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आज की रात में कुछ अलग ही नशा था मनो हर कोई इस नशे में झूम रहा होव, और इन सब के बीच
एक लड़की पार्किंग लोट स बाहर निकल रही थी उसके आंखों से आंसू बह रहे थे जिसकी वजह से उसके काजल फैले हुए थे वह गाड़ियों के पास से होते हुए सीधा सड़क से जा रही थी, रात के लगभग 12:00 रहे थे एक हाथ में पर्स और दूसरे में दूसरे हाथ में वाइन की बोतल लिए हुए चुपचाप से आगे बढ़ रही थी
की तब तक सामने से आ रही ब्लैक suv को देखकर के अपना हाथ दिखाते हुए कार को रोक दिया कार को चल रहा व्यक्ति कार को एक पल के लिए वहां पर रोक देता है , ...!
वह लड़की भाग कर उसके शीशे के सामने जाती है और उसके दरवाजे पर कट-कट आते हुए कहती है शीशा नीचे करो जैसे ही वह लड़का शीशा नीचे करता है वह उसके होठों पर अपना होंठ रखकर उसे डीपी किस करने लगती है ...!
वह लड़का उसके इस बिहेवियर से अपनी आंखें बंद कर लेता है और यह लड़की बिना कुछ बोले अपने हाथों को उसके शर्ट के अंदर डालने लगती है यह देखो लड़का उसे अपने आप से दूर करता है और अपने होंठो को रुमाल से उठाकर साफ करने लगता है लड़की मुस्कुराते हुए कहती है क्या हुआ मजा नहीं आया..?
" तुम लड़कों को तो यही चाहिए ना की लड़कियां तुम्हारे साथ हम बिस्तर हो मै होने के लिए तैयार हो अब तुम नखरे दिखा रहे हो "।।
वह लड़का जो कार चला रहा था उसकी उम्र करीब 28 साल थी उसके चेहरे पर हल्की बेयर्ड कटीला शरीर उसने थ्री पीस पहन रखा था वह अपने चेहरे से चश्मा हटाकर साइड रखकर गाड़ी स्टार्ट करके आगे बढ़ने ही वाला था कि इस लड़की जिसकी उम्र 19 साल थी उसने उसके गाड़ी की की निकली और उसे अपने टॉप के अंदर डाल दिया ...! और मुस्कुराते हुए कहती है "ले लो चाबी आकर वह लड़का शैतानी मुस्कान के साथ उसकी तरफ देखा है और फिर अपने दरवाजे को अनलॉक कर उसे अंदर की तरफ खींच लेता है...!
और उसके टॉप के अंदर से की निकाल कर गाड़ी पल भर में स्टार्ट कर लेता है लड़कि देखकर हल्का सा मुस्कुराती है और उसके ऊपर जमकर बैठ जाती है और अपने होठों को उसको होठों पर रखकर deeply किस करने लगती है ..!
जैसे-जैसे किस की रफ्तार बढ़ती वैसे गाड़ी की रफ्तार भी बढ़ रहा था लड़की उसके कानों के पास जाकर उसके कानों को हल्का सा बाइट करते हुए कहती है मेरा नाम शिवि है और पता है मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे छोड़ दिया क्योंकि मैं उसके साथ इंटीमेट नहीं होना चाहती थी पर आज मैं इंटिमेट हो कर दिखाऊंगी उसे क्या लगता है लड़का मुंह नहीं लगता ...! यह कहते हुए वो हल्का सा भावुक थी और अपने आंसुओं को पोछे जा रही थी
सुनते ही उसे लड़के के चेहरे परएक शैतानी मुस्कान गुजरी वह उसके बालों को पकड़ता है उसके होठों पर अपनी होठ रख कर उसे पेस्नेटली किस करने लगता है ...!
लड़की के होठों को पूरी तरीके से कांट रहा था जिसकी वजह से लड़की भी अपने आप को उसकी शॉप देना चाहती थी शिवि ने उसके होठों को हल्का सा बाइट किया जिसकी वजह से लड़के की आंख निकल गई और उसके होंठ से खून आने लगा...!
वह इसे पहले कुछ कर पता शिवि ने उसके खूनी होंठो को प्यार से शक करते हुए कहती है "आज मैं तुम्हारा एक भी कतरा वेस्ट नहीं होने दूंगी "
यह कह वो किस
करते हुए उसके शरीर के कपड़ों को निकलने लगती है देखते देखते वह उसके शर्ट को निकाल कर दूर फेंक देती है इसके बाद अपने होंठो को उसके शरीर पर इधर से उधर घूम रही थी...।
उसके गर्दन को पूरे तरीके से लीक करते हुए उसे गिला करते हुए उसके चेस्ट एरिया पर आ जाती है और बड़े प्यार से अपने होठों से किस करने लगती है उसने हल्का सा उस लड़के के चेस्ट पर बाइट किया जिसकी वजह से उस लड़के की आंखें बंद हो गई और उसने गाड़ी पर हल्का सा ब्रेक लगा दिया गाड़ी में ब्रेक लगाते ही शिवि उससे और करीब आ गई उसे लड़के ने शिवि के कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे ऊपर की तरफ उठाते हुए अपने होठों पर उसके हॉट को रख दिया और किस किस करते हुए साइड के सीट फोल्डिंग को खोल देता है जिसकी वजह से गाड़ी की सीट पीछे हो जाती है और वह उसे पर टेक लेकर लेट जाता ...!
इसके बाद बस शिवि को कसकर अपने ऊपर लेटा है और उसके होठों को दीपाली किस करते हुए उसके ऊपर के कपड़े को निकाल कर फेंक देता है वह अपने दोनों हाथों से उसके नाजुक हिस्से को मसलना स्टार्ट करता है और उसके होंठ शिवि के होंठो को पूरी तरीके से खाए..जा रहे थे
अपने होंठो को शिवि के गले से लगते हुए चेस्ट एरिया पर लाता है और उसके नाजुक हिस्सों को अपने मुंह में रखकर उसे अपने होंठो से सहलाने लगता है इसकी वजह से शिवि की aaaahh की आवाज निकल रही ,शिवि भी कुछ कम कुछ कम नहीं थी वह भी अपने हाथों को उसके बॉडी पर इधर से उधर घूमने लगती है और देखते-देखते अपने हाथ को उसके पेट के अंदर डाल देती है
आगे की कहानी और बोल्ड होने वाली है पर तभी जब मुझे इस चैप्टर पर अच्छे रेस्पियों मिलेगा..!
अब आगे
अब तक आपने देखा कि एक स्ट्रेंजर के साथ शिवि पूरी तरीके से इंवॉल्व हो चुकी थी उसने अपने रोमांस के चक्कर में उसके पेट में अपना हाथ डाल दिया था कहानी अब आगे की
शिवि जैसे अपने हाथ को उसे स्ट्रेंजर के पेट में डाला वह उसके कठोरता को देखते ही स्तब्ध रह गई उसकी आंखें बड़ी हो गई और वह मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखते हुए कहती है इट वेरी हार्ड i wanna bare this यह सुनते ही वह आदमी हल्का सा मुस्कुराता है और अपने पेट के हुक को निकलने लगता है
और अपने शरीर से अपने पेट को निकाल कर दूर फेंक देता है यदि एक करके शिवि के हाथ उसके उसे कठोर हिस्से को सहला रहे थे शिवि हल्का सा मुस्कुराती है और उसके ऊपर बैठ जाती है देखते देखते वह कर डांसिंग कर में परिवर्तित हो जाती है और शिवि को बहुत दर्द हो रहा था क्योंकि वह यह सब पहली बार कर रही थी दर्द के कारण वह कभी इधर और कभी उधर होती उसे यह सहन नहीं हो रहा था तब तक वह लड़का उसके बालों को हल्का सा पकड़ता है और उसे अपने करीब लाते हुए उसके कानों के पास कहता है शुरू तुमने किया था अब खत्म मैं करूंगा....! मैं पहले ही वार्निंग दी थी कि शेर को उठाओगे तो दहाड़ मारेगा ।
लड़क की आवाज इतनी ठंड थी की रागनी एक पल के लिए मानव अपने नशे से बाहर आ गई हो पर वह फिर हल्का सा मुस्कुराती और उसकी तरफ देखते हुए कहती है आई वांट टू दो थिस कंटिन्यू
शिवि की बात सुनकर वह आदमी हल्का सा मुस्कुराता है और फिर एक जोरर के झटका के साथ वह उसके अंदर इंटर हो जाता है जिसकी वजह से शिवि की चीज पूरे कर में गूंज जाती है ..!वह उसके होठों पर अपना होंठ रख करके उसके मुंह से निकलने वाली सभी चीजों को अपने मुंह के अंदर समय जा रहा था और देखते ही देखते वह उसकी लगातार फिर से वही प्रक्रिया दोहराता है और दूर से कर फिर से डांसिंग कर नजर आने लग रही थी ..!
थोड़ी देर बाद उसका ध्यान शिवि पर जाता है शिवि या बेहोश हो चुकी थी यह देखकर वह हल्का सा मुस्कुराता है और उसे बगल के सीट पर बैठता है और अपने कपड़े को पहनना ही वाला था कि उसका ध्यान अपने पैरों के दरमियान जाता है वह वहां पर खून के सीटों को देखता है और देखे तब्ध रह जाता है और मुस्कुरा कर कहता है मतलब तुम सही थी...!
वह उसके बाद हल्की सी नजर शिवि की तरफ घूमता है और उसके सोते हुए चेहरे पर आ रहे बालों को एक साइड करते हुए कहता है
Thats means u are Virgin यह कहकर वह एक शैतानी मुस्कान के साथ अपनी गाड़ी में की को लगता है और गाड़ी को स्टार्ट कर देता है और गाड़ी लेकर सीधा अपने घर की तरफ चला जाता है देखते-देखते गाड़ी हवाओं से बात कर रही थी उसके चेहरे पर अजीब सी स्माइल थी कर
न में वह दोनों बैठे हुए थे उनके ऊपर एक भी कपड़ा नहीं था
जैसे ही कर का ब्रेक अचानक से लगता है कार्य बड़े से विला के सामने आकर रूकती है जो चारों तरफ से मानो फूल पेड़ पौधों से सजा हुआ था चारों तरफ जगमगाती लाइट उसकी शोभा बढ़ा रही थी कई रंग-बिरंगे लाइट जल रही थी और उन सब के बीच एक बड़ा सा फाउंटेन था जो अपने पानी के फहरों को बीच-बीच में चारों तरफ फेंक रहा था
वह आदमी अपना फोन निकलता है और किसी को कॉल करते हुए कहता है अभी के अभी मेरा बॉथरूब लेकर गाड़ी के पास आओ उसकी बात सुनते ही विलय का दरवाजा खुलता है और एक आदमी जिसने काले कलर के गिलास पहन रखे थे और उसने सिक्योरिटी का कपड़ा पहन रखा था उसके हाथ में तो बड़े-बड़े फोन थे और उसके आजू-बाजू कई गॉड्स लगे हुए थे वह सब आगे बढ़ते हैं और उसके कर के ऊपर खटखटाते हैं उनकी आवाज सुनकर के वह व्यक्ति कर का शीशा थोड़ा सा नीचे करता है और उनसे बाथरॉब लेकर कर के शीशे को फिर से बंद कर देता है
वह हल्का सा मुस्कुराता है और फिर शिवि की तरफ देखा है उसे अपने गोद में उठाते हुए बाथरॉब कंपलीटली पहनत है और खुद भी एक बाथरोब पहन कर कर गाड़ी का दरवाजा ओपन करता है और शिवि को अपने गोद में उठाकर के सीधा अपने कमरे की तरफ लेकर चला जाता है
कमरे में आकर शिवि को बिस्तर पर लेट देता है उसके चेहरे पर आ रहे बालों को साइड करते हैं उसके माथे पर किस करता है और फिर उसका निकाह शिवि के पैरों की तरफ जाते हैं जो चंद की रोशनी में पूरी तरीके से चमक रहे थे और वह इतने स्मूथ थे कि उसे रहा नहीं जाता वह अपने हाथों को उसके पैरों के ऊपर फिर आने लगता है और मुस्कुराते हुए कहता है uff यह चिकनी कमर और थाईज फिर तब तक उसे कुछ एहसास होता है और वह अपने हाथ को वहां से हटा देता है उठकर वहां से चला जाता है बाथरूम में आकर के शावर को ऑन करते हुए वह खुद को शीशे में देखकर मुस्कुरा रहा था वह अपने बॉडी पर शिवि के छुअन को बार-बार महसूस करता और फिर एक शैतानी मुस्कान के साथ शीशे में देखता
देखते देखते उसने अपने कठोर हिस्सों को कुछ इस प्रकार चलना स्टार्ट किया कि मानो उसके मुंह से भी अब एक आह निकल रहा हो वह उसे मोमेंट को इंजॉय कर रहा था और अचानक से उसकी जोड़ के चिक के साथ वह अपने कटोर हिस्से को साफ करने लगता है
और फिर बगड़ में रखें टॉवल को उठना है उसे लपेटकर कमरे से बाहर आता है और फिर से आकर वह शिवि की तरफ देखा है शिवि अपने नींद में थी वह उठकर जाने ही वाला था की शिवि ने उसके हाथ को पकड़ लिया और उसे अपने करीब खींच लिया
To be continued...!
आगे की कहानी और बोल्ड और रोमांस होने वाली है पर इसके साथ-साथ यह स्टोरी भी चलेगी एक ऐसी स्टोरी इसके बारे में आपने कहीं भी पढ़ा नहीं होगा उम्मीद करता हूं कि आप जैसे बोल रोमांस पढ़ना पसंद करते हैं उसी तरीके से स्टोरी भी पढ़ेंगे और हमें अपना प्यार देंगे याद रहे आगे का चैप्टर तभी आएगा जब आपके अच्छे रिस्पॉन्स मिलेंगे सो कमेंट करना ना भूलिएगा और हां रेटिंग भी दे दीजिएगा और इस चैप्टर पर फाइव कमेंट तो चाहिए अगर आपने 5 से ज्यादा कमेंट दिया तो आगे के चैप्टर और बोल्ड होंगे अभी आपके ऊपर है कि कितने बोर्ड चैप्टर चाहिए आपको
शिवि उसे नींद में अपनी तरफ खींचते हुए, उसके हाथ को अपने गाल के पास लगाते हुए कहते हैं,
"सुनो, तुम मुझे छोड़कर मत जाना। मुझे नहीं पता यह मैंने क्या किया, पर अब तुम ही मेरे हो।"
यह कहते हुए वह पूरी तरीके से नींद में थी।
नींद में बड़बड़ाते देख, यह लड़का धीरे से मुस्कुराता है और उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहता है,
"तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा। अब से तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरी हो। तुम चाहोगी, तब भी तुम्हें छोड़कर नहीं जाऊंगा।"
यह कहकर हल्का सा वह मुस्कुराता है और उसे अपना हाथ छुड़ाकर, बिस्तर के दूसरे साइड जाकर लेट जाता है।
रात गहरी हो चुकी थी और वह दोनों नींद के आगोश में जा चुके थे।
देखते-देखते रात का काला अंधेरा अब खत्म होने के कगार पर था।
धीरे-धीरे चिड़िया चहचहाने लगी थी।
बिलकुल ठंडी हवा अब कमरे के अंदर घुस रही थी।
सूरज की लालिमा भी धीरे-धीरे अपना पग पसार चुकी थी।
कि तब तक अचानक से शिवि की आंखें खुलती हैं।
उसका सर बहुत भारी-भारी सा लग रहा था।
तो अपने सर को पकड़ कर के धीरे से बिस्तर से उठती है और अपनी आंखों को मसलते हुए चारों तरफ देखते हुए, अपने बालों को घुमाकर पीछे बांध लेती है।
तब तक उसका ध्यान नीचे की तरफ जाता है।
वह अपने शरीर पर एक भी कपड़े ना देखकर, हैरानी से चारों तरफ देखने लगती है।
तब तक उसे अपने बगल में एक लड़का सोता दिखाई देता है।
उसको देखकर उसकी आंखें बड़ी हो जाती हैं।
गुस्से में लाल, खुद को थप्पड़ मारते हुए कहती है,
"क्या किया तुमने कल रात...? नशे के चक्कर में...? नहीं, नहीं! तुमने अपनी वर्जिनिटी लूज कर दी! यह सब उसे क****आनंद की वजह से हुआ है! अगर एक दफा मिल गया ना, तो उसका गला काट दूंगी! पर इससे पहले यह उठे, मुझे ऐसे भाग जाना चाहिए... Haaay... मैं अब क्या करूं न...!"
इतना कहते ही उसकी आंखें भर आती हैं और आंखों से आंसू टपकने लगते हैं।
वह बिस्तर के नीचे पड़े अपने कपड़े को धीरे से उठती है और उसे पहनते हुए, अपने पर्स को लेकर वहां से चली जाती है।
बाहर आकर, अपने फोन से कैब बुलाती है और सीधा एक फ्रेंड के घर पर चली जाती है।
अपने फ्रेंड के घर पर पहुंचते ही, वह दरवाजे पर जोर-जोर से बेल बजा रही थी।
अंदर से आवाज आती है,
"अरे भाई, रुक जाओ! इतनी सुबह-सुबह बेल बज रही हो... मैं आ रही हूं ना!"
तब तक वह गेट ओपन होता है और सामने आनंदी, अनीशा खड़े होते हैं।
वह इतनी सुबह शिवि को अपने यहां देखकर हैरान हो जाते हैं।
अनीशा, आनंदी की तरफ देखते हुए कहती है,
"इसको क्या हुआ? पूरी भूतनी क्यों बनी हुई है?"
आनंदी भी हैरानी से उसकी तरफ देखकर, ना में सिर हिलाती है।
तब तक शिवि उन दोनों के गले लगाकर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगती है।
उसे रोता देखकर दोनों शांत करते हुए कहते हैं,
"क्या हुआ? क्यों रो रही हो?"
शिवि, रोते हुए बताती है,
"मैं एक स्ट्रेंजर के साथ हुकअप कर लिया।"
यह सुनते ही उन दोनों के चेहरे पर स्माइल आ जाती है और वे हैरानी से टीवी की तरफ देखते हुए कहती हैं,
"वह मिस पूजा-पाठ वाली...? नई! कैसे छोड़ गई तू अपनी ब्रह्मचारी?"
यह कहकर दोनों हँसने लगती हैं।
उनका हँसना देख, शिवि अपने पैरों को पीटते हुए कहती है,
"हो गया मज़ाक तुम लोग का तो? अब शर्म कर लो थोड़ी सी... मैंने अपनी वर्जिनिटी लूज कर दी! वह भी कैसे इंसान के साथ... जिसको जानती तक नहीं!"
आनंदी उसके बगल में बैठकर, उसकी कॉफी देते हुए कहती है,
"चिल बेब... इन नॉर्मल चीज़ हैं आज के टाइम पर। होता है।
और तुम अब 19 की हो गई हो, कुछ वक्त में 20 की हो जाओगी।
तो यह गलत टाइम नहीं एक्सप्लोर करने का।
और वैसे भी, हल्का ही किया है... किसी के बच्चे की मां बनके नहीं आई हो।
वैसे, प्रोटेक्शन तो यूज़ किया था ना? क्योंकि हमें अभी मासी बनने का कोई शौक नहीं है!"
यह सुनते ही शिवि, आनंदी को धक्का मारते हुए कहती है,
"पागल है क्या? मैं नशे में थी... मुझे कुछ भी याद नहीं है कि मैंने प्रोटेक्शन यूज़ किया था या नहीं!"
आनंदी हैरानी से अनीशा की तरफ देखते हुए कहती है,
"सुन! प्रेग्नेंसी किट लाना, दो-तीन दिन बाद जरूरत पड़ेगी!"
यह सुनकर शिवि, हैरानी से अपना दांत पीसते हुए कहती है,
"मुझे तुम दोनों से बात ही नहीं करना! मैं यहां से जा रही हूं!
मुझे लगा था, तुमने मुझे समझोगे..."
उतनी ही वाली थी कि अनीशा उसे बिठाते हुए कहती है,
"अरे बाबा! तो टेंशन क्यों ले रही है? हम मज़ाक कर रहे हैं!
चल, तू फ्रेश हो जा। मैं तेरे लिए ब्रेकफास्ट बनाती हूं।
फिर खाकर हम कॉलेज चलेंगे। और हम वहां पर डिस्कस करेंगे... और हम पता लगाते हैं कि तूने किसके साथ हुकअप किया है।
तो टेंशन ना ले, सब ठीक हो जाएगा।"
शिवि उठकर वहां से सीधा वॉशरूम में चली जाती है।
वॉशरूम के शीशे में, खुद के शरीर को देखते ही उसकी आंखों में आंसू भर आते हैं।
जगह-जगह पर लव बाइट के निशान पड़े हुए थे।
पूरे तरीके से, हर जगह बस शरीर लाल और नीला हुआ पड़ा था।
वह शीशे में देखते हुए, खुद के बॉडी को छूते हुए कहती है,
"यह मैंने क्या कर दिया...? ना जाने किसके साथ हुकअप किया है!"
फिर वह शावर ऑन करती है और उसके नीचे बैठकर रोने लगती है।
थोड़ी देर बाद, शिवि को हल्का-हल्का फ्लैशबैक याद आता है —
कैसे उसने कर-कर के वह सारी हरकतें की थीं।
उन हरकतों को याद करते ही वह शर्म से पानी-पानी हो जाती है।
और शावर को बंद करके, टॉवल को लपेटे हुए बाहर आकर कहती है,
"मैं पूरी की पूरी कामवाली बन गई थी..."
आनंदी, ब्रश करते हुए हैरानी से शिवि की तरफ देखते हुए कहती है,
"कामवाली? यूमीन घर की बाई...? कोई फैंटेसी हुआ है ना?"
शिवि, पास की पानी की बोतल को खींचकर आनंदी की तरफ फेंकते हुए कहती है,
"अरे कुछ भी कहती है यार तू!
अरे काम वाली मतलब वो... काम वाली जो पैसे लेकर की चीज़ करती हैं।
और रात के टाइम, सड़क पर घूम-घूम के लोगों के साथ इंटीमेट होती हैं।
मैंने भी कल रात ऐसा ही कुछ किया है... ना जाने वह मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा!
अरे यार! मुझे तो यह सोचकर शर्म आ रही है कि मैं दोबारा उसको अपना शक्ल कैसे दिखाऊंगी!"
तब तक अनीशा आगे बढ़कर बोलती है,
"तुझे उसकी शक्ल दिखाना ही क्यों है भाई? तू भूल जा!
ये आम बात है आज के टाइम पर।
और वैसे भी, 21वीं सेंचुरी है!
तो चल, हमें कॉलेज के लिए लेट हो रहा है... तो जल्दी से रेडी हो जा।
मैं भी रेडी हो गई हूं। ओ महारानी आनंदी, तू भी जल्दी से रेडी हो जा!
और अपने बॉयफ्रेंड को कॉल कर देना... जाकर पिक करवा ले।
वैसे भी, पैदल जाने का कोई मूड नहीं है हमारा!"
क्या होगा जब शिवि को पता चलेगा कि उसने किसके साथ हुकअप किया है...?
और वहीं दूसरी तरफ, कैसा रिएक्शन होगा मिस्टर स्ट्रेंजर का जब उसे एहसास होगा कि शिवि उसके पास से जा चुकी है...?
जानने के लिए पढ़ते रहिए...
और हाँ, आप लोगों से इतना तो जानता हूँ —
बहुत प्यार करते हो, बार-बार कहने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
तो स्टोरी को लाइक कर देना,
कमेंट करना न भूलना,
रेटिंग भी दे देना,
और अगर स्टोरी पसंद आ रही हो तो फॉलो भी कर लेना।
मिलते हैं नेक्स्ट चैप्टर में।
तब तक के लिए... बाय-बाय!
शिवि, अनीशा और आनंदी अपने बॉयफ्रेंड के कर के साथ कॉलेज पहुंचती हैं। कॉलेज के गेट पर भी उतरते हुए, वे सीधा अंदर आ जाती हैं। शिवि को वहाँ पर कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था, उसका मुँह उतरा हुआ था। आनंदी और अनीशा उसे चिल करने के लिए बोलती हैं।
वो तीनों खड़े होकर कॉलेज के कैंपस को अच्छी तरह देख रही होती हैं, कि तब तक अचानक वहाँ के स्टूडेंट्स के अंदर एक खलबली मच जाती है। हर कोई भागने लगता है। उन्हें सबको भागते देख, आनंदी एक को रोकते हुए पूछती है, "क्या हुआ? सब भाग क्यों रहे हो?"
वह लड़का आनंदी के हाथ को अपने हाथ से छुड़ाते हुए कहता है, "जल्दी चलो! प्रोफेसर आक्रोश आने वाले हैं। बहुत गुस्सैल प्रोफेसर हैं वो! अगर उनके क्लास में एक सेकंड भी लेट हुए तो वो हश्र करते हैं कि जिसके बारे में सोचना भी हमें मुनासिब नहीं है। और सुना है, वह बहुत बड़े बिजनेसमैन भी हैं... लड़कियाँ तो उनके ऊपर मरती हैं!" — यह कहकर वो भाग जाता है।
उसके जाते ही, अनीशा झट से आनंदी की तरफ देखते हुए कहती है, "हाय! सच में? फिर तो वह बड़ा होता होगा! ऐसे प्रोफेसर की जरूरत है — अब पढ़ाई में मन लगेगा। चल, चल, हम भी चलकर देखते हैं!" साथ में शिवि का भी हाथ पकड़ कर खींच रही थी।
वे तीनों भागते-भागते क्लास के गेट पर पहुँचते हैं, पर लगभग लेट हो चुके थे। प्रोफेसर, जो बोर्ड पर कुछ समझा रहे थे...
अनीशा और आनंदी अपने पैरों को दबाते हुए सीधा आगे की तरफ बढ़ जाती हैं और जाकर अपनी सीट पर बैठ जाती हैं। पर शिवि, जो कहीं पीछे रह गई थी, वह गेट पर पहुँचती है। दरवाज़े पर नॉक करते हुए कहती है, "May I come in, Professor?"
प्रोफेसर बिना कुछ जवाब दिए, बिना उसकी तरफ देखे, उसे अंदर आने का इशारा करते हैं। शिवि भी अपनी निगाहें नीचे किए, कल के हुए हादसे की वजह से गिल्ट में थी... वह चुपचाप अपने डेस्क पर जाकर बैठ जाती है।
प्रोफेसर जो डेस्क के बीच के स्पेस में, चारों तरफ घूम रहे थे, एक-एक करके सबका इंट्रो ले रहे थे और सबको समझने की कोशिश कर रहे थे।
तभी उनका ध्यान शिवि पर जाता है, जो अपना सिर लटकाए अपने किताबों में देख रही थी और कहीं गुम थी...
उसे देखते ही प्रोफेसर की निगाहें चमक जाती हैं, मानो कोई बिछड़ा हुआ उन्हें वापस मिल गया हो! वो शिवि के पास जाकर, उसके कानों के पास आते हुए, धीरे से अपने seductive वॉइस में कहते हैं,
"Are you thinking about yesterday night?"
उसकी गर्म साँसें छूकर शिवि के बदन में एक करंट-सा दौड़ जाता है। और 'कल की रात' की बात सुनकर उसकी निगाहें चौड़ी हो जाती हैं। वह चौंककर प्रोफेसर की तरफ देखती है... अपने सामने प्रोफेसर को देखकर वह हैरानी से बस उसे देख ही रही थी।
प्रोफेसर चुटकी बजाकर उसे होश में लाते हुए कहते हैं,
"सारे क्लास वालों को पता चल जाएगा कि हम आपको पहले से जानते हैं मोहतरमा।"
यह कहकर वो वहाँ से हट जाते हैं।
शिवि के मानो पैरों तले की ज़मीन खिसक गई हो।
वह हैरान होकर अपने डेस्क पर बैठ जाती है, अपने बालों को पीछे ले जाते हुए गहरी साँस लेकर कहती है,
"यह क्या हो गया...? यही मिले थे मुझे?"
शिवि को परेशान देख, अनीशा और आनंदी उसके ऊपर हाथ रखते हुए पूछती हैं,
"क्या हुआ शिवि? परेशान क्यों है? और यह प्रोफेसर तेरे इतना करीब क्यों था? तुझे जानती है क्या...?"
उनकी बातें सुनकर शिवि हैरानी से लड़खड़ाते हुए कहती है,
"न... नहीं! मैं नहीं जानती इसको! वह तो बस नाम पूछ रहा था, मैंने बता दिया।"
तब तक अनीशा बोल पड़ती है,
"आगे कितना होता है! इसके हाथ देख, इसके हाथों पर नशे ऐसे उभर के आ रहे हैं, मानो... हाय! मैं तो देखकर पानी-पानी हो रही हूँ! इसके हाथ इतने बड़े हैं! इसके पैर देखे हैं?"
शिवि हैरानी से अनीशा की तरफ देखती है,
"पैर क्यों?"
"अरे बुद्धू! जिनके पैर बड़े होते हैं न, जिनके साइज बड़े होते हैं, उनका वो भी बहुत बड़ा होता है!"
"क्या...? हाँ! सच बोल रही हूँ! शिवि, ऊपर से डार्क, और 6 फीट लंबा... मैं तो भाई, इसकी फैन हो गई हूँ आज से! मैं इसका एक भी लेक्चर मिस नहीं करने वाली!"
अनीशा को प्रोफेसर की तारीफ करता देख, शिवि के मन में अजीब सी हलचल हो रही थी। उसे बुरा लग रहा था। उसका मन कर रहा था कि वो अनीशा को डाँट दे, पर वह खुद को कंट्रोल करती है... और चुपचाप क्लास से बाहर चली जाती है।
उसे ऐसे बाहर जाता देख, हर कोई हैरानी से देख रहा था। प्रोफेसर भी हल्का सा मुस्कुराते हैं और सबको बोर्ड की तरफ देखने के लिए कहते हैं।
लगभग आधे घंटे बाद क्लास खत्म होती है। प्रोफेसर निकल कर अपने केबिन में आते हैं।
वह केबिन में पहुँचते हैं, तो वहाँ का नजारा देखकर उनकी आँखें फटी की फटी रह जाती हैं...
वह देखते हैं, तो वहाँ पर शिवि पहले से बैठी हुई थी। उसे देखकर प्रोफेसर उसके पास जाकर हल्का सा मुस्कुराते हुए कहते हैं,
"हम्? क्या हुआ? Do you need more? I know मैं ऐसा हूँ कि एक बार कोई मुझे कर ले, तो पीछा नहीं छोड़ता!"
यह सुनते ही शिवि मुस्कुराते हुए उनकी तरफ देखकर कहती है,
"पहली बात तो... मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। वो तो कल रात में नशे में थी — उसके लिए I’m sorry!"
"नहीं, नहीं... सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है। But you are damn hot from inside."
इतना कहते ही प्रोफेसर के चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ जाती है। वो शिवि को अपने करीब खींच लेते हैं। उनकी गर्म साँसें शिवि की होंठों को छू रही थीं... शिवि खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी — और वह प्रोफेसर के होंठों पर अपना होठ रख देती है... और उसे deeply किस करने लगती है।
यह देख प्रोफेसर हल्का सा मुस्कुराते हैं... और उसकी कमर कसकर पकड़ते हैं... उसे और करीब लाते हुए, उठाकर डेस्क पर बिठा देते हैं... और उसके होंठों को किस करने लगते हैं।
तब तक अचानक से, शिवि को कुछ एहसास होता है!
वह प्रोफेसर को धक्का देती है और कहती है,
"I’m sorry... मुझे ऐसे जाना होगा।"
यह देखकर प्रोफेसर हल्का सा मुस्कुराते हुए कहते हैं,
"अभी तो हमने शुरू किया था..."
पर शिवि चुपचाप वहाँ से चली जाती है...
शिवि के जाते ही, प्रोफेसर हल्के से मुस्कुराते हुए कहते हैं —
"कब तक भागेगी? आना तो तुम्हें मेरे पास ही है..."
Dear reader I know aapko romance padhana hai आपको रोमांस मिलेगा भरपूर रोमांस मिलेगा पर उसके साथ स्टोरी भी मिलेगी क्योंकि हर चैप्टर में रोमांस लिखना थोड़ा सा टू हो जाएगा स्टोरी का भी कॉन्सेप्ट रखना है हमें तो आप स्टोरी के साथ-साथ रोमांस एंजॉय करिए ना हर दूसरे तीसरे चैप्टर में रोमांस डालने की पूरी कोशिश करूंगा और रोमांस भर भर के मिलेगा आप उसकी चिंता मत करो बस आप अपना प्यार दिखाते रहो फॉलो कर लो लाइक कर लो और कमेंट करके रेटिंग दे देना चलो यहां के लेखक को दिखाते हैं कि हमारे रीडर्स भी काम नहीं है ..! 😂👍 बाकी आप लोग अपना ख्याल रखो और पढ़ते रहो
शिवि जैसे ही केबिन से बाहर आती है, उसका मन बेचैन हो उठता है। बार-बार उसे प्रोफेसर आक्रोश की याद आ रही थी। वह अपने कदम फिर से पीछे लेती है और सीधा केबिन के अंदर घुस जाती है। उसके दरवाजे को बंद करते हुए वह सामने बैठे हुए आक्रोश की तरफ बढ़ती है।
आक्रोश उसको देखकर हल्का सा मुस्कुराता है और फिर अपने काम में लग जाता है। शिवि भाग कर आक्रोश के पास आती है और अपने पैरों को उसके पैरों के बीच से निकालते हुए, उसके ऊपर बैठ जाती है। फिर उसके फोटो के करीब जाकर, उससे हकबकाई हुई आवाज़ में पूछती है, “कल रात हमने प्रोटेक्शन यूज़ किया था...?”
शिवि की बात सुनकर आक्रोश के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान दौड़ जाती है। वह मज़े लेने के लिए कहता है, “नहीं... because you wanna feel me from inside। और तुमने मुझे प्रोटेक्शन लगाने से मना कर दिया था।”
अच्छा, यह सुनते ही शिवि के चेहरे पर एक उदासी आ जाती है। वह फिर से धीरे से आवाज़ में पूछती है, “क्या तुम मेरे अंदर डिस्चार्ज हो गए थे?”
उसकी बात सुनकर आक्रोश के चेहरे पर फिर से एक मुस्कान आ जाती है। वह उसके बालों को पकड़ कर उसे अपने करीब खींचते हुए, उसके होठों के पास आकर अपने गर्म सांसों से कहता है, “नहीं।”
यह सुनते ही शिवि के चेहरे पर राहत की सांस आती है और वह उससे बोलती है, “क्या अभी तुम्हारे पॉकेट में प्रोटेक्शन है?”
आक्रोश हल्का सा मुस्कुराता है और अपने पॉकेट से प्रोटेक्शन का पैकेट निकाल कर टेबल पर रख देता है। यह देखते ही वह उसके होठों पर अपने होठ रख देती है और उसे डीपली किस करने लगती है।
शिवि के डीपली किस करने की वजह से आक्रोश भी अब मदहोश हो रहा था। वह धीरे-धीरे अपने टाई को ढीला करने लगता है और टेबल पर रखे सारे सामान को एक झटके में जमीन पर गिरा देता है। फिर शिवि को उठाकर टेबल पर बैठाते हुए, उसके गले पर पैशनेटली किस करने लगता है।
आक्रोश की गर्म सांसें उसे और मदहोश बना रही थीं। उसकी नशीली आंखें शिवि के लिए मानो जानलेवा हो रही थीं। शिवि अपने लिप्स को हल्के से काटते हुए, अपने मुंह से “आह...” की आवाज़ निकाल रही थी।
उसकी आवाज़ को सुनकर आक्रोश की सांस और भी गर्म हो रही थी और उसकी पकड़ शिवि पर और मजबूत होती जा रही थी। आक्रोश पूरी तरह से शिवि के अंदर समा जाना चाहता था...
उसकी आवाज़ को सुनकर आक्रोश की सांस और भी गर्म हो रही थी, और उसकी पकड़ शिवि पर और मजबूत होती जा रही थी। आक्रोश पूरी तरह से शिवि के अंदर समा जाना चाहता था...
अब आक्रोश से रहा नहीं जा रहा था। वह अपने शर्ट को निकाल कर ज़मीन पर फेंक देता है और शिवि के ऊपर का टैंक टॉप भी निकालने लगता है।
झट से वह उसका टैंक टॉप उतार कर दूसरी तरफ फेंक देता है और शिवि के नाज़ुक हिस्सों पर अपनी उंगलियां दौड़ाने लगता है। देखते ही देखते, वह गले से होते हुए शिवि के नर्म हिस्सों तक आता है, उन्हें कसकर दबाते हुए अपने होठों के दरम्यान लगा लेता है, और बच्चों की तरह उन्हें चूमने व खेलने लगता है।
हल्का सा दांत लगते ही शिवि के मुंह से फिर से “आह...” की आवाज़ निकल जाती है, जिसे सुनकर आक्रोश की निगाहें अब और भी ज्यादा खतरनाक हो रही थीं। वह अपनी उंगलियों को शिवि के पूरे शरीर पर दौड़ाने लगता है, जिसकी वजह से उसे करंट-सा लग रहा था। वह कभी अपनी मुट्ठियां भींचती, तो कभी खुद को संभालने की कोशिश करती।
शिवि, आक्रोश के शरीर पर पूरी तरह से अपने होठों के निशान छोड़ रही थी। वह उसके चेस्ट मसल्स को बड़े प्यार से चूम रही थी। अपनी टांगों को इधर-उधर लपेटती हुई, अपनी नशीली निगाहों से आक्रोश की ओर देखती, जिसकी वजह से आक्रोश पूरी तरह से मदहोश हो रहा था।
वह बस शिवि के चेहरे को कसकर पकड़ता है और अपने करीब लाते हुए, उसके होठों पर अपने होठ रख देता है — और फिर से उसे पैशनेटली किस करने लगता है।
फिर वह मुस्कुराते हुए, शिवि के कानों के पास आकर कहता है, “Do you wanna feel me from inside?”
यह सुनते ही शिवि भी अपनी गर्म सांसों से हांफते हुए कहती है, “हां... क्यों नहीं! जल्दी करो, I'm dying for it!”
इतना कहकर वह शैतानी मुस्कान के साथ प्रोटेक्शन का पैकेट उठाने ही वाली होती है कि तभी... दरवाज़े पर दस्तक होती है।
दस्तक सुनते ही दोनों की निगाहें चौंक कर दरवाज़े की ओर दौड़ जाती हैं। शिवि झट से अपने कपड़े उठाती है और पहनने लगती है।
आक्रोश भी भाग कर अपनी शर्ट उठाता है और उसे पहनते हुए अपने कपड़े ठीक करता है। दरवाज़े पर दस्तक अब तेज़ होती जा रही थी। शिवि के चेहरे की रंगत मानो उड़ सी गई थी।
वह घबराई हुई नज़र से आक्रोश की तरफ देखते हुए धीरे से कहती है, “क...कौन है...? अगर कहीं कोई हुआ तो हम बदनाम हो जाएंगे! पूरा कॉलेज न जाने कैसी-कैसी बातें करेगा...”
शिवि को डरा देख, आक्रोश उसे संभालते हुए शांत स्वर में कहता है, “तुम चिंता मत करो... मेरे रहते हुए कुछ नहीं होगा।”
दरवाजे पर हो रही रफ्तार को तेज सुनते हुए वह शिव को टेबल के नीचे छुपाने के लिए कहता है और आगे बढ़कर दरवाजा खोलना है सामने खड़े शख्स को देखकर उसके निगाहें चौड़ी हो जाती है वह लड़खड़ाते हुए कहता है आप यहां
आखिर कौन आया था ..? क्या करेगी अब शिवि
Guy's आप लोग पढ़ने के बाद फॉलो कर लिया करिए और कमेंट और लाइक तो कर ही देंगे इतना भरोसा ही देखिए जितने फॉलोवर्स जितने व्यू और जितनी कमेंट उतना बोल्ड और धमाके दर रोमांस
अब तक आपने देखा — शिवि और आक्रोश के रोमांस के बीच कोई आ गया था... जिसकी वजह से शिवि टेबल के नीचे छिप गई थी।
आक्रोश, जैसे ही दरवाज़ा खोलता है, वह अपनी निगाहें चुराते हुए सामने खड़े इंसान को देखता है और कहता है,
;आप... यहाँ? ,;
वो इंसान कोई और नहीं, बल्कि आक्रोश के दादाजी थे!
वो मुस्कुराते हुए अंदर आते हैं और कुर्सी पर बैठते हुए कहते हैं,
,;हाँ बेटा, बस तुमसे मिलने का मन किया... तो आ गया। ,;
आक्रोश पूरी तरह से पसीने से भीग चुका था।
उसे पसीने में लथपथ देख, दादाजी हैरानी से कहते हैं,
,;क्या हुआ? ए.सी. चल रहा है, फिर भी तुम पसीने से भीगे हो? सब खैरियत तो है? ,;
आक्रोश लड़खड़ाते हुए जवाब देता है,
,;हाँ... हाँ दादा, सब ठीक है। आप हमें बता देते... हम आ जाते। आपको परेशान होने की क्या ज़रूरत थी? ,;
,;बेटा, इसमें परेशानी की क्या बात है? ,; दादाजी मुस्कुरा कर बोले।
,;अच्छा सुनो, तुम यहाँ आओ, बैठो — मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। ,;
दादाजी की बात सुनकर आक्रोश चेयर पर बैठ जाता है।
उधर, टेबल के नीचे छिपी शिवि का हाथ-पैर बुरी तरह कांप रहा था।
पर तभी... अचानक, उसके मन में एक शरारती ख्याल आता है!
वह देखती है कि आक्रोश दादाजी से बात करने में व्यस्त है,
तो वह अपने हाथों को आक्रोश के पैरों से होते हुए उसकी कमर की ओर ले जाने लगती है...!
जैसे ही आक्रोश को इसका एहसास होता है — उसकी निगाहें तन जाती हैं!
वह टेबल को कसकर पकड़ लेता है और अपनी कुर्सी को आगे सरकाते हुए खुद को कंट्रोल करने की पूरी कोशिश करता है।
दादाजी से बातचीत के दौरान, आक्रोश के पसीने की रफ्तार और भी तेज़ हो जाती है...
इधर, शिवि अपने हाथों से आक्रोश को इधर-उधर टच कर रही थी,
जिसकी वजह से आक्रोश के इमोशंस अब आसमान की बुलंदियों पर थे!
वह अपनी हांकी से पसीना पोंछ रहा था...
दादाजी, उसे परेशान देख, अपनी ऐनक उतारते हुए कहते हैं,
,;क्या हुआ आक्रोश? तुम परेशान लग रहे हो... लगता है तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है! रुको, मैं आकर देखता हूँ। ,;
यह कहकर दादाजी अपनी कुर्सी से उठने ही वाले थे कि आक्रोश अचानक चिल्लाकर कहता है,
,;नहीं! आप बैठे रहिए... मेरा मतलब है, आप वहीं रहिए! मैं... खुद आता हूँ। ,;
यह सोचकर वह उठने ही वाला था कि उसका ध्यान नीचे — अपने पेट की ओर चला जाता है।
उसे देखते ही, वह फिर से बैठ जाता है और गहरी सांस लेते हुए कहता है,
,;दादाजी, I’m sorry... पर अभी आपको जाना चाहिए।
दरअसल, मुझे मेरे क्लास के लिए निकलना है। ,;
यह कहकर वह गहरी सांसें लेने लगता है।
दादाजी हैरानी से उसकी ओर देखते हैं — उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था।
तब तक, आक्रोश अपनी फाइल उठाता है और सीधा केबिन से बाहर चला जाता है।
दादाजी और आक्रोश के जाने के बाद, शिवि टेबल के नीचे से बाहर आती है।
वह गहरी सांस लेते हुए कहती है,
,;बच गई आज! पर मिस्टर प्रोफेसर का जो हाल किया है मैंने... वो तो... उफ्फ!
कुछ भी कहो, प्रोफेसर हॉट तो है..!
फिर वो खुद से बड़बड़ाते हुए कहती है,
,;ये क्या कह रही है शिवि...? कहीं तू उसे दिल तो नहीं दे बैठी? ,;
फिर खुद ही झुंझलाकर बोली —
,;ये सारे लड़के एक जैसे होते हैं! इन पर भरोसा करना मतलब...
खुद के लिए कब्र खोदने के बराबर है!
और तू... प्यार-व्यार से दूर रह!
You can be fk buddy... but प्यार नहीं..!
यह कहकर शिवि गहरी सांस लेती है और वहां से जा ही रही होती है,
कि तभी — अचानक कोई उसका हाथ पकड़कर खींचता है!
जिससे वह चिल्लाने ही वाली थी कि... कोई उसके मुंह पर हाथ रख देता है!
शिवि सामने देखती है — सामने प्रोफेसर आक्रोश खड़े हैं!
और उसकी निगाहें अब बस उसी को देखने लग जाती हैं...
उससे पहले कि वो कुछ बोल पाए,
आक्रोश, उसके होंठों पर अपने होंठ रख देता है...
और उसे दीपली किस करने लगता है!
फिर वह उसके कानों के पास जाकर अपनी गर्म सांसों में कहता है,
,;तुम मुझे तभी से परेशान कर रही थी ना?
अब बारी तुम्हारी है... परेशान होने की..!
शिवि, बिना कुछ बोले, प्रोफेसर के होंठों पर एक और किस रखती है,
उसे दीवार से लगाती है... और मौका देखकर वहाँ से भाग जाती है!
उसके जाते ही प्रोफेसर मुस्कुराते हुए उसके रास्ते को देखता है...
और हँसते हुए फिर से कहता है —
,;कितना दूर भागेगी...? आना तो वापस मेरे ही पास है..!
इधर शिवि अपने घर पहुँचती है।
घर का माहौल देखकर वह हैरान हो जाती है!
वहाँ पहले से ही काफी भीड़ इकट्ठा थी।
वह जैसे ही आगे बढ़ती है, तो सामने का नज़ारा देखकर वह चौंककर अपनी मां से पूछती है,
,;मां... यहाँ क्या हो रहा है? ,;
उसकी मां, शिवि की ओर देखते हुए प्यार से कहती हैं,
,;बेटा... तुम्हारे रिश्ते के लिए आए हैं! और ये तुमसे काफ़ी इंप्रेस्ड भी हैं..!
यह सुनते ही, शिवि के पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है!
वह लड़खड़ाते हुए कहती है,
,;मां... मुझे शादी नहीं करनी!
अभी तो मैंने अपना ट्वेल्थ पास किया है!
मुझे कम से कम ग्रेजुएशन तो करने दीजिए...
मुझे लाइफ में खुद के पैरों पर खड़ा होना है।
मैं अपने लिए कुछ करना चाहती हूँ..!
,;हाँ बेटा, मैं जानती हूँ... मैंने उनसे सारी बातें कर ली हैं।
शादी के बाद भी वो तुम्हें पढ़ने देंगे।
और लड़का भी आईटी सेक्टर में काम करता है, अच्छी खासी सैलरी है।
तू रानी बनकर रहेगी वहाँ पर..!
,;नहीं मां, मैं शादी नहीं करना चाहती... प्लीज़!
जबरदस्ती मत करिए..!
इतना कहकर शिवि अपने कमरे की तरफ भाग जाती है।
उसे इस हालत में देखकर उसकी मां — लता — हैरानी से वहाँ बैठे मेहमानों की तरफ देखती हैं...
और फिर उनके पास जाकर कहती हैं,
,;आप लोग चिंता मत करिए... ये शादी के लिए मान जाएगी।
आप लोग बस पैसे तैयार रखिए
दरअसल, उसकी मां ने शिवि की शादी के लिए लड़के वालों से 50 लाख लिए थे,
क्योंकि वो लड़का... 45 साल का था!
आख़िर आपके मन में भी ये सवाल ज़रूर आया होगा ना?
एक मां अपनी बेटी का सौदा कैसे कर सकती है...?
लता जी, गेस्ट के जाने के बाद दूसरे कमरे में जाती हैं।
वहाँ से हंटर उठाती हैं...
और फिर... सीढ़ियों से होते हुए शिवि के कमरे की तरफ बढ़ती हैं...!
To be continued...!
age aur bold chapter hai par 20 commet pr hi dalunga dekh lo ab ap log
अब तक आपने पढ़ा शिवि को देखने लड़के वाले आते है लेकिन शिवि उन्ही के सामने लता जी से शादी के लिये साफ इंकार कर देती है जिससे लता जी को गुस्सा आ जाता है और वो गेस्ट के जाने के बाद एक कमरें में जाकर हंटर उठाती है और सीढ़ियों से होते हुए शिवि के कामरेन की तरफ जाती है......
ऊपर शिवि अपने कमरें में बैठी आक्रोश के बारे में सोच रही थी न चाहते हुए भी वो उसकी तरफ अट्रैक्ट हो रही थी और आज जो उसने केबिन में किया उसे सोचकर अब उसे हसीं आ रही थी....
तभी लता जी गुस्से से दनदनाती हुई कमरें में आई और आकर उन्होंने मजुबती से शिवि की बाजू पकड़ उसे बेड से खड़ा किया.... उनके पकड़ने से शिवि अपने ख्यालो से बाहर आई और लता जी को देखने लगी जो गुस्से से उसे ही देख रही थी तभी उसकी नज़र लता जी के दूसरे हाथ में मौजूद हंटर पर पढ़ी जिससे उसकी आँखे बड़ी हो गयी....लेकिन फिर उसने खुदको नार्मल कर लिया जैसे की ये उसके लिये कोई इतनी बड़ी बात न हो.....
उसने एक झटके से लता जी से अपना हाथ छुड़ाया और बोला : ये क्या कर रही है माँ आप??
लता जी गुस्से से : मै क्या कर रही हूँ। निचे क्या करके आई हो तुम?? और शादी क्यों नहीं करनी तुम्हे??..... तुम्हे पता है कितने अच्छे घर से रिश्ता आया था तुम्हारे लिये उसे इस तरह ना करके आ गयी वो भी सभी के सामने ऊपर से तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुमने उनके सामने मेरी बेज़्ज़ती की कहते हुए गुस्से से उन्होंने हंटर शिवि को मारने के लिये उठाया लेकिन शिवि ने बीच में ही उसे अपने हाथ में पकड़ लिया और कहा : ये आप क्या कर रही है आप फिरसे मेरे ऊपर हाथ उठा रही है लेकिन क्या आप जानती नहीं की मुझे इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मैंने एक बार कह दिया की मै शादी नहीं करुँगी तो नहीं करुँगी बस बात ख़त्म.....
लता जी : ऐसे कैसे नहीं करोगी तुम्हारी माँ हूँ मै और जो मै कहूँगी वही तुम्हे करना पड़ेगा समझी
शिवि : माँ.... सही कहा आपने आप मेरी माँ है लेकिन फिर भी आपने मुझे कभी माँ की तरह प्यार नहीं किया आज जब मैंने आपसे शादी के लिये मना किया तो आप फिरसे मुझे मारने के लिये ये हंटर ले आई ....... मै आपकी बेटी हूँ माँ आप ऐसा क्यों करती है मेरे साथ क्यों मुझे मेरे हिस्से का प्यार नहीं मिलता आपसे कहते हुए शिवि रोने लगी.... लेकिन लता जी को इससे जरा भी फर्क नहीं पड़ा...
लता जी : एक बात तुम कान खोलकर सुन लो तुम्हारी शादी उसी से होगी जिससे मै तेय करुँगी चाहे तुम मानो या मानो समझी कहते हुए वो कमरे से चली गयी और शिवि पीछे रोती रह गयी.....
हमेशा ऐसा ही होता था शिवि उन्हें जवाब दे देती थी लेकिन उसे उनके प्यार की कमी हमेशा खलती थी....
शिवि इसी तरह रोते हुए बेड पर लेट गयी और रोते रोते सो गयी......
रात को डिनर के टाइम भी किसी ने उसे खाने के लिये नहीं बुलाया क्योंकि किसी को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता था......
अगले दिन शिवि रेडी होकर बिना खाये कॉलेज के लिये निकल गयी। किसी ने उससे न कुछ पूछा न कुछ कहा.... शिवि को भी इस सबकी आदत हो चुकी थी......
कॉलेज पहुंचकर वो टैक्सी से उतर कर कॉलेज के अंदर गयी...... शिवि आज जल्दी कॉलेज आ गयी थी अभी तक कोई नहीं आया था कॉलेज में......तो शिवि ने सोचा की वो लाइब्रेरी चली जाए.... वो कोरिडोर से होते हुए जा रही थी तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ उसे एक रूम के अंदर खींच लिया..... अचानक खींचने से शिवि डर गयी..... उसके दिल की धड़कने बुलेट ट्रैन से भी तेज़ दौड़ रही थी.....उसने डर से अपनी आँखे बंद कर रखी थी तभी उसे अपने चेहरे पर किसी की साँसे महसूस हुई और अचानक ही उसकी आँखे एक झटके से खुल गयी जब उसे अपने होठो पर किसी के सख्त गर्म होंठ महसूस हुए.....
वो अपनी आँखों को बड़ी बड़ी करके देखने लगी तो वो आक्रोश था जो खुद आज किसी काम से जल्दी आ गया था और उसने जब शिवि को देखा तो उसकी आँखे चमक उठी और उसने उसका हाथ पकड़ अंदर अपने केबिन में खींच लिया.....
वो शिवि की तरफ अट्रैक्ट हो रहा था उसके बॉडी कर्वस उसकी खूबसूरती की तरफ..... पहली रात जो उसने शिवि के साथ बिताई थी उसके बाद से उसे जैसे तालाब लग गयी थी उसकी.....
जब शिवि ने आक्रोश को देखा तो वो शांत हो गयी और उसका किस में साथ देने लगी.....
उनके होंठ एक दूसरे की होठो में उलझें हुए थे.... अब शिवि आक्रोश से ज्यादा बेसब्री से उसके होठो को चुम रही थी काट रही थी..... जिससे आक्रोश को दर्द हो रहा था लेकिन वो उससे अलग नहीं हुआ...... वो उसकी किस को एन्जॉय करने लगा ... उसे ये देखकर अच्छा लगता था की किस तरह शिवि उसके लिये तड़पती है..... कैसे उसके सिर्फ छूने से ही शिवि अपना कण्ट्रोल खो देती है......
दोनों की किस अभी भी जारी थी दोनों एक दूसरे को बहुत ही डीपली किस कर रहे थे दोनों की जीब एक दूसरे के मुँह में एंटर हो चुकी थी और दोनों एक दूसरे के मुँह को एक्सप्लोर कर रहे थे...
शिवि का इस किस से कुछ नहीं होने वाला था अब उसे कुछ और चाहिए था..... उसे आक्रोश की उसकी बॉडी की आदत लग चुकी थी..
उसने किस करते हुए ही आक्रोश की शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिए.... जिसे देखकर आक्रोश की आँखे मुस्कुरा उठी.... वो देख सकता था की शिवि का कैसे खुद पर से कण्ट्रोल छुट् रहा है
आक्रोश ने भी शिवि के टॉप को निकलना शुरू कर दिया.... क्योंकि कॉलेज में कोई नहीं था अभी इसलिए कोई दिक्कत नहीं थी दोनों आराम से एक दूसरे को महसूस कर रहे थे.....कुछ ही देर में शिवि ने आक्रोश की शर्ट उतार जमीन पर फेक दि और बेसब्री से उसके गले को चूमने लगी.... आक्रोश ने भी शिवि की टॉप को निकाल फेक दिया..... उसके होंठ भी शिवि की गर्दन पर थे.... दोनों वाइल्ड होकर एक दूसरे की गर्दन को चुम रहे थे....... शिवि के हाथ आक्रोश की पूरी बॉडी को एक्सप्लोर कर रहे थे...दोनों की साँसे धीर धीरे तेज़ हो रही थी......... शिवि आक्रोश के सीने तक पहुंच गयी और वहाँ चूमने के साथ बाईट करने लगी जिससे आक्रोश की अह्ह्ह निकल गयी.....और उसकी पकड़ शिवि के बालो ओर कस गयी ..... उसकी साँसे भारी होने लगी उसका कण्ट्रोल छूटने लगा...
जब आक्रोश से सहन नहीं हुआ तो उसने शिवि का सिर उसके बालो से पकड़ अपने चेहरे के सामने किया..... शिवि आँखे एक दम नशीली लग रही थी जैसे उसे आक्रोश का नशा चढ़ गया हो..... आक्रोश भी कम नहीं था उसे भी शिवि का नशा चढ़ गया था.... जिसमे अब बस दोनों पूरी तरह से डूबना चाहते थे....
आक्रोश का एक हाथ शिवि के सिर के पीछे था और एक हाथ उसकी खुली पीठ पर.... आक्रोश ने शिवि की आँखों में देखते हुए ही उसे खुदसे चिपका लिया..... दोनों ऊपर से हाफ नेकेड थे.... शिवि सिर्फ ब्रा में थी..... जब आक्रोश ने शिवि को खुदसे चिपकाया तो दोनों के सीने एक दूसरे से चिपक गए जिससे दोनों के अंदर की गर्मी और ज्यादा बढ़ने लगी....
आक्रोश ने अपना सिर निचे करके देखा.... उसकी नज़रे अब शिवि के सीने पर थी जिसे देखकर वो अपना कण्ट्रोल खो रहा था.... उसका हाथ जो शिव की खुली पीठ पर घूम रहा था.... उसे उसने शिवि के ब्रा के हुक पर जाकर रोक दिया और एक झटके से उसे खोल दिया... जिससे वो ढीली हो गयी.... शिवि तो पूरी तरह आक्रोश में खो चुकी थी। उसे कोई होश नहीं था...... उसने कोई रियेक्ट नहीं किया जैसे उसे भी यही चाहिए था और ये सही भी था उसे इस समय सिर्फ आक्रोश चाहिए था कैसे भी..
आक्रोश ने उसकी ब्रा को उसकी बॉडी से अलग कर दिया.... फिर एक नज़र शिवि की आँखों में नशे से देखकर वो निचे झुका और उसकी एक ब्रेस्ट को मुँह में लेकर चूमने और सक करने लगा.....उसका दूसरा हाथ शिवि के दूसरे ब्रेस्ट पर चल रहा था जिसे वो दबा रहा था...... और उसके इस तरह करने से शिवि कण्ट्रोल नहीं कर पाई और अपनी आँखे बंद कर आहे भरने लगी.....उसके हाथ आक्रोश के बालो में घूम रहे थे.... बीच बीच में जब वो आक्रोश के इस तरह करने से तड़प उठती तो आक्रोश के सिर को अपने सीने पर प्रेस करने लगती......वही आक्रोश वाइल्ड होकर उसके सीने को लाल करने में लगा हुआ था उसे किसी बच्चे की तरह सक करने में लगा हुआ था और दूसरे को वाइल्ड होकर दबा रहा था। जिससे शिवि की साँसे उससे संभाल नहीं रही थी और उन दोनों की साँसों का शोर केबिन में गूँजने लगा........
अब तक आपने पढ़ा की आक्रोश ने शिवि को उसके केबिन में खींच लिया था उसके बाद वो दोनों एक दूसरे पर बेसब्री होकर टूट पड़े.....
आक्रोश शिवि के सीने को चुम रहा था और शिवि आँखे बंद कर अपनी गर्दन ऊपर करके आहे भर रही थी साथ ही आक्रोश के सिर को होने सीने पर दबा रही थी.......
कुछ देर बाद आक्रोश ने अपना चेहरा उसके सीने से अलग किया तो देखा की उसका एक सीना बिल्कुल लाल हो चूका था जिसपर बाईट के निशान भी मौजूद थे.....उसने एक नज़र शिवि को देखा जिसने उसे रुका देख अपनी आँखे खोल दि थी और वो उसे ही देखे जा रही थी......
आक्रोश उसे अपनी नशी ली आँखों से देख रहा था लेकिन शिवि पूरी बेसब्री हो चुकी थी उसे आक्रोश का उससे अलग होना पसंद नहीं आया था..... उसने आक्रोश के सिर को पकड़ उसका चेहरा अपने दूसरे सीने पर झुका दिया....... आक्रोश ने भी टाइम वास्ते न करते हुए उसके सीने को अपने मुँह में भर लिया और उसे भी पहले वाले की तरह चूमने और काटने लगा..... साथ ही उसका दूसरा हाथ शिवि के पहले लाल हो चुके सीने पर चल रहा था..... वो वाइल्ड होकर उसके सीने को दबा रहा था जिससे शिवि को दर्द हो रहा था लेकिन उसने आक्रोश को नहीं रोका..... शायद दोनों पर अपनी अपनी डिजायर्स हावी हो चुकी थी इसलिए......
उसके दूसरे सीने को भी पहले वाले की तरह लाल करके आक्रोश ने अपना चेहरा उठाया....... उसके बाद उसने शिवि की आँखों में देखकर कहा : क्या तुम ये करना चाहती हो??
शिवि : हाँ प्लीज अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं होगा..... Let's just do it
आक्रोश ने एक नज़र उसकी आँखों में देखा जिसमे उसे पाने का नशा चढ़ा हुआ था..... उसके बाद उसने शिवि को निचे झुककर अपनी गोद में उठा लिया...... और उसे लेकर केबिन में ही बने सीक्रेट रूम में ले गया..... ये स्पेशली आक्रोश के लिये बनाया गया था..... उसके कहने पर..... वरना कॉलेज में किसी के लिये भी केबिन में सीक्रेट रूम नहीं था......
आक्रोश उसे कमरें के अंदर लेकर आया इस समय दोनों की आँखे एक दूसरे में उलझी हुई थी और उनमे बस दोनों को एक दूसरे को पाने की तलब साफ दिखाई दे रही थी......
अंदर आकर आक्रोश ने शिवि को दिवार से सटा दिया फिर साइड से एक बटन प्रेस करके दरवाज़ा बंद कर दिया......
उसके बाद आक्रोश शिवि के चेहरे को देखने लगा देखते देखते उसकी नज़रे ऊपर से निचे चली गयी और वो उसे अपनी नशीली आँखों से ऊपर से लेकर निचे तक देखने लगा..... सिर्फ उसके देखने से ही शिवि को अपनी बॉडी में गुजबमप्स आने लगे..... उसकी बॉडी आक्रोश के लिये तड़पने लगी.... उसे अपने अंदर कुछ फील होने लगा कुछ ऐसा की जिससे अगर अभी आक्रोश उसके पास नहीं आया और खुदको उसमे नहीं समाया तो वो इसी तरह तड़पते हुए ही मर जायेगी.......
जब उसे सहन नहीं हुआ तो उसने आगे बढ़कर जल्दी से आक्रोश के चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और उसके सख्त होठो पर अपने नर्म होठो को रखकर डीपली किस करने लगी...... आक्रोश भी जानता था की शिवि उसके लिये तड़प रही है उससे ज्यादा वो उसके लिये तड़प रही है फिर भी वो उसे तड़पा रहा था......
आक्रोश ने जब शिवि को खुदके लिये इतना बेसब्री देखा तो वो मुस्कुरा दिया..... वो सिर्फ शिवि की किस को महसूस कर रहा था उसे किस नहीं कर रहा था वो देखना चाहता था की शिवि आगे क्या करेंगी....
जब शिवि ने देखा की आक्रोश उसे किस नहीं कर रहा तो वो उससे अलग हुई और अपनी नशीली आँखों से उसकी आँखों में देखकर बोली : kiss me back proffesor....
बोलकर उसने एक बार फिर अपने होंठ आक्रोश के होठो पर रख दिए और उसे किस करने लगी...... अब आक्रोश भी कण्ट्रोल नहीं कर पाया और उसने भी शिवि को कमर से पकड़ अपने करीब खींच लिया जिससे दोनों के खुले सीने एक बार फिर आपस में टकरा गए..... आक्रोश का एक हाथ शिवि की गर्दन के पीछे था और दूसरे हाथ से वो उसकी कमर और पीठ को सेहला रहा था..... धीरे धीरे उसका वो हाथ आगे की तरफ आया और शिवि के सीने पर आकर रुक गया और वो उसके सीने को वाइल्ड होकर प्रेस करने लगा..... जिससे शिवि की आहे निकलने लगी लेकिन उसकी आहे किस की वजह से उसके मुँह में दबी रह गयी.....
जब शिवि की सांस अटकने लगी तो आक्रोश ने अपने होंठ उसके होठो से अलग किये और उसके होठो को देखने लगा.... जो किसी चेरी के जैसे रेड हो चुके थे.... जिन्हे देखकर आक्रोश का मन उन्हें फिर किस करने का कर रहा था....
आक्रोश की नज़र उसके होठो पर थी वही शिवि की आक्रोश की बॉडी पर....उसने आक्रोश को पकड़ दीवार से सटा दिया और उसे देखते हुए उसने अपने होंठ आक्रोश के गले पर रख दिए और वहाँ चूमने और काटने लगी....
आक्रोश ने अपने हाथ शिवि के बालो में फसा लिये और वो उसे फील करने लगा... शिवि वाइल्ड होकर उसके गर्दन को चुम रही थी.... वो निचे बड़ी और उसके सीने को चूमने और काटने लगी जिससे आक्रोश की आहे निकलने लगी.... धीरे धीरे शिवि निचे बड़ी और उसके एब्स को चूमने और काटने लगी जिससे आक्रोश अपना कण्ट्रोल खो रहा था...... शिवि आक्रोश के पेट को वाइल्डली चूमने लगी..... तभी आक्रोश ने शिवि को पकड़ दीवार से लगा दिया और नशीली आवाज़ में बोला :बस बहुत हो गया बहुत तड़पा लिया तुमने अब मेरी बारी ... कहते हुए वो झुका और एक बार फिर उसके सीने को मुँह में भर कर चूमने और सक करने लगा... साथ ही दूसरे को जोर से दबाने लगा..... जिससे शिवि की तेज़ तेज़ आहे निकलने लगी.... उसके सीने को अच्छे से लाल करने के बाद आक्रोश निचे झुका और उसके पेट को चूमने लगा और नाभि में अपनी जीब घूमाने लगा..... जिससे शिवि तड़प उठी...... और आक्रोश के नाम की आहे उसके मुंह से निकलने लगी....
उसके पेट को अच्छे से चूमने और काटने के बाद आक्रोश ने अपना चेहरा उसके पेट से अलग किया और अपना सिर ऊपर करके शिवि को देखा जो आँखे बंद करके तड़प रही थी उसके लिये उसे ऐसे देखकर आक्रोश मुस्कुरा दिया......
उसने अपना हाथ उसके जीन्स के बटन पर रखा और अगले ही पल उस बटन को खोल दिया..... उसके बाद उसने उस जीन्स को शिवि के बदन से अलग कर कमरें के किसी कोने में फेक दिया.... शिवि सिर्फ उसे ये सब करते हुए देख रही थी..... आक्रोश ने एक नज़र शिवि को ऊपर से निचे तक देखा जहाँ शिवि अब सिर्फ पैंटी में ख़डी थी...... जिसे देखकर आक्रोश के होठो पर एक शरारत भरी मुस्कुराहट आ गयी.....
शिवि : प्रोफेसर क्या कर रहे है आप क्यों इतना तड़पा रहे है??
आक्रोश : क्योंकि मुझे अच्छा लगता है जब तुम मेरे लिये इस तरह तड़पती हो
आक्रोश की बात पर शिवि उसके पास आई और बोली : ऐसी बात है तो आप भी थोड़ा तड़पिए अब कहते हुए उसने आक्रोश की पेंट के ऊपर से उसके प्राइवेट पार्ट पर अपना हाथ रख दिया..... और उसे पेंट के ऊपर से ही सेहलाने लगी..... उसकी आँखे आक्रोश की आँखों में देख रही थी जो हैरानी भरी थी.....
आक्रोश को बिल्कुल नहीं लगा था की शिवि ऐसा कुछ करेंगी..... वही शिवि की आँखों में शरारत थी.....
धीरे धीरे आक्रोश अपना कण्ट्रोल खोने लगा...... उसने झट से शिवि का हाथ वहाँ से हटाया और अपनी बेल्ट खोलकर अपनी पेंट को निकाल फेक दिया..... फिर शिवि के पास आकर उसके बालो में अपना हाथ फसाकर बोला : इसका अंजाम तुम्हे बहुत महंगा पड़ेगा
शिवि : सस्ती चीज़े शिवि को वैसे भी नहीं पसंद
आक्रोश : अच्छा तो फिर तैयार हो जाओ कहते हुए उसने शिवि को कमर से पकड़ थोड़ा ऊपर उठा दिया जिससे शिवि ने अपने पैर उसकी खुली कमर पर लपेट दिए.....
आक्रोश ने उसे पीछे लेजाकर दीवार से सटा दिया.... फिर उसे निचे उतारकर वो घुटनो के बाल बैठा और निचे झुककर उसके पेरो को चूमने लगा..... धीरे धीरे आक्रोश ऊपर बढ़ने लगा..... अब वो वाइल्ड होकर उसकी थाईज पर चूमने और काटने लगा.......साथ ही अपने हाथों से सेहलाने लगा...
अब तक आपने पढ़ा की आक्रोश ने शिवि को उसके केबिन में खींच लिया था उसके बाद वो दोनों एक दूसरे पर बेसब्री होकर टूट पड़े.....
आक्रोश शिवि के सीने को चुम रहा था और शिवि आँखे बंद कर अपनी गर्दन ऊपर करके आहे भर रही थी साथ ही आक्रोश के सिर को होने सीने पर दबा रही थी.......
कुछ देर बाद आक्रोश ने अपना चेहरा उसके सीने से अलग किया तो देखा की उसका एक सीना बिल्कुल लाल हो चूका था जिसपर बाईट के निशान भी मौजूद थे.....उसने एक नज़र शिवि को देखा जिसने उसे रुका देख अपनी आँखे खोल दि थी और वो उसे ही देखे जा रही थी......
आक्रोश उसे अपनी नशी ली आँखों से देख रहा था लेकिन शिवि पूरी बेसब्री हो चुकी थी उसे आक्रोश का उससे अलग होना पसंद नहीं आया था..... उसने आक्रोश के सिर को पकड़ उसका चेहरा अपने दूसरे सीने पर झुका दिया....... आक्रोश ने भी टाइम वास्ते न करते हुए उसके सीने को अपने मुँह में भर लिया और उसे भी पहले वाले की तरह चूमने और काटने लगा..... साथ ही उसका दूसरा हाथ शिवि के पहले लाल हो चुके सीने पर चल रहा था..... वो वाइल्ड होकर उसके सीने को दबा रहा था जिससे शिवि को दर्द हो रहा था लेकिन उसने आक्रोश को नहीं रोका..... शायद दोनों पर अपनी अपनी डिजायर्स हावी हो चुकी थी इसलिए......
उसके दूसरे सीने को भी पहले वाले की तरह लाल करके आक्रोश ने अपना चेहरा उठाया....... उसके बाद उसने शिवि की आँखों में देखकर कहा : क्या तुम ये करना चाहती हो??
शिवि : हाँ प्लीज अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं होगा..... Let's just do it
आक्रोश ने एक नज़र उसकी आँखों में देखा जिसमे उसे पाने का नशा चढ़ा हुआ था..... उसके बाद उसने शिवि को निचे झुककर अपनी गोद में उठा लिया...... और उसे लेकर केबिन में ही बने सीक्रेट रूम में ले गया..... ये स्पेशली आक्रोश के लिये बनाया गया था..... उसके कहने पर..... वरना कॉलेज में किसी के लिये भी केबिन में सीक्रेट रूम नहीं था......
आक्रोश उसे कमरें के अंदर लेकर आया इस समय दोनों की आँखे एक दूसरे में उलझी हुई थी और उनमे बस दोनों को एक दूसरे को पाने की तलब साफ दिखाई दे रही थी......
अंदर आकर आक्रोश ने शिवि को दिवार से सटा दिया फिर साइड से एक बटन प्रेस करके दरवाज़ा बंद कर दिया......
उसके बाद आक्रोश शिवि के चेहरे को देखने लगा देखते देखते उसकी नज़रे ऊपर से निचे चली गयी और वो उसे अपनी नशीली आँखों से ऊपर से लेकर निचे तक देखने लगा..... सिर्फ उसके देखने से ही शिवि को अपनी बॉडी में गुजबमप्स आने लगे..... उसकी बॉडी आक्रोश के लिये तड़पने लगी.... उसे अपने अंदर कुछ फील होने लगा कुछ ऐसा की जिससे अगर अभी आक्रोश उसके पास नहीं आया और खुदको उसमे नहीं समाया तो वो इसी तरह तड़पते हुए ही मर जायेगी.......
जब उसे सहन नहीं हुआ तो उसने आगे बढ़कर जल्दी से आक्रोश के चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और उसके सख्त होठो पर अपने नर्म होठो को रखकर डीपली किस करने लगी...... आक्रोश भी जानता था की शिवि उसके लिये तड़प रही है उससे ज्यादा वो उसके लिये तड़प रही है फिर भी वो उसे तड़पा रहा था......
आक्रोश ने जब शिवि को खुदके लिये इतना बेसब्री देखा तो वो मुस्कुरा दिया..... वो सिर्फ शिवि की किस को महसूस कर रहा था उसे किस नहीं कर रहा था वो देखना चाहता था की शिवि आगे क्या करेंगी....
जब शिवि ने देखा की आक्रोश उसे किस नहीं कर रहा तो वो उससे अलग हुई और अपनी नशीली आँखों से उसकी आँखों में देखकर बोली : kiss me back proffesor....
बोलकर उसने एक बार फिर अपने होंठ आक्रोश के होठो पर रख दिए और उसे किस करने लगी...... अब आक्रोश भी कण्ट्रोल नहीं कर पाया और उसने भी शिवि को कमर से पकड़ अपने करीब खींच लिया जिससे दोनों के खुले सीने एक बार फिर आपस में टकरा गए..... आक्रोश का एक हाथ शिवि की गर्दन के पीछे था और दूसरे हाथ से वो उसकी कमर और पीठ को सेहला रहा था..... धीरे धीरे उसका वो हाथ आगे की तरफ आया और शिवि के सीने पर आकर रुक गया और वो उसके सीने को वाइल्ड होकर प्रेस करने लगा..... जिससे शिवि की आहे निकलने लगी लेकिन उसकी आहे किस की वजह से उसके मुँह में दबी रह गयी.....
जब शिवि की सांस अटकने लगी तो आक्रोश ने अपने होंठ उसके होठो से अलग किये और उसके होठो को देखने लगा.... जो किसी चेरी के जैसे रेड हो चुके थे.... जिन्हे देखकर आक्रोश का मन उन्हें फिर किस करने का कर रहा था....
आक्रोश की नज़र उसके होठो पर थी वही शिवि की आक्रोश की बॉडी पर....उसने आक्रोश को पकड़ दीवार से सटा दिया और उसे देखते हुए उसने अपने होंठ आक्रोश के गले पर रख दिए और वहाँ चूमने और काटने लगी....
आक्रोश ने अपने हाथ शिवि के बालो में फसा लिये और वो उसे फील करने लगा... शिवि वाइल्ड होकर उसके गर्दन को चुम रही थी.... वो निचे बड़ी और उसके सीने को चूमने और काटने लगी जिससे आक्रोश की आहे निकलने लगी.... धीरे धीरे शिवि निचे बड़ी और उसके एब्स को चूमने और काटने लगी जिससे आक्रोश अपना कण्ट्रोल खो रहा था...... शिवि आक्रोश के पेट को वाइल्डली चूमने लगी..... तभी आक्रोश ने शिवि को पकड़ दीवार से लगा दिया और नशीली आवाज़ में बोला :बस बहुत हो गया बहुत तड़पा लिया तुमने अब मेरी बारी ... कहते हुए वो झुका और एक बार फिर उसके सीने को मुँह में भर कर चूमने और सक करने लगा... साथ ही दूसरे को जोर से दबाने लगा..... जिससे शिवि की तेज़ तेज़ आहे निकलने लगी.... उसके सीने को अच्छे से लाल करने के बाद आक्रोश निचे झुका और उसके पेट को चूमने लगा और नाभि में अपनी जीब घूमाने लगा..... जिससे शिवि तड़प उठी...... और आक्रोश के नाम की आहे उसके मुंह से निकलने लगी....
उसके पेट को अच्छे से चूमने और काटने के बाद आक्रोश ने अपना चेहरा उसके पेट से अलग किया और अपना सिर ऊपर करके शिवि को देखा जो आँखे बंद करके तड़प रही थी उसके लिये उसे ऐसे देखकर आक्रोश मुस्कुरा दिया......
उसने अपना हाथ उसके जीन्स के बटन पर रखा और अगले ही पल उस बटन को खोल दिया..... उसके बाद उसने उस जीन्स को शिवि के बदन से अलग कर कमरें के किसी कोने में फेक दिया.... शिवि सिर्फ उसे ये सब करते हुए देख रही थी..... आक्रोश ने एक नज़र शिवि को ऊपर से निचे तक देखा जहाँ शिवि अब सिर्फ पैंटी में ख़डी थी...... जिसे देखकर आक्रोश के होठो पर एक शरारत भरी मुस्कुराहट आ गयी.....
शिवि : प्रोफेसर क्या कर रहे है आप क्यों इतना तड़पा रहे है??
आक्रोश : क्योंकि मुझे अच्छा लगता है जब तुम मेरे लिये इस तरह तड़पती हो
आक्रोश की बात पर शिवि उसके पास आई और बोली : ऐसी बात है तो आप भी थोड़ा तड़पिए अब कहते हुए उसने आक्रोश की पेंट के ऊपर से उसके प्राइवेट पार्ट पर अपना हाथ रख दिया..... और उसे पेंट के ऊपर से ही सेहलाने लगी..... उसकी आँखे आक्रोश की आँखों में देख रही थी जो हैरानी भरी थी.....
आक्रोश को बिल्कुल नहीं लगा था की शिवि ऐसा कुछ करेंगी..... वही शिवि की आँखों में शरारत थी.....
धीरे धीरे आक्रोश अपना कण्ट्रोल खोने लगा...... उसने झट से शिवि का हाथ वहाँ से हटाया और अपनी बेल्ट खोलकर अपनी पेंट को निकाल फेक दिया..... फिर शिवि के पास आकर उसके बालो में अपना हाथ फसाकर बोला : इसका अंजाम तुम्हे बहुत महंगा पड़ेगा
शिवि : सस्ती चीज़े शिवि को वैसे भी नहीं पसंद
आक्रोश : अच्छा तो फिर तैयार हो जाओ कहते हुए उसने शिवि को कमर से पकड़ थोड़ा ऊपर उठा दिया जिससे शिवि ने अपने पैर उसकी खुली कमर पर लपेट दिए.....
आक्रोश ने उसे पीछे लेजाकर दीवार से सटा दिया.... फिर उसे निचे उतारकर वो घुटनो के बाल बैठा और निचे झुककर उसके पेरो को चूमने लगा..... धीरे धीरे आक्रोश ऊपर बढ़ने लगा..... अब वो वाइल्ड होकर उसकी थाईज पर चूमने और काटने लगा.......साथ ही अपने हाथों से सेहलाने लगा...
आक्रोश कमरें के अंदर आया और शिवि को सिर्फ टॉवल में देखकर अपनी जगह पर जम गया.......उसे एक बार फिर अपने अंदर गर्मी बढ़ती हुई महसूस हुई......उसने अपने कदम शिवि की तरफ बड़ा दिए.....
शिवि उसे अपनी तरफ बढ़ता देख हड़बड़ा गयी.....लेकिन अब जाए कहां रूम में तो सिर्फ वो दोनों थे कही बाहर जा नहीं सकती थी....
आक्रोश के कदम शिवि की तरफ बढ़ रहे थे और शिवि अपने कदम पीछे ले रही थी ......
अचानक ही शिवि पीछे दिवार होने की वजह से रुक गयी......उसकी साँसे ऊपर निचे होने लगी......जिससे उसका सीना भी ऊपर निचे होने लगा ......आक्रोश की नज़र उसी पर जाकर रुक गयी और वो अपनी मदहोशी भरी आँखों से उसे ही देखने लगा....
शिवि ने उसकी नज़रे खुदके सीने पर पाई तो उसका बदन सिहर उठा......वो आक्रोश की आँखों में खुदके लिये डिजायर्स साफ देख सकती थी....धीरे धीरे उसका भी कण्ट्रोल छूटना शुरू हो गया....
जब उससे अपनी साँसे नहीं संभाली गयी तो उसने आक्रोश की शर्ट की कॉलर पकड़ उसे अपनी तरफ खींच लिया....और झट से अपने होंठ उसके होठो पर रखकर उसे डीपली किस करने लगी....
आक्रोश भी जैसे इसी का इंतेज़ार कर रहा था.....उसने अपना हाथ शिवि के सिर के पीछे रखकर उसके बालो को अपनी मुठ्ठी में भरा और उसके सिर को अपने चेहरे पर पुश करने लगा.....वो बहुत ही देस्पिरेटली उसे किस कर रहा था.....जैसे न जाने वो कबसे प्यासा था.....शिवि भी आक्रोश के होठों को चुम रही थी तो कभी काट रही थी.....
दोनों बिल्कुल पागलो की तरह एक दूसरे को किस कर रहे थे......शिवि के हाथ आक्रोश के बालो में घूम रहे थे.....
आक्रोश ने अपना हाथ जो शिवि की कमर पर था उसे आगे की तरफ लेकर उसने एक झटके से शिवि का टॉवल खोल दिया.....जिससे वो टॉवल अगले ही पल ज़मीन पर पड़ा हुआ था और शिवि पूरी तरीके से आक्रोश के सामने थी....लेकिन उसे कोई होश नहीं था की उसका टॉवल आक्रोश ने खोलकर निचे गिरा दिया वो बस आक्रोश के होठों में खोई हुई थी.....
आक्रोश ने अपने हाथ उसके दोनों ब्रैस्ट पर रखे और उन्हें जोर से दबाने लगा.....जिससे शिवि को दर्द हुआ और उसकी आह्ह निकल गयी..........आक्रोश के हाथ अपने खुले सीने पर पाकर शिवि को अहसास हुआ की उसका टॉवल उसके बदन पर नहीं है ......
ये महसूस कर उसने आक्रोश के होठों को हल्का सा बाईट कर लिया .....आक्रोश ने उसे घूर कर देखा जिसपर शिवि भी उसे घूरने लगी ......अब दोनों ही एक दूसरे के होठों को किस कम और बाईट ज्यादा कर रहे थे जैसे कॉम्पटीशन कर रहे हो की कौन ज्यादा बाईट करेगा .....
कुछ देर बाद दोनों की साँसे फूलने लगी ....... आक्रोश को जब लगा की शिवि सांस नहीं ले पा रही तो उसने अपने होंठ उसके होठो से अलग किये और उसकी आँखों में देखने लगा..... जो अब सुबह की तरह नशीली हो चुकी थी......
शिवि : क्या देख रहे है प्रोफसर
आक्रोश : ये देख रहा हूँ की तुम कैसे मेरे सिर्फ छूने से या देखने से अपना कण्ट्रोल खो देती हो
शिवि : तो मै क्या करू जब आप जानते है की मुझसे कण्ट्रोल नहीं होता तो आप क्यों मुझे परेशान करते है
आक्रोश : इसी मै तो मज़ा है....... जब तुम अपना कण्ट्रोल लूज़ करके खुद मेरी तरफ पहल करती हो तो मै और भी ज्यादा एक्साइटेड हो जाता हूँ और फिर मुझे तुम्हे प्यार करने में और भी मज़ा आता है.......बोलकर उसने शिवि की तरफ आँख मार दि
आक्रोश की बात पर शिवि ने मुँह बना लिया.... तभी आक्रोश उसे ऊपर से निचे तक देखते हुए उसके करीब झुका और उसके कान में धीरे से अपनी नशीली आवाज़ में बोला : वैसे इस टाइम तुम बहुत ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही हो इतनी की मेरी बॉडी एक बार फिर तुम्हारे अंदर पूरी तैरके से समा जाना चाहती है
शिवि उसकी बात सुनकर पिघलने लगी। उसके बदन के रोंगटे खडे हो गए......एक तो उसकी आवाज़ जो इस टाइम बहुत नशीली लग रही थी और दूसरा उसका परफ्यूम जिसकी खुशबू में शिवि बहक रही थी..... और अब उसकी बातें भी ऐसी की शिवि खुदको संभाल नहीं पा रही थी.....
शिवि ने अपने हाथ आगे करके आक्रोश को खुदसे चिपका लिया और उसकी गर्दन में अपना चेहरा घुसाकार उसकी खुशबू लेते हुए बोली : तो समा जाइये न प्रोफसर किसने रोका है..... मै तो कबसे तैयार हूँ
उफ्फ शिवि अपना कण्ट्रोल खो चुकी थी लेकिन आक्रोश खुदको कण्ट्रोल करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि शिवि ने कल से खाना नहीं खाया था..... और वो दोनों सुबह से दोपहर तक एक दूसरे में इस तरह उलझें हुए थे की उन्हें खाने का होश ही नहीं था....
लेकिन अब अगर वो दोनों करीब आए तो शिवि आक्रोश को झेल नहीं पाएगी.....
आक्रोश ने अपना चेहरा शिवि के चेहरे के सामने किया...... और उसका चेहरा पकड़ उसके माथे पर किस करके बोला : पहले खाना खाते है उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को खाएंगे कहते हुए उसने शिवि की तरफ आँख मार दि तो शिवि को शर्म आ गयी.....
आक्रोश ने शिवि को कपडे दिए और उन्हें पहनने के लिये कहा... शिवि कपडे लेकर बाथरूम में जाने लगी......
आक्रोश ने उसका हाथ पकड़ा और पूछा : कहां जा रही हो??
शिवि : दिखाई नहीं दे रहा कपडे पहनने जा रही हूँ
आक्रोश : हाँ तो यही पेहेन लो मेरे सामने
शिवि: आप पागल है आपके सामने कैसे पेहेन सकती हूँ
आक्रोश : क्यों नहीं पेहेन सकती..... हालत देखो अपनी तुम पहले से मेरे सामने नेकेड ख़डी हो और मैंने तुम्हारी बॉडी को बहुत अच्छे से एक्सप्लेर किया है या फिर कहुँ टेस्ट किया.......बोलकर वो अपनी जीब अपने होठो ओर फिराने लगा....
शिवि : कितने बेशरम है आप...... मेरे सामने कैसे ऐसा बोल सकते है
आक्रोश : वैसे ही जैसे हम कर सकते है ...... जब मै तुम्हारे साथ सबकुछ कर सकता हूँ तो बोलने में क्या दिक्कत है
शिवि धीरे से : ठरकी आदमी ठरक भरी पड़ी है बस अंदर
आक्रोश : वो तो सुबह से पता चल ही गया की ठरक किसमे ज्यादा भरी हुई है बोलकर हसने लगा.....
शिवि उसकी बात पर इधर उधर देखने लगी....
आक्रोश : अब इधर उधर क्या देख रही हो कपडे पहनो या फिर तुम चाहती हो की मै तुम्हे पेहेनऊ..... मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है वैसे..... If you want..... बोलकर वो शिवि की तरफ बड़ा..... लेकिन शिवि जल्दी से उसके सामने ही अपने कड़पे पहनने लगी....
ये देखकर आक्रोश मुस्कुरा दिया.....
शिवि के कपडे पहनने के बाद आक्रोश उसे सोफे की तरफ लाया और उसे अपनी गोद में लेकर बैठ गया.... शिवि के पैर इस टाइम आक्रोश की कमर के दोनों तरफ थे...
शिवि : ये क्या किया आपने मुझे ऐसे क्यों बिठाया
आक्रोश : क्योंकि मै चाहता हूँ की जब मै तुम्हे खाना खिलाऊ तो तुम्हारी नज़रे सिर्फ मेरे ऊपर हो
शिवि उसकी तरफ देखने लगी....." हाय कितना हॉट है ये प्रोफसर इसकी हॉटनेस की वजह से ही तो मै इसकी तरफ अट्रैक्ट हो जाती हूँ और अपना कण्ट्रोल खो देती हूँ..... इसके चक्कर मै पूरी की पूरी ठरकी बन चुकी हूँ" सोचते हुए शिवि आक्रोश की आँखों में ही देख रही थी.....
*****
age ka chapter 20 comment pr milega
आक्रोश शिवि को गोद में लेकर बैठा था.....उसने सामने टेबल पर रखी प्लेट से खाना चम्मच में लिया और शिवि की तरफ बड़ा दिया..... शिवि ने उसकी आँखों में देखते हुए उसे खा लिया....आक्रोश उसे खाना खिलता गया और शिवि उसकी आँखों देखते हुए खाती गयी। उसे आक्रोश का उसकी केयर करना अच्छा लग रहा था.......अब बस एक चम्मच खाना बचा था आक्रोश ने उसे चम्मच में लिया और उसे अपने मुँह में डाल लिया..... शिवि उसे ही देख रही थी लेकिन उसे समझ नहीं आया की आक्रोश कर क्या रहा है.....
तभी आक्रोश ने पीछे से शिवि का सिर पकड़ा और उसे अपने चेहरे पर पुश करके उसके होठो पर अपने होंठ रख दिए..... शिवि की आँखे बड़ी हो गयी.... उसने नहीं सोचा था आक्रोश ऐसा कुछ करेगा....
आक्रोश ने खाना शिवि के मुँह में डाला और उसके होठो को चूसने लगा..... शिवि का दिल तेज़ी से धड़क रहा था..... उसका सीना ऊपर निचे होने लगा..... तभी आक्रोश ने कपड़ो के ऊपर से ही शिवि के एक ब्रेस्ट पर अपना हाथ रखा और उसे जोर से दबाने लगा......उसका दूसरा हाथ शिवि की कमर पर था जिसे वो सेहला रहा था......
इससे तो शिवि पूरा आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो चुकी थी..... उसने भी अपना एक हाथ आक्रोश के बालो में फसा लिया और दूसरे से वो अपने ब्रेस्ट को जोर से प्रेस करने लगी.....
कुछ देर बाद आक्रोश उससे अलग हुआ.... और उसे देखने लगा... उसका हाथ अभी भी शिवि के ब्रेस्ट पर था.... और वो उसे प्रेस कर रहा था....
शिवि : प्रोफसर i cant control please
आक्रोश ने उसके गले में अपना चेहरा घुसा लिया और उसके गले पर चूमते हुए बोला : what do you want tell me.......
शिवि : proffesor please..... You know what i want......
आक्रोश : नहीं मुझे नहीं पता tell me.....
शिवि : i want you proffesor please.... I beg you..... I wanna feel you inside me.....
शिवि के कहते ही आक्रोश ने अगले ही पल शिवि की टॉप फाड़कर फेक दि......अब वो उसकी गर्दन से कंधे पर किस के साथ बाईट करने लगा....
शिवि pleasure से उसके सिर को पकड़ अपने ऊपर पुश कर रही थी..... वो अपनी गर्दन ऊपर करके आँखे बंद कर आहे भर रही थी......कमरें का माहौल एक बार फिर गरम हो चूका था........ अचानक ही शिवि को निचे कुछ फील हुआ..... उसे पता था वो क्या है..... वो बस आक्रोश को फील कर रही थी.....
अपने निचे फील होती चुभन को महसूस करके शिवि अब अपनी बॉडी को मूव करने लगी.... जिसे फील करके आक्रोश अपना कण्ट्रोल खो रहा था...... उसकी आहे निकल रही थी.....
आक्रोश अब उसके सीने तक पहुंच गया था...... उसने उसके ब्रेस्ट को मुँह में भर लिया और उसे चूसने और काटने लगा..... दूसरे को अपने हाथ में भर के मसलने और दबाने लगा......उसका दूसरा हाथ शिवि के निचे की तरफ जा रहा था..... वो उसके प्राइवेट पार्ट को सेहलाने लगा.......
शिवि से अब और नहीं रहा जा रहा था उसे भी आक्रोश को चूमना था... उसे महसूस करना था .... उसने आक्रोश का सिर अपने सीने से अलग किया..... और उसकी आँखों में देखते हुए जल्दी जल्दी उसके शर्ट के बटन खोलने लगी..... शर्ट निकालकर उसने कमरें में फेक दि.....
और अपने होंठ उसने आक्रोश की गर्दन पर रख दिए..... आक्रोश की बॉडी किसी भट्टी की तरह तप रही थी जिसपर शिवि के नर्म होंठ रखते ही आक्रोश की आह्ह निकल गयी.... उसने शिवि के बालो में अपना हाथ फसा लिया..... और उस पर अपनी पकड़ कस दि.....
कुछ देर बाद शिवि अलग हुई.... और आक्रोश की आँखों में देखने लगी..... फिर उसने टेबल पर रखा जूस के ग्लास को उठाया और उसे आक्रोश की गरम बॉडी पर डाल दिया.....
आक्रोश समझ रहा था शिवि क्या करने वाली है..... उसके होंठ मुस्कुरा रहे थे....वो एक्साइटेड लग रहा था.....
पूरा जूस आक्रोश की बॉडी पर गिर गया..... शिवि ने आक्रोश की आँखों में देखा फिर निचे झुककर अपने होंठ उसके सीने पर रख दिए और उस जूस को लीक करने लगी......साथ में बाईट भी करने लगी......
आक्रोश बस आहे भर रहा था...... धीरे धीरे शिवि निचे की तरफ बढ़ने लगी...... उसने उसकी बॉडी पर गिरा हुआ सारा जूस लीक कर लिया और वहाँ अपने दांतो के निशान छोड़ दिए.....
अचानक ही आक्रोश ने शिवि को सोफे पर लेटा दिया..... और अपनी नशीली आँखों से उसे देखते हुए सोफे से उठा और कमरें में ही मौजूद छोटे से फ्रिज के पास गया...... शिवि उसे ही देख रही थी....
आक्रोश ने फ्रिज से बर्फ निकाली और एक बाउल में रखकर लेकर आया..... शिवि के पास आकर उसने बाउल को टेबल पर रखा और उसमे से एक आइस क्यूब उठाकर अपने होठो के बीच उसे रख लिया....
उसके बाद वो शिवि के ऊपर झुका और उस बर्फ को अपने होठो से शिवि की गर्दन पर फिराने लगा..... उसके ऐसा करने से शिवि तड़पने लगी...... वो सोफे पर अपने पैर पटाकने लगी.....
आक्रोश उस बर्फ को शिवि की गर्दन से फिराते हुए उसके सीने तक आया.... जो उसने कुछ तो चूसकर और कुछ दबाकर लाल कर दिया था......
जब बर्फ का वो टुकड़ा पिघल गया तो आक्रोश ने बाउल में से दूसरा टुकड़ा उठाया और उसे अपने होठो के बीच दबाकर उसे शिवि के पेट पर रख दिया...... शिवि बिना पानी के मछली के जैसे तड़प रही थी
शिवि : अह्ह्ह प्रोफेसर बस करिये...... मै और नहीं झेल सकती please i need you
आक्रोश तो बस उसमे खोया हुआ था..... उसने उस बर्फ को शिवि के नाभि में घुमाया तो शिवि का शरीर अकड़ गया......
आक्रोश ने एक नज़र शिवि की आँखों में देखा फिर निचे झुककर शिवि की जीन्स का बटन खोल दिया.... और उसे निकालकर सोफे के निचे फेक दिया..... उसने बर्फ का टुकड़ा उठाया और अपने होठो में लेकर वो शिवि के पेरो के पास आया...... वो उस टुकड़े को शिवि के पेरो पर सेहलाने लगा...... धीरे धीरे वो उससे टुकड़े को शिवि के थाई तक लेकर आया और वहाँ फिराने लगा......वो टुकड़ा वहाँ पिघल गया.....
आक्रोश : spread your legs i wanna taste you
आक्रोश की बात पर शिवि ने अपना पैर खोल दिया...... आक्रोश ने पैंटी के ऊपर से शिवि के प्राइवेट पार्ट पर हाथ रखा और उसे सेहलाने लगा...... उसने शिवि के एक पैर को पकड़ अपनी कमर में लपेट लिया.....
शिवि तड़पती हुई आहे भर रही थी उसके हाथ अपने सीने पर चल रहे थे और उसका सिर बार बार पीछे की तरफ हो रहा था.....
कुछ देर सेहलाने के बाद आक्रोश ने शिवि की पैंटी को निकल दिया.....और उसके प्राइवेट पार्ट को देखने लगा.....
फिर उसने आइस क्यूब अपने होठो में दबाया और निचे झुककर अपने होंठ वहाँ रख दिए.... अपने पार्ट पर बर्फ का ठण्डापन फील करके शिवि की जान ही निकल गयी.... उसकी एक तेज़ अह्ह्ह पुरे कमरें गूंज उठी......... जिससे आक्रोश और ज्यादा एक्साइटेड हो गया.....
आक्रोश उसकी थाईस को बहुत ही सेडक्टिवली सेहला रहा था...... और वहाँ पर वाइल्ड होकर किस और सक कर रहा था..... तभी उसने वहाँ बाईट किया जिससे शिवि की चीख निकल गयी.....
आक्रोश मुस्कुरा दिया..... फिर वो वहाँ किस करने लगा......
कुछ देर शिवि को pleasure देने के बाद उसने शिवि को पलटकर अपने ऊपर ले लिया.....
शिवि ने भी उसकी आँखों में देखते हुए उसके कपड़ो को निकल फेंक दिया..... फिर अपने हाथ को उसके पार्ट पर रखकर उसे सेहलाने लगी...... आक्रोश की एक आह्ह निकल गयी..... उसने शिवि के बाल कसके पकड़ लिये.....और दूसरा हाथ जो उसके ब्रेस्ट पर था उसे जोर से दबा दिया जिससे दोनों की एक साथ आह्ह निकल गयी.....
दोनों की साँसों की आवाज़ और गरम आहे पुरे कमरें को गरम कर रही थी.....
आक्रोश और शिवि इस समय कॉलेज में आक्रोश के केबिन के सीक्रेट रूम में एक दूसरे को महसूस कर रहे थे..... शिवि आक्रोश के ऊपर बैठी उसके पार्ट को सेहला रही थी साथ ही आहे भी भर रही थी क्योंकि आक्रोश का हाथ उसके सीने को जोर से दबा रहे थे...... आक्रोश भी आहे भर रहा था..... दोनों एक दूसरे को तड़पाने में लगे हुए थे.....
शिवि : proffesor do you have protection ??
आक्रोश शिवि की तरफ देखने लगा.......फिर उसने सोफे से उठकर शिवि को अपनी गोद में उठाया और उसे बेड की तरफ लेकर आया.....उसने उसे बेड पर लेटाया फिर साइड ड्रॉर से कुछ निकाला.....और शिवि के ऊपर आ गया......
इस टाइम दोनों ही एक दूसरे के सामने नेकेड थे.....आक्रोश ने वो पैकेट शिवि के हाथों में दिया और अपना चेहरा उसके गले में घुसाकर उसके कानो में अपनी नशीली आवाज़ से बोला : पहनाओ मुझे
उसकी नशीली आवाज़ सुनकर शिवि का दिल तेज़ी से धड़कने लगा ....उसे अपने निचे कुछ महसूस होने लगा......आक्रोश उसकी गर्दन पर अपने होंठ रब कर रहा था....
जब कुछ देर शिवि ने कुछ नहीं किया तो आक्रोश ने कहा : i am waiting.....do it fast
शिवि ने एक गहरी सांस ली......और अपना हाथ आक्रोश के पार्ट पर लेजाकर उसे वो पहना दिया......आक्रोश ने उसके गले से अपना सिर निकाला और उसके होठो पर अपने होंठ रखकर डीपली किस करने लगा ......वो अपनी बॉडी को शिवि की बॉडी के साथ रब करने लगा .....उन दोनों की बॉडी का हर एक पार्ट दोनों को एक दूसरी की बॉडी पर फील हो रहा था जिससे दोनों के अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी ...... शिवि को किस करने के बाद आक्रोश निचे झुका उसने अपने दोनों हाथ उसके ब्रैस्ट पर रखा और उन्हें जोर से दबाने लगा.......उसके साथ उसके होंठ शिवि के पेट पर उसकी नाभि में चल रहे थे ......जिससे शिवि की आहे निकलने लगी....उसने तकिये को कसके पकड़ लिया......
थोड़ी देर बाद आक्रोश ने उसके पेट से अपना चेहरा निकाला और वो शिवि के ऊपर आया......उसने एक हाथ शिवि के ब्रैस्ट पर रखा और दूसरे हाथ से खुदके पार्ट को शिवि के पार्ट पर रब करने लगा ......जिससे शिवि जल बिन मछली की तरह तड़प उठी .......
शिवि : अह्ह्ह प्रोफसर......
आक्रोश : not proffesor baby say my name aakrosh.....I want you to moan my name
कहते हुए वो रब करने लगा ...... फिर एक झटके से शिवि में एंटर कर गया ....जिससे शिवि की चीख निकल गयी ....लेकिन आक्रोश ने उसके होठो को अपने होठों में दबा लिया.....और अपनी कमर को मूव करने लगा .....
शिवि आक्रोश के बालो में हाथ फेरकार आहे भर रही थी......कुछ देर बाद आक्रोश बेड पर लेट गया और शिवि को अपने ऊपर ले लिया .....शिवि भी उसका साथ देते हुए खुदको मूव करने लगी ......आक्रोश उसके ब्रैस्ट को अपने दोनों हाथ में लेकर प्रेस करने लगा....दोनों की आहे निकल रही थी......कुछ देर बाद आक्रोश ने शिवि को बेड पर लेटाकर उसे पेट के बल कर दिया......और उसकी पीठ को चूमने लगा ......उसने उसकी पूरी पीठ को बाइट्स देकर निशानो से भर दिया ..... वो शिवि के ऊपर पूरा लेट गया.....और खुदकी बॉडी को उसकी बॉडी से रब करने लगा......उसने अपने हाथ आगे लेजाकर शिवि को ब्रैस्ट को दबाने लगा ......
शिवि गर्दन ऊपर करके आहे भर रही थी......अचानक ही आक्रोश उठा और वो अपने पार्ट को शिवि के पीछे से रब करने लगा ......फिर उसने एक झटके से खुदको शिवि में पीछे से एंटर कर दिया ......जिससे एक जोरदार चीख शिवि की निकल गयी.....आक्रोश ने शिवि के बालो को पकड़ उसका चेहरा उठाया और उसके ऊपर झुककर उसके होठो पर अपने होंठ रख दिया.....साथ में वो अपनी कमर मूव करने लगा ......
इसी तरह दोनों एक दूसरे को काफी देर तक फील करने लगे .....कभी आक्रोश शिवि के ऊपर होता तो कभी शिवि आक्रोश के ऊपर .....लेकिन दोनों में से कोई रुकने का नाम नहीं ले रहा था. ......
श्याम के 5 बजे जाकर आक्रोश रुका ......उसने शिवि को गोद में उठाया और उसे बाथरूम में ले गया.....उसने बाथटब में गरम पानी डाला फिर शिवि को उसमे लेटा दिया.....और खुद भी शिवि के पीछे जाकर उससे चिपक कर बैठ गया. .....
वो शिवि की बॉडी को क्लीन करने लगा ........गरम पानी की वजह से शिवि को काफी आराम मिल रहा था.....उसे आक्रोश का उसकी केयर करना अच्छा लग रहा था ......जो चीज उसने कभी अपनों से एक्सपेक्ट की थी वो उसे आज किसी और से मिल रही थी तो उसे ये फीलिंग बहुत अच्छी लग रही थी ......
आक्रोश ने शिवि को अच्छे से क्लीन किया फिर उसके सामने ही शॉवर लेने लगा....शिवि की नज़र आक्रोश के ऊपर ही थी वो उसे बेशर्मो की तरह ऊपर से लेकर निचे तक देख रही थी......आक्रोश को पता था की शिवि उसे देख रही है लेकिन उसने कोई रियेक्ट नहीं किया......
शॉवर लेकर आक्रोश ने बाथरोब लिया और उसे शिवि को पहनाया और एक खुद पेहेन लिया.....फिर उसे गोद में लेकर वापस रूम में आ गया......
उसने शिवि को बेड पर बैठाया फिर कमरें के बाहर चला गया.....शिवि उसे देखने लगी......की वो क्या कर रहा है......वो उसका वही इंतेज़ार करने लगी.....उसे भूख भी लग रही थी.....
आक्रोश कुछ देर बाद कमरें में आया तो उसके एक हाथ में खाने की प्लेट थी और दूसरे हाथ में एक बेग था .....उसने प्लेट टेबल पर रखी फिर बेग लेकर शिवि के पास आया .....उसने उस बेग को बेड पर रखा और उसमे से कपडे निकाले....और खुद शिवि कपडे पेहेनाने लगा......शिवि को अच्छे से कपडे पहना कर आक्रोश ने उसे गोद में उठाया और उसे लेकर सोफे की तरफ आ गया.....और उसे एक बार फिर अपनी गोद में लेकर बैठ गया......शिवि को थोड़ा डर लग रहा था की कही आक्रोश फिरसे शुरू न हो जाए क्योंकि पहले भी ऐसा ही सीन हुआ था.....
वो अपने ख्यालों में खोई हुई सोच रही थी और आक्रोश उसे खाना खिला रहा था ......कब आक्रोश ने उसे पूरा खाना खिला दिया शिवि को पता ही नहीं चला क्योंकि वो तो आक्रोश के ख्यालों में खोई हुई थी.......
आक्रोश ने भी अपना खाना ख़त्म किया.....फिर शिवि के गाल पर अपने होंठ रखकर हल्का सा बाईट करके बोला : क्या सोच रही हो तुम.......
आक्रोश के बाईट करने से शिवि को दर्द हुआ और वो अपने ख्यालों से बाहर आई.....उसने अपने गाल को सेहलाते हुए आक्रोश की तरफ घूर कर देखा......
आक्रोश भी उसकी आँखों में देखने लगा ....
शिवि: तुमने बाईट क्यों किया मुझे
आक्रोश : ये तुम्हारी सज़ा है क्योंकि तुम मेरे ही सामने किसी और के ख्यालों में खोई हुई थी......
शिवि : मै किसी के भी ख्याल में खोई रहु इससे आपको क्या मतलब.......
शिवि ने कहा तो आक्रोश ने शिवि के बालो को पीछे से कसके मुठ्ठी में पकड़कर गुस्से से उसकी आँखों में देखते हुए कहा :मुझे मतलब है और सिर्फ मुझे ही मतलब है क्योंकि तुम मेरी हो सिर्फ मेरी ...... तुम मेरे सामने किसी के भी ख्यालों में नहीं खो सकती....मेरे ख्यालों में भी नहीं...तुम्हारी नज़र हमेशा मेरी नज़रों में रेहनी चाहिए.....
शिवि को उसकी बात से डर लगने लगा .....क्योंकि उसे आक्रोश की आँखों में खुदके लिये अजीब सा जूनून नज़र आ रहा था.....
और उसकी आँखों में उस जूनून को महसूस करके शिवि को डर लगने लगा था ......
दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे......तभी आक्रोश हल्का सा झुका और उसने उसके लिप्स पर एक सॉफ्ट किस करके कहा : चलो तुम्हे तुम्हारे घर छोड़ दू
घर का नाम सुनकर शिवि की आँखे बड़ी हो गयी....वो तो बिल्कुल भूल ही गयी थी की उसे घर भी जाना है....
शिवि : टाइम क्या हुआ है???
आक्रोश : उम्म 7 बज रहे है
शिवि :क्या.....7 बज गए.....ओह्ह गॉड....और आप मुझे अब बता रहे है पहले नहीं बता सकते थे
आक्रोश : रिलैक्स बेबी डॉल इतना हाइपर क्यों हो रही हो.....मैंने कहा न मै छोड़ देता हूँ तो चलो अब बोलकर उसने शिवि का हाथ पकड़ा और उसे लेकर कमरें से बाहर निकल गया.....
वो दोनों आक्रोश के केबिन के बाहर आए.....शिवि ने इधर उधर देखा फिर आक्रोश से पूछा : हम दोनों सुबह से कमरें में ही थे तो आज आपकी जगह आपकी क्लास किसने ली
आक्रोश : आज क्लासेज नहीं थी
शिवि : मतलब
आक्रोश : आज छुट्टी थी
शिवि : क्या आप झूठ बोल रहे है न अगर छुट्टी होती तो मै क्यों आती यहाँ
आक्रोश : तुम कितने सवाल करती हो अब चुप करके चलो बस बोलकर उसने शिवि का हाथ पकड़ उसे कार के अंदर बैठाया फिर उसके ऊपर झुककर उसकी सीट बेल्ट लगाई.....फिर खुद दूसरी तरफ आकर ड्राइविंग सीट पर बैठ गया....
उसने शिवि का हाथ गेयर पर रखा और उसपर अपना हाथ रखकर कार स्टार्ट की .....
शिवि को आक्रोश का ऐसा करना अच्छा लग रहा था वो उसकी तरफ अट्रैक्ट हो रही थी.....उसका उसकी केयर करना उसे स्पेशल फील करवाना....ये सब शिवि को बहुत अच्छा लग रहा था......ये फीलिंग कुछ अलग थी लेकिन बहुत अच्छी थी....शिवि मुस्कुराते हुए खिड़की से बाहर देखने लगी......
आक्रोश ने एक बार उसकी तरफ देखा फिर अपना ध्यान सामने लगा दिया......
पुरे रास्ते ख़ामोशी थी दोनों में से कोई बात नहीं कर रहा था...... शिवि खिड़की से बाहर देख रही थी...... उसे डर था अपनी माँ का की वो सवाल करेंगी तो वो क्या जवाब देगी..... की वो इतनी लेट तक कहां थी....
आक्रोश ने गाडी शिवि के घर से थोड़ी दूर रोक दि......शिवि उसकी तरफ देखने लगी..... आक्रोश उसके ऊपर झुका और उसने उसकी सीट बेल्ट खोल दि...... फिर उसे उसकी सीट से उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया.... शिवि के पैर आक्रोश की कमर के दोनों तरफ थे.....
आक्रोश ने शिवि का चेहरा अपने हाथों में पकड़ा उसके होठो पर अपने होंठ रखकर डीपली किस करने लगा.... शिवि को भी शायद यही चाहिए था क्योंकि वो अंदर से बहुत परेशान थी...... और आज आक्रोश के साथ रहकर उसे बहुत अच्छा लग रहा था....... वो भी उसके किस में उसका साथ देने लगी..... उसके हाथ आक्रोश के बालो में चल रहे थे.....
जब शिवि की सांस फूलने लगी तो आक्रोश ने अपने होंठ उसके होठो से अलग किये और उसके होठो को अपनी ऊँगली से सेहलाते हुए बोला : शायद अब तुम ठीक हो...... इसी के लिये इतनी परेशान थी न..... और इसी की तलब थी तुम्हे......बोलकर उसकी आँखों में देखने लगा......
शिवि : कुछ भी मत बोलो ऐसा कुछ नहीं है...... और अब हटो और मुझे जाने दों
वो उसकी गोद से उठने लगी तो आक्रोश ने उसकी कमर से पकड़ उसे फिरसे गोद में बैठा लिया..... और उसका चेहरा हाथ में पकड़ उसके माथे पर किस करके बोला : जाओ ध्यान रखना
आक्रोश के ऐसा बोलने से शिवि उसे देखने लगी...... आज तक किसी ने उसे ऐसा कुछ नहीं कहा था नाही किसी ने उसकी इतनी केयर की थी..... उसने एक गहरी सांस लेकर हाँ कहा और आक्रोश की गोद से उठकर दूसरी तरफ से गाडी से बाहर आ गयी...... उसने आक्रोश को बाय और थैंक यू बोला फिर वो अपने घर की तरफ चली गयी..... आक्रोश उसे जाते देख रहा था.....फिर वो वहाँ से चला गया....
शिवि घर के दरवाज़े पर पहुंची उसने डोर बेल बजाई..... लेकिन दरवाज़ा नहीं खुला..... उसने एक बार फिर बेल बजाई...... अंदर से लता जी ने दरवाज़ा खोला......
सामने शिवि को देखकर उन्हें गुस्सा आ गया..... शिवि अंदर आई लता जी ने उसका हाथ कसके पकड़ लिया और गुस्से से बोली : कहां थी तुम अब तक सुबह की गयी हुई हो इतनी देर तक तो कोई कॉलेज नहीं होता.....सच सच बताओ कहां गयी थी
शिवि : वैसे तो मै आपको जवाब देना जरुरी नहीं समझती लेकिन आप मेरी माँ है और मै आपको अपनी माँ मानती हूँ भले ही आप न मानती हो तो इस नाते आपको जवाब दे देती हूँ...... कॉलेज गयी थी उसके बाद वहाँ से फ्री होकर अनिशा और आनंदी के साथ थी..... और कोई सवाल??
लता जी उसकी बात से गुस्से से लाल पिली हो गयी.....
लता जी : तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझसे इस तरह बात करने की भूलो मत मै माँ हूँ तुम्हारी.... तमीज से बात किया करो मुझसे
शिवि : काश की मै ये बात भूल सकती लेकिन अफ़सोस मै ये कभी नहीं भूल सकती की मै आपकी बेटी हूँ बोलकर वो ऊपर अपने कमरें में चली गयी.....
लता जी गुस्से से उसे जाते देखती रही....
कमरें में आकर शिवि बेड पर उल्टा लेट गयी....उसकी आँखों से आंसू बहने लगे ......आज इतना अच्छा दिन बिताया उसने बिना किसी ताने के और दुख के लेकिन घर आते ही उसका मूड ख़राब हो गया.....
डिनर के टाइम वो निचे नहीं आई किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा इससे....सब डिनर करके अपने कमरें में चले गए....
आक्रोश ने शिवि को खाना खिला दिया था आते टाइम इसलिए शिवि को भी भूख नहीं थी....वो वैसे ही सो गयी.....
अगले दिन शिवि कॉलेज के अंदर आई तो उसे वही अनिशा और आनंदी मिल गयी ...
अनिशा : ओये तू कहां थी मैंने कल तुझे कितने कॉल्स किये एक भी नहीं उठाया पता है कल हम शॉपिंग के लिये गए थे
शिवि : सॉरी यार कल मै थोड़ा बिजी थी इसलिए बस
आनंदी : लेकिन तेरा चेहरा क्यों उतरा हुआ है
शिवि : कुछ नहीं यार......माँ मेरी शादी करवाना चाहती है जब मै उस दिन कॉलेज से घर गयी थी तो......बोलकर उसने उन्हें उस दिन हुई सारी बात आनंदी और अनिशा को बता दि की कैसे लता जी उसे शादी के लिये फाॅर्स कर रही है
अनिशा : क्या.... यार ये कैसी माँ है तेरी कोई अपनी बेटी के साथ ऐसा करता है क्या
आनंदी : और मुझे तो ये समझ नहीं आ रहा की वो तुझे शादी के लिये इतना फाॅर्स क्यों कर रही है
शिवि : पता नहीं यार, मै तो परेशान हो चुकी हूँ रोज़ रोज़ के ड्रामे से
अनिशा : तू चिंता मत कर सब ठीक हो जाएगा वैसे तेरे उस हुक अप का क्या हुआ पता चला किसके साथ हुक अप किया था तूने
***
अनिशा शिवि से उसके हूक अप के बारे में पूछ रही थी की क्या उसे पता चला की उसने किसके साथ हुक अप किया था ...
अनिशा की बात पर शिवि की आँखों के सामने आक्रोश का चेहरा घूमने लगा .....कैसे कल उन दोनों ने एक साथ टाइम बियाता था और क्या क्या किया था....सबकुछ किसी रील की तरह उसकी आँखों के सामने घूम रहा था जिससे उसकी बॉडी गरम होती जा रही थी.....उसके गाल शर्म से लाल होते जा रहे थे .....कानो से धुआं निकलने लगा था .....
आनंदी उसके कंधे पर मरते हुए : ओये कहां खो गयी....कही उस हुक अप वाले के ख्यालो में तो नहीं खो गयी
बोलकर वो अनिशा को ताली देकर हसने लगी ...
शिवि दोनों को घूरते हुए : चुप करो तुम दोनों ऐसा कुछ नहीं है और वो हुक अप पता नहीं किसके साथ हुआ है मैंने बाद में पता लगाने की कोशिश भी नहीं की अब ये सब छोडो और क्लास के लिये चलो
अनिशा : हाँ यार जल्दी जल्दी चलो वरना प्रोफसर आक्रोश की क्लास मिस हो जायेगी और मै उन्हें देखना एक दिन के लिये भी मिस नहीं कर सकती .....
अनिशा की बात पर शिवि उसे घूरने लगी.....उसे पता नहीं क्यों अनिशा का ऐसा बोलना अच्छा नहीं लगा....
वो तीनो क्लास की तरफ चली गयी.....वो तीनो कोरिडोर से बातें करते हुए जा रही थी.....तभी शिवि किसी से टकरा गयी......वो गिरती उससे पहले ही सामने वाले ने उसे कमर से पकड़ संभाल लिया......
शिवि की आँखे बंद थी....लेकिन जिसने उसे संभाला था उसकी आँखे शिवि को ऊपर से निचे तक देख रही थी ......
अनिशा और आनंदी उस इंसान को देखकर एक दूसरे को देख रही थी....अनिशा जल्दी से शिवि के पास आई....
अनिशा : शिवि तू ठीक तो है
अनिशा की आवाज़ से शिवि ने अपनी आँखे खोली तो उसकी आँखे किसी अनजान की आँखों से जा मिली.....उसने उससे अपनी नज़रे हटाई और उसकी बाहो से निकलकर ख़डी हो गयी......
आनंदी आगे आकर : सॉरी सर चल शिवि क्लास के लिये देर हो रही है बोलकर वो दोनों उसे लेकर क्लास की तरफ चली गयी ....
वो आदमी जिसने शिवि को बचाया था वो शिवि को जाते देख रहा था उसके होठो पर एक तिरछी मुस्कान थी जो कुछ और ही बता रही थी .....
शिवि : तुम दोनों को क्या हुआ इस तरह इतनी जल्दी में क्यों ले आई वहां से
अनिशा : तुम उस इंसान को जानती हो जिसने तुम्हे बचाया था
शिवि : नहीं क्यों
आनंदी : वो अपने नए प्रोफेसर है.....हमने उनके बारे में लोगो से बात करते सुना
अनिशा : हाँ हमने सुना की वो एक प्लेबोय है.....और लड़कियों को मजबूर करते है उनके साथ इंटिमेट होने के लिये अगर कोई उनकी बात नहीं मानता है तो उसकी जिंदगी बर्बाद कर देते है .....
आनंदी : हाँ इसलिए हम तुम्हे वहां से जल्दी से ले आए.....तुम दूर रहना उनसे
शिवि : वो तो ठीक है lekin तुम दोनों ने उसे पहचाना कैसे
आनंदी : अरे वो एक दिन आए थे तब तुम नहीं आई थी तो उस दिन हमने लोगो को उन्हें देखकर बातें करते हुए सुना
शिवि : ओह्ह.....कैसे कैसे लोग है यार कोई ऐसा कैसे हो सकता है......खेर छोड़ो चलो चले
वो तीनो क्लास के अंदर आ गयी......अंदर आकर देखा तो उनकी सीट पर आज कोई और लड़की बैठी थी.....
अनिशा : हे सुनो ये हमारी सीट है क्या तुम दूसरी सीट पर जाकर बैठ जाओगी
लड़की : मै क्यों जाऊ तुम लोग जाओ.....आज से ये सीट मेरी है
आनंदी : तुम ऐसे कैसे बात कर रही हो हम तुमसे प्यार से बात कर रहे है न तो तुम भी शांति से बात करो
लड़की : हे यू ज्यादा ज्ञान बाटने की जरुरत नहीं है मैंने कहा न ये सीट मेरी है मै नहीं जाउंगी तुम तीनो कही और चली जाओ
शिवि को उसका इस तरह अपनी दोस्तों से बात करना पसंद नहीं आया तो वो गुस्से से देखते हुए बोली : सुनो पहली बात तो ये हमारी सीट है हम यही बैठे है और यही बैठेंगे.....अगर तुम नहीं उठी तो.....
लड़की : तो... तो क्या कर लोगी
शिवि ने अनिशा और आनंदी की तरफ देखा तो अनिशा ने बेग से नकली छिपकली निकालकर धीरे से बिना उसकी नज़र में उसे उस लड़की के कंधे पर रख दिया....और दूर होकर चिल्ला कर बोली : वो देखो छिपकली तुम्हारे कंधे पर
अनिशा के चिल्लाने से वो लड़की डर गयी उसने अपने कंधे पर देखने की कोशिश की और छिपकली को देखकर वो सीट से उठकर उछलते हुए अपने कंधे को झटक्कर चिल्लाने लगी ....पूरी क्लास उसे ऐसे देखकर हसने लगी .......
शिवि अनिशा और आनंदी अपनी सीट पर बैठ गए.....
उस लड़की ने छिपकली को निचे ज़मीन पर देखा तो वो नकली थी....ये देखकर उसे शिवि पर बहुत गुस्सा आया...... उसे लगा ये सब शिवि ने किया है उसने शिवि की तरफ देखा.........फिर पूरी क्लास की तरफ जो उसपर हस रही थी.....
शिवि : आगे से ऐसे बात मत करना वरना अगली बार मै सच मच की छिपकली छोड़ दूंगी तुम्हारे ऊपर
वो लड़की शिवि को गुस्से से घूरते हुए दूसरी सीट पर जाकर बैठ गयी ....अनिशा , आनंदी और शिवि तीनो आपस में ताली देकर हसने लगी
फर्स्ट लेक्चर आक्रोश का था.....वो क्लास में आया.....क्लास में आते ही उसकी नज़र शिवि पर चली गयी जो उसे ही देख रही थी.....आक्रोश उसे देख मुस्कुरा दिया......
शिवि ये देख इधर उधर देखने लगी.....
वही वो लड़की भी आक्रोश को देखने लगी.....उसने जब आक्रोश को देखा तो वो देखती रह गयी.....उसकी बॉडी उसका लुक....उसके बॉडी के कर्वेस देखकर वो लड़की खुद ब खुद मदहोश होने लगी........उसकी आँखों में आक्रोश के लिये डिजायर्स साफ दिखाई दे रही थी......
लेक्चर शुरू हुआ आक्रोश पढ़ाने लगा .....बीच बीच में वो शिवि को अपनी डिजायरफुल आँखों से भी देख रहा था जिससे शिवि को अपनी बॉडी में चेंजस फील होने लगे ......
लेक्चर ख़त्म होने के बाद आक्रोश ने उसे अपने केबिन में आने का इशारा किया और जाने लगा तभी वो लड़की जल्दी से उठकर आक्रोश के पास आई......आक्रोश उसे देखकर रुक गया ......
लड़की : सर मेरा नाम मोना है क्या मुझे आपका नंबर मिल सकता है
आक्रोश उसकी बात पर उसे घूरने लगा ....
आक्रोश : और वो क्यों चाहिए तुम्हे
मोना : सर वो आज के लेक्चर में अगर कुछ समझ नहीं आया तो मै आपसे पूछ सकूँ इसलिए
आक्रोश कुछ कहता तभी शिवि जो कबसे अपनी जलन में मोना को गुस्से से देख रही थी.... उसने आगे आकर कहा : अगर तुम्हे कुछ पूछना ही है तो तुम यहाँ भी तो पूछ सकती हो उसके लिये प्रोफसर का नंबर क्यों लेना
मोना शिवि की बात पर उसे घूरने लगी....
आक्रोश : she is right लेक्चर के टाइम पर अगर कुछ नहीं समझ आता है तो तभी पूछना चाहिए......और अगर फिर भी नहीं समझ आ रहा तो मिस शिवि से पूछ लेना वो तुम्हे समझा देंगी... बोलकर वो शिवि को देखने लगा....
आक्रोश की बात पर शिवि उसे घूरने लगी...
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मोना शिवि की बात पर उसे घूरने लगी....
आक्रोश : she is right लेक्चर के टाइम पर अगर कुछ नहीं समझ आता है तो तभी पूछना चाहिए......और अगर फिर भी नहीं समझ आ रहा तो मिस शिवि से पूछ लेना वो तुम्हे समझा देंगी... बोलकर वो शिवि को देखने लगा....
आक्रोश की बात पर शिवि उसे घूरने लगी...
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मोना को इंसल्टिंग फील हो रहा था आक्रोश के सामने.....और ये सब हुआ शिवि की वजह से अगर वो बीच में नहीं आती तो शायद आक्रोश उसे अपना नंबर से देता.....लेकिन शिवि ने आकर सारा काम खराब कर दिया.....
पहली ही नज़र में उसे आक्रोश के ऊपर क्रश होने लगा था .......
मोना शिवि को गुस्से से घूर रही थी......
आक्रोश : मिस शिवि आप फ्री होकर मेरे केबिन में मिलिएगा आज के लेक्चर के नोट्स आपको दे दूंगा तो उसे आप सब बच्चों को दे देना
शिवि ने आक्रोश को घूरते हुए सिर हिला दिया.....आक्रोश मुस्कुराते हुए वहाँ से चला गया...
शिवि अंदर क्लास में चली गयी.... मोना बस वही ख़डी गुस्से से काँप रही थी ......
मोना : ये तुमने ठीक नहीं किया मोना से दुश्मनी बहुत मेहेंगी पड़ेगी तुम्हे तुम जानती नहीं हो अभी मोना को .....
अनिशा शिवि से : क्या हुआ तेरा चेहरा इतना लाल क्यों है और मुँह क्यों बना रही है
शिवि : कुछ नहीं वो लड़की पता है उसने क्या किया वो प्रोफसर से उसका नंबर मांग रही थी
अनिशा : क्या......उसकी इतनी हिम्मत की उसने मेरे फेवरेट प्रोफसर से उनका नंबर माँगा......मै अब तक उनका नंबर नहीं मांग पाई तो वो कैसे मुझसे पहले मांग सकती है
अनिशा की बात पर शिवि ने अपने सिर पिट लिया....
शिवि : चुप कर अगर अब बोली न तो मुँह तोड़ दूंगी तेरा....नहीं दिया उस प्रोफसर ने उसे नंबर तो शांत बैठ
शिवि को गुस्से में देखकर अनिशा चुप चाप बैठ गयी.....
शिवि बदबाते हुए : हुँह पता नहीं क्या दीखता है सबको उसमे जो सभी उसके पीछे पड़ी है .....और वो इतना हॉट बनकर क्यों आता है ....अगर इतना हॉट बनकर आएंगे तो लड़किया तो नंबर मांगेगी ही हुँह सारे लड़के एक जैसे ही होते है
आनंदी : क्या बड़बड़ा रही है तू
शिवि : कुछ नहीं चुप रे अभी तू
आनंदी भी उसे देख चुप हो गयी.....
तभी क्लास में प्रोफसर आए ये वही थे जिसने सुबह शिवि को गिरने से बचाया था....
उनकी नज़र शिवि के ऊपर ही थी जो फर्स्ट बैंच पर बैठी थी......शिवि को देखकर उसकी आँखों में डिजायर्स दिखाने लगी......
उन्होंने आकर अपना इंट्रो दिया फिर लेक्चर शुरू किया.....इनका नाम समर था.....लेक्चर देते हुए रह रहकर उनकी नज़रे शिवि के ऊपर जा रही थी जिससे उसकी बॉडी में चेंजस उन्हें फील हो रहे थे ......
लेक्चर ख़त्म होने के बाद समर शिवि को देखकर निकल गया.....मोना समर को ही नोटिस कर रही थी कैसे वो शिवि को देख रहा था ये वो बहुत अच्छे से समझ रही थी कुछ सोचकर उसके होठो पर एक शातिर मुस्कराने तेर गयी......
लंच ब्रेक में तीनो कैंटीन की तरफ जाने लगी.....
शिवि : ओ शिट मै भूल गयी तुम दोनों चलो मुझे लाइब्रेरी में एक बुक सबमिट करनी है
आनंदी : तो ब्रेक के बाद कर देना अभी तो चल
शिवि : नहीं यार मै बाद में भूल जाउंगी इसलिए तुम दोनों चलो मै आती हूँ
अनिशा : ठीक है तू जा
शिवि वहाँ से लाइब्रेरी की तरफ चली गयी और अनिशा ,आनंदी कैंटीन की तरफ
शिवि लाइब्रेरी की तरफ जा रही थी तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ एक क्लास रूम में खींच लिया......
शिवि को लगा आक्रोश है ....वो कुछ बोलने को हुई की सामने खड़े इंसान को देखकर रुक गयी और वो उसे घूरने लगी....
सामने समर खड़ा था जिसका एक हाथ शिवि की खुली कमर में था और दूसरा उसने पकड़ रखा था......
शिवि खुदको छुड़ाते हुए : ये क्या बदतमीज़ी है सर छोड़िये मुझे
समर हस्ते हुए : छोड़ने के लिये थोड़ी पकड़ा है.....फिर उसे ऊपर से लेकर निचे तक देखते हुए : वैसे मानना पड़ेगा you are damn hot and sexy
समर की बात पर शिवि को अब गुस्से आने लगा ...
शिवि : ये कैसी बातें कर रहे है आप शर्म नहीं आती आपको मै आपकी स्टूडेंट हूँ
समर : तो क्या हुआ आज कल सब चलता है देखो तुम इतनी खूबसूरत हो इतनी हॉट और सेक्सी हो की तुम्हे देखकर मेरा खुदपार से कण्ट्रोल छूटता जा रहा है......इसलिए तुम्हारे लिये एक ऑफर है मेरे पास
शिवि : मुझे किसी ऑफर के बारे में नहीं सुनना छोडो मुझे
समर : अरे एक बार सुन तो लो तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा उसमे.....
शिवि उसकी तरफ गुस्से से देखने लगी.....समर उसके करीब कानो के पास झुका और बोला : क्या तुम मेरे साथ एक रात बिताना चाहोगी सच मानो तुम्हे निराश नहीं करूँगा मेरी स्किल्स काफी अच्छी है तुम्हे भी अच्छा लगेगा
शिवि को अब सच में उसके ऊपर गुस्सा आने लगा था ...उसने अपना एक पैर उठाकर समर के पेरो के बीच में जोर से मारा तो समर की पकड़ उसके ऊपर से छुट गयी.....और वो अपने पार्ट को पकड़ गुस्से से शिवि को देखने लगा ...
अभी वो संभला भी नहीं था की शिवि ने एक थप्पड़ खींचकर उसे मारा और कहा : बहुत ही घटिया और बेशरम आदमी हो तुम.....समझ क्या रखा है तुमने हाँ तुम कुछ भी बोलोगे और मै मान लुंगी.....बिल्कुल नहीं आगे से मुझसे इस तरह की बातें करने से पहले इस थप्पड़ को याद कर लेना.....बोलकर वो उसे गुस्से से घूरते हुए क्लास से बाहर चली गयी.....
समर गुस्से से शिवि को जाते हुए देख रहा था.....
समर : तुम्हे तो मै अपना बनाकर रहूँगा चाहे उसके लिये मुझे कुछ भी करना पड़े.....बहुत बड़ी गलती कर दि तुमने मुझे थप्पड़ मारकर अब इस थप्पड़ का बदला मै तुमसे कैसे लेता हूँ तुम बस देखती जाओ......बोलकर वो अपने गाल कक सेहलाने लगा....
शिवि क्लास से निकलकर बाहर आई उसने एक गहरी सांस ली......तभी उसका फ़ोन बजा.....उसने फ़ोन निकालकर देखा तो अनिशा का कॉल था उसने उठाया ....
अनिशा : कहां रह गयी है तू कब तक आएगी अभी तक नहीं हुई क्या तेरी बुक सबमिट
शिवि : ऐसा करो तुम दोनों लंच कर लो मुझे थोड़ा टाइम लगेगा
अनिशा : क्यों क्या हुआ
शिवि : मुझे एक बुक भी लेनी है लाइब्रेरी से तो उसे ढूंढने में टाइम जाये तुम खा लो
अनिशा : ठीक है चल क्लास मै ही आ जाना फिर तू
शिवि : ठीक है
शिवि ने कॉल कट किया फिर लाइब्रेरी की तरफ चली गयी....
लाइब्रेरी में आकर उसने बुक सबमिट करवाई तो.....उसके बाद बुक शेल्फस के पास आकर वो बुक ढूंढने लगी.....
*****
शिवि लाइब्रेरी में बुक देख रही थी.....तभी उसे एक बुक नज़र आई....उसने उसे लेने के लिये हाथ ऊपर किया लेकिन हाइट छोटी होने की वजह से वो वहाँ तक पहुँच नहीं पाई.....क्योंकि बुक ऊपर वाली शेल्फ में रखी थी......
आक्रोश जो की खुद भी एक बुक लेने लाइब्रेरी में आया था......उसकी नज़र शिवि पर गयी.....वो उसे देखने लगा...
उसकी नज़रे शिवि को सिर से लेकर निचे तक देखने लगी....और जाकर उसकी कमर पर अटक गयी......उसकी खुली कमर को देखकर आक्रोश की साँसे ऊपर निचे होने लगी.....वो जब भी शिवि को देखता था तो वो उसकी तरफ अट्रैक्ट हुए बिना रह नहीं पाता था क्योंकि शिवि थी ही इतनी खूबसूरत .....आक्रोश उसकी खूबसूरती, उसकी मासूमियत, उसकी बोल्डेनेस और उसकी बॉडी के कर्वेस देखकर हमे अपना कण्ट्रोल खो देता था......और अब तो उसकी आँखों में शिवि की बॉडी का हर पार्ट बस चूका था......शिवि की खुली कमर को देखकर उसे कल का दिन याद आया कैसे शिवि और वो कल इंटिमेट हो रहे थे तब शिवि किस तरह उसका नाम लेकर आहे भर रही थी.....वो आहे उसके कानो में गूंजने लगी....जिससे वो अपना कण्ट्रोल खोने लगा......
शिवि ऊपर होकर बुक लेने की कोशिश कर रही थी जिससे उसकी टॉप जो क्रॉप टॉप थी वो थोड़ी और ऊपर उठ गयी और उसकी कमर आक्रोश को अच्छे से नज़र आने लगी......लेकिन तभी उसकी नज़र आस पास के लोगो पर गयी जिन्हें शिवि नज़र आ रही थी......वो सभी शिवि की तरफ देख रहे थे......आक्रोश को ये देखकर गुस्सा आने लगा .....उसे किसी और का शिवि को देखना बिल्कुल पसंद नहीं आया .....
वो शिवि के पास आया......और सभी की तरफ गुस्से देखने लगा तो सबने अपनी नज़रे हटा ली......
आक्रोश ने शिवि की कमर में हाथ डालकर उसे अपने करीब खींच लिया...... अचानक किसी के खींचने se शिवि डर गयी उसे लगा समर शायद फिरसे उसके साथ बदतमीज करने आया है.... लेकिन जब उसने आक्रोश को देखा तो धीरे धीरे वो शांत होने लगी........आक्रोश उसे बिना किसी नज़रो में आए लाइब्रेरी में ही एक तरफ ले गया....जहाँ से कोई किसी को नहीं देख सकता था.....
शिवि को तो समझ ही नहीं आया हुआ क्या आक्रोश उसे यहाँ क्यों लेकर आया है....
आक्रोश ने उसे उस कोने में लाकर दीवार से सटा दिया.....और उसे गुस्से से घूरने लगा .....
शिवि ने उसे घूरते हुए कहा : क्या ऐसे क्यों घूर रहे हो तुम मुझे और इस तरह यहाँ क्यों लेकर आए
आक्रोश : पहली बात तो बेबी डॉल की अपने से बड़ो को तुम नहीं आप कहते है तो अबसे तुम मुझे तुम नहीं आप कहोगी
शिवि : और मै तुम्हारी बात क्यों मानु
आक्रोश मुस्कुराते हुए उसके करीब हुआ और अपना चेहरा उसकी गर्दन में घुसा कर उसके कानो में फुसफुसाते हुए बोला : because I m your favourite professor बोलकर उसने उसकी गर्दन पर बाईट कर दिया जिससे शिवि की आह्ह निकल गयी......
आक्रोश उससे अलग होकर उसकी आँखों में देखने लगा......शिवि अपनी गर्दन पर सहलाते हुए आक्रोश को घूर रही थी
आक्रोश : तुम कल से इस तरह के कपडे नहीं पेहेनोगी
शिवि : इस तरह के मतलब
आक्रोश : इस तरह के जिसमे तुम्हारी बॉडी किसी को भी नज़र आए
शिवि : क्या लेकिन क्यों
आक्रोश गुस्से से : क्योंकि मुझे नहीं पसंद की कोई भी तुम्हे देखे..... मेरे आलावा तुम्हे कोई नहीं देख सकता अगर किसी ने भी तुम्हारे ऊपर नज़र डाली तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा.... बोलकर वो शिवि की आँखों में देखने लगा....
शिवि को आक्रोश की आँखों में खुदके लिये जूनून और दीवाना पन साफ नज़र आ रहा था जिससे वो डर रही थी.......
आक्रोश ने एक बार फिर शिवि की गर्दन में अपना चेहरा घुसा दिया और उसकी खुशबू को अपने अंदर महसूस करने लगा...
आक्रोश उसकी खुशबू से मदहोश हो रहा था.....वो बहक रहा था शिवि के पास....
शिवि भी आक्रोश की करीबी से बहक रही थी उसकी डिजायर्स जागने लगी थी.....
आक्रोश : बेबी बोल I want you right now
शिवि : लेकिन यहाँ लाइब्रेरी में किसी ने देख लिया तो
आक्रोश : कोई नहीं देखेगा तुम सिर्फ मेरे ऊपर ध्यान दों बोलकर आक्रोश ने उसकी गर्दन से अपना चेहरा निकाला और शिवि का चेहरा हाथो में भरकर उसके होठो को पहले अपने अंगूठे से सेहलाया....फिर थोड़ा झुककर अपने होंठ शिवि के होठों पर रख दिए.....और उसे किस करने लगा .....
शिवि भी आक्रोश का साथ देने लगी.....उसने अपना एक पैर उठकर आक्रोश की कमर में लपेट लिया .....आक्रोश ने भी उसके पैर को पकड़ लिया और उसकी थाई को सेहलाने लगा.....
दूसरे हाथ से वो उसकी कमर को सेहला रहा था....शिवि के हाथ आक्रोश के बालो में घूम रहे थे ......
दोनों की जीब अब एक दूसरे के मुँह में एंटर कर चुकी थी.....और दोनों एक दूसरे के मुँह को एक्सप्लोर कर रहे थे .....
करीब 20 मिनट बाद आक्रोश ने शिवि के होठों को छोड़ा और उसकी गर्दन पर अपने होंठ रखकर चूमने और काटने लगा .....जिससे शिवि की आहे निकलने लगी .....वो बहुत कोशिश कर रही थी अपनी आवाज़ रोकने की लेकिन आक्रोश की वाइल्डनेस के आगे वो खुदको कण्ट्रोल नहीं कर पाई और आहे भरने लगी......
आक्रोश ने उसकी गर्दन को चूमकर और काटकर लाल कर दिया ....अब वहाँ निशान नज़र आ रहे थे ..... आक्रोश उसकी गर्दन से होता हुए उसके कंधे पर चूमने लगा....लेकिन कपड़ो की वजह से उसे दिक्कत आ रही थी.....उसने शिवि की टॉप को कंधे से निचे किया और वहाँ अपने होंठ रखकर चूमने और काटने लगा .......
आक्रोश के इस तरह करने से शिवि की पकड़ उसकी पीठ पर कस गयी.....वो अपना सिर ऊपर करके आँखे बंद कर आहे भरने लगी.....
कंधे से होते हुए आक्रोश उसकी कॉलरबोन को चूमने और काटने लगा ...... उसने अपना हाथ जो उसकी कमर पर था उसे उसकी पीठ पर लेकर उसकी टॉप के पीछे की ज़िप को खोल दिया ......फिर उसे जल्दी से शिवि के बदन से अलग कर दिया.......उसने अपना हाथ शिवि के सीने पर रख उसे जोर से दबाने लगा ......उसके होंठ शिवि के क्लीवेज पर चल रहे थे......वो वाइल्ड होकर वहाँ चूमने लगा......कुछ देर उसकी क्लीवेज को चूमने और काटने के बाद उसने शिवि के ब्रा का हुक खोल दिया और उसे भी शिवि के बदन से अलग कर दिया.....
वो निचे झुका और उसने शिवि के एक सीने को उसने मुँह में भर लिया....उसकी सॉफ्टनेस देखकर आक्रोश पागल हो जाता था ......उसे शिवि की सॉफ्ट बॉडी बहुत अच्छी लगती थी.....और यही सॉफ्टनेस उसे अपना कण्ट्रोल खोने पर मजबूर करती थी .......
वो शिवि के एक सीने को मुँह में भरके बच्चों की तरह सक करने लगा.......बीच बीच में वो उसे अपने दातो से काट भी रहा था जिससे शिवि की चीख निकल रही थी.....उसका एक हाथ शिवि के दूसरे सीने को बहुत ही वाइल्डली प्रेस कर रहा था......दूसरे हाथ से वो शिवि की थाई सेहला रहा था .......शिवि के एक ब्रैस्ट के साथ अच्छे से खेलने के बाद उसे पूरा लाल करने के बाद आक्रोश ने उसके दूसरे ब्रैस्ट को अपने मुँह में भर लिया और उसे सक और बाईट करने लगा ......
बीच बीच में वो अपने गाल को उसके दोनों ब्रैस्ट के बीच में रखकर सेहला रहा था जिससे शिवि को उसकी दाढ़ी की चुभन अपने सीने पर महसूस हो रही थी.....और इससे उसकी आहे और भी तेज़ी से निकलने लगी.....
बीच बीच में वो अपने गाल को उसके दोनों ब्रैस्ट के बीच में रखकर सेहला रहा था जिससे शिवि को उसकी दाढ़ी की चुभन अपने सीने पर महसूस हो रही थी.....और इससे उसकी आहे और भी तेज़ी से निकलने लगी.....
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शिवि और आक्रोश लाइब्रेरी के एक कोने में एक दूसरे से चिपके हुए एक दूसरे को महसूस कर रहे थे......शिवि की आँखे उस कोने में बहुत ही तेज़ी से सुनाई दे रही थी .....वो तो अच्छा हुआ की इस कोने में कोई आता नहीं है इतना वरना शिवि की आहे सुनकर उसका खुदपार से कण्ट्रोल छुट जाता ......
आक्रोश अपने गालो को शिवि के सीने पर रब कर रहा था उसकी सॉफ्टनेस को महसूस कर रहा था......
शिवि से और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसे अब आक्रोश की बॉडी को छूना था......आक्रोश ने कपडे पेहेन रखे थे जिससे शिवि को उसकी बॉडी महसूस नहीं हो रही थी.....उसने आक्रोश का चेहरा अपने सीने से निकाला और उसकी आँखों में देखने लगी.....दोनों की आँखों में डिजायर्स दिख रही थी एक दूसरे को पाने की तलब दिख रही थी.....शिवि अपना हाथ आगे करके आक्रोश की शर्ट के बटन खोलने लगी.....
वो जल्दी जल्दी उसकी शर्ट के बटन खोल रही थी......सारे बटन खुल जाने के बाद उसने आक्रोश की शर्ट को निकाल वही निचे डाल दिया......उसने आक्रोश की गर्दन के पीछे अपना हाथ रखा और उसे अपने करीब खींच कर उसकी गर्दन पर अपने होंठ रख दिए.....और वहाँ किस और बाईट करने लगी......जिससे आक्रोश की गरम आहे शिवि को अपने कानो में सुनाई दि जिससे वो और ज्यादा एक्साइटेड हो रही थी.....
वो धीरे धीरे निचे की तरफ बढ़ने लगी......उसने उसकी आगे की पूरी बॉडी को बाइट्स से भर दिया......उसने एक बार आक्रोश की आँखों में देखा जो उसे ही अपनी नशीली आँखों से देख रहा था.....
शिवि ने आक्रोश की बेल्ट निकाली और उसकी पेंट को खोलकर निकाल दिया.....उसके साथ उसने उसके निचे बचे आखिरी कपडे को भी निकाल दिया.......शिवि ने आक्रोश की आँखों में देखते हुए ही अपना हाथ उसके पार्ट पर रख दिया.....उसके सिर्फ हाथ रखने से आक्रोश की अह्ह्ह निकल गयी......
उसकी आह्ह सुनकर शिवि एक्साइटेड हो गयी.....वो उसके पार्ट को सेहलाने लगी.......आक्रोश ने अपना हाथ शिवि के बालो में फसा लिया....जैसे जैसे शिवि उसके पार्ट को सेहलाती आक्रोश की पकड़ उसके बालो पर कस जाती......
आक्रोश मदहोश होकर : मुझे इस तरह तड़पा कर तुम अच्छा नहीं कर रही हो बेबी डॉल .....
शिवि : लेकिन मुझे तो आपको तड़पते देखकर बहुत मज़ा आ रहा है प्रोफेसर
आक्रोश ने शिवि के बालो में हाथ फेरते हुए अपने होंठ उसके गले ओर रख दिए...... और uske गले को चूमने लगा.... शिवि ने भी अपने होंठ उसके गले पर रख दिए और अपने दूसरे हाथ से उसकी पीठ पर अपने नाखुनो को गड़ाने लगी.....
दोनों ही बहुत ज्यादा pleasure फील कर रहे थे...... एक दूसरे को गहराई तक महसूस का रहे थे...... शिवि को आक्रोश के साथ सुकून मिल रहा था वो जब भी उसके साथ उसके पास रहती थी तो उसे कुछ याद नहीं रहता था लगता था जैसे उसकी सारी प्रोब्लेम्स सिर्फ आक्रोश की नज़दीकी से खत्म हो जाती है....... आक्रोश को भी शिवि के साथ सुकून महसूस होता था....... दोनों को ही एक दूसरे की आदत होती जा रही थी......
कुछ टाइम बाद जब आक्रोश से और कण्ट्रोल नहीं हुआ तो उसने शिवि को खुदसे अलग किया और उसे दीवार से सटा दिया और खुद उसके सामने घुटनो पर बैठ गया.....उसने शिवि की आँखों में देखते हुए शिवि की जीन्स को निकाला फिर उसकी पैंटी को भी निकाल दिया....और अपने हाथ को शिवि के पार्ट पर रख उसे सेहलाने लगा.....शिवि ने आहे भरते हुए अपने हाथ पीछे दीवार पर कस दिए.....उसका दूसरा हाथ आक्रोश के बालो में घूम रहा था......
कुछ देर उसके पार्ट को सेहलाने के बाद आक्रोश ने अपने होंठ शिवि के पार्ट पर रख दिए और अपने हाथों को ऊपर लेजाकर उसके दोनों ब्रैस्ट को मुठ्ठी में भर कर दबाने लगा.....
शिवि अपने हाथों को आक्रोश के बालो में फसाकर उसके सिर को अपने पार्ट पर प्रेस करने लगी.......
आक्रोश ने उसके पेरो को पकड़ अपने कंधों पर रख दिया.....और उसके पार्ट को चूमने लगा ......
उसके पार्ट को अच्छे से चूमने और सेटिस्फाइड होने के बाद उसने अपने होंठ शिवि की कमर पर रख दिए और वहाँ चूमने और काटने लगा ......वो अपनी जीब उसकी नाभि में घूमने लगा.......जिससे शिवि का पेट अंदर बाहर होने लगा.....
आक्रोश किस करते हुए ऊपर आया और खड़ा होकर उसने अपने होंठ एक बार फिर शिवि के होठों पर रख दिए......उसके साथ उसने शिवि के पेरो को अपनी कमर में लपेट लिया और एक झटके से उसके अंदर खुदको एंटर कर दिया.....जिससे शिवि की चीख निकल गयी.....लेकिन किस करने की वजह से वो उसके मुँह में ही दब गयी......
आक्रोश वाइल्ड होकर अपनी कमर को जोर से मूव करने लगा.....
कुछ टाइम बाद वो घूम गया और दीवार से लग गया.....उसने शिवि को इशारा किया तो शिवि आक्रोश को खुदसे चिपकाकर अपनी कमर को मूव करने लगी......दोनों के सीने एक दूसरे से चिपके हुए थे.....शिवि के मूव करने से उसका सीना हिल रहा था जो आक्रोश अपनी बॉडी पर फील कर रहा था.....और इस मूवमेंट से आक्रोश और ज्यादा हार्ड होने लगा......
उस एरिया में दोनों की साँसों की आवाज़ और गरम आहो की आवाज़ गूँजने लगी......
बाहर लग भाग कॉलेज खाली हो चूका था.....अनिशा और आनंदी शिवि को कॉल करके थक चुकी थी लेकिन वो फ़ोन ही नहीं उठा रही थी ......उठाती कैसे वो तो बिजी थी.....आक्रोश के साथ......थक हराकर दोनों पाने घर चली गयी.....
मोना भी ब्रेक के बाद से आक्रोश को ढूंढ़ रही थी लेकिन वो उसे कही नहीं दिखा.....जिससे वो पैर पटकती हुई चली गयी.....
इधर आक्रोश और शिवि अपने में ही लगे हुए थे......वो दोनों एक दूसरे को छोड़ ही नहीं रहे थे......ऐसा लग रहा था जैसे जितना वो एक दूसरे के करीब आते उतनी ही उन्हें एक दूसरे की और ज्यादा तलब होने लगती.......
आक्रोश को शिवि की बॉडी और उसकी सॉफ्टनेस अच्छी लगती थी तो शिवि को आक्रोश की बॉडी और उसके एब्स, और सबसे ज्यादा उसे आक्रोश का उसकी केयर करना अच्छा लगता था ......दोनों को एक दूसरे की बॉडी की आदत लग चुकी थी.....एक नशा सा चढ़ चूका था दोनों को जो शायद ही अब उनके सिर से उतरे .......
लगभग एक डेढ़ घंटे के बाद वह दोनों खाली होते हैं शिवि गहरी सांस लेते हुए आक्रोश से चिपकी हुए थी तब तक उसका ध्यान उसके फोन पर जाता है वह स्क्रीन की तरफ देखते हुए हैरान होके कहती है ..!" शीट 5 बज गए ..! आज तो गई तू शिवि भाग" ये कह के वो उठ खड़ी होती है और अपने कपड़े पहने लगती है उसे अचानक से हड़बड़ाया देख आक्रोश हैराही से पूछता है "क्या हुआ ..? इतना घबरा क्यों रही हो ..?"
शिवि : अरे तुम तो चुप करो तो ही अच्छा है तुम्हारी वजह से मै लेट हो गयी अब फालतू का डांट सुनना पड़ेगा और आनंदी और अनीशा के इतने मिस्ड कॉल आए हैं मैं उन्हें क्या जवाब दूंगी मैं क्या कर रही थी... यह सुनकर आक्रोश मुस्कुराते हुए उसे अपने करीब खींचते हुए कहता है " बेबी डॉल कितनी बार कहा है ज्यादा टेंशन नहीं लेते उन्हें बता देना कि हम रोमांस कर रहे थे "
शिवि : हां हां तुम तो सही कह रहे हो... मै बता दूंगी और इसके बाद जो होगा उसका क्या और वैसे भी तुम मुझसे दूर रहा करो मै तुम्हें देखकर अपना आपा खो देती हूँ और तुम भी खोने लग जाते हो....आज तुम्हारी वजह से मुझे डांट भी पड़ेगी
आक्रोश : अच्छा मेरी वजह से डांट पड़ेगी मुझसे ज्यादा तुम मुझ पर हावी होती हो.... अच्छा सुनो तुम्हें लेट हो रहा है ना चलो मैं तुम्हें घर ड्रॉप कर देता हूं.... यह सुनते ही शिव की आंखें बड़ी हो जाती है वह हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए कहती है " नहीं नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है मैं चली जाऊंगी.... फिर वो झट से अपना बैग उठाती है और लाइब्रेरी से बाहर भागते हुए कहती है " आप भी ध्यान से घर चले जाना.....मैं घर निकल रही हूं अगर मम्मी को पता चल गया कि मैं टाइम से घर नहीं आई हूं तो लेने के देने पड़ जाएंगे यह कहकर वो हाफ्ते हुए वहां से भाग जाती है।
शिवि को भागता देख आक्रोश मुस्कुरा कर कहता है : अच्छा ठीक है बेबी डॉल ध्यान से घर जाना और घर पहुंच कर मुझे टेक्स्ट ड्रॉप कर देना.... इतना कहने के बाद वह भी अपने कार की तरफ चला जाता है....
इधर दूसरी तरफ एक बड़े से बिल्डिंग में एक इंसान गुस्से से तिलमिलाया इधर से उधर चक्कर लगा रहा था उसका एक हाथ उसके गाल पर था.....समर खुद को शीशे में देखते हुए अपने गाल पर पड़े निशान की तरफ देखता है और उस पर हाथ चलाते हुए अपने हाथ को होठों पर लाकर किस करते हुए कहता है " क्या हुआ अगर तुमने मुझे थप्पड़ मारा है तुम्हारा थप्पड़ भी मुझे मीठा लगने लगा है और एक दिन इस थप्पड़ का बदला मै लेकर रहूंगा वो भी बड़े प्यार से..... बहुत घमंड है ना तुम्हें तुम्हारे जिस्म पर.... अब तुम देखना उसे मैं तुम्हारे लिए कैसे नर्क बना दूंगा.....
समर इतना कह ही रहा था कि तब तक उसके दरवाजे की घंटी बजती है जिसे सुनकर वह दरवाजे की तरफ जाता है और हैरानी से दरवाजा खोलते हुए कहता है "कौन है..?"
सामने खड़ी एक लड़की जिसने नकाब से अपना चेहरा ढका हुआ था वह मुस्कुराते हुए कहती है "आपके लिए ही आई हूँ ये सुनकर समर हैरान होकर उसको ऊपर से नीचे देखता है और कहता है लेकिन मैंने तो किसी को नहीं बुलाया तो आप यहां मेरे लिए कैसे???
लड़की : तुम्हें शिवि पसंद है ना..?
शिवि का नाम सुनकर समर के चेहरे की तो हवाइयां उड़ गई वह हैरानी से अपने सामने खड़ी लड़की को देखते हुए कहता है " कौन हो तुम और किसकी बात कर रही हो मैं नहीं जानता किसी शिवि को ..!
वह लड़की मुस्कुराते हुए कहती है " ठीक है इसमें तुम्हारा ही घाटा है वैसे मैं तुम्हारे काम की बात करने आई थी पर जब तुम शिवि को जानते ही नहीं तो मैं जाती हूं... और मैंने सोचा था तुम्हें शिवि का बॉयफ्रेंड बनवा दूंगी पर ठीक है कोई नहीं
उसकी बात सुनकर समर हैरान होकर उसकी तरफ देखता है.... वो लड़की अपनी बात बोलकर जाने ही वाली थी कि समर उसे रोकते हुए कहता है " रुको हम अंदर चलकर बात कर सकते हैं " यह सुनकर वह लड़की सिर हिलाती है और अंदर आने के लिए तैयार हो जाती है
वह जैसे ही अंदर आती है समर दरवाजे को बंद कर देता है वह लड़की अपने नकाब को निकाल कर बगल में रख देती है उसने एक ब्लैक कलर का मिनी टॉप पहन रखा था जिससे उसकी कमर और क्लीवेज प्रॉपर दिख रही थी और उसके नीचे एक बोल्ड मिनी जींस...
वह सोफे पर बैठते हुए कहती है : तो प्रोफेसर काम की बात करें...
उसकी बात सुनकर समर उसके बगल में बैठते हुए कहता है " तुम्हें मेरे घर का एड्रेस कैसे मिला...? "
लड़की : आप यह सब छोड़िए जिस काम के लिए मैं आई हूं उसके बारे में बात करते हैं..
समर उसकी बात सुनकर हाँ में सर हिलाता है तो वह मुस्कुराते हुए कहती है मेरा नाम मोना है और मैं चाहती हूं कि आप शिवी को अपने जाल में फंसा लो और उसे पटा लो इसमें में मैं आपकी पूरी हेल्प करूंगी...
यह सुनकर समर हैरानी से मोना की तरफ देखते हुए कहता है " ठीक है पर इसमें तुम्हारा क्या फायदा है और तुम ऐसा क्यों करना चाहती हो "
मोना : क्योंकि मुझे इससे मिलेगा सुकून बदला..!
" कैसा बदला..?" समीर ने हैरानी से पूछा
मोना मुस्कुराते हुए : आप आम खाइए ना गुठलियों के दाम गिनने की जरूरत नहीं है इतना कहने के बाद वह अपना हाथ समर के थाईज पर फिराने लगती है
मोना : वेल अब मैं यहां तक आ गई हूं तो थोड़ी देर आपके साथ वक्त बिता कर ही जाऊंगी आपको कोई प्रॉब्लम तो नहीं है इतना कहकर वह अपने होंठ को नशीले तरीके से कांट लेती है....
यह देख कर समर को उसकी इंटेंशन साफ-साफ नजर आ रहे थे वह बिना कुछ बोले उसके चेहरे को देखता है और फिर उसके हाथ को देखता है जो समर के थाई पर कंटिन्यूयसली रब कर रहे थे वह हल्का सा मुस्कुराता और कहता है... "ओके आई डोंट माइंड "
इतना कहने के बाद वह उसके हाथ को पकड़ लेता है और उसे अपने थाईज के ऊपर ले जाते हुए रोक देता है ...!
To be continued don't forget to do follow and like
अब तक आपने देखा मोना समर के घर आई हुई थी और वह उसके थाईज पर हाथ फिराते हुए उसके साथ वक्त बिताने की बात करती है जिसे सुनकर समर भी हां कर देता है
अब आगे...!
समर उसके हाथों को पकड़कर अपने कमर के बीच लाते हुए कहता है " सहला रही हो तो यहां पर सहलाओ "
यह सुनकर मोना मुस्कुरा देती है और अपने हाथ से वहाँ पर सेहलाने लगती है
समर हंसते हुए कहता है " वैसे तुम्हारा नाम बड़ा अच्छा है मोना डार्लिंग "
ये सुनकर मोना के चेहरे पर भी शैतानी मुस्कान आ जाती है और वह अपने होठों को समर की तरफ बढ़ा देती है यह देखकर समर भी अपने आपको नहीं रोकता और मोना की तरफ आकर्षित हो जाता है और उसके होठों पर अपने होंठ रख देता है जैसे ही समर ने जैसे ही मोना के होठों पर अपने होंठ रखे मोना ने झट से उसके होठों को अपने मुंह के अंदर समेट लिया और अपनी जीब को उसकी जीभ से टकराने लगी
देखते ही देखते उनके किस करने की टाइमिंग गिनती के साथ बढ़ती जा रही थी मोना अब पूरे तरीके से खुद का कंट्रोल खोते हुए अपने होठों की स्पीड को बढ़ा रही थी समीर भी कुछ कम नहीं था वह भी मोना की स्पीड से दोगुना आगे ही था समीर मोना के कभी ऊपरी होंठ को चूमता तो कभी नीचे होंठ को चूमता..... मोना के हाथ की स्पीड भी उसके कमर के नीचे तेज हो चुकी था यह देखकर समर हल्का सा मुस्कुराता है और मोना के गले पर आकर किस करते हुए कहता है ...!
समर: How do you like to be with me gentle or brutal
मोना : professor be dominating don't be a more gentle or don't be a more brutal I want medium thing
मोना की बात सुनकर के समर के चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ जाती है..... वो अब अपने हाथ को सीधा मोना के नाजुक हिस्से की तरफ बढ़ा देता है....और उस पर अपने हाथ को फेरते हुए उसे कसकर दबा रहा था जिसकी वजह से मोना कि आह पूरे कमरे में गूंज रही थी
समर मोना के टॉप के अंदर हाथ डाल देता है और दूसरे हाथ से उसके टॉप के चैन को खोल देता है और फिर उसके दोनों नाजुक हिस्सों को अपने हाथ से दबा रहा था यह देखकर मोना हल्का सा मुस्कुराती है और उसके ऊपर आकर बैठ जाती है.... मोना उसके होठों पर अपने होंठ रखते हुए अपने होठों का जादू चला ही रही थी कि वह नीचे से उसके पेंट के ज़िप को खोलने लगती है और उसे खोलकर सीधा नीचे की तरफ घुमा देती है
अब समर के भी हाथ मोना के शरीर पर इधर से उधर घूमने लगे थे कभी वह उसके नाजुक हिस्सों को दबाता तो कभी उसके पीठ पर उंगलियां फिराता और कभी उसके कमर के नीचे आकर उसे सेहलाता तो कभी उसको कस के दबाता.....
जैसे-जैसे समीर के हाथ की उंगलियां अपनी गति को तेज करती वैसे-वैसे मोना के मुंह से भी आह की आवाज निकल रही थी
मोनो से कंट्रोल नहीं हो रहा था वह सीधा समर के गर्दन से किस करते हुए उसके चेस्ट एरिया की तरफ आ जाती है और वहां पर वह बड़े प्यार से किस करती है और धीरे-धीरे उसके बेली एरिया की तरफ आती है और अपने होठों को घुमाते हुए उसके कमर के बीचो-बीच लेकर आ जाती है यह देखकर समर हल्का सा मुस्कुराता है और उसके बालों को अपने हाथों में समेटते हुए उसकी पोनी को बनाने की कोशिश करता है
मोना अपने होठों का कमाल दिखाने शुरू ही किया था कि समर के भाव अब बदलने लगे थे उसकी आंखें मानो बंद हो चुकी हो और उसे बहुत सुकून मिल रहा हो उसके मुंह से गहरी तेज सांस और आह की आवाजें निकल रही थी.....समर अपने दूसरे हाथ को मोना के गाल पर फिरा रहा था और उसको गाल को साफ करते हुए उसे अच्छे से इंस्ट्रक्शन दे रहा था जिसे सुनकर मोना मुस्कुराती और वैसे ही करती मोना ने अपने टांग का इस्तेमाल करते हुए समर की तरफ देखा समर मोना की निगाहों में देखते हुए मदहोश हो रहा था उसकी नशीली निगाहें अब समर का कंट्रोल खो रही थी यह देखकर समर मोना की तरफ आकर्षित होते हुए कहता है " i think I need to go down "
मोना उसकी बात सुनकर हल्का सा मुस्कुराती है...... समीर मोना के नाजुक हिस्सों को मुंह में भरते हुए दूसरे हिस्से को हाथ से दबा रहा था और उसे कसकर दबाते हुए वह बड़े प्यार से अपने होठों को उसके दूसरे हिस्सों को घुमा रहा था और देखते ही देखते बस के बेली एरिया के पास आता है उसके पूरे बेली एरिया को अपने होठों के जादू से साफ करते हुए वह उसके कमर के पास आता है और अपनी ऊँगली को उसके पैरों के बीचों-बीच एंटर कर देता है और अपने उंगलियों की रफ्तार जैसे-जैसे वह बढ़ाता है वैसे-वैसे मोना की आवाज भी अब पूरे कमरे में गूंज रही थी यह देखकर वह अपनी उंगलियों के नंबर्स को भी बढ़ा रहा था और जैसे-जैसे वो अपनी उंगलियों को बढ़ाता है वैसे-वैसे मना अपना आपा खोने लगती मोना चिल्लाते हुए कहती है " yah professor it's really nice it's feels like I am in heaven please don't stop do it.....do it more professor use your.... mouth professor please........ please professor ahh ahh professor ahh ahh ooooo ahh professor
यह कहते हुए वो उसके बालों को कसकर पकड़ लेती है और दूसरे हाथ से उसके मुंह को पकड़ते हुए अपने पैरों के बीचो बीच रख देती है
समर एक गहरी सांस लेता है और फिर अपने टंग का जादू दिखाना शुरू करता है वह अपने होठों को इधर से उधर घूमाता और फिर अपने टंग को इधर से उधर घूमाता है जिसकी वजह से मोना के अंदर अब और डिजायर्स जाग रहे थे वह पूरी तरीके से सेंसेशन से भर रही थी........वह समीर के मुंह को और प्रेशर देते हुए अंदर की तरफ करने का इशारा करती है
To be continued...!
notice.. पोस्ट क्षेत्र में मेरे व्हाट्सएप का लिंक है व्हाट्सएप पर कर मैं डाल दिया है आप उसको स्कैन करके चैनल को ज्वाइन कर लीजिए यह स्टोरी कंपलीटली आपको मिलेगी कहां मिलेगी मैं आपको बता दूंगा एवं इससे भी ज्यादा डार्क रोमांस स्टोरी मैंने लिख कर रखी है फुल का एडल्ट थिंग अगर आपको पढ़नी है तो अभी के अभी व्हाट्सएप चैनल पर ज्वॉइन हुई है और यकीन मानिए आप रिग्रेट नहीं करेंगे ऐसी एडल्ट स्टोरी मेरे पास है कि पढ़ने के बाद आपके भी मन और मस्तिष्क दोनों खुश हो जाएंगे तो इंतजार किस बात का आप सब लोग से रिक्वेस्ट है अगर आप यह पढ़ रहे हैं तो पोस्ट पर जाकर के व्हाट्सएप चैनल पर जरूर लिए आप सब का इंतजार रहेगा और इस समय आपके प्यार की जरूरत है हम राइटर को उम्मीद करते हैं कि आप अपना प्यार दिखाएंगे आपके सपोर्ट के बिना हम राइट्स कुछ नहीं है आपके सपोर्ट की जरूरत है वरना हम ऐसे टूट कर बिकेंगे की फिर कोई समेत नहीं पाएगा धन्यवाद
और फिर वह उसे अपने तरफ खींचता है और उसके पेट के निचले हिस्सों पर अपना होंठ रखकर उसे बुरी तरीके से बाइट कर रहा होता है जिसकी वजह से शिवि a को बहुत दर्द हो रहा था।वाह अपनी मुट्ठियां भींच लेता है और उसकी तरफ देखते हुए कहता है प्लीज बी जेंटल आईटी'एस हर्टिंग शिवि a की बात सुनकर वह हल्का सा मुस्कुराता है और उसके दोनों हाथों को पकड़ते हुए अपने टाई से बांधकर कहता है that's why I'm doing this तुम्हें पेन देने में मुझे मजा आता हैँ।इतना कहने के बाद वह अपने दांतों की रफ्तार को और बढ़ा देता है जिसकी वजह से शिवि a की चीख पूरे कमरे में गूंज जाती हैँ।
वही दूसरी तरफ, वह धीरे से के करीब आता है। उसकी उंगलियाँ उसके पीछे सरकती हैं — एक अजीब सी झिझक और बेचैनी के साथ। उसका स्पर्श अनया को चौंका देता है, और उसकी साँसें तेज़ हो जाती हैं। यह देखकर वह हल्का सा मुस्कुरा देता है, मानो उसने किसी अनकहे डर को पहचान लिया हो। लेकिन तभी वह एक और कदम बढ़ाता है — और अनायास ही उसकी प्रतिक्रिया बदल जाती है। शिवि a की आँखों में बेचैनी और असमंजस तैरने लगते हैं। वह उसकी तरफ देखता है, मानो कुछ कहना चाहता हो — लेकिन शब्द जैसे होठों तक पहुँचकर रुक जाते हैं।"
अब शिवि a का तो मानो जान ही अटकने वाली हो रही हो वह उसकी तरफ देखकर रोने वाला होता है कि वह उसके होठों पर अपना होठ रख देता है।और उसे डिप्ली किस करते हुए अपने हाथों के रफ्तार को बढ़ाने लगता है और अनाया की आन्हे निकलने लगती हैँ।
मम्मममम्मममम ahhh यह देखकर वह आदमी मुस्कुराता है और अनाया के कठोर हुए हिस्से पर अपने उंगलियों से हल्का-हल्का मार रहा था जिसकी वजह से अनाया का शरीर अचानक से तंग जाता और दर्द के कारण वह इधर और उधर करने लगता अनाया को ऐसे तड़पता देखकर वह हल्का सा मुस्कुराता है। और फिर अनाया के कठोर हिस्से को अपने मुंह में रख लेता है और अपने दांतों के बीच उसे स्मूथ ली आलिंगन करने लगता है यह देखकर के अनाया की निगाहें भर आती है वह आदमी फिर बिना वक्त गंवाए अपने स्पिट को अपने कठोर हिस्से पर डालता है।
और उसे हल्का सा अपने हाथों से चलाते हुए अनाया के नाजुक हिस्से की तरफ देखता है। फिर उसके छोटे से छेद पर रखकर अपने कटोरा हिस्से को चारों तरफ घूमाने लगता हैँ।और फिर अचानक से अनाया के अंदर इंटर करने की कोशिश करता है।
जिसकी वजह से अनाया की चीख निकल जाती है वह चिल्लाकर अपने हाथ पैर मारते हुए कहता है इट्स पैनिंग प्लीज स्टॉप ये सुनकर उस आदमी के चेहरे पर और खुशी आ जाती है वह उसके मुंह को फिर से खोलता है। और उसमें स्पिट करते हुए कहता है ड्रिंक ईट,
और फिर वह अपने कटोरा हिस्से को एक झटके में अनाया के अंदर डाल देता है।जिसकी वजह से अन्य की चीख पूरे कमरे में इतनी तेज गूंजती है। जैसे किसी ने उसका गला काट दिया हो, अनाया की आंखों से आंसू की धाराएं बह जाती है।और उसका पूरा शरीर लाल पड़ जाता है, वह आदमी राक्षसों की तरह उसके ऊपर उछले जा रहा था। वह अपनी रफ्तार को और तेज करता है।जिसकी वजह से अनाया का दर्द अब सातवें आसमान पर पहुंच चुका था।वो खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा था, पर ज्यादा दर्द होने की वजह से उसका शरीर अब जवाब देने लगा था।देखते-देखते अनाया बेहोश हो जाता है। वह इंसान थोड़ी देर बाद थक हार कर अपने कठोर हिस्से को बाहर निकलता है और एक सफेदी के चमत्कार के साथ शांत हो जाता है।
उसका ध्यान अनाया की तरफ जाता है जो पूरे तरीके से शांत बैठा हुआ था वह उसे घूर कर देखता है वो बेहोश हो गया था।
यह देख कर उसे उठाकर अपने गोद में बिठाता हैं और फिर उसे सहलाते हुए कहता है मेरा बेबी मुझे पता है तुम्हें दर्द हुआ है पर टेंशन ना लो तुम्हे इसकी इसकी आदत लग जाएगी।
इतना कहने के बाद वह जोर-जोर से हंसने लगता है।ड्राइवर की हालत भी अब पूरे तरीके से खराब हो चुकी थी।वह गाड़ी की स्पीड बढ़ाता है और देखते ही देखते गाड़ी एक आलीशान महल के सामने आकर रूकती है जिसके चारों तरफ कई गॉड्स खड़े थे सारे गॉड्स दौड़ कर आते हैं और उसे गाड़ी को कवर कर लेते हैं और फिर गाड़ी से वह व्यक्ति बाहर निकलता है हाथ में अनाया को उठाएं
वह उन सब की तरफ देखते हुए कहता है सुनो गाड़ी को पूरी तरीके से साफ कर देना और हां मेरे कमरे में अभी मुझे हल्दी वाला दूध चाहिए।इतना कहकर वह दो कदम आगे बढ़ा ही था कि नौकर दौड़कर पानी लेकर उसके पास आता है वह जैसे ही पानी का गिलास आगे करता है नौकर के डर की वजह से ग्लास छूट जाता है और सारा पानी उसे आदमी के कपड़े पर गिर जाता है वह गुस्से में चिल्लाते हुए कहता है तुम्हारे हाथ पैर काम नहीं कर रहे हैं क्या तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे इस महंगे सूट पर पानी गिराने की वह अपने दूसरे आदमी की तरफ देखते हुए कहता है सुनो इसके हाथ काट दो जब हाथ ही नहीं रहेगा तो समझ आ जाएगा। उसकी बात सुनते ही वह नौकर डरकर उसके पैरों में पड़ कर रोते हुए कहता है। मालिक प्लीज मलिक मुझे माफ कर दीजिए एक आख़री मौका दे दीजिए। गलती हो गई पर वह उसके हाथ को कुचलते हुए वहां से चला जाता है। और वहां पर खड़े हैवान जैसे आदमी उस आदमी (नौकर) को लेकर चले जाते हैं वह जाते-जाते बस चिल्लाऐ जा रहा था। उसकी आंखों से आंसू बरस रहे थे पर वहा कोई उसकी एक नहीं सुनता वही कमरे मे पहुँच कर वो आदमी वापस अनाया के आँखों में देखने की कोशिश कर रहा था।पर अनाया तो बेहोश था। लेकिन बेहोशी मे भी उसका चेहरा चांद की तरह चमक रहा था। वह उसके चेहरे को निहारते हुए कहता है,मेरा बच्चा मुझे मिल गया अब मैं तुम्हें कभी अपने सी दूर नहीं करूंगा।