Novel Cover Image

बेइंतिहा मोहब्बत

User Avatar

•~angel_of_darkeness_ 🖤

Comments

1

Views

601

Ratings

0

Read Now

Description

"बेइंतिहा मोहब्बत" ये कहानी है धृति शर्मा और मुंबई के No.1 कार्डियक सर्जन डॉ. राजवीर खुराना की। राजवीर, जो पेशे से तो एक डॉक्टर है, लेकिन असल में उसका काम लड़कियों का दिल चुराना है। स्मार्ट, हैंडसम और हद से ज्यादा फ्लर्टी, उसकी एक मुस्कान किसी भी...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. बेइंतिहा मोहब्बत - Chapter 1

    Words: 1000

    Estimated Reading Time: 6 min

    ॐ नमः शिवाय 🙏 🙏 🙏 🙏 सिटी हाॅस्पिटल एक औरत और एक लड़का जो तकरीबन 17 साल का होगा वो emergency वार्ड के बाहर खड़े नम आँखों से वार्ड के बंद दरवाजे को देख रहे थे तभी वहाँ एक लड़की भागते हुए आती है वो लड़की इस वक़्त फॉर्मल कपड़े में ही थी उसकी खुबसूरत भुरी काजल से सनी आँखे इस वक़्त आंसुओ से भरी हुई थी उसने अपने लंम्बे घूंघराले बालों का पोनीटेल बना रखा था जो उसे एक प्रोफेशनल लुक दे रहा था उसके चेहरे पर डर  साफ-साफ देखा जा सकता था वो लड़की उनके पास आकर घबराते हुए सवाल  करती है "मम्मा , रोनीत क्या हुआ पापा को, वो कहाँ है वो ठीक तो हैं ना उन्हें क्या हुआ है , वो कहाँ हैं ? मुझे उनसे मिलना है।., वो औरत जिसका ध्यान अभी तक उस लड़की पर नही गया था वो जाकर उसके गले लग जाती है और रोते हुए कहती है "धृति बेटा देख ना तेरे पापा को क्या हो गया, वो अपने ऑफिस से घर आ रहे थे आज रोनीत का बर्थ-डे था तो मैने ही उनसे जल्दी से घर आने को कहा था उन्होंने मुझसे काॅल कर के कहा कि वो घर आ रहें हैं पर रास्ते में ही उनका एक्सिडेंट हो गया थोड़ी देर पहले हमें हाॅस्पिटल से काॅल आया तो हम भागे भागे यहाँ आ गए। तेरे पापा को कुछ होगा तो नहीं ना बेटा वो ठीक तो हो जाएंगे ना। धृति अपनी माँ की बात सुन जो वो खुद सदमे में चली गई थी पर अपनी माँ को इस तरह से हताश होता देख वो खुद को मजबूत दिखाते हुए अपनी माँ को खुद से अलग कर उनके आँखों में आए आंसुओ को साफ करते हुए उनके चेहरे को अपने हाथों में भरकर कहती है 'मम्मा आप फिक्र मत करो पापा को कुछ नही होगा, आपको अपनी बेटी पर यकीन हैं ना मैं पापा को कुछ नही होने दूंगी।,, इतना कह धृति वापस से अपनी माँ को अपने गले से लगा लेती है धृति एक साहसी लड़की थी जिस में हर परिस्थित का सामना करने का हुनर था पर अभी वो बहुत परेशान थी भले ही उसने अपनी माँ को हिम्मत देने के लिए कह दिया की वो अपने पापा को कुछ नही होने देगी, पर असलियत में तो उसे खुद भी नही पता कि वो क्या करेगी और कैसे करेगी, अगर उसके पापा को कुछ हो गया तो वो कैसे खुद को और अपनी फैमली को कैसे सम्भालेगी, तभी रोनीत भी आकर उसे पिछे से हग करते हुए कहता है  ''दी आप सच कह रही हो ना पापा ठीक हो जाएगें ना उन्हें कुछ नही होगा ना ?' धृति ''हाँ'' में सिर हिलाकर उसके सर को सहलाने लगती है थोड़ी देर बाद इमर्जेंसी वार्ड का दरवाजा खुलता है और डॉक्टर बाहर आते हैं धृति डाॅक्टर के पास जाकर कहती है डाॅक्टर कैसे हैं मेरे पापा, वो डाॅक्टर धृति को देख कहते हैं देखो तुम्हारे फादर के सिर में बहुत गहरी चोट आई है जिस वजह से खून भी बहुत बह चुका है उनके ब्रेन में भी काफी नुकसान हुआ है इसीलिए हमें जल्द से जल्द सर्जरी करनी पड़ेगी। तुम समझ रही हो ना , मैं क्या कहने की कोशिश कर रहा हूँ अगर हमने जल्द से जल्द सर्जरी नही की तो हम तुम्हारे पापा को नही बचा पाएँगे। हमें जल्दी ही सर्जरी करनी पड़ेगी। डाॅक्टर की बात सुन धृति इंपेसेंटली कहती है ""तो किस बात की देरी है आप सर्जरी स्टार्ट करें ना।,. धृति की बात सुन कर डाॅक्टर कहते हैं देखो हम सर्जरी तो स्टार्ट कर देंगे पर उससे पहले तुम्हे फीस जमा करनी होगी क्यूं कि तुम्हें भी पता होगा कि ये सर्जरी कितनी expensive होती है, धृति हाँ में सिर हिलाकर पूछती है,,,'कितना खर्च आएगा ऑपरेशन के लिए,,,। धृति की बात सुन डाॅक्टर ने कहा ऑपरेशन के 4 लाख और बाकी रिकवरी तक रहने के 2 लाख। कुल मिलाकर आपको 6 लाख जमा करने हैं जिन्हें शाम तक रिसेप्शन पर जमा कर दिजिए उसके तुरंत बाद ही हम ऑपरेशन स्टार्ट कर देंगे। इतना कह डाॅक्टर वहाँ से चले जाते हैं डाॅक्टर के वहाँ से जाते ही धृति एक नजर अपनी माँ और भाई को देखती है जो उसे ही अपनी नम आँखों से देख रहे थे रोनीत धृति के पास आकर अपनी रुंधी हुयी आवाज में कहता है दीदी क्या हम अब पापा को नहीं बचा पाएंगे ? धृति अपने भाई को रोते देख उसको अपने गले से लगा लेती है फिर धिरे से उसके सिर को सहलाते हुए कहती है,,,"क्या अपनी दी की बात पर तुझे यकीन नही है मैने कहा है ना कि कुछ नही होने दूंगी पापा को तो अब रोना बंद कर l धृति की बात सुन रोनीत हां में सिर हिला देता है और अपने आंसुओ को साफ कर अपनी माँ के पास चला जाता है जो वही खड़ी होकर अब भी एक टक इमर्जेंसी वार्ड के दरवाज़े को देख रही थी वहीं धृति मन ही मन सोच रही थी ना जाने इतने पैसे कहाँ से लाऊंगी। दरअसल बात ये थी कि धृति एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करती थी जिसके लिए इतने पैसे एक बार में लाना बहुत मुश्किल था वो वहाँ से चलते हुए काॅरीडोर में आ जाती है और वहाँ एक बेंच पर बैठ कर अपनी आँखे बंद कर लेती है तभी उसे महसूस होता है कि कोई उसके सिर पर हाथ फेर रहा हो वो धीरे से अपनी आँखे खोलती है तो उसके सामने उसके पापा के उम्र का ही एक व्यक्ति खड़ा था जिसे देख धृति तुरंत हड़बड़ाते हुए उठकर बेंच से पर से खड़ी हो जाती है और हड़बड़ाते हुए कहती है सर आप यहाँ ? . क्या होगा अब, कहाँ से लाएगी धृति इतने पैसे ? और क्या बचा पाएगी धृति अपने पापा को ? तो इन सब सवालों के जबाब के लिए पढ़ते रहिए। "बेइंतिहा मोहब्बत " प्लीज guy's ये मेरी पहली नॉवेल है यहाँ आप लोग अपना प्यार और सहयोग दिखाए 🙏🙏🙏🙏 please like aur comment kare aur mujhe follow karen 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏

  • 2. बेइंतिहा मोहब्बत - Chapter 2

    Words: 1046

    Estimated Reading Time: 7 min

    ॐ नमः शिवाय 🙏 🙏 🙏 🙏 अब आगे वहीं धृति मन ही मन सोच रही थी ना जाने इतने पैसे कहाँ से लाऊंगी। दरअसल बात ये थी कि धृति एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करती थी जिसके लिए इतने पैसे एक बार में लाना बहुत मुश्किल था वो वहाँ से चलते हुए काॅरीडोर में आ जाती है और वहाँ एक बेंच पर बैठ कर अपनी आँखे बंद कर लेती है तभी उसे महसूस होता है कि कोई उसके सिर पर हाथ फेर रहा हो वो धीरे से अपनी आँखे खोलती है तो उसके सामने उसके पापा के उम्र का ही एक व्यक्ति खड़ा था जिसे देख धृति तुरंत हड़बड़ाते हुए उठकर बेंच से पर से खड़ी हो जाती है और हड़बड़ाते हुए कहती है सर आप यहाँ ? . तो 'मिस्टर रंजीत खुराना' जो धृति का बाॅस था धृति पिछले 3 सालों से उनके ही ऑफिस में उनकी सेक्रटरी थी रंजीत खुराना धृति को रिलैक्स करते हुए कहते है,,,," देखो धृति मुझे अच्छे से पता है कि तुम इस वक़्त बहुत परेशान हो, तुम्हारे पापा जिन्दगी और मौत से जंग लड़ रहें है मैं तुम्हारी हेल्प कर सकता हूँ पर बदले में तुम्हें वो करना होगा, जो मैं चाहता हूँ अपने बॉस की बात सुन धृति अपनी नजरें उठाकर उनको ऐसे देखती है जैसे पूछना चाह रही हो कि उनके कहने का मतलब क्या है आखिर। वहीं रंजीत जी धृति को अपनी बात ना समझते देख वहीं बेंच पर बैठ जाते हैं और एक नजर धृति को देख कहते हैं "धृति मैं चाहता हूँ कि तुम....................। रंजीत जी कुछ ऐसा कहते हैं जिसे सुन धृति हक्की बक्की रह जाती है उसकी आँखे हैरानी से बड़ी हो जाती है वो अपना मुँह खोले बस एक टक रंजीत जी को देख रहे थे फिर अचानक से हडबडाते हुए कहती है,,,, "नही , नही सर मैं ऐसा नही कर सकती। आय दिन उनके अय्याशी के चर्चे पूरे शहर में फैली होती है मैं कभी ऐसा नही कर सकती। वो इस दुनिया का आखिरी इंसान होता तो भी मैं कभी उनसे शादी ना करती, आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं। तभी रंजीत जी भी अपनी बात पर जोर देते हुए कहते हैं,,,,,"पर तुम्हें ये शादी करनी होगी, अपने पापा के लिए समझी। धृति की आँखो में आंसु आ जाते हैं वो रंजीत जी की आँखो में आँखे डालकर कहती है सर आज आपने साबित कर दिया कि एक बिजनेसमैन एक बिजनेसमैन ही होता है वो हर हाल में बस अपना ही फायदा देखता है, अरे मैं तो हर वक़्त आपको एक पिता के नजरिए से ही देखा।., तभी रंजीत जी बीच में ही कहते हैं और मैं भी तुम्हें अपनी बेटी मानता हूँ धृति बेटा। धृति रंजीत जी की बात सुन अपने चेहरे पर कड़वी मुस्कुराहट लाकर कहती है,,,,,,'अच्छा तो कौन सा पिता ये चाहेगा कि उसकी बेटी एक ऐसे इंसान के साथ शादी करे जो प्ले ब्वॉय हो, जिस के अय्याशी के चर्चे हर मीडिया हर न्यूज चैनल पर आय दिन आते हो, जवाब दीजिए ? इतना कहते कहते धृति की आँखों से एक आंसू का कतरा बह उसके गालों पे आ जाते हैं फिर वो अपने आंसुओ को खुद से ही पोछते हुए कहती है पर कोई ना मैं अपने पापा के लिए कुछ भी कर सकती हूँ तो आपके उस बिगड़ेल घमंडी और अय्याश लड़के से शादी करने के लिए तैयार हूँ इतना कह धृति वहाँ से अपने पापा के वार्ड की तरफ बढ़ जाती है इधर धृती के जाने के बाद रंजीत खुराना कसकर अपनी आँखे बंद कर लेते हैं और खुद से ही कहते हैं माफ करना धृति बेटा इस वक़्त मैं बहुत ही selfish हो रहा हूँ जिस के कारण हो सकता है तुम मुझे कभी माफ ना करो, मुझे तो ये भी नही पता कि मैं जो कर रहा हूँ वो सही है या गलत। इतना कह वो वहाँ से उठ कर एक केबिन की ओर बढ़ जाते हैं वो जब केबिन के बाहर पहुँचते हैं तो उन्हें वहाँ एक वार्ड ब्वॉय खड़ा मिलता है जो गेट के पास खड़ा था और उन्हें अंदर जाने से अपने हाथों के इशारों से मना कर रहा था जिसे देख वो अपनी भोहे चढ़ाते हुए कहता है "क्या है? तो वो वार्ड ब्वॉय थोड़ा सरमाते हुए कहता है,,,,"सर आप अंदर नही जा सकते वो अंदर हमारे सिनियर डाॅक्टर अपनी एक खुबसूरत जवान माॅडल जो उनकी पेशेंट हैं उनके साथ कुछ कुछ कर रहें हैं 🤭🤭 इतना कह वो और भी सरमाने लगता है 🙈 🙈 जिसे देख रंजीत जी अपनी आँखे छोटी कर अपनी भारी आवाज में कहते हैं कौन हो तूम क्या तुम नये हो, क्या तुम मुझे नही जानते की कौन हूँ मैं ? अब रंजीत जी की बात सुन उस वार्ड ब्वॉय की हालत ही खराब हो जाती है उसके चेहरे का रंग फक से पीला पड़ जाता है तभी रंजीत जी उस वार्ड ब्वॉय को हटाते हुए झटके से गए खोल अंदर की ओर बढ़ जाते हैं वहीं एक लड़का अपनी आँखे बंद किए शर्ट लेश लीन होकर चेयर पर बैठा था और एक लड़की उसके उपर बैठी पैशनेटली उस के गले से लेकर सिक्स पैक एप्स को चुंमे जा रही थी और उस लड़की के बालों ने उस लड़के के फेश को ढक रखा था पर इस तरह से धड़ाम से गेट खुलने की आवाज सुन वो लड़का अपनी आँखे खोल देता है पर वो लड़की अब भी इस तरह से खोइ हुई थी जैसे उसे कोई होश ही ना हो की आस पास क्या हो रहा है और क्या नही वहीं वो लड़का उसके फेश पर एक अलग ही मुस्कुराहट आ जाती है जैसे उसे पता हो की इस तरह से अंदर कौन आ सकता है वो वापस से अपनी आँखे बंद कर अपने दोनों हाथ उस लड़की के कमर को कस कर पकड़ कर अपनी आँखे बंद कर लेता है,। तो वहीं रंजीत जी की आँखे सामने के नजारे को देख गुस्से से लाल हो जाती है कौन है ये लड़का ? और क्या सच में धृति करेगी रंजीत खुराना के बिगड़ेल घमंडी और अय्याश बेटे से शादी , और कैसी होगी इनकी कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए "बेइंतहा मोहब्बत " प्लीज guy's ये मेरी पहली नॉवेल है यहाँ आप लोग अपना प्यार और सहयोग दिखाए 🙏🙏🙏🙏 please like aur comment kare aur mujhe follow karen 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏

  • 3. बेइंतिहा मोहब्बत - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min