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His Secret Empire

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सीज़न 1: जागृति और मित्रता "आकाश का वंशज: पंचतत्व गाथा" का पहला सीज़न दर्शकों को एक ऐसी दुनिया से परिचित कराता है जहाँ मानवता की शक्ति पाँच तत्वों—पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और पौराणिक आकाश—से जुड़ी है। कहानी का केंद्र है आरव, शांतिवन गाँव का एक दयालु...

Total Chapters (100)

Page 1 of 5

  • 1. His Secret Empire - Chapter 1

    Words: 2717

    Estimated Reading Time: 17 min

    Chapter 1
    रोहन राजपूत, विशाल राजपूत ग्रुप का वारिस, अपनी 'गरीबी की ट्रेनिंग' के बाद गुमनामी में जी रहा था। अंजलि शर्मा से उसकी शादी उसकी बनाई हुई दुनिया का एक अहम हिस्सा थी। अंजलि का परिवार, जो रोहन की कथित मामूली पृष्ठभूमि को कम आंकता था, शुरू से ही उनके रिश्ते में मुश्किलें खड़ी करता रहा। शर्मा परिवार हमेशा अंजलि को 'बेहतर' समझे जाने वाले लोगों की ओर धकेलता रहता था।

    रोहन का छुपा चेहरा तब सामने आया जब अंजलि के कजिन रजत सिंह की शानदार सगाई पार्टी में उनकी गहरी दोस्ती का खुलासा हुआ। रजत शहर के मशहूर 'फाइव प्रिंसेस' में से एक था। रोहन का यह सब्टल इन्फ्लुएंस शर्मा और चड्ढा परिवारों को काफी परेशान कर रहा था, जिससे रोहन की असली पहचान पर शक के बीज पड़ गए।

    रजत ने बाद में शादी का एक शानदार तोहफा दिया - एक बेशकीमती 'उत्तर तारा' जूलरी सेट। इससे उनका शक और गहरा हो गया, जबकि अंजलि अपने परिवार की नाराजगी और अपने बढ़ते करियर में बिजी होने की वजह से अपने पति के असली कॉन्टैक्ट्स से काफी हद तक अनजान थी।

    उसी दौरान, रोहन ने अपने जन्मसिद्ध अधिकार को वापस पाने की प्रक्रिया शुरू की, जिसकी शुरुआत राजपूत ग्रुप की एक सब्सिडियरी, मोरया कंपनी को खरीदने से हुई। उसके पिता, एकलव्य राजपूत ने इस बदलाव को आसान बनाया, उन्होंने रोहन को ईशान कुमार और काव्या मेनन से मिलवाया, जो बाद में उसके जरूरी सहयोगी साबित हुए। इसी दौरान, रोहन ने अपनी बचपन की दोस्त अनन्या देसाई की टैलेंट का भी इस्तेमाल किया - जो अब इंटीरियर डिजाइनर विद्या के नाम से मशहूर है - मोरया कंपनी के हेडक्वार्टर और बाद में माउंटेन व्यू विलेज में अपने घर को नया लुक देने के लिए, जिसे वह अंजलि के साथ शेयर करेगा।

    'फाइव प्रिंसेस' - रोहन, रजत सिंह, रमन "राम" देसाई, आलोक "एके" सिंह, और डॉक्टर मिहिर चौधरी - ने एक मजबूत गठबंधन बनाया, उनकी जिंदगी और किस्मत एक-दूसरे से जुड़ी हुई थी।

    उनकी एक खास मीटिंग के दौरान, अंजलि हैरान रह गई जब उसे रोहन के 'मरे' हुए पेरेंट्स (जो उसकी कवर स्टोरी का एक पर्फेक्ट हिस्सा था) के बैंक अकाउंट में अचानक 500 मिलियन रुपये मिले, और उसे एहसास हुआ कि उसके पति ने उससे कई गहरे राज़ छुपा रखे हैं।

    अंजलि ने जैसे ही वो मैसेज देखा, उसका दिमाग सुन्न हो गया। ये क्या हो रहा है? रोहन ने उससे इतना बड़ा सच कैसे छुपाया? वो हमेशा से इतना सिंपल रहा है... या शायद उसने दिखाने की कोशिश की है।

    "अंजलि, क्या हुआ? तुम ठीक तो हो?" रोहन ने उसकी तरफ झुकते हुए पूछा। उसकी आवाज में चिंता साफ झलक रही थी।

    अंजलि ने जल्दी से अपना फोन नीचे रखा और एक फीकी मुस्कान के साथ जवाब दिया, "हां, सब ठीक है। बस थोड़ी थकान महसूस हो रही है।"

    रोहन को उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ। वो उसे अच्छी तरह से जानता था। वो जानती थी कि कुछ तो गड़बड़ है। "तुम मुझसे कुछ छुपा रही हो?"

    "नहीं, रोहन। ऐसा कुछ नहीं है। चलो, पार्टी शुरू हो गई होगी, हमें वहां जाना चाहिए।" अंजलि ने बात को टालने की कोशिश की और रोहन का हाथ पकड़कर उसे लिविंग रूम की तरफ खींचने लगी।

    लेकिन रोहन अपनी जगह पर खड़ा रहा। "अंजलि, प्लीज सच बताओ। मुझे पता है कि कुछ तो है।"

    अंजलि ने एक गहरी सांस ली और रोहन की आंखों में देखा। "मैंने तुम्हारे पेरेंट्स के बैंक अकाउंट में 500 मिलियन रुपये देखे।"

    रोहन कुछ पल के लिए चुप रहा, जैसे वो कोई जवाब ढूंढ रहा हो। फिर उसने कहा, "ओह, वो... वो मेरे पेरेंट्स की सेविंग्स हैं।"

    "सेविंग्स? इतनी सारी सेविंग्स? और तुमने मुझे कभी बताया क्यों नहीं?" अंजलि का दिमाग सवालों से भर गया था।

    "मैं तुम्हें बताना चाहता था, लेकिन सही समय नहीं मिला। और वैसे भी, ये सब इतना इम्पोर्टेंट नहीं है।" रोहन ने बात को हल्के में लेने की कोशिश की।

    "इम्पोर्टेंट नहीं है? रोहन, ये 500 मिलियन रुपये हैं! ये बहुत बड़ी बात है। और तुम मुझसे कह रहे हो कि ये इम्पोर्टेंट नहीं है?" अंजलि का गुस्सा बढ़ने लगा था।

    "प्लीज, अंजलि, गुस्सा मत करो। मैं तुम्हें सब कुछ समझा दूंगा। लेकिन अभी नहीं। अभी पार्टी का माहौल है, हम बाद में आराम से बात करेंगे।" रोहन ने उसे शांत करने की कोशिश की।

    अंजलि ने कुछ देर तक रोहन की आंखों में देखा। वो समझ गई थी कि अभी इस बारे में बात करना सही नहीं है। "ठीक है," उसने कहा। "लेकिन हम बाद में इस बारे में जरूर बात करेंगे।"

    रोहन ने राहत की सांस ली। "थैंक यू, अंजलि। तुम सबसे अच्छी हो।"

    फिर दोनों लिविंग रूम की तरफ चले गए, जहां पार्टी पूरे शबाब पर थी। लेकिन अंजलि का दिमाग अभी भी सवालों से भरा हुआ था। रोहन ने उससे इतने सारे राज़ क्यों छुपाए? और वो सच में कौन है?

    पार्टी में हंसी-मजाक और तेज म्यूजिक के बीच अंजलि खोई-खोई सी लग रही थी। उसे लग रहा था जैसे वो किसी अनजान दुनिया में आ गई है, जहां उसे अपने पति के बारे में कुछ भी पता नहीं है।

    तभी उसकी नजर आयुषी पर पड़ी, जो उसे देखकर मुस्कुरा रही थी। आयुषी रोहन की बहन थी और अंजलि की अच्छी दोस्त भी। अंजलि ने फैसला किया कि उसे आयुषी से बात करनी चाहिए।

    वो आयुषी के पास गई और उसे एक तरफ ले जाकर बोली, "आयुषी, क्या तुम जानती हो कि रोहन के पेरेंट्स के बैंक अकाउंट में 500 मिलियन रुपये हैं?"

    आयुषी ने एक पल के लिए अंजलि की तरफ देखा, जैसे वो कोई जवाब ढूंढ रही हो। फिर उसने कहा, "हां, मुझे पता है। लेकिन मैंने तुम्हें बताया नहीं, क्योंकि रोहन चाहता था कि वो तुम्हें खुद बताए।"

    "लेकिन उसने मुझे बताया क्यों नहीं?" अंजलि ने सवाल किया।

    "मुझे नहीं पता, अंजलि। तुम्हें उससे खुद पूछना होगा।" आयुषी ने जवाब दिया।

    अंजलि को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे। वो रोहन से प्यार करती थी, लेकिन उसे लग रहा था कि वो उसे धोखा दे रहा है। वो जानती थी कि उसे सच जानना है, चाहे वो कितना भी दर्दनाक क्यों न हो।

    पार्टी खत्म होने के बाद, जब मेहमान चले गए और घर शांत हो गया, तो अंजलि ने रोहन को अपने पास बुलाया।

    "रोहन, अब मुझे सच बताओ। तुम कौन हो? और तुमने मुझसे इतने सारे राज़ क्यों छुपाए?" अंजलि ने सख्ती से कहा।

    रोहन ने एक गहरी सांस ली और उसकी आंखों में देखा। "ठीक है, अंजलि। मैं तुम्हें सब कुछ बताऊंगा। लेकिन तुम्हें वादा करना होगा कि तुम गुस्सा नहीं करोगी।"

    अंजलि ने कोई वादा नहीं किया। वो सिर्फ सच जानना चाहती थी।

    रोहन ने अपनी कहानी शुरू की, और अंजलि सुनती रही, हैरान और परेशान। जैसे-जैसे रोहन की कहानी आगे बढ़ती गई, अंजलि को एहसास हुआ कि उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदलने वाली है।

    "तो, तुम सच में... तुम सच में एक राजकुमार हो?" अंजलि ने हैरानी से पूछा।

    रोहन ने सिर हिलाया। "हां, अंजलि। मैं राजपूत ग्रुप का वारिस हूं।"

    अंजलि को कुछ देर के लिए कुछ भी समझ में नहीं आया। वो सदमे में थी। "लेकिन तुमने मुझसे यह सब क्यों छुपाया?"

    "मैं तुम्हें एक नॉर्मल जिंदगी देना चाहता था, अंजलि। मैं नहीं चाहता था कि तुम मेरे परिवार की दौलत और पावर से प्रभावित हो।" रोहन ने जवाब दिया।

    "लेकिन तुमने मुझे यह सब बताने का फैसला कब किया?" अंजलि ने पूछा।

    "जब मैंने देखा कि तुम्हारे परिवार वाले तुम्हें मुझसे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता था, अंजलि।" रोहन ने कहा, उसकी आवाज में ईमानदारी साफ झलक रही थी।

    अंजलि ने रोहन की आंखों में देखा और उसे यकीन हो गया कि वो सच कह रहा है। वो समझ गई थी कि उसने उससे यह सब क्यों छुपाया। वो उसे प्रोटेक्ट करना चाहता था।

    लेकिन फिर भी, उसे लग रहा था कि उसके साथ धोखा हुआ है। "मुझे नहीं पता कि मैं क्या कहूं, रोहन। मुझे थोड़ा समय चाहिए ये सब प्रोसेस करने के लिए।"

    "मैं समझता हूं, अंजलि। मैं तुम्हें जितना भी समय चाहिए, देने को तैयार हूं।" रोहन ने जवाब दिया।

    अंजलि ने रोहन को गले लगाया। "थैंक यू, रोहन। मुझे पता है कि तुम एक अच्छे इंसान हो। और मुझे यकीन है कि हम ये सब मिलकर सुलझा लेंगे।"

    लेकिन जैसे ही अंजलि ने रोहन को गले लगाया, उसे एक डर सताने लगा। क्या वो सच में इस नई दुनिया में फिट हो पाएगी? क्या वो कभी भी रोहन पर पूरी तरह से भरोसा कर पाएगी?

    रात बहुत गहरी हो चुकी थी, और अंजलि के मन में सवालों का बवंडर उठ रहा था। वो जानती थी कि उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल चुकी है। और उसे नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है।

    अगली सुबह, जब अंजलि उठी, तो उसने फैसला कर लिया था कि वो क्या करने वाली है। वो रोहन के साथ रहेगी और वो सच का सामना करेगी। वो अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी लेगी और देखेगी कि आगे क्या होता है।

    वो नीचे गई और रोहन को ब्रेकफास्ट बनाते हुए पाया। उसने उसे पीछे से गले लगाया और उसके कान में कहा, "गुड मॉर्निंग, राजकुमार।"

    रोहन मुस्कुराया और पलट कर उसे किस किया। "गुड मॉर्निंग, मेरी रानी। नाश्ता तैयार है।"

    अंजलि ने हंसते हुए कहा, "आज क्या बना रहे हो?"

    "तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल।" रोहन ने जवाब दिया।

    अंजलि और रोहन ने साथ में नाश्ता किया, और दोनों ने फैसला किया कि वो अपने रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए एक साथ काम करेंगे। वे एक-दूसरे पर भरोसा करेंगे, एक-दूसरे का साथ देंगे, और हर मुश्किल का सामना मिलकर करेंगे।

    लेकिन जैसे ही वे नाश्ता खत्म करने वाले थे, अंजलि का फोन बजा। उसने देखा कि स्क्रीन पर 'अननोन नंबर' लिखा हुआ है।

    उसने घबराते हुए फोन उठाया और कान पर लगाया। "हेलो?"

    दूसरी तरफ से एक डरावनी आवाज आई, "तुम्हारे पति ने बहुत बड़ी गलती की है। और अब तुम्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।"

    अंजलि का दिल डर से कांप गया। "तुम कौन हो?" उसने पूछा।

    "जल्द ही पता चल जाएगा।" आवाज ने जवाब दिया और फोन कट गया।

    अंजलि ने रोहन की तरफ देखा, उसकी आंखों में डर साफ झलक रहा था। "रोहन, मुझे लगता है कि हम खतरे में हैं।"

  • 2. His Secret Empire - Chapter 2

    Words: 2987

    Estimated Reading Time: 18 min

    Chapter 2
    Chapter 2
    अंजलि ने रोहन की तरफ देखा, उसकी आंखों में डर साफ़ झलक रहा था। "रोहन, मुझे लगता है कि हम खतरे में हैं।"



    रोहन ने फौरन अंजलि के हाथ पकड़े और चिंता से पूछा, "क्या हुआ? किसने कॉल किया था?"



    अंजलि ने कांपती आवाज में बताया, "कोई अननोन नंबर था। उसने कहा कि तुमने कोई गलती की है और अब मुझे उसकी कीमत चुकानी होगी।"



    रोहन का चेहरा गुस्से से तमतमा गया। "कौन है वो? उसने क्या कहा?"



    "उसने कुछ नहीं बताया। बस इतना कहा कि जल्द ही पता चल जाएगा," अंजलि ने जवाब दिया।



    रोहन ने तुरंत अपना फोन निकाला और किसी को कॉल किया। "लियोन, मुझे तुम्हारी जरूरत है। हमारे घर पर फौरन आओ।"



    थोड़ी देर में लियोन, रोहन का भरोसेमंद बॉडीगार्ड, उनके घर पहुंच गया। रोहन ने उसे कॉल के बारे में बताया और कहा कि वो अंजलि की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।



    लियोन ने कहा, "मैं समझता हूं, सर। आप चिंता न करें, मैं और मेरी टीम अंजलि मैम की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेंगे।"



    रोहन ने अंजलि की तरफ देखा और कहा, "अब तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। लियोन और उसकी टीम तुम्हें हमेशा प्रोटेक्ट करेंगे।"



    अंजलि ने थोड़ी राहत महसूस की, लेकिन डर अभी भी उसके दिल में बैठा हुआ था। वो जानती थी कि रोहन के दुश्मन बहुत ताकतवर हैं और वो किसी भी हद तक जा सकते हैं।



    रोहन ने अंजलि को थोड़ा खुश करने के लिए कहा, "चलो, तैयार हो जाओ। आज मैं तुम्हें एक खास जगह पर लंच के लिए ले जा रहा हूं।"



    अंजलि ने मुस्कुराने की कोशिश की, लेकिन वो जानती थी कि उसके चेहरे पर चिंता साफ दिख रही है। "कहां जा रहे हैं हम?"



    "सरप्राइज," रोहन ने कहा और उसकी तरफ देखकर मुस्कुराया।



    कुछ देर बाद रोहन और अंजलि शहर के एक मशहूर 'नोव्यू' रेस्टोरेंट में पहुंचे। यह जगह अपने एक्सक्लूसिव माहौल और महंगे खाने के लिए जानी जाती थी।



    अंजलि ने हैरानी से कहा, "वाह, ये तो बहुत ही शानदार जगह है। मुझे नहीं पता था कि यहां कोई इतना महंगा रेस्टोरेंट भी है।"



    "तुम्हारे लिए तो मैं चांद-तारे भी तोड़ ला सकता हूं, अंजलि," रोहन ने रोमांटिक अंदाज में कहा।



    दोनों रेस्टोरेंट के अंदर गए और एक टेबल पर बैठ गए। वेटर ने आकर उन्हें मेनू दिया और रोहन ने अंजलि से पूछा, "क्या लोगी, जान?"



    "मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा। तुम ही ऑर्डर कर दो," अंजलि ने जवाब दिया।



    रोहन ने वेटर को अपनी पसंद के हिसाब से कुछ डिशेज ऑर्डर करने को कहा। तभी अंजलि की नजर एक जानी-पहचानी चेहरे पर पड़ी। वो लावण्या दीक्षित थी, उसकी पुरानी यूनिवर्सिटी की क्लासमेट।



    लावण्या हमेशा से ही अंजलि को नीचा दिखाने की कोशिश करती थी। वो खूबसूरत और अमीर थी, और उसे अपनी खूबसूरती और दौलत पर बहुत घमंड था।



    लावण्या ने अंजलि को देखकर एक बनावटी मुस्कान दी और उसकी तरफ बढ़ी। "हे अंजलि, तुम यहां क्या कर रही हो? क्या तुम किसी अमीर आदमी को फंसाने आई हो?"



    अंजलि को गुस्सा आ गया, लेकिन उसने खुद को शांत रखा। "मैं अपने पति के साथ आई हूं, लावण्या।"



    लावण्या ने रोहन की तरफ देखा और उसकी तरफ देखकर मुस्कुराई। "ओह, तो ये है तुम्हारा पति? ये तो बहुत ही सिंपल लग रहा है। क्या करता है ये?"



    रोहन ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता हूं, और यही काफी है।"



    लावण्या ने रोहन की बात को अनसुना कर दिया और अंजलि से बोली, "तुम्हारी किस्मत तो बहुत अच्छी है, अंजलि। तुम्हें ऐसा आदमी मिल गया जो तुम्हें रेस्टोरेंट में खाना खिला सके।"



    अंजलि को अब और बर्दाश्त नहीं हुआ। "तुम क्या कहना चाहती हो, लावण्या? क्या तुम मुझे नीचा दिखाने आई हो?"



    "अरे नहीं, मैं तो बस तुम्हारी तारीफ कर रही हूं। तुम सच में बहुत लकी हो," लावण्या ने मासूमियत से कहा।



    रोहन को समझ में आ गया कि लावण्या अंजलि को परेशान कर रही है। उसने लावण्या की तरफ देखा और ठंडी आवाज में कहा, "मुझे लगता है कि तुम्हें यहां से चले जाना चाहिए। तुम मेरी पत्नी को परेशान कर रही हो।"



    लावण्या ने रोहन की बात को मजाक समझा और हंसते हुए कहा, "तुम मुझे क्या बताओगे कि मुझे क्या करना चाहिए? तुम तो बस एक मामूली आदमी हो।"



    रोहन का गुस्सा अब सातवें आसमान पर पहुंच गया था। उसने वेटर को बुलाया और कहा, "इस महिला को यहां से बाहर निकाल दो।"



    वेटर ने हैरानी से रोहन की तरफ देखा, लेकिन फिर उसने लावण्या से कहा, "मैम, प्लीज यहां से चली जाइए। आप हमारे बाकी कस्टमर्स को डिस्टर्ब कर रही हैं।"



    लावण्या को यकीन नहीं हुआ कि रोहन ने उसके साथ ऐसा किया। वो गुस्से से लाल हो गई और अंजलि से बोली, "तुम देखना, अंजलि, मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी।"



    फिर वो रेस्टोरेंट से बाहर चली गई।



    अंजलि को रोहन पर गर्व महसूस हुआ। उसने पहली बार देखा था कि रोहन इतना ताकतवर और प्रोटेक्टिव हो सकता है।



    "थैंक यू, रोहन। तुमने मेरे लिए जो किया, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं," अंजलि ने कहा।



    "मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं, अंजलि। तुम्हें कभी भी किसी से डरने की जरूरत नहीं है," रोहन ने जवाब दिया।



    दोनों ने शांति से अपना लंच किया, लेकिन अंजलि का दिमाग अभी भी भटक रहा था। उसे लग रहा था कि उसकी जिंदगी में बहुत कुछ बदलने वाला है।



    जैसे ही वो रेस्टोरेंट से बाहर निकले, अंजलि को अपने ऑफिस से कॉल आया। उसकी असिस्टेंट ने बताया कि उसे Alicia Mall प्रोजेक्ट के लिए मीटिंग में फौरन बुलाया गया है।



    अंजलि Alicia Mall प्रोजेक्ट की लीडर थी और यह उसके करियर का सबसे बड़ा मौका था। वो बहुत खुश थी कि उसे इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई है।



    रोहन ने अंजलि को ऑफिस छोड़ दिया और खुद घर चला गया। अंजलि मीटिंग में गई और उसे पता चला कि Alicia Mall प्रोजेक्ट को एक नया मोड़ मिलने वाला है।



    उसके चाचा मैथ्यू, जो आइलैंड्स इंक के नए प्रेसिडेंट बने थे, ने फैसला किया था कि प्रोजेक्ट को और बड़ा बनाया जाएगा और इसमें और ज्यादा luxury ब्रांड्स को शामिल किया जाएगा।



    अंजलि को ये सुनकर बहुत खुशी हुई। वो जानती थी कि अगर वो इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर लेगी, तो उसके करियर में बहुत बड़ा उछाल आएगा।



    मीटिंग खत्म होने के बाद अंजलि खुशी-खुशी घर लौटी। उसने रोहन को सारी बात बताई और कहा कि वो बहुत एक्साइटेड है।



    रोहन ने भी अंजलि को बधाई दी और कहा कि उसे उस पर पूरा भरोसा है।



    लेकिन अंजलि को ये नहीं पता था कि रोहन ने चुपचाप मैथ्यू से बात की थी और उसे Alicia Mall प्रोजेक्ट को और बड़ा बनाने के लिए कहा था। वो चाहता था कि अंजलि के करियर को एक नया मौका मिले और वो अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके।



    अंजलि को लग रहा था कि उसकी जीत उसकी अपनी मेहनत का नतीजा है, लेकिन उसे अपने पति के सब्टल इंटरवेंशन का पता नहीं था।



    कुछ दिन बाद मोरया फोन का री-लॉन्च इवेंट था। रोहन, जो रहस्यमयी राजपूत वारिस के रूप में छुपा हुआ था, ने 'फाइव प्रिंसेस' और उनके परिवारों के साथ पब्लिक को संबोधित किया।



    अंजलि अपनी सास आयुषी राजपूत के बगल में बैठी थी और उसने देखा कि मीडिया में ऑनलाइन अटकलें लगाई जा रही थीं कि रोहन, जो दिखने में एक साधारण असिस्टेंट है, शायद असल में राजपूत वारिस हो सकता है।



    राम देसाई की पीआर टीम ने इस बात को जल्दी और कुशलता से दबा दिया ताकि रोहन की गुमनामी बनी रहे।



    हालांकि, जिंदगी ने लगातार नई मुश्किलें खड़ी कीं। रोहन के क्वीरिनो प्रांत में, जहां वो पहले रहता था, एक हाई स्कूल रीयूनियन तब बर्बाद हो गया जब एक पुराने सहपाठी गौरव प्रसाद ने आलोक सिंह के चाचा से अपने कमजोर संबंध का फायदा उठाते हुए अंजलि को पब्लिकली अपमानित किया।



    एक और पूर्व सहपाठी, कृष गौर ने रोहन पर हमला किया।



    अपने सीक्रेट बॉडीगार्ड लियोन और आलोक की मदद से, रोहन ने दोनों आदमियों के लिए गंभीर और निर्णायक नतीजे प्लान किए, जिसमें गौरव को अपनी अचानक की बर्बादी से ठीक पहले रोहन की असली, ताकतवर पहचान का पता चल गया।



    रोहन को लग रहा था कि वो अपनी जिंदगी को कंट्रोल कर रहा है, लेकिन उसे पता नहीं था कि उसकी पिछली जिंदगी के साये अभी भी उसका पीछा कर रहे हैं। और ये साये उसकी पत्नी अंजलि को भी खतरे में डाल सकते हैं।



    जैसे ही रीयूनियन खत्म हुआ और रोहन और अंजलि घर वापस जाने के लिए तैयार हुए, अंजलि ने रोहन से पूछा, "तुम्हें क्या लगता है, वो लोग हमें क्यों परेशान कर रहे हैं?"



    रोहन ने जवाब दिया, "मुझे नहीं पता, अंजलि। लेकिन मैं तुम्हें वादा करता हूं कि मैं तुम्हें और अपने परिवार को हमेशा प्रोटेक्ट करूंगा।"



    अंजलि को रोहन की बात पर यकीन था, लेकिन उसे डर लग रहा था कि आगे क्या होने वाला है। वो जानती थी कि उसकी जिंदगी अब कभी भी पहले जैसी नहीं रहेगी।



    घर पहुंचते ही रोहन ने लियोन को बुलाया और कहा, "मुझे उन दोनों आदमियों के बारे में सारी जानकारी चाहिए जिन्होंने आज अंजलि को परेशान किया।"



    लियोन ने जवाब दिया, "जैसा आप कहें, सर। मैं अभी जानकारी जुटाता हूं।"



    कुछ घंटे बाद लियोन ने रोहन को फोन किया और कहा, "सर, मुझे उन दोनों आदमियों के बारे में जानकारी मिल गई है। गौरव प्रसाद आलोक सिंह के चाचा का दोस्त है, और कृष गौर एक गुंडा है जो पहले भी कई बार जेल जा चुका है।"



    रोहन ने कहा, "ठीक है, लियोन। मैं चाहता हूं कि तुम उन दोनों को सबक सिखाओ। उन्हें पता चलना चाहिए कि उन्होंने किससे पंगा लिया है।"



    "जैसा आप कहें, सर।" लियोन ने जवाब दिया।



    अगली सुबह गौरव प्रसाद और कृष गौर दोनों को पता चला कि उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई है। गौरव को उसके काम से निकाल दिया गया और कृष को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।



    रोहन को लग रहा था कि उसने अंजलि का बदला ले लिया है, लेकिन उसे पता नहीं था कि ये तो सिर्फ शुरुआत है। उसके दुश्मन अभी भी बाहर हैं और वो किसी भी वक्त हमला कर सकते हैं।



    रात को जब रोहन और अंजलि सो रहे थे, तो रोहन को एक अजीब सा सपना आया। उसने देखा कि वो एक अंधेरे जंगल में खड़ा है और उसके आसपास डरावनी आवाजें आ रही हैं।



    तभी उसने अंजलि को देखा, जो एक पिंजरे में बंद थी और मदद के लिए चिल्ला रही थी। रोहन पिंजरे की तरफ दौड़ा, लेकिन वो उसे खोल नहीं पा रहा था।



    तभी जंगल से एक डरावनी आवाज आई, "अगर तुम अंजलि को बचाना चाहते हो, तो तुम्हें अपनी सबसे कीमती चीज का त्याग करना होगा।"



    रोहन डर से कांप गया। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना चाहिए। वो अपनी जान दे सकता था, लेकिन वो अंजलि को छोड़ने को तैयार नहीं था।



    तभी उसकी नींद खुल गई और उसने देखा कि वो अपने बिस्तर पर लेटा हुआ है और अंजलि उसके बगल में सो रही है।



    उसने अंजलि को गले लगाया और उसे कसकर पकड़ लिया। वो जानता था कि उसे अपनी पत्नी को हर कीमत पर प्रोटेक्ट करना होगा।



    लेकिन उसे पता नहीं था कि उसके सपने हकीकत में बदलने वाले हैं। और उसे अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला लेना होगा।


  • 3. His Secret Empire - Chapter 3

    Words: 2584

    Estimated Reading Time: 16 min

    Chapter 3
    Chapter 3
    रोहन डर से कांप गया। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना चाहिए। वो अपनी जान दे सकता था, लेकिन वो अंजलि को छोड़ने को तैयार नहीं था।

    तभी उसकी नींद खुल गई और उसने देखा कि वो अपने बिस्तर पर लेटा हुआ है और अंजलि उसके बगल में सो रही है। उसने अंजलि को गले लगाया और उसे कसकर पकड़ लिया। वो जानता था कि उसे अपनी पत्नी को हर कीमत पर प्रोटेक्ट करना होगा। लेकिन उसे पता नहीं था कि उसके सपने हकीकत में बदलने वाले हैं। और उसे अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला लेना होगा।





    अगली सुबह, रोहन उठा तो उसे रात का सपना याद आ गया। वो थोड़ा परेशान था, लेकिन उसने सोचा कि शायद ये सिर्फ एक बुरा सपना था।





    नीचे ब्रेकफास्ट टेबल पर शर्मा परिवार जमा था, और माहौल में एक अजीब सी बेचैनी थी। अंजलि की चाची, जानकी शर्मा, हर मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार रहती थीं।





    जानकी ने मौका देखकर कहा, "अंजलि, सुना है राजपूत वारिस तुम्हारे पीछे पड़ा है? क्या चल रहा है?" उनकी आवाज में तंज साफ झलक रहा था।





    अंजलि ने रोहन की तरफ देखा, जिसने उसे शांत रहने का इशारा किया। अंजलि ने जानकी को जवाब दिया, "चाची जी, ऐसा कुछ नहीं है। ये सब अफवाहें हैं।"





    "अफवाहें? मुझे तो ऐसा नहीं लगता। सुना है वो तुम्हें बहुत महंगा तोहफा भी दे रहा है," जानकी ने कहा और फिर अपनी बात पर जोर देते हुए एक मुस्कान दी।





    रोहन ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, "जानकी जी, आप गलत समझ रही हैं। अंजलि और मैं खुश हैं और हमारे बीच सब ठीक है।"





    जानकी ने रोहन को अनदेखा कर दिया और अंजलि से बोली, "तुम एक बार सोच कर देखो, अंजलि। राजपूत वारिस के साथ तुम्हारी जिंदगी कितनी शानदार हो सकती है। तुम एक राजकुमारी की तरह जी सकती हो।"





    अंजलि का पारा चढ़ने लगा। "चाची जी, मैं अपनी जिंदगी से खुश हूं। मुझे किसी राजकुमार की जरूरत नहीं है," उसने कहा।





    "तुम्हारी मर्जी, अंजलि। लेकिन बाद में पछताना मत," जानकी ने कहा और फिर एक विजयी मुस्कान के साथ वहां से चली गई।





    शर्मा परिवार, हमेशा मौके की तलाश में रहता था, ने इस बात का फायदा उठाने की कोशिश की कि राजपूत वारिस अंजलि के पीछे पड़ा है, और उसे और हेरफेर करने की कोशिश की। उनकी साजिश नेशनलिया गोल्फ एंड कंट्री क्लब में एक भयंकर झगड़े में बदल गई, जहाँ अंजलि की चाची जानकी शर्मा ने उसे जबरदस्ती एक भेस बदले हुए रोहन की ओर धकेल दिया।





    जानकी ने अंजलि को एक पार्टी में बुलाया और उसे एक खास आदमी से मिलाने का वादा किया। अंजलि को शक था, लेकिन वो अपनी चाची को खुश रखना चाहती थी।





    जब अंजलि पार्टी में पहुंची, तो उसे पता चला कि वो नेशनलिया गोल्फ एंड कंट्री क्लब में हो रही है। अंजलि को गोल्फ में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन वो अपनी चाची की वजह से वहां चली गई।





    जानकी ने अंजलि को एक तरफ ले जाकर कहा, "अंजलि, मैं तुम्हें एक बहुत ही खास आदमी से मिलवाना चाहती हूं। वो बहुत अमीर और ताकतवर है, और वो तुमसे मिलना चाहता है।"





    अंजलि ने शक से पूछा, "कौन है वो?"





    जानकी ने जवाब दिया, "सरप्राइज। तुम खुद ही देख लेना।"





    जानकी ने अंजलि को एक ऐसे आदमी की तरफ धकेला जो गोल्फ खेल रहा था। अंजलि को देखकर वो आदमी मुड़ा और मुस्कुराया।





    अंजलि को ये देखकर झटका लगा कि वो आदमी कोई और नहीं, बल्कि रोहन था। उसने दाढ़ी और विग पहनकर अपना भेस बदला हुआ था।





    अंजलि को गुस्सा आ गया। "ये क्या है, रोहन? तुम यहां क्या कर रहे हो?" उसने पूछा।





    रोहन ने जवाब दिया, "सरप्राइज, जान। मैं तुम्हें सरप्राइज देना चाहता था।"





    अंजलि को रोहन की बात पर यकीन नहीं हुआ। उसे लग रहा था कि वो उससे झूठ बोल रहा है। "तुम सच बताओ, रोहन। तुम यहां क्यों आए हो?"





    रोहन ने एक गहरी सांस ली और कहा, "ठीक है, मैं तुम्हें सच बताता हूं। मैं तुम्हें प्रोटेक्ट करने आया हूं। मुझे पता चला कि तुम्हारे परिवार वाले तुम्हें किसी अमीर आदमी से मिलाने की कोशिश कर रहे हैं, और मैं नहीं चाहता था कि वो तुम्हें कोई नुकसान पहुंचाए।"





    अंजलि को रोहन की बात पर गुस्सा आ गया। "तुम क्या सोचते हो, रोहन? क्या मैं अपनी देखभाल खुद नहीं कर सकती?"





    रोहन ने जवाब दिया, "मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं, अंजलि। मैं बस तुम्हारी परवाह करता हूं और मैं तुम्हें प्रोटेक्ट करना चाहता हूं।"





    "मुझे तुम्हारी प्रोटेक्शन की जरूरत नहीं है, रोहन। मुझे बस सच चाहिए," अंजलि ने कहा।





    तभी जानकी शर्मा वहां आईं और उन्होंने अंजलि को डांटते हुए कहा, "अंजलि, तुम इस आदमी से क्या बात कर रही हो? तुम्हें तो उस अमीर आदमी से मिलना चाहिए जिसे मैं तुम्हें मिलवाना चाहती हूं।"





    अंजलि ने अपनी चाची को जवाब दिया, "चाची जी, मैं किसी अमीर आदमी से नहीं मिलना चाहती। मैं अपने पति के साथ खुश हूं।"





    जानकी को गुस्सा आ गया और उसने अंजलि पर हमला कर दिया। "तुम मेरी बात नहीं सुनोगी? मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी," उसने कहा।





    लेकिन इससे पहले कि जानकी अंजलि को नुकसान पहुंचा पाती, रोहन ने बीच में आकर अपनी पत्नी को बचाया। रोहन ने जानकी को दूर धकेल दिया और अंजलि को अपने पीछे छिपा लिया।





    "तुम मेरी पत्नी को नुकसान नहीं पहुंचा सकती, जानकी," रोहन ने सख्ती से कहा।





    जानकी डर गई और उसने रोहन से माफी मांगी। रोहन ने जानकी को माफ कर दिया, लेकिन उसने उसे क्लब से हमेशा के लिए बैन कर दिया।





    "आज के बाद शर्मा परिवार का कोई भी सदस्य इस क्लब में नहीं दिखेगा," रोहन ने गरजते हुए कहा, और क्लब के सिक्योरिटी गार्ड्स ने तुरंत जानकी और उसके साथियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।





    इस घटना से लाजिमी तौर पर अफवाहें फैल गईं, सोशल मीडिया पर राजपूत वारिस के एक शादीशुदा महिला के प्रति कथित जुनून को लेकर अटकलें लगने लगीं, जिससे अंजलि को काफी परेशानी हुई।





    घर पहुंचते ही अंजलि रोहन पर भड़क उठी, "ये सब क्या था, रोहन? तुम हर जगह मेरा पीछा क्यों करते हो? क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है?"





    रोहन ने शांत रहने की कोशिश करते हुए कहा, "अंजलि, तुम गलत समझ रही हो। मैं तुम्हें परेशान नहीं करना चाहता था। मैं बस तुम्हें प्रोटेक्ट करना चाहता था।"





    "मुझे तुम्हारी प्रोटेक्शन की जरूरत नहीं है, रोहन। मुझे बस सच चाहिए," अंजलि ने जवाब दिया।





    रोहन जानता था कि अंजलि को शांत करना मुश्किल है। उसने एक गहरी सांस ली और कहा, "ठीक है, अंजलि। मैं तुम्हें सब कुछ बताऊंगा। मैं तुम्हें वो सच बताऊंगा जो तुम सुनना चाहती हो।"





    रोहन ने अंजलि को अपनी जिंदगी के बारे में सब कुछ बताया, अपने परिवार के बारे में बताया, अपने दुश्मनों के बारे में बताया और उन खतरों के बारे में बताया जिनका उन्हें सामना करना पड़ रहा था।





    अंजलि ने रोहन की सारी बातें सुनीं और उसे एहसास हुआ कि वो कितना मुश्किल जिंदगी जी रहा है। उसे रोहन पर तरस आ रहा था, लेकिन उसे डर भी लग रहा था।





    "मैं नहीं जानती कि मैं क्या कहूं, रोहन। ये सब बहुत ज्यादा है," अंजलि ने कहा।





    "मैं समझता हूं, अंजलि। मैं तुम्हें जितना भी समय चाहिए, देने को तैयार हूं," रोहन ने जवाब दिया।





    अंजलि ने रोहन को गले लगाया और उसे कसकर पकड़ लिया। "मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं, रोहन। और मैं तुम्हारे साथ हमेशा रहूंगी, चाहे कुछ भी हो जाए।"





    लेकिन जैसे ही अंजलि ने रोहन को गले लगाया, उसे एक डर सताने लगा। उसे लग रहा था कि उसकी जिंदगी में कुछ बहुत बुरा होने वाला है।





    अगले दिन जैसे ही रोहन ने राजपूत ग्रुप के भीतर financial irregularities की गुप्त जांच शुरू की, अंजलि के कजिन जय शर्मा ने उसके खिलाफ एक जहरीला बदनामी अभियान शुरू कर दिया।





    जय ने शहर भर में रोहन के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया। उसने कहा कि रोहन एक धोखेबाज है, एक झूठा है और एक खतरनाक आदमी है।





    ये अफवाहें तेजी से फैलने लगीं और जल्द ही अंजलि के कानों तक भी पहुंच गईं। अंजलि को ये सुनकर बहुत दुख हुआ, लेकिन उसने जय पर यकीन नहीं किया।





    "मैं जानती हूं कि रोहन एक अच्छा इंसान है, और मैं उस पर भरोसा करती हूं," अंजलि ने खुद से कहा।





    लेकिन जय ने अपना अभियान जारी रखा और उसने अंजलि के दोस्तों और परिवार को भी रोहन के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया।





    अंजलि को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे। वो रोहन पर भरोसा करती थी, लेकिन उसे लग रहा था कि सब उसके खिलाफ हैं।





    वो रोहन के पास गई और उसने उसे सारी बात बताई। रोहन ने अंजलि को शांत रहने के लिए कहा और कहा कि वो जय को सबक सिखाएगा।





    रोहन ने रजत और आलोक के साथ मिलकर इस हमले को तेजी से खत्म कर दिया, जिससे जय और उसके पिता फारूक शर्मा की पब्लिक बेइज्जती हुई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।





    अंजलि को ये जानकर थोड़ी राहत मिली, लेकिन वो जानती थी कि ये सिर्फ शुरुआत है। जय और फारूक शर्मा अब जेल में हैं, लेकिन वो जरूर बदला लेने की कोशिश करेंगे।





    "हमें हमेशा सावधान रहना होगा, अंजलि। हमारे दुश्मन हमें नुकसान पहुंचाने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे," रोहन ने कहा।





    अंजलि ने हां में सिर हिलाया, लेकिन उसे डर लग रहा था। वो जानती थी कि उसकी जिंदगी अब कभी भी पहले जैसी नहीं रहेगी। और उसे ये भी पता था कि रोहन के साथ रहने का मतलब है हमेशा खतरे में रहना।





    लेकिन अंजलि रोहन से प्यार करती थी, और वो उसके साथ हर मुश्किल का सामना करने को तैयार थी। वो जानती थी कि वो एक मजबूत और बहादुर महिला है, और वो किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है।





    हालांकि, किस्मत में कुछ और ही लिखा था। और अंजलि को जल्द ही अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला लेना होगा।




  • 4. His Secret Empire - Chapter 4

    Words: 2258

    Estimated Reading Time: 14 min

    Chapter 4
    Chapter 4
    Chapter 4
    अंजलि को ये भी पता था कि रोहन के साथ रहने का मतलब है हमेशा खतरे में रहना। लेकिन अंजलि रोहन से प्यार करती थी, और वो उसके साथ हर मुश्किल का सामना करने को तैयार थी। वो जानती थी कि वो एक मजबूत और बहादुर महिला है, और वो किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है।

    हालांकि, किस्मत में कुछ और ही लिखा था। और अंजलि को जल्द ही अपनी जिंदगी का सबसे मुश्किल फैसला लेना होगा।



    अगले ही पल अंजलि को आइलैंड्स इंक में एक अप्रत्याशित प्रमोशन मिला।


    अगले रीस्ट्रक्चरिंग में, अंजलि को अचानक आइलैंड्स इंक में मार्केटिंग और सेल्स का वीपी बना दिया गया, यह चाल उसके चाचा मैथ्यू ने चली थी, जो कंपनी के नए प्रेसिडेंट थे।


    यह लंबा धोखा आखिरकार कश्मीरी द्वीप पर रजत सिंह की ख़ास क्रिसमस पार्टी में ख़त्म हुआ। वहाँ, अपने सबसे करीबी दोस्तों और परिवार से घिरा, रोहन ने हताश अंजलि के सामने अपनी असली पहचान कबूल कर ली।


    रजत की कश्मीरी आइलैंड पर क्रिसमस पार्टी का माहौल शानदार था। बर्फीली हवा, जगमगाती लाइट्स और अपनों का साथ – सब कुछ परफेक्ट था। अंजलि ने कुछ दिनों से रोहन से बात नहीं की थी, लेकिन उसे कहीं न कहीं इस पार्टी में रोहन के होने का एहसास था।


    उसने दूर से आयुषी को देखा, जो उसे अपने पास बुला रही थी। अंजलि धीरे-धीरे आयुषी की तरफ बढ़ी।


    "अंजलि, मुझे खुशी है कि तुम आई," आयुषी ने उसे गले लगाते हुए कहा। "मुझे पता है कि तुम्हारे और रोहन के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, लेकिन मैं चाहती हूं कि तुम जानो कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।"


    अंजलि की आंखें भर आईं। "थैंक यू, आयुषी। तुम्हारे सपोर्ट के लिए मैं बहुत आभारी हूं।"


    तभी रजत वहां आ गया और उसने अंजलि को देखकर मुस्कुराया। "अंजलि, कैसी हो तुम? क्या तुम रोहन को मिस कर रही हो?" उसने छेड़ा।


    अंजलि ने रजत को घूर कर देखा। "मुझे कोई मिस नहीं कर रहा," उसने जवाब दिया।


    "ओह, सच में? मुझे तो ऐसा नहीं लगता," रजत ने कहा और फिर उसने अपने पीछे इशारा किया। "देखो, कौन आ रहा है।"


    अंजलि ने पीछे मुड़कर देखा और उसकी सांसें थम गईं। रोहन उसकी तरफ आ रहा था।


    उसने एक महंगा सूट पहना था और उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी। अंजलि ने उसे पहले कभी इस रूप में नहीं देखा था।


    रोहन अंजलि के पास पहुंचा और उसकी आंखों में देखते हुए कहा, "अंजलि, मुझे तुमसे कुछ कहना है।"


    अंजलि का दिल तेजी से धड़कने लगा। वो जानती थी कि अब कुछ ऐसा होने वाला है जो उसकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा।


    रोहन ने एक गहरी सांस ली और कहा, "अंजलि, मैं वो नहीं हूं जो तुम समझती हो। मेरा एक सीक्रेट है, और अब मुझे तुम्हें वो बताना होगा।"


    अंजलि ने रोहन को ध्यान से सुना। उसे डर लग रहा था कि रोहन क्या कहने वाला है, लेकिन वो सच्चाई जानना चाहती थी।


    रोहन ने अपनी कहानी बताना शुरू किया। उसने बताया कि वो असल में विशाल राजपूत ग्रुप का वारिस है और उसने अपनी पहचान छुपाकर क्यों रखी थी।


    अंजलि को ये सब सुनकर यकीन नहीं हो रहा था। वो हमेशा से जानती थी कि रोहन में कुछ खास है, लेकिन उसने कभी नहीं सोचा था कि वो इतना ताकतवर और अमीर हो सकता है।


    "तो... तो तुम वो राजपूत वारिस हो?" अंजलि ने हैरानी से पूछा।


    रोहन ने सिर हिलाकर जवाब दिया, "हां, अंजलि। मैं ही वो राजपूत वारिस हूं।"


    अंजलि कुछ देर तक चुप रही। वो समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या कहना चाहिए।


    "मुझे माफ कर दो, अंजलि। मैंने तुमसे झूठ बोला। मैंने तुम्हें सच नहीं बताया," रोहन ने कहा।


    अंजलि ने रोहन की तरफ देखा और कहा, "तुमने मुझसे इतना बड़ा झूठ क्यों बोला, रोहन?"


    रोहन ने जवाब दिया, "मैं तुम्हें प्रोटेक्ट करना चाहता था, अंजलि। मैं नहीं चाहता था कि मेरे दुश्मन तुम्हें कोई नुकसान पहुंचाएं।"


    अंजलि को रोहन की बात पर यकीन हो गया। वो जानती थी कि रोहन उसे प्यार करता है और वो उसे हमेशा प्रोटेक्ट करना चाहता है।


    लेकिन फिर भी उसे गुस्सा आ रहा था कि रोहन ने उससे इतना बड़ा सच छुपाया।


    "मुझे कुछ वक्त चाहिए, रोहन। मुझे ये सब प्रोसेस करने के लिए कुछ वक्त चाहिए," अंजलि ने कहा।


    रोहन ने सिर हिलाकर जवाब दिया, "मैं समझता हूं, अंजलि। तुम जितना भी वक्त चाहो, ले सकती हो। मैं हमेशा तुम्हारा इंतजार करूंगा।"


    अंजलि ने रोहन को अलविदा कहा और वहां से चली गई। वो बहुत परेशान थी और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे।


    उसने फैसला किया कि वो कुछ दिनों के लिए शहर से दूर चली जाएगी। उसे अकेले में सोचने और समझने के लिए वक्त चाहिए था।


    अंजलि ने अपने दोस्तों और परिवार को बताया कि वो कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर जा रही है। उसने किसी को भी नहीं बताया कि वो क्यों जा रही है।


    फिर वो अपने शहर से दूर एक छोटे से गांव में चली गई। वहां उसने एक शांत जगह पर एक छोटा सा घर किराए पर लिया और अकेले रहने लगी।


    वो दिन भर घूमती-फिरती, किताबें पढ़ती और अपने विचारों में खोई रहती। उसे रोहन की बातें याद आतीं और उसे गुस्सा भी आता और प्यार भी आता।


    वो समझ नहीं पा रही थी कि उसे रोहन के साथ क्या करना चाहिए। क्या वो उसे माफ कर सकती है? क्या वो उसके साथ रह सकती है?


    उसे कोई जवाब नहीं मिल रहा था। वो बस इतना जानती थी कि उसे अपने दिल की सुननी है।


    उधर, रोहन अंजलि के जाने के बाद बहुत परेशान था। उसे लग रहा था कि उसने बहुत बड़ी गलती कर दी है।


    उसने अपने दोस्तों से सलाह ली और उन्होंने उसे बताया कि उसे अंजलि को वक्त देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर अंजलि उससे प्यार करती है, तो वो जरूर वापस आएगी।


    रोहन ने अपने दोस्तों की बात मानी और उसने अंजलि को अकेला छोड़ दिया। उसने बस उसे एक मैसेज भेजा, जिसमें उसने लिखा था कि वो हमेशा उससे प्यार करता रहेगा।


    अंजलि ने कई हफ़्तों तक रोहन से कोई contact नहीं रखा और राजधानी लौट गई।


    उनके अलगाव के दौरान, रोहन अपने गुप्त ऑपरेशन में और ज़्यादा डूब गया, जबकि अंजलि, आयुषी के पूरे साथ से मज़बूत होकर, धीरे-धीरे उस बड़ी सच्चाई को स्वीकार करने लगी।


    राजधानी लौटने के बाद अंजलि ने सबसे पहले आयुषी से मुलाकात की। आयुषी ने उसे गले लगाया और कहा, "मुझे पता है कि तुम्हारे लिए ये सब बहुत मुश्किल है, अंजलि। लेकिन मैं चाहती हूं कि तुम जानो कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।"


    अंजलि ने आयुषी को सारी बात बताई और कहा कि वो समझ नहीं पा रही है कि उसे क्या करना चाहिए।


    आयुषी ने उसे कहा, "अंजलि, तुम्हें अपने दिल की सुननी चाहिए। तुम्हें वही करना चाहिए जो तुम्हें सही लगे।"


    अंजलि ने आयुषी की बात पर ध्यान दिया। वो जानती थी कि आयुषी सही कह रही है। उसे अपने दिल की सुननी चाहिए।


    उसने फैसला किया कि वो रोहन से मिलेगी और उससे बात करेगी। उसे उससे ये जानना था कि वो असल में क्या चाहता है।


    उसने रोहन को कॉल किया और उसे मिलने के लिए बुलाया। रोहन फौरन तैयार हो गया।


    दोनों एक कैफे में मिले और उन्होंने एक-दूसरे को गले लगाया।


    "अंजलि, मुझे बहुत खुशी है कि तुम वापस आ गई," रोहन ने कहा।


    "मुझे भी बहुत खुशी है, रोहन," अंजलि ने जवाब दिया।


    दोनों ने काफी देर तक बातें कीं। अंजलि ने रोहन से पूछा कि वो उससे क्या चाहता है और रोहन ने उसे बताया कि वो उससे बहुत प्यार करता है और वो उसके साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहता है।


    अंजलि को रोहन की बात पर यकीन हो गया। उसने महसूस किया कि वो भी रोहन से बहुत प्यार करती है और वो उसके साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहती है।


    "मुझे माफ कर दो, रोहन। मुझे तुम पर शक नहीं करना चाहिए था," अंजलि ने कहा।


    "मुझे माफ कर दो, अंजलि। मुझे तुमसे इतना बड़ा झूठ नहीं बोलना चाहिए था," रोहन ने जवाब दिया।


    दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और अपने पुराने गिले-शिकवे भुला दिए। उन्होंने फैसला किया कि वो अब हमेशा एक-दूसरे के साथ रहेंगे और हर मुश्किल का सामना साथ मिलकर करेंगे।


    लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि उनकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। और उन्हें जल्द ही एक नए खतरे का सामना करना होगा।


    और ये खतरा उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा।


    अंजलि और रोहन के बीच की दूरियां तो कम हो गई थीं, लेकिन क्या उनके आस-पास मंडरा रहे खतरे से वो बच पाएंगे? क्या ये नई शुरुआत उनके रिश्ते को और मजबूत करेगी, या फिर एक और तूफान आने वाला है?


  • 5. His Secret Empire - Chapter 5

    Words: 2222

    Estimated Reading Time: 14 min

    Chapter 5
    Chapter 5
    Chapter 5

    हालांकि, उन्हें ये नहीं पता था कि उनकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। और उन्हें जल्द ही एक नए खतरे का सामना करना होगा।

    और ये खतरा उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा।

    अंजलि और रोहन ने एक-दूसरे को फिर से पाया था, लेकिन नियति के मन में कुछ और ही था। उन्हें इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि आने वाला वक़्त उनकी ज़िंदगी में क्या उथल-पुथल मचाने वाला है।

    कुछ दिन बाद, आयुषी और मिहिर की बहन, नेहा चौधरी, ने हाइप बार में शराब के नशे में एक अप्रत्याशित मेल-मिलाप करवाया, जो अंजलि और रोहन के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
    नेहा और अंजलि अच्छी दोस्त बन गई थीं और आयुषी के साथ मिलकर अक्सर हैंगआउट करती थीं। उस रात, नेहा थोड़ी ज़्यादा ही उत्साहित थी।

    "अंजलि, तुम्हें रोहन को एक और मौका देना चाहिए," नेहा ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए कहा, उसके चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान थी।

    अंजलि ने मुस्कुराकर जवाब दिया, "नेहा, तुम जानती हो ये इतना आसान नहीं है। उसने मुझसे इतना बड़ा झूठ बोला।"

    "लेकिन उसने ऐसा तुम्हारे भले के लिए किया," नेहा ने कहा। "और तुम भी तो उसे प्यार करती हो, है ना?"

    अंजलि चुप हो गई। वो जानती थी कि नेहा सही कह रही है। वो रोहन से बहुत प्यार करती थी, लेकिन उसके झूठ को भूलना उसके लिए मुश्किल हो रहा था।

    तभी नेहा ने एक शरारती आइडिया सोचा। "मेरे पास एक प्लान है," उसने कहा। "हम रोहन को यहां बुलाते हैं और देखते हैं कि क्या होता है।"

    अंजलि ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, "मुझे नहीं पता, नेहा। क्या ये सही होगा?"

    "अरे यार, थोड़ा रिस्क तो लेना ही पड़ेगा," नेहा ने जवाब दिया और फिर उसने तुरंत रोहन को मैसेज कर दिया।

    कुछ ही देर में रोहन हाइप बार में आ गया। उसे देखकर अंजलि का दिल तेज़ी से धड़कने लगा।

    "हाय, अंजलि," रोहन ने धीरे से कहा।

    अंजलि ने जवाब दिया, "हाय, रोहन।"

    माहौल में अजीब सी खामोशी छा गई। नेहा ने माहौल को हल्का करने की कोशिश की।

    "तो, तुम दोनों बातें करो। मैं थोड़ी देर में आती हूं," कहकर नेहा वहां से चली गई।

    रोहन और अंजलि अकेले रह गए। दोनों एक-दूसरे को कुछ देर तक चुपचाप देखते रहे। फिर रोहन ने बात शुरू की।

    "अंजलि, मैं जानता हूं कि मैंने तुमसे बहुत बड़ी गलती की है। मैं तुम्हें कभी चोट नहीं पहुंचाना चाहता था," रोहन ने कहा।

    अंजलि ने जवाब दिया, "मुझे पता है, रोहन। लेकिन मुझे ये भी पता है कि तुमने मुझसे झूठ बोला।"

    "मैं तुम्हें सच बताना चाहता था, लेकिन मुझे डर था कि तुम मुझे छोड़ दोगी," रोहन ने कहा।

    अंजलि ने रोहन का हाथ पकड़ा और कहा, "मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगी, रोहन। मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं।"

    रोहन ने अंजलि को गले लगाया और कहा, "मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूं, अंजलि।"

    जैसे ही अंजलि ने रोहन के इतने लंबे धोखे के पीछे के पेचीदा इरादों को समझना शुरू किया, माफ़ी की भावना बढ़ने लगी। वो समझ गई थी कि रोहन ने ये सब उसे बचाने के लिए किया था।

    अंजलि की प्रेग्नेंसी की ख़बर ने उनके दोबारा साथ आने को और मजबूत कर दिया, जिससे नया जोश और नई चिंताएं दोनों पैदा हुईं, जो मुख्य रूप से कार्तिक देव द्वारा दिए गए खतरनाक धमकी से उपजी थीं।

    एकलव्य राजपूत के इस पुराने दुश्मन ने, रोहन की असली पहचान पता चलने के बाद, फ़ोन पर एक धमकी भरा अल्टीमेटम दिया।

    "राजपूत, तुम मुझे कभी नहीं हरा सकते। मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार को बर्बाद कर दूंगा," कार्तिक देव ने कहा।

    रोहन ने जवाब दिया, "तुम मुझे डरा नहीं सकते, कार्तिक देव। मैं तुम्हें कभी जीतने नहीं दूंगा।"

    "हम देखेंगे, राजपूत। हम जल्द ही मिलेंगे," कहकर कार्तिक देव ने फोन काट दिया।

    रोहन को गुस्सा आ गया। वो जानता था कि कार्तिक देव एक खतरनाक आदमी है और वो उसे हल्के में नहीं ले सकता।

    "5 राजकुमारों" और उनके परिवारों ने तुरंत पता लगा लिया कि कृष गौर, जिसने रोहन को उसके स्कूल के दिनों से परेशान किया था और मोरया कंपनी में कुछ समय के लिए काम किया था, कार्तिक का अवैध बेटा था।

    "कृष गौर? ये तो बहुत बड़ी बात है," आलोक ने कहा।

    "हां, और इसका मतलब है कि कार्तिक देव हमसे बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है," रजत ने जवाब दिया।

    आयुषी को इस खतरनाक खेल में मोहरा बनने से बचाने के लिए, रोहन और रजत ने पब्लिक में रोमांस का नाटक किया, जिसे आयुषी ने हैरान करने वाले तरीके से एक नकली सगाई में बदल दिया।

    इस उथल-पुथल के बीच, विद्या देसाई और मिहिर चौधरी की तयशुदा शादी एक ज़रूरी काम बन गई।

    "हमें विद्या और मिहिर को प्रोटेक्ट करना होगा। कार्तिक देव उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है," रोहन ने कहा।

    विद्या, जो शुरू में झिझक रही थी, आखिरकार एक शांत मठ में एक quick, private शादी के लिए राज़ी हो गई। यह मिहिर की एक चाल थी ताकि उसे उसके परिवार के तुरंत कंट्रोल से आज़ाद किया जा सके।

    ये सीक्रेट शादी उनके करीबी लोगों के लिए एक शांत, दिल छू लेने वाला मौका था। अंजलि और रोहन ने भी उनकी शादी में शिरकत की और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।

    इस दौरान, रोहन का ध्यान कार्तिक देव पर टिका हुआ था। उसे पता था कि कार्तिक देव कोई न कोई चाल जरूर चलेगा।

    राजपूत समूह के भीतर रोहन के गुप्त ऑपरेशन ने उसे कर्मचारियों के एक सिंडिकेट में घुसपैठ करने पर मजबूर किया, जो systematically पैसे कमा रहे थे, जहाँ उसने finance team के एक सदस्य माधव के साथ तालमेल बिठाया।

    माधव ने रोहन को बताया कि सिंडिकेट के सदस्य कार्तिक देव के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और वो राजपूत समूह को बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं।

    "हमें उन्हें रोकना होगा, रोहन। वो बहुत खतरनाक हैं," माधव ने कहा।

    "मैं जानता हूं, माधव। हम उन्हें जल्द ही रोकेंगे," रोहन ने जवाब दिया।

    इस तरह, रोहन अपनी पत्नी अंजलि और अपने दोस्तों के साथ मिलकर कार्तिक देव और उसके सिंडिकेट के खिलाफ एक खतरनाक खेल खेलने को तैयार था। उसे अपनी जान की परवाह नहीं थी, वो बस अपने परिवार और अपने दोस्तों को प्रोटेक्ट करना चाहता था।

    अंजलि ने रोहन की तरफ देखा और कहा, "मैं तुम्हारे साथ हूं, रोहन। हम मिलकर इस मुश्किल का सामना करेंगे।"

    रोहन ने अंजलि को गले लगाया और कहा, "धन्यवाद, अंजलि। मुझे पता था कि मैं तुम पर भरोसा कर सकता हूं।"

    रोहन, अंजलि, आयुषी, रजत, आलोक, कृतिका, ईशान, नेहा, मिहिर और विद्या - ये सब मिलकर एक ऐसा परिवार बन गए थे जो एक-दूसरे के लिए जान देने को भी तैयार थे। और वो सब मिलकर कार्तिक देव के खिलाफ एक आखिरी जंग लड़ने के लिए तैयार थे।

    लेकिन क्या वो इस जंग में जीत पाएंगे? क्या वो अपने परिवार और अपने दोस्तों को बचा पाएंगे? या फिर कार्तिक देव की बुरी नज़र उन पर हमेशा के लिए बनी रहेगी?

    जैसे ही अंजलि और रोहन एक साथ आगे बढ़े, उन्हें पता नहीं था कि उनकी परीक्षा अभी बाकी है। कार्तिक देव और उसके षड्यंत्रों का साया उनके ऊपर मंडरा रहा था, और उन्हें पता था कि उन्हें एक साथ मिलकर इसका सामना करना होगा। लेकिन क्या उनका प्यार और दोस्ती इस बार भी उन्हें बचा पाएगी? या फिर उनकी खुशियों को किसी की बुरी नज़र लग जाएगी? ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

    लेकिन इस बीच, अंजलि और रोहन एक-दूसरे के साथ मज़बूती से खड़े थे, तैयार थे हर मुश्किल का सामना करने के लिए, साथ मिलकर।

    क्या ये एकता उन्हें हर मुश्किल से बचा पाएगी? क्या उनका प्यार सभी चुनौतियों को पार कर पाएगा?

    एक नया तूफान आने वाला था, और अंजलि और रोहन को मिलकर इसका सामना करना था। क्या वो इस चुनौती में सफल होंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?

    यह तो बस समय ही बताएगा...

    अंजलि का अपहरण, कार्तिक देव की धमकियाँ और राजपूत समूह के अंदर चल रही साज़िश – क्या ये सब रोहन और अंजलि को अलग कर देगा? या फिर उनका अटूट प्यार उन्हें हर मुश्किल से बाहर निकाल लाएगा?

    ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा...

  • 6. His Secret Empire - Chapter 6

    Words: 1918

    Estimated Reading Time: 12 min

    Chapter 6
    Chapter 6
    Chapter 6
    Chapter 6

    जैसे ही अंजलि और रोहन एक साथ आगे बढ़े, उन्हें पता नहीं था कि उनकी परीक्षा अभी बाकी है। कार्तिक देव और उसके षड्यंत्रों का साया उनके ऊपर मंडरा रहा था, और उन्हें पता था कि उन्हें एक साथ मिलकर इसका सामना करना होगा। लेकिन क्या उनका प्यार और दोस्ती इस बार भी उन्हें बचा पाएगी? या फिर उनकी खुशियों को किसी की बुरी नज़र लग जाएगी? ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।




    लेकिन इस बीच, अंजलि और रोहन एक-दूसरे के साथ मज़बूती से खड़े थे, तैयार थे हर मुश्किल का सामना करने के लिए, साथ मिलकर।



    क्या ये एकता उन्हें हर मुश्किल से बचा पाएगी? क्या उनका प्यार सभी चुनौतियों को पार कर पाएगा?



    एक नया तूफान आने वाला था, और अंजलि और रोहन को मिलकर इसका सामना करना था। क्या वो इस चुनौती में सफल होंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?



    यह तो बस समय ही बताएगा...



    अंजलि का अपहरण, कार्तिक देव की धमकियाँ और राजपूत समूह के अंदर चल रही साज़िश – क्या ये सब रोहन और अंजलि को अलग कर देगा? या फिर उनका अटूट प्यार उन्हें हर मुश्किल से बाहर निकाल लाएगा?



    ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा...



    और इसी बीच, ज़िन्दगी अपनी रफ़्तार से आगे बढ़ रही थी।



    अंजलि को खुद को अपनी अलग तरह की परेशानियों से जूझते हुए पाया। जब एक सीईओ की पत्नी ने पब्लिकली उसे "मिस्ट्रेस" कहकर शर्मिंदा किया, तो प्रीति राजपूत ने उसका ज़ोरदार बचाव किया, इस दखलअंदाज़ी ने अजीब तरह से अंजलि की social standing को बढ़ा दिया।



    अंजलि एक इवेंट में गई थी, जहाँ उसे एक जानी-मानी कंपनी के सीईओ की पत्नी ने सबके सामने अपमानित किया।



    "तुम कौन हो? तुम यहां क्या कर रही हो?" सीईओ की पत्नी ने अंजलि से पूछा।



    अंजलि ने जवाब दिया, "मैं अंजलि राजपूत हूं और मैं यहां एक गेस्ट के तौर पर आई हूं।"



    "ओह, तो तुम ही वो मिस्ट्रेस हो जिसके बारे में सब बात कर रहे हैं," सीईओ की पत्नी ने कहा और ज़ोर से हंसने लगी।



    अंजलि को बहुत बुरा लगा, लेकिन उसने अपनी गरिमा बनाए रखी।



    तभी वहां प्रीति राजपूत आ गईं और उन्होंने अंजलि का बचाव किया।



    "तुम्हें शर्म आनी चाहिए, तुम इस तरह से किसी के साथ बात नहीं कर सकती," प्रीति ने सीईओ की पत्नी से कहा।



    "और तुम कौन हो?" सीईओ की पत्नी ने प्रीति से पूछा।



    "मैं प्रीति राजपूत हूं और मैं अंजलि की दोस्त हूं," प्रीति ने जवाब दिया।



    प्रीति ने फिर अंजलि से कहा, "चलो यहां से चलते हैं, अंजलि। हमें इन जैसे लोगों के साथ अपना वक्त बर्बाद करने की कोई ज़रूरत नहीं है।"



    अंजलि और प्रीति वहां से चली गईं, लेकिन उस घटना का अंजलि पर बहुत गहरा असर पड़ा।



    फिर भी, नई अफ़वाहें तब फैलने लगीं जब एक प्रतिद्वंद्वी डिज़ाइन फर्म के मालिक की बेटी ऐला माथुर को एक महंगा हार पहने हुए देखा गया, जिसे रोहन ने पहले खरीदा था (और बाद में अंजलि को पसंद न आने के बाद बेच दिया था)।



    तुरंत ही दुर्भावनापूर्ण अटकलें लगने लगीं कि ऐला ही असली, छिपी हुई मिसेज़ राजपूत हैं – एक ऐसी कहानी जिसे ऐला ने चालाकी से गढ़ा था।



    इस अभियान ने अंजलि को काफ़ी परेशान किया और उसके बिज़नेस, आइलैंड्स इंक पर एक बड़ा negative असर पड़ा, क्योंकि पुराने partners ऐला के एम डिज़ाइन्स में चले गए।



    अपनी काबिलियत के दम पर सफलता पाने के लिए अंजलि ने शुरू में रोहन की मदद के प्रस्तावों को ठुकरा दिया।



    आख़िरकार, आयुषी और "बहनों" के साथ से हिम्मत पाकर, अंजलि ने सीधे कॉफ़ी शॉप में ऐला का सामना किया।



    अंजलि ने ऐला को एक कॉफी शॉप में देखा और उसके पास जाकर कहा, "तुम्हें शर्म आनी चाहिए, तुम मेरे बारे में झूठ फैला रही हो।"



    ऐला ने जवाब दिया, "मैं झूठ नहीं फैला रही हूं, ये तो सब जानते हैं कि तुम रोहन राजपूत की मिस्ट्रेस हो।"



    अंजलि को बहुत गुस्सा आया, लेकिन उसने अपने आप को शांत रखा।



    रोहन की सहायक काव्या मेनन ने पब्लिकली गवाही दी कि हार असल में ऐला के पिता को बेचा गया था, जिससे ऐला की complicated चाल का पूरी तरह से पर्दाफ़ाश हो गया और उसे पब्लिकली बेइज्ज़त होना पड़ा – एक ऐसा पतन जिसे रोहन ने पक्का किया कि उसे मीडिया में पूरी कवरेज मिले।



    इस घटना के बाद, अंजलि ने रोहन से कहा कि वो अब कभी भी किसी और औरत के साथ नहीं दिखे।



    इस बीच, रोहन के पिता एकलव्य ने अजीब व्यवहार दिखाना शुरू कर दिया, रात में चुपचाप suburbs के एक साधारण घर में जाते थे, जिससे रोहन को उनके संभावित प्रेम संबंध को लेकर चिंता होने लगी।



    एक रात रोहन ने अपने पिता को उस घर में जाते हुए देखा और उसने उनका पीछा किया।



    उसने देखा कि उसके पिता एक औरत के साथ घर के अंदर गए। रोहन को बहुत बुरा लगा। उसे लगा कि उसके पिता उसे धोखा दे रहे हैं।



    अगले दिन रोहन ने अपने पिता से इस बारे में बात की।



    "पिताजी, मैंने आपको उस घर में जाते हुए देखा था। आप वहां क्या कर रहे थे?" रोहन ने पूछा।



    एकलव्य ने जवाब दिया, "मैं तुम्हें सच बताना चाहता हूं, रोहन। वो घर मेरी एक पुरानी दोस्त का है।"



    "कौन है वो?" रोहन ने पूछा।



    "वो मेरी पहली गर्लफ्रेंड थी। हम दोनों बहुत प्यार करते थे, लेकिन फिर हम अलग हो गए," एकलव्य ने जवाब दिया।



    "तो आप उससे अभी भी प्यार करते हैं?" रोहन ने पूछा।



    "हां, मैं उससे अभी भी प्यार करता हूं," एकलव्य ने जवाब दिया।



    रोहन को बहुत बुरा लगा। उसे लगा कि उसके पिता उसे और उसकी मां को धोखा दे रहे हैं।



    साथ ही, राजपूत समूह को एक नए corporate प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ा: एमटी शिखर नाम की एक कंपनी लगातार हानिकारक अफ़वाहें फैला रही थी और चुपचाप उनके शेयर ख़रीद रही थी।



    बाद की जांच से पता चला कि एमटी शिखर असल में एक फिर से शुरू किया गया बैंक था, जिसका दो दशक पहले दिवालिया होना कुमार परिवार की financial बर्बादी का कारण बना था।



    रोहन को समझ में आ गया कि एमटी शिखर राजपूत समूह से बदला लेना चाहता है।



    उसने फैसला किया कि वो एमटी शिखर को किसी भी कीमत पर नहीं जीतने देगा।



    लेकिन क्या रोहन इस नई चुनौती का सामना कर पाएगा? क्या वो अपने परिवार और अपने कारोबार को बचा पाएगा?



    क्या रोहन अपने पिता के सीक्रेट को जान पाएगा और क्या वो एमटी शिखर के नापाक इरादों को नाकाम कर पाएगा? क्या अंजलि और रोहन का प्यार इन मुश्किलों में भी बरकरार रहेगा? या फिर ये सारे खतरे उनके रिश्ते को तोड़कर रख देंगे?



    ये तो वक़्त ही बताएगा...



    रोहन और अंजलि के जीवन में लगातार मुश्किलें आ रही थीं, लेकिन उनका प्यार उन्हें हर चुनौती का सामना करने की ताकत दे रहा था। क्या ये प्यार उन्हें इस नए खतरे से भी बचा पाएगा? या फिर उनकी खुशियों पर किसी की बुरी नज़र लग जाएगी?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा...



    इस दौरान, रोहन और अंजलि को अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्हें प्यार, विश्वासघात, और खतरे से जूझना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी उम्मीद नहीं खोई।





    लेकिन क्या ये सब कुछ उन्हें और करीब ला पाएगा? या फिर उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा है?




  • 7. His Secret Empire - Chapter 7

    Words: 1920

    Estimated Reading Time: 12 min

    Chapter 7
    Chapter 7

    रोहन और अंजलि के जीवन में लगातार मुश्किलें आ रही थीं, लेकिन उनका प्यार उन्हें हर चुनौती का सामना करने की ताकत दे रहा था। क्या ये प्यार उन्हें इस नए खतरे से भी बचा पाएगा? या फिर उनकी खुशियों पर किसी की बुरी नज़र लग जाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा...

    इस दौरान, रोहन और अंजलि को अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्हें प्यार, विश्वासघात, और खतरे से जूझना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी उम्मीद नहीं खोई।

    लेकिन क्या ये सब कुछ उन्हें और करीब ला पाएगा? या फिर उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा है?

    इन्हीं सब के बीच, आयुषी और रजत ने, इतनी देर से परेशान होकर, चुपचाप अपना मैरिज लाइसेंस ले लिया, और एक प्राइवेट रिसेप्शन के साथ अपनी शादी का जश्न मनाया।

    "ये सब कितना क्रेज़ी है, है ना?" आयुषी ने रजत से हंसते हुए कहा, जब वे मैरिज लाइसेंस के लिए लाइन में खड़े थे।

    "हाँ, लेकिन मुझे खुशी है कि हम ये कर रहे हैं," रजत ने जवाब दिया, अपनी आँखों में प्यार लिए।

    हालांकि, खुशी ज़्यादा देर तक नहीं टिक पाई, जब रिसेप्शन में, नेहा चौधरी ने अपने हैरान परिवार को अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में रोते हुए बताया।

    रिसेप्शन शानदार था, हर तरफ खुशियाँ छाई हुई थीं। लेकिन तभी नेहा ने माइक संभाला और रोते हुए कहा, "मैं... मैं प्रेग्नेंट हूँ।"

    पूरा माहौल सन्नाटे में डूब गया। ईशान कुमार तुरंत आगे आया, और खुले तौर पर अपने प्यार और उससे शादी करने के अपने अटूट इरादे का एलान किया।

    "मैं नेहा से प्यार करता हूँ, और मैं उससे शादी करना चाहता हूँ," ईशान ने कहा, उसकी आवाज़ में दृढ़ता थी।

    नेहा ने, हालांकि, तुरंत शादी करने से इनकार कर दिया, वह अपनी ज़िंदगी को अपने परिवार की traditional उम्मीदों के हिसाब से तय करने के लिए तैयार नहीं थी।

    "मुझे नहीं पता कि मैं शादी करना चाहती हूँ या नहीं," नेहा ने कहा, उसकी आँखों में आंसू थे। "मुझे अपनी ज़िंदगी अपने हिसाब से जीनी है।"

    इस बढ़ते पारिवारिक ड्रामा को एक नई गॉसिप वेबसाइट के आने से तुरंत दबा दिया गया, जिसने आयुषी और रजत के लाइसेंस लेने की तस्वीरें छापीं, साथ ही एक और तस्वीर में आलोक को नर्स प्रिया को किस करते हुए दिखाया गया, जिससे रोहन का शक गहरा गया कि उनके करीबी सर्कल में कोई जासूस सक्रिय है।

    "ये क्या हो रहा है?" रोहन ने गुस्से में कहा। "हमारे निजी पल पब्लिक कैसे हो रहे हैं?"

    उसने फ़ौरन अपने सिक्योरिटी हेड को बुलाया और जांच करने को कहा।

    रोहन ने फिर अपने यूनिवर्सिटी के bullies के खिलाफ़ अपने बदले के अभियान को आगे बढ़ाया।

    उसने उनके पिताओं के साथ मीटिंग्स बुलाईं, उनके विवाहेतर संबंधों और उनके वैध बेटों की बिगड़ैल लाइफस्टाइल के बारे में अपनी जानकारी का चतुराई से फ़ायदा उठाया, जिससे कुलपतियों पर कंपनी के ज़रूरी रोल्स और विरासत को अपने ज़्यादा काबिल, भले ही नाजायज़, बच्चों (जो इत्तेफ़ाक से आयुषी के दोस्त थे) को ट्रांसफर करने का दबाव पड़ा।

    "अब तुम्हें पता चलेगा कि मेरे साथ गलत करने का क्या अंजाम होता है," रोहन ने मन ही मन कहा।

    अंजलि के लिए बेबी शॉवर के तौर पर काश्मीरी लड़कियों की planned छुट्टी ने एक भयानक मोड़ ले लिया, जब रोहन और ईशान सहित "लड़कों" ने अचानक छुट्टी में दखल दिया।

    "सरप्राइज!" रोहन और ईशान ने एक साथ चिल्लाया, जब वे लड़कियों के सामने आ गए।

    अंजलि को बहुत गुस्सा आया। "तुम लोग यहाँ क्या कर रहे हो?" उसने पूछा।

    "हमने सोचा कि हम भी थोड़ी मस्ती कर लें," रोहन ने जवाब दिया।

    उनके रहने के दौरान, अंजलि की चचेरी बहन मार्गरेट शर्मा, जो गंभीर पुराने ट्रॉमा से जूझ रही थी, को mental breakdown का अनुभव हुआ और उसने प्रेग्नेंट अंजलि पर बंदूक से हमला किया।

    "मैं तुम्हें मार डालूँगी!" मार्गरेट ने चिल्लाते हुए कहा, उसकी आँखें गुस्से से लाल थीं।

    ईशान ने बहादुरी से बीच-बचाव किया, जैसे ही हथियार चला, उसने मार्गरेट को पकड़ लिया।

    इस दौरान, रोहन को समझ में आ गया कि उसकी ज़िंदगी में मुश्किलें कभी खत्म नहीं होने वाली हैं। उसे हमेशा अपने परिवार और अपने दोस्तों को प्रोटेक्ट करना होगा।

    लेकिन क्या वो ये सब कर पाएगा? क्या वो अपने दुश्मनों को हरा पाएगा? या फिर उसकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?

    यह तो बस समय ही बताएगा…

    अंजलि के साथ क्या होगा? क्या वो और उसका बच्चा सुरक्षित रहेंगे? और क्या रोहन उस साज़िश का पर्दाफ़ाश कर पाएगा जो उसके आसपास बुनी जा रही है?

    जैसे ही अंजलि के ऊपर मार्गरेट ने बंदूक तानी, हॉल में चीख-पुकार मच गई।

    क्या ईशान उसे बचाने में कामयाब हो पाएगा? क्या अंजलि और उसके बच्चे की जान बच पाएगी? या फिर ये खुशी का माहौल मातम में बदल जाएगा?

    रोहन के इंतकाम की आग और गहरी होती जा रही थी, और अब वो किसी भी हद तक जाने को तैयार था। लेकिन क्या उसका ये जुनून उसे सही रास्ते पर रखेगा? या फिर वो खुद भी इस बदले की आग में जल जाएगा?

    ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा...

    और इस तरह, एक और अध्याय खत्म हुआ, जिसमें सवाल कई हैं और जवाब का इंतजार है। क्या रोहन और अंजलि अपने दुश्मनों से बच पाएंगे? क्या उनका प्यार उन्हें हर मुश्किल से पार करा पाएगा? या फिर उनकी खुशियों पर किसी की बुरी नज़र लग जाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या रोहन अपने परिवार को बचा पाएगा, या फिर मार्गरेट के गुस्से का शिकार हो जाएगी अंजलि? क्या ये हादसा उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल देगा?

    इशान ने तेज़ी से मार्गरेट की तरफ़ छलांग लगाई और उसके हाथ को पकड़ लिया, जिससे बंदूक हवा में चल गई। लेकिन इस खींचतान में मार्गरेट का निशाना चूक गया, और...

    अब आगे क्या होगा? क्या अंजलि और उसका बच्चा खतरे से बाहर हैं? या फिर कोई और मुसीबत उनका इंतज़ार कर रही है?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या रोहन अपने परिवार को एक साथ रख पाएगा, या फिर दुश्मनों के साए में बिखर जाएगा सब कुछ? प्यार और बदले की इस कहानी में आगे क्या मोड़ आने वाला है?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    इस तनावपूर्ण माहौल में क्या होगा आगे? क्या रोहन जान पाएगा कि कौन है असली दुश्मन, या फिर वो हमेशा अंधेरे में ही तीर चलाता रहेगा?

    अंजलि की ज़िंदगी खतरे में है, और रोहन को फ़ौरन कुछ करना होगा। क्या वो अपनी पत्नी और बच्चे को बचा पाएगा, या फिर वो हमेशा के लिए खो देगा सब कुछ?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    इस Chapter के साथ, कहानी एक ऐसे मोड़ पर आ खड़ी होती है, जहाँ हर किरदार के सामने मुश्किल सवाल हैं और जवाब ढूंढना आसान नहीं है। क्या होगा आगे? क्या अंजलि और रोहन का प्यार उन्हें इस अंधेरी सुरंग से बाहर निकाल पाएगा?

    क्या ईशान अपनी जान पर खेलकर अंजलि और उसके बच्चे को बचा पाएगा? क्या होगा अगर मार्गरेट का निशाना सही लग जाता?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 8. His Secret Empire - Chapter 8

    Words: 2256

    Estimated Reading Time: 14 min

    Chapter 8

    पिछले अध्याय में जहाँ कहानी खत्म हुई थी, वहीं से शुरू करते हैं...

    इशान ने तेज़ी से मार्गरेट की तरफ़ छलांग लगाई और उसके हाथ को पकड़ लिया, जिससे बंदूक हवा में चल गई। लेकिन इस खींचतान में मार्गरेट का निशाना चूक गया, और...

    इस घटना के गहरे सदमे ने अंजलि को समय से पहले प्रसव पीड़ा में डाल दिया।

    हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। अंजलि दर्द से कराह रही थी और हर कोई उसे संभालने की कोशिश कर रहा था।

    "रोहन, मुझे दर्द हो रहा है," अंजलि ने रोते हुए कहा।

    "मैं यहीं हूं, अंजलि। सब ठीक हो जाएगा," रोहन ने उसे गले लगाते हुए कहा, उसकी आंखों में चिंता साफ झलक रही थी।

    असाधारण रूप से मुश्किल हालात में, मिहिर चौधरी और नेहा चौधरी ने आपातकालीन सी-सेक्शन किया।

    "हमें जल्दी करनी होगी, उसकी हालत बिगड़ रही है," मिहिर ने कहा, उसके चेहरे पर तनाव साफ दिख रहा था।

    नेहा ने सिर हिलाया और दोनों ऑपरेशन की तैयारी में जुट गए। हर पल कीमती था।

    अंजलि को सिर में चोट लगी और वह बेहोश रही, लेकिन उनका बेटा एमिलियो राजपूत चतुर्थ स्वस्थ और तंदुरुस्त पैदा हुआ।

    जब एमिलियो का पहला रुदन गूंजा, तो सबकी जान में जान आई। रोहन ने राहत की सांस ली और अंजलि के माथे को चूमा।

    राजधानी वापस आकर, विद्या देसाई ने मिहिर से पेरिस में हुई एक पिछली घटना के बारे में बात की, जिसके दौरान उसने गलती से मान लिया था कि नर्स प्रिया ने उसके साथ मिलकर उसके साथ विश्वासघात किया है।

    "मुझे बहुत बुरा लग रहा है, मिहिर। मैंने बिना सोचे समझे प्रिया पर शक किया," विद्या ने कहा, उसकी आंखों में पछतावा था।

    मिहिर ने उसका हाथ थामा और कहा, "कोई बात नहीं, विद्या। गलतियां तो होती रहती हैं। अहम बात ये है कि तुमने अपनी गलती मान ली।"

    आलोक सिंह की अनमने ढंग से पुष्टि के साथ, मिहिर ने आखिरकार सच्चाई बताई: आलोक ही मिहिर के ऑफ़िस में एक डॉक्टर के साथ थी।

    "ये... ये सब क्या है?" विद्या हैरान होकर आलोक को देखने लगी।

    आलोक ने नजरें चुरा लीं और कुछ नहीं कहा। मिहिर ने विद्या को पूरी कहानी बताई, जिससे विद्या के होश उड़ गए।

    इस लगातार गलतफ़हमी के आखिरकार सुलझने के बाद, विद्या ने मिहिर के लिए अपनी लंबे समय से दबी हुई भावनाओं को कबूल किया और आखिरकार उन्होंने अपनी शादी पूरी कर ली।

    "मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं, मिहिर," विद्या ने कहा, उसकी आंखों में प्यार झलक रहा था।

    "मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूं, विद्या," मिहिर ने जवाब दिया और उसे कसकर गले लगा लिया।

    रोहन की चचेरी बहन, मीरा राजपूत-मेहता और उसके माता-पिता, साथ ही रोहन के दादा-दादी की वापसी के साथ राजपूत परिवार का दायरा बढ़ गया।

    "हमें बहुत खुशी है कि हम वापस आ गए," मीरा ने कहा, उसके चेहरे पर मुस्कान थी।

    "हां, हमें भी बहुत खुशी है कि तुम सब यहां हो," रोहन ने जवाब दिया, उसका दिल खुशी से भर गया।

    इस बीच, रोहन की चल रही जांच ने पुष्टि की कि एकलव्य वास्तव में रहस्यमय उपनगरीय घर में एक महिला से मिल रहा था।

    रोहन ने जासूसों को उस औरत की पहचान पता करने के लिए कहा। उसे ये जानने की बेचैनी थी कि उसके पिता क्या कर रहे हैं।

    रोहन ने औपचारिक रूप से राजपूत ग्रुप के चेयरमैन और CEO की भूमिका संभाली।

    "ये एक नई शुरुआत है," रोहन ने सोचा, "और मैं ये सुनिश्चित करूंगा कि राजपूत ग्रुप नई ऊंचाइयों को छुए।"

    "राजकुमारों" ने अपने सह-स्थापित उद्यम, राजकुमार ग्रुप के लिए अपनी पहली आधिकारिक बोर्ड मीटिंग बुलाई।

    मीटिंग में, उन्होंने ग्रुप के भविष्य के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। हर कोई उत्साहित था और मिलकर काम करने को उत्सुक था।

    लेकिन, जतिन लोढ़ा की हत्या की जांच फिर से एक impasse पर पहुँच गई जब confessed mastermind की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

    "ये क्या हो रहा है?" रोहन ने गुस्से से कहा। "क्या कोई इस केस को दबाना चाहता है?"

    पुलिस बल के भीतर भ्रष्टाचार के संदेह को दूर करते हुए, कैप्टन देव पांडे ने गुप्त रूप से रोहन और ईशान से मुलाकात की।

    "मुझे लगता है कि पुलिस में कोई है जो इन अपराधियों की मदद कर रहा है," कैप्टन देव पांडे ने कहा, उसकी आवाज़ में चिंता थी।

    रोहन और ईशान ने एक-दूसरे को देखा। उन्हें पता था कि अब उन्हें और सतर्क रहना होगा।

    महत्वाकांक्षी टेक हब प्रोजेक्ट को तब एक भयानक झटका लगा: नेहा के Psychiatric Center में एक कंस्ट्रक्शन वर्कर ने आत्महत्या कर ली, और लगभग उसी समय, आयुषी के Alicia Mall की बिल्डिंग में एक powerful बम धमाका हुआ, जिससे वह पूरी तरह से ढह गई।

    "ये बहुत भयानक है!" आयुषी ने चीखते हुए कहा, उसकी आंखों में आंसू थे।

    हर कोई सदमे में था। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि ये सब कैसे हो गया।

    आत्मघाती पीड़ित, श्री कुमार नाम का एक कुख्यात loan shark (जो लावण्या दीक्षित के पति अंकित कुमार का पिता भी था) पर भारी कर्ज था, उसने explosive device लगाई थी।

    "तो, लावण्या का परिवार इसमें शामिल है?" रोहन ने हैरान होकर कहा।

    ईशान और नेहा ने एक महत्वपूर्ण झगड़े के बाद सुलह कर ली, इस घटना से उनका रिश्ता और मजबूत हुआ।

    "मुझे माफ़ कर दो, नेहा," ईशान ने कहा, उसकी आंखों में पछतावा था। "मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगा।"

    नेहा ने उसे गले लगाया और कहा, "मैं भी तुम्हें माफ़ करती हूं, ईशान। मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं।"

    त्रासदी तब फिर से हुई जब अंजलि के चचेरे भाई जतिन लोढ़ा को कॉन्स्टेलेशन होटल के बाहर गोली मार दी गई।

    "नहीं!" अंजलि चीख पड़ी, उसकी आंखों में आंसू थे। "ये कैसे हो सकता है?"

    हत्यारे ने पकड़े जाने के तुरंत बाद आत्महत्या कर ली।

    "ये सब क्या है?" रोहन ने गुस्से से कहा। "क्या कोई हमारे परिवार को खत्म करना चाहता है?"

    गिल्ट से ग्रस्त रोहन ने जतिन के असली हत्यारे का पर्दाफाश करने की कसम खाई, क्योंकि confessed killer का मकसद बहुत संदिग्ध लग रहा था।

    "मैं तुम्हें वचन देता हूं, अंजलि। मैं जतिन के हत्यारे को ढूंढ कर रहूंगा," रोहन ने कहा, उसकी आंखों में दृढ़ता थी।

    चल रही जांच में एमटी शिखर की ओर इशारा किया गया, जो राजपूत ग्रुप के खिलाफ़ कई तरह के हमलों का orchestrator था।

    "तो, एमटी शिखर अभी भी हमारे पीछे है?" रोहन ने गुस्से से कहा। "ये कब खत्म होगा?"

    रोहन के चेयरमैन और CEO के रूप में आधिकारिक तौर पर पदभार ग्रहण करने की सार्वजनिक घोषणा की गई।

    और इसी के साथ, ये अध्याय खत्म होता है, लेकिन कहानी अभी बाकी है।

    क्या रोहन जतिन के असली हत्यारे का पर्दाफ़ाश कर पाएगा? क्या एमटी शिखर के नापाक इरादे कभी नाकाम हो पाएंगे? क्या अंजलि और रोहन का प्यार इस नए खतरे से भी बच पाएगा?

    क्या ये सारे हमले रोहन को तोड़ देंगे? या फिर वो और भी मजबूत होकर उभरेगा? और सबसे बड़ा सवाल, इस कहानी का अंत क्या होगा? क्या ये एक खुशहाल अंत होगा, या फिर...?

    ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा...

    रोहन की ज़िंदगी एक खतरनाक मोड़ पर आ गई है, और अब उसे हर कदम पर संभलकर चलना होगा। क्या वो अपने परिवार और अपने कारोबार को बचा पाएगा?

    अंजलि को लगातार खतरों का सामना करना पड़ रहा है। क्या वो अपने बच्चे को सुरक्षित रख पाएगी?

    और "5 राजकुमार" - क्या उनकी दोस्ती इन मुश्किलों में भी बनी रहेगी?

    ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा...

    हर तरफ खतरे की आशंका है, और रोहन को जल्द ही कुछ करना होगा। क्या वो अपने दुश्मनों को हरा पाएगा? या फिर वो हमेशा के लिए खो देगा सब कुछ?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आगे और भी रहस्य, रोमांच और खतरे बाकी हैं। क्या रोहन और अंजलि इन सब का सामना कर पाएंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या कैप्टन देव पांडे जतिन लोढ़ा की हत्या के पीछे की सच्चाई को उजागर कर पाएंगे? और क्या वो पुलिस फोर्स के भीतर मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब कर पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार और अपने कारोबार को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 9. His Secret Empire - Chapter 9

    Words: 2051

    Estimated Reading Time: 13 min

    **Chapter 9**

    रोहन राजपूत ने आधिकारिक तौर पर विशाल राजपूत समूह के चेयरमैन और CEO का पद संभाला, यह एक ऐसा इवेंट था जिसने कंपनी की पावर स्ट्रक्चर में एक नए युग की शुरुआत की और मीडिया का खूब ध्यान खींचा।

    उनके उद्घाटन भाषण में समूह के भविष्य के लिए उनकी विज़न बताई गई, जिसमें स्थिरता, इनोवेशन और नैतिक कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर जोर दिया गया, जबकि वह चुपचाप आने वाली चुनौतियों के बारे में सोच रहे थे।

    अंजलि, जो अभी भी अपने नवजात बेटे, एमिलियो राजपूत चतुर्थ के जन्म के सदमे से उबर रही थी, जो मार्गरेट शर्मा के हमले और उसके बाद के समय से पहले हुए प्रसव के कारण हुआ था, अपने पति के नए official लीडरशिप को देखने के लिए अस्पताल के बिस्तर से ही टीवी पर दिखाई दी।

    “तुम कर सकते हो, रोहन,” उसने धीरे से कहा, उसकी आवाज़ में प्यार और गर्व झलक रहा था। “मुझे पता है तुम ये कर सकते हो।”

    मिहिर चौधरी और नेहा चौधरी, जिन्होंने एमिलियो राजपूत चतुर्थ के जन्म में मदद की थी, उन्होंने अंजलि और बच्चे की हालत पर लगातार अस्पताल में नज़र रखी, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें सबसे अच्छी medical care मिले।

    “सब ठीक है, अंजलि,” नेहा ने कहा, उसका हाथ अंजलि के हाथ पर रखा हुआ था। “तुम एक बहादुर माँ हो।”

    “हाँ, और तुम बहुत भाग्यशाली हो कि तुम्हारे पास रोहन जैसा पति है,” मिहिर ने कहा, उसकी आँखों में दोस्ती झलक रही थी।

    रजत सिंह और आयुषी राजपूत, अपनी हाल ही में हुई गुप्त शादी के बाद भी खुश थे, उन्होंने रोहन और अंजलि दोनों को लगातार सपोर्ट दिया, और अपनी “नकली” सगाई के सफल अंत पर राहत महसूस की।

    “हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं, रोहन,” रजत ने कहा, उसकी आवाज़ में ईमानदारी थी। “चाहे कुछ भी हो जाए।”

    “हाँ, हम सब तुम्हारे साथ हैं,” आयुषी ने कहा, उसकी आँखों में प्यार झलक रहा था।

    राम देसाई ने एक बड़ा PR अभियान शुरू किया ताकि राजपूत समूह के भीतर रोहन के takeover और लीडरशिप के बारे में एक positive narrative बनाया जा सके, जिससे समूह की मार्केट पोजीशन मजबूत हुई।

    “हमें जनता को यह दिखाना होगा कि रोहन कंपनी के लिए सबसे अच्छा विकल्प है,” राम ने कहा, उसकी आवाज़ में दृढ़ता थी। “और हम ऐसा करेंगे।”

    आलोक सिंह और कृतिका सिंह ने रोहन की नई लीडरशिप में नई जिम्मेदारियाँ संभालीं, खासकर राजपूत समूह के लीगल और सिक्योरिटी डिवीज़ंस की देखरेख में।

    “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कंपनी कानूनी तौर पर सुरक्षित रहे,” कृतिका ने कहा, उसकी आवाज़ में आत्मविश्वास था।

    “और हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कंपनी शारीरिक रूप से सुरक्षित रहे,” आलोक ने कहा, उसकी आँखों में गंभीरता झलक रही थी।

    ईशान कुमार ने रहस्यमयी एमटी शिखर कंपनी के बारे में शुरुआती जानकारी जुटाना जारी रखा, जो राजपूत समूह के खिलाफ़ हानिकारक अफ़वाहें फैला रही थी और चुपचाप उनके शेयर खरीद रही थी, साथ ही नेहा की प्रेग्नेंसी और उनके रिश्ते की complications को भी संभाल रहा था।

    रोहन ने अपने पिता, एकलव्य राजपूत के रहस्यमयी व्यवहार पर अपनी चिंता दोबारा जताई, क्योंकि एकलव्य suburbs में एक साधारण घर में चुपचाप जाना जारी रखा था, जिससे रोहन को संभावित प्रेम संबंध या एक गहरे राज़ का शक हुआ।

    “मुझे नहीं पता कि मेरे पिता क्या कर रहे हैं,” रोहन ने सोचा, उसके मन में चिंता घर कर रही थी। “लेकिन मुझे पता लगाना होगा।”

    कैप्टन देव पांडे ने रोहन से प्राइवेटली मुलाकात की, उन्हें जतिन लोढ़ा की हत्या की ongoing investigation और पुलिस फोर्स के भीतर बढ़ते करप्शन के अपने शक के बारे में बताया, यह इशारा करते हुए कि confess करने वाले हत्यारे का motive बहुत संदिग्ध था।

    “मुझे लगता है कि पुलिस में कोई है जो इस केस को दबाने की कोशिश कर रहा है,” कैप्टन देव पांडे ने कहा, उसकी आवाज़ में निराशा झलक रही थी। “और मुझे यह पता लगाना होगा कि वो कौन है।”

    रोहन ने कैप्टन देव पांडे को हर संभव मदद करने का वादा किया। उसे पता था कि सच्चाई को उजागर करना ज़रूरी है।

    इन सबके बीच, अंजलि को खुद को अपनी अलग तरह की परेशानियों से जूझते हुए पाया। जब एक CEO की पत्नी ने पब्लिकली उसे “मिस्ट्रेस” कहकर शर्मिंदा किया, तो प्रीति राजपूत ने उसका ज़ोरदार बचाव किया, इस दखलअंदाज़ी ने अजीब तरह से अंजलि की social standing को बढ़ा दिया।

    प्रीति का अचानक बचाव हैरान करने वाला था, लेकिन अंजलि जानती थी कि उसे हर तरह के support की ज़रूरत है।

    फिर भी, नई अफ़वाहें तब फैलने लगीं जब एक प्रतिद्वंद्वी डिज़ाइन फर्म के मालिक की बेटी ऐला माथुर को एक महंगा हार पहने हुए देखा गया, जिसे रोहन ने पहले खरीदा था (और बाद में अंजलि को पसंद न आने के बाद बेच दिया था)।

    “ये हार... ये तो वही हार है जो रोहन ने मुझे दिया था!” अंजलि ने हैरान होकर सोचा। “लेकिन ऐला के पास ये कैसे आया?”

    तुरंत ही दुर्भावनापूर्ण अटकलें लगने लगीं कि ऐला ही असली, छिपी हुई मिसेज़ राजपूत हैं – एक ऐसी कहानी जिसे ऐला ने चालाकी से गढ़ा था।

    इस अभियान ने अंजलि को काफ़ी परेशान किया और उसके बिज़नेस, आइलैंड्स इंक पर एक बड़ा negative असर पड़ा, क्योंकि पुराने partners ऐला के एम डिज़ाइन्स में चले गए।

    अपनी काबिलियत के दम पर सफलता पाने के लिए अंजलि ने शुरू में रोहन की मदद के प्रस्तावों को ठुकरा दिया।

    “मैं ये अपने दम पर करना चाहती हूं,” अंजलि ने रोहन से कहा, उसकी आवाज़ में दृढ़ता थी। “मुझे तुम्हारी मदद नहीं चाहिए।”

    आख़िरकार, आयुषी और “बहनों” के साथ से हिम्मत पाकर, अंजलि ने सीधे कॉफ़ी शॉप में ऐला का सामना किया।

    “तुम ये सब क्यों कर रही हो?” अंजलि ने ऐला से पूछा, उसकी आवाज़ में गुस्सा था। “तुम क्या चाहती हो?”

    रोहन की सहायक काव्या मेनन ने पब्लिकली गवाही दी कि हार असल में ऐला के पिता को बेचा गया था, जिससे ऐला की complicated चाल का पूरी तरह से पर्दाफ़ाश हो गया और उसे पब्लिकली बेइज्ज़त होना पड़ा – एक ऐसा पतन जिसे रोहन ने पक्का किया कि उसे मीडिया में पूरी कवरेज मिले।

    ऐला की सारी योजना धरी की धरी रह गई। अंजलि को एहसास हुआ कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है।

    इस बीच, रोहन के पिता एकलव्य ने अजीब व्यवहार दिखाना शुरू कर दिया, रात में चुपचाप suburbs के एक साधारण घर में जाते थे, जिससे रोहन को उनके संभावित प्रेम संबंध को लेकर चिंता होने लगी।

    “मुझे पता लगाना होगा कि मेरे पिता क्या कर रहे हैं,” रोहन ने सोचा, उसके मन में चिंता घर कर रही थी। “मुझे सच्चाई जाननी है।”

    साथ ही, राजपूत समूह को एक नए corporate प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ा: एमटी शिखर नाम की एक कंपनी लगातार हानिकारक अफ़वाहें फैला रही थी और चुपचाप उनके शेयर ख़रीद रही थी।

    “एमटी शिखर... ये फिर से आ गए,” रोहन ने गुस्से में कहा। “मैं इन्हें नहीं छोड़ूंगा।”

    बाद की जांच से पता चला कि एमटी शिखर असल में एक फिर से शुरू किया गया बैंक था, जिसका दो दशक पहले दिवालिया होना कुमार परिवार की financial बर्बादी का कारण बना था।

    अब रोहन को समझ में आया कि एमटी शिखर के पीछे का असली मकसद क्या है। ये सिर्फ़ एक corporate प्रतिद्वंद्वी नहीं थे, बल्कि एक बदला लेने वाला परिवार था।

    और यहीं पर ये अध्याय समाप्त होता है, कई अनसुलझे सवालों के साथ। क्या रोहन अपने पिता के रहस्य का पता लगा पाएगा? क्या वो एमटी शिखर को हरा पाएगा? और क्या अंजलि अपनी प्रतिष्ठा और अपना कारोबार बचा पाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 10. His Secret Empire - Chapter 10

    Words: 1415

    Estimated Reading Time: 9 min

    **Chapter 10**

    इन बढ़ते तनावों के बीच, आयुषी और रजत ने, इतनी देर से परेशान होकर, चुपचाप अपना मैरिज लाइसेंस ले लिया, और एक प्राइवेट रिसेप्शन के साथ अपनी शादी का जश्न मनाया।

    "फाइनली," आयुषी ने रजत का हाथ पकड़कर कहा, "हम हमेशा के लिए साथ हैं।"

    "हमेशा और हमेशा के लिए," रजत ने जवाब दिया, उसकी आंखों में प्यार झलक रहा था।

    हालांकि, खुशी ज़्यादा देर तक नहीं टिक पाई, जब रिसेप्शन में, नेहा चौधरी ने अपने हैरान परिवार को अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में रोते हुए बताया।

    "मैं... मैं प्रेग्नेंट हूं," नेहा ने कहा, उसकी आवाज़ में हिचकिचाहट थी।

    चौधरी परिवार सन्न रह गया। ये खबर उनके लिए एक बड़ा झटका थी।

    ईशान कुमार तुरंत आगे आया, और खुले तौर पर अपने प्यार और उससे शादी करने के अपने अटूट इरादे का एलान किया।

    "मैं नेहा से प्यार करता हूं और मैं उससे शादी करना चाहता हूं," ईशान ने कहा, उसकी आवाज़ में दृढ़ता थी। "मैं अपने बच्चे को अपनाने के लिए तैयार हूं।"

    नेहा ने, हालांकि, तुरंत शादी करने से इनकार कर दिया, वह अपनी ज़िंदगी को अपने परिवार की traditional उम्मीदों के हिसाब से तय करने के लिए तैयार नहीं थी।

    "मुझे अभी शादी नहीं करनी है," नेहा ने कहा, उसकी आंखों में आंसू थे। "मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए।"

    इस बढ़ते पारिवारिक ड्रामा को एक नई गॉसिप वेबसाइट के आने से तुरंत दबा दिया गया, जिसने आयुषी और रजत के लाइसेंस लेने की तस्वीरें छापीं, साथ ही एक और तस्वीर में आलोक को नर्स प्रिया को किस करते हुए दिखाया गया, जिससे रोहन का शक गहरा गया कि उनके करीबी सर्कल में कोई जासूस सक्रिय है।

    "ये कौन कर रहा है?" रोहन ने गुस्से से कहा। "कौन हमारी निजी ज़िंदगी में दखल दे रहा है?"

    रोहन ने फिर अपने यूनिवर्सिटी के bullies के खिलाफ़ अपने बदले के अभियान को आगे बढ़ाया।

    उसने उनके पिताओं के साथ मीटिंग्स बुलाईं, उनके विवाहेतर संबंधों और उनके वैध बेटों की बिगड़ैल लाइफस्टाइल के बारे में अपनी जानकारी का चतुराई से फ़ायदा उठाया, जिससे कुलपतियों पर कंपनी के ज़रूरी रोल्स और विरासत को अपने ज़्यादा काबिल, भले ही नाजायज़, बच्चों (जो इत्तेफ़ाक से आयुषी के दोस्त थे) को ट्रांसफर करने का दबाव पड़ा।

    "अब तुम समझोगे कि मेरे साथ बुरा व्यवहार करने का क्या मतलब होता है," रोहन ने सोचा, उसके चेहरे पर मुस्कान थी।

    अंजलि के लिए बेबी शॉवर के तौर पर काश्मीरी लड़कियों की planned छुट्टी ने एक भयानक मोड़ ले लिया, जब रोहन और ईशान सहित "लड़कों" ने अचानक छुट्टी में दखल दिया।

    "सरप्राइज!" रोहन ने कहा, उसके हाथों में फूलों का गुलदस्ता था।

    अंजलि ने अपनी आंखें घुमाईं। उसे पता था कि "लड़के" छुट्टी में दखल देंगे।

    उनके रहने के दौरान, अंजलि की चचेरी बहन मार्गरेट शर्मा, जो गंभीर पुराने ट्रॉमा से जूझ रही थी, को mental breakdown का अनुभव हुआ और उसने प्रेग्नेंट अंजलि पर बंदूक से हमला किया।

    मार्गरेट की आंखें स्थिर थीं, और उसके हाथ कांप रहे थे। उसे देख कर लग रहा था कि वो किसी और ही दुनिया में है।

    ईशान ने बहादुरी से बीच-बचाव किया, जैसे ही हथियार चला, उसने मार्गरेट को पकड़ लिया।

    इस ड्रामेटिक हस्तक्षेप के बाद हर तरफ़ चीख-पुकार मच गई। अंजलि डर से कांप रही थी, जबकि बाकी लोग मार्गरेट को शांत करने की कोशिश कर रहे थे।

    रोहन ने अंजलि को कसकर गले लगाया और उसके माथे को चूमा। "तुम सुरक्षित हो," उसने कहा। "मैं तुम्हें कभी कुछ नहीं होने दूंगा।"

    और इसी के साथ, ये अध्याय खत्म होता है, कई अनसुलझे सवालों के साथ। क्या मार्गरेट को मदद मिलेगी? क्या रोहन अपने दोस्तों के साथ विश्वासघात करने वाले जासूस को ढूंढ पाएगा? और ये सब आगे क्या मोड़ लेगा?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या ये घटना अंजलि को और भी ज़्यादा प्रोटेक्टिव बना देगी? और क्या वो अपने बच्चे के लिए और ज़्यादा डरने लगेगी?

    क्या ईशान और नेहा का रिश्ता इस तनाव से उबर पाएगा? क्या वो आखिरकार एक साथ खुश रह पाएंगे?

    और क्या रोहन अपने अतीत के दुश्मनों से कभी छुटकारा पा पाएगा? या फिर वो हमेशा के लिए खतरों से घिरा रहेगा?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    हर तरफ खतरे की आशंका है, और रोहन को जल्द ही कुछ करना होगा। क्या वो अपने परिवार और अपने कारोबार को बचा पाएगा? या फिर वो हमेशा के लिए खो देगा सब कुछ?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आगे और भी रहस्य, रोमांच और खतरे बाकी हैं। क्या रोहन और अंजलि इन सब का सामना कर पाएंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या कैप्टन देव पांडे जतिन लोढ़ा की हत्या के पीछे की सच्चाई को उजागर कर पाएंगे? और क्या वो पुलिस फोर्स के भीतर मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब कर पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार और अपने कारोबार को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 11. His Secret Empire - Chapter 11

    Words: 1174

    Estimated Reading Time: 8 min

    **Chapter 11**



    इस घटना के गहरे सदमे ने अंजलि को समय से पहले प्रसव पीड़ा में डाल दिया।



    "मुझे... मुझे दर्द हो रहा है," अंजलि ने कहा, उसकी आवाज़ में घबराहट थी।



    "साँस लो, अंजलि, साँस लो," आयुषी ने कहा, उसका हाथ अंजलि के हाथ पर रखा हुआ था। "सब ठीक हो जाएगा।"



    असाधारण रूप से मुश्किल हालात में, मिहिर चौधरी और नेहा चौधरी ने आपातकालीन सी-सेक्शन किया।



    "मुझे डर लग रहा है," अंजलि ने कहा, उसकी आँखों में आंसू थे।



    "हम तुम्हारे साथ हैं, अंजलि," नेहा ने कहा, उसकी आँखों में प्यार झलक रहा था। "तुम कर सकती हो।"



    मिहिर ने तेज़ी से काम किया, अपना पूरा ध्यान केंद्रित करके। वो जानता था कि अंजलि और उसके बच्चे की जान उसके हाथों में है।



    अंजलि को सिर में चोट लगी और वह बेहोश रही, लेकिन उनका बेटा एमिलियो राजपूत चतुर्थ स्वस्थ और तंदुरुस्त पैदा हुआ।



    "ये एक लड़का है," मिहिर ने कहा, उसके चेहरे पर राहत की मुस्कान थी।



    रोहन को ये खबर सुनकर बहुत खुशी हुई। वो तुरंत अंजलि और अपने बेटे के पास जाना चाहता था, लेकिन उसे पता था कि उसे शांत रहना होगा।



    राजधानी वापस आकर, विद्या देसाई ने मिहिर से पेरिस में हुई एक पिछली घटना के बारे में बात की, जिसके दौरान उसने गलती से मान लिया था कि नर्स प्रिया ने उसके साथ मिलकर उसके साथ विश्वासघात किया है।



    "मुझे माफ़ कर दो, मिहिर," विद्या ने कहा, उसकी आवाज़ में पछतावा था। "मुझे तुम्हें शक नहीं करना चाहिए था।"



    "कोई बात नहीं, विद्या," मिहिर ने कहा, उसका हाथ विद्या के हाथ पर रखा हुआ था। "हम सब गलतियां करते हैं।"



    आलोक सिंह की अनमने ढंग से पुष्टि के साथ, मिहिर ने आखिरकार सच्चाई बताई: आलोक ही मिहिर के ऑफ़िस में एक डॉक्टर के साथ थी।



    विद्या ने आलोक की ओर देखा, उसकी आंखों में निराशा थी।



    "मुझे माफ़ कर दो, विद्या," आलोक ने कहा, उसकी आवाज़ में पछतावा था। "मैं तुम्हें चोट नहीं पहुंचाना चाहता था।"



    इस लगातार गलतफ़हमी के आखिरकार सुलझने के बाद, विद्या ने मिहिर के लिए अपनी लंबे समय से दबी हुई भावनाओं को कबूल किया और आखिरकार उन्होंने अपनी शादी पूरी कर ली।



    "मैं तुमसे प्यार करती हूं, मिहिर," विद्या ने कहा, उसकी आँखों में आंसू थे।



    "मैं भी तुमसे प्यार करता हूं, विद्या," मिहिर ने जवाब दिया, उसकी आँखों में प्यार झलक रहा था।



    रोहन की चचेरी बहन, मीरा राजपूत-मेहता और उसके माता-पिता, साथ ही रोहन के दादा-दादी की वापसी के साथ राजपूत परिवार का दायरा बढ़ गया।



    रोहन को अपने परिवार को एक साथ देखकर बहुत खुशी हुई। उसे पता था कि वो कुछ भी कर सकते हैं, अगर वो एक साथ हैं।



    इस बीच, रोहन की चल रही जांच ने पुष्टि की कि एकलव्य वास्तव में रहस्यमय उपनगरीय घर में एक महिला से मिल रहा था।



    "मुझे अब ये पता करना ही होगा," रोहन ने सोचा, उसकी आँखों में दृढ़ता थी।



    रोहन ने औपचारिक रूप से राजपूत ग्रुप के चेयरमैन और CEO की भूमिका संभाली।



    ये उसके लिए एक बड़ी ज़िम्मेदारी थी, लेकिन वो जानता था कि वो इसे निभा सकता है।



    "राजकुमारों" ने अपने सह-स्थापित उद्यम, राजकुमार ग्रुप के लिए अपनी पहली आधिकारिक बोर्ड मीटिंग बुलाई।



    रोहन ने बैठक की शुरुआत की, और उसने अपने दोस्तों को बताया कि उसका विज़न क्या है।



    "हम दुनिया को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे," रोहन ने कहा। "और हम ऐसा करेंगे।"



    और यहीं पर ये अध्याय समाप्त होता है, कई अनसुलझे सवालों के साथ। क्या एकलव्य अपने रहस्य का पता लगा पाएगा? क्या वो अपने परिवार और अपने कारोबार को बचा पाएगा?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…



    क्या अंजलि और रोहन का रिश्ता इस तनाव से उबर पाएगा? क्या वो आखिरकार एक साथ खुश रह पाएंगे?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…



    और क्या रोहन अपने अतीत के दुश्मनों से कभी छुटकारा पा पाएगा? या फिर वो हमेशा के लिए खतरों से घिरा रहेगा?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…



    क्या मिहिर और विद्या आखिरकार अपने परिवार का आशीर्वाद पा सकेंगे? या फिर उन्हें हमेशा के लिए अकेले ही खुश रहना पड़ेगा?



    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या राजपूत परिवार एकता और ताकत के साथ खड़ा रह पाएगा? या फिर उनके दुश्मन उन्हें तोड़ देंगे?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…



  • 12. His Secret Empire - Chapter 12

    Words: 1142

    Estimated Reading Time: 7 min

    **Chapter 12**

    हालांकि, जतिन लोढ़ा की हत्या की जांच फिर से एक impasse पर पहुँच गई जब confessed mastermind की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

    "ये क्या हो रहा है?" कैप्टन देव पांडे ने गुस्से से कहा। "कौन इस जांच को sabotaging कर रहा है?"

    पुलिस बल के भीतर भ्रष्टाचार के संदेह को दूर करते हुए, कैप्टन देव पांडे ने गुप्त रूप से रोहन और ईशान से मुलाकात की।

    "मुझे आप दोनों की मदद चाहिए," कैप्टन देव पांडे ने कहा। "मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं किस पर भरोसा कर सकता हूं।"

    "हम तुम्हारे साथ हैं, देव," रोहन ने कहा, उसकी आवाज में सहानुभूति थी।

    महत्वाकांक्षी टेक हब प्रोजेक्ट को तब एक भयानक झटका लगा: नेहा के Psychiatric Center में एक कंस्ट्रक्शन वर्कर ने आत्महत्या कर ली, और लगभग उसी समय, आयुषी के Alicia Mall की बिल्डिंग में एक powerful बम धमाका हुआ, जिससे वह पूरी तरह से ढह गई।

    "ये क्या हो रहा है?" आयुषी ने चीखते हुए कहा। "कौन मुझे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है?"

    आत्मघाती पीड़ित, श्री कुमार नाम का एक कुख्यात loan shark (जो लावण्या दीक्षित के पति अंकित कुमार का पिता भी था) पर भारी कर्ज था, उसने explosive device लगाई थी।

    "ये पागलपन है," ईशान ने कहा। "ये सब रुकना होगा।"

    ईशान और नेहा ने एक महत्वपूर्ण झगड़े के बाद सुलह कर ली, इस घटना से उनका रिश्ता और मजबूत हुआ।

    "मैं तुमसे प्यार करता हूं, नेहा," ईशान ने कहा। "मैं तुम्हें कभी नहीं खोना चाहता।"

    "मैं भी तुमसे प्यार करता हूं, ईशान," नेहा ने जवाब दिया, उसकी आंखों में आंसू थे।

    त्रासदी तब फिर से हुई जब अंजलि के चचेरे भाई जतिन लोढ़ा को कॉन्स्टेलेशन होटल के बाहर गोली मार दी गई।

    अंजलि को ये खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वो जतिन के परिवार के लिए बहुत बुरा महसूस कर रही थी।

    हत्यारे ने पकड़े जाने के तुरंत बाद आत्महत्या कर ली।

    गिल्ट से ग्रस्त रोहन ने जतिन के असली हत्यारे का पर्दाफाश करने की कसम खाई, क्योंकि confessed killer का मकसद बहुत संदिग्ध लग रहा था।

    "मैं सच का पता लगाऊंगा," रोहन ने कहा। "मैं ये जतिन के लिए करूंगा।"

    चल रही जांच में एमटी शिखर की ओर इशारा किया गया, जो राजपूत ग्रुप के खिलाफ़ कई तरह के हमलों का orchestrator था।

    "ये एमटी शिखर वाले बहुत आगे निकल गए हैं," रोहन ने कहा। "हमें उन्हें रोकना होगा।"

    रोहन के चेयरमैन और CEO के रूप में आधिकारिक तौर पर पदभार ग्रहण करने की सार्वजनिक घोषणा की गई।

    "ये मेरे जीवन का एक नया अध्याय है," रोहन ने सोचा। "और मैं इसके लिए तैयार हूं।"

    और यहीं पर ये अध्याय समाप्त होता है, कई अनसुलझे सवालों के साथ। क्या रोहन जतिन लोढ़ा के असली हत्यारे का पता लगा पाएगा? क्या वो एमटी शिखर को रोक पाएगा? और क्या वो राजपूत ग्रुप को बचा पाएगा?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या अंजलि का परिवार जतिन की मौत से उबर पाएगा? और क्या वो कभी भी सामान्य जीवन जी पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या ईशान और नेहा का रिश्ता इस तनाव से उबर पाएगा? क्या वो आखिरकार एक साथ खुश रह पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या आयुषी के Alicia Mall का पुनर्निर्माण हो पाएगा? और क्या वो फिर से एक सफल businesswoman बन पाएगी?

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार और अपने कारोबार को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आगे और भी रहस्य, रोमांच और खतरे बाकी हैं। क्या रोहन और अंजलि इन सब का सामना कर पाएंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या कैप्टन देव पांडे पुलिस फोर्स के भीतर मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब कर पाएंगे? और क्या वो न्याय दिला पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार और अपने कारोबार को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 13. His Secret Empire - Chapter 13

    Words: 1658

    Estimated Reading Time: 10 min

    **Chapter 13**

    रोहन राजपूत ने आधिकारिक तौर पर विशाल राजपूत समूह के चेयरमैन और CEO का पद संभाला, यह एक ऐसा इवेंट था जिसने कंपनी की पावर स्ट्रक्चर में एक नए युग की शुरुआत की और मीडिया का खूब ध्यान खींचा।

    "आज से, हम राजपूत समूह में एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं," रोहन ने माइक पर आत्मविश्वास से कहा, उसकी आवाज़ पूरे हॉल में गूंज रही थी। "हमारा लक्ष्य है कि हम इस कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं, जहाँ इनोवेशन और एथिक्स साथ-साथ चलें।"

    अंजलि, जो अभी भी अपने नवजात बेटे, एमिलियो राजपूत चतुर्थ के जन्म के सदमे से उबर रही थी, जो मार्गरेट शर्मा के हमले और उसके बाद के समय से पहले हुए प्रसव के कारण हुआ था, अपने पति के नए official लीडरशिप को देखने के लिए अस्पताल के बिस्तर से ही टीवी पर दिखाई दी।

    "रोहन, तुम बहुत अच्छा कर रहे हो," अंजलि ने धीरे से कहा, उसकी आँखें गर्व से भर आई थीं। वो जानती थी कि रोहन इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाएगा।

    मिहिर चौधरी और नेहा चौधरी, जिन्होंने एमिलियो राजपूत चतुर्थ के जन्म में मदद की थी, उन्होंने अंजलि और बच्चे की हालत पर लगातार अस्पताल में नज़र रखी, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें सबसे अच्छी medical care मिले।

    "सब ठीक हो जाएगा, अंजलि," नेहा ने कहा, उसके चेहरे पर एक शांत मुस्कान थी। "तुम्हें बस थोड़ा आराम करने की ज़रूरत है।"

    "हाँ, नेहा सही कह रही है," मिहिर ने सहमति जताई। "हम सब तुम्हारे साथ हैं।"

    रजत सिंह और आयुषी राजपूत, अपनी हाल ही में हुई गुप्त शादी के बाद भी खुश थे, उन्होंने रोहन और अंजलि दोनों को लगातार सपोर्ट दिया, और अपनी "नकली" सगाई के सफल अंत पर राहत महसूस की।

    "रोहन, तुम्हें पता है कि हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं, चाहे कुछ भी हो जाए," रजत ने कहा। "तुम हम पर भरोसा कर सकते हो।"

    "हाँ, रोहन," आयुषी ने सहमति जताई। "और अंजलि, तुम्हें भी पता है कि हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं। तुम कभी भी अकेली नहीं हो।"

    राम देसाई ने एक बड़ा PR अभियान शुरू किया ताकि राजपूत समूह के भीतर रोहन के takeover और लीडरशिप के बारे में एक positive narrative बनाया जा सके, जिससे समूह की मार्केट पोजीशन मजबूत हुई।

    "हमें जनता को ये दिखाना होगा कि रोहन कंपनी के लिए एक बेहतरीन लीडर है," राम ने कहा, वो अपने laptop पर टाइप कर रहा था। "हमें ये बताना होगा कि वो कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।"

    आलोक सिंह और कृतिका सिंह ने रोहन की नई लीडरशिप में नई जिम्मेदारियाँ संभालीं, खासकर राजपूत समूह के लीगल और सिक्योरिटी डिवीज़ंस की देखरेख में।

    "रोहन, तुम चिंता मत करो," कृतिका ने कहा। "हम लीगल टीम को संभाल लेंगे। कोई भी तुम्हें कानूनी पचड़े में नहीं फंसा पाएगा।"

    "और मैं ये सुनिश्चित करूंगा कि कंपनी सुरक्षित रहे," आलोक ने कहा। "कोई भी हमें नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।"

    ईशान कुमार ने रहस्यमयी एमटी शिखर कंपनी के बारे में शुरुआती जानकारी जुटाना जारी रखा, जो राजपूत समूह के खिलाफ़ हानिकारक अफ़वाहें फैला रही थी और चुपचाप उनके शेयर खरीद रही थी, साथ ही नेहा की प्रेग्नेंसी और उनके रिश्ते की complications को भी संभाल रहा था।

    "मुझे एमटी शिखर के बारे में कुछ और पता करना होगा," ईशान ने कहा। "मुझे ये पता करना होगा कि वो क्या चाहते हैं।"

    रोहन ने अपने पिता, एकलव्य राजपूत के रहस्यमयी व्यवहार पर अपनी चिंता दोबारा जताई, क्योंकि एकलव्य suburbs में एक साधारण घर में चुपचाप जाना जारी रखा था, जिससे रोहन को संभावित प्रेम संबंध या एक गहरे राज़ का शक हुआ।

    "मुझे ये पता करना होगा कि पिताजी क्या कर रहे हैं," रोहन ने सोचा। "मुझे डर लग रहा है कि वो किसी परेशानी में हैं।"

    कैप्टन देव पांडे ने रोहन से प्राइवेटली मुलाकात की, उन्हें जतिन लोढ़ा की हत्या की ongoing investigation और पुलिस फोर्स के भीतर बढ़ते करप्शन के अपने शक के बारे में बताया, यह इशारा करते हुए कि confess करने वाले हत्यारे का motive बहुत संदिग्ध था।

    "मुझे लगता है कि जतिन की हत्या के पीछे कोई और है," कैप्टन देव पांडे ने कहा। "और मुझे ये पता करना होगा कि वो कौन है।"

    और यहीं पर ये अध्याय समाप्त होता है, कई अनसुलझे सवालों के साथ। क्या रोहन राजपूत अपने परिवार को बचा पाएगा? क्या वो अपने कारोबार को बचा पाएगा? और क्या वो अपने दुश्मनों का सामना कर पाएगा?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या अंजलि और रोहन का रिश्ता इस तनाव से उबर पाएगा? क्या वो आखिरकार एक साथ खुश रह पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या ईशान और नेहा का रिश्ता हमेशा के लिए मजबूत हो पाएगा? क्या वो अपने परिवार और अपने बच्चों के लिए सही फ़ैसला ले पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और क्या आयुषी और रजत को कभी पब्लिकली अपने प्यार का एलान करने का मौका मिलेगा? या फिर वो हमेशा के लिए एक fake engagement की कहानी में बंधे रहेंगे?

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार, अपने कारोबार और अपने दोस्तों को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आगे और भी रहस्य, रोमांच और खतरे बाकी हैं। क्या रोहन और अंजलि इन सब का सामना कर पाएंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और क्या कैप्टन देव पांडे पुलिस फोर्स के भीतर मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब कर पाएंगे? और क्या वो न्याय दिला पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और क्या एकलव्य राजपूत अपने अतीत के रहस्यों को सुलझा पाएंगे? या फिर वो हमेशा के लिए अपने परिवार के लिए एक बोझ बने रहेंगे?

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार, अपने कारोबार और अपने दोस्तों को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 14. His Secret Empire - Chapter 14

    Words: 1737

    Estimated Reading Time: 11 min

    **Chapter 14**

    रोहन राजपूत ने अपनी पहली बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता की, जिसमें राजपूत समूह के भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी पांच-वर्षीय रोडमैप पेश किया गया, जिसमें एमटी शिखर के खिलाफ़ मज़बूत सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी गई।

    "हमें अपने ग्रुप को हर तरह के खतरे से बचाना होगा," रोहन ने बोर्ड मेंबर्स को कहा, उसकी आँखों में एक दृढ़ निश्चय था। "चाहे वो एमटी शिखर हो या कोई और, हम किसी को भी हमें नुकसान नहीं पहुँचाने देंगे।"

    बोर्ड के सदस्यों ने रोहन की Strategic skill को सराहा, लेकिन कुछ ने उनके कड़े सुधारों पर शक जताया, ख़ासकर समूह में उनकी पिछली "गुमनामी" को देखते हुए।

    "रोहन, हम जानते हैं कि तुम काबिल हो," एक बोर्ड मेंबर ने कहा, "लेकिन हमें ये भी याद रखना होगा कि तुम अभी भी नए हो। क्या तुम्हारे पास इतना तजुर्बा है कि तुम कंपनी को सही दिशा में ले जा सको?"

    "मैं जानता हूँ कि मेरे पास साबित करने के लिए बहुत कुछ है," रोहन ने जवाब दिया। "लेकिन मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि मैं इस चुनौती के लिए तैयार हूँ। मैं कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाऊंगा, ये मेरा वादा है।"

    अंजलि ने एमिलियो राजपूत चतुर्थ के साथ अस्पताल से घर लौटने की तैयारी की, उसकी सेहत धीरे-धीरे सुधर रही थी, लेकिन वह बच्चे को लेकर काफ़ी प्रोटेक्टिव थी।

    "मेरा बच्चा, मैं तुम्हें कभी भी खतरे में नहीं पड़ने दूंगी," अंजलि ने एमिलियो को अपनी गोद में लेते हुए कहा। "मैं तुम्हारी रक्षा करूंगी, चाहे कुछ भी हो जाए।"

    आयुषी राजपूत और रजत सिंह ने अंजलि के लिए एक निजी गृह प्रवेश समारोह रखा, जिसमें सिर्फ़ करीबी दोस्त और परिवार शामिल थे, ताकि सार्वजनिक जांच से बचा जा सके।

    "अंजलि, हम तुम्हारे और एमिलियो के लिए बहुत खुश हैं," आयुषी ने कहा। "ये तुम्हारा नया घर है, और हम चाहते हैं कि तुम यहां हमेशा खुश रहो।"

    "हाँ, अंजलि," रजत ने सहमति जताई। "हम हमेशा तुम्हारे और रोहन के साथ हैं। तुम कभी भी अकेली नहीं हो।"

    मिहिर चौधरी ने अपनी बहन नेहा चौधरी के साथ एक गहरी बातचीत की, जिसमें उसे ईशान कुमार के प्रति अपनी भावनाओं और unplanned pregnancy को लेकर अपनी चिंताओं को सुलझाने के लिए प्रेरित किया।

    "नेहा, मैं जानता हूँ कि ये सब तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल है," मिहिर ने कहा। "लेकिन तुम्हें ये याद रखना होगा कि तुम अकेली नहीं हो। हम सब तुम्हारे साथ हैं।"

    "धन्यवाद, मिहिर," नेहा ने कहा, उसकी आँखों में आंसू थे। "मुझे पता है कि मैं तुम पर भरोसा कर सकती हूँ।"

    ईशान कुमार ने एमटी शिखर की corporate structure में पहली दरार पकड़ी, जिससे पता चला कि वे अपने हमलों को छिपाने के लिए एक offshore shell company का इस्तेमाल कर रहे थे, जो संदिग्ध रूप से कुमार परिवार के अतीत से जुड़ी थी।

    "ये एमटी शिखर वाले बहुत ही शातिर हैं," ईशान ने कहा। "लेकिन मैं उन्हें पकड़ कर रहूंगा। मैं उन्हें राजपूत ग्रुप को नुकसान पहुंचाने से रोकूंगा।"

    राम देसाई ने राजपूत समूह के शेयर की कीमतों को स्थिर करने के लिए एक मीडिया रणनीति लागू की, रोहन के नए नेतृत्व में जनता का विश्वास बढ़ाया और एमटी शिखर द्वारा फैलाई गई malicious अफवाहों का खंडन किया।

    "हमें जनता को ये दिखाना होगा कि राजपूत ग्रुप एक मजबूत और भरोसेमंद कंपनी है," राम ने कहा। "हमें ये बताना होगा कि रोहन एक काबिल लीडर है और वो कंपनी को सही दिशा में ले जा रहा है।"

    आलोक सिंह और कृतिका सिंह ने कैप्टन देव पांडे के साथ जांच जारी रखी, जतिन लोढ़ा के हत्यारे के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए सबूत जमा किए।

    "हम सच का पता लगाकर रहेंगे," कृतिका ने कहा। "हम ये जतिन के परिवार के लिए करेंगे।"

    "हाँ," आलोक ने सहमति जताई। "हम ये सुनिश्चित करेंगे कि कातिल को सज़ा मिले।"

    रोहन ने एकलव्य राजपूत के रहस्यमयी घर के पास निजी जासूस रखे, यह जानने को उत्सुक था कि उसके पिता वहाँ क्यों चुपचाप जाते थे और कौन सी महिला उससे मिलती थी।

    "मुझे ये पता करना होगा कि पिताजी क्या कर रहे हैं," रोहन ने सोचा। "मुझे डर लग रहा है कि वो किसी मुसीबत में हैं।"

    इस बीच, नर्स प्रिया ने आलोक सिंह के साथ अपने बढ़ते बंधन को महसूस किया, क्योंकि वे टेक हब प्रोजेक्ट के कारण हुई त्रासदियों के बाद एक-दूसरे का समर्थन करते रहे, जिससे उनके रिश्ते को लेकर अटकलें तेज़ हो गईं।

    "मुझे नहीं पता कि मैं क्या करूँ," प्रिया ने सोचा। "मैं आलोक को पसंद करने लगी हूँ, लेकिन क्या हम साथ रह सकते हैं?"

    और यहीं पर ये अध्याय समाप्त होता है, कई अनसुलझे सवालों के साथ। क्या रोहन एमटी शिखर को हरा पाएगा? क्या वो जतिन लोढ़ा के कातिल को ढूंढ पाएगा? और क्या वो अपने पिता के रहस्य को सुलझा पाएगा?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या अंजलि अपने परिवार को बचा पाएगी? क्या वो अपने बेटे को एक खुशहाल जीवन दे पाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या ईशान और नेहा अपने रिश्ते को बचा पाएंगे? क्या वो एक साथ खुश रह पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या आयुषी और रजत कभी खुलकर अपने प्यार का एलान कर पाएंगे? या फिर वो हमेशा के लिए अपनी fake engagement की कहानी में बंधे रहेंगे?

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार, अपने कारोबार और अपने दोस्तों को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आगे और भी रहस्य, रोमांच और खतरे बाकी हैं। क्या रोहन और अंजलि इन सब का सामना कर पाएंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और क्या कैप्टन देव पांडे पुलिस फोर्स के भीतर मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों को बेनकाब कर पाएंगे? और क्या वो न्याय दिला पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और क्या एकलव्य राजपूत अपने अतीत के रहस्यों को सुलझा पाएंगे? या फिर वो हमेशा के लिए अपने परिवार के लिए एक बोझ बने रहेंगे?

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार, अपने कारोबार और अपने दोस्तों को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 15. His Secret Empire - Chapter 15

    Words: 1656

    Estimated Reading Time: 10 min

    **Chapter 15**

    रोहन राजपूत ने कंपनी के भीतर छिपे जासूस को बेनकाब करने के लिए एक confidential जांच शुरू की, जिससे उनकी अंदरूनी जानकारी leak हो रही थी, क्योंकि उन्हें पता चला कि confidential board minutes मीडिया में leak हो गए थे।

    "ये बहुत serious है," रोहन ने ईशान से कहा, उसके चेहरे पर चिंता झलक रही थी। "हमारे बोर्ड की जानकारी बाहर कैसे लीक हो रही है? मुझे ये जासूस ढूंढना होगा, और वो भी जल्दी।"

    "मैं तुम्हारी मदद करूंगा, रोहन," ईशान ने कहा। "मुझे security records देखने दो, और मैं देखता हूं कि क्या मुझे कुछ मिलता है।"

    अंजलि, अपने नए घर में एमिलियो राजपूत चतुर्थ के साथ settle हो गई, उसने मातृत्व की जिम्मेदारियों को निभाना शुरू कर दिया, लेकिन रोहन के family business की complexities के बारे में अभी भी उसे बहुत कुछ सीखना बाकी था।

    "रोहन, ये सब बहुत मुश्किल है," अंजलि ने कहा, जब रोहन देर रात घर लौटा। "मुझे लगता है कि मैं बहुत कुछ नहीं समझ पाती हूं।"

    "मुझे पता है, अंजलि," रोहन ने कहा, उसे गले लगाते हुए। "लेकिन तुम बहुत intelligent हो, और मैं जानता हूं कि तुम जल्दी सीख जाओगी। और मैं हमेशा तुम्हारी मदद के लिए हूं।"

    ईशान कुमार ने एमटी शिखर की acquisition strategy में एक महत्वपूर्ण pattern पहचाना, जिससे पता चला कि वे राजपूत समूह की सबसे कमजोर सहायक कंपनियों को target कर रहे थे, खासकर उन कंपनियों को जिनका कुमार परिवार के साथ historical connection था।

    "ये एमटी शिखर वाले बहुत ही चालाक हैं," ईशान ने रोहन को बताया। "वो हमारी कमजोरियों का फायदा उठा रहे हैं। लेकिन मुझे यकीन है कि हम उन्हें हरा देंगे।"

    नेहा चौधरी ने आखिरकार ईशान कुमार के साथ अपनी भावनाओं को कबूल किया, स्वीकार किया कि वह उससे प्यार करती है लेकिन उसे अपने परिवार के साथ अपने रिश्ते के implications को process करने के लिए समय चाहिए था, यह जानते हुए कि उनका इतिहास उनके मिलन को complicated बना देगा।

    "ईशान, मुझे तुमसे प्यार है," नेहा ने कहा, उसकी आंखों में आंसू थे। "लेकिन मुझे नहीं पता कि हमारे परिवार वाले इस रिश्ते को स्वीकार करेंगे या नहीं। हमें थोड़ा वक़्त चाहिए।"

    "मैं समझता हूं, नेहा," ईशान ने कहा, उसका हाथ थामते हुए। "हम वक़्त लेंगे। और मैं तुम्हारे लिए इंतज़ार करूंगा, चाहे कितना भी वक़्त लगे।"

    मिहिर चौधरी ने विद्या देसाई को अपने माता-पिता से मिलने के लिए चौधरी एस्टेट लाने की योजना बनाई, formal तौर पर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में पेश करने की उम्मीद में, हालांकि उन्हें अपने परिवार के conservative स्वभाव के बारे में पता था।

    "विद्या, मुझे पता है कि ये आसान नहीं होगा," मिहिर ने कहा। "मेरे परिवार वाले थोड़े पुराने खयालात के हैं। लेकिन मैं चाहता हूं कि तुम उनसे मिलो। मैं चाहता हूं कि वो तुम्हें मेरी पत्नी के तौर पर स्वीकार करें।"

    "मैं कोशिश करूंगी, मिहिर," विद्या ने कहा। "लेकिन मैं ये भी जानती हूं कि मैं किसी को बदलने के लिए कुछ नहीं कर सकती।"

    कृतिका सिंह ने leak हुई तस्वीरों की जांच की, जिससे पता चला कि वे एक नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आई थीं, जो जानबूझकर रोहन के circle को target कर रहा था, जिससे जासूस के existence की पुष्टि हुई।

    "ये तस्वीरें किसी ऐसे व्यक्ति ने लीक की हैं जो हमें अच्छी तरह से जानता है," कृतिका ने कहा। "मुझे लगता है कि हमारे circle में कोई जासूस है, और मुझे उसे ढूंढना होगा।"

    रजत सिंह और आयुषी राजपूत ने अपनी शादी को जनता से छुपाना जारी रखा, अफवाहों को दबाने के लिए एक fake engagement की कहानी बनाए रखी, जबकि background में खुशी से एक विवाहित जोड़े के रूप में जीवन बिता रहे थे।

    "मुझे ये fake engagement निभाते-निभाते थक गई हूं," आयुषी ने कहा। "मैं चाहती हूं कि हम खुलकर अपने प्यार का एलान कर सकें।"

    "मुझे पता है, आयुषी," रजत ने कहा। "लेकिन हमें थोड़ा और इंतजार करना होगा। अभी सही वक़्त नहीं है।"

    एकलव्य राजपूत ने अपने रहस्यमयी घर में चुपचाप जाना जारी रखा, इस बार उनके साथ एक पुराना, भारी सूटकेस था, जिससे रोहन की चिंता बढ़ गई।

    "मुझे बहुत डर लग रहा है," रोहन ने सोचा। "मुझे लगता है कि पिताजी किसी बहुत बड़ी मुसीबत में हैं।"

    राम देसाई ने एमटी शिखर के खिलाफ एक counter-information campaign शुरू किया, राजपूत समूह की stability और leadership के बारे में positive stories फैलाईं, और उनके negative media coverage के impact को कम किया।

    "हमें लोगों को ये यकीन दिलाना होगा कि राजपूत ग्रुप एक अच्छा ग्रुप है," राम ने कहा। "हमें उनकी नजरों में अपनी इमेज को सुधारना होगा।"

    कैप्टन देव पांडे ने अपनी जांच में एक breakthrough हासिल किया, जतिन लोढ़ा के हत्यारे के एक साथी की पहचान की, जिसने हत्या के तुरंत बाद आत्महत्या कर ली थी, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि उनके पीछे एक बड़ी conspiracy है।

    "मुझे लगता है कि जतिन की हत्या के पीछे कोई बहुत बड़ा षडयंत्र है," कैप्टन देव पांडे ने कहा। "और मैं इस षडयंत्र का पर्दाफाश करके रहूंगा।"

    और यहीं पर ये अध्याय समाप्त होता है, कई अनसुलझे सवालों के साथ। क्या रोहन जासूस को बेनकाब कर पाएगा? क्या वो अपने पिता के रहस्य को सुलझा पाएगा? और क्या कैप्टन देव पांडे जतिन लोढ़ा के हत्यारे के पीछे की सच्चाई को उजागर कर पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या अंजलि रोहन के काम को समझ पाएगी? क्या वो एक अच्छी पत्नी और मां बन पाएगी?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या ईशान और नेहा अपने परिवारों को मना पाएंगे? क्या वो एक साथ खुश रह पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या मिहिर विद्या को अपने माता-पिता से मिलवा पाएगा? क्या वो विद्या को अपनी पत्नी के तौर पर स्वीकार कर पाएंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या आयुषी और रजत अपने प्यार का एलान कर पाएंगे? या फिर उन्हें हमेशा के लिए fake engagement की कहानी में बंधे रहना होगा?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार, अपने कारोबार और अपने दोस्तों को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 16. His Secret Empire - Chapter 16

    Words: 1842

    Estimated Reading Time: 12 min

    **Chapter 16**

    रोहन राजपूत ने अपने अंदरूनी circle के कर्मचारियों पर निगरानी बढ़ाई, धोखे के दायरे को कम करने के लिए एक confidential questionnaire और data analysis tools का इस्तेमाल किया।

    "मुझे ये जासूस ढूंढना ही होगा," रोहन ने सोचते हुए अपने ऑफिस में घूमते हुए कहा। "राजपूत ग्रुप को धोखा देने वाले को मैं नहीं छोडूंगा।" उसने काव्या को बुलाया और questionnaire और data analysis के काम में तेज़ी लाने को कहा। "कोई भी शक के दायरे से बाहर नहीं है," उसने ठंडी आवाज़ में कहा।

    अंजलि ने माउंटेन व्यू विलेज में अपनी नई ज़िंदगी को अपनाना शुरू कर दिया, एक कामकाजी मां की भूमिका को संभाला, और ईशान कुमार द्वारा organize की गई अपने बच्चे के लिए private security team पर भरोसा किया।

    "ये सब कुछ इतना नया है," अंजलि ने आयुषी से बात करते हुए कहा। "मैं काम भी करना चाहती हूं और एमिलियो का भी ध्यान रखना चाहती हूं। मुझे डर है कि मैं कुछ गलत कर रही हूं।"

    "अंजलि, तुम बिल्कुल सही कर रही हो," आयुषी ने उसे गले लगाते हुए कहा। "तुम एक बहुत अच्छी मां हो, और तुम एक बहुत अच्छी businesswoman भी हो। तुम सब कुछ manage कर सकती हो, बस खुद पर भरोसा रखो।"

    एकलव्य राजपूत ने आखिरकार रोहन से अपने रहस्यमयी घर के दौरे के बारे में बात की, यह खुलासा करते हुए कि यह उसकी दिवंगत मां का जन्मस्थान था, और वह वहाँ कुछ कीमती यादें छिपा रहा था, जो रोहन के लिए हैरान करने वाली राहत थी।

    "रोहन, मैं तुम्हें सच बताना चाहता था," एकलव्य ने कहा, उनके चेहरे पर पछतावा था। "वो घर तुम्हारी मां का था, और मैं वहाँ उनकी यादें संजोने जाता था। मुझे माफ़ करना कि मैंने तुम्हें अंधेरे में रखा।"

    रोहन ने अपने पिता को गले लगाया। "मुझे खुशी है कि आपने मुझे सच बताया, पिताजी। मुझे डर था कि कुछ बुरा हो रहा है।"

    चौधरी एस्टेट में मिहिर चौधरी और विद्या देसाई की यात्रा एक अजीब स्थिति में बदल गई जब मिहिर के माता-पिता ने विद्या को एक "नाकाबिल" match के रूप में खारिज कर दिया, जिससे उनके प्यार को पब्लिकली बदनाम किया गया।

    "तुम इस परिवार के लायक नहीं हो," मिहिर की मां ने विद्या को तिरस्कार से देखते हुए कहा। "तुम एक साधारण लड़की हो, और हमारा बेटा एक डॉक्टर है। तुम दोनों का कोई मेल नहीं है।"

    मिहिर ने अपनी मां की ओर गुस्से से देखा। "विद्या मेरी पत्नी है, और मैं उससे प्यार करता हूं। अगर तुम उसे स्वीकार नहीं कर सकतीं, तो मुझे माफ़ करना, लेकिन मुझे तुम्हारे साथ कोई बात नहीं करनी।"

    नेहा चौधरी ने ईशान कुमार के साथ पब्लिकली अपनी प्रेग्नेंसी का एलान किया, खुद को अपने परिवार के रिएक्शन का सामना करने के लिए तैयार किया, खासकर जब ईशान का परिवार राजपूत समूह के साथ अपने historical conflicts से जुड़ा था।

    "मुझे पता है कि ये आसान नहीं होगा," नेहा ने ईशान से कहा। "मेरे परिवार वाले बहुत नाराज़ होंगे, लेकिन मुझे उम्मीद है कि वो हमें समझ पाएंगे।"

    "मैं तुम्हारे साथ हूं, नेहा," ईशान ने कहा। "हम सब कुछ संभाल लेंगे।"

    कृतिका सिंह ने उस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के मालिक को ट्रैक किया जिसने leak हुई तस्वीरें पब्लिश की थीं, यह पता चला कि वे एक shell company थी जिसका मालिक एक unknown third party था।

    "मुझे लगता है कि हम जासूस के करीब पहुंच रहे हैं," कृतिका ने कहा। "ये सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक shell company है, और मुझे यकीन है कि इसके पीछे कोई बड़ा खिलाड़ी है।"

    रजत सिंह ने राम देसाई की मदद से एक complex corporate shuffle किया, राजपूत समूह के भीतर कुछ सहायक कंपनियों को reorganize किया ताकि उन्हें एमटी शिखर के हमलों से बचाया जा सके।

    "ये एमटी शिखर वाले बहुत चालाक हैं," रजत ने कहा। "लेकिन हम उनसे भी ज़्यादा चालाक हैं। हमने उनकी चाल को समझ लिया है, और हमने अपनी कंपनियों को बचाने के लिए कदम उठा लिए हैं।"

    आयुषी राजपूत ने अंजलि के लिए एक comfortable और safe environment सुनिश्चित करने के लिए माउंटेन व्यू विलेज में additional security measures लागू किए, क्योंकि उसे बढ़ते खतरों के बारे में चिंता थी।

    "मुझे डर लग रहा है, अंजलि," आयुषी ने कहा। "मुझे लगता है कि कोई तुम्हें और एमिलियो को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। हमें सावधान रहना होगा।"

    रोहन ने अपने पिता के रहस्यमयी सूटकेस को खोला, जिसमें उसकी दिवंगत मां के बचपन के चित्र, पत्र और कुछ अनमोल, पुराने गहने थे, जिससे उसे अपने परिवार के इतिहास में और गहराई से जाने का मौका मिला।

    "मां, मैं आपको और बेहतर तरीके से जानना चाहता था," रोहन ने सूटकेस में रखी तस्वीरों को देखते हुए कहा। "काश आप यहां होतीं।"

    कैप्टन देव पांडे ने जतिन लोढ़ा के हत्यारे के साथी के घर में एक encrypted USB drive मिली, जिससे उन्हें उम्मीद थी कि इससे हत्या के पीछे की बड़ी साजिश का पर्दाफ़ाश हो जाएगा।

    "मुझे लगता है कि हमें सच के बहुत करीब पहुंच गए हैं," कैप्टन देव पांडे ने कहा। "ये USB drive हमें जतिन की हत्या के पीछे के असली मास्टरमाइंड तक पहुंचा सकती है।"

    और यहीं पर ये अध्याय समाप्त होता है, कई अनसुलझे सवालों के साथ। क्या रोहन जासूस को ढूंढ पाएगा? क्या कैप्टन देव पांडे जतिन की हत्या के पीछे की सच्चाई को उजागर कर पाएंगे? और क्या मिहिर और विद्या के प्यार को उनके परिवारों का साथ मिल पाएगा?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    क्या अंजलि अपने और एमिलियो के लिए सुरक्षित माहौल बना पाएगी? क्या वो रोहन को एक अच्छा जीवनसाथी दे पाएगी?



    क्या एकलव्य राजपूत अपने अतीत के रहस्यों को सुलझा पाएंगे? या फिर वो हमेशा के लिए एक रहस्य बने रहेंगे?



    और अंत में, सबसे बड़ा सवाल: क्या रोहन राजपूत अपने परिवार, अपने कारोबार और अपने दोस्तों को बचाने में कामयाब हो पाएगा? या फिर उसके दुश्मन उसे और उसके अपनों को तबाह कर देंगे?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    तभी रोहन को काव्या का कॉल आता है। "सर, मुझे लगता है कि हमें जासूस मिल गया है," काव्या ने घबराई हुई आवाज में कहा। "क्वेश्नेयर के जवाबों में एक पैटर्न दिख रहा है, और मुझे शक है कि..."


    रोहन ने सांस रोकी, "कौन है वो काव्या?"


    काव्या की आवाज कांप रही थी, "सर, मुझे लगता है कि वो... वो राम देसाई हैं।"


    रोहन सन्न रह गया। राम? उसका सबसे भरोसेमंद दोस्त, उसका PR guru, जासूस? ये कैसे हो सकता है?


    क्या राम सच में जासूस है? और अगर है, तो उसका मकसद क्या है? क्या रोहन अपने सबसे करीबी दोस्त को धोखा दे पाएगा?


    रोहन ने काव्या को फौरन आने को कहा, उसे अभी राम के बारे में सच्चाई जाननी थी।



    कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आगे और भी रहस्य, रोमांच और खतरे बाकी हैं। क्या रोहन और अंजलि इन सब का सामना कर पाएंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…



  • 17. His Secret Empire - Chapter 17

    Words: 1519

    Estimated Reading Time: 10 min

    **Chapter 17**



    रोहन राजपूत ने अपने अंदरूनी जासूस के लिए अपना जाल बिछाया, एक कंट्रोल टेस्ट के रूप में जानबूझकर एक झूठी जानकारी लीक की और एक खास व्यक्ति के रिएक्शन पर नज़र रखी।



    रोहन के दिमाग में तूफान मचा हुआ था। राम? वो कभी भी ये सोच नहीं सकता था। काव्या के कहने के बाद भी उसका मन मानने को तैयार नहीं था। "ये सच नहीं हो सकता," उसने अपने आप से कहा। फिर भी, उसे एक आखिरी बार राम की वफादारी को परखना था। उसने काव्या के साथ मिलकर एक प्लान बनाया।



    "काव्या, तुम राम को एक झूठी खबर लीक करोगी। उसे बताना कि राजपूत ग्रुप एक नई कंपनी खरीदने जा रहा है," रोहन ने कहा। "ये खबर बिल्कुल झूठी होनी चाहिए। अगर ये बाहर लीक हो जाती है, तो हमें पता चल जाएगा कि राम ही जासूस है।"



    अंजलि ने अपने नवजात बेटे एमिलियो राजपूत चतुर्थ के साथ पहली बार पब्लिक में आई, जिससे मीडिया का काफ़ी ध्यान मिला और उसकी नई पब्लिक भूमिका की पुष्टि हुई।



    अंजलि थोड़ी घबराई हुई थी। एमिलियो को लेकर पब्लिक में आना उसके लिए एक नया अनुभव था। "मुझे थोड़ा डर लग रहा है, रोहन," उसने कहा। "मुझे नहीं पता कि मैं ये सब संभाल पाऊंगी या नहीं।"



    "तुम कर सकती हो, अंजलि," रोहन ने उसका हाथ थामते हुए कहा। "तुम एक बहुत strong woman हो, और मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।"



    मिहिर चौधरी ने विद्या देसाई का पब्लिकली बचाव किया, एक दिल छू लेने वाला बयान जारी किया जिसमें उनके परिवार द्वारा विद्या को अस्वीकार करने के तरीके की निंदा की गई और उनके विवाह के लिए अपने अटूट समर्थन का वादा किया गया।



    मिहिर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "विद्या मेरी पत्नी है, और मैं उससे बहुत प्यार करता हूं। मेरे परिवार ने उसके साथ जो किया, वो गलत था, और मैं इसकी निंदा करता हूं। विद्या एक बहुत अच्छी इंसान है, और मैं भाग्यशाली हूं कि वो मेरी ज़िंदगी में है।" उसके इन शब्दों ने विद्या का दिल छू लिया।



    ईशान कुमार ने नेहा चौधरी के लिए एक प्राइवेट प्रेग्नेंसी अनाउंसमेंट पार्टी रखी, जिसमें सिर्फ़ अपने सबसे करीबी दोस्तों को बुलाया, यह जानते हुए कि उनके परिवारों का शुरुआती रिएक्शन नेगेटिव होगा।



    "मुझे पता है कि हमारे परिवार वाले बहुत खुश नहीं होंगे," ईशान ने नेहा से कहा। "लेकिन ये हमारी ज़िंदगी है, और हमें अपनी खुशी को सबसे ऊपर रखना होगा।"



    एमटी शिखर ने राजपूत समूह की एक प्रमुख सहायक कंपनी पर targeted cyber attack किया, जिससे उनके operations बाधित हुए और शेयर में temporary गिरावट आई, जिससे उनकी aggressive strategy का प्रदर्शन हुआ।



    "ये एमटी शिखर वाले हार मानने को तैयार नहीं हैं," रजत ने कहा। "लेकिन हम भी उनसे कम नहीं हैं। हम उन्हें हरा कर रहेंगे।"



    कृतिका सिंह ने ऑनलाइन अफवाहों के स्रोत को कम करने के लिए एक digital forensics team बुलाई, जिससे पता चला कि malicious campaign के पीछे कई servers और complex encryption का इस्तेमाल किया गया था।



    "ये अफवाहें फैलाने वाले बहुत चालाक हैं," कृतिका ने कहा। "लेकिन हम उनसे भी ज़्यादा चालाक हैं। हम उनके हर एक कदम पर नज़र रख रहे हैं।"



    रजत सिंह ने राजपूत समूह के खिलाफ कार्तिक देव के संभावित नए हमले के बारे में रोहन को चेतावनी दी, क्योंकि उनके खुफिया नेटवर्क ने देव के अपने पुराने सहयोगियों के साथ नए contacts का पता लगाया था।



    "मुझे डर है कि कार्तिक देव कुछ बड़ा प्लान कर रहा है," रजत ने रोहन से कहा। "हमें सावधान रहना होगा।"



    आयुषी राजपूत ने लावण्या दीक्षित की धमकियों का जवाब देने के लिए एक legal team बुलाई, यह तर्क देते हुए कि राजपूत समूह श्री कुमार के कर्ज़ों या उनके बाद के कामों के लिए ज़िम्मेदार नहीं था।



    "हम लावण्या को ये नहीं करने देंगे," आयुषी ने कहा। "हम उसके हर एक झूठ का पर्दाफाश करेंगे।"



    रोहन ने अपनी माँ के पत्रों में एक गुप्त entry मिली, जिसमें राजपूत परिवार के भीतर एक भूले हुए रिश्तेदार के बारे में बताया गया था, जो एकलव्य के रहस्यमय घर के आसपास के रहस्य से जुड़ा हो सकता है।



    "ये क्या है?" रोहन ने सोचा। "मुझे लगता है कि मुझे अपने परिवार के बारे में कुछ नया पता चलने वाला है।"



    कैप्टन देव पांडे ने जतिन लोढ़ा के हत्यारे के साथी की USB drive को decrypt किया, जिससे एक encrypted contact list का पता चला जिसमें कई high-profile व्यक्ति शामिल थे, जिससे साज़िश और गहरी हो गई।



    "ये तो बस शुरुआत है," कैप्टन देव पांडे ने कहा। "मुझे लगता है कि ये conspiracy बहुत बड़ी है, और इसमें बहुत powerful लोग शामिल हैं।"



    तभी रोहन का फोन बजा। स्क्रीन पर काव्या का नाम देखकर वो चौंक गया। अब क्या होगा?



    "सर, मेरी आपसे बात करनी है," काव्या ने कहा, उसकी आवाज़ में एक अजीब सी घबराहट थी। "मुझे लगता है कि मेरी ज़िंदगी खतरे में है।"



    "क्या हुआ, काव्या?" रोहन ने पूछा, चिंतित होकर। "तुम कहां हो?"



    "सर, मैं आपको ये फोन पर नहीं बता सकती। मुझे लगता है कि राम देसाई को सब कुछ पता चल गया है," काव्या ने कहा। "मुझे आपसे मिलना है, लेकिन मुझे नहीं पता कि मैं किस पर भरोसा कर सकती हूं।"



    रोहन ने गहरी सांस ली। अब सब कुछ बहुत तेजी से बदल रहा था। "काव्या, तुम जहां हो, वहीं रुको। मैं तुम्हें लेने आ रहा हूं।"



    रोहन ने फोन काट दिया और सोचने लगा। अब उसे क्या करना चाहिए? उसे अपनी और काव्या की जान बचाने के साथ-साथ राम के असली चेहरे को भी दुनिया के सामने लाना था।



    क्या रोहन, काव्या को बचा पाएगा? क्या राम वाकई में ही जासूस है? और सबसे बड़ा सवाल, जतिन लोढ़ा की हत्या के पीछे कौन है?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 18. His Secret Empire - Chapter 18

    Words: 1796

    Estimated Reading Time: 11 min

    **Chapter 18**



    रोहन राजपूत ने खुलासा किया कि अंदरूनी जासूस राम देसाई की PR team का एक जूनियर सदस्य था, एक outsider जिसे कार्तिक देव ने अपनी माँ को एक रहस्यमयी बीमारी से बचाने के लिए रिश्वत दी थी।



    "तो ये सब कार्तिक देव का किया धरा है," रोहन ने गुस्से से कहा। "उसने एक गरीब लड़के की मजबूरी का फायदा उठाया और उसे हमारे खिलाफ इस्तेमाल किया।"



    "लेकिन राम देसाई ने इस लड़के को क्यों चुना?" आयुषी ने पूछा। "वो लड़का इतना खास क्यों था?"



    "मुझे लगता है कि कार्तिक जानता था कि राम के PR टीम में होने से वो आसानी से हमारी जानकारी हासिल कर सकता था," रोहन ने कहा। "वो बहुत चालाक है, लेकिन अब वो बच नहीं पाएगा।"



    अंजलि ने आइलैंड्स इंक में अपनी भूमिका फिर से शुरू की, मातृत्व अवकाश से लौटकर खुद को काम में डुबो दिया, यह साबित करने के लिए दृढ़ थी कि उसकी सफलता रोहन के प्रभाव के बिना भी उसकी अपनी थी।



    "मुझे किसी को कुछ साबित करने की ज़रूरत नहीं है," अंजलि ने अपने आप से कहा। "मैं एक काबिल businesswoman हूं, और मैं आइलैंड्स इंक को और भी ऊंचाइयों तक ले जाऊंगी।"



    ईशान कुमार और राजपूत समूह की Tech team ने एमटी शिखर के cyber attack के बावजूद अपनी रक्षा प्रणालियों को मज़बूत करने के लिए तेज़ी से काम किया, यह सुनिश्चित किया कि भविष्य के प्रयास नाकाम हों।



    "हम एमटी शिखर को फिर से ऐसा करने नहीं देंगे," ईशान ने कहा। "हमने अपनी security को और भी मजबूत कर दिया है, और अब कोई भी हमारे सिस्टम में सेंध नहीं लगा पाएगा।"



    नेहा चौधरी ने आखिरकार ईशान कुमार के साथ अपनी प्रेग्नेंसी की घोषणा की, खुद को अपने परिवार के रिएक्शन का सामना करने के लिए तैयार किया, खासकर जब ईशान का परिवार राजपूत समूह के साथ अपने historical conflicts से जुड़ा था।



    "मुझे पता है कि ये आसान नहीं होगा," नेहा ने ईशान से कहा। "लेकिन मैं तुमसे प्यार करती हूं, और मैं तुम्हारे बच्चे को जन्म देना चाहती हूं। मैं अपने परिवार को मनाने के लिए कुछ भी करूंगी।"



    मिहिर चौधरी ने अपने परिवार की पब्लिक अस्वीकृति के बावजूद विद्या देसाई से शादी करने की अपनी अटूट इच्छा व्यक्त की, जिससे उनके माता-पिता के साथ उनके रिश्ते में एक बड़ी दरार पैदा हुई।



    "मैं अपने परिवार की परवाह नहीं करता," मिहिर ने विद्या से कहा। "मैं तुमसे प्यार करता हूं, और मैं तुम्हारे साथ अपनी पूरी ज़िंदगी बिताना चाहता हूं। मैं तुमसे शादी करूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए।"



    कृतिका सिंह ने उस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को ट्रैक किया जिसने malicious अफ़वाहें फैलाई थीं, यह पता चला कि इसका मालिक एक छोटा, गुमनाम समूह था, जिसका संबंध कार्तिक देव के पूर्व सहयोगियों से था।



    "ये कार्तिक देव के लोग हार मानने को तैयार नहीं हैं," कृतिका ने कहा। "लेकिन हम भी उनसे कम नहीं हैं। हम उनके हर एक झूठ का पर्दाफाश करेंगे।"



    राम देसाई ने जासूस से बात की, कार्तिक देव के साथ उसके संबंध और रिश्वत की प्रकृति को समझा, जिससे उसे कार्तिक के ख़िलाफ़ गवाही देने के लिए राज़ी किया गया।



    "मैं जानता हूं कि तुमने जो किया वो गलत था," राम ने उस लड़के से कहा। "लेकिन तुम अभी भी सही काम कर सकते हो। तुम कार्तिक के खिलाफ गवाही दे सकते हो, और तुम अपनी मां की मदद कर सकते हो।"



    आयुषी राजपूत ने लावण्या दीक्षित की Legal Team का सफलतापूर्वक खंडन किया, जिससे उन्हें राजपूत समूह के ख़िलाफ़ अपना निराधार मुक़दमा वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे कंपनी के लिए PR में जीत हुई।



    "लावण्या ने सोचा कि वो हमें हरा सकती है," आयुषी ने कहा। "लेकिन वो गलत थी। हम राजपूत हैं, और हम कभी हार नहीं मानते।"



    रोहन ने अपनी माँ के पत्रों में एक गुप्त entry मिली, जिसमें राजपूत परिवार के भीतर एक भूले हुए रिश्तेदार के बारे में बताया गया था, जो एकलव्य के रहस्यमय घर के आसपास के रहस्य से जुड़ा हो सकता है।



    "ये क्या है?" रोहन ने सोचा। "मुझे लगता है कि मुझे अपने परिवार के बारे में कुछ नया पता चलने वाला है।"



    कैप्टन देव पांडे ने जतिन लोढ़ा के हत्यारे के साथी की USB drive को decrypt किया, जिससे एक encrypted contact list का पता चला जिसमें कई high-profile व्यक्ति शामिल थे, जिससे साज़िश और गहरी हो गई।



    "ये तो बस शुरुआत है," कैप्टन देव पांडे ने कहा। "मुझे लगता है कि ये conspiracy बहुत बड़ी है, और इसमें बहुत powerful लोग शामिल हैं।"



    तभी रोहन ने काव्या को खोज निकाला। काव्या एक सुनसान कैफे में डरी सहमी बैठी थी।



    "काव्या, क्या हुआ?" रोहन ने पूछा। "तुम ठीक तो हो?"



    "सर, मुझे डर लग रहा है," काव्या ने रोते हुए कहा। "मुझे लगता है कि राम देसाई को पता चल गया है कि मैं आपको सच बताने वाली हूं। उसने मुझे फोन किया और मुझसे कहा कि अगर मैंने कुछ भी कहा तो वो मेरी मां को मार देगा।"



    रोहन ने काव्या को गले लगाया। "तुम्हें डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, काव्या," उसने कहा। "मैं तुम्हें और तुम्हारी मां को बचाऊंगा। मैं तुम्हें वादा करता हूं।"



    लेकिन रोहन को पता था कि ये आसान नहीं होगा। राम देसाई एक बहुत ही powerful और खतरनाक इंसान था, और वो किसी भी हद तक जा सकता था।



    क्या रोहन, काव्या और उसकी मां को बचा पाएगा? क्या कैप्टन देव पांडे जतिन लोढ़ा की हत्या के पीछे की सच्चाई को उजागर कर पाएंगे? और क्या मिहिर और विद्या के प्यार को उनके परिवारों का साथ मिल पाएगा?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…



    तभी रोहन के फोन पर एक मैसेज आया। मैसेज में लिखा था: "अगर तुम काव्या को बचाना चाहते हो, तो अकेले मुझसे मिलो। और किसी को भी मत बताना।"



    ये मैसेज राम देसाई ने भेजा था।



    रोहन ने गहरी सांस ली। अब उसके पास कोई और चारा नहीं था। उसे राम से अकेले मिलना होगा, भले ही इसका मतलब अपनी जान खतरे में डालना हो।



    "काव्या, मैं तुम्हें सुरक्षित जगह पर ले जा रहा हूं," रोहन ने कहा। "फिर मैं राम से मिलने जाऊंगा।"



    "सर, प्लीज ऐसा मत कीजिए," काव्या ने कहा। "ये बहुत खतरनाक है।"



    "मुझे कोई और चारा नहीं है, काव्या," रोहन ने कहा। "मुझे तुम्हें और तुम्हारी मां को बचाना है। मैं ऐसा करूंगा चाहे कुछ भी हो जाए।"



    और उसी पल रोहन ने तय कर लिया था कि वो राम देसाई का सामना करेगा, चाहे जो हो जाए।



    कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आगे और भी रहस्य, रोमांच और खतरे बाकी हैं। क्या रोहन और अंजलि इन सब का सामना कर पाएंगे? या फिर उनकी कहानी एक दुखद अंत तक पहुँच जाएगी?



    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

  • 19. His Secret Empire - Chapter 19

    Words: 1747

    Estimated Reading Time: 11 min

    **Chapter 19**

    रोहन राजपूत ने कार्तिक देव के ख़िलाफ़ अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी, जासूस की गवाही का फ़ायदा उठाया और अपने प्राइवेट जासूसों को देव के फाइनेंस और सीक्रेट सहयोगियों पर ध्यान केंद्रित करने का आदेश दिया।

    रोहन का खून खौल रहा था। कार्तिक देव, हमेशा से उसकी राह में रोड़ा बना रहा था। "अब और नहीं," उसने अपने आप से कहा। "इस बार, मैं उसे जड़ से उखाड़ फेंक दूंगा।"

    रोहन ने अपने सबसे भरोसेमंद आदमियों को बुलाया। "मुझे कार्तिक देव की हर एक गतिविधि की जानकारी चाहिए। उसके फाइनेंस, उसके सहयोगी, उसके सारे सीक्रेट्स," उसने कहा। "मुझे उसे सलाखों के पीछे देखना है।"

    अंजलि ने आइलैंड्स इंक के भीतर एक महत्वाकांक्षी नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की, जो अपनी छाप छोड़ने और अपनी स्वतंत्र नेतृत्व क्षमता साबित करने के लिए उत्सुक थी, यह जानते हुए कि उस पर सभी की निगाहें थीं।

    अंजलि के दिल में एक आग धधक रही थी। वो साबित करना चाहती थी कि वो सिर्फ रोहन राजपूत की पत्नी नहीं है, बल्कि एक काबिल और self-made businesswoman भी है।

    "ये मेरा मौका है," उसने अपने आप से कहा। "मैं आइलैंड्स इंक को नई ऊंचाइयों पर ले जाऊंगी, और मैं ये सब अपनी मेहनत से करूंगी।"

    ईशान कुमार ने नेहा चौधरी के परिवार के साथ एक तनावपूर्ण मीटिंग रखी, जो उन्हें अपनी और नेहा की प्रेग्नेंसी के बारे में अपनी योजनाएं समझाने के लिए दृढ़ थे, यह जानते हुए कि यह एक मुश्किल बातचीत होगी।

    ईशान जानता था कि ये आसान नहीं होगा। नेहा के परिवार वाले बहुत conservative थे, और वो उनकी शादी के खिलाफ थे। लेकिन ईशान हार मानने को तैयार नहीं था।

    "मुझे नेहा से प्यार है," उसने कहा। "और मैं उसके बच्चे की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हूं। मैं अपने परिवार को मनाने के लिए कुछ भी करूंगा।"

    विद्या देसाई ने मिहिर चौधरी के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, यह सुझाव देते हुए कि वे मिहिर के माता-पिता की स्वीकृति के बिना भी अपना भविष्य बनाएं, यदि आवश्यक हो तो अपनी शर्तों पर शादी करें।

    विद्या ने मिहिर का हाथ थामा। "मुझे तुम्हारे परिवार की परवाह नहीं है," उसने कहा। "मैं तुमसे प्यार करती हूं, और मैं तुम्हारे साथ अपनी पूरी ज़िंदगी बिताना चाहती हूं। हम अपनी शर्तों पर शादी करेंगे, और हम खुश रहेंगे।"

    एमटी शिखर ने राजपूत समूह के सप्लायर्स के ख़िलाफ़ एक malicious अभियान शुरू किया, जिससे उन्हें अपने Contracts तोड़ने के लिए डराया गया, जिससे कंपनी की supply chain में बाधा आई।

    "ये एमटी शिखर वाले बहुत नीचे गिर गए हैं," रजत ने कहा। "लेकिन हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे। हम अपने सप्लायर्स को सपोर्ट करेंगे, और हम उन्हें ये दिखाएंगे कि हम उनके साथ खड़े हैं।"

    कृतिका सिंह ने उस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के मालिक को ट्रैक करने के लिए एक योजना बनाई, जिसने leak हुई तस्वीरें पब्लिश की थीं, यह पता चला कि वे एक shell company थी जिसका मालिक एक unknown third party था।

    "ये तस्वीरें फैलाने वाले बहुत चालाक हैं," कृतिका ने कहा। "लेकिन हम उनसे भी ज़्यादा चालाक हैं। हम उनके हर एक झूठ का पर्दाफाश करेंगे।"

    राम देसाई ने जासूस की माँ को सबसे अच्छा medical treatment दिलाने में मदद की, यह सुनिश्चित किया कि कार्तिक देव के ख़िलाफ़ उसकी गवाही मज़बूत बनी रहे।

    "मैं जानता हूं कि तुमने जो किया वो गलत था," राम ने उस लड़के से कहा। "लेकिन तुम अभी भी सही काम कर सकते हो। तुम कार्तिक के खिलाफ गवाही दे सकते हो, और तुम अपनी मां की मदद कर सकते हो।"

    आयुषी राजपूत ने अंजलि के लिए एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम बनाए रखा, उसे काम और मातृत्व को संतुलित करने में मदद की, और पब्लिक प्रेशर को मैनेज करने के लिए सलाह दी।

    "तुम कर सकती हो, अंजलि," आयुषी ने कहा। "तुम एक बहुत strong woman हो, और मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं। मैं तुम्हें काम और मातृत्व को संतुलित करने में मदद करूंगी, और मैं तुम्हें पब्लिक प्रेशर को मैनेज करने के लिए सलाह दूंगी।"

    रोहन राजपूत ने अपनी माँ के पत्रों में एक गुप्त एंट्री मिली, जिसमें राजपूत परिवार के भीतर एक भूले हुए रिश्तेदार के बारे में बताया गया था, जो एकलव्य के रहस्यमय घर के आसपास के रहस्य से जुड़ा हो सकता है।

    "ये क्या है?" रोहन ने सोचा। "मुझे लगता है कि मुझे अपने परिवार के बारे में कुछ नया पता चलने वाला है।"

    कैप्टन देव पांडे ने encrypted USB drive पर high-profile व्यक्तियों की जांच शुरू की, जिससे पता चला कि उनमें से कुछ का अप्रत्यक्ष रूप से कार्तिक देव से संबंध था, जिससे जतिन लोढ़ा की हत्या के पीछे एक बड़ा आपराधिक नेटवर्क होने का संदेह पैदा हुआ।

    "ये तो बस शुरुआत है," कैप्टन देव पांडे ने कहा। "मुझे लगता है कि ये conspiracy बहुत बड़ी है, और इसमें बहुत powerful लोग शामिल हैं।"

    तभी रोहन का फोन बजा। स्क्रीन पर काव्या का नाम देखकर वो चौंक गया। अब क्या होगा?

    "सर, मुझे लगता है कि हम खतरे में हैं," काव्या ने कहा, उसकी आवाज़ में डर था। "मुझे लगता है कि कार्तिक देव को पता चल गया है कि हम उसके खिलाफ काम कर रहे हैं।"

    "क्या मतलब है?" रोहन ने पूछा, चिंतित होकर।

    "मुझे नहीं पता, सर," काव्या ने कहा। "लेकिन मुझे डर लग रहा है। मुझे लगता है कि हमें यहां से चले जाना चाहिए।"

    रोहन ने गहरी सांस ली। अब सब कुछ बहुत तेजी से बदल रहा था। "काव्या, तुम जहां हो, वहीं रुको। मैं तुम्हें लेने आ रहा हूं।"

    "सर, प्लीज ऐसा मत कीजिए," काव्या ने कहा। "ये बहुत खतरनाक है। मुझे लगता है कि वो हमें ढूंढ लेंगे।"

    "तुम्हें डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, काव्या," रोहन ने कहा। "मैं तुम्हें बचाऊंगा। मैं तुम्हें वादा करता हूं।"

    रोहन ने फोन काट दिया और सोचने लगा। अब उसे क्या करना चाहिए? उसे अपनी और काव्या की जान बचाने के साथ-साथ कार्तिक देव को भी रोकना था।

    क्या रोहन, काव्या को बचा पाएगा? क्या वो कार्तिक देव को रोक पाएगा? और सबसे बड़ा सवाल, जतिन लोढ़ा की हत्या के पीछे कौन है?

    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…

    लेकिन रोहन को पता था कि वो हार नहीं मानेगा। वो अपने परिवार और अपने दोस्तों को बचाने के लिए कुछ भी करेगा। वो एक राजपूत था, और राजपूत कभी हार नहीं मानते।

    और उसी पल रोहन ने तय कर लिया कि वो कार्तिक देव का सामना करेगा, चाहे जो हो जाए।

  • 20. His Secret Empire - Chapter 20

    Words: 1582

    Estimated Reading Time: 10 min

    **Chapter 20**





    रोहन राजपूत के सटीक planned operation के बाद कार्तिक देव को चुपचाप गिरफ़्तार कर लिया गया, जिसमें जासूस की गवाही और कैप्टन देव पांडे द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सबूत शामिल थे।





    "खेल ख़त्म, कार्तिक," रोहन ने मन ही मन कहा, जब पुलिस कार्तिक को ले जा रही थी। "तुम्हारे गुनाहों का हिसाब अब होगा।"





    अंजलि के नए प्रोजेक्ट, एक luxury resort development, को investors से शुरुआती तारीफ़ मिली, जिससे आइलैंड्स इंक के भीतर उसकी leadership position मज़बूत हुई।





    अंजलि की मेहनत रंग ला रही थी। हर कोई उसके काम की तारीफ़ कर रहा था। "मैं कर सकती हूं," उसने सोचा। "मैं एक सफल businesswoman बन सकती हूं।"





    ईशान कुमार और नेहा चौधरी के परिवार की मीटिंग तनावपूर्ण थी लेकिन आख़िरकार promising निकली; नेहा के माता-पिता ने, ईशान की ईमानदारी से प्रभावित होकर, उनके रिश्ते को सशर्त मंज़ूरी दी, जिससे उन्हें कुछ शर्तों के साथ शादी करने की अनुमति मिली।





    "मैं बहुत खुश हूं," नेहा ने ईशान से कहा। "मेरे माता-पिता ने आखिरकार हमें मान लिया।"





    "मुझे पता था कि हम उन्हें मना लेंगे," ईशान ने जवाब दिया। "हमारा प्यार सच्चा है, और वो इसे जानते हैं।"





    मिहिर चौधरी ने विद्या देसाई को प्रपोज़ किया, इस बार मिहिर के माता-पिता के आशीर्वाद का इंतज़ार किए बिना, एक private ceremony की योजना बनाई।





    "मैं अब और इंतज़ार नहीं कर सकता," मिहिर ने विद्या से कहा। "मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं, भले ही मेरे माता-पिता हमें आशीर्वाद ना दें। तुम मेरी ज़िंदगी हो, और मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता।"





    एमटी शिखर के कानूनी दावों को कृतिका सिंह और राजपूत समूह की Legal Team ने सफलतापूर्वक चुनौती दी, जिससे उनकी antitrust strategy में कमजोरी का पता चला और राजपूत समूह को बढ़त मिली।





    "हमने एमटी शिखर को हरा दिया," कृतिका ने कहा। "उनकी सारी साजिशें नाकाम हो गईं।"





    राम देसाई ने जय शर्मा के खुलासे के बाद राजपूत समूह की Public Image को मजबूत करने के लिए एक नई PR strategy शुरू की, जिससे उनकी credibility और leadership पर जोर दिया गया।





    "हम पब्लिक को ये दिखाना चाहते हैं कि हम एक मजबूत और ईमानदार कंपनी हैं," राम ने कहा। "हम अपने वादों को निभाएंगे, और हम हमेशा सही काम करेंगे।"





    रजत सिंह ने रोहन राजपूत को चेतावनी दी कि कार्तिक देव की गिरफ्तारी के बावजूद, देव के कुछ सहयोगियों ने अभी भी जेल के बाहर से operations जारी रखे थे, जिससे एक hidden threat का संकेत मिला।





    "हमें अभी भी सावधान रहने की ज़रूरत है," रजत ने रोहन से कहा। "कार्तिक के लोग हार मानने को तैयार नहीं हैं, और वो कुछ भी कर सकते हैं।"





    आयुषी राजपूत ने अंजलि को अपनी नई मातृत्व के साथ खुद को adjust करने में मदद की, एमिलियो राजपूत चतुर्थ के लिए एक safe और nurturing environment सुनिश्चित किया।





    "तुम एक अच्छी मां हो, अंजलि," आयुषी ने कहा। "तुम अपने बच्चे को बहुत प्यार करती हो, और तुम उसे सबसे अच्छी ज़िंदगी देने के लिए सब कुछ करोगी।"





    रोहन राजपूत ने अपनी माँ के पत्रों में उल्लिखित भूले हुए रिश्तेदार की जांच शुरू की, एक ऐसी lead जिससे उन्हें अपने परिवार के इतिहास के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद थी।





    "मुझे अपने परिवार के बारे में और जानना है," रोहन ने सोचा। "मुझे उन रहस्यों को उजागर करना है जो इतने सालों से छिपे हुए हैं।"





    कैप्टन देव पांडे ने जय शर्मा के ख़िलाफ़ सबूत इकट्ठा करने में कृतिका सिंह की मदद की, यह मानते हुए कि वह कार्तिक देव और जतिन लोढ़ा की हत्या की बड़ी साज़िश में एक मोहरा हो सकता है।





    "मुझे लगता है कि जय सिर्फ एक प्यादा है," कैप्टन देव पांडे ने कहा। "मुझे लगता है कि कोई और है जो इन सब के पीछे है। और मैं उसे ढूंढ निकालूंगा।"





    तभी कृतिका ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया।





    "मुझे लगता है कि मुझे पता है कि जतिन लोढ़ा को किसने मारा," कृतिका ने कहा। "और मुझे लगता है कि ये वो है जिसकी हम सबसे कम उम्मीद करते हैं।"





    "कौन?" रोहन ने पूछा, हैरान होकर।





    "मुझे लगता है कि ये राम देसाई है," कृतिका ने कहा।





    रोहन को विश्वास नहीं हो रहा था। राम देसाई? उसका सबसे भरोसेमंद दोस्त? ये कैसे हो सकता है?





    "क्या तुम्हारे पास सबूत हैं?" रोहन ने पूछा।





    "हाँ," कृतिका ने कहा। "मुझे एक witness मिला है जिसने राम को जतिन को गोली मारते हुए देखा था।"





    रोहन को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। उसे राम पर विश्वास था। वो उसका सबसे अच्छा दोस्त था। लेकिन कृतिका के पास सबूत थे, और उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता था।





    "मुझे राम से बात करनी होगी," रोहन ने कहा। "मुझे उससे सच्चाई जाननी होगी।"





    "ये बहुत खतरनाक हो सकता है," कृतिका ने कहा। "अगर राम ने जतिन को मारा है, तो वो तुम्हें भी मार सकता है।"





    "मुझे कोई और चारा नहीं है," रोहन ने कहा। "मुझे सच्चाई जाननी होगी। मुझे पता लगाना होगा कि क्या राम ने वाकई जतिन को मारा है।"





    रोहन ने राम को फोन किया।





    "राम, मुझे तुमसे मिलना है," रोहन ने कहा। "अभी।"





    "क्या हुआ, रोहन?" राम ने पूछा। "तुम इतने परेशान क्यों हो?"





    "मैं तुम्हें सब बताऊंगा जब हम मिलेंगे," रोहन ने कहा। "बस मुझसे मिलो। प्लीज।"





    "ठीक है," राम ने कहा। "मैं तुमसे आधे घंटे में मिलूंगा।"





    रोहन ने फोन काट दिया और कृतिका की तरफ देखा।





    "ये बहुत खतरनाक होने वाला है," कृतिका ने कहा। "प्लीज सावधान रहना।"





    "मैं रहूंगा," रोहन ने कहा। "मुझे सच्चाई जाननी है। और मैं किसी को भी मेरे रास्ते में नहीं आने दूंगा।"





    और उसी पल रोहन ने तय कर लिया था कि वो राम देसाई का सामना करेगा, चाहे जो हो जाए।





    लेकिन क्या रोहन सच्चाई जान पाएगा? क्या वो राम देसाई को रोक पाएगा? और सबसे बड़ा सवाल, इस सब के पीछे और कौन है?





    ये तो बस आने वाला वक़्त ही बताएगा…