नैना की मुलाकात अबीर से तब होती है जब अबीर एक्सीडेंट के बाद हॉस्पिटल में एडमिट था। अबीर सिंघानिया एक बेहद अमीर, अकड़ू और गुस्सैल लड़का था जिसके पीछे सारी लड़कियां दीवानी थी। हर कोई उसकी गर्लफ्रेंड बनना चाहती थी। लेकिन अबीर के गुस्से से सब डरकर भाग जा... नैना की मुलाकात अबीर से तब होती है जब अबीर एक्सीडेंट के बाद हॉस्पिटल में एडमिट था। अबीर सिंघानिया एक बेहद अमीर, अकड़ू और गुस्सैल लड़का था जिसके पीछे सारी लड़कियां दीवानी थी। हर कोई उसकी गर्लफ्रेंड बनना चाहती थी। लेकिन अबीर के गुस्से से सब डरकर भाग जाती। अबीर के एटिट्यूड को चैलेंज करती है नैना जिससे वो बन जाती है अबीर की दुश्मन। अबीर को अब नैना से बदला लेना है लेकिन जब भी वो उसे तकलीफ़ देता है दर्द उसे क्यों होता है? और जब वो चली गई तब उसे बुरा क्यों लग रहा है? क्या होगा जब अबीर को पता चलेगा नैना की लाइफ में कोई और है?
Page 1 of 2
सिटी हॉस्पिटल, देहरादून
एक लड़की आकर हेड नर्स शैलजा से बोली, "मीना कहाँ है? आज तो उसकी नाईट शिफ्ट थी ना?"
शैलजा 40 साल की महिला थी जो इस डिपार्टमेंट की हेड थी।
"मीना घायल है।"
"क्या?" नैना हैरान थी। कल तक तो मीना ठीक थी, आज अचानक क्या हुआ होगा?
शैलजा थोड़ा संकोच करती हुई बोली, "दरअसल बात ये है कि रूम नंबर 1 में जो पेशेंट आया है वो बहुत ही गुस्से वाला है। जब मीना उसे इंजेक्शन देने गयी तो उसने गुस्से में पास में रखा गुलदस्ता मीना के सर पर मार दिया जिससे वो बुरी तरह जख्मी हो गयी।"
"मैंने सुना है उसके माथे पर 7 टाँके आये हैं, क्या पता उसका चेहरा खराब हो गया हो?" प्रिया बोली। वो भी एक नर्स थी।
"मैंने पहले ही कहा था वो रूम नंबर 1 वाला पेशेंट कोई आम इंसान नहीं है, फिर भी तुम लोग उसके पीछे दीवानी हो रखी थी, अब देखो क्या हो गया? मीना को तो वैसे भी ढंग से इंजेक्शन लगाना नहीं आता और वो गयी भी तो किसके लगाने? कबीर सिंघानिया के? ये तो होना ही था?" दूसरी नर्स रीता मुंह बनाते हुए बोली।
"पर इसमें बुरा भी क्या हुआ? मिस्टर कबीर बहुत दयालु हैं, जैसे ही मीना को चोट लगी उनके असिस्टेंट ने हर स्टिच के हिसाब से 7 लाख रूपये का मुआवजा दिया है मीना को," हेड नर्स शैलजा बोली।
प्रिया और रीता ये सुनकर जल भुन गयीं, "मीना के तो मज़े आ गये, एक ही रात में 7 लाख की कमाई, इतने में तो बढ़िया कार भी आ जायेगी।"
"तो तुम लोगों ने मुझे यहाँ क्यों बुलाया?" नैना की आज डे शिफ्ट थी जो वो पूरी कर चुकी थी। रात में इन लोगों की मचमच सुनने में उसे कोई इंटरेस्ट नहीं था, उसे सिर्फ ये जानना था कि उसे यहाँ क्यों बुलाया है?
हेड नर्स ने नैना से पूछा, "जो रूम नंबर 1 में है अबीर सिंघानिया, तुमने उनके बारे में सुना तो होगा ना?"
नैना ने अपना सर ना में हिला दिया।
तीनों नर्सों ने नैना को ऐसे देखा जैसे वो कोई एलियन हो? 👽
नैना के चेहरे पर शांत भाव थे, ऐसे बहुत सारे फेमस पर्सनेलिटी हैं शहर में जिन्हें वो नहीं जानती थी, जरूरी है क्या सबको जानना?
"तुम पागल हो क्या? तुम अबीर सिंघानिया को नहीं जानती? वो इस शहर के सबसे बड़े बिज़नेसमैन का इकलौता लड़का है? तुम क्या बाहर से आई हो?" प्रिया ने अविश्वास से कहा।
"अबीर सिंघानिया बहुत ही फेमस बंदा है, तुम नहीं जानती उसे? आई कहाँ से हो तुम?" रीता ने भी नैना का मज़ाक बनाते हुए कहा।
"तो अब क्या करना है मुझे?" नैना ने पूछा।
"अबीर बहुत गुस्से वाला है। जब वो कार रेसिंग कर रहा था तो उसके पैर में एक छोटा सा फ्रेक्चर हो गया, बात बड़ी नहीं है पर सिंघानिया परिवार सेफ्टी के लिये उसे कुछ दिन हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया। उसे सबसे बेहतरीन दवाई मिल रही है, उसकी मेडिसिन स्पेशली ऑस्ट्रेलिया से आई है, उसकी देखभाल में कुछ गड़बड़ नहीं होनी चाहिये," फिर वो दूसरी नर्सों की तरफ देखकर बोली, "ये सब अभी नयी हैं, इन्हें इतना एक्सपीरियंस नहीं है, तुम्हारी स्किल्स बहुत अच्छी है, आई वी ड्रिप चढ़ाना तो तुम्हारे बाएं हाथ का खेल है इसलिये मैंने डिसाइड किया है कि रूम नंबर 1 के पेशेंट की सारी ज़िम्मेदारी तुम्हारी।"
नैना समझ गयी हेड नर्स उससे वो कराना चाहती है जो और सभी करने से डर रही हैं। अगर साफ शब्दों में कहा जाये तो उसे एक सनकी पेशेंट को ट्रीट करने के लिये कहा जा रहा है। मीना का तो उसने पहले ही सर फोड़ दिया, बाकी सब डर रही हैं तो उन्होंने सोचा क्यों ना इस नयी नर्स को भेजा जाये?
नैना ने जब कोई जवाब नहीं दिया तो हेड नर्स फ़ीस से बोली, "चिंता मत करो तुम्हें इस काम के हर दिन एक्स्ट्रा 1000 मिलेंगे।"
"नैना प्लीज़ तुम ही हमारी मदद कर सकती हो नहीं तो वो अबीर सिंघानिया पूरा हॉस्पिटल हिला के रख देगा।"
नैना को पता था इन नर्सों को सही से इंजेक्शन लगाना भी नहीं आता, वो मान जाती है, "ठीक है मैं करूँगी।"
"हाश!" सबने राहत की सांस ली।
"नैना ये लो आई वी ड्रिप जाओ अबीर को चढ़ा देना," हेड नर्स ने आइ वी ड्रिप इन्फ्यूज़न वाली ट्रे नैना को दी और नैना ने अपनी नर्स वाली यूनिफॉर्म पहनी और ट्रे लेकर रूम नंबर 1 की तरफ चल दी।
"हेड नर्स आपको क्या लगता है नैना को कुछ होगा तो नहीं?" एक नर्स ने चिंता करते हुए कहा।
"कौन जाने अगर कुछ हुआ भी तो नैना को फायदा ही होगा, आखिरकार मिस्टर सिंघानिया इतने अमीर जो हैं," हेड नर्स बेपरवाह होकर बोली।
नैना को नहीं पता था कि अबीर कौन है, इसलिए उसे दूसरी नर्सों की तरह कोई डर भी नहीं था।
प्रिया का पहले ही अबीर से आज दिन में सामना हो चुका था, जिसमें वो भी अबीर के गुस्से का शिकार बन चुकी थी।
अफकोर्स, ये नर्स भी अबीर के सामने जानबूझकर जाना चाहती थीं। उन्होंने सोचा, अबीर सिंघानिया जैसे रिच मैन अगर उनकी तरफ आकर्षित हो जाए तो उनकी तो लाइफ ही सेट हो जाएगी। उन्हें ज़िंदगी में फिर कभी नर्स का काम नहीं करना पड़ेगा।
सिंघानिया कॉरपोरेशन देहरादून की सबसे बड़ी कंपनी है जिसकी कई ब्रांचेज विदेश में भी हैं, और अबीर उसका इकलौता वारिस, जिससे मिलना भी उन जैसे आम लोगों के लिए सपने से कम नहीं। अबीर के करीब जाने का ये सुनहरा मौका था।
अबीर के पास बेशुमार धन दौलत है, ऐसे में अगर वो उसकी गर्लफ्रेंड बन गई तो ऐश ही ऐश।
नैना जब अबीर के रूम तक गई तो देखा दरवाज़े पर चार सिक्योरिटी गार्ड खड़े हैं, वो भी बिल्कुल ममी की तरह बिना हिले-डुले। नैना ने भौंहे चढ़ाईं, 😏 "अमीर लोगों की बातें भी ना?"
हर समय चार सिक्योरिटी गार्ड अबीर के रूम पर पहरा देते। 8 घंटे बाद इनकी ड्यूटी चेंज होकर दूसरे वाले आ जाते। जो भी अबीर से मिलने आता पहले उसकी चेकिंग होती, नैना की भी हुई।
"ठीक है तुम जा सकती हो।"
अबीर कितने सालों से कार रेसिंग में पार्टिसिपेट करता आया था, कभी कुछ नहीं हुआ। पता नहीं शायद उसका लक ही खराब होगा जो पहाड़ों में रेसिंग के वक़्त उसकी कार दूसरी कार से टकरा गई और उसके पैर की एक लिज़ामेंट फट गई। वैसे तो ये कोई बड़ी चोट नहीं थी पर उसके दादाजी ने उसे फ़ोर्स करके यहाँ एडमिट करा दिया।
इस हॉस्पिटल में सबको अपनी फ़ायनेंशियल कंडिशन के मुताबिक सहुलियत मिलती। अबीर रूम नंबर 1 में रुका था जो स्पेशल साइट थी, हॉस्पिटल का सबसे बड़ा रूम जिसमें सभी तरह के एप्लायेंस और फर्नीचर था, यहाँ तक की बेड में भी रिमोट कंट्रोल था।
अबीर के स्पेशल वाय-फाय कनेक्शन की सुविधा, और उसका खाना वो तो ऑस्ट्रेलिया से आता सीफूड। उसका हॉस्पिटल का बिल एक दिन का ही लाखों रूपये का था, पैसे को वो पानी की तरह बहाता।
जो इस हॉस्पिटल का स्टाफ था वो जानता था अंदर एक बहुत ही अमीर आदमी रह रहा है, वहीं कोई बाहरी व्यक्ति तो यही सोचे यहाँ कोई मंत्री रह रहा है 🤪
नैना ने अपनी पूरी ज़िंदगी में पहली बार इतना हाइ प्रोफाइल इंसान देखा था।
जैसे ही नैना अंदर दाखिल हुई एक अजीब उड़ती हुई चीज़ उसकी तरफ आई।
नैना ने जल्दी से रियेक्ट किया और साइड हो गई। वो चीज़ उसे लगते लगते बची।
उसने नीचे देखा तो वो एक बहुत ही महंगा आइ फोन था जो अब अपने प्राण त्याग चुका था 🤣
"गेट लॉस्ट!" अबीर चिल्लाया। वो पहले से ही गुस्से में था और फोन पर अपने असिस्टेंट को सुनाने के बाद जो भी अभी अंदर आया उसने बिना देखे ही चिल्ला दिया।
नैना ने उसे इग्नोर किया और उसके पास जाकर आइ वी ड्रिप लगाने लगी।
"मैंने कहा निकलो यहाँ से तुमने सुना नहीं?"
"अगर सारे पेशेंट हमें जाने के लिए कहेंगे तो उनका ध्यान कौन रखेगा? अगर तुम खुद ही अपना ध्यान रख सकते हो तो यहाँ आए ही क्यों? इससे अच्छा किसी फाइव स्टार होटल में रहते," नैना ने भी गुस्से से कहा।
अबीर ने अपनी भौंहे सिकोड़ी, ये पहली बार था जब किसी ने उससे इस एटिट्युड से बात की थी।
ये कौन लड़की है जिसमें अबीर सिंघानिया से इस तरह बात करने की हिम्मत है? क्या ये लड़की जीना नहीं चाहती या फिर उसे फसाने के लिए चाल चल रही है? अबीर ने अपनी नज़रें ऊपर की तो एक पल के लिए थम सा गया।
अबीर ने अपनी नज़रें ऊपर की तो एक पल के लिये थम सा गया।
बड़ी-बड़ी कजरारी आंखें, गोल मटोल चेहरा, गोरा रंग, उसके सामने एक बड़ी ही खूबसूरत सी लड़की खड़ी थी।
नैना ने उसका दायां हाथ पकड़ा और स्वूश करके आई वी ड्रिप की सुई घुसा दी, जबकि अबीर अभी भी खोया हुआ था।
अब अबीर को हल्का दर्द हुआ लेकिन जब तक सुई घुस चुकी थी ये देख वो बुरी तरह भड़क गया, "तुमसे किसने कहा था मुझे सुई चुभाने के लिए?"
"ज्यादा हिलो मत, अगर नीडल हिल गयी तो ठीक नहीं होगा," नैना ने चेताया।
"निकालो इसे, मुझे कोई आइ वी ड्रिप नहीं लगवानी," झल्लाते हुए अबीर ड्रिप निकालने वाला था।
"अगर तुम्हें डर नहीं है कि मैं तुम्हें दोबारा सुई चुभो दूंगी तो निकालो, शौक से निकालो," नैना ने अपने दोनों हाथ फोल्ड करते हुए कहा।
अबीर एकदम से रुक जाता है।
"तुम्हें पता भी है मैं कौन हूँ?" उसने नैना को घूरते हुए कहा।
नैना को उसकी बातों का रत्ती भर फर्क नहीं पड़ा, उसने अपने ढीले से वाइट कोट में से पेन निकाला और अबीर की मेडिकल फाइल देखते हुए बोली, "मिस्टर अबीर सिंघानिया, राइट? तुम्हें रात में दो बार आई वी ड्रिप चढ़ाई जायेगी और कल सुबह मैं तुम्हारा ब्लड सेंपल लूंगी। ब्लड सेंपल खाली पेट पर लिया जायेगा, तो आज रात आठ बजे के बाद तुम कुछ नहीं खा सकते, हां पानी पी सकते हो।"
नैना इंस्ट्रकशन देने के बाद जाने लगती है।
"डेमिट!!! वापस आओ!" पीछे से अबीर चिल्लाया, पर जब तक नैना जा चुकी थी।
ज़िंदगी में पहली बार किसी ने उसके शब्दों को कूड़े कचरे की तरह ट्रीट किया था।
उसने कितना ही गुस्सा किया, कितना भी कुछ कहा पर नैना ने उसे पूरी तरह से इग्नोर कर दिया।
"कहाँ मर गये सब के सब? जल्दी से कोई अंदर आओ," अबीर सिक्योरिटी पर चिल्लाया, उसका सीना गुस्से से फूल गया था।
एक बॉडीगार्ड तुरंत दौड़ते हुए अंदर आया, "छोटे मालिक, क्या हुआ?"
"अंधे हो क्या? मेरा फोन उठाओ, मुझे कंपलेन फाइल करनी है उस नर्स के खिलाफ, इस हॉस्पिटल की सारी नर्स बेकार हैं।"
"जी," बॉडीगार्ड दरवाज़े के पास पड़ा फोन उठाकर अबीर को दे देता है।
अबीर ने उसके हाथ से फोन लिया तो देखा फोन की स्क्रीन टूट चुकी जिससे वो अब कॉल नहीं कर सकता।
"अपना फोन दो।"
"मेरा फोन चार्जिंग पर है," बॉडीगार्ड ने जवाब दिया।
"गेट लॉस्ट!!!!! गेट द हेल आउट ऑफ हियर!!" अबीर का दीमाग अपने इन डम्मी लोगों को देखकर फटा जा रहा था।
हेड नर्स और बाकी सभी नैना को सही सलामत बाहर आता देख चौंक गयीं।
"नैना तुम ठीक हो?"
"हम्म।"
"क्या... वो तुम पर भी भड़का?"
"मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया," नैना ने बेपरवाह होकर कहा।
सभी की बोलती बंद हो गयी।
"मैं चलती हूँ," नैना ने हेड नर्स से कहा और चली गयी।
नैना अकेली रहती थी, उसने अपने फ्लेट का डोर खोला और लाइट अॉन करी, किचन में जाकर उसने ठंठा पानी पिया और सो गयी।
अगले दिन उसकी डे शिफ्ट तो वो जल्दी से तैयार होकर हॉस्पिटल गयी, वो टाइम की एकदम पक्की थी, कभी लेट नहीं करती थी।
उसने अपनी नर्स की यूनिफॉर्म पहनी और रूम नंबर 1 के पेशेंट का ब्लड सेंपल लेने गयी।
उसने रूम में एंटर किया, अबीर बहूत ही सीरियस मूड में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहा था। नैना बिना किसी चीज़ की परवाह किए उसके पास गयी और अबीर का हाथ पकड़ लिया।
उसने रूम में एंटर किया, अबीर बहुत ही सीरियस मूड में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहा था। नैना बिना किसी चीज़ की परवाह किए उसके पास गयी और अबीर का हाथ पकड़ लिया।
अबीर अपना हाथ वापस खींचते हुए बोला, "तुमसे किसने कहा मेरा हाथ पकड़ने को?"
"मैंने कल बताया था आज मुझे तुम्हारा ब्लड सेंपल लेना है।"
"गेट आउट! मुझे नहीं देना।" अबीर ने बेरूखी से कहा।
"मत दो, ज्यादा से ज्यादा तुम्हें और एक महीना यहां रुकना पड़ेगा।" कहकर नैना जाने लगती है।
"रूको, वापस आओ।" अबीर ने अपना लेपटॉप बंद किया जब उसने देखा नैना जा रही है।
नैना रुक जाती है और पलटकर देखती है।
"क्या मतलब था तुम्हारा?"
"मतलब साफ है, तुम हमारे ट्रीटमेंट में कॉपरेट नहीं कर रहे इसलिए तुम्हारी रिकवरी भी देर से होगी, पर कोई बात नहीं तुम्हारे पास तो बहुत पैसा और फालतू समय है ना, रुको यहां आराम से।"
नैना की बात सुनकर अबीर का पारा फिर चढ़ गया, पर फिर कुछ सोचकर वो बोला, "आओ मेरा ब्लड सेंपल लो।"
नैना वापस उसके पास आई।
"ध्यान से करना, अगर गलत किया तो तुम्हारा हाल भी उस नर्स की तरह होगा।" अबीर ने चेतावनी भरे लहज़े में कहा।
"मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, आखिर बदले में उसे 7 लाख रूपये जो मिले हैं। अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें और भी ज़ोर से सुई चुभा सकती हूँ।" 🤣
"तुम!!!" ज़िंदगी में पहली बार अबीर इतना गुस्सा था कि उसके मुंह से बोल नहीं फूट रहे थे।😡
"तुम गुस्सा क्यों हो रहे हो? मैंने कुछ गलत कहा क्या? तुमने उसे 7 लाख रूपये सिर्फ खुद को दर्द पहुँचाने के नहीं दिए?"
"तुम बहुत पछताओगी।" अबीर गुस्से में फुफकारा।
"किसी ने तुम्हे बताया है क्या? हॉस्पिटल में एडमिट रहते समय हॉस्पिटल स्टाफ से पंगा नहीं लेना चाहिए। अगर ट्रीटमेंट में कोई दुर्घटना हो गयी तो तुम्हारा क्या होगा?"
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? अगर ऐसा हुआ ना तो तुम बहुत बुरी मौत मरोगी!!!"
"उसमें बुरा क्या है? मैं तुम्हें अपने साथ लेकर डूबूंगी, तुम्हारी कीमत तो मेरे से ज्यादा है। कहा मैं एक छोटी सी नर्स और कहा तुम पैसों की दुकान।"
नैना ने फिर इशारा करते हुए कहा, "यहां पर कॉटन दबा कर रखो, नहीं तो निशान पड़ जायेगा।"
अबीर ने कॉटन दबा ली।
नैना को जाते देख वो फिर बोला, "तुम्हें पता है मैं तुम्हें एक सेकेंड में इस हॉस्पिटल से निकाल सकता हूँ, इस शहर से भी?"
नैना मुड़ी और मुस्कुराई, "क्या तुम्हारे पेरेंट्स ने तुम्हें बताया है कि तुममे कितना बचपना भरा है?"
इससे पहले कि अबीर कुछ बोल पाता नैना चली जाती है, उसे गुस्से से उबलता हुआ छोड़कर।
"क्या था ये? क्या कहा इस लड़की ने मेरे अबीर सिंघानिया के अंदर बचपना भरा है? इसकी हिम्मत कैसे हुई? बत्तमीज लड़की! लगता है ये जीने से थक चुकी है?"
"कहाँ मर गये सब के सब? कोई ज़िदा है तो जल्दी अंदर आओ।" अबीर दहाड़ा।
एक बॉडीगार्ड जल्दी से अंदर आया, "जी छोटे मालिक?"
"तुम्हें उस नर्स का चेहरा याद है जो अभी गयी?"
"याद है।"
"हम्म, उसका चेहरा याद रखना, आगे से उसे मेरे कमरे में मत आने देना।"
"जी छोटे मालिक।"
अबीर के अंदर क्रोध का ज्वालामुखी फट रहा था। उसका गुस्सा सब जानते थे, जब से वो छोटा था उसने राजकुमार की ज़िंदगी जी थी, सबने उसे पलकों पर बिठा कर रखा, उसकी हर ख्वाहिश पूरी की, किसी ने उससे ऊंची आवाज़ में बात नहीं की, यहां तक की उसके पेरेंट्स ने भी। पर आज एक छोटी सी नर्स उसे इतना सुना गयी इसलिए अबीर ने उसके आने पर ही बैन कर दिया।
अबीर के बाद नैना दूसरे पेशेंट के पास गई। ये एक बुजुर्ग थे जो अकेले चेस खेल रहे थे।
"दादाजी आप अकेले-अकेले खेलने से बोर नहीं हो रहे?" नैना ने मुस्कुराकर पूछा।
"क्या फर्क पड़ता है? आजकल के बच्चों को ये गेम कहाँ आते हैं? वो तो बस ऑनलाइन गेमों में घुसे रहते हैं।"
नैना उनके पास जाती है, गेम देखती है और एक चाल चलती है।
दादाजी सरप्राइज होकर बोले, "तुम्हें आता है खेलना?"
"थोड़ा-थोड़ा।"
"आओ मेरे साथ एक-दो राउंड खेलो।" दादाजी चेहकते हुए बोले।
नैना ने इनकार नहीं किया और वो उनके सामने खेलने बैठ गई। 3 राउंड खेलने के बाद दादाजी का चेहरा मुरझा गया, "तुम झूठ बोल रही थी क्या 'थोड़ा'? तुम तो चेस में एक्सपर्ट हो?"
नैना 2 राउंड जीत गई, तीसरे राउंड में टाय हो गया क्योंकि नैना दादाजी का उदास चेहरा नहीं देख पा रही थी, लेकिन दादाजी अच्छे से ये बात जानते थे।
नैना झेंप गई। वो सच में कोई एक्सपर्ट नहीं थी, उसने एक बार अपने दादाजी को खेलते देखा था, बस वही उसके दिमाग में था।
"कम ऑन, ये वाली बाज़ी काउंट नहीं हुई, दोबारा खेलते हैं।" दादाजी उत्साहित होकर बोले।
तभी हेड ने दरवाज़ा खटखटाया, "नैना ज़रा बाहर आना।"
"ओके, दादाजी मैं अभी जा रही हूँ। थोड़ी देर में आपके आराम का टाइम हो जाएगा इसलिए आप अपनी बीपी की मेडिसिन लेना मत भूलना।"
"ठीक है, दोपहर में जब तुम फ्री हो जाओ तो मेरे पास आ जाना, चेस खेलेंगे।" दादाजी बच्चों की तरह बोले।
"हम्म।"
नैना बाहर आई तो देखा हेड नर्स कुछ परेशान सी लग रही है।
"क्या हुआ, कुछ प्रॉब्लम है?" नैना ने कहा।
"मैंने सुना है अबीर ने तुम्हें अपने रूम में जाने से बैन कर दिया है, अब क्या होगा? बाकी की नर्सों को ठीक तरीके से इंजेक्शन लगाना आता नहीं, एक तुम ही थी। अब उसने तुम्हें भी बैन कर दिया। आज रात को भी उसे इंजेक्शन लगाना है, कौन लगाएगा? अगर कुछ गड़बड़ हुई तो मेरी नौकरी चली जाएगी।"
"तो ये बात है?" नैना ने इत्मीनान से कहा।
"ये कोई छोटी बात नहीं है, तुम्हें पता है मेरे लिए जॉब कितनी ज़रूरी है। मेरी 1 साल की बीमार बेटी है, मेरे पति की कमाई भी इतनी नहीं है।"
"आप चिंता मत कीजिए, किसी की जॉब नहीं जाएगी। मैं जाऊँगी रूम नंबर 1 में।"
"पर उसने तो तुम्हें बैन कर रखा है।"
"वो आप मुझ पर छोड़ दीजिए।"
नैना आई वी ड्रिप लेकर अबीर के रूम में जाती है तो बॉडीगार्ड उसे रोक लेते हैं, "तुम अंदर नहीं जा सकती।" चारों एकसाथ बोले।
"क्यों नहीं जा सकती?"
"हमारे छोटे मालिक का हुक्म है।" एक बॉडीगार्ड ने कहा।
नैना "देखो अगर मैं अंदर नहीं गई तो तुम्हारे छोटे मालिक का इलाज ठीक से नहीं होगा, फिर उनके साथ जो होगा उसके ज़िम्मेदार तुम होगे।"
"तुम किसी और को भेजो फिर।" बॉडीगार्ड ने कहा।
"कोई और ये इंजेक्शन सही से नहीं लगा सकता इसलिए तो मैं आई हूँ, अब मुझे जाने दो नहीं तो तुम्हारे छोटे मालिक की तबियत बिगड़ी तो इसके ज़िम्मेदार तुम होगे।"
सारे बॉडीगार्ड सोच में पड़ गए। नैना मौके का फायदा उठाकर जल्दी से अंदर घुस गई।
अंदर अबीर सर्विलांस कैमरा में सबकुछ देख रहा था। नैना के अंदर आते ही उसने अपना लैपटॉप बंद कर दिया।
"अपना हाथ आगे करो, तुम्हारे इंजेक्शन का टाइम हो गया है।"
"तुम्हें बातों में फंसाना खूब आता है, तुम्हें तो सेल्स मेनेजर होना चाहिए था, नर्स बनना तो तुम्हारे टैलेंट का वेस्ट है।"
"क्या तुम मेरी तारीफ कर रहे हो? तुम कहना चाहते हो मैं बहुत इंटेलिजेंट हूँ?" नैना ने उसकी तरफ देखा।
"तुम इंटेलिजेंट हो या नहीं वो तो मुझे नहीं पता पर मेरे बॉडीगार्ड एक नंबर के डफर ज़रूर हैं।" अबीर ने मुँह बनाके कहा।
नैना उसकी बात सुनकर हंसने लगी तो अबीर ने नोटिस किया नैना के गालों पर हंसते हुए डिंपल्स पड़ते हैं।
नैना ने फिर कुछ नहीं कहा। उसने आई वी ड्रिप हैंग करी और इंजेक्शन तैयार किया।
"मैंने इतने पैसे इस दर्द को सहने के लिए नहीं भरे हैं। तुम क्या इस इंजेक्शन की जगह कोई दवाई नहीं दे सकती? रोज़ मुझे सुई चुभाती रहती हो? तुम क्या मुझे दर्द से मारना चाहती हो?"
"इंजेक्शन ज़रूरी है, अगर नहीं होता तो मुझे कोई शौक नहीं है यहाँ पर आने का?" नैना जब बोल रही थी तभी उसने इंजेक्शन लगा दिया था। जब भी अबीर ध्यान नहीं होता था वो तभी इंजेक्शन लगा देती थी जिससे अबीर को कम से कम दर्द हो। अबीर को भी दर्द नहीं होता था बस उसकी आदत थी हर बात पर भड़कने की।
"तुम्हारी बातों से तो ये लग रहा है तुम मेरा ध्यान नहीं रखना चाहती?"
"बिल्कुल नहीं रखना चाहती।" 😏
"तुम्हें पता भी है मेरी देखभाल करने के तुम्हें रोज़ 2 हजार एक्स्ट्रा मिलते हैं?"
"मुझे नहीं पता था।" नैना को सच में नहीं पता था, तो यही वजह थी सारी नर्स अबीर के लिए काम करना चाहती थी।
"अब भी तुम मेरे लिए काम नहीं करना चाहती?" अबीर ने अकड़कर पूछा।
"नहीं।"
"क्यों?"
"क्योंकि तुम्हारी देखभाल करना बहुत बोरिंग है, तुमसे अच्छे तो दूसरे रूम वाले दादाजी हैं, कम से कम उन्होंने मेरे साथ चेस खेला और कॉफी भी पिलाई।" फिर नैना थोड़ा रूककर बोली, "थोड़ी देर में दूसरी नर्स आकर ये नीडल निकाल देगी। जब तक सोना मत और ड्रिप पर नज़र रखना।" कहकर नैना अपने कोट की पॉकेट में हाथ डालकर चली जाती है।
यहाँ अबीर फिर भड़क जाता है। कैसी लड़की है ये? इतनी नकचढ़ी लड़की इस दुनिया में हो भी कैसे सकती है? मुझे बोरिंग बोल रही थी और क्या? मुझे एक बुड्ढे से कंपेयर कर रही थी? कल को उसे देखना होगा कौन बुढ़ऊ है ये? 😡
शाम को नैना ने सबसे पहले थोड़ी शोपिंग की, फिर वो अपने घर गयी और फ्रेश होकर किचन में गयी। नैना अपने लिए सिंपल सा डिनर रेडी करती है।
खाना खाकर वो अपनी बाल्कनी में आती है कि उसे एक कॉल आता है।
नैना - "हेलो समीर।"
समीर - "हेलो की बच्ची! कहाँ गायब है तू? मैंने सारे दोस्तों से पूछ लिया पर कोई बता ही नहीं रहा, चल अब जल्दी बोल कहाँ है, मुझे अभी मिलना है।"
नैना - "कुछ जरूरी बात है तो बता, मेरे पास फालतू टाइम नहीं है।"
समीर - "तेरी तो 😡 (फिर एक गहरी सांस लेते हुए) एक हफ्ते में मेरी सगाई है, तुझे आना है, मतलब आना है।"
थोड़ी देर के लिये खामोशी छा जाती है।
समीर - "हेलो? तू सुन रही है ना?"
नैना - "हां, मैं नहीं आ सकती।"
समीर - "मुझे कुछ नहीं पता, तुझे आना है मतलब आना है, तेरे बिना मैं सगाई नहीं करूँगा।"
नैना (हंसते हुए) - "तेरी सगाई मुझसे नहीं, सनाया से हो रही है, मेरे आने ना आने से क्या फर्क पड़ेगा?"
समीर - "तू मुझसे गुस्सा है?"
नैना - "नहीं।"
समीर - "तुझे बहुत अच्छे से समझता हूँ मैं, कुछ तो है, चल जल्दी बता क्या बात है?"
नैना के होठों पर एक दर्द भरी मुस्कान आ जाती है 'इतना ही समझता तो जान पाता कि मैं तुझसे कितना प्यार करती हूँ।'
नैना (आंसुओं को रोकते हुए) - "ऐसा कुछ नहीं है।"
समीर - "ओके तो मैं तेरा वेट करूँगा, तुझे पक्का आना है।" (कहकर समीर जल्दी से कॉल एंड कर देता है)
नैना (फोन की स्क्रीन को देखते हुए) - "तूने बुलाया है तो आना तो होगा ही।"
अगले दिन नैना सुबह अपने लिए लंच में आलू के पराठे बनाकर ले जाती है, उसे हॉस्पिटल कैंटीन का खाना अच्छा नहीं लगता था।
दोपहर के टाइम वो अपना लंच कर रही होती है, उसी वक़्त अबीर हॉस्पिटल की नीली ढीली ढाली सी यूनिफॉर्म पहने अपना थेरेपी सेशन पूरा करके आ रहा था। उसके पीछे 4 बॉडीगार्ड थे, जिनमें से 2 उसे चलने में मदद कर रहे थे। अबीर की नाक में खाने की लाजवाब खुशबू आई। उसने खुशबू का पीछा किया तो देखा नैना सामने बेंच पर बैठी लंच कर रही है। अबीर उसके तरफ गया और उसके लंच बॉक्स में देखा आलू पराठे के छोटे छोटे रोल्स बने थे, जिनपर टोमेटो सॉस से फनी स्माइलीज़ बनी हुई थी, जो देखने में बहुत क्यूट लग रही थी। नैना इतना मग्न होकर खा रही थी कि अबीर पर उसका ध्यान भी नहीं गया, अबीर के मुंह में पानी आने लगा।
"ऐ सुनो"
नैना ने ऊपर देखा, अबीर ऐंठते हुए बोला, "मुझे ये खाना है, 1000 रूपये।"
"मैं नहीं दूंगी," बोलते हुए नैना फिर एक रॉल अपने मुंह में रख लेती है।
"5000!"
एक और रॉल गायब 🤪
"1 लाख!!!"
अबकी बार अबीर लगभग दांत किटकिटाते हुए बोला, उसके अनुसार कोई भी परेशानी पैसे से हल की जा सकती है, पर ये लड़की....
अबीर देखता है लंच बॉक्स में आखिरी रॉल ही रह गया है तो वो बिना समय गवाए उसे लपककर खा लेता है।
"उम्म 😋 बहुत टेस्टी था," अबीर अपने होठों पर जीभ फिराते हुए नैना को आंख मारता है जो गुस्से में उसे घूर रही थी!
नैना अबीर को ड्रिप लगा रही थी।
"सुनो कल से मेरे लिये लंच लेकर आना," अबीर सेवन स्टार होटल्स का सी-फूड खा-खाकर थक चुका था। नैना के हाथों में जैसे जादू था।
"मैं क्यों तुम्हारे लिये लंच लाऊँ? ये मेरी ड्यूटी नहीं है," नैना ने साफ़ इंकार कर दिया।
"अपने पेशेंट को सही करना तुम्हारी ड्यूटी नहीं है?"
"उसमें पेशेंट को पर्सनली अपने हाथों से बना खाना खिलाना शामिल नहीं है," बोलकर नैना जाने लगती है।
"रूको मुझे बाहर गार्डन तक ले चलो, यहां मेरा दम घुट रहा है।"
नैना उसे देखने लगी। अबीर अपनी भौंहे उठाते हुए बोला, "क्यों ये भी तुम्हारी ड्यूटी से बाहर है?"
नैना ना चाहते हुए भी उसे बाहर ले जाने में मदद करती है। चलते हुए अबीर लगभग अपना आधा वज़न उस पर डाल देता है। उसका एक हाथ नैना के कंधों पर था, एक कमर पर।
नैना उसका हाथ अपनी कमर से हटाते हुए बोली, "मुझे टच मत करो।"
"मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हें छूने का, अब मुझे चलने में परेशानी हो रही है तो मैं क्या करूँ?" कहते हुए अबीर फिर उसकी कमर पकड़ लेता है।
नैना का मन करता है कि अभी अबीर को यहीं पटक दे।
बाहर गार्डन में एक राउंड टहलने के बाद अबीर का आदेश आता है, "कितनी धूप है यहां मेरा गला सूख रहा है, जाओ मेरे लिये ठंडा पानी लेकर आओ।"
नैना अबीर को खा जाने वाली निगाहों से घूरती है जो राजकुमार की तरह बेंच पर बैठकर उसे आदेश दे रहा था।
"अब घूर क्या रही हो? तुम्हारे घूरने से पानी नहीं टपकेगा, जाओ जल्दी।"
नैना पैर पटकते हुए पानी लेने जाती है। कसम से ऐसे पेशेंट ही नहीं, ऐसे अकड़ू लड़के से पहली बार उसका पाला पड़ा था। "समझता क्या है खुद को? मैं क्या इसकी नौकर हूँ? इसे तो अभी मज़ा चखाती हूँ, बढ़ा आया मुझ पर हुक्म चलाने वाला," बड़बड़ाते हुए नैना स्टील की बॉटल में ठंडे पानी की जगह गर्म पानी भर देती है।
"लो पानी," नैना अबीर को बॉटल देते हुए बोली। बाहर से छूकर नहीं पता चल रहा था कि उसमें खौलता हुआ गर्म पानी है।
"मुझे नहीं पीना, अब मेरी प्यास बुझ गयी," अबीर सर के पीछे अपने हाथ कर आराम फरमाते हुए बोला।
नैना का चेहरा देखने लायक था। उसने मुंह खोला पर कुछ बोल नहीं पायी।
"क्या हुआ? गले में कुछ अटक गया? जल्दी पानी पियो," अबीर दिखावटी चिंता से बोला। 😏
नैना ने 4-5 गहरी सांस ली, 'नो नैना गुस्सा नहीं, शांत।'
"तुम्हारी पिकनिक हो गयी हो तो चलें?" बिना अबीर के जवाब का इंतज़ार किये नैना उसका हाथ पकड़कर उठाने लगती है।
अबीर खड़े होकर अपनी हाथ को देखता है जो नैना ने पकड़ रखा था, "लगता है तुम्हें मेरी बॉडी छूने में बहुत मज़ा आ रहा है?"
ये सुनते ही नैना की पकड़ उस पर से ढीली हो गयी और उसकी नज़र अबीर के पीछे एक बुढ़ी औरत पर गयी जो लोहे के झूले से टकराने वाली थी, शायद वो देख नहीं सकती थी। नैना एकदम से अबीर को छोड़ देती है और उस औरत की तरफ भागती है, जिससे अबीर का बेलेंस बिगड़ जाता है और... धड़ाम की आवाज़ के साथ वो ज़मीन पर था 🤣 अच्छा था नीचे घास थी नहीं तो😒
"दादीजी आइये मैं आपको आपके रूम तक छोड़ देती हूँ," नैना उस औरत का हाथ पकड़ते हुए बोली।
"खुश रहो बेटी, भगवान तुम्हे सारी खुशियाँ दें," बुढ़ी औरत नैना के सर पर हाथ फेरते हुए बोली।
नैना के दिमाग से निकल गया कि अबीर अकेला गार्डन में है। उधर अबीर को देखकर लग रहा था जैसे वो किसी का खून ही कर देगा, "इस लड़की की इतनी हिम्मत, मुझे (अपनी उंगली से छाती ठोकते हुए) अबीर सिंघानिया को गिराकर चली गयी??"
अबीर अपने गुस्से को शांत करने के लिए पानी की बॉटल उठाता है, जैसे ही एक घूंट पीता है उसका मुंह जल जाता है। 😝
ऊंह..... उंह... नैना!!!!!! (अबीर चींखता है)
उधर नैना को छींक आती है, 'कौन मुझे कोस रहा है हुंह!!'
शाम को जब नैना के वर्किंग आवर पूरे होते हैं, वो अपनी ड्रेस चेंज करने जाती है पर जैसे ही वो चेंजिंग रूम का दरवाज़ा खोलती है,
छपाक!!!!!
एक बाल्टी ठंडा बर्फ का पानी उसके ऊपर गिरता है। नैना अंदर तक कांप जाती है, वो मुश्किल से अपनी आंखें खोलती है। नीचे फर्श पर बर्फ के टुकड़े पड़े थे।
अबीर!!!!
नैना चिल्लाती है जिस पर अबीर जो ये सब अपने लैपटॉप पर देख रहा था, पेट पकड़ कर हंसने लगता है।
"वाह अबीर वाह तेरा जवाब नहीं, इसे कहते है आग 🔥 का बदला पानी 💧 से" कहकर अबीर एक कॉल करता है, "मुझे ओवरनाइट एक नर्स चाहिये, नैना नहीं तो तुम्हारा ये हॉस्पिटल बंद करवा दूंगा।"
अपने हाथों में फोन घुमाते हुए अबीर नैना की हालत सोचकर हंसने लगता है, "अभी तो शुरुआत है मिस नैना, आगे आगे देखो अबीर सिंघानिया से पंगा लेने का नतीजा।"
इधर नैना अबीर को हजार गालियाँ देते हुए अपने कपड़े चेंज करती है। ये तो अच्छा है कि वो एक जोड़ी कपड़े यहाँ हॉस्पिटल में एक्स्ट्रा रखती है।
इतने ठंडे पानी में भीगने से नैना को लगातार छीकें आ रही थीं। उसे वैसे भी जल्दी ठंड लगती थी और ये तो फिर भी बर्फ का पानी था। नैना बस जल्दी से घर जाकर दवाई खाकर सोना चाहती थी। वो हॉस्पिटल से बाहर निकल ही रही थी कि शैलजा ने उसे रोक लिया।
"नैना तुम अभी नहीं जा सकती।"
"क्यों? मेरा काम पूरा हो चुका है।"
"अबीर ने तुम्हे नाइट शिफ्ट के लिए कहा है।"
"हेड नर्स मैं हॉस्पिटल में काम करती हूँ, उसकी पर्सनल केयरटेकर नहीं हूँ कि जो वो बोलेगा मैं करूँगी।" नैना को यकीन नहीं हो रहा था कोई इंसान इतना बेशर्म कैसे हो सकता है? 'पहले उसके ऊपर ठंडा पानी डाला और अब पूरी रात रुककर उसकी सेवा करूँ? हुंह!'
शैलजा नैना को जाते हुए देखती है तो उसके प्राण सूख जाते है। वो जल्दी से नैना का रास्ता रोककर खड़ी हो जाती है।
"ये क्या कर रही है आप?" नैना खींजते हुए बोली। उसका सर बहुत भारी हो रहा था और ये हेड नर्स उसके पीछे ही पड़ गयी है।
"नैना मैं जानती हूँ अबीर थोड़ा अजीब है पर बस थोड़े दिनों की बात है, तुम प्लीज़ उसकी बात मान लो नहीं तो मेरी नौकरी चली जायेगी। देखो मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ, मेरी 3 साल की बेटी का इलाज चल रहा है और पति की जॉब चली गयी है, अगर मेरी नौकरी चली गयी तो..." बोलकर शैलजा रोने लगती है।
नैना से उनका रोना देखा नहीं जाता। वो शैलजा के हाथ पकड़ लेती है, "आप हाथ मत जोड़िये, मैं... मैं नहीं जा रही।"
नैना अबीर के रूम का दरवाज़ा खोलती है। अबीर उसकी तरफ देखता है। नैना की यूनिफॉर्म भीग गयी थी, अभी उसने लेमन कलर का प्लाजो कुर्ता पहन रखा था। अबीर ने पहली बार उसे केजुअल कपड़ों में देखा था, 'देखने में तो रस मलाई लगती है लेकिन है तीखी मिर्ची।'
अच्छु!!!
नैना के छींकने की आवाज़ सुनकर अबीर अपनी तंद्रा से बाहर आता है। नैना की नाक लाल हो रखी थी।
"पूरी रात वहीं खड़े रहने का इरादा है?"
नैना उसे घूरती हुई उसके पास आती है।
"गर्म पानी," अबीर नैना को तंज भरे शब्दों में कहता है। नैना ये सुनकर सकपका जाती है। अबीर उसकी हालत देखकर हंसते हुए बोला, "अरे इसमें डरने की क्या बात है, मैंने कहा मुझे गर्म पानी पीना है।"
नैना खुद को शांत करते हुए अबीर को गर्म पानी लाकर देती है।
अबीर पानी पीकर बोला, "यहाँ रहकर मेरी बॉडी स्टिफ हो गयी है, तुम तो नर्स हो ना, चलो मेरे कंधो की मसाज करो।"
"ये बहुत ज्यादा हो रहा है। तुम्हें क्या लगता है मुझे समझ में नहीं आता, ये सब तुम जानबूझकर कर रहे हो मुझे परेशान करने के लिये," नैना अबीर को उंगली दिखाते हुए बोली।
"खुद को ज्यादा इम्पोर्टेंस देने की ज़रूरत नहीं है, वो तो तुम और नर्स से इत्तु सी ठीक हो इसलिए तुम्हें बुलाया है," अबीर मुंह बनाते हुए बोला जैसे उसने नैना पर कितना बड़ा एहसान किया हो।
नैना का मन कर रहा था उसका सर फोड़ दे।
"अब खड़ी क्या हो, चलो शुरू हो जाओ," अबीर अपने कंधे थपथपाते हुए बोला।
नैना मरे मन से अबीर के कंधों पर हाथ रखती है और मसाज करने लगती है, 'वैसे तो ये अबीर एक नंबर का अकड़ु दुष्ट राक्षस है पर बॉडी एकदम हीरो जैसी है' नैना अबीर की लोहे जैसी सख़्त बॉडी छूकर सोचती है।
उधर अबीर का हाल कुछ अजीब ही था। नैना के नर्म हाथों ने जैसे ही उसके जिस्म को छुआ, उसे लगा जैसे करंट लग गया हो। उसे समझ नहीं आ रहा था ये हो क्या रहा है, ऐसा तो उसने कभी महसूस नहीं किया।
"दोपहर में आलू के पराठे खा रही थी ना तो उसकी थोड़ी ताकत लगाओ, इतने हल्के में तो मुझे कुछ पता भी नहीं चल रहा।"
नैना उसके ज़ोर-ज़ोर से मुक्के मारकर दबाने लगती है तब भी अबीर की वो अजीब फीलिंग नहीं जाती, बल्कि हर पल के साथ उसे नैना के इतना करीब होने से सिरहन होने लगती है।
"ठीक है छोड़ो अब," परेशान होकर अबीर खुद ही मना कर देता है। नैना राहत की सांस लेती है, "अब तुम्हें सो जाना चाहिये," बोलते हुए वो उसे कंबल उड़ाने लगती है।
अबीर सब समझ रहा था 'इतनी जल्दी तो तुम्हें मुझसे छुटकारा नहीं मिलने वाला मिस नैना।'
"मुझे अभी नींद नहीं आ रही" 😞
"तो क्या लोरी गाकर सुनाऊँ?" 😁
(अगर आंखों की ज्वाला से कोई जल सकता तो बेचारा अबीर अब तक जलकर भस्म हो चुका होता)
"मैं क्या एक साल का बच्चा हूँ जो लोरी सुनुंगा?" अबीर उसे घूरते हुए बोला, "उधर टेबल की ड्रार में एक बुक रखी है वो लेकर आओ।"
नैना बुक निकालती है। वो एक बिज़नेस मेनेजमेंट की बुक थी। अबीर के डैड चाहते थे कि अबीर जल्द से जल्द बिजनेस की ज़िम्मेदारी संभाले इसलिये उन्होंने कुछ बुक्स अबीर को दी थी। अबीर का दिमाग बहुत तेज़ था और सारी बुक्स उसने पहले ही पढ़ रखी थी पर नैना को परेशान करने के लिये कुछ तो चाहिए ना?
"वो चेयर इधर लाओ।"
नैना चेयर अबीर के बेड के पास रखती है।
"अब पढ़ो इसे और हाँ जब तक मैं बोलूं ना रुकना मत," अबीर लेटते हुए बोला।
अच्छु!!!
"मैं नहीं पढ़ूँगी तुम समझते क्या हो खुद को?... अच्छु!!... तुम कोई मेरे टीचर हो?... अच्छु!!...मैं जा रही हूँ," नैना बार-बार छींकते हुए मुश्किल से बोल पा रही थी, आधी नाक तो उसकी ज़ुकाम से और आधी गुस्से से लाल हो रखी थी।
"ठीक है जाओ पर अगर ये हॉस्पिटल बंद हो जाये तो उसकी ज़िम्मेदार तुम होगी," बोलकर अबीर अपना फोन घुमाने लगता है। नैना झटककर बुक उठाती है और पढ़ने लगती है।
अबीर के चेहरे पर विजयी मुस्कान तैर जाती है, इतनी खुशी तो उसे अपने कॉलेज में बास्केटबॉल मैच जीतकर भी नहीं हुई थी😄
"थोड़ा तेज़!!"
'आदमी है या कुंभकर्ण इसके कान में लाउडस्पीकर लगा देना चाहिए' नैना उसे कोसते हुए और तेज़ पढ़ने लगती है।
"मेरे कान फाड़ोगी क्या धीरे पढ़ो" 😏
जैसे ही नैना को झपकी आती अबीर फिर उसे टोक देता। लगभग आधी रात में अबीर अपनी नींद को कंट्रोल नहीं कर पाता और गहरी नींद में सो जाता है।
कॉलेज के पीछे एक सुंदर गार्डन है। नैना ने आज पिंक कलर की सुंदर ड्रेस पहन रखी है। उसके लंबे काले बाल भी खुले है जो बार-बार उसके चेहरे पर आ रहे है। नैना की आंखों में एक अलग ही खुशी थी, साथ ही वो थोड़ा घबराई हुई भी थी क्योंकि आज वो अपने दिल की बात समीर से कहने वाली थी। वो उसे बताना चाहती थी कि 2 साल से वो उससे प्यार करती है।
तभी पीछे से कोई उसके कंधे पर हाथ रखता है जिससे वो घबरा जाती है।
"अरे मैं हूँ तू इतनी घबराई हुई क्यों है?" समीर को देखकर नैना राहत की सांस लेती है।
"वो मुझे तुझसे कुछ कहना है," नैना आज पक्का मन बनाकर आई थी कि उसे आज अपने दिल की बात कहनी ही है।
"फोन पर भी कह रही थी कुछ कहना है अब भी तेरी सुई वही अटकी है अब बोल भी क्या कहना है?"
"मैं तुझसे...." नैना बोल रही थी कि पता नहीं समीर क्या देख लेता है कि उसकी आंखें गुस्से से लाल हो जाती है और वो हवा के झोंके की तरह भाग जाता है। नैना उसका पीछा करती है। सामने उन्हीं के कॉलेज का एक लड़का शोभित एक घुटने पर बैठा एक हाथ में गुलाब लिए सनाया को प्रपोज़ कर रहा था।
सनाया दिखने में काफी सुंदर थी बस उसकी हाइट थोड़ी कम थी। उसके चेहरे पर दुविधा के भाव थे जैसे उसने इस सब की कल्पना ना की हो।
अभी उसने कुछ बोलने के लिये मुंह खोला ही था कि एक साया आता है और शोभित को उठाकर एक पंच जड़ देता है। सनाया हैरानी से देखती है वो समीर था।
"तेरी हिम्मत भी कैसे हुई उसे प्रपोज करने की? अगर अपनी जान प्यारी है तो निकल यहाँ से" समीर शोभित का कॉलर पकड़कर उसे धमकाता है।
सभी जानते थे समीर एक बड़े घर का बेटा है इसलिये कोई उससे दुश्मनी नहीं करना चाहता था। शोभित वहाँ से भाग जाता है।
"ये क्या किया तुमने?" सनाया समीर को अपनी तरफ घुमाते हुए गुस्से से बोली। माना कि वो शोभित को रिजेक्ट करने वाली थी पर इस तरह डरा धमकाकर नहीं, ऐसे तो कोई भी लड़का उसके पास आने से डरेगा।
"वहीं जो मुझे करना चाहिए था सनाया वो अच्छा लड़का नहीं है," समीर उसका हाथ पकड़ते हुए बोला।
"तुम्हें इससे क्या मतलब मैं किसी को भी डेट करूँ?" सनाया समीर का हाथ झटककर जाने लगती है तभी समीर उसे अपनी ओर खींचता है और किस कर लेता है, एक डीप किस के बाद वो उसे छोड़ देता है और उसकी आँखों में देखकर कहता है, "मतलब है क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" समीर बिना उसके जवाब का इंतज़ार किये चला जाता है।
धीरे-धीरे करके पूरा गार्डन खाली हो जाता है क्योंकि क्लास स्टार्ट हो चुकी थी पर नैना वहीं खड़ी थी पत्थर की मुर्ति की तरह, वो वहीं पेड़ की छाव में बैठ जाती है और रोने लगती है।
रात को 3 बजे अबीर पानी पीने के लिए उठता है, जैसे ही वो लाइट ऑन करता है उसकी आँखों से सारी नींद फुर्र हो जाती है।
सामने कुर्सी पर नैना बैठे-बैठे ही सो गयी थी। ठंड से उसका शरीर बुरी तरह कांप रहा था और वो नींद में कुछ बड़बड़ाए जा रही थी, शायद कोई बुरा सपना देख रही थी।
अबीर उसके माथे पर हाथ रखकर देखता है जो भट्टी की तरह तप रहा था, तभी नैना नींद में उसका हाथ पकड़ लेती है, "मुझे छोड़कर मत जाओ।"
अबीर को उसकी हालत देखकर खुद पर बहुत गुस्सा आता है, "क्या ज़रूरत थी मुझे तुम पर ठंडा पानी डालने की? पता नहीं तुम्हारे साथ मुझे हो क्या जाता है?"
अबीर उसे गोद में उठाकर बेड पर लेटा देता है और इंटरकॉम से डॉक्टर को बुलाता है।
नैना ने अभी भी अबीर का हाथ कसकर पकड़ रखा था। अबीर देखता है वो अभी भी ठंड से कांप रही है तो वो उसे अच्छे से ब्लैंकेट ओढ़ाकर एसी का टेम्परेचर बढ़ा देता है।
तभी दरवाज़ा खुलता है और एक नौजवान डॉक्टर अंदर आता है, उसके पीछे ही अबीर का एक बॉडीगार्ड रॉकी भी था।
ये था डॉक्टर रितेश जिसे नैना पर क्रश था, ये बात साबित भी हो रही थी। रितेश जल्दी से नैना के पास जाता है, उसके चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी।
वो नैना का हाथ ब्लैंकेट से निकालकर उसकी पल्स चेक करता है, एक इंजेक्शन लगाता है और फिर अबीर से कहता है, "कोई खतरे की बात नहीं है, इसे बस ठंड लग गयी है।"
अबीर ये सुनकर चैन की सांस लेता है। रितेश का ध्यान अबीर के हाथ पर जाता है जो नैना ने कसकर पकड़ रखा था।
"मिस्टर सिंघानिया, नैना को मैं दूसरे रूम में शिफ्ट कर देता हूँ, इसे फिर से फीवर आ सकता है, आपको बेफिजूल परेशानी होगी।"
"तुमसे पूछा किसी ने? हो गया ना तुम्हारा काम तो जाओ यहाँ से," अबीर एकदम से भड़क उठा। पहले उसका ध्यान नहीं गया पर अब उसे लग रहा था ये डॉक्टर कुछ अलग तरीके से नैना को देख रहा है, सोचते ही अबीर का खून खौल उठा।
"पर नैना...." रितेश अबीर के चिल्लाने से डर गया था पर फिर भी वो नैना को उसके साथ अकेला नहीं छोड़ना चाहता था। एक तो पहले ही नैना उसे भाव नहीं देती उस पर अगर इस अबीर ने उसे प्रपोज़ कर दिया तो उसका तो पत्ता ही कट जायेगा।
"रॉकी!!!!"
रॉकी तुरंत समझ जाता है और रितेश को अपने कंधों पर उठाकर रूम के बाहर फेंक देता है।
"पा..नी.." नैना की आवाज़ सुनकर अबीर उसकी तरफ देखता है। नैना बेहोशी में ही पानी मांग रही थी।
अबीर पानी लेने के लिये उठता है तो उसका हाथ वापस खिंच जाता है, "बेवकूफ लड़की मेरा हाथ छोड़ोगी तभी तो पानी लाऊँगा?"
पता नहीं नैना ने उसे सुना या नहीं पर अबीर के इतना कहते ही वो मुंह बनाकर उसका हाथ छोड़ देती है।
अबीर पानी का ग्लास साइड टेबल पर रखता है और फिर खुद बेड पर बैठकर नैना को उठाता है। उसका सर अबीर के कंधों पर था, अबीर उसे पानी पिलाता है, नैना को धसका लग जाता है, उसे अभी भी बुखार की बेहोशी थी। अबीर जल्दी से उसकी पीठ थपथपाता है, नैना शांत हो जाती है और अबीर के सीने पर सर रखकर रगड़ती है और सो जाती है, उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान भी थी।
उसकी इस अंजानी सी हरकत से अबीर का दिल पिघल जाता है। वो उसे संभालकर बेड पर सीधा लेटा देता है और अच्छे से ढक देता है। उसे एहसास ही नहीं होता कि वो इस वक़्त उसके कितने पास है। नैना बिलकुल छोटी बच्ची की तरह सुकून से सो रही थी। अबीर उसके गाल पर आ रहे बालों को कान के पीछे कर देता है, "बुलाया था तुमसे बदला लेने के लिये, सोचा था पूरी रात तुम्हें परेशान करूँगा पर देखो? मुझे ही तुम्हारी सेवा करनी पड़ रही है, ज़रूर पिछले जन्म की कोई गहरी दुश्मनी है तुम्हारी मुझसे।"
अबीर बातें कर रहा था कि नैना उसका हाथ पकड़कर खींच देती है जिससे अबीर भी बेड पर गिर जाता है। इससे पहले की वो उठ पाता नैना ऑक्टोपस की तरह उससे लिपट जाती है और सो जाती है।
अबीर का दिल तेजी से धड़कने लगता है। वो धीरे से उसे पुकारता है, "नैना... नैना।" नैना कोई जवाब नहीं देती, शायद इस बार उसे गहरी नींद आ गई थी। अबीर गुस्से में दांत किटकिटाता है, "नहीं सुनना मत सुनो, फिर मुझे दोष मत देना।" 😏
"उम्म... आज मेरा टेडी इतना सख्त कैसे हो गया?" नैना अबीर के सीने पर हाथ रखते हुए नींद में बोली। उसे नींद में टेडी बियर पकड़कर सोने की आदत थी।
नैना आंखें बंद करे ही उठने की कोशिश करती है तो वापस टेडी पर गिर जाती है, तब उसे एहसास होता है कुछ गड़बड़ है 'टेडी कबसे किसी के हाथ पैर पकड़ने लगा?'
नैना आंखें खोलती है, उसकी आँखों के सामने अबीर का सुंदर चेहरा था जो बड़ी गहरी नींद में था। नैना अविशवाश से अपनी आंखें रगड़ती है पर सामने का नज़ारा नहीं बदलता, वो अपनी नज़रें नीचे करती है तो देखती है वो दोनों एक दूसरे से बिल्कुल चिपककर लेटे है, उसका सर अबीर के सीने पर है, एक लात भी उसके ऊपर है और अबीर ने उसकी कमर को कसकर पकड़ रखा है।
आह!!!!!
आह!!!!!!
पहली चीख नैना की थी, उसने पूरी बेरहमी से अबीर को एक ज़ोरदार किक मारी, दूसरी और किसकी हमारे अबीर बाबू की जो ज़मीन पर पड़े अभी भी सदमे में थे कि भूकंप आया या सोनामी 😇
"तुम बत्तमीज़ इंसान तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे कमरे में घुसने की?" नैना अबीर को उंगली दिखाते हुए बोली जो गुस्से से कांप रही थी।
अब अबीर साहब ऊपर देखते है, "मैं बत्तमीज़?"
"बत्तमीज़ नहीं महा बत्तमीज़।"
"हा... हा.. मैं अगर बत्तमीज़ तो तुम बत्तमीज़ों की सरदार, ध्यान से देखो मूर्ख लड़की ये मेरा रूम है और जिस बेड पर तुम महारानी की तरह बैठी हो वो मेरा बेड है।" 🤣
नैना अब नोटिस करती है कि ये अबीर का हॉस्पिटल रूम है।
"मैं तुम्हारे रूम में कैसे? देखो तुमने कुछ ऐसा वैसा तो नहीं किया?" नैना खुद ब्लेंकेट से ढकते हुए बोली।
"लगता है बुखार तो चला गया साथ ही तुम्हारा दिमाग भी ले गया।"
"मुझे भोली समझने की कोशिश मत करना मैंने देखा कैसे तुमने मुझे गले लगा रखा था।"
"भोली और तुम? हा...हा...." अबीर पेट पकड़कर हंसने लगता है जैसे उसने बहुत बड़ा जोक सुन लिया हो।
"तुम्हें तो आज छोडूँगी नहीं", नैना तकिया उठाकर बेड से कूदती है और अबीर को मारने के लिये दौड़ती है।
"ये देखो कितनी भोली है पहले पूरी रात मेरा फायदा उठाया अब मुझे ही मार रही है।" अबीर उसकी पकड़ से भागते हुए बोला।
"मैंने फायदा उठाया?" 🥺
"और नहीं तो क्या? मुझ जैसे पवित्र इंसान को तुमने कहा कहा नहीं छुआ अब मुझसे कौन भले घर की लड़की शादी करेगी?" 😔
ये सुनकर नैना के कान लाल हो जाते है, 'मैंने सच में ऐसा कर दिया क्या? इससे पहले ये आदमी मुझे और चिढ़ाये यहाँ से निकलने में ही भलाई है।' नैना जल्दी से बेड पर पड़ा अपना रूपट्टा उठाती है और जाने के लिये मुड़ती है कि पीछे अबीर खड़ा था जिससे वो चौंक जाती है और उसका बेलेंस बिगड़ जाता है, अपने आप को गिरने से बचाने के लिये वो अबीर की टीशर्ट पकड़ लेती है जिससे अबीर भी उसके ऊपर गिर जाता है। 😄
दोनों की आंखें बड़ी हो जाती है 😲 क्योंकि उनके बीच ऐक्सिडेंटल किस हो गयी थी।
"अबीर सरप्राइज़जजज....." दरवाजा खुलता है और करन अबीर का बेस्ट फ्रेंड चहकते हुए अंदर आता है पर सामने का नज़ारा देख उसकी आँखें फैल जाती है 😮, "सॉरी गाइज़ यू कंटिन्यु ऑल द बेस्ट" बोलते हुए करन जिस स्पीड से आया था उससे दुगनी स्पीड से वापस भाग जाता है। 🤣
नैना अबीर को धक्का देती है जो अभी भी उसके ऊपर विश्राम कर रहा था और भाग जाती है।
"हे सुनो" अबीर ने उसे रोकना चाहा पर नैना जा चुकी थी, "इस करन को भी अभी टपकना था।" 😆
करन अंदर आता है तो अबीर उसे ऐसे देखता है जैसे वो उसका जानी दुश्मन हो।
"अरे भाई ऐसे मत देख मुझे क्या पता था तुझमें अचानक से रोमियो की आत्मा घुस जाएगी? वैसे कबसे चल रहा है ये सब?"
"ऐसा कुछ नहीं है ज्यादा दिमाग के घोड़े मत दौड़ा," अबीर टालते हुए बोला।
"यहाँ बात किस करने तक पहुँच गयी है और तू कह रहा है ऐसा कुछ नहीं है।"
अबकी बार अबीर ने उसे इग्नोर किया।
करन को अबीर के इग्नोर से कोई फर्क नहीं पड़ता, वो अबीर के सामने जाकर कहता है, "वैसे लड़की अच्छी है नाम क्या है उसका?"
अबीर - .............
"तुम्हारी लव स्टोरी कैसे स्टार्ट हुई?"
अबीर - .........
इधर नैना घर जाकर सीधा बाथरूम में घुस जाती है और अपने होठों को रगड़कर साफ़ करने लगती है, "हिम्मत कैसे हुई उसकी? मेरी फर्स्ट किस ऐसे ही चली गयी, राक्षस कहीं का।"
लगभग एक घंटे बाद नैना नहाकर बाहर आती है, और अपने बाल सुखाते हुए कहती है, "इस अबीर से दूर रहने में ही भलाई है, मैं आज ही ये नौकरी छोड़ दूंगी।" नैना अबीर से डरकर नौकरी नहीं छोड़ रही थी, उसने ये नौकरी सिर्फ टाइम पास के लिये करी थी। अभी उसके कॉलेज का एक सेमेस्टर बाकी था और ये एग्ज़ाम के बाद की छुट्टियों का टाइम था। नैना नहीं चाहती थी कि फिर उसे समीर और सनाया को साथ देखकर तकलीफ़ हो। इसलिए अपने दिल को कंट्रोल करने के लिये उसने थोड़े समय के लिये ये जॉब चुनी थी, पर अब एक तो अबीर और दूसरा उसका कॉलेज भी शुरू होने वाला है इसलिए ये जॉब उसे छोड़नी ही होगी।
अगले दिन अबीर के रूम का दरवाज़ा खुलता है और एक नर्स अंदर आती है पर हर रोज़ की तरह वो नैना नहीं थी। ये देखकर अबीर गुस्से में बोलता है, "नैना कहाँ है?"
"नैना ने तो रिजाइन कर दिया है," नर्स डरते हुए बोली।
वहीं अबीर का दिमाग खराब हो गया। नर्स इस सब से अंजान अंदर आती है और ड्रिप लगाने लगती है, अबीर टेबल पर रखा गुलदस्ता ज़मीन पर फेंकते हुए चिल्लाया, "गेट लास्ट!"
उस दिन के बाद से दो दिन बीत चुके थे, अबीर भी डिस्चार्ज हो चुका था। रात का समय था, अबीर स्टडी रूम में था।
तभी अबीर के दादाजी राघव सिंघानिया अंदर आते हैं।
"आइये दादाजी।"
"तो तू शादी कब कर रहा है?" दादाजी बहुत ही खुशमिजाज स्वभाव के व्यक्ति थे। अबीर के डैड संजय ज्यादातर बिजनेस की वजह से घर में कम ही रहते थे। अबीर जब 10 साल का था तभी उसकी माँ राधा की एक सड़क दुर्घटना में जान चली गयी थी। संजय अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते थे इसलिये अपनी पत्नी के जाने के बाद उन्होंने खुद को बिजनेस में इतना व्यस्त कर लिया कि आज सिंघानिया इंटरप्राइजेज टॉप कंपनीयों में से एक है।
"दादाजी मैंने कहा ना मुझे शादी नहीं करनी और वैसे भी अभी मैं सिर्फ छब्बीस का हूँ इतनी जल्दी क्या है?" अबीर परेशान होते हुए बोला। उसके दादाजी का टॉपिक घूम फिरकर एक ही जगह अटक जाता- शादी।
"जल्दी है, ये घर कितना सूना लगता है। तेरी पत्नी आयेगी तो इस घर में रौनक आ जायेगी, फिर तेरे बच्चे होंगे और मैं उनके साथ खेलूंगा," दादाजी खुशी से चहकते हुए अपनी धुन में बोले जा रहे थे और अबीर अपना सर पकड़ कर बैठा था।
अगली सुबह, नैना आराम से सो रही थी तभी उसका फोन बजने लगा। उसने इग्नोर मारा और कान पर तकिया रख लिया पर फोन लगातार बजे ही जा रहा था। आखिरकार नैना खीजकर उठ बैठी, "कौन है सुबह सुबह?"
"हेलो, नैना स्पीकिंग।"
"नैना मैं रीतेश।"
"कौन रीतेश?" नैना अभी पूरी तरह से जागी नहीं थी 😃
ये सुनकर रीतेश जो काफी खुश था उसपर घड़ों पानी पड़ गया। उसने मरी हुई आवाज़ में कहा, "डॉक्टर रीतेश सिटी हॉस्पिटल याद आया?"
"अरे हां सॉरी वो सुबह सुबह मेरा दिमाग स्लो मोशन में चला जाता है 🤣 बोलिये क्या बात है?"
"क्या हम शाम को मिल सकते है मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है।"
नैना सोचती है डॉक्टर रीतेश काफी अच्छे इंसान है, ऐसे मना करना सही नहीं होगा और वैसे भी वो फ्री है इसलिये वो हां कर देती है।
शाम को नैना तैयार होकर रीतेश के भेजे हुए पते पर पहुँचती है- ये था कैफे मिडनाइट। नैना अंदर जाती है और उसकी नज़रें रीतेश को ढूंढने लगती है।
"नैना कम हेयर," रीतेश की आवाज़ सुनकर नैना देखती है कि वो लास्ट वाली टेबल पर बैठा है।
"तुमने ज्यादा इंतज़ार तो नहीं किया?" नैना सामने वाली चेयर पर बैठते हुए बोली।
रीतेश - "नहीं, थैंक यू मेरे बुलाने पर आने के लिए।"
नैना - "थैंक यू तो मुझे बोलना चाहिए, वैसे भी मैं बोर ही हो रही थी।"
रीतेश वेटर को बुलाकर मेन्यू नैना को दे देता है। नैना आर्डर दे देती है।
रीतेश - "वैसे तुमने अचानक से जॉब क्यों छोड़ दी?"
नैना - "क्योंकि मेरा कॉलेज शुरू होने वाला है, वैसे भी ये जॉब मैंने कुछ समय के लिए ही की थी।"
तभी उनका आर्डर आ जाता है।
नैना - "वैसे तुमने मुझे फ्री में ये खाने की ट्रीट देने के लिए तो नहीं बुलाया होगा?"
रीतेश (थोड़ा घबराते हुए) - "हाँ.... मेरा मतलब नहीं..."
नैना - "तुम तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हो, साफ-साफ बोलो ना क्या बात है?"
रीतेश एक गहरी सांस लेता है और सोचता है अभी नहीं तो कभी नहीं। वो अपनी जेब से एक छोटा सा बॉक्स निकालता है और उसे खोलकर नैना के आगे कर देता है, "मैं बहुत पहले से ही ये बात कहना चाहता था पर हिम्मत नहीं हो रही थी। मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ नैना, क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?"
नैना जो मज़े से पनीर टिक्का खा रही थी, अपने सामने चमचमाती अंगूठी देखकर पनीर उसके गले में ही अटक जाता है और वो ज़ोर-ज़ोर से खांसने लगती है 'वाकई फ्री का खाना खतरे का ही होता है'। 😅
रीतेश जल्दी से उसे पानी देता है, "तुम ठीक हो?"
पानी पीकर नैना को कुछ बेटर फील होता है, तभी पीछे से आवाज़ आती है,
"अरे नैना तुम यहाँ?"
नैना पीछे मुड़कर देखती है, सामने समीर खड़ा था और उससे बिल्कुल चिपककर सनाया खड़ी थी जो उसे देखते ही नाखुश नज़र आ रही थी।
"ये कौन है?" बोलते हुए समीर नैना के पास खाली चेयर पर बैठ जाता है। सनाया भी मन मारकर उसके पास बैठ जाती है। उसे समीर और नैना की दोस्ती बिल्कुल भी पसंद नहीं थी।
तभी समीर की नज़र अंगूठी पर जाती है, "ये रिंग?"
"ये ज़रूर नैना का ब्वायफ्रेंड है और हम दोनों यहाँ कबाब में हड्डी, चलो चलते है," सनाया समीर को उठाने लगती है पर समीर नहीं उठता। वो नैना से पूछता है, "नैना सच में तुमने मुझे बताया क्यों नहीं?"
"बताने के लिए कुछ नहीं है, ये मेरा ब्वायफ्रेंड नहीं है।" फिर नैना रीतेश की तरफ देखते हुए बोली, "देखो रीतेश मैं तुम्हें पसंद नहीं करती, मैंने तुम्हें उस नज़र से कभी नहीं देखा, आई होप यू अंडर स्टेंड।"
समीर ये सुनकर खुश हो जाता है, उसे नैना के लिए रीतेश बिल्कुल ठीक नहीं लग रहा था। नैना उसकी बेस्ट फ्रेंड थी जिसके प्रति वो काफी प्रोटेक्टिव था। उसके चेहरे की खुशी देखकर सनाया चिढ़ जाती है 'अच्छा होता अगर ये लड़का नैना का ब्वायफ्रेंड होता लेकिन नहीं इसे तो मेरे समीर के साथ ही चिपकना है?'
उधर रीतेश नैना के मना करने से अपमानित महसूस करता है, वो भी उसके दोस्तों के सामने। फिर भी वो एक बार और कोशिश करता है, अबकी बार वो नैना का हाथ ही पकड़ लेता है, "नैना तुम एक बार हां करके देखो, तुम्हें मैं अच्छा लगने लगूंगा।" नैना को अब गुस्सा आने लगता है। वो अपना हाथ छुड़ाते हुए कहती है, "तुम कोई कियारे का मकान हो क्या कि कुछ दिन रहकर देखो अच्छा लगने लगेगा?"
रीतेश नैना के तीखे व्यंग्य से आग बबूला हो गया। वो खड़े होकर नैना को उंगली दिखाते हुए बोला, "तुम समझती क्या हो खुद को, कहीं की महारानी हो क्या? तुम्हारी औकाद ही क्या है मेरे सामने, कहाँ तुम एक मामूली सी नर्स कहाँ मैं इतना बड़ा डॉक्टर? अरे तुम्हें तो खुद को खुशनसीब मानना चाहिए कि मैंने सामने से तुम्हें प्रपोज़ किया..." इससे आगे रीतेश अपना प्रवचन सुनाता समीर ने उसे एक ज़ोरदार पंच 👊 दे मारा, "तेरी औकाद तो मैं अभी बताता हूँ" बोलकर समीर एक और पंच जड़ देता है। रीतेश के मुंह से खून निकलने लगा। अब तक कैफे में मौजूद सभी लोगों का ध्यान उनकी तरफ हो गया था। सनाया को बहुत गुस्सा आ रहा था 'इस नैना की वजह से कितना शर्मिंदा होना पड़ रहा है।' वो समीर का हाथ पकड़ते हुए चिल्लाती है, "समीर कुछ तो तमीज़ रखो, क्या गुंडों की तरह बिहेव कर रहे हो?" समीर ये सुनकर जैसे ही रूकता है तभी रीतेश अपने होठों से खून पोछते हुए लड़खड़ाकर खड़ा हो जाता है और नैना की तरफ व्यंग्य से मुस्कराकर तंज कसता है, "वैसे तो बड़ी सीधी बनती है पर दो दो को फंसा रखा है, वहाँ हॉस्पिटल में वो रईसजादा अबीर और यहाँ ये? तो मैं कहाँ अच्छा लगूंगा?" समीर फिर उस पर भूखे शेर की तरह छपट पड़ता है। अबकी बार सनाया कितना ही रोक रही थी पर जैसे उसे सुनाई ही ना दे रहा हो, वो बस रीतेश को धोये जा रहा था। रीतेश कभी इस टेबल पर गिरता अभी किसी चेयर से जा टकराता। सभी लोग घबराकर दूर खड़े हो जाते है पर जाता कोई नहीं है, सबको फ्री में एक्शन मूवी जो देखने मिल रही थी। नैना अब तक रीतेश के व्यवहार से सदमे में थी कि कैसे वो एक मिनट पहले उसे प्रपोज़ कर रहा था, वहीं आदमी उसके बारे में कितनी गिरी हुई सोच रखता है। "आह!!!" रीतेश अपना पेट पकड़ लेता है जहाँ समीर ने उसे किक मारी। समीर को फिर उसकी तरफ बढ़ता देख नैना उसका हाथ पकड़कर पूरी ताकत से उसे पीछे खींचने लगती है, "समीर छोड़ उसे, वो मर जायेगा।"
"तो मर जाने दे, इसकी हिम्मत कैसे हुई तेरे बारे में उल्टा सीधा बोलने की?" समीर उसकी पकड़ से झटपटाते हुए बोला।
"समीर तुझे मेरी कसम रूक जा।" समीर फाइनली शांत हो जाता है और रीतेश उन दोनों को घूरते हुए चला जाता है।
जाहिर सी बात है समीर ने रीतेश की धुनाई की तो कुछ घूसे उसने भी खाये और उसका हुलिया भी बिगड़ गया था बाल बिखरे हुए शर्ट निकली हुई। ये देखकर सनाया समीर को घूरते हुए बाहर निकल जाती है। समीर उसके पीछे दौड़ा, "सनाया क्या हुआ? मेरी बात तो सुनो।"
समीर सनाया का हाथ पकड़ लेता है, "सनाया क्या है ये सब? बताओगी क्या हुआ?"
समीर की बात सुनकर सनाया गुस्से में हंसने लगती है, "तुम अब भी मुझसे पूछ रहे हो क्या हुआ? अंदर जो हुआ वो कम था क्या? वो नैना हर बार तुमसे मिलने का बहाना ढ़ूंढ़ती रहती है।"
समीर - "ऐसा कुछ नहीं है सनाया, वो तो मुझसे लगभग एक महीने से नहीं मिली।"
सनाया - "चलो मान लिया, लेकिन तुम्हें क्या ज़रूरत थी उसके लिये मारपीट करने की?"
समीर सनाया के कंधों पकड़ते हुए बोला, "नैना मेरी बेस्ट फ्रेंड है, मेरे सामने वो लड़का उससे बत्तमीजी कर रहा था तो मैं क्या देखता रहता?" सनाया का चेहरा अपने हाथों में लेते हुए उसने कहा, "सनाया वो सिर्फ मेरी दोस्त है, अगर उसकी जगह कोई और लड़की भी होती तब भी मुझे इतना ही गुस्सा आता, तो तुम्हें इनसिक्योर फील करने की कोई ज़रूरत नहीं है।"
नैना जो समीर के पीछे आई थी, ये सुनकर उसके चेहरे पर एक कड़वी हंसी आ जाती है, 'मैं भी क्या सोच रही थी कि तुम्हारे दिल में कम से कम मैं एक खास दोस्त तो हूँ, पर तुम तो ये किसी के लिये भी करते।' नैना समीर और सनाया की बातें नहीं सुनना चाहती थी, वो तो सिर्फ समीर को थैंक्यू बोलने आई थी। नैना को जब लगता है समीर और सनाया के बीच अब सब ठीक है तो वो जाने लगती है पर तभी सनाया की आवाज़ से उसके कदम ठहर जाते हैं।
सनाया समीर का हाथ पकड़ते हुए कहती है, "समीर मैं जानती हूँ तुम्हारे मन में नैना के लिये कोई फीलिंग्स नहीं है, पर नैना? वो तुमसे प्यार करती है।"
नैना का दिल ज़ोरो से धड़कने लगता है, उसे लगता है जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो। अगर समीर को पता चल गया कि वो उससे प्यार करती है तो शायद उनके बीच जो दोस्ती का रिश्ता है वो भी खत्म हो जायेगा।
"क्या मज़ाक कर रही हो? नैना और मुझसे प्यार? इंपॉसिबल," समीर हंसते हुए बोला।
सनाया - "समीर तुम्हें मुझमें या नैना में किसी एक को चुनना होगा। मैं नहीं देख सकती तुम्हें रोज़ ऐसी लड़की के साथ जो तुमसे प्यार करती है और तुम उसके लिये लड़ने मरने को तैयार रहते हो।"
समीर (भड़कते हुए) - "ये क्या बेतुकी बातें करे जा रही हो? मैं नैना से दोस्ती नहीं तोड़ सकता, तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है।"
सनाया - "तुम अभी से उसके लिये मुझसे लड़ रहे हो, आगे पता नहीं वो लड़की तुम पर क्या जादू करदे? वो तुम्हें मुझसे छीनना चाहती है, बस तुम्हारे सामने अच्छा बनने का ड्रामा करती है...."
समीर (चिल्लाते हुए) - "बस सनाया, एक और शब्द नहीं!"
सनाया भी चिल्लाते हुए बोली, "मैं क्यों चुप रहूँ? सच ही तो बोल रही हूँ, अगर उसकी नियत साफ़ होती तो अबतक उसका कोई ब्वायफ्रेंड क्यों नहीं है? मुझे कुछ नहीं पता, तुम सोच लो तुम्हारे लिये उस लड़की की दोस्ती ज्यादा ज़रूरी है या हमारा प्यार?"
सनाया गाड़ी स्टार्ट करके अकेले चली जाती है, समीर पीछे से उसे आवाज़ देता रह जाता है। सनाया की शक्की नेचर से समीर काफी परेशान था। सिर्फ नैना ही नहीं, कोई भी लड़की उसके आस पास भी होती तो उसे शक होने लगता, पर समीर हर बार खुद हार मानकर उसे मना लेता। लेकिन नैना की बात अलग है, नैना उसके बचपन की दोस्त थी, लेकिन सिर्फ यहीं कारण नहीं था कि वो नैना को स्पेशल मानता था, कारण था कुछ और।
समीर सहगल जिसे आज सब अमीर घर का लड़का समझते है वो सिर्फ नैना के कारण था। नैना का परिवार सिंह फेमिली का बहुत बड़ा बिजनेस है। समीर जब छोटा था तब उसके पापा सुरेश एक छोटी सी कंपनी में काम करते थे, मुश्किल से उनका घर चलता था, पर फिर भी समीर पढ़ने में होशियार था इसलिये उसके पापा ने अपनी सारी सेविंग बचाकर उसे शहर के सबसे बड़े स्कूल में पढ़ाया, पर समीर उन सब बच्चों में खुद को अकेला महसूस करता था क्योंकि वो थोड़ा डरपोक स्वभाव का कम बोलने वाला बच्चा था, सब बच्चे भी उसका मजाक बनाते, उसे परेशान करते जिससे वो अब स्कूल जाने से ही डरने लगा था, पर तभी एक दिन उनकी क्लास में एक नयी बच्ची का एडमिशन हुआ, नैना। समीर की सीट खाली देखकर टीचर ने नैना को उसके पास बैठा दिया। नैना ने समीर को देखकर प्यारी सी मुस्कान दी और अपना हाथ आगे बढ़ाया, "मेरा नाम नैना है और तुम?" समीर ने एक नज़र गोल मटोल गुड़िया जैसी दिख रही नैना को देखा और फिर मुंह फेर लिया।
लंच टाइम में नैना ने लंच खोला उसमें पास्ता था। समीर ने खुद के लंच पर नज़र डाली जिसमें अचार और पराठा था। पास्ता देखकर समीर के मुंह में पानी आने लगा। नैना ने अपना लंच उसके आगे कर दिया, "खाकर देखो मेरी मम्मा बहुत अच्छा खाना बनाती है।" समीर ने फिर उसे इग्नोर किया और अपना खाना खाने लगा। अब इस तरह से रोज़ होने लगा। नैना उससे बात करने की कोशिश करती पर समीर उसे इग्नोर कर देता, पर एक दिन सब बदल गया।
कुछ लड़कों ने समीर को स्कूल बिल्डिंग के पीछे घेर लिया था और उसे मारने भी लगे थे, पर तभी पता नहीं कैसे नैना आ गयी और उसने अकेले ही उन लड़कों को डराकर भगा दिया, जबसे समीर का व्यवहार भी नैना के प्रति बदल गया और वो दोनों पक्के वाले दोस्त बन गये।
एक दिन नैना को पता चला समीर ये शहर छोड़कर जाने वाला है क्योंकि उसके पापा की नौकरी चली गयी है। नैना ने रोते हुए ये बात अपने पापा विजय प्रताप सिंह को बताई जिन्होंने समीर के पापा सुरेश को अपनी कंपनी में नौकरी दे दी। उसके बाद सुरेश की ईमानदारी और होशियारी देखकर विजय ने सुरेश को अपनी इंदौर वाली ब्रांच का सीईओ बना दिया। कॉलेज में सबको लगता है समीर अमीर घर का बेटा है, पर सच तो ये है नैना के सामने वो कुछ नहीं है। नैना लो प्रोफाइल रखती है और सिंपल कपड़े पहनती है, ना महंगी कार में कॉलेज आती है जिस वजह से किसी को नहीं पता नैना सिंह कंसट्रक्शन के मालिक की बेटी है।
सो प्रेक्टिकली आज समीर जो भी है वो सिर्फ नैना की वजह से, ऐसे में वो कैसे उससे दोस्ती तोड़ सकता है।
इधर नैना अपनी दोस्ती सिम्मी को कॉल करती है, "हेलो सिम्मी, मुझे नकली ब्वायफ्रेंड चाहिए।"
कुछ देर बात करके नैना कॉल कट कर देती है, "अब यहीं एक रास्ता है अपनी दोस्ती बचाने का, अगर मैं सिंगल ही नहीं रहूँगी तो सनाया समीर को मुझसे दोस्ती तोड़ने के लिये फ़ोर्स नहीं करेगी।"
तो देखते है नैना ने जो आइडिया सोचा है नकली ब्वायफ्रेंड वाला वो काम करता है? या कुछ उल्टा ही होता है?
"तुम्हारा नाम जैरी है?" नैना ने अपने सामने बैठे लड़के को घूरते हुए पूछा। जैरी को सिम्मी ने भेजा था, नैना के नकली ब्वायफ्रेंड का केंडिडेट। जैरी और नैना इस समय एक हॉटल में थे और नैना जैरी को देखकर सदमे में लग रही थी, जबकि जैरी नैना को देखकर थोड़ा डरा सहमा लग रहा था। जैरी एक बहुत ही पतला दुबला लड़का था, उसकी आँखों पर मोटी फ्रेम का चश्मा और तेल लगे चिकने चुपड़े बाल।
जैरी- "नैना जी, हमें सिम्मी जी ने बताया आपके ब्वायफ्रेंड का नाटक करने के हमें दस हजार रूपये मिलेंगे, हमें अपनी कॉलेज फीस भरनी है इसलिये आप जैसा कहेंगी हम करेंगे।"
'सिम्मी तू एक बार मेरे सामने आ जा तेरी शक्ल ना बदल दी तो मैं भी नैना नहीं। पता नहीं किस बेचारे को पकड़ लाई है मुझे तो लेडी डॉन वाली फिलिंग आ रही है।' 😅
नैना को जैरी को देखकर लगता है जैसे वो उसका छोटा भाई हो, वो उसे समझाती है, "देखो जैरी तुम्हें अपनी कॉलेज फीस के लिये जो पैसे चाहिए वो मैं तुम्हें वैसे ही दे दूंगी, तुम्हें कुछ उल्टा सीधा करने की ज़रूरत नहीं है, तुम जाओ।"
जैरी- "पर मैं बिना काम के पैसे नहीं ले सकता।"
नैना अपना माथा रगड़ती है 'ये सिम्मी ने मुझे कहाँ फसा दिया', फिर जैरी की तरफ देखते हुए बोली, "जैरी तुम मुझे अपनी बड़ी बहन समझो और अगर तुम्हे मेरे पैसे लेने में परेशानी है तो जब तुम्हारे पास हो तो लौटा देना, अब ठीक है ना?"
जैरी को वैसे तो कुछ समझ नहीं आता ब्वायफ्रेंड की बात हुई थी भाई की? लेकिन नैना को देखकर लग रहा था अगर उसने ना किया तो वो रो ही देगी, "ठीक है।"
"गुड बच्चा लो ये रखो" नैना अपने पर्स में से उसे पैसे दे देती है। जैरी को हिचकिचाते देख वो उसकी जेब में पैसे ठूस देती है, "अब अपने छोटे दिमाग पर ज्यादा ज़ोर ना डालो और आगे भी ज़रूरत हो तो मुझे बता देना, कुछ टेड़ा मेड़ा काम मत करना।" जैरी की आंखों में आंसू आ जाते है, उसके घर में सिर्फ उसकी माँ है, उनके अलावा पहली बार किसी ने उससे इतने प्यार से बात की थी। जैरी मन में ठान लेता है कि ज़िन्दगी में वो नैना को कभी नहीं भूलेगा।
उसी हॉटल के प्राइवेट रूम में अबीर ब्लू कलर के बिज़नेस सूट में बैठा था और उसके सामने एक खूबसूरत लड़की बैठी थी पिंक ड्रेस पहने। अबीर अपने फोन में घुसा हुआ था जैसे वो रूम में अकेला हो, उसे इस डेट में कोई इंट्रेस्ट नहीं था। ये लड़की थी मोनिका जो अबीर के डेड के दोस्त की बेटी थी और उन्होंने ज़िद करके अबीर को इस ब्लाइंड डेट पर भेज दिया था। मोनिका लगातार अबीर को ललचाई नज़रों से घूरे जा रही थी, वो चाहती थी कि अबीर भी उसे देखे पर पता नहीं ये अबीर फोन में क्यों घुसा हुआ है? वो दोनों इस रूम में अकेले भी नहीं है, अबीर के पीछे रॉकी खड़ा था जिसे देखकर मोनिका का मूड खराब हो गया था 'इस मुस्टंडे को अंदर बुलाने की ज़रूरत थी?'
"अबीर तुम कुछ खा क्यों नहीं रहे? डिनर तुम्हारी पसंद का नहीं है क्या?"
अबीर फाइनली ऊपर देखता है, "ऐसा नहीं है, वो मुझे कुछ ज़रूरी काम से जाना होगा। तुम डिनर इंजव्याय करो।"
अबीर के रूम से बाहर जाते ही मोनिका पानी का ग्लास फर्श पर फेंक देती है, उसके चेहरे पर जो मुस्कान थी वो गायब हो चुकी थी, "ये अबीर अपनेआप को समझता क्या है, मुझे मोनिका को आजतक कोई इग्नोर नहीं कर पाया।"
मोनिका खड़े होकर अपने बालों से खेलती हुई हंसने लगती है, "वैसे चीज़ कमाल की है ये अबीर, इसका एटिट्युड तोड़ने में मज़ा बहुत आयेगा।"
इधर नीचे नैना सिम्मी को भूखी शेरनी की तरह घूर रही थी और सिम्मी भीगी बिल्ली की तरह सिमट कर बैठी थी।
नैना- "ये कैसा लड़का ढ़ूंढ़ा था तूने? मुझे समीर की टक्कर का बंदा चाहिए नहीं तो कोई मेरा भरोसा नहीं करेगा।"
सिम्मी (परेशान होते हुए)- "तो यार मैं इतनी जल्दी इतना अच्छा लड़का कहाँ से लाऊँ?"
नैना खड़े होते हुए बोली, "मुझे नहीं पता तू क्या करेगी तेरे पास 1 दिन का टाइम है बस। मैं बिल पे करके आती हूँ फिर चलेंगे।"
नैना के जाते ही सिम्मी गर्दन ढाल कर बैठ जाती है जैसे दुनिया में जीने के कुछ बचा ही ना हो, 😞 तभी उसकी आंखें सीढ़ियों से नीचे आते अबीर को देखकर चमक उठती है, वो दौड़कर अबीर के सामने खड़ी हो जाती है और उसे ऊपर से नीचे तक घूरने लगती है,😍 'हम्म ये बंदा बिल्कुल परफेक्ट है मेरी नैना के लिये, वो समीर तो इसके सामने चाय कम पानी ही पानी है।' रॉकी सिम्मी के सामने आकर कड़क आवाज़ में बोला, "हटो सामने से।"
सिम्मी उत्साहित होकर अबीर से बोली, "तुम मेरी दोस्त के ब्वायफ्रेंड बनोगे? देखो मेरी दोस्त बहुत खूबसूरत और होशियार है, वो देखो वहाँ....." नैना (सिम्मी चिल्लाकर नैना को पुकारती है जिससे नैना पलटकर उसे देखती है।)
अबीर सिम्मी की पागलपन भरी बातों को इग्नोर करके आगे बढ़ रहा था कि उसके कदम नैना का नाम सुनते ही ठहर जाते है और मिलती है दोनों की नज़रें। 😍
अबीर अपने मन में सोचता है, "तो आखिर हम दोबारा मिल ही गये।"
नैना अपने मन में सोचती है, "ये राक्षस यहाँ क्या कर रहा है?" 😂
"मैं तुम्हारा ब्वायफ्रेंड बनने का नाटक कर सकता हूँ पर बदले में मुझे क्या मिलेगा?" अबीर और नैना टेबल के आमने सामने बैठे थे, सिम्मी और रॉकी दूसरी टेबल पर थे।
"पैसे तो तुम्हें चाहिए नहीं होंगे, फिर क्या चाहिए तुम्हें?" नैना ने सोचा अबीर थोड़ा घमंडी, नकचढ़ा है, पर दिखने में वाकई बहुत हैंडसम है और साथ ही अमीर भी, अगर समीर अबीर से मिलेगा तो उसे कोई डाउट नहीं होगा।
अबीर नैना का सवाल सुनकर हंसते हुए उसके चेहरे के पास आकर बोला, "तुम, तुम चाहिए मुझे।"
नैना आंखें बड़ी करके अबीर को घूरती है तो अबीर वापस पीछे होकर कहता है, "मतलब तुम्हें भी मेरी गर्लफ्रेंड होने का नाटक करना होगा और उसके लिये जब मैं कहूँ, जहाँ कहूँ तुम्हें मेरे साथ आना होगा, बोलो मंज़ूर है?"
'मैं क्या इसकी नौकर हूँ, जहाँ बोलेगा जब बोलेगा जाना होगा, इससे अच्छा तो मैं किसी और को ढ़ूंढ़ लूंगी।' नैना मना करने ही वाली होती है कि उसे समीर का कॉल आता है जिसे देखकर नैना को लगता है कहीं समीर ने उससे दोस्ती तोड़ने के लिये तो कॉल नहीं किया, वो अपना फोन स्विच अॉफ कर देती है और अबीर को देखकर कहती है, "मुझे मंजूर है डील।"
अबीर नैना के बड़े हुए हाथ को देखता है, "डील।"
सिंह मेंशन
"मम्मा मेरी प्यारी मम्मा," नैना वसुंधरा जी को पीछे से गले लगाकर उनके गालों पर किस कर लेती है।
वसुंधरा जी जो किचन में टमाटर काट रही थी सुनकर भी अनसुना कर देती है, नैना उनके ऊपर लटक जाती है, "नाराज़ हो? इस बार मुझे माफ करदो प्लीज़।"
"हर बार का तेरा यही ड्रामा है, पता नहीं कहाँ घूमती रहती है, मेरी तो किसी को कोई फिक्र ही नहीं है," वसुंधरा जी नैना को दूर करते हुए बोली।
वसुंधरा जी के 3 बच्चे हैं: नैना, राज और अमर।
अमर सबसे बड़ा था जो बिजनेस में इंट्रेस्टिड है, राज एक डॉक्टर है और नैना घर में सबसे छोटी और सबकी लाडली।
वैसे नैना राज से 1 मिनट ही छोटी थी, दोनों जुड़वा है ना😂
"मम्मी आप जानती हो मैं आपसे कितना सारा प्यार करती हूँ," नैना अपने हाथों को फैलाकर दिखाती है जिससे वसुंधरा जी हंस पड़ती है, "चल नौटंकी।"
नैना भी हंसते हुए उनके गले लग जाती है, "अब मैं घर पर ही रहूँगी और आपके हाथ का टेस्टी खाना खाऊंगी।"
"आज डिनर में तेरी पसंद के मलाई कोफ्ते बनाती हूँ, जा तू फ्रेश हो ले," वसुंधरा जी नैना के सर पर हाथ फेरते हुए बोली।
मलाई कोफ्ते का नाम सुनते ही नैना के पेट में चूहे दौड़ने लगते है, वो झट से ऊपर भाग जाती है "अरे आराम से," वसुंधरा जी पीछे से चिल्लाती है और वापस काम में लग जाती है।
वैसे तो उनके घर में बहुत नौकर चाकर है पर वसुंधरा जी को अपने परिवार के लिये अपने हाथों से खाना बनाना बहुत अच्छा लगता है।
"छोटी मालकिन के आ जाने से घर में रोनक आ जाती है," घर की मेड सुगंधा बोली।
सुगंधा लगभग 40 वर्षीय महिला है जो काफी समय से इस घर में काम कर रहीं है और इस परिवार को अपना परिवार समझती है।
"हां सुगंधा बस मेरी नैना ऐसे ही हंसती खिलखिलाती रहे।"
रात को डिनर सब लोग साथ मिलकर करते है, आज नैना भी घर पर है इसलिये वसुंधरा जी बहुत खुश है।
"मम्मी इस मोटी की पसंद के मलाई कोफ्ते है तो फिर मेरी पसंद के छोले भटूरे क्यों नहीं बनाये?" राज अपनी माँ का सारा ध्यान नैना पर देखकर शिकायत करते हुए बोला।
"क्योंकि मम्मी मुझे तुझसे ज्यादा प्यार करती है," नैना ने उसे जीभ दिखाते हुए चिढ़ाया।
राज - मम्मीईईई जल्दी कहदो इस मोटी से आप मुझसे ज्यादा प्यार करती हो।
नैना (वसुंधरा जी का हाथ पकड़कर राज को आंखें दिखाते हुए) 😡 - मुझसे।
राज (वसुंधरा जी का दूसरा हाथ पकड़कर नैना को आंखें दिखाते हुए)😠 - मैंने कहा मुझसे।
वसुंधरा जी परेशान होकर दोनों का हाथ झटक देती है, "क्या तुम दोनों 2 साल के बच्चों की तरह लड़ रहे हो, अमर को देखो कितनी शांति से खाना खा रहा है।"
नैना और राज एक दूसरे की तरफ देखते है, "हमें पता चल गया आप सबसे ज्यादा किसे प्यार करती हो 😭"
सभी हंसने लगते हैं।
आज का दिन स्पेशल है इसलिए नहीं क्योंकि आज संडे है बल्कि इसलिए क्योंकि आज समीर की सगाई है। नैना सुबह से उदास है पर फिर भी सबके सामने उसने ज़ाहिर नहीं होने दिया।
"आंटी नैना तैयार हो गयी?" सिम्मी घर में आते हुए वसुंधरा जी से बोली।
"नहीं बेटा, तुम ही जाकर देखो इसे जाना भी है या नहीं?"
"तू तैयार क्यों नहीं हुई अभी तक?" सिम्मी नैना के कमरे में घुसते हुए बोली।
"तू तो सब जानती है ना?" नैना बेड पर लुढ़कते हुए बोली।
सिम्मी उसका हाथ पकड़कर उसके पास बैठ जाती है, "नैना तू एक आदमी के लिए जीना तो नहीं छोड़ सकती ना? वो तुझसे प्यार नहीं करता, वो तेरे बारे में नहीं सोच रहा, किसी और के साथ सगाई कर रहा है, कल को शादी भी कर लेगा और तू यहाँ पागलों की तरह उसके लिए आंसू बहा रही है?"
नैना सिम्मी की तरफ देखती है और अपने आंसू साफ़ कर लेती है। "उसे छोड़कर उन लोगों के बारे में सोच जो तुझे प्यार करते हैं, तेरे मम्मी पापा, राज, अमर और मैं। तू मेरी जान है, क्या इतने लोगों का प्यार काफ़ी नहीं है कि तू उसे भुलाकर आगे बढ़े?"
नैना की आँखें फिर से भर आती हैं पर इस बार दुख से नहीं बल्कि इस एहसास से कि वो अकेली नहीं है, उसके पास इतना प्यार करने वाला परिवार है और इतनी अच्छी दोस्त। नैना सिम्मी के ऊपर कूद जाती है।
सिम्मी ने मुंह बनाते हुए उसे धक्का दे दिया, "दूर रह मेरा मेकअप ख़राब हो जायेगा।"
नैना उसकी पीठ पर एक धौल जमाते हुए, "अभी तो बहुत बड़ी बातें कर रही थी, तू मेरी जान है, अब क्या हुआ? जान पराई हो गयी?" 😤
सिम्मी नैना के पेट में गुदगुदी करने लगी, "मेरा बच्चा नाराज़ हो गया।"
नैना हंसते हंसते लोट पोट हो गयी।
सिम्मी नैना की वार्डरोब में से बढ़िया सी ड्रेस ढूँढ़ने लगी, फिर उसने 2 ड्रेस निकाली और नैना को दिखाकर पूछा, "क्या पहनेगी?"
पहली ड्रेस मस्टर्ड कलर का हेवी शरारा था और दूसरी ब्लेक कलर की नेट वाली साड़ी थी। नैना ने पहले कभी साड़ी नहीं पहनी थी, ये साड़ी उसे बर्थडे गिफ्ट में मिली थी। नैना ने सोचा साड़ी पहनना मुश्किल होगा इसलिए वो शरारे की तरफ इशारा करती है, "ये ठीक है।"
सिम्मी शरारा वापस रख देती है और साड़ी नैना को पकड़ा देती है। 😝
नैना - 🥺
"मुझे साड़ी पहननी नहीं आती।"
"तो मैं किसलिये हूँ जाना।"
नैना अबीर को कॉल करके पूछती है कि वो कब आयेगा।
अबीर कहता है, "तुम मुझे एड्रेस सेंड कर दो, मैं डायरेक्ट वहीं पहुँच जाऊँगा।"
नैना को भी उसके साथ जाने का शौक नहीं था इसलिए वो ख़ुशी ख़ुशी हाँ कर देती है।
वसुंधरा जी नैना को आते हुए देखती हैं, ब्लेक नेट की साड़ी में नैना बहुत ख़ूबसूरत लग रही थी, साथ ही सिम्मी भी, उसने लाइट ब्लू कलर का लहंगा पहन रखा था।
"मेरी बच्चियों को किसी की नज़र ना लगे," वसुंधरा जी दोनों को काला टीका लगाते हुए बोलीं।
फंक्शन एक होटल में था। नैना और सिम्मी जब वहाँ पहुँचे तब सब गेस्ट आ रहे थे। नैना थोड़ी देर होटल के बाहर ही अबीर का इंतज़ार करती है।
"एक बार कॉल करके पूछ ले ना?" सिम्मी पंद्रह मिनट तक इंतज़ार करके थक चुकी थी।
"मैं क्यों कॉल करूँ? चल हम चलते हैं अंदर आना होगा तो आ जायेगा बंदर 🐒," नैना झुंझलाते हुए अंदर बढ़ गयी।
अंदर पूरा हॉल लाइटिंग से जगमगा रहा था। हर जगह ख़ूबसूरत फूलों की डेकोरेशन हो रखी थी, तभी सारी लाइट्स अॉफ हो जाती हैं और पूरे हॉल में अंधेरा छा जाता है। एक स्पोट लाइट सिढ़ियों पर पड़ती है, वहाँ फेरी टेल की राजकुमार और उसकी राजकुमारी की तरह समीर और सनाया होठों पर ढेर सारी मुस्कान लिए खड़े थे।
नैना के दिल में ना चाहते हुए भी एक टीस उठी और उसकी आँखें आंसुओं से धुंधला गयीं। सिम्मी उसकी हालत समझ रही थी, उसने कसकर नैना का हाथ पकड़ लिया। नैना को थोड़ी हिम्मत मिली और उसने अपने आंसू अपनी आँखों में रोक लिए।
सबलोग समीर सनाया को बधाइयाँ दे रहे थे। समीर की नज़र नैना पर गयी तो एक पल के लिये वो भौचक्का रह गया। हमेशा सादगी से रहने वाली नैना आज बदली हुई सी लग रही थी। ब्लैक नेट की साड़ी में उसका फिगर कमाल का दिख रहा था और हल्के से मेकअप में भी उसका चेहरा गुलाब की तरह खिल रहा था। उसे पता था नैना खूबसूरत थी पर उसका पहनने का, बोलने का तरीका ऐसा नहीं था जो समीर अपनी जीवनसंगीनी में देखना चाहता था। खैर, नैना सिर्फ उसकी अच्छी दोस्त है और वो सनाया से प्यार करता है, सोचते हुए वो सनाया की तरफ प्यार से देखता है लेकिन सनाया तो खुद नैना को जहरीली निगाहों से घूर रही थी। उसके चेहरे से ईर्ष्या साफ झलक रही थी। समीर उसका हाथ पकड़कर बोला, "सनाया आज हमारी सगाई है तो अपने में कोई नेगेटिव फिलिंग्स मत लाओ, ओके।"
सनाया हां में सर हिलाती है। समीर उसे लेकर नैना के पास आता है, "नैना आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो और सिम्मी भी।"
"थैंक्यू, तुम दोनों भी बहुत सुन्दर लग रहे हो," नैना ने मुस्कुराकर कहा।
तभी समीर को उसके एक दोस्त ने बुला लिया और 'अभी आया' कहकर उधर चला गया। उसके जाने के बाद सनाया के चेहरे की नकली मुस्कान एकदम गायब हो गयी।
"वैसे मानना पड़ेगा तुम्हारी एक्टिंग को, मतलब हर समय ये सीधी सादी बनने का नाटक करके तुम थकती नहीं?" सनाया ने बाण छोड़ते हुए बोली।
सिम्मी उसकी बात सुन गुस्से में आगे बढ़ी कि नैना ने उसका हाथ पकड़ लिया। वो सनाया से मुखातिब होकर बोली, "कहना क्या चाहती हो साफ साफ बोलो?"
"तो सुनो साफ शब्दों में, मुझे तुम्हारा समीर के दस मीटर की दूरी तक दिखना भी पसंद नहीं। ये बन संवरकर तुम्हें क्या लगता है तुम समीर को रिझा लोगी? लेट मी टेल यू, समीर सिर्फ मेरा है, मेरे अलावा वो किसी को नज़र उठाकर भी नहीं देखेगा तो अपना ये सम्मोहन किसी और पर चलाना," बोलकर सनाया तुरंत वहाँ से चली गयी। उसे डर था नैना को देखकर वो सबके सामने अपना आपा ना खो दे।
"इसकी हिम्मत कैसे हुई तुझे इतना कुछ सुनाने की? और तू क्यों पत्थर की मुर्ति की तरह सब सुन रही थी?" सिम्मी के हाथों में सनाया को कूटने की प्रबल इच्छा हो रही थी। अगर उसका बस चले तो उसकी ऐसी धुलाई करे की अगले दिन खुद की ही शक्ल ना पहचान पाये।
"मैं समीर की सगाई में कोई तमाशा नहीं चाहती," नैना समीर की तरफ देखती है जो सनाया के साथ बहुत खुश नज़र आ रहा था।
इस समय एक ऐसे गेस्ट की एंट्री होती है कि सभी का ध्यान उस शख्स पर खिंच जाता है। सिम्मी उधर देखती है तो वो खुशी के मारे चींखने ही लगती है, "नैना वो देख।"
"क्या है?" नैना ने देखा तो उसकी भी आंखें बड़ी हो गयीं। सामने अबीर था।
अबीर बहुत हैंडसम लग रहा था पर उसके चेहरे पर एटिट्युड साफ झलक रहा था जो उसे और भी दिलकश बना रहा था। उसके पीछे 4 बॉडीगार्ड खड़े थे। सारी लड़कियां तो अबीर को देखकर दीवानी हो रही थीं। समीर के पापा सुरेश जल्दी से अबीर का स्वागत करने आते है, "अरे मिस्टर सिंघानिया आप?"
"क्यों मैं नहीं आ सकता?" अबीर इतने खतरनाक लहजे में बोला कि सामने वाला जवाब देने से पहले सौ बार सोचेगा।
"क्यों नहीं आ सकते बिल्कुल आ सकते है," सुरेश जी अपने माथे पर से पसीना पोछते हुए बोले। समीर अपने पापा का ऐसा व्यवहार देख जल्दी से अबीर के सामने आकर बोला, "देखिये मिस्टर आप जो भी है पर हमने आपको इनविटेशन नहीं दिया है इसलिये आप यहाँ नहीं आ सकते।"
"समीर!!!" सुरेश जी समीर का हाथ पकड़ते हुए उसे आंखें दिखाते है।
समीर नाम सुनते ही अबीर की आंखें छोटी हो जाती है और वो समीर को ऊपर से नीचे तक घूरने लगता है, 'तो ये है वो नमूना समीर सहगल जिसे नैना पसंद करती है।' वो अपने कदम समीर की तरफ बढ़ाता है जिससे ना चाहते हुए भी समीर दो कदम पीछे हो जाता है। ये देखकर अबीर के हैंडसम फेस पर डेविल स्माइल आ जाती है, "तो क्या कह रहे थे तुम मैं अबीर सिंघानिया यहाँ नहीं आ सकता?" सुरेश जी की डर के मारे हालत खराब हो रही थी, "मिस्टर सिंघानिया...." वो मरी सी आवाज में बोले पर अबीर ने हाथ दिखाकर उन्हें रोक दिया, "मैं बात कर रहा हूँ ना?" फिर समीर की तरफ मुड़ते हुए, "हां तो हम कहाँ थे, इनविटेशन? मिस्टर समीर सहगल आपको जानकर बेहद दुख होगा कि जहाँ इस वक़्त आप खड़े है वो जगह मेरी है। इस हॉटल का मालिक हूँ मैं तो मैं जब चाहे जैसे चाहे यहाँ आ सकता हूँ और किसी को बाहर भी कर सकता हूँ।"
समीर के चेहरे का रंग उड़ गया उससे कुछ कहते नहीं बन रहा था। सनाया जो कबसे ये सब देख रही थी अंदर ही अंदर गुस्से में पागल हो रही थी। वो इसलिए क्योंकि अबीर ने एक बार भी उसकी तरफ नहीं देखा था। जो भी हो वो अपने कॉलेज की खूबसूरत लड़कियों में से एक थी और आज तो वो इतनी सजी धजी भी थी। फिर भी ये अबीर पता नहीं किस मिट्टी का बना है। वो अपने गुस्से पर काबू कर धीरे से आगे आती है और शहद से भी मीठी आवाज में मासूम सी शक्ल बनाकर अबीर की तरफ देखती है, "मिस्टर सिंघानिया आप..." पर अबीर की नज़र तो कहीं और थी। अबीर उसी ओर बढ़ने लगता है। सब लोग उसकी नज़रों का पीछा करते हैं और उनकी आंखें फटी की फटी रह जाती है।
सबने देखा अबीर ने नैना को गले लगा रखा था। अबीर ने जब नैना को देखा तो देखता ही रह गया, ब्लैक उसका फेवरेट कलर था। उस साड़ी में नैना बला की खूबसूरत लग रही थी और अबीर चाहकर भी उससे अपनी नज़रें नहीं हटा पा रहा था। उसके कदम खुद ब खुद मेगनेट की तरह उसकी तरफ बढ़ने लगते हैं। उसके पास जाकर तो अब अबीर का दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है। उसे नहीं पता था उसके साथ क्या हो रहा था पर वो खुद को उसे गले लगाने से रोक नहीं पाता।
नैना उसे धक्का देने लगती है, "क्या कर रहे हो?"
अबीर उसे छोड़ने की जगह और कसकर पकड़ लेता है और उसके कान में धीरे से कहता है, "तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड तुम्हें हग कर रहा है।"
नैना देखती है सब उनकी तरफ ही देख रहे हैं इसलिए वो कुछ नहीं कर पाती।
उन दोनों को हग करता देख समीर तिलमिला जाता है, "ये क्या बेहूदा हरकत है? तुमने नैना को छुआ कैसे?"
अबीर समीर को जवाब देने की बजाय नैना की तरफ मुस्कुराते हुए देखता है। नैना भी प्यार से अबीर की तरफ देखने लगती है, "ये मेरा ब्वॉयफ्रेंड है अबीर।" नैना की मीठी आवाज में अपने लिए ब्वॉयफ्रेंड सुनकर अबीर खुश हो जाता है। उसने नैना की कमर में हाथ डालकर अपनी तरफ खींचा और उसके गाल पर किस करते हुए बोला, "और ये मेरी जान नैना।"
समीर का चेहरा देखकर लग रहा था जैसे किसी ने उसे करारा झापड़ मारा हो। उसने मुश्किल से पूछा, "तुमने बताया नहीं कि तुम रिलेशनशिप में हो?"
"सब कुछ अचानक से हो गया, मुझे बताने का मौका ही नहीं मिला।" नैना ने अबीर की तरफ देखकर शर्माते हुए कहा।
"चलो समीर रिंग सेरेमनी का टाइम हो रहा है।" सनाया समीर का हाथ पकड़ कर ले जाती है। उनके जाते ही नैना अपनी कमर से अबीर का हाथ हटा देती है और उसे घूरते हुये डांटने लगती है, "ये क्या था कीसी वीसी?"
अबीर मासूम सी शक्ल बनाकर बोला, "कपल ऐसे ही तो करते हैं।"
नैना और ज्यादा भड़क गयी, "तुम्हें बड़ा ज्ञान है कपल क्या क्या करते हैं? लगता है बहुत लड़कियां घुमा चुके हो?"
अबीर नैना की तरफ झुकते हुए, "कहीं तुम्हें जलन तो नहीं हो रही?"
"जले मेरी जूती।" नैना को लग रहा था इस बंदे से बात करना मतलब दीवार पर सर फोड़ना। इसलिए वो अबीर को इग्नोर करके चली जाती है।
"यार मज़ा आ गया क्या एंट्री मारी है अबीर ने! समीर की शक्ल देखने लायक थी।" सिम्मी नैना के पास सोफे पर कूदते हुए अबीर की तारीफ करने लगी। फिर नैना की तरफ देखा जो स्टेज की तरफ देख रही थी। स्टेज पर समीर और सनाया एक दूसरे को अंगूठी पहनाने वाले थे, "नैना तू कब तक उस समीर के लिए आंसू बहाना चाहती है?" सिम्मी गुस्से में नैना को अपनी ओर घुमाते हुए बोली। नैना की आंखें लाल हो गयी थीं, "सिम्मी मुझे इस वक़्त अकेला छोड़ दे प्लीज।" उसने भारी आवाज में कहा और बाहर चली गयी। ये पार्टी हॉल सेकेंड फ्लोर पर बना था। हॉल से बाहर आकर एक लंबी गेलेरी थी और लास्ट में बाल्कनी जहाँ इस वक़्त कोई नहीं था। नैना रेलिंग से टिककर खड़ी हो गयी। बाहर ठंडी हवा चल रही थी। रात का वक़्त था इसलिए नीचे ज्यादा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। ऊपर से आज अमावस्या थी इसलिए आकाश में भी घनघोर अँधेरा छाया हुआ था। नैना को लग रहा था जैसे ऐसा ही अंधेरा उसकी ज़िंदगी में भी छाया हुआ है, तभी कोई उसके कंधे पर हाथ रखता है। नैना पीछे मुड़ती है, सिम्मी को देखकर वो खुद पर काबू नहीं कर पाई और फफककर रोने लगी, "क्यों सिम्मी क्यों? वो मुझसे प्यार क्यों नहीं करता? क्या कमी है मुझमें?" सिम्मी की भी आंखें भर आती हैं। वो नैना की पीठ थपथपाते हुए बोली, "तुझमें कोई कमी नहीं है और वो समीर एक नंबर का गधा है। मैं कह रही हूँ एक दिन ऐसा ज़रूर आयेगा जब वो पछतायेगा।" नैना अपने आंसू साफ करते हुए बोली, "नहीं सिम्मी मैं ही पागल हूँ जो उसके बारे में सोच रही हूँ। अब वो किसी और का हो चुका है और मैं चाहती हूँ वो जिसके साथ भी रहे खुश रहे।"
उधर अबीर ने नैना को बाहर जाते हुए देखा तो वो भी उसके पीछे जाना चाहता था पर सिम्मी को जाता देख वो रूक गया। रिंग एक्सचेंज करने के बाद समीर और सनाया दुल्हा दुल्हन के लिये बनी स्पेशल चेयर पर बैठे थे। उनके दोस्त, फैमिली, फ्रेंड्स एक एक करके डांस प्रफोमेंस दे रहे थे। नैना भी सिम्मी के साथ वापस आ जाती है। नैना को देखते ही सनाया का खुरापाती दिमाग चलने लगा, "नैना तुम तो समीर की बेस्ट फ्रेंड हो ना? तुम्हारा डांस तो बनता है।"
नैना जानती थी सनाया जानबूझकर उसे परेशान कर रही है पर सबके सामने वो मना कैसे करे उसे समझ नहीं आ रहा था। सिम्मी कुछ बोलने ही वाली थी कि अबीर नैना के पास आकर अपना हाथ आगे कर देता है, "मे आय हेव द प्लेजर टू डांस विद यू, माय लेडी?" नैना अबीर के हाथ को देखती है। उसे पता था अबीर उसे बचाने के लिये ये सब कर रहा है। उसके दिल में एक सूकून आ गया। उसने मुस्कुराकर अपना हाथ उसके हाथ में दे दिया, "श्योर।" सिम्मी तो हूटिंग ही करने लगी।
सनाया का मुंह ज़रा सा रह गया, वहीं समीर को खुद नहीं पता था उसके साथ क्या हो रहा था? उसे नैना और अबीर को साथ देखकर बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था, शायद इसलिए क्योंकि नैना आज तक उसके अलावा किसी लड़के के क्लोज नहीं रही। हाँ, शायद इसलिए ही उसे बुरा लग रहा है। समय के साथ उसको आदत हो जाएगी, समीर खुद को समझाता है तो उसे कुछ ठीक महसूस होता है।
अबीर और नैना एक दूसरे के सामने खड़े होते हैं। उन दोनों पर स्पॉट लाइट्स पड़ती हैं, बाकि पूरे हॉल में अंधेरा हो जाता है। नैना अब थोड़ा घबरा रही थी क्योंकि समीर के अलावा उसने किसी के साथ कपल डांस नहीं किया था। अचानक से अबीर उसे अपनी बांहों में खींच लेता है। वो नैना का हाथ अपने कंधे पर रखता है और दूसरा अपने हाथ में पकड़ लेता है,
"क्यों नकचड़ी बंदरिया, डर लग रहा है?"
नैना एक पल में अपनी घबराहट भूल जाती है और उसे घूरते हुए कहती है, "डर वो भी नैना को हुंह!"
गाना स्टार्ट हो जाता है 'मेरे हाथ में तेरा हाथ हो सारी जन्नतें मेरे साथ हो'। दोनों इतना बढ़िया और रोमांटिक डांस करते हैं कि सभी लोग मंत्रमुग्ध होकर उन्हें देखने लगते हैं। गाना पूरा होने के बाद भी वो दोनों एक दूसरे की आंखों में खोये हुए थे। तालियों की गड़गड़ाहट से उनका ध्यान टूटा। 😍
"वाह जानेमन क्या डांस किया है तूने मज़ा आ गया" सिम्मी नैना को हग करते हुए बोली।
"कोई अपने आप को बहुत बड़ा तीस मार खां समझ रहा था" नैना अबीर को टेड़ी नज़रों से देखते हुए बोली। 😏
"वाह अबीर सर आपने तो नैना को भी मात दे दी, आपके डांस में क्या ग्रेस था, क्या स्टाइल था मैं तो आपकी फैन हो गयी" सिम्मी नैना को छोड़ अबीर के सामने उछलते हुए बोली बस दंडवत प्रणाम करने की देरी थी। 🤣
अबीर (नैना को देखते हुए) - 😏
नैना (सिम्मी को देखते हुए) - 😠
और इसी बात पर नैना पैर पटकते हुए चली गयी।
इधर सनाया इतनी जल चुकी थी कि उसके सामने बैंगन के भूर्ते का भुना हुआ बैंगन भी शर्मा जाए। 🤣🤣
सब के डांस के बाद आज के मेन कपल समीर और सनाया के डांस की बारी थी, सनाया का मूड थोड़ा ठीक हुआ और वो इतराते बलखाते समीर के साथ स्टेज पर पहुँची, गाना बजना शुरू हुआ 'पल्लू लटके गोरी का पल्लू लटके'।
उधर स्टेज के नीचे नैना अबीर और सिम्मी से नाराज होकर उन दोनों का डांस देख रही थी, उसे ये भी खबर ना हुई कि वो समीर और सनाया एकसाथ डांस करते हुए देख रही लेकिन उसे तकलीफ नहीं हुई बल्कि उसका दिमाग अबीर से गुस्सा होने में था। अबीर नैना की तरफ देखकर मन ही मन मुस्कुराता है, एक नज़र स्टेज पर डालता है जहाँ सनाया नैना को जलाने का एक मौका नहीं छोड़ रही थी, कभी समीर का हाथ अपने पेट पर रख लेती कभी उसके चेहरे पर उंगलियाँ घुमाने लगती, अबीर की आंखें छोटी हो गयी उसने अपने आदमी को कुछ इशारा किया।
अचानक से बीच डांस में गाना 'गोरी का पल्लू लटके' से 'फूलों का तारों का सबका कहना है एक हजारों में मेरी बहना है' में चेंज हो जाता है समीर और सनाया सकपकाकर रूक जाते हैं और सब लोग हंसते हंसते लोट पोट हो जाते हैं। नैना से भी कंट्रोल नहीं होता और उसकी भी हंसी छूट जाती है। सनाया एक नज़र सबको देखती है और रोते हुए भाग जाती है समीर गुस्से में डीजे को डाटता है, "क्या बत्तमीजी है ये?"
"मेरा तो हंसते हंसते पेट दुख कर रहा है" सिम्मी अब भी सनाया की हालत याद कर हंसे जा रही थी, नैना ने मुस्कुराते हुए उसके सर पर टपली मारी, "बस कर अब"। सिम्मी चुप हो जाती है और धीरे से बोलती है, "फूलों का तारों का" दोनों एक दूसरे को देखती हैं और ज़ोर से हंस पड़ती है तभी नैना के ड्राइवर का कॉल आता है, फोन रखकर वो थोड़ा परेशान हो जाती है, "क्या हुआ?" सिम्मी ने पूछा।
"यार रास्ते में गाड़ी खराब हो गयी आधा घंटा यही वेट करना होगा।"
"मैं तुम दोनों को ड्रॉप कर देता हूँ" समीर पीछे से आते हुए बोला।
नैना कुछ जवाब देती उससे पहले अबीर ने उसकी कमर में अपना हाथ डालते हुए कहा, "नैना मेरी गर्लफ्रेंड है उसकी ज़िम्मेदारी मेरी है।"
"मैं नैना को तुमसे ज्यादा समय से जानता हूँ बचपन से वो मेरे साथ आती जाती है" समीर ने नैना पर अपना हक जताकर अबीर को नीचा दिखाते हुए कहा।
अबकी बार अबीर ने कुछ नहीं कहा, उसके सीने में समीर की बातें सुनकर दर्द सा हुआ। उसने धीरे से नैना की कमर से अपना हाथ हटाया और जाने लगा। अगले ही पल एक नर्म नाजुक हथेली ने उसका हाथ थाम लिया, अबीर हैरानी से पलटा तो नैना ने ना में सर हिला दिया। नैना को खुद नहीं पता पर समीर की बातें आज उसे अच्छी नहीं लग रही थी बल्कि जहर की तरह चुभ रही थी मेरे साथ आती जाती है क्या वो समझता है मैं किसी और के साथ नहीं जा सकती? बचपन से जानता हूँ अगर जानते तो मेरे दर्द को समझते? ये सब सोचते हुए नैना ने फॉर्मल स्माइल के साथ समीर को देखा और अबीर को अपनी तरफ खींचते हुए बोली, "थैंक्यू समीर पर तुम्हें इस समय अपनी मंगेतर के साथ होना चाहिए मेरे लिये अबीर है।"
समीर के चेहरे का रंग उड़ गया वहीं अबीर के चेहरे पर चमक आ गयी, "सिम्मी चल" नैना ने सिम्मी का हाथ पकड़ा और आगे बढ़ गयी। अबीर ने समीर को आंख मारी 😉 और नैना के पीछे सीटी बजाकर स्टाइल से चलने लगा। समीर का मन कर रहा था अबीर का मुंह तोड़ दे पर अफसोस अबीर के पीछे चल रहे 4 मुस्टंडे बॉडीगार्ड देखकर उसके अरमान दिल में ही दबकर रह गये। 😂😂