ये कहानी है ,, दिव्या युवी और शौर्य की जहां एक साल पहले दिव्या की फैमिली का कत्ल हो जाता है वो नए शहर आके अपने मोम डैड के कातिलों को ढूंढने का काम करती है वही यूवी से उसकी दोस्ती हो जाति है वो महज 10 साल का बच्चा है जो शौर्य के दिल का टुकड़ा है और उस... ये कहानी है ,, दिव्या युवी और शौर्य की जहां एक साल पहले दिव्या की फैमिली का कत्ल हो जाता है वो नए शहर आके अपने मोम डैड के कातिलों को ढूंढने का काम करती है वही यूवी से उसकी दोस्ती हो जाति है वो महज 10 साल का बच्चा है जो शौर्य के दिल का टुकड़ा है और उसकी टुकड़े के कहने पर शौर्य कर लेता है दिव्या से शादी लेकिन इस शादी से दोनो का मकसद है अलग अलग, जहां शौर्य को अपने बेटे के लिए उसकी मां मिली वही दिव्या को मिला एक नया पहचान जिससे वो अपने दुश्मनों को ढूंढ पाएगी आसानी से ,,, अब देखना है क्या दिव्या होगी कामयाब या पकड़ी जायेगी ? दिव्या के दुश्मन कौन।हो सकते है ? शौर्य को कभी पता चलेगा दिव्या के बारे में ?
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ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है जिसका किसी भी तरह का मिलना बस संजोक हो सकता है🙏
दिव्या उम्र 24 साल दिखने में खूबसूरत सी अपने मॉम डैड की प्यारी बच्ची जो अभी अभी collage पूरा कर के कम्पनी जाना स्टार्ट की था आज दिव्या का बर्थडे है ।
वो मिरर के समाने खड़ी होके तैयार होते हुए खुद से कहती है " दिव्या आज तो तू पूरी बवाल लग रही है सच में तेरे सारे फ्रैंड तेरी इस खूबसूरती का राज पूछेंगे कहेंगे दिवू तू जैसे जैसे बड़ी हो रही है और खुबसूरत होती जा रही बता ना क्या लगाती है हम भी वही लगाए,,,
फिर मैं कहूंगी " तुम लोग भी न कैसी बाते कर रहे हो मैं कुछ नही करती अपने फेस पर बाकी कुदरत ने मुझे ऐसा बनाया है तो मैं क्या करूं ?
अपनी बात कह के दिव्या जोर जोर से हसने लगी और जैसे ही परफ्यूम लगाने को उठाई की अचानक से उसके कान में एक तेज़ आवाज गई जिसकी वजह से उसके हांथ से परफ्यूम की बोतल छूट के नीचे गिर गया और वो डर से कांप गई ।
वो दरवाजे की तरफ देख ही रही थी की एक औरत भागते हुए उस कमरे में आई उसके साथ एक लड़की भी थी जिसका हांथ उस औरत ने पकड़ रखा था दोनो डर में कांप रहे थे कपड़ो में खून के छींटे थे जिसे देख के दिव्या घबरा गई और दौड़ के उनके पास जाके बोली
" मॉम मान्या ये सब क्या है आप दोनो ऐसे ? ये दोनो औरत एक दिव्या की मां थी और दूसरी दिव्या की बहन मान्या जो दिव्या से दो साल छोटी है अभी उसका कॉलेज का सेकंड एयर है ।
दिव्या की मां दिव्या की बात सुन उसके पास आके हाथों को थाम ली और बोली " दिव्या तू मेरी बहादुर बेटी है ना बोल "
दिव्या" हां मॉम मैं आप की बहादुर ही बेटी हूं आप ऐसे सवाल क्यू कर रही है क्या बात है आप दोनो डरे हुए क्यू है ? ये बाहर आवाज कैसी थी क्या कुछ हुआ है बताइए ना मॉम मेरा दिल बैठे जा रहा ?
दिव्या की मॉम " तू चुप रहेगी तब ना बोलूंगी " दिव्या को एक सांस में सब कहते सुन के उसकी मॉम ने कहा ।
वही दिव्या शान्त हुई तो इसकी मॉम ने कहा " दिव्या मेरी बच्ची तुझे मेरी कसम जो मैं कहूंगी तुझे वही करना होगा तू मेरी बात कटना मत "
दिव्या" मां पहले आप कुछ बताइए तो फिर न मैं मानूंगी आप पता नही क्या क्या बोले जा रही है "
दिव्या की मां ने डर से थूक गटकते हुए कहा " दिव्या तू न अपनी बहन को लेके यहां से कही दूर चली जा बहुत दूर जहा यहां के रहने वालों की एक परछाई भी न पड़े तू"
बीच के दिव्या अपनी मॉम से एक कदम दूर जाके बोली " मॉम ये सब आप क्या बोले जा रही है आखिर हो क्या रहा है आप पहले मेरी बात का जवाब दीजिए क्या हुआ है आप क्यू डरी है और ऐसे जाने की बात कर रही है आप जानती है आप से और डैड से दूर जाने के बारे में मैं सच तक नही सकती हूं फिर आप कैसे ये सब कह सकती है "
दिव्या की मॉम ने थोड़े गुस्से से बोली " तू मेरी बात क्यू नही सुन रही वो लोग सब को मार डालेंगे मैं तेरे सामने हांथ जोड़ती हूं तू प्लीज अपनी बहन को लेके कही दूर चली जा प्लीज़ "
दिव्या ने हैरानी से कहा " मॉम आप किसकी बात कर रही है कौन लोग और डैड कहा है मैं उनसे बात करती हूं ?
अपनी बात कह के दिव्या बाहर जाने को हुई की दिव्या की मॉम आगे बड़ के उसके हांथ को पकड़ के दरवाजे के समाने खड़ी हो गई और अपने हांथ इर्द गिर्द फैला के बोली " तू बाहर नही जा सकती है "
दिव्या " क्यू नही जा सकती मुझे डैड से बात करनी है आखिर ये सब क्या है ?
दिव्या की मॉम के आंखो से आंसू निकल रहे जैसे झरने से पानी गिर रहा होगा वो रोते हुए बोली " तेरे डैड नही है तू प्लीज मेरी बात मान "
दिव्या कुछ समझ नही पाई उसने फिर से कहा " डैड नही है कहा है फिर!. वो जानते है आज मेरा बर्थडे था वो कही नही जा सकते है "
दिव्या की मॉम ने कहा " तेरे डैड इस दुनियां से चले गए उन लोगो ने मार दिया उन्हे वो अब नही रहे "
अपनी बात कह के वो जोर जोर से रोने लगी वही दिव्या को एक जोर दार झटका लगा उसके आंखों से लाल पीला दिखने लगा वही बगल में डरी सहमी सी खड़ी मान्या वो भी फूट फूट के रोने लगी वैसे भी मान्य बेचारी ने सब कुछ समाने से देखा है । ।
दिव्या घुटनो के बल जमीन पर बैठ गई तभी दिव्या की मॉम अपने आंसु साफ कर गहरी सांस लेके दिव्या के सामने बैठ गई और उसके चेहरे को थाम कर बोली
" वो तो चले गए लेकिन तुम दोनो की ज़िंदा रहा ना है अपने डैड के लिए उन लोगो से बदला लेना आज जो हुआ उसका हिसाब तू उनसे लेगी अपने मॉम डैड के लिए तूझे करना है न बोल दिव्या "
वो इतना पूछ रही लेकिन दिव्या जैसे सदमे में चली गई हो कुछ सुनाई नहीं दे रहा था वही किसी के कदमों की आवाज दिव्या की मॉम के कान में गई तो वो सिहर सी गई ।
उन्होंने दिव्या को होश में लाने की कोशिश करी लेकिन इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ तो गुस्से में आके उन्होने दिव्या को एक जोर दार थप्पड़ मार देती है वही तुरंत ही दिव्या होस में आके दरवाजे की तरफ भागने की कोषिश करती है लेकिन बीच में उसकी मॉम उसका हांथ पकड़ के सीने से कहा लेती है
अपनी मां के गेले। से लग के दिव्या जोर जोर से रोने लगती है आज उसके डैड जिनसे उसने पिता से एक दोस्त माना था वो आज ऐसे चले जायेंगे ये उसे नही पता था उसका जन्म दिन उनके अपनो की बर्बादी निकलेगा ये दिव्या के लिए सबसे बड़ा गम था ।
वो जोर जोर से रोने लगती है तभी उसकी मॉम दिव्या को खुद से अलग कर उसके चेहरे को हांथ में थाम के कहती है " मेरी बात मान बेटा तू यहां से अपनी बहन को लेके कही दूर चली जा इतनी दूर की कोई ढूंढ ना सके तुझे ,,,मेरी बात मान जा "
दिव्या अपनी जिद पर अड़ी थी ना में सिर किया तो उसकी मॉम ने गुस्से से बोली " तुझे तेरे डैड की कसम उनके प्यार की कसम यहां से चली जा "
दिव्या कुछ न कह सकी बस देखती रही तभी बाहर से दरवाजा पीटने की आवाज आई जिसे सुन के तीनो डर गई मान्या दिव्या से लिपट गई दिव्या को मॉम अपनी जगह से खड़ी हुई और अलमारी से कुछ दुप्पटे निकाल के उन्हे बांध के बालकनी के बांध देती है और अंदर आके दिव्या और दीना का हांथ पकड़ के बालकनी ले आई और बोली
" तुम दोनो यही से उतर के भाग जाओ यहां कभी मुड़ के देखना भी नही समझ लेना कि तुम्हारा इस दुनिया के कोई था ही नही "
दिव्या रोते हुए कहती है " मॉम आप भी हमारे साथ चलिए "
दिव्या की मॉम खुद के आंसू रोकते हुए कहती है " नही मेरी बच्ची मुझे यही रहना है तेरे डैड के पास जाना है तुम दोनो जाओ यहां से "
मान्य ने कहा " मॉम हम आप के बीना नही रह पाएंगे "
दिव्या की मॉम ने एक हांथ दिव्या के गाल पर और एक मान्या के गाल पर रख के बोली " अब तुम दोनो को एक दूसरे के सहारे ही रहना है अब तुम दोनो की एक दूसरे के लिए सब कुछ हो ,,, बस बहुत हुआ उनके आने से पहले तुम दोनो यहां से निकल जाओ "
दिव्या एक मान्या ने एक बार अपनी मॉम के गले लगी उसके बाद पहले मान्य निचे उतर गई फिर दिव्या दोनो उतर के एक नजर अपनी मॉम को देखी फिर आगे बड़ गई वह उनकी मॉम जैसे ही बालकनी का दरवाजा बंद करती है दो लोग कमरे में आते है जिन्हे देख के वो डरते कांपने लगी तभी उन दोनो आदमियों ने कहा
" दोनो लड़किया कहा है बता नही तो यही पर मार देंगे " वो ना में सिर हिलाती है तभी एक आदमी उनके सिर पर सीधे गोली मार देता है उधर दिव्या जैसे ही गोली की आवाज सुनी है उसके कदम रुक जाए है वो पीछे मुड के एक नजर अपने घर को देखती ही और कहती है
" मॉम डैड आप दोनो के साथ जिसने में ये सब किया उसे आप की ये बेटी खून के आंसू देगी ये मेरा वादा रहा आप दोनो से "
दिव्या और दीना दोनो के आंखो से लगा तार आंसु निकल रहे थे अपने मॉम डैड को याद कर के ।
जारी..✍️
एक साल बाद ...
" इस शादी के लिए मॉम डैड आप ने कितने सपने संजोए थे लेकिन देखिए ना आज आप के जाने के बाद वो सपने में भी टूट के बिखर गए आप दोनो के बैगर आज मेरी शादी हो गई मॉम डैड " दिव्या खुद को शीशे में देख के कह रही उसने शादी का जोड़ा पहन रखा था ।
मांग में सिंदूर, माथे पर बिंदी, गले में मंगलसुत्र पहली वो खड़ी खुद को निहार के अपने मॉम डैड को याद कर रही थी आज एक साल हो गए उसके मॉम डैड की गुजरे इन एक साल में दिव्या अपने मॉम डैड के कातिल को कहा नही ढूंढी लेकीन आज तक उसके दिल में जल रही आग बुझी नही वो जल ही रही है ।।
मॉम डैड को याद कर आंखो में आंसू भर गए दिव्या मांग में भर सिंदूर पर हांथ रख बोली " मॉम देखिए ना आज मैं आप की शादी का जोड़ा तक नही पहन पाई मैने आप से कहा था मैं शादी आप की शादी का जोड़ा ही पहन के करूंगी लेकिन बीच राह में आप मुझे जोड़ के चली गई न "
दिव्या के दिल में एक बार फिर से वही दर्द उठ गया जो वर्षो पहले उस रात हुआ था जलन बेहतहासा हो रहा लेकिन रोने से वो खुद को रो रही आंखों में आंसू तो थे लेकीन वो उसे बाहर नही आने देना चाहती थी शायद आंसू बाहर आने से वो कमजोर पड़ जाए वो कमजोर नही होना चाहती थी अभी तो जिंदगी में उसे बहुत कुछ करना है ।
वही सब सोच वो खड़ी शीशे में देख रही की कमरे का दरवाज़ा खुलने की आवाज उसके कान में गई दिव्या ने तुरन्त ही अपने आंसू अंदर समा के पलटी तो शेरवानी में 32 साल का शौर्य बंसल खड़ा था भूरी भूरी आंखे ,, माथे को ढक रखा उसके बाल , हल्की दाढ़ी, लंबा चौड़ा शौर्य बंसल कोलकाता शहर का सबसे बड़ा वकील है आज तक उसने कोई केश नही हारा।
वो हर केश में अपनी जी जान लगा देता है चाहे उसके लिए किसी के हांथ पैर क्यू ना ही तोड़ना पड़े शौर्य काम से कभी कोई लापरवाही नही करता और ना अपनी जान से । जान उसका बेटा युवी।
दिव्या की आंखे सीधे शौर्य से जा मिली वही शौर्य दिव्या से नजरे फेर अंदर आया और अलमीरा से अपने कपड़े निकाल के बोला " तुम अभी यही खड़ी हो सोना नही है क्या?
दिव्या नीचे निगाह कर बोली " बस जा ही रही थी सर "
शौर्य ने कोई जवाब नही दिया और वाशरुम के तरफ जाने लगा की बीच में दिव्या बोली " सर "
दिव्या की आवाज से शौर्य के कदम रुक गए वो पिछे दिव्या की तरफ देख के बोला " क्या हुआ कुछ चाहिए "
दिव्या ने ना में सिर हिला के बोली " वो मैं पूछ रही थी की लिटिल बॉय घर कब आ रहा है आप ने कहा था की ,
बीच में शौर्य ने हल्की स्माइल के साथ बोला " वो कल सुबह ही आ रहा है "
जैसे ही दिव्या ने सुना वो हड़बा गई तुरंत ही शौर्य के सामने आके खड़ी हो गई और गुराते हुए बोली " कल वो आ रहा है और आप ने मुझे इस बारे में अब बता रहे है मतलब अगर मैं पूछती नही तो आप मुझे बताते भी नही हां"
लिटिल बॉय जिसका रीयल नाम युवी है शौर्य का 5 साल का बेटा शौर्य की पहली शादी होने के कुछ साल बाद ही उसका डाइवर्स वो गया था उसकी बीवी उसे और एक महीने के बच्चे को छोड़ के चली गई इस लिए क्युकी जन्म से ही युवी के दिल में छेद था उसे एक अच्छी देख भाल की जरूरत थी लेकिन शौर्य की पत्नी सैली उसे सिर्फ़ अपने दोस्तों के साथ रहने का ज्यादा शॉक होता वो युवी का ध्यान नही रखना चाहती थी लेकिन शौर्य अपने बच्चे को लेके कोई लापरवाही नही करना चहता उसने फौरन शैली को छोड़ दिया और खुद अपने परिवार के साथ मिल के युवी को बड़ा किया जब युवी 4 साल का था उसकी मुलाकात पहली बार दिव्या से हॉस्पिटल में ही हुई थी वहा पर दिव्या गुजारा करने के लिए छोटे मोटे काम करती और युवी उसी हॉस्पिटल में बार बार चेक्प के लिए जाता दोनो में एक अच्छा बॉन्ड हो गया ।
युवी के जिंद पर शौर्य ने दिव्या को घर पर रखा अपने बेटे की देख भाल के लिए उस वक्त दिव्या को रहने के लिए घर की जरूरत थी वो और उसकी बाहर इस शहर में अकेले थे तो ये बात दिव्या को भी सही लगी वो शौर्य के घर में रह के युवी का ख्याल रखती लेकिन कुछ दिन पहले ही युवी की तबियत अचानक से खराब हो गई और उसने जिद बना लिया की दिव्या उसकी मॉम बनेगी जिसके लिए कोई भी तयार नही था ।।
लेकिन लास्ट में हार मान के इसका फैसला शौर्य को लेना बड़ा वह दिव्या एक बच्चे के गम को अच्छे से समझ सकती थी आखिर उसने भी अपने माता पिता को खोया है वो एक साल के युवी को अपना बच्चा मानने लगी थी आखिर में उसने भी हां कह दिया आज दोनो की शादी सिर्फ युवी के लिए हुआ है वह हॉस्पिटल से युवी आने भी वाला है जिसका सप्राइज दिव्या युवी को देना चाहती उसका वेलकम वो अच्छे से करना चाह रही लेकिन उसे पता नही था की युवी कल ही आ रहा जिसके लिए वो शौर्य के ऊपर बड़क गई है ।।
दोनो का चेहरा थोड़े नजदीक था शौर्य जनता था इस बात कर दिव्या उसके ऊपर भड़केगी क्युकी जब भी युवी की बात आती है दिव्या का गुस्सा आसमान छूता है और यही से दिव्या का उसे भाती है खैर शौर्य ने बड़े शांत लहजे में कहा
" सॉरी वो मेरे दिमाक से निकल गया था "
दिव्या ने आंखे चढ़ा के कहा " निकल गया था सिरिसली आप कह रहे कल युवी घर आने वाला है ये बात आप दिमाक से निकल गया ये बात आप इतनी आसानी से कैसे कह सकते है सर"
शौर्य" हां मैं मानता हु गलती हुई है मुझसे लेकिन मैं अब बता रहा ना और वैसे भी दिव्या वो कल आ रहा है आज नही जो तुम इतना भड़क रही हो "
दिव्या " आप को लग रहा मै बेफिजूल में भड़क रही हां यही लगा होगा आप को क्या पता मैने युवी से प्रोमिस किया था जब हॉस्पिटल से वो घर आएगा तो हमारे साथ कमरे में रहेगा उसके लिए मुझे कमरा तैयार करवाना था उसके पसन्द का खान बना था और उसे लेने भी जाना है कल सब कुछ कैसे होगा ,, लेकिन इससे आप को क्या ही फरक पड़ता है आप ने तो प्रोमिस किया नही है किया तो मैने पूरा तो मुझे करना है "
दिव्या एक सांस में बोल जा रही थी और शौर्य हल्की मुस्कान के साथ उसे देख रहा जब दिव्या बोलते हुए रुक गई तब जाके शौर्य ने कहा " बस हो गया अब मेरी सुनो कल मैं और अभय जा रहे है हॉस्पिटल उसे लेने कमरे की फिकर तुम मत करो वो सब सलीना देख लेगी तुम बस मेरे जान के लिए अच्छे अच्छे पकवान बना देना ठीक है ।
अपनी बात कह के शौर्य वॉशरूम में घुस गया और दिव्या का एक नही सुना वही दिव्या खुद में गुस्साई ही रह गई उसने बेड को खराब कर बड़बड़ाने लगी " मिस्टर बंसल अगर लिटिल बॉय मुझसे नाराज़ हुआ न तो मैं आप को छोडूंगी नही याद रखिएगा क्युकी ये आप का हर बार है कोई न कोई कांड कर के लिटिल बॉय को मेरे खिलाफ कर देते है आप लेकिन इस बार आप को भारी पड़ेगा "
गुस्से के दिव्या कमरे से बाहर चली गई वही उसके जाते ही शौर्य ने धिरे से वॉशरूम का दरवाजा खोल के झांका जन दिव्या दिखी तो उसने खुद से कहा " ये तो कल पता चलेगा तुम्हरा लिटिल बॉय जिसका है हर बार तुम मुझे परेशान करती हो इस बार मैं तुम्हे कर रहा बस तुम देखती जाओ "
जारी....
क्या होगा आगे ? क्या किया है शौर्य ने ? दिव्या क्या करेगी ?
अगर पार्ट अच्छा लगा हो तो कॉमेंट और रेटिंग जरूर देना ।
अगली सुबह पुरे घर में शोर शराबा मजा हुआ था हर तक कोई ये काम तो कोई दुसरा काम वही किचेन में सुबह से दिव्या तरह तरह के पकवान बनने में लगी थी ।
उसने खीर का चावर साफ करते हुए पीछे मुड के नगीना जो उस घर में काम करती है उससे पूछी " नगीना जाके देखो आंटी जी का पूजा हुआ की नही "
नगीना जो जूस बना रही थी उसने हांथ साफ करते हुए बोली " ठिक है ? दीदी जाति हूं "
नगीना बाहर जाने लगी की बीच में दिव्या ने उसे फिर से रोक के बोली " नगीना सुनो "
नगीना " जी कहिए "
" एक काम करना ऊपर एक बार जाके अपने सर को भी देख लेना कमरे की तैयारी कैसी चल रही है अगर कोई गड़बड़ निकले तो मुझे फौरन बताना ठीक है "
" जी "
अपनी बात कह के नगीना बहार चली गई दिव्या चावल साफ कर खीर बनाने की तैयारी करने लगी और साथ में बडबडा रही " लिटिल बॉय तुम्हारे डैड कुछ भी कह ले लेकिन मेरे हांथ का तुम खीर खा के मेरे ही पास आओगे मुझे ये बात पता है ।
दिव्या खुशी से अपनी खाने की तैयारी करने लगी इधर नगीना ने शौर्य की मॉम जो मंदिर में बैठी थी उन्हे देख के धीरे से बोली " मैडम दीदी पूछ रही है की आप को अभी कितना वक्त लगेगा " ।
आरती की थाल घुमाते हुए शौर्य की मॉम वैशाली जी बोली " बस मेरा हो गया मैं अपनी तरफ से सारी तैयारी कर लूंगी अपनी दीदी को बोलो वो जल्दी करे "
" जी "
नगीना उसके बाद जाके कमरे में देखने लगी सारी चीज़ वहा की अच्छी थी लेकिन शौर्य अंदर नही था नगीना ने आके दिव्या को बताया तो उसने कहा " लगता है वो लिटिल बॉय को लेने चला गया "
नगीना" हां लेकिन उन्होंने एक बार कहा भी नही "
दिव्या" यही तो उनकी गंदी आदत है कही जाने से पहले बताते कहा है और आज तो लिटिल बॉय को उन्हे अपने साइड करना है जल्दी तो करेंगे ही लेकिन हम सब भी किसी से कम नही है लिटिल बॉय हमारे ही साइड होगा "
अभी दोनो बात ही कर रही थी की तभी दोनो के कान में कार के हॉर्न की आवाज गई तो दोनो चौक के एक दूसरे को देखने दिव्या और नगीना ने हैरानी से एक साथ कहा
" नही! सब इतनी जल्दी नही आ सकते "
एक तो शौर्य ने बताना नही दुसरी बात की अभी तक उनकी पुरी तैयारी हुई नही थी ।
वही अपनी बात कह के दोनो लिविंग रूम के तरफ भागी वही वैशाली जी भी मंदिर से निकल के लिविंग रूम में आई सब ने दरवाजे के तरफ देखा जहा शौर्य पांच साल के बच्चे को गोद में उठा के अंदर आ रहा बच्चे के हांथ में अभी पट्टीयां लगी थी उसके चेहरे से लग रहा वो बीमार है ।
शौर्य,युवी और साथ में शौर्य के मामा का बेटा अभय दोनो दरवाजे पर खड़े थे इधर बाकी सब आंखों में गुस्से लेके खड़े थे क्युकी अपनी तरफ से लिटिल बॉय के स्वागत के लिए सब तैयारी में लगे लेकिन जान बुझ कर शौर्य हॉस्पिटल से उसे जल्दी लेके आया ।
एक तरफ नगीना, दिव्या हांथ बांध के खड़ी वही वैशाली जी शौर्य को घुर रही क्युकी आरती की थाल डेकोरेट करने की जिम्मेदारी उनकी थी जो की अभी हुआ नही है वही अभय की पत्नी जो जूही वो घर के रंग बिरंगे फ्लावर लगा रही जो युवी को काफी पसंद है ।। शौर्य ने सब को देखा तो युवी से कहा
" देखा मेरी जान मैने कहा था ना आप की दादी, मम्मा, चाची किसी ने भी आप के आने की तैयारी नही की डैड से ज्यादा आप को प्यार कोई करता ही नही है "
बीच के फौरन अभय ने कहा " हां चाचा भी आप से डैड को तरह ही प्यार करते है ।
शौर्य और अभय की बात सुन युवी के आंखों में आंसु भर गए उसने एक नजर सब की तरफ देखा फिर नीचे कर धीरे से कहा " डैड मुझे नीचे उतारिए मैं कमरे में जाना चहता हूं "
युवी अभी पांच साल का बच्चा है मासूम सा अपने डैड की बात तो वो आसानी से ही मान जायेगा ये तो जाहिर सी बात है ।
शौर्य ने युवी को नीचे उतार दिया वही शौर्य की बात और युवी की उदासी देख सारी लड़कियां बेचैन हो गई युवी से थोडी दूरी पर खड़ी होके दिव्या बोली " नही बच्चे ऐसा नही है हम सब आप के आने का ही वेट कर रहे थे आप अपने डैड की बात मत सुनो उनका दिमाक बाहर खेलने लगा है अगर दिमाक होता तो पांच साल के बच्चे से ऐसी बाते नही करते "
फिर दिव्या सामने शौर्य के आंखों में देख के बोली " तुम्हारे डैड की शायद इतना नही पता है जब कोई बच्चा हॉस्पिटल से आता ही उससे झूठ नही सच बोला जाता है "
शौर्य खुद में बारे में ये सब सुन के दिव्या को घूरने लगा बोलना तो चाहता था लेकिन युवी के सामने वो बोल नही पा रहा वही यूवी अपना सर ऊपर उठा के अपने डैड की तरफ भूरी आंखों से सब को देख रहा तभी वैशाली जी शौर्य को डांटे लगाते हुए आई और बोली " युवी बेटा आप को अपनी दादी पर बरोशा है ना हां बताओ मुझे क्या हम आप से प्यार नही करेंगे ।
युवी ने हां में सिर हिला दिया तब जूही बोली " जब भरोसा है फिर कैसे तुम डैड की बात सुन सकते हो हम तुम्हारा वेलकम बहुत सुंदर तरीके से करेंगे क्यों दिव्या"
दिव्या ने युवी के तरफ देख के तीन बार लंबा सिर हिलाया और और पलके झपका दी ये सब देख युवी खुश हो गया दिव्या एक नजर शौर्य को देख एटीट्यूड से पीछे मुड गई शौर्य ने मन में कहा
" इस बार तुम्हे जितने नही दे सकता हूं " उसने युवी के कान में कहा " जान ये सब झूठ बोल रहे है इन्हे यही छोड़ के चलो हम तुम्हारे न्यू कमरे में चलते है जो बिल्कुल उसी तरह है जैसे तुम चाहते थे "
युवी खुश हो गया लेकिन वो दिव्या की बात टाल नही सकता था एक बार उसकी नजर उसी तरफ गई जहा पर दिव्या गई थी जब कुछ देर तक दिव्या नही आई तो शौर्य के गोद में जाने के लिए युवी मुड गया तभी दिव्या ने आके कहा
" लिटिल बॉय अंदर आने के लिए रेडी हो जाओ " युवी दिव्या को सामने देख खुश हो गया दिव्या हांथ में लाई आरती की थल को बहुत ही अच्छे से डेकोरेट कर रखा उसने वो थाली वैशाली जी के हांथ में देते हुए बोली
" आंटी ये शुभ काम आप करे "
वैशाली जी सिने पर हांथ रख के बोली " में"
हां आप ! आप ही है इस घर की बड़ी तो अच्छा काम आप से सुरु होगा "
वैशाली जी थाली हांथ में लेके युवी की आरती करती है और उसे अंदर लेके आती है उसके बाद जूही उसे बड़े से कुर्सी पर बैठती है जहा पर उसने कई तरफ रंग बिरंगे फूल रखे थे युवी ऐसे छोटे मोटे चीज़ से ही खुश हो जाता है वैसे भी उसकी खुशी इसके मॉम डैड है इससे ज्यादा उसे कभी कुछ नही चाहिए था ।।
इसी बीच में शौर्य और अभय ने ऐसे कोई मौके नही छोड़े जिससे युवी की उनके खिलाफ किया जा सकता हो वही नगीना के साथ मिल के दिव्या सब कुछ तैयार कर टेबल पर लगा देती है । युवी खीर का के दिव्या के पास ही बैठ जाता है वही दोनो का प्यार देख के अभय शौर्य से कहता है
" तूने अपने बेटे को हॉस्पिटल में कितना सब सिखाया लेकिन देख ले वो फिर से अपनी मां के ही पास जाके बैठा है "
शौर्य ने आंखे चढ़ा के कहा " तू मुझे ताने मार रहा है "
" नही तो मैं बस बता रहा हूं
" क्या मैने कहा तू मुझे बता ।
" नही लेकिन।मुझे कहा तुम्हे पता होना चाहिए आखिर बीबी से मुकाबला जितना आसान नही होता है
" अपना ज्ञान अपने पास रख"
इस बार अभय ने कुछ नही कहा वो चुप चाप खाने लगा थोडी देर में ब खा पी के युवी के साथ कुछ टाइम खेल के अपने अपने कमरे में चले गए युवी दिव्या के साथ अपने नए कमरे में गया कमरे का डिजाइन देख वो काफी खुश था उसने बेड पर चढ़ के दिव्या को हग करके बोला " ये सब आप ने किया मॉम मुझे बहुत पसन्द आया है थैंक्यू मैं बहुत खुस हूं की आप मेरी मम्मा अब बन गई "
युवी के मुंह से मॉम सुन के दिव्या उसे एकटक देखती रही ये पहली बार युवी उसे मॉम नही बुला रहा बल्की कई बार बुला चुका है मगर आज का अहसास कुछ लग था उसका दिव्या ने प्यार से युवी के गाल पर किस कर बोली " थैंक्यू तो मुझे करना चाहिए जो मुझे इतना अच्छा बेटा मिला है । Thanku लिटिल बॉय।
दोनो का प्यार और बाते सुन के शौर्य ने अंदर आते हुए बोला " ये सब तुम्हारी मॉम ने नही बल्कि मैने किया है युवी बेटा ,, तुम्हारी मॉम की पसंद इतनी अच्छी भी नही है जितनी मेरी देखो पूरे कमरे को "
दिव्या ने शौर्य के तरफ घूर के देखी वही शौर्य ने अंदर आते हुए अपनी एक आंख उसकी तरफ देख के दबा दिया और आगे बड़ के युवी को अपने खोद में ले लिया दिव्या बस देखती रह गई तभी शौर्य ने तिरछी आंखो से दिव्या को देखते हुए युवी से कहा
" ये देखो बच्चे यहां पर आप के पसंद के सारे कार्टून बने हुएं है आप को पसंद है ना "
युवी " हां डैड ये सारे तो मेरे फेवरेट है "
दिव्या शौर्य के गोद से युवी को अपने गोद में लेके कहती है " थोड़ी देर अपनी मम्मा के पास तो रहो हर वक्त डैड के ही पास रहने का इरादा है क्या ?
युवी ने ना में सिर हिलाया दिया वही शौर्य जो दिव्या को घुर् रहा उसने भी दिव्या के गोद से युवी की अपने गोद में लेके की कोशिश करने लगा लेकिन दिव्या की पकड़ मजबूत थी एक बच्चे को दिनो छीन रहे एक दूसरे के चक्कर में लेकिन दोनो को अहसास नही हुआ इससे युवी को दर्द होना स्टार्ट हो गया है ।।
उसने अचानक से रोना शुरू कर दिया वही रोने की आवाज सुन के दोनो युवी को देखने लगे युवी ने आंखों में आंसु भर के कहा " आप दोनो मुझे हर्ट कर रहे है "
जारी...✍️
क्या होगा आगे ?
क्या दिव्या और शौर्य में रिश्ता बनेगा ?
Ager chapter acha laga ho to comment or स्टीकर जरूर दीजियेगा।
उसने अचानक से रोना शुरू कर दिया वही रोने की आवाज सुन के दोनो युवी को देखने लगे युवी ने आंखों में आंसु भर के कहा " आप दोनो मुझे हर्ट कर रहे है "
अब आगे ...
दोनो ही अपने ही अकड़ में भूल गए थे की युवी उनकी गोद में है वही यूवी की जैसे ही आवाज दोनो ने सुनी दोनो ही को ख्याल आया वो लोग कर क्या रहे थे दिव्या ने जल्दी से उसे अपने गोद में लेके सोफे पर बैठ गई और बोली
" कही आप को लगी तो नही न बच्चे"
युवी ने भारी आंखों से कहा " यहां लगी " कमर के तरफ इशारा किया दिव्या ने जल्दी से सहलाते हुए उस जगह फूक करने लगी ।
वही शौर्य खड़ा देख रहा वो भी युवी के पास आया और बोला " सॉरी बेबी हमे ध्यान रखना चाहिए था सॉरी हम नही दख पाए।
युवी " कोई बात नही पापा कभी कभी तो गलतियां सब से हो जाति है "
दोनो युवी की बात सुन के एक दूसरे को देखने लगे युवी में यही बात थी वो अपने से बड़े बच्चो की तरह बात किया करता है दिव्या अक्सर इसके ऐसी बाते सुन के कभी और ज्यादा आश्चर्य भी हो जाति है।
दिव्या ने युवी के सिर पर हांथ फेर के कहा " मुझे भी माफ कर देना। मम्मा ने।आपका ख्याल नही रखा आगे से मम्मा और डैडी बिलकुल ऐसी हरकत नही करेंगे "
युवी ने दिव्या के चेहरे को अपने छोटे छोटे हाथों से पकड़ के प्यार से गालों को चूम लिया और कहा " कोई बात नही मम्मा मैं आप दोनो से नाराज नही हूं "
युवी को बाते और हरकत पर दोनो इसे देख के स्माइल करने लगे दिव्या युवी को गले से लगा लेती है अभी तीनो प्यार भरे लम्हे में ही थे की उनके कान में किसी के चिल्लाने की आवाज गई ।
दिव्या और युवी इस आवाज को सुन के चौक गए लेकिन शौर्य नही जैसे उसे पता ही कौन आया है वो उसके आंखों में एक अलग ही सैलाब उतार आया था जो दिव्या के नही देखा ।
नीचे से बार बार आवाज आ रही " शौर्य बंसल बाहर निकलो "
दिव्या युवी को गोद में लिए कमरे से बाहर निकल गई उधर शौर्य कमरे से बाहर न जाके किसी को फोन किया जैसे ही दुसरी तरफ से किसी ने फोन उठाया तो शौर्य ने बेहद गुस्से में बोला
" अपने कचरे को मेरे घर से ले जाओ वरना कही ऐसा ना हो की मैं फेकने को कह दूं और तुम अच्छे से जानते हो अगर मैने उस कचरे को फेका तुम्हे अच्छा नही लगेगा "
दूसरी तरफ से आवाज आई " तुम मुझे थमकी दे रहे हो "
शौर्य" जो समझना है वो समझो "
अपनी बात कह के शौर्य ने फोन कट किया और कमरे से बाहर निकल गया वह नीचे एक लड़की जो वन पिस में खड़ी थी उसके हांथ को नगीना ने पकड़ रखा था ।
लेकिन वो खुद को उसकी पकड़ से छुड़ाते हुए कहती है " देखो मैं आखिरी बार कह रही हूं छोड़ो मुझे,,
नगीना ने कहा " इतनी आसानी से मैं नही छोड़ने वाली हूं भूल जाओ तुम एक कदम भी आगे बड़ सकती हो "
लड़की ने बेहद गुस्से में कहा " लगता है अपनी पहली वाली हालत भूल चुकी हो।
नगीना ने अपनी पकड़ कसते हुए बोली " मैं कुछ नही भूली हूं कही ऐसा ना हो वही सब आप के साथ हो जाए
"
" तुम्हारी इतनी हिम्मत हो गई है तुम मुझसे जबान लड़ा रही हो "
" हिम्मत की बात तो आप मत हो करिए अभी आप ने मेरी हिम्मत देखी कहा है ये नगीना तुम्हारी जैसी औरत को डसना भी जानती है बहुत अच्छे से "
" तुम्हे तो मैं बाद में देखती हूं " उतना कह उस लड़की ने समाने खड़ी वैशाली जी को देख के बोली " आंटी आप अपनी इस नागिन नौकरानी से कहिए की मेरा हांथ छोड़े "
उसके कहते ही वैशाली जी ने नगीना को आंखो से इशारा किया तो आखिर में नगीना ने छोड़ दिया वैसे तो उसका मन नही था लेकिन फिर भी वो बात टाल नही सकती । नगीना उस लड़की को छोड़ के वैशाली जी के पास आके खड़ी हो गई ।।
वही उस लड़की ने वैशाली के पास आके बोली " आंटी आप तो एक मां की ममता को तो समझ सकती है ना जब उसका बच्चा उससे दूर होता है तब एक मां पर क्या गुजरता है ये एक मां ही दूसरी मां का दर्द जान सकती है "
वैशाली ने भारी गंभीरता से जवाब देती है " सही कहा तुमने एक मां का दर्द एक मां ही समझ सकती है लेकिन तुम मां नही हो जिसे मैं स्मझु "
लड़की ने आंखे सिकोड़ के कहा " आप कहना क्या चहती है मैं युवी की मां नही हूं आप इल्जाम लगा रही है मेरे चरित्र पर हां"
वैशाली जी के हल्की मुस्कान के साथ बोली " मैंने ऐसा कुछ नही कहा कि तुमने युवी को जन्म नही दिया है लेकिन तुम उसकी मां नही हो पाता है क्यू ?? क्युकी एक मां कैसी होती है वो पता ही नही है तुम्हे पता होता तो आज यहां आके तुम ये सवाल नही करती ।
ये लड़की कोई और नहीं शैली थी आज आई थी युवी को लेने के लिए उसने जैसे ही सुना की युवी ठीक होके घर आ चुका है तो उससे रहा नही गया वो फौरन मुंह उठा के आ गई ।।।
शैली ने आगे कहा " तो क्या मैने उसे नौ महीने तक रखा नही था आप ये बात कैसे कह सकती है युवी मेरा बेटा नही सब कुछ है में एक बार उससे मिल के जाना चाहती हूं ।
शैली ने कहा तो एक तेज आवाज उसके कानो में गई जिसे सुन के उसके रोंगटे खड़े ही जाए है वो जैसे ही पलटी की हैरानी से मुंह खुल गया ।
जारी...✍️
शैली ने कहा तो एक तेज आवाज उसके कानो में गई जिसे सुन के उसके रोंगटे खड़े ही जाए है वो जैसे ही पलटी की हैरानी से मुंह खुल गया ।
अब आगे ...
शैली शौर्य की पहली पत्नी है बच्चे होने से वो खुद को बांधी महसूस करने लगी थी शादी के बाद प्यार किसी और से हो गया इसी लिए शौर्य को छोड़ के वो किसी और के साथ चली गई एक बार युवी के बारे के नही सोचा।
शैली के कान में जैसे ही पीछे से आवाज गई उसका सिर पलट गया सामने आ रहे शख्स को देख शैली शांत हो गई ।
पीछे कोई और नही बाकी दिव्या और शौर्य थे शौर्य इस वक्त काफी गुस्से के था जो सीधे आगे बड़ रहा वही दिव्या उसे नही पता समाने खड़ी लड़की कौन है ?
उधर वैशाली जी शौर्य को देख के शैली का हांथ छोड़ देती है ।।
इधर शैली की आवाज सुन के अभय और जूही भी कमरे से बाहर निकल आ चुके थे ।
"शौर्य देखो ना तुम्हारी मम्मी मुझे अन्दर नही आने दे रही है मैं अपने बेटे से मिलना चहती हूं आखिर में हमने यही डिसाइड किया था ना की तुम मुझे मेरे बेटे से मिलने के लिए रोकोगे नही " शैली ने मासूम सा फेस बना के बोली समाने शौर्य जो उसे गुस्से से घुर रहा बस उसने कहा " तुम हो कौन और इस घर में आई कैसे बाहर निकल जाओ अभी के अभी ऐसा न हो की मुझे गार्ड को बुला के तुम्हे बाहर निकलना पड़े और जहा तक मिलने की बात है मेरा मुंह मत खुलवाना वरना आज की हरकत के लिए तुम्हे जेल तक हो सकती है "
शौर्य ने बेहद गुस्से में कहा वही दिव्या बस शांतखड़ी सब को देख रही थी वो पहले समझने की कोशिश कर रही उधर शैली ने जैसे ही शौर्य की बात सुनी वो बोली " ये तुम कैसी बाते कर रहे हो मैं तुम्हारी ex wife हुं तुमने कहा था मै युवी से जब चाहे मिल सकती हूं तुम अपने जवान से निकर रहे हो "
शौर्य ने चिल्ला के कहा " मैने कहा अभी के अभी घर से बाहर निकलो वरना " शेली ये सब सुन के अचानक से उसका बरताव बदल गया वो एटीट्यूड में खड़ी होके स्टाइल से आंसू साफ करती है फिर एक नजर दिव्या को देख शौर्य के करीब जाके कहती है
" तुम्हे क्या लगा तुम कहोगे और मैं घर से चली जाऊंगी कभी नही ! मुझे पता था मैं आऊंगी ऐसा ही कुछ करोगे न और तुम मुझे घर से जाने के लिए कहोगे मैं रोते हुए बाहर चली करूंगी " शैली अपनी बात कह के होंठो को तिरछा कर हसने लगी वही उसे सब पागल की तरह देख रहे जैसे सब के समाने कोई ठिक ठाक इंसान नही पागल इंसान हो जो क्या कर रहा और क्या बोल रहा उसे नही पता हो ।
खैर शौर्य पॉकेट में हांथ डाल के खड़ा था उसने अकड़ में कहा " मुझे तो तुम्हे न पहले कोई उम्मीद थी ना आज है तो ये नाटक अपने नए पति के समाने करना ना की मेरे और वैसे भी तुम्हे क्या कहता है उससे मुझे कोई फर्क नही पड़ता है "
शौर्य की बात सुन शैली की हंसी गायब हो गई वो घूरने लगी उसने कहा " तुम हर बार मेरे पति को क्यू लाते हो अच्छा छोड़ो मैं यहां तुम्हारी न्यू बीबी और अपने बेटे की न्यू मॉम से मिलने आई हूं "
अपनी बात कह के शैली दिव्या के तरफ मुड गई शौर्य उसे घुर रहा था इस वक्त उसका खून इतना खौल रहा शेली को इस घर में देख के की वो अभी शैली को बाहर फेक दे लेकिन बेटे के समाने कोई तमाशा नही करना चाहता था आखिर में युवी जनता है उसकी असली मॉम कौन है ? इसी खातिर शौर्य चुप था लेकिन नगीना, वैशाली, जूही नही थी जैसे ही शैली बड़ी की तीनो दिव्या के आगे आके खड़ी हो गई ।।
उन्हे अचानक से आता देख शेली रुक गई उन्हे भावे उठा के देखने लगी और बोली " क्या सासु मां नई बहू के लिए इतना प्यार यही प्यार कभी पुरानी बहु पर भी कर लिया होता तो ऐसे दिन देखने नही पड़ते "
वैशाली जी बेहद गुस्से और नफरत में बोली " तुम अपनी इस गंदी जुबान से मुझे मां कहना भी मत तुम्हारी जबान इतनी काली है की ये मां शब्द भी गाली लग रही है "
शेली" इतनी नफ़रत क्या बात है सुन के अच्छा लगा ?
वैशाली जी ने अजीब सा चेहरा बना के कहा " नफ़रत नही बेहद नफरत है तुमसे ,,मेरा बस चलता तो पांच साल पहले ही तुम्हे मार देती भले ही मुझे जेल क्यू ना हो जाता लेकिन क्या करूं बेटे की वजह से हांथ बंधे थे लेकिन ये काम लगता है मैं अभी भी कर सकती हूं अगर तुमने एक कदम भी दिव्या के तरफ अपने कदम बड़ाए" ।
बीच के नगीना और जूही बोली " मारना क्यू है एक नीले ड्रम में भरने के बजाय हम सीधे इसे नाली में काट के फेक देंगे किसी को पता तक नहीं चलेगा वैसे भी इसे पहचानता ही कौन है तो आसानी से कभी किसी को पता भी चलेगा "
इन सब की बात सुन शेली आग बबूला हो गई वही इस बात और अभय दिव्या और साथ में हमारे युवी की हंसी छूट गई जिसके कारण से शैली दिव्या को नफरत के भाव से देखने लगी हांलाकी नफरत दिव्या से पहले से थी एक तो उसने शौर्या से शादी कर लिया दूसरा बच्चा उसका है जिससे शैली को नफरत हो गई है दिव्या से ।
शेली कुछ न कह के खड़ी थी की अभय उसके पास एक बोला " अगर इज्जत बने रखना है तो बाहर निकल जाओ नही तो अभी बेजजत होना बाकी हो ऐसा ना हो महिलाए बदला लेने लगे और तुम अपने पैरों पर खड़ी तक न हो पाओ"
शेली अभय के तरफ घूर के देखने लगी अभय आंखे के इशारे से कहा " बाहर जाओ या हम निकाल के फेक तुम्हे ।
। शेली का खून खौल रहा था लेकिन इस वक्त उसका घर से बाहर जाना ही सही कह उसने घुर के एक नजर दिव्या को देख मन में बोली " तुम्हे शौर्य से शादी तो कर ली लेकिन करनी नही चाहिए थी कोई बात नही इसके बारे के कभी मैं तुमसे मिल।के बात करूंगी "
इतना कह पैर पटक के शेली बाहर चली गई उसके जाने के बाद जूही ने कहा " मुझे कल ही पता था लक्ष्मी के आने के बाद कुलक्ष्मी आयेगी ही देखो आ गई बेकार लड़की का जीती है ना जीने देती है किसी को "
नगीना " अच्छा हुआ इसे भागा दिया सिर खा गई "
यही बात वैशाली जी ने कहा कुछ देर बड़बड़ाने के बाद सब अपने अपने।कमरे लग गए अब तक शाम हो चुकी थी खाने की तैयारी होने लगी ।
वही सब के जाने के बाद दिव्या सीधे गार्डन के तरफ गई इस वक्त उसके मन में लगी कुछ चल रहा था जिसका जवाब उसके पास खुद नही है वो बाहर पहुंच के किसी को कॉल कर के कहती है
" एक नाम।और फोटो भेज रही मुझे कल तक उसकी सारी डिटेल चाहीए बस याद रखना कही से भी उसे इस बारे में पता नही चलन छिपके इसका विशेह ध्यान रखना "
दूसरी तरफ से आवाज आई " जी "
इतना सुन के दिव्या के फोन कट कर दिया और कहा " तुम्हारी आंखों में मैने नफरत देखा है खुद के लिए लेकिन।तुम फिकर मत करो तुम्हारी काली छिट्टा लेके तुमसे मिलूंगी ।
इस वक्त दिव्या चाहती थी की वो जब शैली से मिले और उसे किसी बात को लेके धमकी दे तो वो खुद को प्रतीक कर सकते ।
अगली सुबह..
जारी..✍️
क्या होगा आगे ?
क्या करेगी दिव्या ?
क्या करेगी शैली?
इस वक्त दिव्या चाहती थी की वो जब शैली से मिले और उसे किसी बात को लेके धमकी दे तो वो खुद को प्रोटेक्ट कर सकते ।
अब आगे ...
पुलिस स्टेशन में एक लड़की जो काफी शॉर्ट ड्रेस में एक कांस्टेबल से बहस कर रही वही बाकी पुलिस वाले और कांस्टेबल वही जेल में कैदी सब आंखे फाड़े उस लड़की को देख रहे वो भी ऐसे जैसे वो लड़की ना होके कोई अप्सरा हो ।।
" देखिए सिर मैं सच कह रही हूं आप मुझे जैसा सोच रहे है मैं वैसी नही हूं प्लीज मेरी बात पर यकीन करिए " उस लडकी ने कांस्टेबल से कहा ।
जिसे सुन के कांस्टेबल कहते है " देखिए मैडम आप चोरी करते हुए पकड़ी गई है रंगे हांथ तो कैसे आप इस चीज़ से मुकर सकती है "
लड़की जिसका नाम खुशी है उसने फिर से समझाते हुए बोली " वही तो मैं कह रही हूं मैं पकड़ी गई लेकिन गलत तरीके से मैं वहा चोरी नही करने गई थी बल्की मैं तो किसी को हेल्प करने गई थी आप मेरी बात समझने की कोशिश करिए "
कांस्टेबल ने कहा " मुझे नही समझना है और देखिए मैडम मैं अब इसमें कुछ नही कर सकता हूं अब जो कहना है सर के आने के बाद ही आप कहिए वैसे भी मेरा काम है चोरों को पकड़ के पुलिस स्टेशन तक लाना बाकी सर जाने किसको रखना है और किसको नही आप जाके वहा बैठ जाए "
खुशी को अब कुछ बोलना ठिक नही लगा हार मान के वो शांति से जाके बैठ जाति है और चारो तरफ देख के कहती है " खुशी मेरी जान कहा फस गई अगर सच में तू जेल गई न तो तेरी दोस्त इतनी कामिनी है वो छुड़ाने तक नही जायेगी अब तो तुझे ही कुछ करना होगा क्या करेगी सोच सोच ?
खुशी जहा कुछ सोच रह वही सब बड़े खुशी से उसे देख के एक दूसरे से कहते है " यार ये अनारकली वाली लड़की कितनी सुन्दर है ना मन कर रहा है की इसे उठा ले जाऊं और अपनी दुल्हन बना लूं क्या कहता है इस बारे के "
इस वक्त खुशी ने ब्लू कलर की अनारकली सूट पहन रखा था ।
दुसरा बोला " चुप साले ! वो तो तेरी भाभी बनने के लायक है दिन में ज्यादा सपने न देख "
फिर से पहले ने कहा " वो मेरी नही तेरी भाभी है ।
" मेरी नही तेरी "
" तेरी बे "
दोनो जेल में बंद थे लेकिन खुशी को देख एक दूसरे से बहस करने लगे वही कुछ कांस्टेबल आपस में बात करते हुए कहते है " पहली बार कोई खुबसूरत लड़की इस स्टेशन में आई है "
दूसरे ने कहा " सर जो नही है "
" सही कहा सर होते तो खुबसूरत लड़की यहां से बाहर होती "
" अब सर बिचारे भी क्या करे क्रिमिनल ही सही खुबसूरत लड़की देख के उनकी माता जो भड़क जाति है शादी के लिए वो तो पीछे ही पड़ गई थी अगली बार याद है क्या हुआ था "
" अरे उसे मैं कैसे भूल सकता हूं।वो। खुबसूरत लड़की नाचने वाली निकली तब जाके कही सर की जान छूटी थी "
" सही कहा "
दोनो बात ही कर रहे की दरवाजे पर खड़े कांस्टेबल ने सलामी देते हुए कहा " सर"
जैसे ही सर बाकी सब सुने अपनी जगह से खड़े हो गए समाने आईपीएस नकुल थे जिनके बारे में बस एक बात ही कहा ज्यादा है राम बचाए उनके चुटकुल्ले से 😂 भाई चुटकुलले मारने में बड़े तेज है ऐसा कह सकते है इनका शॉक है ।
सब अपनी जगह से खड़े हो गए नकुल ने अंदर आते ही बोला " यहां का क्या हाल है कही मेरे जाने के बाद बेच खाने तो नही चले सब "
कांस्टेबल बोले " कैसी बाते कर रहे सर भला हम ऐसा क्यू करेंगे "
नकुल सर हिला के जाने लगा की तभी पीछे से ख़ुशी बोली " आप के जाने के बाद सर ये लोग मुझे यहां उठा लाए है प्लीज उन्हे कहिए की मुझे जाने दे "
खुशी की बात सुन के वही कांस्टेबल ने कहा " मैडम उठा के नही पकड़ के ले आए है वो भी बाहर से शराब चुराते हुए रंगे हांथ पकड़ी गई है आप "
खुशी ने गुस्से से उनकी तरफ देख के बोली " मैने कहा ना मैं चुरा नही रही थी "
" तो क्या आप वहा शराब उसकी पूजा करने गई थी बीना किसी वजह के आप जाओगी नही वहा पर "
" जरूरी नही है की मैने पीने के लिए चुराने लगी थी मैं तो बस एक आदमी की हेल्प कर रही थी और क्या ?
" बस करिए मैडम दिखने में तो अच्छे घर से लग रही है ऐसा झूठ और सब के सामने आप खुद को छोटा दिखा रही है "
" तुम्हे मेरे बारे में फिकर करने की जरूरत नही है मैं किसके घर की हूं बस इतना समझ लीजिए मैं चोरी करने नही गई तो "
खुशी और कांस्टेबल में बहस मचा था वह खुशी के ठीक पीछे नकुल था उसने सारी बातें सुनी और कांस्टेबल से बोला " कौन है ये लड़की और क्या शराब चोरी की बात हो रही "
कांस्टेबल ने कहा " इस ये लड़की शराब चोरी करने गई थी पकड़ी गई तो अब अब कह रही ये झूठ ही ठेके के आदमी ने खोद बताया ही इनके बारे में "
खुशी सफाई देते देते थक गई थी लेकिन फिर से ट्राय करने का सोच वो पीछे पलट के खुशी ने कहा " मैने कोई चोरी" उसने इतना ही कहा की आंखे खोल जैसे ही समाने देख नकुल को अचानक से उसके चेहरे का रंग बिगड़ गया और मुंह से निकला
" तुम?
वही हाल कुछ नकुल का हुआ था । वो भी खुशी को छोटी आंख कर घूरने लगे और बोला " छिपकली" ।
इधर दिव्या ने युवी को सुला दिया और खुद बैठी थी तभी उसके शौर्य ने आके कहा " मैने तुम्हे शैली के बारे में नही बताया मैं नही चाहता था की तुम उसके बारे में
बीच में दिव्या ने कहा " मैने कुछ पुछा" अपनी बात कह शौर्य के तरफ देखी शौर्य ने ना के सिर हिलाया और कहा " नही मुझे लगा "
दिव्या फिर से बीच में बोली " जब नही कहा तो मुझे नही जानना है शेली कौन है रिश्ता था ये शादी बस युवी के लिए हुई है ना मेरी उम्मीद आप से कुछ है सर ना आप का मुझसे कुछ इसी लिए ना मैं आप के पास्ट के बारे के जानना चाहती हूं ना आप मेरे बारे में जानने की कोशिश करिए प्लीज"
दिव्या ने एक ही बार में।शौर्य का मुंह बंद कर दिया वही शौर्य कही न कही भूल गया था की ये शादी उसके बेटे की खातिर हुआ है लेकिन दिव्या ने उसे अच्छे से याद दिया भी दिया । दिव्या ने बेड पर लेट के बोली " सोते वक्त प्लीज लाईट ऑफ कर दीजियेगा"
शौर्य ने बस हां में सिर हिला के लाईट बंद कर दिया और एक नजर दिव्या को देख कमरे से बाहर चला गया । दिव्या अभी तक सोई नही थी वो जाते हुए शौर्य को देख के मन में कहती ही " मेरा इस घर में आने का मकसद कुछ और है जिसमे तुम भी सामिल हो बस युवी को छोड़ के इसी लिए बस इंतजार है इस दिन का जब मुझे सच्चाई पता चलेगी की तुम उनमें से हो जिसे मैं सोच रही हूं "
दिव्या के दिमाक में अभी कुछ चल रहा था क्या पता नही वो शौर्य को क्या समझ रही है वो तो वह जाने लेकिन।ये बात साफ है दिव्या के लिए युवी उतना ही जरूरी है जितना उसका बदला अभी तक वो भूली नहीं है ।
शौर्य इधर स्टडी रुम में गया जहा पर पहले से अभय मजूद था उसने जाते ही कहा " ये खुद को समझती क्या है तीन बार मेरी बातो को कांटी है इस लड़की ने "
गुस्से से गुराते हुए शौर्य ने कहा और टेबल पर बैठ गया तभी अभय ने कहा " हर बार उसके मुंह लगता क्यू है याद है ना पहली बार जब उसने तेरा सिर फोड़ा था तभी मुझे लगा इस लड़की में कोई तो बात है मैने शादी से पहले ही कहा था मत कर लेकिन तू मेरी सुना नही"
शौर्य " बस कर तेरा ज्ञान नही चाहिए उसने जो किया है वो मुझे अच्छे से याद है और उसका बदला भी लेकिन पहले। नकुल को फ़ोन कर के पुछ कल की क्या तैयारी है ।
अभय " दश से ज्यादा बार कर चुका हूं वो मेरा फोन तक नही उठा रहा पता नही पुलिस स्टेशन से कही गायब तो नही हो गया "
आईपीएस नकुल कोई और नहीं अभय और शौर्य का फ्रैंड है जो काम भी उन्ही के साथ मिल के करता है जहां नकुल आईपीएस है वही शौर्य फेमस लॉयर तो वही अभय एक डॉक्टर तीनो का प्रोफेशन अलग है लेकिन तीनो ही काफी बेहतर है अपने।अपने काम में और।जब जरूरत शौर्य की होती है तो तीनो मिल के काम करते है ऐसा ही काम फिर से कुछ है जिसके लिए नकुल को याद किया गया है ।
लेकिन वहा पुलिस स्टेशन में तो अलग ही माहोल मचा है
जारी..
क्या होगा आगे ? क्या करने वाला है शौर्य? खुशी कौन है ?
ऐसा ही काम फिर से कुछ है जिसके लिए नकुल को याद किया गया है ।
लेकिन वहा पुलिस स्टेशन में तो अलग ही माहोल मचा है
अब आगे ....
तुम यहां? खुशी ने हैरानी से कहा और नकुल को गुस्से में घूरने लगी वही नकुल जो अपनी नजर गोल गोल घुमा रहा उसने खुशी की बात इग्नोर कर कांस्टेबल से बोला " मैंने कितनी बार कहा है रात के लड़कियो को पुलिस स्टेशन मत लाया करो लेकिन तुम लोग मेरी सुनते नही "
अपनी बात कह के वो जाने के लिए मुड गया वही खुशी उसे बस घुर रही नकुल की बात सुन के कांस्टेबल बोले " सॉरी सर लेकिन ये मैडम चोरी करते हुए पकड़ी गई गई है इसी लिए हमे इन्हे यहां लाना पड़ा लेकिन ये है की बार बार एक ही बात का रट लग रखी है चोरी नही की बल्की हमने इन्हे अपने आंखों से करते हुए देखा था ।
कांस्टेबल बोले जा रहे थे जिसे सुन के खुशी के गुस्से से उनसे कहा " आप थोड़ी देर के लिए चुप हो सकते है कब से पकर पकर बोले।जा रहे है "
बिचारा कांस्टेबल चुप हो गए तभी खुशी ने जा रहे नकुल को रोकते हुए बोली " तुम ये सब जान बुझ कर कर रहे हो ना बदला लेने के लिए "
नकुल ने उसकी तरफ देख के कहा " अगर लेना होता तो तुम कब का जेल में होती ना की यहां खड़ी होके मुझसे ऐसे जबान लड़ाती।
खुशी " वाह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे "
नकुल" हां बिल्कुल इस वक्त कोतवाल मैं और चोर मैं हूं "
खुशी" मैं कोई चोर नही हूं समझे तुम "
नकुल ने जाते हुए कहा " जो भी हो जाओ यहां से तुम्हे हम छोड़ रहे है ।
खुशी ने नकुल के तरफ देखा तो वो अपनी टेबल के तरफ जा रहा था खुशी नकुल के पीठ को घूरते हुए बोली " तुम मुझे इग्नोर कर रहे हो इसका अंजाम अच्छा नही होगा तुम जानते हो आखिर तुम कर क्या सकते हो बताओ मुझे "
नकुल ने एक ना सुन के अपनी कुर्सी पर जाके बैठ गया तभी कांस्टेबल ने खुशी से कहा " मैडम आप सर से ऐसे बात नही कर सकती है और वैसे भी सर म ने।आप को जाने के लिए कह दिया है आप को जाना चाहिए "
खुशी उनकी बातो का एक जवाब नही देती सीधा नकुल के सामने खड़ी होके कहती है " ठीक है ! तुम मुझे इग्नोर कर रहे हो ये बात मैं याद रखूंगी उस दिन अपनी हेल्प के लिए तुमने मेरा यूज किया था एक दिन मैं तुम्हारा यूज करूंगी क्युकी मैं बदला लेने में माहिर हूं और इसे भी पुरा कर ही लूंगी याद रखना मेरे इस बात को "
अपनी बात कह के खुशी फौरन वहा से निकल गई उसके जाने के बाद नकुल ने गहरी सांस लेके कहा " बाल बाल बचा इस छिपकली से वरना दिवाल की जगह मुझे ही
चिपक जाती ।
अगली सुबह के 8 हो रहे थे आज युवी को हॉस्पिटल लेके जाना था कुछ बाकी टेस्ट के लिए वही बालकनी में शौर्य अपने शर्ट टूटे बटन के साथ लेके खड़ा था उसने बड़बड़ाते हुए कहा " इसे भी आज मेरा साथ छोड़ना था
शौर्य अपनी शर्त लेके खड़ा था तभी युवी को गोद में लिए दिव्या आई उसने बीना शौर्य के तरफ देखे बोली _ चले लेट हो रहा है ।
अपनी बात कह वो समाने देखी तो शौर्य उसी के तरफ हांथ में शर्ट लेके खड़ा उसे देख रहा दिव्या कभी शर्ट को देखती तो कभी शौर्य को आखिर में पूछ ही लिया
" क्या हुआ आप अभी तक तैयार नही हुए है "
शौर्य ने शर्ट दिखाते हुए कहा " तयार तो सुबह का हूं लेकिन अचानक से बटन टूट गया "
" कैसे ? दिव्या ने कहा
" जादू से " शौर्य ने दांत दिखा के कहा
" बकवास मत करिए " दिव्या ने गुराते हुए कहा
" हां तो क्या कहूं बैटन कैसे टूटता है क्या इतना नही पता "
" हां जैसे आप को बहुत पता है कैसे टूटता है बकवास मत करिए जाके दुसरा शर्ट पहन के आइए चलना है लेट हो रहा
शौर्य ने शर्ट दिखाते हुए कहा " ये युवी का। फेवरेट है आज मैं यही पहनूंगा तुम इसके बटन सही कर दो "
दिव्या ने कोई बहस ने कर के बस घूर और युवी को लेके चली गई युवी को लिविंग रुम में जूही के पास छोड़ा और सुई धागा लेके शौर्य के पास पहुंच गई तब तक शौर्य शर्ट टूटे बटन के साथ पहन चुका था ।
जिसे देख के दिव्या ने गुराते के बोली " इतनी ही जल्दी पहले की थी तो दूसरा वहां लेते "
" हां तो मुझे क्या पता ? तुम बटन लगाने आ रही हो "
" कहा था तो आती नही "
" हां पता है कितना आती हो एक महीने पहले तुमने मेरे
साथ क्या किया था एक ग्लास पानी तक नही दिया तुमने"
बस लाइए शर्ट" दिव्या ने बात का जवाब न देते हुए बोली "
सुई में धागा डाल के दिव्या शर्ट में बटन लगाने लगी की
तभी शौर्य के अपना।सिर ऊपर करते हुए बोला " अरे अरे आराम से बटन लगना है मेरा ऑपरेशन नही करना है "
दिव्या घूरते हुए और हल्की मुस्कान के साथ देखा और े बोली " हां तो ठीक से खडे होइए "
शौर्य" मैं ठीक से ही खड़ा हूं ! तुम हो जो सुई ऊपर से लेके जा रही इतने ऊपर से कौन लेके जाता है "
"आप तो ऐसे बोल रहे जैसे काफी कर ये काम कर चुके है "
"कर चुका हूं तभी तो कह रहा हूं
तो ये लीजिए कर लीजिए अपना फिर मैं क्यू करूं " दिव्या ने गुस्से से छोड़ के चली गई शौर्य मुंह बना के देखता रहा कुछ देर में शर्ट बदल के शौर्य युवी और दिव्य को लेके हॉस्पिटल निकल गया । पुरे रास्ते किसी ने कुछ नही कहा बस आरुष को छोड़ के वही पूरे रास्ते बड़बड़ाए जा रहा था "
दोनो हॉस्पिटल पहुंच के युवी के सारे टेस्ट करवाया सब ठीक था बस इमोसनल बहुत ज्यादा होता है । जिसकी वज़ह से कभी कभी वो रोने लगती ही
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या होगा दोनो के बीच ? अगर कहानी अच्छी लगी हो तो कॉमेंट जरूर करना ।
दोनो हॉस्पिटल पहुंच के युवी के सारे टेस्ट करवाया सब ठीक था बस इमोसनल बहुत ज्यादा होता है । जिसकी वज़ह से कभी कभी वो रोने लगती ही
अब आगे ...
अब तक शाम हो चली थी युवी के सारे टेस्ट हुए कुछ देर बाद डॉक्टर्स मिल के शौर्य और दिव्या दोनो बाहर के तरफ जाने लगे दोनो कार के पास पहुंचे ही थे की तभी जैसे ही दिव्या ने अचानक से कहा
" मेरा फ़ोन"
शौर्य उसकी बात सुन के रुक गया उसने पिछे मुड़ के दिव्या को देख के कहा " क्या हुआ ?
दिव्या ने कहा " मेरा फ़ोन"
शौर्य " हां फोन तो क्या करूं?
शौर्य कीे बेपरवाही भारी बात सुन के दिव्या को गुस्सा तो आया लेकिन उसने खुद पर कंट्रोल कर कहा " वो अंदर ही छूट गया है "
शौर्य भी देखा तो दिव्या के हांथ में फ़ोन नही था तभी दिव्या ने शौर्य से कहा " लगता है डॉक्टर के कैबिन में ही मेरा फ़ोन छूट गया है आप सचलिए मैं लेके आती हूं बस अभी गई अभी आई "
शौर्य ने बीना बोले मान गया दिव्या जल्दी डॉक्टर के कैबिन के तरह बड़ गई कुछ देर में वो कैबिन के अंदर से अपना फोन और साथ में बड़ी सी स्माइल लेके बाहर आई उसकी स्माइल कुछ अजीब थी ऐसी की जैसे उसने कोई जंग जीत लिया हो ।
दिव्या बाहर निकल के शौर्य के साथ घर चली गई युवी दवाई की वजह से सो रहा किसी ने उसे उठाया भी नही घर पहुंचकर दिव्या ने उसे सुलाया शौर्य किसी काम से दिव्या को छोड़ के बाहर चला गया
अब तक शाम होने को आई थी दिव्या युवी को कमरे में सुला के उसके बगल में बैठ के किसी से फ़ोन पर बात करते हुए कहती है " क्या ये खबर सही है "
दूसरी से आवाज आज " मैं मजाक के मुड में नही हूं जो मजाक करूंगी ये खबर पक्की है वो आज रात ही आने वाला है तू बता क्या करना है "
दिव्या" वही जो हर बार हुआ है खत्म करना जो रास्ते में आए सब को खत्म करते जाना है यही हमारे बिच डील हुआ था "
दुसरी तरफ से लड़की ने कहा " लेकिन एक बात ओर सोच ले ये काम काफी मुस्किल होने वाला है
दिव्या " क्या ? सोच लूं सोचने के लिए अब कुछ बचा नही है ।
दूसरी तरफ " ठीक है ! मगर इस आदमी की खबर मैं नही और भी।लोग निकाल रहे है क्यू ?पता नही ! लेकिन मुझे पता चला है मैने उनके बारे में जानने की कोशिश की लेकिन मुझे कुछ पता नही चला कौन लोग है वो ।
दिव्या" हम्मम ! कुछ भी हो वो आदमी किसी दूसरे के हांथ नही लगना चाहिए वो पहले हमारे हांथ ही लगेगा इस बात का खाश ख्याल रखना है ।
दूसरी तरफ " ठीक है ! मैं समझ गई वैसे तुम टाइम पर पहुंच जाएगी ना "
दिव्या" हम्म्म! मैं तुम्हे बल्ब के पिछे वाले गेट पर मिलती हूं तुम वही मेरा इंतजार करना "
दूसरी तरफ " ओके रात के 10 बजे आना है "
दिव्या को टाइम याद दिला के जैसे हीे वो फोन काटने को हुई की तभी दिव्या ने कहा " खुशी "
खुशी ये वही खुशी है जो पुलिस स्टेशन में थी जो दिव्या की बचपन की दोस्त दोनो साथ के पली बड़ी है दिव्या के साथ जब इतना सब हुआ था तब खुशी लंदन गई थी अपनी फेमिली के साथ दरअसल उसकी फैमिली ने इंडिया छोड़ के लंदन ने अपना बिजनेश सुरू किया था । लेकिन दोनो की बात बराबर हुआ करती एक साल पहले जब दिव्या और मान्या घर से बेघर गए तो उनका सब कुछ वही छूट गया उसी वक्त ख़ुशी को दिव्या के बारे के पता चला वो सब कुछ छोड़ के इंडिया आ गई उसने दिव्या की हेल्प करने े का वादा किया ।
तब से दोनो मिल के उस आदमी को ढूंढ रहे है जिसने दिव्या के मॉम डैड को मारा ।
दिव्या की आवाज सुन के ख़ुशी ने फिर से फोन कान से लगा के बोली " हां क्या हुआ ?
दिव्या दबी आवाज के बोली " मान्या कैसी है ?
ये बात सुन खुशी कुछ देर चुप रही फिर उसने हल्की मुस्कान के साथ कहा " वो ठीक है बस तुझे याद करती रहती है ।
दिव्या ने इस बात पर बस हम्मम कहा जिसे सुन के ख़ुशी बोली " हम्मम! नही जाके एक बार उससे मिल ले तू जानती है तेरे बिना वो नही रह सकती बस तुझे याद कर रोती है ।
ये सब सुन के दिव्या के आंखो के आंसु भर गए उसने अपने दर्द को काबू कर बोली " चली जाऊंगी और अभी नही ।
" फिर कब जब वो तुझसे दूर हो जायेगी तब तू जायेगी उसके ज़िंदगी में क्या अहमियत है तेरी जानती भी है "
" मैं जानती हूं लेकिन मैं अभी नही मिल सकती इसी में उसकी भलाई है "
" भलाई तू मिल लेगी तभी भी हो जायेगी और आखिर अभी क्यू नही मिल सकती पहले ये बता "
" मैं मान्या के बारे में अभी किसी को बताना नही चाहती हूं मैने पहले भी कहा है मेरा काम ऐसा है जिसमे मेरी जान कभी भी जा सकती है लेकिन उसके लिए मैं मान्या की जिंदगी को खतरे में नही डाल सकती हूं जिस आदमी को मैं ढूंढ रही हूं क्या इसे नही पता की आखिर उसे ढूंढ कौन रहा है ? वो सब जनता ही होगा लेकिन मुझ पर वार करने के लिए उसे मेरी कमजोरी चाहिए जो मैं दे नही सकती ।
" तेरी बात सही है लेकिन तू शायद भूल रही है तेरी कमजोरी अब युवी भी है "
" हां बिल्कुल लेकिन वो उस पर वार नही करेगा "
" ऐसा क्यू ?
"। क्युकी वो जनता है युवी शौर्य का बेटा है और शौर्य किसी माफिया से कम नही है उसके बेटे को छूने का मतलब है अपना शर्वनाश करवाना और मैं अपनी सच्चाई शौर्य को बता नही सकती क्योंकि जहा पर मैं हूं वो कोई मामूली चीज़ नही है "
" क्या तुझे पछतावा वो रहा है उसके लिए "
" नही बल्की मैं सोच रही अपने लोगो को और आगे बड़ाने के बारे में खैर ये सब छोड़ जाके तैयारी कर पहले दूल्हे को आज पकड़ना है " ।
खुशी ने हंस के कहा " हां बिचारे का क्या हालत होगा आज उसकी दो दो दुल्हन जो लेने आ रही है हा हा ! चल बाय ध्यान रखना । "
दिव्या " बाय " दिव्या ने फोन कट के सीधे अलमीरा के ी तरफ बड़ गई उसने धिरे से अलमीरा खोल उसमे से एक डायरी निकाली उसके पेज पलट के देखा उसने एक तस्वीरो थी बचपन की नही अब की थी जिसमे दिव्या और मान्या एक दूसरे को गले से लगा के खड़ी थी दोनो के फेस पर लंबी जी स्माइल बनी थी ।
मान्या को देख दिव्या के आंखो मेंे आंसु भर गए वो मान्या के चेहरे पर हाथ फेर के बोली " इस जान लेने के खेल से मैने तुम्हे दूर किया है ऐसा नही है मैं तुमसे प्यार नही करती बहुत करती हूं बच्चे लेकिन अभी वो वक्त नही आया जब मैं तुम्हे अपने पास रखूं बस कुछ दिन एक बार वो इंसान मुझे मिल जाए फिर हम दोनो एक साथ रहेंगे प्रोमिस मेरी डॉल तब तक अपनी दी का इंतज़ार करना नाराज होने की ज़रूरत नही है मैं आऊंगी जल्द ही ।
दिव्या अपनी जगह सही थी कैसे े वो मान्या की ज़िंदगी खतरे में डाल सकती है उसका मकसद हमेशा से एक ही रहा है बदला जिसके दूर दूर तक उसने मान्या को रोक रखा है आज इतना सब करने के बाद वो सब कुछ खराब भी नही कर सकती है ।
दिव्या ने कुछ देर तस्वीर देख के फिर से अपनी जगह पर रख के अलमीरा बंद कर खड़ी बगल में लगी घड़ी को देखने लगी जिसमे सभी 7 बज रहे बस उसे सही समय का इंतज़ार था बस ।
जारी..✍️
क्या होगा आगे ?
दिव्या घर से कैसे जायेगी बाहर?
क्या होगा क्या शौर्य जान पाएगा इस बारे में ?
दिव्या ने कुछ देर तस्वीर देख के फिर से अपनी जगह पर रख के अलमीरा बंद कर खड़ी बगल में लगी घड़ी को देखने लगी जिसमे सभी 7 बज रहे बस उसे सही समय का
अब आगे ....
एक तरफ दिव्या के ऊपर जिम्मेदारी थी उसकी बहन को जिसे वो लोगो के नजरो के छुपा के रखी है वही यूवी जिससे वो प्यार तो जान से जुड़ा करती है मगर युवी को लेके उसके अंदर डर नही है क्युकी उसके पास शौर्य है शौर्य वो इन्सान है जो किसी के भी सीने से दिल निकाल के बाहर फेक सकता है ।
अब तक रात हो चुकी थी शौर्य ने पहले ही फोन कर कह दिया वो रात में देर से आयेगा वही यूवी की नीद भी खुल चुकी थी शाम को ही सोने को वजह से सब उसे नीद नही आ रही वो कमरे में बैठ अपने टॉय के साथ खेल रहा ।
इधर दिव्या परेशान सी बैठी सोच रही क्युकी अकेले अब वो युवी को छोड़ के जा नही सकती उसके लिए उसे कुछ तो सोचा पड़ेगा । जो समझ के नही आ रहा वो क्या करे ?
दिव्या ने एक नजर युवी को देख जो खेल रहा वो उठ के उसके आस चलो गई और प्यार से बोली "लिटिल बॉय"
युवी चेहरे पर दुनिया भर की मासूमियत लिए बोला " हां मम्मा"
युवी के मुंह से मम्मा सुन के जैसे दिव्या का दिल हजारों इमोसन से भर जाता है इसने प्यार से युवी के गाल कर हांथ रख के बोली "
"माय लिटिल बॉय आप की एक हेल्प चाहिए क्या आप करेंगे अपनी मम्मा की हेल्प "
ये सुन युवी ने लंबा सिर हां में हिला के बोला " हां मैं करूंगा मुझे क्या करना है आप बताइए मम्मा"
युवी जितना मासूम था उससे कई ज्यादा उसकी बाते थी दिव्या ने नीचे बैठ युवी को गोद में उठा लिया और प्यार से गालों को चूम में वो बोली " आज ना आप की मम्मा को कही जाना है लेकिन वो जा नही पा रही "
युवी उसकी तरफ देख के बोली " क्यू ?
दिव्या ने हांथ में युवी का चेहरा भर लिया और बोली " क्यू की आप को निन्नी नही आ रही और मम्मा आप को ऐसे अकेले छोड़ के जा नही सकती है वही डैड भी आप के घर पर नही है मैं यही सोच रही आओ को अकेले छोड़ के कैसे जाऊं क्युकी अगर आप के डैडी को ये बात पता चली वो मुझ पर गुस्सा करेंगे "
दिव्या की बात सुन के युवी बड़ी एक में पहुंच गया एक हांथ गाल पर रख के वो गहराई में जाके सोचने लगा आखिर उसे करना क्या चाहिए ।
शौर्य और अभय इस वक्त पुलिस स्टेशन में बैठे नकुल से बात कर रहे थे दरअसल नकुल जब फोन नही उठाया कल से तो शौर्य को यही पर आना पड़ा एक तरफ शौर्य तो दूसरी तरफ अभय दोनो बैठे थे समाने नकुल था ।
" खबर तो पक्की है लेकिन यार मेरा वहा जाना मेरी नौकरी पर असर पड़ सकता है बीना गाइड के मैं किसी को मार नही सकता हूं और न।ही उसे किडनैप कर सकता हूं तू।समझ मेरी बात को " नकुल ने मासूम सी सकल बना के।बोला ।
वही समाने बैठा अभय गुस्से में नकुल को घुर रहा और शौर्य जो को सर नीचे झुका के गेम खेल रहा तभी अभय ने हल्की स्माइल।के साथ कहा
" शौर्य सुन इस धोखे बाद की बात क्या बहाने बता रहा है इस शाले को जब भी जरूर पड़ी है हम एक पैर पर खड़े रहे और ये आज कल।रहा है की उसकी नौकरी पर सवाल खड़े होंगे "
नकुल ने अभय के तरफ झुक के कहा " मैं। मजाक नही कर रह हूं सीरियसली यार तू समझ नही रहा मेरी क्या हालात है "
अभय" मैं नही समझ रहा या फिर तेरी नौटंगी करने की आदत हो गई है ये बोल "
नकुल" चुप रह तुझसेे बात करना ही बेकार है "
अभय " हां जैसे मुझे तूझसे बात करने मेरी बड़ी दिल चास्पी है "
इस बात पार नकुल ने कोई जवाब नही दिया बाकी अभय को घूरने लगा जिसे देख के अभय के तंज कसते हुए बोला
" घुर मत तेरी आंखे इतनी भी बड़ी नही है की मैं डर जाऊं मैं तुझ जैसे पुलिस वाले से डरता नही हूं "
नकुल ने तिरछी स्माइल के साथ कहा " अच्छा ऐसी बात ही फिर तो बस एक केश कर दूं लोगो को इंजेक्शन देके मरता है तेरी नौकरी भी गई और साथ में जेल में चक्की पिसेगा पुलिस वालो को कमजोर समझने की गलती मत किया कर " ।
इस बार अभय की बोलती बंद हो गई क्युकी नौकरी के ऊपर सवाल जो खड़ा हुआ हांलकी आज तक डॉक्टर की आड़ में क्रिमिनल का काम जब भी अभय ने किया है वो भी शौर्य के कहने पर ऐसे कई सारे किमिनल होते थे जिन्हे जेल में सजा तो मिलती लेकीन वो अच्छे तरीके से रहते है एसो आराम से वही शौर्य का काम है इंसाफ दिलाना लेकिन अपने। हिसाब से जन इसके हिसाब से इंसाफ नहीं मिलता तो वो अभय को ऑडर देता है ।
काम ख़त्म करने और अभय उसे पूरा भी करता है वही केश रफा रफा करने की जिम्मेदारी भी नकुल को शौर्य दे देता है तीनो मिल के ये काम करते है वही आज भी एक केश है जो शौर्य से जुड़ा है Mr, कमद जिसने अभी
अगले महीने ही 50 लड़कियो को बेचा है उनके ऊपर केश किया गया था लेकिन पैसे देके वो बच गए फिर कोई। ये केश शौर्य ले पास लेके आया पहले तो शौर्य किसी भी केश को लेने से पहले जांच करता है और इनकी भी जांच हो गई ।।
कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियो का धंधा Mr कमद किया करते है जिससे शौर्य को काफी गुस्सा आया उसने आज यही प्लान बताया की Mr कमद की कहानी को यही कर खत्म कर दिया जाए जिसकी नकुल की हेल्प चाहिए Mr कमद आज इसी शहर के एक कल्ब में जाने वाले है जिन्हे खत्म करना का फैसला शौर्य ने वही कर लिया ।
लेकिन यहां तो नकुल जाने के लिए तैयार नही है जो अभय से काफी बहस भी हो गई कुछ देर पूरे कैबिन में शांति फैली थी तभी कुछ देर बाद शौर्य ने अपनी पलके बिना उठाए एक शब्द में कहा " चलो "
अपनी बात कह के वो खड़ा हो गया जाने के लिए वही अभय भी शौर्य की बात सुन एक नजर नकुल के अजीब बने चेहरे को देख खड़ा हुआ और नकुल को देख के मुस्कुराने लगा जैसे वो नकुल को चिड़ाने की कोशिश कर रहा हो ।
लेकिन नकुल का ध्यान उसके ऊपर न होके शौर्य के ऊपर था उसने शौर्य को मन में कोषते हुए बोला " शाला खुद की नौकरी तो इसे प्यारी तो है नही साथ में हमरी भी कुर्बानी देता है "
अंदर की भड़ास अंदर ही निकलते हुए नकुल अपनी जगह से खड़ा हुआ और जाने के लिए बड़ गया तभी अभय ने टोंट मार के कहा " क्या हुआ तू तो नही जाने वाला था ना तो कैसे चलने लगा तेरी तबियत तो ठीक है।।
अभय को नकुल को चिड़ाने में मजा आ रहा था लेकिन वही उसके उलट नकुल को गुस्सा आ रहा लेकिन।वो कुछ नही कहता वही दोनो की बात सुन के शौर्य ने कड़क आवाज मे।बोला। "
चलना है या मैं तुम दोनों को यही पर छोड़ दूं "
शौर्य की बात सुन के दोनो अपने ख्यालों से बाहर आए और जाने के लिए तयार हो गए क्युकी उन्हे पता था शौर्य के फेकने का क्या मतलब है ??
जारी ✍️
क्या होगा आगे ?
क्या दिव्या जायेगी अपनी मंजिल को पाने ?
क्या शौर्य अपने दुश्मन को खत्म करेगा ?
चलना है या मैं तुम दोनों को यही पर छोड़ दूं "
शौर्य की बात सुन के दोनो अपने ख्यालों से बाहर आए और जाने के लिए तयार हो गए क्युकी उन्हे पता था शौर्य के फेकने का क्या मतलब है ??
अब आगे ..
एक तरफ शौर्य अपने दोस्तो के साथ निकल गया वह दूसरो तरफ दिव्या अभी भी युवी के उलझी थी उसने युवी से सवाल किया तो कुछ देर बाद युवी ने बड़े मसूमितय से जवाब दिया "
एक आईडिया है मेरे पास मम्मा "
दिव्या प्यार से बोली " कैसा आईडिया बच्चा " ।
युवी दिव्या के गोद से नीचे खड़ा हुआ और बोला " मम्मा आप न अपनी फ्रैंड के पास जाइए जब डैड आयेंगे और कहेंगे की आप कहा हो तो मैं कह दूंगा आप वाशरुम में गई है फिर डैड चले जायेंगे "
दिव्हा का युवी का प्लान सुन के हंसी आ रही थी क्युकी वो इतने प्यार से सब कुछ बता रहा दिव्या को उस पर और प्यार आने लगा युवी को फिर से गोद में उठा के दिव्या बेड पर आई उसने एक नजर घड़ी को देखा जिसमे 30 मिनट जी बचा था जाने के लिए दिया युवी को बेड पर बैठ के बोली
" आप को इतनी मेहनत करने की कोई जरूरत नही है बस मेरा एक काम करना है " ।
युवी ने दिव्या के गाल पर हांथ रख के बोला " कौन सा काम?
दिव्या झुक के युवी के कान के कुछ कहती है फिर एक दूसरे को गेल से लगा के दिव्या युवी के फोरहेड पर किस कर के कमरे के बाहर चली गई ।
जल्दी से उसने कपडे चेंज किए और घर के पीछे की तरफ से बाहर निकल गई । इधर कल्ब में शौर्य नकुल और अभय पहुंच चुके थे । तीनो एक सोफे पर जाके बैठे अपने सीकर का इंतेजार करने लगे ।
लेकिन जब कुछ देर तक कोई दिखाई नही दिया तब जाके शौर्य ने अभय से कहा " तू पीछे की साइड जाके देख ,और कमरे सारे चेक करना "
अभय ने हां में सिर हिला के वहा से चला गया इधर कुछ देर के दिव्या पीछे की साइड।पहुंच गई उसने सामने देखा खुशी खड़ी थी दोनो एक दूसरे के गले से लग के कहती है।
" कैसी है ? दोनो ने एक ही बात साथ में कहे फिर एक दूसरे से लग होके देख के बोले " कैसी है ? ख़ुशी से दिव्या ने पूछा ख़ुशी ने स्माइल के साथ बोली " मैं ठीक हूं तू बता
दिव्या ने बस हां में सिर हिला दिया और बोली " चल अंदर "
अपनी बात के वो अंदर जाने केलिए बड़ ई लेकिन वो अंदर जाति उससे।पहले ही खुशी ने दिव्या का हांथ पकड़ के कहा " पहले मुझे ये बता तेरी शादी हुई है कल तेरा फर्स्ट नाइट कैसा था ? क्या क्या किया तूने कल "
खुशी जानने के लिए एक्साइटेड थी वह दिव्या की आंखे सिकुड़ गई क्युकी उसे इसकी उम्मीद नही थी खुशी ऐसा कोई सवाल करेगी लेकिन फिर भी अब वो पीछे मुड के जा नही सकती उसे पता है खुशी कितनी जिद्दी है अगर उसे कुछ जानना है तो उसके पास अलग तरीके भी है
इसी लिए दिव्या ने खुशी के पकड़ से हांथ छुड़ा के कहा
" वही किया जो हर कोई करता है "
दिव्या का जवाब सुन खुशी की आंखे बड़ी हो गई वो मुंह खोल के बोली " मतलब तूने सब कर किया "
दिव्या ने हल्की स्माइल करी और बोली " हां नहा खा लिया था कल और आज भी "
गई भैंस पानी में खुशी के आंखो की चमक और मुंह बंद हो गया वो जाने के लिए मुड़ी और बोली " चल काम
करते है बकवास।कभी और करेंगे " खुशी को पहले पता था दिव्या ने कुछ नही किया होगा वो बस मजाक कर रही लेकिन कही न कही उसे कहा भी था क्या पता दोनो के बीच कुछ हुआ हो ।
दिव्या को इसके इस हरकत पर काफी हंसी आ रही लेकिन वो कुछ ना बोल के जाने लगी पीछे पीछे वैसे तो उसे पता था खुशी उसके मुंह से क्या सुनना चाहती ही लेकिन जब ऐसा कुछ हुआ नही था तो दिव्या क्या कहती ? शादी तो बस एक नाम की है ये बात दोनो जानते है जहा शौर्य को अपने बेटे की वज़ह से शादी करनी पड़ी वही दिव्या को अपने बदले और एक सुरक्षित घर की जरूरत थी क्युकी ये बात दिव्या अच्छे से जानती है
भविष्य में ऐसा दिन जरूर आयेगा जब दिव्या को किसी की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ेगी और बस उसी लिए शौर्य से ज्यादा अच्छा कोई इंसान उसे कही नही मिलेगा ।
दोनो चलते हुए सीधे स्टेज के पीछे आए जहा पर कुछ लड़किया डांस कर रही दिव्या ने सामने देखते हुए बोली
" हम यहां क्या कर रहे है ?
खुशी ने दिव्या को तरफ एक नजर देख के बोली " कुछ खाश नही बस एक छोटा सा काम करना है "
दिव्या उसे देखने लगी आखिर में खुशी करने क्या वाली है तभी खुशी के पास डांस फ्लोर से एक लड़की आई जैसे ही वो लड़की पास आई खुशी ने फ़ोन में एक तस्वीर दिखाते हुए बोली
" ये आदमी बाहर ही बैठा है कैसे भी कर के उसे no. 303 के कमरे में ले आओ बस याद रखा उसके पीछे कोई आना नही चाहिए "
लड़की ने अच्छे से तस्वीर देखी और हां में सिर हिला के चली गई खुशी ने दिव्या के तरफ तिरछी मुस्कान के साथ बोलो " चल कमरे में हमारा चेंज करने का वक्त हो गया है "
दिव्या " वो ले तो आयेगी ना क्युकी जिस आदमी को हमे ले जाना है वो कोई मामूली नही है "
खुशी " मैं जानती हूं तू फिकर मत कर सारा प्लान तैयार है बस उसे लेके कैसे भी कर के हमे यहां से निकलना है "
दिव्या ने हां में सिर हिलाया और दोनो वहा से ऊपर 303 नंबर के कमरे के चली गई ।
इधर शौर्य चेहरे पर मास्क लगाए लोगो की बीच में अपनी नज़रे चलाने में लगा था तभी नकुल ने उसके पास आके बोला " शौर्य वो आदमी दिख गया "
शौर्य" कहा है ?
नकुल ने बाहर के तरफ इशारा कर बोला " वो गेट के
पास खड़ा होके किसी से बात करने में लगा है "
शौर्य ने उस तरफ देखा जहा पर एक शख्स था लेकिन इसका सिर्फ पीठ दिखाईं दे रहा और कुछ नही शौर्य ने कन्फर्म करते हुए बोला " sure! वो वही है ।
नकुल ने शौर्य के कंधे पर हांथ रख के कहा " तूझे यकीन नही है मेरी बात पर "
शौर्य ने Mr. कदम के तरफ जाते हुए बोला " ऐसी कोई बात नही चल के ही देखते है "
नकुल ने जाते हुए शौर्य के तरफ देख के ना में सिर हिलाया और पीछे चला गाया वही शौर्य ने कॉल कर के अभय को भी बाहर आने को कहा ।
अब तक तीनो Mr. कदम के पीछे जाके खड़े हो गए उसी पल शौर्य ने इस शख्स के कन्धे पर हांथ रखा ।
इधर जिस लड़की को खुशी ने तस्वीर दिखाई थी वो लड़की स्टेज से नीचे उतर के एक आदमी के समाने जाके डांस करते हुए अजीब अजीब इशारे कर रही इसका मतलब साफ था वो लड़की इस शख्स को कही चलने के लिए बोल रही है ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ?
क्या दोनो मकसद होके अपने काम में ? क्या दिव्या कर पाएगी ? आखिर एक आदमी दोनों जग कैसे है क्या सच में वो है या फिर कोई और ?
इधर जिस लड़की को खुशी ने तस्वीर दिखाई थी वो लड़की स्टेज से नीचे उतर के एक आदमी के समाने जाके डांस करते हुए अजीब अजीब इशारे कर रही इसका मतलब साफ था वो लड़की इस शख्स को कही चलने के लिए बोल रही है ।
अब आगे ....
किसी ने सच ही कहा है जिंदगी किसकी कौन सा रूप दिखाएगी ये कोई नही जानता ना शौर्य को नही पता उसके हांथ वो चीज़ लगेगी जिसके लिए वो यहां आया है ना दिव्या को पता लेकिन दोनो ही अपने काम में लगे है ।
शौर्य के हांथ को महसूस कर जैसे ही समाने खड़ा आदमी पलटा ,, तीनो उस आदमी को देख धम गए अभय, नकुल
और शौर्य तीनो ही आंखे फाड़े देखने लगे ।
वही उस आदमी ने तीनो को एक नजर ऊपर से लेके नीचे तक देख के कहा " एक्सक्यूज मी ! आप लोग कौन ?
शौर्य नकुल सेंस के नही थे मगर अभय था वो तुरत सरल भाषा में बोला " I'm so sorry मिस्टर एक्चुअली हम किसी को ढूंढते थे हमे लगा वह है दरअसल आप के जैसा ही कोर्ट पहन रखा है उन्होंने,,,लेकिन हमारी वजह से आप डिस्टरअप हुए उसके लिए सॉरी "
अभय के बातो से ये साफ पता चल रहा ये वो शख्स यानी Mr कमद नही है जिसे तीनो ढूंढ रहे थे अभय की बात सुन के आदमी ने मुस्कान के साथ it's ok कर के वहा से चला गया ।
" तुम्हारे पास आंखे नही है क्या दिखाई नही दे रहा वो कोई और था और तुमने हमने वही भेज दिया " अभय ने नकुल से गुस्से में कहा क्युकी ऐसे किसी भी आदमी को परेशान करने की वजह से प्रॉबलम हो सकती थी और इस बार उन्हे कोई प्रॉबलम नही चाहिए था ।
" मेरे पास आंखे है मेरे आंखो पर जाने की जरूर नही है वैसे भी मुझे वो लगा वह आदमी है तो मैने कह दिया अगर वो Mr कमद नहीं निकला तो इसमें मैं i क्या क्या करूं भला " नकुल ने मुंह बना के कहा ।
वैसे गलती उसकी भी कहा है ये तो सच है जिस आदमी को i ढूंढ रहे है वो सेम उसी तरह के बिज़नेस सूट में था जो इस शख्स ने पहना था लेकिन चेहरा ना नकुल ने देखा था और न ही उसने झूठ कहा की वो े मिल चुके है कभी कभी आंखो से गलती हो जाति है ।
" इतनी अच्छी आंखे है ये तो पता चल हो गया तुम्हारी वजह से दो रुम बाकी रह गया था उसे भी देख लेता क्या पता उसी किसी हो Mr कमद " अभय ने परेशान सा फेस बना के कहा क्युकी उसे कमरे में देखने को शौर्य ने कहा अब तक वो कई सारे कमरे चेक कर चुका था बस दो कमरे बाकी थे तभी शौर्य का कॉल आया उसने फौरन आने को कहा ।
अभय को लग रहा Mr कमद मिल गए वो भी दौड़ के गया लेकिन जब कुछ न मिला तो उसे गुस्सा के साथ साथ निराशा भी हुई थी
" मुझे देखने की कोई जरूरत नहीं है " अभय ने कहा
" मुझे देखना भी नही है " नकुल ने कहा एक बार फिर
दोनो सुरु होने लगे की शौर्य ने फिर से बीच में आके कहा
" तुम दोनो बकवास घर पर करना फिर से काम पर लग जाओ वो आदमी यहां से बाहर न जाए आज किसी भी कीमत पर वो चाहिए "
दोनो ने एक नजर एक दूसरे को देख कुछ नही कहे और शौर्य के साथ चले गए इधर उस लड़की ने Mr कमद को अपने आंखो के जाल में फस लिया और इशारे से उसे कमरे में ले जाने लगी ।
दोनो सीढियों से चढ़ते हुए जाने लगे की तभी बाहर से आ रहे शौर्य की नजर इस आदमी पर पड़ी वो नशे के हालत में एक लड़की के साथ ऊपर जा रहा था नकुल ने तेज आवाज के कहा
" Mr कमद वो जा रहा " अभय, नकुल शौर्य तीनो Mr कमद के तरफ बड़ने लगे लेकिन तब तक Mr कमद और वो लड़की दोनो ऊपर के तरफ चले गए जब तीनो वहा पहुंचे।सामने कोई नही था एक झटके में Mr कमद गायब हो चुके थे , चारो तरफ देखते हुए नकुल ने कहा " अभी तो बूढ़ा यही था अचानक से गायब कहा हो गया "
अभय " हां यार ऐसे कैसे गायब हो गया इन्सान भी इतनी जल्दी गायब होते ये पता नही था " ।
शौर्य " गायब नही हुए है जरूर हमसे पहले कोई उसे ले गया या फिर उसे पता चल वहा होगा हम इसके पीछे है " ।
शौर्य की बात सुन दोनो हैरानी से उसकी तरफ देखने लगे उन्हे समझ नही आ रहा शौर्य ये कैसे कह सकता है आखिर उन्हे Mr कमद क्यों चाहिए ये उन्हे पता है लेकिन i किसी और से क्या मतलब यही सोच के अभय ने कहा
" ये बात कैसे कह सकता है तू यहां तो कोई नही दिखा लेकिन फिर भी अगर वो ले गया होगा फिर हमारा प्लान उसका क्या ?
शौर्य ने एक नजर अभय को देख कहा " कोई भी मारे मूझसे कोई मतलब नही है बस वो मरना चाहिए । फिर उसने मन में कहा " तुम कोई भी हो आज नही तो कल मैं जान के रहूंगा ।
तभी बीच में नकुल ने कहा " अब क्या करे इतनी मेहनत के बाद भी वो गायब हो गया ।
शौर्य ने वापस मुड़ते हुए कहा " कुछ नही वापस चलते है घर समझ लो काम हो गया "
शौर्य सही कह रहा उनके आने से पहले ही दिव्या और ख़ुशी Mr कमद तक पहुंच गई थी दिव्या और खुशी ने तीनो को देख लिया लेकिन चेहरा नही देख पाए क्युकी तीनो के चेहरे पर मास्क था दिव्या Mr कमद के मुंह पर हांथ रख के उन्हे पकड़ रखी । वही खुशी ने हांथ पैर बांध लिया जैसे ही शौर्य और बाकी वहा से हटे फौरन खुशी दिव्या Mr कमद को लेके पिछे से बाहर निकल गई ।
खुशी को गाड़ी सामने ही लगी थी दोनो ने पहले बाहर निकलते ही चारो तरफ देखा कही उन्हे कोई देख तो नहीं रहा उसके बाद दोनो गाड़ी में बैठ के वहा से निकल गई ।
इधर शौर्य, नकुल और अभय भी क्लब से निकल के जाने कहे तभी नकुल ने कहा " यार Mr कमद नही मिला तो क्या हुआ चल के थोड़ा इंजॉय करते है इतनी दूर आके इसे खाली हांथ जाना सही नही है "
नकुल के इस बार में अभय शौर्य इसे घूर के देखने लगे अभय का तो कर रहा यही नकुल को कूट दे लेकिन शौर्य के समाने नही करना था । शौर्य बीना कुछ कहे घूर के नकुल के तरफ देखा जिससे नकुल समझ गया मामला खराब हो सकती है इसी लिए बिना कुछ कहे शांति से गाड़ी में बैठ गया ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? कहा लेके गई दिव्या Mr कमद को? क्या शौर्य इस बारे। में कटा करेगा ?
नकुल के इस बार में अभय शौर्य इसे घूर के देखने लगे अभय का तो कर रहा यही नकुल को कूट दे लेकिन शौर्य के समाने नही करना था । शौर्य बीना कुछ कहे घूर के नकुल के तरफ देखा जिससे नकुल समझ गया मामला खराब हो सकती है इसी लिए बिना कुछ कहे शांति से गाड़ी में बैठ गया ।
अब आगे ....
अगली सुबह के 9 बजे दिव्या और युवी एक साथ किचेन में थे की वही पर जूही ने आके कहा " दिव्या तुम्हे शौर्य बुला रहे है "
दिव्या पराठे बनाते हुए उनकी तरफ देखती है फिर कहती है " क्यू भाभी "
जूही " मुझे नही पता क्यू बस कहा कि मैं तुम्हे कमरे में भेज दूं तुम खुद ही जाके सुन लो काम क्या है . ?
दिव्या कुछ देर शांत होके जूही को देखती है फिर कहती है " ठीक है भाभी ! लेकिन आप को यहां पर युवी को देखना होगा।
ये सुन के जूही हां में सिर हिला देती है
दिव्या पराठा वही बार छोड़ साथ साफ करती है युवी के पास आई जो स्लैब पर बैठा पराठा खा रहा था वो युवी से बोली" माय लिटिल बॉय आप यह जूही आंटी के पास रहिए तब तक मै डैड से मिल के आती हूं ओके "
युवी पराठा खाते हुए हां में सिर हिला दिया जिसे देख के दिव्या ने युवी के माथे पर किस कर के चली जाती है
जूही आगे के सारे काम को संभालने लगी और साथ मे युवी पर भी अपनी नजर बना के रखी थी जिससे वो गिरे न वही दिव्या सही सोचते हुए जा रही की शौर्य ने आखिर उसे बुलाया क्यू है
? कुछ देर में दिव्या कमरे में गई तो शौर्य लैपटॉप पर अपना काम कर रहा उसके समाने खड़ी होके दिव्या बोली " सर आप ने बुलाया "
शौर्य ने बीना दिव्या की तरफ देख बोला " हम्मम!वो फाइल देना "
शौर्य ने सिर हिला के कहा दिव्या अपने चारो तरफ देखने लगी कौन सी फाइल तभी बेड पर एक फाइल दिखी दिव्या जल्दी से इस फाइल को हांथ में उठा लेती है
लेकिन तभी उस फाइल से एक तस्वीर सरक के थोडा सामने आ जाता है जिससे दिव्या की नजर तुरंत इसके ऊपर गई बसइस उसे तस्वीर का आधा चेहरा दिव्या को दिखा वो बड़े ध्यान से देख रही उसे कुछ जाना पहचाना लग रहा वो हांथ ही वाले थी की शौर्य की आवाज उसके कानो में गई
" क्या हुआ दो मुझे ? दिव्या तुरंत ही फाइल शौर्य के हांथ में थमा के बोली " सर क्या आप ने इसी लिए मुझे बुलाया था मुझे नीचे काम है अगर आ हो गया हो तो मै जाऊं " ।
शौर्य नजर उठा के दिव्या को देख के बोला" मैं पागल तो हूं नहीं सिर्फ फाइल के लिए तुम्हे यहां बुलाऊं और वैसे भी काम सिर्फ तुम्हे नही मुझे भी है मैने बुलाया है तो किसी काम से ही "
दिव्या शौर्य की बात सुन के चीड़ गई लेकिन कुछ न कह के झूठी हंसी के साथ बोली " सोरी सिर "
शौर्य ने फाइल ठीक कर कहा " मैने तुम्हे कुछ बताने के लिए बुलाया है आज शाम को घर में पार्टी है जिसकी तैयारी तुम्हे करनी है वैसे अकेले बस तुम्हे नही करना पड़ेगा बाकी सब लोग होंगे लेकिन मॉम इस एज में इतना सब देख नही पाती और जूही को अकेली करने के लिए कह नही सकता इसी लिए तुम्हे कह रहा हूं "
दिव्या " किस चीज की पार्टी और शाम को कैसे सब होगा " ।
शौर्य " सब कुछ हो जायेगा वैसे तो ये पार्टी मैं कल ही देने वाला था लेकिन कल मुझे कुछ काम था इसी लिए "
दिव्या दुबारा बोली " लेकिन किस बात की ?
शौर्य ने फिर से लैपटॉप पर टाइप कर बोला " शादी की पार्टी अब सब को पता चल गया है तो देना ही पड़ेगा मैं भाग नही सकता बस तुम्हे तैयारी करनी है "
इसके बाद दिव्या ने कोई सवाल नही की ओर कमरे से बाहर चली गई किचेन में ना जाके गार्डन में उसने खुशी को फ़ोन कर कहा
" खुशी यार आज का तुझे ही संभालना पड़ेगा मैं नही आ सकती " ।
दूसरी तरफ से पैनिक होके खुशी ने कहा " क्या बात कर रही ही यार ? दोनो ने कल ही डिसाइड किया था जा साथ में करेंगे "
Divya" हां किया था लेकिन मैं नही आ सकती "
खुशी " क्यों? क्या हुआ ? सब ठीक ही ना ?
दिव्या ने गहरी सांस लेके कमर पर हांथ रख के बोली " क्या बताऊं यार शादी की पार्टी रखी है शाम को उसका सारा काम मुझे दिया गया है अगर मैं एक मिनट भी गायब हुई तो हजार सवार मुझसे किए जायेंगे तू जानती है इन अमीरों के घर में रहने का मतलब है हजार जवाब देना "
खुशी दिव्या की बात समझ रही थी इसी लिए उसने आगे कहा " अच्छा ठीक है! जब यही बात है तो कोई न मैं देखती हूं अगर आज नही तो कल काम पूरा कर लेंगे "
दिव्या बोली " ठीक है "
दोनों ने कॉल कट किया और दिव्य जाके अपने काम पर लग गई फौरन उसने खाने पीने से लेके डेकोरेशन सब कुछ दिव्या और जूही मिलके देखने लगी आज नगीना किसी काम से अपने घर गई थी छुट्टी लेके वही वैशाली जी सारे मेहमानों को फ़ोन कर उन्हे इन्विटेशन दे रही ।।
धिरे धीरे काम में कब शाम हो गई किसी को पता ही नही चला अब तक सारी तैयारी हो चुकी थी दिव्या कमरे में आके आराम कर रही युवी उसके बगल में सो रहा था अक्सर दवाई की वजह से युवी सोता ही रहता है ।
शौर्य के कहने के मुताबिक जूही दिव्या युवी के लिए कपड़े ले आई बस तैयार होना बाकी था दिव्या का मन तो नही था वो जो इतना थक गई थी लेकिन जाना तो पड़ेगा ही यही सोच दिव्या उठी युवी को उठाने लगी
" युवी बेटा चलो उठ जाओ काफी देर से आप सो रहे है "
दिव्या की आवाज सुन के युवी ने धिरे से अपनी आंखे खोली और दिव्या को देखने लगा दिव्या ने प्यार से युवी को गोद में उठा के उसके गालों को खिचरके बोली "
चलो अब जल्दी से रेडी हो जाओ आज घर में पार्टी है आप को अच्छा अच्छा दिखना है ना "
पार्टी का नाम सुन के युवी की आंखे पूरी तरह खुल गई वो चहक के बोला " क्या पार्टी सच में मॉम " दिव्या ने हां के सिर हिलाया और उसे लेके तौयार होने चली गई
जारी..✍️
क्या होगा आगे ?
चलो अब जल्दी से रेडी हो जाओ आज घर में पार्टी है आप को अच्छा अच्छा दिखना है ना "
पार्टी का नाम सुन के युवी की आंखे पूरी तरह खुल गई वो चहक के बोला " क्या पार्टी सच में मॉम " दिव्या ने हां के सिर हिलाया और उसे लेके तौयार होने चली गई
अब आगे ....
बंसल मेंसन में आज पार्टी है जो शौर्य के नई शादी के लिए रखा गया है वही सारे मेहमान पार्टी में आ गए थे रिश्तेदार, कुछ लॉयर और शौर्य के कुछ दोस्त ज्यादा किसी को उसने इनवाइट भी नही किया था ।
इस वक्त शौर्य ब्लैक सूट में तैयार खड़ा था उसके साथ में युवी दिव्या ने उसे भी ब्लैक सूट शौर्य की तरह ही तैयार किया दोनो बाप बेटे पुरे पार्टी के कहर ढा रहे थे । दिव्या ने भी ब्लैक नेट की साड़ी पहना रखी थी उसके गोरे बदन पर बहुत खुबसूरत लग रहा ।
सब पार्टी में मौजूद एक दूसरे से बात करने के बीजी थी अभय नकुल शौर्य एक साथ थे वही जूही दिव्या और साथ में।युवी सभी लेडीज के बीच में बैठ के बात कर रहे ।
" क्या कुछ पता चला था कल रात के बारे में " शौर्य ने सूट के बटन को ठिक करते हुए कहा ।
नकुल ने ड्रिंक का एक शिप लेके कहा " नही वो अचानक से कहा गायब हुआ कोई खबर नहीं " ।
" मुझे तो समझ के नही आ रही ऐसे अचानक से कोई कैसे गायब हो सकता है उसका कुछ पता ही न चले " अभय ने चिंता जताते हुए कहा
" मेरे हिसाब से गायब तो नही लेकिन हां हमसे पहले किसी और के हांथ तो वो जरूर लगा है " शौर्य ने कहा ।
" लेकिन किसी और से क्या दुश्मनी शौर्य को उस जमीन से रिलीटेट इसू है ये तो समझ के आता है लेकिन किसी और की क्या दुश्मनी हो सकती है Mr कमद से ये मेरे पल्ले नहीं पड़ रहा " अभय ने कहा
" पता कही लेकिन कुछ तो है जो हमारे सामने है बस दिखाई नही दे रहा " नकुल ने कहा
" शौ बात की एक बात हमे अब उस इंसान को ढूंढना है जिसने उस आदमी कर हांथ डाला " शौर्य ने कहा फिर नकुल के तरफ देख के कहा
" तुम पता करो उस वक्त कोई ऐसा इंसान जो इस क्लब में सबसे लग हो जिससे हम पता चलने में आसानी। होगी "
नकुल ने हां के सिर हिला के कहा " ठीक है मैं देख लूंगा तुम केश पर ध्यान दो "
शौर्य ने कोई जवाब नही दिया तीनो आपस में बात करने में लगे थे तभी एक फीमेल सीनियर लॉयर शौर्य के पास आके बोली "
शौर्य तुम्हारी वाइफ तो बेहद खुबसूरत है लेकिन वो तुमसे शादी करने के लिए रेडी कैसे हो गई "
शौर्य उनकी बात सुन बड़े रिस्पेक्ट से कहता है " अनिता जी आप ये बात बेहद खूसबूरत लड़की से ही क्यू नही पूछ लेती की शौर्य बंसल उन्हे कैसे मिल गए क्युकी आप अच्छे से जानती है मुझसे शादी करने का सपना पता नही कितनी लड़कियां रखती ही "
अनीता जी शौर्य की सीनियर है शौर्य कई बार उनके साथ काम कर चुका है वही अनिता जी उनकी बात सुन के कहती है " बेहद खुबसूरत के नाम से क्या आप को जलन हो रही है शौर्य बंसल "
शौर्य ने सीना फूला के कहा " शौर्य बंसल किसी से नही जलता बल्की बाकी सब उससे चलते है चाहे तो आस पास आप देख सकती है ।
अनिता जी ये अच्छे से जानती है की आस पास खड़ी लड़कियो की नजर शौर्य के ऊपर ही है इस बार वो हल्की सी बस स्माइल कर देती है और कुछ नही कहती क्युकी कहने के लिए उनके पास शब्द भी नहीं थे ।
वही बीच के नकुल हैरानी से कहता है " जलती है वो शैली चुडैल आ गई मुंह उठा के ।
नकुल ने अचानक से कहा की सब की नजर उसके उपर चली गई वहा नकुल की नजर दुसरे दिशा के देख के सब दरवाजे के तरफ देखने लगे जहा से एक लड़की ब्लैक शॉर्ट ड्रेस में एक लड़के का हांथ पकड़ के अंदर आ रही थी बाल खुले थे और चेहरे पर बेहद घमंड था । वही उनके साथ एक चार साल की बेटी भी थी ।
उस लड़की को देख के अभय को जैसे एक जोर दार झटका लगा हो वो तुरंत ड्रिंक टेबल पर रख के बोला " ये जहरीली नागिन यहां क्या कर रही है इसे किसने बनाया "
नकुल ने खोए हुए कहा " बवाल करने आई है और क्या ही करेगी इसके अलावा इसे कुछ आता भी तो नही है बिन बुलाए मेहमान की तरह टपक जाति ही "
सामने कोई और नही बल्की शैली और शौर्य का कॉलेज का दोस्त शैली का पति शुमभ जिससे शैली ने शौर्य से डाइवर्स लेते ही शादी कर लो थी अब तो दोनो का एक बेटी भी थी जो कुछ शौर्य के बेटे के बराबर ही है । बस दश बीस का फर्क है ।
तीनो को अंदर आते देख सब की नजर उन तीनों पर पड़ गई पार्टी में मौजूद हर कोई शैली और शुभम को अच्छे से जानते है यहां तक की शैली और शौर्य की लव स्टोरी पूरे कॉलेज में फेमस थी । और साथ में डाइवर्स के समय कोर्ट में फेमस हो गई थी ।
उधर जूही शैली को देख अपनी जगह से खड़ी हो गई और जोर से बोली " ये डायन भी आ गई घर में आग लगे ये आखिर पीछा छोड़ क्यू नही रही है "
जूही की बात सुन के सभी अपने जगह से खड़े हो गई
दिव्या की नजर शैली पर थी वो युवी को गोद में उठा के सोफे से खड़ी हो गई दिव्या डर नही रही लेकिन वो नहीं चाहती थी की युवी कोई जुड़ाव महसूस करे और उसका दिल टूट जाए आखिर वो उसकी असली मां है जिसने जन्म दिया है इसी लिए उसने ऐसा किया ।
वही पार्टी में मौजूद हर कोई शैली और उनके पति शुभम को गली दे रहे ज्यादा तर शौर्य के चाहने वाले क्योंकि सब जानते है शैली ने शौर्य के साथ क्या किया था ये कोई नही भूल सकता किस तरह से उसने कार्ड से एक बच्चे और उसके लाचार बाप को पैसों के लिए छोड़ा।
" कॉन्ग्रेस शौर्य सुना है तुमने नई शादी के तौर पर पार्टी रखी हमे नही बुलाया लेकिन फिर भी बचपन के दोस्त की शादी होने की खुशी में हम खुद को रोक नही आवे " शुभम ने अजीब सा चेहरा बना के शौर्य के समाने अपना हांथ बड़ा के कहा शौर्य एक एब्रो उठा के देख और बिना हैंडसेक किए कहा
" तभी मैं सोचूं धोखे बाजो को तो मैने इनवाइट किया नही फिर कहा से चले आए अब समझ में आया कुछ लोगो को मुंह उठा के आके की आदत है और जहा तक बुलाने की बात है हम गली के कुत्तों को इनवाइट नही किया करते क्युकी हम जानते है कुत्ते सूंघते हुए वो खुद चल के आ जायेंगे फिर बेफिजूल में क्यू टाइम वेस्ट करना "
शौर्य ने जिस तरीके से कहा की शुभम और शैली दोनो जल के लाल हो गए शेली ने थोड़े गिराते हुए कहा " यहां हम बधाइयां देने आए है और तुम अपनी हद पार कर रहे हो तुम जानते नही ये तुम्हे महंगा पड़ सकता है ।
शौर्य ने कोट को सही कर के कहा " ex wife तुम जानती हो शौर्य बंसल को महंगी चीज़े ही भांति है और जहा तक मुझे बधाई देने की बात है मेरे पास शुभचिंतक बहुत है तो तुम्हारी जरूरत यह नही है ।
शौर्य की बात सुन दोनो कुछ कह नही पाई बस घूरते रहे गए वह दोनो की हालत और चेहरा देख के अभय और नकुल अचानक से हंस पड़े तभी शुभम की नजर उन दोनो पर चली गई और दोनो को देख के बोला ।
" तुम दोनो अभी तक गुलामी कर रहे हो मैने तो सोचा कुछ वक्त बात अपना खुद का काम करना सुरु कर दोगे लेकिन नही तुम दोनो वही बेकार हो जैसे पहले रहते थे मुझे तुम दोनो को इस हालात में देख के बहुत दुख हो रहा है ।"
नकुल" हां तुम तो ऐसे कह रहे हो खुद बहुत बड़े बिजनेश मैन बन गए एक केश तो लड़ा नही जा रहा कर और आए हो बोलने पहले खुद का देख उसके बाद बोलना समझा "
अपनी बात कह के नकुल ने मुंह फेरेलिया शुभम उसे घुर कर देखने लगा तभी उन सब के बीच जूही और दिव्या भी युवी को लेके खड़ी हो गई ।
जारी..✍️
क्या होगा आगे ?
क्या दिव्या को कुछ करना चाहिए ? दोनो क्या करने आए है
नकुल" हां तुम तो ऐसे कह रहे हो खुद बहुत बड़े बिजनेश मैन बन गए एक केश तो लड़ा नही जा रहा कर और आए हो बोलने पहले खुद का देख उसके बाद बोलना समझा "
अपनी बात कह के नकुल ने मुंह फेरेलिया शुभम उसे घुर कर देखने लगा तभी उन सब के बीच जूही और दिव्या भी युवी को लेके खड़ी हो गई ।
अब आगे...
शौर्य के कॉलेज के वक्त में कभी शुभम् भी उसका फ्रैंड हुआ करता था लेकिन जब से शैली के साथ मिल के उसने धोखा दिया शौर्य भूल गया उसका कोई दोस्त भी था यही आदत शौर्य में है एक बार अगर उसका मन किसी से झटक गया वो शख्स शौर्य के आंखों, दिल, दिमाक है जगह से बाहर हो जाता है जैसे शुभम् और शैली की बात ले लो ।
शैली,शुभम्, नकुल, अभय , शौर्य सब को साथ में देख जूही और दिव्या भी उनके पास आई दिव्या ने युवी को गोद में उठा रखा था क्यू की इस वक्त युवी को काफी विक फील होने लगा था युवी की बीमारी थी ही ऐसी वो जल्दी थक जाया करता है ।कभी कभी तो सांस लेने में भी दिक्कत हो जाति ।
खैर जूही बाकी सब के पास आते ही शैली को देख कहती है " क्या हो रहा है ? क्या यहां फिर से नागिन डसने आई है "
जूही ने शैली को टोंट मारा जानबूझ कर जिसे सुन के
शैली दांत पीस के जूही की तरफ मुड के बोली
" आज तक तुम तमीज नही सिख पाई ना ,, पहले की तरह अभी भी बत्तमिज ही हो मेरी बात मानो तो तमीज में साथ साथ एक बच्चा भी पैदा कर लो "
फिर शैली कुछ याद करने का नाटक कर बोली " अरे हां मैं तो भूल गई थी की तुम्हे तो बच्चा हो नही सकता वो समाज क्या कहते है ऐसी औरते को हां बांझ हो तुम ना तो कहा से बच्चे होंगे"
शैली की तीखी बात सुन जूही की मुठिया कस गई आंखो में आंसू भर गए थे आखिर शैली ने जूही के दुखती जख्म पर हांथ डाला है जिससे जूही को बेहद दर्द हो रहा था ।
लेकिन कुछ ही देर में वो ख़ुद को संभाल लेती है और जूही मुंह बना के बोली " अरे वाह जिसे खुद तमीज नही आती वो आज आई है मुझे तमीज सिखाने क्या बात है लगता है आज सूरज पश्चिम से निकला है जो उल्टे पैरों की चुड़ैल घर में आने लगी और हां तुम्हे क्या फर्क पड़ता है मैं बच्चे करूं या ना करूं तुम्हारी तरह तो नही हूं बच्चे कर उसे छोड़ के चली जाऊं।
" You " शैली अपनी इतनी बेज्जती सुन के गुस्से से जूही को बोली ।
" बेबी छोड़ो बेकार लोगो के मुंह नही लगते " शुभम् ने शैली को शांत करते हुए बोला और उसके कन्धे पर हांथ रख के आपने पास में खड़ा रहा ।
" हां तो अपनी बेबी को यहां से ले जाओ हम किसी के बेबी के चेहरे को देखने का शौक नही है तुम्हारी बेबी खमखा यहां आके गंदगी मचा रही है
" अभय ने कहा । तो सच चुप हो गए दुबारा बल्की किसी ने कुछ नही कहा वही शैली खुद की इतनी बेज्जती देख अंदर से आग बबूला हो गई थी जिसे शुभम् ने पकड़ रखा था ।
वही दिव्या जो युवी को लेके शांत खड़ी थी वो अभी भी शांत खड़ी रही कुछ नही बोली बस सब को बाते सुन रही लेकिन अचानक से उसके ऊपर शैली की नजर गई एक बार फिर वो अंदर से जल गई क्युकी उसने कभी नही सोचा था शौर्य किसी खुबसुरत लड़की से शादी करेगा ।
शैली और दिव्या की आंखे एक दूसरे से मिल रही शैली ने फिर एक नजर युवी को देखा उसके चेहरे पर तिरछी मुस्कान आ गई जैसे अब उसे क्या करना है वो पता चल गया हो वो शौर्य के तरफ मुड के बोली
" अरे हां मैं तो एक चीज़ भूल ही गई थी जिस काम के लिए आई थी वो किया ही नहीं "
उसकी बातो पर किसी ने कुछ नही कहा सब जानते है अगर ये आई है फिर तो कुछ कर के ही जायेगी और सच भी वह था शैली पर्स से एक पेपर निकल के शौर्य के तरफ बड़ाती है और कहती है
" ये तुम्हारे लिए शादी का गिफ्ट मेरे यहां से जाने के बाद में देख लेना आज तक तुम्हे किसी ने ऐसा गिफ्ट नही दिया होगा "
अचानक से बदले अवतार के साथ शैली बोली उसके बातो में कुछ अजीब था जिसे देख के शौर्य वो पेपर ले लेता है ।
वही शैली एक नजर सब को देख कहती है " बाय बाय " तिरछी मुस्कान के साथ शैली शुभम् के साथ निकल गई वहा से उसके जाते ही नकुल ने शौर्य के हांथ से वो पेपर लेके जैसे ही देखा उसकी आंखे बाहर निकल गई वो पेपर झटक के बोला
" क्या बकवास है ?
उसकी बात सुन सब की नजर नकुल के ऊपर चली गई शौर्य ने तुरंत ही पेपर को पड़ा लेकिन इन सब के दौरान उसका चेहरा काला पड़ चुका था जैसे आलू भून के उसके छिलके को न निकला हो इतना कला हो रखा था ।
" इसकी हिम्मत कैसे हुई ये सब करने की मैं छोडूंगा नही इसे अभी तक मैने कुछ किया नही तो अब ये मेरे ऊपर हांथ डालेगी " शौर्य ने पेपर जमीन पर फेकेके कहा । सब उसका चेहरा देख के समझ गए कुछ बड़ी बात है
वही बाकी सब को कुछ समझ में नही आया जूही और अभय ने साथ में कहा " क्या हुआ ? ऐसा क्या है इस पेपर में जो तुम दोनो इतने गुस्से में ?
नकुल" गुस्सा करने वाली बात ही है उसे क्या लगता है वो शौर्य पर केश कर के युवी ले सकती है नही वो कभी युवी को शौर्य से नही ले सकती उसकी औकात ही नही है ।
नकुल की बात सुन जूही और अभय दोनो हैरान हो गए और एक साथ में बोले " क्या ?
दोनो शॉक में थे उन्हे समझ नही आ रहा ये वो कैसे कर सकती है इतने सालो में उसे यूबी की याद नही आई और आज युवी को लेने की बात कर रही है यही सोच शौर्य का गुस्सा बड़ता जा रहा था लेकिन खुद को शांत कर वो खड़ा रहा । सब इतना तो समझ गए है वो शौर्य को परेशान करना चाहती है ।
" अब उसे कुछ नही मिला करने को तो शौर्य से युवी को छिनने की कोशिश करने लगी वो औरत पागल हो गई है मेरा तो मन कर रहा उसे में मार डालूं" अभय ने गुस्से में कहा
" मुझे तो समझ नही आया एक पागल लड़की ने मिस्टर शौर्य बंसल ने शादी कैसे कर किया क्या आंखे नही था उस वक्त " ये तीखे शब्द दिव्या के थे जो शौर्य को देख के बोली ।
वही दिव्या की आवाज सुन के शौर्य इसके तरफ देखने लगा तभी दिव्या फिर से बोली " कोई केश करे या फिर लेने आए जो जिसे करना है करे लेकिन युवी कही नही जाना चाहिए वो हमारा बेटा है और हमारा ही रहेगा"
दिव्या के आंख में एक आग थी वही बाकी सब उसकी बाते सुन के युवी के लिए उसका प्यार देख खुश हो गए लेकिन शौर्य बीना कुछ बोले वहा से निकल गया । बाकी सब बस उसे जाते देख रहे थे कुछ देर में पार्टी भी खतम हो गई थी ।
नकुल आज यही पर रहने का सोच के अभय के साथ रुक गया वही दिव्या युवी के साथ उसके कमरे में थी अभी भी उसके हांथ में शैली को दी गई वो कोर्ट का नोटिस पेपर था ।
" कोई मां कैसे खुद के बेटे को इतनी तकलीफ दे सकती है क्या दुनिया में ऐसी भी मां होती है " दिव्या मन में बोल सोच रही थी शौर्य के और शैली के प्यार के बारे में उसने भी सुना था वही युवी जो अभी बच्चा है ना उसे अपनी मां का प्यार मिला और इस औरत ने कभी दिया ।
दिव्या अपने ख्यालों के थी की तभी दरवाजा और जूही ने आके कहा
" दिव्या"
दिव्या अपनी जगह से खड़ी होके बोली " हां दी"
जूही के चेहरे पर परेशानी थी वो हल्के स्वर में बोली " दिव्या वो
"क्या हुआ दी आप परेशान लग रही है " दिव्या ने जूही के रुके शब्दो को सुन के कहा
" हां वो शौर्य भाई छत पर अजीब बाते कर रहे है क्या तुम उन्हे संभाल सकती हो " जूही हिचकिचाते हुए बोली
दिव्या को कुछ अजीब लगा वो बोली " अजीब बाते मतलब?
जूही आंखे घुमा के बोली " पता नही तुम खुद देख लो "
दिव्या फिर कुछ न बोल के वो छत के तरफ चली गई जैसे ही वो वहा पर पहुंची शौर्य की हालत देख के हैरान से ज्यादा परेशान हो गई क्युकी शौर्य इस वक्त नशे की हालत में पूरी तरह डूब चुका था और शराब की बोतल को देखते हुए उसके आंखों से आंसू निकल रहे।। इस वक्त वो एक टूटा हुआ इंसान लग रहा ।
दिव्या भारी कदमों से उसके तरफ आई आज।पहली बार शौर्य की ऐसी हालत दिव्या ने देखा था उसे नही पता था शौर्य शराब भी पीता है ।
जारी✍️
क्या होगा आगे ? क्या दिव्या शौर्य को संभाल पाएगी ? क्या युवी चला जायेगा उनके हांथ से ? दिव्या शौर्य को किसे संभालेगी ?
भाग 15 .....
दिव्या जैसे ही छत पर गई शौर्य को शराब के नशे में देख वो हैरान रह गई वही जूही, नकुल अभय भी उसके पास में खड़े थे अभय नकुल ने भी पी रखी थी लेकिन सबसे ज्यादा इस वक्त शौर्य नशे की हालत में था दिव्या भारी कदमों से उसके पास गई ।
जो टेबल के नीचे बैठा था उसके हाथों में शराब की बोतल थी और आंखे आंसुओ से लाल थी दिव्या एक पल के लिए हैरान हुई क्युकी इन एक साल में ये पहली बार था जो दिव्या शौर्य की ऐसी हालात देख रही थी दिव्या अभय और नकुल से सवाल करती है
" ये सब क्या है ?
नकुल ने शर्मिंदगी से कहा " सॉरी भाभी एक साथ बस थोड़ा सा पीने आए थे लेकिन अचानक से पता नही शौर्य को क्या हो गया वो सीधी बोतल से पीना सुरु कर दिया हमने उसे काफी बार रोना लेकिन उसने एक नही सुनी हमारी एक साथ उसने दो बोतल खाली कर दि ।
दिव्या आंखे सिकोड़ के कहा " इतना नाश"
अभय " शौर्य को हल्के पीने से भी नशा हो जाता है लेकिन वो कभी ऐसी हरकत नही करता पता नही आज क्या हो गया वो ।। आके के शब्द अभय बोल नही पाया जिसे देख के दिव्या ने अपनी भारी आवाज में बोली
वो क्या अभय जी "
इसका जवाब नकुल ने फौरन दिया " हमे कहता है ये सब शैली की वजह से हो रहा है आज उसे देख के शौर्य खुद को रोक नहीं पाया "
इसका जवान और सावल कुछ भी दिव्या नही करती लेकिन पता नही क्युकी उसे शौर्य पर गुस्सा आने लगा एक लड़की के लिए वो ख़ुद को ऐसी हालत कैसे कर सकता है लेकिन वो कुछ नही कहती शौर्य को सभी शांति से हस शौर्य को देख रहे थे ।
तभी सभी के कानो के शौर्य की आवाज गई " तुमर मेरे बेटे मुझसे दूर नही वो नही लेके जा सकती वो मेरा है मै जिन्दगी नही दूंगा किसी भी कीमत पर तुम्हे शैली तुम " शौर्य की बात सुन के सब कुछ क्लियर हो गया इन सब की वजह शैली है और कोई नही ।
वही शौर्य इस वक्त शैली की ही बाते कर रहा ये तो सब समझ गए दिव्या उसके पास जाके बोतल को हांथ से लेने लगी लेकिन शौर्य ने अपनी पकड़ मजबूत कर कहा
" तुम चली जाओ मुझसे दूर मैं अपना बेटा कभी नही दूंगा तुम्हे जो यहां से नही तो मैं तुम्हे बरबाद कर दूंगा समझी तुम "
शौर्य की बहकी बाते सुन के दिव्या छिनने की ओर कोशिश करते हुए बोली " सर प्लीज पहले इस बोतल को छोड़िए युवी को कोई आप से दूर नही लेके जायेगा प्लीज छोड़िए आप की तबीयत खराब हो जायेगी "
दिव्या जानती थी ये सब नशे की हालत में हो रहा है शौर्य इतना कम जोर नही हो सकता जी किसी के कहने से पैनिक हो जाए लेकिन कहते है ना डर बड़े बड़े इन्सान को खा जाती है ।
शौर्य ने ना में सिर हिला के कहा " नही मैं नही छोडूंगा अगर मैने अपने बेटे को छोड़ दिया तो तुम लेके चली जाऊंगी मेरे बेटे को नही दूंगा मैं "
शौर्य बोतल को अपना बेटा समझ रहा यानी युवी को समझ के उसे गले से लगा रहा जिसे देख के दिव्या अपनी पकड़ कस के झटके से बोतल को छीन लेती है और उसे दूर कर देती है ।
उसके ऐसा करते है शौर्य तड़प जाता है वो फिर से लेने की कोशिश करता है लेकिन दिव्या नही देती बल्की शौर्य के कन्धे से पकड़ के कहती है
" सिर प्लीज होश में आइए ये युवी नही है युवी कमरे में सो रहा है आप शांत हो जाइए"
दिव्या बार बार एक ही बात कहती है लेकिन शौर्य नही सुनता है वो ना कहते हुए दिव्या के ऊपर ही बेहिश हो जाता है दिव्या शौर्य के सिर पर हांथ रख के उसे गले से लगा के बैठी रही वह तीनो शौर्य को ऐसे देख बड़े दुखी थे सालो पहले भी शैली के जाने के बाद शौर्य की ऐसी ही हालत हुई थी ।।
लेकिन उस वक्त युवी था तो वो संभल गया था युवी शौर्य की ताकत बन गया लेकिन अब यही युवी को लेने वो वापस आई है जिससे शौर्य खुद को अंदर ही अंदर कमजोर समझने लगा ।
दिव्या ने शौर्य की ऐसी हालत देख मन में बोली " मुझे नही पता शैली से आप की क्या लड़ाई हुई है वो क्यू गई छोड़ के ? और ना मुझसे उसके बारे में जानने में कोई इंट्रेस्ट है ? मैने आप से शादी युवी के लिए किया है ? तो उसे कैसे किसी और के पास जाने दे सकती हूं ? फिर दिव्या शौर्य के चेहरे को देख के कहती है
" आप फिकर मत करिए युवी आप से कभी दूर नही जायेगा आप ने मुझे इस घर में रहने दिया उसके अहसान पर शायद मैं युवी को हमेशा के लिए आप के पास रहने दूं ? दिव्या के आंखो में कुछ था जो सिर्फ वही जानती है
उसने इतना कह नकुल और अभय से हेल्प मांगी और सीधे शौर्य को कमरे में ले गई दोनो ने आराम से शौर्य को बेड पर लेटाया और बाहर चले गए दिव्या शौर्य के जूते को निकाल के एक साइड रखती है फिर उसके चेहरे को साफ कर कहती है
" मुझे क्या करना है कैसे करना है वो मैं अच्छे से जानती हूं बस आप बेफिक्र रहिए युवी आप का नही मेरा भी कुछ है मैं ऐसे ही किसी को नही लेने दूंगी "
दिव्या अपनी बात कह शौर्य को ठिक से चादर से ढकती है वो लाइट ऑफ कर बाहर चली जाति है ।
वो जैसे ही युवी के कमरे के तरफ गई बीच में जूही ने आके कहा
" दिव्या मुझे तुमसे बात करनी है ?
दिव्या उनके चेहरे पर परेशानि साफ देख पा रही थी लेकिन ज्यादा कुछ ना कह के दिव्या ने जूही के कन्धे पर हांथ कर के बोली " मुझे पता है भाभी आप क्या सोच रही है लेकिन आप फिरकर मत करिए जब तक मैं हूं ना युवी किसी के पास जायेगा ना शौर्य सर को कुछ होगा दोनो की जिम्मे दारी मेरी है आप बेफिक्र रहिए ।
जूही दिव्या के हांथ पकड़ के कहती है " thank you" दिव्या मैं बता नही सकती मैं कितना डर गई थी मुझे लगा भाई पहले जैसे न हो जाए thank you तुमसे बात कर काफी अच्छा लगा "
दिव्या हल्की स्माइल के साथ सिर हिला के कहती है " सब ठीक हो जायेगा आप जाके सो जाइए ओके "
जूही अपना सिर हिला के चली जाती है दिव्या भी युवी के कमरे में गई जहा युवी टॉय को गले से लगा के सोया था ।
दिव्या ने उसके माथे पर हांथ फेर के अपना फ़ोन चेक करती हो फिर कुछ देर बाद आंखे बंद कर लेट गई
अगली सुबह घर में पूरी तरह शांति थी तभी कोई भगाते हुए युवी के कमरे के आया और उसे देख के गेट पर रुक गया ये कोई और नही बल्की शौर्य था सोते हुए उसने कोई बुरा सपना देखा उसे लगा की युवी उससे दूर चला गाया है इसी लिए भागते हुए आया उसकी आवाज से सब लोग जग गए थे ।
वही दिव्या वाशरुम में थी इस घर में सबसे पहले दिव्या ही उठती है लेकिन आज शौर्य पहले है शौर्य युवी को सोते देख उसके पास में आके बैठ गया ie माथे को चूम के बोला
" मेरा बच्चा तुम मेरे हो और मेरे ही रहोगे मैं कभी खुद से तुम्हे दुरेनही करूंगा I प्रोमिस मेरे बच्चे "
इतना कह शौर्य युवी के पास लेट गया युवी उसकी जान ही नही उसकी ज़िन्दगी है अगर वो जिंदगी को किसी और के हाथों में दे दिया तो खुद कैसे जिन्दा रहेगा युवी के बीना ज़िंदगी शौर्य सोच तक नही सकता है ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या दिव्या शैली को सबक सिखाएगी ? क्या करेगी दिव्या युवी को बचने के लिए ?
" मेरा बच्चा तुम मेरे हो और मेरे ही रहोगे मैं कभी खुद से तुम्हे दुर नही करूंगा I प्रोमिस मेरे बच्चे "
इतना कह शौर्य युवी के पास लेट गया युवी उसकी जान ही नही उसकी ज़िन्दगी है अगर वो जिंदगी को किसी और के हाथों में दे दिया तो खुद कैसे जिन्दा रहेगा युवी के बीना ज़िंदगी शौर्य सोच तक नही सकता है
अब आगे...
इन्सान का डर उसे क्या से क्या करवा सकता है ये कोई समझ नही सकता जैसे आज शौर्य इतना डर गया की खुद युवी के कमरे में आके उसके पास सोया जो आज तक उसने कभी नही किया हां वो प्यार युवी से बहुत करता है लेकिन बचपन से युवी उसकी मॉम के पास रहा शौर्य काम में हमेशा डूबा रहता जिसके चलते दोनो ना कभी आमने सामने आते ना मिलते बस नाश्ते के वक्त मिलते थे लेकिन जब से दिव्या आई थी वो युवी के पास ही रहती ।
लेकिन आज जैसे ही युवी ने अपनी आंखे खोली शौर्य को खुद के पास देख उसकी खुशी का ठिकाना ही नही रहा वो खुशी से उछलने लगा वही शौर्य को भी इस बात का अंदाजा नही था उसके वहा होने से युवी उतना खुश होगा उसे अहसास हुआ इतने सालो में कही न कही उसने अपने ही बेटे के साथ नाइंसाफी की है ।
लेकिन अब तो वक्त गुजर गया फिर बात करने से क्या ही फायदा आज शौर्य ने खुद युवी को रेडी कर खुद भी रेडी हुआ सब एक साथ नाश्ता के टेबल पर बैठे थे जहा शौर्य के लिए पहले की तरह आज भी उसका दिन था बस शैली से निपटने का ख्याल उसके दिमाक चल रहा वहा बाकी घर वाले के लिए आज दिन नॉर्मल नही स्पेशल दिन था क्युकी युवी चहकते हुए आज सब से एक ही बात कहता
" दादी आप को पता है आज डैड मेरे पास सोए थे जब मैने अपनी आंखे खोली तो डैड मेरे पास थे वो मेरे साथ एक बिस्तर पर थे " युवी के चेहरे की लाली बता रही वो कितना खुश था ।
सब उसकी बाते सुन स्माइल कर रहे यहां तक की दिव्या जो उसके पास बैठ उसे नाश्ता करा रही थी वहीं वैशाली जी युवी की बात सुन शौर्य से होली
" शौर्य"
उसकी आवाज आने के बाद भी शौर्य ने कुछ नही कहा तो अभय ने कन्धे पर हांथ रखा जिसके अहसास से शौर्य अपने ख्यालों से बाहर आया और उसकी तरफ देखा तभी अभय ने कहा
"तू ने सुना नही आंटी बुला रही है तूझे"
अभय ने जैसे ही कहा शौर्य वैशाली जी के तरफ देख के बोला " हां मॉम कहिए क्या हुआ ?
वैशाली जी एक बार रुकी शौर्य के चेहरे पर पेरशानी देख वो समझ गई कल के बातो से वो परेशान है भले ही उस वक्त वो मौजूद नही थी लेकिन बाद में जूही ने उन्हे सब कुछ बता दिया था ।
वैशाली हाल पूछते हुए बोली " तू ठीक है ना बच्चा"
शौर्य ने बस हां में सिर हिलाया तभी फिर से वैशाली जी बोली " तूने सुना युवी ने क्या कहा आज वो बहुत खुस है तू इसके पास सुबह सुबह था मैं तो कह रही तू रोज़ उसके उठने से पहले उसके पास चला जाया कर उसे खुशी होगी और वो खुश होगा तो जल्दी ठिक भी हो जायेगा"
अपनी मां की बात सुन शौर्य युवी के चेहरे के स्माइल को देख हल्का सा मुस्कुराया और बोला " हम्मम! आप सही कह रही है मैं अब रोज अपने बेटे साथ रहूंगा ।
ये सुन युवी उछलते हुए " ये ये ये डैड अब रह रोज मेरे पास रहेंगे।
किसी ने कुछ नही कहा बस सब खुशी खुशी युवी को देख के नाश्ता करने लगे कुछ देर में अभय हॉस्पिटल और शौर्य अपने काम पर निकल गया अब शैली के दिए गए कोर्ट नोटिस को वो कैंसल करवा नही सकता लेकिन उसके लिए प्रैक्टिस तो कर सकता है वो जनता है शैली युवी की सगी मां है और अक्सर कोर्ट बच्चे को उनकी मां के पास ही रखने को ही कहती है । लेकिन ये शौर्य किसी भी कीमत पर होने नही देना चाहता है और उसी बात का डर शौर्य को ज्यादा थी ।
उधर दिव्या भी कुछ देर युवी का नाश्ता फिनिश करवा के उसे वैशाली जी के साथ छोड़ दी ओर खुद बहार निकल गई वहा जूही भी जो एक डिसाइंग कंपनी में काम करती है वो भी अपने जॉब पर निकल गई थी ।
कुछ देर में दिव्या एक कॉफी शॉप में बैठी थी उसके समाने खुशी जिसने सिंपल सा टिसर्ट और पैंट पहन रखा था वही दिव्या ने वाइट में कुर्ती और प्लाजो पहन रखी थी
" क्या पार्टी तेरी अच्छे से हुई की नही " खुशी ने कॉफी का एक शिप लेके कहा
" हां ठीक थी " दिव्या बोली जो हांथ बांध के बैठी थी
तभी खुशी ने उसकी तरफ देख के बोली " जब सब ठीक है तो ऐसे मुंह बना के क्यू बैठी है क्या बात है बताएगी एक तो अर्जेंट में मुझे बुलाया ऊपर से न फोन पर बताई ना अभी तक कुछ बोली है क्या बात हो गई बहन क्यू खून खौला के बैठी है ।
खुशी थोड़ा मजाकिया लहजे में बोली जिससे दिव्या स्माइल तो करे लेकिन नही वो बीना किसी एक्सप्रेशन के बैठी थी ।
" बोल ना यार एक तो उस Mr कमद ne सिर का भेजा फ्राई कर रखा है तू देवदास बनी है बता तब मैं कुछ बोली
" खुशी ने कॉफी के कप को घुमाते हुए बोली
जिसे सुन के दिव्या घूर के बोली " एक बार भी तेरा मुंह बंद हुआ जो मैं कुछ कहूं जब से आये है तब से तो तू ही बोले जा रही क्या है क्या है ? अरे चुप रह तब बताऊं क्या है ?
दिव्या चीड़ के बोली तो खुशी अपनी बत्तीसी चमका के बोली " सॉरी अच्छा ठीक है तू बता बात क्या है ?
दिव्या गहरी सांस लेके बोली " कुछ खाश नही बस एक
लड़की को संभालना है बस इसी का आइडिया चाहिए "
खुशी ने थोड़ी हैरानी से कहा " लड़की भई कौन लड़की तेरे पाले पड़ गई किसकी शामत आई है कही किसी ने तेरे पति को छेड़ा तो नही जिसे तू संभालने की बात कर रही है "
" शट अप! बकवास मत कर पहले पूरी बात सुन " दिव्या गुरा के बोली
" मैं तो बस पूछ रही थी ! कोई बात नही तू बता क्या बात हो गई " खुशी बोली
" कुछ खाश नही बस इसका डीटेल चाहीए ये कब से शौर्य को जानती है कब शादी हुई और कब तलाक और क्यू कौन हुआ इसके साथ कौन रहता है ये क्या करती है इसका पति भी क्या करता है सारी डिटेल चाहीए "
दिव्या ने शैली और सुभम की तस्वीर खुशी के समाने कर के बोली
खुशी जैसे ही तस्वीर को देखी जो दिव्या ने दिया वो देख उससे रहा नही गया वो तुरंत ही बोली " ये तेरे पति की ex wife है ना इसने क्या कर दिया ? जो तू हांथ धो के इस बिचारी के पीछे पड़ने वाली है "
दिव्या ने होंठो को तिरछा कर बोली " बस कपड़े धुलने का मन था और मेरे घर में कपड़े है नही तो सोचा क्यू ना इसे eही धूल दूं,, सही सोच ना मैने "
दिव्या ने जिस अंदाज में कहा खुशी ने कभी सोचा नही था दिव्या ऐसा उल्टे जवाब भी कभी देगी खुशी बस अपना मुंह खोले बस देखती रह गई ।
इसे ऐसे देखते देख दिव्या टेबल पर हांथ मार के बोली " मैने क्या कहा तुम्हे की नही "
अपने ख्यालों से बाहर आके खुशी लंबा सा सर हिला के बोली " हां सुना! सुना क्या कहा है ?
दिव्या" फिर कल तक सब मिल जायेगा ना और एक बात उसके साथ मेरी एक मीटिंग फिक्स कर मुझे उससे मिलना है अकेले में "
खुशी" क्यू?
दिव्या " क्यू का बस मुझे मिलना है तो मिलना है उससे कुछ सवाल करने है बस इसी लिए ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या जायेगी शैली के पास दिव्या ? क्या दिव्या शैली से पूछना चाहती है ? आखिर दिव्या करने क्या वाली है ?
चैप्टर अच्छा लगे तो रेटिंग कॉमेंट और स्टिकर्स जरूर भेजिएगा।
अब आगे ...
जहा एक तरफ शौर्य शैली के केश को लेके परेशान था वह दूसरी तरफ शैली से निपटने के लिए पहले ही दिव्या लग गई थी उसने खुशी से सारी चीज़े शेयर कर उसकी हेल्प ली।
वही शौर्य इस वक्त अपने ही कैबिन में बैठा उसके हांथ में एक फाइल थी जिसे देख के शौर्य का खून मानो ज्वाला मुखी की तरह चल रहा
" तुमने ये रीड किया है इतने घंटो से मैने सुबह से फाइल रेडी करने के लिए कहा था और तुमने अभी तक बस ये बकवास किया लेके जाओ इसे यहां से "
शौर्य ने फाइल सामने टेबल पर फेक के कहा इस वक्त शौर्य के सामने एक एम्प्लॉय था जिसे शैली के केश की फाइल तैयार करने के लिए शौर्य ने कहा लेकिन वो उसके मन मुताबिक तैयारी नही हुई ।
वही एम्प्लॉय सिर झुका के कहा " सॉरी सर मैं फिर से करता हुं" इतना कह वो फाइल लेके जाने लगा तो शौर्य ने उसे रोक के फिर से कहा " सुनो इस बार फाइल में उसके मां होने का एक गुण भी एड मत करना वो मां नही मां के नाम पर कलंक है जो अपने दो महीने के बेटे को छोड़ के किसी और के साथ भाग गई थी सारी बाते डिटेल्स में लिखो एक भी मिस नही होना चाहिए और अगर कोई हेल्प चाहिए तो सीधे कुनाल से जाके बात करो।
एम्प्लॉय ने हां में सिर हिला के वहा से चला गया उसके जाते ही शौर्य ने टेबल पर हाथ मार के खुद से जहा " शौर्य को खुद को ठंडा रख केश अभी भी तेरे फेवर में स्ट्रॉन्ग है लेकिन जब खुद को ठंडा रखेगा तभी जीत सकता है " शौर्य खुद को स्ंत्वना दे रहा और केश के लिए ये जरूरी था किसी भी प्रकार का नेगेटिव ख्याल जितने वाले को भी हरा सकता है ।
इतना कह शौर्य ने गहरी सांस ली और फिर से अपना काम करने लगा लेकिन बार बार उसके आंखो के समाने युवी का ही चेहरा आ रहा था तभी कैबिन के अंदर नकुल आते ही शौर्य को देख बोला
" क्या हुआ भाई तू ऐसे क्यू आग बन के बैठा है ?
नकुल की आवाज सुन शौर्य नजरे ऊपर कर उसे देखा और घूर के बोला " कभी तो गेट नॉक कर के आया कर ये तेरे बाप का नही है जो मुंह उठा के चला आता है "
नकुल ने दांत दिखा के बोला " बाप का पता नही लेकिन भाई ये कैबिन तेरा है और तू मेरा भाई और जब भाई अपना हो तो नॉक नही करते यार वैसे भी तू जानता है मैं बेशर्म हूं ऐसे ही मुंह उठा के आता रहूंगा।
शौर्य ने ना में सर हिला के कहा " तुझसे तो बात करना बेकार है ।
नकुल शौर्य के समाने वाले चेयर पर बैठते हुए बोला " बेकार है तो बात मत कर वैसे पहले ये बता तू परेशान क्यू है क्या कल की बात सोच रहा है "
शौर्य कभी भी अपना इमोशन किसी को दिखाता नही वो फिर से फाइल खोलते हुए कहा " कुछ नही हुआ है मैं ठिक हूं और मैं किसी से डरता नही जो उसके बारे में सोचूंगा युवी मेरा ही बेटा है उसे कोई नही ले सकता "
शौर्य साफ झूठ कह रहा जिसे नकुल भी समझ गया वो लेकिन उसने कुछ कहा नही क्युकी हर इंसान की एक कमजोरी होती है और शौर्य की उसका बेटा है जिससे वो जान से भी ज्यादा प्यार करता है नकुल नीचे सिर कर मुस्कुरा के मन में कह
" शौर्य तू कितना भी झूठ कह ले लेकिन जब तू नजरे नही मिलाता न तो समझ में आ जाता है तू झूठ कह रहा है ।
" क्या हुआ क्या सोचने लग गया अगर तेरा हो गया हो तो जा यहां से मुझे काम करना है " शौर्य ने अपना काम करते हुए नकुल से कहा वही नकुल अपने ख्यालों से बाहर आके बोला
" हां ठीक है जाता हूं लेकिन तुझे मेरे साथ चलना होगा "
" कहा ?
" कॉफी शॉप चल के कॉफी पीते है काफी वक्त हो गया एक साथ बैठ के पीने में आज चलते है "
नकुल की बात सुन के शौर्य ने माना किया लेकिन नकुल के बार बार कहने के बाद आखिर में शौर्य मान गया और दोनो कॉफी शॉप के लिए निकल गए जो उनके ऑफिस से कुछ ही दूरी पर थी ।
उधर खुशी की नौटंकी खतम ही नही हो रही थी लेकिन दिव्या के समाने कहा जाता चलती है वैसे उसका काम करने के बारे में वो मान गई तभी ये मामला खत्म कर दिव्या खुशी से बोली
" वैसे तुमने बताया नही mr कदम का ख्याल हाल है अभी ज़िंदा है ना "
खुशी " पहले तू मुझे पता उससे मिलने कब आ रही है "
" कुछ वक्त बाद अभी वक्त नही है अब ये बीच में शैली आई है पहले उसे देख लूं फिर उसे भी देख लूं तू बता जिन्दा है "
" हां साला जिन्दा है तू फिकर मत कर वो इतनी आसानी से मारने वाला नही है ।
दिव्या " मरना भी नही चाहिए ।
खुशी " हम्मम! चल ठीक है छोड़ ये सब मैं तो तेरे साथ हूं ना लेकिन बहन जल्दी आना साले ने नाक में दम कर रखा है ,, बार बार एक ही बात बोलता है मैं ये हूं वो कर सकता हूं ये कर सकता हूं ओफो क्या बड़ी बड़ी हांकता है यार मन करता है बाहर की दुनियां दिखाऊं उस अंधे आदमी को भाई देख तेरे से भी महान व्यक्ति है । लेकिन कही भाग न जाए इस डर से बाहर नही करती।
दिव्या " तू तो ऐसे बोल रही जैसे किडनैप नही उसे प्रोटेक्ट करने ले गई है अच्छा छोड़ बस कुछ दिन संभाल ले इसके बाद उसका ही नंबर है उसे अच्छा सबक भी सिखाऊंगी और अपनी फेमिली के भी बारे में जानूंगी ।
खुशी " आईडिया सही है अब तो उसका सारा घमंड टूट के बिखर जायेगा ।
दिव्या " हम्मम "
कहा दोनो बात कर रहे थे वही उनसे कुछ ही दूरी पर शौर्य और नकुल बैठे थे जैसे ही दिव्या की आवाज दोनो के कान में गई एक साथ दोनो की नजरे उनके ऊपर गई ।जहा खुशी और दिव्या को साथ में देख शौर्य मन में बोला
" ये लड़की कौन है आज तक मैंने इसे नही देखा था ?
शौर्य आज पहली बार दिव्या के साथ खुशी को देखा वही नकुल कुछ और ही सोच रहा " ये खुशी नाम की तूफान भाभी के साथ क्या कर रही है ? क्या दोनो एक दूसरे को जानती है ?
दोनो हो अलग अलग सोच रहे लेकिन दोनो ही उनके पास गए नही वही दिव्या और खुशी कुछ देर में बात कर वहा से उठ के चली गई उन दोनो ने शौर्य और नकुल को नही देखा ।
लेकिन उन्हें जाते हुए नकुल और शौर्य देख रहे ।
जारी...
अब आगे ...
कोर्ट के दिए गए डेट में दो दिन बाकी था शौर्य ने सारी तैयारी कर रखी थी उसके अंदर डर नाम की चीज भी खत्म हो चुकी थी क्युकी अब चाह कर भी शैली जीत नही सकती क्युकी लास्ट में युवी की मर्जी पूछी जायेगी और शौर्य अच्छे से जानता है युवी की क्या मरजी होगी युवी अपने डॉक्टर एंजल और डैड को छोड़ के कभी नही जायेगा । ।
वही यूवी इन सब से अनजान था उसे कुछ नही पता वैसे भी वो अभी बच्चा है । उसे बताना किसी ने जरुरी नही समझा । वही दिव्या भी शैली से मिलने का समय तक कर रखी थी । इधर खुशी के बारे में नकुल और शौर्य ने दिव्या से कुछ पुछा भी नही । क्युकी जहा तक खुशी की बात है वो बस नकुल जनता है शौर्य को नही पता खुशी कौन है और दिव्या के लाइफ में घुसना उसे ठीक नही लगा ।
शाम का वक्त ...
दिव्या आज शैली ने मिलने रेस्टोरेंट आई थी वो टेबल पर बैठ के उसका वेट कर रही तभी समाने से मटकते हुए शैली ने आते ही कहा " हाय ,,कैसी हो? मेरी एक्स हसबैंड की न्यू वाइफ"
शैली ने होंठो को तिरछा कर कहा जिसे सुन के जाहिर सी बात है वो टोंट मार रही है लेकिन दिव्या को इन सब से कोई फर्क कही पड़ता वो झूठी हंसी के साथ बोली " मैं ठिक हूं मेरे हसबैंड की एक्स वाइफ,, तुम कैसी है ?
दिव्या ने भी शैली को उसके ही भाषा में जवाब दिया जिसे सुन शैली के चेहरे का रंग बदल गया वो चेयर पर बैठ गई और एटीट्यूड से बोली "
" बोलो तुमने मुझे मिलने के लिए क्यू बुलाया है ,, वैसे बात सुरू करने से पहले मैं तुम्हे पहले ही बता देती हूं अगर युवी के सिलसिले में तुम्हे मुझे बुलाया है तो भूल जाओ की मैं केश वापस लूंगी मेरा बेटा मुझे चाहिए मैं ले के रहूंगी उसे मुझे कोई नही रोक सकता ,, यहां तक की शौर्य भी नही ,, तो डियर मेरे समाने शौर्य के लिए गिड़गिड़ाने की ज़रूरत नही है मैं पहले ही अपने डिसीजन बता दे रही हूं कोई गलत फेमी मत रखना और अगर तुम्हारे सवाल का मैने पहले ही जब दे दिया तो हो तुम जा सकती हो यह से ।
दिव्या बीना किसी एक्सप्रेशन के शैली की बात सुन रही थी वो इतना तो समझ गई थी की शैली की असली प्रॉबलम शौर्य है शैली सिर्फ शौर्य को तकलीफ देना चाहती है क्यू उसे ये बात नही जानना है ,, उसके लिए इंपोटेंट था शैली को उससे कुछ खास प्रॉबलम नही है ।
वही शैली ने अपना हैंड बैग साइड में रख के कहा " देखो डियर मैं तुमसे मिलना चाहती थी पर्सनल क्युकी तुम नही जानी शौर्य किस तरह का इंसान है और मैं उसके साथ क्यू नही रहना चाहिए आखिर तुम्हे उसके बारे में पता होना
बीच के एकदम से दिव्या बोली " मुझे नही जानना "
शैली चुप होके दिव्या को देखने लग गई और बोली " हनन! क्या मतलब मैं यहां तुम्हारी
फिर से शैली की बात काट कर दिव्या बोली " मैने कहा ना मैं ये जानने में कोई इंट्रेस्टेड नही हूं तुमने शौर्य को क्यू छोड़ा क्या था वैगेरा बैगर शौर्य ने क्यू छोड़ा जो भी हो मुझे नही जानना है और ना कुछ सुनना है "
शैली " फिर तुमने क्यू बुलाया है कुजू मैने पहले ही कह दिया है युवी को मैं लेके रहूंगी और शौर्य के बारे में नही जानना तो मुझे नही लगता और कोई बात हमारे बीच हो सकती है तो मैं जा रही हूं तुम कुछ खा ले जाना यहां से "
शैली ने सोचा था की वो दिव्या से मिल के शौर्य के बारे में उसे काफी बाते सुनाएगी जिससे शौर्य की इमेज दिव्या के कजारो के गिर जाए और वो भी उसे छोड़ के चली जाए पता नही क्या बात है दोनो के बीच ,,लेकिन दिव्या का शौर्य से उसका कोई लेना देना नही है वो बस युवी को खुश देखना चाहती है चाहे खुशी कही भी हो शादी के या फिर दोस्त में और ऊपर से उसका मकसद प्यार नही बदला है । ,
दिया में शैली को खड़े होते देखा तो चेयर से टिक गई और घमंड से बोली " मैने अभी जाने के लिए नही कहा है तुम कैसे जा सकती हो ? "
शैली ने जैसे ही सुना वो रुक गई और नजरे दिव्या के तरफ थे जो लगा तार घुर रही थी वही शैली ने दिव्या के चेहरे पर एक एटीट्यूड देखा था जो उसे बिलकुल पसन्द नही आया इसके दिल में जलन होने कही वो गुस्से में बोली " तुम होती कौन हो मुझे रोकने वाली हां "
दिव्या ने हल्की स्माइल के साथ बोली" युवी की मॉम हूं और मैंने यह आप को बात करने के लिए बुलाया था ना की अपने हसबैंड के एक्स वाइफ की ज़िंदगी में जानने के लिए समझे । "
शैली कुछ न कह के दिव्या को घूरने लगी तभी दिव्या अपनी जगह से खड़ी हुई ir शेली के सामने उसके आंखो मे आंखे डाल के बोली " तुम्हे क्या लगा यहां मैं तुम्हे बुलाऊंगी और कहूंगी प्लीज युवी को शौर्य से अलग मत करो और तुम शौर्य का डार्क साइड मुझे बताओगी फिर मैं तुम्हारी हेल्प करूंगी की हां तुम सही हो युवी को अपने साथ ले जाओ ,, यही सब सोच के आई थी ना ।
शैली के चेहरे का रंग उड़ गया हां ये सच था वो यही सब सोच के आई थी लेकिन दिव्या ने उसे एक मिनट में पकड़ लिया कैसे ये सोच वो खड़ी थी तभी दिव्या उसके समाने आके बोली " देखो शैली पर्सनली मेरी ओर तुम्हारी कोई दुश्मनी नहीं है जो है तुम्हारे और शौर्य के बीच में है जिसमे मैं बिल्कुल भी आना नही चाहती लेकिन ,,,
फिर वो रुकी और बोली " लेकिन युवी अब मेरा बेटा है मैं उसकी मां हूं भले ही जन्म तुमने दिया है लेकिन उसके मुश्किल समय में मैं उसके साथ थी उसकी फैमिली थी इसी लिए साफ साफ मैं कहती हूं तुम केश वापस ले लो और युवी के पीछे मत पड़ो खुद की और शौर्य की लड़ाई में युवी को मत लाओ नही तो तुम्हारे लिए अच्छा। नही होगा ।
दिव्या पहले इस बात को। शांति से सुलझाना चाहती थी अगर शैली मान गई तो ठीक नही तो उसके पास और भी रास्ते है लेकिन वो sure थी शैली मानेगी ।
शैली दिव्या की बात सुन बैग नीचे फेक दी और होंठो को तिरछा कर जोर जोर से ताली बजा के बोली " अरे वाह तुम कल की आई लड़की मुझे समझाने आई हो हुन्हू तुम जानती नही शैली क्या चीज़ है मैने तो सोचा तुम मेरी बात सुनोगी और उसे मान के शौर्य से आजाद होके अच्छी लाइफ जिओगी लेकिन नही तुम यही डिजर्व करती हो जो अभी हो,, एक मामूली नर्स थी पता है क्यू शौर्य ने तुमसे शादी की वो इस लिए क्युकी अपने घर का और युवी का नौकर बना के तुम्हे पूरी ज़िंदगी रख सके ना उसे प्यार कभी मुझसे था ना तुमसे होगा तो ये बाते छोड़ के मेरा साथ दो वो आज भी मुझसे प्यार करता है ।
दिव्या " यार मैने कहा ना मैं तुम्हारे और शौर्य के रिश्ते के बारे में जानने में मैं इंट्रेस्टेंड नही हूं मैं साफ साफ कह चुकी हूं इस बारे में तुम केश वापस लेके युवी का पीछा छोड़ दो बस इतनी सिंपल सी बात को तुम कहा से कहा लेके चली गई ।
शैली " वो मेरा बेटा है मैं उसे नही छोडूंगी ये बात शौर्य को समझाओ मैं दो दिन बाद कोर्ट से अपने बेटे को वापस लूंगी "
दिव्या आंखे चढ़ा के बोली " मतलब तुम पिछे नही हटोगी नही छोड़ोगी अपनी जिद"
शैली " सही ! बिलकुल नही छोडूंगी "
दिव्या ने कन्धे उचका के कहे " ठीक है मत करना लेकिन मेरी एक बार अपने दीमाक में बैठा लो दो दिन बाद युवी नही जायेगा बल्कि वो होगा जो तुमने कभी सपने में भी नही सोचा होगा ।
शैली कुछ कहती उससे पहले दिव्या बैग उठा के वहा से निकल गई उसे जाते देख शैली पैर पटक के कहती हैं" आह्ह्हह ये खुद को क्या समझती है मैं इसे अच्छी सलाह दे रही थी और ये मुझे सुना के चली गई हां"
जारी..✍️
क्या होगा आगे ? दिव्या क्या करने वाली है ? किसी पास आयेगा युवी "
कुछ कहती उससे पहले दिव्या बैग उठा के वहा से निकल गई उसे जाते देख शैली पैर पटक के कहती हैं" आह्ह्हह ये खुद को क्या समझती है मैं इसे अच्छी सलाह दे रही थी और ये मुझे सुना के चली गई हां"
अब आगे ....
दिव्या अपने और शेली के मिलने के बारे में शौर्य और किसी को कुछ नही कहती है और ना उसे शेली के धमकी से डर लगा उसके लिए युवी इंपोटेंट था कैसे भी सब का एक दिन बीत गया आज वही दिन था जहा युवी के साथ सब को कोर्ट जाना है शौर्य सुबह ही निकला गया था ।
और बाकी सब को 11 बजे जाना है 10 बजे कोर्ट खुलेगा इस वक्त दिव्या युवी को दवाई खिला के उसे रेडी कर रही आज इतनी सुबह सब को ऐसे रेडी देख युवी को भी समझ में नही आ रहा था आखिर सब जा कहा रहे है
" मम्मा हम कही जा रहे है ? युवी ने दिव्या को देखते हुए पूछा जो उसके कॉलर को सही कर रही थी युवी को एक नजर देख युवी के बाल के कंघी कर कें कहती है "आप को अभी कुछ देर में पता चल जायेगा हम कहा जा रहे है
"
फिर वो कंघी को साइड रख युवी को गोद में लेके बैठी गई और प्यार से गाल पर हांथ रखा के बोली " क्या मम्मा आप से कुछ पूछे तो आप उसका जवाब सही देंगे "
दिव्या को कही न कही ये डर था कही अपनी असली मॉम के बारे में जान के युवी चल ना जाए क्युकी ये बात हर बच्चे के अंदर होती ही है उनकी सगी मां कौन है ? वैसे दिव्या को यूवी ने खुद चुना था लेकिन फिर भी कभी कभी डर बैठ जाता है ।
युवी ने अपनी मासूम आवाज में कहा " क्यू नही दूंगा आप पहले सवाल तो पूछिए "
दिव्या प्यार से देख के बोली " आज ना हम एक इसी जगह जा रहे है जहा कुछ अच्छे और गंदे लोग भी है और जो गंदे लोग है वो चाहते है आप आपनी मम्मी और डैडी से दूर हो जाओ लेकिन आप के मम्मी डैडी ये नही चाहते तो क्या उनके कहने पर आप हमे छोड़ के चले जायेंगे "
दिव्या की बात सुन के युवी डर गया उसके आंखो में आंसू भर गए उसे लगा जैसे सच में दिव्या और शौर्य उसे छोड़ के जा रहे है वो फौरन दिव्या के गले से लग के रोते हुए बोला
" नही मैं किसी के साथ नही जाऊंगा मुझे मेरे मम्मी डैडी दोनो चाहिए उन गंदे अंकल को आप हमसे दूर भेज दीजिए मम्मा मुझे आप चाहिए बस आप और कोई नही "
युवी की बात सुनके दिव्या के चेहरे पर मुस्कान आ गई शौर्य के केश में सबसे मजबूत खड़ी खुद युवी है अगर वो इनकार कर देता है तो ऐसी कोई कानून नही है जो युवी को उनसे दूर कर सकता है युवी की बात सुन के जितनी दिव्या खुश हुई उतना ही सामने दरवाजे पर खड़े बाकी सब जो कोर्ट जाने के लिए तयार थे । ।
" देखा आंटी हमारा युवी कभी हमे छोड़ के नही जायेगा
"
जूही ने वैशाली जी के कंधे पर हांथ रख के बोली "
वैशाली जी जिनके आंखो में आंसू थे वो आंसुओ के साथ बस हां में सर हिला देती है
इधर दिव्या प्यार से युवी के माथे को चूम के बोली " कोई कही नही आयेगा सब आप के पास रहेंगे "
युवी दिव्या के सीने से सिर निकाल के उसके तरफ देख और बोला " सच्ची में ! आप कभी नही जायेंगी "
दिव्या ना के सिर हिला देती है वही यूवी के चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ गई ।
दिव्या ने प्यार से युवी को सब कुछ समझ दिया अगर वहा पर इसे कोर्ट में जो सवाल लिए जायेंगे वो उसे सोच समझ जवाब दे दिव्या ने युवी को प्रेसर नही किया जो वो कह रही है युवी वह करे बल्कि बच्चे को उसके मर्जी से चुनने का मौका उसने दिया ।
दिव्या युवी को लेके निकल गई थी कुछ देर में युवी दिव्या जूही और वैशाली जी सब कोर्ट पहुंच गई दिव्या ने।शौर्य को मैसेज कर के बता दिया की वो लोग पहुंच गए है लेकिन शौर्य बीजी होने के कारण देख नही पाया ।
सभी एक साथ कोर्ट रुम के तरफ बड़े ही थी की रास्ते में अचानक से शैली आके खड़ी हो गई आज इसके साथ शुभम नही बल्की उसकी मॉम आरती जी थी ।
" क्या बात है अपनी बर्बादी देखने के लिए पूरी फैमली आ गई है ? कैसे कर लेते है आप लोग " शैली ने ताना कसते हुए कहा ।
उसकी बात उन सब को गुस्सा तो आया लेकिन तभी किसी के बोलने से पहले आरती जी ने शेली का हांथ पकड़ के कहा " यहां तमसा क्यों कर रही है चल अंदर "
वो नही चाहती थी की बाहर किसी तरह की बहस बाजी हो उनका स्वभाव शेली से बिलकुल अलग था यहां तक की वो शैली के फैसले से नाराज भी थी जब वो शौर्य को छोड़ के शुभम के पास चली गई ।
शैली अपनी मॉम के हरकत पर कहती है " आप प्लीज चुप रहिए आप को बस अपने बच्चे के सामान पकड़ने के लिए लाई हूं ना की मुझे राय देने के लिए "
शैली ने जिस तरीके से कहा ये बात सब को बुरी लगी आखिर आरती जी उसकी मां है लेकिन वो है ही बत्तमीज क्या ही कर सकते है ।?
आरती जी।शान्त होके खड़ी हो गई तभी वैशाली जी बोली " तुम आई हो यहां मेरे पोते को लेने पहले खुद जाके तमीज सीखो जो लड़की अपनी मां से ढंग से बात नही कर सकती वो क्या मेरे पोते की परवरिश करेगी "
" ओ एक्स मम्मी जी आप ना आपका ये रोना धोना और ज्ञान हर वक्त सुरु मत कर दिया करिए अच्छा नही लगता है "
वैशाली जी इसका कुछ जवान देने ही वाली थी की दिव्या ने उन्हे रोक के कहा " हमे अंदर चलना चाहिए देर हो रही है "
उसके कहते ही सब जाने के लिए मुड गए लेकिन दिया शैली को इग्नोर कर के जाए ये बात शैली को नही पसन्द वो बीच में आके बोली " तुम्हे बड़ी जल्दी है अंदर जाने की हां क्यू ना हो आखिर सौतेली मां के हांथ से बच्चा जो आज निकल।जायेगा हम्मम"
दिव्या ने तिरछी नजरों से उसके तरफ देखी और कुछ ना बोल के बस तिरछी स्माइल कर के अंदर चली गई वही शैली के लिए वही काफी था वो अंदर तक जल गई ।
थोड़ी देर में कोर्ट सुरू हो गया शौर्य अपने बेटे के लिए खुद लड़ रहा लेकिन वही शैली के तरफ से भी कोई कम जोर वकील नही थे एक एक एविडेंस शौर्य पेस करने लगा वही दूसरी तरफ से भी शैली काफी एविडेंस शौर्य के खिलाफ तयार कर रखा था की वो उसे शादी के बाद टॉर्चर करता था ।
लेकिन शौर्य के बाद उसका भी तोड़ था सारे सबूत को देख के फिर लास्ट में जब युवी से पूछा गया तो उसने शौर्य को दिव्या को ही चुना ये शैली के किए सबसे बड़ी हार थी कुछ देर में पूरी तरह से शौर्य केश जीत गया कोर्ट के तरफ से शैली को एक नोटिस मिला की वो दुबारा कस्टडी के लिए शौर्य के ऊपर केश नही कर सकती । केश पूरी तरह बंद हो गया ।
कुछ देर में सब घर के लिए निकल गए शैली घर के बजाय पब चली गई शौर्य पुराने केश के लिए नकुल से मिलने चला गया वह दिव्या भी युवी को लेके घर चली गई शाम तक दिव्या के पास खुशी का फोन आया की आज उसे आना ही है ।
दिव्या भी इसके लिए खुशी को हां बोल पहले की तरह युवी को सुला के रात के कुछ 10 के आस पास घर के पिछले दरवाजे से निकल गई ।
जारी ✍️
दिव्या भी इसके लिए खुशी को हां बोल पहले की तरह युवी को सुला के रात के कुछ 10 के आस पास घर के पिछले दरवाजे से निकल गई ।
अब आगे ...
एक अंधेरा कमरा जिसमें डिम लाईट जल रही थी उसी कमरे में एक आदमी कुर्सी से बांध था और जोर जोर से चिल्ला रहा " मेरे हांथ खोलो ! क्या किसी को।सुनाई नही दे रहा है मेरा हांथ खोलो तुम्हे पता नही तुम किस लेके आए हो ?
ये कोई और नही बल्की Mr कदम थे जो कुर्सी से बंधे थे और जोर जोर से चिल्ला रहे लेकिन उनकी आवाज़ सुनने वाला वहा कोई नहीं था । वह हांथ पैर फेक रहे को तभी कमरे का गेट खुला Mr कदम की नजर उसी तरफ चली गई जहा सामने से दो परछाई आते हुए दिखी
" तुम लोग कौन हो मेरा हांथ खोलो किसके ऊपर हांथ डाला है तुमने पता भी है मैं कौन हूं ? में तुम सब को .... आगे के शब्द उनके मुंह में ही रहे जब समाने दो लड़कियां आके।खड़ी हो गई ये कोई और नही बल्की दिव्या और।खुशी थी उन दोनो को कुछ देर के लिए Mr कमद देखते रहे फिर जोर।जोर से।हंसते हुए बोले
" शाला क्या। माजक है ये दो लड़कियां मुझे यहां लेके आई है हा हा "
अब Mr कमद खुद पर हंस रहे थे या फिर दिव्या और खुशी पर पता नही लेकिन ये देख दोनो की मुठिया जरूर कस गई है लेकिन।दोनो ने अपने गुस्से को कंट्रोल कर एक दूसरे को देखा फिर तिरछी मुस्कान के साथ आगे आके Mr कमद के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई ।
" तुम दोनो हो कौन और।मुझे यहां क्यू लाई हो जानती हो किसे लेके आई हो तुम दोनो मैं कोई आम आदमी नही जिसे पकड़ के पैसे मांगोगी और तुम्हे मिल जायेगा । मैं एक बिजनेश मैन हूं बड़े बड़े मेरे आगे झुकते है "
Mr कदम ने कहा तो दोनो लड़कियों के चेहरे पर तिरछी मुस्कान आ गई दोनो ने फिर से एक दुसरे को देखा फिर खुशी जो एक पैर दूसरे पैर पर कर के बैठी थी वो होंठो के पास उंगली रख के एटीट्यूड से बोली _
" लड़की देख के काफी हंसी आ रही है ना ,, हम दोनो के बारे में जानना भी है ,, ठीक है ! बड़े आराम से बताते है की हम कौन है ? और क्यू लेके आए है तुझे यहां पर ।जानने की चूल जली है और जहा तक तेरी बात है हमे पता है तू कौन है ? ।
उसकी बात सुन Mr कमद ne खुद को।छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा " पता होने के बाद भी तुम दोनो गलती कर बैठी हो मैं तुम दोनो को एक मिनट में मिटा सकता हूं समझी लड़की हो तो लड़की की तरह रहो ।".
खुशी एकदम से बोली " ये तो हमे पता है तू हमे मिटा सकता है लेकिन फिलहाल के लिए अभी तू बंधा है हमारे जाल।में।और जहा तक यहां से जाने की बात है वो इस जनम में तो नही होगा और देख लड़की को कम समझने वाले बैल बुद्धि आदमी हम दो लड़कियां ही तुझे यहां लेके आई है । "
" मैं आखिरी बार कह रहा हूं गलती कर रही हो तुम दोनो मैं तुम दोनो को मिटा दूंगा अभी के अभी ।
" कैसे मिटाओगे हुए हम्म,, Sorry Mr कमद यहां बाराती नही आ सकते वो क्या है ना ये कमरा एक ऐसी जगह है जहा इन्सान क्या जानवर नही आ सकते जब तक हम न चाहे तो ये उम्मीद छोड़ दीजिए की कोई।आप को बचाएगा भी " खुशी ने बेचारा सा मुंह बना के बोली
Mr कमद चिल्ला के बोले " बकवास बन करो अपना मेरा हांथ खोलो वरना बहुत बुरा होगा उतना की तुम दोनो सोच नही सकती ।
उसकी बात सुन खुशी गुस्से में खड़ी हो गई और कुछ कहने को हुई की एकदम से दिव्या ने कहा " सही कहा बकवास बहुत हो गई अब काम की बात करते है टाईम बेस्ट करना तो मुझे भी बहुत कम पसन्द है तुम्हारी तरह चलो फिर करते है काम"
दिव्य जिस तरीके और गुस्से में बोली की वो सुन के Mr कमद का गला सुख गया वो हकलाते हुए बोले "कौन सा काम ?
खुशी ने पैर से खंजर निकाल के दिखाते हुए कहा " तुम्हे मौत के घाट उतारने का काम ये भी तो काफी बड़ा काम होता है और फिर ले जाके कही दफनाना भी है जिससे तुम्हारी बॉडी भी किसी को न मिले "
खुशी की बात और उसके हांथ में खंजर देख के Mr कमद जो अभी तक चिल्ला चिल्ला के बोल रहे थे उनके माथे पर मसीने की बूंदे आ गई वो आंखे फाड़े देखने लगे ।
मिस्टर कदम को ऐसे देखते देख खुशी और दिव्या ने तिरछी मुस्कान के साथ बोली " डर लग रहा है क्या अभी तक तो बहुत दहाड़ रहे थे क्या हुआ सारी वहा निकल गई चलो अच्छा है हमारा काम आसान हो गया । "
अब हम तुम्हारा सारा डर हम खत्म कर सकते है " ये दिव्या ने हांथ में पिस्टल लेके कहे
अब तो मिस्टर कदम की जान हलक में।फंस गई थी उन्हे समझ में। ही नही आ रहा वो। क्या करे बस डर और घबराहट के दोनो को देख रहे थे।
मिस्टर कदम को इतना बड़ा धक्का लगा की वो कुछ बोल तक नही पा रहे थे जिसे देख के खुशी ने दिव्या के तरफ झुक के कहा " यार ये बुड्ढा तो सदमे में चला गया कुछ बोले तक नही रहा अब क्या ? कैसे इसका मुंह खुलेगा ।
इतना कह खुशी की नजर दिव्या के ऊपर गई जो मिस्टर कदम को देख तिरछा मुस्कुराए जा रही थी खुशी कुछ समझ नही पा रही बस वो इतना जान गई दिव्या के दिमाक में कुछ चल रहा है क्या पता करने से पहले ही दिव्या तेज कदम से मिस्टर कदम।के पास जाके सीधे एक गोली उनके जांघें पर उतर दी ।
गोली के आवाज के साथ साथ पूरे कमरे में मिस्टर कदम की आवाज गूंज गई वो गहरी गहरी सांसे लेते हुए दर्द से तड़पने लगे तभी दिव्या उनके सामने कुर्सी पर बैठ गई वही खुशी हैरानी से एक जगह पर जाके बैठ गई वो जान गई अब असली लड़ाई सुरू होगी इसी लिए वो कुछ बोलना ठिक नही लगा।
" डर लग रहा है दर्द हो रहा है ना और होगा इतना होगा तुम क्या तुम्हारे साथ साथ तुम्हारे साथी तक बर्दाश नही कर पाएंगे " दिव्या ने एक लात मिस्टर कदम के पैरो पर मार के बोली । दिव्या की बात मिस्टर कदम समझ नही पाए लेकिन वो खुद के लिए नफरत जरूर समझ गए थे।
तभी दिव्या के एक गहरी सांस खीच के बोली " बहुत हुआ अब आते है असली मुद्दे पर " इतना कह दिव्या ने पिस्टल मिस्टर कदम के सिर पर कहा के बोली
" मुझे सीधे सीधे जवाब दो किसने डॉक्टर कपिल वर्मा को मारा किसके कहने पर उनके पूरे परिवार को मारा गया है कौन है वो शख्स मुख्य उसका नाम बताओ "
कपिल का नाम जैसे ही मिस्टर कदम के कान में गया उनका दर्द जैसे चेहरे से गायब हो गया वो जगह डर और घबराहट ने ले लिया उन्हे कुछ न बोलते देख दिव्या ने खुशी के हांथ से गंजर लेके उनके दूसरे पैर में वार कर दिया ।
एक बार फिर मिस्टर दर्द से तड़प गए जिसे देख के खुशी ने दिव्या का हांथ पकड़ ली और बोली " पागल हो गई है आराम से अगर ऐसे ही करती रहेगी तो वो कुछ नही कहेगा आराम से पूछते है नही बताया तो मार के जंगल में फेल देंगे जंगली जानवर खा डालेंगे लेकिन मुंह खुलवाने के लिए गुस्सा काबू रख ।
उसकी बात सुन के दिव्या का हांथ रुक गया वो बस एकटक खुशी को देखने लगी ।
दूसरी तरफ पुलिस स्टेशन में शौर्य ने नकुल से कहा " चल मैं अब चलता हूं अगर वो आदमी कल तक तूझे मिल गया तो उसे वही पर मार देना "
नकुल ने हैरान होते हुए कहा " क्यू क्या अब तुझे उसकी जरूरत नही है और तेरे केश का क्या ? "
शौर्य अपनी जगह से खड़े होके बाहर जाते हुए कहा " क्युकी वो अब किसी काम का नही है पता चला है वो बस एक मोहरा था असली आदमी तो कोई और है और वैसे भी वो जनता ही नही असली आदमी कौन है नही तो उसे किडनैप कर के पता कर ही लेता "
" ऐसे कैसे हो सकता है उसका तो नाम।है लिस्ट में " नकुल अपनी जगह से खड़े होके जवाब दिया ।
" नाम बस दिखाने के लिए है असली मास्टर माइंड कोई और है जो दूसरो का नाम यूज कर अपना नाम छुपा रखा है " शौर्य इतना कह के वहा से बाहर निकल गया ।
वो कुछ देर में घर पहुंचा तो सबसे पहले युवी के कमरे के गया उसकी आदत थी पहले युवी से मिल।के।फिर सोने जाना वो जैसे ही कमरे में।पहुंच तो उसकी नजर समाने।सो रही दिव्या और।युवी पर गई दोनो एक दूसरे को गले से लगा के सो रहे थे शौर्य ने प्यार से दोनो को एक नजर देख वहा से चला गया ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या दिव्या को सच्चाई का पता चला ? क्या उसने mr कदम को कर दिया ?