माफिया ( Mafia ) ये शब्द सुनने में ही खतरनाक लगता हैं और इस शब्द को सुनते ही लोगो के चेहरे पर डर के भाव नजर आने लगते हैं । पर क्या हो जब इस खतरनाक माफिया की नजर एक खूबसूरत और मासूम लड़की पर पड़ जाए । ये कहानी है रूद्र सिंघानिया और रूही की । रु... माफिया ( Mafia ) ये शब्द सुनने में ही खतरनाक लगता हैं और इस शब्द को सुनते ही लोगो के चेहरे पर डर के भाव नजर आने लगते हैं । पर क्या हो जब इस खतरनाक माफिया की नजर एक खूबसूरत और मासूम लड़की पर पड़ जाए । ये कहानी है रूद्र सिंघानिया और रूही की । रुद्र सिंघानिया जो एक खतरनाक माफिया के साथ साथ बिजनेस वर्ल्ड में राज करने वाला काफी यंग और हैंडसम आदमी था । पर उसका ओरा इतना खतरनाक था कि उसकी एक नजर ही लोगो को डराने के लिए काफ़ी थी । यहां तक की उसके परिवार वाले भी उसके डरते थे, कोई भी उसके सामने ज्यादा बोलने की हिम्मत नही करता था । वही दुसरी तरफ रूही जो एक प्यारी खूबसूरत और मासूम सी लड़की थी और अनाथ आश्रम में रहती थीं । वे रुद्र सिंघानिया की बहन परी की बेस्ट फ्रेंड थी । वे रुद्र से काफ़ी डरती थीं । पर तभी कुछ ऐसा होता है कि रूद्र भरे मंडप में रूही से जबरदस्ती शादी कर लेता है । आखिर ऐसा क्या होता है कि रूद्र रूही से शादी कर लेता है ? क्या रूही कभी इस जबरदस्ती की शादी को एक्सेप्ट कर पाएगी ? इन सभी बातो को जानने के लिए दोस्तो मेरी स्टोरी " Mafia ki innocent wife" जरूर पढ़े सिर्फ और सिर्फ " story mania " पर । ।
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चैप्टर = 1
एक आदमी जंगल में पहाड़ की ओर भागते भागते आ रहा था । तभी उसके कदम एक पल में रुक जाते है क्योंकि अब वे और आगे नही भाग सकता था । क्योंकि आगे एक बहुत ही ज्यादा गहरी खाई थी ।
तभी वहा एक साथ दस से पंद्रह ब्लैक कलर की काफ़ी महंगी कार आकर रुकती हैं । जिसे देख डर के मारे उस आदमी के माथे से पसीने की बूंदे टपकने लगती है । उसे ऐसा लग रहा था कि उसके शरीर में जान ही ना हो ।
वही उन कार में से एक एक कर बहुत सारे बॉडीगार्ड बाहर निकलते हैं । फिर एक बॉडीगार्डस जल्दी से जाकर उन सभी महंगी कारों में से सबसे महंगी और स्टाइलिश स्पोर्ट कार का दरवाज़ा खोलता है ।
जिसमे से एक बेहद आकर्षक , हैंडसम और खतरनाक ओरा वाला शख्त बाहर निकलता है और जाकर अपनी कार की बोनट पर बेहद स्टाइल से बैठ अपनी नीली आंखो में बिना कोई एक्सप्रेशन लिए अपने सामने उस भागते हुए आदमी को देखने लगता हैं । जिसके चेहरे पर डर के भाव साफ साफ दिख रहें थे ।
वही वे नीली आंखो वाला शख्त जो कोई और नही बल्कि दुनियां का मोस्ट हैंडसम, पॉवरफुल और बिजनेस पर राज करने वाला बादशाह रुद्र सिंघानिया था ।
वे आदमी जिसका नाम अखिल था । वे रुद्र को अपने सामने देख हाथ जोड़ते हुए लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोला । ।
" मिस्टर सिंघानिया प्लीज मुझे माफ कर दीजिए । मुझसे गलती हो गई । मै बस कुछ पैसों के लालच में आ गया था । पर अब से ऐसा नही होगा । मुझे जितना भी पैसा मिल जाए मै कभी भी आपको धोखा देने के बारे में नही सोचूंगा । । "
अखिल का इतना बोलना ही था कि रूद्र अपनी सर्द आवाज़ में बोलता है । ।
" मुझे गलती और गलती करने वाले लोग दोनो ही नही पसन्द और मेरी दुनियां मे गलती की कोई माफी नही बल्कि सिर्फ और सिर्फ सजा होती हैं । । "
इतना बोल वे जोर से चिल्लाया । ।
" अमन । । "
अमन जो रूद्र का एसिस्टेंस था और रूद्र की तरह ही उसकी भी उम्र 28 साल की थी । वे रुद्र के पीछे ही खड़ा था । रूद्र के इस तरह तेजी के चिल्लाने की वजह से वे हड़बड़ा जाता है और भागते हुए रुद्र के पास जाते हुए अपने दोनो हाथ बांधते हुए रिस्पेक्ट के साथ बोलता है । ।
" जी बॉस । । "
अमन के इतना बोलते ही रुद्र अपनी सर्द आवाज़ में बोलता है । ।
" इसे ले जाओ और इस तरह टॉर्चर करो कि इसे याद रहें कि रूद्र सिंघानिया की कंपनी की डिटेल उसके राइवल को देने का क्या अंजाम होता है । क्योंकि रूद्र सिंघानिया सब बर्दास कर सकता है मगर धोखा नही । । "
रुद्र की बात सुनकर अखिल की हालत खराब हो जाती है क्योंकि उसे पता था कि रूद्र सिंघानिया कितना ज्यादा खतरनाक इन्सान है और उसकी सजा कोई आसान सजा नही होगी । इसलिए वे फिर से रूद्र के सामने हाथ जोड़ते हुए बोला । ।
" प्लीज बॉस, इस बार माफ कर दो । आगे से ऐसा नही होगा । । "
अखिल का इतना बोलना ही था कि रूद्र तेज आवाज़ में बोलता है । ।
" शट अप । । "
इतना बोल अमन को आंखो से ही उसे ले जानें का इशारा करता है । अमन भी इतने सालो से रूद्र के साथ काम करने की वजह से उसके हर एक इशारे को बखूबी समझता था । इसलिए वे अखिल को पकड़ ले जानें लगता है ।
वही दुसरी तरफ इसी जंगल के कुछ ही दूरी पर एक लड़की एक पहाड़ पर बैठी हुई थी । उसने इस समय ब्लू रंग का सिंपल और स्टाइलिश सूट पहना हुआ था । वे पहाड़ और पेड़ पौधे को देखते हुए एक पेंटिंग बना रही थी । तभी उसके कानो में किसी के रोने और चीखने की आवाज़ सुनाई देने लगती है ।
जिसे सुन वे खुद से बोली । ।
" अरे यार ये कौन इतना चिल्ला रहा है । जाकर देखना पड़ेगा । । "
इतना बोल वे अपने सामान को पैक कर एक छोटे के बैग में डालती हैं । उसके बाद वे भागते हुए उस तरफ चली जाती है । जहां से आवाज़ आ रही थी । जब वे भागते हुए हुए वहा पहुंचती हैं तो देखती है कि एक लड़का एक आदमी को घसीटते हुए कही लेकर जा रहा है । जिसे देख उस लड़की को काफ़ी गुस्सा आता है और वे बिना किसी और तरफ ध्यान दिए, सीधा उस लड़के के पास जा उसे धक्का देते हुए, उस आदमी को छुड़ाते हुए कहती हैं । ।
" हे तुम्हे शर्म नही आती अपने के बड़े आदमी को इस तरह जबरदस्ती लेकर जाते हुए । तुम्हारे अंदर बिलकुल भी कमीज नही है कि किसी बड़े के साथ किस तरह बिहेव करना चाहिए । । "
इतना बोल वे लड़की गुस्से में अमन की ओर देखने लगती है । वही अमन किसी को इस तरह खुद को धक्का देते हुए पाता है तो वे बिना उस लड़की की तरफ देखें हुए ही बोला । ।
" कौन हो तुम, तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे धक्का देने की । । "
इतना बोलते बोलते वे रुक जाता हैं क्योंकि उसकी नजर उस लड़की के खूबसूरत चेहरे पर पड़ती है । जिसे देख वे खो सा जाता हैं । जिसका फायदा उठा अखिल धीरे धीरे वहा से निकलने लगता है ।
वही रूद्र जो उस लड़की के पीछे ही था । इस तरह अपने काम के बीच किसी को आता देख और अमन को इस तरह मूर्ति की तरह खड़ा देख उसका पारा हाई हो जाता हैं और वे अपनी खतरनाक नजरो से उस लड़की को देख लगभग चिल्लाते हुए बोला । ।
" How dare you, तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई, मेरे काम के बीच में आने की । । "
इतना बोल वे गुस्से में उस लड़की को देखने लगता हैं । वही रूद्र की तेज आवाज़ सुन अमन होश में आता है और रूद्र को इतना गुस्सा होता हुआ देख , वे अपना थूक गले के नीचे घटकते हुए अखिल को देखने लगता हैं । पर जब उसे अखिल कही भी नही दिखता तो उसके माथे पर डर के मारे पसीने आने लगते हैं । क्युकी उसे नही पता था कि अब उसका डेविल बॉस उसकी इस गलती की क्या सजा देने वाला है ।
वही दुसरी तरफ रूद्र के इतना तेज चिल्लाने से वे लड़की भी डर जाती है और डर के मारे उसके भी कदम लड़खड़ा जाते है और वे जा सीधा रूद्र के सीने से टकरा जाती है ।
वही रूद्र जो गुस्से में था और इस लड़की के इस तरह सीने के टकराने से और भी ज्यादा गुस्से में आ गया था । क्योंकि उसे अपने करीब कोई भी लड़की बिलकुल भी बर्दास नही होती थी । मगर जैसे ही इस लड़की की खुशबू उसके नाक के जाते हुए उसके शरीर के अंदर जाती है । वैसे ही उसका ज्वालामुखी की तरह बढ़ता हुआ गुस्सा शांत होने लगता हैं और इस लड़की की पीठ अपने सीने पर महसूस कर उसके अंदर एक अलग ही सुकून उतर आता है ।
वही वे लड़की जैसे ही ये महसूस करती है कि वे किसी से टकराई है और किसी लड़के के काफ़ी क़रीब है । वैसे ही वे तुरंत रूद्र के दूर होती हैं और पलट कर रूद्र को देखने लगती है । रुद्र को देखते ही एक पल के लिए वे भी उसके हैंडसम के फेस और उसके परफेक्ट बॉडी को देखकर खो सी जाती है । मगर वे जल्दी ही होश में आते हुए अपनी पतली और प्यारी सी आवाज़ में बोली । ।
" देखिए मै आपसे जनभूजकर नही टकराई बल्कि आप की गलती की वजह से ही टकराई । ना आप इतनी तेज़ चिल्लाते, ना ही मेरा बैलेंस बिगड़ता और ना ही मै लड़खड़ा कर आप से टकराती , तो गलती मेरी नही आपकी है । । "
वही रूद्र जो अपनी आंखे बन्द किए उस लड़की की खुशबू और उसकी छुअन को महसूस कर रहा था । इतनी प्यारी सी आवाज़ सुनकर वे अपनी आंखे खोलता है और आंखे खोलते ही उस लड़की का खूबसूरत और मासूम सा चेहरा उसके सामने आ जाता हैं । जिसे देख वे बस देखता ही रह जाता हैं ।
वही दुसरी तरफ अमन उस लड़की को रूद्र के इस तरह टकराने और रूद्र के सामने इतना कुछ बोलते हुए देखता है तो वे घबराते हुए अपने मन में ही कहता है । ।
" ओ गॉड, ये लड़की कितना बोल रही है । क्या इसे नही पता की ये किसके सामने इतना बोल रही है । ये लड़की क्यू ही अपनी कब्र खुद खोदवाने पर तुली हुई है । अब पता नही मेरा डेविल बॉस इस लड़की के साथ क्या करेगा । मुझे ही कुछ करना होगा । मै कैसे इतनी प्यारी और खूबसूरत सी लड़की को अपने डेविल बॉस के हाथो मरने दे सकता हूं । । "
इतना बोल वे डरते हुए रुद्र के पास जाता है और डरते हुए ही कहता है । ।
" बॉस प्लीज इस लड़की को छोड़ दीजिए । देखिए ये लड़की काफ़ी मासूम है । इसे नही पता की इसने क्या किया है । इसने उस धोखेबाज इन्सान को भगा कर गलती तो की है बॉस । पर इसने ये सब इंसानियत के नाते किया है । मैने उस अखिल के पीछे कुछ बॉडीगार्डस को भेज दिया है । वे जल्द ही उस अखिल को दुबारा पकड़ लेंगे । पर बॉस आप इस लड़की को जाने दीजिए । । "
अमन काम के समय भले ही एक कठोर पर्सनालिटी की तरह बिहेव करता था । पर असर मे वे सॉफ्ट हार्टेड था और रूद्र से काफ़ी डरता भी था । पर फिर भी वे रुद्र के सामने इतना सब बोल रहा था । क्योंकि वे नही चाहता था कि उसका डेविल बॉस इस प्यारी सी लड़की की जिंदगी बर्बाद करे ।
वही दुसरी तरफ वे लड़की जैसे ही ये सुनती है कि अखिल भाग गया । वैसे ही यहां का माहौल देख वे यहां से निकलने मे ही भलाई समझती है । इसलिए वे धीरे धीरे अपने कदम पिछे की ओर लेने लगती है । ।
वही दुसरी तरफ रूद्र जिसकी नीली आंखे बिना किसी भाव से उस लड़की पर ही टिकी हुई थी । उसे यहां से चुप चाप निकलता हुआ देख कुछ ऐसा करता है । जिसके उस लड़की की आंखो में गुस्सा उतर आता है । ।
चैप्टर=2
वही दुसरी तरफ वे लड़की धीरे धीरे अपने कदम पीछे की ओर लेने लगती है । जब उसे ऐसा लगता है कि किसी की नजर उस पर नही है तो वे तुरन्त ही भागने लगती है । पर वे भाग पाती, तभी उसे ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने उसे कमर से पकड़ कर ऊपर उठाया है ।
जिसे महसूस कर वे अपना सर निचे कर देखती है तो उसे अपनी क़मर पर एक हाथ दिखते हैं । जिसे देख वे अपने दोनो हाथो से उस हाथ पर मारते हुए गुस्से से बोली । ।
" हे कौन हो तुम, छोड़ो मुझे । तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मुझे हाथ लगाने की । छोड़ो मुझे । । "
वे शख्त जिसने उसे पकड़ा था, वे कोई और नही बल्कि रूद्र ही था । रुद्र उस लड़की की बात सुनकर उसे छोड़ देता है । जिसे देख वे लड़की खुश हो जाती हैं और जैसे ही जानें को होती हैं ,
वैसे ही रुद्र उस लड़की की कलाई पकड़ उसे अपनें तरफ घुमा लेता है और उसकी कमर को पकड़ खुद के करीब कर उस लड़की की हल्की ग्रीन आंखो में देखने लगता हैं । जो बहुत ही ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक था ।
वही वे लड़की रूद्र के ऐसा करने से गुस्सा हो जाती है और अपनी क़मर से रूद्र का हाथ हटाने की कोशिश करते हुए गुस्से में बोली । ।
" हे छोड़ो मुझे, ये क्या बात्मीजी हैं ? ? "
उस लड़की के इतना बोलते ही रुद्र की नजर उस लड़की के हिलते हुए गुलाबी होठों पर चली जाती है जो हार्ट के शेप में काफ़ी खूबसूरत दिख रहें थे ।
वही वे लड़की जब देखती है कि उसे इस तरह पकड़ने वाला हैंडसम सा आदमी कोई जवाब नहीं दे रहा तो वे अपने एक हाथ को उठा उस आदमी के गले पर ले जा उसे गले पर तेजी से चुटकी काट लेती हैं ।
लेकीन उस लड़की के ऐसा करने के रूद्र पर कोई असर तो नही हुआ , बल्की उसने अपनी आंखे बंद कर ली । क्यूंकि उस लड़की के हाथ उसे एक सॉफ्ट कॉटन की तरह लग रहें थे ।
वही वे लड़की रूद्र की हरकतों से अब काफ़ी परेशान हो गई । इसलिए वे अब लगभग चिल्लाते हुए बोली । ।
" हे छोड़ो मुझे, ये क्या बात्मीजी हैं । तुम्हे शर्म नही आती किसी लड़की को इस तरह परेशान करते हुए । । "
रुद्र जो अब तक उस लड़की की फीलिंग को महसूस कर रहा था । जब वे उस लड़की की तेज आवाज़ सुनता है तो उसका दिमाग खराब हो जाता हैं क्योंकि उसे अपने अलावा किसी की ऊंची आवाज़ बरदास नही थी ।
वे अपनी आंखे एक झटके में खोलते हुए अपनी नीली आंखो से उस लड़की की ग्रीन आंखो में देखते हुए काफी खतरनाक आवाज़ में बोला । ।
" चुप बिलकुल चुप, मुझे पसन्द नही की कोई मुझसे अपनी ऊंची आवाज़ में बात करे या मुझ पर चिल्लाए । । "
वही वे लड़की जो काफी गुस्से में थी । रुद्र की खतरनाक आवाज़ सुन कर बिलकुल शांत हो जाती है और उसके दिल में रूद्र के लिए डर बैठ जाता है ।
वही रूद्र जब उस लड़की को शांत होता हुआ और खुद से डरता हुआ देखता है तो उसके चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है । रूद्र उस लड़की को देखते हुए अपनी खतरनाक आवाज़ में बोला । ।
" तुम्हारा नाम क्या है ? ? "
रुद्र की खतरनाक आवाज़ सुन वे लड़की इतना डर जाती है कि उसके मुंह से आवाज़ ही नही निकलती । वही रूद्र जब उस लड़की को कुछ भी बोलता हुआ नही देखता है तो
उसकी आंखे गहरी और भयानक हो जाती है क्योंकि उसे अपनी कही गई बातो को रिपीट करना बिलकुल भी पसन्द नही था । रुद्र अपनी भयानक आंखो से उस लड़की को देखते हुए बोला । ।
" मैने पुछा तुम्हारा नाम क्या है ? अगर इस बार मुझे तुम्हारा जवाब नही मिला तो मै तुम्हारी ऐसी हालत करूंगा , जिसका अंदाजा तुम्हे बिलकुल भी नही होगा । । "
उस लड़की को अब तक जो चेहरा हैंडसम लग रहा था । अब उसे वही चेहरा काफी भयानक लगने लगता हैं । रुद्र के भयानक चेहरे और उसकी बाते सुनकर वे लड़की काफी डर जाती है । उसके गले से बिलकुल भी आवाज़ नही निकल रहा था फिर भी वे काफी मुश्किल से हकलाते हुए एक शब्द में बोली । ।
" रू रू रू रूही । । "
रुद्र के कानो में जैसे ही ये नाम पड़ता है । उसके मुंह से खुद ब खुद निकल जाता हैं । ।
" रूही, रुद्र की रूही । । "
इतना बोल वे मुस्कुराने लगता हैं । वही रूही जो रूद्र से काफी डर चुकी थी । लेकिन फिर भी वे हिम्मत करते हुए अपनी प्यारी और मासूम आवाज़ में बोली । ।
" अब नाम जान लिया है ना अब प्लीज मुझे छोड़ो । मुझे घुटन हो रही है । । "
वही रूद्र जो अभी रूही का नाम जान मुस्कुरा रहा था । रूही की बात सुनकर उसका पारा फिर से हाई हो जाता हैं ।
वही अमन और बॉडीगार्डस जो कब से अपने बॉस को देख रहें थे । अपने बॉस को इस तरह किसी लड़की के इतने करीब जाता हुआ और उस लड़की के साथ इस तरह बिहेव करता देख उन सभी की आंखे हैरानी की वजह से बड़ी बड़ी हो जाती है ।
उन्हे बिलकुल भी विश्वास नही हो रहा था कि उनका बॉस इस तरह किसी लड़की के करीब जा सकता है । क्योंकि वे अपने बॉस के साथ इतने सालो से थे ।
अगर कोई भी लड़की उनके बॉस के करीब आने की कोशिश करती थीं तो उनके बॉस उस लड़की की पूरी लाईफ एक झटके में बर्बाद कर देते थे ।
इसलिए जिन लड़कियों को उनके बॉस के बारे में खबर है वे लड़कियां उनके बॉस के करीब आने की गलती बिलकुल भी नही करती थीं ।
लेकिन अमन इस चीज़ को देख काफी हैरान था कि उसके बॉस खुद इस लड़की के करीब गए थे और ऊपर से उस लड़की के साथ जबरदस्ती भी कर रहें हैं
और उस लड़की के इतना सब कुछ बोलने के बाद भी उसके बॉस उस लड़की को कुछ नही बोल रहे हैं और ना ही उस बेचारी, प्यारी और मासूम सी लड़की को छोड़ने को तैयार थे । ।
वही दुसरी तरफ सिंघानिया विला
सिंघानिया विला व्हाइट संगमरमर से बनी काफी खूबसूरत और बड़ा विला है जो किसी महल के कम नही था । इसकी कीमत अरबों मे है । खास कर इस विला की जो डिजाइन है वे काफी ज्यादा यूनिक और लोगो के दिलो को लुभा देने वाला था ।
इस विला को आज काफी खूबसूरती से सजाया गया था । क्योंकि इतने सालो बाद इस विला में इस घर का बड़ा बेटा वापस आने वाला था ।
इस विला के अंदर एक खूबसूरत सी औरत जिसका नाम सुमन था । वे नौकरो पर थोड़ा गुस्सा करते हुए बोली । ।
" मैने आप लोगो से बोला था ना कि आज कोई भी गड़बड़ नही होनी चाहिए । फिर आप लोगो ने अभी तक पूजा की थाल क्यू नही तैयार थी ? पता नही मेरा बेटा किस टाइम यहां आ जाए । मै आज कोई भी गड़बड़ नही चाहती । । "
सुमन की बात सुनकर उनमें से एक नौकर आगे आते हुए कहता है । ।
" मालकिन आप चिन्ता मत कीजिए । हम अभी पूजा की थाल तैयार कर देते हैं । । "
नौकर की बात सुनकर सुमन उन्हे रोकते हुए बोली । ।
" नही रहने दीजिए । मै खुद ही कर लूंगी । आप लोग बाकी के काम कीजिए । । "
इतना बोल वे नौकरो को जानें के लिए कहती हैं और खुद पूजा की थाल तैयार करने के लिए जानें लगती हैं । ।
वही सोफे पर सुमन की नंद कामना बैठी हुई थी । जो अपने पति के मरने के बाद अपने बेटे के साथ यही इसी विला में रहती थीं । वे सुमन जी को ताना मारते हुए बोली । ।
" भाभी आप इतनी परेशान क्यू हो रही है । जबकि आपको अच्छे से पता है वे आपको ना ही अपनी मां मानता है और ना ही आपको पसन्द करता है ।
आप जो इतनी मेहनत कर रही है उसका कोई फायदा तो होने वाला है नही क्युकी वे इन पूजा पाठ को कहा ही मानता है । वैसे भी भाभी जब वे आपसे सही से बात ही नही करता तो क्या आपको ऐसा लगता है कि वे आपको अपनी आरती उतारने देगा । । "
सुमन जब कामना की बात सुनती हैं तो उसे काफी दुख होता है । लेकिन फिर भी वे अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए बोली । ।
" कोई बात नही दीदी, एक ना एक दिन ऐसा जरूर आएगा । जब वे मुझे समझेगा । । "
इतना बोल वे मंदिर में पूजा की थाल तैयार करने चली जाती है । वही कामना सुमन की बात सुनकर मुंह बना लेती है ।
वही सुमन पूजा की थाल तैयार करने के बाद अपनी बेटी के रुम में जानें लगती हैं । तभी रास्ते में वे किसी से टकरा जाती है और जैसे ही वे गिरने वाली होती है वैसे ही वे आदमी उन्हे कमर से पकड़ संभाल लेते हैं ।
वही सुमन जिसने गिरने के डर की वजह से अपनी आंखे बन्द की थी । वे ख़ुद को ना गिरता हुआ पाती है तो अपनी आंखे खोल देखती है तो उन्हें अपनी आंखो के सामने अपने पति धीरज नजर आते हैं । जिन्हे देख वे चैन की सांस लेती है ।
वही धीरज सुमन को इस तरह जब गिरता हुआ पाते हैं तो उन्हें ठीक से खड़ा करते हुए गुस्से में कुछ ऐसा करते हैं जिससे सुमन की चीख निकल जाती है । ।
चैप्टर=3
धीरज सुमन को ठीक से खड़ा करते हुए अपनी कड़क आवाज़ में कहते हैं । ।
" सुमन आप इतनी जल्दबाजी में कहा जा रही है कि आपको किसी भी बात का होश नहीं है । । "
धीरज की कड़क आवाज़ सुन सुमन थोड़ा सहम जाती है फिर भी वे अपने डर को साइड रखते हुए बोली । ।
" मै तो बस परी को उठाने जा रही थी । इतनी देर हो गई अब तक उठी नही, आज इतने सालो बाद उसका भाई भी आने वाला है, इतना काम है फिर भी सो रही है । मै अभी उसे जगा कर आती हूं । । "
इतना बोल वे धीरज के नजरो से जल्दी से निकल जाना चाहती थी । इसलिए वे अपने तेज कदमों से आगे की ओर बढ़ने लगती है । पर वे कुछ और कदम आगे बड़ा पाती धीरज सुमन की कलाई को पकड़ अपनी तरफ खींचते हैं । जिसके सुमन सीधा जा धीरज के सीने से जा लगती है । जिसे देख धीरज सुमन के गालों पर तेज बाइट करते हैं । जिसके सुमन की हल्की सी चीख निकल जाती है । सुमन की चीख को सुन धीरज कहते हैं । ।
" सुमन इतना मत चिल्लाईये, वरना बच्चे आपकी चीख सुन, उसका गलत मतलब निकाल लेंगे । अब से कोई भी काम जल्दबाजी में मत करिएगा । वरना आपकी जल्दबाजी के चक्कर में आपको थोड़ी सी भी खरोंच आई तो आपको इसके भी बड़ी सजा मिलेगी । उम्मीद है कि आज की सजा आपको याद रहेगी । । "
धीरज जी की इतनी पागलपन भरी बातो को सुन सुमन का मुंह बन जाता हैं । पर वे धीरज से और सजा नही पाना चाहती थी । उसे जल्द से जल्द धीरज से दूर जाना था । वरना उसे मालूम था कि ये पागल आदमी उसे नही छोड़ने वाला । इसलिए वे अपनी मासूम आवाज़ में कहती हैं । ।
" ठिक है, मै आपकी सारी बात याद रखूंगी । अब क्या मै जाऊ । । "
सुमन की मासूम आवाज़ सुन और उसे अपनी बात मानता हुआ देख धीरज उसे छोड़ देता है । वही धीरज के छोड़ते ही सुमन वहा से सौ की स्पीड से भाग जाती है । वही धीरज सुमन को फिर से इतनी जल्दी भागता देख अपने दांत पीस लेता है । क्योंकि उसे मालूम था ये औरत कभी नही सुधरने वाली । सुमन जब उसकी आंखो से ओझल हो जाती है तो वे भी अपने स्टडी रूम की तरफ़ चला जाता हैं । ।
वही दुसरी तरफ जंगल में
रुद्र जो रूही का नाम जान मुस्कुरा रहा था । रूही के ये बोलने पर की अब उसे उसके करीब रहने पर घुटन हो रही है । रुद्र का पारा हाई हो जाता हैं और वे रूही के बालो को पीछे से पकड़ते हुए बोला । ।
" रूह क्या कहा तुमने तुम्हे मेरे करीब रहने से घुटन हो रही है तो किसके करीब रहने से तुम्हे सुकुन मिलता है । । "
फिर कुछ सोच अपनी खतरनाक आंखो से रूही को देखते हुए बोला । ।
" एक मिनट रूह, कही तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड को नही , जिसके करीब तुम जाना चाहती हो । । "
रुद्र की पागलों जैसी बात सुन रूही का दिमाग खराब होने लगता हैं और रूद्र के बालो को पकड़ने की वजह से उसे अपने बालो में भी हलका हलका सा दर्द होने लगता हैं । इसलिए वे रुद्र को अपनी हल्की ग्रीन आंखो से देखती हुई गुस्से में बोली । ।
" बात्मीज आदमी छोड़ो मेरे बालों को, मुझे दर्द हो रहा है और ये क्या रूह रूह लगा कर रखता हुआ है । मेरा नाम रूह नही रूही है । तो मुझे रूह कहना बंद करो । क्योंकि मुझे बिलकुल पसन्द नही कि कोई अजनबी मुझे रूह कह कर भुलाए । रुह कहने का हक सिर्फ और सिर्फ मेरे अपनो का है । रही बात मेरे बॉयफ्रेंड की या होने वाले हसबैंड की उसके तुम्हारा कोई मतलब नही होना चाहिए । मेरा जिसके क़रीब जानें का मन करेगा मै जाऊंगी । उसके तुम्हे क्या ? तुम दूर हटो मुझसे बात्मीज आदमी , मुझे सांस भी नही आ रही है । । "
इतना बोल वे खुद को रूद्र से छुड़ाने की कोशिश करने लगती है । वही रुद्र के बॉडीगार्डस और रूद्र का एसिस्टेंस अमन जब इतनी पतली, दुबली,प्यारी, मासूम, पिद्दी सी खूबसूरत सी लड़की की इतनी लम्बी जुबान देखते है तो उन सभी की आंखे हैरानी से बड़ी बड़ी हो जाती है । क्योंकि उनके बॉस जिनसे सामने बड़े से बड़े बिजनेसमैन और माफिया अपनी जुबान खोलने के पहले हजार बार सोच लेते हैं कि उन्हें क्या कहना चाहिए और क्या नही । वही ये लड़की उनके बॉस के सामने इतना सब कुछ एक सांस में ही कह दिया ।
लेकिन जब अमन की नजर रूही की बातो से हटकर रूद्र के चेहरे पर जाती है तो वे डर के मारे अपना थूक निगल लेता है और मन ही मन खुद से कहता है । ।
" हे भगवान, अब इस लड़की को मेरे शैतान बॉस से आप ही बता सकते है । इस लड़की को क्या जरूरत थी इस शैतान के सामने इतना बोलने की, इसने इतना बोल तो दिया, पर इस लड़की को क्या मालूम की इसने किसके सामने अपनी इतनी लम्बी जुबान खोली है और उसके कहे हुए शब्द उस पर कितने भारी पड़ने वाले हैं । । "
इतना सोच वे मन ही मन रुही के लिए प्रार्थना करने लगता है कि इस शैतान से कोई उसे बचा ले । ।
वही दुसरी तरफ सिंघानिया विला
सुमन सीधा भागते हुए अपने कमरे में आती हैं और एक चैन की सांस लेती है । फिर शीशे के पास जा खुद को देखने लगती है और अपनें गालों पर दांतो के निशान देख धीरज पर गुस्सा करते हुए कहती हैं । ।
" ये पागल आदमी, जब देखो तब मुझे काटने पर तुले रहते हैं । अगर मेरे बच्चो ने गलती से भी ये निशान देख लिए होते तो मेरे बारे में क्या सोचते । पर इन्हे तो किसी बात की फिक्र ही नही रहती है । । "
इतना बोल वे बड़बड़ाते हुए अपने चेहरे पर मेकअप लगा अपने निशानों को छिपाने लगती है । ।
मेकअप करने के बाद जब वे देखती है कि उनके चेहरे पर अब कोई भी निशान नही दिख रहा, तब जाकर वे चैन की सांस लेती है और फिर कमरे से निकल अपने बेटी के रुम की तरफ चली जाती है ।
जब वे अपनी बेटी के रुम मे पहुंचती हैं तो वे देखती है कि उनकी बेटी अजीब तरीके से सोई हुई है । उसका एक पैर नीचे और दुसरा पैर बेड पर था । कंबल बेड से निचे जमीन पर पड़ा हुआ था और वे तकिए में अपना मुंह छिपाए सो रही है । सुमन ये सब देख अपना सर ना मे हिला देती है और अपनी बेटी को आवाज़ लगाते हुए बोली । ।
" परी बेटा, उठ जा, सुबह हो गई है । । "
सुमन जी की आवाज़ सुन परी की नींद हल्की सी टूट चुकी थी
। लेकिन वे फिर भी नही उठती , क्युकी ये उसकी मॉम का रोज का ही था । वे हमेशा सुबह सुबह इसी तरह जगाने आ जाया करतीं थीं और उसे चैन से सोने भी नही देती थीं । वही सुमन जी भी परी की हरकत अच्छे से जानती थी, उन्हे मालूम था कि उनकी बेटी उनकी सारी बाते सुन रही है । पर उठ नही रही । इसलिए वे परी से बोली । ।
" परी बेटा अपना नाटक बंद कर, तूझे अपने भाई से नही मिलना क्या ? इतने सालो बाद वे यहां पर आ रहा है । इसलिए बेटा आज तो जल्दी उठ जा । ।"
अपनी मॉम की बात सुनकर परी उसी तरह सोते हुए नींद भरी आवाज़ में बोली । ।
" मॉम आपने मुझे पागल समझा है जो मै खुद शैतान से मिलने चली जाऊ । मुझे अभी भाई से नही मिलना, मै बाद में मिल लूंगी । । "
इतना बोल वे फिर से सो जाती है । वही सुमन जो परी को प्यार से जागने के बारे में सोच रही थी । पर कहते हैं ना लाटो के भूत बातो से नही मानते । वही हाल परी का भी था । इसलिए सुमन थोड़े गुस्से में परी को देखती है तभी उनकी नजर वही पड़े टेबल के ऊपर पानी के भरे जग पर जाती है । जिसे देख वे उस टेबल के पास जा पानी के भरे जग को उठाती है और एक झटके में उस पानी के भरे जग का सारा पानी परी के मुंह पर डाल देती है ।
वही परी जो अब तक आराम से मजे में सो रही थी । अपनें ऊपर पानी पड़ता हुआ पाती हैं तो एक झटके में चिल्लाते हुए उठ कर बैठ जाती हैं और अपनी मॉम को गुस्से में देखने लगती है । ।
वही दुसरी तरफ जंगल में
रूही बिना सोचे समझे एक के बाद एक चीज़े बोलती चली गई । पर इस बात के अंजान की उसकी कही गई बातो का रूद्र पर क्या असर हो रहा है । रुद्र जैसे जैसे रूही की सारी बातो को सुनता है रूद्र का चेहरा भयानक होता चला जाता हैं । ।
चैप्टर=4
वही दुसरी तरफ जंगल में
रुही ने जैसे ही ये कहा कि उसका जिसके करीब जानें का मन करेगा, वे जायेगी । इस बात को सुनकर रूद्र का चेहरा भयानक हो जाता हैं और वे रूही की कमर पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए, उसे अपने और क़रीब कर अपनी खतरनाक आवाज़ में कहता है । ।
" तुमने क्या कहा रूह कि तुम्हारा जिसके करीब जानें का मन करेगा , उसके करीब जाऊंगी । तो मेरी एक बात कान खोल कर सुन लो रूह , आज के बाद अगर मैने तुम्हारे करीब किसी भी लड़के को देखा तो उसकी सजा मै सिर्फ और सिर्फ़ तुम्हे दूंगा ।
तो इस बात का ध्यान रखना कि कोई भी तुम्हारे करीब ना आ पाए और ना ही तुम किसी के करीब जाओ । वरना उसके बाद जो भी होगा । उसकी जिम्मेदार तुम खुद होगी ।
मेरी बातो को इग्नोर करने के बारे में सोचना भी मत वरना अच्छा नही होगा । रही बात मुझे तुम्हे रूह कहने की तो तो उसकी आदत डाल लो रूह, क्योंकि तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरी हो इस रूद्र की रुह, क्योंकि तुम मेरी रूह में उतर चुकी हो । । "
रुद्र की खतरनाक आवाज़ और रूद्र की बातो को सुनकर मासूम की रूही काफी डर जाती है और उसे अपनी क़मर मे भी दर्द होने लगता हैं क्योंकि रूद्र ने रूही को काफी टाइट पकड़ा हुआ था ।
इसलिए रूही की आंखो में भी हल्की नमी आ गई थी । वे अपनी रुहासा आवाज़ में रूद्र से बोली । ।
" छोड़ो मुझे, मुझे दर्द हो रहा है । । "
रुद्र जब रूही की दर्द भरी आवाज़ सुनता है तो उसकी नजर रुही की खूबसूरत हल्की ग्रीन आंखो पर चली जाती है । रुही की नम आंखे देख रूद्र का सारा गुस्सा शांत हो जाता हैं और वे रूही पर से अपनी पकड़ ढीली कर देता है ।
क्युकी उसे रूही की नम आंखे बिलकुल भी अच्छी नही लग रही थी ।
वही रूही जब रूद्र की पकड़ अपने ऊपर ढीली पड़ते हुए देखती है तो वे जल्दी से रूद्र के हाथो से अपनी क़मर को छुड़वा रूद्र के दूर हो अपनी आंखो में आई नमी को साफ करते हुए रुद्र को देख गुस्से से बोली । ।
" तुम बात्मिज आदमी, तुम्हारे अन्दर बिलकुल भी कमीज नही है कि एक लडकी के साथ कैसा बिहेव किया जाता हैं । तुम पुरी तरह से पागल हो, कैसी बहकी बहकी बाते कर रहें थे । तुम जाओ पहले किसी अच्छे से हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाओ ।
जब तुम्हारा ये पागलपन खत्म हो जाएगा और तुम और लोगो की तरह नॉर्मल इंसानों की तरह बाते करने लगोगे, फिर आकर मुझसे बात करना । पागल कही से लड़की देखी नही कि बात्मीजी शुरु कर दी । । "
इतना बोल वे दौड़ते हुए वहा से भाग जाती है । क्योंकि वे नही चाहती थी कि ये पागल आदमी दुबारा उसे पकड़े ।
वही रूद्र रूही की बातो को सुनकर और रूही को इस तरह खुद से दूर भागता हुआ देखकर गुस्से से अपनी हाथो की मुट्ठीया भींच लेता है । फिर अपनी सर्द आवाज़ में रुही को खुद से दूर जाता हुआ देख बोला । ।
" रूह, रूह, रूह, तुम्हे जितना दूर जाना है , चली जाओ । पर अब तुम्हे आना मेरे पास ही है । तुम कहीं भी चली जाओ, पर तुम्हारी आखिरी मंजिल मुझसे होकर ही गुजरेगी । क्युकी तुम्हारी मंजिल सिर्फ मै ही हूं । । "
इतना बोल उसके चेहरे पर एक खतरनाक स्माइल आ जाती है । जैसे वे कुछ बड़ा करने वाला हो । ।
वही अमन जो रूही को अपने शैतान बॉस को इतना सब कुछ बोलता हुआ देखकर पहले ही काफी हैरान था । रुद्र की बाते सुनकर तो वे सदमे में ही चला गया था । क्योंकि उसे मालूम था कि उसके बॉस कोई भी बात यू ही नही कहते ।
उसके पीछे बहुत ही गहरा मतलब छिपा हुआ होता है और रूद्र की बातो को सुनकर उसे कुछ कुछ समझ में आ गया था कि उसके बॉस आखिर चाहते क्या हैं ।
रुही के जाने के बाद रूद्र अमन की ओर पलट अपनी कोल्ड आवाज़ में कहता है । ।
" अगर आज रात के पहले तुम्हे वे धोखेबाज आदमी नही मिला तो उसकी जगह पर तुम मरने के लिए तैयार रहना । । "
अपने बॉस की इतनी कोल्ड आवाज़ सुन अमन की तो हालत खराब हो जाती है । लेकिन फिर भी वे डरते डरते हुए ही बोला । ।
" बॉस आप ये कैसी बाते कर रहे हैं । आप मुझे मार देंगे तो आप का काम कौन करेगा । मै हूं ना, मै उस आदमी को रात के पहले ही आप के सामने ले आऊंगा । आप को मेरे बारे में उल्टा सीधा सोचने की कोई जरूरत नहीं है । । "
अमन की बेहूदी बातो को सुनकर रुद्र अपनी कार की तरफ बढ़ते हुए बोला । ।
" अगर तुमने अपनी लम्बी की कैंची जैसी जुबान अभी बंद नही की ना तो मै उसे अभी कटवा दूंगा । । "
अमन जैसे ही रुद्र की बात सुनता है तुरन्त ही अपने मुंह पर हाथ रख लेता है । फिर बिना बोले जल्दी से आगे बढ रूद्र के लिए दरवाज़ा खोलता है । जिससे रूद्र कार में बैठ जाता है ।
रुद्र को कार में बैठता हुआ देख अमन जाकर ड्राइविंग सीट के बगल में चुप चाप बैठ जाता हैं । क्योंकि उसे पता था कि अगर उसने अब एक शब्द भी अपने मुंह से बाहर निकाला तो उसके शैतान बॉस सच में उसकी जबान कटवा देंगे ।
वही रूद्र और अमन को बैठता हुआ देखकर ड्राइवर कार स्टार्ट कर देता है । इसी के साथ रूद्र के साथ साथ उसके बाकी बॉडीगार्डस की कार भी वहा से निकल जाती है । ।
वही दुसरी तरफ सिंघानिया विला
सुमन जी जब परी के ऊपर पानी फेंकती है तो परी तुरन्त हड़बड़ाते हुए उठ जाती है और अपनें आप को पुरा गीला होते हुए देख अपनी मां सुमन से थोड़ा चिल्लाते हुए कहती है । ।
" मॉम ये सब क्या है ? आपको पता है ना की मुझे देर से उठने की आदत है । फिर भी आपने मुझ पर पानी फेंका । । "
इतना बोल सुमन को गुस्से में देखने लगती है । वही सुमन परी को देखते हुए बोली । ।
" उठ जा, तूझे अभी अपने भाई से नही मिलना तो ना सही, पर तूने ही ना कल रूही को यहाँ घर लाने को बोला था । क्योंकि आज उसके काम की छुट्टी है तो जा जल्दी से तैयार हो जा रुही को लेकर आ । । "
अपनी मॉम की बात सुनकर अब जाकर परी को रूही की याद आती हैं कि उसे रूही को आज घर लाना था । ये बात याद करते ही वे अपनी मॉम को देखते हुए बोली । ।
" थैंक्स यू, मै अभी तैयार होकर आती हू । । "
इतना बोल वे सुमन के गालों पर किस कर देती है । जिसे देख सुमन के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है ।
वही अर्जुन ( सुमन का सबसे छोटा बेटा ) जो अपनी मॉम को खोजते खोजते परी के रुम मे आ गया था । परी के मुंह से जैसे ही ये सुनता है कि वे रूही से मिलने जाने वाली है, वैसे ही उसकी आंखो में चमक आ जाती है और वे तुरंत सुमन और परी के पास जा परी से बोला । ।
" परी दी, आप अगर रूही से मिलने जा रही है तो क्या मैं भी आप के साथ चलू । । "
ये सब वे परी से काफ़ी मासूमियत से बोल रहा था । वही परी जिसे मालूम था कि उसका छोटा भाई अर्जुन रुही को पसन्द करता है और रूही उसका क्रश है । उसे भी रूही को अपनी भाभी बनाने में कोई प्रॉब्लम नहीं थी ।
बल्कि वे खुद चाहती थीं कि उसकी सबसे अच्छी बेस्ट फ्रेंड की शादी उसके छोटे भाई अर्जुन से हो जाए । फिर वे एक ही घर में रहकर काफी सारी मस्ती करे । लेकीन रूही का नाम आते ही अर्जुन के इतने मासूम बन जाने से परी की आंखे छोटी हो जाती है और वे अर्जुन को घूरते हुए बोली । ।
" रुही के नाम आते ही तू इतना मासूम कैसे बन जाता हैं । जबकि मुझे अच्छे से पता है कि तू कैसा है । । "
परी की बात सुनकर अर्जुन अपने दांत दिखाते हुए बोला । ।
" दी मै तो पहले से ही मासूम हूं, बस आपको ही नही लगता । अच्छा दी मै तैयार होकर आता हूं, वरना हम रूही को लेने में लेट हो जायेंगे । । "
इतना बोल वे परी की बिना कोई बात सुने वहा से सौ की स्पीड से निकल जाता हैं , बिना इस बात की परवाह किए की वे यहां अपनी मॉम को किसी काम के लिए खोजता हुआ आया था । क्योंकि वे परी को मना करने का कोई भी मौका नही देना चाहता था ।
वही परी भी अपने भाई की चलाकी को अच्छे से समझ गई थी । फिर भी वे मुस्कुराते हुए अपना सर ना मे हिला, अपनी मॉम को एक नजर देख , वहा से सीधा बॉथरूम मे फ्रेश होने चली जाती हैं ।
वही दुसरी तरफ सुमन अपने दोनो बच्चो की बाते सुन मुस्कुरा रही थी । क्योंकि उन्हे खुद अर्जुन के लिए रूही बहुत ही ज्यादा पसन्द थी । उन्हे हमेशा से ही रुही जैसी खूबसूरत और सुलझी हुई लड़की ही अपनी बहु के रूप में पसन्द थी ।
वे तो रूही को अपनी बड़ी बहू बनाना चाहती थीं । मगर एक तो रूही की उम्र 18 साल है और उनके बड़े बेटे की उम्र 28 साल, दूसरा वे अपने बड़े बेटे के गुस्से और कोल्ड पर्सनालिटी को अच्छे से जानती थी । वे नही चाहती थी कि रूही जैसी प्यारी और मासूम बच्ची उनके बड़े बेटे की नजरो में भी आए ।
क्योंकि अगर ऐसा हुआ और उनके बड़े बेटे को एक बार रूही पसन्द आ गई तो वे चाह कर भी रूही को अपने बड़े बेटे से नही बचा पाएंगी ।
इतना बोल वे मन ही मन प्रार्थना करते हुए बोली । ।
" माता रानी उस बच्ची को सबकी बुरी नजरो से बचाना । । "
इतना बोल वे परी के रुम से निकल जाती है । पर उन्हे क्या पता रूही को पहले ही किसी की बुरी नजर लग चुकी है और उसकी उन खतरनाक नजरो से अब शायद ही कोई हो जो रूही को बचा सके । ।
चैप्टर=5
वही दुसरी तरफ पूर्वा अनाथ आश्रम
रूही की स्कूटी पूर्वा अनाथ आश्रम में रुकती हैं और रूही अपनी स्कूटी वही साइड में लगा अनाथ आश्रम के अंदर आ जाती है । लेकीन तभी उसकी टक्कर एक लड़की से हो जाती है । जिसने काफ़ी ज्यादा हैवी मेकअप कर रखा था और वे कही बाहर जा रही थी । मगर वे गिरती रूही उसका हाथ पकड़ उसे संभालते हुए कहती हैं । ।
" दामिनी दीदी आप ठीक तो है । । "
दामिनी रूही को देख अपना हाथ छुड़वा गुस्से से कुछ बोलने ही वाली थी । तभी दामिनी की मां सरोजिनी जो इस अनाथ आश्रम की केयर टेकर भी थी । वे गुस्से से वहा आते हुए रूही को सुनाते हुए कहती हैं । ।
" अरे तेरे रहते हुए मेरी बेटी ठीक कैसे रह सकती है । जब देखो तब, तू मेरी बेटी के रास्ते में जो आ जाती है और इतनी सुबह सुबह तू गई कहा थी । अगर तेरे कॉलेज और जॉब की छुट्टी ही थी तो बाहर घूमने के जगह अनाथ आश्रम में रहकर यहां का कुछ काम ही करवा दिया होता । । "
सरोजिनी ने अपनी बात बोली ही थी कि उसी समय दामिनी भी रूही को ताना मारते हुए बोली । ।
" रहने दो मां, इसे दुनिया वालो को अपनी खूबसूरती दिखाने से फुरसत मिले, तब तो ये यहां पर कोई काम करवाएगी । अभी भी पता नही किसे ही अपनी खूबसूरती दिखा कर आ रही है । । "
दोनो मां बेटी की बात सुनकर रूही का दिमाग जो पहले से ही खराब था । वे और खराब हो जाता हैं । वे उन दोनो मां बेटी को अभी कुछ बोलने ही वाली थी कि तभी वहा पर रूही की रूममेट एंड बहन जैसी सहेली दिशा आ जाती है और रूही का हाथ पकड़कर उसे जबरदस्ती वहा से कमरे में ले जाते हुए बोली । ।
" रूही जल्दी चल मुझे तुझसे बहुत जरूरी काम है । । "
इतना बोल वे रूही को ले रूम में चली जाती है । ।
वही दुसरी तरफ सिंघानिया विला
परी जींस टॉप पहन अच्छे से तैयार होते हुए बाहर हॉल में आती हैं तो देखती है कि अर्जुन पहले ही ब्लू कलर का शर्ट और ब्लैक कलर का जींस पहन, अपने बालो को अच्छे से जेल से सेट कर, अपने हाथो में ब्रांडेड घड़ी पहन और आंखो में चश्मा लगाए, बिलकुल एक हैंडसम हीरो की तरह तैयार हो सोफे पर बैठ उसी का वेट कर रहा है । जिसे देख परी की आंखे छोटी हो जाती है और वे अर्जुन के पास जा उसे देखते हुए कहती हैं । ।
" ये तुम इतने ज्यादा तैयार क्यू हुए हो ? हम तुम्हारे लिए कोई लड़की देखने नही जा रहें हैं । जब जायेंगे तब इस तरह तैयार होना । । "
परी की बात सुनकर अर्जुन सोफे से खड़े होते हुए परी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है । ।
" अरे दी अब बड़े भइया तो शादी करने से रहे, तो जाहिर सी बात है मेरी ही अब शादी होगी । इसलिए इतना तैयार होकर जा रहा हूं क्या पता कोई लड़की मुझ जैसे हैंडसम लड़के को देख अपना दिल हार बैठे और मुझसे शादी करने के लिए तैयार हो जाए । । "
परी अर्जुन के सिर पर मारते हुए कहती हैं । ।
" तुझ जैसे जोकर से कोई भी शादी नही करने वाला है । अब चल जल्दी मुझे लेट हो रहा है । । "
इतना बोल वे मुसकुराते हुए आगे बढ़ जाती है । वही अर्जुन परी के पीछे आते हुए उदास होने का नाटक करते हुए बोला । ।
" कोई बात नही दी, अगर मुझे कोई नही मिली तो मै आपकी फ्रेंड रूही से ही शादी कर लूंगा । । "
इतना बोल वे अपने तेज कदमों से आगे चला जाता हैं । लेकीन तभी उसके चलते हुए कदम अपने आप रुक जाते है और वे अपनें उल्टे पैरो से परी के पास आते हुए बोला । ।
" दी जल्दी अंदर चलो । हम अभी बाहर नही जा सकते । । "
अर्जुन की बात पर परी कन्फ्यूज होते हुए बोली । ।
" क्या मतलब है तेरा, हम अभी बाहर क्यूं नही जा सकते ? ? "
परी की बात सुनकर अर्जुन डरते हुए बोला । ।
" क्योंकि दी शैतान दरवाजे के बाहर तक आ गया है । । "
परी अभी अर्जुन के कहने का मतलब समझ पाती । तभी उसके कानो मे भी गाड़ी की आवाज़ पड़ती है । गाड़ी की आवाज़ सुन परी समझ जाती है कि उसका शैतान भाई आ गया । जिसे समझ परी अर्जुन को वही छोड़ सोफे के पीछे जाकर छिप जाती है । वही अर्जुन जब देखता है कि परी उसे यहां अकेला छोड़ खुद ही यहां से गायब हो गई । तो वे भी जल्दी से जा दुसरे सोफे के पीछे छिप जाता हैं ।
वही सिंघानिया विला के बाहर एक साथ कई गाड़ियां रुकती है । जिसमे से एक बॉडीगार्डस जल्दी से कार से निकल कर रूद्र की कार के पास आकर रूद्र के गाड़ी का दरवाज़ा खोलता है। जिसके रूद्र अपनी उसी खतरनाक ओरा के साथ एटीट्यूड के साथ बाहर निकल सीधा विला की ओर जाने लगता हैं । वही रूद्र का एसिस्टेंस अमन भी रूद्र के पीछे पीछे जाने लगता हैं ।
रुद्र जैसे ही दरवाज़े के अन्दर अपने कदम रखने को होता है । वैसे ही एक रौबदार आवाज़ रूद्र के कानो में पड़ती है । ।
" रुद्र वही रुक जाईए । । "
ये आवाज़ सुनते ही रुद्र के कदम अपने आप अपनी जगह पर रुक जाते है और वे अपनी नज़रे उठा उस तरफ देखने लगता हैं । जिस तरफ से ये आवाज़ आई थी । वे देखता है कि उसके दादा जी रणवीर सिंघानिया अपने एक हाथ में छड़ी पकड़े और दुसरे हाथ में उसकी दादी प्रीता सिंघानिया की क़मर पकड़े बड़े एटीट्यूड से खड़े है ।
जिसे देख रूद्र अपना सर ना मे हिला देता है क्यूंकि उसके दादा रणवीर सिंघानिया की उम्र 70 की और दादी प्रीता सिंघानिया की उम्र 65 की थी । लेकीन इस उम्र में भी उसके दादा उसकी दादी पर हक जताना नही छोड़ते थे ।
एक दादा और दादी ही थे , जिनकी बात रूद्र कभी कभी सुन लिया करता था । वरना इस घर में ऐसा कोई नही है जो उसे रोक सके । रुद्र अपने दादा जी को देखते हुए अपनी कोल्ड आवाज़ में कहता है । ।
" दादा जी आपने मुझे क्यू रोका ? क्या आप चाहते हैं कि मै यही से वापस चला जाऊ । । "
रुद्र की बात सुनकर रणवीर जी अपने उसी रौबदार आवाज़ में कहते हैं । ।
" मैने ऐसा तो नही कहा । तुम इतने सालो बाद आए हो तो मै बस तुम्हारी आरती उतरवाना चाहता था । । "
इतना बोल वे अपनी बहु सुमन को आरती करने का इशारा करते हैं । जिसे समझ सुमन जल्दी से नौकरानी की हाथ से थाल ले रूद्र की आरती करने के लिए उसके सामने आ जाती है । पर वे आरती कर पाती तभी रूद्र उन्हे अपना हाथ दिखा रोकते हुए अपनी कोल्ड आवाज़ में कहता है । ।
" दादा जी अगर आप चाहते हैं कि मै आरती करवाऊं । तो ये आरती दादी जी करेंगी । मै इनके हाथो से आरती नही करवाऊंगा । । "
सुमन जी जैसे ही रुद्र की कोल्ड आवाज़ सुनती है । वे हल्का सा डर जाती है । लेकीन रूद्र की अगली बात सुनकर उनका दिल टूट सा जाता हैं । वही धीरज ( रुद्र के डैड ) रूद्र की बात सुनकर दांत पीस लेता है । पर कुछ कहता नही, क्योंकि उन्हे भी अपने बेटे से हल्का डर लगा रहता है और उन्हें ये भी मालूम था । वे जो कुछ भी बोल ले रूद्र उनकी कोई बात नही सुनेगा । बल्की सारी बातो को उल्टा ले, उसका एक अलग ही मतलब निकालेगा । ।
इसलिए वे अभी के लिए चुप ही रहते हैं क्योंकि वे नही चाहते थे कि उनका बेटा जो इतने सालो बाद घर आया है । वे उसके पहले दिन ही लड़ पड़े । वही कामना ये सब देख मजे ले रही थी । क्योंकि उसे अपने बेटे के अलावा किसी से कोई मतलब नही था । फिलहाल उनका बेटा घर पर नही था । क्योंकि वे आज कुछ काम की वजह से जल्दी ही ऑफिस चला गया था । ।
वही दुसरी तरफ सोफे से पीछे छिपे परी और अर्जुन डर के मारे कब एक दुसरे के पास आ एक दुसरे का हाथ पकड़ लेते हैं उन्हें खुद पता नही चलता । ।
वही दुसरी तरफ रणवीर जी जैसे ही रुद्र की बात सुनते हैं कि वे आरती अपनी दादी के करवाना चाहता है । वैसे ही रणवीर जी अपनी पत्नी प्रीता को खुद के और करीब करते हुए रुद्र को देख अपनी रौबदार आवाज़ में कुछ ऐसा बोलते हैं कि रूद्र अपना दांत पीसते हुए अपने दादा जी रणवीर सिंघानिया को अपनी खा जाने वाली खतरनाक नजरो से देखने लगता हैं । ।
चैप्टर=6
अब आगे
रुद्र की बात सुनते ही रणवीर जी प्रीता को अपने क़रीब करते हुए अपनी रौबदार आवाज़ में बोले । ।
" मेरी प्रीत, क्यूं करेगी आरती, तुम्हारी मां कर रही है ना आरती तो उसी से करवाओ । । "
जैसे ही रणवीर जी ने सुमन को उसकी मां कहा वैसे ही कुछ गिरने के साथ ही एक तेज़ आवाज़ आई । सबने जब आवाज की तरफ देखा तो आरती की थाल जमीन पर पड़ी हुई थी । क्योंकि रूद्र ने गुस्से में आरती की थाल को सुमन से लेकर फेंक दिया था । रुद्र गुस्से में अंदर आया और अपने दादा जी के पास जा अपनी खतरनाक आवाज़ में बोला । ।
" दादा जी आगे से मिसेज सिंघानिया को मेरी मां मत कहिएगा । क्योंकि वे मेरी मां नही है । । "
इतना बोल वे तुंरत लिफ्ट से फाइव फ्लोर पर अपने रूम की तरफ़ चला जाता हैं । ।
वही दादा जी भी रूद्र की खतरनाक आवाज़ सुन आगे कुछ भी नही बोल पाए । वही प्रीता रणवीर जी को देखते हुए बोली । ।
" क्या जरूरत थी, आपको मेरे पोते को गुस्सा दिलाने की । जब आपको मालूम है की वे कितना खतरनाक और गुस्से वाला है फिर भी आप उसे बार बार बहस कर रहें थे । चला गया ना वे । । "
इतना बोल प्रीता गुस्से में रणवीर जी को देखने लगती है । वही रणवीर जी प्रीता को देखते हुए अपनी सर्द आवाज़ में बोले । ।
" प्रीत तुम्हे इन सब पे ध्यान देने की कोई जरूरत नही है । अगर तुम्हे ध्यान देना ही है तो मुझपर दो । । "
इतना बोल प्रीता का हाथ पकड़ कमरे मे लेकर चलें जाते है । वही प्रीता रणवीर जी की सर्द आवाज सुन डर जाती है और उनके पीछे पीछे चली जाती है ।
वही सुमन जब रूद्र के इस बर्ताव को देखती है तो उसकी आंखो में ना चाहते हुए आंसु आ जाते है । जिसे देख धीरज उसके पास आते हुए, उसके आंसु पोंछ अपनी कड़क आवाज़ में बोले । ।
" सुमन मैंने कितनी बार कहा है कि मुझे तुम्हारी आंखों में ये आंसु नही पसंद फिर क्यू बहाती रहती हो । रही बात रूद्र की , तो जिस दिन उसकी ज़िंदगी में एक अच्छी लड़की आयेगी, उस दिन वे ख़ुद ब खुद सुधर जायेगा । आप चिन्ता मत कीजिए । एक ना एक दिन वे आप को जरूर एक्सेप्ट कर लेगा । । "
धीरज जी की बात सुनकर सुमन कुछ नहीं कहती, बस उसके गले लग जाती है । वही कामना ये सब देख मुंह बनाते हुए अपने कमरे में चली जाती है । सुमन जी को यू गले लगता देख धीरज उसके कान में कहते हैं । ।
" सुमन अगर तुम इसी तरह मुझसे गले लगी रही , तो मै यही पर तुम्हारे साथ कुछ करने लगूंगा । तो मुझे मत कहना । । "
धीरज जी बात सुनकर सुमन जल्दी से धीरज से दूर होती है क्योंकि उसे मालूम था । धीरज जो बोल रहे हैं वे कर भी सकते है । इसलिए वे उनके दूर हो जल्दी से भागते हुए बोली । ।
" नही मुझे बहुत काम है और पूजा की तैयारी भी करनी है । । "
इतना बोल वे चली जाती है । वही धीरज सुमन को खुद से दूर भागता देख अपनें दांत पीस लेता है क्योंकि सुमन हमेशा ऐसा ही करती थी । फिर वे भी अपने कमरे में चले जाते है ।
वही सोफे के पीछे छिपे परी और अर्जुन वे दोनो को रूद्र की खतरनाक आवाज़ सुनकर पहले ही छिपते छिपाते अपने रूम में चले गए थे । क्यूंकि उन्हे रूही से मिलने से ज्यादा अपनी जान बचाना ज्यादा जरूरी था ।
वही दुसरी तरफ रूद्र अपने कमरे को खोलता है तो देखता है कि उसका आलीशान सा कमरा इतने सालो बाद भी बिलकुल वैसे सा वैसा ही है जैसे वे छोड़ कर गया था । अपने कमरे को एक नजर देखने के बाद वे सीधा बॉथरूम मे फ्रेश होने चला जाता हैं ।
कुछ देर में फ्रेश होने के बाद वे एक नॉर्मल सा टीशर्ट और पैंट पहनता है और सीधा अपने स्टडी रूम में चला जाता हैं । जहा पर अमन पहले से ही उसका इंतेजार कर रहा था ।
स्टडी रूम में पहुंच रूद्र एक नजर अमन को देख अपनी किंग साइज चेयर पर किसी राजा की तरह बैठ जाता हैं । उसके बाद अमन को देखते हुए अपनी कड़क आवाज़ में बोला । ।
" जो काम बोला था । वे हुआ की नही । । "
रुद्र की कड़क आवाज़ सुन अमन हड़बड़ाते हुए बोला । ।
" जी, जी, बॉस हो गया । । "
इतना बोल वे रूद्र को एक फाइल दे देता है । जिसमे रूही की सारी इनफॉर्मेशन थी । रुद्र उस फाइल को लेता है और फाइल ओपन ही रुही की एक प्यारी सी फोटो उसकी आंखो के सामने थी । जिसमें रूही एक रेड कलर का स्टाइलिश सूट पहने अपने बालो को ओपन कर मुस्कुरा रही थी । जिसे देख रूद्र रूही के तस्वीर पर हाथ फेरते हुए बोला । ।
" रुह, रूह, रूह, रूद्र की रुह । । "
इतना बोल वे एक डेविल स्माइल लिए रूही को देखने लगता हैं फिर अमन को देखते हुए बोला । ।
" जाओ जाकर पता करो , कि वे अभी कहा पर है । । "
रुद्र की बात सुनकर अमन अपना सर हां में हिला निकल जाता हैं । लेकिन उसके चेहरे पर चिन्ता के भरे भाव थे । क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा था कि उसके बॉस काम के अलावा किसी और चीज़ में अपना इंटरेस्ट दिखा रहे हैं ।
वे मन ही मन प्रार्थना कर रहा था कि वे जैसा सोच रहा है । वैसा कुछ ना हो, वरना ये उस लड़की के लिए बिलकुल सही नही होगा ।
क्योंकि उसे मालूम था कि उसका बॉस कितना खतरनाक है और वे अपने बॉस से सारे रूपो को जानता था । ।
वही अमन के जानें के बाद रूद्र दोबारा से रूही की फोटो को देखने लगता हैं । ।
वही दुसरी तरफ सुमन जी जानती थी कि अब तो रूद्र बिलकुल भी नही आने वाला , इसलिए वे परिवार के बाकी लोगो के साथ पूजा कर लेती है । फिर एक एक कर सबको प्रसाद देने लगती है । वही परी और अर्जुन को प्रसाद देते हुए बोली । ।
" अब तुम दोनो जाओ और रूही बिटिया को शॉपिंग के बाद घर ले आना । । "
सुमन जी का इतना कहना ही था कि परी और अर्जुन दोनो ही वहा से सौ की स्पीड से निकल जाते है । क्योंकि वे पहले ही यहां से जाना चाहते थे । लेकीन सुमन ने उन्हें जबरदस्ती रोक कर रखा हुआ था । वही सुमन उन दोनो को यू भागता देख अपना सर ना मे हिला बाकी के कामों में लग जाती है ।
वही कामना जो ये सब देख रही थी । वे मुंह बनाते हुए खुद से कहती हैं । ।
" पता नही भाभी को उस गरीब लडकी रूही मे क्या दिखता है जो अपने बेटे और बेटी को उसके पिछे गुलामी करने के लिए भेज देती है । अगर मै होती तो अपने बच्चो को इन जैसे गरीब लोगो के आस पास भी नही भकटने देती । । "
इतना बोल वे मुंह बनाते हुए मिठाई खाने लगती है । ।
वही दुसरी तरफ अनाथ आश्रम में
रूही जब दिशा के साथ कमरे मे आती हैं तो वे दिशा को देख थोड़ा गुस्सा करते हुए प्यारी सी आवाज़ में शिकायत करते हुए बोली । ।
" दी आप मुझे वहा से क्यू ले आई । आपने देखा ना, मेरी कोई गलती भी नही थी । फिर भी दोनो मां बेटी मुझे सुना रही थी । अब मैं खूबसूरत हूं तो क्या इसमें भी मेरी गलती है । । "
दिशा रूही की प्यारी सी शिकायत सुनकर उसे गले लगाते हुए कहती हैं । ।
" मेरी जान चुप हो जा, तूझे मालूम है ना उन दोनो मां बेटी से लड़ने से कोई फायदा नही । उनका तो कुछ नही जायेगा क्योंकि उन्हे सबसे लड़ने की आदत है । पर तेरा मूड जरूर बेकार हो जायेगा । । "
इतना बोल वे रूही के बालो को सहलाने लगती है । तभी रूही का फ़ोन रिंग करता है । जिसके वे दिशा से अलग हो फ़ोन को देखती है । फ़ोन पर परी का कॉल देख वे खुश हो जाती है और परी का कॉल रिसीव कर लेती है । फ़ोन रिसीव होते ही उधर से परी बोलती है । ।
" रूही मै तेरे अनाथ आश्रम के बाहर हूं । तू जल्दी आ हमे शॉपिंग पर जाना है । । "
वही रूही शॉपिंग का नाम सुन खुश हो जाती है और परी से बोलती है । ।
" ठीक है तू वही रुक, मै बस अभी आती हूं । । "
इतना बोल वे फ़ोन रख, दिशा को देख कहती हैं । ।
" दी जल्दी से तैयार हो जाओ । हम शॉपिंग पर चल रहे हैं । । "
रूही की बात पर दिशा मना करते हुए बोली । ।
" रूही तू जा, मेरा मन नही है । । "
दिशा की बात सुनकर रूही थोड़ा गुस्सा करते हुए बोली । ।
" दी वैसे तो आपका सारा टाइम ऑफिस में ही खत्म हो जाता हैं । आज ऑफिस नही जाना है तो भी आप मना कर रही है । पर आज मै आपकी कोई भी बात नही सुनने वाली । । "
इतना बोल वे दिशा को जबरदस्ती खींच अपने साथ ले जाती है । ।
इस बात से अंजान की वहा उसके साथ कुछ बड़ा होने वाला है । ।
चैप्टर=7
अब आगे
स्टार मॉल,
रूही, दिशा, परी और अर्जुन चारों मॉल में पहुंच गए थे । रूही मॉल पहुंच परी और दिशा के लिए स्टाइलिश जिंक टॉप और कुछ शॉर्ट ड्रेस देखने लगती है ।
वही अर्जुन रूही के लिए अपनी पसन्द की स्टाइलिश कुर्ती, सूट, जिंक टॉप एंड कुछ शॉर्ट ड्रेस पसन्द करने लगता है । क्योंकि वे रूही को इंप्रेस करने का कोई भी मौका जानें नही देने वाला था ।
कुछ देर में कपडे पसन्द करने के बाद रूही दिशा और परी को कपड़े देते हुए बोली । ।
" परी ले ये तेरी ड्रेस एंड दी ये आपकी । अब आप दोनो जल्दी से जाओ और ड्रेस पहन कर आओ । मै भी तो देखूं, मेरी दोनो जान से प्यारी बहने कैसी लग रही है । । "
रुही की बात सुनकर परी और दिशा एक साथ बोली । ।
" तेरी ड्रेस कहा है । । "
तभी अर्जुन पिछे से ढेर सारी ड्रेस लाते हुए बोला । ।
" ये रही । । "
इतना बोल वे सारी ड्रेस रूही को पकड़ा देता है । वही परी और दिशा ये देख मुस्कुरा देती है । वही रूही इतनी सारी ड्रेस को देखते हुए अर्जुन से बोली । ।
" तूने मुझे पागल समझ रखा है क्या, जो मै इतनी सारी ड्रेस ट्राई करू । । "
इतना बोल सारे ड्रेस अर्जुन को पकड़ा कर, उसमे से दो ड्रेस उठा चेंजिंग रूम में चली जाती है । जिसे देख परी और दिशा भी अपने कपड़े ट्राई करने के लिए चेंजिंग रूम में चली जाती है ।
वही अर्जुन बस अपना सिर खुजलाता रह जाता हैं । फिर अपने हाथो में पकड़े पकड़े को वही टेबल पर रख रुही के आने का इंतजार करने लगता है । ।
वही दुसरी तरफ इसी मॉल के दसवें फ्लोर पर एक मीटिंग रूम में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ था । सभी के चेहरे पर डर की लकीरें दिख रही थी । तभी वहा एक सर्द आवाज़ गूंज पड़ी । जो वहा पर बैठे सभी एम्प्लॉय को वार्निंग देते हुए बोला । ।
" अगर अगली बार भी तुम लोगो ने इस तरह का घटिया प्रेजेंटेशन तैयार किया और मेरे सामने दिखाया, तो मै तुम सभी को धक्के मार कर अपने ऑफिस से निकाल दूंगा । क्योंकि मुझे तुम जैसे कामचोर एम्प्लॉय की कोई जरूरत नही है । । "
इतना बोल वे तुंरत मीटिंग रूम से निकल जाता हैं । वही सभी एम्प्लॉय डर भरी नजरो से अपने बॉस देवांश सिंघानिया को जाते हुए देखने लगते हैं । तभी एक एम्प्लॉय दुसरे एम्प्लॉय से बोला । ।
" अरे यार हम सभी को तो देवांश सर ने ही इतना डरा कर रखा हुआ है । अगर रूद्र कर आ गए तो हमारा क्या होगा । वे तो हमे वार्निंग भी नही देंगे । सीधा अपने ऑफिस से निकाल फेकेंगे । । "
उस एम्प्लॉय की बात सुनकर दूसरा एम्प्लॉय बोला । ।
" तू सही बोल रहा है । इसलिए अब हमे अपना काम बहुत ही ज्यादा सावधानी से करना होगा । क्योंकि अगर हम इस ऑफिस से निकाले गए, तो हमे कही जॉब भी नही मिलेगी । । "
दुसरे एम्प्लॉय की बात सुनकर सब अपना सर हां मे हिला देते है और एक एक कर मीटिंग रूम से निकल जाते है । ।
वही दुसरी तरफ रूही एक खूबसूरत सा रेड कलर का शॉर्ट ड्रेस पहन बाहर आती है । वही अर्जुन जो कब से रुही के आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था ।
उसकी नज़र जैसे ही रुही पर जाती है । वे रूही की खूबसूरती मे खो सा जाता हैं । क्योंकि रूही खुले बालो के साथ उस रेड शॉर्ट ड्रेस में काफ़ी हॉट लग रही थी ।
जिसे देख अर्जुन बस देखता ही रह गया । अब तक परी और दिशा भी चेंज करके आ गई थी । उन दोनो ने भी रेड कलर का शॉर्ट ड्रेस पहना था ।
लेकीन उनकी नज़र जैसे ही रुही पर जाती है । उनका मुंह भी खुला का खुला रह जाता हैं । क्योंकि रुही सच में काफ़ी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ।
वही आते जाते लड़के भी रूही को देख रहें थे । साथ ही साथ परी और दिशा को भी, क्योंकि वे भी खुश कम नही लग रही थी ।
वही रुही जो सोच रही की थी । सब उसकी तारीफ करेंगे, किसी को कुछ ना बोलता देख वे नाराज होते हुए कहती हैं । ।
" आप लोग मुझे ऐसे क्यू देख रहें हैं । क्या मै अच्छी नही लग रही हूं । । "
रूही की बात सुनकर तीनो एक साथ बोले । ।
" तू अच्छी नही लग रही है । । "
रुही तीनो की बात सुनकर नाराज हो जाती हैं और जैसे ही जानें को होती है । वैसे ही तीनो की आवाज़ फिर से उसके कानो में पड़ती है । ।
" बल्की तू बहुत अच्छी लग रही है । बिलकुल किसी अप्सरा की तरह । । "
इतना बोल तीनो आकर रूही को टाइटली गले लगा लेते हैं । वही रुही तीनो की बात सुनकर काफ़ी खुश हो जाती है । गले लगाने के बाद तीनो एक दुसरे के साथ बहुत सारा फोटो लेने लगते हैं ।
एक मे रूही के दोनो गालों पर परी और दिशा किस करते हैं । तो एक मे अर्जुन रुही के गालों पर किस करता है । जिसे देख रुही मुस्कुरा देती है ।
वही रुही भी परी, दिशा और अर्जुन के गालों पर किस कर बारी बारी सबसे साथ बहुत सारी फोटो लेने लगती है ।
पर चारों इस बात के अंजान की किसी की गहरी और खतरनाक नजरो उन्हे जान से मार जानें वाली नजरो से देख रही है ।
क्योंकि अमन ने रूद्र को जब ये बताया की रुही उसके भाई, बहनों के साथ मॉल गई हुई है तो रूद्र ने उसे वीडियो कॉल कर वहा का सारा नजारा दिखाने को बोला था । क्योंकि वे देखना चाहता था कि उसकी रूह क्या कर रही है ।
पर जैसे जैसे वे वहा का नजारा देखता है वैसे वैसे उसकी आंखे डरावनी होती जा रही थी । वे अपनी पकड़ मोबाइल पर कसते हुए अपनी खतरनाक आवाज़ में रुही को देख बोला । ।
" रुह, रूह, रूह, तुम्हे ऐसा नही करना चाहिए था । रुह तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई खुद को किसी को छूने देने की,
तुम्हे इस तरह अपने खूबसूरत होठों से किसी और को नही छूना चाहिए था । तुमने किसकी इजाजत से इतने छोटे कपड़े पहने, पहने तो पहने तुमने इतने सारे लोगो को पहन कर दिखाए भी ।
रुह तुमने ये बिलकुल भी सही नही की , इसकी सजा तो तुम्हे मिलकर रहेगी । मै तुम्हे ऐसी सजा दुंगा कि तुम्हे ज़िंदगी भर याद रहेगा । और आगे से तुम उस गलती की करने के पहले हजार बार सोचोगी । । "
इतना बोल वे वही पर रखते एक फ्लावर पॉट को उठा तेजी से दीवार पर दे मारता है । क्योंकि उसके अपना गुस्सा बिलकुल भी कंट्रोल नही हो रहा था । ।
वही दुसरी तरफ मॉल में अमन जब वीडियो कॉल डिस्कनेट होते हुए देखता है तो चैन की सांस लेता है । पर उसे रुही के लिए डर लग रहा था । क्योंकि उसका बॉस जब से रुही से मिला है पागल सा हो गया है और अजीब अजीब की हरकते कर रहा है और इन सब में ले देकर बेचारा अमन ही फंस रहा है । ।
वही दुसरी तरफ देवांश जो मीटिंग खत्म होने के बाद दुबारा ऑफिस जा रहा था । उसकी नज़र जैसे ही दिशा पर पड़ी, उसकी आंखो में भी खून उतर आया और वे तब से अपनी खतरनाक नजरो से दिशा को देख रहा था । फिर किसी को फोन कर कुछ बोल वे दिशा की तरफ बढ़ जाता हैं । ।
वही दिशा, परी, रूही और अर्जुन ढेर सारा सेल्फी लेने के बाद चेंजिंग रुम मे अपने कपड़े चेंज करने के लिए चले जाते है और अर्जुन अपने लिए कुछ कपड़े देखने चला जाता हैं । दिशा जो परी और रूही के पीछे थी । परी और रूही को चेंजिंग रूम में घुसता हुआ देख वे भी चेंजिंग रूम में घुस जाती है और वे जैसे ही दरवाज़ा लॉक करने को हुई ।
वैसे ही उसके चेंजिंग रूम की लाइट चली जाती है । जिसे देख दिशा डर जाती है और जैसे ही वे दरवाज़ा खोल बाहर जानें को हुई । वैसे ही देवांश बाहर के दरवाज़ा खोल, दरवाज़े को लॉक कर दिशा को एक झटके में दीवार से लगा देता है । ।
वही दिशा जो बाहर जानें को होती है । किसी को इस तरह अपने चेंजिंग रूम में घुसता हुआ देखकर और खुद को इस तरह पकड़ दीवार से लगाते हुए देखकर डर जाती है और डरते हुए बोली । ।
" कौन हो तुम, छोड़ो मुझे । । "
इतना बोल वे खुद को छुड़ाने लगती है । वही देवांश जैसे ही दिशा को खुद को दूर करता हुआ देखता है । वैसे ही कुछ ऐसा करता है , जिसके दिशा की चीख निकल जाती है । ।
चैप्टर=8
देवांश जैसे ही दिशा को खुद को दूर करता हुआ देखता है तो उसका गुस्सा और बढ़ जाता था और वे दिशा के कान पर तेजी से बाइट कर लेता है । जिसके दर्द के मारे दिशा की चीख निकल जाती है और वे रोते हुए कहती हैं । ।
" कौन हो तुम, मेरे साथ ऐसा क्यो कर रहें हो । मैने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा । प्लीज मुझसे दूर हटो, मेरे साथ ऐसा ऐसा मत करो । । "
इतना बोल वे फिर से रोते हुए ख़ुद को छुड़ाने लगती है क्योंकि अंधेरे की वजह से उसे समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा कौन है, जो उसके इस तरह की बात्मीजी कर रहा है । क्योंकि अंधेरे में उसे उस आदमी का चेहरा बिलकुल भी नही दिख रहा था । इसलिए वे काफ़ी डर गई थीं । वही देवांश जब दिशा को रोता हुआ देखता है तो अपनी सर्द आवाज़ में कहता है । ।
" चुप बिलकुल चुप, मुझे ज्यादा रोने वाले लोग बिलकुल भी नही पसन्द । अगर तुम इसी तरह रोती रही, तो मै तुम्हारे साथ कुछ ऐसा करूंगा । जिसकी तुमने कल्पना भी नही की हो । इसलिए बिलकुल चुप हो जाओ और मेरी बातो को एकदम ध्यान से सुन लो । क्योंकि मुझे बार बार एक ही बात रिपीट करने की आदत नही है । । "
देवांश की बात सुनकर दिशा बिलकुल शांत हो जाती है और डरते हुए अपने सामने देखने लगती है । क्योंकि वे नही चाहती है कि ये आदमी जो कोई भी है । वे उसके साथ कोई गलत हरकत करे । इसलिए वे ना चाहते हुए भी चुप हो जाती है । वही देवांश जब दिशा को शांत होते हुए देखता है तो उसके होंठो पर एक डेविल स्माइल आ जाती है । क्योंकि वे यही तो चाहता था कि दिशा के मन में उसके लिए डर पैदा हो । दिशा को शांत होते हुए देख वे बोला । ।
" आज के बाद अगर मैने तुम्हे छोटे छोटे कपड़े पहनते हुए देखा, तो मै तुम्हारी ऐसी हालत करूंगा की तुम कपड़े पहनना ही भुल जाओगी और तुम्हे अपने पास उसी तरह कैद कर लूंगा । । "
फिर दिशा के होठों पर उंगली रख उसके होठों को साफ करते हुए बोला । ।
" दुसरी बात अगर आज के बाद मैंने तुम्हे इन गुलाबी होंठो से किसी और को किस करते हुए देखा, तो मै तुम्हारे होंठो की ऐसी हालत करूंगा, कि दुबारा ये होठ दुसरे को किस करने लायक क्या, दूसरो को दिखाने लायक भी नही रहेंगे । । "
ये सब देवांश एक अलग पागलपन के साथ बोल रहा था । दिशा अपने सामने खड़े आदमी को देख तो नहीं पा रही थी । पर वे जिस तरह से उसके ये सारी बाते बोल रहा था । उसके दिशा खुद को डरने से रोक नही पा रही थीं । उसे इस आदमी से काफी डर लग रहा था । जैसे ये आदमी कोई साइको हो । वही देवांश दिशा को कुछ ना बोलते देख अपनी सर्द आवाज़ में बोला । ।
" क्या तुम्हे मेरी बात समझ में आई ? या मै दुसरी तरह से समझाऊ । । "
अपने सामने खडे पागल आदमी की सर्द आवाज़ सुन दिशा अपनी गर्दन हां में हिला देती है । वही देवांश दिशा को अपनी बात मानते हुए देख, दिशा के गालों को हल्का थपथपाते हुए कहता है । ।
" माय गुड गर्ल । । "
वही दुसरी तरफ परी और रुही अपनी अपनी ड्रेस चेंज करते आ चुकी थी और दिशा के आने का कब से वेट कर रही थी । अर्जुन भी अपने लिए कुछ कपड़े ले कर आ चूका था । वही रुही जब दिशा को बाहर आते हुए नही देखती है तो परी और अर्जुन को देखते हुए बोली । ।
" मै दिशा दी को देख कर आती हूं कि वे क्या कर रही है । अभी तक आई क्यू नही । । "
रुही की बात सुनकर अर्जुन और परी सर हां में हिला देते है । जिसे देख रुही दिशा के चेंजिंग रुम की तरफ चली जाती है । जब वे वहा पहुंच देखती है कि दरवाजा अभी तक बंद है तो वे दरवाज़ा खटखटाते हुए दिशा को आवाज़ लगाते हुए बोली । ।
" दी क्या आप अन्दर हो । आपने अभी तक चेंज क्यू नही किया । । "
रुही की आवाज़ सुन दिशा घबरा जाती है और उस आदमी को देखती है जो उसे जबरदस्ती गले लगाए हुआ था । वे उस आदमी को दूर करते हुए बोली । ।
" प्लीज दूर हटो मुझसे और मुझे जानें दो । तुम इस तरह मुझे परेशान नही कर सकते । । "
इतना बोल वे देवांश को धक्का दे देती है । वही देवांश जिसे उम्मीद नही की थी, दिशा उसे इस तरह धक्का देगी । दिशा के इस तरह धक्का दे देने से देवांश दो कदम पीछे हो जाता हैं । वही देवांश को खुद से दूर होता हुआ देख दिशा बिना एक पल गवाएं जल्दी से दरवाज़ा खोल बाहर चली जाती हैं । वही देवांश जो दिशा के इस तरह धक्का देने से पहले ही गुस्सा था । दिशा को इस तरह भागता देख उसका पारा हाई हो जाता हैं और वे गुस्से में अपनी मुट्ठीया कसते हुए बोला । ।
" गुड गर्ल, लगता हैं कि तुम्हारे अंदर बेड हैबिट आ रही है । तभी तो तुम्हारे अन्दर इतनी हिम्मत आ गई । जो तुम मुझे इस तरह धक्का देकर भाग गई हो । पर कोई बात नही गुड गर्ल मै हु ना, मै तुम्हे पुरी तरह से सुधार दूंगा । तुम्हारे अन्दर से सारी बुरी आदतें निकाल, तुम्हे एक गुड गर्ल बना दूंगा । । "
इतना बोल वे बिना किसी परवाह से दरवाज़ा खोलता है और एक नज़र रुही और दिशा को देख उनसे साइड से निकल जाता हैं । रुही और दिशा इतने परेशान के की दोनो का ध्यान देवांश की ओर जाता ही नही ।
रूही दिशा को उसी ड्रेस में इतना डरा और परेशान देख दिशा को शांत कराते हुए बोली । ।
" दी क्या हुआ आपको, आपने अभी तक चेंज क्यूं नही किया । आप इतनी डरी हुई क्यू है । । "
रुही की बात सुनकर दिशा रुही को गले लगा रोते हुए बोली । ।
" रुही चेंजिंग रुम मे एक आदमी है । जो बिल्कुल पागलों की तरह मुझसे अजीब अजीब की बाते बोल रहा था । मुझे बहुत डर लग रहा था उसके, रुही प्लीज मुझे उस पागल आदमी से बचा ले । । "
दिशा की बात सुनकर परी दिशा को शांत कराते हुए बोली । ।
" दी आप ये क्या बोल रही है । कोन सा आदमी ? आप यही रुकिए , मै देख कर आती हूं । । "
रुही की जाता देख दिशा रुही का हाथ पकड़ अपना सर ना मे हिला देती है । जिसे देख रुही दिशा से अपना हाथ छुड़वाते हुए बोली । ।
" दी मुझे देखने दीजिए । मुझे कुछ नही होगा । । "
इतना बोल वे दिशा से अपना हाथ छुड़वा, चेंजिंग रुम का दरवाज़ा खोल अंदर देखती है । अब तक उस चेंजिंग रुम मे लाइट आ चुकी थी । वही रुही जब अंदर जाकर देखती है तो उसे वहा कोई नही दिखता । जिसे देख वे बाहर आते हुए बोली । ।
" दी लगता हैं आपको कोई गलतफहमी हो गई है । क्योंकि चेंजिंग रुम के अंदर कोई भी आदमी नहीं है । । ".
रुही की बात पर दिशा बोली । ।
" रूही मै सच बोल रहीं हू, कोई तो था वहा पर । । "
दिशा को इतना डरता हुआ देख रुही दिशा को शांत कराते हुए बोली । ।
" ठिक है दी, मैं समझ गई आपकी बातो को । लेकीन अब आप चेंज कर लीजिए । हमे निकलना भी है । । "
रूही की बात सुनकर दिशा खुद को शांत करने की कोशिश करते हुए अपना सर हिला दुसरे चेंजिंग रूम में चली जाती है । क्युकी उसे उस चेंजिंग रूम में जानें से भी डर लग रहा था । कुछ देर में दिशा जल्दी से चेंज कर बाहर आ जाती है और रूही का हाथ पकड़ मॉल के बाहर चली जाती है । उसी के पीछे पीछे परी और अर्जुन भी चले जाते है ।
कुछ देर में अर्जुन की कार सिंघानिया विला पहुंचती हैं । जिसे देख सब कार से उतर अंदर जानें लगते हैं । पर दिशा वे वही खड़ी उस शानदार विला को देखने लगती है । साथ ही साथ उसे अन्दर जानें मे भी अजीब लग रहा था कि पता नहीं ये लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे ।
रूही सिंघानिया विला कई बार आ चुकी है । पर दिशा पहली बार आई थीं । इसलिए उसे अन्दर जानें मे थोड़ा अनकंफर्टेबल लग रहा था । कि पता नहीं इतने अमीर लोग उसे इस तरह अपने घर में देख क्या सोचेंगे ।
वही रूही जब दिशा को अपने साथ आते हुए नही देखती है तो वे रुक कर दिशा को देखने लगती है और दिशा को देख वे समझ गई कि थी , उसके मन में क्या चल रहा है क्युकी वे जब पहली बार यहां आई की, तो उसके मन मे भी कुछ इसी तरह के सवाल थे । इसलिए वे दिशा के पास जा उसका हाथ पकड़ उसे जबरदस्ती अंदर ले चली जाती है । ।
वही रूही जो खुशी खुशी सिंघानिया विला के अंदर जा रही थी । इस बात के अंजान की किसी की नीली आंखे उसे अपनी खतरनाक नजरो से देख रही है । ।
चैप्टर=9
अब आगे
परी, अर्जुन, दिशा, रूही चारो विला के अंदर पहुंचते हैं । दिशा जैसे ही विला के अंदर का नजारा देखती है । एक पल के लिए विला की खूबसूरती मे खो जाती है । क्योंकि विला बाहर के देखने में जितना खुबसुरत था । उसके कही ज्यादा खूबसूरत विला अंदर से देखने मे था । उसने इतना शानदार विला टीवी मे भी नही देखा था । ना ही उसने कल्पना की थी की दुनियां में इस तरह के शानदार विला भी होते होंगे ।
रूही दिशा को फिर कही खोता हुआ देख बोली । ।
" दी क्या हुआ, आप कहा खो गई । । "
रूही के बुलाने से दिशा होश में आती है और अपना सर ना मे हिला देती है । रूही दिशा को लेकर वही सोफे पर बैठ जाती है । जहा परी और अर्जुन पहले ही बैठे हुए थे । तभी वहा सुमन आती हैं और रूही को देख, वे रूही के पास जाकर बोली । ।
" रूही बिटिया कैसी है आप । । "
सुमन को देख रुही खुश होते हुए बोली । ।
" आंटी मै बिलकुल ठीक हु । । "
रूही की मुस्कान देख सुमन भी खुश हो जाती है तभी उसकी नजर दिशा पर पड़ती है । जिसे देख सुमन दिशा के गालों पर प्यार से हाथ रख बोली । ।
" दिशा बेटा आप कैसी है । । "
सुमन की बात पर दिशा हैरानी से बोली । ।
" आंटी आपकों कैसे पता की , मेरा नाम दिशा है । ।"
दिशा की बात सुनकर सब हंसने लगते हैं । फिर परी बोली । ।
" दिशा दी, आपकों मॉम क्यू नही पहचानेंगी । रूही दिनभर यहां आकर आपके बारे में जो बताती रहती है । । "
परी की बात सुनकर दिशा मुसकुराते हुए रूही को देखने लगती है । ये लड़की सच में पागल ही है ।
तभी वहा पर कुछ सर्वेंट अपने हाथो में नाश्ता लिए आ जाते है और वही टेबल पर लगा देते हैं । जिसे देख सुमन बोली । ।
" बेटा आप लोग खाइए, तब तक मै डिनर का इंतजाम करके आती हूं । । "
सुमन की बात सुनकर रूही अपना सिर हां में हिला देती है । जिसे देख सुमन वहा से चली जाती है । रूही जल्दी से उस नाश्ते में से पनीर टिक्का उठा कर खाने लगती है । क्युकी उसे इस तरह का चटपटा और टेस्टी खाना काफी पसन्द था । वे अपने साथ साथ दिशा और परी को भी खिलाती हैं । वही अर्जुन जब देखता है कि रूही उसे नही दे रही तो उसका मुंह बन जाता हैं । फिर वे खुद रूही को प्लेट से पनीर टिक्का ले खाने लगता हैं । ।
वही कोई था जो ये सब देख गुस्से में आग बबूला होता जा रहा था । ये कोई और नही रूद्र था । जो सीटीटीवी से निचे के सारे नजारो को देख रहा था । वे रूही को देख बोला । ।
" रुह तुम एक के बाद एक गलती किए जा रही हो । This is not fair, तुम्हे इसकी सजा को मिलकर रहेगी । । "
इतना बोल वे किसी को कॉल कर अपनी डरावनी आवाज़ में कुछ बोलता है । उसके बाद कॉल कट कर मुसकुराते हुए रूही को देखने लगता हैं । ।
वही रूही खाने पीने के बाद दिशा को देख कहती हैं । ।
" दी चलो ना, मै आपको ये विला अच्छे से दिखाती हूं । । "
इतना बोल वे दिशा को ले खड़ी हो जाती है । फिर परी और अर्जुन की तरफ देखती है तो दोनो अपना सर ना मे हिला देते है । जिसे देख रुही समझ जाती है कि दोनो थक गए हैं और वे नही जानें वाले । जिसे देख वे दिशा को लें खुद ही एक एक कर पुरा विला दिखाने लगती है । इसी तरह विला दिखाते दिखाते रूही फोर्थ फ्लोर पर आ गई थी । जिसे देख दिशा बोली । ।
" रूही अब चल मुझे नही देखना । इतना देख लिया ना वही काफी है । वैसे भी यहां पर कितना सन्नाटा लग रहा है । । "
दिशा की बात पर रूही कुछ बोलती, तभी वहा एक सर्वेंट आ जाता हैं जो थोड़ा ज्यादा उम्र का था । वे रूही को देखते हुए बोला । ।
" रूही बिटिया, आप यहां हैं । आप एक काम कीजिए । ये ब्लैक कॉफी आप फाइव फ्लोर पर पहुंचा दीजिए । मुझे दुसरा बहुत जरूरी काम है वरना मैं खुद चला जाता । । "
रूही उस सर्वेंट की बात सुनकर बोली । ।
" नही नही काका, मै फाइव फ्लोर पर नही जाऊंगी । वहा पर एक डेविल रहता है । मुझे परी ने फाइव फ्लोर पर जानें से मना किया है । मुझे मालूम है फाइव फ्लोर पर परी का वे डेविल भाई रहता है । मुझे नही जाना, प्लीज आप ही चले जाइए । । "
बिटिया अभी वे वहा नही है । आप बस जल्दी से इसे रख आ जाना । उस सर्वेंट को इतनी रिस्वेस्ट करता देख दिशा रुही से कहती हैं । ।
" रूही चली जा ना, ये कितना रिस्क्वेस कर रहें हैं तुझसे , तू जल्दी से रख कर आ जाना । । "
दिशा की बात सुनकर रूही ना चाहते हुए भी मान जाती है । जिसे देख वे सर्वेंट चैन की सांस लेता है और जल्दी से वे कप रूही को दे भाग जाता हैं । वही रूही दिशा को देख कहती हैं । ।
" दी मै पांच मिनट में आई, आप यही रहना कही मत जाना । । "
रूही की बात सुनकर दिशा मुसकुराते हुए अपना सर हां मे हिला देती है । जिसे देख रुही लिफ्ट से पांचवे फ्लोर पर चली जाती है । रूही जब पांचवे फ्लोर पर पहुंचती हैं तो वहा एक अलग ही नजारा था । क्योंकि पांचवा फ्लोर और भी ज्यादा स्टाइलिश और यूनिक तरीक़े से बना हुआ था । पर वहा काफी अंधेरा था । बस हल्की हल्की डिम लाइट ही जल रही थी । जिसे देख रुही डरते डरते एक कमरे के पास पहुंचती हैं । फिर भगवान का नाम ले उस दरवाज़े को खोलती हैं तो वहा पर भी काफी अंधेरा था । जिसे देख रुही अपने मन में कहती हैं । ।
" ये हर जगह अंधेरा क्यू है ? पर मुझे क्या मुझे तो बस रख कर आना है । । "
इतना बोल वे अंदर चली जाती है । डरते डरते वे किसी तरह उस कप को टेबल पर रखती है । फिर एक चैन की सांस लेते हुए जैसे ही पलट कर जानें को होती है । वैसे वे किसी से टकरा जाती है । मगर वे गिरती वे शख्त रूही की क़मर को पकड़ उसे संभाल खुद के करीब कर बेहद इंटेंटिसी से साथ रूही के डरे हुए चेहरे को देखने लगता हैं । वही रूही जब उसे महसूस होता है कि वे गिरी नही है बल्कि किसी ने उसे पकड़ा हुआ है तो वे धीरे धीरे अपनी आंखे खोलती है और आंखे खोलते ही वे अपने सामने रुद्र को देख चिल्लाते हुए कहती हैं । ।
" तुम पागल आदमी छोड़ो मुझे, तुम यहां क्या कर रहें हो । । "
इतना बोल वे फिर से खुद को रूद्र से छुड़वाने लगती है । वही रूद्र जब फिर से रूही को चिल्लाता हुआ देखता है तो उसका दिमाग जो पहले से ही खराब था । वे फिर से खराब हो जाता हैं और वे रूही को देख अपनी सर्द आवाज़ में कहता है । ।
" रुह मुझे बार बार एक ही चीज के लिए गलती करने वाले लोग बिलकुल भी नही पसंद, जब मैने तुम्हे समझाया था कि मुझे खुद के अलावा किसी की ऊंची आवाज़ पसन्द नही है तो तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझ पर चिल्लाने की । । "
ये सब रूद्र काफी तेज़ आवाज़ में बोल रहा था । जिसे सुन रूही काफी डर गई थीं । वे खुद को छुड़वाते हुए बोली । ।
" छोड़ो मुझे, मुझे तुमसे कोई बात ही नही करनी । इसलिए मुझे जानें दो । । "
रूही की बात सुनकर रूद्र रूही को देखते हुए बोला । ।
" रुह तुम्हे मुझसे दूर जाना है ना तो ठीक है । । "
इतना बोल वे रूही को छोड़ देता है । जिसे देख रुही की सांस मे सांस आई और वे जैसे ही जानें को हुई , वैसे ही रुही के कानो में दुबारा रूद्र की आवाज़ सुनाई देती है । जो उसके कह रहा था । ।
" रुह एक बात मेरी कान खोल कर सुन लो । अगर अगले पांच मिनट में तुम इस कमरे से बाहर नही जा पाई , तो तुम हमेशा हमेशा के लिए मेरी हो जाओगी । तुम पर सिर्फ मेरा हक होगा और तुम्हे भी मुझे अपने ऊपर हक देना होगा । साथ ही साथ आज जो तुमने गलती की है । तुम्हे उसकी भी पूरी सजा मिलेगी । । "
इतना बोल वे डेविल स्माइल करते हुए अपनी खतरनाक नजरो में एक चमक लिए रूही को देखने लगता हैं । ।
चैप्टर=10
अब आगे
वही रूही जो दरवाजे के तरफ जा ही रही थी । रुद्र की बात सुनकर वे रुक जाती है और रूद्र की तरफ पलट कर बोली । ।
" तुम्हे क्या लगता हैं तुम कुछ भी फालतू बकवास करोगे और मै तुम्हारी बात मान लूंगी । बिलकुल भी नही, मै तुम्हारी कोई बात नहीं मानूंगी और ना ही मुझे तुम्हारे इन पागलों जैसी बातो में कोई इंटरेस्ट है । । "
इतना बोल वे दरवाज़े की तरफ चली जाती है और दरवाज़े के पास पहुंच दरवाज़ा खोलने की कोशिश करने लगती है । पर दरवाज़ा खुलने का नाम ही नही ले रहा था । वे अपनी पुरी ताकत लगा दरवाजा खोल कर देख लेती है ।
पर इतनी कोसिशो के बाद भी उसके हाथ कुछ नही लगता । इसी तरह कोशिश करते करते दस मिनट बीत जाते है । लेकीन दरवाज़ा था कि खुलने का नाम ही नही ले रहा था । तभी उसे अपने क़मर पर दो हाथ महसूस होते हैं । जिसे महसूस कर रूही डर जाती है और उसके हाथ दरवाज़े के हैंडिल पर कस जाते है ।
वही रूद्र रूही के क़मर पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए उसके कन्धे पर अपनी चीन रखते हुए अपनी सर्द आवाज़ में बोला । ।
" मेरी इनोसेंट रूह, टाईम बहुत पहले ही खत्म हो गया था । लेकीन फिर भी मैनें तुम्हे पांच मिनट एक्स्ट्रा दिया । पर तुम उसमे भी नाकाम रही । अब रूह तुम्हारी सजा का टाईम शुरु करे । । "
रुद्र की बात सुनकर रूही डर जाती है । लेकीन फिर भी खुद को छुड़ाते हुए बोली । ।
" देखो मुझे लगता हैं तुम्हे इलाज की सच में जरूरत हो, तुम ये कैसी पागलों जैसी बाते किए जा रहें हो । मै तो तुम्हे जानती भी नही फिर भी तुम मेरे साथ इस तरह से बिहेव कर रहें हो । आख़िर मेरी गलती क्या है , मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है जो तुम मुझे इस तरह से परेशान कर रहे हों । । "
रूही की बात सुनकर रूद्र रुही को पलट अपने सामने करते हुए रूही के गालों पर हाथ रख उसके चेहरे को सहलाते हुए पागलों की तरह बोला । ।
" रुह तुम्हारी गलती सिर्फ इतनी है कि तुम मेरे सामने आई । तुम्हारी ये खूबसूरत हल्की ग्रीन आंखे, तुम्हारे ये खूबसूरत पिंक होंठ, तुम्हारे ये खूबसूरत रेशमी बाल, तुम्हारी ये नेक्चूरल खुशबू, सब कुछ मुझे तुम्हारी ओर खींचता है । ।"
रुद्र की बातो को सुनकर रूही रुद्र का हाथ अपने चेहरे से हटाते हुए बोली । ।
" बंद करो अपनी पागलों जैसी बाते और हटाओ मेरे चेहरे से अपने हाथ । मुझे तुम्हारी कोई भी बात नही सुननी । । "
वही दुसरी तरफ
दिशा जो कब से एक ही जगह खड़ी रुही के आने का इंतजार कर रही थी । रूही को ना आता देख वे ख़ुद से ही बोली । ।
" पता नही ये रूही कहा रह गई । इतनी देर हो गई है । पता नही चाय देने गई है या खुद वहा बैठ खाना बनाने । मै एक काम करती हूं, खुद देख कर आती हूं कि ये रूही आख़िर रह कहा गई । । "
इतना बोल वे लिफ्ट की ओर जानें लगती हैं । तभी उसे एक रुम से कुछ गिरने की आवाज़ आती हैं । जिसे सुन दिशा उस तरफ चली जाती है । कुछ देर बाद जब वे कमरे एक कमरे के बाहर पहुंच खुद से कहती हैं । ।
" आवाज़ तो यही से आ रही थीं । पता नही किसका कमरा होगा । क्या मेरा अंदर जाना सही होगा । । "
वे ये सब सोच ही रही थी कि तभी उसकी नजर कुछ गिरे हुए फाइलो पर पड़ती है । क्युकी दरवाज़ा हलका खुला हुआ था , इसलिए दिशा की नज़र उन फाइलों पर पड़ जाती है । जिसे देख दिशा ना चाहते हुए भी दरवाज़ा खोल अंदर चली जाती है । अंदर जाते ही दिशा की नज़र उस शानदार कमरे पर जाती है । जिसे देख एक पल के लिए दिशा खो की जाती है । ।
क्योंकि ये सब दिशा के लिए बिलकुल किसी सपने की तरह ही था । वे देखती है कि उस आलीशान कमरे में एक एक चीज़ अपनी जगह पर बिलकुल परफेक्ट तरीके से रखती हुई है । यहां तक की वहा रखी हर एक चीज़ काफी ज्यादा यूनिक और महंगी नज़र आ रही थीं । जिसे देख दिशा खुद से बोली । ।
" मै एक काम करती हूं जल्दी से इन फाइलो को अपनी जगह रख चली जाती हूं । वरना गलती से भी मुझसे कुछ टूट गया और इन लोगो ने मुझसे पैसे मांग लिए तो मै क्या करूंगी । । "
इतना बोल वे जैसे ही फाइल उठाने के लिए झुकने वाली थी । तभी बॉथरूम का डोर ओपन होता है और वहा से देवांश अपनी क़मर पर सिर्फ एक तौलिया बांधे बाहर निकलता है । तभी उसकी नज़र दिशा पर पड़ती है और वे दिशा को देख शॉक होते हुए बोला । ।
" मिस दिशा आप यहां, मेरे कमरे में क्या कर रही है । । "
इतना बोलते बोलते देवांश दिशा के करीब आ गया था । वही दिशा जो एक पल के लिए देवांश के परफेक्ट बॉडी को देख खो चुकी थी । देवांश के बोलने पर वे होश में आती हैं और देवांश को अपने करीब देख दिशा तुरन्त दुसरी तरफ पलटते हुए बोली । ।
" सॉरी सर, जो मै इस तरह आपके कमरे में आ गई । पर मुझे नही पता था कि ये आपका कमरा है । वे तो मुझे यहां कुछ गिरने की आवाज़ आई , तो मै यहां देखने चली आई । । "
दिशा की बात सुनकर देवांश उसे देखते हुए कहता है । ।
" ठिक है, तुम जब यहां आ ही गई हो तो ये फाइल उठा दो । । "
देवांश की बात सुनकर दिशा अपना सर हां मे हिला बिना देवांश की तरफ देखे, नीचे बैठ फाइल उठाने लगती है । वही देवांश जब देखता है कि दिशा उस पर बिलकुल भी ध्यान नही दे रही तो वे फिर से दिशा से सवाल करते हुए बोला । ।
" वैसा मिस दिशा आपने बताया नही की आप मेरे घर में क्या कर रही है । । "
देवांश की बात सुनकर दिशा बोली । ।
" सर, वे मै अपनी फ्रैंड रूही के साथ आई हूं । मेरी फ्रेंड रूही आपकी बहन परी की दोस्त हैं । तो वे यही आ रही थी । तो वे मुझे भी यहां जबरदस्ती ले आई । पर सर अगर मुझे पता होता की ये आपका घर है । तो मै यहां कभी नही आती । । "
देवांश जो सोच रहा था कि दिशा उसकी तरफ देख कर बात करेगी । मगर उसने उसकी तरफ देखा तो नही , लेकीन उसकी बाते सुनकर देवांश की हाथो की मुट्ठीया कस गई और वे आ सीधा दिशा के पीछे खड़ा हो गया । ।
वही दिशा फाइल उठा जैसे ही खड़ी होकर मुड़ती है । वैसे ही सीधा जाकर देवांश के खुले सीने से टकरा जाती है और गिरने के डर से देवांश के कंधे को पकड़ लेती है । ।
वही दुसरी तरफ निचे हॉल में
परी ओर अर्जुन अब भी आराम से सोफे पर बैठें हुए कुछ ना कुछ खाए जा रहें थे । तभी वहा कामना आ जाती है । वे परी और अर्जुन से खाने की प्लेट ले खुद खाते हुए बोली । ।
" तुम लोग बस भी करो कितना खाओगे । अगर इसे ही खाकर पेट भर लोगे तो कुछ देर बाद खाना क्या खाओगे । । "
कामना की बात सुनकर अर्जुन उनसे प्लेट वापस लेते हुए बोला । । "
" आप पर भी आपकी कही हुई बात अप्लाई होती हैं । । "
इतना बोल वे फिर से खाने लगता हैं । वही कामना अर्जुन को गुस्से में देखने लगती है । क्योंकि ये लड़का हमेशा उसे उल्टा जवाब ही देखा था । तभी वहा सुमन आ जाती है और अर्जुन से प्लेट ले कामना को दे । अर्जुन को डांटते हुए बोली । ।
" अर्जुन ये क्या तरीका अपने के बड़ो से बात करने था । वैसे भी तुम सब से ये सब खा रहें हो । अब तुम कुछ भी नही खाओगे , सीधा खाना खाओगे । । "
सुमन की सुन परी हंसने लगती है । एक तरह से वे अर्जुन का मज़ाक बना रही थी । जैसे वे कहना चाहती हो कि तू इसी लायक है । वही अर्जुन ये देख मुंह बना लेता है और इशारे से ही कहता है । ।
" दी एक दिन आपको भी इसी तरह डांट पड़ेगी । फिर मै आपके भी ज्यादा हंसूंगा । । "
वही सुमन उन दोनो को देख बोली । ।
" रूही और दिशा कहा है । इतना टाइम हो गया । वे मुझे कहीं दिख नही रहे हैं । । "
अर्जुन जो परी को आंखो ही आंखो से वार्निंग दे रहा था । सुमन को रूही के बारे में पूछता देख उसके कान खड़े हो जाते हैं । ।
चैप्टर=11
अब आगे
सुमन जी जैसे ही पूछती हैं कि परी और दिशा कहा है । वैसे ही अर्जुन के कान खड़े हो जाते हैं और वे तुंरत बोला । ।
" मॉम रूही तो दिशा दी को पुरा घर दिखाने ले गई है । । "
सुमन जैसे ही अर्जुन की बात सुनती हैं । वैसे ही उस पर गुस्सा करते हुए कहती हैं । ।
" तो तुम लोग यहां क्या कर रहें हो । तुम लोगो को उन दोनो के साथ नही जाना चाहिए था । अगर गलती से वे लोग पांचवे फ्लोर पर या रूद्र के कमरे में चली गई । तो तुम लोग जानते हो ना रूद्र कैसा है । उसने अगर उन बच्चियों के साथ कुछ गलत कर दिया । तो मै क्या करूंगी ? उन बच्चियों से किस मुंह से माफी मांगूंगी । । "
सुमन की बात सुनकर परी बोली । ।
" मॉम रूही को मैने पहले ही बता रखता है कि उसे पांचवे फ्लोर पर कभी भी गलती से भी नही जाना है । क्योंकि वहा हमारा शैतान भाई रहता है जो किसी को भी अपने फ्लोर पर देख पागल हो जाता हैं ।
मैने उसे भाई के बारे में बहुत कुछ बता रखता है । वे खुद भाई से काफी डरती है । तो मां आप चिन्ता मत कीजिए । रूही गलती से भी पांचवे फ्लोर पर जानें की गलती, गलती से भी नही करेगी । । "
परी की बात सुनकर सुमन थोड़ा चैन की सांस लेती है फिर दोनो को देखते हुए कहती हैं । ।
" ठिक है, लेकीन अब तुम दोनो जाओ और उन्हे ढूंढ कर लाओ । वैसे भी डिनर का टाईम हो गया है और उन्हें वापस अनाथ आश्रम भी तो जाना है । । "
सुमन जी की बात पर परी और अर्जुन हामी भरते हुए रूही और दिशा को ढूंढने चले जाते है । वही कामना ये सब देख अपना मुंह बनाते हुए बोली । ।
" भाभी आप क्यू उस गरीब लड़कियों की इतनी चिन्ता करती है । आपने मेरे दोनो बच्चो को उन गरीबों के पीछे लगा कर रखा हुआ है । पता नही आपको उन गरीबों से इतना लगाव क्यू है ?
मेरी बात मानिए भाभी एक अमीर लड़की देख अपने बेटे की शादी कर दीजिए । वरना ये गरीब लड़किया आपके बेटो को अपनी खूबसूरती के झाल में फंसा कर कब इस घर की महारानी बन जाएंगी । ये बात आपको खुद पता नही चलेगा । । "
कामना की बात पर सुमन हल्का मुस्कुराते हुए बोली । ।
" दी रूही और दिशा वैसी लड़किया नही है । जैसा आप समझ रही है । उन्हे हमारे पैसों से कोई मतलब नही है । वे दोनो काफी स्वाभिमानी लड़कियां है । वे कभी भी ऐसा कुछ नही करेंगे जो सही ना हो । मै तो खुद चाहती हूं कि रूही मेरे घर की बहु बने । उसकी जैसी सुंदर और प्यारी बहु पाकर तो मै अपने आप को खुशनसीब समझूंगी । । "
सुमन की बात पर कामना की आंखे हैरानी से बड़ी बड़ी हो जाती है और वे थोड़ा गुस्से में बोली । ।
" भाभी ये आप कैसी बाते कर रही है । आप उस दो कोड़ी की गवार लड़की को इस घर की बहु बनाने के सपने देख रही है । । "
कामना की बात सुनकर सुमन जी भी थोड़ा गुस्से में बोली । ।
" दीदी प्लीज, आप रूही के बारे में कुछ भी मत बोलिए । मै रूही के बारे में एक शब्द भी नही सुनना चाहती । वैसे भी मुझे और मेरे बेटे अर्जुन , हम दोनो को रूही काफी पसन्द है । बस हमे रूही के हां कहने का इंतेजार है । उसके बाद मै तुरन्त उन दोनो की शादी करवा दूंगी । । "
सुमन की बात सुनकर कामना सोफे के उठते हुए बोली । ।
" दीदी आपकी जैसी मर्जी, पर मै पहले ही बता दू । मुझे ये लड़की बिलकुल भी सही नही लगती है । । "
इतना बोल वे अपने कमरे में चली जाती है । वही सुमन कामना की बात को इग्नोर कर किचन में डिनर की सारी तैयारियां देखने चली जाती है । ।
वही दुसरी तरफ रूद्र के कमरे में
रूही जैसे ही बोलती है कि उसे उसकी पागलों जैसी अब कोई बात नही सुननी । वैसे ही रुद्र रूही का हाथ पकड़ सीधा उसे बॉथरूम मे ले आता है । अभी रूही कुछ समझ पाती कि ये इन्सान उसे बाथरूम में क्यू लाया और वे उसके क्या चाहता है ।
तभी उसे ठंड का अहसास होने लगता हैं क्योंकि रूद्र ने रूही को शॉवर के नीचे खड़ा किया हुआ था । फ़िर शॉवर ऑन कर रूही के क़रीब बढ़ने लगता हैं । जिसे देख रुही काफी ज्यादा घबरा जाती है और पीछे होते हुए बोली । ।
" ये क्या कर रहें हो तुम ? तुमने शॉवर क्यू ऑन किया ? मुझे ठंड लग रही है । इसलिए इसे बंद करो । तुम मेरे करीब क्यू आ रहे हों ? देखो तुम्हे जो कहना है दूर से कहो, मेरे करीब आने की तुम्हे कोई जरूरत नही है । । "
ये सब कहते कहते रूही दीवार से टकरा जाती है । अब उसके पास पीछे जानें का कोई और रास्ता नही था । वही रूही जब देखती है कि उसके पास और पीछे जानें का कोई रास्ता नही है और रूद्र उसके करीब पहुंच चूका है और वे उसके और क़रीब आता जा रहा है ।
जिसे देख रुही तुरन्त दुसरी तरफ जानें के लिए जैसे ही मुड़ती है । वैसे ही उसे अपने सामने एक मजबूत हाथ दिखाई देता है । जिसे देख रुही के हाथ उसके कपड़े पर कस जाते है । वे जल्दी से दुसरी तरफ मुड़ जानें लगती हैं। मगर उस तरफ भी रूद्र अपने हाथ रख देता है और रूही के क़रीब आते हुए बोला । ।
" माय इनोसेंट गर्ल, डोंट मूव, अब चुप चाप जैसी हो वैसी ही खड़ी रहो । क्युकी जितना तुम मुझसे दूर जाने की कोशिश करोगी । उतनी ही तुम्हारी पनिशमेंट बढ़ती चली जायेगी । । "
इतना बोल वे रूही के गालों पर हाथ रख, उसे अपने अंगूठे से तेजी से रगड़ने लगता हैं । जिसके रूही को काफी दर्द होने लगता हैं और वे रुद्र को खुद को छुड़वाते हुए बोली । ।
" ये तुम क्या कर रहें हो । छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है । । "
रूही की बात सुनकर रूद्र के हाथ रुक जाते हैं और वे रूही को देखते हुए बोला । ।
" मेरी रुह को दर्द हो रहा है । पर रूह मेरे दर्द का क्या ? जब तुम खुशी खुशी इन खूबसूरत गालों पर सबको किस करने दे रही थी । । "
फिर रूही के होठों पर उंगली रख । ।
" मेरा क्या रूह, जब तुम इन खूबसूरत होंठो से किसी दुसरे इंसान को किस कर रही थी । । "
फिर रूही के चेहरे को देखते हुए अपनी सर्द आवाज़ में बोला । ।
" मेरा क्या रूह जब तुम उन छोटे छोटे कपड़ो को पहन सबको दिखा रही थी । पता नही कितनो ने तुम्हारे उस खूबसूरत रूप को देखा होगा । कितनो ने तुम्हारे खूबसूरत पैरो को देखा होगा । जिसे देखने का हक सिर्फ मेरा है , सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरा । । "
फिर रूही को देखते हुए अपनी खतरनाक आवाज़ में उसे वार्निंग देते हुए बोला । ।
" रुह एक बात कान खोल कर सुन लो । तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरी हो । और मुझे बिल्कुल पसन्द नही की कोई तुम्हे उस तरह से देखे । तो आज के बाद गलती से भी तुमने उस तरह से कपड़े पहने, या अपने इन खूबसूरत होंठो से किसी और को छुआ, तो मै तुम्हारी वे हालत करूंगा । जिसका अंदाजा तुम्हे सपने में भी नही होगा । । "
रुद्र की बात सुनकर रूही को काफी ज्यादा डर लग रहा था । फिर भी वे रुद्र को देखते हुए बोली । ।
" तुम होते कौन हो मुझसे ये सब बोलने वाले, मै तुम्हारी कोई भी बात नही मानूंगी । मेरा जैसा मन करेगा , मै वैसा करूंगी । मेरा जिस तरीक़े का कपड़ा पहनने का मन करेगा । मै वैसा ही पहनूंगी । ये मेरी लाइफ है और मै अपनी लाइफ खुल कर जीना पसंद करती हूं ना की किसी की कठपुतली बन कर । । "
रूही की बात सुनकर रूद्र जोर जोर से हंसने लगा । मगर उसकी हंसी कोई नॉर्मल हंसी नही बल्कि एक खतरनाक हंसी थी । ।
वही दुसरी तरफ देवांश के कमरे में
वही दिशा जैसे ही फाइल उठा खड़ा होते हुए मुड़ती है । वैसे ही वे सीधा देवांश के खुले सीने से टकरा जाती है और डर की वजह से वे जल्दी से उसके कन्धे को पकड़ लेती है । वही देवांश भी दिशा की कमर को मजबूती से पकड़ उसे खुद के करीब खींच लेता है।
वे दिशा को अपने इतने करीब उसके एहसासों में खो जाता हैं और अपना चेहरा दिशा के बालो में ले जाकर उसकी खुशबू को सूंघने लगता हैं । उसे इस वक्त काफी ज्यादा सुकून मिल रहा था । क्योंकि वे दिशा के क़रीब इस तरह काफी कम ही आ पाता था । क्योंकि दिशा हमेशा उसके दूर दूर ही भागती थी । वे उसे अपने करीब आने का एक मौका भी नही देती थीं । ।
चैप्टर=12
अब आगे
देवांश के रुम मे
दिशा जो की गिरने के डर की वजह से देवांश के कंधे को पकड़ लेती है और अपनी आंखे बन्द कर लेती है । जैसे ही उसे महसूस होता है कि वे गिरी नही है बल्कि किसी ने उसे संभाल लिया है ।
वैसे ही वे अपनी आंखें खोल देखती है तो उसे ऐसा लगता है कि देवांश उसे बचाने के लिए उसे गले लगाया हुआ है । पर देवांश असलियत मै क्या कर रहा था । वे हमारी भोली भाली दिशा कहा ही समझ सकती थीं ।
दिशा जब देखती है कि वे और देवांश काफी करीब है तो वे जल्दी से अपने कदम पीछे लेने वाली थी । मगर वे अपने कदम पीछे नही ले पाती क्योंकि उसे महसूस हो चूका था कि देवांश ने उसकी कमर को पकड़ कर रखता हुआ है ।
वे काफी ज्यादा अनकंफर्टेबल फिल करने लगी । क्योंकि वे अपने शरीर पर देवांश के शरीर की छुअन को महसूस कर पा रही थी । देवांश का खुला सीना दिशा के शरीर को बार बार छू रहा था । दुसरा देवांश जो ऑफिस के आने के बाद अभी अभी शॉवर लेकर आया था ।
जिसके उसके शरीर के भी काफी ज्यादा अच्छी खुशबू आ रही थीं । जिसके उसे काफ़ी अजीब फील हो रहा था । क्योंकि वे कभी भी इस तरह से किसी के क़रीब नही आई थी । ना ही किसी को आने देना चाहती थी । इसलिए वे देवांश को आवाज़ लगाते हुए बोली । ।
" सर प्लीज छोड़िए मुझे, मुझे जाना है । । "
दिशा के बोलने से देवांश अपनी आंखें कस कर बंद कर लेता है । क्योंकि दिशा के बोलने से उसकी गर्म सांसे देवांश अपने सीने पर महसूस कर सकता था । जिसके उसके शरीर में एक अलग ही अहसास पैदा हो रहे थे ।
वे दिशा के ऐसा करने से बहक रहा था । लेकिन फिर भी वे अपने इमोशन को कंट्रोल करते हुए दिशा के गर्दन से अपने चेहरे को निकाल, अपना चेहरा दिशा के चेहरे के करीब ले आते हुए बोला । ।
" मिस दिशा क्या आप ठिक है । आप को कही चोट तो नही लगी । । "
वही दिशा जो पहले ही काफी अनकंफर्टेबल फिल कर रही थी । अपने चेहरे के इतने करीब देवांश का चेहरा देख वे जल्दी से अपनी नज़रे झुका लेती है । क्युकी देवांश के बोलने से देवांश की गर्म सांसे उसे सीधा अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी । जिसके उसे काफ़ी ज्यादा अजीब फील हो रहा था । इसलिए वे जल्दी से बोली । ।
" सर मै बिलकुल ठिक हू । प्लीज अब आप मुझे छोड़िए । । "
इतना बोल वे देवांश से दूर होने की कोशिश करने लगती है । वही देवांश दिशा को खुद से दूर होने की इतनी जल्दबाजी देखता है तो उसे गुस्सा तो काफी आता है । लेकीन फिर भी अपने चेहरे पर कोई भी इमोशन ना लाते हुए, वे दिशा को छोड़ देता है ।
वही दिशा जैसे ही ये महसूस करती है कि देवांश ने उसे छोड़ दिया है । वैसे ही वे देवांश के दस कदम की दूरी पर जा अपना चेहरा दुसरी तरफ कर लंबी लंबी सांसें लेने लगती है । जैसे की उसने अब तक अपनी सांसे रोक रखती हो ।
वही देवांश जो दिशा के यू खुद के दूर जानें से काफी गुस्सा था । जब वे दिशा का ऐसा रिएक्शन देखता है तो उसके चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है और वे अपने मन में बोला । ।
" माय गुड गर्ल, अभी तो मैंने कुछ किया भी नही , फिर भी तुम्हारा ऐसा रिएक्शन है । जब मै तुम्हारे साथ कुछ करूंगा , तब तुम्हारा क्या हॉल होगा । । "
इतना बोल वे मुस्कुराते हुए दिशा को देखने लगता हैं ।
वही दुसरी तरफ अर्जुन और परी ने फोर्थ और फाइव फ्लोर को छोड़ कर सारा घर देख लिया पर उन्हे ना तो दिशा मिली और ना ही रुही । जिसके वे थक हार कर वापस हॉल में आकर बैठ जाते है । वही परी रूही और दिशा की चिंता करते हुए अर्जुन से कहती हैं । ।
" तूझे क्या लगता हैं रूही और दिशा कहा गई होंगी । कही वे गलती से फोर्थ या फाइव फ्लोर पर तो नही चली गई । चल ना हम एक बार फोर्थ फ्लोर पर देख कर आते हैं ।
क्योंकि मुझे पुरा विश्वास है रूही फाइव फ्लोर पर जानें की गलती तो बिलकुल भी नही करेगी । क्योंकि मैंने उसे बहुत बार फाइव फ्लोर पर जानें से मना किया है । जरुर हो ना हो, रूही और दिशा फोर्थ फ्लोर पर ही होंगी । । "
परी की बात सुनकर अर्जुन बोला । ।
" तू पागल तो नहीं हो गई । मुझे अपनी जान बहुत प्यारी है । मै ना तो फोर्थ फ्लोर पर जाऊंगा , ना तो फाइव फ्लोर पर, क्यूंकि मुझे उन दोनो शैतानों से काफी डर लगता हैं । वैसे भी तूने कहा ना रूही फाइव फ्लोर पर नही जायेगी । तो जरुर फोर्थ फ्लोर पर ही होगी ।
एंड मुझे नही लगता देवांश भाई उन दोनो लड़कियों को देख कुछ कहेंगे । सिवाय उन्हे वापस जाने से अलावा । पर अगर हम उन शैतानों के पास गए, तो वे शैतान हमे कच्चा ही निगल जायेंगे । इसलिए हमे वहा जाने की कोई जरूरत नही है । वे दोनो अपने आप आ जायेंगी । । "
इतना बोल वे आराम से फैल कर बैठ जाता हैं । वही परी उसे यू बेफिक्र होकर आराम करता हुआ देख बोली । ।
" तू सच में रूही से शादी करने के लिए सीरियस है ना , क्योंकि मुझे दिख रहा है कि तूझे रूही की कोई फिक्र नही है । कल को अगर वे किसी प्रॉब्लम मे हुई , तब तो तू उसे वही अकेला छोड़ कर अपनी जान बचा कर भाग आएगा । । "
परी की बात सुनकर अर्जुन तुरंत सीधा बैठ जाता हैं और परी को देख बोला । ।
" दी आप ये कैसी बाते कर रहि है । मै सच में रूही से शादी करना चाहता हूं । वे मुझे काफी अच्छी लगती है । मै बस अपने दो शैतान भाईयो को छोड़ कर , उसे सबसे प्रोटेक्ट करूंगा । वैसे भी मेरे शैतान भाइयों से उसे क्या ही खतरा हो सकता है । । "
अर्जुन की बात सुनकर परी अपना सर ना मे हिला आराम से बैठ जाती है । क्योंकि उसे पता था कि उसके भाई का कुछ नही हो सकता । तभी वहा सुमन आ जाती है और अर्जुन और परी को देखते हुए बोली । ।
" तुम दोनो यहां क्या कर रहें हो । मैने तुम्हे रूही और दिशा को ढूंढने के लिए भेजा था ना । वे दोनो कहा है । । "
सुमन जी की बात सुनकर परी सुमन को सच बताने ही वाली थी की तभी अर्जुन परी को बीच में रोकते हुए अपनी मॉम से झूठ कहते हुए बोला । ।
" मॉम वे दोनो अभी आती ही होंगी, क्योंकि उन्हे और घूमना था । बस थोड़ी देर में वे घूम कर आ जाएंगी । । "
सुमन अर्जुन की बात सुनकर हां में अपना सिर हिला देती है । फिर घर के एक सबके पुराने नौकर को बुला रूद्र और देवांश को डिनर के लिए बुलाने को बोल देती है । सिर्फ दो ही नौकर थे । जो रूद्र और देवांश के फ्लोर पर जा सकते थे और उनके रूम की सफाई कर सकते थे ।
एक नौकर आज आया नही था । इसलिए जो आया था । उसे ही सुमन रूद्र और देवांश को बुलाने को बोल देती है । उसे मालूम था कि रूद्र आएगा नही लेकिन फिर भी वे एक बार कोशिश करके देख लेना चाहती थी । ।
वही दुसरी तरफ रूद्र के रुम मे
रूही जैसे ही ये बोलती है कि रूद्र होता कौन है उस पर इतनी पाबंदियां लगाने वाला, जिसे सुन रुद्र जोर जोर से पागलों की तरह हंसने लगता हैं । कुछ देर बाद वे अपनी हंसी रोक रूही की हल्की ग्रीन आंखो में देखते हुए कहता है । ।
" रुह मै तुम्हारा सब कुछ हो और मुझसे ही तुम्हारा वजूद है । बहुत जल्द तुम्हे मालूम चल जायेगा कि मै तुम्हारा क्या लगता हु और मेरा तुम्हारे ऊपर क्या हक है और किस हक से मै तुम्हे ये सब कुछ बोल रहा हूं । । "
रूही जो रूद्र की हरकतों से अब काफ़ी ज्यादा परेशान हो गई थी । दुसरा रूद्र का यू पागलों की तरह हंसना , उसके रूह को भी डरा रहा था । ऊपर से अभी अभी रूद्र ने उसके जो जो बाते बोली, वे सब उसके सर के ऊपर से निकल गई । उसे रूद्र की कही हुई कोई भी बात समझ में नही आई थी । ।
पर वे इतना समझ गई की थी उसके सामने खड़ा हुआ आदमी पूरी तरह से साइको है और ये साइको उसके साथ कुछ भी कर सकता है । इस लिए उसे जल्द से जल्द इस साइको से दूर जाना होगा । वरना उसके लिए बिलकुल सही नही रहेगा । ।
चैप्टर= 13
अब आगे
रुद्र का कमरा
रुद्र की बातो को सुनकर रूही रुद्र से खुद को छुड़वाते हुए बोली । । । ।
" प्लीज साइको इंसान मुझे जाने दो । मुझे ना तो तुम्हारे साथ रहना है ना ही तुम्हारी कोई पागलों वाली बात सुननी है । । "
रूही की बात सुनकर रूद्र दुबारा रूही के गालों पर अपना हाथ रख, उसके गाल को अपने अंगूठे से रगड़ते हुए अपनी सर्द आवाज़ में बोला । । । ।
" रुह तुम्हे अब हमेशा मेरी इसी कैद में रहना है और मेरी इसी कैद में रह कर मेरी सारी बातें सुननी और माननी है । । "
रुद्र के इस तरह गालों को रगड़ने से उसे बहुत दर्द होने लगता हैं । क्युकी उसकी स्किन काफी सेंसिटिव थी । वे रुद्र से अपने गालों को छुड़वाने की काफी कोशिश करती है । पर रूद्र तो जैसे सच में पागल हो गया था । वे बस पागलों की तरह रूही के गालों को रगड़े ही जा रहा था । जैसे उसके गालों से वे दुसरे की सारी छुएन हमेशा के लिए मिटा देगा ।
कुछ देर यू ही गालों को रगड़ने के बाद वे रुक जाता हैं ।
जिसे देख रूही रूद्र को खुद के दूर धक्का देने की कोशिश करती है । पर कोई फायदा नही, क्योंकि वे रुद्र को हिला भी नही पाई थी । वही रूद्र की नज़र अब रूही के गुलाबी होंठो पर जाती है । जिसे देख उसे याद आने लगता हैं कि किस तरह रूही ने अपने इन गुलाबी होठों से अर्जुन को और बाकियों को किस किया था । । । ।
जिसे याद कर रूद्र अपने अंगूठे को रूही के गुलाबी होंठो पर रख उसके होंठो को भी मसलने लगता हैं । जिसके रूही को काफी दर्द हो रहा था । दर्द की वजह से वे अपना चेहरा बार बार इधर से उधर करने लगती है । जिसे देख रूद्र एक पल के लिए रुक जाता हैं और रूही को गुस्से में देखते हुए बोला । । । ।
" रुह चुप चाप, बिलकुल अच्छी बच्ची की तरह खड़ी रहो । ज्यादा हिलने की जरूरत नही है क्योंकि मुझे अपने काम में डिस्टर्बहेंट करने वाले लोग बिलकुल पसन्द नहीं । । "
रुद्र की बात सुनकर रूही अपने कांपते होंठो से बोली । ।
" प्लीज ऐसा मत करो, मुझे दर्द हो रहा है । मुझे जाने दो, प्लीज । । "
रूही की बातो को सुनकर रूद्र रूही को देख अपनी ठंडी आवाज़ में बोला । । । ।
" रुह अगर दर्द हो रहा है तो उसे बर्ददास करो । जैसे मैंने किया । क्युकी तुम्हे यू सबको किस करता हुआ देख उसे कितना दर्द हुआ । उसे मै सपनो में भी बया नही कर सकता । । "
इतना बोल वे दुबारा रूही के होठों को अपने अंगूठे से मसलने लगता हैं । वही रूही जिसे रूद्र की कही बाते समझ में नहीं आ रही थीं । लेकिन रूद्र को दुबारा अपने होंठो को मसलते देख, वे फिर से अपना चेहरा इधर उधर करने लगती है । जिसे देख रूद्र को काफी गुस्सा आता है और वे रूही के बालो को पीछे से मजबूती से पकड़ फिर से उसके होठों को मसलने लगता हैं । । ।
वही रूही रूद्र के इस तरह अपने बाल पकड़ता हुआ देख कर और फिर से अपने होठों को दर्द पहुंचता देख, उसकी आंखे नम हो जाती है । क्योंकि अब वे बिलकुल भी हिल नही पा रही थी । ना ही रुद्र की पकड़ से आजाद हो पा रही थी । वही वक्त के साथ साथ रूही को अपने नाजुक के होंठो पर काफी दर्द महसूस होने लगता हैं । जिसके उसकी आंखो से लगातार आंसु बहने लगते हैं । लेकिन उसे यू रोता हुआ देखकर भी रूद्र नही रूकता और अपने काम में लगा रहता है ।
कुछ देर बाद जब रूद्र रूही के होंठो को रगड़ रगड़ कर बिलकुल लाल कर देता है और उसके होंठो से जब हल्का हल्का खून भी निकलने लगता हैं । तब जाकर वे रूही के होंठो को छोड़ता है और अपने चेहरे पर सेटिस्फेक्शन वाली मुस्कान लिए रूही को देखने लगता हैं । वही रुद्र के छोड़ते ही रूही अपने हाथो में अपने दुप्पटे को लपेटती है और अपने होंठों पर दुप्पटा वाला हाथ रख जोर जोर से रोने लगती है ।
क्योंकि रूही अब तक रूद्र के किए गए अजीब के बिहेवियर से काफी ज्यादा डर गई थीं । उसके साथ इस तरह का बिहेवियर आज तक कभी भी किसी ने नहीं किया । इसलिए वे रुद्र के पागलों जैसी हरकतों से बिलकुल सहम गई थी ।
वही रूद्र जब रूही को यू रोता हुआ देखता है तो अपनी आवाज़ में थोड़ी सी सॉफ्टनेस लाते हुए बोलता है । ।
" हे माय इनोसेंट रूह, अब तुम रो क्यों रही हो । तुम्हारी सारी पैनिशमेंट खत्म हो गई । अब मुझे यकीन है कि तुम आगे से कभी भी आज की कि गई गलती नही दोहराहोगी । । "
इतना बोल रूद्र शॉवर बंद कर देता है । फिर बॉथरूम से निकल रूही ने जीस तरह के कपडे पहने से उसी तरह के सेम कपड़े ला रूही को देखते हुए कहता है । ।
" माय इनोसेंट रूह, चलो अब अपने कपड़े बदल लो । तुम्हे नीचे जाकर डिनर भी तो करना है ना, मुझे मालूम है अब तक तुम्हे काफी भूख लग गई होगी । । "
रुद्र की बात सुनकर रूही डरते हुए कपड़े ले लेती है । जिसे देख रूद्र बॉथरूम से बाहर चला जाता हैं । जिसे देख रुही भाग कर दरवाज़े के पास आती हैं और जल्दी से दरबाजा लॉक कर देती है । फिर उन कपड़ो को एक नज़र देख उसे जल्दी से चेंज करती है । क्योंकि उसे जल्द से जल्द यहां से निकलना था । क्योंकि उसे अब रूद्र से काफी ज्यादा डर लग रहा था ।
वही दुसरी तरफ देवांश के कमरे में
कुछ देर में दिशा अपने सांसों को कंट्रोल करती है । फिर चुप चाप उस कमरे से जाने लगती है । वही देवांश जो अब तक दिशा को देख मुस्कुरा रहा था । जब वे दिशा को यू जाता हुआ देखता है तो अपनी कड़क आवाज़ में कहता है । ।
" मिस दिशा आप कहा जा रही है । । "
देवांश की कड़क आवाज़ सुन दिशा के कदम अपने आप ही रूक जाते है और वे अपने एक हाथो में दुसरे हाथो को उलझाते हुए बिना मुड़े कहती हैं । ।
" सर मे नीचे जा रही हु । । "
दिशा की बात सुनकर देवांश बोला । ।
" ठिक है आप थोडी देर रुकिए, मै अभी कपड़े पहन कर आता हूं । फिर हम साथ में ही चलते हैं । तब तक आप इन फाइलों को समेट एक बार पढ़ लीजिए । कही इसमें कोई मिस्टेक तो नही है । । "
दिशा देवांश के कमरे में अब और रुकना तो नही चाहती थी । मगर वे देवांश को मना भी नही कर सकती थी । इसलिए उसे ना चाहते हुए भी अपना सर हां में हिलाना पड़ा । जिसे देख देवांश एक नज़र दिशा को देख चेंजिंग रूम में चला जाता हैं । वही दिशा जैसे ही देखती है कि देवांश चला गया है । वे जल्दी से उन गिरे हुए फाइलों को समेट, उन्हे उठा, वही पास के रखे सोफे पर बैठ जल्दी जल्दी उन फाइलो को देखने लगती है ।
अब तक देवांश भी कपडे चेंज करके आ गया था । पर दिशा काम में इतनी बिजी हो गई की थी । उसका ध्यान देवांश पर पड़ा ही नही, वही देवांश उसे एक टक देखें जा रहा था । फिर कुछ सोच वे अपने कदम दिशा की तरफ बढ़ा देता है । वे दिशा के पास पहुंच धीरे के उसके बगल में ही बैठ जाता हैं । वही दिशा को जैसे ही ये अहसास होता है कि कोई उसके बगल में बैठा है तो वे जल्दी से अपने बगल में देखती है और देवांश को अपने इतने करीब बैठता हुआ देखकर, वे तुरन्त ही खड़ी हो, देवांश के कुछ दूरी पर जा खड़ी हो जाती है ।
जिसे देख देवांश गुस्से से अपनी हाथो की मुट्ठीया बना लेता है । क्योंकि ये लड़की हमेशा ही ऐसा करती थीं । जब भी वे उसके थोड़ा सा क़रीब जाने की कोशिश करता दिशा उसके दस कदम दूर हो जाती है । वे दिशा को देख अपने मन में बोला । ।
" गुड गर्ल , एक दिन मैं तुम्हे बेड गर्ल बनाकर ही रहूंगा । एक दिन मै तुम्हारे इतने क़रीब आऊंगा की तुम चाह कर भी मुझे अपने करीब आने से रोक नही पाओगी ना ही मुझसे दूर भाग पाओगी । बहुत जल्द मै तुम्हे पूरी तरह से अपना बना लूंगा । तब मै भी देखता हु कि तुम कैसे मुझसे दूर भागती हो । एक बार तुम मेरी हो गई तो मै तुम्हे खुद के दूर जाने का एक मौका भी नही दूंगा । तुम्हे हर जगह, हर वक्त, मै अपने करीब ही रखूंगा । । "
इतना सोच कर देवांश दिशा को देखते हुए मन ही मन डेविल स्माइल करने लगता है । ।
चैप्टर=14
अब आगे
वही दुसरी तरफ रूद्र के कमरे मे
रूही जल्दी से अपने कपड़े बदल दरवाज़ा खोल बाहर आती हैं । फिर रूद्र के बगल से ही होते हुए बाहर की ओर जाने लगती है । जिसे देख रूद्र उसकी कलाई पकड़ कर उसे अपनी तरफ खिंच लेता है । जिससे रूही खुद को संभाल नही पाती और सीधा आकर रूद्र की गोद में गिरती है । जिसके रूद्र उसे कमर से पकड़ ठिक से बैठाते हुए बोला । ।
" रुह कहा जा रही हो ? ? "
रुद्र की बात सुनकर रूही गुस्से में बोली । ।
" मुझे निचे जाना है परी के पास, दिशा दी भी मेरा वेट कर रही होंगी । प्लीज मुझे जाने दो । । "
रूही की बात सुनकर रूद्र बोला । ।
" ठिक है रूह चली जाना, मगर पहले मेरे गालों पर किस करो । जिस तरह तुमने सबको किया था । । "
रुद्र की बात सुनकर रूही गुस्से में बोली । ।
" मै तुम्हे किस नही करूंगी । तुम मेरे कोई नही हो । मुझे तुम्हारी शक्ल देखना भी गवारा नहीं । तुमने आज जो मेरे साथ किया है । उसके लिए मै तुम्हे कभी माफ नहीं करूंगी । । "
ये सब बोलते वक्त रूही के आंखो में आंसु आ जाते है क्योंकि उसे अब भी अपने गालों और होठों पर दर्द हो रहा था । रुद्र के बिहेवियर से उसे काफी हर्ट हुआ था । वही रूद्र जब रूही की आंखो में आंसु देखता है तो अपने हाथो की मुट्ठीया बना लेता है । क्योंकि उसे रूही की आंखो में आंसु बिलकुल अच्छे नही लग रहें थे । इसलिए वे गुस्से में बोला । ।
" रुह रोना बन्द करो । मुझे तुम्हारी आंखों में आंसु बिलकुल भी अच्छे नही लग रहें है । । "
रुद्र की बात सुनकर रूही की आंखो में हल्की चमक आ जाती है और वे तेजी से रोते हुए बार बार एक ही बात पैनिक करते हुए बोलती है । ।
" प्लीज मुझे जाने दो । प्लीज मुझे जाने दो । प्लीज छोड़ दो मुझे । । "
रूही को पैनिक करते हुए देखकर रूद्र उसे शान्त करके हुए बोला । ।
" रुह प्लीज शांत हो जाओ । तुम जा सकती हो । लेकिन पैनिक करना बन्द करो । । "
रूही के पैनिक करने से रूद्र के माथे पर हल्की सिकन आ गई थी । जो आज के पहले रूद्र के चेहरे पर कभी भी नही आई । रुद्र एक रिमोट ले रूम का डोर अनलॉक कर देता है । जिसे देख रुही तेजी से रूद्र को धक्का देते हुए दरवाज़े की ओर भागती है और कुछ ही सेकंड मे रूही रुद्र के रुम के बाहर निकल सीधा लिफ्ट में जा सबके नीचे वाले फ्लोर का बटन दबा देती है और लिफ्ट में ही बैठ कर गहरी गहरी सांसें लेने लगती है ।
वही रूद्र रूही को इस तरह भागता देख अपने हाथो की मुट्ठीया बना लेता है क्योंकि उसे समझ में आ गया था कि रूही नाटक कर रही है । जिसे देख रूद्र गुस्से से बोला । ।
" रुह तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी, मुझसे झूठ बोल कर, तुम्हे बहुत जल्द इसकी सजा मिलेगी । । "
वही दुसरी तरफ देवांश के रुम मे
दिशा देवांश को देख दूर से ही बोली । ।
" सर मुझे नीचे जाना है । रूही मेरा इंतेजार कर रही होगी । । "
दिशा की बात सुनकर देवांश उन फाइलों को टेबल पर ही छोड़ अपना सर हां में हिला खड़ा होकर बाहर की ओर जाने लगता हैं । जिसे देख दिशा भी देवांश के पिछे पिछे जाने लगती है । फिर दोनो लिफ्ट के अंदर चले जाते है और दिशा जैसे ही लिफ्ट का बटन बंद करने के लिए बटन पर प्रेस करती है । उसी समय देवांश भी दिशा के पीछे से ही लिफ्ट के बटन पर अपना हाथ रखता है । जिसके दिशा के हाथ के ऊपर देवांश का हाथ आ जाता हैं । जिसे महसूस कर दिशा तुरन्त अपना हाथ पीछे ले साइड में हट जाती है और दुसरी तरफ जाकर खड़ी हो जाती है ।
वही दुसरी तरफ देवांश जिसे दिशा के करीब खड़ा होकर काफी अच्छा लग रहा था । दिशा के यू तेजी से अपने आप के दूर जाता देख, उसके हाथ लिफ्ट के बटन पर काफी तेजी से प्रेस हो जाते हैं । जैसे वे उस बटन को ही तोड़ देना चाहता हो ।
वही दुसरी तरफ रूही नीचे पहुंच जाती है और अपने आप को सही कर हलका मुसकुराते हुए परी के पास जाती है तो देखती है परी अब भी सोफे पर ही बैठी हुई है । जिसे देख रुही परी के पास आकर बोली । ।
" परी बहुत देर हो गई है । मै डिनर फिर कभी कर लूंगी अभी मै चलती हूं । । "
रूही की बात सुनकर परी बोलती है । ।
" रूही तू कैसी बाते कर रही है । सब लोग डिनर के लिए आ गए हैं । मै यहां बस तेरा और दिशा दी का ही इंतेजार कर रही थी और तू डिनर के लिए मना कर रही है । जबकि तूझे यहां का खाना काफी पसन्द है । तू ये सब छोड़ दिशा दी कहा है । दिशा दी को बुला उसके बाद डिनर कर के चली जाना । । "
परी की बात सुनकर रूही बोलती है । ।
" क्या अभी तक दिशा दी नही आई । । "
रूही की बात सुनकर परी बोली । ।
" दिशा दी तो तेरे साथ थी ना, तो तू ही बताएगी ना की वे कहा है । । "
परी की बात सुनकर रूही के चेहरे पर सिकन आ जाती है क्योंकि वे दुबारा ऊपर नही जाना चाहती थी । लेकिन तभी उसकी नज़र देवांश और दिशा पर पड़ी जो उसी के तरफ आ रहे थे । जिसे देख रुही खुश होते हुए बोली । ।
" दिशा दी । । "
रूही की बात सुनकर परी का ध्यान भी उस तरफ जाता हैं । पहले तो वे दिशा को देख खुश हो जाती है । लेकिन जैसे ही उसकी नज़र दिशा के साथ आते देवांश पर जाती है । वैसे ही उसका मुंह खुला का खुला रह जाता हैं और वे मन में ही बोली । ।
" क्या दिशा दी फोर्थ फ्लोर पर गई थी । वरना वे भाई के साथ इस तरह नही आती हैं । । "
फिर दिशा को ठिक ठाक देख एक चैन की सांस लेते हुए अपने मन में ही बोली । ।
" थैंक्स गॉड, की मेरे शैतान भाई ने इसे कोई सजा नही दी । । "
इतना बोल सबके साथ वे डायनिंग टेबल के पास आ जाती है । डाइनिंग टेबल पर सभी आ गए थे । सिवाय रूद्र के, जिसे देख रुही चैन की सांस लेती है । वही सभी को आता हुआ देख सभी सर्वेंट खाना परोसने ही वाले थे । तभी रणवीर जी उन सभी को रोकते हुए बोले । ।
" रुको अभी थोड़ी देर बाद स्टार्ट करना । । "
दादा जी की बात सुनकर सभी कन्फ्यूज नजरो से उन्हें देखने लगते हैं । तभी उनकी नजर एक खतरनाक ओरा के साथ आते रुद्र पर जाती है । जिसे देख जहा सुमन, धीरज, दादा , दादी खुश से , वही परी, अर्जुन, रूही और दिशा के चेहरे पर डर के भाव नज़र आने लगते हैं । परी ने दिशा को भी रूद्र के बारे में बताया था । इसलिए दिशा भी रूद्र को देख हल्का डर रही थी । क्योंकि रूद्र का ओरा ही ऐसा था । वही कामना भी रूद्र से हल्का डरती थीं । इसलिए उसके सामने कम ही बोलती थी । वही देवांश के चेहरे पर कोई भाव नही थे । पर उसकी नज़र लगातार दिशा पर ही बनी हुई थी । दिशा को यू किसी और से डरता देख वे अपने दांत पीस लेता है ।
वही अर्जुन परी के कान में बोला । ।
" अब तो ये खाना मेरे गले के उतरने के रहा । । "
अर्जुन की बात सुनकर परी गुस्से में बोली । ।
" तूझे पता है ना भाई को डाइनिंग टेबल पर ज्यादा शोर शराबा पसन्द नही, तो अगर भाई की सजा नही पाना चाहता तो चुप चाप बैठ कर खाना खा । । "
परी की बात सुनकर अर्जुन अपना मुंह बना खाने लगता हैं । वही रूही उसके गले से तो डर के मारे खाना नीचे ही नही जा रहा था । ऊपर से रूद्र की वे तीखी नज़रे, उसने अपना चेहरा उठा रूद्र की तरफ नही देखा था । पर वे महसूस कर सकती की थी । रुद्र की नज़रे उस पर ही है ।
रूही किसी तरह थोड़ा बहुत खाती है और सुमन को देख कहती हैं । ।
" आंटी मेरा हो गया, अब काफी टाइम भी हो गया । मै और दी चलते हैं फिर कभी आयेंगे । । "
दिशा भी रूही के साथ जाने के लिए खड़ी हो जाती है । सुमन रूही की बात सुनकर हां मे सर हिला देती है और ड्राईवर को बोल उन्हे अनाथ आश्रम छोड़ने के लिए बोल देती है ।
रूही के जाने के बाद रूद्र के मोबाइल पर भी किसी का मैसेज आता है । जिसे देख वे भी विला से निकल जाता हैं । ।
चैप्टर=15
दिशा भी रूही के साथ जाने के लिए खड़ी हो जाती है । सुमन रूही की बात सुनकर हां मे सर हिला देती है और ड्राईवर को बोल उन्हे अनाथ आश्रम छोड़ने के लिए बोल देती है ।
रूही के जाने के बाद रूद्र के मोबाइल पर भी किसी का मैसेज आता है । जिसे देख वे भी विला से निकल जाता हैं । ।
वही दुसरी तरफ
एक खंडहर जैसी जगह पर एक आदमी के सिर्फ दर्द भरी चीखने की आवाज़ आ रही थी । क्योंकि कुछ बॉडीगार्डस एक आदमी को बेरहमी के मारे जा रहें थे । वे आदमी जो कोई और नही बल्कि अखिल था । जिसने रूद्र के इंपोर्टेंस डॉक्यूमेंट उसके बिजनेस राइवल को दिए थे । अखिल अपने सामने किंग साइज चेयर पर आराम के बैठें रूद्र को देख लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोला । ।
" बॉस प्लीज मुझे इस बार माफ कर दीजिए । आज के बाद मे कोई गलत काम नही करूंगा । प्लीज बॉस मुझे माफ़ कर दीजिए । । "
इतना बोल वे रूद्र के पैरो मै गिर जाता हैं । वही रूद्र अपने पैरो से अखिल के हाथो को बेरहमी से मसलते हुए बोला । ।
" मेरे इलाके में गलती की सिर्फ और सिर्फ़ सजा होती हैं । ना कि माफी । । "
इतना बोल वे एक चाकू ले अखिल के पीठ पर बेरहमी से मार देता है और एक दर्द भरी चीख के साथ अखिल जमीन पर जा गिरता है । वे अब भी जमीन पर पड़ा दर्द से तड़प रहा था । जिसे देख रूद्र अपनी बंदूक निकाल एक के बाद एक गोलियां अखिल के सीने पर उतार देता है और इसी के साथ अखिल की बेरहमी से मौत हो जाती है । अखिल को मारने के बाद रूद्र के चेहरे पर तो कोई सिकन नही आई । लेकिन रूद्र के पीछे खड़े अमन की हालत खराब हो रही थी । वे अपने शैतान बॉस को अच्छे से जानता था । लेकिन फिर भी वे जब अपने बॉस को इस तरह से बेरहमी करते हुए देखता है तो डर के मारे उसके चेहरे पर सिकन आ जाती है ।
वही रूद्र अपने हाथो को रूमाल से पोंछ, उस रूमाल को वही फेंक बाहर निकल जाता हैं । वही अमन जब अपने बॉस को जाते हुए देखता है तो वे भी दौड़ते हुए उनके पीछे चला जाता हैं ।
वही दुसरी तरफ अनाथ आश्रम में
रूही और दिशा दोनो अनाथ आश्रम पहुंच, कपडे बदल, एक ही बेड पर आखें बंद किए लेटे हुए थे । पर दोनो की आंखो में नींद नही थी । आज जो भी उन दोनो के साथ हुआ, वे वही सब सोच रही थी । दिशा देवांश के बारे में सोचते हुए अपने मन में बोली । ।
" पता नही सर मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे , कि मै जब देखो तब उनके ऊपर गिरती पड़ती रहती हूं । अब मैं सर के दस कदम दूरी पर ही रहूंगी । जब मैं दूर रहूंगी, तो गिरने पड़ने का भी कोई सवाल नही रहेगा । । "
वही रूही रुद्र के बारे में सोचते हुए बोली । ।
" रूही वे साइको सच में काफी खतरनाक है । तेरे साथ वे कैसे पागलों की तरह बिहेव कर रहा था । अब तू उस साइको के सामने जाना ही नही वरना, वे पता नहीं तेरे साथ क्या क्या करेगा । । "
रूही और दिशा यही सब सोचते सोचते कब नींद के आगोश में चली जाती है । उन्हे पता ही नही चलता । ।
अगली सुबह
रूही कॉलेज के लिए और दिशा ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी । दिशा ऑफिस के लिए तैयार होते हुए रूही से बोली । ।
" रूही जल्दी चल, वरना मुझे ऑफिस जाने के लिए लेट हो जायेगा । फिर मुझे अपने खडूस बॉस की डांट सुननी पड़ेगी । । "
दिशा की बात सुनकर रूही अपना बैग उठाते हुए बोली । ।
" हां दी बस हो गया चलो । । "
इतना बोल दोनो निकल जाती है । दिशा स्कूटी से पहले रूही को कॉलेज छोड़ती है । उसके बाद वे खुद ऑफिस के लिए निकल जाती है । । । ।
वही रूही कॉलेज के अंदर जाती है । तभी उसे परी और अर्जुन मिल जाते है । जिसे देख वे खुश हो जाती है । वही अर्जुन रूही को ऊपर से निचे देखते हुए बोला । ।
" क्या बात है रूही आज तो तू बहुत खूबसूरत लग रही है । । "
अर्जुन की बात सुनकर रूही अपनी तारीफ खुद के ही करते हुए बोली । ।
" हां, वे तो मै रोज लगती हु । । "
परी उन दोनो की बात पर हंसते हुए बोली । ।
" बस हो गया तुम दोनो का, तो अब चले । । "
परी की बात सुनकर रूही और अर्जुन मुंह बना अंदर चले जाते है । अर्जुन अपनी क्लास में, परी और रूही अपनी क्लास में चले जाते है । रूही जब क्लास में पहुंचती हैं तो क्लास के सारे लड़के रूही को ही देखने लगते हैं । क्योंकि रूही इस क्लास की सबसे खूबसूरत लड़की थी । पर रूही उन सभी पर कोई ध्यान ना देते हुए परी के साथ जा अपने शीट पर बैठ जाती है । तभी प्रोफेसर आ जाते है और इसी तरह एक के बाद एक क्लासेस चलने लगती है । ।
वही दुसरी तरफ ऑफिस में
दिशा ऑफिस पहुंचती है तो देखती है कि वे दस मिनट लेट हो गई है । जिसे देख वे अपनी उंगलियों को आपस में उलझाते हुए जल्दी से देवांश के कैबिन में चली जाती है । क्योंकि दिशा देवांश की पर्सनल सेक्रेटरी थी । वही ऑफिस में काम करने वाली लड़कियां दिशा को देवांश के कैबिन में जाते हुए देखकर गुस्से में कहती हैं । ।
" पता नही देवांश सर को इस बहन जी मे ऐसा क्या दिखा, जो उन्होने एक के एक स्मार्ट लड़कियों को छोड़कर इस बहन जी टाइप लड़की को अपनी सेक्रेटरी बना लिया । । "
उस लड़की की बात सुनकर दुसरी लड़की भी दिशा की बुराई करती हुई बोली । ।
" सच में यार, पर एक बात मानना पड़ेगा, इस बहन जी के तो भाग्य ही खुल गए । जो ये रोज देवांश सर को इतने करीब से देखती है उनके बाते करती है , उनके साथ रहती हैं । इस बहन जी के तो मजे ही मजे है । । "
इसी तरह दोनो लड़कियां मिल एक के बाद एक दिशा की बुराई करने लगती है । वही दिशा देवांश के कैबिन के बाहर पहुंच गेट नॉक करती है । जिसे देख देवांश अपनी कड़क आवाज़ में बोला । ।
" कमिंग । । "
देवांश के इतना बोलते ही दिशा अंदर चली जाती है । वही देवांश जैसे ही ये महसूस करता है कि दिशा आ गई है । वैसे ही लैपटॉप पर तेजी से चलती उसकी उंगलियां रुक जाती है और वे अपनी जलती हुई निगाहों से दिशा को देखने लगता हैं । वही दिशा जैसे ही देवांश की जलती हुई निगाहों को देखती है । वैसे ही अपनी नज़रे झुकाते हुए अपनी प्यारी आवाज़ में बोली । ।
" सॉरी सर, मुझे आने मे थोड़ा लेट हो गया । मै अभी आपकी कॉफी ले कर आती हूं । फिर आपका सेडुअल बताती हूं । । "
इतना बोल वे जाने को हुई, तभी उसके कानो में देवांश की सर्द आवाज़ पड़ती है । जिसके उसके कदम अपने आप रुक जाते है । वही देवांश अपनी चेयर से उठ दिशा के सामने आते हुए अपनी सर्द आवाज़ में ही बोला । ।
" मिस दिशा आपको मालूम है ना लेट आने वालो को सिर्फ और सिर्फ सजा मिलती है । तो बताइए आपको क्या सजा दिया जाए । । "
दिशा जैसे ही देवांश की बात सुनती है । उसके हाथ उसके कपड़ो पर कस जाते है । मगर फिर भी वे कुछ बोलती नही है । वही देवांश जब दिशा को कुछ बोलता हुआ नही देखता है तो वापस अपनी चेयर पर आ बैठते हुए दिशा को देख अपनी कड़क आवाज़ में बोला । । । ।
" मिस दिशा मेरे सामने आकर खड़े हो जाइए । । "
देवांश की बात सुनकर दिशा ना चाहते हुए भी चुप चाप देवांश की सामने जाकर खड़ी हों जाती है । वही देवांश जब दिशा को अपने सामने खड़ा हुआ देखता है तो अपनी उसी कड़क आवाज़ में दिशा से बोला । । । ।
" तो मिस दिशा आप पूरे दस मिनट लेट आई है । आपकी वजह से मैने अपनी आज की कॉफी भी मिस की और जो काम का लॉस हुआ, वे अलग । तो बताइए आपको क्या सजा दी जाए । । "
इतना बोल वे चुप हो जाता हैं । फिर दिशा को देखते हुए बोला । । । ।
" मिस दिशा दस मिनट लेट आने की आपकी सजा ये है कि आप इसी तरह बिना हिले डुले एक ही जगह पर पूरे एक घंटे खड़ी रहेंगी । अगर आपने यहां से हिलने की बिलकुल भी कोशिश की तो आपकी सजा बढ़ा दी जाएगी । । "
चैप्टर=16
देवांश ने जैसे ही दिशा को एक घंटे खड़े होने को कहा । वैसे ही दिशा की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई । लेकिन फिर भी वे कुछ बोलती नही है । क्योंकि उसे पता था कि अगर वे कुछ कहेगी तो देवांश उसकी सजा और बढ़ा देगा । इसलिए वे देवांश की बात मानते हुए वैसे ही खड़ी रहती है और मन ही मन देवांश को कोसने लगती है । ।
वही दुसरी तरफ कॉलेज में
रूही और परी एक के बाद एक क्लास लेने के बाद कैंटीन में आ गई थी । जहां अर्जुन पहले ही उनका वेट कर रहा था । रूही और परी अर्जुन को देख, अर्जुन के पास आ बैठ जाती है । तभी एक वेटर उनका फेवरेट डिश लेकर आ जाता हैं । जिसे देख रुही खुश हो जाती है और अर्जुन की तरफ देखते हुए बोली । ।
" तू सच में मेरा असली वाला दोस्त हैं । तूझे पता है मुझे बहुत ही तेज भूख लगा था । । "
इतना बोल वे खाने पर टूट पड़ती है । वही परी और अर्जुन उसे खाता हुए देख मुस्कुराते हुए खुद भी खाने लगते हैं । वही रूही खाते हुए बोली । ।
" अब जल्द से जल्द हमारा एग्जाम क्लीयर हो जाए । उसके बाद मैं एक अच्छी सी कंपनी में जॉब करूंगी । उसके बाद देखना, मै तुम सब को अपनी तरफ से बड़ी वाली पार्टी दूंगी । । "
इतना बोल वे दुबारा खाने लगती है । वही परी भी बोली । ।
" मै भी तेरे साथ जॉब करूंगी । जहां तू करेगी । । "
परी की बात सुनकर रूही बोली । ।
" तूझे क्या जरूरत है जॉब करने की , तू इतने अमीर परिवार से है । तूझे पैसों की क्या जरूरत । । "
रूही की बात सुनकर परी बोली । ।
" हर चीज़ सिर्फ पैसों के लिए थोड़ी की जाती है । बस मेरा भी मन है जॉब करने का तो मै भी करूंगी । । "
परी और रूही की बात सुनकर अर्जुन बोला । ।
" तुम लोग चिन्ता मत करो । हम तीनो एक ही कंपनी में एक साथ काम करेंगे । पर वहा मै तुम लोगो का बॉस रहूंगा । क्योंकि मै तुम दोनो को अपनी ही कंपनी में जॉब दूंगा । । "
अर्जुन की बात पर दोनो हंसने लगती है । पर कुछ कहती नहीं । नाश्ता करने के बाद तीनो साथ मे विला के लिए निकल जाते है । ।
रूही विला जाना तो नही चाहती थी । पर परी ने कहा कि इस समय उसके दोनो भाई वहा नही रहेंगे । ये बात सुनकर रूही जाने के लिए तैयार हो जाती है । ।
कुछ देर में तीनो विला पहुंचते हैं । इस समय हॉल में कोई नही था । जिसे देख परी रूही से कहती हैं । ।
" रूही तू यहीं बैठ, मै अभी चेंज करके आती हूं । । "
परी की बात सुनकर रूही सर हां मे हिला देती है । अर्जुन भी फ्रेश होने के लिए चला गया था । रूही वही हॉल में सोफे पर आराम से बैठ जाती है । तभी उसे प्यास लगने लगती है । जिसे महसूस कर रूही अपने आस पास देखती है तो सारे सर्वेंट कोई ना कोई काम कर रहें थे । जिसे देख रुही ख़ुद ही अपनी जगह से खड़ी हो पानी पीने के लिए कीचन की ओर जाने लगती है ।
वे कीचन की ओर जा ही रही की थी । तभी कोई उसका हाथ पकड़ उसे अपनी तरफ खींच कर दीवार से लगा देता है । वही रूही किसी के यू खींचने से डर जाती है और उसकी हल्की चीख निकल जाती है । लेकिन जब वे अपने सामने रुद्र को देखती है तो उसके होश उड़ जाते है और उसे कल की सारी बात याद आ जाती है कि किस तरह रूद्र ने उसे तकलीफ़ दी थी । जिसे याद कर रूही खुद को छुड़ाने लगती है । जिसे देख रूद्र रूही को देख बोला । ।
" शांत रूह, शांत, ज्यादा हिलने की कोसिश मत करो । वरना तकलीफ तुम्हे ही होगी । । "
रुद्र की बात सुनकर रूही शांत हो जाती है और रूद्र को देखते हुए बोली । ।
" तुमने मुझे इस तरह क्यू खींचा ? तुम मुझे बार बार परेशान क्यू कर रहें हो । । "
रूही की बात सुनकर रूद्र बोला । ।
" माय इनोसेंट रूह, मैने तुम्हे इतनी बार बताया है कि तुम मेरी हो लेकिन फिर भी तुम्हे कुछ समझ में नही आया । कोई बात नहीं जब मै इस बात को अच्छी तरह से साबित कर दूंगा । तब मै तुम्हे अच्छे से इस बात का मतलब समझाऊंगा । । "
रूही जिसका ध्यान रूद्र की बातो पर नही था । बल्की वे ये सोच रही की थी । वे रुद्र के कैसे बचे । तभी उसे एक आइडिया आता है और वे जोर से चिल्लाती है । ।
" परी । । "
इसी के साथ रूद्र की पकड़ रूही पर थोडी ढीली हो जाती है और वे रुद्र को धक्का दे , भागते हुए हॉल में आ जाती है । वही रूद्र जब देखता है कि रूही उसे धक्का दे भाग गई है तो उसके हाथो की मुट्ठीया बन जाती है क्योंकि ये लड़की हमेशा उसे गुस्सा दिलाने वाले काम करती थीं ।
वही हॉल में अब तक सब आ चुके थे । सुमन रूही को यू हांपता हुआ देख बोली । ।
" रूही तुम ठीक तो हो । तुम इस तरह हाफ क्यू रही हो । । "
रूही सुमन की बात सुनकर बोली । ।
" अरे आंटी कुछ भी नही । वे बस मै जल्दी जल्दी आ रही थी ना इसलिए । ।"
दादा जी रूही को देख बोले । ।
" रूही बिटिया कोई बात नही, तुम आओ यहां बैठो । वैसे भी मुझे एक बहुत ही इंपोर्टेंस न्यूज सुनानी है । । "
दादा जी की बात सुनकर रूही सोफे पर बैठ जाती है और रणवीर जी सुमन को देख बोले । ।
" बहु जाओ, सबको बुला लो । हां एक सर्वेन्ट को बोल रूद्र को भी बुला लेना । क्योंकि मुझे उसी के बारे में बात करनी है । । "
रणवीर की की बात सुनकर सुमन जी हां में सर हिला सबको बुलाने के लिए चली जाती है । कुछ देर बाद सब हॉल में मौजूद थे । सिवाय देवांश के । वही रूद्र अपने दादा जी को चुप देखकर अपनी रौबदार आवाज़ में बोला । ।
" दादा जी आपको जो बोलना है जल्दी बोलिए । मुझे और भी जरूरी काम है । । "
रुद्र की बात सुनकर दादा जी बोले । ।
" रुद्र मैने तुम्हारी शादी अपने सबसे अच्छे दोस्त की बेटी के साथ तय कर दी है और वे कल आ रही है । मै चाहता हूं कि तुम उसके शादी करो । । "
दादा जी की बात सुनकर रूद्र को काफी गुस्सा आ जाता हैं और वे बिना कुछ कहे वहा से उठ अपने रूम में चला जाता हैं । वही कामना रूद्र को जाता हुआ देख बोली । ।
" रुद्र ने ना नही बोला । इसका मतलब उसकी हां हुई । । "
वही रूद्र के डैड धीरज अपने पापा रणवीर को देख बोले । ।
" डैड मुझे मालूम था कि रूद्र आपकी कोई भी बात नही टालेगा । । "
इतना बोल वे मुस्कुराने लगते हैं । सब खुश थे कि रूद्र शादी के लिए मान गया । वही रूही भी रूद्र को शादी के लिए मानता देख खुद से ही बोली । ।
" थैंक्स गॉड, ये साइको शादी कर रहा है । अच्छा हुआ, कम के कम इस साइको से मेरा पीछा तो छूट गया । । "
इतना बोल वे खुश हो जाती है । वही परी और अर्जुन भी खुश होते हुए बोले । ।
" वाउ फाइनली भाई शादी कर रहें हैं । फाइनली हमे एक भाभी मिलने वाली है । भाभी के आने के बाद शायद हमारे शैतान भाई थोडे इंसान बन जाए । । "
अर्जुन की बात सुनकर सुमन जी उसके सर पर चपत लगा देती है । वही बाकी सब अर्जुन की बात पर हंसने लगते हैं ।
वही दुसरी तरफ रूद्र के कमरे में
रुद्र अपने कमरे में आ वहा पड़ी टेबल से फ्लावर पॉट उठा दीवार पर मारते हुए अपनी सर्द आवाज़ में बोला । ।
" दादा जी आपकी सारी बात मानता हूं । इसका मतलब ये नही की आप मेरी लाइफ का कोई भी डिसीजन इस तरह बिना मुझसे पूछे ले लेंगे । फिर आकर मुझ पर अपना हुकुम सुनाएंगे । आप ने ये बिलकुल सही नही किया दादा जी । । "
फिर अपने चेहरे पर एक मिस्टीरियस स्माइल लाते हुए बोला । ।
" दादा जी, आपकों जो करना था ,आपने कर लिया । पर अब मै जो करूंगा और जो करने वाला हु । वे चीज़ आपको बिलकुल पसंद नही आयेगी । आपकों शादी की जितनी तैयारियां करनी है कर लीजिए । पर अंत में होगा वही जो मै चाहता हूं । । "
इतना बोल वे एक डेविल स्माइल करने लगता है । ।
चैप्टर=17
देवांश के ऑफिस में
दिशा को उसी तरह खड़े रहते हुए पचास मिनट हो गए थे । वे अपनी नज़रे निचे कर खड़ी थी । उसने एक बार भी देवांश की तरफ नही देखा । एक ही जगह पर उसी पोजीशन में खड़े रहने से उसके पैरो में भी काफी दर्द हो रहा था । पर फिर भी वे कुछ नही बोलती और उसी तरह खड़ी रहती है । क्योंकि वे अपने बॉस के गुस्से के अच्छी तरह से वाकिफ थी ।
वही देवांश की नज़रे अपने काम के ज्यादा दिशा पर बनी हुई थी । वे दिशा की एक एक हरकत पर नज़र रख रहा था । उसकी नज़र दिशा के हल्के कांपते पैरो पर गई । जिसे देख वे अपनी चेयर से खड़ा हो दिशा के पास आने लगा । वही दिशा जो चुप चाप अपनी सजा पुरी कर रही थी । वे देवांश को खड़ा होते हुए देख डर जाती है । वही देवांश दिशा के करीब आ उसके बगल से चला जाता हैं । पर उसने दिशा के चेहरे पर डर नोटिस कर लिया था । जिसे देख उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है । क्योंकि वे यही तो चाहता था कि दिशा के अंदर उसके लिए थोड़ा बहुत डर बना रहे । वही दिशा देवांश को अपने बगल से जाता देख चैन की सांस लेती है ।
वही देवांश अपनी एक फाइल वापस अपनी चेयर के पास अपना काम करने जा ही रहा था कि उसकी नज़र दिशा के बैक पर चली जाती है । जिसे देख देवांश धीरे धीरे दिशा के पास आ उसके पीछे ही खड़ा हो जाता हैं । फिर वे धीरे से दिशा के खूबसूरत बालो को अपने हाथो में आराम से लेता है और उसे अपने चेहरे के करीब ला उसे सूंघने लगता हैं । इसी के साथ उसकी आंखे अपने आप बंद हो जाती है और वे दिशा के खुशबू मे खो सा जाता हैं । कुछ देर यू ही दिशा के बालो से खेलने के बाद देवांश दिशा के बालो को छोड़ दिशा के दुपट्टे को अपने हाथो में ले दिशा के दुपट्टे को अपने होठों से चूमते हुए अपने मन में कहता है । ।
" गुड गर्ल, जिस तरह आज मै तुम्हारे इन दुप्पटे को चूम रहा हूं । एक दिन ऐसा होगा, जब इन दुप्पटे के जगह तुम्हारे गुलाबी होठ होंगे । जिन्हे मै पुरी सिद्दत्त के साथ चूमऊंगा । । "
इतना सोच वे खुद मे ही मुस्कुराने लगाता है । वही दिशा उसे अपने दुप्पटे में थोड़ा खिंचाव महसूस होने लगता हैं । जिसे महसूस कर वे डर जाती है और तुरन्त पीछे पलटने को होती है । मगर वे पलट पाती उसके पहले ही उसके कदम लड़खड़ा जाते है और वे गिरने तो होती है लेकीन देवांश उसकी कमर को पकड़ उसे संभाल से खड़ा करते हुए अपनी सीरियस टोन में पूछता है । ।
" मिस दिशा क्या आप ठिक है । । "
देवांश की बात सुनकर दिशा अपना सर हिलाते हुए कहती हैं
। ।
" जी सर, थैंक्स यू मुझे बचाने के लिए । सर क्या अब मै जाऊ अपना काम करने क्यू की मेरी सजा पुरी हो गई । । "
दिशा की बात सुनकर देवांश अपनी चेयर पर बैठते हुए बोला । ।
" ओके, जाओ और मुझे मीटिंग के लिए रिपोर्ट करो । । "
देवांश की बात सुनकर दिशा तेजी के देवांश के कैबिन के बगल वाले कैबिन में चली जाती है और तुरन्त जा अपनी चेयर पर आराम से बैठ जाती है । फिर अपनी चप्पल उतार अपने पैरों को दुसरे चेयर पर रख अपनें छोटे छोटे हाथो से अपने पैरों को दबाने लगती है । वही देवांश अपने कैबिन में बैठा दिशा की एक एक हरकत को देख रहा था । क्युकी देवांश ने दिशा के कैबिन में सीटीवी लगा रखता था । जिसके वे उस सीटीवी को अपने लैपटॉप मे कनेक्ट कर दिशा की हर एक हरकत को नोटिस करता रहता था ।
वही दिशा कुछ देर अपने पैरों को दबाने के बाद अपनें काम मे लग जाती है । क्योंकि उसे अभी देवांश को मीटिंग के रिलेटिव अपडेट भी देनी थी । ।
इसी तरह काम करते करते ऑफिस टाइम ओवर हो जाता हैं और दिशा अपना पर्स ले ऑफिस से निकल जाती है । ।
कुछ देर बाद दिशा अनाथ आश्रम पहुंचती है और अपनें कमरे मे जाती है तो देखती है कि रूही पहले ही वहा पर सज सवर कर बैठी हुई है । जिसे देख दिशा आराम से सोफे पर बैठते हुए रूही को देख बोली । ।
" रूही तू इतना तैयार होकर क्यू बैठी है । तू कहीं जा रही है क्या । । "
दिशा की बात सुनकर रूही तुरन्त दिशा के पास आ उसके बगल में बैठते हुए तपाक से बोली । ।
" दी मै नही हम जा रहें हैं । मेरा मतलब की आप मेरे साथ चल रहीं हो गोलगप्पे खाने । क्युकी मुझे आज गोलगप्पे खाने का बहुत मन कर रहा है । कितना टाइम हो गया है ना दी, हमने साथ में गोलगप्पे नही खाए, चलिए आज खाकर आते हैं । । "
रूही की बात दिशा मना करके हुए बोली । ।
" रूही फिर कभी चलते हैं ना, आज मै बहुत थक गई हूं । आज मेरा कही जानें का मन नही है । । "
दिशा की बात सुनकर रूही रोने जैसी शखल बनाते हुए बोली । ।
" दी प्लीज चलो ना, हम कहीं पास मे ही खाकर वापस आ जायेंगे । प्लीज दी चलो ना, प्लीज दी, प्लीज । । "
रूही की बात सुनकर दिशा हार मानते हुए बोली । ।
" अच्छा बाबा चल, तू अपनी जिद मनवा कर ही रहती है । । "
इतना बोल वे फ्रेश होने के लिए चली जाती है । वही रूही दिशा को जाते हुए देख बोली । ।
" दी मै तो हु ही बेस्ट और अगर मै आपसे भी अपनी बात ना मनवा पाऊं । तब तो बेकार ही है मेरा होना । । "
इतना बोल वे ख़ुद मे ही हंसने लगती है । पर उसकी असली खुशी का कारण तो यही था कि उस साइको की शादी लग गई है । रूही इसी बात से खुश थीं और उसका आज पार्टी करने का मूड था । इसलिए वे दिशा को जबरदस्ती मना लेकर जा रही थी । ।
दिशा फ्रेश होकर आती हैं । उसके इस समय ब्लैक कलर की अनारकली सूट पहनी हुई थी । साथ में लाल दुप्पटा लिया हुआ था । जिसमे थोड़े बड़े बड़े शीशे लगे हुए थे । जिसके उस दुप्पटे की खूबसूरती के साथ साथ दिशा की भी खूबसूरती बढ़ गई थी ।
दिशा जल्दी से अपनी आंखो में हलका सा काजल और होठों पर हल्का सा पिंक लीप बॉम लगाती है और कानो में बड़े बड़े झुमके वाली बाली पहन, बालो को यू खुला छोड़ रेडी होकर, अपना पर्स उठा रूही को देख बोली । ।
" रूही चल अभी रात होने वाली है । हमे उसके पहले ही अनाथ आश्रम वापस आना है । । "
वही रूही जब दिशा को देखती है तो वे तुरन्त दिशा के पास जा अपनें हाथो से दिशा की नजर उतारते हुए बोली । ।
" दी आपंको किसी की नज़र ना लगे । आप सच में बहुत प्यारी और खूबसूरत लग रही है । बिलकुल किसी परी की तरह । । "
रूही की बात सुनकर दिशा मुस्कुराते हुए बोली । ।
" मुझसे कई ज्यादा खूबसूरत तू लग रही है । तूझे भी किसी की नज़र ना लगे । । "
दिशा के इतना बोलते ही दोनो के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है । इसी के साथ रूही और दिशा गोलगप्पे खाने के लिए मार्केट में चले जाते है । ।
वही दुसरी तरफ रूद्र एक क्लब के प्राइवेट रुम मे बैठा हुआ था । उसी के साथ उसका एसिस्टैंस अमन भी था । वही रूद्र के साथ बैठें सभी बिजनेसमैन के चेहरे पर पसीने के बूंदे थी । क्योंकि रूद्र ने उनके सामने इस तरह का प्रपोजल रखा हुआ था कि अगर वे रुद्र को ना तो हां बोल सकते थे ,ना ही ना । क्योंकि उन्होने अगर हां बोला तो उनके बिजनेस का डूबना निश्चित है और ना बोला तो उनकी जान एक झटके में ही चली जायेगी । । । ।
क्योंकि वे रुद्र को अच्छे से जानते थे । जो उसकी बात नही मानता वे सीधे ही इस दुनियां से चला जाता हैं । इसलिए सब काफी परेशान नज़र आ रहे थे । । । ।
तभी उस मीटिंग रूम का दरवाज़ा खुलता है और एक खुबसुरत सी और हॉट सी लडकी छोटे छोटे कपड़े पहन अपने हाथो में वाइन की बोतल लिए सीधा रूद्र के पास आ उसे गिलास मे वाइन सर्व करते हुए उसके गोद में बैठ उस गिलास को उसके होठों से लगा देती है । । । ।
वही रूद्र उस लड़की को अपने गोद में बैठता हुआ देख और वाइन अपने होंठों से लगाता हुआ देख गुस्से से उस लड़की को धक्का दे देता है । पर वे लड़की खुद को संभाल दुबारा रूद्र को सेड्यूस करने लगती है । । । ।
चैप्टर=18
वही रूद्र उस लड़की को अपने गोद में बैठता हुआ देख और वाइन अपने होंठों से लगाता हुआ देख गुस्से से उस लड़की को धक्का दे देता है ।
रुद्र के धक्का देते ही वे लडकी खुद को संभाल लेती है और दुबारा रूद्र के पास जा रूद्र के सीने पर अपनी उंगलियां चलाते हुए रुद्र को सेड्यूस करते हुए बोली । ।
" मिस्टर सिंघानिया, एक बार मुझे मौका तो दीजिए । यकीन मानिए मेरा मै आपको निराश होने का कोई मौका नही दूंगी । । "
इतना बोल वे सबके सामने रुद्र के होठों की ओर बढ़ने लगती है । मगर वे रुद्र के होंठों के क़रीब भी जा पाती । तभी उसकी दर्द भरी चीख सबके कानो में सुनाई पड़ती है । क्युकी रूद्र ने उसके उसी हाथ पर गोली मारी थी । जिस हाथ से उस लड़की ने रूद्र को छुआ था । वही वे लडकी अपने हाथो को पकड़े जमीन पर दर्द से तड़प रही थी । तभी रूद्र अपनी चेयर से उठा और उस लड़की के उसी हाथ पर अपने पैर रख उसे बेदर्दी से मसलते हुए बोला । ।
" आज गलती कर दी । पर दुबारा कभी भी रूद्र सिंघानिया तो छूना तो क्या उसके करीब आने के पहले भी हजार बार सोच लेना । क्योंकि इस रूद्र सिंघानिया को छुने का, उसके करीब आने का , उसे प्यार करने का, उसके साथ कुछ भी करने का हक सिर्फ और सिर्फ उसकी इनोसेंट रूह का है । तुम जैसी बाजारू लड़कियों का नही । । "
इतना बोल वे उसके हाथ से अपने पैरों को हटा लेता है और बॉडीगार्डस को बुलाते हुए कहता है । ।
" इस कचरे को उठा कर बाहर फेंको । क्योंकि मुझे गंदगी बिलकुल भी नहीं पसंद । । "
इतना बोल वे किंग की तरह आकर अपनी चेयर पर बैठ जाता हैं । वही बॉडीगार्डस उस लड़की को उठा लेकर चलें जाते है । अमन ये सब देख मन में ही बोला । ।
" ये बॉस ना, एक दिन सच में मुझे हार्ट अटैक ही दिलवा देंगे । । "
इतना बोल वे अपने माथे पर पसीने की बूंदे साफ करने लगता है । ।
वही रूद्र उन सभी बिजनेसमैन को देखते हुए अपनी खतरनाक आवाज़ में बोला । ।
" तुम सभी को मेरी लास्ट वार्निंग है । जिसे साइन करना है करे और जिसे नही साइन करना है वे भी मुझे अच्छे से बताए । क्युकी मेरे पास सबकी परेशानियों का हल है । । "
इतना बोल वे सभी बिजनेसमैन को अपनी खतरनाक निगाहों से देखने लगता हैं । वही सभी बिजनेसमैन रूद्र की खतरनाक नजरो और अभी जी कुछ भी थोड़ी देर पहले हुआ, उसे याद कर जल्दी से साइन कर देते हैं । वही साइन होते ही रुद्र के चेहरे पर डेविल स्माइल आ जाती है और वे अमन को सभी पेपर लेने को बोल बाहर की ओर चला जाता हैं । वही अमन सभी बिजनेसमैन से साइन किए हुए पेपर जल्दी से ले , भागते हुए अपनें शैतान बॉस के पीछे पीछे चला जाता हैं । ।
वही दुसरी तरफ मार्केट में
रूही और दिशा दोनो मार्केट पहुंच चुके थे । मार्केट में उन दोनो को गोलगप्पे का ठेला भी दिख गया । जिसे देख रुही बोली । ।
" दी चलो गोलगप्पे का ठेला उस तरफ है । । "
इतना बोल रूही दिशा का हाथ पकड़ रोड के उस तरफ आ जाती है और गोलगप्पे वाले के ठेले की तरफ जानें लगती है । तभी उसे एक चूड़ी वाला दिख जाता हैं । जो रंग बिरंगी बहुत सारी रंग की चूड़ियां ले जा रहा था । जिसे देख रुही दिशा को देख जल्दी से बोली । ।
" दी गोलगप्पे हम थोड़ी देर बाद खा लेंगे । चलिए ना पहले चूड़ी ले लेते हैं । । "
रूही की पर दिशा कुछ बोलती उसके पहले ही रुही उस चूड़ी वाले के पास जा उसे रोकते हुए बोली । ।
" अरे चूड़ी वाले भईया रुक जाईए । मुझे चूड़ी लेनी है । । "
किसी की आवाज़ सुन वे चूड़ी वाला रुक जाता हैं । वही दिशा भी अब तक रूही के पास पहुंच चुकी थी । वही चूड़ी वाला रूही और दिशा को देख मुस्कुराते हुए बोला । ।
" जी दीदी, बोलिए आपको कौन सी चूड़ियां चाहिए । । "
इतना बोल वे मुस्कुराते हुए रूही और दिशा को एक के बाद एक चूड़ियां दिखाने लगता हैं । ।
वही दुसरी तरफ इसी रोड पर ट्रैफिक जाम लगा हुआ था । उसी के साथ रूद्र और देवांश दोनो की कार आकर इस भीड़ में फंस गई । जिसे देख रूद्र गुस्से में ड्राइवर से बोला । ।
" ये किस रोड से लेकर आए हो तुम गाड़ी , यहां कितना ट्रैफिक लगा हुआ है । जल्दी इस भीड़ से गाड़ी निकालो । मुझे एक ही काम नही है कि मै इस भीड़ के खत्म होने का इंतेजार करू । । "
वही ड्राइवर रूद्र की बात सुनकर डर जाता हैं और रूद्र को देखते हुए बोला । ।
" जी बॉस, मै जल्दी इस भीड़ से गाड़ी निकालने की कोशिश करता हूं । । "
इतना बोल वे मन ही मन जल्दी से ट्रैफिक खत्म होने का इंतेजार करने लगा । वही रूद्र जो शीट पर अपना सर टिकाए आंखे बन्द किए हुए था । उसकी आंखे अचानक ही खुल जाती है क्योंकि उसे ऐसा लगा की उसने अपनी रूह को देखा है । इस बात का अहसास होते ही रुद्र अपनी आंखे खोल बाहर की ओर देखने लगता हैं । लेकीन जैसे ही वे बाहर का नज़ारा देखता है वैसे ही उसकी आंखो में खून उतर आता है । । । ।
वही दुसरी तरफ रूही अपने हाथो में चूड़ी वाले से नीली चूड़ियां पहनते हुए बोली । ।
" भईया ये जो लाल वाली चूड़ियां है ना वे आप दी को पहना दीजिए । । "
वही चूड़ी वाला मुसकुराते हुए बोला । ।
" जी जी मैडम जी । । "
उसने इतना बोला ही था कि एक जोरदार पंच उस चूड़ी वाले के मुंह पर पड़ता है और वे धड़ाम की आवाज़ के साथ जमीन पर जा गिरता है । ।
वही रूही और दिशा ये देख अपने मुंह पर हाथ रख लेती है । लेकीन जैसे ही उनकी नज़रे रूद्र की लाल आंखो पर जाती है , दोनो डर के एक दुसरे के हाथो को पकड़ लेती है । वही रूद्र उस चूड़ी वाले के मुंह पर पंच मारते हुए बोला । ।
" तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी रुह को चूड़ी पहनाने की, तेरी हिम्मत कैसे हुई उसे छूने की । । "
इतना बोल वे फिर से उस चूड़ी वाले को मारने लगता हैं । वही रूही रोते हुए बोली । ।
" दी ये साइको इस चूड़ी वाले को क्यू मार रहा है ? प्लीज उसे रोको । वरना वे उस चूड़ी वाले को मार देगा । दी प्लीज कुछ करो । । "
रूही को रोता हुआ देखकर दिशा उसे शांत कराते हुए बोली । ।
" रूही तू शांत हो जा, मै कुछ करती हूं । । "
इतना बोल वे रूद्र से बोली । ।
" देखिए प्लीज उसे मत मरिए । उसकी कोई गलती नही है । वे तो बस अपनी चूड़ियां बेच रहा था । । "
लेकीन रूद्र के कानो में तो जैसे दिशा की कोई आवाज़ ही नही पड़ रही थी । उसकी आंखो के सामने बस इस चूड़ी वाले का रूही को चूड़ी पहनाना ही आ रहा था । जिसे याद कर उसे और गुस्सा आने लगता हैं और वे और भी बेरहमी से उस चूड़ी वाले को मारने लगता हैं । अब तक वहा काफी भीड़ भी जमा हो चुकी थी । पर कोई भी आगे आ रुद्र को रोकने की कोशिश नही कर रहें थे । क्युकी रूद्र का ओरा ही ऐसा था जो लोगो को डराने के लिए काफी था । यहां तक की अमन भी अपने चेहरे पर चिन्ता के भाव लिए रूद्र के शैतानी रूप को देख रहा था । ।
वही दुसरी तरफ देवांश जो ट्रैफिक मे फंसा हुआ था । जब उस तरफ बहुत भीड़ देखता है तो उसकी नज़र भी उस तरफ चली जाती है । तभी उसे रूद्र की हल्की झलक दिखाई देती है जो किसी को मार रहा था । जिसे देख देवांश खुद से ही कहता है । ।
" क्या ये रूद्र भाई ही थे । पर रूद्र भाई कब से इस तरह बीच सड़क पर लोगो को पागलों की तरह मारने लगे । मुझे जाकर देखना चाहिए कि ये रूद्र भाई ही है या कोई और । । "
इतना बोल वे गाड़ी से उतर उस तरफ चला जाता हैं । लेकीन वहा पहुंच वे जैसे ही रुद्र को सच में किसी को मारता हुआ देखता है तो भागता हुआ रूद्र के पास जा उसे रोकते हुए बोला । ।
" भाई प्लीज रुक जाईए । ये आप क्या कर रहें हैं । आप इसे क्यू मार रहे हैं । । "
लेकीन रूद्र देवांश की भी कोई बात नही सुनता और लगातार उस चूड़ी वाले को मारता रहता है । उस चूड़ी वाले का काफी सारा खून भी अब तक बह गया था । ।
चैप्टर=19
अब आगे
लेकीन रूद्र देवांश की भी कोई बात नही सुनता और लगातार उस चूड़ी वाले को मारता रहता है । उस चूड़ी वाले का काफी सारा खून भी अब तक बह गया था । ।
दिशा जैसे ही देवांश को देखती है । वे तुरन्त देवांश के पास जा उसका हाथ पकड़ हिलाते हुए कहती हैं । ।
" सर अच्छा हुआ आप आ गए । प्लीज इन्हे रोकिए, वरना वे मर जायेगा । । "
वही देवांश जो रूद्र को रोकने की कोशिश कर रहा था । दिशा के यू उसके हाथ को पकड़ हिलाता हुआ देख उसका भी ध्यान दिशा पर चला जाता हैं । जब वे दिशा को अपना हाथ खुद से पकड़ते हुए देखता है तो वे काफी खुश हो जाता हैं और उसकी नज़र अपने हाथ पर ही थी । जो अभी भी दिशा ने पकड़ा हुआ था । उसके कानो में दिशा की बात को पहुंच रही थी । पर उसका दिमाग दिशा की बातो को मानने के ज्यादा उसके हाथो को देखने को कह रहा था ।
वही दिशा जब देवांश को अपनी बात सुनता हुआ नही पाती है तो वे देवांश का हाथ छोड़ थोडी तेज आवाज़ में कहती हैं । ।
" सर, प्लीज उन्हे रोकिए । वे आपके भाई है ना, वे आपकी बात जरूर मानेंगे । । "
दिशा की तेज आवाज़ सुन देवांश होश में आता है और दिशा को देख सीरियस टोन में कहता है । ।
" मिस दिशा आप चिन्ता मत करिए । मै भाई को रोकता हूं । । "
इतना बोल वे रूद्र के पास जा रूद्र को पकड़ उसे रोकते हुए कहता है । ।
" बस भाई, बस कीजिए । आप इसकी जान यहीं ले लेंगे क्या ? ? "
रुद्र देवांश से खुद को छोड़वाते हुए कहता है । ।
" हां, आज मै यही पर इसकी चिता बनाऊंगा । इसकी हिम्मत कैसे हुई, मेरी रुह को छुने की । । "
देवांश को रूद्र की कही हुई बात समझ में तो नही आई । लेकीन फिर भी वे रुद्र को शांत कराने की कोशिश कर रहा था
। । । ।
वही दिशा और रूही जैसे ही देखती है कि रूद्र ने उस चूड़ी वाले को छोड़ दिया है । वैसे ही वे दोनो भागते हुए उस चूड़ी वाले के पास जाती है । रूही उस चूड़ी वाले को देख दिशा से कहती हैं । ।
" दी इनकी हालत तो बहुत खराब है । हम इन्हे जल्दी से हॉस्पिटल लेकर चलते हैं । । "
रूही की बात सुनकर दिशा भी जल्दी से अपना सर हिला देती है और चूड़ी वाले लड़के के दोनो हाथो को पकड़ उसे जैसे ही ही अपने कंधो पर रखने वाली थी । वैसे ही रुद्र और देवांश दोनो उस चूड़ी वाले लड़के को अपनी तरफ खिंच उसे अपने बॉडीगार्डस को दे कर उसे हॉस्पिटल ले जानें को बोलते हैं ।
फिर दिशा और रूही दोनो को अपनी अपनी जलती हुई निगाहों से देखने लगते हैं कि आख़िर इन लड़कियों की हिम्मत भी कैसे हुई, उस लडको को उनके ही आंखो के सामने छूने की । ।
वही रूही और दिशा किसी को इस तरह उस चूड़ी वाले को खींचता हुआ देख अपनी नज़रे उठा देखती है तो रूद्र और देवांश की खतरनाक नजरो को देख दोनो डर जाती है । लेकीन फिर भी दिशा खुद को संभालते हुए बोली । ।
" रूही चल जल्दी, वरना हमे अनाथ आश्रम पहुंचने में लेट हो जायेगा । । "
रूही भी रूद्र की खतरनाक नजरो को और उसे इस तरह उस चूड़ी वाले लड़के को बेरहमी से मारता हुआ देख काफी ज्यादा डर गई थीं । इस लिए वे भी दिशा के हाथो को काफी मजबूती मे पकड़ जानें के लिए हां में अपना सर हिला देती है । पर दोनो अभी जाने के लिए अपना पहला क़दम भी बड़ा पाती । तभी रूद्र रूही का हाथ पकड़ते हुए बोला । ।
" रुह तुम कहीं नही जाओगी । अगर कहीं जाना भी है तो मेरे साथ जाओगी । । "
रुद्र की बात सुनकर और उसे अपना हाथ यू पकड़ता हुआ देख कर रूही अपना हाथ दिशा के हाथ पर कस और दुसरा हाथ रूद्र से छुड़वाते हुए बोली । ।
" नही मुझे तुम जैसे जानवर के साथ कही नही जाना छोड़ो मुझे, छोड़ो । । "
इतना बोल वे रूद्र से अपना हाथ छुड़वाने लगती है । वही दिशा भी रुही पर अपनी पकड़ कसते हुए रुद्र से गुस्से में बोली । ।
" ये क्या बात्मीजी हैं ? आप ऐसे कैसे रुही का हाथ पकड़ सकते है । जब वे आपसे साथ नही जाना चाहती तो आप उसके साथ जबरदस्ती नही कर सकते । । "
इतना बोल वे रुही को अपनी ओर खींचने लगती है । वही दिशा की बात सुनकर रूद्र अपनी जलती हुई निगाहों से देवांश को देखते हुए बोला । ।
" तुम कुछ करोगे या मै कुछ करवाऊं । क्योंकि मै अगर कुछ करवाऊंगा, तो वे तुम्हे बिलकुल भी पसन्द नही आयेगा । । "
रुद्र ने जिस वे मे ये बात बोली थी । देवांश समझ जाता है कि रूद्र आख़िर में कहना क्या चाहता है । इसलिए वे दिशा के पास जा दिशा के हाथो को पकड़ बोला । ।
" मिस दिशा रुही के हाथो को छोड़ दीजिए । । "
देवांश की बात सुनकर रूही और दिशा शॉक हो जाती है । जिस इन्सान को अपने भाई को समझाना चाहिए कि वे ये सब ना करे । वही इन्सान उसे रुही को छोड़ने के लिए बोल रहा है । देवांश की बात सुनकर दिशा अपने गुस्से को कंट्रोल कर अपने शब्दो पर जोर देते हुए बोली । ।
" सर, ये आप कैसी बाते कर रहें हैं । प्लीज इस तरह की बाते मत कीजिए । मै रुही को नही छोड़ऊंगी और ना ही इस आदमी के साथ कही जानें दूंगी । । "
रुही भी दिशा का हाथ पकड़ते हुए बोली । ।
" दी प्लीज मुझे आश्रम जाना है । प्लीज मुझे जल्दी ले चलो । । "
रुही की बात सुनकर दिशा अपना सर हां मे हिलाते हुए बोली । ।
" हां, चल हम चलते हैं । । "
इतना बोल वे रूही का हाथ पकड़ आगे बढ़ने को हुई कि रूद्र की खतरनाक नज़रे देवांश को अपने ऊपर महसूस होने लगी । जिसे देख देवांश एक नज़र रूद्र को देखने के बाद, वे आगे बढ दिशा का हाथ तेजी से पकड़ एक झटके में उसे अपनी ओर खींचता है । जिसके दिशा संभल नही पाती और सीधा देवांश के सीने से टकरा जाती है । साथ ही साथ उसके हाथ से रुही का हाथ भी छूट जाता हैं । ।
वही रुही जिसने तेजी से दिशा का हाथ पकड़ा हुआ था । अचानक अपना हाथ दिशा के हाथ से छूटता हुआ देख और किसी को खुद की तरफ खींचता देख रुही को समझ में ही नही आता कि उसके साथ हुआ क्या ? ? बस उसे अभी इतना समझ आ रहा था कि उसे किसी ने काफी तेजी से पकड़ा हुआ है । जिसे महसूस कर वे अपनी आंखे खोल कर देखती है कि वे किसी के मजबूत सीने से लिपटी हुई है । जिसे महसूस कर उसे समझ आ जाता हैं कि ये कोई और नही रूद्र ही है क्योंकि रूद्र के परफ्यूम की स्ट्रॉन्ग खुशबू से वे रुद्र को पहचान गई थी । जिसे महसूस कर उसका सारा शरीर डर के मारे कांपने लगता है और उसके सामने आज रूद्र ने जिस तरीक़े के उस चूड़ी वाले लडके को मारा, वे पल घूमने लगता हैं । जिसे महसूस कर रुही खुद को छुड़वाते हुए बोली । ।
" छोड़ो मुझे, छोड़ो, तुमने मुझे क्यू पकड़ा है । तुम एक जानवर हो ,शैतान हो, छोड़ो मुझे । । "
ये सब बोलते हुए रुही की आंखे नम हो जाती है । वही रूद्र रुही की बात सुनकर उसे अपनी बाहों के आजाद कर रुही को एक नज़र देख, उसका हाथ पकड़, उसे अपनें साथ ले जानें लगता है । जिसे देख रुही रोते हुए बोली । ।
" मुझे कहा लेकर जा रहें हो । छोड़ो मेरा हाथ छोड़ो । दी, दिशा दी बचाओ मुझे । मुझे इसके साथ नही जाना । । "
वही दुसरी तरफ दिशा जो खुद किसी को यू अचानक खींचने से शॉक मे थी । रूही की आवाज़ सुन वे होश में आती हैं और खुद को देवांश की बाहों में देख हैरान हो जाती है । लेकीन फिर वे जल्दी से देवांश को दूर होने को होती है कि उसे महसूस होता है कि देवांश ने उसकी क़मर को काफी मजबूती से पकड़ा हुआ है । जिसे महसूस कर दिशा खुद को छुड़वाते हुए गुस्से से बोली । ।
" सर छोड़िए मुझे, आप ये क्या कर रहें हैं । आपने मुझे क्यू पकड़ा हुआ है । प्लीज छोड़िए मुझे । । "
वही देवांश जो दिशा को अपनी बाहों में जकड़ बेहद सुकुन के साथ दिशा को इतनी देर से महसूस कर रहा था । दिशा के यू चिल्लाने की वजह से वे होश में वापस आता है । । । ।