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Devil husband ki secret wife

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Raveena

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Description

एक ऐसी शादी जो शादी होने पर भी दुनिया से छिपी है,, अठारह साल की उम्र में मिरा सहानी जिसकी शादी देश के सबसे रिचेस्ट पर्सन आरव खुराना से हो गई पर फिर भी वो शादी सिर्फ नाम की शादी बन गयी, ना प्यार ना अहसास ना रिश्ते,, ना ही रिश्ते का नाम,, कैसे निभाएगी...

Total Chapters (2)

Page 1 of 1

  • 1. तुम मेरी वाइफ हो

    Words: 2264

    Estimated Reading Time: 14 min

    एक कमरे में अलार्म बार-बार बज रहा था, लेकिन बिस्तर पर आराम से लैटी लड़की की आंखे खुलने को तैयार ही नहीं थी,, अलार्म फिर से बजा लेकिन मीरा की नींद ही नहीं खुल रही थी। दसवीं बार अलार्म बजा तो वह हड़बड़ाकर जागी।

    उसने एक हाथ से आंखें मलीं और दूसरे से मोबाइल उठाया। घड़ी की तरफ़ नज़र गई तो उसकी आंखें फट पड़ीं।

    “हाय भगवान जी ! फिर लेट हो गई आज!” मीरा ने झल्लाकर कहा। वो फौरन बिस्तर से उठी और बाथरूम की तरफ़ दौड़ी। बिस्तर वैसे ही बिखरा पड़ा था। उसको सही करने का वक्त भी अब उसके पास नहीं था।

    और ना ही नहाने का वक़्त था। उसने बस मुंह धोया और अलमारी मे कपड़े ढूंढ़ने लगी।

    वो पूरी तरह घबराई हुई थी। उसे पूरा यकीन था, आज फिर उसको डांट पड़ेगी,, हमेशा कि तरह, देर होना जैसे उसकी आदत बन गयी थी ।

    दिल्ली – शाही होटल "अल-फ़ैज़ हेरिटेज"

    मीरा टैक्सी से उतरते ही होटल के अंदर की तरफ दौड़ पड़ी। बमुश्किल सांस संभालते हुए बोली। आज फिर देर हो गई थी, मीरा क्या करती है तु ।

    मीरा दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में काम करती थी, जहाँ उसका काम था मेहमानों के कमरे साफ़ करना। वो उस होटल में हाउसकिपिंग का काम करती थी।

    उसकी उम्र सिर्फ़ 18 साल थी। उसने सिर्फ स्कूल पास किया था। वो यहां सिर्फ इसलिए काम कर पा रही थी क्योंकि उसके पति , आरव खुराना , जो इस फाइव स्टार होटल के मालिक थे, उन्होंनेे रहम खा कर ये नौकरी उसे दे दी थी।

    मीरा ने लॉबी में जाकर अटेंडेंस भरनी शुरू की। तभी पीछे से एक भारी आवाज़ आई आ गयी मोहतरमा आप, बड़ी जल्दी नही आ गयी,, ।

    “हूँह…” कपिल जो होटल का मैनेजर था उसकी

    आवाज़ उसके कानों में गूंजी। मीरा ने डरते-डरते पीछे देखा।

    तभी कपिल गुस्से में दांत भिचते हुए बोला

    “ये कोई तुम्हारा मायका है जो जब मर्जी आओ?”

    “माफ़ कीजिए, सर ।” मीरा सिर झुकाकर उनकी डांट खाते हुए कहती है पर मन में वो अब भी सोच रही थी कि

    ‘काश, इन्हें पता होता मैं आरव की वाइफ हूं, तो क्या तब भी ये यूँ ही मुझे डांटते?’ मीरा ने दिल में सोचा। लेकिन जानती थी कि वो सिर्फ़ एक ‘नाम की वाइफ ’ है। वाइफ शब्द के पास जो अधिकार मिलते हैं उनमें से एक भी अधिकार उसके पास नहीं है ,,, वो अपने ख्यालों से बाहर तब आई जब दोबारा शूएब की आवाज उसको सुनाई दी, जो कह रहा था।

    “इस महीने कितनी बार लेट हुई हो?” कपिल की आवाज़ तेज़ थी। शुक्र था ज़्यादा मेहमान उस वक्त बाहर नहीं थे वरना उसकी इज्जत का कबाड़ा हो जाना था ।

    “क्या मसला है?” एक पिछे से आवाज आई ये आवाज़ थी आरव खुराना की जो इस होटल का मालिक और मीरा का पति था।

    “सर , ये लड़की हर रोज़ लेट आती है।” कपिल ने मीरा की तरफ़ इशारा करते हुए कहा , जो अब भी सिर झुकाए खड़ी थी। उसका दिल डर से जोर से धड़क रहा था।

    “रहने दो, बाद में मेरे ओफिस में भेज देना इसे।” आरव ने माथा दबाते हुए कहा।

    “जैसा हुक्म, सर ।” कपिल ने झुककर जवाब दिया।

    आरव ने जाते-जाते मीरा को देखा, वो कुछ कहना चाहता था , मगर चुपचाप चला गया ।

    उसके जाते ही कपिल मीरा को घुरते हुए बोला

    “सुना ना? अब निकलने का टाइम नज़दीक है तुम्हारा ।” कपिल ने ताना मारा और वहाँ से चला गया

    मीरा ने गहरी साँस ली और खुद को थोड़ा संभाला वो कुछ देर वही खड़ी रहती है और फिर पैंट्री में गई, जहां उसने बैग रखा था। एक गिलास पानी पिया और पेट सहलाया। भूख से पैट दर्द हो रही थी उसको नाश्ता करना तो दूर, नहाने तक का वक़्त नहीं मिला उसको बस ढेर सारा परफ्यूम छिड़का और होटल के लिए निकल पड़ी।

    “फिर देर कर दी?” एक आवाज़ आई। ये थी सादिया, आधी कोरियन, आधी जर्मन लड़की।

    मीरा ने गिलास रखा और लंबी साँस ली और पलटकर सादिया को देखकर बोली ।

    “कल रात पापा को देखने हॉस्पिटल गई थी,” उसने नीचे नज़र करते हुए कहा।

    उसके पापा को दिल की बीमारी थी। वही एक थे उसके अपने जो उससे प्यार करते थे, जिसे वो अपना कह सकती थी ।

    “ कैसी है अब पापा की तबीयत?” सादिया ने सामने बैठते हुए पूछा।

    मीरा ने सिर हिलाया। हाथ की मुठ्ठी भींची इतनी कि नाखून हथेली में चुभ गए। हर बार सौतेली माँ का चेहरा याद आते ही गुस्सा फूट पड़ता उसका। उस औरत की वजह से कर्ज़ बढ़ा, बिजनेस डूबा और उसके पापा को हार्ट अटैक आ गया।

    वो अपने गुस्से को हल्का दबाते हुए धिरे से कहती है " ठीक है सादिया।

    सादिया उसकी आवाज में गुस्सा बेबसी महसूस कर पा रही थी उसको भी मीरा के लिए बुरा लगता था उसका एकमात्र सहारा बिस्तर पर था और इतनी सी उम्र में मीरा को ऐसे काम करना पड़ता था।

    “चलो उठो, वरना कपिल देख लेगा तो फिर से वही जली कटी कड़वी बातें सुनाएगा, फिर मेरा मन उसका सर फोड़ने का करेगा,, और में यह कर नहीं पाउगी ।” सादिया ने मुह बनाते हुए कहा।

    “पहले मुझे आरव सर के ओफिस जाना है,” मीरा ने धीमे स्वर में कहा।

    उसका मन नहीं कर रहा था आरव से मिलने का। तीन महीने की शादी थी उनकी लेकिन रिश्ता अब तक अधूरा था उनके बिच मिया वाइफ वाला कोई रिश्ता नहीं था ।

    सादिया हा में सर हिला लेती है उसने भी देखा था जब आरव ने खुद आकर माहिरा को अपने कमरे में आने का फरमान सुनाया था ,, वो उसके कंधे को सहला वहाँ से अपने काम पर लौट जाती है।

    माहिरा गहरी सांस लेकर उठ जाती और आरव के ऑफिस के ओफिस की तरफ बढ़ जाती है कुछ वक्त बाद वो आरव के ओफिस के सामने खड़ी दरवाजे को देख रही थी। वह बार-बार दरवाज़ा खटखटाने को हाथ उठाती और फिर रोक लेती।

    आखिर में गहरी सांस लेकर वो दरवाज़ा खटखटाती है

    टक,,, टक,, टक

    अंदर से भारी भरकम आवाज आती है “अंदर आओ।”

    मीरा धिरे से अंदर जाती है और दरवाज़ा बंद कर देती है वो गर्दन झुकाए हुए आरव की टैबल से थोड़ा दूर रूक जाती है और नजरें झुकाए हुए ठंडी आवाज में बोली ।

    “क्यों बुलाया आपने हमें ?”

    उसके लिए आरव वो मर्द था जिसने उसे सिर्फ़ छुपाकर रखा। वो भी तब, जब खुद मीरा के पास कोई रसूख नहीं था न शोहरत, न दौलत न नाम,,

    आरव ने उसकी आँखों में देखा — गेहुँआ रंग, बड़ी-बड़ी आँखें, बंधे बाल। उसे देख उसको कुछ शर्मिंदगी महसूस हुई।

    मीरा ने आरव को कुछ भी ना बोलता सुनकर नजर उठाकर देखा,, आरव उसको ही देख रहा था खुद को देखता पाकर मीरा ने तुरंत उससे नज़रें फेर लीं।

    “ये लो।” आरव ने एक चेक बढ़ाया — नक़द के लिए।

    मीरा ने मेज़ पर रखे चेक की तरफ़ एक नज़र डाली, लेकिन उसे लेने का उसका कोई इरादा नहीं था। उसने बस गुस्से से आरव की ओर देखा।

    “ले लो, तुम्हें इसकी ज़रूरत है,” आरव ने धीमी आवाज से कहा। और वो चैयर से उठकर धिमे कदमों से मीरा मीरा की तरफ़ कदम बढ़ाने लगा और उसने चेक उसके हाथ में देने की कोशिश की।

    मीरा धीरे-धीरे पीछे हटने लगी पर आरव उसके सामने आ खड़ा हुआ था वो अब भी आरव को गुस्से में देख रही थी आरव की आंखे शांत थी और वो शांत आंखो से मीरा को देख रहा था वो धिरे से चैक की तरफ देख वापस से मीरा की तरफ देखते हुए बोला ।

    “मैं जानता हूँ तुम्हें पापा की हॉस्पिटल की फ़ीस भरनी है,”

    ‘पापा ? क्या मैंने सही सुना? कब से ये मेरे पापा को पापा कहने लगे?’ मीरा मन ही मन कुनमुनाई, और मीरा के दिमाग़ में ग़ुस्से की लहर दौड़ गई ।

    मीरा नेे चेक लेने के लिए हाथ बढ़ाया और आरव के हाथ से चैक ले लिया , आरव राहत की सांस लेता उससे पहले ही मीरा ने आँखें घुमा कर आरव की तरफ़ देखा ,, और फिर उसी वक़्त चेक को फाड़कर उसके चेहरे के सामने बारीक़-बारीक़ टुकड़े कर दिए। और आरव के चेहरे पर फैंक दिए, उसकी आंखों में आरव के लिए बहुत सारा गुस्सा था जिसकी कोई हद नहीं थी।

    “क्या मैंने तुम्हें पहले भी काफी पैसे नहीं दिए थे मीरा ?” फिर यह क्या है ? आरव ने ऊँची आवाज़ में कहा।

    “मुझे तुम्हारे पैसों की कोई ज़रूरत नहीं है!” मीरा चिल्लाते हुए कहती है।

    "पापा को हॉस्पिटल की फ़ीस चाहिए, है न?" आरव ने अब अपनी आवाज़ धीमी कर ली, वो अपने ग़ुस्से को काबू में रखने की कोशिश कर रहा था। पर उसकी धिमी आवाज से ही पता चल रहा था वो किस तरह अपना गुस्सा कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है।

    "तो कब से तुम मेरे पापा के बेटे बन गए?" मीरा ने तीखी आवाज़ में कहा उसका लहजा ज़हर से भरा हुआ था और वो आरव को गुस्से से देख रही थी।

    "मीरा , तुम्हारे पापा अब मेरे भी पापा हैं," आरव ने थोड़ा नरमी से कहा।

    "मेरे पापा का कोई बेटा नहीं है। वो सिर्फ़ मुझे ही अपनी औलाद मानते हैं," मीरा ने दो टूक कहा।

    "मीरा , क्या तुम भूल गई हो कि तुम मेरी वाइफ हो?" आरव ने अपनीे दो अंगुली कनपटी पर रखकर रगड़ते हुए पूछा।

    "भूल कैसे सकती हूँ? मैं उस फाइव स्टार होटल के मालिक की दूसरी वाइफ हूँ, जो मुझे वाइफ मानता ही नहीं!" मीरा ने तेज़ और साफ़ गुस्से भरी आवाज़ में कहा उसकी आवाज में ताना भरा था।

    आरव का गुस्सा अब कंट्रोल नहीं हो रहा था वो मीरा के गुस्से को देख बस जैसे तैसे अपने गुस्से को कंट्रोल किए हुए था, अब अगर मीरा की जगह उसके सामने कोई और होता तो शायद ही वो इस दुनिया में और अब तक उसके सामने खड़ा होता।

    "मीरा , आवाज़ नीची करो!" आरव ने दांत भिंचते हुए कहा।

    "क्यों? डर है आरव साहब को अगर किसी ने सुन लिया तो?" मीरा ने तंज भरे अंदाज़ में हल्का हंसते हुए कहा।

    "मैं बस नहीं चाहता कि तुम ग़लतफहमी में रहो। ज़िद मत करो इस तरह!" आरव ने एक बार फिर मीरा को समझाने की कोशिश की। मीरा थोड़ा आगे बढ़ती है,,

    "तुम्हें डर इस बात का है न कि अगर तुम्हारी पहली वाइफ को पता चला तो..." मीरा ने उसके कान में फुसफुसाकर कहा।

    "बस करो, मीरा !" आरव ग़ुस्से की आख़िरी हद पर था, वो लड़की बार-बार उसकी सहनशक्ति को तोड़ रही थी। उसकी हाथ की मुठ्ठी गुस्से से कस चुकी थी, वो नहीं चाहता था कि वो प्रिहान अपने गुस्से में आकर मीरा को कुछ कहें या उसके साथ कुछ करें । पर मीरा तो आज उसकी सहनशक्ति देखने के मुड में थी।

    "तुम फ़िक्र मत करो। मैं हमारा राज़ किसी को नहीं बताऊँगी, क्योंकि मुझे भी नहीं चाहिए कि मेरा महबूब जाने कि मैं शादीशुदा हूँ," मीरा ने ठंडे अंदाज़ में पिछे हटते हुए कहा।

    "तो अब भी उस लड़के से रिश्ता जारी है?" आरव ने थोड़ा ऊँचा बोलते हुए पूछा ।

    "बिलकुल। जब हमारा रिश्ता असली शादी नहीं, तो मुझे किसी और से रिश्ता रखने में क्या दिक्कत?" मीरा ने बेपरवाही से जवाब दिया।

    "तुम... तुम तो हद करती हो..." आरव तेज़ी से उसकी तरफ़ कदम बढ़ता है ! उसका चेहरा मीरा के बिल्कुल पास आ गया था मीरा पीछे हटने लगी, लेकिन अब उसकी पीठ दीवार से जा लगी थी। पिछे कोई और स्पैस नहीं बचा था, जिस तरह आरव उसको गुस्से में देख रहा था मीरा के शरीर में डर की लहर दौड़ पड़ी थी, ‌वो भी अपने डर को चेहरे पर नहीं दिखने दे रही थी

    अब वो दीवार और आरव के चौड़े शरीर के बीच में फँसी हुई थी। आरव उसको गुस्से से घुर रहा था।

    "क्या तुम्हें सबूत चाहिए कि हम शादी में बंधे हुए हैं?" आरव ने उसकी ठोड़ी को अपने हाथ से पकड़ते हुए कहा।

    "मुझे हाथ मत लगाओ!" मीरा ने झटके से कहा। उसने अपनी छोटी-सी हथेली से आरव के चौड़े सीने को धक्का दिया, वो खुद को आज़ाद करने की कोशिश करने लगी । लेकिन उसका नाज़ुक शरीर, आरव के सामने बहुत कमज़ोर था। वो लंबा चौड़ा गंठीले शरीर का आदमी, जिसने जिम में जाकर अपने इस शरीर को ऐसा बनाने में कितनी मेहनत की, वो कहा मीरा के इन छोटे छोटे धक्को से उसको छोड़ देता,, उसको इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। आरव हल्का सा मीरा के चेहरे की तरफ झुकता है।

    मीरा को आरव की साँसें अपने चेहरे पर महसूस हो रही थीं। उनके चेहरे अब सिर्फ़ कुछ सेंटीमीटर की दूरी पर थे। मीरा डर से काँप रही थी। उसको डर था कि आरव कहीं अपनी बात सच में साबित ना कर दे।

    आरव अपना चेहरा और आगे बढ़ाता , उससे पहले ही दरवाज़े पर दस्तक हुई।

    मीरा ने राहत की साँस ली कि कोई तो आ गया। उसको इस डैविल दानव से बचाने।

    "जाओ, फिर से काम पर लग जाओ!" आरव ने उसकी ठोड़ी छोड़ दी और कुछ क़दम पीछे हट गया। मीरा को ऐसे लगा जैसे वो मौत के मुह से वापस लौट कर आ गयी हो।

    "मैं आज रात पापा से मिलने जाऊँगा," आरव ने कहा और फिर घूमकर अपनी बड़ी-सी कुर्सी की तरफ़ बढ़ गया।

    मीरा ने अपने सीने पर हाथ रखा। उसका दिल बहुत तेज़ धड़क रहा था, हालाँकि वो तो जानबूझ कर आरव को ग़ुस्सा दिला रही थी, ताकि वो उसे तलाक़ दे दे। वो एक बार आरव को गुस्से से घुरकर देखती है और बड़बड़ाते हुए वहाँ से बाहर निकल जाती है

    मीरा तेज़ी से केबिन से बाहर निकली। जैसे ही दरवाज़ा खोला, सामने से कपिल खड़ा था मीरा ने उनको देखकर बस सिर झुकाया और बिना कुछ कहे वहाँ से निकल गई।

  • 2. थप्पड़

    Words: 2149

    Estimated Reading Time: 13 min

    उसके जाने के बाद कपिल आरव के कैबिन में एंटर करता है तो आरव उसको घुर रहा था कपिल सकपका जाता है उसको याद नहीं आता कि ऐसा भी कुछ उसने किया है कि आरव को उसको घुरना पड़े,, ।

    कपिल जबरदस्ती हंसते हुए बोला " सर वो आज के मेहमानों कि लिस्ट रेड्डी थी अगर आप एकता बार देख लेते तो,,, ।

    तुमको किस काम की सैलरी मिलती है ! आरव की कठोर आवाज उसके कानों में पड़ती है,, कपिल सकपका जाता है वो धिरे से बोला " माफ किजिए सर पर मेरा काम कंपलीट था सब कुछ हो गया था बस एक बार आप से रिचेक करवाना था,, और वो लड़की उसका क्या करना है ।


    उसको हायर किसने किया है मैने या तुमने,,,, आरव चैयर से उठकर कपिल के सामने आते हुए बोला " अफकोस आपने सर ,, पर वो अपना काम सही से,,


    स्टोप ईट इडियट,, वो न्यु है और देरी से आती है बस, ।

    जी सर ;


    तुम एक काम करो उस लड़की का अच्छी युनिवर्सिटी में एडमिशन करवाओ,, और उसको यह लगना चाहिए की वो एक स्कोलर स्टुडेंट् है,, और उसको स्कोलरशिप भी प्रोवाइड करवाओ,,, ।


    पर सर यह सब कुछ,,, ।

    बाॅस तुम हो कि में,, आरव कपिल को घुरते हुए कहता है कपिल तुंरत बोला " आप सर,


    तो मुझसे सवाल करना बंद करो और जो कहा है व़ो करो,, अगर तुम मेरे पापा के लिए काम नहीं कर रहे होते तो अब तक तुमको में फायर कर देता,, आगे कि बात वो अपने मन में दोहराता है।

    कपिल उसकी बात मानकर हा में सर हिला वहाँ से चला जाता है वही, मिरा गुस्से में बड़बड़ाते हुए आगे बढ़ रही थी " समझता क्या है खुद को अमीरजादा है तो कुछ भी है क्या,, शादी मु़झसे की है वो भी तब जब घर पर एक वाइफ बैठी है,,, धोखेबाज कही का।


    तभी वो आगे आती हुई औरत से टक्करा जाती है आरव जो कपिल के पिछे ही कैबिन से निकल कर बाहर आ गया था वो लिफ्ट से सेकंड फ्लोर पर आया ही था कि एक थप्पड़ की आवाज उसके कदम रोक लेती है।



    और वो थप्पड़ पड़ा था मिरा को,, जो उसके सामने खड़ी लड़की ने उसको मारा था मिरा अपने चेहरे पर हाथ रखे खड़ी थी कपिल जो सिढियो से सेकेंड फ्लोर पर पहुंचा ही था कि सामने का नजारा देखकर जल्दी से आगे बढ़ जाता है।

    उसने अब तक आरव को वहाँ नहीं देखा था जो गुस्से में अपनी मुठ्ठी कसे खड़ा था,,,, मिरा के सामने खड़ी लड़की के कपड़ो पर काॅफी गिरी हुई थी,, ‌।


    आरव के होटल में उसका ओफिस थर्ड फ्लोर पर था वही उसका रूम सेकंड फ्लोर पर था वो घर कभी कभार ही जाता था,, और अभी वो अपने रूम में ही आ रहा था।

    थर्ड फ्लोर पर दो लिफ्ट थी एक तो स्पेशल आरव के लिए बनाई गई थी वही दूसरी , सब के लिए थी,, पर आज उसमें कुछ गड़बड़ था जिस वजह से कपिल और मिरा को सिढियो से होते हुए निचे आना पड़ रहा था।

    और मिरा सेकंड फ्लोर पर आरव को भला बुरा कहते हुए आई थी तो उसक़ो वक्त लग गया था और वो सामने आ रही काया से टक्करा गयी।

    काया चौबिस साल की उम्र,, एट्टीट्यूड तो इतना कि,, एट्टीट्यूड की नदी बहाए तो एक साल तक उसका एट्टीट्यूड कम ही ना पड़े,, खुरान खानदान के बाद सबसे अमीर परिवार कौशिक परिवार की इकलौती बेटी और,,, आरव की वाइफ,, ।

    जो मिरा मानती है क्योंकि चारों तरफ यही अपवाह कि आरव खुराना ने काया कौशिक से सिगरेटली शादी कर ली है पर ऐसा है नहीं काया आरव की फियोन्से है।
    और उन दोनों की कोई शादी अब तक हुई नहीं है।

    तुम स्टुपिड,, मेरा कितना किमती ड्रेस खराब कर दिया तुम देखकर नहीं चल सकती हो,,,, ।

    काया गुस्से में मिरा पर बिफरते हुए कहती है मिरा अपने चेहरे पर हाथ रखे काया को देखे जा रही थी वो काया की बात सुनकर कुछ नहीं कहती थी।

    तभी कपिल दोनों के पास आ जाता है वो काया को देखकर अपना चेहरा झुकाते हुए बोला " रियली सोरी काया मैंम,, आप चलिए मैं आपके लिए ड्रेस अरेंज करवाता हु,, और तुम,, सोरी बोलो और जाओ यहाँ से।


    मिरा कपिल की बात सुनकर बोली " पर यह मु़झसे टक्कराई थी,, ।


    तुम,, हो कौन और इसको यहाँ काम पर क्यों रखा है क्या हमारे होटल के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि ऐसे लोग यहाँ काम करते हैं,,।

    यहाँ का स्टाफ प्रोफेशनल होता है फिर यह लड़की,,, काया कपिल को देखकर बिफरते हुए कहती है ।

    कपिल कुछ बोलता उससे पहले ही आरव की आवाज आती है " इसको मैने काम पर रखा है,,


    काया आरव‌ को देखकर अपने फैस एक्सप्रेशन चेंज करते हुए बोली " आरव तुम आ गए,, देखो इसने क्या किया है तुम्हारी गिफ्ट की हुई ड्रेस इस पर इसने काॅफी गिरा दी,,, ।

    आरव उनके पास आकर खड़ा हो जाता है उसकी नजरे मिरा पर थी और मिरा उसको घुर रही थी आरव मिरा से नजरे हटाकर बोला " गलती से हुआ है यह सब,, तो जाने दो।

    पर ऐसे कैसे जाने दु यह तो कोल्ड काॅफी थी अगर इसकी जगह हॉट काॅफी होती तो ? में जल भी सकती थी।

    काया आरव की तरफ देखते हुए कहती है तभी मिरा आरव की तरफ देखते हुए कहती है " मेरी कोई गलती नही है सर मैम खुद देखकर नहीं चल रही थी।

    उनका सारा ध्यान अपने फोन पर था,, में इनके साइड से निकल रही थी और यह अपनी हाई हिल संभाल नहीं पाई और लड़खड़ा गयी,, इसमें मेरी क्या गलती है मैने बस इनकी हैल्प के लिए इनको हाथ लगाया था और काॅफी इनके अंदर गिर गयी।


    तुम अपनी गलती छुपाने के लिए मुझ पर इल्जाम लगा रही हो,,, ।

    मैने कोई गलती नही कि है मैंम और अगर आपको लगता है मैने गलती कि है‌ तो मुझे जाॅब से फायर कर सकते हैं ना में प्रोफेशनल स्टाफ हु ना यहा काम करने की क्वालिफिकेशन रखती हु।

    मिरा काया कई आंखो मे देखते हुए उसको जवाब देती है और मिरा का जवाब सुनकर काया कपिल को देखकर बोली " तो फिर किस बैस पर इसक़ो यहाँ काम पर रखा गया है ?

    काया बात को खिंचो मत,, गलती तुम्हारी है साॅरी बोलो और चलो यहाँ से।

    आर यु क्रेजी आरव,, में इससे सोरी बोली बट वाय यह लड़की इतनी भी औकात नही रखती है कि काया कौशिक उससे माफी मांगे।


    काया एट्टीट्यूड से कहती है।

    मैने कहा काया से सोरी गलती तुम्हारी है और मेरे स्टाफ के साथ कोई बतमीजी से पेश आए यह मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है,, ।

    पर आरव,,,, ‌।

    रहने दिजिए सर इसकी कोई जरूरत नहीं है,, मुझे अपने काम के लिए देरी हो रही है तो मुझे चलना चाहिए,, इतना कहकर मिरा वहाँ से चली जाती है आरव गुस्से से मुठ्ठी कस लेता है और मिरा को जाते हुए देखता रहता है उसके जाने के बाद काया आरव को देखकर बोली " आरव तुमने देखा यह लड़की,,,


    बस बहुत हुआ काया में अपने स्टाफ के साथ कोई भी लापरवाही आगे से बर्दाश्त नहीं करने वाला,, इतना कहकर आरव गुस्से में अपने कमरे की तरफ बढ़ जाता है।

    काया आरव को देखती रह जाती है कपिल काया को देखकर बोला " में आपके लिए न्यु ड्रेस भेजता हु मैंम,, इतना कहकर वो वहां से जल्दी से निकल जाता है।

    काया एक बार पलट कर देखती है फिर आरव के कमरे की तरफ उसके पिछे चली जाती है आरव गुस्से से अपने कमरे में आता है और अपना कोट निकाल बैड पर फैंकते हुए वाशरूम की तरफ बढ़ जाता है।

    इस वक्त वो बहुत ज्यादा गुस्से में लग रहा था वो वाशरूम का दरवाजा जोर से बंद करता है और मिरर के सामने खड़ा हो जाता है।

    वो मिरर में दिख रहे अपने अक्श को देख रहा था जो गुस्से में उबल रहा था,, और खतरनाक लग रहा था।

    वही मिरा लाॅबी से होते हुए एक कमरे में चली जाती है जो कमरा उन सब को प्रोवाइड किया गया था सेपरेट रूम था उसके साथ सादिया का भी रूम था सादिया अभी अभी अपना काम करके रूम के अंदर ही आई थी कि मिरा को गुस्से में अंदर आता देख कर बोली,, ।

    क्या हुआ तु इतना गुस्से में क्यों है ? कुछ हुआ है क्या, और तेरा चेहरा,, यह इतना लाल क्यों है।

    अभी के लिए तु कुछ मत पूछ सादिया,, मेरा दिमाग पहले से खराब है "मेरा मन कर रहा है मै किसी को जोर से पिट दु ! और आगे की लाइन मन में कहती है " और वो शख्स आरव खुराना हो।

    ठीक है बाद में बता देना कोई बात नहीं , पर अभी हमें रूम नंबर चार सौ दो कि सफाई के लिए जाना होगा, चल ! मिरा अपने गुस्से पर कंट्रोल करते हुए जबरदस्ती हंसते हुए हा में सर हिलाती है और सादिया के साथ रूम नंबर चार सौ दो के लिए चली जाती है।

    वही दूसरी तरफ आरव के कमरे में।


    रूम नंबर 285

    रूम का दरवाजा खुलता है और कायरा अंदर जाती है वो रूम में नजर दौडाती है पर आरव रूम में नहीं था।

    वाशरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी वो समझ जाती है आरव वाशरूम में गया हुआ है कायरा अंदर आकर बैड पर लेट जाती है और आरव के कोट को जो बिस्तर पर पड़ा था। उसक़ो लेकर अपने कंधों पर डालते हुए, अपने फोन में मुस्कुराते हुए फोटो क्लिक करती है।


    तभी वाशरूम का दरवाजा ओपन होता है और आरव बाहर आता है उसकै फैस पर अब भी गुस्सा था,, वो एक नज़र कायरा को देखता है फिर काउच की तरफ बढ़ते हुए बोला " तुम यहाँ किसलिए आई हो ?

    कोई खास काम ?

    आरव तुम कैसी बात कर रहे हो मैं ऑलरेडी तुम्हारी फियॉनसे हु, तो मैं कभी भी आ सकती हु।

    फियॉनसे हो घरवाली नहीं, और तुम भी जानती हो हमारी सगाई क्यों हुई है, तो ज्यादा ओवर रिएक्ट मत किया करो। आरव गुस्से में दांत पिस्ते हुए कहता है।

    मुझे मम्मा ने यहाँ भेजा था कि तुम्हारे साथ लंच करू, अगर तुमको यह भी नहीं पसंद है तो मैं मम्मा से कह दुंगी, ।


    आरव गुस्से से मुठ्ठी कस लेता है और काउच पर बैठते हुए बोला " मैने लंच कर लिया है तुम ऑलरेडी लेट हो, अभी मुझे मिटिंग के लिए निकलना होगा, तो हम डिनर साथ में कर लेंगे, में तुमको रिसिव करने आ जाऊगा।

    आर यु श्योर ! कायरा बैड से उठते हुए कहती है '

    आरव अपनी जलती निगाहे उस पर डालते हुए बोला " भरोसा करना है तो करो नहीं करना तो मत करो, में तुम्हें यहाँ यकीन दिलाने के लिए नहीं बैठा।

    कायरा गुस्से से मुठ्ठी कस लेती है वो मन में बोली " एक बार हमारी शादी हो जाए उसके बाद में तुम्हें बताती हु कायरा कौशिक है क्या।


    वो‌ अपने चेहरे पर झुठी स्माइल बिखेरते हुए बोली " ओके नो प्रोब्लम में घर पर वैट करूंगी तुम्हारा जल्दी आना ' ।

    आरव कायरा को कुछ भी नहीं कहता है कायरा वहाँ से चली जाती है उसके जाने के बाद आरव काउच पर लैट जाता है उसका एक हाथ अपने सिर के निचे था।


    वो आंखे बंद कर लेता है तो उसकी आंखों के सामने मिरा का गुस्से भरा चेहरा तैर जाता है जिसे देखकर वो तिरछा मुस्कुरा देता है।

    वही मिरा इस वक्त सादिया के साथ रूम नंबर चार सौ दो की सफाई कर रही थी, वो दोनों आपस में बाते करते हुए उस कमरे की सफाई कर रही थी।

    सादिया मुस्कुराते हुए मिरा को कुछ बता रही थी और वो उसकी बात सुनकर मुस्कुरा रही थी तभी मिरा के फोन पर कॉल आता है मिरा अपने फोन को देखती है तो वो महाराजा कॉलेज से था ।

    वो सादिया को देखकर बोली " महाराजा कॉलेज से कॉल आ रही है,, यह तो बहुत बड़ी कॉलेज है यहाँ के स्टुडेंट्स तो काफी रिच फैमली से बिलॉन्ग करते हैं।

    सादिया अपने हाथ में पकड़ा झाड़ू रखते हुए मिरा की तरफ आते हुए कहती है ।

    मिरा अपने फोन को देख रही थी उसका फोन कट हो जाता है पर कुछ ही वक्त में वो दोबारा रिंग करना स्टार्ट करता है,,

    उठा ना देख क्या रही है,, उठाएगी तभी पता चलेगा ना कि कॉल क्यों कर रहे हैं।

    सादिया के कहने पर मिरा हा में सर हिला फोन उठा लेती है आगे कि बात सुनकर मिरा को यकीन नहीं होता है वो‌ जो सुन रही है वो सच है वो कुछ वक्त बात कर कॉल कट कर देती है।

    और सादिया की तरफ देखते हुए कहती है " मुझे पिंच कर, मुझे यकीन नहीं हो रहा जो मैने सुना वो सच था।

    तु भी बेवडी़ लड़की नशे में घुमती है क्या, यह कहते हुए वो मिरा को पिंच करती है और मिरा चिख पडती है उसके हाथ में दर्द हो रहा था फिर भी वो खुशी से उछलते हुए बोली " मुझे महाराजा कॉलेज से स्कॉलरशिप मिला है में आगे पढ़ सकती हु।