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The Great Warrior of the Universe

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Any Ansari

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कहते हैं ना कभी-कभी हमें पता ही नहीं होता है कि हम इस दुनिया में किस लिए आए हैं और हमारे मकसद सबसे अलग होते हैं लेकिन हमें यह बात भी काफी देर बाद समझ में आती है और जब तक बहुत देर हो चुकी होती है और ऐसा ही हुआ हमारे इस हीरो विराट के साथ, जो एक साधारण...

Total Chapters (36)

Page 1 of 2

  • 1. The Great warrior of the Universe - Chapter 1

    Words: 1797

    Estimated Reading Time: 11 min

    Chapter 1

    साउथ दिल्ली के एक posh इलाके में, एक पुश्तैनी हवेली में रायजादा परिवार रहता था| वो एक बहुत ही बड़ी हवेली थी| जहाँ अर्णव सिंह रायजादा अपने इकलौते बेटे विक्रम और बाकि परिवार वालों के साथ रहते थे| उस हवेली में रायजादा परिवार के अलावा कुछ नौकर-चाकर को मिलाकर बीस लोग रहते थे|

    रायजादा भवन में आज ख़ुशी का माहौल था| क्यूंकि उनके पोते विराट सिंह रायजादा का इंडियन आर्मी में selection हो गया था| अर्णव सिंह रायजादा ने खुद भी इंडियन नेवी में काम किया था| इसलिए उनके लिए ये बहुत ही गर्व की बात थी कि उनका पोता भी उनके नक्शे कदम पर चल रहा था| उस वक़्त रायजादा भवन में विराट का पूरा परिवार मौजूद था| उस रात 10 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से विराट की ट्रेन थी| उसके इंडियन आर्मी join करने के लिए आज रायज़ादा भवन में एक छोटी सी बैठक थी| जिसमे उनके करीबी लोग आये हुए थे| विराट की उम्र करीब 22 वर्ष थी| और वो दिखने में काफी लम्बा चौड़ा और हैंडसम लड़का था| आज विराट का बचपन का सपना पूरा हो रहा था| इसलिए उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक दिखाई दे रही थी|

    जहाँ एक तरफ सभी के चेहरे पर ख़ुशी की लहर थी वहीं दूसरी तरफ विराट की मम्मी, ख़ुशी रायज़ादा इस वक़्त काफी घबराई हुई दिख रही थी| तभी ख़ुशी ने बेचैनी भरी आवाज़ में विराट से कहा, “विराट, बेटा| बुरा मत मानना पर मेरा तुम्हें आर्मी में भेजने का बिलकुल मन नहीं है| तुम इतने पड़े लिखे हो| foreign से तुमने MBA किया है| तुम एक बार और सोच लो| तुम चाहो तो हमारा family business भी संभाल सकते हो| नहीं तो तुम अपना कोई business शुरू कर सकते हो| ऐसा करने से तुम मेरी नज़रो के सामने तो रहोगे|”

    तभी विराट के पापा विक्रम सिंह रायजादा ने ख़ुशी रायजादा से कहा, “तुम भी ना, क्यों बच्चे का मन ख़राब कर रही हो| इंडियन आर्मी में जाने का सपना विराट ने बचपन में ही देख लिया था| इसलिए उसको जाने दो| विराट, मुझे तुम पर बहुत गर्व है| अब तुम मन लगाकर हमारे देश की सेवा करना|”

    तभी ख़ुशी ने विक्रम से कहा, “तुम चुप रहो| एक ही तो बेटा है मेरा| विराट बेटा, सुबह से मेरी दाईं आंख आँख फड़क रही है| कहीं कुछ बुरा ना हो जाये|”

    ये सुनकर विराट ने अपनी मम्मी से कहा, “मम्मी, ये आप कैसी अंधविश्वास भरी बात कर रही हो| आप चिंता मत करो| सब ठीक होगा| और आपके कहने पर मैंने MBA किया ना? याद है तब आप ही ने कहा था कि एक बार तुम mba कर लो उसके बाद तुम जो मर्ज़ी आये वो करना| मम्मी, तब मैंने आपकी बात मानी थी इसलिए अब आप मेरी बात मनो| और मुझे मुस्कुराते हुए जाने दो|”

    “तुमसे बातों में कोई नहीं जीत सकता, विराट| जाओ| बस अपना ध्यान रखना|”

    ये कहते हुए ख़ुशी रायज़ादा ने विराट को सीने से लगा लिया|

    थोड़ी देर बाद विराट के दादा जी, अर्णव सिंह रायजादा ने विराट को एक तरफ ले जाते हुए कहा, “तुम अपनी मम्मी की बातों को दिल से मत लगाना| उसे तुम्हारी बहुत चिंता रहती है इसलिए थोड़ा घबरा रही है| तुम बेफिक्र होकर आर्मी में जाओ और देश की सेवा करो| क्यूंकि देश की सेवा करना हमारे खून में है| हमारे पूर्वजों ने भी हमेशा दूसरों की सेवा की है| विराट, मुझे तुम पर बहुत गर्व है कि तुम भी उनके नक्शे कदम पर चलकर हमारे घर का नाम रोशन कर रहे हो|”

    ******

    वहीं इसी वक़्त दिल्ली के एक underground क्लब में बैठकर पांच आदमी शराब पी रहे थे| उस क्लब में बैठे हुए सभी लोग दिखने में गुंडे मावली लग रहे थे| और वो पांच आदमी का झुण्ड उनमें से एक ही था| उन लोगों के बीच में बैठा हुआ आदमी उनका leader लग रहा था| जो इस वक्त एक बड़ी सी सिगार से हवा में छल्ले बना रहा था| उन सभी लोगों की उम्र करीब 60 वर्ष के आस-पास थी| लेकिन उनका शरीर अभी भी पूरा कसा हुआ था और वो लोग दिखने में बहुत खतरनाक लग रहे थे|

    तभी उनमें से एक आदमी ने अपने leader से कहा, “sir , आपको पक्का यकीन है की वो चीज़ martial arts को बेहतर करने में काम आ सकती है?”

    उनके leader के चेहरे पर चोट के कई निशान थे और जो दिखने में बहुत खौफनाक और उन सबसे ज्यादा ताकतवर लग रहा था| तभी उसने सिगार से छल्ले बनाते हुए भारी आवाज़ में कहा, “हां|”

    तभी वहां बैठे एक कुबड़े आदमी ने सबकी तरफ देखते हुए गुर्राते हुए कहा, “इतने सालो से रायज़ादा परिवार ने वो किताब सबसे छुपा कर रखी हुई है| उस किताब में ऐसी-ऐसी techniques है जिससे इंसान martial arts को बहुत तेजी से सीख सकता है|”

    तभी एक लम्बे बाल वाले बूढ़े आदमी ने शराब का दूसरा गिलास ख़तम करते हुए कहा, “एक बार वो किताब हमारे हाथ लग जाये| फिर हम बहुत ताकतवर हो जाएंगे|“

    इसके बाद उन लोगों के leader ने उन सब की तरफ देखते हुए उनसे सवाल किया|

    “तो बताओ| तैयार हो तुम सब? अगर इतना सब जानने के बाद भी हम वो किताब हासिल नहीं कर पाए तो हमसे बड़ा बेवकूफ कोई नहीं होगा|”

    रायज़ादा परिवार बिज़नेस की दुनिया में बहुत ही ताकतवर और नामी परिवारों में से एक था| उसके अलावा उनके पूर्वज martial arts में trained थे| और वो कला पीड़ी दर पीड़ी उनके परिवार में चली आ रही थी| इन गुंडों के हिसाब से रायज़ादा परिवार के पास कोई ऐसी चीज़ थी| जिस वजह से वो लोग martial arts की दुनिया में आज भी बहुत ताकतवर थे|

    तभी बाकी सब लोगो ने एक साथ अपना सिर हिलाते हुए कहा, “हम तैयार है|”

    ये सुनते ही उनके leader ने उन लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, “चाहे जो भी हो| ये बात यहाँ से बाहर नहीं जानी चाहिए|”

    *******

    उधर, रायज़ादा भवन में विराट इस वक़्त अपनी मंगेतर कृतिका राठौड़ से बात कर रहा था| कृतिका, मान सिंह राठौड़ की बेटी थी| राठौड़ परिवार और रायजादा परिवार में बहुत पुरानी दोस्ती थी| इन दोनों परिवारों के पूर्वज राजा महाराजा हुआ करते थे और वो लोग भी martial arts की techniques को जानते थे| दोनों परिवारों ने विराट और कृतिका की शादी बचपन में ही तय कर दी थी| वो दोनों भी एक दूसरे को बचपन से बहुत पसंद करते थे| और जल्द ही दोनों की शादी भी होने वाली थी|

    तभी कृतिका ने चहकते हुए विराट से कहा, “तुमने तो आज मुझे गलत साबित कर दिया| martial arts में मैं तुमसे कई level आगे हूँ लेकिन अब तुम आर्मी join करके मुझसे भी आगे हो गए हो| I am so proud of you .”

    कृतिका की उम्र करीब 21 साल की थी| उसका बड़ा गोल चेहरा था| और साथ ही बड़ी सुन्दर सी हलके भूरे रंग की आँखें थी| जो उसके चेहरे को और भी ज़्यादा attractive बनाती थी| उसने इस वक़्त एक stylish सी short कुर्ती और jeans पहनी हुई थी| साथ ही में अपने लम्बे बालों का जूड़ा बनाया हुआ था| उसकी हाइट भी काफी अच्छी थी| जिस वजह से दोनों साथ में खड़े हुए काफी अच्छे लगते थे|

    थोड़ी देर बाद कृतिका ने विराट का हाथ पकड़ते हुए कहा, “मुझे तुम्हारी बहुत याद आएगी|”

    दोनों बहुत देर तक एक दूसरे को देखते रहे| उन दोनों की आँखों में एक दूसरे के लिए प्यार साफ़ नज़र आ रहा था|

    थोड़ी देर बाद विराट ने कृतिका के गाल को सहलाते हुए कहा, “मैं जल्द ही वापस आऊंगा|”

    तभी कृतिका ने विराट के सीने से लगते हुए कहा, “पता है| तुम्हारे आर्मी में होने की जितनी ख़ुशी मुझे है| उतनी किसी को नहीं होगी| अब मैं सबको proudly कह सकती हूँ की मेरा मंगेतर एक आर्मी officer है|”

    तभी विराट के एक cousin भाई का छह साल का बेटा आरव वहां आया और उसने विराट के गले लगते हुए कहा, “चाचू… मैं भी आपके साथ जाऊंगा| मुझे अपने साथ ले जाओ|”

    आरव, विराट को बहुत पसंद करता था और विराट ना दिखने पर पूरा घर सिर पर उठा लेता था|

    फिर विराट ने आरव को समझाते हुए कहा, “आरव, तुम्हारे चाचू को जाना होगा| और अगर तुम भी मेरे साथ आ गये तो घर का ध्यान कौन देगा?”

    ऐसे ही बेहाल-फुसला कर विराट ने आरव को घर पर ही रहने के लिए मना लिया था|

    फिर आरव ने अपनी प्लास्टिक की गन विक्रम को दिखाते हुए कहा, “आप परेशान मत हो चाचू| मैं इस gun से

    दुश्मनों को मार दूंगा और सबको बचा लूंगा|“

    आरव की इस cute और innocent हरकत को देखकर सभी हंसने लगे| रायज़ादा परिवार में से किसी को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था कि आज उनके घर की तरफ बहुत बड़ा खतरा बढ़ रहा था|

    थोड़ी देर बाद विराट सबसे विदा लेकर railway स्टेशन के लिए निकल गया| उसके साथ-साथ राठौड़ परिवार भी वहां भी वहां से चला गया था|

    ******

    कुछ देर बाद रायजादा परिवार के सभी लोग अपने-अपने कमरों में जा चुके थे| Arnav सिंह रायजादा भी इस वक़्त अपने कमरे में जाकर आराम कर रहे थे| उसी वक़्त रायजादा भवन की दीवारों को लांघकर चुपचाप वहां पांच आदमी आये| जिन लोगों ने अपने चेहरे को काले कपड़ों से ढका हुआ था| ये वही आदमी थे जो कुछ देर पहले एक क्लब में बैठकर रायजादा परिवार की बात कर रहे थे| उन्होंने आते ही वहां के guards को बेरहमी से मारना शुरू कर दिया| उन लोगों के पास बंदूके और चाकू जैसे खतरनाक हथियार थे| वो लोग दिखने में बहुत ही खतरनाक और लड़ने में महारथी लग रहे थे| security गार्ड्स को मारने के लिए उनके हाथ पैर ही काफी थे|

    उसके बाद उन लोगो ने अपने बाहुबल से घर का दरवाज़ा तोड़ दिया| उसके बाद उनके रास्ते में जो भी आता वो लोग उसे बेरहमी से मारते जाते| किसी को चाकू से किसी को गोलियों से| उन्हें बड़े-बूढ़े, औरतों किसी का भी लिहाज़ नहीं था| जैसे ही विक्रम सिंह रायजादा को हवेली से चीखने-चिल्लाने की आवाज़ आयी| वो चौकन्ने हो गए| उन्होंने अपने कमरे से अपनी बन्दूक निकाली और उनसे लड़ने के लिए बाहर आ गए|

    तभी उनके leader ने उनसे कहा, “जाओ जाकर Vikram रायजादा और उसकी बीवी को लेकर आओ| उनके अलावा किसी को भी ज़िंदा मत छोड़ना| तब तक मैं अर्णव सिंह रायज़ादा को पकड़ता हूँ|

    अर्णव सिंह रायजादा ने काफी देर तक उन लोगों का मुकाबला किया लेकिन तभी उनका एक आदमी आरव को गन point पर लेकर उनके सामने आ गया|

    फिर उसने अर्णव रायज़ादा से कहा, “बुड्ढे, वही रुक ना नहीं तो ये बच्चा अपनी जान से हाथ धो बैठेगा|"

    To be continued

    Aap logon ke liye bilkul bhi nai Story Hai main samajhti Hun but main romance se hatkar bhi kafi kuchh likh sakti hun yah baat mujhe kuchh logon Ko batani thi isliye aap logon ke liye yah ek behtarin aur unique story likh rahi hun ise padhiye aur comment Kariye.....

  • 2. The Great warrior of the Universe - Chapter 2

    Words: 1782

    Estimated Reading Time: 11 min

    Chapter 2

    उसने अर्णव रायज़ादा से कहा, “बुड्ढे, वही रुक ना नहीं तो ये बच्चा अपनी जान से हाथ धो बैठेगा|“

    आरव का इस वक़्त रो-रो कर बुरा हाल था| उन गुंडों ने उसके सामने बड़ी ही बेरहमी से उसके मम्मी-पापा को ख़त्म कर दिया था|

    ये देखकर अर्णव सिंह रायज़ादा ने हथियार त्याग दिए और उन लोगो से कहा, “देखो, उस बच्चे को छोड़ दो| जिस किसी को भी लड़ना है मेरे से लड़ाई करो| उस मासूम और निर्बल ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?”

    उधर दूसरे कमरे में, इस वक़्त विराट के मम्मी-पापा को उन गुंडों ने gun point पर रखा हुआ था| तभी विराट की मम्मी ने थोड़ी चालाकी से विराट को कॉल लगा दी थी| जब विराट ने फ़ोन उठाया तो अपने मम्मी-पापा की चीख पुकार से वो समझ गया कि उसके घर में ज़रूर कुछ दिक्कत है| और वो तुरंत स्टेशन से रायजादा भवन के लिए निकल गया|

    अर्णव सिंह रायजादा ने बिना किसी डर के उन गुंडों का बहुत देर तक सामना किया था| क्यूंकि वो भी एक समय पर martial arts expert रहे थे| इसलिए उन्होंने काफी देर तक उन गुंडों से लड़ाई की और एक-दो को तो ज़ख़्मी भी कर दिया था| लेकिन बाद में आरव की जान बचाने के लिए उन्हें उन गुंडों के सामने घुटने टेकने पड़े| फिर उन लोगो ने अर्णव सिंह रायजादा को बंधी बना लिया था|

    तभी उनके leader ने अर्णव सिंह से कहा, “अगर तुम चाहते हो की तुम्हारे बेटे और बहु और ये बच्चा बच जाए तो वो बुक हमारे हवाले कर दो|”

    ये कहते हुए वो गुंडे अर्णव सिंह के बड़े बेटे विक्रम और उसकी बीवी ख़ुशी को बंधी बनाकर उसके सामने ले आये| आरव भी इस वक़्त वही था| उन तीनो के अलावा उन लोगों ने अर्णव सिंह रायजादा का पूरा परिवार खत्म कर दिया था|

    तभी अर्णव सिंह रायजादा ने उन लोगो से कहा, “मुझे नहीं पता कि तुम कौन सी किताब की बात कर रहे हो|”

    ये सुनकर उस गुंडे को गुस्सा आ गया और वो खुशी रायजादा के बालो को पकड़ खींचने लगा|

    ताकि अर्णव सिंह के मुँह से सच निकलवा सके| खुशी भी मदद के लिए चीखने चिल्लाने लगी|

    अपनी नज़रो के सामने अपने बहु-बेटे को इस हालत में देखकर अर्णव सिंह रायजादा खुद को बहुत बेबस महसूस कर रहे थे| लेकिन वो अभी भी चुप थे और उस किताब के बारे में कुछ नहीं बता रहे थे|

    फिर उन गुंडों ने अर्णव रायज़ादा को बहुत पीटा लेकिन उन्होंने अपना मुँह नहीं खोला|

    ये देखकर उनके leader ने गुस्से से कहा, “ये ऐसे नहीं मानेगा| और बहुत ही बेरहमी से आरव को एक ही झटके में जान से मार दिया|

    *****

    वही इस समय विराट, रायजादा भवन के दरवाज़े पर पहुंच गया था| उसने देखा की वहां के सारे security guard ज़मीन पर मरे पड़े थे| उसने एक लम्बी गहरी सांस ली और उनकी बंदूके उठाने लगे| इतने में ही अचानक से दो गुंडे वहां पर आ गए और उसे गन पॉइंट पर लेकर अपने लीडर के सामने ले गए|

    फिर उस लीडर ने विराट की गर्दन पर चाकू रखते हुए अर्णव सिंह से कहा, “बुड्ढे अब तो मुंह खोल ले अपना| नहीं तो तेरे घर का आखरी वारिस भी आज बलि चढ़ जाएगा| बता कहा है वो किताब?”

    उधर जब विराट की नज़र आरव की लाश पर पड़ी तो वो खुद को छुड़ाते हुए आरव के पास पंहुचा| उसने देखा की आरव की को सांस नहीं आ रही थी| वो मर चुका था| ये देखकर विराट ने अपना आपा खो दिया और उन गुंडों को बेरहमी से मारने लगा| लेकिन जल्द ही उन गुंडों ने वापस से विराट को अपनी गिरफ्त में ले लिया था|

    एक तरफ विराट के आगे आरव की लाश पड़ी थी और दूसरी तरफ उसके मम्मी-पापा और दादा जी gunpoint पर थे| इसलिए वो इस वक़्त कोई गलती नहीं करना चाहता था|

    उधर अर्णव सिंह रायजादा इस समय बहुत लाचार दिख रहे थे| लेकिन उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि वो उस किताब को किसी के हाथ नहीं लगने देना चाहते थे| इसलिए वो अभी भी वहां खामोश खड़े थे|

    तभी एक गुंडे ने कहा, “sir ये बुड्ढा ऐसे नहीं मानेगा| इसको मार डालते है| इन सभी को मार डालते है|”

    ये सुनकर उस leader ने अपने आदमी को डांटते हुए धीरे से उसके कान में कहा, “पागल हो गए हो| जब तक वो किताब नहीं मिल जाती है| हमें इन चारो को ज़िंदा रखना होगा| ये लोग हमारे काम के है| हमें बस इन्हें डराना और धमकाना है|”

    इसी वक़्त विराट को कुछ सूझी और उसने उस आदमी से कहा, “मुझे पता है वो किताब कहा है| मैं तुम्हें वो लेकर दूंगा| लेकिन तुम मेरे घरवालों को छोड़ दो|”

    इसपर उनके leader ने विराट से कहा, “पहले किताब फिर तुम्हारे घरवालों की रिहाई|”

    विराट ने अपने दादा जी के मुँह से एक बार एक काली किताब का ज़िक्र सुना था| उसके दादा जी के हिसाब से वो एक बहुत कीमती किताब थी जो उनके गुरु ने उन्हें सँभालने के लिए दी थी| उसमें martial arts की ऐसी techniques थी जिसके इस्तेमाल से इंसान kayi जादुई शक्तियां हासिल कर सकता था| इसलिए वो किताब किसी भी गलत आदमी के हाथ नहीं लगनी चाहिए| पर विराट अभी मज़बूर था| और अपने घरवालों को बचाने के लिए उस किताब को उन गुंडों के हवाले करने को तैयार था|

    और वो उस किताब को लेने के लिए दौड़ता हुआ हुआ दादा जी के कमरे के अंदर गया| उसने उनकी अलमारी खोली और वहां से एक छोटी सी काले रंग की किताब ढूंढने लगा|

    तभी बाहर से उसके दादा जी की चिल्लाने की आवाज़ आयी|

    “विराट, ये किताब किसी के हाथ मत लगने देना| चाहे हम बचे ना बचे ये किताब इन लोगों के हाथ नहीं लगनी चाहिए| नहीं तो ये लोग पूरी दुनिया को बर्बाद कर देंगे|

    विराट को इस वक़्त कुछ समझ नहीं आ रहा था| एक तरफ उसके परिवार की जान दांव पर लगी हुई थी| और दूसरी तरफ पूरी दुनिया की| वो किताब बहुत छोटी सी थी| इसलिए हड़बड़ी में विराट ने वो किताब निगल ली| उस किताब को निगलते ही विराट को अपने शरीर में कुछ अजीब सा महसूस होने लगा| जैसे की लाखों चीटियां मिलकर उसके शरीर को अंदर से खा रही हो|

    तभी एक गुंडा अंदर आया और उसने विराट की तलाशी लेते हुए कहा|

    “बता किताब कहाँ है?”

    विराट के कोई जवाब नहीं देने पर उन लोगों ने विराट को बहुत मारा| इतना की उसके शरीर की सारी मांशपेशियां टूटने लगी थी| विराट इस वक़्त खुद को बचा नहीं पा रहा था| उसे अपने अंदर बिलकुल भी ताकत महसूस नहीं हो रही थी| उन लोगों ने विराट को तब तक मारा जब तक वो अधमरा सा नहीं हो गया|

    तभी उनके लीडर ने बाहर से चिल्लाते हुए कहा, “जल्दी उससे वो किताब लेकर आओ| शक्ति संगठन के लोग यहाँ कभी भी आ जाएंगे|“

    ये सुनकर वो लोग विराट को घसीटता हुआ बाहर लेकर आये|

    “Sir हमने इसकी पूरी तलाशी कर ली| वो किताब कही नहीं मिली| ये खुद अंदर जाकर अजीब सी बेहोशी की हालत में दिख रहा था|”

    शक्ति संगठन एक खुफिया संगठन था| जो martial arts में निपुण परिवारों की रक्षा करता था| साथ ही में ये लोग असल दुनिया की नज़रो से छुपकर देश के लोगो की सेवा करते थे|

    फिर उस leader ने अपनी घड़ी देखी और परेशान होने लगा|

    “शक्ति संगठन यहाँ कभी भी आ जाएगा| तुम लोग किसी काम के नहीं हो|”

    ये कहते हुए उसने अपने आदमियों को इशारा क्या और वो Vikram और ख़ुशी को बांधकर वहां से ले गए| जाते वक़्त एक आखरी बार उन गुंडों के leader ने ज़मीन पर बेसुध पड़े विराट को उसके पेट पर बहुत तेज़ लात मारी|

    और फिर अर्णव सिंह को धमकाते हुए कहा, “जब तक हमें वो किताब नहीं मिल जाती| तुम्हारे बेटे-बहु की हम अच्छे से खातिरदारी करेंगे|”

    ये कहते हुए वो लोग एक मिनट में वहां से गायब हो गए| उनके जाने के बाद अर्णव सिंह रायजादा ने थोड़ी हिम्मत बटोरी और ज़मीन पर बेसुध पड़े विराट से कहा, “विराट, आँखें खोलो| क्या हुआ तुम्हें|”

    इस वक़्त विराट का पूरा शरीर काँप रहा था| जैसे उसे बुखार हो गया हो| और वो अधमरी हालत में वहा पड़ा हुआ था| फिर वहां से उठाकर अर्णव रायजादा ने पूरी हवेली के चक्कर काटकर अपने परिवार के बाकी सदस्यों को जगाने की कोशिश की| लेकिन उनमें से कोई भी ज़िंदा नहीं बचा था| एक ही झटके में पूरा रायज़ादा परिवार तबाह

    हो गया था|

    जिस रायजादा भवन में हमेशा खुशियों की लहर दौड़ती थी| उसमें इस वक़्त मातम छाया हुआ था|

    ******

    इस घटना को करीब एक हफ्ता हो गया था| विराट अभी भी हॉस्पिटल में भर्ती था| आज जाकर उसे ढंग से होश आया था|उसके शरीर और मन के भाव दोनों ही अभी ताज़ा थे| और उसके मन में कई सारे सवाल चल रहे थे| क्यूंकि उस घटना के बारे में उसकी अपने दादा जी से अभी तक कोई बात नहीं हुई थी|

    इस वक़्त उसके दादा जी के हाथ में आर्मी की तरफ से आया हुआ letter पड़ा था|

    वो letter देखकर विराट ने अपने दादा जी कहा, “दादा जी, वहां से क्या जवाब आया है?”

    इसपर अर्णव सिंह ने बहुत ही मायूस आवाज़ में विराट से कहा, “विराट, तुम्हारी मेडिकल रिपोर्ट के हिसाब से तुम्हारे शरीर की अधिकतर मांसपेशियां टूट गयी है| जिस वजह से डॉक्टर्स ने तुम्हें किसी भी तरह का physical exertion करने के लिए सख्त मना किया है| क्यूंकि ऐसा करने से आगे चलकर तुम्हारा शरीर को बहुत नुकसान हो सकता है| ऐसी हालत में आर्मी तुम्हें क्यों वापस लेती? तुमने बेवजह ही उन्हें joining date आगे बढ़ाने को letter लिखा|”

    ये सुनकर विराट की आँखों के आगे निराशा के बादल छा गए| उसके मम्मी-पापा का भी कुछ पता नहीं चल पा रहा था| ऊपर से उसका आर्मी में जाने का सपना भी टूट गया था| उसे ऐसा महसूस हो रहा की वो अपाहिज हो गया हो|

    विराट को निराश देख उसके दादा जी ने मन ही मन खुद से कहा, “विराट, तुम आर्मी नहीं जा पाए तो क्या हुआ| मैं तुम्हें शक्ति संगठन के लिए तैयार करूँगा| उनके साथ जुड़कर तुम वैसे ही लोगो की सेवा कर पाओगे जैसे हमारे पूर्वज करते थे| तुम एक बार थोड़ा बेहतर हो जाओ| फिर मैं तुम्हें इस बारे में सब बताऊंगा|”

    तभी विराट ने अचानक से कहा, “दादा जी, वो लोग कौन थे? और उस किताब में ऐसा क्या था जो आप उनके हाथ नहीं लगने देना चाहते थे?”

    इससे पहले की विराट के दादा जी उसके इस सवाल का कुछ जवाब देते|

    उसी वक़्त वहां कोई वहां पर आया।

    To be continued

    क्या लगता है आप लोगों को कौन आया है वहां पर जिसे देखकर दादाजी एकदम से चुप हो गए हैं..

    स्टोरी अगर इंटरेस्टिंग लग रही हो तो कमेंट जरुर करिएगा।

  • 3. The Great Warrior of the Universe - Chapter 3

    Words: 1538

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 3

    उसी वक़्त वहां विराट की मंगेतर कृतिका, अपने पापा मान सिंह राठौड़ के साथ विराट से मिलने आयी थी|

    उन लोगो को वहां देखकर अर्णव सिंह रायजादा के चेहरे पर हल्की सी उम्मीद की किरण आ गयी| उन्होंने मान सिंह राठौड़ की तरफ बढ़ते हुए कहा, “मान बेटा| तुम आ गए| देखो हम लोगों के साथ ये क्या हो गया|”

    लेकिन मान सिंह राठौड़ ने अर्णव सिंह को नजरअंदाज करते हुए गुस्से में कृतिका से कहा, “तुम्हें इससे जो भी बात करनी है जल्दी करो| मैं दरवाज़े के बाहर खड़ा तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ|”

    मान सिंह राठौड़ का ये रवैया देख कर विराट को उसके दादा जी को थोड़ा अजीब लगा| तभी अर्णव सिंह ने कहा, “तुम लोग आपस में बात करो| मैं भी बाहर ही बैठा हूँ|”

    तभी कृतिका ने अपने पापा और विराट के दादा जी कहा, “आप लोगो को कहीं जाने की ज़रुरत नहीं है| जो भी बात होगी सामने ही होगी|”

    विराट को कुछ समझ नहीं आ रहा था की ये हो क्या रहा था| तभी कृतिका के विराट से कहा, “विराट, मैंने तुम्हें क्या समझा था| और तुम क्या निकले? तुम उन पांच गुंडों का सामना नहीं कर पाए? और तुम एक आर्मी अफसर बनने जा रहे थे| और अब जो तुम्हारी हालत है| उस वजह से तुम आर्मी में कभी नहीं जा पाओगे| मैं तुमसे बहुत disappointed हूँ| और मैं ऐसे डरपोक इंसान से शादी नहीं कर सकती| इसलिए आज मैं हमारी मंगनी तोड़ने आयी हूँ|”

    ये कहते हुए कृतिका ने अपने हाथों से अपनी engagement ring निकालकर टेबल पर रख दी|

    कृतिका की ये बात सुनकर विराट हैरान रह गया| वो अपनी जगह से उठकर खड़ा होने के लिए आगे बड़ा लेकिन शरीर में कमजोरी होने की वजह से वो लड़खड़ा कर वापस गिर गया|

    तभी विराट ने हैरान होकर कृतिका से कहा, “ये तुम क्या कह रही हो? कृतिका..तुम?”

    विराट को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था| और वो सवाली आँखों से कृतिका की तरफ देख रहा था| लेकिन कृतिका इस वक़्त विराट की तरफ पीठ करके खड़ी हो गयी थी|

    तभी कृतिका के पापा, मान सिंह राठौड़ ने कहा, “कृतिका, चलो| यहाँ और समय बर्बाद करने का कोई फायदा नहीं है|”

    उसके बाद कृतिका ने विराट की तरफ पीठ कर ली और वहां से जाने लगी| तभी विराट ने पूरी हिम्मत बटोरी और कृतिका का हाथ पकड़ कर उसे रोक दिया|

    “कृतिका, ये तुम कैसी बात कर रही हो? हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है| और ऐसी…..|”

    ये बोलते-बोलते विराट रुक गया| उससे कृतिका की ये बेरुखी देखि नहीं जा रही थी| उसने kabhii नहीं सोचा था की उसके बुरे वक़्त में कृतिका उसको छोड़कर क्यों चली जाएगी|

    तभी कृतिका ने विराट पर तंज कस्ते हुए कहा, “पहले अपने पैरों पर ढंग से खड़े हो जाओ| उसके बाद प्यार की बात करना|”

    ये कहने के बाद वो वहां से चली गयी| इस वक़्त विराट को अपनी ज़िन्दगी का तीसरा बड़ा झटका लगा था| पहले उसके आधे से ज़्यादा परिवार की मौत और उसके मम्मी-पापा का kidnap होना| फिर इंडियन आर्मी का उसे लेने से मना करना| और अब ऐसी मुसीबत की घड़ी में उस इंसान का उसका साथ छोड़ देना| जिससे उसने कभी ऐसी उम्मीद नहीं की थी|

    इन सब से विराट बहुत टूट गया था| लेकिन उसकी आँखों में आंसू भर आये थे| लेकिन तभी उसने अपनी आंखों में आते हुए आंसुओं को वापस ले लिया था| और मन ही मन ये बात ठान ली थी की वो इन सब चीजों का बदला लेगा| वो इतना ताकतवर बनेगा की कोई भी उसे और उसके परिवार की तरफ आँख उठाकर भी ना देख पाए| और अपने मम्मी पापा को ढूंढकर रहेगा| साथ ही जिन भी लोगों ने उसके परिवार के साथ ऐसा किया| वो उनसे बदला लेगा|

    इस वक्त वो पांच आदमी एक underground bar में बैठे हुए शराब पी रहे थे| तभी उनमें से एक आदमी ने कहा, “उन दोनों ने अभी तक मुँह नहीं खोला है| हमारे हाथ कुछ नहीं लगा| साथ ही उनका लड़का जिसे हम अधमरी हालत में छोड़ आये थे| वो अभी तक जिंदा है|”

    इसपर दूसरे आदमी ने कर्कश आवाज़ में कहा, “मुझे लगता है वो किताब उसी लड़के के पास है और शायद उस किताब की वजह से उसकी जान भी बच पाई है|”

    “हो सकता है| लेकिन अभी हम कुछ नहीं कर सकते| शक्ति संगठन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और बचे हुए रायजादा परिवार को चुप-चाप protect कर रहे है|”

    तीसरे आदमी ने एक ही सांस में अपनी शराब का गिलास ख़तम करते हुए कहा।

    तभी उन लोगों के boss ने कहा, “ठीक है| पर अभी के लिए तुम लोग उस विराट के ऊपर नज़र रखो| वो जानता है की उसके माँ-बाप हमारे पास है| इसलिए कभी ना कभी तो हमारे पास वो किताब लेकर आएगा ही|“

    अपने boss की इस बात पर सभी ने अपना सिर हिला दिया|

    ******

    उधर विराट हॉस्पिटल से discharge हो गया था और उस वक्त अपने घर के आँगन में अपने दादा जी के साथ बैठा हुआ था| विराट अभी भी उस रात की घटना को नहीं भूल पाया था।

    तभी अर्णव सिंह रायजादा ने विराट से कहा, "बेटा, एक बात है, जो मैंने तुमसे आज तक छुपा कर रखी थी।"

    "वो क्या दादा जी?"

    फिर अर्णव रायजादा ने विराट से कहा, “हमारे पूर्वज सालो से शक्ति संगठन में काम करके लोगों की सेवा करते आये है| तुम्हारा मकसद तो देश की सेवा करना था ना? तुम आर्मी में नहीं जा सकते तो क्या हुआ? तुम मेहनत करके खुद को इतना काबिल बनाओ की तुम शक्ति संगठन के लिए काम कर सको| शक्ति संगठन हम राजपूतों ने ही मिलकर बनायीं थी| जो बेगुनाहो को इन्साफ दिलाती है और उनकी रक्षा करती है| कई बार सरकार भी कई काम के लिए उनकी मदद लेती है|”

    फिर अर्णव सिंह रायजादा ने विराट से आगे कहा, "मैंने भी indian navy से retire होने के बाद कई साल शक्ति संगठन में काम किया था और मैं चाहता हूँ कि अब तुम भी खुद को शक्ति संगठन में काम करने के लिए train करो।

    ये सुनकर विराट ने हैरान होकर कहा, "आपने शक्ति संगठन के साथ काम किया है?"

    विराट ने बहुत पहले बचपन में दादा जी के मुँह से शक्ति संगठन का नाम सुना था। दादा जी उसे शक्ति संगठन की बहादुरी की कहानियां सुनाया करते थे और विराट को वो सच में कहानियाँ ही लगती थी। लेकिन आज अपने दादा जी के मुंह से शक्ति संगठन की सच्चाई जानने के बाद विराट की नज़रों में एक उम्मीद की लहर दौड़ी थी। जिसकी मदद से वो देश की सेवा करने का सपना भी पूरा कर सकता था और अपना बदला भी।

    फिर अर्णव रायजादा ने आगे कहा, “मैं तुम्हारी आगे की training के लिए तुम्हें अपने एक दोस्त के पास भेज रहा हूँ| उसका address मैंने तुम्हें message कर दिया है| तुम वहां मन लगाकर अपनी training करना|“

    तभी विराट ने अपने दादाजी से कहा, "दादा जी, आप परेशान मत हो। मैं आपको निराशा का मौका नहीं दूँगा और खूब मेहनत करूँगा।"

    ये कहने के बाद विराट अपना सामान pack करने के लिए अपने कमरे की तरफ जाने लगा।

    जब विराट सीढ़ियों से अपने कमरे की तरफ जा रहा था| तब उसकी आँखों के सामने वो दिन घूमने लगा| जिस दिन पूरा रायज़ादा भवन उसके अपने लोगों की लाशों से भरा हुआ था| वो दिन रोज़ उसकी नजरो के सामने घूमता था और उसके भीतर की बदला लेने की आग रोज बढ़ती रहती थी|

    विराट अपने कमरे में पहुँचने ही वाला था तभी अचानक से उसे अपने सिर में बहुत ही तेज़ दर्द महसूस हुआ| ये वैसा ही दर्द था जैसा विराट को तब महसूस हुआ था जब उसने वो किताब निगलि थी| अचानक से विराट को ऐसा लगा जैसे बहुत सारी चीटियां उसके दिमाग को अंदर से काट रही हो| जिस दर्द की वजह से वो कराहता हुआ ज़मीन पर गिर गया|

    जब उसे थोड़ा होश आया तो उसने मन ही मन कहा, “ये मुझे क्या हो रहा है? कहीं मेरा दिमाग फट तो नहीं रहा|”

    उसी वक़्त विराट को एक औरत की मीठी सी आवाज़ सुनाई दी|

    “विराट, क्या तुम ताकतवर बनना चाहते हो?”

    अचानक से विराट के सिर में दर्द होना बंद हो गया था। फिर उसने अपने आस-पास देखा लेकिन वहाँ कोई नहीं था।

    तभी उसने मन ही मन कहा, “ये मुझसे कौन बात कर रहा है? कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा|”

    ये कहने के बाद विराट अपनी जगह से उठा और वापस से चलने लगा| जब विराट अपने कमरे की तरफ जा रहा था तब उसे अपने कान में फिर से वो आवाज़ सुनाई दी|

    “विराट, क्या तुम ताकतवर बनना चाहते हो?”

    वापस से वो आवाज सुनकर विराट फिर से हैरान हो गया और उसने अपने चारों तरफ़ देखते हुए कहा, “आप कौन?”

    तभी उस औरत ने अपनी खूबसूरत मीठी आवाज में कहा, “विराट, तुम घबराओ मत| अब से मैं तुम्हारे दिमाग में ही रहूंगी|”

    ये सुनकर विराट का पूरा शरीर कांपने लगा और उसने कहा, “लेकिन आप कौन है? इंसान या कोई भूत?”

    To be continued

    क्या लगता है आप लोगों को क्या विराट समझ पाएगा कि उसके साथ ही क्या हो रहा है और कौन है उसके सामने इंसान या फिर कोई भूत..??

    जानने के लिए स्टोरी को कंटिन्यू पड़ी है और अपनी राय जरूर लिखिए कमेंट में..

  • 4. The Great Warrior of the Universe - Chapter 4

    Words: 1558

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 4

    विराट फिर से हैरान हो गया और उसने अपने चारों तरफ़ देखते हुए कहा, “आप कौन?”

    तभी उस औरत ने अपनी खूबसूरत मीठी आवाज में कहा, “विराट, तुम घबराओ मत| अब से मैं तुम्हारे दिमाग में ही रहूंगी|”

    ये सुनकर विराट का पूरा शरीर कांपने लगा और उसने कहा, “लेकिन आप कौन है? इंसान या कोई भूत?”

    तभी उस औरत ने विराट से कहा, “मैं देवी हूँ और मैं तुम्हारी मदद करने आयी हूँ। जो किताब तुमने उस दिन निगल ली थी, तुम उनके मंत्रों का जाप करके अपने शरीर की बहत्तर हजार नाड़ियों को वश में कर सकते हो। जैसे-जैसे तुम एक-एक करके अपनी नाड़ियों को वश में करते जाओगे। वैसे-वैसे तुम्हारे शरीर की शक्ति बढ़ती जाएगी और जब तुम अपनी सभी नाड़ियों को अपने वश में कर लोगे। तब तुम सर्वशक्तिशाली बन जाओगे।"

    “लेकिन हां एक बात अच्छे से याद रखना| तुम्हारे पास सिर्फ दो साल है| अगर इन दो सालों के अंदर तुमने अपनी सारी नाड़ियों को वश में नहीं किया। तो तुम्हारे शरीर के हर हिस्से से खून बहने की वजह से तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी|”

    उसके बाद देवी की आवाज आनी बंद हो गयी और अचानक से विराट के सिर में बहुत तेज दर्द होने लगा| उसे ऐसा लग रहा था जैसे हज़ारो चीटियां उसके दिमाग को एक साथ कांट रही हो| विराट दर्द के मारे कराहने लगा|

    फिर अचानक से उसे अपने दिमाग में एक किताब खुलती हुई दिखाई दी| ये वही किताब थी जो उस दिन विराट ने जल्दबाज़ी में निगल ली थी|

    विराट उस किताब को देखकर हैरान हो गया| उसने मन ही मन उस किताब के पन्ने पलटने चाहे लेकिन वो किताब पहले पन्ने पर आकर रुक गयी| विराट ने देखा की उसमे मानव शरीर का चित्र बना हुआ था| जिसमे शरीर की एक-एक कोशिकाओं और हिस्से को ठीक करने की विधि दी हुई थी| साथ ही संस्कृत में कुछ मंत्र लिखे थे|

    फिर विराट ने एकदम से अपनी आखें खोली| उसे एक पल के लिए लगा की वो कोई सपना देख रहा था| लेकिन जब उसने अपनी आँख खोली तब भी वो किताब उसके मन में खुली हुई थी| ये देखकर विराट ने मन ही मन कहा, “वो आवाज़ जो मैंने सुनी थी| वो सच थी या कोई सपना? जो भी हो| अगर ये किताब सच में मुझे ताकतवर बना देगी तो मुझे इसके मंत्रों का जाप करने में कोई दिक्कत नहीं है| अब चाहे जो भी हो| मुझे ताकतवर बनना है और अपना बदला पूरा करना है|”

    *******

    उस घटना को करीब दो साल हो गए थे| उस वक़्त मेघालय के एक छोटे से गाँव के एक मिट्टी के मकान के आगे एक सत्तर साल का बूढ़ा आदमी पालती मारकर ध्यान में बैठा हुआ था। उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी| जिससे उसकी असली उम्र का पता नहीं चलता था|

    उनके सामने उस वक़्त विराट भी ध्यान मुद्रा में बैठा हुआ था| इन दो सालों के अंदर विराट का स्वभाव बहुत बदल गया था| गुस्से और बदले की भावना उसके मन में तीव्र गति से बढ़ती जा रही थी| उसके जीवन का सिर्फ एक ही मकसद था अपने मम्मी-पापा को ढूंढना और अपने बाकी परिवार के कातिलों से बदला लेना।

    थोड़ी देर बाद उसके गुरु ने कहा, “विराट, तुम अभी भी घर नहीं जा सकते| तुम्हें एक mission को पूरा करने के लिए मुंबई जाना…|”

    इसके आगे की वो विराट से कुछ कहते, विराट ने अपना हाथ ऊपर उठाकर उन्हें बीच में ही रुकने का इशारा करते हुए कहा, “sir आपने मुझसे कहा था कि मेरी training ख़तम हो गयी है| इसलिए मैं अब जो चाहे कर सकता हूँ और आप अब मुझे फिर से एक mission पर भेज रहे है| जाइये किसी और को इस काम के लिए ढूंढ लीजिये| मैं ये काम नहीं करूँगा|”

    ये कहते हुए विराट उठा और उसने अपने सामने रखी हुई आयुर्वेदिक solution की bottle को एक ही झटके में घटक लिया|

    विराट का ये रवैया देखकर उसके गुरु ने गुस्से से कहा, “चाहे तुम्हारा मन हो या ना हो| तुम्हें ये mission पूरा करना ही होगा| एक और बात। अगर तुम ये mission अच्छे से पूरा कर देते हो तो तुम्हें शक्ति संगठन से जुड़ने का मौका मिल सकता है|”

    ये सुनकर विराट ने एक ठंडी हंसी हस्ते हुए कहा, “sir आपको क्या लगता है कि मैं कोई तीन साल का छोटा बच्चा हूँ| जिसे आप अपनी बातों से फुसला लेंगे|”

    शक्ति संगठन सिर्फ और सिर्फ martial arts में expert लोगों को ही अपनी team में लेती थी| उस incident की वजह से विराट के शरीर में कई ऐसी internal injuries हो गयी थी जिसकी वजह से वो चाहकर भी martial arts में expert नहीं बन सकता था| जिस वजह से शक्ति संगठन कभी उसे अपने साथ नहीं रखता| दो सालों में विराट ये बात अच्छे से समझ गया था।साथ ही उसके गुरु हर बार उसे शक्ति संगठन के साथ काम करने का सपना दिखाते थे| लेकिन उन्होंने आज तक अपने वादे को पूरा नहीं किया था|

    फिर विराट ने आगे कहा, “ना ही मैं इंडियन आर्मी में वापस जा सकता हूँ और ना ही मुझे शक्ति संगठन अपने साथ जोड़ेगा| मुझे जो भी करना होगा अपने दम पर करना होगा|”

    तभी विराट के गुरु ने उससे कहा, “तुम्हारे दादा जी तुम्हें इस mission के लिए भेजना चाहते है| इसलिए तुम्हें जाना होगा|“

    ये कहते हुए उन्होंने एक नंबर मिलाया और phone विराट की तरफ फेंक दिया| विराट ने एक हाथ से वो फ़ोन पकड़ा और फिर अपने दादा जी से बात की|

    जैसे ही विराट की बात पूरी हुई| उसने वो फ़ोन वापस से अपने गुरु को पकड़ा दिया और अपना बैग उठाकर वहां से जाने लगा| तभी विराट की नाक से कुछ खून की बूंदे गिरने लगी| ये देखकर विराट ने अपनी आँखें बंद की और वापस से खड़े-खड़े मन ही मन कुछ मंत्र पड़ने लगा|

    थोड़ी देर बाद विराट के अपने गुरु से कहा, “बताइये| मेरा मिशन क्या है?”

    “तुम्हें Mumbai में जाकर एक साल के लिए विशाखा सिंह का bodyguard बनाना होगा| वो NV Pharmaceutical company की CEO है| एक बार तुम अपना mission पूरा कर लो| उसके बाद तुम अपने दादा जी के पास वापस जा सकते हो|"

    फिर उसके गुरु ने उसे दो ticket पकड़ाते हुए कहा, “ये रहा तुम्हारा मेघालय से दिल्ली का बस ticket और ये दिल्ली से मुंबई का train ticket | मैं उम्मीद करता हूँ की तुम अपना मिशन अच्छे से पूरा करोगे|”

    विराट को उस बात से कोई मतलब नहीं था कि विशाखा सिंह कौन थी और उसे protection की ज़रुरत क्यों थी| इसलिए उसने अपने गुरु से कोई सवाल नहीं किये| वो बस अपना आखिरी mission पूरा करके अपने दादा जी के पास वापस जाना चाहता था| ताकि जल्द से जल्द वो अपने मम्मी पापा को ढूंढ सकें|

    फिर वो पीछे मुड़ा और उसने आयुर्वेदिक घोल की दूसरी बोतल उठाते हुए कहा, “sir मुझे कुछ रुपये चाहिए|”

    ये कहते हुए विराट वापस से उस आयुर्वेदिक घोल की आधी बोतल को घटक गया|

    जब से विराट उन मंत्रो का उच्चारण करके अपने मन में उस किताब के नए पन्नो को खोल रहा था| तब से उसके शरीर में बहुत दर्द रहता था| जिस दर्द को कम करने के लिए वो एक आयुर्वेदिक घोल को अपनी दवा के तौर पर पीता था| हालांकि ये मंत्र उसे सिर्फ दर्द ही नहीं देते थे| जैसे-जैसे वो उन पन्नों पर महारथ हासिल करता जा रहा था| उसकी शक्ति भी बढ़ना लगी थी| वो अभी martial arts तो नहीं सीख सकता था| लेकिन उसकी ताकत martial arts में expert लोगों से कम नहीं थी|

    विराट की उस बात पर उसके गुरु ने कहा, "मैं तुम्हें और रुपए नहीं दे सकता। मैंने पहले ही तुम्हें काफी रुपए उधार दिए है।"

    ये सुनकर विराट ने अपने गुरु से कहा, “ठीक है| फिर मैं खुद ही कुछ जुगाड़ करता हूँ|”

    ये कहने के बाद विराट ने अपने गुरु का आशीर्वाद लिया और बहुत ही सफाई से उनके बगल में रखा हुआ उन purse उठाकर शैतानी हंसी हँसता हुआ वहां से चला गया|

    उसके जाने के बाद उसके गुरु ने मन ही मन कहा, “ये लड़का| इसके गुस्से का क्या होगा|”

    ये कहने के बाद उन्हें ध्यान आया की विराट बहुत ही सफाई से उनका purse लेकर वहां से जा चुका था|

    इस बात का एहसास होने पर वो भागते हुए दरवाजे के पास गए.... लेकिन विराट तब तक वहां से भाग चुका था।

    ये देखकर उन्होंने गुस्से से अपनी मुट्ठी दरवाज़े पर मारते हुए कहा, "आने दो इसे वापस, तब बताऊंगा।"

    फिर विराट ने मेघालय से दिल्ली के लिए बस पकड़ ली| रास्ते में वो बिलकुल भी नहीं सोया और अपने मन में मंत्रों का ध्यान करके किताब के आगे के पन्नों पर ध्यान देने लगाने लगा।"

    ********

    उस वक्त विराट मेघालय से दिल्ली पहुँच गया था।आज उसकी दिल्ली से मुंबई के लिए train थी। वो जब ट्रेन के अंदर पहुँचा तो उसने देखा कि उसकी जगह पर window seat में एक लड़की अपना सिर झुकाए लेटी हुई थी उसके बाल हर तरह के रंगों से रंगे हुए थे। जिसे देखकर विराट को वो लड़की थोड़ी अजीब लगी।

    फिर विराट ने उस लड़की को उठाते हुए कहा, “mam, ये window seat मेरी है|”

    To be continued

    क्या लगता है आप लोगों को क्या विराट के गुरु उसको वापस मिलने पर क्या सजा देंगे? और कौन है यह लड़की जो विराट की सीट पर बैठी है, और आगे विराट के उस मिशन में आगे क्या होगा? जानने के लिए स्टोरी को डेली पढ़ते रहिए।

  • 5. The Great Warrior of the Universe - Chapter 5

    Words: 1657

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 5

    उस लड़की से बहुत देर तक जवाब नहीं मिलने पर विराट गुस्से से उस लड़की की तरफ़ देखने लगा। थोड़ी देर बाद उस ladki ने विराट की तरफ़ देखते हुए कहा, “अंकल, आप दूसरी seat पर बैठ जाइये| मुझे window seat पर बैठना है।"

    उस लड़की का सुन्दर गोल चेहरा और बड़ी-बड़ी आखें थी| उसने बहुत सारा makeup किया हुआ था और आँखों में नकली eyelashes लगाए हुए थे|

    लड़की के मुँह से अंकल सुनकर विराट ने भड़कते हुए उस लड़की से कहा, “मैं तुम्हें अंकल दिखाई दे रहा हूँ? मेरी सीट से उठो|”

    तभी उस लड़की ने विराट से कहा, “टिकट दिखाओ|“

    फिर उस लड़की ने विराट के हाथ से उसका टिकट ले लिया|

    “विराट सिंह रायजादा| उम्र, चौबीस साल| hmm टिकट के हिसाब से तो तुम अभी जवान हो| फिर अपना ये क्या हुलिया बना रखा है|”

    उसपर विराट ने कहा, “तुम्हे उससे क्या मतलब? मेरी सीट से उठो|”

    “मुझे यही सीट चाहिए| प्लीज, मेरे सिर में बहुत दर्द है| मुझे टेबल पर सिर रखकर rest करने दो|”

    ये कहते हुए वो लड़की वापस से अपना सिर सामने वाली छोटी से टेबल पर रखकर लेट गयी|

    विराट को उस वक़्त उस लड़की पर बहुत गुस्सा आ रहा था| अगर उसका बस चलता तो वो उस लड़की को वहां से उठाकर एक तरफ पटक देता| लेकिन एक gentleman होने की वजह से वो उस लड़की पर हाथ नहीं उठा सकता था| इसलिए वो चुप-चाप उसके बगल में जाकर बैठ गया|

    तभी उस कोच में एक नौजवान लड़का आया| जिसने काली रंग का जैकेट पहना हुआ था और स्टाइलिश से बाल बनाये हुए थे| उस लड़की को देखकर वो वहां रुक गया और उसने अपने दोनों bodyguards से कहा, “मिल गयी| ये यहाँ बैठी है|”

    उस नौजवान लड़के की आवाज़ सुनकर उस लड़की की आखें खुल गयी| फिर उसने अपनी आखें चढ़ाते हुए कहा, “offo अब तुम लोग ऐसे ही भूतो की तरह मेरा पीछा करते रहोगे?”

    तभी एक बॉडीगार्ड ने विराट से कहा, “यहाँ से उठो| यहाँ हमारे sir बैठेंगे|“

    ये सुनकर विराट ने उस आदमी से कहा, “ये मेरी सीट है| मैं नहीं उठूंगा|”

    और आँख बंद करके उस किताब पर ध्यान लगाने लगा| तभी उस आदमी ने गुस्से में विराट की शर्ट का collar पकड़ लिया| उन दोनों में हाथापाई होने ही वाली थी की तभी वो नौजवान आदमी उनके बीच में आ गया| जिसकी उम्र लगभग विराट के बराबर ही होगी|

    उसने अपने आदमी को रुकने का इशारा किया और फिर विराट को अपना टिकट देते हुए कहा, “bro मेरी seat first AC compartment में है| तुम वहां आराम से सो सकते हो| मुझे यहाँ बैठना है|”

    तभी विराट ने उसे सीधा जवाब देते हुए कहा, “मैं यहाँ ठीक हूँ और यहाँ से कहीं नहीं जाने वाला|”

    विराट की उस बात पर काले jacket वाले नौजवान को गुस्सा आने लगा| उसने फिर धमकी भरी आवाज़ में विराट से कहा, “तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूँ| प्यार से समझा रहा हूँ| मान जाओ| नहीं तो अच्छा नहीं होगा|“

    वो लड़का राजपूत परिवार का बड़ा बेटा प्रिन्स राजपूत था। राजपूत परिवार मुंबई के जाने माने अमीर और इज़्ज़तदार business परिवारों में से एक था।अपने परिवार के रुपए और power का प्रिन्स को बहुत घमंड था और आज तक उसे किसी ने किसी चीज़ के लिए माना नहीं किया था। इसलिए विराट के रवैये को देखकर उसका दिमाग़ खरब हो गया था।

    तभी विराट ने प्रिंस से कहा, “मेरा mood भी आज कुछ ख़ास अच्छा नहीं है| इसलिए मेरा दिमाग खाना बंद करो| और यहाँ से दफा हो|”

    फिर वो आँख बंद करके उस किताब के मंत्रो पर ध्यान लगाने लगा| तभी प्रिंस राजपूत ने मुस्कुराते हुए अपने एक bodyguard की तरफ इशारा किया|

    उस आदमी ने विराट के बालो को कसकर पकड़ना चाहा| लेकिन बाल बहुत छोटे होने की वजह से उसके हाथ में नहीं आये| तभी विराट ने उस आदमी के पेट पर कस कर एक मुक्का मार दिया और वो आदमी दर्द से कराहता हुआ ज़मीन पर जा गिरा|

    अपने आदमी को ज़मीन पर गिरा हुआ देख| दूसरे bodyguard ने गुस्से से विराट की तरफ बढ़ते हुए कहा,

    “लगता है तुझे अपनी जान प्यारी नहीं है|”

    फिर वो आदमी विराट के चेहरे की तरफ मुक्का मारने के लिए आगे बड़ा| विराट ने पलक झपकते ही एक हाथ से उसके attack को रोका और दूसरे हाथ से उसके सीने पर बहुत ज़ोर से वार किया| जिस वजह से वो आदमी उस कोच से बाहर उड़ता हुआ दूसरे कोच की seat से टकरा गया| उस नज़ारे को देखकर वो लड़की दंग रह गई| उसे उम्मीद नहीं थी कि जिस आदमी को वो कुछ देर पहले अंकल बुला रही थी वो इतना ताकतवर होगा|

    थोड़ी देर बाद अकेला विराट उन दो आदमियों से लड़ रहा था| उसने थोड़ी ही देर में अपनी fighting skills से उन दोनों को दिन में तारे दिखा दिए थे| उस वक़्त उनके coach के पास भीड़ जमा हो गयी थी| कुछ लोग fight को

    enjoy कर रहे थे| कुछ वीडियो बना रहे थे| तो कुछ लोग घबराये हुए दिख रहे थे|

    तभी प्रिंस राजपूत ने अपने आदमियों को डाँटते हुए कहा, “तुम दोनों से एक आदमी पकड़ में नहीं आ रहा? मैं तुम

    दोनों नालायकों को इसी दिन के लिए रखा था? मुझे इस आदमी की लाश चाहिए| मारो इसे|”

    उसी वक़्त विराट ने प्रिंस राजपूत को घुमाकर एक थप्पड़ मारा और प्रिंस सामने वाली कुर्सी पर जाकर गिर गया|

    तभी वहां पर टिकट collector आ गया| उसने उन सभी को डांटते हुए कहा, “ये सब क्या हो रहा है?”

    उस पर उन दोनों bodyguards ने मुस्कुराते हुए कहा, “कुछ नहीं, हम लोग तो भाई-भाई है| हम बस आपस में खेल कर रहे थे|”

    ये सुनते ही उस ticket conductor ने कहा, “तुम लोग कोई छोटे बच्चे हो जो खेल कर रहे हो? मुझे अब यहाँ से शोर नहीं आना चाहिए| नहीं तो मुझे तुम लोगो के खिलाफ strict action लेने पड़ेंगे|”

    तभी प्रिंस राजपूत ने टिकट conductor से मुस्कुराते हुए कहा, “sorry sir , हम लोग आगे से नहीं खेलेंगे|“

    ये कहते हुए वो विराट के बगल में जाकर बैठ गया| Conductor के वहां से जाने के बाद थोड़ी देर तक सब शांत बैठे रहे| उसके बाद प्रिंस ने विराट को धमकाते हुए कहा, “मैं कसम खाता हूँ की आज तुम ज़िंदा नहीं बचोगे|”

    विराट ने उसकी बात को नज़र अंदाज़ किया और वापस से आँख बंद करके ध्यान करने लगा।

    तभी प्रिंस ने अपना हाथ विराट के कंधे के ऊपर रखते हुए कहा, “तेरे अंदर बहुत गर्मी है| अभी तुझे सबक सिखाता हूँ|”

    विराट को बहुत गुस्सा आया और उसने एक ही झटके में प्रिंस के हाथ की दो उंगलियां मोड़ दी| जिस वजह से दर्द के मारे प्रिंस की चीख पूरे कोच में गूंजने लगी।

    तभी प्रिंस ने विराट को धमकाते हुए कहा, “आज तक मुझे मेरे माँ-बाप तक ने कभी हाथ नहीं लगाया और तूने मेरी उँगली मोड़ दी। आज तू मुंबई railway station से ज़िंदा बाहर नहीं जाएगा| ये प्रिंस राजपूत का वादा है।”

    इसपर विराट ने कहा, “काश तुम्हारे माँ-बाप ने बचपन में तुम्हें कुछ थप्पड़ लगाए होते तो अभी तुम्हें थोड़ी अकल होती और तुम बाहर के लोगों को अपना नौकर नहीं समझते। और अभी तो मैंने सिर्फ़ उँगली मोड़ी है ज़्यादा बकवास की तो तोड़ भी दूँगा।"

    इसपर प्रिंस ने विराट को धमकाते हुए कहा, “अच्छा, तू हाथ लगा कर तो दिखा|”

    उसकी धमकी सुनकर विराट ने झट से उसकी मुड़ी हुई एक ऊँगली को तोड़ दिया| जिस वजह से प्रिंस दर्द से बहुत तेज़ चिल्लाने लगा और उसकी आँखें आंसुओं से भर आयी| उसके आदमी जो ये तमाशा देख रहे थे वो घबराहट के मारे पीछे हो गये थे|

    वहीं दूसरी तरफ़, वो खूबसूरत लड़की, विराट की उस हरकत से काफी impress हो गई।

    उसके बाद विराट वापस से अपनी आँख बंद करके ध्यान किताब पर ध्यान देने लगा|

    वो लड़की अभी भी उत्सुकता भरी नज़रो से विराट को देखे जा रही थी| जब थोड़ी देर बाद प्रिंस के हाथ का दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो विराट के सामने वाली सीट पर जाकर बैठ गया| फिर उसने विराट को धमकाते हुए कहा, “अगर मैंने तुझे मुंबई के railway station से ज़िंदा बाहर जाने दिया तो मेरा नाम प्रिंस राजपूत नहीं|”

    ये सुनकर विराट ने अपनी आखें खोली और प्रिंस को घूरने लगा| लेकिन उसने प्रिंस से कुछ नहीं कहा|

    तभी उस लड़की ने विराट से कहा, "hii मेरा नाम अनुष्का चौहान है। मुझे तुम्हारी फ़ाइटिंग skills बहुत अच्छी लगी। क्या तुम मेरे bodyguard बनोगे?”

    अनुष्का चौहान भी मुंबई के अमीर और ताकतवर परिवार की बेटी थी। उसके पापा और प्रिन्स की पापा की अच्छी दोस्ती थी। लेकिन वो प्रिन्स राजपूत की तरह घमंडी नहीं थी और एक सुलझी हुई लड़की थी।

    तभी प्रिंस ने विराट से कहा, “अच्छा तो तुम्हारा नाम विराट है|“

    ये कहते हुए प्रिंस ने विराट का नाम याद कर लिया था| तभी उस लड़की ने प्रिंस से कहा, “प्रिंस, आज से विराट मेरा bodyguard है| इसलिए तुम उसे परेशान करने की सोचना भी मत|”

    ये कहने के बाद वो लड़की वापस से विराट की तरफ मुस्कुराकर देखने लगी|

    वहीं उसकी बात सुनकर प्रिंस राजपूत ने हँसते हुए कहा, “ये और तुम्हारा bodyguard बनेगा? देखो तो इसको ये इतना arrogant है| तुम्हें लगता है कि ये तुम्हारा bodyguard बनने के लिए अपना attitude थोड़ा भी कम करेगा? वो तुम्हारी तरफ देख तक नहीं रहा है|”

    विराट ने उन लोगों की बातों का कोई जवाब नहीं दिया और अपनी आँख बंद ही रखी।

    तभी उस लड़की ने विराट के थोड़ा करीब आकर कहा, “विराट, तुम्हारी fighting skill काफी अच्छी है| मैं मज़ाक नहीं कर रही| मैं seriously बोल रही हूँ| मुझे एक personal bodyguard की ज़रुरत है और मुझे लगता है तुमसे बेहतर मेरे लिए वो कोई नहीं हो सकता| क्या तुम मेरे बॉडीगार्ड बनोगे?”

    To be continued

    क्या लगता है विराट उस लड़की की बात मानकर उसका बॉडीगार्ड बनने को तैयार होगा या नहीं...

    जानने के लिए आप मेरी यह स्टोरी कंटिन्यू पढ़ते रहिए इस स्टोरी के मैं आप लोगों को डेली दो चैप्टर दूंगी लेकिन आप लोगों को स्टोरी पढ़कर कमेंट जरुर करना है।

  • 6. The Great Warrior of the Universe - Chapter 6

    Words: 1555

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 6

    तभी विराट ने अनुष्का पर गुस्से से चिल्लाते हुए कहा, “तुम चुप रहो| नहीं तो मैं भूल जाऊंगा की तुम एक लड़की हो|”

    विराट के उस रवैय्या देखकर अनुष्का को बहुत बुरा लगा और वो अपना मुँह फुला कर बैठ गयी|

    उसी वक़्त प्रिंस को अपने फ़ोन में एक message आया| जिसे देखकर उसके चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी| कल सुबह उनकी train Mumbai पहुँचने वाली थी और प्रिंस ने विराट को सबक सिखाने के लिए अपने आदमियों का इंतज़ाम कर लिया था|

    फिर प्रिंस ने मन ही मन कहा, “अब तुझे पता चलेगा की प्रिंस राजपूत पर हाथ उठाने का अंजाम क्या होता है।"

    अगली सुबह करीब आठ बजे उन लोगो की train मुंबई पहुँच गयी थी| मुंबई पहुँचते ही विराट ने अपना बैग उठाया और ट्रैन से बाहर आ गया उसके पीछे-पीछे अनुष्का और प्रिंस भी बाहर आ गए थे|

    बाहर स्टेशन पर प्रिंस राजपूत ने विराट को पीटने के लिए करीब बीस गुंडे भिजवाए हुए थे| जो विराट के train से उतरने का इंतज़ार कर रहे थे|

    अनुष्का उन गुंडों को देखकर समझ गयी थी कि प्रिंस, विराट के साथ क्या करने वाला था| उसने एकदम से विराट का रास्ता रोकते हुए कहा, “विराट, रुक जाओ| एक बार और सोच लो| अगर तुम मेरे बॉडीगार्ड बन जाओगे तो मैं तुम्हें काफी अच्छी सैलरी भी दूंगी| कमसे कम महीने के एक लाख रुपये|"

    अनुष्का जानती थी कि अगर विराट उसका bodyguard बनने को तैयार हो जाए तो प्रिंस के आदमी विराट को हाथ नहीं लगा पाएंगे|

    तभी विराट ने अनुष्का से कहा, “मुझे तुम्हारा bodyguard बनने का कोई शौक नहीं है|”

    ये सुनकर अनुष्का को बहुत गुस्सा आ गया और उसने विराट से तांव में कहा, “ठीक है| जाओ जाकर मरो|”

    फिर अनुष्का ने मन ही मन खुद से कहा, “लगता है इस आदमी का दिमाग ख़राब है| यहाँ इतने लोग मेरा bodyguard बनने के लिए मरे जा रहे है| इतनी सैलरी तो एक इंजीनियर को नहीं मिलती| जितनी मैं इसे अपना बॉडीगार्ड बनने के लिए दे रही हूँ और ये मुझे ही तांव दिखा रहा है|”

    फिर अनुष्का ने प्रिंस को रोकते हुए कहा, “प्रिंस, उसे जाने दो please "

    उसपर प्रिंस ने मुस्कुराते हुए कहा, “चलो, तुम्हारी खातिर मैं उसे सिर्फ इतना ही मारूँगा की वो मरे ना|”

    ये कहने के बाद प्रिंस ने अपने कुछ आदमियों के साथ अनुष्का को safely स्टेशन के बाहर खड़ी उसकी Audi में बिठा दिया|

    फिर प्रिंस ने अपने आदमियों से कहा, “वो विराट का बच्चा अपने आप को क्या समझता है| उसे आज अगर मैंने दिन में तारे नहीं दिखाए तो मेरा नाम प्रिंस राजपूत नहीं| चलो|”

    प्रिंस राजपूत मुंबई की अमीर और ताकतवर परिवारों में से एक परिवार का बड़ा बेटा था| राजपूत परिवार का बिज़नेस की दुनिया में बहुत नाम था| लेकिन उसके साथ-साथ उनके कई illegal काम भी चलते थे| जिस वजह से उन लोगों के underworld के लोगो के साथ connection थे। प्रिंस ने उस वक़्त विराट को पीटने के लिए underworld के छटे हुए बदमाश बुलाये हुए थे|

    तभी एक खतरनाक से दिखने वाले आदमी ने विराट के कंधे पर हाथ रखा| उस आदमी के पूरे चेहरे पर कई घाव थे| जिस वजह से वो बहुत भयानक दिख रहा था| उसे लोग underworld में कालिया के नाम से जानते थे|

    जैसे ही कालिया ने विराट के कंधे पर हाथ रखा| विराट ने उसका हाथ घुमाया और अपने पैर को बहुत ताकत से उसके पैर के ऊपर रख दिया| फिर उसने अपने एक हाथ से उसकी गर्दन को कसकर पकड़ लिया| जिस वजह से कालिया दर्द से चिल्लाने लगा|

    कालिया को चिल्लाता हुआ देख उसके आदमी उसकी मदद के लिए आगे बड़े लेकिन कलिया ने उन्हें अपने हाथ का इशारा करके रोक दिया|

    तभी विराट ने कालिया को धमकाते हुए कहा, “ये सिर्फ trailer था| अगर तुमने आगे मुझे परेशान किया तो मैं तुम्हारा वो हाल करूँगा जो तुमने सपने में भी नहीं सोचा होगा|”

    फिर विराट वहां से चला गया| वहीं कालिया ने दांत पीसते हुए अपने आदमियों को अपने पास बुलाया और विराट का पीछा करने लगा| थोड़ी ही देर में कालिया के आदमियों के साथ प्रिंस के दोनों बॉडीगार्ड ने मिलकर विराट को चारो तरफ से घेर लिया था|

    विराट समझ गया था कि जब तक वो उन लोगों को सबक नहीं सिखाएगा, वो लोग इसका पीछा नहीं छोड़ेंगे| लेकिन वो लोग अभी railway station के अंदर ही थे और विराट नहीं चाहता था की उनकी लड़ाई की वजह से किसी आम नागरिक को कोई चोट पहुंचे| इसलिए वो उन्हें अपने पीछे भगाता हुआ railway station के बाहर के एक खाली मैदान में ले आया।

    वहां पहुंचकर कालिया ने अपनी जेब से चाकू निकाला और फिर विराट को दिखाते हुए कहा, “पहले तूने हमारे sir को परेशान किया और बाद में मुझपर हाथ उठाया| लगता है तेरी माँ को तेरी लाश भिजवानी ही पड़ेगी|“

    फिर कालिया ने उस चाक़ू को विराट के पेट में घोप दिया| लेकिन वो ये देखकर हैरान रह गया कि वो चाक़ू विराट के शरीर के अंदर तक नहीं घुस पाया और आधा टेढ़ा हो गया|

    उसी वक्त विराट ने कालिया के मुँह पर बहुत तेज़ से मुक्का मारा और कालिया अपनी जगह से उड़ता हुआ पीछे गिर गया| जिस वजह से उसके आगे के दो दांत टूट गए और उसके मुँह से खून निकलने लगा| तभी उसने अपने आदमियों पर चिल्लाते हुए कहा, “मारो साले को|”

    तभी उसके चार आदमियों ने आगे बढ़कर विराट से कहा, “साले, तूने अपनी मौत को बुलावा दिया है|”

    फिर एक आदमी हवा में उड़ता हुआ विराट के सीने पर attack करने के लिए आगे बड़ा। लेकिन इससे पहले की वो विराट पर अटैक करता विराट ने उसे ज़मीन पर पटक दिया। उसके बाद अपनी fighting skills से विराट ने एक-एक करके उन बीस आदमियों को इतना मारा की किसी का हाथ facture हो गया तो किसी की टांग| लेकिन पूरी लड़ाई के दौरान वो लोग विराट को छू तक नहीं पाए|

    उस वक़्त वो सभी गुंडे मैदान में घायल पड़े थे| तभी विराट ने एक आदमी की शर्ट के collar को पकड़ते हुए कहा, “तुम लोगों की जेब में जितने भी रुपये है वो सब निकालो|”

    तभी उस आदमी ने दर्द से कराहते हुए विराट से कहा, “हमारे पास कुछ नहीं है|”

    लेकिन फिर विराट से और मार पड़ने के डर की वजह से उन सभी लोगों ने अपने सारे रुपये विराट को दे दिए| कुल मिलाकर विराट के पास उस वक़्त दो लाख रुपये हो गए थे|

    जाते वक़्त विराट ने कुछ सोचने के बाद पचास हज़ार रुपये उन लोगों को वापस पकड़ाते हुए कहा, ”इससे अपना इलाज करवा लेना|”

    फिर विराट वहां से बाहर निकल गया और अपने रहने के लिए सस्ते होटल या homestays ढूंढने लगा|

    ******

    थोड़ी देर बाद, एक बूढी औरत ने विराट का रास्ता रोकते हुए कहा, “बेटा, तुम्हें देख कर लग रहा है कि तुम रहने के लिए ठिकाना ढूंढ रहे हो|”

    विराट को वो औरत बहुत चालक लगी| इसलिए विराट ने कमरे के लिए मना कर दिया और वहां से आगे जाने लगा| लेकिन वो औरत फिर उसके पीछे-पीछे आयी और उसने विराट से कहा, “मेरे यहाँ बहुत सारे कॉलेज के बच्चे भी रहते है| तुम्हे यहाँ सस्ता कमरा मिल जाएगा|”

    उसकी बात संकर विराट एक दम से रुक गया| वो रहने में ज़्यादा रूपये खर्च नहीं करना चाहता था| इसलिए उसने उस औरत की बात मनाने की सोची।

    तभी उस औरत की नज़र विराट के कसे हुए शरीर और हाथ में पड़े हुए छालों की तरफ़ पड़ी| वो देखकर उसने विराट से कहा, “बेटा तुम्हें देखकर तो तुम आर्मी वाले लगते हो|”

    विराट ने उस बात का कोई जवाब नहीं दिया और फिर उस औरत से कहा, “ठीक है| मैं आपके यहाँ रुक रहा हूँ| लेकिन मुझे सबसे सस्ता कमरा चाहिए और कोई fancy facility नहीं चाहिए|”

    ये सुनकर उस औरत ने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है बेटा| मेहमान तो भगवन का रूप होता है| तुम जैसा बोलोगे वैसा कमरा मिल जाएगा|”

    फिर वो औरत विराट को लेकर एक बहुत पुराने से तीन मंजिले घर पर ले गयी| जिसका सबसे ऊपर वाला छोटा सा कमरा उसने विराट को दे दिया| वो एक बहुत ही छोटा और गन्दा सा कमरा था| जिसमे एक बिस्तर और छोटे से बाथरूम के अलावा कुछ नहीं था|

    वहां पहुँचने के बाद विराट ने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद किया और सबसे पहले उसने 500 pushups, 500 sit-ups और 1000 squats किये| आधे घंटे तक punch और kick की practise करने के बाद उसने नहाया और फिर ayurvedic solution की एक बड़ी bottle पी पिया| उसके बाद वो अपने बिस्तर पर पालती मारकर बैठ गया और आँख बंद करके मंत्र जाप करने लगा।

    विराट को अपनी नाड़ियो पर ध्यान लगाते हुए दो साल हो गए थे| उस दिन के बाद से उसे कभी देवी की आवाज़ सुनाई नहीं दी| लेकिन उनकी बात मानते हुए उसने उस किताब की मदद से अपनी नाड़ियो पर ध्यान लगाना शुरू किया जिसके बाद से उसे अपने शरीर में पहले से ज़्यादा ताकत महसूस होने लगी और दो साल पहले उस घटना की वजह से उसके शरीर में जो internal injuries हुई थी वो भी धीर-धीरे ठीक हो रही थी|

    उसी वक़्त विराट के दरवाज़े पर एक दस्तक हुई| ये सुनकर विराट ने कहा, “कौन?”

    To be continued

    क्या लगता है आप लोगों को कौन आया है दरवाजे पर क्या फिर से विराट पर कोई हमला होने वाला है...

    जाने के लिए मेरी यह कहानी आपको डेली पढ़नी होगी क्योंकि मैं इसके डेली एपिसोड अपलोड करूंगी।

  • 7. The Great Warrior of the Universe - Chapter 7

    Words: 1531

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 7

    उसे बाहर से कोई जवाब नहीं मिला| लेकिन कोई अभी भी उसके कमरे का दरवाज़ा खटखटा रहा था| बहुत देर तक जवाब नहीं मिलने पर विराट अपनी जगह से उठा और जब उसने अपने कमरे का दरवाज़ा खोलकर देखा तो वो हैरान हो गया|

    उसके सामने उस वक़्त अधेड़ उम्र की एक औरत खड़ी थी| जिसने बहुत revealing कपड़े पहने हुए थे और चेहरे पर बहुत सारा makeup किया हुआ था। उसे देखकर विराट समझ गया की उस जगह पर ज़रूर कुछ गड़बड़ थी|

    तभी विराट ने उस औरत से कहा, “auntie आप कौन? और आपको मेरे से क्या काम है?”

    तभी उस औरत ने एक seductive मुस्कान के साथ विराट से कहा, “मुझे auntie मत बोलो| तुम मुझे Julie बुला सकते हो| वैसे तुम दिखने में तो अच्छे हो| बस बात करने के थोड़े कड़वे हो| चलो एक बार अंदर चलकर बात कर लेते है|”

    ये कहते हुए वो औरत विराट के कमरे के अंदर जाने लगी| लेकिन विराट ने कमरे का दरवाज़ा आधा बंद करते हुए उन्हें रोक दिया|

    “एक मिनट, आप है कौन? मैं आपको जानता तक नहीं हूँ|”

    उसपर जूली ने कहा, “तुम्हारी landlady बता रही थी की तुम university student को ढूंढ रहे हो| इसलिए मैं आ गयी और चिंता मत करो ये service complimentary है| It’s free |”

    ये सुनकर विराट ने जूली से कहा, “पहली बात मैंने किसी को यहाँ आने के लिए नहीं कहा है और अगर कहा भी है तो आप university student तो नहीं लग रही|”

    इसपर जूली ने फिर से विराट के कमरे के अंदर घुसने की कोशिश करते हुए कहा, “मैं यूनिवर्सिटी स्टूडेंट ही हूँ| जिसने 60 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई पूरी की है|”

    ये सुनते ही विराट के माथे पर तनाव की लकीरे खींच गयी और उसने ग़ुस्से से कमरे का दरवाज़ा ख़त से बंद कर दिया|

    उसके बाद विराट वापस से आँख बंद करके मन ही मन मंत्र उच्चारण करने लगा| लेकिन उसके कमरे का दरवाज़ा फिर से किसी ने खटखटाया| विराट ने उस बात पर ध्यान नहीं दिया और अपना ध्यान फिर से अपनी नाड़ियो पर केंद्रित करने लगा| लेकिन उसके दरवाज़े में फिर से बहुत देर तक दस्तक होती रही|

    ये देखकर विराट ने मन ही मन कहा, “अगर मुझे पता होता की इस होटल में इतनी दिक्कत आने वाली है तो मैं यहाँ कभी नहीं आता|“

    फिर विराट ने गुस्से से दरवाज़े की तरफ देखते हुए कहा, “कौन है बाहर? जो भी है इसी वक़्त वापस चले जाओ| नहीं तो मैं भूल जाऊंगा की मैं किसी औरत पर हाथ उठा रहा हूँ|”

    विराट की धमकी के दस second बाद किसी ने उसका दरवाज़ा फिर से खटखटाने लगा| तभी विराट बहुत गुस्से से अपने बिस्तर से उठा और उसने जैसे ही अपने कमरे का दरवाज़ा खोला वो हैरान रह गया|

    उसने देखा की उसके सामने एक खूबसूरत सी लड़की खड़ी थी| जो दिखने में college student लग रही थी| उसने simple jeans और top पहना हुआ था और उसके चेहरे पर बिलकुल भी makeup नहीं था| विराट को देखते ही उसने कमरे का दरवाज़ा कसकर पकड़ लिया| उसे डर था की विराट उसको भी reject ना कर दे|

    फिर उसने रोते हुए विराट से कहा, “क्या मैं अंदर आ सकती हूँ? मुझे आपकी मदद चाहिए।”

    विराट ने उसे अंदर आने दिया| कमरे के अंदर पहुंचकर उस लड़की ने सहमते हुए विराट से कहा, “ये मेरा पहली बार है| क्या आप मुझे ज़्यादा रुपये दे सकते हो?”

    विराट समझ गया था कि वो लड़की किस बारे में बात कर रही थी।तभी उसने उस लड़की से कहा, “तुम्हे ये सब करने की कोई ज़रुरत नहीं है| तुम डरो मत| मुझे सच-सच बताओ| क्या तुम्हें कोई मदद चाहिए?”

    विराट समझ गया था कि वो लड़की वहां अपनी किसी मज़बूरी की वजह से आयी थी| इसलिए उसने लड़की को अपनी बातों से comfortable करके सच जानना चाहा|

    विराट की उस बात को सुनकर उस लड़की की आँखों में आंसू आ गए| फिर उसने विराट से कहा, “भैय्या, मैं यहाँ मज़बूरी से आयी हूँ| मैंने ये काम पहले कभी नहीं किया| लेकिन मैं मज़बूर हूँ| मेरे पापा के पैर का ऑपरेशन होना है| डॉक्टर ने कहा है कि आज शाम तक रूपये चाहिए नहीं तो वो ऑपरेशन नहीं करेंगे| हम लोगों के पास इतना रूपये नहीं है की हम उनका ऑपरेशन की पूरी फीस भर पाए|”

    ये कहने के बाद उस लड़की ने अपनी जेब से अपना कॉलेज id card निकाला और विराट को दिखाते हुए कहा, “ये देखिये मेरा कॉलेज id card "

    विराट ने उस लड़की का id card ढंग से देखा| उसका नाम नैना बंसल था| उसकी उम्र 22 साल थी और वो मुंबई फिल्म institute में acting की student थी|

    तभी विराट ने मन ही मन सोचा, “अगर ये इतनी गरीब है तो ये acting institute की fees कैसे pay कर पा रही है?”

    फिर उस लड़की पर थोड़ा शक करते हुए विराट ने कहा, “तुम्हारे पापा के साथ क्या हुआ है? पूरी बात बताओ|”

    नैना ने अपनी आखों से आँसुओं को पोछते हुए कहा, “मेरे पापा construction site में काम करते है| कल गलती से काम करते वक़्त तीसरे मंजिले से गिरने की वजह से उनका एक पैर टूट गया| उसी के operation के लिए हमे रुपये चाहिए| हम लोगों ने वहां के ठेकेदार से भी मदद मांगी लेकिन उसने मदद करने से साफ़ मना कर दिया| हम लोगों का इस शहर में कोई नहीं है|”

    अपनी बात पूरी करने के बाद नैना सुबक-सुबक कर रोने लगी|

    तभी विराट ने उससे पूछा|

    “तुम्हें यहाँ के बारे में कैसे पता चला?”

    उसपर नैना ने अपने आंसू पोछते हुए कहा, “मैं जब रूपये का जुगाड़ करने के लिए इस सड़क से गुज़र रही थी तब एक बूढी औरत ने मुझे कहा की मुझे एक दिन इतनी ज़्यादा रूपये इसी काम से मिल सकते है| मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था| इसलिए मैं आगे कुछ सोचे बिना यहाँ आ गयी|”

    फिर कुछ सोचते हुए विराट ने नैना से कहा, “तुम्हें कितने रूपये चाहिए?”

    इसपर नैना ने विराट को जवाब दिया|

    “एक लाख रूपये कम पड़ रहे है| बाकी एक लाख का हमने जैसे-तैसे जुगाड़ कर लिया है|”

    ये सुनते ही विराट ने अपने बैग में से एक लाख रूपये निकाल कर नैना को पकड़ा दिए और फिर उससे कहा, “अपना बैंक account नंबर बताओ?”

    ये सुनकर नैना एक पल के लिए हैरान हो गयी और उसने हिचकते हुए कहा, “मुझे बस एक लाख रूपये की ही ज़रुरत है।"

    लेकिन विराट ने उससे कहा, “जल्दी बताओ|”

    फिर नैना ने विराट को अपनी बैंक details दी और विराट ने किसी को कॉल मिलाकर कहा, “मुझे एक लाख रुपये की ज़रुरत है| मैं आपको जल्द ही लौटा दूंगा| Urgent है| मैं आपको एक बैंक की details भेज रहा हूँ|”

    थोड़ी देर बाद नैना के account में एक लाख रूपये आ गए| फिर विराट ने नैना से कहा, “ये रूपये भी रखो| आगे ज़रुरत पड़ सकती है|”

    विराट के इस gesture को देखकर नैना हैरान रह गयी| उसके लिए उस वक़्त विराट किसी मसीहे से कम नहीं था|

    तभी विराट ने नैना से कहा, “ठीक है| अब तुम safely यहाँ से जाओ| बहुत रात हो गयी हैऔर ये जगह तुम्हारे लिए safe नहीं है|”

    विराट की उस बात पर नैना अभी तक वहाँ हैरान खड़ी थी| फिर उसने विराट से कहा, “आप इसके बदले…मेरा मतलब आप मेरी ऐसी ही मदद कर रहे हो|”

    तभी विराट ने नैना से कहा, “इतना मत सोचो और जाओ|”

    नैना को अभी तक उस बात पर भरोसा नहीं हुआ था की विराट ने बिना किसी फायदे के उसकी मदद की थी| उसकी नज़रो में इस वक्त विराट के लिए इज्जत बहुत बढ़ गयी थी|

    तभी नैना ने भावुक होकर विराट से कहा, “आपने आज मेरी बहुत बड़ी मदद की है| लेकिन मैं इतना बड़ा एहसान किसी का नहीं लेती हूँ| मैं जल्द ही आपके रूपये आपको वापस कर दूंगी| धीरे-धीरे करके ही सही|”

    नैना financially इतनी strong नहीं थी| लेकिन उसके अपने सिद्धांत थे और उसके माँ बाप ने उसे किसी का एहसान लेना नहीं सिखाया था| इसलिए उसने जितना जल्दी हो सके विराट के रुपये वापस लौटाने की सोच ली थी|

    तभी विराट ने नैना से कहा, “ठीक है| मुझे कोई जल्दी नहीं है| तुम आराम से ये रुपये लौटा देना|”

    विराट से इतनी बड़ी मदद मिलने पर नैना की आँखें भर आयी और उसने विराट से कहा, “आपने आज एक बड़े भाई की तरह मेरी मदद की है| क्या मैं आपको भाई बुला सकती हूँ?”

    नैना की उस बात पर विराट का भी दिल पिघल गया और उसने प्यार से नैना के सिर पर हाथ फेर दिया| तभी नैना बच्चे की तरह विराट के सीने से लिपट गयी|

    नैना हमेशा दूसरों की मदद करती थी| लेकिन आज उसे पहली बार इस बात का एहसास हुआ की ज़रूरत के वक़्त किसी से सही मदद मिलना कैसा लगता था| नैना मन ही मन ये सोच रही थी की अगर विराट उसका सगा भाई होता तो उसके लिए ज़िन्दगी कितनी आसान हो जाती|

    उसे कभी भी दूसरों के आगे मदद के लिए हाथ नहीं फैलाने पड़ते| वो ये सोच ही रही थी की तभी अचानक से उसे अपने चेहरे पर खून की कुछ बूंदे महसूस हुई।

    To be continued

    क्या लगता है आप लोगों को किसकी है वह खून की बूंदे...?

    आगे की स्टोरी जानने के लिए आप डेली चैप्टर को पढ़ते रहिए

  • 8. The Great Warrior of the Universe - Chapter 8

    Words: 1805

    Estimated Reading Time: 11 min

    Chapter 8

    जिसे देखकर नैना ने घबराते हुए कहा, “भाई, आप ठीक हो?”

    तभी विराट ने वापस से आँख बंद करके मंत्रो पर ध्यान लगाना शुरू किया और उसकी नाक से खून बहना बंद हो गया|

    फिर विराट ने नैना से कहा, “हाँ मैं ठीक हूँ|”

    तभी नैना ने विराट के चेहरे से खून को पोंछते हुए कहा, “भाई आप मुझे अपना फोन नंबर दे दो|”

    विराट ने नैना के फ़ोन में अपना नंबर save करते हुए कहा, “तुम्हें कभी भी किसी मदद की जरूरत हो तो बेझिझक मुझे कॉल कर लेना|”

    ये कहते हुए विराट, नैना को होटल के बाहर छोड़ने चला गया| फिर उसने नैना को safely ऑटो में बिठा दिया|

    *****

    अगली सुबह विराट जल्दी तैयार हुआ और NV Pharmaceutical के लिए निकल गया था| क्यूंकि उसके पास ऑटो करने के रुपये नहीं बचे थे| इसलिए उसने दस किलोमीटर का सफर भागकर तय किया था| विराट के लिए दस किलोमीटर भागना बहुत मामूली सा काम था।

    जब वो NV Pharmaceutical पंहुचा तब उसके कसे हुए शरीर को देखते ही वहां के एक security guard ने कहा, “आप यहाँ बॉडीगार्ड के interview के लिए आये है?”

    उसपर विराट ने अपना सिर हिलाते हुए कहा, “हां|”

    तभी वहां के दूसरे security guard ने विराट को एक पेपर देते हुए कहा, “आप ये form fill कर दीजिये और अपना सारा सामान इधर रख दीजिये| मैं तब तक आपके अंदर जाने का arrangement करता हूँ|”

    ये कहने के बाद वो security guard तुरंत वहां से चला गया| फिर विराट ने अपने बैग में से वो आयुर्वेदिक solution निकाला और उसे एक ही सांस में घटक गया|

    थोड़ी ही देर में वहां पर एक गोरी-चिट्टी खूबसूरत सी लड़की आ गयी| जिसकी उम्र करीब 25 साल होगी| उसने काले रंग की body tight short formal dress पहनी हुई थी| जो उसके घुटने से हलकी सी ऊपर आ रही थी और साथ में पांच इंच की लम्बी heels भी पहनी हुई थी| वो दिखने में इतनी खूबसूरत थी की अगर वो किसी के बगल से गुज़र जाये तो चाहे आदमी हो या औरत वो चाहकर भी उससे नज़र नहीं हटा पायेगा|

    तभी उस लड़की ने अपने चेहरे से काला चश्मा हटाया और विराट को ऊपर से लेकर नीचे तक judge करते हुए कहा, “तुम विराट हो? Right ? मैं जूली| मेरे साथ चलो|”

    फिर विराट जूली के पीछे-पीछे company के अंदर जाने लगा| तभी जूली ने विराट से कहा, “तुम्हें पता है ना तुम late हो। अगर तुम विशाखा सिंह के बॉडीगार्ड बनने के लिए select हो गए| तो तुम्हें हमेशा punctual रहना होगा| नहीं तो मुझे तुम्हें इस नौकरी से बाहर निकालने में वक्त नहीं लगेगा|"

    जूली के बात करने के तरीके से लग रहा था की उसे विराट कुछ खास पसंद नहीं आया| लेकिन विराट को जूली की बातों से कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था। वो चुपचाप उसके पीछे-पीछे लिफ्ट की तरफ चल दिया|

    लेकिन जूली विराट को लिफ्ट की जगह सीढ़ियों से पाँचवी मंज़िल तक ले गई। इतनी ज्यादा सीढ़ियां चढ़ने की

    वजह से जूली की सांस फूल गयी और वो हांफने लगी|

    लेकिन विराट अभी भी बिलकुल ठीक था| तभी जूली ने विराट की तरफ देखते हुए कहा, “तुम क्या देख रहे थे? अभी पता चल जाएगा| अगर तुम cctv कैमरा में मुझे checkout करते हुए नज़र आये तो तुम इस round में बाहर हो जाओगे| ये तुम्हारा test था|”

    जूली की उस बात का विराट ने कुछ जवाब नहीं दिया।

    फिर जूली ने विराट से कहा, “वैसे अगर तुमने मुझे सच में checkout किया है तो अभी भी honestly बता सकते हो| ऐसा करने पर तुम इस round से बाहर नहीं होगे और तुम्हें इस राउंड के दस point और मिल जाएंगे| “

    विराट से पहले भी कई लोग वहाँ आये थे| जिनमे से अधिकतर ने उस बात को मान लिया था कि वो जूली को checkout कर रहे थे| इसलिए जूली ने उनकी honesty की वजह से उन्हें आगे के राउंड के लिए भेज दिया दिया था|

    तभी विराट ने जूली की बात को नकारते हुए सीधे तौर पर जवाब दिया|

    “मैं क्यों तुम्हें check out करूँगा? तुम कोई हूर की परी नहीं हो।”

    विराट का जवाब सुनकर जूली ने गुस्से से तिलमिलाते हुए कहा, “तुम…| रुको यही, तुम्हें मैं अभी बताती हूँ|”

    जूली को अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था और उसके हिसाब से ऐसा कोई आदमी हो ही नहीं सकता जो उसकी तरफ एक नज़र देखने के बाद अपनी आँखें फेर ले|

    तभी उसने विराट से कहा, “मैं अभी cctv footage देखकर आती हूँ| तब तुम्हारी सारी अकड़ निकल जाएगी|”

    फिर जूली cctv footage देखने चली गयी| उसने मन बना लिया था कि उस वीडियो में जब वो विराट को उसे check out करते हुए रंगे हाथों पकड़ लेगी तब वो सबके सामने उसे बहुत ज़ोर से तमाचा मारेगी| लेकिन जो जूली ने footage में देखा| उससे वो हैरान रह गयी| वो बिलकुल गलत थी| विराट ने एक बार भी उसकी तरफ नहीं देखा था| वो ऊपर आते वक्त अपने आस-पास की चीजों को देख रहा था|

    जब जूली कमरे से बाहर निकली तब वो अपने सामने खड़े हुए विराट से नज़रे नहीं मिला पा रही थी| फिर उसने शर्मिंदा होकर विराट से कहा, “वो…मैं… वो|”

    लेकिन उसके मुँह से अभी भी sorry नहीं निकल पा रहा था| तभी विराट ने उससे कहा, “क्या हुआ? अब तुम्हारी जुबान को लकवा मार गया|“

    “तुम…” जूली ने गुस्से से बड़बड़ाते हुए कहा| विराट के उस comment से जूली की शर्मिंदगी गुस्से में बदल गयी| test के आगे के round विशाखा सिंह खुद लेने वाली थी| अगर वो राउंड जूली के हाथ में होते तो वो विराट को आगे नहीं बढ़ने देती|

    फिर जूली ना चाहते हुए भी विराट को next round के लिए एक कमरे में लेकर गयी| वहां पहले से ही कई सारे लोग बैठे हुए थे| जो विराट से उम्र में काफी बड़े और mature लग रहे थे| उनमें से कोई kung fu expert , कोई martial arts expert तो कोई special forces से retired थे| विराट भी उन लोगों के साथ जाकर बैठ गया और आसपास की चीजों को ढंग से देखने लगा|

    तभी जूली ने विराट से कहा, “अपना resume निकालो|”

    “मैं resume नहीं लाया|”

    विराट ने सीधा जवाब दिया|

    उसपर जूली ने झट से विराट से कहा, “अगर ऐसा है तो तुम वापस जा सकते हो|”

    जूली विराट को वापस भेजने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी| इसलिए उसके लिए इससे अच्छा मौका कोई नहीं था|

    तभी विराट ने उसे पलट कर जवाब देते हुए कहा, “इसमें resume की क्या जरूरत है? ये bodyguard का test है| कोई corporate job hunt नहीं|”

    “क्या पता तुम्हें किसी दुश्मन ने भेजा हो या तुम कोई alien हो| हम तुमपर ऐसे भरोसा नहीं कर सकते| इसलिए तुम अभी जा सकते हो|”

    जूली ने सीधे साफ शब्दों में विराट को वहां से जाने के लिए कह दिया|

    वहीं विराट ने उसकी उस बात का बड़े ही ठहराव से जवाब देते हुए कहा, “क्यों, क्या मैं तुम्हें alien दिखाई देता हूँ और अगर मैं किसी दुश्मन का आदमी होता तो मैं बिना resume के तो कभी नहीं आता| खूबसूरत होने का घमंड थोड़ा कम करोगी तो थोड़ी अकल भी आ जाएगी|”

    विराट के मुँह से अपनी इतनी बेइज्जती होने की वजह से जूली का चेहरा गुस्से से बिलकुल लाल हो गया था| आज तक किसी भी आदमी ने उससे इस तरह बात नहीं की थी| उसका बस चलता तो वो विराट को धक्के मारकर वहां से बाहर करवा देती|

    उसी वक़्त एक अधेड़ उम्र का आदमी जो उन दोनों की बातें सुन रहा था, उसने हँसते हुए कहा, “जाने दीजिये Miss जूली| अब ये resume नहीं लाये तो कोई बात नहीं| इनका भी बाकी बॉडीगार्ड्स के साथ आगे का test लिया जाए|”

    फिर उस आदमी ने एक form जूली को पकड़ा दिया| जिसमें जूली ने बहुत ही भारी मन से विराट का नाम लिखा और उसके ऊपर qualified लिखकर बाकी forms के साथ रख दिया|

    तभी उस अधेड़ उम्र के आदमी ने वहां announcement करते हुए कहा, “अब हम सभी अगले round की तरफ बढ़ेंगे| जिसमे हम आप लोगो की intelligence को test करेंगे| विशाखा सिंह का bodyguard बनने के लिए आपका फुर्तीला, चालाक और चौकन्ना होना बहुत ज़रूरी है|जैसा की आप सभी जानते है कि एक average आदमी का IQ 100 होता है| लेकिन इस टेस्ट को पास करने के लिए aapka IQ 110 से ऊपर आना चाहिए| चलिए ये test शुरू करते है| आपके पास इस टेस्ट को पूरा करने के लिए पूरे तीस मिनट है| all the best .”

    Test online होना था| इसलिए जूली सभी को Test देने के लिए ipad बाट रही थी| जब वो विराट के पास पहुंची तो उसने विराट से बदला लेने के लिए मन ही मन एक तरकीब निकाली|

    “मैं ipad इसे पकड़ाये बिना ही ज़मीन पर गिरा दूंगी| इससे ये साबित हो जाएगा कि इसे ढंग से एक device तो पकड़ी गई नहीं ये विशाखा का bodyguard क्या ख़ाक बनेगा और ऐसे में इसे Test से बाहर निकालने की वजह मिल जाएगी|”

    जूली ने अपने प्लान के हिसाब से जानबूझकर ipad को विराट की तरफ बढ़ाये बिना ही दूर से नीचे गिरा दिया था| लेकिन विक्रम ने i pad को गिरने से बचा लिया| जिसे देखकर जूली ग़ुस्से से वापस अपनी जगह पर चली गयी|

    थोड़ी देर बाद विराट ने अपना Test सबसे पहले पूरा कर लिया था| उसमें जितने भी सवाल थे उन सबको विराट ने बहुत ही आसानी से solve कर लिया था| लेकिन paper submit करने के बाद जब विराट ने अपने score देखा तो वो हैरान रह गया|

    उसका score 100 marks का था| ये देखकर उसने मन ही मन बड़बड़ाते हुए कहा, “ऐसा कैसे हो सकता है? मेरा Iq एक average आदमी जितना कैसे हो सकता है?”

    थोड़ी देर बाद सभी का टेस्ट पूरा हो गया था| लेकिन किसी के भी 105 से ज़्यादा marks नहीं आ पाए थे| ये देखकर invigilators भी हैरान थे| वो लोग कई हफ्तों से bodyguard की position के लिए हज़ारो लोगो का Test ले चुके थे| लेकिन कोई और भी उनकी Iq की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा था| पर आज उन्हें कुछ लोगों का अगले round के लिए चयन करना ही था|

    इसलिए काफी discussion करने के बाद उन लोगों ने कुल मिलाकर दस लोगों को आगे के round के लिए select किया। जिनमे से एक विराट भी था|

    तभी जूली ने वहां बैठे हुए सभी लोगों से कहा, “ठीक है| अब आगे का Test खुद CEO Vishakha ही लेंगी| आप सब मेरे साथ चलिए|”

    उसके बाद वो सभी जूली को follow करते हुए लिफ्ट से 18th floor पर पहुंचे| लेकिन जैसे ही लिफ्ट का दरवाज़ा खुला विराट का मुँह फटा का फटा रह गया। उसने तुरंत अपने मन में कहा, "ये कैसा ऑफिस है?"

    To be continued

    क्या लगता है आप लोगों को विराट ने कैसा ऑफिस देखा है जो उसका मुंह इस तरह खुल का खुला रह गया आखिर क्या है उसे ऑफिस में जाने के लिए स्टोरी को रेगुलर पढ़ते रहिए।

  • 9. The Great Warrior of the Universe - Chapter 9

    Words: 1555

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 9

    विराट का मुँह फटा का फटा रह गया। उसने तुरंत अपने मन में कहा, "ये कैसा ऑफिस है?"

    क्यूँकि वो जगह ऑफिस कम laboratory ज़्यादा लग रही थी| वहाँ एक बहुत ही बड़ी सी शीशे की लैब थी जिसके अंदर कई सारे लोग सफेद coat पहने और चेहरे पर मास्क लगाए हुए कुछ experiment कर रहे थे और वहां से तरह-तरह के रासायनिक पदार्थों की smell आ रही थी|

    तभी विराट ने अपने मन में कहा, “ये कैसा office है? इसको तो laboratory बोलना चाहिए|”

    उस laboratory को देखकर विराट के मन में कई सवाल और शंकाये खड़ी हो गई।

    उसी वक़्त एक लड़की laboratory से बाहर निकल कर उन लोगों के सामने आकर खड़ी हो गयी| फिर उसने अपने चेहरे से अपना मास्क निकाला और मुस्कुराते हुए सभी को देखने लगी| विराट ने उस लड़की को गौर से देखा। उसका सुंदर गोल चेहरा था। उसके साथ उसकी बड़ी आखें और तीखी दिखने वाली नाक की वजह से और वो और ज़्यादा attractive लग रही थी| साथ ही उसकी height भी काफी अच्छी थी|

    वैसे तो विराट की नज़र कभी किसी लड़की पर नहीं पड़ती थी| लेकिन विशाखा की ख़ूबसूरती को देखकर वो एक पल के लिए दंग रह गया था|

    तभी उस लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा, “hii guys मैं विशाखा सिंह, NV Pharmaceutical की CEO . आप लोग इतनी मेहनत करके final round तक आये है| उसके लिए आप सभी को congratulations . मुझे लगता है आप सभी को बहुत भूख लगी होगी| इसलिए पहले कुछ खा लेते है| फिर आगे का round शुरू करेंगे|”

    तभी बाकी सब लोगों ने साथ में कहा, “हमें भूख नहीं है|”

    उसी वक्त विराट ने ज़ोर से कहा, “मुझे भूख लग रही है|”

    विराट के मुँह से वो बात सुनकर सब उसे गुस्से से घूरने लगे| तभी विशाखा ने मुस्कुराते हुए विराट से कहा, “मुझे भी बहुत भूख लग रही है| तुम मुझे दो minute दो| मैं change करके आती हूँ|”

    थोड़ी देर में विशाखा अपना lab coat उतारकर बाहर आयी| उसने अभी एक high waist black formal pant और पिंक shirt पहनी हुई थी| जिसमे उसकी sleek figure दिख रही थी|

    “चलिए, हम सब cafeteria में चलते है|”

    Cafeteria जाते वक़्त जूली ने विशाखा को विराट और बाकी सभी लोगों के documents दिखायी और उनकी अभी तक की performance के बारे में बता रही थी| Cafeteria पहुँचने के बाद सभी साथ में बैठकर खाने लगे| विशाखा बहुत ही simple और down to earth लड़की थी| इतनी बड़ी कंपनी की CEO होने के बाद भी वो वहां बाकी सभी employees के साथ ही खाने के लिए बैठी थी|

    तभी अचानक से विशाखा ने विराट से सवाल किया|

    “विराट तुम्हारी age क्या है?”

    “चौबीस साल” , ये कहते हुए विराट ने अपना सारा ध्यान फिर से खाने पर लगा दिया| उसकी diet बाकी सब लोगो से काफी ज़्यादा थी|

    वहीँ विराट की age पता चलने पर विशाखा ने चहकते हुए कहा, “hey मैं भी चौबीस साल की ही हूँ|”

    विशाखा की age जानकार विराट ने हैरान होकर मन ही मन कहा, “चौबीस साल की उम्र में ये लड़की यहाँ की CEO है? Impressive ”

    फिर विशाखा और विराट ने आपस में कुछ देर तक बात की| उसके बाद विशाखा और जूली उन सभी लोगो को लेकर कंपनी के basement में आ गए थे| जहाँ पहले से ही दस काले suit वाले bodyguard खड़े थे| वो सभी दिखने में हट्टे-गट्टे और तंदुरुस्त थे|

    तभी विशाखा ने एक प्यारी मुस्कान चेहरे पर लिए हुए कहा, “आप सभी काफी intelligent और brave है| तभी आप लोग इस फाइनल round तक पहुंचे| लेकिन मेरा bodyguard बनने के लिए मैं जिसे ढूंढ रही हूँ| वो इंसान काफी ज़्यादा ताकतवर और समझदार दोनों ही होना चाहिए। मुझे protect करने के लिए उसको चौबीस घंटे मेरे साथ रहना होगा| इस काम के लिए उसकी salary एक लाख रुपये महीना होगी|”

    फिर एक लम्बी गहरी सांस भरते हुए विशाखा ने सबकी तरफ देखते हुए कहा, “test ये है की आप लोग एक-एक करके आएंगे और इन दस लोगो से मुकाबला करेंगे| एक बात का आपको अच्छे से ध्यान रखना है वो ये की आपको इनके साथ मुकाबला तो करना ही है| साथ ही में मुझे भी बचाना है| अगर इनमें से किसी एक आदमी ने मुझे हाथ भी लगाया तो आप लोग इस test में fail हो जाएंगे| तो बताइये कौन पहले आना चाहेगा?”

    जितनी आसानी से विशाखा ने अपनी बात रख दी| उतना आसान ये test था नहीं| एक आदमी को अकेले दस आदमियों से लड़ना भी था और उन्हें विशाखा के आस-पास आने भी नहीं देना था| उस बात को सुनकर वहां खड़े लगभग सभी लोगो के माथे पर परेशानी की लकीरें खींच गयी थी|

    तभी अचानक से विराट के बगल में खड़े एक आदमी ने कहा, “मैं जाऊंगा|”

    ये सुनकर विशाखा ने उस आदमी से कहा, “ठीक है| तुम Tai chi में काफी अच्छे हो| मुझे उम्मीद है की जीत तुम्हारी होगी|”

    फिर जूली ने test शुरू करने के लिए उन सभी को indication दिया|

    उस वक़्त विशाखा और वो आदमी बीच में खड़े थे| तभी वो दस professional fighter दौड़ते हुए उन दोनों की तरफ बड़े| जिनमें से दो लोग उस आदमी की तरफ और बाकी आठ विशाखा की तरफ बढ़ रहे थे|

    तभी उस आदमी ने एक professional bodyguard को एक ही झटके में ज़मीन पर गिरा दिया और वो दूसरे के सीने पर वार करने ही वाला था की तभी विशाखा ने उसे रोकते हुए कहा, “रुक जाओ| तुम eliminate हो गए हो|”

    क्यूंकि तब तक उन आठ bodyguards ने विशाखा को चारो तरफ से घेर लिया था| इसलिए वो आदमी उस round से बाहर हो गया| उस बात से दुखी होकर वो आदमी उदास एक कोने में जाकर बैठ गया| उसे उन दस bodyguards से लड़ने में कोई दिक्कत नहीं थी| पर उनसे लड़ते हुए विशाखा सिंह को बचाना अपने आप में एक बड़ा task था|

    फिर विशाखा सिंह ने विराट और बाकी बचे हुए लोगो की तरफ देखते हुए कहा, “क्या आप लोगो में से कोई है जो इस round में participate करना चाहेगा? अगर नहीं तो हम इस round को यही ख़तम करते है|”

    तभी विराट ने आगे बढ़कर विशाखा से कहा, “मुझे लड़ना है|”

    फिर वो दस bodyguard एक ही बार में विराट की तरफ बड़े और विराट एक-एक करके उनको पछाड़ता गया| उसकी technique इतनी fast थी कि वो एक ही झटके में उन्हें धूल में मिलाये जा रहा था| तभी एक bodyguard विशाखा की तरफ बढ़ रहा था| विराट ने एक दम से विशाखा को अपनी पीठ पर बिठा दिया और फिर उसे पीठ पर लिए बाकी बचे हुए bodyguard से लड़ने लगा|

    थोड़ी ही देर में विराट ने सभी professional bodyguards को हरा दिया था| फिर उसने जैसे ही विशाखा को अपनी पीठ से उतारकर ज़मीन पर रखा विशाखा ने उसे सबके सामने थप्पड़ मारते हुए कहा, “तुमने मुझे हाथ कैसे लगाया?”

    विशाखा को उस बात का बुरा लगा था की विराट ने उसकी permission के बिना उसे अपनी पीठ पर बिठा दिया था| जिस वजह से वो बहुत uncomfortable हो गयी थी|

    तभी विराट ने विशाखा से कहा, “मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि मैं हर हाल में तुमको बचा सकू| कल जब कभी दुश्मन तुम्हारे ऊपर attack करेगा तो मुझे यही करना होगा|”

    विराट के मुँह से वो जवाब सुनकर विशाखा बिना किसी भाव के उसे देखती रह गयी| तभी जूली ने उन दोनों के बीच में आकर विराट से कहा, “पहले तो तुमने हमारी Mam को uncomfortable feel करवाया और अब तुम उल्टा जवाब भी दे रहे हो| तुम यहाँ से चले जाओ| नहीं तो…|”

    “तुम चुप रहो| मैं तुमसे बात नहीं कर रहा हूँ| इसलिए तुम्हें बीच में पड़ने की ज़रुरत नहीं है|”

    विराट ने बहुत ज़ोर से जूली को डांटा| जिस वजह से जूली तुरंत चुप हो गई।

    तभी विशाखा ने विराट से कहा, “मुझे तुम्हारे जैसा bodyguard नहीं चाहिए| तुम यहाँ से चले जाओ|”

    उसपर विराट ने विशाखा से कहा, “अगर मेरे दादा जी ने मुझे यहाँ आने के लिए नहीं कहा होता तो मैं यहाँ कभी आता भी नहीं|”

    तभी विशाखा ने विराट से कहा, “तुम वैसे भी इस test में पास नहीं हो पाए हो| तुम्हारा IQ 100 आया है और मुझे मेरे bodyguard का IQ कमसे कम 110 चाहिए|”

    विशाखा की वो बात सुनकर विराट हैरान रह गया| उसे उस बात पर अभी भी यकीन नहीं हो रहा था की उसका IQ इतना कम कैसे आ सकता था| क्यूंकि उसके दादा जी ने उसे विशाखा सिंह के बॉडीगार्ड बनने के लिए यहाँ भेजा था| इसलिए विराट अपनी बात पर अड़ा रहा और उसने विशाखा से कहा, “जब तक मैं आपको protect कर सकता हूँ| तब तक Iq Test कोई मायने नहीं रखता|"

    तभी विशाखा ने गुस्से से कहा, “मुझे इस बारे में तुमसे और बहस नहीं करनी है| अब तुम यहाँ से जा सकते हो|“

    उस पर विराट ने दृंढता भरी आवाज़ में विशाखा से कहा, “मैं कहीं नहीं जा रहा|”

    “अगर तुम अभी यहाँ से नहीं गए तो मुझे मजबूरन तुम्हें यहाँ से धक्के दे कर निकलवाना पड़ेगा|“

    विशाखा ने अपने बाकी बॉडीगार्ड की तरफ देखते हुए विराट को धमकाया|

    तभी विराट ने विशाखा से कहा, “कोई मुझे हाथ लगाकर दिखाए तो सही| मैंने अगर उसको दिन में तारे नहीं दिखा दिए तो मेरा नाम विराट सिंह रायज़ादा नहीं|”

    विशाखा विराट के इस attitude से तंग आ गयी थी|

    To be continued

    क्या लगता है आप लोगों को सब लोग विराट से डर जाएंगे...??

    जानने के लिए स्टोरी को कंटिन्यू पढ़ते रहिए...

  • 10. The Great Warrior of the Universe - Chapter 10

    Words: 1651

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 10

    विशाखा विराट के इस attitude से तंग आ गयी थी| वो उससे बहस करने में अपना और समय बर्बाद नहीं करना चाहती थी| इसलिए उसने विराट से कहा, “ठीक है फिर, मैं ही यहाँ से चली जाती हूँ|“

    विराट की उस हरकत को देखकर विशाखा वहां से जाने लगी| लेकिन विराट अभी भी उसके पीछे-पीछे जा रहा था| तभी विशाखा ने एक नज़र जूली की तरफ देखते हुए कहा, “इसको यहाँ से बाहर निकालो| और अगर ये तब भी ना माने तो पुलिस की मदद लो|”

    तभी जूली और बाकी लोग विराट का रास्ता रोके खड़े हो गए| जूली को विराट से हल्का सा डर तो लग रहा था लेकिन उसे इस वक़्त विराट की हालत को देखकर बड़ी ख़ुशी भी हो रही थी| फिर उसने विराट पर तंज कस्ते हुए कहा, “तुम्हारे साथ यही होना चाहिए| तुम यही deserve करते हो| अब तुम खुद यहाँ से जा रहे हो| या मैं पुलिस को बुलायूँ?”

    फिर जूली भी वहां से चली गयी|

    तभी बाकी bodyguards ने विराट का रास्ता रोकते हुए कहा, “sir please करिये| नहीं तो हमें पुलिस को बुलाना होगा|”

    फिर विराट ने अपनी ज़िद छोड़ते हुए कहा, “ठीक है| मैं जा रहा हूँ|”

    NV Pharmaceticals से बाहर निकलने के बाद विराट पेड़ के नीचे आकर बैठ गया| और मंत्रो पर ध्यान लगाने लगा| वैसे तो विशाखा ने उसे अपना bodyguard बनाने से मना कर दिया था| लेकिन क्यूंकि ये काम उसका आखरी मिशन था तो वो इतनी जल्दी हार नहीं मान सकता था| इसलिए वो कंपनी के बाहर बैठा हुआ इंतज़ार कर रहा था|

    तभी एक आदमी ने सामने से आकर विराट से कहा , “मैं rocky हूँ| तुम्हारी fighting skills बहुत अच्छी है| मैं तुमसे लड़ना चाहता हूँ|”

    रॉकी वही आदमी था जो अंदर विराट से पहले लड़ा था| रॉकी एक वक़्त पर underground boxing clubs में fight करता था| लेकिन अब वो उस khoon खराबे वाली ज़िन्दगी से परेशान हो गया था| और वो अपनी ज़िन्दगी में थोड़ी शान्ति चाहता था| इसलिए उसने यहाँ bodyguard की position के लिए apply किया था| और विराट की काबिलियत को देखकर उसका उससे लड़ने का मन कर रहा था|

    तभी विराट ने अपनी आखें खोली और रॉकी से कहा, “मुझे तुमसे लड़ने का कोई शौक नहीं है|”

    उसके बाद विराट वापस से ध्यान करने लगा| ये देखकर रॉकी ने विराट से कहा, “तुम्हें क्या ये लगता है की मैं तुमसे लड़ने लायक नहीं हूँ?”

    विराट ने बहुत इत्मिनान से rocky को जवाब देते हुए कहा, “ऐसा कुछ नहीं है| मेरे पास इतना वक़्त नहीं है|”

    तभी रॉकी ने कहा, “अगर तुम मुझसे लड़ने को मना कर रहे हो| इसका मतलब तुम मुझे अपने से कम आक रहे हो और ये मैं बर्दाश नहीं कर सकता और इसकी सजा तुम्हें मिलेगी|”

    फिर रॉकी ने अपने हाथ की मुठ्ठी बनायीं और विराट पर हमला करने के लिए तैयार हो गया|

    उसकी उस हरकत पर विराट ने उससे कहा, “तुम पागल हो गए हो|

    लेकिन रॉकी के सिर पर इस वक़्त लड़ाई का भूत सवार था| और उसने गुस्से में विराट की शर्ट को खींच कर उसे ऊपर उठाने की कोशिश की| ये देखकर विराट ने रॉकी पर चिल्लाते हुए कहा, “तुम मरना चाहते हो?”

    थोड़ी ही देर में दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो गयी| एक security guard ने उन्हें लड़ते हुए देख लिया था| जिसे देखकर वो excited हो गया और अपने बाकी दोस्तों को बुला कर ले आया| ताकि उनकी लड़ाई देख सके|

    उधर रॉकी और विराट एक लड़ाई में एक दूसरे को कांटे की टक्कर दे रहे थे| हालाँकि विराट रॉकी पर ज़्यादा भारी पड़ रहा था| तभी रॉकी विराट के और करीब गया और और उनसे उसकी calf muscles पर बहुत तेज़ी से kick किया|

    रॉकी को अपनी kicks पर बहुत भरोसा था| जब भी वो अपनी leg की training करता था वो ना जाने कितने ही नारियल के पेड़ो ऐसे ही गिरा देता था| under ground fight क्लब की दुनिआ में लोग उसके पेरो को लोहे का बताते थे|

    लेकिन विराट उससे भी ज़्यादा तेज़ था| उसने खुद को बहुत अच्छे से defence किया और फिर हवा में उड़ते हुए रॉकी के चेहरे पर बहुत सारे मुक्के मारे| जिस वजह से रॉकी ज़मीन पर गिर गया और बहुत देर तक उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई।

    जिसे देखकर विराट और बाक़ी सिक्योरिटी गार्ड घबरा गये। उन्हें लगा की रॉकी मर गया था।

    उसी वक्त रॉकी के शरीर में हलचल हुई। वो ज़िंदा था।

    फिर विराट ने रॉकी को धमकाते हुए कहा, “अगर तुमने आगे मुझे परेशान किया तो मैं तुमको जिंदा नहीं छोडूंगा|“

    उसके बाद विराट वापस से पेड़ के नीचे जाकर बैठ गया और आँख बंद करके ध्यान लगाने लगा| उधर रॉकी की विराट से लड़ने की ज़िद्द पूरी हो गयी थी इसलिए वो चुप-चाप वहाँ से चला गया।

    थोड़ी देर बाद वहां के 5 security guard विराट के चारों ओर घेरा बना कर बैठ गए| तभी उनमे से एक बॉडीगार्ड ने विराट से कहा, “भाई, आप बहुत अच्छा लड़ते है| हमें भी कुछ सिखाइए|“

    फिर एक दूसरे security guard ने विराट से कहा, “भाई आप हमारे साथ security रूम में चलिए| हम लोग वहां बैठकर आराम से बात करते है|"

    विराट जब security रूम में पंहुचा तो उन लोगों ने विराट को उसका हुलिया ठीक करने के लिए एक साफ़ तौलिया दिया और साथ ही ठन्डे पानी की bottle भी पकड़ाई|

    फिर विराट ने उन सभी से कहा, “आज से मैं विशाखा सिंह का बॉडीगार्ड हूँ| वो जैसे ही कंपनी से बाहर जाए मुझे ख़बर कर देना| मैं तुम लोगों को जल्द ही अपनी fighting techniques सिखाऊंगा| लेकिन अभी के लिए मुझे आराम करना है और हां…तुममे से कोई ये खरीद कर ले आओ|”

    विराट ने अपनी जेब से एक पर्ची निकाली जिसमें कुछ आयुर्वेदिक दवाइयों के नाम थे| उसकी बात मानते हुए एक आदमी वो सारी दवाइयां ले आया| जिन दवाइयों का पानी में घोल बनाकर विराट एक ही झटके में पी गया| तब तक एक security guard विराट के लिए एक plate lunch ले आया था| लेकिन विराट की diet देखकर वो हैरान रह गया और विराट का पेट भरने के लिए उसने उसे अपना lunch भी दे दिया|

    **********

    वहीं उस वक्त, विशाखा सिंह अपनी laboratory में कुछ research papers देख रही थी तभी उसका फोन रिंग हुआ|

    उसने फ़ोन screen की तरफ देखा तो उसके दादा जी की कॉल आ रही थी|

    “Hello दादा जी, आप कैसे है?”

    विशाखा ने बहुत ही विनम्र भाव के साथ उनसे सवाल किया|

    तभी उसके दादा जी ने जवाब दिया|

    “मैं बिलकुल ठीक हूँ| बेटा, मैंने तुम्हें ये बताने के लिए कॉल किया था कि मैंने तुम्हारे लिए एक personal bodyguard ढूंढ लिया है| उसका नाम विराट सिंह रायज़ादा है| आज वो तुमसे मिलने NV Pharmaceuticals आने वाला है| क्या वो पहुंच गया?”

    अपने दादा जी की बात सुनकर विशाखा एक पल के लिए हैरान हो गयी| उसने मन ही मन कहा, “कहीं दादा जी उस विराट की बात तो नहीं कर रहे जिसने मेरे साथ बदतमीजी की थी?”

    फिर उसने अपने दादा जी को जवाब दिया|

    “दादा जी वो मुझे पसंद नहीं आया| इसलिए मैंने उसे वापस भेज दिया|”

    विशाखा की उस बात पर उसके दादा जी ने कहा, “क्या? ये तुमने क्या किया बेटा? मैंने किसी से बहुत request करके विराट को इस काम के लिए बुलाया था और तुमने उसे वापस भेज दिया|”

    तभी विशाखा ने अपने दादा जी से कहा, “दादा जी, वो IQ test पास नहीं कर पाया था| उसके सिर्फ 100 marks आये थे| जिस हिसाब से उसका IQ आम लोगो की तरह है| ऊपर से मुझे उसका रवैया अच्छा भी नहीं लगा| इसलिए मैंने उसे बाहर कर दिया|”

    तभी फोन के दूसरी तरफ से आवाज़ आयी|

    “विशाखा, मैं बहुत मुश्किल से विराट को ढूंढ पाया हूँ और ये IQ test इतना मायने नहीं रखता| वो तुम्हें अच्छे से protect कर सकता है| तुम उसको रोको| तुम जानती हो ना, वो खबर अब धीरे-धीरे करके पूरे शहर में फैलने लगी है| तुम्हारे ऊपर खतरा बढ़ने वाला है| इसलिए तुम जल्द से जल्द विराट को काम पर रख लो|”

    विशाखा अभी भी अपने दादा जी की बात से सहमत नहीं थी| आज जितने भी bodyguard आये थे| उन सब में से सबसे ज़्यादा ना पसंद उसे विराट ही था| उसके हिसाब से एक तो विराट ने बदतमीजी की ऊपर से वो अपनी गलती मानने को भी तैयार नहीं था| लेकिन वो अपने दादा जी की बात को भी टाल नहीं सकती थी|

    इसलिए उसने अपने दादा जी से कहा, “ठीक है दादा जी| मैं समझ गयी| अब मैं फोन रखती हूँ। आप अपना ध्यान रखना|”

    फिर वो अपने काम में busy हो गई और विराट से बात करना भूल गई|

    *****

    शाम के पांच बज रहे थे| Nv Pharmaceutical की laboratory से एक-एक करके लोग बाहर निकल रहे थे| विशाखा ने भी अपने कपड़े बदल लिए थे और बाहर निकलने के लिए तैयार हो गयी थी| उधर विराट security room में बैठा हुआ विशाखा के बाहर आने का इंतज़ार कर रहा था|

    उस वक्त Nv Pharmaceutical से कुछ ही दूरी पर एक van खड़ी थी| जिसके अंदर कुछ नक़ाबपोश गुंडे बैठे थे जो बहुत देर से कंपनी के दरवाज़े पर नज़र रखे हुए थे|

    थोड़ी देर में एक black Mercedes कंपनी से बाहर निकली| विराट को गार्ड ने बता दिया था कि वो विशाखा सिंह की गाड़ी थी| जैसे ही विशाखा की गाड़ी वहां से बाहर निकली वो van भी उसका पीछा करने लगी| वो घटना विराट ने देख ली थी इसलिए वो जल्दी से भागता हुआ उन लोगों के पीछे चल दिया|

    विशाखा की गाड़ी कुछ कदम आगे ही बड़ी थी कि अचानक से एक गाड़ी ने विशाखा की कार का रास्ता रोक लिया और उसके अंदर से आठ लोग अपने चेहरे पर काला मास्क लगाए और हाथों में बड़े चाकू लिए बाहर निकल आए।

    To be continued

    क्या लगता है आप लोगों को कौन है वह लोग जो विशाखा की गाड़ी के सामने आकर खड़े हो गए हैं और क्या वह लोग विशाखा को नुकसान पहुंचाएंगे जानने के लिए कहानी को पढ़ते रहिए डेली

  • 11. The Great Warrior of the Universe - Chapter 11

    Words: 1650

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 11

    उन्होंने विशाखा की ब्लैक Mercedes की तरफ एक बम फेंका और फिर थोड़ी ही देर में उसको चारो तरफ से घेर लिया था| ये देखकर विशाखा के एक बॉडीगार्ड ने उससे कहा, “Mam , आप जल्दी गाड़ी से उतर जाइए| हमारी गाड़ी के पास एक bomb है|”

    विशाखा हड़बड़ी में अपनी गाड़ी से बाहर निकल गयी| उसके साथ-साथ उसके चार bodyguard भी बाहर आ गए| तब तक उन आठ नकाबपोश गुंडों ने उन लोगों को चारो तरफ से घेर लिय और विशाखा के bodyguards से लड़ना शुरू कर दिया| वो सब देखकर विशाखा बहुत घबरा गयी और बचने के लिए कंपनी की तरफ भागी| तभी वहां चार security गार्ड आ गए| जिनके हाथ में लोहे की सरिया थी लेकिन उन नकाबपोश गुंडों को देखकर उनकी हालत ख़राब हो गयी थी और वो अपनी जगह पर ही खड़े रह गए|

    विशाखा उस वक़्त मदद के लिए चिल्ला रही थी| तभी उसकी नज़र विराट पर पड़ी और उसने कहा, “विराट, मुझे बचा लो|”

    विराट ने तब तक उन security guard के हाथों से दो लोहे की सरिया ले ली थी और लड़ने के लिए उन गुंडों की तरफ बढ़ चुका था।

    तभी विराट ने विशाखा से कहा, “जाओ, जाकर security room में छुप जाओ|”

    उस वक़्त और भी कुछ लोग ऑफिस से बाहर आ रहे थे| लेकिन ये खौफनाक मंज़र देखकर वो उलटे पाँव ऑफिस के अंदर भाग गए|

    विशाखा के चार personal bodyguards को घायल करके वो आठ लोग विराट की तरफ बड़े| विराट बड़ी ही बहादुरी से उन सभी का सामना करने लगा| फिर बहुत देर तक उन लोगों की लड़ाई चली| उस लड़ाई में विराट को भी कई चोटे आयी| लेकिन जिस तरह से विराट अकेले ही उन आठ लोगों पर भारी पड़ रहा था वो देखकर वहां के सारे security guards हैरान थे| उन्होंने ऐसी लड़ाई आज तक सिर्फ फिल्मों में ही देखी थी| असल ज़िन्दगी में भी कोई इतना ताकतवर हो सकता था उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था|

    उधर विशाखा डर के मारे security room में छुपी हुई थी|

    थोड़ी देर बाद विराट अंदर security room में आया और उसने विशाखा से कहा, “तुम ठीक हो?”

    उसपर विशाखा ने घबराते हुए कहा, “हां”

    फिर विराट ने वहां के security guards के ऊपर चिल्लाते हुए कहा, “तुम लोग मेरा मुँह क्या देख रहे हो| तुमने अभी तक पुलिस और ambulance को क्यों नहीं बुलाया?”

    विराट के मुँह से डांट खा कर उन लोगों ने तुरंत अपना फोन निकाला और पुलिस और ambulance को कॉल किया|

    विशाखा का उस वक्त डर के मारे बुरा हाल था| वो आठ नकाब पोश आदमी बहुत खतरनाक थे और विराट ने उन सभी को बहुत बेरहमी से मारा था| जिस वजह से विशाखा को विराट से भी डर लग रहा था|

    तभी विराट ने विशाखा से कहा, “विशाखा, तुम्हारे पास दिमाग नहीं है क्या? तुम्हारी कार bullet proof है| फिर तुम्हें उससे बाहर निकल कर मौत के मुँह में जाने की क्या ज़रुरत थी?”

    विराट के मुँह से अपना नाम सुनकर विशाखा एक पल के लिए हैरान हो गयी थी| वो उस वक़्त उसे किसी छोटे बच्चे की तरह डांट रहा था| तभी विशाखा ने अपनी सफाई देते हुए घबराई हुई आवाज़ में कहा, “वो..मैं..वो मेरे bodyguard ने मुझे बाहर निकलने को कहा था| क्योंकि उन लोगों ने हमारी गाड़ी की तरफ bomb फेंक दिया था|”

    तभी विराट ने विशाखा का हाथ पकड़ा और उसे खींचकर बाहर ले जाने लगा| विशाखा के नाज़ुक और कोमल हाथ इस वक्त विराट के भारी और खुरदुरे हाथों में थे| वो उस वक़्त विशाखा को बाहर उसकी गाड़ी की तरफ ले जा रहा था और विशाखा उसकी तरफ बिना पलक झपकाए देखे जा रही थी| वो उस वक़्त अपने आप को विराट के साथ बहुत सुरक्षित महसूस कर रही थी।

    फिर विराट ने विशाखा का हाथ छोड़ा और उसे उसकी गाड़ी के सामने खड़ा कर दिया| फिर विराट ने उस bomb को अपने हाथ में उठाते हुए विशाखा से कहा, “ये तुम्हें bomb दिख रहा है? इसे ढंग से देखो। ये एक नकली bomb है|”

    उस नकली bomb को देखकर विशाखा का डर कुछ कम हुआ|

    फिर विराट ने विशाखा को समझाते हुए कहा, “अगर उन लोगों को तुम्हें bomb से उड़ाना होता तो वो group में चाकू-छुरी लेकर नहीं आते| ये काम कोई एक अकेला आदमी ही कर देता और अगर वो असली bomb होता तो उसे फेंकने के बाद वो लोग तुम्हारे इतने करीब नहीं रहते| इससे ये बात साफ हो जाती है की वो तुम्हें मारने नहीं kidnap करने आये थे| personal bodyguard रखने का ये मतलब नहीं कि तुम अपना दिमाग घर पर छोड़ आओ| समझी | क्योंकि इस बात की कोई गारंटी नहीं कि तुम्हारा bodyguard तुम्हें हर बार बचा लेगा| आज ही देख लो| तुम्हारे साथ क्या हो सकता था|"

    विराट की उस बात को सुनकर विशाखा ने बच्चों की तरह अपना सिर हिलाते हुए कहा, “ठीक है| मैं समझ गयी|”

    विशाखा को उस वक्त विराट का उसको लेकर protective nature अच्छा लग रहा था| उसे विराट की डांट के पीछे उसकी concern समझ में आ रही थी|

    *********

    उसी रात, करीब आठ बजे| साउथ मुंबई की एक luxurious villa की दूसरी मंजिल पर एक अधेड़ उम्र का पतला लम्बा आदमी खड़ा था| उसके बाल गर्दन तक लंबे थे जो उस वक्त हवा चलने की वजह से हलके-हलके हवा में उड़ रहे थे| उसके पीछे उसी की उम्र का एक आदमी और खड़ा था| जिसकी height उस आदमी से कम थी| लेकिन उसका शरीर इस उम्र में भी काफी कसा हुआ था और उसकी गर्दन पर काले और लाल रंग के बिच्छू का टैटू गुदा हुआ था|

    तभी उस टैटू वाले आदमी ने अपना सिर झुकाते हुए कहा, “सर, एक बुरी खबर है| हम विशाखा सिंह को पकड़ नहीं पाए और हमारे सारे आदमी बुरी तरह से घायल हो गए है और इस वक्त पुलिस की निगरानी में हॉस्पिटल में भर्ती है| किसी के हाथ टूट गया है तो किसी के सिर पर बहुत बुरी चोट आयी है|”

    ये सुनकर उस लम्बे बाल आदमी ने हँसते हुए कहा, “ये तो होना ही था| राजनाथ सिंह इतनी आसानी से अपनी पोती को हमारे हाथ नहीं लगने देगा| उसने ज़रूर उसकी safety के लिए कोई अच्छा bodyguard hire किया होगा| वहां क्या हुआ? मुझे पूरी खबर चाहिए|”

    तभी उस टैटू वाले आदमी ने कहा, “एक नौजवान लड़के ने विशाखा सिंह की जान बचायी है| उसने अकेले ही हमारे सारे आदमियों की बहुत बुरी हालत की है|”

    ये सुनकर लम्बे बाल वाले आदमी ने कहा, “अच्छा, कौन है वो? उसके बारे में पता करो| और हाँ वो ख़बर अब तक बाकी लोगों तक भी पहुँच गयी होगी| इसलिए आने वाले समय में विशाखा को ढूंढते हुए और भी कई लोग आएंगे| इसलिए जितना जल्दी हो सके जीत हमें ही हासिल करनी है| समझे?”

    “Yes sir “

    दूसरे आदमी ने अपना सिर झुकाते हुए जवाब दिया|

    ******

    वहीं दूसरी तरफ उस वक्त विराट और विशाखा पुलिस स्टेशन में बैठे हुए थे| पुलिस स्टेशन में बाकी formalities पूरी करते हुए उन्हें रात के नौ बज गए थे|

    तभी विशाखा ने विराट से कहा, “विराट, मुझे बहुत भूख लग रही है| हमें कुछ खा लेना चाहिए|”

    उसपर विराट ने जवाब दिया|

    “मुझे भी, चलो|”

    विशाखा के पापा ने तब तक उसके लिए अपना ड्राइवर भेज दिया था| जिसके साथ वो दोनों खाने के लिए साउथ मुंबई की एक लोकल स्ट्रीट फ़ूड मार्केट में गए| जब विराट, विशाखा के साथ उस लोकल स्ट्रीट फूड मार्केट में पहुंचे तब वो हैरान हो गया था| उसने सोचा नहीं था कि इतने अमीर घर की लड़की भी लोकल स्ट्रीट फूड मार्केट में जाती होगी| इस वक्त मार्केट में बहुत चहल पहल थी और स्ट्रीट फूड की बहुत अच्छी खुशबू भी आ रही थी| जिसे देखकर विराट की भूख और बढ़ गयी थी|

    तभी विराट की नज़र किसी जाने पहचाने चेहरे पर पड़ी और उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ गयी।

    तभी विराट ने नैना की दुकान की तरफ इशारा करते हुए विशाखा से कहा, “हम उस दुकान में चलते है| मैं उस लड़की को जानता हूँ|”

    विशाखा खाने को लेकर ज़्यादा choosy नहीं थी| इसलिए वो विराट की बात मानते हुए नैना की दुकान की तरफ चल दी| हालांकि वो विराट की उस बात से हैरान थी कि वो उस मार्केट में किसी को कैसे जानता था| क्योंकि विराट ने उसे कुछ देर पहले ही बताया था कि वो कल ही ज़िन्दगी में पहली बार मुंबई आया था|

    जब विशाखा की नैना पर नज़र पड़ी तो वो उसे देखती ही रह गयी| वो एक साधारण दिखने वाली खूबसूरत लड़की थी| जिसकी उम्र करीब बीस साल होगी|

    वहीं जब नैना ने विराट को उसकी दुकान पर देखा तो उसका चेहरा अचानक से खिल उठा और फिर उसने चहकते हुए विराट से कहा, “भाई, आप यहाँ?”

    उसपर विराट ने एक हलकी मुस्कराहट चेहरे पर लिए नैना को जवाब दिया|

    “मैं इस मार्किट में खाने के लिए आया था| तुम्हें यहाँ देखकर सोचा की तुम्हारी दुकान से ही खा लेता हूँ| अब तुम्हारे पापा कैसे है?”

    तभी नैना ने विराट से कहा, “पापा अब बिल्कुल ठीक है| उनके पैर की सर्जरी अच्छे से हो गयी है और अभी हॉस्पिटल में आराम कर रहे है|”

    फिर नैना एक छोटे बच्चे की तरह उछलती हुई दुकान के अंदर काम कर रही अपनी मम्मी के पास गयी|

    “मम्मी, मैंने आपको कल विराट भाई के बारे में बताया था ना| वो यहाँ आए हैं|”

    कल रात को जब नैना ने अपनी मम्मी को विराट के बारे में बताया था| तो पहली बार में उन्हें उसकी बात पर यकीन ही नहीं हुआ था| उनके हिसाब से ऐसा कोई आदमी कैसे हो सकता था जो उनकी बेटी की बिना किसी स्वार्थ के इतनी बड़ी मदद कर दे| उन्हें एक पल के लिए ऐसा लगा कि उनकी बेटी ने उन रुपयों के लिए खुद को बेच दिया था| लेकिन बाद में नैना ने अपनी मम्मी को अपनी बात अच्छे से समझायी| तब जाकर उन्हें नैना की बात पर यकीन आया और कल रात से वो विराट से मिलना चाह रही थी|

    To be continued

  • 12. The Great Warrior of the Universe - Chapter 12

    Words: 1602

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 12

    तभी नैना की मम्मी बाहर आयी और उन्होंने विराट के सामने हाथ जोड़ लिए| ये देखकर विराट ने उनसे कहा, “आंटी, ये आप क्या कर रही है? ये सब मत करिये|”

    उसपर नैना की मम्मी ने कहा, “बेटा, तुम तो हमारे लिए भगवान का रूप हो| तुम्हारी मदद की वजह से नैना के पापा की surgery अच्छे से हो गयी| तुम नहीं होते तो पता नहीं क्या होता और ये लड़की, इसको तो बिल्कुल भी अकल नहीं है| ये अपने पापा के इलाज के रुपये इकट्ठा करने के लिए मुझे बिना बताए ही खुद को बेचने चली गयी थी|”

    अपनी बात कहते हुए नैना की मम्मी की आँखें आंसुओं से भर गयी| तभी विराट ने उनसे कहा, “आंटी, बुरा वक़्त किसके सामने नहीं आता…| आप रोइये मत| अब सब ठीक है|“

    विराट को उस वक्त अपनी मम्मी-पापा की बहुत याद आ रही थी| वो यही सोच रहा था कि ना जाने वो लोग उस वक्त कैसी हालत में होंगे और वो उन्हें कब तक ढूंढ पाएगा|

    तभी नैना की मम्मी ने विराट और विशाखा से कहा, “आप लोग बैठो और पसंद का खाना order करो|“

    तभी नैना की नज़र विशाखा पर पड़ी। उसे विराट के साथ देखकर नैना ने मन ही मन कहा, “ये ज़रूर भाई की girlfriend होंगी| आखिर भाई दिल के इतने अच्छे है| इसलिए उन्हें इतनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड मिली है|”

    उसी वक़्त कुछ नौजवान लड़के-लड़किया नैना की दुकान की तरफ आ रहे थे| वो लोग दिखने में कॉलेज के बच्चे लग रहे थे| जिनमें से एक लड़के ने अपने हाथ में गुलाब के फूलों का एक गुलदस्ता पकड़ा हुआ था| तभी अचानक से विराट की नज़र उस लड़के पर पड़ी जिसने अपने हाथ में गुलाब के फूलों का गुलदस्ता पकड़ा हुआ था| उसे वो लड़का कुछ जाना पहचाना सा लग रहा था| थोड़ी देर तक सोचने के बाद विराट को इस बात का एहसास हुआ की इस लड़के की शकल प्रिंस से मिल रही थी|

    तभी विराट ने मन ही मन कहा, “ये लड़का ज़रूर प्रिंस का छोटा भाई है|”

    फिर विराट ने उस लड़के से ध्यान हटाया और अपना सारा ध्यान खाने में लगा दिया| विराट को उस वक्त बहुत ज़ोर से भूख लग रही थी और वो बिना रुके खाये जा रहा था|

    तब तक उन नौजवान लड़के-लड़कियों का झुंड नैना की दुकान तक आ गया था| उनमें चार लड़कियां थी और तीन लड़के थे| वो लोग काफी अच्छे से तैयार हो कर आये थे| और दिखने में किसी अमीर परिवार के लग रहे थे| नैना ने एक नज़र उन लोगों की तरफ देखा लेकिन फिर उन्हें नज़रअंदाज़ करते हुए वापस से chicken को gril करने लगी|

    तभी जिस लड़के के हाथ में गुलदस्ता था उसने नैना से कहा, “नैना, आज मेरा birthday है और हम सब पार्टी करने के लिए क्लब जा रहे है| तुम भी चलो|”

    नैना ने उन लोगों की बात का कोई जवाब नहीं दिया और अपना काम करने लगी|

    तभी नैना की मम्मी ने उस लड़के से कहा, “बेटा, हमें इस वक्त बहुत काम है| इसलिए आप लोग जाओ| नैना नहीं आ पाएगी|”

    ये सुनते ही उस लड़के ने अपनी जेब से रुपयों की चार गड्डी निकाली और सामने टेबल पर फेंकते हुए बदतमीजी से कहा, “ये रहे बीस हज़ार रूपये| इतने रूपये तो तुम लोग एक दिन में कभी नहीं कमा पाओगे| इसलिए आज अपनी दुकान बंद करो और नैना को मेरे साथ भेजो| आज मेरा, यश राजपूत का birthday है और उससे ज़रूरी कोई काम नहीं हो सकता|”

    नैना की मम्मी को यश का ये रवैया बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा| लेकिन वो जानती थी कि यश काफी अमीर और ताकतवर परिवार से आता था| इसलिए वो उसे कोई उल्टा जवाब नहीं दे सकती थी| फिर उन्होंने टेबल से वो रूपये उठाये और यश को वापस करते हुए कहा, “बेटा, हमें ये रुपये नहीं चाहिए| आप लोग जाओ|”

    उस बात पर यश भड़क गया और उसने बहुत ही बदतमीजी से नैना की मम्मी से कहा, “ये रुपये तुमने छू लिए है| इसलिए ये अब गंदे हो गए है| अब या तो आज तुम नैना को मेरे साथ भेजो या तुम मुझे इसके दोगुना रुपये वापस करो|“

    ये सुनकर नैना की मम्मी ने हैरान होकर यश से कहा, “बेटा, ये क्या बात हुई| मैं तो आपके सारे रुपये वापस कर रही हूँ|”

    तभी यश ने नैना की मम्मी को नीचा दिखाते हुए कहा, “मेरे रूपये बहुत कीमती है और तुमने उसे छूकर गन्दा कर दिया है| उसकी भरपाई तो तुमको देनी ही पड़ेगी|“

    यश की उस बात पर नैना की मम्मी को बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वो मज़बूर थी और समझ नहीं पा रही थी कि वो यश को क्या जवाब दे|

    फिर यश ने नैना की तरफ देखते हुए कहा, “common नैना| तुम हमारे साथ चलो| मैं कबसे इतने प्यार से तुमसे request कर रहा हूँ|“

    यश उन लड़कों में से था जिसपर कॉलेज की सारी लड़किया फ़िदा थी| लेकिन नैना को यश बिलकुल पसंद नहीं था| क्योंकि नैना ही एक ऐसी लड़की थी जो यश को भाव नहीं देती थी| इसलिए यश नैना को रिझाने की कोशिश में लगा रहता था|

    तभी नैना ने यश से कहा, “तुम लोग जाओ| मुझे सच में बहुत काम है| मैं नहीं आ सकती|”

    यश ने एक दो बार और नैना को मनाने की कोशिश की लेकिन नैना अपनी बात पर अड़ी रही| जिस वजह से यश को गुस्सा आ गया और अपने एक दोस्त के कान में कुछ कहा|

    फिर यश के दोस्त ने नैना की दुकान के काउंटर पर ज़ोर से हाथ मारते हुए कहा, “जल्दी से हमारे रुपये वापस करो नहीं तो हम इस दुकान को तहस-नहस कर देंगे|

    विशाखा बहुत देर से उस तमाशे को देख रही थी| उससे ये सब अब और देखा नहीं गया और वो उन लोगों को सबक सिखाने के लिए अपनी जगह से उठ ही रही की लेकिन तभी विराट ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वापस बिठा दिया| फिर विराट अपनी जगह से उठकर यश के पास गया और उसकी शर्ट का कॉलर पकड़ कर उसे घसीटता हुआ दुकान से बाहर ले गया|

    तभी यश ने चिल्लाते हुए कहा, “छोड़ मुझे| कौन हो…|”

    इससे पहले की यश आगे कुछ बोल पाता, विराट ने उसे ज़मीन पर पटक दिया और उसके सीने पर पैर रखकर उसे बिना रुके थप्पड़ लगाने लगा| तभी यश ने चिल्लाते हुए कहा, “कौन है तू? और मुझे हाथ कैसे लगाया|”

    विराट ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और बिना रुके उसे थप्पड़ मारता रहा| तभी यश ने विराट को उंगली दिखाते हुए कहा, “तू जानता नहीं है, मैं कौन हूँ| मैं तुझे…|”

    इतने में विराट ने यश की ऊँगली ज़ोर से मोड़ दी और यश दर्द के मारे कराहने लगा| जिस वजह से आस-पास बहुत भीड़ जमा हो गयी थी| लेकिन कोई भी यश को बचाने नहीं आ रहा था| दरअसल उस स्ट्रीट मार्किट के सभी लोग यश और उसके दोस्तो के रवैये से बहुत परेशान थे| इसीलिए आज यश को विराट से मार खाता हुआ देख कर बहुत खुश हो रहे थे|

    तभी विराट ने यश से कहा, “तुम ये नहीं जानते की मैं कौन हूँ| इसलिए घर जाकर अपने भाई से पूछ लेना|”

    तभी यश के एक दोस्त ने डरते हुए विराट से कहा, “ये तुम सही नहीं कर रहे हो| अगर तुम जानते कि ये कौन है तो तुम कभी भी इसपर हाथ उठाने की हिम्मत नहीं करते|"

    विराट ने यश के दोस्त को घूरते हुए कहा, “इसको यहाँ से ले जाओ और आगे से तुममे से कोई भी मुझे यहाँ नहीं दिखना चाहिए| नहीं तो मैं तुम लोगों का वो हाल करूँगा जिसके बारे में तुमने सपने में भी नहीं सोचा होगा|”

    उसके बाद यश के दोस्त उसे वहां से उठा कर ले गए| जाते वक़्त यश बच्चो की तरह रो रहा था| उसने दर्द के मारे रोते हुए अपने दोस्तों से कहा, “मुझे हॉस्पिटल लेकर चलो| मेरी ऊँगली| कोई मम्मी को कॉल करो| मम्मी…|”

    यश के वहां से चले जाने के बाद विराट अपनी जगह पर आकर बैठा और अपने बैग से आयुर्वेदिक घोल निकाल कर एक ही घूंट में पी गया| तभी विशाखा ने उससे कहा, “विराट, ये कुछ ज्यादा नहीं हो गया| तुम जानते भी हो वो लड़का यश राजपूत था| राजपूत परिवार का छोटा बेटा| राजपूत परिवार मुंबई के ताकतवर और अमीर परिवारों में से एक है और तुमने बिना बात के उसकी उंगली मोड़ दी। तुम उसको खाली धमका सकते थे।

    उसपर विराट ने विशाखा से कहा, “मैं पहले ही राजपूत परिवार के बड़े बेटे को सबक सिखा चुका हूँ| इसलिए आज लगे हाथ छोटे बेटे की भी अकल ठिकाने कर दी है।"

    विराट की उस बात को सुनकर विशाखा का मुँह फटा का फटा रह गया| उसने तुरंत विराट से सवाल किया|

    “क्या? इसका मतलब तुमने राजपूत परिवार के बड़े बेटे को भी पीटा है?”

    उधर विशाखा के ड्राइवर के पसीने छूट गए थे| उसे अभी विराट के बगल में बैठकर बहुत डर लग रहा था|

    तभी विशाखा ने मन ही मन कहा, “ये लड़का पागल है क्या? मैंने इसको अपना बॉडीगार्ड रख कर कोई गलती तो नहीं कर दी?”

    तभी नैना की मम्मी ने विराट के पास आकर उससे कहा, “बेटा, तुम यहाँ से जल्दी निकल जाओ| वो बहुत खतरनाक लोग है| वो तुमसे बदला लेने के लिए ज़रूर किसी को भेजेंगे|”

    इसपर विराट ने कहा, "आपको उन लोगों से डर कर रहने की कोई जरूरत नहीं है| याद रखिये जो जितना झुकता है| लोग उसे उतना ज़्यादा झुकाते है|"

    नैना की मम्मी ने एक दो-बार और विराट को समझाने की कोशिश की लेकिन विराट किसी की सुनने वाला नहीं था| तभी उसने नैना को अपने पास बुलाया और उसको एक पर्ची देते हुए कहा, “नैना मेरा एक काम कर दो| जल्दी से ये आयुर्वेदिक दवाइयां लेकर आ जाओ|”

    To be continued

  • 13. The Great Warrior of the Universe - Chapter 13

    Words: 1595

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 13

    तभी नैना ने विराट से कहा, “ठीक है भाई| और कुछ?”

    नैना की उस बात पर विराट ने ना में सिर हिला दिया और फिर विशाखा से कहा, “विशाखा, तुम नैना को रुपये दे दो|”

    उस बात पर विशाखा ने अपने मन में कहा, “ये तो मुझ पर ऐसे रौब जमा रहा है जैसे ये मेरा बॉस होगा|”

    फिर विशाखा ने अपने पर्स में से रुपये निकालकर नैना को दे दिए| लेकिन नैना ने वो रुपये लेने से मना कर दिया|

    तभी विराट ने एक बड़े भाई की तरह नैना को डाँटते हुए कहा, “एक थप्पड़ मारूंगा| अकल आ जाएगी| चुपचाप ये रुपए लो और जितने रुपये बच जाये वापस लौटा देना|”

    विराट से डांट पड़ने पर नैना को अच्छा लग रहा था| नैना को एक बड़े भाई की कमी हमेशा खलती थी। वो यही सोचती थी कि काश उसका कोई बड़ा भाई होता और आज विराट के उसके जीवन में आ जाने से उसकी ज़िन्दगी में एक भाई की कमी पूरी हो गयी थी|

    तभी नैना ने एकदम से विराट के सीने से लगकर कहा, "थैंक यू भाई।"

    क्या नैना की मम्मी का परेशान होना ठीक था? यश राजपूत विराट को मारने के लिए क्या सच में और लोगों को लेकर आएगा? या फिर चुप-चाप अपने घर जाकर बैठ जाएगा?

    पिछले एपिसोड में हमने सुना था कि विराट ने नैना को उसके लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाइयाँ लेने के लिए भेजा था। थोड़ी देर बाद नैना विराट के लिए बाजार से उसकी आयर्वेदिक दवाइयां ले आयी थी| जिनका घोल बनाकर विराट एक ही सांस में घटक गया था|

    तभी अचानक से विराट की नज़र उस मार्किट में आते हुए कुछ जाने पहचाने चेहरों पर पड़ी| जिन्हें देखकर उसके चेहरे पर एक हलकी सी शैतानी मुस्कराहट आ गयी और उसने अपना शरीर तान लिया|

    यश राजपूत अपने साथ बहुत सारे गुंडों को लेकर विराट की तरफ ही आ रहा था| उन लोगों के मार्किट में घुसने की वजह से वहां के सभी लोग घबरा गए थे| सभी को पता था आगे क्या हो सकता था| इसलिए उन्होंने अपने stalls दूकान के थोड़े अंदर कर लिए थे| नैना और उसकी मम्मी जानते थे कि यश, विराट से लड़ने के लिए आ रहा था| लेकिन वो अभी भी उस बात को यही रोक देना चाहते थे| इसलिए वो यश को शांती से मानाने के लिए अपनी दूकान के आगे आकर खड़े हो गए|

    इससे पहले की नैना की मम्मी यश से कुछ कहती| यश ने विराट की तरफ इशारा करते हुए अपने साथ आये बहुत ही खतरनाक दिखने वाले एक आदमी से कहा, “ये है वो लड़का|”

    तभी विशाखा उठकर यश के पास गयी और उसको समझाने लगी|

    “Mr यश राजपूत, मैं विशाखा सिंह| NV pharmaceuticals की CEO , आप मुझे जानते ही होंगे| विराट मेरा दोस्त है| क्यों ना हम लोग साथ बैठकर इस मामले को सुलझा ले|”

    अभी तक Yash का ध्यान सिर्फ विराट पर था इसलिए उसकी नज़र विशाखा पर नहीं गई थी| विराट, विशाखा का दोस्त था| उस बात को सुनकर यश हैरान रह गया था| विशाखा सिंह भी मुंबई के काफी अमीर और जाने-माने ताकतवर सिंह परिवार से आती थी| हालाँकि सिंह परिवार, राजपूत परिवार जितना ताकतवर नहीं था| पर फिर भी वो नामी लोग थे।

    विशाखा दिखने में बहुत खूबसूरत थी और बात करने में भी| लेकिन यश उस वक़्त उसकी ख़ूबसूरती की वजह से अपने बदले से भटकना नहीं चाहता था|

    फिर उसने विशाखा की बात का जवाब देते हुए कहा, “मिस विशाखा, ये चाहे कोई भी हो| इसने मुझे, यश राजपूत को हाथ लगाने की हिम्मत की है| इसलिए आज इसको मरना ही होगा| इसलिए आप बीच में मत पढ़िए|”

    फिर यश ने कालिया की तरफ देखते हुए कहा, “कालिया, इसे मार डालो|”

    विराट अभी तक उन लोगों की तरफ पीठ करके बैठा था| इसलिए जैसे ही वो खड़ा होकर उनकी तरफ मुड़ा, कालिया और उसके बाकी आदमियों के होश उड़ गए|

    कालिया की नाक में अभी भी पट्टी बंधी हुई थी और चेहरे पर कई सारे चोट के निशान थे| उसके आदमियों का भी यहीं हाल था और ये सब विराट की ही देन थी| कल उसने उन लोगों को इतना ज़्यादा धोया था कि वो लोग अभी थोड़ी देर पहले तक हॉस्पिटल में थे|

    उस वक़्त विराट को वापस अपने सामने देख कर उन लोगों ने डर के मारे अपने कदम पीछे ले लिए थे|

    तभी यश ने कालिया पर चिल्लाते हुए कहा, “ये तुम क्या कर रहे हो| मारो उसे| मैं तुम्हें मुँह मांगी कीमत दूंगा|”

    तभी विराट ने कालिया की तरफ बढ़ते हुए कहा, “लगता है तुम मरना चाहते हो| मुझे तुम्हे कल ज़िंदा छोड़ना ही नहीं चाहिए था|“

    तभी कालिया भीगी बिल्ली की तरह विराट के पैरो पर गिर गया|

    “भाई, मुझे माफ़ कर दो| मुझे नहीं पता था कि आप हो|"

    कालिया की उस हरकत देखकर यश की आँखें फटी की फटी रह गयी और उसने कालिया पर चिल्लाते हुए कहा, “ये तुम क्या कर रहे हो?”

    लेकिन कालिया ने अब यश की एक नहीं सुनी और अपने आदमियों के साथ उलटे पाँव वापस भाग गया|

    फिर विराट ने यश की गर्दन पकड़ते हुए उसे धमकी दी|

    “ध्यान रहे, नैना मेरी बहन है| अगर उसे किसी ने हाथ भी लगाया तो मैं उसे ज़िंदा नहीं छोडूंगा|”

    फिर विराट ने उसके मुँह में दो-तीन मुक्के जड़ दिए| विराट का मुक्का किसी लोहे के औज़ार से कम नहीं था| थोड़ी ही देर में Yash का मुँह खून से भर गया| आज तक किसी ने Yash को एक थप्पड़ तक नहीं मारा था और आज विराट ने उसे ऐसा सबक सीखा दिया था जो वो कभी नहीं भूल पाता|

    तभी यश ने विराट पर चिल्लाते हुए कहा, “तुम, तुम देखना| मैं तुम्हें ज़िंदा नहीं छोडूंगा|”

    दोनों में कुछ देर हाथापाई हुई| लेकिन यश विराट के सामने ज़रा सी देर भी नहीं टिक पाया और विराट ने यश को मार-मार कर उसकी हालत ख़राब कर दी थी|

    तभी यश ने दर्द में कराहते हुए विराट कहा, “तुम पागल हो क्या?”

    उसपर विराट ने यश के पेट पर लात मारते हुए कहा, “तुम्हें मेरी बात समझ में आयी? या मैं फिर से समझाऊ?”

    “नहीं, नहीं…”

    यश ने विराट के सामने हाथ जोड़ दिया| उसके बाद यश के दोस्तों ने उसे वहाँ से ले जाने में ही सबकी भलाई समझी|

    यश के वहां से चले जाने के बाद विराट अपनी जगह पर जाकर बैठ गया।

    तभी विशाखा ने विराट को डाँटते हुए कहा, “विराट, तुम्हे नहीं लगता कि तुम्हारे अंदर कुछ ज़्यादा ही गुस्सा भरा हुआ है|”

    उसपर विराट ने विशाखा से कहा, “मुझे कुछ नहीं होगा और तुम्हें भी डरने की ज़रुरत नहीं है| मैं हूँ तुम्हारे साथ|”

    विशाखा को उस वक़्त विराट पर बहुत गुस्सा आ रहा था| उसके हिसाब से विराट को उन लोगो से इतना पन्गा नहीं लेना चाहिए था|

    जब सबने खाना ख़तम कर दिया, तब विराट ने नैना की मम्मी से बिल लाने के लिए कहा| लेकिन उन्होंने विराट से रूपये लेने के लिए मना कर दिया|

    तभी विराट ने उनसे कहा, “आप जल्दी से मुझे बिल बताइये| नहीं तो मेरा गुस्सा आप जानती ही है|”

    विराट की बात मानते हुए नैना की मम्मी ने विराट को खाने का खर्चा बता दिया| तभी विराट ने विशाखा की तरफ देखते हुए कहा, “इनको बिल pay कर दो|”

    विराट की उस बात को सुनकर विशाखा बिना किसी भाव के उसके चेहरे को देखती रह गयी|

    उसने मन ही मन खुद से कहा, “ये कितना अजीब लड़का है| मेरा बॉडीगार्ड होकर मुझे ही आर्डर कर रहा है|"

    “क्या हुआ? तुम मुझे ऐसे क्यों देख रही हो?”

    विराट ने विशाखा से सवाल किया|

    लेकिन विशाखा ने विराट की उस बात का कोई जवाब नहीं दिया|

    फिर विराट ने नैना से विदा लेते हुए कहा, “अब मैं चलता हूँ| तुम्हें जब भी मेरी ज़रुरत हो, तुम मुझे कॉल कर लेना|”

    तभी नैना, विराट के सीने से लिपट गयी| उसका विराट को वहां से जाने देने का मन नहीं था| विराट की वजह से वो पहली बार ज़िन्दगी में खुद को बहुत ही सुरक्षित महसूस कर रही थी|

    तभी नैना ने भावुक होकर विराट से कहा, “भाई, आप मुझसे मिलने आते रहना|”

    उसपर विराट ने नैना के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा|

    “अबसे मैं डिनर यही करूँगा|”

    फिर विराट, विशाखा और उसके ड्राइवर के साथ वहां से चला गया|

    ********

    उस घटना के करीब एक घंटे बाद, साउथ मुंबई की एक पौष हवेली के drawing हॉल में उस वक़्त यश राजपूत सोफे पर बैठा हुआ था| उसके एक हाथ में प्लास्टर बंधा था और उसका पूरा चेहरा सूज कर लाल हो गया था| वो उस वक़्त दर्द के मारे कराह रहा था|

    उसके सामने उस वक़्त उसकी एक अधेड़ औरत बैठी हुई थी| जो उसके चेहरे पर दवाई लगा रही थी।

    वही यश रोते हुए उस औरत को आज की घटना के बारे में बताने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मुँह सूज जाने की वजह से उसे बोलने में भी तकलीफ हो रही थी|

    तभी उस औरत ने यश को चुप कराते हुए कहा, “यश, रोयो मत| जिसने भी तुम्हारे साथ ऐसा किया है। मैं उसे नहीं छोडूंगी|”

    वो औरत यश की मम्मी थी। जो उस वक्त बहुत परेशान लग रही थी।कल किसी ने उसके बड़े बेटे की ऊँगली तोड़ दी थी और आज किसी ने उसके छोटे बेटे को मार-मार कर उसका इतना बुरा हाल कर दिया था| ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी ने राजपूत परिवार से सामने से पंगा लिया था और वो उस बात का बदला लिए बिना चैन से बैठने वाली नहीं थी|

    यश के दादा जी यशवंत राजपूत उस वक़्त वहां बैठे हुए सिगार पी रहे थे। तभी उन्होंने यश को डांटते हुए कहा, “चुप कर जाओ| ऐसे बच्चो की तरह कब तक रोओगे|”

    To be continued

  • 14. The Great Warrior of the Universe - Chapter 14

    Words: 1591

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 14

    उसपर यश की मम्मी ने कहा, “पापा जी, ये आप कैसी बात कर रहे है| यश को इतना दर्द हो रहा है। उसकी हालत देखिए। जिस किसी ने भी हमारे बच्चे पर हाथ उठाया है। उसने राजपूत परिवार को ललकारा है| ऐसी हालत में हम कैसे चुप बैठ सकते है|”

    उसपर यशवंत राजपूत ने जवाब दिया|

    “तुम तो रहने ही दो| अगर तुमने अपने बच्चो को इतना सिर पर नहीं चढ़ाया होता तो आज ये इतने बिगड़े हुए नहीं होते| ये बात तुम भी अच्छे से जानती हो कि तुम्हारे दोनों साहब जादे अपनी ताकत का गलत फायदा उठाते है| इसलिए एक ना एक दिन तो इनके साथ ये होना ही था|”

    तभी यश की मम्मी ने कहा, “ठीक है पापा जी, आप कुछ मत करिये| मैं खुद देख लूंगी| मैं अपने बच्चो के लिए खुद लड़ सकती हूँ| चाहे कोई मेरा साथ दे या ना दे|”

    फिर वो यश को वहां से लेकर चली गयी| तभी यशवंत राजपूत ने गुस्से में अपने हाथ की मुट्ठी बनायीं और टेबल पर पटक दी|

    उस वक़्त वहाँ पर यश के पापा, युवराज राजपूत भी खड़े थे। वो चुप-चाप वहां खड़े उन लोगों की बातें सुन रहे थे|

    यश और उसकी मम्मी के वहां से चले जाने के बाद यशवंत राजपूत ने अपने बेटे युवराज की तरफ देखते हुए कहा, “ये औरत बिलकुल पागल है और कानून को अपने हाथो में लेने से पहले एक बार भी नहीं सोचेगी| इससे पहले की वो राजपूत परिवार की इज्जत मिट्टी में मिला दे| उसे रोको।”

    युवराज राजपूत की शादी राठौड़ परिवार की बेटी मेघना राठौड़ से हुई थी| मेघना राठौड़, राठौड़ परिवार की इकलौती बेटी और मान सिंह राठौड़ की छोटी बहन थी| वहीं मान सिंह राठोड जिनकी बेटी कृतिका राठौड़ का रिश्ता विराट से होने वाला था| लेकिन दो साल पहले कृतिका ने विराट से अपनी सगाई तोड़ दी थी|

    जबसे मेघना की शादी युवराज राजपूत से हुई थी| उस दिन से लेकर आज तक यशवंत राजपूत उन दोनों की शादी के अपने इस फैसले पर पछता रहे थे| यशवंत राजपूत के विचार अपनी बहु से बिलकुल नहीं मिलते थे| उनके हिसाब से मेघना बहुत ही घमंडी और ज़िद्दी किस्म की औरत थी जो अपने स्वार्थ के लिए कानून को भी अपने हाथ में लेने से पीछे नहीं हटती थी।

    ****

    उस वक़्त यश अपने कमरे में अपने बिस्तर पर बैठा आराम कर रहा था| उसके पास वाली कुर्सी में उसकी मम्मी मेघना राजपूत भी बैठी हुई थी|

    जिसका चेहरा उस वक़्त गुस्से से भरा हुआ था| फिर उसने यश से कहा, “बताओ मुझे वो कौन है? वो जो कोई भी होगा, मैं उसे तुम्हारे पास लेकर आयूंगी| फिर तुम्हें उसे जो सजा देनी होगी तुम देना|”

    तभी यश उन्हें विराट के बारे में बताने लगा| जिस तरह से वो विराट के बारे में बता रहा था, मेघना राजपूत समझ गयी कि उसके दोनों बेटो को जिस लड़के ने पीटा था| वो एक ही था|

    फिर यश ने अपनी मम्मी को आगे बताया|

    “मम्मी, उस लड़के का नाम विराट सिंह रायज़ादा है|”

    उस नाम को सुनकर मेघना राजपूत सोच में पड़ गयी|

    फिर उसने यश से कहा, “विराट सिंह रायज़ादा? वो तो रायज़ादा परिवार का इकलौता बेटा है| जो अब किसी काम का नहीं है|”

    दो साल पहले रायज़ादा परिवार के साथ जो घटना हुई थी, मेघना राजपूत उस बारे में सब जानती थी| दो साल पहले रायज़ादा परिवार सभी क्षत्रिय परिवारो में सबसे ज़्यादा ताकतवर परिवार हुआ करता था और विराट सिंह रायज़ादा की काबिलियत के बारे में भी हर कोई जानता था| लेकिन रायज़ादा परिवार के साथ हुई दुर्घटना के बाद से उन लोगो की ताकत और दबदबा दोनों कम हो गया था|

    तभी मेघना राजपूत ने मन ही मन कहा, “अच्छा हुआ कृतिका ने विराट से सगाई तोड़ दी| नहीं तो मेरे लिए इस वक़्त विराट को सबक सिखाना मुश्किल हो जाता| लेकिन अब मैं उस विराट के बच्चे को नहीं छोडूंगी|”

    फिर यश ने आगे अपनी मम्मी से कहा, “मम्मी उस विराट के साथ विशाखा सिंह भी थी| वो कह रही थी कि विराट उसका दोस्त है| दोनों साथ में बैठकर खाना भी खा रहे थे|”

    उस बात पर मेघना राजपूत ने यश से कहा, “यश, तुम परेशान मत हो| मैं हूँ ना। मैं उसको तुम्हारे सामने बंधी बनाकर लाऊंगी| फिर तुम्हें उसको जो सजा देनी होगी वो देना|”

    उसी वक़्त यश के पापा, युवराज राजपूत कमरे में आये| उन्हें देखते ही मेघना ने उनपर चिल्लाते हुए कहा, “युवराज, देख रहे हो तुम| तुम्हारे बेटे की क्या हालत हो गयी है| विराट ने कल हमारे बड़े बेटे की ऊँगली मोड़ दी और आज हमारे छोटे बेटे का ये हाल कर दिया| कैसे बाप हो तुम? अब चुप-चाप ये सब देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी?”

    युवराज सिर झुकाये हुए मेघना की बात सुन रहा था| फिर मेघना ने आगे कहा, “अब जाओ जाकर विराट सिंह रायज़ादा को ढूंढो| उसकी उम्र करीब 24 -25 साल होगी और जब वो मिल जाए तो उसे मेरे सामने लेकर आओ| मैंने उसकी दस की दस उँगलियाँ नहीं तोड़ दी तो मेरा नाम मेघना राजपूत नहीं|”

    युवराज राजपूत ने एक आज्ञाकारी पति की तरह मेघना की बात मानते हुए अपना सिर हिला दिया और उसी वक्त किसी को कॉल लगाकर कुछ काम बताया।

    पिछले एपिसोड में हमने सुना था कि युवराज राजपूत ने विराट को सबक सिखाने के लिए एक आदमी को कॉल लगा था। उसके बाद वो किसी काम से घर से बाहर निकाल गये थे।

    वहीं दूसरी तरफ़, विराट विशाखा के साथ उसके घर आ गया था| विशाखा का घर राजपूत भवन से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर था| वो एक बहुत ही बड़े sea facing villa में अकेली रहती थी|

    जैसे ही विराट विशाखा के घर के अंदर घुसा तो उसने विशाखा से सवाल करते हुए कहा, “इतने बड़े घर में तुम अकेली रहती हो? तुम्हें यहाँ अकेला feel नहीं होता|”

    उस villa में कमसे से कम आठ कमरे थे और रहने वाला इंसान एक ही था| इसलिए विराट, विशाखा से ये सवाल पूछे बिना रह नहीं पाया|

    उसपर विशाखा ने विराट से कहा, “मुझे अकेले रहने की आदत हो गयी है| तो मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है|”

    विशाखा का ड्राइवर उन दोनों को घर drop करके वहां से जा चुका था और उस वक़्त विशाखा के घर में सिर्फ वो और विराट ही थे| एक अज़नबी लड़के के साथ घर में होना विशाखा को थोड़ा अजीब लग रहा था| लेकिन उसके पास कोई रास्ता नहीं था| इसलिए अपनी awkwardness को कम करने के लिए वो विराट के इधर-उधर की बातें करने लगी|

    फिर विशाखा ने थोड़ा झिझकते हुए विराट से कहा, “विराट, वो सुबह के लिए sorry ,आज से तुम ही मेरे बॉडीगार्ड हो। मैं अभी जूली को कॉल करके सारे paper work पूरे करवा देती हूँ|”

    उसपर विराट ने विशाखा को जवाब दिया|

    “तुम ये सब formalities छोड़ दो| उन सब के बिना भी मैं तुम्हारा बॉडीगार्ड हूँ| अब तुम आराम करो और तुम्हारा कमरा कौनसा है? आज से मैं हर जगह तुम्हारे साथ ही जाऊंगा|”

    तभी विशाखा ने विराट से कहा, “हमें एक कमरे में रहने की ज़रुरत नहीं है| तुम्हारे लिए दूसरा कमरा है| जो काफी spacious और comfortable …|”

    विराट ने तुरंत विशाखा की बात काटते हुए कहा, “मुझे तुममे कोई interest नहीं है|”

    उसपर विशाखा ने उससे कहा, “बात interest की नहीं है| मुझे किसी के साथ रूम share करने की आदत नहीं है|”

    विराट इस बात को अच्छे से समझ गया था कि विशाखा के ऊपर कोई बहुत बड़ा खतरा था| इसलिए वो विशाखा को अकेले छोड़ने की risk नहीं ले सकता था|

    विशाखा ने विराट को कई बार और मना किया| लेकिन विराट ने विशाखा की बात को नज़रअंदाज़ कर दिया| उस बात से चिढ़कर विशाखा अपने कमरे में चली गयी| विराट भी उसके पीछे-पीछे उसके कमरे में चल दिया| विशाखा जहाँ भी जाती| विराट उसके आस-पास ही रहता था| बस जब वो washroom जाती तब वो उसका पीछा छोड़ता था| लेकिन तब भी वो वाशरूम के दरवाज़े के बाहर ही खड़ा रहता था| जिस वजह से विशाखा बहुत irritate हो गयी थी|

    थोड़ी देर बाद विशाखा उससे तंग आकर बाथरूम में नहाने चली गई। जब वो नहा कर बाहर आयी तब विराट ने उससे कहा, “तुम दरवाज़े पर ही खड़े रहो| मैं जल्दी नहाकर बाहर आ रहा हूँ|”

    उस बात पर विशाखा ने मन ही मन कहा, “हे भगवन, अब ये सब मुझे रोज़ झेलना पड़ेगा?”

    लगभग तीन मिनट में ही विराट ने नाहा लिया था और वो साफ़ सुथरे कपड़े पहन कर बाहर आ गया था| उसे देखकर विशाखा ने हैरान होकर उससे सवाल किया|

    “तुमने इतनी जल्दी नाहा लिया?”

    “तो तुम्हें क्या लगा? मैं तुम्हारी तरह आधे घंटे तक नहाता?”

    विराट ने तुरंत जवाब दिया।

    विराट के उस जवाब को सुनकर विशाखा ने मन ही मन गुस्से से कहा, “ये अपने आप को समझता क्या है?”

    उसके बाद विशाखा अपने बिस्तर पर जाकर लेट गई। वहीं विराट उसके बिस्तर के बग़ल में रखी हुई कुर्सी पर उसकी तरफ पीठ करके बैठ गया और फिर आँख बंद करके किताब के पन्नो पर ध्यान लगाने लगा|

    बहुत देर तक विशाखा को नींद ही नहीं आयी| उसे डर था कि उसकी आँख लगते ही विराट उसके साथ कुछ गलत ना कर दे| बहुत देर तक जागने की कोशिश करने के बाद विशाखा की पता नहीं कब आँख लग गयी| उसे पता ही नहीं चला|

    ********

    अगली सुबह करीब सात बजे जब विशाखा की अचानक से नींद खुली तो उसकी नज़र विराट पर पड़ी| जो अभी भी अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ ध्यान कर रहा था|

    उसे देखकर विशाखा ने अपनी आखें मसलते हुए कहा, “विराट, तुम रात भर ऐसे ही बैठे रहे? तुम सोये नहीं क्या?”

    To be continued

  • 15. The Great Warrior of the Universe - Chapter 15

    Words: 1606

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 15

    उसे देखकर विशाखा ने अपनी आखें मसलते हुए कहा, “विराट, तुम रात भर ऐसे ही बैठे रहे? तुम सोये नहीं क्या?”

    उसपर विराट ने विशाखा से कहा, “मैं सोता नहीं हूँ| मैं ऐसे ही आराम करता हूँ और वैसे भी तुम्हारा बॉडीगार्ड होने के नाते चौबीस घंटे चौकन्ना रहना मेरा काम है|”

    फिर विशाखा अपनी जगह से उठी और बाथरूम में फ्रेश होने चली गयी| उसे अब विराट के साथ अकेले उस विला में डर नहीं लग रहा था| फ्रेश होने के बाद विशाखा ने विराट से कहा, “तुम्हें भूख लगी होगी| चलो, हम लोग बाहर जाकर नाश्ता कर लेते है|”

    ये सुनकर विराट ने विशाखा से कहा, “तुम्हारे घर में इतनी बड़ी किचन है| तुम घर में cook क्यों नहीं रख लेती हो? कब तक बाहर का खाती रहोगी|”

    उसपर विशाखा ने विराट से कहा, “वो… मैंने कभी इस बारे में सोचा नहीं|”

    फिर विराट ने विशाखा को जवाब दिया|

    “कोई बात नहीं| अबसे मैं तुम्हारे लिए खाना बना दूंगा| तुम बस घर पर राशन मंगवा देना|”

    विराट की उस बात पर विशाखा ने अपना सिर हिला दिया| फिर उसने मन ही मन कहा, “ये लड़का कुछ अजीब ही है| समझ में नहीं आता की ये अच्छा है या बुरा है| इसके साथ जितना safe महसूस होता है| उतना ही इसके गुस्से से डर भी लगता है|”

    वो लोग घर से बाहर निकलकर गाड़ी से थोड़ा आगे गए ही थे कि तभी एक ट्रक ने सामने से उनका रास्ता रोक लिया| और उस ट्रक में से एक-एक करके कमसे कम तीस गुंडे बाहर निकल कर आने लगे|

    तभी विराट ने विशाखा को चौकन्ना करते हुए कहा, “तुम गाड़ी से बाहर मत निकलना| इसको अंदर से लॉक कर लो| और पुलिस को फ़ोन करो|”

    फिर विराट ने गाड़ी का इंजन बंद किया और बाहर आ गया|

    विराट के सामने उस वक़्त hockey stick हाथ में लिए लगभग तीस गुंडे खड़े थी और उन सब के आगे एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा था| जिसकी गर्दन पर एक काले और लाल रंग के बिच्छू का टैटू बना हुआ था| विराट को अपने सामने देखते ही उस आदमी ने अपने साथ आये हुए लोगो से कहा, “मारो साले को|”

    तभी वो सभी लोग अपने हाथ में hockey stick लेकर विराट को मारने के लिए उसकी तरफ भागे| उनमे से दो लोगो ने विराट के सीने में hockey stick से एक दम से वार किया| जिस वजह से विराट को हल्का सा झटका लगा और वो हल्का सा पीछे हो गया|

    उसके बाद विराट ने एक गुंडे के हाथ से hockey stick छीनी और हवा में कलाबाज़ी खाते हुए एक साथ ही चार गुंडों के सीने में एक के बाद एक अपने पैरो से वार करता गया| जिस वजह से वो लोग गश खा कर ज़मीन पर गिर गए| देखते ही देखते दस मिनट के अंदर विराट ने उन में से आधे से ज़्यादा आदमियों को धूल में मिला दिया था|

    तभी टैटू वाले आदमी ने अपने बाकी आदमियों को आदेश देते हुए कहा, “विशाखा सिंह को पकड़ कर आओ|”

    फिर तीन गुंडे विशाखा की गाड़ी का शीशा तोड़ने की कोशिश करने लगे| जिसे देखकर विशाखा घबरा गयी और डर के मारे विराट का नाम चिल्लाने लगी| तब तक वहां विराट आ गया और उन गुंडों के साथ लड़ने लगा| कुछ ही देर में विराट ने उन सभी गुंडों को घायल कर दिया था|

    और उस वक़्त सिर्फ उन गुंडों का leader ही बचा था| उस आदमी को इस बात की बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि विराट इतना ज़्यादा ताकतवर निकलेगा|

    फिर वो टैटू वाला आदमी विराट से लड़ने के लिए उसके पास आया| उसको अपने पास आता देख विराट को उसका aura महसूस हुआ| वो समझ गया कि ये आदमी martial arts की beginner stage में था|

    तभी विराट ने उस आदमी से कहा, “मैं एक आम आदमी हूँ| और तुम martial arts में expert हो| उसके बाद भी तुम मुझसे लड़ना चाहोगे?”

    Martial arts की दुनिया के कुछ नियम थे| Martial arts में expert लोग आम आदमी से लड़ाई नहीं कर सकते थे| क्यूंकि अगर इस बारे में शक्ति संगठन को पता चल जाए तो वो ऐसे लोगो के खिलाफ भारी कदम उठा सकते थे|

    विराट की उस बात पर उस आदमी ने हँसते हुए कहा, “अगर तुम ज़िंदा बचे तब ना|”

    फिर उस आदमी ने विराट की गर्दन पकड़ कर उसे हवा में उछाल दिया| इतने सालो में आज पहली बार विराट का ancient Martial arts जानने वाले किसी आदमी से सामना हुआ था|

    उन दोनों की लड़ाई में वो टैटू वाला आदमी विराट के ऊपर भारी पड़ रहा था| ये देखकर विशाखा घबरा गयी थी| अभी तक उसे लगता था कि विराट को कोई भी नहीं हरा सकता था| लेकिन उस वक़्त विराट और उस आदमी की लड़ाई देखकर विशाखा को विराट की चिंता होने लगी|

    लेकिन थोड़ी ही देर में विराट अपनी जगह से उठा और वापस से उस आदमी के साथ लड़ाई करने लगा| उस बार विराट उसे काटें की टक्कर दे रहा था| उसने इस वक़्त उस टैटू वाले आदमी का मार-मार के बुरा हाल कर दिया था| इतना की उसके मुँह से खून निकल आया था|

    तभी अचानक से एक नौजवान आदमी जिसके बाल हल्के सफ़ेद थे वहां आया और उसने पीछे से विराट के सिर पर hockey stick से वार किया| जिस वजह से कुछ वक़्त के लिए विराट हलकी सी बेहोशी की हालत में चला गया|

    फिर वो सफ़ेद बाल वाला आदमी उस टैटू वाले आदमी को वहां से लेकर जाने लगा|

    जब वो वहां से जा रहा था तब विराट ने हलकी खुली हुई आँखों से उस सफ़ेद बाद वाले आदमी को देखा| वो दिखने में लम्बा, पतला और बहुत गोरा था और उसने black leather jacket और ब्लू जींस पहनी हुई थी|

    जाते वक़्त वो टैटू वाला आदमी विशाखा को पकड़ने के लिए उसकी गाड़ी की तरफ़ बड़ रहा था| लेकिन तभी उस सफ़ेद बाल वाले आदमी ने उसे रोकते हुए कहा, “तुम पागल हो गए हो क्या? शक्ति संगठन यहाँ कभी भी आ सकती है| और तुमसे एक काम टाइम पर नहीं किया गया| अब चलो यहाँ से और अपनी जान बचाओ|”

    उसके बाद वो दोनों आदमी अपनी गाड़ी में बैठकर वहां से चले गए|

    उनके वहां से चले जाने के थोड़ी देर बाद विराट वापस से होश में आया| उसके मुँह से इस वक़्त खून बह रहा था और उसके शरीर में बहुत सारी चोटे लगी हुई थी| जब वो ज़मीन से उठा तो उसका शरीर भी बहुत दर्द कर रहा था|

    फिर वो तुरंत विशाखा के पास गया| विशाखा इस वक़्त गाड़ी के अंदर छुप कर बैठी हुई थी| डर के मारे उसकी हालत ख़राब हो गयी थी| पिछले दो दिनों से अपने सामने इतना खून खराबा देख कर वो बहुत ज़्यादा घबराई हुई लग रही थी|

    विराट को अपनी तरफ आता देख विशाखा ने उससे सवाल किया|

    “विराट, तुम ठीक हो?”

    विशाखा को विराट की भी बहुत ज़्यादा चिंता हो गयी थी| आज उसने कुछ देर के लिए सही, विराट को किसी के सामने कमज़ोर पड़ते हुए देखा था| ये देखकर वो और घबरा गयी थी| विशाखा ने कभी नहीं सोचा था की ये दुनिया इतनी खतरनाक हो सकती थी|

    उसपर विराट ने विशाखा से कहा, “मैं ठीक हूँ|”

    उस वक़्त उनकी गाड़ी के आस पास लग भाग तीस गुंडे अधमरी हालत में पड़े हुए थे| जिनमे से कुछ बिलकुल बेहोश पड़े थे और कुछ दर्द के मारे कराह रहे थे| विराट तुरंत गाड़ी के अंदर जा कर बैठ गया और मंत्रो पर ध्यान लगाने लगा| उस वक़्त उसके शरीर में बहुत ज़्यादा चोट आयी थी| इसलिए उसका अपने शरीर को heal करना बहुत ज़रूरी था|

    उस बार जिस तरह से विशाखा पर हमला करने के लिए आम गुंडों के साथ martial art expert आये थे विराट समझ गया था कि ये मामला थोड़ा पेचीदा था| कुछ तो बहुत बड़ी बात थी कि वो लोग विशाखा को अगवाह करना चाहते थे| लेकिन विराट ने उस बारे में विशाखा से कोई बात नहीं की| क्यूंकि अब वो विशाखा का bodyguard बन गया था और चाहे जो भी हो जाए विशाखा की सुरक्षा करने की ज़िम्मेदारी उसकी थी|

    विशाखा भी उस वक़्त गाड़ी में बैठी हुई थी और थोड़ी घबराई हुई सी लग रही थी| तभी उसने अचानक से विराट से कहा, “विराट, क्या तुम मुझे कोई कहानी सुना सकते हो?”

    विशाखा को बचपन में जब भी डर के मारे नींद नहीं आती थी तो उसकी मम्मी उसे कहानी सुनाया करती थी| जिसे सुनते ही उसे एक दम से नींद आ जाती थी|

    तभी विराट ने विशाखा से कहा, “तुम्हें छोटी कहानी सुन्नी है या लम्बी”

    विशाखा को उम्मीद नहीं थी की विराट उसे कहानी सुनाने के लिए तैयार हो जाएगा| फिर विशाखा ने विराट को जवाब दिया|

    “लम्बी कहानी|”

    फिर विराट विशाखा को कहानी सुनाने लगा|

    “ये बात कमसे कम दो सौ साल पुरानी है| एक मधुमक्खी आसमान में उड़ रही थी| ममममम….ममममम…मममम…|”

    फिर विराट मधुमक्खी की तरह भिनभिनाने लगा| उस आवाज़ से परेशान हो कर विशाखा ने विराट से कहा, “विराट, तुम मुझे कोई छोटी कहानी ही सुना दो|”

    इसपर विराट ने कहा, “दो सौ साल पहले एक मधुमक्खी आस्मां में उड़ रही थी| ममम…और किसी ने उसे मार दिया|”

    तभी विशाखा ने ज़ोर से हंसते हुए कहा, “ये कैसी कहानी है?”

    फिर विराट चुप हो गया और अपनी आँख बंद करके वापस से किताब के मंत्रो पर ध्यान देने लगा| वहीं विशाखा ने अपने मन में कहा, "क्या मैं इसको बता दूँ कि क्यू मेरे पीछे इतने सारे गुंडे पड़े हुए है? या फिर मुझे अभी इसे और परखना चाहिए?"

    To be continued

    आख़िर ऐसी क्या वजह थी जिस वजह से विशाखा के पीछे इतने सारी गुंडे पड़े हुए थे? और वो उस बात का खुलासा विराट के सामने कब करेगी? जानने के लिए स्टोरी को कंटिन्यू करते रहिए

  • 16. The Great Warrior of the Universe - Chapter 16

    Words: 1657

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 16

    वहीं दूसरी तरफ, उस वक्त मुंबई के Heaven's Will Hotel के एक luxurious कमरे में एक अधेड़ उम्र का पतला लम्बे बालो वाला आदमी सोफे पर बैठा हुआ था| उसके सामने दो आदमी खड़े थे| ये दोनों वही थे जिनकी कुछ देर पहले विराट से लड़ाई हुई थी| जिनमे से उस वक़्त अधेड़ उम्र के बिच्छू के टैटू वाले आदमी का चेहरा सूज कर लाल हो रखा था और उसके हाथ में प्लास्टर बंधा हुआ था|

    तभी अधेड़ उम्र के पतले, लम्बे बाल वाले आदमी ने उस टैटू वाले आदमी के गाल पर कस कर थप्पड़ मारा| जिस वजह से उसके मुँह से खून निकल गया|

    तभी उस टैटू वाले आदमी ने कहा, “Sorry Sir , गलती मेरी है| मैंने उस आदमी को कम समझ लिया था| आप मुझे एक मौका और दे| मैं ठीक होने के बाद उस विशाखा को पकड़ कर आपके पास लेकर आऊंगा|”

    उस टैटू वाले आदमी ने विराट को सच में बहुत हलके में लिया था और उससे लड़ते वक़्त अपनी सारी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया था| नतीजा ये था कि उसकी मरने की हालत हो गयी थी|

    तभी उस आदमी के boss ने उससे पूछा, “क्या वो आदमी ancient martial arts expert है?”

    उस पर टैटू वाले आदमी ने हा में अपना अपना सिर हिलने लगा| वो आदमी ancient Martial arts की beginner stage में था| अगर ये बात बाहर आ जाती कि वो एक normal fighter से हार गया तो उसका बहुत मजाक बनता|

    तभी उसके बॉस ने दूसरे आदमी से सवाल किया|

    “वो लड़का क्या बहुत ताकतवर है?”

    उस बात पर दूसरे आदमी ने कहा, “वो इतना ताकतवर नहीं है| वो मेरा एक वार भी सह नहीं पाया| वो तो शक्ति संगठन वहां आने वाली थी| इसलिए मैं उसे जिंदा छोड़ आया|”

    तभी उनके boss ने एक लम्बी गहरी सांस लेते हुए कहा, “ठीक है| मुझे लगता है तुम लोगों को थोड़ा आराम करने की ज़रुरत है| हमें इस मामले को थोड़ा ठंडा हो जाने देना चाहिए| नहीं तो शक्ति संगठन वाले हम लोगों के पीछे पड़ जाएँगे|”

    फिर उनके बॉस ने टैटू वाले आदमी को धमकाते हुए कहा, “तुम जल्दी से ठीक हो जाओ और उस विशाखा को पकड़ कर लाओ| नहीं तो तुम्हारा मेरे हाथों से मरना तय है|”

    *************

    वहीं दूसरी तरफ, NV Pharmaceutical में विशाखा ने अपना लैब का काम पूरा कर लिया था और उसका ड्राइवर उसे लेने के लिए आ गया था|

    तभी विशाखा की नज़र विराट के पुराने और फट चुके कपड़ो पर पड़ी और उसने विराट से कहा, “विराट, चलो मैं तुम्हारी शॉपिंग करवा देती हूँ| तुम्हारे कपड़े ख़राब हो गए है|”

    फिर विशाखा, विराट की शॉपिंग कराने उसे पास के एक मॉल में ले गई| उसने विराट के लिए कुछ नए जूते और जुराबें ख़रीद ली थी| विराट को उसकी पसंद की हुई चीज़ें पसंद आ रही थी| फिर विशाखा ने बिलिंग करवा कर वो समान ड्राइवर के हाथ नीचे गाड़ी में रखने के लिए भिजवा दिया|

    उसी वक़्त एक हैंडसम नौजवान आदमी की नज़र विशाखा पर पड़ी और उसने विशाखा से कहा, “विशाखा, तुम यहाँ?”

    विशाखा ने बहुत ही विनम्रता से उस आदमी की बात का जवाब देते हुए कहा, “hii Mr मयंक, अभी मैं थोड़ी busy हूँ| मैं आपसे बाद में बात करती हूँ|”

    मयंक की उम्र क़रीब तीस साल थी। उसकी हाइट पांच फुट आठ इंच थी, शरीर कसा हुआ था और उसका रंग काफी गोरा था। उसके साथ उसी की हाइट का सांवले रंग का हट्टा-कट्टा उसका बॉडीगार्ड भी था।

    विशाखा विराट को लेकर वहां से जाने लगी| तभी मयंक ने उसका पीछा करते हुए कहा, “विशाखा, मैं busy नहीं हूँ| तुम्हें अगर मेरी कोई मदद चाहिए तो बताओ|”

    तभी विराट ने विशाखा का हाथ पकड़ते हुए कहा, “उधर चलो|”

    विराट की उस हरकत से मयंक चिढ़ गया और उसने विशाखा से सवाल करते हुए कहा, “ये कौन है? और तुम्हारा हाथ क्यों पकड़ रहा है?"

    विशाखा ने मयंक की उस बात का कोई जवाब नहीं दिया और विराट के साथ आगे जाने लगी|

    तभी मयंक ने विशाखा का रास्ता रोकते हुए कहा, “विशाखा, मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ|”

    विशाखा की शकल को देखकर साफ़ नज़र आ रहा था कि उसे मयंक से बात करने में बिलकुल भी रुचि नहीं थी| इससे पहले की वो कुछ जवाब देती विराट उसका हाथ पकड़े उसे वहां से आगे ले गया|

    तभी मयंक ने विराट का रास्ता रोक लिया और उसे धमकाते हुए कहा, “तू है कौन? और तूने विशाखा का हाथ कैसे पकड़ा?”

    विराट ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और वापस से विशाखा का हाथ पकड़ कर आगे चलने लगा|

    उधर मयंक गुस्से से अपने दांत पीसते हुए उन दोनों के पीछे चल दिया|

    थोड़ी देर बाद उसने विशाखा का रास्ता रोकते हुए कहा, “विशाखा, तुम मेरी मंगेतर हो| तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे सामने किसी पराये आदमी का हाथ पकड़ने की|”

    मयंक की उस बात पर विशाखा भड़क गयी और उसने मयंक को झट से जवाब दिया।

    “कौन सी मंगेतर? मैंने अभी तक तुम्हारे शादी के proposal को accept नहीं किया है|”

    उसपर मयंक ने विशाखा से कहा, “विशाखा, तुम इस दो कौड़ी के आदमी का हाथ पकड़ कर घूम रही हो| अपना नहीं तो कम से कम अपने घरवालों की इज्जत का तो ख्याल रखो|”

    मयंक के मुँह से विराट के लिए उलटी बात सुनकर विशाखा को गुस्सा आ गया और वो मयंक पर हाथ उठाने के लिए आगे बड़ी| लेकिन तभी विराट ने उसे रोकते हुए कहा, “चाहे तुम कितना ही गुस्से में क्यों ना हो, कभी भी एक आदमी पर हाथ उठाने की गलती मत करना| क्यूंकि अगर उस आदमी को गुस्सा आ गया तो उससे तुम्हारा ही सबसे ज़्यादा नुक्सान होगा| क्योंकि आदमी physically औरतों से ज़्यादा strong होते है| समझी?”

    विशाखा ने विराट की बात को मानते हुए बच्चों की तरह हां में अपना सिर हिला दिया|

    तभी मयंक ने विराट की तरफ देखते हुए कहा, “ओह, तुम्हारी ज़बान तो बहुत तेज चलती है|”

    विराट ने मयंक की बात को नज़रअंदाज़ किया और विशाखा का हाथ पकड़कर वहां से जाने लगा| मयंक अभी भी विराट के ऊपर चिल्ला रहा था| लेकिन विराट ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया| अब तक मयंक का गुस्सा बहुत बढ़ गया था और उसने विराट को सबक सिखाने की ठान ली थी। तभी उसने अपने बॉडीगार्ड को इशारा करके कुछ समझाया।

    मयंक के बॉडीगार्ड ने पीछे से विराट का कॉलर पकड़ा| तभी विराट ने विशाखा का हाथ छोड़ा और अपने हाथ से उस बॉडीगार्ड की गर्दन पकड़ ली| फिर उसने एक ही झटके में उस बॉडीगार्ड के पेट पर बहुत तेजी से 4 -5 मुक्के मार दिए| मयंक का bodyguard भी एक अच्छा fighter था| लेकिन उसे उस बात की उम्मीद नहीं थी कि विराट इतना तेज निकलेगा|

    फिर विराट ने उसे धमकाते हुए कहा, “अगर जिंदा रहना चाहते हो तो मेरे से दूर रहो|”

    विराट की ताकत देखकर मयंक का मुंह फटा का फटा रह गया| फिर विराट ने मयंक की तरफ देखते हुए कहा, “आज बहुत दिनों बाद मैं अच्छे मूड में हूँ| विशाखा मुझे यहाँ शॉपिंग करवाने लायी है| इसलिए तुम मेरे से दूर रहो| नहीं तो तुम्हारे साथ इससे भी बुरा होगा|”

    उसके बाद विराट, विशाखा को लेकर दूसरे clothing store में चला गया|

    तभी मयंक ने अपने बॉडीगार्ड को डांटते हुए कहा, “तुम्हें क्या हुआ? तुम इस लड़के से पिट गए?”

    तभी उसके बॉडीगार्ड ने जवाब दिया|

    “Sir इस लड़के का attack बहुत तेज़ निकला| मैं खुद को संभाल नहीं पाया|”

    उस बात को सुनकर मयंक के चेहरे पर तनाव की लकीरे खिंच गयी|

    फिर मयंक ने अपने बॉडीगार्ड से आगे कहा, “ठीक है| अब तुम मेरे साथ चलो| मैं उसको उकसाने की कोशिश करूँगा| और फिर मौका मिलते ही तुम उसे अच्छा सबक सिखाना|”

    उसके बाद मयंक और उसका बॉडीगार्ड विशाखा और विराट के पीछे दूसरे clothing store की तरफ चले गए|

    वहां पहुंचकर विशाखा ने विराट को उसके लिए कुछ कपड़े choose करने में मदद की और फिर विराट उन्हें try करने के लिए changing रूम में चला गया|

    तभी मयंक ने विशाखा से कहा, “विशाखा पास ही में एक नया restaurant खुला है| मैंने सुना है उसका चिकन टिक्का बहुत delicious है| चलो वहां डिनर के लिए चलते है|”

    इससे पहले कि विशाखा उसकी बात का कुछ जवाब देती विराट changing room से बाहर आ गया और उसने विशाखा को कुछ कपड़े पकड़ाते हुए कहा, “इनको exchange करके एक size बड़ा लेकर आओ|”

    विराट की बात मानते हुए विशाखा उसके लिए दूसरे size की शर्ट लेकर आयी| फिर विराट ने विशाखा को अपने साथ changing room के अंदर खींच लिया|

    ये देखकर मयंक का चेहरा गुस्से से लाल हो गया| उधर changing room के अंदर विराट ने विशाखा से कहा, “तुम पीठ करके खड़ी हो जाओ| तुम्हें बाहर अकेले छोड़ना safe नहीं है|”

    विशाखा ने अपनी आंखों पर हाथ रखते हुए विराट की तरफ पीठ कर ली|

    और उसने मन ही मन कहा, “ये लड़का पूरा पागल है|”

    एक मिनट के अंदर ही विराट ने अपने कपड़े बदल लिए और अपने पुराने कपड़े वहीं पर रख दिए|

    उसने उस वक्त काले रंग की formal pant और हल्के नीले रंग की शर्ट पहनी हुई थी| जब विशाखा की नज़र विराट पर पड़ी तो वो कुछ देर के लिए उसे देखती ही रह गयी| वो उस वक़्त बहुत ही हैंडसम और charming लग रहा था| विशाखा चाहकर भी खुद को विराट की तारीफ करने से रोक नहीं पायी|

    “तुम इन कपड़ो में काफी अलग और अच्छे लग रहे हो|”

    विराट ने विशाखा की उस बात का कोई जवाब नहीं दिया| फिर उसने विशाखा से कहा, “चलो, जल्दी से bill pay कर दो| फिर घर चलते है|”

    विशाखा और विराट उस वक्त billing counter से निकले ही थे की तभी मयंक मुस्कुराते हुए फिर से विशाखा के सामने आ गया|

    “विशाखा, चलो पास वाले restaurant में खाने चलते है|”

    मयंक की उस बात पर विशाखा ने गुस्से से आँखें चढ़ाते हुए कहा, “मुझे तुम्हारे साथ कहीं नहीं जाना है|”

    To be continued...

    आगे की स्टोरी जानने के लिए कहानी को डेली पढ़ते रहिए और अगर स्टोरी अच्छी लगे और इंटरेस्टिंग लगे तो कमेंट करें।

  • 17. The Great Warrior of the Universe - Chapter 17

    Words: 1826

    Estimated Reading Time: 11 min

    Chapter 17

    लेकिन मयंक एक दम ढीठ इंसान की तरह अपनी बात पर अड़ा रहा और विशाखा को मनाने की कोशिश करने लगा| जिस वजह से विशाखा और ज़्यादा irritate होने लगी|

    तभी विराट ने मयंक को धमकाते हुए कहा, “अगर तुमने अपना मुँह बंद नहीं किया तो अच्छा नहीं होगा|”

    उस बार मयंक को विराट से लड़ने का मौका मिल गया था| इसलिए उसने विराट को उकसाते हुए कहा, “अच्छा, नहीं तो क्या कर लेगा तू?"

    मयंक ने अपनी बात ख़तम ही की थी कि विराट ने उसके बाएं गाल पर बहुत ज़ोर से थप्पड़ लगा दिया| जिस वजह से वो चक्कर खा कर नीचे गिर गया| तभी मयंक के बॉडीगार्ड ने विराट को धमकाते हुए कहा, “तेरी हिम्मत कैसे हुई boss को हाथ लगाने की..|”

    तभी विराट ने उसके बॉडीगार्ड को हवा में उठाकर ज़मीन पर पटक दिया और फिर विशाखा का हाथ पकड़ कर वहां से चला गया|

    उस वक़्त मयंक और उसका बॉडीगार्ड ज़मीन पर गिरे हुए थे और विराट और विशाखा उन दोनों की नजरों से ओझल हो चुके थे|

    तभी मयंक के बॉडीगार्ड ने उससे कहा, “sorry sir ”

    वहीं मयंक ने अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहा, “मेरी विशाखा गलत आदमी के साथ है| ये ना जाने उसको कितना टॉर्चर करता होगा| ऊपर से उसने मेरे ऊपर हाथ भी उठाया| अगर मैंने इस आदमी को इसकी औक़ात याद नहीं दिलाई तो मेरा नाम भी मयंक सिंघानिया नहीं|”

    *****

    मॉल से बाहर निकलने के बाद विराट को ऐसा महसूस हुआ जैसे की कुछ सही नहीं था| फिर उसने विशाखा से कहा, “विशाखा, ड्राइवर को कॉल करो| वो बहुत देर पहले मेरे shoes और socks लेकर गए थे और अभी तक वापस नहीं आये हैं| मुझे डर है कि वो किसी मुसीबत में ना हो|”

    अपनी बात रखने के बाद विराट को इस बात का एहसास हुआ कि विशाखा की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसके लिए दिन प्रतिदिन महंगी पड़ती जा रही थी|

    वहीं विराट की बात मानते हुए विशाखा ने अपने ड्राइवर को कई बार कॉल लगाया लेकिन दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं आया| तभी विशाखा ने विराट से कहा, “विराट, वो कॉल नहीं उठा रहे|”

    फिर वो लोग लिफ्ट से होते हुए बेसमेंट की तरफ जाने लगे| जाते वक़्त विशाखा ने परेशान होकर मन ही मन कहा, “मेरी वजह से इन लोगों की जान भी खतरे में आ गयी है| मुझे जल्द ही विराट को इन सब के पीछे की असली वजह बतानी होगी|”

    विराट और विशाखा उस वक्त बेसमेंट में पहुंचे ही थे कि विराट ने सामने से एक कार को बहुत ही तेज़ी से उनकी तरफ आते हुए देखा| उसने एक दम से विशाखा को एक तरफ धक्का दिया और अपने दोनों पैरो से सामने से कार के शीशे पर हमला कर दिया| उसके हमले में इतनी ताकत थी कि कार का शीशा चकनाचूर हो गया और और कार के ड्राइवर को गहरी चोट पहुंची| उस चोट की वजह से वो ड्राइवर उसी समय बेहोश हो गया| फिर विराट ड्राइवर के बगल में बैठे हुए आदमी को पीटने लगा|

    वो सब इतना अचानक से हुआ कि विराट को भी उसके शरीर में कई चोटे आ गयी थी| विराट उस वक्त उस आदमी को पीटकर उठा ही था तभी उसे अपने पीछे से कुछ लोगों की तालियां बजाने की आवाज़ आयी|

    जब विराट ने पीछे पलट कर देखा तो वहां कम से कम दस आदमी हाथ में खंजर लेकर खड़े थे| उन्होंने विशाखा के ड्राइवर को बंधी बनाया हुआ था| तभी उन गुंडों में एक आदमी जो सबसे आगे खड़ा था उसने विराट को लड़ने के लिए ललकारा| उस आदमी का कद काफी छोटा था, सिर पर बाल नहीं थे और हल्का पेट निकला हुआ था| साथ ही उसने अपनी गर्दन में सोने की चेन पहनी हुई थी। वो सब देखकर डर के मारे विशाखा के पैर कांपने लगे और वो विराट के पीछे जाकर छुप गयी| तभी उस छोटे कद के गुंडे ने विराट से कहा, “हमें तेरी जान लेने का कोई शौक नहीं है| बस उस लड़की को हमारे हवाले कर दे| हम ये काम सिर्फ रूपये के लिए कर रहे है|”

    तभी विराट का ने उस गुंडे से कहा, “ड्राइवर को छोड़ दो|”

    उस छोटे कद वाले गुंडे ने उसकी गर्दन पर चाकू रखा हुआ था| जिस वजह से उस ड्राइवर की डर के मारे हालत ख़राब हो रखी थी। तभी विराट ने विशाखा से कहा, “तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ और मुझे कसकर पकड़ लो|”

    विशाखा एक पल के लिए थोड़ा झिझकी| लेकिन उसके पास अभी कोई दूसरा रास्ता नहीं था| इसीलिए वो विराट की की पीठ पर चढ़ गयी और उसने विराट को पीछे से कसकर पकड़ लिया और डर के मारे अपनी आँखें बंद कर दी| तभी नौ गुंडे हाथ में खंजर लिए चिल्लाते हुए विराट की तरफ बड़े| डर के मारे विशाखा ने विराट को और कस कर पकड़ लिया| चार गुंडों को विराट ने पहले ही लात मारकर हवा में उड़ा दिया था| विराट की लात में इतनी ताकत थी कि उसके बाद वो चार गुंडे उठ ही नहीं पाए| बाकी कुछ गुंडे विराट के शरीर तक पहुँचने में कामयाब रहे और उन्होंने अपने खंजर से उसके शरीर पर कई निशान भी कर दिए| जिस वाझ से विराट की पूरे शरीर से खून बहने लगा| लेकिन विराट ने विशाखा के शरीर पर एक भी खरोंच नही आने दी| जिस तरह से विराट ने कुछ ही देर में उस नौ आदमियों को धूल में मिला दिया था, ये नज़ारा देख कर वो छोटे कद वाला गुंडा मन ही मन घबरा गया| उसने आज तक किसी को इतनी बहादुरी से लड़ते हुए नहीं देखा था| वो भी किसी और आदमी का वजन अपनी पीठ पर ढोते हुए| जैसे ही विराट उस छोटे कद वाले गुंडे के करीब पहुंचा| उसने विराट को खंजर दिखाते हुए कहा, “मेरे पास मत आना| नहीं तो मैं इस ड्राइवर को मार दूंगा|”

    लेकिन विराट उसकी धमकी से डरा नहीं और धीरे-धीरे करके उसके और करीब जाने लगा| उसी वक़्त विशाखा ने हिम्मत करके अपनी आखें खोली| जब उसने देखा की उन दस गुंडों में से सिर्फ एक ही गुंडा सामने खड़ा था तो उसकी जान में जान वापस आयी| ख़ंजर लगने की वजह से विराट के शरीर से काफी खून बह रहा था| जिसे देखकर विशाखा का दिल पसीज गया| तभी उस छोटे कद वाले गुंडे ने ड्राइवर को छोड़ दिया और विराट के पैरों पर गिर गया| “भाई, मुझे माफ़ कर दो| मैं हार मानता हूँ| मुझे मत मारना|”

    तभी विराट ने उसके हाथ से ख़ंजर छीन लिया और फिर उसे धमकाते हुए कहा, “बता, किसने भेजा है तुझे?” वो गुंडा कुछ पल के लिए झिझका| लेकिन फिर उसने थोड़ी हिम्मत करके विराट से कहा, “मैं Poisonous Tooth Society से हूँ| हम लोगों को विशाखा सिंह को kidnap करने के लिए कहा गया था| और मैं कुछ नहीं जानता| मैं बस अपना काम कर रहा था|”

    उस बात पर विराट ने हैरान होकर मन ही मन कहा, “Poisonous Tooth Society?” उसने पहली बार ये नाम सुना था| फिर विराट ने गुस्से से उस गुंडे की चिन पर वार किया और वो बेसुध होकर वहीं गिर गया| तब जाकर विराट ने विशाखा को अपनी पीठ से नीचे उतारा| विराट के हाथ और पैर से इस वक्त बहुत खून बह रहा था| उसकी काली पैंट भी लाल खून से सन गयी थी| विराट की हालत देख कर विशाखा की आँख में आंसू आ गए और उसने घबराते हुए विराट से कहा, “विराट तुम्हें बहुत गहरी चोट आयी है|”

    उसपर विराट ने विशाखा से कहा, “मैं ठीक हूँ| तुम जल्दी से पुलिस को कॉल करो|”

    विशाखा अपना फोन लेने के लिए भागती हुई गाड़ी की तरफ गयी| रास्ते में उसने पछतावे भरी आवाज़ में मन ही मन कहा, “ये सब मेरी वजह से हो रहा है| मेरी वजह से विराट की ऐसी हालत हो गयी है|”

    फिर उसने तुरंत पुलिस को कॉल लगाया और बाद में ड्राइवर की रस्सी को खोलकर उसे आज़ाद किया| तब तक विराट ने उस खंज़र से अपनी पुरानी पैंट को फाड़ा और जहाँ से उसके शरीर से खून बह रहा था वहां पट्टी कर दी| फिर वो ज़मीन पर बैठ गया और आँख बंद करके मंत्रो पर ध्यान देने लगा| थोड़ी ही देर में उसके शरीर से खून बहना बंद हो गया| तब तक ड्राइवर गाड़ी से विराट के नए कपड़े निकाल लाया| फिर विराट ने जल्दी से अपने कपड़े बदल लिए| तभी विशाखा पानी की बोतल लेकर विराट के पास आयी और उसने हलकी रुआँसा सी आवाज़ में विराट से कहा, “विराट, मुझे माफ़ कर दो| मेरी वजह से तुम्हारे साथ ये सब हुआ है|”

    तभी विराट ने हलकी सी हंसी हँसते हुए कहा, “इसमें तुम्हारी गलती नहीं है| तुम्हारा बॉडीगार्ड होने के नाते, तुम्हारी सुरक्षा करना मेरी ज़िम्मेदारी है| मुझे तो इस बात का दुख है कि तुमने आज ही मुझे नए कपड़े दिलाये थे| और आज ही उनकी ये हालत हो गयी है|”

    विराट के मुँह से वो जवाब सुनकर विशाखा को समझ नहीं आ रहा था कि वो उस वक़्त हँसे या रोये| फिर उसने हँसते हुए विराट की बांह पर हाथ मारते हुए कहा, “तुम पागल हो| तुम्हारी ज़िन्दगी के आगे इन कपड़ो की कोई कीमत नहीं|”

    थोड़ी देर बाद वहां पुलिस आ गयी थी| पुलिस ने विराट और विशाखा का बयान लिया और वहाँ से चली गयी। क्योंकि ये मामला अब बहुत पेचीदा हो गया था इसलिए विशाखा के दादा जी एक प्राइवेट स्पेशल फोर्स की मदद लेने की सोच ली थी। इसलिए उस वक्त विराट और विशाखा उस प्राइवेट स्पेशल फोर्स के ऑफिस में बैठे हुए थे। उस प्राइवेट स्पेशल फोर्स का नाम था ईगल स्पेशल फोर्स, तभी उस कमरे में अचानक से ईगल स्पेशल फोर्स की कैप्टन आयी| उसकी उम्र लगभग विराट के बराबर ही थी| तभी उस लड़की ने अपना introduction देते हुए कहा, “मैं भाविनी सिन्हा हूँ| स्पेशल ईगल फ़ोर्स की कैप्टन | मैंने विशाखा के केस की करीब से जांच की है| ये मामला बहुत ख़तरनाक होता जा रहा है| इसलिए आज से इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है|”

    फिर भाविनी ने अपनी टोपी निकालकर टेबल पर रख दी और अपनी कुर्सी पर बैठ गयी| वहीँ विशाखा, जवाब के इंतज़ार में विराट की तरफ देखने लगी| विराट ने ईगल स्पेशल फोर्स का नाम सुना था| जिन मामलों को पुलिस भी नहीं सुलझा पाती वो स्पेशल फोर्स के पास जाते थे। इसलिए विराट ने सोचा की ये अच्छा ही रहेगा अगर विशाखा को स्पेशल फोर्स protection भी मिलता रहे| क्यूंकि विशाखा का मामला वाकई में आसान नहीं था| फिर विराट और विशाखा वहां से उठकर जाने लगे| तभी भवानी ने विराट की तारीफ करते हुए कहा, “तुम्हारा नाम विराट सिंह रायज़ादा है ना? मैंने अपने जूनियर से तुम्हारी बहुत तारीफ सुनी है|”

    भावना की उस बात पर विराट ने सिर्फ अपना सिर हिला दिया| तभी विशाखा ने विराट से कहा, “विराट चलो, हॉस्पिटल चलते है|”

    उसपर विराट ने जवाब दिया| विराट की उस बात से विशाखा हैरान हो गयी और उसने मन ही मन खुद से कहा, “ये लड़का पागल है क्या? इसके शरीर पर इतने गहरे ज़ख्म आए है और ये फिर भी हॉस्पिटल जाने को तैयार नहीं है|”

    To be continued...

  • 18. The Great Warrior of the Universe - Chapter 18

    Words: 1737

    Estimated Reading Time: 11 min

    Chapter 18

    तभी विराट ने भाविनी से सवाल किया| “इससे पहले जो दो group आये थे उनका नाम क्या था?” इसपर भाविनी ने विराट से कहा, “पहले जो दो group आए थे वो Crocodile Dragon Group के लोग थे और जो लोग आज आये थे वो Poisonous Tooth Society के लोग थे|”

    वो बात सुनकर विराट ने तुरंत इन नामों को याद कर लिया| फिर विशाखा और वो, भाविनी सिन्हा के साथ विशाखा के घर के लिए निकल गए| उस वक़्त विशाखा के घर के बाहर दो van खड़ी थी| जिसमें खंजर लिए गुंडे बैठे हुए थे| जो उस वक़्त विशाखा के वापस आने का इंतज़ार कर रहे थे| जैसे ही विशाखा की गाड़ी अपने घर के पास पहुंची वो लोग तुरंत van से ख़ंजर हाथ में लिए बाहर निकल गए| उसे देखकर विराट और भाविनी चौकन्ने हो गए| भाविनी ने तुरंत बन्दूक हाथ में लिए गाड़ी से बाहर निकली और उन गुंडों को बंदूक दिखाते हुए धमकाने लगी| “खबरदार अगर कोई भी आगे बड़ा तो| सभी अपने खंज़र नीचे रख दो| नहीं मैं तुम लोगों को शूट कर दूंगी|”

    उसे देखकर वो सभी गुंडे एक पल के लिए घबरा गए थे| उन्हें उम्मीद नहीं थी की कोई बन्दूक लेकर वहां आ जाएगा| तभी उनके लीडर ने दांत पीसते हुए कहा, “डरो मत| इन लोगों को चारो तरफ से घेर लो| हम लोग बहुत ज़्यादा है| हमें बस विशाखा को किडनैप करना है|”

    अपने लीडर की बात मानते हुए उन पंद्रह गुंडों ने विराट, विशाखा और भाविनी को चारो तरफ से घेर लिया था| ये देखकर भाविनी ने उन गुंडों को वापस से धमकाते हुए कहा, “मैं अभी भी कह रही हूँ| अपने हथियार नीचे रख दो नहीं तो मैं गोली चला दूंगी|”

    उन गुंडों को भाविनी की उस बात से डर तो लग रहा था लेकिन इतना ज्यादा नहीं की उनके कदम रुक जाते| वो लोग उस वक़्त उन तीनो के करीब बढे जा रहे थे| तभी भवानी ने उनके लीडर की तरफ बंदूक चला दी जो सीधा उसके घुटने पर जाकर लगी| जिस वजह से उसके घुटने से खून निकलने लगा और वो ज़मीन पर गिर गया| उसे देखकर बाकी सब गुंडे घबरा गए और उन्होंने अपने लीडर से कहा, “बॉस, आप ठीक है|”

    तभी उनके लीडर ने दर्द से कहते हुए कहा, “यहाँ से चलो|”

    वो वहां से उठकर भागने लगा| उसके पीछे-पीछे उसके आदमी भी वहां से भागने की तैयारी कर चुके थे| लेकिन तब तक विराट ने उनके लीडर को गर्दन से पकड़ लिया| और उसको ज़मीन पर पटक दिया| उस वक़्त विराट का पैर उनके लीडर की गर्दन पर था| तभी कुछ गुंडों ने विराट को खंजर दिखाते हुए धमकाते हुए कहा, “हमारे बॉस को छोड़ दो|”

    उसपर विराट ने उनके बॉस की गर्दन को अपने पैर से और तेज़ी से रोंदते हुए कहा, “अगर इसको ज़िंदा चाहते हो तो मुझसे दूर रहो और तुम ये बताओ किसने भेजा है तुम लोगों को?” उसपर मजबूरन उस लीडर को विराट को बताना पड़ा की उसे युवराज राजपूत ने वहां भेजा था| फिर विराट ने उससे आगे पूछा, “कौन से गैंग से हो तुम?” तभी उस आदमी ने दर्द से कराहते हुए कहा, “poisonous tooth society ” तभी विराट ने उस लीडर के सिर पर वार करके उसे घायल कर दिया| फिर उसने पास में खड़े हुए गुंडों को भी बहुत बुरी तरह से पीटा और उन्हें मार-मार के अध मरा कर दिया| फिर विराट ने बाकी गुंडों को धमकाते हुए कहा, “ले जाओ अपने आदमियों को और दोबारा यहाँ दिखाई मत देना|”

    बाकी बचे हुए गुंडे तब अपने लीडर और बाकी अधमरे हुए आदमियों को उठाकर वहां से चले गए|वो अधमरे गुंडे इस वक़्त इतने दर्द में थे कि वो लोग मन ही मन मौत की भीख मांग रहे थे| उनके चले जाने के बाद भाविनी ने विराट को डाँटते हुए कहा, “ये तुमने कुछ ज़्यादा नहीं कर दिया?” इसपर विराट ने भाविनी पर चिल्लाते हुए कहा, “ये तुम कह रही हो? तुम्हें eagle special force का कप्तान किसने बना दिया? इन लोगों को सबक सिखाना बहुत ज़रूरी था| अगर मैं इन लोगों की जान भी ले लेता तो भी कोई हर्ज़ नहीं था|”

    भाविनी विराट की बात को नजरअंदाज करते हुए उन गुंडों के पीछे भागने लगी| तभी विराट ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया| “अब तुम उन्हें पकड़ कर हॉस्पिटल में भर्ती करना चाहती हो? तुम्हारा दिमाग ठीक है की नहीं? इन लोगों पर तुम special force के रुपये बर्बाद करोगी?” विराट की उस बात पर भाविनी बहुत भड़क गयी| और उसने विराट को सुनाते हुए कहा, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे हाथ लगाने की और मुझसे ऊँची आवाज़ में बात करने की?” उसपर विराट ने भाविनी से कहा, “मैं तुम्हें अक्ल दे रहा हूँ| जिसकी तुम्हारे अंदर बहुत कमी है|”

    तभी भाविनी विराट पर बुरी तरह से भड़क गयी| “तुम ये सब इसलिए कह रहे हो क्योंकि लड़की होने की वजह से तुम मुझे कमज़ोर समझ रहे हो?” ये कहते हुए भाविनी, विराट से लड़ने के लिए तैयार हो गयी| वहीँ विराट ने उससे कहा, “ऐसा कुछ नहीं है| कम अकल के आदमी भी होते है| मैं सिर्फ औरतो के लिए नहीं बोल रहा हूँ|”

    उस बात पर भाविनी को बहुत गुस्सा आ गया और उसने विराट के सीने पर दो तीन मुक्के जड़ दिए| तभी विराट ने भाविनी को धमकाते हुए कहा, “देखो, मैं औरतो पर हाथ नहीं उठता हूँ| इसलिए मुझे लड़ने के लिए मजबूर मत करो|”

    फिर विराट वहाँ से जाने लगा। तभी अचानक से किसी ने विराट के पीछे उसपर एक पत्थर से वार कर दिया।

    भाविनी ने विराट के सिर पर पीछे से पत्थर से वार कर दिया था। जिस वजह से कुछ ही देर में विराट और भाविनी की लड़ाई शुरू हो गई।

    थोड़ी देर तक एक दूसरे को कांटे की टक्कर देने के बाद विराट, भाविनी पर हावी पड़ने लगा| विराट उस वक़्त बहुत बुरी तरह से भाविनी के चेहरे पर अपनी मुट्ठी से पंच कर रहा था| जिस वजह से भाविनी के चेहरा लहूलुहान हो गया था|

    तभी विशाखा घबरा गयी और उसने विराट को रोकते कहा, “विराट, छोड़ो उसे| तुम पागल हो गए हो क्या?”

    विशाखा की आवाज़ सुनकर विराट ने भाविनी को छोड़ दिया| लेकिन तब तक भाविनी ने अपने जूते के अंदर छिपा हुआ चाकू निकाला और उसे बहुत तेजी से विराट की जांघ में घोप दिया| जिस वजह से विराट की जांघ से बहुत तेजी से खून बहने लगा| वो वापस से गुस्से में भाविनी पर अटैक करने ही वाला था लेकिन तभी विशाखा ने विराट से request करते हुए कहा, “विराट छोड़ दो उसे| प्लीज|”

    फिर विराट ने भाविनी को छोड़ दिया और अपनी जांघ से चाकू बाहर निकाला| जिस वजह से उसकी जांघ से बहुत तेज़ी से खून बहने लगा था| तभी विशाखा भागती हुई विराट के पास गयी|

    “विराट, तुम ठीक हो? तुम्हारे खून बह रहा है|”

    तभी विराट ने विशाखा से कहा, “मैं ठीक हूँ| तुम जल्दी से एम्बुलेंस को कॉल करो| नहीं तो वो मर जाएगी|”

    विशाखा ने तुरंत एम्बुलेंस को कॉल लगाया| तब तक विराट आँख बंद करके किताब के मंत्रो पर ध्यान लगाने लगा| जिस वजह से जल्द ही उसके शरीर के घाव भरने शुरू हो गए और खून बहना बंद हो गया|

    तभी विशाखा ने विराट से कहा, “विराट, तुमने उसे क्यों मारा? वो भी तो मुझे protect ही कर रही थी|”

    उसपर विराट ने विशाखा से कहा, “मैंने उसे कई बार रोकने की कोशिश की थी| लेकिन उसे ही मुझसे लड़ने का शौक था| मेरी इसमें कोई गलती नहीं है|”

    एंबुलेंस के आने के बाद उन लोगों ने भाविनी को इलाज के लिए हॉस्पिटल भेज दिया| वहीं विराट और विशाखा, विशाखा के घर के अंदर चले गए।

    घर में पहुंचने के बाद भी विशाखा ने विराट से कोई बात नहीं की| वो विराट की भाविनी को पीटने की हरकत से बहुत नाराज़ थी| लेकिन विराट को उस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा| वो जल्दी से फ्रेश हुआ और फिर विशाखा के कमरे में जाकर आंख बंद करके मंत्रो पर ध्यान देने लगा| वहीँ विशाखा अपने बिस्तर पर बैठी हुई टीवी देखने लगी| वो पहले विराट को अपने पर हो रहे हमले के पीछे की वजह बताने की सोच रही थी| लेकिन विराट की आज की हरकत के बाद उसका विराट से बात करने का बिल्कुल भी मन नहीं था|

    *******

    उसी वक़्त, राजपूत भवन में माहौल बहुत गरमाया हुआ था| युवराज राजपूत अपनी पत्नी मेघना राजपूत और अपने छोटे बेटे यश राजपूत के साथ घर के हॉल में बैठे हुए थे| और उन तीनो के चेहरे पर तनाव की लकीरे खींची हुई थी|

    उनके सामने poisonous tooth society का लीडर खड़ा था| जो उस वक्त अपने आदमियों के इलाज के लिए रुपये लेने आया था| विराट ने उसके आदमियों को इतनी बुरी तरह से पीटा था कि उनके पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम छह महीने तो कहीं नहीं गए| जिनमे से दो लोग इस वक़्त ICU

    में भी पड़े थे|

    तभी मेघना राजपूत ने गुस्से से टेबल पर हाथ मारते हुए कहा, “इसका मतलब वो विराट लड़ने में काफी अच्छा है और उसके पास स्पेशल force का protection भी है| वो लड़की नैना, विराट की बहन है ना? उसको उठाकर लाओ| उसे बचाने के लिए विराट ज़रूर आएगा और एक बार वो राजपूत भवन में आ जाये| फिर मैं उसे यहाँ से ज़िंदा बचकर नहीं जाने दूंगी|”

    ये सुनकर युवराज राजपूत हैरान हो गए और उन्होंने थोड़ा झिझकते हुए मेघना से कहा, “लेकिन मेघना, ये कुछ ज्यादा नहीं हो जाएगा|”

    उसपर मेघना ने युवराज को डांटते हुए कहा, “तुम किसी काम के नहीं हो| इतनी सी बात से डर गए? अगर ऐसा ही है तो तुम खुद अपने दोनों बेटों की तरफ से बदला लो|”

    तभी यश ने ख़ुशी के मारे चहकते हुए कहा, “मम्मी, क्यूंकि आप नैना को यहाँ लेकर आ ही रहे हो| तो उससे कहकर मेरे लिए मेरा पसंदीदा चिकन टिक्का बनवा देना|”

    यश की उस बात को सुनकर मेघना ने उसे घूरते हुए कहा, “खबरदार जो तुम उस लड़की के प्यार में पड़े तो| तुम्हारी बातों में मुझे उसके लिए अलग ही लगाव दिख रहा है|”

    तभी यश ने मेघना राजपूत को समझते हुए कहा, “नहीं, मम्मी आप मुझे गलत समझ रहे हो| ऐसा कुछ नहीं है| मेरी पसंद ऐसी गिरी हुई थोड़ी हो सकती है|”

    फिर मेघना ने युवराज की तरफ देखते हुए कहा, “अब मेरा मुँह क्या देख रहे हो| इन लोगों को इलाज के रुपये दो और आज रात 11 बजे से पहले उस नैना को बंधी बनाकर यहाँ लेकर आओ| नहीं तो मेरे कमरे में आने की सोचना भी मत|”

    To be continued

  • 19. The Great Warrior of the Universe - Chapter 19

    Words: 1539

    Estimated Reading Time: 10 min

    Chapter 19

    मेघना ने युवराज की तरफ देखते हुए कहा, “अब मेरा मुँह क्या देख रहे हो| इन लोगों को इलाज के रुपये दो और आज रात 11 बजे से पहले उस नैना को बंधी बनाकर यहाँ लेकर आओ| नहीं तो मेरे कमरे में आने की सोचना भी मत|”

    युवराज राजपूत कुछ देर तक वहीँ खड़े रहे| वो इस दुविधा में थे की ये कदम कहीं उन लोगो को बहुत महंगा ना पड़ जाए| युवराज को बहुत देर तक वहां खड़ा देख मेघना ने उसपर चिल्लाते हुए कहा, “तुम जाते क्यों नहीं हो?”

    उस बात पर युवराज ने अपना सिर हिला दिया और वहां से चला गया|

    *********

    साउथ मुंबई का एक लोकल स्ट्रीट फूड मार्केट में नैना की एक छोटी सी दुकान थी|और उस मार्किट में रात के दस बजे से भीड़ बढ़नी शुरू हो जाती थी| खाने के शौक़ीन लोग आधी रात तक उस मार्किट में आते रहते थे|

    नैना ने कुछ देर तक खाना बनाने में अपनी मम्मी की मदद की और फिर बाद में अपना फ़ोन चलने लगी| उसका इस वक्त विराट को कॉल करने का बहुत ज्यादा मन था| वो उसको खाने के लिए बुलाना चाहती थी लेकिन वो समझ नहीं पा रही थी की वो विराट को कॉल लगाएं या नहीं|

    तभी नैना ने विराट का नंबर अपनी मम्मी के फोन में save करते हुए कहा, “मम्मी, मैं आपके फ़ोन में भाई का नंबर save कर रही हूँ| शायद आपको कभी इसकी ज़रुरत पड़ सकती है|”

    मुंबई फिल्म institute में एक्टिंग पड़ने के साथ-साथ नैना पार्ट टाइम जॉब भी करती थी| जैसे कभी वो कुछ मॉडलिंग के प्रोजेक्ट्स भी कर ले लेती थी| लेकिन उस फील्ड में कुछ ऐसे compromises थे जो वो नहीं करना चाहती थी| इसलिए बाकी लड़कियों के मुकाबले उसे इतना ज्यादा काम नहीं मिलता था| लेकिन नैना को इससे कोई दिक्कत नहीं थी| वो अपने सिद्धांतों के साथ जीने वाली लड़की थी| और उसी हिसाब से चला करती थी|

    तभी नैना की मम्मी ने उससे कहा, “ये तुमने सही किया| विराट का नंबर मैं तुमसे लेने ही वाली थी|”

    थोड़ी ही देर बाद उस मार्किट में आठ खतरनाक गुंडे आ गए थे| जिनमे से कुछ गुंडे वहां की दुकानों से बिना पूछे खाना उठाकर खाने लगे| लेकिन किसी की उनसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई| ये राजपूत परिवार के भेजे हुए गुंडे थे| और सभी लोगों में उनका खौफ था|

    नैना और उसकी मम्मी की नजर दूर से ही उन गुंडों पर पड़ गयी थी| जिस वजह से वो मन ही मन घबराने लगे थे| फिर वो आठ गुंडे तेज़ी से नैना की दुकान के सामने आकर खड़े हो गए| जिसे देखकर नैना की मम्मी ने एक नकली मुस्कुराहट चेहरे पर लिए उनसे कहा, “आप लोग| क्या खाना पसंद करेंगे|”

    तभी उनमें से एक आदमी ने गुस्से से बाकी लोगों से कहा, “चलो, काम शुरू करो|”

    फिर वो सभी लोग नैना की दूकान में तोड़ फोड़ करने लगे| ये देखकर नैना की मम्मी ने उनसे कहा, “भैया, आप लोग ये क्या कर रहे हो| कोई बात है तो आप हमें बताओ। लेकिन ऐसे हमारी दुकान बर्बाद मत करो|”

    उन गुंडों ने नैना की मम्मी की बात का कोई जवाब नहीं दिया| कुछ लोग उनकी दुकान का सारा राशन ज़मीन पर फ़ेंकने लगे| तो कुछ गुंडे उनकी टेबल चेयर को हवा में उछलकर सड़क में फेंकने लगे| ये सब देख कर नैना भी घबरा गयी|

    अपनी आँखों के सामने अपनी दुकान की ये हालत देख कर नैना की मम्मी रोने लगी| और उन्होंने गिरगिराते हुए कहा, “भैया, आप लोग ऐसा मत करिये| हमने आपका क्या बिगाड़ा है?”

    उसी वक़्त उन गुंडों ने नैना को अपनी कैद में ले लिया| और उसके बाल खींचकर उसको वहां से ले जाने लगे|

    ये देखकर नैना की मम्मी ने चिल्लाते हुए कहा, “ये आप लोग क्या कर रहे है? छोड़िये मेरी बेटी को|”

    नैना भी इस वक्त दर्द के मारे चिल्ला रही थी| और नैना की मम्मी उसको उन गुंडों से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी| लेकिन उन गुंडों ने बहुत बेरहमी से नैना की मम्मी को ज़मीन पर पटक दिया| और नैना को घसीटते हुए स्ट्रीट फ़ूड मार्किट से बाहर ले गए| लेकिन वहां किसी भी आदमी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की और चुपचाप खड़े हुए वो तमाशा देखने लगे| ये सब देखकर नैना की मम्मी हैरान थी| वो यही सोच रही थी की उन लोगो ने कभी किसी के साथ कोई बुरा बर्ताव नहीं किया था| फिर उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा था| आखिर उन लोगो की गलती क्या थी|

    जब नैना की मम्मी इस सदमे से थोड़ा बाहर निकली तो उन्होंने फोन उठाया और तुरंत विराट को कॉल लगाया|

    क्यूंकि इस वक्त नैना के पापा भी हॉस्पिटल में थे तो विराट ही उसकी आखिरी उम्मीद थी|

    *****

    वहीँ यूएस वक्त विशाखा अपने कमरे में बैठी टीवी देख रही थी| और विराट उसके पास वाली कुर्सी में बैठा हुआ ध्यान में बैठा हुआ था| विशाखा अभी तक विराट से गुस्सा थी| और आज जिस तरह से विराट ने भाविनी को पीटा था वो सोच-सोच कर परेशान हो रही थी| तभी अचानक से विराट का फ़ोन बजा| जिसकी रिंगटोन सुनते ही विशाखा को हंसी आ गयी| विराट के फोन की रिंगटोन बच्चों वाली थी| विशाखा ने कभी नहीं सोचा था कि इतना खतरनाक और गुस्से वाले आदमी के फोन की रिंगटोन इतने बच्चों वाली कैसे हो सकती थी|

    तभी विराट ने अपना फोन उठाया, तो उसे दूसरी तरफ से नैना की मम्मी के रोने की आवाज़ आयी|

    “बेटा, नैना…नैना|”

    उनके मुंह से उसके आगे कुछ आवाज नहीं निकली और वो रोने लग गयी| विराट समझ गया की बात ज़रूर कुछ बड़ी थी| इसलिए उसने तुरंत जवाब दिया|

    “क्या हुआ आन्टी? नैना को क्या हुआ? कहा है वो?”

    फिर नैना की मम्मी ने रोते हुए कहा, “बेटा, कुछ गुंडे आये थे| और वो लोग नैना को उठा कर ले गए| बेटा, हमने ऐसा क्या किया? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा|”

    तभी विराट ने नैना की मम्मी से कहा, “ऑन्टी आप बिलकुल भी चिंता मत करो| मैं नैना को सही सलामत लेकर आयूँगा| ये ज़रूर उस प्रिंस राजपूत का काम है| मैं खुद राजपूत भवन जा कर उसे लेकर आता हूँ| आप बस खुद को सम्भालो|”

    उसके बाद विराट उठकर वहां से जाने लगा| तभी विशाखा ने उसे रोकते हुए कहा, “विराट, रुको| तुम ऐसे राजपूत भवन नहीं जा सकते| वो लोग बहुत खतरनाक है| वो तुम्हें नहीं छोड़ेंगे|”

    ये सुनकर विराट ने कहा, “अब चाहे कुछ भी हो| मैं वहां जाऊंगा और नैना को लेकर आऊंगा|”

    विराट इन सब के लिए खुद को जिम्मेदार मान रहा था| वो समझ गया था की उन्होंने नैना को इसलिए ही अगवा किया था की लोग उस तक पहुँच सके|

    फिर विशाखा ने विराट को रोकते हुए कहा, “विराट, तुम समझ नहीं रहे हो| वो लोग बहुत खतरनाक है| तुम अकेले उनका मुकाबला नहीं कर पाओगे|”

    विशाखा की उस बात का जवाब देते हुए विराट ने हल्का सा इमोशनल होकर कहा, “विशाखा, मैंने एक दुर्घटना में अपना आधे से ज़्यादा परिवार खो दिया है| मैं अब नैना को नहीं खो सकता| मेरी ही वजह से वो लोग उसे लेकर गए है| इसलिए उसको बचाने की ज़िम्मेदारी मेरी है|”

    तभी विशाखा ने विराट को समझाते हुए कहा, “विराट, ancient martial arts expert राजपूत परिवार की सुरक्षा करते है| मुझे डर है तुम वहां से बच कर वापस नहीं आ पाओगे| अभी जज्बाती होने का समय नहीं है| मैं पुलिस को कॉल कर देती हूँ| वो इस मामले को संभाल लेगी|”

    पर विराट अपना मन बना चुका था| और विशाखा का उसको मनाने का कोई फायदा नहीं हुआ| फिर विराट ने विशाखा से कहा, “अब मैं मन बना चुका हूँ और तुम भी मेरे साथ चलोगी| मैं तुम्हें यहाँ अकेले नहीं छोड़ सकता|”

    विशाखा ने एक बार और विराट को मनाने की कोशिश करते हुए कहा, “विराट, एक बार और सोच लो|”

    उसपर विराट ने विशाखा का हाथ पकड़ते हुए कहा, “चलो|”

    और उसे कमरे से बाहर ले गया| अब विशाखा के पास कोई और रास्ता नहीं था| ना चाहते हुए भी उसे विराट के साथ वहां जाने के लिए तैयार हो गयी| तभी विशाखा ने विराट से कहा, “विराट, तुम खाली हाथ जाओगे? बिना किसी हथियार के? कम से कम किचन से कुछ चाकू ले कर जाओ|”

    तभी विराट ने विशाखा से कहा, “मेरा शरीर ही मेरा हथियार है|”

    फिर विराट और विशाखा, विशाखा की गाड़ी में बैठकर वहां से राजपूत भवन के लिए निकल गए|

    रास्ते में विशाखा, विराट को राजपूत भवन जाने का रास्ता बता रही थी| उसी बीच विराट का फ़ोन रिंग हुआ|

    जब विराट ने फ़ोन उठाया तो दूसरी तरफ से एक आदमी की आवाज़ आयी|

    “नैना हमारी गिरफ्त में है| अगर तुम 11 बजे तक राजपूत भवन नहीं पहुंचे| तो उसकी मौत के ज़िम्मेदार तुम होंगे|”

    राजपूत भवन, विशाखा के घर से ज़्यादा दूर नहीं था| थोड़ी ही देर में विराट और विशाखा राजपूत भवन के सामने पहुंच गए थे|

    तभी वहां खड़े दो security guards ने उन दोनों को रोकते हुए कहा, “आपको किससे मिलना है?”

    विराट के पास ये सब formalities करने का वक़्त नहीं था| उसने अपने हाथो से वार करके एक ही बार में उन दोनों security guard को ज़मीन पर गिरा दिया|

    To be continued

    क्या विराट नैना को मेघना राजपूत की गिरफ़्त से छुड़ा पाएगा? क्या होगा जब विराट का सामना मेघना राजपूत से होगा। जानने के लिए पढ़िए मेरी ये स्टोरी

  • 20. The Great Warrior of the Universe - Chapter 20

    Words: 1698

    Estimated Reading Time: 11 min

    Chapter 20

    राजपूत भवन, विशाखा के घर से ज़्यादा दूर नहीं था| थोड़ी ही देर में विराट और विशाखा राजपूत भवन के सामने पहुंच गए थे|

    तभी वहां खड़े दो security guards ने उन दोनों को रोकते हुए कहा, “आपको किससे मिलना है?”

    विराट के पास ये सब formalities करने का वक़्त नहीं था| उसने अपने हाथो से वार करके एक ही बार में उन दोनों security guard को ज़मीन पर गिरा दिया|

    उसके बाद विराट तेज़ी से राजपूत भवन के अंदर बढ़ने लगा| राजपूत भवन एक बहुत ही आलीशान बंगला था जिसके खिड़की दरवाजे शीशे के थे| और सभी कमरे साउंडप्रूफ थे| साथ ही घर के दरवाजे automatically locked थे| नैना को उस वक़्त उन लोगो ने बंधी बना कर यश के कमरे में रखा था|

    यश भी नैना के साथ अपने कमरे में ही बैठा हुआ था। वहीं प्रिन्स अपने मम्मी-पापा के साथ घर के हॉल में बैठा हुआ था| उसने विराट को घर की तरफ आते हुए देख लिया था| इसलिए उसने घर की खिड़की से बाहर इशारा करते हुए कहा, “मम्मी, ये देखो| विराट आ रहा है और उसके साथ विशाखा भी है|”

    तभी मेघना ने विराट के अंदर आने के लिए ने घर के दरवाज़े खोल दिए| वो विराट को अपनी नज़रो के सामने सबक सिखाने का ही इंतज़ार कर रही थी| जैसे ही विराट मेघना के सामने आया| मेघना ने विराट से कहा, “अच्छा हुआ जो तुम सिंह परिवार की बेटी को भी यहाँ ले आये| तुम्हारे मरने के बाद कोई तुम्हारी लाश को कंधा देने के लिए भी चाहिए|”

    मेघना राजपूत की बात सुनकर विराट उसे गुस्से से घूरने लगा| वो उन्हें पहचान गया था| मेघना राजपूत उसकी मंगेतर कृतिका राठौड़ की बुआ थी| विराट उनसे एक बार बचपन में मिला था| उसे याद आया कि कृतिका ने उसे एक बार बताया था की उसकी बुआ मुंबई में रहती थी| लेकिन विराट को उस बात की बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि वो प्रिंस और यश राजपूत की मम्मी थी|

    फिर विराट ने मेघना से कहा, “मैं यहाँ आ गया हूँ| अब तुम लोग नैना को छोड़ दो|”

    उस बात पर मेघना ने विराट से कहा, “अब तुम यहाँ आ ही गए हो| तो नैना को हम लोग कुछ नहीं करेंगे| वो अभी प्रिंस के कमरे में आराम कर रही है| लेकिन तुमने मेरे दोनों बेटों को हाथ लगाने की जो गलती की है| उसकी सजा से तुम्हें कोई नहीं बचा पायेगा|”

    फिर मेघना राजपूत ने अपने हाथ से ताली बजाई और अचानक से उसके घर के कोनों में छुपे हुए लगभग पचास गुंडे हाथ में खंजर लिए विराट की तरफ बढ़ने लगे|

    ये देखकर युवराज राजपूत ने मेघना से कहा, “ये सही नहीं रहेगा| विराट के साथ विशाखा भी है| अगर उसको कुछ हो गया तो हम Mr सिंह को क्या जवाब देंगे?”

    उसपर मेघना ने कटाक्ष स्वर में कहा, “कुछ हो गया तो हो गया| हमें क्या? वो अपनी मर्ज़ी से यहाँ आयी है|”

    उसके आगे युवराज, मेघना के सामने कुछ नहीं बोल पाए|

    थोड़ी ही देर में एक बहुत ही भयंकर लड़ाई शुरू हो गयी| विराट वहां अकेला था और उसका सामना पचास खंजर वाले गुंडों से हो रहा था| जो मामूली गुंडे नहीं थे| उन गुंडों के साथ-साथ मेघना राजपूत भी martial arts की beginner stage में थी| और वो भी विराट से लड़ने के लिए तैयार खड़ी थी|

    फिर विराट उन गुंडों का सामना करने लगा| कुछ देर के लिए तो वो उन गुंडों पर हावी पड़ रहा था| लेकिन थोड़ी देर में वो लोग विराट पर हावी पड़ने लगे| वो सभी martial arts की beginner stage में थे और कहीं ना कहीं विराट से ज़्यादा ताकतवर थे| उनके खंजर के वार से विराट के पूरे शरीर से खून बहने लगा| अकेले एक साथ पचास लोगों से लड़ना वो भी एक इंसान को अपनी पीठ पर बिठाकर आसान नहीं था|

    थोड़ी ही देर में विराट के हाथ और पैरों से बहुत ज्यादा खून बहने लगा| उसे अपने शरीर से जान ख़तम होती महसूस हुई| जिस वजह से विशाखा उसकी पीठ से नीचे गिर गयी| तभी विराट लड़खड़ाते हुए मेघना राजपूत से लड़ने के लिए आगे बड़ा| मेघना उससे लड़ने के लिए तैयार ही खड़ी थी कि विराट ने उसे चकमा देते हुए प्रिन्स की गर्दन पर खंजर रखते हुए उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया|

    ये देखकर मेघना ने विराट को धमकाते हुए कहा, “मेरे बेटे को छोड़ दो| नहीं तो|”

    तभी विराट ने प्रिंस को ज़मीन में पटक दिया और उसके सीने पर पैर रख कर खड़ा हो गया|

    ये देखकर मेघना घबरा गयी और उसने विराट से कहा, “विराट, छोड़ दो मेरे बेटे को| उसे कुछ मत करना|”

    लेकिन विराट और तेज़ी से अपने पैर प्रिंस के सीने में गड़ाए जा रहा था| ये देखकर मेघना बहुत ज़्यादा घबरा गयी| प्रिंस भी विराट के सामने दर्द के मारे चिल्ला रहा था|

    तभी मेघना ने घबराते हुए विराट से कहा, “विराट छोड़ दो मेरे बेटे को| तुम जो कहोगे वही होगा|”

    ये सुनकर विराट ने कहा, “जल्दी से नैना को लेकर आओ| नहीं तो मैं इसकी जान ले लूंगा|”

    तभी मेघना ने घबराते हुए जवाब दिया|

    “हाँ, मैं जा रही हूँ|”

    मेघना, नैना को लेने के लिए दौड़ती हुई यश के कमरे में गयी| उसी बीच विराट ने प्रिंस के सीने से अपना पैर हटाया और उसे सांस लेने का मौका दिया|

    थोड़ी देर में मेघना नैना को लेकर वहां आ गयी थी| इस वक़्त नैना के आधे कपड़े फटे हुए थे और बाल पूरे चेहरे पर बिखरे हुए थे| उसके शरीर में इधर-उधर चोट के निशान दिख रहे थे| साथ ही उसके होठो से इस वक्त खून बह रहा था|

    नैना का रो-रोकर बुरा हाल था| ये देखकर विराट ने नैना को अपने पास बुलाते हुए कहा, “नैना इधर आओ|”

    नैना तुरंत रोती हुई विराट के सीने से जाकर लग गई| नैना की ये हालत देखकर विराट का गुस्सा बहुत बढ़ने लगा और उसने गुस्से में प्रिंस को चोट पहुंचाना शुरू कर दिया|

    फिर उसने नैना को समझाते हुए कहा, “नैना दुश्मनों के सामने रोते नहीं हैं|”

    विराट की बात मानते हुए नैना ने अपने आंसू पोंछने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रही| उसकी आँखों से अभी भी डब-डब करते हुए आंसू बहे जा रहे थे| तभी मेघना ने विराट से कहा, “विराट, तुम्हारे कहने पर मैं नैना को ले आयी हूँ| अब तुम मेरे बेटे को छोड़ दो|”

    उस वक्त विशाखा भी विराट के पास आकर खड़ी हो गयी थी| वहीं ये शोर सुनकर प्रिंस के दादा जी, यशवंत राजपूत भी अपने कमरे से बाहर आ गए थे| उन्हें उस बात की बिलकुल भी खबर नहीं थी कि मेघना राजपूत ने घर में किसी लड़की को अगवा करके रखा हुआ था| बाहर आते ही उन्हें वहां का मामला थोड़ा समझ में आया| उन्होंने देखा कि उनके घर में चालिस martial arts में trained गुंडे घायल पड़े हुए थे| ये देखकर उन्हें अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ।

    फिर जब उनकी नज़र विराट पर पड़ी तो उन्होंने उसके aura को महसूस कर लिया था| जिससे उन्हें इस बात का अंदाज़ा हो गया था की विराट एक आम fighter था| लेकिन उसके बाद भी उसने उन martial arts वाले लोगों को पछाड़ दिया था|

    तभी विराट ने प्रिंस की शर्ट का कालर पकड़ उसे जमीन से उठाया और उसकी चेहरे पर बुरी तरह से मुक्के मारने लगा| ये देखकर मेघना राजपूत की आँखों में आंसू आ गए और वो विराट के सामने प्रिंस की जान की भीख मांगने लगी|

    “विराट मेरे बेटे को छोड़ दो| देखो तुम्हारे कहने पर मैंने नैना को छोड़ दिया है|”

    इसपर विराट ने मेघना पर चिल्लाते हुए कहा, “चुप रहो तुम| और मुझे नैना का फ़ोन दो|”

    फिर मेघना ने घबराते हुए विराट को नैना का फ़ोन पकड़ा दिया| फिर विराट ने नैना को फ़ोन देते हुए कहा, “नैना, अपनी मम्मी को कॉल करो और उनसे बोलो कि तुम सुरक्षित हो और मेरे साथ हो|”

    नैना ने विराट की बात मानते हुए अपनी मम्मी को कॉल लगाया| उसकी मम्मी ने एक ही रिंग जाने पर उसका फ़ोन उठा लिया था| फिर नैना ने अपनी मम्मी से कहा, “मम्मी, मैं नैना बोल रही हूँ| मैं भाई के साथ हूँ और एकदम ठीक हूँ| आप मेरी चिंता मत करो|”

    ये सुनकर नैना की मम्मी की जान में जान आयी| क्यूंकि अब नैना, विराट के साथ थी इसलिए नैना को लेकर उनकी चिंता ख़तम हो गयी थी|

    तभी नैना की मम्मी ने उससे कहा, “बेटा, मेरी विराट से बात कराओ|”

    ये सुनकर नैना ने विराट को फ़ोन पकड़ा दिया| नैना की मम्मी ने विराट को बहुत धन्यवाद किया|

    फिर विराट ने उन्हें भरोसा दिलाते हुए धीमी प्यारी आवाज़ में कहा, “आंटी, आप चिंता मत करो| नैना मेरे साथ है| और मैं जल्दी ही उसे घर लेकर आ जाऊंगा|”

    विराट की आवाज़ सुनकर नैना की मम्मी को बहुत तसल्ली मिली। उन्होंने बहुत देर तक विराट का धन्यवाद किया| फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने कॉल कट कर दी|

    उसके बाद विराट का चेहरा वापस गुस्से से भर गया| और वो राजपूत परिवार के सभी लोगों को गुस्से से घूरने लगा| उसके देखने मात्र से ही मेघना के पूरे शरीर में डर की लहर दौड़ गयी थी| तभी विराट ने मेघना को सुनाते हुए कहा, “कैसी औरत हो तुम| क्या तुम्हारे बच्चे ही इंसान है? उन्ही को दर्द होता है? औरो के बच्चे कुछ नहीं है? तुम्हारी एक खुद की बेटी भी है| अगर कोई तुम्हारी बेटी को ज़बरदस्ती उठा कर ले जाए तो तुम्हे कैसे लगेगा?”

    विराट की बातें सुनकर मेघना ने शर्म के मारे अपना सिर झुका लिया| उसके पास विराट की इन बातों का कोई जवाब नहीं था| उसकी एक बेटी भी थी जो इस वक़्त घर पर नहीं थी| लेकिन सबके सामने विराट के मुँह से अपनी बेइज्जती होता देख मेघना के मन में इस इस वक़्त बदले की भावना उमड़ रही थी|

    तभी मेघना ने मन ही मन खुद से कहने लगी।

    "इसकी हिम्मत कैसे हुई मुझे सबके सामने खरी-खोटी सुनाने की| एक बार ये मेरे प्रिंस को छोड़ दे| मैं इसे अच्छा सबक सिखाऊंगी|”

    तभी विराट ने मेघना से कहा, “और रही बात तुम्हारे लाडले की| इसे मैं अपने साथ लेकर जा रहा हूँ| जब हम लोग यहाँ से सुरक्षित बच कर बाहर निकल जाएंगे| मैं इसे छोड़ दूंगा|”

    ये कहते हुए विराट ने प्रिंस की शर्ट का कॉलर पकड़ा और उसे अपने साथ लेकर जाने लगा|

    To be continued