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𝙷𝚒𝚜 𝚒𝚗𝚗𝚘𝚌𝚎𝚗𝚝 "𝚝𝚑𝚊𝚔𝚞𝚛𝚊𝚒𝚗"

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nikki tha little writer

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introduction of characters **रुद्राक्ष सिंह ठाकुर:** *   उदयपुर के एक पॉवरफुल Businessman और ठाकुर परिवार के वारिस। उम्र 29 साल अट्रैक्टिव पर्सनैलिटी, हाइट हाइट 6 फीट 4 इच,  डार्क ब्लैक आइस, सिक्स पैक एप्स, गोरा रंग, कि...

Total Chapters (2)

Page 1 of 1

  • 1. 𝙷𝚒𝚜 𝚒𝚗𝚗𝚘𝚌𝚎𝚗𝚝 "𝚝𝚑𝚊𝚔𝚞𝚛𝚊𝚒𝚗" - Chapter 1

    Words: 603

    Estimated Reading Time: 4 min

    i

    ......


    " एक बात याद रखना, तुम हमारे परिवार और दुनिया के सामने मेरी पत्नी हो ! कमरे में हम बस दो अजनबी हैं। मेरे पास कभी मत आना।"

    ये शब्द दो साल पहले उसकी शादी की रात उसके पति ने कहे थे और आज भी उसे सताते हैं। वह अपने पति से बेहद प्यार करती है, जबकि उसका पति किसी अनजान वजह से उससे बेहद नफरत करता है। वह रेवती मिश्रा चौहान हैं, अध्ययन चौहान की पत्नी।

    हालाँकि उसके पति ने उसके साथ एक अजनबी जैसा व्यवहार किया, फिर भी उसके परिवार ने उसे पूरे दिल से अपनाया। इस परिवार से उसे तीन माता-पिता, एक दादी, दो छोटे भाई, एक छोटी बहन और एक सबसे अच्छा दोस्त मिला। वह उन सभी से पूरे दिल से प्यार करती थी और वे भी उसे प्यार करते थे, लेकिन उसका एक हिस्सा अपने पति के प्यार के लिए तरसता था, जिनसे उसे पहली नज़र में ही प्यार हो गया था।

    "अध्ययन, मुझे नहीं पता कि तुम मुझसे इतनी नफ़रत क्यों करते हो, लेकिन मैं तुमसे बिना शर्त प्यार करने और हमेशा तुम्हारा इंतज़ार करने का वादा करती हूँ। तुम मेरा पहला प्यार हो और हमेशा रहोगे।" रेवती ने मन ही मन सोचा और अपने पति को प्यार से घूरने लगी, जो अपने छोटे भाई के जूतों को उसकी सालियों से बचाने में व्यस्त था।

    दूसरी ओर, गुलाबी साड़ी पहने एक महिला एक कोने में खड़ी होकर उदास आँखों से पूरे समारोह को देख रही थी।

    "तुम मध्यमवर्गीय लड़की हो, तुमने भले ही मेरे बेटे से शादी कर ली हो, लेकिन एक बात याद रखना कि तुम कभी इस परिवार की बहू नहीं बनोगी। तुम कभी इस परिवार का हिस्सा नहीं बनोगी।" उसकी सास नलिनी चौहान की आवाज़ उसके कानों में गूँजी जब उसने अपनी सास और बाकी दो मौसियों को नई दुल्हन को छेड़ते हुए देखा।

    लगभग एक साल हो गया, दूसरे बेटे से शादी करके इस घर में आई। उसकी जेठानी और देवर के अलावा किसी ने उसे स्वीकार नहीं किया। वह वृतिका लखानी चौहान थी, उपेक्षित बहू।

    उनके पति दिशांक चौहान हमेशा उनके साथ रहे, उन्हें अपने परिवार के तानों और गालियों से बचाते रहे। वह खुश थीं कि वह उनके साथ थे।

    "मुझे पता है, मैं चौहान बहू बनने के मानकों के अनुसार नहीं हूं, लेकिन मैं वादा करती हूं कि मैं हर किसी का दिल जीत लूंगी" उसने अपनी जेठानी रेवती से वादा किया था और वह निश्चित रूप से अपना वादा पूरा करने जा रही है।

    " मैं इस पवित्र अग्नि की शपथ लेती हूँ कि मैं तुम्हें कभी अपना पति नहीं बनाऊँगी। यह विवाह हमारे परिवार के लिए बस एक समझौता है।" पंडित द्वारा वचन पढ़े जाने के दौरान दुल्हन ने दूल्हे से धीरे से कहा ।

    भावनाएँ एक जैसी हैं। तुम बस एक चौहान बहू रहोगी, समय चौहान की पत्नी कभी नहीं। तुम अपनी ज़िंदगी में कुछ भी करने के लिए आज़ाद हो और मैं इसमें दखल नहीं दूँगा, उम्मीद है तुम भी ऐसा ही करोगी" दूल्हे ने फुसफुसाते हुए कहा।

    दुल्हन ने जवाब दिया, " ठीक है चौहान जी! इंग्लैंड पहुँचते ही आप आज़ाद हो जाएँगे!"

    जवाब आया, " डील मिसेज मेहर खुराना चौहान!"

    ये जोड़ा कोई और नहीं बल्कि मेहर खुराना चौहान और समय चौहान थे। ये दोनों एक-दूसरे को जन्म से जानते थे और उसी पल से एक-दूसरे से नफरत करते थे।

    आज उनकी शादी है, वो शादी जो 24 साल पहले उनके दादा-दादी ने तय की थी, जो उनके सबसे अच्छे दोस्त थे। दोनों परिवारों के लिए ये दोस्ती को रिश्ते में बदलने का एक बहाना था, लेकिन उनके लिए ये एक समझौता था, इंग्लैंड पहुँचते ही एक-दूसरे को आज़ाद करने का समझौता।

  • 2. 𝙷𝚒𝚜 𝚒𝚗𝚗𝚘𝚌𝚎𝚗𝚝 "𝚝𝚑𝚊𝚔𝚞𝚛𝚊𝚒𝚗" - Chapter 2

    Words: 1104

    Estimated Reading Time: 7 min

    रुद्राक्ष पीछे मुड़ा और काव्या की ओर देखा। काव्या उन डाइवोर्स के पेपर को कैंडल की लौ पर रखकर जला रही थी। जब वह पेपर जल गए तो काव्या ने उन्हें फर्श पर फेंक दिया और अपने पैरों से कुचल दिया और धीरे-धीरे रुद्राक्ष पास आने लगी।

    "मैं पिछले 7 महीने से सब कुछ शांति से सह रही हूँ, आपका सो कॉल्ड गुस्सा, नफ़रत, नाराज़गी सब कुछ। मैंने कभी आपसे कुछ नहीं माँगा, पर मेरी एक बात कान खोलकर सुन लीजिए मिस्टर रुद्राक्ष सिंह ठाकुर। अगर अब आपने मुझे दूर जाने के बारे सोचा या कहा तो मैं आपकी जान ले लूंगी। मुझे अब सिर्फ आप और आपका प्यार चाहिए, समझे आप? मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और आपके बिना नहीं रह पाऊँगी। और अगर अब आपने मुझसे दूर जाने की बात की तो मैं अपनी जान दे दूंगी, समझे आप?"

    काव्या को इस वक्त बहुत गुस्सा आ रहा था। उसने गुस्से से रुद्राक्ष की तरफ उंगली पॉइंट की और अपने दिल की भड़ास निकाल दी। रुद्राक्ष चुपचाप काव्या को देख रहे थे, उनकी आंखों में एक चमक थी जो बहुत प्यारी थी। अचानक रुद्राक्ष ने उसे उसकी कमर से पकड़ा और अपनी साइड पुल किया।

    "ओह तो मेरी जान को गुस्सा आ रहा है? यकीन करो मैं भी तुमसे दूर नहीं जाना चाहता हूँ पर मैं अब तुम्हें दर्द देने से डरता हूँ। मुझे डर लगता है कि कहीं मेरी डार्क साइड की वजह से मैं तुम्हें हर्ट न कर दूँ। पर हाँ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और अब हम दोनों को एक दूसरे से कोई अलग नहीं कर सकता है, कोई भी नहीं। अब ये जिंदगी हमारी है और उसे अब हम साथ मिलके हंसते खेलते जियेंगे।"

    रुद्राक्ष ने काव्या के चेहरे को देखते हुए कहा और उसके होंठों पर किस करने लगा। उसके होंठ बहुत जूसी थे। काफी देर तक उसे किस करने के बाद रुद्राक्ष ने काव्या को अपनी बाहों में उठा लिया और उसे लेके ग्लास रूम की साइड जाने लगा।

    "हम वहां क्यों जा रहे हैं भला?" काव्या कंफ्यूजन से रुद्राक्ष को देखने लगी जो एक सॉफ्ट स्माइल करके उसे देख रहे थे।

    "तुम्हारे नेक्स्ट सरप्राइज के लिए।" वे काव्या को लेके रूम के सामने आ गया।

    "क्या एक और सरप्राइज? पर रुद्राक्ष मेरी एक बात सुन लीजिए अगर आपने कोई उल्टी सीधी हरकत की या मुझे हर्ट करने के बारे में एक बार भी सोचा तो मैं आपका सर फोड़ दूंगी और यश भाई से कहके आपकी हड्डियां भी तुड़वा दूंगी, समझे आप?" काव्या ने गुस्से से अपना मुंह चढ़ा लिया।

    "हाँ उल्टी सीधी हरकत तो करूंगा पर प्यार से।" रुद्राक्ष मन ही मन बोला ओर एक रूम के सामने आ गया। उसने एक किक करके रूम का गेट खोला और अंदर आ गया। काव्या अपनी बड़ी बड़ी आंखों को और बड़ा बड़ा करके पूरे रूम को देख रही थी।

    "Woww रुद्राक्ष ये सब क्या है? इतनी प्यारी डेकोरेशन?" काव्या अपनी आंखे और मुंह दोनों फाड़े बस रूम को देख रही थी जो बहुत अच्छा डेकोरेट हुआ था। पूरे रूम में कैंडल जल रही थी, सब जगह रोज पेटल्स फैले हुए थे और हल्की डिम लाइट में वो रूम बहुत सुंदर लग रहा था। रूम को देख कर तो उसके दिल में एक अलग सा एहसास आ गया था। रुद्राक्ष ने उसे नीचे उतारा और पीछे से हग करके अपनी चिन मेरे शोल्डर पर रख दी और मुझे टाइटली हग कर लिया।

    "कैसा लगा मेरा सरप्राइज जान? मैंने कहा था ना..या तो आज ये दुनिया मेरी होगी या आज मेरा कुछ नहीं होगा और पता है आज ये दुनिया मेरी हो गई क्योंकि तुम मेरी हो सिर्फ मेरी।" रुद्राक्ष ने अपनी डार्क हस्की वॉइस हल्की से अवनी के कान में कहा।

    "शhhh.. कुछ मत कहो। आज कुछ कहने और सुनने नहीं है, आज सिर्फ करना है वो सब कुछ जो अब तक अधूरा था, आज वो सब पूरा करना है।"काव्या ने कुछ कहने के लिए अपना मुंह खोला तो रुद्राक्ष में यह कहकर चुप कर दिया रुद्राक्ष ने धीरे धीरे करके उसकी ज्वैलरी को निकाल दिया और उसके बालों को एक साइड कर दिया।

    अब उसने काव्या की नेक पर किस करना स्टार्ट कर दिया था। उसका एक हाथ अवनी की साड़ी के पल्लू के अंदर उसकी बेली पर था। रुद्राक्ष ने अवनी की साड़ी की प्लेट्स खोल के निकाल दी और साड़ी का पल्लू भी हटा दिया।

    "Ahhh" काव्या सिसक उठी क्योंकि रुद्राक्ष ने उसकी नेक पर एक ज़ोर का बाइट किया। उनका टच में काव्या को अपने लिए बेशुमार प्यार फील हो रहा था।

    उसने अवनी को अपनी साइड टर्न किया और उसकी नेक को लिक करने लगा। अवनी के हाथ अब रुद्राक्ष की शर्ट के बटन खोल रहे थे। अवनी को इन सब के लिए रेडी देख कर रुद्र और ज़्यादा एक्साइटेड हो गया।

    उसने काव्या को दोबारा अपनी बाहों में उठाया और उसे लेके बेड पर आ गया। उसने आराम से काव्या को बेड पर लिटाया और अपनी शर्ट उतारने लगा। उसकी नज़र काव्या की दूध जैसी बॉडी पर थी। काव्या की बढ़ती सांसे रुद्राक्ष को और एक्साइटेड कर रही थी। वो झटके से काव्या के ऊपर आ गया।

    वहीं काव्याकी नज़रें एक टक रुद्राक्ष की मस्कुलर बॉडी पर थी जो दिखने में बहुत सेक्सी थी। रुद्राक्ष एक दम से उसके ऊपर आ गया और अपने हाथों से उसकी साड़ी खोलने लगे। उनके लिप्स काव्या के फेस पर थी जिसे वो लिक कर रहे थे। फिर वो उसके लिप्स पर आके उसे किस करने लगे। रुद्राक्ष ने उसे पलटा और उसकी ब्लाउज की डोरी खोल दी और एक झटके से काव्या के ब्लाउज को उतार दिया और अपनी लस्ट भरी नज़रों से उसकी चेस्ट को देखने लगे।

    "Wow... beautiful" रुद्राक्ष ने बहुत हल्की वॉइस में कहा। उनकी ये बात सुनके काव्या का फेस शर्म से लाल हो गया। दोनों के कपड़े फ्लोर पर बिछे थे और दुनिया जहान से दूर एक दूसरे को किस कर रहे थे।



    रुद्राक्ष मुझे अलग हुआ और काव्या की चेस्ट पर किस करने लगे। उनका किस काफी सॉफ्ट और जेंटल था। थोड़ी देर तक वो काव्या की पूरी बॉडी को सक और लिक करने लगा और रुद्राक्ष थोड़ा सा ऊपर उठे और मेरी आंखों में देखते हुए अपनी हल्की डार्क वॉइस में कहा

    "I crave every inch of your body, can I touch you there?" रुद्राक्ष को ऐसे परमिशन मांगते देख काव्या को उसपे बहुत प्यार आ रहा था। काव्या ने अपनी बढ़ती सांसो के बीच हल्की आवाज में बोला "Every where" यह सुनकर रुद्राक्ष के फेस पर एक अडोरेबल स्माइल आ गई। रुद्राक्ष ने धीरे से उसके लेग्स को पार्ट किया। काव्या घबराहट में अपनी आंखे बंद करली और कस कर बेडशीट को पकड़ लिया




    प्लीज पढ़ने के बाद रिव्यूज जरूर दें 🫶🥰

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