एक ऐसी कहानी जिसमे माफिया की प्रेम कहानी है इस कहानी में ड्रामा है सस्पेंस है और रोमांस भी है तो चलिए मेरी नई स्टोरी की तरफ जिसमे रानी और आर्यन की स्टोरी देखते है इन दोनो के बीच प्यार होता है या तकरार या फिर तकरार में ही प्यार होता देखते है की कैसे... एक ऐसी कहानी जिसमे माफिया की प्रेम कहानी है इस कहानी में ड्रामा है सस्पेंस है और रोमांस भी है तो चलिए मेरी नई स्टोरी की तरफ जिसमे रानी और आर्यन की स्टोरी देखते है इन दोनो के बीच प्यार होता है या तकरार या फिर तकरार में ही प्यार होता देखते है की कैसे होता है इनका प्यार कैसे परवान चढ़ेगा या ये किसी साजिश का शिकार हो जायेंगे कौन है आर्यन और कौन है रानी ये दोनो कैसे मिले और वो कौन सी वजह है जिससे दोनो साथ आए इसमें आगे क्या होगा आप जब पड़ेंगे तभी जान पाएंगे
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बारिश हो रही थी।
मुंबई की रातें वैसे ही ख़तरनाक होती हैं, और आज की रात तो जैसे मौत का पैगाम लेकर आई थी।
एक पुरानी इमारत की छत पर खड़ा था आर्यन।
ब्लैक सूट, चेहरे पर हल्की दाढ़ी, और आंखों में ऐसा सन्नाटा जैसे ज़िंदगी ने उससे सब छीन लिया हो।
उसके हाथ में एक ब्लैक फोल्डर था
जिसके अंदर ऐसा राज़ छिपा था जो अगर दुनिया को पता चल जाए, तो कई ताकतवर लोगों की नींद उड़ जाए।
“फेंक दूं इसे?”
उसने खुद से सवाल किया…
लेकिन जवाब हवा की सिसकी में खो गया।
वो वैसे ही खड़ा रहा
और दूसरी तरफ़: इंडियन क्राइम जर्नलिस्ट - सना मिर्ज़ा
सना मिर्ज़ा।
हिम्मती, बेबाक़, और ऐसी रिपोर्टर जो सरकार से लेकर गैंगस्टर तक सबकी फाइलें खोल चुकी थी।
आज उसे एक ख़ास सूत्र से कॉल आया और उसने बोला
"जिसके पीछे तू तीन साल से भाग रही है… ब्लैक फाइल… वो आर्यन के पास है।"सना ने जब सुना तो वो सोचने लगी
""वही आर्यन…
जिसका नाम पुलिस की फाइलों में दर्ज है, लेकिन जिसे कोई छू भी नहीं पाया।
सना के होंठों पर एक ठंडी मुस्कान आई।
अब भागेगा कहां से?”l उसके पीछे पुलिस नही सना मिर्जा है जिसे हारना नही हराना आता है।और वो फिर वहां से निकल पड़ी
रात के 2 बजे
Dockyard नंबर 7 — सुनसान, गीला और डरावना
सना अकेली पहुंची।
हाथ में था उसका कैमरा, और पर्स में छुपा एक रिवॉल्वर।
“तू जानती है कि यहां आना मौत को दावत देना है?”
कहीं से आवाज़ आई।
सना घूमी — सामने आर्यन था।
उसे पहली बार इतने करीब से देखा…
लेकिन दिल नहीं धड़कता — जब दिल में नफ़रत हो।
“मौत से नहीं डरती मैं, पर तेरे जैसे झूठे लोगों से घिन ज़रूर आती है।”सना गुस्से में मुट्ठी कसती हुई बोली
आर्यन सना की बात सुनके मुस्कुराया।
“तू पत्रकार है ना? तू लोग बनाती है… मैं लोगों को मिटाता हूँ।”
सना दो कदम आगे बढ़ी।
“ब्लैक फाइल दे दो आर्यन। अब और छुपा नहीं सकते तुम।”
आर्यन की आंखें ठंडी पड़ गईं।
तुझे लगता है सिर्फ़ इस फाइल से तू मेरा खेल खत्म कर देगी?”
“नहीं… मैं तेरे पीछे के पूरे सिस्टम को बेनकाब करूंगी।”
जैसे ही सना ने कैमरा उठाया, एक गोली छत से उसके पास आकर गिरी।
सना नीचे झुकी।
आर्यन ने तुरंत उसे पकड़ा और दोनों एक कोने में छिपे।
“क्या ये तेरा कैमरा वाला दोस्त है?” आर्यन चिढ़कर बोला।
“तेरे दुश्मनों की लिस्ट बहुत लंबी है,” सना ने पलट कर कहा।
ऊपर से कुछ लोग रस्सियों से नीचे उतरने लगे।
चेहरे पर मास्क, हाथ में AK47।
“वे फाइल लेने नहीं… तुझे खत्म करने आए हैं,” आर्यन बोला।
आर्यन ने अपनी जैकेट से एक पिस्टल निकाली और गोली चलाना शुरू किया।
सना हैरान थी —
ये आदमी माफिया ज़रूर है, पर उसकी चालें किसी फौजी से कम नहीं।
दो लोगों को गिराकर आर्यन बोला —
“तू ज़िंदा रहना चाहती है तो मेरे पीछे-पीछे चल।”
“मैं तेरे पीछे नहीं चलती। मैं खुद अपना रास्ता बनाती हूं।”
फिर मरने का रास्ता तुझ पर खुला है।”
सना ने कुछ कहा नहीं… पर एक सेकंड बाद वो आर्यन के पीछे दौड़ रही थी।
ब्लैक फाइल का रहस्य
जब वे एक सुरक्षित जगह पहुंचे — एक अंधेरी पार्किंग में,
सना चिल्लाई —
इस सब की वजह सिर्फ़ एक फाइल है! क्या है उसमें? बोलो!”
आर्यन उसकी आंखों में देखता रहा।
चुपचाप… जैसे दिल में तूफान छुपा हो।
“जब वक़्त आएगा… सब जान जाएगी,” उसने कहा।
“और तब तक?” सना बोली, “तू मुझे ऐसे ही घसीटता रहेगा?”
“तू खुद चल रही है। मैं तुझे मजबूर नहीं कर रहा।”“क्योंकि तू जानता है… मैं वो फाइल तुझसे छीन लूंगी।”
आर्यन उसके करीब आया।
तू मुझसे फाइल नहीं… बर्बादी मांग रही है।”
एक काली गाड़ी एक दूसरी लोकेशन में रुकी।
एक आदमी फाइल पढ़ रहा था — “ब्लैक फाइल की लोकेशन ट्रैक हो चुकी है।”
“क्या आर्यन को पता चल गया?”
“नहीं… लेकिन वो लड़की, सना… ये गेम बिगाड़ सकती है।”
“तो खेल खत्म होने से पहले… सना को खत्म करना होगा।”
कैमरा बाहर आता है…
कार पर एक स्पेशल लोगो है —
"मिनिस्ट्री ऑफ INTERNAL SECRETS"
(सरकार का एक गुप्त विभाग)