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Princess
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कार्तिका बहुत ही सुन्दर लड़की है। जिसने अभी अपनी school की पढ़ाई complete कर ली है। अब उसे computer से engineering करनी थी। कार्तिका की family में उसके मम्मा-पापा हैं। कार्तिका उनकी इकलौती बेटी है।
कार्तिका के parents कार्तिका से बहुत प्यार करते हैं। वो दोनों कार्तिका को हमेशा support करते हैं।
लेकिन कार्तिका ने जब अपने मम्मा-पापा को computer से engineering के लिए बोला तो उसके पापा ने हां कर दी but कार्तिका की मम्मा ने मना कर दिया क्योंकि वो हमेशा से ही चाहती थी कि कार्तिका बड़ी होकर एक successful Doctor बनें। क्योंकि वो खुद किसी कारण से Doctor नहीं बन पाई लेकिन वो कार्तिका को doctor बनते हुए देखना चाहती थी। कार्तिका ने अपनी मम्मा को doctor बनने के लिए मना कर दिया। इस बात पर कार्तिका और उसकी मम्मा में झगड़ा हो गया और कार्तिका अपनी best friend दिव्या के पास चली गई।
दिव्या और कार्तिका बचपन से ही अच्छी दोस्त हैं। उन दोनों ने साथ में ही अपनी पढ़ाई पूरी की। उन दोनों की family भी आपस में दोस्त थी। इसलिए दोनों एक-दूसरे के घर पर बिना बताए आ जाती और कभी-कभी तो वहीं रुक भी जाती। उन दोनों के parents को इस बात से कोई problem नहीं थी।
इसलिए कार्तिका दिव्या के पास आ गई और उसे सारी बातें बता दी।
दिव्या ने कहा: "ठीक है, तुम आज यही रूक जाओ और रही uncle-aunty की बात तो मैं उनसे बात करुंगी और उन्हें समझाऊंगी।"
तभी दिव्या के phone पर कार्तिका के पापा का call आया।
दिव्या ने call pick किया और कार्तिका के पापा से बात की।
जैसे ही call cut हुआ तो कार्तिका ने दिव्या से पूछा कि मेरे पापा ने क्या कहा?
दिव्या ने कार्तिका से कहा: "तुम अपनी मम्मा को doctor के लिए हां कर दो।"
कार्तिका, दिव्या की बात सुन कर shocked हो गई और बोली: "तुम कहीं पागल-वागल तो नहीं हो गई। तुम मुझे support करने के बजाय मम्मा को support कर रही हो।"
दिव्या, कार्तिका की बात को बीच में काटते हुए बोली: "पहले मेरी बात तो पूरी सुन लो। फिर कुछ कहना।"
कार्तिका चुप हो गई और दिव्या की सुनने लगी।
दिव्या ने कहा: "सुनो! तुम घर बैठे तो आगे की पढ़ाई करोगी नहीं। तुम बस अपनी मम्मा की खुशी के लिए उनसे बोल देना कि तुम doctor की पढ़ाई करने के लिए तैयार हो और तुम वहां engineering करती रहना।"
कार्तिका दिव्या की बात से shocked हो गई और बोली: "तुम ये क्या बोल रही हो। मैं मानती हूं कि तुम्हारा plan अच्छा है लेकिन मम्मा-पापा को ऐसे धोखा देना....., ना बाबा ना, मुझ ना हो पाएगा।"
फिर दिव्या ने serious होकर कहा: "तुम्हारे पापा का plan है।"
ये सुनकर कार्तिका और भी ज्यादा shocked हो गई और बोली: "पापा! मेरे पापा ने कहा है तुमसे ऐसा?"
कार्तिका की बात पर दिव्या ने हां में सिर हिला दिया।
कार्तिका ये सुनकर खुश हो गई।
कार्तिका दिव्या की बात सुनकर खुश हो गई।
तभी दिव्या ने कार्तिका से पूछा, "तुम्हारी कॉलेज कब announce होगी?"
कार्तिका कहती है, "Evening में 5 बजे, लेकिन अब क्या time हुआ है?"
तब दिव्या कहती है, "4:55 हुए हैं।"
कार्तिका कहती है, "क्या?"
फिर दोनों जल्दी से laptop की तरफ भागती हैं और college name देखने लगती हैं।
जैसे ही कार्तिका college name देखती है, तो उसकी आँखों में आंसू आ जाते हैं और वो सीधा दिव्या को गले लगा लेती है। फिर दोनों मिलकर dance करने लगती हैं।
तभी कार्तिका को उसके पापा का call आता है।
जैसे ही कार्तिका call pick करती है, तो उधर से उसके पापा कार्तिका को congratulat करते हैं और कहते हैं, "बेटा, तुम जो भी करना चाहती हो, वही करो। किसी के दबाव में आकर कुछ भी मत करो और रही तुम्हारी मम्मा की बात, तो वो बाद में सब समझ जाएंगी। बस मैंने तुमसे करने को जो कहा है, तुम वो ही करो और हां, तुम आज दिव्या के पास ही रुक जाना। कल तक तुम्हारी मम्मा का गुस्सा शांत हो जाएगा और मैंने तुम्हें कुछ पैसे किये हैं, तुम्हें जो कुछ भी चाहिए वो ले लेना।"
अपने पापा का इतना support देख कर कार्तिका की आँखों में आंसू आ गए और उसने अपने पापा को हां कर दिया और उसे इतना support करने के लिए thank you बोला। और फिर call cut कर दिया।
दिव्या कार्तिका के mood को ठीक करने के लिए कहती है, "चलो, तुझे तो तेरी favourite college मिल गई। चल बाहर चल कर party करते हैं। मम्मा-पापा आएंगे तब तक हम भी वापस जाएंगे।"
फिर दोनों तैयार होकर बाहर party करने चली गईं।
जब वो दोनों party करके घर आ रही थीं, तो कार्तिका ने दिव्या से कहा, "तुम्हारे मम्मा-पापा को अगर मेरे झूठ के बारे में पता चला तो वो तो मेरी मम्मा को बता देंगे।"
दिव्या उसकी बात पर कहती है, "अगर मम्मा-पापा को तुम्हारे बारे में मैं अभी बता दूं तो वो तुम्हें ही support करेंगे क्योंकि तुम उनकी लाड़ली जो हो।"
कार्तिका कहती है, "और भईया का क्या? वो तो मेरे मम्मा-पापा का लाड़ला है। अगर उसने कुछ बता दिया तो।"
दिव्या कहती है, "तो..... तो हम दोनों मिलकर उसकी पीटाई कर देंगे।"
दिव्या की इस बात पर कार्तिका को हंसी आ जाती है।
तभी पीछे से आवाज़ आती है, "किसको पीटने की बात चल रही है?"
वो दोनों जैसे ही पीछे मुड़ती हैं तो उन दोनों की आंखें फटी की फटी रह गईं क्योंकि उन दोनों के पीछे दिव्या का भाई खड़ा था और उन दोनों को घूर रहा था।
दिव्या का भाई अयान उन दोनों के पास आते हुए बोला, "बताओ, तुम दोनों किसको पीटने की बात कर रही थी? क्या मैं उसमें तुम्हारी कुछ Help करू?"
दिव्या अयान से डरते हुए बोली, "किसी की भी तो नहीं। वो तो हम यूं ही मजाक कर रहे थे।"
बात को संभालते हुए कार्तिका बोली, "भईया जैसा आप सोच रहे हो वैसा कुछ भी नहीं है। वो तो game खेलते हुए हम दोनों बार-बार हार रहे थे और जिस बंदे से हम हार रहे थे तो दिव्या उसकी पीटाई की बात कर रही थी।" फिर कार्तिका दिव्या की तरफ देखते हुए बोली, "क्यों दिव्या! मैं सही कह रही हूं ना।"
दिव्या कार्तिका की बात को समझ गई और बोली, "हां, भईया हम दोनों उसी के बारे में बात कर रहे थे।"
फिर अयान उन दोनों की तरफ देखता है और कहता है: "तुम दोनों जितनी भोली और मासूम दिखती हो, उतनी हो नहीं। ऐसा हो ही नहीं सकता तुम दोनों किसी से हार जाओ। तुम दोनों को मैं बचपन से जानता हूं। तुम दोनों एक-दूसरे से हार जाओगी लेकिन किसी तीसरे बंदे से...इम्पॉसिबल। मैं नहीं मान सकता कि तुम किसी से हार गई। अब सच-सच बताओ बात क्या है?"
तभी कार्तिका बात को चेंज करते हुए बोली: "भईया, आप भी ना कौनसी बात लेकर बैठ गये। इस बात को मारो गोली। आप मुझे ये बताओ आप क्या खाना पसंद करोगे? क्या आप आइसक्रीम खाओगे या कुछ और? जल्दी बताओ, आज आप जो भी खाओगे वो मैं आपको खिलाने के लिए तैयार हूं।"
अयान कार्तिका की बात सुन कर सीधा बोला: "अब कौनसा नया कांड कर दिया तुम दोनों ने? जल्दी मुझे बताओ, नहीं तो मैं मम्मा-पापा को बता दूंगा।"
दिव्या, अयान से कहती है: "क्या आपको हमेशा ये ही लगता है कि हम कुछ ना कुछ कांड करते ही रहते हैं?"
दिव्या की बात पर अयान कहता है: "हां, तभी तो तुम मुझे आइसक्रीम की ट्रीट दे रही हो और ये तुम मुझे तब देती हो जब तुम दोनों ने कुछ किया हो और मम्मा-पापा से बचना हो। अब जल्दी बताओ ऐसा क्या किया है तुम दोनों ने।"
कार्तिका कहती है: "भईया ऐसा थोड़ी ना होता है। हम जब भी खुश होते हैं तब भी आपको कुछ ना कुछ खिलाते हैं। वैसे भईया इस बार हम दोनों ने कुछ भी नहीं किया। आज मेरे पास 2 न्यूज़ है।"
फिर अयान कहता है: "कैसी न्यूज़?"
कार्तिका कहती है: "वो तो मैं आपको बाद में बताऊंगी, पहले आप ये बताईए आप कौनसे फ्लेवर की आइसक्रीम खाओगे?"
अयान, कार्तिका की बात मान गया और बोला जो पहले खाते थे आज भी वो ही खा लेंगे।
फिर तीनों आइसक्रीम लेकर घर की तरफ चल दिए।
दिव्या की फैमिली में दिव्या के मम्मी-पापा और एक बड़ा भाई है। तीनों भाई-बहन एक साथ बड़े हुए हैं। दोनों के पेरेंट्स तीनों को अपने ही बच्चे समझते हैं। किसी में भी किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करते। अयान ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और अब वो पेंटिंग्स करता है क्योंकि उसे पेंटिंग का बचपन से ही शौक था।
जैसे ही तीनों घर के अंदर आए तो दिव्या के मम्मा-पापा कार्तिका को देख कर बड़े ही खुश हुए और अपने पास बैठाते हुए बोले: "बेटा इतने दिनों बाद तुम्हें देख कर खुशी हुई। तुम रोज यहां आया करो। हमें तुम्हारी बहुत याद आती है।"
तभी दिव्या चिढ़ाते हुए बोली: "पापा मैं और भईया भी तो यही रहते हैं लेकिन आपको हमारी याद कभी नहीं आती।"
तब कार्तिका दिव्या को और चिढ़ाते हुए बोली: "तभी तो याद नहीं आती।"
सभी कार्तिका और दिव्या की इस छोटी सी नोंक-झोंक पर हंसने लगे।
तभी दिव्या की मम्मा बोली: "कार्तिका, क्या तुम्हारे मम्मा-पापा को पता है कि तुम यहां हो।"
तब दिव्या की मम्मा कार्तिका से बोली: "कार्तिका बेटा, तुम्हारे मम्मी-पापा को तो पता है ना कि तुम यहां हो।"
कार्तिका ने हां में सर हिला दिया। फिर सभी ने खाना खाया।
दिव्या के मम्मी-पापा खाना खाकर बालकनी में चले गए नेचर का लुफ्त उठाने और कार्तिका, दिव्या और अयान तीनों से कहते हैं "तुम भी हमारे साथ बैठो।"
तो कार्तिका कहती है, "वो आंटी जी, मुझे कुछ काम है और उस काम में इन दोनों की हेल्प चाहिए।"
तब दिव्या की मम्मा कहती है: "ऐसा कौनसा काम है जो तुमसे नहीं हो रहा?"
तब कार्तिका कहती है: "आंटी जी, मैं आपको भी बताऊंगी लेकिन बाद में।"
फिर तीनों जल्दी से दिव्या के रूम में चले गए।
रूम में आने के बाद अयान उन दोनों से कहता है: "अब जल्दी बताओ क्या हुआ?"
कार्तिका ने अपनी इंजीनियरिंग की सारी बातें अयान को बता दी और कहा: "पापा की तरफ़ से हां हैं लेकिन मम्मा की तरफ से........"
अयान उसकी बात को समझ गया और उसने कार्तिका की हेल्प के लिए हां कर दी क्योंकि उसे पता था कि कार्तिका को बचपन से ही कंप्यूटर का शौक रहा है।
अयान के हां कहने पर कार्तिका और दिव्या ने अयान को गले से लगा लिया और कहा: "You are the best brother in the world."
फिर अयान उन दोनों को खुद से दूर करते हुए कहता है: "हां अब ज्यादा मसखा मत लगाओ बल्कि ये सोचो अगर मम्मी-पापा को पता लग गया और उन्होंने तुम्हारी मम्मा को बता दिया तो, तो क्या होगा।"
तभी दिव्या कहती है: "इसलिए तो आपको बताया है। अब आप जानो, आप मम्मी-पापा को कैसे बताओगे।"
अयान दिव्या की बात से शॉक होकर बोला: "क्या मैं बताऊं, बिल्कुल भी नहीं।"
कार्तिका और दिव्या के ज्यादा फ़ोर्स करने पर अयान मान गया।
अयान बाहर बैठे अपने मम्मी पापा के पास गया और कार्तिका की सारी प्रॉब्लम बता दी और कहा: "प्लीज आप दोनों कार्तिका की मम्मी को कुछ भी मत बताना। टाइम आने पर कार्तिका सब बता देगी।"
दिव्या के मम्मी पापा इसके लिए मान गए।
दिव्या की मम्मा ने कार्तिका से पूछा: "बेटा तुम कब जा रही हो बाहर आगे की पढ़ाई के लिए?"
कार्तिका ने दिव्या की मम्मी से कहा: "आंटी जी, आप पहले मम्मा को समझाइए और उनसे कहिए कि मैं डॉक्टर की पढ़ाई के लिए तैयार हूं और उन्हें यकीन दिलाइए, अगले मंथ ज्वाइन करना है। इसके लिए अभी से तैयारी करनी होगी।"
फिर सभी कुछ देर बात करने के बाद सोने के लिए अपने-अपने कमरे में चले जाते हैं।
नेक्स्ट डे
सभी ब्रेकफास्ट करके अपने-अपने काम में लग जाते हैं। दिव्या की मां कार्तिका के साथ कार्तिका के घर जाती है और कार्तिका के मम्मी को बताती है कि कार्तिका डॉक्टर की पढ़ाई के लिए मान गई है।
कार्तिका की मम्मी इस बात को जानकर बहुत खुश होती है।
अगले दिन जब कार्तिका अपने यूनिवर्सिटी फॉर्म को देखती है तो वो बहुत ही शॉक हो जाती है और तुरंत ही दिव्या को कॉल करती है।
अगले दिन जब कार्तिका अपने यूनिवर्सिटी फॉर्म को देखती है तो वह बहुत ही शॉक्ड हो जाती है और तुरंत ही दिव्या को कॉल करती है।
उधर दिव्या नींदों में कॉल अटेंड करके कार्तिका से कहती है: "हां बोलो क्या हुआ जो इतनी सुबह-सुबह कॉल किया? क्या आंटी जी को पता चल गया?"
इधर कार्तिका दिव्या से कहती है: "नहीं, नहीं मम्मा को कुछ भी पता नहीं लगा।"
दिव्या कहती है: "तो तुमने मुझे इतनी सुबह कॉल क्यों किया?"
कार्तिका कहती है: "तुम मुझे पहले ये बताओ तुमने मेरा gender क्या भरा था form में।"
दिव्या कहती है: "क्या! तुमने मुझे इतनी सुबह ये पूछने के लिए कॉल किया?"
कार्तिका फिर गुस्से में दिव्या से कहती है: "मैंने तुमसे जितना पूछा है उतना ही जवाब दो।"
दिव्या कार्तिका के गुस्से को समझते हुए कहती है: "ओके, ओके I tell you, M_a_l_e मादा होती है ना अब बताओ क्या हुआ जो तुम इतनी गुस्से में हो?"
कार्तिका कहती है: "कुछ भी नहीं, मैं अभी तुम्हारे घर आती हूं।"
दिव्या ओके बोल देती है, उसके बाद कॉल कट कर देती है।
इतना कह कर कार्तिका गुस्से में अपने घर से निकल कर दिव्या के घर के लिए निकल ही रही होती है तो कार्तिका के मम्मी-पापा कार्तिका को इतने गुस्से में देख कर कार्तिका से बोले: "बेटा कार्तिका! क्या हुआ जो आप इतने गुस्से में हो और अभी आपने नास्ता भी नहीं किया तो आप नास्ता कर लो।"
कार्तिका अपने मम्मा-पापा से बोली: "कुछ नहीं, मैं बाद में आपको सब एक्सप्लेन करूंगी, अभी मुझे कुछ काम है और मैं नाश्ता दिव्या के घर पर कर लूंगी। मुझे दिव्या से कुछ काम है तो मैं वहीं जा रही हूं।"
इतना कह कर कार्तिका दिव्या के घर के लिए निकल गयी।
कार्तिका को इतने गुस्से में देख कर कार्तिका के मम्मी-पापा आपस में कहते हैं: "पता नहीं क्या हुआ लेकिन आज शायद ये दिव्या को नहीं छोड़ेंगी।"
तभी कार्तिका की मम्मा कार्तिका के पापा से कहती हैं: "आज आप इन दोनों के बीच में मत बोलना।"
कार्तिका के पापा हां में सर हिला देते हैं।
तभी कार्तिका के पापा दिव्या के घर कॉल करते हैं तो उधर से दिव्या के पापा कॉल अटेंड करते हैं।
कार्तिका के पापा दिव्या के पापा से कहते हैं: "कार्तिका गुस्से में तुम्हारे घर आ रही है तो आप उन दोनों के बीच में कुछ मत बोलना और वो कार्तिका ने नाश्ता नहीं किया तो उसे....."
इतना सुनते ही दिव्या के पापा हां कर देते हैं और कहते हैं: "आप बिल्कुल भी चिंता मत करो। कार्तिका यहां नाश्ता कर लेगी, वैसे आज क्या हुआ?"
कार्तिका के पापा कहते हैं: "मैंने भी पूछा लेकिन उसने कुछ भी नहीं बताया तो आप देख लेना।"
इतना कह कर कार्तिका के पापा कॉल कट कर देते हैं।
कुछ देर बाद कार्तिका दिव्या के घर पहुंच जाती है।
वहां पहुंच कर कार्तिका सबसे पहले दिव्या के पापा और मम्मा को देखती है तो उन्हें गुड मॉर्निंग विश करती है और कहती है: "मुझे दिव्या से कुछ काम था तो मैं इतनी सुबह-सुबह यहां आ गई।"
दिव्या के मम्मी-पापा को पहले से ही पता था तो वो भी उसे वेरी गुड मॉर्निंग विश करते हुए कहते हैं: "ये घर तुम्हारा भी तो है, तो तुम जब चाहो तब यहां आ सकती हो।"
फिर कार्तिका हां में सर हिलाते हुए मुस्कुराती है और दिव्या के रूम में चली जाती है।
कार्तिका हां में सर हिलाती है और दिव्या के रूम में चली जाती है।
कार्तिका रूम में आकर अंदर से कुंडी लगा कर जैसे ही पीछे की ओर मुड़ कर देखती है तो उसे दिव्या आराम से सोती हुई नजर आती है।
एक बार के लिए तो कार्तिका सोचती है कि इसे आराम से सोने देती हूं, फिर उसे याद आता है कि उसने क्या किया है, तो वह तुरंत ही दिव्या के पास जाकर उसके ऊपर लेट जाती है और उसे कस कर पकड़ लेती है और उसे सोने नहीं देती।
दिव्या को पता था ये कार्तिका है तो वो कार्तिका से बोली, "कार्तिका मुझे पता है ये तुम ही हो। अब बताओ क्या हुआ जो तुम इतनी सुबह यहां आकर मुझे सोने नहीं दे रही?"
कार्तिका उससे कहती है, "कुछ नहीं, बस तुम मुझे ये बताओ तुमने मेरे फॉर्म में जेंडर क्या भरा था।"
दिव्या चिढ़ती हुई कहती है, "तुम ये पूछने यहां आई हो, वैसे भी मैंने तुम्हें पहले ही बता दिया था तो अब क्यों पूछ रही हो?"
कार्तिका गुस्से से खड़ी होकर उसे बेड़ पर उल्टा करके उसके हाथ को मोड़ते हुए कहती है, "हां, मैं यहीं पूछने आई हूं। अब जल्दी से बताओ मुझे।"
दिव्या कहती है, "आर यू क्रेजी! मैंने तुम्हें बताया तो था कि मैंने मादा यानी मेल भरा है। अब मुझे छोड़ो..... मुझे बहुत दर्द हो रहा है।"
कार्तिका उसे छोड़ देती है और उसे बैठने के लिए कहती है।
दिव्या आराम से बैठते हुए कहती है, "व्हाट हैपन्ड.... तुम आज ऐसे रिएक्ट क्यों कर रही हो?"
कार्तिका आराम से उसके पास आकर बैठ जाती है और उसके कंधे पर हाथ डालकर कहती है, "वो एक्चुअली मैं फीमेल का मीन्स भूल गई हूं तो क्या तुम मुझे फीमेल का मीन्स बता सकती हो।"
कार्तिका की बात पर दिव्या झट से कहती है, "फीमेल मीन्स वुमन होता है।"
कार्तिका दिव्या को रिपीट करने के लिए कहती है।
दिव्या फिर से रिपीट करती है, लेकिन उसे अब समझ में आता है कि वो क्या कह रही है और उसने क्या कर दिया है। इसलिए रिपीट करते टाइम दिव्या की वॉइस कम हो जाती है।
कार्तिका को पता लग जाता है कि दिव्या समझ गई है कि वो क्या कह रही है।
जैसे ही दिव्या रिपीट करना बंद करती है तो वो धीरे-धीरे कार्तिका से दूर होकर भागने लगती है, लेकिन कार्तिका ने उसे और भी ज्यादा मजबूती से पकड़ लिया जिससे दिव्या भाग नहीं पाती।
दिव्या अपने आप को कार्तिका से छुड़ाने की बहुत कोशिश करती है लेकिन नहीं छुड़ा पाती। इस दौरान कार्तिका गलती से दिव्या के ऊपर गिर जाती है। इस बीच दोनों का आई कांटेक्ट होता है और कार्तिका दिव्या से फ़्लर्ट करते हुए कहती है, "अब बताओ मैं तुम्हारे साथ क्या करूं?"
दिव्या कार्तिका को देख कर अपनी हंसी को कंट्रोल नहीं कर पाती और वो जोर-जोर से हंसने लगती है।
कार्तिका को भी हंसी आ जाती है और वो दिव्या के ऊपर से खड़ी होकर बेड़ से उतर कर सोफे पर बैठ जाती है।
दिव्या जैसे-तैसे करके अपनी हंसी को कंट्रोल करती है।
दिव्या जैसे-तैसे करके अपनी हंसी को कंट्रोल करती है और कार्तिका के पास जाकर उससे सॉरी करने लग जाती है।
कार्तिका उसे बेड की तरफ़ ले जाकर उसके गुदगुदी करने लग जाती है। फिर दोनों के बीच मीठा सा झगड़ा होता है और फिर सुलह भी हो जाती है।
इतनी मस्ती करने के बाद दोनों थक कर बैठ जाती है और तभी दोनों के पेट से आवाज आने लग जाती है।
दिव्या कहती है: "तुमने तो मुझे डरा ही दिया था। लेकिन अब बहुत भूख लग रही है।"
कार्तिका भी कहती है: "वो छोड़ो, उसके बारे में मैं तुमसे बाद में बात करूंगी। पहले कुछ खा लेते है, मुझे भी भूख लग रही है।"
इतना कह कर दोनों अपना-अपना हुलिया ठीक करने लग जाती है। तभी दिव्या की मम्मा आवाज देकर कहती है: "तुम दोनों कब तक कमरे में बंद रहोगी, चलो नाश्ता कर लो। नाश्ता रेडी है।"
इतना सुनते ही दोनों हंसते हुए बाहर आकर बैठ जाती है।
दिव्या के पापा कार्तिका से कहते है: "क्या हुआ बेटा, जो तुम आज इतने गुस्से में थी।"
कार्तिका कहती है: "कुछ नहीं अंकल जी, मैंने इससे कहा....."
तभी दिव्या कार्तिका की बात को बीच में काटते हुए बोली: "वो पापा, इसने मुझ से शॉपिंग के लिए बोला और मैंने मना कर दिया था इसलिए ये यहां सिर्फ़ मुझे मनाने के लिए आई।"
तभी पीछे से दिव्या की मम्मा बोली: "इतने गुस्से में, मुझे नहीं लगता, तुमने ही कुछ किया होगा।"
कार्तिका बोलने वाली ही थी कि तभी दिव्या उसका हाथ जोर से पकड़ लेती है और कहती है: "नहीं, नहीं मम्मा, ये ही बात है और कुछ नहीं। अगर आपको मुझ पर यकीन नहीं तो आप कार्तिका से पूछ लिजिए।"
दिव्या कार्तिका को इशारे करते हुए बोली: "है ना कार्तिका, मैं सही कह रही हूं ना।"
कार्तिका को उसकी इस हरकत पर हंसी आ जाती है और वो अपनी हंसी को कंट्रोल करते हुए हां में सिर हिला देती है।
तभी पीछे से आवाज़ आती है, "आज घर में इतना शोरगुल क्यों हो रहा है। अच्छा आज ये दोनों छिपकली साथ है। तभी मैं सोचूं इतनी आवाज कैसे हो रही है।"
जब सभी उस ओर देखते हैं तो वहां अयान था जो नाश्ता करने आ रहा था।
अयान कार्तिका को देख कर कहता है: "कार्तिका, तुम इतनी सुबह-सुबह यहां क्या कर रही हो। क्या तुम दोनों ने फिर से झगड़ा किया?"
कार्तिका कुछ बोलती उससे पहले ही दिव्या अयान को टोंट मारते हुए बोली: "वो एक्चुअली क्या है ना भैया, कार्तिका मुझे बहुत ही ज्यादा मिस कर रही थी इसलिए वो बिना कुछ खाए पीए यहां मुझ से मिलने आ गई। अब आपके दोस्तों जैसी थोड़ी ना है मेरी bestie वो तो सबसे बेस्ट है और रही झगड़े की बात तो वो हमारे दुश्मनों में हो हम में क्यों।"
दिव्या की बात सुन कर अयान चुप हो जाता है क्योंकि उसका कोई भी दोस्त नहीं था।
फिर सभी साथ में मिलकर नाश्ता करने लगे।
नाश्ता करते टाइम दिव्या के पापा कार्तिका से बोले: "बेटा, तुम्हारी मम्मा को पता थोड़ी ना चला है।"
कार्तिका अंकल जी की इस बात पर ना में सिर हिला देती है।
सभी breakfast करके अपने-अपने काम में लग गए और कार्तिका और दिव्या कमरे में चले गयी।
कमरे में जाकर कार्तिका दिव्या से बोली : अब मैं क्या करूं। क्या अब मुझे boy बनकर रहना पड़ेगा।
दिव्या बोली : अगर इसका second solution हो जैसे कि अगर ये Male female में change हो जाए। क्यूं ना college के principal से बात करें। अगर वो कुछ कर सकें तो.......
कार्तिका बोली : वो कुछ नहीं करेंगे क्योंकि वो पापा-मम्मा को जानते हैं। अगर उन्होंने मम्मा को बता दिया तो ........
फिर तो Male ही अच्छा है दिव्या ने खुश होते हुए कहा।
कार्तिका shocked हो गई और पूछा : but How ?
दिव्या, कार्तिका के सिर पर मारते हुए बोली : अरे पागल ! इतना भी नहीं समझी। खैर कोई ना, मैं समझती हूं। अब ध्यान से सुनो, principal तुम्हारे parents को जानते हैं तो फिर वो तुम्हें भी जानते होंगे। अगर नहीं भी जानते तो वो तुम्हें देख कर पहचान जाएंगे और फिर वो तुम्हारे parents को बता देंगे। अगर तुम्हारी मम्मा को पता चला तो ...... फिर तो तुम जानती ही हो कि क्या होगा। अब भलाई इसी में है कि तुम boy बनकर रहो।
कार्तिका रोने जैसा मुंह बनाकर और अपने बालों को हाथ में लेकर बोली : तुम वैसे तो सही कह रही हो but क्या अब मुझे मेरे बाल काटने पड़ेंगे।
दिव्या उसकी ऐसी हरकत देखकर हंसी नहीं रोक पाई और जोर जोर से हंसने लगी।
कार्तिका दिव्या को गुस्से से घूर रही थी। दिव्या की नजर जब कार्तिका पर पड़ी तो उसने अपनी हंसी को control किया और बोली : पागल! तुझे बाल काटने की क्या जरूरत है wig किस काम की।
कार्तिका दिव्या को हैरानी से देखने लगी।
कार्तिका को ऐसे देख दिव्या ने कहा : मेरी गलती से हुआ है तो मैं wig को तुम्हारे लिए खरीद दुंगी।
फिर कार्तिका ने खुशी से दिव्या को गले लगा लिया।