसके पापा ने कहा । वही राधा देखती रह गई।

    " नहीं पापा ऐसा नही है ", उसने कहना चाहा ।

    " खबरदार जो मुझे पापा कहा तो मर गए है हम तुम्हारे लिए और तुम हमारे लिए कभी यहां पैर भी मत रखना । कल ही हम तुम्हारी आखिरी रस्म पूरी करेंगे ", पापा ने कहा । राधा देखती रह गई और फोन बंद हो गया । कुछ पलो में सब ख़त्म हो गया था। वो बस बैठी रो रही थी ।

    दो दिनों तक राधा अपने रूम से बाहर नहीं निकली थी । वो खुद में ही सिमटी हुई थी खाना भी साथ की रूम मेट ही खिलाती थी । आज दरवाजे पर दस्तक हुई तो उसने दरवाजा खोला दूसरी लडकी नहीं थी । सामने मेम थी सर के साथ । उन्होंने पहले ही राधा को फोन कर बता दिया था के वो आने वाले है ।

    " बेटा मैने अपनी एक वकील दोस्त से बात की तो पत चला के तुम तलाक ले सकती हो । बस यही कागजात बनाने में देर हो गई ", सर ने उसके आगे एक फाइल करते हुए कहा । तो राधा देखने लगी उसने फाइल ले ली ।

    " इस पर तुम किशन के साइन ले लेना हमारी बात नहीं हो पाई उस से और कल से छूटिया शुरू होने वाली है दस दिन के लिए कॉलेज बंद है तो तुम आज ही उस से बात कर लेना ये उसका नंबर है ", मेम ने राधा के आगे एक फोन नंबर करते हुए कहा ।

    " पर मुझे साइन कहां करना है ", राधा ने कहा तो सर ने समझाए के दोनों के साइन चाहिए उसके बाद ये फाइल उनको दे दे तो राधा ने हां में सिर हिला दिया ।

    " ठीक हैं सर मै आज ही उस से बात करने की कोशिश करती हूं ", राधा ने अपना चेहरा साफ करते हुए कहा ।

    " ठीक है हम चलते है ", सर ने कहा और चल दिए । राधा उस नंबर को देखने लगी और आपने फोन से डायल कर किशन को लगाने लगी । बेल जा रही थी पर आगे से फोन नहीं उठाया गया । दोपहर से राधा फोन कर रही थी अब शाम हो गई थी । लेकिन किशन ने फोन नहीं उठाया। राधा ने एक आखिरी कोशिश की और उसे फोन लगाया । और इस बार फोन उठा लिया गया ।

    " हेलो किशन ", राधा ने कहा ।

    " क्या तुम पागल हो क्या । इतने फोन कौन करता है ", दूसरी तरफ से कहा गया ।

    " किशन मुझे तुम्हारे साइन चाहिए उसके बाद हम दोनों की शादी टूट जाएगी ", राधा ने बिना कोई बात करे अपनी बात कही ।

    " अच्छा है करो साइन ", किशन ने कहा ।

    " तुम्हारे भी साइन चाहिए ", राधा ने फाइल देखते हुए कहा ।

    " पर मैं तो जा रह हूं ", उसने कहा ।

    " नहीं किशन ऐसे नहीं तुम जा सकते प्लीज ", उसने कहा ।

    " ठीक है तो आ जाओ होटल रेजिडेंसमें इस समय मै यही पर रूम नंबर 606में ", किशन ने कहा वही राधा ने अभी आने का कहा और फोन रख अपने सूट के साथ का दुपट्टा ले एक पर्स लेकर उसमें फाइल रख साथ ही फोन रख वो चल दी होटल रेजिडेंस की और । लेकिन बाहर हो रही बारिश ने उसे और देर कर दी ।जब राधा होटल पहुंची तो वो बारिश की वजह से भीग गई थी ऑटो वाले को पैसे दिए और रिसेप्शन पर आकर रुक गई। रिसेप्शनिस्ट से रूम के बारे में पूछ चल दी वो किशन से मिलने रूम नंबर 606 की और । रूम के बाहर आकर राधा ने एक बार फिर से किशन को फोन लगाया और किशन ने फोन उठा लिए ।

    " मै बाहर हूं ", उसने कहा तो कुछ देर में रूम का दरवाजा खुल । और सामने किशन राधा को देखने लगा । जो इस बारिश में भीग गई थी । उसके कपड़े भीगे हुए थे।

    " आओ अंदर ", उसने कहा ।

    " नहीं तुम बस साइन कर दो", राधा ने जल्दी से फाइल उसके आग करते हुए कहा तो किशन उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगा ।

    " राधा अंदर आ जाओ देखो तू भीग गई हो ", उसने कहा।

    " नहीं तुम साइन करो "उसने कहा ।तो किशन दरवाजा खुला छोड़ अंदर चल गया राधा उसे देखती रही । किशन साइन करदो ",उसने कहा।

    " जब तुम मेरी बात नहीं सुन रही तो मैं केस तुम्हारी बात सुनू ", उसने कहा । वही राधा दरवाजा देखती रह गई । उसके आंसू फिर से बह गई उसने चारों तरफ देख । वहां बसे जो भी आ जा रहा था वो राधा को ही घूर रहा था ।

    " राधा अंदर आ जाओ साइन चाहिए तो ", किशन की आवाज आई जिसे सुन राधा ने कदम अंदर रखा और आगे बढ़ गई । वही दरवाजा बंद हो गया । जिस पर 606 नंबर लिखा था ।

    2024 दिसम्बर मुंबई

    स्कूल का गेट जिसके सामने बहुत सारी औरते खड़ थी ।यहां से बच्चे भागते हुए आ रहे थे । तभी एक लड़का भागते हुए आया और एक लड़की की गोद में चढ़ गया । वही उस लड़की ने उसे गले से लगा लिया ।

    " मम्मी आज आप आई है ", उस लड़के ने कहा वही उसकी मम्मी का चेहरा सामने आया जिसकी पीठ थी ।

    " अब चल मनराज", उसने कहा ।

    " राधा जल्दी आ जा अब", पीछे से आवाज आई

    " हां चलो ", राधा ने कहा और मनराज को वैसे ही गोद में उठाए हुए वो पीछे खड़े ऑटो की और चल दी । यहां एक लड़की बैठी हुईं थीं। मासी आप भी आई है मनराज ने कहा वही ऑटो आगे बढ़ गया ।

    मिलते है अगले भाग में

    आखिर क्या हुआ था उस रात क्या राधा और किशन का तलाक हो गया था । अगर हां तो ये बच्चा कौन है जो के लगभग आठ साल का है , क्या राज है उस रात का रूम नंबर 606 का , आपने सुझाव देते जाएं । और अपको ये कहानी अच्छी लगे तो मुझे फॉलो करना मत भुले । फॅलो करेगे तो आपको नये पार्ट की अपडेट मिलती रहेगी ।

  • 2. Beloved Enemy - Chapter 2

    Words: 1318

    Estimated Reading Time: 8 min

    किशन चलो आज हम इंजॉय करेंगे एक लड़की ने अपने सामने खड़े लड़के से कहा जिसके गले में वो बाहें डालेंखड़ी थी। एक टाइट सी ड्रेस पहने हुई जो के उसके बॉडी से चिपकी हुई थी । चेहरे पर मेकअप और बाल खुले हुए एकदम स्ट्रेट , वही वो लड़का जिसे वो किशन कह कर बुला रही थी । उसके हाथ भी उस लड़की की कमर पर कैसे हुए थे । इतने कसे हुए थे क लड़की का पेट लड़के के पेट से सटा हुआ था । उनमें हवा के भी गुजरने का भी रास्ता नहीं था । किशन के चेहरे पर मुस्कान थी ।

    " बिलकुल बेबी ये भी कोई कहने की बात है आज की पूरी रात हम दोनों के नाम ", उस लड़के ने कहा । उसकी आवाज भी लड़खड़ा रही थी ,। आँखें नशे की वजह से गहरी लाल हो रखी थी । तभी उस जगह पर छोर सुनाई देने लगा । यहाँ पर और भी बहुत से लड़के लडकियां एकदूसरे की बाहों मे बाहें डाले खड़े थे । तो कुछ एकतरफ बार काउंटर के पास बैठे हुए थे । तो कुछ डांस कर रहे थे । वही किशन की बाहों में ये लड़की झूल रही थी और किशन भी। दोनों एकदुसरे में खो से गए थे। इस जगह की डिम लाइट , रोमांटिक म्यूजिक और नशे के असर ने दोनों को ही अलग दुनिया में पहुंचा दिया था ।

    यहाँ किशन के हाथ उस लड़की की कमर पर फिसल रहे थे वही उस लड़की के हाथ किशन के गर्दन को कसे हुए थे । किशन की आँखे उस लड़की के चहरे पर ही टीकी हुई थी ।

    " बेबी आर यु श्योर ", उसने कहा वही लड़की जिसके चेहरे पर इस समय बस एक नशा दिख रहा था उसने आगे बढ़ किशन के होठो पर अपने होठ रख दिए , और उसे चूमने लगी। किशन का एक हाथ लड़की की कमर से नीचे की तरफ बढ़ने लगा ।

    " नहीं ", उस लड़की ने किशन को देखते हए कहा । वही किशन गुस्से में आ उसका हाथ लड़की के गर्दन पर आया और उसे देखते हुए ।

    " नो बेबी आज की रात हम दोनों की ",= उसने कहा और उस लड़की के होंठों को चूमने लगा । यहाँ आस पास खड़े लोगों को किसी से कोई मतलब नहीं था । वही किशन का चुम्बन और भी गहराता जा रहा था ।

    " किशन किशन", उस लड़की ने किशन के गाल पर हाथ रख कहा। वही किशन उसे देखने लगा जिसकी आंखों में नशे के साथ अब कुछ और भी देखा जा रहा था ।

    " चलो ", उसने कहा । और किशन का हाथ पकड़ वो वहां से चल दी । वही किशन के चेहरे पर मुस्कान आगयी और उसने एक तरफ देखा यहाँ एक लड़का बैठा हुआ उसे ही देख रहा था हाथ में गिलास था उसके । किशन ने उसे देख हाथ खड़ा कर दिया । उसने भी अपने हाथ में पकडे गिलास को ऊपर की तरफ कर दिया । किशन उस लड़की के साथ चला गया । वही उस लड़के ने ना में सर हिला दिया और उस जगह को देखा । उसने गिलास सामने टेबल पर रखा और वहां से उठा कर बाहर की तरफ चल दिया ।

    वो लड़की किशन को एक रूम में ले आयी यहाँ पर आते ही किशन ने उसे अपनी तरफ खींचा और बीना कोई वार्निग दिए उस पर हावी हो गया । वो लड़की भी इस सब खुश लग रही थी । तभी तो किशन का साथ दे रही थी कुछ हिपालों में उस रूम के फर्श पर दोनों के कपड़े बिखरे हुए थे । और उस रूम में भारी भारी सांसों की आहात सुन रही थी । जो कुछ समय बाद बंद हो गयी , और एकदम शांति शा गयी ।

    एक लड़की एकदम से उठ कर बैठ गयी और चारों तरफ देखने लगी । उसकी पीठ दिख रही थी तभी वो सोफे से उठी और रूम से बाहर आयी यहाँ उसे रोने की आवाज आ रही थी । तो वो जल्दी से उस तरफ को चल दी । एक रूम का दरवाजा खोला तो सामने बैठा आठ साल का बच्चा आँखें मलते हुए रो रहा था ।

    " मनराज क्या हुआ ", राधा नेब उसके पास आते हुए देखा । तो मनराज उसे देख उसके गले लग गया ।

    " बेटा रो क्यों रहे हो तुम ", राधा ने मनराज को खुद से लगाते हुए कहा

    " मम्मा आप गयी थी आपको पता है न मुझे आपके साथ सोना होता है", मनराज ने कहा । राधा उसे देखने लगी । तभी उसने समय देखन सुबह के चार बज रहे थे ।

    " सॉरी बच्चे वो मुझे काम था तो बस उसी को करते हुए मुझे देर हो गयी ", राधा ने कहा वही मनराज अपनी माँ को देख रहा था ।

    " मम्मी आप ने मुझे रात को कहानी भी नहीं सुनाई पिया मौसी को आती नहीं कहानी और वो भी नही है ",मनराज ने कहा। तो राधा उसके चेहरे को साफ करते हुए ।

    "बस मनराज पिया मौसी को भी अपने रूम में नींद आती है वाइबअपने रूम में है । गलती मेरी है में ही आपको समय नहीं दे पाई सॉरी ", उसने कहा तो मनराज ने सिर हिला दिया ।

    " मुझे भूख लगी है ", मनराज ने कहा तो उसकी मम्मी उसे उठा कर रूम से बाहर ले आयी दोनों अब रसोई की तरफ चल दिए यहाँ पर राधा ने मनराज को किचन काउंटर पर बैठाया और खुद पेन में दूध गरम करने लगी , वही वो मनराज से बाते कर रही थी ।

    " लो मन दूध पी लो और अभी सो जाओ पता है ना आज स्कूल भी जाना है ", उस ने कहा । तो मनराज ने दूध का गिलास मुहं से लगा लिया और पीने लगा वही राधा उसे देखती रही । कुछ आधे घंटे बाद राधा ने मनराज को वापस से बेड पर लेटा कर उसे अच्छे से चादर से कवर कर के देखने लगी । और फिर उसके माथे को चुम कर वो उठी और वापस उस रूम में आगयी यहां से वो गयी थी और यहाँ पर पड़े ढेर सरे कागजात को उठा कर सही से रखने लगी ।

    सुबह के पांच बजे फोन बजने लगा तो किशन जो सो रहा था उसने हाथ बड़ा कर उस फोन को उठा अपने कान से लगा लिया । दूसरी तरफ से कुछ कहा गया ।

    " हाँ आता हूं ", उसने कहा और फोन रख आपन दूसरी तरफ देखा यहा पर उस लड़की का चेहरा दिखा जिसे देख किशन देखता रह गया ।

    " ये कौन है ", उसने खुद से ही कहा और उठा कर बैठ गया ।

    " किशन कहाँ जा रहे हो ", उस लड़की ने कहा और हाथ किशन के हाथ पर रखा तो किशन उसे देखने लगा ।लड़की का हाथ अपने हाथ से हटा खड़ा हो किशन अपने कपडे पहने लगा । वही वो लड़की उसे देखती रही जो चादर खुद से लपेटे हुए बैठी थी । किशन ने अपने कपडे पहने और उस लड़की को देखने लगा । जो उसे ही देख रही थी ।

    " आई हॉप रात में तुमको बहुत मजा आया होगा ", उसने कहा वही वो लड़की उसे देखती रही ।

    " आज के बाद मुझे मिलने की कोशिश मत करना ", किशन ने कहा और अपने कोट की जेब से पैसे निकाल उस लड़की की तरफ उछाल दिए । वही लड़की उसे देखती रही ।

    " रात की कीमत तुमसे तो ज्यादा ही है ", उसने मुस्कुरा कर कहा और अपना फोन उठाते हुए वहां से नीलकल गया वही लड़की उसे देखती रह गई।

    क्या है किशन की सच्चाई। और कौन थी ये लड़की । क्या ये भी किशन की जिंदगी में आने वाली लड़कियों की तरह ही थी जो बस उसकी एक रात की रानी बनती थी । राधा की जिंदगी में कौन है मनराज उसका बेटा हैं तो पापा कहा है जानने के लिए जुड़े रहे साथ ।

  • 3. Beloved Enemy - Chapter 3

    Words: 1179

    Estimated Reading Time: 8 min

    किशन उस बार से बाहर आया यहाँ पर उसकी ही गाड़ी लगी थी। आस पास कोई नहीं था सुबह के पांच बजे ऐसी जगह परकोई दिखना भी नहीं चाहता लेकिन किशन को इस की कोई परवाह नहीं थी । उसने बाहर आकर अपनी गाड़ी के पास खड़े होकर चारों तरफ देखा और मुस्कुरा दिया उसने गाड़ी का दरवाजा खोला और उस गाड़ी में से एक महंगे ब्रांड की सिगरेट निकाल उसे लाइटर से जलाकर पीने लगा । कुछ देर वही खड़े रह वो सिगरेट पीता रहा । फिर उस सिगरेट का कश भर कर उसने उस सिगरेट को फेंका और पैर से मसलते हुए वो अपनी उस महंगी गाड़ी में बैठ कर निकल गया ।

    इधर राधा नहा धो कर बाहर निकली तोलिया उसके बालों में लिपटा हुआ था । उसने एक नजर मनराज को देखा जो सो रहा था जिसे अच्छे से चादर दे कर वो रूम से बाहर आयी और उसी हाल में एक तरफ बने छोटे से मंदिर में जाकर बैठ गयी यहाँ पर एक ही फोटो लगी हुई थी जिसमे दस गुरु दिख रहे थे , और साथ ही छोटी सी कृष्ण जी की प्रतिमा रखी हुई थी । राधा ने पहले सब सफाई की और उसके बाद देसी घी से दिया जलाया और हाथ जोड़ बैठी गयी शायद अपने मन की बात भगवान जी से कर रही थी।

    " होये राधारानी आज क्या मांग लिया अपने बाबा जी से एक लड़की ने कहा और वो भी हाथ जोड़ बैठ गयी । वही राधा ने माथा टेका और उठ कर रसोई की तरफ आ गयी । दूसरी लड़की भी आ गई और उसे देखने लगी ।

    " क्या बात है राधा तू ठीक है आँखे कैसी हो रखी है ",उसने कहा । तो राधा उसे देखने लगी ।

    "कुछ नहीं यार बस काम कर रही थी रात को प्रेजेंटेशन बनानी थी ", उसने कहा तो ववो लड़की उस देखती रह गयी ।

    " तो सोइ नहीं ", उसने कहा । राधा मुस्कुरा दी और पानी पिने लगी । लड़की ने सिर ना में हिला दिया और खुद भी पानी पिने लगी ।

    " हाल में बैठ में बनती हूँ खाना तू चाहे तो एक घंटा रेस्ट करले मन के पास ", उसने कहा तो राधा उसे देख मुस्कुरा दी ।

    सी पिया अगर तू न होती तो मेरा क्या होता "0राधा ने कहा तो पिया उसे देखने लगी

    "मै ना होती तो तुम्हारा पिया होता , होता जरूर ", उसने कहा तो राधा ने उसे सिर पे चपत लगा दी ।

    " चल अपने हाथों की चाय बना दे मैं अभी आयी ", उसने कहा और हाल में आकर अपने बालों से तोलिया निकाल उन्हें साफ करने लगी । वही पीया ने चाये चढ़ा दी । राधा ने वही बैठे हुए सोफे से सिर लगा कर ऑंखें बाद कर ली ।

    " राधा चाय लो ", पिया ने वहां आते हुए कहा तो राधा उसे देखने लगी । पीया भी उसके पास ही बैठ गयी।

    " थैंक्स यार इसकी जरूरत थी ", राधा ने कहा और चाये का घूंट भर आँखे बंद कर ली ।

    " चाहे जितनी कोफ़ी पी लो पर जो चेन चाय पी कर आता है वो कही और नहीं मिलता ", उसने कहा । वही पिया मुस्कुरा दी दोनों सनेकस खाने लगी थी ।

    " वैसे आज कोन सा प्रेज़न्टेशन है ", पिया ने कहा तो राधा उसे देखने लगी ।

    " वही आशु सर ने दिया है रात के दस बजे जब सोने जा रही थी तभी फोन आया और कहा के कल ये बहुत जरुरी है साथ सब कुछ मेल कर दिया ", राधा ने कहा तो पिया ने सर हिला दिया ।

    " ये सर भी खुद तो सो गए और तुम्हे जागने को छोड़ दिया ", उसने कहा वही राधा ने चाय पर ध्यान रखा ।

    " हाँ हो गया है , अब आज हमें जा कर उस होटल को देखना है वहां का सभी इंटीरियर डिजाइन भी देखना है ", राधा ने कहा तो पीया उसे देखने लगी ।

    " हमें ", उसने हैरानी से कहा ।

    " हाँ हमें मेने सर को कल ही बोल दिया था के मुझे एक टीम चाहिए और तुम्हारा नाम दिया तो सर मान गए ", उसने कहा । वही पिया मुस्कुरा दी ।

    थैंक्स उसने कहा ।

    " थेंक्यु मतलब अब में तुम्हारी बोस हूँ ", राधा ने कुछ बोसी लहजे में कहा तो पिया उसके गले लग गयी ।

    " बिलकुल ऐसा बोस तो मै भी चाहती हूँ पर में उस आशु के सामने नहीं जाने वाली साला कमीना इंसान ", उसने कहा वही राधा ने सर हिला दिया । ठीक है उसने कहा । राधा और पिया दोनों दो साल से इसी कोम्पनी में काम कर रही थी ।

    Tha Dreamers Dream में। यहाँ लोगो के घर बनाने के सपनो को हकीक़त में पूरा करा जाता था ।इसी लिए तो इस कंपनी का ये नाम था । साथ ही पिछले छः महीनों से कंपनी ने होटल इंटीरियर डिजाइन का भी काम लेना शुरू कर दिया था।

    " चल में मनराज का टिफन और अपना भी खाना बना लेती हूँ तू जा आराम कर ले तब तक ", पीया ने कहा राधा ने हाँ में सर हिला दिया और उठ कर मनराज के पास आके उस के बगल में ही लेट गयी । वही पीया रसोई में लग गयी अपने काम में।

    किशन सुबह के छः बजे घर पहुंचा यहाँ एकदम शांति थी । वो उस पुरे हाल को देखते हुए आगे बढ़ गया उसने एक रूम का दरवाजा खोला और अंदर आकर उस रूम को बंद कर दिया । और देखने लगा । ये पूरा कमरा सफेद रंग का था उस रूम के एक तरफ जिम बना हुआ था तो एक तरफ छोटा सा बार । वही सामने की दीवार पूरी ग्लास वाल की थी यहाँ से गार्डन दिख रहा था । जिस पर सफेद परदे लगे हुए थे । वही उस वाल से कुछ दुरी पर बैठने के लिए सोफे सेट भी था । ये रूम देखने में जितना सिंपल लग रहा था उतना ही अपनी रहीसी बता रहा था । जिम कोई आम जिन नहीं थी । बार सेक्शन में महंगी वाइन से लेकर हर ब्रैंड रखा हुआ था ।

    वही उस रूम के एक तरफ से सिडिया जा रही थी । जिन पर किशन चल दिया । सीढ़ियां चढ़ वो ऊपर आया तो सामने उसे ये बेड दिखा । जिसे देखते ही वो उस बेड पर लेट गया । और आँखें बंद कर ली । उस बेड के पीछे की दीवार पर किशन की एक बड़ी सी तस्वीर लगी हुई थी । जिसमे वो एक गाड़ी के सामने खड़ा था । सलीके से सेट करे बाल चेहरे पर हलकी दाड़ी । महंगे कपड़ों में वो उस तस्वीर में नजर आ रहा था वही बेड के सामने ग्लास वाल थी यहाँ से बाहर के सभी नज़ारे देखे जा सकते थे । लेकिन इस समय किशन बेड पर सो रहा था ।

    क्या है किशन और राधा का आपस में रिश्ता। मनराज कौन है क्या वो सच में राधा का बेटा है । क्या राज है इस के पीछे। साथ बने रहे अपनी सुझाव देते जाएं।

  • 4. Beloved Enemy - Chapter 4

    Words: 2098

    Estimated Reading Time: 13 min

    सुबह के आठ बजे तक राधा पिया के साथ घर से निकल चुकी थी मनराज को अपने साथ लेकर ।दो नों मनराज को स्कूल खुद ही छोड़ कर आती थी डे बोर्डिंग था स्कूल जिस वजह से दोनों शाम को ही उसे वापस अपने साथ ले जाती । कल दोनों को छुटी थी तो वो मनराज को दोपहर में ही ले गई थी ।




    " अच्छा मनराज अच्छे से पढ़ना और खेलना हम शाम को मिलते है ", राधा ने स्कूल गेट पर खड़े होकर कहा । तो मनराज ने हां में सिर हिला दिया । वही राधा ने उसके गाल चूम लिए।




    "चलो जाओ ", उसने कहा तो मनराज बाय करते हुए चला गया । वही राधा वापस आकर आटो मै बैठ गई यहां पर पिया बैठी उसे ही देख रही थी ।




    " चलो भैया अब हमे कंपनी छोड़ दो ", राधा ने कहा है , वही ड्राइवर ने ऑटो आगे बढ़ा ली। कुछ ही देर में दोनों ऑटो से उतरी और अपने सामने दिख रही बिल्डिंग के अंदर चली गई । यहां एक फ्लोर ही Dreamers Dream कंपनी का आफिस था । राधा पिया दोनों अपने साथ के स्टाफ से मिली और अपने अपने डेस्क पर बैठ कर काम देखने लगी ।




    " राधा दी आपको आफिस में सर बुला रहे है ", एक लड़के ने आकर कहा तो राधा उस देखने आगी । ठीक है उसने कहा और अपना लैपटॉप और फाइल लेकर चल दी ।




    " मै आ जाऊ सर ", राधा ने कहा ।




    " आ जाओ", एंड से आवाज आई तो राधा दरवाजा खोल अंदर चल दी । यहां पर सामने ही एक आदमी बैठा हुआ था गुड मॉर्निंग सर राधा ने कहा तो वो राधा कोदेखने लग गुड मॉर्निंग उसने कहा । और राधा को देखने लगा जो हमेशा की तरह ही जींस के साथ शर्ट पहने थी।




    " ओके तो जो काम दिया था वो हो गया ", उसने कहा ।

    " जी सर हो गया ", राधा ने कहा ।वो अपना लैपटॉप टेबल पर रख दिखाने लगी वही वो आदमी बेहद ध्यान से देख रहा था।




    " बहुत अच्छे राधा मुझे उम्मीद थीं के तुम ही इतने कम समय में ये काम कर सकती हो ", उसने कहा तो राधा उसे देखने ।




    " ठीक है आज आधे घंटे में एक मीटिंग है हमे उसके लिए निकालना है तुमको पता है न सहगल इंडस्ट्री ", सामने बैठे आदमी कहा ।वही राधा ने हा में सिर हिला दिया ।



    " तो तुम अपनी दोस्त को भी बता दो और उसे बोल देना के इस बार कोई गलती नहीं ", उस आदमी ने कहा तो राधा उसें देखने लगी ।




    " आशु सर पिछली बार भी उसने कुछ नहीं करा था वो तो बस मिस अंडरस्टेंडिंग थी ", राधा ने कहा तो आशु उसे देखने लगा ।




    " उस मिस अंडरस्टेंडिंग की वजह से मेरा रिश्ते टूट गया ", आशु ने कहा । राधा ने सिर हिला दिया और जाने के लिए मो तो आशू ने उसे आवाज लगा दी राधा देखने लगी ।




    ये हमारा पहला इतना बड़ा प्रोजेक्ट है किसी बड़ी कंपनी के साथ मैं नहीं चाहता के मेरे हाथ से ये मौका छीन जाए तो उसे बोल देना के जरा आराम से रहे ", उसने कह राधा ने सिर हिल दिया और बाहर चल दी । वही आशु उस देखता रहा और फिर वो अपने काम पर लग गया । राधा बाहर आयी और सामने बैठी पीया को देखने लगी ।




    " क्या हुआ ", पिया ने कहा ।




    " पागल सर का रिश्ता टूट गया है उस दिन की वजह से ", उसने कहा तो पीया का मुंह खुला रह गया ।

    " क्या कह रही है तू मेने तो बस मजाक ही करा था उनकी मंगेतर इतनी शक्ति निकली ", पीया ने कहा । राधा अपना सामन देखते हुआ ।




    "पता नहीं यार पर कुछ तो हुआ है चल छोड़ और सुन आधे घंटे में मिटंग है तो हमे सर के साथ जाना है तो जल्दी से रेडी रेहना ", उसने कहा । पीया ने हां में सर हिला दिया । पर उसने एक बार उस दरवाजे की तरफ देखा जिसके पीछे आशु सर बैठे थे ।




    सहगल इंडस्ट्री यहाँ पर इस सामने बेहद चहल पहल थी इक दरवाजे पर गौतम सहगल लिखा हुआ था जिसे एक लड़के ने खोला और वो अंदर चला गया । यहाँ सामने बड़ी सी कुर्सी पर एक उम्र दराज आदमी बैठा हुआ था गौतम सहगल जिसकी आँखों पर चश्मा लगा हुआ था । और वो अपने सामने बैठे हुए दो आदमियों को देख रहा था । जो उसी तरह उम्रदराज थे उस लड़के ने गौतम के आगे एक फ़ाइल रखी तो उसने उस फ़ा इल को देखा तो ।




    " मिस्टर राणा हमे इस काम को करने में बहुत खुसी है के आप जिनके होटल चैन इस पुरे देश मे है । इस बार हम उनके साथ काम कर रहे है ", उन्होंने कहा । वही उनके सामने बैठे आदमी भी मुस्कुरा दिए ।




    " पर हम एक बात कहना चाहते है के हमारी डेड लाइन तीन साल की है", उन्होंने कहा । तो गौतम ने सर हिला दिया।




    " बिलकुल हम अपना पूरा हंड्रेड परसेंट देंगे के तीन साल मैं आपका ये ड्रीम प्रोजेक्ट हम पूरा कर लें ", उन्होंने कहा । वही सामने वाले दोनों आदमी खुश नजर आ रहे थे । तभी दरवाजा एक बार फिर से खुला और इस बार एक लड़की अंदर आयी । उसके हाथ मै ट्रे थी जिसमे तीन कप कोफ़ी के थे । जिसे उसने तीनो के समने रख दिया और चली गयी ।




    " कुछ ही देर में मीटिंग है हमारी जिसमे हम एक प्रोजेक्ट पर बात करने वाले है । इस बार हमने इंटिरिरार डजाइंग के लिए बाहर से एक छोटी कंपनी के साथ कॉन्टेक्ट करे है । देखते है वो कैसे अपना काम करते है । आप भी उस मीटिंग मै शामिल होकर देखे हमारे काम को ", गौतम ने कहा ।




    " बिलकुल हम भी देखना चाहते है ", मिस्टर राणा ने कहा और वो सब अपनी कोफ़ी पीने लगे । साथ ही बातों मे लग गय । आशु जो अपनी ही गाड़ी में आया था उसके साथ वाली सीट पर राधा और पीछे की सीट पर पीया बैठी थी । वो तीनो इस बड़ी सी बिल्डिंग की पार्किंग में गाड़ी से बाहर निकले । आशु ने दोनों को देखा यहाँ पीया तो उस से नजरे भी नहीं मिला रही थी । वही राधा चुप थी ।




    " राधा तुम तैयार हो ना ", उसने कहा । जी सर राधा ने कहा।




    " तो चलो हमें टेंथ फ्लोर पर जाना है लिफ्ट से ही चलते है ", उसने कहा और तीनो लिफ्ट की और बड़ गए । तीनो लिफ्ट से होते हुए टेंथ फ्लोर पर आये यहाँ पर आशु को सामने ही एक लड़की मिल गयी ।

    " आशु सर ", उसने कहा तो आशू उसे देखने लगा ।

    जी उसने कहा ।




    " आपकी मीटिंग मे अभी दस मिंट है तो आप मेरे साथ आ जाये ", उस लड़की ने कहा वही आशु ने राधा पिया को देखा और आगे बढ़ गया , पीया राधा को देखने लगी ।




    " यार ये कितना बड़ा आफिस है हमारे आफिस जैसे तो यहाँ पर कितने आफिस आजाएं ", उसने कहा । वही राधा वहां के स्टाफ को देख रही थी । कितना सलीके से था सब वो लोग कैसे अपने काम में लगे हुए थे ।




    " सर यही पर मीटिंग होगी आप लोग यही बैठ जाये ", उस लड़की ने कहा और चली गयी वही राधा पिया देखने लगी उन सामने उस बड़े से कमरे में बड़ा सा टेबल लगा हुआ था ।




    " क्या बात है यहाँ पर तो पूरी फिल्मो वाली वाइब आ रही है ", उसने कहा तो आशु ने उसे देखा ।




    "चुप चाप बैठ जाओ और देखो काम कैसे होता है ", उसने कहा वही राधा अपने लैपटॉप निकाल बाहर टेबल पर रखने लगी थी । उसने सभी फाइल भी रखी थी । और वो कुर्सी पर बैठ अपने काम में लग गयी । आशु भी बैठा अपना फोन देखने लगा । तो पिया चुप सी अपना लैपटोप देखने लगी। तभी वही लड़की दूसरी लड़की के साथ आयी जिसके हाथ में ट्रे थी ।और वो उस ट्रे में से कप उठा तीनो के सामने रख ने लगी ।आशु देखने लगा ।




    " इसकी जरूरत नहीं है ", उसने कहा।




    " सर आप इंजॉय करे ", उस लड़की ने कहा और चली गयी वही आशु ने कप देखा और उसे उठा मुहं से लगा लिया । पीया पिने लगी तो आशु ने उसे रोक दिया ।




    " तुम्हारे मतलब की नहीं है कॉफी ", उसने कहा पीया उसे देखने लगी । और कप मुहं से लगा लिया । तो उसे कड़वा एहसास हुआ । बहुत मुश्किक से उसने उस घूंट को निगला और आशू को देखा जो उसे ही देख रहा था । तो पीया ने नजरे अपने सामने रखे लैपटोप पर लगा दी । उसके मुहं का टेस्ट बिलकुल कड़वा हो गया था । जिस वजह से वो अजीब अजीब से मुहं बना रही थी । जिसे आशु देख रहा था और अपनी कोफ़ी पी रहा था ।




    मिस्टर सेहगल अपने दोनों क्लाइंट के साथ रूम के अंदर आए । यहां पर राधा आशु और पिया तीनों उनको देखकर खड़े हो गए। " आराम से गौतम सेहगल ने कहा और अपनी कुर्सी पर बैठ गए । उनके साथ वह दोनों क्लाइंट भी बैठ गए । मिस्टर राणा ।वही आशु पिया और राधा भी अपनी जगह पर बैठ गए।




    " आशु यह है हमारे क्लाइंट राणा है आज की यह प्रेजेंटेशन आप हमें इनके सामने ही देंगे ", गौतम सेहगल ने कहा तो आशु ने हां में सिर हिला दिया और राधा को दिखा । जिसने उसे देखकर हां में सिर हिलाया और अपने सामने बैठे तीनों को देखने लगी । और अपनी जगह पर खड़ी हो गई ।




    " पहले तो हम आप सबका शुक्रिया करते हैं के आपने हमारे आइडिया को देखने सुनने का हमें मौका दिया ", राधा ने कहा वही तीनों उसे देख रहे थे। फिर राधा ने अपने लैपटॉप से प्रेजेंटेशन देनी शुरू की उसने इंटीरियर डिजाइंस के हर तरीके को उनको दिखाई जैसे रूम सेटआप बालकनी सेटअप कॉरिडोर सैटअप्स एवरीथिंग सब । उसकी प्रेजेंटेशन को बहुत ध्यान से सुन रहे थे ।




    " अब आगे आपको इंटीरियर्स के कलर्स और उनका बेसिक कलर्स सब आपको मिस पीया बताएंगी ",राधा ने कहा और पिया को देखा जो खुद सबको देख रही थी। अपनी जगह से खड़ी हो गई और अपना लैपटॉप से प्रेजेंटेशन समझाने लगी । उसने सब कलर्स बेसिक और क्लासिक कलर्स का ही उनको इंट्रोड्यूस कराया वही । आशु देख रहा था ।




    " थैंक यू सर ", पिया ने अपनी प्रेजेंटेशन देने के बाद कहा तो । वहीं गौतम दोनों को देखने लगा और फिर मुस्कुराकर उन्होंने क्लैपिंग कर दी । तो राधा पिया के चेहरे की जो घबराहट थी वह जाती रही।




    " हमें नहीं पता था कि आज का यूथ इतना टैलेंटेड है । हमें आपके अड़िया बहुत पसंद है । "




    " बिल्कुल गौतम बिल्कुल सही कह रहा है आप दोनों ने हमें बहुत अच्छे से बताया गौतम हमारे लिए भी यही इंटीरियर डिजाइनर चाहिए ", मिस्टर राणा ने कहा । वही आशु के चेहरे पर इस समय मुस्कान आ गई थी ।




    " बिल्कुल और हमारे हमारे इस नए प्रोजेक्ट में आपका स्वागत है ", गौतम ने कहा वही आशु ने खड़े होकर उनसे हाथ मिलाया राधा पिया भी खुश थी । 2 घंटे के बाद आशु पिया राधा वापस गाड़ी में आकर बैठे यहां पर उन्होंने इस कंपनी के साथ आगे के कुछ प्रोजेक्ट्स करने का कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिए थे बस इसी सब में उनका टाइम लगा ।

    " चलो आज दोपहर का खाना मेरी तरफ से", आशु ने दोनों से कहा और गाड़ी आगे बढ़ा दी।




    किशन अभी भी अपने रूम में सो रहा था तभी उसका फोन बजने लगा । जिसे उसने नींद नहीं ही उठाकर कान से लगा लिया ।




    " सेहगल की निकम्मी औलाद दोपहर हो गई है "0दूसरी तरफ से आवाज आई । तो किशन ने आंखें खोल कर दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देखा है यहां पर 1:00 बज रहा था ।




    " जी पापा 1 घंटे में पहुंच रहा हूं ", उसने आलसी आवाज में कहा । और फोन कट कर बेड से खड़ा हुआ और बाथरूम की तरह चल दिया ।




    क्या किशन सेहगल गौतम सेहगल का बेटा है । क्या राधा किशन एक दूसरे के सामने आएंगे । सालों पहले जो हुआ क्या दोनों उसे भूल चुके हैं । रूम नंबर 606 का राज दोनों के बीच है । क्या राज है यह जानने के लिए बने रहे साथ।

  • 5. Beloved Enemy - Chapter 5

    Words: 2298

    Estimated Reading Time: 14 min

    राधा पीया आशु तीनो रेस्त्रां में बैठे लंच कर रहे थे । आज आशु सच मे बहुत खुश था । पिछले बहुत दिनों से वो चुप सा था ।लेकिन आज की डील ने उसे खुश कर दिया था । राधा खाना खा रही थी तभी उसका फोन बजने लगा जिसे उसने देखा और फिर दोनों को देख।




    “ मै आती हूँ सर “, उसने कहा और अपना फोन लेकर चली गयी। वही पीया जो चुप सी थी उसने आशु को देखा जिसका ध्यान अपने खाने पर था। सर उसने कहा तो आशु उसे देखने लगा ।




    “ हूँ बोलो”, उसने कहा तो पीया चुप हो गयी ।




    “ अब बोलो भी देखो पीया ये प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है मुझे अभी इस में कोई छुट्टी नहीं चाहिए तो जल्दी से बोलो। छुट्टी चाहिए तो वो पहले ही केंसिल है “, उसने कहा।




    “ सॉरी सर “, पीया ने कहा तो आशु उसे देखता रह गया।




    “ किस लिए “, उसने कहा । पीया उसे देखने लगी ।




    “ वो मेने जो भी किया था उस दिन बस वो सब अनजाने में हो गया था मुझे नहीं पता था के ये सब हो जायेगा । आपका रिश्ता टूट जायेगा “, उसने कहा तो आशु ने अपनी प्लेट देखी और फिर मुस्कुरा दिया ।




    “ खाना खाओ “, उसने कहा । वही पीया उसे देखती रह गयी।




    “ मुझे पता चला है के उस दिन तुम सब गेम खेल रहे थे अब डेयर तुमने लिया तो करना ही था। पर आगे से ध्यान रखना के किसी के साथ ऐसा मजाक मत करना “, आशु ने कहा । वही पिया उसे देखती रह गयी ।




    “सर आपको गुस्सा नहीं है मुझ पर के मेरी वजह से आपका रिश्ता टूट गया “, उसने कहा । तो आशु उसे देखने लगा ।




    “ नहीं कोई ग गुस्सा नहीं मुझे क्यूंकि मुझे उसका पता चल गया के वो केसी है । बाद में कोई प्रॉब्लम हो उस से अच्छा है के पहले ही सब ख़त्म हो गया “, आशु ने कहा । वही पीया उसे देखती रह गयी । जो अपना खाना खाने लगा था । उसे यकीन नहीं हो रहा था के ये आदमी जो एक हफ्ते से उसे सुनाये जा रहा है । जिसने उसे उसके प्रोजेक ते हटा दिया यहाँ तक के उसके पास कोई भी काम नहीं रहने दिया। वो इस तरह से बात कर रहा है ।




    “ अब मुझे मत देखो खाना खाओ और ये राधा कहाँ रह गयी “, उसने कहा । तो पिया ने अपना सिर झटका ।




    “ उसका फोन है कोई परसनल बात होगी “, उसने कहा ।




    “ घर से फोन है क्या “, आशु ने कहा । पिया ने हाँ मै सिर हिला दिया ।




    “ ठीक है तुम खाना खाओ “, उसने कहा वही राधा मनराज से बात कर रही थी । जो के वो रोज करती।




    “ ठीक है मनराज अब आप पढ़ाई कर लो मै भी अपना काम कर लूँ मिलते है हम शाम को “, राधा ने कहा और फोन रख वो वापस अपनी जगह पर आकर बैठ गयी ।




    “ वैसे तुम्हारे घरवालों को बहुत फ़िक्र रहती है रोज फोन आता है “, आशु ने राधा को देख कहा । वही राधा ने हाँ में सिर हिला दिया ।




    “ जी सर “,उसने कहा पिया उसे देखने लगी । जो अपना खाना खा रही थी ।




    एक गाड़ी आकर सेहगिल बिल्डिंग की पार्किंग में आकर रुकी । और उस में से किशन बाहर निकला जो इस समय क्रीम कलर के कोट पेंट मे था । आँखों पर शेड्स लगे हुए थे । हलकी ट्रिम दाढ़ी गोरा रंग । हाइट भी अच्छी खासी। इस समय वो बिलकुल अलग लग रहा था । चेहरे पर इक अलग ही रौनक थी । वो आगे बढ़ लिफ्ट मै आ गया और वो लिफ्ट टेंथ फ्लोर की तरफ चल दी । किशन अपना फोन देख रहा था जिसमे वो किसी से चैट कर रहा था । कुछ देर में लिफ्ट का दरवाजा खुला । और वो अपना फोन देखते हुए आगे बढ़ गया । यहाँ उसके आस पास का स्टाफ उसे ग्रीट कर रहा था। और वो सब को सर हिला कर आगे बढ़ रहा था । किशन ने गौतम के केबिन का दरवाजा खोला और अंदर आ गया। वही गौतम उसे देखने लगा । किशन जो उनके सामने खड़ा था । उसने अपने शेड्स भी उतार लिए थे । गौतम ने समय देखा यहाँ दो बज रहे थे। उन्होने सिर हिला दिया ।




    “ किशन पता है ना के इस पुरे बिजनेस को तुमको ही संभालना है तेरा भाई तो अपना कर रहा । और तुम इस तरफ से कर रहे हो “, उन्होंने कहा। वही किशन देखत रहा था ।




    “ तुम्हारी उम्र में मै इस कंपनी को सँभालने लग गया था । पर यहाँ पर तो कोई उम्मीद ही नहीं है। के तू ये सब संभाल लेगा “, उन्होंने कहा वही किशन चुप रहा ।




    “ ठीक है राणा के साथ अपना कॉन्ट्रेक्ट बन गए है । तो छे महीने में हम उनके साथ काम कर रहे है । वही आज एक बहुत छोटी उसको अपने साथ काम करने के लिए भी साइन करा है उसका नाम The Dreamer Dreams है “गौतम ने अपनी फाइल देखते हए कहा । वही किशन ने कुछ नहीं कहा । वो सुनता रहा । गौतम ने उसे देखा जो चुप सा था ।




    “ अब बोल भी के मुहं में दही जमाया है “, उन्होंने कहा ।




    “ पापा वो बस मुझे नहीं पता था के आज कॉन्ट्रेक्ट है “, उसने कहा । गौतम उसे देखने लगे और अपनी जगह से खड़े होकर किशन के पास आगये । वही किशन उनको देखने लगा ।




    “ किशन मेरे पर भी जवानी आयी थी सब पर जवानी आती है । तुम अकेले ही नही हो तो अपनी हर रात होटलों में काली करने से अच्छा अपने काम पर ध्यान दो “, उन्होंने कहा । वही किशन चुप रहा वो कुछ बोला नहीं ।




    “ ये कंपनी इंटीरियर डिजाइन में बेस्ट है अभी तक हमने जितनी भी इंटीरियर डिजाइंस कंपनी के साथ काम करा है उन सब में बहुत बेहतर है । और मै चाहता हूँ के तुम इसे देखो इनके काम को , लेकिन अभी अपने काम पर फोकस करो “, उन्होंने कहा । वही किशन ने सिर हिला दिया । और उस केबिन से बाहर निकल उसने गहरी साँस ली । फिर चारों तरफ देखने लगा। यहाँ उसे आस पास लडकियां दिखी तो वो मुस्कुरा कर उनको देखते हुए आगे बढ़ गया । वो अपने ने केबिन में आया और सामने लगी कुर्सी पर बैठ कर चारों तरफ देखने लगा ।bऔर फिर उसने अपना फोन निकाल कान से लगा लिया।




    “ एक हॉट कोफ़ी विद... “, आगे की बात उसने अपने मुहं में ही दबा ली ।उसके चेहरे पर हलकी सी मुस्कान आ गई।न उसने फोन रखा और आपने निचले होंठ को दांतो तले दबाते हुए ।




    “ उफ़ क्या थी यार पर कौन थी वो “, उसने खुद से ही कहा । वो बस रात के बारे में सोच रहा था के उसके कैबिन का डोर खुला और आवाज आयी तो किशन ने उस तरफ देखा । यहाँ पर वही लड़की खडी थी जो गौतम के केबिन में भी कोफ़ी लेकर आयी थी । किशन उसे देख मुस्कुरा दिया। वही वो लड़की अंदर आयी तो दरवाजा बंद हो गया । उस लड़की के हाथ हाथ में ट्रे थी जिसमे ब्लेक कोफ़ी थी उसलड़ की ने बेहद अदा से उस ट्रे को टेबल पर रखा और किशन को देखने लगी । वही किशन भी उसे ही देख रहा था। वो लड़की किशन के पास आयी तो किशन ने उसकी कमर पर हाथ रख उसे अपनी गोद में खिंच लिया । वो लड़क उस । उस के चेहरे पर मुस्कान थी । जो किशन के चेह रे को देख रही थी ।




    “ क्या बात है आज तो कुछ ज्यादा हो चमक रहे है आप सर “, उसने कहा। वही किशन उसे देख रहा था ।







    “ ये आज किस कलर की लपिस्टिक लगा ली “ , उसने लड़की के होठों पर अपने हाथ का अंगूठा चलते हुए कहा । उस लड़की के चेहरे पर मुस्कान आगयी।




    “ इसे चेरी रेड कहते है “, उसने बेहद अदा से कहा ।




    अचब फिर तो टेस्ट करना बनता है “, किशन ने उस लड़की को देखते हुए कहा और अगले ही पल उसके होंठो को चूमने लगा । वही लड़की भी उसका पूरा साथ दे रही थी । किशन के हाथ उस लड़की की शर्त के ऊपर के बटन खोल अंदर जाने लगे थे वही उस लड़की की सांसे भारी हो रही थी क।




    तभी दरवाजा खुला किशन कहते हुए कोई अंदर आया पर सामने का नजारा देख उसके पैर वही जम गए । लड़की जल्दी से किशन की गोद से उठी और खुद को सही करती हुई बाहर जाने लगी । सामने एक लड़का खड़ा था जो कल रात भी था उस पब में यहाँ किशन था ।




    “ सुनो बाहर जाने से पहले खुद को सही करलो “,उस लड़के ने किशन को देखते हुए कहा तो वही किशन अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ । आपने होंठों को रुमाल से साफ कर रहा था । उसे देख लग नहीं रहा था के यहाँ पर कुछ हुआ है । उस लड़की ने दरवाजे के पास खड़े हो कर के कपडे सही करे और गहरी साँस लेकर बाहर चली गई । वो लड़का अभी भी खड़ा था ।




    “ आज अबीर अब ऐसे क्या देख रहा है “, किशन ने उसे देखते हुए कहा । तो अबीर सर हिलाते हुए आगे बढ़ कुर्सी पर बैठ गया । वही किशन उसे देख रहा था । जो उसे उदेख रहा था ।




    “ किशन मुझे लगता है अब तुमको रुक जाना चाहिए ये कोई कॉलेज लाइफ नहीं है के तू इस तरह से जिए “, अबीर ने कहा । तो किशन मुस्कुरा दिया ।




    “ किशन सेहगिल कभी रुकता नही है समझे तुम “, उसने कहा और कोफ़ी कोप को मुहं से लगा लिया । वही अबीर उसे देख रहा था।




    “ तू बता आज तू इस तरफ कैसे आ गया “, किशन ने कहा जो आपने मै ही बैठा हुआ था । तो अबीर उस रूम को देखने लगा ।




    “ कुछ नहीं भाई के साथी था लकिन उनको अब इंटीरियर डिजाइन के लिए कोइ चाहिये तो मुझे बोला के अंकल से बात करू तो आ गया “, उसने कहा वही किशन उसे देख रहा था । फिर अपनी कोफ़ी पर ध्यान देने लगा ।




    “ इसे चाहता है ना जो अभी अभी गयी “, किशन ने कहा तो अबीर उसे देखने लगा ।




    “ ये अच्छा तरिका है अपने दोस्त की चाहत पर हक़ जमा कर सामने से बेशर्मो की तरफ पूछ रहा है “, अबीर ने कहा। वही किशन उसे देखने लगा ।




    “ मैने कुछ नहीं किया मेने बस उसे कहा था के तुम उसे पसंद करते हो पर उसने कोई जवाब नहीं दिया और न ही मेने कोई जबर्दस्ती की है उसके साथ अपनी मर्जी से वो मेरे साथ है “, किशन ने कहा । अबीर उसे देखता रह गया ।




    “ किशन मेने यहाँ पर आना नहीं था पर भाई की वजह से आया हूँ । तो क्या तू अब अपनी दोस्ती भी तोडना चाहता है “,उसने कहा ।




    “ बिलकुल भी ना आज ही वो यहाँ से जाने वाली है शादी है उसकी तीन दिन में “, किशन ने कहा । वही अबीर उसे देखता रह गया ।




    “ मैं कहता हूँ तू भी अपनी जिंदगी जी क्या रखा है खुद को इतना संभाल कर रखने में “, किशन ने मुस्कुराते हुए कहा । वही अबीर अपनी कुर्सी से उठा और बाहर की तरफ जाने लगा । पर रुक कर किशन को देखने लगा ।




    मेने खुद को संभाला है तो कोई तो होगी जो मेरे जैसी होगी जो मुझ भी संभाल लेगी तुम्हारी तरह हर जगह मुहं नहीं मारता हूँ मै के उसे पता ही ना हो वो क्या कर रहा है “, अबीर ने कहा और चला गया वही किशन मुस्कुरा दिया और अपनी कुर्सी की बैक से सर लगा कर छत की तरफ देखने लगा ।




    “ पर मुझे खुद को सँभालने में कोई इंट्रस्ट नहीं है । मैं तो आजाद पंछी हूँ “, उसने कहा ।










    राधा पिया दोनों शाम के समय आफिस से बाहर निकली और ऑटो में स्वार हो गयी । राधा बाहर देख रही थी । तो पिया किसी सोच में थी।




    “ क्या हुआ क्या सोच रही है तू “, राधा ने कहा । तो पिया उसे देखने लगी ।




    “ पीया कब तक तुम अपने बारे मे मै किसी को नहीं बताओगी “, पिया ने कहा । वही राधा उसे देखने लगी ।

    “ मतलब”, उसने कहा ।




    “ यही के मनराज तुम्हारा बेटा है । किसी को नही पता के तुम्हारा डिवोर्स हो चूका है “, पीया ने कहा । वही राधा चुप सी बाहर देखने लगी ।




    “ मुझे लोगों से हमदर्दी नहीं लेनी ये लोग ना कभी अपने नहीं होते । बस तमाशा देखते है । तो मुझे नहीं बताना किसी को भी । और क्या हो जायेगा अगर मेने नहीं बताया तो “, राधा ने कहा । पीया ने उसके हाथ पर हाथ रख दिया ।




    “ बस ऐसे ही कहा इकोई तुम्हारी जिंदगी में आना चाहे तो कही मनराज के बारे में जान कर पीछे ना हट जाये “, उसने कहा । तो राधा ने उसका हाथ अपने हाथ से हटा दिया ।




    “ मुझे जरूरत भी नहीं के कोई मेरी जिंदगी में आये “, उसने कहा और सामने देखने लगी पिया चुप सी रही ।







    क्या किशन शुरू से ही ऐसा है । जिसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है । राधा का डाइवोर्स हो चुका है । तो मनराज उसका बेटा है । पर उस रात का क्या राज है 606 का और क्या होगा जब दोनों सामने आएंगे जानने के लिए साथ बने रहे ।

  • 6. Beloved Enemy - Chapter 6

    Words: 1722

    Estimated Reading Time: 11 min

    राधा ने मनराज को स्कूल से लिया और वापस से तीनो चल दिए फ्लैट की और । मनराज ने दोनों के बीच की छुपी को खत्म कर दिया था । वो दोनों से बात कर रहा था । के उसने आज क्या किया कैसे पड़ा । कोना सा खेल खेला । वही राधा तो उसे देख कर ही पुरे दिन की थकान को भूल गयी थी । तीनो घर पहुंचे और राधा ने मनराज के कपडे बदले और उसे वही बैठा कर खुद भी फ्रेश होने चली गयी । पिया जो जल्दी से फ्रेश हो गयी थी । रूम से बाहर आकर रसोई में गयी और चाय बनाने लगी । इस समय वो दोनों चाय और मनराज दूध पिता था ।राधा मनराज के साथ बाहर आयी तो आज आद्रक वाली चाय की खुशबु ने उसके दिमाग को जगा दिया ।




    “ जल्दी ला ना चाय “, उसने कहा वही पीया भी मुस्कुरा दी । उसे पता था के राधा की नाराजगी केसे दूर करनी है । पीया दोनों माँ बेटे के पास आकर बैठ गई। यहाँ मनराज टी वी में कार्टून देख रहा था । और वो दोनों चाय पी रही थी ।




    “ आज तो मजा आज्ञा बहुत टेस्टी चाय बनाई है “, राधा ने कहा पिया उसे देख मुस्कुरा दी । और फिर वो भी मनराज के साथ कार्टून देखने लगी ।




    “ अच्छा दोनों बताओ क्या खाना है आज हम बाहर से ही आर्डर करते है “, राधा ने कहा तो मनराज पीया उसे देखने लगी ।




    “ मासी मम्मी ठीक है ना आज ये हमसे पूछ रही है खाना आर्डर करने का “, मनराज ने कहा । वही पीया भी देखती रह गई ।




    “ मन पता नहीं वैसे तूने कुछ कहा तो नहीं न राधा को “, पीया ने कहा । मन ने भी ना में सिर हिला दिया ।




    “ अब बोलो भी क्या खाना है “, राधा ने कहा।




    “ हां हां छोले भटूरे दाल मखनी नान और बूंदी रायता “, पीया ने जल्दी से कहा । वही राधा उसे देखती रही ।




    “ ओके बूंदी रायता नहीं रत को दही नहीं खाना चाहिये अब चलेगा “, उसने कहा तो राधा ने हाँ में सिर हिला दिया । वही मनराज ने भी पिया का ही बोला तो राधा ने आर्डर कर दिया और तीनो बैठ कर कार्टून देखने लगे ।







    “ किशन चलो अब हमें भी जाना है । घर पर तुम्हारी मम्मी इंतजार कर रही है “, गौतम जी ने किशन के कैबिन में आते हुए कहा। वही किशन जो लैपटोप पर लगा था । वो उनके साथ चल दिया । अपने पापा के समने वो कुछ ज्यादा नहीं बोलता था। पर इसका मतलब ये नहीं के गौतम को उसकी बातों का नही पता था । हर पल की खबर थी उनके पास किशन की ।




    “ पापा मै अपनी गाड़ी से आया हूँ । आप “,चलो उसने कहा तो। गौतम उसे देखने लगे।




    “ ये गाड़ी यही रहेगी कल को तुम मेरे साथ आ जाना “, उन्होंने कहा तो किशन बिना कुछ बोले उनके साथ चल दिया । दोनों बाप बेटा पीछे की सीट पर बैठे हुए थे । वही ड्राइवर गाड़ी चलाए जा रा था।







    “ कल से तुम्हारी सेक्रटरी नहीं आ रही तो मेने इस बार नई को अपॉइंट करा है तुम्हारे लिए”, गौतम जी ने कहा तो किशन उनको देखने लगा वही । गौतम जी ने उसे देखा ।




    “ पुरा आफिस जनता है के तुम दोनो क्या करते हो”, उन्होंने कहा । किशन सामने देखने लगा उसके चेहरे पर गुसा साफ झलक रहा था।




    “ किशन अब तुम अठाइस के हो गए हो ऐसी कोइ जिम्मेदारी नहीं है जो तुमको पूरी करनी है । विराट की शादी पचीस में हो गयी थी । मेने तुमको कुछ नहीं कहा पर अब इन सब बातों पर लगाम लगाओ । आज घर में कुछ गेस्ट आये है उनसे मिलो बाते करो “, गौतम जी ने । कहा तो किशन उनको देखने लगा।




    “ प्लीज़ पापा मेने आपकी कोई बात नहीं काटी जो आप ने कहा वही करा बस मेरी रात है ।जिसे मै जैसे चाहू वैसे काटूं इस बात के लिए इ आपको पहले ही कहा था “, उसने कहा वही ड्राइवर जो उनकी बात सुन रहा था वो सामने देखने लगा । गौतम जी किशन को देखते रहे । और फिर बाहर देखने लगे ।




    “ एक रात पूरी जिंदगी बदल देती है “, उन्होंने मन ही मन कहा । कुछ देर मे वो घर पहुंचे तो यहाँ सच मे दो लोग बैठे हुए थे । जिनको देख किशन ने गौतम को देखा । और वो उनके साथ ही आकर बैठ गया सोफे पर । सामने बैठे लोगो में से एक मिस्टर राणा ही थे । जो आज आफिस में भी मिले थे । उनके पास बैठी लड़की जो के इस समय साडी में थी । जो बिलकुल सलीके से ली हुई वो किशन को देख रही थी। वही किशन उसे । दोनों हैरान थे एक दूसरे को देख कर ।




    ये कोई और नहीं कल रात वाली लड़की थी । किशन ने तो अपनी पलके झपकाई ही नहीं ।




    “ अरे राणा जी माफ़ी चाहते है के आपको इंतजार कराया “, गौतम ने कहा।




    “ कोई बात नहीं हम भी अभी आये है “, उन्होंने कहा । तभी एकतरफ से एक औरत आयी जीसके पीछे एक सर्वेंट चली आ रही थी । जिसके हाथ में ट्रे थी ।




    “ राणा भाई साहब अभी आये ही है तो आप भी आगये “, उसने वही आते हुए कहा । तो गौतम मुस्कुरा दिए वही वो सर्वेंट ट्रे रख कर चली गयी।







    “ ली जिए पानी”, उस औरत ने कहा।




    “ आप बैठे आंटी मै करती हूं”, उस लड़की ने कहा । तो किशन का मुहं भी खुला रह गया । वही उसने पानी का गिलास गौतम के आगे करा फिर अपने पापा के और उसके बाद किशन के तो किशन ने पानी का गिलास ले लिया और पीने लगा ।







    “ आप मिले नहीं है मेरे बेटे से मतलब के छोटे बेटे से। ये है किशन “, गौतम ने किशन को मिलाते हुए कहा। तो किशन ने स्माइल कर दी ।




    “ बिलकुल अपने नाम की तरफ ही सुंदर है आपका बेटा “, राणा ने कहा। और अपने पास बैठी लड़की को देख कर ।




    “ ये है मेरी एकलौती बाटी कशिश उन्होंने कहा। वही कशिश ने भी सब को नमस्ते की ।




    “ भाई साहब आपकी बेटी बहुत प्यारी है लेकिन आज आप अकेले आये है बहन जी कहाँ है “, किशन की मम्मी ने कहा । राणा कशिश देखने आपस में देखने लगे ।




    “ आंटी मम्मी को गुजरे हुए छः महीने हो गए है । बस हमने किसी को पता नहीं चलने दिया वो नही चाहती थी के लोग उनके नाम पर अफसोस करे “, कशिश ने कहा ।




    “ औ हमें माफ़ कीजिए भाई साहब हमें भी नहीं पता था । आप तो बाहर थे ना तो बस”, किशन की मम्मी ने कहा







    “ जी अंटी अभी महीना पहले ही हम आये है यहाँ पर । सारा काम तो चाचू ही देख रहे थे “, कशिश ने कहा । वही राणा जी ने उसके सिर पर हाथ रख दिया ।




    “ वैसे गौतम विराट और नैना नहीं दिख रहे कहाँ गए है “, राणा जी ने कहा ।




    “ आते ही होंगे दोनों अपने काम में लगे हुए है। कही कभी तो रात भर नही आते “, गौतम ने कहा ।




    “ ठीक है “, राणा ने कहा ।




    “ बच्चो जाओ दोनों घर देख लो और जान पहचान कर लो “, गौतम जी ने दोनो को देख कहा । तो किशन कशिश कोसदेखने लगा। वही कशिश अपने पापा को देख रही थी ।







    “ जाओ देखलो घर “, उन्होंने कहा ।







    “ चलो घर दिखाता हूँ “, किशन ने खड़े होते हुए कहा । वही कशिश उसके साथ चल दी । दोनों बाहर गार्डन की तरफ चल दिए थे । वही तीनो उनको देख मुस्कुरा रहे थे।







    “ जोड़ी तो अच्छी है भाई साहब । वैसे आपने क्या सोचा है “, किशन की मम्मी ने कहा। तो राणा जी उनको देखने लगे ।




    वही किशन कशिश को बाहर गार्डन की तरफ लेकर आ गया था । बाहर अब अंधेरा हो गया था




    “ तुम्हे देख कर लग नहीं रहा के कल रात तुमसे ही मुलाकात हुई है “, किशन ने कहा । तो कशिश उसे देखने लगी ।







    “ तुमको देख कर भी नहीं लग रहा कल रात तो तुम बहुत वाइल्ड थे और यहाँ रश तुम भिगी बिली बने हुए हो “, उसने कहा किशन उसे देखने लगा ।




    “ तो तुम भी इस समय इस साडी में देसी लग रही हो “, उसने कहा। कशिश उसे देखने लगी ।




    “ मै देसी हूँ “, उसने कहा तो किशन उसे देख आपने निचले होंठ को दांतो तले दबाते हुए।




    “ बिलकुल नहीं तीखी हॉट स्पाइसी मिर्च हो तुम “, उसने कहा । वही कशिश ने अपने पर्स में से पैसे निकाले और किशन के हाथ पर रख दिए ।




    “ ये मेरी किमत से ज्यादा नहीं है तुम अपने पास ही रखो “, उसने कहा किशन मुस्कुरा दिया। उसका हाथ कशिश की कमर पर चला गया। और खुद के करीब कर उसे देखने लगा ।







    “ पता है ना यहाँ पर क्या हो रहा है “, उसने कहा ।




    “ हाँ पता है यहाँ पर शादी की बात हो रही है। पर मुझे तुम से शादी नहीं करनी “, उसने गुस्से से कहा । किशन मुस्कुरा रहा था।




    “ तो मैं भी कोनसा मरा जा रहा हूँ । वैसे भी जो शादी के बाद होना था वो हो चूका हमारे बीच “, उसने कहा कशिश उसे देखती रही।




    “ अब छोड़ो मुझे “, उसने कहा ।




    “ बस एक बात बताओ तुम सेटिस्फाई तो हुई थी ना “, उसने कहा तो कशिश उसे देखने लगी । बोलो उसने कहा, तो कशाश का हाथ उसके सीने पर आ गया ।




    “ वैसे एक बात तो है तुम हो कमाल के “, उसने कहा । तो किशन मुस्कुरा दिया ।







    “ मुझे भी ये शादी नहीं करनी तुम मना कर दो ।




    “ उसने कशिश को छोड़ते हुए कहा। तो कशिश उसे देखने लगी ।




    “ तुम कहोगे मैं नही “, कशिश ने कहा ।







    रब राख




    क्या कशिश और किशन की शादी हो जायेगी जा दोनो इसी तरह से रहेंगे। क्या राधा मनराज के बारे में सब को बतायेगी तो कब जानने के लिए बने रहे साथ।

  • 7. Beloved Enemy - Chapter 7

    Words: 1402

    Estimated Reading Time: 9 min

    “ तुम मना करोगे में नहीं “, कशीश ने कहा । वही किशन उसे देख रहा था । उसके चेहरे पर हल्की सी स्माइल थी । कशीश को देख कर । कशिश उसे देख चारों तरफ देखने लगी । तभी उसकी नजर सामने चली गयी यहाँ पर ग्लास वाल दिख रही थी ।



    “ अरे ये इतना बड़ा कांच किस लिए”, उसने कहा तो किशन सामने देखने लगा ।



    “ तुमको देखना है “, उसने कहा ।



    “ हाँ देखना है “, कशिश ने कहा । 



    “ ठीक है पर उसे दिखने के बदले कुछ देना होगा तुमको “, किशन ने कहा ।वही कशिश उसे देखने लगी ।



    “ अच्छा चलो दिखाओ “, उसने कहा तो किशन उसे देखते हुए आगे बढ़ गया वही कशिश के चेहरे पर मुस्कान आगयी और वो उसके पीछे पीछे चल दी ।



    ये जो सामने बड़ा सा शीशा दिख रहा था वो असल मे किशन का ही रूम था जो बाहर से कांच की तरफ ही दिखता था । किशन ने आगे बढ़ उस कांच को एक तरफ से खोला तो वो दरवाजे की तरह खुल गया। वही कशिश देखती रही ।



    “ ये रूम है “, कशिश ने हैरानी से कहा । 



    “ अंदर आओ “, किशन ने कहा और आगे बढ़ गया । वही कशिश अंदर आयी तो सामने का नजारा देखने लगी । यहाँ पर यहां एक तरफ जिम थी वही एक तरफ बार कॉर्नर भी । बीचो बीच एक सोफा लगा हुआ था ।षऔर बेहद सूंदर सादे तरीके से था ये रूम ।



    “ क्या बात है उम्मीद नहीं थी के कांच के पीछे ये सब होगा “, कशिश ने कहा । वही किशन जो उसे देख रहा था वो मुस्कुरा रकर अपना पहना कोट उतार एक तरफ सोफे पर रख अपना फोन देखने लगा ।



    “ तो तूमने यहाँ पर पसीना बहा कर बॉडी बनाई है “, मीरा ने जिम में देखते हुए कहा । यहाँ पर वो ट्रेडमील के पास खड़ी देख रही थी । इम्प्रेसिव उसने कहा । किशन जो उसे देख रहा था। वो अपना फोन वही सोफे पर रख उसकी तरफ बड गया और कशिश के पीछे आकर खड़ा हो गया । कशिश पलट कर उसे देखने लगी।



    “ तो क्या सोचा है “, उसने कहा 





    “ मेरी ना है “, कशिश ने कहा । किशन उसे देखने लगा । 



    “ अच्छा पर किस लिए “, उसने कहा।



    “ रूम तो है पर यहाँ पर बेड नहीं है “, कशिश ने कहा। वही किशन मुस्कुरा दिया और कशिश की कमर को पकड़ अपने करीब करते हुए ।



    “ वो भी आजयेग उस से पहले ये बताओ के इस रूम को देखने के बदले क्या दोगी अब “, किशन ने कहा जिसकी सांसे कशिश के चेहरे पर पड रही थी। वही कशिश उसकी आँखों को देख रही थी ।

     उसकी भी सांसे भारी हो रही थी ।





    “ क्या चाहिए तुमको “, उसने कहा वही किशन जो उसको देख रहा था उसके हल्के से झुक कर कशिश के लबों को अपने क़ब्ज़े में ले लिआ और उसे बेतहाशा चूमने लगा । वही कशिश के हाथ उसके बालों में चलने लगे थे। वो भी उसका पूरा साथ दे रही थी। किशन के हाथ उसकी कमर पर कसे हुए थे। और वो उसी पर झुका हुआ था । जिस वजह से कशिश भी पीछे की तरफ झुकी हुई थी । किशन का चुम्बन बेहद वाइड था जिसे अब कशिश के लिए संभालना मुश्किल हो रहा था पर फिर भी उसके चेहरे पर मुस्कान थी ।



    कुछ देर में कशिश के हाथ किशन के सीने पर टेब करने लगे तो किशन ने कशिश से खुद की दूरी बना कर उसे देखने लगा । जो गहरी गहरी साँस लेने लगा थी । वही किशन का एक हाथ अभी भी उसकी कमर पर था और दूसरे हाथ से अपने बाल पीछे की तरफ कर छत को देखते हुए गहरी साँस लेने लगा।



     उसके चेरे पर इस समय बेहद ही अट्रेक्टिव मुस्कान थी । उसने कशिश को देखा “ यु डैम गुड “, उसने कहा वही कशिश उसे देखने लगी । जिसकी आँखों में भी भी मदहोशी थी। तभी उसका फोन बजने लगा तो कशिश ने अपने पर्स से फोन निकाल कान से लगा लिया । दूसरी तरफ से उसके पापा थे तो कशिश किशन को देखते हुए ।



    “ पापा बस आ रहे है हम “, उसने कहा ।



    “ ठीक है “, पापा ने कहा और फोन कट गया । वही कशिश किशन को देखती रही। किशन भी उसे ही देख रहा था । 





    “ बहुत कमीने हो तुम “, उसने कहा और किशन से दूर होने लगी । पर किशन ने वापस से उसे अपनी तरफ खिंचा और एकबार फिर दोनों एकदूसरे में खोने लगे तभी कशिश किशन के होंठों पर हाथ रखते हुए ।





    “ नहीं “, उसने कहा और किशन को देखने लगी ।



    “ हम शादी नहीं कर रहे तो ये भी नहीं । कल रत जो हुआ हम दोनों को पता है के हमारे बीच पहली बार नहीं हुआ , तो बात यही खत्म्म करते है “, कशिश ने कहा किशन ने उसकी कमर से हाथ हटा लिए और पीछे की तरफ कदम बड़ा दिए । वही कशिश उसे देखने लगी।





    “ चलो सब हमारा वेट कर रहे है “, उसने कहा और जिम से वापस उसी दरवाजे की तरफ आगयी यहाँ से वो अंदर आये थे । तो किशन भी उसके पीछे पीछे आ गया ।



    “ अरे आगये तुम दोनों चलो आओ खाना लग गया “, किशन की मम्मी ने कहा वही दोनों आकर अपने अपने पापा के पास टेबल पर बैठ गए । और सर्वेंट ने खाना सर्व कर दिया । 





    “ बहुत अच्छा लगा आप सब से मिल कर “, राणा साहब ने कहा तो सेहगल साहिब जी भी मुस्कुरा दिए ।





    “ चलो कशिश अब हम चले वैसे भी अब दस बज गए है “, उन्होंने कहा वही कशिश ने भी बाये की । किशन उसे ही देख रहा था हसजो उसे देख जाकर गाड़ी में बैठ गयी । वही किशन की नजरें उसी पर थी । गाड़ी आगे बड़ी कशिश ने किशन को देखा और मुस्कुरा दी वही किशन जो उसे देख रहा था उसके चेहरे पर भी मुस्कान आगयी ।



    “ चलो तुम दोनों “, मिस्टर सेहगल ने कहा और अंदर आ गये । किशन आपने रूम की तरफ चल दिया । यहाँ आकर वो सीढ़ियां चढ़ अपने रूम में आकर शीशे के सामने खड़ा हो कर खुद को देखने लगा ।





    “ वैसे बात तो है किशन में तभी तो हर लड़की उस पर फ़िदा होती है “, किशन शीशे में खुद को देख कहा और मुस्कुराने लगा ।





     राधा ने मनरज को सुला दिया था और खुद अपने काम में लगी थी ये काम उसे आज खत्म करना था क्यूंकि कल से वो पिया के साथ सेहगल के होटल्स में जाने वाली थी । यहाँ पर अभी काम चल रहा था वहां के इंटरियर डजाइन के लिए । इस लिए वो पहले का काम खत्म करना चहती थी ।वो अपने लैपटोप पर काम कर थी । तभी उसका फोन बजने लगा जो आशु का था ।





     “ आशु सर का फोन “, राधा ने कहा और समय देखा रात के ग्यारह बज रहे थे । उसने हैरान सी ने फोन कान से लगा लिया ।



    “ हेलो सर “, उसने कहा । 



    राधा वो पिया से बात करनी थी क्या वो सो रही है क्या । मेने उसे वरमास हॉउस के कलर थीम के बारे में कहा था मुझे कल सब बताना है । पर वो फोन नहीं उठा रही ना ही उसने कोई मेल दी है “, आशु की आवाज आयी ।





    “ सर में देखती हूँ “, कहते हुए राधा उठी और पीया के रूम की तरफ चल दी उसने दरवाजा खोला तो देखा पिया सो रही थी ।



    “ जी सर वो सो रही है “, राधा ने कहा ।



    “ ठीक है “, आशु ने कहा और फोन काट दिया । वही राधा हैरान सी फोन देखती रह गयी ।



    “ ये क्या था “, उसने कहा। और पीया को देख वो वापस जाने लगी । लेकिन वो किचन की तरफ चल दी। यहाँ आकर उसने अपने लिए एक कोफ़ी बनाई और वापस अपने रूम की तरफ चल दी यहाँ जाकर वो अपने काम में लग गयी ।







    किशन जैसा लड़का कभी किसी एक पर रूक सकत है । क्या होगा जब राधा काम के चलते सेहगल ऑफिस में काम करेगी । कैसे होगा दोनो का आमना सामना ।जानने के लिए बने रहे साथ 

  • 8. Beloved Enemy - Chapter 8

    Words: 1536

    Estimated Reading Time: 10 min

    राधा वापस अपने रूम में आकर काम करने लगी । उसका साथ उसकी कॉफ़ी दे रही थी । वही किशन अपने बैड पर बैठा हुआ फोन को देख रहा था । यहाँ पर वो किसी से चैट कर रहा था । और कुछ देर में फोन रख वो लेट गया।  





    “ क्या जी आज भी वो दोनों नहीं आये गौतम “, किशन की माँ जो शीशे के सामने बैठी अपने हाथों पर क्रीम लगा रही थी। उसने कहा । वही गौतम जो बैड पर बैठा हुआ था वो उसे देखने लगा ।



    “ अनुपमा पता तो है ना बच्चे अपना फ्यूचर बना रहे है तो इस में डरने की बात क्या है। वैसे भी यहाँ आकर समय खराब करने से तो अच्छा है ना के काम पर ध्यान दे “, उन्होंने कहा ।





    “ कैसे बाप है आप आपका बेटा बहू दो दिन से घर नहीं आये है। और आप बिजनेस के बारे में बोल रहे है “, अनुपमा ने कहा और उठ कर बैड पर बैठ गयी । गौतम उनको देखने लगे ।



    “ ये बिजनेस और एसे ही होता है । मेने इतने सालो में खड़ा करा है । ये भी तो ऐसे ही करा है । तुमको तो सब पता है हम दनो साथ ही तो रहते थे । दोनों बच्चे कोतो मम्मी पापा देखते थे “, गौतम ने कहा । तो अनुपमा उनको देखने लगी ।  



    “ पर वो जमाना अलग था अब बाहत कुछ बदल गया है “, 



       “ नहीं अनुपमा कुछ नहीं बदला अगर काम करना है तो अपनो का मोह छोड़ना होगा । हमने भी छोड़ा था अपने दोनों बच्चों का मोह । तभी तो यहाँ तक अपने काम को ला पाए है के आज हमें जानने वालो की कमी नहीं है और मेरे बच्चे भी ऐसे काम करेंगे तो ये सब उनका ही है इस बिजनेस को बडाना उनका काम है “, उन्होंने कहा । उनके चेहरे पर इस समय एक मान की बात थी जा अंहकार । 



    “ पर हमने बहुत कुछ खोया है , गौतम हमारे दोनों बच्चों का बचपन हमने खो दिया । बस पांच साल ही तो हुए है साथ रहते हुए । विराट की शादी की है और किशन के बारे में आप अब जानते है वो कैसा है । उनकी अच्छी देने की जिम्मेदार खो दी है हमने । आपने बच्चों को समझे नहीं है हम “, अनुपमा ने कहा । इस बार गौतम की आँखों में गुस्सा था। 



    “ बस अनुपमा बहुत हुआ कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है । और हमने बहुत कुछ पाया है। तुमने मेरा इतना साथ दिया के मेने कभी पीछे मूड कर नहीं देखा और मै नहीं चाहता के मेरे दोनों बच्चे अपना नाम कमाने के लिए मुझ पर निर्भर रहे। षअगर वो चाहते है तो जरूर में उनका स्पॉट करूंगा । वैसे भी घर पर सास बहु का ड्रामा तो नहीं होता ना तो खुश रहो “, उन्होंने कहा तो अनुपमा उनको देखने लगी ।



    “ मेने अपनी जिंदगी के बीस साल आपके नाम किये है । पर काभी मुझे इस बात के लिए आपने गले से नहीं लगाया बस काम काम काम । किशन आठ साल का था जब उसे छोड़ आपके साथ घूमने लगी थी । ता के आप आगे बड़े लेकिन आपने कभी नहीं सोचा के एच माँ पर क्या बीतती होगी अपने बच्चो से दूर रह कर “, उन्होंने कहा तो गौतम जो उनको देख रहे थे उन्होंने गुस्से में आकर अनुपमा की कलाई पकड ली।



    “ बस अनुपमा बहुत हो गया अब बस और हाँ ये जो भी तुमने कहा वो तुम्हारा फर्ज था पत्नी हो तुम तो पति की बाते मन्ना तुम्हारा काम है । आज फिर से उन बातों के लेकर मत बैठो जिनको में भूलने की कोशिश कर रहा हु “, अनुपमा मुस्कुरा दी ।



    “ हम्म पत्नी हूँ इसी लिए मेरे हिसे का प्यार बाहर देने लगे है “, उन्होंने कहा वही गौतम ने उनकी कलाई छोठ दी तो वो चुप सी करवट लेकर लेट गयी । वही गौतम उनको देखन लगे ।



    “ अब तुम पहले जैसी नहीं रही घर घरहसती में रहने लगी हो । मेरे साथ जाना ही छोड़ दिया तुमने “, गौतम ने कहा ।



    “ हाँ जाना छोड़ दिया क्यूंकि अब में तंग आगयी हूँ आपके बिजनेस पार्टनर्स के साथ बैठते हुए । जो बात करने के बहाने गलत तरह से छूते है “, उन्होंने कहा वही गौतम उनको घूरने लगा और एक तरफ टेबल पडे लेम्प को हाथ मार कर गिरा दिया ।



    “ बस जुबान चलवा लो तुमसे “, कहते हुए वो उठे और बाहर निकल गए । अनुपमा चुप सी लेटी रही । 



    अगली सुबह 





    “ पीया सब तैयार है तुम भी तैयार हो जाओ अब “, राधा ने कहा तो पिया उसे देखने लगी।  



    “ हां बस मान के बाल करदूँ “, कहते हुए पीया मनराज के बाल बनाने लगी । वही राधा ने अपना बैग तैयार करे और रखे । खुद मनराज के पास आगयी ।



    “ तू जा आपने काम कर अपने बाल बना चल “, उसने कहा । तो पीया चल दी वही राधा मनराज के बाल बना के उसे देखने लगी ।





    “ मम्मी का प्यारा बेटा “, उसने कहा तो मन खुश हो गया। 



    “ अच्छा मान आज पता है ना तुम्हारे टेस्ट है । फर्स्ट क्लास में आगये हो इस बार और देखो सब अच्छे से करना “, राधा ने कहा ।



    “ हां मम्मा सब अच्छे से करूँगा “, उसने कहा । 



    “ ठीक है बस अब तुम्हारी मोसी आ जाये फिर हम भी निकलते है “, राधा ने कहा और वही बैठ गयी । पीया भी तैयार हो कर आयी और सब निकाल गए ।



    “ किशन इस समय अपनी जिम मे लगा हुआ था । यहाँ वो खूब पसीना बहा रहा था । ट्रेडमील पर भाग रहा था वो 

     कानो में हेडफोन लगे हुए थे जिसे वो सुन रहा था । उसकी इस जिम में सब से ज्यादा समय वो ट्रेडमील पर ही बीताता था ।  



     उसकी ट्रेडमिल की सक्रेन पर पचास किलोमीटर पुरे हो गए थे । जिसे देख कर किशन ने अपनी स्पीड कम की और फिर रुक गया । वो वहां से हट कर । पीछे के स्टेण्ड पर पड़े अपने टॉवल को उठा अपना मुहं साफ करने लगा । तभी उसके चेहरे पर मुस्कान आगयी और सिर हिलाने लगा । और फिर उस खूली जगह जो सोफे के पास थी वहां आकर नाचने लगा । उसके हेड फोन पर कोई गीत चल रहा था उसके पैर की मूवमेंट बहुत कमाल की थी । तभी वो हल्का सा आगे जाकर एक सलिप मारता है । साथ ही अपने हाथ खोलता है और फिर से वो वही पैरों की मूवमेंट करने लगता है । तभी उसके रूम का दरवाजा खुला और अनुपमा अंदर आई जिसके हाथ में एक बोतल थी । किशन अपनी मम्मी को देख खड़ा हो गया और अपने हेडफोन उतार कर कर देखने लगा ।



    “ क्या हुआ अच्छा डांस कर रहे हो करो न “, उन्होंने कहा तो किशन देखने लगा ।



    “ नहीं मेरा मन नहीं “, उसने कहा अनुपमा देखने लगी । और फिर पानी की बोतल उसके आगे करदी ।



    “ लो तुम्हारा पानी “, उन्होंने कहा तो किशन ने पानी लिया और अपने रूम मै जाने लगा ।



    “ किशन बात तो करो “, अनुपमा ने कहा तो किशन ने उनको देखा ।



    “ बात है ही नहीं कोई वैसे भी कल रात सब के सामने अच्छा बेटा होने का फर्ज निभा दिया अब मुझे जाना है तो तैयार भी होना है “, उसने कहा और चला गया । वही अनुपमा देखती रह गयी ।षऔर चुप सी वापस चली गयी ।ष वही किशन रूम में आया और चुप सा बैठ गया । फिर अपनी पानी की बोतल को देखने लगा जो उसकी मम्मी ने दी थी । और उसे खोल कर पिमीने लग । तभी उसके फोन पर नोटिफिकेशन आयी । जिसे देखने लगा और उसके चेहरे पर मुस्कान आगयी ।



    “ कशिश “, उसने कहा ।



     राधा पिया दोनों आफिस पहुंची यहाँ पर उनके साथ और भी कलीग्स थे सब ने एकदूसरे को हेलो की और अपने अपने डेस्क पर बैठ काम करने लगी । वही राधा ने अपना रात का काम पूरा कर लिया था । और पिया भी अपने काम मे लग गयी थी ।तभी एक लड़का आया।



    “ दी सर आप दोनों को बुला रहे है “, उसने कहा तो राधा पिया दोनों उठ कर चल दी । आशु दोनों को देख रहा था ।



    “ ठीक है आज बारह बजे तुम दोनों सहगल बिल्डिंग में पहुँच जाना यहाँ पर वो तुमको अपने हॉटल प्रोजेक्ट के बारे में बताएंगे देख लेना तुम दोनों “, आशु ने कहा तो राधा पिया ने हाँ में सिर हिला दिया । ठीक है आशू ने कहा वही दोनो जाने लगी



    " अच्छा राधा वो जो प्रोजेक्ट रह रहे थे वो कब तक पूूर हो जायेगे ", आशू ने कहा । 



    " सर लगभग सब हो गया है बस दो रह गये है जिनके डिजाइन छः महीने बाद जाने है",  उसने कहा ।

    " ठीक है वो भी तैयार कर देना ", आशू ने कहा तो दोनो बाहर आ गई।  







    क्या होगा जब राधा सेहगिल बिल्डिंग जायेगी । क्या किशन से उसका सामना होगा। वही क्या राज है सेहगिल परिवार का जानने के लिए बने रहे साथ। 

  • 9. Beloved Enemy - Chapter 9

    Words: 1349

    Estimated Reading Time: 9 min

    पीया राधा आशु के केबिन से बाहर निकल कर वापस अपने डेस्क पर आगयी .



    “ हाँ यार तूने वो वर्मा का काम करा नहीं है क्या “, राधा ने पिया से कहा तो पिया उसे देखने लगी । दोनों अपनी अपनी कुर्सी पर बैठ गई थी ।



    “ हाँ कर दिया और सर को सेंड भी कर दिया आज उनकी मीटिंग है ना वर्मा के साथ “, उसने कहा तो । राधा उसे देखती रह गयी ।





    “ क्या हुआ कोई बात है क्या “, पीया ने कहा। 

    “ नहीं बस ऐसे ही पुछा “, उसने कहा तो पिया मुस्कुरा दी ।



    “ मुझे पता है तू यही कहेगी के अपने सारे काम खत्म कर ले तो बस मेने पहले ही कर लिए थे सब काम खत्म तुम्हारे कहने से पहले “, पिया ने कहा तो राधा ने हाँ में सिर हिला दिया । किशन भी घर से निकल चुका था उसे आज पहले अपने भाई के यहाँ जाना था । जो प्रोजेक्ट उसने शुरू करा थे उसे देखना था । वैसे तो उसका कोई काम नहीं था । उसे तो अपने पापा का काम देखना था । पर इस समय वो चल दिया था उसी तरफ । 



     किशन ने अपनी गाड़ी खड़ी की और सामने देखने लगा यहाँ पर रेजीडेंस होटल नाम लिखा हुआ था । एक बिल्डिंग पर जो के कुछ दस मंजिल के करीब लग रही थी । किशन गाड़ी से बाहर निकला और चाबी अपनी उँगलियों पर घूमते हुए चल दिया। बिल्डिंग के बाहर का काम खत्म ही था जो भी काम था वो अंदर का था जिसे वो देखने के लिए आया था ।



    “ हाय भाभी “, किशन ने कहा तो सामने खड़ी लड़की जो इस समय साडी में थी और बाल खुले थे हल्के मेकअप के साथ वो किशन को देखने लगी । और मुस्कुरा दी ।



     “ हाये “, किशन उसने कहा वही दोनो एक दूसरे के गले मिले ।



    “ क्या बात है यहाँ पर तो अपने बहुत काम कर लिया है “, किशन ने चारों तरफ देखते हुए कहा । वही उसकी भाभी उसे देखने लगी ।



    “ बस अब इंटीरियर का रह गया है जिसके लिए आज कोई आने वाला है। अबीर ने बताया था के आज दो लड़कियां आने वाली है सब देखने “, उसने कहा ।



    “ हाँ कल ही उनके साथ कॉन्ट्रेक्ट बने है मुझे भी पता चला वैसे भाई कहाँ है “, किशन ने कहा हवो आते हो गे सबसे ऊपर के दो फ्लोर यहाँ पर VVIP रूम है उन फ्लोर को सीलिंग और बाकि काम देख रहे है । वही है जो क रह गया है उसे देख रहे है ।बाकि पूरा हो गया है “, उसने कहा ।



    “ तो ठीक है में मिलकर आता हूँ आप अपना काम करो “, उसने कहा तो भाभी ने हाँ में सिर हिला दिया । किशन चल दिया आगे यहां उसे अपने भाई से मिलना था । वो लिफ्ट से होते हुए आठवे फ्लोर पर पहुंचा। और वहा का सब देखने लगा ये । फ्लोर VIP फ्लोर था । अभि उपर लिफ्ट पर कम चल रहा था । तो यही तक आ सकते थे । किशन आगे बड जाने लगा और सब देखने लगा। यहाँ पर बहुत काम हो गया था और बहुत सा काम बाकि था । वो चलते हुए आगे बढ़ रहा था तभी उसे सामने से अपना भाई आते हुए दिखा। जिसे देख वो मुस्कुराने लगा ।



    “ भाई “, उसने कहा वही सामने से आ रहा लड़का भी उसे देख मुस्कुरा दिया और आगे बढ़ उसके गले से लग गया ।



    “ कैसा है तू “, उसने कहा । वही किशन उसके गले से लगे हुए। 



    “ आप दो दिन से घर नही आये है क्या बात है “, उसने कहा। वही विराट उसका भाई उसे देखने लगा ।



    “ हाँ देर रात तक तो काम ही चलता है तो सोने ही जाने से अच्छा यही पर रह लेते है वैसे हमने अपना रूम बना लिया है यहाँ पर “, उसने कहा ।



    “ तो आप अलग हो गए है हमसे “, किशन ने कहा ।षतो विराट उसे देखने लगा  



    “ चल मेरे साथ नैना के साथ बैठते है चाय पीतू है “, उसने कहा तो किशन उसके साथ वापस नीचे की तरफ चल दिया ।





    “ अबीर नहीं आया “, उसने कहा तो विराट उसे देखने लगा ।



    “ नहीं आने वाला है वो भी तो साथ ही रहता है वैसे बहुत मेहनती है वो “, विराट ने कहा हषतो किशन ने सिर हिला दिया ।दोनों वापस लिफ्ट में आये और चल दिए निचे की और ।



    “ चल पिया हमें जाना है दस बज रहे है यहाँ जाना है वो जगफ दो घंटे की दूरी पर है “, राधा ने कहा तो पिया अपना सामान समेटते हुए। 



    “ ठीक है चल”, उसने कहा और दोनों अपना अपना सामना लेकर चल दी। 





    “ यार कितनी दूर जाना है हमें उस के बाद काम कर वापस यहाँ आना होगा “, पीया ने कहा । दोनों औटो में बैठी जा रही थी ।



    “ हाँ ये तो है इस लिए हमे सब करना है वसे मुझे समझ नहीं आये के हमें तो सेहगिल कंपनी के लिए काम करना था । जो के कॉन्स्ट्रक्शन संभालती है और अपने आगे भी काम को बड़ा रही है पर ये सेहगिल होटल्स समझ नहीं आया। ये तो दो साल से बन रहा है अभी तक कंप्लीट नही हुआ क्या “, उसने कहा । 



    “ पता नहीं “, पिया ने बाहर देखते हुए कहा । वही राधा ने अपने हाथ में पहनी घड़ी देखी जिस पर ग्यारह बज रहे थे ।

    “ गर्मी बहुत हो गयी है अब तो “,उसने कहा और अपने पर्स से पानी की बोतल निकाल वो पानी पिने लगी ।



    “ लो भाई यहां बैठे बैठे ही बारह बज गए है अब तो जाना है ।वर्ना पापा बोलने लग जायेंगे “, किशन ने कहा । जो अपने भाई भाभी के पास बैठा था ।



    “ ठीक है जाओ और हाँ अब काम पर ध्यान लगा दो शादी होने वाली है तुम्हारी “,विराट ने कहा तो किशन उसे देखने लगा ।



    “ मुझे नहीं करनी शादी “, उसने कहा और चल दिया । वही विराट उसके साथ आते हुए ।



    “ चल दोनों चलते है “, उसने कहा और दोनों भी चल दिए। वही नैना किशन की भाभी अपना काम देखने लगी जो के यहाँ पर जो भी स्टाफ हायर करा जा रहा था उसे देख रही थी वो एकतरह से सब ऑर्गेनाइज कर रही थी   





    “ देख किशन जो होना था हो गया अब तू समझ जा और हाँ मम्मी से अच्छे से बात किया कर “, विराट ने कहा । दोनों भाई बाहर किशन की गाड़ी के पास खड़े थे ।



    “ भाई मुझ मत बताओ “, उसने कहा तो विराट देखने लगा ।



    “ तो कब तक ऐसे रहेगा । शादी कर घर बसा देख बाहर अच्छा लगता है किसी एक पर ठहर जा अब तू “, उसने कहा तो किशन सिर हिला अपनी गाड़ी का दरवाजा खोलने लगा के विराट ने उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया   



    “ कशिश अच्छी है मिला हूँ मै उस से “, विराट ने कहा तो किशन उसे देखने लगा ।



    “ एक बार उसे देख समझ और बात आगे कर “, उसने कहा और अपना हाथ किशन के हाथ से हटा लिया वही। किशा ने हाँ में सिर हिला दिया । और गाड़ी का दरवाजा खोल बैठने लगा । के तभी सड़क के किनारे एक ऑटो आकर खड़ी हूई जिस में से दो लड़कियां निकली। किशन उनको देखने लगा जिस में से एक जींस के साथ कुर्ती पेहनी हुई थी । बाल कंधे तक के थे । जिसकी पीठ उसकी तरफ थी वही दूसरी लड़की ने पैसे दिए ।





    “ चल मिलता हूँ “, विराट ने कहा तो किशन ने उसे देख हाँ में सिर हिला दिया और गाड़ी में बैठ सामने देखा तो वो दोनों लड़कियाँ आगे चल दी थी । वही उसना गाड़ी आगे बड़ा दी ।



    क्या होगा जब होगा किशन राधा का आमना सामना । कैसे देखेंगे दोनो एक दूसरे को । क्या राधा इस हॉटल में पहले भी आई है । जानने के लिए बने रहे साथ।  

  • 10. Beloved Enemy - Chapter 10

    Words: 1127

    Estimated Reading Time: 7 min

    किशन आगे बड गया वही विराट वापस अंदर आ गया । यहाँ पर पीया राधा खड़ी देख रही सब देख रही थी , तभी विराट उनके पास आकर दोनों को देखने लगा। 



    “ जी कहे “, उसने कहा तो दोनो उसे देखने लगी। 



    “ हम Dreamers dream से आयी है आज यहाँ पर हमें इंटीरियर डिजाइन और कलर एनालिस्ट के लिए बुलाया है “, राधा ने कहा । वही विराट दोनों को देखता रह गय ।



    “ तुम दोनों हो वो जिन को पापा ने चुना है “, उसने कहा । तो राधा पिया एकदूसरे को देखने लगी ।



    “ अरे बुरा मत मानो मुझे लगा के कोई अच्छी उम्र की लेडीज होगी । पर तूभ दोनो तो बहुत छोटी हो उमर में ।” उसने कहा दोनों उसे देखती रही ।



    “ ओके मेरा नाम विराट सेहगिल है “, उसने अपना हाथ आगे कर कहा तो राधा ने उसे हाथ मिलाया और मुस्कुरा दी ।



    “ हेलो सर वैसे आपको एक बार हमारा काम देख लेना चाहिए उसके बाद आप अपना ओपिनीयन हमें दे सकते है “, उसने कहा वही विराट मुस्कुरा दिया ।



    “ ठीक है चलो मै खुद सब बताता हूँ उसके बाद देख लो और मुझे सब बता दे देना । तुम दोनों के पास दो दिन है अपने काम को मुझे दिखाने के लिए “, उसने कहा । तो राधा ने हा में सिर हिला दिया । दोनों विराट के साथ चल दी यहाँ विराट उनको अपने वी वी आईपी फ्लोर पर ले आया । राधा पिया दोनों ने अपने देब आपने हाथ में संभाल लिए और विराट से बात करते हुए उनको एक बात पता चली के यहाँ पर इंटीरियर ऐसा हो के जो देखने बहुत आलिशान लगे पर उतना ही कम हो मॉडर्न का सब चाहिए थे ,जिसे दोनों ने अच्छे से समझा और अपने टेब पर फोटो लेने लगी । यहाँ पिया का कलर एनालिस्ट का काम था । 





    किशन जो सीधा अपने आफिस आया था वो अपने पापा के साथ एक मीटिंग में था । यहाँ पर उसके पापा का असिस्टेंट अपनी प्रेजन्टेशन दे रहा था । सब उसे सुनदेख रहे थे वही किशन के हाथ मे फोन था जिसे वो देख रहा था और चैट कर रहा था । उसके चेहरे पर दिलकश मुसकान थी ।



    “ किशन बस करो “, गौतम ने कहा तो किशन उनको देखने लगा और चुप सा रहा।  



    “ मिस्टर सेहगिल हमें ये प्रेज़न्टेशन बहूत अच्छी लगी है।आप इस का ब्लू प्रिंट तैयार करो वैसे भी छः महीने से इस पर चल रही सभी बाते अब हमरे हक मे है हमें इजाजत मिल गयी । इस प्रोजेक्ट को शूरू करने की । तो हम चाहते है के इस पर महीने के अंदर ही काम शुरू हो जाये । तो आप इस यूनिवर्सिटी के सभी ब्लूप्रिंट बना कर दे । और काम को जल्द से जल्द शुरू करने की तैयारी कर”, सामने वाली टीम ने कहा ।





    “ बुल्कुल हम अपना काम शुरू कर रहे है”, मिस्टर सहगील ने कहा । वही सामने के आदमी ने उनसे हाथ मिलाया । किशन जो ये सब देख रहा था हषवो अपने पापा को देख कर । 



    “ पापा मुझे अब जाना है “, उसने कहा तो वो उसे देखने लगे ।



    “ बहुत जरुरी है “, उसने कहा । वही गौतम ने हाँ में सिर हिला दिया । तो किशन वहां से चला गया , गौतम की नजरे उसी पर थी। जब तक के उसके असिस्टेंट ने उसे सर नहीं कहा । वही किशन ने वापस से अपनी गाड़ी संभाली और चल दिया । अब उसका रुख था कशिश को मिलने का जिसने उसे बुलाया था । कल रात से वो कशिश से ही चैटिंग कर रहा था । और आज शाम को दोनों फिर से मिलने वाले थे जिसके लिए वो बहुत एक्साइट्ड था कुछ ही देर में किशन एक कैफे के सामने खड़ा था । यहाँ पर उसे कशिश ने बुलाया था।



      किशन अंदर आया यहाँ पर बहुत ही सकून वाला माहौल था । ज्यादा लोग नहीं थे । कुछ कपल बैठे हुए थे । जिनको वो देख रहा था । तभी उसकी नजर कशिश पर गयी । जो उसे ही देख रही थी । जिसे देख वो आगे बढ़ गया । कशिश उसे देख खड़ी हो गयी ।





    “ कैसे हो “, उसने कहा वही किशन उसे देख रहा था ।



    “ बहुत अच्छा “, उसने कहा ।



    “ बैठो “, कशिश ने कहा और दोनों बैठ गए । 



    “ वैसे ये जगह अच्छी है “, उसने कहा । तो कशिश उसे देख्ने लगी ।



    “ बहुत अच्छी है सकून है यहाँ पर “, उसने कहा । किशन उसे देखने लगा । आज कशिश मैक्सी ड्रेस में थी जिसके साथ उसने जींस पहनी थी । बाल खुले हुए थे चेहरे पर हल्का सा मेकअप और पैरों में हील ।



    “ क्या देख रहे हो “, उसने कहा तो किशन उसे देखते हुए ।



     “ अच्छी लग रही हो “, उसने कहा वही कशिश उसे देखती रही ।।



    “ तो मेने इस लिये बुलाया है के तुमको सब बात बता दूँ “, उसने कहा । वही किशन उसे देखने लगा।



    “ हाँ बोलो क्या बताना है “, उसने कहा ।



    तब तक लड़का दो कप कॉफी उनके टेबल पर रख गया तो कशिश अपना कप अपने आगे करते हुए ।



    “ बात बस इतनी है के हम दोनों ही इस शादी के खिलाफ है । पर हमारे पेरेंट्स नहीं मान रहे । मेने अपने पापा को बताने की कोशिश की पर में बता नहीं पाई ,तुम्हारे पेरेंट्स को देख लगता है के वो भी अपनी ही करने वाले है “, उसने कहा वही किशन उसे देख रहा था ।



    “ तो अब क्या करना है “, उसने कहा और अपना कोफ़ी कप उठा मुहं से लगा लिया । 



    “ करना कुछ नै है कुश दिन एकसाथ बिताते है समझते है एक दूसरे को अगर फिर भी हम नहीं समझे एकदूसरे को तो हम बता देंगे के जो भी हो पर हम ये शादी नही कर सकते “, उसने कहा। किशन उसे देखता रहा ।



    “ और मा लो हम एकदूसरे को समझने लगे फिर “, किशन ने कहा । और अपना कप मुहं से लगा लिया ।



     कशिश उसे देखने लगी उसके होंठों पर मुस्कान थी। दोनों की आंखे एकदुसरे पर ही टिकी हुई थी मानो एकदूसरे की हाँ कहने के इन्तजार में हो ।



    “ मुझे कोई हिचकिचाहट नहीं होगी “, कशिश ने कप टेबल पर रखते हुए । कहा वही किशन ने अपना कप टेबल पर रखा और कुर्सी की बैक से लग कशिश को देख मुस्कुराने लगा दोनों के चेहरे पर मुस्कान थी।





      

    क्या होगा आगे क्या राधा किशन एक दूसरे के सामने आयेगा । एक दूसरे को देख कैसे बात करेंगे वही कशिश और किशन किस हद तक जाने को तैयार है । सब जानने के लिए बने रहे साथ। 

  • 11. Beloved Enemy - Chapter 11

    Words: 1642

    Estimated Reading Time: 10 min

    दिन बीतने लगे थे दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे यहाँ दोनों एकदूसरे को जान रहे थे । वही राधा भी अपना काम कर रही थी । उसने होटल के सभी इंटीरियर के डिजाइन को अपने लैपटॉप पर पूरा कर लिया था। जिसे उसने विराट को दिखा दिया था और उसे मंजूरी मिल गयी थी । और काम भी शुरू हो चूका था । देखते देखते महीना बीत गया था यहाँ पर राधा पिया का काम अपने आखरी पड़ाव पर था वही किशन कशिश दोनों एक दूसरे के बेहद करीब आगये थे। दोनों का ज्यादतर समय कशीश फ़्लैट में ही गुजरता था जा पब में किशन ऑफिस भी जाता तो वही कशिश भी अपना काम देख रही थी । दोनों परिवारों को भी इस बात का पता था के कशिश किशन एक दूसरे के साथ है । और वो खुश भी थे । 



    सुबह का समय 



    कशिश कीचन में खड़ी सेंडविच बना रही थी । तभी किशन ने उसे अपनी बाँहों में भर । लिए यहाँ वो इस समय सिर्फ अपने लॉयर मे था वही कशिश ने एक सफेद कलर की मखमली सी नाईटी पहनी थी ।



    “ क्या कर रही हो “, किशन ने कशिश की कंधे पर ठुड्डी रखते हुए कहा । वही कशिश मुस्कुरा दी ।



    “ बस कुछ खाने का बना रही हूँ फिर हमें जाना है ना आफिस “, उसने कहा । किशन जिसके हाथ उसके पेट पर कसे हुए थे । अपने हाथ और कसते हुए।



    “ मेरा मन नहीं है “, उसने कहा साथ ही कशिश की गर्दन को चूमने लगा ।



    “ बस करो किशन बहुत हुआ अब “, कशिश ने कहा । तो किशन ने कशिश को अपनी तरफ घुमाया और उसजे चेहरे को देखने लगा। वही कशिश उसे देख रही थी ।





     “ मेरा मन नहीं भरा “, कहते हुए वो कशिश के लबों को चूमने लगा । वही कशिश के हाथ उसके खुले सीने पर चल रहे थे । लबो को छोड़ किशन के होंठ अब कशिश के खुली क्लीवेज पर आ गये थे । वही कशिश उसकी बाँहों में झूम रही थी । दोनों अपने इन पालो में एक दूसरे के साथ थे । किशन ना वैसे ही कशिश को उपर की तरफ करा तो कशिश के दोनो पैर उसकी कम से लिपट गये ।और किशन उसे चुनते हाथ रूम की तरफ चल दिया ।





     राधा पिया दोनों हान के साथ उनके काम के लिए निकल चुकी थी । यहाँ पर आज राधा का काम पूरा हो जाना था जिसे उसे देखना था । वही पीया के हिस्से का काम भी खतम ही था ।



    “ अच्छा मान हम शाम को मिलते है ठीक है “, राधा ने मान के स्कूल गेट के सामने खड़े होकर कहा । वही मान ने हाँ में सिर हिला दिया ।



    “ चलो अब तुम अंदर चलो “, राधा ने कहा तो मान अंदर चला गया । राधा वापस पिया के साथ ही चल दी यहाँ अब उनका रुख हॉटल की तरफ था। यहाँ उनको आज सभी काम देखना था ।



    “ लो राधा आगयी “, विराट ने नैना से कहा । दोनों मिया बीवी रिसेप्शन पर खड़े सब देख रहे थे । वही राधा पिया दोनों को मिली इन दिनों राधा पिया नैना से मिल गयी थी । वही विराट भी उनसे बाते कर लेता था ।



    “ हेलो सर सब ठीक है “, राधा ने कहा ।



    “ हाँ बिलकुल सब ठीक है “, नैना ने कहा ।तो राधा उनको देखते हुए । 



    “ तो आज आप दोनों यहाँ पर खड़े हो पहले तो एसे नही देखा “, राधा ने कहा ।



    “ हाँ राधा आज मेरा देवर आने वाला है और उसकी होने वाली बीवी भी और देखो आज सब काम खत्म ही है बस लास्ट के काम ही रह गए है “, नैना ने कहा तो राधा पीया ने एक दूसरे को देखा ।



    “ ओके मेम तो हम अपने काम को देखते है आप इंतजार करे अपने देवर का “, राधा ने कहा और वो दोनो आगे बढ़ गयी । वही नैना विराट दोनों मुस्कुरा दिए ।



    “ लड़कियां अच्छी है ऐसा करो तुम पापा को बोलो दोनों को अपनी ही कंपनी में रखवा लो “, नैना ने कहा । तो विराट देखने लगा ।  



    “ वैसे बात तो सही कही है बात करता हूँ पापा से “, उसने कहा ।





    “ चलो हम भी देख ले वैसे भी किशन इतनी जल्दी आने वाला नहीं है “, नैना ने कहा और दोनों भी चल दिए ।



     किशन कशिश दोनों एकदूसरी की बाहों मे लेटे हुए थे । “ कशिश मेने सोच लिया है के आज हम सब को बता देंगे के हम अब शादी कर रहे है “, किशन ने कहा वही कशिश उसे देखने लगी । जो उसके सीने पर सिर रखे लेटी थी ।



    “ ठीक है जैसे तुमको सही लगे “, उसने कहा । तो किशन ने उसे देखा और पलट कर उसके ऊपर आ गया । कशिश उसे देखने लगी।





    “ पता है कशिश मेने सोचा नहीं था के मैं इस तरफ तुम पर रुकूंगा । कुछ तो है तुम में “, उसने कहा कशिश उसे देखते हुए ।



    “ अब चलो उठो जाओ देखो दस बज गए है हमें जाना भी है ना भाई के होटल “, उसने कहा ।



    “ अरे हां मै तो भूल ही गया देखा तुम इतनी नशीली हो के मुझे सब भूल जाता है “, उसने कहा ।



    “ बस करो किशन चलो उठो “, कशिश ने कहा। वही किशन मुस्कुरा उठ गया।



    “ चलो तुम भी तैयार हो जाओ”, कहते हुए वो रूम से बाहर चला गया । कशिश उसे देखती रही।





    “ कशिश आ जाओ ना हमें लेट हो रहा है “, किशन ने कहा जो तैयार होकर बैठा हुआ था ।तभी कशिश बाहर आयी उसके कान से फोन लगा हुआ था । उसने किशन को देख हाथ से चुप रहने का इशारा करा।



    “ ठीक है हाँ अभी आ रही हूँ हाँ पापा बस आ रही हुं “, उसने कहा और फोन कट कर किशन को देखने लगी ।



    “ क्या हुआ कहां जा रही हो “, किशन ने अगे बढ़ कहा । तो कशिश उसे देखते हुए ।



    “ किशन वो घर में बुआ जी आ गयी है और वो मुझसे मिलना चाहती है “, उसने कहा ।



    “ तो ठीक है चलो उनसे भी मिल लेते है “, किशन ने कहा।



    “ नहीं किशन तुम समझ नहीं रहे हो मेरी बुआ जी पुराने ख्यालों की है अगर उन्होंने तुमको मेरे साथ देख लिया तो नाजाने क्या क्या कहे ऐसा करो तुम चलो भाई के हॉटल मै भी शाम को मिल लुंगी उनसे “, उसने कहा । 





    “ पर कशिश हम तो शादी करने वाले है ना “, उसने कहा । तो कशिश किशन के गाल पर हाथ रखते हुए ।



    “ किशन बात समझो तुमको मैं सब बता दूंगी इस बुआ के बारे में ये पापा की सब से बड़ी बहन है जिनको पापा अपनी माँ के सामान मानते है तो अभी मुझे जाना है “, कशिश ने कहा । वही किशन ने हाँ में सिर हिला दिया।



    “ मैं छोड़ दूँ “, उसने कहा ।



    “ नहीं में अपनी गाड़ी से चली जाऊँगी बस तूम आराम से जाना “, उसने कहा और किशन के गाल को चुम कर जल्दी से चली गयी । वही किशन उसे देखता रहा और फिर उसने भी अपना फोन उठाया और चल दिया हॉटल की और। 





    “ लो देखो बारह बज गए है मेने कहा था ना के किशन की बातों को मत सुना करो वो कहता कुछ है और करता कुछ और है “, नैना ने कहा। वही विराट उसे देख मुस्कुरा दिया ।



    “ हां मै भी पागल हूँ जो उसकी बातो पर यकीन कर लेता हूँ ठीक है कल सब के साथ ही आ जायेगा वैसे भी अगले हफ्ते ग्रेंड ओपनिंग है “, विराट ने कहा ।



    “ हाँ ये तो है”, नैना ने कहा वही राधा पीया अपने काम देख रही थी ,। विराट जो वही था उसका फोन बजने लगा जिसे पर नंबर देख उसने कान से लगा लिया ।



    “ हेलो उसने कहा वही दुसरी तरफ से कुछ कहा गया ।



    “ क्या कहाँ “, उसने कहा । नैना उसे देखने लगी।



    “ मैं अभी आया “, उसने कहा और नैना को देखने लगा ।



    “ क्या हुआ सब ठीक है “, नैना ने हैरानी हे कहा ।



    “ किशन का एक्सीडेंट हो गया “, विराट ने उसे देखते हुए कहा वही नैना भी देखती रह गयी ।एक्सीडेंट उसके मुहं से निकला । फोन किसका था ।नैना ने कहा अबीर का उसने कहा और जल्दी से अपनी गाडी की तरफ भागा । वही नैना भी उसके पीछे भागे ।





    अबीर जो इस समय एम्बुलेंस मे था उसके कपडे और चेहरे पर भी खून लगा हूआ था । वही आंखो से पानी टपक रहा था । उसके हाथ में किशन का हाथ था । जो खून से लथपथ था । उसके चेहरे पर आक्सीजन मासक लगा हूआ था ।



    “ किशन उठ यार ये सब कया हो गया “, वो उसे आवाज लगा रहा था पर किशन चुप था । डॉक्टर जल्दी करो अबीर गुससे से चिल्लाया । और एकटक किशन को देखने लगा । उसके भी चोटे लगी थी माथे से खून बह रहा था । यहां पर डॉक्टर पट्टी करने की कोशिश में था पर अबीत किशन को ही देख रहा था । 





    “ इसे देखो पेहले मुझे नही मेरे दोस्त को कुछ नही होना चाहिए “, उसने कहा । इनको कुछ नही होगा डॉक्टर ने कहा । पर अबीर तो बस किशन को ही देख रहा था ।



    तू मानता नही मुझे देख ले क्या हो गया अबीर ने कहा जो किशन का हाथ पकड़े बैठा था ।









    एसा क्या हूआ जिस से किशन की गाडी का एक्सीडेंट हो गया और अबीर तो उसके साथ था भी नही । वो केसे उसके पास आया और इस एक्सीडेंट का शिकार हो गया । जानने के लिए बने रहे साथ। 

  • 12. Beloved Enemy - Chapter 12

    Words: 1824

    Estimated Reading Time: 11 min

    “ इसे देखो पेहले मुझे नही मेरे दोस्त को कुछ नही होना चाहिए “, उसने कहा । इनको कुछ नही होगा डॉक्टर ने कहा । पर अबीर तो बस किशन को ही देख रहा था ।







    “ तू मानता नही मुझे देख एक बार बात कर मुझ से क्या हो गया “, अबीर ने किशन के कंधे हिलाते हुए कहा।  



    शहर के सबसे बड़े हॉस्पिटल में इस समय भागम भाग मची हुई थी , वही अबीर किशन के साथ भाग रहा था जो स्ट्रेचर पर खून से लथपथ पडा हूआ था। उसे लेकर जा रहे थे जिसके शरीर से खून बह रहा था ऑक्सीजन मास्क उसके मुहं से लगा हुआ था। और बिना देरी किये उसे अंदर लेकर चले गए यहाँ उसका ट्रीटमेंट शुरू हो गया । वही अबीर बाहर खड़ा बंद दरवाजे को देखने लगा उसके भी चोट लगी थी ।



    “ आप भी चलो आपको भी जरूरत है इलाज की” । एक नर्स ने कहा तो अबीर उसे देखने लगा।



    “ नही पहले किशन “, उसने कहा । उसी समय विराट नैना गौतम वही आते हुए दिखे । जो अबीर के पास चले आ रहे थे 

    । तीनो जल्दी से आगे बढ़ गए । 



    “ अबीर क्या हूआ किशन कहा है “, विराट ने कहा तो अबीर उसे देखना लगा। तो नैना के कदम वही रूक गए । अबीर के सिर से बह रहे खुन को देख कर । वही विराट गौतम उसे देखते रह गये। 



    “ भाई मेने उसे कहा था के धीरे चला हमे किसी से रेस नही करनी पर वो मानता नही है “, अबीर ने कहा तो वीरान आगे बड़ उसे देखने लगा ।





    “ तूम चल तू ठीक नही “, उसने कहा और नर्स को देखने लगा । जी इस तरफ नर्स ने कहाऔर दोनो को लेकर चल दी । वही गौतम नैना चूप से दरवाजे की देखने लगे।







    “ पापा आप बैठो “, नैना ने आगे बड़ कहा तो गौतम उसे देखने लगा । और दोनो वही एक तरफ लगी कुर्सियों पर बैठ गये । 

    विराट ने अबीर को एडमिट कराया और उसका सब से बेस्ट इलाज करने बोला और खद उसके पास बैठ गया ।



    अबीर की पट्टी हूई और वो इस समय इंजेक्शन की वजह से नींद में था । तो विराट नर्स को बोल कर वहां से बाहर आया और अब नैना की तरफ चल दिया । 







    “ अबीर के सिर पर सटीच आये है और इस समय वो सदमे में है “, विराट ने कहा । गौतम नैना उसे देखने लगा । 





    “ ये सब हूआ कैसे पता तो करना ही होगा “, उन्होंने कहा । जी पापा देखता हूं , विराट ने कहा ।



    वही नैना का फोन बजने लगा जिसे उसने देखा और कान से लगा लिया तो चुप सी रह गयी और फोन काट विराट को देखने लगी। 



    “ किशन के एक्सीडेंट की खबर टीवी न्यूज में आने लगी है “, उसने कहा । गौतम भी देखने लगा । 



    “ विराट ये खबर मीडिया में कैसे आरही है। मेरे घर की कोई भी खबर इस समय मीडिया में नहीं अनी चाहिए “, गौतम ने कहा और विराट को देखा ।



    “ ठीक है पापा “, उसने कहा और अपना फोन निकाल कर एक तरफ को चल दिया। घर पर अनुपमा अपने काम में लगी हुई थी । उसे अभी कुछ पता ही नहीं चला था इस सब के बारे में । दो घंटे बाद डॉक्टर बाहर आये तो सामने बैठे गौतम विराट नैना को देखने लगे । जो उठ कर उनके पास आ गये ।  





    “ देखे हम बैठ कर बात करते है “, डॉक्टर ने कहा । तो गौतम उनको देखते हए ।



    “ किशन केसा है “, उसने कहा ।



    “ किशन ठीक है खतरा नहीं है “, डॉक्टर ने कहा । तीनो ने चैन की साँस ली ।





    “ लेकिन हमें बात करनी है “, डॉक्टर ने कहा और चले गए । वही गौतम और विराट नैना देखते रहे । तभी किशन को भी बाहर निकाला गया जो अभी बेहोश था सिर पर पट्टी बंधी थी । एक बांह भी फ्रेक्चर थी तो दोनों पैर छिल गये थे । किशन की जान खतरे से बाहर थी ।



    “ किशन “, विराट ने उसे देख कहा वही नैना गौतम भी उसे देखने लगे । यहाँ नर्स उसे लेकर जाने लगी । 





    “ अभी इन्हे आराम की जरूरत है दो घंटे बाद होश आएगा इनको “, नर्स ने कहा और किशन का स्ट्रेचर खिंच कर लेकर चले गये । तीनो उसे देखते रहे ।



    “ चलो डॉक्टर से बात कर लेते है अनुपमा को भी बताना है उसे पता नहीं अभी तक “, गौतम ने कहा और विराट नैना के साथ आगे बढ़ गया । 





    “ फाइनली राधा हमारा काम हो गया “, पीया ने कहा तो राधा भी उसे देखने लगी । 



    “ हाँ देखो सभी रूम और ये गैलरी सच में बहुत अच्छे बन गयी है “, राधा ने कहा और अपना टैब देखने लगी।





    “ चले अब हमें भी चलना सर को भी सब बताना है “, राधा ने कहा । तो पीया ने भी हाँ में सिर हिला दिया और दोनों चल दी इन दोनों फ्लोर की सफाई भी उन्होंने अपनी आँखों के सामने करवाई थी। ता के कोई भी चीज रह जाये तो उसे वो देख ले । दोनों रिसेप्शन पर आयी और सामने बैठी लड़की को देखने लगी ।



    “ हैलो “, पिया ने कहा तो उसने भी हेलो कहा ।



    “ हमारा काम हो गया है विराट सर से मिलना था “, पिया ने कहा तो वो लड़की दोनों को देखने लगी ।





    “ सॉरी पर आज नहीं मिल सकते आप । वो यहाँ नहीं है “, उस लड़की ने कहा पीया राधा एकदूसरे को देखने लगी ।



    “ ऐसा क्यों सुबह तो ऐसी कोई बात नहीं हुई थी “, राधा ने कहा । 





    “ हाँ वो सर के भाई का एक्सीडेंट हो गया है तो वो सब उनके पास है “, लड़की ने कहा । दोनों चुप सी हो गयी ।





    “ अच्छा ठीक है। हमारा काम हो गया है आप उनको बता देना और कोई भी बात हो तो आफिस में बता देना हम देख लेंगे “, राधा ने कहा और दोनों वहां से चल दी ।





    “ यार सर मैम दोनो कितने खुश थे ना अपने भाई के आने से “, पीया ने चलते हुए कहा । तो राधा अपना फोन देखते हुए ।



    “ हाँ खुश तो थे पर क्या कर सकते है “, उसने कहा । दोनों आकर सड़क किनारे खड़ी हो गयी । यहाँ एक ऑटो रुका और वो दोनों उसमे चढ़ कर चली गयी । आशु जो अपने आफिस में बैठा था उसे भी पता चल गया था । के सेहगिल के यहाँ क्या हुआ है । पर उसे अभी कुछ देर पहले ही पता चल तो उसने अपना फोन निकाला और पिया के फोन पर लगा दिया । वही पिया जो राधा के साथ बैठी थी ऑटो में उसका फोन बजकर बंद हो गया । पर उसे पता नहीं चल । ये कुछ दो तीन बार हुआ लेकिन दूसरी तरफ से फोन नहीं उठाया गया । इस बात से आशु के चेहरे पर गुस्सा बड गया ।



    “ ये लड़की भी जब जब इसे फोन करता हूँ फोन नहीं उठाती । और यहाँ आफिस में सामने आती नहीं “, आशु ने खुद से ही कहा। तभी उसका फोन बजने लगा तो उसने देखा जिस पर पिया लिखा हुआ था । जिसे देख उसके चेहरे पर मुस्कान आगयी । लेकिन उस मुस्कान को छुपाते हुए उसने फोन उठा कान से लगा लिया ।



    “ हेलो सर “ पिया ने कहा वही आशु ने भी हेलो कहा ।





    “ सोरी सर हम घर आ रहे थे तो पता नहीं चला फोन आने का कोई जरुरी काम “, पिया ने बाहर देखते हुए कहा । यहाँ पर राधा मनराज को लेने जा रही थी ।



    “ नहीं वो बस बताना था के सेहगिल के यहाँ एक्सीडेंट हुआ है तो तुम दोनों आफिस आ जाना “, आशु ने कहा उसे समझ ही नहीं आया के क्या कहे ।



    “ जी सर अब तो हम घर पहुंचगए है , कल आफिस ही आ रहे है “ उसने कहा ।



    “ ठीक है “, आशु ने कहा और फोन रख दिया , वही पीया अपना फोन देखती रह गयी उसे बहुत अजीब लगा था आशु का इस तरह से फोन करना ।





    “ ये है क्या चीज है अफीम में तो कभी बात तक नहीं की मेने सॉरी भी कहा उस सब के लिए । लेकिन गुस्सा तो सातवे आसमान पर ही रहता है इसका। और अब फोन कर रहा है ।बड़ा आया “, पिया ने खुद से ही कहा वही ऑटो ड्राइवर उसकी बात सुन रहा था । 



     “ चलो भईया “, राधा ने बैठते हुए कहा । वही मन राज पीया की गोद में बैठ गया तो पिया भी उस से बात करने लगी ।



    कशिश जो किशन के पास बैठी थी उसे देख रही थी उसे अभी एक घंटा पेहले पता चला था ।वो भी गौतम ने फोन कर उसके पापा को बताया था ।तो वो भागी आई थी ।शाम हो चुकी थी अब ।



    “ मुझे पता होता के ये सब हो जायेगा तो मैं तुमको आने ही नहीं देती “ उसने कहा वही किशन जिसे होश आ गया था वो उसे देख रहा था । 



    “ कुछ नहीं हुआ देखो में ठीक हूँ अबीर कहा है “, उसने ईहा तो कशिश उसे देखने लगी । 



    “ अबीर भी ठीक है तुम देखो कितनी चोट आयी है तुमको “, उसने कहा वही किशन चुप सा रहा । कशिश के पापा जो दरवाजे पर खड़े थे । उनके साथ गौतम भी दोनों देख रहे थे।





    “ कहाँ हम शादी की बाते कर रहे थे। कहा ये सब हो गया “, राणा साहब ने कहा वही गौतम उनको देखने लगा ।



    “ कुछ दिनों में सब ठीक हो जायेगा शादी तो हो कर ही रहेगी दोनों की बस अब कुछ दिन बाद होगी “, गौतम ने कहा । विराट और नैना जो अनुपमा के पास बैठे थे वो दोनों एक ददूसरे को देखने लगे । अनुपमा अपना चेहरा साफ कर रही थी उनको तो पता ही नहीं था वो तो ड्राइवर ही उनको लेकर आया था ये कह कर के बड़े सर ने कहा है आज हमारा पुरा चेकउप कराना है । लेकिन जब यहाँ आकर पता चला तो वो बेसुध सी हो गयी थी ।सब से आखिर में उनको पता चला था ।





    “ मम्मी बस करो कुछ नहीं हुआ है किशन ठीक है “, नैना ने कहा तो अनुपमा उसे देखने लगी ।





    “ हाँ ठीक है पर उसे कितनी चोट आयी है मुझसे देखा नहीं जाता “, उन्होंने कहा जिसके साथ ही वो फिर से रोने लगी तो नैना ने उनको अपने गले से लगा लिया पर उसकी नजरे विराट पर ही थी जो उसे देख रहा था ।











    एसा भी कहा कहा डॉक्टर ने जिसे सुन कर सब चुप से हो गए । क्या होगा आगे । अबीर कैसे आया किशन के साथ जब के वो तो अकेले ही जाने वाला था ।









                                                    

  • 13. Beloved Enemy - Chapter 13

    Words: 2539

    Estimated Reading Time: 16 min

    “ मम्मी बस करो कुछ नहीं हुआ है किशन ठीक है “, नैना ने कहा तो अनुपमा उसे देखने लगी ।







    “ हाँ ठीक है पर उसे कितनी चोट आयी है मुझसे देखा नहीं जाता “, उन्होंने कहा जिसके साथ ही वो फिर से रोने लगी तो नैना ने उनको अपने गले से लगा लिया पर उसकी नजरे विराट पर ही थी जो उसे देख रहा था ।




    राधा पिया दोनों घर पहुंच गयी थी मान के साथ। वही मान बहुत खुश था कल की उसे छुट्टी थी संडे की । जिसे सुन कर फ़िलहाल पिया राधा चुप थी । क्यूंकि वो बोल आयी थी के कल वो आएँगी आफिस में। मान जो दोनों के साथ घर आया वो टी वी देखने लगा । वही राधा पिया चुप सी बैठी थी ।




    “ अच्छा ज्यादा सोच मत एसा कर सर को बता दे के कल नहीं आ सकती तू

    बहुत जरुरी काम आ गया है तुमको “, पिया ने कहा । तो राधा ने उसे देखा ।




    “ मान के साथ बिता कल का दिन मैं चली जाऊँगी और बोल दूंगी के बहुत अर्जेन्ट काम था “, उसने कहा तो राधा मुस्कुरा दी ।




    “ चल पहले मैं फ्रेश हो जाती हूँ फिर तू हो जाना फ्रेश “, उसने कहा तो राधा ने हाँ में सिर हिला दिया । पिया उठ कर चली गई तो राधा भी उठ कर रसोई में आ गई । और काम करने लगी । पर आज उसका मन अजीब सा हो रहा था । वो वही स्लेब से लग कर खड़ी हो गयी। और अपना फोन जो जींस की जेब में थे उसे निकाल देखने लगी । यहाँ फेस बुक पर एक मेसेज था। जिसे वो पड रही थी।







    “ दी कैसी हो मुझे पता है के आज भी आप ये मेसेज पड़ोगी । पर आप कोई रिप्लाय नहीं करती । वो आपकी मर्जी है । जैसा आपको सही लगे वैसे करे । वैसे आज आपको एक बात बतानी थी मेरी सगाई हो गयी है लड़का अच्छा है। पापा की पसंद है । आप ये मत समझना के मुझे पसंद नहीं । मुझे भी पसंद है । पर डर है जिसे मैं जानती नहीं उसके साथ कैसे जिंदगी बिता दूँ । वैसे मेरी ग्रेजुएशन हो गयी है । बात की थी पापा से आगे पड़ने की । पर उन्होंने मना कर दिया के आगे नहीं पड़ना । पर भाई इस समय बाहर है । वो अपनी फ़ाइनल मै है । और उनकी प्लेसमेंट भी हो गयी है । दी माँ बहूत याद करती है । बस बताती नहीं । कभी मन करे तो आना हमें मिलने। क्यूंकि मैं और माँ हम बाहर नहीं आ सकते । सुना है लड़का शहर में जॉब करता है । इसी बहाने मै भी शहर देख लुंगी । बहूत याद आती है आपकी। आपकी बहन अगर याद है तो मधु ”।







    मेसज लिखा हुआ था जिसे राधा ने पड़ा उसकी आँखों में नमी आगयी थी ।




    “ अरे राधा रानी क्या कर रही है देख अभी दुध गिर जाता “, पिया ने रसोई में आते हुए कहा । वही राधा उसे देखने लगी और अपना चेहरा साफ कर ।




    “ सॉरी यार मेरा ध्यान नहीं था “, उसने कहा ।







    “ हाँ फोन में था कोन था जीजू है क्या फीन पर “, उसने कहा तो राधा उसे देखने लगी ।




    “ नहीं कोई नहीं अच्छा में चेंज करके आती हूँ “, राधा ने कहा और अपने रूम की तरफ चल दी। राधा ने अपने कपडे लिए और बाथरूम में आगयी और बिना कपड़े उतारे वो शावर के नीचे खड़ी हो गई । यहाँ शावर का पानी उसके सिर से होते हुए उसे भिगोने लगा । राधा ने आंखे बंद की हुई थी । हाथों की मुठिया कसी हुई थी ।







    “ पापा बात सुने न देखे ना पुरे जिले में पहले नूबर में हूँ मुझे तो गोवर्नमेंट कॉलेज में आगे की पढाई करनी है कोई खर्च नहीं होगा आप मान जाओ “, एक लड़की ने कहा जो सलवार सूट पहने हुए गले में दुपटा लिए हुए एक आदमी के सामने खड़ी बोल रही थी। वही वो आदमी उसे देखने लगा और गुस्से में हाथ हवा में उठा दिया । तो उस लड़की ने अपने गाल पर हाथ रख दिया ।




    “ राधा “, एक आवाज से वो आदमी उस तरफ देखने लगा । और हवा में उठा हाथ नीचे कर अपने सामने खड़ी लड़की को देखने लगा जो राधा थी ।







    “ समझा ले अपनी छौरी को के ये इस घर की देहलीज से बाहर नहीं जा सकती इब । मने बार बार कहने की आदत ना है “, उस आदमी ने सामने खड़ी औरत को देख कहा । जो खुद सलवार सूट में थी । आदमी वहां से चल गया । तो राधा ने मुड कर देखा और उस औरत के गले लग रोने लगी । वही उस औरत ने राधा को खुद से लगा लिया।




    “ बस कर राधा यहाँ कुश नहीं होने वाला समझी ना । तूने बारवी करली यह बहुत है अब आगे का भूल जा “, उसकी मम्मी ने कहा । तो राधा उसे देखने लगी ।




    “ मम्मी ये क्या बात हुई मै अच्छी हूँ ना पढ़ाई में बहुत अच्छी पर पापा समझते क्यूं नहीं है”, उसने रोते हुए कहा ।




    “ राधा यहाँ पर कोई नहीं पड़ाता अपनी बेटियों को । तू क्यूं जिद्द कर रही है । तुम्हारी बात यहाँ पर कोई नहीं सुनने वाला उसकी “, मम्मी ने कहा ।




    “ ठीक है फिर मेरी भी जिद्द है के मैं आगे पड के रहूंगी”, राधा ने कहा वही उसके पापा जो बाहर बैठे थे वो दोनों माँ बेटी की बात सुन के ।वापस अंदर आये ।




    “ देखते है कैसे जाती है तू घर से बाहर “, उन्होंने कहा तो राधा देखने लगी । वही उसकी मम्मी भी।




    “ मम्मा मम्मा कहा हो आप “, आवाज से राधा होश में आयी । रूम में मन आवाज लगा रहा था ।




    “ बेटा मै आती हूँ दस मिनट में “, राधा ने कहा ।

    “ ठीक है “, मम्मा बाहर से आवाज आयी । वही राधा ने शाव बंद कहरा और वैसे ही खड़ी रही ।




    रात के दस बज गए थे कशिश अभी भी हॉस्पिटल में ही थी वो नहीं जा रही थी । उसके पापा चले गए थे तो वही नैना को भी अनुपमा के साथ भेज दिया था । विराट गौतम जी ही थे यहां पर ।




    “ विराट ऐसा करो तुम भी जाओ और कशिश को उसके घर छोड़ दो बहुत रात हो गयी है “, गौतम ने कहा । तो विराट देखने लगा ।




    “ पापा आप चलो में यही रहता हूँ अभी कशीश को बाहर भेजता हूँ “, विराट ने कहा तो गौतम उसे देखने लगे ।




    “ बात हुई है इंस्पेक्टर से उसने कुछ बताया “, गौतम ने कहा तो विराट उनको देखने लगा ।




    “ नहीं अभी नहीं पर हाँ इतना पता चल है के वहां पर लगे कैमरों में सब रिकॉर्ड हो गया है। बस वो हासिल कर बता देंगे और अबीर भी ठीक है कल उसे डिस्चार्ज मिल जायेगा ।” विराट ने कहा।




    ठीक है एसा करना अबीर को खुद छोड के आना ।उसके घर वाले तो आये नही । और एक बार वो ट्रक ड्राइवर हाथ लग जाये उसे तो में छोडूंगा नहीं “ , गौतम ने कहा तो विराट ने उनके कंधे पर हाथ रख दिया ।




    “ आप चलो ड्राइवर नीचे है मै कशिश को लाता हूँ “, विराट ने कहा और चल दिया। वही गौतम जी बैठे रहे किशन को प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया था । जो के इस समय दवाई के असर से सो रहा था । विराट ने दरवाजा खोल अंदर देखा तो उसके चेहरे पर हलकी सी मुस्कान आगयी।




    सामने कशिश किशन के पास बैठी थी वो उसका हाथ पकड़ वैसे ही सो गयी थी। विराट ने आगे बढ़ कशिश के कंधे पर हाथ रखा । और उसे हिलाया तो कशिश ने आँखे खोल उसे देखा ।




    “ भाई आप “, उसने कहा ।




    “ हाँ कशिश चलो अब तुम भी अपने घर चलो रात हो चुकी है “, विराट ने कहा तो कशिश किशन को देखने लगी ।




    “ मै यही रूकती हूँ आप जाओ सब “, उसने कहा ।




    “ चलो कशिश अभी तुम आराम करलो मै यही हूँ । पापा बाहर वेट कर रहे है तुम्हारा “, विराट ने कहा । तो कशिश ने हां मे सिर हिला दिया और किशन को देखने लगी । और फिर बेहद धीरे से उसके हाथ में से अपना हाथ निकालकर वो ।खड़ी हुई और किशन के माथे को चुम वो रूम से बाहर निकल गयी । विराट किशन को देखने लगा और वो वही आकर बैठ गया यहाँ पर कशिश बैठी हुई थी।







    गौतम कशिश दोनों गाड़ी में बैठे हुए थे यहाँ ड्राइवर गाड़ी चला रहा था दोनों चुप थे । “पता है अंकल हमने तो शादी के बारे में सोचना शुरू कर दिया था । किशन जिसने और मै हम दोनों ने पहली मुलाकात में एकदूसरे को ना कार दी थी लेकिन ना जाने क्या था के फिर भी एकदूसरे को समझने की चाह में हमने शादी के सपने देखने शुरू कर दिए। पता नहीं था के ये सब हो जायेगा। आज सुबह ही में और किशन एक साथ आने वाले थे। लेकिन एक जरुरी कॉल आने की वजह से मै आपने घर चली गयी थी । और ये सब हो गया “, कशिश ने कहा । वही गौतम ने उसे देखा और उसके सिर पर हथ रख दिया ।




    “ ठीक है किशन “, गौतम ने कहा तो कशिश उसे देखने लगी। पर अंकल आपने मुझे बताया ही नहीं । वो तो मुझे अपने दोस्तो से पता चल उन्होंने भी न्यूज़ देखी लेकिन फिर वो न्यूज़ बंद हो गयी “, कशिश ने अपना चेहरा साफ करते हुए कहा । तो गौतम उसे देखने लगा ।




    “ हाँ हम नहीं चाहते थे के हमारे घर की बातों को लोगों के सामने रखा जाये। और किशन ठीक है डॉक्टर ने कहा है के चोट आयी है। महीने भर में सब ठीक हो जायगा “, उसने कहा । वही कशिश ने अपना सिर हिला दिया , चलो तुम्हारा घर आज्ञा अब आराम करना ।







    “ ठीक है कल आराम से आना किशन से मिलने “, गौतम ने कहा वही कशिश बाहर निकल गयी । और अपने घर चली गयी । ड्राइवर ने गाड़ी आगे बड़ा दी । लेकिन दिमाग में डॉक्ट की बाते ही घूम रही थी। जिनके बारे में वो सोच रहे थे ।




    “ राधा बस कर यार । आज तू टी वी देखे जा रही है बस कर बंद कर दे उसे “, पीया ने अपने रूम से बाहर आते हुए कहा । उसकी आँखों में नींद थी एसा लग रहा था वो सो रही थी । पर टीवी की आवाज से वो उठ कर बाहर आयी। वही राधा उसे देख टी वि की आवाज कम करते हुए ।




    “ सॉरी यार बस बैठी थी तो लगा लिया “, उसने कहा । पिया उसे देख उसके पास बैठती हुई ।







    “ देख बारह बज रहे है “, उसने कहा वही राधा चुप सी बैठी थी । पीया ने उसे देखा जो सामने देख रही थी । तो उसने आंखे बंद कर ली फिर खोल कर राधा के कंधे पर अपना हाथ रखा । तो राधा उसे देखने लगी।




    “ रोना है तो रो ले मन हल्का हो जायेगा “, पिया ने कहा । तो राधा ने ना में सिर हिला दिया । नहीं मुझे नहीं रोना और क्यूं रोऊँ “, उसने कहा । तो पिया सामने टी वि देखते हुए ।




    “ राधा मुझे नहीं पता तुम्हारी जिंदगी के बारे में । दो साल से जानती हूँ बस जब से हम एक ही जगह काम कर रही है । उसके पहले क्या थी तुम मुझे नहीं पता लेकिन इन दो सालों में इतना पता चल गया है के तुम क्या हो । आज तक मेने तुमको न तो खुल कर हस्ते हुए देखा नाहीं हो आँखों में आंसू देखे तुम्हारी , यार हो तो तुम भी इंसान ही । और हर इंसान में खुशी गमी में आंसू आ ही जाते है आंखो में “, पिया ने कहा । राधा उसे देखने लगी ।




    “ अच्छा तो तू एसा सोचती है मेरे बारे में “, उसने कहा । पिया उसे देखने लगी ।




    “ आज के जमाने में अकेली माँ होकर बच्चा पालना अच्छे स्कूल में पड़ाना उसके सभी खर्च पुरे करना और इतने सब के बाद घर भी अपनी छत के नीचे रहने की हिमत रखना आम बात नहीं है “, पिया ने कहा। राधा उसे देखती रही।




    “ ये बात तो है बच्चा और ये सब बहुत मुश्किल है पर तुम हो न तुमने साथ दिया है मेरा दो सा से “, उसने कहा । पिया उसे देखने लगी।







    “ नहीं राधा मेने साथ नहीं दिया बस दो साल से साथ हूँ। उस से पहले तुम कैसी थी। कहाँ थी क्या करती थी मुझे नहीं पता ।नाहीं तुमने कभी बताया । लेकिन एक बात देखी है जब भी तुम्हारे हाथ में फोन होता ही तो । लगता है के आज किसी अपने से बात की है तुमने । वर्ना मेने तो नहीं देखा तुम्हारे किसी भी रिश्तेदर को यहाँ पर “, पिया ने कहा तो राधा मुस्कुरा दी ।




    “ यार बताया तो है लव मैरिज थी तो घरवालों ने अपनाया ।नहीं और जिस से मरीज की वो प्रेग्नेट कर छोड़ गया । अब क्या करूँ मै “, उसने कहा । पिया उसे देखती रही ।







    “ तुम बस यही कहती हो लेकिन कभी ये नहीं कहा के उसके पीछे गयी उसके परिवार से बात की ।क्या उन्होंने भी नहीं अपनाया तुमको “, पिया ने कहा तो राधा उसे देखन लगी ।







    “ पिया मेरी जिदगी इतनी बड़ी नहीं थी पहले , हम एक छोटे से गांव के लोग है यहाँ लड़कियों को बारवी के बाद आगे पड़ने की इजाजत नहीं । घर के अंदर ही रहना है । एसी दुनिया से होते हुए मेने उस दुनिया से बाहर निकल कर बड़े सपने देखने की कोशिश की । जिसके लिए अगर उन्होंने मेरी कोई बात भी सुनी बाहर पड़ते हुए तो मैं मर गयी उनके लिए । और मेने तो शादी कर ली थी । तो कैसे जाती मै वापस और फिर ये पेट निकाल कर जाती तो हम दोनों में से कोई नहीं बचता । इस लिए मेने दोनों तरफ से नाता तोड़ दिया “, राधा ने कहा। पिया उसे देखती रही ।




    “ राधा नजाने क्यों पर मुझे तुम्हारी इस बात पर यकीन नहीं के तुम ऐसा कर सकती हो । तुम लव मैरिज करलो ये जानते हुए के तूम कहां से हो “, पीया ने कहा । राधा उसे देखने लगी ।




    “ कभी कभी हम जो सोचते है वैसा नहीं होता”, राधा ने कहा । वही पीया उसे देखती रही ।




    “ अच्छा चल सो जा कल मुझे भी जाना है और तुमको भी जाना है मनराज के साथ तो जा आराम कर “, पिया ने उठते हुए कहा। तो राधा उठ गयी और अपने रूम की तरफ चल दी । वही पीया भी उसने जाते जाते टी वी बंद कर दिया ।




    क्या है राधा की सच्चाई और क्यू वो पिया से छुपाती है सब बाते यहां का के ऑफिस में भी किसी को नही पता उसके बारे में ।के वो तलाकशुदा हो और उसका बेटा भी ।जानने के लिए बने रहे साथ।

  • 14. Beloved Enemy - Chapter 14

    Words: 2020

    Estimated Reading Time: 13 min

    गौतम अपने घर पहुंचा तो अनुपमा उसे हाल में ही दिख गयी। जो शायद उसका ही इंतजार कर रही थी । गौतम ने उसे देखा और उसकी तरफ चल दिया ।




    “ तुम सोइ नहीं अभी तक “, गौतम ने कहा तो अनुपमा उसे देखती रही ।




    “ तुमने मुझे बताया भी नहीं के किशन के साथ क्या हुआ है “ अनुपमा ने कहा वही गौतम उसे देखने लगा ।




    “ इसमें बताने की बात ही नहीं थी मेने खुद नहीं बताया । तुम वहां पर रोना धोना करती “, गौतम ने कहा । वही अनुपमा उसे देखती रह गयी ।




    “ गौतम मेरे बेटे का एक्सीडेंट हुआ है और तुम कैसी बाते कर रहे हो । कितनी चोट आयी उसे लेकिन मुझे सब से बाद में पता चल किसी ने मुझे बताना सही नहीं समझा “, अनुपमा ने कहा वो हैरान थी गौतम की बात से । गौतम उनको देखते हुए अपने रूम की तरफ चल दिए ।




    “ तुमसे बात करने का कोई फ़ायदा नहीं मुझे सुबह बहुत काम है तुम रोती रह बैठ कर “, कहते हुए वो चल दिए । वही अनुपमा देखती रह गई। नैना जो आपने रूम के दरवाजे में खड़ी थी उसने इस समय नाइटी पहनी थी सिल्की सी । वो भी अपने रूम में आगयी ।




    “ इसी लिए यहाँ आने का मन नहीं करता मेरा “, उसने खुद से ही कहा और उस कमरे को देखने लगी । अनुपमा बस वही खड़ी रही उनको सबसे बाद में ही पता चला था के किशन का एक्सीडेंट हो गया है। अनुपमा ही रह गयी उसे यकीन नहीं हो रहा था के गौतम इस तरह बोलेगा। उसे अभी भी अपने बिजनेस की पड़ी थी । वो चुप सी चल दी अपने रूम की और यहाँ आकर वो वेसे ही बेड पर बैठ गयी । वही गौतम चेंज करने चला गया था। वो चुप सी बैठी रही।




    सूरज की किरणे धरती को छूते ही लोगो की जिंदगी में एक बार फिर से भागम भाग शुरू हो गयी थी। कहने को आज संडे था । पर इस छुट्टी के दिन भी लोग भागे फिर रहे थे ।




    “ चल ठीक है राधा में चलती हूँ तुम दोनों अपना ध्यान रखना “, पीया ने कहा वही राधा ने हाँ में सिर हिला दिया और पिया चली गयी वही राधा वापस रूम में आइ यहाँ मनराज सो रहा था ।




    “ उठ जाओ चलो आज पता है न कहां जाना है हमें “, राधा ने कहा तो मनराज आँखे खोल देखने लगा ।




    “ मम्मी कहाँ जाना है “, उसने कहा तो राधा उसे बैठाते हुए ।




    “ आज गुरुद्वारे जाना है पता है ना पहले हम गुरुद्वारे जाते है “, उसने कहा तो मनराज उसे देखने लगा ।




    “ सच्ची मम्मी “, उसने मुस्कुरा कर कहा ।




    “ हाँ अब चलो वार्ना वहां का चय पकोड़ों का लंगर ख़त्म हो जायेगा “, राधा ने कहा तो मनराज जल्दी से खड़ा हो गया ।




    “ ठीक है आप न मेरे कपडे निकाल दो में अभी नहा के आता हूँ “, उसने कहा और बाथरूम की तरफ चल दिया ।




    “ पहले ब्रश कर लेना “, राधा ने कहा ।




    “ ठीक है मान “, ने कहा वही राधा मुस्कुरा दी ।




    “ बोल तो ऐसे गया है जैसे ये खुद से ही नहा लेगा “, उसने कहा और उठ कर उसके पीछे चल दी। आधे घंटे बाद दोनों तैयार थे यहाँ मनराज अपने निकर सूट में था वही राधा ने आज सलवार सूट पहना था ब्लेक रंग का । जो उसके गोर रंग पर बहुत जच रहा था।




    “ वाह मम्मी आज सूट बहुत प्यारा लग रहा है आप पर “, मनराज ने कहा । वही राधा उसे देखने लगी । जो फ्लैट को लॉक कर रही थी। वो मनराज की बात सुन मुस्कुरा दी और चाबी अपने पर्स में डालते हुए ।







    “ अच्छा ऐसी बात है “, उसने कहा और मनराज का हाथ पकड़ कर वो चल दी ।




    “ हाँ मम्मी ये आप रोज सूट पहना करो और ऐसे ही बाल भी पीछे को बांध लिया करो “,मनराज ने कहा वही राधा उसकी बाते सुन रही थी । जो अब लिफ्ट में चले गए थे।




    “ अच्छा पर मुझे तो बाल खुले रखने अच्छे लगते है ।तुमको पता तो है और सूट भी में तब पहनती हूँ जब गुरुद्वारे जाते है “, राधा ने कहा ।मनराज उसे देखने लगा ।




    “ पता है पर मेराकह रहा हूं के आप भी अपने बाल लम्बे करो मेरी मेम के बाल बहुत लम्बे है। पता है यहाँ तक आते है “, मनराज ने राधा की कमर के निचे हाथ लगाते हुए कहा । तो राधा उसे देखने लगी। उतने में लिफ्ट खुल गयी । राधा ने उसका हाथ पकड़ा और उसे आपने साथ बाहर लेकर चल दी ।




    “ सब का अपना अपना मन होता है मनराज और हाँ अगर आप चाहते है तो में बाल लम्बे भी कर लुंगी और बताओ अब चले “, राधा ने कहा। तो मन ने हाँ में सिर हिला दिया




    “ चलो अब “, कहते हए राधा उसका हाथ पकड़ सामने की सड़क की तरफ चल दी और वही से उसे ऑटो मिल गया दोनो माँ बेटा चल दिए ।




    “ अनुपमा मैं जा रहा हूँ विराट आता होगा । नैना भी उसके साथ चली जाएगी तुम घर पर ही रहना मैं किशन के पास रहूंगा “, गौतम ने तैयार होते हुए कहा। वही अनुपमा जो हमेशा की तरफ तैयार थी वो गौतम को देखने लगी।




    “ ठीक है मैं जा रही हूँ , सर्वेंट खाना सर्व कर देंगे आप खाना खा कर जाना “, अनुपमा ने कहा। तो गौतम उसे देखने लगा




    “ कहाँ जा रही हो तुम “, उसने कहा तो अनुपमा अपना फोन और पर्स लेते हुए ।




    “ आपने बेटे के पास”, उसने कहा , वही गौतम उसे देखता रहा। लेकिन अनुपमा ने उसे नहीं देखा और रूम से बाहर निकल गयी ।




    “ ड्राइवर को बोल देना वो ले जायगा “, गौतम ने कहा वही अनूपमा ने कोई जवाब नहीं दिया। वो बाहर आयी तो सामने खड़े ड्राइवर को देखा।




    “ चलो चले “, अनुपमा ने कहा तो ड्राइवर ने हाँ में सिर हिला दिया और आगे बढ़ गाड़ी का दरवाजा खोला अनुपमा बैठ गयी तो ड्राइवर ने भी जल्दी से ड्राइविंग सीट संभाल ली और चल दिया।




    वीराट जो किशन के पास बैठा था तभी वहां अबीर आ गया जो किशन को ही देखने आया था । उसके साथ आयी नर्स ने उसे बैठने का कहा । विराट ने भी जल्दी से अबीर को किशन के पास बैठाया। दोनों एकदुसरे को देख रहे थे







    “ साले कहा था ना के आराम से चला पर तू नहीं मन देख अब खुद तो बिस्तर पकड़ा है ।मुझे भी साथ लेकर बैठा है “ अबीर ने कहा वही किशन उसे देख मुस्कुरा दिया ।




    “ देख तेरे पास बस तीस दिन है उसके बाद तुमको मेरे साथ घूमने जाना है इस बार मैं ड्राइव करूँगा और तुमको बताऊंगा के कैसे ड्राइव करते है । साला खुद तो मरेगा मुझे भी साथ लेकर जायेगा “, अबीर ने कहा ।




    “ यार ये जब तू मुझे गाली देता है न मन करता है तेरे गाल चुम लूँ “, किशन ने कहा वही अबीर उसे देखते हुए।







    “ बस मस्करियाँ करा लो तुमसे “, उसने कहा पर दोनों की आँखों में नमी थी । दोनों को पता था के दोनों एक दूसरे के लिए क्या मायने रखते थे ।




    “ बस करो तू दोनों अबीर आज तुमको डिस्चार्ज मिल रहा है और तुम मेरी निगरानी में ही रहोगे “, विराट ने कहा तो अबीर उसे देखने लगा ।




    “ कोई आया”, उसने कहा तो विराट चुप रहा ।




    “ ठीक है में देख लूंगा आप मेरा डिस्चार्ज करा दो “, उसने कहा वही विराट ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया ।




    “ हम है ना और ये जो लेटा है इसका नहीं चलेगा तेरे बिना “, विराट ने कहा तो अबीर किशन को देखने लग ।




    “ अब तो इस से दूर रेहना है भाई ये एक दिन कांड करेगा और मुझे भी उसमे फसा लेगा “, ।उसने कहा । वही किशन उसे देखे जा रहा था ।




    अनुपमा जो अपनी गाड़ी में बैठी जा रही थी उसकी गाड़ी एकदम से रुकी तो वो चारों तरफ देखने लगी।




    “क्या हुआ “, उसने कहा तो ड्राइवर उसे देखने लगा ।




    “ देखता हूं में उसने कहा”, और गाड़ी से बाहर निकल कर देखने लगा।




    “ मेम इंजन में से धुँआ निकल रहा है लगता है कुछ लोचा हो गया है “, उसने कहा । वही अनुपमा देखने लगी ।




    “ अब क्या करना है “, उसने कहा उसे देर हो रही थी । तो ड्राईवर चारों तरफ देखने लगा । सामने सड़क के दूसरी तरफ उसे गुरुद्वारा दिखा यहाँ पर लोग जा रहे थे ।




    “ मेम इस समय तो आप वहां चले जाये गुरुद्वारे । मै गाड़ी ठीक करा कर आपको बता देता हूँ “ उसने कहा । वही अनुपमा गाड़ी से बाहर निकल और वो भी देखने लगी ।




    “ ठीक है लेकिन जलदी करना “, उसने कहा और सड़क क्रॉस कर वो आगे बढ़ गयी । वही ड्राइवर गाड़ी देखने लगा । अनुपमा ने सब औरतो की तरह अपना सिर साडी के पलु से ढक लिया और दोनों हाथ जोड़ वो आगे बढ़ ने लगी । यहाँ वो पहले भी आती थी लेकिन आज वो यहाँ के लिए नही आयी थी । पर आज उसे भगवान ने खुद बुलाया हो जैसे।

    अनुपमा से आगे बढ़ माथा टेका और वही एकतरफ बैठी औरतों में बैठ गयी । कीतर्न हो रहा था , सब लोग आराम से बैठे उस कीर्तन को अपने अंदर तक समाते हुए मेहसुसु कर रहे थे। कीर्तनीये ने शब्द लगाया।




    “ जिसके सर ऊपर तू सुवामी सो दुःख केसा पावे। जिसके सिर ऊपर तू स्वामी सो दुःख केसा पावे।” वही अनुपमा की बंद आँखों में आंसू झलक गए और दोनों हाथ जोड़ उसने किशन की अच्छी सेहत की दुआ मांगी । तभी उसे अपने चेहरे पर छोटे छोटे हाथो न का स्पर्श मेहसूस हुआ। तो उसने अपनी आँखे खोल देखा। उसके सामने एक बच्चा खड़ा था जिसके सिर पर रुमाल बंधा हुआ था । जिसे देखा अनुपमा मुस्कुरा दी ।




    “ दादी ऐसे रोते नहीं है “, उसने कहा वही अनुपमा उसे देखती ही रह गयी ।




    “ मन “, पास बैठी राधा ने मन का हाथ पकड़ उसे अपनी गोद में बैठाते हुए कहा । तो अनुपमा दोनों को देखने लगी ।







    “ बहुत प्यारा बेटा है “, अनुपमा ने कहा तो राधा उसे देखने लगी और मुस्कुरा दी । लेकिन अनुपमा का ध्यान मन पर ही था ।




    “ जी माफ़ कीजिये इसे पता नहीं क्या कहना है “, राधा ने अनुपमा को देख धीरे से कहा और मनराज को देख कर।




    “ मनराज दादी नहीं कहते अंटी कहते है “, राधा ने कहा । तो मन उसे देखने लाग ।




    “ पर मेम तो कहती है के जो एंटी बड़ी होती है वो दादी लगती है “, मनराज ने कहा ।वही राधा अनुपमा को देखने लगी ।




    “ कोई बात नहीं “, अनुपमा ने मन के गाल को हाथ से छू कर कहा।




    “ आपका नाम मनराज है”, अनूपमा ने कहा तो मनराज ने हाँ में सिर हिला दिया ।।




    “ मम्मी अब चले चाय पकोड़े लंगर “, उसने कहा । तो राधा ने हाँ में सिर हिला दिया । और अनुपमा को देख हलकी सी मुस्कान के साथ उठी और चल दी । वही अनुपमा उसे देखती रही । और वो भी उठ कर दोनों के पीछे ही चल दी यहाँ । राधा मनराज लंगर हाल में आकर बैठ गए थे । वही अनुपमा भी ऐसे बैठी के उसे सामने दोनों दिखने लगे यहाँ राधा मनराज दोनों अपनी ही बाते कर मुस्करा रहे थे । चाय पकोड़ों का लंगर भी वार्ता दिया गया था। अनुपमा ने अपना फोन निकला और उसे देखने लगी तभी उसके फोन पर एक फोटो दिखी जिसे देख वो सामने बैठे मनराज को देखने लगी । दोनों एक से लग रहे थे । किशन उसने फोटो को देखते हुए कहा और मनराज को देखा जी पकोड़े खा रहा था ।







    क्या होगा आगे और क्या मनराज किशन की तरह दिखता है इसी लिए अनुपमा ने उसका पीछा करा ।

  • 15. Beloved Enemy - Chapter 15

    Words: 1960

    Estimated Reading Time: 12 min

    ये फोटो किशन के बचपन की थी जिसे अनुपवमा देख रही थी। वही उसके सामने बैठा मनराज जो राधा के पास बैठा पकोड़े खा रहा था ।

    “ दोनो एक से है “, अनुपमा ने कहा । उसे यकीन नहीं हो रहा था के इस तरह भी हो सकता है।

    उसके ही बेटे की तरह दिखने वाला बच्चा जो उसे अपने बेटे के बचपन की याद दिला रहा था। जब वो उसे छोड़ कर चली गयी थी अपने पति के साथ ।

    “ बहनजी लंगर तो शक ले “, पास बैठी एक औरत ने अनुपमा से कहा तो वो उसे देखने लगी जी उसने कहा और चाय पकोड़े का लंगर खाने लगी। पर ध्यान तो सामने बैठे मनराज में ही था । जो राधा के साथ बात कर रहा था । राधा मनराज दोनों उठे और चल दिए । वही अनुपमा उनको देखती रही पर पीछा नहीं किया वो भी अपना लंगर खत्म कर उठी और चलदी बाहर की और ।

    गुरुद्वारे के दरवाजे के बाहर आकर वो खड़ी हुई तो उसे मनराज राधा एकतरफ खड़े हुए दिखे । जिनको देख अनुपम भी उस तरफ चल दी ।

    “ क्या हुआ तुम यहाँ पर खड़े हो “, अनुपमा ने मनराज को देख चहा तो वो उसे देखने लगा ।

    “ जी दादी वो क्या है ने अभी हम ऑटो में जाने वाले है “, मनराज ने कहा । राधा देख रही थी । तो अनुपमा ने राधा को देखा जो खड़ी थी । अनुपमा ने बहुत ध्यान से उसे देख रही थी ।

    “ बहुत प्यारा बेटा है तुम्हारा “, उन्होंने कहा तो राधा ने हाँ में सिर हिला दिया । और मुस्कुरा दी ।

    “ वैसे कहाँ जाना है मैं छोड़ देती हूँ “, अनुपमा ने कहा ।

    “ नहीं हम चले जायेंगे बस उस तरफ का ऑटो आने वाला है “, राधा ने कहा ।

    “ दादी हम ना गलोरी माल जा रहे है “, मनराज ने कहा तो अनुपमा उसे देखने लगी ।

    “ गलोरी मोल तो मेरे रास्ते में ही पड़ेगा चलो मै छोड़ देती हूँ ।बस मेरा ड्राइवर आने वाला है “, अनुपमा ने कहा वही राधा उसे देखने लगी ।

    “ नहीं हम ठीक है बस ऑटो आने वाला है “, कहा तो अनुपमा उसे देखने लगी ।

    “ डरने की जरूरत नहीं सच बोल रही हुं मेरे रस्ते में ही आएगा ये गलोरी मोल “, अनुपमा ने कहा । तो राधा ने मनराज को देखा ।

    “ मन क्या करे “, उसने मन के पास झुकते हुए कहा तो मन मुस्कुरा दिया । जिसे देख राधा ने अनुपमा को देखा जो दोनों माँ बेटे को देख रही थी ।

    “ ठीक है एंटी आप हमें छोड़ दे “, राधा ने कहा । तो अनुपमा के चेरे पर मुस्कान आगयी। वही राधा मन को देख रही थी । कुछ ही पल में अनुपमा की गाड़ी आकर उसके सामने खडी हो गई जिसे देख अनुपमा ने मन को देखा ।

    “ आप अपनी मम्मी के साथ बैठें गे “, उसने कहा तो मन ने हा में सर हिला दिया । राधा मन के साथ पीछे बैठी तो अनुपमा भी उसके साथ ही बैठ गयी । वो मन के साथ बात करने लगी थी । राधा मन को देख रही थी जो कितनी अच्छी तरह से बातो का जवाब दे रहा था । उसकी उम्र से बड कर

    “ दादी हमारा माल आ गया “ , मन ने बाहर देखते हुए कहा । तो अनुपमा मुस्कुरा दी।

    “ लगता है आप यहाँ बहुत आते हो “, अनुपमा ने कहा । मन राधा को देखने लगा ।

    “ जी हम यही आते है यहां पर मन की फेवरेट टॉये शॉप है । यहाँ से हम टॉयेस लेते है “, राधा ने कहा । तो अनुपमा उसे देखने लगी ।

    “ शुक्रिया एंटी जी “, राधा ने कहा और दोनों गाड़ी से बाहर निकल गए । वही अनुपमा ने मन को देखा और राधा को देखा हाथ हिला दिया। चलो ड्राइवर उसने कहा और गाड़ी आगे बढ़ गयी ।

    “ चले मन “, राधा ने मन को देख कहा तो मन ने हाँ में सिर हिला दिया । और दोनों मां बेटा अंदर चल दिए । दोपहर हो चुकी थी । पीया जो इस समय केंटीन में बैठी खाना खा रही थी उसका खाना हो गया था । तभी उसके पास आकर आशु बैठ गया तो पिया हैरान सी देखने लगी और फिर उसने चारों तरफ देखा ।

    यहाँ पर सभी साथ के उसे देख रहे थे ,बात बस इतनी थी के आशु यहाँ आता नहीं था । पर आज आया भी तो पिया के पास बैठा । सब को पता था के पिया और आशु की बहुत तगड़ी कहा सुनी हुई थी। आशु ने सब के सामने उसे बहुत बाते सुनाई थी । और लगभग सभी प्रोजेक्ट भी उस से ले लिए थे । बस एक दी छोड़ कर ।

    “ सर आप यहाँ “, पिया ने अपने गले में अटके निवाले को निकलते हुए कहा और अपना टिफिन समेटने लगी ।

    “ मुझे भी भूख लगी है “, आशु ने कहा तो पिया उसे देखने लगी ।

    “ सर मेरा तो हो गया आप यहाँ से आर्डर कर ले “, पीया ने कहा। और अपना टिफिन पैक कर उठकर चल दी। वही आशु उसे देखता रह गया ।सभी एमपलाई उसे ही देख रहे थे । आशू ने एक गहरी नजर सब को देखा और उठ कर चल दिया। उसके जाते ही वहां पर बाते शुरू हो गयी । आशु जो पीया के पीछे ही आ गया था वो पिय को देख रहा था जो इस समय लिफ्ट में ही जा रही थी क्यूंकि मेस नीचे थी। सब वही आते थे खाना खाने आज पिया अकेली थी तो वो भी यही आगयी थी। वार्ना राधा के साथ वो वही एकतरफ बैठ कर खाना खा लेती थी ।

    पिया जो लेफ्ट में आई उसके पीछे ही आशु भी आज् गया पिया उसे देखती रह गयी पर कहा कुछ नहीं वो एक तरफ खड़ी रही । इस समय दोनों ही थे लिफ्ट में । कुछ ही पल में लिफ्ट का दरवाजा खुला जिसके खुलते ही पिया ने आशु को देखा जो हिला नहीं । तो पिया आगे बढ़ गयी अभी पूरा स्टाफ नहीं था यहाँ पर । आशू उसके पीछे ही आया और पिया की बाह पकड़ उसे खींचते हुए लेकर चल दिया। हैरान सी पिया उसे देखती रह गयी।

    “ वो कुछ कहती उस से पहले ही आशु उसे अपने केबिन के अंदर ले गया और दरवाजा बंद कर पीया को उसी से लगा कर उसके सामने खड़ा हो गया । पीया हैरान सी आँखों से उसे देखती रह गयी ।

    “ सॉरी सर इस बार मेने किया जो आप ये सब कर रहे है “, पिया ने कहा । आशू जो उसे देख रहा था ।

    “ मेने कब कहा के तुमने कुछ करा है “, आशू ने कहा। तो पिया उसे देखती रही ।

    “ फिर ये सब करने का मतला मुझे पता है आप गुस्सा है मेरी वजह से बहुत कुछ हुआ पर सर वो सब खेल था और वहां बैठे सभी लोगों को पता था आप बाद में आये थे मुझे ये बात नहीं पता थी “, पीया ने कहा। आशु ने गहरी साँस ली और पिया का हाथ पकड़ लिया वही पीया का दिल जोरों से धड़कने लगा ।

    “ पीया बात साफ है मुझे ज्यादा घुमानी नहीं आती “, , उसने कहा वही पीया अपने हाथ को देखे जा रही थी जो आशु के हाथ में था । आशु की नजर पिया के चेहरे पर थी ।

    “ पिया मै तुमको पसंद करने लगा हूँ “, आशु ने कहा तो पिया की नजरे उस पर टिक गयी । जो हैरानी से बड़ी हुई थी ।

    “ हाँ मै तुमको पसंद करता हूँ पता नहीं कैसे पर तुम मुझे अच्छी लगने लगी हो। पिछले कुछ दिनों से तुमसे बात करने को मन करता है पर बात कर नहीं पा रहा । तो बस आज बता रहा हूँ के मुझे शादी करनी है तुमसे । ये प्यार व्यार मेरी समझ से बाहर है । तुम मुझे अपना फैसला सुना दो “, आशु ने कहा । पिया जो उसे देख रही थी उसने हाँ में सर हिला दिया । आशु उसे देखे जा रहा था ।

    “ बोलो कुछ “, आशु ने उसे चुप देख कर कहा तो पिया के मुहं से हैरानी से हूँ निकला । जिसे सुन आशु मुस्कुरा दिया और पीया को अपने गले से लगा लिया । वही पीया बेहोश होते होते बची ।

    “ सर ये कर रहे है “, पिया ने उसे खुद से दूर करते हुए कहा । तो आशु उसे देखने लगा वो बहुत खुश था।

    “ अभी तो तुमने हाँ की “, उसने कहा ।

    “ नहीं मेने हाँ नहीं की “, पिया ने हैरानी से कहा। तो आशु उसे देखने लगा ।

    “ और में आपको पसंद नहीं करती बिलकुल नहीं “ , पीया ने कहा आशु उसे देखता रहा ।

    “ मेने अपना फैसला सुना दिया अब आप मुझे जाने दे पिया ने कहा तो आशु उसे देख रहा था ।

    “ ठीक है आपना काम करो और इस बात को यही भूल जाओ “ , आशु ने कहा वही पिया ने सिर हिला दिया । वो जाने लगी लेकिन आशा ने उसे रोक लिये ।

    “ जाने से पहले ये पेपर साइन कर देना तुम्हारी पमोशन के है जो मेने रोक दी थी उस समय “, आशु ने टेबल पर पड़े पेपर उठाते हुए कहा । पीया उसे देखने लगी ।

    “ आप ठीक तो है ना “, उसने कहा ।

    “ बिलकुल ठीक हूँ मै , तुम साइन करो “, कहते हुए आशू ने पेपर वापस टेबल पर रख दिये तो पीया उसे देखती रही और आगे बढ़ उसने पेपर उठा लिया और उनको देखने लगी। आशु जो उसे देख रहा था उसने पेन उसके आगे कर दिया तो पीया उसे देखने लगी। और पेन पकड़ कर उन पेपर पर साइन करने लगी । आशू उसे देख रहा था ।

    “ थेंक्यु सर आपने मुझे परमोश दी ,

    “ पीया ने कहा और पेन उसके आगे कर दिया । तो आशु ने हाँ में सिर हिला दिया , पिया रूम से बाहर आ गयी वही आशु मुस्कुरा दिया।

    “ अब देखता हूँ तुम कैसे मुझसे दूर रहोगी “, उसने कहा और पेपर उठा देखने लगा ।

    राधा मन के साथ माल के एक रेस्त्रो में बैठी हुई थी यहाँ दोनों माँ बेटा बैठे खाना खा रहे थे ।

    “ अच्छा आगे का क्या करना है “, राधा ने कहा ।

    “ मम्मी अभी तो फिल्म देखनी है ना एवेंजरस “, मन ने कहा तो राधा उसे देखने लगी ।

    “ तो फिर जल्दी से खाओ अभी बीस मिंट ही रह गए है हमें जाना है “, राधा ने कहा तो मन जल्दी से खाने लगा । तभी राधा का फोन बजने लगा । तो उसने अपना फोन देखा । जिस पर पिया लिखा था ।

    “ क्या हुआ “, राधा ने फोन काना से लगते हुए कहा । पिया जो बाथरूम में थी वो खुद को शीशे में देखते हुए ।

    “ यार मेरा प्रमोशन हो गया “, उसने कहा तो राधा मुस्कुरा दी ।

    “ ठीक है हम रात को पार्टी करते है “, उसने कहा । तो पीया ने हाँ में सर हिला दिया और बाते करने लगी ।

    अनुपमा इस समय किशन के पास बैठी थी ।वो अकेली ही रह गयी थी बाकि सब चले गए थे । कमर से निचे पट्टियों में लिपटा शरीर देख उसे रोना आ रहा था । क्या हालत हो गयी थी । किशन होश में था । लेकिन दवाई के असर से वो नींद में चला जाता था । तो इस समय वो सो रहा था। तो अनुपमा उसके पास बैठी देख रही ।

    रब राखा

    क्या होगा आगे कैसे किशन राधा आयेंगे एक दूसरे के सामने जानने के लिए बने रहे साथ।

  • 16. Beloved Enemy - Chapter 16

    Words: 1625

    Estimated Reading Time: 10 min

    अनुपमा किशन को ही देख रही थी तभी अबीर आया । जिसे देख अनुपमा अपनी जगह से खड़ी हो गयी । अबीर उन्होंने कहा और। उसके गाल पर हाथ रख दिया अबीर उनको देखने लगा।

    “ अंटी मै ठीक हूँ “, उसने कहा तो अनुपमा ने उसे बैठाया क्या हालत हो गयी है तुम दोनो की । तुम आराम करते ना “, अनुपमा ने कहा।

    “ जी मै जा रहा था मुझे डिस्चार्ज मिल गया है बस किशन से मिलने आ गया “, उसने कहा । वही अनुपमा उसे देखती रही ।

    “ घर से कोई नही आया “, उन्होंने कहा तो अबीर मुस्कुरा दिया ।

    “ घरवाले आते है घर से और मेरा अब कोई घर नही है “, उसने कहा । अनुपमा ने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिए ।

    “ अबीर तुम हमारे घर चलो “, उन्होंने कहा । तो अबीर ने ना में सिर हिला दिया ।

    “ अंटी मेने अपना छोटा घर ले लिया है ,मुझे मेरे हिस्से में वो घर मिला है बाकि मुझे और कुछ नहीं चाहिए “, उसने कहा ।

    “ बेटा तू आधी जायदात का वारिस है “, अनुपमा ने कहा ।

    “ आंटी क्या करना ऐसी जायदाद का जिस की वजह से सब मुझसे बोले ही नही । मुझे नहीं चाहिए ये सब और अब मै खुश हूँ बस एक बार किशन को देखने आया था जा रहा हूँ घर “, उसने कहा । तो अनुपमा ने सिर हिला दिया ।

    “ मै चलती हूँ साथ तुम्हारे “, उन्होंने कहा ।

    “ नहीं आप यही रहो विराट भाई ने ड्राइवर भेज दिया है । वो ले जायेगा मुझे “, अबीर ने कहा अनुपमा जी ने उसके सिर पर हाथ रख दिया ।

    “ चलो मै भी चलती हूँ “, उन्होंने कहा और अबीर के साथ चल दी ,उसे गाड़ी तक छोड़ने। गौतम विराट दोनों बैठे हुए थे उनकी एक मीटिंग थी जिसे कर वो इस समय गौतम के केबिन मे आये थे ।

    “ विराट अबीर का पता करा “, उन्होंने कहा । तो विराट उनको देखने लगा ।

    “ जी पापा अभी बीस मिनट पहले ही ड्राइवर ने उसे घर छोड़ा है”, उसने कहा तो गौतम उसे देखने लगे पता ।

    “ नहीं क्या उसके बाप की नियत क्या है । बेटे को अकेला कर दिया “, उन्होंने कहा तो विराट उनको देखने लगा ।

    “ अच्छा ये सब छोड़ और बताओ तुम्हारे होटल का काम केसा चल रहा है “, गौतम ने कहा तो विराट उनको देखने लगा ।

    “ काम तो सही चल रहा है राधषऔर पिया ने अपना काम बखुबी निभाया है और पुरे महीने मै ही खत्म्म करा है। जैसे उन्होंने कहा था । कल शाम को आखरी सभी काम हो गए थे “, विराट ने कहा तो गौतम ने सिर हिला दिया ।

    “ पापा मै क्या कह रहा था “, विराट ने कहा तो गौतम उसे देखने लगा ।

    “ मतलब के नैना भी यही चाहती है के क्यों न हम राधा को अपन कंपनी मे बुला ले । वो टेलेंटेड है कब तक हम अलग अलग कंपनी के साथ काम करेंगे । अब हमें अपनी कंपनी के इंटीरियर डिजाइनर की पोस्ट को भरने की जरूरत है “, विराट ने कहा ।

    “ तुमको पता है हमारी टीम है “, विराट गौतम ने कहा । तो विराट मुस्कुरा दिया।

    “ हां हमारी टीम है तब भी हमें बाहर की कंपनि के साथ काम करना पड़ता है । अब मुझे अपनी कंपनी के इंटीरियर डिजाइनर से कुछ अच्छा नहीं मिला तो बाहर की कंपनी ने मेरी उम्मीद पूरी की “, विराट ने कहा। गौतम उसे देखने लगा ।

    “ मै ये नहीं कह रहा के आप उस कंपनी को टेकओवर करे बस ये कह रहा हूँ के राधा को यहाँ ले आये । वैसे भी वो बहुत सिंसियर है मेने देखा है उसे सीधा कम पर आ आ कर उसने सभी काम को खुद से देखा है “, विराट ने कहा गौतम ने गहरी साँस ली

    “ ठीक है मै बात करूँगा आशु से के वो बात करे नहीं तो मै ही बात करंगा “, उसने कहा विराट मुस्कुरा दिया ।

    “ ठीक है पापा दो बज रहे है मै भी किशन के पास जा रा हूँ मम्मी वही है “, विराट ने कहा और उठा कर चल दिया ।

    “ काम कोन देखेगा “, गौतम ने कहा । तो विराट उसे देख कर

    “ आज संडे है पापा “, उसने कहा और चला गया । वही गौतम ने ना में सर हिला ड़िया और अपने काम में लग गया ।

    राधा मनराज भी घर की तरफ चल दिए थे दोनों ने आज पूरा दिन बहुत मस्ती की थी ।राधा तो मन के चेहरे को देख रही थी। कितना खुश था । वो और हो भी क्यों ना उसने आज वो सब करा था जो उसका मन था । सब से बड़ी बात उसने अपनी मम्मी के साथ पूरा दिन बिताया था । बहुत खुश था ।

    “ अच्छा मन अब तो कोई शिकायत नहीं है ना मुझसे “, राधा ने कहा । तो मन मुस्कुरा दिया ।

    “ नहीं मां अब तो मै बाहर खुश हूँ “, उसने कहा । तो राधा मुस्कुरा दी ।

    “ अच्छा तो ठीक है नेक्सट टाइम हम न कही और चलेंगे “, उसने कहा तभी आटो रूकी । दोनों ऑटो से बाहर निकले और अपनी बिल्डिंग की तरफ चल दिये । यहाँ आकर उन्होंने लिफ्ट ली और आगे बढ़ गए ।

    “ मम्मी मैं आज बहुत थक गया हूँ नींद आ रही है “, मन ने कहा तो राधा उसे देखने लगी ।

    “ चलो फिर हम आराम करेंग कल स्कूल जाना है ना तो नींद पूरी करते है “, राधा ने कहा । दोनों लिफ्ट निकले और चल दिया आगे और एक दरवाजे के सामने रूक गये । उनके बेल लगाने से पहले ही दरवाजा खुल गया तो दोनों पीया को देखने लगे ।

    “ मुझे पता था के तुम दोनों सात बजे तक आ जाओगे “, पिया ने कहा और मन को गोद में उठा अंदर चल दी । वही राधा उसे देख मुस्कुराते हुए अंदर आई और दरवाजा बंद कर दिया।

    “ क्या क्या कीया आज “, पीया ने कहा वही मन उसे सब बताने लगा । तो राधा अपने रूम की तरफ चल दी । यहाँ उसने चेंज करा फ्रेश होकर जब तक वापस बाहर आयी तो पाया मन सो चूका था ।

    “, इतनी जल्दी सो गया “, उसने कहा।

    “ हाँ बहुत थक गया था हह तो बाते ही कर रहे थे । और ये सो गया “, पीया ने कहा ।

    “चलो ठीक है मै इसे रूम में लेटा दूँ तू चाय बना दे”, राधा ने कहा और मनराज को उसकी गोद से लेकर चल दी । वही पीया रसोई की तरफ चल दी ।

    राधा मन को सुला कर बाहर आयी और वही सोफे पर बैठ गयी । पीया भी कुछ देर में दो कप पकडे आगयी और उसके पास ही बैठ गयी । राधा ने उसे देखा और उसके हाथ से कप लेकर।

    “ कैसा रहा आज का दिन “, उसने कहा और टेबल पर पड़ा नमकीन का डिब्बा खोने लगी तो पिया उसे देखने लगी ।

    “ यार आज तो एक बात हो गयी “, उसने कहा । राधा उसे देखने लगी ।

    “ क्या बात हो गयी “, उसने कहा और नमकीन खाने लगी।

    “ वही पिया ने अपना कप टेबल पर रखा और राधा को देखने लगी ।

    “ पता है आशु सर ने मुझे प्रपोज करा “, उसने कहा तो राधा उसे देखने लगी । वाट उसने कहा ।

    हाँ यार पिया ने कहा राधा हैरान सी उसे देख रही थी ।

    “ देख मजाक करने को मै ही मिली क्या “, उसने ।

    “ ऐसा कुछ नहीं है अच्छा चल मै बताती हूँ “, पिया ने कहा और उसे दोपरह जो भी हुआ वो सब बताने लगी । राधा हैरान सी उसे देखने लगी ।

    “ वाह और तुमने क्या कहा “, राधा ने उसका हाथ पकड़ कहा। तो पिया उसे देखते हुए ।

    “ मेने मना कर दिया “, उसने कहा राधा उसे देखती रह गयी ।

    “ क्या मतलब मना कर दिया “, उसने कहा ।

    “ हाँ यार मेने मना कर दिया”, पीया ने कहा और अपनी चाय का कप उठा पीने लगी। राधा उसे देखती रही ।

    “ तूने उनको मन किया लेकिन फिर भी तुमको प्रमोशन मिल गया “, राधा ने कहा । पिया ने हाँ में सिर हिला दिया ।

    “ पागल लड़की कुछ तो झोल होगा और वो एकदम मान भी गया मुझे ना लगता के आशु सर इतनी आसानी से पीछे नही हटेंगे “, उसने कहा। ।

    “ अरे यार देखा भी है उसे अठाईस का है और लगता है चालीस का। आँखों पर चश्मा और एक ही तरह का वो ढीला सा सूट बस उसके बीना कभी देखा किसी और आउटफिट में “, पिया ने कहा । राधा उसे उसे देखने लगा ।

    “ हां उनका अपना रहने का नजरिया है उनको वैसे सही लगता है रहना “, उसने कहा ।

    “ तो ठीक है ना मुझे नहीं रहना ऐसे इंसान के साथ मेरी भी इच्छा है ने मेरी पसंद सुंदर हो हैंडसम हो बस तो मेने मना कर दिया “, पीया ने कहा । राधा ने हाँ में सिर हिला दिया । और अपनी चाय पीने लगी । पर कुछ सोच कर।

    “ जरुरी नहीं ना के अचछा दिखने वाले का दिल भी अच्छा ही हो “, उसने कहा तो पिया उसे देखने लगी।

    मन के पापा की याद आ गयी वो बहुत सुंदर था ना “, पिया ने कहा । तो राधा उसे देखने लगी।

    “ मतलब मन भी बहुत सुंदर है इस लिए कहा “, तो राधा मुस्कुरा दी ।

    “ हाँ इस बात में तो शक नहीं वो बहुत सूंदर था “, उसने कहा और अपना ध्यान चाय पर लगा दिया ।

    रब राखा

  • 17. Beloved Enemy - Chapter 17

    Words: 1529

    Estimated Reading Time: 10 min

    राधा पिया दोनों अपनी बातें कर अपने अपने रूम में चली गई । वही अनुपमा को विराट ने घर भेज दिया था । और खुद वो किशन के पास था । जो इस समय अपने भाई से बात कर रहा था । तो विराट भी उसे बहुत प्यार से बात कर रहा था । वो रात बीती और सुबह हो गयी और सब कुछ पहले की तरफ अपनी रुटीन में शुरू हो गया । राधा पीया मन को छोड़ कर अपने आफिस के लिए निकल गयी थी। और आज ऑफिस आते ही पीया पर एक बॉम्ब गिरा था। और वो था के पीया आज से आशू की असिस्टेंट बनेगी जिसे सुन कर कुछ पल के पीया को साँस ही नहीं आयी । वही राधा उसे देखती रह गयी ।

    “ अरे साँस तो ले ले “, उसने कहा तो पीया उसे देखने लगी ।

    “ ये कब हुआ और कैसे “, पीया ने कहा तो राधा उसे देख कर

    “ पक्का कल हुआ है “, उसने कहा तो पीया उसे देखने लगी ।

    “ हाँ कल ही हुआ है मेने साइन किये थे पर अच्छे से पड़ा नहीं था “, उसने कहा वही राधा ने ना में सिर हिला ।


    “ दिया जा अब सर से बात कर ले वर्ना अभी तो बस फोन आया है कही खुद ना आजाये “, उसने कहा तो पीया उसे देखने लगी ।

    “ नहीं यार शुभ शुभ बोल , उसने कहा वही राधा मुस्कुरा दी ।

    “ दोनों जैसे ही अपनी अपनी कुर्सी पर बैठी थी तभी एक लड़का आया और पीया के सामने एक फ़ाइल रख दी। पीया उसे देखने लगी ।

    “ ये किस लिए “, उसने कहा

    “ सर ने कहा है के आज से मेरी असिस्टेंट सब देखे गयी तो आप ही हो सर की असिस्टेंट “, उसने कहा बस पीया तो चुप सी हो गयी थी । और तभी आशू का फोन आ गया ।


    “ मै जाती हूँ “, पीया ने कहा और उठ कर चल दी । वही राधा अपने काम में लग गयी । पीया ने दरवाजे पर दस्तक दी तो आशु के चेहरे पर मुस्कान आगयी ।

    “ आ जाओ “, उसने कहा वही पीया अंदर आयी और आशु को देखने लगी ।

    “ हाँ तो मिस पीया आपको ये सभ डाटा एक साथ करना है पिछले एक महीने का जो भी काम है उसे देखना है”, आशु ने उसके आगे दो फाइल करते हुए कहा । वही पीया उसे देखने लगी।

    “ मै आपकी असिस्टेंट कब बन गयी “, उसने कहा । तो आशु ने उसे देखा ।

    “ कल तुमने साइन किये थे ना बस उसी समय और हाँ ये सारा काम दो दिन में कर लेना हमें जाना है दूसरे शहर में वहां पर एक होटल को देखना है और काम करना है “, आशु ने कहा । पीया उसे देखती ही रह गयी ।

    “ सर आप जानबुझ कर रहे है ना मेने आपको नाह की है “, उसने कहा तो आशु उसे देख रहा था । वो मुस्कुरा दिया ।

    “ मिस पीया आपज्यादा दिमाग ना चलाये मुझे असिस्टेंट की जरूरत थी तो तुमको रख लिया अब नए स्टाफ की सेलरी देने से अच्छा है पुराने स्टाफ की सेलरी बड़ा कर रख लो “, उसने कहा और अपना चश्मा सही करते हुए अपने काम पर लग गया ।

    “ वही पीया उसे देखती रह गयी”, मेरा मुहं मत देखो अपना काम करो , आशु ने कहा तो पिया सिर हिला कर आगयी उस से और कोई बात ही नहीं हुई । बाहर आकर वो अपनी कुर्सी पर बैठ गयी राधा आपने काम में लगी थी। तो वो भी अपने काम में लग गयी । राधा ने उसे देखा और मुस्कुरा दी ।

    “ शक तो मुझे था इस बात का पर कहा नहीं तुमको”, राधा ने मन ही मन कहा और वापस से ध्यान अपने काम पर लगा दिया । देखते देखते दिन बीतने लगे थे यहाँ राधा पिया अपने काम में लगी थी आशु पिया दो दिन के लिए दूसरे शहर भी गये थे इस बिच यहां पर उनका काम दूसरी टीम को पसंद आया था। वही राधा मन के साथ थी। शाम को वो तीनो एकसाथ ही बैठ कर बाते करते । और सुबह को घर बंद कर चले जाते। वही किशन की हालत में भी अब सुधार था । उसकी कमर से निचे की स्री पट्टियां हट गयी थी । जो के उसकी सेफ्टी के लिए ही ही थी । लेकिन उसे अभी व्हील चेयर पर ही बैठाया गया
    था । एक्सीडेंट में उसकी कमर पर असर पड़ा था ।
    जिस वजह से वो सीधे चल नहीं पा रहा था । तो बस उसका इलाज चल रहा था। और इस समय अबीर विराट दोनों उसका साया बने हुए थे । वही अनुपमा अपने बेटे को ठीक होते देख कर खुश रही थीसाथ ही भगवान का लाक लाख शुक्र अदा कर रही थी के उसका बीटा अब ठीक हो रहा है । दो महीने बीत गए थे । और सस बीच किशन वापस से खुद के पैरों पर खड़ा था । और वो खुश था अनुपमा तो उस से भी ज्यादा खुश थी । लेकिन एक बात सोचने वाली थी के कशिश इस बीच उस से मिलने नहीं आयी थी किशन ने उसे मिलने का बहुत बार कहा पर वो उसे मिलने नही आयी थी । वही अनुपमा को भी इस बात का बुरा लगा था । पर गौतम विराट ने कहा था के कशिश अपने काम से बाहर गयी है इस लिए वो नहीं आ रही । तो अनुपमा ने ज्यादा रिएक्ट नहीं किया । लेकिन किशन को बहुत ही तल्खी हो रही थी उसने पहली बार किसी लड़की पर रुकने का फैसला किया था । प्यार किया था। पर ये प्यार भी कुछ ही दिनों का था ।

    अबीर किशन दोनों इस समय किशन के रूम में बैठे थे । यहाँ किशन के हाथ में कुश फोटो थी । वही अबीर उसे देख रहा था । गुस्से में किशन ने उन फोटो को फेंक दिया तो वो फोटो फर्श पर गिर गई जिनमे कशिश किसी लड़के के साथ थी ।

    “ मुझे बात करनी है इस से “, किशन ने कहा तो अबीर उसे देखने लगा ।

    “ देख किशन जाने दे इसे “, उसने कहा ।

    “ नहीं बात करनी है मुझे “, किशन ने कहा ।

    “ ठीक है पर अभी तू बाहर नहीं जायेगा कुछ दिनों बाद भाई के होटल की ओपन सेरेमनी है तब जाना है बाहर सब ने यही कहा है “, अबीर ने कहा तो किशन उसे देखने लगा ।

    “ मेने कहा मुझे बात करनी है तो करनी है तू समझ नहीं रहा “, उसने कहा तो अबीर ने हाँ में सिर हिला दिया ।

    “ ठीक है अभी दस बज रहे है बारह बजे तक कशिश यहां होगी”, उसने कहा वही किशन चुप सा आपने रूम की ग्लास वाल के सामने आकर खड़ा हो गया । अबीर उसे देखते हुए चला गया ।

    राधा जो इस समय आशु के सामने खड़ी थी वो हैरान सी थी ।

    “ सर आप क्या बोल रहे है “, उसने कहा ।

    “ हाँ राधा सही बोल रहा हूँ तुम्हारे लिए ऑफर है सेहगिल ग्रुप से वो तुमको अपनी हेड डिजाइनर बनाने की बोल रहे है “, मिस्टर सेहगिल का मुझे खुद फोन आया था। वो तो पहले ही तुमको अपॉइट कर लेते पर उनके बेटे के एक्सीडेंट की वजह से वो कुछ बोल नहीं पाए “, आशू ने कहा ।

    वही राधा हैरान सी थी ,” पर सर मै कैसे मतलब के आप का क्या कहना है “, उसने आ तो आशु मुस्कुरा दिया। वही पीया जो एक तरफ खड़ी थी । वो भी राधा को देख रही थी।

    “ मेरी मानो तो हाथ आया मौका छोड़ना नहीं चाइये । क्या पता आगे कोन सी मंजिल है उसने कहा । वही राधा चुप सी रह गयी।

    “ देख राधा तुमको हाँ करनी चाहिए नामी कंपनी है और इतनी अच्छी पोस्ट के लिए बुला रहे है । मुझे लगता है हाँ ही करनी सही है “ , आशू ने कहा तो राधा ने हाँ करदी । वही आशु मुस्कुरा दिया ।


    “ ठीक है सर आप कहते है तो मेरी हाँ है “, उसने कहा ।

    “ तो ठीक है मै पोन कर देता हूँ तुम तैयारी करो आज ही वहां जाना है तमहे “, आशु ने कहा । तो राधा उसे देखने लगी । पीया राधा को देख मुस्कुरा रही थी । राधा आशु से बात कर केबिन से बाहर निकल गयी ।

    “ सर में राधा से मिल लूँ “, पिया ने कहा तो आशु उसे देखने लगा । और हाँ में सिर हिला दिया । पीया जल्दी से बाहर आयी और राधा के पीछे चल दी। जो अपने जगह पर आ रही थी ।


    “ राधा रानी अब तो पार्टी बन गयी “, उसने राधा को गले लगते हुए कहा । तो राधा मुस्कुरा दी ।

    “ ठीक है “, उसने कहा ।

    “ चल अच्छे से सब काम करना अपने ठीक है “, पिया ने कहा तो राधा ने हाँ में सिर हिला दिया । और अपना बैग लेकर चल दी ।

    रब राखा

    क्या होगा आगे क्या राधा और किशन एक दूसरे के सामने आने वाले है । जानने के लिए बना रहे साथ।

  • 18. Beloved Enemy - Chapter 18 किशन को पता चली सच्चाई।

    Words: 2077

    Estimated Reading Time: 13 min

    राधा पिया से मिल कर निकल गयी थी सहगल आफिस के लिए। उसे इस बात की ख़ुशी थी के उसके काम की कदर हुई है । आखिर कोन नहीं जानता था इस कंपनी को। और उसी कंपनी के एक डिपार्टमेंट में राधा को काम मिला था । इसी लिए वो खुश थी । उसने साल पहले अपना फ्लेट लिया था । उसकी किश्ते मन की पढाई और बाकी का खर्च उसे ही देखना था ।

    हाँ पिया उसके साथ रहती थी पर इस शर्त पर के वो अपना रेंट पे करेगी । तो राधा ने भी कुछ नै कहा । दो राम का फ्लेट था एक रूम को खाली रखने से अच्छा था के वो उसे भी इस्तेमाल कर ले । तो उसने पीया की दे दिया था वो रूम । राधा इसी सब को सोचते हुए चली जा रही थी अपनी नई मंजिल की तरफ।

    सेहगिल बिल्डिंग के सामने खड़ी राधा ने गहरी साँस ली ।और चल दी अंदर की तरफ। रिसेप्शन पर राधा ने आकर पूछा तो वो लड़की खुद ही उसे लेकर चल दी । क्यूंकि गौतम ने पहले ही बता दिया था राधा के बारे में ।

    “ आप को सर से मिलना है और इस समय सर यही अपने केबिन में है “, उस लड़की ने कहा । राधा ने हाँ में सिर हिला दिया । और सामने देखा यहाँ पर दरवाजा था।ष उसने अपने चारों तरफ देखा यहाँ और भी लोग आ जा रहे थे । दरवाजे को हाथ से खोलते हुए अंदर आने की परमिशन मांगी , तो गौतम ने उसे अंदर आने का कहा ।राधा गहरी साँस लेकर अंदर की तरफ चल दी।

    “ ओ राधा तुम आगयी “, गौरम ने राधा को देख कहा । वही राधा ने हाँ में सर हिला दिया ।

    “ बैठो बात करते है “, उन्होंने कहा तो राधा उनके सामने की कुर्सी पर बैठ गयी। वही गौतम ने विराट को फोन कर बुला लिया क्यूंकि उसने ही राधा को इस कंपनी में रखने का आइडिया दिया था ।

    “ क्या लोगी तुम “, गौतम ने कहा तो राधा ने ना में सिर हिला दिया ।

    “ नहीं सर मै ठीक हूँ “, उसने कहा ।

    “ विराट तुम्हारे काम से बाउट खुश है उसी ने कहा है के क्यों ना हम इतनी टैलेंटड लड़की को अपने यहाँ पर काम के लिए रखे “, उन्होंने कहा । तो राधा ने हाँ में सिर हिला दिया ।

    “ ये तो मेरे लिए बहुत बडी बात है “, उसने कहा । तभी विराट भी आ गया और राधा को देख मुस्कुरा दिया ।

    “ बैठो विराट अब तुम ही देखो और राधा को सब बता दो और हाँ अब हम ने राधा को रखा है तो इसके जोइनिंग लेटर और बाकि सब का काम तुम देखो “, उन्होंने कहा । वही विराट ने हाँ में सर हिला दिया और राधा को देखा ।

    “ वैसे अपने पेपर तो लाई हो के नहीं “, उसने मुस्कुरा कर कहा। तो राधा ने हाँ में सिर हिला दिया और अपने बैग से एक फ़ाइल निकल उसने विराट के सामने करदी । जिसे विराट देखने लगा।

    “ वाह सात साल से काम कर रही हो तुम “, उसने हैरानी से कहा ।

    “ जी सर “, राधा ने कहा । वही विराट ने राधा की एज का कॉलम देखा यहाँ पर 26 लिखा था।

    “ तुम तो अभी 26 की हो और सात साल का एक्सपीरियंस है तुम्हारे पास “, उसने कहा।

    “ जी सर वो मेने जल्दी ही काम शुरू कर दिया था “, उसने कहा। गुड उसने कहा और फाइल देखने लगा।

    “ ठीक है पापा मै सब कर देता हूँ “, उसने कहा तो गौतम ने हाँ में सिर हिला दिया । और विराट राधा को अपने साथ लेकर चला गया।

    “ वैसे तो तुम मुझे जानती हो तो सोचो के हम दोस्त ही है “, विराट ने राधा से कहा । तो रधा उसे देखने लगी ।

    “ सर दोस्त नहीं है, आप मेरे सीनियर है “, उसने कहा विराट उसे देखने लगा और मुस्कुरा दिया। शाम के चार बज रहे थे ।सेहगिल बिल्डिंग के सामने एक गाड़ी खड़ी हूई जिस में से अनुपमा बाहर निकली और अंदर की तरफ चल दी ।वो इस समय गुस्से में लग रही थी।

    वो सीधे लिफ्ट से होते हुए ऊपर के फ्लोर की तरफ चल दी। चेहरे पर सख्ती आँखों में लाली लिए वो लिफ्ट से बाहर निकली और आगे बढ़ गयी यहाँ वो गौतम के केबिन के बाहर आकर खड़ी हो गयी और सामने दरवाजे को देखने लगी और दरवाजा खोल अंदर चली गयी । वही गौतम जो अपनी कुर्सी पर बैठे काम कर रहे थे । वो सामने देखने लगे ।

    “ अनुपमा तुम “, उन्होंने कहा तो अनुपमा उनके सामने के टेबल के सामने खड़ी हो गयी । वही गौतम देखने लगे ।

    “ ये क्या हालत बना रखी है तुमने “, गौतम ने कहा ।

    “ गौतम मुझे एक बात बताओ के तुम समझते क्या हो खुद को “, उन्होंने कहा वही गौतम उस देखते रहे ।

    “ इतनी बड़ी बात हो गयी और तुमने मुझे बताना जरुरी भी नहीं समझा “, उन्होंने कह वही गौतम की आँखों मे हैरानी थी ।

    “ क्या बोल रही हो तुम “, उन्होंने कहा ।

    “ बस गौतम बहुत हो गया तुमने मुझसे बात छुपाई सब को पता थी बात पर मुझे नहीं “, उन्होंने कहा ।गौतम देखते रहे ।

    “ कैसे बाप हो तुम हाँ कैसे बाप जिसे अपने बच्चे से प्यार नहीं है बस अपने बिजनेस से प्यार है”

    “ बस अनुपमा बहुत बोल लिया तुमने “, गौतम ने कहा ।

    “ नहीं अभी नहीं तुम ने मुझे से बात छुपाई और अपने बेटे से भी “,

    “ कोन सी बात छुपाई है मेने “, गौतम ने गुस्से से कहा ।

    “ यही के किशन अब कभी बाप नहीं बन सकता”, उन्होंने कहा तभी केबिन का दरवाजा बंद हुआ । तो गौतम ने उस तरफ देखा यहाँ कोई नहीं था।

    “ क्यों किया तुमने ऐसा हाँ क्यों किया तुमने ये सब “, अनुपमा ने कहा । गौतम उनको देखने लगा।

    “ तो क्या करता पुरे शहर को बता के इस एक्सीडेंट में क्या हुआ है , और तुम यहाँ पर कोनसी बात का गुस्सा कर रही हो पहले ध्यान नहीं दिया गया बच्चो पर । जब वो गलत कर रहे थे और अब जब ये सब हो गया तो मुझ पर इल्जाम लगा रह हो “, गौतम ने कहा ।

    “ गौतम तुम जानते हो किस की गलती है उन्होंने”,

    “ जिसकी गलती है वो भुगत रहा है । उसे नहीं बताया तो उसके लिए ही । कही कुछ गलत न करे। और तुम इस तरह से यहाँ आकर क्या साबित करना चाहती हो के मुझे कोई चिंता नहीं बहुत चिंता है इस लिए नहीं बताया उसे “, गौतम ने कहा ।

    “ तो अब पता चल गया है उसे “, अनुपमा ने कहा और गौतम की आँखों देखते हुए वो बाहर की तरफ चल दी । वही गौतम चुप सा देखता रह गया । अनुपमा वापस लिफ्ट में आयी और गाड़ी में बैठ निकल गयी । बात दोपरह बाहर बजे की थी जब अबीर कशिश के साथ घर आया था ।

    वही किशन कशिश को देखने लगा जो उसे देख रही थी । और वो उसका हाथ पाकर अपने रूम की तरफ ले गया और जिम में आते ही उसने कशिश को खुद के सामने खड़ा करा । वही अनुपमा और अबीर भी उसके पीछे पीछे चल दिए।

    “ ये क्या पागलपन है “, कशिश ने कहा । तो किशन उसे देखता रहा।

    “ क्या कामी है मेरे प्यार में के तुम ने मुझे देखना भी सही नहीं समझा “, उसने कहा । वही कशिश उसे देखति रही ।

    “ देखो किशन मेने कहा था न के मेरी बुआ जो कहेगी वही होगा “, उसने कहा ।वही किशन उसे दखता रह गया ।

    “ पागल समझ रही हो क्या मुझे तुम सच सच बताओ क्या कमी थी मुझमे के तुम ने मुझे छोड़ दिया “, उसने कहा ।

    “ किशन पागल बन रहे हो तुम मुझे जाना है । एक ये तुम्हारा दोस्त मुझे उठा कर लाया है”, उसने कहा और अबीर को देखा जो पीछे अनुपमा के साथ खड़ा था ।

    “ मुझे देख कर बात करो तुम । मेने कहा था के मुझे झूठ से नफरत है तो सच कहो “, उसने कहा ।

    “ देखो किशन बात खतम तो खत्म है अब कुछ नहीं है “, उसने कहा।

    “ नहीं ऐसे नहीं है तुम जा सकती हो पर मुझे सच जानना है के उस में क्या खास है जो तुमने मुझे छोड़ दिया “, किशन ने कहा । तो कशिश उसे देखने लगी ।

    “ वही आगे बढ़ किशन ने उसके कंधे पकड़ उसे खुद के करीब कर उसकी आँखों में देखने लगा। इस समय किशन की आँखों में पागलपन दिख रहा था ।

    “ सुन सकोगे तुम “, कशिश ने कहा ।

    “ वही तो सुन्ना चाह रहा हूँ “, उसने कहा ।

    “ तो सुनो तुम कभी बाप नहीं बन सकते कभी नहीं “, उसने कहा वही किशन ने कशिश को छोड़ दिया । और हैरान सा देखने लगा ।

    “ तुमको कितनी बार कहा के अचछे से रहा करो । पर नहीं तुम तो अपनी करने वाले हो तो गया एक्सीडेंट और हो गिये तूम चोटिल और ये चोट पूरी जिंदगी की है तुम पर । के तुम कभी बाप नहीं बन सकते और में कैसे रहूगी तुम्हारे साथ । कैसे खश रख पाओगे मुझे । पापा ने ही मुझे बताया और उन्होंने ही तुमसे दूर रहने का कहा तो हो गयी दूर उनके लिए में तुम्हारे पास आयी थी। तो उनके लिए हो गयी तुमसे दूर “, कशिश ने कहा । वही किशन तो जैसे था ही नही यहा । उसे ऐसा लग रहा था के उसका कोई वजूद ही नहीं रहा । वही अनुपमा अबीर जो हैरान से खड़े थे वो भी कशिश को देखते रहे।

    “ आंटी मेरे लिए आसान नहीं ता इसे छोड़ना पर इसने कभी नहीं मानी मेरी बात उस दिन भी कहा था के आराम से जाना पर नहीं इसे तो अपनी मर्जी करनी है । तो अब मै क्या करूँ”, कशिश ने अनुपमा को देखते हुए कहा । वो भी हैरान सी थी

    “ अब मिल गया जवाब तो मुझे जाने दो “, कशिश ने किशन को देख कहा और अबीर को देखती हुई बाहर चली गयी । वही किशन जो अपनी जगह पर खड़ा था उसे कोई होश ही नहीं था । उसके कानों में बस एक ही बात गूंज रही थी के तुम कभी बाप बही बन सकते ।अबीर ने आगे बढ़ उसके कंधे पर हाथ रखा तो किशन उसे देखने लगा ।

    “ सुना उसने क्या कहा “, किशन ने कहा ।

    “ देख तू उसकी बात को मत सुन “, अबीर ने कहा । तो किशन ने उसका हाथ झटका और पीछे की तरफ जाने लगा ।


    “ नहीं उसने बहुत बड़ी बात कही पलभर मे मेरा अस्तित्व को मिटा दिया उसने “, कहते हुए किशन पीछे ली तरफ जा रहा था वही अनुपमा उसे देखती रह गयी ।

    “ नहीं किशन एसा कुछ नहीं है “, अबीर ने कहा ।

    “ नहीं ऐसा ही है “, उसने कहा वही किशन ने कदम पीछे रखा तो वो उस कॉर्नर के बार से जा टकराया । ।

    “ उसने सही कहा में हुँ ही नहीं मै कुछ नहीं हूँ “, केहते हुए किशन ने बार में राखी बोतल तोडना शूरू कर दिया । अबीर अनुपमा उसे देखते हो रह गए ।वो जितना किशन को समझाने की कोशिश कर रहे थे ।षवो उन ही गुस्से में भर रहा था ।

    “ देख किशन इस तरफ आ तुमको लग जायेगी “, अनुपका ने कहा तो किशन जिसने हाथ में बोतल थी । उसे दीवार में मारा और उस टूटी बोतल को हाथ में पकडे हुए दोनों को देखने लगा ।

    “ मेरे पास मत आना वार्ना में खुद को मार दूंगा “, उसने वो बोतल अपने गले पर लगते हुए कहा । अबीर अनुपमा दोनों की सांस अटक गयी।

    “ दूर रहो मूसझ से मुझे किसी से बात नहीं करनी किसी की हमदर्दी की जरूरत नहीं है “, उसने कहा ।

    “ चलो अंटी अभी हमें जाना होगा वार्ना ये कुछ भी कर सकता है “, अभिर ने कहा तो अनुपमा उसके साथ बाहर की तरफ चल दी। पर वो किशन को ही देख रही थी । जो इस समय टूट चुका था और वही दिवार से लग कर बैठ गया ।

    रब राखा

    क्या होगा आगे किशन कैसे इस बात को माने गा जानने के लिए बने रहे साथ।

  • 19. किशन का टूटना , Chapter 19

    Words: 1442

    Estimated Reading Time: 9 min

    अनुपमा किशन के बारे में ही सोच रही थी। आज उसे लगा था के उसने अपने पति की बाते मान कर बहुत बड़ी गलती की है उसने । ना तो तब उसकी कोई कदर की थी ना ही अब कोई कदर की गौतम ने । ड्राइवर ने गाड़ी रोकी तो अनुपमा बाहर देखना लगी । सामने उसका घर था । वो उस घर को देखना लगी और बाहर निकल गई ।

    “ क्या नहीं किया इस घर को बनाने के लिए पर आखिर में मै फेल ही रही “, उसने खुद से कहा । और अंदर की तरफ चल दी। शाम भी अब ढलने लगी थी राधा भी बहुत खुश थी । अपनी इस जॉब से उसका पैकेज भी अब अच्छा हो गया था। और वो अब एक सेटल लाइफ जीने की शुरुआत कर सकती थी ।वो घर आयी तो मन सामने ही मिला । पीया ने उसे फोन कर बता दिया था के वो मन को ले आएगी । तो बस आज वो बहुत खुश थी ।

    “ अरे मम्मी मासी ने बताया के आप को जॉब मिल गयी दूसरी जगह पर”, मन ने कहा।

    “ हाँ मनराज मुझे नई जगह पर जॉब मिली है”, राधा ने कहा । तो मन उसे देखने लगा ।

    “ हाँ मनराज देख ना तेरी मम्मी को अच्छी जॉब मिली और ये मिठाई भी नहीं लाई “, पीया ने कहा तो। राधा उसे उखे लगी ।

    “ जो खाना है आर्डर कर दे समझी ना “, उसने कहा तो पीया मन के साथ बैठ कर अपने फोन पर देखने लगी । राधा दोनों को देखते हुए अपने रूम में चली गयी , और खुद को शीशे में देखने लगी । यहाँ वो चुप सी खुद को देख रही थी कंधे तक आते बाल। जींस टॉप में रंग भी ना तो ज्यादा गोरा । नाही ज्यादा डार्क बिच की टोन का गेहुआ रंग । वो खुद को देखते हुए मुस्कुरा दी । बहनजी उसने कहा और अपने पर्स देखा उसमे से फोन निकाल देखने लगी । और फिर वापस शीशे के सामने आकर खड़ी हो खुद को फोन मेः देखने लगी । और रूक कर उसने एक ब्लेक आई लाइनर उठाया और उस से माथे पर छोटा सा डोटबना लिया जो का बिंदी की तरह दिखने लगा । और फिर अपनी फोटो खींच उस फोटो को देखने लगी ।


    “ तू भी ना राधा “, उसने कहा और फोन को वही बेड पर फेंक कर खुद चेंज करने चल दी ।


    किशन अभी भी वैसे ही बैठा था उसे यकीन नहीं हो रहा था के ये सब हो गया है । और उसके साथ ही उसका प्यार उसे छोड़ गया । मतलब ये दुनिया कितनी मतलबी है। आज तक किशन ने कभी ऐसा सोचा नहीं था । वो तो अपनी जिंदगी को खुल कर जीने वाला , लडकियों को तो कपड़ों की तरफ बदलता था वो जिस एक बार हाथ लगया । उसे वापस देखता भी नहीं था वो । ना जाने आज तक कितनी लड़कियों का साथ वो पा चुका था । और फिर कशिश पर आकर रुका । कुछ तो था उसमे जिसके लिए वो रुका था । उसे भी यकीन नहीं हो रहा था खुद पर । के वो कशिश के लिए उसके पास गया था शयद यही प्यार होता है । पर प्यार ऐसा होता है । जो इस तरफ से उसे छोड़ गया। वो यही सब सोच रहा था । वही अबीर जो इस समय उसी रूम में लगे सोफे पर बैठा उसे देख रहा था । एक पल के लिए भी अबीर वहां से नहीं गया था । अनुपमा के जाने के बाद वो वही बैठा गया था । और अभी भी वही बैठा किशन को देख रहा था । किशन चुप सा ना जाने किस सोच में था जो अभी तक दो बोतल पी चुका था ।

    और एक हाथ में थी। तभी किशन ने वापस से उस बोतल को मुहं से लगा लिया और एक ही बार में पी गया अबीर जो उसे ही देख रहा था । वो उठ कर उसके पास आ गया।

    “ बस कर अब तू”, उसने किशन के हाथ से बोतल लेते हुए कहा । तो किशन उसे देखने लगा ।

    “ तु जा यहाँ से “, उसने कहा तो अबीर वही बैठ गया ।

    “ तू पागल हो गया है किशन ये क्या कर रहा है “, उसने कहा ।

    “ हाँ होगया हूँ मै पागल हो गया हूँ मै पागल तू बता क्या करूँ । मेरा आस्तित्व ही मिट गया और तू बोल रहा है के मै पागल हो गया हूँ “, उसने कहा । अबीर उसे देखता रहा ।

    “ सच कहु किशन मुझे तुम पर अब तरस आ रहा है । जब तुमको सब ने कहा के अब सीरीयस हो जा पर नहीं तुमको तो मजे करने थे। और अब जब उन मजे का फल मिला है तो तुम इस तरफ से टूट गया है । जैसे बहुत बड़ा पहाड़ टूट पड़ा है तुम पर। किशन ये वही कर्मो का फल है जो तूने किये है । और तूने क्या क्या किया है ये तुमसे बेहतर कोन जान सकता है “, अबीर ने कहा । वही किशन उसे देखने लगा ।

    “ अब अगर अभी भी तुमको अक्ल नहीं आयी तो तुझ से बड़ा पागल इंसान मेने नहीं देखा “, उसने कहा। और किशन को वैसे ही छोड़ बाहर चल दिया ।

    “ तू भी मुझे छोड़ जा रहा है”, किशन ने कहा।

    “ नहीं मई तुमको नहीं छोड़ रहा पर तुम्हारी इस आदत के साथ नहीं रह सकता तू खुद को बेचार बना रहा है जो के तू नहीं है तो संभल जा “, अबीर ने कहा और बाहर निकल गया । तो सामने से अनुपमा दिखी । जिसे देखता हुआ वो चला गया ।

    वही अनुपमा अंदर आयी और किशन को देखने लगी जो खड़े होने की कोशिश कर रहा था । वो आगे आयी उसको सँभालने तो किशन ने उनके आगे हाथ कर रोक दिया ।

    “ मै खुद को संभाल लूंगा जाओ आप अपने पति को संभालो “, उसने कहा ।और लड़खड़ाते हुए वो सीढ़ियां चढ़ने लगा । वही अनुपपा उसे देखती ही रह गयी ।


    “ गौतम जो कंपनी से निकल चुका था वो इस समय एक रूम में बैठा था । वो अनुपमा की ही बाटे सोच रहा था । तभी बाथरुम का दरवाजा खुला और वहां से एक औरत बाहर आयी जिसने बाथरोब पहना था । और वो गौतम को देखने लगी।

    “ क्या हुआ गौतम तुम बहुत परेशां लग रहे हो “, उसने कहा । और आगे बढ़ गौतम का पहना कोट उतारने लगी । वही गौतम उसे देखने लगा जो कोट को एकतरफ टांग रही थी ।

    “ हाँ बात ही ऐसी हो गयी है “, गौतम ने कहा । तो वो औरत उसके पास आकर बैठ कर उसे देखन लगी। फिर उसकी शर्ट के बटन खोलने लगी ।

    “ मेरे होते हुए परेशान होने की जरूरत नहीं है । किशन का क्या हाल है उसे पता चला के नहीं अभी तक “, उस औरत ने कहा । तो गौतम ने उसके हाथ पकड़ लिए ।

    “ आज उसे पता चल गया है के उसके साथ क्या हुआ है “, गौतम ने कहा तो वो औरत गौतम को देखने लगी ।

    “ ये तो होना ही था एक दिन उसकी मर्दानगी पर चोट लगी है । ये कोई छोटी बात नहीं है “, उस औरत ने कहा।

    “ तुम समझ नहीं रही , मधु ये उसकी मर्दनगयी की बात नहीं मेरे खानदान को आगे बढ़ाने की बात है। नैना माँ नहीं बन सकती तुम्हे पता है अब किशन के साथ ये सब हो गया । मेरे खानदान को कैसे आगे बढ़ाऊंगा अब में “, उसने कहा वही वो औरत मधु मुस्कुरा दी ।

    “ मेने बेटे को अपना लो”, उसने कहा तो गौतम ने उसे घूरा ।
    “ बस ये बात कभी मत करना समझी ना । तुम सब को पाल रहा हूं यही बहुत है “, उसने कहा और उसका हाथ छोड़ उठ खड़ा हुआ और जाने लगा ।वही मधु बड़े आराम से उसे देखने लगी

    “ वैसे किशन ने इतनी लड़कियों के साथ रिलेशन बनाये है कोई तो होगी जो प्रेग्नेंट हुयी हो”, उसने कहा । तो गौतम उसे देखने लगा ।

    “ अरे झूठ नहीं बोल रही तुमसे ज्यादा तो मै जानती हूँ उसे । और उसने ऐसे काम केरे है जिसके बारे में तुमको पता भी नहीं । क्या हो आज तुमको पता चले के तुम्हारा वारिस इस दुनिया में पहले से ही आ गया है “, उसने कहा गौतम उसे देखता रहा ।

    रब राखा

    क्य मधू को सब पता है किशन के बारे में जा वो झुठ बोल रही है ।क्या होगा अब कैसे किशन खुद को संभालेगा जानने के लिए बने रहे साथ।

  • 20. Beloved Enemy - Chapter 20

    Words: 1481

    Estimated Reading Time: 9 min

    गौतम जो खड़ा था वो मधु के पास बैठ गया । सच में उसने। कहा वही मधु उसे देखने लगी ।

    “ बिलकुल अब मुझे तुमने अपने बच्चों पर नजर रखने का कहा था तो करना था “, उसने कहा । वही गौतम उसे देख रहा था

    “ तो बताओ मुझे कोन है वो “, उसने कहा ।

    “ ऐसे कैसे गौतम बाबू उसने “, खडे होते हुए कहा और फिर अपने दोनों हाथ आपस में मलते हुए।

    “ इस दुनिया में हर काम पैसे के लिए होता है । यहां तो तमाशा भी पैसे दे कर देखा जाता है “, उसने कहा । गौतम उसे देखने लगा । ठीक है उसने कहा और अपने फोन पर कुछ कर ने लगा ।

    “ भर गया अकाउंट तुम्हारा अब बता “, उसने कहा । तो मधु उसे देखने लगी अ।

    “ पने कॉलेज टाइम में किशन कुछ ज्यादा ही अपनी जवानी को मना रहा था। नया नय जवानी में रखा पैर ऊपर से बड़े बाप की औलाद मक्खियों की तरह उसके पीछे थी लड़कियां और वो भी भवरे की तरह था “, मधू ने कहा ।

    “ मुझे बताओ कोन है वो जिसके पास मेरे खानदान का वारिस है”, गौतम ने कहा । तो मधु उसे देखने लगी ।

    “ मुझे क्या पता होगी इनमे से एक “, उसने कहा और अपना फोन उठा उस पर कुछ करने लगी ।

    “ लो तुमको कुछ फोटो भेजी है देख लो “, उसने कहा। गौतम उसे देखता रहा । और गुस्से में उसने मधु का गला पकड़ उसे पीछे दीवार से लगाकर ।

    “ बस मधु बहुत हो गया तुम मेरा फायदा उठा रही हो इस समय । पैसे चाहिए थे तो मांग लेती पर ये मजाक मत करती “, मधु उसे देखती रही ।

    गौतम ने उसका गला छोड़ा और अपना कोट उठाते हुए उस रूम से बाहर चला गया। वही मधु मुस्कुराते हुए ।

    “ जाओगे कहाँ गौतम बाबू आना तो मेरे पास ही है अनुपमा में तो तुम शुरू से ही ज्यादा इंटरट नहीं लेते थे। वो साथ थी तो तुम्हारे बाप की वजह से “, उसने मुस्कुरा कर कहा वही गैतम अपनी गाड़ी में बैठा जा रहा था। उसे अब समझ नहीं आ रहा था के क्या किया जाये ।

    दो साल पहले जब गौतम ने विराट को बच्चे के लिए कहा था। तब उसे पता चल के नैना कभी माँ नहीं बन सकती। इस बात को सुन गौतम हैरान था। उसने विराट को बहुत सुनाया ये भी कहा के जब सब पहले पता था तो ऐसी लड़की से शदी क्यूँ की । तो विराट ने साफ साफ बोल दिया था के अगर किसी ने उसे नैना से अलग करने की बात की । तो वो कही और चला जायेगा। तो गौतम के हाथ बंद गए । दूसरा बेट था उसके पास जो उसकी ख़ुशी पर खड़ा उतरता । लेकिन आज जैसे हालत थे । पता नहीं अब आगे क्या होगा ।

    राधा जो मन के पास सो रही थी उसके चेहरे पे मुस्कान थी और ये मुस्कान नई नयी जॉब की थी । कल से उसकी जिंदगी का नया सफर शुरु होने वाला था। उसके लिए तो ये सफर बहुत खास था पर कितना खास होने वाला था ये सफर देखना था । पीया अपने रूम मे बैठी थी यहाँ आशु का फोन आया था। और वो उसे बताए जा रहा था । के क्या क्या करना है। कैसे कैसे करना है पीया ना चाहते हुए भी उसकी बाते सुन रही थी ।


    किशन नशे के हाल में अपने बेड पर गिरा सो गया था । वही अनुपमा बाहर डाइनिंग टेबल पर बैठी गौतम का इंतजार कर रही थी । विराट नैना भी अपने रूम में सो चुके थे । तभी गौतम अंदर आया और अनुपमा को देखने लगा। जो वही बैठी सो गयी थी। जिसे देख वो रूम की तरफ चल दिया ।

    अनुपमा की आंख खुली तो वो देखने लगी उसे अपने सामने नैना दिखी जो उसे ही देख रही थी ।

    “ मम्मी जी आप यहाँ क्यूं सो रही है “, उसने कहा ।

    “ तुम्हारे पापा का इन्तजार कर रही थी नींद आ गयी”, उसने कहा।


    “ मम्मी जी पापा तो आपने रूम है और देखे सुबह हो गयी “, उसने कहा तो अनुपमा उसे देखती रही ।

    “ अच्छा ठीक है में भी रूम में जाती हूँ “, उसने कहा। और उठा कर जाने लगी वही नैना उसे देख रही थी । उसने इस समय नाइटी के साथ लॉन्ग श्रग पहना हुआ था
    वो हलके से मुस्कुरा दी और सिर ना में हिलाते हुए चल दी । अनुपमा रूम में आयी। तो उसने सामने बेड पर गौतम सोता हुआ दिखा जिसे देख उसे बहुत अजीब लगा । पर उसने कुछ नहीं कहा । और अपने कपडे लेकर बाथरूम में चली गयी । किशन जो अपने बेड पर रात का अड़ा टेड़ा पड़ा था। उसकी आंखे खुली और वो छत को देखने लगा । उसके सिर में तेज दर्द की लहर उठी । और बैठते हुए अपना सिर पकड़ कर बैठ गया ।

    “ लो पानी पी लो “, उसके सामने गिलास आया तो किशन ने उस गिलास को पकड़ पी लिया । थैंक्यू उसने कहा तो अनुपमा ने उसके सिर पर हाथ रख दिया । जिसे महसूस कर किशन ने सिर उठा कर देखा तो अपमें अपनी मम्मी को देख उसने उनका हाथ अपने सिर से हटा दिया । अनुपमा उसके पास बैठ गयी ।

    “ बेटा चल उठ और फ्रेश हो जा “, उन्होंने कहा। तो किशन अपना हाथ उनके आगे करते हए आपको।


    “ माँ बनने की जरूरत नहीं है अपने पति की पत्नी बनकर रहे “, उसने कहा और उठ कर बाथरूम मै चला गया ।सवही अनुपमा उसे देखती रही ।

    “ राधा का आज पहला दिन था और वो अपने काम पर निकल गयी थी पीया के साथ ही। यहाँ मनराज भी उनके साथ था जिसे वो स्कूल छोड़ आगे बढ़ गयी थी ।

    “ क्या बात है तू सोइ नहीं क्या रात में “, उसने कहा तो पीया जो उबासी ले रही थी उसे देखते हुए

    “ हाँ उस बोस को रात को काम याद आ गया था बस “, उसने कहा । राधा उसे देखती रही फिर मुस्कुरा दी ।

    “ देख ले कहीं बॉस आँखे ना काली करा दे फोन पर बात करके”, उसने कहा तो पीया ने उसे देखा।


    “ बस कर यार “, उसने कहा ।
    ठीक है उसने कहा और बाहर देख कर यही रोक दो । उसने कहा तो ऑटो रुक गया। राधा बाहर निकली ।

    “ में यहाँ से जा रही हूँ अपना ध्यान रखना “ उसने कहा तो पीया ने हाँ में सिर हिला दिया । दोनों अपने रास्ते चल दी । राधा अपने आफिस पहुंची तो आठ बज गए थे । रिसेप्शन पर ही उसे अपने साथ की एक लड़की मिली। जिस से कल भी मिली थी । और दोनों अपने काम के लिए चल दी ।

    गौतम विराट नैना अनुपमा बैठे खाना खा रहे थे । तभी उनके सामने किशन आया जिसके पास एक बैग था ।

    “ किशन कहा जा रहे हो तुम “,गौतम ने कहा ।

    “ इस घर से दूर “, उसने कहा ।

    “ क्या मतलब”’ वीराट ने कहा ।

    “ भाई मुझे यहाँ नहीं रहना इस घर में नहीं रहना मुझे चेंज की जरूरत है। तो कही भी चला जाऊंगा । पर यहाँ नहीं “, उसने कहा ।सब उसे देखने लगे ।

    “ कही भी का क्या मतलब किशन तू हमें छोड़ कर कैसे जा सकता है “, विराट ने कहा।

    “ मुझे जाने दो भाई वर्ना में यहाँ पर पगल हो जाऊंगा “, उसने कहा ।

    “ ठीक है “, गौतम ने कहा तो सब उसे देखने लगे ।

    “ कंपंनी से कुछ दूर अपने जो वीआईपी अपार्टमेंट है यहाँ पर सभी हाई प्रोफाइल लोग रहते है। तुम वही रहोगे 28 फ्लोर पर अपने अपार्टमेंट में । कही भी जाने की जरूरत नहीं है। “ गौतम ने कहा । तो किशन उसे देखने लगा ।

    “ मेरे किसी भी काम में मुझे किसी की दखल अंदाजी पसंद नहीं । आप जानते है “, किशन ने कहा । गौतम ने उसे देखा।

    “ बेटा बाप हूँ नजर तो मेरी रहेगी तुम पर फिर भी तुम चाहते हो के ऐसा ना हो तो कंपनी आ जाओ । विराट तो अपने होटल देख रहा है। तुम कंपनी देखो”, उन्होंने कहा । वही विराट के चेहरे पर मुस्कान आगयी ।

    “ पापा मुझे कुछ दिन चाहिए “, उसने कहा ।

    “ दिये पंद्रह दिन होटल की ओपनिंग सेरेमनी है विराट के । उस दिन से तुम सब काम देखोगे शहर के बड़े बड़े लोग आ रहे है । सब से मिलोगे और अपने काम पर ध्यान दो “, उन्होंने कहा । किशन ने हाँ में सिर हिला दिया ।

    “ तो बैठ ना आजा खाना खाते है “, विराट ने उठते हुए किशन को खुद के पास की कुर्सी पर बैठा लिया था । अनुपमा चुप सी देखती रही ।

    रब राखा


    बताते जाये कैसा लगा भाग