शिवाय सिंह राठौड़ माफिया किंग है उसका जुनून बन जाती है नायरा , obsessed Devil से क्या ना बच पाएगी पहली नजर का प्यार शिवाय जीत पाएगा अपनी मलिका का दिल😈 वो अपने दिल के साथ खेलना नहीं जानता। और जिस दिन उसका दिल किसी पर आ जाए… वो इंसान उसकी दुनिया बन जा... शिवाय सिंह राठौड़ माफिया किंग है उसका जुनून बन जाती है नायरा , obsessed Devil से क्या ना बच पाएगी पहली नजर का प्यार शिवाय जीत पाएगा अपनी मलिका का दिल😈 वो अपने दिल के साथ खेलना नहीं जानता। और जिस दिन उसका दिल किसी पर आ जाए… वो इंसान उसकी दुनिया बन जाता है। एक मासूम लड़की…जो सबकी बीच में भी अकेली लग रही थी। जो किसी की नहीं थी… पर अब उसकी हो चुकी थी। उदयपुर की रौशनी से भरी सड़कों पर, शहर जैसे अपनी ही धुन में चल रहा था। लोग हँस रहे थे, दुकानें बंद हो रही थीं… लेकिन शहर के सबसे पुराने, ऊँचे और वीरान हवेली के अंदर एक अलग ही सन्नाटा पसरा था।
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उदयपुर – रात के 9:30 बजे
उदयपुर की रौशनी से भरी सड़कों पर, शहर जैसे अपनी ही धुन में चल रहा था। लोग हँस रहे थे, दुकानें बंद हो रही थीं… लेकिन शहर के सबसे पुराने, ऊँचे और वीरान हवेली के अंदर एक अलग ही सन्नाटा पसरा था।
हवेली के अंदर… एक लकड़ी की बड़ी सी चेयर पर कोई बैठा था।
काले कुर्ते की बाजुओं को मोड़ते हुए, उसने सामने रखा फाइल धीरे से खोला।
"Shivay Singh Rathore."
उसका नाम जैसे ही उस फाइल में दर्ज हुआ, स्याही थम गई।
उसे किसी ने रियासत का वारिस कहा था, कोई उसे 'माफिया' बुलाता था। लेकिन जो उसे जानता था, वो जानता था —
वो अपने दिल के साथ खेलना नहीं जानता।
और जिस दिन उसका दिल किसी पर आ जाए… वो इंसान उसकी दुनिया बन जाता है।
उसका मोबाइल वाइब्रेट हुआ।
"भाई, क्लब में सब तैयार है।" – बॉडीगार्ड ने सूचना दी।
शिवाय उठा। उसकी चाल में रॉयलटी थी… और आँखों में सिर्फ अंधेरा। उस रात उसे नहीं पता था, कि उसकी दुनिया अब बदलने वाली है।
क्लब "Nocturne" – 10:45 PM
"तू चल न नायरा! एक ही तो बर्थडे पार्टी है मेरी!"
– उसकी बेस्ट फ्रेंड ज़ोया ने उसका हाथ खींचा।
"पर ज़ोया, ये जगह मेरे जैसी लड़कियों के लिए नहीं है…"
"तू सिर्फ प्यारी है, कमजोर नहीं। तू चल बस…"
नायरा ने अपनी ढीली सी ऑफ-व्हाइट ड्रेस को ठीक किया। बाल खुले थे, आंखों में हल्का काजल।
क्लब में एंट्री करते ही तेज़ लाइट्स और म्यूज़िक से उसका सिर घूम गया।
वो हौले से कोने में जाकर खड़ी हो गई। किसी को तंग न करे बस।
उसी पल… हवेली से निकला एक शिकारी, क्लब के सबसे ऊपरी फ्लोर में दाखिल हो चुका था।
शिवाय सिंह राठौर।
जैसे ही उसकी आंखें क्लब के नीचे झांकती हैं… उसे कुछ दिखता है। कुछ नहीं — कोई।
एक मासूम लड़की…
जो सबकी बीच में भी अकेली लग रही थी।
जो किसी की नहीं थी… पर अब उसकी हो चुकी थी।
शिवाय सिंह राठौर
उम्र: 28
माफिया वर्ल्ड का बेनाम किंग
उदयपुर की सबसे पुरानी हवेली में रहता है
सब उसे डरते हैं, लेकिन उसका दिल... कभी किसी ने देखा नहीं
और आज… पहली बार उसे किसी ने "देखा नहीं, महसूस किया है" — नायरा
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🌸 नायरा वर्मा
उम्र: 21
मासूम, सिंपल, क्लासी लेकिन गरीब नहीं
पेरेंट्स की डेथ के बाद अकेली रहती है, कॉलेज में पढ़ती है
खुद की दुनिया में खोई हुई… ज़िंदगी से ज़्यादा डर नहीं, लेकिन भरोसा कम है
आज पहली बार किसी क्लब में आई है… और वहीं उसकी किस्मत ने करवाया शिवाय से सामना
क्लब – VIP सेक्शन (रात के 11:00 बजे)
शिवाय की नज़रें अब ज़मीन पर नहीं थीं…
वो बस एक लड़की को देख रहा था।
उसने हाथ उठाया — पास खड़े अंगद को इशारा किया।
"नीचे जो लड़की खड़ी है… सफेद ड्रेस में… उसका नाम क्या है?"
अंगद ने नीचे देखा, और मोबाइल निकाल लिया।
"सर, पता करता हूँ।"
शिवाय की आंखें अब भी नीचे थीं।
वो लड़की अभी भी अपने हाथों की उंगलियां मरोड़ रही थी। नर्वस थी। शायद अकेली भी।
"शायद ये पहली बार है जब कोई लड़की इस क्लब में आई और मुझे देखे बिना भी… मेरा ध्यान खींच गई।"
– शिवाय ने खुद से बुदबुदाया।
अचानक नायरा की नज़र ऊपर उठी।
शिवाय की आँखें उस पल और तेज़ चमकीं…
लेकिन नायरा ने उसे नहीं देखा। वो तो लाइट्स को देखकर आँखें मूँद रही थी।
"Interesting…"
अगले दिन – शिवाय की हवेली
"नाम: नायरा वर्मा
उम्र: 21
कॉलेज स्टूडेंट
दोस्त: ज़ोया खान
पैरेंट्स: देहांत हो चुका है
रहती है: गुलमोहर अपार्टमेंट, 2nd फ्लोर"
– अंगद ने सारी जानकारी पढ़कर सुनाई।
शिवाय उस फाइल को घूरता रहा।
"उसने मेरी तरफ नहीं देखा… लेकिन अब से, मेरी हर नज़र सिर्फ उस पर होगी।"
– उसके लहजे में एक खतरनाक सुकून था।
कॉलेज कैम्पस – दोपहर 1:15 PM
नायरा अपनी फ्रेंड के साथ कैंटीन से निकल रही थी। उसके हाथ में वही गुलाब और चिट्ठी अब भी थी। मन में एक अजीब सी हलचल थी। कुछ समझ नहीं आ रहा था।
“नायरा, तू ठीक है?” दोस्त ने पूछा।
“हाँ... बस... आजकल लगता है कोई देख रहा है... हर वक्त। पर सामने कोई नहीं आता।”
“तू ज्यादा सोचती है। चल, क्लास चलती हूँ।” दोस्त हँसती हुई आगे बढ़ गई।
पर नायरा वहीं ठिठकी रही।
उसका दिल अचानक ज़ोर से धड़कने लगा।
कहीं पीछे से किसी की धीमी सांसें सी महसूस हुईं...
वो पलटी — कोई नहीं।
फिर उसके फोन पर एक अनजान नंबर से मैसेज आया:
> "White suits you. But I like you more in black.
तुम्हारी हर आदत मेरी धड़कनों में घुल चुकी है।
तुम नहीं जानती... तुम सिर्फ मेरी हो।
– S"
उसके हाथ से मोबाइल लगभग गिर ही गया।
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🌫️ उसी वक्त – शिवाय की लॉन्ग ब्लैक SUV, कॉलेज के सामने खड़ी
शिवाय पीछे बैठा था, अंधेरे कांचों के पीछे से देखता हुआ।
उसने मोबाइल पर नायरा की तस्वीर ज़ूम करके देखा – वही आज की तस्वीर, सफेद कुर्ते में।
“तू मेरे लिए बनी है, नायरा… तू अब पीछे नहीं हट सकती।
पहली नज़र में मैंने तुझे चुन लिया था – अब ये खेल मेरा है।”
नायरा का रूम – रात 11:58 PM
नायरा अपने कमरे में बैठी थी। खिड़की से ठंडी हवा अंदर आ रही थी। हाथ में वही गुलाब, वही लेटर… और दिल में एक अजीब-सा डर।
तभी दरवाज़े के नीचे से एक ब्लैक बॉक्स अंदर सरकाया गया।
नायरा चौंक गई — डरते-डरते उसने बॉक्स खोला।
अंदर एक ब्लैक सिल्क ड्रेस थी… और साथ में एक छोटा नोट:
> "Fly tonight, my butterfly...
हवा में खुशबू मेरी है, और शाम तुझसे वफ़ा माँगेगी।
– S"
नायरा की उँगलियाँ काँपने लगीं। उसने खिड़की से बाहर झाँका — सड़क सुनसान थी… लेकिन हवा में कोई मौजूद था।
शिवाय अपनी कार की छाया में खड़ा था, नायरा की खिड़की की ओर देखता हुआ।
उसने मोबाइल उठाया, एक फोटो खोली — नायरा हँस रही थी किसी पार्टी में, और उसके चेहरे पर एक ताजगी थी जिसे शिवाय अब अपनी कैद में चाहता था।
"तू उड़ती है ना, बटरफ्लाई?
अब तेरे पंख सिर्फ मेरी मुट्ठी में होंगे।"
उसने अपनी हथेली खोली — एक छोटा बटरफ्लाई पेंडेंट उसमें रखा था… और वही पेंडेंट अगली सुबह नायरा को अपने तकिए के पास मिलेगा।
अगली सुबह – नायरा का रूम
नायरा उठी… और तकिए के पास कुछ चमक रहा था।
वही बटरफ्लाई पेंडेंट।
उसने घबराकर देखा… कोई ताला टूटा नहीं था। दरवाज़ा अंदर से लॉक था। फिर… ये आया कैसे?
उसके रोंगटे खड़े हो गए।
"कौन हो तुम?" वो फुसफुसाई।
लेकिन एक कोने में, उसकी आँखों से अनदेखा, एक परछाईं मुस्कुरा रही थी…
> "Shivay Singh Rathore – जो अपनी बटरफ्लाई को कभी किसी और की उड़ान में नहीं देख सकता।"
नायरा का कॉलेज – शाम 4:15 PM
नायरा कॉलेज कैम्पस में अपनी फ्रेंड्स के साथ बैठी थी। सब हँसी-मज़ाक में लगे थे, लेकिन नायरा का ध्यान भटका हुआ था। उसकी नज़रें बार-बार पीछे घूम रही थीं… जैसे कोई उसे देख रहा हो।
सिमरन – “नायरा! तुझे क्या हुआ है आजकल? तू बहुत चुप रहने लगी है।”
नायरा जबरन मुस्कराई, “कुछ नहीं… बस थोड़ा अजीब महसूस हो रहा है।”
तभी उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया — Unknown Number से।
> "तेरी हँसी प्यारी लगती है... लेकिन किसी और को देखती है तो जला देता हूँ अंदर से।"
– S
नायरा का चेहरा सफेद पड़ गया।
कॉलेज पार्किंग – उसी शाम
नायरा जल्दी-जल्दी अपनी स्कूटी की ओर बढ़ रही थी। तभी एक ब्लैक कार उसके सामने आकर रुकी। शीशा धीरे-धीरे नीचे सरका…
लेकिन चेहरा नहीं दिखा — सिर्फ एक गहरी, भारी आवाज़…
> "बाहर की दुनिया बहुत तेज़ है, बटरफ्लाई। लेकिन तेरे परों को कोई छू नहीं सकता, जब तक मैं ज़िंदा हूँ।"
नायरा ने घबराकर पीछे देखा — कोई नहीं था। और जब वो वापस मुड़ी, वो कार जा चुकी थी।
नायरा का कमरा – रात
नायरा घर पहुँची। खिड़की पर एक छोटा सा पैकेट रखा था। काँपते हाथों से उसने पैकेट खोला।
अंदर एक Polaroid फोटो थी… नायरा की, जो आज कॉलेज में ली गई थी — और वो मुस्कुरा रही थी… लेकिन कैमरा सामने नहीं था।
नीचे एक लाइन लिखी थी:
> "तू हँसती रहे, ये जरूरी है…
पर वजह सिर्फ मैं होना चाहिए।"
नायरा धीरे-धीरे समझ रही है कि कोई हर जगह उसे देख रहा है।
लेकिन उसे अब तक Shivay का चेहरा नहीं दिखा, बस उसकी मौजूदगी है।
और शिवाय अब उसके आसपास आने वाला है… उसकी रक्षक बनकर, लेकिन एक डार्क twist के साथ।