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अनकही दास्तां

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Reena ✨

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क्या जीने के लिए खूबसूरती जरूरी है ? ये सवाल अक्सर हीर के मन में रहते है । ये कहानी है हीर और साहिल की दोनो एक ही क्लॉस के स्टूडेंट कहा हीर का चेहरा,, एक अजीब बीमारी का शिकार वही साहिल है इससे अनजान ओर कर बैठा हीर से प्यार लेकिन जब हीर की सच्चाई उसक...

Total Chapters (40)

Page 1 of 2

  • 1. अनकही दास्तां - Chapter 1

    Words: 1352

    Estimated Reading Time: 9 min

    हीर उठ जा सुबह के 8 बज रहे है आज तेरा कॉलेज का पहला दिल है उठ जा मेरी जान" एक लड़की जिसका हांथ लगा तार किचेन में चल रहा था उसने नाश्ता लगाते हुए कहा वही उसकी आवाज जब कमरे में सो रही लड़की के कानो में गई तो वो उठ के बैठ गई उसके आंखों में नीद तो नही थी मगर चेहरे पर उदासी जरूर थी ।।

    वो लड़की नाश्ता लगा के कमरे में आती है और अलमीरा से पकड़े निकाल के कहती है " हीर जल्दी कर यार पहले दिन ही लेट होना है क्या ये ले आज तुझे यही ड्रेस पहनना है "

    हीर ,, उम्र 28 साल 3 साल कॉलेज ड्रॉप करने के बाद फिर से कॉलेज स्टार्ट कर रही है  ।।

    उस लड़की ने हीर को ड्रेस देते हुए कहा जो पिंक कलर का सिंपल सा सूट था उसे देख हीर  हैरानी कहती है " मीनू ये मेरा नही है ये कहा से आया है क्या तू किसी के कपडे मांग के लाई है  "

    मीनू उम्र 28 सेम है दोनो का दोनो बेस्ट फ्रैंड है एक साथ ही रहती है ।। जहा हीर कॉलेज गर्ल है मीनू एक रेस्टोरेंट में काम करती है ।।

    हीर ने सूट को हाथो में लेके कहा उसकी आंखों में हैरान थी उसे समझ नही आया की नए कपड़े उसके पास कहा से आई  इसी लिए उसने सावल किया जिसे मीनू ने सुना तो उसने हीर का चस्मा उसके आंखो पर लगाते हुए कहा

    " मेरी जान ये कही से आया नही है  और ना मैने किसी लड़की एस मांगी है बल्कि ये पहले से तेरा ही है बस फर्क इतना है की पहले अनारकली था अब मैंने इसे सूट में चेंज कर दिया है और तू ये सब छोड़ और जल्दी से रेडी हो जा कही ऐसा ना हो की पहले ही दिन लेट हो जाए  और घर आके बोले मैंने लेट करवा दिया "

    हीर " लेकिन मीनू तूने ये सब  कब किया और क्या जरूरत थी इसकी और कपड़े थे न खाम खा तू रात भर जागी होगी इसे बनाने के चक्कर में "  हीर शर्मिंदा हो रही की रात भर जाग के मीनू ने उसके लिए ये ड्रेस बनाई थी ।

    मीनू" तू ये सब क्यू सोच रही है  आज तेरा पहला दिन है मैं ऐसे कैसे जाने देती तुझे देख ये पहन के जल्दी से मुझे दिखा कैसी लग रही है मैं भी तो देखूं अपनी जान को इस ड्रेस में वो कैसी लग रही है "

    हीर ने मुंह बना के कहा " लेकिन मीनू मुझे नही जाना है मेरा मन नही कर रह है "

    मीनू ने हीर के हाथों को पकड़ के कहा " यार तू ना फिर से सुरु मत हो जाना चल उठ जा के रेडी हो मैं नाश्ता लगाती हूं यार "

    हीर " लेकिन "

    मीनू" जा "

    मीनू ने जबरन हीर को वॉशरूम में भेजा हीर का बुरी तरह मुंह बना था उसका दिल बिल्कुल नही कर रहा की वो जाए लेकिन मीनू के कहने के बाद उसे जाना ही पड़ा वही मीनू ने  एक गहरी सांस लिया फिर बिस्तर को ठीक करने लगी ।।

    दूसरी तरफ ...

    शहर के सबसे बड़े रहीश और जाने माने परिवार बलिया जो देश और दुनिया में अपनी छाप छोड़ चुके है उनके घर में दो बेटे है एक उनकी एक बेटी है बेटी का कुछ पता नही और दोनो बेटो में हर वक्त लड़ाई मची रहती है ।।

    " साहिल,, शनि दोनो जल्दी से आके नाश्ता करो " नीचे टेबल पर एक औरत जो सिल्क की साड़ी पहन रखी थी  माथे पर सिंदूर हांथ में चूड़ी कोई कह नही सकता की वो 45 साल की है वही हेड चेयर पर एक और शख्स बैठे थे भवाद बलिया जो जाने माने बिजनेश मैन है वही उनकी पत्नी मनीषा बलिया घमंड तो उनसे कोसो दूर रहता है ।।

    न अमीर होने का घमंड है ना खुबसूरत होने का उनके कहते ही दोनो हैडसम से लड़के सीढ़ियों से नीचे आए साहिल और शनि नीचे आते ही साहिल अपनी मॉम को पीछे से हक कर के कहता है " गुड मॉर्निंग स्वीटहार्ट"
    गुड मॉर्निंग बच्चे " मनीषा जी ने कहा ।।

    वही शनि भी शेयर पर बैठे हुए कहा " गुड मॉर्निंग डैड "
    गुड मॉर्निंग बेटा नीद अच्छे से आई ना " भवाद जी ने कहा तो शनि ने कहा " जी डैड"

    तभी मनीषा जी ने कहा " good morning शनि"
    शनि ने उनकी बातो का कोई जवाब नही दिया मनीषा जी का चेहरा लटक गया तभी साहिल ने कहा " मॉम मुझे भूख बहुत जोर की लगी है प्लीज नाश्ता दीजिए "

    मनीषा की के चेहरे पर स्माइल आ गई उन्होने सभी नाश्ता परसा और सभी के अंत में बैठ गई वह सभी ने कुछ देर में अपना अपना नाश्ता कर के खड़े हो गए तभी भवाद जी ने साहिल से कहा " आज तुम्हे कंपनी आनी है "
    साहिल ने बेपरवाह से उत्तर दिया " मेरे पास टाइम नही है "

    "  पूछ नही रहा हूं बता रहा हूं " भवाद जी ने थोड़े गुस्से से कहा ।।

    इस बार साहिल ने बीना कुछ बोले अपनी मॉम से बाय कह के घर से बाहर निकल गया भवाद जी ने देखा तो मनीषा से कहा " अपने लाडले को समझा दो अगर रहना है तो कायदे से रहे नही तो मुझे सुधारना अच्छे से आता है अगर मैं करने लगा तो मां बेटे को अच्छा नही लगेगा एक तो घर छोड़ के भाग गई दूसरा भी चला गया तो मुझे जिम्मेदार मत कहना "

    मनीषा जी ने कुछ नही कहा बस सर नीचे झुका लिया वही शनि ने उठते हुए कहा " डैड मैं ऑफ़िस चलता हूं आप आराम से आइएगा "

    भवाद जी " हम्मम "

    शनि ने मनीषा जी से कोई बात नही करी और बाहर चला गया ।।

    उधर पिंक कलर का पटिया सूट पहन के हीर रेडी थी उसका मेकअप मीनू कर रही हीर ने तो कई बार मना किया लेकिन मीनू के आगे हीर की कहा चलती है उसने  जितना माना किया मीनू ने उतना ही किया उसका चस्मा निकाल के आंखो में लेंस लगा दिया फुल रेडी कर मीनू हीर को लिविंग रूम में खड़ी कर के देखते हुए कहती है " wow यार तू ना पूरी बवाल लग रही है अगर एक बार किसी ने देख लिया तो पक्का तेरा दीवाना बन जायेगा मैं कह रही हूं "

    हीर मुंह बन के कहती है " तू कैसे बात कर रही है एक तो पहले से मुझे घबराहट हो रही है और तू है की "
    मीनू " अरे अरे ऐसा क्यू हो रहा है गहरी सांस लें"

    मीनू ने जैसा कहा हीर ने वही किया तो कुछ अच्छा फील हुआ उसे ,फिर से हीर ने मुंह बना के कहा " मीनू एक बार सोच के अगर किसी को मेरा सच ... चुप एक शब्द अपनी जुबान से मत लाना तू पहली वाली हीर शर्मा नही अब की हीर शर्मा है पहले की हीर मर चुकी है और भूल से दुबारा ये बात मत करना वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा।

    मीनू ने थोड़े शक्ति से कहा तो हीर चुप हो गई
    हीर को देख मीनू ने कहा " देख मैं तुझे पहले ही दिन उदास नही करना चाहती थी लेकिन तू भी मेरी बात समझा कर ठीक है "

    हीर ने हां में सिर हिला दिया तो मीनू उसे लेके कॉलेज के लिए निकल गई ।।

    उधर शनि जैसे ही घर से बाहर गया किसी ने उसके गले को दबोच के दीवाल से लगा दिया ये कोई और नहीं साहिल था जो बेहद गुस्से में लग रहा शनि ने उसे देखा तो फेस पर अजीब स्माइल आ गई।। जो दिखने में ही काफी घुनौनी लग रही साहिल ने अपनी पकड़ कसते हुए कहा "

    तुझे मैने कहा था ना मेरी मां को मायूस मत करना तो तेरी हिम्मत कैसे हुई जब उन्होंने कुछ पूछा  तो तुझे जवाब देना चाहिए था  मैने पहले ही वान किया था लेकिन मुझे लगता है  तेरे दिमाक में बात घुसती नही है "

    शनि को आंखों के गुस्सा आ गया उसने झटके से साहिल का हांथ छुड़ा के उसके गले पर अपनी पकड़ कसते हुए कहा __



    जारी ✍️

  • 2. अनकही दास्तां - Chapter 2

    Words: 1441

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे .....

    शनि ने साहिल को पलट के दीवाल से लगा दिया और उसके गले को दबोचते हुए कहा " वो तेरी मां है मेरी नही जो मैं उनका ख्याल रखता फिरु समझा और यांदा से मेरी ,,,,

    बीच में फिर से साहिल ने अपनी पकड़ लेते हुए कहा " सही कहा वो तेरी नही मेरी मां है इसी लिए तुझे इस घर में  रहने की इजाजत दे दिया वरना तुझ जैसे नाजायस औलाद को तो कोई अपने घर में भी लाना पसन्द नही करेगा रखने की बात तो बहुत दुर की बात है  "

    साहिल की बात सुन शनि को बेहद गुस्सा आता है वो गुस्से से कहता है " अपनी हद में रह और मैने नही कहा की तेरी मां मेरे ऊपर अहसान करे इनफैक्ट मुझे किसी के अहसान लेने का शॉक नही है इसी लिए अपनी मां को अच्छे से समझा दे मुझसे प्यार करने का नाटक करने की जरूरत नही है मेरा रिश्ता सिर्फ मिस्टर भवाद बलिया से है  यानी मेरे डैड से गई और किसी से नही  "

    साहिल झटके से शनि के गले को छोड़ देता है और डेविल स्माइल के साथ कहता है " सही कहा तूने तेरा रिश्ता सिर्फ मिस्टर बलिया से है लेकिन मेरी एक बात कान खोल के सुन ले और जाके अपने बाप को भी बता सकता है ये जिस कंपनी को खुद का बताते फिरते हो ना वो मेरी मॉम का है तो तुम बाप बेटे इसमें काम करो और शांति से रहो वरना मॉम का बेटा होने के नाते तुझे यहां से तुम बाप बेटे को निकालने में  वक्त नही लगेगा समझा hmm और अपने बाप को भी बोल देना साहिल बलिया उनके बुलाने पर कंपनी नही आयेगा "

    साहिल स्टाइल से आंखों पर गोगल्स चढ़ा के हाथों में चाभी घुमाते हुए वहा से जाने लगता है वही शनि गुस्से का घूंट पीके उसे घूरते हुए " बहुत गुरुर है ना अपनी मां और उनके प्रोपर्टी पर  फिर ठीक है जैसे तेरी बहन को यहां से दूर फेक दिया एक दिन तेरी मां को और तुझे यहां से निकाल फेकूंगा और तू बस देखता ही रह जायेगा शनि बलिया तुझसे बड़ा खिलाड़ी है  जिस पैसों का घमंड है वही एक दिन तेरे पास नही रहेंगे "

    शनि खुद के कपड़े ठीक कर के अपनी कार के तरफ चला गया वही साहिल बीना उसकी तरफ देखे कहता है " मुझे तू क्या निकालेगा मैं चाहु तो आज के आज तुझे बाहर फेक दूं लेकिन क्या करूं मेरी मां ये नही चाहती है  और मैं अपनी मां को नाराज नही कर सकता "

    असल में मिस्टर बलिया जिसने शादी के बाद अपनी असिस्टेंट से रिश्ता रखा था उन्ही का शनि नाजायश बेटा है ये बात सभी जानते है लेकिन मनीषा बलिया ने इसकी सजा शनि को नही दिया क्युकी वो बच्चा था 14 साल का तब से इसी घर में रहता है मनीषा बलिया ने हमेशा शनि से प्यार किया है लेकिन वो नफ़रत में इतना अंधा हो गया की साहिल को तकलीफ देने के लिए मनीषा बलिया को परेशान करता है उसे साहिल से जलन है उसे क्यू बचपन से मां का प्यार मिला उसकी मां क्यू चली गई वो इसे एक्सेप्ट करने के लिए तैयार ही नहीं है की धोखा मनीषा बलिया को उसकी मां ने दिया है ।। शनि को लगता है की मनीषा बलिया उसके मॉम और डैड के बिच में आई है ।।

    खेर इधर मीनू हीर को अपने साथ लेके कॉलेज के लिए निकल गई उसने पहले ऑटो लिया फिर दोनो बैठ के बड़ गई कुछ देर में ऑटो सीधा कॉलेज गेट के सामने जाके रुकी दोनो सहेलियां बाहर आके ऑटो वाले को पैसे दिए फिर मीनू ने हीर के तरफ देख के कहा " ले तू चाहती थी ना मैं तुझे यहां तक छोड़ने आऊं तो आ गई अब मेरी बात ध्यान से सुन "

    मीनू ने हीर के कन्धे पर हांथ रख के कहा " कॉलेज में अगर किसी ने भी परेशान किया तो चुप तो बिलकुल मत रहना सब का मुंह तोड़ जवाब देना आगे जो होगा मैं देख लूंगी किसी से भी डरने की जरूरत नही है तुझे,, समझी और  बाकी चीज़े देखने के लिए वो तेरे साथ में है  "

    हीर हां में सर हिला तो देती है लेकिन उसका दिल अंदर जाने की गवाही नहीं दे रही उसे बेहद घबराहट हो रही जैसे दिल खुदते फांदते बाहर ही आ जायेगा मगर उसने चेहरे से जाहिर नही होने दिया बस हां में सिर हिला के खड़ी रही तो मीनू उसने फिर से कहती है " ऑल द बेस्ट मेरी जान"

    हीर के लिए मीनू के प्यार ऐसा था की हीर की घबराहट डर सब एक पल में खत्म हो जाति हीर के चेहरे पर स्माइल आ गई जिसे देख मीनू ने फिर से कहा " ठीक है अब मैं जाति हूं  नही तो फिर रेस्टोरेंट का मालिक मुझे ही सुनाएगा "

    हीर मीनू का हांथ पकड़ के कहती है " अपना ध्यान रखना "

    मीनू ने स्माइल के साथ कहा " तू भी "

    फिर से दोनो गले मिली फिर मीनू वहा से चली गई हीर ने खड़ी होके बड़े से कॉलेज को देखा तो उसके आंखे नम हो गई आंखों के सामने कुछ धुंधली तस्वीर आने लगी जिसमे एक लड़की गेट के पास बैठी रो रही थी और सभी उसे देख चिल्ला रहे थे " मारो इस मारो ये अंदर नही आनी चाहिए इसे यही पर मार दो गंदी लड़की है ये हमारे कॉलेज को खराब करने आई है "

    ये यादें हीर के चेहरे पर अजीब से दर्द को उभार दिया आंखे नम तो थी लेकिन हीर ने आंसू बाहन आने से पहले आंखो को बंद कर के कहा " वो हीर मर गई मैं वो नही हूं मैं नई हीर हूं सब बदल गया है ,, सब अच्छा होगा सब अच्छा होगा "

    खुद से कह हीर के चेहरे पर आकर्षण सी चमक तैर गई ना कोई घबराहट न डर न दर्द जैसे एक मिनट में सब गायब हो गया हीर से चेहरे पर छोटी से स्माइल लिए आगे बड़ गई ।। वो अभी अंदर गेट पर गई ही थी की पीछे से किसी की कार उसकी तरफ बड़ी तेज में आके रुकी।।

    उसकी आवाज इसी तेज थी की हीर ने पीछे मुड के देखा खुद के तरफ तेज रफ्तार में आते कार को देख हीर हाथों से चेहरे को ढक लिया वही आस पास जा रहे स्टूडेंट थम से गए इधर कार में बैठे दो इंसान भी कुछ देर के लिए थम से गए थे जब कार सीधे हीर के समाने जा रुकी।


    " वो लड़की अंधी हो क्या दिखाई नही दे रहा है " कार में बैठे एक लड़के ने कहा जिसे सुन कार ड्राइव कर रहे लड़के ने अपने हाथों को उस लड़के को दिखाते हुए कहा

    " लड़की से ऐसे बात नही करते ... बीच में उसकी जवान रुक गई क्युकी उसकी नजर समाने हीर के चेहरे पर जा टिकी बड़ी बड़ी आंखे ,, गोरा सा चेहरा,, छोटी नाक,, पतले लिप्सिट लगे होंठ,, हीर को देख लडके के दिल की धड़कन अचानक से काफी तेज़ हो गई वही दूसरे लड़के ने बैठते हुए कहा _

    " साहिल लड़की है तो क्या हुआ देख के नही चल सकती और तू सामने क्या देख रहा है

    ये कोई और नही साहिल बलिया ही था और साथ में बैठा उसका दोस्त आयुष

    " साहिल को समाने देखते हुए देखा तो खुद की भी नजरे सामने के तरफ चली गई देखा तो एक पल दोनो की आंखे बड़ी हो गई क्यू की सामने हीर चेहरे से हाथो को हटा रखी थी  वो दुपट्टे को पकड़ के खड़ी थी चेहरे पर डर घबराहट सब नजर आ रही हीर की सांसे तेज चलने लगी डर से इधर साहिल ने बड़े स्टाइल से आंखों से चश्मे निकाल के हीर को देखने लगा आस पास का माहोल बेहद खुबसूरत नज़र आने लगी वो आंखों के बड़ी शिद्दत लिए हीर को देखने लगा उसके दिल की धडकने इतनी तेज और रफ्तार से बड़ रही की अचानक से उसका हांथ अपने सिने पर चला गया साहिल ने सीने को मसलते हुए बडी जुन्नूनी लहजे में।कहा " आखिर मेरी राज कुमारी मुझे मिल ही गई आज 🔥

    साहिल के आंखो के हीर के लिए एक लग ही नूर नजर आने लगी जिसे देख हीर खुद पर महसूस कर पा रही थी जिससे उसकी दिल की धडकने अपनी रफ़्तार से तेज और सांसे काफी तेज हो गई उस जगह रुकना हीर के लिए भारी होने लगा वो बीना वक्त गवाए अंदर के तरफ भागी एक बार भी पीछे मुड के नही देखी ।।

    वही साहिल ने हीर को  भागते देखा तो बड़े सिद्दत से कहा " ओ मेरी हुस्ना सुनो तो 🔥😍 कहा जा रही अपने हुस्न से घायल कर के "

    जारी..✍️

  • 3. अनकही दास्तां - Chapter 3

    Words: 1733

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे ......

    हीर ने एक बार भी पीछे मुड के नही देखा वो बड़ी रफ्तार से कॉलेज के अंदर भाग गई और पिलर के पीछे जा के खड़ी हो गई इस वक्त उसकी दिल की धडकने काफी तेज चल रही आस पास का मौहोल आज उसे बड़ी सुहानी लग रही हीर के कानो में बार बार साहिल की बाते गुजने लगी " ओ मेरी हुस्ना सुनो तो 🔥

    ये शब्द हीर के दिल की धड़कन के साथ साथ उसके गाल लाल कर गए सांसे फूलने लगी और होंठो पर एक प्यारी सी मुस्कान तैर गई ,, लेकिन मुस्कान ज्यादा देर तक टिक न सकी यादो के कोने में छिपा दर्द फिर से आंखो के सामने आने लगा " प्यार तुमसे वो भी मैं करूंगा  अपनी सकल देखी है आईने में ,,,नही देखी तो जाओ देख लो तुमसे शादी करने से अच्छा मैं जहर खाना पसन्द करूंगा "

    ये शब्द साहिल के शब्दो के आगे भारी पड़ गए एक बार फिर आंखे नम दिल में दर्द से उठ गए हीर ने आंखो से आंसू बाहर आने से रोक तो लिए लेकिन होंठों पर दर्द भरी मुस्कान के साथ कहा " प्यार तो मेरी किस्मत में भी नही है फिर ये क्यू हो रहा है  इस बार मुझे बस खुद पर ध्यान देना है और कुछ "

    हीर ने खुद से कहा तो एक बार फिर से दिलो में कुछ करने का हौसला जाग गया उसने दो तीन बार मीनू के बाते मान कर उसी तरीके  से गहरी सांसे लिए फिर अंदर के तरफ बड़ गई ।।

    हीर को नही पता फाइनल की क्लॉस कहा है उसने जा रही एक लड़की से पूछ के सीढ़ियों से ऊपर के तरफ चली गई ।।

    जो सेकंड फ्लोर पर था ।।

    हीर सीधे क्लास में जाके बैठ गई इस वक्त क्लास में बस कुछ लोग ही थे जैसे की दो लड़के एक लड़की आपस में बात कर रहे वही हीर बैठ के पुरे क्लॉस को देखने लगी 3 साल बाद उसे फिर से कॉलेज सुरु कर बहुत अच्छा फील हो रहा ।।

    इधर साहिल ने कार पार्क के क्लॉस के तरफ आते हुए कहा " तू जा के पता कर मेरी हुस्ना किस क्लॉस की है मैं तब तक उन्हे देख के आता हूं और समझा भी दूंगा  "

    आयुष ने उसके पीछे चलते हुए कहा " लेकिन मैं कहा पता करूंगा और इतने बड़े कॉलेज में उसे ढूंढना आसान नहीं होगा वो। किस क्लास की है किसकी नहीं  "

    आरुष की बाते सुन साहिल के कदम रुक गए उसने पूछे मुड़ के आयुष से कहा " तुझे ज्यादा कुछ नही करना है बस अपनी प्रेम लता के पास जा और उससे पूछ ले की मेरी हुस्ना किस क्लॉस में है बस उसके बाद मैं संभाल लूंगा  "

    आयुष " लेकिन यार तेरी हुस्ना का तो नाम भी पता नही और तू जानता है मेरी प्रेम लता कितनी खतरनाक है अगर उसके पास गया ना तो इस बार क्लास से पक्का मुझे निकाल देगी फिर मैं उसका क्लॉस कैसे लूंगा उसे देखने का मौका मेरे हाथों से चला जायेगा कुछ तो रहम कर "

    साहिल " मैं कुछ नही जानता तुझे मेरा काम करना होगा अगर नही किया तो तेरी प्रेम लता तुझे बाहर निकाले या ना निकाले मैं जरूर पूरे कॉलेज से निकाल फेकुंगा "

    आरुष कहता है " यार तू ऐसा नहीं कर सकता ये गलत है आखिर कौन सा दोस्त अपने दोस्त के साथ ऐसा करता है ।।

    साहिल कहता है "  मेरे कैसे  दोस्त तेरे जैसे  अलसी के साथ करते है कुछ गलत नही है तू करता है या नही ? नहीं करता तो कर न ।

    साहिल की बात सुन बिचारे आरुष का मुंह बन गया उसने अपना सिर निचे कर के हां में हिला दिया तभी उनके पास एक लड़का भागते हुए आया और  कहा " साहिल फिर से रैगिंग स्टार्ट हो गई है इस बार वो लोग काफी खतरनाक कर रहे है यार  "

    ये है साहिल का  तीसरा दोस्त कुणाल साहिल के दो ही बेस्ट फ्रैंड है आयुष कुणाल इसके लावा तो बवाल है 😂 मतलब कोई नही है 

    खेर कुणाल की बाते सुन दोनो अपने बातो से उसके तरफ ध्यान दिए वही साहिल की  गुस्से से मुट्ठी कस गई ।।उसे बिल्कुल पसंद नहीं है की कोई नए स्टूडेंट को परेशान करे ।। उसने गुस्से से  कहा " फिर से नई लड़कियो की परेशना करना स्टार्ट हो गया उन सब को इनकी औकात दिखानी ही पड़ेगी

    दूसरी तरफ फोर्थ फ्लोर पर एक खाली रूम जहा पर
    सिर्फ कुछ डेस्क रखे थे ये ऐसा रूम था जो क्लॉस मिस कर रहें स्टूडेंट  आके यही अपना  टाइम पास करते ,, वही रूम में पांच लडकिया  डरी सहमी सी खड़ी थी जिसमे से हीर भी थी और उनके सामने तीन लड़कियां  और दो लडके जिसने एक हांथ में सिगरेट और कुछ अजीब सा अपना होलिया बना के डेस्क पर बैठें थे लड़कियो ने काफी छोटा ड्रेस पहना था उन्हे देख लग रहा की यहां पढ़ने नही फैशन सो ज्यादा करने आई है ।।

    खैर तभी उनमें से एक लडके ने कहा "तो तुम पांचों कॉलेज में नई आई हो हां"

    लड़के की बात सुन पांचों ने हां में सिर हिला दिया उस लड़के की नजर हीर पर टिकी थी अब हीर थी ही इतनी खुबसूरत कोई उसे देखे बिना हर भी तो नही सकता हीर खुद पर नजरे महसूस कर पा रही उसने अपनी मुट्ठी में सूट को भर रखा था पलके नीचे झुकी थी ।।और डर से धड़कने भी तेज हो रखी थी ।।

    तभी उनमें से एक लड़की ने कहा " लक्की बेबी क्यू ना अब ये लोग थोड़ा अपना कमाल दिखाए ऐसे देखने पर टाइम खराब नही कर सकते  है वैसे भी गोलियां कभी भी चल सकती है  ".

    लक्की फाइनल क्लॉस का सबसे बड़ा बत्तमिज लड़का जो हर नए स्टूडेंट की रैगिंग करता है इन्हे परेशान करता है जो सब कुछ सहन कर के टिक गया वो यहां रहा पाएगा नही तो कई सारे डर के भाग तक गए है और रहते भी है देखते है इस बार कौन ज्यादा है ।।

    लक्की ने डेस्क से खड़े होके कहा " ठीक है फिर इस बार लड़कियां ही है तो जो लडकिया चाहेंगी वही होगा मैं तुम तीनो को इस बार ये हक देता हूं इनके साथ मजा करने के लिए तो लग जाओ "

    लक्की ने अपने पास में।खड़ी लड़कियो को देख के।कहा जो उसके पास में ही खड़ी थी तीनो ने सुना तो उनके चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई उनमें से जिसका नाम इशिका था उसने पांचों ii को घूम घूम के देखते हुए कहा " तुम में  से सबसे पहले कौन करेगा ?? हम्मम 🤔

    फिर इशिका सामने खड़ी होके सोच के कहती है " तुम करो 👉

    उसका इशारा हीरे के तरफ था हीर ने जैसे ही सुना डर से कस के अपनी आंखे बंद कर ली और दो कदम पीछे हो गई तभी इशिका ने उसके करीब जाके कहा " क्या हुआ डर लग रहा है हम्मम ,, बट   sorry' बेबी मैने कह दिया तो करना तुम्ही ही पड़ेगा यही रूल है "

    हीर ने कुछ नही कहा तभी उसकी एक चमची ने कहा " लेकिन इशिका उसे करना क्या है ???

    इशिका मुंह बना के।कहती है " हां ये तो मैने बताया ही नही " फिर से वो हीर के करीब जाके कहती है " तुम हमे डांस कर के दिखाओ "

    अपनी बात कह  इशिका डेस्क पर आके सभी के साथ बैठ गई और सभी की नजर हीर पर टिक गई वही हीर अपनी जगह से टच से मस नहीं हो रही पलके नीचे कर आंखों के कंखियो से सभी को देखते हुए कहती है " अब मैं क्या करूं कैसे निगलू यहां से शिव जी मेरी मदद करिए  मीनू की बात मान जाऊं क्या ??"

    हीर बेहद घबरा रही और खुद के लिए प्रार्थना भी करने लगी लेकिन उसे नही पता शिव जी ने पहले ही उसके लिए किसी को भेज रख है ।। लेकिन  उसे आने में  अभी वक्त है ।।


    हीर जब अपनी जगह से हिली तक नही तो इशिका ने उसके पास आके कहा " क्या तुम बाहरी हो सुनाई नही देता है हम कुछ कह रहे है "

    इशिका की बात सुन हीर ने थोडी हिम्मत कर के कहा " मैं नही करूंगी ".

    हीर की बात सुन सभी एक दुसरे को देखने लगे वही इशिका ने गुस्से दांत पीसते हुए कहा " क्या कहा तुमने एक बार फिर कहना "

    हीर ने पलके उठा के एक नजर देखा और।फिर कहा " मैं नही करूंगी आप लोग जबरजस्ती नही कर सकते  मेरे साथ "

    हीर की बात सुन लक्की के चेहरे पर तिरछी स्माइल आ गई वही इशिका ने टेडी मुस्कान के साथ कहा " हा सुना गाइज ये कह रही है की हम जबरजस्ती नही कर सकते है लगता है मैडम को कुछ पता नही है आते वक्त हमारे बारे में पता कर के नही आई थी जो ऐसी बाते कर रही है"

    इशिका की दूसरी चमची ने कहा " कोई बात नही इशिका उसे नही पता है तो क्या हुआ हम बता देते है आखिर लक्की गैंग है क्या चीज़ "

    इशिका ने हीर पर गहरी नजर डालते हुए कहा " रूह बेबी यू आर राइट आज इसने कहा है कल को कोई और कहेगा क्या पता इन चारो में से कोई कहे उसे और उसके साथ सभी को बताना पड़ेगा की हम क्या कर सकते है "

    उसकी बाते सुन हीर खबराने लगी मीनू की बात मान के ना तो कह दिया लेकिन अब इनके चंगुल से उसे कौन बचाएगा वो कैसे बाहर निकलेगी यही सब ख्याल उसके दिमाक में आने लगे ।।

    वो ये सोच रही वही इशिका ने आगे बड़ के हीर के दुपट्टे को हाथो में भर लिया हीर ने।देखा तो आंखे बडी हो गई उसके आंखो के डर घबराहट और दर्द सभी साथ में उभरने लगे हीर ने कस के आंखे बंद कर लिया ।।

    वही इशिका ने हीर के दुपट्टे को पकड़ के फेकने की कोशिश करने लगी लेकिन उसका हांथ जैसे जम सा गया था अपनी जगह से हिल तक नही रहा क्युकी इशिका की कलाई को किसी ने बड़ी मजबूती से पकड़ रखा था ।।

    जब इशिका ने उस इंसान को देखा तो डर और हैरानी से आंखे बड़ी हो गई वो डर से कांपने लगी वही काफी देर तक हीर को जब कुछ फील नही हुआ वो भी आंखे खोल के देखने लगी है लेकिन इस बार डर से नही बल्की किसी के इतने करीब होने से उसके दिल की धड़कने बड़ गई ।।

    जारी..✍️

  • 4. अनकही दास्तां - Chapter 4

    Words: 1687

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे ...

    हीर की धडकने काफी तेज चल रही थी वही इशिका के माथे पर डर से पसीने आने लगे क्युकी इसका हांथ साहिल ने पकड़ रखा था अब तक आयुष, कुणाल दोनो भी उसके पीछे आ चुके थे इधर लक्की और बाकी सब साहिल को देख अपनी जगह से खड़े हो गए  ।।

    हीर की भी नजर साहिल पर थी लेकिन साहिल की नजर गुस्से से लाल होके इशिका पर जमी थी ।।

    " तू... तुम क्या कर रहे हो मेरा हांथ छोड़ो " इशिका ने घबराते हुए कहा ।

    इशिका बार बार अपने हांथ को साहिल के पकड़ से छुड़ाने की कोशिश करने लगी क्युकी वो साहिल की पकड़ बर्दाश नही कर पा रही वही साहिल ने उसकी बाते सुनी तो झटके से छोड़ दिया जिससे इशिका पीछे के तरफ गिरने लगी ,, वो गिरती उससे पहले ही लक्की ने पीछे से पकड़ के गुस्से से साहिल को देख के कहा


    अबे क्या आज तमीज सीखने वाला खुद तमीज भूल गया है किसी लड़की के साथ इस तरह से ...

    . बीच में साहिल ने कहा " अरे अरे एक मिनट तुम्हारे मुंह से ये तमीज और लड़कियों से बात करने का ढंग तुम ना बताओ तो अच्छा है जो खुद लड़कियो को बुला के उन्हे परेशान कर रहा हो उससे मुझे तमीज नही सीखना है और जहा तक मेरी बात है मुझे अच्छे से पता है की मैं क्या कर रह हूं "

    लक्की इशिका को पीछे कर साहिल के  सामने आके खड़ा हो गया इधर साहिल ने  हीर  के दुप्पटे को  अच्छे से किया तो हीर पलके उठा के साहिल को  देखने लगी वही साहिल भी हीर को खुद के इतने करीब देख दिल में हलचल से मच गई लेकिन इस वक्त उसे अपनी हुस्ना से ज्यादा इन लोगों को संभालना था इसी लिए उसने हीर को पीछे कर के सामने आ  गया उसके दोस्त उसके बगल में खड़े हो गए वही बाकी लड़किया हीर के बगल में खड़ी हो गई ।।

    लक्की ने साहिल के तरफ उंगली प्वाइंट कर के कहा " तू अपनी हद में रह मुझे क्या करना है क्या नही मैं अच्छे से जानता हूं  तू ज्ञान ना दिया कर "

    साहिल भी गुस्से से कहता है " अगर तूझे यही बात पता होता ना तो तू आज ये नही करने आता जो कर रह था  अगर तुझे मेरे ज्ञान से एलर्जी है फिर तो तुझे तमीज सीखने की सक्त जरूरत है ।"

    लक्की" मुझे नही लगता मुझे कुछ सीखने की जरुरत है वैसे  मैने ऐसा क्या कर दिया जो मुझे नही करना चाहिए था "

    साहिल ने अजीब सी स्माइल के साथ कहा " हमे तुझसे यही उम्मीद हो सकती थी वैसे भी तेरे जैसे बुजदिल ही कांड कर के कहते है ऐसा भी मैने क्या कर दिया "

    साहिल के मुंह से बुस्दिल सुन के लक्की का खून खौल गया उसने गुस्से से साहिल के के तरफ बड़ के कहा " बुस्दील किसको कहा बे मैं तूझे छोडूंगा नही "

    साहिल अपने उसी एटीट्यूड में कहा " पहले जाके लड़कियो की इज्जत करना सीख के आ उसके बाद किसी को मारने के बारे में सोचना जो लड़का लड़कियो की इज्जत नहीं करना जानता वो तेरी तरह कुत्ते कहे जाते है लड़किया तुम जैसे लोगो को वजह से घर से बाहर तक नही निकल पाती है ।।

    लक्की " मैं इज्जत नहीं लूट रहा इसकी मजाक था "

    साहिल गुस्से में दहाड़ते हुए बोला " इज्जत पर हांथ डाल के बोल रहा इज्जत नहीं कुछ तो शर्म कर साले"

    लक्की" अपनी जवाब पर लगाम दे वरना   "

    बीच में आरुष ने आके कहा " वरना क्या धमकी किसको दे रहा है डरते नही है तुझसे यही पर दफना देंगे समझा "

    " दफना तो हम देंगे तुम सब को  " लक्की के दोस्त ने उसके बगल में आके आरुष का टक्कर तेरे हुए कहा ।।

    आरुष के पास कुणाल ने आके कहा " उसके लिए औकात चाहिए जो तुम दोनो के पास तो बिल्कुल नही है और ना कभी होगा समझे और ना होने देंगे"

    " तेरी तो " लक्की के दोस्त करण ने  कहा ।। जिसे सुन कुणाल और आरुष भी आगे बड़ गए लेकिन बीच में दोनो तरफ से करण को लुक्की ने और आरुष, कुणाल को साहिल ने अपने हाथों से रोक लिया इधर हीर खड़ी होके सब कुछ देख रही थी ।। पहले तो उसे खुशी हुई की कोई उसकी हेल्प तो कर रह है  उसकी सोच लडकियो के बारे में कितनी अच्छी है मगर जब बात बिगड़ने लगी तो हीर की घबराहट बड़ गई ।।

    इधर दोनो ने अपने दोस्तो को रोक के एक दूसरे का कॉलर पकड़ लिया साहिल ने लक्की के आंखो में देखते हुए कहा " अपनी हद में रह और लड़कियों से दूरी बना के वरना तुझे इस कॉलेज से निकालने में मुझे वक्त नही लगेगा "

    लक्की दांत पीसते हुए कहता है " वक्त तो मुझे भी नही लगेगा तुझे यहां से निकालने में इसी लिए   तू मेरे  कामों में अपनी नाग घुसना बंद कर दे वरना मैं यहां से निकालूंगा नही बल्कि दूसरी जगह जाने के लायक नही छोडूंगा तुझे ।।


    दोनो नफरत से एक दुसरे को घूरने लगे इधर सभी उन्हे देख रहे थे इशिका उसकी चमची तो डर रही थी तभी उनमे में से एक ने कहा  " इशिका कुछ कर वरना बात ज्यादा बिगड़ गई तो हम संभाल नही पाएंगे "

    दूसरी वाली कहती है " हां इशिका अभी के लिए कुछ कर और उस लड़की को तो बाद में देखते है उसकी किस्मत अच्छी है जो खुद साहिल बालिया उसे बचाने आया है "

    दोनो बात सुन इशिका ने डर से साहिल को देखा फिर नफ़रत से हीर  को उसके बाद वो लक्की के कन्धे पर हांथ रख के कहती है " लक्की हमे यहां से चलना चाहिए छोड़ो उसे "

    इशिका ने कह तो दिया लेकिन उसकी बाते लक्की पर कोई असर नहीं हुई  वहा का माहौल बहुत खतरनाक हो चुका था सभी एक दूसरे को मारने के।लिए तैयार थे तभी उनके कानो में किसी की गुस्से से भरी आवाज गई "
    क्या हो रह है यहां??

    इस आवाज को सुन कोई रिएक्ट करे या न करे लेकिन आयुष सकपका गया वो सीधे कुणाल से  सट के खड़ा हो गया ।। वही हीर और बाकी लड़कियो से गेट के तरफ देखा जहा तक लेडी जिसने पीली सिफोन की साड़ी पहन रखा था बाल खुले ,, लेकिन चेहरे पर कोई मेकअप नही दिखाने में खुबसूरत थी और साड़ी में तो पूरी बवाल लग रही ।।

    हीर ने देख के बड़बड़ाई " तनु" वही साहिल और लक्की ने एक दूसरे को नही छोड़ा इशिका ने लक्की को हिलाते हुए कहा " लक्की छोड़ो तनु मैम आ गई है "

    लेकिन उसके बातो  का तो कोई  असर ही  नहीं हुआ  इधर तनु मैम जो उनके क्लास की हिस्ट्री की टीचर है उन्होंने अंदर आके गुस्से से कहा " मैने कहा यहां क्या हो रहा है लक्की साहिल तुम दोनो छोड़ो एक दूसरे को "

    तनु ने चिल्ला के  lकहा की दोनो ने सुन के एक दूसरे को छोड़ के खडे हो गए अपने अपने कॉलर सही करने लगे तभी तनु मैम कहती है " क्या हो रहा था कोई बताएगा ???"

    वो हांथ बांध के खड़ी हो गई ।।

    वही लक्की और साहिल बस  आंखो से एक दुसरे को मार रहे थे बाकी सब सिर झुका के खडे हो गए इधर कुणाल ने धीरे से आरुष से कहा " लगता है आज तेरी प्रेमलता काफी गुस्से में है ??

    ये है आरुष की प्रेम लता जिन्हे वो जब से कॉलेज आया है तभी से पसन्द करता है कई बार प्रपोज भी कर चुका है लेकिन उसका कोई फ़ायदा नहीं क्युकी तनु उसे हर बार डांट के भागा देती है ।। लेकिन आरुष इतना बेशर्म है की वो फिर से तनु के पास जाने का बहाना ढूंढता है ।।

    कुणाल की बात सुन आरुष ने कहा " तू चुप रह नही  कही ऐसा ना हो ये गुस्सा तेरे ही ऊपर फूट जाए "

    उसकी बात सुन कुणाल चुप हो जाता है लेकिन आरुष की बात सही निकल गई तनु ने कुणाल के तरफ घूरते हुए कहा " कुणाल बताओ यहां लड़ाई क्यू हो रही थी ??

    कुणाल में एक नजर साहिल को देखा फिर कहा " मैम ये लक्की और उसकी गैंग मिल के नए स्टूडेंट की रैगिंग कर रहे थे वही हमने।रोकने की कोषिश करी तो ये हमसे ही भिड़ गए  "

    उसकी बात बात सुन तनु ने ईशिका से कहा " इशिका कुणाल क्या कह रहा है  ??

    ईशिका"  मैम ये झूठ  बोल रहा ही ऐसा कुछ .. बीच में तनु ने कहा " चुप मैने पहले ही वान किया था ना इसके लिए लेकिन तुम लोग सुधरने का नाम नही ले रहे हो हर बार मेरी शराफत का फ़ायदा उठाते हो लेकिन लगता है इस बार मुझे तुम्हारी फेमिली से ही बात करनी पड़ेगी "

    इशिका एकदम से कहती है " नही मैम प्लीज आप फेमिली को ना बुलाए दुबारा ऐसा नही होगा "

    तनु" कई बार मैं ये शब्द सुन चुकी हूं लेकिन इस बार नही तुम लोग अब अपनी हद पार कर चुके हो नई लड़कियो की स्टडी में।हेल्प करने की बजाय उन्हें परेशान कर रहे हो आखिर उसने मजा क्या आता है तुम लोगो को बस  कॉलेज को खराब करना है  की यहां पर अमीरी गरीबी में फर्क किया जाता है यहां पर ताकत वर रहते है इसी सब के कारण आधे बच्चे कॉलेज छोड़ के चले जा रहे है "

    तनु की बात सुन सभी सिर नीचे झुका के खडे हो जाते है कोई कुछ नही करता तो तनु लड़कियो के तरफ देख के कहती है

    " तुम लोग अपने अपने क्लास में जाओ और अगर दुबारा किसी ने परेशान किया तो सीधा मेरे पास आना "

    लड़किया तनु की बात मान के जाने कहती है जिनमे से हीर भी थी वो जैसे ही जाने को मुड़ती है तभी तनु कहती है " हीर मैने तुम्हे जाने को नही कहा ??

    उसकी आवाज सुन हीर अपनी जगह पर रुक जाती है बाकी सब हैरान होके हीर को देखने लगते है वही साहिल की भी नजर हीर पर चली जाती है और साथ में उसका नाम सुन एक बार फिर साहिल का दिल धक धक करने लगा ।।

    जारी..✍️

  • 5. अनकही दास्तां - Chapter 5

    Words: 1521

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे .....

    साहिल ने हीर का नाम सुना तो दिल में  हलचल सी मच गई उसने पीछे मुड के देख जहां गेट के पास सर झुका के हीर खड़ी थी बाकी सभी की नजर हीर पर थी ।।

    तभी तनु ने हीर के तरफ देख के कहा " हीर इधर आओ"
    तनु के बुलाने पर हीर घबराई फिर भी अपने धीमे कदमों से आगे के तरफ बड़ गई वो सीधा तनु के बगल में जाके खड़ी हो गई ।।

    जिसे देख ईशिका की दोस्त ने कहा " ये नई लड़की को मैम कैसे जानती है??

    दूसरी वाली कहती है " कही ये मैम की कोई रिश्तेदार तो नही है अगर ऐसा हुआ तो आज हम सब बुरी तरह फस गए  "

    दोनो की बात सुन ईशिका ने गुस्से से कहा " तुम दोनो अपना मूंह बंद कर सकती हो अभी पता चल जायेगा कौन है वो ??

    इशिका के कहने पर दोनो चुप हो गई इधर साहिल , आरुष, कुणाल और लक्की सभी के नजरों में सवाल था ये नई लड़की कौन है ??

    साहिल तो पहले से जानना चाहता था तभी  तनु ने हीर को पास बुला के कहा " इन  लोगो ने कुछ किया अगर हां तो मुझे बताओ "

    हीर ने एक नजर तनु को देखा फिर इशिका और उसकी दोस्तो को देख के तनु के तरफ चेहरा कर लिया वही ईशिका और उसकी दोस्त घबरा रहे थे सच में हीर ने कुछ कहा तो आज उन्हे कोई नही बचा सकता है ।।

    हीर तनु से कहती है " नही कुछ नही हुआ बस बुलाया था  लेकिन कुछ कहा नही "

    हीर की प्यारी और मीठी आवाज सुन के साहिल ने अपनी मुट्ठी भींच के आंखे बंध कर लिया हीर की आवाज बिल्कुल छोटे बच्चे जैसी थी जो किसी को भी एक बार में घायल कर से वही हीर ने साफ झूठ कहा था वैसे ज्यादा कुछ हुआ तो नही था लेकिन फिर भी इशिका लक्की उनके दोस्तो की गलती थी जिसे हीर ने नही बताया ।।

    तनु ने हीर के सर पर हांथ रख के कहा " मुझे पता है तुम झूठ कह रही हो लेकिन मैं ये नही पूछूंगी क्यू ??

    हीर ने कोई जवाब न देके सिर नीचे झुका लिया तनु ने सभी को घूर के देखा और अपनी शक्त आवाज में कहा " आज के बाद मैं ऐसा कुछ दुबारा सुनना नही चाहती हूं और एक बात तुम सब अपने दिमाक में बैठा दो हीर हो या कोई और अगर किसी गलत किया तो मुझे एक्सन लेने से कोई रोक नही पाएगा "

    सभी में कहा " जी मैम "

    तनु ने एक नजर सभी को घूरा और हीर का हांथ पकड़ के  वहा से चली गई बाकी सब जाते हुए बस देख रहे थे लेकिन साहिल अभी भी आंखे बंद कर के खड़ा था उसके पास से हीर को भीनी खुशबू उसे पूरी तरह बैचैन कर रखा साहिल को वहा रुकना सही नही लगा इसी लिए फौरन बाहर के तरफ चला गया उसके साथ कुणाल आरुष भी बाहर चले गए ।।

    इधर लक्की उसकी गैंग भी क्लॉस के तरफ चली गई ।।
    कुछ देर बाद ..

    " तुमने खुद क्यू कहा की वो लोग कुछ नही कर रहे थे " तनु ने हीर को घूरते हुए पूछा हीर जो सोफे पर उसके सामने बैठी थी उसने सिर नीचे कर के कहा " मैने सच कहा था भले ही थोड़ी अलग तरह से लेकिन सच था "

    तनु" अच्छा इतना सच अब बोलने लगी हो पहले तो बैग से बिस्किट निकाल के खा जाति और किसी को पता तक नहीं चल पाता लेकीन जब पूछा जाता तो साफ झूठ बोल के निकल जाति मैं नही जानती वही हाल अभी भी है अगर साहिल सही वक्त पर नही आया  होता तो वो लोग परेशान करते तुझे *

    हीर " किया तो नही ना फिर जो चीज़ हुई नही उसके लिए क्यू परेशान होना जो होगया उसे छोड़ ना  "

    तनु हीर के बगल में बैठ के कहती है " आखिर तू किस मिट्टी की बनी है पहले भी तू लोगो को माफ करती फिरी ती रही थी हमने सोचा 3 सालो में बदल गई होगी लेकिन नही आज भी वैसी ही है ना तेरी सोच बदली ना तुमने खुद को बदला वही हीर आज भी हो "

    हीर ने दर्द भरे चेहरे से तनु को देख कहा " नही मैं वो हीर नही हूं मैं पहले वाली हीर नही अब की हीर हूं "

    तनु" हम्मम सही कहा तू पहले वाली हीर नही अब की है तो बच्चा अब जैसा बन जा  जो गलत कर रहा है उसका जवाब दे ना माने तो मुंह तोड़ दे "

    तनु की बात सुन हीर के चेहरे पर छोटी सी स्माइल आ गई वो तनु से पूछती है " वैसे तुम्हे कैसे पता चला की मैं यहां हूं मैने तो नही बताया था "

    तनु सोफे से खड़ी होके अपने चेयर के तरफ बड़ जाति है और कहती है " सही कहा तुमने मुझे नही बनता लेकिन पता है तेरा इस कॉलेज में एडमिशन मैने करवाया है तुझे फिर से कॉलेज स्टार्ट करवाके का प्लान मेरा और मीनू का था वैसे तो तू बड़े मुस्किल से डिप्रेशन से निकली थी तुझे घर पर अकेले नही छोड़ सकते इसी लिए  लाना पड़ा "

    इस बात पर हीर कुछ नही करती है तो तनु फिर से कहती है " तुझे पता है सुबह रेस्टोरेंट पहुंचने से पहले मुझे मीनू ने कॉल कर के बताया की तू कॉलेज आ गई है मैं सीधे क्लास के तरफ गई फिर वहा बैठे स्टूडेंट ने बताया लक्की की गैंग तुझे ले गए  मैं समझ गई थी लेकिन मुझसे पहले साहिल पहुंच गया ।।

    हीर अभी भी अपना सिर नीचे झुका के बैठी थी वो बस तनु की बाते सुन रही थी वही तनु कुछ देर बोल के शांति हो गई तभी हीर अपनी पलके उठा के उसे देखती है और कहती है " तू ठीक है ना "

    हीर का इस तरह से पूछना तनु को शान्त कर दिया वो कुछ दे पोज लेके कहती है " हम्मम मुझे क्या होगा जब से हम तीनो ने कॉलेज छोड़ा सब कुछ बदल गया अब तो बस ज़िंदगी कट रही है "

    ये बात हीर अच्छे से समझ रही थी पहले तीनो मस्ती करते एक साथ रहते लेकिन जब से हीर बीमार हुई सब कुछ बदल गया मीनू हीर के साथ रहने लगी  और तनु अपनी डिग्री पूरी कर अपने डैड के कॉलेज में प्रोफेसर हो गई ये कॉलेज तनु के डैड का है तनु अमीर परिवार से है लेकिन घमंड़ नही है उसे किसी भी बात का ।।

    हीर अपनी जगह से खड़ी होके सीधा तनु के पास जाके उसे गले से कहा के कहती है " मैं बहुत मिस करती हूं तुम्हे "

    हीर की बाते सीधे तनु के दिल में लगी उसकी आंखे नम हो गई तनु ने हीर का हांथ पकड़ के सामने कर के कहा " मैने भी बहुत मिस किया तुम दोनो को इसी लिए कल घर पर पार्टी करते है ok "

    हीर हां में सिर हिला देती है तो तनु कहती है " ठीक है  फिर अब चलते है क्लास का टाईम हो गया है "
    अपनी बात कह दोनो कैबिन से बाहर चली गई ।।

    उधर सभी क्लॉस में आके बैठ चुके थे कुणाल ने साहिल के पास आके कहा " तूने सही कहा था मैम तेरी हुस्ना को जानती है"

    आरुष कहता है " क्या लगती है वो "

    कुणाल।" वो  तेरी प्रेम लता की किसी दोस्त की बहन है प्रेम लता ने ही हीर भाभी  का  एडमिशन करवाया था "

    अब भाई साहिल को पसन्द कुणाल की भाभी ही हुई न ।।

    ये बात सुन साहिल ने हांथ को सर के पीछे लगा के स्माइल करने लगता है वही लक्की जो दूसरे साइड डेस्क पर बैठा था उसके बस करण ने आके उसे भी यही बात बताई जो कुणाल ने बताया था जिसे सुन इशिका कहती है " फिर तो बाल बाल बच गए वरना आज तो मैम हमारी वाट लगा ही देती "

    सभी एक दुसरे से बात कर ही रहे थे की क्लॉस में तनु ने आके कहा " गुड मॉर्निंग "


    सारे बच्चों के अपने। डेस्क से खड़े  होके ग्रिड किया और बैठ गए इधर हीर तनु के बगल में खड़ी हो गई तो तनु ने उसका इंट्रोडक्शन दिया " ये है हीर शर्मा जो आज  इस क्लास में आई है तो उम्मीद है आप सब अपनी तरह हीर को भी अपना दोस्त समझेंगे "

    सभी ने कहा " येस मैम "

    तनु ने हीर से कहा " जाके डेस्क पर बैठ जाओ "

    वो सामने वाले डेस्क पर जाके बैठ गई और तनु ने  क्लास स्टार्ट कर दिया  इधर आरुष की नजर अपनी प्रेम लता पर था और साहिल पीछे से हीर को घूरे जा रहा जो हीर अच्छे से महसूस कर पा रही थी लेकिन वो कुछ बोल ना सकी कहती भी क्या मुझे घूरो मत पर कैसे खेर थोडी देर में तनु को क्लास खत्म हुआ तो फिर से कहा यार दो क्लासेस और चले ।।

    सभी बहुत  थक गए थे लास्ट क्लास जैसे ही खत्म हुआ हीर क्लास से बाहर निकल गई इधर साहिल उससे बात करना चाहता था

    जारी..

    क्या हीर साहिल से बात करेगी ?

  • 6. अनकही दास्तां - Chapter 6

    Words: 1570

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे ....

    तनु के जाने के बाद हीर भी क्लॉस ने निकल गई साहिल तो उसे रोकना चाहता था मगर हीर तनु के पीछे ही निकली और उससे मिल के ही कॉलेज से बाहर जाने लगी जिस करना साहिल उसे रोक न सका ।।

    कुछ देर बाद ...

    " मीनू तुझे अभी यहां कितना टाइम लगेगा  मुझे बहुत कुछ बताना है तुमने " हीर ने कहा जो इस वक्त रेस्टोरेंट के अंदर टेबल पर बैठ थी वही मीनू सभी को उसका ऑडर सर्व कर रही ।।

    हीर की बात सुन मीनू ने एक साइड से मास्क हटा के कहा " हीर तू यही बैठ के कुछ खा ले क्युकी आज मुझे थोड़ा वक्त लगेगा उसके बाद घर चल के बात करते है  "

    हीर मुंह बना के कहती है " पर क्या रोज तो इतना काम नही होता है अगर  आज ज्यादा है तो मैं करवा लूं "

    मीनू ने प्लेट उठाते हुए कहा " ज्यादा नही है और तुझे कुछ करने की जरूरत नही है तू बस अच्छे से खा मैं थोड देर में फ्री होके आती हूं  "

    हीर उसकी बात मान के वही एक कुर्सी पर बैठ गई मीनू ने फिर से मास्क लगा और वहा से अंदर चली गई कुछ देर बाद हीर के लिए कुछ खाने को भेज मीनू अपना काम करने लगी ।।

    तभी तीन लड़के जो दिखने में हेंडसम थे वो हीर के पास आके कहते है "एक्सक्यूज मी"

    हीर अपना सिर उठा के ऊपर देखती है तो साहिल, आरुष और कुणाल खड़े थे ।

    तीनो को देख हीर भी खड़ी होने लगती है वो खड़ी होती उससे पहले ही साहिल ने कहा " अरे तुम उठ क्यू रही है ?

    उसकी बात सुन हीर फिर से अपनी जगह बैठ गई और उन्हे देखने लगी तब आरुष ने कहा " वो हम पूछ रहे थे की क्या तुम्हारे साथ चेयर शेयर कर सकते है "

    हीर ने अपनी मासूम आवाज में एक दम से कहा " पर क्यू?

    तीनो ये सुन कुछ देर तक  शांत रहे उसके बाद साहिल ने कहा "  तुम्हारी आवाज  बहुत प्यारी है तुम्हारी तरह ही 🔥 "

    हीर को ये बात सुन अच्छा लगा साहिल के मुंह से कुछ ज्यादा ही अच्छा लगा मन में।उसके लड्डू फ़ूटने लगे हीर ने हलकी स्माइल।के साथ कहा " थैंक्यू लेकिन आप लोगो ने बताना नही यहां क्यू बैठना है ??

    इस बात पर कुणाल ने।कहा " वो इस रेस्टोरेंट में कोई और टेबल खाली नही है देखो सब भरे हुए है "

    हीर ने चारों तरफ   देखा तो सच था एक वही टेबल था जिसके तीन कुर्सियां खाली थी जिसपर इस वक्त हीर बैठी है उसने फिर से उनकी तरफ देखा और कहा " मैं आप की बात समझी रही हूं बट sorry'मै यहां बैठने नही दे सकती हूं "

    एक दम से बीच में आरुष ने कहा " पर क्यू आखिर जगह खाली हो तो है फिर क्यो बैठने नही दे सकती हो "

    हीर ने खाते हुए कहा " वो मेरी द,,, इतना बोल वो रुक गई फिर एक दम से कहा " वो मेरी बहन उसी रेस्टोरेंट में काम करती है उसने मुझे यहां बैठने को कह और कहा की मैं किसी को न बठाऊं इसी लिए आप लोग नही बैठ सकते है वैसे भी मुझे लड़के कुछ खास पसन्द नही है इसी लिए आप सब जा सकते है "

    उसकी इस बात पर तीनो की  आंखे सिकुड़ गई । कुणाल ने धीरे से साहिल से कहा "  यार उसे लड़के पसंद नही कुछ गड़बड़ लग रही है कही तेरी वाले वो तो नही ?

    साहिल ने कुणाल को घूर के देखा तो कुणाल चुप हो गया लेकिन उसे अंदर से हीर की ऐसे बाते सुन के हसी आ रही थी ।।

    वही  आरुष ने थोड़ा हीर के तरफ झुक के कहा " तुम्हे लड़के पसन्द नही मतलब क्या तुम " वो आगे बोलता उससे पहले ही हीर से कहा " ऐसा कुछ नही है आप जो सोच रहे है मेरा वो कहने का मतलब नही था मैं तो बस इस लिए बोल रही थी की अक्सर लड़के अकेली लड़कियों को छेड़ते है और मेरा मूड अभी छिड़ने के लिए नही है इस लिए ".

    साहिल ने हीर पर गहरी आंखे डालते हुए कहा " मतलब पहले तुम्हरा छिड़ने का मन होता है "

    साहिल की बात सुन हीर सकपका गई उसने जल्दी से कहा " नही नही मैने ये नही कहा मुझे ये सब पसंद नही है  "

    लास्ट वर्ड उसने मुंह लटका के कहा हीर की बाते जितनी क्यूट थी उससे कई ज्यादा साफ और सीधी बात न वो घुमा के कह रही ना कुछ और जो है  मुंह पर है वही बोल दिया उसने अब तो तीनो को हीर की बाते अच्छी लगने लगी ।।

    हीर फिर से कुछ करती या कहती इससे पहले ही तीनो वही बैठ गए हीर ने देखा तो कहा " अरे मैंने मना किया आप  लोग यहां नही बैठ सकते है प्लीज उठिए "

    साहिल ने स्माइल के साथ  कहा " सॉरी बच्चा अब हम बैठ गए तो उठ नही सकते "

    हीर " मैं कोई बच्चा नहीं हूं "

    साहिल " हां पता है पर मुझे कहना पसन्द है "

    हीर " लेकिन मुझे पसंद नही है कोई मुझे बच्चा बुलाए "

    उसने इतना ही कहा था की मीनू की आवाज उसने कानो में पड़ी बच्चा जल्दी खा ले हम अभी निकलने ही वाले है  "

    हीर ने कुछ नही कहा वो चुप हो गई क्युकी मीनू ने उसे बच्चा कह के बुलाया और वही  साहिल ने कहा हीर ने साहिल।के तरफ देखा जो अपनी एक आईब्रो उठा के उसी को देख रहा था हीर ने कुछ देर उसे  देखती रही फिर एक दम से कहा " वो बहन है मेरी बोल सकती है लेकिन  आप को नही जानती इसी लिए आप नही बोल सकते  ".

    अपनी बात कह हीर चुप हो गई साहिल।को कहने को हुआ की उसका फोन रिंग होने कहा वो फोन में मिस्टर बालिया देख चीड़ गया लेकिन यहां कोई बवाल नही करना चाहता था इसी लिए फोन उठाने वहा से थोडी दूरी पर चला गया ।।

    इधर हीर ने एक नजर देखा तभी उसके पास मीनू आके जूस का ग्लास रख के कहती है "जिसे जल्दी से फिनिश कर फिर पांच मिनट में निकलते है ।। मीनू ने हीर के पास बैठे लड़को पर पहले ध्यान नही दिया था मगर जैसे ही जाने को हुई की वो ठहर सी गई।।

    " तुम लोग कौन हो और यहां क्या कर रहे हो ?? मीनू ने आरुष कुणाल को देख के  गुस्से से कहा " उसने इस वक्त मास्क लगा रखा था बस पुरे चेहरे में उसकी खूबसूरत आंखे ही दिखाई  पड़ रही  जो गुस्से से लाल हो गई थी ।।

    मीनू का गुस्सा देख दोनो लड़के चुप हो गए ।। आज तक किसी लड़की ने उसने इस तरह से बात तक नही किया था जिस तरीके से मीनू कर रही थी ।।

    मीनू ने अपने आंखों का फ़ायदा उठा के  आंखे दिखा के कहा " मुंह में दही जम गई है या फिर सुनाई नही दे रहा मैं कुछ पूछ रही हूं यहां तुम दोनो क्यू बैठे हो आखिर हो कौन?  "

    मीनू हीर के तरफ मुड़ के कहती है " ये लोग तुझे परेशान तो नही कर रहे है ना क्या तू जानती है " ।। अगर नही तो बोल मैं अभी उन्हे बताती हूं " मीनू ने कहते ही अपनी शर्ट के बाजू को फोल्ड करने लगी ।।

    आरुष और कुणाल ने देखा तो दोनो एक दूसरे को देखने लगे अब तो सच के मीनू से उन्हे डर लगने लगा ।

    मीनू के पूछने  पर हीर ने हां में सिर हिला के कहा " वो आज कॉलेज में जिसने मुझे बचाया ये उनके दोस्त है  टेबल खाली नही था तो यही आके बैठ गए "

    मीनू ने परेशान करने की बात सुन पैनिक हो गई उसने झट से हीर के हाथों को पकड़ लिया उसे देखते हुए कहा " कही चोट तो नही आई सच  बताना  "

    ।हीर ने  हल्की स्माइल के साथ कहा " नही मैं ठीक हूं इसके दोस्त टाइम पर आ गए थे  तनु मैम भी आके सब ठीक कर दि।।

    मीनू ने राहत की सांस लेके कहा " फिर ठीक है वैसे तनु जो कहे उसे मान लेना और ऐसे।लोगो कर ज्यादा विश्वास मत करना मैं क्या कर रही हूं तू समझ रही है ना ।

    हीर हां में सिर हिला देती है मीनू एक नजर दोनो को देखा वहा से अंदर चली जाति है उसके जाते ही कुणाल आरुष से कहता है " भाभी की बहन काफी खतरनाक लग रही है यार "

    आरुष ने हां के सिर हुआ के कहा " सही कहा तुमने "

    दूसरी तरफ साहिल ने गुस्से से कहा " आप की बेटी खुद घर छोड़ के कई है तो ये मेरी नही आप की जिम्मेदारी है उसे ढूंढने की मुझे ना किसी भाई से मतलब है बहन से समझे आप और इतना ही शॉक है ना तो खुद कर लो "

    साहिल की आवाज थोडी ऊंची हो गई थी वही दूसरी तरफ से मिस्टर बालियां ने कहा " मैं अपने लिए नही तुम्हारी मां के लिए कह रहा हूं  वो सुबह शाम अपनी बेटी के लिए रोती है वैसे भी तुम फ्री हो तो ये काम तुम ही करोगे कही ये भी अपनी बहन को ढूंढ के अपनी मां के सामने ले आओ "

    जारी..✍️

    कौन है साहिल की बहन और कहा है ?

    साहिल के प्यार को क्या हीर समझे की क्या वो भी कभी साहिल से प्यार करेगी ?

  • 7. अनकही दास्तां - Chapter 7

    Words: 1576

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे ...

    हीर चेयर पर बैठ के खा रही थी तभी वहा पर लक्की की गैंग आके बैठ जाति है उन्हे हीर हैरानी से  देखने लगी मुंह में बर्गर भर हीर सब को देख रही थी  एक चेयर पर ईशिका पीछे उसकी चामचिया खड़ी और दूसरे पर लक्की पीछे करण खड़ा था हीर भरे मुंह से कहती है

    " आप लोग यहां क्या कर रहे है ?

    अपनी बात कह हीर का मुंह चलने लगा लेकिन नजरे सब पर बनी थी तभी लक्की ने लोलीपॉप हीर के तरफ कर के कहा

    " हम पूछने आए थे की  लोलीपॉप खानी है तुम्हे "

    हीर एक बार अजीब नजरो से देख कर  ना में सिर हिला देती है वही इशिका गुस्से से लक्की को घूर के कहती है " क्या ये बात करने आए थे यहां?? हम्मम

    इशिका का गुस्सा देख लक्की सीधे बैठ गया और कहा " नही नही बेबी मैं तो बस मजाक कर रहा था ,, करते है ना बात "

    फिर उसने  हीर के तरफ देख के कहा " हमे।तुमसे बात करनी है "

    हीर ने कोई जवाब नही दिया तो लक्की ने कहा " तुम इस   प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लो  अगर नही लेती तो तुम्हारे लिए अच्छा नही होगा इसी लिए पहले ही वान कर रहे है ,, आज तो कोई हमारे खिलाफ खड़े होने के बारे में सोचा नही है तुम इस कॉलेज में नई हो तुम्हे कुछ पता नहीं इसी लिए शांति से बता रहे है  ।

    हीर जो कॉफी पीने ही वाली थी लक्की की धमकी सुन के चुप हो गई और उन्हे देखने लगी फिर आगे बात बड़ा के ईशिका ने कहा " देखो हम कोई लड़ाई नही चाहते है इस वक्त इसी लिए प्यार से कह रहे है नाम वापस लेलो वरना फिर अगर तुम्हे कुछ हो गया तो बाद में दोष हमे मत डालना ,, तुम तनु मैम की रिश्ते दार हो इसी लिए प्यार से बात कर रहे है वरना कोई और होता तो कब का वो कॉलेज छोड़ के भाग चुका होता ।।

    उनकी सारी बाते हीर बड़े ध्यान से सुन रही थी एक पल के  लिए तो उनकी धमकी सुन होते डर ही गई थी मगर दूसरे ही पल उसने कॉफी का कप नीचे रख के एकदम से कह

    " मैं भी इस प्रतियोगिता में भाग नही लेना  चाहती हूं मुझे तो पता ही नही है मेरा नाम किसने डाला था मैंने अपना नाम नही डाला है सच कहूं तो ये ब्योटी सीटू के बाते में मुझे नही पता है इसी लिए प्लीज़ अगर किसी को पता है प्रतियोगीता से बाहर कैसे होते है तो मुझे निकाल दो यार मैंने तो मैम से बात भी करी लेकिन उन्होंने माना कर दिया ।।

    हीर ने बड़े उदास  मन से कहा वही उसकी बाते सुन बाकी खुश हो गए कोई कुछ कहता या सुनता उससे पहले ही किसी की भारी आवाज हीर के कानो में गई "  मेरे पास प्रतियोगिता से बाहर जाने का रास्ता है "

    जिस दशा से आवाज आई सभी  उसी तरफ देखने लगे हीर ने भी देखा तो फिर से उसका दिल जोरो से धड़कने लगा क्यू की सामने साहिल खड़ा था  बगल में उसके दोस्त

    हीर ना कुछ बोल के नजरे नीचे कर लेती है वही लक्की और उसकी टीम साहिल को देख जलने लगे दोनो की गैंग फिर से एक दुसरे को घूरने लगी ।।

    साहिल और उसके दोस्त हीर के पीछे आके खडे हो गए और कहते है " बिना जीत के कोई प्रतियोगित से बाहर नही निकल सकता है और जहा तक हीर की बात है  वो इस प्रतियोगिता में हिस्सा भी   लेगी और स्टेज पर जायेगी भी और जीत के भी आयेगी अगर किसी को हारने का डर है तो वो अपना नाम।पीछे ले सकता है लेकिन हीर स्टेज पर जायेगी "

    साहिल की बाते सुन हीर के हाथों के पसीने आने लगे वो घबराने लगी उसने मन में कहा " इन्हे देखने से मुझे हो क्या जाता है मैं ऐसे क्यू घबरा रही हूं ?  बिचारी हीर अभी से उसकी  हालत खराब है आगे पता नही क्या होगा ??।

    वही जब साहिल हीर के बगल में बैठ गया तो हीर सिहर सी गई उठने लगी तो साहिल ने हाथों को अपने हांथेली में भर के दबा दिया हीर कुछ न कह के सिर निचे कर बैठ गई न देखने की हिम्मत हो रही ना कुछ कहने की ।।

    इधर लक्की की नजर साहिल और हीर पर ही थी तभी करण ने लक्की के कानो में कुछ कहा जिसे सुन लक्की के फेस पर तिरछी मुस्कान आ गई उसने अपना लोलीपॉप पूरा खत्म कर के कहा " क्या बात है प्रेम  का नया नया नशा चढ़ा है ??  हा हा अपनी बात कह लक्की हसने कहा उसकी बाते साहिल अच्छे से समझ रहा लेकिन ईशिका और बाकी सब नही समझ रहे थे ।।

    तभी लक्की ने सीरियस टोन में।कहा " ठीक है एक महीने बाद प्रतियोगिता सुरु होने वाला है अब जब दोनो तरफ से एक एक इंसान इसमें भाग ले रखा है तो क्यू ना थोडी इंट्रेसिंग बनाया है इस प्रतियोगिता को  ,, वैसे भी दोनो तरफ से कोई बाहर नही जाना चाहता है "

    साहिल ने बीना किसी एक्सप्रेशन के कहा " साफ साफ बोल कहना क्या है ??

    लक्की ने रूड टोन में।कहा " अगर इस प्रतियोगिता की विनर इशिका होगी तो तूझे कॉलेज के सामने मुझसे माफी मांगना होगा उस दिन के लिए जब सबके सामने तुमने हांथ उठाया था याद है की भूल गया ।।

    साहिल ने तिरछी मुस्कान के साथ जवाब दिया " हम्मम मैं कैसे भूल सकता हूं वो दिन चल अगर तू यही चाहता है तो यही सही लेकिन अगर हीर इस प्रतियोगिता की विनर होती है तो तुझे लोगो को परेशान करने का धंधा छोड़ कर इस कॉलेज से जायेगा "

    लक्की ने एकदम से कहा " ठीक है मंजूर है "
    इसी बात पर दोनो ने हांथ मिलाए और सभी अपनी अपनी जगह से खड़े हो गए लक्की और साहिल एक दूसरे के आंखो में  नफरत से देख रहे थे ।।

    हीर इन सब की बाते सुन के सोचती है " गई भैंस पानी में दोनो अपनी दुश्मनी के लिए मुझे यूज कर रहे है और मैं इस प्रतियोगिता में पक्का नहीं जीत सकती हारना मेरा तय है क्या करूं कैसे मना करूं ?!

    हीर कुछ सोच के अपनी जगह से खड़ी होके साहिल के तरफ मुड़ जाती है और हिम्मत कर कुछ  कहती है " स.. मे.. वी.. हीर के मुंह से शब्द ही बाहर नही आ रहे जिसे सुन साहिल।की आंखे छोटी हो गई ।।

    उसने गहरी नजर उस पर डाल के कहा " क्या कहनाहै साफ साफ कहो ..? हीर ने गहरी सांस लेके एकदम से कहा " मैं इसमें भाग नही लेना चाहती हूं मुझे कोई प्रतियोगिता नही करनी है "

    जहा उसकी बात सुन साहिल के आंखों में गुस्से के कुछ कतरे उतार आते है वह लक्की जोर जोर से हसने लगता है और कहता है " ये लो जिसके दम पर लड़ाई हो रही थी वह पीछे भाग रही है "

    हीर ने नजरे नीचे कर गोल गोल घुमाने लगी साहिल ने गुस्से से मुट्ठी कस लिया सब के समाने हीर कैसे उसे ना कह सकती है उसे बहुत गुस्सा आ रहा लेकिन खुद को कंट्रोल कर मन में कहा " मेरी हुस्ना तुम्हरा मन हो या ना हो तुम्हे ये करना ही पड़ेगा "

    साहिल तो जैसे जिद पर उतर आया था अब हीर के लिए वहा रुकना उसके बस से बाहर था उसने सीधे बैग पकड़ा और कहा " मुझे घर जाना है "

    वो शब्द कह  जल्दी से कैंटीन से बाहर भागने लगी बाकी सब बस देख रहे थे क्युकी कोई उसकी बाते  समझता उससे पहले ही हीर भाग गई ।।

    कुछ देर बाद ..

    हीर अपार्टमेंट आके सोफे पर बैठ के सोच रही थी उसने खुद से कहा " क्या करूं  कैसे इस परेशानी से बाहर आऊं मैं इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लायक नही हूं अगर किसी को मेरी हकीकत पता चली तो मेरी पढ़ाई बीच में रुक जायेगी मैं फिर से उसी दौर से नही गुजरना चाहती हूं "

    खुद से बाते करते हुए हीर की आंखे भारी होने लगी वो वही पास सो गई ।।

    इधर साहिल पार्क में बैठ कुछ सोच रहा की तभी उसके फोन की रिंग बाजी  उसने फोन कानो से लगा के कहा " हां कहो कुछ पता चला ?  "

    दूसरी तरफ से आवाज आई " सर हमारे आदमियों ने पता किया है की आप की बहन इसी शहर में है "

    साहिल कहता है " अगर है तो पकड़ के लाओ किस चीज का इंतज़ार है "

    दूसरी तरफ से " सर हमे अभी तक पता नही चले है की वो किस जगह रहती है जल्दी ही हम पता कर लेना "

    उसकी बात सुन साहिल के थोड़े गुस्से से कहा " जब पता नही है तो कॉल किस लिए किया पहले ही कहा था जब तक उसकी खबर ना मिले मुझे कॉल मत करना मेरा पास इतना वक्त नही है की मैं तुम्हारे इस छोटे मोटे बातो को सुनू मुझे बस वो चाहिए जब मिल जाए तो कॉल करना "

    अपनी बात कह साहिल जैसे ही कॉल कट करने को हुआ की दुसरी तरफ से आवाज आई " सर उसी के लिए कॉल किया है हमे पता चला है की आप की बहन फ्राइडे को बार में काम करती है आज फ्राइडे है वो रात के शिप्ट में काम करने वाली है ।।

    जारी..✍️

    क्या हीर प्रतिगोतिया में जाएगी..?

    क्या साहिल आज अपनी बहन से मिल सकेगा..?

    कौन है साहिल की बहन..?

  • 8. अनकही दास्तां - Chapter 8

    Words: 1678

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे ....

    अगली सुबह...

    हीर जल्दी से रेडी होके मीनू के साथ कॉलेज के लिए निकल गई कल दोनो रात देर से घर आई हीर ने सारी बाते मीनू को बता दिए थे इसी लिए मीनू ने उसे अपने साथ  चलने के लिए कहा ।।

    दोनो ऑटो से कॉलेज तक आई ऑटो सीधे गेट के सामने रुकी मीनू ने  पैसे दिए और हीर से कहा " चल जा और जो समझाया है आगे से ध्यान रखना ठीक है "

    हीर ने अपना सिर हिला के कहा " ठीक है मेरी मां ये तूने 10 बार कहा है मैं समझ गई हूं किसी से बेमतलब की बात  नहीं करनी है ना उलझना है "

    मीनू ने कहा"  good अब तू अंदर जा "

    दोनो ने एक दूसरे को बाय बोल और अपने अपने रास्ते चल दिए उनके जाते ही वही झाड़ी के पिछे से दो लडके बाहर आए एक की  नजर मीनू पर थी तो दूसरे की हीर पर तभी उनमें से एक ने किसी को कॉल कर  के कहा " भाई भाभी अंदर ही जा रही है "

    इतना कह उसने फोन कट कर दिया ये दोनो कोई और नहीं कुणाल और आरुष थे जो साहिल के कहने पर ये देखने आए थे की हीर कॉलेज आई है या नही ।।बोला तो दोनो बाहर ही खड़े थे मीनू को देख दोनो चुप गए ।।

    आरुष ने साहिल को कॉल कर के कहा और जाने को हुआ की उसके नजर कुणाल पर पड़ी जिसकी नजरे बाहर के तरफ थी आरुष ने उसे देख के कहा " तू बाहर क्या देख रहा है भाई ".

    कुणाल उसी तरफ  देखते हुए कहा " मैने इसे कही देखा है "

    आरुष ने बाहर की तरफ देख के कहा " किसे देखा है किसकी बात कर रहा है ??,, "

    कुणाल ने गहरी सांस लेके मन में कहा " शायद ये वो नही है " फिर उसने आरुष से कहा "  कुछ नहीं चल "

    अपनी बात कह के कुणाल आगे बड़ गया आरुष ने पहले बाहर देखा फिर कुणाल को उसके बाद वो भी उसके पीछे चला गया ।।


    हीर अंदर के तरफ जा ही रही थीं की  उसने देखा कैंपस की तरफ लोगो की भिड़ इक्ट्ठा हो रखे थे उसके क्लॉस के भी स्टूडेंट सभी  वही थे  और कुछ  बाहर से आ रहे सभी  उसी तरफ बड़ रहे हीर को भी न चाहते हुए वो भी  चली गई ।।वो देखना चाहती थी आखिर यहां पर चल क्या रहा है ।।

    हीर ने वहा पहुंच के देखा की कुछ लोगो का किसी प्रतियोगिता के लिए  नाम अनाउसमेंट  किया जा रहा है।।

    हीर को अपने काम की चीज नही लगी तो वो वहा से जैसे ही जाने को हुई की उसके कानो में उसका नाम सुनाई पड़ा ,, हीर शर्मा "

    अपना नाम सुन के हीर के पैर  रुक गए वो  पीछे मुड के  हैरानी देखने लगीं  आखिर उसका नाम क्यू लिया गया है जहां सभी  के बीच में से किसी ने उसका नाम लिया ।।

    हीर के नाम से सारे स्टूडेंट में खुसुर फुसुर होने लगी आखिर हीर को कोई जानता नही था और उसका नाम अचानक से आ गया ।। कॉलेज में आज उसका दूसरा ही तो दिन है

    हीर  अपना नाम सुन के लोगो की भीड़ को चीरते हुए अंदर के तरफ चली गई जहा पर एक मिडिल एज की औरत थी ।।

    हीर को देख मैम कहा " क्या तुम हीर हो ?

    हीर ने बड़े नम्र से कहा  " जी मैं ही हीर हूं पर आप ने मेरा नाम क्यू लिया मैम "

    मैम" प्रतियोगिता में तुम्हरा भी  नाम आया है जो एक महीने  बाद सुरु होगा  "

    उनकी बात सुन हीर हैरान हर गई उसने तो कोई प्रतियोगिता नही लिया था फिर ये सब कैसे हो गया??  हीर ने एक दम से कहा " मैम मुझे लगता है आप को कोई गलत फैमि हुई है मैने ऐसा कोई प्रतियोगिता नही लिया  है इनफैक्ट मुझे तो पता ही नही है ये किस चीज़ की प्रतियोगिता होने वाली  है "

    मैम ने हीर के हांथ में फार्म देते हुए कहा " मिस हीर ये तुम्हारा ही  फॉम है जिसे कल  तुम ने  ब्यूटी कॉन्टेस्ट के लिए भरा है ,, तो तुम ऐसे कैसे कह सकती है की  तुम्हे नही पता है??  इसमें तुम्हारे  सिग्नेचर है तुम्हारा लिखा  नाम है "

    हीर के फॉम में अपना नाम सारी डिटेल देख के हैरान रह गई  उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था ये सब किसने किया अगर तनु करती तो मीनू जरूर इस बारे में उसे बताती ।।।

    हीर ने  ना में सिर हिला के कहा " मैम प्लीज समझिए मैं नही जानती मैने ऐसा कोई फॉम नही भरा है मैं तो अभी अभी कॉलेज आ रही हूं और कल क्लास के बाद ही चली गई थी मुझे सच मैं नही पता है कोई मजाक कर रहा है आप प्लीज एक बार समझिए"

    मैम" देखिए मिस हीर मुझे  नहीं पता तुम  जो कह रही है सच है या झूठ मैं इतना ही कहूंगी अब तुम्हारा नाम इसमें आ चुका है   तुम अच्छे से अपना हुनर दिखाओ क्योंकि तुम  खूबसूरत  भी हो आगे तक जाओगी,, ।

    अपनी बात कह के मैम जाने लगी की बीच में हीर ने रोक लिया और कहा " मैम मैं इसमें हिस्सा नही लेना चाहती हूं आप प्लीज मेरा नाम। हटा दीजिए

    मैम ने कहा " अब बहुत देर हो चुकी है मैने नाम अनॉशमेंट कर दिया  है फिर से  नही  हो सकता तुम्हे  पार्टिसिपेट करना ही पड़ेगा बस एक महीने बचे है ब्यूटी कॉन्टेस्ट में जानें की  तैयारी करो  "

    अपनी बात कह के मैम चली गई पीछे से हीर उन्हे काफी बार आवाज दी लेकिन वो रुकी नही हीर उदास होके वही खड़ी रही उसके चेहरे पर एक अजीब सा डर और दर्द था ।। बाकी बाकी सब की नजर उसके उपर ही थी जिनमें से एक ने कहा

    " क्या ये सच के इस कॉन्टेस्ट में इशिका को टक्कर देगी "


    दूसरी ने कहा " देगी  तभी तो नाम दिया है इसने,,, वैसे भी दिखने में तो खूबसूरत ही है "

    फिर से किसी ने कहा " लेकिन यार आज तक इशिका के अगेंश कोई खड़ा नही हुआ लेकिन पहली बार ये लड़की खड़ी हुई है मानना पड़ेगा नई लड़की के दम तो है "

    " हां वो तो है तभी मुझे लगता है इस बार का टक्कर जम के होने वाल है मजा आयेगा।देखने में देखते है कौन विनर होता है इस बार का  "

    सारी लड़किया आपस में बात करने लगी हीर उदास होके  क्लास में बड़ गई ।।
    दूसरी तरफ साहिल जो हीर के कुछ ही दूरी पर खड़ा था इसकी नजर हीर पर ही थी तभी आरुष ने साहिल को देख के कहा

    " कही भाभी का नाम इस कॉन्टेस्ट में डाल के तूने कोई  गलती तो नही हुई  ना देख भाभी कैसे उदास हो गई है  उन्हे खुश होना चाहिए वो मायूस होके क्लॉस में चली गई "

    साहिल ने हीर को जाते देखते हुए  जवान दिया " मैने कोई गलती नही कि  इस बार इस कॉन्टेस्ट का विनर कोई और होगा वो सिर्फ मेरी हुस्ना और कोई नही बहुत हुआ ईशिका का उसका पत्ता इस बार हटाना ही पड़ेगा  "

    आरुष ने चिंता जताते हुए  कहा " लेकिन भाभी का  क्या वो करेंगी क्युकी उन्हे देख कर तो लग नही रहा  है कहीं इन सब के चक्कर में उन्हे परेशान न होना पड़े तू पिछले टीम को जनता है  "

    साहिल ने  आरुष को देख डेविल स्माइल लिए और कहा " मैं हूं ना तो तुम्हे इतना सोचने की जरूरत नही है वो करेगी और जीतेगी भी उसे कोई हांथ तक नही लगा सकता साहिल वालिया एक बार जिसके सिर पर अपना हांथ रख दे वो उसकी हो जाति है और हुस्ना तो पहली ही नजर में मेरी हो गई थी  "

    कुणाल ने बीच में आके चहकते हुए कहा " हां बिल्कुल आखिर हमारी भाभी किसी से कम है क्या देखना वो पुरे कॉलेज में छाने वाली है हर जगह होगा हीर हीर हीर  "

    तीनो आपस में बात कर रहे वही उन्हे पीछे खड़ी लक्की की गैंग सब सुन रही थी लक्की मुंह में लालीपोप डाल के बैठ था इशिका गुस्से  में लाल होके  खड़ी थी ।।

    तभी उसकी एक चमची ने कहा " ये लड़की आते ही इतना बड़ा कांड कर गई अब तो सच में उसका कुछ करना ही पड़ेगा "

    दूसरी ने इशिका के कन्धे पर हांथ रख के कहा " इशू तू फिकर मत कर है  हम है तेरे साथ हर बार  की तरह ब्यूटी विनर तो तू ही होगी "

    दोनो इशिका का गुस्सा शांत करने की कोशिश कर रही थी मगर उसका गुस्सा और बड़ गया उसने गुस्से से लक्की के तरफ मुड़ी और कहा _

    " तुम बस बैठे रहोगे या कुछ करोगे भी मैं इतनी आसानी से अपनी जगह किसी और को आने नही दे सकती हूं "

    लक्की ने पहले में से लालिपोप निकाल के देख फिर उसे मुंह में डाल के खड़ा हो गया और इशिका के कन्धे पर हांथ रख के कहा _

    " बेबी इतना टेंशन नहीं लेने का लक्की है ना तुम्हारी जगह तुम्हारी होगी और किसी की नही समझी "

    लिक्की के बातो से इशिका खुश हो गई और चहकते हुए कहा " सच्ची"

    लक्की ने हां में सिर हिला दिया तो इशिका उसके गालों को चुप लेती है और कहती है " you are the best"

    अपनी बात कह इशिका वहा से चली गई तभी लक्की ने करण के तरफ देख के कहा " जाके पता कर ये लोग उस नई लड़की को भाभी क्यू कर रहे है ??"

    दूसरी तरफ हीर सुबह से टेंशन में ही थी उसका पढ़ने में मन बिलकुल नही लग रह इसी लिए एक क्लास लेके बाकी उसने छोड़ दिया और कैंटीन में आके बैठ गई वैसे हीर की आदत है जब वो टेंशन में होती है तो भूख ज्यादा लगती है उसे ।।

    हीर खुद के लिए बर्गर कॉफी मांगा के बैठी खा रही तभी उसके पास तीन से चार लोग आके उसके बगल में बैठ जाते है हीर बस आंखे फाड़ उन्हे देख रही थी ।।

    जारी..✍️

    आखिर कौन हो सकते है ये लोग ?
    क्या हीर कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेगी ?

  • 9. अनकही दास्तां - Chapter 9

    Words: 1877

    Estimated Reading Time: 12 min

    अब आगे ...

    शाम का वक्त कुछ 8 के आस पास हो रहे थे वही शहर के सबसे बड़ा बार जहा अंदर से लेके बाहर तक लोगो का आना जाना लगा था कुछ बाहर जा रहे तो कुछ अंदर कुछ कपल के साथ तो कुछ अकेले इसी तरह एक शख्स अकेले बार के बाहर खड़ा था ।।

    ब्लैक शर्ट और ब्लैक पैंट में उसकी नजर बार के ऊपर थी उसने सोचा " जब तुम्हारी याद आती तो तुम पास में नही थी अब जब तुम्हारे बिना जीना सिख गया हूं तो फिर से तुम्हे घर लाना है अगर मां नही चाहती तो मीनाक्षी मैं तुम्हे कभी नही ढूंढता बस मॉम के खातिर"

    ये कोई और नहीं साहिल  खड़ा था  जिसकी आंखों में नाराजगी के साथ साथ गुस्सा भी झलक रहा उसने अपने भारी कदम अंदर के तरफ बड़ा दिए ।।

    अंदर  म्यूजिक काफी तेज बज रही जहा एक चू की आवाज तक लोगो को सुनाई तक नही देती कुछ लोग डांस कर रहे तो कुछ साथ में बैठे तो कुछ बस अकेले अपने गमों के साथ बैठे थे वही साहिल ने अंदर कदम रखते ही अपनी नजरे चारो तरफ घूमने लगा दिल में कुछ हलचल सी होने लगी क्यू पता नही ? ।।

    चिल जैसी नजरे उसकी चारो तरफ गई लेकिन शायद जिसे वो ढूंढ रहा था वो कही नही थी साहिल सीधे आके काउंटर पर बैठ गया ।।

    वही शराबों के काउंटर के तरफ एक लड़की जिसने व्हाइट शर्ट और ब्लैक स्कर्ट पहन रखा था वो अपना सर झुकाए खड़ी थी तभी उसके सामने बार का खडा मैनेजर ने कहा " तुम कौन हो ?? यहां पर नई लग रही हो

    उसके कहते ही समाने खड़ी लडकी ने कहा " सर मैं मीनू की दोस्त हूं वो मीनू की तबियत अचानक से खराब हो गई तो उसका शिप्ट मैं करने आई हूं "

    ये कोई और नहीं हीर थी पैसों के लिए मीनू रात का शिप्ट यहां रहता है मगर जब हीर घर आई थी उससे पहले ही मीनू घर आ चुकी थी कुछ देर सोने के बाद हीर उठ के जैसे ही कमरे में गई मीनू को देख हैरान रह गई उसने मीनू से।कहा " मीनू तू इतनी जल्दी कैसे आ गईं तेरी तबियत तो ठीक है ना "

    मीनू जो बिस्तर में चादर डाल के बैठी थी उसने हीर के तरफ देख के कहा " हां मैं ठीक हूं बस थोड़ा सिर के दर्द था इसी लिए आ गई "

    हीर ने मीनू के पास आके फिकर मंद से कहती है " क्या बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है मै मालिश कर दूं ?

    हीर मीनू के पास जाके बैठ गई तो मीनू ने उसका हांथ पकड़ के कहा " नही इतना दर्द नही है बस आज रात वाले शिप्ट पर जाने का मन नहीं है सोच रही हूं की आज की छुट्टी ले लूं "

    हीर ने  परेशानी सा जवान दिया " वो बार वाली नौकरी ,, मीनू ने हां के सर हिलाया तो हीर ने आगे कहा " उसका बॉस तो बड़ा कमीना है नही गई तो जॉब से निकाल देगा तुझे तो पहले भी धमकी दे चुका है "

    मीनू ने उदास होते हुए कहा " ऐसा कुछ नही होगा तू फिकर मत कर मैं पिछली बार की तरह हांथ पैर जोड़ लूंगी उससे "

    हीर कहती है " तू कैसी बाते कर रही है मैं हूं तो  तूझे किसी के पैर हांथ जोड़ने के जरूरी नहीं है मैं आज के तेरे शिफ्ट में जाति हूं "

    मीनू ने मना करते हुए कहा " नही तू ऐसी जगहों पर मत जा तेरे लिए अच्छा नही है "

    मीनू की है सुन हीर की आंखे छोटी हो गई उसने घूरते हुए कहा " अगर मेरे  लिए नही है तो तू क्या कोई महान व्यक्ति है जिसके लिए वो जगह बहुत अच्छी है मैने कह दिया ना मैं जाति हूं तो मैं ही जाऊंगी "

    ____

    मैनेजर ने हीर की बात सुनी तो उसे ऊपर से लेके नीचे तक देखा और कहा " ठीक है तुम कोई भी हो बस मेरा काम होना चाहिए वैसे काम अच्छे से करना नही तो उसका हर्जाना तुम्हारी दोस्त को ही भरने पड़ेंगे "

    हीर ने हां में सिर हिला दिया और काउंटर पर जाके खड़ी हो गई आज पहली बार वो ऐसी जगहों पर आई थी ना पहले वो कभी आई ना मीनू ने उसे आने दिया था ।।

    हीर थोडी नर्वश के साथ साथ घबरा भी रही थी उसे कुछ अजीब सी बैचैनी सता रही ऊपर से कुछ लोगो की नजर उसके उपर बनी थी भले ही हीर ने मास्क लगा रखा था मगर थी तो वो लड़की ही न उसके पैर हांथ सब खुले थे ।।

    खेर हीर काउंटर पर खड़ी ग्लास लगा रही थी उसके कानो में कीसी की जानी पहचानी आवाज़ गई " एक सॉफ्ट ड्रिंक बनाना"

    हीर ने अभी ग्लास उठाया ही था की आवाज ने उसे अपनी तरफ खीच लिया उसने नजरे ऊपर कर देखा तो आंखो में हैरानी उतर आई हांथ कांपने लगे पैर जम से गए, दिल ने अपनी रफ्तार पकड़ लि क्युकी सामले वही शख्स खड़ा था जिसके दो दिनो में हिर के  दिल को काफी परेशान कर के रख दिया है जब भी पास आता है उसे धड़कने की बीमारी हो जाति है ।।वो कोई और।नही साहिल था ।।

    वही हाल कुछ साहिल का हो चला था उसने जैसे ही बार के अंदर कदम रखे थे दिल में अजीब से बुलबुले उठने लगे थे इसका मतलब उसे समझ में नहीं आया लगा शायद जिसे ढूंढने आया है उसकी वजह से इसी को खत्म करने के लिए एक बार ड्रिंक करने के बारे में सोचा तो चला आया मगर काफी वक्त हो गया समाने से किसी ने कोई जवाब जब नही दिया तो ।।

    साहिल की आंखो ख़ुद ही उसके तरफ चली गई लेकिन वो हीर के   आंखो में।देखता हीर ने पहले ही नजरे  नीचे कर लिया तो फिर से साहिल की आवाज गई " मिस प्लीज थोड़ा जल्दी करिए  "

    ये सुन हीर ने हां में सिर हिला दिया मगर इसके हांथ तो कांप रहे थे ठंड की तरफ सिर गर्मी के मौसम की तरफ माथे पर पसीने सांसे भारी सा होने लगा था ।। वही साहिल को दिल में अजीब सी खुदगुरी होनी लगी ऐसा फिर हुआ की उसकी हुस्ना उसके पास है एक बार फिर से नजरे पूरे बार को स्कैन करने लगी ।।

    मन में कह " मुझे ऐसा क्यों लग रह है की तुम मेरे आस पास ही हो " इतना कह उसने देखा लेकिन हीर कही दिखी नही   वही  हीर मास्क लगा के खड़ी थी वैसे तो अलाउड नही था मगर हीर ने बीमारी के नाम पर झूठ कहा जिससे सब लोग बात मन गए

    लोगो को स्कैन करते हुए साहिल की नजर हीर पर जा टिकी उसे मास्क के पीछे छिपी लड़की कुछ जानी पहचानी लग रही उसकी नजरे हीर पर टिक गायी वही साहिल के नजरो को  हीर अच्छे से महसुश कर पा रही थी ।।

    तभी साहिल के हांथ हीर के तरफ बड़ गए जो नजरे नीचे कर ड्रिंक बना रही साहिल हीर को छूता की बगल से कोई जाते हुए साहिल से टकरा गया ।।

    साहिल ने गुस्से से कहा " अंधा है क्या ??
    टकराने वाला आदमी जिसने अच्छा खासा पी रखा था उसने लड़खड़ाती जुबान से कहा " सॉरी ब्रो गलती से हो गया "

    वो आदमी हांथ दिखा वहा से चला गया साहिल ने खुद को ठीक किया फिर नजरे जैसे ही सामने किया की एक बार फिर से हैरान रह गया अब उसकी नजरे सामने खड़े शख्स के आगे पीछे घूम लगे लेकिन लड़की।का नमो निशान नहीं था ।

    साहिल ने सीने पर हांथ रख के कहा " ऐसा क्यू लग की वो मेरी हुस्ना थी नही वो क्यू होगी वो यहां क्या करने आयेगी ? खुद से सवाल कर खुद ही जवाब देते हुए सोचने लगा तभी सामने खड़े वेटर ने कहा " सर आप की ड्रिंक "

    साहिल ने ग्लास थाम लिया वही पीछे खड़ी हीर जो।गहरी गहरी सांसे भर रही थी खुद को काबू  उसे अहसास हो गया था की वो पकड़ी जायेगी इसी लिए वहा से ऐन मौके पर हट गई और मन में  कहा " ये यहां पर  क्या रहे है अगर इन्होंने मेरा चेहरा देख लिया तो नही ये देखे मुझे इससे पहले निकलना पड़ेगा यहां से "

    हीर ने अंदर अपने बैग के पास बड़ गई वह साहिल ने होंठो के पास ड्रिक लगाय तो एक बार फिर उसके ख्यालों में हीर ने अपना कब्जा कर लिया ग्लास से आ रही शराब की बदबू नही बल्कि हीर की खुशी साहिल के नाक में जाने लगी उसके आंखो के अलग सा जूनून उतर आया उसने ग्लास वही रखा और तेज कदमों से अंदर के तरफ बड़ गया ।।

    दूसरी तरफ ..

    मीनू बालकनी में बैठी थी तभी बेल की आवाज आई इतनी रात को घर का बेज बजने के बाद भी मीनू के चेहरे पर कोई परेशानी नहीं आई जैसे उसे पता है कौन आने वाला है उसने जाके दरवाजा खोला समाने कोई और नहीं तनु थी जिसने रेड कलर की साड़ी पहन रखा था ।।

    तनु ने अंदर आते ही बैग सोफे पर रख और शराब की बोतल टेबल पर रख दिया वही मीनू उसके पीछे से सोफे पर बैठ गई।।

    " ले शराब भी आ गई और मैं भी चल अब मिल के पीते है मजे से दोनो " तनु ने बैठते हुए कहा मीनू ने कोई जवाब नही दिया तभी तनु ने शराब की बोतल खोलते हुए कहा " तू नही गई न और ना पकड़ी गई तो ये चेहरे पर उदासी क्यू मेरी जान चल इस शराब को पी के अपनी सारे गम भूला दे "

    मीनू ने सोफे पर अपना  सिर टिका लिया और गहरी सांस छोड़ते हुए कहा " कब तक मैं बचती रहूंगी कभी न तो कभी पकड़ी ही जाऊंगी न आज वो मुझे ढूढते हुए वहा तक पहुंच गया फिर मुझ तक पहुंचने में कितना वक्त लगेगा उसे "

    तनु ने ड्रिंक शर्व करते हुए कहा " जब तीन सालों में तुझे कोई नही ढूंढ पाया तो अब क्या ढूंढ पाएंगे वैसे भी मैं हूं ना जैसे आज खबर दिया वैसे ही आगे भी देती रहूंगी   तुझ तक और हीर तक मैं किसी को नही आने दूंगी तू फिकर मत कर "

    तनु ने फिर ग्लास मिनी के तरफ कर लिया " ले शराब पी यही गमों को भुकाएगा हम्मम " अपनी बात कह उसके मुंह से एक हलकी हसी निकल गई ।।

    मीनू ने ग्लास लेके होंठो से लगा लिया ही था तभी उसे याद आया " गड़बड़ हो गई तनु"

    तनु भी अभी पी ही रही थी की अचानक से मीनू को हाइपर होते देख बोली " क्या हुआ ऐसे क्यू चिल्ला रही क्या गड़बड़ हो गई ?

    मीनू ने परेशान होके कहा " मेरी सिफ्ट पर हीर गई है अगर साहिल ने उसे देख लिया तो "

    तनु गहरी सांस छोड़ के ग्लास टेबल पर रखती है और कहती है " यार साहिल को थोडी ना पता है हीर तेरी दोस्त है तू हीर के साथ रहती है "

    तनु की बात सुन मीनू थोड़ी रिलैक्स होती है और दिनो फिर से पीने लगती है  जहा कोई अपने दिल की बाते सुन के ढूंढ रहा है वही कोई गमों को भुलाने की कोशिश कर रहा और इन दोनो से दूर भी दो शख्स जो इस वक्त मीनू के अपारमेट के नीचे खड़े थे ।।

    जारी..✍️

  • 10. अनकही दास्तां - Chapter 10

    Words: 1534

    Estimated Reading Time: 10 min

    मीनू ने ग्लास लेके होंठो से लगा लिया ।। यहां कोई अपने दिल की बाते सुन के ढूंढ रहा है वही कोई गमों को भुलाने की कोशिश कर रहा और इन दोनो से दूर भी दो शख्स जो इस वक्त मीनू के अपारमेट के नीचे खड़े थे ।।

    अब आगे ...

    अपार्टमेंट के नीचे तनु की कार खड़ी थी उसी के पास दो लड़के खड़े थे ।। जिसने जैकेट मास्क और कैप लगा रखा था दोनो किसी चोर की तरह कार के पास में बैठे थे ।
    तभी एक ने दूसरे के सिर पर मार के कहा " शाले तेरी वजह आज मैं एक चोर बन गया हूं यहां किसी के घर के सामने बैठ हूं चोरो की तरह अगर अपनी प्रेमलता को इतना ही देखने का मन है तो एक फोटो लगा के कमरे में घुर रात  भर ऐसे घुमाना बंद कर वरना किसी दिन तेरी प्रेमलता से पिटवाऊंगा"

    ये दोनो कोई और नहीं वाली आरुष और कुणाल थे दोनो इस वक्त छुप के बैठे थे वही आरुष ने कुणाल की बात सुन अपना सिर सहलाते हुए कहा " तू पागल है मैं अपनी प्रेमलता की फोटो होस्टल के कमरे में लगाऊंगा कभी नही "

    करण " तो फिर क्या यही पर पूरी रात बिताऊं तेरी वजह से  तेरे प्रेम में मैं आधा हो रहा हूं "

    आरुष" क्या यार बस थोडी देर वो आती होगी  एक बार देख के दिल को सुकून दे दूं फिर चलते है ना  वैसे भी पूरे दिन से देखा नही था उसके घर गया तो पता चला वो यहां किसी से मिलने आ रही नही तो उसके बालकनी के सामने खड़े होके उसे देख लेता "

    कुणाल ने अपार्टमेंट के तरफ देख के कहा " वैसे तेरी प्रेम लता यहां किस्से मिलने आई है कोई रिश्तेदार हारता है जो यहां आई है "

    उसकी बात सुन आरुष ने कन्धे ऊचका दिए जैसे कहना चाहता हूं मुझे क्या पता ?? दोनो फिर से शांति से बैठ के तनु का वेट करने लगे ।।

    वही अंदर दोनो लड़कियों ने पूरी बोतल खाली कर दि मीनू ने तनु के तरफ हांथ दिखाते हुए कहा " थंकू तनु तूने सच में मेरा दिल जीत लिया मुझे शराब पिला के इस शराब ने तो मेरी सारे गेम चीन लिए हा हा " अपनी बात कह वो जोर जोर से हसने लगी  ,, लेकिन मीनू के शब्द उल्टे पलटे थे वो ठिक से बोल नही पा रही थी ।।

    तभी तनु ने लड़खड़ाती जुबान से कहा " हां मैने सही कहा था ना अब ऐसे ही रोज पिया कर और सब अच्छा होगा  हम सब कुछ भुल जायेंगे वो 3 सालो का गम कभी याद नही आयेंगी "

    मीनू ने सीधे बैठे हुए कहा " लेकिन कैसे भुल जाए हीर का क्या होगा आज वो इस हालत में है तो मेरी वज़ह से उस रात मैं ही उसे वहा लेके गई थी अगर न लेके जाति तो उसके साथ कुछ न हुआ होता "

    " तू सही बोल रही है उसके साथ होने वाली घटना के जिम्मेदार हम दोनो है हम दोनो की गलती की सजा उसे मिली है लेकिन देख न हमारी हीर ने कभी हमसे शिकायत तक नही करी वो हमसे कितना प्यार करती है ना " तनु के कहते हुए मीनू को गले से लगा लेती है ।।

    " सही कहा लेकिन मैं उसे इंसाफ दिलवाऊंगी चाहे पूरी ज़िंदगी मेरी मां और भाई मुझे ढूंढते रहे मैं कभी भी उसका साथ नहीं छोडूंगी आखिर उसका हमारे अलावा उसका कोई नही है सब ने उसका साथ 3 साल पहले ही छोड़ दिया " मीनू ने दुखी मन से कहा ।

    " सही कहा तूने अब हम ही उसके सब कुछ है लेकिन वो है कहा कब आयेगी ?? तनु ने दरवाजे के तरफ देखते हुए कहा ।।

    " पता नही अभी तो शायद टाइम लगेगा वैसे तुझे भी तो घर जाना है ना " मीनू ने अपना सिर जोर जोर से हिलाते हुए कहा ।।

    " हम्मम जाना तो है फिर ठीक है मैं चलती हूं " तनु अपनी बात कही और  खड़ी हो गई लेकिन उसके पैर खड़े होने में साथ नही दे रहे वो लड़खाने लगी तो सोफे को पकड़ लिया

    तभी मीनू ने कहा " तनु तू डांस अच्छा कर लेती है "

    तनु ने हैरानी जैसा सकल बना के कहा " सच्ची में "

    मीनू ने हां में सिर हिला दिया तो तनु सोफे को छोड़ के फिर से खड़ी होके लड़खड़ाने लगी  जिसे देख मीनू जोर जोर से  हंसने लगी ।।

    उधर हीर ने अपना बैग लिया और बार से बाहर निकल के आगे बड़ ही रही थी की पीछे से साहिल धौड़ाते हुए कहा और कुछ दूरी पर रुक के ही आवाज लगाई " हे मिस" साहिल यकीन के साथ नही कह सकता था की वो हीर है इसी लिए नाम नही लिया ।।

    उसके कहते ही हीर के पैर रुक गए और आंखे कस के बंद कर लिया लेकिन फिर खुद के धड़कनों को काबू कर जो डर से धड़क रहे थे उनके काबू कर वो आगे बड़ गई लेकिन साहिल इतनी आसानी से पूछा नही छोड़ने वाला था उसने लगा दी दौड़ हीर के पीछे हीर ने महसुश किया तो जल्दी से पैरों के कदम कर बड़ गए ।।

    साहिल हीर को पकड़ता उससे पहले ही हीर टैस्की में जाके बैठ गई और कहा " भैया जल्दी चलिए प्लीज"
    उसने अपनी एक नजर साहिल के तरफ कर के कहा जो उसकी तरफ मिस मिस चिल्लाते हुए दौड़ रहा जैसे ही टैस्की पर साहिल ने हांथ रखा वो आगे बड़ गई उसकी लाख कोषिश के बाद भी हीर आगे निकल गई लेकिन साहिल किसी जोक से कम थोड़ी ना था ।।

    जल्दी से उसने अपनी कार निकाल उनका पीछा करने लगा ।।

    उधर तनु और मीनू का अलग ही कांड चल रहा था तनु ने मीनू से कहा " मीनू "

    " मीनू" हां बोल ना "

    तनु " तो तू बता आज अगर तू पकड़ी जाती तो क्या करती कैसे अपने प्यारे छूटे भाई को साहिल को हैडल करती अब तो वो तुझे नफरत करता है "

    मीनू" इसके दिल में एक बार फिर से दर्द उठा आया जिसके साथ में आंसू भी ,, तनु ने देख तो झट से उसके हाथों को पकड़ के कहा " तू रो मत मैं तुझे दुख नही देना चाहती थी बस ऐसे ही पूछ लिया "

    मीनू ने हल्के स्माइल के साथ कहा " मैं इसके लिए दुखी नही हूं मैं इस लिए हूं की अगर साहिल ने मुझे ढूंढ लिया तो वो वालिया मेंशन मुझे ले जाए और मैं हीर को अकेले छोड़ नही सकती हूं अगर वो गई तो हीर मुझसे नफरत करने लगेगी ना तुझे बात करेगी आखिर इतना बड़ा राज हमे इससे छिपाया है कुछ तो करेगी न वो "

    इस बात पर तनु ने कोई जवाब नही दिया बस  कहा कि यहां से चलना है लेकिन हीर नही आई ।।

    इधर हीर की हालत खराब हो गई थी वो बुरी तरह डर रही क्युकी साहिल उसका पीछा ही नही छोड़ रहा जैसे आज उसके पीछे आके रहेगा लेकिन हीर भी कम नही थी उसने कुछ ही दूरी पर टैस्की रोकने को कहा और खुद उतर गई पीछे मुड के देख तो साहिल की कार रुक गई वो भी कार से बाहर निकल के उसकी तरफ बड़ गया ।।

    तभी हीर ने  पैसे दिए और गली के तरफ भागी साहिल भी इसके पीछे भागा हीर ने मन में कहा " ये तो च्विंगम की तरह चिपक गए है प्लीज भगवान जी बचा लो अगर आज पकड़ी गई ना तो मेरी लाइफ फिर से कैद होके रह जायेगी "

    वो हाथो में बैग कस के भागे जा रही उसने गली से दूसरी तरफ मुड गई यहां का सारा रास्ता हीर को पता था जिस लिए गली से गली चेंज कर वो अपने अपार्टमेंट के तरफ बड़ गई थी लेकिन साहिल को रास्ता नही पता थोडी दूर में वो  फस गया अपनी चारो तरफ देखने लगा लेकिन हीर कही नही दिखी तो कहा " ये लड़की आखिर चली कहा गई अगर ये हीर नही तो मुझसे देख भाग क्यू रही है कही मीनाक्षी तो नही ,, जो भी हो मैं देख के रहूंगा आखिर में लड़की है कौन ??

    साहिल चारो तरफ देख के दूसरी तरफ मुड गया तो हीर वही दीवाल के पास में छिपी थी वो जल्दी से वहा से निकल के अपनी अपार्टमेंट के तरफ बड़ गई उधर आरुष कुणाल पहले से मौजूद थे चोरों की तरह ।।

    दोनो की आंखे गेट के तरफ इस इंतजार में की तनु अब निकले तब निकले लेकिन कोई नही बाहर आ रहा लेकिन हां पीछे से किसी की खतरनाक आवाज जरूर आई दोनो ने पीछे मुड के देखा तो आंखे बड़ी हो गई ।।

    उधर हीर ने चारो तरफ देख लेकिन कार से ढक गया साहिल नही दिखा तो धीमे कदमों से हीर अंदर चली गई सीधे अपने फ्लैट के तरफ जल्दी से दरवाजा खोल अंदर से बंद कर पीठ से सटा के बंद कर लिया ।। और वही जमीन पर बैठ के लंबी लंबी सांसे लेते हुए कहा "
    थैंक्यू भगवान जी आप ने उस च्विंगम से बचा लिया मुझे "

    तभी हीर के कानो के एक लड़खड़ाती आवाज गई तो उसकी आंखे बाहर आने को हो गई " कौन च्विंगम?? हीर पलट के देखी मीनू और तनु उसे देख रही थी

    जारी..✍️

  • 11. अनकही दास्तां - Chapter 11

    Words: 1775

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आग...

    पीछे से आ रही आवाज़ को सुन एक बार के लिए दोनो डर गए कही पकड़े गए क्या ये ख्याल दोनो के मन में आया । आरुष और कुणाल दोनो ने पीछे पलट के देखा साहिल खड़ा था जो गुस्से  से दोनो घूर रहा 

    लेकिन दोनो ने साहिल को गुस्से में देख अपनी बत्तसी चमका दी।


    " तुम दोनो यहां इस तरह से क्या कर रहे हो बोलो "

    साहिल ने पूछा  तो दोनो का गला सूखने लगा ।।
    आरुष कुछ कहने वाला था की कुणाल ने खुद को बचाते हुए कहा " भाई ये मुझे यहां लेके आया है इसे इसकी प्रेमलता से मिलना था वो यहां किसी से मिलने आई है इसी लिए ये मुझे भी यही लाया है "

    कुणाल ने एक  सांस में  कह डाला वही साहिल की नही छोटी हो गई थी उसने आरुष से कहा " जब उतना ही प्यार है तो उसे बोल क्यू नही पाया जाके बोल और बात वही खत्म कर "

    आरुष " इतना आसन नही है तुमने कहा और मैं बोल के चला आऊं कितनी घबराहट होती है अगर कह दिया और सीधे मेरे गले को पकड़ ले "

    कुणाल ने हस्ते हुए कहा " तू इसके ही  लायक है साले तेरी जैसे छिचोरी हरकत पर यही होना चाहिए "

    आरुष का मुंह बन गया तो साहिल ने कहा कहा " नौटकी मत दिखा चल यहां से ।।

    दोनो ने  सिर हिला दिया और उठ के जाने को हुई की पीछे से किसी के बड़बड़ाने की आवाज आई है ।।

    " मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं हीर तुम ना मेरी बेस्ट फ्रैंड हो मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करूंगी " तनु ने लड़खड़ाते जवाब से कहा वही हीर उसे थामे चल रही थी उसने गुस्से से कहा " मुझे तुम्हारा कोई प्यार नही चाहिए और ना ही तुम्हे कुछ करना है बस ये शराब छोड़ दोगी वही बहुत है समझी"

    तनु ने  हवा में हांथ उठा के कहा " जा सिमर जी ले अपनी  जिन्दगी"

    हीर ने अपनी   आंखे सिकोड़ के  उसने कहा " ये बीच में सिमरन कहा से आ गई और ये लड़की है कौन ? हां

    अब हीर बिचारी तो मूवी देखती नही तो उसे क्या पता ये कौन है ?? 😂

    तनु ने मुंह बना के कहा " मैं भी न किस पागल से कह रही हूं जिसे सलमान खान कौन है ये तक पता नही है 😌

    दोनो बड़बड़ाते हुए कार के तरफ बड़ रही थी उधर पीछे खड़े तीनो देख के हैरान थे  जहा साहिल की नजर हीर के कपड़ो पर जो पूरा चेज था जो हीर ने सही वक्त बदल लिया नही तो पकड़ी ही जाति वही आरुष की नजर अपनी प्रेम लता पर थी जो शराब के नशे में चूर चूर हो कर चल रही थी ।

    वो तो खो सा गया था वही कुणाल हैरान था ये देख उसकी क्लॉस की प्रोफेसर शराब के नशे में है खैर हीर उसे लेके कार के पास पहुंची और कैसे भी कर के पीछे की सीट पर बैठा के कहा " अब यही पर बैठी रहो मैं ड्राइवर अंकल को कॉल करती हूं वो आके ले जायेंगे "

    तनु ने कहा " कोई नही आयेगा ??

    हीर ने कहा " क्यू "

    " क्युकी घर पर कोई नही है सब घूमने गए है ।। फिर तनु ने रोने जैसा सकल बना के कहा " मै अकेली हूं कैसे जाउंगी हां मेरा कोई नही है मैं कहा जाऊंगी बताओ "

    हीर सोच के पड़ गई सच में अब वो कैसे जायेगी कुछ देर पहले तो कैसे भी कर के दोनो को अलग किया और तनु को नीचे ले आई नही दोनो लड़किया एक दूसरे को गले लग के रोए जा रही थी ।।

    हीर सोच रही थी तभी कुछ दूरी पर खड़ा आरुष ने हीर के पास आके कहा " मैं मैम को उनके घर छोड़ देता हूं "

    एक पल के लिए हर चौक गई लेकिन वो समझ गई जब साहिल है तो आरुष भी रह सकता है उधर साहिल के मन में कहा " मैं भी न बेफिजूल में सक कर रहा हीर नही थी कोई और हो सकता है मीनाक्षी ही हो  आज बच गई तो क्या अगली बार जरूर हांथ आयेगी "

    उधर हीर ने सोचा तनु को आरुष के साथ भेजना सही है या नही लेकिन दो दिन में साहिल और उसके दोस्त ठीक ही लगे और तनु ने भी उनकी तारीफ करी है इसी लिए उसने कहा " ठीक है बट आराम से जाना प्लीज"

    आरुष ने हां में सिर हिला के कार में बैठ गया और आगे बड़ा गया इधर हीर की डरी हुई नजरे साहिल के तरफ पड़ी जिसे अहसास हुआ की साहिल इसे वैसे नही देख रहा जैसे बार में देख रहा था  यानि सक भारी नजरो से ,,

    " मैं चलती हूं मेरी बहन अकेली है " हीर ने कहा और जाने के लिए मुड़ गई तभी पीछे से साहिल ने कहा " हुस्ना"

    उसके मुंह से खुद के लिए हुस्ना सुन हीर दिल फिर से धड़कने लगा होंठो पर छोटी सी स्माइल आ गई मगर तुरंत ही उसे छुपा लिया साहिल के तरफ मुड़ के देखा जो उसके बेहद करीब खड़ा था ।।

    हीर बस आंखो में देख रही थी जहां पर सिर्फ प्यार था और कुछ नही खुद के लिए इतना प्यार या उसने मीनू के आंखों में  देखा है या सिर तनु इन दोनो के अलावा किसी ने प्यार नही किया ।।साहिल ने हीर के गाल पर हांथ रख के कहा " तुम बिल्कुल टेंशन मत लेना प्रतियोगिता तुम ही जीतोगी " साहिल को कहा की हीर आज के लिए परेशान है लेकिन उसकी परेशनी तो कुछ और ही है

    हीर ने बस हां में सिर हिलाया तो साहिल ने प्यार का मोहर लगाते हुए माथे को चुप लिया दोनो के दिल अपनी जगह से आगे निकल गए हीर की पलके खुद ही  झुक गई  ।।दोनो एक दूसरे को पकड़ के खड़े थे वही कुणाल अपनी नजरे फेर के अपने दोस्त का लव मूमेंट कैसे देख सकता है ।।

    कुणाल ने मुंह बना के मन में कहा " मेरी ही किस्मत खराब है जो अभी तक एक पटी तक नही लगता है इन दोनो की देखते रहते मैं कही उनके बच्चे का मामा न बन जाऊं " 😣

    हीर से मिल के दोनो चलें गए हीर ने भी राहत की सांस ली और घर के अंदर चली गई । जहा उसने मीनू को अकेला छोड़ा था ।

    अगली सुबह..

    कॉलेज...

    कुणाल ने गेट के तरफ देखते हुए कहा " ये आरुष अभी तक आया क्यू नही ?? तभी साहिल ने  फोन में देखते हुए कहा " आता होगा क्यू टेंशन ले रहा है "

    कुणाल ने उसकी तरफ देख के कहा " क्यू ना लूं कल वो हॉस्टल भी नही आया छोड़ने गया था पता नही वही रह गया "

    ये बात साहिल को भी नही पता था उसने थोड़ी हैरानी से कहा " क्या सच में वो नही आया??"

    कुणाल कुछ  कहता की सामने से आ रहे आरुष पर नजर गई जिसका सिर नीचे झुका था ।।

    " तू कहा  रह गया था हम सब कब से वेट कर रहे है पता है ना आज से हीर की प्रैक्टिस सुरु होने वाली है उसे सब कुछ सीखाना है  वो इस प्रतियोगिता के बारे में कुछ नही जानती " कुणाल ने आरुष के पास आके कहा आरुष ने बस हां में सिर हिला दिया कुछ कहा नही उसकी नजरे नीचे झुकी थी ।।

    जिसे देख कुणाल ने कहा " ये तुझे क्या हो गया है "?? अपनी बात कह कुणाल ने आरुष का चेहरा लिया  तो आंखे उसकी छोटी हो गई वो अरुष के होंठो पर इशारा कर के कहा " ये तेरे होंठो को क्या हुआ ?? चोट कैसे लगी जैसी किसी बिल्ली ने काट लिया हो ।।

    आरुष अपनी नजरे गोल गोल घुमाते हुए कहा "  नही तो ऐसा कुछ नही है बस खाते वक्त चोट लग गई थी "

    कुणाल " अच्छा क्या सच में ??

    आरुष" हम्मम

    कुणाल की नजर अभी भी आरुष पर थी वो कुछ बदला बदला लग रहा था लेकिन साहिल ने दुबारा बोलने से मना कर दिया तो तीनो क्लॉस के तरफ चले गए ।।

    दूसरी तरफ कैबिन में तनु अपना सिर पकड़ के बैठी थी वही हीर ने उसे ग्लास का पानी देते हुए कहा " तनु तू ठीक है ना ज्यादा दर्द हो रहा है क्या बोल मैं किसी डॉक्टर को बुला दूं ??

    तनु ने भारी नजरो से हीर को देख ना में सिर हिला दिया और पानी का ग्लास लेके पीने लगी और कहती है " नही हीर मैं ठीक हूं बस थोड़ा सा हैंग ओवर हो गया है सिर दर्द से फटा जा रहा है ऐसा लग रहा है की बहोत बड़ा बोझ रखा हो मेरे सिर पर "

    पानी पी तनु फिर से सिर नीचे कर के बैठ गई और हाथो को सिर से पकड़ लिया तभी हीर उसके पीछे आके खड़ी हो गई उसके सिर को सीधा कर मसाज करते हुए कहा " रुक थोड़ी देर सब ठीक हो जायेगा "

    हीर जिस तरह से मसाज कर रही तनु को सच में अच्छा लगा इसी लिए वो आंखे बंद कर सीट पर सर टिका के लेट गई  वही हीर मसाज करने लगी लेकिन तभी उसकी नजर तनु के कर्दन  पर चली गई जहा पर कुछ नीले कलर के निशान थे हीर उन्हे ध्यान से देखने लगी तभी तनु से कहा

    " तनु "

    तनु " हम्मम "

    हीर" ये तेरे कर्द्न पर कैसे निशान है?? जैसे किसी जानवर ने काटा हो "

    तनु ने सुन तो झट से आंखे खोल हीर के तरफ पलट के कहती है " नही ऐसा कुछ नही है "

    तनु ने झट से निशान पर अपना हांथ रख लिया  और आंखे चुराने लगी तभी हीर ने उसके हाथों को खींचते हुए कहा " नही यार सच में जैसे किसी जानवर ने काटा हो अगर ऐसा  है तो छिपा क्यों रही है चल डॉक्टर के पास   चलते है दवाई से जल्दी ठीक हो जायेगा "

    तनु अपनी जगह से खड़ी हो गई और हकलाते हुए कहा " ऐसा कुछ नही है तू.. तुम क्लास में जाओ मैं ठीक हूं हम्मम जाओ"

    तनु की हालत खराब हो रही थी जिसे लिए हीर कुछ समझ नही पा रही आखिर तनु ऐसा बिहेव क्यों कर रही है लेकिन तनु के कहना वो टाल नही सकती थी इसी लिए उसकी बात मान के क्लास के बाहर चली गई  ।।

    लेकिन उसके दिमाक में अभी भी तनु का चेहरा और वो निशान ही घूम रहा उसे जानना था की वो निशान कैसा है इसी लिए वो बस सोचते हुए जा रही थी तभी अचानक से सामने किसी से हीर टकरा गई इतनी तेज की सीधे जमीन पर गई और मुंह से दर्द भरी चीख निकल गई आह्ह्ह्हह्ह "

    जारी..✍️

  • 12. अनकही दास्तां - Chapter 12

    Words: 1385

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे ...

    हीर उसी निशान के बारे में सोचे हुए आगे बड़ती जा रही रही थी उसने ध्यान नहीं दिया और अचानक से किसी से जाके टकरा गई इतनी तेज़ टकराई की हीर के मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल गई ।।

    " हीर तू देख के नही चल सकती आज तो तेरी कमर गई "

    हीर ने खुद से कहा और कमर सहलाते हुए सामने देखा तभी सामने खड़े शख्स को देख हीर की आंखे बड़ी हो गई ।।

    क्युकी उसके समाने कोई और नही  बल्कि लक्की और करन खड़े थे जिसे देख के हीर ने कुछ नही कहा और खड़ी होने लगी मगर उसके कमर में इतनी जोर की लगी थी। की वो खड़ी नही हो पा रही ।।

    जिसे देख के लक्की ने अपना हांथ बड़ा के कहा " चाहो तो सहारा ले सकती हो "

    हीर एकटक लक्की को देखने लगी कभी हांथ तो कभी उसका चेहरा उसे समझ नही आ रहा था की वो हांथ दे या नही बस देख रही तभी लक्की ने गुराते हुए कहा " मुझे किसी को अपना हांथ देना पसन्द नही है तुम पहली लड़की हो जिसे मैं अपनी मर्जी से दे रहा हूं खड़ा होना है तो। सहारा लो अगर नही चाहिए तो न बोलो "

    हीर ने मुंह बना के कहा " मुझे चाहिए "

    लक्की " लो और उठो"

    हीर ने सिर हिला दिया और जैसे ही हांथ बड़ाने को हुई की लक्की के हांथ को किसी से झटक दिया जिसे देख हीर ने अपने हांथ पीछे खीच लिए वही लक्की ने देखा तो साहिल खड़ा उसे घूर रहा थोड़ी देर तक दोनो एक दूसरे को घूरते रहे तभी साहिल ने अपना हांथ बड़ाते हुए कहा " मेरी हुस्ना को किसी और की जरूरत नही है मैं काफी हूं उसके लिए और जब तक हूं ना उसके पास किसी को आने दे सकता हूं ना हांथ किसी का बड़ने दे सकता हूं  "

    साहिल ने गुस्से में कहा लक्की को घूरने लगा हीर बस देख रही दोनो को लक्की जो साहिल को घूर रहा साहिल ने एक तेड़ी मुस्कान के नजर लक्की को देखा फिर हीर को हांथ  देते देख कहा " यही रहने का इरादा है क्या ??

    हीर जल्दी से अपने होश में आके न में सिर हिला दिया और खड़ी हो गई साहिल ने एक साइड से पकड़ा और कहा " तुम ठीक हो ना "

    हीर ने हां में सिर हिला दिया तो साहिल के साथ दोनो क्लॉस में चले गए उन सब को लक्की देख रहा तभी करन ने कहा " ये कुछ कुछ ज्यादा नही उड़ रहा है "

    लक्की ने कोई इंट्रेस्ट नही दिखाया और कहा " जाने दो बेकार है  दोनो "

    अपनी बात कह दोनो चले गए कुछ देर में प्रोफेसर आके अपनी क्लास लेते है और खत्म कर चले जाते है वही तनु आज क्लास नही देंगी जिसके इंतजार में कई सारे लोग है ।।सबसे पहले आरुष उसने मन में कहा " आज प्रेमलता क्यू नही आई लगता है मुझे ही जाना होगा "

    क्लॉस खत्म होते ही आरुष तनु के कैबिन के तरफ बड़ गया वही उसे जाते साहिल हीर और करण ने देख लिया और ऊपर से आरुष सुबह से परेशान भी था जिसे देख तीनो को कुछ सक हुआ था ।। और चले गए आरुष के पीछे तीनों।

    तनु का कैबिन..

    मुझे तुमसे  बात करनी है मुझे जवाब चाहिए इस बारे में " आरुष ने लगभग गुस्से से कहा वही समाने चेयर पर तनु बैठी अपना चेहरा ढक रखा था उसने बीना उसके तरफ देख के कहा " जाओ यहां से "

    आरुष ने गुस्से से कहा " मैं नही जा रहा मुझे जवाब चाहिए जो हुआ हम दोनो की मर्जी से न की किसी ने जबर्दस्ती किया हो तो इतना मातम क्यू।??"

    आरुष की बात सुन तनु ने उसके तरफ एक नजर देखा और फिर अपनी जगह से खड़ी हो गई " क्या जवाब दूं हां तुम्हे बताओ मुझे क्या चाहिए "

    आरुष " यही की तुम मुझसे शादी करोगी की नही "

    तनु ने आंखे सिकोड़ के कहा " पागल हो दिमाक खराब है जो हुआ उसे भूल जाओ ऐसा कुछ नही होगा और न मैं किसी को पसंद करती और ना ही शादी होगी "

    तनु जाने लगी तो आरुष में उसका हांथ पकड़ लिया और और जबर्दस्ती टैरिस पर ले गया और कहा " मैं प्यार करता हूं तुमसे जो हुआ सारी जिम्मेदारी मैं लेने के लिए भी तयार हूं तुम टेंशन मत लो "

    तनु ने अपना हांथ छुड़ा के कहा " तुम बच्चे हो जाके पढ़ाई करो पहले,,, इसके बाद बड़ी बड़ी बाते करना और जहा तक जिम्मेदारी की बात मैं अपनी जम्मेदारी ले रही हूं तुम टेंशन मत लो "

    असल के कल जब आरुष तनु को घर छोड़ने जा रहा और तनु नशे की हालत के थी उस वक्त तनु ने ऐसी बहुत सारी हरकते जारी की आरुष उसे संभाल नही पा रहा था ऐसा नही था की उसने फायदा उठा है नही उसने तो कई बार तनु को खुद से दूर किया उसे कई बार खुद को काबू कर रहा लेकिन उसका भी तो प्यार सच्चा था नशे में तनु पहले आगे बड़ी थी जिसकी वज़ह से ये सब हुआ ।।

    लेकिन आरुष इसे शादी तक लेके जाना चाहता है मगर तनु है की तैयार नही ।

    आरुष ने तनु की बात सुना तो कहा " तुम क्यू जिम्मेदारी लोगो मैं लड़का हूं तो गलती भी मुझसे हुई और पहली बात मैं अपनी ज़िंदगी में तुम्हे हमेशा के लिए लाना चाहता हूं तो इसमें गलत क्या है ?? आज से नही जब से देखा है तब से तुम बस दिल में हो मैं ये बात पहले भी कई बार कह चुका हूं और तुम जानती भी हो अच्छे से फिर ये सब क्यू क्या कमी है मेरे अंदर जो इनकार किए जा रही । 

    तनु ने घूर के कहा " मैने कहा ना तुम बच्चे हो इसी लिए पढ़ाई पर ध्यान दो अभी शादी बहुत दुर की बात है और हां मुझसे शादी करने के बारे में सोचना भी मत जाओ यहां से इससे पहले मेरा मूड खराब हो "

    तनु अपनी टेबल के पास जाने लगी की आरुष इसके आगे आके खड़ा हो गया और कहा " मैं कही नही जाने वाला हूं ना मैं कोई बच्चा हूं समझी तुम और जहा तक शादी की बात है वो तो तुमसे ही होगी मेरी "

    तनु " तुम खुद को समझते क्या हो मैं कोई जोकर लग रही हूं नही ना "

    आरुष" मैने ऐसा कुछ नही कहा "

    तनु " मेरी बात कान खोल के सुन लो ना शादी होगी ना
    कुछ और और दूसरी बात कल रात अपने दिमाक से निकाल दो ऐसा कुछ नही हुआ था और न ही हम कभी मिले थे

    " आरुष ने गुस्से से कहा " तुम ऐसे कैसे कह सकती हो मैने प्यार किया था "

    तनु " मतलब उसे  प्यार कहते है लड़की के नशे।में होने का फायदा उठाओ फिर कहो की वो प्यार था प्यार ऐसे नही होता "

    आरुष के प्यार को तनु ने मतलबी कहा जूस आरुष का दिमाक ही घूम गया उसने तनु के बाजू को कस के पकड़ लिया आंखों में एक गुस्से की आग निकलने लगी उसने कहा " तुम ऐसे कैसे मेरे प्यार को मतलबी कह सकती हो  मेरे प्यार को बिलकुल मत कहना "

    तनु " मेरा हांथ छोड़ो दर्द हो रहा है

    आरुष की।पकड़ इतनी कसी थी की तनु बर्दाश नही कर पा रही थी दोनों गुस्से में खड़े थे तभी दोनो के पास तीन लोग दौड़ते हुए आए  ये कुणाल साहिल और हीर थे तीनो गेट के पास ही खड़े होके सब कुछ सुन रहे हैरानी तो उन सब को हुई थी की जब आरुष और तनु से सच बताया ।।

    तीनो ने आके एक दूसरे को अलग किया हीर तनु को लेके खड़ी रही आरुष को कुणाल और साहिल आरुष ने करना के तरफ देख के कहा " तूने सुना ये मेरे प्यार को मतलबी कह रही है इसके कहने का मतलब है की मैं प्यार दिल से नही बस किसी को अपना बताने के लिए करता हूं तू बोल ना ऐसा नही है  तू तो जनता है ना इनके लिए मैं क्या क्या करता हूं । ।।

    कुणाल " तू पहले बाहर चल तेरी तबियत ठीक नहीं है "
    कुणाल जबर्जस्ती कर के आरुष को बाहर ले जाने लगा बाकी सब वही पर खड़े थे ।।

    जारी..✍️

  • 13. अनकही दास्तां - Chapter 13

    Words: 1346

    Estimated Reading Time: 9 min

    (अब तक आप ने देखा की कुणाल आरुष को लेके वहा से चला गया )

    अब आगे ...

    कुणाल आरुष को अपने साथ ले गया आरुष का दिल पूरी तरह टूट चुका था लेकिन तनु भी कम टेंशन के नही थी ।

    " तनु ये सब क्या है तुम आरुष से ऐसे कैसे बात कर सकती हो " हीर ने कहा ।।

    उसकी बात सुन तनु ने गुराते हुए कहा " तू मेरी दोस्त है या उसकी पहले ये बता"

    हीर " तेरी दोस्त हूं उसमे पूछने की क्या बात है ??

    तनु " फिर तू उसकी तरफदारी कैसे कर सकती है मेरी दोस्त होके मेरा साथ देना चाहिए ना तुम्हे न की उसका "

    हीर ने तनु के पास में बैठ के कहा " मैं किसी का साथ नही दे रही हूं बल्कि बता रही हूं तुमने अभी जो कहा वो गलत था किसी के भावनाओ को ऐसे चोटिल करना गलत बात है "

    तनु " मैं किसी के भावनाओ के साथ नही खेलना चाहती हूं इसी लिए कहा है तुम अच्छे से जानती हो हीर मेरे मना करने की वज़ह फिर कैसे से सवाल कर सकती हो तुम "

    हिर के गहरी सांस लेके कहा " किसी और की कीमत तुम आरुष से मांग रही है हमे पता है कल तुम दोनो के बिच क्या हुआ है  इसके बीच हम आना भी नही चाहते है लेकिन इसका ये मतलब नही है की तुम किसी के प्यार को ऐसे बेज्जत करो जो किसी और ने किया उसी तरह तुम किसी और का प्यार कर रही हो तुम्हारे और उसके में क्या।ही फर्क रह जायेगा कभी सोच है। इस बार में "

    तनु ने अपनी जगह से खड़ी होके कहा " नही सोचा है और ना ही सोचना है मैं जैसी हूं जो हूं मैं अच्छी हूं मुझे ना किसी का प्यार चाहिए ना ही सिंपति तुम जाओ अभी यहां से मेरा मूड खराब है "

    ।हीर ने कुछ देर शांत रह के कहती है " ठीक है मैं मीनू के पास जाके सीधे घर जा रही तू शाम को चली आना "

    तनु ने कोई जवाब नही दिया तो हीर घर के लिए निकल गई आज उसकी प्रैक्टिस और क्लॉस थी लेकिन वो ले नही पाई और ना साहिल हीर से मिल पाया क्युकी  साहिल आरुष और कुणाल एक साथ थे ।।

    आरुष ने बहते आंसू को।साफ कर कहा " क्या मेरा प्यार मतलबी है सब ये क्यू सोचते है सारे  लड़के एक जैसे होते है उन्हे सिर्फ जिस्म से प्यार है ये क्यू नही सोचती की हम भी दिल से प्यार कर सकते है "

    आरुष की बात सुन कुणाल ने धीरे से साहिल से कहा " भाई ये तो प्यार की बात कर रहा है कल तो प्यार के साथ साथ क्या कुछ नही कर गया और अभी देख "

    साहिल को कुणाल की बात पर मजा नही लेकिन चीड़ जरूर हुई उनसे घूर के कहा " कभी तो बकवास बंद रखा कर "

    कुणाल मुंह बंद कर बैठ गया वही फिर से बड़बड़ाते हुए आरुष ने कहा " आज के बाद मैं उसके बारे में न सोचूंगा ना बात करूंगा मैं देखूंगा भी नही अगर मेरा प्यार मतलबी है तो अब मेरी नाराजगी देखेगी प्रेमलता"

    कुणाल को आरुष की बात पर हंसी आ रही थी उसने अपनी हंसी कंट्रोल कर कहा " तू सही कह रहा है कुछ दिन इन लड़कियों को अटेंशन मत दे सब अपनी अकड़ भूल जायेंगी " कुणाल अभी तक प्यार में पड़ा नही है ना इसी लिए उसे मजा आ रहा है कोई नही कुणाल बेटा तुम्हारा भी दिन आयेगा ।।

    आरुष ने मुंह बना के कहा " कही ऐसा ना हो इसके चक्कर के वो मुझे पूरी तरह भूल जाए "

    कुणाल ने ना में सिर हिला के कहा " नही ऐसा कुछ नही होगा तू मैम की तरफ देखना भी नही "

    आरुष ने अपना।सिर हां में हिला दिया साहिल ने कोई जवाब नही दिया क्युकी उसका ध्यान इस वक्त फोन में था जहा हीर ने मैसेज कर बता दिया की वो घर जा चुकी है प्रैक्टिस नही करेगी "

    साहिल ने कल के लिए कह के फोन कट कर दोनो के तरफ देख के कहा " बंगलो पर हीर की प्रैक्टिस और बाकी सारे काम खत्म करना है तुम दोनो जाके तैयारी करो "

    अपनी बात कह साहिल अपनी जगह से खड़ा हो गया उसे देख आरुष ने मुंह बना के कहा " आज मेरा ब्रेकअप हुआ है यार कम से कम आज तो छूटी दे देते "

    साहिल ने उसकी तरफ देख के कहा " वो तुम्हारी gf ही कब बनी थी जो ब्रेकअप होगा ज्यादा नाटक करने की जरूरत नही है काम पर जल्दी से लगो "

    कुणाल" लेकिन यार आज आरुष का दिल टूटा है आज रहने देते है कल कर लेंगे सुबह ही "

    साहिल गुस्से से दोनो को घूरने लगा उसका तो जी चाह रहा की यही पर लेटा कर मारे दोनो को लेकिन अभी कुछ कर नही सकता साहिल ने कहा " काम कल तक मुझे कंप्लीट चाहिए आज करो या कल बस काम पूरा करो "

    अपनी बात कह के साहिल वहा से चला गया वह उसे जाते देख आरुष और कुणाल ने मुंह बना लिया कुणाल ने आरुष के कंधे पर हांथ रख के कहा " जाने दे भाई टूटे दिल को संभाल के चल काम पर लग जाए वरना ये बालियां खानदान का जानवर बेटा हमे खा जायेगा "

    आरुष " तू सही कह रहा है जानवर नही कमीना है चल चलते है "

    दोनो एक दूसरे के कन्धे पर हांथ रख के वहा से जाने लगे ।। कुछ देर में शाम हो गई थी जहा साहिल आरुष कुणाल के साथ कल की तैयारी कर रहा वही तनु शराब की बोतल लेके अपार्टमेंट पहुंची जहा पर हीर और मीनू पहले से मौजूद थे ।।

    " चल यार आज कुछ गमों को भुलाते है " तनु ने सोफे पर बैठते हुए कहा " हीर ने शराब की बोतल हांथ में लेके कहा " एक दिन पी के इतना बड़ा कांड कर दिया और अब फिर से पीने चली हो "

    तनु " हीर यार फिर से सुरु मत हो।और आज पी के मैं कही नही जाने वाले हूं यही तुम दोनो के पास सो जाऊंगा है ना मीनू "

    तनु ने मीनू को आवाज लगाते हुए कहा जो कुछ ही दूरी पर खड़ी थी वह मीनू फोन को चार्ज पर कहते हुए कहती है " वैसे हीर तुम किस कांड की बात कर रही हो तनु ने क्या किया है

    मीनू को।इस बार एक कुछ नही पता है ।। हीर मीनू के पास जाके बताने वाली थी की तनु ने उसका हांथ पकड़ के अपनी तरफ खीच लिया और कहा " ऐसा कुछ नही है ये कुछ भी बकवास कर रही है "

    हीर " मैं बकवास नही कर रही सच बता रही कल इसने आरुष के साथ "

    तनु ने आगे बड़ के हीर के मुंह पर हांथ रख के कहा " ज्यादा मत बोल मैने कहा ना वरना तेरे लिए अच्छा नही होगा सोच ले "

    तनु ने काफी  धीमे आवाज में हीर से कहा जिसे मीनू सुन नही पाई लेकिन हीर चुप रहने वालो मे से नही थी उसने खुद को छुड़ा के मीनू के पीछे जाके खड़ी हो गई और कहने लगी "मीनू कल तनु ने नशे की हालत के आरुष का फायदा उठाया है इसी लिए मुझसे कहने से खुद रोक रही है "

    मीनू ने हैरानी से कहा " क्या सच में तनु हीर जो कह रही वो सच है "

    तनु ने हां में सिर लिया के कहा " हां लेकिन मैने किसी का फायदा नही उठाया है बस हो गया "

    मीनू और हीर ने उसकी बाते सुन एक दूसरे को देख के कहा " बस हो गया " हा हा हा दोनो इतना कह ठहाका मार के हसने लगी वही तनु ने मुंह बन के सोफे पर जाके बैठ गई कुछ देर सभी एक दुसरे से बात कर सोने चले गए ।।
    अगली सुबह हीर जल्दी से रेडी होके साहिल के साथ प्रैक्टिस के लिए निकल गई कल प्रैक्टिस का अगला राउंड सुरु होने वाला था ।।

    जारी..✍️

    क्या होगा आगे ?? क्या ये राउंड हीर जीतेगी

  • 14. अनकही दास्तां - Chapter 14

    Words: 1809

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे ...

    हीर जैसे ही साहिल के पिछे जाके मंजिल तक पहुंची वहा का नजारा देख उसकी आंखे चमक गई उसने ये सब पहली बार देखा था । उसकी आंखे चारो तरफ घूमने लगी ।। यहां का नजारा इस तरह से था जैसे हीर जमीन पर न होके पारियों की दुनिया में है हर तरफ फूल,, एक बड़ा सा झूला जिसे रोज से डेकोरेट किया गया था ,, कई रंग के फ्लावर थे उन सब को देख हीर का दिल झूम उठा।।

    इस वक्त उस जगह पर आरुष कुणाल और साहिल के अलावा और भी कुछ लोग थे जैसे की एक पोटोग्राफर,, एक लाइटिंग लेके खडा था दो लड़किया ।। इतने लोगो को देख हीर कुछ समझ नही पा रही थी ।।

    हीर के समझ में नहीं आया ये लोग यहां क्या कर रहे है उसने साहिल को नासमझी भरी नजरो से देखा जो उसे ही देखा रहा ।।

    " क्या देख रही हो ये सब तुम्हारे लिए ही है? साहिल ने चेहरे पर मुस्कान लिए कहा

    " मेरे लिए पर क्यू ?? हीर ने सवाल किया ।।

    " क्यू की आज से तुम्हारे प्रैक्टिस का पहला और आखिरी दिन है कल ही कॉन्टेस्ट स्टार्ट है और ये सब तुम्हारे लिए है पहले ये सब फोटो लेंगे तुम्हारी उसके बाद वो लड़की तुम्हे कुछ चीज़े सिखाएंगी ok । जिसे अच्छे से सीखने के बाद कल तुम स्टेज पर जाने वाली हो तुम्हरा मुकाबला इशिका से है "

    साहिल ने कहा लेकिन हीर के समझ से सब बाहर था उसने आज तक मूवी नही देखी मेकअप का A तक नही आता वो तो थोड़ा बहुत मीनू ने उसके अपने चेहरे के लिए सीखा रखा है वो अलग बात है

    हीर के चेहरे पर साफ लिखा था की वो कुछ नही समझ रही है साहिल समझ गया तो फिर से सवाल किया " क्या तुम लड़की हो ?

    हीर चौक गई आखिर वो दिख क्या रही है क्या वो लड़की नही लग रही अजीब नजरो से साहिल को देखने लगी तभी अपनी बात कह करते हुए साहिल ने कहा " मेरा मतलब था की तुम लड़की हो पर इतना सब नही पता है जो हर लड़की को पता है स्कूल में जाने वाले लड़किया तक सब जानती है और एक तुम हो जिसे नही पता है

    हीर ने मासूम सा चेहरा बना के कहा " मैने कभी ध्यान नही दिया बस पढ़ाई पर ध्यान था और कुछ न कर पाई "

    अपनी बात कह के हीर के सिर नीचे झुक गए तो साहिल ने कुछ और ना कहा उसने लड़कियो के तरफ इशारा किया तो दोनो खड़ी लड़किया सिर झुका के खड़ी हो गई ।

    " इन्हे ले जाओ और रेडी कर के लाओ ध्यान रखना मैने जो कहा है " साहिल ने।बड़े रौब से कहा तो शालीनता से दोनो लड़किया हीर को अपने साथ ले गई हीर ने भी मना नही किया आखिर अब तो प्रतियोगिता में उसे जाना ही है तो क्या फायदा आना कानी करने कहा ।।

    दूसरी तरफ ...

    लक्की की बाईक एक बिल्डिंग के सामने।रुकी उसके। पीछे बैठी ईशिका और पीछे के एक बाइक पर करन तीनो साथ में बिल्डिंग के अंदर चले गए ।।

    कुछ कदम चलते हुए तीनो एक कैबिन के बाहर खड़े हुए तभी अंदर से आवाज आई अंदर आ जाओ तीनो अंदर गए जहा पर एक आदमी जिसकी उम्र कुछ 27_28 के आस पास थी वो बड़े से हेड चेयर पर बैठा था वही तीनो उसके समाने वाले चेयर पर बैठ गए ।।

    उस शख्स ने तीनो को देख के कहा " ऐसा क्या काम आ गया जो यहां आना पड़ा तुम तीनो को फ़ोन पर नहींकर सकते थे " 

    लक्की ने अपनी लॉलीपॉप मुंह में लिए कहा " मिस्टर बालिया इस बार हमे आप से हेल्प चाहिए हमारा काम आप को करना है आखिर हमने भी हर बार आपका दिया काम किए है "

    मिस्टर बलिया कोई और नहीं शनि बलिया है जो इस वक्त हेड चेयर पर बैठा उसने आंखे सिकोड़ के कहा " धमकी देके हेल्प मांग रहे हो और हेल्प मुझसे किस लिए "

    लक्की ने फीकी स्माइल के साथ कहा " धमकी और हम देंगे क्या मजाल कर रहे है आप "
    शनि ने कहा "अगर नही है तो अच्छी बात है और होना भी नही चाहिए बताओ किस लिए आए हो "

    लक्की के बोलने से पहले इशिका ने थोडा टेबल के तरफ झुक के कहा " आप को अपने भाई से बदला लेना है तो मेरा बस एक काम कर दीजिए आप का पूरा बदला खतम हो जाएगा "

    इशिका की बात सुन शनि चेयर से टिक के बैठ गया और देखते हुए कहा " जो कहना है साफ साफ कहो मैं समझा नहीं किस काम की बात कर रही हो तुम ?? ऐसा कौन सा काम है जिसे करने से एक बार में मेरा दुश्मन खतम हो सकता है हम्मम।।

    इस बार लक्की ने अपने लोलीपॉप को बाहर निकाल के कहा " आप ने हमे कहा था की हम आप के भाई पर नजर रखे वो क्या करता है और करने वाला है और यही काम करके हम आप को अपडेट करते रहते है इसी लिए आज भी आप के भाई का एक बहुत बड़ा कांड बता रहे है ।।

    शनि ने इशारे से आगे बोलने को कहा लक्की ने कहा " आप के भाई को इश्क हो गया है कॉलेज की एक नई लड़की है अभी कुछ दिन पहले ही कॉलेज आई है दिखने में सुंदर है लेकिन उतनी भी नही जो उसने प्रतियोगिता में उतार दिया वो चाहता है की उसकी लवर इस प्रतियोगिता की विजेता बने , लेकिन आप जानते है हर बार हमारी टीम जीती है तो इस बार हम किसी और को ये हक नही दे सकते है


    अपनी बात कह के लक्की शांत हो गया वही शनि ने भी कुछ नही कह रहा बस उसके हांथ में लिए पेन लगा तार घूम रहे थे उसने मन में कहा " साहिल वालिया को प्यार हो गया है ये कैसे हो सकता है आज तक लडक से दूर रहने वाला अचानक से प्यार पता करना पड़ेगा की ये सच है " कुछ देर सोचने के बाद शनि ने कहा " लड़की का क्या नाम है ??

    ईशिका ने एकदम से कहा " हीर"
    शनि ने सुना तो हांथ रुक गए दिमाक किसी दूर के ख्यालों में चला गया जहा एक लड़की घुटनो के बल बैठ के रो रही तभी उसके पास किसी लडके ने आके कहा

    " हीर बेबी प्लीज ऐसे रोना बंद करो तुम रोते हुए अच्छी नही लगती हो तुम तो मेरी जान हो ना चलो अब खड़ी हो जाओ और जल्दी से क्लास में भागो नहीं तो अभी मैने जो किया वही फिर से करूंगा समझी "

    ये शब्द शनि के कान में गुजने लगे तो चेहरे पर बेजहर ही एक तिरछी मुस्कान छा गई उसने फिर से मन में कहा " वो हीर नही हो सकती है

    उसने डेविल स्माइल के साथ एक बार हीर का नाम लिया और कहा " हीर हम्मम इंट्रेस्टिंग इस लड़की से कुछ अपना पन महसूस हो रहा है "
    फिर सभी के तरफ देख के कहा " तो इसमें मेरी क्या हेल्प चाहिए तुम तीनो को "

    लक्की ने कहा " हम चाहते है की हीर ये प्रतियोगिता ना जीते इशिका हर साल की विनर है इस बार भी वही रहे इसी लिए हम आप के पास आए है आप से बेहतर अपने भाई के चाल को कोई नही जानता है की वो आगे क्या करने वाला है अगर आप हीर को इस प्रतियोगिता में जितने नही देंगे तो शायद इशिका ही जीत जाए।।

    शनि ने कुछ देर सोचते हुए पूछा " तुम्हे ऐसा क्यू कहता है की उस लड़की के सामने इशिका नही जीत सक्ति"

    लक्की ने कुछ नही कहा तो ईशिका ने कह दिया " वो मुझसे भी ज्यादा खुबसूरत है इसका ब्यूटी काफी स्ट्रॉन्ग है और वैसे भी उसके साथ साहिल तो उसे हारने नही देगा चाहे उसके लिए कुछ भी करना क्यू ना पड़े ।।

    शनि के मुंह से निकला " वो खुबसूरत है ये मत तुम भी मानती हो हां "

    उसके इस बात पर सभी अजीब तक से। देखने लगे जैसे हीर खूबसूरत है शनि को यकीन नही हुआ ईशिका ने हां में सिर हिला के कन्फर्म किया तो शनि ने सोचा " नही ये वो हीर नही वो कहा खुबसूरत थी ये नही है वो एक बदसूरत लड़की थी "

    शनि ने सभी के तरफ देख के कहा " ठीक है काम हो जायेगा मैं कल ही कॉलेज आऊंगा वैसे भी कल एक साथ तीन राउंड होने वाले है तो मेरा वाहा रहना लाजमी सी बात है और जहा तक इस हीर की बात है तुम सब उसकी फिकर मत करो वैसे भी उससे मिलने के लिए मैं खुद हेकरार हूं एक बार जरूर देखना चाहुगा।।

    तीनो ने शनि के आने की खबर सुन तो खुशी के मारे फूले नहीं समा रहे कुछ देर बैठने के बाद तीनो वहा से चले गए शनि ने उनके जाने के बाद बड़बड़ाया " ओ मेरा छोटा भाई तुझे किसी लड़की से प्यार हो गया है लेकिन अफसोस वो प्यार ज्यादा दिन तक नही रहेगा तुझे बर्बाद करने की मेरी कसम उसी दिन पूरा होगा जब खुद चलके मेरे कदमों के आयेगा तभी मेरा लिया संकल्प पूरा होगा ।।।


    उधर लक्की और बाकी दोनो जैसे ही नीचे आए ईशिका ने कहा " मिस्टर शनि क्या करेंगे ??

    लक्की ने अपने ही जोश में जाते हुए कहा " वही जो हर लड़की के साथ करते है वो मेरे भाई के। फ्रैंड है मैने सुना है स्कूल और कॉलेज में लड़कियो के साथ बहुत गलत होता जिस कॉलेज में शनि बालियां जाए वो कॉलेज कुछ ही महीनों में सड़क पर हो जाता और जो कॉलेज अभी तक चल रहे है बस समझ लो उन लोगो ने शनि के सकती को इग्नोर कर दिया है "

    उधर मेकअप सेकप कर के हीर को रेडी कर दिया उसके वाइन कलर का गाउन पहना रखा था बालो का बन और कुछ लटे बाहर के तरफ झूल रही हीर इस लुक के बेहद खूबसूरत लग रही थी ।।एक बार कोई देखे तो अपनी नजरे न जाता सके ।।


    हीर उन लड़कियो के साथ पीछे की तरफ आती है जहा पर बाकी सब खड़े थे हीर बाहर आके खड़ी हो गई उसने साहिल कोई तरफ देख जिसकी पीठ उसकी तरफ था इधर कुणाल और आरुष की नजर जैसे ही हीर के तरफ गई दोनो की आंखे बड़ी हो गई।। जैसे ही दोनो ने हीर को देखा आंखे फटी रह गई मुंह खुला सच में बेहद खूबसूरत नही कही हीरे।।

    " सर" एक लड़की ने कहा तो साहिल अपने पीछे की तरफ पलटा उसकी आंखे जैसे ही हीर पर गई ठहर सी गई आंखों में बह रहे समंदर का पानी थम सा गया ।।वही हीर को पलके नीचे झुकी थी वो साहिल के नजरो को अच्छे से जानती थी मगर आज उसका ये रुप किसी को भी घायल कर सके।इतना खतरनाक लग रहा था वायस तो साहिल पर कर ही चुका था ।।

    जारी..✍️

  • 15. अनकही दास्तां - Chapter 15

    Words: 1529

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे ..

    साहिल की नजर हीर पर जम सी गई थी चेहरे पर लगा मेकअप ,, आंखो का काजल,, होंठो की लिपसिट,, ये सब हीर को इंद्र भवन में रहने वाली अप्सराओं से और भी ज्यादा खुबसूरत कर रहा ऐसा नही है की हीर ये सब लगाके कॉलेज नही गई ,, लेकिन आज कुछ अलग था या हो सकता है साहिल के दिल का हाल ऐसा हो गया था जिससे हीर और भी ज्यादा खुबसूरत लग रही ।।

    खैर जो भी हो साहिल तो घायल तो हुआ लेकिन साथ में बाकी सब की नजर भी हीर के ऊपर जिसे अब हीर बर्दाश नही कर पा रही वो खुद को अजीब महसुश कर रही थी ये इंसान के साथ तभी होगा जब कोई हद से ज्यादा सुंदर हो या फिर हद से ज्यादा बत्तसूरत लेकिन हीर तो सुंदर है मगर फिर भी उसे अजीब सा लगने लगा ।।क्युकी वो अपने अतीत से अभी भी घिरी हुई है ।।

    उसके सिर के अजीब सा दर्द उठ गया कानो में लोगो की आवाज़ आने लगी किसी की धिक्कार की तो किसी की गालियां ,, अजीब अजीब बाते हीर के कानो में जाने लगी दिल में दर्द आंखो में पानी उठना सुरु हुआ ।।

    हीर की आंखे कस के बंद हो गई मुठिया कस गई दिल में चुभन सी होने लगी घबराह डर जैसे चारो तरफ से घेर के खड़ा हो गया है माथे पर पसीने आने लगे कुल मिला के हीर की तबियत अचानक से खराब होने लगी अब उसके लिए इस जगह पर रुकना मौत की तरह लगने लगा ।।

    वही साहिल जिसकी नजर हीर पर ही बनी थी उसने हीर के चेहरे को देख समझा गया बीना वक्त गवाए हीर के करीब आके खड़ा हुआ कन्धे से पकड़।के कहा " क्या हुआ तुम ठीक तो हो ना ??

    हीर ने बस आंखे खोलने की कोशिश कर रही जो बीपी लो होने की वजह से बंद होने लगे थे उसने साहिल के तरफ हल्के से देख के बस हां में सिर हिला दिया ।। साहिल ने हीर के आंखो के दर्द से देखा तो दिल में चुभन होने लगी उसने जल्दी से कुणाल के तरफ देख के कहा

    " पानी " अब तक सभी अपने होश में आ चुके था कुणाल ने जल्दी से साहिल हाथों में पानी की बोतल पकड़ाई तो साहिल ने हिर के होंठो से बोतल लगा के उसे पानी पिलाया ।।

    उसे ले जाके कुर्सी पर बैठा दिया हीर ने जब देखा सब की नजर उसकी तरफ नही है तो उसने राहत की सांस लि थोडी देर बैठने के बाद उसे अच्छा फील हुआ तो साहिल के कहने पर आगे का प्रोसेस चालू हो गया हीर की तरह तरह की तस्वीर लिया गया जैसे जैसे उसे पोज बताया उसने वही किया उसकी तस्वीर इतनी खूबसूरत आई की साहिल के साथ साथ सभी मग्न मुग्ध हो गए ।।

    वही जो फोटोग्राफर साहिल ने बुलाया वो कोई आम नही बल्की फेमस फोटोग्राफर थे उनसे तस्वीर खींचने के लिए लोगो के महीनो पहले ही बुकिंग हो जाति है उन्होंने हीर की तस्वीर देख के साहिल से कहा
    "

    सच में आज से पहले मैने इतनी खूबसूरत लड़की नही देखी है जितनी खुबसूरत ये तस्वीर है उससे कोई ज्यादा ये रियल में।है सच में बेहद खूबसूरत है " उसने बड़ी मुस्कान के साथ में कहा लेकिन तभी उसे कुछ आग सा अपने शरीर पर महसूस हुआ उसने अपने आस पास देखा तो नजरे सीधा जाके साहिल से टकराई जो आग उगल रहा ।।

    उस आदमी की नजरे खुद ही नीचे हो गई उसके mader इतनी हिम्मत नही थी की वो साहिल के तपिश को बर्दाश कर पाए ।।

    वही अब बस लास्ट तस्वीर लेना बाकी था और हीर अपने पोज में बैठी थी तभी साहिल ने कुणाल के तरफ देख के बेहद गुस्से में कहा " उसे निकल दो "

    उसके कहते ही सभी हैरानी से देखने लगे इतने अचानक में हुआ की किसी को समझ तक नही आया वही कुणाल ने गार्ड्स से कह फोटोग्राफर को बाहर निकाल दिया इस बिचारे ने आखिर गलती क्या किया था शायद उसे भी नही पता साहिल के समाने उसकी हुस्ना की तारीफ जो कर दिया।।

    हीर बिचारी वैसे ही बैठी थी तभी साहिल के गरीब जाके कहा " इतनी तस्वीर बहुत है मैं कल ही सम्मिट कर दूंगा तुम जाके चेंज कर दो "

    साहिल अब इन कपड़ो में हीर को नही देख सकता था उसकी हीर के तरफ किसी की नजरे उठने लगी जो साहिल के बर्दाश से बाहर था हीर को कुछ शक तो नही आया लेकिन वो भी काफी थक चुकी थीं ये सब उसने पहली बार किया जितनी बोरिंग उससे कई जुड़ा थकान से भरी थी ।।

    हीर ने हां में सिर हिलाया और जाने के लिए उठ गई उसने गाउन को हांथ में होल्ड और आगे बड़ी ही थी की अचानक से उसका पैर मुड़ गया हीर का बैलेश बिगड़ गया लेकिन वो गिरती की उससे।पहले साहिल ने पीछे से पकड़ के उसे अपने बाहों के उठा लिया ।।

    हीर ने तो डर से आंखे बंद कर रखा था लेकिन जब उसे अहसास हुआ वो गिरी नही वो हवा में है उसने झटके से आंखे खोल कर देखने लगी उसके आंखो के समाने साहिल का हेंडसम चेहरा था हीर एक पल के लिए खो सी गई लेकिन दूसरे ही पल खुद को संभाल के कहा "

    मैं ठीक हूं आप मुझे नीचे उतार दीजिए की चल सकती हूं "

    साहिल ने बीना उसकी तरफ देखे कहा " जब मैं लेके जा रह हूं तो क्या प्रॉबलम है तुम्हे "
    इस बार हीर ने कोई जवाब नही दिया साहिल उसे कमरे में ले जाके छोड़ दिया हीर खुद के कपड़े चेंगे करे और ब्राइड मेकअप उतार उसने सिंपल से मेकअप कर लिया ।।

    वही बहार बाकी सब खड़े थे कुणाल सारे तस्वीर को देख के सिलेक्ट कर रहा वहा आरुष जो सुबह से उदास होके बैठा था उसने न अभी तक कुछ कहा ना किसी पर ध्यान दिया बस यहां पर कुणाल के कहने पर आया था वरन उसका मन तो आने का था ही नही ।

    दूसरी तरफ मीनू ने तनु को काफी समझाया लेकिन तनु अपनी ही जिद पर अड़ी थी दुबारा प्यार नही होता आकर्षण होता है जो आरुष को उससे हो गया तभी मीनू ने कहा " अच्छा तो कल रात जो हुआ वो क्या था ??

    तनु ने कहा " वो बस नशे की हालत में की गई गलती जिसका न कोई भविष्य है ना कोई कहानी बस यूंही हो गई गलती थी और कुछ नही "

    मीनू ने थोड़े गुस्से से कहा " तुम्हे समझा बेकार है जब तुम्हे एक ही बात की जिंद बना ही लिया है तो क्या कर सकती हूं?? तुम उस इंसान के पीछे भाग रही हो जिसको तुम्हारी कोई कद्र नहीं है तो ठीक है मैं अब कुछ नही कहूंगी हो मर्जी हो वो करो ok "

    मीनू गुस्से से उठ के चली जाती है तनु वही सोफे पर आंखे बंद कर बैठ गई उसके चेहरे पर दर्द भरी स्माइल थी और बंद आंखो के समाने किसी का हेंडसम सा चेहरा था जो अचानक से किसी राक्षस के रुम में बदल गया तभी तनु ने मन में कहा " तुमने मेरे साथ इतना बड़ा गेम क्यू खेल यस ,, इस क्यू का जवाब मैं तुमसे एक दिन लूंगी जरूर बस मेरा इंतजार करना और तब तक मेरे सामने मत आना "

    उधर शनि जो किसी से फोन पर बात कर रहा दूसरी तरफ से आवाज आई " सर ये बात सही है मिस्टर साहिल को इस बिच एक लड़की के साथ देखा जा रह है जो अभी कॉलेज के तीन दिन पहले आई है अगर सुंदरता की बात करे तो कॉलेज में ऐसे कई लोग है जो पहली नजर में उसके दिवाने हो गए है मगर साहिल के डर से किसी की हिम्मत नही है इस लड़की के पास जाने के लिए ।।

    शनि ने डेविल स्माइल के साथ कहा " अच्छा ये बात है फिर तो मुझे उससे मिलना ही पड़ेगा आखिर मैं भी तो देखूं मेरा भाई मेरे लिए कौन सी भाभी ला रहा है मेरे पास वो तस्वीर भेजो जो अभी अभी लिया तुमने "

    दूसरी तरफ से " ओके सर"

    फौरन ही शनि के फोन में कुछ तस्वीरे आई शनि ने उन्हे ओपन कर के देखा तो साहिल हीर को अपने बाहों में लिए जा रहा सारे तस्वीरे ऐसी ही थी लेकिन शनि के समाने हीर का चेहरा नही था जो आधा दिख भी रहा वो बालो को वजह से छिप गया जिसे देख शनि ने गुस्से से कहा

    " इडियट तस्वीर लेने का भी ढंग नही है "

    कुछ देर देखने के बाद शनि ने फोन बंद कर के आंखे बंद कर लिया और अजीब तरह से हंसने लगा और कहा " मेरा भाई अब तू प्यार कर रहा है तो ये बात तेरे माता पिता को भी चलना चाहिए तू बताएगा नही अपने बाप को इसी लिए लगता है मुझे ही बताना पड़ेगा लेकिन मुझे ना इस काम में काफी मजा आता है हा हा हा।। शनि जोर जोर से हसने लगा और फिर से कहा " भाभी लाने के तैयारी में सपराइज देना।हो होगा ,, शनि ने तिरछी मुस्कान भर के कहा और एक नंबर पर कॉल कर दिया जो डैड के नाम से सो हो रहा था ।।


    जारी.✍️

  • 16. अनकही दास्तां - Chapter 16

    Words: 1676

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे ...

    हीर कपड़े बदल के बाहर आई जहा पर कुणाल साहिल मिल के तस्वीरे सिलेक्ट कर रहे थे साहिल ने हीर को देखा अपनी जगह से खड़े होके हीर के पास जाके कहा

    " तुम ठीक हो ?

    हीर " हां मैं ठीक हूं क्या घर जा सकती हूं अब "

    कुछ देर साहिल शांत रहा फिर उसके बाद कहा " हां लेकिन अभी तुम्हे मेरे साथ कुछ देर रहना होगा अभी काम बाकी है "

    हीर ने ना समझी से कहा " काम कौन सा काम बाकी है ??

    साहिल " अभी पता चल जायेगा बस कुछ देर हम्मम तब तक तुम बैठो मैं जूस भेजवाता हूं "

    साहिल ने कहा तो हीर मान गई और जाके वही लगे झूले पर बैठ गई वही साहिल फिर से कुणाल से बात करने लगा एक दो बार हीर ने उसकी तरफ देखा और मन में कहा " मेरे जीतने से इन्हे इतनी खुश क्यू है क्या ऐसे भी लोग होते है दुनिया में जो दूसरो के कमियाबी से खुश होते हो मैने तो यही देखा है दूसरो को कोई भी आगे बड़ते हुए नही देखना चाहता वो कोई भी हो तो ये क्यू है ?

    हीर के अंदर ये" क्या" शब्द आ गया लें दूसरे पल उसने झटक दिया और कहा " पागल कही की पता नहीक्या क्या सोचने लगी हूं मैं हम्मम "

    अपनी बात कह के हीर ने सिर झटका और आंखे बंद कर झूलनेलगी ।

    वही साहिल ने हिर की कुछ तस्वीर देते हुए कहा " कल मैं हीर को कॉलेज लेके आऊंगा उससे पहले ये सारे तस्वीरे पहले राउंड के लिए भेज देना उसके बाद अभी उसका कुछ प्रैक्टिस बाकी है को दुसरे राउंड से पहले मैं कंप्लीट करवा लूंगा "

    कुणाल ने हां में सिर हिला के कहा " तू फिकर मत कर सारे काम हो जायेंगे "

    तभी फिर से साहिल के कहा " हम्मम काम होने चाहिए मैं इस बार किसी भी कीमत पर ईशिका को नही जितने दूंगा अगर वो जीती तो फिर से उन लड़कियो पर अपना हुकमत चलाएगी जो इस फील्ड में आगे बड़ना चाहती है मुझे इसे लोगो से नफ़रत है जो दूसरो पर राज करते है "

    कुणाल" हां सही कहा इसी लिए तूने हीर भाभी को चुना सही किया अगली बार उस लड़की के साथ जो हुआ आज तक किसी की हिम्मत नही हुई इशिका के खिलाफ जाने के लिए वो लड़की है वरना दो कंटाप मार के मैं सुधार देता चुड़ैल को "

    साहिल " मैं उस वक्त था नही , नही तो वो लड़की ज़िंदा होती खैर छोड़ो अब ऐसा कुछ नही होने दूंगा कॉलेज की हर लड़की मेरी बहन समान है एक उच्च कोटि का लड़का होने के नाते मेरे फर्ज है दुसरी लड़की की इज्जत और सम्मान करना ना मैं किसी के साथ होने दूंगा ना किसी को करने दूंगा अगर कोई गलत कामों में लड़कियो को खीचा तो सही नही होगा "

    कुणाल ने अपना सिर हिला के वहा से चला गया साहिल अपनी नजरे उधर उधर किया तो खुले पर सो रही हीर पर नजर गई उसके कदम हीर के तरफ उसके खुबसुरत चेहरे पर चला गया ।।

    साहिल के हांथ हीर के गालों को छूने लगे उसने बड़े मदहोशी भरी आवाज में कहा " तुम यूं आई ज़िंदगी में ,,
    जिंदगी में उजाले ने अपनी दस्तक दी अब न अंधेरे से डर है ना उजाले के जाने का गम ,, बस तुम यूंही रहो मेरे साथ सारी उमर गुजार दूं

    साहिल बड़ी शिद्दत से हीर को निहारे जा रहा उसने हीर की बड़ी बड़ी पलके छूना चाहा तो उगलियो पर आंसू के कुछ बूंदे गिर गई साहिल हैरान रह गया पलके ऊपर कर देखा तो हीर के माथे पर डर से पसीने उभर आए थे ।।

    ये हालत साहिल से बर्दाश नही हुई दिल तड़प सा गया जैसे हजाओ कांटे एक साथ धस गए हो कुछ न देखा न सुना फौरन बाहों में जकड़ लिया जैसे चंदन के पेड़ से लिपटी सर्प बाहों में सिमटी चली गई हीर किसी का सहारा पा के पिलघल सी गई ।।

    कुछ देर यूंही रहने के बाद साहिल हीर को बाहों में उठा के घर के लिए निकल गया गाड़ी सीधे हीर के अपार्टमेंट के बाहर रुकी हीर को फिर से बाहों में उठाया और चला गया अंदर ।।

    वही अंदर तनु और मीनू थी तनु तो अपने ही ख्यालों में घूम थी और मीनू कपडे लेने बालकनी में गई तभी अंदर आ रहे साहिल पर उसकी नजर पड़ी तो घबरा सी गई माथे पर डर के सिकन होने लगे सांसे फूलने सी लगी फौरन अंदर आके तनु को उठाते हुए कहा

    " हे पागल औरत सोना बंद कर वो यहां आ रहा है " तनु प्यार के। दुख में दुखी तक नही हो पा रही मीनू ने चिल्लाया तो तनु घबराके उठ गई न आग देखा ना पाछ पूरे लिविंग रूम में।भागते हुए कहने लगी " कौन आया कौन आया कहा है दिखाई नहीं दे रहा ??"

    बिचारी मीनू साहिल को देख जहा डर गई थी वही तनु की हरकते देख गुस्से से भर गई उसने आगे बड़ तनु का हांथ पकड़ लिया और सिर पर मारते हुए कहा
    " कमिनी हीर को लेके साहिल आ रहा है मैं ये कह रही थी पागल कही की "

    बिचारी तनु बाल खीजते हुए कहती है " हां तो ऐसे बोल ना "
    मीनू " अब बोल दिया ना तो कुछ सोच वो अंदर ही आ रहा है"
    मीनू ने कहा ही था की घर का बेल बज उठा मीनू ने सुना तो हांथ पैर फूलने लगे वो साहिल के सामने नही आना चाहती थी लेकिन शायद अब ज्यादा दिन छुप नही सकती है ।।

    एक बार फिर बेल बजा तो मीनू अपने होश में आई उसने तनु के तरफ देखा हो खुद बौखली हुई थी तनु ने कुछ न समझते हुए जल्दी से मीनू को परदे के पीछे करते हुए कहा " तू यही रह मैं देखती हूं "

    मीनू पर्दे के पिछे हो गई तनु ने खुद को सही किया जाके गेट खोल दिया समाने गोद में। साहिल हीर को लेके खड़ा था ।।साहिल ने तनु को देखा उसे कोई हैरानी नही हुई वो जनता है हीर तनु की रिश्तेदार है ।।

    तनु ने हीर की आंखे बंद देख घबरा गई उसने साहिल के तरफ देखा बेचैनी से कहा " क्या हुआ उसे ऐसे क्यू?? बीच में साहिल ने कहा " ये थक के सो गई है तो मैने सोचा क्यू परेशान करना इसी लिए ले आया "

    तनु ने राहत की सांस लेके कहा " अच्छा ये बात है ये लड़की भी न एक बार सो जाए तो उठती नही है जल्दी कोई बात नही तुम इसे यही पर लेटा दो "

    तनु ने सोफे के तरफ इशारा किया साहिल को अजीब लगा कमरे के बजाय सोफे पर सुलाने को कह रही है लेकिन उसने ज्यादा कुछ कह के सोफे पर आराम से हीर को सुला दिया वही तनु दौड़ कर कमरे से चादर ला के उसे गिर के ऊपर डाला और ठिक से उसे अर्जेस्ट करने लगी

    वही साहिल बड़े गौर से देख रहा था उसे नही पता था तनु के लिए हीर इतनी इंपोटेंट है कोई फ्रैंड की बहन का इतना ख्याल क्यों रखेगा लेकिन तनु के चेहरे की परेशानी और अब उसका केयर करना साहिल के दिल को छू गया ।।
    तनु साहिल के तरफ देखते हुए कहा " थैंक्यू साहिल तुमनेउसका ध्यान रखा "
    साहिल " उसमे थैंक्यू मत कहिए मैं तो बस " साहिल आगे कुछ कहता उसकी नजर पर्दे के नीचे से दिख रहे पैरों पर गया ।।

    तनु ने साहिल के नजरो को जल्दी से नोटिस कर लिया उसने आगे कहा " रात होने को आई है साहिल तुम्हे घर जाना चाहिए कल कॉलेज भी आना है "

    साहिल कुछ पूछना चाहता था लेकिन तनु की बात सुन कुछ कहा नही एक नजर हीर को देखा और बाय बोल के जाने लगा लेकिन उसने मन में कहा " परदे के पीछे कोई था नही नगर कोई होता तो वो छिपता नही ये भी तो हो सकता है कोई मुझसे छिप रहा हो लेकिन क्यू ??

    साहिल के दिमाक में कई तरह के सवाल उठने लगे ।। लेकिन दूसरे पल सब झटक के साहिल वहा से निकल गया उसके जाते ही मीनू बाहर आके हीर के पास में बैठ है "


    कुछ देर बाद साहिल घर पहुंच। गया उसने जैसे ही लिविंग रूम में अपने पैर रखे एक तेज आवाज उसके कानो में गया ।

    " लो आ गए राजा साहब"
    साहिल ने सामने देखा तो उसके डैड गुस्से में बैठे थे शनि वही बगल में बैठ के कॉफी पी रहा था उसकी मां मायूस होके खड़ी थी ।।

    साहिल ने कोई जवाब नही दिया बस अंदर के तरफ चला गया तभी मिस्टर बालियां ने कहा " मनीषा अपने लाडले को समझा दो लड़कियो के साथ घूमना है तो घूमे जो करना है वो करे लेकिन शादी मेरी मर्ज़ी से ही होगा समझा देना नही तो अगर मैंने समझा अच्छा नही होगा किसी के लिए "

    मिस्टर बालियां ने चिल्ला के कहा तो साहिल के कदम वही रुक गए उसने एक नजर शनि को देखा जो स्माइल के साथ बैठा था ये बात साहिल को समाने में देर नहीं लगी की हीर के बारे में शनि को पता चल चूका है उसने ही मिस्टर बालियां को बताया होगा साहिल ने अपनी मां के तरफ देख के कहा

    " मां आप भी कह दिजिए मैने खुद के लिए लड़की ढूंढ ली है अगर कोई बीच में आया तो मुझसे बुरा कोई नही होगा और एक बात मेरे ऊपर रखने से अच्छा है कोई अपने लाडले पर रखे उसकी शादी करवाए मेरी नही "

    साहिल ने ये ताना शनि को मारा था साहिल अपनी मां से दुबारा कहता है " मैं कमरे में ही डिनर करूंगा "

    अपनी बात कह के साहिल चला गया मनीषा जी कुछ नही कहती है वो जानती थी उनका बेटा अपनी ही सुनेगा इसी लिए कुछ खाना का कोई फायदा नही है इधर मिस्टर बालियां और शनि दोनो दांत पीस के रह गए थे ।।

    जारी.✍️

    आगे क्या होगा ?? क्या कल का दिन हीर के लिए अच्छा होगा ?? क्या हीर प्रतियोगिता के पहले राउंड में जितेगी??

  • 17. अनकही दास्तां - Chapter 17

    Words: 1708

    Estimated Reading Time: 11 min

    अगली सुबह...

    11 बजे के आस पास साहिल हीर को लेके कॉलेज पहुंचा उसने हीर को गेट के पास ही रुकने के लिए कहा और खुद कार पार्किंग करने जला गया हीर ने कॉलेज के तरफ देखा जहा पर रोज के मुताबिक आज ज्यादा भीड़ थी पूरे ग्राउंड में लड़कियो की भिड़ लगी थी जितने लड़के थे उससे काफी ज्यादा लड़किया थी ।।

    हीर सभी को देख घबराने लगी थी उसने अपने हांथ आपस में रब करते हुए कहा " पता नही मेरे बारे में सब क्या सोचेंगे क्या मैं कर तो पाऊंगी ना"

    हीर खुद में परेशान थी तभी अचानक से उसके फोन की रिंग बजी ये अचानक से हुआ को हीर चिहुंक गई देखा तो फोन था हीर ने खुद से बड़बड़ाया " पागल फोन ही तो है घबरा क्यू रही है ??

    हीर ने फोन में देख तो मीनू थी उसने जल्दी से कानो से लगा के कहा " हेलो

    दूसरी तरफ से मीनू ने थोड़े परेशान लहजे में कहा " हीर तू ठीक है ना "

    हीर " हां मुझे क्या हुआ मैं ठीक हूं तुम ये क्यों पूछ रही हो वैसे तो मैं तुम्हारे सामने ही तो घर से बाहर गई थी ।

    मीनू " कुछ नही बस ऐसे ही क्या प्रतियोगिता सुरु हो गया "

    हीर" हां पहला राउंड खतम हो चुका है मैं सेलेक्ट हो गई हूं अब दुसरा स्टार्ट होने में थोड़ा वक्त है क्या तुम रेस्टोरेंट पहुंच गई यहां नही आओगी "

    मीनू" मन तो था लेकिन आज काम बहुत ज्यादा है तुम तो जानती ही हो मैं आज के राउंड में नही आ सकती लेकिन अगले में जरूर आऊंगी पक्का "

    हीर" ठीक है मैं इंतेजार करूंगी "

    मीनू "hmm जा तू अच्छे से करना ऑल द बेस्ट मेरी जान मुझे पता है तू ही जीतेगी बस घबराना मत और ना डरना वहा पर तनु तो है ही हम्मम "

    हीर" हम्मम ठीक है मैं रखती हूं "

    मीनू" हम्मम "

    मीनू ने कॉल कट कर कहा " मुझे अजीब सी बैचैनी क्यू हो रही है वो तो बिल्कुल ठीक है कहता है मैं ही साहिल को लेके ज्यादा सोचने लगी कहूं "


    उधर हीर मीनू से बात कर के उसे अच्छा फील हो रहा था वो स्माइल के साथ जैसे ही पीछे मुड़ी की किसी के सीने से टकरा गई सर सहलाते हुए देखा साहिल खड़ा जिसकी नजर उसके उपर ही थी ।।

    हीर ने माथा सहलाते हुए कहा " ऐसे भूतो की तरफ पीछे क्यों खड़े है "

    साहिल ने जवान देने के बाजार पूछा " तुम किससे बात कर रही थी "

    हीर ने चहकते हुए कहा " मेरी दो... फिर रुक गई दुबारा कहा " मेरी बहन थी वो आज आ नही सकती है ना इसी लिए मुझे कॉल किया "
    हीर ने साफ झूठ कहा क्युकी तनु ने ये चीज पहले हुआ बता दिया था मीनू उसके साथ रहती है ।।

    साहिल को कहा हीर उससे कुछ छुपा रही है लेकिन फिर भी उसने सिर हिला के कहा " ठीक है अंदर चलो "
    उसके कहते ही हीर अंदर जाने लगी पीछे से साहिल ने हीर को देखते हुए कहा

    " मुझे ऐसा क्यों लगा रहा है तुम कुछ छुपा रही हो मुझे क्यों वो आवाज बहुत जानी पहचानी लगी ऐसा लगा की वो वही है जिसे मैं ढूंढ रहा हूं "

    साहिल के अंदर सक पैदा ही चुका था लेकिन उसने फिर से कहा " ये मैं बाद में देख लूंगा अभी तो कॉन्टेस्ट की चिंता है "


    कुछ देर बाद ...

    हालांकि प्राइमरी राउंड यानी की पहला राउंड खतम हो चूका था दुसरे के लिए अनाउंसमेंट भी हो गई थी दूसरे कॉलेज से आई लड़किया जो उसमे भाग लिया था सभी सेकंड राउंड यानी इवनिंग गाउन राउंड सुरु होने वाला था इसमें गाउन और हिल्स पर स्टेज पर वाक करके दिखाना था उसमे उम्मीदवार को कांफिडेंस के साथ चल के दिखाना है उसका चेहरा ही नही बल्की चलने का ढंग भी सुंदरता को दर्शाता है ।।

    दूसरा राउंड जैसे की सुरु था कुछ लड़किया जा चुकी थी कुछ जा रही थी इसमें एक ही कॉलेज की दो और कॉलेज सामिल थे और हर कॉलेज के तरफ से पांच जजेस तैयार किए गए थे किस्से इसमें पछपता ना हो सके ।।

    उधर इशिका नेवी ब्लू केलर का गाउन पहन के तैयार हो गई थी उसके आस पास उसके सारे दोस्त बैठे थे ईशिका ने मिरर के खुद को देखते हुए लक्की से कहा

    " लक्की मैं कैसी लग रही हूं ??

    लक्की हमेशा की तरफ अपना लोलीपॉप खाते हुए कहा " हूर की परी लग रही हो ,, उनसे इतना ही कहा था की गेट की तरफ से किसी ने कहा " पारी नही चुड़ैल लग रही हो हा हा हा"

    ये आवास सब पहचानते थे आरुष और कुणाल की थी इशिका गुस्से से गेट के तरफ देखती है करन गेट खोलता है तो वही दोनो खड़े होके हस रहे थे दोनो को देख करन ने कह
    " तुम दोनो यहां क्या कर रहे हो जाके अपनी पाटनर को तैयार करो "

    उसका जवाब कुणाल ने दिया " हमारे हीर भाभी हो भाई रेडी कर रहे है तो हमारा क्या काम वैसे हम दो चुड़ैल को देखने आए थे हा हा हा "

    दिनो फिर से हसने लगे तभी आरुष ने हस्ते हुए कहा " अरे भाई चुड़ैल नही बंदरिया लग रही है हा हा"

    दोनो खुद से कह खोद से ही हस रहे वही बाकी सब बस गुस्से से देख रहे थे तभी उन्ही सब में से। बीच में एक आवाज गूंजी " अगर तुम्हारा बकवास हो गया हो तो रास्ते से हटो "

    आरुष और कुणाल की हसी बंद हो गई बाकी सब तिरछी मुस्कान देने लगे दोनो ने पीछे मुड के देखा तो वहा पर शनि पॉकेट में हांथ डाल के खड़ा था उसने आखों पर बड़ा सा चस्मा लगा रखा था ।।

    एक पल दोनो हैरान हो गए आज तक शनि कभी कॉलेज नही आया फिर आज क्यू दोनो एक दूसरे को देखने लगे तभी फिर से शनि ने कहा " एक्सक्यूज मी रास्ते से हटोगे या मैं बाहर फेंकदू"

    उसकी बात सुन कुणाल गुस्से में अपनी हांथ की मुठिया बन लेता है लेकीन आरुष उसके कन्धे से रोक के ना में सिर लिया और कुणाल को लेके साइड हो गया शनि जैसे ही अंदर गया लक्की उसके गले से लगते हुए कहता है

    " थैंक्यू ब्रो यहां आने के लिए मुझे तो कहा आप आओगे नही"

    शनि ने लक्की को खुद से दूर करते हुए कहा " ऐसे कैसे नही आता आखिर तुम लोग मेरे दोस्त जो है "
    शनि लक्की को खुद से अलग कर के अपने कपड़े झाड़ने लगा ये बात लक्कि को अच्छी नही लगी तभी इशिका शनि के गले लग के कहती है " थैंक्यू यहां आने के लिए "
    शनि ने इशिका को बड़े प्यार से गले लगा के कहा " नो बेबी मुझे तो यंहा आना ही था बहुत कम है याह पर मेरे "

    इशिका स्माइल के साथ हां में सिर हिला देती है लक्कि बस देख रहा था दिलो में कुछ अजीब सा कहने लगा वही आरुष और कुणाल वहा से निकल चुके थे ।।

    " साहिल साहिल " साहिल जो हीर को कुछ समझा रहा था उसने अपना नाम सुन के दरवाजे के तरफ देखा जहा से कुणाल आरुष भागते हुए आ रहे थे,,

    आरुष और कुणाल ने अंदर आते ही स्टार्ट हो गए " साहिल भाई वो कमीना आया है आज कॉलेज वो भी उनकी तरफ से "

    साहिल समझ नही पाया ये लोग किसके बारे में बात कर रहे है उसने कहा " कौन कमीना मैं कुछ समझा नहीं तुम दोनो किसकी बात कर रहे हो "

    बीच में हिर ने कहा " हां पहले नाम तो बताओ फिर तो पता चलेगा कोई जनता है या नही "

    साहिल " हां अब बोलो "

    आरुष ने सांस लिया और कुणाल के तरफ देख के उसे इशारा किया आगे बोलने के लिए ,, कुणाल से समझ के कहा " भाई प्रॉबलम हो गई है अब मैं क्या ही बताऊं वो यहां आया हुआ है कॉलेज में ??

    कुणाल की गोल गोल बाते सुन साहिल का दिमाक घूमने कहा उसने कहा " क्या तो तुम साफ साफ बताओ किसके बारे में बात कर रहे हो या फिर मैं तुम्हे यहां से बाहर फेक दूं हम्मम"

    कुणाल आरुष ने सुना तो गहरी सांसे भरने लगे और एक साथ कहा " शनि आया है "

    शनि का नाम सुन साहिल का फेस डार्क हो गया मुठिया कस गई आंखों का रंग बदलने लगा तभी उसने दांत पीसते हुए कहा " कहा है वो ??"

    आरुष " वो लक्की के पास है शायद उन्ही के बुलाने पर वो यह आया है "

    साहिल ने आगे कुछ न कहा कर बाहर के तरफ चला गया उसके पीछे आरुष कुणाल भी चले गए जाने से कहके किसी ने हिर पर शयन नही दिया जिसकी हालत शनि का नाम सुन खराब हो गई वो बुरी तरह कांपने लगी जैसे किसी ने ठंडे पानी डाल दिए हो ।।

    हीर ने खुद को मिरर में देख फिर वही चेयर पर बैठ गई " श.. नि" शनि " हीर ने ये नाम बड़े मुस्किल से लिया और कहा " नही ये वो नही हो सकते है वो तो चला गया था ना वो नही मीनू ने कहा तो वो वापस कभी नही आयेगा " खुद से बड़बड़ाने लगी तो यादों के किसी एक कोने में कुछ तस्वीरे आंखों के सामने उतर आए ।।

    जिसमे एक लड़का समाने हाथों में शराब की बोतल लेके खड़ा था उसके पैरों के पास एक लड़की जिसके मुंह से खून निकल रहा उस लड़के ने हस्ते हुए कहा " गाइज ये बिचारी तो बेहोश हो गई देखा मैने कहा था शनि से जितना किसी के बस की बात नहीं है शनि इस कॉलेज का नही बल्कि पुरे शहर का एक ऐसा इकलौता लड़का है जिसकी बराबरी ये लड़की क्या कोई नही कर सकता और न मैं किसी को करने दूंगा हा हा"

    अपनी बात कह वो लड़का शनि हसने कहा ।।हीर अपने ख्यालों से बाहर आके खुद को देखने लगी थी तभी उसके कानो में उसका नाम सुनाई पड़ता है " हीर शर्मा "

    जारी..✍️

    क्या करेगा साहिल अब ?? हीर किस शनि की बात कर रही है कहूं है वो शनि ? क्या सच में दोनो इन्सान एक है या अलग? क्या हीर अच्छे से पर्फोमेंशन कर पाएगी या नही ?

  • 18. अनकही दास्तां - Chapter 18

    Words: 1583

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे ..

    हीर ने अपना नाम सुना तो घबराहट और बड़ गई उसके हांथ पैर फूलने लगे वो हड़बड़ाने लगी " मुझसे नही होगा मैं नहीं कर पाऊंगी "

    हीर का मन बिलकुल नहीं जाने को हुआ वही साहिल ने उसके पास आया तो हीर को बैठे देख कहा " हीर तुम अभी तक यही क्यू बैठी हो तुम्हारा नाम अनाउंसमेंट हो रहा है चलो अपना रैप वॉक कंप्लीट करो "

    साहिल हीर का नाम सुन के वापस आ गया वही हीर ने डरी हुई आंखों से देखते हुए कहा " नही मुझसे नही होगा मैं नही कर पाऊंगी ये मेरे लिए नही है मैं

    बीच में साहिल बोल पड़ा " कोई काम किसी के लिए बन के नही आता है और कोई पेट से सिख के आता है बल्कि हम यही पर सभी के बीच में रह के सीखते समझते है और तुम ये क्यों नहीं कर सकती क्या बजह है बताओ मुझे "

    हीर " इतने लोगो के समाने मैं कैसे मैं नही चल सकती हूं "

    साहिल " क्या तुम लोगो की नजरो से बचना चाहती हो दुनिया के ऐसी कोई जगह नही है जहा पर लोगो की नजर ना हो हर कोई देखेगा तुम कही भी हो इससे न कोई बचा पाया है ना बचा सकता है और तुम लोगो की फिकर क्यू कर रही हो तुम्हरा काम है रैप वॉक करना जाओ कर के वापस आ जाओ किसी पर ध्यान न दो "

    हीर " लेकिन सब मुझे देखेंगे फिर मेरे ऊपर उंगनिया उठाएंगे मैं नही कर पाऊंगी ये मुहसे नही होगा मैने पहले कहा था मेरा नाम वापस लेलो तो आप ने नही करने दिया मैं नही करना चाहती मैं किसी के समाने भी नही आना चाहती मुझे घर जाना है मुझसे नही होगा"

    हीर के मुंह से अपने ही लिए ऐसे हीन भावना सुन के साहिल गुस्सा हो गया उसने गुस्से से कहा " तुम कैसी बाते करने लगी को लोग तुम्हे ही देखने बैठे है और तुम जाने से मना कर रही हो तुम्हे घर जाके रहना है तो कॉलेज पढ़ने ही क्यों आई नही आना चाहिए था वही घर के रहती और जहा तक इस प्रतियोगिता की बात है मैने ये तुम्हारे लिए किया था तुम्हे एक नई पहचाना मिलेगी इस कॉलेज से एक नाम होगा तुम्हरा और तुम खुद को इतने हीन भाव से कैसे देख सकती हो तुम किसी से कम खुद को क्यू समझ रही हो पता है कोई इंसान छोटा बड़ा नही होता है सब मे एक खूबी होती है हर कोई किसी न किसी काम के लिए बने होते है हां वो अलग बात है किसी को अपनी खूबी या मंजिल पता होती है और किसी को नही लेकिन जब कोई खुद को छोटा समझता है ना तो फिर दूसरो की नजरो में वैसा ही दिखने लगता है तुम खुद को दूसरी की नजरो में न गिलाओ ना उठाओ बस खुद पर यकीन करो तुम कर सकती हो ना किसी से कम हो तुम ये और जहा तक हर जीत की बात है वो वक्त बताएगा कोई प्रेसर नही है बस अच्छे से वॉक करो जाके घबराना। नही है ना किसी के तरफ देखना है बस सामने देखन है समझी ।


    हीर को साहिल के बातो से थोड़ी हिम्मत मिली उसने हां में सिर हिला के वहा से निकल गई बाकी सब भी ।।

    उधर इशिका का रैप वॉक कंप्लीट हो चुका था वो सभी के साथ स्टेज के समाने चेयर पर बैठी थी शनि , लक्की ,, इशिका ,, करन चारो एक साथ बैठे थे दूसरी साइड कुणाल,, आरुष एक साथ बैठे थे कुछ देर बाद साहिल भी आके बैठ गया ।

    उसने एक बार शनि के तरफ देखा जो उसे ही देख रहा था लेकिन शनि के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी जिसे समझ के साहिल ने आंखों से वार्निंग दिया " कुछ मत करना वरना छोडूंगा नही "
    शनि ने भी टेडी मुस्कान के साथ कहा " देखते है अभी के लिए "

    दोनो आपस में बात कर अपनी जगह पर बैठ गए उधर तनु कॉलेज में नही थी अचानक से उसे किसी काम से बाहर जाना पड़ा क्यू की एग्जाम भी नजदीक आ गया था आज के लिए उसके डैड कॉलेज आए थे ऊपर से प्रिंसपल थे ही ।।

    हीर का नाम दो से तीन बार लिया जा चुका था वो अभी भी स्टेज के बगल में खड़ी होके गहरी सांसे ले रही थी
    ।।

    उधर ईशिका ने हस्ते हुए कहती है " लगता है बिचारी डर से भाग गई बिचारा साहिल बहुत भरोसा था उसे लेकिन उसकी हुस्ना तो आ ही नही रही है हा हा हा"

    करण ने कहा " मुझे लगता है कही दुबक के बैठी होगी उसके सब की बात कही है वॉक करना हा हा"


    दोनो हीर का मजाक बनाने लगे लक्की शनि बस सुन रहे वही हीर ने खुद से कहती ही " हीर तू कर सकती है आखिर बचपन में तुझे कुछ करना ही तो था खुद के लिए अब मौका खुद चल के आया है मिnut और साहिल जी ने कहा है मैं कर लूंगी "

    अपनी बात कह हीर ने कदम बड़ा दिए वही शनि का फ़ोन बज पड़ा उसने देखा तो उसके डैड का कॉल था वो फोन लेके दूसरी साइड चला गया तभी हीर ने स्टेज में अपने कदम रखे लोगो ने जैसे ही उसको देखा अचानक से चिल्लाने लगे पेज के गोले बना के फेकने लगे ये सब अचानक से सुरु हो गया तो हीर डर से सहम सी गई ।।

    वही शनि को फोन की दूसरी तरफ की आवाज़ सुनाई नही दे रही क्यूकी सोर बहुत ज्यादा हो रहा था उसके डैड का कॉल था वो वो बाहर निकल गया ।।

    साहिल ने लक्की के तरफ देखा तो शनि नही था बल्कि लक्की और उसके दोस्त तीनो हस रहे थे उसे समझने में देर नहीं लगी ये सब इन लोगो ने किया है इन्होंने सभी को भड़का है ।।

    हीर स्टेज पर सभी के सामने खड़ी थी सामने बैठे लोग जोर जोर से चिलाने लगे " इस लड़की को हटाओ हटाओ उसे " हीर सुन के घबराने लगी बुरी तरह उसके पैर कांपने लगे फिर से यादों के कोने में एक आवाज आई " भगाओ इस लड़की को यहां से भगाओ इसे "
    जैसे यादों के घेरे में हीर फिर से फस गई पूरी तकलीफ उभर से गए आंखो के आंसु भर गए हिम्मत ने साथ छोड़ के कहा " अब नही होगा "

    तभी रोशनी,, सुबह का सूरज की पहली किरण बन के किसी ने उसका हांथ थाम लिया हीर की नजर पड़ी तो हुस्ना का दीवाना खड़ा था जो पहले ही दिन से उसके पीछे पड़ा है साहिल ने हिर के आंखो के देख के कहा " मेरे साथ चलो मैं हूं तो तुम्हे किसी से डरने की जरूरत नही है क्युकी साहिल अपने हुस्ना को कुछ नही होने देगा "
    हीर के होंठो पर मुस्कान तैर गए दिल गुब्बारे से भर गया पैर खुद ही आगे बड़ गए हीर राखंडा की तरह कदम से कदम मिला के दोनो चलने लगे सामने बैठे लोगो का सोर खत्म हो गया इतनी शांति तैर गई जैसे पहले कुछ हुआ ही नहीं था

    साहिल का खौफ था ही इतना कोई कुछ भी कर के अगर वो सामने आ जाए तो किसी की हिम्मत नही है उसके समाने कोई मुंह से आवाज तक निगले हीर को आगे बड़ते देख साहिल ने हांथ छोड़ के दूरी साइड हो गया हीर चेहरे पर मुस्कान लिए एक हांथ हवा में झूल रहा एक कमर पर रख के आगे बड़ गई ।।

    जितनी खुबसूरत उसका चेहरा था उतना ही उसकी चाल पहले डरी हुई ही बिलकुल नही लग रही उसे देख के कोई कह ही नही सकता थोड़ी देर पहले वो घबरा रही थी वाइट करना का उसके ऊपर गाउन बेहद खुबसूरत लग रहा था ,, बालो को पिसे से मेसी कर छोड़ दिया होंठो पर लिपस्टिक जो स्माइल में चांद चांद लगा रखा था खैर हीर पूरे कॉम्फिडेंस के साथ आगे बड़ गई उसने रैप वॉक कंप्लीट कर के पीछे मुड गई उसने जिस तरीके से पीछे फैले गाउन को मोड़ा की लोग दीवाने हो गए जिसने पहले सोर किया वो पछताने लगे ।। लडके तो जैसे घायल होने लगे ।।

    सामने बाते जजिस मोहित से हो गए आज से पहले इतनी खूबसूरत और इतना अच्छा वॉक नही देखा था लोगो के बाते होने लगी इशिका से अच्छा वॉक हीर ने किया है हीर मुड़ी तो नजरे साहिल से मिली उसके पास बड़ के हाथों के समाने कर दिया बीना देरी के साहिल ने हाथों को थम लिया और आगे बड़ गए ।।

    रैप वॉक खत्म हुआ तो हीर ने स्टेज से बाहर जाके साहिल से कहा " थैंक्यू मेरा साथ देने के लिए " हीर के चेहरे पर सुकून था किस बता का वो तो वही जाने आज से पहले साहिल से खुद से बात तक नही करी थी साहिल ने के दिल में खुशी सी तैरती आंखो में खोए हुए कहा " मैंने तुम्हारा नही खुद का साथ दिया है "

    हीर " मैं समझी नही ?

    साहिल " तुम मेरी हो हुस्ना जब मुझसे जुड़ी है तो कैसे मैं खुद का साथ नही दे सकता हूं "

    हीर के चहरे पर मुस्कान तो आई साथ में शर्म से नजरे झुक सी गई तारीफ में उसेवो मिला " तुमने बहुत अच्छा किया आई प्राउड ऑफ यू " हीर ने कोई जवाब नही दिया आज तक उसे इतना स्पेस्ल फील नही हुआ था जितना आज हो रहा था आज तक ना किसी ने उसका हांथ थाम लोगे के समाने न किसी ने प्यार से बात करी मीनू और तनु को छोड़ ।।

    जारी..✍️

  • 19. अनकही दास्तां - Chapter 19

    Words: 1375

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे ..

    दूसरा राउंड खतम हो चुका था हीर ने सभी के दिल में अपनी झाप छोड़ दी थी पूरे कॉलेज में उसके ही चर्चे थे वही शनि जिसे। अचानक से जाना पड़ा उसके डैड ने फौरन कॉल कर उसे वापस बुला दिया।।

    इधर कॉलेज में सभी से मिल के हीर घर के लिए निकल गई थी इशिका उसकी टीम पहले से नाराज होके जा चुकी थी ।।

    इधर साहिल बहुत खुश था वो भी घर के लिए निकल गया कुछ देर में घर पहुंच कर अभी अंदर गया ही था की उसके सिर पर एक बड़ा सा धमाका हुआ ।।

    " अरे साहिल बेटा तुम आ गए हम तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे " एक मिडिल एज के आदमी ने कहा जो लिविंग रूम में सभी के साथ बैठे थे वही मनीषा बालियां, मिस्टर बालियां,, के साथ शनि एक।तरफ। वही एक कपल और उनके बगल में एक लड़की साहिल ये सब देख के समझने की कोशिश करने लगा ।।

    उसने जवाब देने के बजाय कहा " मां मैं कमरे में जा रहा हूं " उसका इस तरह से बरताव देख।मिस्टर बालियां अपनी जगह से खड़े हो गए ।।

    और गुस्से से कहने लगे " साहिल मेहमानों से मिलने का ये क्या तरीका है सभी तुम्हारा ही इंतेजार कर रहे थे और तुम इस तरह से कह के जा रहे हो। "

    साहिल जो ऊपर जा ही रहा था वो रुक के सभी को देखने लगा अब उसे सब कुछ समझ में आने लगा आखिर उसके डैड क्या चाहते है उसने बीना कोई भाव के कहा " लेकिन मैं किसी से भी मिलने में इंट्रेस्टेट नही हूं मैं नही मिलना चाहता "

    अपनी बात आगे कर साहिल तेज कदमों से वहा से कमरे के तरफ चला गया सभी बस देखते रहे साहिल को न बोल के मिस्टर बालियां मनीषा जी को सुनाने लगे उनका हर बार का काम होता है ।।

    असल।में।जब से शनि ने उन्हे साहिल और हीर के बारे में बताया है मिस्टर बालियां बौखला गए है वो पहले से साहिल को शादी किसी से तय कर चुके है उन्हे डर था अगर साहिल हांथ से निकल गया फिर उनके दिल का क्या होगा जो शादी के माध्यम से वो पूरा करना चाहते है ।।

    दूसरी तरफ हीर घर जाने के बजाय रेस्टोरेंट मीनू से मिलने के लिए जाति है उसे बताना चाहती है आज क्या हुआ कैसे हुआ ??।।

    यही सब सोच हीर काफी खुश थी वो अभी रेस्टोरेंट पहुंचती उससे पहले ही उसके सामने दो लोग आके खड़े हो गए ये कोई और नहीं बल्की लक्की और करन थे ।।
    जिन्हे देख हीर दो कदम पीछे हो गई ।।

    " तुम लोग यहां" हीर ने घबराते हुए कहा ।।

    " हां हम लोग यह लेकिन तुम डरो मत हम कुछ करने नही आए है बस बात करना चाहते है तुमसे सिर्फ दो मिनट " लक्की ने कहा हीर की भावे सिकुड़ गई उसने दोनो को ऊपर से लेके नीचे तक देखते हुए कहा " क्या बात करनी है बोलो मैं यही सुन रही हूं "

    करण ने कहा " यहां नही अंदर चलो वही बात करते है आराम से "

    अंदर जाने को कह रहे तो हीर सोचने लगी वैसे भी अंदर क्या डर नही है उसे क्युकी वहा पर मीनू है यही सोच के हीर ने हां कह दिया तो लक्की उसे अपने साथ अंदर एक टेबल में आके बैठ गया ।।

    " कहिए आप सब क्या कहना चाहते है " हीर ने पूछा

    लक्की ने करण के तरफ इशारा किया तो करण ने कहा " क्या तुम्हे लगता है साहिल तुमसे प्यार कहता है " हीर की आंखे सिकुड़ गई ये सुन के तो करण ने फिर से कहा " मेरा मतलब है की क्या तुम्हे लगता है साहिल तुम्हे सच में प्यार करता है क्युकी हमे नही लगता। "

    हीर ने कहा " आप ये क्यू पूछ रहे है उसके दिल की बात मैं क्या जानूं क्या सच है या नही वैसे वो मुझे कहते है की पसंद करते है मुझे नही पता और इन सब से आप।दोनो।का।क्या।लेना देना है "

    लक्की" लेना देना है हम किसी लड़की के साथ गलत होते नही देख सकते है ,,और यही तो मैं कह रहा हूं अगर वो कह रहा है इसका मतलब जरूरी नहीं की वो सही कह रहा हो वो तुमसे प्यार कभी कर ही नही सकता क्युकी ?

    बीच में।लक्की रोका तो हीर ने पूछा लिया " क्यूंकि क्या ??

    लक्की करन ने एक नजर देखा और कहा " क्युकी वो दुसरी,, आगे बोलता किसी की आवाज आई

    " क्युकी अभि सही वक्त नही है प्रपोजल का " मीनू ने हीर के करीब आते हुए कहा हीर मीनू को देख खुश हो गई है पहली बार लक्की करन भी देख रहे थे ।।

    मीनू ने हीर के तरफ देख के कहा " ये लोग कौन है और तुम्हे ये सारी बाते क्यू बता रहे है ?
    हीर ने कहा " ये क्लास मेट है पता नही क्या कहने की कोषिश कर रहे थे मुझे समझ में नहीं आया "

    मीनू ने लक्की और करन के तरफ देख के कहा " मुझे अच्छे से पता है तुम दोनो क्या करना चाहते हो मेरी बहन के बारे में इतना सोचा उसके लिए थैंक्यू लेकिन उसे क्या करना है किसके साथ रहना है हम देख लेंगे आप लोग जा सकते है और जहा तक साहिल की बात है।मुझे।पता है वो मेरी बहन को। पसंद करता है।"


    मीनू के बात पर दोनो ने कुछ नही कहा लेकिन हीर वो। मीनू की बात सुन।के अजीब सा फील करने लगी जो काफी खुबसूरत था उसके लिया ।।वही दोनो हीर को एक नजर देख निकल गए मीनू ने हीर से कहा " आज के बाद ऐसे लोगो की बकवास सुनने की जरूर नही है समझी "
    हीर ने हां में सिर हिला के सुरु को गई वही सब कुछ बताने लगी जो उसके साथ हुआ था ।।

    इधर बाहर निकल के करण ने लक्की से कहा " हमने सोचा था हीर के मन में साहिल के खिलाफ भर देंगे तो कल का राउंड वो नही जीत पाएगी लेकिन बीच में उसकी बहन आ गई "

    लक्की ने फिर से लोलीपॉप मुंह में लेते हुए कहा " कोई बात नही कल नही तो परसो कभी तो मौका मिलेगा हमे उसे रास्ते से हटने का "

    अपनी बात कह के दोनो वहा से चले गए तभी उनके पीछे से कोई बाहर आके कहा " तुम दोनो जो चाहते हो वो कभी नही होगा " इतना खा उसने पॉकेट से फोन निकला और किसी को कॉल कर के कहा

    " कल ही वो काम कर दे दुश्मन घर में घुसने की कोषिश कर रहे है "

    इतना खा के फोन कट हो गया ।।

    अगला दिन..

    सुबह के कुछ 8 बज रहे थे हीर मीनू के आगे पीछे घूमते हुए कहती है " मीनू प्लीज ना आज छुट्टी लेले आज के दिन तो चली आ क्या पता लास्ट तक मैं कहा रहूं "

    हीर मुंह बिचका के खड़ी हो गई तो किचेन में काम कर रही मीनू ने कहा " चुप रहा क्या बकवास किए जा रही है वैसे मुझे पता है तू ही जीतेगी इसी लिए तो कह रही हूं लास्ट में आती हूं अभी के लिए छुट्टी लेना सही नही है और ना मुझे मिलेगा "

    हीर मुंह फूला के सोफे पर बैठ गई और कहा " मुझे बात नही करनी जा ".
    हीर का पूरा स्टाइल ही मीनू को मानने कहा लास्ट में मिनू हाल मान के कह दिया " ठीक है तू जा लेट हो रहा है मैं तनु के साथ आ जाऊंगी "

    हीर चहकते हुईं मीनू के गले लगी और उसके गालों पर किस कर लिया " थैंक्यू यार ठीक है तनु के साथ आना मैं चलती हूं साहिल जो नीचे आ गए होंगे "

    हीर के मुंह से साहिल जी सुन मीनू उसे छुड़ाने लगी " हां साहिल जी अरे भाई "
    हीर के गाल में लाली बिखर गई उसने आंखे घुमाते हुए कहा "बकवास मत कर मैं जाति हूं बाय "

    बाय बोल के हीर घर से बाहर निकल गई उसने बाहर जाके देखा तो आज साहिल के।बदले कुणाल आया था उसे लेने के लिए ।।

    जारी..✍️
    क्या तीसरा राउंड हीर जीतेगी?
    आखिर आज साहिल क्यू नही आया .?

    क्या होगा आगे क्या हीर को साहिल से प्यार हो गया है ?
    कौन।है फोन वाला शख्स क्या होगा

  • 20. अनकही दास्तां - Chapter 20

    Words: 1250

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे ...

    हीर कुणाल को देख थोडी हैरान हुई क्युकी पहली कुणाल आया था वैसे तो ज्यादा दिन साहिल को भी नही हुआ था मगर दो ही दिन के हीर को आदत सी होने लगी थी ।।

    हीर को इस तरह एस देखते देख कुणाल ने कहा " आज साहिल नही आ सका किसी काम के बीजी है इसी लिए उसने मुझे भेज दिया है चलो वरना लेट हो जायेंगे"

    हीर सिर हिला के कार में बैठ जाति है सीट बेल्ट लगा के कुणाल ने कार स्टार्ट कर दिया ,, कुणाल हीर को एक पेपर देके।कहा " इसे।याद कर लो ".

    हीर उस पेपर को देख के कहा " ये कहा है और क्या लिखा है उसमे ?

    कुणाल" आज तुम्हारा तीसरा राउंड है पता है ये कौन सा राउंड है और इसमें।क्या होगा ।

    हीर" नही वो सब तो नही पता"

    कुणाल" क्या सच में तुम्हे नही पता क्या घर आने के बाद तुमने एक बार सर्च कर के नही देखा इस प्रतियोगिता के।क्या क्या होता है ??

    हीर " नही मुझे लगा जब आप सब लोग मुझे बताते है तो मुझे रिसर्च करने की क्या जरूरत है " हीर ने बड़े मासूमियत से जवाब दिया ।।

    कुणाल सुन के हस पड़ा उसने कहा " ये सही है यार प्रतियोगिता तुम जीतो और मेहनत हम करे "

    हीर मुंह बन के " हां तो आप लोगो ने ही तो कहा कि मैं इसमें पार्टिसिपेट करूं मेरा तो मन भी नही था जब आप सब ने कहा है तो मेहनत भी आप को ही करना होगा मैं क्यू करूं "

    कुणाल " चलो ठीक है जब तुम्हे नही पता तो मैं बता देता हूं रिश्ता राउंड व्यक्ति गत इंटरव्यू है इसमें आप से कुछ सवाल करे जाएंगे जिसे अपने तरीके से जवान देना है "

    हीर " अपने तरीके से देना है फिर तो मैं इसका क्या करूंगी ??

    कुणाल " ये तुम्हारी हेल्प करेगा क्युकी कुछ सवाल इसमें।से हो सकते है ये समझ लो ये बस एक तरीका है तुम्हे जवाब के लिए तैयार करने के लिए "

    हीर " ओ अच्छा ठीक है मैं देखती हूं "

    हीर।सारे पेपर पढ़ें लगी वही कुछ देरी में कुणाल कार सीधे कॉलेज के अंदर ले गया हीर ने सब कुछ अच्छे से याद कर लिया था कुणाल उसे ले जाके चेंजिंग रुम के।छोड़ा हीर कपड़े और। मेकअप कर के स्टेज पर जाने वाली थी ।।

    वही कुणाल ने।किसी से फोन पर कहा "सारी तैयारी हो गई "
    दूसरी तरफ से " हां बस लड़की।का आना बाकी है वो आ जाए तो सब कुछ हो जायेगा "

    कुणाल " बस कुछ देर कहते इंतेजार है वो राउंड खतम कर के आ रही है "

    अपनी बात कह के कुणाल ने फोन कट कर दिया और कहा " आज तो मजा ही आने।वाला।है ".
    इतना कह वो अंदर चला गया जहा हीर का पर्फोमेंशन सुरु होने वाला था

    कुछ देरी में अनॉन्समेंट हुआ तो हीर स्टेज पर गई हीर पूरे कॉम्फिडेंस के साथ जवाब दे रही उसे तरफ तरफ के सवाल पूछे गए ।। कैसे।एक अदली को आगे कैसे बदन चाहिए ??क्या कोई लड़की मोटिवेट होके आगे बड़े तो क्या कर सकती है ?? ऐसे एक लड़की और समाज से रिलेटेट सवाल लिए गए और हीर से सभी का जवाब दिया ।।हीर का चेहरा कितना खिला हुआ था उससे कई ज्यादा उसके बोलने का तरीका लोगो को। पसन्द आ रहा था

    उस प्रतियोगिता में।भाग लेने।वाली।कई।लड़किया उसकी तारीफ भी कर चुकी थी हीर ने चारो तरफ नजर दौड़ा के देखा तो उस जगह पर कुणाल के अलावा कोई नही था मीनू तनु भी नही आए।थे ।।

    कुछ देर के खत्म कर हीर।फिर से चेजिंग रूम मे।कपड़े चेंज करती है ।। वो आगे बड़ी हो थी की कोई इसी रुम में। घुस आया फिर घबरा के पीछे मुड गई देखा तो इशिका खड़ी थी ।

    हीर " तुम याहा क्या हुआ ??

    इशिका अपने कदम हीर के तरफ लेते हुए " क्यू मैं नही आ सकती अब क्या है ना तुम इतनी बड़ी मुकाम पर जा रही हो मैने।सोचा थोड़ी मुबारक बार दे दूं ".

    हीर " मुझे नही चाहिए बाहर मुझे कपडे बदलने है "

    ईशिका" और यार इतनी जल्दी क्या है अभी तो तुमसे कुछ कहना भी है "
    हीर।कहो और जाओ मैं थक गई हूं घर जाना है मुझे ".

    हीर बेपरवाही से बोले जा रही वही ईशिका का खून खौल रहा था उसने मुट्ठी भींच के कहा " तुम्हे तो सबक सिखाना ही पड़ेगी"मन के कहा फिर से चेहरे पर स्माइल लाके फिर कहा " छोड़ो बाद में बात करते है " इतना कह ईशिका बाहर चली गई

    कपड़े चेंज कर हीर वहा से बाहर गई उसे पता चला इस बार राउंड में वो जीत गई है मीनू का बहुत वेट किया था पर वो आई नही थी ।। मिनू को कॉल तक किया लेकिन कोई फायदा नही हुआ ।। हीर फोन को देखते हुए आगे बड़ने लगी वो कैटिंग के तरफ चली गई ।।

    उसने अपने आस पास जरा सा भी ध्यान नही दिया हीर बस अंदर जाने लगी और सच में बडबडा रही थी " ये मीनू की बच्ची इसे मैं छोडूंगी नही कहा तक आ जाना लेकिन नही बड़ा आया इसका काम अब तो फाइनल राउंड में भी नही आयेगी मुझे पता है "

    यही सब खुद से कह हीर आगे बड़ रही थी वो जैसे ही एक टेबल के पास पहुंची अचानक से उसके ऊपर गुलाब की पंखुड़ियां गिरने लगी हीर एक पल के लिए हैरान हुई फिर चेहरा ऊपर कर आंखे बंध कर के महसुश करने लगी तभी कुछ म्यूजिक की आवाज उसके कान में बजी हीर ने आंखे खोल आस पास देखा जहा पर कुछ लोग खड़े थे ।। हाथों के बलून लेके वही हीर ने सेम देखा तो मुंह हैरानी से खुल गया ।।

    साहिल हाथों में गिटार लेके बैठा था और गुनगुना रहा है हीर के दिल की तार बजने लगी लेकिन खुद को संभाल हैरानी भरे नजरो से साहिल को देखने लगी ।।

    उधर जैसे ही शनि कॉलेज में आया इशिका ने कहा " आप को आज।में।देर हो गई आज भी आप us लड़की से नही मिल पाए जा देख पाए क्युकी तीसरा राउंड भी खतम हो गया "

    शनि " तो क्या हुआ स्टेज पर नही ऐसे।ही मिल लेंगे "

    लक्की ने।कहा " नही मिल पाएंगे आप "

    शनि " वो क्यू ???

    ईशिका" क्युकी आप का भाई उसे अपने साथ कैंटीन लेके गया है आज उसने वो पूरी जगह बुक कर लिया है बस कुछ लोगो की जाने की इज्ज्जत थी हमारी नही है "

    शनि " अच्छा ये बात है लेकिन मुझे किसी की इज्जात की जरूर नही है चलो "

    अपनी बात कह के शनि बाद गया आगे वही सभी ने एक दूसरे को देखा शनि के।पीछे चले गए ।।


    दूसरी तरफ तनु को मारते हुए मीनू ने कहा " तेरी वजह से हुआ लेट हो गई अगर जाने के बाद उसने नाराजगी जताई ना तो तू खतम समझी "

    तनु " मैं क्यू यार तू अपना काम जल्दी भी तो कर सकती थी तुमने नही किया इस लिए वो भड़की है इसमें मेरी कोई गलती नही है ।।

    मीनू " अच्छा अब तू सच को टालेगी "

    तनु " मैं टाल नही रही हूं बल्कि बता रही हूं किसने क्या कहा?? "

    मीनू " मुझे।नही जानना है चल जल्दी। पक्का वो। नाराज हो गई होगी "

    तनु " तो कोई न मना लेंगे।"

    दोनो हस्ते हुए जाने लगी ।।

    "ओ मेरी हुस्ना,"

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    जारी ..✍️

    क्या कर रहा है साहिल ?? क्या साहिल सभी के समाने कुछ कहेगा ?