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प्यार है या हवस

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हमने प्यार ना जाने कितने रूप देखे ..किसी को किसी आवाज से तो किसी किसी आखो से ....पर क्या हो जब प्यार सिर्फ जिस्म का हो ....शायद उसे प्यार नही हवस कहते है ...पर क्या हो जब कोई किसी हवस ही बन जाए सिर्फ शरीर की प्यास ....एसा ही कुछ हुआ है गोरी के साथ ज...

Total Chapters (16)

Page 1 of 1

  • 1. प्यार है या हवस - Chapter 1

    Words: 2727

    Estimated Reading Time: 17 min

    कानपुर -----------------------

    बेहद खूबसूरत शहर -----------------

    सुबह-सुबह ये सुबह आज कुछ नया लेकर आई किसकी ज़िन्दगी में...

    महेश्वरी हाउस -----------------

    बहुत ही खूबसूरत सा घर ज़्यादा बड़ा नहीं...

    वहीं के ऊपर बालकनी, कोई पर्दा हटाया तो चेहरे पर सुबह-सुबह की हल्की-हल्की धूप बिखर सी गई.... उस धूप में वो खूबसूरत चेहरा मुस्कुरा उठा। उस मीठी सी धूप में अपने गीले बालों को टॉवल से पोंछते हुए अपने बालों को पीछे की झाड़ दी....

    तभी किसी लड़की की आवाज़ आई - हुह्ह पर्दे लगाओ...

    तो वो लड़की अपनी कमर पर हाथ रख उस ओर देखी... अपनी मीठी सी आवाज़ में बोली - बस कर छोटी, यहाँ स्वयं सूर्य भी अब तेरे उठने का इंतज़ार कर रहे और तू है... सोने से जी नहीं भरता...

    तो एक लड़की इस वक़्त ब्लैंकेट से खुद को पूरा कवर किए बोली - हुह्ह हाँ तो उनसे बोलो नहीं करें मेरा वेट, इशु को अभी सोना है... तो वो लड़की अपनी आँखें छोटी कर ली....

    उसके पास आ बोली - इशु जल्दी से उठ जा, वरना अगर मामा जी आए, उन्होंने तुझे अब तक सोता देखा तो फिर भूल जाना हम तुझे बचाएंगे भी... तो वही लड़की ब्लैंकेट से बोली - हाँ आने दो, जब तक 5 मिनट मैं सो सकती हूँ...

    तो वो लड़की उसे घूर देखी.... तभी किसी की आवाज़ आई - गोरी... तो वो लड़की बोली - जी मामा जी... तो उनकी आवाज़ आई - इशु उठ गई क्या? तो गोरी कुछ कहने को हुई, तभी इशु झट से बैठ बोली - हाँ पापा...

    तो गोरी उसे देखने लगी, तभी हँस दी... इशु उसे घूरते हुए देखी, बहुत क्यूट सी थी। गोरी उसे देख बोली - बहुत जल्दी उठ गई आप तो? इशु मुँह बनाए, उबासी लेते हुए बोली - हाँ तो मैं उठने ही वाली थी।

    गोरी उसके सिर पर चपेट लगाई - अब उठ जा, तेरे स्कूल का वक़्त होने वाला है... तो इशु मुँह बनाई - बोली बोरिंग स्कूल, ना जाने कब मेरा पीछा छूटेगा...

    तो गोरी पलटी, मिरर के आगे खड़ी हुई। खूबसूरत सा चेहरा, गोरा रंग, स्वयं जैसे कोई देवी हो। सिंपल सा कुर्ता पहने हुए, अपने गीले बालों को पीछे कर जो कि उसकी कमर तक आते थे।

    तभी पीछे से उसे इशु बाहों में भर बोली - हूँ... मुझे भी आपके साथ कॉलेज जाना है... तो गोरी उसकी बाँह पर मारी - बोली बातें बंद कर, तैयार हो जा, हम मामी के पास जा रहे हैं...

    तो वो जाने को हुई, तभी इशु उसका हाथ पकड़ अलग तरीके से बोली - हे... कहाँ चली? तो गोरी उसे अजीब नज़रों से देखी, तभी इशु उसे खींच ली, वो अचानक होने उसकी ओर खिंच चली गई। इशु उसकी कमर पर हाथ रख मुस्कुरा बोली - नाम तो सुना होगा राज... हह

    तो गोरी उसके सिर पर चपेट लगाई - ऐसा करता है कोई.... अपने सीने पर हाथ रख साँस ली, तो इशु हँसने लगी, बोली - हाँ, आज आपका पहला दिन तो कॉलेज में बहुत से हॉट बॉयज़ होते हैं

    तो गोरी उसे देख बोली - चुप कर बेशर्म! गलती से मामा जी सुन लिया, फिर सोचते रहना... तो इशु मुँह बना बोली - ओह्ह्हो... मामा जी छोड़िए आप आइए। तो गोरी बोली - अरे...

    तभी वो उसे मिरर के आगे बैठा दी - बोली ऐसे कौन तैयार होकर जाता है भला कॉलेज? तो गोरी उसे देख बोली - अच्छा तो फिर कैसे जाया जाता... तो इशु उसे ऊपर से नीचे देख मुँह बना बोली - हुह्ह बोरिंग... वो उसके बालों थोड़ा सही की, उसे देखते हुए आँखों में काजल डाली, तो गोरी बोली - हाँ इशु बस कर, हमें ये सब नहीं पसंद। तो इशु बोली - ओह्फो क्या नहीं पसंद? थोड़ा बहुत किया उसमें आपकी ऐसी जान निकल रही, पता नहीं किसी दिन दुल्हन कैसे बनेगी...

    तो गोरी उसे घूर बोली - हो गया तेरा... तो इशु मुस्कुरा सामने मिरर से हट बोली - अब देखिए खुद को...

    तो गोरी खुद को मिरर में देखी - बहुत खूबसूरत, हल्के से गुलाबी होंठ... आँखों में काजल जैसे उसकी खूबसूरती को चार चाँद लगा दिया हो। बालों को संवारा हुआ, कुछ बाल आगे...

    इशु उसे फ्लाइंग किस देते हुए बोली - हाय! मैं लड़का होती तो आप ऐसी ही मर जाती। पता नहीं लड़कों की तो क्या हालत होती होगी आपको देख कर...

    तो गोरी उसकी बाँह पर मार बोली - चुप कर बेशर्म! अगर तेरी बातें हो गई हों तो जा जल्दी नहा ले वरना आज मामा जी तुझे नहीं छोड़ने वाले...

    तो इशु बोली - ओह गॉड! कहाँ भेज दिया आपने इस मासूम सी इशु को... तो गोरी उसके सिर पर मारा - बोली - हाँ हाँ सबसे ज़्यादा ज़ुल्म तुझ पर ही होता है, अब चल, तैयार हो, हम मामी के पास जा रहे हैं...

    वहीं नीचे...

    एक लेडी किचन से चाय का कप लाते हुए बोली - एक इनकी चाय... ना जाने कितना मना कर लो पर चाय खत्म नहीं होती इनकी... तभी एक शख़्स अख़बार समेटते हुए बोले - अब क्या हुआ? फिर से तुम्हें हमारी चाय दिक्कत होने लगी...

    तो गहना जी चाय का कप टेबल पर रख बोली जी नहीं बिल्कुल नहीं सुबह से अब तक दो चाय जो पी चुके हैं और कम है बता दीजिए... तो नवीन जी उन्हें देख बोले अभी ये तो पीने दीजिए इसके बाद की हम आपको बाद में बताते हैं

    तो गहना जी अपनी कमर पर हाथ रख उन्हें घूरी तभी किसी आवाज पड़ी ओह्ह आप दोनों में फिर से झगड़ा... तो नवीन जी बोले ओह अच्छा हुआ हमारी गुड़िया आ गई अब वो जवाब देगी तुम्हें इसका....

    तो गहना जी बोली अच्छा रुकिए ज़रा.. तभी गोरी आ बोली अरे ऐ हुआ क्या है.. तो नवीन जी मासूमियत से बोले देखिए आपकी मामी हम पर बेवजह गुस्सा कर रही है तो गहना जी उन्हें घूर बोली ओह्ह अच्छा बेवजह वो गोरी को देख बड़े लाडले मामा जी तेरे हम तो कह कह कर थक गए इन्हें डॉक्टर ने मना किया है ज्यादा चाय पीने पर देखो इन्हें...

    तो गोरी नवीन जी को देखी तो वो कप टेबल पर रख बोले वो वो ऐसा नहीं हमने तो बस चखने को मंगाई थी तो गोरी उन्हें देख बोली अच्छा तो ये बात है आप से कहा था हमने आप अपनी सेहत का ख्याल रखेंगे...

    तो वो बोले सेहत का ख्याल ही तो रख रहे हैं गुड़िया अब तुम भी अपनी मामी के जैसे हमें डांटने लगे जाओ हम किसी बात नहीं करते.... गोरी उनके पास बैठ उनके गाल पर हाथ रख अपनी ओर की तो वो मुंह फेर बोले हमने कहा ना बात नहीं करनी...

    तो गोरी मुस्कराई बोली अच्छा फिर सच में बात नहीं करेंगे तो नवीन जी उसे टेढ़ी नजर देखे तो गोरी गहना जी से बोली अच्छा मामी लगता है मामा जी तो भूल गए... ठीक है रहने देते हैं...

    तो गहना जी एक नजर नवीन जी को देख उसे बोली कहा था तुम्हारे मामा को सिर्फ अपनी चाय से मतलब है... तो गोरी उदासी से बोली ऐसा है... तभी नवीन जी बोले अरे कोई हमें भी बताएगा कैसा है...

    तो गहना जी उन्हें देख बोली अच्छा जी याद कीजिए आज क्या है... तो नवीन जी सोचने लगे वो बोले हम क्या फिर से हमारी सालगिरह भूल गए... तो गोरी मुस्करा दी तो गहना जी उन्हें आंखें दिखा बोली रहने दीजिए आप से कहना बेकार है...

    तभी नवीन गोरी के सर पर हाथ रख बोले ऐसा कैसे हो सकता है भला, हम ये भूल जाए हमारी गुड़िया का आज पहला दिन है कॉलेज में तो गोरी उनके सीने लग गई

    तो गोरी उनके सीने से लग बोली आप कभी नहीं मान सकते ना हमारी बात आप कहा था ना आप चाय को हाथ नहीं लगाएंगे तो नवीन जी कान पकड़ बोले अच्छा बाबा माफ़ कर दे अपने मामा को

    तो गोरी उनके हाथ पकड़ बोली ऐसा नहीं आपको मामी की तारीफ़ करनी होगी क्यों मामी... तो गहना जी सकपका सी गई बोली चल हट... गोरी हंस दी... गहना जी वो कप उठा किचन की ओर जाने को हुई तभी हैरानी से नवीन जी को देखने लगी वो उनका हाथ थाम लिए..

    गहना जी उन्हें आंखें दिखाई तो वो उनका हाथ पकड़े बोले आज तो बहुत खूबसूरत लग रही हो मेरी गुलाबो... तभी कोई सिटी बजाया गहना जी जल्दी से हाथ खींच ली इशु सिटी बजाते हुए बोली ओह्ह सुबह सुबह रोमांस....

    तभी गहना जी उसका कान पकड़ बोली बेशर्म लड़की... हो गई तेरी सुबह.. तो इशु बोली आह माँ... छोड़ो... तो गहना जी बोली अब समझ आता तू किस पर गई है... तो इशु बोली इस पर तो गहना जी नवीन जी घूर बोली अपने पापा पर... बेशर्म..

    मुंह बनाई चली गई किचन की... तो नवीन बोले लो हो गई और नाराज़... तो गोरी बोली हां तो आप भी कौन सा उन्हें नाराज़ होने का मौका नहीं देते... इशु बोली अरे दी इनका छोड़िए सामने कुछ और अकेले में कुछ और होते हैं माँ पापा... अब हमारे सामने थोड़ी बताएंगे अपना प्यार क्यों पापा..

    तभी वो उसका कान पकड़ बोले अच्छा कहां से सीखा ये सब... आज ही हमें लगता है तुम्हारी टीचर से बात करनी पड़ेगी तो इशु बोली आह पापा please नहीं...

    तो नवीन जी उसके सर पर लगा बोले अच्छा कल का टेस्ट पेपर कहां है.. तो इशु अपनी जीभ काट ली... तो नवीन जी उसे देख बोले लाओ दिखाओ.. तो इशु अपने बालों खुजलाने लगी चोर नजर से गोरी को देख तो वो उसे ना में इशारा की...

    तो वो रोनी सी शक्ल बनाई नवीन जी बोले हम तुम से बात कर रहे हैं लाओ दो... हम भी तो देखें मैथ में कितना इम्प्रूवमेंट हुआ है तो इशु बोली पापा वो पेपर तो सर के पास ही है..

    तो नवीन जी आंखें सिकुड़ गईं तुमने तो कहा था कल मिल जाएगा फिर तो इशु नज़रे चुराते हुए बोली हां वो कहा था ना मना कहा कर रहे हैं पर वो सर ने अब तक चेक नहीं किया है....

    तो नवीन जी उसे घूरते हुए बोले अच्छा कल रात को ही तुम्हारे सर का हमें मैसेज आ चुका है तो इशु आंखें मीच ली.... नवीन जी बोले अब कोई बहाना नहीं चुप चाप लेकर आओ.. तो इशु गोरी से रिक्वेस्ट की..

    तभी नवीन जी बोले कोई कुछ नहीं करेगा चुप चाप लेकर आओ.. तो इशु मुंह बनाई तभी गहना जी आ गई आप सभी अब तक बैठे चलिए नाश्ता तैयार है इशु स्कूल और गोरी को कॉलेज नहीं छोड़ना आज उसका पहला दिन...

    तो नवीन जी बोले अरे हां चलिए पहले नाश्ता कर लेते हैं... तो इशु चैन की सांस ली तभी नवीन जी बोले शाम को हम जरूर देखेंगे.. तो इशु का मुंह फिर से बन गया...

    वही कानपुर सबसे बड़ा कॉलेजकाफी लोग यहाँ अपने सपने लेकर आते हैं जितना खूबसूरत ये दिखता पर हर किसी कुछ ना कुछ खामियाँ होती हैं ऐसा ही कुछ इस कॉलेज के साथ भी...

    आज बहुत से स्टूडेंट का पहला दिन था अपने-अपने आँखों में सपने लिए आए थे....

    उन्हीं में से अपनी सपनों उड़ान भरते हुए गोरी अपनी चमकती आँखों से कॉलेज को देख रही थी आज उसका पहला दिन था इस कॉलेज में..अलग सी उमंग उड़ान भरते हुए अपने कदम कॉलेज में रखी....

    तभी कोई लड़का दौड़ते हुए आया सीधा उससे टकराया कि वो बेचारी संभलते हुए पिलर पकड़ ली वो दौड़ उसके बगल से निकल गया...तो गोरी हैरानी से उसे देखी...क्योंकि उसकी हालत कुछ ऐसी थी...

    पसीने के साथ खून से भी लथपथ....वो अपने सीने पर हाथ रख पहले तो साँस ली....तभी उसके कानों में शोर पड़ने लगा

    वो पिलर से हट अब उसी ओर देखी तो उसकी आँखें सिकुड़ गईं कुछ भीड़ सी इकट्ठा थी...वो लोग किसी के लिए हूटिंग कर रहे थे....तो गोरी ये देख अजीब लगा वो अब उस ओर चलकर जाने लगी तभी किसी भारी आवाज पड़ी रुके बे....

    गोरी वहीं रुक गई...एक पल में शांति पसरी गई...एक शख्स उस भीड़ में अपना हाथ उठाए था किसी को देखते हुए बोला, "का लागत था हमसे बच पावत..."

    तो वही लड़का जिसकी हालत कुछ ठीक नहीं थी, उसके बालों सहित एक लड़का पकड़े बोला, "चाहे भाग कर कहीं भी छिप जाए पर सरकार की नजर से नहीं बच सकता है," वो उसे उसी शख्स के कदमों में डाल दिया

    वो लड़का उसके पैरों में गिरा वो शख्स उसे काले नजरों से देखा...तभी वो लड़का उसके पैर पकड़ रोते हुए बोला, "सरकार हमें माफ़ कर दो अब अब से नहीं होगा....."

    तो वो शख्स सिर्फ उसकी पीठ नजर आ रही थी गोरी उसे देखने की कोशिश करने लगी ज़रा अपने कदम आगे बढ़ाई तभी कुछ ऐसा हुआ उसने मुंह पर हाथ रख लिया...सभी लोग सहम कर दूर हट गए...

    वो शख्स उस लड़के के गले पर तेज चाकू की धार से वार कर दिया कि ये होते ही वो जमीन पर गिरा कुछ पल में खून ही खून बहने लगा गोरी अपनी आँखें बड़ी कर हैरानी से ये मंजर देखने लगी अपने मुंह पर हाथ रख लिया

    तभी उस शख्स की भारी सी आवाज पड़ी, "देख लियो इसका हाल धोखा करने वाले के साथ क्या होता है" कि वो अपना पैर उठा उस लड़के के सर पर रख धक्का देते हुए सख्त आवाज में सबको देखते हुए बोला, "इसी तरह मिट्टी में मिल जाता है..."

    हर कोई ये मंजर देख सहम सा गया....वो शख्स अपनी आँखों पर शेड चढ़ा उस लड़के की लाश को ठोकर मार बोला, "लटका दियो इसे कहीं पर ताकि सबको पता चल जाए शिवांश सिंह ठाकुर के साथ धोखा करने का अंजाम होता है..."

    गोरी जैसे पूरी हिल सी गई ये सब देख अपने मुंह पर हाथ रखे वो उस लड़के से नज़रें फेर ली अब उस शख्स की ओर देखी जिसकी पीठ उसे नजर आ रही थी...

    वो उसे देख अपने कदम पीछे लेने लगी उसने पहली बार ऐसा किसी खून-खराबे का मंजर देखा था जिससे वो वहाँ खड़े रहने की हालत में तक नहीं थी, अपने कदम पीछे लेते हुए वो सबके बीच से दौड़ी चली गई....

    वही शख्स अब पीछे की ओर पलटा अपनी आँखों से शेड उतार चेहरे पर खून के छींटे को साफ़ कर लिया तो उसका चेहरा अब नजर आया...देखने को बहुत ही हैंडसम...पर उतना ही क्रूर...चेहरे पर हल्की बियर्ड...पर आँखें थी नीली....शर्ट के कुछ बटन खुले थे जिससे उसका कठिला सीना नजर आ रहा था गले में रुद्राक्ष की माला...जिसमें शिव का लोकेट..बॉडी ऐसी कि सारे कॉलेज की लड़कियाँ उसे देख सिर्फ अपनी आह भर लें, काफी हॉट बॉडी थी चेहरे पर भाव नहीं...अपनी आँखों पर शेड लगा लिया काफी हैंडसम लग रहा था...

    जाकर अपनी जीप में बैठा, मिरर में अपनी शक्ल देखा...अपने चेहरे पर लगे एक खून के छींटे को साफ़ कर उसका चेहरा सख्त हो गया....तभी एक लड़का आकर बोला, "सरकार रुकिए..."

    तो शिवांश सख्त भाव से बोला, "क्या है...." तो वो लड़का बोला, "सरकार ये सब जो अभी हुआ उसकी खबर कोनोंने प्रिंसिपल ऑफिस में दे दी..." तो शिवांश के भाव सख्त हो गए वो बोला, "कोन है वो..."

    तो वो लड़का बोला, "वो तो नहीं पता पर इतनी किसी हिम्मत कहां जो आपके खिलाफ जा सके..." तो शिवांश उसे नज़र उठा देख बोला, "क्या मतलब?" तो वो लड़का डरते हुए बोला, "वो वो आज बहुत लोगों का नया एडमिशन है, क्या पता उन्हीं में किसी ने ये हरकत की हो..."

    तो शिवांश के भाव कुछ सघिन हो गए, वो जीप से कदम नीचे रख बाहर आ बोला, "अच्छा ऐसा है....लागत हमारी पहचान हुई नहीं अब तक..." तभी एक लड़का उसे जैकेट पहनाया वही लड़का बोला, "बुरी खबर ये नहीं अगर प्रिंसिपल को पता लग गया तो कहीं बड़े सरकार तक ये खबर नहीं चल जाए..."

    तो शिवांश अपनी जैकेट पहन, उसकी एक हाथ से कॉलर पकड़ लिया उतने में उसकी साँसें मानो अटक गईं...शिवांश सख्त भाव से बोला, "तो क्या हमको किसी बाप से डर नहीं लगता है...." तो लड़का डरते हुए बोला, "सरकार हमारा वो मतलब नहीं....बड़े सरकार के इलेक्शन का समय चल रहा है ना बस इसलिए...."

    तो शिवांश उसकी पकड़ ढीली छोड़ दिया, वो बोला, "हूं...चालो, पहले प्रिंसिपल से जरा बातियाले...बहुत जवानी चढ़ रही है उसको!" तो केशव (वही लड़का) उसके पीछे आते हुए बोला, "सरकार वो तो ठीक पर उसको भी सबक सिखाना पड़ेगा जिसने आपका कंप्लेंट किया है..."

    तो शिवांश अपनी स्लीव ऊपर करते हुए बोला, "उसे भी देख लेई लागत, पहले दिन ऊपर जाने का टिकट कटाना है उसको..."

    अब आगे ---------------------------------

    अगर आपको ये कहानी आगे चाहिए तो बताइयेगा तभी मै इसे लिख पाउगी पसंद आये तो बताइयेगा !

    भर भर कर कमेन्ट करेगे तभी ये कहानी आगे पहुच पाएगी वरना आप सभी जानते स्टोरी इस समय क्या हालत चल रही शुरू होने से पहले बंद हो जाती है !

    thanku !

  • 2. प्यार है या हवस - Chapter 2

    Words: 2459

    Estimated Reading Time: 15 min

    अब आगे -----------------------

    प्रिंसिपल ऑफिस ------------------

    वो इस वक्त किसी से कॉल पर बात कर रहे थे जी जी हां आप उसकी फ्रिक मत कीजिये सर ....ये खबर यहा से बाहर नही जायेगी जी जी ..तभी कोई दरवाजा धडाम से खोला ...

    वो  हेरानी से बोले  आप सब  अंदर कहा चले आ रहे है .......तभी अंदर एंट्री लेते हुए शिवांश की भारी आवाज पड़ी ...बहोत पर निकल रहे है से बुदापे तुमरे .

    तो प्रिंसिपल हेरानी में खड़ा हो गया ...शिवांश को देख बोले आ आप ..सर ...तभी केशव शिवांश के लिए चेयर लगाया तो शिवांश बड़े attitude से उस पर बेठ ....अपने एक पैर दूसरा घुमा रख अपनी काली ठंडी आखो से प्रिंसिपल को देख बोला का करने का सोचा तुमने ....

    तो प्रिंसिपल उसे देखते हुए हकलाते हुए बोला का मेरा मतलब क्या सर ....तो शिवांश अपने हाथ में बंदूक घुमाते हुए बोला सूना है तुमको हमरे बाबा से बात करने बहोत मिर्च लग रहा है ....

    तो प्रिंसिपल उसके हाथ में बंदूक देख ...तभी वो घुटने टेक दिया बोला नही नही सर ...मै एसा करने के बारे में सोच नही सकता ....तो शिवांश उसे देखते हुए बोला बहोत अच्छे आज जो हुआ उको केसे साफ़ करना है ...पता है ना ..

    तो प्रिंसिपल अपना पसीना पोछते हुए उस बंदूक को देखते हुए बोला जी जी सर ....तो शिवांश उस पर बंदूक तान बोला अब ये बताओ इसकी इतनी हिम्मत हुई जो हमरी सिकायत यहा करने आया ...

    तो प्रिंसिपल डरते हुए बोला वो वो सर एक लडकी आई थी पर पर हमने उसे समझा बुजा कर बेझ दिया डरने वाली बात नही वो बात यहा से कही बार नही जायेगी ...

    तभी शिवांश उठ उसके सर पर बंदूक तान गुस्से बोला एसा कोन नही जो शिवांश के आगे नजर भी उठा सकत है ...हमको कोनो के बाप से भी डर नाही लागत है ....

    तो प्रिनिप्ल की जेसे जान हलक में आ गयी ..अपने सर बंदूक देख शिवांश उसे देखते हुए बोला अगर ये बात गलती से भी हमरे बाबा के कानो तक पहुची तो समझ लियो ...तुंहरा उ आखिरी दिन होइवा ....

    तो प्रिंसिपल डर से हाथ जोड़ बोला जी जी एसा कभी नही होगा ...आप एक मोक्का दीजिए .सर ...तो शिवांश अब बंदूक निचे किया अपनी पॉकेट में रखते हुए बोला हु ...अब जरा उको भी देख लेइ कोन है इतना बहादुर ....

    वही केंटिन में ....

    राहत से पानी पीते हुए गोरी ...वही बेठ गयी ..सुबह का मंजर उसकी आखो से जा नही रहा था खुद से बोली गोरी तू फ्रिक मत कर उन लोगो को सझा मिलेगी ....हमे तो सोच कर समझ नही आता क्या बीत रहीहोगी उस लडके के घर वालो पर ....पता नही एस लोग समझते क्या है खुदको ....

    वो अब वहा से निकल अपना बेग ले क्लास की ओर जाने लगी ..तभी उसके कदम ठहर गये ...

    कुछ लोगो का ग्रुप ....एक लडकी उनके बीच ...अपने सिने पर हाथ रखे ...उन से अपने दुप्पटा लेने की कोशिश कर रही थी ....एक लड़का उसका दुप्पटा लिए बोला दुप्पटा चाहिए तो वो करो जो हम कहते तुम्हे तुंहरा दुप्पटा मिल जाएगा ...

    तो वो लडकी काफी सहमी ..एक लडकी उसके पास आई उसके आगे पीछे चुमते हुए बोली ..फ्रिक मत करो ...ज्यदा कुछ नही बस इन सब में किसी kiss करो ...वो लडकी हेरानी से देखने लगी ....

    तभी वो ना में सर हिलाने लगी तो वो लडकी बोली लगता है ये बोल नही सक्ति ...तभीव ओ लडकी के आखो से आसू गिरने लगे वो इशारों में उन से अपना दुप्पटा मांगने की कोशश करने लगी ..

    वो लोग उस पर हसने लगे वो लडकी बोली एक बार फिर से करना ...तभी वहा किसी ओर की आवाज पड़ी ...स्टॉप ...तो वो सब ये सुन उस ओर देखे ...तो उनकी आखे सिकुड़ गयी गोरी खड़ी थी ...

    गोरी उस लडकी को देखि आगे आ बोली आप सभी शर्म नही आती किसी का इस तरह से मजाक बनाते .....तभी एक लड़का बोला ओह्ह लगता एक बहन जी को बचाने दूसरी बहन जी आई है ..

    तभी वो हसने लगे तो गोरी उस लडके पास आई ...उससे उस लडकी का दुप्पटा छीन ली उन सबकी हसी बंद हो गयी गोरी बोली शर्म आती है हमे तुम लोगो पर पड़े लिखे होकर एसी सोच रखते हो ....एक लडकी के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता यहा तक तुम लोगो ये तक नही पता ....

    वो सब उसे देखने लगे की गोरी वो दुप्पटा उस लडकी देदी ...गोरी उसका हाथ पकड़ बोली चलो यहा से ...तभी वो पलते ही थे वो लडकी उसके आगे आ गयी जो उन लडको के साथ थी ..

    वो गोरी एक नजर उपर से निचे देखि ...गोरी उसे देखने लगी ..वो गोरी को देख बोली ओह्ह हमारी जूनियर हो ....गाइस देखा तुमने अब हमारे जूनियर हमे ज्ञान देने लगे नाइस ...

    तो गोरी उसे देख बोली हम कोई ज्ञान नही दे रहे वही कह रहे है जो शायद आप लोगो पहले किसी बताई नही ...तो वो लडकी उसे घुर बोली स्टुपिड गर्ल यहा मै तुंहरी सीनियर हु तो तुम्हे वही करना होगा जो हम कहे समझी ..

    तो गोरी उसे देख बोली हम जितना जानते है रेगिंग इस नोट अलाओ ....

    तो वो लडकी हस दी बोली अच्छा तो अब तुम हमे सिखाओगी ....तभी एक लड़का उसी लडकी की कलाई पकड़ खीच लिया जिसे वो परेशान कर रहे थे ...वो उससे खुदको छुडाने लगी ...

    गोरी हेरानी से उन्हें देखने लगी ...वो लड़का उस लडकी बाह पकड़े बोला kiss तो करनी पड़ेगी ...तभी तुम यहा से जा सक्ति हो ....तो वो लडकी खुदको उससे छुडाने लगी ...तभी वो लड़का उस लडकी का दुप्पटा उतार फेका ...

    तो गोरी हेरान रह गयी वो कुछ करती तभी एक लड़का उसका हाथ पकड़ लिया ...तो गोरी उससे हाथ छुडाते हुए बोली हाथ छोडिये मेरा ...तभी हेरानी से सामने देखने लगी ..

    वो लड़का उस लडकी के साथ जबरदस्ती तस्वीरे लेने लगा ....वो लडकी रोने लगी ....गोरी तभी उस लडके के हाथ पर काट गयी ...उस जिससे उस पर पकड़ ढील पड़ी तो जल्दी उस लडकी के पास आती जितने वो लड़का उस लडकी जो बोल नही सक्ति उसे धकेल दिया ...

    वो जमीन पर आ गिरी तभी गोरी जल्दी उसके पास आई वो लडकी कापने लगी थी ...तभी वो लोग उस पर हसने लगे ....गोरी उस लडकी जल्दी से दुप्पटे से कवर कर दी ....

    रोहन जिसने उस लडकी के साथ गलत तरीके से तस्वीरे ली ...हस्ते हुए बोला ...अब बताओ क्या करोगी हमारे लिए ..तो गोरी उन्हें देखि ....तभी रीटा जो उन लडको के साथ थी हस्ते हुए बोली ये गूंगी से क्या करवाना...करवाना है तो इस बहन जी से करवाते है ....

    गोरी उस लडकी को देखि ..जो रो रही थी ...रोहन बोला अब क्या करोगी तुंहरी तस्वीरे तो हमारे पास है तो वो लडकी हेरानी से उन्हें देखि ..गोरी खड़ी हो बोली अभी के अभी तस्वीरे डिलीट करो वरना ...

    रीटा बोली वरना क्या करोगी ...तो गोरी उसे देख बोली शर्म नही आती लडकी होकर एसी हरकत में साथ देते हुए तो रीटा अपनी आखे घुमाई बोली फिलहाल तुम बताओ क्या करोगी ...अब ये तो हमारे किसी काम नही रही पर इसकी तस्वीरे हमारे पास है चाहे तो लिक कर दे ...

    तभी वोलडकी हाथ जोड़ रोने लगी गोरी उसे देख उन से बोली ..सोचना भी मत ...हमने कहा डिलीट करो उन्हें ..रोहन बोला ठीक हम करने को तेयार है पर तुम्हे भी कुछ एसा करना होगा ...जो हम चाहते है ..

    तो गोरी उन्हें देख बोली क्या मतलब ..तो रीटा रोहन को देख तिरछा मुस्कराई ....रीटा गोरी को देख बोली तुम्हे kiss करनी होगी उसे जिसे हम चाहते है ...

    गोरी अपनी मुठी कस ली ...रीटा बोली बोलो मंजूर है तभी गोरी बोली हम ये बेहूदा हरकत नही करने वाले वो उस लडकी का हाथ पड़ बोली चलो हम सीधा प्रिंसिपल के पास चलते है ...अब वही कुछ करेगे ...

    रोहन तभी बोला ठीक जाओ ये तस्वीरे इस वक्त ही इस लडके घर वालो से लेकर पूरा कानपुर देखेगा ...तो गोरी बोली जो करना करो ..पर अब तुंहरी कम्प्लेंट करके रहेगे

    वो उस लडकी का हाथ पकड़ आगे बड़ी पर रुक गयी क्युकी वो लडकी तो हिली ना गोरी उसे देखने लगी वो सर जुकाए वेसे ही खड़ी थी गोरी उसे बोली तुम्हे डरने की जरूरत नही है देखो इन लोगो से जितना डरोगी उतना डरेगे ...

    तो वो लडकी उसे भीगी आखो से देखि ...गोरी का हाथ अपने हाथ से हटाते हुए ना में सर हिलाई ..तो गोरी जेसे उसकी आखो से कहे दर्द एक बार में जेसे समझ गयी ....बहोत अनकहा सा दर्द था उसकी आखो में ...

    वो लडकी रोहन के आगे जाकर हाथ जोड़ उसे इशाराओ में कहने लगी please वो एसा कुछ ना करे ..तो रोहन गोरी देख तिरछा मुस्कराया बोला वो तो तुंहरी मदद करने से रही तो अब तुम्हे वो करना होगा जो मै चाहता हु ....

    तो वो लडकी सर जुका ली ..तभी गोरी की आवाज पड़ी रुक जाओ ...तो वो लडकी पीछे मुड गोरी को देखि ...गोरी उन सबको देख बोली हम तेयार है ...तो वो लडकी उसे हेरानी से देखने लगी ...

    रीटा तिरछा मुस्कराई रोहन को देख ....रीटा गोरी के पास आ बोली बहोत अच्छे ...तो तुम तेयार हो हमारी मानने को तो गोरी बोली पर एक शर्त पर इसी वक्त वो तस्वीरे डिलीट करो .....

    तो रोहन बोला हां अगर तुम हमारा कहना मान लेती हो तो क्यों नही ..तो गोरी उसे देख बोली ठीक है ...

    अब वही ...

    काफी क्राउड सा था ...सभी अपनी क्लास से बाहर निकल कोई आपस में जुंड बना बाते कर रहे थे की कुछ केंटिन की ओर जा रहे थे सबकी क्लास अभी छुटी थी उन्ही में आस पास सबको देखते हुए गोरी चहरे पर काफी सारी परेशानी लिए ..

    अब पीछे पलट देखि रोहन रीटा खड़े थे ....अब वो पलट आस पास देखने लगी ...अपनी सोच में खुद से बाते करते हुए बोली गोरी ये तूने क्या किया अब क्या करेगी ..हे शिव किस दुविधा में डाल दिया आपने हमे ....

    वही रीटा रोहन एक दुसरे को देखे ...रीटा बोली ये बहन जी कहा जा रही है कही हमे बेवकूफ तो नही बना रही तो रोहन बोला वो तो देख कर ही पता चलेगा ...

    वो लोग उसके पीछे पीछे आये ....

    गोरी दूसरी ओर आई जहा इस वक्त कोई उसे नजर नही आया ....अब वो आस पास देखने लगी ...अब वो क्या करे ....तभी पीछे देखि तो रोहन उसे अपना फोन दिखाया ...

    तो गोरी अब अपनी मुठी कस ली ...तभी दूसरी ओर चहरा फेर देखि तभी उसकी नजर एक पर पड़ी ....एक शख्स अपने फोन पर बात कर रहा था ....इस वक्त अकेले ....

    तो गोरी उसे गोर से देखने लग जेसे कुछ कुछ उसे जाना पहचाना सा लगा पीछे से ....वही वो शख्स फोन पर बात करते हुए बोला ....अरे हमने तुको बोला ना ...खाने से पहले आ जाई ...दूसरी ओर एक ओरत की आवाज आई ..हम तब तक नाही खाई जब तक हमरा लल्ला हमको हाथो से नाही खिलाई ...

    तो वो शख्स चिड से बोला का है ये ...बाबा तुमको समय नाही देवत तो तुम हमरे पीछे लग जाओ ..सुनो फोन रखो ...तो दूसरी ओर आवाज आई जल्दी आवत ...तो वो शख्स बोला अब का हवाई जहाज में आवत .. अरे तुम फोन रखो ...

    तभी उसकी नजर अपने साइड पर गयी उसकी आखे सिकुड़ गयी ....वो अपना फोन कान से उतार देखा ...जेसे उसकी नजर ठहर गयी ....बेहद खुबसुरत सा चहरा उसकी नजरो के सामने था ...जेसे आज तक ना उसने देखा ....

    गोरी ...जो इस वक्त आखे मिचे हुए ...इतनी खुबसुरत लग रही थी ...जेसे चहरे पर दुनिया भर की मासूमियत हो उसके ...तभी कुछ एसा हुआ वो शख्स मानो शरीर में करंट सा लग गया ...

    वही रोहन रीता आखे फाड़े देखने लगे ....वही गोरिकी आखे सिकुड़ गयी उसे कुछ तो अजीब सा लगा ....उसने अपने पंजो पर उठ अपने होटो को तो बढ़ाया था उस शख्स के गाल पर kiss करने के लिए जिसकी हिम्मत ना जाने कितनी मुश्किल से आई थी उसमे ...

    पर उसके kiss करते ही उसकी आखो के बीच बल पड़ गये ...वो धीरे से आखे खोलने लगी ...उसकी नजर उस शख्स के चहरे पर पड़ने लगी ...

    धीरे धीरे उसकी आखे बहोत बड़ी हो गयी ....जब एहसास हुआ हो आखिर क्या गया है ...उसने गलती से गाल की वजह होटो पर चूम लिया था ...वही वो शख्स अब जेसे जम से तो उसकेलबो को छुते ही हो गया था पर गोरी की बड़ी सी शरबती आखो देख जेसे ....ना जाने कहा खो सा गया हो ....

    उन दोनों के हॉट इस तरह से मिले थे की गोरी ये खयाला आया वो उसके सिने पर हाथ रख दी अब उससे दूर हुई .....वो शख्स तो अभी वेसे ही उसे देखे जा रहा था ....उसकी वही बड़ी सी आखो को ....पर जेसे गोरी के हॉट उसके लबो से दूर हुए जेसे कुछ पल के लिए एक सुन्कुं जो उतर आया उसके लब एक में दूर सा हो गया .....

    गोरी जेसे समझ नही पा रही उसने अभी क्या कर दिया ...वो कुछ बोलने की हालत में ना हुई उसका दिल एस मानो धकड़ रहा था की बाहर आ जाएगा ....वो जल्दी से वहा से दोड भाग गयी ..वो शख्स उसे देखता रहा ....जेसे क्या जादू कर गयी वो एक पल अपनी पलके ना जपका पाया ....

    तभी उसके कानो में आवाज पड़ी सरकार ....पर वो तो अब तक उसी ओर देख रहा था ...फिर से आवाज पड़ी सरकार ....तभी वो अपनी पलके बंद कर लिया ....उस अलग सी महक जो कुछ पल के हिये उसके होटो में घुल गयी उसे महूसस किया ...

    केशव उसे देखते हुए डरते हुए बोला सरकार ...तभी वो उसे देखा ओर कोई नही शिवांश था ..तो केशव डरते हुए बोला वो वो गाडी ठीक हो गयी ...शिवांश उसके बगल से चला गया केशव चेन की सास लिया पर उसे अजीब लगा ...

    वो जल्दी जल्दी उसके पीछे आया शिवांश अपनी जीप में बेठ गया ....अपना सर सीट पर टिका अपना हाथ बड़ा खुदके होटो को छुया तभी उसके होटो पर अलग सी मुस्करहट बिखर गयी ...

    गोरव केशव को इशरा किया तो केशव कंधे उचका दिया ...गोरव बोला कहा चलना है सरकार ....तो शिवांश सिर्फ हु में जवाब दिया ..गोरी केशव को देखा वो उसे ...

    गोरव फिर से बोला सरकार हवेली चलना है का ....तो शिवांश वेसे ही जवाब दिया हु ...तो गोरव केशव तो एक दुसरे को देख कंधे उचका दिए वो गाडी स्टार्ट किया ....

    पर शिवांश के कानो में जेसे उनकी बाते गयी नही वो इस वक्त पल महूसस कर रहा कुछ देर पहले हुआ था गोरी का उसके करीब आना ..उसके होटो चूमना ...बस ना जाने इस वक्त वो जेसे ...किसी ओर दुनिया में था ....

    अब आगे -------------------------

    इसके आगे का नेक्स्ट में ------------------------

    पर अगर आप चाहते है तभी क्युकी कहानी को कोई अगर पड़ेगा नही तो ये स्टोरी आगे नही बड पाएगी !

    आपको अगर पसंद आती है तो कमेन्ट करिए please !

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 3. प्यार है या हवस - Chapter 3

    Words: 1777

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे ------------------------------

    बड़ी सी हवेली ....

    बहोत ही खुबसुरत नजर आ रही थी .जिसके चारो ओर आदमी खड़े हुए हाथो में हथियार लिए हुए ....

    वही अंदर की ओर चलते है ....एक बुडी सी ओरत अपने चेयर पर बेठे माला जप रही थी ....तभी एक ओरत उपर से आते हुए आवाज लगाते हुए गुलाबो ओ गुलाबो कहा मर गयी बा ...

    वो सीडियो से निचे उतरते हुए आई तभी एक ओरत ...जल्दी से दोडी चली आई हाफ्ते हुए बोली जी ठकुराइन ....आपने हमको बुलाया ...तो वो ओरत उसे घुर बोली कहा मर गयी थी जब भी हमको कुछु काम होता कही ना कही बेठ जावत हो चुगली करने के लिए ओरो कुछु काम होवे का नाही ....

    तो गुलाबो मासूम बनते हुए बोली एसा काहे बोलो ठकुराइन हम ओर चुगली हमको ठाकुर जी का पापा लग जाए ...अरे हम तो ठाकुर जी के लिए कपड़े तेयार कर रहे थे ...वो बड़ी ठकुराइन ने हमको बोला था बस ...

    तभी आवाज पड़ी अच्छा ...हमको जितना याद है हमने तुको वो काम सुबह दिया था ..अब तक नाही हुआ तुमरा काम ..तो गुलाबो अपनी जीभ काट ली ...उमा जी वही बुडी ओरत ....

    .ओज्स्वनी जी वही उमा जी  को देखते हुए बोली इको बस बाहाना बनाने आवत है ....वो गुलाबो को एक नजर घुर बोली इधर का बात उधर करना ......

    तो गुलाबो एक्टिंग करते हुए बोली ठकुराइन ....एसा नाही बोलत तो ओज्स्वनी जी उसे घुर बोली बस बस ये मगर मचिया के आसू बहना बंद करो ...जल्दी से रसोई में जाई खाने तेयार करने में हमरी मदद करो  हमरा लल्ला आने वाला है 

    तो गुलाबो चमकती आखो से बोली का छोटे सरकार आवत है ..तो ओज्स्वनी जी उसे घुर बोली अब का खड़ी रहत चालो ...

    वो किचन में आई ...तो गुलाबो बोली हाय दया खुसबू तो बहोत अच्छा आ रहा है ...तो ओज्स्वनी जी उसे घुर बोली अपनी नाक जरा बस में राखो ...खबरदार जो नजर भी लगाई तो हमरे लल्ला के पसंद का हलवा बनाया हमने ...

    तो गुलाबो का मुह बन गया वो बोली ठकुराइन का आप भी हम इतना भी निचे कोनो गिरे हुए वो तो हमारे सरकार है हम उके खाने को काहे नजर लगावत ...तोओज्स्वनी जी उसे घुर हलवे को गर्म करते हुए बोली अच्छा तुमरी जीभ कितनी तेज चालत हमको पता है ...हमको का समझवत रसोइया में नाही आवत तो का पता नाही चलता का चीज कितने दिन में खत्म होवत ...

    तो गुलाबो का मुह छोटा हो गया वो नजरे चुराते हुए दांत दिखा बोली ..ठकुराइन बताइए हम का मदद करत ....तो ओज्स्वनी जी बोली आटा लगाओ ....

    तभी जीप की आवाज आई ...तो ओज्स्वनी ...बोली लागत है लल्ला आ गयवा ...वो गुलाबो से बोली हम अभी आवत ध्यान रहे ...जलना नाही चाहत तो गुलाबो जल्दी से सर हिलाई ....

    ओज्स्वनी बाहर आई तो उनकी आखे सिकुड़ गयी ....कुछ आदमी बंदूके लिए आये ....उनके बीच में एक शख्स अंदर की आया जिसके चहरे पर काफी सक्त भाव थे ....

    वो आकर एक चेयर पर बेठ अपने एक पैर पर दूसरा पैर चड़ा लिए पर चहरे पर सक्त भाव थे ...तो ओज्स्वनी जी उन्हें देख ....अब उनके पास चली आई ...तभी वो शख्स उन्हें एक नजर देखा तो जितने भर में वो घबरा सी गयी ...

    तो वो कुछ कहती तभी एक जीप की आवाज फिर से कानो में पड़ी ....तभी वो शख्स यानी विशम्भर सिंह ठाकुर ....की आवाज पड़ी ...लो आ गया तुमरा लल्ला ...तो ओज्स्वनी जी उन्हें देखने लगी ...

    वो सक्त भाव से बोले .....कोनो  मोका नाही छोड्त अपने बाबा को निचा दिखाने  का ...तभी उमा जी उन्हें देख बोली का हुआ आज इतना खून गर्म काहे है तुमरा ....

    तो वो उन्हें देख बोलते तभी ओज्स्वनी जी दरवाजे की ओर देख बोली लल्ला ....

    तो वो अब उस ओर नजर उठा देखे ....उनकी आखे छोटी हो गयी शिवांश जो अंदर की ओर किसी पर ध्यान दिए बिना अंदर की ओर आ रहा था ....तभी ओज्स्वनी जी उसके पास आ बोली लल्ला ...

    तो शिवांश के कदम ठहर गये ...वो उसके गाल पर हाथ रख बोली आ गया हमरा लल्ला ...तो शिवांश उन्हें देख बोला अब हमरा भुत तो नाही नजर आ रहा तुमको ...

    तो ओज्स्वनी जी उसके होटो पर हाथ रख बोली हट कुछु भी बोलत है ...तो शिवांश उनका हाथ हटा बोला हम अपने कमरे में जावत ..तो वो उसे कुछ कहती तभी विशम्भर जी आवाज पड़ी ...बहोत बडिया बिटवा ....

    तो शिवांश के कदम वही ठहर गये ....वो उस ओर देखा तो विशम्भर जी अपनी चेयर पर बेठे हुए उसे सक्त आखो से देखते हुए बोले  ...ओनो कुछ रह गयवा जो भी कसर पूरी कर देइ ....

    तो शिवांश उनकी ओर पलटा ....ओज्स्वनी जी उन्हें देख शिवांश को देखने लगी ...शिवांश उन्हें देख बोला का है ...हमको अभी तुमरे कोनो बात नाही करनी ....

    तो विशम्भर जी बोले तुमको हमरे इज्जत का कोनो फर्क नही पड़ता ...जो फिर से हंगामा कर दिया तुको जरा भी खबर है ...अगर बात ओरो बड जाती तो हमको इसका हर्जाना भरना पड़ता ...

    तो शिवांश उन्हें न्रोमली देख बोला ओह्ह तो वो साला ...प्रिंसिपल मुह खोल दिया तुमरे आगे ...तो विशम्भर नाथ जी उसे घूरते हुए बोले उके बोलने ना बोलने का हम से कोनो नाही छिपता ....साला हमको जवाब देना पड़ता है उको कुछु फर्क नाही पड़ता ..

    तो शिवांश नोरली जाते हुए बोला ....सर अगर ज्यदा गर्म होवत तो ठंडा पानी से नहा लियो ....तो विशम्भर जी अपनी मुठी कस लिए तभी उमा जी बोली ..अब काहे मुठी मसलो हो तुमरे लाड प्यार का नतीजा है ..ओरोर चढाओ अब तो सर पर बेठ गयवा....

    तो विशम्भर जी गुस्से में खड़े हुए की वो चेयर गिर गयी वो गुस्से ओज्स्वनी जी से बोले ...तुमरे ये लाडले को समझा दो ..कुछु दिन कुछ ना बिगड़ेगा ..बिना खून खराबे के रह ले ...वरना हमको नाही पता जो होवेगा ....

    तो ओज्स्वनी जी सर जुका सर हिला दी ..वो गुस्से में बोले साला हमरा दिमांग खराब कर रखा है ....वो गुस्से से अपने कमरे की ओर चल गये ...

    वही उपर ....

    बहोत ही बड़ा सा कमरा .....

    फर्श पर कपड़े पड़े थे ....वही शिवांश अपनी आखे बंद किये हुए ...पर उसके हाथ जेसे रुक ना रहे थे ..जेसे वो कुछ ड्रा कर रहा था ...उसकी आखो के सामने एक लडकी का चहरा था .....

    जिसे वो आखे बंद कर किसी पर उतार रहा था ...

    उसके कमरे में कुछ तस्वीरे से लगी थी ..पर ताजुब ये था उन तस्वीरों में सभी लडकिय थी पर किसका भी चहरा नजर नही आ रहा था ..उसके हाथ रुके तो वो अपनी आखे खोला ..तो सामने वो किसी तराशा हुआ चहरा नजर आया ....

    वही बड़ी बड़ी आखे ....जिसमे दुनिया भर की मासूमियत जेसे छिपाए हो ....सबसे हसीन वही गुलाबी से हॉट ....जिन्हें देख शिवांश ....मानो वो उसके ठीक सामने हो ....

    इस वक्त शर्टलेस था .....वो आगे बड उस तस्वीर के होटो पर चूम लिया ...तभी धीरे धीरे ....उसे अपने होटो पर किसी ओर के हॉट महूसस होने लगे ......वो धीरे धीरे अपने कदम पीछे लेने लगा ....जेसे किसी को बेताबी से kiss कर रहा हो ....वही वो उसका kiss में उतना ही साथ दे रही हो .....तभी वो पीछे बेड पर गिर गया ...

    वेसे ही उसके होटो पर मुस्करहट आ गयी ...वो वेसे ही बोला ....आखिर तुम सामने आ ही गयी ....पर ये का ...हमको तुमरे होटो को महूसस करना है ....वो आखे बंद कर बोला हमको चूमो ....

    तभी उसके बालो पर हाथ फेरा कोई तभी उसकी आखे खुल गयी ...ओज्स्वनी जी थी वो उसके गाल पर हाथ रख बोली ...काहे करत खामका अपने बाबा को नराज कर दिया ना ...

    तो शिवानाश पेट के बल पिलो में चहरा छिपा बोला हमको अकेला रहना है ....तो ओज्स्वनी जी उसके बालो पर सहलाते हुए बोली ..अच्छा पहले खाना खालो ...

    तो शिवांश बोला हमको भूख नाही है ...तो ओज्स्वनी जी बोली काहे ...एसा भी आ खा लिया जो भूख मर गयी तुमरी तो शिवांश आखे बंद कर बोला भूख मरी नाही अब तो ओर बड गयी है ..

    तो ओज्स्वनी जी बोली का ...तो शिवांश उन्हें देख बोला ....हमको प्यास लग रही है ....तो ओज्स्वनी जी बोली पानी लाये ..तो शिवांश  बोला नाही ....पानी में वो आग नाही जो हमारे होटो की प्यास भुजा सक्त है  . हमरी प्यास तो सिर्फ एक ही भुजा सक्त है ...

    तो ओज्स्वनी जी उसे घुरी तभी कमरा देखि ...बोली ये का करत हो ...लागत है सब बाहर फिकवाना पड़ेगा ...

    तभी शिवांश बेठ गया सक्त आवाज में बोला ....ओर कोनो इको छुआ भी उके हाथ काट देइ हम  ....तो ओज्स्वनी जी उसे देखती रह गयी ....तभी वो उठ गया ....बिना बोले बाथरूम की ओर चला गया तो ओज्स्वनी जी बोली लल्ला रुको ...खाना ठंडा हो जाई बिटवा ....

    पर वो तो कुछ बोला नही ....तो ओस्ज्वनी जी तभी नजर सामने पेंटिंग पड़ पड़ी ...एक लडकी ....नजर  आरही थी पर चहरा पूरा नही था सिर्फ आखे हॉट ...

    तो ओज्स्वनी जी ये देख ना में सर हिला दी ....

    वही गोरी अपने कमरे में ...आज जो हुआ उसके दिमांग में वही चल रहा था ....जिसे वो कोशिश कर रही भुला देने  ....उसका दिल अब तब तेजी से धडक रहा था ....उसने केसे शिवांश के होटो पर kiss कर दी ....ये सोच उसका दिल जोरो से धडकने लगता ...

    तभी आवाज देते इशु आई ....दी ओ दी ...तो गोरी का ध्यान टुटा इशु ख़ुशी से उसके पास आ बेड पर उसे हग करते हुए बोली ओर बताओ आपका पहला दिन केसा था हु मै बहोत एक्साईटेड हु बताइए ना क्या क्या हुआ ..

    तो गोरी उसे देख बोली पहले कपड़े तो बदल ....तो इशु मुह बना बोली नही पहले बताओ कोलेज में क्या हुआ ...हु कितने handsome लडको ने आपको प्रोपेज किया बोलो ना ...

    तो गोरी उसे घुर बोली इशु तू भी  आते शुरू हो गयी चल जा कपड़े बदल ....तो इशु मुह बना बोली ...हु नही बताता ना ठीक मै भी कट्टी आप से ...तो गोरी उसे घुर बोली मेरी माँ एसा कुछ नही हुआ ....

    तो इशु बोली क्या मतलब कोई तो वो मूवी में होता हिरोइन हीरो से टकरा जाता या मिस्टेक से किस्स हो जाती एसा कुछ भी नही ..तो गोरी तभी घबराई उठ गयी .....उसे अपनी kiss याद आ गयी ..

    तो इशु उसे देख बोली क्या हुआ ..तो गोरी नजरे चुराते हुए बोली तू बहोत बोलने लगी आने दे मामा जी  तेरी शिकायत करती हु ..तो इशु मुह बना बोली जाओ नही बताना था अब मै पुचुगी भी नही ...

    तो गोरी चेन की सास ली ...तभी गहना जी आवाज आई गोरी ...तो गोरी आवाज दी जी आई मामी .....

    अब आगे --------------------------------------------

    अभी के लिए इतना अगले चेप्टर में आपको बहोत कुछ देखने को मिलेगा पर अगर आप पड़ना चाहते है तो ...

    मुझे कमेन्ट कर बताइए केसा लगा !

    कहानी आगे बड़ाउ की नही !

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 4. प्यार है या हवस - Chapter 4

    Words: 2585

    Estimated Reading Time: 16 min

    अब आगे --------------------------------

    कोलेज का दूसरा दिन .....

    आज काफी घबराहट खुदमे छिपाए ...वो कोलेज आई थी आज किसी पर भी ध्यान दिए बिना सीधा अपनी क्लास की ओर आ गयी ....चुप चाप आकर जहा सीट खाली थी बेठ गयी ना नजरे उठाई ...कल जो हुआ उसे लेकर अभी काफी शर्मिदा ओर साथ बहोत सी घबराहट उसे हो रही थी ..

    आज तक किसी भी लडको से तालुकात ना रखने वाली यु किसी kiss ही कर देगी ...ये सपने में भी नही सोचा था ....तभी उसके कानो में कुछ आवाज पड़ी ...वो सर उठा देखि ...तभी मुस्करा बोली अरे तुम ...

    वही लडकी थी जिसे कल वो मिली थी ...उसके टेबल पर नोक की इतना तो हम जान चुके थे की वो बोल नही सक्ति .वो इशारे में उससे कुछ बोली तो गोरी उसकी समझ मुस्करा उसे जगह देते हुए बोली हां क्यों नही ...

    तो वो उसके पास ही बेठ गयी ...गोरी उसे इशारों में बोली उसका नाम क्या है ..तो वो उसे अपने फोन में टाइप कर बताई ...पायल ....गोरी मुस्करा बोली बहोत अच्छा वो उसे इशारों में बोली क्या वो लोग उसे फिर से परेशान किये तो पायल ना में सर हिलाई सर जुका ली तो गोरी उसके कंधे पर हाथ रखी ...

    तो पायल उसे देखि तो गोरी बस पलके  जपका दी ...तो पायल उसके हाथ पर हाथ रख उसे इशारे में बोली उसे thanku बोलने लगी कल जो हुआ उसकी मदद करने को ...

    तो गोरी सिर्फ पलके जपका उसे बोली इसकी जरूरत नही ....पायल गहरी सास ली जेसे उसका भोज हल्का हो गया तो गोरी हाथ बड़ा बोली अच्छा तो हम तो यहा नये है तो क्या तुम हम से दोस्ती करोगी ...

    तो पायल उसे देखि फिर उसके हाथ को आगे बड़ा उससे हाथ मिला मुस्करा सर हिलाई ..तो गोरी बोली चलो अच्छा अब हमे अकेला फिल नही होगा ...तो पायल कुछ याद कर उसकी बाह पर हाथ रख उससे इशारे में बोली कल उन लोगो ने उससे क्या करवाया ...

    तो बस अब गोरी वही बात फिर से याद कर चुप पड़ गयी ...पायल उसे देखते हुए इशारों में बोली सब ठीक तो है ....उदासी से अपने कान पकड़  इशारों में बोली उसकी वजह से वो फस गयी उसे उसके लिए बुरा लग रहा है ..

    तो गोरी उसका हाथ निचे कर बोली अरे अरे ...इसकी जरूरत नही अभी तो हम दोस्त बने है दोस्ती में सॉरी ओर thanku नही चलता ...तो पायल मुस्करा दी ...

    तभी टीचर आ गयी तो उन सबसे कुछ इधर उधर की बात करते हुए ....उनके करियर की कुछ बाते बता रही थी जो नॉर्मली हर कोई जानता हर टीचर अपना ज्ञान जरुर देता है ...पर इसका इंट्रस्ट किसी को हो या नही पर गोरी बड़े ध्यान से सुन रही थी ....खुद में मुस्कराई ....एक नजर अपनी क्लास को देखि वो अब अपने सपने की ओर पहला कदम रख चुकी है ...

    तभी अचानक से कुछ एसा हुआ ... ..अब हुआ कुछ एसा था ...कुछ लोग अंदर एंटर किये .....गोरी की आखे सिकुड़ गयी अब ये कोन है देखने से तो कही कोई टीचर नही ....

    एक आ उस टीचर से बोला ए तुको का अलग से बोलना पड़ेगा अपना ज्ञान बाद में पेलना अभी सरकार आये है ....तो टीचर अपना चश्मा सही कर ...अपनी बुक ले उसे बोली ये सब क्या है दिखाई नही देता क्लास चल रही है ...

    तो केशव उसे घुर बोला लागत है तुमको पड़ने ओर पढने में फर्क नाही पता ..तो वो टीचर उसे घुर बोली excuse me .तो केशव उसे उपर से निचे देख बोला साला ओरत जात है वरना अभी ले पटक देते ...सुन लियो अगर नाही चाहत किसी अस्पताल में तुमरा पति तुको पड़ा हुआ मिले जल्दी से निकल लियो यहा से ....

    तो वो केशव के हाथ में बंदूक देख अपना डर से सलाइवा गटक ली ...तभी डरते हुए बोली ठीक है ...वो जल्दी से वहा से निकल ली ...तो केशव अपने पेंट में बंदूक छिपाते हुए बोला सीधी ऊँगली से घी नाही निकले ऊँगली टेडी करना पडत है ....

    गोरी अपने चारो ओर देख तभी अचानक सभी खड़े हो गये तो गोरी अपने चारो ओर सबको खड़ा होता देख आखे सिकुड़ गयी किसी शख्स की क्लास में एंट्री हुई ...गोरी की नजर अनजाने में उस ओर पड़ी ....

    धीरे धीरे उसकी आखे बड़ी हो गयी ....केशव जल्दी से चेयर लगा उसे साफ़ कर बोला आइये सरकार ....तो वो शख्स जो ओर कोई नही शिवांश था ..जो आज काफी handsome लग रहा था ....स्काई ब्लू जींस ..जिस पर ब्लेक जेकिट डाले हुए ....जिसमे से उसका ब्रोड सीना नजर आ रहा था ....परफेक्ट फेस ...चहरे पर हल्की बियर्ड ... आखो पर शेड ....लगाये हुए कुल मिला कर उसे देख किसी लडकी दिल धडकने पर मजबूर हो जाए ....

    पर इस वक्त हालत खराब थी किसी ओर कोई नही गोरी ....सामने वही शख्स यु अचानक आ जाएगा जिसे कल वो सोच ही जेसे अब वो यहा से कही भाग जाना चाहती हो ....

    तो शिवांश अब एक नजर पूरी क्लास को देखा उसकी आखो पर शेड लगे हुए थी उसकी नजरे तो  नजर नही आ रही थी ....पर एक ही पल में उसकी नजरे एक जगह जेसे जम सी गयी हो ...

    बस अब उसकी नजरे कुछ इस तरह से उसी पर ठहरी थी ....गोरी सर जुकाए अपनी उंगलियों आपस में उल्जाये हुए ...पर जेसे वो खुद पर निगाहों को महूसस कर पा रही हो ...

    वो चोर नजर से धीरे से नजर उठा सामने की ओर देखि ....तभी सर जुका ली ...शिवांश की नजर सिर्फ उस पर ही थी पर उसकी आखो पर शेड थे ....केशव बोला सरकार बेठिये ना 

    तो शिवांश अब अपनी चेयर पर बेठा पैर घुमा अपने दुसरे पैर पर रख दिया ....अभी काफी स्मार्ट लग रहा था ....अब अपने हाथ को चेयर से टिकाये अपनी उंगलियों से इशारा किया तभी सभी निचे बेठ गये ....

    तो गोरी आस पास देखि ..सामने फिर से एक नजर शिवांश की ओर देखि ..जल्दी घबरा सर जुका ली ...वो क्या करे जेसे बस यहा से भाग जाए कही ...तभी शिवांश की भारी आवाज उसके कानो में पड़ी ..

    हु तुम लोगो का दूजा दिन कोलेज में ...तो एक डरते हुए बोला जी सर ....तभी शिवांश उसकी ओर देखा ...वो डर से सलाइवा गटक लिया अपने आस पास देखा उसने कुछ गलत कहा क्या ...

    तो शिवांश अपनी आखो से शेड हटा उसे देख इशारा किया खड़े होने का ..तो वो अब उसकी फट के हाथ में आ गयी ...वो डरते हुए खड़ा हुआ ...तो शिवांश उसे देख बोला तुम से किसी पूछा ....

    तो डरते हुए बोला नही नही सर ...तो शिवांश  अपनी एक आइब्रो उठा उसे एक नजर घुरा ..उतने में उसकी फट गयी ...वो अपनी ठंडी आवाज में बोला जब नाही बोला जाए तो हमारे आगे अपना मुह नाही खोलना ये तुको कोनो सिखाया नही ...

    तो वो सर जुका डरते हुए बोला सो ..सॉरी सर ...तो गोरी खुद में सोचने लगी ये इंसान आखिर है कोन जो ये सभी उसकी इतनी इज्जत कर रहे तभी उसके कानो में आवाज पड़ी तुम बताओ ....हमको ...तुमको केसा लगा कोलेज ....

    तो गोरी अनजाने में नजर उठा शिवांश को देखि तो वो उसे ही देख रहा था ..तभी वो आस पास देखि तो सभी उसे देख रहे है ...तो वो थोडा डर गयी तभी शिवांश की आवाज उसके कानो में पड़ी ...हां तुम ....केसा गयाबा तुमरा पहला दिन कोलेज में ....

    तो गोरी थोड़ी हडबडा गयी वो हकलाते हुए बोली जी जी ..अच्छा अच्छा ...तो शिवांश की नजर तो उसके हिलते होटो पर थी ....वो उसे इशारा किया बेठने का तो गोरी बेठ गयी ....

    तभी शिवांश गोरी को देखते हुए केशव से कुछ बोला ....तो ये होते ही केशव सब से बोला चलो आज इतना ही बाकी का पड़ाई कल करना ....तो गोरी हेरानी आस पास बको देखि ..

    तो उसे पायल इशारे से पूछी तो वो कंधे उचका दी ....सभी क्लास से जा क्यों रहे है ...

    तो गोरी तो अपना ये अच्छा मोक्का समझ जल्दी से अपना बेग उठाई ...वो उठी थी तभी केशव उसे बोला नाही आप नाही जा सक्त हो तो गोरी उसकी सुन हेरानी से पायल को देखि ...तभी केशव पायल से बोअल तुमको का अलग से बोले निकलो यहा से ....

    तो पायल जल्दी से डर से  सर हिलाई गोरी को एक नजर देख अब उसे जाना पड़ा ...तो गोरी देखती रह गयी पूरी क्लास खाली हो गयी सिर्फ वही वही बेठी रह गयी ..

    तभी केशव शिवांश के पास आ बोला लियो सरकार .. हमको भी जाना पड़ेगा का ....तो शिवांश उसे एक ठंडी नजर देखा तो तभी वो दांत दिखा बोला अरे ये का पूछने का बात है वो शिवांश के आदमियों से बोला अरे सालो देखत काहे चलो निकलो यहा से ....हमको भी जाना है सरकार के सिवा कोणी नाही रह सक्त यहा .....

    गोरी ये सब नासमझी में देख रही थी तभी सामने देखि तो उसकी घबराहट ओर बड गयी ....शिवांश के खड़े होते ...पर उसे काफी अजीब फिल हो रहा था शिवांश की नजर उस पर से हट नही रही थी .....

    शिवांश उसे देखते हुए अब उसकी ओर कदम बडाने लगा तो गोरी अपनी नजरे जुका ली उसका दिल बहोत ही जोरो से धडक रहा था ....शिवांश जब ओर करीब आया उसके टेबल के टिक सामने ....तभी वो उसकी टेबल पर बेंड हुआ ...उसे देखते हुए बोला हमको लागत है तुमको कही देखा है ....

    तो गोरी अपनी आखे मीच ली ....क्युकी वो अब जान गयी शिवांश कही उसी बारे में तो ....वो कह फस गयी ....तो शिवांश उस पर जुकते हुए बोला गोरी से आती हुई महक को अपने अंदर लेते हुए बोला का नाम है तुमरा ...

    तो गोरी अब काफी घबरा रही ना जाने क्यों वो खुदको इतना कमजोर फिल कर रही थी ...शिवांश का जुकाव खुद पर महूसस कर पा रही थी तभी पीछे हो गयी बोली हम .हमे जाना है ....

    तो शिवांश उसका चहरा देखने लगा ....उसकी नजर गोरी के कापते होटो पर ठहर गयी .....उन्हें बेहद ही इंटेंस नजरो से देखने लगा ....गोरी अपनी धीरे धीरे आखे खोली ....

    उसकी नजरे शिवांश के चहरे से टकराई ..जो उससे कुछ दुरी पर ही था ...उसकी मानो सासे रुक गयी ...शिवांश की नजर उसके होटो से निचे बड़ी .....जहा गोरी का सीना उसकी सास लेने की वजह से उपर निचे उठ रहा था .....

    ये महूसस होते ही गोरी अपने दुप्पटे को सही करते हुए अब जल्दी से उठ बोली हमे जाने दीजिये ....वो उठी ही थी तभी शिवांश उसकी पतली सी कलाई पकड़ ...अपनी ओर खीच लिया ....

    ये होते ही गोरी उसकी ओर आ लगी ..पर दोनों के बीच टेबल थी जिससे दोनों के बीच दुरी सी बना रही थी ....गोरी आखे बड़ी कर शिवांश को देखने लगी ...

    शिवांश उसे देखते हुए बोला अभी तक हमने नाही बोला तुको जाने का ....तो गोरी घबराहट से कापने लगी शिवांश उसके कलाई हाथ उसकी कमर पर ले आया तो गोरी किआ अखे ओर बड़ी हो गयी ..

    शिवांश उसे देखते हुए बोला ....बहोत खुबसुरत नाम है तुमरा ...बिलकुल तुमरे इस चहरे के जेसे गोरी ...तोगोरी उसे हेरानी से देखने लगी उसे केसे पता ..

    शिवांश हल्का सा मुस्कराया उसे देखते हुए बोला जानत हो तुम से का गलती हुआ है ....तो गोरी उससे दुरी बनाते हुए डरते हुए धीरे से बोली छोडिये हमे ...शिवांश उसके होटो को देखते हुए बोला ....असल में गलती तुमरा नाही इ तुंहरे होटो का है ...गोरी जेसे हल्का हल्का कापने लगी ..जिससे उसके हॉट ओर रिजा रहे थे हल्के से गुलाबी ....

    शिवांश उन्हें देखते हुए बोला कल से हमरे सिने में आग जल रहा है ...तो गोरी उसे देखने लगी शिवांश उसकी बड़ी सी आखो में देखते हुए बोला जानत हो काहे ....तो गोरी रोना सा चहरा बनाई जेसे अब उससे सहनना हुआ तो वो सच में रो देगी ...

    तो शिवांश उसे देखते हुए बोला ...वो उसके गाल पर हाथ रख उसके होटो को अगुठे से सहलाते हुए बोला तुमरे इ होटो की वजह से ....पूरी रात हमको नींद नाही आया ....

    तो गोरी की आखे नम हो गयी वो उसके सिने पर हाथ रख बोली छोडो हमे ...हमे जाना है ....तो शिवांश उसकी कमर पर अजीब तरह से सहलाते हुए उसे अपने जटके से करीब खीचा ...तो वो उसके पूरी गिरफ्त में आ गयी ...

    शिवांश उसकी कमर पर सहलाते हुए बोला अब हमरे होटो को वेसे ही चूमो ....तो गोरी की आखो से नमी गिर गयी ...वो अपना पूरा जोर लगा उसे अपने से दूर धकेल दी .जिससे वो एक कदम पीछे हो गया जितने में जल्दी से वहा से दोड भाग गयी ....

    तभी दरवाजा खोल बाहर की ओर वहा से दोड निकली ...केशव सिगरेट फुक रहा था तभी गोरी एस भागता देख ...बोला लागत है सरकार ने इक ले लिया ....वो जल्दी से अंदर आया बोला सरकार ...

    शिवांश के हाथो में एक दुप्पटा था ...वो उसकी महक महक अपने अदंर लेते हुए बोला हु ...तो केशव उसे अजीब नजरो से देखते हुए बोला ये का करत हो सरकार ...तो शिवांश वो दुप्पटा अपने हाथ पर लपेटते हुए बोला अब जो चाहत था वो तो नाही मिला कोनो नाही जब तक इ से काम चला लेइ ..

    वो बाहर की ओर निकल गया ..तो केशव उसे हेरानी से देखा ...तभी पलके ज्प्काया खुद से बोला ये का सरकार हुआ का है ...पहले तो कभी नाही किये एस ...तभी शिवांश की आवाज पड़ी .. अब का अपना सर बाद में खुजाना ...गाड़ी निकालो पहले .

    तो केशव जल्दी से आ बोला जी सरकार पर जाना कहा है ...तो गोरांश आगे चलते हुए अपनी आखो पर शेड लगाते हुए बोला जरा उ  मास्टर को देख लेइ ...बहोत ही महान बनना है जरा हम भी देखत कोन है बे ...!

    तो केशव उसके पीछे चलते हुए बोला जी सरकार ...

    वही गोरी अपने मुह पर हाथ रख रो रही थी ...उसे काफी अजीब महूसस हो रहा शिवांश का इस तरह उसे छूना ....उसकी बाते ....वो अपने आसू पोछ खुद से बोली ये क्या गोरी तूने ये सब सह केसे लिया ...देखा नही कितनी ब्त्तिमीजी कर रहा था वो इंसान तेरे साथ ....उसे तो सबक सिखाना चहिये था भूल गयी एस लोग सिर्फ लडकियों के साथ मिस बिहेव करते है क्युकी वो उन्हें करने देती है ...

    पर तू इतनी कमजोर नही ...वो अपने आसू पोछ अब बाहर की ओर आई ....तभी उसके कदम ठहर गये ...कुछ दुरी पर ....उसकी नजर शिवांश पर पड़ते ही ..अभी जितनी हिम्मत उसने खुदको दी जेसे एक पल में उतर गयी ....

    वही केशव जीप ले आया ...शिवांश अब उसमे बेठा ....तभी उसकी नजर सामने गोरी पर पड़ गयी ...ये होते ही गोरी हडबडा सी गयी ....तभी शिवांसह को हेरानी से देखि वो उसे देख मुस्कराया वो अपने गले में देखि ...उसके गले में दुप्पटा है नही ..

    शिवांश को वही से देखि वो उसके दुप्पटे को अपने हाथ पर बांधे हुए उसे देखते हुए उस पर चूम लिया ...तो गोरी अपनी मुठी कस ली .....वो उससे नजरे फेर ली शिवांश उसे देखते हुए बोला अब का बोलना पडत .....

    तो केशव जल्दी से गाडी स्टार्ट कर बोला नाही सरकार ....वो जीप तभी वहा से पीछे लिया ....तो गोरी फिर से चोर नजर उस ओर देखि ...शिवांश की जीप टर्न ले वहा से बाहर की ओर निकलने लगी तो गोरी उसकी जीप देखते हुए चेन की सास ली ....

    पर उसे नही पता शिवांश की नजर अब तक उस पर ही है वो बेक मिरर पर देखते हुए अलग ही मुस्करहट उसके होटो पर बिखर गयी ..ना जाने एसा क्या सोच रहा था वो .....

    अब आगे ----------------------------------

    आखिर शिवांश क्या करने वाला है ?

    गोरी क्या उसके इरादे समझ पाएगी ?

    अगर आपको कहानी पसंद आती हो तो please कमेन्ट करिए तभी मै लिख पाउगी please इसे सपोर्ट कीजिये !

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

  • 5. प्यार है या हवस - Chapter 5

    Words: 3184

    Estimated Reading Time: 20 min

    अब आगे -------------------------------------------------

    महेश्वरी हाउस ------------------------

    रात का वक्त .....

    सभी इस वक्त रात का डिनर करने के लिए डाईनिंग टेबल पर थे .....गहना जी नवीन जी को खाना परोसते हुए बोली आपका ध्यान कहा है ....तो नवीन जी अपना चश्मा पहनते हुए बोले कुछ नही  हमारी गुडिया कहा है ....ओर शेतान भी नही दिख रही .

    तो गहना जी एक हाथ अपनी कमर पर रख बोली जरा ध्यान है आपको आज कल आपकी बेटी कर क्या रही ...तो वो उन्हें देख बोले तुम्हे क्या हुआ ..तो गहना जी उन्हें देख बोली हर वक्त फोन से चिपकती रहती ना पड़ाई ना कुछ ओर काम ....ना जाने गयी किस पर है ...

    तभी इशु उपर से उतरते हुए आते हुए बोली अरे वाह मेरी तारीफ़ हो रही है ...जरा मुझे भी सुनने दीजिये ....तो गहना जी उसे घुर उसके पास आ कान पकड़ बोली तारीफ़ की बच्ची जेसे काम बहोत अच्छे करती है ....सुबह से किताब नही उठाई गयी तुज से ....कुछ सिख अपनी दी से 

    तो इशु मुह बना बोली आह  पहले कान छोडिये मेरा ....आपको किसने कहा मेने पड़ाई नही की आज स्कुल से आते ही मेने अपने नोट्स पुरे कर लिए ...बचा सारा वर्क भी ...

    तभी नवीन जी बोले अच्छा ओर उसके आलावा सेल्फ स्टडी नाम की भी कोई चीज होती तो उइशु लाचार बनते हुए बोली आह ...अभी तो न्यू क्लास स्टार्ट हुई मै कुछ दिनों बाद सेल्फ स्टडी शुरू करने वाली थी ...खामका इतना सुना दिया वो भी खाने के वक्त ...

    तो नवीन जी बोले अच्छा माक्स पाने के लिए शुरू से ही मेहनत करनी होती अपनी दी से कुछ सीखो .....एस ही हमेशा टॉप नही करती आई ..तो इशु मुह बनाते हुए अपनी जगह बेठ बोली ओहो पापा मेरे वो सपने नही जो दी के है .....तो मै क्यों भला इतनी पड़ाई करू ...

    तो नवीन जी बोले तो तुम्हे क्या करना है ....तो इशु सपने सजाते हुए बोली ...एक बहोत ही फेमस मोडल अपनी आखे घुमा बोली जिसकी खूबसूरती देख सब हेरान रह जाए उसके बाद किसी रीच पर्सन से शादी पूरी लाइफ नो टेशन ....

    तभी गहना जी उसके सर पर लगा बोली बेशर्म ...वो नवीन जी से बोली ओर चड़ा लीजिये इसे सर पर ....वो इशु का मुह बन गया गहना जी उसे बोली डिनर के बाद आज सारे बतर्न तू ही धोना ...पड़ाई ना सही कुछ काम तो सिख ....

    तो इशु हेरानी से बोली ओह गॉड क्या हु वो अपने नेल्स देखते हुए बोली मेरे हाथ कितने खुबसुरत लग रहे आज ही ये वाला नेलपेंट लगाया हु आज नही ...तो गहना जी उसे घुरी ..

    जितने में नवीन जी अपने पास गुम सुम बेठी गोरी को देख बोले गोरी ....तो गोरी अक ध्यान टुटा ...वो सबको देखि ..नवीन जी उसके सर पर हाथ फेर बोले क्या हुआ बेटा ....सब ठीक तो है ..

    तो गोरी नजरे चुराते हुए सर हिला बोली जी जी मामा जी हमे क्या होगा ...तो तभी इशु बोली ओह्ह क्या होगा ....आपको पता है पापा दी अब बदल गयी है ....सिर्फ दो दिन कोलेज क्या गयी इशु से अपनी सीक्रेट शेयर नही करती हुह्ह्ह ...

    तभी विन जी बोले कोनसे सीक्रेट ...तभी गोरी बोली कुछ नही मामा जी वो इशु को आखे दिखाई ....गहना जी बोली बाते बाद में कीजियेगा चलिए खाना शुरू कीजिये ...

    तो गोरी का ध्यान तो कही ओर था ....

    रात का वक्त -------------------

    गोरी इस वक्त अपनी टेबल पर अपनी बुक रीड कर रही थी ....वही बेड पर फेले हुए इशु फोन चला रही थी ...गोरी पड़ते पड़ते ना जाने उसके जहन में शिवांश का ज्रिक आ गया वही सुबह की हरकत ....शिवांश की वो मुस्कराहट उसे अभी काफी अजीब महूसस करवा रही थी ...

    तभी इशु की आवाज उसके कानो में पड़ी दी ...तो गोरी अपना सर झटकी बोली हु ..तो इशु पेट के बल लेट बोली आपने कभी kiss की है ....तो ये सुनते ही गोरी के हाथ रुक गये ....

    इशु बोली केसा फिल होता ....थोडा बताइए ना ..तो गोरी उसे घुर बोली क्या बकवास कर रही ओर कहा से सिकह तूने ये तो इशु मुह बनाई बोली इसमें अब सिखने जेसा क्या है मै अब बड़ी हो चुकी तो ये सब मुझे अब पता है ओके ....ओर आपको नही बताना तो मत बताइए ना ...हटिये आप से पूछना बेकार है ..

    तो गोरी उसे आखे छोटी कर देखि अब अपनी बुक बंद करलेम्प बंद कर उसके पास पिलो उठा उसके सर पर मार बोली सच सच बता क्या से सुना ये सब ..तो इशु मुह बना बोली आपको नही पता ये तो बहोत नोर्मल है पता है मेरी क्लास में टिया ओर यश ने kiss किया 

    तो गोरी हेरानी से बोली तूने देखा ..तो इशु मुह बना बोली नही सिर्फ सुना ...पर याशी कहती है सब नोर्मल होता तो फिर क्या आपने भी किया क्या ....तो गोरी को अजीब सा फिल हुआ वही शिवांश के साथ उसकी kiss वो उसे घुर गुस्सा करते हुए बोली चुप कर बहोत बड़ी बड़ी बाते करने लगी आजकल अभी सिर्फ 10 पास की है ....अगर ये सब फिर से कहा ना तो पक्का मामा जी से शिकायत करुगी तेरी ...

    तो इशु मासूम सा चहरा बना बोली हु आप बदल गयी दी मै देख रही आप मुझे बहोत डाटने लगी है हुह्ह ...तो गोरी उसके पास बेठ उसकी एक चोटी खीच बोली चुप कर ...शेतान अब एसी बाते करेगी तो तुजे श्बाशी दुगी ..

    तो इशु पपी फेस बना उसे देख बोली please पापा से मत कहियेगा ....तो गोरी उसके बालो सही करते हुए बोली नही कह रही चल समय हो रहा है सुबह स्कुल जाना है चल ...

    तो इशु उसकी गोद में सर रख बोली हु नींद नही आ रही है आप सुलाइये ना इशु को तो गोरी के होटो पर मुस्करहट आ गयी ...वो उसके बालो सहलाते हुए बोली सो जा ..फिर सुबह नही उठेगी ....

    धीरे धीरे गोरी की आखे भारी होने लगी वो अपनी गोद में इशु को देखि जो अब सो चुकी थी तो वो अब उसे बड़े आराम से बेड पर सुलाई ....उसे अच्छे से कवर कर ...उसके बालो पर चूम बोली शेतान ..

    अब खुद भी उसके पास लेट गयी ....अपनी आखे बंद ही करी थी जितने में उसका फोन बजने लगा ..वो अपना फोन देखि ...इतनी रात को उसे किसका कॉल आ सकता है ......

    वो फोन देखने लगी ...अन नॉन नम्बर था ..वो अब उसे पिक कर अपने कान से लगा बोली हेलो ...पर किसी आवाज ना आई ...वो नम्बर देख फिर से बोली हेलो आप कोन बोल रहे है ....

    पर फिर भी कोई आवाज नही आई ...तो अब वो बोली समझते क्या है आप जो भी है किसी को एस कोल कर परेशान करने जानते आपको इसकी क्या सझा हो सक्ति है .....

    तभी किसी भारी सी आवाज आई ...सझा ही काट रहे अब का जान लोंगी ....तो ये सुनते ही गोरी झट से बेठ खड़ी हो गयी ....वो फोन को देखि फिर से कान पर लगाई ये ये आवाज तो ...तभी दूसरी ओर आवाज आई का हुआ हमको पहचान नाही का ....

    तो गोरी बिना कुछ बोले कॉल कट कर दी ....खुद से बोली इन्हें मेरा नम्बर कहा से मिला ....उसके चहरे पर पसीना सा छाने लगा तभी फोन फिर से भजने लगा तो गोरी घबरा गयी ....तभी खुद से बोली नही गोरी तू इतना डर क्यों रही ये इंसान की हिम्मत देख अब तेरा नम्बर तक निकाल लिया कल को घर आ जाएगा ..तू इसे ओर बढ़ावा नही दे सक्ति !

    अपने मन में ये सब सोच अब कॉल पिक कर कमरे  दूसरी ओर विंडो के पास बोली आपकी ...तभी दूसरी ओर आवाज आई ...जब हम बात करत है तब सिर्फ हमरा सुना करो ....पहली गलती समझ कर तुम्हे माफ़ कर रहे है ..

    तो गोरी देखती रह गयी ये इंसान ...तभी वो गुस्से बोली आप होते कोन है जिनकी हम सुने ओर एक मिनिट आपको हमारा नम्बर मिला कहा से ....ओर इतनी रात को कॉल करने की भी वजह बता सकते है आप ....

    तभी दूसरी ओर शिवांश की आवाज आई ...इतना प्यार से हम से किसी ने  वेसे पूछा नाही ...वेसे तुमको बता दे अब हमरा नम्बर सेव कर लियो कभी जरूरत पड़ सकता है 

    तो गोरी की आखे छोटी हो गयी ये इंसान ...वो सक्त भाव से बोली excuse me .आप हमारे है कोन जो हम आपका नम्बर सेव करे ....तभी शिवांश की आवाज आई अब का बताना पड़ेगा तुमरे आशिक .....

    तो गोरी सुन जेसे हेरान रह गयी ...तभी शिवांश की आवाज आई अब सारी बतिया तुम फोन में करत हो ...हम तुमरा इन्तजार करत ..बिना समय ग्वाय छत पर आओ ...

    तो गोरी तो उसकी पहले सिनी लास्ट के शब्द सुन हेरानी से बोली क्या ....तभी मुह पर हाथ रख ली इशु को देखि जो सो रही थी गहरी सास ली ...तो शिवांश की आवाज आई अब हमारा सारा चेन तुम लेक्र बेठी हो तो भला अब हमको जरा सुकून चाहिए ....

    तो गोरी हेरानी से बोली ये ये सच नही ....हम हम कॉल रख रहे है ओर हमे कभी कॉल मत कीजियेगा .....तभी वो जल्दी से रखने को हुई तभी शिवांश की सक्त आवाज आई अगर कॉल कट हुआ तो वो होगा जो तुमको पंसद नाही आयेगे जान ....

    उसकी इस तरह से कही बात गोरी के हाथ रुक गये ...शिवांश की आवाज आई ...अगर नाही चाट हो तुमरे पुरे परिवार के सामने तुमरे पास आवे ...तो हम छत पर है चुप चाप वहा आओ ..सुन लियो अगले कुछ सेकंड में हमको तुम अपने सामने चाहिए वरना ...

    गोरी जल्दी से कॉल कट कर दी आखे मीच ली उसका दिल बहोत जोरो धडक रहा था ...शिवांश उसके घर पर ही ...नही नही वो उसे सिर्फ डरा रहा है ....

    वो अब अपने बेड के पास आई बेठ अब पानी पि खुद को शांत करते हुए बोली गोरी तुजे डरने की जरूरत नही वो सिर्फ तुजे डरा रहे है ....वो केसे भला आ सकते है नही ....पर हमरा नम्बर केसे मिला उन्हें ...

    तभी उसके कानो में इशु की आवाज पड़ी हु दी ...तो गोरी पलट उसे देखि जो नींद में बेड पर हाथ फेर रही थी ..तो अब उसके पास आ उसके बालो पर हाथ फेरते हुए बोली यही हु तेरे पास ...तो इशु उसके हाथ को पकड़ कर सो गयी तो गोरी उसे देख अब उसे सही से कवर की अपनी जगह लेट गयी ....

    बार बार उसे शिवांश का ख्याल रहा था ...ये इंसान अब थोडा उसके लिए डरावना होता जा रहा जिसे वो भूलने की सोच रही थी पर उसका डर हर पल बड रहा था ...

    अपनी आखे बंद की ...दल को शांत करते हुए धीरे धीरे सोने लगी ...कुछ पल ही उसे अब नींद की गहराई महूसस होने लगी थी तभी अजीब सी फिग्रेंस अपने करीब महूसस होने लगी ...वो नींद में हल्का सा कुमकुमाई ..पर ज्यदा ना सोचते हुए अपनी आखे ना खोली ..

    पर जेसे वो उसके बेहद करीब आता जा रहा जिसे वो महूसस करने लगी थी धीरे धीरे ....जेसे वो उसके होटो की ओर बड रहा था ....अपने होटो पर अब गर्म सासे महूसस होने लगी थी .....

    ये महूसस कर अब तभी वो झट से आखे खोली की उसकी आखे जेसे बाहर आने को हुई ....उसकी ठीक अपने उपर शिवांश को देख ...जो उसके बिलकुल करीब था ...

    जेसे उसकी जान हलक में आ गयी उसकी अचानक होने से मुह से चीख निकलती तभी शिवांश उसके होटो पर पर हाथ रख दिया उसकी आवाज गले में दब गयी ...शिवांश उसके होटो पर हाथ रखे उसके बेहद करीब था इतना उन दोनों नाक आपस में टकरा रही थी ....वो सक्त आवाज में बोला ...अगर तुमको अपना पूरा मोहल्ला जगाना है तो हमको कोनो दिक्कत नाही है ...

    तो गोरी उसे आखे फाड़े देखती रह गयी शिवांश अब उसके होटो से हाथ हटाते हुए निचे बडाया उसके गले को छुआ अब हाथ निचे सिने की ओर बडाने को हुआ तभी गोरी उसका हाथ पकड़ ....

    वो उसे देख तिरछा मुस्कराया ...गोरी उसे दूर करते हुए धीरे से बोली दू दूर हटिये ..आप आये केसे ....तो शिवान्श्त्भी झटके से उसका हाथ मरोड़ बेड से लगा दिया गोरी आह लेती तभी अपने होठो को भींच ली तभी अपने पास सो रही इशु को देखि ...

    तो शिवांश उसे देखते हुए बोला लागत है तुम हमको बहोत हल्के में ले ली ...तो अब हमको तो दिखाना पडत है ना अपनी आशकी ....तो गोरी उससे हाथ खीचते हुए धीरे से बोली क्यों क्यों कर रहे आप ..क्यों पीछे पड़े है जाइए यहा से ...वरना ..

    शिवांश उसके हाथ पर पकड़ कस ....उसके बेहद करीबी से उसकी आखो में देखते हुए बोला वरना का ...तुको का लागत है हम वो गली का चलता फिरता आशिक है ...वो उसके होटो को देखते हुए बोला तुमरे होटो ने हमको अपना दीवाना बना दिया ...हर बकत ...सिर्फ इनको पिने जी चाहता ओर एक तुम हो हमरी प्यास को ओर बड़ा देती हो .....

    तो गोरी उसकी ये सब बाते सुन ..घबराने लगी उससे हाथ लेने की कोशिश करते धीरे से बोली छोडिये वरना हम चिला देगे ...तो शिवांश उसके हाथ से हाथ पीछे लेते हुए उसकी कमर से ला तभी कस के प्रेस किया तो गोरी अपनी कमर उठाने पर मजबूर सी हो गयी ...

    जिससे दोनों एक पल के लिए आपस में चिपक से गये ..ये महूसस कर शिवांश अपनी आखे बंद कर लिया तो गोरी को अब अजीब सा महूसस हुआ वो उससे दुरी बनाते हुए बोली छ्दोइए हमे वरना हम चिला देगे ...

    तो शिवांश उस पर अब ओर जुकते हुए कान के करीब आया ...धीमे से बोला जितना चिलाना है चिलाओ ...क्युकी हमरे कान अब तुमरी आवाज के प्यासे हो गये ....

    तो गोरी उसे हेरानी से देखने लगी उसकी आखो में नमी आने लगी वो इशु की ओर देखि ..जो अब हिलने लगी थी जेसे उसकी  जान हलक में आ गयी शिवांश अपने होटो से उसके इयर लोब पर छुआ तो गोरी जेसे अंदर तक सिहर सी गयी ...

    तभी तभी किसी के कदमो की आहट हुई ये सुनते ही गोरी दिल जेसे अब बाहर आने को हुआ ....ये तो मामा जी के चलने की आहट जो उनके कमरे की ओर बड रही थी ...

    ये महूसस कर ...शिवांश से मरी सी आवाज में बोली छोडिये जाइए यहा से ...तो शिवांश अब तक उस पर वेसे ही उसकी बालो की लटो पीछे करते हुए उसके होटो को ही देख रहा था ....

    तो गोरी के आखो से आसू गिरने लगे थे वो उससे रिकवेस्ट करती ...वही नवीन जी सीडिया चल अब गोरी के कमरे के बाहर आये तभी उनकी आखे सिकुड़ गयी दरवाजा खुला ...

    अब वो दरवाजा खोल अंदर आये .....तभी सामने का द्र्य्श देख उनकी आखे सिकुड़ गयी .....

    वो अब अंदर आये . बेड पर सिर्फ इशु ....गोरी कहा है वो कमरे में सब ओर देखे ....तभी उनका ध्यान बाथरूम की ओर गया ...जिसका दरवाजा लगा था ....

    वो अपना चश्मा सही कर उस ओर आये बोले गुडिया ...पर कोई आवाज ना आई ..तो वो अब दरवाजे पर नोक कर बोले गुडिया अंदर हो क्या बेटा ...

    उन्हें क्या पता इस वक्त उसी दरवाजे से लगे हुए गोरी जिसके मानो सासे रुकी पड़ी हो ....वो इस वक्त दरवाजे से उसके बेहद करीब शिवांश ....इतने की उसकी सासे भी उसे अपने होटो पर महूसस हो रही थी .....

    शिवांश जेसे उसकी सासों को अपने सासों में घोल रहा हो ....तभी दरवाजे पर नोक हुआ गोरी बेटा ....तभी गोरी चहरा फेर ली पहले सास लेने लगी जो शिवांश के एस करीब होने से उससे ले तक नही जा रही थी ....पर जेसे वो तो एस हाफ रही थी जेसे उसकी सासे कोई ओर बस में कर बेठा हो ..तभी नवीन जी डोर फिर से बजाते हुए बोली गोरी तू ठीक बेटा ...

    तभी गोरी झट से बोली जी  जी मामा जी ....तभी नवीन जी चेन की सास लिए बाहर से बोले थर दिया हमे इतनी देर से आवाज लगा रहे है ...तू ठीक तो है ....

    तो गोरी अपनी सासों काबू में करते हुए बहोत काप रही थी इस वक्त बोली जी ..जी मामा जी ..तो विन जी बोले क्या हुआ ....तेरी आवाज कुछ ...तभी वो बोली वो वो ...बस गर्मी लग रही तो बस शावर लेने आये थे ...

    तो नवीन जी बोले ...अच्छा ठीक पर वक्त से सोजा ....अब पड़ाई मत करना ठीक है ...तो गोरी गोरी कोशिश कर बोली जी जी ...तो अब उसे नवीन जी क्र कदमो की आहट सुनी ....

    तो जेसे उसके जान में जान आई हो ....तभी वो सहम गयी शिवांश उसके कान के करीब भारी से सक्त आवाज में बोला आन्यदा से हमरी बात को टालने का कोशिश भी नाही करना ....वरना बहोत कुछ होगा ....

    तो गोरी के बोडी में कम्पन सी दोड गयी वो उसे दूर करते हुए बोली हटिये ....दूर हम से ....शिवांश एक इंच भी उससे दूर ना हुआ ..गोरी अब जल्दी से निकलने की कोशिश को हुई तभी वो उसके आस पास हाथ लगा दिया ....जेसे वो अब फस गयी ..

    शिवांश सक्त आवाज में बोला बहोत प्यार से बतिया लिए ...तो ठीक बा ...तो गोरी कुछ समझती तभी वो उसकी कमर झटके से पकड़ एक पल में अपने से लगा लिया ....

    वो उसके करीब सिने से आ लगी ...उसके हाथ उसके सिने पर आ गये ...हेरानी शिवांश को देखने लगी जिसका चहरा इस वक्त काफी सक्त था ...वो उसकी कमर को पकड़े हुए अब दूसरा हाथ उसके बालो में डाल ...उस पर पकड़ कस बोला हमको इतना तडपाने का कुछ तो सझा मिलना चाहे तुको ....

    तो गोरी उसके एस पकड़ने से आखे मीच लू वो कुछ करती तभी उसकी आखे झट से खुल गयी देखते ही देखते आखे हेरानी से बड़ी हो गयी ...शिवांश उसके होटो अपने होटो के गिरफ्त में ले लिया ...

    अब मानो एस उसके होटो को चूम रहा हो ....जेसे कोई इंसान रेगिस्थान में प्यासा पानी को देख हरकत करता ठीक वेसे ही वो अपनी बेसब्री दिखाने लगा था ....उसके होटो जेसे पूरा निचोड़ रहा था ....उसकी kiss की आवाजे पुरे बाथरूम में गूंज रही थी एक पल के लिए भी उसने खुदको ना थामा ....होटो को एस चूमे जा रहा था ....

    गोरी उसे आखे बड़ी किया देखे जा रही थी पर अपने होटो में होने वाले दर्द को अब महूसस करते हुए ....उसे अब एहसास होने लगा उसके साथ आखिर हो क्या रहा ..तभी वो शिवांश के सिने पर मारने लगी उसे खुदको दूर करने के लिए ...

    पर एसा हो तब ना शिवांश उसके होटो एस गिरफ्त में लिया था ना जाने कितने जन्म से प्यासा हो ...गोरी के होटो एक पल भी छोड़ नही रहा था ....गोरी के आखो से अब नमी गिरने लगी थी इतना उसने खुदको कभी कमजोर महूसस ना किया ...की एक इंसान उसकी मर्जी के बिना उसके साथ इस तरह की हरकत कर रहा है .वो कुछ तक ना कर पा रही है !

    ना जाने कब तक वो ये करता रहा जेसे होटो छोड़ना नही चाहता .....पर अभी तक रफ था ...होटो बेहद बुरी तरह से ....निचोड़ रहा था ...गोरी जेसे थाक हार सी गयी ...उसे दूर करते करते ....

    एक वो पल आया जब शिवांश रुका ....पर उसके हॉट गोरी से अब तक दूर आ हुए ....तभी ...

    अब आगे ---------

    केसा लगा बताइयेगा जरुर !

    कहानी आगे बढाऊ तो मुझे कमेन्ट करिए ..क्युकी ये कहानी तभी आपको रोमेंचिक लगने लगेगी ....बहोत कुछ होने वाला गोरी के साथ ....?

    पर क्या गोरी चुप चाप सह लेगी ?

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

  • 6. प्यार है या हवस - Chapter 6

    Words: 2136

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे ---------

     

    वो वेसे ही अब अपनी आखे खोला तो उसकी आखो के सामने गोरी का पूरा आसुओ से भरा हुआ चहरा आया .....वो उसे देख वो गोरी के गले पर हाथ रख बोला ये का ...तुम रोवत हो काहे ..

     

    तो गोरी अपनी भीगी नजरे उठाई ....तो शिवांश उसे देखते हुए बोला अब हमरी गोर से सुन लियो .....तुम हमरी हो ...तो जब हमरा मन होगा हम तुमरे से मिलने का तब तब तुको आना होगा ...वरना वो फिर से उसके होटो को चूमता तभी गोरी झट से पीछे हट गयी जितने में लडखडा गयी पीछे दरवाजे से लग गयी .....

     

    तो शिवांश उसके इस तरह से खुद से दूर होने पर उसका चहरा सक्त हो गया ...वो उसे घुर एक कदम बडाया तभी गोरी जल्दी से बाथरूम के दुसरे कोने में चली गयी ...

     

    तो शिवांश उसे घुरा ....ना जाने उसे गोरी का खुद से इस तरह दूर होना अच्छा नही लगा ....वो उसे सक्त आखो से देख ना जाने वो अब क्या करेगा वहा से दरवाजा खोल निकल गया ....

     

    तो गोरी जेसे टूट सी गयी वही दीवार के सहारे निचे फर्श पर बेठ गयी तभी रोने लगी 

     

    वही दूसरी ओर -----------------------------

     

    शिवांश .....अपने कमरे में ....अपने सामने उस तस्वीर को निहार रहा था ....एक बड़ी सी तस्वीर ....जो ओर किसी नही गोरी की थी ....पर वो तस्वीर इस तरह की थी ....बेहद खुबसुरत लग रही थी ....पर इस तरह के रूप में थी ....शिवांश उसके उस रूप को ही निहार रहा था .....

     

    तभी उसे अपने सिने पर हाथ महूसस हुआ ....

     

    तो वो सामने तस्वीर से अपने करीब देखा तो उसके होटो पर हल्की सी मुस्करहट आ गयी वही अक्स अब उसे अपने करीब नजर आने लगा ....गोरी को वो अपने करीब महूसस कर रहा था ....

     

    जो इस वक्त काफी खुबसुरत लग रही थी जेसे मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा उतर आई हो ....बाल खुले हुए सिर्फ एक पतली सी साडी में लिपटी हुई जिससे उसका योवन जलक रहा था 

     

    वो उसे नशीली आखो से देखते हुए उसकी कमर पर हाथ रख तभी झटके से अपने करीब कर लिया वो उस पर आ गयी ....वो उसकी खुली सी कमर से पीठ तक अपने सक्त हाथो की हरकत करते हुए उसके होटो को देखते हुए बोला हमरी प्यास तो ओर बड गया है ना जाने तुमरे  इ होटो में एसा  कोनसा रस है जिसे छोड़ने का जी नाही करता ....

     

    तो गोरी सरम से मुस्कराई उसके उपर से बगल में उतर लेट गयी .....शिवांश उसकी ओर करवट ले लिया वो उसे देखते हुए अब नजरे निचे लाया उसके सीना जो बार बार उठ रहा था ....सिर्फ पतली सी साडी गिरी थी ...वो उसके पेट पर हाथ हाथ कसते हुए वेसे ही कपड़ो  होटो को सिने पर रखा तभी जेसे वो उसकी बाहों से ओज्ल सी हो गयी ....

     

    वो आस पास देखने लगा तभी बेड पर पीठ के बल लेट अपनी आखे बंद कर बोला अब नही रहा जा रहा हम से ....

     

    अगली सुबह

    नवीन जी अखबार पड़ रहे थे गहना जी उनके लिए चाय ले आई वो अखबार समेटे हुए बोले आज क्या बात है गुड़िया अब तक उठी नहीं ।

    गहना जी उन से बोली अब नीचे आई नहीं हमें लगा रात को लेट सोई होगी तो अब तक आंख ना खुली होगी तो नवीन जी बोले क्या ऐसा कभी हुआ तो नहीं ।

    तभी इशू आवाज आई पापा ..तभी वो झट से खड़े हो गए इशू नीचे आ बोली दी तो नवीन जी गहना जी को देखे

    वहीं गोरी सर झुकाए बैठी थी नवीन जी उसके बालों पर हाथ फेरते हुए बोले हम तो डर गए पर बेटा तुम्हारी बाथरूम में कैसे आंख लग गई

    तो गोरी कुछ बोल नहीं रही थी गहना जी प्यार से गोरी के गाल पर हाथ रख बोली अच्छा छोड़ो चलो तैयार नहीं होना कॉलेज जाने का वक्त हो रहा है

    तो नवीन जी गहना जी को देखे तो पलके झपका दी वो उनकी समझ गोरी से बोले हा तुम्हारी मामी सही कह रही है कोलेज नही जाना तभी गोरी बोली नही ..

    तो वो उसे देखने लगी गोरी अपनी आखे मीच ली ....नवीन जी उसे देख बोले क्या हुआ कोई बात है ....बेटा ..तो गोरी उन से नजरे चुरा ना में सर हिलाई ...तो नवीन जी उसके बालो पर हाथ फेरते हुए बोले आज कोलेज नही जाना ..तो गोरी कुछ ना बोली वो बोले ...हमारी गोरी कब से इतनी कमजोर पड़ने लगी ...

    तो गोरी उन्हें देखने लगी वो उसे देखते हुए बोली चाहे  बात कोई भी हो पर उसका एस बेठ जाने से कोई हल नही निकलेगा तो गोरी उन्हें देख रही थी ....तभी कुछ सोचने लगी ..बोली हम तेयार होकर आते है ....

    तो नवीन जी के होटो पर मुस्कह्त आ गयी वो उसके गाल पर रख बोले हमे पता था हमारी गुडिया बहोत strong है तो गोरी उन्हें देख हल्का सा मुस्कराई ...

    कोलेज --------------------------------

    गोरी कोलेज के बाहर खड़े हुए अंदर एक गहरी सास ली ...बहोत प्यारी लग रही थी ....लॉन्ग सूट पहने हुए आज बालो को घुथे हुए अपने अंदर वही घबराहट लिए रात को जो हुआ था उस वजह से बहोत डिस्टर्ब थी .....

    तभी कोई उसके पीछे आ कंधे पर हाथ रखा ..तभी वो अचानक घबरा गयी देखि तो पलक थी ..वो उसे देख इशारों में बोली व कब से उसे रोकने की कोशिश कर रही उसका ध्यान कहा है ...

    तो गोरी अब आस पास देखि उसे ना में सर हिलाई तो पलक उसे इशारों में बोली क्या हुआ वो कुछ ठीक नही लग रही ...तो गोरी ना में सर हिलाई तो वो आगे की ओर चलते हुए पलक उसे कुछ कुछ इशारों में पूछ रही थी तभी कुछ लडकियों की आवाज आई ...

    तभी वो दोनों रुक गयी उस ओर देखि ...तभी दो लडकिय उनके पास आ बोली हाय  गाईस ...मै पिहू ..तो दूसरी बोली मानसी ....तभी पिहू बोली गाइस तुम्हे पता है हमारे कोलेज में फ्रेशर पार्टी है ....

    तो मानसी बोली क्या तुम्हे कुछ पता है फ्रेशर पार्टी केसी होती है तो पलक ना में सर हिलाई ....वो इशारे में कुछ बोली तो वो दोनों कुछ समझी नही तो गोरी बोली इसका मतलब है इसने आज तक एसी किसी भी पार्टी नही देखि ....

    तो मानसी बोली ओह्ह तुम्हे sign लेग्वेज आती है ...तो गोरी नॉर्मली बोली हां वो किसी वक्त एस बच्चो को ट्यूशन देते थे ..पिहू बोली अच्छा ....ये सब छोडो यार तुमने सोचा है तुम लोग क्या पहनने वालो क्या करने वालो ...

    तो गोरी कुछ ना बोली पलक उदासी से कुछ बोली ...तो मानसी उसे देख बोली तुमहरा मतलब है तुम्हे तो इस बारे कुछ पता नही ...तो पलक सर हिलाई ...

    तो गोरी बोली वो हम चलते है तो पिहू बोली कहा चली अभी तो कोई क्लास नही चलो ना केंटिन चलते है .....तो गोरी बोली नही हमे लाइब्रेरी जाना है तो मानसी बोली क्या अभी भी इतनी पड़ाई कोलेज में इंजॉय करते है ना चलो ना ..

    तो गोरी उसे देख बोली हमारा अभी मन नही हम चलते है वो वहा से निकल गयी ...तो पिहू बोली छोड़ हम ही चलते है ...तभी पलक ना करते हुए बोली उसे भी नही जाना ....

    वो जल्दी से गोरी के पीछे आई तो तभी गोरी उसे देख बोली अरे तुम क्यों आई तो पलक उसकी बाह पकड़ मुस्करा इशरा में बोली उसका भी उसके बिना वहा मन नही लगेगा ...

    तो गोरी मुस्करा दी ...वो लोग लाइब्रेरी की ओर आये ....तो गोरी अब इतनी सारी किताबो को देख जेसे इतनी देर से जितनी परेशान थी खुद में वो सब उतर सा गया ..क्युकी जब भी परेशान होती ये किताबे ही उसे एक सुकून देती थी बचपन से ही पड़ने ओर पडाने का शोक था ...आखो में एक ऑफिसर बनने का सपना !

    वही बाहर कोलेज के मैदान में ....दो गाडिया आकर रुकी ...तभी उसमे से केशव बाहर आया ...पीछे का दरवाजा खोला तो उसमे से अब कोई बाहर कदम रखा .....

    जो ओर कोई नही शिवांश था ....इस वक्त ब्लू जींस ....उस पर वाईट शर्ट ..उस पर जेकिट पहने हुए आखो पर शेड वो  अपनी आखो से शेड हटाया केशव बोला कहा चलना है सरकार ...

    तो शिवांश सामने देखते हुए बोला हमको आज  अपनी जान से मिलना है ...तो तभी गोरव बोला जान ये कोन है .तभी सक्त आखो से शिवांश उसे देखा तभी केशव उसके सर पर लगा बोला अरे अपनी भोजाई ठकुराइन है इज्जत बोल साला ...

    तो गोरव शिवांश को देख बोला वो वो सरकार हमको मालुम नाही था ....माफ़ करना ..

    तो शिवांश अब सामने ओर देखा अपने कदम आगे बड़ा लिया ....गोरव अपना सर सहलाते हुए केशव से बोला अब भोजाई कहा से आ गयी तो केशव बोला अरे सरकार का दिल कोनो लडकी पर आ गया ...

    तो गोरव हेरानी से बोला का ..तो केशव बोला लागत है सरकार उके दीवाने हो गये है ...देखत नाही सिर्फ अपना काम छोड़े उ लडकी को देखने आये है .....तो गोरव बोला अच्छा ....

    वही शिवांश गेलरी में चल रहा था ....वही आते जाते लोग उसे देख रास्ता ही बदल लेते ...शिवांश का ध्यान जेसे कही ओर था ..ना जाने वो एसी कोंसी सी महक महूसस करने की कोशिश कर रहा था तभी उसके कदम अपने आप एक जगह आकर रुक गये ....

    तो उपर बोर्ड देखा तो लाइब्रेरी था .....

    वही गोरी सबसे अलग जहा कोई नही था ....इस वक्त बुक रीड कर रही थी ....उससे कुछ दुरी पर पलक थी ....तभी कुछ थोड़ी आवाज आई ..तो पलक गोरी को देखि जो अभी बुक को ही रीड कर रही थी तभी उसकी नजर रक ओर गयी तभी हेरानी से देख खड़ी हो गयी ....

    तो वो अब गोरी को देखि को बड़े ध्यान से बुक को रीड कर रही थी ....पलक अब वहा से चली गयी ..तभी गोरी के कानो में आवाज पड़ी ....काश जरा इतना इत्मीनान से हमको भी देख लिए होती ....

    तो ये सुनते ही गोरी के हाथ रुक गये ....तभी चेयर लगा वो बेहद करीब उसके बेठ बोला जरा हमको भी बताओ एसा का है इस किताब में जो हम में नाही ...

    तभी गोरी झट से खड़ी हो गयी हेरानी से उसे देखने लगी जो ओर कोई नही शिवांश था ....वो गोरी को से टेडा कर देख बोला ये का ...कम जरा नजदीक का आये तुम एस दूर भाग रही हम से ...वो उसके हाथ को पकड़ने को हुआ तभी गोरी जल्दी से दूर हो गयी बोली छूना नही हमे .....

    शिवांश का हाथ हवा में रह गया वो अपनी अब मुठी कसते हुए गोरी को सक्त आखो से देखा ...गोरी अब जल्दी से वहा से भाग जाना चाहती थी वो एसा कुछ करती तभी तभी शिवांश उसकी कलाई पकड़ वही बुक शेल्फ से लगा दिया ....

    वो घबराई हुई हेरानी से उसे देखने लगी उसके आखो के सामने वही रात का मंजर आ गया शिवाश उसे सक्त आखो से देखते हुए बोला ...तुमरा हिम्मत केसे हुआ हम से दूर होने का .....

    तो गोरी उसकी बाहों से निकलने की कोशिश करते हुए बोली दूर रही हम से .....तो शिवांश उसे आखे छोरी कर देखा गोरी की कमर से पकड़ बिलकुल अपने से सटा लिया बोला अब हम भी देखत है ओर कितना दूर भागना है तुमको ..

    तो गोरी के आखो से आसू गिरने लगे ....वो शिवांश के सिने पर मारते हुए रोते हुए बोली हमे जाने दो ...नही please नही ....हमे जाने दो ....तो शिवांश उसे ही देख रहा था गोरी रो रही थी उससे दूर होने की कोशिश करते हुए बोली हमे जाना है ...तभी शिवांश उसे छोड़ दिया .....

    तो गोरी उसे भीगी आखो से देखि ...शिवांश उसे अब शांत भाव से देखते हुए बोला हमरा छूना तुमको अच्छा काहे नही लगता ....तो गोरी उसे देखने लगी आस पास देखि अब अपने कदम पीछे लेने को हुई तभी शिवांश उसकी कमर से पकड़ अपने करीब खीच लिया 

    वो इस पर हेरानी से उसे देखि शिवांश उसकी आखो में करीबी से बोला सुन लियो तुमको सिर्फ हम ही छू सक्त है कही भी कभी भी ...क्युकी अब तुम सिर्फ हमरी हो वो उसके उसके होटो को चूम लिया ..अपनी आख बंद कर लिया ....

    ये होते ही गोरी घुट सी गयी उससे दूर होने लगी तभी वो उस पर पकड़ छोड़ दी ! तो गोरी जल्दी से उससे दूर हो गयी अब वहा रुकी ना वहा से दोड़ते हुए चली गयी शिवांश तभी गुस्से में वो शेल्फ पर जोर का मुक्का दे मारा तभी वो शेल्फ पूरा निचे गिर गया ...

    वो गुस्से में काप रहा था ....उसे हरगिज में ये अच्छा नही लगा गोरी उससे दूर होना ...जो वो चाहता वो उसे नही मिला .....

    अब आगे ---------------------------------

    अब क्या करने वाला है शिवांश ?

    गोरी कब तक ये सहती रहेगी ....या कुछ एसा होए वाला है ?

    अगर आपको ये कहानी आगे चाहए तो आगे के चेप्टर अब आपके कमेन्ट पर ही आयेगे वरना मै ये कहानी यही छोड़ दुगी क्युकी ज्यदा ज्यदा रीडर होगे तभी कुछ हो सकता है उसके लिए आपको मुझे सपोर्ट दिखाना होगा कमेन्ट कीजिये !

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 7. प्यार है या हवस - Chapter 7

    Words: 2303

    Estimated Reading Time: 14 min

    अब आगे ---------------------------

    गर्ल वाशरूम ..... 

    गोरी इस वक्त वाशरूम में काफी रो रही थी ..... फिर से शिवांश वही हरकत उसके साथ की .... सामने मिरर में खुदको देखि पूरा चहरा आसुओ से भरा यहा तक काजल फेल गया .....

    वो अपने होठो को पोछ ली क्युकी उसे अभी वही छुहन महूसस हो रही थी ..... तभी उसके कानो में आवाज पड़ी ....क्या हुआ गुडिया .....तो गोरी सामने देखि तभी फफक पड़ी .... एक शख्स उसे नजर आने लगे .... 

    वो रोते हुए बोली पापा .... वो उसे सिर्फ दिखाई देते थे जब खुदको कमजोर महूसस करती थी ....क्युकी वो इस दुनिया में थे नही सिर्फ माँ है ओर एक भाई ...जिन्हें गाव छोड़ यहा अपने पापा का सपना पूरा करने आई थी .... 

    वो उसे देखते हुए बोली हमारी गुडिया आज इतनी कमजोर केसे हो गयी ...तो गोरी उन्हें देखने लगी वो उसे देख बोले किसी भी मुसीबत का हल उससे भागने में नही उसका सामने करने से है ...

    तो गोरी अपना चहरा पानी से धोई ....अपनी आखे खोली अब कोई नही था पर वो खुदको देखते हुए बोली गोरी अब कुछ नही सहेगी ....

    कुछ देर बाद -------------------------

    सभी अब कोलेज से बाहर निकल रहे थे ..... 

    तो गोरी अपना बेग लिए बाहर की ओर आ रही थी .... तभी उसके साथ पलक आ उसके कोशिश कर कुछ इशारे में बोली पर गोरी बस ना में सर हिला दी .... 

    तो पलक उसे देख अपने कान पकड़ उससे माफ़ी मांगी तो वो उसे सिर्फ ना में सर हिलाई ...तो पलक अब कुछ ना बोली .....

    ओ बाहर आये तो पलक उसे इशरे में बोली आज उसे लेने नही आ रहे तो गोरी बोली नही आज मामा जी को जरूरी काम है हम बस से जा रहे है तुम तो पलक मुस्करा बोली वो भी .... 

    तो गोरी मुस्कराई वो लोग कोलेज से कुछ दुरी पर आ अब बस का वेट करने लगे .....

    तभी कुछ दुरी पर एक गाडी आकर उन से कुछ दुरी पर गाडी रुकी ..... 

    तो गोरी उस पर नजर पड़ी ....तो वो नजरंदाज कर दूसरी ओर देखने लगी ....पलक अब दूसरी ओर आ गयी डर से ...तो गोरी उसे नासमझी में देखि तभी उसके कानो में आवाज पड़ी ...भोजाई ....

    तो गोरी ये सुन उस ओर देखि तब उसके भाव बदल गये ..केशव था वो गोरी को देख बोला आप यहा खड़ी है काहे ...आइये गाडी में बेठिये सरकार आपका इन्तजार करत है उनके होते हुए आप यहा खड़ी रहे अच्छा नाही लगता ना ...आइये गाडी में बेठिये ....

    तो गोरी अब एक नजर गाडी की ओर देखि ....तभी गाडी का पीछे का मिरर निचे हुआ शिवांश के देख गोरी के भाव अब सक्त हो गये ....वो अपनी आखो पर शेड लगाये हुए बेठा था ..

    तो गोरी केशव को देख बोली जी हम खुद जा सकते है ...वो दूसरी ओर देखने लग तभी उसके कानो में शिवांश की आवाज पड़ी ....ओर हम चाहत है हमरी जान इ तरह सडक पर खड़ी रहते अच्छी नाही लागत इसलिए अंदर आकर बेठो बा ... 

    तो गोरी ये सुन पलट गुस्से से शिवांश को देखि ..तो अब केशव शिवांश का दरवाजा खोला तो वो बाहर आया ....अपनी आखो से शेड हटा गोरी को देखते हुए बोला सुना नाही तुम ने अंदर बेठो .... 

    तो गोरी उसे देख अब आस पास देखि सब आते जाते लोग उन्हें देख रहे थे ....गोरी शिवांश को देख बोली हम नही चाहते यहा कोई तमाशा हो इसलिए हमे यहा परेशान मत कीजिये ...

    तो शिवांश के होटो किनारों से मुड गये वो कदम आगे बड़ा उसकी बोला अब अपनी जान का फ्रिक करना तमाशा करना होता है जब हम है काहे तुको किसी ओरन का जरूरत है ...

    तो गोरी कुछ ना बोल दूसरी ओर मुह कर ली ...तो ये जेसे शिवांश को जेसे बर्दाश ना हुआ गोरी जरा भी इग्नोरेंस उसे सहन नही होती थी ...वो गोरी का हाथ पकड़ अपनी ओर कर बोला जब हम बात करत है तो हमरे  से नजरे भी नाही हटना चाहे तुमरा ...

    तो गोरी गुस्से देख अपने हाथ को देख बोली हाथ छोडिये हमारा ...तो शिवांश उसे देखते हुए बोला ये तो अब छोड़ने से रहे हम अब तुमने हमको गुस्सा काहे दिलाया हमको बिलकुल भी बर्दाश नाही कोनो हमरी बात इस तरह टाले .....

    तभी एक तमाचे की आवाज वहा गूंज गयी ....आस पास लोग वही रुक गए ....शिवांश का चहरा एक ओर जुक गया केशव हेरानी से देखने लगा वही पलक भी गोरी हेरानी से देखने लगी जो इस वक्त गुस्से में थी वो शिवांश का हाथ झटक गुस्से बोली खबरदार जो अब हमे छुआ सुना आपने ....

    शिवांश का चहरा एक ओर जुका था ..गोरी गुस्से बोली होते कोन आप हमे छूने वाले ...आयन्दा से हमारे साथ कोई भी ब्त्तिमीजी तो उसका इसी तरह से जवाब मिलेगा समझे आप ....दूर रहियेगा हम से ....

    वो अब पलक का हाथ पकड़ बोली चलो यहा से ...वो पलक को अपने साथ वहा से ले गयी .....पर शिवांश वेसे ही खड़ा रह गया .....अब वो जाती हुई गोरी को देखा ...उसका चहरा बिलकुल शांत जेसे कोई भाव आये नही .....

    केशव डरते हुए शिवांश से बोला सरकार ....शिवांश बिना कुछ कहे जाकर अपनी गाड़ी में बेठ गया ...केशव अपना सलाइवा गटक लिया क्युकी शिवांश का ये शांत रहना अबनोर्मल था ....यानी उसका शांत रहना ही एक तूफ़ान आने की निशानी थी ..... 

    वही गोरी अपनी आखे बंद कर अपनी सीट पर बेठी थी तभी पलक उसकी पीठ पर थप तपाई तो गोरी उसे देखि तो पलक उसे इशरो में बोली तुम बहोत ब्रेव हो तो गोरी जेसे अब खुल कर सास ली पलक उसे इश्राओ में बोली ये तुमने केसे किया वो तो डर गयी थी ...

    तो गोरी बोली एक वक्त तक हमे भी डर लग रहा था पर जेसे अब काफी अच्छा लग रहा है एस लोग सिर्फ आपके चुप होने फायदा उठाते है ....इन्हें इनके ही तरीकेसे जवाब देना होता ये आमिर बाप के बिगड़े हुए वो लोग है जिन्हें कभी सिखाया नही गया ओरतो के साथ केसा बिहेव किया जाता है बस हमने तो छोटा सबक सिखाया अब अगर किसी लडकी के साथ कोई ब्त्तिमीजी करेगा तो हमरा तमाचा याद करेगा ....

    तो पलक मुस्कराई तो गोरी उसे देख मुस्कराई पर ना जाने उसे क्यों अजीब सा डर सताने लगा ..... शाहिद उसे भी अजीब सी फिलिंग आ रही थी पर वो अपना सर झटक खुदको जेसे इन सबसे आजाद करा लिया हो पर वो नही जानती जो शान्ति उसे महूसस नही हो रही वो क्या करने वाली है .....

    एक सुनसान सा कारखाना --------------------------

    जहा इस वक्त काफी चीखे सुनाई दे रही थी ......बहोत से आदमी जो इस वक्त उलटे बिना कपड़ो के लटक रहे थे .तन पर एक भी कपड़ा नही ....पर उनकी चीखे इस प्रकार किसी भी रूह काप जाए ....

    पर जेसे किसी कानो का सुकून बन रहा था वो सब ..वो शख्स इस वक्त आखे बंद किये उन चीखो को सुन रहा था ...पर जेसे उन चीखो में भी उसके कानो में वही शब्द गूंज रहे थे ....वो होता कोन है उसे छूने वाला .....उसे कोई हक़ नही ..वो अपनीलाल आखो खोला ...जो ओर कोई नही शिवांश था .....

    इस वक्त उसके हाथ से खून टपक रहा था ....अपने हाथ में लोहे की सुलगती रोड लिए था ....पर जेसे दर्द की एक शिकन तक उसके चहरे पर ना थी ...इस वक्त शर्टलेस ...उसकी परफेक्ट बोडी एब्स नजर आ रहे थे .....पर उसकी नसे उभरी हुई थी ....

    तभी केशव की आवाज आई सरकार बहोत ही खून बाह रहा है आपका इसे छोड़ दीजिये ....तभी शिवांश उसे अपनी लाल आखो से देखा तो सर जुका लिया ....

    तभी शिवांश सक्त आवाज में सामने देखते हुए बोला हमको ओर  इनकी चीखे सुननी है ...तो अब वहा का मंजर ओर खूखार सा हो गया ....वो लोगो के शरीर से खून टपकने लगा था ....काफी दर्दनाक तरीके से पेशाया जा रहा था उन लोगो के साथ ....

    उनकी बड्ती चीखे जेसे शिवांश थोडा सकूं दे रही थी ..पर आखो केसामने गोरी नजर आ रही थी उसे इस वक्त इस बात का जरा भी गुस्सा नही गोरी उस पर हाथ उठाया ...बल्कि गुस्सा उसके कहे शब्द उसके सिने पर इस वक्त लगे थी अब जेसे गोरी धीरे धीरे इस तरह उस उसका खुमार चड़ने लगा था की गोरी जरा भी इन्गोरेंस उससे सही नही जाती थी ....

    वो रोड पर पकड़ कस बोला गोरी ....हमको दूर नाही करना चाहेता ....अब हम बतावत है हम तुमरे का लागत है ....

    एस ही दो दिन निकल चुके थे शिवांश उसे अपने आस पास तो क्या कोलेज में ना नजर आया ये देख गोरी ना जाने कितना खुश थी .... जेसे सच में उसका पीछा छुट गया उस इंसान उसका ...!

    पर कोलेज में तो किसी बात को लेकर काफी एक्साईटमेंट जताई जा रही थी फ्रेशर पार्टी ...

    महेश्वरी हाउस -------------------------

    इशु के पीछे दोड़ते हुए बोली इशु हमारा फोन दे ...तो इशु बोली आप बहोत बुरे हो आपने मुझे बताया नही ना आप पार्टी में जा रहे हो ..तो गोरी बोली एसा कुछ नही है हम नही जा रहे किसी पार्टी में ....

    तो इशु उसे देख बोली क्यों ...तो गोरी उसे देख बोली हमरा मन नही अब हमरा फोन दे ..तो इशु उसका फोन बड़ा बोली क्या दी एसा कोन करता अपनी कोलेज की फ्रेशर पार्टी कोन मिस करता है ...

    तो गोरी अपनी बुक उठा बोली अब तू शुरू मत हो जा ..तो इशु बोली आपको तो जाना ही पड़ेगा .... तो गोरी बोली इशु बस कर हमे ये बुद रीड करनी चल जा परेशान मत कर ..

    तो इशु जिद्द करते हुए बोली हु आपकी जगह मै होती ना ये कभी मिस नही करती please जाइए ना ....

    तो गोरी अपना चश्मा निकाल उसे देख बोली ओर क्या करेगे इस पार्टी में जाकर तो इशु उसे देख बोली आरती ..ओहो पार्टी में क्या करते है इंजॉय अपने फ्रेंड के साथ इंजॉय कीजिये ...

    तो गोरी बोली ओर हमे पार्टी वग्रह पसंद नही है .. तो इशु बोली एक बार जाइए तो सही पहले से क्यों जज कर रही आप ...तो गोरी सोचने लगी ...उसे पलक की बात याद आई वो भी अगर गोरी आएगी तो आ जायेगी ..सोचने लगी 

    तो इशु बोली चले जाइए मुझे पता चल जाएगा आखिर फ्रेशर पार्टी में होता क्या है ....तो गोरी उसे घुर बोली अच्छा तो इसलिए जाए तो इशु रिकवेस्ट करते हुए बोली जाइए ना please ...

    तो गोरी बोली ठीक है मेरी माँ चले जायेगे तो इशु हेरानी से बोली क्या ...वाव ...आप जा रही है ..तो गोरी बोली तो क्या हुआ अब ...तो इशु बोली तो फिर आप क्या पहनेगी ओहो आपके पास तो पार्टी जेसा कुछ है नही ... 

    तो गोरी बोलती तभी किसी आवाज आई क्या बाते हो रही है ..तो वो दोनों देखि तो गोरी बोली मामी आइये ना एसा कुछ खास नही तो गहना जी उनके पास आ बेठ बोली अच्छा तो हम से शेयर नही करोगे तुम दोनों ...

    तो इशु बोली अरे मम्मा आपको पता है दी के कोलेज में पार्टी ओर देखिये ये है की जाना नहि चाहती ...तो गहना जी गोरी को देख बोली वेसे हम तुम्हे फ़ोर्स तो नही करेगे पर इन सब में आओगी जाउगी नही तो केसे सब लोगो जान पाउगी ...ये सब भी हमारी जिन्दगी का एक हिस्सा ही तो है तो अगर तुम्हे अच्छा लगे तो जरुर जाओ ...

    तो गोरी मुस्कराई बोली ठीक तो अब जरुर जायेगे तो इशु ख़ुशी से बोली येह्ह्ह ...ये हुई न अबाट पर ड्रेस ....तो गोरी गहना जी को देख बोली माम है हमारी मदद करने को तो गहना जी उसे देख बोली क्या ..

    तो गोरी उन्हें देख बोली अब आप ही हमारी मदद कीजिये हम तो कुछ नही पता इन सबके बारे में तो इशु बोली हां मम्मा आपको तो बहोत अच्छा तेयार करना आता दी को भी कुछ अच्छा बता दीजिये ...

    तो गहना जी बोली पर आजकल के बच्चे तो क्या करते हमे इतना नही आता तो गोरी बोली कोई बात नही जेसा आता हम वेसा चला लेंगे ...हमारे लिए तो आप ही बेस्ट है मामी ...तो गहना जी उसकी बाह पर मार बोली चल हट .... 

    वो दोनों हस दी ...

    तभी गहना जी बोली अरे हां बातो बातो में भूल गये तुम दोनों कुछु बताना ...तो इशु बोली एसा भी क्या बताना हमे तो गहना जी बोली कुछ दिनों बाद खुशबु आ रही है ...अब शादी तो पास ही आने वाली उसकी तो यहा तुम दोनों के साथ शोपिंग पर जायेगी तो इशी हेरानी से बोली क्या दी आ रही ओर आप अब बता रहे है तो गहना जी उसके सर पर लगा बोली हां तो कुछ दिनों बाद आ रही ना कल आ रही है ..

    तो गोरी ख़ुशी से बोली बहोत दिनों बाद दी से मिलगे ...तो गहना जी बोली तो अब मिल लेना फिर तो चली जायेगी अपने ससुराल ....तभी इशु गोरी के गले में बाहे डाल बोली फिर उसके कुछ दिनों बाद हमारी दी चली जायेगी अपने सजना के घर क्यों दी ..

    ओ गोरी उसके सर पर लगा बोली चुप कर कुछ भी बोलती है ...

    तो इशु बोली इसमें क्या गलत बोला क्यों माँ ..तो गहना जी गोरी के गाल पर हाथ रख बोली गलत तो कुछ भी एक ना एक दिन तो  हर लडकी के जिन्दगी में ये दिन आता वो इशु की नाक खीच बोली तेरी जिदंगी में भी आएगा तो इशु एक्साईटेड हो बोली वाव please किसी आमिर से मेरी शादी करवाइयेगा ...ताकि वो मेरे नखरे उठाता रहे ..

    तो गहना जी उसके घुर बोली देख केसी बेशर्म हो रही है आने दे तेरे पापा को ..तो इशु मुह बनाई पर गोरी तो ना जाने किस सोच में थी ...

    अब आगे ---------------------

    अगर आप आगे पड़ना चाहते है स्टोरी को please सभी कमेन्ट करियेगा ..

    ये कहानी वक्त के साथ आपको रोमेंचिक लगने वाली है शिवांश का आपको नेचर फिलहाल टोक्सिक दिखने वाला जो वक्त के साथ बड़ने वाला है ...

    पर गोरी भी कमजोर नही दिखाई देगी पर शिवांश क्या करने वाला है अब !

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

  • 8. प्यार है या हवस - Chapter 8

    Words: 1547

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे --------------------------------

    आज कॉलेज मे पार्टी रखी गयी थी सभी लोग काफी अछे लग रहे अपने पहली एक्साइटेमेंट एक दूसरे से शेयर कर रहे थे ....वही पीहू ओर मानसी एक दूसरे मे बाते करते हुए बोली ये गोरी इतना वक्त केसे लग गया ... तो मानसी बोली हा ये पलक भी नही आई तो पीहू बोली दोनों तो साथ ही आती हमेशा ...॥तभी मानसी एक ओर हेरानी से देख बोली ओहह गोड तो पीहू उसे देख बोली एसा भी क्या देख लिया तूने .... 

    तो मानसी बोली तू भी देख ....वाव कोई इतना खूबसूरत केसे लग सकता है ॥पीहू देखि तो मुस्कराया बोली गोरी .... तो अब सभी लोग आते हुए गोरी को ही देख रहे थे खास कर लड़के ...वो लग ही इतनी खूबसूरत रही थी पर चहरे पर काफी घबराहट लिए

    इस वक्त उसने बेहद सिंपल सी  पर्पल रंग की साड़ी पहनी हुई थी ...बाल खुले थे ...बेहद ही सिंपल पर उस साड़ी मे उसकी खूबसूरती एस चार चाँद लगा रही थी उस पार्टी मे हर कोई उसके आगे फीका पड़ जाये ... 

    व्ही कुछ दूरी पर एक लड़का ड्रिंक की सीप लेते हुए बोला वेसे मानना तो पड़ेगा इसे खूबसूरत तो है ॥उसके पास खड़ी लड्की मुह बना अपनी आखे घूमा बोली ओहह रिएली तुम्हें ये बहन जी इस साड़ी मे अछि लग रही वो मुह बना बोली इसे जरा भी सेंस नही एस पार्टीस मे केसे कपड़े पहने जाते है ... 

    तो वो लड़का उसकी कमर पकड़ बोला बेब्स मैं तो बस सिर्फ कह रहा था ...तुम से ज्यड़ा कोई इस पार्टी मे भला हॉट हो सकता है तो वो लड्की मुस्कराइ उसके सिने पर हाथ फेरते हुए बोली ओहह रियली !

    व्ही पीहू गोरी की तारीफ करते हुए बोली सच मे तुम बहोत खूबसूरत लग रही इस सारी मे ... तो गोरी हिचकिचाहट से बोली हमे यहा अच्छा नही लग रहा तो मानसी उसका हाथ पकड़ बोली ओहो अभी पार्टी शुरू ही कहा हुई वेसे भी आज सभी लड़के सिर्फ तुम्हें ही देखने वाले है ॥

    तो गोरी एक नजर सब ओर देखि कोई ना कोई लड़का उसे देख रहा था तो थोड़ी असहज हो बोली हमे अजीब लग रहा है तो पीहू बोली तुम फिल क्यू कर रही अरे पार्टी तो इंजोए करने के लिए होती चील ....तो गोरी आस पास देख बोली पलक कहा है तो पीहू बोली हा वो तो तुम्हारे साथ ही आती ना हमेशा तो .... गोरी बोली पर हमे देरी होने वालित ही तो हमने पहले उस से कह दिया था की वो निकल जाये अब तक आई नही हम मेसीज करते है 

    तभी मानसी बोली हम कर चुके पर उसने रिपलाए तो दूर अब तक देखा नही शायद वो नही आएगी .... तो गोरी बोली क्या पर उसने तो हम कहा था एक बार हम कॉल करते है ...वो उसे वीडियो कॉल करने लगी पर पलक उठा नही रही थी तो पीहू बोली लगता वो नही आ राही अब चलो हम तो पार्टी इञ्जोय करे ...कब से इंतजार कर रहे है ... 

    तो गोरी बोली पर तभी मानसी बोली पर वर कुछ नही वो उसे अपने साथ अंदर ले आई ....तो गोरी आस पास का माहोल देख थोड़ी असहज हो रही थी .... 

    तभी अचानक व्हा का माहोल कुछ बदल सा गया .... जेसे सभी अब एंट्रेस की ओर देखने लगे .... तो गोरी की आखे सिकुड़ गयी एस सबको देख ....तभी वो उस ओर देखि तो उसके भाव अब बदलने लगे देखते ही देखते हेरानी मे बदल गए .... 

    जब सबके बीच शिवांश की एंट्री हुई .... पर जेसे इस वक्त वो इतना हैंडसम लग रहा था .... कोई भी लड्की इस वक्त उसके साथ आई लड्की से जलकर राख़ हो जाये जी शिवांश के साथ इस वक्त एक लड्की थी जो इस वक्त काफी छोटे कपड़े पहने हुए थी ..... 

    तो गोरी उसे देखने लगी ....तो शिवांश की नजर भी उस वक्त उस पर पड़ी ....तो तो वो उसे नीचे से ऊपर अपनी नजरे उस पर फेरने लगा तो गोरी उसके नजरे एस पड़ते देख  अपनी मुट्ठी कस ली अगर ये इंसान फिर से उसके साथ कोई नीच हरकत करेगा तो वो केसे उसका जवाब देगी ... 

    तो अब शिवांश उस पर ही नजरे टिकाये उस लड्की की कमर पकड़े अब उसकी ओर ही बड़ गया तो गोरी उसे अपनी ओर आता देख खुदकों मजबूत दिखाने लगी चाहे कितना भी हो पर काही ना काही उसके दिल मे एक डर सा छा जाता जब भी शिवांश को देखती थी !

    वो गोरी की ओर बड़ा तो गोरी अपनी मूठी बनाए एक गहरी सास ली जीतने मे वो उसके बगल से निकल गया ...तो गोरी वेसे ही खड़ी रह गयी .... पर उसके बगल से निकल गोरी के आस पास म्हकती खुशबू को अपनी सासों मे घुलने से वो अपनी सासे भर लिया .... 

    तो गोरी अब अब उसे देखि तो वो सबके बीच से व्हा सोफ़े पर बड़े आराम से बेट गया ....अपने एक पेर पर दूसरा चढ़ा व्ही लड्की उसके बेहद करीब उसके लिए अब ड्रिंक बनाने लगी ॥पर शिवांश की नजर सिर्फ इस वक्त गोरी पर थी ...

    गोरी उसे एक नजर देखते ही उससे नजरे फेर ली सोचने लगी शायद अब उसे कुछ भी ना करने की जरूरत है तभी मानसी धीरे से बोली हु ये कितने हैंडसम है ना ॥तभी पीहू बोली तभी तो एस थोड़ी कॉलेज की सारी लडकिया मरती है इन पर ...अब पूरे कॉलेज के सबसे हैंडसम सीनियर है साथ ही इस कॉलेज के मालिक ....वो भी इतनी कम एज मे .... 

    ये सब गोरी सुन हेरान हुई ..... शिवांश उसका सीनियर है ....तभी खुद मे मन मे सोची अमीर होते ही एस है ....पीहू बोली वो लड्की क्या इनकी गर्लफ्रेंड है .... तो मानसी बोली लगता तो एसा ही है देखो केसे इतने करिब हो रही है !

    अब गोरी ना चाहते हुए डबल्यूके नजर शिवांश की ओर देखि पर जेसे उसे चिड्न सी म्हसूस हुई क्यूकी शिवांश एक टक उसे ही देख रहा था ॥वो अपनी पीठ कर ली उससे ....

    पर वो नही जानती शिवांश की नजर उसके बदन पर चल रही खास कर उसकी वो पतली सी कमर ....साड़ी से हल्की हल्की जाकती कमर ...जेसे शिवांश के सिने मे उठ रही आग को ओर भड़का रही थी ... 

    तभी केशव सब से बोला अबे सालो किसी म्यियत आएबा जो सबको साप सूंघ गया है बे... गाना बजाना बजाओ ....गोरी अब जेसे असहज हो रही थी शिवांश की नजरे सिर्फ उस पर थी ना जाने किन नजरों से वो उसे देखे जा रहा था....वही गोरी जेसे खुदकों कंट्रोल कर रही थी ... 

    अब धीरे धीरे सभी लोग किसी किसी के साथ डांस कर रहे थे ...पर गोरी वेसे चुप छाप खड़ी थी व्ही शिवांश की नजर धीरे धीरे सकत होने लगी अब अपने साथ गोरी पर वो किसी की भी नजरे म्हुस्स करने लगा ....

    एक लड़का जो इस वक्त गोरी को ही देख रहा था ....तभी दूसरा लड़का उसके ग्ले मे बाहे दाल बोला क्या इतनी पसंद आ रही तो जा उसके पास तो वो लड़का बोला खूबसूरत तो है उसकी कमर देख एक बार छूने का मन कर रहा है ... 

    तो दूसरा लड़का बोला एसी वेसि हरकत मत कर दियो इतनी भी सीधी नही तेरा तमाशा बना देगी ... तो सुमित मुस्कराया बोला तू मुझे जानता है लड्की पटाना मेरे बाय हाथ का खेल है तो राहुल बोला अच्छा तो इसे भी पटा कर दिखा तो मान जाउगा ...तो सुमित बोला लगी शर्त तो राहुल बोला लगी !

    तो सुमित अब गोरी की ओर देखा ....जो व्हा एक ओर चुप छाप खड़ी थी क्यूकी पीहू ओर मानसी तो डांस करने चले गए थे पर गोरी ने मना कर दिया था .... तभी उसके कानो मे आवाज पड़ी excuse me !

    तो गोरी देखि तो सुमित था तो गोरी उसे देखने लगी तो बड़े ही जेंटल तरीके से बोला हाय मैं सुमित कब देख रहा तुम यहा अकेले खड़ी हो कोई पाटनर नही है क्या ...तो गोरी उसे देख बोली नही एसा कुछ ....नही वो मुह फेर ली ...तो सुमित बोला ओहह तुम तो बुरा मान गयी मई बस मजाक कर रहा था .... क्या तुम मेरे साथ डांस करना पंस्द करोगी ...

    तो गोरी उसे देखि बोली जी नही हम ठीक है ॥तो सुमित बोला हम एक ही क्लास मे पड़ते है तो क्या हम दोस्ती नही कर सकते वो क्या है मेरा अब तक  कोई दोस्त बना नही है मैं यहा से नही हु ना 

    तो गोरी उसे देखि तो सुमित बोला अच्छा ठीक अगर तुम्हें नही करना तुम्हारी तहर मई भी यहा अकेला ही फिल कर रहा हु ... तो गोरी अब कुछ सोच बोली सुनिए ...तो सुमित उसे देखा तो गोरी हल्का सा मुस्करा बोली अब आपको अकेला फिल करने की जरूरत नही है ....तो सुमित मुस्कराय हाथ बड़ा बोला तो क्या तुम मेरे साथ थोड़ा बहोत डांस करना चाहोगी ... 

    तो गोरी उसके हाथ को देखि फिर उसे तो सुमित बोला अगर तुमहरि मर्जी हो तो ...तो अब गोरी अपनी हिचकिचाहट छोड़ अपना हाथ बड़ाई ....उसकी हथेली मे रखने को हुई तभी कोई उसका हाथ बेहद सक्ति से पकड़ लिया ...वो कुछ समझती जीतने मे ...कुछ एसा हुआ व्हा हर कोई हेरानी से देखने लगा ...यहा तक गोरी भी .... 

    अब आगे -----------------------------

    अगर आगे क्या होगा जानना चाहते तो कमेन्ट करिएगा 

    स्टोरी पसंद तो आ रही है प्लीज एक बार बता दीजिये जीतने लोग है वो सभी करे तभी मैं स्टोरी आगे लिखुगी !

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     
     
     
     

  • 9. प्यार है या हवस - Chapter 9

    Words: 2166

    Estimated Reading Time: 13 min

    गोरी उसके हाथ को देखि फिर उसे तो सुमित बोला अगर तुमहरि मर्जी हो तो ...तो अब गोरी अपनी हिचकिचाहट छोड़ अपना हाथ बड़ाई ....उसकी हथेली मे रखने को हुई तभी कोई उसका हाथ बेहद सक्ति से पकड़ लिया ...वो कुछ समझती जीतने मे ...कुछ एसा हुआ व्हा हर कोई हेरानी से देखने लगा ...यहा तक गोरी भी .... 

    गोरी जो हेरानी से सुमित को देखने लगी ....जिसके मुह से खून आने लगा था ..... की वो अब शिवांश की ओर हेरानी से देखि जिसका चहरा इस वक्त काफी डार्क था .... हुआ क्या था .... जब सुमित नजर ही गोरी पर महसूस कर उसके सिने मे जेसे आग उठ गयी ... 

    पर ये चहरे पर भाव तो कुछ ओर ही थे .... सुमित जो फर्श पर जा गिरा शिवांश के एक पंच से उसके होठो से खून आने लगा था ...तो गोरी शिवांश के सक्ति से पकड़े हाथ से अपना हाथ निकालने लगी क्यूकी अब पूरा कॉलेज उन्हे ही देख रहा था ... 

    तभी शिवांश उसकी हथेली छोड़ झटके से उसे अपने ओर खिच लिया गोरी उसके सिने से आ टकराई ....तभी वो उसकी साड़ी सी जाकती कमर को बड़ी सकती से पकड़ लिया उसके एस करने से गोरी दर्द सिसक गयी .... 

    तभी उसके कानो मे शिवांश की सकत आवाज पड़ी ....हमरा छूना तुको अच्छा नाही लागत है तो गोरी उसे नजरे उठा देखि जो नम थी शिवांश के इस तरह से पकड़ने से .... शिवांश की लाल आखे देख एक पल के लिए वो काप सी गयी .... 

    शिवांश उसे देखते हुए सकत भाव से बोला जब हमने तुको छूया तो तुको अच्छा नाही लागत ....तो गोरी उसे देख रही थी .... तभी वो उसे झटके से पलट उसके कमर से पेट पर हाथ ला उस पर अपनी पकड़ कस दिया गोरी की पीठ उसके सिने से लग गयी ...... 

    वो उसके कान के पास बेहद गुस्से बोला तो इको केसे छूने दे सकत हो ..... तो गोरी उसके एस पकड़ने से दर्द से आखे मीच ली ... तभी उसके कानो मे सुमित की आवाज पड़ी .... 

    वो झट से आखे खोल देखि तो हेरानी से आखे बड़ी हो गयी .... शिवांश के आदमी उसे पकड़े हुए थे .... केशव एक ज़ोर की उसके मुह फिर से दे मारा .... वो लड़खड़ा गया ....

    तो शिवांश गोरी के पेट पर हाथ कस अपने कमर से पूरा सटा उसके कान के पास गुस्से भरी आवाज मे बोला अब किसी तो इसका स्झा भुगतना पड़ेगा ना .... 

    तो गोरी उसके हाथ को हटाते हुए बोली छोड़िए ......तभी शिवांश उसे झटके से अपनी ओर कर लिया वो फिर से उसके सिने से लग गयी एस की दोनों के बीच दूरी बनाना भी मुश्किल था .... तभी गोरी की आह निकल गयी ....शिवांश उसके बालो मे हाथ डाल उस पर पकड़ कस उसके बेहद करीबी से बोला .... तुम ही पुछ्त ना हम का लागत है तुमरे .....

    तो गोरी उसे भीगी आखो से देखि .... तो शिवांश अजीब तरीके से सर टेड़ा कर अपनी आखे मीचा एक गहरी सास लिया तभी गोरी को झटके से अपने दुर कर सबको देख सकत भाव से बोला .....सब कान खोल के सुन लियो ......

    की गोरी के आसू गिरने लगे थे ...वो शिवांश से हाथ छुड़ा सिर्फ यहा से भाग जाना चाहती थी ....शिवांश तभी गोरी को अपनी ओर खिच लिया फिर से उसकी कमर थाम लिया सकत भाव से बोला ये सिर्फ हमरी है .....

    तो गोरी अपना सबके सामने तमाशा बनते देख सह नही पा रही थी तभी शिवांश उसे अपने करीब कर सकत भाव से बोला अब गलती किया है तो थोड़ा स्झा तो तुको भी मिलना चाहत .....

    तो गोरी कुछ समझती .....उसके आखे हेरानी मे फेल गयी ...शिवांश उसके होठो को सबके सामने जो चूमने लगा था .....व्हा खड़ा हर कोई ये सब देख रहा था .....

    शिवांश जेसे उसके होठो पर अपना गुस्सा निकाल रहा था ....गोरी की कमर को सक्ति से पकड़े हुए अपनी कमर से सटाये हुए गोरी पर जुकते हुए उसके होठो को पूरा जेसा निचोड़ रहा था ....

    गोरी के आसू गिरते जा रहे थे ....वो उसके साथ इस तरह से करेगा ये तो उसने कभी सोचा नही था सबके सामने इस तरह से उसका तमाशा बनेगा ....व्ही सब ये तमाशा सब देख रहे थे ....उन दोनों की किस्स थोड़ी लंबी थी गोरी के आसुओ का टेस्ट जब उसे अपने मुह मे महसूस होने लगा तब जाकर शिवांश रुका था .... 

    अब उसके होठो से दूर हुआ गोरी का आसुओ से भरा चहरा देख उसका चहरा सकत हो गया वो उसे देखते हुए बोला जब भी हम तुमरे पास आवत तो अपना आसू बहाने लग जाव्त हो .... ओर इको देख बड़ा मुस्करा रही थी .... 

    तो गोरी उसे देख फफक पड़ी उसके हाथ अपनी कमर से हटाने लगी .....तभी शिवांश उस अपने से पूरा सटा बोला ये गलती का कोनो स्झा होना चाहे ना .... तो गोरी उसे देखि पूरा चहरा आसुओ से भरा था उसका .... 

    तो शिवांश सर टेड़ा कर बोला अब तुमको तो इका साझा नाही दे सकत है उका सझा इको ही भुगतना पडत .... तो गोरी उसे नासमझी मे देखि तभी उसके कानो मे आवाज पड़ी ....तभी पीछे चहरा देखि तो हेरान रह गयी .....

    सुमित की हालत देख जिसके सर से खून बह रहा था .....तभी शिवांश की सकत आवाज पड़ी मार दियो साले को ....तभी गोरी हेरानी से शिवांश को देखि ॥तो शिवांश उसे देख बोला इका हिम्मत केसे हुआ हमरी ओरत को देखन का .... 

    तो गोरी फिर से सुमित को देखि शिवांश के लोग उसे बड़ी ही बहरमी से मार रहे थे ... ये देख गोरी ना मे सर हिलाई शिवांश से बोली नही ये ये रोकिए ....तो शिवांश उसे शांत आखो से देखने लगा ... 

    तो गोरी रोते हुए बोली वो मर जाएगा ....रोकिए ....तो शिवांश उसे देखते हुए बोला हमको इसका चीखे सुनना है तो गोरी तभी हेरानी से सुमित को देखि वो लोग बहोत ही बहरमी से उसे मार रहे थे .... 

    व्हा खड़ा हर कोई अब खोफ मे था .....तो गोरी शिवांश से बोली छोड़ दीजिये उसे उसकी गलती नही है .... तो शिवांश गोरी को देखते हुए बोला इतना तखलिफ़ हो रहा है ....कोण लागत है तुमरा .... 

    तो गोरी ना मे सर हिलाई तो शिवांश उसके होठो को देखते हुए बोला उके साथ नाचना चाहत थी ....गोरी उसे देखने लगी .... तो शिवांश उसे देखते हुए बोला अब हमारे साथ डांस करो .... 

    तो गोरी उसे देखने लगी ये इंसान उसे किसी सायकों से कम नही लग रहा ....तभी केशव बोला अरे सुना नाही का गाना बजाओ सरकार को भोजाई के साथ नाचना है .... पहले ही व्हा का माहोल इतना अजीब हो गया एस मे ... गोरी जेसे इस वक्त खुदकों कमजोर महसूस कर रही थी उसे सुमित से भले ही कोई हमदर्दी नही पर अगर सच मे वो कही मर गया तो वो खुदकों केसे माफ करेगी उसकी वजह से किसी जान चली गयी !

    तभी व्हा का माहोल बदल गया जब गाना बजने लगा .....ये मंजर काफी अजीब था ...सभी इस वक्त शिवांश ओर गोरी को देख रहे थे .... गोरी सबकी नजर खुद पर महसूस कर व्हा से चली जाना चाहती थी 

    तभी शिवांश उसके बालो मे हाथ डाल उसे अपने करीब खिच लिया वो शिवांश को देखने लगी ....जो उसे ना जाने किन नजरों से देख रहा था ....

    दो लफ्ज़ की हैबात एक ही है

    तो गोरी उससे नजरे फेर ली तभी शिवांश उसे झटके से पलट उसे अपनी बाहो मे भरते हुए गोरी के हाथ को अपने हाथो मे भरते हुए गोरी की बालो मे चहरा छिपाए उनकी खुशबू अपनी सासों मे समाते हुए गोरी को अपनी बाहो मे जकड़ने लगा .... तो गोरी सिकुड़ रही थी ....अपनी मुट्ठी कसने लगी शिवांश के हाथ उन तक पहोच उसकी हथेलियो को अपने हाथ मे भरने लगा ....

    क्यूँ दरमियान फिर रुकी रुकीकह भी ना पाएंरह भी ना पाएंक्यूँ बेवजह है ये बेबसी

    तो गोरी उससे अपने हाथ लेने लगी तभी शिवांश उसे झटके से अपने दूर कर वो यू जटके से उससे दूर जा तभी वो उसे खिच लिया वो उसे कमर से ऊपर उठा दिया गोरी उसे नम आखो से देखि ....वो उसके साथ जबर्दस्ती पेशा रहा था ....आस पास एक नजर देख सब उन्हे देख रहे वो सर जुका ली ... 

    शिवांश उसे कमर से उठाए हुए गोरी के बाल उसके चहरे पर आ रहे थे वो अपनी आखे बंद कर लिया धीरे धीरे गोरी नीचे उतारने लगा ....

    तुम में हम हैं हम में तुम होतुम से हम हैंहम से तुम होकिस्मतों से मिलते हैं दो दिल यहाँहर किसी को नहीं मिलतायहाँ प्यार ज़िन्दगी में

    तो गोरी का चहरा अब उसके चहरे के करीब आया उसकी सासों को महसूस करते ही वो अपनी आखे बंद करे ही उसकी सासों की दिशा मे अपने होठो को बड़ाया .... तो गोरी उसे घिन से देखि ....अपना चहरा दूसरी ओर फेर ली ....शिवांश के हॉट उसके होठो की जगह उसके गाल पर छु गए ....

    तुझ से ही हर ख़ुशी हैतेरे दम से आशिकी है जान लेतो गोरी अपनी आखे मीच ली उससे अब ब्र्दाश ना हो रहा था .... शिवांश उसके गाल होठो को हल्के हल्के फेरने लगा गोरी के कंधे से हाथो को नीचे बड़ाते हुए उसके हाथो को अपने हाथो मे भरते हुए तभी उसे घूमा गोरी की पीठ उससे लग गयी वो अपने होठो को उसके कंधे पर रख चूमा ..... 

    मिल जाए हम तोसबकुछ सही हैफिर इस तरह क्यूँ हैं अजनबी

    तो गोरी फफक पड़ी शिवांश उसे पीछे से बाहो मे भरते हुए उसकी कमर से पेट पर हाथ कस दिया हरकत करने लगा वो ये तक नही देख रहा वो इस वक्त है कहा ....इस तरह से गोरी के करीब आ रहा था ... गोरी से अब ब्र्दाश ना हुआ तो वो रोते हुए उसके हाथो को हटाने लगी पर उसकी कोशिश बेकार थी अब उसकी इस कोशिश मे उसके नाखून तक शिवांश के हाथो पर लग चुके थे पर शिवांश जेसे फर्क पड रहा .... 

    वो गोरी के कंधे पर चूमते हुए उसके ग्ले पर अपनी नाक से सहलाने लगा गोरी की आती महक जेसे वो बहक रहा था ....अपने होठो से चूमा ....

    तुम में हम हैं हम में तुम होतुम से हम हैंहम से तुम होकिस्मतों से मिलते हैं दो दिल यहाँहर किसी को नहीं मिलतायहाँ प्यार ज़िन्दगी में

    वो गोरी अपनी कर किया इस वक्त अपनी आखे बंद किए था ....सिर्फ गोरी को महसूस करने के लिए वो गोरी के चहरे पर अपना हाथ लाया गोरी के चहरे को छूते हुए तभी अपनी उँगलियो से गोरी के होठो छूया ....तभी उसकी आखे खुल गयी गोरी को देखने लगा जो उसका हाथ पकड़ उस पर जोरों से बाइट करने लगी ...

    वो उसे बड़े ही शांत भाव से देखने लगा गोरी रोते हुए उसके हाथ पर अब जोरों का बाइट की ताकि वो उसे छोड़ दे व्हा से काही दूर चली जाये क्यूकी अब उससे ब्र्दार्ष नही हो रहा .....

    पर शिवांश को जेसे फर्क तक नही पड रहा वो एक टक उसे देख रहा था तभी अपनी भीगी सी पलके उठा उसे देखि उसके हाथ पर बाइट करते हुए .....शिवांश इस तरह से देख वो ओर फफक पड़ी ...

    तभी शिवांश का हाथ उसकी कमर पर ढील छोड़ दिया ....ये महुस्स कर गोरी उसका हाथ झटक दी ....अब काही ना देखा व्हा से रोते हुए दोड़ चली गयी .....शिवांश सिर्फ उसे जाता देखता रहा ....

    शिवांश अब शांत भाव से अपने हाथ को देखा जहा से अब ब्लड रिस रहा था ...पर उस पर बाइट मार्क शो हो रहा था ....जिसे देख उसके होठो पर हल्की सी मुस्कराहट आ गयी वो उस मार्क पर चूम लिया व्हा से अब बाहर की कदम बढ़ा लिया ..... 

    तभी केशव सुमित को सबके बीच धकेल बोला लियो कोनो है इका यार अगर बच जाये तो बचा लियो पर अगली बार गलती दोहराने के बारे मे सोचेगा नाही ...सरकार जिंदा नाही छोड्त !

    व्ही शिवांश बाहर की ओर आया अपनी जीप मे आकर बेठा अपने हाथ पर उस बाइट मार्क को देख तिरछा मुस्कराया उसे अपने होठो से फिर से लगा बोला अब तो कुछू किया का ....अब तो सुरू हुआ है ....हम भी देख्त तुम केसेबा हम से दूर जाव्त हो ....तभी काफी अजीब तरह से मुस्कराया ...!

    तभी केशव आ ड्राइवर सीट पर बेठ बोला सरकार कहा जाना है ....तो शिवांश सीट से टेक लगाया अपना सर सीट से टीका अपने एक पर दूसरा चढ़ा बोला हवेली ..... 

    अब आगे ------------------------------

    इसके आगे नेक्स्ट मे !

    अगर आपको ये कहानी चहाइए आगे क्या होगा आखिर गोरी के साथ शिवांश किस हद टक उसके साथ जा सकता उसके करीब जाने को !

    पर कहानी के तो रीडर ही नही है तो ये कहानी वो लोग चलने नही देगे तो मुझे बंद करनी पड सक्ति है ओर आप सभी मे कोई एकसाईटेमनेट नही है तो क्या कहानी यही छोड़ दु या अगर आपको चहाइए तो अपना सपोर्ट मुझे दिखाये .... 

    अगला चैप्टर आप सभी के एकसाईमेंत पर .... वो केसे आप सभी अपनी इच्छा जताइए कमेन्ट के द्वारा ..... 

    अगर आप सभी ने मुझे अपनी इस कहानी को लेकर इच्छा जताई तो ये कहानी तब ही आगे बड़ सकती है !

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

  • 10. प्यार है या हवस - Chapter 10

    Words: 2020

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे -------------------------------
    दो दिन बीत गए थे पर गोरी कॉलेज आई नही थी इस वजह ऐ दिमांग खराब था शिवांश का गोरी को देखा जो नहीं इन दो दिन में !
    पर आखिर गोरी कोलेज आ क्यों नहीं रही !
    असल में हुआ क्या था उस दिन गोरी के साथ हहा था वो उससे डिस्टर्ब तो हुई थी कोलेज आने की उसे सबको फेस करने की हिम्मत ना हो रही थी ....पर घर पर कुछ उसने किसी कहा नही ...
    शाम का वक्त ------------------------
    वो इस वक्त मन्दिर आई हुई थी अपने अंदर चल रहे सवालों को खत्म करना चाहती थी वो एस कब तक घुटती रहेगी वो शख्स क्यों उसके पीछे पड़ा है पीछा क्यों नही छोड़ देता उसका ....
    हाथ जोड़ खुद से बोली हे शिव हमे शक्ति दीजिये क्यों हम इतना कमजोर पड़ जाते है ओर वो हमारी कमजोरी का आसानी फायदा उठा लेता है एस हम नही जी सकते क्या करे हम .....
    तभी उसके कानो से किसी बेहद ही करीबी से आवाज पड़ी ....तुमको का लागत है हमरी शिकायत कर देने से तुमको का लागत है ये तुमको हम से बचा सक्त है !
    तो ये होते गोरी की आख झड़ से खुल बड़ी हो गयी वो तभी चहरा फेर देखि तो काप उठी शिवांश उसके इतने करीब .....कुछ ही दुरी पर उसका चहरा था वो उसकी आखो में देखते हुए बोला काहे इतना तरसाओ हो तुमको का लागत है हम से कब तक दूर रहे पाई ...
    तो गोरी जल्दी से कदम पीछे ले ली आस पास देखि उसे कुछ बोले बिना वहा से जल्दी से निकलने हुई ...तभी शिवांशी उसकी कमर पकड़ उसे अपने करीब खीच लिया वहा मन्दिर में आस पास लोग ये सब देखने लगे ....पर शिवांश था उसे जेसे किसी के आस पास होने का कुछ फर्क ना पड़ा ...गोरी हेरानी से उसे देखि ..
    तो शिवांश उसकी एक हाथ से कमर पकड़े उसे देख बोला पहले हमरी बात पूरी होने दिया करो हमको बिलकुल पसंद नाही कोनो हमरी बात को अनसुना करे ....
    तो गोरी उसके हाथ पकड़ गुस्से बोली छोडिये यहा कोई तमाशा नही चाहिए हमे ...तो शिवांश उसे अपनी ओर कर उसके चीन को पकड़ बोला तो हमको कोन सा सोक है तमाशा करने का वो तो तुम हमको मजबूर कर देओ हो ..
    तो गोरी उसके सिने पर धकलते हुए बोली छोडिये हमे ...तो शिवांश उसे करीब कर बोला पहले हमरी सुनो ...तो गोरी उसे देखि ...तो शिवांश उसके होटो को देख बोला दो दिन से हमको बर्दाश नाही हो रहा है हमरी प्यास भुजाओं .....
    तो गोरी उसे हेरानी से देखि आस पास देखने लगी लोग उन दोनों को देख रहे थे ..तो गोरी शिव्वांश की पकड़ से निकलते हुए बोली दूर हटिये हम से ....तो शिवांश उसे देखते हुए बोला एस नाही पहले वो अपनी आखे बंद कर बोला हमरे होठो को चूमो....
    तो गोरी उसे अब अपनी पूरी कोशिश कर धकेल दी वो एक कदम पीछे हो गया जितने में वो जल्दी से वहा दोडी चली गयी ....शिवांश अब अपनी आखे खोल उस ओर देखा जिस वो गयी थी तभी उसकी आखे सक्त हो गयी ..जेसे अब वो क्या करने वाला नही पता .!
    वही गोरी मन्दिर से दोडी कही भी एक ना पल गवाई सीधा अपने घर दोडी चली आई अब घर ज्यदा दूर नही था ....वो अपने घर आ जल्दी से दरवाजा लगा चेन की सास लेन लगी 
    तभी गहना जी आवाज पड़ी आ गई तू ... तो गोरी थोड़ी हड़बड़ा गई तभी कोई उसकी आंखों पर हाथ रख दिया ।
    तभी उसके होठों पर मुस्कराट बढ़ गई वो उन हाथों पर हाथ रख बोली दी तभी एक लड़की आगे आ बोली तो तू मुझे पहचान गई तो गोरी खुशी उसके गले लग बोली आप कब आई ।
    तो खुशबू बोली बस अभी कुछ देर पहले तो गोरी बोली कैसी है आप तो खुशबू मुस्करा मेरी छोड़ तू बता बहुत वक्त बाद तुझे देख रही हु
    तो गहना जी बोली तेरे तो यह आई तो गोरी खुशी से बोली अच्छा फिर हम आपको इतनी जल्दी से नहीं जाने देगे
    तो खुशबू बोली अरे तभी सही मुझ से किसी को फर्क पड़ता ही नहीं तो वो दोनों उस ओर देखे तो गोरी आंखे छोटी कर ना में सर हिलाई
    इशू गहना जी से मां ओ मां तो गहना जी किचन से बोली क्या है तो इशू बोली क्या आप सच में मुझे किसी कचरे से उठा कर लाई है
    तो गोरी खुशबू से बोली हो गई शुरू तो खुशबू हस दी इशू के गाल खीच बोली अच्छा ऐसा भी होता इतना प्यारा बच्चा भी कचरे से मिल सकता है
    तो गोरी हसने लगी तो इशू मुंह बना बोली आप भी मेरा मज़ाक उड़ा रहे दी जाओ.. तो खुशबू हस उसके गले लग बोली अरे अरे मज़ाक कर कोई मेरी इशू से क्यूट हो सकता है
    तो इशू खुशी से बोली सच्ची तो गोरी उसके पर लगा बोली नहीं तुझे कचरे से ही लाए थे मामा ।तो इशू मुंह सा बना दी
    रात का वक्त
    खुशबू गोरी और इशू के साथ उनके कमरे में ही थे गोरी तो जैसे सब भूल सा गई थी पर कोई था जिसकी बेचनी इस कदर बड़ी उसका रह पाना मुश्किल हो रहा था
    शिवांश इस वक्त शर्टलेस अपनी बालकनी में सोफे पर शराब पी रहा था पर जैसे वो शराब उसकी प्यास मिटा नहीं पा इस वक्त उसे सिर्फ गोरी नजर आ रही है
    वो अपने करीब उसे फ़िल कर रहा था पर उसे जो चाहिए था वो इसे नहीं मिल पा रहा अपनी नशीली आंखों से गोरी को देखने लगा जो सिर्फ उसे नजर आ रही थी
    उसके वही होठ जिन्हें देख जैसे प्यासा सा हो गया उसकी ओर बढ़ता जैसे वो ओझल सी हो गई की उसके होठ वैसे ही रह गए वो वैसे ही बोला हम से अब रहा नहीं जा रहा
    वहीं रात बीती की गोरी अभी आंखे बंद किए थी पर ना जाने उसे खुद पर किसी नजरे महसूस हो रही थी कुछ वक्त तो वो नजरअंदाज की परफिर भी उसका दिल अपने आप ही जैसे किसी मौजूदगी महसूस कर जोरो से धड़कने लगा था
    वो अपनी आंखे खोली सीलिंग देखने लगी पर जैसे अपने करीब किसी मौजूदगी महसूस हुई वो अब नजरों उस ओर घुमाने लगी तभी धीरे धीरे आंखे बड़ी होने लगी
    ये होते वो झटके से बैठ उठी अब आंखों के सामने था ही कुछ ऐसा था शिवांश बालकनी की दरवाजे से टेक लगाए सिर्फ उसे ही देख रहा था उसकी नजरे सिर्फ उस पर ही थी
    तो गोरी उसे आंखे फाड़े देख रही तभी अपने पास देखी खुशबू और इशू गहरी नींद में सो रहे थे तभी वो लड़खड़ाते हुए उठी
    शिवांश के पास आई कोशिश कर बोली आ .. आप यह ...उसके आगे कुछ कहती भी तभी शिवांश उसके बालो में हाथ डाल सकती से पकड़ सकते आवाज में उसके होठों के करीब आ बोला हमको कुछ नहीं पता छत पर आओ ओर अगर तुमने हमरी नहीं मानी तो हमको भी नहीं पता हम का करत।
    तो गोरी उसे हैरानी से देखने लगी वो उसे छोड़ वहां से बालकनी निकल गया गोरी देखती रह गई अब अपने कुर्ते की मुठ्ठी बना सोचने लगी वो अब क्या करे
    जितने में पीछे से खुशबू की आवाज आई गोरी तो गोरी की आंखे बड़ी हो गई तो जल्दी से पलट बोली जी दी तो खुशबू बोली क्या हुआ तो वह क्या कर रही हेतु गोरी बात बदल बोली कुछ कुछ तो नहीं
    वो आकर अपनी जगह लेट गई तो खुशबू नींद की वजह ज्यादा सोची न तो गोरी अब करवट बदलने लगी शिवांश अब उसे छत पर आने को कहा तो वो अब क्या करे ।
    पर तभी उसे कॉलेज में जो हुआ याद आया शिवांश उसके ना जाने पर कुछ ऐसा वैसा किया तो ये सोच ही बैठ गई अब उन दोनों सोता देख गोरी धीरे धीरे कमरे से बाहर आई
    अपनी उधेड़ बन में सोचते हुए छत के रस्ते काफी घबराहट सी हो रही थी उसे वो अब डोर ओपन कर छत पर ही आई पर उसे आस पास शिवांश कही नजर आया नहीं तो चेन की सास ली
    ये सोच की वो शायद जा चुका वो पलटी जाने तभी सामने देख उसके कदम जम से गए हैरानी से शिवांश को देखने लगी
    जो इस उसके सामने कुछ दूरी पर खड़ा था शर्ट के सारे बटन खुले थे जिसे उसकी अट्रैक्टिव बोली नजर आ रही थी
    गोरी उसे एस देख ना जाने उसका दिल जोरो से धड़कने लगा था सबसे ज्यादा जो उसके दिल धड़कने पर मजबूर कर रहा था शिवांश की उस पर नजर जो उसे ही देखे जा रहा था न जाने उसकी आंखों में ऐसा क्या था साफ नशा झलक रहा था
    तुझे सोचता हूँ मैं शाम-ओ-सुबह
    इससे ज़्यादा तुझे और चाहूँ तो क्या?
    तेरे ही ख़यालों में डूबा रहा
    इससे ज़्यादा तुझे और चाहूँ तो क्या?
     वो गोरी को देखते हुए उसकी ओर कदम बढ़ाने लगा तो गोरी उसके कदम अपनी बढ़ते देख अपने कदम पीछे लेने लगी तो शिवांश सिर्फ उसे देखते हुए उसकी ओर बढ़ने लगा तभी हवा का ऐसा जोक आया गोरी के गले का दुप्पटा उड़ गया तो गोरी हैरानी से देखी शिवांश उसे ही देखते हुए दुपट्टे को पकड़ लिया
    बस सारे ग़म में, जानाँ, संग हूँ तेरे
    हर एक मौसम में, जानाँ, संग हूँ तेरे
    अब इतने इम्तिहाँ भी ना ले मेरे
    शिवांश उसे देखते हुए उसके दुपट्टे उसे देखते हुए चूम लिया अब एक नजर उसे नीचे से ऊपर देखा तो गोरी घबराई सी पीछे हुई तभी रेलिंग से लग गई तभी शिवांश को देखी तो इसकी घबराहट और बाद गई शिवांश अब सिर्फ उसे एक कदम की दूरी पर था ये देख वो जल्दी निकलने को हुई तभी शिवांश रेलिंग पर हाथ रख दिया
    गोरी दूसरी ओर निकलती वो अब दूसरा हाथ लगा दिया कि गोरी सिकुड़ सी गई एक नजर उठा शिवांश को देखी तभी वो अपनी झुका इधर उधर करने लगी जैसे अब वो जाए कहा शिवांश तो सिर्फ उसे ही देख रहा था
    मेरी धड़कनों में ही तेरी सदा
    इस क़दर तू मेरी रूह में बस गया
    तेरी यादों से कब रहा मैं जुदा?
    वक़्त से पूछ ले, वक़्त मेरा गवाह
     वो उस पर झुकने लगा तो गोरी घबरा पीछे हो गई चहरा पलट बोली नहीं तो शिवांश रुक गया तो गोरी उसके हाथ को हटाने लगी रेलिंग से बोली हटिए हमें जाना है तभी शिवांश उसे पलट रेलिंग से लगा दिया
    वो उसे देखने लगी शिवांश सख्त आंखों से उसे देख रहा बोला काहे तुमको हम से दूर जाना है अभी तक हमने कुछु किया
    तो गोरी उसे देखते हुए बोली छोड़िए हमें ओर आप यह आए क्यों हटिए हमें जाना है
    तभी शिवांश उसके वो में हाथ डाल उसे अपने चेहरे के करीब खीच सख्त आवाज में बोला यहां हमको आना पड़ा वो का है तुमरे से दूर रहा नहीं जा रहा हम से अब हमे वो दियो जो हमको चाहे
    तो गोरी कुछ कहने को हुई वो उसे मौका तक ना दिया उसकी आंखे हैरानी में बड़ी हो गई वो उसके होठों को अपने होठों से भर लिया उसके बालो में हाथ डाले दूसरा हाथ रिलीज से उसकी कमर पर रख बेहद गहराई से उसके होठों को चूमने लगा
    गोरी अब उसे दूर। करने के हाथ बढ़ाई उसके सीने पर उसके हाथ आइए जिन्हें महसूस कर वो अपने हाथ हटा की तभी शिवांश उसके होठों को जकड़े उसे पूरा अपने से चिपका लिया गोरी उसके खिले सीने पूरी चिपक गई
    शिवांश उसके होठों को काफी देर तक छोड़ा तक ना गोरी अब अपनी सांसों की मोहताज हो गई काफी देर बीत गई पर एक पल ना ऐसा गया शिवांश ने उसके होठों छोड़ा हो वो तो एस होठों को चूम रहा था जैसे कभी उन्हें छोड़ना ना चाहता हो
    गोरी की आंखे नम होने लगी पर उसकी सांसे घुट रही थी वो उसके होठों को छोड़ नहीं रहा आखिर अब होठों को छोड़ जब गोरी जैसे अब घुट सी ही गई ।
    उस पर भी जैसे वो बेमन से उसके होठों को छोड़ हो पर उससे दूर ना हुआ तभी उसे ऐसा कुछ महसूस होने लगा तो वो गोरी के होठों से नीचे देखा तो उसकी नजरे जैसे ठहर सी गई उस पर ।
    अब आगे
    आगे पढ़ना चाहते ओर कहानी पसंद आए तो कमेंट करिए please 🙏 🥺
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 11. प्यार है या हवस - Chapter 11

    Words: 2844

    Estimated Reading Time: 18 min

    उस पर भी जैसे वो बेमन से उसके होठों को छोड़ हो पर उससे दूर ना हुआ तभी उसे ऐसा कुछ महसूस होने लगा तो वो गोरी के होठों से नीचे देखा तो उसकी नजरे जैसे ठहर सी गई उस पर ।
    उसकी नजरे जैसी ओर प्यासी हो गई गोरी को देखा जो सांसों के लिए तड़प गई हो सांसों के लिए हाफ रही थी जिसे उसका सीना ऊपर नीचे उठ रहा था जो इस वक्त शिवांश के खुले सीने टकरा रहा जो उसके अंदर की आग को ओर भड़का रहा था ।
    शिवांश उसकी कमर पर हाथ उसे अपने चिपका लिया गोरी उसके सीने आ लगी गोरी को अपने सिने से चिपकते हुए वो अपनी आंखे बंद कर लिया पर इस पर गोरी को काफी अजीब सा लगने लगा दूर हो भी कैसे दोनों के बीच हवा तक गुजरने तक जगह नहीं ।
    शिवांश उसके होठों को फिर से चूमता तो गोरी चहरा फेर ली उसके आसू गिरने लगे वो रोते हुए बोली छोड़िए हमें
    तो शिवांश उसे अपने सीने से दबाते हुए उसके गाल पर चूम अपनी आंखे बंद कर सरगोशी से बोला हमरे पास ही रहो ना हमारे सीने में आग जल रही है ये सिर्फ तुम ही बुझा सकत हो ।
    तो गोरी घुटने लगी वो खुदको उसे दूर करने की कोशिश करने लगी पर कर नहीं पा रही शिवांश उसके गाल पर होठों को चलाने लगा होठों की ओर बढ़ने लगा गोरी अपने होठों को भींच की शिवांश उसके होठों को चूमने की कोशिश किया उसके जैसे चूम नहीं पा रहा
    वो अपनी आंखे खोल गोरी को देखा जो आंसुओं से भरा चहरा जिसे धीरे धीरे देख उसका चहरा सख्त होने लगा । गोरी के चेहरे अपनी ओर कर सख्त आवाज में बोला जब भी हम करीब आवत ये तुमरे आसू काहे बहने लग जावत हेतु गोरी उसे भीगी आंखों से देखी
    तो शिवांश उसे देखते हुए बोला बोलो कहे हमने कुछु किया तुमको इतना प्यार करत है हमको वो भी नहीं करन दियों पता है हमरा सीना जल रहा है और तुम हमको पास कहे नहीं आने दियो
    तो गोरी अब उसे अपने दूर धकेल दी पर शिवांश उसे दूर ना हुआ तो गोरी रोते हुए उसे भीगी आंखों से देख बोली तुम इसे प्यार कहते हो जानते भी प्यार होता क्या है जब चाहा हमें जैसे छू लिया हा क्योंकि हमे घिन आती तुम्हारे छूने से सुन तुमने
    तो शिवांश का चहरा सख्त हो गया गोरी उसके हाथों को हटाते हुए बोली पीछा क्यों नहीं छोड़ देते हमारा क्यों पीछे पड़े हो शिवांश उसे सख्त आंखों से देख रहा था
    गोरी रोते हुए बोली छोड़ दीजिए हमारा पीछा क्योंकि हम ओर नहीं सह जा रहा वो रोते हुए उसके बगल से जल्दी से निकल दौड़ी चली गई शिवांश वैसे ही खड़ा रहा गया ।
    गोरी जो भी उससे कहा वो सब उसके कानो में गूंज रहे वो अपनी मुठ्ठी कस लिया
    वहीं गोरी जो कमरे में बाथरूम में चली आई दरवाजे लग मुंह पर हाथ रख घुटी से रोने लगी
    सुबह
    गोरी का चहरा काफी उतरा सा था इस वक्त वो बाथरूम में मिरर के सामने खड़ी खुदको देख रही थी कल रात को जो हुआ था वही सब याद कर उसकी आंखे नम हो गई
    तभी बाहर से दरवाजा खटका इशू आवाज आई दी जल्दी करोना तो गोरी झट से अपनी आंखे पोछ बोली आ बस आ रहे है
    कुछ देर बाद
    सभी डाईबिंग टेबल पर थे इशू एक्साइटेड हो बोली जल्दी आज मैं बहुत खुश हु तो गहना जी उसे देख बोली देखो कैसे खुश हो रही शादी तेरी नहीं तेरी दी की तो उन्हें ही शॉपिंग करने देना
    तो इशू मुंह बना बोली तो क्या मैं शॉपिंग नहीं कर सकती तो खुशबू उसके गाल खीच बोली हा बस तू ही मेरी भी शॉपिंग करना तो इशू इतरा गहना जी से बोली देखा आप अपनी बेटी नहीं जानती कि पर दो जानती मैं उनको बहुत अच्छी शोइंग करवाऊंगी देखना जीजू तो बस देखते फिदा हो जायेगे
    तो खुशबू शर्म से आंखे दिखा बोली कुछ भी बोलती है गहना जी बोली तभी तो जितनी इसे लगाऊं उतना कम है जरा भी नहीं सोचती कहते समय ।तो इशू का मुंह बन गया वो बोली अब सोचते वक्त इतना कौन सोचता है
    तभी नवीन की आवाज आई गहना तो वो उठ बोली लगता आज फिर से आप घड़ी भुल गए तो इशू नॉर्मली बोली ऐसा कुछ नहीं वो तो आज पापा आप से मिलकर नहीं जा पाए बस उसी का बहाना है
    तो गहना जी उसे घूर बोली रुक अभी तुझे आकर बताती हु तभी नवीन जी आवाज आई गहना जल्दी करो ।
    तो वो जाते हुए बोली हा आई तो इशू हसने लगी तो खुशबू उसके कान पकड़ बोली शैतान थोड़ा तो सोचा कर बोलने से पहले कि वो तेरे मा पापा है।
    तो इशू उसका हाथ पकड़ बोली आप मेरी छोड़िए उन्हें देखिए तो वो दोनों अब गोरी को देखी जो ना जाने वह होकर भी जैसे वह नहीं थी ना जाने किन ख्यालों में थी
    तो खुशबू इशू को देखी तो कंधे उचका दी तो खुशबू गोरी के आगे हाथ कर बोली गोरी ... तो गोरी का ध्यान टूटा वो उन दोनों को देख मुस्करा बोली हा कहिए ना
    तो इशू बोली हम तो कह रहे आप ना जाने एस किनके ख्यालों में है ही कही मेरे दूसरे होने वाले जीजू तो नहीं
    तभी गोरी उसे घूर बोली छोटी कुछ भी मत बोला कर हर वक्त मजाक नहीं होता
    तो खुशबू गोरी के चीन पर हाथ रख बोली गोरी क्या हुआ तो गोरी अब उसे देखी तो खुशबू बोली क्या आज पहली बार तुझे एस इशू से बात करते देखा ।तो गोरी को अब ख्याल आया
    तभी इशू उठ बोली मुझे कही नहीं जाना आप दोनों चली जाए वो ऊपर चली गई खुशबू पीछे से बोली बच्चा रुक ।गोरी बोली ये हम से क्या हो गया
    तो खुशबू उसे देख बोली तू ठीक है कुछ परेशान लग रही तो गोरी बोली नहीं ऐसा कुछ नहीं वो बस थोड़ा सर दर्द था तो खुशबू बोली अच्छा तो तू आराम कर ले तो गोरी मुस्करा बोली क्यों भला आप रोज रोज थोड़ी आती है
    तो खुशबू ऊपर की ओर देखी तो गोरी उसके हाथ पर हाथ रख बोली अभी लाई उसे
    वहीं इशू मुंह फुलाए बैठी थी तभी गोरी उसके पास बैठ बोली ओह तो दी फिर हम दो ही शॉपिंग पर चल रहे है तो खुशबू अपने बालों मिरर के आगे संवारते हुए बोली हा अब क्या करे अब अकेले ही जाना पड़ेगा
    तो इशू उन दोनों घूर देखी तो गोरी अपनी मुस्कराहट छिपा बोली अच्छा तो दी हम तो सोच रहे आप के साथ हम भी कुछ अच्छा सा ट्राय कर लेते तो खुशबू उसे देख बोली हा क्यों नहीं अब मेरी शादी तू भी तो कुछ दिखने चाहिए तो गोरी फाटक से बोली हा किसी खूबसूरत ताकि सब हमे सब देखते रह जाए
    तो खुशबू अपना पर्स उठा बोली हा तो चल अब देरी कैसी तो गोरी उठी तभी इशू पिल्लों फैलते हुए बोली आप दोनों कितने बुरे है वो रोनी से शक्ल बना बोली कोई मुझे तो ले जाना नहीं चाहता
    तो खुशबू उसे देख बोली अरे तू चल रही पर अभी नीचे तो इशू मुंह बना गोरी को देख बोली हा तो इन से मैं गुस्सा थी जाओ आप दोनों वो फूला बैठ गई तो गोरी उसके पीछे से गाल खींचते हुए बोली अले मेरा बाबू गुच्छा कैसे हो गया तो इशू उसके हाथ हटा बोली आप तो मुझे से बात इशू आप से नाराज है आप अब बदल गई इशू पर गुस्सा करती है
    तो गोरी आगे आ कान पकड़ बोली ओह तो क्या अपनी दी माफ नहीं करेगी तो इशू उसे टेडी नजर से देख बोली हु एक शर्त पर तो गोरी हाथ बांध बोली अच्छा किसी शर्त
    तो इशू फटाक से बोली आप मुझे अच्छे नहीं दिखोगे तो गोरी उसे आंखे छोटी कर देखी तो खुशबू बोली अरे अब ये क्या है इशू बोली क्योंकि आपकी शादी मैं सिर्फ इशू ही दिखेगी
    तो खुशबू मुस्करा उसके चीन को पकड़ बोली अच्छा इतना अच्छा दिख तुझे अभी से करना क्या है
    तो इशू बोली शादी तो हैरानी से देखी इशू बोली ताकि किसी भी मुझ पर नजर पड़े वो बस देखता रह जाए मेरा दीवाना हो जाए ये सुन गोरी का चहरा उतर गया वो बोली हम चाहते ऐसा कभी ना हो
    तभी खुशबू बोली तूने कुछ कहा तो गोरी का ध्यान टूटा वो हड़बड़ा बोली अरे नहीं तो अब चले समय जायदा लगा तो आने देरी होगी
    तो इशू एक्साइटेड हो बोली हा मुझे शॉपिंग में वक्त लगेगा पहले कह दे रही हु ।
    तो खुशबू हस बोली हा मेरी मां अब चल तो ले।
    दोपहर का वक्त वो अपनी शॉपिंग कर इस वक्त किसी कैफे मैं थे इशू फेल बैठ बोली ओह गॉड ये शॉपिंग करना कितना टफ काम है तो खुशबू बोली हा अब होगी जब हर ड्रेस चैंग कर देखेगी थकान तो होगी
    तो इशू बोली पर आपको मेरे पर वो पर्पल वाला पक्का पसंद आया तो खुशबू बोली हा उसमें तो बिल्कुल प्रिंसेस लग रही थी तो इशू अपने बाल पीछे कर बोली वो तो मै खैर हु
    तो खुशबू गोरी को देख बोली क्या हुआ गोरी क्या ढूंढ रही है तो गोरी बैग्स में कुछ ढूंढते हुए बोली हा दी वो हमारा फोन नहीं मिल रहा तो इशू बोली एक मिनिट आप फिर से चेंजिंग रूम में तो नहीं भूल गए
    तो खुशबू बोली फिर क्या मतलब तो इशू बोली आपको नहीं पता इन से सब यानी संभालने को पूरा देश संभाले पर एक फोन नहीं संभाला जाता कही रख भूल जाती पहले मां के साथ मार्केट आए थे उनकी लिए साडी उतने मै मां ने जबरदस्ती एक साड़ी दी से ट्राय करवाई थी वहीं चेंजिंग रूम में अपना फोन भूल आती वो तो हमे निकलते या आया वरना ये घर भी पहुंच जाती तब भी उन्हें तो जैसे फर्क ना पड़ता
    तो खुशबू गोरी से बोली गोरी ये क्या सुन रही हु मैं अब क्या मैं तेरे साथ चलती हु वही होगा तेरा फोन ड्रेस चेंज करते वक्त वही भूल गई होगी
    तो गोरी उठ बोली हा हमें भी वही लगता पर ऐसा कीजिए हम जाते आप दोनों जब तक ऑडर कीजिए हम बस अभी आ जायेगे शोरूम यहां से ज्यादा दूर नहीं है
    तो खुशबू बोली पर तू अकेली तो गोरी बोली अरे हम चले जायेगे आप काफी थक गई होगी आप रुकिए हम बस तभी इशू बोली दी मै चलती तो गोरी बोली चुप कर अभी तो कह रही तक गई हम अभी आ जायेगे
    तो अब गोरी वहां अकेले ही निकल गई जल्दी जल्दी रोड क्रॉस की रिक्शे बैठी पर वही किसी गाड़ी का मिरर नीचे हुआ जिसकी नहरें सिर्फ इस वक्त गोरी पर थी
    अब वो कौन था अभी पता चल जाएगा
    वहीं गोरी शोरूम के आगे आकर उतरी अंदर बड़ी वहां के इंचार्ज से अपने फोन के लिए बात की वो अपना एक सर्वेंट अंदर चेक करने भेज दिया तो गोरी वही खड़ी हो गई
    तो गोरी वही खड़ी हो गई तो तभी अजीब लगा सभी आस पास शॉपिंग कर रहे लोग वह से उठ अब निकलने लगे वो आस पास देखी ये क्या हुआ अचानक
    तभी पीछे किन्ही आवाज पड़ी वो पीछे देखी आंखे सिकुड़ गई सबको इस बाहर क्यों निकाला जा रहा है तभी वो सर्वेंट उसका फोन के आई तो उसे की तभी उस आई
    तभी उसके भाव बदलने लगे शोरूम का मालिक ये सब देख बोला ये क्या हो रहा ये आप तभी कोई उसके सर पर बंदूक तान बोला क्यों बे तुको बड़ी चूल मच रहा है
    तो वो अपने सर बंदूक देख हैरानी से हकला बोला बन बंदूक ।तो ओर कोई नहीं केशव सर टेडा कर बोला हा सच्ची का है गर्म गर्म गोली भी चलत चला कर दिखावत पर वो का है तुमरी ये उल्लू जैसी अखियां नहीं बचेगी वो का खोपड़ी नहीं रहेगी ना तुमरी तो उसके पसीने छूट गए वो बोला आप है कौन
    तो केशव मुस्कराया बोला अभी पता चल जाई वो का है हमरे सरकार को कुछु जरूरी काम है तू बस चुप चाप खड़ी रहत समझे तो जल्दी से सर हिलाया तो केशव बंदूक अपनी पेंट में डाला बोला साला ईके बिना कोनो काम नहीं हाेवत है
    तो गोरी ये सब देख अब घबरा गई जल्दी से वह से निकलने का सोच आगे आई तभी केशव आगे आ बोला इलो भोजाई आप कहा चली अरे ये सब आप लिए थोड़ी है आप डरो नहीं ।
    तो गोरी उसे देख बोली रास्ता छोड़िए हमारा तो केशव बोला अरे हम तो बस गोरी उसके बगल से निकल आगे बढ़ी तो केशव बोला अरे भोजाई सरकार ...
    पर सामने देख वो चुप हो गया वही गोरी के पैर जम गए सामने अब शिवांश को देख पर उसके चहरे पर कोई भाव नहीं थे
    गोरी का दिल वैसे ही जोरो से धड़कने लगा था तो शिवांश अब गोरी को देखते हुए उसकी ओर बढ़ने लगा तो गोरी अब उसके कदम बढ़ते ही अपने कदम पीछे लेने लगी तो शिवांश उसकी ओर ही कदम के रहा था
    गोरी पूछे होते अचानक गड्ढे पर गिर गई तभी घबरा गई तभी शिवांश उसे कुछ दूरी पर रुक गया तभी बड़े आराम से सोफे बैठा एक पर दूसरा पर चढ़ाया ।
    तो गोरी उसे हैरानी से देखी तो तभी केशव उस शोरूम के बचे कुछ सेलर यानी जेंस थे उन्हें भी वहां से जबरदस्ती बाहर निकल दिया
    तो अब वह सिर्फ फीमेल सेलर खड़ी थी जो अब डरते हुए बोली क्या क्या दिखाना है सर
    तो शिवांश अब एक ठंडी नजर से उसे देख तो वो डर गई शिवांश अब गोरी को देख बोला कुछू ऐसा जो हमरी जान पर अच्छा लागे ।
    तो गोरी उसे देखती रह गई वो जल्दी से घबराई उठ बोली जी नहीं हमें ऐसा कुछ भी देखना वो जाने लगी तभी शिवांश वैसे ही उसकी कलाई पकड़ यू उसे खींचा वो उसकी गोद में जा गिरी
    तो हैरानी से शिवांश को देखी जो उसे सख्त आंखों से देख बोला हमने रुको जाने को नाही बोला है
    तो गोरी अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली हाथ छोड़िए हमारा तो शिवांश उसकी कमर पकड़ बोला अब तुम ही बोलत हो ना हमको की हम तुम प्यार नहीं करत तो आज तुमको हमारे प्यार का कुछु ओर रूप दिखवात तुमको भी हमरी दीवानगी के बारे कुछ पता लगना चाही ना
    तो गोरी उसे हैरानी से देखी उसकी गोद से उठते हुए बोली हमें कुछ नहीं देखना हटिए हमें छोड़िए
    तो शिवांश तभी उसकी कलाई मरोड़ उसे अपने सीने लगाया गोरी की आह निकल गई शिवांश उसके करीब आया गोरी अपने होठों को भींच ली
    तो शिवांश उसे इस तरह देख चहरा सख्त हो गया तभी गोरी उसे हैरानी से देखी तो शिवांश के होठों पर क्रिपी सी मुस्कराहट आ गई
    तो गोरी ना मैं सर हिलाई शिवांश फोन में अपनी बहनों की तस्वीर देख जो इस वक्त कैफे में बैठे हुए थी पर कुछ दूरी एक आदमी था जिसके हाथ मैं बंदूक थी
    तो गोरी हैरानी ये देख शिवांश को देखी वो उसे देखते हुए बोला वो का है हमको कभी कुछ पाने को कुछू भी करना पड़त है
    तो गोरी उसे देखती रह गई तभी शिवांश उसे अपनी बाहों में उठा लिया तो गोरी यू अचानक होने घबरा उसके कंधे पर हाथ रखी तभी नीचे उतरने की कोशिश कर बोली छोड़िए हमें आप ये ये नहीं कर सकते
    तो शिवांश उसे अपने साथ चेंजिंग एरिया में लाया जो काफी बड़ा ही था गोरी नीचे उतार उसे अपने लगा बोला हम का कर सकत का नहीं ये तुम अभी तक जानत कहा हो ।
    तो गोरी की आंखे नम होने लगी वो उससे दूर होते हुए बोली आप एक घटिया इंसान है आपको क्या लगता हम डर जायेगे आपकी कुछ भी मानेंगे
    तो शिवांश उसकी कमर प्रेस किया गोरी की आह निकल गई शिवांश उसके करीब आ बोला हमरी तारीफ तो तुम से होने से रही खैर अब जैसे भी है सिर्फ तुमरे है
    तो गोरी नम आंखों से उसे देख बोली आप पीछा क्यों नहीं छोड़ देता हमरा क्या चाहिए आपको हम से
    तो शिवांश तभी मुस्कराया उसके करीब आ बोला जानत हमको का चाहत तो गोरी उसे देखी तो शिवांश उसके होठों को देख बोला तुम
    तो गोरी जैसे उसकी ये बात सुन ठंडी से पड़ गई हो शिवांश उसे अब कुछ दूर हुआ गोरी उसे देखने लगी तो वो उसे ऊपर से नीचे देख अपना हाथ बढ़ाया
    तो सर्वेंट अब एक पैकेट लेकर आई बड़ा सा उसके हाथ में रखी तो शिवांश उसे एक नजर देख तो जल्दी चली गई वह से
    तो गोरी ये सब नासमझी में देखने लगी तो शिवांश उसे देख मुस्कराया तो गोरी उसे मुंह फेर ली तभी उसकी कमर पकड़ अपने सटा बोला जाओ ये पहन कर आओ
    तो गोरी उसे नासमझी में देखी शिवांश उसके आगे बढ़ाया तो गोरी देखी तो उसके भाव बदल गए तो शिवांश उसे कुछ ऐसा बोला वो हैरानी से उसे देखने लगी ।
    अब आगे
    आखिर शिवांश क्या करने वाला है
    गोरी क्या अब भी सह लेगी या शिवांश के आगे कमजोर पड़ जाएगी
    वैसे कहनी आपको बोरिंग या इसी तो नहीं लग रही मैने कही से कोई कॉपी या कुछ नया फील नहीं हो रहा कहानी में ।
    कोई भी कमी महसूस होती तो मुझे कमेंट करिए please

  • 12. प्यार है या हवस - Chapter 12

    Words: 1075

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे ------------------------
    गोरी शिवांश को हेरानी से देखि वो उसे ही देख रहा था गोरी तो जेसे अब तक क्या कहा जेसे समझ ना पाई शिवांश उसकी ओर कदम बड़ाने लगा तो गोरी उसे पास आता देख पीछे की ओर कदम ली तभी दीवार से लग गयी ....
    ये होते वो घबराई सी शिवांश को देखि वो उससे एक कदम दूरी पर रुक गया तो गोरी का दिल जोरों जोरों से धड़कने लगा था तो शिवांश अपना हाथ उठाया तो गोरी अपनी मुट्ठी बना ली शिवांश उसके चहरे पर आते बाल वो उसके चहरे से पीछे करते हुए बोला लागत है तुमने सुना नाही जो हमने तुम से कहा ....
    तो गोरी उसकी आखो मे देखि शिवांश उसकी आखो मे देखते हुए बोला आज हम तुको फिर साड़ी मे देखना चाहत है वो गोरी पर  जुकते हुए बोला जेसे उस दिन पहनी थी गोरी पूरी दीवार से चिपक गयी जेसे अब वो कहा जाये ...शिवांश  उसके हाथ पर हाथ रखा तो गोरी डर गयी शिवांश उसे ही देखते हुए उसके हाथो अपने हाथ मे भरते हुए उसकी हथेली अपने हाथ मे भर लिया 
    तो गोरी डरते हुए अपना हाथ लेने लगी पर वो उस पर पकड़ कस दिया अपने होठो के पास ला अपने होठो से छूया तो गोरी मुह फेर ली उसे अच्छा नही लग रहा शिवांश अपने होठो को उसके हाथ पर फेरते हुए बोला जानत हो तुको उस दिन उ साड़ी मे देख हम पर का बीत रही थी ..... 
    तो गोरी वो अपना हाथ लेना चाहती थी शिवांश उसकी हाथ की उँगलियो को चूमते हुए बोला सीना जल रहा था हमरा ...वो उसकी कमर  पर हाथ रखा तो गोरी सिमटने लगी वो उसका व्ही हाथ दीवार से लगाते हुए उसकी कमर को सहलाते हुए बोला तुमरी कमर बहोत सुंदर है जानत हो इको देख हमको केसे केसे ख्याल आवत है 
    गोरी की आखे नम होने लगी शिवांश उसके ओर करीब आया भारी सी सासों मे बोला हम से दूर काहे इतना भाग्त हो एक बार हमरे पास तो आओ तुमको अपनी रानी बना कर रखेगे ...वो होठो के पास आया ॥तो गोरी चहरा दूसरी ओर कर ली 
    शिवांश उसके गाल पर चूमते हुए बोला आ जाओ हमरे करीब हमरी सारी प्यास भुजा दो ...पागल कर दिया है तुमरे इस योवन ने हमको ....जरा हमको इका दीदार करने दो ....वो उसकी कमर से पीठ पर हाथ ला ग्ले मे चहरा छिपा उसकी महक अपनी सासों मे समाते हुए सरगोशी से बोला तुमरी खुशबू हमको बहकने पर मजबूर कर रही है का करे ....
    तभी गोरी उसके सिने पर हाथ रख  उसे दूर धकेलने लगी ....शिवांश उसके बालो मे  नाक से सहलाते बोला हम अपनी तड़प तुको सुना रहे है ओर तुम हो की हमको ओर दूर कर हमारी तड़प बड़ावत हो 
    तो गोरी के आसू गिर रहे थे शिवांश की बातों से उसे घिन आने लगी थी ....वो सिने पर मुक्के मारते हुए रोते हुए बोली दूर हटिए ....दूर होइए हम से ....तो शिवांश उसकी एसी आज सुन उसके चहरे की ओर आया आसुओ से भरा चहरा देख उसके भाव कठोर पड़ गए ..... 
    वो गोरी की कमर अपने सटा कठोर भाव से बोला फिर से अपनी गंगा बहाना शुरू कर दिया अपना ॥तो गोरी स्सिकते हुए उसके सिने पर हाथ रखे दूर करते हुए बोली हा क्यूकी हमे गंदा लगता है आपके पास आने पर भी ....अप बहोत गंदे इंसान है छोड़िए हमे ...क्यू पीछा कर रहे है हमारा ....
    तो शिवांश उसकी कमर सख्ती से पकड़ बोला का कहा हमरा छूना तुको गंदा लगता है ... तो गोरी उसे भीगी आखो से देख बोली हा लगता है आपको एक बात समझ क्यू नही आती क्यू परेशान कर रहे है हमे .....
    तो शिवांश उसे दीवार से सटाया ...उस पर जुक सख्ती से बोला क्यूकी तुम हमरी हो ....तो गोरी उसे देखने लगी शिवांश उसके ग्ले से दुपप्ता उतार नीचे गिरा दिया गोरी हेरानी से उसे देखि .....
    शिवांश उसे देखते हुए बोला हम बतावत है हमरा का हक है तुम पर वो उसकी बाह पकड़ अपने साथ खिच लाया उसके हाथ मे कुछ थमा बोला पहनो इको .. 
    तो गोरी देखि तो साड़ी थी शिवांश को देखि वो उसे गुस्से देख बोला हमने बोला पहनो इको हमरे सामने ...तो गोरी उसे हेरानी से देखि ....शिवांश उसे गुस्से देख बोला सुना नाही तुमने ... 
    तो गोरी उसके हाथ को हटाते हुए बोली नही छोड़िए हमे ...हम एसा  कुछ नही करेगे ....तो शिवांश उसे अपने करीब खिच बोला ओर तुको करना पडत वर्ना तुम हमको अभी तक जानत नाही ....हमको जो चाहत होव्त उको पाने के लिए हम कुछू भी कर सकत है .... उतारो कपड़े हमको तुको देखना है ....
    तो गोरी उसे आखे बड़ी कर देखने लगी ....शिवांश उसे देखते हुए बोला ओर तुमको ब्ताव्त तुमरे ई सरीर पर हमरा कितना हक है उतारो इको फनो इको हमरे सामने .... 
    तो गोरी के भाव अब गुस्से मे बदलने लगे .. तभी चीला बोली नही ....तो शिवांश के भाव कठोर पड़ गए वो कुछ कहता उससे पहले गोरी उसके गाल पर तमाचा झड़ दी .... उसका चहरा एक ओर जुक गया गोरी गुस्से वो साड़ी उठा फेक बोली हम एसा हम कुछ नही करेगे ....
    वो शिवांश की कॉलर पकड़ गुस्से बोली समझते क्या हो तुम हा कुछ भी बोलोगे हम मान लेनेगे .....शिवांश उसे देखने लगा गोरी गुस्से बोली नीच इंसान कहिके ...तुम्हें पता भी है किसी लड्की के साथ आखिर केसा बिहेव किया जाता जेबी चाहा हमारे पास आने की कोशिश करना पता है हमे कितनी घिन आती है ....
    वो उंगली पॉइंट कर बोली अब ओर नही बहोत सह लिया हमने अब हम तुम्हारी कोई जबर्दस्ती नही सहेगे .....सुन लो कान खोल कर अब से हमारे पास दूर हमारे सामने आने की जरूरत मत करना  वर्ना हम भी अब चुप नही रहेगे समझे तुम ....
    वो व्हा से दोड़ी चली गयी ....शिवांश उस ओर नजर उठा देखा जिस ओर गोरी दोड़ी चली गयी उसकी आखे लाल थी 
    व्ही गोरी बाहर आई अपने आसू पोछी जल्दी से व्ही ऑटो रोक उसमे बेठ निकल गयी ... केशव ये देख नासमझी मे देखा तभी पीछे देखा तो हेरानी मे भाव बदल गए ... शिवांश को देख जो इस वक्त जितना शांत था उतना ही उसकी आखे काफी थी उसके अंदर के तूफान को बताने के लिए ..... 
    अब आगे ---------------------------------------
    अगर आपको काहनी आगे पड़ना चाहते है तो मैं जल्द ही बड़े बड़े चैप्टर देना शुरू करुगी पर आप सभी कमेन्ट कर बताइये पहले की आपको कहानी आगे पढ़नी है प्लीज एक बार बताइएगा मैं  अब रेगुलर चैप्टर दुगी ... 
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 13. प्यार है या हवस - Chapter 13

    Words: 2078

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे -------------------------
    रात का वक्त ---------------------------------
    गोरी सुबह जो हुआ उसके बाद से कुछ परेशान सी थी किसी कुछ बोल नही रही थी चुप चुप सी ....किचन मे गहना जी की मदद करवा रही पर ध्यान तो कही ओर था शिवांश की वो बाते जेसे अभी उसके कानो मे गूंज रही थी वो केसे उससे कह रहा था उसके इतने करीब जेसे वो अभी उसकी करीबी महसूस कर सक्ति है .....
    तभी गहना जी आ बोली गोरी क्या हुआ ...तो गोरी का ध्यान टूटा तो वो हेरानी से देखि जल्दी से गेस ऑफ करी रोटी जलने लगी थी गहना जी बोली क्या हुआ सब ठीक तो है बेटा तो गोरी बोली हा मामी ...वो बस ...तो गहना जी उसके गाल पर हाथ रख बोली मेने तो पहले बोला था जा आराम कर ले शॉपिंग से आने के बाद से आराम भी नही किया ....
    तभी पीछे से खुशबू आ बोली हा मासी व्हा भी कुछ ठीक नही लग रही थी ... तो गोरी नजरे चुराते हुए बोली एसा  कुछ नही है बस एस ही ...तभी बेल बजी तो खुशबू बोली लगता है मोसा जी आ गाये ...तभी इशू की आवाज आई माँ ...दी जल्दी आइये ....
    ये सुन वो तीनों एक दूसरे को देख जल्दी से बाहर आई ...तो गोरी हेरानी मे भाव बदल गए वो दोड़ी चली आई नवीन जी के पास जिनके सर पर चोट आई थी .....तो वो बोली ये ये आपको चोट केसे आई मामा जी .....
    तो नवीन जी अंदर आते हुए बोली अरे कुछ नही ....तो गहना जी फ्रीक से बोली आपको ये चोट केसे आई .... आप ठीक तो है ...तो नवीन जी बोले अरे बस जरा सी चोट है वो कुछ बदमाश थे ....तो इशू हेरानी से बोली क्या कोण थे वो लोग 
    तो नवीन जी बोले थे कोई छोड़ो वो गहना जी को देखे बोले हम ठीक है ....तो गोरी कुछ सोचने लगी ना जाने क्यू उसे घबराहट सी होने लगी ....खुशबू बोली अच्छा आइए मोसा जी आप पहले बेठिए ... 
    तो नवीन जी उसे देख बोले अरे बेटा तुम ही अपनी मासी को समझाओ देखो केसे हो गयी अगर ओर कुछ देर रहे ना तो रो देगी ...तो गहना जी उन्हे घूर बोली हा हा सिर्फ आपको ही तो सबकी फ्रीक रहती है अगर ज्यादा चोट लग जाती तो ...बेठिए पहले खाना खा लीजिये उसके बाद दवाई लेकर आराम कीजिएगा ....
    तो नवीन जी बोले अच्छा बाबा पहले हाथ तो धो ले .... इशू बोली पापा आपको उन लोगो एस नही छोडना चाहिए था वो अपना हाथ मरोड़ते हुए बोली मैं होती ना अछे से सबक सिखाती उन लोगो हा ।नही तो 
    तो नवीन जी बोले अच्छा अब छोड़ो उस बात को वो गोरी को देख बोले गुड़िया हम ठीक है ... तो गोरी उन्हे अपने साथ बेठा बोली ममी बिलकुल ठीक कह रही आप दवा ले लीजिये खाना खाकर वर्ना रात को दर्द होगा ... 
    तो नवीन जी मुस्करा बोले पर हम ठीक है .... खुशबू बोली हम खाना लगाते है ।वो गहना जी के साथ चली गयी ... तो नवीन जी गोरी को देख बोले क्या हुआ बेटा कोई बात है ... 
    तो गोरी उन्हे देख ना मे सर हिला उनके सिने पर सर रख बोली कुछ नही ..... तो वो उसके बालो पर हाथ रख बस मुस्करा दिये .....
    व्ही एस ही करवट बदलते हुए रात गुजर रही थी न जाने क्यू आज उसे नींद नही आ रही थी तभी आखे झट से खोल बालकनी की ओर देखि सिने पर हाथ रख चेन की सास ली कोई नही था ...पर सोचने लगी शिवांश इतनी आसानी से उसका पीछा नही छोडने वाला पर वो करे क्या अपने अंदर की घुटन किसी से शेयर करे ..... 
    एस ही सुबह कब हो गयी पता ना चला .... पर आज कॉलेज जाना चाहती थी इसलिए कमरे से तेयार हो अपना बेग उठा पहले तो फोन देखि पीहू के काल्स आए थे .... वो समझ गयी पिछले दिनो से वो कॉलेज  ना आने से पीहू उसे कॉल कर रही होगी तो अब खुदकों मजबूत कर की उसके एस रहने से कुछ नही होगा वो शिवांश की वजह से एस बेठी नही रह सक्ति उसे आगे बढ़ना है .... 
    वो नीचे आई ....सभी डाइनिंग टेबल पर ही थे ....तो नवीन जी उसे देख बोले अरे हमारी गुड़िया भी आ गयी चलो अब ब्रेकफ़ास्ट शुरू कीजिये .... तो गोरी उनके पास आ बेठ आप सभी ने अब तक शुरू नही किया ...तो खुशबू उसे सर्व करते हुए बोली हा बस तेरा ही इंतजार कर ....
    तभी अचानक क्या हुआ वो सब खड़े हो गए गोरी के भाव हेरानी मे बदल गए ..... कुछ लोग उनके घर मे घुस चले आए ....नवीन जी उन्हे देख बोला ये आप लोग कोण है कहा चले आ रहे है ..
    तभी किसी आवाज आई इतना का जल्दी है हमरे परिचय जानने का तुमको ... तो नवीन जी उस शख्स को देख कुछ समझ ना पाये पर गोरी के चहरे का रंग कुछ तो उड़ने लगा ..... 
    जो ओर कोई नही केशव था ....मुस्कराते हुए अंदर आया नवीन जी को देख बोला अरे हा भूल गए थ वो हाथ जोड़ बोला नमस्कार ससुर जी .... तो नवीन जी उसे देख बोले कोण हो तुम हम नही जानते तुम्हें .... 
    तो केशव मुस्कराया बोला वो का है ना सरकार का आप से रिश्ता झुड़ा है तो हमको भी तो आपको उतना ही इज्जत देना पड़ेगा ना ....वो गोरी को देख बोला क्यू भोजाई .... 
    तो गोरी उसे हेरानी से देखने लगी ...केशव उसे देख बोला ये आपने अच्छा नाही किया सरकार के साथ ...तो नवीन जी गोरी से बोले गुड़िया क्या बात है बेटा तुम जानती इन सबको .... तो गोरी उन्हे देख सबको देखि ..... 
    तभी केशव बोला अरे जानत ...ये तो हमरी भोजाई है तो गोरी उसे देख बोली तुम यहा क्या करने आए हो ....तो केशव बोला अरे हम नाही सरकार आए है वो आप तो कल उन से अच्छे  से मिल नही तो अब उन्होने सोचा रोज जा बाहर मिलने अच्छा घर पर ही मिलते है .... 
    तो ये सुनते ही गोरी के भाव हेरानी मे बदल गए ....केशव तभी दरवाजे की ओर देख बोला लो सरकार भी आ गए .... तो गोरी ये सुनते ही ...वो उस ओर देखि तो उसकी आखे धीरे धीरे बड़ी होती गयी जब तक शिवांश की एंट्री ना हुई .... 
    व्ही अब सब शिवांश को ही देख रहे थे जो अपने आदमियो के बीच से होते हुए घर के अंदर एंटर किया .....पर उसकी नजरे सिर्फ अंदर बढ़ते हुए सिर्फ गोरी पर थी जो इस वक्त काफी लाल थी ....जेसे पूरी रात वो सोया ना हो !उसकी वो नीली सी आखे इस वक्त लाल थी ....
    तो गोरी उसे देख घ्ब्राहट से भर गयी ....तभी नवीन जी शिवांश के पास आ बोले आप लोग है कोण यहा लेने क्या आए है ....त शिवांश तो अब तक गोरी को ही देखे जा रहा था ....एक पीएल ईएसए ना हुआ वो अपनी पलके भी ज्प्काया हो ....
    तो नवीन जी उसे देख बोले हम आप से ही बात कर रहे है तभी केशव आ बोला अरे हो चाचा का है समझ नही आता हटो रास्ते से सरकार को भोजाई से मिलना है .... 
    तो नवीन जी उसे घूर बोले अपनी ये बकवास बंद करो हम अच्छे से जानते है तुम जेसे लोगो को अभी पुलिस को कॉल करते है तभी केशव उन से फोन छिन लिया नवीन जी गुस्से बोले ये क्या ब्त्तिमिजी है ....
    तो केशव उन्हे सख्त भाव से बोला अभी तक कुछू किया कहा है तभी इशू आ नवीन जी के आगे केशव को गुस्से बोली फोन दो मेरे पापा ओर हो कोण तुम लोग जो काही भी घुसे चले आए .... 
    तो केशव इशू ऊपर से नीचे देख बोला वो का है छोटी तुमरे बाप का खून कुछ ज्यड़ा गर्म हो रहा है अभी तक तो कुछू किया नाही ....वो का है सरकार इतना ओडर नाही है .... 
    तो इशू उसे कुछ बोलती तभी गहना जी उसका हाथ पकड़ अपनी ओर कर बोली चुप कर एस लोगो से मुह नही लगते है .... तो इशू बोली पर माँ ...तो गहना जी उसे आखे दिखाई ... तो केशव बोला अपनी माँ की बात मान लो तुमरे भले के लिए ही बोलत है 
    तो इशू उसे घूर देखि तो गहना जी इशू अपने पीछे कर दी .....नवीन जी केशव से बोले हमारा फोन दो ....जब पुलिस आएगी तो तुम सबकी अकक्ल ठिकाने आ जाएगी .... तो केशव उन्हे घर बोला तुकों को का लागत हमको पुलिस का खोफ है ...जा बुला लियो कुछू ना ही कर पाई वो हमरा ... 
    तो शिवांश गोरी को देखते हुए उसकी ओर कदम बढ़ाने लगा तो गोरी अपनी चेयर को पकड़ ली ....तभी नवीन जी शिवांश के आगे आ गुस्से बोले समझ नही आती कहा चले आ रहे हो ...तो शिवांश गोरी से एक नजरे उन्हे ठंडी नजर देखा .... 
    तो नवीन जी उसे गुस्से देख बोले व्हा क्या देख रहे हो तुम्हें तो हम ....तभी केशव उन पर बंदूक तान दिया ये देख ....गोरी अपने मुह पर हाथ रख ली ....वो जल्दी से आगे आ बोली मामा जी ...
    तभी शिवांश उसकी कलाई पकड़ उसे अपने करीब खिच लिया वो उसके सिने से जा लगी .....हेरानी से शिवांश को देखने लगी .... जो उसे सर टेड कर उसके चहरे को देखने लगा .... 
    नवीन जी ये देख बोले छोड़ो मेरी बेटी को ...कोन  हो तुम ....तो केशव उस पर बंदूक तान बोला क्या है रे दिख नही रहा हमरे सरकार को भोजाई से मिलना है चुप नाही रह सकता थोड़ी देर ....
    तो इशू आ उसकी बाह पकड़ बोली छोड़ो मेरे पापा को ...तो केशव उसे एक आख घूर बोला अबे छोटी ये खोटी बड़ी है ....वो अपने आदमी से बोला साले देख्त का है पकड़ इसको ..... 
    तो उसका आदम इशू को पकड़ लिया इशू उससे खुदकों छुड़ाने लगी .....ये देख खुशबू अपने फोन से किसी कॉल करने को हुई तभी कोई उससे फोन छिन लिया बोला तुमको अलग से कहना पड़ेगा का ... 
    खुशबू उसे बोली फोन दो मेरा तो गोरव अपनी पॉकेट मे डाल बोला पहले ये पिच्छर देख ले फिर बाद मे फुर्सत से बुलाना जिकों तुमको बुलाना हो ....तो खुशबू उसे देख बोली तुम सबको क्या लगता हम डर जाएगे जानते नही हम कोन है तो गोरव उसे ऊपर से नीचे देख बोला देखने से तो लड्की नजर आवत हो यूके आलवा भी कुछू ओर हो का ....
    तो खुशबू उसे गुस्से घूरी .... तभी उसका फोन बजने लगा तो गोरव उसका फोन देखा किसी का नाम शो हो रहा था वो खुशबू को देख बोला तुमरा कोनो यार लगता है खुसबु गुस्से बोली फोन दो मेरा ...तो गोरव कॉल कट बोला अब बाद मे बात करना चुप छाप खड़ी रहो ... 
    तो खुसबु उससे हाथ मार फोन लेने को हुई तभी गोर्व उसका हाथ मरोड़ उसकी पीठ अपने सिने से लगा बोला लागत तुमको भी एक बारी मे समझ नाही आता तो खुशबू खुदकों छुड़ाते हुए बोली छोड़ो ... 
    नवीन जी केशव से बोले हमे तुम्हारी  इन खोखली धमकी से डर नही लगता  तो केशव तभी ऊपर की ओर बंदूक चला दिया ये होते गहना जी आ नवीन जी बाह पकड़ बोली नही इन्हे कुछ मत कर्ण तो केशव बोला तो समझाओ अपने मर्द को काहे इस उम्र मे ऊपर जाने जल्दी है .... तो नवीन जी गहना जी से बोले गहना हमे कुछ नही होगा ये लोग सिर्फ हमे मजबूर कर रहे है .... 
    तो गहना जी रोते हुए बोली नही आपको हमारी कसम कुछ भी मत कीजिये ....गोरी ये सब देख शिवांश से बोली क्या चाहते हो क्यू आए हो यहा ... तो शिवांश उसे देखते हुए बोला तुमको कहा था ना तुम हम को अपने दूर नाही कर सकत हो ....तो गोरी उसे देखने लगी ....
    तो शिवांश उसकी आखो मे देखते हुए बोला अब तुमने हमरी ना मानी तो हमको तो तुमरे पास आना ही था ....अब तुम व्ही करत हो जो हम बोलत ..... तो गोरी उसे नासमझी मे देखने लगी ....
    तभी शिवांश को हेरानी से देखने लगी .....वो बंदूक नवीन जी पर तान बोला वर्ना हम भी का करत हमको भी नाही पता तो गोरी ये देख आखो से नमी गिरने लगी ....शिवांश को देखि वो उसे अपनी लाल आखो से देखते हुए बोला हमको तुकों साड़ी मे देखना है 
    तो गोरी उसे देखती रह गयी .....
    अब आगे ---------------------------
    आखिर अब क्या करेगी गोरी ॥शिवांश उसके घर यू चला आएगा ये तो उसने सोचा नही था !
    वो तो कहा उससे पीछे छुड़ना चाहती वो तो उसके पीछा छोडना तो दूर अब इस कदर उसके लिए पागल था किसी भी हद तक जा सकता था !
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 14. प्यार है या हवस - Chapter 14

    Words: 1331

    Estimated Reading Time: 8 min

    तो शिवांश उसकी आखो मे देखते हुए बोला अब तुमने हमरी ना मानी तो हमको तो तुमरे पास आना ही था ....अब तुम व्ही करत हो जो हम बोलत ..... तो गोरी उसे नासमझी मे देखने लगी ....
    तभी शिवांश को हेरानी से देखने लगी .....वो बंदूक नवीन जी पर तान बोला वर्ना हम भी का करत हमको भी नाही पता तो गोरी ये देख आखो से नमी गिरने लगी ....शिवांश को देखि वो उसे अपनी लाल आखो से देखते हुए बोला हमको तुकों साड़ी मे देखना है 
    तो गोरी उसे देखती रह गयी .....तो शिवांश उसके होठो को देख बोला जाओ पहन कर आओ ... तो गोरी पीछे होते हुए ना मे सर हिलाई ...तो शिवांश के भाव कठोर हो गए ....
    तभी नवीन जी गोरी से बोले गोरी नही बेटा तू डर मत ये हमारा कुछ नही कर सकते ... तो गोरी उन्हे नम आखो देखि तभी शिवांश उसकी कलाई पकड़ अपने करीब खिच लिया वो उससे आ लगी ...
    शिवांश कठोर भाव से उसकी कमर पकड़ उसकी आखो मे देख बोला तुमने कसम खा रखा है हमरी बात नाही मानने का तो गोरी उसके सिने पर हाथ रख उसे दूर करते हुए बोली दूर हटिए हम ओर चले जाइए यहा से ...वर्ना हम ...
    तभी शिवांश बंदूक चला दिया तभी गोरी चीख उठी ....हेरानी से उस ओर देखि जेसे उसकी जान निकल गयी ...गोली छु कर सीधे वाल पर लगे तस्वीर पर जा लगी वो सीधा नीचे आ गिरि ....
    तो गोरी बोली मामा जी ....नवीन जी अपनी बाह पकड़ लिए ...गोली उनकी बाह को छु कर गयी थी .... गहना जी तो ये देख रोने लगी थी गोरी उन्हे स्भालने के लिए उनके पास जाने लगी तभी उसकी कमर से हाथ लपेट पेट पर ला उसकी पीठ अपने सिने लगा पीछे से उसे कस के बाह मे कस शिवांश सख्त आवाज मे बोला अभी तक कुछू नाही किया जान हमको मजबूर नाही करो ....
    तो गोरी उसके हाथो को हटाते हुए रोते हुए बोली छोड़ो ...हमे ....तो शिवांश फिर से नवीन जी के आगे बंदूक तान बोला जान इस बार निशाना नाही चूकेगा हमको मजबूर नाही करो ..... 
    तो गोरी ये देख जेसे टूट सी गयी ....शिवांश उसे अपनी कर बोला जाओ पहन कर आओ वर्ना तुमरे मामा के पास बहोत कम समय है ....तो गोरी उसे हेरानी से देखने लगी ...तो शिवांश सर टेड़ा कर बोला वर्ना हमरा दिमांग घूम गया तो हमको नही पता का होगा ... 
    तो गोरी उसे भीगी आखो से हेरानी से देखने लगी तभी केशव बोला भोजाई काहे इतना सोचत हो सरकार का मान लो वर्ना सरकार आज बहोत गुस्से मे है .... तो गोरी तभी शिवांश के आगे हाथ जोड़ सिसकते हुए बोली नही प्लीज कुछ मत करना ....तो शिवांश उसे देख उसके हाथ को देख उसे देखते हुए थोड़ा जुक उसके हाथ को चूम लिया तो गोरी पीछे हो गयी ....
    तभी शिवांश उसकी एक हाथ कमर मे डाल अपने से लगा बोला तो हम से दूर जाना बंद करो हमको बिलकुल अच्छा नहीं लगता तुम एस हम से दूर जाओ ... तो गोरी रोने लगी ....आखिर वो उसे उसके घर वालो के सामने ही इस तरह पेशा रहा है .... 
    तो शिवांश उसे देख बोला जाओ व्ही साड़ी पहनो हमको तुकों उसी मे देखना है तो गोरी रोते हुए ना मे सर हिलाई तो शिवांश उसके होठो को देखते हुए बोला हमको ओर मजबूर नाही करो अगर हमरी खोपड़ी फिर गयी तो वो नवीन जी पर बंदूक ताना .... तो गोरी ये देख रोते हुए बोली नही नही प्लीज नही ....
    वो शिवांश की बाह पकड़ रोते हुए बोली हम हम वेसा ही करेगे जेसा तुम कहोगे प्लीज उन्हे कुछ मत करो ....तो शिवांश के होठो पर मुस्कराहट आ गयी वो उसे देख बोला तो पहले हमरा कहना मानो ....तो गोरी मजबूरी से सर हिलाई .... 
    तो नवीन जी उसे बोले नही गोरी बेटा सुन ...तो गोरी उन्हे भीगी आखो से देखि ...गहना जी उन से बोली आपका खून बह रहा है डॉक्टर को बुलाये .....तो नवीन  जी उन से बोले हम ठीक है तो वो रोते हुए बोली नही है आप  ठीक ...
    तो खुशबू गोरव से खुदकों छुड़ाते हुए बोली छोड़ो हमे ... तो गोरव  उसकी बाह पकड़े बोला का है शांति से खड़ा रहा नही जाता तुम से ....तो खुशबू उससे बोली मैं तुम्हें छोदूगी नही तो गोरव उसे देख बोला पहले हम तुकों छोड़ दे उके  बाद तुम हमको पकड़ लेना  तब तक चुप छाप खड़ी रहो .... 
    गोरी अब अपने कदम धीरे धीरे पीछे लेने लगी ...नवीन जी उसे देख बोले गोरी नही बेटा वो शिवांश को देख गुस्से बोले तुम्हें हम छोड़ेगे नही ..... पर शिवांश को तो उनकी बातो फर्क ना पड़ा वो तो गोरी को अपनी बात मानते देख वो तो उसे अजीब ही मुस्कराहट से देख रहा था .... 
    केशव नवीन जी से बोला अरे ओहह ससुरा काहे इतना उछल रहा है एक हाथ मे लगा फिर भी तुमको ठंडक नाही है .... तभी इशू उसे गुस्से बोली अबे ओहह अगर मेरे पापा कुछ किया ना मैं तुम्हें छोदुगी नही .... तो केशव उसे आखे छोटी कर घूर बोला ये अलग ब्ला पाल रखा है जितनी छोटी है उतना उछलती है .... 
    तो इशू उसे घूरते हुए बोलीतुम लोगो मैं छोदुगी नही पुलिस का डंडे ना लगवाए ... तो केशव उसके सर पर थपथ्पा बोला अरे ओहह छुटकी जिस पुलिस वाले का तुम बात करत हो रोज हमरे पर दबाने आता है .... 
    तो इशू उसे गुस्से घूरी .... वो गोरी को देख बोली दी रुको आप इन लोगो से डरो नही ....तो गोरी अपनी नमी पोछ बोली इशू तू चुप रहे ....वो शिवांश को देख बोली ठीक हम वेसा ही करेगे जेसा तुम कहोगे पर वादा करो चले जाऊगे यहा से ..... 
    तो शिवांश उसे अपनी नशीली आखो से देखते हुए बोला पहले हमरा कहा तो मानो जान .... तो गोरी अपना चहरा फेर ली जेसे वो मजबूर सी हो गयी ....
    अब वो धीरे धीरे अपने कमरे मे आई ....अपना चहरा हाथो मे भर रोने लगी ....तभी खुदके आसू पोछ बोली नही गोरी तुजे कर्ण होगा वर्ना वो इंसान हा कुछ भी कर सकता है हा तभी फफक पड़ी .... 
    अपनी अलमारी के पास अब कुछ देर बाद .... कापते हुए साड़ी जल्दी जल्दी जेसे तेसे पहन रही थी बार बार अपने आसू पोछ रही थी क्यूकी वो थम नहीं रहे थे ...तभी पीछे से दरवाजे की आवाज आई ....
    वो सामने मिरर मे देख ठंडी पड़ गयी ....जब शिवांश को ठीक अपने कुछ दूरी पीछे खड़ा देख ....वो ना जाने किन नजरों  से उसे ऊपर से नीचे देख रहा था ....पर लग तो रही बेहद खूबसूरत .....
    शिवांश उसकी साड़ी से जाकती व्ही पतली गोरी सी कमर को देख अपने सिने पर हाथ रख लिया अपने शर्ट के बटन खोलने लगा ....तो ये देख गोरी तो मानो जम सी गयी हो .....उसकी बॉडी कापने लगी थी ....
    वो जल्दी से पलट पीछे हो हकला बोली दूर दूर रहिए ...तो शिवांश उसे देखते हुए बोला जानत हो हमरी का हालत हो रही है .... तो गोरी पीछे खिसकते हुए बोली व्ही रुक जाइए पास मत आइये ... 
    तो शिवांश अपने कदम उसकी ओर लेते हुए बोला पास नही आएगे तो मर जाएगे ओर हम से ओर तड़प सही नही जा रही पूरी रात हमरे सिने मे आग जलती रही है .... 
    तो गोरी रोते हुए बोली क्यू कर रहे है आप एसा .... अब हमने आपकी मान ली आप चले जाइए यहा से ... तो शिवांश उसकी ओर बढ़ते हुए बोला चले जाई उसे पहले हमको कुछू चाहिए तुमको एस देख  हमरा बदन जल रहा है 
    तो गोरी पीछे हो बोली हमने कहा ना तभी घबरा गयी पीछे अलमिरा से लग गयी जल्दी से जाने को हुई तभी शिवांश उसे अलमारी से लगा दिया गोरी हेरानी से उसे देखने लगी ...वो उसे देखते हुए बोला बाकी सब बाद मे पहले हमरी प्यास .....
    तो गोरी कुछ करती वो उससे पहले ....
    अब आगे 
    बाकी का नेक्स्ट मे .....कहानी के लिए रीडर्स बहोत कम है एस मे तो स्टोरी बन्द हो जाएगी फिर बताइये मैं क्या करू !
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 15. प्यार है या हवस - Chapter 15

    Words: 2266

    Estimated Reading Time: 14 min

    तो गोरी पीछे हो बोली हमने कहा ना तभी घबरा गयी पीछे अलमिरा से लग गयी जल्दी से जाने को हुई तभी शिवांश उसे अलमारी से लगा दिया गोरी हेरानी से उसे देखने लगी ...वो उसे देखते हुए बोला बाकी सब बाद मे पहले हमरी प्यास .....
    तो गोरी कुछ करती वो उससे पहले ....
    उसके होठो को अपने होठो के कब्जे मे कर लिया इस तरह से चूमने लगा ना जाने कितना प्यासा हो गोरी के आसू गिरने लगे शिवांश के सिने पर हाथ रख वो उसे दूर करने लगी ....पर वो उसे एक इंच भी दूर ना हुआ गोरी के हाथ अपने हाथो मे भर अलमिरा से लगा अपने खुले सिने को गोरी से चिपका लिया उसके होठो को जकड़े हुए होठो ओर गहराई से चूमने लगा .... 
    अब गोरी जेसे कुछ ना कर पा रही उसका सिवाय रोने के वो उसके होठो को छोड़ ही  नही रहा था गोरी के हाथो होठो को चूमते हुए धीरे धीरे उसके सर के ऊपर ले जाने लगा ....गोरी उसका कुछ तक ना कर पा  रही थी ... 
    वो उसके सर के ऊपर ला हाथो को अपने एक हाथ मे जकड़ अपना दूसरा हाथ उसके हाथो से लेते हुए उसके गाल से ग्ले मे ले जा गोरी का चहरा ऊपर उठा दिया उसके होठो को सक करने लगा अपनी फिलिंग वो उस किस्स के जरिए जाहीर कर रहा था की वो कितना बेसब्र है उसके लिए !
    हाथ को नीचे बढ़ाते हुए उसकी नाजुक सी कमर आकर ठहर गया जेसे किस्स करते रुक गया ...पर गोरी के होठ अभी भी उसके होठो मे फसे थे वो गोरी के लोवर लीप  को अपने होठो मे लिए गोरी को अब अपनी आखे खोल देखा ...पलके आसुओ मे भरी हुई 
    वो उसके होठो को देखते हुए अब उसके होठो को छोड़ा ....होठो की हालत खराब कर दी उसने पूरे लाल से हो गए थे जेसे खून ही रिसने लगेगा उन  से गोरी को देखा तो गोरी भीगी आखो से उसे देखि ....शिवांश उसे देखते हुए उसके होठो फिर से चूम लिया गोरी सिसक गयी .... 
    शिवांश उसकी कमर पर हाथ रखे हुए उसे देखते हुए अब नीचे जुकने लगा ....तो गोरी भीगी आखो से देखने लगी शिवांश नीचे जुकते हुए सिने को देखा तो गोरी अपने हाथ उसके हाथ से लेने की कोशिश करने लगी ...शिवांश सिने से नजर नीचे किया वो सर टेड़ा कर उसकी वो पतली सी कमर को देखने लगा 
    अब हाथ बड़ा उसके कमर से साड़ी के पल्लू हटाना चाहा तो गोरी रोते हुए बोली नही प्लीज नही ... तो शिवांश उसे देखने लगा गोरी रोते हुए बोली मत कीजिये प्लीज छोड़ दीजिये ...तो शिवांश उसे देखते हुए उसके करीब आया गोरी पीछे अलमिरा से लग गयी .... 
    शिवांश उसके बेहद करीब आ बोला काहे ....काहे तुमको हमरा दर्द नाही दिखता .... गोरी सिसकने लगी शिवांश उसे देखते हुए बोला तुमने हमको मजबूर किया पता जब  तुम हमको अपने से दूर करत हो हमको कितना दर्द होता है पूरी रात सिर्फ दर्द से तड़पते रहे वो उसके होठो को प्यासी नजरों से देख बोला अब जाकर कुछ राहत मिला है तुम हो की हमरा सुकून हमको दे नाही रही हो .... 
    तो गोरी चहरा फेर रोने लगी उसे शिवांश की बाते उसे बिलकुल भी अच्छी नही लग रही थी तभी कुछ ठंडी सी पड़ गयी शिवांश उसके सिने मे चहरा छिपा लिया गोरी की आती महक को अपनी सासों मे भरते हुए सरगोशी से बोला तुमरी खुशबू हमको पागल करर ही है गोरी ...हमको अपनी बाहो मे भर लो .... 
    तो गोरी खुदकों छुड़ाने लगी शिवांश गोरी को देख बोला हम तुकों अच्छा नाही लगते का तो गोरी रोते हुए बोली छोड़िए हमे ...शिवांश उसके हाथो को छोड़ दिया ये होते गोरी उसे दूर करने लगी शिवांश उसकी खुली कमर मे हाथ डाल लिया घुटने के बल नीचे बेठ गया ....
    तो गोरी उसे नासमझी मे देखने लगी तभी उसकी बॉडी मे करंट सा लगा ...शिवांश जेसे अपने होठो से उसके पेट पर चूम लिया तो गोरी उसके कंधे पर हाथ रख उसे दूर करने लगी शिवांश उसकी नाभि पर चूम लिया तो गोरी फफक पड़ी ....रोते हुए बोली छोड़ो ...
    तो शिवांश को जेसे फर्क ना पड़ा उसके पेट पर चूमते हुए अपने चहरे को पेट मे छिपा उसकी कमर से हाथ लपेट लिया तो गोरी उसके कंधे पर मारते हुए रोते हुए बोली छोड़िए ....
    तभी शिवांश झटके से को खिच उसके बालो मे हाथ डाल उसके होठो के करीबी से बोला अभी जाव्त है कान खोल कर सुन लियो अब से हमको दूर नाही करना ...हम बरदाश नाही करत समझी .... 
    तो गोरी उसे देख रही थी शिवांश उसकी आखो मे देखते हुए उसके होठो पर चूम लिया उससे दूर हुआ अपने कदम पीछे लेते हुए गोरी को फ्लाइंग किस्स दे बोला जा रहे है जान जल्द ही मिलने आएगे ....
    वो तो व्हा से निकल गया ...व्ही गोरी खड़ी अचानक जमीन पर गिर गयी तभी टूट सी गयी रोने लगी .....
    तभी दरवाजा खोल खुशबू आई गोरी को देख व्ही रुक गयी बोली गोरी ....तो गोरी अपना आसुओ से भरा चहरा उठाई उसे देखि तभी खुसबु को देख फफक पड़ी ....तो खुसबु उसके पास आ उसे अपने सिने से लगा ली !
    तो गोरी उसके सिने लग रोने लगी ... खुशबू उसके बालो पर हाथ फेरते हुए बोली बस चुप हो जा ....तो गोरी रोये जा रही थी तभी उसके कानो मे आवाज पड़ी गोरी .... 
    तो गोरी खुशबू से अलग हो उस ओर भीगी आखो से देख बोली मामा जी ...नवीन जी को देख अब जेसे तेसे खड़ी हो उनकी ओर दोड़ सिने से जा लगी .... 
    तो नवीन जी उसके सर पर हाथ रख बोले बस रोना नही तुम्हें हमे बताया क्यू नही ये लोग तुजे कब से परेशान कर रहे है ....तो गोरी कुछ बोली ना उनके सिने से लगे फफक पड़ी .....तो नवीन जी बोले बहोत हुआ हम चुप नही बेठेगे तो गोरी उन्हे देखि ....नवीन जी उसके आसू पोछ बोले आज ही पुलिस कंपलेंट करेगे फिर देखते केसे इन लोगो की अकक्ल ठिकाने नही आती .... 
    तो गोरी उन्हे देखने लगी तभी इशू बोली हा पापा सही कह रहे आज हमारे घर घुस कर हमारे साथ इस तरह ब्त्तिमिजी की अगर हम एस ही चुप रहे तो ना जाने क्या कुछ नही करेगे .... तभी गहना जी बोली तू चुप कर ...वो नवीन जी से बोली सुनिए देखिये हमे तो ये लोग कुछ ठीक नही लगते छोड़िए हम इन से पंगा नही लेते ना जाने क्या करेगे .... 
    तो खुसबु बोली नही मासी आप खामका डर रही देखा नही किस तरह से वो इंसान हमारे ही घर मे घुस हमारी गोरी के साथ बिहेव करके गया ना जाने हम नहीं होंगे तो क्या करेगा तब तक के लिए हम एस चुप तो नही बेठे रह सकते ॥ 
    तो गहना जी गोरी के पास उसके गाल पर हाथ रख बोली जानती टूज पर क्या बीती होगी पर एक बार तू सोच आज केसे वो लोग हमारी जान लेने से भी ना कतराये अगर हमने कुछ एसा किया तो ...
    तो गोरी ना मे सर हिलाई उनके हाथ पर हाथ रख बोली नही हम कुछ नही होने देगे .... वो नवीन जी से बोली हा मामा जी प्लीज रहने दीजिये ...तो नवीन जी कठोर भाव से बोले क्या रहने दीजिये तुम भी अपनी मामी की बातों मे आ गयी ये तो हम सबके मोह मे बोल रही पर हमारी गुड़िया कब से एसी बाते करने लगी ...
    तो गोरी उन्हे देखने लगी गहना जी नवीन जी से बोली सुनिए ना तो नवीन जी कठोर भाव से बोले चुप ...अगर आज गोरी की जगह हमारी इशू होती तो क्या तुम एस ही हमे चुप रहने देती ...उनकी काही बात गहना जी के दिल पर चुब गयी उनकी आखे भर आई ....तभी गोरी बोली आप ये क्या कह रहे मामा जी मामी के लिए हमारे ओर इशू के लिए कभी कोई भेदभाव नही रहा वो बस आज जो हुआ इसलिए सिर्फ अपनी फ्रीक जता रही है !
    तभी गहना जी बोली रहने दे गोरी वो नवीन जी को देख अपनी नमी पोछ बोली कीजिये आपको जो सही लगता हम अब कुछ नही कहेगे ....वो व्हा से ही चली गयी ...तो गोरी उन्हे देख बोली मामी वो उनके पीछे जाने को हुई तभी नवीन जी उसका हाथ पकड़ बोले तुम हमारे साथ चलो .... 
    तो गोरी उन्हे ना मे सर हिला बोली नही रहने दीजिये तो नवीन जी कठोर भाव से बोले हमने पूछा नही बताया कहा ना चलो ...तो गोरी अब कुछ ना बोल पाई तो खुसबु बोली मोसा जी सही कह रहे है गोरी तू जा मासी को माँ संभाल लुगी तभी इशू बोली मई भी चलोगी दी आपके साथ ... 
    तो नवीन जी बोले नही तुम सब यही रुको जो कुछ होगा हम बता देगे ...नवीन जी गोरी को अपने साथ ले गए ....खुशबू किसी कॉल करने लगी ...तो इशू उसके पास आ बोली जीजू को कॉल कर रही है .... तो खुसबु उसे देख बोली वो कॉल उठा नही रहे लगता है मिशन से अब फ्री नही हुए ....तो इशू बोली पापा गए है ना पुलिस स्टेशन सब ठीक ही होगा आप जीजू खामका परेशान मत कीजिये वो अपना मिशन स्पोइल कर यहा आएगे ओर आप तो जानती ही वो कितने केयरिंग है सब छोड़ कर यहा आ जाएगे ....
    तो खुसबु उसे देख बोली हा तू ठीक कहती है अगर उन्हे ब्ताउगी ये सब हुआ है पता नही बात कहा की कहा चली जाएगी बस सब जल्दी से ठीक हो जाये .... 
    व्ही पुलिस स्टेशन ना जाने गोरी को घबराहट हो रही थी नवीन जी व्हा खड़े कॉन्स्टेबल से बोले हमे काम्प्लेन्त दर्ज करवानी है .....तो वो कॉन्स्टेबल बोला थोड़ी देर रुकिए सर आते ही होंगे ...
    तभी पुलिस इंस्पेक्टर को देख बोला लो आ गए सर .... तो नवीन जी उस पुलिस इंस्पेक्टर के पास चले गए वो पुलिस इंस्पेक्टर अपनी चेयर पर बेठा तो नवीन जी उसके पास आए तो कॉन्स्टेबल बोला सर इन्हे रपट लिखानी है तो वो पुलिस इंस्पेक्टर नवीन जी को देख बोला किसके खिलाफ ... 
    तो नवीन जी बोले कुछ गुंडे जबर्दस्ती हमारे घर मे घुस हमारे साथ ब्त्तिमिजी करने लगे ओर हमारी बेटी के साथ ब्त्तिमिजी करने की कोशिश की ....तो वो इंस्पेक्टर एक नजर गोरी को ऊपर से नीचे देखा ....वो बोला कोनो तो नाम होगा उका जानत हो कोण है ....रपट एस नाही लिख जावत है तो नवीन जी बोले देखिये इंस्पेक्टर हमे उनके बारे मे कुछ नही पता बस इतना ही पता है वो कुछ ठीक नही उनके पास हथियार भी थे .... 
    तो इंस्पेक्टर की आखे सिकुड़ गयी वो कॉन्स्टेबल से बोला जरा धरना साले म्वालियों कोण है हमरे इलाके मे वो गोरी ऊपर से नीचे देख पानी खाते हुए बोला इतनी खूबसूरत लड्की को छेड़ने का हिम्मत किया .... 
    तो गोरी उसे देख बोली वो लोग हमे कॉलेज मे भी परेशान करते है तो इंस्पेक्टर गोरी को देख बोला ओहह अच्छा तो तुमरा का कॉलेज का यार तो नाही .... तभी नवीन जी बोले तमीज से बात कीजिये आप मेरी बेटी से ...ओर वो कह रही है ना वो लोग उसे कब से परेशान कर रहे है ...
    तो इंस्पेक्टर नवीन जी घूर बोला लागत तुकों पता नही ये पुलिस स्टेशन है केसे इंस्पेक्टर से बात किया जाता है तो नवीन जी बोले हमने अब तक तमीज से ही बात की है आप अपनी तमीज ना भूले .... 
    तो इंस्पेक्टर नवीन जी घूरा बोला का बोला ....वो नवीन जी कॉलर ही पकड़ लिया बोला बहोत गर्मी है तुम मे साले हमरे सामने जबान ल्डाओगे ... तो गोरी उसका हाथ पकड़ बोली छोड़िए मामा जी को आप एसा केसे कर सकते है ... 
    तो इंस्पेक्टर उसे घूर बोला ये जो तुमरा मामा है इसने पुलिस इंस्पेक्टर से ब्त्तिमिजी से बात की है तो इका तो इसको सजा मिल कर रहेगा ... तो गोरी हेरानी से देख बोली एक मिनिट आप एसा कुछ नही कर सकते जीतने नियम हमने पड़े उनमे ईएसए कुछ नही पहली बात मामा जी नही आप ने ब्त्तिमिजी से बात की है एक पुलिस इनसेपेक्टर होने के नाते आपको इतना तो पता होगा किसी लड्की के से किस तरह से बात की जाती है 
    तो वो इंस्पेक्टर उसे घूर बोला तो हमको कानून सिखाउगी ...अच्छा बताओ का किया उन गुंडे तुमरे साथ ,,,,,तो गोरी उसे देख बोली आप इस तरह से हम से बात नही कर सकते ॥, 
    तो इंस्पेक्टर उसे देख बोला काए बटाऊ अभी रपट लिखाने आई हो ना बोलो वो उसे ऊपर से नीचे देख बोला कहा कुछ छूया सही से ब्ताओ एस ही हम किसी रपट नाही लिख सकत है ... 
    तो नवीन जी कठोर भाव से बोले आपको शर्म नही आती किसी लड्की एस बात करते हुए तो इंस्पेक्टर उनकी कॉलर पकड़ बोला अच्छा तो तुम से सीखे तमीज साला हमरे सामने हम से ही उचि आवाज मे बात करत है अभी अछे से ब्ताव्त .... ले चलो साले को अच्छे से अकक्ल ठिकाने लगा देई .... 
    तो गोरी उनके आगे आ इंस्पेक्टर से बोली रुक जाइए आप ऐसा नहीं कर सकते तो इंस्पेक्टर उसकी बाह पकड़ उसे धकेल बोला अरे हट इस साले को तो हम बताई
    उसके धकेलने से नवीन जी गोरी को देख बोली गोरी वो इंस्पेक्टर उनकी कॉलर पकड़ लिया वही गोरी एस धकेल जाने से पीछे टेबल से टकरा गई जिससे लड़खड़ा जमीन जा गिरने को हुई तभी किसी मजबूत बाह ने उसे थाम लिया गोरी तो अपनी आंखे कस के मिच की पर जब कुछ एहसास ना हुआ तो वो अपनी थामने वाले शख्स को सर उठा देखी तो एक पल में उसकी आंखे हैरानी में बदल गई
    अब आगे
    आगे जानने के लिए जल्दी से कमेंट
    बताइएगा कैसा लगा चैप्टर
    कहानी आपको बोरिंग या कोई कहानी का कॉन्सेप्ट पुराना या कॉपी सा तो नहीं लगता ना आपको please 🥺 बताइएगा मुझे
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 16. प्यार है या हवस - Chapter 16

    Words: 1707

    Estimated Reading Time: 11 min

    उसके धकेलने से नवीन जी गोरी को देख बोली गोरी वो इंस्पेक्टर उनकी कॉलर पकड़ लिया वही गोरी एस धकेल जाने से पीछे टेबल से टकरा गई जिससे लड़खड़ा जमीन जा गिरने को हुई तभी किसी मजबूत बाह ने उसे थाम लिया गोरी तो अपनी आंखे कस के मिच की पर जब कुछ एहसास ना हुआ तो वो अपनी थामने वाले शख्स को सर उठा देखी तो एक पल में उसकी आंखे हैरानी में बदल गई

    वो तो आखे बड़ी कर उसे हेरानी से देखने लगी वो शख्स जिसकी आखे इस वक्त लाल ग्ले से नसे उभर नजर आने लगी गोरी उसे हेरानी से देखते हुए धीरे धीरे खड़ी होने लगी वो इंस्पेक्टर नवीन की गला पकड़े था तभी उसके पास कॉन्स्टेबल आ धीरे से बोला सर तो वो इंस्पेक्टर उसे देख बोल क्या रे ...तो वो कॉन्स्टेबल उसे इशारा किया

    तो वो इंस्पेक्टर चिड़ से बोला क्या बे एसा भी क्या जेसे वो उस शख्स को देखा उसकी जीभ ही जेसे कापने लगी हो वो हेरानी से देखते हुए हकलाते हुए बोला स...सर ....गोरी उस शख्स को हेरानी से देख रही थी जो ओर कोई नहीं शिवांश था ...जिसकी लाल आखे इस वक्त उस इंस्पेक्टर को देख रही थी .... 

    तो वो इंस्पेक्टर नवीन जी छोड़ सीधा खड़ा हो शिवांश को सेल्यूट करते हुए बोला सर आप मेरा मतलब आप यहा .... तो गोरी इंस्पेक्टर के एस शिवांश को सेल्यूट करते वो शिवांश को देखने लगी पर वो तो अभी वेसे ही उसे जेसे ऊँह नजरों से देख रहा था ... 

    तो इंस्पेक्टर कॉन्स्टेबल से बोला अरे सब खड़े देख क्या रहा है देख नही रहा सर आए है ....वो शिवांश के लिए अपनी चेयर आगे करते हुए बोला आइये सर बेठिए ....

    तभी शिवांश उसकी कोलर पर हाथ धरा जीतने मे उसकी हवा निकल लगी शिवांश उसे एक ही हाथ से हवा मे उठा दिया गोरी शिवांश को देखने लगी शिवांश उसे दाँत भींचते हुए उस इंस्पेक्टर से बोला हिम्मत केसे हुआ तुमरा हमरी जान से एस बात करने का .... 

    तो उस इंस्पेक्टर की सासे फूल सी गयी वो कोशिश करते हुए सर छोड़िए ...तो शिवांश उसे एक हाथ से ही उठाए था उसकी नसे उभरी हुई थी वो उसे दीवार से दे मारा तो गोरी अपने मुह पर हाथ रख ली वो दीवार से जा लगा अपना सर पकड़ लिया ॥ 

    तो शिवांश उसकी ओर बढ़ते हुए गुस्से बोला हिम्मत केसे हुआ हमरी जान को छूने का ....तो वो इंस्पेक्टर उसे हेरानी से देखने लगा शिवांश उसे झटके खड़ा कर उसके मुह पर एक ज़ोर दे मारी जीतने भर मे उसके मुह से खून बहने लगा ये मंजर देख सभी डर कर व्हा से भाग गए ....

    गोरी तो नवीन जी के पास आ गयी शिवांश को हेरानी से देख रही थी तभी हेरानी से उस इंस्पेक्टर को देखने लगी जो उसके पेरो मे आ गिरा ॥अदमरि  सी हालत मे ....फिर सामने शिवांश को देखि जो इस वक्त उसकी लाल आखो मे खून दोड़ रहा था !

    तभी वो इंस्पेक्टर हाथ जोड़ गोरी से माफी मांगते हुए बोला माफ माफ कर दो मुझे तभी केशव उसे बोला ए इज्जत से भोजाई है तुमरी ...तो इंस्पेक्टर शिवांश को देख गोरी के आगे हाथ जोड़ बोला भ ...भाभी माफ माफ कर दो हमे 

    तभी शिवांश उसके बालो को पकड़ झटके से खड़ा दिया तभी गोरी हेरानी से शिवांश को देखने लगी उसकी आखे बड़ी हो गयी शिवांश जब बंदूक तान दिया उस इंस्पेक्टर वो तो रोने ही लगा था शिवांश उसे अपनी गुस्से भरी नजरों से देखते हुए बोला तुमने लगती नाही किया गुनाह किया शिवांश गुनाह का स्झा सिर्फ मोत देवत है 

    तो इंस्पेक्टर रोते हुए आखे मीच बोला सर माफ कर दीजिये सर मेरे बच्चे है छोटे छोटे .....तो केशव बोला अच्छा अब बड़ी याद आ रही तुजे अपने बीवी बच्चो की ...तो शिवांश उसके सर पर बंदूक लगा ट्रिगर पर उंगली अब प्रेस करते हुए बोला हमको कोनो से फर्क नाही पड़ता सिर्फ अपनी जान के ॥

     

    वो बंदूक चलाने को था तभी गोरी चीख पड़ी नही .....तभी शिवांश रुक गया नजर उठा गोरी को देखा जो अपने कानो पर हाथ रख आखे कस के मीचे थी शिवांश अब उसे देखने लगा गोरी अपनी धीरे धीरे अपनी आखे खोली तो अब उसकी नजरे शिवांश से मिली जो उसे ही देख रहा था वो अब इंस्पेक्टर को देखि ....

    तभी ना मे सर हिलाते हुए बोली नही वो शिवांश के पास आ बोली छोड़िए ....आप एसा नही कर सकते है तो शिवांश उसे देख रह था गोरी उसे देख बोली देख क्या रहे है छोड़िए आप किसी इंस्पेक्टर पर इस तरह से हाथ नही उठा सकते ... 

    तभी केशव बोला अरे भोजाई आप नही जानत हो सरकार के लिए ये सब नाही होता वो व्ही करत है जो उनको करना होता तो गोरी उसे देख बोली तो क्या कुछ भी करेगे ये अपराध है वो शिवांश को देख बोली छोड़िए ....

    तभी शिवांश की उस इंस्पेक्टर पर पकड़ पर ढील छुट गयी वो जमीन पर जा गिरा जेसे ही साँसो के हाफने लगा तो केशव हेरानी से शिवांश को देखने लगा जो एक टक गोरी को देख रहा था गोरी गहरी सास ली 

    नवीन जी उसके पास आ बोले गोरी चलो यहा से तो गोरी उन्हे देखि वो उसका हाथ पकड़ उसे अपने साथ ले जाने को हुए तभी गोरी तो उनके साथ आगे बढ़ी ना .... 

    तो वो गोरी को देखे तो गोरी उन्हे देख अब अपने दूसरे हाथ को देखि तो नवीन जी के भाव बदल गए वेसे ही गोरी के वो दोनों शिवांश को देखे जो गोरी की कलाई को पकड़ लिया 

    तो गोरी शिवांश को देखने लगी तभी तभी केशव नवीन जी के पास आ बोला चलो बाहर ....वो अपने आदमियो को ओडर दे बोला सबको निकाल बाहर ....गोरी हेरानी से सबको देखने लगी ...

    नवीन जी बोले गोरी चल ...तो गोरी अपना हाथ लेने कोशिश की शिवांश पर वो वेसे ही उसकी कलाई पकड़े था तो नवीन शिवांश से गुस्से बोले तुमने सुना नही हाथ छोड़ो मेरी बेटी का पर जेसे शिवांश को तो कुछ सुनाई दे नही रहा वो एक टक गोरी को देख रहा था .... 

    तभी केशव नवीन जी बाह पकड़ बोला आपको का अलग से बोलना पड़ेगा चलो बाहर तो नवीन जी गुस्से बोले छोड़ो हमे ओर हम अपनी बेटी के साथ जाएगे .... 

    तो केशव बोला का ससुरा तुमको दिख्त नाही तुमरी बिटिया तुमरे जमाई से मिलात है चलो चलो बीच मे हड्डी नाही बनने का तो नवीन जी गुस्से बोले अपनी बकवास बंद रखो तुम्हें क्या लगता हमे तुम लोगो से डर लगता है तो केशव अपना सर घुमाया बोला साला इतना नोटनकी तो हमने आज तक किसी का नाही देखा वो अपनी बंदूक निकाल बोला चालत हो ना वर्ना हमको सबको अस्पताल भेजने का बड़ा सोक है !

    तो नवीन जी बोले तुम्हारे इन खिलोनों से हमे डर नही लगता हटो सामने तो केशव दाँत भींच बोला अच्छा इसी खिलौने से तुमको अभी सुला सकत है वो तो सुकर मानो सरकार जिनकी वजह से रुके है वर्ना अब तक पाहुचा देते तुमको यमराज के पास !

    नवीन जी कुछ कहते वो अपने आदमियो से बोला अरे उठाओ इको बहोत सर खाव्त है उसके आदमी उन्हे जबर्दस्ती अपने साथ बाहर ले गए तो गोरी खुदकों छुड़ाते हुए उन्हे देख चीलाइ मामा जी ...

    तभी शिवांश उसे अपने क्रिब खिच लिया वो उसके सिने आ लगी तो शिवांश को देखने लगी वो उसकी आखो मे देखते हुए बोला हम से इतनी सिकायत है तुमको .... तो गोरी उसे दूर होने लगी तभी शिवांश उसके बालो मे हाथ डाल  बोला बोलो तुम से हमने कहा था ना हमरी सिकायत हम से करा करो तो फिर काहे तुम यहा आई .... 

    तो गोरी उसके सिने पर हाथ रख दूर होते हुए बोली छोड़ो हमे तो शिवांश उसे देखते हुए बोला पहले हमरी बातों का जवाब दो ....तो गोरी थोड़े गुस्से बोली हा आए थे हम तुमहरि शिकायत दर्ज करवाने क्यूकी परेशान हो चुके है हम तुम से ....क्यूकी तुम हमारा पीछा नही छोड़ रहे हमे परेशान करते हो सुना तुमने 

    तो शिवांश का चहरा डार्क हो गाया वो वो उसे देखते हुए बोला अच्छा तो इतना सिकायत है तुमको हम से ... तो गोरी रोते हुए बोली हा है दूर हटो हम से .... तो शिवांश तभी उसे धकेल दिया वो दो कदम पीछे हो गयी गोरी उसे देखने लगी ...

    शिवांश उसे बेहद गुस्से देखते हुए बोला  फिर तो इका सजा तो हमको भुगतना पड़ेगा ...हा बोलो तो गोरी उसे नासमझी मे देखने लगी वो उसे देखते हुए बोला काहे .....तमको हमरा प्रेम दिखता नाही काहे हम से दूर जाव्त हो 

    तो गोरी उसे देखने लगी तभी हेरानी से देखने लगी शिवांश वो बंदूक अपनी बाह पर चला दिया गोरी अपने कानो पर हाथ रख ली हेरानी से शिवांश को देखने लगी पर वो तो एस जेसे फर्क ना पड़ा हो उसकी बाहर से खून बहने लगा .... 

    शिवांश उसे देखते हुए बोलो हमको दूर काहे करत हो हमको जवाब दो ...गोरी तो उसकी बाह से रिसते उस खून को हेरानी से देखने लगी शिवांश उसी हाथ पर फिर से बंदूक चला बोला चुप काहे हो अब हमको जवाब चाहे तभी गोरी अपने मुह पर हाथ रख ली 

    शिवांश उसके पास आया अपने सिने पर बंदूक रख बोला हम तुकों अच्छा काहे नाही लगते जवाब दो हमको तो गोरी उस बंदूक हेरानी से देख रही थी वो तभी वो बंदूक चलाया की गोरी कानो पर हाथ रख आखे मीच चीख उठी नही .... 

    गोरी शिवांश को देखि रोने लगी तभी उसके सिने पर देखि वो बंदूक हवा मे चलाया था वो रोते हुए पीछे होने लगी अब व्हा से दोड़ते हुए बाहर चली गयी शिवांश के किनारे होठ मूड गए वो उस बंदूक को चूम बोला हमको अपना जवाब मिल गया तभी वो मुस्कराया ..... 

    तभी केशव अंदर दोड़ आया हेरानी से शिवांश का बहता खून देख बोला सरकार ये खून .... तो शिवांश अपनी बंदूक रख बोला अम्मा को पता नाही चलना चाहे तो केशव बोला पर सरकार इतना खून अस्पताल चलिए .... 

    तो शिवांश बाहर की ओर जाते हुए मुस्कराते हुए बोला अब उकी जरूरत हमको नाही है !

    तो केशव उसके पीछे पीछे चला आया 

     

    इसके आगे का नेक्स्ट मे !क्या आपको सच मे लगता है ये काहनी आपको आगे ओर पढ़नी है क्यूकी ये लोगो ने मेरी कहानी बंद कर दी है 

    तो आप बताइये अब मैं क्या करू !