मुंबई की बारिश का कोई भरोसा नहीं। या तो इतनी तेज़ बरसती है कि छतरी भी हार मान जाए, या फिर इतनी धीमी कि सिर्फ दिल भीगता है। पर आज का दिन कुछ खास था। बादल छाए हुए थे, हवा में ठंडक थी और बारिश की रिमझिम उस शहर की हर कहानी को और खूबसूरत बना रही थी। श... मुंबई की बारिश का कोई भरोसा नहीं। या तो इतनी तेज़ बरसती है कि छतरी भी हार मान जाए, या फिर इतनी धीमी कि सिर्फ दिल भीगता है। पर आज का दिन कुछ खास था। बादल छाए हुए थे, हवा में ठंडक थी और बारिश की रिमझिम उस शहर की हर कहानी को और खूबसूरत बना रही थी। शहर के एक कोने में, एक शांत सी कॉफ़ी शॉप — "ब्लैक बीन कैफ़े", जहाँ हमेशा ग़ज़लें बजती थीं और लोगों के चेहरे किताबों से ज़्यादा कहानियाँ कहते थे। कोने की सीट पर बैठा था Vivaan Agnihotri — नीली शर्ट, गाढ़ा फ्रेम वाला चश्मा, हाथ में लैपटॉप और कप में गर्म कॉफ़ी। चेहरा कुछ ऐसा जैसे ज़िंदगी के किसी गहरे कोड को सुलझा रहा हो। कम बोलने वाला, गहरी नज़रें रखने वाला और एकदम अपने आप में डूबा हुआ इंसान। और तभी... "Excuse me... क्या मैं यहाँ बैठ सकती हूँ?" Vivaan ने बिना देखे जवाब दिया, “माफ़ कीजिए, ये सीट—” और जैसे ही उसने नज़र उठाई, उसकी आवाज़ खुद चुप हो गई। सामने खड़ी थी एक लड़की — Kiara Malhotra। काले रंग का रेनकोट, गीले बाल जो चेहरे पर चिपके हुए थे, होंठों पर हल्की सी मुस्कान और आँखों में बिजली। जैसे बारिश खुद उसके पीछे-पीछे चली आई हो। “सीट सिर्फ आपकी नहीं है, Mr. Reserved with Cappuccino,” उसने मुस्कुराते हुए कहा। . . . . . . . .. . . . . . . .. . . . . . . .. . . . . . . .. . . . . . . .. . . . . .
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पार्ट 1: पहली झलक, पहला झटका
मुंबई की बारिश का कोई भरोसा नहीं। या तो इतनी तेज़ बरसती है कि छतरी भी हार मान जाए, या फिर इतनी धीमी कि सिर्फ दिल भीगता है। पर आज का दिन कुछ खास था। बादल छाए हुए थे, हवा में ठंडक थी और बारिश की रिमझिम उस शहर की हर कहानी को और खूबसूरत बना रही थी।
शहर के एक कोने में, एक शांत सी कॉफ़ी शॉप — "ब्लैक बीन कैफ़े", जहाँ हमेशा ग़ज़लें बजती थीं और लोगों के चेहरे किताबों से ज़्यादा कहानियाँ कहते थे।
कोने की सीट पर बैठा था Vivaan Agnihotri — नीली शर्ट, गाढ़ा फ्रेम वाला चश्मा, हाथ में लैपटॉप और कप में गर्म कॉफ़ी। चेहरा कुछ ऐसा जैसे ज़िंदगी के किसी गहरे कोड को सुलझा रहा हो। कम बोलने वाला, गहरी नज़रें रखने वाला और एकदम अपने आप में डूबा हुआ इंसान।
और तभी...
"Excuse me... क्या मैं यहाँ बैठ सकती हूँ?"
Vivaan ने बिना देखे जवाब दिया, “माफ़ कीजिए, ये सीट—” और जैसे ही उसने नज़र उठाई, उसकी आवाज़ खुद चुप हो गई।
सामने खड़ी थी एक लड़की — Kiara Malhotra।
काले रंग का रेनकोट, गीले बाल जो चेहरे पर चिपके हुए थे, होंठों पर हल्की सी मुस्कान और आँखों में बिजली। जैसे बारिश खुद उसके पीछे-पीछे चली आई हो।
“सीट सिर्फ आपकी नहीं है, Mr. Reserved with Cappuccino,” उसने मुस्कुराते हुए कहा।
Vivaan थोड़ा झेंप गया। “उम्म… आप बैठिए।”
Kiara बैठ गई। बैठते ही उसने बालों को पीछे झटका और एक बूँद सीधे Vivaan के गाल पर गिरी।
“Oops! आप तो भीग गए।”
Vivaan ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, “ये आपके आने का असर है… बारिश का नहीं।”
Kiara अपनी हँसी रोक नहीं पाई।
कॉफ़ी शॉप के अंदर का मौसम भी अब बाहर की तरह ही हल्का-हल्का भीग चुका था।
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कुछ देर की चुप्पी के बाद…
Kiara – “आप ज़्यादा बोलते नहीं हैं, या सिर्फ अजनबियों से कम बात करते हैं?”
Vivaan – “मैं silence को underrated नहीं समझता… वैसे भी, जब आप बोल रही हैं तो मुझे कुछ और सुनने की ज़रूरत महसूस नहीं हो रही।”
Kiara – “ये लाइन आपने कितनों को मारी है?”
Vivaan – “आज पहली बार… और अगली बार शायद फिर आपसे ही कहूँगा।”
Kiara हँस पड़ी, “आप तो flirt भी बड़ी इज़्ज़त से करते हैं।”
Vivaan – “इज़्ज़त के बिना flirt करना, बिना चाय के पकौड़े जैसा होता है — खाली, बेस्वाद और अफ़सोसनाक।”
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Vivaan की फोन पर कॉल आती है, लेकिन वो नजरें नहीं हटाता।
Kiara – “आपका ध्यान तो यहाँ है, लेकिन फोन बार-बार तंग कर रहा है।”
Vivaan – “शायद उसे भी शक है कि कुछ खास हो रहा है।”
Kiara – “कुछ खास? हम तो सिर्फ अजनबी हैं!”
Vivaan – “हर कहानी अजनबियों से ही शुरू होती है… सिर्फ फर्क इतना है कि कोई मिल जाए, तो कहानी चलती है। ना मिले तो Instagram reel बन जाती है।”
Kiara – “अरे वाह, आप तो romantic के साथ-साथ philosopher भी निकले।”
Vivaan – “बस आप जैसी intelligent audience मिल जाए तो मैं Shayari भी सुनाने लगूं।”
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बाहर बारिश अब और तेज़ हो चुकी थी।
Kiara ने खिड़की से बाहर झाँका और कहा, “मेरी गाड़ी थोड़ी दूर खड़ी है… अब तो पूरी तरह भीगना पड़ेगा।”
Vivaan ने छतरी उठाई और कहा, “अगर आप चाहें तो मैं छोड़ देता हूँ… वैसे भी, आज की बारिश में किसी अनजान लड़की के साथ भीगने का सपना था।”
Kiara ने नज़रों से उसे नापा – “और मुझे कभी किसी cute stranger के साथ umbrella share करना था… लेकिन वो stranger इतना sarcastic और smart होगा, ये सोचा नहीं था।”
Vivaan – “बस cute कहा होता तो insult समझता… smart सुनकर थोड़ा सुकून मिला।”
Kiara – “काफी confident हैं आप!”
Vivaan – “बस उतना ही, जितना आप charming हैं।”
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दोनों कॉफ़ी शॉप से बाहर निकले।
Vivaan ने छतरी खोली, और जानबूझकर थोड़ा अपनी ओर झुका कर कहा, “मैं half romantic हूँ, तो छतरी भी आधी पकड़ता हूँ… बाकी आधा आप मेरी तरफ आइए, ताकि scene पूरा लगे।”
Kiara मुस्कुराई, “कहीं आपने ये सब practice तो नहीं कर रखी?”
Vivaan – “नहीं, बस दिल से बोलता हूँ… दिमाग तो बारिश में भीग कर थोड़ा soft हो गया है।”
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बारिश में साथ चलते हुए…
Kiara – “तो आप क्या करते हैं Mr. Half Romantic?”
Vivaan – “Main एक software developer हूँ… पर दिल की programming अभी भी glitchy है।”
Kiara – “और प्यार का code लिखा कभी?”
Vivaan – “बहुत बार… पर debugging आप जैसी कोई नहीं कर पाई।”
Kiara ने उसकी तरफ देखा — “मतलब flirting चालू ही रहेगी?”
Vivaan – “जब तक आप react कर रही हैं, तब तक हाँ।”
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आख़िरकार Kiara की गाड़ी पास आ गई।
Kiara – “Thank you Vivaan… I mean, Mr. Confident Half Romantic Stranger.”
Vivaan – “Aapका नाम तो अब तक नहीं बताया आपने…”
Kiara ने मुस्कुराकर कहा – “जिस दिन दोबारा टकराएंगे, उस दिन बता दूँगी… अगर टकराए तो।”
Vivaan – “मुंबई में बारिशें होती रहती हैं… और अगर किस्मत ने साथ दिया, तो आप भी।”
Kiara कार में बैठ गई। शीशा नीचे करते हुए बोली, “Bye Vivaan… और हाँ, flirting का level बढ़ाइए… अगली बार और मज़ा आना चाहिए।”
Vivaan मुस्कराया – “Next time तो मैं poetic भी हो जाऊँगा… बस आप मिलिए।”
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कार चल पड़ी। Vivaan वहीं खड़ा रहा… छतरी के नीचे, हल्के भीगे बालों के साथ।
वो मुस्कुरा रहा था।
ना नंबर मिला, ना नाम... लेकिन दिल को ऐसा लगा कि कहानी शुरू हो गई है।
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💬
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पार्ट 2: फिर से टकराना... या फिर से मिलना?
मुंबई की सड़कों पर भागती ज़िंदगी को कोई नहीं रोक सकता, और एयरपोर्ट तो जैसे उस रफ़्तार का एक्सप्रेस वर्ज़न हो। हर कोई किसी उड़ान में, किसी मंज़िल में और कुछ लोग किसी मुलाक़ात की तलाश में...
Vivaan Agnihotri का चेहरा आज थोड़ा परेशान था। बैग कंधे पर लटका हुआ, फोन कान से चिपका हुआ और सामने बोर्डिंग गेट की ओर बढ़ते हुए वो किसी client को समझा रहा था कि उसकी टीम प्रेज़ेंटेशन लेकर कोलकाता पहुँच चुकी है, लेकिन वो खुद थोड़ी देरी से पहुँचेगा।
“Sir, बस दस मिनट और... फिर take off!”
और वहीं, उसी एयरपोर्ट के दूसरे गेट पर — एक कैमरा, एक tripod और बहुत सारी energy के साथ — दिखी एक जानी-पहचानी मुस्कान।
Kiara Malhotra।
आज वो jeans और सफ़ेद शर्ट में थी, बाल खुले, और उसके चेहरे पर वही बेपरवाह चमक।
वो किसी व्लॉग की रिकॉर्डिंग कर रही थी।
“Hi guys! तो आज मैं जा रही हूँ एक छोटा-सा travel shoot करने, और मुंबई एयरपोर्ट की बात ही कुछ और है। यहाँ हर बार कोई नया मुसाफिर मिलता है, कोई नई कहानी मिलती है। Who knows… maybe आज भी कुछ मज़ेदार होगा!”
और जैसे ही वो कैमरे की तरफ देखकर मुस्कुराई… सामने से Vivaan चला आ रहा था।
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Kiara की नज़र जैसे ही उस पर पड़ी… वो चौंकी, फिर मुस्कुराई।
“अरे! Mr. Half Romantic!”
Vivaan की चाल रुक गई। उसने देखा… और फिर जैसे उसके होंठों पर खुद-ब-खुद मुस्कान आ गई।
“आप? लगता है बारिश के बाद अब किस्मत भी भीग गई है, जो फिर से मिला दिया।”
Kiara कैमरा बंद करते हुए बोली, “तो क्या अब romantic quota पूरा हो गया, या अभी भी आधा ही देंगे?”
Vivaan – “मैं तो full लेकर आया था… पर आपसे मिलकर फिर से half हो गया।”
Kiara – “अरे वाह! Improvement हो रही है… line अच्छी थी।”
Vivaan – “मिलने वाली अच्छी हो, तो लाइनों में भी दम आ ही जाता है।”
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Kiara ने झट से अपना बोर्डिंग पास दिखाया —
“Jaipur… three-day shoot। और आप?”
Vivaan – “Kolkata… client meeting। लेकिन अब लग रहा है destination तो अलग है, पर reason एक जैसा है — आप।”
Kiara – “मतलब?”
Vivaan – “मतलब मैं खुद से ज़्यादा आपको सोच रहा हूँ…”
Kiara हँसते हुए बोली, “Aap flirt ज़्यादा करते हैं या काम भी कर लेते हैं?”
Vivaan – “फ्लर्टिंग मेरा side hustle है, profession तो आपका ध्यान खींचना है।”
Kiara – “आप तो poetic हो गए!”
Vivaan – “आपने कहा था next time level बढ़ाइए… मैंने seriously ले लिया।”
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घोषणा होती है — "Passengers for Jaipur flight, please proceed to Gate 6."
Kiara – “अरे! मेरी flight! जाना पड़ेगा…”
Vivaan – “फिर से बिना नंबर, बिना नाम?”
Kiara – “नाम तो अब पता चल ही गया… और नंबर…”
(वो अपनी पॉकेट से एक छोटी सी चॉकलेट निकालती है, जिस पर उसकी व्लॉगिंग ब्रांड का नाम लिखा होता है — ‘Kiara Unplanned’)
“Instagram पर message करिए… अगर दिल करे तो।”
Vivaan ने चॉकलेट ली और मुस्कुराकर बोला – “मुझे लगता है… अब दिल को आपसे मिलने की आदत लगने वाली है।”
Kiara मुस्कराई – “आदतें भी कभी-कभी addiction बन जाती हैं… संभल कर।”
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Kiara चली गई… और Vivaan वहीं खड़ा रहा।
बैग कंधे पर, दिल हल्का सा भारी।
वो चॉकलेट को देख रहा था… जैसे किसी treasure map की चाबी मिल गई हो।
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(फ्लाइट के बाद का दृश्य: Vivaan अपने होटल रूम में, रात का समय)
वो Instagram खोलता है…
ID सर्च करता है — Kiara_unplanned
Follow करता है…
और फिर typing शुरू करता है:
"अगर अगली मुलाक़ात प्लान के बिना इतनी खास हो सकती है, तो सोचिए जब plan से मिलूँगा, तो कितना charm होगा…"
Send।
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Kiara की ओर से reply आता है —
“अगर charm से ज़्यादा honesty होगी, तो अगली coffee मेरी treat होगी।”
Vivaan – “Deal… लेकिन इस बार पूरी छतरी मेरी होगी।”
Kiara – “और flirt भी full time चाहिए।”
Vivaan – “Flirt तो अब दिल से होगा… part-time वाला दौर गया।”
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अगर आपको ये भाग पसंद आया हो, तो बताइए —
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पार्ट 3: इमोजी वाली मोहब्बत
रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे।
कोलकाता की होटल खिड़की से बाहर Vivaan आकाश की ओर देख रहा था। चाँद साफ़ नहीं था, पर उसकी रौशनी होटल की खिड़की के पर्दों से हल्की-सी छन रही थी। कमरे में सिर्फ लैपटॉप की रोशनी थी और फोन की स्क्रीन… जिस पर Kiara का नाम चमक रहा था।
Instagram DM —
Vivaan का पहला संदेश:
"अगर अगली मुलाक़ात प्लान के बिना इतनी खास हो सकती है, तो सोचिए जब प्लान से मिलूँगा, तो कितना आकर्षण होगा…"
कुछ ही मिनटों में Kiara का उत्तर आया:
"अगर आकर्षण से अधिक सच्चाई होगी, तो अगली कॉफ़ी मेरी ओर से होगी। ☕😉"
Vivaan के होंठों पर एक मासूम-सी मुस्कान तैर गई।
"फिर तो वादा रहा… अगली मुलाक़ात में कॉफ़ी भी आपकी, मुस्कान भी आपकी और मेरी बातें भी बस आपकी होंगी।"
Kiara –
"आपकी बातों में मिठास बहुत है, कहीं diabetes न हो जाए मुझे। 😅🍫"
Vivaan –
"मैं sugar free romantic हूँ… स्वाद रहेगा, पर खतरा नहीं।"
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इस चैट ने एक लहर सी उठा दी थी।
Vivaan, जो शब्दों से ज़्यादा कोडिंग करता था, अब शब्दों से जादू रच रहा था। और Kiara, जो अक्सर कैमरे के सामने बेबाक बोलती थी, अब मोबाइल की स्क्रीन पर धीमे-धीमे मुस्कुरा रही थी।
हर रात Instagram की DM बॉक्स में एक नई बातचीत, एक नया इमोजी, और एक नई छेड़छाड़।
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एक दिन की बातचीत (DMs में):
Kiara –
"आप जैसे लोग ज़िंदगी में आते हैं या DM में ही रहते हैं?"
Vivaan –
"हम वो लोग हैं जो ज़िंदगी में देर से आते हैं, पर DM में daily आते हैं।"
Kiara –
"वाह! ये तो किसी फिल्मी शायर का संवाद लग रहा है।"
Vivaan –
"फिल्मी नहीं, दिली है… और आपसे inspired है।"
Kiara –
"कभी-कभी सोचती हूँ… आप इतने straight-forward कैसे हो सकते हैं?"
Vivaan –
"क्योंकि आप इतनी टेढ़ी-मेढ़ी बातें करती हैं कि मुझे सीधा ही रहना पड़ता है। 😄"
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वहीं दूसरी ओर, Vivaan के एक दोस्त ने उससे पूछा —
“भाई, तू तो romantic होता जा रहा है… ये Kiara कौन है?”
Vivaan मुस्कराकर बोला,
“एक कहानी है… जो अपने आप लिख रही है। बिना पन्नों के, बिना कलम के, सिर्फ इमोजी और एहसास से।”
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Kiara की ओर से एक दिन अचानक आया voice note:
“Vivaan… पता है, जब पहली बार आपसे कैफ़े में मिली थी, तब नहीं सोचा था कि आप इतने अलग होंगे। आप गंभीर भी हैं, पर बातों में मस्ती है। शांत भी हैं, पर दिल में तूफ़ान भी। मैं travel करती हूँ, दुनिया देखती हूँ… पर अब जब कुछ अच्छा दिखता है, तो लगता है — काश वो आप भी देख पाते।”
Vivaan ने उस voice note को दो बार सुना।
फिर जवाब लिखा —
"आप जैसी लड़कियाँ दिल से चलती हैं… और मैं? बस उसी दिशा में खिंचता चला जाता हूँ।"
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धीरे-धीरे Kiara की इंस्टा स्टोरी में Vivaan के indirect mentions आने लगे।
• Coffee cup की तस्वीर के साथ लिखा:
“कुछ चाय नहीं, कुछ बातों की कमी है…”
• Airport view के साथ –
“कभी-कभी कोई एक चेहरा ही पूरी उड़ान की वजह बन जाता है।”
Vivaan ने जवाब दिया —
"अगर मंज़िल आप हों, तो उड़ानों से डर नहीं लगता।"
Kiara –
"डर तब लगता है जब कोई दिल में आकर बैठ जाए और पता ही न चले।"
Vivaan –
"तो क्या अब मैं बाहर निकल जाऊँ?"
Kiara –
"नहीं… अब रहने की आदत डाल रही हूँ।"
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एक दिन Vivaan ने video call की।
Kiara ने पहले तो reject किया… फिर text किया:
"अभी बाल गीले हैं… video call बाद में 😒"
Vivaan –
"गीले बालों में ही तो magic होता है… वैसे भी मैं आपसे बात कर रहा हूँ, conditioner से नहीं।"
Kiara –
"ओहो… flirting आज बहुत तेज़ चल रही है।"
Vivaan –
"मौसम ठंडा है… flirt से गर्माहट आ रही है।"
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पार्ट 3 का समापन इस अहसास पर होता है:
दो अजनबी, जो एक कैफ़े में भीगते हुए मिले थे, अब दिल की भीतरी गलियों में उतर चुके थे।
इमोजी के ज़रिए जो बातें शुरू हुई थीं, वो अब आँखों के रास्ते दिल में उतर रही थीं।
कोई वादा नहीं था, कोई नाम नहीं था इस रिश्ते का…
पर था तो एक एहसास —
"आप कहीं आसपास हैं, और यही काफ़ी है।"
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अगले भाग की झलक:
Part 4: जब स्क्रीन से बाहर आया प्यार…
पहली मुलाक़ात के बाद, और ढेर सारी चैट्स के बाद — अब होगा फिर से आमना-सामना।
क्या ये सिर्फ screen वाली chemistry है या दिल वाली भी?
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❤️📱🌧️
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पार्ट 4: जब स्क्रीन से बाहर आया प्यार…
कभी-कभी किसी की आदत लग जाना, मोहब्बत से भी ज़्यादा खतरनाक होता है।
और जब वो आदत बन जाए रोज़ रात की बातों की, हँसी की, छेड़खानियों की — तब मन सिर्फ उसका नाम नहीं, उसकी मुस्कान भी दोहराने लगता है।
Vivaan और Kiara की इंस्टा चैट्स अब दिनचर्या बन चुकी थीं।
सुबह 'गुड मॉर्निंग' के साथ एक कॉफ़ी का इमोजी आता, और रात को 'गुड नाइट' के साथ कोई न कोई मीठी छेड़छाड़।
पर अब दिल कहने लगा था —
"सिर्फ इमोजी से बात नहीं बनती… अब तो मुलाक़ात चाहिए।”
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एक दिन Vivaan ने लिखा –
"अब तक आप सिर्फ स्क्रीन पर मुस्कराती रहीं… क्या हक़ नहीं बनता मेरा, उस मुस्कान को सामने से देखने का?"
Kiara ने जवाब दिया –
"तो फिर… देख लीजिए, मैं अगले हफ़्ते मुंबई में हूँ। शूट खत्म… अब थोड़ा break चाहिए।"
Vivaan –
"Break से ज़्यादा तो मुझे आपका साथ चाहिए…"
Kiara –
"आप बहुत smooth हो रहे हैं आजकल।"
Vivaan –
"क्या करूँ… दिल को polish कर लिया है, क्योंकि अब आप सामने आने वाली हैं।"
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Vivaan ने हिम्मत जुटाकर मैसेज किया –
"रविवार की शाम, 6 बजे… अगर आप फुर्सत में हों तो, एक कॉफ़ी मेरी तरफ़ से। इस बार umbrella नहीं, table शेयर करेंगे।"
Kiara –
"कॉफ़ी नहीं… dinner होगा। और मेरी पसंद का restaurant होगा। Deal?"
Vivaan –
"आपके साथ शर्त क्या लगाना… आप कहें तो मैं सूप भी पी लूँ!"
Kiara –
"वाह! इतनी बड़ी कुर्बानी? ये तो मोहब्बत लगती है।"
Vivaan –
"लगती नहीं… शायद है।"
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रविवार शाम…
Vivaan ने अपने आप को खास तरीके से तैयार किया। हल्का नीला कुर्ता, बंधी हुई दाढ़ी और मन में ढेर सारी उम्मीदें।
दिल खुद से सवाल कर रहा था —
"क्या आज कह दूँ? क्या आज वो पल है?"
दूसरी ओर, Kiara भी पूरी तैयारी में थी।
हल्का peach रंग का कुर्ता, बालों को खुला छोड़कर एक झुमका पहना था… और होंठों पर वही मुस्कान, जो अब Vivaan के दिन की शुरुआत बन चुकी थी।
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Restaurant का नाम था — “Suroor”
छत पर बैठने की जगह थी, हल्की हवा और रौशनी में झिलमिल करते fairy lights… माहौल ही कुछ ऐसा था जैसे मौसम भी मिलाने को तैयार बैठा हो।
Vivaan पहले पहुँचा। थोड़ी घबराहट, थोड़ा उत्साह… और कुछ पल बाद —
Kiara आई।
उसने आते ही Vivaan को देखा… और आँखों में वही मुस्कान तैर गई,
“तो… Mr. Half Romantic से अब Full-Time Lover बनने का इरादा है?”
Vivaan मुस्कुराया —
“अगर आप approval दे दें, तो permanent बनने को भी तैयार हूँ।”
Kiara बैठते हुए बोली —
“पहले dinner तो खिला दीजिए, फिर देखेंगे resume क्या कहता है।”
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ऑर्डर करते वक़्त…
Kiara – “मैं spicy खाती हूँ… आप?”
Vivaan – “मैं तो वही खाता हूँ, जो आप recommend करें। Taste से ज़्यादा आपसे taste लेना पसंद है।”
Kiara – “तो फिर dessert भी मेरा पसंदीदा होगा – गुलाब जामुन।”
Vivaan – “गुलाब जामुन के बाद confession करना आसान होता है… शायद मैं भी कुछ कह दूँ।”
Kiara ने चौंककर उसकी ओर देखा —
“कुछ कहने की planning है आज?”
Vivaan – “Planning नहीं… दिल की जरूरत है।”
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खाने के बाद…
Vivaan ने गहरी साँस ली, और कहा —
“Kiara… आपसे मिलने के बाद, हर चीज़ आसान लगने लगी है। जैसे ज़िंदगी कोई गेम थी और अब उसमें pause बटन मिल गया हो। मैं जानता हूँ कि हम एक-दूसरे को बहुत ज़्यादा नहीं जानते… पर जो जाना है, वो काफी है।”
Kiara की आँखों में हल्की नमी थी। वो चुप रही।
Vivaan – “मैं जब भी आपको देखता हूँ, तो लगता है… जो अधूरा था, वो आप हैं। आप ज़्यादा perfect नहीं हैं… और शायद इसलिए मुझे इतनी perfect लगती हैं।”
Kiara मुस्कुराई —
“ये लाइन आपने कही लिख रखी थी न?”
Vivaan – “नहीं… ये मैंने आपकी आँखों से पढ़ी है।”
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एक हल्की सी चुप्पी… फिर Kiara ने कहा —
“Vivaan… जब आप पहली बार मिले थे, तब मुझे लगा था – एक और flirt करने वाला बंदा होगा। लेकिन फिर आपकी आँखों में जो honesty दिखी, वो धीरे-धीरे दिल तक पहुँच गई।”
“आपसे बात करना addiction बन चुका है। और सच कहूँ… तो मैं चाहती हूँ कि ये आदत कभी छूटे नहीं।”
Vivaan – “तो फिर… क्या हम इस कहानी को ‘शुरुआत’ कह सकते हैं?”
Kiara ने अपनी हथेली उसकी ओर बढ़ाई और कहा —
“हाँ… पर शर्त है — हर रोज़ थोड़ा romantic और थोड़ा funny बनना पड़ेगा।”
Vivaan ने उसका हाथ थामा —
“आप साथ रहेंगी, तो मैं poet भी बन जाऊँगा।”
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पार्ट 4 का समापन –
उस रात की रौशनी में, दो दिलों ने न कोई वादा किया, न कोई बड़ा इकरार।
बस एक-दूसरे की आँखों में उतरते हुए यह मान लिया —
अब साथ चलना है।
कोई इमोजी नहीं, कोई DM नहीं…
अब से हर बात सीधी, दिल से होगी।
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पार्ट 5: प्यार का planning से क्या लेना देना?
सुबह की पहली किरण जब खिड़की के पार आई, तो Vivaan की नींद मुस्कुराते हुए खुली।
वो अब भी कल की उस शाम में जी रहा था — जहाँ रात्रि के उजाले में दो दिलों ने एक-दूसरे का साथ थाम लिया था।
Vivaan ने बिस्तर से उठते हुए मोबाइल उठाया।
पहला संदेश आया था — Kiara की ओर से।
“सुबह की कॉफ़ी आप बना रहे हैं या आज भी imagination में ही serve करोगे?” ☕😉
Vivaan ने तुरंत टाइप किया —
“अगर आप सामने होतीं, तो मैं कॉफ़ी में गुलाब की खुशबू भी मिला देता।”
Kiara –
**“मिलाईए… मैं taste के लिए तैयार हूँ। बस सुबह 11 बजे मेरे स्टूडियो पहुँच जाइए।”
Vivaan चौंका।
“स्टूडियो? इतनी जल्दी? और अचानक?”
Kiara –
“Mr. Planning King, ज़िंदगी हर बार प्रेज़ेंटेशन की तरह नहीं चलती… कभी-कभी chaos भी romantic होता है।”
Vivaan –
“तो अब मैं ‘Unplanned’ Kiara की दुनिया में दाख़िल हो रहा हूँ?”
Kiara –
“दुनिया नहीं… rehearsal. और हाँ, late मत होना। वरना penalty लगेगी — एक हफ़्ते की मीठी नाराज़गी।”
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11 बजे… मुंबई के एक क्रिएटिव स्टूडियो का दरवाज़ा
Vivaan थोड़ा हड़बड़ाया हुआ पहुँचा। हाथ में कॉफ़ी के दो कप…
और दिल में इस मुलाक़ात की उत्सुकता।
दरवाज़ा खोलते ही सामने वही ऊर्जा थी —
Kiara कैमरे के सामने खड़ी, स्क्रिप्ट पढ़ रही थी। बाल पीछे बंधे हुए, चेहरे पर काम की गंभीरता… और जैसे ही Vivaan को देखा, उसकी मुस्कान खिल गई।
“ओहो… punctual romantic! Welcome to my world.”
Vivaan –
“इतनी ऊर्जा कहाँ से आती है आपमें? मैं तो सोच ही रहा था कि ये कैमरे से बात करने वाले लोग कैसे जीते हैं!”
Kiara –
“हम chaos में जीते हैं… पर उसी में charm ढूँढते हैं। और आप जैसे लोग जो हर चीज़ प्लान करते हैं, उन्हें हम जैसे लोगों से थोड़ी राहत मिलती है।”
Vivaan –
“या heart attack।”
Kiara हँसी रोकते हुए बोली –
“अरे नहीं! मैं तो दिल की धड़कन बढ़ाती हूँ, बंद नहीं करती।”
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Camera सेट होता है। शूट शुरू होने वाला है।
Kiara –
“आज का vlog थोड़ा अलग है। Vivaan हमारे साथ एक short video में पहली बार दिखने वाले हैं। कोई स्क्रिप्ट नहीं, बस real सवाल और उनके जवाब।”
Vivaan –
“Real सवालों से डर लगता है…”
Kiara –
“तो चलिए, आज डर के आगे flirting है!”
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Camera चालू।
Kiara –
“तो Vivaan Agnihotri… क्या आप romantic हैं या logical?”
Vivaan –
“Main logical हूँ जब Excel खोलता हूँ, romantic जब आपकी आँखों में देखता हूँ।”
Kiara –
“अरे वाह! अगला सवाल — अगर आपको एक दिन के लिए Kiara बनना पड़े, तो क्या करेंगे?”
Vivaan –
“हर काम बिना बताए, बिना सोचे और बिना regret के करूंगा… और शायद अपने जैसे किसी पर crush भी कर लूँ।”
Kiara –
“Omg! ये लाइन तो viral जाएगी!”
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Camera बंद… और अब दोनों अकेले
Kiara –
“Vivaan, आप जानती हूँ routine में जीते हैं… लेकिन क्या आप इस ‘Unplanned’ chaos में adjust कर पाएँगे?”
Vivaan कुछ क्षण सोचता है…
“Kiara, planning मेरी आदत है… पर आप मेरी पसंद। और जब दिल किसी को पसंद करता है, तो आदतें बदलनी पड़ती हैं।”
Kiara धीरे से पास आकर बोली —
“और अगर मैं कभी बहुत unpredictable हो जाऊँ तो?”
Vivaan –
“तो मैं एक ही बात याद रखूँगा —
'प्यार का planning से क्या लेना देना… बस निभाने से मतलब है।'”
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Kiara ने उसकी हथेली थामी।
“Vivaan… आप सिर्फ romantic नहीं, real भी हैं। और शायद इसी वजह से मुझे आपसे डर नहीं लगता… बल्कि, आपके पास आकर सुकून मिलता है।”
Vivaan –
“तो फिर आप chaos लाइए, मैं calm बनकर आपको थाम लूँगा।”
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पार्ट 5 का समापन
इस पहली शूटिंग-डेट ने दोनों को एक नई दिशा दी।
जहाँ Vivaan ने control छोड़ना सीखा, वहीं Kiara ने थमना।
कहानी अब सिर्फ flirting या fancy DM तक नहीं थी —
अब वो धीरे-धीरे एक रिश्ते की शक्ल लेने लगी थी।
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अगले भाग की झलक:
Part 6 – जब दिल कहे ‘Yes’, पर दिमाग बोले ‘Careful’…
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पार्ट 6: जब दिल कहे ‘Yes’, पर दिमाग बोले ‘Careful’
"आप दोनों कितने अच्छे लगते हैं साथ!"
"कितनी प्यारी जोड़ी है!"
"इनकी शादी कब हो रही है?"
ऐसे ही कमेंट्स Kiara के vlog पर आने लगे थे, खासकर उस वीडियो के बाद जिसमें Vivaan पहली बार कैमरे पर उसके साथ दिखा था।
Kiara मुस्कुरा रही थी, पर दिल के भीतर एक हल्की-सी खलबली थी।
"क्या ये सब इतना आसान होगा?"
उधर Vivaan की दुनिया में भी हलचल थी।
उस शाम जब वो घर पहुँचा, तो माँ ने उसे चाय थमाते हुए सीधे सवाल दाग दिया —
"Vivaan बेटा, वो लड़की कौन है जिसके साथ तुम इंस्टाग्राम पर छाए हुए हो?"
Vivaan ने चौंककर देखा —
“आपने Instagram कब से देखना शुरू किया?”
माँ –
“जब से मोहल्ले की शर्मा आंटी ने कहा कि उनका बेटा भी अब influencer बन गया है!”
Vivaan हँसा… लेकिन माँ की आँखों में वो सवाल साफ़ दिख रहा था —
“कौन है वो लड़की? क्या वो तुम्हारी ज़िंदगी में है?”
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Vivaan ने कहा –
“माँ, उसका नाम Kiara है… वो एक travel vlogger है। अलग है, ज़िंदादिल है, और सबसे बड़ी बात — वो मेरी ज़िंदगी में सुकून की तरह आई है।”
माँ –
“और क्या वो हमारी दुनिया में फिट होगी? हमारी सोच, हमारा रहन-सहन… सब बहुत अलग है बेटा।”
Vivaan –
“माँ, ज़िंदगी फिट करने का puzzle नहीं… अपनाने का रिश्ता है।”
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वहीं दूसरी ओर, Kiara अपनी सहेली Naina से बात कर रही थी।
Naina –
“Kiara, तू उससे सच में सीरियस है?”
Kiara –
“हाँ यार… लेकिन सोच रही हूँ, क्या मैं उसके world में adjust कर पाऊँगी? उसकी माँ, उसकी values… मैं तो बहुत अलग हूँ।”
Naina –
“दिल कह रहा है ‘Yes’ और दिमाग डर रहा है, सही?”
Kiara –
“बिलकुल वही। डर लग रहा है कि कहीं मैं उसे खो न दूँ… या खुद को कहीं बदल न दूँ।”
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अगले दिन Vivaan ने Kiara से मिलने का आग्रह किया।
एक शांत कैफ़े में दोनों आमने-सामने बैठे।
Vivaan –
“माँ ने तुम्हारे बारे में पूछा…”
Kiara –
“और… क्या कहा आपने?”
Vivaan –
“सच। कि मैं तुम्हें पसंद करता हूँ। और शायद… धीरे-धीरे प्यार भी करने लगा हूँ।”
Kiara की नज़रें झुक गईं। कुछ कह न सकीं।
Vivaan –
“माँ को थोड़ा समय चाहिए… और शायद तुम्हें भी।
लेकिन Kiara, मैं चाहता हूँ कि तुम एक बार माँ से मिलो। न formal, न traditional… बस, एक मुलाक़ात।”
Kiara ने धीरे से कहा –
“ठीक है… लेकिन Vivaan, मैं कुछ बनावटी नहीं कर पाऊँगी। मैं जैसी हूँ, वैसी ही रहूँगी।”
Vivaan –
“मुझे भी तो तुम जैसी हो, वैसी ही पसंद हो… माँ को भी समझाना मेरा ही काम है।”
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तीन दिन बाद… पहली मुलाक़ात।
Vivaan का घर।
Kiara ने सादा सलवार-कमीज़ पहनी थी, बाल हल्के खुले और हाथ में एक छोटा-सा फूलों का गुलदस्ता।
दरवाज़ा माँ ने खोला।
माँ –
“आइए, आप ही हैं Kiara?”
Kiara मुस्कराईं –
“जी… और आप Vivaan की माँ हैं, मतलब मेरी डर वाली पहली परीक्षा।”
माँ थोड़ी चौंकी, फिर मुस्कुराईं –
“अंदर आइए… आपकी हँसी और honesty दोनों का स्वागत है।”
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बातचीत शुरू हुई।
माँ –
“आपने क्या-क्या देखा है इस दुनिया में, Kiara?”
Kiara –
“बहुत कुछ… पहाड़, समंदर, रेगिस्तान… लेकिन सबसे कठिन terrain इंसानों का मन होता है।”
माँ –
“और Vivaan का मन?”
Kiara –
“वो तो मेरे लिए एक शांत झील जैसा है… जहाँ मैं डूब कर सुकून पाती हूँ।”
माँ थोड़ी देर चुप रहीं… फिर बोलीं –
“Vivaan ने सही कहा था… आप अलग हैं। लेकिन शायद हमारे बेटे को भी थोड़ी अलग सोच की ज़रूरत थी।”
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Vivaan के चेहरे पर हल्की-सी राहत दिखी।
बातें थोड़ी और चलीं… फिर विदा का समय आया।
माँ ने Kiara को दरवाज़े तक छोड़ा और कहा –
“पहली बार में कोई फैसला नहीं होता… लेकिन आपसे मिलकर अच्छा लगा।”
Kiara ने हाथ जोड़ते हुए कहा –
“मैं जल्दबाज़ी में नहीं हूँ आंटी… लेकिन आपकी मुस्कान में मुझे हिम्मत मिल रही है।”
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पार्ट 6 का समापन
Vivaan और Kiara के रिश्ते ने अब उस मोड़ पर कदम रख दिया था जहाँ रोमांस सिर्फ दो लोगों के बीच नहीं रह जाता — वो परिवारों की छाया में आकार लेने लगता है।
दिल कह रहा था —
“हाँ… यही है वो।”
पर दिमाग अब भी धीमे-धीमे समझ रहा था कि
सिर्फ प्यार काफ़ी नहीं होता, थोड़ा धैर्य भी ज़रूरी होता है।
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पार्ट 7: जब माँ ने भेजा पहला मैसेज…
हर रिश्ते की एक ख़ास घड़ी होती है —
जब बिना कुछ कहे, कोई बहुत कुछ समझने लगता है।
ऐसी ही एक सुबह थी वो।
Vivaan अपनी टेबल पर बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था, आँखें स्क्रीन पर थीं, पर दिल… अब भी Kiara की बातें दोहरा रहा था।
तभी फोन बजा।
Sender: Maa
और जो आया, उसने दिल की धड़कन एक पल को थाम दी।
“वो लड़की अलग है, पर सच्ची है। अगर तुम खुश हो, तो मुझे और कुछ नहीं चाहिए। उसे मेरा नमस्ते कहना।”
Vivaan कुछ क्षण तक स्क्रीन को निहारता रहा।
फिर उसकी आँखों में हल्की-सी नमी और होंठों पर गहरी मुस्कान उतर आई।
माँ ने पहली बार Kiara के लिए ख़ुद से कोई संदेश भेजा था।
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Vivaan ने तुरंत स्क्रीनशॉट लेकर Kiara को भेजा। साथ में लिखा —
“कभी-कभी कुछ Acceptance भी बिना बोले बहुत कुछ कह जाती है… आज माँ ने पहली बार दिल से कहा है।”
Kiara ने जब वो मैसेज पढ़ा, उसकी आँखों में चमक आ गई।
उसने उत्तर दिया —
“मैंने आपके माँ-बेटे दोनों का दिल चुरा लिया लगता है। अब कानूनी कार्यवाही की जाए या रिश्तेदारी की?” 😜
Vivaan –
“रिश्तेदारी ही कर लेते हैं… लेकिन step by step, ताकि romantic thrill बना रहे।”
Kiara –
“आपसे romance सीखना पड़ेगा… लेकिन सच्चाई ये है, आपकी माँ का मैसेज मेरे लिए आज सबसे बड़ा तोहफ़ा है।”
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उसी दिन शाम को Kiara की माँ, Mrs. Malhotra, कमरे में दाख़िल हुईं।
“Kiara, आजकल बहुत मुस्कुरा रही हो… क्या बात है?”
Kiara ने चौंकते हुए कहा —
“मम्मी! आप कब से Sherlock Holmes बन गईं?”
“जब से मेरी बेटी के फोन की स्क्रीन बार-बार किसी ‘Vivaan’ के मैसेज से चमकने लगी।”
Kiara ने धीरे-से सिर झुकाया —
“हाँ मम्मी… वो है मेरी ज़िंदगी में। थोड़ा अलग है… थोड़ा सीधा, थोड़ा गंभीर… पर बहुत सच्चा।”
माँ –
“और क्या वो तुम्हें समझता है?”
Kiara –
“मम्मी… वो मुझे समझने की कोशिश करता है। मेरे साथ चलने की, मुझे अपनी दुनिया में समेटने की… और सबसे बड़ी बात, खुद को बदलने की कोशिश करता है।”
माँ ने Kiara के सिर पर हाथ रखा —
“अगर कोई लड़का तुम्हारी आज़ादी को अपनाए, तुम्हारी हँसी को समझे और तुम्हारे साथ झगड़े नहीं, तोल-मोल कर प्यार करे… तो वो किसी माँ का आशीर्वाद है।”
Kiara की आँखें नम हो गईं।
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अगले दिन… Vivaan की माँ ने Kiara को फ़ोन पर बुलाया।
Kiara थोड़ी घबराई।
“आंटी… नमस्ते!”
“नमस्ते बेटा। उस दिन की मुलाक़ात अधूरी सी लगी… इस रविवार दोपहर को घर आइए। खाना साथ में खाएँगे।”
Kiara –
“आंटी… मैं तो बस सलाद काट सकती हूँ। बाकी सब आप संभालिएगा।”
माँ –
“सलाद नहीं, अपनेपन का स्वाद लाईए। बाकी सब तो मैं आपको सिखा दूँगी।” 😊
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रविवार को Kiara, Vivaan के घर दोपहर को पहुँची।
सादी सफेद कुर्ती, हल्की-सी बिंदी और हाथ में एक छोटी-सी डिश — अपनी माँ का स्पेशल पास्ता।
Vivaan की माँ ने दरवाज़ा खोला —
“आइए बेटी… आज तो रसोई भी आपका इंतज़ार कर रही है।”
Vivaan वहीं खड़ा था, पर नजरें चुराते हुए… जैसे किसी school function में माँ ने लड़की बुला ली हो।
Kiara ने मुस्कुराकर कहा —
“Vivaan जी, आज आपकी दो माँओं का सामना है… एक biological और एक emotional। संभाल लीजिए ख़ुद को!”
Vivaan –
“अगर दोनों मुझे डाँटने लगें, तो मैं झाड़ू पकड़ लूँगा।”
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भोजन तैयार हुआ, हँसी-मज़ाक हुआ और पहली बार Kiara ने उस घर को ‘घर’ की तरह महसूस किया।
Vivaan की माँ ने जाते-जाते कहा —
“आप जैसे लोग बाहर से modern दिखते हैं… पर अंदर से हमारी ही तरह भावुक होते हैं। बस थोड़ा समय चाहिए समझने को… और आपने वो समय दिया।”
Kiara –
“आपने जो अपनापन दिया… वो मेरी सारी घबराहट मिटा गया।”
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पार्ट 7 का समापन
रिश्तों की राह अब धीरे-धीरे स्पष्ट हो रही थी।
जहाँ पहले केवल Vivaan और Kiara थे, अब दोनों परिवारों की परछाइयाँ भी उनके साथ चल रही थीं — प्यार से, स्वीकार से।
वो पहला मैसेज, जो एक माँ ने भेजा था… वो केवल शब्द नहीं थे —
वो था रिश्ते का पहला आशीर्वाद।
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पार्ट 8: पहली बार Vivaan, Kiara के पापा से मिलेगा…
"पापा आज जल्दी घर आ रहे हैं…"
Kiara ने मोबाइल पर ये शब्द टाइप तो किए, पर 'Send' दबाने में उसे पाँच मिनट लग गए।
Vivaan की ओर से जवाब आया —
"अरे वाह! तो क्या आज वो दिन है जब मैं ‘पापा जी’ के दर्शन करूँगा?"
Kiara –
"दर्शन नहीं… परीक्षा समझो। और ये आपकी जिंदगी का toughest viva हो सकता है।"
Vivaan –
"तो syllabus बता दो… मैं notes तैयार कर लूँ।"
Kiara –
"बस एक ही सवाल आएगा – आप मेरी बेटी के लायक क्यों हैं?"
Vivaan –
"उस सवाल का जवाब मैं आँखों से देना चाहता हूँ… शब्दों से नहीं।"
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Kiara के पापा — Mr. Rajeev Malhotra — एक सख़्त लेकिन संवेदनशील पिता।
Army से रिटायर्ड, अनुशासन उनके जीवन का मूल मंत्र।
उनकी बेटी की हँसी, उनका गर्व थी… और कोई अनजान युवक, उस हँसी का कारण बन जाए — ये बात हल्की नहीं थी।
Kiara के पापा ने अब तक Vivaan के बारे में कुछ नहीं कहा था।
न हाँ, न ना। बस चुप्पी।
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शाम 7 बजे का समय तय हुआ। Vivaan punctual था — जैसे हमेशा।
उसने नीला कुर्ता पहना, हाथ में एक bouquet और मन में ढेर सारी धड़कनें।
Kiara ने दरवाज़ा खोला।
“तैयार हो?”
Vivaan –
“शब्दों से नहीं… पर मन से तैयार हूँ।”
Kiara –
“बस ध्यान रखना… पापा को चमक-दमक से नहीं, सच्चाई से जीतना है।”
Vivaan –
“तो फिर आप साथ हों, तो डर किस बात का?”
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Drawing Room में Mr. Malhotra एक किताब पढ़ रहे थे।
Kiara ने धीमे से कहा —
“पापा… ये हैं Vivaan।”
उन्होंने किताब बंद की… धीरे से सिर उठाया।
Vivaan ने आगे बढ़कर bouquet बढ़ाया —
“नमस्ते अंकल जी। मैं Vivaan Agnihotri।”
Mr. Malhotra ने bouquet लिया, देखा, फिर कहा —
“बैठिए।”
तीन सेकंड की चुप्पी…
फिर उन्होंने पहला सवाल पूछा —
“क्या करते हैं आप?”
Vivaan –
“मैं एक IT consultancy firm में strategy head हूँ।”
Mr. Malhotra –
“और मेरी बेटी को किस strategy से अपने करीब लाया आपने?”
Vivaan एक पल को रुका… फिर मुस्कराकर बोला —
“कोई strategy नहीं थी, अंकल जी। बस वो मिली और मैं खो गया।”
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Mr. Malhotra –
“और अब अगर मैं कहूँ कि ये रिश्ता मुझे सही नहीं लगता, तो आप क्या करेंगे?”
Vivaan ने गंभीरता से कहा —
“तो मैं इंतज़ार करूँगा। क्योंकि मैं Kiara को सिर्फ चाहता नहीं… उसका सम्मान भी करता हूँ।
और आप उसका पहला सम्मान हैं।”
Kiara चुपचाप खड़ी थी, दिल से Vivaan के शब्दों को महसूस कर रही थी।
Mr. Malhotra –
“आजकल के लड़कों में ये patience नहीं दिखता… आप अलग हैं। पर क्या आप मेरी बेटी के साथ उसकी आज़ादी, उसका profession, उसकी अस्थिरता… सब को स्वीकार कर पाएँगे?”
Vivaan –
“मैं उसे बदलने नहीं आया हूँ, अंकल जी… मैं तो खुद को उसके साथ जोड़ने आया हूँ।
अगर मैं अपने routine में जीता हूँ, तो वो मेरी chaos है… और वो chaos अब ज़िंदगी लगती है।”
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Mr. Malhotra कुछ देर तक शांत रहे… फिर बोले —
“Vivaan, मेरी बेटी ने पहली बार किसी को लेकर डर के साथ excitement भी दिखाया है। मैं आज नहीं कह सकता कि मैं पूरी तरह तैयार हूँ… लेकिन मैं आपको मौका देना चाहता हूँ।”
Kiara की आँखें भर आईं।
Vivaan ने सिर झुकाकर कहा —
“शुक्रिया अंकल जी… मैं विश्वास को कभी टूटने नहीं दूँगा।”
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डिनर के समय…
Mr. Malhotra ने Kiara से हल्के अंदाज़ में कहा —
“तुम्हारा ये Vivaan… चुपचाप दिल में उतरने वाला है।”
Kiara –
“पापा… अब आप भी उसकी फैन लिस्ट में शामिल हो गए हो क्या?”
Mr. Malhotra –
“नहीं… लेकिन शायद अब मैं भी उसके साथ एक नई journey के लिए तैयार हूँ।”
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पार्ट 8 का समापन
Vivaan और Kiara के रिश्ते ने एक और सीढ़ी पार की —
जहाँ प्यार का इज़हार शब्दों से नहीं, सच्चाई से हुआ।
जहाँ एक पिता ने ज़रा-सा भरोसा दिखाया… और वो भरोसा ही अब इस रिश्ते की नींव बनेगा।
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पार्ट 9: जब पहली बार दोनों परिवार एक-दूसरे से मिलेंगे…
कुछ मुलाक़ातें सिर्फ दो लोगों के बीच नहीं होतीं।
वो दो घरों, दो सोचों और दो परवरिशों की परछाई लेकर आती हैं।
Kiara और Vivaan, दोनों के दिल एक हो चुके थे —
अब ज़िम्मेदारी थी अपने-अपने घरों को भी एक-दूसरे के करीब लाने की।
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रविवार की दोपहर को एक plan बना।
Vivaan के माता-पिता और Kiara के मम्मी-पापा, एक casual lunch पर मिलने वाले थे।
जगह तय हुई — एक शांत बाग़ वाला café, जहाँ खुले आसमान के नीचे बातचीत भी हो सके और दूरी भी न लगे।
Vivaan ने एक दिन पहले कहा –
“Kiara, क्या आप सुनिश्चित हैं कि ये सही समय है?”
Kiara –
“Vivaan, वक़्त कभी सही नहीं होता… पर जब दिल तय कर ले, तो समय अपने आप सही लगने लगता है।”
Vivaan –
“मुझे बस डर है… कहीं मेरी माँ आपके पापा की गंभीरता से डर न जाएं।”
Kiara –
“तो फिर मैं हूँ न! बीच में translator बन जाऊँगी — प्यार की भाषा की।”
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अगले दिन – दोपहर 1:00 बजे
Vivaan के पापा — Mr. Shashank Agnihotri, एक सीधे-सादे, शांत स्वभाव के व्यक्ति थे।
उनकी पत्नी, Mrs. Leela Agnihotri, मधुर बोलने वाली, लेकिन अपनी सीमाओं को लेकर सजग महिला।
वहीं दूसरी ओर, Kiara के पापा — Mr. Rajeev Malhotra, अब भी अपनी military posture में,
और उनकी पत्नी, Mrs. Neeta Malhotra, जिनकी नज़रों में अपनी बेटी की आज़ादी सबसे प्यारी थी।
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Café के कोने की टेबल पर दो परिवार बैठे।
पहली कुछ मिनटों में चाय के कप और पानी के घूँट ज़्यादा बोले… शब्द कम।
Vivaan ने मुस्कराकर पहल की —
“माँ, ये हैं Kiara के पापा, Mr. Malhotra… और मम्मी, Mrs. Neeta Malhotra।”
Leela जी ने नम्रता से हाथ जोड़ते हुए कहा —
“नमस्ते। हमने Kiara से सिर्फ एक बार मुलाक़ात की है, पर दिल को बहुत भायीं हैं।”
Neeta जी मुस्कुराईं —
“आपका Vivaan भी कुछ कम नहीं… हमारी बेटी की आँखों में जो सुकून आया है, वो हमें बहुत कुछ कह जाता है।”
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बातचीत थोड़ी खुलने लगी।
Mr. Shashank –
“Rajeev जी, army से हैं न आप? बहुत अनुशासन होगा आपके घर में।”
Mr. Rajeev –
“जी, पर अब तो हमारी बेटी ने chaos से दोस्ती कर ली है… और Vivaan उसे सहेज रहा है, तो शायद हम भी थोड़े ढल जाएँ।”
Leela जी –
“हमने अपनी ज़िंदगी बहुत नियमों से गुज़ारी… अब बच्चों की दुनिया थोड़ी अलग है। पर अगर वो साथ चल रहे हैं, तो शायद हम भी थोड़ा झुक जाएँ।”
Kiara ने Vivaan की ओर देखा…
“आपके पेरेंट्स, surprisingly adorable हैं!”
Vivaan –
“जैसे आपके पापा unexpectedly accepting!”
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बातें अब परिवार से रिश्तों तक पहुँचने लगीं।
Mrs. Neeta –
“अगर आप सब चाहें, तो एक बार दोनों परिवार एक साथ पूजा या किसी छोटे समारोह में शामिल हो सकते हैं। बिना किसी औपचारिकता के।”
Leela जी –
“हमें बहुत अच्छा लगेगा… हम चाहते हैं कि रिश्ता बंधने से पहले आत्मीयता बन जाए।”
Vivaan के पापा ने कहा —
“शादी सिर्फ रस्में नहीं होती… दो सोचों का मिलन होता है। और अगर हमारी सोचें अब मिलने लगी हैं, तो ये रास्ता सुंदर है।”
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लंच के बाद सब बाग़ में टहले।
Vivaan ने Kiara से धीरे से कहा —
“मुझे डर था कि दो अलग-अलग घर एक नहीं हो पाएँगे… लेकिन आज लग रहा है, ये मिलन सिर्फ हमारा नहीं… दो संस्कारों का संगम है।”
Kiara –
“हाँ… और अगर बीच में कोई cultural confusion आएगा, तो हम दोनों मिलकर वो भी solve कर लेंगे। आप formula लिखिएगा, मैं graphics बना दूँगी!” 😄
Vivaan हँसते हुए बोला —
“बस आप मेरी दुनिया में रंग भरती रहिए, मैं आपकी chaos को frame में डालता रहूँगा।”
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पार्ट 9 का समापन
Vivaan और Kiara का प्यार अब केवल दो दिलों की बात नहीं रहा।
अब उनके घर, उनके माता-पिता और उनकी परछाइयाँ भी इस कहानी में उतर आई थीं।
जहाँ एक तरफ सोचों का अंतर था, वहीं अब स्वीकार का सूरज भी उग चुका था।
कहानी अब रिश्तों की असल परीक्षा की ओर बढ़ रही थी —
प्यार से आगे, समझदारी की दिशा में।
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पार्ट 10: जब शादी की बात पहली बार खुले आम आई…
"तो अब अगला कदम क्या है?"
ये सवाल Kiara की माँ ने बड़ी सहजता से चाय का कप थामे हुए पूछा था, लेकिन Vivaan और Kiara दोनों के दिलों में एक साथ गूँज उठा।
वे दोनों उस समय अपने-अपने घरों में थे, एक-दूसरे को मैसेज कर रहे थे, जब Vivaan की माँ की कॉल आई —
“बेटा, कल शाम को थोड़ी देर के लिए घर जल्दी आ जाना।”
Vivaan ने पूछा —
“कुछ ख़ास?”
“हाँ… अब रिश्ते को नाम देने की बात करनी है। शादी की।”
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वहीं दूसरी ओर, Kiara के घर में भी माहौल कुछ वैसा ही था।
Mrs. Neeta Malhotra —
“Kiara बेटा, मैं और पापा सोच रहे थे… अब जब दोनों घरों की सहमति है, तो शादी की बात क्यों न शुरू की जाए?”
Kiara ने अचानक कुशन में मुँह छुपा लिया —
“मम्मी! अभी तो… मतलब… हमने आपसे बात की ही नहीं थी ठीक से…”
Mrs. Neeta मुस्कुराईं —
“हमने बात कर ली, अब तुम दोनों से ‘हां’ सुनना बाकी है।”
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Vivaan और Kiara ने एक-दूसरे को उसी रात मैसेज किया —
Vivaan:
“आज मेरी माँ ने कहा — अब इस रिश्ते को नाम देना चाहिए। मतलब शादी!”
Kiara:
“मेरे घर में भी same dialogue चल रहा है! लगता है ब्रह्मांड दोनों मम्मियों को sync में चला रहा है।”
Vivaan:
“तो बताइए Kiara जी, क्या आप मेरी ज़िंदगी की permanent roommate बनना चाहेंगी?”
Kiara:
“Permanent roommate? मतलब toothpaste के झगड़े, रज़ाई खींचने की लड़ाई, और Sunday brunch की लिस्टिंग — सब झेलने को तैयार?”
Vivaan:
“अगर आप साथ हों तो chaos भी cute लगने लगेगा।” 😊
Kiara:
“तो फिर चलिए… बात को आगे बढ़ाते हैं। लेकिन… एक शर्त है।”
Vivaan:
“फिर से शर्त? बताइए।”
Kiara:
“शादी grand नहीं होगी… intimate, real, हमारी तरह थोड़ी quirky।”
Vivaan:
“Done! पर एक चीज़ grand होगी — आपकी हँसी, हर फेरे पर।”
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अगले दिन — Agnihotri और Malhotra परिवार एक बार फिर मिले।
इस बार घर का माहौल हल्का-फुल्का नहीं, बल्कि थोड़ा औपचारिक था।
चार कप चाय के बीच रिश्ते की गंभीर बात शुरू हुई।
Mr. Shashank Agnihotri –
“हम Vivaan और Kiara की mutual समझ से बहुत खुश हैं… अगर आप लोग सहमत हों, तो हम रिश्ता औपचारिक करने की तारीख तय करें।”
Mr. Rajeev Malhotra –
“हम भी तैयार हैं… बस Kiara और Vivaan दोनों को पूरी आज़ादी मिले, अपने अंदाज़ से यह रिश्ता जीने की।”
Leela जी –
“बिलकुल! हमें सिर्फ एक प्यारा-सा वादा चाहिए — एक-दूसरे की ज़िंदगी में सच्चाई और साथ बना रहे।”
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बातें पक्की हुईं। हल्के से मिठाई के साथ — रिश्ता भी मीठा हो गया।
Kiara ने धीरे से Vivaan के कान में फुसफुसाया —
“लगता है अब आपकी boring Excel life में wedding planner की colorful sheets आने वाली हैं।”
Vivaan –
“और आपकी unplanned दुनिया में Google calendar का प्रवेश होने वाला है।”
दोनों हँस पड़े।
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पार्ट 10 का समापन
अब यह रिश्ता, जो कभी Instagram के DMs से शुरू हुआ था…
धीरे-धीरे परिवारों की दहलीज़ पार कर, विवाह की चौखट तक पहुँच चुका था।
रिश्तों की बात अब सिर्फ दो दिलों तक नहीं,
बल्कि दो परिवारों, दो संस्कृतियों और एक नए जीवन की तरफ़ बढ़ चुकी थी।
अब आगे सिर्फ हँसी, रोमांस और chaos नहीं…
अब "हम" की जिम्मेदारी भी साथ चलने लगी थी।
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पार्ट 11: जब Kiara को पहली बार पहनाया गया 'शगुन का कड़ा'
"कल माँ आपसे मिलने आना चाहती हैं…"
Vivaan का ये मैसेज पढ़कर Kiara की उंगलियाँ रुक गईं।
उसने फिर धीरे से लिखा —
"मुझे उनसे डर नहीं लगता… बस, उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का थोड़ा डर है।"
Vivaan —
"आप जैसी हैं, वैसी ही सबसे अलग हैं। और माँ अब ये बात समझ चुकी हैं।"
Kiara ने मोबाइल नीचे रखा…
मन में एक ही ख्याल —
"Vivaan की माँ… मुझे बहू की नज़र से देखने आ रही हैं।"
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अगले दिन — Kiara का घर
नर्म धूप कमरे में आ रही थी।
Kiara ने हल्का गुलाबी रंग का कुर्ता पहना, आँखों में थोड़ा काजल और होठों पर सधी मुस्कान।
न दिखावा, न बनावट… बस एक सच्चा सा स्वागत।
Vivaan की माँ — Leela Agnihotri, अपने साथ एक छोटा-सा डिब्बा लेकर पहुँचीं।
Neeta Malhotra ने उन्हें आदर से अंदर बुलाया —
“Leela जी, बहुत खुशी हुई आपको अपने घर पाकर।”
Leela जी मुस्कराईं —
“मुझे भी अब आपकी बेटी से दोबारा मिलने की बड़ी इच्छा थी… इस बार बहू के रूप में।”
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कुछ क्षण बाद, Kiara चाय लेकर आई।
Leela जी ने उसे देखा —
सादगी में छुपी गहराई, चंचलता में छुपी समझदारी उन्हें फिर से भा गई।
“Kiara बेटा…” उन्होंने धीमे से कहा —
“मैं आपके लिए कुछ लायी हूँ। ये मेरी तरफ़ से शगुन है।”
उन्होंने वह डिब्बा Kiara की ओर बढ़ाया।
Kiara ने धीरे से खोला —
उसमें एक सुंदर, सुनहरा कड़ा रखा था — पारंपरिक, परंतु बारीक आधुनिक डिज़ाइन में ढला हुआ।
Kiara चुप थी।
Leela जी ने कहा —
“ये कड़ा मेरी सास ने मुझे दिया था… और अब मैं चाहती हूँ कि आप इसे पहनें।
ये सिर्फ ज़ेवर नहीं है… ये उस रिश्ते का प्रतीक है जिसमें हम साथ निभाने का वादा करते हैं।”
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Kiara थोड़ी देर तक उसे देखती रही… फिर मुस्कराकर बोली —
“आंटी… आप जानती हैं ना, मैं बहुत पारंपरिक नहीं हूँ।
मेरे लिए रिवाज़ों से ज़्यादा रिश्तों की सच्चाई मायने रखती है।”
Leela जी ने सिर हिलाया —
“जानती हूँ बेटा। और इसीलिए तो मैं ये कड़ा आपको दे रही हूँ… क्योंकि आप हर उस परंपरा को नई पहचान दे सकती हैं।
ये कड़ा अब आपकी ऊँगली नहीं थामेगा… आपका आत्मबल थामेगा।”
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Kiara ने कड़ा लिया… और अपने दाएँ हाथ की कलाई पर पहन लिया।
Neeta जी पास आकर बोलीं —
“आज मेरी बेटी सच में बड़ी लग रही है… कड़ा नहीं, ज़िम्मेदारी पहन ली इसने।”
Vivaan वहीं दरवाज़े के पास खड़ा सब देख रहा था।
Kiara ने उसकी ओर देखा और हल्के से कहा —
“अब अगर मैं कभी chaos में खो जाऊँ, तो इस कड़े की झंकार मुझे याद दिलाएगी — कि मैं अकेली नहीं हूँ।”
Vivaan ने मुस्कराकर जवाब दिया —
“और अगर आप इस कड़े को उतारना चाहें, तो मैं उसे फिर से पहनाने के लिए हमेशा तैयार रहूँगा।”
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बातों के बीच एक प्यारा-सा पल और आया।
Leela जी ने Kiara का हाथ पकड़कर कहा —
“मैं चाहती हूँ, शादी से पहले एक बार आप हमारे घर आकर थोड़ा समय बिताएँ। ताकि आप वहाँ की दीवारों, कोनों और आदतों से परिचित हो सकें।
Vivaan तो पहले ही chaos में trained है… अब घर भी आपका इंतज़ार कर रहा है।”
Kiara ने आँखों में चमक के साथ सिर हिलाया —
“आंटी, मुझे डर तो था… लेकिन आज मैं पहली बार सास नहीं, माँ से मिल रही हूँ।”
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पार्ट 11 का समापन
एक कड़ा — जो पीढ़ियों से चल रहा था —
अब एक नई सोच, एक नई लड़की और एक नई शुरुआत का प्रतीक बन गया।
Kiara ने परंपरा को स्वीकार किया, लेकिन अपने अंदाज़ में।
और Leela जी ने बहू को अपनाया, उसकी individuality के साथ।
अब कहानी शादी की रस्मों की ओर बढ़ रही थी —
पर वो रस्में अब सिर्फ रस्में नहीं… रिश्तों की गरिमा बन चुकी थीं।
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पार्ट 12: जब Kiara पहली बार Vivaan के घर रुकी…
Vivaan के मैसेज ने Kiara की सुबह को थोड़ा और खास बना दिया था —
"आपका स्वागत है… उस घर में, जहाँ दीवारें कम बोलती हैं और माँ की नजरें सब समझती हैं। कल शाम 5 बजे तक आइएगा। रूम आपका तैयार है — और मैं भी।"
Kiara ने मुस्कुराकर जवाब भेजा —
"अगर मैं chaos साथ लाऊँ तो?"
Vivaan –
"मैं तो पहले ही dusting करवा चुका हूँ… chaos का भी royal welcome होगा।"
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अगली शाम — Vivaan का घर, पहली बार Kiara का ‘घर’ बनने वाला था।
उसने हल्के नीले रंग की long kurti पहनी, छोटा-सा travel bag और मन में हज़ारों सवाल।
क्या वो इस घर की रसोई में सहज होगी?
क्या उसकी आदतें, उसकी आज़ादी यहाँ समझी जाएँगी?
दरवाज़ा Leela जी ने खोला।
"आइए Kiara बेटा… आपका कमरा तैयार है। और हाँ, Vivaan आपके लिए ‘chocolate wala दूध’ लेकर खड़ा है, बच्चा बनकर!"
Kiara ने अंदर आते हुए हँसकर कहा —
"बच्चा नहीं, sweet husband version 1.0 कहिए!"
Vivaan ने टोकते हुए कहा —
"1.0 नहीं… limited edition!"
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पहली शाम – घर के भीतर की हलचल
Leela जी ने Kiara को अपने हाथों से चाय पिलाई।
“बेटा, आज से तुम इस घर का हिस्सा हो। जैसे तुम चाहो, वैसे रहो।
तुम्हारे रूम में किताबें भी रख दी हैं… और हाँ, मिक्सर की आवाज़ सुबह 7 बजे होती है, डरिएगा मत!”
Vivaan –
“और मम्मी 7:15 पर भजन भी सुनती हैं… जिनमें स्वरलहरी कम, नींद भंग ज्यादा होता है।”
Leela जी –
“और मेरा बेटा 7:30 पर जागता है, एक आँख बंद करके, दूसरी में guilt!”
Kiara –
“ओह! तो मैं इस घर में सिर्फ बहू नहीं… morning comedy crew का हिस्सा भी बन गई?”
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रात का खाना — एक नया अनुभव।
Kiara ने रसोई में हाथ बँटाया, पर Leela जी ने कहा —
“तुम आज बस बैठो, देखो, समझो। ये घर कैसे साँस लेता है।”
Vivaan के पापा भी मुस्कुराकर बोले —
“हमने तुम्हारे travel blogs देखे हैं… लेकिन अब तुम्हें एक नए adventure पर भेज रहे हैं — ‘Agnihotri House 24x7!’”
Vivaan –
“Warning: इसमें laundry, tea-making और family politics शामिल है।”
Kiara ने थाली उठाते हुए कहा —
“मैं तयार हूँ… बस Wi-Fi का पासवर्ड बताइए पहले।” 😄
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रात — Kiara के लिए घर का असली टेस्ट।
Vivaan उसके कमरे तक छोड़ने आया।
“रात को डर लगे, तो कॉल मत करना… मैं ‘do not disturb’ में हूँ।”
Kiara –
“मैं तो सोच रही थी, छत पर चुपके से चाय पीने चलें?”
Vivaan –
“आप और आपकी midnight fantasies!”
Kiara ने दरवाज़ा बंद करते हुए कहा —
“मैं नई हूँ इस घर में… लेकिन शायद ये घर मेरे अंदर पहले से था।”
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सुबह — पहली बार Kiara ने घर की खिड़की से सूरज को चुपचाप देखा।
एक नई ज़िंदगी का आगाज़…
एक घर, जो कभी Vivaan की पहचान था,
अब उसकी अपनी खुशबू में ढल रहा था।
Leela जी रसोई से बोलीं —
“Kiara बेटा, नाश्ता तैयार है… और हाँ, आज तुम्हारी पसंद की चीज़ — उपमा नहीं, पैनकेक!”
Kiara चौंक गई —
“माँ आप…?”
Leela जी –
“अब बहू के मन को भी घर जैसा लगना चाहिए न?”
Kiara की आँखें भर आईं।
Vivaan ने मुस्कुरा कर कहा —
“Welcome home, chaos queen.”
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पार्ट 12 का समापन
Kiara अब एक घर की दहलीज़ पर नहीं, उस घर के दिल में थी।
जहाँ परंपरा और आधुनिकता के बीच कोई दीवार नहीं थी —
बल्कि एक खुला दरवाज़ा था, जिसमें प्यार, आदर और थोड़ी-सी हँसी रहती थी।
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पार्ट 13: जब Vivaan पहली बार Kiara के साथ मंदिर गया…
“कल सुबह चलें?”
Kiara ने अचानक Vivaan से पूछा।
Vivaan, जो अपने लैपटॉप पर कोई फाइनेंशियल रिपोर्ट देख रहा था, थोड़ा चौंका —
“कहाँ?”
Kiara ने हल्के अंदाज़ में कहा —
“मंदिर… जहाँ भीड़ से ज़्यादा शांति होती है। जहाँ शब्द नहीं, भाव काम करते हैं। और जहाँ पहली बार मैं आपको folded hands में देखना चाहती हूँ।” 😇
Vivaan ने भौंहे चढ़ाईं —
“मैं folded hands ज़्यादा, folded sleeves वाला हूँ!”
Kiara –
“तो sleeves ऊपर रखिए, ego नीचे… कल सुबह मंदिर चलिए।”
Vivaan ने मुस्कुराते हुए सिर हिला दिया —
“आपके आगे तो भगवान भी ‘ok done’ कह देते होंगे।”
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अगली सुबह – 6:30 बजे
Vivaan अपने सफेद कुर्ते में कुछ अटपटा महसूस कर रहा था।
Kiara ने हल्के पीले रंग की साड़ी पहनी थी, माथे पर छोटी सी बिंदी और आँखों में नींद से ज़्यादा चमक।
Vivaan ने देखा और बोला —
“आप ऐसी साड़ी में festival लग रही हैं… और मैं ये कुर्ता पहनकर जैसे background म्यूज़िक।”
Kiara –
**“कोई बात नहीं… background अच्छा हो, तो ही न hero चमकता है।” 😉
Vivaan ने मंदिर की ओर जाते हुए धीरे से कहा —
“मैं मंदिर ज़्यादा नहीं जाता, पर आज… तुम्हारे साथ हर जगह जाने को मन करता है।”
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मंदिर की सीढ़ियाँ…
Vivaan ने थोड़ा संकोच से पूछा —
“यहाँ नंगे पाँव ही चढ़ना पड़ता है?”
Kiara –
“हाँ… ताकि ego और जूते, दोनों बाहर ही छूट जाएँ।”
Vivaan ने हँसते हुए जूते उतारे —
“फिर तो मुझे पूरा आदमी छोड़कर जाना पड़ेगा!”
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अंदर – शांति, फूलों की गंध और धीमी आरती की गूँज।
Kiara ने आँखे मूँद लीं।
Vivaan ने उसे देखा — उसके चेहरे पर कोई माँग नहीं थी… बस एक अपनापन, जो वो उस अलौकिक शक्ति से बाँट रही थी।
Vivaan धीरे-धीरे उसके पास आया।
फिर चुपचाप उसके बराबर खड़ा हो गया।
Kiara ने बिना आँख खोले कहा —
“कुछ माँगना चाहें, तो अभी माँग लीजिए… यहाँ दिल से बोले गए शब्द बहुत दूर तक जाते हैं।”
Vivaan ने एक लंबी साँस ली… और कहा —
“मैंने कुछ माँगा नहीं… बस जो पास है, वो हमेशा पास रहे, यही चाहा।”
Kiara ने आँखे खोलीं और उसकी ओर देखा —
“तो आप भी अब devotion वाले zone में आ चुके हैं?”
Vivaan –
“नहीं… मैं बस उस भगवान के साथ खड़ा था, जिसे मेरी Chaos Queen पूजती है।”
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मंदिर से निकलते हुए…
Vivaan ने Kiara का हाथ पकड़ा और कहा —
“शायद मंदिर जाने के मायने वही होते हैं — जहाँ बिना बोले सब कह दिया जाए।”
Kiara –
“और जहाँ हाथ जोड़ना, किसी से हार मानने जैसा नहीं लगता।”
Vivaan –
“हाँ… और अगर वो हाथ तुम्हारे हाथ में आ जाए, तो और कुछ माँगने की ज़रूरत नहीं रहती।” ❤️
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वापसी की राह में…
Kiara ने हल्के स्वर में पूछा —
“आपने सच में कुछ नहीं माँगा?”
Vivaan –
“माँगा… कि अगर आप कभी मुझसे नाराज़ भी हों, तो भी मेरी ज़िंदगी में बनी रहें।
मंदिर आया था… पर भगवान से नहीं, अपने हिस्से के चमत्कार से मिला हूँ।”
Kiara ने उसकी ओर देखा, हाथ थोड़ी और मज़बूती से थाम लिया।
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पार्ट 13 का समापन
Vivaan और Kiara का रिश्ता आज एक नई ऊँचाई पर पहुँचा।
जहाँ शब्द नहीं, ख़ामोशियाँ बोलीं।
जहाँ मंदिर की घंटियों में प्रेम की धड़कनें गूँज उठीं।
अब उनका साथ सिर्फ modern love story नहीं रहा…
अब उसमें एक दिव्यता, एक श्रद्धा, और एक अनकहा वादा भी शामिल हो गया।
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पार्ट 14: जब Kiara ने Vivaan को पहला surprise दिया…
"आप कल शाम को खाली हैं?"
Vivaan को Kiara का ये मैसेज मिला तो उसने तुरंत जवाब दिया —
"हफ्ते के बीच में खाली तो Excel की खाली cell होती है… मैं नहीं। क्यों?"
Kiara ने लिखा —
"तो Excel को छुट्टी दीजिए, और खुद को मेरे हवाले। कल शाम 6 बजे sharp… suit पहनिएगा। और late हुए तो surprise cancel।"
Vivaan मुस्कुराया —
"आपकी बातों में suspense ज़्यादा होता है, logic कम। पर अच्छा लगता है।"
Kiara –
"मैं logic से नहीं, magic से चलती हूँ। कल ready रहिए… ये evening आपकी है, पर पूरी मेरी terms पर!"
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अगले दिन – शाम 5:58 बजे।
Vivaan ने समय से दो मिनट पहले ही Kiara के बताए पते पर पहुँचना तय किया।
काले रंग का crisp suit, हल्का perfume, और दिल में हज़ारों अनुमान —
"कोई restaurant? कोई musical event? या फिर कोई crazy activity जैसी ये करती है?"
पर जो सामने आया, वो उसने सोचा भी नहीं था।
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एक छोटा-सा private terrace garden — fairy lights, cushions, एक छोटा प्रोजेक्टर और दीवार पर टँगी हुई उनकी कुछ तस्वीरें।
बीच में एक table सजी हुई थी — उसके ऊपर दो कप और एक छोटा बोर्ड जिस पर लिखा था:
> “Welcome to: ‘Just You & Me – by Kiara productions’” 😄
Vivaan वहीं खड़ा रह गया… जैसे किसी फिल्म के सीन में पहुँच गया हो।
तभी पीछे से Kiara आई —
हल्के गुलाबी रंग की साड़ी, कानों में छोटे झुमके और आँखों में mischievous चमक।
“Mr. Vivaan Agnihotri… यह शाम पूरी तरह से आपको surprise करने के लिए design की गई है। कृपया seat belt बाँधिए, और दिल थामिए।”
Vivaan –
“आप seriously… ये सब? मेरे लिए?”
Kiara –
**“हां, क्योंकि आप हर बार मुझे समझते हैं, थामते हैं… आज आपकी बारी है सिर्फ महसूस करने की।”
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शुरुआत हुई – ‘Memory Show’ से।
प्रोजेक्टर पर चल रही थी एक छोटी सी वीडियो —
उनकी मुलाकातों की तस्वीरें, कुछ candid clips, और बीच-बीच में Kiara की voice-over:
> “जब आप पहली बार हँसे थे… वो भी Excel formula समझाकर… मैंने तभी समझ लिया था — ये बंदा मेरे chaos का CEO बनेगा।”
> “और जब आपने बिना बोले मेरी coffee preference बदल दी थी… तब मुझे पता चला, ये प्यार calculation से नहीं होता, connection से होता है।”
Vivaan चुप था। उसकी आँखों में हल्की चमक थी — और होंठों पर वो मुस्कान जो सिर्फ Kiara के लिए थी।
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फिर आया Kiara का handwritten letter — जो उसने ख़ुद पढ़ा।
> "Vivaan,
आप वो इंसान हैं जो चुपचाप मेरी दुनिया को समेट लेते हैं।
जब मैं उलझी होती हूँ, आप खुद उलझ जाते हैं… सिर्फ मुझे सुलझाने के लिए।
आज तक आपने मुझे इतनी बार surprise किया है — मेरी हँसी बचाई है, मेरे आंसू छुपाए हैं…
तो आज बस एक बार, मैं आपको वो लम्हा देना चाहती हूँ… जो सिर्फ आपका हो।
I don’t just love you… I feel you in every breath I take."
Vivaan ने चुपचाप Kiara का हाथ पकड़ लिया —
“ये शाम… ये surprise नहीं, एहसान है।”
Kiara –
“तो कैसा लगा ‘Kiara Productions’ का पहला प्रेम प्रस्ताव evening?”
Vivaan –
**“Award देना है? तो खुद को ही दे दूँ — क्योंकि आपने मुझे चुन लिया।” 😄
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रात का समापन — एक छोटी सी cake cutting ceremony के साथ।
Cake पर लिखा था —
“To the man who doesn’t say ‘I love you’ daily… but proves it every day.”
Vivaan ने एक टुकड़ा Kiara को खिलाते हुए कहा —
“आप surprise देती रहिए, मैं shock झेलने के लिए हमेशा तैयार रहूँगा।”
Kiara –
**“और आप मुस्कराते रहिए… आपकी ये हँसी मेरी पूरी evening का highlight थी।” 💫
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पार्ट 14 का समापन
प्यार, जो अब तक छोटी-छोटी बातों में ज़ाहिर हो रहा था,
आज एक बड़ी शाम बन गया — जहाँ Vivaan को वो मिला, जो उसने कभी माँगा नहीं था,
पर शायद हमेशा deserve किया।
Kiara ने साबित कर दिया कि romance सिर्फ flowers और dinners से नहीं होता —
कभी-कभी एक thoughtfully सजाई गई terrace और कुछ सच्चे शब्द, ज़िंदगी बदल देते हैं।
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पार्ट 15: जब Vivaan ने Kiara के लिए गाना गाया… पहली बार
“आपको मुझसे कभी कोई गाना सुनने की उम्मीद थी?”
Vivaan का ये मैसेज देखकर Kiara ने तुरंत जवाब दिया —
“आप और गाना? मतलब raincoat पहनकर desert जाना — बेवकूफ़ी, पर दिलचस्प!”
Vivaan –
“तो कल शाम खाली रखना… मैं एक छोटा-सा music night host कर रहा हूँ। Guests: सिर्फ आप।”
Kiara –
“तय मानूँ? या फिर आपके सुरों से पहले Ambulance बुक करूँ?”
Vivaan –
**“Ambulance नहीं… बस दिल थामना पड़ेगा।” 😌
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अगली शाम — Vivaan का कमरा एक छोटा-सा संगीत मंच बन गया।
Fairy lights, dim lighting और एक पुरानी सी गिटार —
जो Vivaan ने कभी college में खरीदी थी… और उसके बाद कभी छुई नहीं थी।
Kiara कमरे में आई और ठिठक गई —
“आपका serious zone आज romantic rockstar में कैसे बदल गया?”
Vivaan मुस्कराया —
“आज मैं खुद को थोड़ा खुलने दे रहा हूँ… ताकि आप देख सकें, मेरे अंदर का वो हिस्सा जो अब तक मैंने भी नहीं देखा था।”
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गिटार की पहली स्ट्रिंग बजी।
Vivaan की आवाज़ हल्की थी… थोड़ी हिचकिचाहट, पर उसमें सच्चाई थी।
वो गा रहा था:
> “तू अगर साथ है,
तो मुझे और क्या चाहिए…”
उसके सुर कभी perfect नहीं थे…
पर वो हर लफ़्ज़ दिल से निकला हुआ था।
Kiara की आँखें नम हो गईं —
वो सामने बैठी थी, और पहली बार Vivaan को उस रूप में देख रही थी —
जो कोई corporate boardroom या शादी की मीटिंग नहीं दिखा सकती थी।
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गाना खत्म हुआ।
Vivaan ने नजरें उठाईं —
“आप हँस नहीं रही हैं… इसका मतलब या तो ग़ज़ब गाया है, या गज़ब गलती कर दी मैंने।”
Kiara ने धीमे से कहा —
“आपने आज गाना नहीं गाया Vivaan… आपने मुझे अपने दिल की सबसे personal जगह में बैठा लिया है।”
Vivaan –
**“मैं जानता हूँ, मैं गायक नहीं हूँ… लेकिन हर सुर में सिर्फ एक नाम था — Kiara।”
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Kiara उठी… और उसके पास जाकर हल्के से उसका हाथ थामा।
“आपने जो गाया, वो मेरी favorite playlist से नहीं था —
पर अब से मेरी ज़िंदगी का soundtrack बन गया है।”
Vivaan –
**“और ये सिर्फ demo था… wedding day पर full performance दूँगा, बस auto-tune का इंतज़ाम कर लीजिए।” 😄
Kiara –
“आपके दिल में जो साफ़-साफ़ बजता है, उसे किसी tuning की ज़रूरत नहीं Vivaan… बस थोड़ा हौसला चाहिए, जो आज आपने दिखाया।”
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कुछ देर बाद…
Vivaan ने धीरे से पूछा —
“आपने कभी सोचा था कि मैं आपके लिए गाऊँगा?”
Kiara मुस्कराई —
“नहीं…
पर मुझे हमेशा लगा कि आप कुछ ऐसे करेंगे जो पूरी दुनिया नहीं देख पाएगी —
बस मैं जान सकूँगी कि वो सिर्फ मेरे लिए था।”
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पार्ट 15 का समापन
Vivaan ने आज अपने शब्दों को सुरों में ढाला —
ना धुनें परफेक्ट थीं, ना आवाज़ में कोई trained finesse —
पर उसमें एक सच्चा प्रेमी था, जो बोल नहीं सका, तो गा उठा।
Kiara ने आज एक नया Vivaan जाना —
कमज़ोरियाँ छिपाने वाला नहीं, उन्हें अपनाने वाला।
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पार्ट 16: जब शादी की तारीख तय हुई… और दोनों की रातों की नींद उड़ गई!
“तो बच्चों… हम सबने सोच लिया है।”
Vivaan के पापा की गंभीर आवाज़ पूरे लिविंग रूम में गूँज रही थी।
Kiara के मम्मी-पापा, Vivaan के मम्मी-पापा, और दोनों खुद… सब एक गोल घेरे में बैठे थे।
Leela जी मुस्कराते हुए बोलीं —
“हम चाहते हैं कि शादी दो महीने बाद हो — 14 फरवरी को। प्यार के दिन, प्यार की नई शुरुआत।”
Kiara ने Vivaan की ओर देखा —
Vivaan ने आँखें फैलाकर हल्के में कहा —
“Valentine's Day को शादी? अब तो हर साल double gift देना पड़ेगा!”
Neeta जी –
“और हर लड़ाई में Kiara के पास ये कहने का हक़ होगा — तुम तो हमारी anniversary भी भूल गए!”
Rajeev जी –
**“और शादी की तारीख भूलने पर court में तो नहीं, घर में सजा मिलेगी।” 😄
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घर में सब हँस रहे थे… पर Vivaan और Kiara की धड़कनें बढ़ गई थीं।
बाहर से मुस्कराते चेहरे,
अंदर से panic button दबाते दिल।
रात – दोनों अपने-अपने बिस्तरों पर लेटे थे… और WhatsApp chat शुरू।
Vivaan:
“क्या आप भी अभी तक जाग रही हैं?”
Kiara:
“नहीं… मैं तो सपनों में शादी की मेहंदी और तो-डू लिस्ट दोनों साथ देख रही हूँ।” 😩
Vivaan:
“मैं तो सोच रहा था कि शादी सिर्फ मंडप और फेरे होते हैं… पर ये तो project management निकल आया!”
Kiara:
“अब समझ आया, क्यों शादी वाले घरों में सब थके-थके दिखते हैं… क्योंकि Google Sheet से ज़्यादा रिश्ते manage करने पड़ते हैं!”
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अगले दिन – दोनों मिले, थोड़े चिंतित, थोड़े उत्साहित।
Vivaan –
“मैंने एक प्लान बनाया है… हम दोनों मिलकर Wedding Planning की एक टीम बनाएँगे।”
Kiara –
“और उस टीम का नाम होगा – ‘Don’t Panic, Just Marry’!”
Vivaan –
“Subteams होंगी – Outfit Crisis, Relative Control, Emotional Meltdown & Last-Minute Escape Plans!”
Kiara –
“Escape Plan? आप सच में डर रहे हैं?”
Vivaan –
**“नहीं… पर अगर पंडित जी मेरे ऊपर फूल गिराते हुए बोले ‘अब तुम बंध गए हो’ — तो मैं mentally ready होना चाहता हूँ।” 😅
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Planning शुरू हुई – साथ में प्यार और पसीना दोनों बहने लगे।
➤ Vivaan: Venue देख रहा था, लेकिन हर जगह कहती – “Sir, February full hai!”
➤ Kiara: Lehenga ढूँढ रही थी… पर हर बार मन कहता – “इससे सुंदर तो तुम बिना lehenga के भी लगती हो!”
➤ Vivaan के पापा: Budget का Excel तैयार कर रहे थे
➤ Kiara की माँ: रस्मों की लिस्ट बना रही थीं – "Haldi, Mehendi, Sangeet, Pooja, Dhol… और बेटी की विदाई के आँसू!"
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एक शाम, Vivaan और Kiara छत पर अकेले बैठे।
Kiara –
“Vivaan… क्या आपको डर लग रहा है?”
Vivaan –
“हां… थोड़ा। पर उससे ज़्यादा यकीन है — क्योंकि मैं किसी और के साथ नहीं, आप के साथ ये सफ़र शुरू कर रहा हूँ।”
Kiara ने उसका हाथ थामा —
“शादी एक ceremony नहीं है Vivaan… ये दो लोगों का patience test है — जिसमें हम हार भी गए, तो एक-दूसरे को पकड़कर गिरेंगे।”
Vivaan –
“और फिर साथ-साथ उठेंगे… क्योंकि आप chaos queen हैं और मैं आपका full-time rescuer!”
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पार्ट 16 का समापन
शादी की तारीख तय हुई —
अब प्यार को निभाने का वक़्त आ गया था।
अब हँसी-मज़ाक के साथ checklist, भावनाओं के साथ जिम्मेदारियाँ और धड़कनों के साथ deadlines जुड़ चुकी थीं।
Vivaan और Kiara जानते थे —
आसान नहीं होगा…
पर जब साथी सही हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती।
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पार्ट 17: जब Kiara की पहली bridal shopping Vivaan के साथ हुई…
“आप ready हैं न?”
Kiara का मैसेज सुबह 10 बजे आया, और Vivaan ने जवाब दिया —
**“Ready हूँ… डर रहा हूँ। लेकिन चलिए।” 😬
Kiara –
“Bridal lehenga देखने चल रहे हैं, युद्ध में नहीं! पर हाँ, mental preparation ज़रूरी है।”
Vivaan –
“मैंने आज पहली बार Google पर सर्च किया — ‘How to survive a lehenga shopping with fiancée without losing soul.’ Result: 0.” 😄
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11:30 बजे – South Delhi का एक प्रसिद्ध bridal studio।
Vivaan जैसे ही अंदर दाखिल हुआ, उसे लगा कि वो fashion jungle में आ गया है —
हर तरफ़ कपड़ों के रंग, चमक, और सुनहरी कढ़ाई की आँधी!
Kiara साड़ी में बेहद प्यारी लग रही थी… और उसकी आँखों में बस excitement था।
“Vivaan… देखिए ये गुलाबी वाला! Pure zardozi work.”
Vivaan ने सिर हिलाया —
“Zardozi सुनकर ऐसा लग रहा जैसे कोई musical instrument हो…”
Kiara –
“आज आपको रंगों की dictionary सीखनी होगी।”
Vivaan –
“मैं तो सिर्फ RGB codes जानता हूँ…”
Kiara –
**“तो सुनिए, bridal lehenga में RGB नहीं… emotions mix होते हैं।” 😌
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दुकान में चार salesgirls आ गईं।
"मैम ये देखिए – pure banarasi, ye designer piece, aur ye customized tail lehenga…"
Vivaan को लगने लगा कि अब कोई उससे पूछेगा – “Sir, aapko kis color ka dulha banna है?”
Kiara ने पूछा:
“Red कैसा लगेगा?”
Vivaan –
**“Red तो traffic signal होता है… आप peach में fairy लगेंगी।” 😍
Salesgirl –
“Sir ke पास taste है!”
Kiara –
**“Taste नहीं… survival instinct है। मुझे खुश रखना जानते हैं।” 😄
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फिर आया एक खास पल — जब Kiara ने एक गहरा maroon lehenga पहना।
Vivaan उसे देखता रह गया।
उसकी आँखों में कुछ कह देने की खामोशी थी।
Kiara ने पूछा —
“कैसा लग रहा है?”
Vivaan धीरे से बोला —
**“जैसे पूरी शादी का मतलब सिर्फ ये पल हो गया हो।”
“जैसे तुम वो लड़की नहीं, वो कहानी बन गई हो… जिसे मैं हर दिन दोबारा जीना चाहूँ।”
Kiara मुस्कराई —
“तो ये फाइनल समझें?”
Vivaan –
**“मैं तो आपको पहली बार देख कर ही फाइनल कर चुका था।” 😊
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Shopping के बीच कुछ chaos भी हुआ।
➤ Lehenga का दाम सुनकर Vivaan को हल्का चक्कर आया।
Vivaan –
“Kiara… इसमें सोने के धागे नहीं, पूरी सोने की खान लिपटी है क्या?”
Kiara –
“Fashion priceless होता है, fiancé helpless!”
➤ Alteration और fitting की बात आई, तो Kiara बोली —
“अगर fitting सही न हो, तो शादी के दिन मैं चलूंगी नहीं… सिर्फ घूमूँगी!”
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शाम को जब दोनों बाहर निकले, हाथ में बड़े-बड़े shopping bags थे।
Vivaan –
**“ये सब सामान ले जाकर मेरा cupboard रोने लगेगा।” 😅
Kiara –
“आपका cupboard अब हम दोनों का होगा… और उसमें पहली बार शादी की महक घुसेगी।”
Vivaan –
“और आप उसमें chaos की fragrance रख देंगी?”
Kiara –
**“बिलकुल! साथ में थोड़ा प्यार और थोड़ी पकोड़ी जैसी बातें भी।”
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पार्ट 17 का समापन
Bridal shopping — जो आमतौर पर लड़कियों के लिए excitement और लड़कों के लिए headache होती है —
आज Vivaan और Kiara के लिए एक हँसी, प्यार और अपनापन से भरी दोपहर बन गई।
Vivaan ने जाना कि lehenga सिर्फ कपड़ा नहीं,
बल्कि उस दिन की वो ख़ुशी है जो हर कढ़ाई में बस जाती है।
और Kiara ने महसूस किया — कि कोई उसका हाथ थामे… और सबसे भारी पल को भी हल्का कर दे —
वही असली दूल्हा होता है।
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पार्ट 18: जब Kiara की सहेलियों ने Vivaan की 'बैंड बजाई'…
शादी में जहाँ मंडप सजता है, वहीं दूल्हे की असली परीक्षा होती है —
दुल्हन की सहेलियों के हाथों!
और आज Vivaan को वही इम्तिहान देना था।
Kiara ने शाम को मैसेज किया —
“कल की सुबह हमारी है… लेकिन आज की रात मेरी squad की। Ready रहिए, interrogation होगा।”
Vivaan –
“मैंने क्या जुर्म किया है?”
Kiara –
**“मुझे चुराने का… और सज़ा ये है कि मेरी सहेलियाँ आपको grilled करेंगी — butterless!” 😄
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अगली शाम – Kiara के घर का लॉन
रंग-बिरंगी लड़कियाँ, laughter और चमचमाती लाइट्स —
Vivaan एक कोने में फँसा था, चारों ओर Kiara की सहेलियाँ खड़ी थीं —
जैसे CBI की टीम emotionally serious हो गई हो।
सबसे आगे थी — Rhea, Kiara की बचपन की दोस्त।
उसके साथ थी – Megha, Siya, Tanya और Ishita।
Rhea ने सीधा पूछा —
“तो Vivaan जी… पहली बार कब लगा कि Kiara में कुछ खास है?”
Vivaan मुस्कराया —
“जब मैंने देखा कि chaos में भी ये लड़की coffee cup को इतने प्यार से पकड़ती है…
जैसे पूरी दुनिया का balance उसी handle पर टिका हो।” 😌
Megha –
“और ये बताइए, Kiara गुस्सा करे तो आप क्या करते हैं?”
Vivaan –
“पहले उसकी आँखें देखता हूँ… फिर mirror में खुद को और silently apology plan करता हूँ।” 😅
Siya –
“अगर शादी के बाद Kiara कहे कि शादी कैंसल करनी है, तो?”
Vivaan –
“तो उससे पूछूँगा — मेहमानों को खाना खिला दूँ या उन्हें भी साथ लेकर चलें?” 😄
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फिर आया – Rapid Fire Round!
Ishita –
“Kiara या Cricket?”
Vivaan –
“Kiara, क्योंकि उसके googly में wicket ज़रूर गिरता है!”
Tanya –
“Kiara रोए तो?”
Vivaan –
“मैं पहले खुद को ज़रूर दोषी समझूँगा… फिर उसे हँसाने के लिए ready-to-cringe jokes लाऊँगा।”
Rhea –
“Kiara की सबसे प्यारी बात?”
Vivaan –
“वो जब खामोश होती है… पर उसकी आँखें बहुत कुछ बोलती हैं।
और जब बोलती है… तो मैं सुनता नहीं, बस मुस्कराता हूँ।” ❤️
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अब आया सबसे खतरनाक दौर — Dare!
Dare 1:
“Kiara के लिए 30 सेकंड में शेर सुनाइए… खुद का बनाया हुआ!”
Vivaan –
“ठीक है, कोशिश करता हूँ…
> उसकी हँसी में chaos भी melody बन जाती है,
वो जब पास होती है, तो ज़िंदगी Sunday बन जाती है।
दिल तो हर किसी का धड़कता है…
पर मेरा तो उसका नाम लेकर झूम जाता है।” 😄
सभी लड़कियाँ:
“ओओओओ! Pass!!”
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अब आया Bonus Round – Vivaan को Kiara के लिए 1 मिनट में Mehendi लगाने की कोशिश करनी थी!
Brush, cone, nervous hands…
Vivaan –
“अगर design Picasso जैसा निकला, तो credit Kiara के हाथ का है!” 😆
पर जब Kiara ने देखा — उसके हाथ पर छोटा-सा ‘V’ बना था… दिल के पास।
वो मुस्कराई —
“V से victory भी होती है… और Vivaan भी।” ❤️
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रात के अंत में… Kiara की सहेलियों ने हाथ जोड़कर कहा —
“Congratulations Vivaan… आप emotional, funny, thoughtful और adorable test में पास हो चुके हैं।”
Vivaan ने हँसकर कहा —
“Thanks… अब ये कहिए कि दूल्हे को entry pass मिल गया?” 😉
Kiara पीछे से आकर बोली —
“Entry pass मिल गया… अब exit option बंद!”
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पार्ट 18 का समापन
Vivaan की honesty, humor और हल्के लफ्ज़ों में छुपा गहरापन —
सिर्फ Kiara को ही नहीं, उसकी पूरी team को छू गया।
शादी सिर्फ दो दिलों की नहीं…
बल्कि दो worlds के मिलने का नाम है।
और आज Vivaan ने साबित कर दिया —
कि वो हर रिश्ते को उतनी ही sensitivity से निभाएगा,
जितनी इज़्ज़त उसने Kiara की हँसी और आँसू दोनों को दी।
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पार्ट 19: जब Haldi की रस्म में Vivaan और Kiara दोनों पीले प्यार में रंग गए…
शादी से दो दिन पहले — हल्दी की रस्म।
Kiara के घर में जैसे कोई त्योहार उतर आया हो —
फूलों की महक, पीले पर्दे, मटकी सजावट, ढोल की थापें और हर कोने में खिलखिलाती आवाजें।
Kiara को सुबह-सुबह ही जगाया गया…
Neeta जी (Kiara की माँ):
"बिटिया, आज से रंग तुम्हारे नाम के होने वाले हैं।
हल्दी सिर्फ रस्म नहीं, दुल्हन की रौनक होती है!"
Kiara ने अधनींद में कहा —
"मैं तो सोच रही थी, हल्दी से glowing skin मिलेगी… अब समझ आया, glow तो Vivaan के नाम का है।" 😄
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दूसरी ओर — Vivaan का घर भी तैयार था।
Leela जी ने पूजा की थाली सजाई… और Vivaan को जबरन पीले कुर्ते में डाल दिया।
Vivaan:
"Mom, ये कुर्ता थोड़ा तेज़ नहीं है?"
Leela जी:
"बेटा, आज तू हल्दी में है… fashion में नहीं।"
Vivaan:
"मुझे लग रहा है मैं haldi ceremony नहीं… haldi का ad बनने जा रहा हूँ!" 😆
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सबसे पहले शुरुआत हुई Kiara की हल्दी से।
बैठी थी फूलों की झालरों के बीच, सिर पर गजरे, हाथों में कंगन और चेहरा शर्म से खिलता हुआ।
तभी उसकी सहेलियों ने चुपके से कान में कहा —
“आज हम तुम्हें सिर्फ पीला नहीं… Vivaan के ख्यालों से लाल भी कर देंगे!”
और फिर शुरू हुआ — ‘हल्दी हमले का कार्यक्रम’ 😄
एक-एक करके सबने Kiara को हल्दी लगाई —
पर धीरे-धीरे वो परंपरा मस्ती में बदल गई।
Rhea ने झट से Kiara की नाक पर बड़ा सा हल्दी का गोला बना दिया —
"अब perfect bride लग रही है — थोड़ी messy, थोड़ी sassy!"
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अब बारी थी Vivaan की।
Vivaan जैसे ही बैठा, लड़कों ने घेर लिया।
Tushar (उसका दोस्त) –
"भाई, आज तो तुझे ऐसा रंगेंगे कि तू Google में ‘how to remove haldi stains’ सर्च करेगा!"
Vivaan –
"और अगर किसी ने मेरे बालों में हल्दी डाली, तो शादी के दिन मैं गोरा नहीं… पपीता लगूँगा!" 😂
लेकिन warning का कोई असर नहीं हुआ।
पाँच मिनट में उसका चेहरा, कान, गर्दन… और even उसके कान के पीछे भी हल्दी थी।
Leela जी ने lovingly उसके माथे पर हल्दी लगाई और आशीर्वाद दिया —
“जिस तरह ये पीला रंग तुझ पर चढ़ा है… वैसे ही Kiara की मोहब्बत भी तुझसे कभी न उतरे।”
Vivaan की आँखें एक पल को भीग गईं।
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अचानक — सबकी हलचल के बीच Kiara वहाँ पहुँच गई।
उनके घरों में हल्दी साथ करने की परंपरा नहीं थी,
पर Kiara ने कहा —
“मैं अपनी शादी की हर रस्म Vivaan के साथ ही जीना चाहती हूँ।”
वो हल्दी का एक छोटा सा कटोरा लेकर धीरे-धीरे Vivaan की ओर आई।
Vivaan थोड़ा हैरान, थोड़ा हँसता हुआ —
“आप तो officially glowing already हैं… अब मुझे भी चाँद जैसा बना दो!”
Kiara ने प्यार से उसके गाल पर हल्दी लगाई और धीरे से कहा —
“अब ये रंग सिर्फ आपके चेहरे पर नहीं… मेरी तक़दीर पर भी रहेगा।” 💛
Vivaan ने उसकी हथेली पकड़ी और बोला —
**“आज पहली बार हल्दी को सुगंध से ज़्यादा sacred महसूस कर रहा हूँ।”
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फिर शुरू हुई हल्दी की ‘warfare’!
दोनों तरफ़ के दोस्तों ने buckets भर-भर के हल्दी उड़ाई!
Vivaan को सिर से लेकर पाँव तक पीला कर दिया गया,
और Kiara तो जैसे turmeric queen लग रही थी!
Vivaan –
"अब मैं पनीर नहीं… हल्दी में डूबा royal groom हूँ!"
Kiara –
"और मैं bride नहीं… spice goddess बन गई हूँ!" 😆
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अंत में सबने मिलकर एक-दूसरे को गले लगाया।
हल्दी सिर्फ रस्म नहीं थी —
वो उन पलों का नाम थी जहाँ प्यार, अपनापन और मस्ती ने मिलकर
Vivaan और Kiara को एक और कदम करीब ला दिया।
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पार्ट 19 का समापन
Vivaan और Kiara आज सिर्फ हल्दी में नहीं,
एक-दूसरे की यादों और रंगों में भी पूरी तरह रंग चुके थे।
जहाँ कुछ साल पहले वो अजनबी थे,
आज वो एक-दूसरे की ज़िंदगी में ऐसे घुल चुके थे
जैसे हल्दी दूध में — पूरी तरह, गहराई से और सच्चाई से।
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पार्ट 20: जब शादी की रात Vivaan को अकेले में Kiara का ख़त मिला…
शादी की रात…
चारों ओर रौनक थी, ढोल की थाप, रिश्तेदारों की हँसी, मिठाइयों की खुशबू, और फूलों की बारिश…
पर इस सबके बीच, Vivaan एक पल को अकेला हुआ — अपनी शादी की शेरवानी उतारने के लिए कमरे में लौटा।
कमरा सजा हुआ था — फूलों की लड़ी, मोमबत्तियों की हल्की रोशनी, और तकिए पर रखा था एक छोटा-सा लिफाफा।
Vivaan ने झुककर वो लिफाफा उठाया।
उस पर लिखा था —
"To my would-be forever… from your chaos queen."
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Vivaan ने लिफाफा खोला…
अंदर हाथ से लिखा एक खत था, सादे काग़ज़ पर… पर हर लफ्ज़ रंगों से भी ज़्यादा बोलता हुआ।
> Vivaan,
> आज तुमने मेरे माथे पर सिंदूर रखा है… पर मैं तुम्हारे दिल में बहुत पहले से रह रही हूँ।
> तुम्हें याद है, पहली बार जब हमने बात की थी, तुम्हें मेरी बातें बहुत तेज़ लगी थीं —
और मुझे तुम्हारी चुप्पी बहुत गहरी।
पर मुझे नहीं पता था कि मेरी हलचल तुम्हारी ठहराव में ढल जाएगी।
Vivaan की आँखें धीरे-धीरे नम होने लगीं…
उसने एक गहरी साँस ली और पढ़ता रहा —
> मैंने हमेशा सुना था कि प्यार वो होता है जो आँखों में दिखता है,
पर तुम्हारा प्यार मुझे उस वक़्त भी मिला जब मैं अपने worst mood में थी…
और तुम चुपचाप मेरी बातों का वॉलपेपर बन गए थे।
> तुमने कभी ज़ोर से नहीं कहा “I love you” —
पर तुम्हारे gesture, तुम्हारी खामोशियाँ, तुम्हारा ‘coffee cup पकड़ लेना’,
या ‘तू ठीक है न?’ पूछना —
सबने मुझे हर बार कहा कि हाँ, मैं किसी के लिए ख़ास हूँ।
Vivaan की उंगलियाँ काँपने लगीं,
जैसे उस काग़ज़ में Kiara की हर धड़कन उतर आई हो।
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फिर नीचे लिखा था —
> अब जब मैं तुम्हारी दुल्हन बनने जा रही हूँ,
मैं डर भी रही हूँ… और बहुत खुश भी।
क्योंकि अब तुमसे सिर्फ मिलना नहीं,
तुम्हारे साथ ज़िंदगी बाँटनी है —
तुम्हारे ऑफिस के बाद की थकान,
मेरी सुबह की उलझन,
तुम्हारी चाय में शक्कर कम,
और मेरी बातें ज़्यादा…
सब साथ जीने हैं।
Vivaan मुस्कुराया…
“शायद यही तो असली शादी होती है,” उसने धीरे से कहा।
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अंत में Kiara ने लिखा था —
> Vivaan, मैं perfect नहीं हूँ।
मैं chaos हूँ, drama हूँ, कभी-कभी unreasonable भी हूँ…
पर एक बात हमेशा याद रखना —
मैं तुम्हें हर उस तरह चाहूँगी,
जैसे एक बारिश प्यासे धरती को।
कभी ज़्यादा, कभी ज़रूरत से भी ज़्यादा।
और तुम्हारा होना ही मेरी सबसे बड़ी शांति है।
> Forever yours,
Kiara
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Vivaan ने ख़त को सीने से लगाया।
उसकी आँखों में नमी थी, लेकिन होंठों पर वो मुस्कान थी —
जो सिर्फ तब आती है जब इंसान समझ जाता है कि उसे ज़िंदगी में सही साथी मिला है।
उसने कमरे की खिड़की खोली, हल्की हवा चली…
और उसने आसमान की ओर देखा —
“Thank you…”
बस यही शब्द निकले… जैसे उसने ऊपरवाले से Kiara के लिए शुक्रिया कहा हो।
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पार्ट 20 का समापन
शादी के पहले ही पल में —
Vivaan को मिला वो एहसास,
जो सात फेरों से भी पहले एक रिश्ता पक्का कर गया।
Kiara ने अपनी मोहब्बत, अपनी हिचकियाँ, अपने डर और अपने सारे वादे —
एक ख़त में लपेटकर दे दिए।
और Vivaan?
वो उस चुपचाप दिए गए इज़हार को उम्र भर की अमानत बना चुका था।
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