एक दिलचस्प कहानी की शुरुआत! अथर्व रॉय कपूर की कहानी में गुस्सैल और एरोगेंट व्यक्तित्व के साथ-साथ उनकी नामी-ग्रामी बिजनेसमैन है। अवनी शर्मा की शांत... एक दिलचस्प कहानी की शुरुआत! अथर्व रॉय कपूर की कहानी में गुस्सैल और एरोगेंट व्यक्तित्व के साथ-साथ उनकी नामी-ग्रामी बिजनेसमैन है। अवनी शर्मा की शांत और सुशील व्यक्तित्व अथर्व रॉय कपूर के गुस्सैल और एरोगेंट व्यक्तित्व के बिल्कुल विपरीत लगता है! इन दोनों पात्रों के बीच का टकराव और सामंजस्य कहानी को और भी रोचक बना सकता है। क्या अवनी शर्मा और अथर्व रॉय कपूर के बीच कोई विशेष संबंध है, जैसे कि प्रेम कहानी या व्यावसायिक साझेदारी?क्या आप इस कहानी को आगे बढ़ाना चाहते हैं? दिलचस्प! क्या उनकी विपरीत व्यक्तित्व उन्हें टकराव की ओर ले जाएगी या फिर प्यार की ओर? देखते हैं आगे क्या होता है!
Atharav Roy Kapoor (ARK)
Hero
Avni Sharma
Heroine
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एक मध्यमवर्गीय परिवार में आज दुख का पहाड़ टूट पड़ा था, क्योंकि उनकी जान से प्यारी बेटी अवनी की शादी एक गुंडे से होने जा रही थी।
उस गुंडे का नाम जग्गू था, उसकी पहले से एक बीवी थी जो कि गर्भवती थी, फिर भी वह अवनि से शादी कर रहा था, इस शादी से कोई खुश नहीं था, सिवाय जग्गू के।
अपनी बेटी की जिंदगी यूँ बर्बाद होते देख एक पिता से यह बर्दाश्त ना हुआ और वह अपनी बेटी अवनि से बोले बेटा ये शादी मत कर तू यहाँ से भाग जा बाकी मैं सब कुछ देख लूँगा मगर मैं यूँ तेरी जिंदगी बर्बाद होते नहीं देख पाऊँगा यह बोल वह रोने लगी अपने पिता की यह बात सुन अवनि के आँखों में भी आँसू आ गए।
वह बोली पापा मैं यहाँ से कैसे निकलूँ यहाँ चारों तरफ उसके आदमी लगे हुए हैं और अगर मैं यहाँ से भाग गई तो आप लोगों के साथ कुछ भी कर सकता है नहीं-नहीं मैं कोई रिस्क नहीं ले सकती यह बोल वह और सिसकने लगी तभी पापा बोले बेटा तू चिंता मत कर हम सब संभाल लेंगे मगर तुझे उस नर्क में जाने नहीं देंगे मैं तेरे आगे हाथ जोड़ता हूँ तू चली जा।
अपने पापा की यह मिन्नत सुन वह भी उनकी बात मान जाती है तथा वह अपने भाई की लाई हुई बुरखे को पहनकर चुपचाप शादी से बाहर निकल जाती है और किसी को शक भी नहीं होता है शादी से निकलकर वह रेलवे स्टेशन जाती है और सामने जो ट्रेन उसे दिखती है उसमें ही घुस जाती है।
इधर शादी में जब जग्गू को पता चलता है कि अवनि भाग गई तो वह आग बबूला हो जाता है तथा उसके माँ-बाप और भाई को पूछते हैं कि अवनि कहाँ गई।
ट्रेन में चढ़ने के बाद अवनि देखती है, सब सो रहे हैं तो वह चुपचाप दरवाजे के पास ही बैठ जाती है, मगर तभी उसके कानों में एक आवाज आई, बेटा तुम कौन हो?
जब जग्गू अवनि के माँ-बाप से पूछता है, तो वह साफ इंकार कर देते हैं कि उन्हें नहीं पता अवनि कहाँ गई, मगर जग्गू को इस बात का जरा भी यकीन नहीं था कि वह नहीं जानते कि अवनि कहाँ है, तो उसने अपने आदमी से कहा कि उसके भाई को पीटे, मगर उन्होंने कुछ नहीं बताया।
इधर ट्रेन में जब अवनि यह आवाज सुनी तो वह पीछे मुड़कर देखी तो वहाँ एक पचासी साल की बूढ़ी दादी दिखाई दी जो शायद वॉशरूम से निकली थी उनकी आवाज सुन अवनि खड़ी हुई और बोली।
उनकी आवाज़ सुन वो अपनी खड़ी हुई और बोली वो वो मैं वह ठीक से कुछ बोल भी नहीं पा रही थी क्योंकि उसे डर लग रहा था कि वह किसी को जगाकर उसे ट्रेन से उतरवा ना दे।
उसकी घबराहट को देख दादी जी बोली शांत हो जाओ मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी तुम मुझे बताओ तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रही हो दादी की बात सुन अवनि बोली दादी मेरा नाम अवनि शर्मा है।
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उसकी घबराहट को देख दादी जी बोली शांत हो जाओ मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी तुम मुझे बताओ तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रही हो दादी की बात सुन अवनि बोली दादी मेरा नाम अवनि शर्मा है।
अब आगे,
आज मेरी शादी थी, एक गुंडा जबरदस्ती मुझसे शादी करना चाहता था, मगर मेरे माँ-पापा ने मुझे शादी से भगा दिया और मैं भागते-भागते यहाँ आ गई। यह बोली, अब नहीं रोने लगी, अब नहीं की ऐसी बात सुन, दादी को बड़ा बुरा लगा।
दादी ने बड़े प्यार से अवनि को कहा, बेटा दुखी मत हो, भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं, चिंता मत करो, आओ तुम यहाँ मेरी सीट पर बैठो, अपनी दादी की बात सुन, अवनि उनकी सीट पर बैठ जाती है, और थक की वजह से उसकी आँख लग जाती है।
अगली सुबह जब अग्नि की आँख खुलती है तो वह अपने आप को शॉल में ढका हुआ पाती है। तभी दादी आकर बताती है कि हम पहुँच चुके हैं, इसलिए अब उन्हें उतरना होगा। तो वह अभी उनके साथ चले। तभी अग्नि दादी से पूछती है, "दादी, हम कहाँ पहुँचे?" तो दादी बताती है, "मुंबई"। तो यह वह बोलती है, "यह तो बहुत बड़ा शहर है।
अगर हम खो गए तो हम वापस घर कैसे जाएंगे? उसकी यह मासूमियत भरी बातें सुन मुस्कुराती है और फिर कहती है, "हम हैं ना आपके साथ, आप चिंता मत कीजिए, हम आपको कुछ नहीं होने देंगे, यह हमारा वादा है।" इस पर अवनि कहती है, "दादी, हम यहाँ से कहाँ जाएंगे?" तो दादी कहती है, "चलो, हमारे साथ।"
यह कहकर वह अवनि को अपने साथ लेकर स्टेशन से बाहर आई तो देखा बड़ी-बड़ी और महंगी गाड़ियां एक कतार में लगी हुई हैं। तो वह उनसे दूर खड़े काले रंग के सूट में खड़े कुछ बॉडीगार्ड दिखाई दिए। उन गार्ड में से कुछ आगे आकर उनके हाथ से उनका सामान लेकर गाड़ी में रख दिया और एक बड़ी गाड़ी का दरवाजा खोल दिया। तो दादी उस गाड़ी में बैठ गई और अवनि को भी अपने साथ अंदर आने को कहा। अवनि हिचकिचाते हुए अंदर बैठ गई।
और गाड़ी मेंशन की ओर चल पड़ी। करीब एक घंटे बाद गाड़ी एक पॉश एरिया से होते हुए बड़े दरवाजे तक पहुंची तो वॉचमैन ने जल्दी से दरवाजा खोल दिया और सारी गाड़ियां अंदर की ओर चली गईं। गाड़ी के अंदर बैठी अवनि ने जब मेंशन को देखा तब वह हैरान रह गई। उसे तो यह सब एक सपने जैसा लग रहा था क्योंकि ये सब तो उसने सिर्फ टीवी पर ही देखा था।
वे सभी गाड़ियाँ एक सुंदर बगीचे से होते हुए आगे बढ़ीं, तो उसे एक सुंदर सा फाउंटेन दिखा, जिससे अभी भी पानी गिर रहा था। जब सभी गाड़ियाँ एक दरवाजे के पास पहुँचकर रुक गईं, तब अवनि को होश आया। उसने उस बड़े से दरवाजे को देखा, तो दादी ने उसे गाड़ी से उतरने के लिए कहा, तो अवनि गाड़ी से उतर गई। गाड़ी से उतरते ही उसके सामने करीब पैंतालीस साल की एक औरत आकर खड़ी हुई, और उसने दादी के पैर छूकर उन्हें प्रणाम किया, और कहा, "कैसी हैं आप माँ ?"
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वे सभी गाड़ियाँ एक सुंदर बगीचे से होते हुए आगे बढ़ीं, तो उसे एक सुंदर सा फाउंटेन दिखा, जिससे अभी भी पानी गिर रहा था। जब सभी गाड़ियाँ एक दरवाजे के पास पहुँचकर रुक गईं, तब अवनि को होश आया। उसने उस बड़े से दरवाजे को देखा, तो दादी ने उसे गाड़ी से उतरने के लिए कहा, तो अवनि गाड़ी से उतर गई। गाड़ी से उतरते ही उसके सामने करीब पैंतालीस साल की एक औरत आकर खड़ी हुई, और उसने दादी के पैर छूकर उन्हें प्रणाम किया, और कहा, "कैसी हैं आप माँ ?"
अब आगे,
दादी भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "मैं तो बिल्कुल ठीक हूँ। तुम बताओ, घर में सब ठीक?" उन्होंने भी मुस्कुराकर जवाब दिया, "हाँ, मैं तो बिल्कुल ठीक हूँ और घर में भी सब ठीक है।" जब वह औरत दादी से बात कर रही थी, तब उसकी नज़र अवनि पर पड़ी और वह अवनि को बस देखते ही रह गई। अवनि का छोटा सा मगर गोल चेहरा, दूध सा सफेद रंग, भूरी आँखें, मगर छोटी तीखी नाक, हल्के फूले हुए गुलाबी गाल और मोटे मोटे होंठ। फिगर 34-24-36... कमाल। उनकी बात सुन अवनि शर्माई और कहा, "आंटी, आप भी तो इतनी सुंदर हैं कि कोई भी आपसे शादी कर ले।" अवनि की बात सुन अनंतिका हँस दीं। उन्होंने दादी की तरफ देख कहा, "मगर ये कौन है?" उसकी यह बात सुन अवनि चुप हो गई। तो दादी ने उन्हें अवनि की सारी बीती हुई घटना को अनंतिका को बता दिया।
उसकी खूबसूरती देख वह बस उन्हें देखते ही जा रही थी, तभी दादी की आवाज़ सुन वो होश में आयी कि दादी उनसे कह रही थी, "बेटा इधर आओ, इनसे मिलो, ये मिसेज अनंतिका रॉय कपूर, मेरी बहू। बेटा, ये है अवनि शर्मा।" अवनि ने भी जाकर अनंतिका के पैर छू लिए, उन्होंने भी अवनि के सिर पर हाथ रख दिया। अनंतिका जी ने अवनि को बड़े प्यार से कहा, "बेटा, आप तो बहुत सुंदर हैं, बिलकुल रानी की तरह।"
उनकी बात सुन अवनि शर्माई और कहा, "आंटी, आप भी तो इतनी सुंदर हैं कि कोई भी आपसे शादी कर ले।" अवनि की बात सुन अनंतिका हँस दीं। उन्होंने दादी की तरफ देख कहा, "मगर ये कौन है?" उसकी यह बात सुन अवनि चुप हो गई। तो दादी ने उन्हें अवनि की सारी बातें बताईं, बीती हुई घटना को अनंतिका को बता दिया।
अनंतिका जी को भी अवनि के लिए बड़ा बुरा लगा, उन्होंने अवनि को देख कहा, "बेटा, आप चिंता मत करो, आप जब तक चाहे यहाँ रह सकती हैं।" अवनि उनकी बात सुन हिचकिचाते हुए बोली, "आंटी, आप चिंता मत कीजिए, हम जल्दी ही अपना ठिकाना खोज लेंगे।" अवनि की बात सुन आंटी बोली, "आप हमें नाराज कर रहे हैं, हमने कहा ना आप जब तक चाहे यहाँ रह सकती हैं, आपको कोई भी तकलीफ हो आप हमें बेझिझक बता सकते हैं।" अवनि को भी यह सुन बड़ा अच्छा लगा, फिर सभी अंदर लिविंग हॉल में बैठ गए।
अवनि जब हॉल में पहुंची तो अपने चारों तरफ हैरानगी से देखने लगी क्योंकि उसे यह सब बस एक सपना ही लग रहा था। सफेद रंग की दीवारें जिसमें करोड़ों की पेंटिंग लगी हुई थी, वो हैरान होकर अपने आसपास देखने लगी। फिर दादी ने कुछ मेड्स को कहकर गेस्ट रूम को साफ करवाने के लिए कहा। कुछ ही देर में सब साफ हो गया तो अम्मी उस कमरे में आई, उसने वहाँ आकर कमरे को देखा तो बस देखती ही रह गई। सफेद और नीले रंग के कम्बिनेशन से बना वो रूम बहुत ही सुंदर और आकर्षक लग रहा था। तभी दरवाजे पर नॉक हुआ तो अम्मी ने दरवाजा खोला और देखा। सामने एक मेड हाथ में थैला पकड़े खड़ी थी।उसने मैड ने कहा, "मैम, मुझे बड़ी मैडम ने आपको ये कपड़े देने को कहा है और आपको जल्दी से तैयार होकर नाश्ते के लिए पहुँचना है।" उसकी बात सुन अवनि ने अपना सिर हाँ में हिला दिया, फिर वह चली गई। थोड़ी देर बाद नहाकर और कपड़े पहनकर अवनि डाइनिंग में पहुँची, तो वहाँ अलग-अलग प्रकार का खाना रखा हुआ था, जो देखने में ही इतना सुंदर लग रहा था। दादी और आंटी भी नाश्ते के लिए बैठ गईं। आंटी ने अवनि को देखा, जिसमें लाल रंग का अनारकली सूट पहन रखा था और उस पर इतना खिल भी रहा था।
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थोड़ी देर बाद नहाकर और कपड़े पहनकर अवनि डाइनिंग में पहुँची, तो वहाँ अलग-अलग प्रकार का खाना रखा हुआ था, जो देखने में ही इतना सुंदर लग रहा था। दादी और आंटी भी नाश्ते के लिए बैठ गईं। आंटी ने अवनि को देखा, जिसमें लाल रंग का अनारकली सूट पहन रखा था और उस पर इतना खिल भी रहा था।
अब आगे,
दादी ने अवनि की प्लेट पर भर के खाना रख दिया, जिससे अवनि को बड़ी हैरानी हुई। अवनि ने इतने बड़े घर को देख सोचा, "इतने बड़े घर में सिर्फ ये दोनों ही रहते हैं क्या?" उसने दोनों को देखा और दादी से पूछा, "दादी, क्या घर में सिर्फ आप दोनों ही रहते हैं?" उसकी बात सुन दादी बोली, "बेटा, इस घर में कुल पाँच लोग रहते हैं।" तो अवनि ने कहा, "फिर बाकी लोग कहाँ हैं?" दादी बोली, "बेटा, हम लोग सब साथ ही में रहते हैं।"
दादी बोली, "बेटा, मेरा बेटा अनुराग बिजनेस के सिलसिले में यूएस गया है और मेरी पोती लंदन में रहकर पढ़ाई कर रही है और मेरा पोता जिससे अपने काम के आगे कुछ दिखता ही नहीं, पक्का वो भी किसी दूसरे देश में ही होगा, कुछ बताता ही नहीं है।" उनकी बात सुन अवनि कुछ नहीं बोली। शांति से ब्रेकफास्ट खत्म हुआ तो सब लिविंग हॉल में आकर बैठ गए, जिससे वे सब साथ बैठकर गपशप कर सकें। थोड़ी देर में तीनों का प्लान शॉपिंग पर जाने का किया और तीनों मॉल के लिए बीएमडब्लू में बैठ निकल गए। करीब ग्यारह बजे तीनों मॉल पहुंचे और एक महंगे शोरूम की तरफ बढ़ गए।
जब सब वहाँ पहुँच गए तो सबने अच्छी शॉपिंग की, भले ही अवनि हिचकिचा रही थी, मगर उन्होंने जबरदस्ती उसे बहुत कुछ खरीद दिया - कपड़े, जूते, स्किन केयर, मेकअप, बैग्स, हील और भी बहुत कुछ। इतने सामान देख अवनि का तो सर घूमने लगा। उन्होंने काउंटर पर बिल माँगा तो मैनेजर ने बोला, "वे सब बॉस से बात कर लेंगे।" अरे, जब अवनि ने यह सुना तो उसे थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि पहली बार वो इतने बड़े मॉल में आयी थी। वो कन्फ्यूज होकर दादी को देखने लगी, तो दादी बोली, "ये मॉल मेरे पोते का है।" यह सुन वो तो दंग रह गयी, फिर दादी से बोली, "दादी, आप तो कितनी अमीर हैं?" यह सुन दादी भी हँस दीं।
फिर सब घर के लिए निकल गए। घर पहुँचते-पहुँचते दोपहर के तीन बज गए थे। सबने लंच किया और आराम करने के लिए अपने-अपने कमरे में चले गए।
दुबई,
एक अंधेरे कमरे में पाँच-छह लोग बैठे मीटिंग कर रहे थे। वहीं वहाँ बैठा एक शख्स शांति से सारी बातें सुन रहा था। वह शख्स बोला, "मीटिंग इज़ ओवर।" उस शख्स की बात सुन सब वहाँ से निकल गए। सबके जाने के बाद उसका असिस्टेंट बोला, "बॉस, फ्लाइट रेडी है।" अपने असिस्टेंट की बात सुन वह शख्स अपनी जगह से उठा और चलते हुए निकल गया। फिर बाहर आकर एक रोल्स रॉयस में बैठ वहाँ से चला गया। थोड़ी देर बाद उनकी गाड़ी एक runway पर आकर रुकी और वह शख्स गाड़ी से उतरा। उसका औरा ही इतना स्ट्रॉन्ग था कि आसपास के लोग काँप उठे।
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थोड़ी देर बाद उनकी गाड़ी एक runway पर आकर रुकी और वह शख्स गाड़ी से उतरा। उसका औरा ही इतना स्ट्रॉन्ग था कि आसपास के लोग काँप उठे।
अब आगे,
वह व्यक्ति अपने निजी जेट में बैठकर भारत के लिए उड़ान भर चुका था।
India,
शाम का समय,
जब अवनि सोकर उठी, तो घड़ी में सात बज रहे थे। अवनि जल्दी से वॉशरूम में गई और फ्रेश होकर नीचे चली गई। जब अवनि नीचे आई, तो उसने देखा कि दादी और अनंतिका जी बैठी चाय पी रही थीं। वह भी उनके साथ बैठ गई और बातें करने लगी। तभी बाहर उन्हें कुछ गाड़ियों के रुकने की आवाज आई। उन्होंने देखा कि करीब अठारह साल की एक लड़की दरवाजे से अंदर की ओर भागते हुए आ रही थी।वो लड़की जल्दी से आकर दादी के गले लग गई और बोली, "दादी, कैसी हैं आप?" उसकी बात सुनकर दादी ने कहा, "हम तो बिलकुल ठीक हैं। तुम बताओ, मैं तो बिलकुल फर्स्ट क्लास हूँ।"
वह लड़की बोली और फिर अनंतिका जी के पास आकर बोली, "मॉम, आई मिस यू सो मच।" उसकी बात सुनकर अनंतिका जी की आँखों में आँसू आ गए। वह बोली, "आई मिस यू टू बेटा, आई लव यू जान।" तभी पीछे से आवाज आई, "हाँ हाँ बेटी से ही प्यार करो, बाप को तो भूल ही गए।" उनकी बात सुनकर अनंतिका जी बोली, "क्या आप भी, जरा सी भी शर्म नहीं है, बच्चे हैं, माँ हैं।"
उनकी बात सुनकर वह आदमी दादी के पास आकर उनके पैर छूने लगा और बोला, "प्रणाम माँ, कैसी हैं आप?" उसकी बात सुनकर दादी बोली, "बेटा, मैं तो बिल्कुल ठीक हूँ, तुम कैसे हो?" वह आदमी बोला, "मैं भी बिल्कुल ठीक हूँ माँ।"
फिर वह आदमी अनंतिका जी को देखता है और बोलता है, "अरे जो करे शर्म उसके फूटे कर्म। क्यों बेटा? सही कहा ना?" तभी वह लड़की बोली, "यस डैडी।" उस आदमी की नजर जब अवनि पर पड़ी, तो वह सवालिया नजरों से अवनि को देखने लगा। जब सबने उसकी नजरों का पीछा किया, तो सबकी नजर अवनि पर जाकर ठहर गई।
दादी ने अवनि को अपने पास बुलाया और कहा, "ये अवनि है" और अपने और अवनि के मिलने और यहाँ लाने तक की सारी बात बताई। फिर दादी अवनि से बोली, "बेटा, ये मेरा बेटा अनुराग है और ये मेरी पोती और इस घर की राजकुमारी अनामिका है।"
तो अवनि आगे आकर अनुराग जी के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेती है। वह भी बड़े प्यार से अवनि के सिर पर हाथ रख देते हैं। अनामिका भी आगे आकर अवनि को गले लगाकर कहती है, "हैलो दी।" उसकी बात पर अवनि कहती है, "डोंट कॉल मी दी, मैं तुमसे इतनी भी बड़ी नहीं हूँ।" उसकी बात पर सब हँसने लगते हैं।
फिर सभी वहीं सोफे पर बैठ जाते हैं, मगर अनामिका अपने कमरे में फ्रेश होने चली जाती है। थोड़ी ही देर में डिनर भी तैयार हो जाता है। सभी डिनर करके अपने-अपने कमरे में चले जाते हैं।
अनंतिका और अनुराग जी के कमरे में,
दोनों एक दूसरे को गले लगाए लेटे हुए थे। तभी अनंतिका जी बोली, "सुनिए, अथर्व कब वापस आ रहे हैं?" उनकी बात सुनकर अनुराग जी कहते हैं, "वे दुबई में हैं, जल्दी ही अपना काम खत्म करके आ जाएंगे।"
उनकी बात सुनकर अनंतिका जी बोली, "ठीक है, मगर उनकी बहुत चिंता होती है। आखिर मैं माँ हूँ।" अनंतिका जी की बात पर अनुराग जी बोले, "आप बेवजह परेशान हो रही हैं। अब वह बच्चे थोड़ी नहीं हैं। अगर सही वक्त पर शादी की होती, तो आज हम दादा-दादी बन गए होते।"
उनकी बात पर अनंतिका बोली, "पर वे शादी करें तब ना? कितनी लड़कियाँ दिखाई, मगर उन्हें एक भी पसंद नहीं आई। कहते हैं उन्हें शादी नहीं करनी। अरे, अब तो लोगों ने बातें बनाना भी शुरू कर दिया है, की वे गे है।
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उनकी बात पर अनंतिका बोली, "पर वे शादी करें तब ना? कितनी लड़कियाँ दिखाई, मगर उन्हें एक भी पसंद नहीं आई। कहते हैं उन्हें शादी नहीं करनी। अरे, अब तो लोगों ने बातें बनाना भी शुरू कर दिया है, की वे गे है।
अब आगे,
रात का वक़्त,
रात के करीब दो बजे कपूर मेंशन के बाहर एक महंगी गाड़ी आकर रुकी। उस गाड़ी से करीब 32 साल का आदमी बाहर निकला, मगर उसे देखने से कोई बता नहीं सकता था कि वह बत्तीस साल का है। वह यही कोई 28-29 का ही लगता था। उसने ब्लैक रंग का थ्री पीस सूट पहन रखा था। उसकी नीली गहरी आँखें थीं, हाथों पर एक ब्रेसलेट था, और एकदम फिट बॉडी जो उसके खुले chest से झाँक रही थी। जेल से सेट बाल और हल्की trimed दाढ़ी जो उसे एक कातिल लुक दे रही थी।
वह आदमी सीधा अंदर की ओर बढ़ चला। जब वह अपने कमरे की ओर जा रहा था, तब उसे किचन से कुछ आवाजें आईं। वह तुरंत अलर्ट हो गया और धीरे-धीरे उस तरफ बढ़ने लगा। जब वह किचन में पहुंचा, तो उसने वहाँ एक गुलाबी रंग के नाइट सूट में खड़ी एक लड़की को देखा, जिसके बाल खुले थे। वह धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगा, मगर तभी उसका हाथ एक गिलास पर लगा और वह गिरकर टूट गया। उसकी आवाज सुनकर वह लड़की पीछे मुड़ी। जैसे ही उसकी नजर सामने खड़े उस आदमी पर पड़ी, तो वह डर गई। वही उस आदमी ने जब उस लड़की को देखा, तो बस देखता ही रह गया,"खुले बाल, खिड़की से आती चाँद की रोशनी में चमकता उसका छोटा सा चेहरा, गुलाबी होठ जिसके आसपास आइसक्रीम लगी हुई थी और उसने हाथ में एक चम्मच पकड़ रखा था।" उसके गुलाबी होठों को देखकर उसे अपने अंदर एक हलचल सी महसूस हुई।
उसे अपना गला सूखता हुआ सा महसूस हुआ। वही सामने खड़ी लड़की ने जब उस आदमी को यूँ अपनी तरफ देखते देखा, तो वह थोड़ी असहज हो गई। तभी उसने अपने मन में सोचा कि क्या वह आदमी चोर है? पर जब उसने उसे ध्यान से देखा और अपने मन में सोचा, नहीं, नहीं, इतना अच्छा सूट-बूट पहना हुआ आदमी चोर थोड़ी न होगा। फिर वह कौन है? वह कुछ बोलती, तभी उसने अपने कानों में एक करकश आवाज सुनाई पड़ी। वही सामने खड़ा शख्स उससे बोला, "तुम कौन हो और यहाँ क्या कर रही हो?" उसकी इतनी डरावनी आवाज सुनकर वह अंदर तक काँप गई। वह कुछ बोलती, तभी उसे बाहर से एक आवाज सुनाई दी, जिससे लगा कि बाहर कोई खड़ा हो।
दोनों ने एक दूसरे को देखा, फिर बाहर की ओर चले गए। वह शख्स जब बाहर आया, तो पिलर के पीछे उसे एक आदमी की परछाई दिखाई दी और उसने अपनी गन निकालकर अनलॉक कर दिया। वह पिलर के पीछे छिपा आदमी अचानक अपनी गन निकालकर फायर कर देता है, मगर तभी वह शख्स उसके निशाने से हट जाता है।
जब बाहर गार्ड्स ने अंदर गोली चलने की आवाज सुनी, तो सब अलर्ट हो गए और अपनी-अपनी पोजीशन लेकर अंदर की तरफ बढ़ने लगे। मगर उनके अंदर जाने से पहले ही उन्हें एक और गोली चलने की आवाज आई। जब वह अंदर आए, तो देखा वही पिलर के पीछे छिपा आदमी जमीन पर पड़ा हुआ कराह रहा था। वही वह शख्स के मुँह और हाथ पर किसी आदमी का खून लगा हुआ था। मगर वह आदमी बहुत भयानक लग रहा था।
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जब बाहर गार्ड्स ने अंदर गोली चलने की आवाज सुनी, तो सब अलर्ट हो गए और अपनी-अपनी पोजीशन लेकर अंदर की तरफ बढ़ने लगे। मगर उनके अंदर जाने से पहले ही उन्हें एक और गोली चलने की आवाज आई। जब वह अंदर आए, तो देखा वही पिलर के पीछे छिपा आदमी जमीन पर पड़ा हुआ कराह रहा था। वही वह शख्स के मुँह और हाथ पर किसी आदमी का खून लगा हुआ था। मगर वह आदमी बहुत भयानक लग रहा था।
अब आगे,
वही गोली की आवाज सुनकर जब वो लड़की किचन से बाहर आई, तो उसे अपने सामने वही शख्स खून से सना खड़ा मिला। उसे देखकर अपनी डर से कांपने लगी। वो वहाँ से भागना चाहती थी, लेकिन उसे अपने पैर पर कुछ महसूस ही नहीं हो रहा था। डर के मारे उसके हाथ-पैर काम ही नहीं कर रहे थे। जैसे ही वह शख्स पीछे मुड़ा, उसका भयानक चेहरा देखकर वो डर से बेहोश ही हो गई। उस शख्स ने उस लड़की को देखकर अपने मन में सोचा, " Too Weak"।
जब सारे गार्ड्स ने अपने बॉस को खून में रंगा देखा, तो उनकी भी आँखें डर से बड़ी हो गईं। उस शख्स ने सबको देखा और बोला, "क्लीन द मेस"। उसकी इतनी डरावनी आवाज सुन सारे गार्ड्स अपने काम में लग गए। वह शख्स अवनि के पास आया और उसे अपनी गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गया और अपने बेड पर सुलाया। थोड़ी देर तक वो अवनि को देखता रहा, फिर अचानक होश में आया और वॉशरूम के अंदर चला गया।
वॉशरूम में जाकर शावर ऑन कर दिया और अपने कपड़े उतार दिए। शावर का पानी उसके सिर से होकर सीने से नीचे की ओर जा रहा था।इस हालत में कोई भी लड़की उसे देख ले तो अपने आप को रोक ही नहीं पाए। उसके बैग पर बना एक पाइथन का टैटू जो उसे एक खतरनाक मगर आकर्षक लुक दे रहा था। पानी के कारण उसका खून से रंगा चेहरा अब साफ हो रहा था। उसने अपने दोनों हाथ कांच की दीवारों पर टिका रखे थे। वो अपने मन में सोच रहा था।
उसने अपने मन में कहा, "मैं यह कैसे कर सकता हूँ?" वह कुछ कहने ही वाला था कि रुक गया। उसे उस लड़की के होंठ याद आ रहे थे जो उसने किचन में देखे थे। फिर अपना सिर झटक कर, वह रैक में टंगा बाथ्रोब पहन कर तौलिये से अपना सिर पोंछते हुए बाहर निकला और सीधे अपने वॉकिंग क्लोज़ेट की तरफ बढ़ गया। वहाँ जाकर उसने अपने कपड़े बदले। थोड़ी देर में बाहर आकर वह सीधे बालकनी की तरफ चला गया। वहाँ उसने एक सिगरेट निकाली और smoke रने लगा। तभी उसका फोन बजा, तो उसने अपना फोन उठाकर सामने वाले की बात सुनी और फिर एक शब्द में जवाब दिया"' OK। "
इसी तरह सुबह के पाँच बज चुके थे, फिर वह शख्स कमरे में आया और बेहोश पड़ी अवनि को एक नजर देखकर अपने जिम की तरफ चला गया। उसके जाने के करीब एक घंटे बाद अवनि को होश आया, तो उसने अपने चारों ओर देखा, लेकिन उसे कुछ समझ ही नहीं आया कि वो कहाँ है। अवनि ने अपने मन में सोचा, "ये मैं कहाँ हूँ? मुझे कुछ याद..." कहते-कहते वो रुक गई, क्योंकि उसे रात की सारी बातें याद आ रही थीं। और वो आदमी, जिसका भयानक रूप याद कर वो डर से काँपने लगी। और जल्द से जल्द वहाँ से भागने की सोची। फिर जल्दी से उस कमरे से निकली तो उसने देखा, की वो इस वक्त उस घर के तीसरी मंजिल पर है।
उसे याद आया कि उसने कुछ नौकरानियों को बात करते सुना था कि घर में किसी को भी तीसरी मंजिल पर जाना मना है। फिर जल्दी से उस मंजिल से उतरकर अपने कमरे में पहुँची, जो कि दूसरी मंजिल पर था। फिर जल्दी से वॉशरूम में गई और fresh होकर नहाकर एक सफेद रंग का अनारकली सूट पहना, जिसमें लाल रंग का दुपट्टा भी था। बाहर आकर उसने बालों को dryer से सुखाया, एक छोटी सी बिंदी, होठों पर एक पिंक लिप बाम, आँखों पर काजल लगाया। उसने अपने पैरों पर पायल पहना और तैयार होकर नीचे चली गई। नीचे जाकर पूजा घर में जाकर सफाई की और बगीचे से पूजा के लिए फूल लेकर आई। फिर फूलों की माला बनाकर पूजा करने लगी।
आरती करते हुए उसने एक गीत गाया।
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसेहि जाय
स्वामी दुःख विनसेहि जाय
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
सुख-संपत्ति हर्ष-उल्लास, क्षण में करे निवास
स्वामी क्षण में करे निवास
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता
स्वामी तुम पालनकर्ता
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
तुम हो दीनों के नाथ, दुःख हरता मेरे
स्वामी दुःख हरता मेरे
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
विष्णु भगवान की जय, जगदीश की जय
स्वामी जगदीश की जय
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।
गीत खत्म कर, अवनि जैसे ही पीछे मुड़ी... तो।
आज के लिए बस इतना ही।
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गीत खत्म कर, अवनि जैसे ही पीछे मुड़ी...
अब आगे,
उसके सामने दादी खड़ी थीं, जो उसकी मीठी आवाज सुनकर पूजा घर की ओर आ रही थीं। दादी अवनि की आवाज में मंत्रमुग्ध होकर उसे सुनने लगी थीं, और अवनि को पता भी नहीं चला कि दादी कब वहाँ आकर खड़ी हो गई थीं।
दादी उसे देखकर बोलीं, "बेटा, तुम्हारे कंठ पर तो सरस्वती विराजमान हैं, इतना मीठा स्वर। वाह, हम तो रोज तुम्हारी मीठी आवाज में गीत सुनना चाहेंगे, सुनाओगी ना?" उनकी बात सुनकर अवनि ने मुस्कराते हुए कहा, "बिल्कुल दादी, हम रोज सुनाएंगे।"
अवनि की दादी की बातें और उनकी प्रतिक्रिया से पता चलता है कि अवनि की आवाज कितनी सुंदर और मनमोहक है, और दादी को उसकी आवाज बहुत पसंद आई है।
तभी पूरे घर में एक अलार्म की आवाज सुनाई दी, जिसे सुनकर सारे मेड्स और वर्कर्स अलर्ट हो गए। इस पर दादी बोलीं, "लो हो गया बेड़ा गर्क।" दादी की बात सुनकर अवनि बोली, "दादी, ये अलार्म किस चीज का है?" इस पर दादी बोलीं, "बेटा, वो मेरा पोता आ गया है। इसका मतलब अब इस घर में सब कुछ समय पर ही होगा। आठ बजे ब्रेकफास्ट, दो बजे लंच और रात के आठ बजे डिनर, और इस घर में रहने वालों को उसका बनाया हुआ हर रूल फॉलो करना ही होगा। वो समय का बड़ा पाबंद है। बिल्कुल अपने दादा पर गया है। वो भी बिल्कुल ऐसे ही थे।"
दादी ने आगे कहा, "बेटा, एक बात याद रखना, भूलकर भी तुम थर्ड फ्लोर पर मत जाना। वो मेरे पोते का पर्सनल स्पेस है। उसे बिल्कुल पसंद नहीं कोई भी उसके पर्सनल स्पेस में डिस्टर्ब करे।"
दादी की बात सुनकर अवनि ने भी अपना सिर हाँ में हिला दिया। फिर उसे सुबह वाली बात याद आई और वह अपने मन में सोचने लगी, "अगर वो रेस्ट्रिक्टेड एरिया है तो मैं वहाँ पहुँची कैसे? क्या दादी का पोता मुझे वहाँ लेकर गया था?"
करीब एक घंटे बाद सभी बड़े से डाइनिंग टेबल में बैठे थे। तभी उन्हें सीढ़ियों से आता एक शख्स दिखाई दिया, जो फुल ब्लैक आउटफिट में था, जो कि एक थ्री पीस सूट था। उसके हाथ में महंगी करोड़ों की घड़ी थी और पैरों में लेदर शूज थे, जो उसे एक खतरनाक और आकर्षक लुक दे रहे थे। वो शख्स चुपचाप डाइनिंग की ओर आ रहा था।
तभी अनामिका दौड़कर उसके पास गई और बोली, "आई मिस यू भाई।" उसकी बात पर उस शख्स ने अनामिका को गले लगाकर अपनी ठंडी आवाज में कहा, "आई मिस यू टू।" उसकी बात पर सभी घरवाले उन्हें प्यार से देखने लगे, क्योंकि एक वही लड़की थी जो उस शख्स को जान से प्यारी थी।
वो सच में उस घर की राजकुमारी थी। उन्हें इतने प्यार से बातें करते हुए और गले लगते देख उसे भी अपने बड़े भाई की याद आ गई। आखिर वो भी तो अपने घर की राजकुमारी थी। ये याद कर उसके आँखों में आँसू आ गए। फिर जल्दी से अपने आँसू साफ कर मुस्कुराने लगी।
वह शख्स जब सबके पास पहुँचा तो उसकी नजर अवनि पर पड़ी। जब अवनि ने देखा कि वो शख्स उसे ही देख रहा था, तो डर से उसने अपना सिर झुका लिया। जब सबने उस शख्स को यूँ अवनि को घूरते देखा, तो दादी ने जल्दी से कहा, "अथर्व, ये अवनि है मेरे दोस्त की पोती।"
जब सबने उनकी बात सुनी, तो सब चौंक कर उन्हें देखने लगे। खुद अवनि भी उन्हें देखने लगी। अथर्व भी अपने एक eyebrow उठाकर उन्हें देखने लगा, मगर कुछ नहीं बोला। सभी शांत थे और ब्रेकफास्ट करने लगे। मगर तभी अथर्व ने अपनी ठंडी आवाज में कहा, "आज से सब अपनी डाइट चार्ट फॉलो करेंगे। मुझे लापरवाही बिल्कुल नहीं पसंद।"
उसकी बात सुन सबने बेईमानी से अपना सिर हिला दिया, क्योंकि उन्हें डाइट के नाम पर उबला हुआ बेकार सा खाना खाने को मिलेगा।
इसी तरह ब्रेकफास्ट खत्म हो गया। ब्रेकफास्ट खत्म होने पर दादी बोली, "अथर्व।" अथर्व दादी की आवाज सुन बिना किसी भाव के उन्हें देखने लगा। तो दादी बोली, "बेटा, तू अगले महीने 33 का हो जाएगा, अब तो शादी कर ले।"
उनकी बात पर अथर्व दादी से अपनी ठंडी आवाज में बोला, "दादी, आपसे कितनी बार कहा है, मुझे शादी नहीं करनी।" दादी उसकी बात पर बोली, "तू शादी क्यों नहीं करना चाहता? क्या बाहर जो लोग कहते हैं वो सच है? क्या तू सच में...।"
उसकी बात पर अनामिका बोली, "भाई को लोग बाहर क्या कहते हैं?" अनामिका की बात पर दादी बोली... गे।दादी की ये बात सुन, वहाँ खड़े सभी लोगों की आँखें बड़ी हो गईं।
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उसकी बात पर अनामिका बोली, "भाई को लोग बाहर क्या कहते हैं?" अनामिका की बात पर दादी बोली... गे।दादी की ये बात सुन, वहाँ खड़े सभी लोगों की आँखें बड़ी हो गईं।
अब आगे,
खुद अथर्व की आँखें भी बड़ी हो गईं ऐसी बात सुनकर। अवनि अथर्व को अजीब नजरों से देखने लगी। जब अथर्व ने उसे अपनी तरफ यूँ अजीब नजरों से देखते देखा, तो उसने गुस्से से अपनी मुट्ठी को कसकर बंद कर दिया और अपनी गुस्साई नजरों से सबको एक नजर देखकर बाहर की तरफ चला गया।
बाहर आकर वह अपनी रोल्स-रॉयस में बैठा और ड्राइवर भी अपनी सीट पर तुरंत आकर बैठ गया। गाड़ी के आगे और पीछे दो गाड़ियों में गार्ड्स थे। ड्राइवर गाड़ी को कपूर इंडस्ट्री की ओर जाने के लिए निकाल दी।
अथर्व की गाड़ी शहर की सड़कों पर तेजी से चलने लगी।
डाइनिंग हॉल में सब हैरानी से अथर्व को जाते हुए देखने लगे। अनामिका तो अथर्व की गुस्से भरी नजरों को देखकर डर से काँपने लगी थी, फिर जल्दी से सबकी नजरों से बचकर अपने कमरे में चली गई।कमरे में जाकर अवनि अथर्व के बारे में ही सोचे जा रही थी।
कपूर इंडस्ट्री,
अथर्व अपनी गाड़ी से बाहर निकला और तेजी से आगे बढ़ते हुए ऑफिस के अंदर चला गया। वहाँ उसके ऑफिस में काम कर रही लड़कियाँ उसे देखकर आहें भर रही थीं, लेकिन वे अपनी नजरें उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रही थीं क्योंकि उन्हें अपनी नौकरी बहुत प्यारी थी। उनके बॉस को लापरवाही और टाइम पास करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं थे।
अथर्व सबको इग्नोर करते हुए अपने प्राइवेट लिफ्ट में चला गया, और उसके पीछे-पीछे उसका पीए आरंभ भी चला गया। लिफ्ट सीधे उसके केबिन के बाहर आकर रुकी, जो कि उन्तालीसवें फ्लोर पर था। वह सीधे अपने केबिन में गया और अपनी कुर्सी पर बैठ गया। उसके सामने आरंभ भी खड़ा हो गया।
उसने आरब को बोलने का इशारा किया, तो आरब बोला, "बॉस, कंसाइनमेंट दुबई पहुँच चुका है और पेमेंट भी आ चुकी है। गोवा में कुछ समस्या आ रही है, मैनेजर का कॉल आया था।" फिर उसने उसे आज का शेड्यूल बताया, तो उसे पता चला कि बारह बजे होटल ताज पैलेस में उसकी एक मीटिंग है। तो वह मीटिंग की तैयारी करने लगा।
तभी उसने आरब को अवनि की पिक भेजी, जो उसने अनामिका के स्टेटस से स्क्रीनशॉट किया था। अथर्व ने अपनी ठंडी आवाज में कहा, "I want her information. You have only two days." (मुझे उसकी जानकारी चाहिए। आपके पास सिर्फ दो दिन हैं।)
अपने बॉस की बात सुनकर आरव हैरानी से अथर्व को देखने लगा, क्योंकि अथर्व ने पहली बार किसी लड़की की जानकारी निकालने को कहा था। आरव पिछले दस सालों से अथर्व के साथ काम कर रहा था, लेकिन आज तक उसने किसी लड़की की जानकारी निकालने को नहीं कहा था। उसे इतनी हैरानी में देखकर अथर्व ने अपनी ठंडी आवाज में कहा, "Any problem".
आरव ने अपने बॉस की इतनी ठंडी आवाज सुनकर जल्दी से अपना सिर हिलाया और बोला, "No Boss ", मैं जल्द से जल्द सारी जानकारी निकालता हूँ।" इतना बोलकर वह जल्दी से केबिन से निकलकर सीधे अपने केबिन में चला गया।
वहाँ जाकर उसने अपना फोन निकालकर अपने एजेंट को कॉल किया और अवनि के बारे में पता करने को कहा। उसने कहा कि यह काम सिर्फ दो दिन के अंदर करना है। थोड़ी देर में कॉल कट हो गई और फिर उसने किसी और को कॉल किया।
"हेलो, बॉस ने किसी अवनि नाम की लड़की की जानकारी निकालने को कहा है," उसने कहा।
फोन के दूसरी तरफ से आवाज आई, "ओके, मैं जल्दी आने की कोशिश करूंगा। तुम उस पर नजर रखो और मुझे हर छोटी-बड़ी बात की डिटेल्स चाहिए।"
आरव ने हाँ में जवाब दिया और फिर जल्दी से अपने काम में लग गया, क्योंकि वह जानता था कि अगर वह देर करेगा तो अथर्व उसकी खैर नही।
कपूर मेंशन,
अवनि अपने कमरे में बैठी अथर्व के बारे में ही सोच रही थी, उसकी गुस्सैल नजरों के बारे में। तभी दरवाजे पर दस्तक होती है। जब वह दरवाजा खोलती है, तो सामने अनामिका खड़ी होती है। अनामिका जल्दी से कहती है, "दीदी, आप मेरे साथ शॉपिंग पर चलो ना।"
अवनि मना करना चाहती थी, लेकिन अनामिका ने इतने प्यार से कहा कि वह मना नहीं कर पाई। फिर दोनों रेडी होकर दादी की परमिशन लेकर उसी मॉल के लिए निकल पड़ीं जहाँ अवनि पिछली बार आई थी। मॉल पहुँचकर अनामिका एक महँगी शोरूम की तरफ ले गई ।
लेकिन अवनि ने कभी ऐसी ड्रेसेस नहीं पहनी थीं क्योंकि उसने हमेशा इंडियन आउटफिट ही पहना था। अनामिका ने कुछ ड्रेसेस चूज़ किए और अवनि को दिखाने लगी। अनामिका ने कहा, "दी, ये देखो, ये ड्रेस तुम्हारे ऊपर बहुत अच्छी लगेगी।"
अवनि ने अनामिका की पसंद की ड्रेसेस देखीं और थोड़ा हिचकिचाने लगी। उसे नहीं पता था कि वह वेस्टर्न ड्रेस पहन पाएगी या नहीं।
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अवनि ने अनामिका की पसंद की ड्रेसेस देखीं और थोड़ा हिचकिचाने लगी। उसे नहीं पता था कि वह वेस्टर्न ड्रेस पहन पाएगी या नहीं।
अब आगे,
अवनि ने अनामिका को मना करते हुए कहा, "नहीं अनामिका, मैं ये ड्रेसेस नहीं पहन पाऊँगी, मैंने कभी ऐसी ड्रेस नहीं पहनी है।"
अनामिका ने कहा, "दीदी, आप एक बार ट्राई तो करो, मुझे यकीन है आपको पसंद आएगी। मैं ज्यादा रिवीलिंग ड्रेस नहीं लाई हूँ। ये लो, जल्दी से चेंज करके मुझे दिखाओ।"
इतना बोलकर अनामिका ने अवनि को चेंजिंग रूम की तरफ भेज दिया। उसके जाने के बाद अनामिका भी अपने लिए कपड़े देखने लगी। ।
अवनि उन सभी ड्रेसेस को देखती है और फिर चेंज करती है। अभी उसने एक पिंक रंग का बॉडीकॉन ड्रेस पहना था, जिसे उसने बाहर आकर अनामिका को दिखाया, लेकिन उसे पसंद नहीं आया। इसी तरह उसने दो और ड्रेसेस पहनकर दिखाईं, लेकिन अनामिका को कुछ भी पसंद नहीं आया।
आखिरी में, अनामिका ने उसे रेड रंग की फ्रॉक दी, जो घुटने से ऊपर और थाई से नीचे तक थी। उसके दो पतले स्ट्रैप्स कंधे पर थे, और उसका गला स्वीटहार्ट डिज़ाइन का था। पीछे पूरा बैकलेस था, जिसमें लंबी-लंबी डोरियों से ज़िगज़ैग करके बंधा हुआ था।
जब अवनि ने वो ड्रेस पहनकर बाहर आई, तो अनामिका ने उसे देख ऐसा रिएक्शन दिया जैसे उसने अपनी से ज्यादा सुंदर लड़की इस पूरी दुनिया में देखी ही नहीं थी। अनामिका की आँखें अवनि पर टिकी हुई थीं, और वह बस उसे देखती ही रह गई।
फिर जल्दी से अनामिका अवनि के पास आकर बोली, "वॉव दीदी, यू लुक गॉर्जियस! मीन फैबुलस, मुझे तो आपके सौंदर्य का वर्णन करने के लिए कोई शब्द नहीं मिल रहा है।"
अनामिका के मुँह से अपनी इतनी तारीफ सुनकर अवनि भी शर्मा गई। फिर बोली, "पर इस ड्रेस का मैं क्या करूँ? मैं तो कहीं जाती ही नहीं जहाँ मैं इसे पहनूँ।"
अवनि की बात पर अनामिका बोली, "इसलिए तो मैं आपको यहाँ लेकर आई हूँ। आज मेरी दोस्त की बर्थडे पार्टी है, वो भी क्लब में। मैं वहाँ आपको भी लेकर चलूँगी। वहाँ बहुत मजा आएगा।"
अवनि अनामिका की बात पर बोली, "पर मैं वहाँ कैसे जा सकती हूँ? वहाँ पर तो तुम्हारे दोस्त होंगे, मैं तो किसी को जानती भी नहीं। नहीं नहीं, मैं नहीं जाऊँगी, तुम ही चली जाना।"
अवनि की बात पर अनामिका बोली, "दीदी प्लीज, अगर आप नहीं जाओगी तो मुझे तो कोई जाने ही नहीं देगा।" अवनि ने उसकी बात पर कहा, "ठीक है, मैं चलूँगी तुम्हारे साथ।"
अनामिका अवनि की बात सुनकर खुश हो गई। फिर दोनों मॉल के दूसरे फ्लोर पर जाकर अपनी फ्रेंड की बर्थडे के लिए कोई गिफ्ट ढूंढने लगीं। वहाँ उन्हें बहुत सारे ऑप्शन दिखे, और उन्होंने उन्हीं में से कोई गिफ्ट लिया। इसके बाद दोनों कपूर मैनशन की तरफ जाने के लिए निकल पड़े।
करीब दोपहर के दो बजे दोनों कपूर मैनशन पहुँच गईं। फिर अंदर जाकर दोनों अपने-अपने कमरे में गईं और फ्रेश होकर नीचे आईं और लंच किया। लंच के बाद दादी के पास जाकर अनामिका बोली, "दादी, आज मेरी फ्रेंड का बर्थडे है, तो क्या मैं और दी वहा जा सकते है ?"
उसकी बात पर दादी बोली, "मुझे नहीं पता, जाकर अपने डैड से पूछो।" उनकी बात पर अनामिका ने निराशा से अपना सिर हिला दिया और अपना फोन लेकर अनुराग जी को कॉल करने लगी। कॉल पर अनुराग जी से बोली, "डैड, मुझे अपनी फ्रेंड के बर्थडे पर जाना है, तो प्लीज क्या मैं जाऊँ?"
अनामिका की बात पर अनुराग जी बोले, "ओके बेटा, लेकिन दस बजे से पहले घर आ जाना। तुम जानती हो ना, भाई को पता चला तो वो बहुत गुस्सा करेंगे।"
अनामिका अपने डैड की बात पर बोली, "ओके डैड, मैं जल्दी वापस आ जाऊँगी। क्या मैं अपने साथ दीदी को भी ले जाऊँ?" उसकी बात पर अनुराग जी बोले, "ठीक है, पर दोनों संभल के जाना और जल्दी वापस आना।"
इसी तरह शाम के पाँच बज गए थे। फिर दोनों जल्दी से रेडी हुईं और छह बजे तक दोनों क्लब जाने के लिए निकल पड़ीं। करीब एक घंटे बाद दोनों द ब्लू हेवन क्लब के बाहर खड़ी थीं। वहीं क्लब के अंदर बहुत सारे लड़के-लड़कियाँ अपने में ही मस्त-मगन थे। वहीं बार काउंटर के पास कई लड़के अपने ड्रिंक का इंतजार कर रहे थे।
वहीं कुछ दूरी पर एक सोफे पर बैठी एक लड़की अपने कुछ दोस्तों के साथ बैठी एन्जॉय कर रही थी। तभी वहाँ अनामिका भी अवनि के साथ पहुँची। अनामिका ने उस लड़की को गले लगाकर उसे बर्थडे विश किया। तभी सबकी नजर अवनि पर पड़ी, जो कि अनामिका के पीछे ही खड़ी थी।
सबकी नजर खुद पर महसूस कर अवनि थोड़ी असहज महसूस करने लगी, क्योंकि एक तो वो ऐसी जगह पर पहली बार आई थी और दूसरी बात यह कि उसने ऐसी वेस्टर्न ड्रेस पहली बार ही पहनी थी। अनामिका को जब लगा कि अवनि असहज हो रही है, तो उसने अवनि को अपने आगे कर दिया और सबसे मिलवाते हुए बोली, "ये मेरी दी है अवनि, और दी ये सारे मेरे फ्रेंड्स है।
फिर अवनि को एक लड़की से मिलवाते हुए अनामिका ने कहा, "दीदी, आज इसका बर्थडे है।" अवनि ने भी सामने खड़ी लड़की को विश किया। सामने खड़ी लड़की ने भी अवनि को थैंक यू कहा और बोली, "Myself श्रेया झा।"
अवनि ने भी अपना हाथ बढ़ाकर कहा, "मैं अवनि शर्मा।" श्रेया और अवनि ने एक दूसरे का हाथ मिलाया और मुस्कराईं। अनामिका ने आगे कहा, "चलो, अब पार्टी शुरू करते हैं।"
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अवनि ने भी अपना हाथ बढ़ाकर कहा, "मैं अवनि शर्मा।" श्रेया और अवनि ने एक दूसरे का हाथ मिलाया और मुस्कराईं। अनामिका ने आगे कहा, "चलो, अब पार्टी शुरू करते हैं।"
अब आगे,
इतना बोल वे सभी अपने-अपने में ही मगन हो गए, मगर उन्हीं में से एक लड़का जो लगातार अवनि को ही देखे जा रहा था, तभी उसने अपने दोस्तों से कहा, "वाह यार, क्या मस्त है, बिल्कुल नशा है। बस एक बार तो इसे चखने को मिले, मजा ही आ जाए।"
उसकी बात पर उसका ही एक दोस्त उससे बोला, "क्यों नहीं भाई? चल, तुझे कुछ दिखाता हूँ।" ये बोलकर, वो उसे बाहर काउंटर के पास ले जाकर एक ड्रिंक ऑर्डर करता है और उसे एक काँच की शीशी पकड़ाकर कहता है, "ये एक ड्रग है। इसे लेने के बाद इंसान को कोई होश नहीं रहता, उसे बस किसी की जरूरत होती है अपने आप को शांत करने के लिए।"
उसकी बात पर उसका ही एक दोस्त उससे बोला, "क्यों नहीं भाई? चल, तुझे कुछ दिखाता हूँ।" ये बोलकर, वो उसे बाहर काउंटर के पास ले जाकर एक ड्रिंक ऑर्डर करता है और उसे एक काँच की शीशी पकड़ाकर कहता है, "ये एक ड्रग है। इसे लेने के बाद इंसान को कोई होश नहीं रहता, उसे बस किसी की जरूरत होती है अपने आप को शांत करने के लिए।"
उसकी बात सुनकर, वह लड़का कुटिलता से मुस्कुराया और उस शीशी को लेकर ड्रिंक में मिलाया। फिर उसने एक वेटर से कहा कि वह ड्रिंक लाल ड्रेस में खड़ी लड़की को ही देना। वेटर ने उसकी बात का जवाब देते हुए सिर हिलाया और ड्रिंक ले जाकर अग्नि को पकड़ाया। उसने भी ड्रिंक ले लिया क्योंकि वह नॉन-अल्कोहलिक ड्रिंक थी जिसमें उन्होंने वह ड्रग मिलाया था।
अवनी ने जैसे ही ड्रिंक पी, उसे उसका स्वाद अच्छा नहीं लगा, लेकिन प्यास लगने के कारण उसने सारा ड्रिंक पी लिया। इसके बाद, अमानिका ने उसे सभी दोस्तों के साथ डांस करने के लिए ले लिया। थोड़ी ही देर में, अवनी को अपना सिर भारी होता हुआ महसूस हुआ और उसका शरीर गर्म होने लगा। उसने अमानिका से कहा, "मैं वॉशरूम से होकर आती हूँ।" अवनी की बात पर अमानिका ने भी हामी भर दी और अवनी जल्दी से वहां से निकलकर वॉशरूम की ओर चली गई।
जब अवनी वॉशरूम की ओर जा रही थी, तभी किसी ने उसे कमरे में खींच लिया और कमरे में अंधेरा होने के कारण उसे कुछ दिखाई नहीं दिया। ऊपर से उसका सिर भी बहुत घूम रहा था। उसे अपना शरीर गर्म होता हुआ महसूस हो रहा था, तभी उसे कमरे में एक लड़के की आवाज सुनाई दी, जो उससे कह रहा था, "ओह हेलो बेबी गर्ल, कब से तुम्हारा ही इंतजार कर रहा हूं। चलो मेरे साथ, तुम इस रात का आनंद लोगी।" इसके बाद अवनी ने कहा, "प्लीज मुझे जाने दो।" अवनी की बात पर वह लड़का बोला, "बेबी, तुम मेरा मूड खराब कर रही हो। प्लीज ऐसा मत करो, चलो हम इस रात का आनंद लें।"
जब अवनी वॉशरूम की ओर जा रही थी, तभी किसी ने उसे कमरे में खींच लिया और कमरे में अंधेरा होने के कारण उसे कुछ दिखाई नहीं दिया। ऊपर से उसका सिर भी बहुत घूम रहा था। उसे अपना शरीर गर्म होता हुआ महसूस हो रहा था, तभी उसे कमरे में एक लड़के की आवाज सुनाई दी, जो उससे कह रहा था, "ओह हेलो बेबी गर्ल, कब से तुम्हारा ही इंतजार कर रहा हूं। चलो मेरे साथ, तुम इस रात का आनंद लोगी।" इसके बाद अवनी ने कहा, "प्लीज मुझे जाने दो।" अवनी की बात पर वह लड़का बोला, "बेबी, तुम मेरा मूड खराब कर रही हो। प्लीज ऐसा मत करो, चलो हम इस रात का आनंद लें।"
sorry for the late update,
mere editing app ko kuch ho gya tha.
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उससे कह रहा था, "ओह हेलो बेबी गर्ल, कब से तुम्हारा ही इंतजार कर रहा हूं। चलो मेरे साथ, तुम इस रात का आनंद लोगी।" इसके बाद अवनी ने कहा, "प्लीज मुझे जाने दो।" अवनी की बात पर वह लड़का बोला, "बेबी, तुम मेरा मूड खराब कर रही हो। प्लीज ऐसा मत करो, चलो हम इस रात का आनंद लें।"
अब आगे,
उसकी बात पर अवनी उससे दूर होने लगी, लेकिन वह लड़का जबरदस्ती उसकी कमर पकड़कर उसे किस करने की कोशिश करने लगा। इधर अवनी को उस ड्रग की वजह से अपना होश खोने लगी थी, लेकिन तभी उसे अपने साथ कुछ गलत होने का एहसास हो रहा था। तो उसने मुश्किल से अपनी आँखें खोली और उस लड़के को देखा जो उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा था।
यह देखकर उसे बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने पास में रखा वास उठाया और उसके सिर पर दे मारा। वह दर्द से कराह उठा। इसी का फायदा उठाकर अवनी भागने की कोशिश करने लगी। मगर तभी उस लड़के ने उसका हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचा। मगर हिल्स (हाई हील्स) की वजह से उसका पैर लड़खड़ा गया और वह गिरकर एक टेबल से टकराई, जिससे उसके सिर पर चोट लग गई और खून आने लगा।
"फिर उस लड़के ने गुस्से में अवनी को देखा और उससे खड़ा करके उसके गोरे गालों पे चार थप्पड़ जड़ दिया, फिर उसके गालों को इतना कस कर पकड़ा और बोला, क्यों रे इतने प्यार से बोल रहा हूँ मगर तुझे प्यार की भाषा समझ नहीं आ रही ना? ठीक है, अब तुझे जबरदस्ती ही बताऊंगा, इतना बोल वो अपने बेल्ट को निकाल कर अवनी के पीठ पर चला देता है"
करीब 20-25 belt वो अवनि को मारता रहा, फिर बेल्ट फेक कर अपना शर्ट निकल कर उसके उपर आकर उसके गले पर जोर से काटता है अवनि की चीखे उस कमरे में गूंज उठती है। उससे आगे वो कुछ करता की धाराम की आवाज के साथ उस कमरे का दरवाजा खुलता है , जब उस लड़के ने दरवाजे की तरफ देखा तो उसकी आँखे डर से बड़ी हो गयी।
उसे अपने सामने मौत का देवता दिखाई दे रहा था।
उसकी नज़र अवनि पर पड़ी तो गुस्से से उसकी आँखें लाल हो गयी वो आगे बढ़कर उस लड़की की कॉलर पकड़कर घसीटकर नीचे गिरा दिया फिर अवनि को देखा जिसने दर्द से अपनी आँखें बंद कर लेटी रो रही थी उसने जल्दी से अपना कोट उतारकर उसे पहना दिया।
फिर अपने गार्ड्स को बुलाया और उससे कहा, इसे हवाले में ले जाओ और इसे इतना यातना दो कि अपनी मौत मांगे, मगर इसे मरना नहीं चाहिए। इतना बोल वो अवनि को अपनी गोद में उठाकर क्लब से बाहर चला गया।
बाहर आकर अपनी गाड़ी में बैठ गया, गाड़ी कपूर मेंशन की तरफ दौड़ने लगी, वहीं गाड़ी के अंदर अथर्व अपनी गोद में बेहोश पड़ी, उस नाजुक सी पड़ी को देखने लगा, उसने उसके गालों को देखा, जो सूज चुका था, होठों के किनारे पर खून था, गले पर काटने का निशान था, ड्रेस की स्ट्रैप्स टूटी हुई थी।
कपूर मेंशन,
अनामिका पहले ही मेन्शन पहुँच चुकी थी, अथर्व ने उसे अपने पर्सनल बॉडीगार्ड के साथ भेज दिया था। अनामिका जब अंदर आई तो उसकी हालत ठीक नहीं थी, रोने की वजह से आँखों का काजल फैला था, बाल भी बिखर चुके थे, आँखें लाल थीं, वो दौड़कर अंदर आई और सामने बैठे अनुराग जी के गले लगकर जोर-जोर से रोने लगी। अपनी राजकुमारी की ये हालत देख उनका दिल अनजाने डर से काँप गया। उन्होंने अनामिका को खुद से दूर किया और उससे शांत करते हुए पूछा, बच्चे क्या हुआ आपको? ये क्या हालात बना ली है आपने? क्या हुआ बच्चे? डैडी को बताओ।
अनुराग जी ने उसे पानी पिलाया, क्योंकि उसे रोते-रोते हिचकी आने लगी थी। पानी पीकर वो कुछ शांत हुई। उसने अपने भारी गले से कहा, डैड दी नहीं मिल रही, उन्हें ढूंढ लाओ, प्लीज। उसकी बात सुन सभी को ध्यान आया कि अनामिका तो अकेली ही आई थी, अवनि तो थी ही नहीं। वे सभी ये सोच ही रहे थे कि उन्हें बाहर बहुत सारी गाड़ी की रुकने की आवाज आई, तभी उन्हें अथर्व दिखाई दिया। जिसकी गोद में बेहोश अवनि थी, वो उसे लेकर अंदर आ रहा था, वो उसे अपने साथ अपने कमरे में ले गया। उसके पीछे-पीछे सभी उसके कमरे में पहुँचे, तभी पीछे से उन्हें एक फीमेल डॉक्टर दिखाई दी। उनकी उम्र यही कोई 48 साल होगी।
वो अंदर गई और बेड पर लेटी उस नाजुक से परी को देखा, डॉक्टर के पीछे-पीछे सारे घरवाले भी अंदर आ गए, इतने सारे लोगों को देख डॉक्टर बोली, प्लीज़ आप सब बाहर जाइए, मुझे पेशेंट की जाँच करनी है।
डॉक्टर की बात सुन सारे लोग कमरे से बाहर चले गए, मगर वहाँ अथर्व अभी भी खड़ा था, तभी डॉक्टर ने उसे वही खड़ा देख बोली, मिस्टर क्या आप भी बाहर जाने का कष्ट करेंगे? मुझे अपना काम करना है, डॉक्टर की बात पर अथर्व ने उस डॉक्टर को घूर कर देखा और बाहर की तरफ चला गया, करीब आधे घंटे बाद रूम का गेट खुला और डॉक्टर बाहर आई, डॉक्टर के बाहर आते ही दादी ने घबराहट में पूछा, डॉक्टर क्या हुआ मेरी बच्ची को? वो ठीक तो है ना, दादी की बात पर डॉक्टर ने कहा, जी फिलहाल तो वो ठीक है, जैसा मैंने घाओ और चोटों को देखा मुझे ऐसा लगा कि जैसे उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की गई है।
लिखते लिखते सुबह के 4 बज चुके।
आज के लिए बस इतना ही।
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डॉक्टर की बात सुन सारे लोग कमरे से बाहर चले गए, मगर वहाँ अथर्व अभी भी खड़ा था, तभी डॉक्टर ने उसे वही खड़ा देख बोली, मिस्टर क्या आप भी बाहर जाने का कष्ट करेंगे? मुझे अपना काम करना है, डॉक्टर की बात पर अथर्व ने उस डॉक्टर को घूर कर देखा और बाहर की तरफ चला गया, करीब आधे घंटे बाद रूम का गेट खुला और डॉक्टर बाहर आई, डॉक्टर के बाहर आते ही दादी ने घबराहट में पूछा, डॉक्टर क्या हुआ मेरी बच्ची को? वो ठीक तो है ना, दादी की बात पर डॉक्टर ने कहा, जी फिलहाल तो वो ठीक है, जैसा मैंने घाओ और चोटों को देखा मुझे ऐसा लगा कि जैसे उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की गई है।
अब आगे,
डॉक्टर की बात सुनकर वहाँ खड़े सभी लोगों की आँखें बड़ी हो गईं। तभी डॉक्टर ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, उसे बेल्ट से भी मारा गया है, पीठ पर गहरे निशान भी मिले हैं। अभी वह बेहोश है, मगर होश में आने पर हो सकता है कि वह पैनिक करने लगे। उसे मैंने नींद का इंजेक्शन दे दिया है, उसे नींद की बड़ी जरूरत है। फिर वह डॉक्टर वहाँ से चली गई।
इधर डॉक्टर के जाते ही अनामिका, अनुराग जी, अवंतिका जी और दादी अवनि से मिलने अंदर चले गए। इधर सबके जाते ही अथर्व ने जब ये सुना था कि उसे बेल्ट से मारा गया है, उसकी आँखें गुस्से से लाल हो गईं। उसने कस के अपने हाथों की मुट्ठी बना ली, जिससे उसकी उभरी नसें दिखने लगीं। वो गुस्से से मैन्शन से बाहर चला गया और ड्राइवर से हेल मैन्शन की तरफ जाने के लिए कहा। वही ड्राइवर ड्राइव करते हुए सोच रहा था कि आज इस शैतान को किसने जगा दिया, पता नहीं किसकी शामत आने वाली है।
करीब आधे घंटे बाद उसकी गाड़ी एक जंगल के रास्ते एक मेंशन के अंदर जा रही थी, वो जंगल इतना घना था कि बाहर से किसी को कभी लग ही नहीं सकता कि वहाँ कोई मेंशन भी होगा। अथर्व गाड़ी से उतरा और अंदर चला गया, उसके अंदर जाते ही वहाँ पहरा दे रहे उसके गार्ड अलर्ट हो गए। वो सीधा एक टॉर्चर रूम की तरफ चला गया, जहाँ उस लड़के को रखा गया था।
अंदर जाते ही उसने उस लड़के को देखा जिसकी हालत बहुत बुरी थी ऐसा लग रहा था की किसी भी पल वो अपनी साँसे छोड़ सकता था, उसने उस लड़के को अपनी लाल आँखों से घुरा।
फिर अपनी guard को कुछ इशारा किया वो guard तुरंत कुछ लाकर अथर्व के हाथ में देता है, जब वो लड़का उसके हाथ में चाबुक देखता है वो भी काटे वाली उसकी हालत खराब होने लगती है। वो अपने जान की भीख माँगने लगा। मगर अथर्व ने उस पर जरा भी रहम नही किया। अथर्व उसे लगातार मारता रहा जब तक उसका गुस्सा हल्का शांत नही हो गया । वो लड़का बेहोशी की कगार पर था। अथर्व नेे उसके बाल पकड़ कर उसका चहरा पकड़ कर बोला, " बहुत शौक है ना तुझे One Night Stand करने का अब तु देख मैं तेरे साथ क्या करता हु। तूझे मौत नसीब नही होने दूँगा। मगर तुझे जिंदा भी नही रहने दूँगा। तुने उसे हाथ लगाने की कोशीश की जिसका नाम भी अपने मुह से लेना मैं गुनाह समझता हूँ।" फिर guard को देख बोला " डॉक्टर को बुलाओ और याद रहे ये मरना नही चाहिय।"
इतना बोल वो मेंशन से बाहर चला गया।
कपूर मेंशन,
अथर्व जब कपूर मेंशन आया तब रात के करीब दो बज चुके थे, सब अपने-अपने कमरे में सो चुके थे। अथर्व जब कमरे में आया तो उसकी नजर बिस्तर पर सो रही अग्नि पर पड़ी, वो उसके पास जाकर उसके चेहरे को छूने के लिए हाथ बढ़ाता है, मगर तभी उसने अपने हाथों को देखा जिस पर उस लड़के का खून लगा हुआ था। उसने जल्दी से अपना हाथ पीछे खींच लिया, फिर जल्दी से वॉशरूम में चला गया, वहाँ शावर लिया और सिर्फ ट्राउजर पहनकर बाहर आया। उसने अपनी टी-शर्ट भी नहीं पहनी थी, वो आकर अग्नि के बगल में बैठ जाता है।
आज छोटा चैप्टर ही दे रही हु। मेरे एडिटिंग app को कुछ हो गया है।
आज के लिए बस इतना ही।
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उसने जल्दी से अपना हाथ पीछे खींच लिया, फिर जल्दी से वॉशरूम में चला गया, वहाँ शावर लिया और सिर्फ ट्राउजर पहनकर बाहर आया। उसने अपनी टी-शर्ट भी नहीं पहनी थी, वो आकर अग्नि के बगल में बैठ जाता है।
अब आगे,
उसने अवनि को देख अपने मन में बोला ,"जब तुम्हें पहली बार देखा था तो लगा था तुम्हें भूल जाऊँगा मगर तुम कभी मेरे दिलों दिमाग से निकली ही नहीं एक साल होने को आया मुझे आज भी याद है जब तुम बारिश में भीगते हुए अपने दोस्तों के साथ मस्ती कर रही थी तब लगा नहीं था कि तुम्हें कभी याद रखूँगा मगर देखो ना तुम्हें तो कभी भूल ही नहीं पाया और आज तुम मेरे ही घर में मेरे कमरे में मेरे बेड पर सो रही हो। मगर तुम्हारे करीब जाने का हक मुझे नही है पर बहुत जल्द तुम हमेशा के लिए मेरे बेड पर हक से मेरी बाहो मे सोओगी। I Promise. मुझे नही पता ये attrection है या प्यार मगर जो भी है मुझे bas तुमसे है। "
"इतना बोल वो उसके forehead पे kiss करता है और जाकर couch पर लेट जाता है। को देखते-देखते ही उसकी भी आँखें लग जाती है।"
सुबह का वक्त,
सुबह के करीब छह बजे उसकी आँखें खुलती हैं। वो उठकर अग्नि के पास जाता है और उसके माथे पर किस करके कहता है," This is the best morning in my life."
इतना बोलकर वह फ्रेश होकर जिम की तरफ चला जाता है। करीब एक घंटे बाद अग्नि की आँखें खुलती हैं। वह अग्नि उठने की कोशिश करती है, मगर उसे अपनी बॉडी में बहुत दर्द महसूस होता है। उसका हाथ अपने सिर पर जाता है, तो वहाँ पट्टी बंधी हुई थी। उसने खुद को अभी भी उसी पार्टी ड्रेस में देखा, तो उसे धीरे-धीरे रात की सारी बातें याद आ रही थीं। सारी बातें याद कर उसकी आँखें डर से बड़ी हो गईं और उसका शरीर कांपने लगा। उसे अपने शरीर पर वो गंदी छुअन महसूस होने लगी, फिर खुद को संभालकर किसी तरह washroom तक गयी।
थोड़ी देर में अथर्व अपने कमरे में आया तो उसे बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आई उसे थोड़ा अजीब लगा तो उसने washroom के gate पर knock करते हुए पूछा कौन है अंदर उसकी बात पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया जब उसकी नजर bed पर पड़ी तो उसे समझ आया कि अंदर Avni है क्योंकि उसने बाहर से अपने room का gate बंद कर रखा था उसने knock करते हुए पूछा Avni क्या तुम अंदर हो लेकिन अंदर से उसे कोई जवाब नहीं आया।
उसने वॉशरूम का गेट खोला और अंदर गया। अंदर जाकर उसे देखा जो अपने हाथ-पाँव रगड़ रही थी, जैसे वो बहुत गंदी हो गई हो। ज्यादा रगड़ने की वजह से उसके हाथ-पाँव लाल हो गए थे। उसे होश ही नहीं था कि वो खुद को हर्ट कर रही थी।
अथर्व ने उसे जल्दी से रोका और अपने सीने से लगा लिया, मगर अवनि को अभी भी होश नहीं था कि वो किसी की बाहों से लगी हुई थी, मगर थोड़ी देर में वो बेहोश होकर शांत हो गई। वो अवनि को वॉशरूम से उठाकर अपने कमरे में लाता है और बेड पर सुला देता है। उसने अनामिका को कॉल करके कमरे में आने को कहा, फिर वो अपने वॉकिंग क्लोज़ेट में जाकर एक वाइट शर्ट लेकर आता है, तभी दरवाजा खटखटाता है। वो जाकर दरवाजा खोलता है, तो सामने अनामिका खड़ी थी। वो अनामिका को देख कहता है, तुम उसके कपड़े बदल दो।
उसकी बात सुन अनामिका अंदर आई और अवनि को देखा जो पूरी भीगी हुई थी। उसने अथर्व को एक नजर देखा तो अथर्व कमरे से बाहर चला गया। थोड़ी देर में अनामिका ने कमरे का दरवाजा खोला तो अथर्व अंदर आया। अनामिका ने अथर्व को देख कहा, "भैया, आप अवनि को अपने कमरे में छोड़ आए? वो आपको पसंद नहीं है कि कोई आपके कमरे में आए?"
उसकी इस बात पर उसनेअपनी छोटी सी बहन को देखा जो उसकी इतनी फिक्र कर रही थी। यह तो उसे इस बात का डर था कि वो अवनि को डांट या नुकसान पहुँचा देगा। अथर्व ने उसे देख कहा, "कोई बात नहीं, जाओ तुम अभी तुम वापस नहीं जाओगी, यहीं रहोगी और यहीं से अपनी पढ़ाई जारी रखोगी।"
अथर्व की बात पर अवनि बोली, "क्यों भाई, आप हमेशा ऐसा करते हो? मुझे एक जगह से दूसरी जगह भेजते रहते हो। जब मुझे नहीं जाना होता तो आप जबरदस्ती भेज देते हो और जब मैं उस जगह से अटैच हो जाती हूँ और जब एडजस्ट कर लेती हूँ तो आप वापस कहीं भेज देते हो ", इतना बोलकर वो अपने कमरे में चली गई।
I am sorry chapter dene main thodi der ho gyi,
actually meri tabiyaat thik nhi hai .
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अथर्व की बात पर अवनि बोली, "क्यों भाई, आप हमेशा ऐसा करते हो? मुझे एक जगह से दूसरी जगह भेजते रहते हो। जब मुझे नहीं जाना होता तो आप जबरदस्ती भेज देते हो और जब मैं उस जगह से अटैच हो जाती हूँ और जब एडजस्ट कर लेती हूँ तो आप वापस कहीं भेज देते हो ", इतना बोलकर वो अपने कमरे में चली गई।
अब आगे,
अथर्व ने उसकी बात पर ज्यादा react नही किया, क्युकि उसे पता था कि ऐसा ही कुछ होने है। मगर उसे ये करना ही होगा क्युकि उसके दुश्मनो को पता चल गया है कि अनामिका कहाँ हैं? पहले भी अनामिका पर हमला हो चुका था, मगर अथर्व के guards ने उसे बचा लिया।
सुबह के 8 बजे
अथर्व का कमरा,
धीरे - धीरे अवनि को होश आ रहा था, वो उठी मगर इस बार उसने ज्यादा react नहीं किया, शायद उसने उसे ही अपनी किस्मत मान लिया था जो होना था वो हो चुका उसे कोई बदल नही सकता।
फिर वो धीरे-धीरे अपनी जगह से उठी और बाहर जाने के लिए अपना कदम बढ़ाया ही था कि उसे उसका ध्यान अपने कपड़ों पर गया, उसने देखा कि उसने एक व्हाइट शर्ट पहना रखा था और उसमें से एक मेनली परफ्यूम की खुशबू आ रही थी। वो सोच ही रही थी कि ये शर्ट किसका है, तभी उसकी नजर दीवार पर लगे अथर्व के तस्वीरों पर गई, जहाँ वो बहुत आकर्षक नजर आ रहा था।
तो क्या उसे ये शर्ट अथर्व ने पहनाई थी? ये सोच उसका चेहरा गुस्से और शर्म से लाल हो गया। तभी दरवाजा खटखटाया गया, उसे लगा कि शायद अथर्व होगा, मगर तभी अनामिका अंदर आई। उसने अवनि को देख कहा, "दी, आप जल्दी से कपड़े बदल लो, ये शर्ट bhai का है। उन्हें पसंद नहीं कि कोई उनके कपड़े या सामान को छुए।"
उसकी बात पर अवनि ने उसे देख कहा, "तो क्या तुमने मेरे कपड़े बदले?" अवनि की बात पर अनामिका बोली, "ऑफ कोर्स, और कौन करेगा? भैया ने ही मुझे सुबह कॉल करके बुलाया, और जब मैं यहाँ आई तो मैंने देखा कि आप बेड पर बेहोश लेटी हुई थीं और भीगी हुई थीं।"
अनामिका की बात सुन, उसे सुबह किया हुआ अपना पागलपन याद आया। उसने जल्दी से उन कपड़ों को लिया और वॉशरूम में गई और फ्रेश होकर एक स्काई ब्लू रंग का सूट पहनकर बाहर आई।
वो वॉशरूम से निकल सीधे अपने कमरे में गई। वहाँ जाकर उसने अपने बालों को सुलझाया और रेडी होकर नीचे चली गई। नीचे जाकर उसने देखा कि सब नाश्ते की टेबल पर बैठे थे। तभी दादी अवनि को देख बोली, "बेटा आओ, तुम भी नाश्ता कर लो। मैं अभी किसी से कहकर तुम्हें बुलवाने ही वाली थी।" उनकी बात पर अवनि भी नाश्ते पर बैठ गई।
तो उसकी नजर अथर्व की नजरों से जा मिली। तो उसने झट से अपनी नजरें झुका लीं। मगर अथर्व की नजरों से कहाँ कुछ बच सका था? तो अवनि कैसे बचती? ये देख अथर्व के होठों पर एक मुस्कान आई और चली भी गई।
तभी दादी अवनि को देख बोली, "बेटा, तू ठीक तो है?" अवनि ने भी अपना सिर हाँ में हिलाकर कहा, "जी दादी, मैं बिल्कुल ठीक हूँ।" तभी अनुराग जी बोले, "अवनि, कल क्या हुआ था बेटा?" उनकी बात पर अवनि ने उन्हें सारी बात बताई, मगर अवनि को भी समझ नहीं आ रहा था कि अचानक वहाँ अथर्व कहाँ से आया और उसे बर्बाद होने से बचा लिया।
सबको यूँ कन्फ्यूज होते देख अनामिका बोली, "वो भैया वहाँ मीटिंग के लिए आए थे और वहाँ उन्होंने मुझे देख लिया।" फिर...
फ्लैशबैक,
Club,
जब अपनी वॉशरूम के लिए चली गई, तो करीब पंद्रह मिनट बाद अथर्व भी बगल वाले कमरे से अपनी मीटिंग खत्म कर बाहर निकला। वो क्लब से बाहर जा ही रहा था कि तभी उसकी असिस्टेंट की नजर अनामिका पर पड़ी, तो उसने अथर्व से कहा, "बॉस, वहाँ अनामिका मैम हैं।"
अपने असिस्टेंट की बात सुन अथर्व थोड़ा चौंक गया, क्योंकि अनामिका को ऐसी किसी भी जगह पर जाना अलाउड नहीं था और ना ही वो कभी गई थी।
अपने असिस्टेंट की नज़रों का पीछा कर उसने भी अनामिका को देखा, तो उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया। अथर्व अनामिका के पास जाकर उसका हाथ पकड़ लेता है। अचानक किसी के यूँ पकड़ने से अनामिका थोड़ा घबरा जाती है, मगर तभी उसकी नज़र अथर्व पर पड़ी तो उसकी आँखें बड़ी हो गईं। उसने अपना सिर नीचे झुका दिया, क्योंकि उसे पता था कि उसने रूल्स तोड़कर गलती की थी।
तभी अथर्व ने अनामिका से कहा, "घर चलो।" उसकी आवाज में गुस्सा और नाराजगी दोनों थी। मगर तभी अनामिका बोली, "वो... वो.....दी भी साथ आई है।" उसकी बात सुन अथर्व ने एक गुस्से भरा लुक उसे दिया और एक-एक शब्द चबाकर बोला, "चुपचाप घर जाओ, मैं उसे लेकर आता हूँ।"
मगर अनामिका ने हिम्मत करके कहा, "भाई, प्लीज मुझे दी के साथ ही घर चलना है।" अथर्व ने उसे एक गुस्से भरा लुक दिया और बोला, "कहाँ है वो?" उसकी बात सुन अनामिका बोली, "दी वॉशरूम गई हैं, मगर अब तक तो उन्हें आ जाना चाहिए।"अनामिका की बात सुन अब अथर्व को भी टेंशन होने लगी। तभी अथर्व ने अनामिका से कहा, "तुम एक बार जाकर वॉशरूम में चेक कर आओ।" उसकी बात सुन अनामिका ने अपना सिर हाँ में हिला दिया और दो गार्ड्स को अपने साथ लेकर वॉशरूम के अंदर गई।
जब अनामिका वॉशरूम से बाहर आई, तो उसकी आँखें घबराहट और डर से डबडबाई हुई थीं। वो जल्दी से अथर्व के पास आई और बोली, "भाई, दी वॉशरूम में नहीं हैं। प्लीज दी को ढूंढो।" अनामिका की बात सुन अथर्व के हाथ-पैर ठंडे हो गए। मगर जल्दी ही उसने खुद को संभाला, वो अनामिका को घर भेज देता है और खुद अवनि को ढूंढने चला जाता है।
फ्लैशबैक एंड
आज के लिए बस इतना ही।
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जब अनामिका वॉशरूम से बाहर आई, तो उसकी आँखें घबराहट और डर से डबडबाई हुई थीं। वो जल्दी से अथर्व के पास आई और बोली, "भाई, दी वॉशरूम में नहीं हैं। प्लीज दी को ढूंढो।" अनामिका की बात सुन अथर्व के हाथ-पैर ठंडे हो गए। मगर जल्दी ही उसने खुद को संभाला, वो अनामिका को घर भेज देता है और खुद अवनि को ढूंढने चला जाता है।
फ्लैशबैक एंड
अब आगे,
अनामिका की बात सुन वहाँ बैठे सभी लोगों को सब कुछ पता चला, मगर कमरे के अंदर की बातें अवनि और अथर्व को ही पता थीं। सभी ने अपना नाश्ता लगभग खत्म कर लिया था, तभी अनामिका जी ने कहा, "आज से सभी मेरी बात कान खोलकर सुन लें, अब एक हफ्ते तक इस घर में ना तो नॉन-वेज बनेगा और ना ही कोई बाहर खाएगा।"
उनकी बात सुन अनामिका बोली, "why , मॉम?" इस पर अनामिका जी बोली, "क्योंकि कल आपकी बड़ी दादी आ रही हैं।" उनकी बात सुन दादी बोली, "क्या सावित्री दीदी आ रही हैं?"
उनकी बात सुन अनामिका जी बोली, "हाँ माँ, उनका फोन आया था। उन्होंने कहा कि वो अपने साथ नायरा को भी ला रही हैं और इस बार वो चाहती हैं कि अथर्व और नायरा की शादी हो ही जाए।" उनकी बात सुन अवनि थोड़ी ठिठक सी गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है एकाएक, उसकी नजर अथर्व पर चली गई, जो अपने फोन में मेल चेक कर रहा था।
अनामिका जी की बात सुन उसके भी हाथ रुक गए और वो अपनी एक भौंह उठाकर उनसे कहा, "बड़ी दादी आ रही हैं, वो सब ठीक है, मगर उनके चाहने या ना चाहने से मैं किसी से शादी नहीं करूँगा। और आप सबको सब पता ही है, जब मैं करना चाहूँगा तो कर लूँगा, तब तक मुझे कोई फोर्स नहीं करेगा। and thats final।" इतना बोल वो दरवाजे से बाहर चला गया।
उसके जाते ही अनामिका बोली, "ये तो होना ही था। जब सबको पता है कि भाई अभी शादी नहीं करना चाहते, तो आप लोग उन्हें फोर्स क्यों करते हो? याद है ना पिछली बार आप लोगों से ही तंग आकर वो छह महीने के बाद घर आए थे।" अनामिका की बात सुन अवनि हैरानी से उसे देखने लगी।
फिर सब उठकर लिविंग हॉल में गए और साथ में बैठकर बातें करने लगे। मगर अवनि सबकी बातें सुन तो रही थी, मगर उसका ध्यान कहीं और ही था, I mean अथर्व पर था।
😌🤫
ऑफिस,
अथर्व अपने ऑफिस पहुंचा और लिफ्ट से सीधा अपने केबिन में आया और अपने रोटेटिंग चेयर पर बैठ गया। तब तक उसका असिस्टेंट आरव भी उसका शेड्यूल लेकर आ चुका था। उसने अथर्व को आज का शेड्यूल दिया।
अथर्व ने अपना सिर हिलाया और बोला, "मैंने तुम्हें कोई काम दिया था?" अथर्व की बात सुन, आरव बोला, "यस बॉस, आज शाम तक सारी इनफार्मेशन कलेक्ट कर आपको मेल पर भेज दूंगा।" अथर्व ने अपना सिर हिलाकर सहमति दी, फिर आरव अपने केबिन में चला गया।
अथर्व अपने केबिन में बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था, मगर उसका ध्यान आज अग्नि पर ही जा रहा था। जब से उसने उसे स्काई ब्लू कलर के सूट में देखा, तो उसका दिल उछलने लगा था, जैसे अभी निकलकर बाहर ही आ जाएगा। इसी तरह एक दूसरे के ख्यालों में सारा दिन बीत गया।
सभी डिनर टेबल पर बैठे थे, अथर्व को अपने जगह पर ना देख, दादी बोली, "ये लड़का आज डिनर पर नहीं आया।" उनकी बात सुन, अनुराग जी बोले, "माँ, वो अपने किसी क्लाइंट के साथ डिनर मीटिंग में चला गया है।" उसकी बात सुन, किसी ने कुछ नहीं कहा। सब अपना-अपना डिनर खत्म करके कमरे में सोने चले गए।
रात के करीब एक बजे।
अवनि अपने कमरे में सो रही थी, तभी उसके कमरे का दरवाजा खुला और एक शख्स अवनि के कमरे के अंदर आया। अवनि के पास आकर बिस्तर पर बैठ गया। वो अवनि के शांत चेहरे को देखने लगा। करीब आधे घंटे बाद वो शख्स अपनी जगह से उठा और अवनि के माथे पर किस करके अपने कमरे में चला गया।
(अब आपको तो पता चल ही गया होगा कि वो कौन है...)
थोड़ी देर में अथर्व अपने कमरे में आया और वॉशरूम में चला गया और फ्रेश होकर अपने बेड पर आकर लेट गया। मगर उसे अपने बेड से अवनि की नैचरल खुशबू आ रही थी। उसके हाथ में अभी अवनि की पहनी हुई अपनी शर्ट थी, जिसे उसने अपने गले से लगा रखा था। उसे ये खुशबू बहुत सुकून पहुँचा रही थी। थोड़ी देर में वो भी नींद के आगोश में चला गया।
सुबह का वक्त,
आज अवनि सुबह छह बजे ही उठकर फ्रेश होकर मंदिर में पहुँच चुकी थी। उसने बगीचे से जाकर फूल तोड़कर लाई और पूजा की तैयारी करने लगी थी। उसने अपनी प्यारी और सुरीली आवाज में आरती करना शुरू किया।
अथर्व जो कि अपने जिम से निकलकर जॉगिंग के लिए जा रहा था, तभी उसकी नजर अवनि पर पड़ी। वो होश खो चुका था, वो एक टक लगातार अवनि को ही देख रहा था। मगर तभी...
आज के लिए बस इतना ही।
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अथर्व जो कि अपने जिम से निकलकर जॉगिंग के लिए जा रहा था, तभी उसकी नजर अवनि पर पड़ी। वो होश खो चुका था, वो एक टक लगातार अवनि को ही देख रहा था। मगर तभी...
अब आगे,
दादी वहाँ आई और अथर्व को होश में लाते हुए कहा, अथर्व क्या हुआ बेटा? अथर्व दादी की बात सुन होश में आया और बोला, कुछ नहीं दादी इतना बोल वो जल्दी से बाहर चला गया। इधर दादी और अवनी दोनों ने पूजा खत्म की।
Dining Hall,
सभी नाश्ते के लिए आ चुके थे, मगर अवनी अपने कमरे में ही थी। वो दौड़ते हुए सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी, तभी उसका पैर लास्ट वाली सीढ़ी पर पड़ते ही फिसल गया और वो गिरने लगी। वो गिरती उससे पहले उसे किसी ने उम्र से पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया। अवनी ने गिरने के डर से अपनी आँखें कस के बंद कर रखी थीं, मगर जब उसे किसी भी तरह का दर्द महसूस नहीं हुआ तो उसने धीरे से अपनी आँखें खोलीं। तो उसकी आँखें इमोशनलेस आँखों से जा मिलीं।
वो एक टक उन आँखों में जैसे खो सी गई थी, तभी उन्हें किसी के खांसने की आवाज आई तो दोनों जल्दी से होश में आए और दूर हो गए। अवनी और अथर्व डाइनिंग हॉल में पहुँचे, उनके पीछे-पीछे अनामिका भी आ गई। अनामिका की होठों पर आज शरारत भरी मुस्कान थी, वो भी अपनी जगह पर बैठ गई। उसे इतना मुस्कुराते देख अनामिका जी बोली, "क्या बात है आज प्रिंसेस, इतना मुस्कुरा क्यों रही है?" उनकी बात पर दादी और अनुराग जी उसे सवालिया नजरों से देखने लगे, मगर अथर्व और अवनी ने नहीं देखा क्योंकि उन्हें पता था कि ये पिद्दी भर लड़की इतना मुस्कुरा क्यों रही है?
सबकी नजरों को महसूस कर अनामिका बोली, क्यों अब मैं अपनी मर्जी से मुस्कुरा भी नहीं सकती? उसकी बात सुन किसी ने कुछ नहीं कहा, सब अपने-अपने नाश्ते पर फोकस करने लगे। नाश्ते के बाद अथर्व और अनुराग जी अपने ऑफिस के लिए निकल चुके थे। ऑफिस पहुँचकर उन्होंने अपना-अपना काम शुरू कर दिया। इधर कपूर मेंशन में उनके एक फैमिली ग्रुप पर एक अनरीड मैसेज शो हो रहा था। दरअसल, अथर्व, अनुराग जी, अनंतिका जी, दादी, अनंतिका सभी का एक फैमिली ग्रुप था और उनमे एक और नंबर भी था।
जब दादी और अनंतिका जी ने उस अनरीड मैसेज को खोला, तो उसमें एक फोटो थी। उन्होंने उस फोटो को डाउनलोड किया और देखा, तो उनकी आंखें फैल गईं। यही हाल दादी का भी था। मगर अनुराग जी और अथर्व ने नहीं देखा था। अथर्व वैसे तो कभी ग्रुप खोलता ही नहीं था, मगर अनुराग जी एक मीटिंग में थे। जब उन्होंने मीटिंग खत्म की, तो उन्होंने अपना फोन ऑन किया और उन्हें भी वही मैसेज मिला। जब उन्होंने वो फोटो देखा, तो उनकी भी आंखें फैल गईं।
रात का वक्त,
एक बड़ी सी गाड़ी कपूर मेंशन के बाहर आकर रुकी, उसमें से करीब 88 साल की एक महिला उतरी। उसके चेहरे पर घमंड और रईसी की झलक थी। तभी दूसरी तरफ से एक 25 साल की खूबसूरत लड़की उतरी। उसने एक शॉर्ट ड्रेस पहन रखी थी और चेहरे से बड़ी घमंडी नजर आ रही थी। उसने अपने चेहरे पर मोटी परत मेकअप की लगा रखी थी।
दरअसल, यह महिला गायत्री जी की बड़ी बहन सावित्री ठाकुर थीं, जो बड़े रईस खानदान से आती थीं। उनके साथ उनकी ननद की बेटी नायरा खन्ना थीं, जो पेशे से मॉडल थीं। जिस वजह से उसने अपने आप को बहुत मेंटेन कर रखा था। यह कहना गलत नहीं होगा कि वह किसी भी लड़के की ड्रीम गर्ल से कम नहीं थी। वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट थीं और उनके पिता भी बड़े-बड़े बिजनेसमैन में गिने जाते थे। उसे लगता था कि वह अथर्व के लिए बिल्कुल परफेक्ट थी। उसके पास पैसा, खूबसूरती, डिग्री, सब कुछ था। वह एक ऐसी लड़की थी जिसे अथर्व दुनिया के सामने पेश कर सकता था।
वो दोनों अंदर आईं। गायत्री जी ने उन्हें देखकर गले से लगा लिया, आखिर वो दोनों बहुत वक्त बाद मिल रही थीं। तभी अनंतिका जी भी आगे आईं और उनके पैर छू लिए। सावित्री जी ने नैरा को भी सबसे मिलवाया। उन्होंने भी बड़े प्यार और एहसास से उससे मिले। तभी अवनी और अनामिका भी सभी के पास आ गईं। अनामिका ने आगे बढ़कर बड़ी दादी के पैर छुए, तो अवनी ने भी उनके पैर छुए। उन्हें अनामिका तो समझ आई, मगर अवनी कौन है? वो कन्फ्यूज नजरों से दादी को देखने लगीं। दादी ने उनकी सवालिया नजरों को महसूस कर कहा, "ये मेरे दोस्त की पोती है, कुछ दिनों के लिए यहाँ आई है।" उनकी बात सुन बड़ी दादी ने भी अपना सिर हिला दिया।
तभी बाहर एक गाड़ी रुकने की आवाज आई, तो सबने उस तरफ देखा। वहाँ अथर्व था, जो अपने फोन पर किसी से बात करते हुए अंदर आ रहा था। वो जा ही रहा था कि तभी बड़ी दादी ने उसे आवाज दी। तो उसने अपने फोन के दूसरी तरफ के आदमी से कहा, " I'll call you later,'" इतना बोलकर वो फोन काटकर सीधा बड़ी दादी के पास आकर उनके पैर छुए। उन्होंने भी बड़े प्यार से अथर्व के सिर पर हाथ रखकर उसे आशीर्वाद दिया। मगर उसने एक बार भी नायरा को अपनी नजर उठाकर नहीं देखा।
ज़ैसे की वो वहाँ पर है ही नहीं, वही नायरा अपनी कातिल नजरो से उसे ही स्कैन करे जा रही थी। वही अवनि जो नायरा को ही देख रही थी उसने जब नायरा को अथर्व को यु घूरते देखा तो पता नही क्यों मगर उसे जलन हो रही थी।
तभी उसकी नज़र............
आज के लिए बस इतना ही।
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ज़ैसे की वो वहाँ पर है ही नहीं, वही नायरा अपनी कातिल नजरो से उसे ही स्कैन करे जा रही थी। वही अवनि जो नायरा को ही देख रही थी उसने जब नायरा को अथर्व को यु घूरते देखा तो पता नही क्यों मगर उसे जलन हो रही थी।
तभी उसकी नज़र............
अब आगे,
नायरा पर पड़ी जो एकटक अथर्व को देख रही थी। उसे अथर्व की पर्सनालिटी आकर्षित कर रही थी। उसने जल्दी से अपनी नजरें हटा लीं, मगर कनखियों से वह अभी भी उसे देख रही थी। वहीं, बगल में खड़ी अवनी ने जब नायरा को इस तरह अथर्व को घूरते देखा, तो पता नहीं क्यों उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। कहीं न कहीं उसे जलन हो रही थी। और कहते हैं कि जलन प्यार की पहली सीढ़ी का काम करती है। तभी अथर्व का फोन रिंग करने लगा। वह सबको एक्सक्यूज में बोलकर, अवनी को एक नजर देखकर वहाँ से निकल गया।
मगर अवनी ने यह नोटिस नहीं किया, उसका सारा ध्यान तो बस नैरा को ही घूरने में लगा था। अथर्व सीधे अपने कमरे में चला गया। थोड़ी देर में बड़ी दादी और अनंतिका जी ने नैरा को गेस्ट रूम में फ्रेश होने के लिए भेज दिया था।
रात के 8 बजे,
डिनर टेबल पर सब डिनर करने के लिए बैठ चुके थे। एक हेड चेयर पर अनुराग जी और दूसरे पर अथर्व बैठे थे। अथर्व के बगल में नायरा बैठी थी। सबने अपना-अपना डिनर खत्म किया, मगर अवनी ने डिनर खत्म करने तक अपनी जलती निगाहें नायरा पर ही टिका रखी थीं। उसे यह बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था कि वह अथर्व के बगल में बैठी थी।
सभी डिनर के बाद लिविंग हॉल में बैठकर बातें कर रहे थे, मगर डिनर के बाद अथर्व अपने फ्लोर पर जा चुका था। अवनी भी अपने कमरे की तरफ ही बढ़ रही थी, मगर उसका ध्यान नहीं था कि वो सेकंड फ्लोर के बदले थर्ड फ्लोर पर आ चुकी थी। तभी उसे सामने से अथर्व आता हुआ दिखाई दिया, तो उसे होश आया कि वह इस वक्त कहाँ है।
वो जल्दी से वहाँ से भाग कर जाने वाली होती है, कि उसका पैर कारपेट में उलझ जाता है। वो मुँह के बल गिरने को होती है, मगर अथर्व अपने लंबे हाथों से उसके कमर को पकड़कर उसे गिरने से बचा लेता है।
अवनी की पीठ अथर्व के सीने से लगी हुई थी, और अथर्व के हाथ अवनी के पतले कमर के चारों ओर लिपटी हुई थी। अवनी का दिल बड़ी जोरों से धड़क रहा था, जब अवनी ने उसके हाथों को अपने कमर पर महसूस किया, तो उसकी पूरी बॉडी सिहर उठी।
तभी अथर्व की गरम साँसें उसे अपनी गर्दन पर पड़ीं, तो एक पल के लिए उसकी साँसें ही रुक गईं। तभी अथर्व ने अपनी भारी आवाज में कहा, "यह तुम यहाँ क्या कर रही हो?" उसकी बात सुनने के बाद अवनी मिमियाते हुए कहा, "वो... वो... वो...मैं यहाँ गलती से आ गई थी। I am sorry, मैं बस यहाँ से जा ही रही थी।"
उसकी बात सुन अथर्व ने उसे और कसके अपने सीने से लगा लिया, अथर्व ने अवनि की बात सुन बस हम्म में जबाब दिया, फिर उसे लेकर balconi की ओर गया और पीछे से उसे गले लगा लिया।
"उसने अथर्व को confuse नजरों से देखा, मगर अथर्व ने उसे वैसे ही अपने बाहों में लिए खड़ा रखा था। अग्नि उससे कुछ कहना चाहती थी, मगर डर की वजह से उसके मुँह से एक शब्द नहीं निकल रहे थे। तभी उसे अथर्व की साँसे अपने गर्दन पर महसूस होने लगी। अथर्व उसकी खुशबू को अपने अंदर उतार रहा था, उसे उसकी खुशबू बहुत सुकून दे रही थी। अथर्व धीरे-धीरे उसकी गर्दन की तरफ झुक रहा था, उसने उसके गर्दन पर एक light kiss की। यह महसूस कर अवनि चिहुक उठी,"।
"अथर्व भी अपने होश में आया, उसने जल्दी से अग्नि को छोड़ दिया, वो जल्दी से थर्ड फ्लोर से सेकंड फ्लोर पर आई, अथर्व भी अपने कमरे में चला गया, कमरे में आकर वो सीधे वॉशरूम के अंदर चला गया, अंदर जाकर वो शावर के नीचे खड़ा होकर अपने मन में सोचने लगा कि वो ऐसा कैसे कर सकता है, पता नहीं वो उसके बारे में क्या सोच रही होगी, कहीं वो उसे ठरकी तो नहीं समझ रही हो, यही सोच-सोच कर उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था,।
वहीं अवनि अपने कमरे में पहुंची, उसने जल्दी से कमरे में आकर दरवाजा बंद कर दिया, वो जल्दी से वॉशरूम में गई, वहाँ जाकर उसने खुद को मिरर में देखा, उसका पूरा चेहरा लाल हो रखा था।
"उसे बहुत शर्म आ रही थी, उसे अथर्व का छूना बिल्कुल गंदा या बुरा महसूस नहीं हुआ, जैसे उसने उस लड़के को छूने पर महसूस किया था। अग्नि को अभी भी अथर्व का उसे किस करना फील हो रहा था, उसने जल्दी से अपने कपड़े चेंज किए और बेड पर आकर लेट गई, मगर नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी, उसे बार-बार अथर्व का करीब आना वो सब कुछ एक रील की तरह उसके दिमाग में चल रहा था।"
I am sorry readers. Itne dino se chapter nhi aa rhe the but main kyu kru meri tabyat kharab thi, ho sakta hai ki bich bich main na de paaw.
आज के लिए बस इतना ही।
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"उसे बहुत शर्म आ रही थी, उसे अथर्व का छूना बिल्कुल गंदा या बुरा महसूस नहीं हुआ, जैसे उसने उस लड़के को छूने पर महसूस किया था। अग्नि को अभी भी अथर्व का उसे किस करना फील हो रहा था, उसने जल्दी से अपने कपड़े चेंज किए और बेड पर आकर लेट गई, मगर नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी, उसे बार-बार अथर्व का करीब आना वो सब कुछ एक रील की तरह उसके दिमाग में चल रहा था।"
अब आगे,
सुबह का वक्त,
"सुबह अवनि की आँखें जल्दी खुल गई या कहे कि उसे सारी रात नींद ही नहीं आई वो सारी रात अथर्व के बारे में ही सोच रही थी वो चाहकर भी अपने दिमाग से कुछ भी निकाल नहीं पा रही थी वो जल्दी से वॉशरूम में फ्रेश होकर नहाकर बाहर आई वो मिरर के सामने खड़ी होकर रेडी होने लगी तभी उसकी नजर अपने गले पड़ गई और उसने शर्माकर अपनी नजरें झुका ली वो अपने कमरे से निकलकर बाहर जा ही रही थी कि उसने आसमान पर काले बादल देखे वो जल्दी से अपने कमरे से बाहर निकलकर टेरेस की ओर चली गई वहाँ पहुँचते ही जोर की बिजली कड़क की और बारिश शुरू हो गई अग्नि बारिश में अपने दोनों हाथ फैलाकर खड़ी होकर भीगने लगी"
"वहीं टेरेस की दूसरी तरफ अथर्व वर्कआउट के बाद वहाँ ताजी हवा के लिए आया था, वो इस वक्त टेरेस में खड़ा था, उसकी ऊपरी बॉडी शर्टलेस थी, वो बारिश के कारण वहाँ से जा ही रहा था, तभी उसकी नजर दूसरी तरफ खड़ी अवनी पर गई, उसने उसे देख उसकी तरफ अपने कदम बढ़ा दिए, वो उसके सामने खड़ी होकर उस लाल रंग की साड़ी में खड़ी अवनी को देखा।
(दरअसल अवनी ने आज लाल रंग की साड़ी पहनी थी, क्योंकि उसे दादी ने कहा था कि उसे उसके साथ मंदिर जाना है, इसलिए आज अवनी ने लाल रंग की साड़ी पहनी थी,)
उसके लंबे बाल भीगने के कारण उसके कमर और पीठ पर बिखरे हुए थे,"उसकी गोरी कमर और बाहे देख अथर्व को अपना कंट्रोल lose होता हुआ महसूस हुआ।
वो अवनि के पीछे जाकर खड़ा हो गया, तभी अवनि पीछे मुड़ी और सीधे अथर्व के सीने से जा लगी। उसके दोनों हाथ अथर्व के सीने पर थे, और अथर्व के हाथ अवनि की गोरी पतले और मुलायम कमर पर थे।
तभी अवनि को होश आया की वो किस position में अथर्व के साथ है। वो दूर होने की कोशीश करने लगी मगर अथर्व ने उसे और कसके अपने सीने से लगा लिया।
अथर्व ने अपने एक हाथ से उसकी कमर को support दिया और दूसरे हाथ से बालों की लटो को हटाया, अवनि इस वक़्त अथर्व को ही देख रही थी मगर अथर्व अवनि के होठो को ही देख रहा था light red colour के lip balm लगे होंठ और उस पर बारिश की बूँदे ठहरी थी जो उसे और seductive बना रही थी। उसका दिल उन होंठों को खाने का कर रहा था और उसका गला भी सुख रहा था। वही अवनि की नज़र अथर्व पर से हट ही नही रही थी उसकी muscular body पर abs और उसके कसे biaseps उसे एक कातिल look दे रही थी। वही अथर्व अपने दिल के हाथो मजबूर हो कर धीरे- धीरे उसके उपर झुक गया मगर अवनि को तो इस बात का होश ही नही था कि अथर्व क्या कर रहा था।
अथर्व ने धीरे से अवनि के होठो पर अपने होठ रख उसे kiss 💋 करने लगा। अथर्व की हरकत पर अवनि की आँखे फैल गई मगर शॉक के कारण वो कुछ react नही कर पा रही थी। वही अथर्व को उसके होठो का taste बहुत पसंद आ रहा था, पहले वो सॉफ्टली किस 💋कर रहा था मगर वो जितना उसे किस करता उतनी ही uski तड़प बढ़ जाती थी।
वो बड़े अग्रेशन के साथ उसे kiss 💋 कर रहा था, उसने उसके होठो को हल्का सा bite भी किया तभी दर्द से अवनि को होश आया तब अवनि को होश आया कि अथर्व क्या कर रहा था। उसने उसे रोकने के लिए उसके कंधे पर हाथ रख उसे दूर होने के लिए हिलाने लगी मगर अथर्व सब ignore कर अपना फोकस उसे किस करने में ही लगा दिया, वो कभी उसके उपरी होठो को kiss 💋 करता तो कभी निचले होठो को, अथर्व उसके मुहॅ के अंदर enter करने की कोशीश करने लगा अवनि ने अपना मूहॅ बंद कर रखा था तो अथर्व ने जोर से उसकी कमर पर चुट्टी काटी तो अवनि ने अपना मुहॅ खोल दिया तो अथर्व ने अपनी tongue उसके मुहॅ में डाल उसके पूरे मुहॅ को explore करने लगा।
वो अवनि के tongue को अपने tongue से उलझा कर उनका भी taste लेने लगा। अथर्व के दोनों हाथ अवनि की back पर घूम रहे थे । उसने excitement मे अवनि के पल्लु को उसके कंधे से गिरा दिया मगर अवनि को इस बात का जरा भी होश नही था क्युकी वो भी अथर्व की kiss 💋 में खो चुकी थी, उम्र कम होने की वजह से वो खुद भी feelings को समझने में नाकाम थी।
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वो अवनि के tongue को अपने tongue से उलझा कर उनका भी taste लेने लगा। अथर्व के दोनों हाथ अवनि की back पर घूम रहे थे । उसने excitement मे अवनि के पल्लु को उसके कंधे से गिरा दिया मगर अवनि को इस बात का जरा भी होश नही था क्युकी वो भी अथर्व की kiss 💋 में खो चुकी थी, उम्र कम होने की वजह से वो खुद भी feelings को समझने में नाकाम थी।
अब आगे,
थोड़ी देर में जब दोनों को सांस लेने में problem हुई तो अथर्व ने उसके होठो को छोड़ दिया अवनि को तो ऐसा लग रहा था जैसे कि बस अब उसकी साँसे बंद ही हो जायेगी। वो गहरी- गहरी सांसे ले रही थी वही उसका सीना अथर्व के सीने से touch हो रहा था और अथर्व उसे बड़ी ही सिद्दत से देख रहा था। तभी बड़ी जोड़ की बिजली कड़की और दोनों असल दुनिया में लौट आये, एक दूसरे को देखा। वही अथर्व ने अवनि के होठो को देखा जिस पर खून लगा था।
"अवनी ने एक नज़र अथर्व को देखा और शरमा कर अपनी नज़रें झुका लीं। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि ये क्या हुआ। उसने वहाँ से भाग कर जाने की कोशिश की, मगर अथर्व ने झट से उसे पकड़ कर उसकी पीठ को अपने सीने से लगा कर पीछे से उसकी कमर को पकड़ कर अपने दोनों हाथों से जकड़ लिया। अथर्व अपनी chin अवनी के कंधे पर रख सामने की ओर देख रहा था, वही अवनी की धड़कनें रोलर कोस्टर जैसी हो गयी थीं। उसने अपनी तिरछी निगाहों से अथर्व को देखा जो सामने देख रहा था, ऐसा अवनी को लग रहा था कि वो तो अवनी की ही हरकतों पर नज़रें किए खड़ा था।"
"थोड़ी देर ऐसे ही खड़े रहने के बाद अवनि ने बड़ी हिम्मत करके अथर्व से कहा, 'सुनिए।' अथर्व ने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा, 'हम्म।' फिर अवनि बोली, 'मुझे छोड़िए।'अथर्व ने कहा, 'कभी नहीं।' ये कहते हुए उसने अपनी नज़रें अवनि पर टिका लीं। अवनि ने ये सुनकर कहा, 'क्यों?' अथर्व ने कहा, 'ये भी बताना पड़ेगा?' अवनि ने कहा, 'बिलकुल।'
अथर्व कुछ देर ऐसे ही अवनि को देखता रहा, फिर उसे एक झटके से अपनी तरफ पलटा और उसकी आँखों में देखते हुए बोला, 'मुझे नहीं पता इसे क्या कहते हैं। बस जब भी तुम्हें देखता हूँ, तो तुम्हें अपने पास रखने की तलब उठती है। मुझे नहीं पता मुझे क्या कहना चाहिए। बस इतना पता है कि मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता।'" ये कहते हुए उसने अपने सिर को अवनि के सिर से जोड़ दिया।
"अवनी भी खामोश होकर उसकी बात सुनती रही, फिर बोली, 'आपकी उम्र कितनी है?' उसकी बात पर अथर्व ने कहा, 'What ?' फिर अवनी बोली, 'आपकी उम्र, age, age ।' इस पर अथर्व ने कहा, ' 32 ' उसकी बात पर अवनी बोली, 'what? 32 ,आप मुझसे पूरे 12 साल बड़े हैं। मुझे तो आपको अंकल कहना चाहिए।' तो अथर्व ने उसे घूरकर देखा, जैसे वॉर्निंग दे रहा हो कि उसे दोबारा ये ना कहे। अथर्व ने उसकी बात को पूरी तरह से इग्नोर कर कहा, 'मुझे तुमसे शादी करनी है, वो भी दस दिन के अंदर।' उसकी बात पर अवनी ने शॉक होकर कहा, 'शादी?' अथर्व ने कहा, 'हाँ। तुम्हें कुछ टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, तुम बस हमारी शादी एन्जॉय करना, सारी तैयारियाँ मैं देख लूँगा।' उसकी बात सुन अवनी कुछ बोल ही नहीं पाई, क्योंकि उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसकी शादी अथर्व से होगी। इस दौरान बारिश भी रुक गई। तभी अथर्व ने अवनी को जोर की छींक मारी। अथर्व ने परेशान होते हुए कहा, 'जाओ, जल्दी से कपड़े चेंज करो, go ,go ,मैं तुम्हारे लिए गरमा-गरम सूप मंगवाता हूँ। गो।' उसकी बात सुन अवनी भी अपने कमरे पर जाने के लिए छत से नीचे आ गई। कमरे में जाकर वो गरम पानी के शावर के नीचे खड़ी हो गई।"
उसे अपने पेट में तितलियाँ उड़ती हुई महसूस हुई। उसे अपने शरीर पर अथर्व की छुअन महसूस अभी भी महसूस हो रही थी। उसने जल्दी से शॉवर बंद किया और बाथ्रोब पहन कर बाहर आई और closet में चली गई वहा जाकर उसने एक ओशियन ब्लू कलर की साड़ी निकाली और चेंज किया। खुद को अच्छे से रेडी करके वो कमरे से बाहर निकलकर सीधे फर्स्ट फ्लोर पर आई, जहाँ पर लिविंग हॉल था। वहाँ दादी, अनंतिका जी, अनुराग जी और अनामिका सब बैठे थे, मगर अथर्व वहाँ नहीं था। जब सबने अवनि को देखा, तो बस आँखें फाड़े देखने लगे।"
"ओशियन ब्लू कलर की साड़ी, मैचिंग ब्लाउज़, कमर तक खुले लहराते बाल, आँखों पर काजल, लाल होंठ जिस पर हल्का सा लिप ग्लॉस लगा था, जो उसे कंप्लीट लुक दे रहा था।" वो किसी सुंदर परी की तरह लग रही थी।
तभी उन्हे पीछे से किसी के कदमों की आहट सुनाई दी जब सबने पीछे देखा तो............
Any guess ki kon hoga 🤔
आज के लिए बस इतना ही।
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