आम सी लड़की जो अपनी जिदगी अपने परिवार और अपने प्यार के साथ जीने के ख्वाब देखती है । उसका प्यार उसे बहुत प्यार करता है । लेकिन दूनिया से छुप कर ।क्यूकि वो लड़का उसका बॉस है । वही वो कंपनी में एक आम सी पोस्ट पर काम करती है । दूसरी तरफ एक माफिया है जो... आम सी लड़की जो अपनी जिदगी अपने परिवार और अपने प्यार के साथ जीने के ख्वाब देखती है । उसका प्यार उसे बहुत प्यार करता है । लेकिन दूनिया से छुप कर ।क्यूकि वो लड़का उसका बॉस है । वही वो कंपनी में एक आम सी पोस्ट पर काम करती है । दूसरी तरफ एक माफिया है जो अपनी जिंदगी को बहुत ही अलग तरह से जीता है । उसे लोगो को मारने में भी कोई गुरेज नही पर उन लोगो को जो गलत है , गलत का साथ देते है और गलत करते है । क्या होगा जब ये तीन अजनबी टकरायेंगे एकदूसरे से । कैसी होगी इनकी पहली मुलाकात। जानने के लिए पड़े मेरी कहानी ।
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रात का अँधेरा वही एक लड़की भागने की कोशिश कर रही थी जिस से चलना भी मुशकिल सा लग रहा था । अंधेरे में उसका चेहरा नही दिख रहा था । बाल खूले हुए जो के उसकी गर्दन से चिपके हुए थे और वो बार बार पीछे देख रही थी । पर वो पीछा देख रही थी बार बार जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो ।।
वो भागते हुए बस स्टैंड आ गई यहाँ बहुत सारी बसे थी । वो इस समय बहुत सारी बसों के बीच में थी ।तभी वो हल्की सी रोशनी में आई तो उसके चेहरे पर निशान दिखने लगे। जिन से खुन रिस रहा था और साथ ही उसके कपड़े जो कंधे से फटे हुए थे । जो कुरता पहना था वो जिसम छुपाने का काम कम ही कर रहा था ।उसका शरीर दिख रहा था । कंधे से पेट से पीठ भी ।कपड़ो पर भी खुन लगा था । सलवाल जो उसने पहनी थी वो भी खुन से सनी हूई थी ।
तभी उसे एकतरफ से छोर सुनाई देने लगा । तो वो जल्दी से दूसरी तरफ को हो गई । जो अपना एक पेर पर चलने की कोशिश कर रही थी ।दूसरे पैर को घसीटते हुए। उस जगह पर एक बड़ी सी बस आकर खड़ी हुई जो के वेनटी वेन लग रही थी ।जिसे वो लड़की देख रही थी एक बस की ओट से उस बस के पछे ही दो गाड़िय आकर रूकी। काले रंग की । जिस में से दो आदमी निकले और उस बस के पास आ कर खड़े हो गये । तभी उस बस का दरवाजा खुला और उस में से एक लड़का बाहर निकला जो के इस समय चश्मे और मासक पेहने हुए था । बलेक हूड्डी के साथ वो काले लोअर में था । जिसे वो लड़की बस की ओट से देख रही थी । लेकिन जानती नही थी । वो चुप सी बैठी थी । तभी उसे अपने पीछे ही किसी की आहट सुनाई दी । तो वो पीछे देखने लगी । यहां उसे कोई दिखा और वो जो मुश्किल से वहा पर खूद को छुपा रही थी । खूद को घसीटते हुए आगे की तरफ बड़ने लगी । अब उसका एक पैर बिल्कुल ही जवाब देने लगा था । जिसे वो पहले ही घसीट रही थी । डर उसके चेहरे पर साफ था और वो सामने दिख रही उस बस की तरफ जाने लगी थी। जिसका दरवाजा खुला था और कोई नही था उस बस के आस पास । जो भी यहां आये थे वो आगे चले गये थे ।
" वो देख वो रही लड़की ", पीछे से आवाज आई तो उस लड़की के चेहरे पर मौत का डर साफ साफ दिखने लगा था और वो इसी डर से जल्दी से आगे की तरफ खुद को घसीटते हुए चल दी । धीरे धीरे वो उस बस के पास पहुंची और उस में चड़ गई । वही उसके पीछे आये वो लोग एकदम से रूक गये ।उस बस को देख कर । और वापस भाग गये । वो लड़की उस बस के अंदर आ तो गई पर खुद के होश संभाल नही पाई और वही गिर गई ।
दूसरी तरफ कुछ लोग खड़े थे ।जिस में से एक वही लड़क था जो बस से निकला था उसने आंखो पर चश्मा लगा रखा था । और उसके सामने खड़ा लड़का मुस्कुरा रहा था उसे देख कर ।
""इतनी रात को भी ये चश्मा लगाया हूआ है सब ठीक तो है ना दूसरी तरफ से कहा गया । तो वो लड़का चुप सा उनको देखने लगा ।
" "मेरे पास फालतू का समय नही है जल्दी से बताओ क्यूं बुलाया है ", उसने कहा ।
" "बात बस इतनी है के तुमको ये कम पुरा करना है मेइस लड़की को इस दूनीया से अलविदा कहना है । जिसके लिए मुंह मांगी कीमत दे रहा हूं तुमको " ,उसने कहा तो चश्मा पहना लड़का अपने सामने खड़े लड़के को देखने लगा ।जिसने आगे बड़ सामने की पार्टी से एनवॉल्प और एक बैग ले लिया ।
" "हो जायेगा काम " "चश्मा पहने लड़के ने कहा और वो लोग वापस जाने लगे । सुन आशुतोष मेरा नाम कही भी नही आना चाहिए इस सब में समझे ना " " तो चश्मा पहने लड़का जिसका नाम आशुतोष था वो उसा देखने लगा ।
" " मैं काम तभी करता हूं जब पता हो के जिसे मारना है वो गलत है " , आशुतोष ने कहा और वापस चल दिया ।
" क्या लगता है कर देगा ये सब",काम उस लड़के ने कहा तो उसके साथ खड़े अधेड़ उम्र का आदमी उसे देखने लगा ।
" "जी सर ये अपने काम मे बिल्कुल माहिर है कर देगा काम बस इसे सच्चाई पता ना चले", उसने कहा
" "चलो फिर यहां क्या रखा है पहले जिनको काम दिया था उनसे ये काम नही हूआ अब देखते है ये करता है के नही ", उस लड़के ने कहाह और वहा से चल दिया वही उसके साथ खड़ा अधेड़ उम्र का आदमी भी चल दिया उसके साथ।
आशुतोष अपनी बस की तरफ चला जा रहा था के सामने देख कर वो गुस्से में पीछे देखने लगा ।
" कितनी बार कहा है के डोर बंद कर दिया करो पर तुम लोगों से एक काम भी नहीं होता " " उसने कहा और बस के अंदर चला गया । जो के एक वेन्टी वैन थी । और अंदर जाते ही उसने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। बाहर खड़े आदमी देखते रहे ।। कितनी बार कहा है के बस को छोड कर मत जाया करो समझ नही आती कया उसने कहा तो दोनो उसे देखने लगे । चलो अब उसने कहा और वो भी चल दिये ।वही आशुतोष जो अंदर आया था उसने वेन्टी वैन की लाइट बीना जलाये ही वो बेड पर लेट गया उसने अपना चश्मा उतारा और एक तरफ रखा और मुसकुरा दिया । बस भी आगे बड़ गई।
जगीया जरा ढाबे पर रोकना आज बटर चिकन खाने का मन है , आशुतोष ने कहा । तो गाडी चला रहा जगीया ने हां मेअअं सिर हिला दिया ।वही आशूतोष ने अपनी आंखे बंद कर ली ।
रब राखा
कुछ एक जगिया ने गाड़ी रोकी जिसके साथ ही पीछे की दोनों कार भी रुक गयी भाऊ हम पहुँच गए है उठ जाओ उसने कहा वही आशुतोष अपनी नींद में था उसने कुछ नहीं कहा , तोजगीय ने फोन निकाल दिल कर दिया सर्किट भाऊ भाऊ उतनाही रहा ा बोलै थे के किचन खाना है उसने कहा वही पीछे गाड़ी में बैठा सर्किट जो सामने वे को देख रहा था उसने आँखे बंद कर ली किचन नहीं रे चिकन चिकन बोलै होगा उसने सर्किट ने कहा जी भाऊ व्ही व्ही अब क्या करूँ जागीय ने कहा , तो गाडो बड़ा ले आगे अभी सो रहा है उसे सोने दे सर्किट ने कहा तो जागीय ने गाड़ी वापस से आगे बड़ा ली वही पीछे गाड़ी को दृव क्र रहे लड़के ने सर्किट को देखा भाऊ मुझे तो नींद आरही है उसने कहा तो सर्किट उसे देखने लगा , दिमाग नहीं है क्या सेल तेरे में अभी खड़े थे तब बोलता ना उसने कहा भाऊ वो में तो बोलने वाला था पर धब्बे पर उस लड़की को देखता ही रह गया और सब हो गया उसने कहा तो सर्किट उसे देखने लगा सेल तो एक दिन मरवाएगा अगर आशु को पता चला के तुम लोग आँखे सेकने का काम करते हो तो गए उसकी खोपड़ी सत्की है बहुत जल्द गर्म होती है उसने कहा अब क्या करूं भाऊ उसने कहा रोक अपनी माँ को सर्किट ने कहा तो एकदम से गाड़ी में ब्रेक लगी तो सर्किट का सर डेशबोर्ड से जा लगा और [ीचे चली आ रही गाड़ी भी एकदम से रुकी तो उस में बेटे दोनों हैरान से देखने लगे पक्का इनदोनो की लड़ाई बज रही होगी एक ने कहा तो दृव सीट वाला सामने देख रहा था यहाँ सर्किट बाहर निकल रहा था लो लगता है चना को फिर से नीड आगयी इसी लिए सर्किट इसे वे चलने नहीं देता उसने कहा वही सर्किट ने चना को बाहर निकलते हुए उसके सीर पर दो तपाद लगाए और खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गया वही चन्ना भी दुरी तरफ बैठ गया और सफर एक बार फिर से शुरू हो गया , आशुतोष जो सो रहा था उसकी आंख किसिस आवाज से खुली तो उसने हाथ मर कर अपना फोन देखा और कान से लगा लिया हेलो उसने कहा हाँ सुबह के की बज गए है हम आपने घर पहुँचने वाले है तू कब उठ रहा है सर्किट बस उठ गया उसने कहा और बैठ गया वही वे चल रही थी आगे ढाबे पर रुक रहे है तो देख ले सर्किट ने कहा और फोन रख दिया वही आशुतोष ने फोन रखा और है में एक रिमोट उठा कर दबा दिया तो घाना पर सफेद रौशनी हो गयी , आशुतोष ने अपना चेरे पर हाथ फेरा और उठ कार बाथरूम की तरफ चल दिया उसने जैसे हो बाथरूम का दरवाजा खोला तो सामने देखने लगा यहाँ उसे सफेद कला पण में सब दिख रहा था एक लड़की जिसके सर से कुछ कलराज का बह रहा था जो बाथरूम में दीवार से लग कर बैठी थी आंखे बंद थी कपडे भी अजीब थे जिस पर क काळा रंग के धब्बे पड़े हुए थे उसने हुड से ही कहा और ये उठो उसने कहा पर सामने से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया तो आशुतोष ने झुक क्र उसके सर पर हैट रख उसे हिलाया तो उसका सर लुढ़क गया उसने अपना हाथ देखा जोकाला सा जेली सा कुछ उसके हाथ पर लग गया वो पीछे की तरफ हटा और बीएड देखने लगा और फिर वहां पर पद अपना चहमा पहने तो उसे सब कुछ रंगीन दिखने लगा उसने अपना हाथ देखा तो हैरान हो गया जो पदरज उसे कला लग रहा था वो तो लाल रंग का था ये क्या है उसने कहा और वापस से बाथरूम की तरफ गया तो सामने उसे एक लड़की दिखी जिसके हाल कुछ ाचे नहीं थे और बाटरूम का पूरा फर्श लालरंग में बदला हुआ था , आशुतोष तो देखता ही रह गया सुबह के सात बज रहे थे एक घर जबहूत बड़ा नहीं और न ही छोटा व् वहां पर एक गाड़ी आकर रुकी तभी उस गाड़ी का दरवाजा खुला और उस में से आशुतोष उस लादजी को अपनी बहूनि में उठाये बाहर लेकर आया वही सर्किट भी उसके पीछे ही था सब आगये आशुतोष ने कहा हाँ मेडिकल टीम आगयी है ही तू फ़िक्र मत कर स्ने कहा वही आशुतोष अंदर चल दिया उसके बाकि के सभी साथी बाहर परहरे पर लग गए आशुतोष अंदर आया तो और एक रूम की तरफ बाद गया तो उसे सामने ही दो डॉक्टर दिखाई दिया जो आशुतोष की बाँहों में एक लड़की को देख हैरान से थे र आगे बढ़ उन्होंने उस लड़की को देखा जिसे आशु क लेता रहा था डॉक्टर किसी चीज की कमी नहीं है संस्छल रही है इसे किसिस भी तरह से जिन्दा करो उसने कहा वह दोनों डॉक्टर ने हाँ में सर हिला दिया और अपने काम में लग गए सर्किट आशु वही खड़े थे जब डॉक्टर ने इसके फाटे कतरे को कैंची से काट ार उसके जिसम से अलग करना शुरू किया , वही दूसरे डॉक्टर ने अपनी जाँच शुरू की तो उसने लड़की की थाई को देखा यहाँ से खून बहन था इसे होली लगी है उसने कहा तो आशुतोष लगा वही सर्किट हैरान सा हो गया गोली उसके मुहं से निकला और आशु को देखा आशु बाहर चल तू देख नहीं पायेगा सर्किट ने कहा तो आशु बाहर स जाने आगा तभी उस लड़की ने गहरी साँस ली तो दोनों डॉक्टर उसे देखने लगे जिसकी हार्ट रे गिरे लगी थी जल्दी से मास्क लगाओ डॉक्टर ने कहा तो दूसरे डॉक्टर ने भी जॉल्डी से ऑक्सीजन मास्क लगा दिया वही आशु देखने लगा क्या हुआ उसने कहा उसकी सांसे जा रही है डॉक्टर ने कहनाही इसे जिन्दा रहना है आशु ने कहा सर हम अपनी कोशिश कर आरहे है लेकिन इनके सर में भी गहरी चोट है कुछ भी करो पर इसे जिन्दा रखो आशु ने कहा तो दोनों ने सर हिला दिया वही सर्किट आशुतोह को बाहरले आया यार टी पागल हो गया हैहम जानते भी नहीं है उसे और तू स तरफ से कर रहा है ासर्किट ने कहा तो आशु उसे देखने लगा तुमको पता है गलत को में छोड़ता नहीं और किसी मासूम के साथ गलत बर्दाश्त नहीं कर सकता उसने कहा और टाबटभी बाहर डॉक्टर आया जिसके हाथ में कुछ सामान था ये बालोद सेम्पल है कुछ टेस्ट है जो जरुरी है उसने कहा तो सर्किट ने वो बॉक्स ले लिया और आशुतोष को देखते हुए बाहर चल दिया ,
आशुतोष वही सोफे पर बैठा हुआ था उसके चेहरे पर अभी भी चश्मा लगा हुआ था इस से वो अपने हाथ देख रहा था यहाँ उसे अपने हाटों पर लगा खून दिख रहा था जो के उस लड़की का था , दो घंटे हो चुके थे तभी डॉक्टर बाहर आया और आशुतोष को देखने लगा , हमने अपनी तरफ इ पूरी कोशश की है ब्लड लॉस हो चूका है , पर रिकवरी हो जाएगी लेकिन कुछ समय लगेगा , लड़की की थी में लगी गोली नीलाल दी है सीर में बी स्टीच है और बाकि जिसम पर बस एक आवाज गुंजी तो डॉक्टर जो बोल रहा था वो चुप कर गया उसने सर ऊपर कर देखा यहाँ वो डॉक्टर था आशुतोष खड़ा हुआ और उसे देकने लगा , और फिर ंद रूम की तरफ चल दिया वही उस डॉक्टर ने गहरी संस् ली आसुतोष एंड आया ायहैं दूसरा डॉक्टर था जो आशुतोष को देखते हुए एक तरफ खड़ा हो गया वही आशुतोष उस लड़की के पास आया जिसके सर पर पट्टी बंधी थी चेरे पर निशानही निशान थे , एक आँख सूज गयी थी , वही उसकी गर्दन पर भी नीचाँ थे जो बता रहे थे के व् किसके है आशुतोष की नजीर उसके पहने हुए शार्ट गौण से होते हुए थाई पर गयी यहाँ पर पाती बंधी हुई थी , आशुतोष उसे देखता रहा , डॉक्टर किसिस चीज की बताये उसने कहा तो डॉक्ट ने सर हिला दिया वही आशुतोष उसके पास आया क्या इस के साथ औरकुछ बोलते हुए वो चुप कर गया नहीं रेप नहीं हुआ हाँ अटेम्प्ट करने की कोशिश की गयी है टी लेकिन इसने खुद को बचाने की बहुत कोशिश की है उस डॉक्टर ने कहा तो आशुतोष ने हाँमे सीर हिला दिया , सर आप भी चेंज कर ले डॉक्टर इ खा तो आशुतोष उस लड़की को देखते हुए चला गया वही वो लड़की जो बीएड पर लेती थी उसकी आँखों के कोनेभीगे हुए थे , उसने हॉकी सी आंखे खोली यहाँ उसे एक हस्ता हुआ चेहरा दिखाई देने लगा जिसे वो लड़की डेक मुस्करा रही थी , वो लड़की स समय किसिस आफिस में खड़ी थी थी अपने जैसे स्टाफ के साथ यहाँ आमने खड़ा एकबहुत ही सुंदर लड़का जो हमें पहले भी दिखा है एक तस्वीर देते हुए आशुतोष को वो खड़ा सब को देख रहा था , वो लड़की भी उसे ही देख मंद मंद मुस्कुरा रही थी , जैसे के आप सब जानते है के जिन्दालकम्पनि में आप सब के लिए हर साल दीवाली पर बोनस और गिफ्ट्स लाये जाते है वैसे ही इस साल भी आप सब के लिए गिफट्स और बोनस है बोनस तो आपके अकाउंट में आजयेगा और गिफ्ट्स आपको सारंगी मीम से लोने होंगे उस लड़के ने कहा वही सब उस लड़की को देखने लगे जो खड़ी थी , जी सर बिलकुल उस लड़की मतलब क सारंगी ने कहा , तो ठीक है आप सब अब अपना काम करे और हाँ दीवाली के दिन आपको छुट्टी है उसके बाद तो सब को काम पर आना है उस लड़के ने कहा तो पूरा स्टाफ वहां से चला गया वही सारंगी भी जाने लगी मिस सारंगी उस लड़के ने कहा तो सारंगी उसे देखने लगी , जी सर उसनेकहा मिस सारंगी क्या आप मुझे वो इस महीने की प्रॉफिट और लॉस की फ़ाइल दे सकती है जी सर कहते हुए सारंगी वह से चली गयी वही वो लड़का उसे देख मुस्कुरा दिया , सरबजी आपनेटेबल पर आकर बैठी तो उसके पास बैठी लडकीउसे देखने लगी सारंगी इस बार क्या आया है गिफ्ट्स में उसने कहा तो सारंगी उसे देखने लगी अभी कहाँ ायहै पता तो हैमहिना पड़ा है दीवाली को दस दिन पहले ही अत है उसनेकहा तो उस लड़की ने सीर हिला दिया ाचा में सर को ये फ़ाइल देकर आती हूँ कहते हुए सारंगी वापस चली गयी वही वो अल्द्की अपने काम में लग गयी थी , सारंगी वपर से केबिन के दरवाजे तक आयी में आई कमीं सर उसने खा हाँ आ जाओ अंदर से आवाज आयी तो सारंगी मुस्कुराते हुए अंदर चल दी यहाँ पर वो लड़का एक फ़ैल देख रहा था जी सर ये रही इस मंथ ी िपोर्ट सारंगी ने उसके आगे फाईलरखते हुये कहा वही वो लड़का सारंगी को ही देख रहा था , वही अरंगी उसे देख रही थी तभी वो खड़ा हुआ और सारंगी को देखने लगा जिसके चेहरे पर मुस्कान थी अगले ही पल उस लड़के ने सारंगी को अपने गले से लगा लिया और सारंगी भी उसके गले लग गयी , सारंगी मुझे ही पता है ये एक कहना मेने कसे कटा ही उसन लगके ने कहा तो सारंगी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी उस लड़केने सारंगी को देखा और फिर झुक कर उसे होंठो पर अपने होंठ रख उसे चूमने लगा वही सारंगी मनो उसके इस प्यार में पिघल गयी थी वो उसका साथ दे रही थी उस लड़क की किस गहराती जा रही थी , तो सारंगी ने उसकेसीने पर हैट रख उसे पीछे की तरफ करा तो वो उसे देखने लगा जिंदल हाँ आफिस में है सारंगी ने कहा , जिंदल उसे देखता रहा ठीक है तो हम चलते है दोपहमे तू रेडी रहना उसने कहा तो सारंगी ने उसे हाँ में सर हिला, दिया ठीक है अब में चलती हूँ उसने कहा , वही जिंदल ने सर हिला दिया , सारंगी बहुत खुश था आज पुरे महीने बाद जिंदल वापस आया था , वो अपने दूसरे प्लांट को देखने गया था , सारंगी अपने काम में लगी हुई थी दोपहर हो गयी थी वही जिंदल ने उसे बुलाया था तो वो चल दी थी अपना पर्स लेकर , किसिस को पता नहीं था दोनों के डिच मेक्या चल रहा है आखिर सारंगी यहाँ में हर में काम करती टी और जिंदल इस प्लांट का मालिक था , सारंगी ऑटो से निकली और सामनेकी होटल में चली गयी यहाँ पर पहले से ही जिंदल ने रूम ले रखा था जीका पता सारंगी को मेसेज में पता चल गया था ुर वो बस उस तरफ चल दी ो सारंगी तू आगयी जिंदल ने उसे रोम में आते ही कहा और बाँहों में भर लिया वही सारंगी भी उसके इस प्यार पर वरि जा रही थी , सारंगी मुझे ही पता है मेने कैसे तुम्हारे बिना ये समय कटा था जिंदल ने कहा सरहंगी जिसका सर उसके बहन पर थे और वो छत को देह रही थी उसके चेहरे पर मुस्कान आगयी , जिंदल हम कब तक सब राख्नेगे अपने इस रिश्ते को उसने अहा तो जिंदल उसे देखने लगा बस सारंगी तुमको तो पता ही है इ कोशिश कर रहा हूँ बहुत जल्द में तुमको अपने घर ले आऊंगा बहुत जल्द उसने कहा तो सरन्हि उसे देख मुस्कुरा दी तभीउसका फोन बजने लगा इसे उसने देखा जिस पर घर लिखा आ रहा था उसने वैसे ही फोन कान से लगा लिया ठीक है उसने कहा और फोन रख वो जिंदल को देखने लगी बहुत टाइम हो गया अब मुझे जाना है उसने कहा वही जिंदल जो उसे ही देख रहा था वो उसके ऊपर आज्ञा मेरा मन नहीं है उसनेकहा तो सारंगी उसे देखने लगी बस जिंदाल मुझे जाना है उसने कहा वही जिंदाल उसकी गार्डन को फिर से चुम्मन लाहा था ,ठीक है तुम जाओ में छोड़ दूँ उसने कहा तो सारंगी ने न में सर हिला दिया और अपने ऊपर ली हुई चादर को पकड़ वो वैसे ही उठी और बाथरूम की तरफ चल दी , सारंगी इस सामने मार्किट में थो चम् के छः बज रहे थे स्ने वहां से सब्जी ली और पेडल ही चल दी घर की तरफ एक संकरो गली से निकलते हुए वो आगे बढ़ रही थी रस्ते में बहुत से लोग उसे मिल रहे थे जो उसे देख आगे बढ़ रहे थे सरंगो एक दरवाजे के सामने आकर खड़ी हुई तो सामने के घर इ दरवाजे से आवाज आयी तो सारंगी उस तरफ देखने लगी सारंगी तू यहाँ क्या कर रही है तुमको तो इस समय पैलेस में होना था न उस औरत ने कहा तो सारंगी उसे देखने लगी और मुस्कुरा कर उसने दरवाजे को हैट से खोला और अंदर चल दी घर कुछ ज्यादा बड़ा यही था लेकिन वहां देख कर लग रहा था मणि यहाँ पर कोई फंक्शन हो और वो चुप सी आगे बढ़ गयी उसने सब्जी के ठेला रसोई में रखा और देखने लगी पूरी रसोई बिखरी हुई थी सब बर्तन झूठे थे तभी एक रूम से दो लडकियां बाहर निकली और सारंगी को देखने लगी ाचा हम जा रही है तुम्हारी वजह से लेट हो गयी है तुम ये सब साफ सफाई कर देना हमारे आने तक उनमे से एक ने कहा और आगे बढ़ गयी वही सारंगी उन दोनों को देहटी रही जो इस समय चमकीले कपड़ो में थी मेकअप के साथ उनके जाते ही सारंगी अपने काम में लग गयी वो जितनी खुश थी इस एमी उतनी ही चुप सी टी वो , रात के दस बज गए थे जब वो फ्री हुई थी और नाहा धो कर रसोई में आयी और आपने लिए चाय बनाने लगी साथ ही उसने सब्जीके ठेले में से एक ब्रेड का पैकेट निकाला हुए उसकी के साथ लेकर वो उस घर म एक तरफ बानी सीढ़ियां चढ़ने लगी और ुपरबाने एक छोटे से कमरे में आकर वो निचे जमीं पर लगी गड़े पर बैठ खाने लगी लग ही नहीं रहा था के वही सारंगी है जो आफिस इ कीटनिहुष थी और अब एक डैम से चुप सी हो गयी थी।
सारंगी वही उस गद्दे पर ही लेट गयी ऊपर लेने के लिए एक चद्र थी चाट का पंखचाल रहा था वो कमरा कुछ ज्यादा बड़ा बन्हि थी उस में एक लड़की के सामान से ज्यादा तो कबाड़ पड़ा हुआ था , अरंगी छत को देखते हुए सो गयी अगली सुबह वो उठी और रूम से बाहर आयी यहाँ चाट पर उसे कुछ लड़के दिखे जिनको देख वो वापस अंदर चली गयी और इस बार अपना दुपटा लेकर बाहर आयी क्या बात है सारंगी तुम तो बोलटिहि नाह एक लड़के ने आगे बढ़ कहा तो सारंगी जो सीढ़ियों की तरफ जा रही थीवो उसे देखने लगी , मुझ में कोण सी कमी थी अब देखो मेने तुम्हारे घर का दामाद बणग्या और तुम ीासी घर की नौकर , मेरे रिश्ते को तुमने ठुकराया था ,और इस बार भी टुकड़ा दिया तो क्या किस्मत है जिसे तुम ठुकरा रही हो वो रिश्ता ईसिस घर की दुरी लड़की के पास चल दिया और तुम वही की वही उस लड़के ने कहा सारंगी ने नजरे झुकाली ,कहाँ मर गयी पता नहीं है निचे मेहमान ै और तुम यही खड़ी बाटे ाख्ने सेक रही है एक औरत ने ऊपर आते हुए कहा तो सारंगी उसे देखने लगी औरफिर सीढ़ियां उत्तर गयी वही वो लड़का उस औरत को देखने लगा तो वो औरत उसे देख मुस्कुरा दी , ारे दाद जी क्या है न आप क्यों सुबह सुबह इस करमजली केमुहं लगते हो ये तो जिसे देख ले उसके कर्म ही फुट जाते है आप इस से दूर रहा करि , वो मीनू आपको बुला रही है उस औरत ने कहा जी मंय जी बस वही जा रहा था मेरे दोस्त है इनको सब दिखा रहा था उसने कहा जीजी बिलकुल की बात भिसून ले लेना आप उस औरत ने कहा और उन सभी लड़कों को देख ीचे चल दी वाई वो लगका एप दोस्तों को देखने लगा अरे यार सूरज तेरी साली तो इतनी सुंदर है फिर भी तुम्हारी सास उससे इस तरफ से बात कर रही है, और कल ये तुम्हारी दुरी सलीके सगाई में भी नहीं थी एक लड़का बोलै तो सूरज उसे देखने लगा आज से दो साल एगले मेंर इसके लिए ही रिश्ता भेजा था लेकिन इसके नखरे ही बहुत थे इसने तो मेरे सामने ही मुझे मन किया अब तू ही बता मेरे जैसा लड़का इसे मिलता नहीं ना तो। लेकिन मीनू इसके उल्ट थी कहते है न चेरा सुंदर हने से कुछ नहीं होता दिल भी सुंदर होना चहिये वही हाल है इसका बस सुंदर ही है इस लिए सासु माँ भी उस से ईसिस तरफ से बात कई है इस बार भी जिस से पिंकी की सगाई होनी थी उनको पहले ही पता चल गया इसके चल चलन तो वो भी पीछे हैट गए सूरज ने कहा ाचा ऐसा है लगा नहीं उस लड़के ने कहा , चल अजा निचे चले सूरज ने अपने तीनो दोस्तों को देख कहा और वो निचे चल दिए सारंगी रसोई में लगी हुई थी व्ही बहल कुछ बिस लोग थे जो बैठर हुए थे , एक रूम में दो लड़किया बैठी थी दी इस सारंगी से अब पीछा काग चुडेगा एक ने लकः कहे परेशान हो रही है तू अब खुश हो जा तेरी सगाई हो गयी वो भी ाचे लड़के के साथ दूसरी ने कहा , पर मीनू दी जब तक ये है न इस घर में सब खराब ही होगा उस लड़की ने कहा पिंकी तू फ़िक्र मत कर नोकरनी है वही रहेगी मिनने कहा ारे मेरी दोनों बेटियां यहाँ है साओ बाहर आ जाओ खाना खा लो उसी औरत ने कहा जो सारिका को बाटे सुना रही थी अरे माँ वो तो ठीक है पर इस से पीछे कब छूटेगा पिंकी ने दरवाजे से बाहर देखते हुए कहा यहाँ सारंगी टेबल पट कहना लगा रही थी बस ापगला नंबर इसका है सोचा के एक नौकर का काम बच रहा है वैसे भी ऐसी नौकर कहाँ मिलेगी जो घर का काम भी करे और घरचलाने के लिए पैसे भी लाये तेरे बाप से तो कुछ होता नहीं उस औरत ने कहा , दोनों लड़किया बार देखने लगी यहाँ सारंगी लगी हुई थी , वैसे माँ मुझे बहुत जलन होती है इस से आज भी सूरज इसके बारे में सोचता है मीनू ने कहा अरे वो मर्द है उसे जो चीज नहीं मिलती न उसके बारे में ही सोचता है वो कोई ना बहुत जल्द ठीक हो जायेगा वो बस एक बार सब ठीक हो जाने दे में संभल लुंगी सब उसने कहा तो मीनू अपनी माँ को देखने लगी सारिका बाहर आना जरा बाहर से आवाज आय तो वो औरत बाहर चल दी वही मीनू सारंगी रही जिसके चेरे पर अलग ही खिचाव था जी भाभी कीहुआ सारिका अपने भाभी के पास आकर बोली तो उनक भाभी जो सारंगी को देख रही थी सारंगी कल नहीं आयी थी क्या बात है उन्होंनेकहा हाँ भाभी ये तो अपने आफिस में थी न जाने क्या क्र रही थी हमने तो अब कहना ही छोड़ दिया है सरिकाने कहा ाचा उसकी भाभी ने कहा और अपने पति को देखने लगी जो चुप्सा बैठा था , सारंगी ने सब मेहमाहो को खाना खिलाया उतने में आठ बज गयी थे तो वो अपने रूम में वापस चली गयी तैयार होने दस बजे उसे अपने आफिस भी पहुंचना था सारिका रसोई आयी और देखने लगी यहाँ पर कुछ खाना बचा हुआ था , ाचा सारिका लांच पैक करदे तुमको तो पता है तुम्हारे भाई को रस्ते में क बाहर क कहना हजम नहीं होता तो जल्दी करदे हमें निकलना है भाभी ने कहा जी भाभी बस अभि करती हूँ में उसने कहा और एक टिफिन में सारा खाना भरने लगी, लो भाभी आपका कहना और हाँ आराम से जाना उसने कहा हन अब आरा से ही जाना है शादी पर भी तो आना है वैसे पन्द्र्फ़ दिन है शादी में तो ऐसा करो के तुम सब देखलेना आखरी साये तक कुछ छोड़ना मत भाभी ने कह जी भाभी उसने कहा वही बाकीके मेहमान भी जाने लगे थे जो पास के थे वो रात को ही चल दिए थे और जो दूर के थे वो अब निकल रहे थे जिनको सारिका विदा कर रही थी , तभी सारंगी निचे आयी और रसोई की तरफ चल दी उसने पने निकलने के लिए जैसे ही बर्तन को देखा तो वयं कुछ भी नहीं था साइका ने एक एक कर सभी बर्तन देखे पर उसे कुछ नहीं मिला ारे तुम यहाँ हो ाचा मुझे पानी मिलगा सूरज के दोस्त ने वही रसोई में आते हुए कहा वही सारंगी उसे देखने लगी ,पानी उस लड़के ने कहा तो सारंगी ने गिलास उठाया और पानी से भर उसकी तरफ कर दिया तो उस लड़के ने प गिलास के साथ सरगी का हाथ भीपकड़ लिया सारंगी उसे देखने लगी और उसने अपना हाथ पीछे खींचना चाहा पर उसने नहीं चोअ सारंगी तुम कितनी पयरीहो में रानी बना क्र रखूंगा चलो मेरी बात मान लो उस ने कहा तो सारंगी ने अपना हाथउसके हाथ से खिंचा तो गिलास भी उसके हाथ से गिर गया सृंगी उस लड़के को देखने लगी और जल्दी से वहां से निकल गयी यहाँ क्या हुआ सारिका ने वही एते हुए कहा कुछ नहीं वो मेरे हाथ से गिलास छूट गया उस लड़के ने कहा ारिका उसे देखने लगी ठीक हैउसने कहा , सारंगी घर से बाहर निकल गयी थीऔर अब उस भिड़ी सी गली में से होते हुए वो चल दी थी उस ुनियासे भी बहे बाहर में सड़क पर आकर सारिका ने ऑटो बैठ कर चल दी यहाँ उसक चेरे पर एक मुस्कान आगयी थी विमुरझाया सा चेरा खिला खिला लग रहा था , वो अपने आफिस आयी और काम करने लगी। जिंदल के साथ भी उसने समय बियता जिसके साथ वो बहुत खुश थी , मम्मी मुझे न सारंगी नहीं चाइये अपनी सदी में आप कुछ भी करो उसे इस घर से भर निकलो में नहीं छाती के सूरज जीजू की तरह सारंगी को ही छे दी की तरफ में नहीं रह सकती पिंकी ने कहा वही सारिका उसे देखती रही बस कर करती हुनकुछ अब तो बाकि सब की नजर भी ईसिस पर है तेरे बाप का ही किया दज्रे है न आज से चार साल पहले वो इसे लता और न आज ये मेरे सर पड़ी होती उसने कहा जब आपको पता था के पापकी एक शादी हो रखी है तो ऐसे आदमी से शादी की हीक्यूँ पिंकी ने गुस्से से कहा मुझे क्या पता था के एक दिन ये इस लड़की को मेरे सर पर बैठा देगा खुद तो बिस्तर पकडे हुए है और मुझे इस लड़की को झेलनेा है सारिका ने कहा , पर मुझे ये लड़की नहीं किये मेरी शादी पर कुछ भी करो मारो ऑटो छाए बेच दी पर ये यहाँ नहीं रेहनी चाहिए , पिंकी ने कहा और आपने कमरे की तरफ चल दी वही सारिका उसे देखती रहगयी और वो भी उठ कर रूम की तरफ चल दी यहाँ पर एक आदमी बिस्तर पर लेता हुआ था जिसे वो देखने लगी तुम मर क्यों नहीं जाते सब काम ही ख़त्म हो जाये तुम्हारी वजह से हमें कितना सब देखना पद रा है मृ बेटियों को कितना सफर करना पद रहा है लेकिन तुम पर तो कोई असर नहीं है , सारिका ने कहा वही उस रूम में एक तस्वीर लगी थी जिस पर सारिका पिक्की मीनू के साथ ये आदमी था और ये ंदरं था सारिका का पति
सारिका उस आदमी को ही देख रही थी , तभीयक आदमी अंदर आया जिसे सारिका देखने लगी , डॉक्टरः उसने कहा जी सारिका जी कल सारंगी का फोन आया था बोल रही थी के एक बार पापा को देख ुआना उनको पीठ पर छले यही बस उनको देखना है डॉक्टर ने कहा तो सारिका एक तरफ हट गयी जी डॉक्टर अब एक साल से कोमा में है हॉस्पिटल का खर्च तो हम उठा नहीं सकतेना बस सारिका ने कहा व्हिडोक्ट्र जो अपने हाटों में ग्लव्स पहन रहा था उसने सारिका को देखा और मास्क पहन कर उसने मदन पर से चाहड़र हटा कर उसे दखने लगा , लगता है कल से इनको देखा नहीं है गंदगी हो गयी है डॉक्टर ने कहा तो सारिका घृणा से देखती रही सारंगी आकर देखती है कल लेट हो गयी थी आज भी मेहमान थे उनका खाना पीना देखने में समय निकल गया उसने खा तो डॉक्टर ने कुछ नहीं कहा वो अपना काम करते रहे , एक साल से ये बिस्तर पर है ये सब होना लाजमी है आप बिच बिच में इनकी करवट बदल दिया करो डॉक्टर ने कहा ुर अपना मस्की ग्लव्स उतार कर सारिका को देख जो वसे हीखड़ी थी पैसे सारंगी दे देगी आपको उसने कहा और चली गयी वही डॉक्टर हंस दिया और मदन को देखने लगा , कहाँ तूने उस फूल सी लड़की को यहाँ इन के पास लेकर छोड़ दिया , जिंदगी खराब करदी तूने उसकी उस रूम से बाहर निकाल गए , सारंगी जो अपनी सीट पर बैठी तह वो अपना काम देख रही थी तभी उसके पस पड़ा फोन बजने लाहा जिसे देख वो मुस्कुरा दी और फोन कान से लगा लिया जल्दी ाजाओ देखो तुम्हारे जाने का समय हो गया है उसने कहा तो सारंगी मुस्कुरा दी जी सर अभि आयी उसने कहा और अपनी फ़ैल लेकर वि चल दी वही इंदल जो अपने केबिन में बैठा हुआ था उसके चेहरे पर मुस्कान थी तभी सृंगी अंदर आईजीसे देख वो उसे देखने लगा आज पूरा दिन तुम सामने रही पर बात तक नई की जंदल ने कहा वही सारंगी उसके आगे फ़ाइल रखते करने अतिहुँ उसने कहा तो जिंदल ने उसका हाथ पकड़ उसे खुद की गॉड म बैठा लिया व्ही सारंगी उसे देखने लगी जिंदल जो उसे देख रहा था उसने सारंगी के लबों को अपने कब्जे में ले लिया ये टेस्ट में रत को बहुत मिस करता हूँ सारंगी उसे देखती रही और फिर उसने जिंदल का हाथ पकड़ अपने पे पर रख दिया तो जिंदल उसे देखने लगा हमारे प्यार की निशानी है ये उसने कहा जिंदाल उसे देखता ही रह गयी और फिर मुस्कुरा क्र उसने सारंगी को गए;ले से लगा लिया सच में उसने कहा तो सारंगी ने हाँ में सर हिला दिया बस अब तुमको फ़िक्र करने की जरूरत नहीं हम शादी कर रहे है उसने कहा सारंगी के चेहरे पर मुस्कान आगयी , आज ही में बात करता हूँ सब तो संगी ने हाँ इ सर हिला दिया , कुछ देर में सारंगी उस बिल्कडिंग से बाहर निकली और चल दी अपने घर की और , जिंदल जो अपनी गाड़ी चलरहा था वो इस समय एक घर रुका और गाड़ी से निकल उस घर में चला गया ारे सर आप यहाँ सामने बैठे एक आदमी ने कहा तो जिंदल उसके सामने लगे सोफे पर आकर बैठ गया , क्या हुआ सर उस आदमी ने जिंदल उसे देखने लगा , सारंगी को खतम करना है अब उसने कहा तो वो आदमी उसे देखता रह गया ारे सर उसे तो आप चाहते है न उसने कहा , देख मित्तल तुमको सब पता है में किसे चाहता हूँ और किसे नहीं पूरी फेमली है मेरी जो ऑस्ट्रेलिया सेटल है अय्यर वैसे ही पापा को पता चल तो वो मुझे बहुत बुरी तरह सुनेंगे , रही बात सारंगी की टी वो है क्या बस टाइम पा लेकिन अब ये टाइम पास मेरे गले का फंदा बन रहा है , इस बार गया था तो मेरी बीवी को शक हो या था मुझ पर उसे साफ साफ बोल दिया के कही मेरी कोई बात उसे पता चली तो वो मुझे कभी देखेगी भी नहीं में तो सड़क पर आ जाऊंगा न उसने कहा मित्तल उसे देखता रह तो अभी कहाँ सामने आया है कुछ मित्तल ने कहा , सारंगी प्रेग्नेंट है जिंदल ने कह तो सर वो कोनसापके साथ प्रेग्नेंट हुई है क्या पता कितनो के साथ उसका मोटल जो बोल रहा था वो जिंदल को देख चुप कर गया जो उसे देख रहा था , ज्यादा दिमाग मत चला आप मुझे ये बता के उस से छुड़ाऊं हमेशा के लिए उसने कहा तो मित्तल उसे देखने लगा दो दिन दो मुझे आप उसने अहा ठीक है दिए दो दिन , जिंदल ने अहा सारंगी अपने घर आयी तो वो चुप सी हो गयी थी ार एक बार अपने पापा को देखने उस रूम में चल दी यहाँ मदन लेता सारंगी उसके पास बैठ गयी , सारंगी दरवाजे से आवाज आयी तो वो उस तरफ देखने लगिहैं सारिका खड़ी थी , तुमको पता है घर में शादी है तो खर्चा कितना है ऊपर से तू डॉक्टर को बोलै था करना है हमारे पास पेसेन्हि है इसे सँभालने के समझी , आउट चल रसोई में कहना बना दे सब का उसने कहा सारंगी ने सर हिला दिया और उठ कर रसोई की तरफ चल दी उसक रज का था आकर सब का कहना बनाना और उसके बाद एक बार झडू पोछा कर के ही अपने कमरे में जाती थी और फिर सुबह ही वो इस रूम से बाहर निकलती थी , दिन पीटने लगे थे घर में भी शदी के काम में सब लगे थे कुछ मेहमानो का आना जाना लगा था इस बिच पिंकी के ससुराल वाले दो तीन बार आ चुके थे क ज्यादातर वो रत के खाने पर ही आते थे तो सारंगी ही सब के और उनको सर्व करती आज भी सब आये थे यहाँ तक के मीनू के सरूरल वाले उसका पति सूरज और मीनू खुद थी आज पिंकी का जन्मदिन था तो सारिका ने सब को बुला लिया था ये कह कर के उसकी बेटी का शादी से पहले आखरी जन्मदिन है यहाँ पर , बाहर सब के काट रहे थे पिंकी तो बहुत खुश थी उसका उन वाला पति कमल भी थे , सब बाहर पार्टी मन रहे थे वही सारंगी जो जब से आयी थी वो रसोई में लगी हुई थी , अब उसने सब का कहना बैनर लगे टेबल पर लगा शुरू कर दिया था यहाँ कमल की नजर उसी पर थी , वही कमल की मम्मी भी सारंगी को ही देख रही थी वैसे बहनजी हमने तो सारंगी के लिए रिश्ता भेजा था पर उसने अगर वो हाँ कीर्ति तो आज सारंगी हमारे घर की बहु बनती कमल की मम्मी सब उनको देखते रहगये पिंकी तो मनो जल भून गयी टी उसे सारंगी पर गुसा आ रहा थस ावहि कमल की नजरे भी सारंगी पर थी जिसे देख पिंकी अंदर ही अंदर जगहत कर रह गयी , बहनजी अब रिश्तेतो ऊपर से बन कर एते है हम कितना भी कर ले सारिका ने कहा बिल्कु कमल की मम्मी ने कह वही सारंगी इन सब से दूर अपने काम में लगी हुई थी मित्तल मेने तुमको पहले ही कहा था ना के मुझे काम करना है लेकिन तूने जिनसे काम करने का कहा उनसे एक बार भी काम नहीं हुआ सारंगी रोज आफ़िसा थी है गए उसे मर जाना चहिये था अब तक जिंदल ने कहा हाँ उनसे ये काम नहीं होगा मेने बात की तह उन्होंने बोलै है के वो किसिस लड़की को तो मार सकते है पर माँ बनने वाली को नहीं मित्तल ने कहा क्या बकवास है ये जिंदल ने कहा और शराब की बोतल पकड़ उसे गिलास में डालने लग्फा ये आज कल सुपारी लेने वाले भी ये सब सोचते है क्या उसने कहा और वो गिलास मुहं से लगा लिया वही मित्तल उसे देखने लगा ,पता नहीं पर लगता तो है के ऐसा ही करते है आजकल सब मित्तल ने कहा तो अब आगे क्या करना है म में उसे अब अपने आस पास नहीं देखनाचता जिंदल ने कहा , ठीक ही स बार हम मिल रहे है एक आदमी से लेकिन उसके सामने बस यही बताना है के लड़की बहुत ही खराब है वो तुमको चीत कर रही है और भी बहुत लोगों के साथ उसके सम्भन्द है भूल काट भी मन बनने की बात मत केहन वर्ण वो कभी काम नहीं करेगा कोण है वो जिंदल ने अब मित्तल को देखतेहुए कहा , डेविल फ़िलहाल तो सब उसे डिवील के नाम से ही जानते है वैसे लेकिन नाम उसका आशुतोष है मित्तल ने कहा आशुतोष ये वही है न जिसने पिछले साल सक्सेस्फोल बिजनेसमैन का खिताब मिला था जिंदल ने कहा तो मित्तल उसे देखने लगा बिलकुल आशुतोष बिजनेसमैन हैऔर डेविल एक माफिया जो अपने इल्लीगल काम करता है जिसमे ये सुपारी लें भी शामिल है मित्तल ने कहा जिंदल उसे देखने लगा तुम तो बहुत चालू चीज हो यार चला कब मिलना है उस से जिंदल ने कहा , कल वो मुम्बई आ रहा है तब मिलते है वैसे वो ज्यादातर जबलपुर में रहता है यहाँ उसकी अपनी बस सर्विस है मित्तल ने कहा जिंदल ने मुस्कुरा क्र अपना गिलास खली करा फिर तो ठीक है यहाँ से दूर जाकर मरेगा वो तो सब ठीक होगा ेरे सर से भी ये बोजफ हैट जायेगा उसने कहा सब लोगों ने खाना खाया व्ही सारंगी रसोई में ही बैठी खा रही थी रात के दस बज हे थे , बर्तन उठा ले मीनू ने रसोई में आकर खा तो सारंगी उसे देखने लगी उसने हाँ में सर हिला दिया और अपना खाना खाने लगी मिउ जो उसे देख रही थी उसने आग बर सारंगी की ढली को पैर मार दिया जिस से उसका कहना वही बिखर गया वो मीनू को देखने लगी , मेरा बस चले टी तुमको यहाँ रहने ही न दूँ उसने कहा और चली गयी वही सारंगी ने वो सरर बिखरा कहना देख और फिर उसे उठाने लगी , रत के बढ़ बज गयेथे जब सारंगी अपने कमरे में आयी उसने साडी रसोई समिति और सब बर्तन साफ रे मेहमान भी चले गीते थे और दोनों माँ बेटी भी कब की सो गयी थी बस सारंगी ही काम कर रही थी , और अब्वो अपने रूममे आयी और चुप सी बैड पर लेट गयी उसका हाथ अपने पेट पर गया और मुस्कुरा दी बहुत जल्द में यहाँ से चली जाउंगी उसने उड़ से कहा
व्ही पिंकी जो अपने रूम में लेती हुई थी उसकी आँखों में भी नींद नहीं थी आज उसके जन्म दिन पर भी सारंगी किहि बाटे हो रहथि इस बात से उसे बहुत गुस्सा था हाँ संगी उसके पापा के पहली सदी से थी जिसका माँ उसेजन्म देने के बाद नहीं बाकी थी टी उसके पा के घर वालों ने कुछ सामन्य बाद उसकी सूरी शादी सारिका से करा दी जिसकी भी दुरी साद थिमिनु पहले शादी से थी लेकिन जो रंग रूम सारंगी के पास था वैसा रंग रूप मीनू के पास यही था इस बात से सारिका को बहगुस्सा अत था और वो सारंगी को ईसिस गफ़ूस्से केचलते पिट भी दिया करती थी तो मदन के घर वालों ने उनको शेर ही भेज दिया यहाँ उन्होंने घर ले लिया था मदन ने भी यहाँ दिखाएं कर ली थी पर सारंगी नहीं आयी थी उसकी दादी दादा के पास ही रही थी , लकिन कुछ साल पेह्लेजब सारंगी की दादी भी नहीं रही तो मदन उसे यहाँ ले आया था और फिर घर में जो क्लेश हुआ था वो किसिस से न छुपा था अपने दादा दादी की लाड़ली थी पर यहाँ आकर वो बस काम करने और सारिका की बाटे सुनने लगी थी , तभी उसने अपनी पड़े के चलिते अखबार में काम देखना शुरू कर दिया तो उसे जिंदल कम्पनी जो के बहुत बड़ी नहीं थी वहां पर काम मिल गया तह ुर बस अब वो घर से बाहर रहने लगी थी यहाँ वो खुश रहती थी पर घर आकर वो वैसी ही हो जाती मीनू की सदी के समय उसका रूम भी उस से ले लिया था और उसे ऊपर बने स्टोर रूम में भेज दिया और तब से वही उसका रूम था।, यहाँ पर वो इस समय सो रही थी,