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Shaadi : Ek Anchaha Rishta

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क्या कभी एक बार प्यार हो जाने के बाद दोबारा प्यार हो सकता है,,,? वैसे शादी एक ऐसा रिश्ता है जहां एक लड़की अपना घर अपने मां बाप अपने भाई बहन सब को छोड़ कर एक नई दुनिया, एक नया घर बसाने चल देती है,,,, किसके भरोसे,,? एक अनजान शख्स के भरोसे,,,,, एक ऐसे...

Total Chapters (5)

Page 1 of 1

  • 1. Shaadi : Ek Anchaha Rishta - Chapter 1

    Words: 1199

    Estimated Reading Time: 8 min

    वैलकम टू दी रघुवंशी फैमिली






    किचन में लेडीज़ की चहल पहल सुबह सुबह ही होना शुरू हो गई थी और ये आज नई बात नहीं थी रोज़ सुबह का नियम था रघुवंशी फैमिली की लेडीज़ का किचन में प्यार से पूरे घर के लिए नाश्ता बनाना,,,,।


    किचन में खड़ी ये चार लेडीज़ बहुत ही खूबसूरत और सुलझे मिज़ाज की हैं शैलजा जी इस घर की सबसे बड़ी बहू,,, नहीं वो यहां किचन में नहीं है वो तो सुबह सुबह बस एक ही जगह दिखाई देती हैं,,,, मंदिर में,,,,।


    शैलजा जी इस घर की न सिर्फ बड़ी बहू बल्कि सबसे सरल स्वभाव और शांत मिज़ाज की महिला हैं,,,, इनके दो बेटे और एक बेटी है बेटी छोटी है और फिलहाल यूनिवर्सिटी में मास्टर्स कर रही है,,,,।

    किचन में खड़ी बाकी की महिलाएं अनुराधा जी ये इस परिवार के दूसरे बेटे आनंद रघुवंशी की धर्मपत्नी हैं जो समझदार और थोड़ी सी तेज़ हैं लेकिन दिल की बहुत साफ हैं,,, ये हमेशा अपनी बड़ी दीदी यानी शैलजा जी की हर तरीके से मदद करती हैं,,,, और बेहद खुश मिज़ाज महिला हैं,,,,।


    अब मिलते हैं इनसे  ये जो किचन में अनुराधा जी के पास खड़ी चुप चाप मुस्कुरा रही हैं इनका नाम है निधी ये हैं रघुवंशी परिवार के छोटे बेटे आनंद जी के छोटे भाई की धर्मपत्नी,,,, चुलबुली सी उम्र बेशक 38 की हो लेकिन बचपना कम नहीं हैं इन में,,,।


    और आस पास खड़ी हैं अनुराधा और निधी की बेटियां।
    आरवी तान्या ये अनुराधा जी की बेटियां हैं नित्या ये निधी की इकलौती बेटी है,,, जिनकी उम्र लगभग बराबर ही बस आरवी 19 साल की है वहीं तान्या 16 और नित्या 15 साल की है,,,।



    नित्या स्लैब पर बैठी हुई -" बड़ी मां देखिए,,, आज संडे है फिर भी मम्मा ने इतनी जल्दी उठा दिया,,,,अरे ये सोने क्यों नहीं देती,,,,।"

    नित्या की बात सुन अनुराधा जी हस्ते हुए चाय के कप ट्रे में रखते हुए -" ताकि मॉर्निंग में हम सभी मिलकर पूरी फैमिली के साथ एंजॉय कर सके,,।"

    निधी अनुराधा से -" सिखाइए उसे कुछ दीदी,,,, मैं तो थक गई इसे समझाते समझाते,,,।"

    अनुराधा जी हस्ते हुए -" अरे छोड़ो भी निधी,,, अभी बच्ची ही तो है,,,,।"
    निधी पोहा बनाते हुए -" आपने इसे बिल्कुल बिगाड़ दिया है,,,,।"

    तभी तान्या निधी के कानों में बोली -" छोटी मां,,, पोहा थोड़ा टेस्टी बनाएगा,,, आपके बॉयफ्रेंड को पोहा ज्यादा पसंद है,,,,।"
    कहकर हस्ते हुए भाग गई ।

    निधी उसकी बात सुन हसने लगी तभी अनुराधा बोली -" अब कौन किसे बिगाड़ रहा है। "

    निधी फिर हस दी तभी आरवी बोली -" मां,,,, अधीर भाई कब आ रहे हैं,,,,?"

    अनुराधा जी -" उसकी फ्लाइट 9 बजे लैंड करने वाली है आता ही होगा,,,,।"

    आरवी हां में सिर हिला देती है फिर कहती है -" मां अम्बर दी,,, कब आयेंगी कितने दिनों से उन्हें देखा नहीं है,,,,।"

    अनुराधा जी कुछ कहती इस से पहले ही शैलजा जी  कीचन में आते हुए -" उसका न आना ही बेहतर है इस घर में ,,, यहां की शांति भंग करने में कोई कसर नहीं छोड़ती है,,,,।"

    शैलजा जी की बात सुन अनुराधा जी -" दीदी आप हमारी अम्बर के लिए ऐसे न कहिए,,,,, सबकी लाडली है वो,,,।"

    निधी भी बोली -" हां जिनसे पूरा परिवार डरता हैं उनको भी परेशान करने में कोई कमी नहीं करती हमारी अंबर,,,।"

    सब हस दी

    तभी शैलजा जी बोली -" इस साल उसके मास्टर्स कंप्लीट हो जाएगी,,, फिर जल्द घर आजाएगी,,,।"
    कहते हुए शैलजा जी मुस्कुरा दी ।

    तभी अनुराधा जी बोली -" कुछ भी कहिए दीदी,,, अंबर इस परिवार की जान है उसके बिना रघुवंशी परिवार अधूरा ही है,,, बिल्कुल अपने पिता,,,बड़े भाई साहब की जेरॉक्स है वो,,,।"


    अनुराधा जी की बात सुन शैलजा जी खामोश हो गईं उनके चेहरे की मुस्कान चली गई तभी आरवी ने अनुराधा जी को इशारा किया ।

    अनुराधा जी बात संभालते हुए -" अरे दी चलिए न अभी हमारे शहज़ादे आने वाले हैं,,,,,।"

    कहते हुए सब बातें करने लगे और कीचन से बाहर चले गए नाश्ते की टेबल पर सब सेट कर दिया,,,।










    वहीं दूसरी ओर




    लंडन




    यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंडन








    एक लड़की बाइक पर सवार तेज़ रफ्तार में अपनी बाइक भगाए जा रही थी तभी उसका फ़ोन रिंग हुआ उसके कानों में ब्लूटूथ लगे हुए थे उसने कॉल रिसीव की और बस हम्म में रिप्लाई कर कॉल डिस्कनेक्ट कर दी,,,।

    वह लड़की अपनी यूनिवर्सिटी के मेन गेट के सामने अपनी बाइक रोक  दी उसके सिर पर अभी भी हेलमेट लगा था ।

    उसकी बाइक आती देख गेट पर परेशान सी खड़ी दूसरी लड़की जो शायद उसी का वेट कर रही थी वहां उसकी बाइक की ओर बढ़ कर बोली -" एबी,,, इनफ,,, आईएम टेलिंग यू अगर तू डेली इसी तरह लेट होती रही तो यूनिवर्सिटी हमें धक्के मार कर बाहर निकाल देगी,,,,।"




    एबी उर्फ अंबर रधुवंशी,,,,
    अपना हेलमेट उतार कर बाइक से उतरते हुए -" अरे वाह,,, जैनेट,, तुम्हारी हिंदी में काफी सुधार है,,,।"

    जैनेट ये अंबर की इकलौती फ्रैंड थी क्योंकि अंबर के वियर्ड नेचर के कारण उस से कोई दोस्ती तो दूर बात करना भी ठीक नहीं समझता था।

    जैनेट -" ओह कम ऑन,,, चल अब क्लास के लिए लेट हो रहा है ,,, सुना है आज नए प्रोफ़ेसर आए हैं,,,,।"


    अंबर टेड़ी मुस्कान के साथ -" चलो फिर देखते हैं,,,,।"


    जैनेट अंबर के साथ अपनी क्लास की ओर बढ़ गई,,,।


    क्लास में अभी कोई प्रोफेसर नही था जैनेट और अंबर दोनों लास्ट बेंच पर जाकर बैठ गईं अंबर लापरवाही से बैठी सीट को बजा रही थी तभी जैनेट बोली -" यस्टरडे नाइट के मैटर का क्या हुआ,,,?"

    जैनेट की बात सुन अंबर ने जैनेट की ओर देख लापरवाही से -" मैटर क्लोज्ड,,,।"

    जैनेट हैरानी से -" एबी,,, प्लीज़ डॉन्ट डू थिस टाइप ऑफ थिंग्स अगेन एंड अगेन,,,, यू नो न ये कितना डैंजरस है,,,,।"

    अंबर जैनेट की ओर देख -" डेंजर जॉन में रहने का मज़ा ही कुछ और है,,,, ( जैनेट के फेस के पास आते हुए ) हैन माय स्वीटहार्ट,,,।"

    जैनेट अंबर का फेस अपने फेस से दूर करते हुए -" यक,,,, सटे अवे,,,,।"

    अंबर हसने लगी,,।


    तभी क्लास में प्रोफ़ेसर ने एंट्री ली जिसे देख कर क्लास में हलचल शुरू हो गई सभी स्टूडेंट्स आपस में प्रोफ़ेसर के लुक्स देख कर कुछ न कुछ बातें करने लगे,,,।

    अंबर ने भी नजरें प्रोफ़ेसर की ओर की तो बस देखती ही रह गई उसके हार्ट की एक बीट मिस हो गई और चेहरे पर टेड़ी मुस्कान फिर आ गई,,,,।


    अंबर ने अपनी गहरी सर्द लापरवाही से भरी हुई तेज़ आवाज में कहा -" प्रोफ़ेसर होकर इतना लेट वो भी फर्स्ट डे,,, जब प्रोफेसर ऐसे हैं तो स्टूडेंट्स को क्या सिखाएंगे,,,,।"

    अंबर की आवाज़ ने पूरे क्लास को खामोश कर दिया प्रोफ़ेसर की नज़र जो पहले ही  अम्बर पर थी अंबर की बात सुन उसकी आँखें मुस्कुरा दी और चेहरे पर हल्की टेड़ी मुस्कान आ गई,,,।

    प्रोफेसर ने अपनी बेहद आकर्षक सर्द गहरी आवाज़ में कहा -" तुम जैसे स्टूडेंट्स को कुछ लेसंस सीखने में लेट हो गया,,,, मिस,,,,?"

    अम्बर दूर खड़े प्रोफ़ेसर की नजरों को अपनी नजरों से पकड़ते हुए -" अम्बर रधुवंशी,,,,,।"

    प्रोफेसर मुस्कुरा दिया और खुदको इंट्रोड्यूस करते हुए बोला -" हैलो स्टूडेंट्स,,,, आईएम अग्नि प्रताप सिंह राठौर एंड आई एम योर ह्यूमन डेवलपमेंट सब्जेक्ट प्रोफ़ेसर,,,।"


    अम्बर के चेहरे की मुस्कान अग्नि के नाम से बढ़ गई अग्नि की नज़रें अंबर पर ही थीं।


















    **********



    जय महाकाल

  • 2. Shaadi : Ek Anchaha Rishta - Chapter 2

    Words: 1295

    Estimated Reading Time: 8 min

    अग्नि क्लास लेकर क्लास के बाहर की ओर बढ़ गया तभी उसके कानों में आवाज़ पड़ी ,,।

    प्रोफ़ेसर,,,!

    ये आवाज़ सुन अग्नि के होठों की कनारे ऊपर की ओर हो गए उसकी आँखें और सर्द हो गईं,,,।

    अग्नि मुड़ा सामने अम्बर खड़ी उसे ही देख रही थी,, अम्बर अग्नि की ओर बढ़ी और ठीक उसके सामने आकर खड़ी हो गई,,, अम्बर  बेखौफ अग्नि की आंखों में देख रही थी,, वहींं अग्नि अम्बर के तेवर देख हल्का मुस्कुरा दिया।

    अग्नि अपनी गहरी शांत आवाज़ में -" येस मिस रधुवंशी,,,।"

    अम्बर -" एबी,,,,, ( अग्नि की भौं चढ़ गईं ) यू कैन कॉल मि एबी,,,,यहां सब मुझे इसी नेम से बुलाते हैं,,!"

    अग्नि अम्बर की बात सुन -" सॉरी मिस रधुवंशी बट वी आर नॉट दैट मच क्लॉज,,,"

    अम्बर अग्नि के करीब आकार -" तो नज़दीकियां बढ़ा लेते हैं प्रोफ़ेसर,,, तुम चाहो तो,,।"

    अग्नि एक कदम पीछे हटते हुए -" तुम,,,, तुम्हें नहीं लगता तुम पहली मुलाकात में ज्यादा फ्रैंक हो रही हो मुझ से,,,, ऑफ्टर ऑल आईएम योर प्रोफेसर शो सम रिस्पेक्ट,,,।"

    अम्बर अग्नि की बात सुन हल्का हस दी और उसे ऊपर से नीचे देख कर वापस उसकी आंखों में देखते हुए बोली -" उम्र से तुम 27 28 साल के लगते हो तो तुम्हें आप कहना ,,, ऊहू मुझे पसंद नहीं आएगा,,,, और रही बात रिस्पेक्ट की,,, वो दिल से की जानी चाहिए अल्फाजों से सिर्फ फॉर्मेलिटी की जाती है,,, ।"

    अग्नि अम्बर की बात सुन मुस्कुरा दिया और वहां से जाने लगा तभी अम्बर ने रोकते हुए बोला -" प्रोफ़ेसर,,, ।"

    अग्नि रुक गया और अंबर की तरफ़ मुड़कर सवालिया नज़रों से उसे देखा तो अम्बर अपने मूंह में च्यूविंग गम चबाते हुए बोली -" मानना पड़ेगा,,, हॉट तो हो तुम,,,,।"

    अम्बर की बात सुन अग्नि कुछ कहता इस से पहले ही वो अपने गम के बबल फुलाते हुए वहां से निकल गई,,,।



    अम्बर के जाते ही अग्नि की आँखें सर्द हो गईं उसने खुद से अम्बर जिस ओर गई उस ओर जाते हुए देख कर कहा-" फाइनली,,, आई गॉट यू किटन,,,! "
    कहते हुए अग्नि के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई और वह वहां से चला गया,,,।






    पूरी यूनिवर्सिटी में अग्नि के ही चर्चे थे वहीं अम्बर बास्केटबॉल खेलने में बीसी थी तभी उसकी नज़र अग्नि पर पड़ी जो हाथ में बुक लिए पढ़ते हुए कॉरीडोर से गुज़र रहा था वहीं अग्नि की नज़र भी उस अकेली लड़की पर पड़ी जो लड़को के बीच में बास्केटबॉल खेल रही थी।

    अग्नि अम्बर की ओर देख आईब्रो ऊपर कर दिया जैसे उसे चैलेंज कर रहा हो अम्बर अग्नि का रिएक्शन देख दो कदम पीछे हट गई ये देख अग्नि व्यंग्य में हस्ते हुए न में सिर हिला दिया जैसे उसे पहले से ही पता हो अम्बर से गोल नहीं होगा।


    लेकिन अम्बर दो क़दम पीछे हटी और फिर जिस लड़के के पास बास्केटबॉल थी उस से बड़े ही शातिर तरीके से बॉल छीन कर लॉन्ग जंप कर गोल कर दिया।


    अग्नि ये देख हैरान था लेकिन उसने ये जताया नहीं मैच ओवर था अम्बर बॉल के ऊपर बैठ गई और अपनी पानी की बॉटल ओपन कर पानी पीने लगी उसकी नजरें अग्नि पर ही थीं जो उसे ही देख रहा था।

    अम्बर ने अग्नि को विंक पास कर दी अम्बर की इस हरकत से अग्नि हड़बड़ा गया और वहां से चला गया ।
    अम्बर मुस्कुराते हुए अपने शू की लेस बांधने लगी।






    तभी जैनेट आई और बोली -" ये क्या देख रही हूं मैं,,,,?"

    जैनेट की बात सुन अम्बर -" नाउ व्हाट बेब,,,,?"

    जैनेट -" फर्स्ट टाइम मिस रधुवंशी किसी में अपना इंटरेस्ट दिखा रही हैं,,,, नाइस,,, नहीं तो अभी तक मुझे लगा था कि तुम लैस्बियन हो,,,।"

    अम्बर अपनी बॉटल जैनेट की तरफ़ फैंकते हुए -" ओह शट अप,,, लेकिन मानना पड़ेगा नज़र तेज़ है तेरी,,,।"

    जैनेट -" इट मींस यू लव हिम,,, राइट,,,।"

    अम्बर खड़े होते हुए जैनेट के कंधे पर हाथ रख -" रॉन्ग,,, आई एम जस्ट इंटरेस्टेड इन हिम,,,,।"
    कहते हुए अम्बर वहां से जाने लगी ।

    तभी रुकी और मुड़कर बोली -" बाय द वे,,,, वेयर इस अवर एनिमल,,,?"

    जैनेट मुंह बनाते हुए -" अपनी थर्टी फिफ्थ गर्लफ्रेंड के साथ डेट पर गया है,,,।"

    अम्बर जैनेट की बात सुन हस दी और वहां से चली गई,,,।










    दूसरी ओर












    रघुवंशी परिवार












    ब्रेकफास्ट टेबल पर सेट था
    सभी वहां मौजुद थे आनंद जी और उनके छोटे भाई आदित्या रघुवंशी भी वहां मौजुद थे तभी गाड़ी की आवाज़ सुनाई दी ।
    अनुराधा जी बाहर की ओर देखते हुए -" लगता है अधीर आ गया है मैं जाकर देखती हूं,,,,।"

    शैलजा जी मुस्कुरा दी बाकी बच्चे भी घर के बाहर की ओर भाग गए अधीर से मिलने,,,।
    सब अधीर को देख कर खुश थे अधीर अम्बर से दो साल उम्र में बड़ा था और दिखने में किसी फिल्म स्टार से कम नहीं था अधीर अपनी पढ़ाई कंप्लीट कर के आज वापस आ गया था,,,।




    अधीर ने आते ही सबसे पहले अपनी मां के पैर छुए उनका आशीर्वाद पाकर वह हॉल में लगी अपने पिता अभिवांत रघुवंशी की फ़ोटो के सामने खड़ा हो गया,,, जो अब इस दुनिया में नहीं थे,,, अधीर कुछ देर वहां ख़ामोशी से सिर झुकाए खड़ा रहा और फिर उनकी फ़ोटो के पैर छू कर वापस सबके पास चल दिया,,,।



    अधीर को देख अनुराधा जी -" हे मेरे कान्हा,,, कितना कमज़ोर हो गया है मेरा लड़का,,,,।"
    कहते हुए उसके गालों पर हाथ फेरने लगी,,,।

    तभी शैलजा जी हस्ते हुए -" रहने दे अनु,,,, इसे अपनी बॉडी मैंटन करनी है,,, कहां कुछ खाया पिया जाएगा इस से,,,।"

    अधीर हस्ते हुए अनुराधा को गले लग कर -" छोटी मां,, मेरी प्यारी छोटी मां,,, हेल्थ का भी तो ध्यान रखना पढ़ता है ना,,,।"

    शैलजा जी की ओर बढ़ कर  उनको गले लगा कर -" आपकी बहुत याद आई मां,,,।"
    अधीर की आँखें नम हो गईं शैलजा जी मुस्करा कर उसके बालों पर हाथ फेर दी तभी निधी बोली -" हां ठीक है,,, अब मां और छोटी मां दिख गईं है तो मैं कहां दिखूंगी,,,।"

    निधी की बात सुन अधीर निधी की ओर देख चौंकते हुए थोड़ा तेज़ आवाज़ में -" ओह माय गॉड,,, आप कौन हैं,,,,?"

    शैलजा जी हस्ते हुए -" लो हो गया शुरू,,,,।"

    अधीर निधी को देख -" ओह माय गॉड छोटी मां,,, आप तो और यंग हो गए हो,,,, इस खूबसूरती का राज़ छोटे पापा का प्यार है ना,,,।"

    निधी जी शर्मा गई और वहां से कीचन की ओर जाते हुए -" बस कर बदमाश,,,।"

    आदित्या अधीर के कान खींचते हुए -" बहुत शैतान हो गया है,,,।"
    आनंद जी हस्ते हुए -" ठीक से खबर लो इसकी बहुत शैतान हो गया है ये,,,,।"

    अधीर -" अरे अरे,,, खबर लेने से ध्यान आया बड़े भाई और एंग्री ओल्ड मैन कहां हैं,,,?"

    शैलजा जी अधीर के सर पर मारते हुए -" बदमाश,,, दादा जी को ऐसे बोलते हैं,,,।"

    अधीर चेयर पर बैठते हुए -" ओह कम ऑन मां,,, वैसे हैं कहां,,,?"

    अनुराधा जी अधीर को ब्रेकफास्ट सर्व करते हुए -" वो दोनों बिज़नस के सिलसिले में न्यू यॉर्क गए हैं,,, कुछ दिन में आजाएंगे,,,।"

    तभी आरवी बोली -" भाई आपकी अम्बर दी से बात हुई,,,।"

    अधीर पोहा खाते हुए -" हां लास्ट वीक ही उसके डीन का फ़ोन आया था मेरे पास,,,।"

    अधीर की बात सुन शैलजा जी अपनी भौं चढ़ा कर -" क्या,,,।"

    अधीर मन में -" अरे यार,,, अब पक्का अम्बर मुझे टैरेस से धक्का दे देगी,,,।"

    शैलजा जी -" इस बार क्या किया उसने ,,,।"

    अधीर -" कुछ नहीं मां बस छोटा सा झगड़ा हो गया था तो बस उसी की कंप्लेन,,,।"

    अधीर फिर अपना मूंह बंद करते हुए -" बसकर क्यों अपनी कब्र खोद रहा है अधीर,,,,।"

    शैलजा जी गुस्सा करते हुए -" आने दो इसे ये वहां पढ़ने गई है या झगड़े करने,,,।"

    अनुराधा जी -" अरे दी आप अंबर का गुस्सा छोड़िए और ब्रेकफास्ट करिए,,,।"
    कहते हुए शैलजा जी को भी चेयर पर बैठा दिया,,,,।


    सब ब्रेकफास्ट करने लगे,,,।











    ******



    जय महाकाल

  • 3. Shaadi : Ek Anchaha Rishta - Chapter 3

    Words: 1118

    Estimated Reading Time: 7 min

    डोरमेट्री




    अम्बर अपने हाथों में ग्लव्स पहन रही थी तभी जैनेट जो उसके सामने खड़ी थी बोली -" तू श्योर है ना एबी,,,,।"

    अम्बर मुस्कान के साथ -" एबी किसी भी फैसला लेने के लिए बार बार नहीं सोचती,,,।"

    जैनेट -" तू किसी दिन यहां से निकलवा कर मानेगी,,,।"

    अम्बर गेट की तरफ़ जाते हुए -" चिल बेब,,,, इतना टैंशन करेगी तो तेरे ये खुबसूरत चेहरे पर रिकंल्स पड़ जाएंगे,,, नाउ कम ऑन लेट्स गो,,,।"
    कहते हुए अम्बर गेट के बाहर चली गई जैनेट न में सिर हिलाते हुए उसके पीछे पीछे चल दी,,,।





    रात के 11 बज रहे थे इस वक्त बाहर जाना स्टूडेंट्स को अलाउड नहीं था वहीं अम्बर दीवार पर बैठी थी उसने मुड़कर देखा जैनेट जो दीवार पर चढ़ने की कोशिश कर रही थी,,,।

    उसको देख अम्बर हस दी और बोली -" जिम जाया कर,,।"

    जैनेट चिढ़ते हुए -" शट अप,,, तेरी तरह रोज रात को गायब रहने की आदत नहीं है मेरी,,,,।"

    अम्बर ने न में सिर हिलाते हुए उसका हाथ पकड़ा दोनों दीवार पर चढ़ कर डोरमेट्री के बाहर जंप मार दी और निकल गई,,,।







    एक अनजान जगह









    यहां बहुत भीड़ थी शायद किसी रेस की तैयारी थी,,, हां बाइक रेसिंग,,, और हमेशा की तरह पूरी भीड़ में एक ही नाम सुनाई दे रहा था

    वेनॉम,,,।


    किसी ने वेनॉम का फेस नहीं देखा था हमेशा मास्क लगाए जो आता था या ये कहें आती थी ,,,।
    जी हां अम्बर को यहां वेनोम के नाम से ही सब जानते थे अम्बर के आते ही भीड़ में जोश आ गया अम्बर ने अपनी बाइक रेसिंग ट्रैक पर लगाई बाकी के रेसर्स ने उसे देखा सब हेल्मेट में थे,,,,।





    तभी एक नई बाइक जो इस रेस में पहली बार शामिल हो रही थी अम्बर के बगल में आकर लगी ,,,।

    अम्बर ने उस ओर देखा उस रेसर के चेहरे पर हेल्मेट था अंबर ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया,,।

    और कुछ देर में रेस स्टार्ट हो गई,,,।


    सभी बाइकर्स को सिटी में से घूमते हुए वापस विनिंग स्पॉट पर पहुंचना था ,।


    अम्बर की बाइक की रफ्तार हमेशा की तरह सब से तेज़ थी लेकिन तभी एक बाइक उसको पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गई।




    उस बाइकर ने पीछे मुड़कर अंबर की ओर देखा,,, जिसे देख अंबर की त्यौरियां चढ़ गई उसने खूदसे गुस्से में -" मुझसे आगे,,, नेवर,।"

    और आखिर 20 मिनट बाद रेस ख़त्म हुई।


    सभी वेनॉम के नाम से हूटिंग कर रहे थे लेकिन सामने आती बाइक को देख ख़ामोश छा गई उस बाइक के आते ही अगले पल अम्बर की बाइक आ गई।

    सब हैरान थे ऐसा लग रहा था मानो इन्हीं के बीच सिर्फ रेस है,,,।

    उस शख़्स की बाइक विनिंग प्वाइंट पर सबसे पहले पहुंची और वह जीत गया अंबर की बाइक वहां पहुंची,,।



    वह गुस्से में बाइक से उतर कर इस शख्स के सामने जाकर बोली -" हू द हेल आर यू ( कौन हो तुम),,,?"


    वो शख़्स जो बाइक से उतर कर उसके सहारे खड़ा अंबर को ही देख रहा था अम्बर को गुस्से में आता देख उसकी बात सुन बोला -" योर डिफीट ( तुम्हारी हार),,,।"
    कहते हुए उस शख्स ने अपना हेलमेट हटाया जिसे देख अम्बर हैरान रह गई लेकिन कुछ बोली नहीं ।

    अम्बर ने अभी भी हेलमेट पहना हुआ था अग्नि उसको देख -" व्हाट्स योर गुड नेम,,, ( तुम्हारा शुभ नाम क्या है,,)माय लेडी,,,?"

    अंबर -" यू डॉन्ट नीड टू नौ ( तुम्हें जानने की जरूरत नहीं है,,,)"कहकर वहां से चली गई ।

    अंबर का दिल जोरों से धड़क रहा था उसने जैनेट का हाथ पकड़ा जो अपने फेस पर मास्क लगाए थी और उसके साथ बाइक पर सवार होकर निकल गई,,,।


    अग्नि के चेहरे पर टेड़ी मुस्कान आ गई,,,।







    जैनेट अम्बर से बाइक पर -" ये अग्नि सर यहां क्या कर रहे हैं,,,?"
    अंबर कुछ नहीं बोली तभी जैनेट फिर से -" हां हां पता है तू गुस्से में है,,, लेकिन देख ना अपने क्रश से हारने में कोई बुराई नहीं,,,।"
    अंबर ने बाइक के ब्रेक लगाए और गुस्से में बोली -" आई डॉन्ट लाइक लोसिंग,,,।"
    जैनेट अम्बर की बात सुन ख़ामोश रही क्योंकी जानती थी अंबर का गुस्सा में होना किसी ज्वालामुखी का भड़कने से कम नहीं है,,,।





    अग्नि अपने फ्लैट पर पहुंचा पूरे फ्लैट पर अंधेरा था वह सीधे अपने रूम की ओर बढ़ गया और बाथरूम में चला गया।
    कुछ देर बाद बाथरूम से बाहर आकर वह बेड पर लेट गया और उपर सीलिंग को देखने लगा,,।


    अग्नि की आंखों में गुस्सा साफ़ झलक रहा था उसकी लाल आँखें बता रही थी उसके दिल में कितनी आग है।

    अग्नि गुस्से में अंबर को याद करते हुए खुद से बोला -" बहुत जल्द,, बहुत जल्द ऐसा होगा,, जब रघुवंशी परिवार बर्बादी की आग में जलेगा,,, बहुत जल्द वो दिन आयेगा,,, उस तमाशे को देखने के लिए मेरी आंखें तरस रही हैं,,,।"



    अग्नि के मन में जल रही आग ने उसे पूरी रात जगा कर रखा वहीं अंबर की पूरी रात अग्नि के बारे में सोचते हुए गुज़र गई,,,।









    वहीं दूसरी ओर,,,।













    एक शख्स हाथ में रॉड लिए एक पुराने कारखाने की ओर बढ़ रहा था रात के अंधेरे में सिर्फ उसका साया ही नज़र आ रहा था ।

    कुछ कदम आगे चलने के बाद वह उस कारखाने में पंहुचा उसके पहुंचते ही उस कारखाने से कुछ आदमियों के चीखने की आवाजे आने लगीं।

    कुछ देर में ये आवाजें भी बंद हो गईं,,, वो शख़्स कारखाने से वापस बाहर निकला उसके हाथ में पकड़ी हुई उस रॉड में बहुत सारा खून लगा हुआ था,,,।

    वह वहां से निकल गया,,।



    नेक्स्ट डे


    एक बहुत बड़ी बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर मीटिंग हॉल में चेयर पर एक शख्स बैठे थे जिनकी उम्र 70 से ऊपर थी लेकिन उनकी पर्सनेलिटी हर नौजवान को मात देते उनके चेहरे के सर्द भाव से पता चल रहा था वह किसी सिरियस बात को लेकर परेशान हैं,,,।

    उनके अलावा कोई भी उस हाल में नही था,,।

    तभी दरवाज़ा खुला सामने से एक 30 साल की उम्र का शख्स अंदर आया,,,।
    और उनके सामने वाली चेयर पर बैठते हुए बोला -" काम पूरा हुआ दादू,,।"

    ये हैं रघुवंशी परिवार के वरिष्ठ सदस्य
    रघुवीर सिंह रघुवंशी
    अंबर के दादा जी

    रघुवीर जी के चेहरे पर से चिंता की लकीरें गायब हो गईं और एक राहत की सांस लेते हुए बोले-" हमें आप पर पूरा विश्वाश था अनंत,,,।"



    अनंत रघुवंशी,,घर के सबसे बड़े बेटे,, अम्बर के सबसे बड़े भाई,,, और रघुवीर जी के लिए विश्वाश का दूसरा नाम ,,, अनंत,,, ।






    अनंत शुरू से ही कम बोलने वाला और शांत स्वभाव का इंसान है लेकिन जितना शांत उतना ही डैंजरस,,, घर का हर सदस्य रघुवीर जी के बाद अनंत से डरता है,,, अनंत के सीने में अगर दिल है तो सिर्फ अपने भाई अधीर और अपनी बहन अंबर आरवी तान्या और नित्या के लिए है,,,।






    ********





    जय महाकाल

  • 4. Shaadi : Ek Anchaha Rishta - Chapter 4

    Words: 1146

    Estimated Reading Time: 7 min

    नेक्स्ट डे



    अग्नि सुबह बाहर जाने के लिए तैयार हो रहा था तभी उसका मोबाइल रिंग किया अग्नि ने फ़ोन की ओर देखा फिर उसे रिसीव करते हुए बोला -" सम्पर्ण,,,, व्हाट नाउ,,,,?"

    कॉल पर दूसरी ओर जो शख्स सम्पर्ण कॉल पर था वो लगभग रोती हुई आवाज़ में बोला -" आईएम सॉरी भाई,,,, लेकिन अयांश कहीं मिल नहीं रहा है,,,,।"

    सम्पर्ण की बात सुन अग्नि की आँखें सर्द हो गईं उसकी भौं चढ़ गईं उसने हम्म में जवाब दिया और कॉल कट कर दी,,,।

    उधर दूसरी ओर अग्नि का कॉल कट होते ही सम्पर्ण ने राहत की सांस लेते हुए अपने असिस्टेंट से -" हाश,,, भाई को कॉल करना यमराज को कॉल करने जैसा लगता है,,, ये अग्नि भाई और अयांश ने मेरा सांस लेना मुश्किल कर दिया है,,,,।"
    कहते हुए सम्पर्ण जो अपने ऑफिस में बैठा था वापस काम पर ध्यान देने लगा,,,।


    वहीं अग्नि तैयार होकर गुस्से से -" तुम्हें यहां लाना ही मेरी गलती थी अयांश,,,,।"
    कहते हुए अपने अपार्टमेंट से बाहर चला गया,,,।


    इधर आज सैटरडे होने की वजह से अम्बर और जैनेट स्टोर से कुछ न कुछ सामान लेने गए थे अम्बर और जैनेट समान लेने में बिज़ी थीं तभी उन्हें एक बच्चे के रोने की आवाज़ सुनाई दी,,,।

    अम्बर ने उस आवाज़ का पीछा किया और उस ओर देखने लगी एक पांच साल का लड़का ज़मीन पर बैठते हुए रोते हुए ज़िद कर रहा था -" नहीं मुझे आइस क्रीम खानी है,,, बस खानी है तो खानी है,,,,।"

    और एक उम्र दराज औरत उसे संभालते हुए -" बच्चा समझने की कोशिश करिए अगर सर को पता चला तो बहुत प्रॉब्लम होगी,,,,।"



    अग्नि तेज़ रफ्तार में बाइक चला रहा था लेकिन कुछ शब्द थे जो उसके दिमाग में गूंज रहे थे जो किसी ने कहे थे जो उसकी धड़कनों को बढ़ा रहे थे,,,।


    एक लड़की अग्नि का हाथ थामे समंदर के किनारे चलते हुए उसकी शांत लहरों को देख रही थी शाम के ढलते उस सूरज को देख मुस्कुराते हुए बोली -" अगर मेरा जाने का वक्त आ जाए और तुम मेरी छुअन में वो गर्माहट महसूस न कर पाओ जिसे महसूस कर के अक्सर तुम्हें सुकून मिलता है तो मैं उम्मीद करूंगी तुमसे,,,, कि तुम मेरी छुअन को न सही मेरी मौजूदगी को हमेशा महसूस करो,,, महसूस करो कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ ज़िंदगी के इस सफ़र में इसी तरह चल रही हूं,,,।"
    अग्नि उस लड़की की बात सुन उसे सीने से लगाते हुए -" ये कैसी बातें कर रही हो तुम धरा,,,,, हम हमेशा साथ रहेंगे,,,।"




    अग्नि के कानों में धरा के कहे हुए शब्द गूंज रहे थे उसकी आँखों में नमी और गुस्सा साफ़ झलक रहा था ।


    वहीं अंबर उस बच्चे की ओर बढ़ कर -" हे हैंडसम,,, क्या हुआ,,?"
    वो बच्चा अम्बर को देख -" हे यंग लेडी,,,, देखो ना मुझे आइस क्रीम खानी है और ये दादी मुझे मना कर रही हैं,,,।"

    उन औरत ने अभी तक अम्बर का फेस नहीं देखा था अम्बर ने फेस पर मास्क जो पहना था तभी अम्बर ने उनको देख चेहरे पर से मास्क हटाते हुए बोला -" मान जाइए आंटी,,, बच्चा ही तो है,,,।"

    वो औरत अम्बर का चेहरा देख हैरान रह गई उन्होंने अपने कदम पीछे लिए और उस बच्चे का हाथ पकड़ वहां से बिना कुछ बोले चली गई उस बच्चे ने मुड़कर अम्बर को देखा अम्बर बस उसकी आंखो को देखती रह गई,,,।


    तभी जैनेट अम्बर के पास आई और बोली -" हे व्हाट हैपेंड,,,,?"

    अंबर -" कुछ नहीं वो लेडी,, काफ़ी वियर्ड लगीं मुझे,,,।"

    जैनेट अपनी आँखें घुमाते हुए -" ओह रियली,,,, बट मुझे यहां सब से ज्यादा वियर्ड तू ही लग रही है,,,।"

    अम्बर -" ओह शट अप जैनेट,,, वो बच्चा ज़िद कर रहा था तब उन्होंने कुछ नहीं कहा बट जैसे ही मैंने उन्हें समझाया तो वो उस बच्चे का हाथ गुस्से में पकड़ कर यहां से ले गईं और वो बच्चा वो बच्चा मुझे काफ़ी उम्मीद भरी नज़रों से देख रहा था,,,, जैसे कुछ कहना चाहता हो,,,।"

    जैनेट न में सिर हिलाते हुए -" तूने दो मिनट की मुलाकात को पूरा स्टोरी में बदल दिया,,, चल यहां से हमें और भी सामान लेना है,,,।"
    कहते हुए जैनेट अंबर को वहां से ले गई,,।



    वो औरत उस बच्चे का हाथ खींच कर बाहर लाते हुए -" तो इस वजह से आप ज़िद कर रहे थे यहां आने के लिए,,, अयांश कितनी बार कहा है आपको आप बड़ों के मैटर्स में इंटरफेयर नहीं करेंगे लेकिन आप,,, ।"

    अयांश गुस्से में -" लेकिन हमें मिलना था मम्मा से,,,।"

    वो औरत -" अयांश वो आपकी मम्मा नहीं है,,, और अगर ये बात अग्नि को पता चली तो,,,,।"
    वो औरत बोल ही रही थी तभी अग्नि की बाइक आकार वहां रुकी।

    अग्नि की बाइक देख वो औरत -" लो होगया कल्याण,,,।"

    अयांश गुस्से में वहीं खड़ा था अग्नि हेलमेट उतार कर उसके सामने आकर झुक कर सर्द आवाज़ में बोला -" अयाँश दादी से इतना ज़िद करना ठीक नहीं,,,, घर जाइए,,,।"

    अयांश गुस्से में -" नहीं हम नहीं जाएंगे,,, मम्मा के बिना कहीं नहीं जाएंगे,,,,।"

    अग्नि अयांश को उसके कॉलर से पकड़ कर उठाते हुए गाड़ी में बैठा दिया जिस गाड़ी में अयांश आया था और उस औरत से -" मां,,, ये गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए,,,।"

    वो औरत कल्याणी जी जो अग्नि की मां थी उन्होंने सिर्फ हां में सिर हिलाया और गाड़ी में अयांश के बगल में बैठ गईं अग्नि गाड़ी का गेट बंद करने लगा तभी अयांश कुछ बोलता इस से पहले ही अग्नि -" डू योर होमवर्क,,,, मैं शाम को आकार चेक करूंगा,,,।"
    कहकर गेट बंद कर दिया,,,।


    अयांश गुस्से में वहीं बैठा रह गया गाड़ी आगे बढ़ गई,,,।




    तभी अग्नि की नज़र स्टोर में खड़ी समान ले रही अम्बर पर पड़ी।



    जिसे देख कर अग्नि की आँखें फिर सर्द हो गईं और चेहरे पर कुटिल मुस्कान आ गई ।

    वह स्टोर के अंदर की ओर बढ़ गया ।

    अंबर ऊपर वाली शेल्फ से कुछ उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वहां तक पहुंच नहीं पा रही थी तभी एक हाथ ने उस आइटम को उठाया पीछे खड़ा शख्स अंबर के बेहद करीब था अंबर ने मुड़कर देखा तो अग्नि को खुदके इतने करीब पाकर अम्बर हैरान थी उसकी दिल की धड़कने तेज़ थीं जिसकी आवाज़ वह सुन सकती थी,,,।



    ( इग्नोर द बैकग्राउंड)



    अग्नि अंबर के करीब आकर -" कोई और हेल्प चाहिए,,, स्टूडेंट,,,,।"
    अम्बर ने अग्नि की आंखों में देखते हुए -" एक सवाल का जवाब,,, प्रोफैसर,,,।"
    अग्नि अंबर के होंठों को देखते हुए -" मैं सुन रहा हुं मिस रधुवंशी,,,,।"
    अम्बर -" तुम जानते थे न वो मैं हूं,,,।"
    अम्बर की बात सुन अग्नि के चेहरे पर टेड़ी मुस्कान आ गई वह अम्बर के होंठों की ओर बढ़ा अम्बर की आँखें खुद बंद हो गईं अग्नि अम्बर के कान के पास आकर बोला -" क्या तुम सच नहीं जानती,,,?"

    अम्बर की आँखें अग्नि की बात सुन हैरत से खुल गईं अग्नि के चेहरे पर मुस्कान आ गई वह वहां से चला गया,,,।










    **********





    जय महाकाल

  • 5. Shaadi : Ek Anchaha Rishta - Chapter 5

    Words: 1083

    Estimated Reading Time: 7 min

    नेक्स्ट डे

    अम्बर जैनेट का हाथ पकड़ कर युनिवर्सिटी में अपनी क्लास की ओर भाग रही थी तभी जैनेट उसके पीछे भागते हुए बोली -" हे यू स्टूपिड,,, आराम से चल न आज कौन सा तूफ़ान आ रहा है जो इतना भाग रही है,,,,।"

    अम्बर क्लास की ओर भागते हुए -" तूफ़ान ही समझ,,, आज अनंत भाई आ रहे हैं युनिवर्सिटी में किसी काम से,,,,।"

    जैनेट का दिल अनंत का नाम सुन रुक सा गया अक्सर अम्बर के मुंह से अनंत के बारे में सुना था लेकिन कभी उसको जैनेट ने देखा नहीं,,, अनंत का स्वभाव और उसके बारे में अंबर द्वारा जानकर जैनेट कहीं न कहीं अनंत को पसंद करने लगी थी और आज शायद उसके पास मौका था अनंत को पहली बार देखने का,,,,।

    अंबर अपनी क्लास में जैनेट के साथ पहुंच गई दोनों ने क्लास अटैंड की तभी अग्नि की क्लास का टाइम हुआ लेकिन आज अग्नि नहीं आया था तभी जैनेट बोली अम्बर को चिढ़ाते हुए -" आज तेरे मिस्टर हैंडसम नहीं आए,,, युनिवर्सिटी के दूसरे दिन ही गोल,,,,।"

    अम्बर जैनेट के सर पर मारती हुई -" ओह शट अप यू,,,।"

    कुछ देर बाद लंच ब्रेक हो गया दोनों कैंटीन में बैठी खाना खा रही थी लेकिन अम्बर के गले से निवाला नीचे नहीं उतर रहा था तभी जैनेट बोली -" अब क्या हुआ,,,,?"

    अंबर टैंशन में -" क्या होगा,,, दुनिया में अगर किसी से सबसे ज्यादा डर मुझे लगता है तो अनंत भाई ही हैं,,,, पता नहीं आकर क्या बोलेंगे,,,,।"

    जैनेट -" ओह कम ऑन,,, तू चिल मार सब ठीक होगा,,,वो तेरे भाई ही हैं कोई यूएफओ नहीं जो इतना टैंशन ले रही,,,।"


    तभी दोनों के कानों में किसी की गहरी सर्द आवाज़ पड़ी -" ओह अच्छा,,,,।"


    जैनेट और अंबर ने मुड़कर देखा सामने खड़े शख्स को देख अंबर खड़ी हो गई और टैंशन में हस्ते हुए -" भाई,,, आप,,,।"

    जैनेट ने अनंत को देखा तो उसकी आँखें बस अनंत के चेहरे पर टिकी रह गईं वो कुछ बोल नहीं पाई,,, अनंत ने एक नज़र जैनेट की ओर देखा अनंत के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे हमेशा की तरह एक कोल्ड लुक उसके चेहरे पर बरकार था,,, अनंत ने वापस अम्बर की ओर देख -" हमें आपसे बात करनी है,,,( जैनेट को देखते हुए ) अकेले में,,,।"


    अनंत की बात सुन अम्बर ने जैनेट की ओर देखा फिर हां में सिर हिला कर उसके साथ कैंटीन से बाहर चली गई।

    अनंत के साथ अम्बर गार्डन में थी अनंत अम्बर की ओर पीठ करके खड़ा हुआ था अम्बर बोली -" क्या बात है भाई,,, अचानक यहां पर आना?"

    अनंत बिना मुड़े -"हम यहां कुछ ज़रूरी काम से यहां के हेड से मिलने आए थे,,, तो सोचा आपसे भी मिलते जाएं,,,,।"

    अंबर मुस्कुरा कर -" बहुत अच्छा किया ये,,,।"

    अनंत -" हम्म,,, अम्बर हम आपसे यही कहना चाहेंगे,,, कि चाहे आप और हम राघुवंशी कहीं भी हों,, हमारे दुश्मन हर जगह होंगे,,,, शायद
    वो हमारे दोस्तों के रूप में ही छुपे हुए हों,,,, तो हम चाहेंगे आप बाहर के लोगों के दूरी बना कर रखे,,,।"

    अम्बर मुस्कुरा कर -" आपका इशारा जैनेट की तरफ है,, हम जानते हैं इस बात को भाई,,, लेकिन आप यकीन रखिए,,, जैनेट बहुत अच्छी लड़की है,,,।"

    अम्बर की बात सुन अनंत मुड़कर अंबर को देखते हुए -" हां हम जानते हैं,,, वो एक अनाथ है,,,,।"

    अंबर अनंत की बात सुन थोड़ा गुस्से में -" भाई,,, आप इस तरह हमारे दोस्तों के बैकग्राउंड डिटेल्स नहीं निकाल सकते ये गलत है,,,।"

    अंबर की बात सुन अनंत -" हम जानते हैं ये गलत है लेकिन आपकी सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है,,,।"
    कहते हुए अनंत की नज़र जैनेट पर पड़ी जो गार्डन के बाहर के छोर पर खड़ी थी।




    जैनेट की नज़रें अनंत पर ही थीं और उसके होंठों पर हल्की सी मुस्कान भी अचानक अनंत की नज़र जैनेट पर पड़ने से दोनों को नज़रें कुछ पल के लिए टकरा गईं,,,।



    तभी अम्बर की नजरों ने अनंत की नजरों का पीछा किया जो जैनेट को देख रहीं थीं।
    अम्बर ये देख मुस्करा दी ।

    कुछ पल में ही अनंत ने अपनी नज़रें जैनेट पर से हटा दी और बोला -" हम चलते हैं,,, और हां आपकी पढ़ाई यहां जल्द ही ख़त्म होने वाली है,,, तो घर जल्दी आइएगा,,,,।"

    अम्बर मुस्कुरा कर -" जी भाई,,,।"

    अनंत जाने लगा तभी अंबर बोली -" भाई,,,।"

    अनंत रुक गया उसने मुड़कर अंबर को देखा अंबर उसकी ओर बढ़ कर -" क्या जैनेट,,, मेरी दोस्त भी आ सकती है कुछ वक्त के लिए घर,,,।"

    अनंत -" जैसा आपको ठीक लगे,,,।"

    अम्बर खुश होकर अनंत के गले लगते हुए -" थैंक यू सो मच भाई,,,।"


    अनंत के कोल्ड लुक वाले फेस पर हल्की मुस्कान आ गई उसने अंबर का सिर सहलाया और वहां से चला गया,,,, जाते वक्त उसने एक बार  जैनेट की ओर देखा जो सिर झुकाए खड़ी थी और चला गया,,,।





    अनंत के जाते ही अम्बर जैनेट के पास जाकर -" बैग पैक कर लो मैडम,,, अब स्टडी कंप्लीट होते ही हम दोनों को घर जाना है,,,।"
    अम्बर की बात सुन जैनेट मुस्करा दी,,,।






    वहीं दूसरी ओर







    अग्नि गुस्से में एक बड़े से बंगले के हाल में बीच में खड़ा था सामने अयांश उसकी आंखों में देखते हुए गुस्से में खड़ा था।
    तभी अग्नि अयांश से -" अयांश,,, आखिरी बार में तुमसे कह रहा हूं,,, अगर तुम बिना मुझे बताए यहां इस घर से बाहर निकले तो तुम्हारे सारे वीडियो गेम्स छीन लूंगा और मोना से मिलना भी बंद ( अयांश का पेट) ,,,।"

    अयांश भी गुस्से से -" तो आप भी सुनिए पापा,,, अगर मम्मा को जल्द से जल्द यहां लेकर नहीं आए,, तो मैं सेबास्टियन ( अग्नि का पेट)का मील बंद करवा दूंगा,,,.।"

    वहीं साइड में खड़ी कल्याणी जी सम्पर्ण खड़े हुए थे,,, कल्याणी जी न में सिर हिलाते हुए धीमे से -" ये अग्नि हर बार भूल क्यों जाता है अयांश उसका ही बेटा है दोनों बाप बेटों का गुस्सा एक जैसा,,,।"

    संपर्ण -" आंटी वो सब तो ठीक है लेकिन इसके बाद भाई का गुस्सा जो मुझ पर निकलेगा उसका क्या करूं,,,,।"

    कल्याणी जी -" अरे मुझे एक काम याद आ गया,,, ।"कहते हुए वहां से निकल ली,,।

    संपर्ण मुंह बनाते हुए -" हां हां अब तो याद आयेगा ही,,,।"







    जैनेट और अम्बर अपने रूम में थी तभी जैनेट अंबर से -" यार तेरी फैमिली इतनी वर्ल्ड फैमस है फिर भी इतने दुश्मन,,, ।"

    अम्बर जैनेट के सर पर मारते हुए -" बिल्कुल,,, जिसका नाम जितना बड़ा होता है उसको बदनाम करने वाले भी ज्यादा होते हैं,,,,।"

    जैनेट ने हां में सिर हिला दिया और फिर अनंत के बारे में सोचने लगी,,,।

    *********






    जय महाकाल