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एक गड़ेरिया

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Ravi Shan

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Description

एक गांव में एक चरवाहा था। वो अपनी बातों से हर किसी को मूर्ख बनाता था। कहने को तो वह गड़ेरिया था,,पर दूसरों की भेड़ों को देखकर वो बहुत जलता था। वो चाहता था कि गांव में सिर्फ उसी के पास ही भेड़ें हो,, वो गांव में हर किसी से नफ़रत करता था,,। वो हर रोज़...

Total Chapters (2)

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  • 1. एक गड़ेरिया - Chapter 1

    Words: 598

    Estimated Reading Time: 4 min

    chapter 1 इच्छा

    मनुष्य के जीवन में इच्छा ही मूल तत्व है। वो इच्छा ही है जिसके खातिर हम सब जी रहे हैं। हमारी इच्छाएं ही हमें अच्छा या बुरा बनातीं है। जैसे हमने उस गड़ेरिया के जीवन में देखा है। जिसकी कहानी हमने आप सभी को description में बताई है।

    वो उसकी इच्छा ही थी,,जिसकी वजह से वह लोगों के साथ बुरा करता था। जैसे आप सभी जानते हैं कि वो चाहता था कि उसके पास ज्यादा से ज्यादा भेड़ें हो। दूसरों के पास भेड़ें देखकर उसका खून खोल उठता था। वह लोगों से लड़ता झगड़ता था। यह सब उसकी इच्छाओं के कारण ही था। उसकी इच्छाओं ने ही उसे वैसा बनाया था। वह अपनी इच्छाओं के कारण सही ग़लत का भेद भी भूल गया था।

    जैसे आपको पता ही है,,कि वो अक्सर लोगों की भेड़ों को पहाड़ों पर चराने ले जाया करता था। वो अपनी इच्छाओं के मंद में इतना चूर था,,कि वो अक्सर लोगों की भेड़ों को बेच देता था। ओर लोगों को परेशान करके वह बहुत खुश होता था। वो अपनी इच्छाओं के कारण ही यह सब करता था। वह खुद को भूल ही गया था,,कि वो भी उनकी तरह एक इंसान है,,भला इनके साथ बुरा करके उसे क्या मिले। उसके साथ भी ऐसा हो सकता है,, वह यह कभी नहीं सोचता था। उसकी इच्छाओं ने उसकी सोच को ही खत्म कर दिया था,, वह हर समय लोगों का बुरा करने में ही लगा रहता था। वह अपना जीवन इसी तरह ज़ी रहा था।

    वो कहते हैं न कि आखिर कोई कब तक बुरा करके,, एक न एक दिन उसे उसका फल भोगना ही पड़ता है। उस गड़ेरिया के साथ भी वही हुआ,, लोगों को उसके बारे में सबकुछ पता चल गया। उसका भेड़ों को बेचना,, झूठी बातें बनाकर लोगों को मूर्ख बनाना,, लोग यह सब जान गये।

    उसके बाद उसका जो हुआ,, आपको तो पता ही है,, लोगों का उसको जमकर पिटना,, उसके साथ फिर कभी भेड़ न छोड़ना,, उसके बाद उसकी हालत दिन ब दिन खराब होते जाना। उसका अपने किये पर पछताना,, कितना कुछ उसके जीवन में हुआ,, यह सब उसकी इच्छाओं का ही फल था।

    इतना सब होने के बाद वह खुद को बदलना चाहता था,, वह लोगों से अपने किये की माफी मांगने लगा,, वह अब अच्छी राह पर चलना चाहता था। यह सब भी उसकी इच्छाओं के ही कारण था। पर लोगों ने उसकी एक भी बातों को न माना,, उसने बहुत प्रयास किया फिर से लोगों में अपना विश्वास जगाने की,,पर वो सफल न हुआ। उसकी चाहत फिर से एक अच्छे गड़ेरिया बनने की थी,, पर उसकी चाहत का कुछ न हुआ,,।

    जैसे आप जानते हैं कि जब हम अपने जीवन में कोई बुरा कार्य करते हैं,, भले ही वो हमारी इच्छाओं की वजह से क्यों न हो,, ओर जब हमें लगता है कि हमने कुछ ग़लत किया,, तो हम अपनी ग़लती को सुधारने चाहते हैं। पर हम पर फिर कोई विश्वास नहीं करता है,,हम जितनी कोशिश क्यों न कर लें,,हम फिर लोगों की नजरों में कुछ करने लायक नहीं रहते‌।

    ठीक उसी तरह उस गड़ेरिया के साथ भी हुआ,, वो अपने बिते कल को मिटना चाहता था,, फिर से एक नया जीवन जिना चाहता था। फिर लोगों ने फिर उसपर कभी विश्वास नहीं किया,, उसके बदलने की भावना का ज़रा भी ख्याल नहीं किया।

    वो अपनी इच्छाओं के कारण ही मारा गया,, वो उसकी इच्छाएं ही थी जिनके कारण उसने पहले बुरा किया ओर अब अच्छा करना चाह रहा था।

    इच्छा कभी भी बदल सकती है,, उसका उसे पता ही नहीं था,, इसलिए उसने जब जो चाहा वही किया,, उसे सही ओर ग़लत कहा पता था।

  • 2. एक गड़ेरिया - Chapter 2

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min