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"दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां "

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Arpita Bhatt

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एक ऐसी लड़की की कहानी, जिसके अपने ही उसके दुश्मन बने हुए है, जहां उसकी पहचान ही दुनिया से छुपी हुई है, वहां उसका गायब हो जाना और उन लोगों की साजिश का शिकार हो जाना। जिससे उसने जिंदगी में सबसे ज्यादा प्यार किया, उसी के द्वारा धोखे का शिकार होना॥ कैसे...

Total Chapters (30)

Page 1 of 2

  • 1. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 1

    Words: 893

    Estimated Reading Time: 6 min

    एक बड़े से बंगले के पीछे बने आउट हाउस के एक कमरे में बिल्कुल अंधेरा था , और उसी अंधेरे कमरे के अंदर से किसी लड़की की सिसकियों की आवाजें आ रही थी, जो आवाज सिसकियों में भी बहुत प्यारी लग रही थी।

    तभी उस अंधेरे कमरे में एक टीवी ऑन होता है, तो उस की रोशनी सीधी उस लड़की पर पड़ती है , और टीवी की रोशनी में उस लड़की का चेहरा नजर आता है, इतना सुंदर और मासूम सा चेहरा, आंखों में आंसू, और चेहरा पर थोड़ी सी धूल मिट्टी , फिर भी उस की मासूमियत देख कर किसी का भी दिल पिघल जाए।

    और उसे बारीकी से नोटिस करने पर पता चलता है कि उस लड़की ने इस वक्त शादी का जोड़ा पहना हुआ है, हाथों में चूड़ा, और उन पर रस्सियां बंधी हुई है और पावों को भी रस्सियों से बंधा हुआ है। उस का पहना हुआ शादी का जोड़ा अब काफी गंदा हो चुका है, और वो लड़की उसी तरह से बंधी हुई अपना सिर नीचे झुका कर बस रोए जा रही है, और रस्सी खोलने की बिल्कुल भी कोशिश नही कर रही है। उसे देख कर कोई भी कह सकता है कि वो काफी देर से इसी हालत में यहां बंधी हुई है।

    तभी उस लड़की की नज़र अचानक से चालू हुए अपने सामने रखी टीवी पर पड़ती है। उस में एक शादी की वीडियो चल रही थी, जिसे देख कर वो लड़की ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है। उस की आंखों में दर्द साफ दिखाई दे रहा होता है और वो सब देख कर वो लड़की उसी तरह रोते हुए खुद से ही सवाल करने लगती है कि एक पल में मेरे साथ यह क्या हो गया है? क्यों भगवान जी ने मेरे साथ इतना बुरा किया? मैने आज तक कभी किसी का बुरा नही किया, फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? क्या सच में, मैं खुद इतनी बुरी हुं कि किसी के प्यार के लायक नही? लेकिन वहां पर कोई भी नही था,को उस के सवालों के जवाब दे सके!

    वो लड़की अपना मुंह फेर लेती है, ताकि उसे टीवी ना दिखे! लेकिन फिर भी पंडित जी के मंत्रों की आवाज़ें और शादी की सारी हलचल की आवाजें उसे सुनाई दे ही रही थी। और वो अपने कान बंद करने की कोशिश करती है, लेकिन उस के हाथ रस्सी से बंधे हुए होते है, जो कानों तक नही पहुंच रहे होते है। और वो अपनी बेबसी पर और जोर से रोने लगती है। लेकिन दूर तक उस की आवाज सुनने वाला कोई नही था, कोई नही था वहां पर, जो उस की मदद कर सके!

    फिर वो लड़की अपने मन में सोचती है कि आज मेरी जो भी हालत है, उस की जिम्मेदार में खुद हूं। मैने ही लोगो पर भरोसा किया, और उन्हे अपना फायदा उठाने दिया। अपने दिल से खेलने का मौका मैने खुद उन्हे दिया। इसलिए आज भगवान जी ने मुझे ये सजा दी है। और वो बस रोए जाती है। और बार बार टीवी की तरफ देख कर, उस पर चलते हुए वीडियो को देख कर अनदेखा करती है और रोती रहती है।

    *******

    दूसरी तरफ,

      सड़क पर एक गाड़ी चल रही है, जिस मे धीमी आवाज में गाने चल रहे है। और गाड़ी में एक हैंडसम सा लड़का बैठा हुआ है, जो खुद गाड़ी ड्राइव कर रहा है। वो गाने सुनता सुनता खुद गुनगुना भी रहा था, और मजे से गाड़ी चला रहा होता है। तभी गाना change होता है और किसी लड़की की एक मीठी सी आवाज में दूसरा गाना शुरू होता है। जिस के शुरू होते ही वो लड़का गुनगुनाना बंद कर देता है, और उस आवाज में खो जाता है। इतनी प्यारी सी आवाज में तो कोई भी खो जायेगा। वो गाना सुनते हुए सोचता है कि कैसे किसी की आवाज में इतनी मिठास हो सकती है, इतनी प्यारी आवाज कि सीधा दिल को छू जाती है। और वो बस वो गाना सुनता रहता है, तभी उसे कुछ याद आता है, और वो अचानक से उदास हो जाता है। फिर वो गाना बंद कर देता है, और थोड़ी देर ऐसे ही सोचता रहता है मन में कुछ! तभी उस का ध्यान जाता है कि उसकी साइड वाली सीट पर पड़ा उस का फोन कब से वाइब्रेट हो रहा है, और स्क्रीन पर उस के पापा का कॉल शो हो रहा था। तो वो बिना देर किए गाड़ी साइड में रोकता है, और जल्दी से फोन रिसीव करता है।

    हां पापा, बोलिए! उस ने कॉल रिसीव करते हुए कहा।

    क्या साहिल, तुम कब से कहां थे? कितनी बार कॉल किया मैंने  तुम्हें! उन के ऐसा बोलते ही साहिल सोचने लगता है कि वो तो उस गाने की आवाज में ही खो गया था।

    साहिल, तुम सुन रहे हो, कि मैं क्या कह रहा हू।

    सॉरी पापा, वो मैं गाड़ी ड्राइव कर रहा था। इसलिए फोन पर ध्यान ही नही दिया।

    अच्छा कोई बात नही! एक्चुअली मुझे तुम से एक इंपोर्टेंट काम है, बेटा!

    हां, बोलिए पापा! साहिल ने कहा।



     



    हेलो guys.... तो कैसा लगा हमारी न्यू स्टोरी का प्रोमो! क्या लगता है आप सभी को,कौन है यह लड़की? और क्यों इस की हालत इतनी बुरी है? और इसे किस चीज का पछतावा है? इन सभी सवालों के जवाब अगर आप को जानने है और एक स्वीट सी स्टोरी पढ़नी है, तो बने रहिए मेरी स्टोरी "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " के साथ॥

    धन्यवाद!❤️✨

  • 2. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 2

    Words: 1503

    Estimated Reading Time: 10 min

    प्रोमो में हमने पढ़ा था कि साहिल अपने पापा से बात कर रहा होता है।

    साहिल; हां पापा, बोलिए आपको क्या काम है?

    गोपाल जी ( साहिल के पापा); बेटा हमे अर्जेंट में कल तक उस असाइनमेंट की फाइल चाहिए , जो हमे मल्होत्रा के साथ deal करना था।

    साहिल; ok पापा! मैं अभी फ्लाइट की टिकट बुक करवा देता हुं मेरी, और आ जाता हुं कल तक वो फाइल लेकर चेन्नई!

    गोपाल जी; नही बेटा, तुम्हे आने की जरूरत नही है यहां पर! फिर वहां आगरा में कंपनी कौन देखेगा? मेरा एक फ्रेंड है, मल्होत्रा! जिसका मैनेजर आज उसी शहर में एक शादी में आया है, और वो अभी रात को ही वापस यहां पर आ रहा है। तो तुम्हे बस उसे यह फाइल हैंडओवर करनी है जाकर! बाकी मेरी बात हो गई है उससे, वो लेकर आ जाएगा।

    साहिल एक बार को तो शादी नाम सुनते ही स्ट्रेस में आ जाता है, क्योंकि उसे ऐसे फंक्शन अटेंड करना नही पसंद होता है। और यह तो एक अनजानी शादी में जाना और एक अनजान इंसान को ढूंढकर, उसे यह फाइल देकर आना, उसे तो सोचते हुए ही अपने ऊपर दया आ रही थी।

    साहिल; ठीक है पापा, अगर आप कहते है तो मैं देकर आता हूं , और फिर आपके कॉल कर दूंगा।



    साहिल हमारा lead हीरो है, यह तो आप सभी को पता चल ही गया होगा। साहिल की फैमिली का खुद का प्रोडक्शन हाउस है, और उसकी अलग अलग branches काफी सारे शहरों में बनी हुई है। जिसमे से साहिल ने आगरा की कंपनी संभाल रखी है।

    गोपाल मेहता अक्सर मुंबई में ही रहते है और वही की कंपनी भी देखते है। और साहिल को पूरी जिम्मेदारियां दे रखी है, अपने मेहता प्रोडक्शन हाउस की! इस प्रोडक्शन हाउस के जरिए वो म्यूजिक इंडस्ट्री में एल्बम प्रोड्यूस करते है, और काफी सारे नए सिंगर्स को मौका देते है, कि वो अपना टैलेंट सभी को दिखा सके।

    साहिल अपनी सिस्टर के साथ यही आगरा में रहता है, और गोपाल जी अपनी पत्नी वेदना मेहता के साथ मुंबई में रहते है।

    साहिल अब बिना देर किए उस एड्रेस पर पहुंचता है, जहां का पता उसके पापा ने उसे मैसेज किया था।

    वहां पहुंचते ही साहिल को पता चलता है कि यह तो वही शादी है जिसके बारे में मीडिया में इतनी हलचल है। क्रेज बनाने के लिए इन्होंने दुल्हन का नाम तक reveal नही किया था, और आज ही उसे पता चला था कि यह दुल्हन कोई और नही, बल्कि सिंगर किरण है, जिसकी आवाज उसे मदहोश कर देती है। पर उसे तो दूल्हे के बारे में जानकर गुस्सा आता है, जो कभी उसका बचपन में क्लासमेट हुआ करता था, और उसे बिल्कुल भी पसंद नही था। इन्ही खयालों में वो खोया हुआ था, तभी मल्होत्रा का मैनेजर आकर उसे बोलता है कि हेलो सर!

    साहिल; हेलो! यह लीजिए फाइल और आपका शुक्रिया कि आपने हमारी हेल्प की इसे पापा तक पहुंचाने में!

    मैनेजर; नही सर! मैं तो सिर्फ जा रहा हूं यह फाइल लेकर, और यह मेरी ड्यूटी है। आपकी कंपनी ने वैसे भी हमे बहुत सपोर्ट किया है।

    साहिल; अच्छा, ठीक है। अब मैं जाता हूं। और यह कहकर वो चला जाता है।

    साहिल शुरू से सभी के साथ अच्छे से ही बात करता था। लेकिन अभी वो थोड़ा frustrate हो गया था, तो वो जाने से पहले एकांत में सिगरेट पीने चला जाता है। जहां पर मीडिया की, या किसी की भी नजर न पड़े उस पर! वैसे भी मीडिया का पूरा ध्यान तो शादी पर ही था, तो उसे हवेली के पास ही में जगह मिल गई, जहां बिल्कुल शांति थी। तो उसने अपनी जेब से सिगरेट निकाली और कुछ सोचते हुए smoke कर रहा था।



    इधर आउटहाउस में वो लड़की देखती है कि शादी अब कंप्लीट हो चुकी है, और नया जोड़ा सभी का आशीर्वाद ले रहा था। यह देखकर उसकी आंखो में आंसू आए जा रहे थे। सभी लोग कितने खुश है, सिर्फ मेरे ही लाइफ में खुशियां नही लिखी है, भगवान जी ने! तभी वो देखती है कि अचानक से टीवी बंद हो चुकी है। उसे पता था कि यह तो होना ही है, क्योंकि यह शादी दिखाने के लिए ही तो यह इंतजाम किया गया था उसके लिए! इतना तो वो अब समझ ही चुकी थी, ऐसा इंतजाम देखकर!

    तभी आउटहाउस का दरवाजा खुलता है और एक लड़का अंदर आता है। उस लड़की को उसकी शक्ल सही से नही दिख रही होती है, क्योंकि कमरे में फिर से पूरा अंधेरा हो चुका होता है।  फिर भी वो एक आस के साथ पूछती है कि कौन है?

    तभी वो लड़का बोलता है कि डार्लिंग, मुझे इतनी जल्दी भूल गई तुम! अरे, मैं हुं! और कौन होगा यहां पर तुम्हारे लिए! और वो कमरे में एक बल्ब लगा होता है, उसे चालू कर देता है। जिसमे दिखता है कि यह तो वही लड़का है, जिसकी अभी शादी हो रही थी।

    लड़की; विपिन तुम! उसकी आवाज में नफरत भरी हुई थी।

    विपिन ; हां डार्लिंग, मुझे तुम्हारी फिक्र हो रही थी तो तुम्हे देखने आ गया कि तुम ठीक तो हो ना! और वो सिमरन की रस्सियां खोल देता है।

    लड़की; बंद करो अपनी यह बकवास! अब मैं तुम्हारी इन बातों में नही आने वाली हूं, समझे! और मुझे यह डार्लिंग बुलाना बंद करो, घिन आती है तुमसे और तुम्हारे इन गंदे शब्दों से!

    विपिन; अच्छा ठीक है, तो अब नौटंकी बंद करते है, सिमरन! अब ठीक है। तुम्हे तुम्हारे नाम से तो बुला सकता हुं ना मैं? या यह हक भी छीन लिया तुमने मुझसे! और वो हंसने लगता है।

    [ अब आप सभी को यह तो पता चल ही गया होगा कि हमारी हीरोइन का नाम सिमरन है।]

    विपिन को इस तरह से हंसते हुए देखकर, सिमरन को दिल से hurt होता है। और वो फिर से रुआंसी हो जाती है।

    सिमरन; तुमने ऐसा क्यों किया विपिन मेरे साथ?

    विपिन कुछ बोलने ही वाली होती है, तब तक उस कमरे में एक लड़की आती है जिसने अपना चेहरा स्टॉल से ढका हुआ होता है। और वो बोलती है कि क्योंकि हम तुमसे नफरत करते है, समझी तुम!

    सिमरन; यह तुम बोल चुकी हो किरण पहले भी! अब बार बार मत बोलो! और अब यह चेहरा ढककर क्यों आई हो? अपने आप से नजरे नही मिला पा रही हो क्या?

    किरण; यह मुझे तुम्हे बताने की जरूरत नही है, समझी! और वो विपिन को कुछ बोलकर वापस चली जाती है।

    विपिन; ओके डार्लिंग! Goodbye हमेशा के लिए! और यह बोलकर वो उसी कमरे में साइड में रखी हुई कैन उठाता है, जिसमे पेट्रोल था, और सब जगह छिड़कने लगता है। यह देखकर सिमरन और भी डर जाती है। और विपिन के सामने हाथ जोड़कर बोलती है, कि प्लीज विपिन, मेरे साथ ऐसा मत करो। तुमने already इतना बुरा किया है मेरे साथ, मैं वो सब माफ करती हुं। प्लीज मुझे जाने दो। और ये कहती कहती सिमरन रोने लगती है।

    पर विपिन को कोई फर्क नही पड़ता है, और वो और जोर से हंस लगता है।

    विपिन; क्या करू डार्लिंग, मैं तो तुम्हे हमेशा अपने पास रखना चाहता था,लेकिन अब मेरी शादी हो चुकी है, और मैं अपनी वाइफ का कहना तो नही टाल सकता ना! वरना चीज तो तुम कमाल की हो, एक बार तो तुम्हे जरूर चखता डार्लिंग! उसने सिमरन के चेहरे को छूते हुए कहा।

    सिमरन इससे थोड़ी पीछे हट गई। अब उसे कोई रास्ता नजर नही आ रहा होता है, तभी वो देखती है कि आउटहाउस का दरवाजा खुला हुआ है, तो वो चुपके से वहां से निकलने की कोशिश करती है, तभी पीछे से विपिन उसका हाथ पकड़ लेता है, और उसे कमरे के अंदर धकेल देता है।

    विपिन; (हंसते हुए) क्या डार्लिंग, अभी कोई खेलने का वक्त हैं क्या? मुझे लेट हो रहा है। अभी तो  मीडिया के सामने भी जाना है,और अपनी वाइफ को दिखाना है सबको! यह कहकर वो आंख मारता है। और अपनी जेब से माचिस निकलकर आग लगा देता है।  और जल्दी से बाहर निकलकर दरवाजा बंद कर देता है।

    सिमरन अंदर मदद के लिए चिल्ला रही होती है, लेकिन विपिन उसे अनसुना करके चला जाता है।

    इधर सिमरन आग देखकर बहुत घबरा जाती है, और इधर से उधर दौड़ रही होती है, जिससे उसे कोई रास्ता मिले, निकलने का!

    लेकिन इसका कोई फायदा नही था, क्योंकि वहां ऐसा कुछ भी नही था, जिससे सिमरन की मदद हो सके। और वो जमीन पर अपने घुटने टिकाकर बैठ जाती है, और रोने लगती है।

    सिमरन सोचती है कि उसकी यही सजा है। आज इस हालत की जिम्मेदार वो खुद है। उसने ही आंखें बंद करके भरोसा किया था। सब कुछ उसके सामने हो रहा था,और वो बेवकूफों की तरह अनदेखा करती रही, जिसके कारण ही आज उसे अपना खुद का जीवन व्यर्थ नजर आ रहा था, जो अब कुछ ही पलों में खत्म होने वाला था।

    क्रमश:

    हेलो फ्रेंड्स! अब आप ही बताइए कि आगे क्या होगा?हमे तो अपनी सिमरन की फिक्र हो रही है। और प्लीज हमारी मेहनत का छोटा सा फल भी देते हुए जाना, यार! मतलब आप सब समझ ही गए होंगे, तो जल्दी से रिव्यू दीजिए, ताकि हमे भी लिखने में मजा आए!

    धन्यवाद!❤️✨

  • 3. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 3

    Words: 1358

    Estimated Reading Time: 9 min

    धीरे धीरे कमरे में आग बढ़ रही थी, और सिमरन और भी panic हो रही थी। अब उसे कोई आस नजर नही आ रही थी। धीरे धीरे उसे धुएं की वजह से खांसी आने लगी और वो कमजोर होकर जमीन पर ही बैठ गई। जैसे जैसे आग बढ़ रही थी, उसके लिए जगह कम होती जा रही थी, और वो पीछे पीछे खिसक रही थी। अब उसने सोच लिया था कि अब वो भगवान जी के पास जाने वाली है। और वो अपनी आंखें बंद कर देती है, जिससे वो बेहोश होने लगती है। और फिर बिल्कुल बेहोश होकर जमीन पर गिर जाती है।

    इधर साहिल सिगरेट पीते हुए सोच रहा था कि इतनी अच्छी आवाज वाली लड़की कैसे उस इंसान से शादी कर सकती है। तभी उसे कही पर जलने की बदबू आती है, तो वो इधर उधर देखता है। उसे थोड़ी दूर एक आउटहाउस में आग लगी हुई दिखती है। तो वो curiosity की वजह से उसके पास जाता है।

    फिर वो देखता है कि आउटहाउस काफी पुराना ही लग रहा था, शायद यह हवेली वालो का ही होगा। पर इसमें यह आग कैसे लगी। तभी वो देखता है कि आग तो धीरे धीरे बढ़ती जा रही है। तभी वो दमकल कर्मियों को फोन कर देता है, और यहां का पता दे देता है,फिर सोचता है कि किसी का भी ध्यान इस आग की तरफ़ क्यों नही गया। फिर वो ही खुद को समझा लेता है कि शायद सभी का ध्यान शादी पर ही है, और यह तो एकदम एकांत में भी है, तो किसकी नजर जायेगी फिर!

    तभी साहिल सोचता है कि अब उसे यहां से जाना चाहिए, वरना वो सबकी नजरों में आ जायेगा और बिना बात के सवालों के जवाब भी देने पड़ेंगे। और वो जाने ही वाला होता है कि तभी उसकी नजर जमीन पर पड़ती है, जहां पर एक कान का झुमका गिरा होता है। वो उसे उठाकर देखता है और मन में ही सोचता है कि ये झुमका यहां पर कैसे आ सकता है। अभी यहां पर कौन आया होगा, भला! फिर वो उसे फेंककर जाने वाला होता है, तभी उसके माइंड में अचानक से कुछ क्लिक होता है, और वो फिर से पीछे मुड़कर देखता है।

    ( साहिल को अंदेशा हो गया था कि यह झुमका यहां पर होना, और यह आग लगना कोई इत्तेफाक नही है। पक्का कोई न कोई तो है शायद अंदर! या फिर उसका डिटेक्टिव माइंड फिर से ज्यादा ही चल रहा है। पर जो भी हो, वो एक बार अंदर जाकर देखना चाहता था कि पक्का कोई नही है ना अंदर! )

    साहिल अंदर देखने के लिए खिड़की ढूंढने लगता है। पर वहां पर कोई भी खिड़की नही होती है, तो वो दरवाजे पर नजर डालता है, और बिना सोचे उसे एक दो बार पाव से मारकर तोड़ देता है।

    जैसे ही वो दरवाजा खोलता है, उसका शक सही निकलता है। वहां पर सच में एक लड़की फसी हुई होती है, जो बेहोश हो चुकी है। साहिल जैसे ही यह देखता है कि वो आग की चपेट में आ सकती है कभी भी, तो वो जल्दी से अंदर जाता है, और सिमरन को उठाकर बाहर लाता है। अच्छा हुआ जो आग इतनी ज्यादा फैली नही थी, तो साहिल अंदर जा पाया और सिमरन को बाहर लेकर आ पाया।  बाहर आते ही वो उसे जमीन पर लेटा देता है। फिर साहिल की नजर उसके चेहरे पर पड़ती है, तो वो मन में ही सोचता है कि इतनी मासूम लड़की यहां पर फंसी कैसे हो सकती है? और वो उसे होश में लाने की कोशिश करता है, लेकिन सिमरन होश में आ ही नही रही थी। शायद उसके शरीर में थोड़ा धुआं चला गया था।इसलिए वो धुएं को वजह से बेहोश हो गई थी। तो साहिल बिना देर किए उसे अपनी गाड़ी की पीछे वाली सीट पर लेटाता है, और खुद आगे गाड़ी ड्राइव करने के लिए बैठता है जल्दी से, ताकि उसे हॉस्पिटल लेकर जा सके। 

    साहिल गाड़ी चला रहा होता है, और वो बार बार पीछे सिमरन की तरफ भी देख रहा होता है, कि वो कोई रिएक्ट कर रही है क्या? और जल्दी से जल्दी हॉस्पिटल पहुंचने के लिए गाड़ी की स्पीड और बढ़ा देता है।



    इधर शादी वाली हवेली के बाहर नया शादी के जोड़ा, यानी कि विपिन और किरण मीडिया वालो को अपना इंटरव्यू दे रहे थे; रिपोर्टर; मैम, क्या आप बता सकती है कि आपने अपने दुल्हन होने की बात को सस्पेंस क्यों रखा?

    किरण; ताकि हम आप लोगो को surprise दे सके, बाद में! उसने बहुत ही एक्साइटमेंट में बोला।

    रिपोर्टर; सर, आपने यह बात सबसे क्यों छुपाई कि आप किरण मैम से शादी कर रहे है, इसे सस्पेंस रखने में आपको क्या फायदा हुआ?

    विपिन; well, यह अब हमारी सीक्रेट हैं कि हमे फायदा हुआ या नही इससे! और वो किरण की तरफ देखकर आंख मारता है।

    रिपोर्टर; आपके रिलेशन को कितने साल हो गए है सर?

    विपिन; हमे तो शुरुआत से ही किरण पसंद थी, जबसे इन्हे first time देखा था, तभी से! लेकिन हमे इन्हे इंप्रेस करने में बड़ा वक्त लगा गया भाई! यह कहकर वो किरण की तरफ देखकर मुस्कुराता है, तो किरण शरमा जाती है।

    मीडिया वाले भी देख थे थे कि किरण और विपिन की बॉन्डिंग कितनी अच्छी है। वो सभी और सवाल पूछने लगते है, तभी किसी की आवाज आती है कि उधर बाहर आग लग गई है। और तभी उधर से वो दमकल कर्मियों के गाड़ी की आवाज भी सुनते है। तो सभी भागकर वहां चले जाते है। विपिन और किरण एक दूसरे की तरफ देखते है, और जल्दी से वहां जाते है, जहां आग लगी है। सभी को पहुंचने में बहुत टाइम लग गया था, क्योंकि आग बहुत फैल चुकी थी, और पूरा आउटहाउस जल चुका था। सभी इसकी भी न्यूज बनाने लगते है कि जहां पर शादी थी, उसके पास ही आग लगना कोई इत्तेफाक है, या फिर साजिश! [आखिर मीडिया वाले है, राई का पहाड़ बनाना जानते है अच्छे से!]  फिर सभी लोग वहां से आ जाते है, और फिर बाद में शादी भी हो चुकी होती है, तो सभी लोग अपने अपने घर चले जाते है। किरण और विपिन भी मीडिया वालो का शुक्रिया करके उन्हे भेज देते है। और वो अंदर आ जाते है।

    किरण; विपिन,हमने तो आउटहाउस में ही सिमरन को भी बांधा था ना! तो उसका क्या हुआ होगा वहां पर? मुझे तो यह नही समझ आ रहा है कि आग लगी कैसे? तुम्हे कुछ पता है क्या?

    विपिन; मुझे कैसे पता होगा डार्लिंग! मैं तो तुम्हारे साथ ही था ना! और वैसे भी छोड़ो अब, जो हुआ, अच्छा ही हुआ। अब हमारे रास्ते में नही आयेगी वो! तुम्हे कौनसा उससे लगाव था,को तुम उसके बारे में इतना सोच रही हो!

    किरण; लगाव की बात नही है विपिन, लेकिन वो वही पर थी, और हमने उसे बांधा था वहा पर! अगर उसे नुकसान हुआ होगा तो उसके जिम्मेदार हम होंगे! और कही पुलिस को पता चल गया कि वहां पर एक लड़की भी थी,या है, तो अपन मुसीबत में भी फंस सकते है। [ कही न कही किरण को सिमरन की चिंता भी हो ही रही थी, और यह बात विपिन समझ गया था।वो भी जानता था कि किरण इतनी बुरी भी नही है कि किसी को मार दे। ]

    विपिन; डार्लिंग, तुम चिंता मत करो, मैं सब संभाल लूंगा। और सिमरन के साथ वही हुआ होगा, जो उसकी किस्मत में होगा। हमे उसके बारे में इतना नही सोचना चाहिए, और अपने खास दिन को spoil नही करना चाहिए।

    किरण; बिल्कुल सही कहा तुमने! और वो उसकी बाहों में हाथ डाल देती है, और उसे गले लगा लेती है।

    विपिन; अच्छा जी, हमारी डार्लिंग का तो रोमांटिक मूड शुरू भी हो गया।

    किरण; वैसे अपनी फैमिली वाले कहां पर है? कबसे नही दिखे?

    विपिन; मैने उन्हे पहले ही घर जाने को बोल दिया था, और आज हम यही रहेंगे, ताकि हमे कोई डिस्टर्ब नही कर सके!

    यह कहकर वो किरण को अपनी गोदी में उठा लेता है,  उसके सर पर एक किस करता है, और उसे कमरे में लेकर चला जाता है।

    क्रमश:



    हां,तो अब सोचिए और बताइए कि क्या लगता है आप सभी को? क्या होगा आगे ? और अच्छे अच्छे से रिव्यू भी दे दीजिए! ताकि हम और अच्छा लिख सके!

    धन्यवाद!❤️✨

  • 4. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 4

    Words: 1185

    Estimated Reading Time: 8 min

    साहिल हॉस्पिटल पहुंचता है, और जल्दी से सिमरन को उठाकर अंदर लेकर जाता है,(तभी वो नोटिस करता है कि इस लड़की ने तो शादी का जोड़ा पहना हुआ है, पर फिर वो उस बात को इग्नोर कर देता है।)जहां उसके फैमिली डॉक्टर ने पहले से ही सब इंतजाम किए हुए थे। क्योंकि यह साहिल का स्पेशल वार्ड था, जो उसने कभी भी इमरजेंसी के लिए ऑलरेडी बुक करवा रखा था। उसने रास्ते में ही फोन कर दिया था हॉस्पिटल में, ताकि वो सभी तैयारी करके रखे। सिमरन को स्पेशल वार्ड में ले जाया जाता है, जहां पर आस पास कोई आता भी नही है, तो लाइमलाइट में भी नही आते है। साहिल ने इसलिए अलग से अपने और अपने फैमिली वालो के लिए ऐसा इंतजाम किया हुआ था।

    साहिल, डॉक्टर को सारी सिचुएशन बात देता है कि उसे सिमरन किस तरह मिली, फिर डॉक्टर उस wait करने को कहकर अंदर चले जाते है।

    तभी साहिल का फोन बजता है, तो वो देखता है कि उसकी तानिया दीदी का कॉल है। जैसे ही साहिल फोन रिसीव करता है, तानिया उसे डाट लगाना शुरू कर देती है।

    तानिया; तुम हो कहां पर साहिल? मैं कबसे wait कर रही हुं तुम्हारा, डिनर पर! तुमने कहां था कि तुम पहुंचने वाले हो! तो अब तक आए क्यों नही? ऊपर से किस जगह पर थे तुम इतनी देर से, तुम्हारा सिग्नल भी नही पकड़ रहा था! मुझे चिंता हो गई थी भाई तुम्हारी! अब कुछ बोलोगे भी!

    साहिल; दीदी, आप कुछ बोलने दोगे, तब मैं बोल पाऊंगा ना कि मैं कहां फंस गया था।

    तानिया( झेपते हुए); अच्छा ठीक है, बोलो अब!

    साहिल; दीदी, वो पापा का फोन आया था, तो उन्होंने काम दिया था मुझे कुछ, जिसके लिए मुझे पहले वहां पर जाना पड़ा। उसके बाद साहिल सब कुछ बता देता है, जो भी हुआ था, उसके साथ! दीदी, मुझे तो इस लड़की की चिंता हो रही है। मुझे यह नही समझ आ रहा है कि इसने शादी का जोड़ा क्यों पहना हुआ था, और यह वहां क्या कर रही थी।

    तानिया; हां, यही हम भी सोच रहे है, अब अगर वो होश आया तो ही इसका जवाब हमे मिल सकता है। I hope की उसके साथ कुछ बुरा नही हुआ हो! ( तानिया को अंदेशा हो गया था कि पक्का उस लड़की के साथ कुछ तो बुरा ही हुआ है। )

    साहिल; हां, डॉक्टर देख रहे है उसे! वैसे ज्यादा बाहरी चोट तो नही दिख रही थी मुझे उसकी! अब पता नही दीदी, बस मैं लेट तो नही हो गया ना उसे बचाने में? साहिल ने थोड़ा अफसोस करते हुए कहा।

    तानिया; तुम भी ना साहिल, कमाल करते हो! तुमने उसे बचाने की कोशिश की, यही बड़ी बात है। और हमे पता है कि उसे कुछ नही हुआ होगा। वो ठीक ही होगी।

    साहिल; हां दीदी, आप सही बोल रहे हो। तब तक डॉक्टर बाहर आ जाता है, तो साहिल, तानिया का फोन hold पर रख देता है।

    साहिल; डॉक्टर, अब कैसी condition है, उस लड़की की?

    डॉक्टर; वो ठीक है, लेकिन शायद धुआं बॉडी में जाने की वजह से वो बेहोश हो गई थी। और अभी इंजेक्शन का असर रहेगा तो वो रात भर तो बेहोश ही रहने वाली है। अब सुबह ही होश आएगा उसे!

    साहिल; लेकिन कोई घबराने की बात तो नही है ना डॉक्टर? अगर कोई प्रॉब्लम हो, तो आप मुझे फोन कर दीजियेगा, मैं अभी घर जा रहा हुं।

    डॉक्टर; हां, यही सही रहेगा। जैसे ही इस लड़की को होश आएगा, हम आपको कॉल कर देंगे।

    फिर डॉक्टर चले जाते है, और साहिल वापस कॉल अनहॉल्ड करता है, हा दीदी!

    तानिया; क्या कहां डॉक्टर ने?

    साहिल; मैं घर आकर बताऊंगा वो सब, आप खाने की तैयारी करो, मैं बस आता हूं, ठीक है। फिर साहिल कॉल रख देता है।

    और जल्दी से बाहर जाने के लिए निकलता है, तभी उसकी नजर रूम में bed पर लेटी, सिमरन पर जाती है, तो थोड़ी देर तक वो उसे देखता रहता है, फिर चला जाता है। 



    इधर किरण के घर में;

    राजीव आचार्य( किरण और सिमरन के पापा); सच कहे तो हमे किरण की चिंता हो रही है। वो बस किसी मुसीबत में ना फंसे, तो ही अच्छा है।

    सुहाना आचार्य(किरण और सिमरन की मम्मी); हमने आपसे कहा था कि किरण का साथ मत दीजिए। पर आपने मेरी एक नही सुनी।

    राजीव जी; बात वो नही है सुहाना जी, किरण की खुशी के आगे हम कुछ नही कर सकते है। विपिन प्यार है उसका। और सिमरन तो हमारी बेटी के खुशी के पीछे ही पड़ गई है।

    सुहाना जी; आप बस कुछ भी करिए लेकिन हमारी बेटी किरण की खुशियों पर आंच नही आनी चाहिए।

    ( उन्हे एक बार भी सिमरन की चिंता नही हुई कि वो कैसी है, और किस हालत में है? हो भी क्यों, उन्होंने सिमरन को अपनी बेटी समझा ही कहां था कभी! )

    राजीव जी; वैसे अच्छा ही हुआ जो वहां आग लग गई। बला टली हमारे ऊपर से! अब हमने तो कुछ किया नही! आग तो accidently ही लगी थी। उन्होंने अपने आप को और सुहाना जी को समझाते हुए कहा।

    सुहाना जी; सही कहा आपने! हमारी बेटी को चैन से जीने ही नही देती थी वो लड़की! (उन्होंने मुंह बनाते हुए कहा।)

    राजीव जी; वैसे विपिन और किरण आज वही पर रुकने वाले है, और कल तक यहां आ जायेंगे। फिर देखते है कि क्या करना है आगे!

    सुहाना जी; हां,तब तक अपन भी rest कर लेते है। आज थक भी तो गए है बहुत! फाइनली जैसा सोचा था, वैसा ही हुआ सब! हमारी किरण कितनी खुश लग रही थी ना, राजीव जी!

    राजीव जी; हां, सही कहा। विपिन बहुत प्यार करता है उसे, और वो तो जान देती है विपिन के ऊपर!

    सुहाना जी; पर हमे एक चिंता हो रही है राजीव जी! आपने उस बारे में कुछ सोचा है क्या?

    राजीव जी; हां, हम भी वही सोच रहे थे वैसे! पर उसका भी कोई सॉल्यूशन तो करना पड़ेगा। पर अभी के लिए इतना नही सोचते है,उस बारे में!

    सुहाना जी; अब तो चले अपन सोने, या पुरी रात ऐसे ही निकालनी है।

    राजीव जी; हां बिल्कुल, चलो!और वो दोनो सोने चले जाते है।



    इधर साहिल के घर में;

    साहिल आता है तो तानिया उससे उस लड़की के बारे में पूछती है। जो भी डॉक्टर ने कहा होता है, वो साहिल अपनी दीदी को बता देता है।

    तानिया; एक काम करेंगे साहिल, सुबह हम भी चलेंगे तुम्हारे साथ, उस लड़की से मिलने! बेचारी किस हालत में होगी।

    साहिल; ठीक है दीदी, जैसा आप कहे। वैसे भी उसे सुबह तक होश आ जायेगा तो आप उससे सही से बात भी कर पाएंगे। आखिर है कौन वो? और ऐसी हालत में वहां पर कैसे पहुंची?

    तानिया; हां, हम भी यही सोच रहे है, साहिल! अब छोड़ो, और तुम जल्दी से आओ फ्रेश होकर, फिर खाना खाते है।

    क्रमश:

    हा तो दोस्तो, कैसी लग रही है आपको स्टोरी? क्या लगता है कि राजीव जी और सुहाना जी किस चीज के बारे में चिंता कर रहे थे? क्योंकि उन्हें सिमरन की चिंता तो होने से रही! Waise तानिया बड़ी समझदार लगती है हमे, हैं ना! चलिए मिलते है अगले भाग में! तब तक आप हमे बताइए कि आप क्या सोचते है?

    धन्यवाद!❤️✨

  • 5. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 5

    Words: 1272

    Estimated Reading Time: 8 min

    सुबह साहिल उठता है, तो उसे सबसे पहले सिमरन का खयाल आता है। पता नही क्यों लेकिन साहिल को उससे एक अटैचमेंट सा फील हो रहा था। और वो सबसे पहले डॉक्टर के कॉल करता है, और सिमरन के बारे में पूछता है।

    साहिल; वो लड़की कैसी है डॉक्टर? उसे होश आ गया क्या?

    डॉक्टर; अभी मैं हॉस्पिटल ही जा रहा हुं,तो उसके बाद ही तुम्हे बता पाऊंगा कि वो लड़की ठीक है या नही! वैसे क्या तुम उसे जानते हो साहिल?

    साहिल; नही डॉक्टर, मैं तो जानता तक नही उसे, लेकिन मुझे वो रास्ते में मिली और मुसीबत में थी, तो मैंने सिर्फ मदद की उसकी! मुझे तो नाम तक नही पता उसका!

    [ फैमिली डॉक्टर होने की वजह से साहिल और उनका रिलेशन कैजुअल ही था। वो एक दोस्त की तरह ही थे साहिल के लिए! ]

    साहिल; ठीक है,जब तुम पहुंच जाओ तो मुझे अपडेट देना उस लड़की की! मैं जब तक तैयार हो जाता हूं, फिर हॉस्पिटल ही आ रहा हुं मै!

    डॉक्टर; अच्छा, ठीक है। तुम आ जाओ। मैं तो पहुंचने ही वाला हुं। चलो अब मैं फोन रखता हुं, और यह कहकर डॉक्टर फोन रख देते है।

    साहिल बेड पर ही बैठा रहता है, और सिमरन के बारे में ही सोच रहा होता है। उसे बार बार सिमरन की मासूम शक्ल और उसकी हालत ही याद आ रही होती है।

    तभी कमरे के बाहर तानिया आती है और पूछती है कि साहिल,अब तक नही उठे क्या तुम? पर अंदर से कोई आवाज नहीं आती है तो तानिया समझ जाती है कि साहिल अब तक नही उठा है, और वो कमरे के अंदर जाती है। पर कमरे के अंदर जाते ही तानिया शॉक रह जाती है: 

    तानिया; यह क्या साहिल, तुम उठ गए थे तो मेरी आवाज का जवाब क्यों नही दिया?

    साहिल तानिया की आवाज से अपने ख्यालों से बाहर आता है। और पूछता है कि:

    साहिल; कुछ कहा आपने दीदी? और आप यहां कब आई मेरे कमरे में?

    तानिया; जब तुम उठने के बाद भी सपनो में खोए हुए थे, तब मैं अंदर आई! अब उठो जल्दी साहिल, हमे फिर हॉस्पिटल भी जाना है।

    साहिल; हां, मैं भी वही सोच रहा था, इसलिए उठ गया। आप नीचे चलो, मैं अभी दस मिनट में तैयार होकर आता हुं। और वो अपने बेड से उठ जाता है, और जल्दी से बाथरूम में चला जाता है।

    तानिया उसे देखकर हंसती है और फिर नीचे जाकर हॉस्पिटल जाने की तैयारी करती है। और फिर साहिल का wait करती है। फिर साहिल के आते ही वो दोनो हॉस्पिटल के लिए निकल जाते है।

    हॉस्पिटल में:

    साहिल; डॉक्टर, क्या उस लड़की को होश आया?

    डॉक्टर; हां, लेकिन हमारे पूछने पर वो कुछ बता नही रही है अपने बारे में! पर हां, दुखी लग रही है बहुत!

    साहिल; हां, दुखी तो होगी ही वो, हमे भी लग रहा था कि कुछ ऐसी ही बात है। और हम अजनबी को देखकर शायद घबरा जाए, साहिल ने कुछ सोचते हुए कहा।

    तानिया; मैं जाती हुं उसके पास, और उससे बात करती हुं और कंफर्टेबल फील करवाने की कोशिश करती हुं। एक लड़की की कंपनी मिलेगी तो वो थोड़ा सहज भी महसूस करेगी।

    साहिल; हां, दीदी! मैं भी यही कहने वाला था आपको! आप जाइए और मैं बाहर ही रहता हुं। जब आपको लगे कि अब वो कंफर्टेबल है थोड़ी, तो आप मुझे बुला लेना।

    फिर तानिया रूम के अंदर जाती है, तो देखती है कि नर्स उस लड़की को फ्रूट्स खिलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वो मना कर रही है खाने से! तानिया को वो लड़की थोड़ी घबराई हुई भी लगी। तानिया ने अंदर जाते ही कहा:

    तानिया; हेलो डियर! अब कैसी तबियत है तुम्हारी?

    उसके जवाब में सिमरन बस अपनी गर्दन हिला कर ठीक में जवाब देती है। और फिर नर्स की तरफ देखती है और नजरो से ही पूछती है कि यह कौन है?

    नर्स समझ जाती है कि सिमरन क्या पूछना चाहती है और वो बोलती है कि यह उस इंसान की बड़ी बहन है, जिसने तुम्हे यहां पर admit करवाया था। और वो फिर वो बोलती है कि चलो, अब यह खा लो, वरना टैबलेट कैसे लोगी तुम?
    [ पर सिमरन की आंखों के सामने तो रह रहकर वही सब आ रहा था, जब उसे अपनो से ही धोखा मिल था। कभी सपने में नही सोचा था, वो सब रियलिटी में उसके साथ हुआ। इसलिए वो बार बार घबरा रही थी। पर वो साथ ही यह सब बातें इग्नोर भी करने की कोशिश कर रही थी। तभी तानिया की आवाज से वो वापस present में आती है।]

    पर सिमरन मुंह फेर लेती है नर्स से, तो यह देखकर तानिया बोलती है कि; कोई बात नही डियर, अगर तुम्हे यह नही खाना है तो तुम अभी मत खाओ। और वो नर्स को जाने को बोलती है, तो नर्स चली जाती है।

    सिमरन मन में सोच रही थी कि यह दीदी लगते तो अच्छे है, तो वो मुस्कुरा देती है, उन्हे देखकर! जिससे तानिया को थोड़ी राहत मिलती है, और वो सिमरन के बेड के पास रखी चेयर पर बैठ जाती है।

    तानिया; मेरा नाम तानिया है डियर, तुम मेरे साथ कंफर्टेबल फील कर सकती हो।

    सिमरन; थैंक यू, तानिया जी! आपने मेरी जान बचाई।

    तानिया; अरे नही, हमने थोड़े ना बचाई। वो तो हमारा छोटा भाई है, जिसने तुम्हे बचाया था। और उसमे थैंक्स कैसा? यह तो ड्यूटी है इंसान की, किसी को मुसीबत में देखकर उसकी मदद करना!

    सिमरन; हां दीदी! उसने मुस्कुराते हुए कहा।

    [ अब तानिया को लग गया था कि यह लड़की अब थोड़ी कंफर्टेबल हुई है। तो अब वो उससे पूछ सकती है कि उसके खुद के बारे में! ]

    तानिया; अरे वाह, तुम्हारे मुंह से दीदी सुनकर हमे बड़ा अच्छा लगा। लेकिन हमे भी तो अपना स्वीट नाम बताओ ना डियर?

    सिमरन; जी मेरा नाम सिमरन आ.....यह बोलते बोलते सिमरन रुक जाती है और फिर बोलती है कि मेरा नाम सिमरन है, दीदी!

    (सिमरन नही चाहती थी कि वो अब आचार्य सरनेम अपने पीछे लगाए।)

    तानिया; बहुत स्वीट नाम है तुम्हारा सिमरन! अच्छा तुम हमारे साथ comfortable फील कर सकती हो। हम इतने भी बुरे नही है वैसे! यह कहकर तानिया हंसती है तो सिमरन भी मुस्कुरा देती है।

    साहिल यह सब बाहर कांच से खड़ा देख रहा था, जैसे ही सिमरन हंसती है तो उसके चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ जाती है, उसे हंसता हुआ देखकर! तभी उसे ध्यान नही रहता है और उसके हाथ से दरवाजा थोड़ा सा खुल जाता है, तो सिमरन अचानक से चौंक जाती है। तो तानिया उसे कंसोल करते हुए कहती है कि यह साहिल है, मेरा भाई! जिसने तुम्हें बचाया था।

    साहिल; सॉरी, मैं गलती से आ गया और वो वापस जाने लगता है तभी सिमरन पीछे से बोलती है कि धन्यवाद साहिल जी!

    तो साहिल यह सुनकर पीछे मुड़ता है, और सिमरन की तरफ देखकर मुस्कुराता है, और बोलता है कि यह तो मेरा फर्ज था।

    तानिया; वैसे सिमरन नाम है इसका। बहुत ही प्यारी लड़की है।

    साहिल; बहुत अच्छा नाम है आपका! और वो जाने लगता है तभी तानिया बोलती है कि;  साहिल, तुम कहां जा रहे हो?इधर आओ और हमारे पास बैठो! अपन साथ में ब्रेकफास्ट करते है।

    क्यों सिमरन, हमारे साथ ब्रेकफास्ट करोगी ना? मैने खुद बनाया है तुम्हारे लिए दलिया! तुम्हारी हेल्थ के लिए अच्छा भी रहेगा।

    सिमरन एक बार को तो कुछ नही बोलती है, फिर हां में सर हिलाती है, तो तानिया खुश हो जाती है और साहिल को बोलती है कि बाहर वो बैग रखा है, उसे लेकर आ जाओ!



    हां, तो दोस्तो, अब बताइए कि आगे क्या होने वाला है? वैसे तानिया समझदार है ना, इसलिए उसने जल्दी से सिमरन को कंफर्टेबल फील करवा दिया। अब देखते है कि आगे इनकी स्टोरी कहां तक जाती है!
    धन्यवाद!❤️✨

  • 6. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 6

    Words: 1443

    Estimated Reading Time: 9 min

    साहिल बाहर जाकर नाश्ते का बैग लेकर आता है, और तानिया को दे देता है। तानिया सिमरन के लिए दलिया परोसती है, और उसे देती है। सिमरन पहले तो मना करती है,फिर तानिया के कहने पर ले लेती है, आख़िर भूख तो उसे भी लगी ही थी ना! तो वो ले लेती है और फिर तानिया की तरफ देखने लगती है।
    तानिया; क्या हुआ सिमरन? खाओ ना!
    सिमरन; आपकी प्लेट भी परोसो ना दीदी! हम साथ में खाने वाले थे ना? सिमरन ने मासूम सा चेहरा बनाते हुए पूछा।
    तानिया; हां हां बिल्कुल डियर, हम साथ में ही खायेंगे। मैं अभी मेरे और साहिल के भी परोस देती हूं। और यह कहकर तानिया उनकी भी प्लेट परोस देती है, और फिर वो खाने लगते है। लेकिन उनके बीच में एक अजीब सी चुप्पी थी। किसी को कुछ समझ नही आ रहा था कि शुरुआत कैसे करे बातचीत की? और साहिल तो सच में नही समझ पा रहा था। क्योंकि उसके मन में बहुत सारे सवाल थे, जिन्हे वो सिमरन से पूछना चाहता था, लेकिन पूछने की हिम्मत नही कर पा रहा था। उसे यह डर था कि कही कुछ गलत सवाल ना पूछ लूं मैं!
    तभी तानिया ही चुप्पी तोड़ती है,
    तानिया; सिमरन कैसा बना है दलिया? ज्यादा बुरा तो नही बना ना!
    सिमरन ; अरे नही नही दीदी! बहुत अच्छा बना है, दलिया! मैने इससे पहले इतना tasty नही खाया था। आपको पता है दीदी, मुझे यह फ्रूट्स खाना नही पसंद है और वो नर्स मुझे वही खिला रही थी। अच्छा हुआ जो आप आ गई और आपने बचा लिया मुझे! (फिर सिमरन को लगा कि वो ज्यादा बोल गई है तो फिर से चुप हो जाती है।)
    तानिया; कोई बात नही सिमरन।  तुम्हे जो पसंद है, वही खाओ!
    [ साहिल बस उनकी बातें सुन रहा था और सिमरन की नोटिस कर रहा था, उसे लग गया था कि उसके चेहरे पर एक उदासी है जिसे वो छुपाने की कोशिश कर रही है। ]
    तभी डॉक्टर आकर सिमरन से पूछते है कि अब वो कैसा फील कर रही है?
    सिमरन; हां डॉक्टर, अब मैं ठीक हूं।
    डॉक्टर; तुम अब बिल्कुल ठीक हो सिमरन तो तुम शाम तक घर भी जा सकती हो!
    सिमरन इस बार कुछ नही बोलती है और बस कुछ सोचने लगती है, तो उसकी आंखों में आंसू आने लगते है।
    तानिया; क्या हुआ सिमरन?
    सिमरन; नही दीदी, कुछ नही! मैं शाम तक यहां से चली जाऊंगी।
    डॉक्टर; मैं डिस्चार्ज के सारे पेपर्स तैयार करवाता हुं, शाम तक रेडी होते ही आप जा सकते है। पर आपको अपना ध्यान रखना होगा, ठीक है। यह कहकर डॉक्टर चले जाते है।
    साहिल; सिमरन, तुम मुझे अपने घर वालो के बारे me bata सकती हो क्या? ताकि मैं उन्हे फोन करके बुला सकूं!
    सिमरन कुछ नही बोलती है बस उसकी आंखों से आंसू गिर रहे होते है।
    साहिल; सॉरी, मैने कुछ गलत बोला हो तो!
    तानिया; क्या हुआ सिमरन? तुम क्यों इतना स्ट्रेस में हो? तुम चाहों तो हमसे शेयर कर सकती हो, अपनी प्रॉब्लम!
    सिमरन; मेरा कोई नही है अपना इस दुनिया में!
    और फिर वो वापस रोने लगती है। तानिया और साहिल को समझ नही आ रहा था कि उसे कैसे कंसोल करे? क्योंकि उन्हे सिमरन के बारे में ज्यादा पता भी नही था, और वो अपने सवाल पूछकर सिमरन को दुखी नही करना चाहते थे। लेकिन बिना पूछे पता भी कैसे करे सिमरन के बारे में, और उसे कंसोल कैसे करे?
    तानिया उसे कंसोल करने की कोशिश करती है, लेकिन वो सब बेकार था, क्योंकि सिमरन के सामने पूरा वो सीन घूम रहा था, जब उसे अपनो की सच्चाई पता चली थी। फिर उसने अपने आप को संभाला, और कहा कि सॉरी, मैने आपको तकलीफ दी। अब आप जा सकते है। मैं अपना ध्यान खुद रख लूंगी!
    तानिया; देखो सिमरन, हमे पता है कि तुम किसी मुसीबत में हो, और तुम्हारी तबियत भी सही नही है। हम तुम्हे ऐसे छोड़कर नही जा सकते है।
    साहिल; देखो सिमरन, हमे पता है कि तुम्हारे लिए किसी अंजान पर भरोसा करना मुश्किल है, लेकिन विश्वास रखो हम पर, हमसे जितना हो सकेगा,हम तुम्हारी मदद करेंगे।
    तानिया; तुम्हारे मम्मी पापा, क्या इस दुनिया में नही है? तो तुम्हारा कोई तो अपना होगा, ना!
    सिमरन; नही दीदी, वो सब यही है, लेकिन हम उनके पास नही जाना चाहते है। हम बस इतना कह सकते है कि कहने को तो इस दुनिया में हमारे कही रिश्ते है, लेकिन उनमें से कोई हमारा अपना नही है। ( यह कहते हुए सिमरन की आंखों में जो दर्द था, उसे कही न कही साहिल ने फील किया था।)
    तानिया; अच्छा ठीक है, सिमरन! तुम हमे अभी कुछ नही बताना चाहती हो तो कोई बात नही। लेकिन तुमने हमे अपनी दीदी कहा है, तो हमारी एक बात मानोगी?
    सिमरन; हां, बोलिए दीदी!
    तानिया; अगर तुम्हे कोई ऐतराज नहीं हो तो तुम हमारे घर चलना पसंद करोगी? हम तुमसे वादा करते है कि तुम्हे कोई प्रॉब्लम नही होगी वहां पर। एक बार हम पर विश्वास करके देखो!
    सिमरन; नही दीदी, हम आपको कोई तकलीफ नही देना चाहते है।
    तानिया; इससे हमे खुशी मिलेगी सिमरन! अगर तुम्हारा मन नही लगेगा तो फिर तुम जहां जाना चाहो, जा सकती हो। हम फिर नही रोकेंगे।
    सिमरन; ठीक है दीदी। हम चलते है। लेकिन आप हमसे वादा कीजिए कि आप दोनो हमारे बारे में किसी को पता नही चलने देंगे।
    तानिया और साहिल को थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन वो उसे प्रोमिस कर देते है।
    साहिल; मैं जाकर देखता हूं कि डॉक्टर ने पेपर्स तैयार किए है या नही! और वो बाहर चला जाता है।
    [ साहिल बाहर जाते ही कुछ देर कांच से सिमरन को देखता है, और मन में सोचता है कि ऐसा क्या हुआ होगा कि सिमरन इस कदर टूटी हुई है। साहिल उसका pain ना चाहते हुए भी फील कर रहा था। फिर वो खुद को तसल्ली देता है कि सिमरन धीरे धीरे कंफर्टेबल हो जायेगी तो वो खुद अपनी प्रॉब्लम शेयर कर देगी हमसे! अभी उसे इतना स्ट्रेस देना ठीक नही होगा। और जैसा चल रहा है, वैसा ही चलने देते है। ] और वो डॉक्टर से मिलने चला जाता है।
    इधर कमरे में;
    नर्स आती है और बोलती है कि सिमरन चलो अब तो दवाई ले लो।
    तानिया; हां, सिमरन! देखो दवाई के मामले में हमे लापरवाही नही करनी चाहिए। चलो जैसा नर्स कह रही है, वैसा कर लो, ओके!
    सिमरन मन में सोचती है कि तानिया दीदी और साहिल जी गैर होकर भी उसकी परवाह कर रहे है, और उसके अपनो ने आज तक उसके बारे में नही सोचा। और तो और उसे जिंदा जलाने की कोशिश की! यह सोचकर उसकी आंखों में फिर नमी आ जाती है। पर वो उसे छुपा लेती है, और चुप चाप दवाई ले लेती है।
    तानिया; that's like my good girl. अच्छा तुम दो मिनट रुको, मैं जाकर तुम्हारे कपड़ो और कुछ जरूरत का सामान लेकर आती हूं।  तुम्हे इन हॉस्पिटल के कपड़ो में तकलीफ हो रही होगी ना!
    सिमरन; थैंक्स दीदी! पर जल्दी आना ना प्लीज!
    तानिया; हां बस यू गई और यू आई! यह कहकर वो चली जाती है।
    तानिया बाहर साहिल से मिलती है और बोलती है कि;
    तानिया; तुमने बहुत सही किया साहिल, कि सही वक्त पर पहुंचकर सिमरन को बचा लिया।इसकी बातों से ऐसा लगता है कि इसे अपनो ने ही धोखा दिया है। इसलिए यह अंदर से टूट गई है। हमे इसकी मदद करनी होगी, भाई!
    साहिल; हां दीदी, मैं भी यही सोच रहा था। पर वो आपके साथ थोड़ा कंफर्टेबल फील कर रही है, तो हम अभी उसके पुराने जख्म नही कुरेदते है। मुझे लगता है कि थोड़े दिन बाद सिमरन खुद हमसे शेयर करेगी कि इसे क्या प्रॉब्लम है। हमे बस इसका विश्वास जीतना होगा, दीदी! तभी हम उसकी मदद कर पाएंगे!
    तानिया; सही कहा तुमने साहिल! Iam proud of you. यह कहकर वो साहिल को गले लगा लेती है।
    साहिल; बस बस दीदी! आज ही सारा प्यार लुटाने का इरादा है क्या,यह कहते ही दोनो हंसने लगते है।
    तानिया; अच्छा,मैं मार्केट जा रही हुं, सिमरन के लिए कुछ सामान लेने! तुम तब तक सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर दो, ताकि हम जल्दी से जल्दी इसे घर लेकर जा सके! मैं शांता ताई(साहिल और तानिया के घर काम करने वाली )को फोन कर देती हुं, ताकि वो सिमरन के लिए रूम साफ कर देगी!
    साहिल; ठीक है दीदी।
    तानिया; और हां, सिमरन को देखते रहना, उसका ध्यान रखना।
    और यह कहकर वो दोनो अपने अपने काम में लग जाते है। और थोड़ी देर बाद सिमरन, साहिल और तानिया घर के लिए निकल जाते है।
    क्रमश:

    हां तो दोस्तो! बताइए कि आपको कैसी लग रही है हमारी स्टोरी? वैसे साहिल और तानिया बहुत अच्छे है ना! वैसे सिमरन भी बहुत अच्छी है, बस अभी थोड़ी डरी हुई है।देखते है कि अब क्या होता है आगे?
    धन्यवाद!❤️✨

  • 7. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 7

    Words: 1229

    Estimated Reading Time: 8 min

    सिमरन जैसे ही साहिल और तानिया के घर पहुंचती है, तो वो देखती है कि यह घर तो काफी आलीशान और बड़ा है। मतलब कि साहिल जी और तानिया दीदी बहुत बड़े लोग है। और वो अपने आप थोड़ा अदब में आ जाती है, उनके सामने! और मन में सोचती है कि कैसे झल्ली लड़की को तरह behave कर रही थी मैं इनके सामने, और यह तो इतने बड़े होकर भी जरा भी घमंड नही है। और फिर वो अचानक से अपने past में चली जाती है;

    [ विपिन - डार्लिंग, आज अपन मेरे घर चलेंगे, ठीक है। बस तुम अपना मुंह सही से ढक लेना, ताकि कोई तुम्हारा चेहरा न देख सके, रास्ते में!

    सिमरन - हां विपिन, मुझे पता है कि तुम्हे मेरी चिंता है इसलिए मुझे दुनिया के सामने नही आने देते। इतनी परवाह मत किया करो मेरी! सिमरन की आंखों में उस समय विपिन के लिए जो प्यार और इज्जत थी, वो हर कोई आसानी से देख सकता था।

    विपिन - हां डार्लिंग, तुम्हारी परवाह नही करूंगा तो और किसकी करूंगा, और वो अजीब तरीके से मुस्कुराता है। लेकिन हमारी सिमरन तो भोली थी, तो वो यह सब नोटिस नही करती है, और विपिन के गले लग जाती है। फिर सिमरन और विपिन जैसे ही विपिन ले घर पहुंचते है तो वो सच में बहुत बड़ा बंगला होता है। तभी विपिन बोलता है कि सिमरन, तुम सबके सामने बहुत ही डिसेंट और अदब से पेश आना, क्योंकि तुम्हे इन सब की आदत नही है, तो तुम कही अपना झल्लापन ना दिखा दो यहां पर भी, यह तुम्हारा घर अभी हुआ नही है।

    सिमरन को थोड़ा बुरा लगता है विपिन की बात का, क्योंकि वो हमेशा उसे ऐसे ही उसके झल्लेपन के लिए बोलता रहता है, लेकिन फिर भी वो इग्नोर कर देती थी। क्योंकि वो सोचती थी कि वो बस अपने स्टेटस को लेकर थोड़ा सा प्रोटेक्टिव है और कोई गलत बात तो सीखा नही रहा, सही है ना कि मैं भी थोड़ा सही से रहना सीख जाऊंगी।

    सिमरन - हां बाबा, और फिर वो बिल्कुल डिसेंट सी शक्ल बना लेती है और विपिन उसका चेहरा तो पहले से ही ढका देता है, इसलिए सिमरन कभी किसी की नजर में आई ही नही! ]

    यह सब सोचकर उसकी आंखों में फिर नमी आ जाती है, वो सोचती है कि मैने तो तुमसे सच्चा प्यार किया था विपिन, तुमने क्यों मेरे साथ ऐसा किया? इतनी बुरी थी मैं, कि तुमने मुझे जिंदा जलाना चाहा! पर अब वो प्यार नफरत में बदल चुका है। तुम सभी ने मेरे साथ जो किया है, उसके लिए मैं तुम्हे कभी माफ नही करूंगी! सिमरन अपने ही मन में दृढ़ निश्चय कर लेती है। तभी तानिया की आवाज से सिमरन वापस present में आती है,

    तानिया - कहां खोई हुई हो सिमरन? मैं कबसे बुला रही हूं।

    सिमरन - नही दीदी, बस ऐसे ही! और फिर वो चेहरा नीचे कर लेती है।

    साहिल - हां, तो सिमरन बताओ कि तुम्हे हमारा घर कैसा लगा ? उसने एक्साइटमेंट में पूछा।

    सिमरन - अच्छा है, बहुत खूबसूरत है। और एक फीकी सी स्माइल दी।

    तानिया - अरे, इसे अंदर भी आने दोगे या यही पर सारा रिव्यू ले लोगे। और फिर तानिया, सिमरन का हाथ पकड़कर उसे घर ले अंदर लेकर जाती है।

    सिमरन को कुछ समझ नही आ रहा था कि वो कैसे रिएक्ट करे? इसलिए वो बस चुप चाप चलती जा रही थी। और आस पास देखे जा रही थी। अंदर आकर उन्हें शांता ताई मिलती है और बहुत प्यार से सिमरन को बोलती है, बेटा किसी भी चीज की जरूरत हो तो तुम मुझे बोलना। मैं ही इन दोनो का ध्यान रखती हूं, और आज से तुम्हारा भी मैं ही ध्यान रखूंगी, बिल्कुल अपनी बच्ची की तरह!

    सिमरन इतने अच्छे लोगो से कभी नही मिली थी। वो मन में सोचती है कि एक मेरा परिवार था, जिसने मुझे आज तक अपनेपन का एहसास भी नही करवाया और एक तरफ यह अंजान लोग है, जो मुझे सही से जानते तक नही, फिर भी मेरी कितनी परवाह कर रहे है।

    तानिया - वैसे सिमरन, ताई ना बहुत अच्छा खाना बनाती है। पर आज यह किसी काम से लेट हो गई थी इसलिए मैंने तुम्हारे लिए नाश्ता बनाया था।

    सिमरन - वैसे एक बात पूछ सकते है क्या आपसे दीदी?

    तानिया - हां बिल्कुल पूछो ना डियर! तुम्हे यह पूछने की जरूरत नही है। तुम जो चाहें हमे बोल सकती हो, और बेझिझक कुछ भी पूछ सकती हो।

    सिमरन - आपके मम्मी पापा नही दिखाई दे रहे है। क्या वो यहां पर नही है। वो हमे देखकर बुरा तो नहीं मानेंगे ना?

    साहिल - एक्चुअली पापा मुंबई ही रहते है, और मम्मी उनके साथ! कभी वो यहां आ जाते है, तो कभी हम वहां चले जाते है।और वो तुमसे मिलेंगे तो खुश ही होंगे, देखना!

    तानिया - सिमरन, तुम इतना मत सोचा करो और बस आराम करो। मैं तुम्हे अपना कमरा दिखा देती हुं। और फिर वो उसे कमरे में लेकर जाती है।

    साहिल - दीदी, में भी तब तक ऑफिस जाकर आता हुं। जल्दी आने की कोशिश करूंगा।

    तानिया - हां, कोई बात नही! आज वैसे भी मैं घर से ही काम करने वाली हुं, तो मैं यही हुं। तुम आराम से जाकर आ जाओ। ठीक है।

    साहिल - सिमरन, अपना ध्यान रखना। और दवाई टाइम से लेना। सिमरन बस हां में सर हिला देती है। तो साहिल दो सेकंड के लिए तो उसकी मासूम शक्ल देखता रह जाता है।

    तानिया - चलो, सिमरन! और वो ऊपर कमरे में चले जाते है।

    जाते जाते रास्ते में तानिया, सिमरन को बताती है कि वो एक फैशन डिजाइनर है जो अलग अलग ड्रेसेज डिजाइन करती है। अभी वो इतनी फेमस नही है, पर हां, अभी काम ठीक ठाक चल रहा है, और उसके client उसकी डिजाइनिंग से satisfy हो रहे है।  वो बहुत मेहनत कर रही है आगे बढ़ने के लिए! और साहिल उसे पूरा सपोर्ट करता है।

    तानिया - अभी तुम rest करो, फिर मैं तुम्हे अपना कलेक्शन भी दिखाऊंगी! तानिया ने एक्साइटमेंट में कहा।

    सिमरन - हां दीदी, जरूर! आप हमे इतनी इंपोर्टेंस दे रही है, यह सब देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। आप सच में बहुत अच्छी है दीदी! सभी लोग दुनिया में आप जैसे होते तो कितना अच्छा होता न!

    तानिया - तुम भी ना सिमरन!चलो अब थोड़ी देर तुम सो जाओ और मैं अपना काम कर लेती हुं। फिर अपन साथ में लंच करेंगे।

    और फिर तानिया चली जाती है, और सिमरन bed पर लेट जाती है। लेकिन उसकी आंखों में नींद कहां थी, उसे तो रह रहकर वही सब याद आ रहा था। फिर वो सोचती है कि ये मेरी नई जिंदगी है जो मुझे इन लोगों ने दी है। मैं इसमें अपनी पुरानी जिंदगी का साया भी नही पड़ने दूंगी! और वो सब कुछ भूलने की कोशिश करूंगी। और फिर वो आंख बंद करके सोने की कोशिश करती है, लेकिन फिर भी सिमरन सो नही पाती है, क्योंकि वो चाहकर भी अपना past भुला नही पा रही थी।

    क्रमश:

    क्या लगता है दोस्तो? क्या सिमरन अपना past भूल पाएगी इतनी आसानी से?वैसे हमारी सिमरन साहिल से बहुत कम बात करती है ना! कोई नही, उनके बीच में भी धीरे धीरे बातें होने लगेगी, और यह भी एक दूसरे को जानने लगेंगे!  पर क्या तानिया और साहिल उसका विश्वास जीत पाएंगे? क्या विपिन और बाकी परिवार वालो को पता चल पाएगा कि सिमरन जिंदा है? देखते है आगे की स्टोरी में कि क्या होता है? धन्यवाद!

  • 8. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 8

    Words: 1371

    Estimated Reading Time: 9 min

    सिमरन ऐसे ही बेड पर लेटी थी, पर उसे नींद ही नही आ रही थी। जैसे ही वो आंखें बंद कर रही थी, तो उसे वही सब याद आ रहा था, और वो फिर से past में खो जाती है;

    सिमरन अपने कमरे में दुल्हन के लिबास में तैयार होकर बैठी थी और कांच में खुद को देख रही थी। खुद को दुल्हन के वेश में देखकर उसे बहुत खुशी हो रही थी। आज वो दिल से खुश थी, क्योंकि फाइनली उसकी विपिन से शादी हो रही थी, और उसके बाद वो पूरी दुनिया के सामने हमारे रिश्ते को बताएगा। उसे तो विश्वास ही नही हो रहा था, कि विपिन और उसकी इतनी बड़ी ग्रैंड वेडिंग हो रही है, और सभी मीडिया वाले और पब्लिक उसका चेहरा देखने के लिए बंगले के आगे खड़े है। और शादी के बाद पहली बार वो लोगों के सामने इस तरह से आयेगी। वरना इससे पहले वो कभी किसी की नजरों में नही आई। कोई भी उसे नही जानता था।

    पर आज वो दुनिया के सामने आने वाली थी, वो भी अपने प्यार विपिन के साथ! उसे याद है कि विपिन ही उससे मिलने उसके घर आया करता था, और उसे धीरे धीरे विपिन पसंद आने लगा। पर उसने यह बात किसी को भी नही बताई थी, पर जब एक दिन किरण ने पूछा तो उसने उसे बता दिया। आज किरण की वजह से ही तो विपिन उसके साथ है। उसने ही तो मिलवाया है हमें! सिमरन यही सब सोच रही थी, तभी उसके कमरे का दरवाजा खुलता है और किरण अंदर आती है,

    किरण - अरे वाह दीदी, तुम तो बहुत खूबसूरत लग रही हो, और उसे गले लगा लेती है।

    सिमरन - थैंक्यू किरण! आज तुम्हारी वजह से ही मैं इतनी खुश हुं। तेरे लिए तो जान भी हाजिर करूं मैं , तो कम ही पड़ेगा!

    किरण - क्या दीदी, तुम भी! चलो अभी तो शादी में टाइम है तो तुम मेरे साथ चलोगी क्या? कुछ surprise है तुम्हारे लिए!

    सिमरन - चलो चलो, बहुत मजा आयेगा, उसने एक्साइटेड होते हुए कहा। तो किरण उसका हाथ पकड़कर उसे कमरे से बाहर लेकर आती है और अचानक से कोई पीछे से आकर उसके मुंह को रूमाल से दबा देता है और वो बेहोश होने लगती है। जब उसकी आंख खुलती है, तो उसके सामने का नजारा बिल्कुल अलग था। उसे थोड़ी देर तो समझ ही नही आता कि यह उसके साथ क्या हो रहा है, कही वो कोई सपना तो नही देख रही है ना! तभी किरण सामने से आती है, तो वो देखती है कि उसने शादी का जोड़ा पहना हुआ है, और वो बिल्कुल दुल्हन लग रही थी। सिमरन को कुछ समझ नही आता है, और वो किरण से पूछने के लिए थोड़ा हिलती है, तो वो महसूस करती है कि उसके हाथ और पांव किसी चीज से झकड़े हुए है। फिर वो अपने आप को नोटिस करती है कि उसे रस्सियों से बांधा हुआ है, और वो आउटहाउस की जमीन पर बैठी हुई है। तभी वो किरण से बोलती है कि किरण, यह किसने किया मेरे साथ बहन?आओ ना,मेरी मदद करो ना, इसको खोलने में! ताकि मैं शादी में जा सकूं। वहां विपिन मेरा इंतजार कर रहा होगा। तभी वो देखती है कि किरण के पीछे से विपिन आता है। सिमरन एक बार को तो थोड़ा रिलेक्स होती है। फिर बोलती है;

    सिमरन - अच्छा हुआ विपिन, जो तुम भी यहां आ गए। देखो ना, यह किसने मेरे साथ मजाक किया है, उसने थोड़ा गुस्से में बोला। तभी उसे याद आता है कि वो तो किरण के साथ कही जा रही थी, तो यहां कैसे पहुंच गई? उसके मन में एक बार को विचार आता है कि कही किरण ने तो prank नही किया है मेरे साथ? फिर वो किरण की तरफ देखती है,तब तक किरण, सिमरन के एक्सप्रेशन से समझ जाती है और वो ही बोलती है;

    किरण - नही दीदी, यह कोई मजाक नही है। पर हां, शायद यह तुमने सही सोचा है कि यह मैने ही किया है। अब बस तुम इतना जान लो कि दुल्हन तुम नही, बल्कि मैं हूं, समझी!

    सिमरन - तुम मजाक कर रही हो ना किरण? विपिन, तुम कुछ बोलते क्यों नही इसे? सिमरन का दिमाग काम करना बंद कर गया था, ऐसी बातें सुनकर!

    विपिन कुछ नही बोलता है, बस वो किरण का हाथ अपने हाथों में लेता है, और उसे किस करता है।

    किरण - अब तुम्हे और कुछ सुनना है या हम जाए! हमारी शादी है और हम यहां पर रहे,यह अच्छा थोड़े ना लगता है,दीदी! उसने हंसते हुए कहा।

    सिमरन - देखो, तुम दोनो मजाक कर रहे हो ना? विपिन, तुम तो मुझसे प्यार करते हो ना! बोलो ना, करते हो ना प्यार मुझसे? उसने चिल्लाते हुए पूछा।

    विपिन - सॉरी सिमरन,  पर यह सिर्फ तुम्हारी गलतफहमी थी। मैं तो शुरू से किरण से ही प्यार करता था। अब मुझे और कुछ नही बोलना है। मैं जा रहा हूं, किरण! तुम भी जल्दी आ जाओ, ओके! वो किरण के गाल पर किस करता है और चला जाता है।

    अब सिमरन की आंखों में आंसू थे, और उसे कुछ समझ नही आ रहा था कि वो क्या बोले और क्या करे?

    सिमरन - किरण, तुमने ऐसा क्यों किया मेरे साथ? उसने रोते हुए पूछा। तुम तो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करती थी ना, घर में?

    किरण - प्यार नही, बल्कि मैं नफरत करती हुं तुमसे, समझी! और यह reason काफी है तुम्हारे लिए। और मैं तुमसे नफरत क्यों करती हुं, यह बात तुम अब अच्छे से जानती होगी! तो अब मैं जाती हूं । एक्चुअली आज मेरी शादी है ना, और मेरा होने वाला पति, मेरा मंडप पर इंतजार कर रहा होगा! वो जाने लगती है, तभी वापस पीछे मुड़ती है और बोलती है कि;

    किरण - वैसे मैने तुम्हारे टाइम पास के लिए यहां पर कुछ इंतजाम करवाया है, तो तुम यहां पर बिलकुल boar नही होऊगी। आखिर मेरी बहन हो तुम, तुम्हारा इतना ध्यान तो रखना पड़ेगा ना मुझे! और वो हंसती है और चली जाती है। और उसके जाते ही कमरे का दरवाजा बंद हो जाता है, और वहां पर बिल्कुल अंधेरा हो जाता है।

    तभी सिमरन वापस प्रेजेंट में आती है और अचानक से उठकर खड़ी हो जाती है। वो देखती है कि वो पूरी पसीने में हो चुकी है। और फिर सिमरन लंबी सांस लेती है और पानी पीती है। फिर जाकर वो थोड़ा better feel करती है। अच्छा हुआ, जो अभी वो अकेली थी, वरना तानिया दीदी और साहिल जी होते मेरे पास, तो बिना बात के डर जाते हमारे लिए। और फिर वो sad होकर बैठ जाती है, और आंखें खुली रखती है, ताकि अब उसे कुछ याद नही आए।

    इधर ऑफिस में साहिल चेयर पर बैठा हुआ था। और किसी खयालों में खोया हुआ था। तभी उसके कमर का दरवाजा knock होता है, तो वो अपने ख्यालों से बाहर आता है;

    साहिल - क्या हुआ? कौन है?

    ऑफिस का मैनेजर - Sorry for the disturbance sir. पर आपकी मीटिंग है थोड़ी देर में!

    साहिल - मैं टाइम पर आ जाऊंगा, आप बाकी तैयारी करो।

    मैनेजर - जी सर, और वो चला जाता है।

    फिर साहिल सोचता है कि वो बार बार क्यों ऐसे ख्यालों में खो जाता है? तभी वो याद करता है कि उस समय उसके दिमाग में सिमरन का ही खयाल होता है। पता नही क्यों, लेकिन साहिल उसे जानना चाहता था, उसकी प्रॉब्लम जानना चाहता था। उसे सॉल्व करना चाहता था। लेकिन यह तभी पॉसिबल है, जब सिमरन अपनी प्रॉब्लम उसे बताए। और वो तो उससे बात करने में भी घबराती है, यह सोचकर वो हंस देता है। और मन ही मन कुछ निश्चय करके मीटिंग के लिए जाने को उठ जाता है।

    क्रमश:

    हमारी सिमरन चाहकर भी कुछ भी भुला नही पा रही है। भूल भी कैसे सकती है वो, जब धोखा अपनो के हाथों ही मिलता है, तो दर्द ज्यादा होता है। उसका तो प्यार, परिवार सब एक ही साथ उससे दूर हो गए है। लेकिन किरण उससे इतनी नफरत करती क्यों है? और सिमरन आज तक कभी किसी के सामने क्यों नही गई?  देखते है कि अब उसे recover होने में कितना समय लगता है। पर हमारे साहिल का क्या, वो तो दिन भर सिमरन के बारे में ही सोचने लगा है! यह हमदर्दी है या प्यार, या सिर्फ तरस? देखते है अगले भाग में!

    धन्यवाद!❤️✨

  • 9. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 9

    Words: 1624

    Estimated Reading Time: 10 min

    किरण के घर में;

    किरण और विपिन घर आ जाते है, और सभी से मिलते है।

    सुहाना जी - अच्छा हुआ किरण जो तुम आ गई! हमे कबसे तुमसे बात करनी है। अब जल्दी से बताओ कि तुम्हारे शादी के रिसेप्शन के बारे में क्या सोचा है, तुमने?

    विपिन - हम आपको बताने ही वाले थे मम्मी, कि हम अभी रिसेप्शन नही चाहते है। पहले मेरे मम्मी और पापा abroad से वापस आ जाए, उसके बाद ही हम रिसेप्शन रखेंगे, क्यों किरण!

    किरण - हां बिल्कुल! वैसे भी अभी विपिन को भी बिजनेस में बहुत काम है।

    तभी राजीव जी भी आते है;

    राजीव जी - हां किरण, तुमने बिल्कुल सही डिसीजन लिया है। अभी हमे भी अपने प्रोडक्शन हाउस के लिए नया एलबम बनाना है। क्या तुमने इस बारे में कुछ सोचा है?

    (राजीव जी के खुद का प्रोडक्शन हाउस है, जिसमे किरण गाना गाती है। किरण बहुत फेमस सिंगर है, यह बात तो आपको पहले भाग में ही पता चल गई थी।)

    सुहाना जी - पर अब हमारा प्रोडक्शन हाउस चलेगा कैसे? हमे तो किरण  के करियर की भी चिंता हो रही है।

    विपिन - आप सभी कुछ ज्यादा ही सोच रहे है। और हमने डिसाइड किया था कि हम उस बारे में अब कभी बात नही करेंगे। और आप सभी किरण की चिंता मत कीजिए। वो सब मैं देख लूंगा!

    किरण - आपको नया एलबम बनाना है ना पापा, तो वो बन जायेगा, आप टेंशन न ले इसकी! उसने कुछ सोचते हुए कहा।

    राजीव जी - अच्छा ठीक है! पर क्या तुम लोगो को सिमरन का कुछ पता चला?

    किरण - क्या पापा, उसके जाने के बाद भी क्या इस घर में उसी की बात होगी। हमे क्या मतलब वो जिंदा हो या मर गई हो! अब हमारी जिंदगी से तो दूर हुई। अब इस घर में उसके बारे में कोई बात नही होगी।

    सुहाना जी - बेटा, तुम्हारे पापा तो इसलिए पूछ रहे थे क्योंकि अगर सिमरन नही है तो.................

    तभी विपिन उन्हे बीच में ही टोक देता है, मम्मी, क्या आपको किरण की काबिलियत पर भरोसा नही है। आप अब सिमरन के बारे में सोचना छोड़िए और किरण के बारे में ही सोचिए। और अब से इस टॉपिक पर हम डिस्कस नही करेंगे, ठीक है।

    यह कहकर किरण और विपिन बाहर चले जाते है। फिर भी राजीव जी और सुहाना जी के चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी।



    साहिल के घर में;

    साहिल घर पहुंच जाता है मीटिंग खत्म करके! वो सोचता है कि पहले सिमरन के कमरे में जाकर उसके हालचाल पूछ लेता हुं।  उसके बाद ही अपने कमरे में जाऊंगा! और वो सिमरन के कमरे की तरफ चल पड़ता है। जैसे ही वो कमरे के बाहर पहुंचता है, वो देखता है कि दरवाजा खुला हुआ है। वो फिर भी knock करता है। पर सिमरन कोई जवाब नही देती है। फिर साहिल अंदर देखता है तो उसे सिमरन bed पर बैठी हुई देखती है, और उसने अपना सर आप हाथों से पकड़ रखा होता है और अपने घुटने पर रखा होता है। साहिल टेंशन में अंदर आ जाता है और पूछता है;

    साहिल - क्या हुआ सिमरन? कोई प्रॉब्लम है क्या, तुम ऐसे क्यों बैठी हुई हो? 

    सिमरन उसकी आवाज सुनकर अचानक से उठती है और सोचती है कि साहिल जी कब यहां पर आए?

    साहिल उसकी घबराहट समझ जाता है और बोलता है कि;

    साहिल - मैने दरवाजा knock किया था, पर तुमने कोई जवाब नही दिया तो मैं थोड़ा डर गया और अंदर देखने आ गया। सॉरी, अब मैं ध्यान रखूंगा।

    सिमरन - अरे नही नही साहिल जी! आपको सॉरी बोलने की जरूरत नही है। आपकी गलती नही है, हमारा ही ध्यान नही था।

    साहिल - अच्छा, ठीक है। तुम एक बात मानोगी मेरी, प्लीज!

    सिमरन - हां, बोलिए!

    साहिल - तुम मुझे साहिल ही बुलाया करो प्लीज! ऐसे जी मत लगाया करो।

    सिमरन - लेकिन मैं आपको ऐसे कैसे बुला सकती हूं?

    साहिल - जैसे मैं तुम्हे बुलाता हुं। तभी तो हम फ्रेंड्स बन सकेंगे, है ना!

    सिमरन - हां,सही कहा आपने साहिल जी, I mean sahil. अब ठीक है, और फिर वो दोनो हंसने लगते है। साहिल तो बस उसे देखता ही रह जाता है।कितनी सुंदर मुस्कान है इसकी! कोई कैसे इसे तकलीफ पहुंचा सकता है भला!

    सिमरन - वैसे आपने मेरा मूड एक दम सही कर दिया Thanks again.

    साहिल - अच्छा, ऐसा है क्या? मुझे तो पता ही नही था कि मैं किसी का sad मूड भी अच्छा कर सकता हूं। और फिर से दोनो हंसने लगे। और फिर साहिल, सिमरन को डिनर पर मिलने का बोलकर अपने कमरे में आ जाता है।

    इधर सिमरन के चेहरे पर अभी भी मुस्कान थी, तो वो अपना खुद का कमरे में टहलने लगी, तभी उसे आगरा के फेमस ताजमहल की तस्वीर दीवार पर लटकी हुई दिखाई दी, तो उसे वो पल याद आ गया, जिस वक्त वो अपने परिवार से छुपकर ताजमहल घूमने गई थी।

    इधर साहिल के कमरे में;

    साहिल खुश नजर आ रहा था क्योंकि उसने सिमरन के चेहरे पर मुस्कान देखी थी, काफी टाइम बाद। और वो गाना गुनगुनाते हुए कबर्ड खोलता है, और उसमे से अपने चेंज करने के लिए कपड़े निकलता है, तभी उसके कपड़ो में से एक लड़की का ब्रेसलेट गिरता है। जैसे ही साहिल को नजर उस ब्रेसलेट पर पड़ती है, वो उसे उठता है और उस ब्रेसलेट के बारे में याद करने लगता है कि साहिल दो साल पहले एक दिन अपने फ्रेंड्स के साथ ताजमहल घूमने गया था। बहुत ही खूबसूरत सी जगह, जहां जाकर सुकून मिलता है। वो सभी फ्रेंड्स टहल रहे थे, तभी साहिल उधर गार्डन की तरफ चला जाता है, कुछ फूलों को करीब से देखने ! तभी उसे झाड़ियों के पीछे से किसी लड़की के गाने की आवाज आती है। वो आवाज सुनकर साहिल ने अपनी आंखें बंद कर ली और इस आवाज को महसूस करने लगा। इतनी प्यारी आवाज कि सीधा दिल में उतर गई। साहिल को तो उस आवाज से ही प्यार हो गया था। जैसे ही वो लड़की गाना खत्म होती है, तो साहिल उसे देखने के लिए झाड़ियों के पीछे जाता है, तो देखता है कि वो वहां से जा चुकी है. तभी साहिल उसे ढूंढने के लिए इधर उधर निगाह घुमाता है, तो एक लड़की उसे जाती हुई दिखती है। पर वो उस समय उसे पीछे से ही देख पाता है।

    जैसे ही वो उसके पीछे जाने वाला होता है, तो उसके फ्रेंड्स उसे बुला लेते है, और वो उनके साथ चला जाता है। पर साहिल का मन में वो आवाज बस गई थी, और उसे बस वही गाने को आवाज सुनाई दे रही थी। तभी वो खोया हुआ सा चल रहा था कि सामने से एक लड़की आकर उससे टकरा जाती है, और उसका ब्रेसलेट गिर जाता है। वो लड़की इतनी जल्दी में थी कि उसे ध्यान ही नही रहता है कि कब उसका ब्रेसलेट गिर गया। वो तो बस पीछे मुड़े बिना ही साहिल को सॉरी बोलकर चली जाती है। साहिल जब तक संभालता, तब तक तो वो बहुत आगे निकल गई थी। तभी साहिल उसे पीछे से नोटिस करता है तो उसे पता चलता है कि यह तो वो गाने वाली लड़की ही है। और वो अपनी किस्मत को कोसता है कि वो इस बार भी उसका चेहरा नही देख पाया। पर वो उस ब्रेसलेट को अपनी जेब में रख लेता है। और मन ही मन ठान लेता है कि वो इस लड़की का पता लगाकर रहेगा।

    पर फिर दिन गुजरते गए, तो साहिल भी अपने करियर में लग गया, तो उसे समय ही नही मिला कि वो उस प्यारी आवाज वाली लड़की का पता करे! फिर एक दिन वो ऐसे ही गाने सुन रहा होता है तो एक एक्सक्लूसिव गाना निकला होता है नई सिंगर का, और जैसे ही वो गाना शुरू होता है, साहिल की तलाश पुरी हो जाती है। क्योंकि यह वही आवाज थी जो उसने उस दिन ताजमहल के गार्डन में उस लड़की की सुनी थी। फिर उसने उस सिंगर के बारे में पता किया तो उसे पता चला कि वो सिंगर का नाम किरण आचार्य है, जिसने अभी अभी म्यूजिक इंडस्ट्री में पांव रखा है। उसने अपने प्रोडक्शन हाउस के जरिए किरण को ऑफर भी भेजा, लेकिन किरण ने सारे ऑफर ठुकरा दिए। क्योंकि वो सिर्फ अपने होम प्रोडक्शन के लिए ही गाने गाती थी। फिर साहिल को किरण के बारे में पता लगा गया कि वो उसके साथ काम करने को लेकर intrested नही है। पर जब भी साहिल उसका कोई गाना सुनता, तो बस मदहोश ही हो जाता था,उसकी आवाज में! तभी दरवाजे में दस्तक होती है, और शांता ताई आकर खाने के लिए बुलाकर जल्दी में वापस  चली जाती है। साहिल वो ब्रेसलेट वापस अपनी कबर्ड में रख देता है और जल्द से चेंज करके, डिनर के लिए कमरे से निकल जाता है।

    इधर सिमरन को ताजमहल की तस्वीर देखकर वो दिन याद आता है, जब वो पहली बार और आखरी बार वहां पर गई थी। वहां पर उसे सुकून मिलता था। पर तभी उसे याद आया कि उस दिन उसके साथ कुछ अजीब भी हुआ था, लेकिन वो फिर से खुद को ही डाटने लगती है कि सिमरन, तू फिर वही बात सोचने लगी! अब तो उस बात को दो साल हो चुके है। फिर भी वो बात भुला नही पाती है तू? सिमरन ऐसे ही खुद से बात कर रही होती है, तभी शांता ताई आकर उसे भी डिनर के लिए बुलाती है और जल्दी में चली जाती है। तो सिमरन उनके पीछे ही डिनर करने के लिए कमरे से निकल जाती है।

    क्रमश :

    Hello दोस्तो! आप प्लीज हमे कॉमेंट सेक्शन में बताया कीजिए कि आपको यह स्टोरी कैसी लग रही है? तभी हमे अपनी गलतियां पता चलेगी और हम उसमे सुधार कर सकेंगे! जो भी हमे अपना precious टाइम निकालकर रिव्यू देते है, हम उनके आभारी है। क्योंकि हमे रिव्यू पढ़कर ही और आगे लिखने की प्रेरणा मिलती है!
    धन्यवाद!❤️✨

  • 10. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 10

    Words: 1291

    Estimated Reading Time: 8 min

    सिमरन और साहिल दोनो एक साथ ही खाने के लिए नीचे पहुंच जाते है। तभी सिमरन पूछती है कि;

    सिमरन - तानिया दीदी कहां पर है, वो नही आए अब तक? रुको, मैं उन्हे कमरे से बुलाकर लाती हुं।

    साहिल - अरे, नही उसकी जरूरत नही है। मुझे दीदी का फोन आया था कि वो अपने clint को design दिखाने गई हुई है। पहले उनका प्लान नही था जाने का, पर clint ने बहुत कन्फ्यूज कर दिया था उन्हे! तो फिर उन्होंने उसके घर जाकर ही बताना सही समझा!

    शांता ताई - हां, बेटा, वो तुम अपने कमरे में सो रही थी तो तानिया बेटा ने तुम्हे परेशान नही किया। उसने कहा है कि मैं तुम्हे बता दूं ! पर काम के चक्कर में मैं भूल ही गई तुम्हे बताना!

    साहिल - दीदी, आ जायेगी थोड़ी देर में! हम खाना खाते है।

    शांता ताई - हां,बेटा! तुम दोनो जल्दी से बैठो, मैं खाना लगा देती हुं। फिर मुझे घर भी जाना है।

    सिमरन - ताई, आप जाओ घर पर! खाना मैं परोस दूंगी। वैसे भी हम दोनो ही तो है यहां पर!

    साहिल - हां ताई, सिमरन सही कह रही है। आप जाइए,हम खाना ले लेंगे! आपको लेट हो रहा है ना! फिर सुबह भी आप वापस जल्दी आ जाती है, तो अभी जाइए आप!

    ताई फिर चली जाती है और सिमरन और साहिल डाइनिंग टेबल पर बैठकर खुद का खाना ले लेते है, और चुप चाप खाना खा रहे होते है। तभी साहिल चुप्पी तोड़ने के लिए बोलता है;

    साहिल - ताई बहुत अच्छा खाना बनाती है ना!

    सिमरन - हां, सही कहा! बहुत टेस्टी खाना है, सच्ची! मजा आ गया मुझे तो !

    साहिल - एक बात पूछ सकता हूं सिमरन? जवाब दोगी मुझे?

    सिमरन - हां हां बिल्कुल पूछो!

    साहिल - तुम ऐसी बेहोशी की हालत में कैसे पहुंच गई थी, उस दिन? तुम्हारी ऐसी हालत का जिम्मेदार कौन है? और तुम उस आउटहाउस में पहुंची कैसे? साहिल ने एक ही सांस में पूछ लिया!

    सिमरन को अभी साहिल से ऐसे कोई सवाल की उम्मीद नही थी, तो वो दो मिनट सोचने लग गई! और उसकी आंखों में नमी आ गई, जिसे उसने साहिल से छुपाने की कोशिश की, लेकिन वो कोशिश बेकार थी, क्योंकि साहिल ने देख लिया था कि सिमरन की आंखों में नमी आ गई है। उसे थोड़ा regret भी होता है कि शायद उसने गलत समय पर सवाल पूछ लिया!

    साहिल - Iam sorry simran. शायद मुझे अभी ऐसे सवाल नही करना चाहिए था। लेकिन मैने देख रहा हुं कि तुम बहुत तकलीफ में हो, अगर तुम अपना दर्द किसी से बाटोंगी तो इससे तुम्हारा दर्द कम ही होगा। शायद मैं तुम्हारी कुछ मदद कर पाऊं! अगर तुम्हे नही बताना है तो it's ok. मैं समझता हुं कि तुम इतनी जल्दी हम पर trust नही कर पाओगी शायद!

    सिमरन - मेरे परिवार के लोगो ने मुझे वहां पर रखा था!

    ( साहिल अचानक से शॉक हो जाता है, क्योंकि उसे लगा था कि सिमरन शायद अभी नही बताएगी कुछ भी! पर उसे अच्छा लगा कि सिमरन ने शुरुआत की!)

    साहिल उसे चुप चाप सुनता रहता है, और सिमरन फिर उसे सब कुछ बता देती है कि कैसे उसी की बहन और विपिन ने उसे धोखा दिया। और उसके परिवार वालो ने भी उसी का साथ दिया। और उसने अपने परिवार का नाम भी बता दिया।

    साहिल तो खुद शॉक रह जाता है। सबसे पहले तो उसके मन में आता है कि विपिन का मर्डर कर दे, अब तक नही सुधरा है वो इंसान! साहिल किरण को भी जानता था, और उसे विश्वास नही हो रहा था कि सिमरन और कोई नही बल्कि उसी की बड़ी बहन है। आज से पहले उसने सिमरन को कभी नही देखा था। उसे सिर्फ पता था कि आचार्य फैमिली के तीन child है, लेकिन किरण को ही उसने देखा था। बाकी दोनो का तो यही सुना था कि वो abroad रहते है।

    इधर सिमरन यह सब बोलते बोलते रोने लग जाती है। मैने क्या गलती की थी साहिल, जो मेरे परिवार वालो ने मेरे साथ ऐसा किया? क्या मैं इतनी बुरी हुं साहिल? बोलो ना, क्या मैं बुरी हुं? और वो फिर रोने लग जाती है।

    सिमरन को इस तरह से बिलखते दिखाकर साहिल की आंखों में भी नमी आ गई। वो समझ नही पा रहा था कि कोई इतना बुरा कैसे हो सकता है कि अपनी ही बहन के साथ ऐसा करे? विपिन को तो वो जानता था कि वो अच्छा इंसान नही है। लेकिन वो किरण को अच्छा समझता था, और वो ऐसी लड़की निकली। यह सोचकर तो साहिल को खुद से घिन आ रही थी कि वो कैसी लड़की के बारे में सोचा करता था। फिर वो खुद को संभालता है और बोलता है कि;

    साहिल - सिमरन, मैं तुम्हारा दर्द समझता हुं। जिसे अपनो के हाथों ही धोखा मिला हो, उसके ऊपर क्या बीतती है, मैं समझ सकता हूं। तुम प्लीज संभालो अपने आप को!

    सिमरन - मैं ठीक हुं साहिल! अब मुझे उनसे कोई रिश्ता नही रखना है। मैं जैसी हुं, ठीक हुं। उन्होंने मुझे मारने की कोशिश की, तो अब उनके लिए मैं मरी हुई ही हूं।

    साहिल - सिमरन, एक बात कहूंगा, तो मानोगी क्या? मुझे लगता है कि तुम्हे उन्हे सबक सिखाना चाहिए। वरना ऐसे तो उनकी हिम्मत बढ़ती जायेगी, और वो और भी बुरा करेंगे लोगो के साथ !

    सिमरन - लेकिन मैं अकेली उनका सामना नही कर सकती हूं। उन्होंने मुझे कभी अपना नही समझा, लेकिन मेरे लिए वो मेरा परिवार है। बहुत प्यार करती थी मैं अपने परिवार से! पर अब उन्हें अपना कहने में भी चिढ़ मचती है।

    साहिल - मुझे एक बात नही समझ आ रही है सिमरन। उन्होंने तुम्हे कभी किसी की नजरों में क्यों नही आने दिया? इसलिए शायद आज तुम गायब हो, फिर भी किसी को कुछ पता नही है। तभी साहिल के माइंड में एक बात क्लिक होती है, और वो पूछता है कि सिमरन, क्या तुम कभी abroad गई हो?

    सिमरन - नही ,क्यों? लेकिन मेरा भाई अभी वही पर है। वो भी आने वाला है, अब वापस यहां पर। मेरी शादी होने वाली थी, यह बात बताई थी मैंने उसे! लेकिन किससे, यह नही बताया था! मैने सोचा था कि वो आएगा तो उसे surprise मिलेगा! पर यहां तो मुझे ही शॉक लग गया। अब तो उसे कॉन्टैक्ट करने की भी हिम्मत नही हो रही है, क्या पता वो भी सभी की तरह मेरे साथ अच्छा रहने का नाटक कर रहा हो। और वो sad हो जाती है।

    साहिल - मैने सोच लिया है सिमरन कि मैं तुम्हे इंसाफ दिलवाकर रहूंगा! कैसे, यह अभी सोचा नही है। लेकिन जल्दी ही सोच लूंगा।

    सिमरन -नही ,साहिल! मुझे कोई बदला नही लेना है। यह मेरी गलती है कि मैने उन पर भरोसा किया।

    साहिल - नही सिमरन! मैने देख है तुम्हे कि तुम किस तरह तड़पती हो अंदर ही अंदर! तुम्हे खुद को मजबूत बनाना होगा और उन्हे ये साबित करना होगा कि तुम भी स्ट्रॉन्ग हो! जिन लोगो ने तुम्हारी खुशियां छीन ली, उन्हे तो तुम्हे सबक सिखाना ही चाहिए।

    सिमरन - शायद तुम सही कह रहे हो! पर अभी मुझे कुछ नही करना है। और वो उठकर अपने कमरे में चला जाती है। साहिल बस उसे पीछे से देखता रहता है।

    साहिल वही पर बैठा होता है और मन ही मन सिमरन को दुनिया के सामने लाकर पहचान दिलाने का और इंसाफ दिलाने का निश्चय कर लेता है।

    क्रमश :

    फाइनली सिमरन ने साहिल को सब बता ही दिया। तो अब क्या लगता है दोस्तो, क्या सिमरन अपने परिवार के against खड़ी होकर उनसे बदला लेगी? क्या साहिल अपने मिशन के कामयाब होगा। क्या सिमरन उसका साथ देगी? और साहिल यह सब करेगा कैसे? अभी तो सिमरन के भाई का भी आना बाकी है! क्या वो भी अपने परिवार के साथ मिला हुआ होगा! देखते है अगले भाग में!

    धन्यवाद!

  • 11. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 11

    Words: 1380

    Estimated Reading Time: 9 min

    सिमरन जैसे ही अपने कमरे में आती है, वो बेड पर लेट जाती है। और जोर जोर से रोने लगती है। वो मन ही मन सोचती है कि मैने कभी सपने में भी नही सोचा था, कि मैं जिनसे इतना प्यार करती हुं, वो ऐसे निकलेंगे। क्या मैं इतनी बेवकूफ हुं कि विपिन मुझे बचपन से पागल बनाता रहा और मैने उसके प्यार में अपनी ही आंखों पर पट्टी बांध ली। किरण को तो मैं अपने सबसे क्लोज समझती थी, क्या उसने एक बार भी मेरे बारे में नही सोचा। अगर उसे विपिन पसंद था, तो मुझे बोलकर देखती! मैं खुशी खुशी उसके लिए विपिन को भी छोड़ देती। लेकिन ऐसे धोखा क्यों दिया? पर अब बस, अब मैं उनके लिए आंसू नही बहाऊंगी! उन्हे मेरे सवालों के जवाब देने पड़ेंगे।बचपन से लेकर क्या कुछ नही किया मैंने अपने परिवार के लिए, और उन्होंने मुझे सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया। अब बस, अब मैं भी उन्हें दिखा दूंगी कि मैं स्ट्रॉन्ग हुं। साहिल सही कहता है, मुझे अपने सवालों के जवाब लेने चाहिए उनसे, में ऐसे ही उन्हे नही छोड़ सकती हूं, कभी नही! इतना बुरा तो कोई गैर के साथ भी ना करे, और उन्होंने तो मेरे साथ ऐसा किया, आखिर क्यों? और वो यही सोचते हुए उठ जाती है, और सबसे पहले अपने आंसु पोछती है। अब बस, अब यह बिना बात के नही बहेंगे।आज तक उन्होंने मेरा प्यार देखा है, अब मैं उन लोगो से नफरत करती हुं तो वो मेरी नफरत देखेंगे। सबसे पहले मुझे साहिल से जाकर माफी मांगनी चाहिए। और वो साहिल को ढूंढने के लिए बाहर जाती है।

    साहिल अभी भी डाइनिंग टेबल पर ही बैठा होता है, और तभी उसके दिमाग में एक बात आती है; और वो अचानक से उठ जाता है। कही जो मैं सोच रहा हुं, वो सही तो नही है। तभी सिमरन उसे ढूंढती हुई वही पर आ जाती है।

    सिमरन - साहिल, आप ठीक कह रहे हो! मैं अब ऐसे चुप नही रहूंगी और अपने सवालों के जवाब लेकर रहूंगी! अब से मेरी जिंदगी का यही motive है कि मेरे साथ बुरा करने वालो से मुझे हिसाब लेना है। साहिल, आप सुन रहे हो ना मुझे! कहां खोए हुए हो आप?  [ उसने साहिल को हिलाते हुए कहा, जो कही खोया हुआ था।]

    साहिल - कही नही, मैं बस यह सोच रहा था कि तुम्हारे पैरेंट्स के लिए तो किरण और तुम बराबर होनी चाहिए। फिर उन्होंने शुरू से तुम्हे ऐसा रखा है, इसका कोई न कोई reason तो जरूर होगा। साहिल ने कुछ सोचते हुए कहा।

    सिमरन - यही कि वो मुझसे प्यार नही करते है। इसके अलावा और क्या हो सकता है, उसने थोड़ा दुखी होते हुए कहा। आप क्या सोच रहे है लेकिन?

    [ साहिल को कुछ और भी लग रहा था, लेकिन उसने सोचा कि अभी सिर्फ अपने सोचने के आधार पर मैं सिमरन को कुछ नही बता सकता हूं, हो सकता है कि मैं गलत सोच रहा हूं। तो बिना बात के सिमरन को अभी परेशान करना सही नही है। ]

    साहिल - कुछ नही, बस तुम्हारी बात को ही सोच रहा हुं। बिल्कुल सही सोचा है तुमने सिमरन! अब हम मिलकर तुम्हारे साथ गलत करने वालो को सबक सिखाएंगे। और मेरे पास इसके लिए एक प्लान भी है। अगर तुम उसमे मेरा साथ दो तो.............कहते कहते साहिल रुक जाता है।

    सिमरन - क्या प्लान है, आपका साहिल?

    साहिल - तुम्हारे घर वाले शुरू से चाहते थे कि तुम कभी दुनिया के सामने नही आओ, और मैं तुम्हे दुनिया के सामने लाना चाहता हुं, सिमरन! तुम्हारा नाम को अपने नाम से जोड़कर! उसने एक ही सांस में बोल दिया!

    सिमरन - साहिल, आप कहना क्या चाहते हो?

    साहिल - हम अपने बीच में एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज करते है, जिससे दुनिया के सामने हम पति और पत्नी लगे। इससे हमे तुम्हारी पहचान बनाने में आसानी होगी! I know कि मेरा प्लान शायद थोड़ा weird है, पर तुम्हारी फैमिली पर यह पक्का वर्क करेगा। क्योंकि उन्हे इस चीज से फर्क जरूर पड़ेगा कि जिसे हम दबाकर रखना चाहते थे, वो आज इतनी जल्दी दुनिया के सामने आ गई। हमे बस अपनी शादी की पब्लिसिटी करनी है, और prove के तौर पर मैरिज सर्टिफिकेट दिखाना होगा।

    सिमरन - नही साहिल! मैं ऐसे शादी जैसे रिश्ते का मजाक नही बनाना चाहती। और मुझे किसी से शादी नही करनी है। अब मैं लाइफ में अकेली ही रहना चाहती हुं। सॉरी, आप मेरे लिए इतना सोच रहे हो, पर मैं मेरे बदले के लिए आपकी जिंदगी खराब नही कर सकती हुं।

    साहिल - सिमरन, तुम कुछ ज्यादा ही सोच रही हूं। Trust me. हम सिर्फ दुनिया के सामने पति और पत्नी बने रहेंगे, और घर पर नॉर्मल दोस्त की तरह! मैने इसलिए ये कॉन्ट्रैक्ट मैरिज का रास्ता निकाला है ताकि तुम जब भी चाहो, इस कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ सकती हो! मैं यह कॉन्ट्रैक्ट बनवाऊंगा ही ऐसा! और इससे मैं अपना फायदा भी सोच रहा हूं। विपिन को सबक तो मुझे भी सीखना है, मैं उसे बचपन से जानता हूं सिमरन! वो कितनी ही लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चूका है, ऐसे! चलो वो सब बातें बाद में! अब तुम यह बताओ कि तुम्हे मेरा आइडिया कैसा लगा?

    साहिल - मैं तुमसे शादी करना चाहता हुं! तो बोलो सिमरन, करोगी मुझसे शादी?  उसने सिमरन की आंखों में देखकर कहा।

    सिमरन कुछ बोलती, इससे पहले ही पीछे से तानिया आ जाती है और एक्साइटमेंट में बोलती है;

    तानिया - अरे वाह! मुझे तो पता ही था कि यह होने वाला है। अपने भाई को हम अच्छे से जानते है, चेहरा देखकर बता सकते है कि इसके मन में क्या चल रहा है।

    साहिल - दीदी, आप बात तो सुनो, पहले मेरी! ऐसा कुछ नही है, जैसा आप सोच रहे है।

    तानिया - मैं सब समझ गई हुं लैला और मजनू की दास्तां! यह बता कि मुझे पहले क्यों नही बताया कि तू सिमरन को पसंद करता है। और इतनी जल्दी प्रपोज भी कर दिया। वाह मेरे भाई, नाज है मुझे तुझपर! पर मुझे बताना चाहिए था ना कि तू सिमरन को अभी प्रपोज करने वाला है तो मैं तुझे एक से एक अच्छे आइडिया देती! यह ऐसे कौन प्रपोज करता है, डाइनिंग टेबल के पास में!

    साहिल - दीदी, पहले मेरी बात तो सुनो, ये शादी सिर्फ एक दिखावटी होगी, जिसे हम सिमरन के बदला लेने के बाद खत्म कर देंगे!

    तानिया - क्या कह रहा है तू साहिल? मुझे कुछ समझ नही आ रहा है। यह क्या मजाक है? हम तो सोच रहे थे कि तुम सिमरन को..........फिर वो चुप हो जाती है। साहिल अब बताओगे कि क्या चल रहा है ये सब?

    साहिल फिर तानिया को भी सब कुछ बता देता है कि कैसे सिमरन के परिवार वालो ने इसे धोखा दिया और उसे जलाने की कोशिश की! तानिया एक बार को तो शॉक्ड हो जाती है कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है। फिर वो सिमरन को गले लगा लेती है।

    तानिया - सिमरन, तुमने हमे पहले क्यों नही बताया। चलो हम पुलिस में कंप्लेंट करके आते है।  सिमरन फिर भी कुछ नही बोलती है, बस जो वो दोनो बोल रहे थे, उसे सुने जा रही थी और उनकी बातों को समझने की कोशिश कर रही थी।

    साहिल - नही दीदी, हम ऐसा नही कर सकते है। इससे तो वो कैसे भी करके वापस बाहर आ ही जायेंगे। फिर यह case एक तरफ चलता रहेगा, और दूसरी तरफ वो मजे करते रहेंगे। इसलिए मैने अभी के लिए यह आइडिया सोचा है कि सिमरन मुझसे शादी करके दुनिया के सामने आए।

    तानिया - हां, मैं तो भूल ही गई कि अभी तुमने सिमरन को प्रपोज किया ना, इतनी सीरियस सिचुएशन में ऐसा क्यों? मुझे तो अब भी कुछ समझ नही आ रहा है। तुम पसंद करते हो ना सिमरन को?

    साहिल दो मिनट सोचता है फिर तानिया के सवाल का कोई जवाब नही देता है और बोलता है कि;

    साहिल - हमने यह प्लान बनाया है दीदी कि हमे सिमरन की आइडेंटिटी को open करना होगा। उसे दुनिया के सामने लाना होगा, तभी हम उसके घर वालो को सबक सिखा पायेंगे।

    सिमरन बस दोनो की बातें चुप चाप सुन रही थी। उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे?

    क्रमश:

    क्या सिमरन, साहिल की बात मानकर उससे शादी कर लेगी ? और इससे वो बदला कैसे लेंगे? देखते है guys कि क्या होता है आगे!

    धन्यवाद!❤️✨

  • 12. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 12

    Words: 1274

    Estimated Reading Time: 8 min

    सिमरन सोच रही थी कि कही मैं साहिल के साथ तो गलत नही करूंगी ना इससे? यही बात उसे रोक रही थी, साहिल की बात मानने से! पर फिर वो सोचती हैं कि हमेशा मैने दूसरो का ही पहले सोचा है, इसलिए मेरे साथ हमेशा बुरा हुआ है। इस बार पहले खुद के बारे में सोच लेती हुं, वैसे भी साहिल और तानिया  दीदी सामने से मेरी मदद करना चाहते है। एक बार इनकी मदद लेने में क्या जाता है, वैसे भी मेरे पास और कोई ऑप्शन नही है।

    तानिया - क्या सोच रही हो सिमरन? साहिल ठीक ही कह रहा है, हम भी तुम्हारे साथ है, इस बदले में!

    साहिल - सिमरन अब इतना मत सोचो और बताओ कि तुम्हे यह प्लान कैसा लगा? क्या तुम मुझसे शादी करने को तैयार हो?

    सिमरन - ठीक है साहिल, मैं तैयार हूं। लेकिन अगर तुम्हारे परिवार में इसकी वजह से कोई प्रॉब्लम आई तो?

    तानिया - वो सब मैं संभाल लूंगी, तुम बस अपना फैसला बताओ, डियर!

    सिमरन - थैंक्यू दीदी, आप मेरी इतनी मदद कर रहे है।

    तानिया - एक तरफ दीदी भी बोलती हो, और दूसरी तरफ थैंक्यू बोलकर पराया भी कर देती हो! उसने थोड़ा सा नाराज होते हुए कहा, तो सिमरन भी मुस्कुरा दी।

    साहिल - एक काम करते है सिमरन, हम कल के कल ही शादी कर लेते है कोर्ट जाकर! मैं अपने lawyer को बोल दूंगा, वो सभी पेपर्स तैयार करवा देगा।

    सिमरन - हम्म्म ठीक है। अभी भी सिमरन sure नही हो पा रही थी अपने डिसीजन को लेकर! पर उसे पता था कि अगर उसे अपना रिवेंज लेना है तो उसे थोड़ा selfish तो बनना ही पड़ेगा। तो वो तैयार हो जाती है।

    सिमरन - मैं अपने कमरे में जा रही हुं दीदी! और ये कहकर वो अपने कमरे में चली जाती है। वहां पर बस साहिल और तानिया ही रह जाते है।

    साहिल - दीदी, मैने सही डिसीजन तो लिया है ना? आपको क्या लगता है।

    तानिया - हां साहिल! तुमने बिल्कुल सही decide किया है। आज सिमरन को हमारी जरूरत है, तो हमे उसकी मदद करनी चाहिए।

    साहिल - पर मुझे एक बात की चिंता हो रही है दीदी?

    तानिया - क्या साहिल? कही तुम मम्मी पापा के बारे में तो नही सोच रहे हो ना?

    साहिल - आपने बिल्कुल सही सोचा दीदी ! हम उन्हे क्या जवाब  देंगे? लेकिन मैं सिमरन की मदद करना चाहता हुं।

    तानिया - तुम उनकी चिंता मत करो। मैं उन्हे समझा दूंगी। और उन्हे हम यही बताएंगे कि सिमरन तुम्हारी वाइफ ही है। बाद में समय आने पर हम उन्हे सच बता देंगे।

    साहिल - हां दीदी। आप सही कह रहे हो। एक बार मम्मी पापा सिमरन को जान लेंगे तो उसके बाद उन्हें सच पता लगने पर, वो हमारी बात जरूर समझेंगे। पर मुझे लगता है कि सिमरन के मन में अभी भी थोड़ा doubt है।

    तानिया - तुम एक काम करो, जाओ और जाकर उससे बात करो। अभी भी मैं बीच में आ गई थी, तो वो शायद खुलकर नही बोल पाई।

    साहिल - हां दीदी, आप ठीक कह रही है। भले ही यह शादी एक कॉन्ट्रैक्ट हो, लेकिन उसे फिर भी अजीब तो लग ही रहा होगा ना। मैं बात करके उसे थोड़ा comfort फील करवाता हुं। और साहिल चला जाता है।

    तानिया पीछे से साहिल को जाते हुए देख रही थी और सोच रही थी कि तुम भले मुझसे छुपा लो साहिल, लेकिन मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूं! बहुत अच्छे से तुम्हारा मन पढ़ना जानती हुं। बस अब तो भगवान जी से यही दुआ है कि तुम्हारे इस रिश्ते को कभी न टूटने दे। और तुम जल्दी से अपने दिल की बात सुन पाओ। तुम सिमरन की तकलीफ सिर्फ देख नही रहे हो, बल्कि उसे दिल से महसूस कर रहे हो। मैं जानती हूं कि तुम उसके लिए कुछ तो महसूस करते हो। अब जल्दी से जल्दी बस तुम खुद अपने आप को पहचान लो, कि तुम्हारे मन में सिमरन के लिए मदद की भावना के साथ साथ प्यार की भावना भी है। बस एक बार तुम खुद यह realise कर लो, तो तुम सिमरन के मन में तो प्यार जगा ही लोगे! फिर तानिया मुस्कुराती है, और अपने कमरे में चली जाती है।

    इधर साहिल, सिमरन के कमरे के बाहर जाता है, और दरवाजा knock करता है। सिमरन दरवाजा खोलती है, तो साहिल को देखकर बोलती है ;

    सिमरन - कुछ काम था क्या आपको मुझसे साहिल?

    साहिल - हां, वो कुछ बात करनी थी तुमसे!

    सिमरन - आइए ना अंदर बैठकर बात करते है। और वो अंदर आ जाते है।

    साहिल -  सिमरन, तुम्हारे मन में कोई भी doubt हो तो तुम मुझसे पूछ सकती हो। साहिल ने बिना बात घुमाए सीधा सीधा कहा।

    सिमरन - Actually मुझे भी आपसे कुछ बात करनी थी। हम एक ऐसे रिश्ते में बांधने जा रहे है, जो दुनिया के सामने पवित्र है। हम कही ऐसा करके पाप तो नही कर रहे है। हम शादी का मजाक तो नही बना रहे है ना!

    साहिल एक बार तो सिमरन की बात सुनकर सोचने लग जाता है कि कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है कि अभी भी दूसरो के बारे में हो सोच रही है। खुद चाहें प्रॉब्लम में हो! इतना नेक दिल भी कोई होता है भला! फिर वो बोलता है कि;

    साहिल - देखो सिमरन, कुछ पाने के लिए कभी कभी हमे थोड़ा गलत रास्ता चुनना होता है। इसका मतलब यह नही है कि हम गलत है। क्योंकि कभी किसी को सही रास्ता दिखाने के लिए हमे थोड़ा सा गलत भी बनना पड़ता है।

    सिमरन - आप सही कह रहे हो साहिल! वैसे भी अच्छा बनकर हमे कुछ हासिल नही हुआ है। पर मैं अपने बदले के चक्कर में  आपकी जिंदगी तो खराब नही कर रही हुं ना! मैं आपको पहले ही बता दूं कि अब मैं कभी किसी से शादी नही करना चाहती हूं। आपसे भी बस कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ही कर रहे है। वो भी बाद में खत्म हो जायेगी।

    साहिल को ये बात कही न कही बुरी लगती है, लेकिन वो खुद उसे इग्नोर कर देता है।

    साहिल - हां मैं जानता हुं सिमरन! इसलिए मैं खुद यहां यह क्लियर करने आया हूं कि मैं यह अपनी मर्जी से कर रहा हुं। क्योंकि मुझे भी विपिन को सबक सिखाना है। तो अब तुम इतना मत सोचो और हम मिलकर सभी को सबक सिखाते है।

    सिमरन - हां, अब मै ज्यादा नही सोचूंगी। बस शादी करते ही दुनिया के सामने आ जाऊंगी और फिर अपने परिवार के सामने भी! और उन्हे अपनी गलती का एहसास करवाकर रहूंगी।

    फिर साहिल और सिमरन थोड़ी देर नॉर्मल बात करते है और फिर साहिल गुडनाइट बोलकर सिमरन के कमरे से चला जाता है।

    अगली सुबह साहिल और सिमरन जाकर कोर्ट में जाकर शादी  कर लेते है, और साथ ही उनका वकील कॉन्ट्रैक्ट के पेपर भी तैयार करवा देता है अलग से! ताकि शादी के सर्टिफिकेट में कॉन्ट्रैक्ट वाली बात पता न चले, और वो किसी को भी proff के तौर पर वो मैरिज सर्टिफिकेट दिखा सके। तानिया उनके साथ नही आई होती है, क्योंकि उसे अपने boutique में कुछ काम होता है। साहिल और सिमरन अब sure थे अपने decision को लेकर! साहिल ने सिमरन को कहा कि हमे अपनी यह फोटोज पब्लिक में वायरल करनी होगी इसलिए उसने फोटोग्राफर को बुला लिया है। वो यह बोल ही रहा होता है, तब तक तो फोटोग्राफर आ भी जाता है, और फिर वो अपनी फोटोज न्यूज चैनल में भेज देते है। साहिल एक प्रोडक्शन कंपनी के मालिक का बेटा है, तो उसकी फोटोज तो वायरल होनी ही है।

    क्रमशः

    अब देखते है guys, कि इनकी फोटोज वायरल होने से सबका क्या रिएक्शन होता है। खास तौर पर सिमरन के घर वालो का! तो बने रहिए हमारी स्टोरी के साथ!
    धन्यवाद!❤️✨

  • 13. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 13

    Words: 1299

    Estimated Reading Time: 8 min

    जैसे ही साहिल की फोटोज न्यूज में आती है, तो सब यह देखने के लिए exited हो जाते है कि उसकी वाइफ कौन है आखिर? क्योंकि उन लोगो ने इससे पहले कभी इस लड़की को नही देखा था। इसलिए यह फोटोज क्यूरियोसिटी की वजह से और भी जल्दी वायरल हो जाते है। साहिल और सिमरन अभी घर पर ही रहते है और इस न्यूज के अच्छे से फैलने का इंतजार कर रहे होते है।

    इधर आचार्य हाउस में;

    राजीव जी हॉल में बैठकर टीवी देख रहे होते है, कि उन्हें भी न्यूज में यह खबर दिखती है, तो वो अपने सोफे से खड़े हो जाते है और जल्दी से सभी को आवाज लगाने लगते है।

    राजीव जी - सुहाना जी, किरण, विपिन अरे सब कहां पर हो? सब जल्दी से हॉल में आ जाओ।

    सुहाना जी - अरे क्या हो गया ऐसा भी? क्यों इतना जोर से चिल्ला रहे है आप?

    किरण - क्या हुआ पापा? क्यों बुलाया हमे अभी? विपिन भी उसके साथ ही आ रहा होता है, लेकिन वो कुछ पूछता नही है।

    राजीव जी - यह टीवी पर न्यूज देखोगे, तो तुम भी समझ जाओगे कि मैं इतनी जोर से क्यों चिल्लाया! और वो टीवी की वॉल्यूम बढ़ा देते है। टीवी में न्यूज रिपोर्टर बोल रहा होता है कि;

    न्यूज रिपोर्टर - यह देखिए दर्शकों, जिस दिन का हमे बेसब्री से इंतजार था, सोचा नही था कि वो इस तरह से आएगा! मेहता प्रोडक्शन हाउस के मालिक के बेटे "साहिल मेहता" ने सिक्रेटली अपनी गर्लफ्रेंड से शादी कर ली है दोस्तो! और उनकी वाइफ का अभी तक पता नही चला है कि वो कौन है? यह देखिए, हमारे पास सिर्फ उनकी तस्वीर है। यही है "मिसेज साहिल मेहता" ! तस्वीर देखते ही किरण और उसके सभी घर वालो का मुंह खुला का खुला रह जाता है। सिमरन, यहां पर कैसे आई?

    विपिन - और यह अब तक जिंदा है, लेकिन कैसे? विपिन के ये बोलते ही सभी परिवार वाले उसकी तरफ देखने लग जाते है।

    किरण - बात जिंदा की नही है। लेकिन यह ऐसे दुनिया के सामने कैसे आ सकती है, भला? यह मुझसे ज्यादा फेमस कैसे हो सकती है? अब तो सारी लाइमलाइट यही लेकर चले जायेंगे! फिर हमारा क्या? और वो गुस्से में टेबल पर कांच का गमला रखा होता है, उसे उठाकर टीवी की तरफ फेंक देती है। जिससे टीवी का ग्लास भी टूट जाता है, और टीवी बंद हो जाती है।

    राजीव जी और सुहाना जी से, किरण की ऐसे हालत नही देखी जा रही थी। जिस बेटी के चेहरे पर वो हमेशा मुस्कान चाहते थे, उसके चेहरे पर तकलीफ देखकर उन्हें भी सिमरन पर गुस्सा आ रहा था। तभी विपिन, किरण के पास जाता है और उसे कंसोल करता है। फिर उसे सोफे पर बिठाता है।

    विपिन - अब जो हुआ, सो हुआ! आप लोग ये मत सोचिए कि सिमरन दुनिया के सामने आ गई है। बल्कि अब हमे यह सोचना है कि इसे और ज्यादा फेमस होने से कैसे रोका जाए? क्योंकि जैसे जैसे यह फेमस होती जाएगी, वैसे आप सभी के बारे में भी पता चल जायेगा कि आप ही उसका परिवार हो! और सिमरन को मीडिया का सपोर्ट मिलते ही वो आप सभी की सच्चाई सामने लेकर आ जाएगी।

    किरण - तुम बिल्कुल सही कह रहे हो विपिन! हमे जल्दी से जल्दी कुछ करना होगा। मैने साहिल मेहता के बारे में बहुत सुना है,यह बहुत फेमस कंपनी का मालिक है, और बहुत पावरफुल पर्सन है। उसने कही बार मुझे भी एल्बम बनाने का ऑफर किया था, लेकिन मैने मना कर दिया था। और इसका reason तुम जानते ही हो!

    राजीव जी - अगर इस लड़की ने सभी को बता दिया कि ये हमारे घर की बड़ी बेटी है तो हम क्या करेंगे?

    सुहाना जी - मैने तो पहले ही कहा था कि आप सब सोच समझकर सब काम करिएगा,पर मेरी सुनता कौन है यहां पर!

    राजीव जी - अब हमे आगे के बारे में सोचना होगा, इससे पहले कि ये लड़की कोई तमाशा करे!

    किरण - मैं कह रही हूं पापा, अगर आपने कुछ नही किया तो मैं सभी को बता दूंगी कि सिमरन..............उसकी बात बीच में ही काटते हुए विपिन बोला;

    विपिन - उसकी जरूरत नही पड़ेगी डार्लिंग! वो तो हमारा ब्रह्मा अस्त्र है। उसे अभी निकालना सही नही है। अभी हमे कुछ और सोचना होगा! और सबसे पहले इस साहिल को भी थोड़ा कंट्रोल मे लाना होगा। मैं बहुत अच्छे से जानता हुं इसे! मुझसे तो हमेशा से जलता आया है। इसलिए वो मुझे नुकसान जरूर पहुचायेगा! विपिन ने कुछ सोचते हुए बोला।

    किरण - हमे यह पता करना होगा कि सिमरन आखिर साहिल से कब मिली और इनकी शादी तक बात कैसे पहुंची? उसने थोड़ा गुस्से में बोला।

    इधर मुंबई तक यह बात फैल चुकी थी कि साहिल मेहता ने एक unknown लड़की, जो उनकी गर्लफ्रेंड थी, उससे शादी कर ली है। यह बात जैसे ही गोपाल जी और वेदना जी को पता चलती है तो वो साहिल को फोन करते है। साहिल के फोन उठाते ही गोपाल जी उस पर सवालों का गुबार खड़ा कर देते है।

    गोपाल जी - यह क्या बचपना है साहिल? तुम्हारी गर्लफ्रेंड कब से थी? और थी, तो हमे बताते तो सही एक बार! क्या तुमने हमे इस लायक भी नही समझा कि हमे अपने इतने बड़े फैसले में शामिल करो? और यह चुप चाप शादी करने का कारण जान सकता हुं मै? अब चुप क्यों हो? बोलो कुछ?

    साहिल - पापा, IAM SORRY. मैने आपको और मम्मी को hurt किया है, लेकिन यहां हालात ही कुछ ऐसे थे कि मुझे शादी करनी पड़ी। तभी तानिया, जो कि साहिल के पास ही खड़ी होती है, उससे फोन ले लेती है, और बोलती है ;

    तानिया - हेलो पापा, सिमरन बहुत अच्छी लड़की है। आपको और मम्मी को भी बहुत पसंद आएगी, देखना! हमे तो नाज है अपने भाई की choice पर!

    गोपाल जी - तानिया, तुम फिर आ गई अपने भाई की तरफदारी करने! तुम जानती हो कि हमे जल्दबाजी नही पसंद!  तुम्हारे साथ जो हुआ है, उसके बाद साहिल को थोड़ा तो सब्र रखना चाहिए था।एक बार हम लोग अच्छे से उस लड़की को, और उसके परिवार वालो को देख लेते तो सही रहता।

    तानिया - पापा प्लीज! आप बार बार बीती बातों को बीच में मत लाया करिए! मैं सब कुछ भूलकर अपनी लाइफ में आगे बढ़ चुकी हूं, तो आप भी सब भूल जाइए! और हां, सिमरन बहुत अच्छी लड़की है, trust me.

    गोपाल जी - ठीक है बेटा, अगर तुम कहती हो तो हम मान लेते है। हम कुछ दिनों में यहां का काम निपटाकर फिर आगरा आते है। फिर वही देखेंगे कि तुम जो कह रही हो, वो सही है या नही! और वो फोन रख देते है।

    साहिल - थैंक यू दीदी! आप हर बार मुझे पापा से बचा लेते हो! [पर तानिया कही खोई हुई होती है, तो कोई जवाब नही देती है। ]  दीदी, क्या हुआ? आप कहां खो गई?

    तानिया - कही नही! पापा ने कहा है कि वो थोड़े दिनों में यहां आने वाले है। फिर देखते है कि क्या होता है। अच्छा साहिल, मैं अपने कमरे में जा रही हुं। तुम और सिमरन डिनर ले लेना, मैं बाद में खाऊंगी! और वो चली जाती है।

    सिमरन पीछे सीढ़ियों पर ही खड़ी होती है, और वो तानिया की मायूसी नोटिस कर लेती है, लेकिन वो कुछ बोलती नही है।

    साहिल समझ जाता है कि वही बात फिर से तानिया दीदी को परेशान कर रही होगी। लेकिन वो उसमे उनका दर्द बांट भी नही सकता था। इसलिए वो और भी दुखी हो जाता है।



    आज किरण और उसकी फैमिली को trouble में देखकर हमे तो बड़ा मजा आया दोस्तो!और किरण ने किस reason की वजह से साहिल के साथ काम करने को मना कर दिया था? और तानिया क्यों दुखी हो गई है? और साहिल किस दर्द की बात कर रहा है? देखते है अगले भाग में !
    धन्यवाद!❤️✨

  • 14. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 14

    Words: 1264

    Estimated Reading Time: 8 min

    साहिल सोच ही रहा होता है, तभी वो सिमरन को सीढियों पर खड़ा देखता है, तो उसे स्माइल पास करवाता है।

    साहिल - तुम कब आई सिमरन? चलो अपन खाना खा लेते है। वरना अभी ताई डाट लगाने आ जायेंगे। यह कहकर वो हंसता है।

    सिमरन - एक बात बताए आपको साहिल! आप अपनी sadness छुपाने में बहुत बुरे है। क्या हुआ है ऐसा, जो आप और तानिया दीदी परेशान हो गए। आप चाहें तो मुझसे share कर सकते है।

    साहिल दो मिनट तो सिमरन को देखता रह जाता है। इसे कैसे पता चला कि मैं दुखी हुं। उसे कही न कही अच्छा भी लगता है कि सिमरन ने उससे उसकी sadness के बारे में पूछा।

    साहिल - जब तुम मुझसे सब कुछ share कर सकती हो, तो तुम्हारा हक है कि मैं भी तुम्हे बताऊं अपना दुख! Actually मैं तानिया दीदी को लेकर दुखी हुं, सिमरन! तुम्हे नही पता है कि उन्होंने अपने past में बहुत कुछ झेला है। और अब जब वो सब कुछ भूलकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है, तब भी कभी न कभी उन्हे उनका अतीत याद आ ही जाता है।

    सिमरन - बुरा ना मानो तो क्या मैं जान सकती हूं कि उनके साथ ऐसा भी क्या हुआ था past में?

    साहिल - तुम्हे पता है, आज से लगभग चार साल पहले तानिया दीदी को study complete हो गई थी। और कॉलेज में ही उन्हे अपने बैच के एक लड़के से प्यार भी हो गया था, जिसका नाम आकाश था। तानिया दीदी और आकाश एक दूसरे के लिए बहुत सीरियस थे सिमरन, और उन्होंने उसी समय तय कर लिया था कि वो एक दूसरे से ही शादी करेंगे। तब तानिया दीदी को कहां पता था कि वो आकाश ऐसा निकलेगा! यह बोलते हुए साहिल की आंखों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। तो सिमरन, साहिल को हिम्मत देने के लिए उसके हाथ पर अपना हाथ रखती है, ताकि उसे आगे बताने की हिम्मत मिले। पर जैसे ही सिमरन का हाथ साहिल के हाथों को छूता है तो साहिल का दिल जोर से धड़कने लगता है। उसके पूरे शरीर में एक अलग ही एहसास हो जाता है। वो सिमरन की तरफ देखता है, तो उसे देखते ही उसका गुस्सा उतर जाता है और वो बोलता है कि;

    साहिल - उसके बाद स्टडी पूरी होते ही आकाश और तानिया दीदी ने डिसाइड किया था कि वो अपने परिवार को अपने रिश्ते के बारे में बता देंगे। तानिया दीदी ने मम्मी और पापा से बात करके उन्हे मना भी लिया था, और जिस दिन वो आकाश को मिलवाने के लिए अपने घर बुलाने वाले थे, इसी दिन आकाश का एक मैसेज आता है तानिया दीदी के पास, कि वो उनमें शादी जैसी कोई दिलचस्पी नही रखता है, और उसे तानिया दीदी से शादी नही करनी है। उसने दीदी को धोखा दिया और खुद इस शहर से ही चला गया। दीदी को तो विश्वास भी नही हो रहा था कि आकाश उनसे इतने सारे वादे किया करता था, वो क्या सारे झूठे थे। दीदी अपना दिल टूटने के दर्द में तो थे ही, ऊपर से उन्हे मम्मी पापा ने भी सुनाया। दीदी ने उस पर भरोसा किया था, और उसने एक सेकंड में उनका भरोसा तोड़ दिया। तुम्हे पता है सिमरन, मुझे तो बहुत बाद में ये बात पता चली थी, और मैने तो ठान लिया था कि मैं आकाश को सबक सिखाकर रहूंगा। लेकिन तानिया दीदी ने अपनी कसम में मुझे बांध लिया था। अब वो पता नही कहां है। लेकिन मुझे यह बात अच्छी लगी कि तानिया दीदी ने कमजोर लोगो की तरह behave ना करके अपने आप को इस काबिल बनाया कि आज उन्हे किसी के सपोर्ट की जरूरत नही है। वो अपने खुद के पैरो पर खड़ी हुई है। लेकिन कभी कभी ऐसा लगता है कि कही न कही आज भी वो अपना अतीत पूरी तरह से भुला नही पाई है।

    सिमरन - कैसे भूल सकता है कोई साहिल? आकाश ने प्यार का नाटक किया था लेकिन तानिया दीदी ने तो उससे सच्चा प्यार किया था। चाहें अपना दिमाग अपने दिल को कितनी ही दलीलें दे दे, लेकिन अपना मन इतना जल्दी नही समझता है।अपना दिल थोड़ा बुद्धू टाइप होता है ना, यह कहकर वो फीकी सी मुस्कान में हंसती है। देखो साहिल, तानिया दीदी समय के साथ सब पुरी तरह से भी भूल जायेगी। तुम टेंशन मत लो उनकी! मैं तो यही प्रार्थना करती हुं कि तानिया दीदी की लाइफ में कोई ऐसा आए, जो आकाश की जगह ले सके उनके दिल में! तभी आकाश की यादें पुरी तरह से उनके मन से मिट पाएगी। और वो दिन जल्दी आएगा, देखना तुम!

    साहिल - हां, सही कहा तुमने..........एक सेकंड सिमरन, तुमने भी मुझे तुम कहकर ही बुलाया ना अभी! बोलो, बोलो, साहिल ने पिछली conversation को याद करते हुए कहा।

    सिमरन - शायद हां, मुझे ध्यान नही रहा! सॉरी, मैं आपको आगे से आप ही कहकर बुलाऊंगी!

    साहिल - अरे नही, तुमने मुझसे फ्रेंडली होकर बात की, यह चीज मुझे अच्छी लगी सिमरन! अब फिर से यह फॉर्मेलिटी मत लाओ अपने बीच में, प्लीज! आज से तुम भी मुझे तुम कहकर ही बुलाओगी!

    सिमरन - हां, ठीक है। और मुस्कुराती है। साहिल तो उसकी मुस्कान देखकर ही खुद मुस्कुराने लगता है। तभी उसके दिमाग में एक बात आती है और वो मायूस हो जाता है।

    सिमरन - क्या हुआ तुम्हे साहिल? साहिल को अचानक ऐसे उदास देखकर सिमरन ने पूछा।

    साहिल - एक बात पूछ सकता हुं मै तुमसे सिमरन?

    सिमरन - हां, पूछो ना!

    साहिल - अभी अभी तुमने कहा कि नाटक तो आकाश ने किया था, लेकिन तानिया दीदी ने तो सच्चा प्यार किया था, तो वो इतनी जल्दी सब कुछ नही भुला पाएगी, है ना? तो यही बात मैं तुम्हारी सिचुएशन पर भी सोच रहा था। क्या तुम भी विपिन से अब तक प्यार करती हो?

    सिमरन - मैं उससे नफरत करती हुं साहिल! बहुत ज्यादा नफरत! उसने मेरी पूरी जिंदगी को ही useless बना दिया। और मुझे मारना चाहा! यह कहते हुए उसकी आंखों में फिर वो दर्द, वो गुस्सा देख पा रहा था साहिल!

    सिमरन की तकलीफ देखकर साहिल को विपिन के ऊपर और गुस्सा आ जाता है। लेकिन साथ ही वो यह भी समझ जाता है कि सिमरन भी इतनी जल्दी विपिन को भुला नही पाएगी! उसके प्यार से ज्यादा उसकी नफरत सिमरन को उसे भूलने नही देगी। सिमरन चुप चाप बैठी थी, और उसके दिमाग में फिर से वही सब चला रहा था, जिसे वो सोचे जा रही थी। और साहिल साइड से सिमरन को देखकर खुद के मन में यह वादा करता है कि तुम्हारी हर तकलीफ, हर दर्द मैं दूर करूंगा सिमरन! और जिसने तुम्हे ऐसे तकलीफ दी है, उन्हे भी मैं उतनी ही तकलीफ दूंगा! [ लेकिन साहिल को इतनी तकलीफ क्यों हो रही है सिमरन को दर्द में देखकर, इसका एहसास उसे खुद को नही है। ] साहिल फिर अपने ख्यालों से बाहर आता है और सिमरन को बोलता है कि;

    साहिल - चलो सिमरन, हम डिनर कर लेते है, और फिर हमे आगे के बारे में भी सोचना है।

    सिमरन - हां, सही कहा तुमने! अब हमे आगे भी तो सोचना है कि कैसे उन्हे उनकी गलती का एहसास करवाना है।

    साहिल - हां, हम दोनो डिनर कर लेते है फिर मैं दीदी का डिनर उनके कमरे में लेकर चला जाऊंगा और उन्हे वही खिला दूंगा।

    क्रमश :

    तानिया की लाइफ में भी बहुत कुछ हुआ ना! सही है, आखिर वो इतनी समझदार, अपनी जिंदगी की गलतियों से सिखकर ही तो बनी है। पर साहिल बुरा भी फील कर रहा है और खुद ही अपनी फीलिंग्स नही समझ पा रहा है, सही से! अब देखते है कि क्या होता है इनके रिवेंज का!

  • 15. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 15

    Words: 1321

    Estimated Reading Time: 8 min

    अगले दिन आचार्य हाउस में:

    एक लड़का बेफिक्री से अंदर आकर बोलता है कि - अरे कोई है क्या यहां पर? या मैं गलत घर में आ गया हुं!

    तभी सुहाना जी उस लड़के की आवाज सुनते ही जल्दी से बाहर आते है और बोलते है कि;

    सुहाना जी - ईशान, तुम कब आए? उन्होंने एक्साइटमेंट में पूछा।

    [ ईशान सिमरन और किरण का छोटा भाई है, जो abroad पढ़ाई के लिए गया हुआ था। पूरे एक साल बाद आया है इस बार ईशान! सिमरन सबसे बड़ी बहन है इनकी और ईशान, किरण से भी छोटा है। और आज उसने किसी को नही बताया था कि वो आने वाला है। ईशान को इंडिया आना बहुत पसंद है, लेकिन उसके पापा उसे हमेशा बोलते है कि वहां पढ़ाई पर ध्यान दो। उसके बाद वैसे भी तुम्हे यही पर रहना है। ईशान को इस घर में क्या हो रहा है इतने दिनो से, इसके बारे में कुछ भी नही पता है। अब देखते है कि ईशान के आने से इस कहानी में क्या हलचल आती है। ]

    ईशान - बस अभी अभी! लेकिन लगता है कि आप मुझे देखकर खुश नही हो! उसने मजाक में कहा। और फिर खुद ही हंस दिया! तब तक बाकी परिवार वाले भी वही पर आ जाते है। ईशान सभी से एक एक करके गले मिलता है। पर वो किरण के पास खड़े विपिन को इग्नोर कर देता है, और आगे बढ़ जाता है।

    किरण - यह क्या ईशान, तुमने विपिन से तो हेलो किया ही नही! उसे तो मिल लो!

    ईशान - इससे मिलकर मैं क्या करूंगा, कौनसा ये मेरे आने पर खुश होगा। उसने मुंह बिगाड़ते हुए कहा।

    राजीव जी - अब तुम बच्चे नही हो ईशान, अच्छे से बात करना सीख जाओ।

    सुहाना जी - क्या आप भी, आया नही मेरा बच्चा कि शुरू हो गए अपने पाठ पढ़ाना!

    ईशान - बिल्कुल सही कहा मम्मी ने! पापा मैं अभी तो अपने लेक्चर्स वहां पर छोड़कर आया हूं। और आप यहां पर लेक्चर देना शुरू हो गए।

    ईशान घर में सबसे छोटा था, तो उससे सभी प्यार करते थे। लेकिन ईशान को बचपन से ही विपिन नही पसंद था। एक बार उसकी बचपन में विपिन से लड़ाई हो गई थी, तो सभी को लगा कि शायद इसी वजह से दोनो में आनाकानी होती रहती है। लेकिन ईशान को उससे बात करना ही नही पसंद था। नेगेटिव वाइब्स आती थी ईशान को विपिन से! इसलिए वो कम ही बोलता था। लेकिन ईशान को सिमरन, किरण और विपिन के रिश्ते के बार में कुछ भी नही पता था। उसे सिर्फ फ्रेंडशिप का पता था। वो बचपन से बाहर ही रहा है तो उसे कैसे पता होगा। तभी ईशान देखता है कि सिमरन उसे कबसे नही दिखी,तो वो पूछता है कि;

    ईशान - हेलो guys. मेरी सिमरन दीदी कहां पर है? जिसे यहां होना चाहिए, वो तो यहां पर दिख नही रहा और बाकी तो इस घर में फालतु लोगो की भीड़ कर रखी है। उसने विपिन की तरफ देखकर कहा।

    [ मन ही मन विपिन को भी ईशान नही पसंद था, और उसे ईशान की हर एक हरकत पर बहुत गुस्सा आता था, लेकिन वो किरण के सामने उसे कुछ नही बोलता था। क्योंकि किरण भी अपने भाई से बहुत प्यार करती थी, तो उसके बारे में कुछ भी नही सुन सकती थी।]

    किरण - होगी अपने पति के घर, हमे मत पूछो!

    ईशान - पति के घर मतलब, और सिमरन दीदी की शादी कब हुई? कोई मुझे बताएगा कि यहां पर क्या हुआ है? और सिमरन दीदी की शादी कर दी आप लोगो ने और मुझे बुलाना तो दूर, किसी ने मुझे बताया तक नही! कही यह कोई मजाक तो नही है ना मेरे साथ?

    सुहाना जी - यह सच है बेटा! सिमरन ने सच में शादी कर ली है।

    ईशान - लेकिन कब और किससे? और मुझे क्यों नही बताया फोन करके यह सब!

    विपिन - जब हम सभी को ही नही पता है कि सिमरन ने शादी कब की, तो तुम्हे कैसे बताते हम! वैसे सिमरन ने किसी को नही बताया है कि उसने शादी कर ली है, वो तो हमे न्यूज देखकर पता चला।

    ईशान को तो वैसे भी विपिन से इरिटेशन होती है, ऊपर से अभी वो बीच में बोले जा रहा था, तो ईशान को और भी गुस्सा आ गया और उसने कहा कि;

    ईशान - हमारे फैमिली मैटर की बात है, हम देख लेंगे। तुम यहां क्या कर रहे हो हमारे घर में? दिख नही रहा क्या कि यहां पर हमारी पर्सनल बात चल रही है तो तुम यहां से चले जाओ।

    किरण - ईशान,अपनी हद में रहकर बात करो, विपिन से! और विपिन यही पर रहता है। तुम्हे इससे क्या?

    ईशान - पहले तो दिन भर यहां वैसे भी रहता था, अब ऑफिशियली एड्रेस भी यही का हो गया है इसका! पूछ सकता हूं इसका reason? (ईशान को अब सच में बहुत गुस्सा आ रहा था। उसने बिल्कुल भी expect नही किया था कि इसे यहां आते ही ऐसे अपना मूड spoil करना होगा। )

    राजीव जी - विपिन अब किरण का पति है, और इस घर का दामाद है, ईशान! और अब तुम भी विपिन से सही से बात करना सीख जाओ।

    सुहाना जी - अरे, यह बातें तो होती रहेगी। ईशान तुम पहले आओ और खाना खा लो।

    अब तो ईशान को कुछ समझ नही आता है, और वो बिना कुछ बोले घर से बाहर आ जाता है। सुहाना जी उसे रोकने की कोशिश करती है तो राजीव जी उन्हे मना कर देते है।

    राजीव जी - उसे थोड़ी देर बाहर ही रहने दो। आपको पता है कि जब उसका माइंड फ्रेश हो जाएगा, वो अपने आप घर आ जाएगा। वैसे भी अब तो उसे यही रहना है, तो रियलिटी को accept करना ही होगा।

    राजीव जी और सुहाना जी इधर यही बात कर रहे होते है तभी इधर किरण विपिन को बोलती है कि ;

    किरण - सॉरी विपिन, तुम्हारा फिर से मूड खराब हो गया। पता नही ईशान को क्या प्रॉब्लम है तुमसे? विपिन को मन ही मन तो बहुत गुस्सा आ रहा होता है लेकिन वो बोलता है कि;

    विपिन - मेरे छोटे भाई जैसा है ईशान, मैं उसकी बातों का कभी बुरा नही मानता। छोड़ो तुम, इतनी टेंशन मत लो इस चीज की! टेंशन तो मुझे इस बात की है कि अगर ईशान, सिमरन से मिला तो पक्का वो उसी की साइड लेगा।

    किरण - जो होगा वो देखा जायेगा अब! ईशान तो बचपन से ही बुद्धू है। उसे कोई समझ तो है नही, बस सिमरन दीदी, सिमरन दीदी करता रहता है। पर मुझे पता है सिमरन यही सोच रही होगी कि, ईशान भी कही नाटक ही कर रहा हो उसके साथ!

    विपिन - हां, यह तो सही कहा तुमने! सिमरन इतनी जल्दी अब ईशान पर भरोसा नही करेगी। और अभी तो ईशान मिल भी पाएगा या नही सिमरन से? क्योंकि सिमरन तो साहिल के घर से बाहर ही नही निकली है। पर ईशान उससे मिलने की कोशिश तो जरूर करेगा।

    इधर ईशान बाहर आकर दो मिनट तो एक जगह पर  खड़ा रहता है और सोचता है कि वो क्या करे? उसकी दोनो बहनों ने ये क्या किया है? और किरण को इस विपिन के अलावा और कोई नही मिला! और दोनो में से किसी ने भी मुझे अपनी शादी के बारे में नही बताया। एक तो यह विपिन हमेशा के लिए इस घर में आ गया है। किरण दीदी समझती क्यों नही है कि विपिन अच्छा लड़का नही है। पहले वो सिमरन दीदी को भी बोला करता था, लेकिन वो भी नही समझती थी। अच्छा हुआ जो उन्होंने इस विपिन से तो शादी नही की। लेकिन उन्होंने शादी किससे की है, ये पता करना पड़ेगा, तभी तो मैं उनसे मिल पाऊंगा। इस विपिन को तो बाद में देखता हुं मै! और वो गाड़ी लेकर चला जाता है।

    क्रमश :

    वैसे अब कहानी ने ईशान की entry हो गई है तो देखते है कि अब यह कहानी कहां जाती है, और ईशान इसमें क्या रंग लाता है।😁😁😁😁 चलिए अब हम जाते है, धन्यवाद! ❤️✨

  • 16. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 16

    Words: 1116

    Estimated Reading Time: 7 min

    साहिल और सिमरन के rumours इतने फैल गए थे कि ईशान को यह पता करते बिल्कुल देर नही लगी, कि साहिल का एड्रेस क्या है। जैसे ही ईशान को साहिल के बारे में पता लगा, तो उसे वो सिमरन के लिए ठीक ही लग रहा था। ईशान मन में सोचता है कि, चलो दिखने में तो इतना बुरा नही है, और कंपनी की रेपुटेशन भी अच्छी है इसकी! ऊपर से मैने भी सुना है कि यह एक अच्छा इंसान है, फिर भी देखना तो पड़ेगा कि जैसा इसके बारे में सुना है, ये सच में वैसा है भी या नही! और वो पहुंच जाता है सीधा उसके घर पर; ईशान जैसे ही साहिल के घर में जाने लगता है वहां का वॉचमैन उसे रोक देता है।

    वॉचमैन - अरे, कहां घुसे चले जा रहे हो?

    ईशान - मेरा छोड़ो, लेकिन अगर इस घर के लोगो को पता चला गया ना कि तुमने मुझे अंदर आने से रोककर इस तरह से बात की है, तो तुम्हारी नौकरी तो गई बेटा! इसलिए मेरे अंदर जाने की नही, बल्कि अपनी नौकरी की चिंता करो तुम अभी।

    यह सुनते ही वॉचमैन थोड़ा डर जाता है, और समझता है कि ईशान सच में खास है इस घर के लिए! तो वो उसे अंदर जाने से नही रोकता है। और ईशान तो था ही स्मार्ट, उसकी trick काम आ गई और वो सीधा साहिल के घर के अंदर चला गया। और जाते ही बोलने लगता है;

    ईशान - सिमरन दीदी, कहां हो आप? हेलो, कोई है यहां पर मेरी बात सुनने वाला?

    सिमरन अपने कमरे में बाथरूम में थी और नहा रही थी। तो उसे ईशान की आवाज नही सुनाई दे रही थी। लेकिन तानिया अपने कमरे में ही थी तो एक अनजान शख्स की आवाज सुनकर कमरे से बाहर देखने आती है कि कौन है जो इस तरह से चिल्लाते हुए हमारे घर में चला आ रहा है। और वो साइड से अपने कमरे से निकलकर आती है।

    और ईशान ऊपर देखते हुए अंदर की तरफ चलता ही जा रहा था कि तानिया से टकरा जाता है। वो संभलने ही लगता है कि तभी उसकी नजर तानिया के चेहरे पर जाती है,और तानिया को एक झलक देखते ही, वो उसे देखता ही रह जाता है।  ईशान गिरने से संभलने वाला होता है कि तानिया को देखकर उसका ध्यान संभलने से हट जाता है और वो गिर जाता है।

    तानिया तो उसे देखते हुए ही आ रही थी और पास आकर पूछने वाली थी कि वो कौन है? लेकिन उसे क्या पता था कि सामने वाला इंसान बिना देखे चलता ही जायेगा और रुकेगा ही नही! तानिया ने खुद को तो संभाल लिया गिरने से, लेकिन उसने ईशान की कोई मदद नही की, करे भी क्यों? आखिर है तो अनजान ही ना! और ईशान खुद ही उठ जाता है। पर तानिया  उसे गिरते हुए देखती है तो पूछती है कि ;

    तानिया - तुम ठीक तो हो ना? लगी तो नही ज्यादा और तुम  गिरे कैसे? तुम तो संभल गए थे। पहली बात तो ये कि तुम सामने देखकर नही चल सकते हो क्या? और ऐसे कैसे अंजान होकर हमारे घर में घुसे चले आ रहे हो!

    ( तानिया बोले जा रही थी और ईशान बस उसे देखता ही जा रहा था। ईशान खो ही गया उसके चेहरे में और उसकी खूबसूरती में! तानिया बोले जा रही थी लेकिन हमारे ईशान के बैकग्राउंड में तो वायलिन बज रहे थे। )

    तानिया देखती है कि वो बोले जा रही है लेकिन ये सामने वाला इंसान तो कोई रिस्पॉन्स ही नही कर रहा है। तो वो ईशान के चेहरे के सामने चुटकी बजाती है और पूछती है कि;

    तानिया - हेलो मिस्टर, सुन भी रहे हो क्या तुम? हम पूछ रहे है तुमसे कुछ, और तुम हो कि कोई रिस्पॉन्स ही नही दे रहे हो। कही पागल वागल हो क्या तुम? तानिया ने थोड़ा सीरियस होते हुए पूछा क्योंकि उसे सच में ईशान की हरकते अजीब लग रही थी।

    तानिया की चुटकी से ईशान रियलिटी में आता है और संभलते हुए बोलता है कि ;

    ईशान - हां, मतलब नही, एक्चुअली हां,......मतलब नही, मैं पागल नही हुं। फाइनली ईशान थोड़ा सा बोल पाया तानिया के सामने। उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो क्या बोले! पहली बार ईशान के साथ ऐसी सिचुएशन हुई थी कि वो किसी के सामने बोलने से घबराए!

    अब तो तानिया को और भी अजीब लगने लगा, फिर भी उसने पूछा कि;

    तानिया - अच्छा, वो सब छोड़ो, और ये बताओ कि तुम कौन हो और बार बार सिमरन को क्यों बुला रहे थे? और तुम्हे अंदर किसने आने दिया?

    तभी ईशान को याद आता है कि वो तो यहां पर सिमरन को मिलने आया था तो वो पूछता है कि;

    ईशान - आप मेरे बारे में बाद में पूछिए और पहले सिमरन दीदी को बुलाइए जल्दी से! मुझे मिलना है उनसे। उसने थोड़ा सीरियस होते हुए कहा।

    तानिया - पर तुम सिमरन को कैसे जानते हो? तुम क्या उसके भाई हो? तानिया ने थोड़ा सोचते हुए कहा।

    ईशान - हां, मैं उनका छोटा भाई हुं, और मुझे उनसे अभी के अभी मिलना है। आप प्लीज उन्हे बुला दीजिए।

    तानिया - नही, सिमरन यहां नही है।  उसने थोड़ा गुस्से में बोला तो ईशान भी समझ गया कि वो झूठ बोल रही है।

    ईशान - देखिए, आप जो भी है प्लीज मुझे अपनी बहन से मिलने दीजिए। और सिमरन दीदी जहां पर भी है, उन्हे बुला लीजिए।

    तानिया कुछ बोलती उससे पहले ही सिमरन आ जाती है और ईशान को देखते ही एक बार तो खुश होकर जल्दी से सीढ़ियां उतरकर उससे गले मिलने आती है,लेकिन जैसे ही वो गले मिलने वाली होती है कि उसे कुछ याद आता है और वो मायूस होकर पीछे हट जाती है।



    [ हेलो फ्रेंड्स,यह पार्ट छोटा सा है, I know.😅😅 और काफी टाइम बाद भी लिखा है। लेकिन हम क्या करे, एग्जाम की वजह से स्टोरी पर ध्यान नही दे पाए, लेकिन कल से आपको लगातार अपडेट्स मिलेंगे और वो भी बड़े पार्ट्स!✌️✌️😇😇 हमे भी इस कहानी को जल्दी से जल्दी आप तक पहुंचाना है। पर प्लीज, आप सभी भी हमे थोड़ा सा सपोर्ट करके छोटा सा रिव्यू ही दे दिया करे!🙂🙂 चाहें हमे अपनी गलतियां बताइए रिव्यू में, हम उसे सही करने की भी कोशिश करेंगे।😌😌 मिलते है कल दोस्तो, एक नए भाग के साथ!🤗🤗 ]

    स्पेशल नोट: हमारी स्टोरी में ईशान और तानिया की लव स्टोरी भी चलने वाली है, यह तो आप सभी को पता चल ही गया होगा। और उनकी age में काफी डिफरेंस होगा, यह भी जान लिया होगा आपने! तो अगर आपमें से कोई age gape love स्टोरी को नही मानता हो, और ऐसी कहानी नही पढ़ना चाहता हो,तो हमारी कहानी पढ़ना छोड़ सकते है। और अपने विचार हमे कॉमेंट सेक्शन में बता सकते है। 🙏🙏

  • 17. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 17

    Words: 1651

    Estimated Reading Time: 10 min

    जैसे ही सिमरन आकर ईशान के गले मिलने वाली होती है, उसे याद आता है कि ईशान भी उसकी फैमिली से मिला हुआ हो सकता है। तो वो दूर हट जाती है। ईशान को थोड़ा अजीब लगता है और वो पूछता है कि;

    ईशान - क्या हुआ दीदी, ऐसे पीछे क्यों हट गए आप? क्या आप मुझे देखकर खुश नही हो?

    सिमरन - तुम यहां पर कैसे आए ईशान? सिमरन ने उसके सवालों को इग्नोर करते हुए पूछा।

    ईशान - अब बस बहुत हुआ दीदी! मैं आपसे सब कुछ जानने आया हूं कि आखिर यह सब चल क्या रहा है? जब से मैं आया हुं, हर कोई अजीब behave कर रहा है। ऊपर से ऐसा लग था है, जैसे मैं अपने परिवार से नही, किसी अंजान परिवार से मिल रहा हूं। सब कुछ बदल गया है दीदी, आप भी यहां तक! और यह कहते कहते ईशान रूआंसा हो जाता है। हो भी क्यों ना, कबसे इतने झटके मिल रहे है उसे, और अब सिमरन का ऐसा behave देखकर तो उसे सच में बुरा लगा था, तो उसके इमोशन बाहर निकल ही गए।

    ईशान को इस तरह देखकर अब सिमरन को भी बुरा लगता है। लेकिन फिर भी वो अब इमोशनल नही होना चाहती थी। इसी कमजोरी का फायदा उठाते थे उसके घर वाले। तो वो सीधा ईशान से बोलती है कि;

    सिमरन - बोलो ईशान, तुम्हे क्या समझ नही आ रहा है। या फिर तुम यहां पर मुझे check करने आए हो। 

    ईशान - दीदी, आप ऐसा क्यों बोल रहे हो, जैसे मैने कोई गलती की हो? वैसे भी नाराज तो मुझे आपसे होना चाहिए। ईशान ने innocent सा face बनाते हुए कहा।

    सिमरन कुछ बोलने वाली होती है, तब तक साहिल भी आ जाता है घर पर, और ईशान को देखते ही तानिया से इशारे से पूछता है कि यह कौन है?

    तानिया उसे पास जाकर धीरे से बता देती है कि यह सिमरन का भाई है। और उसके अलावा उसे कुछ भी नही पता है।

    साहिल और तानिया बस सिमरन और ईशान को देखे जा रहे थे। उन्हे उनके बीच में बोलना सही नही लगा। इधर सिमरन और ईशान में से किसी का भी ध्यान उन दोनों की तरफ नही गया क्योंकि उनके खुद के मन में बहुत कुछ चल रहा था।

    सिमरन - तुम मुझसे क्यों नाराज होगे लेकिन, उसे समझ नही आया तो उसने पूछ लिया। 

    ईशान - मुझे सब बता दिया है घर वालो ने, कि आपने शादी कर ली है और मुझे बुलाया तक नही! और आपने ये शादी किसी को भी बिना बताए की है, है ना! क्या मैं आपका कुछ भी नही लगता हूं? और आपको ऐसे घर छोड़कर आने की क्या जरूरत थी भला?

    अब सिमरन को समझ आ गया था कि उसके घरवालों ने ईशान को कोई कहानी सुनाई है उसकी, और ईशान सच के बारे में कुछ भी नही जानता है। लेकिन फिर भी वो ऐसे भरोसा नही कर सकती थी, ईशान पर भी।

    सिमरन - ईशान तुम्हे घरवालों ने क्या बताया है, क्या तुम मुझे बता सकते हो? और सबसे पहले तो यहां बैठो,यह कहते हुए वो ईशान को सोफे पर बिठा देती है, और खुद उसके पास बैठ जाती है।

    ईशान - यही कि आपने शादी कर ली है और उन्हे इस बारे में कोई जानकारी नही है। अरे, मुझे याद आया कि किरण दीदी ने भी शादी कर ली है। लेकिन उसने इस विपिन से क्यों शादी की है, ईशान ने मुंह बनाते हुए कहा। और किरण दीदी शादी के बाद भी वही पर रहते है उस विपिन के साथ! लेकिन आप ऐसे यहां पर क्यों आ गए दीदी? और सभी आपसे नाराज क्यों है?

    इधर तानिया और साहिल को समझ आ गया था कि ईशान सब चीजों से अनजान है और उसे कुछ भी नही पता है, सिमरन और उसके घरवालों के बारे में!

    सिमरन - मुझे पता है कि तुम्हे भी विपिन नही पसंद है, लेकिन मुझे लगा कि तुम भी शायद नाटक ही कर रहे होंगे सभी की तरह।

    ईशान - कैसा नाटक दीदी,और कौन सब? आप बताओगे मुझे कुछ?

    सिमरन - लेकिन तुम पहले यह बताओ कि तुम हम पर भरोसा करते हो?

    ईशान - बिल्कुल दीदी, आपको शक है क्या मुझ पर? आप बताइए कि आप क्या बोल रही थी। मैं जबसे आया हुं, यहां पर सब अजीब लग रहा है। देखिए दीदी, अब आपकी बातों से मुझे सच में घबराहट हो रही है, आप प्लीज बोलिए!

    फिर सिमरन अपने शादी वाले दिन से जितना भी कुछ हुआ था उसके साथ, वो सब ईशान को बता देती है।

    ईशान जैसे ही अपने घरवालों को सच्चाई सुनता है, उसे विश्वास ही नही होता है। वो सोच भी नही सकता था कि उसके घरवाले सिमरन दीदी के साथ ऐसा behave करेंगे। और विपिन से तो उसने बदला लेने की उसी समय ठान ली।

    ईशान मन ही मन में सोच रहा था, कि जरूर उस विपिन ने ही सबके दिमाग खराब किए होंगे। वो बहुत अच्छे से जानता था विपिन को, उसकी हिम्मत कैसे हुई सिमरन दीदी के साथ धोखा करने की! और किरण दीदी इतने बुरे होंगे, यह तो वो सोच भी नही सकता था। क्या उसके मम्मी पापा, सिमरन दीदी को प्यार नही करते है? क्या वो मुझे भी अपने फायदे के लिए ही इस्तेमाल कर रहे है। उसके मन में बहुत सारे सवाल आ रहे थे।

    सिमरन - मैने बचपन से ही सब कुछ इग्नोर किया इसलिए उनकी हिम्मत बढ़ी ईशान, अगर आज साहिल नही होता तो शायद मैं जिंदा भी नही होती।

    ईशान - Iam soo sorry दीदी! अगर मैने आपके साथ हो रहे बर्ताव पर शुरू से ध्यान दिया होता, तो शायद उस दिन आपकी जान खतरे में नही होती। आपने इतना कुछ अकेले face किया है दीदी, और मैं वहां पर मजे में इन सभी बातों से अनजान था। एक बार भी मैंने जानने की कोशिश नही की, कि यहां पर क्या चल रहा है।

    सिमरन - ईशान, तुम बुद्धू हो बिल्कुल! तुम्हे क्या पता था कि ऐसा होगा यहां पर! उसमे तुम्हारी क्या गलती है कि मैं ही दूसरो के हाथों की कठपुतली बन गए। अब इतना मत सोचो उस बारे में। लेकिन हां ईशान, एक बात सुन लो!

    ईशान - क्या दीदी?

    सिमरन - अब मैंने अपने साथ जितना भी unfair हुआ है, उसका बदला लेने की ठानी है। मैं उन्हे ये एहसास करवाकर रहूंगी कि उन्होंने मेरे साथ बहुत बुरा किया है। इसलिए अगर तुम्हे मै गलत लग रही हूं, तो तुम बेझिझक कह सकते हो। मुझे पता है कि तुम मम्मी पापा और किरण को भी बहुत प्यार करते हो। इसलिए अगर तुम उन्हे सपोर्ट करना चाहो तो कर सकते हो।

    ईशान - दीदी,आपने यह बोलकर सच में मेरा दिल दुखाया है। क्या आपको मैं बुरा इंसान लगता हूं? यहां पर बात सही और गलत की है, और मैने हमेशा सही का साथ दिया है दीदी। मम्मी पापा और किरण दीदी को अपने किए की सजा मिलनी ही चाहिए। और उस विपिन को तो मैं छोडूंगा नही, यह बोलते हुए ईशान को बहुत गुस्सा आ जाता है।

    साहिल - सॉरी,लेकिन क्या मैं एक बात कह सकता हूं?

    ईशान - अरे जीजू, आप कब आए यहां पर, सॉरी मेरा ध्यान नही था। उसने उठकर साहिल से हाथ मिलाते हुए कहा।

    पर ईशान के इस तरह जीजू बोलने पर सिमरन और साहिल दोनो को थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि उनके रिश्ते की असलियत वो खुद ही जानते थे।

    साहिल - तुम दोनो बात कर रहे थे तो मैंने बीच में डिस्टर्ब नही किया। मैं एक्चुअली पूछना चाह रहा था कि क्या तुम्हारे घरवालों को पता है कि तुम यहां पर सिमरन से मिलने आए हो?

    ईशान - नही, मैं तो बिना बताए आया हूं, लेकिन अब जाकर मुझे उनसे बहुत सारे सवालों का जवाब लेना है। ईशान गुस्से में बोला।

    सिमरन - ईशान अब गुस्सा मत करो और अपना माइंड रिलेक्स करो।

    साहिल - मुझे नही लगता है कि तुम्हे अभी उनसे कुछ पूछना चाहिए, और उन्हें ये पता नही लगने देना चाहिए कि तुम्हे सिमरन ने सब कुछ बता दिया है।

    सिमरन - हां, साहिल सही कह रहा है। तुम किरण और बाकी लोगो के सामने नॉर्मल ही behave करना ताकि उन्हें पता नही चले कि तुम्हे उनके बारे में सब पता है। इससे तुम safe भी रहोगे और विपिन और किरण आगे क्या प्लान कर रहे है, यह भी हमे तुम्हारे जरिए पता चल सकेगी।

    साहिल - इससे हम सिमरन पर मुसीबत आने से पहले ही उसका बचाव भी कर पाएंगे। और जल्दी से जल्दी सिमरन को इंसाफ दिलवा सकेंगे।

    तानिया जो इतनी देर से चुपचाप सभी की बातें सुन रही थी, वो बोलती है कि;

    तानिया - अरे, अब सारी strategy हो गई हो तो क्या हम सभी मिलकर लंच करे। 

    सिमरन - हां, ईशान आओ, कितने दिन बाद अपन साथ में खाना खायेंगे। तुम्हे पता है मैने बहुत miss किया तुम्हे! सच कहे तो मुझे लगा कि तुम भी किरण की तरह कही मुझे धोखा  तो नही दे रहे हो।

    ईशान - मैं आपका साथ कभी नही छोडूंगा दीदी। अब आपको कोई तकलीफ नही देने दूंगा, मैं उन लोगो को! मुझे तो बस कारण जानना है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? क्या गलती थी आपकी दीदी, जो उन्होंने इतना बुरा किया आपके साथ!

    सिमरन - ईशान, छोड़ो वो सब! तुम आओ,अपन खाना खाते है।

    साहिल - हां ईशान, सिमरन के साथ जितना बुरा होना था, हो चुका! अब मैं सिमरन के साथ कभी कुछ बुरा नही होने दूंगा।

    तानिया और ईशान को साहिल वो चेहरे पर दृढ़ निश्चय दिख रहा था। लेकिन सिमरन को लगा कि साहिल ने ईशान को console करने के लिए ऐसा कहा है, इसलिए उसने माइंड नही किया। लेकिन साहिल को खुद नही पता कि उसने ऐसा क्यों कहा, लेकिन उसने झूठ नही बोला था, यह बात वो खुद अच्छे से जानता था।

    तानिया - चलो भी अब,मुझे तो बहुत जोर से भूख लगी है। फिर सब हंसते है और खाना खाने चले जाते है।

    क्रमश:

    [क्यों, आ गया ना हमारी तानिया के लिए भी कोई स्पेशल!😁😁😁😁 अब देखते है कि इनकी स्टोरी कैसे आगे बढ़ती है।😇😇😇😇😇✌️✌️✌️✌️ ]

  • 18. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 18

    Words: 1051

    Estimated Reading Time: 7 min

    फिर वो चारों डाइनिंग टेबल की ओर बढ़ते है और बैठकर खाना खाते है। सिमरन आज ईशान के पास बैठी थी, और उसे मन ही मन काफी अच्छा लग रहा था कि उसका भी कोई परिवार का सदस्य है, जो सच में उसके बारे में सोचता है। उसे कही न कही बुरा भी लग रहा होता है कि उसने ईशान के आते ही उससे बेरुखी से बात करी। पर अब सब ठीक है। ऐसे ही सोचते हुए और बातें करते हुए वो अब खाना खा लेते है और उसके बाद सिमरन, ईशान के साथ सोफे में बैठकर बातें करने लगती है।
    आज तानिया और साहिल को सिमरन का अलग ही रूप दिख रहा था, उन दोनों ने तो पहली बार सिमरन को इतना बोलते हुए देखा था। उन्हें भी मन में बहुत खुशी हो रही थी , सिमरन को इस तरह देखकर। इधर ईशान और सिमरन अपनी पुरानी बातें कर रहे होते है और सिमरन उससे उसके पढ़ाई और बाकी सब के बारे में भी पूछ रही होती है। तभी ईशान देखता है कि साहिल उससे थोड़ा दूर ही खड़ा होता है तो वो बोलता है कि;
    ईशान - आइए न जीजू, बैठिए, आप तो कुछ बोलते ही नहीं, मैं जबसे आया हूं, आपको सबसे कम बोलते हुए देखा है मैंने।

    साहिल - हां, बिल्कुल, मैं अपने साले साहब के पास तो बैठा ही नही! पर आपकी बहन आपको फ्री करे तो मैं भी आपसे दो बातें कर पाऊं ना!

    ईशान - हां, दीदी एक बार शुरू हो जाती है बोलना, तो फिर चुप ही नही होती है।

    यह कहकर साहिल और ईशान दोनो हंस देते है।

    सिमरन - यह क्या बात हुई भला? तुम दोनो मेरे ऊपर हंस रहे हो। अब से मैं बोलूंगी ही नही कुछ। ईशान तो छोटा है, लेकिन तुम भी मेरा मजाक बना रहे हो साहिल, यह गलत बात है ना!

    साहिल - अरे मैने कहां मजाक बनाया तुम्हारा?

    सिमरन - अच्छा, तो फिर हंसे क्यों?

    साहिल - क्योंकि ईशान हंसा, और वो फिर ईशान की तरफ देखकर हंसने लगता है।

    ईशान को तो उन दोनो की ऐसे नोकजोक देखकर मजा आ रहा था। तभी वो बोलता है कि;

    ईशान - दीदी, मैं अभी आता हूं, ऊपर का पूरा घर देखकर! आप बैठो तब तक यहां, जीजू के साथ!

    सिमरन - चलो, मैं भी चलती हुं तुम्हारे साथ! तुम्हे अच्छे से दिखा दूंगी।

    ईशान - दीदी, मैं कोई बच्चा हूं क्या, जो आप मुझे घुमाएगी घर में। मैं देख लूंगा, आप बैठो। और वो जल्दी से चला जाता है।

    साहिल - वैसे अच्छा हुआ ना कि ईशान यहां पर आ गया। तुम्हे पता तो चला, कि वो बाकी घरवालों जैसा नही है।

    सिमरन - हां,सही कहा तुमने साहिल! मैं तो अपने भाई के बारे में पता नही क्या क्या सोच रही थी। पर आज मैं बहुत खुश हुं सच्ची!

    साहिल - और मैं भी!

    सिमरन - अरे, मेरी खुशी का तो पता चलता है लेकिन तुम क्यों इतने ज्यादा खुश हो? तुम तो ईशान से भी पहली बार मिले हो, है ना!

    साहिल - कभी कभी हम बिना कारण के भी तो खुश रह सकते है ना! आज पता नही क्यों, लेकिन बहुत अच्छा फील हो रहा है सिमरन!

    सिमरन - चलो अच्छा है। अब ईशान तो हमारे साथ है। बस उसकी लाइफ में मेरी वजह से कोई प्रॉब्लम न आए।

    साहिल - तुम चिंता मत करो, ईशान का ख़्याल रखने के लिए मैं हूं ना!

    ऐसे ही साहिल और सिमरन बैठकर बातें कर रहे होते है। साहिल को आज सच में बहुत अच्छा लग रहा होता है क्योंकि सिमरन अब उसके साथ खुल कर बात कर रही थी। और सिमरन तो आज सच में खुश थी कि उसका भाई आ गया है, और वो उसके साथ है।

    इधर ईशान पूरे घर में घूम रहा था। उसने तो अपनी दीदी और जीजू को थोड़ी प्राइवेसी देने के लिए ये बहाना बनाया था। और अब वो अकेले घूमकर पक रहा था।

    इधर तानिया छत पर गई हुई थी और वापस सामने से आ रही होती है। और ईशान तो घूम ही रहा था, तो फिर से वो दोनो एक दूसरे के सामने आ जाते है। पर इस बार ईशान जैसे ही टकराने वाला होता है, वो तानिया को देख लेता है, और पहले से ही संभल जाता है। और तानिया भी ईशान को देख लेती है तो इस बार बिल्कुल पास से टकराने से बच जाते है।

    तानिया - वाह, लगता है हमारी कुंडली में तुमसे टकराना ही लिखा है, पर बच गए इस बार तुम। और वो हंसने लगती है।

    ईशान की तो, तानिया के सामने बोलती ही नही खुलती है। वो फिर से बस तानिया को देखता रह जाता है। और उसे हंसता हुआ देखकर खुद भी हंसने लगता है। 

    तानिया - by the way, Iam sorry. हमने तुम्हे बिना जाने,  अजीब ही बोल दिया बहुत कुछ! हमे नही पता था कि तुम सिमरन के भाई हो।

    ईशान - अरे नही, it's ok. मैं समझता हुं, और वैसे भी गलती मेरी ही थी। मुझे ऐसे बिना बताए इस तरह से अंदर नही आना चाहिए था।

    तानिया - अच्छा छोड़ो वो सब, वैसे हम तानिया है, साहिल की बड़ी बहन!

    ईशान - Nice name तानिया! लेकिन वो तानिया के introduction पर उसके बाद कुछ सोचने लग गया। अच्छा , तो आप बड़ी बहन हो साहिल जीजू की!

    तानिया - हां, क्यों लगते नही है क्या? उसने मजाक में पूछा।

    ईशान - नही,आप छोटे लगते हो, और वो हंस देता है। तो साथ में तानिया भी हंस देती है।

    और ईशान फिर से खुद हंसना छोड़कर, तानिया को देखने लगता है।

    तानिया उसे देखती है तो पूछती है कि;

    तानिया - यह तुम बार बार कहां खो जाते हो? सपनो में रहते हो क्या दिन में भी? और फिर से हंसने लगती है।

    ईशान - अरे नही नही! मैं सिर्फ सोच रहा था कि मुझे आपसे एक मदद चाहिए तो क्या आप मेरी मदद करेंगे?

    तानिया - हां, बिल्कुल बोलो! हम जरूर तुम्हारी मदद करेंगे।

    क्रमश :



    [तो क्या मदद चाहिए होगी ईशान को हमारी तानिया से?🤔🤔🤔 और क्या ईशान की फीलिंग्स प्यार वाली फीलिंग्स है, क्या इनका रिश्ता आगे बढ़ेगा?🙄🙄🙄🙄🙄 देखते है अब आगे की स्टोरी में!😅😅😅 वैसे साहिल और सिमरन अब एक दूसरे के साथ अच्छे से बातें करने लगे है और एक दूसरे के साथ खुलकर बातें करने लगे है ना!😊😊😊😊☺️☺️☺️☺️☺️ अब देखते है कि इन सबकी जिंदगी में क्या क्या होता है! 😁😁😁😇😇😇😇😇😇]

  • 19. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 19

    Words: 1529

    Estimated Reading Time: 10 min

    तानिया - हां,बिल्कुल बोलो ईशान, क्या मदद चाहिए तुम्हे हमसे?

    ईशान - एक्चुअली मुझे पता है, कि सिमरन दीदी ने बहुत दर्द सहा है, और वो शायद मुझसे इतना सब कुछ शेयर न कर पाए। इसलिए मैं आपसे एक प्रोमिस चाहता हुं। मैने देखा है कि आप मेरी दीदी के साथ बहुत अच्छे से रहते हो, तो आप उनके क्लोज जाइए ताकि वो अपने दिल की बातें आपसे शेयर कर सके और अपना दर्द कम कर सके!

    तानिया - देखो ईशान, तुम कुछ ज्यादा ही सोच रहे हो। अब सिमरन ठीक है, और वो कोशिश कर रही है, लाइफ में move on करने का! तुम चिंता मत करो, हम हमेशा सिमरन की बेस्ट फ्रेंड बनकर रहेंगे।

    ईशान - हमे पता है कि आपको थोड़ा weird लगा होगा, लेकिन मुझे सिमरन दीदी की अब भी चिंता हो रही है। इसलिए मैंने आपसे कह दिया है। मुझे पता है कि आप मेरी दीदी का अच्छे से ध्यान रखेंगे, और उन्हे हिम्मत भी देंगे।

    तानिया - बिल्कुल! वैसे अब हम एक बात कहे?

    ईशान - हां, बिल्कुल बोलिए!

    तानिया - हमे नही पता था कि तुम इतने समझदार भी हो,  और इतनी बड़ी बातें भी करते हो, कहकर तानिया हंसने लगती है।

    ईशान मन ही मन सोचता है कि कितनी ब्यूटीफुल स्माइल है, यार इनकी! मन करता है कि देखता ही जाऊ बस! तभी तानिया नोटिस करती है कि ईशान फिर खो गया है कही। तो वो कहती है कि;

    तानिया - सॉरी, अगर तुम्हे बुरा लगा हो तो! हम तो सिर्फ फ्रैंक होने की कोशिश कर रहे थे। आखिर भाई हो तुम सिमरन के। हमने मजाक में कहा था, सच्ची!

    तानिया को लगा कि वो शायद ज्यादा ही बोल गई, इसलिए वो तुरंत ही माफी भी मांग लेती है। तभी ईशान बोलता है कि;

    ईशान - अरे नही, मुझे बिल्कुल बुरा नही लगा। एक्चुअली अच्छा लगा कि आपने मुझे यहां आकर कंपनी दी, वरना मैं अकेला boar हो रहा था। चलिए अब नीचे चलते है, दीदी इंतजार कर रही होगी मेरा!

    तानिया - हां, तुम चलो, हम आते है।

    फिर तानिया अपने रूम की तरफ बढ़ जाती है, और ईशान उसे पीछे से जाते हुए देखता जाता है। वो चाहकर भी अपनी नजरे तानिया से हटा नही पा रहा था। फिर जब तानिया आंखों से ओझल हो जाती है तो ईशान खुद से ही बातें करता है - क्या ईशान, इतना घबरा क्यों जाता है तू उनके सामने! कॉलेज में तो तू कभी किसी लड़की के सामने नही घबराया। आज अचानक से क्या हो गया है तुझे? संभल जा, पागल! और यह कहते हुए खुद के सर के पीछे धीरे से मारता है।

    इधर साहिल और सिमरन बैठकर बातें कर रहे होते है, तभी सिमरन बोलती है कि;

    सिमरन - यह ईशान कहां रह गया? बहुत ज्यादा देर नही हो गई इसे! उसे घर भी तो जाना है, नही तो सभी को वहां पर शक हो जायेगा ईशान पर!

    साहिल - तुम भी ना सिमरन, इतना ज्यादा क्यों सोचती हो? घूम रहा होगा आराम से! मैं देखकर आता हुं उसे!

    फिर साहिल ईशान को आवाज लगाते हुए ऊपर जा रहा होता है। और वो देखता है कि ईशान छत के रास्ते पर खड़ा हुआ है, और अकेले ही बडबडा रहा है। यह देखकर पहले तो उसे थोड़ी हंसी आती है, लेकिन फिर साहिल अपनी हंसी कंट्रोल करके, ईशान के पास जाता है। और ईशान के पास जाकर बोलता है कि;

    साहिल - ईशान, क्या हुआ? तुम अकेले किस से बातें कर रहे हो?

    साहिल की आवाज से ईशान फिर से रियलिटी में आता है और खुद को मन ही मन कोसता है कि ईशान, तू अपना फर्स्ट इंप्रेशन ही जीजू के सामने खराब करके रहेगा! 

    ईशान - कुछ नही जीजू, बस ऐसे ही!

    साहिल - अच्छा, वैसे तुम्हारी दीदी तुम्हारे लिए परेशान हो रही थी। इसलिए मैं तुम्हे बुलाने आया हुं। वरना वो खुद आ जाती!

    ईशान - दीदी भी ना, अभी तक बच्चा ही समझा है मुझे! घर के अंदर ही हुं, फिर भी इतनी टेंशन!

    साहिल - एक्चुअली सिमरन कह रही थी कि तुम्हे घर जाने में ज्यादा देर हुई, तो उन्हे कही शक न हो जाए इसलिए शायद उसे जल्दी है।

    ईशान - हां सही कहा यह तो दीदी ने! वैसे जीजू अच्छा हुआ कि आप मुझे अकेले मिल गए, मुझे आपसे कुछ बात करनी है। आपको पता है कि सिमरन दीदी का बर्थडे आ रहा है, और मैं इस बार उसे बहुत स्पेशल और यादगार बनाना चाहता हुं, उनके लिए! तो इसमें मुझे आपकी हेल्प चाहिए।

    साहिल - अरे वाह, सिमरन का बर्थडे आ रहा है, लेकिन उसने तो मुझे बताया ही नही! कोई बात नही, लेकिन अपन उसका बर्थडे बहुत अच्छे से मनाएंगे!

    ईशान - हां जीजू, लेकिन इस बार मैं उनका यह दिन बहुत यादगार बनाना चाहता हूं, जिसमे मुझे आपकी हेल्प भी चाहिए होगी।

    साहिल - बिल्कुल,मैं तुम्हारी मदद करूंगा। वैसे क्या प्लान है तुम्हारा?

    ईशान -  वो मैं आपको बाद में फुल प्लानिंग करके बताता हुं। लेकिन जीजू, आपको बुरा तो नही लगा ना, कि मैं ऐसे आप दोनो के बीच में आकर, सिमरन दीदी को surprise दे रहा हुं।

    साहिल बोलने लगता है, उससे पहले ही पीछे से तानिया की आवाज आती है;

    तानिया - अरे,हमारा भाई बहुत समझदार है। उसे कोई प्रॉब्लम नही होगी,even अच्छा लगेगा कि तुम अपनी बहन की खुशी के लिए इतना कर रहे हो। वैसे तुमने हमे क्यों नही बताया कि हमारी सिमरन का बर्थडे आने वाला है।

    ईशान - साहिल जीजू के बाद, मैं आपको भी बता देता। ईशान ने थोड़ा झेपते हुए कहा।

    तानिया - हम तो बहुत एक्साइटेड है, सिमरन के बर्थडे के लिए!मजा आयेगा, पार्टी होगी!

    ईशान - नही, दीदी को ऐसी पार्टी नही पसंद है, और हम इस दिन को अपना मोमेंट बनाना चाहते है, तो सिंपल सा ही होगा,कोई भीड़ नही आयेगी।

    साहिल - हां, ईशान सही कह रहा है। वैसे भी अभी हमे सिमरन को इतना ज्यादा भी लाइमलाइट में नही लाना है कि उस पर मुसीबत आ जाए!

    तानिया - अरे, बुद्धू हो तुम दोनो के दोनो! क्या बिना लोगो को बुलाए, पार्टी नही होती है! हम तो अपन चारो की पार्टी की बात कर रहे थे। देखना तुम, हम ऐसे तैयारी करेंगे कि सिमरन खुश हो जायेगी! ईशान, तुम्हे डेकोरेशन में जो भी हेल्प चाहिए हो, तुम हमसे लेना, ठीक है। हम तुम्हारी मदद करेंगे उसमे!

    साहिल - हां बिल्कुल, तानिया दीदी एक्सपर्ट है इन सब में!

    तभी उन्हे सिमरन के चलने की आवाज आती है, वो सीढियों से ऊपर आ रही होती है। यह सुनते ही तानिया, सिमरन को वही पर रुकने चली जाती है। और साहिल और ईशान को भी नीचे आने का कहकर चली जाती है। सिमरन ऊपर ईशान को ढूंढने आ रही होती है, कि तभी सामने उसे तानिया मिल जाती है। तो वो बोलती है कि ;

    सिमरन - दीदी, आपने ईशान को कही देखा है क्या?

    तानिया - हां,अभी हमने देखा कि वो और साहिल नीचे की तरफ ही आ रहे थे। चलो वो आ जायेंगे, तब तक अपन बैठते है साथ में!और वो सिमरन का हाथ पकड़कर अपने साथ नीचे ले आती है।

    इधर साहिल और ईशान भी उनके पीछे नीचे आ जाते है। ईशान के नीचे आते ही सिमरन बोलती है कि;

    सिमरन - ईशान,  इतनी देर कहां लगा दी थी? तुम्हे पता है ना कि तुम्हे घर भी जाना है। अगर तुम और लेट गए, तो उन्हे तुम पर शक हो जायेगा और तुम इससे मुसीबत में फंस सकते हो।

    साहिल - अरे हां, वो चला जायेगा अभी! अब तुम इतनी चिंता करना बंद करो। मैं हुं ना, सब संभाल लूंगा!

    ईशान - दीदी की तो शुरू से आदत है, ऐसे रिएक्ट करना छोटी छोटी बातों पर, और वो हंसता है।

    सिमरन - हां, बस बस! अब जाओ, और जब भी मन करे मुझसे मिलने का, तो यहां आ सकते हो तुम! फिर सिमरन उसके गले लग जाती है।

    तानिया - इन सब चक्करों में, नंबर एक्सचेंज करना तो रह ही गया। ईशान, तुम सिमरन के नंबर ले लो। वो नंबर सिर्फ हम दोनो के पास ही है अब तक! अब तुम्हारे पास भी हो जायेंगे। फिर ईशान, साहिल सिमरन और बाद में तानिया के नंबर भी ले ही लेता है, और सबको बाय बोलकर चला जाता है। सिमरन को अच्छा नही लग रहा होता है अपने भाई को वापस भेजना, लेकिन वो जानती थी कि अगर उसके परिवार को थोड़ा भी doubt हुआ तो कही ईशान पर कोई मुसीबत ना आ जाए। इसलिए उसने ईशान को जल्दी ही भेज दिया।

    साहिल - आज तो सच में मजा आ गया सिमरन,तुम्हारा भाई बहुत अच्छा और स्वीट है।

    तानिया - बिल्कुल सही कहा। अच्छा,अब हम अपने कमरे में जा रहे है। तुम लोग भी थोड़ा आराम कर लो! और तानिया चली जाती है।

    सिमरन और साहिल भी फिर कैजुअल बातें करके अपने अपने कमरे में चले जाते है।

    इधर आचार्य हाउस में;

    ईशान अपने घर में वापस आता है और वो बहुत खुश नजर आ रहा होता है। तभी विपिन भी घर के बाहर जा रहा होता है, तो दोनो टकरा जाते है। जैसे ही ईशान, विपिन को देखता है तो उसे याद आ जाता है कि कैसे इस विपिन ने इसकी सिमरन दीदी को जलाने की कोशिश की। और उसके चेहरे पर जो खुशी थी वो गायब हो जाती है, और उसके चेहरा गुस्से से भर जाता है।

    क्रमश:

  • 20. "दर्द ए दिल - प्यार और बदले की दास्तां " - Chapter 20

    Words: 1491

    Estimated Reading Time: 9 min

    जैसे ही ईशान, सामने से विपिन को आता हुआ देखता है तो उसे वो सब बातें याद आ जाती है, और उसका मन गुस्से से भर जाता है। इधर विपिन भी सामने से ईशान को आते हुए देखता है तो उसे भी सुबह वाली बात याद आती है, तो उसे भी गुस्सा आ रहा होता है, ईशान के ऊपर! फिर भी वो सोचता है कि अभी ईशान को इग्नोर करके जाना ही उसके लिए फायदेमंद रहेगा। तभी ईशान विपिन को सुनाते हुए बोलता है कि;

    ईशान - कुछ लोगो इतने घटिया होते है कि उनकी हरकते देखकर, भगवान जी भी एक बार उसे नर्क में भेजने से पहले सोचे!

    विपिन - क्या हुआ ईशान, तुमने मुझसे कुछ कहा क्या? विपिन ने भोले बनते हुए कहा।

    ईशान - क्यों, मैं अकेले बात नही कर सकता क्या, अपने आप से! वैसे भी तुमसे बात करने से अच्छा है कि मैं खुद से ही बातें कर लू! ईशान ने गुस्से से भरकर बोला।

    विपिन को फिर से ईशान पर बहुत गुस्सा आता है, लेकिन वो अभी कोई रिस्क नही लेना चाहता था। इसलिए वो ईशान की सभी बात इग्नोर कर देता है। उसे लगता है कि ईशान इसलिए ज्यादा गुस्सा कर रहा है, क्योंकि उसने किरण से शादी कर ली है। क्योंकि अगर ईशान के बस में होता तो वो ऐसा कभी नही होने देता, यह बात विपिन भी अच्छे से जानता था।

    विपिन - करो करो,बिल्कुल खुद से बातें करना भी अच्छा होता है साले साहब! विपिन जानबूझकर ईशान को ऐसा बुलाता है ताकि उसे याद आए, कि वो भी अब इस घर का सदस्य है।

    ईशान - कोई जरूरत नही है, तुम्हे मुझसे जबरदस्ती का रिश्ता जोड़ने की, समझे! और अभी यहां कोई नही है, जो तुम एक्टिंग कर रहे हो, मुझसे अच्छे से बात करने का!

    विपिन - क्या साले साहब, आप भी जल्दी बुरा मान जाते है। विपिन उसे और उकसाते हुए बोला!

    तभी ईशान को सिमरन की कही बात याद आती है और वो विपिन को बिना कोई जवाब दिए, वहां से सीधा अपने कमरे में चला जाता है। और विपिन उसके पीछे से अजीब victory वाली स्माइल देता है, जैसे उसने ईशान को भगाकर कोई जंग जीत ली हो।

    इधर ईशान के कमरे में;

    ईशान आकर अपने बेड पर बैठ जाता है, और अपने गुस्से पर काबू पाने की कोशिश करता है। तभी उसके फोन रिंग होता है। जैसे ही ईशान फोन की स्क्रीन पर देखता है तो उसे बिना उठाए साइलेंट मोड पर कर देता है। और खुद से ही बोलता है, इधर टेंशन कम है जो अब इसका फोन और आ गया, दिमाग खराब करने के लिए! तभी सुहाना जी उसके कमरे के बाहर आती है। उन्हे पता होता है कि आज ईशान बहुत खफा है सभी से, विपिन की वजह से! सुहाना जी सिमरन के लिए कैसी भी हो, लेकिन ईशान को इस तरह देखकर उन्हें दिल से दुख हो रहा था, और कही न कही विपिन पर गुस्सा भी आ रहा था। लेकिन वो इसके लिए किरण की खुशियों के आगे भी नही आ सकती है। इसलिए वो चुप चाप ईशान को देखकर चली जाती है। ईशान को नही पता था कि सुहाना जी उसे देख रही है। वो तो अपने ही खयालों में खोया हुआ था। तभी उसका फोन की स्क्रीन पर फिर से उसी नंबर से कॉल शो हो रहा था, तो वो तंग आकर फोन रिसीव करता है।

    ईशान - मैं तुम्हे और कितनी बार कहूं कि मुझे फोन मत किया करो! मुझे तुमसे कोई बात नही करनी है, पूजा!

    पूजा - यह क्या बात हुई जान, मैने फोन किया और तुम फोन उठाते ही ऐसे बात कर रहे हो मुझसे! गलत बात है ना यह तो!

    ईशान - तुम्हे अगर ऐसे ही cheezy बातें करनी हो, तो मैं फिर से फोन रख देता हूं। अभी मेरा बिल्कुल मूड नही है, तुम्हारी नौटंकी सुनने का!

    पूजा - अच्छा ठीक है, लेकिन मैने आज तुम्हे ये बताने के लिए कॉल किया है, कि मैं भी इंडिया आ चुकी हूं। और अब यही रहूंगी!

    ईशान - लेकिन तुम तो वही पर सेटल होने वाली थी ना? छोड़ो मुझे क्या! तुम्हे जहां रहना है, रहो! लेकिन प्लीज मुझे परेशान करना बंद करो, यार! और फ्रस्ट्रेट होकर फोन काट देता है।

    इधर साहिल के घर में;

    सिमरन अपने रूम में बैठी हुई थी, और ईशान की बातें याद कर रही थी। वो सच में खुश थी कि उसका भी कोई अपना है, जिसे वो अपनी फैमिली का नाम दे सकती है। क्योंकि अब उसकी पुरी फैमिली ईशान ही तो था। जब भी सिमरन बहुत खुश होती है, तो वो गाना गाने लग जाती है। तो वो खुश होकर गुनगुनाना शुरू कर देती है;

    खुशियां और गम सहती है,

    फिर भी ये चुप रहती है।

    अब तक किसी ने ना जाना,

    जिंदगी क्या कहती है॥

    और वो आंखें बंद करके अपने गाने को महसूस करने लगती है।

    तभी उसके कमरे के बाहर से साहिल गुजरता है, तो उसे जानी पहचानी आवाज आती है। वो आवाज सुनते ही समझ जाता है कि ये तो वही आवाज है। पर ऐसा कैसे हो सकता है? किरण यहां क्या कर रही है। और वो इधर उधर देखने लगता है। तभी वो सुनता है कि ये आवाज सिमरन के कमरे से आ रही है, तो वो उत्सुकता से कमरे का दरवाजा थोड़ा सा खोलकर देखता है तो शॉक रह जाता है।

    सिमरन आंखें बंद करके खुद गाना गा रही थी, और उसकी मीठी आवाज़ सीधा साहिल के दिल में उतर रही थी। सिमरन की पीठ दरवाजे को तरफ थी, इसलिए उसने साहिल को नही देखा था। इधर साहिल ने बहुत टाइम से किरण के गाने नही सुने थे, क्योंकि उसे किरण के नाम से ही नफरत होती थी। लेकिन सिमरन के गाना गाते ही, वो वही दरवाजे पर खड़ा होकर उसे आंखें बंद करके सुनने लगता है। बिल्कुल मदहोश कर देने वाली आवाज है, आखिर सिमरन की! साहिल को वैसे तो, सब समझ में आ जाता है, फिर भी वो खुशी से बोलता है कि;

    साहिल - मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए था, कि जिस लड़की को ढंग से बात करना नही आता है, वो इतनी अच्छी आवाज में गाना गा ही नही सकती है। वो तुम हो सिमरन, जिसने किरण के नाम पर खुद गाने गाए है, है ना!

    जैसे ही सिमरन अपने पीछे से साहिल की आवाज सुनती है, वो गाना बंद करके पीछे देखती है तो साहिल दरवाजे पर खड़ा मुस्कुरा रहा था। सिमरन हड़बड़ाती हुई बोलती है कि;

    सिमरन - नही साहिल, तुम गलत समझ रहे हो! मैं तो बस ऐसे ही गाना गा रही थी।

    साहिल - अच्छा, वैसे यह बताओ कि मैं क्या समझ रहा हुं? देखो सिमरन, प्लीज अब झूठ मत बोलो, क्योंकि तुम बहुत कच्ची हो इसमें!

    सिमरन - हां साहिल,शायद तुमने सही कहा। मैं नही बोल पाऊंगी अब झूठ! लेकिन प्लीज इस बारे में अभी किसी से भी कुछ मत कहना। यह कहते हुए सिमरन की आंखें नम हो जाती है।

    यह देखते ही साहिल आगे बढ़ता है और सिमरन को अपने  दोनो हाथों से कंधे से पकड़कर बोलता है कि;

    साहिल - किस मिट्टी की बनी हो तुम? उन्होंने इतना बुरा किया तुम्हारे साथ, तुम्हे मारने की कोशिश की, और तुम अभी तक उनके गंदे कारनामे अपने मन में छुपाकर बैठी हो! उन्होंने तुम्हे किरण के लिए इस्तेमाल किया। मुझे तो सोचकर ही शर्म आ रही है, कि कोई कैसे अपनी एक बेटी के टैलेंट को दूसरी के लिए use कर सकते है।

    सिमरन - नही साहिल,यह मेरी खुद की मर्जी थी कि नाम किरण का हो, मेरी आवाज पर! मैं बहुत प्यार करती थी अपनी बहन से.......यह बोलते हुए वो चुप हो जाती है।

    साहिल - और क्या तुम्हे अपनी आवाज से प्यार नही है। भगवान जी ने इतना अच्छा तोहफा दिया है तुम्हे, और तुम इसे कैसे दूसरो को सौंप सकती हो, सिमरन? साहिल की बात सुनकर, सिमरन खुद को संभालते हुए बोलती है कि;

    सिमरन - एक्चुअली उस समय मुझे नही पता था, कि वो लोग यह सब अपने फायदे के लिए कर रहे है। मैं तो ऐसे ही खुश थी, साहिल! किरण को fame चाहिए था, और मुझे गाने से सुकून मिलता था, तो यही चल रहा था। उन्होंने फिर भी मेरे साथ इतना बुरा किया। मेरी गलती ही यही थी, कि मैने उन पर भरोसा किया!

    साहिल, सिमरन को ऐसे उदास देखकर उन बातों का टॉपिक छोड़कर, बात घुमाने की कोशिश करता है और बोलता है कि;

    साहिल - पर कुछ भी कहो, मैं तो fan हूं तुम्हारी आवाज का! ऑटोग्राफ मिलेगा क्या प्लीज!

    सिमरन यह सुनकर हंसने लगती है और बोलती है कि ;

    सिमरन - बस बस, अब चने के झाड़ पर चढ़ाना बंद करो मुझे!

    साहिल तो उसे हंसता देखकर ही खुश हो जाता है, और बिना कुछ बोले, बस सिमरन को ऐसे ही देखता रहता है।

    क्रमश:

    [ फाइनली साहिल को पता चल ही गया कि असली सिंगर तो हमारी सिमरन ही है!☺️☺️☺️☺️ अब तो उसे शायद कोई कन्फ्यूजन भी ना हो!😜😜😜 अब आएगा ना मजा!😄😄😄 लेकिन यह पूजा क्यों ईशान को परेशान कर रही है?😏😏😏 देखते है आगे! 😁😁😁😁 ]