प्यार के बारे में तो हम सब को मालूम है।प्यार कभी भी किसके साथ भी हो सकता है।ठीक वैसे ही हम आज पढ़ने जा रहे है एक अनोखा प्रेम कहानी जो है एक मानव और जलपरी की बीच में।वरुण सिंघानिया और हमारी जल परी "मुक्ता "के बीच एक पूर्व जन्म का संजोग हैं।जिसे पूरा... प्यार के बारे में तो हम सब को मालूम है।प्यार कभी भी किसके साथ भी हो सकता है।ठीक वैसे ही हम आज पढ़ने जा रहे है एक अनोखा प्रेम कहानी जो है एक मानव और जलपरी की बीच में।वरुण सिंघानिया और हमारी जल परी "मुक्ता "के बीच एक पूर्व जन्म का संजोग हैं।जिसे पूरा करने आनेवाला है मुक्त सात समंदर पर करके अपने प्यार राज के पास।तो क्या मिल पाएंगे मुक्ता और वरुण? इतिहास गवाह है इस बात पे की मनुष्य और जलपरी का मिलन नहीं हो सकता है ,तो फिर क्या अलग हो पेज राज और मुक्ता?जानने के लिए पढ़ते रहिए" The glory of blue sea".
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Hello friends welcome my magical novel world.This is my first novel so please love me and share me .Thanks friends.
so let's start the Nobel ""the legend of the blue sea"".
INTRODUCTION
वरुण सिंघानिया
हमारी नोबेल का सुपर हीरो। वरुण।वरुण एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती है।वरुण एक फ्लोरिस्ट है।उसे प्रकृति से जुड़े हुआ हर एक से प्यार है। बो अपनी खाली समय में हमेशा नेचर के आस पास ही घूमता है।ठंडी हवा में जैसे उसकी सारे थकान दूर हो जाता है,प्रकृति के सौंदर्य ने उसे हमेशा खुद के दुनिया से बाहर ले कर अपना ही दुनिया से ले जाता है।और वरुण का फ्लावर शॉप का नाम है ""ब्ल्यू सी""।
वरुण एक अनाथ है ।बचपन से उसके फैमिली एक हादसे का शिकार हो कर मर गए थे।तभी वरुण सिर्फ दो साल का था।उसके फैमिली के मर जाने के बाद वरुण एक एनजीओ में पाली बड़ी है।और उस ngo का नाम है आशियाना।
ऋतुराज राव
ये हे हमारी हैरी वरुण का बचपन का दोस्त और क्राइम पार्टनर ।ऐसे भी कोई एक कम नहीं हे जिसमें वरुण का साथ राज न दिया हो।दोनों के बीच में कोई रक्त संपर्क नहीं है फिर भी बो दोनों के बीच में सगा भाइयों के जैसा प्यार था।ऋतुराज भी एक अनाथ है और इन दोनों की दोस्ती आशियाना में हुआ था।
देवेश सिंह
ये हे हमारी राज और वरुण के दोस्त ।देव भी एक अनाथ है ।और देव को राज ने बचपन में एक मेले में मिले थे ।उसके बाद राज ने उसे आशियाना लेकर आगया था।
आशियाना एनजीओ
मुंबई शहर का जानेमन बिजनेसमैन अरिजीत सिंघानिया के द्वारा इस एनजीओ का प्रतिष्ठा हुआ था। अपनी पत्नी के यादों में उन्होंने इस आशियाना गो को बनवाया था। और उसी दिन से इस एनजीओ अनाथ बच्चों को सहारा देता था।
उसके बाद हम चलते हे हमारी नोबेल का हीरोइन पास
मुक्ता।
समुद्र में तैरती हुई एक जलपरी है मुक्ता ।पूर्व जन्म की एक बादए के लिए उसने आया हे सात समंदर पार करके।
to chaliye suru karte he hamari kahani ko.
एक पौर्णमि चांदनी की रात में नीली आकाश के नीचे समुद्र के बीचों बीच में एक छोटी सी पत्थर के चट्टान के ऊपर बैठा है एक जलपरी। उसका नाम है मुक्ता। चांदनी की रोशनी में मुक्त एक बहुत ही सौंदर्य पूर्ण जलपरी थी। वी अक्सर ऐसे ही उसे चट्टान के ऊपर बैठकर आकाश में अपनी मुस्कान बिखरे हुए चांद को देखते हुए हमेशा एक ही बारे में सोचते हैं। पर वह क्या सोचती है यह सिर्फ उसे ही पता है।
समुद्र की उसे शांत लहरों के बीच में मुक्तक खोई हुई चांद को देख रहा था तभी उसके सामने कुछ समय के लिए एक दृश्य आकर चला गया मुक्त हड़बड़ा कर उठकर देखा दो खुद को अकेला पाकर उसके मन में एक अजीब सी उदासी झलक उठे। मुक्त हमेशा सोचता था कैसे उसके साथ क्यों हो रहा है पर यहां पर सिर्फ मुक्त ही नहीं और कोई भी है जो भविष्य में आने वाले बातों से अनजान होकर किसी का अपेक्षाएं मैं कर रहा है।
तभी मुक्त को एक बहुत ही जोर से कुछ चीज टकराने की शब्द आए। मुक्त उसे शब्द को सुनकर थोड़ा डर गया और अपने आसपास देखते हुए वह पानी में तैरते हुए जहां से उसे शब्द आया था वह उसकी तरफ चलने लगा कुछ ही देर पर उसने देखा समुद्र और एक बड़ा सा चैप्टर में एक जहाज ठोकर खाकर पानी में डूब रहा है और उसके अंदर का सारा सामान इधर-उधर बिखर पड़ा है और उसे पत्थर की चट्टान में एक लड़का बेहोशी की अवस्था में पड़ा है।
जब मुक्त ने एक अनजान लड़का को अपने इतने पास देखा तो वह थोड़ा डर गया क्यों भी ना हो जिंदगी में पहली बार मुक्त किसी को देखा था और वह भी था मनुष्य।
हम जानते हैं कि मनुष्य और जलपरी के बीच में तपत बहुत अनेक थे। की वजह से मुक्त ना तो मनुष्य के बारे में जानता था और ना ही सारे इंसानों ने।
मुक्त उसे लड़के के पास जाकर उसे देखने लगा उसे लड़का का चेहरा इस वक्त पत्थर के चट्टान की तरह था इसलिए मुक्त ने उसका चेहरा को ठीक से देखा नहीं पा रहा था। मुक्त उसको देखकर मन ही मन में सोचने लगा यह कौन है और यहां पर क्या कर रहा है मुझे इसके पास क्या जाना चाहिए ऐसे ही अनेक ही प्रश्न उसके मन में था पर वह फिर कुछ सोच कर उसे लड़के के पास जाकर उसे उठाने की कोशिश करने लगा। पर लड़का इतनी जोर से जहाज से ठोकर खाकर गिरने से बेहद सो चुका था मुक्त को समझ नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना चाहिए मुक्त ने उसे लड़का को अपने पीठ के बाल चट्टान के ऊपर लेताया और उसके गीले बालों को उसके चेहरे से अलग करते हैं करने लगा। जैसे ही मुक्ति ने उसे लड़का का चेहरा देखा कुछ समय के लिए वहीं पर जम गया उसे अपने आसपास के सारे चीज सारे सामान सब कुछ ऐसे की दुनिया भी वहीं पर रुकने की तरह लगा। उसे लड़का की तीखी नैना नक्श,सूट और काले घुंघराले बाल में वह बहुत मनमोहक दिख रहा था। उसे लड़के को देखने में मुक्त इतना खो गया कि उसे अपने पीछे आ रहे अंजन में बिपदो को भी समझ नहीं आ रहा था ।उसे पता ही नहीं चला था कि उसके पीछे कितना बड़ा बिपद आ कर रुका है।
ऐसे ही कुछ समय मुक्त उसे लड़के को चेहरे को देखने लगा और फिर उसने अपने हाथ बढ़ाकर उसे लड़के के माथे पर चुनकर देखा इसकी कुछ समय बाद उसे लड़का का आंखें धीरे से खुलने लगे पहले तो उसे लड़के को कुछ समझ नहीं आया पर अपने सामने मुक्त को देखकर भी थे कुछ समझ नहीं आया और वह थोड़ा डर गया। की तरह उसे लड़के ने पहली बार ऐसी एक जलपरी को देखा था पर उसे लड़के ने जलपरी को देखने में इतना खो गया कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे करना क्या चाहिए।
तभी उसे लड़के ने उसे कुछ पूछ पाता उसके पहले ही अपने पीछे उसे किसी का होने का एहसास हुआ और जब उसे लड़के ने पीछे मुड़कर देखा तो उसके पीछे कुछ सैनिक थे अपने हाथों में शस्त्र लेकर और उनके बीच में एक राजपूत साथ में आ रहा है एक साक्स।
उसे शख्स को देखकर उसे लड़के ने बहुत ज्यादा घबरा गया और उसने अपने सामने देखा जहां पर जलपरी अभी भी उसे ही देख रहा था। उसे लड़के को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसे करना क्या चाहिए और तभी उसे लड़की के कान में उसे हक से आवाज बड़ी तो फिर तुम यहां पर हो देखो कितना वक्त लगा दिया तुमने। तुमने सोच के रखा था ऐसे तुम चुप कर चले जाओगे कभी नहीं मेरा हाथ में निकल जाना इतना भी संभव नहीं है। मेरी साम्राज्य में मेरा ही राज चलता है। तुम तो मेरे अपने खास हो मैं तुम्हें कैसे छोड़ सकता हूं।
उसे शख्स की ऐसे रोकथाम बार सुनकर मुक्त भी कुछ समय के लिए सन रह गए पर उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह बस एक्टर अपने सामने खड़े लोगों को देख रहा था। अभी उसे शख्स की नजर मुक्ति पर पड़ी और जैसे उसने अपने सामने एक जलपरी को देखा उसके आंखों में चार गुना खुशी के लहर चले आए वह भी कुछ देर के लिए मुक्या को देखते हैं रहगया।
उसे शख्स ने एक भयानक हंसी के साथ कहा लगता है आज बहुत शुभ का दिन है आज मेरा शत्रु को मैं मारूंगा और इस जलपरी को भी लेकर जाऊंगा दुनिया मुझे सम्राट करेगा सम्राट जब मुझे इस जलपरी की जरूरत थी पर इसने खुद ही मेरे सामने आ गया सच कहूं तो यह सब तुम्हारे लिए ही हुआ है उसे शख्स की ऐसी बातें सुनकर उसे लड़के ने घबराकर मुक्ति की तरह देखा मुक्त इस वक्त अपने ही असली रूप में पानी के बीच में था उसे उसे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसे करना क्या चाहिए वह बस वहां पर भूत बनकर खड़ा था।
उसे तरफ मुक्त जब उसे शख्स की बात सुन तो उसे कुछ आसान का हो गया कि यहां पर कुछ सही नहीं है उसने जब देखा कि उसके सामने उसे लड़के ने कैसे डर रहा है तो उसने उसे वक्त लड़का को हाथ को पकड़ कर पानी के अंदर चला गया पानी में तैरता है उसने उसे लड़के को बोला तुम कौन हो और तुम्हारे पीछे बोलो कौन है वह तुम्हें जानते हैं क्या
मुक्त ने जो किया था अभी तक उसे लड़के ने उसे समझ नहीं पाया था पर जैसे ही उसने यह सुना कि उसे दर्पण में उसे बचाने जाता है तो उसे थोड़ा राहत मिले और उसने जलपरी को देखकर की तरह देखकर कहा वह मेरा शत्रु है वह मुझे मारना चाहता है इसे नहीं मेरा जहाज का ऐसा ही हल किया है और अब वह मेरे साथ तुम्हें भी मार देगा तो तू मुझे छोड़ कर चले जाओ मैं सब कुछ संभाल लूंगी।
उसे लड़के ने जब देखा मुक्त उसे बचाने के लिए अपने साथ लेकर जा रहा है तो उससे थोड़ा अलग ही खुशी महसूस हुई पर उसकी खुशी थोड़ी देर के लिए ही थी तभी उसे अपने पीछे पानी में कुछ एक जहां जाने की शब्द सुनाई दिया उन दोनों ने जब पीछे मुड़कर देखा है तो उसने देखा कि उन्हें चार पैर से उसे शख्स की लोगों ने घर कर रखा है। जब मुक्त ने देखा उन दोनों को उन शख्स की लोगों ने घेर कर रखा है तो उसने उसे लड़के को तारा देखने लगा और ठीक सही समय पर उसे लड़के ने भी मुक्ति की तरह देखा और अचानक से उन दोनों के आंखों का वह मिलन हो गया और जहां पर सारा समय ही थम गया था उन दोनों नहीं प्यार भरी नजर से खुद को देख रहे थे और इसी बीच में उन्हें इस बात के एहसास नहीं हुआ कि उसके पास उसे शख्स की सारे लोग आ चुके थे।
वह दोनों अब तक आंखों में आंखों में खुद को देख रहे थे कि तभी उन दोनों के कानों में उसे शख्स की आवाज पड़े तुम दोनों ऐसे कैसे भाग सकती हो मेरे हाथों से बस में इतना भी मुमकिन नहीं है मैं जैसे भी करके तुम दोनों को मारूंगी और उसे सरकारी को तैयार देखकर कहा तुझे भी मैं अपने साथ लेकर जाओगे उसे लड़के ने डर गया और थोड़ा हिम्मत करके बोला देखो तुम्हें जो भी दुश्मनी है वह मेरे साथ है इसे छोड़ दो।
उसे लड़के ने नहीं चाहता था कि उसे जलपरी को उसके लिए कोई भी नुकसान पहुंचे क्योंकि मुक्त उसे बचाने की कोशिश कर रहा था पर उसे बचाने के चक्कर में उसने खुद ही एक दीपक को अपने सामने लाकर खड़ा कर दिया था तो उसके मन में एक अजीब सी खुशी की महसूस हुई उन दोनों ने अभी भी हाथ को पकड़े पानी में थे।
मुक्ता समझ नहीं पा रहा था कि उनके बीच में रिश्ता क्या है जिसके लिए उन्हें इतना गहरा खिंचाव हो रहा है अभी उन दोनों ने एक दूसरे की तरह देख रहे थे कि तभी उसे शख्स की सैनिकों ने आकर उन दोनों को पकड़ लिया और एक जहाज के पास लेकर चल गए ऊंचाहार के किनारो में जलपरी और उसे लड़के को रखकर उसे शख्स ने कहा बहुत इंतजार करवाया है तुमने इस दिन को मैंने बहुत इंतजार किया है और आज मैंने अपने हाथों से तुम्हें मारूंगा ऐसे कह कर बुला
खुली आकाश के बीच पानी के उसे शांति से परिवेश में उसके हंसी बाटी जोर से शब्द का रहता कुछ समय के लिए मुक्त और उसे लड़के ने शब्द रह गए थे तभी उसे शख्स में जलपरी को पास जाकर उसके पेट में 1000 चला दिया ऐसे होते ही मुक्ति के मुंह से जोरदार की चिकनी कर गई उसने कसकर अपने पेट को खंजर पेड़ से खंजर निकालना को कोशिश कर रहा था पर उसे सब उसके आदमी ने उसे ऐसे नहीं करने दे रहा था यह सब देखकर उसे लड़के ने बहुत जोर से चिल्लाकर का ऐसे मत करो उसे छोड़ दो इसमें उसकी कोई जब भी दोस् नहीं है तो तुम उसे क्यों मार प्लीज छोड़ दो उसे।
पर उसे शख्स ने उन दोनों के ऊपर कोई भी राम नहीं रखा है और उन दोनों को अपनी खंजर से मार दिया और जब उसने उन दोनों को खंजर में मार कर आज कर दिया तो उसे समुद्र के पानी के बीच में उन्हें लाकर फेंक दिया और वहां से अपने सारे सैनिकों को लेकर चला गया। और खुद उसके खुद के पास रखा है मुक्ति का एक अनमोल चीज राजमुक्ता।
राजमुक्त एक ऐसी चीज है जो की जलपरी के सारे शक्तियों का भंडार है उसके बिना जलपरी कुछ भी नहीं है जलपरी पानी के अंदर जिस चीज से जीवित रहते हैं वह है राजमुक्त और जैसे उसे आदमी ने मुक्त से उसका राजमुक्त को लेकर चला गया वैसे ही मुक्तआ। की आंखें धीरे-धीरे बंद होने लगे
जब उसे लड़के ने देखा कि मुक्त जाकर धीरे-धीरे बंद हो रहा है तो उसने धीरे से मुक्ति के पास जाकर उसके गाय को थपथ दबाकर कहा देखो मुझे माफ कर दो मेरे लिए तुम्हारी मुसीबत में हो मैं तुम्हें बचा नहीं पाया ऐसे बोल कर उसकी आंखों में थोड़ी सी नमी आ गई।
मुक्तेने जब देखा कि उसे लड़की की आंखों में अपने से आंसू देखकर उसे तकलीफ हुई और उसने उसे लड़का का हाथ को पकड़ कर कहा मुझे नहीं पता हमारे बीच में क्या रिश्ता है पर भगवान चाहे तो हम अगले जन्म में जरूर मिलेंगे ऐसे बोलकर उसने एक प्यार भरी नजर में उसे लड़के को तरह देखा और तभी मुक्ति का हाथ से नीचे लटक गया। और तभी..........
To friends aap sab ko kya lag raha hai kya mukta aur us ladkene kya jibit reh payenge?ya phir apne bade ke muta bik agle janm me milenge?kya ak ho payenge mukta aur us anjan ladke?aur kon hai us anjan Saks janne ke liye padhte rahiye ""The legend of blue sky''
Hello friends me phir se aagayi hu ak or nayi episode ke sath to chaliye suru karte he aaj ka episode
इस वक्त मुंबई का एक 2 बीएचके फ्लैट के अंदर एक लड़का अपने बेड से सो रहा था और उसने नहीं...... बोलकर जोर से चीख उठा था ,और बेड से नीचे गिर गया। जब उसे लड़के ने खुद को बेड के नीचे पाया तो उसे समझ में आया कि वह पूरा सपना देख रहा था। उसे लड़के ने परेशान होकर अपने हाथों के बीच में माथे को रखकर खुद सही बोला फिर से फिर से वही सपना पता नहीं बो लड़का कौन है और कौन है वह लड़की, बचपन से आज तक मुझे सताया जा रहा है इस सपना ने ,क्या है इसकी हकीकत? परेशान करके रखा है इसने मुझे ।क्या करूं कुछ समझ ही नहीं आ रहा है।
(जी हां ये हे हमारी कहानी का हीरो वरुण)
वरुण अपने महीने में ऐसा बस सोच रहा था कि तभी उसके कान में किसी के जोर से चिल्लाने की आवाज है इस आवाज को सुनकर वरुण ने हड़बड़ा कर बेड से उठा और मन में बोला अब क्या करूं इतना देर हो गया आज,राज सच में बहुत ही गुस्से में होगा मुझे फिर से शॉप पर भी जाना है वह इतना बोलकर कब व्हाट्सएप अपने कपड़े लेकर बाथरूम के अंदर चला गया। और वहीं दूसरी तरह अपार्टमेंट के हल में राज किचन में आमलेट बनाते हुए गुस्से में खुद से बोला था इस वरुण के बच्चे को मैंने आधा घंटा से उठा रहा हूं पर मजाल की भाई उठाता ही नहीं रहा है इतना बड़ा हो गया है अब क्या करूं मैं इसका आने दो आज मैं देखती हूं हमेशा मुझे काम में लगाते रहते और खुद आराम करता रहता है।
इतना कह कर राज ने दो प्लेट में आमलेट और व्हाइट सॉस पास्ता लेकर डायनिंग एरिया में आ जाता है और फिर से किचन में जाकर आम का जूस लेकर आ जाता है और चेयर पर बैठकर वरुण करने का इंतजार करता है।
नहीं दूसरी तरफ वरुण हड़बड़ा कर जल्दी-जल्दी में ना धोकर आता है और कपड़े अपने कपड़े पहनकर नीचे आता है जैसे ही राज ने वरुण को आते हुए देखा उसका गुस्सा फूट बाद उसने गुस्से में चला जाएगा वरुण के बच्चे आधे घंटे से उठा रहा हूं और तू क्या कर रहा है। हमेशा में ही किचन में खाना बनाता रहता हूं और वह देव के बच्चे ने अभी तक सो रहा होगा आज उसे खाना ही नहीं मिलेगा अभी तक मैं बर्दाश्त कर रखा है हमेशा मैं क्यों खाना बनाउ ।तुम कौन सा रियासत की राज कुमार हो सब हो जो तुम किचन में आते नहीं हो बस आते हो खाना खाते हो जाते हो।
इतना बोलकर राज ने अपने ब्रेकफास्ट करने लगा और वही वरुण राज को इतना गुस्से में देखकर उसे मक्खन लगा ते हुए कहा अरे यार मेरा दोस्त तू समझता नहीं कितना काम है मुझे इतना काम करके थक जाता हूं ।दोस्त के लिए जान दे देता है और तू मेरे लिए किचन में जाकर मेरे लिए खाना भी नहीं पका सकता यह कैसीबात हुई।
वरुण के मुंह से ऐसी बात सुनकर राज का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया और तभी उसने कुछ बोलने के लिए मुंह खुला ही था कि तभी उसने देखा वेद ने नाइट गाउन पहनकर आंखों को बंद करके वैसे ही आ रहा था । राज ने जब बेद को ऐसे आते हुए देखा तो उसने गुस्से में उठकर उसके पास गया और उसे एक किक मार के बोला साला गधे तुम दोनों को मैं कितने वक्त से उठा रहा हूं और तुमने अब फिर ऐसे ही आ रहे हो।
भेजना इस वक्त अपने नेट में ही ऐसे ही आ रहा था जब उसे किक लगा तो उसने हड़बड़ा कर नीचे मुंह के बाल गिर गया। बेद को ऐसे नीचे गिरता हुआ देखकर वरुण के मुंह से हंसी का गुब्बारा फूट पड़ा। उनको ऐसे हंसते हुए देखकर राज और बेद दोनों ही अपने गुस्से से भरे हुए आंखों में वरुण को देखने लगे। वरुण ने जब देखा कि दोनों ही उसे इतनी खतरनाक नजरों से घूर रहे थे तो उसने हंसना बंद कर दिया। और चुपचाप अच्छे बच्चों के जैसे अपने ब्रेकफास्ट करने में लग गया और तभी बेद ने राज को देखकर बोला क्या है यार मुझे क्यों परेशान कर रहे हो कौन सा लेट हो गया तुम तो मुझे ऐसे उठा रहे हो जैसे वर्ल्ड वार 3 हो गया और अभी तक इंडिया में सिर्फ मैं ही एक सोल्जर बचा हु।
बेटे ऐसे अपने बातों का मजाक बनाते हुए देखकर राज कपूर गए और उसने बेड को अपने खतरनाक नजर से घूरते हुए कहा ठीक है लेट नहीं हुआ है ना तो आज तुझे खाना में नहीं मिलेगा जा कहीं बाहर जाकर खाना खाकर आ। बेद ने जब सुना कि राज ने उसे खाना देने को मना कर दिया है तो उसका सिटी पिटी गुम हो गया। उसने धाम से जाकर राज का हाथ पकड़ कर उसे मक्खन लगा ते हुए कहा देख यार मैं कितना में मासूम हूं तुम्हें लगता है कि मैं इतना भी काम कर सकती हूं प्लीज यार मुझे खाने को देदो।अगली बार से ध्यान रखूंगी कि मैं जल्दी ही उठ सकू।
पर राज का गुस्सा अभी भी काम नहीं हुआ था वरुण ने जब देखा कि राज अभी भी गुस्से में है तो उसने उस को समझाते हुए कहा देख राज में जानती हूं कि तुम हम दोनों के भलाई के लिए बोल रहा है और ऐसे में प्रॉमिस करती हूं कि अब जल्दी से मैं उठ जाऊंगी ।राज ने जब वरुण के मुंह से सुना तो उसका थोड़ा गुस्सा शांत हुआ और उसने बेद को देख कर कहा ठीक है ठीक है इतना मक्खन लगाने की कोई जरूरत नहीं है चुपचाप खाना खाओ वरना मैं नहीं दूंगी।
वेद में जैसे ही रास्ते में उसे ऐसे बस सुना वह फटाक से जाकर ब्रेकफास्ट करने के लिए बैठ गया वरुण और राज इन दोनों ने जब बेड को ऐसे बच्चों की तरह खाना खाते हुए देखा तो उनके चेहरे पर एक स्माइल आ गई क्योंकि उन दोनों को पता था कि बेद अपना भूख को कभी भी सह नहीं सकता और इसलिए राज हमेशा छोटी-मोटी बात में खाना का लालच देकर हीं उसे सही कर रहा था।
ऐसे ही बातें करते हुए उन तीनों ने अपना ब्रेकफास्ट खत्म किया और राज ने सबको बाय बोलकर अपना शॉप के और निकल गया। और फिर वही राज और वेद ने अपने काम के लिए चले गए।
ऐसे ही कुछ दिन चला रहा और एक दिन वरुण के पास एक अनजान नंबर से कॉल आया वरुण ने जब अपने फोन का आईडी में एक अनजान नंबर देखा तो उसक भौहें सिकुड़ गई।और उसने कुछ सोच कर फोन को उठा दिया और तभी फोन की दूसरी तरफ से एक 45 साल के वृद्धि व्यक्ति का आवाज आने लगा जो की बोल रहा था क्या मैं वरुण सिंघाना से बात कर रहा हूं वरुण ने जन उस व्यक्ति के मुंह से अपने नाम सुना तो बो थोड़ा अलर्ट हो गया और उसने पॉलीटली जवाब दिया हां मैं ही बरुण सिंघानिया हूँ उसे व्यक्ति ने जब सुना कि उसने सही नंबर को कॉल किया है तो उसने आगे बात को बढ़ाकर कहा मिस्टर वरुण सिंघानिया में आपके सब के बारे में बहुत सुनाओ मुझे आपको कॉल करने का परपज यह है कि 2 महीने के बाद मेरे स्वर्गवासी पत्नी का डेथ एनिवर्सरी है और उससे फाइट गुलाबो भारतीय पसंद है इसलिए मैं चाहती हूं कि आप इसकी तैयारी कर लीजिए और अपने पैसों की बिल्कुल भी चिंता मत करें आप अपना काम कीजिए मैं अपना पेमेंट दे दूंगा अभी एडवांस में मैंने कुछ पैसे भेज रहे हो बाकी आपके काम के बाद ही मिलेगा जब वरुण ने उसे व्यक्ति के पास सुना तो उसके चेहरे पर एक चमक आग ई ।उसका दिल खुशी से झूम उठा और उसने कहा ठीक है।
तभी जो आदमी कल क्या था उन्होंने लेडी रिया की आदिवासी थे तो उन्होंने वरुण को बताया कि आपको लीडरऐसा आना होगा।लिडियाका नाम सुनकर वरुण का खुशी एक पल में चला गया क्योंकि उसके पास ना तो कोई पैसा था और ना ही कोई मन पावर। तो उसने ऐसे कैसे इतना बड़ा टेंडर को ले सकता है उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे करना क्या चाहिए।
जब उसे आदमी ने वरुण की तरफ से कोई भी आंसर नहीं पाया तो उसने बोला मिस्टर सिंहानिया कोई प्रॉब्लम है क्या तो आप मुझे बता सकते हैं मैं कोशिश करूंगी उसका समाधान करने के लिए। उसे व्यक्ति के बात सुनकर वरुण कुछ समय तक हिचकिचे और फिर बोला पर सारी सर में एक काम नहीं कर सकता बरुण के मुंह से इस बात को सुनकर उसे वक्त व्यक्ति ने चोक कार कहा क्यों ऐसा भी क्या है इसमें की आपने ये कम नहीं कर सकते।
तभी वरुण ने कहा लीडरिया हमारे देश के बाहर में उसके लिए बहुत ही पैसे चाहिए जो कि मेरे पास नहीं है। उस व्यक्ति ने वरुण की बात सुनकर उसे व्यक्ति ने कुछ समय रुकाऔर फिर हंसते हुए बोला आप इसकी कोई भी टेंशन मत लीजिए इसका बंदोबस्त में कर दूंगा पर मैंरा काम सही समय से हो जाना चाहिए।
उसे व्यक्ति के मुह से इस बात को सुनकर वरुण को खुशी लगा और उसने उसके लिए हां कह दिया।।।
उसके बाद वरुण ने देव और राज को जब इस बारे मे बताया तो उन्हें इतना खुश होता हुआ देखकर उसके आंखों में नमी आगाई। ऐसे ही कुछ से बात करने के बाद वरुण ने कर रखा और अपना बाइक लेकर बाहर निकल गया।
वरुण अपना बाइक लेकर इस वक्त एक पहाड़ों की चोटी पर खड़ा था ।जहां पर जंगल ही जंगल था। सनसनी धूप, ठंडी हवा और पक्षियों की चहकने से उसे जगह बहुत ही ज्यादा मनोहर था ।अक्सर वरुण जब बहुत खुश होता था या फिर बहुत ज्यादा दुख होता था तो उसने इस जगह पर रहता था। वरुण का इस जगह से एक ऐसा लगाव था जहां पर उसका सारे टेंशन दूर हो जाता था ।
तभी वरुण में बरा अपना भाई को रखकर एक पत्थर के चट्टान के ऊपर लेट गया और आसमान को देखते हुए सोचने लगा कि जिंदगी कैसी है कभी खुशी आती है तो कभी-कभी गम।
ऐसे ही सोते हुए वरुण नीली आकाश की तरह देख रहा था और तभी उसका पैकेट में उसका फोन बज ने लगा और जब उसने फोन का नंबर देखा तो उसमें राज का कॉल आया था ।राज का कॉल देखकर वरुण को थोड़ा अटपटा सा लगा।और उसने जैसे ही कॉल रिसीव किया दूसरे तरह के बात सुनकर उसका पैरों तले जमीन खिसक गया।
To friends ye he aajkal dusri episode .kya suna varun jaise usne aise hairan ho gaya?kya sach me varun jaega lidiriaa? janne ke liye padhte rahiye The legend of blue sea.
Hello friends main fir se aa Gaya hu ak aur Naya episode ke sath to chaliye suru karte he aaj ka new episode.
वरुण इस वक्त मुंबई के बाहर एक बड़ी सी पहाड़ों के छोटी के बीच में बैठा हुआ था।और तभी उसके पास एक कॉल आति हैं।मोबाइल को रिंग करते हुआ देख कर वरुण ने कैसे ही नंबर चेक किया तो उसने देखा कि उसके पास राज का कॉल आ रहा था। राज का नंबर देखकर वरुण फटाफट कल को रिसीव करा और उसके बाद दूसरी तरह से जो उसने सुना उसके पैरों के तले ।से जमीन खिसक गया।
call कल की दूसरी तरफ से राज का घबराहट भरी आवाज सुनाई दिया।वरुण ने जब राज को इतना घबराते हुए देखा तो उसने पूछा क्या हुआ राज तुम इतना घबरा क्यों रही हो पहले मुझे बताओ।
वरुण की बात सुनकर राज ने वरुण को बोला यार समझ नहीं आ रहा है क्या करूं बेद का एक्सीडेंट हो गया है और अब वह सिटी हॉस्पिटल में एडमिट है तो फिर तू जल्दी आजा यार । वरुण ने जब सुना कि राज का एक्सीडेंट हो गया है तो वह जल्दी से अपना बाइक का चाबी लेकर सिटी हॉस्पिटल की तरह चला गया। वरुण राधे रास्ते में पहुंच जाए ताकि उसके पास एक कल आया।इस वक्त जो कल वरुण के पास आया था वो मिस्टर सिसोदिया जो कि लीडरिया से रहते हे और उन्होंने ही वरुण से फ्लावर खरीदंद के लिए बोले थे। उन्होंने फ्लावर सप्लाई करने के लिए चार दिन टाइम दिया हुआ था ।जब वरुण ने इतनी कम दिन में इतना बड़ा टेंडर को पूरा करने को सुना तो उसे एक झटका लगा।उसने मिस्टर सिसोदिया को रिक्वेस्ट करते हुआ कहा सारी सर पर अब इतना जल्दी मै कुछ नहीं कर पाऊंगा।चार दिन केअंदर में इतना सारा फूल कहा से लगा।और मेरी भाई का भी एक्सीडेंट हो गया है और कुछ दिन मुझे टाइम दे दीजिए मैं की है न कुछ कर दूंगा।
वरुण के बात सुन कर मिस्टर सिसोदिया ने बोला मैंने आपको पहले भी कहा था कि मुझे बहुत जल्दी फ्लावर्स चाहिए और मैंने अपना एडवांस भी आपको दे दिया है, तो मैं और कुछ नहीं कर सकता अगर आप लेट में आए तो आपको आने के लिए आपको ही परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि मैंने मेरा प्राइवेट शिप को भेजदिया हैं और आप उसमें से आने वाले हैं इसमें कुछ नहीं कर सकता इतना बोलकर मिस्टर सिसोदिया ने कल को काट दिया।
कल काटने के बाद वरुण थोड़ा निराश हो गया उसने अपने बुझे मन से हॉस्पिटल की और निकल पड़ा आधे घंटे के बाद वरुण सिटी हॉस्पिटल की रिसेप्शनिस्ट के पास जाकर देवेश सिंह के नाम में एडमिट हुए पेशेंट के बारे में पूछने लगा। तभी रिसेप्शनिस्ट ने पॉलिटली जबाव दिया आप कुछ देर के लिए वेट करिए मैं चेक करके बताता हूं ।उसके बाद रिसेप्शनिस्ट में देव के बारे में पता दिया और वरुण ने वहां पर चला गया तो उसने देखा वेद वार्ड के अंदर बेड पर लेटी हुई थी इस वक्त उसके माथे पर और हाथ पर पट्टी बंधा हुआ था उसके पैर में प्लास्टर लगा हुआ था देखो ऐसे बेड पर ऐसे लेता हुआ देख कर वरुण के आंखों में आसू आगया।
और उसके पास की बेंच में राज पर बैठा हुआ था देव इस वक्त इंजेक्शन के असर में गहरी नींद में सो चुका था।वरुण राज को उठाते हुए बोला क्या हुआ राज बेद का एक्सीडेंट कैसे हुआ?
वरुण का सबल सुन कर राज नद कहा मुझे नहीं पता यार मुझे एक अनजान नंबर कॉल आयता जब मैंने देखा कि एक अननौन नंबर है तो मैने पहले तो कॉल को रिसीव नहीं किया पर उस नंबर से बार बार कॉल आने लग और तभी मैने जैसे ही कॉल को रिसीव कर तो फोन से एक आदमी का वॉयस सुनाई दिया जो कि बोल रहा था कि यहापर एक आदमी का एक्सीडेंट हुआ है
और तभी मुझे पता चला ओर इसके बारे में मुझेकुछ भी नहीं पता।इसके बारे में हमें राज ही बता सकता है।
तभी वरुण के पास मिस्टर सिसोदिया का कॉल आ रहा था।पर वरुण ने जन बुझ कर कॉल रिसीव नहीं कर रहा था जब राज ने देखा कि वरुण किसका कॉल का आंसर क्यों नहीं दे रहा है तो वरुण उसे मिस्टर सिसोदिया और उसके बीच में जो सब भी बात हुई थी बो सब बताने लगा।सारे बाते सुनकर राज ने वरुण को कहा देखे तू बैठकर टेंशन मत ले इतना बड़ा टेंडर को अपने हाथ में जाना नहीं जाने देना अच्छी बात नहीं है। मैं बेद का ख्याल रख रही हूं। पर वरुण का मन नहीं मान रहा था इस बात के लिए ऐसे ही कुछ देर बात करने लगे और तभी बेद को भी होस आ रहा था। जब वरुण और राज ने देखा कि वेद को होश आ रहा है तो उसने जल्दी से डॉक्टर को चेक करने के लिए बोला और इसके बाद बेद ने उन दोनों को एक्सीडेंट की वजह भी बताइ।
ऐसे ही कुछ दिन बीत गया।इस वक्त भी राज हॉस्पिटल में भर्ती था ।अभी तक उसके घाव पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ था ।और उधर वरुण भी मिस्टर सिसोदिया कहने
के अनुसार फ्लावर्स को ले कर शिप के पास जा कर पहुंच गया ।वरुण इस वक्त सभी फ्लावर्स को चक्कर रहा था।
इसबख्त बह पर बेद नहीं था क्यों कि नो इसबख्त बो पूरी तरह से रिकवर नहीं हुआ था।
तभी रास्ते में बहन को अपने ख्याल रखना को बोलकर वहां से चला गया और वरुण शिप में बैठकर लिडिरिया की तरह निकल गए।
लिटिल जेल को पहुंचने में राज को 5 दिन का समय लगने वाला था क्योंकि मुंबई से लिडिरिया तक का रास्ता बहुत ही ज्यादा था।
ऐसे ही तीन दिन बीत गया था ।शिप पर इसबख्त वरुण ने अपने आस पास के समंदर को देख रहा था।तभी वरुण ने देखा कि शिप का कप्तान उसे बुला रहे है तो उसने नाभिक के पास जबकर पूछा क्या हुआ आप मुझे क्यों बुला रहे है।
तभी कप्तान ने थोड़ा डरते हुए कहा सिर हमे खबर मिली है कि एक बहुज ही बड़ा सुनामी आग्रह है आज रात उसकी ऊंचाई लग भाग विश से पच्चीस फुट हो सकता है।अब हम क्या करे।
सुनामी अब हमारी तरह बहुत ही तेजी से आता है है और हम इसकी के बारे म से जान कर भी कुछ नहीं कर सकते। इस तरह हम यह से बाहर भी नहीं निकल सकते तो हमे क्या करना चाहिए।
वरुण ने जब सुना कि उनके और एक सुनमी आ रहा है तो उसके दिल तेजी से धड़कने लगा ।उसे समझ नहीं आ रहा था किbउसे क्या करना चाहिए ।इधर कैप्टन भी यही सोच रहा था तभी उनके आसपास की पानी बहती जोर से बहने लगा ।उनका नजर अपने सामने से पानियों का 20-25 फुट के ऊंचाई से उनकी तरह ही आ रहा है यह देखकर वरुण थोड़ा घबरा गया
और उसने कप्तान से चिल्लाते हुए कहा शिप को घुमाओ ,वापस घुमाओ हमारे पास टाइम नहीं है।सुनामी इधर ही आ रहा है।कप्तान ने वरुण के बात सुनकर जैसे ही सामने देखा तो उसके शिप के बहुत पास में सुनामी है जैसे कि कुछ ही मिनट में सब कुछ ध्वंस हो जाएगा।
कप्तान ,वरुण,और शिप के सारे लोगों ने मिलकर शिप को घूमने लगे पर तब तक बहुत ही ज्यादा जोर से सुनामी उनके पास चली गई।सुनामी के पानी निसार शिप को पाने में डूब आकर रखा था।पूरी तरह से शिप पानी के अंदर डूब गया था ।शिप पर जितने भी लोग थे सबने पानी अंदर डूब गए था।जहाज में जो भी सारे सामान थे सब कुछ ऐसे की बड़े बड़े कंटेनर भी समंदर की इस पानी के गहराई तो में चले गए थे।
वरुण भी पानी के गहराई में धीरे धीरे चली जा रहता।इसबख्त उसके आंखों के सामने उसकी जिंदगी के सारी खुशियां,दुःख,उसके भाई जैसे दोस्त के साथ बिताया हर एक पल उसके आंखों सामने एक सीनरी के तरह चल रहा था ।वरुण को लग रहा था उसकी जिंदगी कद आखिरी पल में उसने अपने दोस्तों सीडी सही सद बात भी नहीं कर पाई थी ।बो मन ही मन ये सोच रहा था क्या सच में आज बो मारने वाला है ।
अब पानी के अंदर वरुण जितना गहराई में उसने डूबता जा रहा था उतना ही उसकी सांसे फूल रहीथी।।उसने अब अपने जिंदगी को जीने का इच्छा को पूरी तरह से भूल चुका था और अब उसकी आंखे धीरे धरी री बंद होने लगा था।
वरुण इसबख्त अपने चारों तरह समंदर की अन्दर का बो गहराई को दृश्य को देख रहा था।उस समंदर में तैरती हुई मछली ,समंदर की अंडे जीवों,और उस गहरा समंदर का अंदर का दुनिया को देखते देखते उसने अपनी आंखे को बंद करने ही बाला था कि उसने देखा अपने सामने एक बड़ी सी मछली आ जिसकी आधे शरीर मछलिबकी तरह और आधे शरीर मनुष्य की तरह था उसकी चेहरा एकदम बेदाग था पानी के अंदर उसका बो काले गहरे बाल मछली के तरह यह बहा घूम रहा था उसे देख कर वरुण कोबपता नहीं क्यों जीने की इच्छा से बढ़ाने लगी और उसने खुद को पानी के गहराई में से बाहर आनेको प्रायः करने लगा और तभी उस लड़की ने वरुण के ठीक सामने में पास आकर एकदम से उसके हाथ को अपने हाथ में पकड़ कर पानी का ऊपर की और चलने लगी पर अभी तक वरुण का हिम्मत जबाव दे चुका था।
अब उसकी आंखे पूरी तरह से बंद होने लगा ।उसकी आंखे बंद होने से पहले उसने मन भर कर एक बार उस लड़की की तरह देखा ओ बेहोश हो गया।
उस जल परी जब वरुण को ऐसी हालत में देखा तो उसके चेहरे पर एक जेनुइन स्माइल आगया और उसे तैरती हुए पानी के ऊपर की तरह जाने लगा।और उसके बाद....................…
kya hoga varun ko?kya barun bacha payega khud ko?aur kon he bo jalpari?janne keliye padhte rahiye The novel name""The legend of blue sea.''..
Hello friends me phir se aagaya hu or ak new chapter ke sath to chaliye shuru karte he episode4
वरुण अभितक पानी में ही उस जलपरी की हाथ को पकड़कर उसे ही अपनी अधखुली आंखों में देख जरहा था।और तभी वरुण ने होश खोने लगा और उस जलपरी का हाथ पकड़ कर ही बेहोश हो गया।
अभी तक उस जलपरी वरुण को अपने आंखों में अजीब सा चमक दिए देखे जा रहा था।पर वरुण को ऐसे बेहोश होते हुए जब देखा तो उसने वरुण को हाथ को और भी जोर से पकड़ लिया और तैरते हुए समंदर का बीचों बीच में एक छोटा सा पठार के चट्टान के पास ले कर आगया और उसे ही अपने छोटे छोटे आंखों से टुकुर टुकुर करके देख रहा था।
ऐसे ही कुछ समय के बाद वरुण को होश आने लगा।वरुण अपनी आधा खोली आंखों से जैसे ही अपने सामने की और देखने के लिया चाहा तभी उसे खुद के पास किसी और की मौजूदगी का एहसास होने लगा।तो फिर वरुण नेआपने नजर को आस पास घुमाने लगा और तभी उसकी नजर अपने बाहों में पड़े एक प्यारिसी लड़की के पास पड़ा।उस लड़की को देखते ही वरुण ने अपने नजर उसके उपर से उठा ही नहीं पा रहा था।
उस लड़की के सावल रंग,तीखे नैन नक्श,गुलाबो की पंखुड़ियों जैसी होठ,और उसके काले घुंघराले बाल उस लड़की चेहरे पर पड़ रहा था।चांदनी का सुनली किरणों में उस लड़की का गोरा बदन हीरो के जैसी चमक रहा था।
फिर तभी एक ठंडी हवा का झुका आया जिस से वरुण का ध्यान भंग गया।उसने अपने पास एक लड़की को देख कर थोड़ा हड़बड़ा गया।फिर झटके से उससे दूर हो कर सोचने लगा। ये लड़की कौन है और यह पर क्या कर रहा है।और तभी उसने अपनी आस पास देखा तो उसे कुछ समय पहले जो भी हुआ था उन सारे बात उसे याद आने लगा।
तभी उसे अपने बेहोश होने का कुछ समय पहले देखा हुआ उस लड़की के बारे में ध्यान आया और बो चौक गया।तभी उस ए उस लड़की देख कर मन ही मन बोला मेरा बेहोश होने के पहले में जिस लड़की को देख था ये बही तो नहीं है न पर ऐसी कैसी उस वक्त तो उसने।वरुण बोलते बोलते रुक गया और फ्रस्ट्रेट हो कर अपने बालों को नोचने लगा।और तभी उसने देखा ???Hello friends me phir se aagaya hu or ak new chapter ke sath to chaliye shuru karte he episode4
वरुण अभितक पानी में ही उस जलपरी की हाथ को पकड़कर उसे ही अपनी अधखुली आंखों में देख जरहा था।और तभी वरुण ने होश खोने लगा और उस जलपरी का हाथ पकड़ कर ही बेहोश हो गया।
अभी तक उस जलपरी वरुण को अपने आंखों में अजीब सा चमक दिए देखे जा रहा था।पर वरुण को ऐसे बेहोश होते हुए जब देखा तो उसने वरुण को हाथ को और भी जोर से पकड़ लिया और तैरते हुए समंदर का बीचों बीच में एक छोटा सा पठार के चट्टान के पास ले कर आगया और उसे ही अपने छोटे छोटे आंखों से टुकुर टुकुर करके देख रहा था।
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फिर तभी एक ठंडी हवा का झुका आया जिस से वरुण का ध्यान भंग गया।उसने अपने पास एक लड़की को देख कर थोड़ा हड़बड़ा गया।फिर झटके से उससे दूर हो कर सोचने लगा। ये लड़की कौन है और यह पर क्या कर रहा है।और तभी उसने अपनी आस पास देखा तो उसे कुछ समय पहले जो भी हुआ था उन सारे बात उसे याद आने लगा।
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वरुण अभितक पानी में ही उस जलपरी की हाथ को पकड़कर उसे ही अपनी अधखुली आंखों में देख जरहा था।और तभी वरुण ने होश खोने लगा और उस जलपरी का हाथ पकड़ कर ही बेहोश हो गया।
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फिर तभी एक ठंडी हवा का झुका आया जिस से वरुण का ध्यान भंग गया।उसने अपने पास एक लड़की को देख कर थोड़ा हड़बड़ा गया।फिर झटके से उससे दूर हो कर सोचने लगा। ये लड़की कौन है और यह पर क्या कर रहा है।और तभी उसने अपनी आस पास देखा तो उसे कुछ समय पहले जो भी हुआ था उन सारे बात उसे याद आने लगा।
तभी उसे अपने बेहोश होने का कुछ समय पहले देखा हुआ उस लड़की के बारे में ध्यान आया और बो चौक गया।तभी उस ए उस लड़की देख कर मन ही मन बोला मेरा बेहोश होने के पहले में जिस लड़की को देख था ये बही तो नहीं है न पर ऐसी कैसी उस वक्त तो उसने।वरुण बोलते बोलते रुक गया और फ्रस्ट्रेट हो कर अपने बालों को नोचने लगा।और तभी उसने देखा ???Hello friends me phir se aagaya hu or ak new chapter ke sath to chaliye shuru karte he episode4
वरुण अभितक पानी में ही उस जलपरी की हाथ को पकड़कर उसे ही अपनी अधखुली आंखों में देख जरहा था।और तभी वरुण ने होश खोने लगा और उस जलपरी का हाथ पकड़ कर ही बेहोश हो गया।
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उस लड़की के सावल रंग,तीखे नैन नक्श,गुलाबो की पंखुड़ियों जैसी होठ,और उसके काले घुंघराले बाल उस लड़की चेहरे पर पड़ रहा था।चांदनी का सुनली किरणों में उस लड़की का गोरा बदन हीरो के जैसी चमक रहा था।
फिर तभी एक ठंडी हवा का झुका आया जिस से वरुण का ध्यान भंग गया।उसने अपने पास एक लड़की को देख कर थोड़ा हड़बड़ा गया।फिर झटके से उससे दूर हो कर सोचने लगा। ये लड़की कौन है और यह पर क्या कर रहा है।और तभी उसने अपनी आस पास देखा तो उसे कुछ समय पहले जो भी हुआ था उन सारे बात उसे याद आने लगा।
तभी उसे अपने बेहोश होने का कुछ समय पहले देखा हुआ उस लड़की के बारे में ध्यान आया और बो चौक गया।तभी उस ए उस लड़की देख कर मन ही मन बोला मेरा बेहोश होने के पहले में जिस लड़की को देख था ये बही तो नहीं है न पर ऐसी कैसी उस वक्त तो उसने।वरुण बोलते बोलते रुक गया और फ्रस्ट्रेट हो कर अपने बालों को नोचने लगा।और तभी उसने देखा ???
सारी फ्रेंड्स आज के लिए इतना ही
मेरी तबियत खराब होने से में लिख नहीं पराहि है तो सारी फ्रेंड्स।