“ दंश " का यो तो अर्थ होता है किसी जहरीले कीड़े द्वारा काटना या डंक मारना, पर क्या हो जब यह आदत एक मानव के भीतर आ जाए, शायद इसी को समाज मे साइको किलर कहते है, जो मौका देखकर अपने दुश्मन को ऐसा जहरीला डंक मारता है कि दुश्मन का खेल एक बार मे ही समाप्त हो... “ दंश " का यो तो अर्थ होता है किसी जहरीले कीड़े द्वारा काटना या डंक मारना, पर क्या हो जब यह आदत एक मानव के भीतर आ जाए, शायद इसी को समाज मे साइको किलर कहते है, जो मौका देखकर अपने दुश्मन को ऐसा जहरीला डंक मारता है कि दुश्मन का खेल एक बार मे ही समाप्त हो जाए। पर सोचने वाली बात यह है कि मानव के अंदर जहर आता कहाँ से है किन परिस्तिथियों मे वह ऐसा करता है, क्या वह मानसिक रोगी होता है या कोई राक्षस ? समाज में जब कोई व्यक्ति बेहद क्रूर और अमानवीय हत्याएं करता है, तब हम अक्सर उसे "साइको किलर" कहकर पुकारते हैं। यह शब्द सुनते ही हमारे मन में किसी विक्षिप्त, निर्मम और रक्तरंजित व्यक्ति की छवि उभरती है जो बिना किसी कारण या संवेदना के लोगों की जान लेता है। परंतु क्या वास्तव में कोई भी व्यक्ति यूँ ही "साइको किलर" बन जाता है? क्या यह केवल मानसिक बीमारी का परिणाम होता है या इसके पीछे कुछ और गहरे कारण छिपे होते हैं?
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