दो शख्सियतों का यह रिश्ता जो समाज में अपना ना था मुश्किल ; लेकिन तोड़ के इन बेडियो को हुई शुरुआत एक नई दास्तान की। अध्याय रुद्रा जिसे रिश्तो पर भरोसा नहीं , तो वही अमेध अवस्थी । जिसके लिए हर एक रिश्ता उसकी जिंदगी में बेहद ज्यादा अहमियत... दो शख्सियतों का यह रिश्ता जो समाज में अपना ना था मुश्किल ; लेकिन तोड़ के इन बेडियो को हुई शुरुआत एक नई दास्तान की। अध्याय रुद्रा जिसे रिश्तो पर भरोसा नहीं , तो वही अमेध अवस्थी । जिसके लिए हर एक रिश्ता उसकी जिंदगी में बेहद ज्यादा अहमियत रखता है। लेकिन जिंदगी के खेल ने उसके सारे रिश्ते उससे छीन लिए ।पार्ट टाइम जॉब कर जो अपने दोस्तों के साथ ही एक डाॅरमेट्री में रह रहा है । उसके लिए अपने दोस्त किसी फैमिली से कम नहीं । लेकिन कहते हैं ना , जिंदगी कब कौन सा मोड लाए , हम बता नहीं सकते! जिंदगी के इस खेल ने मिलवा दिया इन दोनों को । जो है एक दूसरे अंजान और करते हैं एक दूसरे से बेइंतहा नफरत एक आग है , तो दूसरा ज्वाला ! कहते हैं मोहब्बत सब बदल देती है, तो क्या इनकी भी जिंदगी होगी मोहब्बत से रंगीन या नफरत के अंधेरे से बेरंग ?
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" याद रखना अध्याय ,आप कमजोर नहीं है ! . . क्योंकि कमजोर और मजबूर वह होते हैं ,जो लोगों को मजबूर बनाने का हक दे ! और हमारे खानदान का होनहार बेटा इतना भी बेबस नहीं के किसी के सामने अपने हाथों को भिखारियों की तरह फैला दें ! . . ." इतने जख्मी हालत में होने के बावजूद सौदामिनी रुद्रा( अध्याय की मां) अपनी आंखों में एक अलग किस्म का तेज लिए सामने खड़े बेतहाशा रो रहे उस बच्चे से कहे जा रही थी
" जी माँ ! मैं कमजोर नहीं हूँ . . . मैं लोगों को अपनी मजबूरी का फायदा नहीं उठाने दूँगा ! " 8 साल का अध्याय हकलाते हुए बोला ।
यह सब कहते समय उसकी आंखों से बेतहाशा आंसू गिर रहे थे। जख्मी हालत में पड़ी हुई सौदामिनी रुद्रा अपने गोद में लिए एक 2 साल की छोटी बच्ची को अध्याय के हाथ में सौपते हुए बोली ," और यह है आपकी जिम्मेदारी जिसे आप को हर हालत में निभाना है !"
" जी मां मैं जरुर निभाऊंगा ! "कहते हुए अध्याय ने जैसे ही उस छोटी बच्ची को अपने हाथों में लिया, कि तभी उस बड़े और गहरे जख्मो से भरी सौदामिनी जी ने अपनी आंखें बंद कर ली और निढाल होकर वहीं जमीन पर गिर पड़ी।
यह खौफनाक मंजर देख अध्याय के मुंह से चीख निकल पड़ी ," मां ऽ ऽ. . . . ."
और अचानक से अध्याय की नींद खुली । जब उसने उठकर देखा ,तो पाया वह अपने बेडरूम में लेटा पसीने से तरबतर हो चुका था। और उसके दिल की धड़कने तेज हो चुकी थी उसकी ।
उसकी चीख सुन वंशिका दौड़ते हुए उसके पास आई और बोली ," भाई क्या हुआ ? क्या आपने फिर से वही सपना देखा ? "
अभी भी घबराहट के मारे अध्याय की धड़कनों तेज रफ्तार से धड़क रही थी। लेकिन जैसे ही उसने वंशिका को देखा वह बस देखता ही रह गया ।
क्योंकि वो आज बिल्कुल उनकी मां सौदामिनी जैसी लग रही थी।
" गोरा रंग , मध्यम सी लंबाई , आंखें में तेज जिनमें आज पहली बार उसने काजल लगाया था। माथे पर कहने को छोटी सी बिंदी , कानों में बड़े-बड़े झुमके पहन वंशिका उसके सामने खड़ी थी। और सिल्क की सिल्वर साड़ी का क्या ही कहना,जो उसके खूबसूरती को और भी निखार कर सामने ला रही थी ।
उसे सामने देख अध्याय मानो सब कुछ भूल गया और उसे गले से लगाते हो बोला ," मेरी प्यारी वंशी तुम्हें पता है ?आज तुम कितनी खूबसूरत लग रही हो . . . . 😍 सच में बिल्कुल हमारी मां की तरह . . . ."
" तारीफ के लिए शुक्रिया! लेकिन जल्दी से उठिए और चलिए , नाश्ता रेडी हो चुका है कहने को तो आप शेफ हो लेकिन घर में आपके लिए नाश्ता मुझे बनाना पड़ता है . . ."
उसकी बात सुन मुस्कुराते हुए अध्याय मैं उसके नाजुक हाथों को अपने हाथों में लिए कहा ,"अब सबके लिए खाना तो मैं बनाता हू ; लेकिन मेरे लिए भी कोई बनाने वाला होना चाहिए ना!"
" अच्छा जी ! . . . तो बलि का बकरा मैं ही क्यों बनती हूं ? एक काम करिए , शादी कर लीजिए अब . . . फिर रोज खाना अपने बीवी के हाथों का खाना !"
जिसे सुन अध्याय मुंह बनाते हुए बोला ," देखो वंशी , तुम खुद जानती हो, कि मुझे इन रिश्तो में कोई भी दिलचस्पी नहीं ! तो फिर क्यों बार-बार मेरे सामने यह टॉपिक निकाल देती हो . . . वैसे आज आप इतनी सजधज कर कहां जा रही हो ? "
अपनी आंखें फैलाएं वंशिका ने कहा ,"भाई don't say. . . क्या आप भूल गए हो , आज हमारे कॉलेज में फेयरवेल फंक्शन है ? और जितना मुझे पता है . . . वहां के पूरे स्नेक्स का इंतजाम आपके ही restaurant को मिला है। "
Fairwell function का नाम सुनते ही अध्याय की आंखें फैल गई और वह तेजी से बेड से उतरते हुए ,अच्छा हुआ वंशी याद दिलाया तुमने . . . . वैसे तो सुबह जल्दी जाकर मैंने सारी प्रिपरेशन कर दी थी बस कॉलेज में ले जाना बाकी है . . . " कह वह तेजी से बाथरूम की ओर भागा।
और उसकी इस हरकत को देखकर हंसते हुए वंशिका नीचे की ओर गई।
अब आपको पता चल ही गया होगा कहानी के अहम किरदारों के बारे में . . . .
अध्याय रुद्रा । शहर के सबसे अमीर परिवारों में गिने जाने वाले रुद्रा परिवार का दूसरा बेटा । जिसे अपने ही घर से बहुत छोटी उम्र में बेदखल करवा दिया ; लेकिन बुलंद हौसलों वाले अध्याय ने अपनी काबिलियत की बलबूते पर आज एक नामचीन रेस्टोरेंट खड़ा किया है और उसकी बहन वंशिका masters की पढ़ाई कर रही थी। उसका आज कॉलेज में आखरी दिन है ।
5 फीट 9 इंच लंबाई, गोरा सुडौल शरीर जो कसरत की वजह से किसी मॉडल से कम नहीं। तीखे नैन नक्श , गर्दन तक बड़े हुए काले wavy बाल ।
देखना ऐसा कि किसी को भी एक ही नजर में घायल कर दे ।जितना हैंडसम उतने ही गुस्सैल मिजाज का मालिक अध्याय अकेला रहना ज्यादा पसंद करता है ;क्योंकि उसे डर है कि अगर वह किसी के सामने खुलकर आ जाए तो कोई उसके मजबूरी का फायदा ना उठा ले ।
अभी के लिए तो बस वह सिर्फ अपनी सगी बहन वंशिका और कजिन सिस्टर अनाया से बहुत ज्यादा क्लोज है जिन्हें वह अपनी जान मानता है।
वो जल्दी से तैयार हुआ वंशिका के माथे को चूम डाइनिंग टेबल पर रखा एक ब्रेड के स्लाइस अपने मुंह में रख निकल ही रहा था कि वंशिका ने उसे रोकते हुए कहा ," भाई अब आपको हमारे ही कॉलेज में जाना है, तो मेरे साथ ही क्यों नहीं चलते ? "
उसकी बात सुन अध्याय ने अपने मुंह में रखा ब्रेड का टुकड़ा निकाला और बोला ," देखो वंशी भले ही हम एक ही कॉलेज में जा रहे हैं; लेकिन आज मैं एक रेस्टोरेंट के मालिक की तौर पर जा रहा हूं और वहां मुझे जाकर तैयारियां भी देखनी है; इसलिए मैं अभी निकलता हूं ।तुम आराम से आना . . ."कहकर वह जल्दबाजी में घर से निकल गया।
वंशिका हमेशा की तरह सिर हिलाते हुए ," कुछ नहीं हो सकता इनका ! हमेशा बगैर नाश्ते के जाते हैं हे . . . हे भगवान क्या होगा मेरे भाई का ?. . . . " कहते हुए उसने गहरी लंबी सांस भरी और कॉलेज की बैग उठा घर के नौकर सुविधा को घर का ख्याल रखने को कह कर निकल गई।
दुसरी तरफ कॉलेज जाने को लेट होने की वजह से एक खूबसूरत सा लड़का जो दिखने में किसी लड़की से कम नहीं ।बिना किसी की परवाह किए बस तेजी चले जा रहा था ।
लगभग 5' 4 फीट की उसकी height । गोरी दुधिया त्वचा जो सूरज की गुनगुनी धूप में और भी निखर कर आ रही थी।और कोई भी डूबना चाहे ,ऐसे उसकी चमकीली गहरी काली आंखें । चेहरे की मुस्कान का तो क्या ही कहना... In short हैंडसम और चार्मिंग पर्सनालिटी रखने वाला अमेध अवस्थी किसी को भी उसके प्यार में पडने के लिए मजबूर कर सकता था।
लेकिन फिलहाल के लिए तो, वह खुद मजबूर था अपने इस बूरी आदत late होने को लेकर। अपने क्लास का most popular latecomer अमेध हमेशा की तरह अपने आदत से मजबूर आज फिर से लेट हो चुका था। अपने पहने हुए ब्लॅक कलर के ब्लेजर मैं आज वह बहुत ज्यादा ही अट्रैक्टिव लग रहा था। दाहिने कान में एक छोटी सी बाली उसके पर्सनालिटी को और भी उभर कर ला रही थी। कानों में ईयर फोन लगाएं रास्ते पर वह अपने ही धुन में चला जा रहा था को
तभी वो एक अंजान शख्स से टकराया। अमेध इतनी जल्दी में था के बिना किसी शिकायत के वो आगे बढ़ने लगी।
अमेध का यह behavior देख वो शख्स झल्लाते हुए बोला,"oye , क्या तुम इतने अंधे हो? के सामने से गुजर रहे लोग भी तुम्हें दिखाई नहीं देते . . . ! " अपने महंगे सूट को झटक ते हुए अध्याय बोला ।
लेकिन जल्द ही खुद को संभालते हुए उसने अध्याय को जवाब दे ही दिया," देखो जो भी हो तुम, हां मुझ से धक्का लगा लेकिन इतना भी सुनाने की कोई जरूरत नहीं समझे! "
"what ?. . ." अध्याय आगे कुछ बोल पाता उससे पहले ही उसके रिअॅक्शन को ignore करते हुए , अमेध वहा से उड़न छू हो गया।
अध्याय गुस्से से तमतमाते हुए खुद में ही बडबडाया ," बत्तमीज- बेवकूफ लड़का बस कपड़ों का अच्छे है बाकी दिमाग में भूसा भरा है इसके ! आजकल की जनरेशन ह. . ."
खुद में ही कहते हुए अध्याय फिर से अपने काम के लिए निकल गया जो आज उसे कॉलेज फंक्शन में सारी प्रिपरेशन देखने की थी।
क्रमश: इनकी मुलाकात क्या मोड लाने वाली है इनके जिंदगी में क्या यही से शुरुआत है इनके सफर की ?
अभी शेष है . . .
जैसा कि पिछले एपिसोड में हमने देखा जल्दबाजी में अध्याय पर अमेध की टक्कर हो जाता है। अमेध जो वहां से शांति से निकलना चाहता है लेकिन अध्याय जो बेहद ज्यादा गुस्से में था वह चुप नहीं रहा और उसे भला बुरा कहने लगा
और उन दोनों की कहासुनी हो जाती है।
अमेध जिसको कंपटीशन के लिए देर हो रही थी वह उसके बड़बड़ को इग्नोर कर आगे जाने लगते हैं ,लेकिन अध्याय जो पहले से ही बहुत ज्यादा गुस्से में था और हुई यह टक्कर देख अब उसका गुस्सा सातवें आसमान पर होता है लेकिन वह कुछ कह नहीं पाता क्योंकि अमेध वहां से जा चुका है अब आगे . . . . .
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अध्याय गुस्से भरी निगाहों से तेजी से जा रहे अमेध को देख रहा था
और वह जब जाने के लिए मूड़ा तब पीछे से कोई उसे आवाज देते हुए ,"excuse me...."
उसने पीछे मुड़कर देखा, तो एक लड़की उसे आवाज दे रही थी।नासमझी में वो उस लड़की को देखने लगा।
तो वह लड़की नीचे गिरी हुई चीज को दिखाते हुए ," शायद यह आपका है जो गिर गया ।"
अध्याय ने जब उस चीज को देखा ,तो वह खूबसूरत ब्रेसलेट था। " यह मेरा नहीं ! " कहकर वह आगे मुडा ही था के उसे याद आया। धक्का लगने की वजह से जो लड़का अभी अभी उससे बहस करके गया उसका होगा।
अपने चेहरे पर रहस्यमई मुस्कुराहट लिए उसने कुछ सोचा और उस अनजान लड़की से बोला ," हां हां ,यह मेरा ही है ! "
कहकर उसने वह ब्रेसलेट ले लिया ।
वह व्यंग्यात्मक लहजे में बोला 😏 " ,पहले तो मुझे वह सिर्फ बदतमीज लगा था लेकिन केयर लेस भी है , जो अपने मां के नाम का ब्रेसलेट यही गिरा कर चला गया
लेकिन कुछ सोच कर अध्याय के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट छा जाती है वो शैतानी हंसी हंसते हुए वह खुद से ही बोला ," 😈 हा हा . . यह अब देखता हूं उस बदतमीज लड़के को ,बहुत शौक है ना अकड़ दिखाने का,बस एक मिनट में तुम्हारी सारी हेकड़ी निकाल दूंगा! " कहकर अध्याय ने वो Bracelet अपने सूट में रखकर रेस्टोरेंट् की ओर बढ़ चला।
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यहां अमेध का अब फोन लगातार बजने लगा जो कि उसे लेट हुआ था वह खुद से ही बोला 😰 ,"आज तो तेरी खैर नहीं अमेध! , आज फिर से स्वराज की डांट पढ़ने वाली है। इतने calls किए हैं उसने आज तो तेरा murder पक्का ! . . "
कहते हुए कॉलेज गेट तक अमेध पहुंचा ही था; के तभी स्वराज तमतमाते हुए वहां आया और कहने लगा 🤨 , "मिस्टर अमेध अवस्थी . . . . बताईए क्या करें हम आपका? यार कभी तो टाइम पर आया कर . . . और तू एक call नहीं उठा सकता मेरा? फोन क्या exhibition के लिए लेकर रखा है? "
"ओ मेरे बाप ,अब काॅम्पिटीशन के लिए देर हो रही है बाकी का गुस्सा बाद में निकाल लेना। वैसे भी आज का दिन ही खराब है . . . . पहले वो अकड़ो इंसान और अब तुम ! लेकिन कोई ना ,अभी मन भर कर डांट लो ,बाद में तुम्हारी Band ना बजाई तो मेरा भी नाम अमेध अवस्थी नहीं! अभी तक उसे पता नहीं कि उसने किससे पंगा लिया है ? मैं जितना शांत हूं उतनी ही गर्म दिमाग भी! "
अमेध एक पर एक डायलॉग झाड़े जा रही थी और उसे इतना गुस्से में देख स्वराज पूछ बैठा ," अब तुझे क्या हुआ? खुद में ही क्या बड़बड़ाए जा रहा है?"
'अरे कुछ भी तो नहीं ।'कहकर अमेध स्वराज के साथ कॉलेज में enter हुई ।
अध्याय उस लड़के को कहना तो बहुत कुछ चाहता था लेकिन फिलहाल के लिए उसके पास भी ज्यादा वक्त नहीं था; क्योंकि अभी उसे जाकर पूरी preparation जो देखनी थी ।वह भी झट से वहां से निकला और अपने restaurant पहुंचा ।
एक लड़की restaurant के सभी स्टाफ को instructions दे रही थी," देखिए सब ,आज हमारे लिए बहुत important day है । हमारा यह restaurant बहुत कम वक्त में ज्यादा popular हो चुका है ; लेकिन आज हमारे पास एक golden opportunity है Saint Ignatius college के सामने खुद को represent करने का ; क्योंकि अगर उनके function का contract हमें मिल गया तो जल्द ही हमारा restaurant एक बड़े मुकाम पर पहुंच जाएगा!"
सभी लोग मुस्कुराते हुए उससे बोले ," जी इनायत दीदी! हम अपनी जान लगा देंगे ! . . ."
" very good." कहते हुए इनायत मुस्कुराई।
और जैसे ही पीछे मुड़ी तो उसने अध्याय को आते हुए देखा जिसे देख excitement भरी आवाज में बोली ,"अध्याय , तुम आ गए . . . . . 😃
लेकिन जब उसने अध्याय के outfit को देखा ,तो उसे छेड़ते हुए ," ओहो . . . . .आज भी उसी तरह handsome hunk ! वैसे बताओ आज किस पर बिजली गिराने का इरादा है . . . ?😏 "
" Shut up इनायत !..तुम भी जानती हो मुझे इन सब में interest नहीं . . . . वैसे एक बताओ सिद्धांत कहां है
, क्या वो अभी तक नहीं आया ?"
जिसे सुन इनायत मुंह बनाते हुए बोली ,"हमारे सिद्धांत मियां वक्त पर आए तो यह आसमान ना गिर जाएगा! देखो अध्याय, हां मैं जानती हूं कि सिद्धांत इस restaurant में half partnership में है ; लेकिन तुम्हें उसे कुछ समझाना चाहिए यार ! देखा नहीं कितना वक्त हो चुका है हमें ? यह सब कुछ कॉलेज लेकर जाना है और वह अभी तक नहीं आया . . . ."
इनायत शिकायतों की लिस्ट अध्याय के सामने रखी जा रही थी कि तभी पीछे से आवाज आई ," हो गई हमारी चुगली लगा कर! "
दोनों ने पीछे मुड़कर देखा तो सिद्धांत अपना सूट ठीक करते हुए उनकी और ही आ रहा था जहां इनायत का मुंह बन गया और अध्याय झूठ मुठ का उसे डांटते हुए बोला ," सिद्धांत बहुत हो गई तुम्हारी यह मनमर्जी . . . . यार कभी तो वक्त पर आया करो! . . . ."
सिद्धांत अपनी सफाई देते हुए ," मैं तो बहुत जल्दी निकला था, लेकिन तुम्हें भी पता है ना मुंबई की ट्रैफिक . . . इस वजह से जरा लेट हो गया ; लेकिन कुछ लोगों को तो समझ नहीं आता! उन्हें सिर्फ अपने हिसाब से सब कुछ चाहिए होता है . . ."
कहते हुए सिद्धांत ने तिरछी नजरों से इनायत की ओर देखा, तो इनायत ने मुंह बिगाड़ कहा ," अब ज्यादा ताने मारने की जरूरत नहीं है! अब आ ही गए हो ,तो चलो जल्दी कॉलेज जा कर प्रिपरेशन भी देखनी है !"कहकर वो वहां से चली गई।
यहा सिद्धांत मुंह फुलाए इन्हें को जाते हुए देख रहा था वहीं अब अध्याय की हंसी छूट गई ।और सिद्धांत को खींचते हुए वह भी वहां से निकल गया।
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यहा अमेध जो ड्राइंग कंपटीशन में पार्टिसिपेट हो चुका था जो कॉलेज कमेटी ने कुछ स्टूडेंट की याद के तौर पर रखी थी । ताकि आगे जाकर उनकी पेंटिंग आने वाले न्यूबॉर्न आर्टिस्ट लोगों के लिए एक मिसाल कायम करें ; लेकिन अमेध उसका ड्राइंग निकालने में बिल्कुल भी मन नहीं था। डिस्ट्रॅक्शन की वजह से पेंटिंग उसकी हर बार गलत हो रही थी। जिस वजह से अब वह चला गया।
उसकी झुंझलाहट को देख स्वराज जो उसके पास ही बैठा था उसने पूछा ," क्या हुआ अमेध, तुम इतने परेशान क्यों लग रहे हो ? क्या कोई प्रॉब्लम है? "
तो अमेध अपने माथे पर सिलवटें लिए बोला ," अरे कुछ नहीं यार !थोड़ी देर पहले एक बेवकूफ लड़के से टक्कर हो गई थी मेरी और वो इतना बदतमीज था , कि उसे लोगों से बात तक करने की तमीज नहीं ! I swear, अगर मुझे लेट ना हो रहा होता तो मैं उसे अच्छा खासा सबक सिखा देता ! "
अमेध के मुंह से लड़के का जिक्र सून साथ में बैठी नीति और परिणीति ने curiosity भरे अंदाज में पूछा 😃 ,"क्या वह लड़का हैंडसम था? "
उनकी बात सुन अमेध ने मुंह बनाते हुए कहा 😒 ," था तो. . . . . ?लेकिन सच में फिर कभी मिले वह मुझसे छोडूंगा नहीं! . . . ."
क्रमश: अभी शेष है
SIM college . . . . . .
अंग्रेजों के जमाने से नामचीन रहा यह कॉलेज अपने strict rules and regulations एंड साल भर में होने वाले events के लिए पहचाना जाता है । जितना भव्य उतना ही भव्य इतिहास लिए यह कॉलेज आज भी मुंबई के जाने-माने कॉलेज एस में first rank की जगह लेकर खड़ा है । आज कॉलेज में last year के students का farewell function होने की वजह से सभी तरफ खुशनुमा और excitement भरा माहौल था सभी स्टूडेंट्स खूबसूरत पहनावा किए कॉलेज में इंटर हुए जा रहे थे।
अध्याय और उसके साथी भी अब वहां आ चुके थे। और ऑलमोस्ट सब प्रिपरेशन हो चुकी थी। अध्याय का स्टाफ सभी को ड्रिंक सर्व कर रहे थे।और अध्याय सभी लोगों का मुआयना कर रहा था, 'कि किसी को किसी चीज की कमी तो नहीं!'
तभी इनायत उसको आवाज देते हुए ,"अरे अध्याय यहां आओ . . .!"
उसके पास जाते हुए अध्याय ने पूछा ," क्या हुआ इनायत जो तुमने मुझे बुलाया?"
" मुझे एक बताओ अध्याय अब तुम होटल के हाफ पाटनर हो , तो सर्वेंट जैसा काम क्यों कर रहे हो ? यहां एक कोने में खड़े रहो ना !"
"देखो इनायत भले ही मैं अब होटल का मालिक बन गया हूं ;लेकिन फिर भी हमें अपनी जगह नहीं भूलनी चाहिए !आज जहां यह लोग काम कर रहे हैं एक दिन था जब मैं भी उन्हीं की जगह पर काम कर रहा था, तो हमें वह दिन भूल कर उन पर सब नहीं छोड़ना चाहिए . . . और वैसे भी सभी को इंस्ट्रक्शन देकर अच्छे से काम समझाना हमारा ही काम है ना! तो . . . . "
इनायत ने अपना सिर पीटते हुए कहा,"हे भगवान ...अरे हमने सभी को earcods दिए हुए हैं! अगर कुछ प्रॉब्लम हुई तो हम यहां से उनसे कांटेक्ट कर सकते हैं ,इसलिए अब तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं! यहां खड़े रहकर function का मजा उठाओ ! . ."
दोनों बात कर ही रहे थे कि banquet hall एक अनाउंसमेंट से गूंज उठा ," dear youngsters.... First of all Welcome all of you to today's farewell function!..." यह थी कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल मिस अनन्या भारद्वाज।
उनकी बात सुन वहां मौजूद सभी स्टूडेंट तालियां बजाने लगे ,तो मिस भारद्वाज आगे बोली, "जैसा कि हम सब जानते हैं हमेशा की तरह यह भी साल आ गया हमारे होनहार बच्चों का अलविदा करने का! तो मैं ज्यादा वक्त ना लेते ,हुए हमारे कॉलेज के प्रिंसिपल मिस्टर विक्रम भाटिया जी को यहां stage पर आकर स्टूडेंट की भविष्य के लिए उन्हें दो शब्द कहने की विनती करती हूं...."
उनकी बात सुन पीछे के दरवाजे थे मिस्टर विक्रांत भाटिया एंटर हुए और सभी स्टूडेंट उनकी स्वागत में तालियां बजाने लगे ।
जिसे देख उन्होंने रोकते हुए कहा ," first of all आप सब यहां इतने खूबसूरत तरीके से सज धज कर आए और हमारे इस function की रौनक बढ़ाई, इसलिए हम आपको तहे दिल से धन्यवाद करते हैं !और जैसा की मिस भारद्वाज जी ने कहा , कि हमेशा यह जो वक्त होता है थर्ड ईयर के बच्चों को अलविदा कहने का यह हमारे लिए बहुत ही मुश्किल होता है ; क्योंकि जिन बच्चों को हम 3 सालों से देखते आते हैं उन्हीं को एक दिन हमें अलविदा करना होता है ;इसलिए हम आज खुश भी हैं और थोड़ी दुखी भी खुश इस बात के लिए क्योंकि हमारे बच्चे जो बहुत होनहार हैं वह आगे बढ़ रहे हैं और दुख इस बात का कि उन्हें यह कॉलेज छोड़ना पड़ रहा है अपनी आगे की डिग्री के लिए ....."
सारे स्टूडेंट्स में मानो सन्नाटा छा चुका था सभी लोग गौर से विक्रांत जी की बात सुन रहे हैं थे।
विक्रांत जी आगे बोले," हम आप सभी का ज्यादा वक्त ना जाया करते हुए बस इतना ही कहेंगे आप सभी हमारे और इस कॉलेज के दिल में बसते हैं इसलिए बहुत मेहनत करना और आगे बढ़ना.... thank you!" कहते हुए अपनी बात खत्म कर विक्रांत जी stage से नीचे उतरे और सभी स्टूडेंट जोर-जोर से तालियां बजाने लगे।
उनके जाने के बाद फिर से मिस भारद्वाज stage पर आते हुए बोली," तो जब अब आप सभी को अलविदा ही कहना है ,तो क्यों ना खुशी-खुशी किया जाए! इसलिए हमारी कुछ स्टूडेंट आपके सामने डांस और म्यूजिक परफॉर्म करेंगी ,So what are you waiting for? बढते हैं आज की जश्न की ओर ।पहला परफॉर्मेंस देने आ रही है हमारे कॉलेज की होनहार स्टूडेंट और हमेशा लेट कमर्स में पॉपुलर रही सानिया राय . . . . . जो प्रेजेंट कर रही है ट्रेडिशनल डांस . . . . . तो जोरदार तालियों से स्वागत कीजिए सानिया राय का. . . . . "
कहते हुए मिस भारद्वाज तालियां बजाने लगी और stage के कॉर्नर में जाकर खड़ी हो गई । हमारे यहां का नाम सुनते ही सारे स्टूडेंट्स में मानो भूचाल आ गया हो ;क्योंकि सानिया अपने लेट होने की आदत के साथ-साथ खूबसूरती के लिए भी बहुत ज्यादा popular थी ।अपने कॉलेज में जिस वजह से सारे लड़के hooting करने लगे," सानिया ..... सानिया.... "
सभी के साथ-साथ अध्याय की भी नजरें अनायास ही stage की ओर चली गई जब उसने देखा एक लड़की जो खूबसूरत traditional लहंगा पहने स्टेज पर आकर खड़ी हुई थी । और धीरे-धीरे तेज पर अब अंधेरा छाने लगा और गाने की धुन बजने लगी
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन ना जाई
जय रघुवंशी अयोध्यापति
राम चन्द्र की जय...
सियावर राम चन्द्र की, जय...
जय रघुवंशी अयोध्यापति
राम चन्द्र की जय...
सियावर राम चन्द्र की, जय.....
ता दी या ना धीम..
दे रे ता ना दे रे नोम
ता दी या ना धीम
दे रे ता ना दे रे नोम
ता दी या ना धीम..
गाने के बोल सुनते ही सानिया का पूरा शरीर धीरे धीरे कर थिरकने लगा। जिस वजह से उसका लहंगा एक गोल घेरा बनाए बहुत खूबसूरत लग रहा था। अध्याय की नजर जब उस पर पड़ी तो वो याद करने की कोशिश कर रहा था कि' इस लड़की को देखा कहां है ?'क्योंकि दूर खड़े रहने की वजह से और सानिया की डांस की वजह से पूरी तरह से उसका चेहरा देख नहीं पा रहा था। उसका डांस शुरू होते ही मानो नीचे चेयर पर बैठे सभी स्टूडेंट cheerful अंदाज में जोर-जोर से तालियां बजा रहे थे । और सानिया गाने के बोलो के साथ नाचे जा रही थी।
रघुवर तेरी राह निहारें
रघुवर तेरी राह निहारें
सातों जनम से सिया
घर मोर परदेसिया
आओ पधारो पिया
घर मोर परदेसिया
आओ पधारो पिया....
गाने के आगे बढ़ रहे बोलो के साथ-साथ सानिया के हाथ जो अलग-अलग मुद्राएं बना रहे थी और नागिन सी लहरा रही उसकी कमर उसके डांस में जान डालने का काम कर रही थी ।
जिसे देख सभी लोग अब मंत्र मुग्ध होकर उसी को एकटक देख रहे थे । लड़कियां भी जहां उसकी डांस परफॉर्मेंस में खोसी गई थी ।वहां लड़कों का क्या ही हश्र होगा।
सानिया का डांस खत्म होते ही ," वंस मोर ..... वंस मोर .. . . . " की हूटिंग शुरू हो गई।
जिसे सुन सानिया मुस्कुराते हुए बोली ," एप्रिसिएशन के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आप सभी का !" कहते हुए अचानक से उसकी नजर कोने में खड़े एक शख्स पर गई , जिसे देखते ही उसके गुस्से का ठिकाना नहीं रहा आगे बिना कुछ कहे तेज से उतरने लगी । जिसे देखकर सभी लोग हैरान रह गए आखिर अभी इतने अच्छे से बात कर रही सानिया को क्या हुआ?"
ड्राइंग कंपटीशन खत्म होते ही अमेध जब सानिया से मिलने आया था उसे सानिया गुस्से से पैर पटकते हुए जाते हुए दिखी । क्योंकि सानिया कभी इतना गुस्सा नहीं होती थी हमेशा ही उसके पार्टनर रही सानिया जिसके पीछे अमेध जा रहा था, वह उसे पुकारने लगा ," सानिया क्या हुआ? "
अपने आंखों में आंसू लिए सानिया बोली," कुछ नहीं अमेध ।बस कुछ पुराने जख्म कुरेदे गए।उसकी बात सुनकर अमेंध क्या आंखों में गुस्सा उतर आया। और उसने पूछा," क्या वह यहां आया है ?"
तो सानिया सिसकियां भरते हुए बोली ,"हां और मजे की बात यह है उसके साथ उसका सारा फ्रेंड सर्कल भी आया है !"
"चलो फिर, आज उसे सबक सिखा देते हैं . . . . कहते हुए अमेध उसे ले जाने लगा ;लेकिन सानिया उसे रोकते हुए बोली," नहीं! वैसे भी इन सब का कोई फायदा नहीं !और यह तो बस एक तरफा प्यार था ना ,तो इसमें उसकी भी गलती नहीं !"
उसके इस बात पर अमेध शांत हुआ और बोला ," सानू प्यार करना कोई गुनाह नहीं ,लेकिन कब तक एक तरफा प्यार में सुलगते रहोगी ?मुझे देखो मेरा तो अपना कोई नहीं उसके साथ तुम खुश हो सकती हो ,तो मैं उससे बात करूंगा ! उसका नाम बताओ . . . ."
"क्या सच में?😃 " एक उम्मीद सानिया को अमेध की नजरों में दिख रही थी ।और उसने कहा," अध्याय रुद्रा नाम है उसका !"
" ओह . . .तो यह है आपका दिल चुराने वाले !जरूर मैं उनसे बात करूंगा ओके !"और मन ही मन बोला ,"मेरी बहन जैसी दोस्त को रुलाने का हिसाब तो तुम्हें देना पड़ेगा अध्याय रुद्रा ! . . . ."
क्रमशः अभी शेष है।