ये कहानी ये विराज के बदले की ,,जिसे अपनी ही पत्नी से धोखा मिलता है ! उसकी जायदाद के लिए उसकी पत्नी रिया ही उसे मौत के घाट उतार देती है पर विराज बच जाता है और वो कहर बनकर लौटता है रिया से अपना बदला लेने के लिए ! इस बीच वाणी विराज की जिंदगी मे आती है औ... ये कहानी ये विराज के बदले की ,,जिसे अपनी ही पत्नी से धोखा मिलता है ! उसकी जायदाद के लिए उसकी पत्नी रिया ही उसे मौत के घाट उतार देती है पर विराज बच जाता है और वो कहर बनकर लौटता है रिया से अपना बदला लेने के लिए ! इस बीच वाणी विराज की जिंदगी मे आती है और उसे विराज से प्यार हो जाता है पर विराज अब पत्थर दिल हो चुका था ! वो अपने मकसद के लिए वाणी की महोब्बत को ठुकरा देता है ! क्या विराज की जिंदगी मे सच्चा प्यार आएगा ? क्या वो रिया से अपना बदला ले पाएगा ? जानने के लिए पढिए " REVENGE "
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शादी शुदा होते हुए भी मेरे कदम बहक रहे थे ! वो मेरे करीब आ रहा था ,अपने मजबूत हाथो से मेरे जिस्म को छू रहा था और शादीशुदा होते हुए भी मैं उसे रोक नही रही थी ! बल्कि मैं उसके और करीब आने का इंतजार कर रही थी ! वो भी कहा रूक रहा था ,वो धीरे धीरे मेरे हद से ज्यादा करीब आ गया था ,उसके हाथ मेरे पूरे बदन पर फिसल रहे थे और मैं बंद आँखो से उसकी छूअन का आंनद ले रही थी ! इस वक्त मैं अपनी पति को बिल्कुल भूल गई थी कि मेरा कोई पति भी है इस दुनिया मे ,,,हा जानती हू ये गलत है मुझे ऐसा नही करना चाहिए था पर उस लम्हे मे मैं कमजोर पड़ गई थी ! आखिर कब तक खुद पर काबू रखती ? मेरे जिस्म की भूख बढ़ती ही जा रही थी !
आखिर कोई कब तक भूखा रह सकता है ? ऐसा ही कुछ मेरे साथ हो रहा था ! मेरे पति मुझे बिल्कुल समय नहीं देते थे जो कि उन्हें देना चाहिए था और इसी वजह से आज वो होने जा रहा था जो कि नहीं होना चाहिए था ! मेरे कदम बहक रहे थे और मैं उन्हें बहकने दे रही थी ! जैसे ,,जैसे मैं खुद ही रुकना नहीं चाहती थी ,जैसे मैं खुद ही अपने आप को उसके हवाले कर देना चाहती थी और मैं ऐसा ही कर रही थी ! मेरी आंखें बंद थी ,,मेरे बदन पर एक गैर मर्द का कब्जा था ! मेरा दिल कह रहा था कि नहीं ये गलत है ,,तू शादीशुदा है पर मेरा दिमाग का रहा था कि नहीं यही सही है ! जो हो रहा है उसे होने दे और इस पल का भरपूर आंनद ले फिर शायद ये पल मेरी जिंदगी में दोबारा आए या ना आए ! दिल और दिमाग की जंग मे मैं इस कदर डूबी हुई थी कि उस इंसान ने कब मुझे अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर पटक दिया मुझे पता ही नहीं चला !
बिस्तर पर गिरते ही मैं अपने विचारों से बाहर आई और मैंने अपनी आंखें खोल के उस शख्स को देखा ! जो बेहद प्यार भरी नजरों से मुझे ही देख रहा था और साथ के साथ अपने कपड़े खोल रहा था ! चाहती तो मैं उसे रोक सकती थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया ! शायद मैं मजबूर हो गई थी अपनी हालत के आगे ,अपने अधूरेपन के आगे ! वो शख्स बेइंतहा प्यार से मुझे देखते हुए अपनी शर्ट के बटन खोल रहा था जैसे-जैसे वो बटन खोल रहा था वैसे-वैसे मुझे कुछ हो रहा था ! अगले ही पल उसने अपनी शर्ट उतार कर अपने बदन से अलग कर दी ,, उसके लंबे चौड़े सीने को देखकर मेरे तन बदन में आग लग गई ! मुझे अपनी तरफ इस तरह देखता पाकर उसके होठों पर हल्की सी मुस्कान तैर गई ! उसने बिना देर किए अपनी पेंट निकाल कर भी एक तरफ फेंक दी और वो एकदम से बिस्तर पर आ गया !
अभी भी वो मुझसे कुछ कदमों की दूरी पर था ! अभी भी वक्त था ,मैं उसे रोक सकती थी खुद को संभाल सकती थी पर मैं ऐसा करना ही नहीं चाहती थी ! मैं रैड कलर की सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी ,, ये वो नाइटी थी जो मेरे पति को बहुत पसंद थी और वो अकसर इसे ही पहनने की जिद किया करते थे कि मैं उनके सामने यही नाइटी पहनू लेकिन सिर्फ उनके सामने किसी और के सामने नहीं ! लेकिन उन्हें नहीं पता था कि आज उनकी फेवरेट नाइटी ही नहीं उनकी पत्नी को भी कोई और शेयर करने वाला है ! तभी उस शख्स की ठंडी ठंडी उंगलियां मुझे अपने पांव पर महसूस हुई !
वो बड़े प्यार से मेरे पांव को छू रहा था ,अपनी उंगलियां फिरा रहा था ! उसके मात्र हल्का सा छूने से मुझे ये एहसास हो गया था कि ये शख्स मुझे प्यार की उन ऊंचाइयों पर लेकर जा सकता है जहां आज तक मेरे पति मुझे ले जा ही नहीं पाए ! मुझे जिस्म का वो सुख दे सकता है जिसे पाने के लिए मैं कब से तरस रही हूं ! एक बार फिर वो मेरे करीब आ रहा था , एक बार फिर उसके हाथ मेरे बदन पर घूम रहे थे ! एक बार फिर मैंने अपनी आंखें बंद कर ली थी लेकिन इस बार मैंने अपने पति का चेहरा दूर-दूर तक अपने जहन में आने नहीं दिया ! भुला दिया सब कुछ ,,भुला दिया कि मेरा कोई पति भी है ,भुला दिया कि मैं शादीशुदा हूं और अब ये बात में हमेशा के लिए भूल जाना चाहती थी ! मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और उस शख्स के लिए अपनी बांहे फैला दी और वो भी बिना देर किए मेरे ऊपर आ गया और किसी भूखे भेडिए की तरह झपट पड़ा मेरे बदन पर !
उसने मेरे दोनों हाथों को अपने मजबूत हाथों में जकड़ रखा था और उसके होंठ कभी मेरी आंखों को कभी मेरे चेहरे को कभी मेरे होठों को तो कभी मेरी गर्दन को बेतहाशा चूम रहे थे और मैं मदहोश होती जा रही थी ! उसकी छुअन से पागल होती जा रही थी ! हर घड़ी हर लम्हा उसकी बाहों में पिघलती जा रही थी !मैने एक बार अपनी आँखे खोल कर उस शख्स को देखा ,,वो भी मुझे बेहद प्यार से देख रहा था ! हम दोनों के हीं होठों पर एक मुस्कान तैर गई ! एक बार फिर मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और एक बार फिर वो मेरे बदन के साथ खेलने लगा ! कुछ ही देर में उसने मेरी नाइटी मेरे बदन से अलग कर दी और अब वो पूरी तरह मेरे साथ मनमानी करने लगा लेकिन उसकी मनमानी में मुझे बहुत मजा आ रहा था !
हम दोनो नहीं अपनी हदें पार करने के लिए बेकाबू हो रहे थे और फिर वासना का एक ऐसा तूफान उठा और मेरा सब कुछ बह गया ! मेरा घर ,मेरा रिश्त मेरा पति ,,, सब कुछ ! कुछ देर में उसने मेरे बाकी बचे कपड़ों को भी मेरे जिस्म से अलग कर दिया और मैंने भी उसके बचे कपड़े उतार दिए और एक बार फिर हम खो गए एक दूसरे में ! और फिर ये सिलसिला तकरीबन दो घंटे तक यूं हीं चलता रहा ! दो घंटे बाद सब कुछ शांत था ,सब कुछ शांत जैसे कुछ हुआ ही नहीं !
वासना का एक तूफान उठा और उठकर शांत भी हो गया लेकिन जाते-जाते वो मेरा बहुत कुछ ले गया था ! मेरे जिस्म की भूख मिट चुकी थी और अब मैं वर्तमान में लौट आई थी ! लेकिन जब तक मुझे पूरी तरह होश आया था तब तक बहुत देर हो चुकी थी ! मेरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था और उस शख्स की मजबूत बांहे अभी भी मेरे बदन पर थी ! मैंने चेहरा घूमाकर उसकी तरफ देखा ,,उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी ,कोई पछतावा नहीं था ! उसे ये महसूस नहीं हो रहा था कि उसने कुछ गलत किया है या मैंने कुछ गलत किया है ! मैं खुद को चद्दर से कवर करते हुए उठकर बैठती हू और फिर सामने लगे आईने में मेरी नजरे जाती हैं खुद पर और अपने गले में पहने हुए मंगलसूत्र पर !
मुझे एहसास होता है कि मैंने कितना बड़ा पाप किया है ! मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं और मैं अपनी आंसू भरी नज़रों से उस शख्स की तरफ देखती हूं और फिर एकदम से अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में भरकर रोते हुए - मैं ये नहीं करना चाहती थी , ये क्या हो गया मुझसे , क्या हो गया ? ऐसा तो मैं नहीं सोचा था ,मैं तो तुम्हें सिर्फ अपना दोस्त मानती थी , लेकिन हम दोनों के बीच मे ये सब ,, मैंने अपने पति को धोखा दिया ,,ऐसा कैसे कर सकती हू मैं ? वो लगातार रोती जा रही थी और बोलती जा रही थी ! तभी वो शक्स मेरे पास आता है मेरे करीब बेहद करीब !
वो मेरे हाथ मेरे चेहरे से हटाता है और एक-एक करके मेरी दोनो आंखें चूमते हुए मेरे आंसुओं को पी जाता है और फिर बेहद प्यार से मेरा माथा चूमते हुए - रोती क्यू है रे ?? अपुन ने कुछ गलत नहीं किया है ,अपुन प्यार करता है तुझे और तू प्यार करती है मुझे ,बंद कर ये दोस्ती दोस्ती का राग अलापना और अपने जिस पति के लिए तू रो रही है ना वो तो खुद किसी छमिया के साथ लगा होगा ! उसकी बातें सुनकर एक बार फिर मुझे लगने लगता है कि मैं सही हूं और मेरा पति गलत है ! पर तभी मैं उसकी बात को नकारते हुए - वो जो भी हो मैंने तो गलत किया ना , मुझे ये नहीं करना चाहिए था !
वो शख्स फिर से मेरे करीब आता है और एक बार फिर से मुझे बाहों में भरकर बेहद प्यार से मुझे शांत करवाते हुए - अपुन कह रहा है ना तूने कुछ गलत नहीं किया मेरी जान !और वैसे भी तेरा पति तुझसे प्यार ही कहां करता है प्यार तो अपुन करता है और इतना करता है कि तू सोच भी नहीं सकती ! अपुन की लाईफ का असूल है जो करो खुल्लम-खुल्ला करो छिप छिप कर नहीं ,, मैं तो ये बात तेरे पति के सामने बोलने को भी तैयार हूं कि अपुन प्यार करता है तुझे ! मैं तो अभी भी कह रहा हूं कि छोड़ दे उसे और चल मेरे साथ लेकिन तू आना ही नहीं चाहती ! उसकी ये बातें सुनकर और उसकी भाषा सुनकर ना चाहते हुए भी मेरे होठों पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है ! एक वही तो था जो परेशानी में भी मेरे होठों पर मुस्कान ले आता था और शायद यही वजह थी कि आज मैंने वो सब कर लिया जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था ...वो अभी ये सब सोच ही रही थी कि तभी उसका फोन रिंग करता है ....
जारी है ....
कमैंट किए बिना कहीं मत जाना 😊
अब आगे....
अपुन कह रहा है ना तूने कुछ गलत नहीं किया मेरी जान !और वैसे भी तेरा पति तुझसे प्यार ही कहां करता है प्यार तो अपुन करता है और इतना करता है कि तू सोच भी नहीं सकती ! अपुन की लाईफ का असूल है जो करो खुल्लम-खुल्ला करो छिप छिप कर नहीं ,, मैं तो ये बात तेरे पति के सामने बोलने को भी तैयार हूं कि अपुन प्यार करता है तुझे ! मैं तो अभी भी कह रहा हूं कि छोड़ दे उसे और चल मेरे साथ लेकिन तू आना ही नहीं चाहती ! उसकी ये बातें सुनकर और उसकी भाषा सुनकर ना चाहते हुए भी मेरे होठों पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है ! एक वही तो था जो परेशानी में भी मेरे होठों पर मुस्कान ले आता था और शायद यही वजह थी कि आज मैंने वो सब कर लिया जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था ...वो अभी ये सब सोच ही रही थी कि तभी उसका फोन रिंग करता है ....
उसके पति का फोन था ! वो थोडी सी सतर्क होती है और अपनी बढी हुई धड़कनो पर काबू पाते हुए फोन उठाकर अपने कान पर लगाती है ! लेकिन इससे पहले कि वो कुछ बोलती सामने से उसका पति कुछ बोलता है और बदले मे वो बस " ओके " इतना कहकर फोन कट कर देती है ! वो शख्स उसे ही देख रहा था ! एक बार फिर वो उसके पास जाता है और उसे अपनी बांहो मे भरते हुए - क्या हुआ किसका फोन था ? कोई परेशानी है तो अपुन को बोल पर यूं उदास मत रह ,तू जानती है कि अपुन तुझे उदास नही देख सकता ! ये कहता हुआ वो एक बार फिर उसके बदन पर हक जताने लगा था ! एक बार फिर वो वही सब दोहराना चाहता था जो अभी कुछ देर पहले उन दोनो के बीच हुआ था !
वो लड़की हल्का सा उससे दूर होते हुए - नही लक्की ,अभी इन सब का वक्त नही है ! मुझे रैडी होना है घर पर कोई आने वाला है ! वो लड़का जो उसे बांहो मे भरकर बैठा था वो मुंह बनाते हुए - पर तूने तो कहा था कि आज का पूरा दिन तू मेरे साथ बिताएगी और रात भी पर अभी तो बस शाम हुई है ! अपुन कही नही जाने वाला तुझे छोड़कर ,अपुन आज रात यही रहेगा तेरे साथ और तुझे खूब प्यार करेगा ! ये कहता हुआ वो वही बिस्तर पर लेट जाता है ! वो लड़की हल्का सा मुस्कुराती है और फिर खुद को चद्दर से कवर करते हुए - मैं शॉवर लेकर आती हू ! इतना कहकर वो वॉशरूम मे चली जाती है ! पर कुछ तो था उसकी नजरो मे जो लक्की को महसूस हुआ था !
वो लड़की वॉशरूम मे जाती है और शॉवर खोलकर उसके नीचे खडी हो जाती है और अपनी आँखे बंद कर लेती है ! एक बार फिर उसे वही सब याद आने लगता है जो भी कुछ देर पहले हुआ था ! लक्की के साथ बिताए वो हसीन पल उसके जहन मे घूमने लगते है ! वो मन मे - अब जो होना था वो हो चुका है ,अब सही और गलत सोचने का वक्त निकल चुका है ! वो अभी ये सब सोच ही रही थी कि तभी उसे अपने पीछे लक्की के होने का एहसास होता है और उसकी बांहे अपनी कमर को इर्द गिर्द लिपटती हुई महसूस होती है ! वो एकदम से चौंक जाती है और लक्की की तरफ देखते हुए - तुम यहा ? पर ...इससे पहले कि वो अपनी बात पूरी करती लक्की उसके भीगे लबो पर अपनी ऊंगली रखते हुए - शशशश ! तेरी आँखो मे जो शरारत थी वो देख ली थी मैने और फिर तू अगर मुझे अंदर ना बुलाना चाहती तो दरवाजा काए को खुला छोड़ती ! ये सुनते ही वो लड़की अपनी नजरे झुका लेती है !
ऊपर से गिरता शॉवर का पानी दोनो को भिगो रहा था और दोनो के तन बदन मे आग लगा रहा था ! लक्की उसके करीब जाता है और प्यार से उसका चेहरा अपने हाथो मे भरते हुए - कब तक भागेगी खुद से ? मान क्यो नही लेती कि तू भी चाहने लगी है अपुन को ,तू मुंह से मत बोल पर तेरी आँखे बोल रही है सब कुछ ,बोल ना चाहने लगी है ना मुझे ? वो उसके और भी करीब जाते हुए उससे सवाल करता है ! बदले मे वो लड़की अपनी नजरे उठाकर उसकी तरफ देखती है और फिर बिना कुछ बोले उससे लिपट जाती है ! लक्की के होंठो पर मुस्कान बिखर जाती है और वो कसकर उसे अपनी बांहो मे भर लेता है ! और एक बार फिर दोनो के बीच वही सब होता है जो कि नही होना चाहिए था !
करीब एक घंटे बाद ...
लक्की आराम से बिस्तर पर लेटा हुआ था और वो लड़की आईने के सामने बैठी तैयार हो रही थी ! उसने व्हाईट कलर की डिजाइनर साडी पहनी हुई थी जो उसकी खूबसूरती मे चार चांद लगा रही थी ,उसके खुले लंबे लहराते बाल जो उसकी कमर तक आ रहे थे ,चेहरे पर अटरैक्टिव मेकअप ,काजल से सनी गहरी और बडी बडी आँखे ,लाल सुर्ख होंठ ! और उसके गले मे चमकता वो डायंमड सैट जो उसकी अमीरी का ब्खान कर रहा था ! तैयार होने के बाद वो खुद पर पर्फूय्म की वर्षा करती है तभी उसकी नजरे जाती है लक्की पर जो उसे ही देख रहा था !
ऐसे क्या देख रहे हो लक्की ? वो उससे सवाल करती है ! बदले मे लक्की - देख रहा हू कि मेरे छूने के बाद और भी खूबसूरत हो गई है तू तो ....! ये सुनते ही वो लड़की हसते हुए - क्या कुछ भी ! लक्की उठता है और उसके पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए - अपुन तो हैरान है कि तेरी जैसी इतनी पढी लिखी अमीर लड़की जिससे मिलने के लिए सारा शहर तरसता है वो खूबसूरत शहजादी मेरी है पर अपुन को एक बात समझ नही आई तेरे जैसी खूबसूरत ,पढी लिखी लड़की को मुझ जैसे टपोरी सड़क छाप और अनपढ़ लडके मे ऐसा क्या दिखा जो तूने मुझे अपने इतने करीब आने दिया ? तुझे छूना मतलब चांद को छूना ,,, कभी कभी तो सब सपने जैसा लगता है !
वो लड़की खडी होती है और मुस्कुराते हुए - क्योकि तुम सब से अलग हो लक्की ,तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो और सबसे बडी बात कि तुम मुझसे प्यार करते हो मेरे पैसो से नही ! कहने को तो पूरी दुनिया की भीड़ है मेरे पास पर उनमे मेरा अपना कोई नही है ,,पर जबसे तुम मेरी जिंदगी मे आए हो तब से मैं खुश रहने लगी हू ,जिंदगी जीने लगी हू और अब मैं बस तुम्हारे साथ ही रहना चाहती हू लक्की ...ये कहते हुए वो उसके सीने से लग जाती है ...
जारी है...
कमैंट किए बिना चले मत जाना 😊
गातांक से आगे...
पर अपुन को एक बात समझ नही आई तेरे जैसी खूबसूरत ,पढी लिखी लड़की को मुझ जैसे टपोरी सड़क छाप और अनपढ़ लडके मे ऐसा क्या दिखा जो तूने मुझे अपने इतने करीब आने दिया ? तुझे छूना मतलब चांद को छूना ,,, कभी कभी तो सब सपने जैसा लगता है ! वो लड़की खडी होती है और मुस्कुराते हुए - क्योकि तुम सब से अलग हो लक्की ,तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो और सबसे बडी बात कि तुम मुझसे प्यार करते हो मेरे पैसो से नही ! कहने को तो पूरी दुनिया की भीड़ है मेरे पास पर उनमे मेरा अपना कोई नही है ,,पर जबसे तुम मेरी जिंदगी मे आए हो तब से मैं खुश रहने लगी हू ,जिंदगी जीने लगी हू और अब मैं बस तुम्हारे साथ ही रहना चाहती हू लक्की ...ये कहते हुए वो उसके सीने से लग जाती है ...
लक्की उसे बांहो मे भरते हुए - अरे मैं तो कबसे तैयार हू जानेमन , कह तो रहा हू कि ,,इससे पहले कि वो अपनी बात पूरी करता तभी दरवाजे की घंटी बजती है ! वो लड़़की लक्की की तरफ देखती है और फिर अपनी साडी सही करते हुए - मुझे वापस आने मे आधा घंटा लगेगा ,तब तक तुम इसी कमरे मे रहना ,बाहर मत आना वरना मुसीबत हो जाएगी ! लक्की तुरंत उसकी बात मानते हुए - ठीक है ,तू कहती है तू नही आता बाहर पर तू अपना काम खत्म करके जल्दी आना ! अपुन रह नही सकता तेरे बिना ज्यादा देर ...लक्की मुंह बनाते हुए बोलता है और उसकी बात पर वो लड़की फिर से मुस्कुरा उठती है ! उसके बाद वो लक्की को वही छोड़ अपने कपडे सही करती हुई नीचे जाती है !
उसके बडे से बंगले मे इस वक्त इतनी शांति थी कि उसकी हील्स की टकटक साफ सुनाई दे रही थी ! जब तक वो नीचे जाती है तब तक उसकी मेड ने दरवाजा खोल दिया था ,सोफे पर वकील साहब बैठे थे ! जो उस लड़की को देखते ही खडे हो गए थे और उसका उसी के घर मे स्वागत कर रहे थे ! आईए आईए मेम ,सॉरी आपको परेशान कर दिया !
वो लड़की हल्का सा मुस्कुराती है और फिर सोफे पर बैठते हुए - इसमे परेशानी कैसी मिस्टर कुमार ,अरे आप खडे क्यू हो गए बैठिए ना प्लीज ! अब बताइए कौन से पेपर पर मेरे साईन चाहिए ? इतने मे वो मेड वकील के लिए चाय और नाश्ता टेबल पर रख कर चली जाती है !
वकील एक फाईल निकालते हुए - वो विराज सर अमेरिका गए है पर जाने से पहले वो इन कागजो पर साईन करना भूल गए थे पर चलिए वो नही तो आप ही सही ,,आखिर आप विराज सर की पत्नी है और आपका भी उतना ही महत्व है ! इसलिए सर ने कहा है कि मैं आपके साईन ले लू ! आखिर आप विराज जिंदल की वाईफ रिया जिंदल है ! ये सुनते ही रिया जो फाईल पर साईन करने ही जा रही थी उसके हाथ रूक जाते है ! उसके जहन मे वकील की बात घूमने लगी थी " आखिर आप विराज जिंदल की वाईफ रिया जिंदल है " ! वो मन मे - मतलब मेरी अपनी तो कोई पहचान है ही नही ,मैं जो कुछ भी हू ,ये जो मेरा रूतबा है ,लोगो की नजरो मे जो मान सम्मान है वो बस इस वजह से क्योकि मैं विराज की वाईफ हू ! पर क्या सच मे मैं उसकी वाईफ हू ? वो मन ही मन खुद से सवाल कर रही थी !
तभी वकील उसे टोकते हुए - क्या हुआ मेम आप रूक क्यू गई ? रिया अपनी सोच से बाहर आती है और फटाफट से उन कागजो पर साईन करने लगती है ! जब तक उसने साईन किए थे तब तक वकील ने चाय पी ली थी ! उसके बाद वो रिया के हाथो से वो फाईल लेता है और वहां से चला जाता है ! रिया अभी भी वही सोफे पर बैठी थी और कान मे वकील के शब्द गूंज रहे थे " विराज जिंदल की वाईफ रिया जिंदल " वो वही बैठी थी तभी उसकी मेड उसके पास आकर - आप डिनर मे क्या लेगी मेम ? रिया कुछ नही बोलती बस अपने हाथ से उसे वहां से जाने का इशारा करती है ! वो मेड चुपचाप वहां से किचन मे चली जाती हेै ! वो ममता थी जो रिया की फुल टाईम मेड थी पर उसे रिया की परमिशन के बिना ऊपर आने की इजाजत नही थी ! वो हर वक्त नीचे रहकर अपना काम करती थी बाकि उसकी मालकिन ऊपर क्या कर रही है या उसके कमरे मे कौन है कौन नही ये जानने का हक किसी को नही था या हम कह सकते है कि रिया की पर्सनल लाईफ मे ताक झाक करने का किसी को हक नही था !
ममता को किचन मे गए अभी दो ही मिनट हुए थे कि वो फिर से भागी भागी और घबराई हुई सी फिर से रिया के वापस आती है और रोते हुए - मेम वो ,मुझे मेम ...वो इतना घबरा गई थी कि उससे बोला नही जा रहा था ! रिया झट से उसे पानी पिलाती है और शांति से सब बताने को बोलती है ! ममता पानी पीती है और फिर - मेम मेरे गांव से फोन आया था मेरी मा एक्सीडैंट हो गया है मुझे फौरन जाना होगा क्या मैं कुछ दिनो के लिए ,,इतना कहकर वो रोने लगती है !
रिया उसे चुप करवाते हुए - अरे ये भी कोई पूछने की बात है ,,तुम रूको मैं अभी आई इतना कहकर वो झट से अंदर वाले कमरे मे जाती है और कुछ पैसेे लाकर उसके हाथ पर रखते हुए - तुम परेशान मत हो ,ये पेेैसे रखो तुम्हारे काम आएगे और बेफिक्र होकर अपने घर जाओ ,सब ठीक हो जाएगा ! उसकी बात सुनकर ममता को थोडी तसल्ली होती है पर फिर वो एकदम से - पर मेम वो सर जी को पता चला कि मैं गांव गई हू और उनका गुस्सा ....तुम विराज के गुस्से की चिंता मत करो , उसे मैं सम्भांल लूंगी ! तुम बस जाओ ..वो ममता को समझाते हुए बोलती है ! ममता भी झट से अपने आसू साफ करते हुए वहां से चली जाती है ! रिया घर का दरवाजा बंद करती हेै और लॉक लगा देती है .. अब उसको और लक्की को तंग करने वाला उस घर मे कोई भी नही था ! बाकि के नौकरो को बहाने से उसने पहले ही छुट्टी दे दी थी ! अब उस बडे से बंगले मे बस वो और लक्की बचे थे ! वो फिर से ऊपर अपने कमरे मे जाने लगती है !
वो सिढिया चढ़ रही थी तभी उसकी नजर दीवार पर लगी अपने पति विराज की तस्वीर पर जाती है ! उसे ऐसा लगता है जैसे विराज उसे ही देख रहा है ,एक पल के लिए तो रिया की नजरे झुक जाती है ,वो उससे नजरे नही मिला पा रही थी ! लेकिन अगले ही पल वो अपनी नजरे ऊपर करती है और विराज की नजरो से मिलाती है जैसे कह रही हो कि जो कुछ भी हुआ है वो तुम्हारी वजह से हुआ है ,अगर तुम मुझे टाईम देते तो ये होता ही नही ! विराज की तस्वीर को घूरते हुए वो ऊपर चली जाती है !!
विराज जिंदल ...शहर का जाना माना बिजनेस मैन और सबसे अमीर इंसान ! उसका बिजनेस देशो मे विदेशो मे फैला हुआ था ! रुपये पैसे की कोई कमी नही थी उसके पास ,,, बस उसके पास रिया को देने के लिए समय नही था ! उधर रिया अपने कमरे मे जाती है जहां उसे नाराजगी से भरा हुआ लक्की नज़र आता है ! लक्की रिया को देखता है और नाराजगी से - अब भी क्यू आ गई तू ? वही रहती ..अपुन तो पागल है ना जो तेरा इंतजार कर रहा है ! वो फिर से मुंह बनाते हुए बोलता है !
उसकी बात सुनकर रिया के होंठो पर मुस्कान बिखर जाती है और वो एक एक कदम चलती हुई लक्की के पास जाती है और उसके बेहद करीब होते हुए - अब से पूरे एक महीने तक हमे किसी का डर नही लक्की ,,इस बडे से बंगले मे अब बस हम दोनो ही है ,हम जहां मर्जी घूम सकते है ,जहां मर्जी एक दूसरे को प्यार कर सकते है ! अब से एक महीने तक मैं सिर्फ तुम्हारी हू लक्की सिर्फ तुम्हारी ...ये कहते हुए वो जानबूझ कर अपनी साडी का पल्लू नीचे गिरा देती है ! ये लक्की के लिए खुला न्यौता था ,उसकी नाराजगी भी पल मे गायब हो जाती हेै ,,वो झट से उसे अपनी बांहो मे भरता है और बिना देर किए उसके बाकी बचे हुए कपडे भी उसके बदन से अलग कर देता है और उसे लेकर पीछे बिस्तर पर गिर जाता है ...और एक बार फिर दोनो अपनी हदे पार करने लगते है ...
जारी है.....
कमैंट किए बिना गायब मत हो जाना 😊
Copyright " Navjot kaur "
गातांक से आगे....
अब से पूरे एक महीने तक हमे किसी का डर नही लक्की ,,इस बडे से बंगले मे अब बस हम दोनो ही है ,हम जहां मर्जी घूम सकते है ,जहां मर्जी एक दूसरे को प्यार कर सकते है ! अब से एक महीने तक मैं सिर्फ तुम्हारी हू लक्की सिर्फ तुम्हारी ...ये कहते हुए वो जानबूझ कर अपनी साडी का पल्लू नीचे गिरा देती है ! ये लक्की के लिए खुला न्यौता था ,उसकी नाराजगी भी पल मे गायब हो जाती हेै ,,वो झट से उसे अपनी बांहो मे भरता है और बिना देर किए उसके बाकी बचे हुए कपडे भी उसके बदन से अलग कर देता है और उसे लेकर पीछे बिस्तर पर गिर जाता है ...और एक बार फिर दोनो अपनी हदे पार करने लगते है ...!
और उन दोनो का ये सिलसिला यूं ही पूरे एक महीने तक चलता है !
पूरे एक महीने तक दोनों एक दूसरे के प्यार में डूबे रहते हैं और बिना डरे बिना किसी की परवाह किए यूं ही अपनी हदे पार करते रहते हैं ! देखते ही देखते कब एक महीना बीत जाता है दोनों को पता ही नहीं चलता ! रात का वक्त था रिया और लकी एक दूसरे की बाहों में एक दूसरे के बेहद करीब एक ही कंबल में निर्वस्त्र लिपटे हुए थे ! लकी देखता है कि रिया कुछ उदास है ,,वो उसके चेहरे पर अपनी एक उंगली फेरते हुए - क्या बात है मेरी जान ? तेरे चेहरे पर ये उदासी क्यों है ? तू खुश नहीं है क्या मेरे साथ ? रिया उसकी तरफ देखती है और फिर अपनी आंखों में आंसू भरते हुए - ऐसी बात नहीं है लकी ,,मैं बहुत खुश हूं बहुत और मेरी खुशी की वजह सिर्फ तुम हो ! तुमने मुझे बीते एक महीने में इतना प्यार दिया इतना प्यार दिया है जो मेरी तीन साल की शादी में मेरे पति ने भी मुझे नहीं दिया और वो तो ये भूल ही चुका है कि उसकी कोई पत्नी भी है !
मैं उदास इसलिए हूं क्योंकि कल वो वापस आ रहा है ! अब तुम्हें यहां से जाना होगा और फिर हम इस तरह से कब मिलेंगे ये मैं भी नहीं जानती ! ये कहते कहते उसकी आंखों से आंसू बह जाते हैं जो लकी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होते ! वो एकदम से उसके ऊपर आता है और अपनी उंगलियों से उसके आंसू साफ करते हुए - रोती क्यू है तू ,मैं अभी भी कह रहा हू ,, चल मेरे साथ ,,छोड़ दे सब कुछ और भाग चल मेरे साथ ! ये सुनते ही रिया के होठों पर फिक्की मुस्कान तैर जाती है ! वो उसे खुद से दूर करती है और उठकर बैठती है ! लकी फिर से - क्या सोच रही है ? मैं अभी भी कह रहा हूं छोड़ दे अपने पति का घर , छोड दे अपने पति को सब कुछ छोड़ दे ! मैं तुझे यहां से बहुत दूर ले जाऊंगा जहां सिर्फ तू होगी और मैं होऊंगा ! रिया जमीन पर गिरी अपनी व्हाइट कलर की नाइटी उठाती है और उसे पहनते हुए - ये सब इतना आसान नहीं है लकी जितना तुम्हें लग रहा है ! तुम्हें क्या लगता है कि अगर मेरे बस में होता तो क्या मैं तुम्हारे साथ नहीं चलती ? मैं खुशी-खुशी तुम्हारे साथ चलती लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती ! क्योकि मेरे पीछे मेरी एक फैमिली है ! मैं बहुत गरीब घर की लड़की हू जिसका उसके पिता ने अपने घर की गरीबी दूर करने के लिए एक ऐसे आदमी के साथ सौदा कर दिया जो उसे जरा भी प्यार नहीं करता ,उस पर जरा भी ध्यान नहीं देता ! दिन रात शराब पीता है और मार पीट करता है वो अलग ! पर फिर भी वो सब की नजरो में एक आदर्श पति है जानते हो क्यों ,,,क्योंकि वो मेरे परिवार को पाल रहा है ! उनका खर्चा उठा रहा है और ऐसे में मैं उसे छोड़ कर चली जाऊंगी तो मेरा तो परिवार सड़क पर आ जाएगा !
मैंने बहुत गरीबी देखी है इतनी कि शायद तुम सोच भी नहीं सकते और अब तीन सालों में बेशक मुझे मेरे पति का प्यार नहीं मिला लेकिन ये लग्जरी लाइफ़स्टाइल शानो शौकत रुपया पैसा ये सब भर भर कर मिला है और अब मुझे आदत हो गई है इन सब कि मैं वापस उस जिंदगी में नहीं जाना चाहती जहां से निकाल कर आई हू ! मुझे गलत मत समझना लकी लेकिन यही सच्चाई है ! जिंदगी में हमें वो सब नहीं मिलता जो हम चाहते हैं कोई ना कोई कमी रह जाती है और मेरी जिंदगी में प्यार की कमी है जो तुम्हारे आने के बाद दूर हो गई लेकिन हम पूरी तरह से एक नहीं हो सकते लकी कभी नहीं हो सकते ! लकी उसकी बातें सुनकर खामोश हो जाता है क्योंकि उसे उसकी बातें सही भी लग रही थी और नहीं भी ! वो समझ नहीं पा रहा था कुछ भी !
रिया की नजर से देखें तो वो बिल्कुल सही कह रही थी ! आखिर जब इंसान गरीबी में से निकल कर आता है तो वापस उसी गरीबी में नहीं जाना चाहता ! वो एकदम से रिया के पास जाता है और उसे बाजू से पकड़ कर अपने करीब करते हुए - लेकिन अपुन अपने दिल का क्या करें ? कैसे समझाएं इसे ? अब एक पल नहीं रहा जाता तुझसे दूर ,,तेरा पति आ जाएगा तू फिर से इस घर में कैद हो जाएगी ,,मैं तुझसे मिलने नहीं आ पाऊंगा तुझे देख नहीं पाऊंगा ,,तू जानती है ऐसे मेरे दिल पर क्या बीतेगी ?
तो क्या तुमसे दूर रहकर मैं खुश रहूंगी लकी ? क्या मैं तुम्हें याद नहीं करूंगी ? या उन लम्हो को याद नहीं करूंगी जो मैंने तुम्हारे साथ तुम्हारी बाहों में बिताए हैं ! लेकिन मैं मजबूर हूं ,,मेरे हालातो को समझो लकी ,और तुम फिक्र मत करो मैं अपने पति को बहुत अच्छी तरह जानती हूं ! वो दो दिन से ज्यादा यहां पर नहीं रहेगा फिर किसी बिजनेस टूर पर चला जाएगा ,मुझे अकेला छोड़कर ! खैर अब मुझे आदत हो गई है इन चीजों की ! अब तुम जाओ यहां से उसके आने से पहले मुझे घर की एक-एक चीज को देखना है कि कहीं वो इधर से उधर तो नहीं हो गई है कहीं कोई गंदगी तो नहीं रह गई है क्योंकि तुम नहीं जानते वो कितने शातिर दिमाग का इंसान है ! अगर एक भी चीज अपनी जगह पर नहीं हुई तो वो पूरा घर सर पर उठा लेगा !
मुझे तो लगता है कि ये दो दिन भी वो मुझसे मिलने नहीं आता ,,ये देखने आता है कि पीछे से मैंने उसके घर को कैसे रखा है ! ये कहते कहते उसकी आंखों से आंसू बह जाते हैं ! लकी कसकर उसे अपने सीने से लगा लेता है और कसकर अपनी बाहों में भरते हुए - तू चाहे कुछ भी कह रिया पर अपुन तुझको इन हालातो में नहीं छोड़ेगा ! मैं प्यार करता हूं तुझे तू प्यार करती है मुझे ,, मैं कुछ ना कुछ तो जरूर करूंगा लेकिन तुझे यहां से लेकर ही जाऊंगा ! बेहद गुस्से से मन ही मन बोल रहा था लकी ! रिया ने भी कसकर उसे अपने आगोश में भर रखा था कि शायद बाद में ये मौका मिले या ना मिले ! इसके बाद लकी उसे अलविदा कहता है और घर के पीछे वाले रास्ते से चला जाता है !
रिया ने उसे अपने कमरे में चोरी से आने के लिए हर वो रास्ता बता रखा था जिससे वो नौकरों की नजरों में नहीं आता था , उसके पति की नजरों में नहीं आता था ! ये ऐसा रास्ता था जिसके जरिए लकी बिना किसी की नजरों में आए आराम से रिया के कमरे तक पहुंच सकता था ! लेकिन वो घर में तभी आता था जब रिया उसे बुलाती थी ! फिलहाल तो लकी वहां से चला जाता है और रिया एक बार फिर तन्हा हो जाती है !
पर अगले ही पल उसे याद आता है कि विराज वापस आने वाला है काम ज्यादा है और वक्त बहुत कम ! उसके बाद रिया लग जाती है अपने काम पर ! रात काफी हो गई थी सारा काम खत्म करने के बाद वो वापस अपने कमरे में आकर बिस्तर पर गिर गई थी ! बिस्तर पर उसे लकी के करीब होने का एहसास अभी भी महसूस हो रहा था ! एक बार फिर वो लकी के ख्यालों में खो गई थी और कब उसे नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला ! उधर लकी जो पिछले एक महीने से अपने घर नहीं गया था ! वैसे भी उसके घर पर था ही कौन ? वो अकेला एक अनाथ लड़का था जो यूं ही सड़कों पर बड़ा हुआ था ! चोरी चकारी छीना छपटी पॉकेट मार ये सब काम करता था लकी ,वो कोई अच्छा इंसान नहीं था ! लेकिन हैरानी इस बात की थी कि रिया जैसी इतनी समझदार पढ़ी-लिखी खूबसूरत लड़की एक मामूली से सड़क छाप लड़के के प्यार में इस कदर पागल क्यों हो गई ?
उधर लकी अपनी जेब में दोनों हाथ डाले सड़क के किनारे चला जा रहा था ! कुछ ही देर में वो अपने बस्ती में पहुंच चुका था ! बस्ती के अंदर जाते ही गंदी बदबू से उसका पूरा मूड खराब हो जाता है ! वो तुरंत अपने नाक पर हाथ रखते हुए - ये साली बस्ती किसी नरक से कम नहीं है ! कहां पिछले एक महीने से मैं आराम से किसी महल में रह रहा था और कहां आज मुझे यहां वापस से गंदी बस्ती में आना पड़ा !
रिया सही कह रही थी अगर इंसान के पास पैसा है तो वो सब कुछ हासिल कर सकता है ! पैसों के बिना रहना बहुत मुश्किल है ! और रिया जैसी खूबसूरत अप्सरा के लिए तो सच में बहुत मुश्किल ! लेकिन अपुन साला क्या करें अपुन चाह कर भी इतना अमीर तो नहीं बन सकता ना की पूरी दुनिया से लड़ कर रिया को अपने पास रख ले ! खुद से ही ये सब बोलते हुए वो अपने घर में जाता है ! एक महीने से घर में झाड़ू तक नहीं लगी थी मकड़ी के जाले जगह जगह लटक रहे थे ! पूरे घर में एक अजीब सी गंध आ रही थी !लेकिन लकी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था क्योंकि वो तो वहां होकर भी वहां नहीं था ! वो तो अभी भी रिया के बदन की खुशबू को अपने अंदर तक महसूस कर रहा था और उसी के ख्यालों में खोआ हुआ वो वैसे ही बिस्तर पर गिर जाता है !
तभी एक लड़की की आवाज उसके कानों से टकराती है ! कहा था तू एक महीने से ? जिंदा था या मर गया था ? लकी अपनी आंखें खोलता है तो देखता है कि सामने उसी की बस्ती में रहने वाली एक लड़की जिसका नाम मंजरी है ! वो वहां पर खड़ी है ! उसे देखते ही लकी बुरा सा मुंह बनाते हुए - तेरे को क्या परेशानी है ? मैं कभी भी आऊ या ना आई तू कौन होती है मुझसे सवाल करने वाली ? मंजरी एकदम से लकी के पास आती है और बिस्तर पर उसके पास बैठते हुए - तू पागल है कैसी बातें कर रहा है ,,मैं मेरा ध्यान नहीं रखूंगी तो कौन रखेगा ? तू ऐसे गायब हो जाता है ना तो मुझे बड़ी फिक्र हो जाती है !
क्यों तेरे पास कोई और काम नहीं है मेरी फिक्र करने के अलावा ? तू काहे को करती है मेरी फिक्र ? ये कहता हुआ लकी वहां से उठकर खिड़की के पास जाता है और सिगरेट जलाने लगता है ! मंजरी उसके पास जाती है और पीछे से बाहों मे भरते हुए - तू नहीं जानता मैं तेरी फिक्र क्यों करती हूं ,,प्यार करती हूं तुझे लकी ,तू भी मुझे प्यार करता है कुछ दिनों में हमारी शादी ..इससे पहले कि वो अपनी बात पूरी करती लकी एकदम से उसे दूर धकेलते हुए - क्या बोली तू ? प्यार वो भी तुझसे ? शादी वो भी तुझसे ? दिन में सपने देखना बंद कर ,,आई बडी चल निकल यहां से ! तुझसे शादी करेगा अपुन ?? खुद को देखा है कभी तूने ? अपनी शक्ल देखी है कभी तूने ? अरे बास आती है तेरे बदन से ...
उसकी बातें सुनकर मंजरी अंदर तक टूट जाती है ! पर अगले ही पल वो लकी के पास जाकर उसे गिरेबान से पकड़ते हुए - अच्छा जब बिस्तर पर तू मेरे साथ मजे लेता है तब बास नहीं आती तुझे ? ये सुनते ही लकी के होठों पर एक शैतानी मुस्कान तैर जाती है और वो मंजरी के बाल पकड़कर उसका चेहरा ऊपर करते हुए - अपनी औकात में रह मंजरी ,,मैने मजे लिए है तो बदले में तूने भी लिए है ! मैं तेरे घर तुझे बुलाने नहीं आता था तू खुद आती थी मेरे पीछे-पीछे और जो हो चुका है उसे अपुन कब का भूल चुका है तो भी भूल जा और अब अपने ये मनहूस शक्ल उठा और यहां से चली जा इसी में तेरी भलाई है ,,वो वैसे ही उसे बालों से पकड़ कर अपने घर से बाहर धक्का दे देता है और दरवाजा उसके मुंह पर बंद कर देता है और राहत की सांस लेते हुए - ये मंजरी तो पीछे ही पड़ गई ,,अरे भावनाओं में बहकर इसके साथ थोड़ा सा टाइम पास क्या कर लिया ये तो सीरियस ही हो गई ! अरे कहां मेरी वो खूबसूरत रिया और कहां ये बदसूरत मंजरी ! रिया खूबसूरत भी है और मालदार भी ! और अपुन की तो कितनी दीवानी है ! कहां वो किसी राजा महाराजा की तरह आलीशान जिंदगी और कहां ये नरक की जिंदगी ! नही मुझे रिया को किसी भी हाल में अपना बनाना ही होगा,,,,वो आएगी तो साथ में बहुत सारी दौलत भी आएगी ! पर पहले इस मंजरी का कुछ करना पडेगा .....
जारी है..
गातांक से आगे...
अपनी औकात में रह मंजरी ,,मैने मजे लिए है तो बदले में तूने भी लिए है ! मैं तेरे घर तुझे बुलाने नहीं आता था तू खुद आती थी मेरे पीछे-पीछे और जो हो चुका है उसे अपुन कब का भूल चुका है तो भी भूल जा और अब अपने ये मनहूस शक्ल उठा और यहां से चली जा इसी में तेरी भलाई है ,,वो वैसे ही उसे बालों से पकड़ कर अपने घर से बाहर धक्का दे देता है और दरवाजा उसके मुंह पर बंद कर देता है और राहत की सांस लेते हुए - ये मंजरी तो पीछे ही पड़ गई ,,अरे भावनाओं में बहकर इसके साथ थोड़ा सा टाइम पास क्या कर लिया ये तो सीरियस ही हो गई ! अरे कहां मेरी वो खूबसूरत रिया और कहां ये बदसूरत मंजरी ! रिया खूबसूरत भी है और मालदार भी ! और अपुन की तो कितनी दीवानी है ! कहां वो किसी राजा महाराजा की तरह आलीशान जिंदगी और कहां ये नरक की जिंदगी ! नही मुझे रिया को किसी भी हाल में अपना बनाना ही होगा,,,,वो आएगी तो साथ में बहुत सारी दौलत भी आएगी ! पर पहले इस मंजरी का कुछ करना पडेगा .....
वो बहुत गुस्से से ये सब सोच रहा था ! उधर मंजरी उसकी बाते सुनकर हक्की बक्की रह जाती है ! पहले तो उसे यकीन ही नही होता कि लकी उसके साथ ऐसा कुछ कर सकता है ! वो धीरे धीरे कदमो से अपने घर की तरफ जा रही थी ! उसके जहन मे अभी भी लकी की बाते घूम रही थी ! वो मन मे - इसका मतलब वो प्यार के नाम पर मुझे छल रहा था और मैं पागल उसके छल को सच्चा प्यार समझ रही थी ! और उसके झूठे प्यार के बहकावे मे आकर मैने उसके साथ ...ये सब याद आते ही वो पूरी गुस्से से भर जाती है ! नही लकी नही ,इतनी आसानी से मैं तुझे नही छोडेगी ,,,तूने मेरे प्यार का नाजायज फायदा उठाया है ,प्यार के नाम पर मेरे बदन को नोचा है ,,इसका हिसाब तो तुझे देना ही पडेगा ! मैं तेरे बारे मे पूरी बस्ती को बता दूंगी ..बेहद गुस्से से बोलते हुए वो अपने घर चली जाती है जहां उसके बूढे पिता उसकी राह देख रहे थे ! बाकि परिवार के नाम पर उसका और कोई नही था शायद इसलिए लकी ने उसे आसानी से अपने झूठे प्यार मे फंसा लिया था !
उधर लकी ने मंजरी को इस तरह अपनी जिंदगी से बाहर कर दिया था जिस तरह दूध मे से मक्खी को निकालते है ! और एक बार फिर वो रिया के ख्यालो मे खो गया था ,एक बार फिर रिया के साथ बिताए हसीन पल उसके जहन मे घूमने लगे थे ,रिया की खूबसूरती उस पर हावी होने लगी थी ,उसे रिया की बहुत याद आने लगी थी ! रिया के बिना रहना उसके लिए मुश्किल होता जा रहा था !
उधर रिया थक कर चूर होकर सो गई थी ! कल विराज आने वाला था ! उधर मंजरी अपने घर पहुंच गई थी और उसने फैसला कर लिया था कि वो पूरी बस्ती को लकी की बारे मे बता देगी ! यही सब सोचते हुए वो भी लेट जाती है और कब उसे नींद आ जाती है उसे पता ही नही चलता ! उसे तो नींद आ जाती है पर लकी को नींद नही आ रही थी ! एक तो उसे रिया की याद आ रही थी ऊपर से मंजरी का टेशन ...कुछ सोचते हुए वो अपने घर से बाहर निकल आता है और सिगरेट के कश भरते हुए यूं ही सडक पर इधर से उधर घूमने लगता है ! घूमते घूमते वो मंजरी के घर के पास पहुंच जाता है ! उसकी नजरे जाती है मंजरी के कमरे की खुली खिड़की पर ...गर्मी थी तो उसके पिता आंगन मे चारपाई डालकर सो रहे थे और दवाईयो की वजह से वो गहरी नींद मे थे !
लकी खिड़की मे से अंदर झांकता है तो उसकी नजरे जाती है बिस्तर पर सो रही मंजरी पर ,,खिड़की से आती चांद की रोशनी मंजरी के बदन पर पड़ रही थी और नींद मे उसके कपडे भी अस्त व्यस्त हो रहेे थे ! वो बेहद खूबसूरत और बेहद हसीन लग रही थी ,लकी उसे ही देख रहा था और उसे देखते हुए उसके होंठो पर एक शातिर मुस्कान तैर जाती है ! वो इधर उधर देखता है ,कि कहीं उसे कोई देख तो नही रहा ! पर उस वक्त वहां पर कोई नही था ! मौका देखकर लकी धीरे से उस खिड़की मे से मंजरी के कमरे मे कूद जाता है ! मंजरी को इस बात का बिल्कुल पता नही चलता ! लकी उसके पूरे बदन को अपनी गंदी नजरो से देखता है और फिर अपनी कमीज के बटन खोलते हुए - वैसे अपुन तेरे साथ अपनी हवस ना मिटा सके इतनी बुरी भी नही है तू ,,ये कहते कहते वो बिस्तर पर उसके पास जाता है ...मंजरी को किसी के होने का एहसास होता है और उसकी नींद खुल जाती है ! जैसे ही वो अपनी आँखे खोलती है तो लकी को अपने इतने करीब देखकर हैरान रह जाती है ! वो चिल्लाने के लिए अपना मुंह खोलती है पर तभी लकी एकदम से अपना हाथ उसके मुंह पर रख देता है और एकदम से उसके ऊपर आते हुए - चिल्ला मत ,,मैं हू ,देख अपुन को एहसास हो गया है कि अपुन तेरे बिना नही रह सकता ! और थोडी देर पहले मैने जो भी बकवास की थी वो सब भूल जा ! उस वक्त अपुन होश मे नही था ,पता नही क्या क्या बोल गया तुझे पर तू दिल मत ले ,अपुन तुझे बहुत प्यार करता है और जल्द ही तेरे साथ शादी मनाएगा !
वो एक बार फिर मंजरी के दिल और दिमाग के साथ खेलते हुए बोल रहा था ! मंजरी हैरानी से उसे देख रही थी ! लकी अपना हाथ उसके होंठो से हटा लेता है ये देखने के लिए कि वो चिल्लाती है या नही ! मंजरी एक शब्द नही बोलती और हैरान परेशान सी उसे ही देखती रहती है ! उसका कुछ न बोलना ये साबित कर गया कि वो एक बार फिर लकी की बातो मे आ गई है ! लकी उसका चेहरा अपने हाथो मे भरते हुए - ऐ मंजरी ,माफ कर दे ना ,अपुन जानता है कि तू भरोसा नही कर पा रही मेरी बातो पर , पर तू तो जानती है ना कि इस पूरी दुनिया मे तेरे अलावा मेरा है ही कौन ,,देख तू पूछ रही थी ना कि एक महीने से मैं कहा था ! तो सुन ,,पिछले एक महीने से मैं एक सेठ के यहां नौकरी कर रहा था !
सोचा था कि कुछ पैसे मिल जाएगे तो उससे कोई नया काम शुरू करूंगा और फिर तेरे बाप से तेरा हाथ मांगूगा पर उस हरामी सेठ ने मेरे पैसे मार लिए और मुझे भगा दिया ! मैं तेरे लिए कितना कुछ करना चाहता था पर कुछ नही कर पाया और पता नही कुछ कर भी पाऊंगा या नही ...इसलिए अपुन ने जानबूझ कर तुझे वो सारी बाते कही कि तू अपुन से नाराज हो जाए और अपुन को छोड़ दे ! मैने सोचा तू इतनी अच्छी है तुझे तो कोई और मिल ही जाएगा जो मुझसे अच्छा होगा पर मैं नही रह पाया तेरे बिना ,तेरे बिना रहने की तो अपुन सोच भी नही सकता ! ये कहते हुए वो ना जाने कितनी बार उसका चेहरा चूम लेता है ! नादान मंजरी फिर से उसकी बातो मे आ जाती है ! उसकी आँखो मे आसू आ जाते है ,वो उसका चेहरा अपने हाथो मे भरते हुए - तू सच कह रहा है लकी ? तू सच मे मुझसे इतना प्यार करता है ?
लकी बहुत मासूम सी शक्ल बनाते हुए - हा मंजरी ,मैं बहुत प्यार करता तेरे से ,अब मैं तुझे कभी खुद से दूर नही करूंगा ,तेरे लिए अपुन दिन रात मेहनत करेगा पर तुझे नही छोडेगा ! ये कहता हुआ वो उसके और करीब हो जाता है ! मंजरी रोते हुए उसे अपनी बाहों मे भर लेती है ! मैं भी तेरे को बहुत प्यार करती है लकी ,मैं भी तेरे बिना नही रह सकती ! बस यही तो चाहता था लकी ,,उसने फिर से मंजरी के बदन और दिमाग पर कब्जा कर लिया था ! अगले ही पल वो उसके और करीब जाता है और बेतहाशा उसे चूमने लगता है और हमेशा की तरह मंजरी भी उसका साथ देने लगती है ! लकी के हाथ उसके बदन पर फिसल रहे थे और साथ साथ वो उसके ब्लाऊज की हुक खोल रहा था !
मंजरी जो हर तरीके से उसके काबू मे आ गई थी वो भी उसे नही रोकती ! कुछ ही देर मे लकी उसके सारे कपडे उसके बदन से अलग कर देता है और अपने भी ,,और एक बार फिर उसके बदन से खिलवाड करने लगता है ! वो अपनी आँखे बंद कर लेता है ! उसकी बंद आँखो मे रिया का चेहरा घूम रहा था ,,,हम कह सकते है कि उसकी बांहो मे मंजरी थी पर ख्यालो मे रिया थी ...
जारी है...
कमैंट किए बिना चले मत जाना 😊
Copyright " Navjot kaur "
गातांक से आगे...
लकी ने फिर से मंजरी के बदन और दिमाग पर कब्जा कर लिया था ! अगले ही पल वो उसके और करीब जाता है और बेतहाशा उसे चूमने लगता है और हमेशा की तरह मंजरी भी उसका साथ देने लगती है ! लकी के हाथ उसके बदन पर फिसल रहे थे और साथ साथ वो उसके ब्लाऊज की हुक खोल रहा था ! मंजरी जो हर तरीके से उसके काबू मे आ गई थी वो भी उसे नही रोकती ! कुछ ही देर मे लकी उसके सारे कपडे उसके बदन से अलग कर देता है और अपने भी ,,और एक बार फिर उसके बदन से खिलवाड करने लगता है ! वो अपनी आँखे बंद कर लेता है ! उसकी बंद आँखो मे रिया का चेहरा घूम रहा था ,,,हम कह सकते है कि उसकी बांहो मे मंजरी थी पर ख्यालो मे रिया थी ...
वही मंजरी ने उसके झूठे प्यार को सच मानकर खुद को पूरी तरह उसको सौंप दिया था ,खुद को हर तरीके से उसके हवाले कर दिया था ! उसे तो ये था कि लकी सच मे उसे चाहता है , सच मे उससे शादी करेगा पर सच तो ये था लकी बस उसे छल रहा था ,उसके साथ टाईम पास कर रहा था ,उसके साथ बस अपनी हवस मिटा रहा था ,वो भी सिर्फ तब तक जब तक रिया उसे वापस नही मिल जाती ! ना जाने कितनी देर तक वो मंजरी के बदन के साथ खिलवाड करता रहता है और अपनी हवस मिटाता रहता है ! और फिर अपना मतलब निकल जाने के बाद वो मंजरी से जल्दी उससे शादी करेगा ऐसा वादा करके वहां से चला जाता है !!
वो अपने घर जाता है और चैन से सो जाता है ! अगली सुबह ....खिड़की से आती रोशनी से उसकी नींद खुलती है और वो अंगडाई लेते हुए उठता है तो नजरे जाती है सामने लगी घडी पर जो कि दस बजने का इशारा कर रही थी ! वो चौंकते हुए - अरे बाप रे ,,दस बज गए और रिया बेबी का फोन नही आया ,अब तक तो मेरी जान अपुन को दो बार फोन कर चुकी होती ! लगता है उसका सडेला खडूस पति आ गया होगा ,तभी मेरी जान ने मुझे फोन नही किया ! पर कोई बात नही रिया बता रही थी कि वो दो दिन से ज्यादा रूकेगा नही ! वो खुद से ही बोल रहा था ,तभी उसे भूख का एहसास होता है ! वो उठता है और घर से बाहर निकल जाता है ! और नाश्ता करने के लिए किसी सस्ते से होटल चला जाता है !
उसे ये था कि बस दो दिन की बात है ,दो दिन बाद वो और रिया फिर से साथ होंगे और पहले की तरह मजे करेंगे पर उसे नही पता था कि इस बार उसका इंतजार कुछ ज्यादा ही लंबा होने वाला है ! एक दिन बीता ,दूसरा दिन बीता पर रिया का फोन नही आया ! रिया ने उससे बोल रखा था कि वो उसे फोन या मैसेज नही करेगा ,जब भी फोन या मैसेज करना होगा तो रिया ही करेगी ! पर ऐसा पहले कभी नही हुआ कि दो दिन हो गए हो और रिया ने उसे फोन न किया हो ! रात गहरा गई थी और लकी की रिया से बात नही हुई थी ,लकी को बहुत बैचेनी होने लगी थी ! उसने रात का खाना भी नही खाया था ! वो अपने घर के सामने इधर से उधर टहलते हुए - क्या करू क्या करू कैसे रिया से बात करू ? वो ठीक तो होगी न ,,कहीं उसके पति ने उसके साथ ..पर अपुन ऐसे उसके पास भी तो नही जा सकता न ,
तभी सबकी नजरो से बचते बचाते मंजरी उसके पास आती है ! कहां था तू सुबह से ,तेरे को बोला था ना कि खाना ले जाइओ पर तू सुनता नही है ! अब ये पकड़ खाने का डिब्बा ..इतना कहकर वो खाने का डिब्बा उसके हाथ मे रखती है और फिर जल्दी से वहां से चली जाती है ! लकी देखता है कि उस डिब्बे मे से बहुत अच्छी खुशबू आ रही है ! वो अपने घर मे जाते हुए - पहले इसे खा लेता हू फिर देखता हू कि आगे क्या करना है ! कुछ ही मिनटो मे वो खाना खत्म कर देता है पर उसका सारा ध्यान रिया मे अटका हुआ था ! थोडा वक्त और गुजरता है अब तो उसे रिया की और भी याद आने लगती है ,,वो उठता है और पास रखी शराब की बोतल को अपने होंठो से लगाते हुए - अब रिया की कमी पूरी करने के लिए अपुन को फिर से मंजरी के पास जाना होगा ,,ये कहते कहते उसके होंठो पर जहरीली हंसी तैर जाती है और वो मंजरी के पास चला जाता है और एक बार फिर उसके बदन को नोचने लगता है !
दो दिन की जगह चार दिन हो जाते है पर रिया का फोन नही आता ,,अब तो लकी से रहा नही जा रहा था ! नही अपुन ऐसे हाथ पर हाथ रखकर नही बैठ सकता ...फिर वो कुछ सोचकर रिया को फोन मिला देता है ..एक दो रिंग जाने पर रिया फोन उठा लेती है और लकी के बोलने से पहले ही उस पर बरसते हुए - मना किया था ना तुम्हे फोन करने के लिए वो बहुत धीरे धीरे बोल रही थी जिससे पता चल रहा था कि उसका पति वहीं है और वो उससे छिपकर बात कर रही है !
लकी एकदम से - तो अपुन क्या करता ,तू फोन ही नही कर रही ,अपुन मर रहा है तेरे बिना ,तूने तो कहा था कि तेरा पति दो दिन मे चला जाएगा ...रिया बीच मे ही - हा कहा था क्योकि मुझे भी यही लगा था पर विराज नही जा रहा कहीं भी ,कहता है कि कुछ दिन यही रहेगा !
कुछ दिन ? मतलब कितने दिन ? लकी उससे सवाल करता है ! अब ये मैं कैसे बता सकती हू लकी , मुझे लगता है कि उसे मुझ पर शक हो गया है वो एक पल के लिए भी मेरा पीछा नही छोड़ रहा और वो मेरे साथ ...वो अभी बोल ही रही थी कि तभी लकी के कान मे विराज के चिल्लाने की आवाज आती है - रिया ....कहां मर गई !! और रिया की बेबसी भरी आवाज - जी ,जी आई !! बस इतना ही और फोन कट ....लकी हैलो हैलो करता रह जाता है ! उसे विराज पर बहुत गुस्सा आ रहा था ! पर उस वक्त वो चाहकर भी कुछ नही कर सकता था ! खैर चार पांच दिन और बीत जाते है पर ना तो रिया का फोन आता है और ना कोई मैसेज !
लकी उसके बिना कितना बैचेन हो गया था ये तो बस वही जानता था और अब तो वो उसे सामने से फोन भी नही कर सकता था ! क्योकि इतना तो वो समझ गया था कि अगर रिया ने फोन नही किया है तो मतलब उसका पति अभी घर पर ही है उसके साथ ! लकी के लिए एक एक पल काटना भारी पड़ रहा था ! एक के बाद एक दिन गुजरता जा रहा था और रिया के बिना लकी की हालत बहुत खराब हो रही थी ! ना उसे खाने का होश ना पीने का ,बस सारा दिन घर मे पडा रहता था और जब दिल करता था तो मंजरी मे रिया को ढूंढने उसके पास चला जाता है ! और उसके जिस्म के साथ अपनी हवस मिटाने लगता था ! इन दिनो वो मंजरी के बहुत नजदीक चला गया था और अब मंजरी उस पर शादी का दवाब बढाने लगी थी ! और लकी उसे हर बार टालता जा रहा था !
देखते ही देखते पूरा एक महीना बीत जाता है और एक महीने बाद कुछ ऐसा होता है जो लकी ने कभी सोचा नही था ....
जारी है
कमैंट करना भूलना मत ,जितनी जल्दी आप कमैंट करोगे उतनी जल्दी आपको अगला भाग मिलेंगा !
Copyright " Navjot kaur "
गातांक से आगे...
लकी के लिए एक एक पल काटना भारी पड़ रहा था ! एक के बाद एक दिन गुजरता जा रहा था और रिया के बिना लकी की हालत बहुत खराब हो रही थी ! ना उसे खाने का होश ना पीने का ,बस सारा दिन घर मे पडा रहता था और जब दिल करता था तो मंजरी मे रिया को ढूंढने उसके पास चला जाता है ! और उसके जिस्म के साथ अपनी हवस मिटाने लगता था ! इन दिनो वो मंजरी के बहुत नजदीक चला गया था और अब मंजरी उस पर शादी का दवाब बढाने लगी थी ! और लकी उसे हर बार टालता जा रहा था !
देखते ही देखते पूरा एक महीना बीत जाता है और एक महीने बाद कुछ ऐसा होता है जो लकी ने कभी सोचा नही था !
दोपहर का वक्त था ! लकी रिया के लिए बहुत परेशान हो रहा था ! दोपहर की तेज चमचमाती धूप और भंयकर गर्मी के कारण पूरी बस्ती मे सन्नाटा पसरा हुआ था ! दूर दूर तक कोई नही था ! लकी भी अपने घर मे था और अपने फोन को देख रहा था कि अब भी रिया का फोन आएगा ,अब भी उसका फोन आएगा !! तभी उसके दरवाजे पर दस्तख होती है ! दस्तख भी ऐसी जो वहां के शांत से माहौल मे किसी तूफान की तरह लग रही थी ! लकी इरीटेट होते हुए - अब कौन मर गया ....ये कहता हुआ वो दरवाजा खोलता है ! सामने पसीने से लथपथ मंजरी खडी थी ,,जिसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था ! और चेहरे से वो काफी परेशान लग रही थी ! वो झट से अंदर आती है और अंदर से दरवाजा बंद कर देती है !
लकी को कुछ समझ नही आ रहा था ! मंजरी ये तू क्या ,,वो अभी बोल ही रहा था कि तभी मंजरी एकदम से उसके पास जाती है और उससे लिपट जाती है ! ये देखकर लकी हैरान रह जाता है ! वो देखता है कि मंजरी की सांस जरूरत से ज्यादा तेज चल रही है ! वो उससे सवाल करते हुए - ऐ मंजरी ,,क्या हुआ तुझे तू इतनी घबराई हुई क्यू है ?? मंजरी की आँखो से आसू बहने लगते है ,,वो अपनी आसू भरी नजरो से लकी की तरफ देखती है और फिर रोते हुए - बहुत बडी गड़बड़ हो गई है ,,मैं मैं पेट से हो गई है ! अब तो तुझे जल्दी मुझसे शादी करनी होगी !
ये सुनते ही लकी की हवाईया उड जाती है पर वो अपने चेहरे से पता नही चलने देता ! उल्टा वो मुस्कुराता है ,,मंजरी का माथा चूमता है और उसे अपनी गोद मे उठाकर गोल गोल घूमाते हुए - ऐ मंजरी ,,इतनी बडी खुशी की बात को तू गड़बड़ बोल रही है ! अरी पागल ये तो कितनी खुशी की बात है ! मंजरी तो उसको इतना खुश देखकर हैरान रह गई थी !
तभी लकी उसको नीचे उतारता है और खुद जमीन पर बैठकर उसके पेट को चूमते हुए - अपुन का बच्चा मंजरी अपुन का ,,मंजरी प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए - तू सच मे इतना खुश है रे ? मुझे तो लगा कि तू गुस्सा करेगा ! ये सुनते ही लकी झट से खडा होता है और उसके सर पर चपत लगाते हुए -धत पगली ,,इतने खुशी के मौके पर इतनी खुशी की बात पर मैं क्यू गुस्सा करूंगा ,,ब्लकि अपुन तो आज बहुत खुश है ! फिर उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए और तू जानती है मंजरी आज कितना खुशी का दिन है !
मैं आज ही तेरे घर आकर तेरे बाबा से शादी की बात करने वाला था और आज ही तूने मुझे इतनी बड़ी खुशखबरी दे दी ! ये सुनते ही मंजरी की आंखों में खुशी के आंसू आ जाते हैं और वो भी लकी का चेहरा अपने हाथों में भरते हुए - तू सच कह रहा है लकी ? अरे पागल बिल्कुल सच कह रहा हूं लेकिन एक खुशखबरी अपुन के पास भी है जो अपुन तुझे दिखाना चाहता है ! उसके लिए तुझे अपुन के साथ चलना पड़ेगा वो भी रात को ,,वो भी बिना किसी को बताएं ! मैं चलेगी लकी ,, जहां तू कहेगा वहां जरूर चलेगी पर अभी चलकर हम बाबा से बात करें ?
नही मंजरी पहले में जो चीज तुझे दिखाना चाहता हूं तू वो देख ! जानती है मैं इतने दिनों से शादी के लिए क्यों रुका हुआ था क्योंकि अपुन तुझे लेकर इस घटिया सी बस्ती में नहीं रहना चाहता था !अपुन तुझे रानी बनाकर एक बड़े से महल में रखना चाहता था और इतने दिनों से मैं उस महल को खरीदने के जुगाड़ में लगा हुआ था और आज जाकर मैंने अपनी रानी के लिए वो महल खरीद लिया है ! हा अभी वो तैयार नहीं हुआ है पूरे तरीके से ,,, थोड़ा काम बाकी है लेकिन मैं तुझे दिखा सकता हू ! इतना तो अपुन ने तैयार करवा दिया है ! इसलिए कह रहा हूं पहले तू मेरे साथ चल और वो जगह देख तुझे पसंद आती है तो फिर हम कल बाबा को भी वही लेकर जाएंगे फिर उनको वही बताएंगे ,,,आखिर शादी के बाद वो भी तो हमारे साथ ही रहेंगे ना? लकी उसे अपनी गोल गोल बातों में लपेटते हुए बोलता है और मासूम मंजरी उसकी झूठी बातों पर यकीन करती चली जाती है !
वो एकदम से उसके गले लगते हुए - तू कितना अच्छा है रे लकी ,, मेरे बाबा का भी कितना ख्याल है तुझे ! लकी उसके बालो पर हाथ फेर रहा था लेकिन इस वक्त उसके चेहरे के भाव बिल्कुल बदले हुए थे और वो मन में - अपुन कितना अच्छा है ये तो तुझे आज रात को ही पता चल जाएगा मूर्ख लड़की ! बस फिर क्या था लकी वहां से मंजरी को ये सब पट्टी पढ़ाकर वापस उसके घर भेज देता है ये कहकर कि वो रात को तैयार रहे और अपने बाबा से कोई भी बहाना बना दे ! उसके कहे अनुसार मंजरी ऐसा ही करती है ! लकी पहले ही बस्ती के बाहर चला गया था और उसने एक महंगी गाड़ी भी वहां पर मंगवा रखी थी ! जिसमें बैठा वो मंजरी का इंतजार कर रहा था तभी उसे मंजरी आती हुई दिखाई देती है ! लकी उसके लिए दरवाजा खोलता है मंजरी चुपचाप उसके बराबर वाली सीट पर बैठ जाते हैं और फिर लकी वहां से गाड़ी भगा देता है !
बाप रे कितनी बड़ी गाड़ी है ,,ये किसकी है ? लकी मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखते हुए - मेरी जान अभी तो मेरे साहब की है झूठ बोलकर लेकर आया हूं लेकिन बहुत जल्द मैं अपनी रानी के लिए भी ऐसी ही गाड़ी खरीदूंगा ! ऐसे ही गोल-गोल बातें करते हुए लकी उसे शहर से दूर एक सुनसान जगह पर ले जाता है जहां पर किसी बिल्डिंग का काम चल रहा था ! दूर दूर तक वहां पर कोई भी नहीं था ! लकी गाड़ी से बाहर आता है और उसके साथ-साथ मंजरी भी ! वो चारों तरफ नजरे घूमा कर देखती है तो वहां का माहौल उसे थोड़ा डरावना लगता है ! तभी उसकी नजर सामने बिल्डिंग पर जाती है जो कि तकरीबन दस मंजिला थी !
ये तू मुझे कहां लेकर आया है लकी ? वो उस बिल्डिंग को नीचे से लेकर ऊपर तक देखते हुए बोलती है ! लकी मजबूती से उसका हाथ पकड़ता है और उसे अपनी तरफ खींचते हुए - तू चल तो सही मेरी जान तुझे कुछ दिखाना है ! ये कहता हुआ वो उसे अपने साथ अंदर ले जाता है ! चूंकि बिल्डिंग का काम अभी पूरा नहीं हुआ था इसलिए वहां पर कोई भी नहीं था ! लकी उसे सीडीओ के रास्ते से दसवे माले पर ले जाता है और वहां पर जो फ्लैट बनाया जा रहा था वो उसे दिखाते हुए - देख अपुन ने तेरे लिए ये वाला फ्लैट बुक करवाया है ! अभी पूरा तो नहीं है लेकिन बहुत जल्दी ये पूरा हो जाएगा और फिर मैं और मेरी रानी यहीं आकर रहेंगे !
मंजरी खुशी से झूमते हुए - सच में लकी ये तो बहुत अच्छी जगह है ,,ये तो वैसा ही है जैसे फिल्मो मे दिखाते है ,,जैसे अमीर लोगों के रहने की जगह होती है ! लकी उसके गाल पर प्यार से अपना हाथ फेरते हुए - अपुन इन अमीरो से कम है क्या ?? और अभी तो ये कुछ भी नहीं है अभी तो अपुन तुझे टैरिस पर लेकर जाएगा ! ये कहता हुआ वो उसे बिल्डिंग की टैरिस पर ले जाता है !
बाबा रे ,,,कितनी बड़ी जगह है ये यहां पर तो हमारी पूरी की पूरी बस्ती आकर बैठ सकती है ,,वो हैरान होते हुए बोलती है ! उसकी बात सुनकर लकी को हंसी आ जाती है ! वो उसका हाथ पकड़ कर वहां पर लगी रेलिंग के करीब ले जाता है और फिर वहां से उसे चांद देखने का इशारा करते हुए - मंजरी देख यहां से चांद कितना नजदीक लग रहा है ना ? सब कितना खुला खुला लग रहा है ना यहां पर ? मंजरी जो अपनी सुध बुध खो चुकी थी वो भी उसकी बातों में खो जाती हैं और उसकी हा मे हा मिलाने लगती है ! तभी लकी उलका चेहरा अपनी तरफ घूमाता है और प्यार से - ये मंजरी अपुन बहुत चाहता है तुझे ,,अपुन तेरे लिए कुछ भी कर सकता है तू कहेगी ना यहां से कूद जा तो अपुन कूद जाएगा !
तू पागल हो गया है क्या लकी ,, मैं भला ऐसा क्यों कहूंगी तुझे ,,मैं तो चाहती हूं तू हमेशा सही सलामत रहे और मेरे साथ रहे !
ऐ मंजरी तू भी अपुन को इतना ही प्यार करती है क्या ? इसमें कोई शक है क्या लकी ? एक लड़की जो तुझे अपना सब कुछ सौंप चुकी है जो तेरे बच्चे की मां बनने वाली है ,तू उससे पूछ रहा है वो तुझे कितना प्यार करती है !
ऐ मंजरी तू भी मुझे उतना ही चाहती है जितना मैं तुझे चाहता हूं ? क्या तू भी मेरे लिए यहां से कूद सकती है ? मंजरी हैरानी से उसकी तरफ देखती है ! लकी उसके और करीब जाते हुए - बोल न ,,,तू भी अपुन के लिए यहां से कूद सकती है ? मंजरी उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए - हा ,,कूद सकती हू ! ये सुनते ही लकी के चेहरे के भाव एकदम से बदल जाते है और वो टेढा मुस्कुरा कर - तो कूद जा ,,,इतना कहकर वो उसे जोर से धक्का दे देता है ...
जारी है....
कमैंट करना भूलना मत 😊😊
Copyright " Navjot kaur "
गातांक से आगे...
ऐ मंजरी तू भी मुझे उतना ही चाहती है जितना मैं तुझे चाहता हूं ? क्या तू भी मेरे लिए यहां से कूद सकती है ? मंजरी हैरानी से उसकी तरफ देखती है ! लकी उसके और करीब जाते हुए - बोल न ,,,तू भी अपुन के लिए यहां से कूद सकती है ? मंजरी उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए - हा ,,कूद सकती हू ! ये सुनते ही लकी के चेहरे के भाव एकदम से बदल जाते है और वो टेढा मुस्कुरा कर - तो कूद जा ,,,इतना कहकर वो उसे जोर से धक्का दे देता है ...!
अचानक हुए इस हमले से मंजरी सम्भल नही पाती और दसवे माले से नीचे की तरफ गिरने लगती है ! उसकी एक दर्द भरी चीख वहां के शांत माहौल मे गूंज जाती है ! गिरते हुए भी उसके होठों पर एक ही नाम था - लकी ...वो अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाती है कि शायद लकी उसे पकड़ ले ,बचा ले ,ऊपर की तरफ खींच ले पर सब बेकार ! ब्लकि लकी उसे गिरते हुए देखकर शैतानी हंसी हसने लगता है ! अगले ही पल मंजरी धडाम से नीचे जाकर गिरती है और वहीं पर उसकी मौत हो जाती है ! लकी उसे ऊपर से देखते हुए - साली बच्चा पैदा करेगी ....! वो अभी बोल ही रहा था कि तभी उसके फोन पर रिया का मैसेज आता है !
रात को बाहर बजे तुम्हारा इंतजार करूंगी लकी ! आज पूरे ,एक महीने बाद रिया का मैसेज आया था ,,पूरे एक महीने बाद रिया ने उसे अपने घर पर बुलाया था ! मैसेज पढ़ते ही लकी के चेहरे पर चमक आ जाती है और वो तुरंत वहां से नीचे की तरफ भागता है ! क्योकि कुछ ही देर में बारह बजने वाले थे !
वो फटाफट से नीचे पहुंचता है और बिल्डिंग से बाहर निकलता है , जहां मंजरी की लाश पड़ी थी ! लकी उसे देखते हुए - साली यही पनौती थी अपुन की जिंदगी की ,, इसके मरते ही रिया बेबी का मैसेज आ गया ,,पता होता तो पहले ही टपका देता ! ये कहते हुए वो अपनी गाड़ी में बैठता है और तेजी से वहां से निकल जाता है ! बिचारी मंजरी अपने अंधे प्यार की कीमत उसने अपनी जान देकर चुकाई ,,और लकी को उसके मरने का जरा भी अफसोस नही था ! वो तो खुशी खुशी जा रहा था रिया के पास ,,अपनी रात रंगीन करने के लिए ! वो बहुत तेजी से गाडी चला रहा था ताकि जितनी जल्दी हो सके रिया के पास पहुंच सके !
कुछ ही देर मे वो रिया के बंगले के पास पहुंच जाता है ! बंगले से कुछ दूरी पर वो अपनी गाडी रोकता है और रूमाल से अपना चेहरा कवर करके बाहर आता है और फिर वहां से पैदल ही बंगले की तरफ बढ़ने लगता है ! रिया ने पहले ही उसे सारे खुफिया रास्ते बता रखे थे जिसके जरिए लकी आसानी से बिना किसी की नजर मे आए रिया के पास पहुंच जाता था और आज भी ठीक ऐसा ही हुआ ! वो सबसे बचते बचाते रिया के कमरे के नजदीक पहुंच गया ,,हमेशा की तरह कमरे का दरवाजा खुला हुआ था पर आज एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था वहां पर जोकि लकी को भी महसूस हो रहा था ! वो अंदर जाता है तो देखता है उस कमरे के बीचो बीच रखे किंग साईज बैड पर रिया लेटी हुई है पर बैड के चारो और वाईट कलर के पर्दे लगे हुए थे जो कि हवा से लहरा रहे थे पर उनकी वजह से वो रिया को अच्छे से देख नही पा रहा था !
खैर वो जल्दी से दरवाजा अंदर से बंद करता है और रिया के पास जाते हुए - रिया बेबी ,,ये कहते हुए वो जैसे ही उस पर्दे को हटाता है उसकी आँखे हैरानी से फैल जाती है !
रिया बिस्तर पर उल्टी लेटी हुई थी और उसके बदन पर एक भी कपडा नही था ,,बस उसने अपने आधे बदन को एक सफेद कलर की चद्दर से कवर कर रखा था ,,लकी की नजरे उसके बदन पर जाती है तो उसकी आँखो मे खून उतर आता है क्योकि उसके पूरे बदन पर चोंटो के निशान थे ,कुछ नए कुछ पुराने ,कुछ जख्मो से खून रिस रहा था ,ऐसा लग रहा था जैसे उसे बेल्टो से मारा गया हो ! ये सब देखकर लकी हैरान रह गया था ,,वो जल्दी से रिया के पास जाता है और उसे अपनी बांहो मे भरते हुए - रिया बेबी ये सब ,,वो अभी बोल ही रहा था तभी उसका ध्यान रिया के चेहरे पर जाता है ! चेहरे पर भी मार पीट के निशान थे ,होँठो के किनारे से खून रिस रहा था और उसकी आँखो से अनगिणत आसू बह रहे थे ! उसकी ऐसी हालत देख कर लकी को बहुत बुरा लगता है !
वो उसे अपने और करीब करते हुए - ये सब ,,इससे पहले की वो अपनी बात पूरी करता उससे पहले ही रिया उससे लिपट जाती है और बेतहाशा रोते हुए - उसने मुझे बहुत मारा लकी ,बहुत मारा ! मार मार कर देखो मेरी क्या हालत कर दी ,पिछले एक महीने से यही सब चल रहा है ,हमेशा डर के साए मे रहती हू कि पता नही कब विराज आकर मुझको मारने लग जाएगा ,वो मुझे जान से मार देगा लकी ,जान से मार देगा ! उसके सीने से लगी वो रो रो कर अपनी हालत ब्यां कर रही थी और अपना दिल हल्का कर रही थी ! उसकी बाते सुनकर उसके आसू देखकर लकी को बहुत गुस्सा आ रहा था !
गुस्से से उसके हाथो की मुट्ठिया कस जाती है ! वो एकदम से रिया के बदन से उस चद्दर को पूरी तरह अलग कर देता है तब उसे पता चलता है कि रिया के बदन का ऐसा कोई हिस्सा नही था जहां विराज ने उसे मारा न हो ,,यही नही उसके बदन पर काटने और नौंचने के भी निशान ने ,,,जो इस बात की गवाही दे रहे थे कि विराज ने कितने बुरे तरीके से नौंचा है उसके जिस्म को ! रिया झट से खुद को चद्दर से कवर कर लेती है और एक बार फिर उसके सीने से लग कर रोने लगती है ! मुझे ऐसे मत देखो लकी ,,,मैं तो आईने मे खुद को देख भी नही पा रही हू ...खुद को देखती हू तो उस दरिदें की हैवानियत नजर आती है मुझे !
लकी अपने हाथ से उसके आसू साफ करते हुए - पर उसने ऐसा किया क्यू ? क्या उसे अपुन दोनो के बारे मे पता चल गया है ? वो रिया से सवाल करता है !
पता नही पर जबसे वो आया है उसका मूड उखडा उखडा सा है ! कुछ बोलता नही है बस जरा जरा सी बात पर जानवरो की तरह मारता है ,आज भी बस मेरी ये गलती थी कि मुझसे चाय गिर गई और उसका मंहगा कालीन खराब हो गया !बस इतनी सी बात पर उसने मुझे जानवरो की तरह पीटा और फिर अपना बैग लेकर चला गया ! अब दो दिन से पहले वो नही आएगा !
सारी बात सुनकर लकी गुस्से से - अपुन उसे नही छोडेगा रिया ,उसे तो खर्चा पानी देना ही पडेगा ! उस साले की हिम्मत कैसे हुई तुझ पर हाथ उठाने की ,जी में तो आ रहा है कि अभी के अभी उसका गेम बजा दू ,,,बता कहां मिलेगा वो ..?? लकी गुस्से से बोलता है !
उसकी बात सुनकर रिया घबरा जाती है और वो उसे मना करते हुए - नही लकी नही ,ऐसा मत करना ,वो बहुत बडा आदमी है ,अरे उसको एक छींक भी आती है तो वो भी खबर बन जाती है ,,ऐसे मे तुमने उसे कुछ कर दिया तो पुलिस तुम्हारे साथ ...नही नही लकी मैं तुम्हे नही खो सकती ,एक तुम ही तो जिसके साथ मैं अपना दुख दर्द सब बांट सकती हू ,अगर तुम ही मुझसे दूर चले जाओगे तो मेरा क्या होगा ,मैं तो जीते जी मर जाऊंगी ! वो और भी ज्यादा रोते हुए बोलती है ! इस वक्त वो अपने होश मे नही थी !
लकी एकदम से उसे अपनी बांहो मे भर लेता है और उसे शांत करते हुए - ओके ,अपुन कुछ नही करेगा ,जैसा तू कहेगी वही करेगा पर तू रो मत ! अपने आसू पौंछ और ये बता कि मैं तेरे लिए ऐसा क्या करू जिससे तू खुश हो जाए ..
उसकी बात सुनकर रिया की आँखे झिलमिला जाती है और वो हल्का सा हसते हुए - तुम सच मे मेरा कितना ध्यान रखते हो न लकी ,तुम सच मे कितने अच्छे हो लकी ! फिर वो पास रखी एक क्रीम लकी के हाथ मे रख देती है और खुद को चद्दर से पूरी तरह आजाद करके बिस्तर पर उल्टा लेट जाती है ,,,लकी मेरे जख्मो पर अपने हाथो से मरहम लगा दो ,,मुझे इस तरह छूओ कि मैं उस विराज की छूअन को भूल जाऊ .....
जारी है...
कमैंट करना मत भूल जाना 😊😊
Copyright "Navjot kaur "
गातांक से आगे...
लकी एकदम से उसे अपनी बांहो मे भर लेता है और उसे शांत करते हुए - ओके ,अपुन कुछ नही करेगा ,जैसा तू कहेगी वही करेगा पर तू रो मत ! अपने आसू पौंछ और ये बता कि मैं तेरे लिए ऐसा क्या करू जिससे तू खुश हो जाए ! उसकी बात सुनकर रिया की आँखे झिलमिला जाती है और वो हल्का सा हसते हुए - तुम सच मे मेरा कितना ध्यान रखते हो न लकी ,तुम सच मे कितने अच्छे हो लकी ! फिर वो पास रखी एक क्रीम लकी के हाथ मे रख देती है और खुद को चद्दर से पूरी तरह आजाद करके बिस्तर पर उल्टा लेट जाती है ,,,लकी मेरे जख्मो पर अपने हाथो से मरहम लगा दो ,,मुझे इस तरह छूओ कि मैं उस विराज की छूअन को भूल जाऊ !
ये कहते हुए वो अपनी आँखे बंद कर लेती है ! लकी वो दवाई साईड़ मे रखता है और पहले अपनी शर्ट उतारकर एक तरउ फैंक देता है और फिर बिस्तर पर उसके करीब बैठ जाता है ! अगले ही पल वो अपनी उंगलिया रिया की पीठ पर फिराता है ,वो भी इतने प्यार से की रिया को इस दर्द मे भी एक मिट्ठा का एहसास होता है ,,मदहोशी से उसकी हल्की सी सिसकी निकल जाती है ,,बस इतना काफी था लक्की के तन बदन मे आग लगाने के लिए और शायद रिया के भी ! लक्की उसकी पीठ के बिल्कुल ऊपर आ जाता है और उसके जख्मो पर अपने होंठ रख देता है और बेहद प्यार से चूम लेता हेै ! और वो लगातार ऐसा करता ही चला जाता है ! रिया के पूरे जिस्म पर घाव थे और अब लक्की के होंठ उसके हर घाव को छू रहे थे ! जैसा कि रिया ने उसको कहा था कि वो उसे इस तरीके से छुए कि वो विराज की छूअन को भूल जाए तो वो ऐसा ही कर रहा था !
अपने हाथो से ,अपने होंठो से रिया को इस तरह छू रहा था कि वो सच मे विराज की छूअन को भूलने लगी थी ! अब बस उसे लक्की के प्यार का ,उसकी छूअन का एहसास हो रहा था और वो इस छूअन मे डूबती जा रही थी ,उसके छूने से पिघलती जा रही थी ! लक्की के हाथ और होंठ अभी भी उसकी पीठ को तराश रहे थे ! वो एकदम से उसे अपनी बांहो मे भरकर सीधा करता है और एकदम से अपने होंठ उसके होंठो पर रख देता है ! और साथ के साथ उसके हाथ रिया के बदन पर फिसल रहे थे ! रिया की बांहे उसकी पीठ पर कस जाती है और भी उसे व्लाईड तरीके से किस करने लगती है ! दोनो एक दूसरे मे डूबते जा रहे थे ! वैसे भी दोनो पूरे एक महीने बाद इस तरीके से एक दूसरे के करीब आए थे ! रिया तो उसकी बांहो मे अपना दुख अपनी तकलीफ सब कुछ भूल गई थी !
उसे अब कुछ याद था तो वो बस लक्की का प्यार था ! कुछ ही देर मे लक्की अपने बाकि बचे कपडे भी उतार देता है और फिर से रिया को अपने प्यार का एहसास करवाता है ! उसने मंजरी के साथ क्या किया ,मंजरी उसे कितना प्यार करती थी ,यहां तक कि वो उसके बच्चे की मां बनने वाली थी पर लक्की को तो दूर दूर तक याद नही था कि उसकी जिंदगी मे कोई मंजरी भी थी ! ना जाने कितनी देर तक दोनो एक दूसरे मे डूबे रहते है ,एक दूसरे मे समाए रहते है ! कुछ देर बाद सब कुछ शांत होता है ! रिया अभी भी लक्की से लिपटी हुई थी उसने अपना सर लक्की के सीने पर रखा हुआ था और दोनो एक ही चद्दर मे लिपटे हुए थे !
लक्की की ऊंगलिया रिया के बालो से खेल रही थी ! रिया उसे और भी कसकर पकड़ते हुए - अगर तुम मेरी जिंदगी मे नही होते तो मेरा क्या ही होता लक्की ,,शायद मैं तो जिंदा भी नही होती ! सच कहू लक्की विराज पिछले एक महीने से मेरे साथ था ,पर कभी उसने मुझसे प्यार से दो बात नही की ,कभी मुझसे ये नही पूछा कि उसके बिना मैं कैसे रहती हू ,मुझे क्या पसंद है क्या नही ये कभी जानने की कोशिश नही की उसने ! मैं सोचती थी कि विराज मुझे समय नही देता कभी मेरे पास नही रहता लेकिन पिछले एक महीने मे जो जो मैने झेला है वो तो बस मैं ही जानती हू ! वो इंसान नही जानवर है जानवर ! पिछले एक महीने मे एक भी बार उसने मुझसे प्यार से बात नही की पर हर रात मेरे जिस्म को नौंचना नही भूला !
मुझे तो उसके नाम से ही घिन आ रही है ! तभी लक्की अपने हाथ से उसका चेहरा ऊपर करते हुए - ऐ अब तो मैने छुआ है तुझे ,,अब भी घिन आ रही है क्या ? ये सुनते ही रिया मुस्कुराती है और आहिस्ता से उसके होठो को चूमते हुए - अब तो मुझे बस तुम पर प्यार आ रहा है ,,सच लक्की मेरे जिंदगी के अधुरे पन को पूरा कर दिया है तुमने ,,मुझे इतना प्यार विराज से कभी नही मिला ,जितना तुमने मेरे दामन मे भर दिया ! और अब मुझे तुम्हारा साथ और प्यार हमेशा के लिए चाहिए ! वो उसे कसकर अपनी बांहो मे भरते हुए बोलती है ! लक्की एकदम से उसको बांहो मे भरता है और करवट लेकर उसके ऊपर आ जाता है !
उसकी इस हरकत पर रिया शरमा उठती है ! लक्की उसके और भी करीब जाता है और प्यार से - अपुन भी तेरे बिना नही रह सकता चाहे कुछ भी हो जाए ! तेरे से दूर जाता तो भी तेरा इच ख्याल रहता है ! अच्छा सुन तुझे पक्का पता है तेरा वो पति दो दिन के बाद ही आएगा ?
हा दो दिन के बाद ही आएगा पर उसके बाद कब जाएगा ये मैं नही बता सकती और मुझे तो डर है कि पिछली बार की तरह वो गया ही नही तो ...तो मैं कैसे रहूंगी तुम्हारे बिना ! वो लक्की के सीने से लगते हुए बोलती है ! लक्की उसके पूरे बदन को अपनी बांहो मे समेटते हुए - मेरी जान ,अब विराज आए या उसका बाप पर अपुन तुझे छोड़ कर नही जाएगा ! अपुन नही रह सकता तेरे बिना एक पल नही रह सकता ...ये कहते हुए वो ना जाने कितनी बार उसका चेहरे को ,उसके होंठो को चूम लेता है और फिर से उसे बिस्तर पर पटक कर उसके बदन के साथ खिलवाड़ करने लगता है ! रिया भी अब खुलकर उसका साथ दे रही थी !
दोनो पूरी दुनिया को भुलाकर एक दूसरे मे डूबे हुए थे ! और वो तब तक ऐसे ही एक दूसरे मे डूबे रहते है जब तक विराज वापस नही आ जाता ! दो दिन बीत जाते है और आज रात को विराज वापस आने वाला था !
शाम ढल गई थी ! लक्की और रिया निर्वस्त्र अभी भी बिस्तर पर थे और एक दूसरे मे समाय हुए थे ! रिया की नजरे घडी पर जाती है तो वो एक दम से - अब तुम्हे जाना होगा लक्की ,,विराज किसी भी वक्त आता होगा ! इससे पहले कि वो आ जाए तुम चले जाओ ! वो परेशान होते हुए बोलती है पर लक्की एक दम से - नही रिया ,अपुन नही जाएगा अपुन नही रह सकता तेरे बिना ,अपुन का मन नही लगेगा और उस राक्षस के पास अपुन तुझे छोड़कर नही जाएगा !
ये सुनते ही रिया घबरा जाती है कि अगर लक्की वहां से नही गया और उससे पहले ही विराज आ गया तो ...वो अभी ये सब सोच ही रही थी तभी उसके दरवाजे पर नॉक होता है ....
जारी है...
कमैंट किए बिना चले मत जाना ,,😊
गातांक से आगे....
शाम ढल गई थी ! लक्की और रिया निर्वस्त्र अभी भी बिस्तर पर थे और एक दूसरे मे समाय हुए थे ! रिया की नजरे घडी पर जाती है तो वो एक दम से - अब तुम्हे जाना होगा लक्की ,,विराज किसी भी वक्त आता होगा ! इससे पहले कि वो आ जाए तुम चले जाओ ! वो परेशान होते हुए बोलती है पर लक्की एक दम से - नही रिया ,अपुन नही जाएगा अपुन नही रह सकता तेरे बिना ,अपुन का मन नही लगेगा और उस राक्षस के पास अपुन तुझे छोड़कर नही जाएगा ! ये सुनते ही रिया घबरा जाती है कि अगर लक्की वहां से नही गया और उससे पहले ही विराज आ गया तो ...वो अभी ये सब सोच ही रही थी तभी उसके दरवाजे पर नॉक होता है ....
जिसे सुनकर रिया बहुत घबरा जाती है क्योकि उसके कमरे तक आने का हक सिर्फ विराज को था किसी और को नही ! विराज आ गया है ये जानकर वो घबरा जाती है और हड़बडाते हुए लक्की की तरफ देखकर - मैं तुमसे कहा था ना चले जाओ यहां से ,,विराज आ गया है और उसने अगर हम दोनों को ऐसे साथ में देख लिया तो ? लकी उसके दोनों कंधे पकड़ते हुए - तो क्या रिया बेबी तो क्या ? तुम इस तरीके से घबराओगी तो उसे नहीं भी पता चलना होगा तो भी पता चल जाएगा और मैं तो कहता हूं की ,,, तभी रिया एकदम से उसके होठों पर हाथ रखते हुए - धीरे बोलो लक्की धीरे ,,नही तुम कुछ मत बोलो ,तुम बस जाओ यहां से ,,कहीं विराज ने तुम्हें यहां देख लिया और अगर उसने तुम्हे कुछ ,,,नही नही लक्की मेरे जीने का सिर्फ तुम सहारा हो ,तुम्हे कुछ हो गया तो मैं कैसे रहूंगी !
लक्की कुछ कहने की कोशिश करता है पर तभी रिया - तुम्हे मेरी कसम लक्की ,,जाओ यहां से ! तभी दरवाजे पर फिर से दस्तख होती है और एक नौकरानी की आवाज आती है - मैंम आप ठीक हैं ? नौकरानी की आवाज सुन के रिया थोड़ा शांत होती है कि थैंक गॉड विराज नहीं है लेकिन तभी उसका दिमाग ठनकता है कि नौकरानी ऊपर आई तो आई कैसे क्योंकि उसे तो ऊपर आने से मना किया है ! तभी रिया थोड़े गुस्से से - तुम यहां पर क्या कर रही हो ?
मैंम डिनर का टाइम हो गया है और विराज सर पिछले पांच मिनट से आपका वेट कर रहे हैं और उन्होंने ही मुझे आपको बुलाने के लिए भेजा है ! ये सुनते ही रिया के हाथ पैर फूल जाते हैं और वो घड़ी में देखती है ! हे भगवान मेैं ये कैसे भूल गई की डिनर टाइम तक तो विराज ने आ जाना था और वो मिनट से इंतजार कर रहा है ! एक-एक मिनट का हिसाब रखने वाला विराज पूरे पांच मिनट का हिसाब मुझसे मांगेगा तो मैं क्या करूंगी लक्की ? वो फिर से मेरे साथ ...ये कहते हुए उसकी आँखो से आसू बहने लगते हैं ! अगले ही पल लक्की उसके होठों पर अपनी उंगली रखते हुए - शशशश...कुछ नहीं होगा रिया ,कुछ नहीं कर पाएगा वो विराज ! ये गोली पकड ,,वो उसके हाथ में एक छोटी सी गोली रखते हुए बोलता है ! कैसे भी करके किसी भी चीज में मिलाकर ये उसे खिला दे ! रिया एकदम से - ये गोली इससे विराज को कुछ ....
लक्की बीच मे ही - टेंशन मत ले , ये सिर्फ नींद की गोली है कुछ नहीं होगा उसे ,बस एक घंटे बाद वो गहरी नींद में सो जाएगा ! और फिर वो सुबह तक नहीं उठेगा , फिर चाहे कुछ भी हो जाए ! फिर अपुन आएगा और तेरे साथ ही रहेगा ,,ये कहता हुआ वो जल्दी से उसके होंठो को चूम लेता है और फिर उसे वो गोली पकड़ा कर वहां चला जाता है ! रिया कभी अपने हाथ में पकड़ी गोली को देख रही थी तो कभी जाते हुए लक्की को ,उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करें ! वो ये दवाई विराज को दे या ना दे ? तभी उसे याद आता है कि नीचे विराज उसका इंतजार कर रहा है ,, वो जल्दी से अपनी भावनाओं पर काबू पाती है अपनी घबराहट को छुपाती है ,अपने कपड़े सही करती है और फिर झट से नीचे चली जाती है !
उधर लक्की रिया के घर से निकल तो गया था और अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गया था और इंतजार कर रहा था रिया के फोन या मैसेज का , कि कब वो उसे फोन करती है कि विराज गहरी नींद में सो गया है ! लक्की को तो ये था कि एक घंटे में रिया का फोन आ जाएगा ! लेकिन तीन चार घंटे बीत जाते हैं पर रिया का कोई फोन या मैसेज नहीं आता ! लक्की को उसकी बहुत फिक्र होने लगती है कि कहीं सच में विराज को पता तो नहीं चल गया और कहीं उसने ही रिया के साथ कुछ ,, ये सोच कर ही वो घबरा उठता है और फैसला करता है वापस रिया के पास जाने का !ये देखने कि वो ठीक है या नहीं ?
कुछ देर में वो रिया के बंगले के पीछे वाले रास्ते के करीब पहुंच गया था लेकिन उसके मन में यही सवाल चल रहे थे कि रिया के पास जाए या ना जाए ? विराज गहरी नींद में सोया होगा या नहीं ? कहीं वो रिया के लिए कोई खतरा ना बढा दे ? पर तभी उसे ख्याल आता है कि कहीं विराज ने हीं रिया को कुछ कर ना दिया हो ,कहीं वो उसे मार ना रहा हूो ? ये ख्याल आते ही वो खुद को रोक नहीं पाता और पीछे वाले रास्ते से होता हुआ रिया के कमरे की तरफ बढ़ने लगता है ! रात काफी हो चुकी थी इसलिए सारे नौकर सो चुके थे तो उसे कोई खतरा नहीं था ! फिर भी वो बहुत धीरे-धीरे दबे पांव रिया के कमरे की तरफ जा रहा था ! घर में एकदम शांति पसरी हुई थी ,एक घड़ी की टिक टिक थी जो दूर तक सुनाई दे रही थी ! ऐसा अजीब सा माहौल था की लक्की को भी हल्की-हल्की घबराहट हो रही थी क्योंकि पहली बार रिया के बिना बुलाए वो वहां तक पहुंच गया था !
कुछ देर में वो रिया के कमरे के सामने खड़ा था पर ये क्या दरवाजा तो अंदर से बंद था ! अरे ये साला दरवाजा तो अंदर से बंद है ,,अब कैसे पता करूं ? वो मन ही मन बोल रहा था तभी उसकी नजर खिड़की पर जाती है जिसका एक दरवाजा खुला हुआ था और एक बंद था ! वो बिना देर किए खिड़की के पास जाता है तो क्या देखता है कि रिया एक कोने में एक पतली सी चद्दर में लिपटी हुई है उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं है और चेहरे पर मारपीट के निशान है और उसकी आंखों से इस वक्त भी आंसू बह रहे है ! उसके कंधे पर गले पर पीठ पर काटने और नोचने के निशान है जिससे वो समझ जाता है कि विराज ने एक बार फिर बड़ी हैवानियत के साथ अपने पति होने का हक वसूल किया है !
तभी उसकी नज़रें बिस्तर पर सो रहे विराज पर जाती हैं जिसका चेहरा दूसरी तरफ था और वो बिस्तर पर उल्टा लेटा हुआ था और उसके आधे बदन पर एक वाइट कलर की चद्दर थी और आधे बदन पर कुछ भी नहीं जिससे साफ पता चल रहा था कि उसके बदन पर भी एक भी कपड़ा नहीं है ! रिया जो कोने में बैठी आंसू बहा रही थी ,,उसकी नज़रें खिड़की पर खड़े लक्की पर जाती है !
वो लक्की को अपने पास आने का इशारा करती है ! लक्की आहिस्ता से खिड़की में से कूद कर अंदर आता है और सीधा रिया के पास जाकर - रिया बेबी ये सब फिर से ? ये साला इंसान है या जानवर ? पर ये सब कैसे हुआ ,, अपुन ने कहा था ना कि इसे दवाई दे देना वो धीरे-धीरे बोल रहा था ! रिया एक नजर बिस्तर पर सो रहे हैं विराज की तरफ देखती है और फिर फीका मुस्कुराते हुए - तुम्हें क्या लगता है कि विराज को ऐसे कोई नींद की दवाई देना या उसके खाने में कुछ मिला देना इतना आसान है ? नहीं लक्की जहां से दुनिया की सोच खत्म होती है वहां से ये इंसान सोचना शुरु करता है ! खाना खाने के लिए मैं पाच मिनट देर से क्या पहुंची तो उसका बदला इस इंसान में इस तरह लिया मुझसे ! वो तो भगवान को मुझ पर तरस आ गया और इसका एक फोन आ गया जिसका फायदा उठाकर मैंने इसकी ड्रिंक में गोली मिला दी इसलिए अभी ये ऐसे गहरी नींद में सो रहा है वरना इसका बस चलता है तो ये पूरी रात मुझे नौंचता !
ये कहते हुए वो एकदम से लक्की के सीने से लग जाती है ! लक्की भी तुरंत उसे अपनी बाहों में भरते हुए - रिया बेबी ऐसा कब तक चलेगा ? अपुन को बहुत गुस्सा आ रहा है ,अपुुन अभी भी कह रहा है कि छोड़ इसे और अपुन के साथ चल ,अपुन दोनो हमेशा के लिए एक हो जाते है !
रिया एकदम से उससे अलग होती है और अपनी आसू भरी नजरो से उसकी तरफ देखती है और बेबसी से - ये इतना आसान नही है लक्की ! जब तक ये इंसान हम दोनो के बीच मे रहेगा तब तक हम दोनो एक नही हो सकते ...ये कहते हुए वो अपनी गरदन झुका लेती है जिससे लक्की समझ जाता है कि वो क्या कहना चाहती है ! उसके होंठो पर डैविल स्माईल तैर जाती है ! वो झट से रिया के नजदीक जाता है और उसका चेहरा अपने हाथो मे भरते हुए - ठीक है तो अपुन इसे रास्ते से हटा देगा ,हम दोनो के बीच का यही एक कांटा है लेकिन अब इस कांटे को लक्की जड़ से ही निकाल देगा ,पर तुझे अपना बना कर ही रहेगा ! ये वादा है अपुन का ....
जारी है....
कमैंट करना भूलना नही 😊😊
जब तक ये इंसान हम दोनो के बीच मे रहेगा तब तक हम दोनो एक नही हो सकते ...ये कहते हुए वो अपनी गरदन झुका लेती है जिससे लक्की समझ जाता है कि वो क्या कहना चाहती है ! उसके होंठो पर डैविल स्माईल तैर जाती है ! वो झट से रिया के नजदीक जाता है और उसका चेहरा अपने हाथो मे भरते हुए - ठीक है तो अपुन इसे रास्ते से हटा देगा ,हम दोनो के बीच का यही एक कांटा है लेकिन अब इस कांटे को लक्की जड़ से ही निकाल देगा ,पर तुझे अपना बना कर ही रहेगा ! ये वादा है अपुन का ....
उसकी बाते सुनकर रिया घबरा जाती है ! वो तुरंत लक्की से दूर होती है और घबराते हुए - ऐसा सोचना भी मत लक्की तुम जानते भी हो ये कितना बडा आदमी है , इसको एक खरोंच भी आई तो मुझे पूरे शहर को जवाब देना पडेगा ,पुलिस का सीधा शक मुझ पर आएगा और फिर मैं नही चाहती कि इसको कुछ भी हो ! ये जितना भी बुरा हो पर मेरे परिवार को तो पाल रहा है ना ,इसे कुछ हो गया तो ...लक्की जो कबसे उसकी बात सुन रहा था वो बीच मे ही - इसे कुछ हो गया तो इसकी सारी दौलत तेरे पास आ जाएगी ,फिर तुझे किसी का मोहताज नही होना पडेगा ,,तू खुद अपने परिवार का ध्यान रख सकती है ,,अपुन तेरा पूरा साथ देगा पर तुझे इस जानवर से छुटकारा दिलवाकर रहेगा ! अरे हालत देख अपनी ,,और अगर ये जिंदा रहा तो एक दिन तू मर जाएगी ,ये मार देगा तुझे ! फिर तेरे बाद ये तेरे परिवार का ध्यान रखेगा या नही ये कौन जानता है !
इसलिए अपुन जो कह रहा है वो समझ और दिमाग से काम ले ! मार देते है इसे ,और मामला शांत हो जाने के बाद अपुन दोनो इस शहर से दूसरे शहर चले जाएगे ! किसी को कुछ पता नही चलेगा ! वो रिया को समझाते हुए बोलता है !
रिया को कुछ समझ नही आ रहा था ,उसका दिमाग काम नही कर रहा था ! एक तरफ लक्की की बाते उसके जहन मे घूम रही थी तो दूसरी तरफ विराज के किए अत्याचार ! वो बहुत परेशान हो गई थी ! वो कुछ नही बोलती और कमरे मे लगी खिड़की पर जाकर खडी हो जाती है ! लक्की जो उसे ही देख रहा था वो मन मे - ये लड़की भी ना कुछ समझती नही है ! मन ही मन ये कहते हुए वो उसके पास जाता है और उसे बाजू से पकड़कर अपनी तरफ घूमाता है और एकदम से अपने होंठ उसके होंठो पर रख देता है और उसे डीप किस करने लगता है ! रिया उससे अलग होने की कोशिश करती है पर लक्की उसे नही छोड़ता उल्टा वो उसे और करीब करता है और उसे और भी पैशन के साथ उसे चूमने लगता है !
रिया ज्यादा देर तक उसका विरोध नही कर पाती और वो भी सब भूलकर उसका साथ देने लगती है ! किस करते करते वो लक्की की शर्ट उसके बदन से अलग कर देती है ! पास मे सो रहे विराज का भी अब उसे कोई डर नही था ! लक्की उसे किस करते करते पीछे सोफे पर गिरा देता है और खुद भी उसके ऊपर आ जाता है ! और उसका चेहरा अपने हाथो मे भरता और उसके चेहरे को बेतहाशा चूमते हुए - अब बता मेरे जितना प्यार मैं तेरे को करता हू उतना कोई कर सकता है ? बोल तू रह पाएगी मेरे बिना ? अपुन तो नही रह सकता तेरेे बिना ! ये कहते हुए वो कभी उसके चेहरे को चूम रहा था ,कभी उसके होंठो को ,कभी उसकी गरदन को तो कभी उसके सीने को चूम रहा था और रिया को पागल कर रहा था !
लक्की की यही अदा रिया की कमजोरी थी ! वो कसकर उसे पकड़ते हुए - नही लक्की मैं भी नही रह सकती तुम्हारे बिना ,बिल्कुल नही रह सकती ! इसलिए तो तुम्हे मना कर रही हू कि विराज को कुछ मत करना ,क्योकि फिर तुम्हे कुछ हो गया तो मैं किसके सहारे रहूंगी ,मैं तो जीते जी मर जाऊंगी लक्की ! रिया की सांसे भारी हो रही थी ,,बडी मुश्किल से वो बोल पा रही थी क्योकि लक्की उस पर पूरी तरह हावी था ! वो एक झटके से उसके बदन पर लिपटी चद्दर को अलग कर देता है और रिया को कसकर पकड़ते हुए - अपुन दोनो हमेशा साथ रहे ,यूं ही एक दूसरे से प्यार करते रहे इसलिए तो इस विराज को रास्ते से हटाने का सोच रहा हू जान ,,और तू फिक्र मत कर ,अपुन अपना काम बहुत सफाई से करेगा ,किसी को कुछ पता नही चलेगा पर तुझे मेरा साथ देना होगा ! ये कहते हुए वो पूरी तरह से रिया को अपने प्यार का एहसास करवाने लगता है !
रिया भी अब पूरी तरह बहकने लगी थी और उसने पूरी तरह से खुद को लक्की को सौंप दिया था ! बिस्तर पर सो रहे अपने पति का भी उसे कोई डर नही था ! कुछ देर बाद रिया और लक्की एक दूसरे से अलग होते है ! इस वक्त लक्की कमरे मे लगी खिड़की पर खडा सिगरेट फूंक रहा था ! रिया फिर से खुद को चद्दर से कवर करती है और उसके पास जाकर पीछे से उसे बांहो मे भरते हुए - तुम सही कह रहे हो लक्की ,अब मैं तुम्हारे बिना नही रह सकती और विराज के होते हुए ये पॉसिबल नही हो सकता ! और सच कहा तुमने ये इंसान नही जानवर है ,आज नही तो कल मुझे मार देगा तो उससे पहले हम दोनो मिलकर इसे मार देंगे ! ये सुनते ही लक्की की आँखो मे चमक आ जाती है और वो झट से पीछे पलटता है औप रिया को अपनी बांहो मे भरते हुए - हा ,,ये हुई ना कुछ बात ,अब तू देख इस विराज को मैं कैसे ठिकाने लगाता हू ! वो रिया को अपनी बांहो मे समेटते हुए बोलता है !
रिया उसकी आँखो मे देखते हुए - मैं तेरे साथ हू लक्की ! अब मुझे विराज से कोई मतलब नही है पर तुमसे है ,मुझे तुम चाहिए हर हाल मे चाहिए ! लेकिन विराज को मारना इतना आसान नही है ! हम इसे मारेंगे जरूर मारेंगे पर इस तरीके से जो किसी को हम पर शक ना हो ,खासकर तुम पर और फिर भी अगर तुम पुलिस की नजरो मे आते हो तो उसका भी इलाज है मेरे पास !
वो कैसे ? लक्की उससे सवाल करता है !
एक पुलिसवाला है जिसे मैं जानती हू और वो पैसो का भूखा है ! हमे बस उसे पैसे देने है और वो तुम्हे इन सब झमेलो से आसानी से बाहर निकाल देगा और किसी को पता नही चलेगा कि विराज के साथ क्या हुआ क्या नही ! लेकिन हमे एक एक कदम बहुत सोच समझ कर रखना होगा ! वरना अगर हम दोनो पकडे गए तो ...लक्की बीच मे ही - ऐसा कुछ नही होगा मेरी जान ! अपुन के पास एक मस्त प्लैन है सुन तुझे बताता हू ! इसके बाद वो रिया को अपना प्लैन बताने लगता है ...
उसकी सारी बात सुनने के बाद रिया - पर इसमे तो बहुत खतरा है लक्की ,तुम्हारी जान भी जा सकती है ! वो उसकी फिक्र करते हुए बोलती है ! लक्की उसे समझाते हुए - अपुन को कुछ नही होगा ,हा पर सावधान जरूर रहना होगा हम दोनो को ,,क्योकि सही समय आने पर ही इसका गेम बजा सकते है ! बस तू एक काम करियो अगर अब ये विराज घर पर ही रहे हो कैसे भी करके हर रोज इसे नींद की गोली देती रहियो जब तक मैं इसका काम तमाम नही कर देता तब तक क्योकि अपुन दूर नही रह सकता तुझसे ...तू समझ रही है ना ?
हा लक्की मैं समझ रही हू ,और मैं भी तुमसे दूर नही रह सकती तुम जैसा कहोगे मैं वैसा ही करूंगी बस अब बेस्बरी से उस वक्त का इंतजार है जब इस विराज से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा और हम दोनो एक हो जाएगे..
दोनो विराज को मारने की प्लानिग कर चुके है और अंजाम देने के लिए तैयार है ! अब देखना ये होगा कि क्या वो कामयाब होते है या विराज को सब पता चल जाता है ? ये जानने के लिए बने रहिए कहानी के साथ ..!
जारी है.....
कमैंट करना भूलना नही 😊
गातांक से आगे....
अपुन को कुछ नही होगा ,हा पर सावधान जरूर रहना होगा हम दोनो को ,,क्योकि सही समय आने पर ही इसका गेम बजा सकते है ! बस तू एक काम करियो अगर अब ये विराज घर पर ही रहे हो कैसे भी करके हर रोज इसे नींद की गोली देती रहियो ! जब तक मैं इसका काम तमाम नही कर देता तब तक क्योकि अपुन दूर नही रह सकता तुझसे ...तू समझ रही है ना ? हा लक्की मैं समझ रही हू ,और मैं भी तुमसे दूर नही रह सकती तुम जैसा कहोगे मैं वैसा ही करूंगी बस अब बेस्बरी से उस वक्त का इंतजार है जब इस विराज से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा और हम दोनो एक हो जाएगे !
रिया भी उसकी हा मे हा मिलाती है ! तभी उसकी नजर घड़ी पर जाती है जो की रात के तीन बजने का इशारा कर रही थी ! लक्की ने अभी भी उसे अपनी बाहों में समेट हुआ था ! वो लक्की की तरफ देखती है और उदास होते हुए - मुझे नहीं पता कि मैं सही कर रही हूं या गलत ! पर मुझे तुम्हारा साथ अच्छा लगने लगा है ,तुम्हारा साथ भाने लगा है ! मैं चाहती हूं कि अगर मेरे जिस्म को कोई छुए तो वो सिर्फ तुम हो लक्की उसके अलावा कोई भी नहीं मेरा पति भी नहीं और ये पति के नाम पर बस कलंक है कलंक और अब जितनी जल्दी हो सके मैं इस कलंक को दूर करना चाहती हूं !
मुझे इसकी दौलत से मतलब नहीं है इसके पैसों से मतलब नहीं है लेकिन बस मुझे इससे छुटकारा चाहिए और तुम्हारा साथ ता उम्र के लिए चाहिए ! ताकि हमें यू छुपकर मिलना ना पड़े !पर लक्की इस बात का ध्यान रखना कि विराज को कुछ करने के चक्कर में तुम्हें कुछ नहीं होना चाहिए वरना मैं जीते जी मर जाऊंगी ,,बहुत ज्यादा उदास होते हुए और उसकी फिक्र करते हुए बोलती है ! इस वक्त वो लक्की को बहुत प्यारी लग रही थी , लक्की खुद पर भी घमंड हो रहा था कि एक चांद से भी ज्यादा खूबसूरत लड़की है जो उस पर मर मिटी है ! वो प्यार से उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए - तू अपुन की चिंता मत कर , अपुन जो भी करेगा बहुत ध्यान से करेगा ! लेकिन तुझे इस विराट को हर रात नींद की गोली कैसे भी कैसे करके देंनी है ! देख उसके दो फायदे होंगे ...एक तो हम हर रात यूं ही प्यार कर सकेंगे बिना किसी डर के और दूसरा जब तक मुझे इसे मारने का सही मौका नहीं मिल जाता तब तक तो नींद की दवाई खा करके ये वैसे ही अधमरा हो चुका होगा , इसे मारना मेरे लिए और भी आसान हो जाएगा !
कल को अगर डॉक्टरी जांच भी होती भी है तो रिपोर्ट में आएगा कि ये नींद की दवाई खाता था ! बस अब तू सारी फिक्र छोड़ दे और उस पल का इंतजार कर मेरी जान जब ये कांटा हमारे रास्ते से पूरी तरह निकल जाएगा ! चल अब अपुन चलता है... याद है ना कल से अपुन को अपने प्लान पर काम करना है ! विराज जैसे ही घर से बाहर निकलेगा तो तु मुझे फोन करके अपडेट देगी ! मैं उसके पल-पल की खबर रखेगा वो कब कहां जाता है कहां नहीं किसी से मिलता है उसका क्या रुटीन है ...जितनी ज्यादा जानकारी अपुन को विराज के बारे में होगी , उसे मारना अपुन दोनो के लिए उतना ही आसान होगा और एक बात घबराना बिल्कुल नहीं है ...अपुन है तेरे साथ ! ये कहते हुए वो रिया को एकदम से अपने और करीब करता है और अपने होंठ उसके होठों पर रखकर उसे डीप किस करने लगता है !
रिया की आँखो खुद ब खुद बंद हो जाती है ! तकरीबन दस मिनट बाद लक्की उससे अलग होता है और फिर वहां से चला जाता है ! उसके जाने के बाद रिया एक नजर विराज की तरफ देखती है और मन मे - तुमने मुझे क्या से क्या बना दिया विराज ,, मै कभी किसी का खून करने का सोचूंगी ये मैंने कभी नहीं सोचा था लेकिन तुमने मुझे मजबूर कर दिया है ये सब करने के लिए ! इसके बाद वो खुद को सही से चद्दर से कवर करते हुए विराज के बाजू में जाकर लेट जाती है ताकि जब सुबह उसकी आँख खुले तो उसे जरा भी शक ना हो और उसे ऐसा लगे कि उसने जैसे रिया को रात को छोड़ा था वो अभी भी वैसी ही है !
लक्की रिया के घर से निकल गया था लेकिन अब उसके दिमाग में शातिर प्लान चल रहा था ! जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी वो विराज को मारना चाहता था ! मंजरी तो उसे दूर-दूर तक याद नहीं थी ! उसने मंजरी की लाश को वहीं छोड़ दिया था और पलट कर देखा भी नहीं ! अगली सुबह जब जब वहां पर काम करने वाले मजदूर काम करने के लिए पहुंचे तो वहां वो एक अनजान लड़की की लाश देख कर हैरान रह गए ! उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया !
सब हैरान और परेशान थे कि कौन है ये लड़की और वहां पर क्यू आई थी ? थोड़ी छानबीन के बाद पुलिस को मंजरी के बाबा का पता चला ! मंजरी अपने बाबा का इकलौता सहारा थी जिसे बेदर्दी से मार दिया था लक्की ने ! कोई आत्महत्या बता रहा था तो कोई मर्डर ! सबके मन में यही सवाल था कि आखिर अपनी बस्ती से इतनी दूर मंजरी उस सुनसान जगह गई तो गई क्यों ? वो भी इतनी रात को ? वो अपनी मर्जी से गई या जबरदस्ती उसे कोई ले गया ? बस्ती में एक दहशत का माहौल फैला हुआ था लेकिन सच्चाई क्या थी ये सिर्फ लक्की ही जानता था ! लक्की ने अपना काम इतनी सफाई से किया था कि दूर-दूर तक किसी को भी उस पर शक नहीं हुआ था ! पुलिस अभी भी अपनी छानबीन में लगी हुई थी लेकिन मंजरी एक आम गरीब लड़की थी ! कोई बड़ी नेता बड़ी अभिनेत्री या कोई बड़ी हस्ती नहीं थी जिसके लिए पुलिस दिन रात एक कर दे ! हम कह सकते हैं कि पुलिस वाले भी ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे थे इस केस पर !
खैर वक्त बीत रहा था लक्की और रिया दोनों मिलकर विराज पर पैनी नजर रखे हुए थे ! जैसा की लक्की ने रिया से कहा था कि वो विराज के पल-पल की खबरों उसे देगी ,,तो रिया वैसा ही कर रही थी ! विराज जो फिलहाल अपने किसी बिजनेस टूर पर नहीं जा रहा था ,,वो वहीं रहकर अपना काम कर रहा था ! जैसे ही वो घर से बाहर निकलता था तो लक्की उसके पीछे लग जाता था और हर रात रिया किसी न किसी बहाने से उसे नींद की दवाई देना नहीं भूलती थी ! इस बात से अनजान विराज ,,गहरी नींद में सो जाता था उसके सोते ही लक्की वहां पर पहुंच जाता था ! वो रिया के साथ आपकी मनमानी करता था ,दोनों हम बिस्तर होते थे और फिर विराज ने पूरा दिन क्या किया कहां गया ये सब आपस मे डिस्कस करते थे !
जैसा लक्की ने कहा था कि नींद की दवाई देने की वजह से विराज तो आधा बीमार वैसे ही हो जाएगा और ठीक ऐसा ही हो रहा था ! विराज को अपने अंदर एक कमजोरी महसूस हो रही थी जिसे वो समझ नहीं पा रहा था ! उसे समझ नहीं आता था कि उसके साथ क्या हो रहा है ! अब वो इतना भी एक्टिव नहीं था कि पहले की तरह रिया के साथ फिजिकल हो सके या उसे टॉर्चर कर सके ! एक तरीके से लक्की ने रिया को विराज के साथ रहते हुए भी उससे दूर कर दिया था और खुद उससे दूर होते हुए भी अपने साथ जोड़ लिया था ! दोनों को ऐसा करते-करते लगभग एक से डेढ़ महीना हो चुका था और इस एक से डेढ़ महीने में रिया को हद से ज्यादा लक्की की आदत लग चुकी थी !
उसे एहसास ही नहीं था कि वो विराज से काफी हद तक दूर हो चुकी है ! बीते महीने में लक्की ने विराज के बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली थी ! वो कब कहां किससे मिलता है ,कहां जाता है क्या खाता है क्या पिता है उसका क्या रुटीन है ! अब वो पूरे तरीके से तैयार था उसे अपने रास्ते से हटाने के लिए ! और फिर वो दिन भी आता है जब वो दोनों अपने प्लान को अंजाम देने वाले थे ....
जारी है...
कमैंट करना बिल्कुल ना भूले 😊😊
गातांक से आगे...
लक्की ने रिया को विराज के साथ रहते हुए भी उससे दूर कर दिया था और खुद उससे दूर होते हुए भी अपने साथ जोड़ लिया था ! दोनों को ऐसा करते-करते लगभग एक से डेढ़ महीना हो चुका था और इस एक से डेढ़ महीने में रिया को हद से ज्यादा लक्की की आदत लग चुकी थी ! उसे एहसास ही नहीं था कि वो विराज से काफी हद तक दूर हो चुकी है ! बीते महीने में लक्की ने विराज के बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली थी ! वो कब कहां किससे मिलता है ,कहां जाता है क्या खाता है क्या पिता है उसका क्या रुटीन है ! अब वो पूरे तरीके से तैयार था उसे अपने रास्ते से हटाने के लिए ! और फिर वो दिन भी आता है जब वो दोनों अपने प्लान को अंजाम देने वाले थे ....
विराज के दिमाग पर भी नींद की गोलियो का असर होने लगा था ! हर वक्त उसका सर भारी रहता था और उसके सर मे दर्द होता था ! हर वक्त उसे बेचैनी होती थी ! ना वो ठीक से खाता पीता था और ना ठीक से अपना काम कर पाता था ! हर रात रिया उसे एक नींद की गोली देती थी पर अब वक्त आ चुका था विराज का किस्सा हमेशा के लिए खत्म करने का ! इसलिए लक्की ने रिया से कहा कि वो आज किसी बहाने से उसके नाश्ते मे भी नींद की गोली खिला दे ! और रिया ऐसा ही करती है !
वो उसके नाश्ते मे नींद की गोली मिला देती है ! हमेशा की तरह विराज तय समय पर अपना नाश्ता करता है और फिर तय समय पर ऑफिस जाने के लिए अपने घर से बाहर निकलता है ! रिया जो खिड़की मे से उसे जाते हुए देख रही थी ,इस वक्त उसके चेहरे पर कोई भाव नही थे और उसकी आंखे बिल्कुल खाली थी ! हा पर उसका दिल तेजी से धक धक कर रहा था ,कि कहीं उससे और लक्की से कोई गलती ना हो जाए ,कहीं लक्की पकड़ा ना जाए और अगर लक्की अपने प्लेन मे फेल हो गया और विराज को उस पर जरा भी शक हो गया तो ...
उधर विराज एक एक कदम बढाता हुआ अपनी कार की तरफ बढ़ रहा था ! उसका सर अभी भी दर्द से फटा जा रहा था ! उसका ड्राइवर उसकी गाडी के पास खडा उसका इंतजार कर रहा था ! विराज जैसे ही अपनी गाडी के पास पहुंचता है तो उसका ड्राइवर जल्दी से उसके लिए दरवाजा खोलता है ! विराज अपनी गाड़ी में बैठने लगता है लेकिन बैठते बैठते वो एकदम से रुक जाता है और झट से ड्राइवर की तरफ देखता है ! तुम तो मेरे ड्राइवर रमेश नहीं हो ,, कौन हो तुम ? वो एकदम से उससे सवाल करता है !
तेरी मौत है अपुन कमीने ! लक्की मन ही मन बोलता है ! वो साहब जी मैं रमेश भाई का छोटा भाई सुरेश हूं ! भैया की तबीयत बहुत खराब है इसलिए आज वो काम पर नहीं आ पाए ! तो उन्होंने अपनी जगह मुझे भेज दिया ! लक्की उसके सवाल का इतने आत्मविश्वास के साथ जवाब दे रहा था कि कोई चाहकर भी उस पर शक नहीं कर सकता था ! पर फिर भी विराज कुछ सोचते हुए - पर उसने मुझे तो तुम्हारे बारे में कभी नहीं बताया कि उसका कोई भाई भी है ? ये सुनते ही लक्की एक पल के लिए तो थोड़ा घबरा जाता है लेकिन अपने चेहरे से पता नहीं चलने देता ! फिर वो एकदम से - वो क्या है ना साहब जी मैं कुछ दिन पहले ही गांव से शहर आया हू ! मैं भी नौकरी की तलाश कर रहा हूं अभी तक कोई नौकरी मिली नहीं है तो इसलिए आज भैया की जगह मैं आ गया !
हा आप चाहते है तो आपकी तसल्ली के लिए मैं आपकी भैया से फोन पर आपकी बात करवा देता हूं ! ये कहता हुआ वो अपनी जेब से फोन निकालने लगता है पर विराज उसे रोकते हुए - उसकी कोई जरूरत नहीं है मैं खुद उससे बात कर लूंगा ! ये कहता हुआ वो अपना फोन निकालता है और रमेश को फोन करने लगता है ! ये सब देख कर लक्की के होठों पर एक डैविल स्माईल आ जाती है ! वो मन मे - जिसे फोन करना है करले ,पर आज तुझे अपुन से कोई नहीं बचा सकता ! भगवान भी नही ...
लक्की ने पहले ही अपने एक दोस्त को पैसो का लालच देकर रमेश के घर भेज दिया था और इस वक्त वो रमेश और परिवार के सर पर बंदूक तान कर बैठा था ! क्योंकि उसे पता था कि विराज उसे फोन जरूर करेगा और ऐसा ही हुआ ! विराज ने रमेश को फोन किया और उससे सारी बात पूछी और जैसा लक्की ने कहा था रमेश को मजबूरी में वही सब बोलना पड़ा कि हां उसकी सच में तबीयत खराब है और वो उसका छोटा भाई सुरेश है जो कुछ दिन पहले गांव से आया है ! अगर उसकी अपनी जिंदगी का सवाल होता तो तो शायद वो विराज से झूठ नही बोलता लेकिन इस वक्त सवाल उसके परिवार का भी था उसकी बेटी का था ! जिस पर लक्की का दोस्त अपनी गंदी नजरे गढा कर बैठा था ! अपनी बेटी की इज्जत की खातिर उसे भी विराज से झूठ बोलना पड़ा और विराज ने आसानी से उस पर विश्वास कर लिया !
खैर ,,,बात करने के बाद वो अपनी गाडी में बैठता है और लक्की जो उसकी नजर में सुरेश था उसे गाड़ी स्टार्ट करने का बोलते हुए - जाना कहां है ये तो पता है ना ? जी साहब जी ,भैया ने मुझे बता दिया था कि कहां जाना है आप बस आराम से बैठिए ! इतना कहकर वो जल्दी से गाड़ी के अंदर बैठता है और गाड़ी स्टार्ट करता है और विराज को वहां से ले जाता है !
जैसे-जैसे गाड़ी अपनी गिरफ्तार से आगे बढ़ रही थी जैसे-जैसे वक्त बीत रहा था वैसे-वैसे विराज को नींद की गोली का असर होने लगा था ! सर तो उसका पहले ही दर्द के मारे फटा जा रहा था ,ऊपर से हैवी डोज की दवाई लेने से वो सर का दर्द अब भयंकर दर्द बन चुका था ! इतना की लक्की उसे किस रास्ते से कहां लेकर जा रहा है ये भी देखने का उसे ख्याल नहीं था ! बार-बार उसको चक्कर आ रहे थे वो बार-बार अपने सर पर हाथ रख रहा था ! बहुत बेचैनी हो रही थी उसे ,,वो पूरा पसीने से लथ पथ हो रहा था ! गाडी में लगे आईने में से लक्की उसे बार-बार देख रहा था ! उसकी पूरी नजर विराज पर थी उसकी एक एक हरकत पर थी !
वो उसे देखते हुए - बस सिर्फ कुछ देर की सांसे बची है तेरे पास ! उसके बाद तू भगवान के पास और अपुन अपनी रिया के पास और फिर पूरी जिंदगी अपुन तेरे पैसे पर ऐश करेगा ! अब बस उसे इस पल का इंतजार था कि कब वो दवाई अपना रंग पूरी तरह दिखाती है और विराज पूरी तरह बेहोश हो जाए ! और फिर कुछ देर बाद ऐसा ही होता है !
विराज पूरी तरह से नशे की गिरफ्त में आ चुका था वो गाड़ी की सीट पर ही लुढ़क जाता है ! बस अब लक्की को अपने काम को जल्दी से जल्दी अंजाम देना था ! विराज के गहरी नींद में जाते ही वो गाड़ी की स्पीड बढ़ाता है और शहर से बाहर की तरफ ले जाने लगता है ! लगभग तीन से चार घंटे की ड्राइविंग करने के बाद वो विराज को शहर से बहुत दूर ले आता है ! एक ऐसी जगह जहां दूर दूर तक कोई नहीं था ! आसपास सारा घना जंगल था , ऊंची ऊंची पहाड़ियां थी उन पहाड़ियों के नीचे गहरी खाई थी ! इतनी गहरी खाई अगर वहां कोई गिरे तो वहां से जिंदा लौट कर आना नामुमकिन है ! लक्की ने ये सब जगह पहले ही देख रही थी,,,विराज की मौत की प्लानिंग उसने पहले ही कर रखी थी !
वो गाड़ी एक पहाडी पर रोकता है , खुद गाडी से बाहर आता है ! बेहोश पड़े विराज को गाड़ी से बाहर निकालता है और उसे ड्राइविंग सीट पर बैठा देता है ! और उसे सीट बैल्ट भी बांध देता है और उसके बाद अपनी पूरी ताकत लगाकर उस गाड़ी को पहाड़ी से नीचे धकेल देता है ! गाड़ी बहुत तेजी से नीचे की तरफ जा रही थी ! अगले ही पल गाड़ी नीचे खाई में गिरती है ,,एक बड़े से पत्थर से टकराती है और वहां एक तेज धमाका होता है ! वो धमाका इतना भयंकर था कि उसमे लगी आग की लपटे लक्की को दूर तक नजर आती है ! पूरी गाड़ी तहस नहस हो गई थी और ऐसी भयंकर आग लगी थी वहां पर कि उस आग में किसी का बच पाना असंभव ! ऊपर खड़ा लक्की अपने चेहरे पर डेविल स्माइल लिए ये सब देख रहा था !
भगवान तेरी आत्मा को शांति दे ,,अब तू शांति पकड़ और अपुन तेरी बीवी को पकड़ता है ! ये कहता हुआ वो किसी शैतान की तरह हंसने लगता है और फिर झट से रिया को फोन करके बता देता है कि विराज का काम तमाम हो चुका है ....
जारी है....
कमैंट किए बिना चले मत जाना ! आपके कमैंट से आगे लिखने का हौंसला मिलता है 😊😊😊
गातांक से आगे...
लक्की अपनी पूरी ताकत लगाकर उस गाड़ी को पहाड़ी से नीचे धकेल देता है ! गाड़ी बहुत तेजी से नीचे की तरफ जा रही थी ! अगले ही पल गाड़ी नीचे खाई में गिरती है ,,एक बड़े से पत्थर से टकराती है और वहां एक तेज धमाका होता है ! वो धमाका इतना भयंकर था कि उसमे लगी आग की लपटे लक्की को दूर तक नजर आती है ! पूरी गाड़ी तहस नहस हो गई थी और ऐसी भयंकर आग लगी थी वहां पर कि उस आग में किसी का बच पाना असंभव ! ऊपर खड़ा लक्की अपने चेहरे पर डेविल स्माइल लिए ये सब देख रहा था ! भगवान तेरी आत्मा को शांति दे ,,अब तू शांति पकड़ और अपुन तेरी बीवी को पकड़ता है ! ये कहता हुआ वो किसी शैतान की तरह हंसने लगता है और फिर झट से रिया को फोन करके बता देता है कि विराज का काम तमाम हो चुका है ....
रिया एकदम से - मैं ये सब करना नही चाहती थी लक्की पर विराज के अत्याचारो ने मुझे ये सब करने के लिए मजबूर कर दिया ! पर मुझे बहुत डर लग रहा है लक्की ,,हमने ठीक किया ना ? वो बहुत ज्यादा घबराते हुए बोलती है ! लक्की उसे शांत करते हुए - कुछ गलत नही किया है अपुन दोनो ने ,वो विराज था ही इसी लायक ,कितना जुल्म करता था तुझ पर और वो तुझे मारने से पहले एक बार भी नही सोचता और तू उसके बारे मे सोच कर परेशान हो रही है !
डॉर्लिंग ये परेशान होने का वक्त नही है अब तो खुल्लम खुल्ला प्यार करने का वक्त है ..! बस तू रेडी होकर मेरा इंतजार कर ,मैं आता हू तेरे पास ! इतना कहकर लक्की फोन कट कर देता है ! वो एक बार फिर विराज की जलती हुई गाडी को देखता है और फिर जितनी जल्दी हो सके वहां से चला जाता है !
दूसरी तरफ विराज के ऑफिस मे ...
हमेशा वक्त का पांबद विराज जो हर रोज वक्त पर ऑफिस पहुंच जाता था वो आज ऑफिस पहुंचा ही नही वो भी जब ,जब आज उसकी कोई बहुत जरूरी मिटिंग थी और सब लोग मिटिंग के लिए काफी देर से उसका इंतजार कर रहे थे ! और सब हैरान थे कि जो आज से पहले नही हुआ वो आज कैसे हो गया ! उसका मैनेजर बहुत देर से उसे फोन लगा रहा था पर विराज के साथ साथ उसका फोन भी खत्म हो चुका था ! उसका फोन लग ही नही रहा था !
विराज सर ऐसा तो कभी नही करते ,अगर किसी काम से वो न आने वाले हो तो पहले ही बता देते है ! तभी वहां पर काम करने वाली एक लड़की - कहीं ऐसा तो नही कि सर की तबीयत खराब हो गई हो ? तुम उनके घर पर क्यू नही फोन करते ?
वो मैनेजर जिसका नाम ( नीरज ) था वो एकदम से - ओह हा ,मेरे दिमाग मे ही नही आया ! मैं अभी सर के घर पर फोन करता हू ,,ये कहता हुआ वो फटाफट से विराज के घर पर फोन करता है ! एक दो रिंग जाने पर रिया फोन उठा लेती है ! सामने से नीरज - गुड आफ्टर नून मैम ,सॉरी आपको डिस्टर्ब किया ! मैम मेरी दो मिनट विराज सर से बात हो सकती है ?
रिया जो पहले से जानती थी की विराज के ऑफिस न पहुंचने पर ऐसा ही कुछ होगा ! वो बिल्कुल अंजान बनते हुए - पर विराज तो घर पर नही है ,वो तो सुबह ही ऑफिस जाने के लिए निकल गए थे ! अब हैरान होने की बारी नीरज की थी ! वो एकदम से - बट मैम ,,सर तो अभी तक ऑफिस पहुंचे ही नही है और तो और उनका फोन भी नही लग रहा ! रिया हैरान होने का नाटक करते हुए - क्या ? पर ऐसा कैसे हो सकता है ? विराज ऑफिस नही गए तो कहां गए ? ओह गॉड मुझे तो टेशन हो रही है !
नीरज उसे हौंसला देते हुए - मैम आप परेशान मत होइए ,मैं कुछ करता हू !! इतना कहकर वो फोन कट कर देता है पर अब उसके लिए भी बडा सवाल यही था कि विराज आफिस नही आया तो कहां गया ?
उधर रिया फोन वही पटकते हुए - विराज गया जहनूम मे ,,,इसके बाद वो अपनी अलमारी खोलती है ,उसमे रखी ब्लैक कलर की अपनी एक सैक्सी ड्रैस निकालती है जो कि लक्की की फेवरेट थी और फिर उस ड्रैस को पहनकर रैडी होने लगती है और लक्की का इंतजार करने लगती है !
उधर नीरज परेशान हो गया था कि विराज सर गए तो कहाँ गए ? जहां जहां ,उसे विराज के होने की उम्मीद थी वो सब जगह पता करता है पर विराज कहीं होगा तो मिलेगा ना ? विराज जैसा बडा आदमी इस तरह लापता हो जाए और शहर मे हडकंप ना मचे तो ऐसा तो नही हो सकता ,सुबह से रात हो गई थी पर विराज का कुछ अता पता नही था ! धीरे धीरे ये खबर आग की तरह फैलने लगती है और ये तो होना ही था ! आखिर वो विराज था ,विराज जिंदल जो एक झटके मे पूरे शहर को खरीदने का दम रखता था ! उसे एक छींक भी आ जाती थी तो वो भी सुर्खिया बन जाती थी और अब तो वो पूरा का पूरा गायब हो गया था !
खैर ....रात का अंधेरा चारो तरफ फैल चुका था ! रिया खूबसूरती से तैयार होकर लक्की का इंतजार कर रही थी ! कुछ ही देर मे लक्की उसके पास जाता है ! रिया उसे देखते ही उससे लिपट जाती है ! वो उसे कसकर अपनी बांहो मे भरते हुए - तुम इतनी देर से क्यू आए लक्की ,,पता है मैं कितना डर गई थी कि कहीं तुम्हे कुछ...
लक्की उसे सर से लेकर पैरो तक देखता है ! वो आज इतनी खूबसूरत लग रही थी कि लक्की तो उसे पाने के लिए मचल उठा था ! वो तुरंत उसे अपनी बांहो मे भरता है और उसे पीछे बिस्तर पर पटक देता है और खुद एकदम से उसके ऊपर आ जाता है ! रिया उसके इस अंदाज पर मर मिटती है ! लक्की अपने होंठो से उसके पूरे बदन को तराशते हुए - मेरी जान आज तो तू बहुत खूबसूरत लग रही है ,आज तो तेरे रूप मे कुछ अलग ही बात है ! ये कहता हुआ वो उसके होंठो को चूमने लगता है ! रिया कसकर उसके बालो को पकड़ती है और वो भी उसका साथ देते हुए - हा अब मुझे किसी का डर नही ,अब मैं आजाद हू ,हर तरीके से तुम्हारी हू ! दोनो धीरे धीरे एक दूसरे मे समाते जा रहे थे ....
रिया उसे किस करते हुए उसकी शर्ट को उसके बदन से अलग कर देती है और उसे पागलो की तरह चूमने लगती है ! आज तो लक्की को उसका अलग ही रूप देखने को मिल रहा था ! वो एक झटके से उसकी ड्रैस को खोलता है और बिना देर किए उसके सारे कपडे उसके बदन से अलग कर देता है और किसी भूखे भेडिए की तरह उसके जिस्म पर टूट पड़ता है ! रिया भी हर तरीके से उसका साथ दे रही थी ! दोनो को विराज को मारने का जरा भी अफसोस नही था !
ना जाने कितनी देर तक दोनो एक दूसरे मे डूबे रहते है ! दोनो पूरी तरह से जब तक होश मे आते है तब तक रात के दो बज रहे थे ! रिया उससे अलग होती है और खुद को चद्दर से कवर करते हुए - अब तुम जाओ लक्की !
ये सुनते ही लक्की हैरानी से - क्या ? पर क्यू ? अब तो अपुन हमेशा तेरे साथ रह सकता है ना ? अब तो वो कमीना विराज भी नही है ना ,,तो फिर क्यू मुझे दूर भेज रही है ?
तुम्हारी बात सही है लक्की पर अभी तो बहुत कुछ कुछ होना बाकी है ! विराज कहीं नहीं मिल रहा है ,,ये बात अब तक तो पूरे शहर में फैल गई होगी और उसका वो मैनेजर नीरज वो इतनी आसानी से चुप नहीं बैठेगा ! हर हाल में पता करने की कोशिश करेगा कि विराज कहां गया और जाहिर सी बात है एक पत्नी होने के नाते मुझे भी विराज कहां गया वो कैसा है उसके साथ क्या हुआ ये सब नाटक करना पड़ेगा ,,इन सब मे पुलिस भी आएगी ! ऐसे में अगर तुम इस घर में रहोगे और पुलिस ने तुम्हें देख लिया तो सबसे पहले शक के दायरे में हम दोनों आएंगे इसलिए तुमसे कह रही हूं कि अभी यहां से चले जाओ ,,,कल फिर आ जाना !
रिया उसे प्यार से समझाते हुए बोलती है ! लक्की को भी उसकी एक-एक बात सही लगती है ! ठीक है जान तू कहती है तो अपुन तुझे छोड़कर चला जाता है,, लेकिन कल अपुन जल्दी आ जाएगा ! अब अपुन एक मिनट भी तुझसे दूर नहीं रह सकता ! ये कहता हुआ वो एक बार फिर से उसे अपनी बाहों में भर लेता है और उसके होठों को बेतहाशा चूमता है और फिर वहां से चला जाता है ! कुछ देर में वो अपनी बस्ती पहुंच जाता है ! अब अपनी बस्ती अपना घर उसे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था ! उसे बस जल्दी से जल्दी रिया के पास जाना था उसके आलीशान बंगले में रहना था विराज की दौलत पर ऐश करनी थी और इसी के सपने बुनते बुनते वो अपने घर पर जाता है और बिस्तर पर गिरते ही सपनों में खो जाता है ! हम कह सकते हैं कि वो गहरी नींद में सो गया था !
वो इतनी गहरी नींद में था कि कब सुबह हो गई उसे पता ही नहीं चला ! लेकिन अभी सुबह के सात ही बजे थे कि तभी उसके दरवाजे पर बहुत जोर से दस्तक होती है ! दस्तक इतनी जोर से हुई थी कि लक्की नींद में भी हड़बड़ा गया था ! वो एकदम से उठते हुए - कौन है रै ??
बाहर से आवाज आती है - पुलिस ...
जारी है....
अगर ये कहानी आपको पसंद आ रही है तो प्लीज कमैंट जरूर करे ! 😊
गातांक से आगे...
लक्की अपनी बस्ती पहुंच जाता है ! अब अपनी बस्ती अपना घर उसे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था ! उसे बस जल्दी से जल्दी रिया के पास जाना था उसके आलीशान बंगले में रहना था विराज की दौलत पर ऐश करनी थी और इसी के सपने बुनते बुनते वो अपने घर पर जाता है और बिस्तर पर गिरते ही सपनों में खो जाता है ! हम कह सकते हैं कि वो गहरी नींद में सो गया था ! वो इतनी गहरी नींद में था कि कब सुबह हो गई उसे पता ही नहीं चला ! लेकिन अभी सुबह के सात ही बजे थे कि तभी उसके दरवाजे पर बहुत जोर से दस्तक होती है ! दस्तक इतनी जोर से हुई थी कि लक्की नींद में भी हड़बड़ा गया था ! वो एकदम से उठते हुए - कौन है रै ?? बाहर से आवाज आती है - पुलिस ...
पुलिस का नाम सुनते ही लक्की घबरा जाता है ! उसके चेहरे पर हवाईया उडने लगती है ! ये ,ये पुलिस यहां काए कू आई है ? इतने मे फिर से उसके दरवाजे पर दस्तख होती हेै और एक रोबदार आवाज उसके कानो से टकराती है - लक्की बाहर आ ,वरना हम दरवाजा तोड़ देंगे !
लक्की जिसका दिल धक धक करने लगा था वो खुद से - ये तू क्या कर रहा है ? ऐसे घबराएगा तो उनको शक नही होगा तो भी हो जाएगा ! और वैसे भी अपून ने अपना काम इतनी सफाई से किया है कि एक सबूत नही छोडा पीछे ! हा कुछ नही होगा अपून को ! ये सोचते हुए वो एक गहरी सांस लेता है और जल्दी से जाकर दरवाजा खोलता है ! तब तक उसकी खोली के आस पास सारे बस्ती वाले जमा हो गए थे ! जैसे ही लक्की दरवाजा खोलता है और बाहर आता है तभी एक पुलिस वाला उसे गौर से देखता है और फिर एकदम से उसे कॉलर से पकड़कर घसीटते हुए - यही है लक्की ,,,गाडी मे डालो इसे और थाने लेकर चलो ! ये कहता हुआ वो लक्की को अपने हवलदारो की तरफ धक्का दे देता है !
लक्की जिसे कुछ समझ नही आ रहा था वो हकलाते हुए -पर पर साहब अपून ने किया क्या है ? अपून का कसूर तो बताइए ! तब तक हवलदारो ने उसे पकड़कर जीप मे डाल दिया था ! वो पुलिस वाला उसे अपना डंडा दिखाते हुए - थाने चल सब पता चल जाएगा ! इतना कहकर वो भी उसी जीप मे बैठ जाता है ! और फिर दूसरे हवलदार की तरफ देखते हुए - इसके घर की अच्छे से तलाशी लो और कुछ मिलता है उसे थाने लेकर आओ !
जी साहब ! ये कहता हुआ वो हवलदार लक्की के घर की तलाशी लेने के लिए चला जाता है ! लक्की को कुछ समझ नही आ रहा था ! खैर ....जीप स्टार्ट होती है और लक्की को लेकर पुलिस स्टेशन की तरफ बढ़ जाती है !
लक्की को बहुत घबराहट हो रही थी ! वो मन मे - ये इन पुलिसवालो ऐसा क्या मिल गया मेरे खिलाफ ? कहीं वो साली मंजरी के बारे मे ,,,,नही नही उसके बारे मे कैसे कुछ पता लग सकता है ? तो क्या विराज के बारे ?? पर अपुन ने तो अपना काम इतनी सफाई से किया था कि कोई चाहकर भी मुझ तक नही पहुंच सकता तो फिर ये पुलिस ...?? वो खुद ही सवाल कर रहा था खुद ही जवाब दे रहा था !
लक्की को पूरा भरोसा था कि उसने कोई सबूत नही छोडा है पर वो ये भूल गया था कि कातिल कितना ही शातिर क्यू ना हो पर वो कोई ना कोई सुराग छोड़ ही देता है और यही हुआ था लक्की के साथ !
दरअसल जब वो ड्राइवर का गेटअप लेकर विराज के सामने गया था और उस दौरान दोनो की जो बातचीत हुई थी वो सब वहां पर लगे एक हिडन कैमरे मे कैद हो गई थी ! वो कैमरा इतना छोटा था कि ना लक्की का उस पर ध्यान ही नही गया और शायद रिया को भी उस कैमरे के बारे मे कुछ पता नही था ! हालांकि दोनो की आवाज तो नही रिकार्ड हुई पर लक्की का चेहरा उसमे साफ साफ दिख रहा था ! बस पुलिस वालो के लिए तो इतना ही बहुत था ,,जब बहुत देर तक विराज का कुछ पता नही चला तो उसके मैनेजर ने नीरज ने पुलिस वालो को इस बात की सूचना दी ! चूंकि विराज बहुत बडा आदमी था तो पुलिस फौरन सकते मे आ गई ! उन्होने तुरंत अपनी छानबीन शुरू कर दी ! विराज के घर जाकर सारे नौकरो से पूछताछ की ,रिया से भी पूछ ताछ की और सारी सी सी टी वी फुटेज चैक की ...उस दौरान उन्होने देखा कि ये विराज अपने ड्राइवर के साथ जा रहा है पर तभी वहां मौजूद एक नौकर - ,अरे ये तो विराज सर का ड्राइवर रमेश नही है !
ये तो कोई अंजान है ,हमने तो इसे पहले कभी नही देखा ! रिया भी वही मौजूद थी ,अंदर ही अंदर उसे डर लग रहा था पर वो अपने चेहरे से पता नही चलने देती ! तभी पुलिस वाला रिया की तरफ देखते हुए - मैम ,,क्या आप जानती है इसे ? रिया लक्की को गौर से देखती है फिर ना मे अपनी गरदन हिलाते हुए - जी नही ! मैं नही जानती इसे ,मैने आज से पहले इसे कभी नही देखा ! फिर वो अपनी आँखो मे आसू भरते हुए - प्लीज सर मेरे पति के बारे मे पता लगाइए ,प्लीज उन्हे ढूंढिए पता नही वो कहां चले गए है ! ये कहकर वो अपना चेहरा अपने हाथो मे भरकर रोने लगती है !
डॉंट वरी मैम ,विराज जी जल्द मिल जाएगेे पहले तो इस नए पैदा हुए ड्राइवर से मिलना पडेगा ! इतना कहकर वो वहां से चला जाता है ! उनके जाते ही रिया चैन की सांस लेती है और फिर लक्की के बारे मे सोचकर जल्दी से किसी को फोन करने लगती है !
उधर पुलिस की दूसरी टीम जो विराज के फोन नम्बर को ट्रैस कर रही थी ! जल्द ही उन्हे उस फोन की लोकेशन पता चल जाती है जो शहर से बहुत दूर थी !और वो तुरंत वहां जाने के लिए निकल जाते है ! उनके वहां से निकलते ही लक्की को पुलिस स्टेशन लाया जाता है ! और पुलिस वाला उसे खीचते हुए अंदर इनवैस्टिगेशन रूम मे ले जाता है ! जहां कमरे के बीचो बीच एक कुर्सी रखी हुई ! पुलिस वाला धक्का देकर लक्की को उस कुर्सी पर धकेल देता है ! लक्की एकदम से - साहब ये तो बताइए कि अपून ने किया क्या है ? अपून को यहां क्यू लाया गया है ?
ज्यादा शाना मत बन ,वरना इतने डंडे बरसाऊंगा कि सारे नाटक करना भूल जाएगा ! पुलिस वाला जोर से उसका मुंह दबाते हुए बोलता है और फिर एक झटके से उसका मुंह छोड़ देता है ! चल अब बता विराज जिंदल कहां है ? उसके साथ क्या किया तूने ? विराज का नाम सुनते ही लक्की के तोते उड़ जाते है पर वो अंजान बनते हुए - कौन विराज जिंदल ,,,अपून तो ये नाम ही आज पहली बार सुन रहा है ,,
वो पुलिस वाला आगे कुछ बोलता तभी एक दूसरा पुलिस वाला वहां आता है ! एक्सक्यूजमी सर ...इतना कहकर वो उस पुलिस वाले के कान मे कुछ कहता है और वो पुलिस वाला जल्दी से वहां से बाहर चला जाता है ! लक्की को कुछ समझ नही आ रहा था ! वो दूसरा पुलिस वाला जिसका नाम ( प्रीतम ) था ! मौका देखकर वो फटाफट से अपनी जेब से एक कागज निकालता है और लक्की के हाथ मे देता है और तेजी से वहां से चला जाता है ....
जारी है....
जल्दी से खूब सारे कमैंट करो और अगला भाग जल्दी पाओ ! असली कहानी तो अब यहां से शुरू होगी जो आपके दिमाग को हिला कर रख देगी लेकिन आपको पसंद भी बहुत आएगी तो फटाफट कमैंट करना 😊😊
गातांक से आगे....
चल अब बता विराज जिंदल कहां है ? उसके साथ क्या किया तूने ? विराज का नाम सुनते ही लक्की के तोते उड़ जाते है पर वो अंजान बनते हुए - कौन विराज जिंदल ,,,अपून तो ये नाम ही आज पहली बार सुन रहा है ,,
वो पुलिस वाला आगे कुछ बोलता तभी एक दूसरा पुलिस वाला वहां आता है ! एक्सक्यूजमी सर ...इतना कहकर वो उस पुलिस वाले के कान मे कुछ कहता है और वो पुलिस वाला जल्दी से वहां से बाहर चला जाता है ! लक्की को कुछ समझ नही आ रहा था ! वो दूसरा पुलिस वाला जिसका नाम ( प्रीतम ) था ! मौका देखकर वो फटाफट से अपनी जेब से एक कागज निकालता है और लक्की के हाथ मे देता है और तेजी से वहां से चला जाता है ....
ये सब इतनी जल्दी होता है की लक्की कुछ समझ ही नहीं पाता ! पर फिर वो जल्दी से वो कागज़ खोलता है और पढ़ने लगता है !
लक्की मैं रिया ... घबराना मत लक्की ,तुम्हें कुछ नहीं होगा ,मैं तुम्हें कुछ होने नहीं दूंगी और एक खास बात कुछ भी हो जाए पुलिस वालों के सामने अपना मुंह मत खोलना ! वो तुमसे कुछ भी पूछे उन्हें कुछ मत बताना ! मैने तुमसे कहा था ना कि मेरा एक जानकार पुलिस में है जो मुसीबत मे मेरी मदद करेगा !जो तुम्हें हर तरीके से सही सलामत इस केस से बाहर निकालेगा तो ये वही है जो तुम तक ये कागज का टुकड़ा पहुंचाएगा ! माफ करना मैं तुमसे पुलिस स्टेशन में मिलने नहीं आ सकती ,,तुम्हे देखने नहीं आ सकती ! अगर मैं ऐसा करूंगी तो हम और ज्यादा फंस जाएंगे ! बस जैसा ये पुलिस वाला तुमसे कहेगा वैसे-वैसे तुम करते रहना !
लक्की रिया के लिखे हुए अक्षरों को पड़ता है तो उसे बहुत तसल्ली होती है! उसे ऐसा लगता है कि रिया उसके साथ ही है ! अब उसे पूरा यकीन हो गया था कि रिया उसे कुछ नहीं होने देगी ! वो ये सब सोच ही रहा था तभी उसे पुलिस वालो के आने की आहट होती है और वो झट से उस कागज को छोटा-छोटा फोल्ड करके अपनी जेब में रख लेता है ! पुलिस वाले पहले ही उसकी तलाशी ले चुके तो उसके पास कुछ नहीं मिला था ! अब दोबारा तालाशी लेने का कोई मतलब ही नहीं बनता था !
ठीक उसी वक्त दोनो पुलिस वाले अंदर आ जाते हैं ! एक था रिया का आदमी प्रीतम और दूसरा जो लक्की से पूछताछ कर रहा था जिसका नाम " सतवीर "था ! वो अंदर आते ही लक्की पर टूट पड़ता है! लक्की जो इतमिनान से कुर्सी पर बैठा हुआ था ,, सतवीर अंदर आता है और एक जोर दार लात मारता है उस कुर्सी मे जिससे लक्की संभल नहीं पाता और दूर जाकर गिरता है ! अभी वो एक हमले से संभला नहीं था कि सतवीर उसके पास पहुंचता है उसका गिरेबान पकड़कर उसे खड़ा करते हुए - साले तो तू विराज जिंदल को नहीं जानता ? तूने उसे कभी देखा नहीं ?
लक्की जिसे पूरा भरोसा था कि उसे कुछ नहीं हो सकता ,,पुलिस वाले उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते वो एकदम से - अपूने ने आपसे पहले भी कहा था साहब कि अपून किसी विराज जिंदल को नहीं जानता ,अपून तो ये नाम ही पहली बार सुन रहा है ,आप क्या कह रहे हैं अपून को कुछ समझ नहीं आ रहा !
लक्की का झूठ सुनकर सतवीर और भी गुस्से से भर जाता है और लक्की के पेट में लात घूसो की बरसात करते हुए - बता क्यों मारा तूने विराज जिंदल को ? बता किसने कहा था तुझे ये सब करने के लिए ? क्या दुश्मनी है तेरी उनसे ? वो लगातार उसे मारते हुए बोल रहा था ! लेकिन लक्की इतनी मार खाने के बाद भी अपने मुंह से एक शब्द नहीं बोलता , उसका एक ही बयान रहता है कि मुझे कुछ नहीं पता मैं किसी विराज जिंदल को नहीं जानता !
प्रीतम जिसे अब सतवीर की नजर में अपनी डयूटी भी करनी थी और रिया का हुक्म भी बजाना था ! जब सतवीर लक्की को मार मार कर लगभग अधमरा कर देता है तब प्रीतम एकदम से उसके पास जाकर उसे रोकते हुए - बस कीजीए वरना ये यही मर जाएगा ! आप भूल गए क्या इस केस के लिए कितना प्रैशर है आपके ऊपर ! सतवीर गुस्से से लक्की को घूरते हुए - इसे इतना तोड़ो इतना तोड़ो जब तक यो अपना मुंह नहीं खोल देता ! मुझे इसके मुंह से सच सुनना है सच ! इतना कहकर वो वहां से चला जाता है !
वहां पर रह जाते हैं प्रीतम और लक्की ! सतवीर के वहां से जाते ही प्रीतम जल्दी से लक्की के लिए पानी लेकर आता है और उसको पानी की बोतल देते हुए - कमाल का जिगरा है तेरा इतनी मार खाने के बाद भी तूने मुंह नहीं खोला अपना ! चल तू टेंशन मत ले ! मैं कुछ करता हू ,, लेकिन बात याद रखिओ ,, थोड़ी बहुत मार खानी पड़े तो खा लियो लेकिन अपना बयान मत बदलिओ !! बाकी सब मुझ पर छोड़ दे !
लक्की दो तीन घूंट पानी पीते हुए - लेकिन इन सबको ये पता कैसे चला कि विराज को मैंने मारा है ? वो उससे सवाल करता है ! प्रीतम एकदम से - पता नहीं अंदर कुछ बात चल रही थी सब बड़े अफसर थे कह रहे थे कि कोई सबूत है ! बस मैं इस सबूत का पता लगा रहा हूं और जैसे ही वो सबूत मेरे हाथों में आएंगे मैं उन्हें खत्म कर दूंगा ! लेकिन तब तक अपने बयान पर अटल रहिओ ! अब तू बेहोश होने का नाटक कर,, जितना ज्यादा तू बेहोश रहेगा उतनी कम मार पड़ेगी ! इतना कहकर वो वहां से चला जाता है !
सतवीर जो अपनी तरफ से और भी ज्यादा इन्वेस्टिगेशन कर रहा था वो प्रीतम को देखते हुए - क्या हुआ कुछ बताया उसने ? नहीं साहब मार खाते-खाते बेहोश हो गया ! प्रीतम साफ झूठ बोल देता है !
सतवीर वहां से जाते हुए - तुम उस पर नजर रखना मैं अभी आता हूं ! ये कहकर वो तेजी से वहां से चला जाता है और सीधा पहुंचता है रिया के पास ! रिया जिसे पहले से ही पता था कि ये सब होगा ही ,, इसलिए उसने पहले ही खुद को तैयार कर लिया था इन सब के लिए ! घर की डोर बेल बजती है ! नौकर दरवाजा खोलता हैं !रिया परेशान सी वहीं सोफे पर बैठी थी ! सतवीर को देखते ही - वो लगातार उस पर सवालों की बरसात करते हुए - विराज के बारे में कुछ पता चला ? कहां है वो ? वो ठीक तो है ना ? आप उनको अपने साथ नहीं लाए ?
सतवीर एक गहरी सांस लेते हुए - देखिए रिया जी खुद को संभालिए और मेरी बात ध्यान से सुनिए ,,जो मैं आपको बताने जा रहा हूं उसे सुनकर आपको जरूर धक्का लगेगा ! सतवीर की बात सुनते ही रिया रोने लगती है और रोते हुए - ऐसी क्या बात है इंस्पेक्टर ? ऐसा क्या बताने वाले हैं आप मुझे ? मेरा विराज ,,,मेरा विराज ठीक है ना ? सतवीर बिना बात घुमाते हुए - विराज सर का बहुत भंयकर एक्सीडेंट हुआ है अब वो एक्सीडेंट है या मर्डर इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है ! क्या .....??? रिया एक दम से चिल्लाते हुए बोलती है और फिर अपना सर पकड़कर वहीं सोफे पर गिर जाती है और ऐसा दिखाती है जैसे उसे कितना गहरा सदमा लगा है ! आसपास खड़े नौकर और सतवीर सभी घबरा जाते हैं और जल्दी से उसको संभालते है !
रिया होते हुए नहीं ऐसा नहीं हो सकता ,कह दीजिए ये झूठ है ! मेरा विराज ...ये नही हो सकता ,वो मुझे छोड़कर नही जा सकता !
यही सच है रिया जी यही सच है और इस सच को आपको स्वीकारना ही होगा ,,हिम्मत बांधनी होगी आपको तभी हम आगे की तहकीकात कर सकेंगे और विराज सर के खूनी तक पहुंच सकेंगे ! रिया की नौकरानी रिया के लिए जल्दी से पानी लेकर आती है और जबरदस्ती उसे एक दो घूंट पानी पिला देती है ! रिया और भी ज्यादा रोते हुए - मेरे विराज के साथ किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है ? किसने किया ये सब ? वो सतवीर से सवाल करती है !
हमने उस लड़के को पकड़ लिया है जो ड्राइवर बनकर विराज सर के साथ गया था लेकिन अभी वो अपना मुंह नहीं खोल रहा है ! कुछ बता नही रहा ,, हम अपनी तरफ से उसका मुंह खुलवाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और फिर हमारे पास सबूत भी है उसके खिलाफ ,,,आज नहीं तो कल उसे सच बोलना ही पड़ेगा ....सतवीर पूरे विश्वास से बोलता है ! लेकिन उसकी बात सुनकर रिया के तोते उड़ जाते है कि सच मे लक्की ने अपना मुंह खोल दिया तो ...??
जारी है....
आपके प्यारे प्यारे कमैंट का इंतजार रहेगा 😊
गातांक से आगे....
रिया और भी ज्यादा रोते हुए - मेरे विराज के साथ किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है ? किसने किया ये सब ? वो सतवीर से सवाल करती है ! हमने उस लड़के को पकड़ लिया है जो ड्राइवर बनकर विराज सर के साथ गया था लेकिन अभी वो अपना मुंह नहीं खोल रहा है ! कुछ बता नही रहा ,, हम अपनी तरफ से उसका मुंह खुलवाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और फिर हमारे पास सबूत भी है उसके खिलाफ ,,,आज नहीं तो कल उसे सच बोलना ही पड़ेगा ....सतवीर पूरे विश्वास से बोलता है ! लेकिन उसकी बात सुनकर रिया के तोते उड़ जाते है कि सच मे लक्की ने अपना मुंह खोल दिया तो ...??
उसका चेहरा एकदम से सफेद पड़ जाता है ! पर जल्दी ही वो खुद पर काबू पा लेती है और रोते हुए - आपको जो भी करना है कीजीए पर मेरे पति के काति़ल को जल्दी पक़डिए और कडी से कडी सजा़ दिलवाइए ! डॉंट वरी मेम ,,,हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे है ,आपके पति के कातिल को सजा जरूर मिलेगी ! इतना कहकर वो वहा से जाने लगता है ! पीछे से रिया उसे रोकते हुए - सुनिए ...पुलिस वाले के कदम वही रुक जाते है ! वो पीछे मुड़कर रिया की तरफ देखता है ! बदले मे रिया अपनी आसू भरी नजरो से उसे देखते हुए - मेरे पति कि बॉडी ??
सतवीर अफसोस जताते हुए - सॉरी मैम ,,दरअसल विराज सर की गाडी इतनी ऊँचाई से नीचे गिरी है और गिरते ही उस गाड़ी में इतना तगड़ा ब्लास्ट हुआ है कि पूरी गाडी तहस-नहस हो चुकी है ,, हम इतनी छानबीन करने के बावजूद भी पूरी गाड़ी के पार्ट्स भी इकट्ठे नहीं कर पाए ! वो गाड़ी बुरी तरह जल चुकी है तो सोचिए उसके अंदर जो विराज कर बैठे थे उनका क्या हाल हुआ होगा और अगर गलती से उनकी बॉडी गाड़ी से बाहर आकर कहीं गिरी भी होगी तो उस घने जंगल में जंगली जानवर इतने हैं जो कब का उन्हें मारकर खा गए होंगे !
वहां पर विराज सर के खून के अलावा और उनकी कुछ पर्सनल चीजों के अलावा और कुछ नहीं मिला है ! बाकी हमारी टीम अभी भी छानबीन कर रही है पर आप उम्मीद कम ही रखिएगा ! ये सुनते ही रिया और भी ज्यादा जोर-जोर से रोने लगती है और फिर एकदम से - उस इंसान को छोड़िएगा मत जिसने मेरे पति का ये हशर किया है !
सतवीर गुस्से से - उसकी चिंता मत कीजिए मैम ,,उस लड़के का मुंह कैसे खुलवाना है ये मुझे बहुत अच्छा से पता है ! ये कहकर वो जल्दी से वहां से चला जाता है ! रिया अपने नौकरों के सामने रोने का नाटक करते हुए ऊपर अपने कमरे में चली जाती हैं और कमरे में जाते ही वो सबसे पहले प्रीतम को फोन करती है और उसे सारी बात बताती है कि सतवीर यहां पर आया था और वो ये कह रहा है कि किसी भी कीमत पर लक्की से सच उगलवा लेगा !
प्रीतम उसे शांत करते हुए - देखिए आप चिंता मत कीजिए लक्की के साथ मैं कुछ बुरा नहीं होने दूंगा और ना उसकी पिटाई होने दूंगा ! तो वो अपना मुंह खोलेगा ही नही ! रिया थोड़ा सा घबराते हुए - बात सिर्फ इतनी नहीं है प्रीतम जी ,,बात ये है कि उस सतवीर के हाथ में वो वीडियो है वो सीसीटीवी फुटेज ,,,प्लीज कैसे भी करके उसे डिलीट कीजिए !
आप फिक्र मत कीजीए रिया जी - बहुत जल्दी मैं सारे सबूत मिटा दूंगा ! बस इतना कहकर दोनों तरफ से फोन कट हो जाता है ! सतवीर वहां से सीधा पुलिस स्टेशन जाता है और फिर सीधा लक्की के पास ! वो एक कुर्सी डालकर उसके सामने बैठते हुए - तू कितनी भी कोशिश कर ले लक्की कितना भी सच छुपा ले लेकिन तू बच नहीं सकता !
वैसे एक बात तो है ,,बहुत शातिर है तू बड़ी प्लानिंग के साथ तूने अपने काम को अंजाम दिया है !
लक्की एक दम से - साहब आप क्या बोल रहे हो ? अपुन को कुछ समझ नही आ रहा !
सतवीर गुस्से से उसका मुंह दबाते हुए - ऐ ,,ज्यादा शानपती नही ,,अब ये बता कि जिस जगह पर विराज की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ है वो भी शहर से इतनी दूर ,उस जगह पर तेरे मोबाइल की लोकेशन कैसे आ रही है ? तेरा फोन क्या कर रहा था वहां पर ? उसके सवाल पर लक्की को याद आता है कि जब वो विराज को पहाड़ी से धक्का देकर घर वापस आ रहा था तभी रास्ते मे उसने अपना मोबाइल कहीं फेंक दिया था ! ताकि पुलिस को उस पर शक ना हो !
पर अब वो पुलिस वाले के सामने अंजान बनते हुए - साहब अपुन पहले ही बता चुका है कि दो-तीन दिन पहले मेरा मोबाइल चोरी हो गया था ! अब अपुन का फोन लेकर कोई कहां गया कहां नहीं गया ये अपुन कैसे बता सकता है ?
देखो साहब अपुन मानता है कि अपुन छोटे-मोटी चोरी करता है ,छिना छपटी करता है लेकिन किसी का खून करने जैसा बड़ा काम अपुन नहीं कर सकता !
सतवीर उससे हर तरीके से पूछताछ करता है, हर तरीके से तोड़ने की कोशिश करता है लेकिन लक्की अपने बयान से नहीं पलटा ! वो अपना बयान कायम रखता है कि वो विराज जिंदल को नहीं जानता ,उसने तो उसका नाम भी पहली बार सुना है ! ऊपर से विराज जिंदाल जैसे बड़े आदमी का मर्डर??? पूरे शहर में ये सनसनी फैल चुकी थी ! पुलिस वालों के ऊपर विराज के खूनी को जल्द से जल्द पकड़ने का बहुत प्रेशर था ! मिडिया वाले हर न्यूज़ चैनल पर हर जगह बस यही खबर चला रहे थे और पुलिस की नाकामयाबी का बखान कर रहे थे ! पुलिस वालों को लक्की के घर से भी ऐसी कोई चीज नहीं मिलती जिससे उस पर ज्यादा शक हो या किसी भी तरीके से उसे फसाया जा सके !
लक्की ने कहा था कि वो अपना काम इतनी सफाई से करेगा कि किसी को उस पर शक नहीं होगा तो ठीक वैसा ही हुआ ! सिर्फ एक उस हिडन कैमरा की वजह से वो पुलिस की नजरों में आ गया अगर वो कैमरा नहीं होता तो शायद वो कभी पकड़ा ही नहीं जाता ! खैर ,,देखते ही देखते पांच दिन बीत जाते हैं ! पांच दिन तक सतवीर लक्की से पूछताछ करता है,,उसे मारता है पीटता है लेकिन लक्की टस से मस नहीं होता और फिर उसकी कोर्ट में पेशी का दिन भी आता है !
प्रीतम सतवीर से - सर ,,इस लक्की ने अभी तक अपना जुर्म कबूल नहीं किया है तो आप इसे कोर्ट में पेश करेंगे क्या मतलब है इस बात का ?
मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं प्रीतम वो भी पूरी ईमानदारी से ! गुनाहागार कभी अपना गुनाह कबूल नहीं करता उसके खिलाफ सबूत इकट्ठे करने पड़ते हैं ,,अदालत में दिखाने पढते हैं सारे सबूत ...तब जाकर उसे मजबूरी में अपना गुनाह कबूल करना पड़ता है और वैसे भी इस लक्की के खिलाफ तो मेरे पास तगड़ा सबूत है ! तुम तो जानते ही हो तुमने तो देखी है वो वीडियो ! लक्की बेश़क मना करता रहे कि मैं विराज को नहीं जानता ,,मैं उसके साथ नहीं गया लेकिन जब अदालत में मैं वो वीडियो प्ले करूंगा तब तो इस लक्की को पूरा सच बताना ही पड़ेगा !
चलो अब तुम टाइम वेस्ट मत करो जल्दी से उसे लेकर कोर्ट पहुंचो ,, मैं दूसरी गाड़ी से आता हू ! कुछ देर में वो लोग लक्की को लेकर अदालत पहुंच जाते हैं अदालत के सामने पूरा मीडिया मौजूद था लोगों की भीड़ मौजूद थी ! कुछ लोग ऐसे थे जो लक्की को मारने के लिए दौड़ रहे थे ! फिर भी पुलिस वाले किसी न किसी तरीके से लक्की को सही सलामत लोगों की भीड़ से बचाते हुए अदालत के अंदर ले जाते हैं ! कुछ देर मे अदालत की कार्यवाही शुरू होती है ! लक्की कटकरे में खड़ा था ! वो चारों तरफ देखता है तो रिया उसे कहीं नहीं नजर आती ! वो मन मे - ये रिया क्यों नहीं दिख रही ? आई क्यों नहीं अभी तक ? शायद कोई प्रॉब्लम हुई होगी ? चलो कोई नही मैं तो आज ही यहां से छूट जाऊंगा फिर सीधा अपनी रिया बेबी के पास जाऊंगा !
वो ये सब सोच ही रहा था तभी वकील जज को सारी बात बताता है कि ये लक्की है ,इसने ही विराज जिंदल का खून किया है ! लक्की एकदम से - ये सब झूठ है साहब ,अपुन ने कोई खून नही किया है ,मुझे जबरदस्ती फंसाया जा रहा है !
जज लक्की की तरफ देखते हुए - आपको अपनी बात कहने का पूरा मौका मिलेगा पर अभी शांति बनाए रखिए !
वकील आगे बोलते हुए - ये झूठ बोल रहा है ,इसने ही मिस्टर विराज का खून किया है और मैं ये बात साबित कर सकता हू ...! इसके बाद वकील शुरू से लेकर अंत तक सारी बात जज को बताता है ,,जज उसकी सारी बात सुनने के बाद लक्की की तरफ देखते हुए - तुम्हे अपनी सफाई मे कुछ कहना है ? जज साहब अपुन सच कह रहा है अपुन ने कोई खून नही किया है अपुन तो विराज जिंदल को जानता भी नही है ये पुलिस वाले फंसा रहे है मुझे बकवास बंद कर मेरे पास तुम्हारे खिलाफ पक्का सबूत है जिससे से साबित हो जाएगा कि खूनी तुम ही हो ! सबसे पहला सबूत ,,,ये तुम्हारा मोबाइल जो ठीक उसी जगह मिला जहां से तुमने विराज की गाडी को धक्का दिया था ! और ये रही इसकी लोकेशन की रिपोर्ट ...!! वो मोबाइल देखते ही लक्की के पैरो तले जमीन खिसक जाती है ! वो मन मे - ये साला मोबाइल इसके पास कैसे ?? इसे तो अपुन ने उस जगह से काफी दूर फैंका था ! लक्की एक दम से - साहब अपुन पहले ही बता चुका है कि अपुन का फोन चोरी हो गया था ! पर इससे ये कैसे साबित होता है कि ये खून अपुन ने किया है ?
कोई बात नही लक्की ,,मेरा पास दूसरा और अहम सबूत है जिससे सब कुछ साफ हो जाएगा ! फिर वो जज की तरफ देखते हुए - सर आप ये विडियो देखिए आपको सब पता चल जाएगा ,, ये कहते हुए वकील सामने लगी बडी सी स्क्रीन ऑन करता है और वो सबूत वाली विडियो चलाता है पर ये क्या वो सबूत वाली विडियो तो पूरी खाली थी ! ये देखकर वकील के साथ साथ पुलिस वाला भी दंग रह जाता है पर लक्की के होंठो पर शातिर मुस्कान तैर जाती है ! वो मन मे आखिर रिया बेबी ने अपना काम कर ही दिया ...
वकील उस विडियो को बार बार शुरू करता है पर कोई फायदा नही ! उसके अलावा को उनके पास और कोई सबूत नही था लक्की के खिलाफ और मात्र फोन की लोकेशन से ये साबित नही होता कि खून लक्की ने ही किया है !
वकील सतवीर की तरफ देखता है ! सतवीर को भी कुछ समझ नही आ रहा था ! खाली विडियो क्लीप देखकर जज साहब वकील को बहुत फटकार लगाते है कि उसकी वजह से अदालत का समय बर्बाद हुआ है ! अब तो किसी के पास कुछ बोलने के लिए बचा ही नही था ! लक्की के खिलाफ कोई सबूत नही था ! ये देखकर जज अपना फैसला सुनाने लगता है ! लक्की के खिलाफ कोई सबूत न मिलने से ये अदालत ,,,,रुक जाइए जज साहब ! सबूत मेरे पास है ....
जारी है...
कमैंट के लिए तो बोलना ही बेकार है ! कुछ पाठको को छोड़कर और कोई कभी कमैंट नही करतेे 😒
गातांक से आगे...
वकील उस विडियो को बार बार शुरू करता है पर कोई फायदा नही ! उसके अलावा को उनके पास और कोई सबूत नही था लक्की के खिलाफ और मात्र फोन की लोकेशन से ये साबित नही होता कि खून लक्की ने ही किया है ! वकील सतवीर की तरफ देखता है ! सतवीर को भी कुछ समझ नही आ रहा था ! खाली विडियो क्लीप देखकर जज साहब वकील को बहुत फटकार लगाते है कि उसकी वजह से अदालत का समय बर्बाद हुआ है ! अब तो किसी के पास कुछ बोलने के लिए बचा ही नही था ! लक्की के खिलाफ कोई सबूत नही था ! ये देखकर जज अपना फैसला सुनाने लगता है ! लक्की के खिलाफ कोई सबूत न मिलने से ये अदालत ,,,,रुक जाइए जज साहब ! सबूत मेरे पास है ....
ये आवाज सुनते ही सब लोग पीछे मुड़कर देखते है ! लक्की भी उस तरफ देखता है पर जैसे ही वो उस तरफ देखता है तो उसकी आंखे हैरानी से फैल जाती है क्योकि जो सबके सामने सबूत पेश कर रही थी वो कोई और नही रिया ही थी ! एक पल के लिए तो उसे अपनी आँखो पर भरोसा नही होता ...वो रिया को सर से लेकर पैरो तक देखता है ! सफेद कलर की सलीके से बंधी साडी ,बालो का ढलका सा जूडा बनाया हुआ ,एक हाथ की कलाई पर बंधी मंहगी घडी ,आँखो मे बेहिसाहब आसू पर उन आसुओ के साथ साथ एक ज्वाला भी दी ....जिनसे वो लक्की को घूर रही थी !
रिया को देखते ही कोर्ट रूम मे खुसुर पुसुर होने लगती है ! अरे ये तो रिया जिंदल है ,विराज जिंदल की वाईफ ,ये अब तक कहां थी ?? बिचारी के साथ बहुत बुरा हुआ और भी न जाने लोग क्या क्या बोल रहे थे ! जज सबको शांत करवाते हुए - ऑडर ऑडर करता है ! वहीं लक्की अभी तक सदमे मे था ,उसका तो दिमाग ही काम नही कर रहा था ,ना ही उसे कुछ समझ आ रहा था !
रिया जो उसे ही देख रही थी वो बेहद नफरत से अपनी नज़रे फेर लेती है ! ये देखकर लक्की को दूसरा झटका लगता है ! तभी रिया दो कदम आगे आते हुए - सबूत मैं दूंगी जज साहब ,,अपने पति के कातिल के खिलाफ सबूत मैं दूंगी ,अपने पति के कातिल को मैं सजा दिलवाऊंगी उसे फांसी के फंदे तक मैं पहुंचाऊंगी ! मैं अपने पति को इंसाफ दिलाऊंगी मैं ....ये कहते हुए वो फूट फूटकर रोने लगती है और रोते रोते अपना चेहरा अपने हाथों में भर लेती है ! उसे ऐसे रोते हुए देखकर वहां मौजूद हर शख्स इमोशनल हो गया था ! सबको रिया के साथ हमदर्दी होने लगी थी जबकि लक्की उसका ये रूप देखकर हैरान रह गया था !
वो तुलना ही नहीं कर पा रहा था कि ये कौन सी रिया है ? क्योकि जिस रिया को वो जानता था ये कहीं से कहीं तक भी वो रिया लग ही नही रही थी ! उसे लग रहा था कि ये रिया की कोई हमशक्ल है कोई बहरूपिया तो नहीं ? रिया के पीछे पीछे उसका आदमी प्रीतम भी आता है ! वो रिया के पास आकर उसे संभालते हुए - मैंम संभालिए खुद को ,, ये रोने का नहीं विराज सर के हत्यारे को रुलाने का वक्त है जो कि वहां सामने कटघरे में खड़ा है ,,, प्रीतम एकदम से लक्की की तरफ अपना हाथ करते हुए बोलता है ! यहां लगा था लक्की को तीसरा झटका ... जिस प्रीतम को रिया का और अपना खास आदमी समझकर वो सब कुछ सच बता चुका था ! शुरू से लेकर अंत तक की कहानी कैसे उसने विराज को मारने की प्लानिंग की ,,कैसे उसका पीछा किया कैसे उस पर नजर रखी ,हर एक चीज वो प्रीतम को बता चुका था !
यही प्रीतम जो उसे अब तक ये कहता आया था कि वो उसे हर हाल में बचा लेगा , कुछ नहीं होने देगा उसे और आज वही प्रीतम सबके सामने ये कह रहा है कि यही है विराज का हत्यारा !! लक्की को झटके पर झटके मिल रहे थे ! ना तो वो कुछ समझ पा रहा था ना कुछ बोल पा रहा था उसे तो कुछ सुझ ही नहीं रहा था ! उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था ! तभी जज साहब की तरफ देखते हुए - मिसेज विराज दिंदल ,,अदालत को आपके साथ पूरी हमदर्दी है और अदालत आपके और आपके पति के साथ पूरा न्याय करेगी ! पर आपको जो भी कहना है यहां कटघरे में आकर कहिए और जो भी आपके पास सबूत है वो अदालत को दिखाइए !
रिया खुद को शांत करती है , अपने आंसू साफ करती है और फिर कटघरे में जाकर लक्की की तरफ देखती है और फिर एकदम से - यही है वो आदमी ,,इसी ने मारा है मेरे पति विराज को ,, इसी ने खून किया है मेरे पति का ,,इसे तो फांसी की सजा दीजिए जज साहब ! इसे छोड़ना मत ,,, जैसे जैसे रिया बोल रही थी वैसे-वैसे लक्की के सामने रिया का वो रूप घूम रहा था कि कैसे वो हर रात उसकी बाहों में आती थी ,उसके साथ हमबिस्तर होती थी और उसके होठों पर एक ही बात होती थी कि जल्द से जल्द विराज को खत्म करके हम हमेशा के लिए एक हो जाएंगे ! अब जब लक्की ने उसका किया हुआ पूरा कर दिया तो वो एकदम से बदल गई !! पर क्यों ? और अब वो अकेले उसका नाम क्यू ले रही है ?? आखिर जितना कुसुर लक्की का है उतनी ही रिया का भी तो है !
लक्की एकदम से होश में आते हुए - नही ये झूठ है मै तो ,, इससे पहले की लक्की रिया का नाम लेता या कुछ और बोलता उससे पहले ही प्रीतम एकदम से लक्की के पास जाता है और उसका गिरेबान पकडते हुए - क्या झूठ है ? हहहह क्या झूठ है ? कब से अदालत को गुमराह किए जा रहा है ,,,तेरे खिलाफ एक एक सबूत जमा किया है मैंने ,,जो अभी के अभी मैं अदालत में पेश करूंगा जिससे साबित हो जाएगा कि कौन सच्चा है और कौन झूठा ! जिससे ये साबित हो जाएगा कि तू ही खूनी है !
ये कहता हुआ वो जज की तरफ देखकर - सबसे पहले तो वकील साहब ये बात साबित कर चुके हैं कि जिस जगह पर विराज सर की मौत हुई है ,,जहां से इस लक्की ने विराज की गाड़ी को धक्का दिया था ,ऑन द स्पॉट इस लक्की का मोबाइल वहां पर पाया गया है लेकिन लक्की का कहना है कि इसका फोन चोरी हो गया था ,,अरे चोरी हो गया था तो इसने कंप्लेंट क्यों नहीं लिखवाई और दूसरा सबसे अहम सबूत विराज कर के घर की सीसीटीवी फुटेज की वो वीडियो जिसमें लक्की ने ड्राइवर की वर्दी पहन रखी है और विराज कर के आखिरी वक्त में यही उनके साथ था ,,यही उनको उनके घर से लेकर गया था ! ये बात अभी साबित हो जाएगी !
ये कहता हुआ वो उस वीडियो को प्ले कर देता है और फिर सारा कुछ सामने बड़ी सी स्क्रीन पर नजर आने लगता है !
जिसे देखकर हर कोई आपस मे बातें करने लगता है कि हां सच में ये तो लक्की ही है ! उस वीडियो में एक-एक चीज रिकॉर्ड थी लक्की का वो ड्राइवर की वर्दी पहन कर विराज की गाडी के पास खडे होना ,,,कुछ देर के लिए विराज से बात करना ,फिर विराज का किसी से फोन पर बात करना और फिर लक्की का उसको वहां से ले जाना ! ये सब देखकर लक्की के पैरो तले जमीन खिसक गई थी ! अब तो लक्की के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं बचा था !
रिया लक्की की तरफ देखती है और फिर आगे बोलते हुए - जज साहब लक्की ने सिर्फ मेरे पति को ही नही ब्लकि हमारे ड्राइवर रमेश और उसके परिवार को भी मारने की कोशिश की है ,,,सबूत के तौर पर मैं अपने ड्राइवर रमेश को और उसके परिवार को अपने साथ लेकर आई हूं ताकि वो आपको पूरी सच्चाई बता सके !
ये सुनते ही लक्की को एक और झटका लगता है ! कि ये रिया क्या बोल रही है ! जबकि रिया और लक्की ने ये तय किया था कि रमेश की फैमिली को डरा धमका कर और कुछ पैसे देकर इस शहर से ही रवाना कर देंगे और इस चीज की जिम्मेदारी रिया ने अपने ऊपर ली थी कि तुम विराज को संभालो रमेश को और उसकी फैमिली को वो संभाल लेगी और लक्की ने उस पर भरोसा करके सबसे बड़ी गलती कर दी ....
पर सवाल ये था कि रिया ने ये सब क्यू किया ? आखिर करना क्या चाहती है वो ? क्या मकसद है उसका ? क्या उसने विराज और लक्की से कोई बदला लिया है ? या फिर कहानी कुछ और है ...जानने के लिए बने रहिए मेरे साथ और हा कमैंट करना भूलना नही
जारी है....
गातांक से आगे...
जज साहब लक्की ने सिर्फ मेरे पति को ही नही ब्लकि हमारे ड्राइवर रमेश और उसके परिवार को भी मारने की कोशिश की है ,,,सबूत के तौर पर मैं अपने ड्राइवर रमेश को और उसके परिवार को अपने साथ लेकर आई हूं ताकि वो आपको पूरी सच्चाई बता सके ! ये सुनते ही लक्की को एक और झटका लगता है ! कि ये रिया क्या बोल रही है ! जबकि रिया और लक्की ने ये तय किया था कि रमेश की फैमिली को डरा धमका कर और कुछ पैसे देकर इस शहर से ही रवाना कर देंगे और इस चीज की जिम्मेदारी रिया ने अपने ऊपर ली थी कि तुम विराज को संभालो रमेश को और उसकी फैमिली को वो संभाल लेगी और लक्की ने उस पर भरोसा करके सबसे बड़ी गलती कर दी ....
इससे पहले कि वो कुछ बोलता तभी रमेश अपने पूरे परिवार के साथ वहां पर आता है और सब लोग लक्की के खिलाफ गवाही देते हैं कि लक्की का एक आदमी उनके सर पर बंदूक ताने बैठा हुआ था और रमेश की लड़की की इज्जत लूटने की धमकी दे रहा था और इस वजह से रमेश को विराज से झूठ बोलना पड़ा कि हां लक्की उसका भाई है ! इसी वजह से वो विराज को वहां से ले जाने में और उसे मारने मे कामयाब हुआ !
पर अब सबके मन में सवाल ये था कि क्या लक्की ने ऐसा किया क्यों ? उसकी विराज से क्या दुश्मनी है ? या किसी के कहने पर उसने ये सब किया ? किया तो वैसे उसने रिया के कहने पर ही था ये सब कुछ ,,क्योकि रिया ने उसके आसपास मौहोल ही ऐसा बना दिया था कि लक्की खुद से तैयार हो गया था विराज को मारने के लिए ,,हम कह सकते हैं कि रिया उसके कंधे पर रख बंदूक चला रही थी लेकिन ये बात वो साबित कैसे करेगा कि ये सब रिया ने हीं करवाया है और कौन उसका विश्वास करेगा कोई भी नहीं !!
वो वही कटघरे में खड़ा ये सब सोच रहा था तभी जज की आवाज उसके कानो से टकराती है - अब आपको अपनी सफाई में कुछ कहना है ? लक्की रिया की तरफ देखता है जिसके होठों पर डेविल स्माइल थी , पर वो स्माईल बस लक्की देख पा रहा था ! उसे समझ में नहीं आ रहा था की रिया ने उसके साथ ऐसा क्यों किया ? पर इतना अच्छा तो वो भी नहीं था कि चुप रह जाए ....वो एकदम से - साहब अपुन मानता है कि विराज जिंदल का खून अपुन ने ही किया है ! अपुन ही उनके घर में नकली ड्राइवर बनकर घुसा था और अपुन ही उनको अपने साथ लेकर गया था !
लड़की का अपना गुनाह कबूल करते ही सब लोग आपस में खुसुर पुसुर करने लगते हैं ! जज एक बार फिर से ऑर्डर ऑर्डर करता है ! ये सब सुनने के बावजूद भी रिया के चेहरे पर एक शिकन तक नहीं आई ,,ना हीं कोई डर आया कि कहीं लक्की उसका नाम ना ले दे ! भई अब जिसने इतना बड़ा खेल रच दिया इतना बड़ा षड्यंत्र रच दिया लक्की के हाथों विराज को मरवा दिया और फिर लक्की को भी फंसा दिया तो वो क्य इतनी मामूली बात पर ध्यान नहीं देगी कि वो उसका नाम लगा जरूर लेगा ??
नही सब मालूम था उसे ,पूरी की पूरी प्लानिंग करके ही वो मैदान में उतरी थी और जो उसने सोचा था वही होता है !
लक्की एकदम से उसका नाम लेते हुए - पर जज साहब अपुन से ये तो पूछिए कि अपुन ने ये सब किसके कहने पर किया है ? अरे अपुन की क्या दुश्मनी है विराज जिंदल से ? अपुन तो उसे जानता भी नहीं था लेकिन ये जो सामने कटघरे मे मासूम बनकर खड़ी है जो सबकी हमदर्दी ले रही है विराज की पत्नी रिया ,, इसके कहने पर ही मैंने ये सब किया है ! अपने पति को मेरे हाथों से मरवाने वाली यही है ,ये सब किया धरा इसी का है ! उसके ये कहने की देर थी कि सब लोग हैरान रह जाते हैं और एक बार फिर अदालत में सब लोगो की आवाजे गूंजने लगती है !
लेकिन तभी प्रीतम लक्की के पास जाता है और एक जोरदार चांटा उसके गाल पर मारते हुए - बस कर और कितना झूठ बोलेगा ? जब बचने का कोई रास्ता समझ में नहीं आया तो कुछ भी बोलने लगा तू ?? अरे वो रिया जिंदल है रिया जिंदल ,, पता भी है तुझे कितनी बड़ी हस्ती है वो और तो उन पर इल्जाम लगा रहा है ? उनका नाम उछाल रहा है सिर्फ और सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ?
जज प्रीतम की बात समझ नहीं पाता और वो एकदम से - तुम कहना क्या चाहते हो इंस्पेक्टर साफ-साफ कहो ! जज साहब मैं बस यही कहना चाहता हूं कि कुछ लोग होते है जो पब्लिसिटी के लिए फेमस होने के लिए पागल होते हैं ,,इतने पागल की किसी का खून भी कर देते हैं और ज्यादातर वो लोग किसी बड़ी हस्ती का खून करते हैं जैसा की इस लक्की ने किया ! ये जानता था कि विराज जिंदल इस शहर की सबसे बड़ी हस्ती है अगर ये उसका खून करता है तो इसका नाम तो अपने आप ही उछल जाएगा ,,और ये बात में साबित कर सकता हूं क्योंकि मेरे पास इसकी बातचीत की रिकॉर्डिंग है जो मैंने इसे अपने कॉन्फिडेंस में लेकर रिकॉर्ड की थी ! इसे नहीं पता था कि मैं रिकॉर्डिंग कर रहा हूं और ये ढींगे हाकने के चक्कर मे मुझे सारा सच बताता चला गया !
इतना कहकर प्रीतम एक रिकॉर्डिंग प्ले करता है जिसे सुनकर लक्की के पैरों तले जमीन खिसक ती है ! ये प्रीतम की और उसकी वो बातचीत थी जब लक्की ने सारा कुछ प्रीतम को बताया था कि कैसे वो रिया से टकराया कैसे उसके प्यार में गिर गया ,फिर हर रात रिया का उसको अपने घर बुलाना फिर दोनों का हम बिस्तर होना फिर विराज को मारने की प्लानिंग करना ! पर प्रीतम ने उस रिकॉर्डिंग को इस तरीके से एडिट किया था की उसमे रिया का नाम कहीं से कही तक नही था ! ब्लकि उसमें सबको ऐसा सुनाई दे रहा था कि अपुन विराज की दौलत से जलता है , उसकी कामयाबी से जलता है ,उसकी खूबसूरत बीवी से जलता है ,उसकी खूबसूरत बीवी तो मेरी बांहो मे होनी चाहिए ,,साला उस विराज को सब कुछ दिया भगवान ने पर अपुन को कुछ भी नहीं ! बातों का रुख इस तरह कर दिया गया था उस रिकॉर्डिंग में की सबको इस बात पर यकीन हो गया था कि लक्की वाक्य में एक सनकी इंसान है जो अमीर लोगों से जलता है और आगे जाकर एक साइको किलर का रूप ले सकता है !
अब लक्की के पास कुछ भी कहने के लिए नहीं बचा था ! हर एक सबूत उसके खिलाफ था ! सच्चाई क्या थी ये तो सिर्फ रिया जानती थी ,लक्की जानता था और प्रीतम जानता था जोकि पहले ही रिया के हाथों बिक चुका था !
लक्की सबके सामने चिल्लाता रहता है कि वो अकेला गुनाहागार नहीं है उसके साथ रिया भी बराबर की गुनाहागार है,, ये साजिश उसी की रची हुई है ,उसे तो फसाया गया है लेकिन कोई उसकी बातों पर यकीन नहीं करता ! वो चिल्लाता रहता है और जज सारे सबूतो के तहत उसे उम्र कैद की सजा सुना देता है !
लक्की को उम्रकैद की सजा हुई है ये सुनते के रिया आंसू बड़ी नजरो से जज की तरफ देखती है और रोते हुए - मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद करती हू जो आपने मेरे पति को इंसाफ दिलाया ! लक्की उसका कदम कदम पर गिरगिट की तरह बदलता हुआ रंग देख रहा था ! वो रिया के असली चेहरे से अच्छी तरह वाकिफ था कि वो क्या है क्या नहीं ,,,उसे रिया पर इतना गुस्सा आता है कि वो एकदम से कटघरे मे से बाहर कूदता है और सामने खड़ी रिया के पास जाता है और एकदम से उसका गला पकड़ लेता है ! और वो उसके गले को जोर से दबाते हुए - साली कमिनी अपुन के साथ धोखा किया तूने ? अपुन के साथ ? अपुन छोडूंगा नहीं तुझे ,, तुझे तो बर्बाद करेगा अपुन ! वो जोऱ से उसका गला दबाते हुए बोल रहा था ! ये देखकर जितने भी पुलिस वाले वहां मौजूद थे वो सब जल्दी से लक्की के पास आते हैं और उसके ऊपर डंडे बरसाने लगते हैं और रिया को उसकी उसके पकड़ से आजाद करवाने लगते हैं लेकिन लक्की की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वो उसके गले को छोड़ ही नहीं रहा था !
रिया को बेहद तकलीफ हो रही थी यहां तक की उसकी आंखों से आंसू भी बहने लगे थे ! ये सब देखकर प्रीतम एकदम से उसकी बाजू पर गोली चल देता है ,,जिससे लक्की की पकड़ ढीली होती है ! पुलिस वाले उसे मारते हुए और घसीटते हुए वहां से ले जाते हैं ! रिया अपनी आंखों में आंसू और होठों पर डैविल स्माइल लिए उसे तब तक देखती रहती है जब तक वो उसकी आंखों से ओझल नहीं हो जाता लेकिन लक्की भी उसे ही देख रहा था ,, उसकी आंखों से अंगारे बरस रहे थे जैसे वो कह रहा हो कि मैं वापस आऊंगा ,जरूर आऊंगा ...
जारी है...
गातांक से आगे....
पुलिस वाले लक्की के पास आते हैं और उसके ऊपर डंडे बरसाने लगते हैं और रिया को उसकी उसके पकड़ से आजाद करवाने लगते हैं लेकिन लक्की की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वो उसके गले को छोड़ ही नहीं रहा था !
रिया को बेहद तकलीफ हो रही थी यहां तक की उसकी आंखों से आंसू भी बहने लगे थे ! ये सब देखकर प्रीतम एकदम से उसकी बाजू पर गोली चल देता है ,,जिससे लक्की की पकड़ ढीली होती है ! पुलिस वाले उसे मारते हुए और घसीटते हुए वहां से ले जाते हैं ! रिया अपनी आंखों में आंसू और होठों पर डैविल स्माइल लिए उसे तब तक देखती रहती है जब तक वो उसकी आंखों से ओझल नहीं हो जाता लेकिन लक्की भी उसे ही देख रहा था ,, उसकी आंखों से अंगारे बरस रहे थे जैसे वो कह रहा हो कि मैं वापस आऊंगा ,जरूर आऊंगा ...
पर रिया को उससे कोई फर्क नही पड़ रहा था इन सब से ! क्योकि उसे पता था कि अब आगे क्या करना है ! प्रीतम जल्दी से उसके पास आता है और पानी बोतल उसकी तरफ बढाते हुए - आप ठीक है ना ?? रिया हा मे अपनी गरदन हिलाती है और फिर वहां से चली जाती है !
पूरे शहर मे ,हर अखबार मे ,हर न्यूज चैनल मे बस यही खबर चल रही थी ! जिसे देखो वो विराज के खून की ही बात कर रहा था और सब लोगो ने मिलकर लक्की को साईको किलर का नाम दे दिया था ! यही नही जब पुलिस वाले उसे घसीटते हुए अदालत से बाहर लेकर आए तब लोगो की भीड़ ने उस पर जमकर पत्थर भी बरसाए ! उस भीड़ मे औरते ,बूढे यहां तक की बच्चे भी शामिल थे ! लोगो का गुस्सा फूट रहा था ,उनका बस चलता तो वो लक्की को वही निपटा देते ,,बडी़ मुश्किल से पुलिस वाले उसे वहां से निकालते है और जेल लेकर जाते है !
पूरे रास्ते लक्की यही सोचता रहता है कि ये उसके साथ हुआ क्या ?? अरे वो तो रिया को जानता तक नही था ,रिया खुद ही उसकी जिंदगी मे शामिल हुई थी ! उसका स्वभाव ,उसकी वो बाते और फिर धीरे धीरे उसका लक्की के करीब आना ,इतना करीब आना कि अपना सब कुछ लक्की को सौंप देना !और आज उसी रिया ने अचानक से रंग बदल लिए ...पर क्यू ?? लक्की यही सब सोच रहा था और खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा था ! अपने विचारो मे वो इस कदर उलझा था कि कब उसे लेकर जेल पहुंच जाते है उसे पता ही नही चलता !
गाडी रूकती है ,,पुलिस वाले लक्की को घसीटते हुए बाहर निकालते है ! लक्की के हाथो मे हथकडी़ थी और उसकी हालत काफी बुरी थी ,,कुछ हवलदार उसे कस कर पकड़ते है और फिर खींचते हुए जेल के अंदर ले जाने लगते है ! पूरी जेल मे ये बात फैल गई थी कि आज एक साईको किलर आ रहा है ! जैसे जैसे लक्की को आगे ले जाया जा रहा था वैसे वैसे अनगणित आँखे लक्की को अपने ऊपर महसूस हो रही थी और वो किसी का भी सामना नही कर पा रहा था ! अगले ही पल लक्की को उसकी बैरक के अंदर धक्का दे दिया जाता है और बाहर से ताला लगाकर हमेशा के लिए सलाखो के पीछे डाल दिया जाता है ....
लक्की खुद को घसीटते हुए एक कोने मे जाकर बैठ जाता है और चारो तरफ नजर घूमाकर देखता है ! एक छोटा सा बैरक ,,जिसकी दीवारो पर न जाने कितनी जगह पान थूककर चित्रकारी की हुई थी ,,उसी कोने मे रखा एक छोटा सा मटका और मटके के ऊपर रखा एक गिलास ,,दूसरी तरफ जमीन पर बिछा हुआ बिस्तर ,तभी एक हवलदार आता है और हल्का सा गेट खोलकर उसके लिए खाने की प्लेट अंदर सरका देता है और वहां से चला जाता है !
लक्की उस खाने को देखता है ,,,पानी जैसी पतली दाल ,सूखी सूखी दो रोटी ...तभी उसे रिया के साथ बिताया हुआ वो एक महीना याद आता है ! उसका वो मखमली बिस्तर ,पहने के लिए विराज के ब्रैडिंड कपडे ,हर रोज किसी राजा महाराजा की तरह शाही भोजन ,वो ए सी की ठंडी ठंडी हवा ...कहां वो विराज के घर का शानदार माहौल जिसके उसने सपने देखे थे कि विराज को मारने के बाद ये सब उसका होगा पर बदले मे उसे मिला क्या ?? ये जेल की कोठरी ,सूखी रोटी ,सोने के लिए पतला सा बिस्तर ...और उम्रकैद ....वो ये सब सोच ही रहा था तभी उसे किसी की हंसी सुनाई देती है वो किसी और की नही मंजरी की हंसी थी ,,लक्की को ऐसा लगता है जैसे मंजरी वही है और उस पर हंस रही है !
उसकी वक्त के साथ तेज होती जा रही थी और लक्की को चुभ रही थी ! लक्की हक्का बक्का होकर चारो तरफ देख रहा था ! तभी उसे ऐसा लगता है जैसे मंजरी उसके सामने खडी है और उस पर हंस रही है ! ये देखकर लक्की को बहुत गुस्सा आता है वो एकदम से पास रखी खाने की प्लेट उठाकर उस पर फैंकता है ,,जिससे मंजरी और उसकी हंसी तो गायब हो जाती है पर जाते जाते उसके दिल मे एक चुभन छोड़ जाती है !!
दिन बीत जाता है और रात होती है और रात का घना अंधेरा चारो तरफ फैल जाता है ! जैल मे एक दम शांति पसरी हुई थी ! ज्यादातार लाईट्स भी ऑफ हो गई थी ,बस कहीं दूर दूर कोई एक आध ब्लब जल रहा था ! जहां बाकि सब कैदी खा पीकर सो गए थे वही लक्की ...सिर्फ लक्की था जो अभी भी वैसे ही कोने मे बैठा हुआ था ! सुबह से ना उसने कुछ खाया था ना पीया था ! इस शांत पसरी जैल मे अचानक से किसी की हील्स की टक टक की आवाजा और किसी से जूते की आवाज आती है !
वो दो जोडी पैर लक्की के बैरक के सामने जाकर रूकते है ..फिर लक्की के बैरक का दरवाजा खुलता है और वो दोनो अंदर आते है ,,वो दोनो कोई और नही रिया और प्रीतम थे ! लक्की की नजर रिया पर जाती है तो वो हैरान रह जाता है ! रैड कलर की एक शॉर्ट ड्रैस जो कि जरूरत से ज्यादा ही छोटी थी ,चेहरे पर डॉर्क मेकअप ,होंठो पर रैड लिपस्टिक ,खुले बाल और उसका एक अलग ही एटीटयूट ...जो लक्की ने पहले कभी नही देखा था ! वो उसे हैरानी से उसे देख रहा था ,कहां वो साडी मे लिपटी रहने वाली सीधी साधी रिया और कहां ये ....
रिया उसका चेहरा देखकर एक दम से हंस पड़ती है और एकदम से - क्यू लगा ना झटका ?? वो हसते हुए बोलती है ! प्रीतम भी हसते हुए - बहुत जोऱ का लगा है मैम ....रिया लक्की की तरफ देखती है जिसकी हालत काफी खराब थी ,लोगो ने पत्थर मार मार कर बुरा हाल कर दिया था उसका ! वो झूठा अफसोस जताते हुए - हे राम ,क्या हालत हो गई है तुम्हारी ,लोगो ने काफी मारा तुम्हे ...ये कहते कहते उसके होंठो पर डैविल स्माईल तैर जाती है !
लक्की उसकी हंसी से चिढ़ जाता है और एकदम से - क्यू रिया क्यू ...? अपुन के साथ ये सब क्यू ? अपुन ने क्या बिगाड़ा था तेरा ...अपुन को क्यू फंसाया तूने ??
ये सुनते ही रिया ही - ना ,ना मैने नही फंसाया तुझे ...तुझे फंसाया है तेरे लालच और हवस ने ...और एक राज की बात बताऊ ...??
जारी है....