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Destined with you

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Jahnavi Sharma

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आरव और आयु

Total Chapters (2)

Page 1 of 1

  • 1. Destined with you - Chapter 1

    Words: 2418

    Estimated Reading Time: 15 min

    सुबह के 8 बज रहे थे। किचन में एक लगभग 27–28 साल की लड़की, जिसने जींस पर लम्बा कुर्ता डाला था, हड़बड़ाहट मे जल्दी जल्दी हाथ चला रही थी। अचानक उसका ध्यान घड़ी की तरफ गया, वो वही से जोर से चिल्लाई। उस ने वही से चिल्लाते हुए बोला, “मंथन जल्दी उठ जाओ। ऑफिस जाने में लेट हो जाएगी। आयु...आयुष्का जल्दी करो बाबा। इतना लेट करोगे, तो कैसे चलेगा।“ उसके आवाज लगाने पर आयुष्का, जिसे उसने आवाज लगाई थी, वो जाग चुकी थी। उसने वही से अधखुली आँखो से आवाज दिया। “ओके साक्षी दी... आप हॉस्पिटल जाओ। फिक्र मत करो, मैं टियारा को स्कूल छोड़ दूंगी।“ आयु ने जवाब दिया। साक्षी ने तेज आवाज में कहा, “वो तो ठीक है आयु। लेकिन मैं हॉस्पिटल नहीं जाऊंगी। आज मुझे कोर्ट जाना है। शायद तुम भूल गई होगी, आज मेरे और रितेश के डिवोर्स की फर्स्ट हियरिंग है।“ साक्षी के मुँह से कोर्ट जाने की बात सुनकर आयुष्का भाग कर साक्षी के पास गयी। उसके बाल सोकर उठने से थोड़े बिखरे हुए थे और लम्बे होने की वजह से रबरबैंड से निकल चुके थे। उसकी हाइट लगभग 5 फीट छह इंच के आसपास थी। कमर को छूते हनी ब्राऊन स्ट्रेट बाल, गोरा रंग, छोटी हल्की एम्बर आईज, वो दिखने में बेइंतहा खूबसूरत थी। उसकी उम्र लगभग 23 साल के आसपास थी। आयुष्का ने उसके पास आकर धीमी आवाज में कहा, “मैं आपके साथ चलूंगी...आप अकेले कैसे हैंडल करोगी?“ उसके चेहरे पर उदासी थी। उसे साक्षी के लिए बुरा लग रहा था। जबकि साक्षी बिल्कुल नॉर्मल थी। उसने हल्का मुस्कुराते हुए कहा, “आयु जब हमने अकेले होने का फैसला कर ही लिया है, तो अब अकेलेपन से क्या डरना? तुम एक काम करना, मंथन को उठा देना। पता चला छोटू आज फिर लेट उठा और लग गई क्लास... ऑफिस में थोड़ी सी भी लेट हो जाएगी तो तुम आरव को तो जानती ही हो ना... “ आरव का नाम सुनकर आयुष्का ने मुँह बनाते हुए बोला, “ नहीं दीदी... ना मै आपके आरव को जानती हूँ और ना ही उसको जानना चाहती हूं।“ “ओके... मै जा रही हूँ। तुम देख लेना प्लीज।“ साक्षी ने हल्का हंसकर कहा। जाते वक्त उसने धीरे से बड़बड़ा कहा, “ना जाने ये आरव से, इतना क्यों चिढ़ती है।” कहकर साक्षी वहाँ से अपने लॉयर से मिलने जा चुकी थी। उसके जाने के कुछ देर बार मंथन भी उठ चुका था। मंथन उठा, तो उसने देखा आयुष्का कुछ पेपर असेंबल करने में लगी थी। वो उसके पास गया और उसके गले लगते हुए प्यार से बोला, “गुड मॉर्निंग माय लव! उठ गई तुम।“ फिर इधर उधर देखते हुए पूछा, “साक्षी दी गयी?“ वो उम्र में लगभग 26 साल का था। हाइट लगभग 5 फीट 11 इंच के करीब, और गेरूआ रंग। दिखने में हैंडसम और शक्ल से मासूम। आयु ने मुस्करा कर हामी भरी और मंथन से दूर हो गई। मंथन ने बालों में हाथ घुमाकर कहा, “अच्छा हुआ साक्षी दीदी चली गई... चलो मिलकर अच्छा सा रोमांटिक वाला ब्रेकफास्ट तैयार करते हैं।“ आयु ने हल्का हंसते हुए कहा, “अच्छा अब ब्रेकफास्ट भी रोमांटिक होने लगा। सो लिसन मेरे ओवर रोमांटिक बॉयफ्रेंड, तुम्हारे रोमांटिक ब्रेकफास्ट के चक्कर में मेरा आज और एक इंटरव्यू मिस हो जाएगा। और याद है ना, मुझे टियारा को स्कूल भी छोड़ना है।“ मंथन ने उसी के अंदाज में मुंह बनाकर कहा, “ओके मेरी अनरोमांटिक सी गर्लफ्रेंड... कभी तो मुझे सीरियसली ले लिया करो। और क्यों इधर उधर धक्के खा रही हो जॉब के लिए। तुम आयुष्का सिंह ओबरॉय हो। तुम्हारे डैड का टेक्सटाइल का बिजनेस है, उसको क्यों नहीं जॉइन कर लेती?“ “मुझे अपनी अलग पहचान बनानी है। मैं चाहती हूं कि मुझे लोग आयुष्का सिंह ओबरॉय के नाम से नहीं, बल्कि फैशन डिजाइनर आयुष्का के नाम से जाने। मुझे सब कुछ एक्सपीरियंस करना है...तुम जानते हो ना। हमारी कंपनी में मुझे अपनी काबिलियत के दम पर नहीं नेपोटिज्म के दम पर जॉब मिलेगा।“ आयुष्का ने सीरियस अंदाज में कहा। उसकी बात सुनकर मंथन ने आईज रोल की और कहा, “आयु, बेबी ये कॉफी वाले शोज थोड़ा कम देखा करो...क्या नेपोटिज्म नेपोटिज्म लगा रखा है। तुम्हारा हक है अपने पापा की प्रॉपर्टी पर।“ आयुष्का ने जवाब देते हुए कहा, “हां हक भी जमाऊंगी...पर उस दिन, जब मैं काबिल हो जाऊंगी। अरे खुद की कंपनी खोलेगी ये आयुष्का सिंह ओबरॉय.... तो मिस्टर मंथन आहूजा क्या आप अपनी गर्लफ्रेंड की कंपनी में पीआर की जॉब करेंगे।“ कहकर आयु ने अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया। मंथन ने हंसते हुए कहा, “तुम्हें तो रुको मैं बताता हूं कि मैं तुम्हारी कंपनी में कौन सी जॉब करूंगा...“ कहकर वो आयु को गले लगाने के लिए आगे बढ़ा लेकिन आयु उसे परेशान करने के लिए उस से दूर भागने लगी। मंथन उसके पीछे आ रहा था। आयु और मंथन एक दूसरे के पीछे दौड़ रहे थे कि तभी साक्षी की 4 साल की बेटी टियारा वहां आई। टियारा ने मासूम चेहरा बनाकर कहा, “अरे मामू और होने वाली मामी....क्या सुबह–सुबह पकड़म पकड़ाई खेलने लग गए आप दोनों। चलिए मुझे लेट हो रहा है स्कूल जाने के लिए। मेरा वहां कोई वेट कर रहा है।“ मंथन और आयु ने एक साथ कहा, “अच्छा जी...कौन ?“ टियारा ने कहा, “मेरा न्यू फ्रेंड..।” मंथन ने आगे बढ़कर टियारा को अपनी गोद में उठा लिया। उसने आयु की तरफ देखकर मुंह बनाकर कहा, “देखा, एक छोटी सी बच्ची को भी अपने न्यू फ्रेंड की इतनी चिंता है। जबकि यहां मैडम अपने बॉयफ्रेंड के साथ में रह रही है, फिर भी उसे मेरी फिलिंग्स की कोई परवाह नहीं।” “हां तो मैं तुम्हारे घर पर ऐज अ किराएदार रहती हूं, ना कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड के तौर पर... जानते हो ना यहां चंडीगढ़ में अच्छा घर मिलना कितना मुश्किल है। ऊपर से अचानक यहां आने पर डैड भी नाराज हो गए। वह यही चाहते थे कि मैं उनकी कंपनी ज्वाइन करूं। ऐसे में तुमने और साक्षी दी ने मेरी बहुत हेल्प की है, उसके लिए थैंक यू सो मच। ” आयु ने मंथन की आंखों में देखते हुए धीरे से कहा। “अच्छा बस करो। तुम कोई गैर थोड़ी ना हो। हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और सेटल होने के बाद शादी करने वाले हैं। चलो, अब यह थैंक यू गिविंग स्पीच देना बंद करो। रोमांटिक ब्रेकफास्ट ना सही, जो बना है, वही दे दो।‌ ऑफिस जाने में देर ना हो जाए, वरना आरव सर गुस्सा करेंगे।” मंथन ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा और फिर बाथरूम में चला गया।‌ वहीं उसके मुंह से आरव का नाम सुनकर फिर से आयु का मुंह बन गया था। “पता नहीं यह सब उससे इतना डरते क्यों हैं? उस जैसे इंसान का तो खुलकर सामना करना चाहिए। ब्लडी कैसोनोवा कहीं का।” आयु ने हल्के गुस्से में कहा। हालांकि वह आरव को ठीक से जानती नहीं थी और ना ही कभी उससे मिली थी। फिर भी न जाने क्यों उसे आरव से इतनी चिढ़ थी। शायद इसकी एक वजह आरव का इतना लाइमलाइट में रहना और उसके बारे में उल्टी सीधी खबरें छपना था। आयु सब कुछ भूलकर टियारा पकड़कर तैयार करने के लिए ले गई और वही मंथन के ऑफिस जाने की तैयारी करने लगा। दि डिजायर्स का ऑफिस..! दि डिजायर्स चंडीगढ़ की टॉप टेक्सटाइल्स कम्पनी है, जिसका ओनर आरव खुराना है। आरव खुराना, जिसके बारे में पूरा चंडीगढ़ जानता था। आरव खुराना को अपने लाइफ में सिर्फ एक चीज से मतलब होता है और वो है सिर्फ और सिर्फ काम... उसे अपने आसपास के लोग भी हमेशा काम करते दिखने चाहिए। वो वक़्त का पाबंद और एक वर्कोहोलिक इंसान था। अपनी कंपनी को आगे लाने के लिए आरव किसी भी हद तक जा सकता है। आज डिजायर्स के पूरे ऑफिस मे हंगामा मचा हुआ था.. क्योंकि आरव ने अपना न्यू ड्रीम कलेक्शन डिजाइन किया था, और उसी कलेक्शन के लॉन्च के लिए मीटिंग होने वाली थी। इसी अफरा तफरी के बीच एक लड़की चिल्लाते हुए आई, “कम ऑन गायज, डू फास्ट... आरव को एक मिनिट की भी देरी बिल्कुल पसन्द नही है।“ वो लगभग 26 साल के आसपास थी। गोरा रंग, गोल्डन ब्राऊन कंधे तक के बाल और लगभग 5 फीट दो इंच हाइट, और दिखने में किसी मॉडल की तरह लगती थी। उसने हाई हील्स पहनी थी, जिसकी वजह से उसकी हाइट काफी ज्यादा लग रही थी। मंथन ने उसकी उसकी तरफ देखा और इरिटेट होकर कहा, “ओह प्लीज माहिरा, यहाँ सब अपने काम मे लगे है, यहां कोई भी वेहला नही है..।” माहिरा ने उसके बाद को अनसुना किया और आगे पूछा, “हेड डिजनायर रियान और उसकी सेक्रेटरी दिशा कहाँ है?“ “मै कोई सबका सेक्रेटरी नही हूँ, पीआर मैनेजर हूँ और तुम से सीनियर भी...समझी तुम। जाकर खुद पर कर लो।“ मंथन ने फाइल उठाकर कहा। माहिरा ने अपने बाल झटके और पूरे एटीट्यूड में जवाब दिया, “सो व्हॉट? मैं यहां सबसे सीनियर ही मानी जाऊंगी क्योंकि मै आरव की गलफ्रेंड हूँ।“ “ये कोई पोस्ट नही होती।“ मंथन ने सिर हिलाकर कहा। वो दोनो बहस कर रहे थे, कि तभी आरव की सेक्रेटरी युवानी आई। वो काफी जल्दी में लग रही थी। युवानी ने हांफते हुए कहा, “जल्दी करो गायज...आरव सर का मूड थोड़ा सड़ा हुआ ही है।“ “वो कब नही रहता।“ मंथन ने जवाब दिया। वहां से वो सब मीटिंग रूम में पहुँचे। वहाँ पहले से आरव की टीम मौजूद थी, जो उसके ड्रीम कलेक्शन पर काम कर रही थी। मीटिंग रूम मे माहिरा, जो कंपनी की जूनियर मैनेजर थी। माहिरा को ये पोस्ट इसलिए मिली थी क्योंकि वो आरव की गर्लफ्रेंड थी.... उसके अलावा वहाँ पीआर मैनेजर मंथन आहूजा, हेड डिजायनर रियान और उसकी सेक्रेटरी दिशा, आरव की सेक्रेटरी युवानी और फोटोग्राफर सुरवीन और कियान भी थे। जल्द ही आरव भी वहाँ आ गया। आरव लगभग 27 साल का था, और इतनी कम उम्र मे वो एक कामयाब बिजनेसनेस मैन था। छह फीट के आसपास हाइट, ओसियन ब्लू आईज, गोरा रंग, फिट फिजिक और दिखने में काफी हैंडसम। डिजायर्स की सफलता का एकमात्र कारण आरव खुराना था। आरव स्वभाव से काफी सख्त और जुनूनी था। उसे एक बार कोई चीज पसंद आ जाती, वो उसे हासिल करने के लिए सही गलत का भी नही सोचता था। आरव के वहां पहुंचते ही सब के चेहरे के भाव गंभीर हो गए थे। आरव ने उनकी तरफ देखते हुए इंटेंस वॉयस में कहा, “हैलो टीम... कलेक्शन कोंफिडेंशियल है। ऑल प्रेपरेशन डन?“ हेड डिजाइनर रियान ने जल्दी से कहा, “लेकिन एके जब कलेक्शन का ही नही पता है सबको, तो मीटिंग क्यों? यह पहली मीटिंग है तो हम सारी तैयारी कैसे करके रख सकते हैं?” रियान की तरह वहां बाकी सभी लोग भी कंफ्यूजन में थे। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह आरव के सामने कुछ कह सके। माहिरा ने पूरा मामला अपने हाथ में लिया। उसने सबके बिहाब में खड़े होकर हल्का मुस्कुरा कर कहा, “ओह कम ऑन आरव ,मुझे तो तुम बता ही सकते हो।” माहिरा को लगा कि आरव की गर्लफ्रेंड होने की वजह से वो उस पर गुस्सा नहीं करेगा लेकिन आरव ने माहिरा की तरफ सख्त निगाहों से देखते हुए कहा, “मैने कॉन्फिडेंशियल वर्ड यूज किया है माहिरा। शायद तुम्हे उसका मतलब पता होगा। मै किसी को नही बता सकता। वैसे मैने ये मीटिंग इसीलिए बुलाई है क्योंकि मुझे एक नई मॉडल चाहिए।” आरव के मिजाज देखकर किसी ने कलेक्शन के बारे में कुछ नहीं पूछा। लेकिन न्यू डिजाइनर हायर करने की बात सुनकर फोटोग्राफर कियान ने कहा, “बट एके जन्नत परफेक्ट है.. फिर भी आपको कोई प्रॉब्लम है तो और किसी फेमस एक्ट्रेस या मॉडल को हायर कर लेते है।” माहिरा ने आगे कहा, “मै किसी मॉडल से कांटैक्ट करू आरव?” आरव ने जवाब में कहा, “नही, मेरा कलेक्शन मेरे लिए बहुत स्पेशल है और कोई भी एक्ट्रेस या मॉडल जस्टिफ़ाय नही कर पायेगी।” “मैं ट्राई करूं?” माहिरा ने काफी उम्मीद से पूछा, वो कब से मॉडलिंग करना चाहती थी। आरव ने ना में सिर हिलाकर कहा, “मुझे कोई मासूम दिखने वाली लड़की चाहिए। लाइक कोई कॉमन लड़की..।” आरव ने इनडायरेक्टली माहिरा को मना कर दिया। कियान ने हल्का हैरानी जताते हुए कहा, “पर कॉमनर ही क्यों? कोई मॉडल या एक्ट्रेस क्यों नहीं.. एक प्रोफेशनल की तरह वो शूट कर पाएगी? आई मीन उनमें वो स्पार्क नहीं होगा।” आरव ने जवाब में कहा, “क्योंकि मेरा कलेक्शन कॉमनरस के लिए है, ना की किसी मॉडल या ऐक्ट्रेस के लिए। वो किसी भी ड्रेस को सिर्फ एक बार पहनते है। और आप लोगों को ये क्यों गलतफहमी है कि कॉमन लोगों में वो स्पार्क नहीं होता, जो एक मॉडल एक्ट्रेस में होता है।” आरव ने काफी लॉजिक के साथ बात को रखा था, किसी ने आगे कोई सवाल नहीं पूछा। मंथन ने आरव की तरह देखकर कहा, “ओके सर, मैं वैकेंसी डाल देता हूं मॉडलिग के लिए। जो आएगा, आप देख लीजिएगा और किसी को भी सेलेक्ट कर लीजिएगा। तब तक आप वेटिंग लिस्ट मे जितने भी पोर्फोलियोंज है उन्हे देख लीजिये।” “नहीं मंथन, यहां वेटिंग में जितने भी पोर्टफोलियोज मिले, मुझे कोई भी पर्फेक्ट नही लगी और मेरे पास इतना वक्त भी नहीं है कि मैं इंटरव्यू ले कर एक एक को सेलेक्ट करूं।” आरव ने सिर हिला कर कहा। उसने फिर अपनी अस्सिटेंट युवानी की तरफ देखा। युवानी ने जल्दी से हड़बड़ा कर कहा, “मैं कोशिश करती हूं सर..यहां कोई आसपास में किसी और कंपनी से निकाली गई मॉडल हो तो...।” युवानी की बात पूरी होने से पहले ही आरव ने गुस्से में उसकी बात काटते हुए कहा, आर यू मैड यू युवानी? मुझे अपने ड्रीम कलेक्शन के लिए मॉडल चाहिए, ना कि रिजेक्टेड कलेक्शन के लिए। मुझे नहीं पता तुम सब लोगों के पास में 2 दिन का टाइम है। मुझे अपने कलेक्शन के लिए मॉडल चाहिए।” आरव के डेडलाइन देने का क्या मतलब क्या था, ये पूरा डिजायर्स जानता था। पूरी कंपनी में तूफान आ जाता था। दो दिन का नाम सुनकर सभी एक साथ ने कहा, “पर सर 2 दिन में कैसे?” उन्हें लगा आरव उन्हें थोड़ा और टाइम देगा। आरव ने कुछ पल सोचा और फिर बेपरवाही से कहा, “ठीक है, तो फिर सभी मिलकर अपना रेजिग्नेशन लेटर साइन कर के मेरे ऑफिस मे भिजवा देना।” आरव के कहते ही सब हड़बड़ा गए थे। उन सब में माहिरा बेपरवाह थी। आरव ने उसकी तरफ देखा और भौंहें उठाकर कहा, मिस गर्लफ्रेंड यू टू..।” माहिरा ने जल्दी से कहा, “बट आरव मै...।” माहिरा की पूरी बात सुने बिना हीं आरव वहां से गुस्से में चला गया। वो सब लोग परेशान होकर एक दूसरे की शक्ल देख रहे थे। मंथन ने वहां से उठते हुए जल्दी से कहा, “कम ऑन गाइज, जल्दी करो या फिर कोई नई जॉब ढूंढ लो।” आरव ने दो दिन का टाइम दिया था, तो फिर दो दिन में उन लोगों को उसका काम करना ही था। वरना नतीजा वहीं होना था, जिसकी धमकी आरव ने उन्हें दी थी। °°°°°°°°°°°°°°°°

  • 2. Destined with you - Chapter 2

    Words: 1741

    Estimated Reading Time: 11 min

    आरव ने उसके ड्रीम कलेक्शन पर काम कर रही टीम को अपने कलेक्शन के लिए परफेक्ट मॉडल ढूंढने के लिए 2 दिन की डेडलाइन दी थी। आरव ने काफी सख्ती से सबको मॉडल ढूंढने के लिए कहा था। अगर वह 2 दिन में उसका काम नहीं कर पाए, तो आरव ने उन्हें काम से निकलने तक का कह दिया था। परफेक्ट मॉडल ना मिलने की वजह से आरव का मूड थोड़ा उखड़ा हुआ था। मीटिंग करने के बाद आरव अपने केबिन में आया, तो उसने देखा कि उसकी दादी गौरवी जी वहाँ बैठकर उसका इंतजार कर रहा थी। गौरवी जी लगभग 72 साल की थी। उन्होंने लाइट पिंक सिल्क साड़ी पहनी थी और बालों को खुला छोड़ रखा था। इस उम्र में भी उनका ओरा ही अलग था। गौरवी ने आरव को देखते ही हल्का मुस्कुरा कर कहा, “हेलो आरव सर।” गौरवी जी के उसे सर बुलाने पर आरव ने आईज रोल करके कहा, “दादी आप भी ना..।” फिर वो उनके पास आकर उनके गले लगते हुए बोला, “मुझे बुला लिया होता घर। आप क्यों आई यहां?” गौरवी जी उससे अलग होकर बोली, “हां जैसे मेरे बुलाने पर तुम आ ही जाते। आरव तुम भूल रहे हो कि तुम पिछले 2 दिनों से घर नहीं आए हो। ऐसा भी क्या तुम्हारा ड्रीम कलेक्शन, जिसे रेडी करने के चक्कर में ना तुम्हें दिन की फिक्र रहती है...और ना ही रात की।” “पहली बार कुछ नया ट्राई कर रहा हूं दादी पर इतनी मेहनत करने का भी क्या फायदा? और तो सब कुछ रेडी हो गया बट अब कैटलॉग शूट के लिए मॉडल ही नहीं मिल रही, जो मेरे कलेक्शन को जस्टिफाई कर सके। आप ही बताइए दादी, अब मैं खुद तो पहन कर खड़ा हो नहीं सकता।” आरव ने वहां बैठते हुए कहा। गौरवी जी हल्का हंसकर बोली, “वैसे आईडिया बुरा नहीं है आरव सर। मुझे तो अभी से विजुअल्स आने लगे है। दी आरव खूराना लहंगा डाले हुए खड़ा है..।” आरव उनकी बातों से इरिटेट होकर बोला, “स्टॉप इट दादी। यहां मैं परेशान हूं और आप मेरा मजाक बना रही है।” आरव आगे कुछ बोलता कि तभी माहिरा गौरवी जी को इंप्रेस करने के लिए उनके लिए कॉफी लेकर आई। माहिरा ने हल्का सा झुकते हुए बोली, “पेरी पोना दादी...।” गौरवी ने उसे रोकते हुए कहा, “रहने दो बेटा, इतनी छोटी ड्रेस में तुमसे पैरी पोना नहीं हो पाएगा।” उनकी बातों से माहिरा एंबेरिस हो गई। वो जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली, “माहिरा, दादी आप भी ना... कितनी फनी है दादी आप। आप क्यों बार-बार भूल जाती है कि मैं आरव गर्लफ्रेंड हूं।” आरव को ये बिल्कुल पसंद नहीं था माहिरा बार-बार ऑफिस में उसे खुद की गर्लफ्रेंड कह कर बुलाती थी। उसके मुंह से फिर से आरव की गर्लफ्रेंड शब्द सुनकर आरव ने हल्का गुस्से में कहा, “माहिरा तुम्हारा यह गर्लफ्रेंड पुराण खत्म हो गया हो, तो कैन यू प्लीज लीव अस अलोन?” आरव का मूड पहले से खराब था। उसका गुस्सा माहिरा पर ना उतरे, यह सोचकर माहिरा ने जल्दी से कहा, “ओके गोइंग।” आरव को नाराज होता देख माहिरा बिना कुछ बोले वहाँ से चली गयी जबकि आरव अभी भी गौरवी जी के साथ बैठकर बाते कर रहा था। उसके जाने के बाद गौरवी ने हल्का सीरियस अंदाज में कहा, “आरव मैंने कभी भी तुम्हारी लाइफ में इंटरफेयर नहीं किया लेकिन बेटा, पूरे चंडीगढ़ में तुम्हें यही लड़की गर्लफ्रेंड बनाने को मिली थी?” आरव इस टॉपिक पर ज्यादा बात नहीं करना चाहता था। उसने गहरी सांस लेकर कहा, “हां दादी, माहिरा थोड़ी डिफरेंट है और प्यार करता हूं मैं उससे।” गौरवी ने सिर हिला कर जवाब दिया, “हां सच ही कहा है किसी ने, प्यार अंधा होता है। पर बेटा तुझे एक बार अपनी आंखें चेक करवा लेनी चाहिए। उसे ठीक से देख तो सही।” इतने खराब मूड में भी गौरवी जी की बातें सुनकर आरव के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई, जिससे उसके गालों पर हल्के डिंपल उभर रहे थे। उसने उसी अंदाज में कहा, “ठीक से देखा है दादी। चलिए छोड़िए ना, इस बारे में बात नहीं करते हैं। आप बताइए कि आप कैसी हैं।” गौरवी ने मुस्कुरा कर कहा, “मैं तो बिल्कुल ठीक हूं लेकिन आज डिजायर्स में भूकंप क्यों आया हुआ है आरव सर?” ”दादी आप मुझे आरव सर बुलाना बंद करेंगी? मेरी टीम तक मुझे एके बुलाती है और एक आप हो, जो कब से आरव सर,आरव सर बोल रही है।” आरव ने चिढ़कर कहा। “हां, क्योंकि कंपनी में तुम मेरे भी बास हो। चलो बताओ, मूड इतना अपसेट क्यों है? ” गौरवी जी फिर से पूछा। “मैंने आपको बताया तो था कि मुझे अपनी ड्रीम कलेक्शन के लिए मॉडल नहीं मिल रही। बस मैंने इन सब को डेडलाइन दी है 2 दिनों की.. इसी वजह से सब इतना ओवर रिएक्ट कर रहे है।” आरव ने बताया। गौरवी ने कुछ पल सोचा और फिर कहा, “अच्छा, तुम्हारे ड्रीम कलेक्शन में ऐसा भी क्या है, जो सबसे छुपा रखा है। अपनी दादी को भी नहीं बताओगे क्या?” आरव ने ना में सिर हिलाकर कहा, “बिल्कुल नहीं, मेरा कलेक्शन कंपलीटली कॉन्फिडेंशियल है। तो आपकी इमोशनल ब्लैकमेलिंग यहां पर बिल्कुल नहीं चलने वाली।” आरव के मना करने के बावजूद गौरवी जी ने मुस्कुराकर कहा, “रात को मिलते हैं आरव....तुम्हारा ड्रीम कलेक्शन देखना है मुझे।” इतना कहकर वो उठकर जाने लगी। आरव जल्दी से हल्की तेज आवाज में बोला, “नो दादी ...इट्स नॉट पॉसिबल।” गौरवी जी उसकी तरफ देखकर सिर हिलाया और फिर उसी मुस्कुराहट के साथ कहा, “ओके तो फिर रात को कलेक्शन देखते है। अगर फिर भी तुम मुझे नहीं दिखाना चाहते तो मैं जाकर माहिरा को बोल देती हूं कि आरव तुम से ब्रेकअप कर रहा है।” आरव ने लाचारी से कहा, “दादी, दिस इज नॉट फेयर..मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आप मुझे ऐसे ब्लैकमेल करती हो। गौरवी जी उसकी बात को अनसुना किया और फिर बाहर आ गई। बाहर की तरफ आते ही उन्हें मंथन दिखाई दिया। मंथन भी उन्हें देखते ही मुस्कुराते हुए उनके पास आया साक्षी और आरव एक दूसरे के दोस्त थे, इस वजह से उनके बीच प्रोफेशनल के साथ-साथ पर्सनल रिलेशन भी थे। मंथन ने गौरवी जी के पैर छूते हुए कहा, “हेलो मेरी क्यूट दादी! पैरी पौना...।” गौरवी ने उसे प्यार से सहलाते हुए कहा, “अरे बेटा कैसा है तू...और साक्षी कैसी है? ऑफिस में सब कुछ ठीक तो चल रहा है ना?” मंथन ने हंसते हुए कहा, “दादी ऑफिस में मिस गर्लफ्रेंड के होते हुए सब कुछ कैसे ठीक चल सकता है?” मंथन की बातों से साफ था कि माहिरा को ऑफिस में कोई पसंद नहीं करता था। वह हर वक्त अपनी मनमानी करती थी और कोई कुछ कहता तो वह आरव की गर्लफ्रेंड होने का हवाला देती थी। गौरवी ने गहरी सांस लेकर कहा, “हाय मुझे भी बिल्कुल नहीं पसंद है वो लड़की। मैंने कभी आरव के किसी फैसले पर सवाल नहीं उठाया, पहली बार मुझे उसकी चॉइस पर शक हो रहा है, पर कुछ कह भी नहीं सकते।” मंथन ने उनकी बात पर हामी भरते हुए कहा, “बिल्कुल सही कहा दादी, सारा दिन बस इधर-उधर घूमती रहती है। काम-धाम कुछ करती नहीं है...।” मंथन बोलते हुए रुक गया। वो आगे कुछ बोलता उससे पहले माहिरा वहां पर आ गयी थी। माहिरा वापिस गौरवी जी के पास आई। वो जानती थी आरव के लिए गौरवी जी बहुत इंपोर्टेंट थी। माहिरा हर हाल में गौरवी जी का दिल जीतना चाहती थी। माहिरा ने उनके पास आकर कहा, “दादी आप मिल ली आरव से?” गौरवी ने हल्के बेरुखी से कहा, “हां.. बस अभी वापिस घर जा रही थी।” माहिरा ने उन्हें रोकते हुए कहा, “दादी रुकिए तो प्लीज... मंथन पता है तुम्हें...।” मंथन ने उनकी बात बीच में काटते हुए कहा, “नही.. मुझे कुछ नही पता... और पता करना भी नही चाहता।” माहिरा ने फिर भी जबरदस्ती कहा, “अरे सुनो तो सही। पूरे ऑफिस में आजकल मेरा और आरव का कपल ही छाया हुआ है। अरे हम तो सब के फेवरेट कपल बन चुके हैं। मेरा और आरव का कपल तो आज कल कपल गोल बना हुआ है...#आरा।” माहिरा की बातों से इरिटेट होकर गौरवी और मंथन एक साथ बोले, “हम चलते हैं माहिरा...हमें बहुत काम है।” दोनों बहाना बनाकर वहां से खिसक गए। गौरवी जी अपने घर चली गयी तो मंथन वापिस काम लग चुका था। मंथन अपने क्यूबिकल में आया। वहां आते ही उसने खुद से कहा, “एक बार आयु को कॉल करके पूछ लेता हूं, उसका इंटरव्यू कैसा गया। लेकिन उसे अच्छा नही लगेगा, काम के बीच कॉल किया तो... बट एक छोटू से कॉल मे क्या जाता है।” आयुष्का को काम के बीच डिस्टर्ब होना या करना पसंद नहीं था। यह जानते हुए भी मंथन ने कॉल किया तो वहीं दूसरी तरफ आयु अपने रिज्यूमे के साथ ड्रीमलैंड कलेक्शन के ऑफिस में बैठी हुई थी। वह काफी टैलेंटेड थी और आज उसे पूरी उम्मीद थी कि उसे जॉब मिल ही जाएगी। आयु ने परेशान चेहरे के साथ अपने रेज्यूमें को एक बार फिर से देखते हुए कहा, “मैंने अपनी डिजाइंस पहले ही यहां के हेड डिजाइनर को भेजी थी। उसे यह डिजाइंस अच्छी लगी थी। उसने कहा था कि मेरी जॉब पक्की है। पिछले 1 साल में मैंने चंडीगढ़ की सभी बड़ी कंपनी में इंटरव्यू दे दिया है लेकिन कहीं भी सिलेक्शन नहीं हो पा रहा क्योंकि जॉब पहले ही किसी जान पहचान वाले को दे दी जाती हैं। अब तो सिर्फ़ डिजायर्स ही बची है, जो बड़ी कंपनी भी है और जहां मुझे काम मिल भी सकता है, लेकिन मुझे उसे आरव खुराना के यहां काम नहीं करना। अजीब मुसीबत है। जॉब नहीं मिली तो फिर से डैड के पास लुधियाना जाना पड़ेगा। मुझे खुद को गलत साबित नहीं करना और आज हर हाल में यहां नौकरी हासिल करनी ही होगी। ” इतनी सारी कंपनी में इंटरव्यू देने के बाद आयु की आखिरी उम्मीद इस कंपनी से थी। वह आरव के कंपनी डिजायर्स में काम नहीं करना चाहती थी पर अगर आज आयु को यहां नौकरी नहीं मिलती तो उसके पास आखिरी ऑप्शन डिजायर्स ही रहने वाला था। वेटिंग एरिया में एक लड़की पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बैठी हुई थी। उसने आईज रोल करके अपने मन में कहा, “पता नहीं यह लोग टाइम वेस्ट करने के लिए यहां पर क्यों बैठे हुए हैं। अभी तक उसने मुझे बुलाया क्यों नहीं? पहले बात हो गई थी कि यह जॉब मेरी ही है, फिर यह इंटरव्यू का ड्रामा करने की क्या जरूरत थी। खैर,जब इतने लोगों के दिल टूटेंगे तो उनके उतरे हुए चेहरे देखकर बहुत मजा आएगा। ये जॉब तो मेरी ही है, फिर तुम लोग कितने भी टैलेंटेड क्यों ना हो।” वह लड़की रहस्यमई मुस्कुराहट के साथ उन सब की तरफ देख रही थी। °°°°°°°°°°°°°°°°