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ज़िंदगी का सौदा

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Jahnavi Sharma

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वैदेही रघुवंशी, एक प्रामाणिक न्यूज रिपोर्टर, जी नेहमी सत्याच्या बाजूने उभी राहिली आहे. काय होईल जेव्हा वैदेही राजकारणाच्या गलिच्छ खेळात फसेल? जाणून घेण्यासाठी वाचा, "राज-नीती: एक गलिच्छ खेळ".<br />

Total Chapters (101)

Page 1 of 6

  • 1. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 1

    Words: 5995

    Estimated Reading Time: 36 min

    शहर में दहशत का दूसरा नाम था रणवीर 'रण' प्रताप सिंह। लोग उसे माफिया डॉन कहते थे, लेकिन उसके लिए वो सिर्फ़ एक बिज़नेस था - पावर का, कंट्रोल का। आज शहर के सबसे बड़े अस्पताल में उसका नाम काफ़ी ज़ोर से गूंज रहा था, लेकिन इस बार वजह थोड़ी अलग थी।

    अस्पताल के बाहर सायरन की आवाज़ें और अंदर खून से लथपथ स्ट्रेचर... रण के एक नए 'सौदा' में कुछ गड़बड़ हो गई थी। उसका विरोधी गैंग, जिसने उसके इलाके में घुसने की कोशिश की थी, उसे रण ने एक कड़ा सबक सिखाया था। कुछ घायल थे, कुछ शायद अब कभी सुबह नहीं देखेंगे। रण के आदमियों ने अस्पताल में घुसते ही सिक्योरिटी गार्ड्स को धमका दिया था। हर तरफ़ एक अजीब सा खौफ़ था।

    उसी अस्पताल में, दूसरी तरफ़, डॉ. मीरा शर्मा अपने काम में डूबी हुई थी। शहर की सबसे बेहतरीन न्यूरोसर्जन में से एक, मीरा अपने उसूलों और काबिलियत के लिए जानी जाती थी। लोग कहते थे, उसके हाथ में जादू है। एक मुश्किल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद वो थोड़ी थकी हुई ज़रूर थी, लेकिन उसके चेहरे पर एक सुकून था। परफेक्शनिस्ट थी वो - हर चीज़ एकदम सही होनी चाहिए।

    "डॉ. मीरा," एक नर्स ने उसे आवाज़ दी, "एक नया केस आया है। गनशॉट इंजरी।"

    मीरा ने अपनी फ़ाइलें बंद कीं। "ठीक है। मैं देखती हूँ।"

    उसे अंदाज़ा भी नहीं था कि ये केस उसकी ज़िंदगी बदलने वाला है।

    रणवीर को अस्पताल लाया गया। उसके वफ़ादार लेफ्टिनेंट जय और उसके बॉडीगार्ड्स ने उसे स्ट्रेचर पर लिटाया। जय ने अपने आस-पास देखा। हर तरफ़ डरे हुए चेहरे थे।

    "कोई भी पहचानने नहीं चाहिए," जय ने अपने आदमियों को सख्त लहजे में कहा। "अगर किसी ने ज़रा भी चालाकी दिखाई, तो अच्छा नहीं होगा।"

    रणवीर के चेहरे पर दर्द था, लेकिन आँखों में वही पुरानी क्रूरता।

    डॉ. मीरा ने रणवीर के घाव को देखा। गोली उसके कंधे के पास लगी थी। सीरियस था, लेकिन जानलेवा नहीं।

    "हमें तुरंत ऑपरेशन करना होगा," मीरा ने कहा।

    रणवीर ने मीरा को ऊपर से नीचे तक देखा। सिंपल टॉप और जीन्स में, मीरा किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी, लेकिन उसकी आँखों में एक अलग ही आत्मविश्वास था।

    "मुझे तुम्हारे रूल्स से कोई मतलब नहीं है," रणवीर ने अपनी भारी आवाज़ में कहा। "मैं जैसे बोलूंगा, वैसे ही इलाज होगा। समझा?"

    मीरा ने एक गहरी सांस ली। "सॉरी, मिस्टर, ये कोई प्राइवेट क्लब नहीं है। ये एक अस्पताल है, और यहां सब के लिए नियम बराबर हैं। आप चाहे जितने भी पैसे वाले हों, या जितने भी पावरफुल, यहां इलाज खरीदा नहीं जा सकता।"

    रणवीर हैरान था। उसे कभी किसी ने ऐसे जवाब नहीं दिया था। लोग उससे डरते थे, उसकी हर बात मानते थे। ये डॉक्टर उसे डांट रही थी?

    "तुम जानती भी हो मैं कौन हूँ?" रणवीर ने गुस्से से कहा।

    मीरा ने अपनी आँखों में बिना किसी डर के उसकी आँखों में देखा।

    "मुझे इससे कोई मतलब नहीं है कि आप कौन हैं। मेरे लिए आप सिर्फ़ एक मरीज़ हैं, एक अशिष्ट मरीज़। अब चुपचाप लेट जाइए, और मुझे अपना काम करने दीजिए। अगर आप चाहें तो, मैं किसी और डॉक्टर को बुला सकती हूँ। लेकिन याद रखिए, हर मिनट की देरी आपकी ज़िंदगी के लिए ख़तरा बन सकती है।"

    उसने मुड़कर नर्स से कहा, "ऑपरेशन थिएटर तैयार करो।"

    रणवीर देखता रह गया। ये औरत... ये बिल्कुल अलग थी। उसे सबक सिखाना होगा, ये उसने सोच लिया था। लेकिन अभी... अभी उसे उसकी ज़रूरत थी।
    ***

    Chapter 2

    डॉ. मीरा ने रणवीर के मेडिकल रिकॉर्ड्स पर नज़र डाली। गोली की चोट काफ़ी गहरी थी और तुरंत एक्शन लेना ज़रूरी था। "हमें तुरंत ऑपरेशन करना होगा," उसने दोबारा कहा, इस बार थोड़ा ज़्यादा ज़ोर देते हुए।

    रणवीर, दर्द से कराहते हुए भी अपनी अकड़ नहीं छोड़ रहा था। "मुझे बताओ कि तुम क्या करने वाली हो। मेरे बॉडीगार्ड्स ऑपरेशन थिएटर में मेरे साथ रहेंगे।"

    मीरा ने अपनी नज़रे उठाईं। "ये पॉसिबल नहीं है। ऑपरेशन थिएटर में सिर्फ़ मेडिकल स्टाफ़ रहेगा। और कोई नहीं।"

    जय, जो अब तक चुपचाप खड़ा था, आगे बढ़ा। "डॉक्टर साहिबा, आप समझ नहीं रहीं हैं। इनकी सिक्योरिटी सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। हम आपको जो चाहिए वो देने को तैयार हैं।" उसने अपनी जेब से एक मोटा बंडल निकालकर मीरा के सामने लहराया।

    मीरा ने जय की तरफ़ गुस्से से देखा। "क्या समझ रखा है तुमने? हर जान की कीमत बराबर होती है। और मैं यहाँ पैसे के लिए नहीं, लोगों की जान बचाने के लिए हूँ। ये ऑफर अपने पास रखो। अगर आपको अपने बॉस की जान की परवाह है, तो वही कीजिए जो मैं कह रही हूँ।"

    रणवीर, जो ये सब सुन रहा था, और भी चिढ़ गया। उसे ऐसी बेखौफ़ औरत से सामना करने की आदत नहीं थी। उसकी ज़िंदगी में औरतें या तो उससे डरती थीं, या उसकी दौलत पर मरती थीं। ये डॉक्टर बिल्कुल अलग थी।

    मीरा ने रणवीर की नज़रों में झांका। "देखिए, मिस्टर, मैं आपको धमकाना नहीं चाहती। लेकिन आपकी हालत बिगड़ती जा रही है। अगर हमने जल्दी ऑपरेशन नहीं किया, तो आपकी जान को ख़तरा हो सकता है। ये आपका ईगो दिखाने का वक़्त नहीं है। ये आपकी ज़िंदगी का सवाल है।"

    उधर, शहर के पुलिस स्टेशन में, इंस्पेक्टर विक्रम एक गुप्त सूचना पर काम कर रहा था। "हमारे सूत्रों से पता चला है कि शहर का एक बड़ा डॉन किसी अस्पताल में भर्ती है। उसकी पहचान अभी तक पता नहीं चल पाई है, लेकिन हमें उसे ढूंढना होगा।"

    विक्रम एक सख्त और ईमानदार पुलिसवाला था। उसने अपनी ज़िंदगी में कई क्रिमिनल्स को पकड़ा था, और वो किसी भी कीमत पर रणवीर को पकड़ना चाहता था।

    अस्पताल में, डीन डॉ. वर्मा को पता चला कि रणवीर उनके अस्पताल में है। वो डर गए। रणवीर का नाम ही काफ़ी था लोगों को डराने के लिए।

    जय ने डीन को अपने केबिन में बुलाया और उस पर दबाव डालने की कोशिश की। "अगर मेरे बॉस को कुछ भी हुआ, तो इसके नतीजे बहुत बुरे होंगे।"

    डीन, डर के मारे कांप रहा था। "मैं समझता हूँ। लेकिन डॉ. मीरा शहर की सबसे अच्छी सर्जन हैं। वो अपनी पूरी कोशिश करेंगी।"

    जय ने डीन को घूर कर देखा। "पूरी कोशिश नहीं, मुझे रिज़ल्ट चाहिए। मेरे बॉस को ठीक होना ही होगा।"

    डॉ. मीरा रणवीर के अजीब बर्ताव और उसके बॉडीगार्ड्स की भारी सिक्योरिटी से परेशान थी। वो समझ रही थी कि ये कोई मामूली मरीज़ नहीं है। लेकिन उसे सिर्फ़ अपने काम पर ध्यान देना था - उसकी जान बचाना।

    रणवीर, दर्द से कराहते हुए भी गुस्से में था। "ये डॉक्टर मुझे सबक सिखाना चाहती है? ठीक है, मैं भी देखूंगा। लेकिन पहले मुझे ठीक होने दो..."

    उसने मीरा को घूर कर देखा, उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। "अभी मुझे तुम्हारी ज़रूरत है, डॉक्टर। लेकिन ये बात याद रखना, मैं बदला ज़रूर लूंगा।"

    तभी नर्स ने आकर कहा, "ऑपरेशन थिएटर तैयार है, डॉक्टर।"

    मीरा ने एक गहरी सांस ली। "चलिए, मिस्टर... अब आपका खेल खत्म।"
    ***

    Chapter 3

    रणवीर की हालत तेज़ी से बिगड़ रही थी। डॉ. मीरा को समझ आ गया कि अब रिस्क लेने का टाइम नहीं है। उन्होंने अपनी टीम को इकट्ठा किया और ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी।

    "मुझे नहीं पता ये आदमी कौन है, और क्यों इतनी सिक्योरिटी है," मीरा ने प्रिया से कहा, जो उसकी बेस्ट फ़्रेंड और कलीग थी, "लेकिन हमें अपनी पूरी कोशिश करनी है। एक भी गलती नहीं होनी चाहिए।"

    "तू टेंशन मत ले, मीरा," प्रिया ने कहा। "तू है ही इतनी परफ़ेक्ट। सब ठीक हो जाएगा।"

    ऑपरेशन थिएटर में ले जाने से पहले, रणवीर ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। "मैंने कहा था, मेरे बॉडीगार्ड्स मेरे साथ रहेंगे।"

    मीरा ने अपनी आवाज़ सख्त की। "मैं तुम्हें पहले ही बता चुकी हूँ, ये पॉसिबल नहीं है। या तो तुम मेरे रूल्स फॉलो करोगे, या मैं तुम्हें किसी और अस्पताल में भेज दूंगी।"

    जय ने मीरा से बहस करने की कोशिश की, लेकिन मीरा टस से मस नहीं हुई। "तुम्हारे बॉस की जान खतरे में है, और तुम यहां बहस कर रहे हो? अगर तुम उसकी सलामती चाहते हो, तो मेरी बात मानो। ऑपरेशन थिएटर में कोई भी बाहरी आदमी नहीं आएगा। ये मेरा फ़ाइनल डिसीज़न है।"

    मीरा ने रणवीर की तरफ़ देखा। उसकी आँखों में अभी भी गुस्सा था, लेकिन उसे समझ आ गया था कि उसके पास कोई और चारा नहीं है।

    "ये ऑपरेशन मेरे तरीके से होगा, मिस्टर," मीरा ने कहा। "और अगर तुमने सहयोग नहीं किया, तो मैं तुम्हें गारंटी नहीं दे सकती कि तुम ज़िंदा बचोगे।"

    रणवीर ने मीरा की आँखों में देखा। उसे समझ आ गया कि ये औरत bluff नहीं कर रही है। वो सचमुच उसे मरने दे सकती है।

    "ठीक है," रणवीर ने कहा, "जैसे तुम कहो।" लेकिन उसकी आँखों में अभी भी defiance था।

    मीरा ने मुड़कर प्रिया से कहा, "मुझे लगता है, मुझे थोड़ी ज़्यादा कॉफ़ी की ज़रूरत है। ये आदमी मुझे पागल कर देगा।"

    प्रिया ने मीरा को शांत करने की कोशिश की। "चिल कर, मीरा। तू क्यों इतनी टेंशन ले रही है? ये लोग बहुत ख़तरनाक होते हैं। इनसे पंगा लेना ठीक नहीं है।"

    मीरा ने एक गहरी सांस ली। "मुझे पता है, प्रिया। लेकिन मैं अपने उसूलों से समझौता नहीं कर सकती। हर मरीज़ मेरे लिए बराबर है, चाहे वो डॉन हो या कोई आम आदमी।"

    उधर, इंस्पेक्टर विक्रम ने अपनी टीम के साथ अस्पताल के बाहर घेराबंदी कर दी थी। "मुझे नहीं पता वो डॉन कौन है, लेकिन मैं उसे अस्पताल से बाहर नहीं निकलने दूंगा। हर रास्ते पर नज़र रखो।"

    ऑपरेशन थिएटर में, मीरा ने रणवीर को तैयार करना शुरू कर दिया। उसके हाथ तेज़ी से और कुशलता से चल रहे थे। उसके चेहरे पर पूरी एकाग्रता थी।

    "क्या तुम नर्वस हो, डॉक्टर?" रणवीर ने पूछा।

    मीरा ने उसे घूर कर देखा। "मैं कभी नर्वस नहीं होती। ये मेरा काम है, और मैं इसमें बेस्ट हूँ।"

    जैसे ही मीरा ने सर्जरी शुरू की, रणवीर ने उसकी आँखों में देखा। वहाँ एक अजीब सी आग थी, एक ऐसा जुनून जो उसने पहले कभी नहीं देखा था। उसे लगा, शायद यही वो चीज़ है जो इस औरत को इतना ख़ास बनाती है। उसकी क्रूरता के बावजूद, वो कहीं न कहीं उससे प्रभावित हो रहा था।
    ***

    Chapter 4

    ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा। डॉ. मीरा ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया और रणवीर की जान बचा ली। जब रणवीर होश में आया तो उसके चेहरे पर दर्द और गुस्सा था। उसने अपने आस-पास देखा और उसे समझ आ गया कि वो अस्पताल में है।

    "ये क्या बकवास है?" उसने चिल्लाकर कहा। "मुझे यहां कौन लाया?"

    जय तुरंत उसके पास आया। "बॉस, आप ठीक हैं। डॉक्टर साहिबा ने आपकी जान बचाई है।"

    रणवीर ने मीरा को देखा, जो उसके बेड के पास खड़ी थी। "तुमने मेरी इजाज़त के बिना मेरा ऑपरेशन कैसे किया?"

    मीरा ने अपनी आँखों में बिना किसी डर के उसकी आँखों में देखा। "मैंने तुम्हारी जान बचाने के लिए ऑपरेशन किया। और अगर तुम ठीक होना चाहते हो, तो तुम्हें मेरे रूल्स फॉलो करने होंगे। अब चुपचाप अपनी दवा लो और आराम करो।"

    रणवीर ने दवा लेने से इनकार कर दिया। "मुझे ये सब बकवास नहीं चाहिए। मुझे जाने दो।"

    मीरा ने एक गहरी सांस ली। "अगर तुमने दवा नहीं ली, तो तुम्हारी हालत बिगड़ सकती है। और मैं तुम्हें गारंटी नहीं दे सकती कि तुम ज़िंदा बचोगे।"

    रणवीर ने मीरा को घूर कर देखा। "तुम मुझे धमकी दे रही हो?"

    मीरा ने मुस्कुराकर कहा, "नहीं, मैं तुम्हें सच्चाई बता रही हूँ। अब चुपचाप दवा लो, वरना मैं तुम्हें जबरदस्ती दवा पिला दूंगी।"

    जय को समझ नहीं आ रहा था कि कोई रणवीर से ऐसे कैसे बात कर सकता है। उसने अपनी ज़िंदगी में कभी किसी को रणवीर से इस तरह से बात करते हुए नहीं देखा था।

    प्रिया ने मीरा को साइड में ले जाकर कहा, "तू थोड़ी नरमी से बात कर, मीरा। ये लोग बहुत ख़तरनाक होते हैं। इनसे पंगा लेना ठीक नहीं है।"

    मीरा ने अपनी बात दोहराई, "मैं अपने उसूलों से समझौता नहीं कर सकती। हर मरीज़ मेरे लिए बराबर है।"

    उधर, इंस्पेक्टर विक्रम अस्पताल में रणवीर की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रख रहा था। उसे पता था कि रणवीर जल्द ही अस्पताल से भागने की कोशिश करेगा।

    डॉ. मीरा रणवीर के शरीर पर कुछ पुराने चोटों के निशान देखती है, जो उसके अतीत की कहानी कहते हैं। उसे लगता है कि रणवीर ने बहुत कुछ झेला है।

    "ये निशान कैसे लगे?" मीरा ने रणवीर से पूछा।

    रणवीर ने अपनी निगाहें फेर लीं। "तुम्हें इससे क्या मतलब है?"

    मीरा ने जवाब दिया, "मुझे इससे मतलब है क्योंकि ये तुम्हारी सेहत को प्रभावित कर सकते हैं।"

    वह रणवीर की मेडिकल फाइलों में कुछ रहस्यमय सुराग पाती है, जैसे कुछ असामान्य मेडिकल कोड या अनौपचारिक नोट्स, जिससे उसे रणवीर के आपराधिक इतिहास का अंदाज़ा होता है। मीरा को शक होता है कि रणवीर के पीछे कोई गहरा राज़ है।

    रणवीर डॉ. मीरा की जांच-पड़ताल को नोटिस करता है, लेकिन वह अपनी भावनाओं को छुपाता है। वो जानता था कि ये डॉक्टर बहुत ज़्यादा सवाल पूछ रही है।
    ***

    Chapter 5

    डॉ. मीरा रणवीर की फाइलों में मिले रहस्मय सुरागों को और गहराई से खंगालने लगी। वो समझ गई थी कि ये निशान सिर्फ़ पुरानी हिंसा के नहीं हैं, बल्कि किसी गहरे संघर्ष की कहानी भी बयां कर रहे हैं।

    रणवीर को हॉस्पिटल के नॉर्मल रूल्स से काफ़ी परेशानी हो रही थी। उसे सिंपल खाना परोसा जा रहा था और बेड पर ही रहने के लिए कहा जा रहा था, जो उसकी आदत के बिल्कुल ख़िलाफ़ था।

    "ये क्या बकवास खाना है?" उसने जय से चिल्लाकर कहा। "क्या मैं किसी जेल में हूँ? डॉक्टर को जाकर बोलो, मुझे स्पेशल जूस और महंगे फल चाहिए।"

    डॉ. मीरा ने रणवीर की बात सुनी और हंस पड़ी। "सॉरी मिस्टर, यहाँ सब के लिए एक ही रूल है। अगर आपको मेरा इलाज चाहिए, तो आपको उसी हिसाब से चलना होगा।"

    जय और नर्स कविता, जो ये सब देख रहे थे, आपस में हंसी-मज़ाक कर रहे थे। "मुझे लगता है ये लड़ाई कभी ख़त्म नहीं होगी," कविता ने कहा। "ये दोनों एक-दूसरे को कभी नहीं बख्शेंगे।"

    रणवीर को गुस्सा तो बहुत आ रहा था, लेकिन वो कुछ कर नहीं सकता था। डॉ. मीरा उससे वो सब करवा रही थी, जो उसने अपनी लाइफ़ में कभी नहीं किया था, जैसे अपनी दवा खुद लेना और उसकी बात सुनना।

    उसी दिन, मीरा ने देखा कि एक गरीब मरीज़ का इलाज पैसों की कमी की वजह से रोक दिया गया है। वो काफ़ी परेशान हो गई।

    "ये क्या हो रहा है?" उसने डीन वर्मा से पूछा। "हम किसी को सिर्फ़ इसलिए मरने नहीं दे सकते क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं।"

    डीन ने बेबस होकर कहा, "मैं क्या कर सकता हूँ? हॉस्पिटल को भी तो चलाना है।"

    तभी, रणवीर ने अनजाने में उस मरीज़ की मदद कर दी। उसने जय को बुलाया और कहा, "जाओ, उस आदमी का इलाज करवाओ। मैं नहीं चाहता कि हमारे हॉस्पिटल का नाम ख़राब हो।"

    डॉ. मीरा को रणवीर का ये साइड देखकर काफ़ी हैरानी हुई। उसे लगा, शायद इस आदमी में इंसानियत अभी भी ज़िंदा है।

    "तुमने ये क्यों किया?" मीरा ने रणवीर से पूछा।

    रणवीर ने अपनी दयालुता को छिपाने की कोशिश की। "मैंने सिर्फ़ हॉस्पिटल की बदनामी से बचने के लिए ऐसा किया है। मुझे किसी की परवाह नहीं है।"

    लेकिन मीरा जानती थी कि वो झूठ बोल रहा है। उसने रणवीर की आँखों में देखा और उसे समझ आ गया कि उस आदमी के अंदर एक नर्म दिल भी है, जिसे वो दुनिया से छुपाता है।

    अगली सुबह, मीरा ने रणवीर के लिए एक कप कॉफ़ी लाई। "ये तुम्हारी दवा नहीं है," उसने मुस्कुराकर कहा। "ये बस एक छोटा सा थैंक यू है।"

    रणवीर ने कॉफ़ी ली और मीरा को घूरकर देखा। "मुझे तुम्हारी हमदर्दी की कोई ज़रूरत नहीं है, डॉक्टर। मैं खुद अपना ख्याल रख सकता हूँ।"

    लेकिन मीरा जानती थी कि वो झूठ बोल रहा है। उसने रणवीर के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान देखी, और उसे समझ आ गया कि वो उस कॉफ़ी के लिए सचमुच शुक्रगुज़ार है।
    ***

    Chapter 6

    रणवीर अपने रिकवरी के दौरान हॉस्पिटल में एक और बोरिंग दिन बिता रहा था। वो बुरी तरह से बोर हो रहा था और हॉस्पिटल स्टाफ़ को परेशान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा था।

    "मुझे ये चैनल नहीं देखना है," उसने नर्स से कहा। "मुझे स्पोर्ट्स चैनल चाहिए।"

    "लेकिन ये मरीज़ों के लिए स्पेशल चैनल है," नर्स ने कहा। "ये आपको रिलैक्स करने में मदद करेगा।"

    "मुझे रिलैक्स नहीं करना है," रणवीर ने चिल्लाकर कहा। "मुझे स्पोर्ट्स देखना है! क्या तुम्हें समझ में नहीं आता?"

    डॉ. मीरा ने रणवीर की आवाज़ सुनी और गुस्से से उसके कमरे में चली आई। "क्या हो रहा है यहाँ?" उसने पूछा।

    "ये नर्स मेरी बात नहीं सुन रही है," रणवीर ने कहा। "मैं जो देखना चाहता हूँ, वो मुझे देखने नहीं दे रही है।"

    मीरा ने एक गहरी सांस ली। "देखो, रणवीर, तुम्हें थोड़ा धैर्य रखना होगा। तुम यहाँ अपने मर्जी के मालिक नहीं हो। ये एक हॉस्पिटल है, और यहाँ कुछ रूल्स हैं, जिन्हें तुम्हें फॉलो करना होगा।"

    "तो मैं क्या करूँ?" रणवीर ने कहा। "मैं यहाँ बोर हो रहा हूँ।"

    "तुम कुछ पढ़ सकते हो," मीरा ने कहा। "मैंने तुम्हारे लिए कुछ मेडिकल जर्नल्स मंगवाए हैं।"

    रणवीर ने जर्नल्स को देखा और नाक सिकोड़ी। "ये सब बकवास कौन पढ़ेगा? मुझे ये सब नहीं चाहिए।"

    "तुम्हारे पास और कोई ऑप्शन नहीं है," मीरा ने कहा। "या तो तुम ये सब पढ़ो, या फिर तुम अपने कमरे में चुपचाप बैठो और किसी को परेशान मत करो।"

    रणवीर को गुस्सा तो बहुत आ रहा था, लेकिन वो कुछ कर नहीं सकता था। डॉ. मीरा ने उसे ऐसी सिचुएशन में डाल दिया था, जहाँ वो हमेशा अनकम्फ़र्टेबल रहता था।

    थोड़ी देर बाद, रणवीर अपने कमरे में घूम रहा था, तभी उसकी नज़र एक छोटे बच्चे के कमरे पर पड़ी। बच्चा अपनी बीमारी से जूझ रहा था और काफ़ी दर्द में था।

    रणवीर को बच्चे को देखकर थोड़ा इमोशनल फील हुआ। उसने जय को बुलाया और कहा, "जाओ, उस बच्चे के लिए कुछ खिलौने और मिठाइयाँ ले आओ।"

    जय हैरान था। उसने रणवीर को कभी किसी बच्चे के लिए कुछ करते हुए नहीं देखा था।

    "क्या हुआ, बॉस?" उसने पूछा। "क्या आप ठीक हैं?"

    "बस वो करो जो मैंने कहा है," रणवीर ने चिल्लाकर कहा। "सवाल मत पूछो।"

    डॉ. मीरा ने रणवीर को बच्चे के लिए खिलौने और मिठाइयाँ खरीदते हुए देखा, और उसे काफ़ी सरप्राइज़ हुआ। उसे लगा, शायद रणवीर के अंदर एक नर्म दिल छिपा है, जिसे वो दुनिया से छुपाता है।

    "तुमने ये क्यों किया?" मीरा ने रणवीर से पूछा।

    रणवीर ने अपनी दयालुता को छिपाने की कोशिश की। "मैंने सिर्फ़ उस बच्चे को शांत करने के लिए ऐसा किया है। मुझे किसी की परवाह नहीं है।"

    लेकिन मीरा जानती थी कि वो झूठ बोल रहा है। उसने रणवीर की आँखों में देखा और उसे समझ आ गया कि वो सचमुच उस बच्चे के लिए चिंतित है।

    उधर, इंस्पेक्टर विक्रम हॉस्पिटल के बाहर अपनी जांच जारी रखे हुए था। वो किसी भी कीमत पर रणवीर को पकड़ना चाहता था।

    "हमें किसी भी कीमत पर इस हॉस्पिटल को नहीं छोड़ना है," उसने अपने आदमियों से कहा। "वो डॉन कहीं भी छुप सकता है।"

    डॉ. मीरा रणवीर के शरीर पर कुछ और पुराने घावों के निशान देखती है, और उसे लगता है कि रणवीर के अतीत में कोई गहरा राज़ है।
    ***

    Chapter 7

    डॉ. मीरा रणवीर के शरीर पर मौजूद पुराने घावों के निशानों की गहराई से जाँच करती रही, उसे पता चलता रहा कि ये निशान सिर्फ़ शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी हैं। हर एक निशान जैसे एक कहानी कह रहा हो, एक दर्दनाक अतीत की झलक दिखा रहा हो।

    रणवीर अपने अतीत को छुपाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा था। वो डॉ. मीरा को उन निशानों के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर रहा था।

    "ये सब मेरी पुरानी ज़िंदगी का हिस्सा है," वो कहता, उसकी आवाज़ में एक कड़वाहट होती। "तुम्हें इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए।"

    लेकिन डॉ. मीरा हार मानने वाली नहीं थी। उसे रणवीर की फ़ाइलों में कुछ रहस्यमय सुराग मिले, जिनसे उसे लगने लगा कि रणवीर ने अपनी ज़िंदगी में एक बड़ा व्यक्तिगत संघर्ष किया है। कुछ ऐसे मेडिकल कोड थे जो समझ से परे थे, कुछ ऐसे नोट्स थे जो किसी और ही भाषा में लिखे हुए थे।

    अस्पताल में रहते हुए भी रणवीर अपने फ़ोन पर अपने "सौदा" और बिजनेस के बारे में बात करता रहता था, जिससे डॉ. मीरा बहुत परेशान हो जाती थी।

    "तुम ये सब यहाँ नहीं कर सकते," वो उसे कहती। "ये एक अस्पताल है, कोई मीटिंग रूम नहीं। तुम्हें दूसरों का भी ध्यान रखना चाहिए।"

    रणवीर उसकी बात को अनसुना कर देता, वो अपनी दुनिया में ही खोया रहता। जय उसके हर आदेश को मानता था, पर कहीं न कहीं वो डॉ. मीरा की ईमानदारी से प्रभावित होने लगा था। उसे डॉ. मीरा की तरफ़ थोड़ा सम्मान महसूस होने लगा था।

    एक दिन अस्पताल में, डॉ. मीरा को पता चला कि एक गरीब मरीज़ का इलाज पैसों की कमी की वजह से रोक दिया गया है। वो चिंतित हो गई।

    "ये गलत है," उसने डीन वर्मा से कहा। "हम किसी को सिर्फ़ इसलिए मरने नहीं दे सकते क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं।"

    डीन ने फिर से अपनी बेबसी जताई। "मैं क्या कर सकता हूँ? हमारे हाथ बंधे हुए हैं।"

    तभी, रणवीर ने अपने तरीके से उस मरीज़ की मदद कर दी। उसने जय को पैसे देकर उसका इलाज करवाने का आदेश दिया।

    डॉ. मीरा ने रणवीर की ये अलग साइड देखी, और उसे एक बार फिर महसूस हुआ कि रणवीर के अंदर इंसानियत अभी भी बाकी है। वो हैरान थी कि एक इतना कठोर दिखने वाला आदमी भी इतना दयालु हो सकता है।

    "तुमने ये सब क्यों किया?" डॉ. मीरा ने रणवीर से पूछा।

    रणवीर ने अपनी दयालुता को छुपाने की कोशिश की। "मैंने सिर्फ़ इसलिए किया ताकि अस्पताल की बदनामी न हो। मुझे और किसी चीज़ से कोई फर्क नहीं पड़ता।"

    लेकिन डॉ. मीरा उसकी आँखों में देख सकती थी। वो जानती थी कि वो झूठ बोल रहा है।

    डीन वर्मा ने डॉ. मीरा को सलाह दी कि उसे रणवीर से दूर रहना चाहिए, क्योंकि वो एक खतरनाक आदमी है।

    "तुम नहीं जानतीं कि वो क्या कर सकता है," उन्होंने कहा। "तुम्हें अपनी जान की परवाह करनी चाहिए।"

    लेकिन डॉ. मीरा रणवीर के अजीब व्यवहार और उसके बॉडीगार्ड्स से परेशान थी। उसे लग रहा था कि उसे इस मामले की गहराई तक जाना होगा। उसे सिर्फ़ मरीज़ पर ध्यान देना था, लेकिन अब उसे रणवीर के अतीत का राज़ भी जानना था। वो जानना चाहती थी कि कौन है ये आदमी, और क्यों वो इतना दर्द छुपाए हुए है।
    ***

    Chapter 8

    रणवीर के परिवार का कोई सदस्य, उसकी बहन सुल्ताना, अचानक बीमार पड़ जाती है और उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। सुल्ताना हमेशा से ही रणवीर की कमज़ोरी रही थी, वो उसकी ज़िंदगी का एक ऐसा हिस्सा थी जिसे वो दुनिया से छुपाकर रखता था।

    सुल्ताना की हालत गंभीर थी, और डॉ. मीरा को उसका इलाज करना पड़ा। रणवीर बहुत चिंतित था, वो अपनी बहन को इस हालत में देखकर काफ़ी परेशान था।

    "क्या हुआ है उसे?" उसने डॉ. मीरा से पूछा, उसकी आवाज़ में एक अजीब सी घबराहट थी।

    "हमने कुछ टेस्ट किए हैं," डॉ. मीरा ने कहा। "हमें अभी तक कुछ पता नहीं चला है। पर हम पूरी कोशिश कर रहे हैं।"

    रणवीर का अपने परिवार के प्रति स्नेह देखकर डॉ. मीरा हैरान थी। उसने कभी नहीं सोचा था कि एक इतना कठोर आदमी भी किसी के लिए इतना परवाह कर सकता है।

    "उसके लिए जो भी करना पड़े, मैं करने को तैयार हूँ," रणवीर ने कहा। "मेरे पास जो कुछ भी है, वो सब उसकी ज़िंदगी के लिए हाज़िर है।"

    डॉ. मीरा ने उसकी तरफ़ देखा और कहा, "पैसे से जान नहीं खरीदी जा सकती, रणवीर। मैं तुम्हारी बहन का सबसे अच्छा इलाज करूँगी, लेकिन तुम्हें थोड़ा धैर्य रखना होगा।"

    जय रणवीर के इस कमजोर पक्ष को देख रहा था, और उसे लग रहा था कि रणवीर सिर्फ़ अपनी बहन के लिए ही नरम होता है। उसने हमेशा रणवीर को एक सख्त और बेरहम आदमी के तौर पर देखा था, पर आज वो उसका एक नया रूप देख रहा था।

    सुल्ताना के इलाज के दौरान, डॉ. मीरा ने रणवीर को उसके बचपन की कुछ कहानियाँ सुनाईं। वो कहानियाँ सुनकर रणवीर थोड़ा भावुक हो गया।

    "तुम्हें कैसे पता ये सब?" उसने पूछा।

    "तुम्हारी बहन ने मुझे बताया," डॉ. मीरा ने जवाब दिया। "वो तुमसे बहुत प्यार करती है, रणवीर। और वो चाहती है कि तुम खुश रहो।"

    रणवीर डॉ. मीरा के प्रति एक अजीब सा सम्मान महसूस कर रहा था, क्योंकि वो उसकी बहन के लिए इतना कुछ कर रही थी। वो समझ गया था कि डॉ. मीरा सिर्फ़ एक डॉक्टर नहीं है, बल्कि एक अच्छी इंसान भी है।

    उधर, इंस्पेक्टर विक्रम को पता चलता है कि रणवीर की बहन अस्पताल में भर्ती है, और वो रणवीर को पकड़ने का एक नया मौका देखता है। वो जानता था कि रणवीर अपनी बहन से मिलने ज़रूर आएगा।

    "इस बार हम उसे नहीं छोड़ेंगे," उसने अपने आदमियों से कहा। "हम उसे हर हाल में पकड़ेंगे।"

    डॉ. मीरा ने रणवीर से कहा कि अस्पताल एक ऐसी जगह है जहाँ इंसानियत ही सबसे ऊपर है, पैसा या ताकत नहीं। उसकी ये बात रणवीर को सोचने पर मजबूर कर देती है। वो सोचने लगता है कि क्या सच में उसकी ज़िंदगी में इंसानियत के लिए कोई जगह है? क्या वो कभी बदल पाएगा?
    ***

    Chapter 9

    सुल्ताना की हालत में धीरे-धीरे सुधार आने लगा, और रणवीर ने डॉ. मीरा का धन्यवाद किया। उसकी आवाज़ में एक अनकही कृतज्ञता थी, एक ऐसा एहसास जो उसने शायद ही कभी महसूस किया था।

    "मैं नहीं जानता कि मैं तुम्हारा शुक्रिया कैसे अदा करूँ," उसने कहा। "तुमने मेरी बहन की जान बचाई है।"

    डॉ. मीरा ने मुस्कुराकर कहा, "ये मेरा काम है, रणवीर। और मुझे खुशी है कि मैं तुम्हारी मदद कर पाई।"

    तभी अस्पताल में एक बड़ा खतरा मंडराने लगा। रणवीर के विरोधी गैंग ने अस्पताल पर हमला कर दिया, वो उसे जान से मारना चाहते थे।

    अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई, मरीज और स्टाफ सभी डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। गोलियों की आवाज़ें हर तरफ गूंज रही थीं, और हर कोई अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था।

    डॉ. मीरा ने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों को बचाने की कोशिश की। वो उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जा रही थी, उन्हें शांत रहने के लिए कह रही थी।

    रणवीर ने अपनी पूरी ताकत लगाकर अस्पताल को सुरक्षित रखने के लिए लड़ाई शुरू कर दी। वो अपने आदमियों को आदेश दे रहा था, और खुद भी दुश्मनों का सामना कर रहा था।

    "किसी को भी यहाँ से निकलने मत दो," उसने चिल्लाकर कहा। "ये मेरी बहन का हॉस्पिटल है, और मैं इसे किसी भी कीमत पर बचाऊँगा।"

    डॉ. मीरा और रणवीर को एक साथ मिलकर काम करना पड़ा, ताकि वे मरीजों और स्टाफ को बचा सकें। उन्होंने एक-दूसरे की मदद की, और उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचाने का फैसला किया।

    डॉ. मीरा रणवीर की बहादुरी और मरीजों के प्रति उसकी अप्रत्यक्ष चिंता को देखकर हैरान थी। उसने कभी नहीं सोचा था कि वो इतना अच्छा इंसान भी हो सकता है।

    रणवीर डॉ. मीरा की हिम्मत और उसके सिद्धांतों के प्रति उसकी निष्ठा से प्रभावित हो रहा था। वो समझ गया था कि डॉ. मीरा सिर्फ़ एक डॉक्टर नहीं, बल्कि एक योद्धा भी है।

    उधर, इंस्पेक्टर विक्रम अस्पताल के बाहर हमलावरों को पकड़ने की कोशिश कर रहा था। वो जानता था कि रणवीर भी वहीं है, और वो किसी भी कीमत पर उसे पकड़ना चाहता था।

    "हमें उन्हें अस्पताल से बाहर नहीं निकलने देना है," उसने अपने आदमियों से कहा। "उन्हें हर हाल में पकड़ना होगा।"

    हमलावर हार गए, और अस्पताल सुरक्षित हो गया। लेकिन रणवीर को डॉ. मीरा के प्रति एक अजीब सा सम्मान महसूस हो रहा था, जो उसकी क्रूर छवि के बिल्कुल विपरीत था।

    उसने डॉ. मीरा की आँखों में देखा और कहा, "तुमने आज बहुत बहादुरी दिखाई, डॉक्टर। तुमने कई लोगों की जान बचाई है।"

    डॉ. मीरा ने जवाब दिया, "तुमने भी बहुत बहादुरी दिखाई, रणवीर। मुझे नहीं पता था कि तुम्हारे अंदर इतना अच्छा इंसान भी है।"

    रणवीर ने मुस्कुराकर कहा, "तुम मुझे बदल रही हो, डॉक्टर। और मुझे ये बदलाव अच्छा लग रहा है।"
    ***

    Chapter 10

    अस्पताल पर हुए हमले के बाद, रणवीर ने डॉ. मीरा को धन्यवाद कहा, और उनके बीच का बंधन पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत हो गया। उस रात दोनों ने एक-दूसरे के साथ वक़्त बिताया, और उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बारे में बातें कीं।

    "मुझे डर था कि मैं तुम्हें खो दूंगा," रणवीर ने कहा। "तुम मेरे लिए बहुत खास हो।"

    डॉ. मीरा ने मुस्कुराकर जवाब दिया, "मैं कहीं नहीं जा रही हूँ, रणवीर। हम हमेशा एक-दूसरे के साथ रहेंगे।"

    अगली सुबह, डॉ. मीरा रणवीर को डांटती है कि उसने खुद को खतरे में क्यों डाला, लेकिन उसकी चिंता उसके शब्दों से ज़्यादा साफ़ झलक रही थी।

    "तुम क्यों इतनी बेवकूफी करते हो?" उसने पूछा। "तुम जानते हो कि तुम कितने खतरे में थे?"

    रणवीर डॉ. मीरा की चिंता को नोटिस करता है, और उसे लगता है कि डॉ. मीरा उसके लिए परवाह करती है। वो समझ गया था कि उनके बीच सिर्फ़ दोस्ती से बढ़कर कुछ है।

    इंस्पेक्टर विक्रम अस्पताल में जांच के लिए आता है, और वह रणवीर को पकड़ने की कोशिश करता है।

    "मुझे पता है कि तुम यहाँ हो, रणवीर," उसने चिल्लाकर कहा। "तुम छुप नहीं सकते।"

    डॉ. मीरा पुलिस को रणवीर के बारे में कोई जानकारी नहीं देती, वो नैतिक रूप से सही रहने की कोशिश करती है, लेकिन कहीं न कहीं रणवीर की रक्षा भी करती है।

    "मुझे नहीं पता कि तुम किसके बारे में बात कर रहे हो," उसने इंस्पेक्टर विक्रम से कहा। "मैंने यहाँ किसी डॉन को नहीं देखा।"

    इंस्पेक्टर विक्रम डॉ. मीरा के व्यवहार से हैरान होता है, उसे लगता है कि डॉ. मीरा रणवीर को बचा रही है।

    "तुम उसे क्यों बचा रही हो?" उसने पूछा। "क्या तुम जानती हो कि वो कितना खतरनाक है?"

    डॉ. मीरा ने जवाब दिया, "मुझे नहीं पता कि वो कितना खतरनाक है, लेकिन मुझे पता है कि उसने मेरी जान बचाई है। और मैं उसका एहसान कभी नहीं भूलूंगी।"

    डॉ. मीरा अपने अतीत के किसी दर्दनाक मेडिकल केस को याद करती है, जिससे वो इतनी सख्त बनी है। वो एक मरीज को खो देती है, क्योंकि उसकी भावनात्मक भागीदारी ने उसके मेडिकल निर्णयों पर हावी हो गई थी। वो नहीं चाहती थी कि वो गलती दोबारा हो।

    रणवीर डॉ. मीरा को परेशान देखता है, और पहली बार उसे डॉ. मीरा की कमज़ोरी का एहसास होता है, वो उसे दिलासा देने की कोशिश करता है।

    "क्या हुआ, मीरा?" उसने पूछा। "तुम इतनी परेशान क्यों हो?"

    डॉ. मीरा रणवीर को गले लगाती है, और यह पल उनके गहरे रिश्ते का प्रतीक है। वो समझ गई थी कि रणवीर अब सिर्फ़ एक मरीज़ नहीं है, बल्कि उसका दोस्त भी है।

    "मुझे डर है, रणवीर," उसने कहा। "मुझे डर है कि मैं तुम्हें खो दूंगी।"

    रणवीर ने डॉ. मीरा को सहारा दिया, और उसे विश्वास दिलाया कि वो हमेशा उसके साथ रहेगा।
    ***

    Chapter 11

    डॉ. मीरा अपने अतीत के दर्दनाक मेडिकल केस को याद कर रही थी, जिसमें उसने अपने एक प्यारे मरीज़ को खो दिया था। उसकी आँखों में आंसू थे, और उसका दिल दर्द से भर गया था।

    "मैंने उसे बचाने की पूरी कोशिश की," उसने रणवीर से कहा। "लेकिन मैं सफल नहीं हो पाई।"

    रणवीर ने उसे सांत्वना देते हुए कहा, "तुमने जो किया वो काफ़ी था। तुम खुद को दोष मत दो।"

    रणवीर डॉ. मीरा को परेशान देखता है और उसे दिलासा देने की कोशिश करता है, उसकी आवाज़ में कठोरता नहीं होती।

    "मैंने भी दर्द और नुकसान देखा है," उसने कहा। "और मैंने अपनी भावनाओं को छुपाना सीखा है।"

    डॉ. मीरा रणवीर के इस अप्रत्याशित व्यवहार से हैरान होती है, उसे लगता है कि रणवीर के अंदर भी इंसानियत छिपी है।

    रणवीर डॉ. मीरा को सलाह देता है कि उसे अपनी भावनाओं को छुपाना चाहिए, ताकि वह कमज़ोर न दिखे।

    "तुम्हें सख्त बनना होगा," उसने कहा। "दुनिया बेरहम है, और अगर तुम कमज़ोर दिखीं, तो लोग तुम्हारा फायदा उठाएंगे।"

    डॉ. मीरा रणवीर की बात पर विचार करती है, लेकिन वह अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ना चाहती।

    नर्स कविता डॉ. मीरा को सलाह देती है कि उसे अपने दर्द को स्वीकार करना चाहिए, ताकि वह आगे बढ़ सके।

    "तुम्हें अपने अतीत को भूलना होगा," उसने कहा। "और तुम्हें अपने भविष्य पर ध्यान देना होगा।"

    डीन डॉ. वर्मा इंस्पेक्टर विक्रम के दबाव से परेशान हैं, और वह डॉ. मीरा को सलाह देते हैं कि उसे रणवीर से दूर रहना चाहिए।

    "ये तुम्हारे लिए अच्छा नहीं है," उसने कहा। "तुम्हें अपनी जान की परवाह करनी चाहिए।"

    रणवीर की हालत में सुधार आता है, लेकिन वह अस्पताल में ही रहता है, अब सिर्फ इलाज के लिए नहीं बल्कि डॉ. मीरा के पास रहने के लिए।

    "मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जा रहा हूँ," उसने कहा। "मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ।"

    रणवीर डॉ. मीरा को अपने काले कारोबार से दूर रखने की कोशिश करता है, लेकिन उसे अपनी ताकत का उपयोग करते हुए दिखाता है, जिससे डॉ. मीरा परेशान होती है।

    "तुम्हें ये सब बंद करना होगा," उसने कहा। "तुम्हें एक नई ज़िंदगी शुरू करनी होगी।"

    रणवीर ने जवाब दिया, "ये इतना आसान नहीं है, मीरा। मैं अपनी ज़िंदगी से भाग नहीं सकता।"

    डॉ. मीरा ने कहा, "तुम भाग नहीं सकते, लेकिन तुम बदल सकते हो।"

    तभी एक नर्स कमरे में दाखिल होती है और कहती है, "डॉ. मीरा, आपको इमरजेंसी में बुलाया गया है।"

    डॉ. मीरा रणवीर को देखती है और कहती है, "मुझे जाना होगा। अपना ख्याल रखना।"

    वह कमरे से बाहर निकल जाती है, और रणवीर अकेला रह जाता है, उसके मन में डॉ. मीरा के शब्दों की गूंज सुनाई देती है: "तुम बदल सकते हो।"
    ***

    Chapter 12

    रणवीर के अतीत का पूरा राज़ खुलता है। वो राज़, जो उसकी ज़िंदगी का सबसे काला सच था, अब डॉ. मीरा के सामने आ चुका था। ये राज़ उसे या तो जय ने बताया था, या फिर खुद सुल्ताना ने।

    डॉ. मीरा को पता चला कि रणवीर कभी ऐसा नहीं था। वो तो बस हालात का मारा था, जिसने उसे मजबूर कर दिया था कि वो ये रास्ता चुने। वो एक ऐसा लड़का था, जिसके सपने थे, उम्मीदें थीं, लेकिन ज़िंदगी ने उसके साथ ऐसा खेल खेला कि वो सब कुछ तबाह हो गया। उसे परिस्थितियों ने माफिया डॉन बना दिया था, शायद अपने परिवार को बचाने के लिए, या किसी और को बचाने के लिए जिसकी वो परवाह करता था।

    उसका बचपन का कोई गहरा ज़ख्म सामने आता है, जैसे किसी प्रियजन की मौत या किसी अन्याय का शिकार होना। वो ज़ख्म इतना गहरा था कि उसने उसकी पूरी ज़िंदगी बदल दी थी।

    डॉ. मीरा को ये राज़ पता चलता है, और वो रणवीर की कठोरता के पीछे के दर्द को समझने लगती है। वो उसे सिर्फ़ एक मरीज़ के रूप में नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में देखना शुरू करती है, जिसने बहुत कुछ झेला है। वो उसे अब और भी ज़्यादा सहानुभूति से देखती है।

    एक शाम, रणवीर ने डॉ. मीरा को अपने अतीत के बारे में बताना शुरू किया। वो पहली बार किसी के सामने अपने दर्द को साझा कर रहा था।

    "मैं ऐसा नहीं बनना चाहता था," उसने कहा, उसकी आवाज़ में दर्द था। "लेकिन मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था।"

    डॉ. मीरा ने उसे सहारा दिया, उसे विश्वास दिलाया कि वो अब अकेला नहीं है और वो उसे उसके अतीत से उबरने में मदद करेगी।

    "तुम बदल सकते हो, रणवीर," उसने कहा। "तुम्हारे अंदर वो ताकत है।"

    जय डॉ. मीरा और रणवीर के बीच के बदलाव को देख रहा था, और उसे लगने लगा था कि रणवीर सच में बदल रहा है। वो अब पहले जैसा कठोर और बेरहम नहीं था।

    उधर, इंस्पेक्टर विक्रम रणवीर पर अपना शिकंजा कसता जा रहा था, वो उसे अस्पताल में ही पकड़ने की कोशिश कर रहा था। उसे पता था कि रणवीर जल्द ही कोई ग़लती करेगा, और वो उस ग़लती का फायदा उठाएगा।

    लेकिन असली खतरा तो कहीं और से आ रहा था। रणवीर के प्रतिद्वंद्वी उसे जान से मारने की कोशिश कर रहे थे, और इस बार डॉ. मीरा सीधे खतरे में आ गई थी। उन्हें पता था कि अगर उन्होंने रणवीर को मारना है, तो डॉ. मीरा को भी रास्ते से हटाना होगा। वो रणवीर के लिए एक कमज़ोरी बन चुकी थी, और दुश्मन इसका फ़ायदा उठाना चाहते थे।
    ***

  • 2. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 2

    Words: 768

    Estimated Reading Time: 5 min

    शहर में एक अजीब सी खामोशी छाई हुई थी, वैसी खामोशी जो तूफान से पहले आती है। एक आलीशान मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, 'सिटी लाइफलाइन', जो अक्सर अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं और कुशल डॉक्टरों के लिए जाना जाता था, आज किसी और ही वजह से चर्चा में था। शहर के सबसे खूंखार और प्रभावशाली माफ़िया डॉन, रणवीर 'रण' प्रताप सिंह का नाम आज हर तरफ था।

    रणवीर, जिसे लोग 'रण' के नाम से जानते थे, एक ऐसा नाम था जिससे पुलिस से लेकर नेता तक काँपते थे। उसने जुर्म की दुनिया में अपना सिक्का जमाया था, और शहर के हर गैरकानूनी धंधे में उसका हाथ था।

    अस्पताल के एक वीआईपी सुइट में, कुछ लोग एक नए "सौदा" को लेकर इकट्ठा हुए थे, पर बात बिगड़ गई। बहस बढ़ी और फिर हिंसा। गोलियों की आवाज़ से अस्पताल दहल गया। रणवीर के आदमियों ने विरोधी गैंग पर हमला बोल दिया था। खून, चीखें और भगदड़ - अस्पताल में खौफ का मंज़र था।

    उधर, शहर की सबसे काबिल न्यूरोसर्जन, डॉ. मीरा शर्मा, अपनी ड्यूटी पर थीं। वह अपनी परफेक्शनिस्ट इमेज और सिद्धांतों के लिए जानी जाती थीं। मीरा के लिए मरीज़ भगवान थे, और उनकी सेवा ही सबसे बड़ा धर्म।

    आज भी मीरा एक जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा करके निकली थीं। उनके चेहरे पर थकान थी, पर आँखों में संतोष का भाव था। जैसे ही वो अपने केबिन में पहुंची, तभी एक नर्स ने आकर बताया कि उन्हें इमरजेंसी में बुलाया गया है।

    "डॉक्टर, एक नया केस आया है। गम्भीर रूप से घायल है," नर्स ने कहा।

    मीरा ने बिना सवाल किए हामी भरी और तुरंत इमरजेंसी वार्ड की ओर चल दी। उन्हें क्या पता था कि उनकी जिंदगी बदलने वाली है।

    उसी समय, रणवीर को एक गंभीर गोली की चोट के साथ अस्पताल लाया गया। उसके वफादार लेफ्टिनेंट, जय, और उसके बॉडीगार्ड्स उसकी पहचान छुपाने की पूरी कोशिश कर रहे थे। उन्होंने स्ट्रेचर को चारों तरफ से घेर रखा था, ताकि कोई रणवीर का चेहरा न देख पाए।

    "कोई भी डॉक्टर के अलावा अंदर नहीं आएगा," जय ने सख्त लहजे में कहा। उसके चेहरे पर डर और गुस्सा दोनों साफ दिख रहे थे।

    डॉ. मीरा को रणवीर के केस को हैंडल करने के लिए बुलाया गया। वह अभी तक रणवीर की असली पहचान से अनजान थीं। उन्हें बस इतना पता था कि एक मरीज़ को उनकी मदद की सख्त ज़रूरत है।

    मीरा ने इमरजेंसी रूम में कदम रखा, और उसकी नज़र सीधे स्ट्रेचर पर लेटे रणवीर पर पड़ी। उसके चेहरे पर दर्द के बावजूद एक अजीब सी अकड़ थी।

    पहली ही मुलाकात में, रणवीर ने अपनी चोट के बावजूद अपनी पहचान और पैसों का रौब डॉ. मीरा पर दिखाने की कोशिश की।

    "देखो डॉक्टर, मुझे सबसे अच्छा इलाज चाहिए। मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं है, समझी?" रणवीर ने धीमी, लेकिन धमकी भरी आवाज़ में कहा।

    डॉ. मीरा ने बिना किसी डर के उसकी आँखों में देखा और जवाब दिया, "अस्पताल के नियम सब के लिए एक हैं। यहां पैसे या ताकत से इलाज नहीं खरीदा जा सकता। मैं एक डॉक्टर हूँ, और मेरा काम आपकी जान बचाना है, न कि आपकी बकवास सुनना।"

    रणवीर डॉ. मीरा की बेखौफियत से भौंचक्का रह गया, क्योंकि उसे कभी किसी ने इस तरह से जवाब नहीं दिया था। उसकी दुनिया में, हर कोई उसके नाम और पैसे से डरता था।

    डॉ. मीरा ने आगे कहा, "आप सिर्फ एक अशिष्ट मरीज़ हैं। मैं सिर्फ आपके शारीरिक इलाज पर ध्यान दूँगी, आपके अहंकारी स्वभाव पर नहीं। अब चुपचाप लेटिए और मुझे अपना काम करने दीजिए।"

    उसने अपने असिस्टेंट डॉक्टर्स को बुलाया और रणवीर की जाँच शुरू कर दी। रणवीर के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था, लेकिन वह कुछ कर नहीं सकता था। उसे पता था कि इस वक्त उसकी जान इस बेखौफ डॉक्टर के हाथों में है।

    मीरा ने सोचा, "ये कैसा मरीज़ है? दर्द में भी इतना एटीट्यूड दिखा रहा है। खैर, मुझे इससे क्या? मेरा काम है इसका इलाज करना, और मैं वही करूँगी।"

    अस्पताल में तनाव बढ़ता जा रहा था। बाहर, जय और उसके बॉडीगार्ड्स पुलिस से आँखें बचा रहे थे, और अंदर, डॉ. मीरा रणवीर के इलाज में जुटी हुई थीं। उसे अंदाजा भी नहीं था कि ये मुलाकात उसकी जिंदगी को किस मोड़ पर ले जाएगी। रणवीर भी ये नहीं जानता था कि ये डॉक्टर उसके लिए क्या मायने रखने वाली है।

    रात गहराती जा रही थी, और अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग जारी थी। डॉ. मीरा और रणवीर, दो अलग दुनिया के लोग, एक दूसरे के सामने थे, अनजान भविष्य की ओर बढ़ते हुए। क्या ये सिर्फ एक इत्तेफाक था, या किस्मत का कोई खेल? ये तो वक़्त ही बताएगा। फ़िलहाल, रात अभी बाकी थी।

  • 3. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 3

    Words: 565

    Estimated Reading Time: 4 min

    डॉ. मीरा ने रणवीर के मेडिकल रिकॉर्ड्स पर नज़र डाली। गोली की चोट काफ़ी गहरी थी और तुरंत एक्शन लेना ज़रूरी था। "हमें तुरंत ऑपरेशन करना होगा," उसने दोबारा कहा, इस बार थोड़ा ज़्यादा ज़ोर देते हुए।

    रणवीर, दर्द से कराहते हुए भी अपनी अकड़ नहीं छोड़ रहा था। "मुझे बताओ कि तुम क्या करने वाली हो। मेरे बॉडीगार्ड्स ऑपरेशन थिएटर में मेरे साथ रहेंगे।"

    मीरा ने अपनी नज़रे उठाईं। "ये पॉसिबल नहीं है। ऑपरेशन थिएटर में सिर्फ़ मेडिकल स्टाफ़ रहेगा। और कोई नहीं।"

    जय, जो अब तक चुपचाप खड़ा था, आगे बढ़ा। "डॉक्टर साहिबा, आप समझ नहीं रहीं हैं। इनकी सिक्योरिटी सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। हम आपको जो चाहिए वो देने को तैयार हैं।" उसने अपनी जेब से एक मोटा बंडल निकालकर मीरा के सामने लहराया।

    मीरा ने जय की तरफ़ गुस्से से देखा। "क्या समझ रखा है तुमने? हर जान की कीमत बराबर होती है। और मैं यहाँ पैसे के लिए नहीं, लोगों की जान बचाने के लिए हूँ। ये ऑफर अपने पास रखो। अगर आपको अपने बॉस की जान की परवाह है, तो वही कीजिए जो मैं कह रही हूँ।"

    रणवीर, जो ये सब सुन रहा था, और भी चिढ़ गया। उसे ऐसी बेखौफ़ औरत से सामना करने की आदत नहीं थी। उसकी ज़िंदगी में औरतें या तो उससे डरती थीं, या उसकी दौलत पर मरती थीं। ये डॉक्टर बिल्कुल अलग थी।

    मीरा ने रणवीर की नज़रों में झांका। "देखिए, मिस्टर, मैं आपको धमकाना नहीं चाहती। लेकिन आपकी हालत बिगड़ती जा रही है। अगर हमने जल्दी ऑपरेशन नहीं किया, तो आपकी जान को ख़तरा हो सकता है। ये आपका ईगो दिखाने का वक़्त नहीं है। ये आपकी ज़िंदगी का सवाल है।"

    उधर, शहर के पुलिस स्टेशन में, इंस्पेक्टर विक्रम एक गुप्त सूचना पर काम कर रहा था। "हमारे सूत्रों से पता चला है कि शहर का एक बड़ा डॉन किसी अस्पताल में भर्ती है। उसकी पहचान अभी तक पता नहीं चल पाई है, लेकिन हमें उसे ढूंढना होगा।"

    विक्रम एक सख्त और ईमानदार पुलिसवाला था। उसने अपनी ज़िंदगी में कई क्रिमिनल्स को पकड़ा था, और वो किसी भी कीमत पर रणवीर को पकड़ना चाहता था।

    अस्पताल में, डीन डॉ. वर्मा को पता चला कि रणवीर उनके अस्पताल में है। वो डर गए। रणवीर का नाम ही काफ़ी था लोगों को डराने के लिए।

    जय ने डीन को अपने केबिन में बुलाया और उस पर दबाव डालने की कोशिश की। "अगर मेरे बॉस को कुछ भी हुआ, तो इसके नतीजे बहुत बुरे होंगे।"

    डीन, डर के मारे कांप रहा था। "मैं समझता हूँ। लेकिन डॉ. मीरा शहर की सबसे अच्छी सर्जन हैं। वो अपनी पूरी कोशिश करेंगी।"

    जय ने डीन को घूर कर देखा। "पूरी कोशिश नहीं, मुझे रिज़ल्ट चाहिए। मेरे बॉस को ठीक होना ही होगा।"

    डॉ. मीरा रणवीर के अजीब बर्ताव और उसके बॉडीगार्ड्स की भारी सिक्योरिटी से परेशान थी। वो समझ रही थी कि ये कोई मामूली मरीज़ नहीं है। लेकिन उसे सिर्फ़ अपने काम पर ध्यान देना था - उसकी जान बचाना।

    रणवीर, दर्द से कराहते हुए भी गुस्से में था। "ये डॉक्टर मुझे सबक सिखाना चाहती है? ठीक है, मैं भी देखूंगा। लेकिन पहले मुझे ठीक होने दो..."

    उसने मीरा को घूर कर देखा, उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। "अभी मुझे तुम्हारी ज़रूरत है, डॉक्टर। लेकिन ये बात याद रखना, मैं बदला ज़रूर लूंगा।"

    तभी नर्स ने आकर कहा, "ऑपरेशन थिएटर तैयार है, डॉक्टर।"

    मीरा ने एक गहरी सांस ली। "चलिए, मिस्टर... अब आपका खेल खत्म।"

  • 4. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 4

    Words: 527

    Estimated Reading Time: 4 min

    रणवीर की हालत तेज़ी से बिगड़ रही थी। डॉ. मीरा को समझ आ गया कि अब रिस्क लेने का टाइम नहीं है। उन्होंने अपनी टीम को इकट्ठा किया और ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी।

    "मुझे नहीं पता ये आदमी कौन है, और क्यों इतनी सिक्योरिटी है," मीरा ने प्रिया से कहा, जो उसकी बेस्ट फ़्रेंड और कलीग थी, "लेकिन हमें अपनी पूरी कोशिश करनी है। एक भी गलती नहीं होनी चाहिए।"

    "तू टेंशन मत ले, मीरा," प्रिया ने कहा। "तू है ही इतनी परफ़ेक्ट। सब ठीक हो जाएगा।"

    ऑपरेशन थिएटर में ले जाने से पहले, रणवीर ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। "मैंने कहा था, मेरे बॉडीगार्ड्स मेरे साथ रहेंगे।"

    मीरा ने अपनी आवाज़ सख्त की। "मैं तुम्हें पहले ही बता चुकी हूँ, ये पॉसिबल नहीं है। या तो तुम मेरे रूल्स फॉलो करोगे, या मैं तुम्हें किसी और अस्पताल में भेज दूंगी।"

    जय ने मीरा से बहस करने की कोशिश की, लेकिन मीरा टस से मस नहीं हुई। "तुम्हारे बॉस की जान खतरे में है, और तुम यहां बहस कर रहे हो? अगर तुम उसकी सलामती चाहते हो, तो मेरी बात मानो। ऑपरेशन थिएटर में कोई भी बाहरी आदमी नहीं आएगा। ये मेरा फ़ाइनल डिसीज़न है।"

    मीरा ने रणवीर की तरफ़ देखा। उसकी आँखों में अभी भी गुस्सा था, लेकिन उसे समझ आ गया था कि उसके पास कोई और चारा नहीं है।

    "ये ऑपरेशन मेरे तरीके से होगा, मिस्टर," मीरा ने कहा। "और अगर तुमने सहयोग नहीं किया, तो मैं तुम्हें गारंटी नहीं दे सकती कि तुम ज़िंदा बचोगे।"

    रणवीर ने मीरा की आँखों में देखा। उसे समझ आ गया कि ये औरत bluff नहीं कर रही है। वो सचमुच उसे मरने दे सकती है।

    "ठीक है," रणवीर ने कहा, "जैसे तुम कहो।" लेकिन उसकी आँखों में अभी भी defiance था।

    मीरा ने मुड़कर प्रिया से कहा, "मुझे लगता है, मुझे थोड़ी ज़्यादा कॉफ़ी की ज़रूरत है। ये आदमी मुझे पागल कर देगा।"

    प्रिया ने मीरा को शांत करने की कोशिश की। "चिल कर, मीरा। तू क्यों इतनी टेंशन ले रही है? ये लोग बहुत ख़तरनाक होते हैं। इनसे पंगा लेना ठीक नहीं है।"

    मीरा ने एक गहरी सांस ली। "मुझे पता है, प्रिया। लेकिन मैं अपने उसूलों से समझौता नहीं कर सकती। हर मरीज़ मेरे लिए बराबर है, चाहे वो डॉन हो या कोई आम आदमी।"

    उधर, इंस्पेक्टर विक्रम ने अपनी टीम के साथ अस्पताल के बाहर घेराबंदी कर दी थी। "मुझे नहीं पता वो डॉन कौन है, लेकिन मैं उसे अस्पताल से बाहर नहीं निकलने दूंगा। हर रास्ते पर नज़र रखो।"

    ऑपरेशन थिएटर में, मीरा ने रणवीर को तैयार करना शुरू कर दिया। उसके हाथ तेज़ी से और कुशलता से चल रहे थे। उसके चेहरे पर पूरी एकाग्रता थी।

    "क्या तुम नर्वस हो, डॉक्टर?" रणवीर ने पूछा।

    मीरा ने उसे घूर कर देखा। "मैं कभी नर्वस नहीं होती। ये मेरा काम है, और मैं इसमें बेस्ट हूँ।"

    जैसे ही मीरा ने सर्जरी शुरू की, रणवीर ने उसकी आँखों में देखा। वहाँ एक अजीब सी आग थी, एक ऐसा जुनून जो उसने पहले कभी नहीं देखा था। उसे लगा, शायद यही वो चीज़ है जो इस औरत को इतना ख़ास बनाती है। उसकी क्रूरता के बावजूद, वो कहीं न कहीं उससे प्रभावित हो रहा था।

  • 5. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 5

    Words: 624

    Estimated Reading Time: 4 min

    सर्जरी काफ़ी जोखिम भरी थी, लेकिन मीरा ने अपनी पूरी काबिलियत झोंक दी। घंटों की मेहनत के बाद, आखिरकार, उसने रणवीर की जान बचा ली। ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा।



    अगले दिन, रणवीर होश में आया। दर्द से कराहते हुए भी, उसका रुखा बर्ताव जारी रहा। उसने नर्सों पर हुक्म चलाना शुरू कर दिया, जैसे वो कोई राजा हो।



    "मुझे अच्छा खाना चाहिए। ये अस्पताल का खाना नहीं खा सकता मैं।"



    "मुझे अभी टीवी देखना है। रिमोट कहां है?"



    डॉ. मीरा ने उसकी बातें सुनीं, और उस तक पहुँचने का फ़ैसला किया। वो जानती थी कि रणवीर को ठीक होने में वक़्त लगेगा, लेकिन उसे ये भी पता था कि उसे लाइन पर रखना ज़रूरी है।



    मीरा ने रणवीर के कमरे में एंट्री की। "गुड मॉर्निंग, मिस्टर। मुझे खुशी है कि तुम ठीक हो।"



    रणवीर ने मीरा को घूर कर देखा। "मुझे ये दवाइयां पसंद नहीं हैं। ये बहुत कड़वी हैं।"



    मीरा ने जवाब दिया, "ज़िंदगी भी कभी-कभी कड़वी होती है। लेकिन तुम्हें इसे लेना होगा। ये तुम्हारे भले के लिए है।" मीरा ने बिना किसी हिचकिचाहट के रणवीर को जबरदस्ती दवा पिला दी।



    जय कमरे के कोने में खड़ा था। उसने मीरा और रणवीर के बीच का टकराव देखा, और वो हैरान था। उसने पहले कभी किसी को रणवीर से इस तरह बात करते नहीं देखा था।



    प्रिया ने मीरा से कहा, "तू थोड़ी ज़्यादा सख़्त हो रही है, मीरा। तुझे थोड़ा नरम होना चाहिए। वरना ये आदमी तुझे जीने नहीं देगा।"



    मीरा ने जवाब दिया, "मैं अपने उसूलों से समझौता नहीं कर सकती। और मुझे नहीं लगता कि ये आदमी इतना बुरा है। मुझे लगता है, इसके अंदर कहीं न कहीं एक अच्छा इंसान भी है।"



    उधर, इंस्पेक्टर विक्रम अस्पताल में रणवीर की हरकतों पर नज़र रख रहा था। वो जानता था कि रणवीर जल्द ही अस्पताल से भागने की कोशिश करेगा।



    मीरा रणवीर की मेडिकल फ़ाइलों की जांच कर रही थी। उसने देखा कि उसके शरीर पर कई पुराने ज़ख्मों के निशान थे। ये निशान उसके अतीत की कहानी कह रहे थे।



    "ये आदमी बहुत कुछ सह चुका है," मीरा ने सोचा।



    उसने रणवीर की फ़ाइलों में कुछ रहस्यमय सुराग भी पाए। कुछ असामान्य मेडिकल कोड, कुछ अनौपचारिक नोट्स... ये सब कुछ इशारा कर रहे थे कि रणवीर का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड है।



    रणवीर ने नोटिस किया कि मीरा उसकी फ़ाइलों में कुछ ढूंढ रही है। उसने अपनी भावनाओं को छुपा लिया, लेकिन मीरा को शक़ हो गया कि रणवीर के पीछे कोई गहरा राज़ है।



    "तुम क्या ढूंढ रही हो, डॉक्टर?" रणवीर ने पूछा, उसकी आवाज़ में एक अजीब सी शांति थी।



    मीरा ने जवाब दिया, "मैं सिर्फ़ ये देखना चाहती थी कि तुम ठीक तो हो न।" लेकिन रणवीर जानता था कि वो झूठ बोल रही है।



    मीरा ने उस दिन रणवीर को ज़्यादा परेशान नहीं किया। लेकिन वो जानती थी कि उसे रणवीर के अतीत के बारे में पता लगाना होगा। उसे ये भी पता लगाना था कि ये आदमी सचमुच कितना ख़तरनाक है।



    उस रात, मीरा अपनी बालकनी में खड़ी होकर शहर को देख रही थी। उसके दिमाग में कई सवाल थे। रणवीर कौन है? वो यहां क्या कर रहा है? और सबसे ज़रूरी सवाल, वो उससे इतना प्रभावित क्यों हो रही है?



    तभी उसका फ़ोन बजा। ये प्रिया थी। "मीरा, तू ठीक है? मुझे चिंता हो रही है।"



    मीरा ने जवाब दिया, "मैं ठीक हूँ, प्रिया। बस थोड़ी उलझन में हूँ।"



    "तू ज़्यादा मत सोच। कल सुबह जल्दी आना है। और हाँ, उस डॉन से बचकर रहना।"



    मीरा ने फ़ोन रख दिया और फिर से शहर की तरफ़ देखने लगी। उसे पता था कि उसकी ज़िंदगी अब पहले जैसी नहीं रहेगी। रणवीर प्रताप सिंह ने उसकी ज़िंदगी में एंट्री कर ली थी, और वो जानती थी कि ये मुलाक़ात उसकी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल देगी।




  • 6. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 6

    Words: 627

    Estimated Reading Time: 4 min

    मीरा ने रणवीर की फ़ाइलों में मिले उन रहस्यमय सुरागों पर रिसर्च करना शुरू कर दिया। वो समझ गई कि ये निशान सिर्फ़ पुराने ज़ख्मों के नहीं हैं, बल्कि किसी पुरानी हिंसा या किसी गहरे संघर्ष की कहानी कहते हैं।





    उधर, रणवीर अस्पताल के नॉर्मल रूल्स से जूझ रहा था। उसे सिंपल खाना परोसा जा रहा था, उसे बिस्तर पर ही रहना था... ये सब उसे बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था।





    उसने अपने माफ़िया स्टाइल में इलाज कराने की कोशिश की। उसने जय को ऑर्डर दिया कि डॉक्टर के लिए स्पेशल जूस और महंगे फल लाए जाएं।





    "मुझे वो सबसे महंगा वाला अनार चाहिए, जो पूरे शहर में किसी के पास न हो," रणवीर ने कहा। "और हाँ, डॉक्टर के लिए एक स्पेशल केक भी लाओ। उसे चॉकलेट पसंद है।"





    मीरा ने रणवीर की ये कोशिशें देखीं, तो उसे हंसी आ गई। "ये क्या कर रहे हो तुम?" उसने पूछा।





    रणवीर ने जवाब दिया, "मैं तुम्हें थैंक्यू कहना चाहता था। तुमने मेरी जान बचाई।"





    मीरा ने हंसते हुए कहा, "अस्पताल में सबके लिए एक जैसे रूल्स हैं। और मुझे तुम्हारी थैंक्यू की ज़रूरत नहीं है। मेरा काम है लोगों की जान बचाना।"





    जय और नर्स कविता, मीरा और रणवीर के बीच की इस "जंग" पर मज़ेदार कमेंट्री कर रहे थे।





    "मुझे लगता है, ये लड़ाई कभी खत्म नहीं होगी," कविता ने कहा।





    "कौन जानता है? शायद इन दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो जाए," जय ने हंसते हुए कहा।





    रणवीर को गुस्सा आता था, लेकिन मीरा उसे ऐसे काम कराती थी जो उसने पहले कभी नहीं किए थे। खुद दवा लेना, उसकी बात सुनना... ये सब उसकी शान के ख़िलाफ़ था।





    उसी दिन, अस्पताल में एक गरीब मरीज का इलाज रुक गया, क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे। मीरा को ये देखकर बहुत दुख हुआ।





    "ये ठीक नहीं है," उसने प्रिया से कहा। "हम पैसे की वजह से किसी को मरने नहीं दे सकते।"





    "मैं क्या कर सकती हूँ, मीरा? अस्पताल के भी तो कुछ रूल्स हैं," प्रिया ने जवाब दिया।





    रणवीर ने, अनजाने में ही, उस मरीज की मदद की। उसने जय को पैसे दिए और कहा कि उस मरीज का इलाज करवाओ।





    "ये सब सीक्रेट रहना चाहिए," रणवीर ने जय से कहा। "मैं नहीं चाहता कि किसी को पता चले कि मैंने उस आदमी की मदद की।"





    मीरा ने रणवीर का ये दूसरा रूप देखा, तो उसे हैरानी हुई। उसे लगा कि इस आदमी के अंदर इंसानियत अभी भी बाकी है।





    "तुमने उस मरीज की मदद क्यों की?" मीरा ने रणवीर से पूछा।





    रणवीर ने अपनी दयालुता छुपाते हुए कहा, "मैंने सिर्फ़ अस्पताल की बदनामी से बचने के लिए ऐसा किया। अगर वो आदमी मर जाता, तो सब लोग कहते कि ये अस्पताल गरीबों का इलाज नहीं करता।"





    मीरा ने रणवीर की आँखों में देखा। उसे लगा कि वो झूठ बोल रहा है। लेकिन उसने ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया। वो जानती थी कि रणवीर अपनी भावनाओं को छुपाने में माहिर है।





    उस रात, मीरा ने रणवीर के बारे में बहुत सोचा। वो समझ नहीं पा रही थी कि ये आदमी आखिर है क्या। एक तरफ़ तो वो एक क्रूर डॉन है, और दूसरी तरफ़ वो एक गरीब मरीज की मदद कर रहा है। वो एक पहेली की तरह था, और मीरा को उस पहेली को सुलझाना था।





    तभी उसका फ़ोन बजा। ये इंस्पेक्टर विक्रम थे। "डॉक्टर शर्मा, मुझे कुछ सवाल पूछने हैं।"





    मीरा ने एक गहरी सांस ली। उसे पता था कि अब वो रणवीर के बारे में सच छुपा नहीं सकती। उसे ये भी पता था कि सच बोलने से उसकी ज़िंदगी ख़तरे में पड़ सकती है।





    "मैं आ रही हूँ," मीरा ने कहा। "मुझे लगता है, अब सच बताने का वक़्त आ गया है।" और उसने फ़ोन रख दिया। अगली सुबह क्या होने वाला है, ये सोचकर वो परेशान हो गई।


  • 7. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 7

    Words: 714

    Estimated Reading Time: 5 min

    रणवीर रिकवरी के दौरान अस्पताल में एक सिंपल दिन बिता रहा था। वो बोर हो रहा था और अस्पताल के स्टाफ को परेशान कर रहा था।







    "ये वाई-फ़ाई कितना स्लो है! मैं अपनी फ़ेवरेट वेब सीरीज़ भी नहीं देख पा रहा," वो चिल्लाया। "और ये खाना... क्या है ये? मुझे कुछ अच्छा खाने को चाहिए।"







    डॉ. मीरा रणवीर को अपने कमरे में कुछ टाइम बिताने के लिए कहती है, ताकि वो दूसरों को परेशान न करे। "देखो, रणवीर, तुम्हें थोड़ा रेस्ट करना चाहिए। और प्लीज, दूसरों को भी शांति से रहने दो।"







    रणवीर अस्पताल के छोटे-छोटे नियमों से जूझता है, जैसे टीवी देखना या अपनी मर्जी से बाहर जाना। "मैं कब तक इस कमरे में बंद रहूँगा? मुझे बाहर जाना है, थोड़ा घूमना है," उसने कहा।







    डॉ. मीरा रणवीर को ऐसे काम कराती है जो वो कभी नहीं करता, जैसे अपनी रिपोर्ट देखना या कुछ मेडिकल जर्नल्स पढ़ना। "ये लो, अपनी रिपोर्ट्स देखो। और ये मेडिकल जर्नल भी पढ़ो। इससे तुम्हें पता चलेगा कि तुम्हारी बॉडी के अंदर क्या चल रहा है," मीरा ने कहा।







    रणवीर ने मुंह बनाते हुए कहा, "ये सब मेरे लिए नहीं है। मुझे इन सब में कोई इंटरेस्ट नहीं है।"







    अनजाने में, रणवीर एक छोटे बच्चे के कमरे के बाहर से गुजरता है, जो अपनी बीमारी से जूझ रहा है। वो बच्चा बहुत कमजोर और अकेला लग रहा था।







    रणवीर बच्चे को देखकर थोड़ा इमोशनल होता है, और वो जय को उसके लिए कुछ खिलौने और मिठाइयां लाने का ऑर्डर देता है। "जाओ, उस बच्चे के लिए कुछ अच्छा लाओ। उसे खुश करने की कोशिश करो," रणवीर ने कहा।







    डॉ. मीरा रणवीर की इस छिपी हुई दयालुता को नोटिस करती है, और उसे लगता है कि रणवीर के अंदर एक नर्म दिल छिपा है। "तुमने उस बच्चे के लिए खिलौने क्यों भेजे?" मीरा ने रणवीर से पूछा।







    रणवीर अपने आप को छुपाने की कोशिश करता है और कहता है कि उसने सिर्फ बच्चे को शांत करने के लिए ऐसा किया है। "वो बच्चा बहुत रो रहा था। मुझे उसे शांत करना था, बस इसलिए," रणवीर ने जवाब दिया।







    इंस्पेक्टर विक्रम अस्पताल के बाहर अपनी जांच जारी रखता है, वो रणवीर के अस्पताल में होने की पुष्टि करने की कोशिश करता है। "मुझे यकीन है कि रणवीर इसी अस्पताल में है। मुझे उसे ढूंढना होगा," विक्रम ने कहा।







    डॉ. मीरा रणवीर के शरीर पर कुछ पुराने घावों के निशान देखती है, और उसे लगता है कि रणवीर के अतीत में कोई गहरा राज़ है। "ये निशान... ये सिर्फ़ एक्सीडेंट के नहीं हो सकते। ज़रूर कुछ और भी है," मीरा ने सोचा।







    उस रात, मीरा अपने घर पर बैठी रणवीर की फ़ाइलों को देख रही थी। उसे लग रहा था कि वो एक बहुत बड़े खतरे के करीब जा रही है।







    तभी उसके फ़ोन पर एक मैसेज आता है। ये एक अननोन नंबर से था। मैसेज में लिखा था, "रणवीर प्रताप सिंह से दूर रहो। ये तुम्हारी ज़िंदगी के लिए बेहतर होगा।"







    मीरा डर जाती है। उसे समझ में आ जाता है कि वो किसी बहुत बड़े गेम में फंस चुकी है। लेकिन वो हार मानने वाली नहीं थी।







    "मैं सच का पता लगाकर रहूँगी," मीरा ने अपने आप से कहा। "चाहे कुछ भी हो जाए।"







    अगली सुबह, मीरा अस्पताल जाती है, उसके मन में एक नया इरादा है। वो रणवीर के बारे में सच जानने के लिए कुछ भी करने को तैयार है, चाहे उसकी जान ही क्यों न चली जाए।







    जैसे ही वो रणवीर के कमरे में एंटर करती है, उसे एक अजीब सी शांति मिलती है। रणवीर खिड़की के पास खड़ा होकर बाहर देख रहा था। वो बहुत शांत और अकेला लग रहा था।







    "गुड मॉर्निंग," मीरा ने कहा।







    रणवीर मुड़ा और मीरा को देखा। "गुड मॉर्निंग, डॉक्टर। आज क्या नया है?"







    मीरा ने एक गहरी सांस ली और कहा, "मुझे तुमसे कुछ बात करनी है, रणवीर। तुम्हारे बारे में।"







    रणवीर की आँखों में एक पल के लिए डर दिखाई दिया, लेकिन फिर वो शांत हो गया। "मुझे पता था कि ये दिन आएगा," उसने कहा। "मुझे पता था कि तुम मेरे बारे में सच जान जाओगी।"







    और फिर, रणवीर ने मीरा को अपने अतीत की कहानी सुनानी शुरू कर दी। एक ऐसी कहानी जो नफ़रत, हिंसा और दर्द से भरी हुई थी। एक ऐसी कहानी जो मीरा की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल देगी।



  • 8. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 8

    Words: 839

    Estimated Reading Time: 6 min

    मीरा रणवीर के शरीर पर मौजूद पुराने घावों के निशानों की गहराई से जांच कर रही थी। ये निशान सिर्फ़ फिजिकल नहीं थे, बल्कि इमोशनल भी थे— हर एक निशान एक कहानी कह रहा था, एक ऐसा अतीत जिसे रणवीर छुपाने की कोशिश कर रहा था।







    रणवीर अपने पास्ट को छुपाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा था। जब मीरा ने उन निशानों के बारे में पूछा, तो उसने बस इतना कहा, "ये सब पुरानी बातें हैं, डॉक्टर। इन्हें भूल जाओ।"







    लेकिन मीरा हार मानने वाली नहीं थी। उसने रणवीर की फ़ाइलों में कुछ और सीक्रेट क्लूज़ ढूंढ निकाले। ये सुराग बता रहे थे कि रणवीर ने अपनी लाइफ़ में एक बड़ा पर्सनल स्ट्रगल किया है।







    अस्पताल में रहते हुए भी रणवीर अपने फ़ोन पर अपने "सौदे" और बिज़नेस के बारे में बात कर रहा था, जिससे मीरा परेशान हो रही थी। वो जानता था कि ये सब अस्पताल के रूल्स के ख़िलाफ़ है, लेकिन उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था।







    "ये सब क्या है, रणवीर?" मीरा ने उससे पूछा। "तुम अभी भी अपने उन 'सौदों' में इन्वॉल्व हो?"







    रणवीर ने जवाब दिया, "ये मेरा लाइफ़स्टाइल है, डॉक्टर। मैं इसे इतनी आसानी से नहीं छोड़ सकता।"







    जय, रणवीर के ऑर्डर्स मानता था, लेकिन वो कहीं न कहीं मीरा की ऑनेस्टी से इम्प्रेस्ड था। उसे मीरा के लिए थोड़ा रिस्पेक्ट फ़ील होता था। उसे ये भी समझ में आ रहा था कि रणवीर के लिए मीरा क्यों इतनी स्पेशल है।







    अस्पताल में एक गरीब मरीज़ का इलाज रुक गया, क्योंकि उसके पास पैसे नहीं थे। मीरा को ये देखकर बहुत बुरा लगा। वो जानती थी कि ये ग़लत है, लेकिन वो हेल्पलेस फ़ील कर रही थी।







    अनजाने में, रणवीर उस मरीज़ की हेल्प करता है (शायद पैसे देकर या अपने इन्फ़्लुएंस का यूज़ करके), जिससे मीरा को उसकी एक अलग साइड दिखाई देती है।







    मीरा रणवीर से इस बारे में सवाल करती है, लेकिन रणवीर अपनी दयालुता को छुपाता है और कहता है कि उसने सिर्फ़ अस्पताल की बदनामी से बचने के लिए ऐसा किया है।







    "तुम ऐसा क्यों कर रहे हो, रणवीर?" मीरा ने पूछा। "तुम अपनी असली पर्सनैलिटी क्यों छुपा रहे हो?"







    रणवीर ने जवाब दिया, "दुनिया को मुझसे जैसी उम्मीद है, मैं वैसा ही बनने की कोशिश कर रहा हूं। अगर मैं अच्छा बनने की कोशिश करूंगा, तो लोग मुझ पर विश्वास नहीं करेंगे।"







    डीन डॉ. वर्मा, मीरा को सलाह देते हैं कि उसे रणवीर से दूर रहना चाहिए, क्योंकि वो एक ख़तरनाक आदमी है। "तुम नहीं जानती कि तुम किसके साथ खेल रही हो, मीरा। रणवीर प्रताप सिंह एक डॉन है। वो तुम्हें बर्बाद कर सकता है," डॉ. वर्मा ने कहा।







    मीरा ने जवाब दिया, "मैं किसी से डरती नहीं हूं, सर। और मैं ये जानती हूं कि रणवीर में भी अच्छाई है। मुझे बस उसे बाहर निकालने की ज़रूरत है।"







    मीरा रणवीर के अजीब बिहेवियर और उसके बॉडीगार्ड्स से परेशान थी, लेकिन उसे सिर्फ़ अपने मरीज़ पर फ़ोकस करना था। फिर भी, वो रणवीर के अतीत का सीक्रेट जानना चाहती थी। उसे लग रहा था कि अगर वो रणवीर को समझ पाएगी, तो वो उसे ठीक भी कर पाएगी।







    उस रात, मीरा ने अपनी बेस्ट फ़्रेंड प्रिया को फ़ोन किया। "मुझे नहीं पता कि मैं क्या करूँ, प्रिया। रणवीर बहुत कॉम्प्लिकेटेड है," मीरा ने कहा।







    प्रिया ने जवाब दिया, "तुम्हें उससे दूर रहना चाहिए, मीरा। वो तुम्हारे लिए ख़तरनाक है। तुम उसके चक्कर में अपनी लाइफ़ बर्बाद कर दोगी।"







    "मैं जानती हूं, लेकिन मैं उसकी हेल्प करना चाहती हूं। मुझे लगता है कि उसके अंदर एक अच्छा इंसान छुपा हुआ है," मीरा ने कहा।







    प्रिया ने लंबी सांस ली। "ठीक है, लेकिन प्लीज़ अपना ख़याल रखना, मीरा। मैं नहीं चाहती कि तुम्हें कोई चोट पहुंचे।"







    "थैंक यू, प्रिया। मैं अपना ख़याल रखूँगी," मीरा ने कहा।







    मीरा ने फ़ोन रख दिया और खिड़की से बाहर देखने लगी। आसमान में तारे टिमटिमा रहे थे। उसे लग रहा था कि उसकी लाइफ़ भी तारों की तरह ही उलझी हुई है। लेकिन वो हार मानने वाली नहीं थी। वो अपनी मंज़िल तक पहुँच कर रहेगी।







    अगली सुबह, मीरा रणवीर के कमरे में गई। रणवीर बेड पर लेटा हुआ था और छत को घूर रहा था।







    "क्या हुआ, रणवीर?" मीरा ने पूछा। "तुम ठीक तो हो?"







    रणवीर ने जवाब दिया, "मैं ठीक हूं, डॉक्टर। बस थोड़ा अकेला फ़ील कर रहा हूं।"







    मीरा बेड के किनारे बैठ गई और रणवीर का हाथ पकड़ लिया। "तुम अकेले नहीं हो, रणवीर। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।"







    रणवीर ने मीरा की तरफ़ देखा, उसकी आँखों में थोड़ी सी उम्मीद नज़र आ रही थी। "क्या तुम सच में मेरी हेल्प करना चाहती हो, डॉक्टर?" उसने पूछा।







    मीरा ने जवाब दिया, "हां, रणवीर। मैं सच में तुम्हारी हेल्प करना चाहती हूं। लेकिन तुम्हें भी अपनी हेल्प करनी होगी।"







    रणवीर ने लंबी सांस ली और कहा, "ठीक है, डॉक्टर। मैं कोशिश करूंगा।"







    मीरा ने रणवीर को स्माइल दी। उसे लग रहा था कि वो सही रास्ते पर है। लेकिन उसे ये भी पता था कि ये सिर्फ़ शुरुआत है। अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना बाकी है। और उस रास्ते में कई खतरे भी आने वाले हैं।



  • 9. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 9

    Words: 756

    Estimated Reading Time: 5 min

    रणवीर का परिवार—उसकी बहन सुल्ताना— अचानक बीमार पड़ जाती है और उसे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ता है। रणवीर को ये खबर मिलते ही जैसे आसमान टूट पड़ा।









    सुल्ताना की हालत सीरियस है, और डॉ. मीरा को उसका ट्रीटमेंट करना पड़ता है। रणवीर, जो हमेशा से अपनी भावनाओं को छुपाता आया है, इस सिचुएशन में बहुत वरीड दिखाई देता है।









    रणवीर का अपनी फैमिली के लिए प्यार सामने आता है। वो सुल्ताना की बहुत केयर करता है, जो मीरा को सरप्राइज करता है। उसने रणवीर को हमेशा एक सख्त और बेदर्द इंसान के तौर पर देखा था, लेकिन अब उसे उसकी एक नई साइड देखने को मिल रही थी।









    रणवीर डॉ. मीरा से सुल्ताना के ट्रीटमेंट के लिए कुछ भी करने को रेडी है। वो अपनी सारी पावर और मनी लगा देता है, ताकि उसकी बहन को बेस्ट पॉसिबल केयर मिल सके।









    "डॉक्टर, मेरी बहन को कुछ नहीं होना चाहिए। प्लीज उसे बचा लो। मैं तुम्हारे पैर पकड़ता हूं," रणवीर ने बेबसी से कहा। उसकी आवाज में वो खौफ नहीं था, जो मीरा ने पहले सुना था।









    डॉ. मीरा रणवीर को बताती है कि मनी से जान नहीं खरीदी जा सकती, लेकिन वो सुल्ताना का बेस्ट ट्रीटमेंट करेगी, अपनी पूरी कोशिश करेगी।









    "मैं समझती हूं, रणवीर। मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगी। लेकिन तुम्हें ये समझना होगा कि कुछ चीजें हमारे कंट्रोल में नहीं होतीं," मीरा ने कहा।









    जय, रणवीर के इस वीक पॉइंट को देखता है, और उसे लगता है कि रणवीर सिर्फ़ अपनी बहन के लिए ही इतना सॉफ्ट है। उसने पहले कभी रणवीर को इतना परेशान और कमजोर नहीं देखा था।









    सुल्ताना के ट्रीटमेंट के दौरान, डॉ. मीरा रणवीर को उसके चाइल्डहुड की कुछ स्टोरीज सुनाती है, जिससे रणवीर थोड़ा इमोशनल होता है। ये वो पल था जब मीरा को लगा कि रणवीर के अंदर कहीं न कहीं एक मासूम बच्चा अभी भी जिंदा है।









    रणवीर डॉ. मीरा के प्रति एक अजीब सा रिस्पेक्ट फील करता है, क्योंकि वो उसकी बहन के लिए इतना कुछ कर रही है। उसे ये भी एहसास होता है कि शायद मीरा ही वो इंसान है जो उसे बदल सकती है।









    इंस्पेक्टर विक्रम को पता चलता है कि रणवीर की बहन हॉस्पिटल में एडमिट है, और वो रणवीर को पकड़ने का एक नया चांस देखता है। वो जानता था कि रणवीर अपनी बहन को देखने जरूर आएगा, और यही उसके लिए जाल बिछाने का सही मौका है।









    डॉ. मीरा रणवीर से कहती है कि हॉस्पिटल एक ऐसी जगह है जहां इंसानियत ही सबसे ऊपर है, पैसा या पावर नहीं, जिससे रणवीर सोचने पर मजबूर होता है। वो मीरा की बातों में सच्चाई देखता है, और उसे लगता है कि शायद उसे भी बदलने का वक्त आ गया है।









    उस रात, मीरा हॉस्पिटल के कैंटीन में बैठी हुई थी, तभी उसके पास जय आता है।









    "डॉक्टर साहिबा, क्या मैं आपसे कुछ बात कर सकता हूं?" जय ने पूछा।









    मीरा ने कहा, "हां, कहो जय। क्या बात है?"









    जय ने कहा, "मैं जानता हूं कि रणवीर सर एक बुरे इंसान हैं, लेकिन वो अपनी बहन से बहुत प्यार करते हैं। प्लीज उनकी मदद कीजिए।"









    मीरा ने कहा, "मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगी, जय। लेकिन तुम्हें भी ये समझना होगा कि रणवीर को खुद भी बदलना होगा।"









    जय ने कहा, "मैं समझता हूं, डॉक्टर साहिबा। मैं जानता हूं कि ये आसान नहीं है। लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि आप उन्हें बदल पाएंगी।"









    मीरा ने कहा, "मैं भी उम्मीद करती हूं, जय। मैं भी उम्मीद करती हूं।"









    उसी वक्त, रणवीर सुल्ताना के कमरे में बैठा हुआ था। वो उसकी हालत देखकर बहुत परेशान था।









    "मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा, सुल्ताना। मैं तुम्हें हमेशा प्रोटेक्ट करूंगा," रणवीर ने कहा।









    तभी कमरे में डॉ. मीरा आती है।









    "रणवीर, तुम्हें थोड़ा रेस्ट करना चाहिए। मैं सुल्ताना का ख्याल रखूंगी," मीरा ने कहा।









    रणवीर ने कहा, "मैं कहीं नहीं जाऊंगा, डॉक्टर। मैं अपनी बहन के पास ही रहूंगा।"









    मीरा ने कहा, "मैं समझती हूं, रणवीर। लेकिन तुम्हें भी अपना ख्याल रखना होगा। अगर तुम बीमार पड़ गए, तो सुल्ताना का ख्याल कौन रखेगा?"









    रणवीर ने लंबी सांस ली। "ठीक है, डॉक्टर। मैं थोड़ा रेस्ट कर लेता हूं। लेकिन अगर सुल्ताना को कुछ हुआ, तो मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगा।"









    मीरा ने कहा, "मैं समझती हूं, रणवीर। लेकिन तुम्हें मुझ पर विश्वास करना होगा। मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगी।"









    रणवीर मीरा पर भरोसा करता है और कमरे से बाहर चला जाता है, लेकिन उसकी आंखों में चिंता साफ झलक रही थी। वो अपनी बहन को खोने के डर से कांप रहा था, और उसे पता था कि उसकी जिंदगी अब पहले जैसी नहीं रहेगी।




  • 10. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 10

    Words: 713

    Estimated Reading Time: 5 min

    सुल्ताना की कंडीशन में थोड़ा इम्प्रूवमेंट आता है, और रणवीर डॉ. मीरा को थैंक्स कहता है। उसकी आवाज़ में एक अनकही ग्रेटिट्यूड थी, जो मीरा को अंदर तक छू गई। उसे लग रहा था कि रणवीर सच में बदल रहा है।









    लेकिन, तभी हॉस्पिटल में एक बड़ा खतरा आ जाता है। रणवीर के राइवल गैंग ने हॉस्पिटल पर अटैक कर दिया। ये अटैक अचानक हुआ था, और किसी को भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है।









    हॉस्पिटल में अफरा-तफरी मच जाती है। मरीज और स्टाफ डर के मारे इधर-उधर भागने लगते हैं। गोलियों की आवाजें और चीख-पुकार से पूरा माहौल दहशत में डूब जाता है।









    डॉ. मीरा अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों को बचाने की कोशिश करती है। वो उन्हें सेफ प्लेसेस पर ले जाती है, ताकि उन्हें कोई नुकसान न हो।









    "सब लोग शांत रहिए! हम सब मिलकर इस सिचुएशन से निपटेंगे!" मीरा ने चिल्लाकर कहा, लेकिन उसकी आवाज में भी डर साफ झलक रहा था।









    रणवीर अपनी पूरी ताकत लगाकर हॉस्पिटल को सिक्योर रखने के लिए लड़ता है। वो अपने आदमियों को आर्डर देता है कि किसी भी मरीज को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।









    "किसी भी मरीज को खरोंच भी नहीं आनी चाहिए! अगर किसी को कुछ हुआ तो मैं तुम लोगों को जिंदा नहीं छोडूंगा!" रणवीर ने गुस्से से कहा। उसकी आंखों में आग जल रही थी, और वो किसी भी कीमत पर अपने लोगों को बचाने के लिए तैयार था।









    डॉ. मीरा और रणवीर को एक साथ मिलकर काम करना पड़ता है, ताकि वो मरीजों और स्टाफ को बचा सकें। ये पहली बार था जब वो दोनों एक टीम की तरह काम कर रहे थे, और उन्हें एक-दूसरे की ताकत का एहसास हो रहा था।









    डॉ. मीरा रणवीर की ब्रेवरी और मरीजों के लिए उसकी अनकही चिंता को देखती है, जिससे वो हैरान होती है। वो समझ नहीं पा रही थी कि एक इतना खूंखार डॉन इतना केयरिंग कैसे हो सकता है।









    "तुम सच में बदल गए हो, रणवीर," मीरा ने कहा। "मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि तुम इतने लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान खतरे में डाल रहे हो।"









    रणवीर ने जवाब दिया, "ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है, मीरा। तुमने मुझे एक नया मकसद दिया है।"









    रणवीर डॉ. मीरा की हिम्मत और उसके प्रिंसिपल्स के लिए उसके डिवोशन से इम्प्रैस्ड होता है। उसे लग रहा था कि मीरा ही वो इंसान है जो उसे पूरी तरह से बदल सकती है।









    इंस्पेक्टर विक्रम हॉस्पिटल के बाहर हमलावरों को पकड़ने की कोशिश करता है। वो जानता है कि रणवीर भी वहीं है, और वो उसे किसी भी कीमत पर गिरफ्तार करना चाहता है।









    "रणवीर प्रताप सिंह, तुम चारों तरफ से घिरे हुए हो! सरेंडर कर दो!" इंस्पेक्टर विक्रम ने चिल्लाकर कहा।









    लेकिन रणवीर सरेंडर करने वाला नहीं था। वो जानता था कि अगर वो पुलिस के हाथों में पड़ गया, तो वो अपने लोगों को नहीं बचा पाएगा।









    हमलावर हार जाते हैं, और हॉस्पिटल सिक्योर हो जाता है, लेकिन रणवीर को डॉ. मीरा के लिए एक अजीब सा रिस्पेक्ट फील होता है, जो उसकी क्रूर इमेज के बिल्कुल ऑपोजिट है।









    उस रात, मीरा रणवीर के कमरे में गई। रणवीर बेड पर लेटा हुआ था, और उसके चेहरे पर थकान साफ झलक रही थी।









    "क्या हुआ, रणवीर?" मीरा ने पूछा। "तुम ठीक तो हो?"









    रणवीर ने जवाब दिया, "मैं ठीक हूं, मीरा। बस थोड़ा थक गया हूं।"









    मीरा बेड के किनारे बैठ गई और रणवीर का हाथ पकड़ लिया। "तुमने आज बहुत बहादुरी दिखाई, रणवीर। मुझे तुम पर गर्व है," मीरा ने कहा।









    रणवीर ने मीरा की तरफ देखा, उसकी आंखों में कृतज्ञता साफ झलक रही थी। "ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है, मीरा। तुमने मुझे एक नया जीवन दिया है," रणवीर ने कहा।









    मीरा ने रणवीर को स्माइल दी। "हमेशा याद रखना, रणवीर, कि तुम अकेले नहीं हो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं," मीरा ने कहा।









    तभी कमरे का दरवाजा खुलता है, और इंस्पेक्टर विक्रम अंदर आता है।









    "रणवीर प्रताप सिंह, तुम्हें गिरफ्तार किया जाता है," इंस्पेक्टर विक्रम ने कहा।









    मीरा और रणवीर एक-दूसरे की तरफ देखते हैं, उनके चेहरों पर चिंता और डर साफ झलक रहा था। उन्हें पता नहीं था कि आगे क्या होने वाला है, लेकिन वो जानते थे कि उन्हें एक-दूसरे का साथ देना होगा।




  • 11. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 11

    Words: 705

    Estimated Reading Time: 5 min

    हॉस्पिटल पर हुए अटैक के बाद, रणवीर डॉ. मीरा को थैंक्स कहता है, और उनके बीच का बॉन्ड और भी स्ट्रॉन्ग हो जाता है। मीरा को लगता है कि रणवीर सच में बदल गया है, लेकिन उसे ये भी पता है कि रणवीर अभी भी खतरे में है।











    डॉ. मीरा रणवीर को डांटती है कि उसने खुद को डेंजर में क्यों डाला, लेकिन उसकी वरी उसके वर्ड्स से ज्यादा क्लियर थी।











    "तुमने ये क्या किया, रणवीर? तुम्हें अपनी जान की परवाह नहीं है क्या? अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो मैं क्या करती?" मीरा ने गुस्से से कहा।











    रणवीर मीरा की वरी को नोटिस करता है, और उसे लगता है कि डॉ. मीरा उसके लिए केयर करती है। ये पहली बार था जब किसी ने रणवीर की इतनी फिक्र की थी।











    "मुझे पता है, मीरा। लेकिन मैं तुम्हें और अपने लोगों को खतरे में नहीं देख सकता था। मुझे जो सही लगा, मैंने वो किया," रणवीर ने जवाब दिया।











    इंस्पेक्टर विक्रम हॉस्पिटल में इन्वेस्टिगेशन के लिए आता है, और वो रणवीर को अरेस्ट करने की कोशिश करता है। विक्रम को लगता था कि रणवीर अभी भी एक क्रिमिनल है, और उसे जेल में होना चाहिए।











    "रणवीर प्रताप सिंह, तुम्हारे खिलाफ काफी सबूत हैं। तुम्हें अब मेरे साथ चलना होगा," विक्रम ने कहा।











    डॉ. मीरा पुलिस को रणवीर के बारे में कोई इंफोर्मेशन नहीं देती, वो मोरली राइट रहने की कोशिश करती है, लेकिन कहीं न कहीं रणवीर को प्रोटेक्ट भी करती है। मीरा को लगता था कि रणवीर को एक मौका मिलना चाहिए, और उसे विश्वास था कि वो सच में बदल गया है।











    "मैं आपको कोई जानकारी नहीं दे सकती, इंस्पेक्टर। मैं एक डॉक्टर हूं, और मेरा काम मरीजों की मदद करना है," मीरा ने कहा।











    इंस्पेक्टर विक्रम डॉ. मीरा के बिहेवियर से सरप्राइज होता है, उसे लगता है कि डॉ. मीरा रणवीर को बचा रही है। विक्रम को समझ में नहीं आ रहा था कि एक डॉक्टर एक क्रिमिनल को कैसे प्रोटेक्ट कर सकती है।











    "तुम ये क्या कर रही हो, डॉ. मीरा? तुम एक क्रिमिनल को बचा रही हो। क्या तुम्हें पता है कि तुम क्या कर रही हो?" विक्रम ने गुस्से से पूछा।











    डॉ. मीरा अपने पास्ट के किसी पेनफुल मेडिकल केस को याद करती है, जिससे वो इतनी स्ट्रिक्ट बनी है। उसे याद आता है कि कैसे उसने एक मरीज को खो दिया था, क्योंकि वो इमोशनली इन्वॉल्व हो गई थी।











    "मैं जानती हूं कि मैं क्या कर रही हूं, इंस्पेक्टर। मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि हर किसी को एक मौका मिलना चाहिए," मीरा ने जवाब दिया।











    वह एक मरीज को लूज कर देती है, क्योंकि उसकी इमोशनल इन्वॉल्वमेंट उसके मेडिकल डिसीजन पर हावी हो गई थी। मीरा को लगता था कि अगर वो सख्त नहीं होगी, तो वो कभी भी एक अच्छी डॉक्टर नहीं बन पाएगी।











    रणवीर डॉ. मीरा को अपसेट देखता है, और फर्स्ट टाइम उसे डॉ. मीरा की वीकनेस का एहसास होता है। वो उसे कंसोल करने की कोशिश करता है। रणवीर ने कभी किसी को कंसोल नहीं किया था, लेकिन वो जानता था कि मीरा को उसकी जरूरत है।











    "क्या हुआ, मीरा? तुम ठीक तो हो?" रणवीर ने प्यार से पूछा।











    डॉ. मीरा रणवीर के इस अनएक्सपेक्टेड बिहेवियर से सरप्राइज होती है, उसे लगता है कि रणवीर के अंदर भी इंसानियत छुपी है। मीरा को ये देखकर अच्छा लग रहा था कि रणवीर सच में बदल गया है।











    "मैं ठीक हूं, रणवीर। बस थोड़ा थक गई हूं," मीरा ने जवाब दिया।











    रणवीर ने मीरा का हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींचा। "तुम हमेशा इतनी स्ट्रॉन्ग क्यों बनी रहती हो, मीरा? क्या तुम्हें कभी डर नहीं लगता?" रणवीर ने पूछा।











    मीरा ने रणवीर की आंखों में देखा और कहा, "मुझे डर लगता है, रणवीर। लेकिन मैं डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती।"











    तभी कमरे में जय आता है।











    "सर, इंस्पेक्टर विक्रम बाहर इंतजार कर रहे हैं," जय ने कहा।











    रणवीर ने लंबी सांस ली। "मैं आता हूं," रणवीर ने कहा।











    रणवीर मीरा की तरफ देखता है और कहता है, "मैं तुम्हें प्रॉमिस करता हूं, मीरा, मैं तुम्हें कभी निराश नहीं करूंगा।"











    रणवीर कमरे से बाहर चला जाता है, और मीरा उसे जाते हुए देखती रहती है। उसे पता नहीं था कि रणवीर का क्या होगा, लेकिन उसे विश्वास था कि वो सही करेगा।





  • 12. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 12

    Words: 705

    Estimated Reading Time: 5 min

    मीरा अपने पास्ट के ट्रैजिक मेडिकल केस को रीकॉल करती है, जिसमें उसने अपने प्यारे पेशेंट को अपनी इमोशनल अटैचमेंट की वजह से खो दिया था। वो मोमेंट उसकी लाइफ का टर्निंग पॉइंट था, जिसने उसे एक स्ट्रिक्ट और इमोशनलेस डॉक्टर बना दिया।











    रणवीर मीरा को डिस्टर्ब देखकर उसे कंसोल करने की ट्राई करता है, उसकी आवाज में हार्शनेस नहीं थी। ये पहली बार था जब रणवीर ने किसी के लिए अपनी फीलिंग्स शो की थीं।











    "मुझे पता है ये सब आसान नहीं है, डॉक्टर। मैंने भी लाइफ में बहुत कुछ खोया है। पर यही लाइफ है, यू नो?" रणवीर ने कहा, उसकी आवाज में एक अजीब सी मैच्योरिटी थी।











    रणवीर मीरा को बताता है कि उसने भी पेन और लॉस देखा है, और कैसे उसने अपनी इमोशन्स को हाइड करना सीखा है। रणवीर जानता था कि मीरा को क्या महसूस हो रहा है, क्योंकि उसने भी वही दर्द झेला था।











    "ये दुनिया बहुत क्रूअल है, डॉक्टर। अगर तुम अपनी फीलिंग्स शो करोगी, तो लोग तुम्हारा फायदा उठाएंगे," रणवीर ने कहा।











    मीरा रणवीर के इस अनएक्सपेक्टेड बिहेवियर से सरप्राइज होती है, उसे लगता है कि रणवीर के अंदर भी ह्यूमैनिटी छिपी है। मीरा को यकीन नहीं हो रहा था कि रणवीर इतना सेंसिटिव हो सकता है।











    "तुम इतने इमोशनल कब से होने लगे, रणवीर?" मीरा ने पूछा।











    रणवीर मीरा को एडवाइस देता है कि उसे अपनी इमोशन्स को छुपाना चाहिए, ताकि वो वीक न दिखे। रणवीर जानता था कि मीरा को खुद को प्रोटेक्ट करने की जरूरत है, और वो उसे वो सारे टूल्स देना चाहता था जो उसके पास थे।











    "अगर तुम अपनी फीलिंग्स कंट्रोल करोगी, तो तुम किसी भी सिचुएशन को हैंडल कर सकती हो," रणवीर ने कहा।











    मीरा रणवीर की बात पर कंसीडर करती है, लेकिन वो अपने प्रिंसिपल्स को नहीं छोड़ना चाहती। मीरा को यकीन था कि इमोशन्स को छुपाना सही नहीं है, और वो हमेशा अपने दिल की सुनती रहेगी।











    "मैं नहीं जानती, रणवीर। मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हारी तरह बन सकती हूं," मीरा ने कहा।











    नर्स कविता मीरा को एडवाइज करती है कि उसे अपने पेन को एक्सेप्ट करना चाहिए, ताकि वो आगे बढ़ सके। कविता को पता था कि मीरा को अपने पास्ट को फेस करने की जरूरत है, और वो उसे वो सारा सपोर्ट देना चाहती थी जो उसके पास था।











    "तुम्हें अपने पास्ट को भूलना नहीं चाहिए, मीरा। तुम्हें बस उसे एक्सेप्ट करना सीखना होगा," कविता ने कहा।











    डीन डॉ. वर्मा इंस्पेक्टर विक्रम के प्रेशर से डिस्टर्ब हैं, और वो मीरा को एडवाइज करते हैं कि उसे रणवीर से दूर रहना चाहिए। वर्मा को डर था कि रणवीर मीरा को नुकसान पहुंचा सकता है, और वो उसे प्रोटेक्ट करना चाहता था।











    "मुझे पता है तुम रणवीर की मदद करना चाहती हो, मीरा। लेकिन तुम्हें अपनी सेफ्टी का भी ध्यान रखना होगा," वर्मा ने कहा।











    रणवीर की कंडीशन में इम्प्रूवमेंट आता है, लेकिन वो हॉस्पिटल में ही रहता है, अब सिर्फ ट्रीटमेंट के लिए नहीं बल्कि मीरा के पास रहने के लिए। रणवीर को मीरा के साथ टाइम स्पेंड करना अच्छा लगता था, और वो उसे हर तरह से सपोर्ट करना चाहता था।











    "मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जा रहा हूं, डॉक्टर। मुझे तुम्हारी जरूरत है," रणवीर ने कहा।











    रणवीर मीरा को अपने डार्क बिजनेस से दूर रखने की ट्राई करता है, लेकिन उसे अपनी पावर का यूज करते हुए दिखाता है, जिससे मीरा परेशान होती है। रणवीर नहीं चाहता था कि मीरा उसकी दुनिया में इन्वॉल्व हो, लेकिन वो उसे ये भी दिखाना चाहता था कि वो कितना पावरफुल है।











    एक दिन, रणवीर जय को बुलाता है और उसे कुछ लोगों को डराने के लिए कहता है। मीरा ये सब देखती है और उसे बहुत गुस्सा आता है।











    "तुम ये क्या कर रहे हो, रणवीर? क्या तुम सच में बदल गए हो या ये सब एक नाटक था?" मीरा ने गुस्से से पूछा।











    रणवीर मीरा को एक्सप्लेन करने की ट्राई करता है, लेकिन मीरा उसकी बात सुनने को तैयार नहीं होती।











    "मैं तुम्हें और तुम्हारे प्रिंसिपल्स को प्रोटेक्ट करने की कोशिश कर रहा था, मीरा। पर मुझे लगता है कि मैंने सब कुछ खराब कर दिया," रणवीर ने कहा।











    मीरा रणवीर को छोड़कर चली जाती है, और रणवीर अकेला रह जाता है। उसे लगता है कि उसने मीरा को हमेशा के लिए खो दिया है।





  • 13. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 13

    Words: 615

    Estimated Reading Time: 4 min

    रणवीर के पास्ट का सारा सच सामने आता है: जय या सुल्ताना से मीरा को उस हार्टब्रेकिंग इवेंट की पूरी डिटेल मिलती है। शायद रणवीर के माफ़िया डॉन बनने की वजह वो दुखद घटना ही थी।













    "डॉक्टर साहिबा, रणवीर सर हमेशा से ऐसे नहीं थे। एक वक़्त था जब वो भी नॉर्मल लाइफ जीना चाहते थे," जय ने मीरा को बताया, उसकी आवाज़ में रणवीर के लिए कंसर्न साफ झलक रहा था।













    रणवीर को हालात ने मज़बूर कर दिया था कि वो एक माफ़िया डॉन बने, शायद अपने परिवार या किसी और को बचाने के लिए। मीरा को ये जानकर हैरानी हुई कि रणवीर की लाइफ इतनी कॉम्प्लिकेटेड थी।













    "उन्हें अपने परिवार को बचाने के लिए ये सब करना पड़ा। उनके पास कोई और रास्ता नहीं था," सुल्ताना ने मीरा से कहा, उसकी आँखों में आंसू थे।













    उसकी अर्ली लाइफ का कोई गहरा घाव सामने आता है, जैसे किसी लव्ड वन की डेथ या किसी इंजस्टिस का विक्टिम बनना। मीरा को समझ आया कि रणवीर के दिल में इतना दर्द क्यों भरा हुआ है।













    "उन्होंने बहुत कुछ सहा है, डॉक्टर साहिबा। उनकी आँखों में जो गुस्सा दिखता है, वो असल में उनका दर्द है," जय ने कहा।













    मीरा को ये सच पता चलता है, और वो रणवीर की हार्शनेस के पीछे के दर्द को समझती है। अब वो रणवीर को सिर्फ एक पेशेंट नहीं, बल्कि एक इंसान के तौर पर देखने लगती है जिसने बहुत कुछ झेला है।













    "मुझे नहीं पता था कि उनकी लाइफ इतनी मुश्किलों से भरी हुई है," मीरा ने सोचा, उसका दिल रणवीर के लिए सिंपैथी से भर गया।













    रणवीर मीरा से अपने पास्ट के बारे में बात करता है, पहली बार किसी के सामने अपने दर्द को शेयर करता है। वो बताता है कि कैसे उसने अपनों को खोया, और कैसे हालात ने उसे एक क्रूअल इंसान बना दिया।













    "मैंने कभी किसी को ये सब नहीं बताया, डॉक्टर। पर मुझे लगता है कि तुम्हें ये सब जानना चाहिए," रणवीर ने कहा, उसकी आवाज़ में एक अजीब सी बेचैनी थी।













    मीरा रणवीर को सहारा देती है, उसे विश्वास दिलाती है कि वो अब अकेला नहीं है और वो उसके पास्ट से उबरने में हेल्प करेगी। मीरा ने रणवीर का हाथ थामा और उसे यकीन दिलाया कि वो हमेशा उसके साथ है।













    "तुम अब अकेले नहीं हो, रणवीर। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ," मीरा ने कहा।













    जय मीरा और रणवीर के बीच के चेंज को देखता है और उसे लगता है कि रणवीर बदल रहा है। वो जानता है कि मीरा रणवीर की लाइफ में एक पॉजिटिव इनफ्लुएंस है।













    "मुझे ख़ुशी है कि डॉक्टर साहिबा रणवीर सर की लाइफ में आई हैं। वो सच में उन्हें बदल रही हैं," जय ने सोचा।













    इंस्पेक्टर विक्रम रणवीर पर अपना शिकंजा कसता है, उसे हॉस्पिटल में ही पकड़ने की कोशिश करता है। विक्रम को किसी ने टिप दे दी थी कि रणवीर हॉस्पिटल में छुपा हुआ है।













    "मुझे पता है तुम यहीं हो, रणवीर। अब तुम कहीं नहीं जा सकते," विक्रम ने चिल्लाकर कहा, उसकी आवाज़ हॉस्पिटल में गूंज रही थी।













    रणवीर के राइवल्स उसे जान से मारने की कोशिश करते हैं, और इस बार मीरा डायरेक्टली डेंजर में आ जाती है। हॉस्पिटल में गोलियां चलने लगती हैं, और हर तरफ अफरा-तफरी मच जाती है।













    "ये क्या हो रहा है? हमें यहाँ से निकलना होगा!" मीरा ने डर से कहा।













    रणवीर, मीरा को प्रोटेक्ट करने की कसम खाकर, उसे एक सेफ प्लेस पर ले जाने की कोशिश करता है। "मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा, मीरा," रणवीर ने कहा, उसकी आँखों में गुस्सा और प्रोटेक्शन का मिक्सचर था। लेकिन क्या वो मीरा को बचा पाएगा? क्या वो अपने पास्ट को पीछे छोड़कर एक नई लाइफ शुरू कर पाएगा? ये सवाल अभी भी अनसुलझे थे।






  • 14. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 14

    Words: 529

    Estimated Reading Time: 4 min

    रणवीर के दुश्मनों ने उसे जान से मारने की कोशिश की, और इस बार डॉ. मीरा सीधे खतरे में आ गई। हॉस्पिटल में गोलियों की बौछार हो रही थी, हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी।






    "ये सब क्या हो रहा है? हमें यहां से निकलना होगा!" मीरा चीखी, उसकी आवाज डर से कांप रही थी।






    रणवीर ने मीरा को बचाने की कसम खाई। "मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा, मीरा," उसने कहा, उसकी आंखों में गुस्सा और प्रोटेक्ट करने का मिक्सचर था।






    रणवीर ने मीरा को अपने पीछे खींचा और उसे एक सेफ प्लेस पर ले जाने की कोशिश की, लेकिन दुश्मनों ने उन्हें घेर लिया। रणवीर के पास लड़ने के अलावा कोई चारा नहीं था।






    अस्पताल में हमला होता है, और रणवीर अपनी पूरी ताकत लगाकर डॉ. मीरा और बाकी लोगों को बचाता है। वह अपने आदमियों को आदेश देता है, "किसी को भी यहां से जिंदा नहीं जाना चाहिए!"






    मीरा रणवीर की बहादुरी और मरीजों के प्रति उसकी चिंता को देखती है, जिससे वह हैरान होती है। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि रणवीर इतना बदल सकता है।






    "तुम सच में बदल गए हो, रणवीर," मीरा ने कहा, उसकी आवाज में हैरानी और प्रशंसा दोनों थी।






    रणवीर डॉ. मीरा को डांटता है कि उसे खुद को खतरे में नहीं डालना चाहिए, लेकिन उसकी चिंता उसके शब्दों से ज़्यादा साफ़ झलक रही थी। "तुम्हें अपनी जान की परवाह करनी चाहिए, मीरा," उसने कहा, उसकी आवाज में एक अजीब सी नरमी थी।






    इंस्पेक्टर विक्रम अस्पताल में हमलावरों को पकड़ने की कोशिश करता है, वह जानता है कि रणवीर भी वहीं है। "रणवीर, तुम्हें भागने नहीं दूंगा!" विक्रम ने चिल्लाया, उसकी आवाज गुस्से से भरी हुई थी।






    डॉ. मीरा पुलिस को रणवीर के बारे में कोई जानकारी नहीं देती, वह नैतिक रूप से सही रहने की कोशिश करती है, लेकिन कहीं न कहीं रणवीर की रक्षा भी करती है। "मुझे कुछ नहीं पता, इंस्पेक्टर," मीरा ने कहा, उसकी आवाज में थोड़ी घबराहट थी।






    यह घटना उनके रिश्ते में विश्वास की एक मजबूत नींव डालती है, जहां वे एक-दूसरे पर पूरी तरह से भरोसा करते हैं। "मैं तुम्हें हमेशा प्रोटेक्ट करूंगा, मीरा," रणवीर ने कहा, उसकी आवाज में एक प्रॉमिस था।






    रणवीर की हालत पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी वह अस्पताल में ही रहता है, अब सिर्फ इलाज के लिए नहीं बल्कि मीरा के पास रहने के लिए। "मुझे तुम्हारे साथ रहना अच्छा लगता है, मीरा," उसने कहा, उसकी आवाज में एक चाहत थी।






    रणवीर डॉ. मीरा को अपने काले कारोबार से दूर रखने की कोशिश करता है, लेकिन उसे अपनी ताकत का उपयोग करते हुए दिखाता है, जिससे डॉ. मीरा परेशान होती है। "मैं नहीं चाहता कि तुम मेरी दुनिया में आओ, मीरा," उसने कहा, उसकी आवाज में एक डर था।






    डॉ. मीरा रणवीर को सलाह देती है कि उसे अपनी क्रूरता को छोड़ देना चाहिए, और एक नया जीवन शुरू करना चाहिए, जिससे रणवीर सोचने पर मजबूर हो जाता है। "तुम्हें अपनी जिंदगी बदलने का मौका है, रणवीर," मीरा ने कहा, उसकी आवाज में एक उम्मीद थी। क्या रणवीर मीरा की बात मानेगा, या वह हमेशा के लिए अपनी पुरानी जिंदगी में फंसा रहेगा? ये सवाल अभी भी हवा में तैर रहे थे।







  • 15. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 15

    Words: 563

    Estimated Reading Time: 4 min

    रणवीर अभी भी हॉस्पिटल में ही था, अब बस ट्रीटमेंट के लिए नहीं, बल्कि डॉक्टर मीरा के साथ रहने के लिए। वो दिन-ब-दिन मीरा के करीब आता जा रहा था, लेकिन उसे अपने पास्ट के साए से दूर रखने की पूरी कोशिश कर रहा था।







    "तुम इस सबसे दूर रहो, मीरा। ये दुनिया बहुत गंदी है," रणवीर ने कहा, उसकी आंखों में फिक्र झलक रही थी। वो नहीं चाहता था कि मीरा उसकी वजह से किसी भी खतरे में पड़े।







    हालांकि, वो अपनी ताकत दिखाने से भी पीछे नहीं हट रहा था, जिससे मीरा अक्सर परेशान हो जाती। रणवीर के बॉडीगार्ड्स अब भी उसके इशारों पर नाचते थे, और वो हॉस्पिटल स्टाफ को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश करता था।







    डॉक्टर मीरा, रणवीर को उसके माफ़िया वाले अंदाज़ में ट्रीटमेंट करवाने पर हंसती। जैसे वो अपने आदमियों को डॉक्टर के लिए स्पेशल जूस लाने का ऑर्डर देता।







    "ये क्या है, रणवीर? ये हॉस्पिटल है, तुम्हारा किंगडम नहीं," मीरा ने हंसते हुए कहा। उसे रणवीर की हरकतों पर गुस्सा तो आता था, लेकिन कहीं न कहीं वो उसे एंटरटेनिंग भी लगती थीं।







    डॉक्टर मीरा, रणवीर को ऐसे काम कराती जो वो कभी नहीं करता। जैसे खुद मेडिसिन लेना, या उसकी बात सुनना। रणवीर को ये सब करना बिलकुल पसंद नहीं था, लेकिन वो मीरा को मना भी नहीं कर पाता था।







    "तुम मुझे जानबूझकर परेशान कर रही हो, डॉक्टर," रणवीर ने कहा, उसकी आवाज में झुंझलाहट थी।







    "शायद," मीरा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया। "लेकिन तुम्हें ये भी पता है कि मैं जो भी करती हूं, वो तुम्हारे भले के लिए ही करती हूं।"







    एक दिन, मीरा को एक बहुत मुश्किल और एथिकल मेडिकल डायलेमा का सामना करना पड़ा। उसे एक पेशेंट का लाइफ सपोर्ट हटाना था, क्योंकि उसकी कंडीशन बहुत सीरियस थी। डॉक्टर मीरा एथिकल डायलेमा में थी, क्योंकि उसे पता था कि ये डिसीजन कितना मुश्किल है।







    "मैं ये कैसे कर सकती हूं? मैं किसी की जान कैसे ले सकती हूं?" मीरा ने खुद से सवाल किया, उसकी आंखों में आंसू थे।







    रणवीर, अपनी क्रूएल इमेज के बावजूद, उसे अनजाने में एक नई एथिकल विजन देता है। वो कहता है कि कभी-कभी जान बचाने के लिए मुश्किल डिसीजन लेने पड़ते हैं।







    "कभी-कभी हमें वो करना पड़ता है जो सही है, भले ही वो कितना भी मुश्किल क्यों न हो," रणवीर ने कहा, उसकी आवाज में एक अजीब सी शांति थी।







    डॉक्टर मीरा रणवीर की बात पर कंसीडर करती है, और उसे सही डिसीजन लेने में हेल्प मिलती है। वो समझ जाती है कि रणवीर उसे क्या समझाना चाहता है।







    इंस्पेक्टर विक्रम रणवीर पर अपना शिकंजा कसता है। डॉक्टर मीरा को पुलिस और रणवीर के बीच फंसना पड़ता है। वो अब एक डिफिकल्ट सिचुएशन में थी।







    "मुझे नहीं पता कि मैं क्या करूं," मीरा ने सोचा, उसकी आवाज में बेबसी थी।







    डॉक्टर मीरा एथिकली करेक्ट रहने की कोशिश करती है, लेकिन कहीं न कहीं रणवीर की प्रोटेक्ट भी करती है, जिससे इंस्पेक्टर विक्रम परेशान होता है। उसे लग रहा था कि मीरा रणवीर को बचाने की कोशिश कर रही है।







    "तुम उसे बचाने की कोशिश कर रही हो, डॉक्टर? तुम्हें पता भी है कि वो कितना खतरनाक है?" इंस्पेक्टर विक्रम ने कहा, उसकी आवाज में गुस्सा था। मीरा अब एक मुश्किल में फंस चुकी थी। क्या वो रणवीर को बचा पाएगी, या उसे पुलिस के हाथों सौंप देगी? ये सवाल अभी भी उसके दिमाग में घूम रहे थे।







  • 16. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 16

    Words: 411

    Estimated Reading Time: 3 min

    इंस्पेक्टर विक्रम रणवीर पर अपना शिकंजा कसता जा रहा था, और डॉक्टर मीरा को पुलिस और रणवीर के बीच में फंसना पड़ रहा था। वो एक तरफ अपनी ड्यूटी और उसूलों से बंधी थी, तो दूसरी तरफ रणवीर के लिए उसके दिल में एक अजीब सा एहसास जन्म ले रहा था।








    "मुझे सही काम करना होगा," मीरा ने खुद से कहा, लेकिन उसका दिल उसे कुछ और ही कहने को मजबूर कर रहा था।








    इंस्पेक्टर विक्रम, डॉक्टर मीरा को धमकी देता है कि अगर उसने रणवीर का साथ दिया, तो उसे भी लीगल एक्शन का सामना करना पड़ेगा। "डॉक्टर, आप एक क्रिमिनल को प्रोटेक्ट कर रही हैं। अगर आपने उसका साथ दिया, तो आपको भी इसके कॉन्सीक्वेंसेस भुगतने होंगे," इंस्पेक्टर विक्रम ने सख्त लहजे में कहा।








    डॉक्टर मीरा, इंस्पेक्टर विक्रम की धमकी से नहीं डरती। वो कहती है कि वो सिर्फ इंसानियत का साथ देगी। "मुझे किसी से डर नहीं लगता, इंस्पेक्टर। मैं सिर्फ वो करूंगी जो मुझे सही लगेगा," मीरा ने जवाब दिया, उसकी आवाज में कॉन्फिडेंस था।








    रणवीर, डॉक्टर मीरा के इस सपोर्ट से इम्प्रेस होता है, और उसे लगता है कि डॉक्टर मीरा उसके लिए बहुत कुछ कर सकती है। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कोई उसके लिए इतना कुछ कर सकता है।








    "तुम सच में अलग हो, मीरा," रणवीर ने कहा, उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी।








    हॉस्पिटल डीन डॉक्टर वर्मा, इंस्पेक्टर विक्रम के प्रेशर से परेशान हैं, और वो डॉक्टर मीरा को एडवाइस देते हैं कि उसे रणवीर से दूर रहना चाहिए। "मीरा, ये आदमी बहुत खतरनाक है। तुम इससे दूर रहो," डॉक्टर वर्मा ने कहा, उनकी आवाज में चिंता थी।








    डॉक्टर मीरा, रणवीर के पास्ट के बारे में सोचती है, और उसे लगता है कि रणवीर को एक चांस मिलना चाहिए। उसे यकीन था कि रणवीर बदल सकता है।








    तभी, रणवीर का सबसे बड़ा दुश्मन सामने आता है और हॉस्पिटल पर एक बड़ा अटैक करता है। "अब मैं तुम्हें खत्म कर दूंगा, रणवीर!" दुश्मन ने चिल्लाया, उसकी आवाज गुस्से से भरी हुई थी।








    डॉक्टर मीरा, मरीजों को बचाने की कोशिश करती है, जबकि रणवीर सबको सेफ रखने के लिए लड़ता है। हॉस्पिटल में हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी।








    ये डॉक्टर मीरा और रणवीर के बीच की सबसे बड़ी जंग है, जहां उन्हें एक-दूसरे का साथ देना है, चाहे कुछ भी हो जाए। क्या वो दोनों इस मुसीबत से बच पाएंगे, या उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल जाएगी? ये सवाल अभी भी सबके मन में घूम रहा था।








  • 17. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 17

    Words: 473

    Estimated Reading Time: 3 min

    रणवीर का सबसे बड़ा दुश्मन हॉस्पिटल पर बड़ा हमला करता है, जिससे हॉस्पिटल में अफरा-तफरी मच जाती है। हर तरफ डर और चीख-पुकार मची हुई थी।








    डॉक्टर मीरा मरीजों को बचाने की कोशिश करती है, वो उन्हें सेफ प्लेसेस पर ले जाती है, अपनी जान रिस्क में डालकर। वो एक-एक मरीज की फिक्र कर रही थी, जैसे वो उसके अपने हों।








    रणवीर अपनी पूरी ताकत लगाकर हॉस्पिटल को सेफ रखने के लिए लड़ता है, वो अपने आदमियों को ऑर्डर्स देता है। उसकी आँखों में गुस्सा और डिटरमिनेशन साफ़ दिख रहा था।








    डॉक्टर मीरा और रणवीर को एक साथ मिलकर काम करना पड़ता है, ताकि वो मरीजों और स्टाफ को बचा सकें। उनकी केमिस्ट्री इस क्राइसिस में भी साफ़ नज़र आ रही थी।








    "हमें मिलकर ये करना होगा, रणवीर। हम इन लोगों को मरने नहीं दे सकते," मीरा ने कहा, उसकी आवाज में अर्जेंसी थी।








    "मैं तुम्हें प्रॉमिस करता हूं, मीरा। मैं किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचने दूंगा," रणवीर ने जवाब दिया, उसकी आँखों में सिर्फ मीरा के लिए फिक्र थी।








    जय डॉक्टर मीरा और रणवीर का साथ देता है, और वो सभी मिलकर दुश्मनों का सामना करते हैं। जय अपनी जान पर खेलकर रणवीर और मीरा को बचाने की कोशिश कर रहा था।








    इंस्पेक्टर विक्रम हॉस्पिटल के बाहर हमलावरों को पकड़ने की कोशिश करता है, वो जानता है कि रणवीर भी वहीं है। उसकी टीम हर तरफ फैली हुई थी, दुश्मनों को घेरने की कोशिश कर रही थी।








    हमलावरों को हराने के लिए रणवीर को एक बड़ा सैक्रिफाइस करना पड़ता है, वो अपना माफ़िया का एम्पायर छोड़ने का डिसीजन लेता है। उसे पता था कि यही एक तरीका है जिससे वो मीरा और बाकी लोगों को बचा सकता है।








    एक इमोशनल मोमेंट में, रणवीर डॉक्टर मीरा से अपने दर्द को एक्सेप्ट करता है, और बताता है कि कैसे उसने उसे फिर से ह्यूमैनिटी पर बिलीव करना सिखाया। वो अपने दिल की सारी बातें मीरा से कह देना चाहता था।








    "तुमने मुझे बदल दिया, मीरा। तुमने मुझे एक बेहतर इंसान बनाया," रणवीर ने कहा, उसकी आँखों में आंसू थे।








    मीरा भी उसे बताती है कि कैसे उसने उसे अपने प्रिंसिपल्स के लिए और मजबूती से खड़े होना सिखाया। "तुम भी बहुत स्ट्रांग हो, रणवीर। तुमने हमेशा दूसरों की परवाह की है," मीरा ने जवाब दिया, उसकी आवाज में प्यार था।








    रणवीर अपने दुश्मनों को हरा देता है, लेकिन इस प्रोसेस में उसे खुद को पुलिस के हवाले करना पड़ता है, ताकि डॉक्टर मीरा और बाकी लोग सेफ रहें। ये उसके लिए सबसे मुश्किल डिसीजन था, लेकिन वो जानता था कि यही सही है।








    सब कुछ खत्म हो चुका था, लेकिन मीरा और रणवीर के बीच एक नया बॉन्ड बन गया था, जो हमेशा उनके दिलों में रहेगा। क्या ये उनकी कहानी का एंड था, या ये सिर्फ एक नई शुरुआत थी? ये सवाल अभी भी हवा में तैर रहा था।








  • 18. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 18

    Words: 417

    Estimated Reading Time: 3 min

    रणवीर अपने दुश्मनों को हराने के बाद खुद को इंस्पेक्टर विक्रम के हवाले कर देता है। उसने अपनी गलती मान ली थी और अब वो जो भी होगा, उसके लिए तैयार था।









    इंस्पेक्टर विक्रम रणवीर की ईमानदारी से हैरान होता है, उसे लगता है कि रणवीर बदल गया है। विक्रम ने कभी सोचा भी नहीं था कि रणवीर जैसा आदमी कभी बदल सकता है।









    डॉक्टर मीरा रणवीर को जाते हुए देखती है, उसकी आँखों में आँसू हैं, लेकिन उसे गर्व है कि रणवीर ने सही काम किया है। वो जानती थी कि रणवीर ने अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला लिया है।









    "तुम हमेशा मेरे दिल में रहोगे, रणवीर," मीरा ने धीरे से कहा, जैसे वो उसे सुन सके।









    जय रणवीर के फैसले से दुखी होता है, लेकिन वो रणवीर के साथ रहता है, उसका सपोर्ट करता है। जय हमेशा रणवीर का वफादार रहा था, और अब भी वो उसके साथ खड़ा था।









    रणवीर ने अपनी सजा काटी है, और वो जेल से बाहर आता है, एक नई जिंदगी शुरू करने की कोशिश कर रहा है। जेल ने उसे बदल दिया था, और अब वो एक नया इंसान बनना चाहता था।









    वो अपना माफिया का एम्पायर पूरी तरह छोड़ देता है और एक लीगल बिजनेस शुरू करने की कोशिश करता है, शायद कोई चैरिटी या समाज सेवा। वो अब अपनी ताकत का इस्तेमाल लोगों की मदद करने के लिए करना चाहता था।









    डॉक्टर मीरा भी अपने पास्ट के दर्द से उबर जाती है, उसे लगता है कि उसने अपने मरीज को खोने के दर्द को एक्सेप्ट कर लिया है। उसने अपनी जिंदगी में एक नया मकसद ढूंढ लिया था।









    डॉक्टर मीरा अब हॉस्पिटल में मरीजों के साथ ज्यादा इमोशनली कनेक्ट होती है, और वो उन्हें सहारा देती है। वो हर मरीज में अपनापन देखती थी और उन्हें बेहतर महसूस कराने की कोशिश करती थी।









    डॉक्टर स्नेहा रॉय और नर्स कविता डॉक्टर मीरा के बदलाव से खुश होते हैं, उन्हें लगता है कि उन्होंने एक बेहतर डॉक्टर और इंसान को देखा है। वो मीरा की नई सोच और ह्यूमैनिटी से बहुत इम्प्रेस थीं।









    रणवीर और डॉक्टर मीरा एक-दूसरे से मिलते हैं, अब वो न तो डॉक्टर-मरीज हैं और न ही दुश्मन, उनके बीच एक गहरा सम्मान और समझदारी का रिश्ता पनपता है। उनकी जिंदगी अब एक नई दिशा में आगे बढ़ रही थी।









    लेकिन क्या रणवीर अपनी नई पहचान बना पाएगा, और क्या मीरा अपने अतीत के साए से पूरी तरह बाहर निकल पाएगी? ये सवाल अब उनकी आगे की जिंदगी का हिस्सा बन चुके थे।









  • 19. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 19

    Words: 394

    Estimated Reading Time: 3 min

    रणवीर अपनी नई लीगल बिज़नेस में सक्सेसफुल होने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे रास्ते में कई चैलेंजेज़ का सामना करना पड़ता है। पुराने दुश्मन, सोसाइटी का जजमेंट, और खुद के अंदर की शैडोज़ – सब उसे पीछे खींचने की कोशिश कर रहे थे।










    डॉक्टर मीरा रणवीर को उसकी नई रोल में सक्सेसफुल होने के लिए एडवाइस देती है, और उसे अपने एक्सपीरियंसेस से सीखते रहने के लिए कहती है। "ये आसान नहीं होगा, रणवीर। लेकिन मुझे पता है तुम ये कर सकते हो," मीरा ने कहा, उसकी आवाज़ में सपोर्ट था।










    जय रणवीर का साथ देता है, और वो उसे अपने नए बिज़नेस में हेल्प करता है। जय ने रणवीर को कभी अकेला नहीं छोड़ा, चाहे हालात कैसे भी रहे हों।










    डॉक्टर मीरा हॉस्पिटल में मरीजों के साथ ज़्यादा इमोशनली कनेक्ट होती है, और वो उन्हें सहारा देती है। वो हर मरीज को उम्मीद की एक किरण दिखाती थी।










    डॉक्टर स्नेहा रॉय और नर्स कविता डॉक्टर मीरा के बदलाव से खुश होते हैं, उन्हें लगता है कि उन्होंने एक बेहतर डॉक्टर और इंसान को देखा है। "मीरा ने सच में अपने अंदर के डर को जीत लिया है," स्नेहा ने कविता से कहा।










    कबीर भी डॉक्टर मीरा के साथ मिलकर मरीजों के लिए एक नया प्रोग्राम शुरू करता है, जिसमें वो उनकी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखते हैं। ये प्रोग्राम मरीजों को अपनी तकलीफों से उबरने में मदद कर रहा था।










    डीन डॉक्टर वर्मा हॉस्पिटल में डॉक्टर मीरा के नए अप्रोच को सपोर्ट करते हैं, और हॉस्पिटल का माहौल और ज़्यादा पॉजिटिव हो जाता है। "मीरा की वजह से अब हमारे हॉस्पिटल में एक नई उम्मीद है," डॉक्टर वर्मा ने सोचा।










    रणवीर और डॉक्टर मीरा एक-दूसरे के ट्रांसफॉर्मेशन को देखते हैं और एक्सेप्ट करते हैं, उनके बीच का बॉन्ड और मज़बूत होता है। "तुमने बहुत दूर का सफर तय किया है, रणवीर," मीरा ने कहा, उसकी आँखों में प्यार था।










    रणवीर डॉक्टर मीरा को एक सीक्रेट वे में हेल्प करता है जब उसे इसकी सख्त ज़रूरत होती है, जिससे डॉक्टर मीरा हैरान होती है। "तुम हमेशा मेरे लिए मौजूद रहते हो, रणवीर," मीरा ने सोचा।










    डॉक्टर मीरा रणवीर की हेल्प को एक्सेप्ट करती है, और उसे लगता है कि रणवीर अब पूरी तरह से बदल गया है। लेकिन क्या ये बदलाव परमानेंट था, या क्या रणवीर के अंदर का डॉन कभी भी वापस आ सकता था? ये सवाल अभी भी अनसुलझा था।










  • 20. ज़िंदगी का सौदा - Chapter 20

    Words: 449

    Estimated Reading Time: 3 min

    रणवीर अपने नए बिजनेस में सक्सेसफुल होता है, और वो सोसाइटी में एक रिस्पेक्टफुल प्लेस हासिल करता है। वो अब रणवीर प्रताप सिंह, द डॉन नहीं, बल्कि रणवीर प्रताप सिंह, द बिजनेसमैन और फिलैंथ्रोपिस्ट के नाम से जाना जाता था।

    डॉक्टर मीरा अपनी मेडिकल प्रैक्टिस में और भी सक्सेसफुल होती है, और उसे नेशनल लेवल पर रिकॉग्निशन मिलती है। उसे बेस्ट न्यूरोसर्जन का अवार्ड मिलता है, और उसकी काबिलियत की हर जगह चर्चा होती है।

    रणवीर और डॉक्टर मीरा एक-दूसरे से मिलते हैं, अब वो न तो डॉक्टर-पेशेंट हैं और न ही एनिमी, उनके बीच एक गहरा रिस्पेक्ट और अंडरस्टैंडिंग का रिलेशन पनपता है। उनकी मुलाकातें अब पहले जैसी नहीं रहीं, उनमें अब एक खास तरह की गर्माहट और अपनापन होता था।

    वे एक-दूसरे के बदलाव को देखते हैं और एक्सेप्ट करते हैं, उनके बीच का बॉन्ड और मजबूत होता है। "तुमने मुझे एक नया मकसद दिया है, मीरा," रणवीर ने कहा, उसकी आवाज में इमोशन था।

    जय रणवीर का लॉयल लेफ्टिनेंट बना रहता है, लेकिन अब वो एक अच्छे काम में रणवीर का साथ देता है। जय अब रणवीर के हर नेक काम में उसका हाथ बंटाता था, और उसे इस बात की खुशी थी कि वो अब सही रास्ते पर है।

    डॉक्टर स्नेहा रॉय और डॉक्टर मीरा एक साथ हॉस्पिटल में नए प्रोग्राम शुरू करते हैं, जो मरीजों की मेंटल हेल्थ पर फोकस करते हैं। वो अब सिर्फ बॉडी का नहीं, बल्कि सोल का भी ट्रीटमेंट कर रही थीं।

    नर्स कविता हॉस्पिटल के स्टाफ को डॉक्टर मीरा के नए, ह्यूमेन अप्रोच को अपनाने के लिए इंस्पायर करती है। वो हर किसी को बताती थी कि कैसे मीरा ने अपनी जिंदगी बदल दी और दूसरों को भी बेहतर बनने के लिए प्रेरित किया।

    इंस्पेक्टर विक्रम रणवीर के बदलाव से इम्प्रेस होता है, और उसे लगता है कि रणवीर ने सही रास्ता चुना है। "मुझे खुशी है कि तुमने अपनी जिंदगी बदल दी, रणवीर," विक्रम ने कहा, उसके चेहरे पर स्माइल थी।

    रणवीर डॉक्टर मीरा को अपने पुराने दिनों के बारे में बताता है, और वो अपनी गलतियों को एक्सेप्ट करता है। "मुझे अपनी पुरानी जिंदगी पर पछतावा होता है, मीरा। लेकिन तुम्हारी वजह से मैंने एक नया जीवन पाया है," रणवीर ने कहा।

    डॉक्टर मीरा रणवीर को एडवाइस देती है कि उसे अपनी जिंदगी को पूरी तरह से जीना चाहिए, और वो उसे सपोर्ट करती है। "तुम्हारे अंदर अभी भी बहुत कुछ करने की ताकत है, रणवीर। तुम दुनिया को बदल सकते हो," मीरा ने कहा, उसकी आवाज में विश्वास था।

    लेकिन क्या रणवीर और मीरा को अपनी इस नई दुनिया में सुकून मिल पाएगा? क्या उनके अतीत के साये उन्हें कभी पीछा नहीं छोड़ेंगे? ये सवाल अभी भी उनकी जिंदगी में मंडरा रहे थे।