कहते हैं कि जब किसी को मोहब्बत में धोखा मिले तो या तो उसका मोहब्बत पर से विश्वास उठ जाता है या फिर उसे इंसान से लेकिन खुशमिजाज, इंडिपेंडेंट और जिंदा दिल लड़की अविश्का के साथ जब कुछ ऐसा हुआ तो उसने इस बात को लेकर रोने धोने की बजाय अपनी जिंदगी अलग तरह... कहते हैं कि जब किसी को मोहब्बत में धोखा मिले तो या तो उसका मोहब्बत पर से विश्वास उठ जाता है या फिर उसे इंसान से लेकिन खुशमिजाज, इंडिपेंडेंट और जिंदा दिल लड़की अविश्का के साथ जब कुछ ऐसा हुआ तो उसने इस बात को लेकर रोने धोने की बजाय अपनी जिंदगी अलग तरह से जीने का फैसला किया और अब उसने खुद को इंपॉर्टेंस देने की सोची और निकल गई अकेले ही एक सफर पर जहां पर उसे मिला एक बहुत ही ज्यादा अमीर और हैंडसम लड़का लेकिन वो लड़कियों से दूर भागता है इसलिए सब उसे गे समझते हैं और अपने ऊपर से गे का टैग हटाने के लिए उस लड़के ने दिया अविश्का को उसकी नकली वाइफ बनने का ऑफर और सिचुएशन के चलते अविश्का ने भी वह ऑफर एक्सेप्ट कर लिया क्योंकि वहां पर उन दोनों की हो जाती है एक्सीडेंटल किस और फिर अविश्का को लगता है कि वह बस उसकी हेल्प कर रही है, तो कैसा होगा आगे का इनका रिश्ता, क्या होगा जब उस लड़के की बाकी सबको पता चलेगा इस नाटक के बारे में? और क्या इनका नकली हस्बैंड वाइफ का रिश्ता बदल पाएगा असली रिश्ते में जानने के लिए पढ़ना शुरू करिए "Billionaire Fake Husband"
Page 1 of 2
1
"आज मैं बहुत खुश हूँ मेरा 7 साल पहले देखा हुआ सपना पूरा जो होने जा रहा है, विराट सचमुच मुझसे बहुत प्यार करता है", एक खूबसूरत सी लड़की अपने बैडरूम में बैठी हाथ में पहनी हुई इंगेजमेंट रिंग को देख कर मुस्कुराते हुए बोली।
कि तभी उसे अपनी दादी माँ की आवाज सुनाई दी," अविश्का बेटा ज़रा इधर तो आओ, मेरा सर बहुत दुख रहा है क्या तुम मेरे लिए एक कप चाय बना दोगी"।
दादी माँ की आवाज़ सुन कर अविश्का झट से उठी और दादी माँ के पास आकर बोली," ठीक है दादी माँ मैं अभी आपके लिए चाय बना कर लाती हूँ"।
इतना कह कर अविश्का किचन में चली आई। वो बार बार चाय बनाते हुए भी अपने हाथ में पहनी हुई रिंग को देख कर मुस्कुरा रही थी कि तभी उसे अपने मॉम डैड की याद आने लगी।
"मॉम, डैड अगर आज आप यहाँ होते तो कितना अच्छा होता आप दोनो भी मेरी खुशी में शामिल हो पाते।" यह कहते हुए अचानक अविश्का की आँखों में नमी आ गई।
अविश्का मुंबई शहर मैं अपनी दादी मां के साथ रहती थी। बचपन में एक कार एक्सीडेंट के दौरान उसके पेरेंट्स चल बसे थे। उस वक्त अविश्का काफी छोटी थी। उसके दादा दादी ने ही उसे पाल पोस कर बड़ा किया था।
अविश्का ने बचपन से ही बहुत दुख झेले थे, छोटी सी उम्र में उसके सर से माँ बाप का साया उठ गया था। लेकिन सगाई के बाद वो बहुत खुश थी। अविश्का विराट के साथ 5 साल से रिलेशनशिप में थी और वह उससे बेहद प्यार करती थी।
अविश्का दादी माँ को चाय का कप थमाते हुए बोली, "ये लीजिये दादी माँ आपकी कम चीनी वाली चाय।"
इस पर दादी माँ ने उसके लंबे घने बालों पर हाथ फेरते हुए मज़ाकिया अंदाज़ में बोली," अब तो तुम पराए घर चली जाओगी फिर मुझे चाय कौन बना कर पिलाया करेगा"?
यह सुन कर अविश्का ने शर्माते हुए अपनी नजरें झुका लीं। वो बस विराट से जल्द से जल्द शादी करना चाहती थी। ये तीन दिन उसे तीन सालों की तरह लग रहे थे।
अविश्का एक्साइटेड होते हुए बोली, "दादी माँ आपको पता है मैंने भी विराट के लिए एक सरप्राइज़ प्लान किया है। मैं आज शाम उसके घर जाकर उसे सरप्राइज़ दूंगी।""
दादी माँ ने कहा, "मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँ, विराट एक अच्छा लड़का है वरना आज कल के बच्चो को ना जाने क्या हो गया है, विराट बाकी लोगो जैसा नहीं है। तुम शादी के बाद उसके साथ बहुत खुश रहोगी।"
विराट की तारीफ सुन कर अविश्का को बहुत अच्छा लग रहा था। वो सारा दिन अपने घर पर दादी मां से विराट की बातें करती रहती थी।
शाम के वक्त अविश्का अपने रूम में रेडी हो रही थी। उसने कबर्ड से ब्लैक कलर का सूट निकाला और कहा," विराट को ब्लैक कलर बहुत पसंद है। मैं आज यही सूट पहनूंगी"।
इसके बाद उसने कानों में छोटे छोटे झुमके पहने और माथे पर छोटी सी काली बिंदी लगा ली। उसने जैसे ही शीशे में खुद को देखा तो मुस्कुराते हुए बोली," देखना आज विराट मुझे और मेरे इस सरप्राइज़ को देख कर हैरान रह जाएगा"।
रेडी होने के बाद अविश्का ने अपने कबर्ड से हनीमून की दो टिकट्स निकाली और उन्हें देखते हुए आगे बोली," ये हमारी हनीमून टिकेट्स है ,शादी के बाद हम क्रूज पर जाएंगे"।
क्रूज पर जाने का प्लेन भी अविश्का ने विराट के साथ ही बनाया था। उसने बातों बातों में विराट से उगलवा लिया था कि उसे कौन सी जगह सबसे ज्यादा पसंद है। इसके लिए उसने अपनी सारी पॉकेट मनी तक खर्च कर दी थी।
विराट के सामने अविश्का के लिए पैसे मायने नहीं रखते थे वो बस उसे खुश देखना चाहती थी। और उसके साथ अपनी सारी जिंदगी खुशी खुशी बिताना चाहती थी।
अविश्का एक छोटे से घर मे अपनी दादी माँ के साथ रहती थी। वो जॉब करके घर के खर्चे और अपनी जरूरतें पूरी करती थी। लेकिन दूसरी तरफ़ विराट की फैमिली बहुत अमीर थी। उनका शहर में खुद का कैफ़े था। विराट दिखने में काफी हैंडसम था और वो दोनों एक साथ किसी परफेक्ट कपल की तरह लगते थे।
रेडी हो कर अविश्का ने टिकट्स अपने पर्स में डाली और विराट को सरप्राइज़ देने उसके घर चली आई। विराट आज ऑफिस से जल्दी घर आ गया था और ये बात अविश्का ने उसके एक फ्रेंड से पता लगाई थी।
विराट इस बात से अनजान था कि अविश्का उसे सरप्राइज़ देने है उसके पास आ रही है।
अविश्का सारे रास्ते अपने सरप्राइज़ और विराट के रिएक्शन को इमेजिन कर के धीमे धीमे से मुस्कुरा रही थी।
वो जैसे ही विराट के अपार्टमेंट के बाहर पहुंची तो वहाँ अंधेरा देख कर हैरान होते हुए बोली," विराट जल्दी घर आ गया था फिर उसके रूम की लाइट्स क्यों ऑफ है? लगता है वो थक कर सो गया होगा"।
और फिर वो जैसे ही दरवाजे के करीब आई तो उसने देखा कि विराट के रूम का दरवाजा खुला हुआ है और तो और अंदर से किसी लड़की की आवाजें आ रही है।
कुछ पल के लिए तो अविश्का को लगा कि ये सब उसका वहम है पर आगे बढ़ कर जैसे ही उसने दरवाजे के फांक से झांक कर अंदर देखा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।
इस वक्त उसका फिऑन्से जिसके साथ वो 3 दिन बाद शादी करने वाली थी और उसकी बचपन की बेस्ट फ्रेंड अमाया , आपस में बेड पर एक दूसरे से लिपट कर बातें कर रहे थे।
अविश्का को लग रहा था मानो वो कोई बुरा सपना देख रही हो। पर तभी उसे अमाया की आवाज सुनाई दी।
"विराट तुमने उस बेवकूफ अविश्का से सगाई क्यों की, तुम तो मुझसे प्यार करते हो ना। अब हमें इस तरह छुप छुप कर और कब तक मिलना होगा? मुझसे अब और इंतजार नहीं होता। तुम अविश्का को सब सच क्यों नहीं बता देते ताकि उससे हमारा पीछा छूट जाए"।
"अमाया तुम बहुत भोली हो। मैं इस अविश्का नाम की मुसीबत को 7 साल से झेल रहा हूँ , उसे इस तरह से अचानक डंप कर दूंगा तो सब लोग मुझे ही विलेन समझेंगे। दुनिया को दिखाने के लिए कुछ चीजें करनी पड़ती है। अब सगाई के बाद सबको लगता है कि मैं एक अच्छा लड़का हूँ"।
" वैसे भी अभी तो हमारी शादी में 3 दिन बाकी है। मैं सगाई टूटने का सारा इलज़ाम उसके ऊपर डाल दूंगा। तुम्हे तो पता ही है मैं अपनी इमेज को लेकर कितना कॉन्शियस हूँ, अगर मैं चाहता तो कब का उस बेवकूफ को छोड़ सकता था। पर ऐसा करने में मुझे कोई मज़ा नहीं आता। अब तुम देखना उस अविश्का के शादी के सपने को मैं किस तरह मिट्टी में मिलाता हूँ। उसके सर से शादी का भूत ही उतर जाएगा"।
इतना कह कर विराट ने अमाया को अपनी बाहों में भर लिया और वो दोनों ज़ोर ज़ोर से हसने लगे।
क्या ये वही विराट था जिसके लिए अविश्का अपनी जान तक देने को तैयार थी। अविश्का ने खुद से भी बढ़ कर विराट को माना था। वो उसकी हर बात मानती थी। उसने आज तक कभी विराट पर शक नहीं किया लेकिन अब धीरे धीरे उसे सब समझ आने लगा था। वो इतनी बेवकूफ कैसे हो सकती है जो विराट जैसे लड़के की बातों में आ गई। विराट सात साल से उसे बेवकूफ़ बना रहा था लेकिन अविश्का ने एक बार भी उस पर शक नहीं किया। वो उसके प्यार में अंधी हो चुकी थी।
आज अपने होने वाले पति को अपनी ही बेस्ट फ्रेंड के साथ बिस्तर पर देख कर उसके रोंगटे खड़े गए थे। अविश्का की आँखों के सामने अब धीरे धीरे अंधेरा छाने लगा था। उसने जैसे तैसे खुद को सँभाला पर इस दौरान उसके हाथ से फ़ोन फिसल कर जमीन पर गिर गया।
वो आवाज़ सुन कर विराट और अमाया हड़बड़ाते हुए एक दूसरे से दूर हो गए।
"कौन है वहाँ"?, विराट ने इतना कह कर जैसे ही लाइट्स ऑन की तो उसके चेहरे की हवाईयां उड़ गई।
To Be Continued
2
सामने खड़े उसे शख्स को देखकर विराट और अमाया दोनों की जैसे बोलती बंद हो गई लेकिन विराट ने किसी तरह बोलने की कोशिश की।
"अव, अविश्का तुम यहाँ क्या कर रही हो? देखो अविश्का जैसे तुम सोच रही हो वैसा कुछ नहीं है। मैं तो बस…"। - इससे आगे की विराट कुछ कह पाता अविश्का ने उसके गाल पर एक ज़ोरदार थप्पड़ जड़ दिया।
इस थप्पड़ का शोर पूरे रूम में गूंज रहा था। विराट ने हैरान होते हुए अपने गाल पर हाथ रख लिया और अविश्का की तरफ देखने लगा। उसने आज से पहले कभी अविश्का का ये रूप नहीं देखा था। अविश्का की आँखों में आंसू और नफरत साफ नजर आ रही थी।
अविश्का ने रोते हुए कहा, "तुम इतना गिर जाओगे मैने कभी सोचा भी नही था। तुम इतने सालों से मेरी पीठ पीछे मेरी ही बेस्ट फ़्रेंड के साथ हमारे बिस्तर पर सोते रहे और मुझे उस बात की भनक तक नही लगी। और अमाया तुम तो मुझे बचपन से जानती हो तुमने ही तो मुझे विराट से मिलवाया था फिर मेरे साथ ही ये सब क्यों? तुम दोनो ने मेरे सारे सपने तोड़ दिए, और मेरा भरोसा भी।"
अविश्का भागती हुई वहाँ से बाहर आ गई। उसके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। अविश्का के दिमाग में इस वक्त बहुत सी बातें घूम रही थी। वो बिना कुछ सोचे समझे सड़क के किनारे भागने लगी। भागते हुए वो बस एक ही बात कह रही थी।
"विराट तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? तुमने मुझे धोखा क्यों दिया? मैं तुमसे बहुत प्यार करती थी। तुमने मेरे सारे सपने तोड़ दिए। मैंने हमारी सगाई और शादी की तैयारियों में अपनी सारी सेविंग्स लगा दी। बचे हुए पैसों से मैंने हमारे लिए हनीमून की टिकट्स खरीदी थी। लेकिन तुमने और मेरी सबसे खास दोस्त ने मिल कर मुझे इतना बड़ा धोखा दिया"।
उसे इस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा था। अविश्का के लिए उसकी पूरी दुनिया एक पल में खत्म हो चुकी थी। वो बस बिना इधर उधर देखे सड़क पर भागती जा रही थी। वहाँ चारों तरफ गाड़ियों के हॉर्न की आवाजें सुनाई देने लगी कि तभी अचानक एक गाड़ी वाला चिल्लाते हुए बोला," तुम अंधी हो क्या अगर मरने का इतना ही शौक है तो कहीं और जाकर मारो"।
अविश्का बाल बाल बची। अगर वो ड्राइवर गाड़ी नहीं रोकता तो अविश्का का एक्सीडेंट हो जाता। उस ड्राइव की बात सुनने के बाद भी अविश्का बिना कुछ सोचे समझे अपने घर की तरफ भागती जा रही थी।
वो जैसे ही घर के अंदर आई तो दादी माँ उसे देख कर दंग रह गई।
"अविश्का तुम? तुम वापस आ गई और तुम रो क्यों रही हो, सब ठीक तो है ना"?
अविश्का की ऐसी हालत देख कर दादी माँ को उसकी फिक्र होने लगी थी। लेकिन अविश्का इस वक्त किसी से बात करने की हालत में नहीं थी।
वो रोते बिलखते हुए अपने रूम में आ गई और उसने खुद को अंदर बंद कर लिया।
उसने अपना फ़ोन भी स्विच ऑफ कर दिया था। वो इस वक्त किसी से बात नहीं करना चाहती थी।
कुछ देर पहले जो लड़की खुशी से फूली नहीं समा रही थी। जिसकी आँखों में हजारों सपने थे, उसकी आँखों में अब आंसुओं के सिवा कुछ नहीं था। अविश्का अब पूरी तरह से टूट चुकी थी।
"मॉम, डैड आप भी मुझे बचपन में ही छोड़ कर चले गए। मुझसे कोई प्यार नहीं करता। अगर दादा , दादी नहीं होते तो न जाने मेरा क्या होता। मेरी इकलौती दोस्त ने भी मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया। मैं अब ओर ये सब सहन नहीं कर सकती। भगवान क्या आपको मुझ पर ज़रा सा भी तरस नहीं आया। आपने मेरी ही जिंदगी में इतने दुख क्यों लिखें। मैं अब और जीना नहीं चाहती। मुझे इस बुरी दुनिया में नहीं रहना। मॉम डैड मुझे आपके पास आना है", अविश्का रोते बिलखते हुए बोली।
अब उसके पास जीने की कोई वजह नहीं बची थी।
अविश्का ने अपने हाथ की मुट्ठी बनाते हुए कहा, "ये सब सहने से अच्छा तो मेरा मर जाना ही बेतार होगा।"
इतना कह कर अविश्का ने अपनी जिंदगी खत्म करने का डिसिशन ले लिया। उसने अपने गले में पहना हुआ काला दुपट्टा उतारा और पंखे की तरफ देखने लगी।
अविश्का फांसी लगा कर इस दुख भरी जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए खत्म करना चाहती थी। जान देने से पहले उसकी आँखों के सामने विराट के साथ बिताए हुए पलों की धुंधली यादें किसी फ़िल्म की रील की तरह फ़्लैश होने लगी।
अविश्का अपने सपनो को बिखरता हुआ देख कर ,पंखे से लटक कर अपनी जान देने का फैसला कर लेती है।
वो अपने गले मे फंदा डालने लगती है कि तभी उसकी नज़र ज़मीन पर पड़ी हनीमून की टिकेट्स पर पड़ती है। उन्हें देख कर अविश्का अपने आंसू पोंछते हुए कहती है, "मैं ये क्या करने जा रही थी? क्या मैं इतनी कामोजोर हूँ? नही मैं क्यों मरु मरेंगे वो लोग जिन्होंने मेरे साथ गलत किया है। अब मैं अकेली क्रूज़ शिप पर जाऊंगी।"
अगले दिन अविश्का ने सुबह ही अपना सामान पैक किया और जल्दी घर से निकल गई। उसने दादी माँ के लिए एक चिट्ठी छोड़ी, जिसमें लिखा था कि वो कुछ दिनों के लिए बाहर घूमने जा रही है।
अविश्का इस वक्त अपना बैग लिए बड़े से क्रूज़ शिप पर आ गई और फिर उसने रिसेप्शन एरिया में आकर रिसेप्शनिस्ट से कहा," एक्स्क्यूस मी, ये मेरे हनीमून स्वीट की बुकिंग है। मुझे मेरे रूम की चाबी चाहिए"।
यह सुन कर रिसेप्शनिस्ट हैरान होते हुए अविश्का की तरफ देखने लगी। उसके आस पास देखने के बाद भी उसे अविश्का का पार्टनर कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। उसने अविश्का के रूम की चाबियां निकाल कर उसके हाथ में थमाते हुए कहा, " मिस अविश्का मल्होत्रा, ये रही चाबियां। आपका रूम उस तरफ है"।
इतना कह कर रिसेप्शनिस्ट कुछ सेकंड के लए चुप हो गई और फिर उसने अविश्का से आगे पूछा," वैसे मैम आपके हस्बैंड कही दिखाई नहीं दे रहे"।
रिसेप्शनिस्ट की बात सुन कर अविश्का को गुस्सा आ गया और वो बेरुखी से बोली," मेरे हस्बैंड मर गए , मैं अकेली हनीमून पर आई हूँ!"
अविश्का की बात सुन कर रिसेप्शनिस्ट दंग रह गई। उसे समझ नही आया कि वो किस तरह से रिएक्ट करे इसलिए उसने वहां से जाना ही बेहतर समझा। वहाँ से जाते हुए वो धीमी आवाज में बड़बड़ाई," अजीब लड़की है, लगता है अपने हस्बैंड की मौत के बाद इस का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। भला कोई अकेला अपने हनीमून पर आता है क्या?"
अविश्का अपने रूम की चाबियां लेकर वहाँ से चली आई कि तभी उसकी नज़र समुद्र में उठती हुई लहरों पर पड़ी और वो एक बार फिर वहाँ खड़ी होकर अपनी फूटी किस्मत को कोसने लगी।
अविश्का ने उदासी से कहा, "भगवान आप पहले ही मेरे साथ बहुत बुरा कर चुके हो । अब मुझ में और दुख झेलने की हिम्मत नहीं है। पहले अपने मुझसे मेरे मोम डैड को छीन लिया, मेरी दादी माँ नही होती तो मेरा क्या होता और फिर जिस लड़के से मैने प्यार किया उसने भी मुझे धोखा दे दिया।"
अब अविश्का को समझ आया कि विराट लेट घर क्यों आता था। उसने अविश्का को डिनर डेट्स और शॉपिंग पर भी ले जाना बंद कर दिया था। अविश्का को लगता था कि विराट उसके सिक्योर फ्यूचर के लिए ओवर टाइम कर रहा है लेकिन वो तो उसकी पीठ पीछे देर रात अमाया से मिलने जाया करता था। उसने सात साल तक अविश्का को अंधेरे में रखा, और अविश्का उसके प्यार में इतनी अंधी हो गई कि उसे कुछ नज़र ही नही आया।
ये कहते हुए अविश्का पानी में अपने धुंधले अक्स को देखने लगी कि तभी अविश्का का अक्स उसका मजाक उड़ाते हुए कहता है।
"हा! हा! बेवकूफ अविश्का , तुम तो बड़ी बुद्धू निकली। विराट सात साल तक तुम्हारी फीलिंग्स के साथ खेलता रहा और तुम्हे पता तक नही चला। और वो अमाया , जिसे तुम अपनी बेस्ट फ़्रेंड कहती थी वो तुम्हारी ही पीठ पीछे तुम्हारे बॉयफ्रेंड के साथ सोती रही। तुम जैसी बेवकूफ लड़की को अपने बॉयफ्रेंड और बेस्ट फ्रेंड से धोखा खाने के बाद तो मर जाना चाहिए लेकिन तुम तो यहाँ अकेली हनीमून पर आ गई। तुम्हे अब जीने का कोई हक नहीं है। इस पानी में कूद कर अपनी जान दे दो इससे तुम्हारे सारे दुःख दूर हो जाएंगे।"
अविश्का के मन में फिर से अपनी जान देने का ख्याल आया।
★★★
अविश्का अकेली इस नए सफर पर तो निकल पड़ी है ना जाने अब अविश्का की बिखरी हुई ज़िंदगी कौन सा नया मोड़ लेगी? क्या अविश्का खुद को इस सदमे से बाहर निकाल कर दोबारा कभी किसी से प्यार करने की हम्मत कर पाएगी? जानने के लिए पढ़ते रहिए और कमेंट भी जरूर करिए। ....
3
वो समुद्र में उठती उन लहरों में कूद कर अपनी जान देने ही वाली थी कि तभी उसके सामने विराट और अमाया का चेहरा नजर आया और उन दोनों को एक दूसरे की बाहों में याद करके अविश्का का खून खोलने लगा और वो बेरुखी से बोली," मैं क्यों मरूँ, मरे मेरे दुश्मन! वो विराट और अमाया मेरे साथ बुरा करने के बाद नर्क की आग में जलेंगे। भगवान करे उस विराट को एड्स हो जाए, मरते टाइम पानी न नसीब हो। उस जैसे लड़के के लिए मैंने क्या कुछ नहीं किया।
"शादी और इस हनीमून की टिकट खरीदने में मैंने अपनी सारी सेविंग्स खर्च कर दी। अब मेरे पास फूटी कौड़ी तक नही बची है। मैं अपनी मेहनत से कमाए हुए पैसों को इस तरह बर्बाद नहीं होने दूंगी। मैंने आज तक किसी के साथ बुरा नहीं किया। मैं हमेशा विराट के साथ लॉयल रही फिर भला मैं अपनी जान क्यों दूँ? मैं तो इस क्रूज़ पर 7 दिन खूब एन्जॉय करूंगी"।
ये सब कहते हुए अविश्का ने अपने हाथों की मुट्ठी बना ली कि तभी अचानक उसके फ़ोन पर एक नोटिफिकेशन आई। उसने उस नोटिफिकेशन को ओपन किया तो देखा की पेपर में एक आर्टिकल छापा है। जिसमे रुहान रायज़ादा के बारे में लिखा है कि रायज़ादा ग्रुप ऑफ कम्पनीज़ का CEO gay है।
ये पढ़ते ही अविश्का धीमे से मुस्कुराई। वो सोच रही थी कि ये दुनिया बहुत बड़ी है। और हर इंसान अपनी छोटी बड़ी प्रोब्लेम्स के साथ झूझ रहा है। वो भी जल्द ही इस सदमे से बाहर निकल जाएगी।
अविश्का रिसेप्शन एरिया के पास खड़ी उस आर्टिकल को पढ़ रही थी। उस आर्टिकल में रुहान रायज़ादा की फोटो नहीं दी गई थी।
कि तभी उसे अपने फोन पर एक और नोटिफिकेशन आई। विराट उसे लगातार मेसेजेज़ कर रहा था।
अविश्का अपने मोबाइल में वो सारे मैसेजेस देखकर दांत पीसते हुए बोली, "मेरी ज़िंदगी से निकल जाओ। मैं दुबारा कभी तुम्हारी और उस अमाया की शक्ल तक नही देखना चाहती।"
उसने एक बार फिर अपना फ़ोन स्विच ऑफ कर दिया। क्रूज़ पर सभी अपने अपने पार्टनर्स के साथ आए हुए थे। वहां एक अविश्का ही थी जिसका कोई पार्टनर नहीं था। वहां मौजूद कपल्स एक दूसरे की बाहों में बाहें डालें प्यार भरी बातें कर रहे थे। उन्हें देख कर अविश्का चाह कर भी विराट को अपने दिमाग से नही निकाल पा रही थी।
अगर ये सब ना हुआ होता तो वो भी आज अपने हिनीमून पर अकेली नही बल्कि अपने हस्बैंड के साथ आती। अविश्का के हाथों में भी लाल रंग का चूड़ा होता। उसकी मांग में सुंदर और गले मे मंगल सूत्र होता। अफसोस अविश्का का दुल्हन बनने का सपना सपना ही रह गया।
अविश्का जैसे ही फ़ोन अपनी पॉकेट में डालने लगी तो उसे एक लड़की की आवाज सुनाई दी। उसने उस आवाज़ की तरफ़ देखा तो पाया कि डेक पर एक लड़का लड़की आपस में झगड़ रहे हैं। लड़की उस लड़के के करीब आने की कोशिश कर रही थी। जबकि लड़का उसे भाव तक नहीं दे रहा था।
"तुम मुझसे दूर क्यों भाग रहे हो? क्या तुम्हें मुझ जैसी खूबसूरत लड़कियां पसंद नहीं है? हम यहाँ साथ डेट पर आए हैं । हमे एक दूसरे को जानने की कोशिश करनी होगी। तभी तो हम अपने रिलेशन शिप को आगे ले जा पाएंगे"।
वो लड़की ये कहते हुए लड़के को हग करने के लिए आगे बढ़ी तभी लड़का कुछ कदम पीछे होते हुए बोला," देखो तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है। मैं, वो…"।
इससे आगे कि वो लड़का कुछ कह पाता लड़की ने नज़दीक आकर उसके सीने पर हाथ रख लिया। और उसके नज़दीक आकर बोली," देखो, मुझ जैसी लड़की पर नजाने कितने लड़के मरते है और तुम हो कि मुझसे दूर भाग रहे हो। क्यों ना हम रूम में जाकर बात करें"।
ये नजारा वहाँ मौजूद बहुत से लोगों देख रहे थे।
लड़की को अपनी हद पार करता हुआ देख कर लड़के ने बेरुखी से कहा," मुझसे दूर हटो। मैं तुम्हें पसंद नहीं करता। तुम मेरी बात मानने को तैयार क्यों नही हो। मुझे तुम में कोई इंटरेस्ट नही है"।
अविश्का दूर खड़ी उन दोनों को आपस में झगड़ते हुए देख रही थी पर उसे उनकी बातें सुनाई नहीं दे रही थी।
उस लड़के ने जैसे ही अपने सीने से लड़की के हाथ झटके तो अविश्का को लगा कि वो लड़का भी उसे धोखा दे रहा है। उसे विराट की याद आ गई और वो गुस्से से बोली," ये सारे लड़के एक जैसे ही होते हैं प्यार तो कर लेते है पर साथ चलने की हिम्मत नहीं कर पाते। वो लड़का उस लड़की के साथ कितनी बदतमीजी से पेश आ रहा है। ऐसे लड़को को तो…."।
इतना कह कर अविश्का चुप पड़ गई और आगे बोली," पर मैं इन पर ध्यान क्यों दे रही हूं। मैं तो यहां एन्जॉय करने आई हूं"।
यहां दूसरी तरफ़ वो लड़की दो कदम पीछे हो गई और गुस्से से बोली," तुम्हारी इतनी हिम्मत। आखिर तुम खुद को समझते क्या हो। तुम्हारे घरवालों ने ही मुझे यहाँ तुम्हारे साथ भेजा है। अगर तुम्हें मेरे साथ यहां नही आना था, तो मुझे पहले ही मना क्यों नही किया? लोग ठीक ही कहते हैं। तुम gay हो, तभी तो तुम अभी तक सिंगल हो। तभी आज तक तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेंड नही बानी। अब तुम्हारा ये सच ज्यादा दिन तक लोगों से छुपा नहीं रह पाएगा। तुम gay हो इसलिए मुझसे पीछा छुड़वाने की कोशिश कर रहे हो हैं ना"?
उस लड़की की बात सुन कर लड़के को गुस्सा आ गया और वो ऊंची आवाज में बोला," मैं gay नहीं हूँ। लोग क्या कहते है मुझे उससे फर्क नही पड़ता। बस मुझे तुम्हारे साथ इस शिप पर नहीं रहना। वैसे भी मैं यहाँ अपनी पार्टनर के साथ आया हूँ"।
"अच्छा अगर ऐसी बात है। तो ज़रा मैं भी तो मिलूं तुम्हारी उस इमैजिनरी पार्टनर से", उस लड़की ने हंसते हुए कहा।
" oh god ये लड़की तो मधुमक्खी की तरह मेरे पीछे ही पड़ गई है, अब मैं क्या करूँ? मैं इस शिप पर पार्टनर कहाँ से लाऊं"?, लड़के ने मन ही मन बड़बड़ाते हुए कहा।
वो इधर उधर देखने लगा कि तभी उसकी नजर दूर खड़ी एक लड़की पर पड़ी। उस लड़की के लंबे काले बाल हवा में उड़ रहे थे। वो नीला सूट पहने अपने ही ख्यालों में कहीं खोई हुई थी।
उसकी खूबसूरती को देख कर वो लड़का अपनी जगह पर ही खड़ा रह गया। और फिर अचानक उसकी तरफ इशारा करते हुए बोला," वो रही मेरी गर्लफ्रेंड"।
अविश्का ने देखा कि वो अनजान लड़का उसकी तरफ इशारा कर रहा है। और वो अपने आस पास देखने लगी लेकिन इस वक्त उसके आस पास कोई नही था।
लड़के की बात सुन कर लड़की ने कहा," वो.. वो बहन जी तुम्हारी गर्ल फ्रेंड है। मुझे तुम्हारी बात पर यकीन नही है। अगर ये सच है तो मुझे प्रूफ चाहिए"
" कैसा प्रूफ? मैं कह रहा हूँ ना कि वो मेरी गर्लफ्रैंड है ", लड़के ने हड़बड़ाते हुए कहा।
"अगर वो लड़की सचमुच तुम्हारी गर्लफ्रेंड है। तो जाओ जाकर उसे किस करो"।
उस लड़की की बात सुन कर लड़के के चेहरे की हवाईयां उड़ गई। वो ये सब सिर्फ अपने गले पड़ी मुसीबत यानी कि शीना से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन अब वो अपने ही बनाए प्लैन में फंस चुका था।
शीना ने मुस्कुराते हुए कहा, जाओ ना जल्दी करो।"
"भगवान प्लीज़ मुझे बचा लेना", इतना कह कर वो लड़का अविश्का की तरफ बढ़ने लगा।
अविश्का उस लड़के को अपनी तरह बढ़ते हुए देख कर बोली, ये उस लड़की को छोड़ कर मेरी तरफ क्यों आ रहा है?"
इस लड़के ने अचानक अविश्का के करीब आकर उसकी कमर पर हाथ रख किया और उसे अपनी तरफ खींचते हुए किस करने लगा।
इससे पहले कि अविश्का रिएक्ट कर पाती वो एक अनजान लड़के की बाहों में थी। उसे समझ ही आ रहा था कि आखिर उसके साथ ये सब हो क्या रहा है।
आज उसका क्रूज़ शिप पर पहला दिन था। उसने उस लड़के की बाजू पर चूंटी काटी और उसे खुद से दूर करने की कोशिश करने लगी। लेकिन उस लड़के ने इसे और कस कर पकड़ लिया और धीमी आवाज़₹ में कहा," प्लीज कुछ मत कहना"।
और फिर वो ऊंची आवाज में बोला," डार्लिंग अब मान भी जाओ ना। अब से मैं सारा वक्त तुम्हारे साथ ही रहूंगा। चलो कही अकेले चल कर बैठते है"।
यहां शीना ये सब देख कर अंदर ही अंदर उस लड़के को कोसते हुए बोली," तुम्हे तो मैं…"।
शीना शहर के नामी बिज़नेसमेन की बेटी थी। वो यहां उस हैंडसम लड़के के साथ डेट पर आई थी। पर उस लड़के को किसी और लड़की के साथ देख कर उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
यहां वो लड़का अविश्का को खींच कर वहां से अपने साथ ले जाने लगा।
★★★★
ना जाने अब अविश्का क्या करेगी? आखिर वो लड़का कौन था और शीना उसे gay क्यों कह रही थी? उसने अविश्का को ही अपनी गर्लफ्रेंड बनने के लिए क्यों चुना? क्या वो अविश्का को अपनी किस करने की वजह समझा पाएगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए और कमेंट भी जरूर करिए।......
4
वो लड़का अविश्का का हाथ पकड़ कर उसे वहाँ से अपने साथ ले जा रहा था।
"यह तुम क्या कर रहे हो? मेरा हाथ छोड़ो।" - अविश्का ने गुस्से से कहा।
उसे उस लड़के पर बहुत गुस्सा आ रहा था।
वो लड़का धीमी आवाज़ में बोला, "प्लीज़ चिल्लाओ मत, मैं तुम्हें सब समझा दूंगा बस मेरे साथ चलो।"
लड़के ने ऊंची आवाज़ में आगे कहा, "हा! हा! डार्लिंग मुझे पता है कि तुम भी मुझसे मिल कर बहुत खुश हो। मैं तो बस तुम्हें सरप्राइज़ देना चाहता था और तुम मुझसे नाराज़ हो गई। हम कहीं अकेले में चल कर बात करते हैं, यहाँ बहुत लोग हैं। मैं तुम्हारे साथ अकेले वक्त बिताना चाहता हूँ।"
शीना कुछ दूरी पर खड़ी उसकी बातें सुन कर गुस्से से आगबबूला हो रही थी।
सब लोग अविश्का और उस लड़के की तरफ ही देख रहे थे। अविश्का इस वक्त कोई तमाशा नहीं चाहती थी।
अविश्का ने गुस्से से कहा, "तुम्हे तो मैं...!"
अविश्का उस लड़के के हाथ से अपना हाथ छुड़वाने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन वो लड़का दिखने के काफी टॉल और मस्कुलर था। अविश्का चाह कर भी अपना हाथ नहीं छुड़वा पाई।
यहाँ शीना के चेहरे के एक्स्प्रेशन्स इस वक्त कुछ ठीक नहीं थे। उसने सोचा था कि वो यहाँ उस लड़की के साथ बहुत एन्जॉय करेगी लेकिन उसके सारे अरमानो पर पानी फिर गया।
थोड़ी देर बाद अविश्का और वो लड़का रिसेप्शन एरिया से शिप की एक शांत जगह पर आकर आ गए, जहाँ अविश्का ने उस लड़के का हाथ झटका और उसे धक्का देते हुए कहा," तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे किस करने की। तुम खुद को समझते क्या हो। मैं तुम जैसे लड़कों को अच्छी तरह जानती हूँ, तुम्हें क्या लगता कि हम लड़कियां तुम लड़कों की जागीर है? तुम्हारा जो मन करे तुम हमारे साथ वो कर सकते हो और क्या कहा तुमने कि मैं तुम्हारी गर्ल फ्रेंड हूँ। गर्ल फ्रेंड मय फुट! मैं तो तुम्हे जानती तक नहीं हूँ। तुमने मुझे छूने की हिम्मत भी कैसे की। मैं तुम्हें हैरासमेंट के केस में अंदर करवा दूंगी। तुमने उस लड़की के साथ भी अच्छा नहीं किया। तुम सारे लड़के एक जैसे ही होते हो। दोबारा मेरी नजरों के सामने भी मत आना वरना… वरना मैं खुद भी नहीं जानती कि मैं तुम्हारे साथ क्या करूँगी"।
अविश्का बिना रुके गुस्से में बोले जा रही थी। और वो लड़का अपनी बड़ी बड़ी आँखों से चुपचाप उसके चेहरे की तरह देख रहा था। गुस्से में अविश्का का खूबसूरत चेहरा किसी टमाटर की तरह लाल पड़ चुका था।
वो लड़का धीमी आवाज़ में बोला, "प्लीज़ मेरी बात तो सुनो। मैं तुम्हें सब समझाता हूँ।"
लेकिन अविश्का उसकी कहां सुनने वाली थी। उसका गुस्सा इस वक्त सातवें आसमान पर था। वो पहले ही विराट की हरकत से दुखी थी। और अब ये नया लड़का उसे परेशान करने यहां पहुँच गया था। वो बस शिप पर चैन से एन्जॉय करना चाहती थी लेकिन आज पहले ही दिन उसके साथ इतना कुछ होगा, इसकी अविश्का को उम्मीद तक नहीं थी।
अविश्का ने गुस्से से कहा, "मुझे तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी। मेरे रास्ते से हटो , मुझे जाना है।"
यहां शीना उन दोनों को एक साथ वहाँ से जाता हुआ देख कर बहुत गुस्से में लग रही थी। क्रूज पर बहुत से लोग थे जिनके सामने अब उसे शर्मिंदगी महसूस होने लगी थी। उसने गुस्से में वहां खड़े वेटर के हाथ से वाइन का ग्लास लिया और अपने दाँत मिसमिसाते हुए बोली," मैं तुमसे इस बेइज्जती का बदला जरूर लूंगी।"
शीना ने गुस्से में कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर ली जिसकी वजह से उसके कदम लड़खड़ाने लगे और देखते ही देखते वो जमीन पर गिर गई। उसे देख कर वहाँ मौजूद कपल्स ज़ोर ज़ोर से हंस रहे थे।
कपल्स में मौजूद एक लड़का शीना का मजाक उड़ाते हुए बोला, "उस लड़की को तो देखो, जब हैंडल नहीं होती तो फिर ये लड़कियां इतनी पीती ही क्यों है?"
शीना अपनी ये बेइज्जती सहन नहीं कर पाई और उसने अपने सामने खड़े वेटर को धक्का देते हुए वहाँ से चली गई।
दूसरी तरफ लड़का अविश्का को अपनी बात समझाने की कोशिश कर रहा था!
तभी अविश्का ने उसे धक्का देते हुए कहा, "हटो मेरे रास्ते से, बस अब बहुत हो गया।"
इतना कह कर अविश्का गुस्से में वहाँ से जाने लगी। उसने सीढ़ी पर जैसे ही अपने कदम रखे तो अचानक उसका पैर फिसल गया।
"आह!"
वो सीढ़ियों से नीचे गिरने वाली थी। चोट लगने के डर से उसने अपनी आंखें बंद कर ली।
यहाँ शिप पर आने के बाद भी अविश्का की जिंदगी में कोई सुधार नहीं आया था। अगर वो सीढ़ियों से गिरी तो हो सकता है कि उसके पैर और हाथ में गहरी चोट आए और उसे हॉस्पिटल जाना पड़े फिर तो उसकी ये ट्रिप अधूरी रह जाएगी। अविश्का ऐसा कुछ भी नही चाहती थी।
इससे पहले कि अविश्का को सीढ़ियों से गिरती वो लड़का झट से आगे बढ़ा और उसने अविश्का को कस कर पकड़ लिया।
अविश्का को लग रहा था कि वो बस जमीन पर गिरने ही वाली है लेकिन उसने जब अपनी आंखें खोली तो वो जमीन पर नहीं बल्कि उस अनजान लड़के की बाहों में थी। वह दोनों इस वक्त एक दूसरे के बेहद गरीब थे।
अविश्का ने पहली बार उस लड़के के हैंडसम चेहरे पर ध्यान दिया। उसकी गहरी काली आँखें, शार्प फीचर्स और घनी काली दाढ़ी थी।
उसे देख कर अविश्का कुछ पल के लिए उसकी आँखों में खो सी गई लेकिन तभी उसे महसूस हुआ कि वो इस वक्त लड़के के बहुत करीब है।
"दूर हटो मुझसे, मैंने कहा था ना मुझे दोबारा छूना भी मत", अविश्का ने कहा।
लड़का अविश्का को घूर कर देखते हुए बोला, "लेकिन मैं बिना छुए तुम्हे गिरने से कैसे बचाता अगर मैं तुम्हें नहीं पकड़ता तो तुम सीढ़ियों से गिर जाती। तुम्हें चोट भी आ सकती थी।""
लेकिन तभी अविश्का ने बेरुखी से कहा," हाँ तो गिरने देते मुझे"।
अविश्का की बात सुन कर वो लड़का मन ही मन बड़बड़ाया, 'अजीब लड़की है यार, एक तो मैंने इसे गिरने से बचाया और ऊपर से ये मुझे ही … मुझसे आज तक किसी भी लड़की ने इस तरह बात नहीं की है और इसे देखो मुझे बात बात पर डांट रही है। ना जाने इसमें किस बात का अकड़ है, मिस अकडू कहीं की!'
अपनी बात कहने के बाद अविश्का वहां से जाने लगी। लड़के को खुद से दूर करने के चक्कर में अविश्का के हाथ से उसका फ़ोन छूट गया और सीढ़ियों से नीचे जा गिरा।
"Oh no, मेरा फ़ोन", अविश्का घबराते हुए बोली।
अविश्का का फ़ोन ज़मीन पर गिरा और उसकी स्क्रीन चूर चूर हो गई। अविश्का ने ये फ़ोन हाल ही में खरीदा था। इससे वो विराट और अपनी हिनीमून की पिक्चर्स क्लिक करने वाली थी।
उसके फ़ोन में उसके मॉम डैड की पिक्चर भी थी। अब वो यहां नया फ़ोन कहां से लाएगी?
अविश्का ने दादी माँ से प्रॉमिस किया था कि वो उन्हें हर शाम कॉल किया करेगी लेकिन अब वो उनसे बात नही कर पाएगी।
अविश्का टूटे हुए फ़ोन के पार्ट्स को जोड़ने की कोशिश करते हुए बोली, "ये लड़का तो किसी पनौती की तरह मेरे पीछे ही पड़ गया है। जब से मुझे मिला है मेरे साथ कुछ ना कुछ गलत ही हो रहा है। ये तो बुरी तरह टूट चुका है अब मैं क्या करूँगी?"
,
उसने अपने चेहरे पर आई बालों की एक लट को पीछे किया तो वो लड़का उसकी आँखों में नमी देख कर हैरान रह गया।
अविश्का इस वक्त बहुत दुखी थी और उसका सारा ध्यान अपने फ़ोन पर था। उसे इस तरह परेशान देख कर वो लड़का उसके पास आकर झुकते हुए बोला," तुम इस तरह रो क्यों रही हो। ये एक फ़ोन ही तो है। मेरी वजह से तुम्हारा फ़ोन टूट गया, मैं तुम्हें नया फ़ोन दिलाने के लिए तैयार हूँ। अगर तुम चाहो तो इस से भी महंगा फ़ोन ले सकती हो। मैं तुम्हारे नुकसान की भरपाई करने के लिए तैयार हूं"।
अविश्का रोते हुए बोली, "मुझे तुम्हारे पैसे नहीं चाहिए। अपने पैसों का रॉब कहीं और जाकर दिखाना। तुम्हें क्या लगता है तुम पैसों से हर चीज़ खरीद सकते हो। होगे तुम किसी अमीर बाप की औलाद लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और ना ही मुझे तुम्हारी कोई मदद चाहिए। प्लीज़ मेरा पीछा छोड़ दो और मुझे चैन से जीने दो।"
उसने अपना फ़ोन उठाया और वहाँ से भागते हुए अपने रूम की तरफ चली आई।
★★★
रुहान ने ऐसा क्यों किया और क्या शीना को उसकी बात पर यकीन हुआ, कैसा होगा रुहान और अविश्का का आगे का सफर कैसा होगा जानने के लिए पढ़ते रहिए और कमेंट भी जरूर करिए।।
5
उस लड़के ने अपने मन में कहा, 'अजीब लड़की है यार, एक तो मैं इसकी मदद करना चाह रहा हूँ और ऊपर से यह मुझे ही… पहली बार ऐसी लड़की देखी है जिसे मेरे पैसों और मुझसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। वरना आज तक मैं जिस भी लड़की से मिला हूँ उसे मुझसे ज्यादा मेरे पैसों में इंटरेस्ट है। बेचारी का फ़ोन भी टूट गया। इसे देख कर तो लग रहा है कि ये यहाँ अकेली आई है। या तो ये मुझे सचमुच नहीं जानती या फिर अनजान बनने का नाटक कर रही है। अगर इस पता होता कि मैं कौन हूँ, क्या ये तब भी इसी तरह रिऐक्ट करती?'
मुझे इस अकड़ू से माफी तो मांगनी ही होगी। मुझे इस तरह किसी अनजान लड़की को किस नहीं करना चाहिए था पर भगवान मैं अभी क्या करता मॉम डैड ने मुझे शीना के साथ डेट पर भेज दिया है। न जाने में 7 दिन उसे कैसे झेलता? मुझे लगा था मैं बहाना बना कर उससे पीछा छुड़वा लूँगा लेकिन मुझे क्या पता था। वो मुझसे भी दो कदम आगे निकलेगी!'
इतना कह कर वो लड़का वहां से चला गया अविश्का भी रोती हुई अपने रूम में आई और बेड पर लेट गई। उसका रूम दिखने में बहुत ही सिंपल सा था। वहाँ एक डबल बेड, टेबल टीवी और छोटा सा बाथरूम था। ये रूम उसे काफी महंगा पड़ा था वो इससे ज्यादा हाई प्राइस वाला और बड़े रूम का खर्चा नहीं उठा सकती थी।
अविश्का रोते बिलखते हुए भगवान से शिकायत करते हुए बोली, "मैं अभी गिरने से बाल बाल बची, ऊपर से मेरा फ़ोन भी टूट गया और वो.. वो सडू आदमी कहीं का उसकी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की। भला कोई ऐसे किसी अनजान लड़की को किस करता है? भगवान यहाँ तो मुझे चैन से जीने दो। इन 7 दिन, मैं कोई ड्रामा नहीं चाहती हूँ, मेरी जिंदगी में पहले ही बहुत उथल पुथल मची हुई है। बस इस इन 7 दिन वो लड़का मेरे सामने ना आए। इस ट्रिप के बाद मैं घर वापस चली जाउंगी और फिर वही नार्मल लाइफ जीने लगूंगी। अब तो मेरी लाइफ में इस ट्रिप के बाद कोई एक्साइटमेंट नहीं बची है।"
रोते रोते अविश्का की आंख कब लग गई, उसे खुद भी पता नहीं चला। वो कुछ ही सेकंड्स में सपनो की दुनिया मे खो गई।
अविश्का बेड पर सोई हुई थी। विराट रूम का दरवाजा खोल कर अंदर आया और फिर उसने अंदर से दरवाज़ा लॉक कर लिया। दरवाजा बंद होने की आवाज़ सुन कर अविश्का की नींद खुल गई।
अविश्का ने कहा, "विराट तुम आ गए, मैं कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी। आज भी तुम लेट घर आए हो तुम्हें ओवर टाइम करने की जरूरत नहीं है। हम दोनों जॉब करके जैसे तैसे गुजरा कर लेंगे।"
विराट अविश्का के नजदीक आते हुए बोला, "अविश्का आज मुझे ऑफिस में बहुत जरूरी काम था इसलिए मुझे आने में देर हो गई।"
वह बैड़ पर बैठ गया और अविश्का चेहरे पर आई बालो की लट को उसके कान के पीछे करते हुए आगे बोला, " तुम तो जानती ही हो ना, मैं लाइफ में कुछ करना चाहता हूँ। अपने कैफ़े को ऊंचाइयों पर पहुंचना चाहता हूं इसके लिए मुझे मेहनत तो करनी ही पड़ेगी।"
इतना कह कर विराट अविश्का को किस करने के लिए आगे बढ़ा। अविश्का इस वक्त उसकी बाहों में थी। जैसे ही विराट के हाथ अविश्का के कंधे पर पहुंचे तो अचानक अविश्का हड़बड़ाते हुए बेड से उठ गई और इधर उधर देखने लगी।
"थैंक गॉड, ये सपना था। ये विराट तो सपने में भी मेरा पीछा नहीं छोड़ रहा है। मैं इस तरह रूम में अकेली रहूंगी तो मुझे उसका ख्याल सताता रहेगा। मुझे बाहर जाकर लोगों के साथ घुलना मिलना चाहिए तभी तो मैं इन्जॉय कर पाऊंगी "।
अविश्का इतना बोल कर फ्रेश होने बाथरूम में चली गई।
कुछ देर बाद वो लड़का अपने रूम से बाहर आया और डेक के पास आकर खड़ा हो गया। वो इस वक्त समुद्र की लहरों की तरफ देख रहा था कि तभी उस लड़के का फ़ोन बजने लगा उसने जैसे ही कॉल पिक की तो उसे एक रौबदार आवाज़ सुनाई दी।
"रुहान ये सब क्या है? तुमने रायज़ादा खानदान का नाम मिट्टी में मिला दिया है। मीडिया वाले न जाने तुम्हारे बारे में क्या कुछ कह रहे हैं। मैं तो ये सब सुन सुन कर थक चुका हूँ। क्या आर्टिकल में जो लिखा है वो सच है?"
ये आवाज अधिराज रायज़ादा की है। वो लड़का और कोई नहीं बल्कि रायज़ादा ग्रुप ऑफ कंपनीज़ का CEO, रुहान रायज़ादा था। उसके डैड इस वक्त किसी बात को लेकर बहुत परेशान थे।
अपने डैड की बात सुनकर रुहान हैरान हो गया उसे समझ नही आया वो अपने डैड को क्या जवाब दे?
रुहान समझ नहीं पा रहा था कि आखिर उसकी डैड इतने गुस्से में क्यों है?
रुहान ने तुरंत पूछा, "डैड क्या बात है आप इस तरह गुस्सा क्यों है और ये क्या बोल रहे हैं आप?"
अधिराज ने सख्त आवाज में कहा, "अवि! जरा अपना सोशल मीडिया ओपन करो और देखो एक लाइव न्यूज में तुम्हारे बारे में ना जाने क्या क्या बात हो रही है। उसका कहना है कि तुम गे हो और इसी वजह से आज तक तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और ना ही तुम लड़कियों को अपने नजदीक आने देते हो!"
रुहान ने हताश होकर कहा, "डैड मैं gay नहीं हूँ कोई भी सोशल मीडिया पर मेरे बारे में कुछ कहेगा और आप मान लेंगे क्या?"
अधिराज ने कहा, "अवि..! तुम अच्छी तरह जानते हो इस झूठी खबर से हमारे खानदान और कंपनी पर बुरा असर पड़ सकता है, सब जानते हैं की 30 साल की उम्र होने के बावजूद भी आज तक तुम्हें किसी लड़की के साथ नहीं देखा गया है, ऐसे में सब उस न्यूज एंकर की बातों पर सब यकीन कर लेंगे। मुझे सच सच बताओ तुम gay हो क्या?"
अपने डैड को इस तरह बातें करता हुआ सुनकर रुहान को गुस्सा आने लगा उसने चिल्लाते हुए कहा, "नही डैड! मैं गे नहीं हूँ आप समझते क्यों नहीं और मैं...."
रुहान इससे आगे की कुछ कह पाता उसे फ़ोन के दूसरी तरफ से अपने छोटे भाई कुणाल की आवाज सुनाई दी, "डैड ऐसा भी तो हो सकता है की भाई को अब तक पता ही ना हो की वो गे है वही हो सकता है कि भाई भी अपने सेक्शुएलिटी को लेकर कन्फ्यूज हो?"
दादी माँ कुणाल के कंधे पर हाँ थपथपाते हुई बोली, "चुप रहो कुणाल जब दो बड़े बात कर रहे होते हैं तो इस तरह बीच में नहीं बोलते!"
अधिराज भी इस वक्त कुणाल को घूरते हुए देख रहा था तभी रुहान ने चिढ़ते हुए कहा, " डैड मेरी बात पर यकीन करिए मेरी वजह से कभी कंपनी और हमारे खानदान का नाम नहीं डूबेगा!"
तभी दादी माँ ने अधिराज के हाथ से फ़ोन छीन लिया और लड़खड़ाती हुई आवाज में बोली, "अवि! अगर ऐसी बात है तो बेटा तुम एक काम करो तुम अब 7 दिन की छुट्टियों के बाद अपनी गर्लफ्रेंड के साथ ही घर वापस आना, वरना मैं तुम्हें घर में नहीं घुसने दूंगी और तो और तुम्हें रायज़ादा परिवार और कंपनी से भी बेदखल कर दिया जाएगा!"
इतना कहते हुए दादी माँ के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट थी।
दादी माँ और अधिराज कई सालों से रुहान के लिए लड़की ढूंढ रहे थे।
वो हर बार जिसपे लड़की को उसके साथ डेट पर भेजते रुहान कोई न कोई बहाना बनाकर छोड़ देता।
क्योंकि उसके घर वाले उसे सुंदर और अमीर घर की लड़कियों के साथ डेट पर भेज देते थे लेकिन रुहान कोई न कोई बहाना बनाकर उनसे पीछा छुड़ा ही लेता था।
उसे फिलहाल लड़कियों में कोई इंटरेस्ट नहीं था वो अच्छी तरह जानता था की लड़कियां ज्यादातर उसके स्टेटस के लिए उसके साथ रिलेशनशिप में आना चाहती है।
रुहान उतना सारा वक्त ऑफिस के कामों और मीटिंग्स में बिता देता था वो चाहता था कि उसकी जिंदगी में कोई ऐसी लड़की है जो उसके घरवालों और को संभालने के साथ साथ उसका भी ख्याल रखें।
वो चाहता था की उसके पार्टनर उससे सिर्फ पैसों के लिए ही प्यार ना करें, इस बार भी दादी माँ और अधिराज के बीच शर्त लगी थी।
उन्होंने सोचा था वो शीना को रुहान के साथ डेट पर भेज देंगे ताकि शीना और उसके बीच बात आगे बढ़ सके लेकिन रुहान तो कुछ ही घंटों में शीना से परेशान आ गया था।
दादी माँ की बात सुनकर रुहान ने गुस्से में फ़ोन काट दिया।
To Be Continued
6
रुहान दादी माँ की बात सुनकर परेशान हो गया और उसी तरह परेशान होते हुए बोला, "अब मैं गर्लफ्रेंड कहाँ से लाऊं घरवाले तो मेरी शादी करवाने पर तुले हैं दादी माँ चाहती है जल्द से जल्द उनकी गोद में एक नन्हा सब पोता दूं, जो रायज़ादा परिवार का वारिस बने...!"
इतना कहकर रुहान ने ना में अपना सिर हिलाया।
रात में डिनर करने के बाद, रुहान अपने रूम में जाकर सो गया।
अगली सुबह जैसे ही उसकी नींद खुली तो वो रेडी हो कर क्रूज के डायनिंग रूम में आया।
वहाँ बहुत से कपल्स आये हुए थे वो सब खाना खाते हुए आपस में बातें कर रहे थे।
रुहान ने अपने लिए एक खाली टेबल ढूंढने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसे वहाँ खाली जगह दिखाई नहीं दी।
तभी उसकी नजर टेबल पर बैठी अकेली लड़की पर पड़ी।
उसे देखते ही रुहान ने कहा, "ये तो वही मिस अकड़ू है।"
इतना कहकर वो अविश्का की तरफ आने लगा यहाँ अविश्का अपना ब्रेकफास्ट एंजॉय कर रही थी।
अविश्का ने रुहान को अपनी तरफ आते देखकर घबराते हुए कहा, " ये तो मेरी तरफ ही आ रहा है हे भगवान मैं इस लड़के से पीछा कैसे छुड़ाऊं?"
रुहान ने अविश्का के पास आकर बड़ी नरमी से पूछा, "क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ मुझे बहुत भूख लगी है और यहाँ पर कोई टेबल खाली नहीं है!"
यह सुनकर अविश्का ने ना चाहते हुए भी अपना सिर हां में हिला दिया।
उसके बाद अविश्का खाना खाने में बीजी हो गई।
वो रुहान से कोई बात नहीं करना चाहती थी जितना ज्यादा हो सके वो उसे इग्नोर कर रही थी।
तभी रुहान ने कहा, " देखो मिस अकड़ू मैंने कल जो कुछ भी किया, उसके लिए मै तुमसे माफी मांगना चाहता हूँ प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो, मेरा इंटेन्शन तुम्हें हर्ट करने के नहीं थे वो तो मैं... बस तुम ऐसा समझ लो मैने ऐसा मजबूरी में किया।"
अविश्का ने गुस्से से कहा, "भला किसी को किस करना भी मजबूरी होती है क्या? इसे मजबूरी नहीं मौके का फायदा उठाना कहते हैं।"
उसकी बात सुनकर रुहान झट से बोला, "क्या तुम मुझे सचमुच नहीं जानती कि मैं कौन हूँ?"
अविश्का ने उसे घूरते हुए कहा, "तुम प्राइम मिनिस्टर हो क्या? मैं भला तुम्हे क्यों जानने लगी, मैं तो तुम से पहली बार मिल रही हूँ और वैसे भी मुझे तुम में कोई इंटरेस्ट नहीं है।"
अविश्का की बात सुनकर रुहान थोड़ी देर के लिए चुप हो गया इससे पहले की वो अविश्का को अपने बारे में बता पाता।
अविश्का को उसके फ़ोन पर एक मैसेज आया।
अविश्का ने फ़ोन उठाकर देखा, उसे उसकी कजिन कीर्ति का मैसेज आया।
कीर्ति: - " अविश्का तुम्हें याद है न मैं एक हफ्ते बाद मुंबई वापस आ रही हूँ अब मैं कुछ वक्त मुंबई में ही रहूंगी, क्या तुम मुझे पिक करने आ सकती हो?"
कीर्ति का मैसेज पढ़ते ही अविश्का सोच में पड़ गई ।
अविश्का ने सोचा, ' मैं घर जाउंगी तो वो विराट वहाँ भी पहुँच जाएगा, इससे अच्छा होगा कि मैं कुछ वक्त कीर्ति के साथ ही उसके अपार्टमेंट में रुक जाऊं।'
अविश्का ने रिप्लाई किया , " ठीक है मैं तुम्हें पिक करने एयरपोर्ट पहुँच जाऊंगी वैसे कीर्ति क्या मैं कुछ दिन तुम्हारे साथ तुम्हारे अपार्टमेंट में रह सकती हूँ?"
अविश्का का मैसेज पढ़कर कीर्ति ने झट से पूछा, "क्यों..? तुम्हारा फिर से विराट के साथ झगड़ा हुआ क्या?"
अविश्का ने उदास होते हुए रिप्लाई दिया, "मेरा विराट के साथ ब्रेकअप हो गया है, अब उसके साथ मेरा कोई रिश्ता नहीं!"
कीर्ति ने जैसे ही ये बात सुनी उसने तुरंत रिप्लाई दिया, "शुक्र है तुमने एक काम तो अच्छा किया, उस विराट से ब्रेकअप करना तुम्हारी लाइफ का सबसे सही डिसीजन है, मैं तो तुम्हे शुरुआत से ही कहती थी कि वो लड़का तुम्हारे लिए ठीक नहीं है, लेकिन तुमने मेरी बात नहीं मानी मुझे तो तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड अमाया भी बिलकुल पसंद नहीं।"
कीर्ति की बात सुनकर अविश्का ने लिखा, " हाँ अब अमाया से भी मेरा कोई लेना देना नहीं है।"
यहाँ अविश्का फ़ोन पर कीर्ति के साथ बात करने में बिज़ी थी और रुहान उसे परेशान चेहरे उसकी तरफ देख रहा था, कुछ देर बाद रुहान का ऑर्डर किया हुआ, इटालियन डिश टेबल पर आ गया।
रुहान को बहुत तेज भूख लगी थी इसलिए वो नाश्ता करने लगा।
थोड़ी देर बाद अविश्का ने अपना फ़ोन एक तरफ रखा और उसकी नजर रुहान की प्लेट पर पड़ी।
रुहान कश के खाने की प्लेट को देखकर अविश्का काफी ज्यादा एक्साइटेड होते हुए बोली, "ये तुम क्या खा रहे हो?"
रुहान ने अविश्का का सवाल सुनकर तुरंत जवाब देते हुए कहा, "ये... इटालियन ब्लू चीज़ पास्ता है क्या तुम इसे ट्राई करना चाहोगी?"
अविश्का ने तुरंत ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं मैं तो बस यूं ही पूछ रही थी!"
लेकिन अंदर से अविश्का के मुँह में पानी आ रहा था वो पास्ता देखने में बहुत ही डिलीशियस लग रहा था।
रुहान ने देखा की इस टाइम अविश्का के सामने दो प्लेट में खाना रखा हुआ है जिसमें बहुत सी अलग अलग डिशज़ है।
उसे देख कर रुहान समझ गया की अविश्का एक बूढ़ी गर्ल है
आवेदन ने अविश्का की तरफ देकर कहा, "ये लो मुझे अपना फूड शेयर करने में कोई प्रॉब्लम नहीं है!"
रुहान ने इतना कहकर अविश्का को पास्ता टेस्ट कराने के लिए स्पून आगे बढ़ा दिया।
अविश्का ने जैसे ही उसे टेस्ट किया तो उसकी आँखों में एक अलग चमक आ गई और वो मुस्कुराते हुए बोली, "वाउ ये तो सचमुच बहुत टेस्टी है!और ये सॉस तो लाजवाब है, तुम तो बिलकुल अमीरों वाला खाना खा रहे हो!"
अविश्का ने जैसे ही ये कहा रुहान ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और
फिर कुछ सोचते हुए अचानक वो चुप हो गया।
चुप होते ही वो अविश्का को घूरने लगा उसके चेहरे के एक्सप्रेशन देखकर अविश्का ने मन ही मन कहा, ' सड़ू कहीं का।'
रुहान इस वक्त काफी सीरियस लग रहा था उसने अविश्का की आँखों में देखते हुए कहा, "मैं तुमसे एक ज़रूरी बात करना चाहता हूँ!"
अविश्का ने तुरंत पूछा, "तुम्हें मुझसे क्या बात करनी है, अभी फिलहाल तुम जाओ जाकर अपनी गर्लफ्रेंड को देखो उससे बात करो। वो वहाँ बैठकर बहुत देर से हमें ही घूरती जा रही है।"
अविश्का की बात सुनकर रुहान ने दूर टेबल पर बैठी शीना को देखा।
शीना काफी गुस्से से उन दोनों को घूरती जा रही थी जैसे ही रुहान की नजर उस पर पड़ी उसने धीमी आवाज में कहा, "यह शीना तो यहां बैठ कर मुझ पर नजर रख रही है अगर मुझे इस अकड़ू से बात करनी है तो कहीं अकेले में जाकर करनी होगी, ऐसे इस शीना के सामने तो मैं इस से कोई बात नहीं कर पाऊंगा।"
ये सोचकर अचानक रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ा और कहा, "चलो डार्लिंग यहाँ से चलते हैं?"
अविश्का ने कहा, " क्या कर रहे हो मेरा हाथ छोड़ो। दिखता नहीं
मैं ब्रेकफास्ट कर रही हूं?"
लेकिन रुहान ने उसकी एक नहीं सुनी वो उसका हाथ पकड़ कर अपने साथ ले जाने लगा।
यहाँ अविश्का अपनी प्लेट की तरफ मायूस होते हुए देख रही थी।
उसने अपनी प्लेट की तरफ देखते हुए कहा, " मेरी डेज़र्ट मैंने अभी तक अपना ब्रेकफास्ट फिनिश नहीं किया है मुझे अभी और खाना है!"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, " नहीं बेबी बस तुमने बहुत खा लिया है अब तुम और कुछ भी नहीं खाओगी, जरा देखो खुद को, तुम पहले ही इतना खा चुकी हो कि दिखने में काफी मोटी लग रही हो?"
अविश्का ने जैसे ही उस के मुंह से यह बात सुनी उसने गुस्से से रुहान को घूरते हुए कहा, "मोटी...! तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई तुमने मुझे मोटी बोला।"
इतना बोलकर अविश्का खुद को रुहान के हाथ से छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन रुहान ने इतनी मजबूती से अविश्का का हाथ पकड़ रखा था कि अविश्का उसके हाथ से अपना हाथ नहीं छुड़वा पाई और रुहान उसे शीना के सामने से वहां से ले गया!
शीना ने रुहान के हाथ में अविश्का का हाथ देखकर अपने दांत पीसते हुए कहा, " इस बहन जी को तो रुहान से दूर करना ही पड़ेगा लेकिन कैसे इसके लिए मुझे कोई प्लान बनाना पड़ेगा।"
इतना बोलकर शीना अविश्का का पीछा करने लगी।
अविश्का ने रुहान से कहा, " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे मोटी कहने की क्या तुम्हे लड़कियों से बात करनी नहीं आती मुझे तुम्हारे साथ कहीं जाना और ना ही तुम्हारी कोई बात सुनी है तुम मेरा हाथ छोड़ो।"
अविश्का यह बात बोल रही थी लेकिन रुहान ने उसकी बात नहीं सुनी और तभी अविश्का ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा, "प्लीज़ मेरा हाथ छोड़ दो, अच्छा मैं तुम्हारी बात सुनूंगी।"
अविश्का ना चाहते हुए भी रुहान की तरफ उस के साथ चलती चली जा रही थी।
कुछ देर बाद वो उसे अपने रूम में ले आया उसने दरवाजा बंद किया।
अविश्का ने जैसे ही रुहान के रूम में कदम रखा, तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी उसके बेडरूम के मुकाबले रुहान का रूम बहुत ही शानदार था, वहाँ एक छोटा सा बार स्टेशन भी था।
अविश्का ने उसके रूम को चारों तरफ से देखते हुए धीमी आवाज में कहा, " ये रूम तो मेरे रूम से दो गुना बड़ा है नहीं ये तो चार गुना बढ़ा है।"
वहाँ एक बड़ा सा एलसीडी उस रूम के कोने में बहुत सी किताबें, न्यूज़ पेपर और आर्टिकल्स रखे हुए थे।
कुछ पल के लिए अविश्का को चुप देखकर रुहान ने राहत की सांस ली और मन ही मन कहा, 'शुक्र है मिस अकड़ू चुप तो हुई, यह एक बात बोलना शुरू करती है तो फिर चुप ही नहीं होती मुझे इससे अब बात करनी चाहिए, यहाँ हम दोनों को कोई परेशान नहीं करेगा, और ना ही किसी को हमारी बातें सुनाई देंगी मैं आराम से इसे इस से बात कर सकता हूँ।'
★★★
आखिर रुहान उस से ऐसी कौन सी ज़रूरी बात करना चाहता था जिसके लिये उसे अविश्का को खींचकर अपने रूम में जाना पड़ा। अविश्का को जब रुहान की सच्चाई पता चलेगी तो ना जाने वो किस तरह रिऐक्ट करेगी जानने के लिए पढ़ते रहिए और कमेंट भी जरूर करिए।...!
यहां पर मेरी और भी कहानियां है जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं और पढ़ कर देखिए शायद आपको बाकी कहानी भी पसंद आ जाए।
बाकी कहानियों के नाम और genre है..
Bound by Destiny (Second Chance Romance)
Deal waala Love (fake contract marriage story)
Tangled Hearts (Cheating husband and second lead with wife)
Mafia's Heart Stealer (Mafia Story)
Billionaire Fake husband (Fake contract marriage)
Contract marriage with my boss (contract marriage, first love)
Our unwanted Marriage (forced marriage)
Billionaire's Forced Bride (force marriage for revenge)
Not Just Best friends (best friends to lovers)
Millionaire By Chance (poor to Rich by chance)
The Haunting Murders (suspense thriller)
The Manali Trip (Adventure, Horror)
7
अविश्का रुहान का हाई फाई रूम देखकर दंग रह गई और फिर उसे अचानक रुहान पर शक होने लगा वो उसके नजदीक आकर उसे घूरते हुए बोली, "शक्ल से तुम काफी अमीर लगते हो पहले वह अमीरों वाला खाना और फिर ये आलीशान रुम कहीं तुम कोई स्मगलर या ड्रग डीलर तो नहीं? मुझे तो लगता है तुम कोई बड़े जाने माने चोर हो बिलकुल वैसे जैसे फिल्मों में होते है।"
अविश्का की बात सुनकर अपनी हँसी कंट्रोल नहीं कर पाया, आज तक उसे किसी लड़की ने ये सब नहीं कहा था।
अविश्का ने चिढ़ते हुए कहा, "तुम पागल हो क्या? इस तरह हंस क्यों रहे हो?"
रुहान ने अपना सर हिलाते हुए कहा, "तुमने बात ही ऐसी की है क्या मैं तुम्हें ड्रग डीलर दिखाई देता हूँ, ज़रा देखो मेरी पर्सनैलिटी को मैं तुम्हें कहाँ से स्मगलर दिखाई दे रहा हूँ! मैं एक बिज़नेस मैन हूँ!"
अविश्का ने हैरान होते हुए कहा, "ओह तो तुम बिज़नेस मैन हो?"
रुहान मन ही मन सोच रहा था सारी लड़कियां उसके करीब आने के लिए क्या कुछ नहीं करती, पर ये तो उन लड़कियों जैसी नहीं है वो तो अपनी ही दुनिया में उलझी रहती है उसे रुहान के गुड लुक्स और उनकी दौलत और शोहरत का कोई लालच ही नहीं है।
उसे देखते ही देखते रुहान की नज़रें अविश्का के चेहरे से होते हुए उसके होठों परऔर उस की कॉलर बोन पर पड़ा इससे नीचे की वो अपनी नजरें चुका पाता अचानक एक हवा में एक सैंडल उड़ता हुआ उसकी तरफ आया।
रुहान झट से पीछे हट गया और गुस्से से बोला, "तुम पागल हो क्या तुमने मुझे सैंडल फेंककर क्यों मारा? तुम्हारा दिमाग ठीक तो है ना?"
अविश्का ने गुस्से से कहा, " इस तरह दुबारा अगर मुझ पर तुमने अपनी बुरी नजर डाली और इस तरह घूरते हुए मुझे देखा, तो मैं तुम्हारी आंखें फोड़ डालूंगी, तुम्हें क्या लगता है तुम मुझे यहाँ इस रूम में ले आए हो, तो तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो अपनी बुरी नज़र मुझ पर डालने की कोशिश भी मत करना, मैं वो लड़की नही जो पैसों के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाए! समझे तुम।"
रुहान ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, " हे भगवान ये लड़की भी ना, मैं तुम पर कोई बुरी नजर नहीं डाल रहा, मैं तो बस तुम्हारे गर्दन पर चलते हुई उस मकड़ी को देख रहा था!"
" क्या... मा..मा.. मकड़ी?"
इतना कहते ही अविश्का रुहान के रूप में चिल्लाते हुए इधर उधर भागने लगी।
अविश्का ने चिल्लाते हुए कहा, "मकड़ी प्लीज इसको मुझ पर से हटाओ, मुझे मकड़ियों से बहुत डर लगता है, प्लीज़ कोई मेरी मदद करो।"
अविश्का इस वक्त रुहान के बेड पर कूदते हुए चिल्ला चिल्लाकर ये सब कह रही थी वो इस वक्त बहुत तरह से डरी हुई थी।
रुहान ने हल्की मुस्कुराहट से कहा, "शुक्र है इसे किसी से तो डर लगता है।"
तभी उसने देखा अविश्का हड़बड़ाहट की वजह से बेड से फिसलकर नीचे गिरने वाली है।
यहाँ अविश्का का पैर बेड शीट में फंसा और वो जैसे ही फिसल कर नीचे गिरने लगीं तो रुहान ने उसे अपने बाँहों में थाम लिया।
अविश्का इस वक्त डर से कांप रही थी जिसकी वजह से उसने रुहान को कस कर पकड़ लिया।
रुहान ने अविश्का की फेस की तरफ देखते हुए कहा, "मिस अकडू शांत हो जाओ। वो मकड़ी कब का तुम्हारे पैरों के नीचे आकर मर गई, घबराने वाली कोई बात नहीं है तुम सेफ हो?"
वैसे ही दरवाजे के बाहर किसी के गिरने की आवाज सुनाई दी।
जैसे ही वह आवाज उन दोनों के कानों में पड़ी वो दरवाजे की तरफ आए और उन्होंने देखा शीना इस वक्त जमीन पर गिरी पड़ी है उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं है वह अपने सर को पकड़े हुए थी और उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ी गई हो।
रुहान ने शीना को इस तरह जमीन पर बैठा देखकर हैरानी से पूछा, " तुम..? तुम यहां क्या कर रही हो?"
रुहान का सवाल सुनते ही शीना ने हड़बड़ाते हुए कहा, 'वो…वो मैं यहाँ से गुजर रही थी अचानक मेरा फोन कहीं गिर गया, मुझे वो कहीं मिल नहीं रहा है।"
इतना बोल कर शीना जमीन पर हाथ मारते हुए इधर उधर फोन ढूंढने का नाटक करने लगी।
उस शीना के पसीने छूटने लगे थे, वह बस छुप कर रुहान और अविश्का पर नजर रखना चाह रही थी, पर उसे क्या पता था कि जमीन पर गिरने की वजह से रुहान को यह बात पता चल जाएगी कि वह उसके रूम के बाहर ही खड़ी थी।
शीना को बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी और उसे समझ नहीं आ रहा था वह रुहान से नजरें कैसे मिलाए।
शीना की ऐसी हालत देखकर रुहान अपनी हंसी रोक नहीं पाया और उसने हंसते हुए कहा, " देखो ना डार्लिंग हमें रूम में भी प्राइवेसी नहीं मिल रही, क्यों ना हम अब यहां से फ्री होकर सीधे अपने बेडरूम में चलते हैं, शायद वहां पर हमें थोड़ा अकेले टाइम स्पेंड करने को मिल जाए।"
इतना बोलकर रुहान ने अविश्का की कमर में अपना हाथ डाला और उसे अपने करीब खींच लिया।
अविश्का रुहान की बातें सुनकर हैरानी से उसकी तरफ देखने लगी।
वह सारी बातें जैसे ही शीना के कानों में पड़ी उसने कस कर अपनी आंखें बंद कर ली और उसे ऐसा लग रहा था वह सारी बातें सीधा उसके दिल में किसी खंजर की तरह लग रही हैं।
शीना गुस्से से दांत पीसते हुए खड़ी हुई और उसने अविश्का को घूर कर देखा और अपने पैर पटकते हुए वहां से बाहर की तरफ चली गई।
उसके जाते ही अविश्का ने रुहान को धक्का देकर खुद से दूर करते हुए कहा, "आखिर तुम मुझसे चाहते क्या हो साफ साफ बताओ। और तुम्हें मुझसे कौन सी जरूरी बात करनी है?"
रुहान ने गहरी सांस लेते हुए कहा, " स्टॉप इट मिस अकड़ू!मुझे इस तरह धक्का मत दो, यहाँ सोफे पर बैठ जाओ, मैं तुम्हें सब समझाता हूँ।"
अविश्का ने गुस्से से उसका हाथ झटकते हुए कहा, "नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है तुम सीधा सीधा मुददे पर आओ, मैं अब इस रूम में तुम्हारे साथ एक पल भी रुकना नहीं चाहती।"
रुहान के मुंह से बेडरूम का नाम सुनकर उसका चेहरा शर्म से लाल पड़ने लगा था।
उसने रुहान जैसा सरेआम फ्लर्ट करने वाला लड़का पहली बार देखा था।
रुहान ने उसे रोकते हुए कहा, "हे रूको! मिस अकडू! मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए!"
अविश्का ने उसे घूरते हुए कहा, "किस तरह को हेल्प?"
रुहान ने अविश्का को आंख भर कर देखते हुए कहा, " मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ!"
यह सुनते ही अविश्का उनके पैरों तले जमीन खिसक गई और वो लड़खड़ाती हुई आवाज में बोली, "क्या? शादी? तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ना?"
रुहान उनकी आँखों में आंखें डालते हुए बोला, " मैं सीरियस हूँ, क्या तुम मुझसे शादी करोगी?"
अविश्का ने बिना किसी झिझक के कहा, "तुम तो मुझे जानते तक नहीं हो कि मैं कौन हूं, कहां से आई हूं और अभी हमें मिले 24 घंटे भी नहीं हुए इतने कम टाइम में तुम मुझसे शादी करना चाहते हो? शादी करने के लिए लोग एक दूसरे को जानते हैं, समझते हैं, डेट पर जाते हैं और फिर सोच समझकर शादी जैसा इतना बड़ा फैसला लेते है!"
रुहान ने इसकी बात सुनकर हां में सिर हिलाते हुए कहा, "I agree."
अविश्का ने तुरंत कहा, "तो फिर इतनी बड़ी बात तुम मुझसे क्यों बोल रहे हो? मैं तो तुम्हारे लिए अंजान हूं। तुम तो मेरे बारे में कुछ जानते भी नहीं। तुम उस लड़की से शादी क्यों नहीं कर लेते जो सारा वक्त तुम्हें स्टॉक करती रहती है। उसी से शादी क्यों नहीं कर लेते देखो वो तुम्हे लेकर कितनी पोजेसिव है तुम्हारा अच्छे से ख्याल रखेगी।"
रुहान ने ना में अपना सिर हिलाते हुए मन में कहा, 'लगता है इस लड़की का स्क्रू ढीला है और इसे ऐसा लग रहा है जैसे यह शीला मुझे बहुत पहले से जानती है! मैं तो इसे भी ठीक से नहीं जानता तो कैसे उसे चिपकू लड़की से शादी कर लूं और वह इतना चिपकती है उस इरिटेटिंग लड़की को तो मैं 1 मिनट अपने पास ना रहने दूं, शादी तो बहुत दूर की बात है।'
रुहान को यह बात नहीं पता कि अविश्का यहां पर प्यार ढूंढने नहीं बल्कि अपना सोलो हनीमून ट्रिप इंजॉय करने आई है उसे अब किसी भी लाइफ पार्टनर की जरूरत नहीं है क्योंकि विराट से धोखा खाने के बाद अविश्का यह फैसला कर चुकी थी कि अब वह दोबारा कभी भी किसी से प्यार करने की गलती नहीं करेगी।
रुहान अपने ही सोच में डूबा हुआ था और वह अविश्का की बात का जवाब नहीं दे रहा था।
तभी अविश्का ने उसके चेहरे के आगे अपना हाथ हिलाते हुए कहा, "हैलो! ओ हैलो! मिस्टर सड़ू कहां खो गए, तुमने मेरी बात सुनी भी या नहीं बताओ आखिर तुम मुझसे शादी क्यों करना चाहती हो दुनिया में और बाकी लड़कियां मर गई है क्या?"
अविश्का को यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि अचानक से इस तरह एक अनजान लड़का उसे शादी के लिए क्यों प्रपोज कर रहा था?
To Be Continued
क्या अविश्का को यकीन होगा रुहान की बातों को और क्या हो उसके प्रपोजल को हां बोलेगी, क्या वह समझेगी रोहन और उसकी प्रॉब्लम्स को क्या रुहान को बताएगी अपनी लाइफ की प्रॉब्लम्स के बारे में क्या लगता है आप लोगों को बताइए कमेंट में आप कैसे जा रही है अब तक की स्टोरी?
यहां पर मेरी और भी कहानियां है जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं और पढ़ कर देखिए शायद आपको बाकी कहानी भी पसंद आ जाए।
बाकी कहानियों के नाम और genre है..
Bound by Destiny (Second Chance Romance)
Deal waala Love (fake contract marriage story)
Tangled Hearts (Cheating husband and second lead with wife)
Mafia's Heart Stealer (Mafia Story)
Billionaire Fake husband (Fake contract marriage)
Contract marriage with my boss (contract marriage, first love)
Our unwanted Marriage (forced marriage)
Billionaire's Forced Bride (force marriage for revenge)
Not Just Best friends (best friends to lovers)
Millionaire By Chance (poor to Rich by chance)
The Haunting Murders (suspense thriller)
The Manali Trip (Adventure, Horror)
8
रुहान ने उसे समझाते हुए कहा, "दरअसल बात यह है कि मुझे भी शादी में अभी कोई इंटरेस्ट नहीं है मुझे सिर्फ और सिर्फ मेरे घर वालों की तरफ से प्रेसर दिया जा रहा है, कि मैं जल्दी से शादी करके उन्हें उनका पोता दूं खासकर मेरे डैड और मेरी दादी वह यही चाहते हैं और इसी वजह से आए दिन मुझे किसी ना किसी लड़की से मिलने के लिए इधर से उधर भेजते रहते हैं मैं इस चीज से तंग आ चुका हूं अब मुझे और किसी लड़की से नहीं मिलना इसीलिए….."
रुहान बोल ही रहा था कि अविश्का ने उसकी बात सुनकर हल्के से अपना सिर हिलाते हुए कहा, "ओह तो यह बात है!"
रुहान ने अविश्का की आंखों में देखते हुए कहा, "तुम्हारे लिए यह बहुत छोटी बात होगी लेकिन मेरे लिए नहीं है तुम मुझे एक बात बताओ तुम रुहान रायज़ादा को जानती हो?"
अविश्का ने तुरंत हां में सिर हिलाते हुए कहा, " हां यह भी कोई पूछने वाली बात है आखिर इतने बड़े बिजनेसमैन रुहान रायज़ादा उसे कौन नहीं जानता।"
रुहान ने अविश्का की तरफ देखकर एक गहरी सांस लेते हुए कहा, "मैं ही हूं रुहान रायज़ादा ।"
उसके मुंह से यह बात सुनकर अविश्का को एक झटका लगा और वह अपनी जगह पर जम गई।
फिर अगले ही पल अविश्का ने हंसते हुए कहा, " मैं सिर्फ दिखने में पागल लगती हूं असल में हूं नहीं, तुम्हें क्या लगता है तुम कुछ भी बोलोगे और मैं तुम्हारी बात पर यकीन कर लूंगी तुम रुहान रायज़ादा ! मतलब रायज़ादा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज का सीईओ….?"
रुहान ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, " तुम्हें ऐसा लग रहा है मैं झूठ बोल रहा हूं? मैं ही हूं रुहान रायज़ादा अगर तुम्हें यकीन नहीं तो लो मेरा आईडी कार्ड देख लो।"
इतना बोलकर रुहान ने अपनी पॉकेट से आईडी कार्ड निकाल कर अविश्का के हाथ में पकड़ा दिया!
कार्ड पर लिखे नाम को देखकर अविश्का धीमी आवाज में बड़बड़ाते हुए बोली, "इसका मतलब यह वही रुहान रायज़ादा है जिसके बारे में मैंने कल वह आर्टिकल पड़ा था!"
रुहान ने कहा, "क्या सोचने लगी तुम देख लिया ना तुमने मेरा कार्ड अब तो तुम्हें यकीन हो गया।"
अविश्का ने रुहान की तरफ देखकर धीमी आवाज में कहा, "इसका मतलब तुम गे हो इसीलिए तुम मुझसे झूठी शादी करना चाहते हो?"
अविश्का की बात सुनकर रुहान ने ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, " नहीं मैं तुमसे झूठी शादी नहीं करूंगा, तुम मेरी बात ध्यान से सुनो और यह बताओ क्या मैं तुम्हें कहीं से भी गे लगता हूं?
मैं इतने सालों से सिंगल हूं और किसी भी लड़की के साथ मेरे अफेयर के कोई खबर मीडिया वालों को नहीं मिली इस वजह से यह लोग मेरे गे होने की झूठी खबर फैला रहे हैं।
मुझे तो इस बात से कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन मेरी फैमिली इस बात से बहुत ज्यादा परेशान हो रहे हैं इसलिए मैं बस इस टैग को अपने नाम से हटाना चाहता हूं।"
रुहान ने जैसे ही यह पूरी बात अविश्का को गहरी सोच में डूब गई और उसने अपने मन में कहा, 'रुहान रायज़ादा जैसा इतना अमीर इंसान मुझे शादी के लिए पूछ रहा है मैं अब इससे क्या कहूं?'
अविश्का यह बात सोच ही रही थी कि तभी रुहान ने कहा, " क्या हुआ मिस अकड़ू, बोलो क्या तुम मुझसे शादी करोगी?"
अविश्का अपनी सोच से बाहर आते हुए बोली, " सबसे पहली बात तो मेरा नाम अकड़ू नहीं है।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर मजाकिया अंदाज में कहा, "ठीक है तो शादी के बाद फिर मैं तुम्हें अकड़ू नहीं बल्कि बेबी या डार्लिंग बुला लूंगा, ठीक है। क्योंकि अभी तक मुझे तुम्हारा नाम तो पता ही नहीं है और मुझे नहीं लगता तुम्हारा कोई इरादा भी है मुझे अपना नाम बताने का?"
रुहान को इस तरह फ्लर्टिंग करते देखकर अविश्का ने से घूरते हुए कहा, " तुम सीधे भी मेरा नाम पूछ सकते हो, मेरा नाम अविश्का है, अविश्का मल्होत्रा।"
रुहान ने उसकी बात सुनकर अपने मन में कहा, 'अच्छा तो मैडम का नाम अविश्का है।'
रुहान ने उससे पूछा, " अच्छा तो तुम यहां पर अकेले आई हो अविश्का ।"
अविश्का ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, "हां मेरा ब्रेकअप हो गया और मैं अकेली ही अपना हनीमून इंजॉय करना चाहती थी, लेकिन तुमने करने नहीं दिया।"
रुहान ने जैसे ही अविश्का की बात सुनी उसने थोड़ा सोचते हुए कहा, " अच्छा तुम्हारा ब्रेकअप हुआ है और तुम यहां पर अकेली आई हो, तो चलो ठीक है अब तो मेरी बात ध्यान से सुनो मैं तुम्हारी सारी डिमांड पूरी करने के लिए रेडी हूं! बस बदले में तुम मुझे इस मुसीबत से निकाल दो! प्लीज तुम मेरी इतनी हेल्प करो मैं तुम्हारी हर छोटी बड़ी जरूरत का ध्यान रखूंगा।"
अविश्का ने जैसे ही रुहान की बात सुनी उसने बिना देर किए हुए पूछा, " इसका मतलब हमारी शादी एक समझौता होगी है ना?"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर थोड़ा सोचते हुए कहा, "हम दोनों को दुनिया के सामने हस्बैंड वाइफ की तरह बिहेव करना होगा, मैं तुम्हें कोई परेशानी नहीं आने दूंगा और रूम में जाते ही हम दोनों सिर्फ और सिर्फ दोस्तों की तरह रहेंगे! मैं तुम पर कभी कोई दबाव नहीं डालूंगा! इसलिए तुम इस बारे में अपना टाइम लेकर आराम से सोच लो और प्लीज मेरी मदद करो।"
रुहान की पूरी बात सुनकर अविश्का ने सोचते हुए अपने मन में कहा, ' वैसे शादी का आईडिया बुरा नहीं है एक तरह से देखा जाए तो हम दोनों की ही प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी।'
अविश्का को इस तरह सोचते देखकर रुहान उसे छेड़ते हुए बोला, " मुझे पता है तुम क्या सोच रही हो! तुम मेरे साथ मेरे बेडरूम में सोना चाहती हो? ठीक है जब तुम्हारा मूड हो तो तुम मुझे बेझिझक बोल देना, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है मैं बेडरूम में भी तुम्हें अपनी वाइफ की तरह ही ट्रीट कर लूंगा।"
रुहान की बात सुनकर एक बार फिर अविश्का का चेहरा शर्म से लाल पड़ गया।
रुहान की बात सुनकर अविश्का का चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था और उसने रुहान को घूरते हुए देखकर कहा, "तुम बोलने से पहले कुछ भी सोचते नहीं हो बस जो मन में आया वह बोल देते हो।"
रुहान ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां लेकिन मैं तो सिर्फ मजाक कर रहा था बट अब मैं सीरियस हूं अब तुम मुझे अपना आंसर दो मैं वेट कर रहा हूं।"
अविश्का ने थोड़ा सोचते हुए कहा, "वैसे अगर हम शादी करते हैं तो उसके लिए कुछ रूल्स होने चाहिए और हम शादी कैसे कर रहे हैं कब कर रहे हैं यह सारी बातें.....
अविश्का बोल ही रही थी कि तभी रुहान ने कहा, "तुम पहले मुझे आंसर तो दो क्या तुम मेरे साथ शादी करोगी मुझे इस प्रॉब्लम से बाहर निकालोगी? पहले मैं तुम्हारा आंसर तो सुन लूं उसके बाद मैं तुम्हें तुम्हारे सारे सवालों का जवाब दूंगा।"
अविश्का ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, "हां ठीक है मैं तुम्हारी बात मानने के लिए तैयार हूं, मैं तुम्हारी मदद करूंगी अब बताओ हम शादी कैसे करने वाले हैं।"
रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ा और उसे आराम से सोफे पर बैठाते हुए कहा, "पहले तुम रिलैक्स होकर बैठो और अपना गुस्सा शांत करो।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर आराम से सोफे पर बैठते हुए बोली, " हां तो बताओ क्या करना है।"
रुहान ने कहा, "हम यहां से निकलते ही सबसे पहले कोर्ट मैरिज करेंगे और इस शादी में कब तक हमें साथ रहना है और कब हम डिवोर्स लेकर अलग होंगे, इसके लिए हम टाइमिंग भी फिक्स कर सकते हैं।"
अविश्का ने उस की बात सुनकर हां में सिर हिलाते हुए कहा, "टाइमिंग? हां यह ठीक रहेगा।"
रुहान ने खुश होते हुए कहा, "ग्रेट तो फिर यह बताओ कितने साल का एग्रीमेंट चाहिए तुम्हें, 2 साल क्या ठीक है?"
अविश्का ने थोड़ा सोचते हुए कहा, "2 साल यह थोड़ा ज्यादा नहीं हो गया, मुझे तो लगता है 6 महीने ही काफी होंगे लेकिन अगर तुम्हें 6 महीने कम लग रहे हैं तो हम 1 साल का कॉन्ट्रैक्ट कर सकते हैं।"
रुहान ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, "हां, 1 साल का कॉन्ट्रैक्ट ठीक रहेगा।"
रुहान इतना बोल कर चुप हो गया और तभी अविश्का कुछ सोचने लगी, उसने रुहान की इस बात पर कोई रिएक्ट ही नहीं किया।
तभी रुहान ने अविश्का की तरफ देखते हुए कहा, "क्या बात है मिस अकड़ू! अब किस सोच में डूब गई।"
अविश्का ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं कुछ नहीं।"
रुहान उसके बगल में आराम से बैठते हुए बोला, "देखो अविश्का तुम्हें अगर अभी भी चीज़ के बारे में थोड़ी भी कंफ्यूजन है या तुम किसी बात को लेकर परेशान हो तो तुम वो बात मुझसे शेयर कर सकती हो।"
रुहान ने काफी सीरियस होकर और इतने प्यार से यह बात पूछी तो अविश्का उसकी तरफ हैरानी से देखने लगी।
अविश्का को इस तरह इतना शांत बैठे देखकर रुहान ने कहा, "जरूर तुम्हारे दिमाग में कोई बात चल रही है ना? अविश्का एक फ्रेंड की तरह तुम मुझसे वह बात शेयर कर सकती हो!"
रुहान की बात सुनकर अविश्का को बहुत हैरानी हुई और उसने जल्दी-जल्दी अपनी पलकें झपकाते हुए उसकी तरफ देखा और अपने मन में बोली, "इसे कैसे पता चल गया कि मेरे मन में कुछ चल रहा है और मुझे कुछ कहना है?"
★★★★
क्या जवाब देगी अविश्का रुहान के इस सवाल का? क्या चल रहा है उसके मन में और क्या वह उसे अपने मन में चल रही बात बता देगी और कैसे पता चला रुहान को कि उसके मन में कुछ चल रहा है आगे की स्टोरी जाने के लिए पढ़ते रहिए और कमेंट भी जरूर करिए।……
यहां पर मेरी और भी कहानियां है जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं और पढ़ कर देखिए शायद आपको बाकी कहानी भी पसंद आ जाए।
बाकी कहानियों के नाम और genre है..
Bound by Destiny (Second Chance Romance)
Deal waala Love (fake contract marriage story)
Tangled Hearts (Cheating husband and second lead with wife)
Mafia's Heart Stealer (Mafia Story)
Billionaire Fake husband (Fake contract marriage)
Contract marriage with my boss (contract marriage, first love)
Our unwanted Marriage (forced marriage)
Billionaire's Forced Bride (force marriage for revenge)
Not Just Best friends (best friends to lovers)
Millionaire By Chance (poor to Rich by chance)
The Haunting Murders (suspense thriller)
The Manali Trip (Adventure, Horror)
9
रुहान के काफी ज्यादा फ्रेंडली होकर पूछने पर आखिर अविश्का ने भी आखिर उससे अपने मन में चल रहे सवाल पूछ लिए...
अविश्का ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, "वह मैं सोच रही थी कि तुम मेरे बारे में कुछ भी नहीं जानते हो और ऐसे ही मुझसे शादी करने के लिए रेडी हो गए! क्या यह तुम्हारी और तुम्हारी कंपनी के लिए ठीक होगा या अगर मैंने तुमसे शादी की और यह बात जैसे ही बाहर मीडिया वालों को पता चलेगी तो कहीं मेरे दुश्मन मुझ पर अटैक… या फिर तुम्हें परेशान करने के लिए कोई चाल चलने लगे तो? मैं इसी बात को सोचकर थोड़ा घबरा रही हूं।"
रुहान ने जैसे ही अविश्का के मुंह से दुश्मन का नाम सुना उसने हैरानी से पूछा, " क्या तुम्हारे दुश्मन भी हैं? आखिर कौन है तुम्हारा दुश्मन मुझे बताओ मुझे भी तो जरा पता चले, आखिर इतनी खूबसूरत लड़की का कोई दुश्मन कैसे हो सकता है।"
अविश्का ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, "हां बिल्कुल हो सकता है और तुम्हें पता है मैंने सोच लिया है मैं तुमसे शादी करके अपने एक्स बॉयफ्रेंड विराट को अच्छा सबक सिखा सकती हूं इसीलिए मैं तुमसे इस कॉन्ट्रैक्ट मैरिज करने के लिए रेडी हूं।"
रुहान ने उसकी तरफ कंफ्यूजन से देखते हुए कहा, " तो तुम्हारा दुश्मन तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?"
अविश्का ने हां हां में सिर हिलाते हुए कहा, "हां लेकिन तुम रावत कंपनी के बारे में जानते हो।"
रुहान ने थोड़ा सोचते हुए कहा, "रावत कंपनी हां नाम तो सुना है मैंने… अरे हां याद आया, रावत कंपनी वह तो ज्वेलरी का बिजनेस करती है, है ना? क्यों क्या हुआ तुम उस कंपनी के बारे में क्यों सोच रही पूछ रही हो?"
अविश्का बोली, " रावत कंपनी के लोगों के साथ मेरा कुछ रिलेशन है और वह लोग मेरे दुश्मन हैं मुझे उन्हीं लोगों के बारे में सोच कर थोड़ा डर लग रहा है, कहीं उन लोगों ने तुम्हें मेरा असली हस्बैंड समझकर तुम पर अटैक किया तो या फिर उन्होंने मुझे धमकाया या फिर मुझ पर अटैक……
रुहान अविश्का की बात सुनकर उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए बोला, " तुम अब इन सब चीजों के बारे में क्यों सोच रही हो मैंने तुमसे कहा ना जब मैं तुमसे शादी करूंगा। तो तुम्हारी हर छोटी से छोटी चीज का ध्यान रखूंगा और यह तो इतनी बड़ी बात है तो इसके बारे में तुम्हें टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर उसे हैरानी से देखने लगी और तभी रुहान ने हल्के से अविश्का का गाल छूते हुए कहा, "अब इतनी हैरानी से मत देखो क्योंकि जब मैं तुमसे शादी कर लूंगा तो तुम मेरी वाइफ बन जाओगी तो फिर किसी की इतनी हिम्मत नहीं कि वह रुहान रायज़ादा की वाइफ को धमका सके।"
अविश्का ने कहा, "तुमसे शादी के बाद फिर मैं अपने सभी दुश्मनों से बदला लूंगी, जिस जिस ने मुझे और मेरी मां और मेरे घर वाले को अभी तक हमेशा परेशान किया और रही बात उस विराट की उस को तो मैं छोडूंगी नहीं।"
अविश्का विराट का नाम लेकर काफी ज्यादा गुस्से में आ गई और अपने हाथों को मसलते हुए कुछ सोचने लगी।
उसके चेहरे पर गुस्सा देखकर रुहान मुस्कुराए जा रहा था और तभी अचानक से अविश्का ने एक्साइटिड होते हुए कहा, "तो फिर बताओ हम कब शादी करने वाले हैं? रुहान ने अविश्का को इतना ज्यादा एक्साइटेड होते देखकर मुस्कुराते हुए कहा, "अभी तो फिलहाल हम जहां हैं यहां से तो शादी नहीं हो सकती और एक्जेक्टली टाइम तो मैं अभी तुम्हें नहीं बता सकता! बट जब तक हम यहां हैं तब तक एक दूसरे को थोड़ा जान जरूर सकते हैं, है ना?"
रुहान की यह बात सुनकर अविश्का पहले तो थोड़ी कंफ्यूज हो गई और तभी रुहान ने उसकी कन्फ्यूजन दूर करते हुए कहा, "तुम्हें ज्यादा कुछ भी सोचने की जरूरत नहीं है मैं तो बस तुम्हें कंफर्टेबल करने के लिए बोल रहा था कि अगर हम साथ में रहेंगे तो यहां पर आने वाले सभी लोगों को ऐसा लगेगा कि हम कपल हैं और यहां से निकल कर जब हम शादी करेंगे तो लोगो को कुछ भी अचानक से नहीं लगेगा।
और वैसे भी वह शीला है ना हम दोनों की जासूसी करने वाली! तो उसे दिखाने के लिए हम थोड़े बहुत ड्रामे तो कर ही सकते हैं ना?"
अविश्का ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां वह तो कर ही सकते हैं हम।"
इतना बोल कर अविश्का और रुहान दोनों ही हंसने लगे।
रुहान ने अविश्का की तरफ देखते हुए कहा, "कि अगर तुम चाहो तो इस बात पर थोड़ा और सोच सकती हो?"
रुहान बोल ही रहा था कि तभी अविश्का ने उसे रोकते हुए कहा, " मुझे जो सोचना था मैंने सोच लिया है और तुम्हें अपना आंसर बता दिया, अब तुम मुझे किसी के भी सामने अपनी गर्लफ्रेंड, वाइफ आराम से बोल सकते हो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं।"
रुहान ने मुस्कुराते हुए कहा, "ठीक है तो फिर आज से अगर तुम मेरी दिखावे वाली पत्नी तो फिर मैं तुम्हारा कैसियर जो तुम्हारी सारी जरूरतों को पूरा करेगा,ओके।"
इतना बोल कर रुहान मुस्कुराने लगा।
अविश्का ने सीरियस होकर उससे पूछा, "रुहान तो फिर जैसे ही 1 साल कंप्लीट होगा हम एक दूसरे से डिवोर्स ले लेंगे है ना।"
रुहान अविश्का को सीधा जवाब देने वाला था कि तभी वो अचानक बोलते बोलते रुका और फ्लर्ट करते हुए बोला, "वैसे अगर तुम्हें मेरे साथ रहना अच्छा लगने लगे या फिर तुम्हारा डिवोर्स देने का मन ना करें, तो तुम हमेशा भी मेरे साथ रह सकती हो।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर समझ गई कि वह मजाक कर रहा है तो अविश्का ने भी उसकी उस बात को मजाक में ही लेते हुए कहा, "हां तो फिर यह तो बिल्कुल ठीक रहेगा।"
रुहान चुपचाप बैठा था और तभी अविश्का बिल्कुल शांत हो गई और रुहान उठा और उसने अपने लिए एक ड्रिंक बनाई और अविश्का को एक सॉफ्ट ड्रिंक देते हुए बोला, "यह लो हम इतनी देर से बातें कर रहे हैं और हमने कुछ भी नहीं पिया!"
अविश्का ने हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए कहा, "तुम अपने लिए ड्रिंक लाए और मेरे लिए सॉफ्ट ड्रिंक ऐसा क्यों?"
रुहान ने कहा, "अब तुम मेरी होने वाली वाइफ हो तो तुम्हारी थोड़ी तो केयर करनी पड़ेगी ना, इसलिए तुम अभी ड्रिंक ना करो।"
अविश्का ने मुस्कुराते हुए रुहान के हाथ से सॉफ्ट ड्रिंक ले लिया रुहान चुपचाप वहीं पर बैठ गया।
तभी अविश्का ने कुछ सोचते हुए कहा, "रुहान मैंने तुमसे जो भी बात बताई है कि मैं अपने दुश्मनों से बदला लूंगी तुम प्लीज इस बात को सीक्रेट रखना।"
रुहान ने तुरंत हां में अपना सिर हिलाया और उसे दिलासा देते हुए कहा, "तुम बिल्कुल भी टेंशन मत लो हमारे बीच जो भी बात हुई है वह इस कमरे से बाहर नहीं जाएगी तुम बिल्कुल बेफिक्र रहो। तुम मेरी इतनी हेल्प कर रही हो मुझे इतनी बड़ी प्रॉब्लम से निकाल रही हो? तो मैं भी तुम्हारी थोड़ी हेल्प तो कर ही सकता हूं! तुम अपने दुश्मनों से बदला लेना तुम्हें कहीं पर भी किसी चीज की जरूरत होगी तो मैं तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा, तुम बहुत स्ट्रांग हो अविश्का और अब तुम्हारा सपोर्ट रुहान सिंघनिया करेगा, तो तुम्हें किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है ठीक है! "
रुहान की बात सुनकर अविश्का हल्का सा मुस्कुराई और बोली, "लेकिन रुहान मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ भी नहीं है और तुम मेरी इतनी….."
अविश्का बोल ही रही थी कि तभी रुहान ने अपनी उंगली अविश्का के होठों पर रखकर उसे चुप कराते हुए कहा, "सबसे पहली बात तो तुम ऐसा सोचना बंद कर दो, क्योंकि तुम्हारे पास देने के लिए बहुत कुछ है।"
इतना बोलकर रुहान उसे सर से लेकर पांव तक देखने लगा और फ्लर्ट करने वाले अंदाज में मुस्कुराया।
अविश्का रुहान की तरफ घूरते हुए देखने लगी क्योंकि उसे रुहान की बात का मतलब साफ समझ में आ गया था कि रुहान क्या कहना चाह रहा है।
रुहान ने मुस्कुराते हुए कहा, "अब तो मुझे इस तरह घूरकर मत देखो, मेरा कहने का वह मतलब नहीं है जो तुम समझ रही हो? मैं तो यह कह रहा हूं कि तुम मुझे सपोर्ट कर सकती हो और मेरा ख्याल रख सकती हो, बस मेरे लिए इतना ही काफी है!"
इतना बोलकर रुहान ने अविश्का को आंख मारी।
अविश्का ने रुहान की तरफ देखकर हल्के से ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा, तुम इतने ज्यादा फ्लर्टी हो फिर भी लोग तुम्हें गे क्यों बोलते हैं?"
रुहान ने अविश्का की तरफ देख कर कहा, "सिर्फ तुम्हें ऐसा लग रहा है कि मैं फ्लर्टी हूं बल्कि मैं किसी के साथ भी फ्लर्ट नहीं करता, तुम शायद ये पहली लड़की हो।"
अविश्का ने रुहान की बात सुनकर उसे घूरते हुए देखकर कहा, "क्या सच में?"
रुहान ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, "हां अविश्का मुस्कुराती हुई बोली, " बस करो तुम्हें इतना झूठ बोलने की जरूरत नहीं है।"
रुहान ने कहा, "मैं झूठ नहीं बोल रहा सच में मैं जल्दी किसी लड़की से बात नहीं करता, फ्लर्ट तो बहुत दूर की बात है।"
अविश्का ने कंफ्यूज होते हुए कहा, "इसका मतलब तुम्हारा आज तक कोई भी रिलेशनशिप नहीं था?"
रुहान ने हल्के से ना में अपना सिर हिलाया और अविश्का रुहान को देखते हुए किसी सोच में डूब गई।
*****
रुहान क्या सच में आज तक किसी रिलेशनशिप में नहीं रहा और क्या उसकी इस बात पर भरोसा करेगी अविश्का और किस सच में डूब गई है वो क्या लगता है आप लोगों को बताइए कमेंट में 👇🥰
यहां पर मेरी और भी कहानियां है जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं और पढ़ कर देखिए शायद आपको बाकी कहानी भी पसंद आ जाए।
बाकी कहानियों के नाम और genre है..
Bound by Destiny (Second Chance Romance)
Deal waala Love (fake contract marriage story)
Tangled Hearts (Cheating husband and second lead with wife)
Mafia's Heart Stealer (Mafia Story)
Billionaire Fake husband (Fake contract marriage)
Contract marriage with my boss (contract marriage, first love)
Our unwanted Marriage (forced marriage)
Billionaire's Forced Bride (force marriage for revenge)
Not Just Best friends (best friends to lovers)
Millionaire By Chance (poor to Rich by chance)
The Haunting Murders (suspense thriller)
The Manali Trip (Adventure, Horror)
10
रुहान ने उसके आगे अपना हाथ हिलाते हुए कहा, "हेलो क्या हुआ, तुम क्या सोचने लगी अविश्का ? तुम मेरे साथ यह कॉन्ट्रैक्ट मैरिज कर रही हो, इसका मतलब यह नहीं कि तुम अपनी लाइफ नहीं जी पाओगी! ऐसा कुछ भी नहीं होगा तुम्हें अपनी पर्सनल लाइफ में जो कुछ भी करना हो तो मुझसे आराम से कर सकती हो?
यहां तक अगर तुम किसी को डेट भी करना चाहो तो तुम उसे डेट भी कर सकती हो मुझे उससे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी! बस जब अगर तुम किसी को डेट करना तो थोड़ा मीडिया से बचकर करना ओके और मैं तुम पर किसी भी चीज की पाबंदी नहीं लगाऊंगा, तुम पूरी तरह से फ्री रहोगी तुम जहां भी जाओ वहां जा सकोगी, इसलिए तुम्हें किसी भी चीज को लेकर ज्यादा कुछ सोचने की जरूरत नहीं है।"
अविश्का ने उस की बात सुनकर ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं मैं इस बारे में नहीं सोच रही और वैसे भी मैं पहले ही खुद से वादा कर चुकी हूं, कि अब यह प्यार, रिलेशनशिप, डेट वगैरह में मुझे नहीं पड़ना। एक बार मुझे धोखा मिल चुका है और अब मेरी अकल ठिकाने आ गई है इसलिए तुम यह सब मत सोचो, मैं भी यह सब नहीं सोच रही।"
रुहान ने कंफ्यूज होते हुए कहा, "अच्छा तो फिर क्या सोच रही हो बताओ?"
अविश्का ने उस की तरफ देखकर एक गहरी सांस लेते हुए कहा, "मैं सोच रही थी कि अगर तुम्हारा कोई रिलेशन नहीं था और तुम किसी से प्यार भी नहीं करते, तो क्या सच में तुम गे हो?"
रुहान उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा तभी उसके बिल्कुल करीब आते हुए बोला, " तुम्हें क्या लगता है?"
अविश्का तुरंत थोड़ा सा पीछे होते हुई बोली, "नहीं बिल्कुल भी नहीं तुम गे नहीं हो।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर अपनी ड्रिंक उठाई और एक सिप लिया।
अविश्का रुहान को बड़े प्यार से निहार रही थी, क्योंकि रुहान ने इतनी देर में उसे इतनी सारी बातें की और कई बार बात करते करते वो लोग एक दूसरे के काफी करीब आ गए लेकिन अभी तक अविश्का एक बार भी रुहान के साथ अनकंफरटेबल नहीं हुई थी।
जैसे ही रुहान की नजर अविश्का की तरफ गई उसने अपनी दोनों आइब्रो अप करते हुए पूछा, " क्या सोच रही हो।"
अविश्का ने उस की बात का जवाब देते हुए कहा, "अभी तुमने कहा कि तुमने आज से पहले कभी भी किसी लड़की के साथ फ्लर्ट नहीं किया,ना ही तुम्हारा कोई रिलेशन रहा! तो फिर तुम्हें मुझ में ऐसा क्या दिखा जो तुम मुझसे बात भी कर रहे हो और फ्लर्ट भी! यहां तक तुम मेरे साथ कॉन्ट्रैक्ट मैरिज करने के लिए भी रेडी हो गए! और तुम तो इतने अमीर हो, तुम तो किसी के साथ भी ऐसा कर सकते थे ना?फिर भी तुमने मुझे ही क्यों चूज किया?"
अविश्का की यह बात सुनकर रुहान भी काफी ज्यादा कंफ्यूज हो गया और वह उसकी बात को मन में सोचते हुए बोला, ' हां यह बात तो मैंने ध्यान ही नहीं दिया आखिर अविश्का में ऐसा क्या है जो इसने मुझे इतना ज्यादा अट्रैक्ट किया? रुहान खुद से यह सवाल पूछ रहा था और एकटक अविश्का की तरफ देखता जा रहा था।"
अविश्का का सवाल सुनते ही रुहान अविश्का की तरफ एकटक देखता रह गया।
रुहान का चेहरा देखकर अविश्का ने अपनी दोनों आईब्रो अप करते हुए कहा, "क्या हुआ मिस्टर रायज़ादा इतना टफ क्वेश्चन तो मैंने नहीं पूछा?"
रुहान ने कहा, "तुम मुझे बाकी लड़कियों से बिल्कुल अलग लगी, इसलिए मैं तुम्हारी तरफ इतना अट्रैक्ट हुआ तुम्हारा मुझसे बात करना मेरे साथ बिल्कुल नॉर्मल बिहेव करना मुझे पसंद आया।"
रुहान की बात सुनकर अविश्का हल्का सा मुस्कुराई और काफी देर तक वह लोग एक साथ ही बैठे रहे और उन्होंने अपनी कुछ पर्सनल बातें भी एक दूसरे से शेयर की।
रुहान और अविश्का दोनों ही एक दूसरे की कंपनी को काफी ज्यादा इंजॉय कर रहे थे।
देखते ही देखते डिनर का टाइम हुआ और दोनों एक साथ डिनर करने के लिए क्रूस के डाइनिंग हॉल में पहुंचे।
उन्होंने एक साथ डिनर किया और डिनर के बाद रुहान एक बार टेंडर के सामने जाकर खड़ा हुआ और उसने अपने लिए ड्रिंक मांगी।
अविश्का ने रुहान की तरफ देखते हुए अपने मन में बोली, 'मुझे नहीं पता था यह रुहान रायज़ादा इतना अच्छा इंसान होगा, इसकी बोली में तो बिल्कुल भी घमंड नजर नहीं आता है और यह मुझसे बड़े ही रिस्पेक्टफुली बात भी करता है..'
अविश्का रुहान की तरफ देख कर यह बात सोच ही रही थी कि तभी शीना सामने वाली टेबल पर बैठी डिनर कर रही थी और उसने अविश्का को घूरते हुए देखा।
उसने अपने हाथ में पकड़ा हुआ चम्मच जोर से अपनी टेबल पर पटक दिया।
जिससे अविश्का का ध्यान उसकी तरफ गया और अविश्का शीना की तरफ देखते हुए बोली, " अच्छा! तो यह मुझे देखकर कुछ ज्यादा ही गुस्से कर रही है एक काम करती हूं इसे थोड़ा और जलाती हूं।"
इतना बोलकर अविश्का अपनी जगह से उठी और रुहान के बगल में आकर बैठ गई।
रुहान अविश्का को देखते हुए बोला, " तुम यहां क्यों आई हो अविश्का तुम्हें भी ड्रिंक करनी है क्या?"
अविश्का ने रुहान के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा, "अब तुम यहां पर हो तो मैं वहां अकेले बैठकर क्या करूंगी बेबी!"
रुहान ने अविश्का के मुंह से जैसे ही यह बात सुनी रुहान बिल्कुल हैरान हो गया और तभी अविश्का ने उसे इशारा करके शीना की तरफ देखने के लिए कहा।
रुहान तुरंत समझ गया कि अविश्का यह सब शीना को जलाने के लिए कर रही है।
रुहान मुस्कुराते हुए बारटेंडर की तरफ देख कर बोला, "वन स्पेशल कॉकटेल फॉर माय हनी।"
उस बारटेंडर ने रुहान की बात सुनकर हां में अपना सिर हिलाया और अविश्का के आगे एक गिलास रखा।
रुहान और अविश्का शीना को जलाने के लिए मुस्कुरा कर एक दूसरे से बात कर रहे थे और उन दोनों ने एक-दूसरे का हाथ कसकर पकड़ रखा था।
शीना यह सब देखकर काफी ज्यादा गुस्से में आने लगी और उससे यह सब देखा नहीं जा रहा था वह चुपचाप उठी और वहां से बाहर चली गई।
शीना के जाते ही अविश्का ने तुरंत अपना हाथ रुहान के हाथ से छुड़ा लिया और एक के बाद एक ड्रिंक करती गई।
देखते ही देखते अविश्का ने सात से आठ गिलास हैवी अल्कोहल पी ली।
जिससे अविश्का का सर घूमने लगा और वह इस टाइम काफी ज्यादा नशे में थी।
तभी अचानक से अविश्का को विराट और अपनी बेस्ट फ्रेंड अमाया की याद आई और वह गुस्से से एक गिलास बारटेंडर की तरफ फेकते हुए बोली मुझे और शराब चाहिए।"
उस बारटेंडर ने तुरंत उस गिलास को कैच कर लिया और दूसरी शराब उसमें भरने लगा।
अविश्का को ऐसे रिएक्ट करते देखकर रुहान उसे घूरकर देखा।
तभी अविश्का ने कहा, "उस विराट के बच्चे और अमाया को तो मैं छोडूंगी नहीं देखना, उस विराट को कीड़े पड़ेंगे और वह अमाया वो चुड़ैल जी मेरी बचपन की दोस्त थी उसने मुझे इतना बड़ा धोखा दिया है, वो तो सीढ़ियों से गिरकर मरेगी उसके पैर की दोनों हड्डियां टूटेंगी।"
रुहान ने जैसे ही अविश्का की बात सुनी उसकी हंसी छूट गई और उसने मुंह पर अपने हाथ रखते हुए बोला, "अविश्का ! मुझे लगता है तुम्हें ज्यादा चढ़ गई है....."
रुहान बोल ही रहा था कि अविश्का ने से चुप कराते हुए कहा, "मुझे कुछ नहीं हुआ है तुम बस मेरी बात सुनो।"
इतना बोलते हुए अविश्का उन दोनों को और ज्यादा कोसने लगी रुहान चुपचाप अविश्का की बातें सुन रहा था और तभी अविश्का हल्का सा टेबल पर सर झुका कर बैठ गई।
इस टाइम अविश्का ने डीप गले का सूट पहन रखा था जिससे रुहान की नजर सीधे अविश्का के क्लीवेज पर पड़ी और अविश्का का गोरा बदन रुहान की आंखों के ठीक सामने था और वह चाह कर भी अपनी नजर अविश्का से हटा नहीं पा रहा था।
अविश्का ने रुहान की तरफ देखा जैसे ही अविश्का को यह बात पता चली कि रुहान उसके डीप गले की तरफ देख रहा है अविश्का ने तुरंत अपना हाथ अपने क्लीवेज पर रखते हुए कहा, "रायज़ादा ग्रुप और कंपनी का सीईओ इस तरह की हरकतें करते हुए बिल्कुल अच्छा नहीं लगता, रुहान तुम्हारे ऊपर यह सब शोभा नहीं देता है इसलिए मुझे घूरना बंद करो।"
रुहान ने तुरंत अपनी नजरें हटाई लेकिन अगले ही पल उसने फिर से अविश्का को घूरना शुरू कर दिया।
अविश्का ने ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "तुम कितने छिछोरे हो रुहान मेरे मना करने के बावजूद भी तुम अभी भी मुझे घूर रहे हो? तुम्हारी ऐसी हरकतें होने के बावजूद भी लोग तुम्हें गे कहते हैं मुझे तो लगता है वह सभी लोग अंधे हैं।"
अविश्का काफी दादा नशे में थी और उसने जैसे ही यह बात बोली वह चेयर पर से लड़खड़ा गई और तभी रुहान ने उसे संभालते हुए कहा, "आराम से अविश्का देखो गिरना मत..."
अविश्का ने रुहान का हाथ अपने कंधे पर से हटाते हुए कहा, "मैं नहीं गिरूंगी छोड़ो मुझे और मुझे घूरना बंद करो समझे मिस्टर सड़ू।"
अविश्का इतना बोलते हुए अपनी आंखें बंद करके सर पकड़ कर बैठ गई।
★★★
क्या जवाब देगा रुहान अविश्का को और अविश्का ने आखिर उसे इतना ज्यादा अपनी तरफ अट्रैक्ट क्यों किया क्या इन दोनों का कोई कनेक्शन है? और क्या यह लोग अपनी कॉन्ट्रैक्ट शादी के लिए जो प्लान बना रहे हैं वह प्लान सक्सेसफुल हो पाएगा जानने के लिए पढ़ते रहिए.......
यहां पर मेरी और भी कहानियां है जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं और पढ़ कर देखिए शायद आपको बाकी कहानी भी पसंद आ जाए।
बाकी कहानियों के नाम और genre है..
Bound by Destiny (Second Chance Romance)
Deal waala Love (fake contract marriage story)
Tangled Hearts (Cheating husband and second lead with wife)
Mafia's Heart Stealer (Mafia Story)
Billionaire Fake husband (Fake contract marriage)
Contract marriage with my boss (contract marriage, first love)
Our unwanted Marriage (forced marriage)
Billionaire's Forced Bride (force marriage for revenge)
Not Just Best friends (best friends to lovers)
Millionaire By Chance (poor to Rich by chance)
The Haunting Murders (suspense thriller)
The Manali Trip (Adventure, Horror)
11
अविश्का ने रुहान का हाथ अपने कंधे पर से हटाते हुए कहा, "मैं नहीं गिरूंगी छोड़ो मुझे और मुझे घूरना बंद करो समझे मिस्टर सड़ू।"
अविश्का इतना बोलते हुए अपनी आंखें बंद करके सर पकड़ कर बैठ गई।
जिसे देखकर रुहान मुस्कुराते हुए बोला, "पता नहीं क्यों लेकिन तुम्हें इस तरह देखना मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और मैं चाह कर भी अपनी नजर तुमसे नहीं हटा पा रहा अविश्का ।"
अविश्का ने रुहान की बात सुनकर कहा, "वह शीना वापस आ गई क्या? जो तुम मुझसे इस तरह की बातें कर रहे हो?"
इतना बोलते हुए अविश्का ने अपनी आंखें जबरदस्ती खोली और रुहान की तरफ देखने लगी।
उसने मुस्कुराते हुए ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं शीना यहां नहीं आई है, वैसे अविश्का अभी मेरे दिमाग में बात आई।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर उसकी तरफ देखने लगी।
रुहान ने कहा, "यहां से निकलने के बाद अगर हमने तुरंत ही शादी कर ली तो शायद इससे लोगों को शक होगा इसलिए यहां पर बाकी के बचे दिन हम एक साथ अगर बिताए तो कैसा रहेगा, इससे लोगों कोहम पर शक नहीं होगा!"
अविश्का ने अपना थम्स अप दिखाते हुए कहा, "ओके, जैसा तुम्हें ठीक लगे।"
इतना बोल कर अविश्का ने अपने सामने रखे गिलास को एक बार में उठाकर पी लिया।
अविश्का को इस तरह एक के बाद एक गिलास खाली करते देखकर रुहान ने उसका हाथ पकड़ा और उसके हाथ से गिलास छुड़ाते हुए कहा, "बस अब तुम और नहीं पीयोगी अविश्का वरना सुबह तुम्हें ज्यादा प्रॉब्लम होगी।"
अविश्का ने रुहान की तरफ देखते हुए कहा, "तुम मेरी इतनी केयर क्यों कर रहे हो विराट ने कभी भी मेरी इतनी केयर नहीं की।"
विराट का नाम जैसे ही अविश्का लेती तो उसके चेहरे पर एक अलग ही मायूसी छा जा रही थी। जिसे देखकर रुहान को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा।
अविश्का ने थोड़ा सोचते हुए कहा, "रुहान मुझे एक बात बताओ क्या मैं सुंदर नहीं हूं?"
रुहान ने जैसे ही यह बात सुनी उसने तुरंत ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं तुम बहुत सुंदर हो और यह बात तुमसे किसने बोली कि तुम सुंदर नहीं हो?"
अविश्का ने उदास होते हुए कहा, "मतलब मैं सुंदर हूं लेकिन अगर मैं सुंदर थी तब भी उस विराट ने मुझे क्यों छोड़ दिया उसने अमाया के साथ मिलकर मुझे क्यों चीट किया?"
रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ते हुए कहा, "जब उस विराट ने तुम्हारी कदर नहीं की और उसने तुम्हें धोखा दिया फिर भी तुम बार-बार उसका नाम क्यों ले रही हो? पता है इसमें उसकी कोई गलती नहीं है, मैं तो कहूंगा कि सारी गलती तुम्हारी है तुम्हें उसे इतना प्यार ही नहीं करना चाहिए था! तुम्हें पता है तुम्हारे जैसी लड़की उस धोखेबाज को डिजर्व भी नहीं करती, तुम्हारे लिए तो देखना कोई बहुत अच्छा इंसान भगवान ने बनाया होगा जो सच में तुम्हारे लायक होगा जो तुम्हारी कदर करेंगा।"
अविश्का ने रुहान की बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहा, "क्या सच में?"
रुहान ने तुरंत हां में सिर हिलाया और तभी अविश्का को कुछ याद आया और जल्दी से ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, " नहीं नहीं मुझे अब किसी से प्यार नहीं करना और उस विराट को तो मैं मार डालूंगी! उस कमीने इंसान को जिंदा नही छोडूंगी।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर अपना सर पीट लिया क्योंकि अगर इतना समझाने के बाद भी अविश्का बार-बार विराट का नाम लिए जा रही थी।
जिससे यह बात साफ समझ में आ रही थी कि उससे के दिल में चोट लगी है और वह अपने ब्रेकअप से अभी तक उबर नहीं पाई है इसी वजह से शायद उसने इतनी ज्यादा ड्रिंक भी कर ली।
अविश्का ने कुछ देर में ही टेबल पर अपना हेड डाउन किया और अचानक से उठकर अपना सर पकड़ते हुए बोली, "आह..! मेरा सिर।"
उसने बारटेंडर की तरफ देखकर चलाते हुए कहा, " मुझे और ड्रिंक दो।"
बारटेंडर रुहान की तरफ देखने लगा और रुहान ने ना में इशारा करते हुए उसे ड्रिंक देने के लिए मना किया!
उस बारटेंडर ने बहाना बनाते हुए कहा, "आई एम सो सॉरी मैम बट हमारी सारी ड्रिंक खत्म हो चुकी है।"
अविश्का ने उसे घूर कर देखा और चिल्लाते हुए कहा, "मैं तुम्हारे बॉस से बोलकर तुम्हारी शिकायत करूंगी और तुम्हें जॉब से निकलवा दूंगी।"
बारटेंडर ने रुहान की तरफ देखते हुए कहा, " सर मुझे लगता है आपकी गर्लफ्रेंड कुछ ज्यादा ही नशे में है आप प्लीज उन्हें यहां से कहीं और ले जाइए?"
अविश्का ने उसकी बात सुनकर तेज आवाज में चिल्लाते हुए कहा, " चुप रहो तुम और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई अवि को मेरा बॉयफ्रेंड बोलने की?"
रुहान अविश्का की बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गया और वह बारटेंडर कन्फ्यूजन से दोनों की तरफ देखने लगा।
तभी अविश्का ने रुहान के कंधे पर अपना सिर रखते हुए कहा, "ही इज माय हस्बैंड! पति है यह मेरा, तुम इसे मेरा बॉयफ्रेंड क्यों बोल रहे हो।"
रुहान को यह बात बहुत अच्छी तरह से समझ में आ रही थी कि अविश्का ने आज से पहले कभी ड्रिंक नहीं किया है और वही पहली बार ड्रिंक कर रही थी।
इसीलिए उसे हैंगओवर झेला नहीं जा रहा था वह इतने ज्यादा नशे में आ गई थी कि जो भी उसके मुंह में आ रहा था वह बोले दे रही थी।
रुहान ने अपने मन में कहा, 'इसे तो इतनी ज्यादा चढ़ गई है अब अगर यहां पर रही तो कुछ ना कुछ बवाल जरूर करेगी, आई थिंक मुझे इसे जबरदस्ती यहां से ले जाना पड़ेगा।'
रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ा और उसे वहां से बाहर की तरफ लाया और सीढ़ियों पर आकर के पास आकर अविश्का लड़खड़ाई और रुहान ने जल्दी से उसे सहारा देते हुए कहा, "अविश्का चलो रूम में चलते हैं तुम बहुत ज्यादा नशे में हो?"
अविश्का ने रुहान के गाल पर अपना हाथ थपथपाते हुए कहा, "मिस्टर साडू तुम मेरी इतनी फिक्र क्यों कर रहे हो मैं बिल्कुल ठीक हूं, चलो ना हम बाहर चल के थोड़ा टाइम साथ में स्पेंड करते हैं।"
इतना बोलते बोलते अविश्का लड़खड़ाने लगी तभी उसने रुहान की मजबूत बाजू को कस कर पकड़ा।
रुहान ने उसे सीधा खड़ा करते हुए कहा, "हां ठीक है हम साथ में टाइम स्पेंड करेंगे, लेकिन अभी नहीं कल, ओके अभी हम रूम में चलेंगे ओके।"
अविश्का ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं मुझे अभी यहीं रुकना है, अभी मैंने ज्यादा ड्रिंक नहीं की है प्लीज मुझे उस बारटेंडर से बोलकर और ड्रिंक पिलाओ ना!"
रुहान ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं बिल्कुल नहीं। तुम चल रही हो या मैं तुम्हें गोद में उठा लूं।"
अविश्का ने ना मिलाते हुए कहा, "नहीं पहले वापस अंदर चलो।"
अविश्का ने उसका हाथ पकड़ा और उसे वापस खींचने लगी रुहान ने ना चाहते हुए अविश्का को अपनी तरफ खींचा और उसे गोद में उठा लिया।
अविश्का ने रुहान को जोर से पकड़ते हुए पूछा, "तुम मुझे गिराओगे तो नहीं?"
उसने अविश्का की बात का जवाब देते हुए कहा, " डोंट वरी मैं तुम्हें नहीं गिराऊंगा।"
अविश्का ने रुहान के गाल को हल्के से छूते हुए कहा, "तुम बहुत अच्छे हो लेकिन वह विराट उसे तो मैं मार डालूंगी।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "मिस अकड़ू तुम्हें पता है तुम दसवीं बार मुझे यह बात बोल रही हो।"
अविश्का ने जैसे ही रुहान की बात सुनी उसने थोड़ा सोचते हुए कहा, "दसवीं बार…! लेकिन मैंने तो एक ही बार ये बात बोली दसवीं बार कहां....
अविश्का यह बात बोल ही रही थी कि तभी रुहान उसे रूम के अंदर लेकर आया।
अविश्का ने रुहान के रूम की तरफ देखा और कहा, "यह तो बड़ा वाला रूम है, है ना?"
रुहान ने हां में सिर हिलाया और उसे बेड पर बैठा दिया।
अविश्का ने कहा, "लेकिन मेरा रूम तो छोटा था इसका मतलब यह तुम्हारा रूम है?"
रुहान ने हां में सिर हिलाते हुए पानी का गिलास उठाया और उसमें थोड़ा सा नींबू का रस डालकर उसे अविश्का को पीने के लिए देते हुए कहा, "यह लो मिस अकड़ू पानी पियो और काफी रात हो गई है चुपचाप सो जाओ।"
रुहान के मुंह से अकड़ू सुनकर अविश्का ने से घूरते हुए देखा और कहा, "मैं अकड़ू नहीं हूं मैंने तुमसे बोला था ना मेरा नाम अविश्का है। मुझे अकड़ू मत बुलाओ।"
रुहान ने मुस्कुराते हुए कहा, "अच्छा ठीक है अविश्का लो यह पानी पियो, अब मैं तुम्हें अकड़ू नहीं बुलाऊंगा ठीक, लेकिन तुम्हें मेरी सारी बातें सुननी होंगी। अगर तुम मेरी बात नहीं सुनोगी तो फिर से मैं तुम्हें अकड़ू बोलूंगा।"
अविश्का ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, "ठीक है मैं तुम्हारी बात मानूंगी, लाओ दो।"
अविश्का ने पानी का गिलास अपने हाथ में लिया और एक घूंट पानी पीते ही उसने वह पूरा पानी रुहान के मुंह पर उगल दिया।
अविश्का चिल्लाते हुए बोली, " यह पानी में तुमने क्या मिलाया है!"
रुहान अविश्का की इस हरकत पर उसे घूर कर देखने लगा लगा लेकिन अविश्का के बच्चों वाले बिहेवियर को देख कर उसे अविश्का पर बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आया और उसने टिशू उठाकर अपना फेस साफ करते हुए कहा, "कुछ नहीं बस नींबू पड़ा है जल्दी से इसे पियो।"
अविश्का ने एक घूंट पिया और वह गिलास टेबल पर रखते हुए कहा, "बस मुझे और नहीं पीना।"
इतना बोलकर अविश्का बेड पर लेटते हुए बोली, " मैं इस बेड पर अकेले सों जाउंगी! तुम जाकर कहीं और सो जाओ।"
To Be Continued
12
रुहान ने जैसे ही अविश्का की यह बात सुनी उसने इधर-उधर देखते हुए कहा, "लेकिन यह तो मेरा रूम है, मैं और कहां सोने जाऊंगा।"
अविश्का ने सोफे की तरफ इशारा करते हुए कहा, "वहां सो जाओ।"
इतना बोलकर अविश्का बेड पर लुढ़क गई और बेड पर लेटे ही अविश्का को नींद आ गई।
अगली सुबह अविश्का कि जब आंख खुली अविश्का का सर काफी ज्यादा भारी था और उसने अपना सर पकड़ते हुए कहा, "हे भगवान मेरा सर इतना क्यों दर्द हो रहा है?"
इतना बोल कर अविश्का ने जैसे ही अपने बगल में नजर डाली तो वहां रुहान लेटा हुआ था और उसकी अपर बॉडी पर एक भी कपड़ा नहीं था, जिसे देखकर अविश्का बिल्कुल हैरान हो गई।
अविश्का ने उस की तरफ देखकर अपने मन में कहा, ' कहीं इसने मेरे नशे में होने का फायदा तो नहीं उठा लिया?'
★★★
रुहान अविश्का के बगल में क्यों सोया हुआ है, अविश्का उसे अपने बगल में देख कर क्यों चौक गई क्या उसने अविश्का के नशे में होने का फायदा उठाया, क्या अविश्का जो सोच रही है वो सच है या फिर सिर्फ अविश्का का वहम.....
(Ch -11,12)
Ep -08 लिगली हसबैंड वाइफ
अविश्का ने तुरंत अपना ब्लैंकेट हटाया और तभी उसकी नजर बीच में रखे हुए तकिए पर पड़ी और उसने गहरी सांस लेते हुए कहा, "मैं कुछ गलत ही सोच रही थी यह सड़ू तो....
अपनी और उसके बीच में रखे हुए उस तकिए को देखकर अविश्का हल्का सा मुस्कुराई लेकिन अविश्का के सर में बहुत तेज दर्द हो रहा था इसलिए वह अपना सर पकड़ कर चुपचाप आंखें बंद करके वापस लेट गई।
कुछ देर बाद अविश्का उठी और उसने देखा उसके बगल में रुहान नहीं था, अविश्का ने अपने मन में कहा, ' अब यह रुहान कहां चला गया? '
इतना बोलकर अविश्का अपने बेड पर से उठी और जैसे ही वो शीशे के सामने आकर खड़ी हुई अपना चेहरा देखकर अविश्का जोर जोर से चिल्लाने लगी।
उसने चिल्लाते हुए रुहान का नाम लिया और कहा, "रुहान …! यह मेरे चेहरे को क्या हुआ और तुमने मुझे बताया क्यों नहीं क्या मैं कल रात से ऐसी दिख रही हूं?"
अविश्का के इस तरह चिल्लाने पर रुहान ने जो बाथरूम में था वह दौड़ते हुए बाहर आया और बोला, " क्या हुआ अविश्का तुम इतनी जोर से चिल्लाई क्यों?"
अविश्का ने अपना चेहरा देखा उसका पूरा लाइनर और मस्कारा रोने की वजह से बह चुका था। उसका मुंह पूरा काला हो गया था, जिसे देखकर अविश्का की चीख निकल गई।
अविश्का ने जैसे ही रुहान की आवाज सुनी हो पीछे मुड़कर बोली, " क्या कल रात से मैं ऐसी ही हूं …!"
इतना बोलते हुए जैसे ही अविश्का ने रुहान की तरफ देखा रुहान टावल में था और उसके हाथ में ब्रश था।
अविश्का की नजर जैसे ही रुहान की बॉडी पर पड़ी वो तुरंत पीछे की तरफ घूमते हुए बोली, " पागल हो गए हो क्या इस तरह टावर में तुम बाहर क्यों आ गए।"
रुहान ने अविश्का को इस तरह शर्माते देखकर उसे छेड़ते हुए कहा, "क्यों क्या हुआ मैं अच्छा नहीं लग रहा क्या और तुम इतना क्यों शर्मा रही हो? अब तो वैसे भी हम दोनों की जल्दी शादी होने वाली है अगर तुम ऐसे शर्माओगी तो कैसे चलेगा?"
अविश्का ने रुहान को डांटते हुए कहा, "चुप करो और जाओ पहले कुछ कपड़े पहन कर आओ।"
रुहान ने अविश्का के पास आकर कहा, " इतनी मेहनत से मैंने सिक्स पैक एब्स वाली बॉडी बनाई है और तुम हो कि मुझे कपड़े पहनने को बोल रही हो, और वैसे भी अगर तुम इतनी जोर से ना चिल्लाती तो मैं ना आता, अब बताओ तुम ने इतनी तेज क्यों चिल्लाई भूत देख लिया क्या?"
अविश्का ने अपने सर पर हाथ रखकर हां में सिर हिलाते हुए कहा, "कल रात मैंने क्या किया मुझे बताओ और मेरा मेकअप इतना ज्यादा खराब कैसे हो गया। देखो दिखने में तो मैं बिल्कुल भूत जैसी लग रही हूं।"
अविश्का की बात सुनकर रुहान ने मुस्कुराते हुए कहा, "कल रात तुमने थोड़ी ज्यादा पी ली थी, इसलिए तुम आउट ऑफ कंट्रोल हो गए और तुमने अपनी ब्रेकअप को याद करके थोड़ा इमोशनल हो गई थी, इसी वजह से तुम्हारा मेकअप खराब हुआ और भी कई सारी बातें तुमने मुझे बताएं और बारटेंडर को भी तुमने काफी परेशान किया यहां तक तुमने उसे गिलास फेंककर भी मारा।"
अविश्का ने जैसे ही यह सब सुना वो अपना सर पकड़ कर बैठते हुए बोली, " क्या सच में मैंने कल ड्रिंक किया था, हे भगवान ऐसा कैसे हो गया?"
रुहान अविश्का के पास आकर धीमी आवाज में पूछा, "इसका मतलब कल तुमने पहली बार ड्रिंक की?"
अविश्का ने हल्के से अपना सिर हिलाते और कहा, "हां और मैंने क्या बदतमीजी की, क्या मैंने तुम्हें भी परेशान किया।"
रुहान ने अविश्का की तरह देखकर ना में से मिलाते हुए कहा, "नहीं मैं तुम्हारी बातों से परेशान नहीं हुआ बल्कि जब तुमने मुझे इतनी सारी बातें शेयर की, तो मुझे अच्छा लगा। बट तुम अपने एक्स बॉयफ्रेंड को लेकर इतना ज्यादा गुस्से में थी कि तुम्हारे मुंह से वह सारी बातें सुनकर मुझे भी तुम्हारे एक्स पर बहुत गुस्सा आ रहा था, खैर अच्छी बात है कि वो अब तुम्हारी लाइफ में तुम्हारे साथ नहीं है और तुम मेरे साथ हो।"
इतना बोल कर रुहान मुस्कुराया अविश्का उसकी बात सुनकर उसे देखने लगी।
वो वापस बाथरूम की तरफ बढ़ा और बाथरूम के दरवाजे पर जाकर रुहान रुका उसने पीछे मुड़कर कहा, "राइट साइड पर एक और बाथरूम है तुम वहां जाकर फ्रेश हो सकती हो क्योंकि मैंने अभी शॉवर नहीं लिया तो मुझे थोड़ा टाइम लगेगा।"
अविश्का ने हां में सिर हिलाया और वह बाथरूम की तरफ चली गई।
धीरे-धीरे करके रुहान और अविश्का एक बहुत कंफर्टेबल हो गए क्रूज के बचे बाकी के छह दिन वो एक साथ रहे और उन्होंने काफी अच्छा टाइम एक साथ बिताया आज क्रूस पर उनका आखरी दिन था।
अविश्का और रुहान ने पहले ही सारी चीजें कंफर्म कर ली। कि उन्हें क्या करना है और वह यहां से वापस शहर पहुंचते ही सबसे पहले क्या करेंगे।
वह दोनों ही कोर्ट मैरिज करने के लिए कोर्ट जाने वाले थे और अविश्का अपना सारा सामान पैक कर रही थी वही रुहान लैपटॉप पर बैठा कुछ काम कर रहा था।
अविश्का ने अपना काफी सारा सामान एक ही सूटकेस में भर लिया।
जिस वजह से उसका सूटकेस बंद नहीं हो रहा था रुहान ने जैसे ही देखा कि अविश्का को थोड़ी प्रॉब्लम हो रही है। उसने तुरंत अपना लैपटॉप बंद किया और अविश्का के पास आकर उसकी हेल्प करने लगा।
जिसे देखकर अविश्का हल्का सा मुस्कुराए और अपने मन में बोली, 'आई थिंग मुझे लगता है मेरा रुहान से कोर्ट मैरिज करने का डिसीजन सबसे सही है, अभी तक मेरे दिमाग में जितना भी कंफ्यूजन था वह पूरी तरह से क्लियर हो चुका है और मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता कि मैं अपने इस डिसीजन पर रिग्रेट करूंगी।
क्योंकि इन 7 दिनों में रुहान के साथ रहकर मुझे इतना तो समझ में आ गया है कि रुहान और विराट का कोई कंपैरिजन नहीं है, विराट ने मुझे जिस तरह से धोखा दिया रुहान से मैं जब से मिली हूं तब से मेरी लाइफ ही बदल गई है और आई थिंक आगे भी मैं रुहान के साथ अच्छा टाइम स्पेंड करूंगी।'
अविश्का को इस तरह सोच में डूबा देखकर रुहान ने पूछा, "यह लोग हो गया तुम्हारा बैग बंद! अब क्या सोच रही हो मिस अकड़ू?"
अविश्का ने मुस्कुराते हुए ना में सिर हिलाया और कहा, "नहीं कुछ नहीं।"
रुहान ने अविश्का के कंधे पर अपना हाथ रखते हुए कहा, "अगर तुम अपने डिसीजन को लेकर कंफ्यूज हो या कुछ सोच रही हो, अगर तुम चाहो तो हम कुछ दिन रुक सकते हैं, तुम आराम से इस बारे में सोच लो! मैं नहीं चाहता कि तुम मेरी वजह से जल्दबाजी में आकर….."
अविश्का ने कहा, "नहीं तुम ऐसा क्यों सोच रहे हो मैं डिसीजन पहले ही ले चुकी हूं और अब अपना डिसीजन चेंज नहीं करूंगी।"
अविश्का की बात सुनकर मुस्कुराया और उसका बैग उठाकर अपने बैग के पास ले जाकर रखा।
लैपटॉप बंद करके उसे भी बैग में रखते हुए वह दोनों क्रूज से बाहर निकलने लगे ।
क्रूस का एक वर्कर आया और उनका सारा सामान लेकर चला गया।
अविश्का रुहान के साथ बाहर निकली और तभी रुहान ने अपना हाथ अविश्का की तरफ बढ़ाते हुए कहा, "अविश्का अब यहां से निकलकर तुम्हारी एक नई लाइफ स्टार्ट होने वाली है तो क्या तुम उसके लिए रेडी हो।"
अविश्का ने जैसे ही रुहान की बात सुनी वह चलते-चलते रुक गई।
अविश्का को इस तरह रुकते देखकर रुहान ने पूछा, " क्या हुआ?"
अविश्का ने तुरंत अपने पर्स में से एक चांदी की अंगूठी निकाली और उसे घूर कर देखते हुए बोली, " 1 मिनट रुको!"
To Be Continued
13
इतना बोल कर अविश्का ने उस चांदी की अंगूठी को क्रूज की रेलिंग पर जाकर उस अंगूठी को समुद्र की लहरों के बीच फेंकते हुए बोली, " उस धोखे के बाद विराट तुम्हारी किसी भी चीज को मैं अपने पास नहीं रखना चाहती, यहां तक कि यह इंगेजमेंट की रिंग भी नहीं!"
इतना बोलकर अविश्का रुहान के पास आई और उसका हाथ कसकर पकड़ते हुए बोली, " चलो अब मैं बिल्कुल रेडी हूं!"
रुहान ने मुस्कुराते हुए अविश्का की तरफ देखा और वह दोनों ही एक साथ क्रूज से बाहर निकले और सीधा सिटी पहुंचे।
रुहान कार ड्राइव कर रहा था तभी अविश्का ने पूछा, " हम कहां जा रहे हैं?"
रुहान ने कहा, "वादे के मुताबिक हम सबसे पहले कोर्ट मैरिज करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस जाएंगे।"
अविश्का ने कहा, "तो क्या आज ही हमारी शादी हो जाएगी?"
रुहान ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, "क्योंकि एप्लीकेशन मैंने पहले ही दे दी थी इसलिए बस हम दोनों की साइन के अलावा और कुछ भी नहीं लगेगा।"
रुहान की बात सुनकर अविश्का कुछ नहीं बोली और चुपचाप बैठ गई।
रुहान ने उसकी तरफ देखा और वह भी चुपचाप कार ड्राइव करने लगा।
तभी अविश्का का मोबाइल फोन रिंग होता है और वह तुरंत अपना मोबाइल फोन उठाकर देखती है तो उसमें उसके एक्स बॉयफ्रेंड विराट का कॉल आ रहा था।
उसने गुस्से से उसके कॉल को काट दिया और तभी अविश्का की नजर उसकी मैसेजेस पर गई।
उसने उसे कई सारे मैसेज भेज दिए जिसमें विराट ने अविश्का को सॉरी बोला था और कई सारी सफाई भी पेश करने की कोशिश की। लेकिन अविश्का ने गुस्से से उसके मैसेजेस को डिलीट कर दिया।
कुछ ही देर में वह लोग मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस पहुंचे और दोनों ने अपने मैरिज सर्टिफिकेट पर साइन किया और अब वह लोग लीगली तौर पर पति-पत्नी हो चुके थे।
जैसे ही वह लोग वापस अपनी कार में बैठते हैं तो अविश्का रुहान से कहती है कि मेरा कुछ सामान है जो विराट के पास उसके घर में रखा है और मुझे वह सामान चाहिए तो क्या तुम मुझे उसके घर तक ड्रॉप कर दोगे।
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर हां में अपना सिर हिलाया,उसने तुरंत अपनी कार मोड़ ली।
अविश्का की बात सुनकर रुहान के मन में कुछ सवाल थे और उसने अविश्का से पूछा, "वैसे अविश्का अपने डिसीजन से खुश हो और मिसेस रुहान रायज़ादा बनकर तुम्हें कैसा लग रहा है!"
अविश्का ने मुस्कुराते हुए कहा, "बहुत ही अलग फीलिंग है मैं अभी तुम्हें कुछ भी एक्सप्लेन नहीं कर सकती।"
रुहान ने भी इस बात पर ज्यादा जोर नहीं दिया क्योंकि वह समझ रहा था, अविश्का कैसा फील कर रही होगी!
तभी रुहान को कुछ याद आया और उसने अपनी कार मोड़ ली।
अविश्का ने तुरंत पूछा, "तुमने कार क्यों मोड़ ली, हम कहां जा रहे हैं?"
रुहान ने अविश्का की तरफ देखकर हल्की मुस्कुराहट के साथ कहा, " बस तुम 2 मिनट रुको मैं अभी आया!"
इतना बोल कर पास की ज्वेलरी की दुकान पर कार रोकी और कार से उतरकर सीधे शॉप पर गया और अविश्का के लिए एक डायमंड रिंग लेकर आया।
वो रिंग अविश्का को पहनाते हुए बोला, "तुम्हारी यह फिंग रिंग जो इतनी सूनी लग रही थी, अब अच्छी लग रही है।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर मुस्कुराई और वह दोनों सीधे विराट के अपार्टमेंट की तरफ से निकले।
रास्ते में रुहान ने अविश्का की तरफ देखकर पूछा, "वैसे अविश्का क्या मैं तुमसे एक क्वेश्चन पूछ सकता हूं?"
अविश्का ने अपने हाथ में पहनी हुई रिंग की तरफ इशारा करते हुए कहा, "हां अब तो हम हस्बैंड वाइफ है ना तो तुम मुझसे जो चाहो वो पूछ सकते हो।"
रुहान ने बिना किसी झिझक के कहा, "वैसे वह तुम्हारा एक्स विराट उसके साथ तुम कितने सालों से रिलेशनशिप में थी?"
अविश्का ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, "हमारा रिलेशन 7 साल का था।"
रुहान ने कहा, "सात साल…! तुम उसके अपार्टमेंट में उसके साथ एक ही रूम में रहती थी।"
अविश्का ने रुहान की तरफ देखा और हां में सिर हिलाते हुए कहा, "हां हम भले ही एक रूम में रहते थे लेकिन कभी भी मैंने अपनी लिमिट क्रॉस नहीं की।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर कोई जवाब नहीं दिया।
तो अविश्का ने रुहान से पूछा, " क्या हुआ रुहान तुम्हें मेरी बात पर भरोसा नहीं हो रहा क्या?"
रुहान ने हल्के से ना में अपना सिर हिलाया।
अविश्का ने कहा, "मैं वैसी लड़की नहीं हूं रुहान और वैसे भी मैं विराट के साथ पहले ही इस बारे में बात कर चुकी थी, हमने इस बात को बहुत पहले ही क्लियर कर लिया था कि जब तक हमारी शादी नहीं होगी। हम अपनी हद पार नहीं करेंगे और विराट ने भी मेरी खुशी के लिए, या फिर हो सकता है दिखावे में अच्छा बनने के लिए इस बात को मान लिया।"
रुहान ने अविश्का की तरफ देखा और कहा, "मैंने तो कुछ कहा भी नहीं और मैंने तुम्हारी बात पर यकीन भी कर लिया। उसके बावजूद भी तुम मुझे सफाई क्यों दे रही हो?इसकी कोई जरूरत नहीं है, मैं तुम पर भरोसा करता हूं पास्ट में तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ। उसे लेकर मैं तुम पर कोई शक नहीं कर रहा, मैंने तो बस ऐसे ही रैंडमली पूछ लिया।"
इतना बोल कर वापस अपनी ड्राइविंग पर कंसंट्रेट करने लगा।
अविश्का अपने हाथ में पहनी हुई रिंग को देख रही थी और तभी उसने अपने मन में कहा, "रुहान मैं समझ सकती हूं तुम्हारे मन में अभी भी और कई सारे सवाल आ रहें होंगे। लेकिन तुम बिल्कुल परेशान मत हो, मैं धीरे-धीरे करके तुम्हें सारे तुम्हारे सवालों के जवाब दे दूंगी।"
रुहान ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, " तुम अकेले विराट के अपार्टमेंट में जाओगी, वो तुम्हें कुछ करेगा तो नहीं! वह जगह तुम्हारे लिए सेव तो है ना?"
इतना बोलते हुए रुहान की आवाज में अविश्का के लिए फिक्र साफ नजर आ रही थी और अविश्का ने रुहान को घूरते हुए देखकर कहा, "हां वह मुझे कुछ भी नहीं करेगा तुम उसके बारे में टेंशन मत लो।"
रुहान ने कहा, "पता नहीं क्यों मुझे तुम्हें वहां के लिए भेजने में थोड़ा डर लग रहा है अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम ना हो तो क्या मैं भी तुम्हारे साथ वहां चलूं।"
अविश्का ने रुहान की बात सुनकर उसे देखते हुए कहा, "तुम्हें इतनी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है अगर मैं अपना ध्यान खुद रख सकती हूं और वैसे भी बस दस पंद्रह मिनट ही लगेंगे मुझे, कोई ज्यादा सामान नहीं है और तुम वहां जाओगे तो पता नहीं वह तुम्हें देखकर क्या बोले, क्योंकि मैं नहीं चाहती वह तुम्हारी डिसरिस्पेक्ट करें या फिर तुम उसकी नजर में आओ इसलिए तुम्हारा उसके सामने ना जाना ही ठीक रहेगा।"
अविश्का के इस तरह मना करने पर रुहान उसकी बात मान गया और चुपचाप ड्राइविंग करने लगा।
जैसे ही रुहान ने अविश्का के बताए हुए रास्ते पर चलकर उसके एक्स बॉयफ्रेंड विराट के अपार्टमेंट के बाहर अपनी कार रोक दी।
विराट ने अविश्का की तरफ देख कर कहा, "मैं कार मोड़ कर यहीं पर तुम्हारा वेट करता हूं, तुम जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी वापस आना ठीक है।"
रुहान की बात सुनकर अविश्का ने मुस्कुराते हुए हां में अपना सिर हिलाया और वह कार से बाहर निकलने ही वाली थी कि तभी उसने रुहान की तरफ देख कर कहा, "अगर मुझे ज्यादा देर लगे, तुम्हारे पास इतना टाइम ना हो तो तुम्हें जहां कहीं भी जाना है, तुम चले जाना मैं ऑटो लेकर तुम्हारे बताए हुए एड्रेस पर आ जाऊंगी।"
रुहान ने कहा, "तुम्हें ऐसा लगता है मैं अपनी नई नवेली वाइफ को इस तरह यहां अकेले छोड़ कर जाऊंगा बिल्कुल भी नहीं जाओ जल्दी से अपना सामान लेकर आओ फिर हम अपने घर चलते हैं।"
रुहान की बात सुनकर अविश्का ने बड़े प्यार से मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा और कार का गेट खोलकर अविश्का उतरने जा ही रही थी।
तभी वह 1 मिनट के लिए रुकी और रुहान के बिल्कुल करीब आकर उसने रुहान के गाल पर किस किया और जल्दी से कार से बाहर निकल गई।
रुहान ने बिल्कुल भी एक्सेप्ट नहीं किया था कि अविश्का इस तरह से अचानक से किस कर लेगी और अविश्का की उस किस को देखकर रुहान बिल्कुल हैरान हो गया।
★★★★
क्या अविश्का अपना सामान लेकर सही सलामत वापस आएगी या फिर विराट से अपने पास रोकने की कोशिश करेगा और अविश्का ने रुहान के गालों पर किस क्यों किया क्या अविश्का रुहान के लिए कुछ फील करने लगी है? जानने के लिए पढ़ते रहिए....
14
अविश्का ने जैसे ही रुहान के गालों पर किस किया, वह उसके बाद एक मिनट भी कार में नहीं रुकी और तुरंत कार से निकलकर विराट के अपार्टमेंट की ओर बढ़ी।
रुहान ने अपने उस गाल को छुआ जहाँ अभी अविश्का ने किस किया था और अपने गाल को छूकर मुस्कुराने लगा।
रुहान ने अविश्का की ओर देखकर कहा, "अब इस लड़की को क्या हो गया? इस तरह अचानक से उसने मुझे किस क्यों किया?"
अविश्का कार से बाहर निकली और जैसे ही अपने एक्स-बॉयफ्रेंड विराट के फ़्लैट की ओर बढ़ी, सीढ़ियाँ चढ़ते हुए अपने मन में बोली, "अगर मुझे आज वह विराट फिर से अमाया के साथ बेड पर मिला, और अगर उसने मुझे पकड़ने आया और वहाँ रोकने की कोशिश की, तो मैं क्या करूँगी?"
इतना सोचकर अविश्का चलते-चलते अचानक सीढ़ियों पर ही रुक गई और फिर उसने एक गहरी साँस लेते हुए धीरे से कहा, "अगर उसने ऐसा कुछ भी करने की हिम्मत की, तो मैं उसे जान से मार दूँगी, क्योंकि अब मैं किसी से भी डरने वाली नहीं हूँ। और सबसे पहले तो मैं उसे गालियाँ दूँगी और उसके मुँह पर एक जोरदार मुक्का मारूँगी ताकि वह दोबारा कभी भी इस तरह की हरकत करने के बारे में न सोचे।"
अविश्का ये सारी बातें सोच ही रही थी कि जैसे ही वह विराट के फ़्लैट पर पहुँचने वाली थी, तभी वहीं सीढ़ियों पर उसे विराट दिखाई दिया और अविश्का चलते-चलते रुक गई। विराट पीछे कुमार... जैसे ही उसकी नज़र अविश्का पर पड़ी, वह खुश होते हुए बोला, "अविश्का! मुझे पता था तुम वापस आ जाओगी। आखिर तुम मुझसे इतना प्यार करती हो, ज़्यादा दिन मुझसे दूर तो रह नहीं सकती। आओ, मैं तुम्हारा कितने दिनों से इंतज़ार कर रहा था।"
अविश्का ने विराट की ओर देखा। वह उससे इस तरह बात कर रहा था, जैसे कुछ हुआ ही न हो, लेकिन अविश्का को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था। तभी अविश्का के चेहरे के सामने रुहान का चेहरा आया और उसकी पर्सनालिटी को देखते हुए अविश्का ने विराट की ओर देखा। विराट की हाइट रुहान से कम है, और वहीँ रुहान काफ़ी मस्कुलर और हैंडसम है।
अविश्का ने जैसे ही इस बात को नोटिस किया, उसने अपने मन में कहा, "रुहान और इस विराट की तो कोई तुलना ही नहीं है! और मुझे तो अब खुद पर गुस्सा आ रहा है कि मैं इस विराट जैसे लड़के के लिए अपनी लाइफ़ बर्बाद करने वाली थी। पहले ही मैं इसके साथ अपने सात साल बर्बाद कर चुकी हूँ, अब और नहीं। अब मुझे अपना भविष्य सिर्फ़ और सिर्फ़ रुहान के साथ बिताना है।" इतना बोलकर अविश्का विराट की बात को पूरी तरह से अनसुना करते हुए फ़्लैट के अंदर आई।
विराट ने देखा कि अविश्का उसकी बात का कोई जवाब नहीं दे रही है, तो वह अविश्का के पास आया और उसका हाथ पकड़ते हुए बोला, "अविश्का, मेरी बात सुनो। वो सब तुमने जो देखा था, वो सिर्फ़ मेरी एक गलती थी, और मैं अपनी गलती मान रहा हूँ। लेकिन अब मैं दोबारा कभी ऐसी गलती नहीं करूँगा।" अविश्का ने तुरंत अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा, "मुझसे दूर रहो और मुझे छूने की कोशिश भी मत करना। तुमने जो किया है, वो गलती नहीं है, समझे? इसे धोखा कहते हैं, और तुमने ये सोच-समझकर किया है। और अगर तुम्हें ऐसा लगता है कि मैं तुम्हें माफ़ कर दूँगी, तो तुम गलत हो।" इतना बोलकर अविश्का ने अपना सामान उठाने के लिए चीज़ों की ओर देखा। पूरा घर इधर-उधर तहस-नहस था; सारी चीज़ें जमीन पर बिखरी पड़ी थीं। उस विराट और अमाया ने घर का कबाड़खाना बना दिया था।
घर में फैली हुई गंदगी को देखकर अविश्का ने अपने मन में कहा, "इतने दिनों से हमेशा मैं इस घर को कितना साफ़ रखती थी, लेकिन इन लोगों ने सारी चीज़ों को इस तरह बिखेर कर रखा है कि मुझसे तो यहाँ ज़्यादा देर रुका भी नहीं जाएगा, और वैसे भी, यहाँ रुकना ही कौन चाहता है?"
अविश्का जैसे ही अपने कुछ सामान को निकालने के लिए बेडरूम की ओर बढ़ी, तो उसने देखा बेड के आस-पास अभी भी अमाया और विराट के अंडरगारमेंट्स और कुछ कपड़े बिखरे पड़े हैं। जिन्हें देखकर अविश्का को उन दोनों की वह चीटिंग वाली रात याद आ गई और उसकी आँखें नम हो गईं।
अविश्का ने उन कपड़ों की ओर देखा और अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, मैं इतनी कमज़ोर नहीं हूँ कि ये दोनों मिलकर मेरी हिम्मत तोड़ सकें, बिल्कुल भी नहीं।" इतना बोलकर अविश्का ने फिर से अपना सिर हिलाया और जल्दी-जल्दी अपना सारा सामान समेटने लगी। वहीं विराट एक के बाद एक अपनी सफ़ाई पेश करता जा रहा था, लेकिन अविश्का ने उसकी एक नहीं सुनी और उसकी बातों को अनसुना करती रही।
विराट ने अविश्का की ओर देखकर कहा, "मैंने अमाया से बातचीत करना बंद कर दी है, अविश्का! अब मेरा उससे कोई लेना-देना नहीं है। प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो, एक और आखिरी मौका दे दो। मैं तुम्हारे साथ ही रहकर खुश था। उस अमाया के साथ जो कुछ भी हुआ हो, मेरी गलती थी।"
अविश्का ने विराट की बात सुनी और गुस्से से उसकी ओर देखते हुए बोली, "तुम्हें अब अमाया के साथ रहना है? तुम उसके साथ रहो, या किसी और के साथ रहो, मुझे तुमसे कोई लेना-देना नहीं है। और तुम भी अब मेरे पीछे मत पड़ो, तुम्हारे लिए ये ज़्यादा बेहतर होगा।" इतना बोलकर अविश्का ने अपना सारा सामान उठाया और आखिरी बार उस घर की ओर देखा जहाँ वह इतने दिनों तक रही थी। जिसे देखकर अविश्का को अपनी सगाई से लेकर वो बाकी के सात साल याद आ गए और अविश्का की आँखें भर आईं। आँसू रुकना नहीं चाहते थे।
अविश्का को अपने फ़्लैट से बाहर निकलते हुए देखकर विराट ने गुस्से में अपना सिर हिलाया और कहा, "अब मैं इस अविश्का को कैसे मनाऊँ? ये तो मेरी बात सुनने के लिए राज़ी ही नहीं है! लेकिन मुझे कुछ तो करना पड़ेगा।" इतना बोलकर वह दौड़ते हुए अविश्का के सामने आकर रुका और बोला, "प्लीज़ अविश्का, मुझे माफ़ कर दो! मैं जानता हूँ तुम मुझसे अभी भी बहुत प्यार करती हो और मुझे माफ़ कर दोगी, है ना? एक बार अपने विराट को माफ़ कर दो। मैं दोबारा कभी तुम्हें शिकायत का मौका नहीं दूँगा। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। अमाया... मैं अब दोबारा कभी किसी लड़की की ओर आँख उठाकर भी नहीं देखूँगा, सिर्फ़ तुमसे प्यार करूँगा और हम एक साथ बहुत खुश रहेंगे। प्लीज़ मान जाओ अविश्का, और हम जैसे पहले रहते थे, वैसे ही रहेंगे।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर उसे घूर कर देखने लगी।
विराट ने अविश्का की ओर देखते हुए, सर नीचे झुकाते हुए कहा, "प्लीज़ अविश्का, हमने जो भी पल एक साथ बिताए हैं, उन्हें सोचो और मुझे एक आखिरी मौका दे दो।"
अविश्का विराट की बात सुनकर ना में सिर हिलाते हुए बोली, "तुम्हारे जैसे इंसान के साथ सारी ज़िंदगी? क्या तुम्हारे साथ एक मिनट भी नहीं रह सकती हूँ! हटो मेरे रास्ते से।"
अविश्का ने अपना सामान उठाया और विराट को धक्का देकर दौड़ते हुए वह फ़्लैट से बाहर निकली। जैसे ही अविश्का बाहर आई, तो उसने देखा रुहान अपनी कार से उतरकर उसका इंतज़ार कर रहा है। और जैसे ही रुहान की नज़र अविश्का पर पड़ी, वह उसकी ओर देखने लगा। अविश्का की आँखों में आँसू थे और वह दौड़ते हुए रुहान के पास आई और उसके गले लगकर फूट-फूट कर रोने लगी। अविश्का के दिल में जितने भी दर्द बचे थे, वह अब उन सबको ख़त्म कर देगी। इसलिए रुहान ने भी उसे चुप नहीं कराया और उसे रोने दिया।
अविश्का कसकर रुहान के गले लगी हुई थी और उसके सीने पर अपना सिर रखकर रोती जा रही थी। रुहान ने भी उसे चारों ओर से घेर लिया और उसके सर को सहलाने लगा। कुछ ही देर में अविश्का शांत हुई और अपने आँसुओं को पोंछकर रुहान की ओर देखने लगी। रुहान अविश्का की ओर देखकर हल्का सा मुस्कुराया और तभी अविश्का ने जैसे सफ़ाई देते हुए कहा, "सॉरी, पता नहीं क्यों मुझे रोना आ गया।" अविश्का बोल ही रही थी कि रुहान ने उसके होंठों पर अपनी उंगली रखकर उसे चुप कराते हुए कहा, "ओके, सॉरी बोलने की ज़रूरत नहीं है और ना ही कुछ करने की ज़रूरत है। मैं समझ सकता हूँ।" क्या तुमने अपना सारा सामान ले लिया? उसने अपना सामान कार की डिग्गी में रखा और कहा, "चलो, तो फिर अब हम यहाँ से चलते हैं।" इतना बोलकर रुहान ने कार का गेट खोला और अविश्का चुपचाप ड्राइविंग सीट के बगल वाली सीट पर आकर बैठ गई। रुहान ने कार स्टार्ट की और अपने सारे आँसू पोंछकर एक गहरी साँस लेते हुए बोली, "अब मुझे किसी भी चीज़ के बारे में ज़्यादा कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है। मेरी लाइफ़ अब रुहान के साथ है, मेरा फ़्यूचर रुहान के साथ है, तो मैं किसी और के बारे में नहीं सोचूँगी।" इतना बोलकर अविश्का रुहान की ओर देखने लगी। रुहान कार ड्राइव कर रहा था।
अविश्का फ़्लाइट से आने के बाद इतना ज़्यादा रोई थी और वह काफ़ी ज़्यादा थका हुआ महसूस कर रही थी, इसलिए वह कार में ही बैठे-बैठे सो गई। अविश्का को इतने आराम से सोता देखकर रुहान ने उसकी ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहा, "सोते हुए भी ये कितनी मासूम लग रही है! इसे देखकर तो कोई नहीं कह सकता कि इतनी प्यारी लड़की को भी कोई धोखा दे सकता है।"
To be continued
15
अविश्का के बाल, जो सोते वक्त उसके मुँह पर आ गए थे, रुहान ने बड़े प्यार से उसके कान के पीछे करते हुए उसके चेहरे को इतने करीब से देखा। अविश्का सच में बहुत खूबसूरत और प्यारी थी। उसके चेहरे की सादगी देखकर रुहान हल्का सा मुस्कुराया और अविश्का के प्यारे से चेहरे को देखकर रुहान का मन कर रहा था कि वह उसके चेहरे को प्यार से छुए, लेकिन रुहान ने अपना हाथ रोकते हुए कहा, "नहीं, अगर मैंने अभी अविश्का को छुआ तो वह जाग जाएगी।" इसलिए रुहान ने चुपचाप अपना हाथ पीछे कर लिया और उसे देखकर बड़े प्यार से मुस्कुराने लगा।
काफी देर बाद अविश्का की आँख खुली और उसने देखा कि कार ट्रैफ़िक में फँसी हुई थी। अविश्का ने उबासी लेते हुए कहा, "अभी तक हम पहुँचे नहीं क्या?"
रुहान ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, "अभी तक नहीं। बस यह ट्रैफ़िक खुले तो हम एक घंटे से भी कम समय में पहुँच जाएँगे।"
तभी अविश्का के पेट में गुड़गुड़ की आवाज़ हुई। अविश्का ने अपने पेट पर हाथ रखते हुए कहा, "अभी भी एक घंटा लगेगा? रुहान, क्या हम कुछ खाने का सामान ले सकते हैं? मुझे बहुत तेज भूख लगी है।"
रुहान ने अविश्का की ओर देखकर कहा, "तुमने अपने बैग में कुछ स्नैक्स रखे थे, उन्हें खा लो।" अविश्का ने कहा, "उन्हें तो मैं पहले ही खा चुकी हूँ। अब बैग में कुछ भी नहीं है।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर हल्के से अपना सिर हिलाया और मुस्कुराते हुए बोला, "देखो, पीछे बैक सीट पर एक बिस्कुट का बॉक्स रखा है। अगर तुम चाहो तो वह खा सकती हो, पर वह शुगर-फ़्री बिस्कुट हैं, शायद तुम्हें पसंद न आएँ।"
अविश्का ने पीछे रखे बिस्कुट के बॉक्स को उठाया और उसे खोलकर देखते हुए कहा, "कोई नहीं, मुझे बहुत तेज भूख लगी है, मैं इसे ही खा लूँगी।" इतना बोलकर अविश्का ने लगभग पाँच-सात बिस्कुट खाए और रुहान वापस कार ड्राइव करने लगा। (23 बिस्किट खाना थोड़ा ज़्यादा लगता है।)
तभी अविश्का ने रुहान की ओर देखकर कहा, "वैसे रुहान, मेरा घर तो इस रोड की दूसरी तरफ़ पड़ता है। हम इस साइड क्यों जा रहे हैं?"
रुहान ने अविश्का की ओर देखा और कहा, "अब तुम अपने घर नहीं, बल्कि *हमारे* घर चलोगी, जो सिर्फ़ हम दोनों का होगा।" अविश्का रुहान की ओर घूर कर देखने लगी। तभी रुहान ने कहा, "तुम मना नहीं करोगी, क्योंकि हमने आज ही शादी की है और अब जब हम लीगली पति-पत्नी हैं, तो हमें एक साथ तो रहना ही चाहिए, है ना? इसलिए तुम कुछ दिन मेरे साथ, मेरे घर—मेरा मतलब है *हमारे* घर—में रहोगी।"
अविश्का ने रुहान की ओर देखा और कहा, "हाँ, हमने भले ही आज शादी की है, पर तुमने मुझसे कहा था रुहान कि तुम मेरी सारी बातें मानोगे, मेरी हर छोटी-बड़ी ज़रूरतों का ध्यान रखोगे और किसी भी चीज़ के लिए मुझे प्रेशराइज़ नहीं करोगे। तो फिर अब तुम मुझे वहाँ अपने घर क्यों ले जा रहे हो?"
रुहान ने कहा, "क्योंकि मुझे उस विराट पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। मुझे ऐसा लग रहा है कि वह तुम्हारे लिए टॉक्सिक हो चुका है और अगर तुम अपने घर पर रहोगी, तो वह तुम्हें परेशान करने ज़रूर आएगा और मैं ऐसा नहीं चाहता। इसलिए अब तुम मेरे साथ ही रहोगी।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर बिल्कुल चुप हो गई और उसने अपने मन में कहा, 'एक तरह से देखा जाए तो रुहान सही कह रहा है। वह विराट इतनी आसानी से मेरा पीछा छोड़ेगा नहीं। अगर मैं अकेली रहूँगी, तो वह मुझे परेशान ज़रूर करेगा!' उसके पास हाँ कहने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं था। इसलिए अविश्का ने ना में अपना सिर हिलाया और चुपचाप कार में बैठ गई।
अविश्का को इतना चुपचाप बैठा देखकर रुहान को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था और उसने अविश्का का ध्यान भटकाने के लिए उससे पूछा, "अविश्का, क्या मैं तुमसे एक बात पूछ सकता हूँ?" अविश्का ने रुहान की ओर देखते हुए, सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, पूछो। क्या पूछना है तुम्हें?"
रुहान ने अविश्का की ओर देखते हुए कहा, "लव एट फ़र्स्ट साइट में तुम विश्वास रखती हो?" अविश्का रुहान की ओर घूर कर देखने लगी और तभी रुहान ने कहा, "मेरा मतलब है, तुम्हें क्या लगता है? किसी को पहली नज़र में देखते ही प्यार हो सकता है क्या?" अविश्का ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, मुझे तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता। और सच कहूँ तो अब तो मेरा प्यार पर से ही भरोसा उठ गया है। मुझे नहीं लगता कि मुझे दोबारा कभी किसी से प्यार होगा। और रही बात पहली नज़र के प्यार की, तो मैं इस बात को मानती ही नहीं। लेकिन तुम मुझसे यह बात क्यों पूछ रहे हो?" रुहान ने अविश्का की बात सुनकर ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, बस ऐसे ही मन में सवाल आया तो पूछ लिया।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर चुपचाप खिड़की से बाहर की ओर देखने लगी और रुहान अभी भी अविश्का की ओर तिरछी नज़रों से देखकर कुछ सोच रहा था।
थोड़ी देर और ड्राइव करने के बाद रुहान ने अपनी कार काफ़ी स्पीड से मोड़ी और एक दो मंज़िला बड़े मकान के सामने कार रोकी।
अविश्का ने कार रुकते ही रुहान की ओर देखा और पूछा, "क्या हुआ? तुमने कार क्यों रोक दी?" रुहान ने घर की ओर इशारा करते हुए कहा, "क्योंकि हम अपने घर पहुँच गए, मिसेज़ अविश्का रुहान रायज़ादा ।"
इतना बोलकर रुहान कार से बाहर उतरा और उसने अविश्का के लिए कार का गेट खोलते हुए, अविश्का का हाथ पकड़कर उसे कार से बाहर निकाला।
जैसे ही अविश्का कार से बाहर उतरी और उस मकान को देखा, वह बिल्कुल हैरान हो गई और उसने रुहान की ओर देखकर, थोड़ा कन्फ़्यूज़ होते हुए कहा, "यह है तुम्हारा घर?"
रुहान ने हाँ में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, क्यों? क्या हुआ? तुम्हें पसंद नहीं आया क्या?"
रुहान ने अविश्का से पूछा, "क्यों? क्या हुआ? तुम इतनी हैरानी से क्यों यह बात पूछ रही हो? क्या तुम्हें घर पसंद नहीं आया?"
अविश्का ने रुहान के घर की तरफ़ बड़े ध्यान से देखा। वह बड़ा सा घर था और दो मंज़िलों तक बना हुआ था और वह काफ़ी अच्छा लग रहा था, लेकिन अविश्का ने ऐसा बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि रुहान इस तरह के घर में रहता होगा। बल्कि वह तो सोच रही थी कि रुहान का कोई बड़ा सा बंगला होगा। आखिर वह रायजादा ग्रुप ऑफ़ कंपनी का सीईओ है।
अविश्का ने रुहान की बात का जवाब देते हुए कहा, "नहीं, मुझे यह घर बहुत अच्छा लगा, लेकिन मैंने इसे इस तरह से बिल्कुल भी एक्सपेक्ट नहीं किया था। बल्कि मैं तो सोच रही थी कि तुम रायजादा कंपनी के सीईओ हो, तो शायद तुम किसी विला या बंगले में रहते होगे। यह घर देखकर मुझे थोड़ी सी हैरानी हुई।" अविश्का जैसे ही अपनी बात बोलकर चुप हुई...
रुहान अविश्का की ओर देखकर बोला, "अगर तुम्हें यह घर पसंद नहीं है, तो कोई बात नहीं। तुम कहो तो हम किसी विला या बंगले में भी शिफ़्ट हो सकते हैं।" अविश्का ने रुहान की बात सुनकर हैरानी से कहा, "क्या?" रुहान ने अविश्का के गाल पर अपना हाथ रखकर उसे बड़े प्यार से सहलाते हुए कहा, "मैंने तुमसे कहा था ना, तुम जो चाहोगी मैं तुम्हें वो दिला दूँगा। अगर तुम्हें बड़ा बंगला चाहिए, तो मैं वो भी करूँगा।"
अविश्का रुहान की बात सुनकर मुस्कुराई और बोली, "नहीं, यह घर भी अच्छा है। तुम्हें कहीं दूसरी जगह पर शिफ़्ट होने की ज़रूरत नहीं है।" अविश्का की बात सुनकर रुहान ने कहा, "तो फिर अंदर चलें।" अविश्का ने हाँ में अपना सिर हिलाया और जैसे ही वे दोनों घर के अंदर आए, अविश्का की नज़र दो बड़े ही अच्छे कुत्तों पर पड़ी। अविश्का ने जैसे ही उन डॉग्स को देखा, विराट की ओर देखकर कहा, "अरे वाह! तुमने इन डॉग्स को भी पाला है क्या?" रुहान ने हाँ में सिर हिलाते हुए कहा, "ये दोनों भाई बहुत छोटे से मेरे साथ हैं और मुझसे बहुत प्यार करते हैं।" अविश्का उन दोनों की ओर देखकर मुस्कुरा रही थी और तभी रुहान ने थोड़ा सोच-समझकर कहा, "इनके करीब जाना... मेरे दोनों पेट डॉग अजनबियों पर बिल्कुल भी ट्रस्ट नहीं करते, उनके साथ बड़ी ही बेरुखी से पेश आते हैं, इसलिए तुम ज़रा उनसे थोड़ा बचकर रहना।" "ठीक है," अविश्का ने रुहान की बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहा, "मैं समझ गई।" इतना बोलकर अविश्का आगे बढ़ी और उसने उन दोनों कुत्तों की ओर देखकर अपना हाथ हिलाया और अपनी दोनों बाहें फैलाकर घुटनों के बल बैठ गई। रुहान अविश्का को ऐसा करते देखकर धीमी आवाज़ में बोला, "लगता है अविश्का को मेरी बात समझ नहीं आई, इसलिए वह इन दोनों के साथ इस तरह बिहेव कर रही है।"
अविश्का ने उन दोनों कुत्तों की ओर देखकर बड़े प्यार से कहा, "कम हियर, बेबीज़।" अविश्का की आवाज़ सुनते ही एक कुत्ता दौड़ता हुआ अविश्का के पास आया और अविश्का के हाथ को सूँघने लगा।
****
आखिर क्यों अविश्का विराट के फ़्लैट से बाहर आकर इतना रोई? क्या उसके मन में अभी भी विराट के लिए कोई फ़ीलिंग है? और रुहान के घर को देखकर अविश्का इतनी हैरान क्यों हुई? जानने के लिए पढ़ते रहिए।
16
अविश्का ने अपने हाथ को उसकी गर्दन पर रखकर बड़े प्यार से सहलाया, और वह अविश्का के हाथ को चाटने लगा।
एक कुत्ते को ऐसा करते देखकर, दूसरा भी अविश्का के पास आया और उसके गाल को चाटने लगा। अपने दोनों कुत्तों को ऐसा करते देखकर, रुहान काफी हैरान हो गया।
उसने अविश्का के पास आकर कहा, "तुमने तो मेरे दोनों कुत्तों को बड़ी आसानी से अपना दोस्त बना लिया!" अविश्का ने कहा, "इसमें कौन सी कमाल की बात है? वे दोनों ही बहुत प्यारे हैं। वैसे, क्या तुमने दोनों का नाम नहीं रखा?" रुहान ने थोड़ा सोचते हुए कहा, "नहीं, मैंने तो नहीं रखा। लेकिन अब तुम यहाँ आ गई हो, तो तुम्हें इन्हें कोई नाम दे देना चाहिए।" अविश्का ने उन दोनों की तरफ़ देखकर कहा, "सन एंड मून।"
अविश्का के मुँह से यह बात सुनते ही, दोनों कुत्ते अविश्का की तरफ़ देखकर बड़े प्यार से भौंकने लगे। अविश्का ने उन दोनों को गले लगा लिया और उन्हें चुनते हुए कहा, "माय लवली बेबीज़।"
जैसे ही अभिनव ने अविश्का की बात सुनी, वह हैरानी से उसकी तरफ़ देखने लगा।
रुहान ने उन दोनों कुत्तों को अपने पास बुलाने की कोशिश की, लेकिन वे अविश्का को छोड़कर रुहान के पास आ ही नहीं रहे थे।
रुहान ने उन दोनों की तरफ़ देखा और कहा, "मुझे नहीं पता था कि ये दोनों मेरे साथ ऐसे बेवफ़ाई करेंगे!" रुहान उन दोनों कुत्तों को अविश्का के साथ देखकर थोड़ा जल रहा था, और तभी अविश्का ने मुस्कुराते हुए कहा, "मिस्टर जलन, तुम्हें मुझसे जलने की ज़रूरत नहीं है।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर नाक उचकाते हुए कहा, "तुमसे नहीं जल रहा है! और तुम ये सारी बातें छोड़ो और ये बताओ, तुम्हें तो अभी कुछ देर पहले बहुत तेज भूख लगी थी, है ना?"
अविश्का ने हाँ में सिर हिलाते हुए कहा, "लगी थी? मुझे अभी भी भूख लगी है। तुम मुझे बताओ किचन कहाँ है? मैं अभी कुछ बना देती हूँ।"
इतना बोलकर, रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ा और उसे किचन के पास ले आया।
अविश्का ने फ्रिज खोलकर देखा तो फ्रिज में कुछ सब्ज़ियाँ थीं और ब्रेड का पैकेट रखा था। अविश्का ने तुरंत ब्रेड का पैकेट निकाला और अपने और रुहान के लिए सैंडविच बनाने लगी। कुछ देर में उन्होंने एक साथ बैठकर सैंडविच खाया और कॉफ़ी भी।
तभी सन और मून ने एक जोरदार झपट्टा रुहान के हाथ पर मारा, और रुहान की कप से कॉफ़ी अविश्का के कपड़ों पर गिर गई।
अविश्का ने अपने कपड़ों की तरफ़ देखा और कहा, "शर्ट! यार, मेरे कपड़े गंदे हो गए हैं!"
रुहान ने सॉरी बोलते हुए कहा, "आई एम सो सॉरी! मुझे नहीं पता था कि ये दोनों मेरे हाथ पर इस तरह झपट्टा मार देंगे।"
अविश्का ने हाँ में सिर हिलाते हुए कहा, "तुम्हें सॉरी बोलने की कोई ज़रूरत नहीं है। बस, मैं ये सोच रही थी कि अब मैं क्या पहनूँगी।"
रुहान अविश्का के बैग की तरफ़ देखते हुए कहा, "तुम अपने कपड़े तो साथ लाई हो ना? तो जाओ जाकर चेंज कर लो।" अविश्का ने अपने बैग की तरफ़ देखते हुए कहा, "मुझे बैग अनपैक करने में काफी देर लगेगी, और मैं आज थक गई हूँ। तो आज मैं अपना बैग अनपैक नहीं करने वाली। इसलिए प्लीज़, रुहान, क्या तुम मुझे कोई दूसरा कपड़ा पहनने के लिए दे सकते हो?"
अविश्का की बात सुनकर रुहान ने हाँ में सिर हिलाया और वह अपने रूम से उसके पहनने के लिए कुछ लेने चला गया।
जब तक अविश्का ने अपनी और रुहान की प्लेटें साफ़ कीं, तब तक रुहान अविश्का के लिए व्हाइट कलर की लॉन्ग शर्ट लेकर आया। अविश्का ने उसे लेकर रुहान की तरफ़ देखते हुए बोला, "थैंक यू सो मच!" रुहान ने अविश्का के करीब आकर उसकी कमर में हाथ डाला और उसे अपने करीब खींचते हुए कहा, "मैं तुम्हारे थैंक्यू का क्या करूँगा? थैंक यू मत बोलो, उसके बदले कुछ और दे दो।" अविश्का की बात सुनकर रुहान हैरानी से उसकी तरफ़ देखने लगा, और तभी रुहान मुस्कुराते हुए बोला, "चलो, मैं तुम्हें अपना रूम दिखाता हूँ... मेरा मतलब है, हमारा रूम।" इतना बोलकर, वह आगे आगे चलने लगा और अविश्का उसके पीछे थी। अविश्का ने अपने मन में कहा, "क्या कहा अभी रुहान ने? 'हमारा रूम'? इसका मतलब क्या? रुहान मेरे साथ कमरा शेयर करने वाला है? लेकिन क्यों?"
रुहान अविश्का के बिल्कुल करीब आते हुए बोला, "वैसे अविश्का, आज हमारी शादी के बाद की फर्स्ट नाइट है, तो क्या तुम मुझे एक किस भी नहीं देने वाली?"
अविश्का ने रुहान को देखते हुए कहा, "सबसे पहले तो तुम मुझे ये बताओ कि क्या हम एक साथ ही रूम में रहने वाले हैं?"
अविश्का की बात सुनकर रुहान ने उसे परेशान करने के लिए हाँ में सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, क्यों? तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या? ये इस घर का सबसे बड़ा रूम है।"
अविश्का ने रुहान की बात सुनकर हैरानी से पूरे रूम को देखने लगी, और तभी रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ा और उसके कान के करीब आकर बोला, "मैंने तुमसे कुछ कहा है क्या? तुमने मेरी बात नहीं सुनी।"
अविश्का अभी भी उस रूम को देख रही थी और उसके चेहरे पर घबराहट साफ़ नज़र आ रही थी। तभी रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ते हुए कहा, "तुम्हें इतना ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। ये रूम मेरा है, और तुम इसके आगे दो रूम हैं। जाओ, तुम जाकर वो दोनों रूम देख लो। तुम्हें जो रूम अच्छा लगे, वो अपने लिए ले लो।"
अविश्का ने जैसे ही रुहान की बात सुनी, उसने खुश होते हुए कहा, "क्या सच में? मुझे मेरा अलग रूम मिलेगा?"
रुहान ने हाँ में सिर हिलाया और अविश्का इतनी ज़्यादा खुश हुई कि उसने रुहान के गाल पर एक ज़ल्दी से किस किया और दौड़ते हुए रूम से बाहर निकलकर अपना रूम देखने लगी।
अविश्का के रुहान के गालों पर किस करते ही, रुहान के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कराहट आ गई।
अविश्का दूसरे कमरे में गई और उसे रूम अच्छा लगा। अविश्का ने अपने मन में कहा, "ये रूम काफी अच्छा है, और मैं यहीं रहूँगी। और मैं तो बेकार में ही रुहान पर शक कर रही थी। रुहान सच में बहुत अच्छा है। देखो, उसने मुझे रहने के लिए अलग रूम दिया। वरना, मैं तो डर ही गई थी कि कहीं रुहान सच में एक साथ मेरे रूम में तो नहीं रहने वाला।"
अविश्का ने रुहान की बात सुनकर मुस्कुराने लगी, और तभी अविश्का ने कहा, "मैं रुहान के बारे में सोचकर इतना क्यों खुश हो रही हूँ?" यह ख्याल जैसे ही अविश्का के दिमाग में आया, उसने कुछ सोचा और तुरंत इस ख्याल को अपने दिमाग से निकालते हुए कहा, "मैं भी पागल हूँ! पता नहीं क्या-क्या सोचने लगती हूँ।"
उधर, रुहान भी अविश्का के बारे में कुछ ऐसा ही फील कर रहा था।
रुहान के बारे में सोचते हुए, अविश्का वहीं पर सो जाती है क्योंकि वह काफी ज़्यादा थकी हुई थी। इसलिए, रुहान भी उसे परेशान करने के लिए नहीं आया।
अगले दिन, अविश्का की आँख खुली और वह अपने कपड़े बैग से निकालकर अलमारी में रख रही थी, और तभी रुहान वहाँ आया और वह उसकी हेल्प करने लगा।
तभी रुहान की नज़र अविश्का के अंडरगारमेंट्स पर पड़ी, और रुहान ने बिना किसी झिझक के अंडरगारमेंट्स को उठाकर कहा, "अविश्का, क्या तुम अभी तक इस तरह के इतने पुराने ज़माने के अंडरगारमेंट्स पहनती हो? आई थिंक, मुझे लगता है तुम्हें नए अंडरगारमेंट्स खरीदने की ज़रूरत है। तुम चाहो तो मैं तुम्हें शॉपिंग पर लेकर चल सकता हूँ।"
जैसे ही अविश्का ने रुहान के हाथ में अपने अंडरगारमेंट्स देखे, उसकी आँखें शर्म से लाल हो गईं, और उसने तुरंत गुस्से से कहा, "हाँ! तुमने किसने कहा मेरे कपड़ों को छूने के लिए? तुम तो बस मेरी हेल्प कर रहे थे, रहने दो मेरी हेल्प करने की कोई ज़रूरत नहीं है।"
रुहान अविश्का की तरफ़ देखते हुए बोला, "अरे, तुम इतना गुस्सा क्यों हो रही हो? मैं तो बस..."
अविश्का ने रुहान का हाथ पकड़ा और उसे अपने रूम से बाहर निकालते हुए कहा, "तुम जाओ यहाँ से! मैं अकेले अपना काम अकेले कर लूँगी। मुझे तुम्हारी हेल्प नहीं चाहिए।" इतना बोलकर, अविश्का रुहान को अपने रूम से बाहर निकाल देती है।
अविश्का के उसे रूम से बाहर निकालने पर, रुहान थोड़ा गुस्सा हो जाता है और चुपचाप उसके रूम से चला जाता है।
रुहान को इस तरह चुपचाप वहाँ से जाते देखकर, अविश्का ने अपने मन में कहा, "कहीं मैंने बहुत ज़्यादा रूडली तो नहीं कर दिया रुहान के साथ? कहीं उसे मेरी बातों का बहुत ज़्यादा बुरा तो नहीं लग गया?" रुहान के बारे में सोचते हुए, अविश्का थोड़ी सी अपसेट हो जाती है।
तभी वह बोलती है, "ठीक है, मैं आज डिनर के टाइम पर उससे सॉरी बोल दूँगी।" रात में, अविश्का और रुहान एक साथ डिनर कर रहे थे और रुहान ने डिनर बाहर से ऑर्डर किया था।
अविश्का चुपचाप बैठी हुई थी और रुहान की तरफ़ देखते हुए बोली, "रुहान, आई एम सॉरी! मैंने तुम्हें अपने रूम से इतना रूडली बाहर निकाल दिया। आई थिंक, मुझे तुम्हारे साथ ऐसा बिहेव नहीं करना चाहिए था।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर, ना में सिर हिलाते हुए कहा, "अरे, तुम्हें सॉरी बोलने की कोई ज़रूरत नहीं है। मैं तुमसे जरा भी नाराज़ नहीं हूँ।"
अविश्का ने जैसे ही रुहान की बात सुनी, उसने हैरानी से पूछा, "क्या सच में? तुम मुझसे नाराज़ नहीं हो? अगर नहीं, तो तुमने मुझसे आकर सुबह से एक बार भी बात क्यों नहीं की?"
To be continued
17
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर, ना में सिर हिलाते हुए कहा, "अरे, तुम्हें सॉरी बोलने की कोई ज़रूरत नहीं है। मैं तुमसे जरा भी नाराज़ नहीं हूँ।" अविश्का ने जैसे ही रुहान की बात सुनी, उसने हैरानी से पूछा, "क्या सच में? तुम मुझसे नाराज़ नहीं हो? अगर नहीं, तो तुमने मुझसे आकर सुबह से एक बार भी बात क्यों नहीं की?"
रुहान ने अविश्का की तरफ़ देखा और उसे छेड़ते हुए कहा, "क्यों? तुम मुझे मिस कर रही थी क्या? एक्चुअली, मैं अपने रूम में था और एक इम्पॉर्टेन्ट मीटिंग थी, जिसे मुझे अटेंड करना था। इसलिए मैं अपने रूम से बाहर ही नहीं आया।"
यह बात सुनकर अविश्का बोली, "नहीं, मैं तुम्हें क्यों मिस करूँगी? वह तो बस मैंने ऐसे ही पूछ लिया।"
रुहान अविश्का की बात सुनकर मुस्कुराने लगा।
डिनर करने के बाद, अविश्का और रुहान एक साथ बाहर के गार्डन एरिया में घूम रहे थे। और तभी रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ते हुए कहा, "वैसे अविश्का, अभी कुछ देर पहले तुमने मुझे सॉरी बोला था।"
अविश्का कन्फ़्यूज़न से उसकी तरफ़ देखने लगी और कहने लगी, "एक बात बताऊँ, तुम्हें मुझसे थैंक यू या सॉरी मत बोला करो। मुझे अच्छा नहीं लगता।" रुहान ने कहा, "क्यों? ऐसा क्यों? और अगर मैं तुम्हें सॉरी या थैंक यू ना बोलूँ, तो फिर क्या बोला करूँ?"
रुहान अविश्का के करीब आते हुए कहा, "तुम्हें कुछ भी बोलने की ज़रूरत नहीं है। बस प्यार से मुझे एक किस कर दिया करो, बस इतने में ही मैं खुश हो जाऊँगा।"
यह बात सुनकर अविश्का ने ना में सिर हिलाते हुए, उसके कंधे को धक्का देकर उसे खुद से दूर करते हुए कहा, "जस्ट शट अप, रुहान! इस तरह की बातें करते हुए तुम्हें शर्म नहीं आती?" रुहान ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, बिल्कुल भी नहीं। और वैसे भी, मैं तो अपनी प्यारी वाइफ से किस माँग रहा हूँ, किसी दूसरी लड़की से थोड़ी ना माँग रहा हूँ, जो मैं शर्माऊँ। और तुम तो वैसे भी मेरी वाइफ हो, इतना तो कर ही सकती हो, है ना?" अविश्का ने रुहान की बात सुनकर उसे कुछ दूर धक्का दिया और अपने रूम की तरफ़ भागते हुए बोली, "मुझे नींद आ रही है, मैं सोने जा रही हूँ।" इतना बोलते हुए, उसने हल्का सा मुस्कुराया और चुपचाप चली गई। रुहान उसे देखकर मुस्कुराया और वह भी अपने रूम में चला गया।
अगले दिन, अपने रूम में अकेले सो रही थी अविश्का। जब उसकी आँख खुली, तो उसने अपने सामने रुहान को देखा। रुहान को अपने इतने करीब देखकर अविश्का ने चिल्लाते हुए कहा, "तुम यहाँ मेरे रूम में क्या कर रहे हो?" रुहान ने कहा, "तुम्हें प्यार करने के लिए तुम्हारे रूम में आया हूँ। और वैसे भी, हमारी शादी को 3 दिन हो गए और तुमने अभी तक हमारी फ़र्स्ट नाइट को लेकर कोई बात नहीं की।"
अविश्का अपने बेड से उठने वाली थी और तभी रुहान अविश्का के ऊपर आया और उसके दोनों हाथों को पकड़ते हुए, वह अचानक से अविश्का के होंठों पर अपने होंठ रखकर किस करने लगा। अविश्का ने अपनी आँखें जोर से बंद कर लीं और मन में कहा, "यह रुहान को क्या हो गया? अविश्का को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। यह रुहान मुझे जबरदस्ती किस क्यों कर रहा है?" अविश्का ने रुहान को जोर से धक्का दिया और तभी अविश्का की आँख खुली और अविश्का हड़बड़ाते हुए उठकर बैठ गई।
अविश्का ने अपने गाल पर हाथ मारते हुए कहा, "पागल हो गई हूँ क्या? अविश्का, यह सब क्या सोच रही थी? हे भगवान! कैसा सपना था!"
इतना बोलकर अविश्का ने अपने बालों को बाँधा और गहरी साँस लेते हुए कहा, "यह तो अच्छी बात है कि यह सपना ही था। वरना मुझे तो ऐसा लग रहा था कि कहीं रुहान सच में मेरे साथ... लेकिन अभी तक उसने कभी भी मेरे साथ जबरदस्ती नहीं की, तो वह आगे भी ऐसा कुछ नहीं करेगा।"
इतना बोलकर अविश्का रुहान की बात सोचकर हल्का सा मुस्कुराई और बेड पर से उठकर सीधे वॉशरूम की तरफ़ बढ़ी। अविश्का ने नींद में ही अपना ब्रश उठाया और ब्रश करने ही वाली थी कि तभी शावर बंद होने की आवाज़ हुई। अविश्का शावर की तरफ़ देखने लगी। रुहान मुस्कुराते हुए अविश्का की तरफ़ देखकर बोला, "गुड मॉर्निंग, माय डिअर वाइफ़! उठ गई तुम?" अविश्का ने जैसे ही रुहान की तरफ़ देखा, रुहान शावर से बाहर निकला और उस समय उसकी बॉडी पर एक भी कपड़ा नहीं था। अविश्का रुहान की बॉडी देखकर इतनी जोर से चीखी कि रुहान चौंक गया और उसने जल्दी से टॉवल लेकर उसे अपने चारों तरफ़ लपेटते हुए कहा, "इतनी जोर से क्यों चिल्ला रही हो? मैं कोई भूत हूँ क्या?"
अविश्का पीछे की तरफ़ हटी और गुस्से से चिल्लाते हुए बोली, "पागल हो गए हो क्या, रुहान? इस तरह सारे कपड़े उतार कर कौन शावर लेता है? प्लीज़, मैं अंदर आ गई थी, तो तुम मुझे बता तो सकते थे।"
रुहान अविश्का के करीब आते हुए बोला, "क्या मतलब है तुम्हारा? अगर मैं कपड़े उतारकर नहीं, तो क्या कपड़े पहनकर शावर लेता? तुम भी कैसी बातें करती हो! और वैसे भी, तुम्हें इतना ज़्यादा तेज चिल्लाने की ज़रूरत नहीं है।"
अविश्का ने रुहान की बात सुनकर अपने पैर पटकते हुए कहा, "अच्छा, चिल्लाने की ज़रूरत नहीं है? तो फिर सबसे पहले तुम यह बताओ, तुमने कोई कपड़ा पहना था या नहीं? सुबह-सुबह मैंने क्या देख लिया, पता नहीं आज का मेरा दिन कैसा जाएगा?"
अविश्का धीमी आवाज़ में बड़बड़ा रही थी कि तभी रुहान ने कहा, "पागल हो क्या? तुम्हें मुझसे इतना शर्माने की ज़रूरत नहीं है। आखिर मैं तुम्हारा हस्बैंड हूँ।"
अविश्का ने जैसे ही यह बात समझी, जल्दी से वॉशरूम से बाहर आई और अपने बेड पर बैठते हुए बोली, "हे भगवान! क्या हो गया मुझसे? मुझे नहीं पता था कि वह मेरे बाथरूम में होगा।"
अविश्का बेड पर बैठकर धीमी आवाज़ में बड़बड़ा रही थी और तभी रुहान बाथरोब पहनकर बाहर आया और बोला, "अब तुम यहाँ पर बैठकर इतना क्यों परेशान हो रही हो? और वैसे भी, जहाँ तक मुझे लगता है, मेरी बॉडी काफी अच्छी है, तो तुम्हें मेरी बॉडी देखकर अच्छा ही फील हुआ होगा, है ना?" रुहान जानबूझकर अविश्का से यह सारी बातें बोल रहा था और उसे चिढ़ा रहा था, क्योंकि अविश्का इस तरह की बातें करना बिल्कुल पसंद नहीं करती और उसे इन सभी बातों से काफी ज़्यादा असहजता होती थी। और रुहान को अविश्का को परेशान करने में बड़ा मज़ा आता था, इसलिए वह जानबूझकर ये बातें बोल रहा था। अविश्का उठकर खड़ी हुई और रुहान को घूरते हुए देखकर बोली, "तुम बहुत बेशर्म हो!" इतना बोलकर अविश्का वहाँ से वॉशरूम की तरफ़ जाने लगी कि तभी रुहान ने अविश्का की कमर पकड़ी और उसे अपने करीब खींचते हुए कहा, "मैं बेशर्म नहीं हूँ, मिस अकड़ू! और वैसे भी, अपनी वाइफ़ से कैसी शर्म? और तुम्हें एक एडवाइस दूँगा, तुम्हें भी मुझसे इतना ज़्यादा शर्माने की ज़रूरत नहीं है, समझी मिसेज़ अविश्का रुहान रायज़ादा ।"
अविश्का रुहान की बातें सुनकर उसे घूर रही थी और तभी रुहान अविश्का के बिल्कुल करीब आकर उसकी नाक से अपनी नाक दो बार टच की। अविश्का ने उसका हाथ अपनी कमर पर से हटाया और भागते हुए वॉशरूम में चली गई।
अविश्का को इस तरह शर्माते हुए जाते देखकर रुहान चुपचाप उसके रूम से बाहर निकल जाता है। अविश्का जल्दी से फ़्रेश होकर रेडी होती है और किचन में आकर दोनों के लिए ब्रेकफ़ास्ट बनाती है।
अविश्का किचन में थी और रुहान रेडी होकर सीढ़ियों से उतरा। वह थ्री-पीस सूट में अपनी टाई ठीक करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन टाई सही से सेट नहीं हो रही थी। इसलिए रुहान ने टाई को गले में डालकर सीधा नीचे उतर आया। जैसे ही वह डाइनिंग टेबल के पास पहुँचा, किचन से बहुत ही अच्छी खुशबू रुहान के नाक में गई और रुहान सीधा किचन की तरफ़ बढ़ने लगा। उसने देखा कि व्हाइट और ब्लू सूट में अविश्का किचन में कुछ बना रही है।
रुहान को देखकर अविश्का ने कहा, "तुम किचन में क्या कर रहे हो? बाहर बैठो। बस ब्रेकफ़ास्ट रेडी हो गया है, मैं अभी लेकर आती हूँ।"
अविश्का की बात सुनकर रुहान अविश्का के करीब आया और उसे पीछे से हग करते हुए बोला, "क्यों? सारा काम तुम ही करोगी क्या? लो, मैं भी थोड़ी तुम्हारी हेल्प कर लेता हूँ।" इतना बोलकर रुहान अविश्का की कमर में हाथ डालते हुए उसे पीछे से हग कर लिया।
अविश्का थोड़ी सी अनकम्फ़र्टेबल हुई और बोली, "मैं कुकिंग कर रही हूँ, रुहान। प्लीज़, तुम बाहर जाओ। मुझे तुम्हारी हेल्प की भी कोई ज़रूरत नहीं है। अगर मुझे हेल्प चाहिए होगी, तो मैं तुम्हें बुला लूँगी। प्लीज़, अभी तुम बाहर जाओ।" इतना बोलकर अविश्का ने जबरदस्ती रुहान को किचन से बाहर निकाला।
कुछ ही देर में अविश्का पूरा ब्रेकफ़ास्ट लेकर डाइनिंग टेबल पर आई। रुहान मुस्कुराते हुए अविश्का की तरफ़ देख रहा था।
उसके माथे पर छोटी सी लाल बिंदी, माँग में हल्का सा सिंदूर और एक हाथ में घड़ी और दूसरे हाथ में सुहाग की दो पतली लाल चूड़ियाँ पहने हुए थीं। अविश्का का लुक इंडियन न्यूली ब्राइड जैसा लग रहा था, जिसे देखकर रुहान बस उसे एकटक देखता ही रह गया।
To be continued...
क्या रुहान और अविश्का एक-दूसरे की तरफ़ अट्रैक्ट हो रहे हैं? और रुहान ने अचानक से इस तरह अविश्का को किस क्यों किया? आखिर क्या चल रहा है रुहान के दिमाग में? क्या उसके इस तरह जबरदस्ती किस करने पर अविश्का के दिल में रुहान की गलत इमेज बनेगी या वह दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगेंगे? जानने के लिए सुनते रहिए।
18
अविश्का, रुहान के बगल वाली चेयर पर बैठते हुए बोली, "क्या हुआ? तुम मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?"
रुहान ने तुरंत अपनी नज़र अविश्का की तरफ से हटाते हुए कहा, "क्या बनाया है तुमने? बहुत अच्छी स्मेल आ रही है।"
अविश्का ने रुहान की प्लेट में फ्राइड राइस सर्व करते हुए कहा, "आज मेरा पता नहीं क्यों फ्राइड राइस खाने का मन कर रहा था, इसलिए मैंने पनीर फ्राइड राइस बनाया है और तुम्हारे लिए फ्रेंच टोस्ट भी है।"
रुहान ने फ्रेंच टोस्ट लिया और उसे खाने लगा।
अविश्का ने उसे सिर्फ फ्रेंच टोस्ट खाते देखकर पूछा, "क्या हुआ? तुम राइस नहीं खाओगे? क्या?"
रुहान ने सिर हिलाते हुए कहा, "ब्रेकफास्ट में मैं राइस नहीं खाता।"
अविश्का ने अपसेट होते हुए कहा, "सॉरी, मुझे नहीं पता था तुम ब्रेकफास्ट में क्या खाते हो, इसलिए मेरा जो मन किया मैंने बना लिया।"
रुहान ने सिर हिलाते हुए कहा, "कोई बात नहीं, तुम क्या खाती हो तुम अपने लिए बना सकती हो।"
अविश्का को उदास देखकर, पता नहीं क्यों रुहान को अच्छा नहीं लग रहा था। इसलिए रुहान ने अविश्का की प्लेट से ही एक चम्मच राइस उठाकर खाया।
जिसे देखकर अविश्का हल्का सा मुस्कुराई और रुहान ने एक बाइट लेते ही कहा, "वाओ अविश्का! तुम इतनी अच्छी कुकिंग कर लेती हो, मुझे तो पता ही नहीं था।"
अविश्का ने मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ, मैंने कुकिंग अपने डैड से सीखी है। और मैं भी स्कूल खत्म होने के बाद से एक रेस्टोरेंट में ही जॉब कर रही हूँ, लेकिन अब मैं अपनी जॉब से रिजाइन करने वाली हूँ।"
अविश्का की बात सुनकर रुहान ने कहा, "क्यों रिजाइन कर रही हो?"
अविश्का ने कहा, "मैं विराट के रेस्टोरेंट में काम करती थी और अब मैं वहाँ काम नहीं करना चाहती।"
इतना बोलकर अविश्का बिल्कुल चुप हो गई।
रुहान ने कहा, "वैसे अविश्का, तुम इतनी अच्छी कुकिंग कर लेती हो तो किसी कुकिंग शो में ट्राई क्यों नहीं करती? मैं तो कहता हूँ कि तुम कुकिंग क्लासेस लो और एक अच्छी शेफ बन जाओ।"
जैसे ही रुहान की यह बात अविश्का ने सुनी, उसने हैरानी से रुहान की तरफ देखा।
और उसे इतना हैरान देखकर रुहान ने पूछा, "क्या हुआ? तुम्हें शेफ नहीं बनना क्या? मैं तो इसलिए बोल रहा था, तुम्हें कुकिंग इतनी अच्छी आती है और अगर तुम थोड़ी कुकिंग क्लासेस जॉइन करोगी तो..."
रुहान बोल ही रहा था कि तभी अविश्का ने कहा, "शेफ बनना मेरा सपना है। मैं भी अपने डैड की तरह शेफ बनना चाहती हूँ, लेकिन कुकिंग कोर्स करने के लिए मेरे पास ज़्यादा पैसे नहीं हैं। मैंने कुकिंग कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, बट मेरा फ़ॉर्म रिजेक्ट हो गया और मुझे उस यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिल पाया। उसके बाद मुझे पैसों की ज़रूरत पड़ी तो मैं जॉब पर लग गई और फिर कभी अपना कुकिंग कोर्स कंप्लीट ही नहीं कर पाई और मेरा शेफ बनने का सपना सपना ही रह गया।"
रुहान अविश्का की तरफ देखकर कहा, "एक बात बताओ, तुम किस एकेडमी में एडमिशन लेना चाहती हो? तुम्हें किस यूनिवर्सिटी से कोर्स करना है? मुझे बताओ।"
अविश्का ने रुहान की तरफ देखा और कहा, "मैंने गोल्डन किचन एकेडमी में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन मेरा फ़ॉर्म कैंसिल हो गया और मैं दोबारा वहाँ पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाई क्योंकि वहाँ की फ़ीस काफ़ी ज़्यादा एक्सपेंसिव थी।"
इतना बोलकर अविश्का अपनी नाश्ते की प्लेट उठाकर सीधे किचन की तरफ बढ़ी और सिंक में रखे सभी बर्तनों को साफ़ करने लगी।
रुहान ने अविश्का की तरफ देखा और जल्दी से अपना ब्रेकफ़ास्ट भी खत्म किया।
अविश्का के बर्तन साफ़ करते देखकर रुहान ने कहा, "वैसे अविश्का, तुम्हें यह सब करने की ज़रूरत नहीं है।"
अविश्का ने जैसे ही रुहान की बात सुनी, वह रुहान के करीब आकर बोली, "क्या मतलब है तुम्हारा?"
रुहान ने अपनी टाई बांधने की कोशिश करते हुए कहा, "मेरा कहने का मतलब है कि तुम ये बर्तन साफ़ करने में क्यों टाइम वेस्ट कर रही हो? इसे रहने दो। और ये टाई... मैं क्या करूँ? मुझे इस तरह की टाई पहनना बिल्कुल भी पसंद नहीं क्योंकि यह कभी मुझसे ठीक तरह से नहीं बंधती।"
अविश्का रुहान को टाई के साथ स्ट्रगल करते देख रही थी, बार-बार ट्राई करने के बाद भी रुहान से वो टाई नहीं बंधी तो अविश्का ने बड़े प्यार से रुहान के हाथ से उस टाई को लिया और उसे ठीक से उसके गले में बांधने लगी।
अविश्का रुहान के काफी करीब थी और अविश्का ने जैसे ही टाई की डाई उसके कॉलर में लगाई, रुहान उससे दूर हटने ही वाला था कि तभी रुहान ने उसकी कमर में हाथ डालते हुए उसे अपने करीब खींच लिया।
अविश्का रुहान की तरफ देखकर कहा, "छोड़ो! क्या कर रहे हो? मुझे जल्दी से ये काम समेटने दो, उसके बाद मुझे रेस्टोरेंट जाकर अपना रेज़िग्नेशन लेटर भी देना है।"
रुहान अविश्का को अपने और करीब खींचते हुए बोला, "मैं तुमसे मना कर रहा हूँ ना, तुम्हें ये सब करने की ज़रूरत नहीं है। थोड़ी देर में सुषमा आंटी आती ही होंगी, वो यह सब कर देगी।"
अविश्का जैसे ही रुहान के "सुषमा आंटी" कहने पर थोड़ी कन्फ्यूज़ होते हुए बोली, "सुषमा आंटी कौन हैं?"
रुहान ने अविश्का की बात का जवाब देते हुए उसे बताया, " सुषमा आंटी वैसे तो यहां पर हाउस हेल्प है लेकिन वो हमारे लिए अब एक परिवार की तरह हैं और वो बचपन से हमारे परिवार के लिए काम कर रही हैं। हम सब बहुत छोटे-छोटे थे, तब से वो हमारे परिवार में हैं और अभी वो मेरे साथ घर में रहती हैं। मेरी सारी ज़रूरतों का ध्यान रखती हैं। एक तरह से देखा जाए तो वो बिल्कुल हमारी माँ की तरह हमारा ख्याल रखती हैं। वो दिल की बहुत अच्छी हैं।"
रुहान सुषमा आंटी के बारे में सारी बातें अविश्का को बता रहा था और अविश्का बड़े ध्यान से उसकी सारी बातें सुनती जा रही थी।
अविश्का ने तभी रुहान की तरफ देखकर कहा, "अच्छा, ठीक है, मैं समझ गई यह सब। अब मुझे छोड़ो। मुझे रेस्टोरेंट जाने के लिए यहाँ से निकलना पड़ेगा और टैक्सी के लिए भी वेट करना पड़ेगा क्योंकि जहाँ से मुझे रेस्टोरेंट जाना है, वहाँ पहुँचने में काफ़ी टाइम लगने वाला है। छोड़ो, और तुम भी ऑफ़िस के लिए निकलो। आज तुम्हारी मीटिंग है ना? जाओ, आज की मीटिंग के लिए ऑल द बेस्ट।"
अविश्का इतना बोलकर रुहान से दूर होने की कोशिश करती है, लेकिन रुहान उसे और करीब खींच लेता है और उसने पूरी मज़बूती से अविश्का की कमर में हाथ डालते हुए उसे अपने करीब खींचते हुए कहा, "क्या कहा तुमने? रेस्टोरेंट जाने के लिए तुम टैक्सी लेने वाली हो? लेकिन क्यों? तुम्हें किसी टैक्सी की ज़रूरत नहीं है। तुम कार से जाओगी।"
अविश्का ने तुरंत सिर हिलाते हुए कहा, "कार नहीं, नहीं। तुम अपनी कार से जाओ, मैं आराम से ऑटो से चली जाऊँगी। मुझे टैक्सी और ऑटो से चलने की आदत है। तुम इसे लेकर बिल्कुल टेंशन मत लो।"
रुहान अविश्का के चेहरे के करीब आया और उसके माथे को अपने माथे से जोड़ते हुए बोला, "तुम रायजादा परिवार की बहू हो और मेरी वाइफ हो। क्या तुम्हारे ऊपर टैक्सी में जाना सूट करेगा? बिल्कुल भी नहीं! इसलिए तुम्हें जहाँ कहीं भी जाना होगा, तुम अपनी कार से जाओगी। समझी?"
अविश्का रुहान की बात सुनकर उसे घूरकर देखने लगी और उसने हैरानी से कहा, "क्या? सच में? लेकिन रुहान, मुझे कार ड्राइव करनी नहीं आती। मैं कैसे..."
रुहान ने मुस्कुराते हुए कहा, "यह भी कोई परेशान होने वाली बात है? मैं तुम्हें सब सिखा दूँगा। और रही बात अभी की तो मेरा ड्राइवर है ना, वो तुम्हारे साथ जाएगा। ओके?"
अविश्का ने मना करते हुए कहा, "नहीं रुहान, इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। तुम..."
अविश्का बोल ही रही थी कि रुहान ने उसके होंठों पर उंगली रख दी और उसे बोलने से मना करते हुए कहा, "बस, अब तुम कुछ नहीं बोलोगी। मैंने बोल दिया तो बस बोल दिया। तुम जहाँ कहीं भी जाओगी, कार से जाओगी। इससे तुम्हारी ही सेफ्टी रहेगी। ओके?"
रुहान के इतना कहने पर अविश्का ने सिर हिलाया। रुहान अविश्का के बिल्कुल करीब गया और उसके गाल पर बड़े प्यार से किस करने लगा।
अविश्का ने अपनी आँखें बंद कर लीं और उसके गाल टमाटर की तरह लाल हो गए।
रुहान अविश्का को किस कर ही रहा था कि तभी दरवाज़े पर किसी के आने की आवाज़ सुनाई दी और ज़मीन पर कुछ गिरा जिससे तेज आवाज़ हुई।
अविश्का और रुहान का ध्यान दरवाज़े पर गया और वे दोनों ही दरवाज़े पर खड़े इंसान को देखकर बिल्कुल हैरान हो गए। और अविश्का रुहान को घूर कर देखने लगी।
★★★★
आखिर कौन आया है दरवाज़े पर, जिसे देखकर अविश्का और रुहान दोनों ही हैरान हो गए? क्या लगता है आप लोगों को जरूर बताइएगा कमेंट में और यहां पर आज हुक बन रहा था इसलिए एपिसोड बाकी एपिसोड से थोड़ा छोटा रह गया। बट आप लोगों को जरूर पसंद आए होंगे हमारे #ruvishka moments 😍😍😍🤭🤭🤭
19
रुहान ने दरवाजे की तरफ़ देखा, और वह औरत हैरानी से अविश्का और रुहान की तरफ़ देख रही थी क्योंकि अविश्का और रुहान एक-दूसरे के काफ़ी करीब खड़े थे, और रुहान ने अविश्का की कमर पकड़ रखी थी।
रुहान ने उस औरत की ओर देखते हुए कहा, "सुषमा आंटी, क्या हुआ? आप वहाँ दरवाजे पर क्यों खड़ी हैं? आइए अंदर आइए।"
रुहान के कहने पर सुषमा आंटी अपनी सोच से बाहर निकलीं और उन्होंने जमीन पर गिरा हुआ अपना पर्स उठाते हुए कहा, "अरे रुहान बाबा, यह लड़की कौन है? और आप इसके साथ इस तरह यहाँ घर में?"
अविश्का सुषमा आंटी की बात सुनकर रुहान से अपनी कमर पर से हाथ हटाकर उसे दूर करने की कोशिश करने लगी, लेकिन रुहान अविश्का को पकड़कर अपने और करीब खींच लेता है। जिसे देखकर सुषमा आंटी की आँखें हैरानी से और ज़्यादा चौड़ी हो जाती हैं।
अविश्का धीमी आवाज़ में बोली, "क्या कर रहे हो, रुहान? छोड़ो मुझे। वह क्या सोच रही होंगी?" रुहान ने अविश्का की कमर को कसते हुए उसके गाल पर किस किया और मुस्कुराते हुए कहा, "क्या सोचेंगी? यही सोचेंगी कि मैं अपनी वाइफ से कितना प्यार करता हूँ।"
रुहान इतना बोलकर अविश्का की ओर देखकर मुस्कुराने लगा।
अविश्का बहुत ही ऑकवर्ड फील कर रही थी और अविश्का ने कहा, "रुहान, छोड़ो प्लीज़। ऐसा अच्छा नहीं लगता। आखिर वह हमसे बड़ी हैं, हमें उनकी इज़्ज़त करनी चाहिए। तुम क्या, इस बेशर्मी से मुझे इस तरह किस कर रहे हो? प्लीज़, उनके सामने ऐसा मत करो, मुझे अच्छा नहीं लग रहा।"
रुहान अविश्का के चेहरे को देखकर मुस्कुराते हुए बोला, "अरे, सुषमा आंटी मुझे बहुत प्यार करती हैं और अपने बेटे की तरह मानती हैं। तुम उनसे इतना ज़्यादा क्यों घबरा रही हो? वह दिल की बहुत अच्छी हैं। अभी तुम उनसे बात करोगी तो तुम्हें खुद समझ में आ जाएगा। आओ, मैं उनसे तुम्हारा परिचय कराता हूँ।"
रुहान बात करते समय काफ़ी ज़्यादा खुश लग रहा था।
रुहान के चेहरे पर हँसी देखकर सुषमा आंटी मुस्कुराईं और अपने मन में बोलीं, "रुहान बाबा इस लड़की के साथ कितने ज़्यादा खुश लग रहे हैं! क्या यह इनकी गर्लफ्रेंड है? आखिर रुहान बाबा को लड़कियों में इंटरेस्ट है। चलो, इस बात की तो खुशी हुई। ये मीडिया वाले मेरे रुहान बाबा पर किसी भी तरह का गलत इल्ज़ाम नहीं लगा पाएँगे। मुझे इस बात की बहुत खुशी हो रही है। लेकिन इस तरह इस लड़की को अचानक घर में लाना... क्या यह रायजादा परिवार की इज़्ज़त के लिए ठीक है?"
सुषमा जी ये सारी बातें सोच ही रही थीं कि तभी रुहान अविश्का की कमर को पकड़े हुए उसके साथ चलकर उनके सामने आकर बोला, "आंटी, आप इतना क्या सोच रही हैं?"
सुषमा आंटी ने रुहान को दो कदम आगे बढ़ाया और तभी अविश्का ने "हेलो आंटी" कहा, सुषमा की तरफ़ घूरते हुए।
और तभी रुहान ने बताया, "आंटी, ये हैं अविश्का।"
वह सिर से पांव तक अविश्का को देख रही था और वह दिखने में बहुत ही सुंदर लग रही थी। उसकी सादगी और आज का उसका नया लुक उस पर बहुत सूट कर रहा था।
सुषमा आंटी ने अविश्का की तरफ़ देखते हुए कहा, "नमस्ते बेटा। लेकिन यह कौन है?"
लेकिन फिर, गर्व से मुस्कुराते हुए रुहान ने कहा, "अरे ये कोई पूछने वाली बात है क्या? ये मेरी वाइफ है!"
सुषमा आंटी ने जैसे ही रुहान के मुँह से ये बात सुनी, वो हैरान होते हुए बोलीं, "क्या? अरे बाबा! सुबह-सुबह आपको ऐसा मज़ाक करने की ज़रूरत नहीं है।"
रुहान ने फिर कहा, "मज़ाक नहीं कर रहा हूँ, सच बोल रहा हूँ कि अविश्का मेरी पत्नी है।"
जैसे ही उसने इतना कहा, सुषमा आंटी को तेज चक्कर आया और वह अपना सिर पकड़कर वहीं जमीन पर बेहोश हो गईं।
रुहान घबराते हुए उनके पास गया और उन्हें उठाने लगा।
अविश्का ने रुहान की तरफ देखकर कहा, "रुहान, सुषमा आंटी को जल्दी से उठाकर सोफ़े पर लेटाइए। मुझे लगता है शॉक से वो बेहोश हो गई हैं, लगता है वह भी तुम्हें गे समझती होंगी इसीलिए तुम्हारी शादी की बात सुनकर बेहोश हो गई।"
रुहान सुषमा आंटी को उठाने की कोशिश करने लगा, लेकिन होश नहीं आया।
रुहान ने अविश्का को घूरकर देखा और कहा, "ऐसा कुछ नहीं है बस उन्हें शायद उम्मीद नहीं होगी कि मैं ऐसे अचानक से शादी करके अपनी बीवी घर ले आऊंगा।"
अविश्का रुहान के पास आकर बोली, "हां इसीलिए मैं तुमसे बोल रही थी ना कि उनके सामने ऐसे हस्बैंड जैसा बिहेव मत करो लेकिन तुमने मेरी बात नहीं सुनी! देखो क्या हो गया!"
अविश्का काफ़ी घबराई हुई लग रही थी, और तभी रुहान ने कहा, "तुम टेंशन क्यों ले रही हो? कुछ नहीं हुआ है, वह बस शॉक की वजह से बेहोश हैं।"
अविश्का सुषमा आंटी को बेहोश देखकर काफ़ी ज़्यादा परेशान होने लगी।
रुहान अविश्का को पानी का गिलास लाकर दिया और बोला, "तुम्हें इतना परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। लो, पानी पियो।"
अविश्का ने हल्के हाथ से पानी का गिलास लिया और तभी अचानक से सुषमा आंटी उठकर बैठ गईं और अविश्का की ओर देखते हुए एकदम से बोलीं, "क्या तुम प्रेग्नेंट हो?"
अविश्का जैसे ही यह बात सुनी, उसके मुँह से पानी बाहर निकल गया और अविश्का को खांसी आने लगी।
रुहान जल्दी से अविश्का के हाथ से पानी का गिलास लेकर साइड में रख दिया और उसकी पीठ थपथपाने लगा।
अविश्का अपनी आँखें चुराते हुए रुहान की ओर देखने लगी और तभी आंटी के पास आकर रुहान बोला, "आप क्या बोल रही हैं? ऐसा कुछ भी नहीं है। आप ऐसा क्यों सोच रही हैं कि अविश्का प्रेग्नेंट होगी?"
अविश्का अपने पेट की तरफ़ देखते हुए अपने मन में कहा, "क्या सच में मेरा पेट इतना मोटा हो गया है कि उन्होंने मुझे प्रेग्नेंट समझ लिया?"
अविश्का खुद की तरफ देखते हुए यह सब सो रही थी तभी सुषमा आंटी उठकर खड़ी हुई और दोनों के पास आकर बोली, "रुहान बाबा, अगर अविश्का प्रेग्नेंट नहीं है, तो फिर आपने इतनी हड़बड़ी में शादी क्यों की?"
अविश्का हैरानी से रुहान की तरफ़ देख रही थी और तभी रुहान ने कहा, "सुषमा आंटी, आप इतना ज़्यादा कुछ भी मत सोचिए। हमने शादी सिर्फ़ और सिर्फ़ मीडिया की वजह से की है। आपको इन सब चीज़ों के बारे में इतना परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। आप बिल्कुल रिलैक्स रहिए। मैं जानता हूँ कि आप मेरी और रायजादा परिवार की बहुत फ़िक्र करती हैं, लेकिन मैं भी अपनी ज़िम्मेदारियाँ बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ और मुझे पता है क्या चीज़ रायजादा परिवार के लिए सही है और क्या नहीं। अब आप मेरी बात ध्यान से सुनिए।"
रुहान की बात सुनकर सुषमा ने अविश्का की तरफ़ देखा और हल्की मुस्कुराहट के साथ बोली, "हाँ, अविश्का बहुत अच्छी लड़की है और आपके साथ उसकी जोड़ी कमाल की लग रही है।"
अविश्का ये बात सुनकर हल्का सा शर्मा गई और दूसरी तरफ देखने लगी।
रुहान ने मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ, बिल्कुल सही कहा आपने। अब आप मेरी बात ध्यान से सुनिए। अविश्का आज से हमारे साथ ही रहेगी और आपको अब सन और मून के साथ अविश्का का भी पूरा ध्यान रखना पड़ेगा।"
सुषमा ने रुहान की बात सुनकर सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, बिल्कुल रुहान बाबा।"
"अब आप घर के बाकी कामों को देखिए। मैं ऑफ़िस के लिए निकलता हूँ।"
रुहान इतना बोलकर ऑफ़िस के लिए जाने ही वाला था कि तभी अविश्का की तरफ़ देखकर बोला, "अविश्का, मैं ऑफ़िस के लिए निकलता हूँ।"
लेकिन अविश्का अपनी गहरी सोच में डूबी हुई थी और उसने रुहान की बात का कोई जवाब नहीं दिया।
रुहान अविश्का के पास आया, उसे हिलाते हुए बोला, "क्या हुआ अविश्का? क्या सोचने लगी हो?"
रुहान के इस तरह पूछने पर अविश्का होश में आते हुए बोली, "हां क्या? क्या बोल रहे हो तुम? कुछ कहा क्या तुमने?"
To be continued
क्या आप भी अविश्का की तरह हैरान हैं? रुहान और अविश्का के बीच का रिश्ता आखिर कैसा है? क्या उनकी फेक मैरेज में प्यार पनपने लगा है? सुषमा आंटी के बेहोश होने के बाद घर में क्या-क्या ड्रामा होगा, यह जानने के लिए अगले चैप्टर का इंतज़ार नहीं हो रहा होगा! अविश्का के मन में चल रहे ख्यालों को समझने की कोशिश करिए और बताइए कि क्या वह रुहान के साथ अपना फ्यूचर सोच रही है या फिर नहीं?
20
रुहान अविश्का से बात कर ऑफिस जा रहा था लेकिन अविश्का ने ना तो उसकी बात पर ध्यान दिया और ना ही कोई जवाब दिया क्योंकि वह अपने ही ख्यालों में खोई हुई कुछ सोच रही थी।
रुहान अविश्का के पास आया, उसे हिलाते हुए बोला, "क्या हुआ अविश्का? क्या सोचने लगी हो?"
रुहान के इस तरह पूछने पर अविश्का जैसे होश में आते हुए बोली, "हां क्या? क्या बोल रहे हो तुम? कुछ कहा क्या तुमने?"
अब वह दोनों वहां पर अकेले ही थे क्योंकि सुषमा आंटी वहाँ से किचन की तरफ़ आगे बढ़ चुकी थीं!
रुहान ने कहा, "मैंने तो कुछ भी नहीं कहा, लेकिन तुम मुझे ये बताओ कि तुम्हारा ध्यान कहां है। मैं तो बस ये बोल रहा था कि मैं ऑफिस जा रहा हूँ, लेकिन अब कुछ देर रुककर जाऊँगा, पहले तुम मुझे ये बताओ कि तुम क्या सोच रही थीं।"
अविश्का ने अपने गले में अटका हुआ थूक निगलते हुए कहा, "मैं.. वो सुषमा आंटी की बात सुनकर ये सोच रही थी... रुहान, हमने एक साल की नकली शादी का कॉन्ट्रैक्ट किया, लेकिन हमने प्रेगनेंसी और बच्चे को लेकर तो कोई बात ही नहीं की।"
इतना बोलकर अविश्का अपने पेट की तरफ़ देखने लगी।
रुहान ने अविश्का के दोनों हाथों को पकड़ा और उसे बिल्कुल रिलैक्स कराते हुए, उसके दोनों हाथों को बड़ी ही नरमी से सहलाते हुए कहा, "तुम सुषमा आंटी की बातों पर ध्यान मत दो। वह रायजादा परिवार के लिए बहुत लॉयल हैं और हम लोगों की बहुत फ़िक्र करती हैं, इसीलिए उन्हें मुझसे ये बात पूछनी पड़ी। उनकी बात तो तुम पूरी तरह से अपने दिमाग से निकाल दो। और रही बात तुम्हारी प्रेगनेंसी की, तो अभी तो फ़िलहाल ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला।"
रुहान की बात सुनकर भी अविश्का परेशान दिख रही थी, और उसके चेहरे पर साफ़ नज़र आ रहा था कि वह अभी भी कुछ सोच रही थी।
तभी रुहान ने उसका मूड फ्रेश करने के लिए कहा, "और रही बात तुम्हारी प्रेगनेंसी की, तो अभी तो हमारी फ़र्स्ट नाइट ही नहीं हुई है, तो प्रेगनेंसी का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है, ना? हाँ, अब अगर जब हमारी फ़र्स्ट नाइट हो जाए, तब उसके बाद हम इस बारे में सोच सकते हैं, ना?"
इतना बोलते हुए रुहान अविश्का के होठों के बिल्कुल करीब आया और जल्दी से अविश्का के होठों को चूमकर वापस चुपचाप खड़ा हो गया।
रुहान की इस हरकत पर अविश्का उसे घूरकर देखने लगी, और रुहान मुस्कुराते हुए बोला, "मज़ाक कर रहा हूँ। तुम्हें कुछ ज़्यादा सोचकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। अविश्का, हमारी एक साल की कॉन्ट्रैक्ट मैरेज है, और इसमें मैं तुम्हें परेशान नहीं करने वाला। डोंट वरी।"
वो इतना बोलकर वह मुस्कुराने लगा। उसकी बात सुनकर अविश्का रिलीफ़ फ़ील करने लगी।
रुहान ने फिर पूछा, "अब मैं ऑफ़िस जाऊँ?"
अविश्का कुछ सोच रही थी, तभी रुहान ने अविश्का का हाथ पकड़ा और उसे सोफ़े पर बिठाते हुए कहा, "मैं तुम्हें इतने प्यार से समझा रहा हूँ, लेकिन तुम्हें समझ नहीं आ रहा क्या? अविश्का, मैंने कहा ना, तुम्हें प्रेगनेंसी और बच्चों को लेकर सोचने की ज़रूरत नहीं है।"
अविश्का अब कुछ और ही सोच रही थी, और तभी रुहान ने अविश्का के गाल पर अपना हाथ रखते हुए कहा, "मेरी बात ध्यान से सुनो। हम सिर्फ़ एक साल के लिए यहाँ पर हैं, और मुझे नहीं पता एक साल बाद सिचुएशन कैसी होगी, क्या होगी, लेकिन मैं तुम्हें इस बात की गारंटी देता हूँ... अविश्का, मैं तुम्हें जबरदस्ती अपने साथ रहने के लिए नहीं कहूँगा, और एक साल होते ही ये फेक कॉन्ट्रैक्ट मैरेज ख़त्म हो जाएगी। उसके बाद तुम पूरी तरह से फ़्री होगी। तुम जो चाहे वो कर सकोगी, ठीक है?"
रुहान के इतना बोलते ही पता नहीं क्यों अविश्का के दिल में एक अजीब सा दर्द हुआ और वह रुहान की तरफ़ अजीब नज़रों से देखने लगी।
अविश्का को समझ नहीं आ रहा था कि जब ये कॉन्ट्रैक्ट मैरेज है, तो फिर रुहान से डिवोर्स लेने की बात सुनकर उसे अपने दिल में अजीब सा दर्द क्यों महसूस हो रहा है।
अविश्का इसी बात को सोचकर वहां बिल्कुल चुप खड़ी थी।
रुहान के इतना समझाने पर भी, जब अविश्का उसे कोई जवाब नहीं देती, तो रुहान थोड़ा सा निराश होकर बोला, "अविश्का, अगर तुम्हें अपने डिसीज़न पर शक हो रहा है, या तुम अभी यहाँ मेरे साथ नहीं रहना चाहती, तो मैं तुम्हें तुम्हारे घर..."
रुहान बोल ही रहा था कि अविश्का ने रुहान की बातें सुनकर एकदम से नजर उठा कर उसकी तरफ़ हैरानी से देखा।
रुहान ने अविश्का के बिखरे बालों को ठीक किया और अविश्का ने रुहान की आँखों में आँखें डालते हुए कहा, "लेकिन मैं इस बारे में नहीं सोच रही। तुम परेशान मत हो। मुझे अपने डिसीज़न पर रिग्रेट नहीं है और मैं तुमसे ये कॉन्ट्रैक्ट नहीं तोड़ने वाली इसलिए तुम इस बारे में सोचकर परेशान मत हो। बल्कि मैं तो कुछ और ही सोच रही थी।"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर कहा, "और क्या सोच रही थी तुम? बताओ मुझे। अभी भी कोई बात है क्या जो तुम्हें परेशान कर रही है?"
अविश्का ने सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, है। मैं इस बात को सोचकर परेशान हो रही हूँ कि जिस तरह तुमने अचानक से सुषमा आंटी से ये बात बोली कि हम शादीशुदा हैं और मैं तुम्हारी पत्नी हूँ, तो वह इस तरह से बेहोश हो गईं। मुझे लगता है अगर तुम किसी से भी ये बात बोलोगे, तो उनका भी यही रिएक्शन होगा। इसलिए तुमसे मेरी एक रिक्वेस्ट है कि तुम किसी से भी इस तरह इतनी जल्दबाज़ी में हमारी शादी के बारे में मत बताना, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि जिस तरह सुषमा आंटी का हुआ, वह किसी और का भी हो। तो मेरी बात समझ रहे हो ना, रुहान?"
रुहान ने अविश्का की बात सुनकर मुस्कुराते हुए, बड़े प्यार से अविश्का की तरफ़ देखते हुए बोला, "मुझे नहीं पता था तुम्हें मेरे घरवालों की इतनी फ़िक्र होगी, और मैंने तो सच में इस बारे में सोचा ही नहीं था। लेकिन तुमने बोल दिया है, तो ठीक है। मैं इस बारे में ध्यान रखूँगा, और अगर मैं किसी को भी ये बात बताऊँगा, तो सोच-समझकर बताऊँगा। ठीक है?"
अविश्का की बात सुनकर अविश्का हल्का सा मुस्कुराई और बोली, "मैं सोच रही थी कि आज शर्मा स्वीट्स एंड बेकरी में जाकर अपना रेज़िग्नेशन लेटर दे दूँ, क्योंकि अब मैं वहाँ काम नहीं करना चाहती।"
जैसे ही रुहान ने ये बात सुनी, उसने कहा, "ठीक है, चली जाओ। लेकिन ध्यान से जाना, और हाँ, अगर कोई भी प्रॉब्लम हो तो मुझे तुरंत कॉल कर लेना।"
अविश्का ने जैसे ही रुहान की बात सुनी, उसने सोचते हुए अपने मन में कहा, "कॉल? लेकिन कैसे? इतने दिनों में हम एक-दूसरे के साथ ही थे, कहीं गए ही नहीं, तो मैंने रुहान का नंबर भी नहीं माँगा, और मेरे पास तो उसका नंबर है ही नहीं।"
अविश्का ये बात सोच ही रही थी कि तभी रुहान ने अविश्का की ओर देखकर कहा, "अब क्या हुआ? अब तुम क्या सोचने लगी!"
अविश्का ने कहा, "कुछ नहीं।"
रुहान ने अविश्का की तरफ़ देखा, हल्के से अपना सिर हिलाया, और रुहान ने अविश्का का फ़ोन उसके हाथ से छीन लिया।
अविश्का ने जैसे ही रुहान को अपना फ़ोन लेते देखा, अविश्का बिल्कुल हैरान हो गई और बोली, "क्या कर रहे हो, रुहान?"
रुहान ने उसका फ़ोन अनलॉक करते हुए कहा, "दिख नहीं रहा तुम्हें? तुम्हारा फ़ोन अनलॉक कर रहा हूँ।"
अविश्का ने अपना फ़ोन वापस लेने की कोशिश करते हुए कहा, "लाओ, ये मेरा फ़ोन है। तुम मुझसे क्यों ले रहे हो?"
तभी रुहान ने अविश्का के फ़ोन को घूरकर देखते हुए कहा, "ये क्या है?" रुहान के मुँह से ये बात सुनते ही अविश्का बिल्कुल शॉक हो गई और अपने फ़ोन की तरफ़ देखने लगी। रुहान अविश्का के फ़ोन की तरफ़ घूरकर देख रहा था।
अविश्का हैरानी से रुहान को देखने लगी।
★★★★
आखिर क्या देखा है रुहान ने अविश्का के फ़ोन में, जिसे देखकर वह इतना हैरान हो गया? ऐसा क्या है उसके फोन में और क्यों अविश्का, डिवोर्स के नाम को सुनकर इतना अजीब महसूस कर रही है? क्या अविश्का को सच में रुहान से लगाव हो रहा है? क्या लगता है आप लोगों को जरूर बताइएगा कमेंट करके