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Burning In His Love

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Sunshine

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कहते है कि कुछ वादे ऐसे होते है जिन्हें निभाने में लोगो की उम्र बीत जाती है, ऐसा ही बड़ा किया था कभी वीरान सिंह रंधावा ने, अब वो वादा क्या था वो तो उसे ही पता है लेकिन अभी तक वो अपने वादे को निभा रहा है, वहीं दूसरी और है भोली भाली कुर्बानी जिसकी जिंद...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. Burning In His Love - Chapter 3

    Words: 1179

    Estimated Reading Time: 8 min

    राजस्थान

    एक बड़ी सी बिल्डिंग जिसमें कुल 12 फ्लोर थे इस बिल्डिंग के सबसे ऊपर वाले फ्लोर की छत पर एक लड़की खड़ी थी राजस्थान की सुनहरी रेत और गरम हवाओं के बीच एक ऊँची-सी इमारत की सबसे ऊपरी मंज़िल की छत पर खड़ी वो लड़की जैसे किसी पुराने राजघराने की राजकुमारी लग रही थी। उसके तन पर लाइट पिंक रंग की अनारकली फ्रॉक थी, जो उसकी मासूमियत और नज़ाकत को और भी उभार रही थी। फ्रॉक का महीन जरी का काम, उसके चारों ओर फैले सुनहरे धूप के साथ मिलकर ऐसा लग रहा था जैसे वो खुद कोई सपना हो।

    उसके गुलाबी होंठ गुलाब की नाजुक पंखुड़ियों जैसे थे, जिन पर हल्की सी मुस्कान हमेशा ठहरी रहती थी। बड़ी-बड़ी पलकें मानो किसी गहरे ख्वाब की रखवाली कर रही हों, और उनकी छांव में छुपी उसकी गहरी नीली आंखें किसी समंदर से भी ज़्यादा मिस्टीरियस थीं। उसकी आंखों में कशिश थी, जो किसी को भी उसकी ओर खींच सकती थी।

    उसके काले, लंबे बाल लहराते हुए हवा में यूं उड़ रहे थे जैसे कोई मधुर धुन बह रही हो। उनकी चमक रात के अंधेरे में झिलमिलाते तारों जैसी थी। उसके नैन-नक्श इतने नपे-तुले और साफ़ थे कि कोई भी उसे देखता रह जाए। माथे पर हल्की सी झुकती हुई एक छोटी सी झुल्फ, उसकी मासूम सी मुस्कराहट को और भी अट्रैक्टिव बना रही थी।

    वो लड़की बस एक इंसान नहीं, जैसे खुद खूबसूरती की डेफिनेशन थी एक ऐसी छवि जिसे देखकर समय थम जाए, और हर नजर ठहर जाए।

    वो लड़की वहां खड़ी हुई उस मंजिल से नीचे देख रही थी कि तभी उसके पीछे से एक भारी आवाज उसके कानों में पड़ी ये सब क्या कर रही हो तुम कुर्बानी।

    उस आवाज को सुनते ही उस लड़की कुर्बानी ने पीछे पलट कर देखा, सामने खड़े शख्स को देख कर उस लड़की के चेहरे पर स्माइल आ गई वो एक्साइटेड होते हुए बोली “वीरान आ गए तुम देखो न ये कितनी बड़ी बिल्डिंग है मुझे तो इसके नीचे देखने में भी चक्कर आ रहा है।

    18 19 साल की दिखती वो लड़की कुर्बानी इस तरह से बिहेव कर रही थी जैसे कोई 5 या 6 साल की बच्ची हो। उसकी आंखों में बच्चों जैसी चमक थी। उसकी बातों में छोटे बच्चे जैसी एक्साइटमेंट थी।

    उसकी बात सुन सामने खड़ा वीरान (पर्सनालिटी: एक बिजनेस टायकून की पर्सनालिटी लंबा चौड़ा कद, चौड़ी छाती, एकदम परफेक्ट शेप में जड़ा हुआ जबड़ा, ग्रे कलर की आंखें जिनमे अलग सी चमक ओर रूखापन था, उसके चेहरे से क्रुएलिटी साफ दिखाई देती थी, उसने रॉयल ब्लैक कलर का थ्री फीस सूट पहना हुआ था, उसकी पर्सनालिटी में दुनिया को हिलाने का दम था, उसकी आंखों की अकड़ में किसी को भी अपने कदमों में झुकाने की ताकत थी)

    लेकिन वीरान अपने सामने खड़ी कुर्बानी को देख अपनी पर्सनालिटी से काफी अलग लग रहा था उसके चेहरे पर सख्ती की जगह नरमी दिखाई दे रही थी।

    उसने कुर्बानी की आंखों में देखते हुए बड़े ही प्यार से उसकी तरफ आगे बढ़ कर उसे अपनी बाहों में उठाते हुए नीचे उतारा और बड़ी ही नरमी से कहा “कुर्बानी ये सब क्या कर रहा है मेरा बच्चा?

    जिस पर कुर्बानी ने उसकी तरफ प्यार से देखते हुए कहा “मैं यहां खुद नहीं आई थी वीरान।

    उसकी बात सुन वीरान के चेहरे पर कन्फ्यूज एक्सप्रेशंस आ गए उसने चौंकते हुए कुर्बानी से पूछा “फिर तुम्हे यहां कौन लेकर आया था लिटिल पांडा?

    उसकी बात का जवाब देते हुए कुर्बानी ने अपने सर पर अपनी उंगली टिकाते हुए कुछ याद करने की कोशिश करते हुए कहा “मुझे, मुझे तो यहां क्रिपि आंटी लेकर आई थी उन्होंने मुझसे कहा कि वो मुझे यहां लाकर आइसक्रीम देंगी अगर में छत पर जाकर खड़ी हो जाऊं तो।

    क्रिपी आंटी सुनते ही वीरान के चेहरे की सख्ती गुस्से में बदल गई उसकी आंखों में मानो आग उतर आई उसने हल्की सी खींच के साथ कहा “आप ऐसा कुछ भी करेंगी मैने ये कभी नहीं सोचा था लेकिन अगर कर ही दिया है तो अब इसका अंजाम भी आपको भुगतना पड़ेगा।

    इतना कहते हुए वीरान ने कुर्बानी को लिफ्ट में लाकर उतारा और ग्राउंड फ्लोर का बटन प्रेस किया। थोड़ी देर बाद लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर जाकर रुकी वीरान ने कुर्बानी का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ पार्किंग एरिया में ले जाने लगा।

    तभी उसका फोन रिंग हुआ वीरान ने कॉल पिक करते हुए कहा “हां बोलो रोहित क्या हुआ?

    जिस पर सामने से वीरान के असिस्टेंट रोहित की आवाज आई “सर बाजवा ग्रुप ऑफ कंपनी ने एक पार्टी रखी है जिसमें सभी बिजनेस मेन आने वाले है और उन्होंने आपको भी इस पार्टी में इनवाइट किया है बस इसी के बारे में इनफार्मेशन देनी थी।

    रोहित की बात सुन वीरान ने अपना सर हिलाते हुए जवाब दिया “अच्छा ठीक है हम चलेंगे और इसके बारे में आगे की बात हम कल करेंगे अभी मैं घर जा रहा हूं।

    जिस पर रोहित ने जवाब देते हुए कहा ओके सर! इतना कहकर उसने फोन रख दिया।

    वीरान ने दोबारा कुर्बानी का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ गाड़ी में लेकर गया। जिसके कुछ देर बाद उन दोनों की कार एक बड़ी सी विला के बाहर आकर रुकी ये थी रंधावा विला वीरान कर से नीचे उतरा और फिर उसने कुर्बानी को भी कर से नीचे उतारा फिर उसने कुर्बानी का हाथ फिर से पकड़ा और उसे लेकर विला के अंदर जाने लगा।,

    अंदर जाते ही उसने देखा कि विला के बड़े से लिविंग हॉल में कुछ लोग बैठे हुए थे जिनमें हेड चेयर पर एक 70 80 साल की औरत बैठी हुई थी जिनके चेहरे पर कोमलता के भाव सांस देखे जा सकते थे उनके चेहरे पर एक हल्की सी स्माइल थी।

    ये थी रंधावा फैमिली की हेड श्रीमती रोहिणी रंधावा।

    रोहिणी जी की नजर जैसे ही कुर्बानी और वीरान पर पड़ी उन्होंने मुस्कुरा कर उन्हें देखते हुए कहा अरे कुर्बानी बेटा आओ ।

    कुर्बानी ने रोहिणी जी को देखा और स्माइल करते हुए दौड़ कर रोहिणी जी के पास चली गई और उन्हें गले से लगा कर बोली दादी आज मैने ऊपर से सिटी को देखा।

    कुर्बानी की बात सुन रोहिणी जी ने हैरानी से वीरान की तरफ देखा जैसे पंच रही हो कि ये क्या बोल रही है जिस पर वीरान ने अपनी आंखों से इशारा कर दादी को कहा कि बाद में बताऊंगा ।

    उसका इशारा समझ दादी ने कुर्बानी के चेहरे पर हाथ फेरते हुए कहा अच्छा अच्छा चल जाकर फ्रेश होजा फिर डिनर के लिए आ जाना।

    जिस पर कुर्बानी ने सर हा में हिलाया और वह से चली गई।

    उसके जाने के बाद रोहिणी जी ने वीरान को देखा और बोली ये सब क्या था वीरान कुर्बानी क्या कह रही थी।

    जिस पर वीरान ने अपनी ठंडी आवाज में कहा दादी आप ये बाद मिसेज रंधावा से पूछेंगी तो वो शायद आपको इसका करेक्ट आंसर दे।

    उसकी बात सुन दादी ने पलट कर अपने पीछे खड़ी एक औरत को देखा जिनकी उम्र लगभग 35 साल होगी वो दिखने में काफी खूबसूरत थी उसे देखते हुए दादी ने पूछा “वीरान किस बारे में बात कर रहा है नीलम?

    क्या किया है नीलम ने? क्यों ऐसा बर्ताव कर रही है कुर्बानी?

  • 2. pta nhi क्या जादू किया है उस पागल ने?

    Words: 1093

    Estimated Reading Time: 7 min

    रुद्राणी जी ने नीलम से पूछा “ वीरान किस बारे में बात कर रहा है तो उनकी बात सुन नीलम जो अभी तक शांत खड़ी थी सामने आई और भिन्नाते हुए बोली “मां जी आप भी जानती हैं कि वीरान ने इस लड़की के पीछे अपनी पूरी जिंदगी को बर्बाद कर लिया है अच्छी भली इतनी सुंदर सुशील लड़की ढूंढ रखी है हमने इसके लिए, लेकिन ये है कि उसकी तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं देता इसका पूरा ध्यान इस पागल लड़की में लगा रहता है ना जाने कौन सा जादू किया है उसने मेरे बेटे पर?”...







    नीलम जी की बात सुन वीरान जो जेब में हाथ डालकर खड़ा था वो बोला “खबरदार मिसेज रंधावा मैंने कभी आपको अपनी मां का दर्जा नहीं दिया, इसलिए मां बनने से पहले ये बात अच्छे तरीके से जान लेना कि आपका मेरी जिंदगी पर कोई हक नहीं है।”




    वीरान की ये बात सुना वही पास में बैठे एक आदमी जिनकी उम्र लगभग 40 साल रही होगी अपनी जगह से खड़े हुए और वीरान पर चिल्लाते हुए बोले “ये कैसी बातें कर रहे हो तुम अपनी मां के साथ वीरान? क्या तुम्हें यही संस्कार दिए गए हैं अपने से बड़ों से बात करने के?




    उन आदमी की बात का जवाब देते हुए वीरान बोला “मिस्टर नील सिंह रंधावा आप तो इस मामले में न ही पड़े तो अच्छा रहेगा वरना मैं भूल जाऊंगा कि आप मेरे बाप है।




    वीरान की ऐसी बात सुन नील को ओर भी गुस्सा आ गया लेकिन वो अपनी मुठिया भींचते हुए अपने गुस्से को कंट्रोल करने लगे।




    तभी नीलम ने वीरान की तरफ देखते हुए कहा “विरान तुम्हें समझ नहीं आता क्या तुम्हारी भलाई किस चीज में है? इस पागल के साथ रहकर तो तुम अपनी जिंदगी नहीं काट सकते ना तुम्हें भी एक जीवनसाथी की जरूरत है तो तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम स्वेतलाना से शादी कर लो।




    नीलम जी की बात का जवाब देते हुए विरान बोला “आपको मेरी लाइफ मैं इंटरफेयर करने की कोई जरूरत नहीं है, मैं चाहे जिसके साथ भी जिंदगी गुजारु इससे आपको कोई फर्क नहीं पढ़ना चाहिए, लेकिन मैं आपसे ये जानना चाहता हूं कि आप कुर्बानी को टेरेस्ट पर अकेला क्यों छोड़ कर आई जब आपको पता है कि उसकी मेंटल सिचुएशन ऐसी नहीं है कि उसे अकेला छोड़ा जाए, तो फिर आपने उसे अकेला क्यों छोड़ा? इतना कहते हुए वीरान ने गुस्से में नीलम को देखा।




    नीलम एक पल के लिए वीरान का गुस्सा देख सहम गई लेकिन अगले ही पर अपने डर को छुपाते हुए वो बोली “कितनी बार समझाऊं मैं तुम्हें कि मुझे वो लड़की बिल्कुल भी पसंद नहीं है मैं नहीं चाहती कि तुम उसकी वजह से अपनी लाइफ बर्बाद करो।




    आज तो ये गलती मैंने आपकी माफ की है अगर आगे से आपने कुर्बानी को कोई भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो मैं भूल जाऊंगा कि आप मिसेज रंधावा है ।”.... इतना कहकर वो भी अपने कमरे की तरफ चला गया सभी लोग उसे जाते हुए देख रहे थे।




    रात का वक्त,




    रंधावा फैमिली के सभी लोग डायनिंग एरिया में डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे कुर्बानी भी इस वक्त रोहिणी जी के पास वाली चेयर पर बैठी हुई थी तभी वहां पर वीरान आ गया वीरान को देख कुर्बानी ताली बजाते हुए बोली “yeah! वीरान आ गया। आओ वीरान देखो आज मेरा मनपसंद गाजर का हलवा बना है।




    कुर्बानी की बात सुन वीरान के चेहरे पर स्माइल फैल गई वहीं डायनिंग टेबल पर बैठे सभी लोग मुस्कुरा रहे थे तो वहीं नीलम जी और उनके पास बैठी एक लड़की का मुंह सड़ा सा हो रखा था वो कुर्बानी को ऐसे देख रही थी जैसे अगले ही पल उसको मार दें उनकी आंखों में कुर्बानी के लिए गुस्सा साफ देखा जा सकता था, तभी नीलम के पास बैठी लड़की उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए बोली “आप फिक्र मत कीजिए आंटी में वीरान को अपना बना कर ही रहूंगी।




    नीलम ने गुस्से में एक नजर कुर्बानी को देखा और फिर अपने पास बैठी लड़की को देखते हुए बोली “स्वेतलाना अगर ये लड़की ना होती तो मैं कब की तुम्हारी शादी वीरान से करवा चुकी होती।




    नीलम की बात स्वेतलाना मुस्कुरा कर बोली “don't worry aunty!, मैं हैंडल कर लूंगी।




    इतना कह कर वो भी अपना खाना खाने लगी सब लोगों ने अपना अपना खाना फिनिश किया और सब अपने अपने कमरों में चले गए वीरान अपने कमरे में आया और अपने कमरे के अंदर बने स्टडी रूम में चला गया वहां जाकर उसने एक सिगरेट जलाई और उस सिगरेट को अपने लबों में दबाकर लंबे लंबे केश भरने लगा।




    कुछ ही देर में उसके स्टडी रूम का दरवाजा खुला और एक लड़का अपने हाथ में एक फाइल लिए अंदर आया वो लड़का दिखने में करीब 26 27 साल का होगा वो लड़का वीरान के सामने आया और उस फाइल को डेस्क पर रखते हुए बोला “ये रही ओबेरॉय खानदान की पूरी जन्मपत्री जो तुमने मुझे निकालने के लिए कही थी।




    वीरान ने उस लड़के की बात सुनी और उस फाइल की तरफ देखते हुए बोला “very good Job पैंथर।




    इतना कहकर वो वो फाइल को पढ़ने लगा और पैंथर उसे बताते हुए बोला “वीरान , ये ओबेरॉय कोई छोटे-मोटे लोग नहीं हैं।

    पूरे इंडिया में इनका बिज़नेस फैला हुआ है।

    तेज ओबेरॉय के दो बेटे हैं, जिनमें से एक बेटा उनके साथ बिज़नेस में मदद करता है।

    दूसरा एक नंबर का आयाश है, जो इस वक्त लंदन में है।

    क्या करता है, क्या नहीं करता, ये नहीं पता... लेकिन ये जरूर पता है कि बाब के पैसों को अच्छे से उड़ा रहा है।

    तेज ओबेरॉय उसकी इन हरकतों से बहुत परेशान है।

    लेकिन उसका दूसरा बेटा बहुत समझदार है।

    वो अपने पापा के साथ उनके पूरे बिज़नेस को संभालने में हेल्प करता है।

    वो अपने भाई जैसा बिल्कुल नहीं है।

    बल्कि वह लड़कियों की इज़्ज़त करना जानता है।"




    उसकी बात सुन वीरान ने सर हां में हिलाया और फिर एक नजर उस फाइल की तरफ देखते हुए बोला “तेज के दोनों बेटे की सारी इनफार्मेशन मुझे चाहिए कैसे भी करके, उनके बारे में हर एक बात, उनकी कमजोरी, उनकी मजबूती, हर एक कड़ी को सामने लेकर आओ।




    उसकी बात सुन पैंथर ने हा में सर हिलाया और बोला “ठीक है मैं उसके बारे में सारी इनफार्मेशन लाकर तुम्हें दे दूंगा लेकिन उसके लिए मुझे थोड़ा टाइम लगेगा।







    जिस पर वीरान ने कहा “take your time!, तुम जितना चाहो उतना टाइम ले सकते हो लेकिन हां जल्दी करना क्योंकि वक्त काफी कम है मेरे पास।




    क्या स्वेतलाना कुर्बानी को नुकसान पहुंचाएगी? क्यों निकलवा रहा है वीरान ओब्रायस के बारे में इनफार्मेशन? जानने के लिए पढ़िए ये कहानी।

  • 3. Burning In His Love - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min