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Love Revenge

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ruhi pal

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यह कहानी है अंजलि और विराज की जो उलझे हुए हैं परिवार की दुश्मनी सेजिससे विराज अपने दुश्मनी में कर लेता है अंजलि को अपने मेंशन में कैद और वहीं दूसरी तरफ विधि जो अपने परिवार की दुश्मनी से अनजान बचपन से भरपूरअपने भाई की लाडलीसबके चेहरे पर खुशी और मु...

Total Chapters (5)

Page 1 of 1

  • 1. Love Revenge - Chapter 1

    Words: 811

    Estimated Reading Time: 5 min

    एक लड़की, डरी-सहमी सी, एक कमरे में बंद थी। उस कमरे में उस वक्त सिर्फ़ चांद की रोशनी आ रही थी, जिसमें वह लड़की बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी। मानो वह कोई परी हो। उस लड़की की खूबसूरती का कोई जवाब नहीं था। अगर कोई भी उसे एक नज़र देख ले, तो खुद को उसका दीवाना होने से रोक नहीं सकता था। उसकी आँखें, उसके होंठ, उसकी नाक जैसे बड़ी फुर्सत से तराशे गए हों। लेकिन कमी थी तो उस लड़की के चेहरे पर खुशी की, जो इस वक्त बिलकुल भी नहीं थी। वह एकदम डरी हुई, बेड पर एक नुक्कड़ पर बैठी हुई थी, और उसके दोनों हाथ भी बंधे हुए थे। उस लड़की को वहाँ पर कुछ भी नहीं नज़र आ रहा था, सिवाय अंधेरे के, क्योंकि उसकी आँखों पर पट्टी बंधी हुई थी। उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ उस कमरे में अंधेरा नज़र आ रहा था। और वह लड़की अपनी डरी हुई आवाज़ में बार-बार एक ही चीज़ दोहरा रही थी— "तुम कौन हो? मुझे यहाँ से जाने दो। तुम सब मुझे यहाँ क्यों लाए हो? मैं तुम्हें नहीं जानती। मुझे मेरे डैड के पास जाना है। प्लीज़ मुझे जाने दो। मेरे घर वाले मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे।" यह कहते हुए वह लड़की बस रोए जा रही थी। तभी, उस लड़की को कमरे में किसी के चलने की आवाज़ सुनाई देती है, जो उसे बहुत ही तेज और साफ़ सुनाई दे रही थी। जिसे सुन वह लड़की और डर जाती है, और फिर वह खुद को और उस नुक्कड़ में छिपाते हुए, "तुम कौन हो? और तुम मुझे यहाँ क्यों लाए हो?" कहती है। तभी, एक बहुत ही भारी और सख्त, कर्कश आवाज़ सुनाई देती है— "तो तुम हो अंजली रावत? अच्छा लगा तुमसे मिलकर।" यह कहते हुए, वहाँ एक लड़का अपने धीरे कदमों से अंजली के पास आता है, उससे बड़े गौर से देखने लगता है, जैसे कि वह उसे अपनी आँखों में बसा लेना चाहता हो। इस वक्त उस लड़के के दिमाग में क्या चल रहा था, कोई भी नहीं बता सकता था—कि वह इस लड़की को आबाद करना चाहता है या बर्बाद। तभी वहाँ पर एक और लड़का आता है। "विराज सर, जो आपने कहा, वह मैंने कर दिया। अब आप यह बताइए कि अब मैं उस इंसान का क्या करूँ?" जिसे सुन विराज, बड़ी गौर से अंजली को देखते हुए, कहता है— "मार दो उसे, और उसके टुकड़े मेरे शेरू के आगे फेंक दो, जो उसका नामो-निशान मिटा देना।" यह कहते हुए विराज की नज़र अब भी अंजली पर थी। और वही अंजली, विराज की बात सुनकर, और भी ज़्यादा डर से काँपने लगती है, जैसे कि उसने किसी भयानक आवाज़ सुन ली हो। क्योंकि उसने आज तक कभी किसी की ऊँची आवाज़ या डाँट तक नहीं सुनी थी। क्योंकि उसके डैड ने उसे बहुत ही नाज़ुक से पाला था, जिससे वह अब भी बहुत भोली और नादान थी। उसे अब भी दुनियादारी की कोई खबर नहीं थी, लेकिन आज जहाँ वह फँस चुकी है, और अपने सामने खड़े इंसान की आवाज़—जिसे उसने अभी तक देखा भी नहीं—उसके मुँह से किसी को मारने की बात सुनकर, वह और भी डर से काँपने लगती है, और वहाँ उस तरफ़ मुँह करके, जिस तरफ़ से उसे आवाज़ आ रही थी, उस तरफ़ देखते हुए कहती है— "प्लीज़ मुझे मत मारना, मुझे जीना है।" जिसे सुन वह लड़का और विराज, अंजली की तरफ़ देखने लगते हैं, जिसके चेहरे पर पसीने की लकीर नज़र आ रही थी। जिसे सुन वह लड़का कहता है— "विराज, तुम इस लड़की का क्या करोगे? वही जो इसके बाप ने किया था—दूसरों की ज़िन्दगी तबाह करके।" यह कह वह वहाँ से चला जाता है। और वही वह लड़का, जिसका नाम विवेक था, वह एक नज़र अंजली को देखता है, जो अब भी डरी-सहमी सी, खुद को सिकोड़े हुए, नुक्कड़ पर बैठी थी। वह बगैर कुछ कहे चुपचाप वहाँ से जाते हुए, अपने मन में सोचता है— "विराज कहीं अपनी दुश्मनी में, और अपने बदले की आग में, इस मासूम की ज़िन्दगी ना तबाह कर दे।" यह कहते हुए विवेक वहाँ से चला जाता है। और वही अंजली रोते हुए कहती है— "मुझे, मुझे यहाँ से बाहर जाना है। वह मुझे भी मार देगा।" और वही विराज एक कमरे में, जहाँ पर एक बड़ी सी फ़ोटो लगी थी, जिसमें दो औरतें और एक आदमी था, और उसी के बगल में एक छोटा सा बच्चा, जो उस आदमी का हाथ पकड़े हुए खड़ा था, और उनमें से एक औरत की गोद में एक छोटी सी बच्ची थी, जिसे देखते हुए विराज कहता है— "बस अब मेरे दर्द सहने का वक्त ख़त्म। और इसकी शुरुआत हो चुकी है—बर्बादी की। मैं उसे बर्बाद कर दूँगा, जैसे उसने मेरी फैमिली मुझसे छीनी है। मैं उससे उसकी ज़िन्दगी छीन लूँगा। बस देखते जाओ धनराज रावत, कि मैं अब तुम्हारा क्या हाल करता हूँ।" "अगर मैं तुम्हें तड़प-तड़प कर मौत ना दी, तो मेरा नाम फिर विराज राठौड़ नहीं।"

  • 2. Love Revenge - Chapter 2

    Words: 938

    Estimated Reading Time: 6 min

    और वहीं दूसरी तरफ विवेक ,,,,,सोफे पर बैठा कब से किसी का नीचे आने का इंतजार कर रहा था,,,,,,जिससे वह अपने मन में,,,,,यह लड़की कभी नहीं; सुधर सकती,,,,,,

    आज ही इसका ,,,,कॉलेज का पहला दिन है ,,,,,,और आज भी यह लेट करके रहेगी ,,,,,,और इस विराज ने मुझे कहां फंसा दिया ,,,,,,

    और अब जाओ,,,,,,और इस महारानी को उठाओ,,,,,,यह कहते हुए ,,,,विवेक बढबढते हुए ,,,,,सीढ़ी चढ़ते हुए,,,,,कैमरे की तरफ जाने लगता है

    की तभी विवेक धीरे से कमरे का दरवाजा खोल,,,,,चारों तरफ देखता है,,,,,,तो वह कैमरा ,,,, पूरा खाली होता है

    वहां पर ,,, उसे,,,,किसी की चू चा तक की भी आवाज नहीं आती ,,,,,जिसे महसूस कर विवेक,,,,,,अपने मन में यह लड़की,,, इतनी सुबह-सुबह गई तो गई कहां है,,,,यह सोचते हुए विवेक,,,,कमरे के अंदर चला जाता है

    की तभी कोई उसे पीछे से गले लगा,,,,,,उसके पीट पर चढ़ जाता है ,,,,,,जिसे महसूस कर विवेक गुस्से से चीखते हुए,,,,,,,विधि तुम कब सुधरोगी ,,,,,,,और फिर उसे ,,,,,अपने पीट से उठाते हुए ,,,,,,सीधा अपने आगे खड़ा कर,,,,,,उसे घुरते हुए ,,,,,,विधि अब तुम बच्ची नहीं रही ,,,,,यह हरकतें बंद करो

    जिसे सुन विधि ,,,,,,अपनी कमर पर हाथ रख ,,,,,,अपना मुंह बनाते हुए ,,,,,,हां मैं भी तो यही कह रही हूं,,,,,कि कि अब मैं बच्ची नहीं हूं ,,,,,यह कहते हुए,,,,,,, विधि ,,,,,अपने पलकों को चिपकाते हुए ,,,,,,विवेक बड़े प्यार से देखने लगती है ,,,,,,

    और विधि इस वक्त बहुत ही क्यूट,,,,और सुंदर लग रही थी ,; विधि की खूबसूरती का कोई जवाब ही नहीं था,,,,,,,,उसकी हाइट 5.5 इंच ,,,,,जीरो फिगर,,,,,गोरा रंग ,,,,,नीली आंखें ,,,,,और हल्के ब्लैक ब्राउन,,,,सीट हेयर ,,,,,

    और और वह एक महीने पहले ही,,,,,अभी अभी 18 की हुई थी,,,,,,वह देखने में किसी एंजेल से कम नहीं थी,,,,,वह बहुत ही खूबसूरत ,,,और मासूम थी ,,,,,,और उसकी चब्बी चिक्स ,,,,,जो इस वक्त बुलाए,,,,,,विवेक को गुस्से से घुर रही थी ,,, वह इस तरह ,, ,और भी क्यूट लग रही थी,,,,,,यह कोई और नहीं विराट की छोटी बहन थी

    जिसे देख विवेक अपनी नजर ,,,,, विधि पर से हटाते हुए ,,,,,विधि मुझे ऐसा देखना बंद करो ,,,,,,,यह कहते हुए विवेक विधि की तरफ पीठ;कर लेता है ,,,,,,जिसे देख विधि दोबारा विवेक के आगे आते हुए ,,,,,क्यों क्यों ना देखो ,,,,,मैं तुम्हें ,,,,इस तरह,,,,,,,अरे मैं तुम्हें प्यार करती हूं,,,,,,,अगर मैं तुम्हें इस तरह नहीं देखूंगी ,,,,तो कौन देखेगा

    जिसे सुन विवेक चिढ़ते हुए ,,,,विधि अपना यह बचपन बंद करो ,,,,तुम आब भी बच्ची हो,,,,,तुम अभी-अभी 18 की हुई हो,,,,,, कया तुम्हें,,,प्यार का मतलब पता है

    जिसे सुन विधि मुंह बनाते हुए,,,,,,क्या विवेक जी आप मुझे हमेशा बच्चा क्यों कहते हो ,,,,,,अब तो मैं 18 की भी हो गई हूं ,,,,,,और क्या-क्या आपने कहा,,,,,,,कि मुझे प्यार का मतलब नहीं पता,,,,,,मुझे पता है ,,,,,की प्यार क्या होता है

    जिसे सुन विवेक,,,,,विधि की तरफ घुरते हुए ,,,,तो बताओ,,,,,,,,,,,प्यार क्या होता है ,,,,,,,जिसे सुन विधि अपनी पालके बार-बार झपकाते हुए,,,,,,,कुछ सोच प्यार प्यार प्यार का मतलब होता है,,,,,,और फिर अपना सलाइवा गटकते हुए,,,,,,,यार उसने क्या बोला था,,,,,,,,हां प्यार का मतलब होता है प्यार ,,,,

    अरे मेरी भी फ्रेंड है,,,,, और उसका बॉयफ्रेंड है ,,,,,,वह हमेशा घूमते हैं मूवीस देखते हैं ,,,,आइसक्रीम खाते हैं ,,,,,,और फिर धीरे अपनी पंजों को ,,,,,,,थोड़ा ऊपर उठा ,,,,,,,विवेक के कान के पास ले जा ,,,,,,उसके कान में ,,,,,,और किस भी करते हैं ,,,,,,यह कहते हुए विधि अपने होठों को,,,,,अपने दांतों तरे दाबा लेती है

    जिसे सुन विवेक ,,,,,,विधि पर बरसते हुए ,,,,,,बस विधि बहुत-बहुत हुआ,,,,,,तुम्हारा बचपना,,,,,,बस तुम्हें यही पता है ,,,,,,अरे तुम्हें प्यार का तो,,,,A भी नहीं पता ,,,,Z , की तो बात ही दूर की है,,,,

    और तुम जानती ही क्या हो,,,,,,,,जिस दिन तुम्हें प्यार का असली मतलब पता चल जाएगा ,,,,,,उस दिन तुम मेरे पास आना ,,,,,,और तुमने मेरी और अपनी ऐज में ,,,,डिफरेंस दिखती है,,,,,विधि तुम अभी सिर्फ 18 की हो ,,,,,,और मैं 29 का,,,,,,,अरे हमारी ऐज डिफरेंट का तो सोचो ,,,,मैं तुम्हारे भाई का दोस्त हूं

    जिसे सुन विधि दुबारा मुंह फूलते हुए ,,,,हा तो मैंने कब कहा ,,,,,कि आप मेरे भाई के दोस्त नहीं है ,,,,,,और फिर अपने उंगली को अपने गार्डन के पास ले जा,,,,,,विवेक की तरफ देखते हुए ,,,,,,और कसम से ,,,,,,,मैं आपसे शादी भी करूंगी,,,,,,,,और मैं आपको धोखा भी नहीं दूंगी ,,,,,उन बाकी कपल की तरह

    जिसे सुन विवेक अपना हाथ विधि के सर पर रखते हुए ,,,,,,विधि तुम अब भी,,,,बच्ची हो ,,,,,और प्यार का असली मतलब समझने के लिए,,,,,,,तुम्हारे पास बहुत वक्त है ,

    और जिस दिन तुम्हें प्यार का मतलब समझ आ जाए ,,,,,,उसे दिन मेरे पास आना ,,,,,,,और फिर यह कहे विवेक ,,,,,,,वहां से जाने लगता है,,,,,,,कि तभी विवेक दोबारा पीछे मुड,,,,,एक नजर विधि की तरफ देख,,,,,और हां जल्दी तैयार हो ,,,,,नीचे आओ,,,,,,क्योंकि मैं नहीं चाहता,,,,,,,कि तुम अपने पहले दिन ,,,,,,कॉलेज लेट जाओ ,,,,,,यह कहे विवेक वहां से निकल जाता है

    और वही विवेक अब भी काफी कसम कश में था ,,,,कि रोहि का बचपन बढ़ता जा रहा है,,,,,,,पता नहीं किसने ,,,,,,,उसके दिमाग में,,,,,यह भर दिया,,,,,कि वह विवेक से प्यार करते हैं

    और वही विधि अपना मुंह फूलते हुए,,,,,,क्या मुझे प्यार का मतलब नहीं पता,,,,,,क्या उसने मुझे झूठ बोला ,,,,,,अरे उसने तो यही तो कहा था,,,,,,कि प्यार में हमेशा इंसान खुश रहता है,,,,

    इसका मतलब झूठ बोली थी,,,,,नहीं,,,,,ऐसा करती हूँ,,,,में फोन में सर्च करती हूं ,,,,,,यह कह विधि जल्दी से,,,,,,,अपना फोन निकाल ,,,,,,,,उसमें सर्च करने की होती है ,,,,,,कि तभी कुछ सोच,,,,,अरे नहीं नहीं ,,, ,,,अगर कोई गंदी वीडियो आ गई तो ,,,,

    और अगर भाई क्यों इस बारे में पता चला ,,,,,,कि मैं फोन में यह सब सर्च करती हूं,,,,,,,तो भाई क्या सोचेगा मेरे बारे ,,,,,,में,,

    अरे नहीं नहीं विधि ,,,,,अरे कुछ और सोच विधि,, ,और अपने दिमाग के घोड़े दौडाने लगती है,,,,तबी उस के दिमाग में ,,,,कुछ आता है जिसे सोच विधि,,,,मुस्कुराते हुए ,,,,,,जल्दी से अपना बैग उठा ,,,,,वह भी नीचे की तरफ चली जाती है

    आज के लिए बस इतना

  • 3. Love Revenge - Chapter 3

    Words: 699

    Estimated Reading Time: 5 min

    और नहीं दूसरी तरफ है विराज अपने ऑफिस में बैठा फाइल पढ़ रहा था,,,,,कि तभी उसके फोन की घंटी बजती है,,,,,जिसे देख विराट ,,,,जल्दी से फोन उठा ,,,,,अपने कान से लगा लेता है,,,,,कि तभी पीछे वाले की बात सुन ,,,,,,,रहने दो ,,,,,जब भूख लगेगी,,,,,तो अपने आप खा लेंगे,,,,,और दोबारा मुझे बार-बार फोन कर ,,,,डिस्टर्ब मत करना यह कहे है,,,,,मेरा विराट गुस्से से फोन कट कर देता है

    और वही कॉलेज में विधि ने पहले दिन ही पूरे कॉलेज में तहलका मचा दिया था ,,,,,,और वह इस वक्त ऑफिस में प्रिंसिपल सर के सामने अपना सर झुकाए खड़ी थी,,,,,,,प्रिंसिपल सर विधि को सुनाई जा रहे थे ,,,,,,विधि बेटा तुम कब बड़ी होगी ,,,,,,, तुमने ऐसा क्यों किया ,,,,,अपनी खाई हुई चिलगम,,,उस लड़के की टैक्स के ऊपर,,,,क्यों रखा ,,,,,तुम्हारी वजह से उसकी पूरी पेंट खराब होगी ,,,,,हां बोलो तुम अपने स्कूल में भी यही करती थी,,,,,आप तो सुधर जाओ

    क्योंकि हमेशा स्कूल से तुम्हारी कंप्लेंट मुझे आई थी,,,,,,,,और मैं हमेशा विरात से छुपा लेता था,,,,,,ताकि तुम्हें डांट ना पड़े ,,,,,,लेकिन तुम अब तक सुधरी नहीं

    क्या तुम चाहती हो ,,,,,,कि मैं तुम्हारी कंप्लेंट विराट से करूं ,,,,,जिसे सुन विधि अपने नकली आंसू बहाते हुए,,,,,,प्लीज अंकल सॉरी ,,,,आई प्रॉमिस आब से मैं,,,,ऐसा नहीं करूंगी,,,,,यह कहते हुए ,,,,वह अपनी आँखों को बलि्क कर सामने प्रिंसिपल को देखने लगती है,,,,,इस वक्त उस ऑफिस में,,,,विधि और प्रिंसिपल के सिवा कोई नहीं थ

    जिसे जिसे देख ,,,,वह प्रिंसिपल भी रोहि कि इस मासूम बोली; सकल के चक्कर में पिघल जाता है ,,,,,और फिर वह विधि के सर पर ,,,,,हाथ रख ठीक है विधि ,,,,,इस बारे में तुम्हें माफ करूं ,,,,,विराज को तुम्हारी शिकायत नहीं करूंगा,,,,,लेकिन आई प्रॉमिस अगली बार में तुम्हारी कंप्लेंट,,,,विराट से जरूर करूंगा

    जिसे; सुन विधि अपना भोला सा मुंह बना,,,,,ओके सर,,,,यह कहे वहां ऑफिस से निकल जाती है ,,,,,,और फिर विधि ऑफिस से बाहर ,,,,,बड़े आए; विराट भाई से शिकायत करने ,,,,,,और फिर अपने चेहरे पर स्माइल ला,,,,,,,बस एक बार फोटो मिल जाए ,,,,,,,

    फिर मैं प्रिंसिपल को छोड़ेगी नहीं,,, आप ने मुझे डाटा,और   भाई को बताने की धमकी दी,,,,, देखो अब मैं कैसे आंटी से आपकी कंप्लेंट कर, ,,,,,आपको आपकी बीवी से दांत खिलाती हूं ,,,,,,फिर विधि अपना मुंह टेढ़ा करते हुए,,,,वह वहां से निकल जाती है

    और वही ऑफिस के अंदर ,,,,प्रिंसिपल सर विधि के ऑफिस से बाहर जाते ,,,ही ,,,,एक लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए ,,,,,इसे में बचपन से देखता रहा हूं,,,,,,इसकी शरारती कम नहीं होती ,,,,,,अब मैं पक्का आखिरी बार इसे वोरन कर रहा हूं ,,,,,,अगर इसमें कोई शरारत की ,,,,,तो मैं सच में इसकी कंप्लीट,,,, विराज से कर दूंगा ,,,,,,फिर विराज ही संभालेगा ऐसे,,,,,क्योंकि यहां कोई और नहीं विराज और विधि के अंकल,,,,,थे,,,बचपन से ही उन्हें संभाला था

    और फिर विराज ऑफिस से सीधा ,,,,,मेंशन से सीधा,,,,विधि के कमरे में जा देखता है तो ,,,,,,,विधि बड़े सुकून से अपनी आंखें मुद्दे,,,,बेड पर सो रही थी ,,,,,,,जिसे देख विराज धीरे से ,,,,अपने कदम विधि की तरफ बढ़ा,,,,,,,अपना हाथ विधि के सर पर रख,,,,,मेरी प्यारी गुड़िया ,,,,,,,कहते हुए विराट नीचे झुक ,,,,,विधि के माथे को चूम लेता है ,,,,,,,और फिर वह चुपचाप दरवाजा बंद कर ,,,,,,अपनी कार की चाबी ले,,,,,दोबारा वह उस मेंशन से निकल जाता है

    और सीधा वह अपने फार्म हाउस जा,,,,,अपने एक मेड से ,,,,,क्या आप तक उसने कुछ खाया ,,,,,जिसे सुन वह मेड ना सर

    जिसे सन विराज गुस्से से ,,,,,अपने हाथों की मुट्ठी बंद कर देता है,,,,और गुस्से से ,,,,अपनी कदम उस कमरे की तरफ बढ़ा देता है जिस कमरे में इस वक्त अंजलि कैद थी

    वह उस कमरे में जा सीधा बेड के पास खड़ा हो,,,,,अंजलि को देखने लगता है ,,,,जो अब भी ,,,,,,अपना सर घुटनों में छुपाए रो रही थी

    और वही अंजलि,,,,,,,जो कि बस रोये जा रही थी,,,,,,लेकिन अपने सामने खुद को किसी को घुरता देख,,,,,वह धीरे से,,,,,,अपना सर उठा सामने देखती है ,,,,,तो विराट का चेहरा देख

    , , वह उसे देखते रह जाती है,,,,ब्लैक बिजनेस सूट पहने ,,,,,वह बहुत ही हैंडसम लग रहा था,,,,,, वह किसी कामदेव की तरह लग रहा था ,,,,,,,लेकिन उसके सिर्फ आंखें थी जो लाल थी , ,, अंजलि आब भी उसे एक तक देख रही थी

    जिसे देखकर अंजलि झट से बेड से उठ,,,,, वह विराज का हाथ पकडते हुए,,,,,,तो तुम तो वही ,,,, मोल वाले लड़के हो ना ,,

    आज के लिए बस इतना

  • 4. Love Revenge - Chapter 4

    Words: 517

    Estimated Reading Time: 4 min

    वह उस कमरे में जा सीधा बेड के पास खड़ा हो,,,,,अंजलि को देखने लगता है ,,,,जो अब भी ,,,,,,अपना सर घुटनों में छुपाए रो रही थी

    और वही अंजलि,,,,,,,जो कि बस रोये जा रही थी,,,,,,लेकिन अपने सामने खुद को किसी को घुरता देख,,,,,वह धीरे से,,,,,,अपना सर उठा सामने देखती है ,,,,,तो विराट का चेहरा देख

    , , वह उसे देखते रह जाती है,,,,ब्लैक बिजनेस सूट पहने ,,,,,वह बहुत ही हैंडसम लग रहा था,,,,,, वह किसी कामदेव की तरह लग रहा था ,,,,,,,लेकिन उसके सिर्फ आंखें थी जो लाल थी , ,, अंजलि आब भी उसे एक तक देख रही थी

    जिसे देखकर अंजलि झट से बेड से उठ,,,,, वह विराज का हाथ पकडते हुए,,,,,,तो तुम तो वही ,,,, मोल वाले लड़के हो ना ,,

    🩷🩵🩶

    aab aage

    क्योंकि अंजलि ने उसे ,,,,,एक हफ्ते पहले मोल में देखा था,,,,,वह तब से ही उसकी दीवानी हो गई थी ,,,,,उसे नहीं पता वह लड़का कौन था ,,,,,लेकिन ऐसा एक भी रात नहीं गई थी,,,,,,जब अंजलि ने उसे अपने सपने में नहीं देखा होगा,,,,,वह तो,,,,,उसके लिए एक राजकुमार की तरह लग रहा था ,,, जिसकी अंजलि इतने दिनों से सपने देखते आ रही थी,,,,,,,लेकिन अफसोस- वह उसका राजकुमार के रूप में नहीं ,,,,,,एक रक्षा के रूप में ,,,,,उसके सामने खड़ा ,,,,,,उसकी जिंदगी तबाह करने को तैयार था,,,,,,,वह अपनी नफरत में सब कुछ भूल चुका था,,,,,,उसे सिर्फ और सिर्फ अपने कानों में ,,,,,,,अपनी मां और बुआ की चिखे,,,, और अपनी आंखों में अपनी मां की और बुआ की खून से लटपट,,,शरीर ही नजर आ रहा था,,,  उसे तो अंजलि से जैसे कोई लेना-देना था ही नहीं,,,,,, उसे तो बस अपने सामने खड़ी ,,,,,,इस लड़की के बाप को तबाह ,,,,और उसके आंसू देखते थे,,,,,जो इस लड़की के आंसुओं से होते हुए ही ,,,,पूरा होना था,,, अंजलि को आपना हाथ पकड़ता देख,,,,फिर विराज गुस्से से,,,,,,अपने हाथों की मुट्ठी बंद कर देता है ,,,,, और फिर विराज पीछे पलट ,,,अंजलि का चेहरा देखने के लिलि,,,,,थोड़ा नीचे झुक एक नजर ,,,,अंजलि के पूरे  चेहरे को देख,,,,, एक चुटकी में,,,,,उसे अपना हाथ छोड़ा,,,,अंजलि का कड़ाई पकड़,,,,उसे गोल घुमा ,,,,,उसके बैक से लगा ,,,उसे अपने करीब खींच देता है और वही आंजली तो जैसे,,,,किसी सपने में चली गई थी ,,,उसे नहीं पता था,,,,,,कि वह उसका हीरो नहीं,,,,,उसकी जिंदगी का विलेन है ,,,,,,,यह सोचते ही ,,,,अंजलि की धड़कनों की रफ्तार तेज हो जाती है ,,,,,,,,उसे नहीं पता कि वह एक ऐसे इंसान के सपने देख रही थी ,,,,,,,जिससे वह कभी नहीं हो सकती थी,,,, जिससे उसे सिर्फ दुख मिलने वाला था,,,,,,,जिसे सोच अंजलि की आंखों में आंसू आ जाता है ,,,,,,और वह होठों से कुछ बोलते ही जा रही थी,,,,,,,कि तभी अंजलि को उसे ,,,,,,अपने गर्दन पर विराज की गर्म सांसों के साथ आवाज महसूस होती है,,,,तुमने मुझे मॉल में देखा तो फिर क्या जिसे सुन अंजलि अपनी कापते होठों से ,,,कौन-कौन हैं आप ,,,,,अंजलि ने इतना ही कहां होगा ,,,,,,कि तभी विराज अंजलि को पलट ,,,,,उसे अंजलि के फेस को देखते हुए,,,,,,तुम्हें यह जानने की ,,,जरूरत नहीं है ,,,, उसके आवाज में ,,,,कुछ तो था ,,,,जो विराज को,,,,,उसे छोड़ने पर मजबूर कर दिया था लेकिन क्यों ,,,,और  तुम हो कौन  और ,,,,,मुझे मुझे यहां क्यों लेकर आए हो

  • 5. Love Revenge - Chapter 5

    Words: 1422

    Estimated Reading Time: 9 min

    लेकिन देखो ,,,,,उससे प्यार किसे हुआ था,,,,,,एक हवन से ,    राजकुमार से नहीं ,,,,जिसे हर लड़की का सपना होता है,,,,,कि उसे अपने पलकों पर रखें,,,,लेकिन उसका उल्टा ,,,,जैसे सपनों में राजकुमार की तरह अपनी जिंदगी में इमेजिन किया था,,,,,,वह तो एक हैवान  निकला ,,,,,जो इस वक्त उसे जबरदस्ती चूम रहा था,,, 

    जिसे महसूस कर अंजलि अपने हाथों की मुठी बना,,,,वह विराज के पीठ पर मारने लगते हैं ,,,,

    लेकिन विराज ,,,उसे नहीं छोड़ता ,,,,जब तक वह उसके किस से,,,,सर्टिफाइड नहीं हो जाता ,,,,,लेकिन विराट उसकी फोटो को छोड़ उसके गर्दन पर आ जाता है,,,,जिसे महसूस कर अंजलि ,,,,के रोगते,,, खड़े होने लगी थी ,,,,,और वह  और भी ज्यादा छटपटाने लगी थी ,,,,,लेकिन लम्बी किस होने कि ,,,,,,,,वजह से ,,,, उसकी सासे फुलने लगी थी,,,,,,,,,,, उसे सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी थी, ,,,जिससे अंजलि खुद के सांसों को काबू पा,,,,विराज को खुद से दूर धक्का देते हुए,,,प्लीज मुजझे ,,,मुजझे दूर रहो

    🩵🩵🩵🩵

    Abb aage______

    लेकिन विराज उसे नहीं छोड़ रहा था,,,  या यूं कहे,,,,,,वह उसे छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था,,,,,जिससे अंजलि जोर-जोर से रोने लगती है ,,,,,,की तभी विराज अंजलि की रोने की आवाज सुन,,,,,अपना सर ऊपर कर,,,,,अंजलि का चेहरा देखता है ,,,,,तो उसका पूरा चेहरा ,,,,आसुओ से भीगा हुआ था ,,,,,,जिसे देख,,,,वह कुछ देर बड़े गोर से अंजलि को देखता है ,,,,,,और फिर बगैर वक्त घबराए ,,,,,,वह अंजलि के ऊपर से उठ ,,,,,वहां से चला जाता है ,,,,,

    और वही अंजलि विराट के कमरे से जाते ही,,,,,,बगैर  वह जल्दी से बेड पर बैठ खुद को खुद में समेट लेती है ,,,,,और भी जोर-जोर से रोने लगती है,,,,,, वह लगभग 5 मिनट ही रोई, होंगी,,,,,कि तभी उसकी नजर सामने दरवाजे पर जाती है,,,,,,,जिसे देख उसकी आंखों में चमक आ जाता है,,,,,,क्योंकि विराज जल्दबाजी में यहां से जाने के चक्कर में,,,,,वह दरवाजे बंद किए बगैर ही,,,,वहां से चला गया था ,,,

    और रूही का हाथ भी खुला था,,,,,,जिससे अंजलि बगैर देरी कीये ही,,,,वह अपने पैरों की रफ्तार तेज कर,,,,,वह उस कमरे से,,,,,,बाहर निकल जाती है ,,,,,,वह इस वक्त जितना रोई थी,,,,उसे उतना ही ज्यादा खुश थी ,,,

    कि अब वह आजाद हो जाएगी ,,,,,जिससे वह दौड़ते हुए,,,,,बस वहां से भागना चाहती थी ,,,,,,,और वही विराज के सभी गॉड्स भी इस वक्त ,,,,,अपनी चेयर पर बैठे ,,,,,,पहले पहर की नींद,,,,ले रहे थे ,,,,,,,जिसे देख अंजलि वह गार्डन,, की एरिया की तरफ जा ,,,,

    वहीं पास में,,, पडे,,,,जितने भी थी,,, उन ईटों को इकट्ठा कर ,,,,,वह ऊंचा कर लेती है ,,,,और फिर उस पर चढ़,,,,वह जल्दी से,,,दीवार से कूद जाती है,,,,,और वहीं दूसरी तरफ खुद से ,,,,वहां पर कई सारे पत्थर थे ,,,,,जिससे वह  अंजलि के पैरों पर जा लगते हैं,,,, 

    लेकिन वह अपने दर्द  प्रभाव कीये बगैर,,,,वहां से भागने लगती है ,,,,,उसके  पैर से ,,,,खून भी बह रहे थे,,,,,लेकिन फिर भी वह ,,,,,बस वहां से भागी जा रही थी,,,,,,इस वक्त उसके चेहरे पर दर्द ,,,,,और दिल में एक खुशी के एहसास थी,,,,,,,कि वह वहां से आजाद हो गई है ,,,,,,और वही विराज ,,,,,जो अपने कमरे में,,,,,,,सबसे पहले शॉवर लेने चला जाता है,,,,,क्योंकि उसे एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी ,,,अंजलि के करीब जाकर ,,,

    जिसे वह शावर के नीचे कम करना चाहता था ,,,,,वह लगभग आधे घंटे बाद ,,,,बाहर आता है,,,,,तब तक 4:00 बज चुके थे ,,,,,जिससे वह सीधा,,,,जिम चला जाता है ,,,,,,और फिर वह कुछ टाइम बाद,,,,,,

    वह वहा से,,,,नीचे की तरफ आता है,,,,,,कि तभी उसकी नजर एका एक अंजलि के कमरे की तरफ चली जाती है,,,,,,जो की खुला था ,,,,,जिसे देख विराज की आंखें छोटी हो जाती है,,,,,,,और फिर वह अपने लंबे कदमों से,,,,,अंजलि के कमरे की तरफ चला जाता है,,,,,लेकिन वहां अंजलि को ना पा ,,,,,वह अपने दांत पीसते हुए,,,,,तुमने सही नहीं किया अंजलि ,,,,,मेरी कैद से भाग कर ,,,,,जिसका हरजाना तुम्हें,,,, भुगतना,, होगा,,,,, यह कहें वह लंबी कदमों से,,,,वह ,,,अपने किसी दूसरे रूम में चला जाता है

    और वह  वहां से ,,,,लगभग 10 मिनट बाद ,,,बाहर आ,,,,सीधा गाडन एरिया जाता है ,,,,,जहां पर से अंजलि  भागी थी ,,,,,,,जिसे देख ,,,,वह मुस्कुराते हुए,,,,,,इतना आसान नहीं है ,,,,,,विराज की कैद से,,,,भागना,,,,,यह कहैं ,,,,,,वह अपनी कार ले,,,,,असली को ढूंढने चला जाता है

    क्योंकि यह जंगली इलाका था ,,,,,क्योंकि यहां आना तो आसान था ,,,,,लेकिन जो इंसान जानता नहीं है,,,,,उसे यहां से निकलना आसान नहीं था,,,,,जिससे जंगल की एरिया के पास ले जा,,,,वह कार रोक,,,, अपने कदम जंगल की तरफ बढ़ा देता है ,,, 

    और वही अंजलि तो भागे जा रही थी ,,,,उसे इस वक्त,,,,बहुत डर लग रहा था,,,,,एक तो पीछे से विराज से,,,,और आगे उसे जंगल से ,,,,लेकिन फिर भी वह जंगल को गले लगाए,,,,भागे जा रही थी 

    उसे नहीं पता,,,,कि आगे जाकर,,,,उसका क्या होगास,,,,लेकिन उसे किसी भी हालत में,,,,,,अपने घर पहुंचना था,,,,अपने डैड से अपने भाई से मिलना था

     की तभी वह,,,,,किसी पत्थर से,,,,जा टकराती है,,,,,,जिससे वह सीधा जमीन पर जा ,, गिरती है ,,,,और उसके घुटनों से खून बहने लगता है, ,, जिससे वह अपने डैड का नाम ले,,,,चिख पड़ती है ,,,,,क्योंकि उसने जिंदगी में कभी एक,,, खरोच तक नहीं हुआ था,,,,क्योंकि वह एक फूल की गुड़िया की तरह ,,,सजा कर रखी गई थी ,,,,उसे उसके बाप,,,,,और भाई ने,,,,,उसे बहुत प्यार दिया था 

    ,,,,जिससे वहां हिम्मत जुटा ,,आगे की तरफ बढ़ती जा रही थी ,,,की तबीयत उसे एक नदी सा दिखता है,,,,,जिससे देख वह,,,,अब में क्या करूं,,,,क्या करूं कि तभी,,,,उसे शेर की दहाड़ने की आवाज सुनाई देती है ,,, 

    जिसे सुन ,,,उसकी आंखें बड़ी हो जाती है ,,,,और फिर वह उसी रास्ते दौड़ने लगते हैं ,,,,जिस रास्ते वहां,,,,,,यहां तक आई थी,,,,क्योंकि वह मरना नहीं चाहती थी,,, 

    जिससे वह अपनी पूरी हिम्मत जुटा,,,,आगे जा रहे थे,,,,,लेकिन उससे,,भागा नहीं जा रहा था,,,,क्योंकि उसके घुटनों से खून बह रहा था ,,,,

    की तभी उसे,,,,,अपने थोड़े से दूर पर,,,,शेर दिखाई देता है ,,,,,,जिसे देख ,,,,,हक लाते हुए ,,,,पीछे की तरफ धीरे-धीरे पीछे की तरफ जाने लगती है ,,,,क्योंकि,, इस वक्त वह बहुत ही ज्यादा डरी हुई थी ,,,क्योंकि वह मरना नहीं चाहती थी,,,,और उसके सामने ही,,,, उसकी मौत,,,खड़ा था,,,,,उसे यह तो उम्मीद थी,,,,,,की विराज के हाथों क्या पता,,,वह बच जाती ,,,,,, लेकिन शेर की आगे,,, वह कभी नहीं बचेगी,,, 

    उसे नहीं पता विराज कैसा इंसान था,,,,,लेकिन फिर भी ,,,,,,इस वक्त ,,,, विराज को याद कर रही थी,,,,,की तभी वह शेर अपने कदम अंजलि की तरफ बढ़ाने लगता है ,,,,,और वही अंजलि इस तरह जमीन पर बैठे ,,,,पीछे की तरफ खिसक रही थी ,,,,,कि तभी उसे, ,,अपने पीछे किसी की आहाट सुनाई देती है ,,,,,जिसे सुन,,,, वह अपना सर पीछे कर देखती है ,,,,,तो उसके पीछे कोई और नहीं विराज था,,,, 

    जिसे देखो बगैर देरी कीए ,,,, वह दौड़ते हुए ,,,,सीधे विरात के गले जा लगती है,,,,,वह उसी के गले लगी थी,,,,,जिससे वह,,,,,थोड़ी देर पहले ,,,,भाग कर यहां आई थी,,,,,,वह उसे इस तरह टाइट से पकड़ी थी ,,,,,कि जैसे वह उसे कहीं छोड़कर चला जाएगा,,, 

    और वही विराज,,जो अपनी आंखों में गुस्से के ,,,लावा लिए ,,,,अंजलि को देख रहा था,,,,उसे बाजुएँ से पकड़ ,,,उसे खुद से दूर कर ,,उसे खींच के चांटा लगाता है ,,,और उसके होटो से खून बहने लगता है,,, 

    तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई,,,वहां से भागने की ,,,,तुम्हें मरने का बहुत शौक है ना,,,,तो ठीक है मारो ,,,,इसी जंगल में ,,,,भागना ना भागो ,,,,जितना भागना है भागो ,,,,,यह कहे वह पीछे ,,, मुर्ड अंजलि को बगैर ध्यान दिए ,,,,,,वह वहां से जाने लगता है ,,,

    और वही अंजलि एक नजर शेर को देख,,,जो वहीं पर खड़ा  था,,,,वह जमीन से उठते हुए ,,,,एक बार अपने गालों को ,, सहला,,,वाह,,,, जमीन पर से उठे दौड़ते हुए,,,,विराज के पास चली जाती है ,,,,और फिर उसका हाथ पकड़ ,,,,मैं नहीं भागूंगी ,,,,,पर मुझे इस तरह शेर के पास मत छोड़ो,,,,,प्लीज प्लीज मुझे मार देगा ,,,,मैं अभी मरना नहीं चाहती,,मुझे मुझे जीना है ,,,,प्लीज मुझे यहां छोड़कर मत जाओ,, 

    यह कहते हुए ,,,वह बार-बार उसका हाथ पकड़ रही थी,, 

    और वहीं विराज ,,,, उसे धक्का दे,,,,जमीन पर दोबारा गिराते हुए ,,,,,,तुम मरोगी,,,,,क्योंकि मैं भी तुम्हें नहीं बचाने वाला,,,,बहुत शौक है ना तुम्हें मरने का ,,,,,तो जाओ मरो,,,,,लेकिन मुझे उम्मीद मत करना ,,,,, कि मैं तुम्हें बचाऊंगा ,,,,यह कह वह  वह वहां से जाने लगता है

    ,, जिसे सुन अंजली की आंखों में आंसू आ जाते हैं ,,,,जिससे वह अपने नंम  आंखों से ,,,,एक नजर विराज को देख,,,,दोबार  शेर की तरफ देखती है ,,,

    जो कि वह अपने कदम उसी की तरफ बढ़ा रहा था  ,,,, जिसे देख ,,,,,अंजलि की सांस रुक से गई थी,,,,,की वह शेर ,,अंजली के बिल्कुल नजदीक का जाता है,,,,और फिर वह दहाड़ते हुए ,,,,, और फिर,,,वह शेर दहाड़ते हुए, , ,,अंजलि के बिल्कुल करीब पहुंच जाता है

    शेर को अपने इतने पास देख अंजली, की तो ,, जैसे सांस ही रुक गई थी

     आज के लिए बस इतना तो देखते हैं कि कल क्या होने वाला है क्या अंजलि कुछ देर से बचेगी या फिर यहीं खत्म हो जाएगी अंजलि की कहानी