ये कहानी है दो ऐसे लोगों की जिनकी जिंदगियां आपस में उलझी हुई है, जहां एक तरफ है रुद्राक्ष सिंग शेरावत जो कोल्ड हार्टेड पर्सन है।। जिसे किसी के जीने मरने से कोई फर्क नहीं पड़ता, जिसे मतलब है सिर्फ अपने रुतबे से खुद से, जो शिव का सब से बड़ा भक्त है, जि... ये कहानी है दो ऐसे लोगों की जिनकी जिंदगियां आपस में उलझी हुई है, जहां एक तरफ है रुद्राक्ष सिंग शेरावत जो कोल्ड हार्टेड पर्सन है।। जिसे किसी के जीने मरने से कोई फर्क नहीं पड़ता, जिसे मतलब है सिर्फ अपने रुतबे से खुद से, जो शिव का सब से बड़ा भक्त है, जिसे सिर्फ मतलब है उज्जैन की राज गद्दी से, जिसका होने वाला राजा है। पर इस राजगद्दी पर बैठने के लिए चुकानी पड़ी कीमत जिसमें उसने खुद के वजूद में एक ऐसा हिस्सा जोड़ा जिससे उसे बेइंतहा नफरत थी। वही दूसरी तरफ है मान्या राय कपूर, जो दिखने में जितनी मासूम है उतनी ही मुंह फट है, वो बोलने से पहले एक बार भी नहीं सोचती, उसका गुस्सा काली मां के जैसा है, । पर अनजाने में उलझ जाती है। दोनों की जिंदगियां आपस में जहां एक आहांकरी ओर खुद पसंद इंसान तो वही दूसरी तरफ हक पर चलने वाली काली मां पक्की भक्त ? क्या होगा जब आएंगे दोनों आमने सामने? और क्या हो जब मान्या को पता ही न हो अपने पति के बारे में कुछ ?जानने के लिए पढ़ते रहिए ,Hukum Sa ki Unwanted Ardhangini
Rudraksha singh sehrawat
Hero
Maniya
Heroine
Adhyatmik randhawa
Villain
Shatkakshi sing sherawat
Tinker
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उदयपुर,
रात के करीब 1:00 बजे बड़ी सी सफेद कलर की हवेली जिसे खूबसूरती से सजाया गया था, पर वह इस वक्त काफी वीरान लग रही थी क्योंकि रात काफी गहरी हो रही थी। वहीं हवेली के पीछे जहां चारों तरफ लाइट्स लगी हुई थी, वहाँ सिर्फ घोड़े के दौड़ने की आवाज सुनाई दे रही थी।
एक शख्स उस अंधेरी काली रात में घोड़े पर सवार तेजी से राइडिंग कर रहा था। उसकी स्पीड बहुत तेज थी, लिबास में उस शख्स का शरीर दिखाई देता है, पर चेहरा अभी भी नहीं दिख रहा था। ब्लैक कलर का फॉर्मल पैंट पहने, चमचमाते हुए शूज, हल्के लंबे बाल जो घोड़े की रफ्तार की वजह से हवा में लहर रहे थे। उसके लंबे, गहरा दीप सीना, परफेक्ट सिक्स पैक एब्स, माथे के बीच में लगा वह गहरा लंबा तिलक, आंखें एकदम गुरुर से भरी हुई, सख्त आंखें जो पीले रंग में चमक रही थीं। वह शख्स अपनी पकड़ घोड़े पर मजबूत कर स्पीड और ज्यादा बढ़ाता है।
उसके दोनों हाथ हवा में उठे हुए थे।
तभी उसके कान में एक तेज और तीखी सी आवाज पड़ती है, "रूद्र, आप यहां इस वक्त क्या कर रहे हैं? आपकी शादी हो चुकी है, भूलिए मत आज ही आप होने वाली रानी सा को घर लाए हैं और उन्हें इस तरह अकेला छोड़ आप यह घुड़सवारी कर रहे है? आपको इस वक्त अपने कमरे में होना चाहिए।"
रुद्राक्ष सिंह सहरावत,
उम्र: 31 साल,
उदयपुर के होने वाले राजा।
घमंड इतना कि खड़े-खड़े ऊंचे से ऊंची इमारत चुटकी में मिट्टी में मिला देता है।
हाइट: 6 फुट 3 इंच, शार्प जो लाइन, मजबूत कंधे, हल्क जैसा मजबूत शरीर।
खुद को बनाए हुए कायदे कानून जहाँ झुकना मना है। बाकी धीरे-धीरे इनकी पर्सनेलिटी के बारे में आगे पता चलेगा।
रुद्राक्ष घोड़े पर बैठा हुआ तेज रफ्तार से घोड़े को भगा रहा था। घोड़े के ऊपर से एकदम से छलांग लगता है और सीधा जमीन पर खड़े होते हुए एक हाथ जेब में डाल उस शख्स की तरफ कदम बढ़ाते हुए दीप आवाज में कहता है, "चाचा सा, आप सबको सिर्फ और सिर्फ हमारी शादी करवानी थी, न तो हमने शादी कर ली। इसके आगे अगर आप लोग चाहते हैं कि हम कुछ और करें तो यह हमारे बस की बात नहीं है और वैसे भी इस राजगद्दी पर राज करने के लिए सिर्फ और सिर्फ शादी जरूरी थी। हमने वह कर ली, इससे ज्यादा हमसे कोई उम्मीद मत करिएगा।"
बोलते हुए वह साइड में रखे हुए टेबल से अपने ब्लैक कलर की शेरवानी उठाते पहनते हुए अंदर की तरफ कदम बढ़ने लगता है। उसकी आंखों में एक तेज था, बाल जो हल्के पसीने से गीले हो चुके हैं, माथे पर बिखरे हुए थे। अपनी शेरवानी के 2 बटन लगाए हुए अंदर जा रहा था। उसके चेहरा का तेज, नाक में गुस्सा, सख्त आंखें, शार्प जो लाइन माथे पर पसीने की बूंदे, बिखरे हुए बाल जिसके बीच माथे पर लगा हुआ वो गहरा तिलक चमक रहा था। शरीर से निकलता वो डोमिनेटिंग ओरा, वो इस बिखरे हुए हुलिए में भी इतना कमाल का लग रहा था कि उसकी तारीफ के लिए शब्द कम पड़ गए थे।
उसमें बेहद ही गुरुर दिख रहा था।
वहीं बाहर खड़ा हुआ वह शख्स जाते हुए रुद्राक्ष को देख थोड़ी तेज आवाज में कहते हैं, "भले ही आप यहां के होने वाले राजा हैं, पर इतना याद रखेगी जिससे आपने शादी करी है वह भी इस ही राजा की बीवी है, पत्नी है। वह आपकी है तो याद रखना उनकी इज्जत भी वही होगी जितनी आपकी है।"
रुद्राक्ष के कदम एक पल के लिए रुकते हैं, एक पैर से हल्का सा फ्लिप के साथ उनकी तरफ मुड़ते हुए गहरी आवाज में कहता है, "चाचा सा, आपको उनकी फिक्र करने की जरूरत नहीं है। वो हमारी हैं तो उन की तरफ कुछ हक हम और भी लगी होते है।"
कहते हुए उसके चेहरे पर एक smirk 😏 था जैसे वह मजाक उड़ा रहा हो और टेढ़ी मुस्कुराहट के साथ उनकी आंखों में आंखें डालकर कहता है, "जिस लड़की की हिम्मत हमारी आंखों में आंखें डालकर बात करने की नहीं होती, उनका औधा हमारे ओधे जैसा हरगिज नहीं हो सकता और 4 दिन बाद वह हमेशा हमेशा के लिए चली जाएगी इससे ज्यादा और कुछ नहीं है।
क्योंकि हम उन्हें अपनी पत्नी नहीं मानते।" बोलते हुए वह सीधा लंबे कदमों से अपने कमरे की तरफ कदम बढ़ा देता है वहीं बाहर खड़ा हुआ शख्स अपना सर पूरी तरह से न में हिलाते हुए कहता है, "ना जाने कौन से पाप करे थे भाई साहब आपने जो आपको आपसे भी 4 कदम आगे चलने वाला लड़का मिला है।" बोलते हुए वह भी अपने कमरे में चले जाते हैं।
हल्का ठंडा मौसम था, बरसात की वजह से मौसम काफी सुहाना और ठंड से भरा हुआ था।
रुद्राक्ष का कमरा,
रुद्राक्ष तेज आवाज के साथ दरवाजा खोलकर सीधा अंदर आता है और अगले ही पल दरवाजे को पटकते हुए लॉक कर देता है। दरवाजे के बंद होने के साथ ही एक कांच टूटने की आवाज उस कमरे में गूंज उठती है। रुद्राक्ष की नजर उस तरफ चली जाती है। बेड के किनारे एक खूबसूरत सी, छोटी सी, नाजुक सी लड़की बैठी थी, जिसने इस वक्त एक सुर्ख मेहरून कलर का जोड़ा पहना हुआ था। वह नेट के दुपट्टे से अपनी बड़ी-बड़ी आंखों से दरवाजे के सामने खड़े हुए शख्स को देख रही थी। आंखों में डर साफ दिखाई दे रहा था।
रुद्राक्ष बिना किसी एक्सप्रेशन के उसके नजदीक जाता है।
वह लड़की जल्दी से बेड से नीचे उतरकर ग्लास को उठाते हुए घबराई आवाज में कहती है, "हम अभी-अभी इसे उठा देते हैं।" बोलते हुए वह जल्दी-जल्दी ग्लास के टुकड़ों को उठाने लगती है।
पर उसके हाथ पर कांच चुभ जाती है, जिसकी वजह से हाथ से खून निकलने लगता है। उसकी आंखों में नमी आ जाती है। वह भीगी पलकों से उस शख्स को देखती है, जो सामने खड़े अपने डोमिनेटिंग ऑरा लिए उस नाजुक फूल जैसी लड़की को घूर रहा था।
रुद्राक्ष अपनी गहरी आवाज में कहता है, "नाजुक बनने की जरूरत नहीं है। हमारे आने से पहले यहां सब कुछ क्लीन हो जाना चाहिए, माइंड इट स्टूपिड गर्ल।" बोलते हुए तेज कदमों से सीधा वॉशरूम के अंदर घुस जाता है।
वह लड़की एक गहरी ठंडी सांस भरते हुए उस कांच को उठाकर डस्टबिन में डाल देती है और बेड की तरफ देखते हुए खुद से कहती है, "पर यह तो एकदम साफ है, अब और क्या साफ करना है।" वह इधर-उधर बड़ी-बड़ी आंखों से उस पूरे कमरे को देखने लगती है। पूरे कमरे को ब्लैक और व्हाइट रोजेस के साथ डेकोरेट किया गया था। हर तरफ रोज के पेटल्स लगे हुए थे और साथ में वह मोमबत्ती से निकल रही काफी अट्रैक्टिव फ्रेगरेंस जो किसी को भी बहका सकती थी।
वो नाजुक सी लड़की सब कुछ देख ही रही थी कि उसके कानों में दरवाजा खोलने की आवाज पड़ती है। वो सर घुमाकर रुद्राक्ष को देखती है, जिसने इस वक्त अपनी कमर पर एक ब्लैक कलर का टॉवल लपेटा हुआ था।
चौड़े कंधे, कसा हुआ सीना, परफेक्ट बिस्किट जैसे एब्स जिनमें पानी की बूंदें फिसलते हुए नीचे गिर रही थीं, उसके हल्के बड़े बाल माथे पर बिखरे हुए थे, कुल मिलाकर वो बेहद हॉट लग रहा था। चेहरा नहाने की वजह से हल्का गुलाबी हो गया है। उसके शरीर से अभी भी वह डार्कनेस वाइब साफ महसूस हो रहा था।
वो इस वक्त इतना खूबसूरत और इतना हॉट लग रहा था कि वह नाजुक सी लड़की चाह कर भी रुद्राक्ष से अपनी नजर नहीं हटा पा रही थी। वो एकटक उसे देख रही थी।
उसने आज से पहले इतना खूबसूरत मर्द नहीं देखा था, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि लड़के भी इतने खूबसूरत और हसीन हो सकते हैं। वो बड़ी-बड़ी पलकें करे हुए एकटक रुद्राक्ष को देखे जा रही थी, जैसे उस ओर से नजरें हटाना भूल गई हो।
रुद्राक्ष छोटा सा टावल अपने बालों पर रखें बालों को सुखाते हुए उसकी तरह बढ़ता है। उसे अपने ऊपर उस लड़की की नजर बखूबी महसूस हो रही थी। वो तेज कदम से उसके नजदीक आता है ।और उसकी बाजू पर अपनी ठंडी उंगलियां रखते हुए गहरी आवाज में कहता है।
हमने तुमसे कहा था ना हमारे आने से पहले पहले यहां की सफाई हो जानी चाहिए कहीं ऐसा तो नहीं है आप खुद हमारे साथ यह वेडिंग नाइट सेलिब्रेट करना चाहती हैं। इसीलिए अभी तक यह जगह साफ नहीं करी है ।तुमने
वह लड़की जल्दी से अपने सेंस में आती हैं ।और बड़ी-बड़ी आंखों से रुद्राक्ष की तरफ देखते हुए घबराई से आवाज में केहती हैं। नहीं सब सब कुछ साफ तो है। तो और और क्या साफ करना है ।
रुद्राक्ष उसके चेहरे पर झुक जाता है ।
उस लड़की को न जाने क्यों रुद्राक्ष से डर लग रहा था एक अजीब सा खौफ आ रहा था। रुद्राक्ष का औरा ही ऐसा था अच्छे खासे इंसान को डरा कर ही मार दे। नॉर्मली हार्ट अटैक ही पड़ जाए उसके सर पर झुकते हुए गहरी अपना हाथ आगे बढ़कर उसके चुन्नी निकाल कर एक बार में फेंक देता है। रुद्राक्ष की नजर अब उस लड़की पर जाती हैं ।
उसे लड़की ने अपने बालों का जुड़ा बनाया हुआ था। चेहरे पर हल्का सा मेकअप और माथे पर गहरा सिंदूर जो पूरे बालों में बिखरा हुआ था। बड़ी-बड़ी आंखें जिसमें गहरा काजल था। गहरी काली आंखें जैसे किसी काली घाट की तरह उसके हल्के फ्लॉपी रोजी लिप्स जो काफी अट्रैक्टिव थे। जो हल्के हल्के कप रहे थे ।ब्लाउज जिसमें उसकी हल्की-हल्की क्लीवेज दिख रही थी । तो वहीं लहंगा पर दुपट्टा काफी अच्छे से फिक्स कर गया था। और उसके कमर पर बंधी हुई कमर चैन उसकी पतली सी बिल्कुल नागिन जैसी कमर काफी अट्रैक्टिव लग रही थी।
रुद्राक्ष उस कमर बंद को देख तुरंत उस ओर से नजरे हटा लेता है। लड़की का बाजू पकड़ कर अपने नजदीक कर गहरी आवाज में कहता है। मैंने तुम्हें यह कमरा क्लीन करने के लिए कहा था ।और तुम्हें इसमें सफाई दिख रही है।कहते हुए उसने अपने नजर उसे पर से हटा ली थी जो उसे पर ठहरना चाह रही थी उसके झबड़ा मजबूत हो रखे थे।
रुद्राक्ष गुस्से से उस लड़की को सीधा बेड पर धकेल देता है जिसके साथ वहां हो रही डेकोरेशन हल्की सी बिगड़ जाती हैं ।रुद्राक्ष उसके चेहरे पर झुक जाता है। और एक हाथ से उस डेकोरेशन को खराब करते हुए कहता है ।मैं इसे साफ करने की बात कर रहा था ।
अब देखें लिया ना तो चलो फटाफट 10 मिनट है तुम्हारे पास अगर यह सब कुछ साफ नहीं हुआ तो मैं तुम्हारे साथ वह सब करूंगा जो एक अरेंज मैरिज में होता है। उसकी गर्म सांसे उस लड़की के सीने पर पढ़ रही थी।
वह लड़की बड़ी-बड़ी आंखों से रुद्राक्ष को देखते हुए कहती हैं इसका मतलब आप हमारे साथ सोएंगे बोलते हुए उसने अपने लोअर लिप को अंदर की तरफ मोड़ दिया था। ।
रुद्राक्ष जो उसके बेहद करीब खड़ा हुआ था उसके कान एकदम लाल हो जाते हैं । वो गहरी नजर आंखों से उसे देखते हुए उसके जबड़े को अगले ही पर हाथों से दबा देता है। उसकी पकड़ इतनी तेज थी कि उस लड़की की आंखों में दर्द छा जाता हैं। वह अपने दोनों हाथ से अपना चेहरा छुड़ाते हुए हल्की रूहसी आवाज में कहती हैं । कुंवर सा यह आप क्या-क्या कर रहे हैं ? हमें दर्द हो रहा है । छोड़िए हमें
रुद्राक्ष दीप वॉइस में कहता है।hmmm इस तुच्छ से आपको दर्द हो रहा है तो सोचो जब हम आपके साथ सोएंगे तो आपको ओर कितना दर्द होगा पर अब आप
यही चाहती हैं न कि हम आपके नजदीक आए आपके साथ वह सब कुछ करें जो एक नॉर्मल पति-पत्नी के बीच होता है । इसलिए आप हमसे डायरेक्ट कह रही हैं हमें नहीं पता था कि आप जैसी सो कॉल्ड गरीब लोग इतने ज्यादा एडवांस होते हैं । अगर अपने मुंह से एक शब्द और निकला इस तरीके का तो आपकी जवान खींचकर हाथ में दे देंगे हम बोलते हुए उसके चेहरे को झटक देता है। उस लड़की पूरा चेहरा लाल हो चुका था ।
रुद्राक्ष की लंबी-लंबी उंगलियां उसके छोटे से चेहरे पर छप चुकी थीं। वह अपने छोटे-छोटे से हाथों से अपने चेहरे को सहलाने लगती है। उसकी पलकें भीग गई थीं पर आंखों में नाराज़गी और चेहरे पर गुस्सा बहुत ज्यादा दिख रहा था।
रुद्राक्ष उसे बाज़ू से पकड़कर बेड से नीचे धकेलते हुए कहता है, "आपकी औकात नहीं है रुद्राक्ष सिंह सहरावत के बिस्तर तक आने की, तो अपनी जगह कहीं और ढूंढिए और अगर गलती से भी आप हमारे बेड पर लेटीं तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा, समझी आप?" बोलते हुए वो सीधा क्लोसेट में चला जाता है।
वही वह लड़की किसी छोटे बच्चे की तरह अपने हाथ को मुट्ठी बनाए हुए आंसुओं को पोंछते हुए कहती है, "भगवान जी हमने ऐसी कौन सी गलती करी थी जो आपने हमें शैतान जैसे पति दिया है। यह बहुत-बहुत बुरे हैं, हम इनकी शिकायत करेंगे दादी सा से। यह बहुत गंदे हैं, इन्होंने हमें दर्द दिया है।" बोलते हुए वह रोना शुरू कर देती है। उसकी बड़ी-बड़ी आंखों से आंसू निकल रहे थे।
रुद्राक्ष जो अभी-अभी क्लोजेट से एक नॉर्मल पजामा पहने हुए बाहर आया था। वह देखने में इस वक्त किसी हैंडसम हंक के जैसा लग रहा था। बालों से गिरती पानी की चमकदार बूंदें जो उसके मजबूत सीने पर फिसल रही थीं, आंखों में तेज और गुस्सा बरकरार था। वो तेज़ी से उस लड़की के नज़दीक आता है, बाजू को पकड़ते हुए एकदम से खड़ा कर बेड से दूर धकेलते हुए कहता है, "अगर तुमने किसी को भी यह बताया कि हमने आपको ज़रा भी दर्द दिया है, तो हम आपको उससे ज़्यादा दर्द देंगे क्योंकि आप भले ही दिन भर कमरे से बाहर रहेंगी, लेकिन रात में आपको अंदर ही आना पड़ेगा ना, हमारे पास जहां कोई भी आपको हमसे नहीं बचा सकता तो आप कमरे की बातें किसी को नहीं बताइएगा और हां अगर आपने हमारी शिकायत करी अपने घर वालों से भी तो..." बोलते-बोलते वह अपनी बात अधूरी छोड़ देता है।
उसने अपनी बात को जानबूझकर अधूरा छोड़ा था, वो नाज़ुक सी लड़की अपने दोनों हाथ सीने पर रख घबराई हुई से उसे देख रही थी। उसकी आंखों से मोटे-मोटे आंसू गिर रहे थे, रोने की वजह से नाक पूरी लाल हो चुकी थी।
रुद्राक्ष एक नजर उसे देखता है, उसकी आंखों में खुद के लिए डर देख उसे सुकून महसूस होता है। वो जाकर अपने बिस्तर पर लेट जाता है, अपनी आंखों पर हाथ रख लेता है, जैसे वो सो रहा हो।
रात धीरे-धीरे गहरी हो चुकी थी।
वही उस लड़की की सिसकियों की आवाज़ उसके कानों में गूंज रही थी। वो रो रही थी पर साथ में रुद्राक्ष को कोस भी रही थी जिसे न जाने क्यों। वो बिना कुछ कहे इसे सुन रहा था, बिना कुछ कहे।
रुद्राक्ष उसकी सिसकियां सुनते हुए डरावनी आवाज़ में कहता है, "आपकी आवाज़ बंद नहीं हो रही है तो बताइए हम अपनी तरह से के..." देते हैं।
कहते हुए उसने एक तकिया अपने कान पर रख आंखें बंद कर ली थीं।
वही वो नाज़ुक लड़की रूद्र को घूरते हुए होठों को कुतरते हुए कहती है, "होगे आप कहीं के राजा पर भूले मत, आपसे शादी करके हम भी रानी बन गए हैं। आपने हमें रुलाया ना, अब देखना आपके साथ क्या करते हैं।" hmmm
सुबह के 4:00 बजे रुद्राक्ष की आँख खुलती है। उसकी आँख खुलने के साथ ही उसकी नजर सोफे पर सो रही उस लड़की पर जाती है। उसके दोनों हाथ घुटनों के ऊपर रखे हुए थे। वह एकटक उस लड़की को देख रहा था जो कल रात उसकी बीवी के हक़ से उसके कमरे में मौजूद थी।
उसे देख ऐसा लग रहा था जैसे वह बहुत गहरी नींद में हो।
वो पूरी रात रोई थी, उसका चेहरा अभी तक सुर्ख था, और पलकें भीगी हुई थीं। वो रोते-रोते सो चुकी थी। उसका एक हाथ पेट पर था और दूसरा हाथ सर के ऊपर। वह बहुत ही प्यारी और खूबसूरत सी गुड़िया जैसी लग रही थी, जो अभी भी पूरी तरीके से दुल्हन के कपड़ों में सजी हुई थी। उसकी मांग टीका दूसरी तरफ हो चुका था जिससे उसके मांग में रुद्राक्ष के नाम का सिंदूर पूरी तरीके से बालों में बिखरा हुआ उसे गवाही दे रहा था कि वह उसकी है। जिसे देखकर ही रुद्राक्ष की आँखें एक बार फिर लाल होने लगती हैं। वह अपनी जगह से खड़ा हो उसके नजदीक जाता है और उसे अपनी इंडेक्स फिंगर दिखाते हुए दांत पीसकर कहता है,
"नफरत है मुझे तुम्हारे होने से, नफरत है मुझे तुम्हारे वजूद से। इतनी नफरत करता हूँ मैं तुमसे इतनी नफरत कि तुम्हारे अंदर अपने लिए डर भर दूंगा। इस हद तक डर भर दूंगा कि तुम रोगी, तड़पोगी, मुझसे दूर जाने की कोशिश करोगी पर तुम्हें खुद में बांध के भी रखूंगा। बहुत शौक है न दूसरों को सही राह दिखाने की? अब मैं तुम्हें हर उस रास्ते से गुमराह कर दूंगा जो तुम्हें कहीं और लेकर जाएंगी। अब तुम सिर्फ और सिर्फ इस रुद्राक्ष सिंह सहरावत के सोने के पिंजरे में बंद हो के रह जाओगी। बहुत शौक था न शादी करने का? देखो शादी करके तुम्हारा शौक भी पूरा कर दिया, अब बारी है मेरा शौक पूरा करने की जो तुम धीरे-धीरे करके देखोगी। मैं तुम्हारे अंदर खुद के लिए इतना खौफ नहीं भर दिया तो मेरा नाम भी रुद्राक्ष सिंह सहरावत नहीं।"
बोलते हुए उसे एक डेविल मुस्कुराहट पास करते हुए तेज कदमों से वहां से निकल जाता है। वह इस वक्त किसी खूंखार शैतान की तरह लग रहा था।
वही काउच पर सो रही मासूम नन्ही सी गुड़िया हर चीज से बेखबर सुकून की आगोश में थी। उसकी आँख दरवाजा खटखटाने की आवाज से खुलती है। वो नींद भरी आवाज में बड़बड़ाती है, "ये बुआ टोक क्यों नहीं जाती यार? हमें कितना परेशान करती है।"
बोलते हुए वो आँखें मल आहिस्ता से आँखें खोल सामने देखती है और सामने का नजारा देख उसकी जोर दार चीख निकल जाती है। "आह्ह्ह्ह्ह ये हम कहा है?" वो चिल्लाते हुए काउच से नीचे गिरी थी।
"हाय मार डाला, ये कौन सी पनौती बैठे बैठे गले पड़ी।" उसकी आवाज थम चुकी थी। वो किंग साइज बेड के ऊपर लगी रुद्राक्ष की तस्वीर पर जाती है जिसे देख उसका मुंह बन चुका था।
तभी दरवाजे से तेजी से आवाज आने लगती है।
वो लड़की चिढ़ते हुए कहती है, "आ रहे हैं! अब क्या दरवाजा ही तोड़ने का इरादा है क्या हम?" बोलते हुए उसने दरवाजा खोल दिया था।
सामने करीब 40 साल की औरत खड़ी थी। उनके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट थी। वह लड़की उन्हें देखकर जल्दी से अपनी जगह से साइड होती है और लहंगे को संभालते हुए भाग कर उस औरत के सीने से लगते हुए रोना शुरू कर देती हैं।
वो औरत एक पल के लिए तो हैरान हो जाती है फिर जल्दी से उसके सर को सहलाते हुए कहती है, "क्या हुआ बच्चा? क्या हुआ है आपको? आप इस तरीके से क्यों रो रही हो?"
"किसी ने कुछ कहा आप से? आप हमें बताइए।"
"मानवी बच्चे ऐसे रोते नहीं है। बताइए तो सही किसी ने कुछ कहा है? कुंवर सा ने आपसे कुछ कहा? बताइए तो अब रो क्यों रही इतना ज्यादा?"
मान्य छोटी सी उंगली जिस पर कट लग गया था, उस औरत के सामने करते हुए रोते हुए कहती है, "हमें दर्द हो रहा है। अब हम खाना कैसे खाएंगे? ये सब कुंवर सा की वजह से हुआ है। कुंवर सा बहुत बुरे हैं। उन्होंने कल रात को हमें बहुत परेशान करा, हमें कमर में भी बहुत दर्द हो रहा है। हम अब उनके साथ नहीं रहेंगे, वो बहुत गंदे है। उन्होंने हमें धमकाया था कि हम उनकी हरकत किसी को नहीं बताए पर हम बुरे लोगों की बात नहीं मानते इसलिए आपको बता दिया आप उन्हें बहुत डांटिए।"
रुद्राक्ष जो अभी-अभी दूसरे दरवाजे से होते हुए क्लोजेट से बाहर निकला था, मान्य की बात सुनकर उसकी आंखें डार्क हो जाती हैं। उसे लगा था यह छोटी सी लड़की उसके डराने धमकाने से चुप रहेगी पर यहां तो सुबह होने के साथ ही वह उसकी मां से शिकायतें कर रही थी। उसके कहने का क्या मतलब था कि उसकी कमर में बहुत दर्द है। उसने तो उसे छुआ तक नहीं था अभी तक ठीक से, और यह लड़की उस पर गलत इल्जाम लगा रही थी। वह आगे बढ़ कुछ कहता या बात संभालता, उससे पहले उसके कानों में मान्य की आवाज पड़ती है।
"आंटी देखिए ना हमारी कमर कितनी लाल हो गई है। हमें अपनी कमर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। हम क्या करें?" बोलते हुए वह पीछे से अपने लहंगे का दुपट्टा अलग करने की कोशिश कर रही थी, पर पिन से सेट होने की वजह से वो निकल नहीं रहा था। वह अपनी पूरी कोशिश में लग चुकी थी।
रुद्राक्ष उसकी बेवकूफी भरी हरकत पर तमतमा उठता है।
उसे बाजू पकड़ते हुए अपने नजदीक कर आवाज को धीमा करते हुए कहता है, "मा सा आप चले, हम बस थोड़ी देर में इन्हें लेकर आते हैं।" बोलते हुए उन्हें बाहर जाने का इशारा कर देता है।
वहीं सामने खड़ी अधीरा सिंह शेरावत का चेहरा एकदम लाल हो चुका था। उनके चेहरे पर इतनी हैरानी थी जिसे वो शब्दों में बयां नहीं कर सकती थी, पर रुद्राक्ष से बाद में बात करने का सोच वहां से निकल जाती हैं।
रुद्राक्ष दरवाजे को लगभग पटकते हुए बंद कर मनाया को दरवाजे से लगाते हुए अपने दोनों हाथ उसके कंधे पर रख उंगलियों को धसाते हुए दांत पीसकर कहता है, "आपका दिमाग घुटनों में है क्या? आपको आईडिया भी है आपने अभी-अभी कितनी घटिया हरकत की है।"
"आह्ह्ह! छोड़े छोड़े हमें, हमें आपसे कोई बात नहीं करनी हम मां सा से बात करेंगे, ह्म्म्म!"
उसने चिढ़ के मुंह बनाते हुए उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश कर रही थी।
रुद्राक्ष उसे खा जाने वाली नजरों से देख रहा था। उसे बहुत तेज गुस्सा आया था उसकी बात पर, भला वो कैसे इतनी बकवास भरी बात सुबह सुबह उसकी ही मां से कर सकती थी।
रुद्राक्ष दांत पीसते हुए कहता हैं, "आपकी इतनी हिम्मत हमारे मन करने के बाद भी हमारी मां से बुराई करने की?"
मान्य उसकी बात पर कुछ देर उसे देखती है, फिर मुंह अजीब सा बनाते हुए कहती है, "इसमें हिम्मत वाली कोई बात ही नहीं है। वैसे भी हमने क्या गलत कहा बताइए जरा, हमने वही कहा जो सच था। आप खुद देखिए हमारी कमर कितनी लाल हो गई, कितनी तकलीफ हो रही है हमें, पर नहीं आपको तो बस हम पर गुस्सा करना है।" बोलते हुए वो दर्द से सिसकी लेने लगती है।
रुद्राक्ष अपने दांत कसते हुए गुस्से को काबू करने की कोशिश करते हुए कहता है, "हमने आपसे पहले भी कहा था, कमरे में जो कुछ भी हुआ है आप किसी को नहीं बताएगी। आपने क्या सोच के ये हरकत की है।"
मान्य बड़ी-बड़ी पा के झपकते हुए उसे देखती हैं और फिर उसके दोनों हाथों को कंधे से दूर कर जो दुपट्टा उसने अभी अपनी कमर पर और कंधे से अच्छे से पिन हो रखा था उसे पूरी ताकत से खींचते हुए जमीन पर फेक
उसके हाथ को पड़कर बेड के पास ला बेड पर बैठते हुए इधर-उधर कुछ ढूंढने लगती है । रुद्राक्ष उसकी जाहिलो वाली हरकत देख अंदर तक तप चुका था।ये बात सिर्फ वही जनता था वो कैसे खुद को काबू करे हुए था वरना अब तक तो वो उसकी गर्दन को शरीर से अलग कर चुका होता ।
तब ही उसकी उसकी नजर मान्य के पैरों पर रुक सी जाती है उसके छोटे-छोटे से पैर मैं पायल बंदी थी जिसमें अलग अलग रंग के मोती लगे हुए थे उसके पैर बेहद ही छोटे और उन पायल की वजह से बेहद खूबसूरत लग रहे थे उसके इधर उधर जाने से वहां गूंजता वो मीठा सा शोर रुद्राक्ष के गुस्से को भाप की तरह उड़ा ओर चेहरे पे अजीब सा कुछ आ गया था ।
वही maniya उसे वो चीज नहीं मिलती जिसके वो तलाश कर रही थी मुंह बनाते हुए रुद्राक्ष के पास आ आकर खड़ी हो जाती है।
रुद्राक्ष एक नजर उसे देखता है उसके रुकने से वो शोर बंद हो चुका जिसे न महसूस करते हुए रुद्राक्ष उसे देखने लगता है।
उसका वही दूल्हा का जोड़ा जिसमें अब वो सिर्फ लहंगे और ब्लूज में थी बाल बिखरे हुए से चेहरे पर छिड़ सी मची हुई थी
वो उसे देख अपना चेहरा दूसरी तरफ करते हुए अपनी आंखें बंद कर लेता है। उसकी सांसे एक पल को तेज हो गई थी वह गुस्से में डाट पीस लेता है ये लड़की कितनी बेवकूफ कोई इस हुलिए में किसी आदमी के सामने कैसे जा सकता है क्या ये उसे खुले तौर पर निमंत्रित कर रही थी जिसे सोच सोच कर रुद्राक्ष का गुस्सा बढ़ जाता है।
वो खुद को काबू कर रहा था । उसका वो सख्त चेहरा , चढ़ी हुई आइब्रो , और गुस्से से लाल होती नाक वह इस वक्त बहुत ही हसीन लग रहा था ।
किसी ने क्या खूब लिखा है मर्द सबसे ज्यादा कातिल दो ही सिचुएशन में लगता है। जब वह अपनी मोहब्बत का इजहार अपनी पसंदीदा औरत से करता है।
और दूसरा तब जब वह सबसे ज्यादा गुस्से में बौखलाया हुआ होता है । यही हाल कुछ रुद्राक्ष का भी था वह इस वक्त बहुत हसीन लग रहा था ।
विंडो से वो हल्की धूप जो उसके चेहरे पर पढ़ते हुए उसकी आंखों को चमका रही थी उसकी लंबी पलके जिनकी छाया उसकी आंखों के नीचे बन रही थी, वो सख्त हल्के कत्थई से पतले होठ। जो बिछे हुए थे। कुछ देर गहरी सांस लेने बाद maniya की टफ देखता है।
मान्या की गहरी नीली आंखें जो हल्का सा उसके चेहरे पर झुकी हुई थी होठों का पाउट आंखों में मासूमियत लिए बड़ी। अजीब सी नजरों से उसे देख रही थी।
पर ये नजर अजीब नहीं बल्कि दिलकशी से भरी हुई थी पर रुद्राक्ष के लिए अजीब थी। वो इंसानी भावनाओं से कोसों दूर था उसके लिए बस कुछ ही लोग ओर ही एहसास exist करते थे पर aaj maniya की नजरे उसे कुछ अलग लग रही थी जैसी नजर उसे कभी देखी तक नहीं थी जिस वजह से उसे आज वो अजीब लग रही थी
मान्या को खुद के इतने करीब देख। रुद्राक्ष तुरंत अपनी जगह से खड़ा हो उस दुपट्टे को उठाकर उसके ऊपर लगभग फेंकते हुए चिल्लाकर कहता है । आपको शर्म हया कुछ है भी कि नहीं किस तरीके से आप हमारे सामने खड़ी हुई हैं?
मान्या उसके अचानक चिल्लाने से डर जाती है ।
रुद्राक्ष इतना तेज चिल्लाया था कि वह अंदर तक सहम चुकी थी वो आहिस्ता से अपने कदम पीछे लेते हुए धीरे-धीरे सिसकते हुए कहती हैं। आपने आपने जानबूझकर रात में हमें बेड पर नहीं सोने दिया था । आपको पता नहीं है हम इतने छोटे से हैं और हमारी हड्डी अभी बहुत छोटी-छोटी सी है हम जमीन पर सोते हैं या फिर सोफे पर तो हमें बहुत दर्द होता है । और इसी वजह से हमारी कमर पूरी लाल हो गई है । हमसे ठीक से चलते भी नहीं बन रहा, बहुत दर्द हो रहा है ।ऊपर से ऊपर से आप हम पर चिल्ला रहे हैं । आप आप बहुत बुरे हैं। हमें आपके साथ नहीं रहना, हम अपनी बुआ से कहेंगे कि वह हमें दूसरा पति लाकर दे हमें आपके साथ नहीं रहना , बोलते हुए वह बेड पर पेट के। बल लेट गला फाड़ फाड़ कर रोने लगी थी।
रुद्राक्ष की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है। वह मान्य को ऐसे देख रहा था जैसे किसी पागल को देख रहा हो मान्य अपने हाथ पैर पटकते हुए रो रही थी उसका लहंगा बहुत ही बेहतरबी से पैरों से ऊपर की तरफ उठ चुका था
जिसका उसे कोई भी होश नहीं था । बल्कि वह रोते हुए अपने आशुओं को बहुत ही बेटरबी से पूछ रही थी । जैसे किसी 5 साल के बच्चे से उसकी पसंदीदा चीज छीन ली हो।
रुद्राक्ष खुद के गुस्से को काबू करते हुए maniya के पास आता है और उसके चेहरे को अपने दो उंगलियों से उठाते हुए उसके चेहरे को ऊपर कर देता है ।
मनिया बड़ी-बड़ी गहरी नीली आंखें सीधा हनी गोल्डन आंखों से जा मिलती है। जो धूप की वजह से चमक रही थी रुद्राक्ष बिना पलके झपकाए है मान्य की आंखों में देख रहा था उसकी वह समुद्र जैसी नशीली आंखें जिसमें न जाने कितनी ही गहराई थी। सैलाब की तरह उसके आंसू आंखों के कोनों से बहते हुए आशु। गालों पर आ रहे थे।
उसके कपते छोटे-छोटे होंठ बेहद खूबसूरत लग रहे थे ,
रुद्राक्ष तुरंत उसे नजर हटा गहरी सांस भरते हुए खुद को शांत करते हुए कहता हैं । तो आप बदले में क्या चाहती हैं? हम क्या करें आपके लिए?
महान्या अच्छे से लेटते हुए कहती है। हमारी कमर बहुत दर्द कर रही हैं और लाल भी पड़ गई हैं। आप हमें मसाज दे या कोई बम लगा दे बोलते हुए उसने अपना लहंगा पीछे से नीचे किसका दिया था।
रुद्राक्ष उसकी बेबाकी पर हैरानी से उसे देख रहा था उसकी आंखें बड़ी हो चुकी थी , वही उसके कान एकदम सुर्ख पड़ चुके थे, उसे ऐसा लग रहा था जैसे अभी कान से धुआं निकल जाएगा वह एक तक मान्य कि वह पतली खुली कमर देख रहा था। उसकी आंखों में कुछ आ रहा था जो वो नहीं चाहता था , वह तुरंत अपने हाथ जो हल्का सा पीछे करते हुए दूसरे हाथ से अपने हाथ को मजबूती से पढ़ते हुए दांत पीसकर कहता है । आपका दिमाग खराब हो गया है। यह। हम अपने इशारों पर लोगों को नचाते हैं । वहां आप हमसे काम करवा रही हैं। आप हमें हुकुम दे रही हैं । आपको पता भी हैं हम कौन हैं?
Maniya उसकी बात पर मुंह बनाते हुए उसकी तरफ पलटती है । छोटा टिमटिमाती हुई आंखों से उसे देखते हुए कहती हैं। हां हमें पता है आप हमारे पति हैं । और बुआ ने कहा था हम जो कहेंगे आप सब कुछ करेंगे तो चलिए हमारे कमर में बहुत तेज दर्द हो रहा है जल्दी से बाम लगा दिजीए और नहीं लगाना है तो हम जा रहे हैं यह से ओर जाकर जब को हवेली में बता देंगे कि आपकी वजह से हमारी कमर में कितना दर्द हो रहा है।
रुद्राक्ष आंखें बड़ी हो जाती है। लड़की तुम। हद पार कर रही हो हमारे बीच कुछ नहीं हुआ था समझी
मान्य उसकी के लहजे में कहती है। वही तो बात है कुछ नहीं हुआ था और होता भी कैसे अपने हमें बिस्तर से फेक जो दिया था जिस वजह से हमें दर्द हो रहा है और आप कह रहे है कुछ नहीं हुआ था तो आप गलत बोल रहे है हुकुम सा ,हम
रुद्राक्ष बिना कुछ कहे मान्या की कमर पर उंगलियां रख देता है। मान्या हल्की सी सिसकी भर से पीस के उसे देखने लगती हैं । वो जल्दी से उसके हाथ को पकड़ लेती हैं।
रुद्राक्ष के हाथ एक ही जगह पर रुक चुके थे वह manya का हाथ बड़े गौर से देख रहा था, उसका हाथ बहुत ही ज्यादा छोटा था जहां नॉर्मल लोगों के हाथों का एक साइज होता है पर उसका हाथ कुछ ज्यादा ही छोटा था , रुद्राक्ष उसके हाथ को देखते हुए बडबडाते हुए कहते हैं । दादी सा ने बिल्कुल ठीक नहीं कर हमारी शादी एक बच्ची से करवा दी ऊपर से वह भी कुपोषित निकली बोलते हुए वह मान्य का हाथ अपने हाथ से अलग किया था।
मानिया उसके हाथ पर नाखून घुस आते हुए कहती हैं। आपको कुछ भी नहीं आता है क्या? आपको देख कर लग रहा है सिर्फ हुकुम चलाना गुस्सा करना और सात पीसने के सिवा आपको कुछ नहीं आता, अब हमें ही सब कुछ आपको सिखाना पड़ेगा ऐसे फूंक मारते हुए लगाइए बोलते हुए वह अपने होठों को गोल करती है
और रुद्राक्ष के पास आ उसके चेहरे पर फूंक मारने लगती हैं।
रुद्राक्ष की आंखें बंद हो चुकी थी , उसे अपनी सांसों में मान्य की सांस घुलती हुई महसूस हो रही थी , माथे पर ठंडा पसीना आ चुका था, वह मान्य को जबरदस्ती गर्दन से पकड़ बेड पर लेटा एक हाथ उसके गर्दन पर रख दूसरे हाथ को उसकी कमर पर तेजी से रब करते हुए दांत पीसकर कहता ह , हमने यह आज से पहले कभी कोई काम नहीं कर है पहली बार कर रहे हैं, समझी आप वो भी एक बेबी सीटिंग तो चुपचाप लेटी रहीये आप यह , अगर दर्द हो रहा है तो उसे बर्दाश्त करिए।
मान्या अपने दोनों हाथों की मुठिया बनाकर बेड पर मरते हुए उसका हाथ हटाने लगती है। पर मजाल है वह रुद्राक्ष की पकड़ से छूट सके ,
रुद्राक्ष जो उसके सफर को देख रहा था उसे अब जाकर कही सुकून आ रहा था , आए भी क्यों न वो जितना कम बोलता है आज उसने अपने महीने भर के शब्द एक साथ ही इस्तेमाल के लिए थे पर अब मनाया की बोलती बंद हो चुकी थी जिसे उससे खुद को जीतते हुए महसूस के रहा था। सुकून उसके चेहरे पर उतर आया था। तभी उसे अपने हाथ कहीं और
महसूस होता है। वह तुरंत नीचे की तरफ देखता है । जहां उसकी आंखें एक पल के लिए रुक जाती है।
मान्य के बाल लड़ने के चक्कर में एक तरफ हो चुके थे , उसका ब्लाउज जो सिर्फ दो उंगलियों वाले हुक पर टिका हुआ था, और वह डोरी जो उसकी खुली हुई बैक को और ज्यादा अट्रैक्टिव बना रही थी। वह साइड हो चुकी थी, रुद्राक्ष के सामने उसकी पूरी पीठ थी उसके कमर का हिस्सा साफ दिख रहा था लहंगा थोड़ा नीचे खींच गया था
जिससे उसका हाथ थोड़ा सा नीचे आ चुका था । रुद्राक्ष को अपने शरीर में झनझनाहट महसूस हो रही थी , उसके हाथ अजीब तरीके से मान्य कि उस बेदाग से कमर पर धीरे-धीरे चलने लगे थे तभी उसकी नजर maniya की कमर से तीन इंच नीचे बना हुआ वह काला तिल जो उसे अपनी तरफ अट्रेक्ट कर रहा था। वो वह जाकर रुक जाता है। वो मदहोशी के आलम में उस तिल को देख रहा था ।
“ उसकी आंखों में एक अजीब सी कशिश झांक रही थी “
वो धीरे से अंगूठा उस दिल पर रख उसे रगड़ने लगता है । वह अलग-अलग डायरेक्शन है उस तिल के पास अपना अंगूठा चल रहा थाm मानीय जो इस सभी एहसासों से बेखबर धीमी चलते हाथों को कमर पर महसूस कर उसे एक राहत मिल रही थी। वह दूसरे ही पल अपना छोटा सा हाथ रुद्राक्ष के हाथ पर रख दूसरे साइड घूमते हुए कहती हैं। अब हमें इधर नहीं इधर दर्द हो रहा है । आप इधर मसाज करिए बोलते हुए वह वापस तकिया को गले लगाए आंखें बंद कर ली थी ।जैसे उसे सुकून आ रहा हो।
वहीं रुद्राक्ष एकदम से अपने ख्यालों से बाहर आ तुरंत अपने हाथों को पीछे करते हुए गुस्से से कहता। आइंदा आपने हमें कोई भी हुकुम देने की कोशिश करी तो आज तो आपको मसाज करि है पर अगली बार कमर तोड़ देंगे और फिर चाहे जो करना हो वह करती रहना समझी आओ और हां जितना हो सके हमसे दूर रहना गॉट इट , बोलते हुए रुद्राक्ष बिना उसे पर नजर डालें तुरंत कमरे से बाहर निकल जाता है । उसके कान अभी भी एकदम सुर्ख थे, और जैसे ही कमरे से बाहर आता है उसके पूरे एक्सप्रेशंस बदल जाते हैं वह अपने दांत कसे हुए मुठिया मजबूत करें हुए कहता है। यह छोटी सी लड़की खुद को समझती क्या है ? इनकी इतनी हिम्मत की यह हम पर हुकुम चलाएं हम इन्हें छोड़ेंगे नहीं सिर्फ कुछ दिनों की बात है। बस एक बार दादी सा यहां से चली जाएं फिर हम इन्हें इन की असली औकात दिखाएंगे और अगर हमने ऐसा ना किया तो हमारा नाम भी रुद्राक्ष सिंह शेखावत नहीं बोलते हुए वह आगे बढ़ जाता है।
मान्य मुंह बनाते हुए बेड से उठती है अपने दुपट्टे को वापस से इधर-उधर करते हुए जबरदस्ती फिक्स करने लगती है उसके चेहरे पर चिड़चिड़ापन साफ नजर आ रहा था। वो अभी बहुत गुस्से में थी जिससे वो अपने होठों को कुतर रही थी वो मुंह बनाते हुए कहती,। कितने खडूस है हुकुम सा एक तो इतने बूढ़े होकर इतनी प्यारी सी खूबसूरत लड़की मिल गई है। तो कदर ही नहीं है , पर मैं भी मान्य हूं अगर मैं भी उनकी बड़ी सके नाक ना रगड़वाली ना तो मेरा नाम भी maniya नहीं उसने बोलते हुए बहुत ही अदा के साथ अपनी नाक को छुआ था ।
मान्या रॉय कपूर
उमर 20 साल
हाइट 5 फुट 2 इंच
खूबसूरत इतनी है की जन्नत से हुई उतरी अप्सरा , तरह मासूमियत इतनी की कोई एक बार देखे तो दिल हार जाए अदाएं ऐसी की कोई भी कातिल बन जाए ,
और आंखें इतनी गहरी है कि कोई भी उनमें डूबना चाहे
ओर आप सभी को maniya के बहुत सारे रूप देखने को मिलेगे तो सब्र करिए।
लिविंग हॉल में
रुद्राक्ष तेज कदमों के साथ बाहर की तरफ बढ़ रहा था, उसकी आँखों में गुस्सा भरा हुआ था। मुट्ठियाँ भींची हुई थीं, आँखें इतनी सख्त जैसे अभी उसका सर्किट उड़ा हो। वो अपनी मुट्ठियों को इस तरह बंद किए रखा था जैसे रेत जमाने की कोशिश कर रहा हो, पर वह शायद भूल गया था जिसे वो जमाने की कोशिश कर रहा है, वो रेत नहीं पानी है और पानी है जिसे हाथों में जमाना इम्पॉसिबल है।
उसे इतना गुस्से में घर से बाहर निकलता हुआ देख वहाँ मौजूद लोगों के चेहरे पर अजीब से एक्सप्रेशंस आ जाते हैं। सख्त मर्दाना आवाज पर रुद्राक्ष के कदम रुक जाते हैं।
वो शख्स गहरी आवाज में कहता है, "आप इस वक्त कहाँ जा रहे हैं? इस वक्त आपके यहाँ पर होना चाहिए, आज आपकी बीवी की पहली रसोई है और आपको पता है ना हमारे घर के रिवाज, आप उनके हाथ का पहला निवाला खाए बिना इस घर से नहीं निकल सकते।"
रुद्राक्ष के कदम एकदम से थम जाते हैं। वह पीछे पलट कर देखता है, जहाँ करीब उसी के जैसा दिखने वाला शख्स टॉल, हैंडसम, डार्क और उनकी आँखें भी बिल्कुल रुद्राक्ष की तरह डार्क थीं। वह देखने में बिल्कुल रुद्राक्ष के भाई की तरह लग रहे थे, पर यही लोग धोखा खा जाते थे।
रुद्राक्ष उनकी तरफ पलटते हुए अपनी आवाज को बहुत ही शांत करते हुए कहता है, "हमने आप लोगों के दबाव में आकर यह शादी करी है। आप लोगों को बहू चाहिए थी हमने दे दी, इसके अलावा आप लोग हमसे कोई और उम्मीद मत करिए और हाँ, हमें हमारे काम करने से रोक नहीं सकते तो हमें जाने दीजिए।"
"ठीक है अगर आप जाना चाहते हो तो जा सकते हो, पर सोच लेना इसके आगे क्या होगा, क्योंकि जो चीज आपको चाहिए वह यहीं रहकर मिल सकती है और एक बार अगर आपने हमारी बात को इनकार किया उसके बाद आप वापस लौट नहीं सकते रुद्राक्ष सिंह शेखावत। भूलो मत हम आपके बाप हैं और हमने ही आपको बनाया है और हम चाहे तो कभी भी मिटा सकते हैं। ये धमकी नहीं है, इतना याद रखिएगा।"
रुद्राक्ष के जबड़े और ज्यादा कस जाते हैं। वो उनकी आँखों में आँखें डाल गहरी आवाज में कहता है, "अगर आपको यही चाहिए तो यही सही, पर उस लड़की के लिए हमारे दिल में कुछ नहीं है। हम सिर्फ अपने लक्ष्य के लिए उनके साथ हैं, पर आज भी अपनी बात पर अटल हैं। आप लोग जबरदस्ती उनके साथ हमें बांध सकते हैं, पर एहसास वो तो कमाने पड़ते हैं ना, वो कहाँ से ले आएँगे।"
जशन सिंह शेखावत रुद्राक्ष की बात पर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए अजीब सी मुस्कान के साथ कहते हैं, "वह वक्त बताएगा, पर फिलहाल आप चल हमारे साथ स्टडी रूम में।"
वो रुद्राक्ष को अपने साथ ले जा चुके थे।
और वहाँ मौजूद दो औरतें जिन्होंने राजस्थानी कपड़े पहने हुए थे- लहंगा और कोटी, दुपट्टे को पीन करके सर पर रखा हुआ था, गोल सा मांग टीका और माथे पर थोड़ी बड़ी सी बिंदी, चेहरे पर हल्का लाइट मेकअप और गले में रॉयल हार, हाथों में भर-भर कर चूड़ियाँ जो उनकी रॉयल्टी को साफ दिख रहा था, कि वह एक रॉयल खून हैं।
उनके बगल में खड़ी एक औरत जो देखने में करीब 40 साल की थी वो धीरे से फुसफुसाते हुए कहती है, "जी जी हमें डर लग रहा है। आपने इतनी कम उम्र की लड़की से भला रुद्राक्ष की शादी क्यों करवाई, उन दोनों का कोई मेल नहीं है। कहाँ रुद्राक्ष एक खूँखार शेर की तरह है और आपने उसके पास एक छोटा सा खरगोश दे दिया है। वो रुद्राक्ष से बेहद छोटी है और कितनी मासूम सी है। अगर रुद्राक्ष ने उन्हें कुछ कर दिया तो हमें तो डर लग रहा है। हम एक बार उन्हें देख कर आते हैं।"
कही हमारी छोटी सी खरगोशिया को कुछ हो तो नहीं गया।
रुद्राक्ष में कुछ कर तो नहीं दिया? हम जाकर देखते हैं। उनके चेहरे पर घबराहट, डर, परेशानी सब कुछ दिख रहा था।
वहीं उनके ठीक बगल में खड़ी हुई औरत जिसने लाल कलर का लहंगा चोली पहनी थी, वो उन्हें पकड़ते हुए कहती हैं, "वैदेही रुक जाओ, हम नौकर को भेज कर उन्हें बुलवाते हैं। पर आप अभी कहीं नहीं जाएंगी, यहीं रुकी रहिए, चुपचाप।"
उन्होंने नौकर को मान्या को बुलाने के लिए भेज दिया था। उनका चेहरा मान्या के जिक्र पर हल्का सा सुर्ख हो गया था, जिसे वैदेही जी चोरी-चुपके देख रही थी। जब उनसे बर्दाश्त नहीं होता तब वो उन्हें कंधे से मारते हुए कहती हैं, "वैसे जीजी आपके चेहरे को क्या हुआ, इतना लाल क्यों हो रहा है? कहीं भाईसा ने कुछ आपको कर तो नहीं दिया है ना? आप ठीक तो हैं ना?" वह उन्हें ऊपर से लेकर नीचे तक घूरते हुए देख रही थी।
अधीरा जी जल्दी से वैदेही को दूर कर उन्हें घूरते हुए कहती हैं, "आप भी ना वैदेही, यह सब सोचते रहती हैं। आपको शर्म नहीं आती गंदी चीजें सोचने में?"
"वह भाईसा के साथ गंदी हरकते आप करती हैं और हमें कह रही है कि हमने सोच कर ही पाप कर दिया है। आप शायद से भूल रही हैं, आपके कमरे के सबसे ज्यादा नजदीक कमरा हमारा है। और भाईसा जवानी के दिन में आपको एक पल नहीं छोड़ते थे, हमें तो यकीन है अभी भी नहीं छोड़ते होंगे, हा हा हा हा हा।"
वो उनके मजे लेते हुए हंस रही थी।
जिससे अधीरा जी के गाल और लाल पड़ जाते हैं। वो खुद को संभालते हुए कहती है, "ये सब करने की उम्र नहीं है अब हमारी, समझी? तो बेकार की बातें मत करो।"
"जीजी हम आपकी बात मान सकते हैं, आप भले ही बहुत मासूम हैं, एकदम गाय की तरह, पर आपके उनके लक्षण बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं। उन्हें तो एक खूंखार शेरनी मिलनी चाहिए थी, और हमें बहुत अच्छे से पता है आप भले ही..."
"प्यार में उनके झांसे में आ सकती हैं क्योंकि वह आपके सामने बहुत ही मीठी-मीठी बातें करते हैं।" वो अजीब समूह बनते हुए लगभग जश्न सिंह शेखावत की बुराइयां कर रही थी।
तभी उन्हें दोनों को ही पायल के छन-छन की आवाज सुनाई देती है। और वह दोनों ही पीछे मुड़कर सीढ़ियों की तरफ देखती हैं। जहां मान्या अपने लहंगे को मुश्किल से संभालते हुए गिरते-पढ़ते नीचे की तरफ आ रही थी। उसके चेहरे पर मासूमियत और गुस्सा साथ दिखाई दे रहा था। वह मुश्किल से नीचे उतरकर आती है और सामने खड़ी वैदेही और अधीरा की तरफ देखते हुए मुंह बनाकर कहती हैं, "कितना अजीब सा लग रहा है ये हम पर, हमसे चलते भी नहीं बन रहा। एक तो पहले ही आपके बेटे ने हमे रात में बहुत परेशान किया, बहुत बुरे हैं वो। उन्होंने हमें कल रात बहुत रुलाया और बहुत दर्द दिया, आपको पता भी है कितना दर्द हो रहा था हमें? हम उनके साथ नहीं रहेंगे और अगर हम रहेंगे भी तो हमें एक दूसरा बेड लाकर दीजिए, हम अब से उनके बेड को चुनेंगे भी नहीं।" उसने लगभग मासूमियत से शिकायत करते हुए कहा था।
वैदेही जी जो अभी अधीरा जी से बात कर रही थी, मान्या की बात सुनकर उनकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती हैं।
वह जल्दी से अपने मुंह पर हाथ रखते हुए कहती है, "बेड, दर्द, आंसू, तकलीफ..." सोचते हुए उनकी आंखें एक पल के लिए फटी रह जाती है। उन्हें यकीन नहीं था रुद्राक्ष ऐसा कुछ भी कर सकता है। वो जल्दी से मान्या के पास आती हैं और उसके चेहरे को प्यार से छूते हुए कहती हैं, "बच्चा हमें बताओ कहां पर आपको दर्द हो रहा है?"
मान्या उनका हाथ पकड़ कर मासूमियत से अपनी कमर पर रखते हुए कहती है, "हमारी कमर में बहुत दर्द हो रहा है, रात में हम ठीक से लेट भी नहीं पाए थे और हमारी नींद भी पूरी नहीं हुई थी। आपको पता है..." बोलते हुए वह उन्हें अपनी कमर दिखने लगी थी, जो सच में लाल पड़ गई थी और उसमें रुद्राक्ष की लंबी उंगलियों के निशान जो अब भी नजर आ रहे थे।
वैदेही जी जल्दी से अपने पल्लू से थोड़ा सा चेहरा छुपाते हुए दांत पीसकर कहती हैं । हम इस लड़के को छोड़ेंगे नहीं हमने आपसे पहले ही कहा था जीजी यह लड़का बिल्कुल भी लायक नहीं है हमारी छोटी सी खरगोसिया के लिए देखिए अब आपका बेटा हमारी बहू को निगल गया पूरा, उम्र में कितनी ज्यादा छोटी है अभी वो अभी तक तो आपके बेटे को शादी करनी नबी थी पर आज देखिए क्या हालत के दी हमारी खरगोशिया की ,हमें यकीन नहीं हो रहा जो 32 सालों से लड़की से दूर भागता आ रहा था आज एक ही रात में कांड के दिया उसने सच में सारी मर्द जात एक जैसी होती है।
वो गुस्से से लाल होती हुए बोली थी ।
क्या हो रहा है यह पर ?
एक गरजती हुई आवाज के साथ रुद्राक्ष तेज कदमों से नीचे आ रहा था । उसे वैदेही की बुरी तरीके से घूरते हुए कहती है । तुम्हारी इतनी हिम्मत तुमसे कहा था ना वह अभी उम्र में छोटी है और यह क्या हरकत करि तूमने हमारी छोटी सी खरगोश जैसी बहू के साथ ।
वैदेही ये आप क्या कैसे बात कर रही हैं । आप वापस से अपनी पुरानी 25 साल वाली भाषा इस्तेमाल नहीं कर सकती वैदेही जी अपनी मुट्ठियां मजबूत करते हुए दांत पीस कर कहती हैं।
आपका बेटा अश्लील हरकते कर सकता है और हम।बात भी बत्तमीजी से नहीं कर। सकते हम करेंगे
हमें वापस से गुंडा बनने पर मजबूर कर रहा है आपका बेटा
अपने बेटे को संभाल लीजिए
हमसे बुरा कोई नहीं होगा आज भी इन बाजू में उतना ही दम है जितना दम आपके छोटे देवर को उठाकर पटकने में था समझे आप
ये कलेशी फिर से शुरू हो गई , जश्न जी धीरे से बुदबुदाए थे
वही वैदेही की बात पर श्लोक जी का चेहरा ठंडा पढ़ गया था वो दांत पीसते हुए कहते हैं। ये आप कैसी बातें कर रही है आपको जरा भी शर्म नहीं आ रही इस सब में आप हमें क्यू गसीट रही है।
वैदेही उन्हें इग्नोर करते हुए
रुद्राक्ष की तरफ देखते हुए हाथ जोर से टेबल पर मरते हुए चिल्ला कर कहती है। और आप आपकी हिम्मत भी कैसे हुई हमारी छोटी सी बहू के साथ इतना जुल्म करने की,
रुद्राक्ष जो गुस्से से पागल हो गया था उसका मन कर रहा था वो अभी के अभी इस लड़की की जान लेले उसने कुछ नही किया था और बिना किसी गलती के ये सब हो रहा था
वो धीरे से अंगूठे से आइब्रो को रेस करते हुए गहरी आवाज में कहता है । जब आपको इतना ही लगता है आपकी बहू इतनी ही ज्यादा छोटी और कम उम्र है तो बालिका वधू की तरह इन्हें अलग रखती क्या जरूरत थी हमारे पास हमारे कमरे में भेजना कि , अब जब एक लड़का और एक लड़की जो दोनों ही यंग है साथ में रहेंगे तो कुछ ना कुछ तो होगा ही ना बोलते हुए वह बुरी तरीके से maniya को देख रहा था।
जो उसे देख तक नहीं रही थी, जिसे देखकर ऐसा लग रहा था कि उसे रुद्राक्ष के गुस्से से बिल्कुल फर्क ही ना पढ़ रहा हो बल्कि वो तो कभी अपने लहंगे के ब्लाउज को पीछे की तरफ खिसकती तो कभी दुपट्टे को बेहतरबी से पीछे की तरह कर रही थी, कभी कमर बंद पर उंगली डालकर उसे दूर करतीं। तो कभी अपने गर्दन पर खुजला रही थी, जैसे अपने उन कपड़ों में बहुत ही ज्यादा इरिटेट हो रही हो।
वही अधीरा जी जो वैदेही को इतना गुस्से में देख रही थी वह जल्दी से उसके पास आ उसके मुंह पर हाथ रखते हुए कहती हैं । वैदेही आप क्या कर रही हैं अगर मासा ने सुन ली ना आपकी यह जुबान तो इस वक्त आपके साथ-साथ हमारा भी बोरी बिस्तर लेकर घर से निकलवा देंगे हम।बाद में आराम से बेटे को समझा देगे आप पहले हमारे साथ किचन में चले बहु की पहली रसोई करवानी है।
वैदेही रुद्राक्ष को लुक देते हुए आगे बढ़ते हुए कहती है।
जैसा बाप वैसा बेटा हम बता रहे हैं ।जीजी आपके इस बेटे ने खुद को नहीं सुधरा छोटी सी खरगोश को दोबारा कुछ करने की कोशिश करें ना तो हम इन्हें छोड़ेंगे नहीं इन्हें हम अपनी भाषा में समझाएंगे
बोलो किचन में जा चुके थे वहीं रुद्राक्ष मुट्ठी बंधे हुए
दांत पीसकर कहता है । अगर आपको अपनी हरकत पर हमने सजा नहीं दी तो हमारा नाम ही रुद्राक्ष सिंह शेखावत नहीं ,आपने बहुत बड़ी गलती कर दिया हमारे घर वालों के सामने हमें बेइज्जत करवा के आज से पहले कभी किसी ने हमें उस नजर से नहीं देखा जिस नजरों से वह आज देख रहे हैं। आपकी वजह से इन लोगों को यह लग रहा है कि हम दरिंदे हैं। तो अब हम आपको दरिंदगी का असली मजा खाएंगे ।
जश्न जी जो सीडीओ पर खड़े होकर सारा तमाशा देख रहे थे बस अपना सर हिला कर आगे बढ़ने लगते हैं ।
श्लोक हंस कर करते हैं। वैसे भाई साहब आपने बेटा शेर पैदा कर है तो बहू आपकी बिल्कुल खरगोश की तरह कितनी मासूम है वह सोच समझकर आपने फैसला लिया है ना क्योंकि आपका बेटा आपसे चार कदम आगे हैं कहीं ऐसा ना हो की रात के अंधेरे में वह आपकी बहू को ठिकाने लगा दे और आपको पता भी ना चले ।
जश्न जी उन्हें घूरते हुए दांत पीसकर कहते हैं । आप अपनी जबान को लगाम दीजिए वरना वैदेही सिर्फ किचन में गई है पर शायद आपको पता नहीं है । किचन में भी बहुत सा सामान ऐसा होता है । जो आपके शरीर से जान निकाल देगा और आपको पता भी नहीं चलेगा
श्लोक जी उनकी बात पर चुपचाप जाकर सोफे की चुपचाप जाकर अपनी जगह पर बैठ जाते हैं उन्हें समझ नहीं आया था आखिर उन्होंने गलती कहां पर कर दी थी।
कुछ देर बाद,
सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे। मान्य हाथ में खीर का बोल लिए सबको सर्वे कर रही थी। वो थोड़ा आगे आकर रुद्राक्ष के सामने जाकर रुक जाती है, फिर कुछ सोच के बिना उसकी तरफ देखे आगे बढ़ते हुए श्लोक जी को सर्वे करने लगती है।
रुद्राक्ष तेरी नज़रों से उसे देखने लगता है। तभी अधीरा जी maniya की तरफ देखते हुए कहती हैं, "बच्चा आपने अपने पति को क्यों नहीं दिया? आपको पता है ना आपको सबसे पहले अपने पति को देना चाहिए था। आप उनकी प्लेट में क्यों नहीं परोसा खाना?"
मान्य उनकी तरफ देखती मुंह बनाते हुए कहती है, "हम इन्हें खाना नहीं देंगे। यह बहुत बुरे हैं और हमारे साथ अच्छे से बात नहीं करते, ऊपर से जब हमने इनसे कहा कि हमारे कमर में दर्द हो रहा है और मसाज कर दे तब इन्होंने हम पर बहुत गुस्सा करा था। और बहुत मुश्किल से बाम लगाया था, हां! अब हम आपको बता रहे हैं। आप लोग चाहते हैं कि यह हमारे साथ रहे तो हमें एक या तो अलग से कमरा दे दीजिए या फिर बेड दे दीजिए पर हम उनके साथ उनके बेड पर बिल्कुल नहीं सोएंगे। यह बहुत बुरे इंसान है, बहुत ही ज्यादा दुष्ट", उसने मुंह बनाते हुए कहा था।
वहीं जश्न जी जिन्होंने एक चम्मच मुंह में रखा था maniya की बात सुनकर उनके मुंह से पूरी खीर बाहर आ जाती है। वो बुरी तरीके से खस्ते हुए रुद्राक्ष को देखने लगते हैं, जो गुस्से से मान्य की तरफ देख रहा था।
रुद्राक्ष सबकी नजरों को खुद ओर महसूस कर तुरंत अपनी जगह से खड़ा हो मान्य का हाथ पकड़ उसे खींचते हुए अपने साथ ले जाने लगता है।
वैदेही जी जो अभी जगह पर बैठी थी वो जल्दी से खड़े हो maniya के पास आ रुद्राक्ष को उससे दूर करते हुए कहती हैं, "कहां लेकर जा रहे हो हमारी बहु रानी को हां? यह जो इतना गुस्सा है ना जो तुम्हें भाई साहब से मिला है, उसे अपनी जेब में रखना। हमारी बहु रानी को कुछ कहा तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा, और हां अभी दादी शाह यहां पर है नहीं तो उसका फायदा मत उठाओ। हम उनकी बहू है और हम पर उतना ही हक है जितना वह हम पर रखती उतना ही हक हमारा भी हमारी बहु रानी पर है। समझे तो कदम पीछे करो अपने।"
रुद्राक्ष घूरते हुए उन्हें देखता है और दांत पीसते हुए कहता है, "हमने इस लड़की के साथ कुछ भी नहीं करा है। इन्हें छुआ तक नहीं है और ये यहां पर बेवजह हमारी बेइज्जती करवा रही हैं और आप लोग चाहते हैं हम इन्हें ऐसे ही छोड़ दें, आप लोगों ने इस जाहिल लड़की से हमारी शादी करवा दी जिसके पास दिमाग नहीं है। कहां क्या कहना चाहिए इन्हें पता नहीं है, ओर फिर भी बकवास किए जा रही हैं।"
Maniya उसकी बात पर अपने हाथ को छुड़ाते हुए कहती है, "यह आप क्या कर रहे हैं? हमें दर्द हो रहा है, ऐसे कौन पकड़ता है? आपको पता नहीं है लड़कियों को प्यार से ट्रीट करा जाता है।
आप कितने बुरे हैं सच में एक नंबर के दुष्ट है हमें आपसे बात ही नहीं करनी हम जा रहे हैं यहां से।"
उसकी बातों से लग ही नहीं रहा था वो यह की बहु है और को ही आई है। वो सब को नजरअंदाज कर बाहर जा चुकी थी।
वहां खड़े सभी लोग हैरान हो गए थे उन्हें समझ नहीं आया था maniya क्या बला है। अगर उसकी जगह कोई और होता है तो अब तक रोना शुरू कर देता या घर से भाग जाता। उनके बेटे के चर्चे दूर-दूर तक मशहूर थे, वह गुस्से का कितना ज्यादा तेज है और वही वो छोटी सी लड़की जो उसी के मुंह पर उसी के साथ बत्तमीजी करके चली गई थी जैसे उसे रुद्राक्ष से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था।
श्लोक जी जो इन सब चीजों को बड़ा ही आराम से एंजॉय कर रहे थे, उनके दिमाग में कुछ आता है। वो बाहर की तरफ जाते हुए परेशानी से कहते हैं, "बाहर चले कहीं वह हवेली के पीछे वाले हिस्से में तो नहीं गई? उन्हें यहां के बारे में कुछ भी पता नहीं, अगर कुछ हो गया तो..." उनकी तेज आवाज पर सभी एकदम से हैरान हो जाते हैं और जल्दी से उनके पीछे भागते हैं। सभी के चेहरे पर परेशानी थी।
वहीं रुद्राक्ष ना चाहते हुए भी बाहर की तरफ बढ़ जाता है। बड़बड़ाता है, "अच्छा होगा जिस चीज से आप सब डर रहे हैं, वो हो जाय।"
सभी लोग हवेली के पीछे हिस्से में थे, जहां बड़े-बड़े पेड़ लगे हुए थे और चिकने सफेद गोल पत्थर का तालाब बनाया गया था। बहुत ही अलग-अलग कलर के पेड़-पौधे, हरी, नीली, पीली उड़ती हुई तितलियां, चलती ठंडी-ठंडी हवा जो उस महल को और भी ज्यादा खूबसूरत बना रही थी। साइड में इवनिंग टी के लिए चेयर्स और टेबल रखी हुई थी तो वहीं कुछ आगे एक गोल फाउंटेन था जिसमे अलग-अलग मूर्तियां बनाई गई थीं। उसकी कुछ दूरी पर एक बड़े विशाल पेड़ पर लकड़ी का झूला था जिसमें रस्सियों के ऊपर अलग-अलग रंग के फूल थे, जो देखने में बेहद ही खूबसूरत लग रहा था।
और उसके बाद से शुरू होता है वो रास्ता जहां लोग जाने से डरते थे। एक भारी जंगल जो दिन के उजाले में डरावना लग रहा था तो रात में क्या होता। वे लोग उस जंगल को देख एक जगह पर रुक जाते हैं। उनकी नजर वहीं घुटनों के बल बैठी हुई मान्या पर जाती है जो आराम से वहां पर बैठी हुई थी। उन्हें मान्या का चेहरा नजर नहीं आ रहा था।
रुद्राक्ष उसे इस तरीके से बैठा हुआ देख उसके पास जाकर बाजू पकड़कर उसे पीछे की तरफ खींचता है, तब उसकी नजर मान्या के गोद में बैठे हुए ब्लैक कलर के छोटे पैंथर पर जाती है जो मान्या के सीने से लगे रो रहा था।
वहीं मान्या आराम से उसे अपने सीने से लगाए उससे बातें कर रही थी, कभी उसके गालों को चूम रही थी तो कभी उसके सर को सहला रही थी। रुद्राक्ष देखकर उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती हैं। उसकी नजर जंगल की तरफ जाती है जहां एक बड़ा सा ब्लैक पैंथर था जिसकी गहरी हरी रंग में चमक रही थी, जो मान्या की तरफ थी।
रुद्राक्ष उसे एक सख्त नजर से देख मान्या को घूरते हुए कहता है, "आर यू आउट ऑफ़ योर माइंड? आपका दिमाग खराब हो गया है? आपको आइडिया भी है आपने अभी किस को गोद में उठा रखा है? इसे हमें दीजिए।"
रुद्राक्ष ने लगभग उस बच्चे को छीनते हुए कहा था।
मान्या उसे कुछ देर देखती है फिर गुस्से से वहां पड़ी हुई लकड़ी को उठाकर रुद्राक्ष को मारते हुए कहती है, "आप यहां से दफा क्यों नहीं हो जाते? कब से देख रहे हो, कल रात भी इतनी देर तक परेशान कर रहे थे, आज सुबह भी इतना टॉर्चर दिया और अभी है कि अभी फिर से परेशान करने आ गए। और ठीक है हमने इस बच्चे को उठा भी लिया तो कौन सी बड़ी बात हो गई? बिल्ली का बच्चा ही तो है। उसे चोट लग गई थी। देखिए अगर उसकी पट्टी कर देंगे तो क्या आपकी जायदाद खत्म हो जाएगी? थोड़ा सा अगर जानवर को प्यार कर लेंगे तो क्या ही हो जाएगा? इतनी देर हो गई है, हम कुछ बोल नहीं रहे हैं तो आप सर पर ही चढ़े जा रहे हैं।"
"ओर ऐसे क्या देख रहे हैं? कभी खूबसूरत लड़की नहीं देखी क्या? दीजिए हमें, हां नहीं तो हमारी कमर दवाई थी तो उसमें इतना दर्द दिया था, अब इस छोटे से बच्चे को अगर ट्यूब भी लगाएंगे तो न जाने बच्चों की जान ही ले लेंगे।" वो उस छोटे से पैंथर को लेकर जंगल की तरफ कुछ कदम बढ़ाती है। रुद्राक्ष फौरन उसे पकड़ते हुए कहता है, "वो कोई बिल्ली या खरगोश का बच्चा नहीं है जिसे आप अंदर लेकर जा रही हैं और अगर ट्यूब भी लगाना है तो बाहर चलिए, हम लेकर आते हैं।"
रुद्राक्ष को पता नहीं पर कुछ अजीब सा लगा था। क्योंकि जंगल से आती वह हरी चमकदार आंखें रुद्राक्ष को साफ नजर आ रही थी। वहीं मान्या जिसे इस सब से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, वो थोड़ा आगे बढ़ती है और थोड़ा जंगल के नजदीक जाकर इधर-उधर कुछ देखती है। उसकी नजर भी उन हरी चमकदार आंखों पर जाकर रुक जाती है। वो बहुत ही प्यार से मुस्कुराते हुए उसके पास आकर उसके सर पर सहलाते हुए कहती है, "तो आप यह हैं? आपके बच्चे को चोट लगी है, अभी आप 5 मिनट वेट करें हम अभी इनका इलाज कर देते हैं और फिर यह आपकी तरह ही चलने कूदने लगेगा, पर हां आज मत चलने देना कल चलने के लिए बोलना, ओके।" वो उसे ऐसे बात कर रही थी जैसे वो कोई डॉक्टर हो और सामने बेबी पैंथर उसका पेशेंट।
रुद्राक्ष बेबी पैंथर की तरफ देखता है और फिर पैंथर के फादर की तरफ देखते हुए कहता है।
"Fiinix इसे मत देखो, हमारी बीवी है।" उसने गहरी आवाज में कहा था।
वहीं ब्लैक पैंथर जो सामने खड़ी हुई वो छोटी सी प्यारी और खूबसूरत परियों जैसी लड़की को देख रहा था, वह आराम से सर हिलाते हुए उसके नजदीक आ जाता है। उसके हाथ को लिख करते हुए वहीं पर बैठते हुए अपनी पूंछ हिलने लगता है।
मान्या एक नजर उसे देख मुस्कुराते हुए कहती है, "यह हुई ना बात, अब यहीं पर बैठो हम इसका इलाज करते हैं।" वो थोड़ा सा आगे बढ़ इधर-उधर कुछ देखते हुए कुछ झाड़ियों के पास जाती है और उनसे कुछ पत्तियां निकाल कर उन्हें अपने छोटे हाथों से पीसते हुए बेबी पैंथर के पैर पर लगने लगती है। वो बेबी धीरे-धीरे चिल्ला रहा था। मान्या आराम से उसके सर को सहलाते हुए कहती है, "थोड़ा सा दर्द होगा बेबी पर थोड़ी देर वो ठीक भी हो जाएगा रुक जाओ।" उसके पैर पर फूंक मार रही थी और कुछ देर बाद बाबु पैंथर आराम से Finix के पास चला जाता है।
Finix उस बेबी पैंथर का सर से सहलाने लगता है।
Maniya उन दोनों को खुश देख उसके पास आती है। और उस ब्लैक पैंथर के सर पर किस करते हुए कहती है म तो अब आप दोनों को हमसे दोस्ती करनी पड़ेगी और फिर हम लोग आराम से यहां पर खेलेंगे मजा आएगा उसके चेहरे पर एक्साइटमेंट थी। और वह खुशी से कहती है और फिर हम तुम्हारे लिए एक सफेद कलर की बिल्ली लेकर आयेगे और तुम्हारी उससे शादी करवा देगे कितना मजा आएगा ना, और तुम्हारे ढेर सारे बच्चे होंगे पर हां तुम ना अपने इन साडू रुद्राक्ष की तरह बिल्कुल भी मत बन ना सॉरी सॉरी पति का नाम नहीं लेते बुआ जी ने बताया था पर क्या करूं यह इतने बुरे ही हैं इनका नाम तो मैं ले ही सकती हूं ना , वो मुंह बनाती है। और वहीं बैठकर finix और उसके बच्चे से बात करने साथ खेलने लगती है।
वही अधीरा जी अपना सर पकढ़ते हुए गुस्से से कहती हैं । हमने पहले ही कहा था यह यहां से इस जानवर को ले जाए पर नहीं इन्हें तो घर पर ही रखना था और अब अपने साथ-साथ हमारी बहू को भी पागल कर दिया
वैदेही जी जो यह सब देखकर बहुत इंजॉय कर रही थी वह मुस्कुराते हुए कहती हैं। वैसे जीजी परेशान क्यों हो रही है ऐसे भी हमारी बहू पूरी शेरनी है बढ़िया है मजा आएगा फिर तो एक शेर के साथ वैसे भी शेरनी जमती है फिर रुद्राक्ष पास के आ उसके कंधे को थपथपाते हुए कहती हैं।
जोड़ी अच्छी है शेर के साथ शहरी अच्छी लगती है। भीगी बिल्ली नहीं हटे हुए आगे बढ़ जाती है।
और उनके पीछे श्लोक जी अपना सर हिलाते हुए कहते हैं । बेटा चार कदम आगे था अब लगता है बीवी उससे भी आगे निकलेगी वह अपना सर नागवारी से हिलाते हुए अंदर चले जाते हैं ।
वहीं रुद्राक्ष बडबडाते हुए कहता है। सही कहते हैं इंसान कोई भी हो माफिया हो या कहीं का राजा लेकिन घर में उसकी इज्जत दाल बराबर भी नहीं होती हैं।
वो maniya को delhta है जो बार-बार finix के सर को सहलाते हुऐ मुस्कुरा रही थी उसे देखकर उसे अजीब सा महसूस हो रहा था। वह अपना हाथ सर पर रख धीरे से खुजली करते हुए बडबडाते हुए कहता है, हमें क्या महसूस हो रहा है? और ये लड़की इसकी इतनी हिम्मत ये इस इस फीनिक्स से इतना पास क्यों जा रही है, इन्हें चिपकना
क्यों होता है हर किसी से। , क्या इन्हें पता नबी वह एक लड़का है । या फिर हमें जलाने के लिए यह सब कर रही हैं , इन्हें तो हम छोड़ेंगे नहीं पर अभी हमारा जाना जरूरी है ।
बोलते हुए वह वहां से निकल जाता है।
Maniya आराम से पैंथर के साथ बातें करते हुए कहती हैं । आपको पता है हमारे रुद्राक्ष जी आई मीन हमारे जोरुद्राक्ष जी बड़े ही बुरे हैं आपको पता है उन्होंने क्या करा था, कल रात हमसे पूरा रूम क्लीन करवाया और हमारे छोटे से हाथ देखो इतने छोटे हटो से काम।करेंगे हम इनको बिल्कुल भी शर्म नहीं आई कि हमारे छोटे हाथों में दर्द हो रहा होगा, चलो ठीक है एक इंसान काम करवाता तो बाद में कुछ खिलाना भी तो चाहिए , पर नहीं और सुबह होने के साथ अलग ही लड़ाई कर ली हमसे हम तो अब इनसे बात ही नहीं करेंगे पर हमें अभी भूख लग रही है तो हम खाना खाकर आते है। बाद मिलते हैं आपसे बोलते हुए वह अंदर की तरफ बढ़ जाती है।
वही फिनिश आराम से उठ बेबी को मुंह में दबाते हुए अंदर की तरफ बढ़ जाता है
रात का वक्त,,
रुद्राक्ष इस वक्त
Hell Jiya hotel or kasino
रुद्राक्ष उस कसीनो में बने हुए एक प्राइवेट रूम के अंदर बैठा हुआ था सामने एक्सपेंसिव शराब की बोतल रखी हुई थी, उसका चेहरा बिल्कुल ठंडा पड़ा हुआ था, वह एक के बाद एक गिलास गटक रहा था , पर उसे देखकर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि उसे जरा भी नशा हुआ हो,
उसके सामने खड़ा हुआ शख्स अपना सर झुकाते हुए कहता है । बॉस डील हो चुकी है। अगर आप कहें तो गाड़ी रेडी करवाता हूं।
रुद्राक्ष एक नजर उसे देखता है और हथ के इशारे से बाहर जाने के लिए कह देता है। असिस्टेंट तुरंत वहां से चला जाता है ।
रुद्राक्ष टेबल को घूरना शुरू कर देता है उसके बगल में एक आदमी बैठा हुआ जिसने नॉर्मल ब्लैक फॉर्मल पैंट , ब्लैक शर्ट , और उसके ऊपर ब्लैक कलर का ब्लेजर डाला हुआ था ।हाथ में वाइन का ग्लास जिसे गोल-गोल घूमते हुए रुद्राक्ष को देख रहा था। काफी देर शांति से गुजरने के बाद वह अपने गले को साफ करते हुए कहता है। चल फिर रूम में चलते हैं आज तुम मेरे साथ सोएगा है ना ,
रुद्राक्ष जो जमीन को घूर रहा था , उसकी बात पर नजर उठा कर उसे देखता है। उसकी वह हनी गोल्डन आंखें उसकी बात पर पत्थर जैसी सख्त हो गई थी सामने बैठा हुआ शख्स अपने आप को जरा संभालते हुए कहता है
क्या हुआ आज राजा साहब को जरा गुस्सा आ गया क्या ? और वैसे भी मैंने कौन सा गलत बात बोल दी जो तुम इतने गुस्से में मुझे देख रहे हो ?
रुद्राक्ष दांत पीसते हुए कहता है । तुझे मैं ऐसा आदमी दिखता हूं, जो मैं तेरे साथ सोऊंगा मैं अपनी बीवी तक के साथ नहीं सोया और मैं तेरे साथ सोऊंगा ,
सामने बैठा हुआ शख्स बहुत ही चिल होकर कहता है , तो इसमें तो तेरी गलती है ना यार हम लोग बाहर क्या करते हैं क्या नहीं करते हैं यह हमारा मैटर है और तू अपने घर में अपनी शादी की हुई बीवी को टच नहीं कर रहा तो यह तो तेरी गलती ना भाई , और वैसे भी घर में सबको ऑलरेडी पता है कि तू पूरे जैसलमेर हो या , राजस्थान या , फिर अजमेर, हर जगह यह बातें फैल चुकी है । कि हमारे हुकुम साहब यानि कि रुद्राक्ष सिंह शेखावत एक gey हैं । और तेरी वजह से तेरी असिस्टेंट के साथ-साथ मेरी भी बड़ी बदनामी हो चुकी है तो अब मैने सोच लिया है जब मैं बदनाम हो ही चुका हूं तो क्यों ना पूरी तरीके से मजे लेकर बदनाम हो जाता हु
और वैसे भी मुझे पता नहीं है ना क्या बॉय और गर्ल का तो समझ में आता है , और करने के बाद भी अलग बात हो जाती है पर हम दोनों साथ में एक बार ट्राई तो कर सकते हैं ना,
रुद्राक्ष उसकी बात पर गुस्से से ग्लास को टेबल पर पटकते हुए कहता है। अपनी जवान को लगम दे मैं ऐसा आदमी नहीं हु जो इसी हरकते करेगा जिस नहीं आती है मुझ तुम पर ओर अपनी यह हवास भरी हुई नजर मुझ पर डालते हुए तुझे शर्म नहीं आती क्या? कैसे अपनी गंदी नज़रें मुझ पर डाल रहा है । कहते हुए वो अपनी जगह से खड़ा हो चुका था।
सामने बैठा हुआ शख्स अपने सर वहां लाखे सोफे पर टिकाते हुए वाइन के गिलास को होठों से लगाकर कहता है । बॉडी तो बहुत होट है। और खास करके तुम्हारे ये हाथ कितने टीमटेटिंग हैं एट लिस्ट यह इन मूंछों के बीच हल्के जाते हैं कसम से बिल्कुल खा जाने का मन करता है
रुद्राक्ष लगभग उसके सर पर खींचकर थप्पड़ मारते हुए कहता है। बकवास मेरे सामने मत करना और खास करके मेरी बीवी के सामने अगर तुमने ऐसा कुछ भी करने की कोशिश करें तो मैं तुम्हारा गला दबा दूंगा
"रियली कल रात तो बड़ी हेकड़ी दिखा रहे थे, मैं उसे बीवी नहीं मानता, वह सिर्फ और सिर्फ मेरे घर वालों की देखभाल के लिए एक सर्वेंट है और अभी तुम्हारी बात को गुजरे हुए 24 घंटे नहीं हुए और तुम अभी के अभी पलट गए? नॉट बेड लगता है। भाभी से अब मिलना ही पड़ेगा," रुद्राक्ष एक नजर उसे देख और दांत पीसते हुए कहता है।
"बिल्कुल नहीं, वह एक नंबर की बेवकूफ है। बस एक बार मुझे मौका मिले और में उसका काम खत्म कर दूंगा, बस दादी सह की वजह से वो यह है, बस एक बार वो चली जाए फिर में उसे अपने हाथों से ठिकाने लगाऊंगा," उसके चेहरे पर मिस्टीरियस मुस्कान आ गई थी।
जैसे कुछ बहुत बड़ा और खतरनाक उसके मन में चल रहा हो, जिसे देख सामने बैठा सख्श एक पल के लिए तो घबराया था। वो बहुत अच्छे से उसके हर राज से, उसके हर काम से वाकिफ था, कब वो क्या करदे कोई पता नहीं था, उसका दिमाग छोटी से छोटी बात में भी सटक जाता था, वो अपने दुश्मनों को ऐसे गायब करता था जिसका पता कोई लगा नहीं सकता था।
शेखावत हवेली,
Loss Angeles,
वहां अभी रात के 9:00 बज रहे थे जहां इंडिया में रात के 1 बज रहे थे।
मैन्युअल कसीनो एक ऐसा कसीनो था, जहां सिर्फ और सिर्फ अमीर लोग ही आया करते थे, बड़े-बड़े एक्टर, एक्ट्रेस और उनके बच्चे ही इस कसीनो में आ सकते थे। वो एक हाइट मेंटेनेंस और बेहद ही लक्जरियस जगह में से एक थी, पर आज ये कसीनो काफी हद तक वीरान लग रहा था, तभी वहां ब्लैक कलर की चमचमाती हुई रोल्स-रॉयस आकर रुकती है। ड्राइवर जल्दी दरवाजा खुलता है और उसमें से एक रेड कलर का गाउन पहने लड़की हिल्स के आवाज के साथ अंदर की तरफ बढ़ जाती, उसके लंमबी हिल्स और गाउन में लगा पतला कट जिससे उसकी लंबी खूबसूरत टांगे नजर आ रही थी, उस जगह पर हल्का सा अंधेरा था जिस वजह से उस लड़की का चेहरा नजर नहीं आ रहा, पर उसके करली बाल उसकी कमर पर लहरा रहे थे, हाथ पर रूबी की रिंग पहनी हुई थी तो वही कान में बहुत ही छोटे-छोटे से इयररिंग्स, जो उसके रॉयल्टी को दिखा रहे थे।
वो जाकर वहां लगी हुई एक लंबी सी टेबल के पास रुकती है, जहां काफी सारे लोग पर काफी बेहतर तरीके से तैयार होकर आए थे, पर उस लड़की की खूबसूरती के सामने उन लोगों के होश उड़े हुए थे। वह लड़की लग ही इतनी कमल की रही थी, उसे देखकर सब अपने आप को कम महसूस करने लगे थे, तभी उनमें से एक लड़का खड़े होकर उस लड़की के नजदीक आते हुए कहता है, "कंग्रॅजुलेशन same तुम आज फिर सब का दिल तोड़ कर खुद को क्वीन बना लिया।"
"कुछ भी कहो तुम इस पार्टी की जान बनी हो, सच में बहुत ही खूबसूरत लग रही है।"
सेम मुस्कुराते हुए कहती है, "थैंक यू रूबी। ये सब छोड़ो ये बतख प्रेसिडेंट और उनकी वाइफ कब तक आ रहे है? क्योंकि मेरे पास इतना टाइम नहीं हैं, वह मुझे निकलना ह।" चेहरे पर एक कॉन्फिडेंट आंखों में गुरूर और उसकी अदाओं में वह तेज ऐसा था कि कोई भी उसके पीछे पागल हो जाए। उसने इतना कहा था कि दरवाजे से जूते की और हिल्स की आवाज एक साथ आने लगती है। सभी लोग मुड़कर दरवाजे की तरफ देखने लगते हैं वहीं सैम उसकी नजर भी दरवाजे पर चली आती है और एक पल के लिए उसके पैर दाग मांगते हैं पर वह तुरंत खुद को संभालते हुए सामने देखने लगती हैं।
सामने करीब 35 साल का शख्स एक लड़की की कमर पर हाथ डाले हुए आगे बढ़ रहा था। उसने इस वक़्त एक चमचमाता टॉक्सिडो ब्लैक कलर का पहना हुआ था, हाथ में चमचमाती हुई घड़ी, सेट बाल, चमचमाते हुए जूते जो उसकी पर्सनालिटी को और रफ़ बना रहे थे।
वो बिना किसी एक्सप्रेशन के ठंडी निगाहों से सामने खड़ी हुई सेम को देख रहा था, वही सेम की नजर उस लड़के के हाथ पर थी जो फिलहाल उस लड़की की कमर पर रखा हुआ था। उसके दांत धीरे-धीरे कसने लगते हैं।
वो धीरे से बुदबुदाते हुए कहती है, "इसका मतलब हमारे प्रेसिडेंट है।" उसके दांत कस गए थे पर वो उन्हें नजरअंदाज कर टेबल पर रखा हुआ वाइन का ग्लास उठाकर होठों से लगाते हुए आराम से उसे एन्जॉय करने लगती है, जैसे उसके लिए वह लोग एक्जिस्ट ही न करते हों, वही वह लड़का जिसके साथ एक लड़की चल रही थी वो सेम के ऐसे पर गुएक्शन पर उसे घूरते हुए कहती है, "मिस वॅटीवर आपको क्या मैनर्स नहीं है? यहां प्रेसिडेंट अभी ठीक से आए भी नहीं और आपने अपनी पार्टी पहले ही शुरू कर दी, लगता है यह की चमक धमक देख कर काबू नहीं कर पाई खुद को वरना कहां तुम जैसी के नसीब में ये सब होता है।" उसने सेम का मजाक उड़ाया था।
सेम आराम से ग्लास को होठों से दूर कर टेढ़ी मुस्कान के साथ कहती है, "तुम जैसी सड़क पर रहने वाली एक रॉयल खून को मैनर्स सिखाएगी नॉट बैड।"
उस लड़की का चेहरा एकदम गुस्से से भर गया था, ये उसकी हार थी। उसने तो बस मजे करने के लिए सेम को पॉइंट क्या था उसे लगा नहीं था सेम उसकी बेइज्जती करेगी।
वो अपने गुस्से को दबाते हुए कहती है, "व्हाट डू यू मीन बाय सड़क छाप? तुम होगी सड़क छाप और वैसे भी सुन नहीं है क्या जो बोलता है वही होता है।" वो लड़की सेम और हंसने लगी थी।
"ओह रियली? इसका मतलब तुम्हारे अंदर मैनर्स की बहुत कमी है राइट?"
उस लड़की का चेहरा काला पड़ गया था।
सेम उसके नज़दीक आ अदा से कहती है, "शताक्षी जश्न सिंह शेखावत नाम है मेरा, रॉयल्टी मेरे खून में है और यह चीज मुझे किसी भी बदसूरत शकल वाली औरत को बताने की जरूरत नहीं है।" उसने उस लड़की का मजाक बनाते हुए अदा से अपने बालों को झटका था।
सामने खड़ा हुआ शख्स गहरी निगाहों से शताक्षी को घूरे जा रहा था, वही वह लड़की तुरंत उस शख्स के हाथ पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए कहती है, "आध्यात्मिक यह लड़की हमसे बदतमीजी कर रही है और आप इन्हें कुछ भी नहीं कहेंगे क्या?"
सताक्षी उसकी बात पर हंसते हुए कहती है, "ओ अच्छा अब समझ आया मुझे तुम कुछ हो ही नहीं इसलिए अपने होने वाले हस्बैंड के सपोर्ट के रही हो, पर मेरी बात कान खोल कर सुनना जो लोग खुद का स्टैंड नहीं ले पाते एक दिन वो दुनिया से गायब हो जाते है और उन्हें कोई ढूंढता भी नहीं।" कहते हुए उसकी आवाज डार्क हो गई थी।
वो लड़की सेम की आंखों में पागलपन देख रही थी जो कुछ भी कर सकती हो जिससे उसे कही न कही डर लग रहा था पर वो कुछ कहती उससे पहले, आध्यात्मिक अपनी आवाज को बुलंद करते हुए गहरी आवाज में कहता है, "शताक्षी अपनी जबान को संभालो कुछ ज्यादा ही बकवास बोल रही हो तुम।"
शताक्षी उसके नजदीक आ उसके चेहरे को गौर से देखते हुए कहती है, "हम्म... पहले तो मेरी बात आपको बहुत अच्छी लगती थी, जब मेरे करीब आते थे और आज अचानक से गंदी लगने लगी? नॉट बैड।"
खैर, छोड़ो अब मुझे यह पार्टी बहुत ही ज्यादा बोरिंग लग रही है और ना ही मैं इसमें इन्वॉल्व होने के किसी भी तरह के मूड में हूं, तो मैं चलती हूं। तुम लोग अपने प्रेसिडेंट और उनकी वाइफ के साथ इस पार्टी को एंजॉय करो क्योंकि मुझे यह भीख का खाना बिल्कुल हजम नहीं होता है।" बोलते हुए वो वहां से जाने लगती है।
आध्यात्मिक के बगल में खड़ी हुई लड़की तुरंत शताक्षी का हाथ पकड़ उसे खुद की तरफ घूमते हुए चिल्ला कर कहती है, "तुम्हें पता भी है कि तुम क्या बक रही हो? यहां मौजूद हर चीज की कीमत करोड़ों में है और तुम बकवास किए जा रही हो।"
शताक्षी उससे अपना हाथ छुड़ा मजाकिया तरह से कहती है, "अब, इसमें मेरी क्या गलती? जब मैं बिलियंस में 'काली' परफ्यूम यूज करती हूं तो मेरे लिए तो ये सब चीप प्राइज ही होगा न? और ये सब बातें तुम जैसी बुद्धि-शकल वाली औरतें नहीं समझ सकतीं, आफ्टर ऑल अपने बुढ़ापे को इंजेक्शन लगाकर जो छुपा रही होती हैं।"
वह लड़की एकदम से हड़बड़ा जाती है फिर गुस्से से कहती है, "अब तुम्हारा ज्यादा हो रहा है। मैं तुमसे मुंह लगने नहीं चाहती, समझी?"
शताक्षी वहां रखे हुए टिशू पेपर उठाकर खुद के हाथ को ऐसे साफ करने लगती है जैसे किसी डस्ट ने उसे छू लिया हो। आध्यात्मिक जो यह सब कुछ देख रहा था, वो शताक्षी के सामने खड़ा हो दांत पीसते हुए कहता है, "कुछ ज्यादा ही बदतमीजी नहीं कर रही हो तुम? तुम्हें पता भी है वह मेरी बीवी है, तो तुम उसकी भी उतनी ही इज्जत करो जितनी मेरी करती हो, गेट इट।"
शताक्षी उसे देख अजीब से लहजे में कहती है, "आपको क्या लगता है मेरी नजरों में आपके लिए कोई इज्जत है भी?" वो उसकी आंखों में देख रही थी।
आध्यात्मिक उसे गहरी नजरों से देखने लगता है तभी उसकी नजर उसके हाथ पर जाती है जहां शताक्षी ने अपने हाथ को रगड़ कर लाल कर लिया था।
वो उसका हाथ से टिशू फेंकते हुए कहता है, "ये क्या हरकत कर रही हो? छोड़ो इसे।" बोलते हुए उसने उसके हाथ से टिशू पेपर लेकर जमीन पर फेंक दिया था।
शताक्षी ने उस टिशू से अपने हाथों को इतनी बुरी तरीके से रगड़ा था कि वो लाल पड़ चुके थे। आध्यात्मिक उसके हाथ को गौर से देख रहा था।
वो लड़की चिल्ला कर कहती है, "किस बात का घमंड है तुम्हें? किसके दम पर इतना उड़ रही हो? भूलो मत, जिस कंपनी में तुम काम कर रही हो, मैं उस कंपनी की लेडी बॉस हूं।"
"यह सब लोग भी तो यहां पर मुझे एक्सेप्ट कर रहे हैं ना, तो तुम्हें क्या दिक्कत हो रही है? कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम्हारे दिल में आध्यात्मिक के लिए कुछ था और मेरी वजह से वह खत्म हो गया?" उसने एक अजीब सी मुस्कुराहट पास की थी।
शताक्षी उसके बाद पर अजीब तरीके से हंसते हुए उसके नजदीक आ उस पर सरसरी सी नजर डालते हुए देखती है।
उसकी नजर उस लड़की पर, एक पल के लिए वो लड़की एक कदम पीछे करती है।
शताक्षी वहां रखा हुआ वाइन का ग्लास उठाकर सीधा उस लड़की के चेहरे पर फेंकते हुए कहती है, "शताक्षी जश्न सिंह शेखावत के खून में किसी वेस्ट चीज को यूज करना नहीं लिखा और खास करके उस चीज को जो ऑलरेडी यूज्ड हो चुकी हो।"
वहां मौजूद हर शख्स हैरानी से ये सब देख रहा था। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर चल क्या रहा है। सब आंखें बड़ी करे उन्हें ही देख रहे थे।
उसकी नजर आध्यात्मिक पर थी।
जिसकी नसें कस गई थीं, वह समझ चुका था शताक्षी उसे ही बोल रही है, पर वह फिर भी बिल्कुल नॉर्मल था।
उस लड़की की आँखों में आँसू और गुस्सा भरा जा रहा था और वह भला कैसे अपने ही होने वाले हस्बैंड के एम्प्लॉइज के हाथों से जलील हो सकती थी? वह गुस्से में वहाँ रखी हुई वाइन की बोतल उठाकर शताक्षी की तरफ फेंकती है।
उससे पहले ही कोई शताक्षी को अपनी बाहों में महफूज कर लेता। कांच की बोतल सीधा आध्यात्मिक के पीठ पर लगी थी, उसने अपनी आँखें बंद कर ली थीं। शताक्षी को कुछ समझ ही नहीं आया था, वो तो बस उसकी बाहों में कैद खड़ी थी।
वो लड़की आध्यात्मिक के नजदीक आती है, और उसे खुद को बचाता हुआ देख रोते हुए कहती है, "आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? मैं आपकी होने वाली बीवी हूँ। ये मुझे जलील कर रही है सबके सामने और आप उसे बचा रहे हैं।"
आध्यात्मिक आहिस्ता से आँख खोलता है, उसकी आँखें बेहद लाल हो चुकी थीं, गर्दन की नसें उभर आई थीं और आँखें गहरी हुई थीं। वो दांत पीसते हुए कहता है, "तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई उस पर हमला करने की? क्या तुम्हें पता नहीं है मैं तुम्हारे साथ क्या कर सकता हूँ?"
वो बेहद ही गहरी मगर ठंडी आवाज में कहता है।
वो लड़की बुरी तरह डर से कांप गई थी, उसे अपने पेट में ठंडक का एहसास हो चुका था।
फिर शताक्षी को तरफ देख, "अब यहाँ कोई भी बकवास, कोई भी बातचीत नहीं होनी चाहिए। यह सब डिनर के लिए आए हैं तो उस डिनर को एंजॉय करिए।" शताक्षी एक नजर उसे देख उस से दूर होकर कहती है, "नॉट इंटरेस्टेड, मेरा पेट ऑलरेडी भरा हुआ है और खास करके यहां पर जो एंटरटेनमेंट हुआ है, उसके बाद तो मुझे वर्कआउट करने की जरूरत नहीं है। गुड नाइट, गैस एंजॉय करिए यह डिनर।" बोलते हुए वह आगे की तरफ बढ़ जाती है।
आध्यात्मिक जो उसे आगे की तरफ जाता हुआ घूर रहा था, उसके पीछे आते हुए चिल्ला कर कहता है, "तुम इस तरीके से पार्टी को अधूरे में छोड़कर नहीं जा सकती, तुम्हें भी यहां पर इंवॉल्व होना पड़ेगा, सुना तुमने?" वह उसके पीछे चला गया था और वहाँ मौजूद हर शख्स की हैरानी और बढ़ चुकी थी।
क्योंकि वह मौजूद हर शख्स को पता था आध्यात्मिक लव मैरिज कर रहा है पर शताक्षी के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर वहाँ मौजूद हर शख्स देख चुका था। आस पास खुश-पुश होने लगी थी। वो लड़की गुस्से से बाहर की तरफ बढ़ते हुए कहती है, "आध्यात्मिक आप क्या कर रहे हैं? आप उस लड़के के पीछे क्यों जा रहे हैं? आप तो यह मेरे साथ आए थे न, रुक जाइए।" कहते कहते उसकी आवाज रोने जैसी हो गई थी।