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Deewangee

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Roohi Sahu

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आर्वी शर्मा एक मासूम और अनाथ लड़की! दिखने में बिल्कुल परि जैसी जिसकी जिंदगी में उसकी दोस्त दिया के अलावा कोई नहीं है, पर एक रात ने उसकी जिन्दगी बदल गयी, और वो फस गयी एक heartless इंसान की कैद में अखिर क्या हुआ था उस रात! अखिर कैसे पहुची वो उस h...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. Deewanapan - Chapter 1

    Words: 1395

    Estimated Reading Time: 9 min

    इक छोटा सा अपार्टमेंट जो न दिखने में ज्यादा बड़ा था नाही ज्यादा छोटा था उसी अपार्टमेन्ट में एक लड़की जिसकी उम्र करीब 19 साल होगी उसने पीले कलर का फ्राक सूट पहना और सर पर दुपट्टा डाला हुआ था वो भगवान के सामने आरती की थाल घुमाकर अपनी मीठी आवाज में भजन गाते हुए भगवान की पूजा कर रहीं थीं उसकी मीठी आवाज पूरे अपार्टमेन्ट में गूँज रहीं थीं उसी के बगल एक और लड़की खड़ी थी जो उसकी ही उम्र की थी उसने पिंक कुर्ती और ब्लू जीन्स पहना था थोड़ी देर बाद आरती पूरी होने के बाद उस लड़की ने सबसे पहले भगवान के आगे माथा टेका फिर आरती थाल लेकर अपने बगल खड़ी लड़की की तरह मुड़ी और आरती थाल उसके आगे बढ़ा दी पहले तो उस लड़की ने उस पीले सूट वाली लड़की को अपने रिक्वेस्ट भरी निगाहों से देखा फिर अपने होठों को हिलाते हुए बिना आवाज के बोली प्लीज आरू वो लड़की यानि आरवी जिसे वो लड़की प्यार से आरू बुलाती है आरवी अपने सामने खड़ी लड़की को अपनी नीली आँखों से घूरती तो वो चुपचाप आरती ले लेती है जिसके बाद आरवी पूरे अपार्टमेंट में आरती के धुएँ को फिराने लगती है पाँच मिनट बाद पूरे घर में आरती देने के बाद आरवी की थाल को मंदिर में रखकर एक बार फिर भगवान के सामने सर झुका कर उनका आशीर्वाद लेती और अपने सर से दुपट्टे को हटाकर अपने एक कंधे से लेकर दूसरी तरफ बांधते हुए नाश्ता बनाने किचन में चली जाती है उसके पीछे वो लड़की भी किचन में आरवी इस वक़्त पराठे बनाने के लिए आटा गूंध रहीं थीं और वो लड़की यानि दिया वही किचन स्लैब से टिक कर खड़ी थी और अपनी रिक्वेस्ट भरी निगाहों से आरवी को देख रहीं थीं जिसे आरवी भी महसूस कर सकती थी कि दिया उसे ही देख रहीं थीं आरवी आटा गूँथते हुए बिना दिया कि तरफ देखे हुये बोली हमे इस तरह से देखने की जरूरत नहीं है तुम्हारे यू देखने की वजह से हम मान नहीं जाएंगे क्लब जाने के लिए इसलिए हमे देखने की जरूरत नहीं है जाओ जाकर हॉल में सोफ़े पर बैठो जब नाश्ता बन जाएगा हम तुम्हें बुला लेंगे यू खड़े रह कर अपने पैरों को तकलीफ देने की जरूरत नहीं है आरवी की बात सुनकर दिया का चेहरा ही उतर गया 🙁

    बात ये है कि दिया आरवी को क्लब लेकर जाना चाहती है लेकिन आरवी ने क्लब जाने से दिया साफ मना 🙅‍♀️कर दिया और इसके लिए दिया बहुत बार आरवी को मना चुकी है लेकिन आरवी माने तब न

    दिया अपना लटका हुआ चेहरा लेकर किचन से बाहर जा ही रहीं थीं कि तभी उसके दिमाग की बत्ती 💡जली दिया आरवी के पास आयी और बेहद उदास सी😔 शकल बनाकर सैड सी 😟आवाज में बोली उससे बोली अच्छा ठीक है जैसा तुझे ठीक तू क्लब नहीं जाना चाहती है तो कोई बात नहीं अब मैं तेरे साथ कोई जबरदस्ती तो नहीं कर सकती हूं न जब तू क्लब नहीं जाएगी तो मैं अकेले जा कर क्या करुँगी मेरी आरवी जो आटा गूँथते हुए दिया कि बातें सुन रहीं थीं उसकी पूरी बात सुनने के बाद आरवी के हाथ रुक गए थे जिसका साफ मतलब था कि आरवी दिया कि बातें ध्यान से सुन रहीं हैं जिसे दिया भी देख लेती है इस बार वो और सेड 😔आवाज में बोली हां जब तू नहीं जाएगी तो मैं जाकर क्या करुँगी आरू के बिना मुझे थोड़ी न मुझे वहां अच्छा लगेगा बना ले तू पराठे मैं हॉल में जाती हूं इतना कहकर दिया ने अपने कदम किचेन से बाहर की और बढ़ा दिए सिर्फ आरवी को दिखाने के लिए वरना उसके चलने की स्पीड इतनी तेज थी जैसे कोई बच्चा पहली बार चल रहा हो वही आरवी ने दिया कि पूरी बात सुनी तो उसका चेहरा भी उदास😟 हो गया था वो बिल्कुल भी नहीं चाहती थी कि दिया उसकी वजह से क्लब जाना कैंसल करे इसलिये आरवी को रोकते हुए बोली दिया रुको आरवी को आवाज सुनकर दिया के होठों पर मुस्कान 😃आ गयी थी क्योंकि उसे पता था उसने जिस तरह से सेड होकर आरवी से सब कहा है उसे सुनने के बाद आरवी जरूर क्लब जाने के मान जाएगी लेकिन वो अपना मुस्कराता 😀हुआ चेहरा आरवी को दिखा नहीं सकती थी वरना आरवी को पता चल जाता की वो सिर्फ उदास होने की एक्टिंग कर रहीं थीं दिया अपना उदास फेस बनाए हुए पीछे मुड़ी और आरवी को देखते हुए बोली क्या हुआ आरू तूने मुझे रोका क्यू कोई हेल्प चाहिए तुझे आरवी नही दिया हमे कोई हेल्प नहीं चाहिए हमने तुम्हें इसलिए रोका क्योकि हम तुम्हारे साथ क्लब चलने के लिए तैयार हैं दिया अपनी एक्टिंग जारी रखते हुए बोली नहीं आरू तुझे मेरी वजह से आने की जरूरत नहीं है मैं नहीं चाहती हूं कि तू ज़बरदस्ती मेरे साथ चले आरवी नहीं दिया एसा नहीं है हम खुद अपनी मर्जी से तुम्हारे साथ क्लब चलने के लिए तैयार है दिया सच में आरु आरवी अपना सर हां हिलाते हुए बोली सच में हम तुम्हारे साथ क्लब चलने के लिए तैयार हैं ये सुनकर दिया के चेहरे पर 440बोल्ट की स्माइल 😁 आ गई दिया आरवी के रसगुल्ले जैसे फूले हुए गालों को चूमते हुए मुह्ह्ह्ह l love 😘 you meri jaan 💕 दिल खुश कर दिया तूने ये बोल कर दिया के किस करने की वजह से आरवी शक्ल चिड़चिड़ी सी हो गई थी क्योंकि दिया हर बात पर उसे इसी तरह किस कर लेती हैं आरवी की चिड़चिड़ी शक्ल देख कर दिया खुल कर हंस दी दिया फिर से आरवी के गालों को चूमते हुए बोली तू कैसी भी शक्ल बना ले लेकिन मैं तुझे किस करना नहीं छोडूंगी आरवी को छेड़ते हुए अभी तो तुझे मैं किस कर रही हूं जब जीजू आ जाएंगे तो वो तुझे पता नहीं कहा कहा चूमेंगे मैने सिर्फ तेरे गालों पर किस किया है जीजू तो तुझे हर जगह किस करेंगे आरवी के होठों पर अंगुली रखते हुए जीजू तुझे डायरेक्ट यहां किस करेंगे अपनी अंगुली को नीचे की ओर ले जाते हुए आरवी के सीने पर रखते हुए जीजू तुझे यहां किस करेंगे सिर्फ किस ही नहीं इन्हें सक करेंगे प्रेस करेंगे और भी बहुत कुछ करेंगे जीजू इनके साथ जिसका पता तुझे तेरी सुहागरात को चलेग सिर्फ किस ही नहीं किस के साथ और भी बहुत कुछ करेंगे जीजू तेरे साथ जिसमें तुझे बड़ा मजा आयेगा दिया कि बातों को सुनकर आरवी को भी कुछ कुछ हो रहा उसे अपने सेंसटिव पार्ट पर रिएक्शन फील हो रहा था बदन में हल्की सिरहन महसूस हो रही थी उसका पूरा चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था दिया आरवी की चीन को पकड़ते हुए उसके छोटे से लाल पड़ चुके चेहरे को देखते हुए बोली मेरी आरू शर्मा रही है मेरी आरू को शर्म आ रही है वो सब सोच कर बोल आरू आरवी ने शर्माते हुए अपना चेहरा दिया के गले में घुसा लिया जिसे देख दिया खुल कर हंस दी दिया आरवी के बालों को सहला रही थी वहीं आरवी दिया गले मुंह घुसाए हुए उसकी बातों को सोच कर मुस्कुरा रही थी दोनों सहेलियों एक दूसरे के गले लगी हुई थी कि तभी उनके कानो कुकर की सीटी की आवाज आई क्योंकि आरवी ने पराठे के लिए आलू उबलने को रखे थे जो अब उबल चुके कूकर की सीटी की आवाज सुनकर दोनों अलग हुई आरवी दिया से बोली चलो जाओ तुम यहां से बहुत ही गई तुम्हारी बाते बहुत बाते कर ली तुमने अब तुम जाओ जाकर हॉल में बैठो हमें नाश्ता बनाने दो वरना हम दोनों कॉलेज के लिए लेट हो जाएंगे दिया कुछ बोलने वाली होती हैं कि आरवी उसके होठों पर अपनी एक फिंगर रखकर उसे चुप कराते हुए बोली अब कुछ नहीं बोलोगी तुम क्योंकि हमे पता तुम क्या बोलोगी और जो तुम बोलोगी वो हम बिल्कुल भी नहीं मानेंगे इसलिए तुम जाओ यहां से दिया चुपचाप किचेन से बाहर चली जाती हैं क्योंकि जो वो चाहती है आरवी उसे करने नहीं देगी दिया आरवी की हेल्प करवाना चाहती थी लेकिन दिया हेल्प कम आरवी का काम ज्यादा बढ़ाएगी क्योंकि दिया को किचेन का k भी नहीं आता है



    बीस मिनट बाद आरवी ने सारा नाश्ता बना दिया था उसे अपने छोटे से डाइनिंग टेबल पर रखते हुए बोली
    दिया आओ जल्दी से नाश्ता कर लो हमें कॉलेज के लिए लेट हो रहा है
    फिर दोनों सहेलियों ने मिलकर नाश्ता किया और कॉलेज के लिए निकल गई

  • 2. Deewanapan - Chapter 2

    Words: 284

    Estimated Reading Time: 2 min

    moonlight club

    ये क्लब मुंबई का सबसे बड़ा क्लब था जिसमें हर कोई नहीं आ सकता था क्योंकि ये क्लब बहुत महंगा था इसमें सिर्फ आमिर इसी क्लब आरवी और दिया आई हुई थी

    आगे एक कार जिसमें से दिया और आरवी उतरे दोनों सहेलियों क्लब के अंदर आई आरवी अपनी बड़ी बड़ी नीली आंखों से चारों तरफ देख रही थी और क्लब के कुछ लोग आरवी लड़कियां आरवी को देखकर जल रही थी क्योंकि उन्होंने शॉर्ट ड्रेसेस पहना हुआ था और भरभरकर मेकप किया था फिर भी वो आरवी जितनी खूबसूरत बिल्कुल नहीं लग रही थी वहीं आरवी जिसने घुटने तक एक पिंक कलर की फ्रॉक

    पहना हुआ था जिसमें आरवी इस वक्त बिल्कुल एक डॉल लग रही थी उसके कमर तक आते लंबे बाल खुले हुए थे नीली आंखों काजल से सनी हुई थी उसके नेचुरली पिंकिश गुलाबी गाल जो बिना ब्लश के लाल थे उसके गुलाबी होठ जिनपर किसी तरह की कोई लिपस्टिक या लिप बाम नहीं लगा हुआ था क्योंकि वो नेचुरली पिंकिश थे जिस वजह से सारी लड़कियां आरवी से जल रही थीं आरवी दिया से बोली दिया तुम हमे कहां पर लेकर आई हो कितना शोर है यहां इससे अच्छा होता की हम घर पर रहते दिया जिसने ब्लैक कलर की शर्ट ड्रेस पहना हुआ था अपने बालों को हल्का सा कर्ल करके खुला छोड़ा हुआ था हल्के मेकअप मे दिया भी बहुत सुंदर लग रही थी दिया आरवी के गालों को खींचते हुए बोली मेरी मासूम आरू इसे क्लब कहते हैं और मैं तुझे इसलिए यहां लेकर आई हूं ताकि तू भी एंजॉय कर सके हमेशा अपनी किताबों में ही घुसी रहती हैं कभी तो बाहरी दुनिया भी देख लिया कर हर वक्त बस किताबें और पढ़ाई

  • 3. Deewangee - Chapter 3

    Words: 386

    Estimated Reading Time: 3 min

    सड़क पर एक ब्लैक कलर कि SUV कभी तेजी आगे तभी

    कार में आगे ड्राईवर था तो पीछे एक शख्स बैठा हुआ था उसका औरा बेहद ज्यादा खतरनाक था वो शख्स दिखने में बेहद ही हैंडसम था पर उतना ही रौब उसके चेहरे पर नजर आ रहा था उस शख्स का चेहरा एक्सप्रेशन लेस पर साथ ही उसके चेहरे पर डार्क एक्सप्रेशन मौजूद थे उसने वो ब्लैक कलर के बिजनेस सूट पहना था जो उसकी कसी हुई बॉडी पर एकदम फीट बैठ रहा था उस शख्स की गोद में लैपटॉप मौजूद था जिसपर उसकी मोटी उंगलिया तेजी चल रही थी पाँच मिनट बाद उस शख्स का ख़त्म हुआ तभी उसके कानो में एक मीठी सी आवाज आयी जिसके साथ उसके दिल की धड़कने भी बढ़ गयी तभी उसकी नजर रोड के साइड चली गयी जहां पर एक लड़की बैठी थी और उसके गोद में एक घायल puppy था जिसके एक पैर में चोट लगी थी उसे उस लड़की चेहरा नहीं दिख रहा था क्योंकि उसने अपना सर नीचे झुकाया हुआ था और वो उस puppy घायल हुए पैर को देख रहीं थीं उसने धीरे से उस puppy के घायल पैर को पकड़ा और बोली छोटू puppy आपके पैर में तो चोट लग गई है आप अपना ध्यान नहीं रखते हों क्या देखो आपको कितनी ज्यादा लगी पर आप डरो मत ये अभी ठीक हो जाएगा दरअसल ये लड़की यहि खड़ी हो कर अपनी दोस्त का इंतजार कर रहीं थीं तभी उसकी नजर इस छोटे से puppy पर चली गयी जिसके पैर में चोट लगी थी जिसकी वजह से उसे चलने में तकलीफ हो रही थी वो बिना कुछ सोचे समझे उस puppy के पास आयी और अपनी गोद में उठाया और वहीं रोड उस puppy को लिये बैठ गयी उसने अपने बैग से पानी की बोटल निकाली और उस puppy की चोट को पानी से साफ किया फिर अपनी रूमाल से उस puppy के पैर बाँध दिया जिसपे चोट लगी थी उसने उस puppy को जमीन पर खड़ा किया और उसके सर को सहलाते हुए अपनी मीठी आवाज में कहा देखो अभी ज्यादा खेलना नही वरना आपको चोट होगी फिरसे और खेलने के लिए तो आपको बहोत सारी एनर्जी चाहिए ना तो आप अभी अपनी मम्मा के पास जाओ और मिल्की पी लो फिर आपको विकनेस फील नही होगी। अभी जाओ आप गुड बॉय हो गो