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Secret Billionaire

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Desire World

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Description

ध्रुव राठौर, एक तरफ, वह है कॉलेज का एक नॉर्मल स्टूडेंट है, जो दोस्तों के साथ मस्ती करता है और सबकी नजरों में बहुत ही गरीब। दूसरी तरफ, असल में वह वह एक सीक्रेट बिलियनेयर है, जिसके पास बेशुमार दौलत है। एक फोन कॉल और एक खोया हुआ क्रेडिट कार्ड,...

Characters

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विक्रांत

Villain

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राजकुमारी वसुंधरा

Heroine

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चंद्रिका

Heroine

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वीरेश

Side Hero

Total Chapters (36)

Page 1 of 2

  • 1. Secret Billionaire - Chapter 1

    Words: 2017

    Estimated Reading Time: 13 min

    1

    शाम का वक्त, अपने हॉस्टल रूम में एक साथ बैठे हुए चार दोस्त दारु पी रहे थे, उन चारों में से तीन लोग तो वह दारू पार्टी इंजॉय कर रहे थे, और एक लड़का अपना मोबाइल फोन हाथ में लेकर गुस्से से इधर-उधर टहल रहा था और उसकी नजर मोबाइल फोन की स्क्रीन पर जमी हुई थी।

    "डैम इट! तारा फोन उठा ले!" ध्रुव गुस्से से दांत पीसते हुए बोला, लेकिन फिर वही नतीजा।

    तारा ने फिर उसका फोन नहीं उठाया। "ये पागल लड़की ..." उसे यकीन नहीं हो रहा था कि तारा उसका फोन नहीं उठा रही।

    "भाई, बस कर! मान ले... उसने तुझे छोड़ दिया है!" कार्तिक ने कहा। ध्रुव ने उसे गुस्से से देखा। "वो सही कह रहा है यार! कोई और मिल गया होगा... ये लड़कियां ऐसी ही होती हैं। अपना दिमाग क्यों खराब कर रहा है? छत्तीस आएंगी, छत्तीस जाएंगी... मस्त दारू पी और सो जा," विवान ने कड़वाहट से कहा और ध्रुव के सामने एक पैग रख दिया।

    "अपनी बकवास बंद करो! ऐसा कुछ नहीं है... तारा वैसी लड़की नहीं है। कोई मिसअंडरस्टैंडिंग होगी। शायद मज़ाक कर रही है... उसको ये प्रैंक व्रैंक का शौक है," ध्रुव ने गुस्से में कहा, हालाँकि वो खुद को ही ज़्यादा दिलासा दे रहा था।

    उसे पता था कि उसके दोस्त सच बोल रहे हैं लेकिन फिर भी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि तारा ने उसे छोड़ दिया है।

    "ये 'मेरी वाली अलग है!' वाले चक्कर में ही तो सब फँसते हैं," विवान बड़बड़ाया।

    'नहीं, तारा ऐसा नहीं कर सकती! वो बाकी लड़कियों जैसी नहीं है,' ध्रुव के दिल में आवाज़ आई। उसने अपना फोन देखा और मैसेज चेक किया।

    यह तारा का ही मैसेज था: "I think it's not working anymore! We should break up!"

    "ब्रेक अप? व्हाट द हेल? वो खुद को क्या समझती है?" ध्रुव ने कड़वाहट से कहा और पूरा गिलास एक ही साँस में ख़त्म कर दिया। "मुझे उससे बात करनी है..." उसने फिर तारा का नंबर डायल किया।

    "वो नहीं उठाएगी!" विवान मुस्कुराया। "हाँ, मज़े ले... तुम दोनों मेरे दुश्मन हो। मेरी जान जा रही है और..."

    "कोई किसी के जाने पर नहीं मरता... साइंस कहती है कि ज़्यादा से ज़्यादा इक्कीस दिन लगते हैं किसी को भूलने में," विवान हँसा।

    "डू हेल विद योर साइंस..." ध्रुव ने मुट्ठियाँ बन्द कर लीं।

    "वो सही कह रहा है..." कार्तिक ने समझाने की कोशिश की।

    "चुप करो दोनों, वरना तुम्हें मार डालूँगा!" ध्रुव गुस्से में बोला और फोन ज़मीन पर पटक दिया। "इसकी तो..."

    "क्या हुआ?" विवान और कार्तिक ने चौंककर पूछा। ध्रुव ने लाल आँखों से उन्हें घूरा। उनका गुस्सा देखकर दोनों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। उन्होंने ध्रुव को कभी इतना गुस्से में नहीं देखा था।

    "भाई, अब तू हमें डरा रहा है..." कार्तिक ने कहा, लेकिन ध्रुव ने कोई जवाब नहीं दिया और गुस्से में कमरे से बाहर निकल गया।

    "ये कहाँ जा रहा है?" कार्तिक और विवान ने एक-दूसरे को देखा। "पता नहीं! शायद टहलने गया होगा," विवान बोला।

    "जिस गुस्से में वो निकला है, कहीं कुछ उल्टा-सीधा न कर दे," कार्तिक ने कहा। विवान भी घबरा गया। "वो सुसाइड नहीं करेगा..." "मैं मर्डर की बात कर रहा हूँ। वो पागल है।" कार्तिक चिंतित हो गया।

    "भगवान! ये सब पागल मेरे ही पल्ले क्यों पड़ते हैं?" विवान ने गहरी साँस ली और अपना पैग ख़त्म करके कमरे से निकल गया।

    ध्रुव तारा के हॉस्टल के बाहर एक बेंच पर बैठा, उसके आने का इंतज़ार कर रहा था। गार्ड ने बताया था कि वो काफी देर पहले निकल गई थी। थोड़ी देर बाद विवान और कार्तिक भी आ गए।

    लगभग एक घंटे बाद भी तारा नहीं आई और कार्तिक और विवान ऊब गए थे।

    "यार, कब आएगी ये लड़की? रात भी होने लगी है," विवान ने जम्हाई ली।

    "तुझे बड़ी याद आ रही है उसकी!" कार्तिक ने छेड़ा।

    "याद? मैं बस कह रहा हूँ कि मुझे नींद आ रही है। जल्दी आए तो मैं सो जाऊँ," विवान ने कहा।

    तभी, एक तेज़ रफ़्तार काली मर्सिडीज बेंज़ हॉस्टल के गेट पर रुकी। तीनों की नज़र उस लग्ज़री कार पर गई और एक काली बॉडीकॉन ड्रेस में एक लड़की कार से उतरी। उनकी पीठ थी, इसलिए चेहरा नहीं दिख रहा था।

    "वाह यार! क्या फिगर है..." कार्तिक ने कहा। विवान ने उसे डाँटा, "शर्म कर! तेरी पहले से गर्लफ्रेंड है।"

    "मैं बस देख रहा हूँ! देखना गुनाह कब से हो गया?" कार्तिक ने कहा।

    ध्रुव उस लड़की को गौर से देख रहा था। वो जानी-पहचानी लग रही थी, लेकिन चेहरा नहीं दिख रहा था। जैसे ही वो लड़की मुड़ी, तीनों चौंक उठे।

    "तारा!" ध्रुव ने कहा और तेज़ी से उसकी ओर बढ़ गया।

    "अब होगा दंगल?" कार्तिक ने कहा।

    "मुझे लगता है कि ये तारा तो आज टूट ही जाएगा!" विवान ने कहा।

    "तारा! कहाँ थी तुम? और मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही थी?" ध्रुव ने पूछा।

    "तुमने मेरा मैसेज नहीं पढ़ा? मैंने तुम्हें साफ़-साफ़ कह दिया था कि मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती," तारा ने सर्द निगाह से ध्रुव को देखा।

    "तारा! ये फिर से तुम्हारा कोई फ्रैंक है ना?"

    "कोई फ्रैंक नहीं है ध्रुव ! क्या तुम सच में इतने बेवकूफ़ हो?" तारा ने कहा।

    "लेकिन क्यों तारा? आखिर क्यों?" ध्रुव ने पूछा। उसे यकीन नहीं हो रहा था।

    "What's up Tara baby? Is everything ok? कहीं ये लड़का तुम्हें परेशान तो नहीं कर रहा है?" एक मर्दाना आवाज़ आई। एक बीस-इक्कीस साल का नौजवान, उसी मर्सिडीज के पास खड़ा था। उसने डार्क ब्लू पैंट, व्हाइट शर्ट और ब्लैक ब्लेज़र पहना हुआ था।

    "तुम कौन हो? और तारा! ये तुम्हें बेबी क्यों बोल रहा है?" ध्रुव ने गुस्से से पूछा।

    "वो... ये तनिष्क कौशल है... मशहूर बिज़नेसमैन के.के. कौशल का बेटा," तारा ने कहा।

    "तुम इसे डेट कर रही हो?" ध्रुव ने चौंककर पूछा।

    "इससे तुम्हें कोई मतलब नहीं होना चाहिए। हमारा ब्रेकअप हो चुका है," तारा ने तंज कसते हुए कहा।

    "फॉर गॉड सेक तारा! आज दिन में तुमने मुझे वन साइडेड ब्रेकअप डिसीज़न सुना दिया और अब शाम को तुम इसके साथ डेट से लौट रही हो? डिस्गस्टिंग!" ध्रुव की आवाज़ में घिन थी।

    "यार, ये उसका फ़ैसला है... उसे ही तय करना चाहिए कि उसे किसे डेट करना है," तनिष्क ने तारा से पहले जवाब दिया।

    "तुम बीच में मत बोलो, वरना बुरा हाल होगा!" ध्रुव ने गुस्से से तनिष्क से कहा।

    "Enough Mihir! Don't create a scene..." तारा ने दांत पीसते हुए कहा, "हाँ, हम डेट कर रहे हैं और मुझे लगता है कि तुम्हें भी आगे बढ़ जाना चाहिए।"

    "क्यों तारा? क्यों? क्या कोई परेशानी है? मुझे बताओ, मैं उसे सुलझाऊँगा!" ध्रुव ने तारा को झकझोरते हुए कहा।

    "परेशानी? मेरी परेशानी तुम हो ध्रुव !" तारा गुस्से से बोली, "तुम्हें याद है लास्ट टाइम हम बाहर कब गए थे? कब लास्ट फिल्म देखी थी? सच तो ये है कि अगर तुम्हारे ये दोस्त तुम्हें नहीं पालेंगे तो तुम्हारी भूखे मरने की नौबत आ जाएगी, और मुझे ऐसी ज़िंदगी नहीं चाहिए..."

    "तो ये सब पैसे की बात है? सही?" ध्रुव ने एक फीकी मुस्कान दी।

    "तुम्हें जो समझना है समझो! लेकिन मैं तुम्हारे साथ भिखमंगी वाली ज़िंदगी नहीं जी सकती," तारा ने सपाट स्वर में कहा और हॉस्टल गेट की ओर बढ़ गई।

    "हुह! हा! हा! हा!" ध्रुव की हँसी से तारा के कदम रुक गए।

    "तारा! थैंक यू सो मच, तुमने अपनी असलियत ज़ाहिर कर दी। मुझे लगा था कि ये सब तुम किसी मजबूरी में कर रही होगी। लेकिन तुमने ये सब पैसों के लिए किया," ध्रुव ने आँखों में घृणा लिए तारा को घूरते हुए कहा, "यू नो तारा! अगर तुम्हारी कोई मजबूरी होती, तो ज़िंदगी भर मैं तुम्हारे नाम को रोता, लेकिन थैंक यू! थैंक यू सो मच कि तुमने मुझे उस दर्द से बचा लिया। क्योंकि अब तुम्हारी असलियत मेरे सामने है। कुछ पैसों के लिए, अपनी सुविधाओं के लिए तुमने मेरा हाथ छोड़कर एक अमीर का हाथ पकड़ लिया। अब मैं तुम्हें नहीं रोकूँगा। लेकिन जाते-जाते मेरी एक बात याद रखना। पैसों के बदले खुद को बेचना, ये इज़्ज़तदार धंधा नहीं कहा जाता।"

    "यू ब्लडी...." तारा गुस्से में ध्रुव की ओर बढ़ी और उसे एक जोरदार तमाचा मारा।

    "वेल! किसी ने सच कहा है कि सच हमेशा कड़वा ही होता है," विवान मुस्कुराया।

    "और ये भी कि अक्सर सच सुनकर लोगों को मिर्ची लग जाती है," कार्तिक भी हँसा और विवान को हाई-फाई दिया।

    "लुक मिस्टर... जो भी तुम्हारा नाम है!" तनिष्क ध्रुव को घूरते हुए बोला, "अपनी औकात में रहो और यहाँ से दफ़ा हो जाओ।"

    "क्यों? ये तेरे बाप की सड़क है?" विवान ने गुस्से में तनिष्क से कहा।

    "रहने दे यार! लोगों की औकात उनकी चॉइस और बिहेवियर से दिख जाती है! इसकी औकात भी इसे टाइम आने पर पता चलेगी," ध्रुव ने विवान को रोकते हुए कहा और आगे बढ़ गया।

    "ओए हेलो! मिडिल क्लास फ़टीचर! क्या औकात दिखाएगा मुझको? खुद को धड़कन फिल्म का सुनील शेट्टी समझता है क्या? अंजलि को दोबारा लेने के लिए पैसा कमा कर आएगा!" तनिष्क ने कहा।

    "मैं धड़कन फिल्म का सुनील शेट्टी नहीं हूँ और मेरी औकात भी तुझे टाइम आने पर पता चल ही जाएगी। और हाँ! टेंशन मत ले। मैं लौटूँगा भी तो तेरी इस अंजलि को छीनने के लिए नहीं। आई जस्ट लूज़ इंटरेस्ट इन हर," ध्रुव मुस्कुराया और मुड़कर जाने लगा। हालाँकि उसकी आँखों से दो बूंद आँसू टपक गए।

    कुछ महीनों बाद...

    मुंबई, सपनों का शहर। मुंबई यूनिवर्सिटी की एक बड़ी बिल्डिंग। एक ऐसी यूनिवर्सिटी जो देश की टॉप यूनिवर्सिटीज़ में से एक है। सुबह का वक़्त है। यूनिवर्सिटी कैंपस में चहल-पहल शुरू हो गई है। एक फुटपाथ पर, पीठ पर बैग लटकाए, ध्रुव आगे बढ़ रहा है। उसके सामने एक लड़की चल रही है, लंबी और पतली, खूबसूरत लग रही है। ध्रुव का ध्यान उस लड़की पर नहीं, बल्कि उसके हाथ में पकड़े सॉफ्ट ड्रिंक के कैन पर है। जैसे ही लड़की कैन फेंकती है, ध्रुव उसे उठा लेता है। लेकिन जैसे ही वो उसे अपने बैग में रखता है, लड़की मुड़ जाती है और हैरानी से ध्रुव को देखती है।

    लड़की ने गुस्से में कहा, "हे! यू! तुम कचरा क्यों उठा रहे हो?"

    लड़की की आवाज़ सुनकर आस-पास के स्टूडेंट्स की निगाहें भी उनकी ओर उठ गईं। ध्रुव शर्मिंदा हो गया, लेकिन फिर खुद को संभालते हुए मुस्कुराकर बोला, "मैं बस तुम्हारी मदद कर रहा था। शायद तुम्हें पता नहीं है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में कचरा ऐसे नहीं फेंकते।"

    ध्रुव की बात सुनकर सब लोग लड़की को कोसने लगे। ध्रुव ने लड़की को देखा तो वो गुस्से से उसे घूर रही थी।

    "तुम्हें तो मैं देख लूंगी..." लड़की पांव पटकते हुए चली गई।

    ध्रुव झेंपते हुए मुस्कुराया और ड्रिंक कैन लेकर आगे बढ़ गया। थोड़ी दूर जाने पर उसने राहत की साँस ली और कैन को बैग में रख लिया।

    "आऽऽह!" उसने कहा, "यकीन नहीं होता कि मैं ये भंगार उठाने का काम कर रहा हूँ। श्यह..."

    तभी उसकी नज़र सामने से आती तारा पर पड़ी, और उसकी मुट्ठियाँ भिंच गईं। तारा तनिष्क के साथ मुस्कुराते हुए उसकी ओर बढ़ रही थी।

    "और भाई! कमा लिए पैसे? मैं अपनी औकात जानने के लिए बेताब हो रहा हूँ," तनिष्क ने मुस्कुराते हुए तंज कसा।

    "लीव इट बेबी! इन जैसे के मुँह लग कर क्यों अपना टाइम बर्बाद करना? ब्लडी पुअर, मिडिल क्लास फ़ैलो!" तारा ने घृणित स्वर में कहा और तनिष्क का हाथ खींचकर उसे आगे ले गई।

    तारा की बात सुनकर ध्रुव का बदन कांपने लगा, लेकिन तभी मोबाइल की घंटी बज गई। ध्रुव ने फोन निकाला तो उस पर किसी फॉरेन कंट्री का नंबर था, लेकिन आखिरी अंक जाने-पहचाने लगे। उसने कॉल पिक कर ली।

    "छोटे सरकार! आपकी सज़ा ख़त्म हुई। अब आप फैमिली पावर और पैसों का यूज़ कर सकते हैं," - दूसरी तरफ से एक अधेड़ उम्र के आदमी की आवाज़ आई।

    To be continued

    हां तो यहां से शुरू होती है हमारे सीक्रेट बिलिनेयर न यानी कि ध्रुव राठौर की कहानी, जो अपने पापा के द्वारा दी गई सजा भुगत रहा था पिछले कुछ सालों से और अब उसकी यह सजा खत्म होती है तो क्या होगा उसके गरीब से अमीर होने के बाद क्या क्या बदलेगा उसकी जिंदगी में और क्या वह उन सब लोगों से बदला लेगा जिसने भी उसे परेशान किया गरीब आदमी समझ कर जाने के लिए आगे पढ़िए यह कहानी बहुत इंटरेस्टिंग होने वाली है।

  • 2. Secret Billionaire - Chapter 2

    Words: 1657

    Estimated Reading Time: 10 min

    2

    उस आलीशान हाई-राइज़िंग बिल्डिंग के सामने पहुंचकर ध्रुव ने एक गहरी सांस ली और सिर उठाकर उस आसमान छूती इमारत को देखा।

    "आखिरकार…. इतने टाइम बाद मुझे वह मिल ही गया जिसका मुझे इतनी बेसब्री से इंतज़ार था।" ध्रुव के होठों पर एक गहरी मुस्कान उभरी और उसने अपने कदम उस बिल्डिंग की ओर बढ़ा दिए। इससे पहले कि वह अंदर जा पाता, एक अधेड़ उमर के दरबान ने उसे दरवाज़े पर ही रोक लिया।

    "ओए! लड़के! कहां जा रहा है? तुम्हारे पास वर्क परमिट है क्या?" दरबान ने उसे ऐसे घूरा जैसे उसे चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा हो।

    "मैं यहां काम नहीं करता, बस किसी से मिलने आया हूं…." ध्रुव ने एक गहरी सांस भरी और खुद पर एक नज़र डाली। इस समय बस उसने एक डेनिम की जींस और टीशर्ट पहनी हुई थी और उसके पांव में भी कैजुअल शूज़ थे।

    "किसे ढूंढ रहे हो? कौन से फ्लोर पर?" दरबान ने उसे शक्की निगाहों से घूरा।

    उसकी बात सुनते ही दरबान ठहाका लगा कर हंस पड़ा, "लड़के! लगता है तुम गलत जगह आ गए हो। ये सिर्फ 23 मंज़िला इमारत है। उससे ऊपर जाना चाहते हो तो ज़्यादा ही ऊपर का टिकट कटाना पड़ेगा।"

    ठीक उसी समय काले सूट और मिनी स्कर्ट पहनी एक खूबसूरत लड़की बाहर आई और इस अनप्रोफेशनल बिहेवियर को लेकर दरबान को घूरा।

    "क्या बात है? कोई दिक्कत है?" उस लड़की ने अपनी भंवें उचकाते हुए पूछा।

    "25वां फ्लोर?" लड़की ने चौंककर ध्रुव को देखा, और कहा, “ये दरबान सही कह रहा है, 25वें फ्लोर पर जाना नामुमकिन है इसलिए आप जाइये यहाँ से।”

    इससे पहले कि ध्रुव कुछ कहता, उसे सामने से कुछ लोग आते हुए दिखाई दिए और उसने जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया, “दरबान लड़की को छेड़ रहा है, कोई मदद करो....... आइये जल्दी!”

    ध्रुव की चालाकी देखकर वो लड़की और दरबान दंग रह गए। वो लोग भागते हुए दरबान के पास आये और उसको पकड़ लिया। इसी बीच मौका पाकर ध्रुव बिल्डिंग के अंदर चला गया।

    उस लड़की ने सबको रोकते हुए कहा, “वो लड़का झूठ बोलकर बिल्डिंग में घुस गया है, आप प्लीज़ इस दरबान को छोड़िये और जाइये यहाँ से।” इतना कहकर वो लड़की अंदर की ओर भागी और दरबान भी उसके पीछे भागा।

    इससे पहले कि दोनों ध्रुव को पकड़ पाते, वह लिफ्ट में दाखिल हो गया और जल्दी से टॉप फ्लोर का बटन दबा दिया।

    "No! No! प्लीज़! No! प्लीज़ स्टॉप…." लिफ्ट का दरवाज़ा बंद होते देखकर वह लड़की तेज़ी से लिफ्ट की ओर आई, लेकिन उसके पहुंचने से पहले ही लिफ्ट का दरवाज़ा बंद हो चुका था और ध्रुव ने जाते जाते उसे चिढ़ाते हुए हाथ हिलाकर बाय कहा।

    लिफ्ट जाते ही लड़की ने दरबान को डांटते हुए कहा, “You idiot, देखो वो लड़का ऊपर चला गया, अब तो बॉस बहुत नाराज़ होंगे।”

    "मैनेजर मैडम! इसमें मेरी कोई गलती नहीं है! वो लड़का आपके सामने ही हम दोनों को चकमा देकर अंदर घुस आया!" दरबान बुदबुदाया। उसे डर था कि यह लड़की, जो कि यहां की मैनेजर है, उसे काम से निकाल न दे।

    मैनेजर लड़की ने दूसरी लिफ्ट का बटन दबाते हुए दरबान को घूरकर देखा और कहा, “अगर वो लड़का 25वें फ्लोर पर पहुँच गया ना तो मेरी नौकरी तो गयी और साथ में तुम्हारी भी।” इतना कहकर वह दूसरी लिफ्ट में ऊपर की ओर चली गयी।

    वहीं लिफ्ट में ध्रुव अपने हाथों को जींस की पॉकेट में डालकर शांति से खड़ा था। लिफ्ट लगातार ऊपर चढ़ती जा रही थी और आखिरकार एक 'डिंग' की आवाज़ के साथ लिफ्ट का दरवाज़ा खुल गया। दरवाज़ा खुलते ही ध्रुव लिफ्ट से बाहर निकल आया।

    25वां फ्लोर इस बिल्डिंग का आखिरी फ्लोर है। यह फ्लोर बहुत बड़ा है, जिसके चारों तरफ कांच की दीवारें हैं, जिनसे बाहर का नज़ारा साफ देखा जा सकता था। ध्रुव भी एक खिड़की पर जाकर खड़ा हो गया और बाहर का नज़ारा देखने लगा।

    "हिलना मत! जहां खड़े हो वहीं पर रहो!" आखिरकार मैनेजर लड़की ने उसे पकड़ ही लिया। वह इस समय सीढियों पर खड़ी है और हाँफते जा रही है। ध्रुव जिस लिफ्ट से ऊपर आया था वह एक प्राइवेट लिफ्ट थी। बाकी सभी लिफ्ट बस 23वें फ्लोर तक ही आ सकती हैं, जिस कारण उसे 2 फ्लोर सीढ़ियां चढ़कर ऊपर आना पड़ा था।

    उस लड़की की बात सुनकर ध्रुव ने एक गहरी सांस छोड़ी और मुड़कर उसकी ओर देखा।

    "जल्दी करो और चुपचाप मेरे साथ यहां से चलो! वरना मुझे गार्ड्स को बुलाना होगा…" लड़की ने दांत पीसते हुए ध्रुव का कॉलर पकड़ लिया और उसे बाहर की ओर खींचा, लेकिन ध्रुव अपनी जगह से ज़रा भी नहीं हिला।

    "मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं किसी से मिलने आया हूं!" ध्रुव ने अपना सिर हिलाया और अपना मोबाइल निकालकर एक नंबर मिला दिया।

    लड़की ने यह सोचा भी नहीं था कि ध्रुव इस तरह उसकी बातों को नज़रअंदाज़ कर देगा। उसने गुस्से में एक गहरी सांस भरी और ध्रुव को खींचते हुए सीढ़ियों की ओर ले जाने लगी।

    "देखो तुम बहुत पछताने वाली हो…_" लड़की को इस तरह खुद को धक्का देता हुआ पाकर ध्रुव शॉक्ड है।

    "पछताओगे तो तुम, क्योंकि अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं पुलिस को बुला लूंगी।" लड़की ने गुस्से में ध्रुव को एक और धक्का दे दिया।

    ठीक उसी समय एक डिंग की आवाज़ के साथ लिफ्ट का दरवाज़ा खुला और एक अधेड़ उम्र का आदमी लिफ्ट से बाहर आया। उस आदमी की उम्र लगभग 40 साल है और वह ग्रे कलर का सूट पहने हुए है।

    "कल्पना! क्या कर रही हो तुम?" अपने सामने का दृश्य देखकर वह आदमी गुस्से में उस लड़की से बोला और ध्रुव के सामने आकर अपना सिर झुका दिया।

    "छोटे सरकार! इस लड़की की तरफ से मैं आपसे माफी मांगता हूं।" वह आदमी ध्रुव से माफी मांगते हुए बोला और इसी के साथ उसने कल्पना का हाथ पकड़कर उसे पीछे की ओर खींच लिया, जो अभी तक ध्रुव की कॉलर पकड़े हुए थी।

    इससे पहले वो आदमी कल्पना से कुछ और कहता ध्रुव ने बीच में आते हुए कहा, “निखिल, कल्पना की इसमें कोई गलती नहीं है, वो सिर्फ अपना काम कर रही थी। मुझे ख़ुशी है कि हमारे साथ इतने ईमानदार लोग काम करते हैं।”

    ध्रुव ने एक नज़र कल्पना पर डाली और फीकेपन से मुस्कुरा दिया। उसे कल्पना के बर्ताव से ज़रा भी नाराज़गी नहीं है। वैसे भी वो पिछले कुछ सालों में तरह-तरह के लोगों से मिल चुका था, जो कि उसके साथ इससे कई गुना बदतर सलूक कर चुके थे।

      निखिल ने ध्रुव की बात सुनकर कल्पना से कहा, "अब तुम बाहर जाओ मुझे छोटे सरकार से कुछ ज़रूरी बातें करनी है।" 

    ये सुनकर कल्पना वहां से चली गई।

    इसके बाद निखिल भी ध्रुव को लेकर अपने ऑफिस की ओर बढ़ गया। 

    "छोटे सरकार! यह मुंबई और देहरादून में आपकी पारिवारिक संपत्ति और व्यवसायों का ब्यौरा है…. जो आपकी हैं"

    कहते हुए निखिल ने एक फाइल ध्रुव के सामने रखी, "मगर आपके पिता चाहते हैं, कि बिज़नेस को टेकओवर करने से पहले आप अपनी काबिलियत को साबित करें।" 

    "क्या मतलब काबिलियत साबित करें? क्या वो ये चाहते हैं कि मैं मुंबई का पूरा बिज़नेस संभालूं?" ध्रुव डाक्यूमेंट्स के पन्ने पलटते हुए बोला, तो निखिल ने अपना सिर हिला दिया।

    "जी! सही कहा…" निखिल ने मुस्कुराते हुए ध्रुव से कहा, "उनका कहना है कि वह आपको अपनी काबिलियत दिखाने के लिए दो साल का वक्त देंगे।

    अपनी post ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद आप एक साल और यहां मुंबई में रुक सकते हैं‌। उसके बाद वो रिज़ल्ट चेक करने के लिए खुद देहरादून से आएंगे।" 

    निखिल की बात सुनकर फाइल पर चल रहे ध्रुव के हाथ रुक गए।

    उसने एक गहरी सांस छोड़ी और कहा, "ठीक है! मैं तैयार हूं।" 

    ध्रुव जानता था कि यह फैसला सिर्फ उसके डैड का ही नहीं बल्कि पूरी फैमिली का है। शायद वो लोग यह चेक करना चाहते है कि वो इतने बड़े बिज़नेस का वारिस बनने के काबिल है भी कि नहीं। वैसे भी, वह जानता है कि अमीरों के घर में रिश्तेदारी भी सिर्फ जायदाद हड़पने का एक दिखावा है और पहले से ही उसके कई रिलेटिव्स उसके फैमिली बिज़नेस पर आंखें गड़ाए हुए बैठे हैं।

    ध्रुव ने वह फाइल अपने बैग में डाल ली और निखिल को देखते हुए कहा, "अब जबकि सज़ा पूरी हो ही गई है तो मुझे मेरे फंड्स चाहिए।"

    "या श्योर!" निखिल ने मुस्कुराते हुए कहा और कोने में रखे एक सेफ की ओर बढ़ गया।

    सेफ पर लगे फिंगरप्रिंट स्कैनर पर उसने अपना अंगूठा स्कैन किया और सेफ खोलते हुए दो कार्ड्स बाहर निकाले। 

    "यह ब्लैक कार्ड जिससे आप कहीं भी कुछ भी खरीद सकते हैं। इसकी लिमिट के बारे में आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। इसे अब आप यूज़ कर सकते हैं।"

    इतना कहते हुए निखिल ने एक क्रेडिट कार्ड ध्रुव की ओर बढ़ाया और फिर दूसरा कार्ड देते हुए बोला, "यह आपके नए घर की चाबी है, जो शहर के बीच में है।" 

    "ठीक है! अब मुझे चलना चाहिए…" ध्रुव ने दोनों कार्ड अपने बैग में रखे और जाने के लिए उठ खड़ा हुआ।

    निखिल भी उसे बाहर तक छोड़ने के लिए अपने चेयर से उठा, मगर ध्रुव ने उसे ऐसा करने से रोक दिया और अकेले ही निखिल के चैंबर से बाहर निकल गया। 

    जैसे ही वो निखिल के ऑफिस से बाहर निकला, उसकी नज़र लिफ्ट के सामने खड़ी हुई मैनेजर कल्पना पर पड़ी।

    उसने ध्यान दिया कि कल्पना शर्मिंदगी से अपना सिर झुकाए उसी को देख रही है।

    "वो… वो जो कुछ भी हुआ मैं उसके लिए आपसे माफी मांगना चाहती हूं। दरअसल मुझे पता नहीं था कि आप कौन हैं और आपका हुलिया भी…." कहते कहते कल्पना ने अपनी जीभ दांतो के बीच दबा ली, "आई एम सॉरी! आई एम सॉरी! मेरा मतलब है मैं आपको पहचान नहीं पाई और इसीलिए वह सब हो गया…" 

    To be continued

    क्या ध्रुव माफ करेगा कल्पना को और किस तरह से use करेगा वह अपने पैसे और फैमिली पावर को क्या वह उसका गलत इस्तेमाल करेगा और क्यों हुई होगी ध्रुव को वह सज़ा? क्या लगता है आप लोगों को जरूर बताइएगा कमेंट में?

  • 3. Secret Billionaire - Chapter 3

    Words: 1600

    Estimated Reading Time: 10 min

    3

    "अरे नहीं... माफी मांगने की कोई ज़रूरत नहीं है। तुम बस अपनी ड्यूटी कर रही थी और मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है," ध्रुव झेंपते हुए बोला।

    "आप सच में मुझसे नाराज़ नहीं हैं ना? अगर आपने मुझे सच में माफ कर दिया है तो मैं आपको डिनर ट्रीट देना चाहती हूं..."

    "इसकी ज़रूरत नहीं है! वैसे भी मुझे किसी ज़रूरी काम से निकलना है।"

    ध्रुव ने उसके प्रस्ताव को नकार दिया।

    "इसका मतलब आपने मुझे सच में माफ नहीं किया ना?" कल्पना मायूस सा चेहरा बनाकर बोली तो ध्रुव को अजीब सा फील हुआ।

    "अरे नहीं, ऐसी बात नहीं है! मुझे सच में तुमसे कोई शिकायत नहीं है," ध्रुव तुरंत बोल पड़ा।

    "तो फिर अगली बार पक्का! जब भी आप फ्री हो तो मुझे बता दीजिएगा," कल्पना उत्साहित होकर बोली।

    "ठीक है, लेकिन अभी मुझे जाना होगा!" ध्रुव उसी से जान छुड़ाते हुए बोला और तेज़ी से लिफ्ट में घुस गया।

    लिफ्ट में घुसते ही कल्पना के व्यवहार पर उसे हंसी आने लगी। "अगर मैं इतना अमीर नहीं होता तो क्या तब भी तुम्हारे यही ख्याल होते?" ध्रुव ने एक गहरी सांस ली और अपनी आंखें बंद कर ली।

    "सब लड़कियां एक ही जैसी होती हैं! इन्हें बस पैसों की भूख है और उसके लिए यह किसी के साथ सोने में भी नहीं कतराएंगी!" गुस्से में ध्रुव की मुठ्ठियां भिंच गई।

    कल्पना का बिहेवियर देख कर उसे तारा की याद आ गई थी। फंड्स मिलने के बाद ध्रुव के दिमाग में पहली बात यही थी कि उसे कुछ अच्छे से कपड़े खरीदने हैं, ताकि अगली बार से कोई भी उसके कपड़ों को देख कर उसकी औकात का अंदाज़ा न लगाए। या ये कहे कि उसे गरीब समझने की भूल ना करें।

    उसने अपने कदम तेज़ी से पास ही के एक मॉल की ओर बढ़ा दिए। मॉल में घुसते ही सेकंड फ्लोर पर उसे एक ब्रांडेड कपड़ों की शॉप दिखाई दी और वो सीधे उसी दुकान में घुस गया।

    उसके अंदर जाते ही सेल्स पर्सन ने उसे रोकते हुए कहा, "तुम कितना लेट आ रहे हो, अभी तक सफाई भी नहीं हुई है। जल्दी काम शुरू करो और देखो वहां किनारे से कचरा उठाओ, शीशे साफ़ करो।"

    ध्रुव को बहुत गुस्सा आया लेकिन खुद पर काबू रखते हुए वो बोला, "देखिये आपको कोई गलती लग रही है, मैं यहां शॉपिंग के लिए आया हूं।"

    ध्रुव ने हाँ में अपना सिर हिलाया। उस आदमी ने ध्रुव को ऊपर से नीचे तक देखा और कहा, "उस तरफ डिस्काउंट सेक्शन है, तुम वहां जाओ।" ध्रुव अंदर जाकर सबसे महंगी कलेक्शन को देखने लगा।

    "ये हमारे शॉप की सबसे ब्रांडेड और महंगी कलेक्शन्स है। हर कोई इसे खरीदना अफोर्ड नहीं कर सकता। फालतू में आस पास मत भटको, इन कपड़ों पर तुम्हें कोई डिस्काउंट नहीं मिलने वाला है," सेल्स पर्सन ने ध्रुव के सामने आते हुए कहा।

    उसकी बातें सुनकर ध्रुव के होठों पर मुस्कान तैर गई। उसका मन कर रहा है कि इस सेल्स पर्सन के मुंह पर एक ज़ोर का थप्पड़ रसीद कर दे, मगर उसने ऐसा दिखाया कि मानो उसने कुछ सुना ही नहीं।

    उसने उस सेल्स पर्सन को एक ओर धकेला और आगे बढ़ गया। अचानक उसकी नज़र एक महंगे ब्लेज़र पर पड़ी और वह इसे लेने के लिए आगे बढ़ा ही कि सेल्सपर्सन ने उसे बीच में ही रोक दिया।

    "मैंने तुमसे कहा ना कि ये चीज़ें तुम्हारी औकात से बाहर हैं! इसलिए इनको छूना बंद करो और चुपचाप बाहर डिस्काउंट वाली एरिया में जाओ जहां तुम्हारी औकात की चीज़ें रखी हुई है। अगर इन चीज़ों को ज़रा सा भी डैमेज होता है तो तुम्हें बेचकर भी नुकसान पूरा नहीं हो पाएगा," सेल्स पर्सन ने गुस्से से कहा।

    उसकी बात सुनकर ध्रुव भी उकता चुका है। उसका मन कर रहा है कि अपनी जेब से कार्ड निकाल कर उसके मुंह पर फेंक के मारे ताकि उसे भी पता चले कि उसके सामने इस सेल्स पर्सन की क्या औकात है। मगर इससे पहले कि वह कुछ कह पाता, एक जानी पहचानी सी आवाज़ उसके कानों में पड़ी।

    "अरे देखो तो शॉपिंग करने के लिए कौन आया है? ध्रुव राठौड़... मुझे तो समझ नहीं आता कि यह लोग ऐसे गए गुज़रे लोगों को दुकान में भी क्यों घुसने देते हैं।" ध्रुव ने मुड़कर आवाज़ की दिशा में देखा।

    सामने तनिष्क खड़ा है, और उसके साथ तारा भी है। उन दोनों को देखकर गुस्से में ध्रुव की मुठ्ठियां भिंच गई। इतना गुस्सा तो उसे सेल्स पर्सन की जली कटी सुनने पर भी नहीं आया था। तारा! जिसे एक टाइम पर वह सबसे ज़्यादा चाहता था, अब उसे उसकी शक्ल देखने पर भी घिन आती है। "चलो अच्छा ही हुआ कि ये दोनों भी यहां है। इस तनिष्क को भी तो पता चले कि ये तारा कितनी गिरी हुई लड़की है। जब इसे पता चलेगा कि अब मैं तनिष्क से ज़्यादा अमीर हो चुका हूं तो उसका चेहरा देखने लायक होगा," मिहर मन ही मन मुस्कुराया और बिना उन दोनों पर ध्यान दिए आगे बढ़ गया।

    "मैं तुम्हारी दुकान पर इसलिए आता था कि ये इस इलाके की सबसे महंगी दुकान है... लेकिन मुझे नहीं पता था कि तुम ऐसे घटिया और गरीब लोगों को भी अपनी दुकान में आने देते हो। या तो तुम लोग ऐसे गरीब लोगों को अपनी दुकान में लेना बंद करो वरना मैं तुम्हारी दुकान में आना बंद कर दूंगा," तनिष्क ने उस सेल्स पर्सन को चेतावनी देते हुए बोला।

    उसकी बात सुनकर स्टोर में मौजूद बाकी के कस्टमर्स का ध्यान भी उनकी ओर हो आया। वो सभी लोग अमीर घरों के लग रहे हैं और उनके कपड़े भी खासे महंगे दिखाई दे रहे हैं। सब लोग सामने का नज़ारा देखकर आपस में कुछ कुछ बात करने लगे और ध्रुव के लिए उनकी हिकारत भरी नज़र सब कुछ कह रही है। मामले को बढ़ता देख कर शॉप मैनेजर ध्रुव के पास जाकर उससे बोला, "प्लीज़ तुम जल्द से जल्द यंहा से चले जाओ। तुम्हारी वजह से बाकी के कस्टमर डिस्टर्ब हो रहे हैं।"

    मैनेजर की बात सुनकर ध्रुव ने तारा और तनिष्क की ओर इशारा करते हुए कहा, "कौन ये दोनों? इनको प्रॉब्लम हो रही है तो ये दोनों बाहर जाए, मैं क्यों बाहर जाऊं! वह डिस्टर्ब हो रहे है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं? और वैसे भी मैंने अभी तक अपने लिए कोई भी ड्रेस पसंद नहीं की है और बिना खरीदारी किए मैं यहां से जाने वाला नहीं हूं।" बात जितनी बढ़ती जा रही है ध्रुव भी उतना ही अड़ता जा रहा है। उसका मन कर रहा है कि वो वहां मौजूद तारा और तनिष्क को दो दो चमाट लगा दे। मैनेजर ने उसे समझाने की कोशिश की, “देखो तुम से इन्हें परेशानी हो रही है, इसलिए तुम्हें ही बात समझनी होगी।”

    ध्रुव ने उसे घूरते हुए कहा, “किसी के कपड़ों और पहनावे से किसी की औकात का अंदाज़ा लगाना बिल्कुल सही नहीं है। हमारे देश के पीएम भी सादा कुरता पजामा ही पहनते है।”

    मैनेजर ध्रुव की बात सुनकर हैरान रह गया और वो जानता भी है की ध्रुव जो कह रहा है वो सही कह रहा है।

    तनिष्क और तारा मिलकर ध्रुव की ओर देखते हुए ऐसे हंस रहे हैं जैसे उसका मज़ाक उड़ा रहे हो। ध्रुव ने एक नज़र तनिष्क और तारा पर डाली, और अगले ही पल मैनेजर से बोला, "तुम्हारे स्टोर में जितने भी सूट्स है, सब पैक कर दो।” वही ध्रुव की बात सुनकर स्टोर में मौजूद हर आदमी सन्न रह गया।

    मैनेजर की आँखें तो खुली की खुली रह गयी, “आप ये क्या बात कर रहे हैं, सारे सूट्स का लगभग 10 से 12 लाख का खर्चा है।”

    “हाँ मैं जानता हूँ, मैंने जो कहा है वो कीजिये,” ध्रुव ने मैनेजर से कहा। ये सुनते ही तनिष्क ठठाकर हंस पड़ा, "हा हा हा! ध्रुव भाई! भंगार बेचने से इतने पैसे मिलते हैं क्या? मेरी बात मानो और इससे पहले कि मैनेजर सिक्योरिटी को बुलाए, चुपचाप यहां से खिसक लो। यह फुटपाथ पर लगने वाले कपड़े नहीं है कि इतने सारे एक साथ में खरीद लो!" उसे भरोसा ही नहीं हो पा रहा है कि भंगार बेचने वाला यह लड़का आज अमीर होने का दिखावा कर रहा है।

    तनिष्क की बात सुनकर ध्रुव ने एक उड़ती नज़र उस पर डाली और उसकी नज़र तारा पर जाकर ठहर गई, जो होठों पर तंजिया मुस्कान लिए उसे ही देख रही है। उसे खुद पर यूं हंसते देखकर ध्रुव के तन बदन में आग लग गई।

    "तुम मज़ाक कर रहे हो क्या?" मैनेजर ने अविश्वास के साथ ध्रुव को घूरा।

    "अरे उससे क्या पूछ रहे हो मैनेजर साहब? यह लड़का हमारे कॉलेज में पढ़ता है और कबाड़ी का काम करता है। आपको लगता है कि एक कबाड़ी वाले के पास इतना पैसा होगा? मुझे लगता है कि आपको सिक्योरिटी वालों को बुला ही लेना चाहिए," तनिष्क ने हंसते हुए मैनेजर से कहा।

    "सर मुझे लगता है कि आपको जाना चाहिए! आपके कारण हमारे दूसरे कस्टमर्स को परेशानियां हो रही है...." मैनेजर ने दरवाज़े की ओर इशारा करते हुए सख्त आवाज़ में कहा।

    "तुम्हारी तो मैं..." ध्रुव गुस्से में दांत चबाते हुए बोला और अपना ब्लैक कार्ड निकाल कर मैनेजर के हाथ में रख दिया। "शायद तुमने मेरी बात को ढंग से सुना नहीं... अपने स्टोर के सारे सूट्स को अभी इसी वक़्त पैक करो।”

    अपने हाथ में ब्लैक कार्ड को देखते हुए मैनेजर अपनी जगह पर सुन्न पड़ चुका है। उसे समझ में नहीं आ रहा कि गंदे कपड़ों में आए हुए इस लड़के के पास एक ब्लैक कार्ड है। ब्लैक कार्ड जि सकी कोई लिमिट नहीं होती! वो जानता है कि ब्लैक कार्ड क्या चीज़ है, लेकिन उसने इस से पहले ऐसा कभी नहीं देखा। एक पल तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ पर फिर खुद को सँभालते हुए उसने ध्रुव की ओर देखा।

    जारी रहेगा...

  • 4. Secret Billionaire - Chapter 4

    Words: 1616

    Estimated Reading Time: 10 min

    4

    ध्रुव की आंखों का आत्मविश्वास बता रहा है कि वो सच कह रहा है। "ओके सर! मैं अभी सेल्स पर्सन से कह कर आपका सारा सामान पैक करवा देता हूं," मैनेजर लड़खड़ाती आवाज़ में बोला।

    लेकिन, ध्रुव उसकी बात काटते हुए बोला, "सेल्स पर्सन नहीं, तुम खुद ये सब कपड़े पैक करोगे। वह क्या है ना! यह कपड़े बहुत महंगे हैं और मैं नहीं चाहता कि किसी लोकल सेल्स पर्सन के छूने से यह खराब हो जाएं।" ध्रुव ने एक नज़र अपने बगल में खड़े सेल्स पर्सन पर डाली और मुस्कुरा दिया। सेल्स पर्सन ने शर्मिंदा होते हुए अपनी नज़रें फेर ली।

    "मैं!" ध्रुव की मांग सुनकर मैनेजर चौंक गया, मगर फिर उसकी नज़र अपने हाथ में पकड़े ब्लैक कार्ड पर पड़ी और वो ज़बरदस्ती हंसते हुए बोला, "बिल्कुल सर! मैं खुद पर्सनली आपके कपड़ों को पैक करूंगा।"

    "दैट्स गुड! तो अब किस बात की देरी है?" ध्रुव मुस्कुराया और मैनेजर को कपड़े पैक करने का इशारा किया।

    तारा और तनिष्क ने जब मैनेजर का बदला एटीट्यूड देखा तो उनके चेहरे के एक्सप्रेशंस चेंज हो गए। "मैनेजर साहब! आप इस बदमाश की बातों में आ रहे हो? पता नहीं किस का ब्लैक कार्ड उठा के ले आया है। आप ही सोचिए भंगार वाले के पास ब्लैक कार्ड कैसे आएगा?" तनिष्क ने मैनेजर को भड़काते हुए कहा तो ध्रुव ने उसे एक चिढ़ाने वाली मुस्कान दी।

    मैनेजर ने भी तनिष्क को गुस्से में घूरा और बिल बनाने के लिए काउंटर की ओर चला गया। "हुंह! मैं भी देखता हूं तुम जैसे आदमी के पास इतने पैसे कहां से आ गए!" तनिष्क ने एक गुस्सैल नज़र ध्रुव पर डाली और तारा को साथ लेकर काउंटर की तरफ चला गया।

    ध्रुव ने भी उसे एक्सप्लेनेशन देने की कोई ज़रूरत नहीं समझी। उसने स्टोर में ही बैठने के लिए एक जगह ढूंढी और मैनेजर के लौटने का इंतज़ार करने लगा।

    अगले ही पल मैनेजर स्वाइप मशीन लिए ध्रुव के पास आया और तनिष्क और तारा भी पीछे पीछे देखने लगे। तनिष्क ने तारा से कहा, “ये भंगार उठाने वाला जो इतना हवा में उड़ रहा है ना, अभी जब पेमेंट डिक्लाइन होगा ना तब इसका चेहरा देखना, मैनेजर खुद इसे धक्के मारकर बाहर निकल देगा।" तारा भी उसे हाई फाइव देते हुए ध्रुव की ओर देखने लगी।

    ध्रुव ने पिन डाला और अगले ही पल पेमेंट अप्रूव हो गयी और स्लिप बाहर आ गयी। ये देखते ही तारा और तनिष्क के होश फाख्ता हो गए। दोनों को अपनी आँखों पर भरोसा ही नहीं हो रहा है। यह कैसे हो सकता?

    "मैनेजर साहब आपको कोई गलतफहमी हो रही है... ज़रूर इस भंगार बेचने वाले ने किसी का कार्ड चुराया होगा," तनिष्क गुस्से से बोला। कहीं ना कहीं उसके मन में ध्रुव के लिए जलन का भाव भी है। वह खुद भी इतनी महंगी चीज़ों को एक साथ खरीदना अफोर्ड नहीं कर सकता।

    "सर! आप प्लीज़ दूसरे कस्टमर की इंसल्ट मत करिए, वरना मुझे गार्ड्स को बुलाना होगा," मैनेजर ने एक गुस्से भरी आवाज़ के साथ कहा। वो समझ चुका है कि ध्रुव कोई ऑर्डिनरी पर्सन नहीं है और वह इतने मालदार कस्टमर को नाराज़ नहीं करना चाहता इसलिए तनिष्क को ध्रुव की बेइज्जती करते हुए देखकर उसने उसे डपट दिया।

    फिर मैनेजर ने एक नज़र ध्रुव पर डाली और झुकते हुए बोला, "सर, आप चाय या कॉफी कुछ लेंगे।" मैनेजर के बदले अंदाज़ ने तनिष्क और तारा को और भी ज़्यादा जलने पर मजबूर कर दिया।

    ध्रुव ने जवाब दिया, "नहीं, आप बस जल्दी मेरा सामान पैक करवा दीजिये।"

    लगभग आधे घंटे बीत जाने पर मैनेजर कपड़ों के पैक्ड बंडल के साथ ध्रुव के पास आया और बोला, "सर! आपके कहे के हिसाब से हमने स्टोर में मौजूद सारे सूट्स को पैक कर दिया है। अगर आप चाहे तो मैं आपके लिए एक कार मंगवा दूं?" मैनेजर की भाषा पहले से काफी बदल चुकी है।

    मैनेजर की बात सुनकर तनिष्क का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। उसने गुस्से में एक हुंकार भरी और तारा को लगभग खींचते हुए दुकान से बाहर ले गया। ध्रुव ने उन दोनों को इस तरह जलते हुए बाहर जाता देखा तो उसके चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान आ गयी।

    उसने मैनेजर से कहा, “नहीं कार की ज़रूर नहीं, आप बस ये सारे कपडे स्टोर के बाहर रखवा दीजिये।” लेकिन तनिष्क को अभी भी यकीन नहीं हो रहा होता कि ध्रुव ये सब कैसे कर सकता है। इसलिए वो बाहर खड़ा होकर अभी भी ध्रुव को ही देख रहा होता है।

    "यार! टशन दिखाने के लिए इतना सारा सामान खरीद तो लिया लेकिन इन सबका मैं करूंगा क्या?" ध्रुव ने शॉपिंग बैग की ओर देखकर एक गहरी आह भरी। उसने स्टोर में तारा और तनिष्क को सबक सिखाने के लिए यह सब खरीद तो लिया, लेकिन अब इतना सामान खरीदने के लिए उसे पछतावा हो रहा है।

    मैनेजर के टैक्सी बुलाने के आईडिया को मना करते हुए उसने अपने दोस्तों को कॉल करके मॉल में बुला लिया। कुछ ही देर मैं उसके तीन दोस्त उसके सामने हैं। उसके दोस्त ध्रुव के साथ इतना ज़्यादा सामान देखकर हैरान हो गए, “ये क्या है भाई? तूने पूरी दुकान खरीद ली क्या?”

    ध्रुव कुछ बोल पाते उस से पहले ही, "भाई अब यह मत बोलना कि बिल देने के लिए तेरे पास पैसे पूरे नहीं है इसलिए बुलाया है....." कार्तिक ने मज़ाक करते हुए ध्रुव को बोला।

    "भाई पैसे तो हमारे पास भी नहीं है..." विवान और अचल एक साथ बोले। विवान, कार्तिक और अचल, ध्रुव के सबसे अच्छे दोस्त हैं और ध्रुव के बुरे दिनों में इन तीनों ने उसकी बहुत मदद की है। यहां तक कि जब ध्रुव तारा के साथ रिलेशनशिप में था तो उसके खाने पीने का सारा खर्चा उसके दोस्त ही उठाते थे, ताकि वह अपनी सेविंग्स को तारा पर खर्च कर सकें।

    "तुम लोगो को पैसे की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है..." ध्रुव मुस्कुराते हुए बोला, "एक्चुअली मुझे तुम्हें कुछ बताना है... कल रात मैं नशे की हालत में एक कसीनो गया था एंड गेस व्हाट? मेरी वहां लॉटरी लग गई।" ध्रुव अभी उन तीनों को अपने अमीर होने की बात नहीं बताना चाहता। उसे डर है कि उसे बड़ा आदमी समझ कर उसके दोस्त उससे कटने ना लगे, इसलिए उसने बहाना बनाया। वो किसी भी क़ीमत पर अपने दोस्तों से अलग नहीं होना चाहता है।

    "कितने की?" तीनों लड़कों ने एक साथ पूछा

    "20 लाख!" तीनों एक साथ बोले और उनके मुँह खुले के खुले रह गए।

    "वाह बेटे! लॉटरी लगी कल रात को और बता अब रहा है? भाई पहले बता देते तो अपन भी तेरे साथ पीकर टुन्न होते..." कार्तिक ध्रुव पर तंज कसते हुए बोला।

    "माफ कर दे यार! वैसे भी कल मैं नशे में था... लेकिन मैंने तुम सब के लिए कपड़े खरीदे हैं। उम्मीद है कि तुम्हें पसंद आएंगे! भाई ये किस किस के ले लिए है ? ये तो पूरी दुकान है दुकान," विवान शॉपिंग बैग्स को देखता हुआ बोला।

    ध्रुव ने कहा, “तुम लोग एक काम करो ना, जो जो तुम्हारे साइज़ के है रख लो बाकी ज़रूरतमंद लोगों में बाँट देंगे।"

    ध्रुव की बात सुनते ही सामने खड़े तारा और तनिष्क के मुँह हैरानी में खुल गए।

    अचल ने कहा, “ये तो ठीक हैं बाँट देंगे लेकिन तूने इतने सारे कपडे खरीदे क्यों?” सामने तनिष्क की ओर देखते हुए ध्रुव ने कहा, “यार कुछ लोगों को सीधी बात समझ में नहीं आती उन्हें सबक सीखना पढता है।" तनिष्क ये सुनते ही मुँह बनाने लगा।

    तभी सामने से एक सिक्योरिटी गार्ड को आता हुआ देखकर ध्रुव ने उसे आवाज़ लगायी, “आपको कौनसे साइज़ के कपडे आते हैं?" ये सुनकर सिक्योरिटी गार्ड हक्का बक्का रह गया।

    ध्रुव ने उसके काँधें पर हाथ रखते हुए कहा, “हैरान मत होइए इन कपड़ों में से जो आपको आते हैं, अपना साइज़ निकाल लीजिये।" वो आदमी ख़ुशी ख़ुशी अपने साइज़ के कपडे लेकर ध्रुव को दुआएं देता हुआ वह से चला गया। ये देखकर तारा भी हैरान रह गयी।

    इसी तरह ध्रुव और उसके दोस्तों से सारे कपडे उठाये और जाते हुए वर्कर्स को बांटने लगे। ये देखकर तनिष्क ने तारा से कहा, “कुछ तो गड़बड़ है तारा, इस भिखारी के पास इतने पैसे आखिर आये कहाँ से? ये तो पता लगाना ही होगा।”

    ध्रुव बेचैन होकर इधर उधर संध्या को ढूंढ ही रहा होता है की तभी "ब्रो! कहां रहता है तू आजकल? काफी दिनों से दिखाई नहीं दिया! कोई लड़की वड़की पटा ली है क्या?" अचल ने अचानक ध्रुव के काँधे पर अपना हाथ रखते हुए कहा, "वैसे उधर क्या देख रहा है?"

    "कुछ नहीं यार! मैं बस यूँ ही कुछ सोच रहा था…" ध्रुव मुस्कुराया। अपने तीनों दोस्त अचल, कार्तिक और विवान के आ जाने से ध्रुव का ध्यान टूटा।

    "ठीक है... तुम सोचते रहो, मैं तो जा रहा हूं डेट पर!" अचल ने मुस्कुराते हुए कहा और तेज़ी से एक ओर बढ़ गया। "ये साला डेट करते करते थकता नहीं है क्या?" कार्तिक अचल को जाते हुए देख मुस्कुराया और वह तीनों भी उसके पीछे पीछे जाने लगे।

    अचल को हॉस्टल का सबसे खुश इंसान कहा जाता है। रुपाली और वो अपने रिलेशनशिप में बहुत ही खुश हैं और ध्रुव और बाकी दोस्त भी अपने दोस्त के लिए काफी खुश है।

    जैसे ही वो लोग कोरिडोर से बाहर निकले, उन्होंने देखा कि सीढ़ियों के बगल में ही एक बी एम डब्ल्यू कार पार्क है और उसके आगे अचल अपनी मुट्ठिया भींचे खड़ा है। उसके चेहरे के हाव भाव बता रहे है कि वह किसी को जान से मारने वाला है।

    "अरे यार! फिर से नहीं! यह तो वो जंगली सुअर की कार है न!" विवान ने फुसफुसाते हुए कार्तिक से कहा। बी एम डब्ल्यू में बैठा शख्स, कॉलेज का एक बहुत ही मशहूर रईसज़ादा है। वैसे तो उसका नाम रॉनी रायज़ादा है लेकिन उसके लंबे कानों और मोटे चेहरे की वजह से सब लोग उसे पीठ पीछे जंगली सूअर कहते हैं।

    जारी रहेगा...

  • 5. Secret Billionaire - Chapter 5

    Words: 1571

    Estimated Reading Time: 10 min

    5

    अचल गुस्से में भागते हुए कार के पास पहुंचा।

    रॉनी ने अकड़ दिखाते हुए कार की विंडो नीचे की और अचल पर चिल्लाया, "यू ब्लडी बास्टर्ड! तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा क्या? रुपाली अब से मेरी गर्लफ्रेंड है! तो अपने दिमाग से उसका ख्याल निकाल दो और आइंदा मेरी गाड़ी के सामने आए तो मैं ब्रेक लगाने की ज़हमत भी नहीं उठाऊंगा।"

    अचल को गुस्से में देखकर रुपाली सन्न रह गई और दरवाज़ा खोलकर कार से उतरी।

    उसने अचल को देखते हुए कहा, "अचल! तुम भी जानते हो कि हम दोनों के बीच अब यह रिलेशनशिप और नहीं चल सकता!"

    "रुपाली! लेकिन तुम ऐसा कैसे कर सकती हो मेरे साथ? मुझे बस इतना बताओ कि क्या तुम उसके पैसों के लिए उसके साथ हो और मेरा प्यार वो इसके पैसों के सामने कुछ भी नहीं?" गुस्से से अचल की पूरी बॉडी कांप रही है, "कल तक ही तो हम दोनों कितने खुश थे साथ में और आज तुम… क्या किसी ने तुमसे कुछ कहा है?"

    "साला ये सारी लड़कियां एक जैसी होती है… थोड़े से पैसे फेंको और किसी के भी बिस्तर पर बिछ जाएंगीं…" ध्रुव के मन में रुपाली के लिए गुस्से का एक ज्वार उमड़ रहा है। उसे लग रहा है कि मानो तारा एक बार फिर से उसके सामने खड़ी है। उसने एक हिकारत भरी नज़र रुपाली पर डाली और अचल को देखा, जिसे देखकर लग रहा है कि वह पूरी तरह से पागल हो गया है और अचानक वो बी एम डब्ल्यू की ओर दौड़ा और उसके फ्रंट डोर पर दो तीन मुक्के बरसा दिए।

    "भाई अब तो हो गया काण्ड… इस बार तो अचल की पक्का लगने वाली है!" विवान बुदबुदाया।

    "वो कुछ ज़्यादा ही इंपल्सिव हो रहा है यार!" कार्तिक बोला।

    "Buddy! ये गाड़ी उस जंगली सूअर की सबसे फेवरेट गाड़ी है। लड़की पटाने के लिए बी एम डब्ल्यू से बढ़िया क्या हथियार होगा?" विवान ने कार को देखते हुए कहा।

    अचल की हरकत देखकर रॉनी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और उसने तेज़ी से गाड़ी से उतर कर अचल की कॉलर पकड़ ली।

    अगले ही पल उसने उसके चेहरे पर एक पंच मारते हुए कहा, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे कार को हिट करने की? कार पर एक हल्की सी खरोच भी आ गई ना तो तुम्हें बेचकर भी उस नुकसान की भरपाई नहीं होगी! भिखारी कहीं का।"

    अपने सामने के हाल को देखते हुए ध्रुव तेज़ी से अचल की मदद करने उसके पास पहुंचा और रॉनी का रास्ता रोक कर खड़ा हो गया।

    "भाई इतना भी क्या गुस्सा है? एक दो ही पंच तो मारे हैं उसने! और उसने गाड़ी को मारा तूने उसको मार दिया… हो गया हिसाब बराबर! और वैसे भी ये बस एक कार है… लेकिन तुझे लड़ना ही है तो मुझसे लड़ ले!" ध्रुव मुस्कुराते हुए रॉनी से बोला।

    ध्रुव की फिज़िकल फिटनेस बहुत अच्छी है और उसने बचपन से ही कराटे और कुश्ती की काफी ट्रेनिंग हासिल की हुई है। उसकी स्किल्स भी काफी अच्छी है और वह अपने सामने खड़े रॉनी को आसानी से धूल चटा भी सकता है। ऐसे अचानक अपने सामने किसी लड़के को देखकर रॉनी गुस्से में और तमतमा उठा, "कौन है भाई तू और बीच में क्या करने आया है?"

    इससे पहले की ध्रुव कोई जवाब देता, रुपाली बीच में बोल पड़ी, "ये ध्रुव है रॉनी, अचल का दोस्त और भंगार उठाने का काम करता है।"

    रुपाली की बात सुनते ही रॉनी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और वहां इकट्ठा हो चुकी भीड़ की तरफ देखते हुए बोला, "सुना क्या तुम लोगों ने? ये भंगार बेचने वाला, कबाड़ी, बेवकूफ लड़का बोल रहा है कि सिर्फ एक कार ही तो है! तू मुझे ये बता कि क्या तू इस कार को खरीद सकता है? कार तो छोड़, इस कार का एक पहिया खरीदने में भी तेरी पूरी उम्र निकल जाएगी। चल निकल अब यहाँ से।"

    रॉनी की बात सुनकर रुपाली के साथ साथ सब लोग भी हंसने लगे। लेकिन ध्रुव बिना कुछ कहे बस एक टक उसे घूरता रहा।

    रॉनी ने जब देखा कि उसके सवालों के जवाब में ध्रुव ने कुछ नहीं कहा तो वह अचल की ओर मुड़ते हुए बोला, "देखो मैं तुम जैसे कबाड़ी का काम करने वालो के मुँह नहीं लगना चाहता और ना ही यहां कोई बखेड़ा खड़ा करना चाहता हूँ… तुमने मेरी गाड़ी को डैमेज किया है, इसलिए चुपचाप पचास हज़ार रुपए निकालो!"

    रॉनी की बात सुनकर सब लोग सन्न रह गए। 50 हज़ार रुपए हॉस्टल के कई लड़कों ने तो एक साथ इतने पैसे कभी देखें भी नहीं होंगे।

    तभी रॉनी ने ज़ोर ज़ोर से हंसना शुरू कर दिया, "मैं भी तुम भिखमंगों से क्या कह रहा हो। तुम्हारी तो सात पुश्तों ने भी कभी इतने पैसे नहीं देखे होंगे, तुम लोग एक काम करो तुम्हारे हालत देखकर मुझे दया आ रह है इसलिए तुम लोग बस 5 हज़ार रुपये निकालो और मामले यही रफादफा करो।

    अचानक ध्रुव आगे बढ़ते हुए कार के आगे खड़ा हो गया और सर्द आवाज़ में बोला, "भाई पहले तो यह बता कि तेरी गाड़ी को डैमेज कहां पर हुआ है? अगर सिर्फ एक पंच से तेरी गाड़ी डैमेज हो रही है, तो ड्यूड मुझे लगता है कि तू लोकल माल उठा लाया है।"

    ध्रुव की बात आग में घी डालने जैसी थी। कार्तिक ने तुरंत ही उसे एक और खींच लिया और बोला, "भाई कम बोल! उसके हाव भाव देखकर पहले ही पता लग रहा है कि यह लोग आज अचल की चटनी बनाने वाले हैं।"

    वही ध्रुव की बात सुनकर रॉनी और भी ज़्यादा गुस्सा हो गया। यह बी एम डब्ल्यू कार लड़की पटाने में उसे एडवांटेज देती है, लेकिन ध्रुव कह रहा है कि उसकी कार नकली है। उसने रुपाली की ओर देखते हुए कहा, "रुपाली! जो भी बात है, तुम सब को सब कुछ सच सच बता दो! तुम बताओ कि तुम्हें उस भिखमंगे के साथ रहना है या फिर मेरे साथ। आज इस चैप्टर का फुल एंड फाइनल हो ही जाए।"

    रूपाली के लिए यह किसी बम से कम नहीं है। ये सच है कि कॉलेज की लगभग सभी लड़कियों को अमीर बॉयफ्रेंड चाहिए, लेकिन वो साथ ही साथ सबको ये भी दिखाना चाहती है कि वो उनके साथ पैसों के लिए नहीं है और रुपाली इसका सबसे अच्छा एग्जाम्पल है। उसकी फैमिली कंडीशन कुछ खास नहीं है लेकिन उसके पास एक सुंदर चेहरा है। उसे हमेशा से ही एक लग्जरियस लाइफ चाहिए थी और अचल के साथ रिलेशनशिप में उसकी ज़रूरतें पूरी नहीं हो रही थी। वो बात अलग है कि अचल उसे खुश रखने की हर कोशिश करता था, लेकिन आज जब उसने उसे रॉनी के साथ देखा तो उसका दिल वाकई में टूट गया है।

    "ध्रुव! तुम्हें इस सब से क्या लेना देना है? मैं किसके साथ घूमती हूं और किससे प्यार करती हूं, इसमें मेरी मर्ज़ी होनी चाहिए…" रुपाली ने डरते डरते कहा।

    "प्यार करती हो? किससे? लड़कों से या उनके पैसों से?" ध्रुव ने हिकारत भरी आवाज़ में कहा। उसने रुपाली के चेहरे से उसका मुखौटा खींच लिया था और अचल के कांधे पर अपनी बाज़ू रखते हुए बोला, "भाई ध्यान से मेरी बात सुन! पैसे के लिए अपना शरीर बेच देने वाली लड़कियां बाज़ारू होती हैं इसलिए उसके लिए अपसेट होने की कोई ज़रूरत नहीं है!"

    ये सुनते ही रुपाली गुस्से से ध्रुव को घूरने लगी।

    अब तक वहां काफी लोगों की भीड़ जमा हो चुकी है और झगड़े की बात सिक्योरिटी तक भी पहुंच चुकी है। जैसे ही वार्डन राजेन्द्र को झगड़े की खबर मिली वो तुरंत वहां आ गया।

    "ध्रुव! अचल! क्या कर रहे हो तुम दोनों? क्या तुम भीड़ इकट्ठा करके यहां लड़ाई शुरू करवाना चाहते हो?" भीड़ के बीच से उनके नज़दीक बढ़ता हुआ वार्डन चिल्लाया।

    "सर! मेरी इसमें कोई भी गलती नहीं है! यह लड़का बिल्डिंग से बाहर आया और मेरी कार को अटैक करने लगा। मैंने जब इन लोगों से अपनी कार का कंपनसेशन मांगा तो ये लोग मेरे साथ लड़ाई करने लगे।" वार्डन को वहां आता देख रॉनी के मुंह पर एक क्रूर और बेशर्म मुस्कान उभर आई।

    रॉनी की बातों से वहां का पूरा माहौल ही बदल गया। वार्डन अचल और ध्रुव पर चीखते हुए बोला, "तुम लो कम से कम अपनी हैसियत तो देखो, चले हो इतनी महंगी कार को नुक्सान पहुंचाने। पूरी ज़िंदगी गुज़र जाएगी इसकी भरपाई करते करते। अक्ल वक्ल है भी कि नहीं तुम लोगों में? जल्दी जल्दी इस बात को यही ख़त्म करो और माफी मांगो इससे!"

    ध्रुव वार्डन को जवाब देने ही वाला होता है की रॉनी उसे धक्का देते हुए आगे बढ़ता है, "सर! मेरी गाड़ी बहुत महंगी है… अगर हल्के से भी खरोच आई तो पूरी गाड़ी को दोबारा पेंट करना पड़ता है। सिर्फ मांफी मांगना ही तो इसके लिए काफी नहीं होगा न?"

    रॉनी ने मुस्कुराते हुए उन दोनों को देखा और बोला, "पहले 5 हज़ार रुपए दो, और तभी तुम यहां से जा पाओगे! अपनी हैसियत के बाहर कुछ करोगे तो उसका नुक्सान तो भुगतना ही पड़ेगा।"

    उसकी बात सुनकर अचल की मुठिया भिंच गई, ये देखकर ध्रुव को अपने दोस्तों के लिए बहुत बुरा लगने लगता है।

    लेकिन अगले ही पल ध्रुव के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान थिरकने लगी। उसने एक खुरापाती नज़र गाड़ी पर डाली और रॉनी से पूछा, "तुमने कितने में खरीदी थी ये गाड़ी?"

    ध्रुव की बात सुनकर रॉनी चौंक उठा और अपने कदम पीछे हटाते हुए बोला, "क्या हुआ? तुम क्या करना चाहते हो?"

    ध्रुव ने कहा वो तो तुम्हें अभी पता चल ही जायेगा। ध्रुव के चेहरे के भाव ये साफ बता रहे हैं की वो कुछ करने वाला है।

    To be continued

  • 6. Secret Billionaire - Chapter 6

    Words: 1573

    Estimated Reading Time: 10 min

    6

    ध्रुव के चेहरे पर मुस्कान देखकर, रॉनी घबरा गया और वार्डन से बोला, "सर देखिए, कहीं ये कुछ उल्टा तो नहीं करने वाला।" इतने में भीड़ में खड़े कुछ हॉकी प्लेयर्स के हाथ से ध्रुव ने हॉकी छीन ली और रॉनी की गाड़ी की ओर बढ़ने लगा।

    यह देखते ही वार्डन ने कहा, "ध्रुव, ये क्या बदतमीज़ी है? वही रुक जाओ जहाँ खड़े हो?"

    लेकिन ध्रुव ने किसी की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और सीधा जाकर धड़ाम की आवाज़ के साथ रॉनी की हेडलाइट पर तेज़ी से हॉकी दे मारी।

    ये देखते ही रॉनी की आँखें हैरानी में बड़ी हो गयी, "अबे ओह भिखारी, ये क्या कर रहा है? पागल हो गया है क्या?"

    ध्रुव ने दूसरी हेडलाइट की ओर बढ़ते हुए कहा, "बहुत पैसे वाला है ना तू, तो क्या फ़र्क पड़ता है इतने से नुकसान पर।"

    वार्डन ने भी चिल्लाते हुए ध्रुव के दोस्तों से कहा, "तुम लोग खड़े-खड़े क्या देख रहे हो, रोको इसे।"

    लेकिन ध्रुव के दोस्त भी ध्रुव को ऐसे देखकर हैरान हो जाते हैं लेकिन मन ही मन उन्हें बहुत ख़ुशी भी महसूस हो रही होती है।

    देखते ही देखते ध्रुव साइड मिरर की तरफ़ बढ़ने लगा, ये देखकर रॉनी की जान निकलने लगी लेकिन ध्रुव के हाथ में हॉकी देखकर वो उसकी तरफ़ बिल्कुल नहीं बढ़ा मगर दूर-दूर से चिल्लाने लगा, "अरे कोई रोको इसे, ये मेरी गाड़ी का सत्यानाश कर देगा।"

    उसके इतना कहने से पहले ही ध्रुव ने धड़ाम से साइड मिरर पर हॉकी मारी और मिरर का सारा कांच टूट कर ज़मीन पर बिखरने लगा।

    ऐसे ही ध्रुव ने दूसरा मिरर तोड़ दिया और फिर रुपाली के बालों से उसकी हेयर पिन खींच कर ध्रुव ने रॉनी की कार के चारों टायर्स की हवा निकाल दी।

    फिर हॉकी को एक ओर गिराकर रोने के सामने खड़ा हो गया, "अब बोल कितना खर्चा हुआ तेरा?"

    ये सुनकर वहां मौजूद सब लोग हैरान रह गए।

    रोने ने चीखते और चिल्लाते हुए कहा, "मैं अभी पुलिस को बुलाता हूँ, तुम्हें हवालात की हवा ना खिलाई तो मेरा नाम भी रॉनी रायज़ादा नहीं।"

    ध्रुव ने अपने बाल सेट करते हुए कहा, "सिर्फ कह ही रहा है यार, पुलिस को बुला तो सही। जल्दी कर ना यार।"

    तभी वार्डन ने ध्रुव को झिंझोरते हुए कहा, "ये क्या किया तुमने ध्रुव? अब तुम्हें और तुम्हारे इस दोस्त को रेस्टीकेट होने से कोई नहीं रोक सकता। कितने ब्राइट स्टूडेंट हो तुम और इतनी गंदी हरकत। अब कॉलेज से भी जाओगे और जेल की हवा भी खाओगे।"

    इतना कहकर वार्डन जल्दी से मैनेजमेंट को इस बात के बारे में बताने के लिए वहां से चला गया और तभी रॉनी ने पुलिस को फ़ोन कर दिया।

    ये देखते ही ध्रुव के सारे दोस्त हक्के बक्के रह गए।

    रॉनी ने जैसे ही ध्रुव को उसकी गाड़ी तोड़ते देखा उसका गुस्सा सातवें आसमान पर चला गया और उसने ध्रुव को सजा दिलवाने के लिए पुलिस को फ़ोन कर दिया।

    पुलिस का नाम सुनते ही अचल के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी।

    तभी ध्रुव ने अपने तीनों दोस्तों से कहा, "तुम लोग जाओ यहाँ से। मैं यहाँ सब संभाल लूंगा।"

    अचल ने आगे आते हुए कहा, "ये सारी प्रॉब्लम सिर्फ मेरी वजह से हुई है। तू जा यहाँ से ध्रुव, मैं ये इल्ज़ाम अपने सिर पर ले लूंगा। इसमें तेरी कोई गलती नहीं है, तूने जो कुछ भी किया है वो सिर्फ मेरे लिए किया है।"

    ध्रुव ने उसके काँधे पर हाथ रखते हुए कहा, "अचल अभी के लिए सब भूल जा और चुपचाप जैसा मैं कह रहा हूँ कर। अपने दोस्त पर भरोसा रख, कुछ नहीं होगा।"

    फिर ध्रुव ने विवान और कार्तिक की तरफ़ देखते हुए कहा, "तुम लोग अचल को लेकर चले जाओ यहाँ से। मैं यहाँ से सब निपटा कर तुम्हें रूम में ही मिलूंगा।"

    वो तीनों ध्रुव की बात सुनकर वहां से चले जाते हैं लेकिन उनमें से किसी का भी ध्रुव को वहां छोड़कर जाने का मन नहीं था।

    उनके जाते ही ध्रुव ने किसी को फ़ोन किया, "मेरी लोकेशन पर पहुंचिए अभी के अभी।"

    अभी कुछ ही देर बीती है कि पुलिस की गाड़ी का सायरन सुनने लगता है और एक पुलिस जीप वहां आ कर रूकती है।

    पुलिस के आने के बाद भी ध्रुव के चेहरे पर कोई चिंता दिखाई नहीं दे रही है।

    ये देखकर रॉनी को अटपटा ज़रूर लगता है लेकिन उसने ध्रुव को घूरते हुए कहा, "अब निकलूंगा तेरी सारी अकड़।" "बड़ा हीरो बन रहा था ना ध्रुव! बस एक्सपैल होने की तैयारी कर ले! तुझे तो मैं छोडूंगा नहीं…" रॉनी ने पुलिस को अपनी ओर आते हुए देखकर कहा।

    वो इस मामले को ऐसे ही नहीं जाने देने वाला है। उसका पूरा बदन गुस्से की आग में जल रहा है।

    पुलिस को देखकर रूपाली भी जैसे जोश में आ गयी और तेज़ी से ध्रुव के सामने आई और उस पर चिल्लाते हुए बोली, "तुम खुद को समझते क्या हो! तुमको मेरी लाइफ़ में टांग अड़ाने का हक़ किसने दिया है? मेरी मर्ज़ी मैं जिसके साथ रहूं, जिसे चाहूं डेट करो! बीच में तुम बोलने वाले कौन होते हो? मैं पहले बेवकूफ थी जो अचल के साथ थी, लेकिन वह मुझे कुछ भी नहीं दे सकता और इसीलिए मैं…."

    इससे पहले कि रूपाली की बात पूरी होती, पुलिस उनके पास पहुँच जाती है।

    रॉनी ने जल्दी से उनके क़रीब जाते हुए कहा, "सर मैंने ही फ़ोन किया था आपको। पकड़ लीजिए इस कबाड़ी वाले को इसी ने मेरी कार की ये हालत की है।"

    पुलिस वालों ने एक नज़र गाड़ी को देखा और वहां जमा लोगों को देखते ही चिल्लाते हुए कहा, "अरे सब निकलो यहाँ से, कोई तमाशा चल रहा है क्या?"

    पुलिस को यूँ फटकारते देखकर सभी स्टूडेंट्स इधर-उधर भाग गए।

    फिर एक पुलिस वाला ध्रुव के क़रीब जाते हुए बोला, "ज़्यादा गर्मी चढ़ी है तुझे लड़के।"

    इससे पहले कि ध्रुव कोई जवाब देता या पुलिस वाला आगे कुछ बोलता, कार के टायरों की चरमराहट की एक तेज़ आवाज़ गूंजी और सबका ध्यान उस ओर हो गया।

    इनके सामने एक बेंटले कार आकर रुकी।

    उस चमचमाती गाड़ी को देखकर रॉनी की आँखें खुली की खुली रह गयी।

    अगले ही पल गाड़ी की ड्राइविंग सीट से निखिल बाहर निकले।

    निखिल तेज़ी से चलकर ध्रुव के पास पहुँचते ही बोले, "छोटे सरकार! मैं एक काम से पास में ही आया हुआ था तो आपका कॉल आते ही सीधे आ गया… कहिये क्या बात है?"

    निखिल को वहां देखकर पुलिस वाले ने भी उनको पहचान लिया, "अरे निखिल जी, आप यहां और ये?" पुलिस वाले ने ध्रुव की ओर देखते हुए कहा।

    निखिल ने पुलिस वाले से हाथ मिलाते हुए कहा, "ये छोटे सरकार है।"

    ये सुनते ही पुलिस वाला हक्का बक्का रह गया और झट से ध्रुव से बोला, "माफ़ कीजिएगा लेकिन हमने आपको पहचाना नहीं था।"

    ध्रुव ने हलकी मुस्कान के साथ कहा, "कोई बात नहीं।"

    वहीं निखिल को वहां देख कर रॉनी ठगा सा खड़ा रह गया। उसे इस आदमी की सूरत जानी पहचानी सी लगी, लेकिन उसे याद नहीं आ रहा है कि उसने कहां उन्हें देखा है। और उसके लिए सबसे अचंभे की बात यह है कि यह आदमी ध्रुव को छोटे सरकार कह रहा है। वो ध्रुव जिसे अभी थोड़ी देर पहले तक रॉनी कबाड़ी वाला, भंगार उठाने वाला कह रहा था।

    रूपाली भी अपने सामने ये सब देखकर सन्न रह गयी। उसने एक नज़र निखिल पर डाली और हिकारत के साथ बोली, "वाह! अब तुमने नौटंकी वालों को भी अपने साथ मिला लिया है क्या? कितने पैसे दिए हैं इसको?"

    "तुम अपनी बकवास बंद करो!" रॉनी ने सर्द आवाज़ में रुपाली से कहा और चेहरे पर एक मुस्कान लिए निखिल की ओर मुड़ा, "आई थिंक मैं आपको जानता हूं लेकिन याद नहीं आ रहा मिस्टर…?"

    रॉनी को इस तरह किसी से इज्ज़त के साथ बात करते हुए देखना बहुत ही रेयर है। हालांकि वह थोड़ा घमंडी किस्म का इंसान है लेकिन निखिल के पहनावे को देखकर यह अंदाज़ा लगा सकता है कि यह बंदा कोई आम आदमी नहीं है।

    "हेलो! मैं निखिल पटवाल हूं! एस बी ग्रुप्स का चेयरमैन!" निखिल ने मुस्कुराते हुए कहा।

    "एस बी ग्रुप…!" रॉनी यह नाम सुनकर दंग रह गया। उसको लगा कि उसके पैरों में जान बिल्कुल भी नहीं बची है।

    एस बी ग्रुप इंडिया की टॉप मोस्ट कंपनीज़ में से एक है। उनका बिज़नेस केवल मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे देश, और विदेश में भी है। मुंबई में तो आधे से ज़्यादा एसेट्स उन्हीं के हैं। रॉनी को लगा कि मानो उसकी सांसे हलक में ही अटक गई है। उसने अपने कांपते हाथों से रूपाली का हाथ पकड़ा और कहा, "रूपा… इनकी प्रोफाइल चेक करो…"

    रूपाली उसके कहने का मतलब समझ गई थी। उसने तुरंत अपने फोन निकालकर गूगल किया और हैरानी के साथ अपने फोन की स्क्रीन रॉनी के आगे कर दी। एस बी ग्रुप के चेयरमैन की फोटो में और कोई नहीं बल्कि निखिल ही मौजूद है जो इस वक़्त बिल्कुल उसके सामने खड़े हैं।

    रॉनी और रूपाली सदमे से जड़ हो गए। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वो लोग आगे क्या कहें। मामला आईने की तरह बिल्कुल साफ है। वो लोग निखिल से भी उलझने के काबिल नहीं है और उन्होंने ध्रुव से पंगा ले लिया था जो कि निखिल का भी बॉस है!

    To be continued


    ध्रुव की असलियत जानने के बाद अब कैसे बदलेगा लोगों का बर्ताव उसके लिए और क्या वह उन लोगों को माफ करेगा जिन्होंने गरीब समझकर उसके साथ हमेशा गलत बर्ताव किया या फिर वह एक-एक कर सबसे बदला लेगा क्या लगता है आप लोगों को जरूर बताइएगा कमेंट में और कैसी जा रही है यह कहानी?

  • 7. Secret Billionaire - Chapter 7

    Words: 1572

    Estimated Reading Time: 10 min

    7

    चाहे रॉनी हो या रूपाली, दोनों ही कुछ भी समझ नहीं पा रहे हैं कि एक भंगार उठाने वाला लड़का इतना अमीर कैसे हो सकता है?

    "निखिल! मैंने आज इसकी कार तोड़ी है… और इसकी गाड़ी की कीमत लगभग पचास लाख रुपए होनी चाहिए…" ध्रुव ने एक इमोशनलेस टोन में निखिल से कहा।

    "लेकिन मैं अपना गुस्सा जाहिर ही नहीं कर पा रहा हूं… आपको क्या लगता है कि मुझे क्या करना चाहिए? अगर इसके पूरे फैमिली बिजनेस को तबाह कर दें तो कैसा रहेगा?"

    ध्रुव की बात सुनकर एक मिनट के लिए तो पुलिस वाले भी हैरान रह गए।

    "नहीं! तुम ऐसा नहीं कर सकते!" सदमे से रॉनी की आंखें फटी की फटी रह गई। अगर सच में ध्रुव एस बी ग्रुप का बॉस है तो यह करना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि वह ध्रुव को शांत करने के लिए क्या करें। उसे मनाने के लिए वह उसके पैरों पर गिर कर माफी मांगने के लिए भी तैयार है।

    सबसे पहले रॉनी ने पुलिस वालों से कहा, “सर आप लोग प्लीज यहां से चले जाइए, मुझे किसी की कोई शिकायत नहीं करनी। आप लोग यहां आए उसके लिए थैंक्यू।”

    पुलिस वाले भी जानते हैं कि इतने बड़े लोगों से कोई भी पंगा लेना नहीं चाहेगा और फिर उन्होंने निखिल और ध्रुव की ओर देखते हुए कहा, “हम लोग चलते हैं, आपको कोई तकलीफ हो तो हमें बताइएगा।”

    ध्रुव ने निखिल की ओर देखते हुए कहा, "निखिल! इसके 50 लाख रुपए इसे दे दो और इसकी फैमिली की पूरी डिटेल निकाल कर मुझे दो! मैं इन लोगों को रोड पर लाकर छोडूंगा!"

    ध्रुव की बातें सुनकर रॉनी का दिल दहल गया। वह पहले ही समझ चुका है कि उसने ऐसी जगह टांग अड़ाई है जहां उसे कोई नहीं बचा सकता।

    वहीं रूपाली यह देखकर और भी ज़्यादा नर्वस हो गई। उसे बिजनेस की कोई भी समझ नहीं है, बल्कि वह तो बस अमीर लड़कों के साथ घूमने की शौकीन है, ताकि उसकी ज़रूरतें पूरी हो सके। उसे क्या पता था कि जिस लड़के को वो मामूली चिराग समझ रही थी, वो कोई जलता सूरज निकलेगा। रॉनी की हालत देखकर वह समझ चुकी है कि उसकी औकात ध्रुव के पांव की जूती के बराबर भी नहीं है।

    अचानक सबको चौंकाते हुए, रॉनी अपने घुटनों पर बैठ गया और अपना सिर झुका कर माफी मांगते हुए बोला, "निखिल जी! ध्रुव सर! मैं जानता हूं कि मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। मुझे अपना मुंह नहीं खोलना चाहिए था और बोलने से पहले सोचना चाहिए था। प्लीज मुझे माफ कर दीजिए! मैं अपनी गलती पर वाकई शर्मिंदा हूं।"

    "यह सब तमाशा करने की कोई ज़रूरत नहीं है! जब तुम दूसरे की मजबूरियों का फायदा उठाते हो तो ये क्यों भूल जाते हो कि ऐसा भी वक्त आ सकता है जब तुम मजबूर हो जाओ!" ध्रुव ने एक ठंडी नजर रॉनी और रूपाली पर डाली। अगर यह उसकी बात होती तो शायद वह माफ कर भी देता, लेकिन इन लोगों ने उसके दोस्तों को तकलीफ पहुंचाई थी। वो इन लोगों को कैसे छोड़ सकता है?

    रॉनी जानता है कि वह ध्रुव की बात को नहीं काट सकता और इसीलिए वह चुपचाप उठकर खड़ा हो गया और बोला, "ध्रुव सर! आज के बाद मैं आपका गुलाम बनके रहूंगा! प्लीज मुझे माफ कर दीजिए!"

    उसकी चापलूसी भरी शकल देखकर, ध्रुव को भी अनकंफरटेबल फील होने लगा।

    "निखिल! सबसे पहले आप मेरे लिए एक सेक्रेटरी ढूंढिए! इन छोटे मोटे मामलों से मैं खुद ही निपट लूंगा। मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से बार बार आपको तकलीफ हो और आप अपना काम धाम छोड़ कर मेरे पास दौड़े चले आए।" रॉनी की चापलूसी को नजरअंदाज करते हुए ध्रुव ने निखिल से कहा और सीधे हॉस्टल की ओर बढ़ गया।

    वह दो कदम चला ही है कि उसके दिमाग में कुछ ख्याल आया और वो अचानक रॉनी और रूपाली की ओर पलट गया।

    "अगर तुम दोनों में से किसी ने भी, किसी से भी, आज के बारे में कोई भी बात की, तो फिर जो भी अंजाम होगा उसके लिए मुझे कुछ मत कहना!"

    रूपाली और रॉनी के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं था। वह अच्छी तरह जान चुके है कि ध्रुव उनके लिमिट से बाहर की चीज है। हालांकि रूपाली इस बात को राज़ नहीं रखना चाहती है, लेकिन रॉनी को भीगी बिल्ली बने हुए देखकर उसकी भी हिम्मत नहीं हुई और उसने डर से अपना थूक गटका।

    ध्रुव ने इसके बाद उन दोनों पर कोई ध्यान नहीं दिया और निखिल के साथ हॉस्टल की ओर बढ़ने लगा।

    "छोटे सरकार! क्या इन लोगों को पनिश करने में आपको मेरी कोई मदद नहीं चाहिए?" निखिल ने चलते चलते ध्रुव से पूछा।

    "आपको इन छोटी छोटी चीजों की परवाह करने की ज़रूरत नहीं है। यह सारे छोटे मामले में खुद ही देख लूंगा। बल्कि आपको मेरे लिए एक खास काम करना है। मैं मुंबई के हमारे बिजनेस के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं जानता, तो बिजनेस को ऑर्गेनाइज करने में मुझे आपकी मदद चाहिए होगी।" ध्रुव आखिरकार अपनी जिम्मेदारियों को संभालने के लिए अपने रूप में आ चुका है। अगर उसे खुद को फैमिली बिजनेस का वारिस साबित करना है तो उसे जल्दी से अपने पंख फैला कर अपनी एबिलिटी सब को दिखानी ही पड़ेगी।

    उसकी बात सुनकर निखिल के चेहरे पर मुस्कान उभर आई और बोले, "छोटे सरकार! आप मैच्योर हो गए हैं! आपके डैड यह सुनकर बहुत खुश होंगे।"

    "ठीक है! अभी तुम जाओ और खुद को लो प्रोफाइल रखना। अगर मुझे कोई भी ज़रूरत पड़ी तो मैं तुम्हारे पास आऊंगा!" ध्रुव ने मुस्कुराते हुए निखिल को अलविदा कहा।

    अभी ध्रुव अपने हॉस्टल रूम के आधे रास्ते में ही है कि रॉनी ने कहीं से उसका नंबर लेकर उसे कॉल कर दिया।

    "ध्रुव सर! मैं वॉर्डन के पास जाकर सारे मैटर को हैंडल कर लूंगा। आप लोगों को चिंता करने की कोई बात नहीं है। मुझे कार के पैसे भी नहीं चाहिए…"

    "तुम्हें कार के पैसे लेने ही होंगे.. अब यह बात मेरी इज्जत पर है और पचास लाख रुपए मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है।" कहते हुए ध्रुव ने कॉल कट कर दी।

    वह अब तक हॉस्टल में पहुंच चुका है। वह सीधे अपने कमरे में गया और पाया कि अचल बिस्तर पर लेटा हुआ छत को घूर रहा है। विवान और कार्तिक सामने पड़ी कुर्सियों पर बैठे हुए हैं।

    "भाई! वार्डन ने मुझे बुलाया था… वह हम लोगों को कोई पनिशमेंट नहीं दे रहे।" ध्रुव उसके बगल में बैठते हुए बोला।

    "क्या?" ध्रुव की बात सुनकर अचल बिस्तर पर उछल पड़ा… "भाई तूने मुझे बहलाने के लिए झूठ तो नहीं बोला ना? क्या सच में हमें कोई सज़ा नहीं मिल रही?" वार्डन के कमरे से लौटने के बाद से ही अचल इस बारे में सोचता जा रहा है। आज जो कुछ भी हुआ उसके बाद जिंदगी में आगे बढ़ना उसके लिए बहुत मुश्किल है और अब कॉलेज से भी रेस्टिकेट होने की नौबत आ गई थी। लेकिन अब ध्रुव की बात सुनकर उसे थोड़ी सी राहत मिली है।

    "ठीक है फिर कहीं बाहर चलते हैं…” ध्रुव ने मुस्कुराते हुए बोला।

    अचानक अचल उछलकर ध्रुव के सामने आ गया और उसे घूरते हुए बोला, "भाई आज जो कुछ भी हुआ, उसके लिए मैं सच में शर्मिंदा हूं। लेकिन मुझे लगता है कि तूने भी हमसे अपनी असलियत छिपाकर ठीक नहीं किया है।”

    अचल की ये बात सुनते ही ध्रुव की आँखें हैरानी में बड़ी हो गयी और उसे लगा की अब वो फंस गया है।

    ध्रुव ने घबराते हुए पूछा, “कौन सी सच्चाई?”

    अचल ने ज़ोर से हँसते हुए कहा, “अरे वार्डन को बेवकूफ़ बनाने की। मुझे तो लगा था की सिर्फ लोग ही तुझे बेवकूफ़ बना सकते हैं लेकिन तू तो बहुत आगे निकला यार।”

    अचल की बात सुनकर सब लोग हंसने लगते हैं।

    तभी विवान ने बीच में कहा, “चलो चलो बहुत हो गया हंसी मज़ाक अब कहीं खाना खाने चलते हैं। मैं तुम्हें एक बहुत अच्छी जगह लेकर चलता हूँ जहाँ का सी फ़ूड बहुत ही टेस्टी है।”

    ध्रुव ने उसकी ओर देखते हुए कहा, “कौनसी जगह?”

    विवान ने आहें भरते हुए कहा, “ऐसी जगह जहाँ पर लड़किया ही वेटर होती है और वो भी बहुत हॉट और सुन्दर।”

    तभी कार्तिक ने विवान के सिर पर तपली मारते हुए कहा, “और इसे इस जगह के बारे में इसलिए पता है क्यूंकि इसने वहां पर पार्ट टाइम जॉब की हुई है।”

    ये सुनते ही सब हंसने लगते हैं और सभी उस जगह जाने के लिए तैयार हो जाते हैं।

    कुछ देर बाद चारों दोस्त एक रेस्टोरेंट के बाहर खड़े होते हैं और वहां बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ है, “दीपा बार अणि रेस्टोरेंट।”

    चारों दोस्त रेस्टोरेंट के एक कोने वाली टेबल पकड़ कर बैठ जाते हैं।

    थोड़ी देर बाद एक बहुत ही खूबसूरत लड़की आर्डर लेने के लिए इन लोगों के टेबल पर आयी। ध्रुव ने वेट्रेस को आर्डर दिया और तभी उसने ध्यान दिया कि कार्तिक की नज़रें वेट्रेस पर ही टिकी हुई है।

    "मुझे नहीं पता था कि तुझे लड़कियों को इस तरह घूरना पसंद है!" वेट्रेस के जाते ही ध्रुव हंसते हुए कार्तिक से बोला।

    "तू नहीं समझेगा यार। वो अपने कॉलेज की लॉ डिपार्टमेंट से है। सुंदर तो है ही साथ साथ में टॉप स्कोरर भी है।" कार्तिक ने उसे बताया।

    "लेकिन गरीब परिवार से है तो अपना खर्चा निकालने के लिए यहां पार्ट टाइम जॉब करती है।"

    "अपना भाई लंबे टाइम से उसके पीछे पड़ा है, लेकिन लड़की है कि इसे भाव ही नहीं देती है…." विवान हंसते हुए बोला और अपने काँधे उचका दिए।

    जारी रहेगा…

  • 8. Secret Billionaire - Chapter 8

    Words: 1642

    Estimated Reading Time: 10 min

    8

    कुछ ही देर में लड़की उनके बियर के मग्स उनके टेबल पर रख गई।

    "खुलकर पी यार! ऐसे देवदास बनने की ज़रूरत नहीं है…" विवान ने एक बियर की बोतल अचल की और बढ़ा दी। वो सभी जानते हैं की रुपाली ने अचल का दिल तोड़कर बहुत बड़ी गलती की है लेकिन अब अचल को समझाने के सिवा और वो लोग कर भी क्या सकते हैं?

    अचल ने बियर की बोतल उठायी और एक सांस में आधे से ज़्यादा बोतल घटक गया।

    "मैं पहले ही इस बारे में सोच चुका हूं… वैसे भी मेरे लिए लड़कियों की कमी थोड़ी है।" अचल कह तो रहा है लेकिन ध्रुव उसकी आवाज़ में छिपे दर्द को पहचान सकता है। वह भी पहले इन हालातों से गुज़र चुका है। वो अच्छे से जानता है की जब दिल टूटता है तो कितनी तकलीफ होती है।

    "वह सब छोड़ और अभी ये सी फ़ूड खा…" ध्रुव ने सबका ध्यान बटाते हुए कहा।

    लेकिन तभी सामने से आते शोर ने सबका ध्यान अपनी और खींच लिया। सब ने जैसे ही उस ओर देखा तो पाया की वही वेट्रेस जो इन लोगों को भी सर्व कर रही है, वो एक टेबल पर बैठे कुछ लड़कों को भी ड्रिंक सर्व कर रही है लेकिन उनमें से एक लड़के ने ज़बरदस्ती उसे अपने साथ बिठाने की कोशिश की तो उस लड़की ने वहां टेबल पर रखा गरम गरम खाना उसके ऊपर उड़ेल दिया और वो लड़का जलने की वजह से ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा।

    वो आदमी एक मोटा गैंडे जैसा दिखाई दे रहा है, जिसकी बॉडी अब भी कांप रही है। ज़ाहिर तौर पर उसे काफी ज़्यादा चोट आयी लग रही है।

    "यह लड़की तो रानी चेन्नम्मा है यार!" ध्रुव ने हैरानी के साथ उस वेट्रेस को देखा। अचानक से उसके दिल में इस लड़की के लिए इज्जत का एक गुबार उठने लगा, लेकिन तभी उसे अपने दिमाग ने हिदायत देते हुए कहा की बेहतर यही है कि ऐसी झल्ली लड़की से दूर ही रहा जाए।

    जल्दी ही वो वेट्रेस दो बड़े से प्लेटों में उनका एक और आर्डर लेकर आई और उनके टेबल पर रख दिया और उसके बाद उनके बगल में रखे एक गंदे टेबल पर कपड़ा मारने लगी। उस लड़की के चेहरे पर कोई भाव, कोई परेशानी दिखाई नहीं दे रही है। ध्रुव भी इस लड़की को लगातार घूरता जा रहा है, उसकी हैरानी की कोई सीमा नहीं है।

    "भाई अब यह मत बोलना कि तुझे भी वह पसंद आ गई है! बीवी से और दोस्तों से गद्दारी नहीं करनी चाहिए…" कार्तिक ध्रुव को घूरते हुए धीमी आवाज़ में बोला, जिसने ध्रुव को उस लड़की को लगातार घूरते हुए देख लिया है।

    "अबे साले तू क्या क्या सोचता रहता है यार? बकवास बंद कर अपनी…" कार्तिक की बात सुनकर ध्रुव ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा।

    "तू परेशान मत हो! भले ही मैं दुनिया में किसी भी लड़की को पसंद कर लूं, लेकिन इस झल्ली लड़की को मैं डेट नहीं करूंगा। उसके हाथों की सफाई अभी तुमने देखी है… मुझे ऐसी गर्लफ्रेंड नहीं चाहिए जो ज़रा सी बात पर मेरे हाथ पैर तोड़ कर रख दें।"

    ध्रुव की बात सुनकर सब लोग हंसने लगे।

    अभी उन लोगों को खाते पीते हुए ज़्यादा समय नहीं हुआ है की तभी अचानक पूरा रेस्टोरेंट जैसे शांत सा हो गया। एक सेकेंड के लिए लगा जैसा मानो वहां मरघट जैसा सन्नाटा पसर गया हो। यह देखकर ध्रुव भौचक्का रह गया।

    उसने अपनी गर्दन घुमाई तो पाया कि रेस्टोरेंट के एंट्रेंस पर कुछ गुंडे जैसे दिखने वाले लोग खड़े है और उन सबके चेहरे पर खूंखार भाव है। उन गुंडों ने अंदर आते ही वहां थोड़ी आहूत तोड़फोड़ शुरू कर दी और रेस्टोरेंट में मौजूद हर आदमी उनसे डरा हुआ लग रहा है, बस एकलौता ध्रुव ही है जिसके चेहरे पर कोई डर या शिकन दिखाई नहीं दे रही है।

    जैसे ही वो लोग और अंदर आए, ध्रुव समझ चुका है कि यह लोग बस बातों के शेर होंगे। उनकी बॉडीज़ को देखकर साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह लोग कोई भी खास ट्रेनिंग लिए हुए नहीं है। उन्हें देखते ही ध्रुव के चेहरे पर एक मुस्कान थिरकने लगी। उन लोगों को स्कैन करने के बाद ध्रुव ने उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया और टेबल से अपना गिलास उठा कर एक ही सांस में उसे खाली कर दिया।

    ध्रुव के काल्म बिहेवियर को देखकर उसके दोस्तों ने भी राहत की सांस ली। पहले उन्हें लगा था कि कहीं आज दिन में जो कुछ भी रॉनी और उसकी गाडी के साथ इन लोगों ने किया है, कहीं उसी झगड़े की वजह से तो यह लोग उनके लिए नहीं आए हैं, लेकिन ध्रुव को रिलैक्स पाकर वह लोग भी रिलैक्स हो गए। आखिर उन्हें ध्रुव की फाइटिंग स्किल्स का तो पता ही है।

    तभी उन आये गुंडों में से एक आदमी ने कैश काउंटर के पास बैठे आदमी से बोला, "हां भाई! क्या बात है… कौन है जो अपनी मौत चाहता है, मैंने सुना कि इधर कोई नई छोकरी आई है? और उस लड़की ने मेरे भाई को पीट दिया? अगर अपना धंधा बचाना है तो उस लड़की को मेरे सामने लेकर आओ!"

    यह गुंडा कोई और नहीं बल्कि वहां आये हुए गुंडों का सरदार है। उसकी आवाज़ इतनी दमदार हैं की ना चाहते हुए भी सबकी नज़रें उसी वैट्रेस की तरफ चली गयी। ध्रुव ने अपना खाना छोड़ कर उन गुंडों की तरफ देखना शुरू कर दिया।

    तभी विवान ने ध्रुव के चेहरे को पढ़कर बोलना शुरू किया, "भाई! यह आदमी लोकल छोटा मोटा गुंडा है… अपनी गैंग के दम पर वो यहां लोगों से हफ्ता वसूलता है। जहां तक मुझे पता है तो यह लोग यहां पैसे लेने आए हैं। सो… डरने की कोई बात नहीं है!"

    विवान ने सब को बताया। वह इस होटल में पहले पार्ट टाइम जॉब कर चुका है और इसलिए वो इन लोगों को अच्छी तरह से जानता है।

    "मैंने कहा वो छोकरी को मेरे सामने भेजो जिसने मेरे भाई को मारा है…" गुंडों का लीडर दोबारा ज़ोर से चिल्लाया, जिससे काउंटर पर बैठे आदमी का चेहरा उतर गया। वह जानता है कि यह सब गुंडे मवाली हैं और यहां बस पैसे ठगने आए हैं। उसने एक नज़र अपने कस्टमर्स पर डाली। वहां सब आसपास के स्टूडेंट और टीचर्स ही आए हुए है, जिन से मदद मिलने की उसे कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है।

    इससे पहले की कोई कुछ भी कहता, उस वेट्रेस ने अपने हाथ का कपड़ा फेंक दिया और उन लोगों को घूरते हुए पूछा, "कौन हो तुम लोग और क्या चाहते हो? यह तमाशा करने का क्या मतलब है?"

    वहां मौजूद किसी भी इंसान ने इस बात की उम्मीद नहीं की थी की ये लड़की खुद ही आगे आकर इन गुंडों से बात करने लगेगी। उस लड़की की पर्सनैलिटी बहुत ही रौबदार है, जिससे ध्रुव के मुंह से एक आह निकल गई।

    "भाई इस लड़की का नाम क्या है?" ध्रुव ने फुसफुसाते हुए कार्तिक से धीमी आवाज़ में पूछा।

    "क्या? भाई अब यह मत बोलना कि तुझे भी यह पसंद आ गई है! भाभी है वो तेरी।" कार्तिक हैरानी के साथ झुंझलाते हुए बोला।

    "भाई तू गलत समझ रहा है! अगर यहां कुछ पंगा होता है तो कम से कम एक दूसरे से कांटेक्ट तो कर पाएंगे…." ध्रुव ने कार्तिक की गलतफहमी को दूर करते हुए कहा।

    "और तुझे नहीं लगता कि तेरे लिए यही मौका है हीरो बन कर उसे बचाने का?"

    "अरे हां यार! ये तो मैंने सोचा ही नहीं…" कार्तिक बेवकूफाना तरीके से मुस्कुराया। वह पहले ही अपने दिमाग में सोचने लगता है कि कैसे इन गुंडों को पीटकर लड़की को इंप्रेस करें। फिर अचानक वह अपने होश में लौटा और बोला, "उसका नाम श्रेया है!"

    वहीं उन गुंडों का लीडर काउंटर पर बैठे शख्स की गर्दन को कसकर पकड़ लेता है और काइयांपन से मुस्कुराते हुए काउंटर पर बैठे शख्स से बोला, "देखो बॉस! तुम्हारे इधर काम करने वाली एक लड़की ने मेरे भाई को बुरी तरह पीटा से है… तो उसके इलाज का खर्चा भी मुझे तुमसे लेना पड़ेगा। है न?"

    उसकी इस हैरत अंगेज़ मांग से वह लड़की यानि श्रेया गुस्से से आगबबूला हो गई और बोली, "छोड़ उनको और उनसे क्या बात कर रहा है? अगर तुम्हारे भाई को इतनी ही चोट लगी है, तो उसको हॉस्पिटल लेकर जाओ ना और उसका इलाज करवाओ। मैं उसके हॉस्पिटल बिल भरने को तैयार हूं लेकिन तुम्हें यहाँ से एक फूटी कौड़ी नहीं मिलने वाली।"

    श्रेया की बात सुनकर ध्रुव ने मन ही मन एक और आह भरी। उसके हिसाब से ऐसा कह कर श्रेया ने अपने पांव पर कुल्हाड़ी मार ली है, क्योंकि ऐसे लोगों के लिए नकली मेडिकल रिपोर्ट बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है और ऐसा करके श्रेया उनके जाल में फंस जाएगी।

    वहीं, श्रेया की बात सुनकर उन गुंडों की आंखें चमक उठी, और उनका लीडर मुस्कुराते हुए बोला, "अच्छा तो तू है वो लड़की जिसने मेरे भाई को जला दिया। अभी बताता हूँ तुझे।”

    तभी श्रेया भी तेज़ी से उसकी ओर बढ़ते हुए बोली, “अकेला तेरा भाई ही क्यों जाए हॉस्पिटल, ला मैं उसको कंपनी देने के लिए तुझे भी भेज देती हूँ।”

    उसी वक़्त उस गुंडे ने केशियर को छोड़ते हुए कहा, “मैं देख लूंगा तुझे, अगर मेरा भाई ठीक होता ना तो तुझे अभी सबक सीखाता लेकिन अभी उसको अस्पताल लेकर जाना ज़्यादा ज़रूरी है। पहले मैं उसका इलाज कराएगा और बिल का फॉर्म लाकर तुम्हारे हाथों में रख देंगे, फिर तुझसे बात करेगा मैं।"

    गुंडे की बात सुनकर ध्रुव का चेहरा गुस्से से भर उठा और वो अपनी टेबल पर खड़ा हो गया, जिससे उसके सभी दोस्त चौंक उठे।

    कार्तिक ने उसका हाथ पकड़ते हुए पूछा, "भाई तू क्या करने वाला है?"

    "कुछ नहीं, इन्हें बस थोड़ा सा सबक सिखाना है…" ध्रुव ने एक ठंडी आह भरी और उन गुंडों और श्रेया के बीच जाकर खड़ा हो गया।

    "ठीक है! अगर तुम लोग हॉस्पिटल जाना चाहते हो तो पहले हमें इस बंदे की एक फोटो खींचनी होगी, ताकि तुम बाद में हमें कोई धोखा ना दे सको।"

    जारी रहेगा…

  • 9. Secret Billionaire - Chapter 9

    Words: 1637

    Estimated Reading Time: 10 min

    9

    ध्रुव ने मुस्कुराकर उन गुंडों के लीडर को घूरते हुए कहा, "ठीक है! अगर तुम लोग हॉस्पिटल जाना चाहते हो तो पहले हमें इस बंदे की एक फोटो खींचनी होगी, ताकि तुम बाद में हमें कोई धोखा ना दे सको।"

    ध्रुव की बॉडी देखकर उन गुंडों के मन में थोड़ा सा डर बैठ गया लेकिन फिर भी वह अकड़ते हुए बोला,

    "अब तू कौन है बे? और हमारे मामले के बीच में क्यों बोल रहा है?"

    "मैंने कहा ना कि पहले हम उस आदमी की फोटो खींचेंगें और फिर हम भी तुम्हारे साथ हॉस्पिटल चलेंगे…।" ध्रुव ने उस गुंडे की आंखों में देखते हुए सर्द आवाज़ में कहा।

    "साले तू बीच में बोलने वाला कौन होता है?" अचानक ध्रुव की बात सुनकर उन गुंडों का लीडर भड़क उठा और उसने ध्रुव पर एक घूंसा चला दिया।

    लेकिन ध्रुव को चोट पहुंचाने के लिए उसकी स्पीड काफी नहीं थी।

    ध्रुव ने धीरे से अपना हाथ उठाकर उस गुंडे का हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया।

    एक "तडाक्" की आवाज़ हुई और उस गुंडे की हाथ की हड्डी टूट गई और इसी के साथ उस गुंडे का चेहरा भी सफेद पड़ गया।

    ये देखकर श्रेया और ध्रुव के बाकी के दोस्त भी हैरान रह गए।

    ध्रुव अपने दोस्तों के साथ बैठकर रेस्टोरेंट में खाना एन्जॉय कर ही रहा होता है की वहां पर वो गुंडे पहुँच कर हंगामा करने लगते हैं।

    ध्रुव से ये सब देखा नहीं जाता और वो उठकर उस तरफ जाने लगता है तब उसके दोस्त उस से पूछते हैं,

    “तू कहाँ जा रहा है ?”

    "कुछ नहीं, इन्हें बस थोड़ा सा सबक सिखाना है…" ध्रुव ने एक ठंडी आह भरी और उन गुंडों और श्रेया के बीच जाकर खड़ा हो गया।

    "ठीक है! अगर तुम लोग हॉस्पिटल जाना चाहते हो तो पहले हमें इस बंदे की एक फोटो खींचनी होगी, ताकि तुम बाद में हमें कोई धोखा ना दे सको।" ध्रुव ने मुस्कुराकर उन गुंडों के लीडर को घूरते हुए कहा।

    "अब तू कौन है बे? और हमारे मामले के बीच में क्यों बोल रहा है?" ध्रुव की बॉडी देखकर उस गुंडे के मन में थोड़ा सा डर बैठ गया लेकिन फिर भी वह अकड़ते हुए बोला।

    "मैं कौन हूँ ये ज़रूरी नहीं लेकिन जो मैंने कहा कि पहले हम उस आदमी की फोटो खींचेंगें और फिर हम भी तुम्हारे साथ हॉस्पिटल चलेंगे ये ज़रूरी है …." ध्रुव ने उस गुंडे की आंखों में देखते हुए सर्द आवाज़ में कहा।

    "साले तू बीच में बोलने वाला कौन होता है?" अचानक ध्रुव की बात सुनकर उन गुंडों का लीडर भड़क उठा और उसने ध्रुव पर एक घूंसा चला दिया, लेकिन ध्रुव को चोट पहुंचाने के लिए उसकी स्पीड काफी कम रही।

    ध्रुव ने धीरे से अपना हाथ उठाकर उस गुंडे का हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया।

    एक 'तडाक्" की आवाज़ हुई और उस गुंडे की हाथ की हड्डी टूट गई और इसी के साथ उस गुंडे का चेहरा भी सफेद पड़ गया।

    "तुम…. तुमने मेरा हाथ तोड़ दिया?" दर्द और गुस्से से वह गुंडा चिल्लाया और इसी के साथ उसके दो आदमी उसको सपोर्ट करने आगे बढ़ आए।

    "बॉस! तुम ठीक हो?”' उन दोनों आदमियों ने अपने लीडर से पूछा और इसी के साथ वह आदमी, जिसे श्रेया ने पीटा था, वह भी तेज़ी से दौड़ते हुए बाहर से अंदर आ गया।

    उसकी हालत देखकर लग नहीं रहा है कि वह किसी भी तरह से घायल होगा।

    "हम लोग अभी हॉस्पिटल जा रहे हैं! है न?" ध्रुव ने उनका मज़ाक उड़ाते हुए कहा, "लगता तो है कि जाना ही पड़ेगा, वरना मुझे डर है कि अगर कही देर हो गई तो तुम्हारा हाथ कटवाना पड़ेगा!"

    उस आदमी की हथेली सूज गई है और वह दर्द से चिल्लाता जा रहा है।

    ध्रुव तेज़ी के साथ पीछे मुड़ा और उसने कार्तिक को देखा और इसके साथ ही कार्तिक समझ गया कि ध्रुव क्या चाहता है?

    वह भी तेज़ी से अपनी टेबल छोड़कर ध्रुव के पास आया और बोला,

    "भाई इसको जल्दी से हॉस्पिटल लेकर चलते हैं!"

    वही ध्रुव को उस गुंडे का हाथ तोड़ते देखकर श्रेया शॉक्ड हो जाती है।

    उसे उम्मीद भी नहीं थी कि सिचुएशन इस तरह से चेंज होगी।

    पहले कुछ समय तो उसने रिएक्ट ही नहीं किया लेकिन फिर अचानक गुस्से में ध्रुव पर भड़कते हुए बोली,

    "तुम लोग हो कौन? यह मेरी प्रॉब्लम है और मैं इसे अच्छे से हैंडल कर सकती हूं! तुम लोग बीच में क्यों पड़ रहे हो?"

    "हम लोग बीच में नहीं आ रहे मैडम! यह बंदर बिना बात के शोर मचा रहा है और मुझे शोर करने वाले बिल्कुल पसंद नहीं है…" ध्रुव ने श्रेया को घूरा और कहा।

    वह समझ चुका है कि यह लड़की बहुत बड़ी गुस्सैल है और वह इस बात का उनसे बदला ज़रूर लेगी, भले ही उसने उसकी मदद के लिए ही यह सब कांड क्यों न किया हो।

    ध्रुव का जवाब सुनकर पहले तो कार्तिक चौका और उसने गुस्से में उसे घूरा, लेकिन फिर अपनी आवाज़ को नरम बनाते हुए श्रेया से बोला,

    "देखो अभी हमें पहले हॉस्पिटल जाना चाहिए। वहां सिचुएशन पर डिस्कस करने के लिए काफी टाइम मिलेगा!"

    कार्तिक की बात सुनकर श्रेया ने अपनी नज़र उस पर डाली और कुछ सोचते हुए हां में सिर हिला दिया।

    "ठीक है! तुम लोग बाहर जाकर टैक्सी का इंतज़ाम करो, मुझे एक काम है मैं उसे निपटा कर आती हूं।" श्रेया ने कहा और काउंटर की ओर बढ़ गई।

    ध्रुव रेस्टोरेंट से बाहर निकल कर सड़क की ओर जा रहा है।

    यह पहली बार है जब उसे महसूस हो रहा है कि आदमी के पास अपनी पर्सनल कार होना कितना ज़रूरी है।

    जल्दी ही एक गाड़ी उसके सामने आकर रुकी और ध्रुव ने चौंक कर गाड़ी की तरफ देखा।

    कार्तिक विवान, श्रेया और गुंडों का लीडर पहले से ही उस टैक्सी में बैठे हुए हैं।

    ध्रुव ने भी गाड़ी का दरवाज़ा खोला और फ्रंट सीट पर आकर बैठ गया।

    "सिटी सेंट्रल हॉस्पिटल!" ध्रुव ने गाड़ी में बैठते ही ड्राइवर को अपनी डेस्टिनेशन बताई‌।

    "तु… तुम करना क्या चाहते हो? देखो मुझे कुछ सही नहीं लग रहा…. मैं तुम्हारे साथ नहीं जाने वाला…" गुंडों का लीडर लड़खड़ाती आवाज़ में बोला।

    उसका कोई भी आदमी उसके साथ नहीं है और यह बात उस को और ज़्यादा डरा रही है।

    वो लोग श्रेया का फायदा उठाना चाहते थे लेकिन उसे पता नहीं था कि इस कोशिश में उसका हाथ टूट जाएगा।

    कुछ ही देर में टैक्सी सिटी सेंट्रल हॉस्पिटल के बाहर आकर रूकी और ध्रुव और उसके दोस्त कार से उतर गए, लेकिन वह आदमी गाड़ी में ही बैठा रहा।

    "क्या तुम्हें अपना चेकअप नहीं कराना है? जल्दी गाड़ी से बाहर निकलो वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा…" उसकी हरकत देखकर ध्रुव आग बबूला हो गया।

    "त.. तु… तुम लोग गाड़ी से सट कर खड़े हो, मैं बाहर कैसे आऊं?" गुंडा डरती हुई आवाज़ में बोला।

    "जल्दी से बाहर आओ वरना…." ध्रुव के चिल्लाते ही उस आदमी की गाड़ी में बैठे रहने की और हिम्मत नहीं हुई और वह चुपचाप गाड़ी से बाहर आ गया।

    वह दर्द से कराह रहा है लेकिन कोई भी आवाज़ निकालने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही होती है और इस कोशिश में उसका चेहरा बहुत ही अजीब लग रहा है।

    ध्रुव ने अपना पर्स निकाल कर ड्राइवर को पैसे देने चाहे, पर तभी श्रेया ने उसे मना कर दिया,

    "पैसे मैं दूंगी!"

    ध्रुव ने श्रेया की ओर देखा तो वह चौक गया।

    पर्स के नाम पर उसके पास बस एक छोटा सा बैग है जिसमें बस दो चार सौ रुपए ही नज़र आ रहे यहीं ।

    उसमें से उसने डेड सो रुपए ड्राइवर को किराया दे दिया।

    ध्रुव समझ चुका है कि श्रेया भले ही गरीब लड़की है लेकिन उसके अंदर स्वाभिमान कूट कूट कर भरा है, इसलिए उसने भी उसे रोकने की हिम्मत नहीं की।

    जल्द ही ध्रुव और बाकी सब लोग हॉस्पिटल के एमरजैंसी रूम के बाहर आ गए।

    रूम के अंदर डॉक्टर्स उस गुंडे का इलाज कर रहे हैं ।

    हॉस्पिटल काफी अच्छा है ।

    उन लोगों ने सबसे पहले उस गुंडे की कलाई का एक्सरे किया और उसके बाद उसका इलाज करना शुरू कर दिया।

    "देखो! उसका हाथ मैंने तोड़ा है तो उसका बिल भी मुझे ही भरना चाहिए!" इमरजेंसी रूम के बाहर ध्रुव ने श्रेया से कहा।

    उसके हिसाब से ऐसा कहने पर श्रेया मना नहीं कर पाएगी।

    लेकिन श्रेया ने अपना सिर उठा कर उसे देखा और मुस्कुराते हुए बोली,

    "थैंक यू वेरी मच फॉर हेल्पिंग मी आउट लेकिन उसका बिल मुझे ही भरने दो!"

    "तुम लॉ डिपार्टमेंट स्कूल से हो ना? तो तुम्हें पता नहीं चला कि वह लोग तुमसे झूठ बोल रहे हैं और पैसे ऐंठना चाहते हैं?" ध्रुव ने हैरानी के साथ श्रेया को देखा।

    उसके हिसाब से लॉ स्टूडेंट को इतना डम्ब नहीं होना चाहिए।

    ध्रुव की बात सुनकर श्रेया मुस्कुरा दी और बोली,

    "मैं तुम्हें जानती हूं… और यह भी जानती हूं कि तुम्हारे लिए यह बिल का अमाउंट बहुत बड़ा होगा।"

    "यार ये मुझे अभी भी कबाड़ी वाला समझ रही है!" ध्रुव मन ही मन हंसा।

    सिंपल सी बात है कि जब उसने अपनी असलियत किसी पर जाहिर ही नहीं की है तो लोग उसे अभी भी कबाड़ी वाला ही समझेंगे।

    अचानक ध्रुव का फोन बजा और एक अननोन नंबर स्क्रीन पर फ्लैश हुआ।

    नए नंबर को देखकर एक पल के लिए तो वह चौक गया लेकिन फिर उसने मुस्कुराते हुए श्रेया से कहा,

    "मैं एक मिनट में आता हूं…"

    इसके बाद वह मुड़ा और कॉरिडोर के दूसरे एंड पर जाकर कॉल पिक कर ली।

    इसके साथ ही एक लड़की की पतली और चुलबुली आवाज़ उसके कानों में पड़ी,

    "मि. राठौड़ ! मैं हूं!"

    ध्रुव को यह अवाज़ जानी पहचानी सी लगी, लेकिन उसे याद नहीं आ रहा है कि यह कौन हो सकता है, लेकिन अगर उसे मिस्टर राठौड़ कहा गया है तो ज़ाहिर तौर पर यह निखिल के किसी आदमी की आवाज़ होनी चाहिए।

    "माफ कीजिए लेकिन मैंने आपको पहचाना नहीं!" ध्रुव ने इस आवाज़ के मालिक को याद करते हुए कहा।

    To be continued

  • 10. Secret Billionaire - Chapter 10

    Words: 1712

    Estimated Reading Time: 11 min

    10

    एक लड़की की पतली और चुलबुली आवाज़ उसके कानों में पड़ी, "मि. राठौड़! मैं हूं!"

    ध्रुव को यह अवाज़ जानी पहचानी सी लगी, लेकिन उसे याद नहीं आ रहा है कि यह कौन हो सकता है, लेकिन अगर उसे मिस्टर राठौड़ कहा गया है तो ज़ाहिर तौर पर यह निखिल के किसी आदमी की आवाज़ होनी चाहिए।

    "माफ कीजिए लेकिन मैंने आपको पहचाना नहीं!" ध्रुव ने इस आवाज़ के मालिक को याद करते हुए कहा।

    "मिस्टर राठौड़! आपने मुझे पहचाना नहीं? मैं कल्पना हूं!" दूसरी ओर से लड़की के हंसने की आवाज़ आई।

    "ओह!" फाइनली ध्रुव ने रिएक्ट किया।

    पिछली बार जब उसकी मुलाकात कल्पना से हुई तो उसने ध्रुव की बहुत बेज्जती की थी।

    ध्रुव को सब याद आ गया लेकिन उसने खुद को शांत किया और पूछा,

    "क्या बात है?"

    "मुझे निखिल सर ने आपकी सेक्रेटरी अप्वॉइंट किया है!"

    "क्या?" ध्रुव चौंक उठा।

    हालांकि कल्पना काफी चालाक और कैपेबल लड़की है, लेकिन जाहिर तौर पर सेक्रेटरी बनाने के लिए वह ध्रुव की पहली पसंद नहीं है।

    लेकिन ध्रुव ने किसी तरह खुद को शांत किया।

    यह टाइम इन सब बातों के बारे में सोचने का नहीं है।

    "ठीक है! तो तुम अभी के अभी सिटी सेंटर हॉस्पिटल आ जाओ। मेरे पास तुम्हारे लिए एक काम है।"

    ध्रुव सिटी सेंट्रल हॉस्पिटल में एक बेंच पर बैठा हुआ है।

    उसके चेहरे पर असमंजस के भाव है और वो कार्तिक को श्रेया से बात करते हुए देख रहा है।

    कार्तिक जहां श्रेया पर इंप्रेशन जमाने के चक्कर में है, वही श्रेया के चेहरे पर इंपेशन्स साफ देखा जा सकता है, मानो उससे कह रही हो कि अगर तुम्हारे पास कोई ढंग की बात नहीं है तो चुप क्यों नहीं हो जाते!

    श्रेया की बेरुखी को कार्तिक ने भी महसूस किया और उसका चेहरा उतरने लगा।

    वह खुद में एंबैरेस्ड फील करने लगता है और मदद के लिए उसने ध्रुव की ओर देखा।

    "कार्तीक! अपने कॉलेज में वह जो फोटोग्राफी का कंपटीशन होने वाला है ना, मुझे लगता है कि उसके लिए श्रेया सूटेबल मॉडल होगी। मेरे ख्याल से तुम्हें श्रेया को अपना मॉडल बनाना चाहिए। विनिंग अमाउंट को तुम दोनों आपस में बांट लेना।" ध्रुव ने एक गहरी सांस छोड़ते हुए कहा।

    ध्रुव की बात सुनकर कार्तिक की आंखें फटी की फटी रह गई लेकिन फिर तुरंत उसने ध्रुव की हां में हां मिलाते हुए बोला,

    "हां श्रेया! मेरे ख्याल से तुम परफेक्ट मॉडल हो!"

    "फोटोग्राफी कंपटीशन?" श्रेया चौंकते हुए बोली, "लेकिन मैंने तो ऐसे किसी कंपटीशन के बारे में नहीं सुना है? तुम लोग झूठ बोल रहे हो क्या ?"

    "अरे हम सच बोल रहें हैं यार!" कार्तिक बात संभालते हुए बोला, "यह बात मेरे दिमाग से उतर गई थी लेकिन अभी ध्रुव ने कहा तो दोबारा याद आ गई। दस हज़ार रुपए की प्राइज़ मनी मिल रही है… जब वापस जाऊंगा तो इसका पैम्फलेट ढूंढ़कर तुम्हें भेज दूंगा। ओह! लेकिन हमारे पास से एक दूसरे का नंबर ही नहीं है। है ना?"

    इतना कहते हुए उसने अपना फोन निकालो और मोबाइल निकालकर उस पर ध्रुव को मेसेज टाइप किया,

    "भाई यह कंपटीशन रियल वाला है ना? ऐसी हवा में तो बात नहीं छोड़ दी? इसको पैसे कहां से देंगे?"

    ध्रुव ने उसका फोन लिया और उस पर टाइप किया,

    "तू टेंशन मत ले! अपन कंपटीशन ऑर्गेनाइज़ करवा लेंगे कॉलेज में…"

    इतना लिखकर ध्रुव ने उसका फोन लौटा दिया और तभी उसकी नज़र कॉरिडोर के आखिर में खड़ी कल्पना पर पड़ी।

    कल्पना काफी होशियार है और ध्रुव को डिस्टर्ब करने से बचने के लिए कॉर्नर के एंड में ही उसका इंतज़ार करने लगती है।

    कल्पना को देखते ही ध्रुव उठ कर खड़ा हो गया और उन लोगों से वॉशरूम जाने का कहकर वॉशरूम की ओर बढ़ गया।

    कल्पना भी किसी वार्ड को ढूंढने का नाटक करते हुए उसका पीछा करने लगी।

    और चलते चलते ही उसने एक्साइटेड होकर पूछा,

    "छोटे सरकार! आप मुझसे क्या काम कराना चाहते हैं?"

    ध्रुव ने आज की पूरी घटना उसे कह कर सुना दिया और कहा,

    "मैं चाहता हूं कि तुम इन तीनों को कोई अच्छा सा सबक सिखाओ… कर लोगी ना?"

    "अफकोर्स कर लूंगी! आप चिंता मत कीजिए, आज के बाद उनमें से कोई भी आपको परेशान नहीं करेगा।"

    "ठीक है! तो अब मेरे यहां से जाने के बाद ही वापस आना…" ध्रुव ने मुस्कुराते हुए कहा और वापस जाने के लिए मुड़ गया लेकिन जैसे ही वह कॉर्नर तक आया, उसने देखा कि कार्तिक चेहरे पर एक अजीब सी एक्सप्रेशन लेकर चारों ओर कुछ ढूंढ रहा है।

    "कार्तिक! क्या हुआ ? क्या ढूंढ रहे हो?" ध्रुव ने खुद को काम रखने की पूरी कोशिश की।

    "भाई तूने देखा वो? अभी जो लड़की यहां से गई ना, वो तनिष्क की बड़ी बहन है।"

    "क्या?" कार्तिक की बात सुनकर ध्रुव हक्का बक्का रह गया।

    उसने कभी सोचा भी नहीं था कि कल्पना तनिष्क की बड़ी बहन निकलेगी।

    "तू उस लड़की के बारे में बात कर रहा है न जो अभी वार्ड खोजते हुए इधर से गई है!" उसने एक बार कंफर्म करने के लिए दोबारा कार्तिक से पूछा।

    कल्पना तनिष्क की बहन है ये सुनकर ध्रुव हैरान रह जाता है और कुछ देर के बाद सभी लोगों के साथ हॉस्पिटल से कॉलेज के लिए निकल जाता है।

    उस गुंडे की हथेली पर डॉक्टर ने प्लास्टर चढ़ा दिया है।

    इमरजेंसी रूम से बाहर आने से पहले उसने डरते हुए दरवाज़े से मुंडी बाहर निकाल कर देखा कि ध्रुव और बाकी लोग अब भी वहां है या नहीं, लेकिन वहां ध्रुव और बाकी लोगों की जगह सिर्फ एक लंबी खूबसूरत लड़की खड़ी हुई है।

    जैसे ही लड़की की नज़र उस पर पड़ी, तो वह मुस्कुराते हुए उससे बोली,

    "अब भी छोटे सरकार से लड़ने का इरादा है क्या? लगता है तुम्हें अपनी ज़िन्दगी प्यारी नहीं है। एक बात याद रखना कि आज का मैटर यहीं पर खत्म होता है और अगर आज के बाद तुम मुझे गलती से भी छोटे मालिक के आसपास दिख गए, तो फिर जो भी होगा उसके लिए हमें blame मत करना।"

    उस लड़की के कहने का अंदाज़ बहुत ही घटिया था जिससे नाराज़ होकर वह आदमी कुछ कहने ही वाला होता है कि‌ उस लड़की ने अपने पर्स से एक कार्ड निकाल कर उसकी ओर बढ़ा दिया,

    "तुम्हारे पास एक और चॉइस है। छोटे मालिक का पीछा करो और उनसे रिलेटेड हर न्यूज़ मुझे लाकर दो, छोटी से छोटी जानकारी भी मिस नहीं होनी चाहिए… अंडरस्टैंड?"

    लड़की के हाथ में डेबिट कार्ड देख कर उस आदमी ने अपना थूक गटका और कहा,

    "तुम मुझसे मज़ाक कर रही हो ना? इस कार्ड में कितने पैसे होंगे?"

    "ऑफ कोर्स तुम्हें लग सकता है कि मैं तुमसे झूठ बोल रही हूं लेकिन तुम्हारी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि इस कार्ड में बीस लाख रुपए हैं अगर तुम मेरे लिए काम करते हो तो टाइम टाइम पर तुम्हें और पेमेंट मिलते जायेंगे।"

    "रियली?" लड़की की बात सुनकर वह आदमी चौंक उठा।

    वह इतना तो समझ चुका है कि ध्रुव कोई साधारण आदमी नहीं है।

    "ठीक है! मैं प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन करता रहूंगा और अगर उसके साथ कुछ भी होता है तो तुरंत तुम्हें खबर कर दूंगा।" उसने लड़की के हाथ से कार्ड ले लिया ‌

    ध्रुव, कार्तिक और श्रेया एक साथ रास्ते में होते हैं।

    कार्तिक नर्वस होकर श्रेया को देखते हुए बात करने के लिए कोई ढंग का टॉपिक ढूंढने की पूरी कोशिश कर रहा है।

    लेकिन श्रेया उसके किसी भी टॉपिक में ज़्यादा इंटरेस्टेड नहीं लग रही होती है।

    अचानक उसने एक गहरी सांस भरी और शांत आवाज़ में कहा,

    "कार्तिक! मैं जानती हूं कि तुम मेरे बारे में क्या सोचते हो, बट आई डोंट हैव एनी फीलिंग्स फॉर यू। इस समय मुझे सिर्फ और सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना है।"

    कार्तिक को ऐसा लगा कि किसी ने उसके ऊपर ठंडे पानी की बाल्टी उड़ेल दी हो।

    खुद को एंबैरेस्ड फील करते हुए उसने बात को संभालते हुए कहा,

    "मैं… मैं बस.. आई जस्ट वांट टू बी फ्रेंड विद यू!"

    "देखो! आई डोंट हैव एनी प्रॉब्लम्स, बट I REALLY DON'T LIKE PEOPLE WHO WASTE THEIR TIME…" श्रेया की आवाज़ मैं कोई भी इमोशन नहीं होता है, "तुम्हारे डार्क सर्कल देखते हुए मुझे लगता है कि तुम रात रात भर जागते रहते हो, और तुम्हारी उंगली भी लगातार कांपती रहती है। मुझे लगता है कि तुम सारे टाइम माउस को ही कंट्रोल करते रहते हो। और अगर इन दोनों पॉइंट को साथ में लाएं तो मेरे हिसाब से तुम हर समय कंप्यूटर पर गेम खेलते रहते हो। और मुझे ऐसे लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं है।"

    श्रेया की बात बिल्कुल सही है कि कार्तिक देर रात तक जाग कर कंप्यूटर पर गेम खेलता रहता है।

    वैसे तो वह बिल्कुल लॉयल बंदा है लेकिन गेमिंग उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी है।

    कार्तिक दहाड़ मार कर रोना चाहता है लेकिन उसके आंसू नहीं निकल रहे होते है।

    उसने दर्द भरी निगाहों से ध्रुव की ओर देखा कि वह उसके बारे में कुछ अच्छा कहे, लेकिन अनफॉर्चूनेटली यह सही वक्त नहीं होता है।

    वह लोग कॉलेज कैंपस में पहुंच चुके है और ड्राइवर ने गेट के सामने गाड़ी खड़ी कर दी।

    जैसे ही तीनों गाड़ी से उतरे, उनकी नज़र रोड के किनारे खड़े दो काली परछाइयों पर पड़ी‌।

    उन्होंने ध्यान से देखा तो वो दोनों विवान और अचल निकले।

    विवान लगातार अचल को तसल्ली दे रहा होता है जबकि अचल के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही होती है।

    उसके गाल बुरी तरह लाल हो चुके है और वह नशे में कुछ बड़बड़ाए जा रहा है।

    विवान की नज़र ध्रुव और कार्तिक पर पड़ी तो उसने राहत की सांस ली,

    "थैंक गॉड कि तुम दोनों आ गए। प्लीज़ यार मुझे बचाओ इस पागल से…"

    ध्रुव और कार्तिक दोनों तेज़ी से उन दोनों की ओर बढ़े।

    ध्रुव ने देखा कि अचल ने विवान की शर्ट पर भी उल्टियां की हुई है और यह वही शर्ट है जो ध्रुव ने उन लोगों को तोहफे में दी है।

    "यार यह पागल हो गया है। तब से समझाने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन भाई साहब है कि कुछ सुनने को तैयार ही नहीं है।" विवान बेबसी से बोला।

    "मैं जा रही हूं…." - अचल की हालत देखकर श्रेया बोली।

    ऐसे लोगों को झेलना उसके बस के बाहर है, जिन लोगों को यह भी पता नहीं रहता कि कहाँ पर क्या करना है?

    कार्तिक चाहता है कि उसको छोड़ने उसकी डोरमेट्री तक जाए, लेकिन अभी के हालत देखकर उसके पास यहां ठहरने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

    To be continued

  • 11. Secret Billionaire - Chapter 11

    Words: 1621

    Estimated Reading Time: 10 min

    11

    कार्तिक चाहता तो था कि वो उसको छोड़ने उसकी डोरमेट्री तक जाए, लेकिन अभी के हालत देखकर उसके पास यहां ठहरने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

    "ठीक है तुम जाओ… एंड हां! बी केयरफुल!" मन मार कर उसने श्रेया से कहा।

    श्रेया ने कुछ नहीं कहा। उसने बस हां में अपना सिर हिलाया और मुड़कर अपनी डोरमेट्री की तरफ चली गई।

    अचानक अचल ने विवान के चेहरे पर थप्पड़ जड़ दिया, "साले जंगली सूअर! तुमसे घटिया इंसान मैंने अपनी ज़िन्दगी में नहीं देखा है!"

    "एक मिनट हटो ज़रा…" ध्रुव ने एक गहरी सांस छोड़ते हुए कहा और अचल के पेट पर एक तेज़ घूसा जड़ दिया।

    "आह्ह…" अचल अपना पेट पकड़कर दर्द से दोहरा हो गया और इसी के साथ एक बार फिर उसकी वॉमिटिंग चालू हो गई।

    "अबे क्या कर रहा है तू!" ध्रुव को अचल पर हमला करते देख विवान और कार्तिक हैरान रह गए।

    "करने दो उल्टी उसे… दिमाग साफ हो जाएगा।" ध्रुव की आंखें सर्द हो उठी, "अगर इसमें इतनी भी हिम्मत नहीं है तो इसका जीना ही बेकार है…"

    ध्रुव की बात सुनकर विवान और कार्तिक दोनों चुप हो गए। वह दोनों ही जानते है कि इस वक्त अचल का होश में आना ज़रूरी है।

    अचानक शराब और मीट की बदबू हवा में फैल गई।

    न जाने कितने देर तक अचल उल्टियां करता रहा और जैसे ही उसकी उल्टियां बंद हुई अनएक्सपेक्टेडली उसने उठकर तेज़ी से ध्रुव का गला पकड़ लिया।

    ध्रुव ने उसे तेज़ी से धक्का दिया और उस पर चिल्लाते हुए बोला, "अचल! होश में आओ! तुमने एक ऐसी लड़की के लिए अपनी हालत खराब कर रखी है, जिसकी औकात किसी कुछ भी नहीं है। तुम्हें पता है ना ऐसी लड़कियों को क्या कहा जाता है जो पैसे के बदले अपने शरीर का सौदा करती है?"

    "अपना मुंह बंद रखो!" अचल गुस्से में चीखा और फिर अचानक ही उसकी चीख सिसकियों में बदल गई, "मैं तुम्हारी तरह नहीं हूं यार… मैं बहुत पहले से जानता था कि यह सब एक दिन ज़रूर होगा और इससे बचने की मैंने बहुत कोशिश भी की क्योंकि मैं यह नहीं चाहता था!"

    "हिम्मत रख भाई! तू उससे कई गुना अच्छी लड़की डिजर्व करता है।" ध्रुव ने अचल का कंधा थपथपाते हुए कहा और मुड़कर रूम में जाने लगा।

    अभी वह कॉलेज गेट पर पहुंचा ही होता है कि वर्षा से टकरा जाता है। उस पर नज़र पड़ते ही वर्षा गुस्से से आग बबूला हो जाती है और धमकी देते हुए बोली, "तुम लोग यहां हॉस्टल में कोई तमाशा ना करो तो ही अच्छा है… रुपाली अगर उसे पसंद नहीं करती तो तुम ज़बरदस्ती करके क्या पा लोगे? तुम लोग रुपाली से दूर ही रहना… समझे!"

    वर्षा की बात सुनकर ध्रुव की आंखें गुस्से से भर गई और वह गरजते हुए बोला, "अपना मुंह बंद रखो, वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।"

    "तुम यह मत सोचो कि तुम मुझे सिर्फ इसलिए ऑर्डर दे सकते हो क्योंकि उस दिन तुमने मुझे कुछ गलत करते हुए देख लिया था।" वर्षा अपना पांव पटकते हुए बोली। "मुझे उस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता…" ध्रुव ने हवा में कहा और वर्षा को इग्नोर करते हुए अंदर जाने लगा। आज तक वह अलग अलग तरह के कई लोगों को झेल चुका है और अब उसमें एक और कार्टून को झेलने की हिम्मत नहीं बची है।

    वर्षा उसके पीछे जाना चाहती है लेकिन जब उसने ध्रुव को बॉयज़ हॉस्टल की ओर जाते हुए देखा तो उसके कदम जहा थे वहीँ पर रुक गए। उसे पिछले कुछ दिनों की तुलना में ध्रुव में काफी ज़्यादा बदलाव नज़र आता है। उसने अपना सिर झटक दिया और वापस जाने लगी। जैसे ही वो कॉलेज गेट से बाहर निकली, एक कार उसके सामने आकर रुकी। वो समीर की कार है। वह काफी लंबे समय से जानती है कि समीर उसे पसंद करता है, लेकिन उसके दिल में समीर के लिए ऐसी कोई भी फीलिंग नहीं है, लेकिन आखरी बार अगर समीर टाइम पर नहीं आता तो शराबी ध्रुव पता नहीं उसके साथ क्या करता। इसके अलावा किसी अंजान आदमी द्वारा उसके डैड का कर्ज़ा चुका दिया गया था और वर्षा को पूरा यकीन है कि यह समीर का ही काम है। ध्रुव ने दूर से वर्षा को मुस्कुराते हुए एक काली ऑडी कार में बैठते हुए देखा। ओबवियसली वर्षा नहीं जानती है कि उसका सीक्रेट मदद गार और कोई नहीं बल्कि ध्रुव ही है, लेकिन अब यह बात इतनी मायने नहीं रखती है। उसके पास करने के लिए इससे भी ज़्यादा ज़रूरी चीज़ें हैं।

    अंधेरा हो चुका है और आसमान से चांद अपनी चांदनी बिछा रहा है। अचानक ध्रुव की नज़र अंधेरे में खड़े एक आदमी पर पड़ी। उस आदमी का चेहरा साफ दिखाई नहीं देता है लेकिन उसके काले सूट को देखकर ध्रुव समझ जाता है कि यह उसी के परिवार से जुड़ा हुआ कोई आदमी है। अभी ध्रुव उस आदमी को देखते हुए कुछ सोच ही रहा होता है कि तभी वह आदमी उसके पास आ पहुंचा।

    "छोटे सरकार! लगता है आप यहां भी ऐश की ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं।" उस आदमी के चेहरे पर एक शातिर मुस्कान आ जाती है जो ध्रुव को अजीब सा फील देता है। ध्रुव काफी अलर्ट हो जाता है फिर उस आदमी से पूछता है, "कौन हो तुम?"

    "अब इस बात का क्या जवाब दूं?" कहते हुए उस आदमी ने अपना हाथ उठा कर टाइम देखा और कहा, "काफी टाइम हो गया है! आपको वापस जाकर आराम करना चाहिए। अगर आपको कोई भी दिक्कत होती है तो मैं वापस आ जाऊंगा।"

    ध्रुव उस से कुछ पूछना चाहता है लेकिन वो अँधेरे में कही गुम हो जाता है।

    ध्रुव भी अपने रूम में जाकर सो जाता है।

    सुबह ध्रुव को उठते ही एक ख्याल ने घेर लिया इसलिए उसने तुरंत निखिल को कॉल लगा दी। निखिल ने तुरंत ही कॉल पिक कर ली, "छोटे सरकार! इतनी सुबह कैसे याद किया …."

    "कल रात एक अजीब सा आदमी मुझसे मिला था और मुझे लगता है कि उसके साथ कुछ गड़बड़ है। मुझे लगता है कि मैं उस आदमी को पहचानता हूं लेकिन मुझे कुछ याद नहीं आ रहा…"

    "शायद वो दुश्मन फैमिली से हो… शायद वो आपको नुक्सान पहुँचाना चाहते हो?" निखिल की बातों से ध्रुव को लगा कि जैसे उन्हें कोई हैरानी नहीं है। इसकी जगह उनकी आवाज़ में हंसी भरी है। वह सिंघानिया फैमिली के बारे में अच्छी तरह से जानता है। एक तरह से कहा जा सकता है कि राठौड़ फैमिली के बाद सिंघानिया फैमिली ही नंबर दो की पोज़ीशन पर है और राठौड़ परिवार को अपना दुश्मन समझते है।

    इतने सालों बाद सिंघानिया फैमिली का दोबारा ज़िक्र सुनकर वो पूरी तरह से चौंक गया है।

    "छोटे सरकार! मैंने आपके लिए जो नहीं सेक्रेटरी भेजी है, वह आपको पसंद आई या नहीं।"

    "वो बात नहीं है छोटे सरकार!" निखिल ने अपनी बात रखी, "मुझे पता चला कि तनिष्क नाम का कोई लड़का आपको कॉलेज में परेशान करता है और इसलिए मैंने कल्पना को आपके पास भेजा। आपको शायद पता नहीं है लेकिन कल्पना उसी लड़के तनिष्क की बड़ी बहन है।"

    ध्रुव को ऐसा लगता है जैसे निखिल को ध्रुव के बारे में पहले से ही काफी जानकारी है और हाल ही में हुए कोइंसिडेंस सिर्फ कोइंसिडेंस नहीं है, बल्कि उनके पीछे निखिल की चाल है। ध्रुव को लगा कि वह अभी निखिल को पूरी तरह से पहचान नहीं पाया है।

    निखिल से बात करते हुए जाने क्यों ध्रुव को उस पर शक होने लगता है।

    निखिल का पहले से ये बात जानना की तनिष्क ध्रुव को परेशान करता है और तनिष्क की ही बहन कल्पना को ध्रुव का सेक्रेटरी बनाना, ये सब बातें ध्रुव को बहुत हैरत में डाल देती है।

    "निखिल! मैंने आपसे यंग आर्टिस्ट को सपोर्ट करने के किसी प्लान पर बात की थी… आपको याद तो है ना?" ध्रुव ने बात बदलते हुए पूछा।

    "हां छोटे सरकार, लेकिन यह प्लान एक लंबे टाइम से होल्ड पर है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हमें अब तक कोई असली आर्टिस्ट नहीं मिला। जितने भी आर्टिस्ट हैं, उनके कारीगरी बस साधारण लेवल की है।"

    "अगर यह बात है तो आपको प्लान रिस्टार्ट करना चाहिए!" ध्रुव ने धीरे से कहा, "मैंने आपके लिए एक सूटेबल कैंडिडेट ढूंढ निकाला है।"

    राठौड़ फैमिली के पास वैसे पावर की कोई कमी नहीं है, लेकिन अब उन्होंने आर्ट्स और कल्चर में इन्वेस्ट करने का प्लान बनाया है और इसीलिए वह लोग एजुकेशन में भारी इन्वेस्टमेंट कर रहे है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि पैसे और पावर के अलावा वह लोगों से रिस्पेक्ट भी गेन कर सकते है। वैसे तो अमीर आदमियों के पास रिस्पेक्ट की कोई कमी नहीं होती, लेकिन कोई अमीर आदमी अगर सोशल कॉज में इन्वेस्ट करता है तो इससे उनकी इज़्ज़त के साथ - साथ पैसा भी कई गुना बढ़ जाता है।

    निखिल भी इस बात को लेकर काफी एक्साइटेड होते है, "छोटे सरकार! एक्चुअली इस प्लान में मेरा खुद का भी बहुत बड़ा इंटरेस्ट है और अब जब आपने आर्डर दे ही दिया है तो मैं तुरंत इस प्लान पर काम शुरू कर देता हूं। मैंने पहले ही इसके लिए फंड इकट्ठा कर लिए हैं।"

    "अगर यह बात है तो फिर हमारे कॉलेज में एक मॉडर्न आर्ट एग्जिबिशन रखते हैं….”' ध्रुव के होठों पर एक मुस्कान उभर आई, "और अगर आप एकेडमी ऑफ आर्ट्स के साथ collaborate करते हैं तो और भी बढ़िया बात होगी।"

    ध्रुव की बात सुनकर निखिल खुश हो गए। यूनिवर्सिटी की आर्ट्स अकैडमी सच में काफी अच्छी है। पिछले कुछ सालों में इस अकेडमी ने काफी अच्छे आर्टिस्ट दिए है इसलिए निखिल तुरंत इस बात के लिए तैयार हो जाते है।

    जैसे ही ध्रुव डोरमेट्री से बाहर आया, उसकी नज़र तनिष्क की ऑडी कार पर पड़ी। तनिष्क और तारा दोनों कार में बैठे होते है, लेकिन ध्रुव ने उन्हें अनदेखा कर दिया और आगे बढ़ गया।

    "अरे देखो कौन जा रहे हैं… जिल्ले इलाही ध्रुव राठौड़ …"

    To be continued

  • 12. Secret Billionaire - Chapter 12

    Words: 1701

    Estimated Reading Time: 11 min

    12

    जैसे ही ध्रुव डोरमेट्री से बाहर आया, उसकी नज़र तनिष्क की ऑडी कार पर पड़ी। तनिष्क और तारा दोनों कार में बैठे होते है, लेकिन ध्रुव ने उन्हें अनदेखा कर दिया और आगे बढ़ गया।

    "अरे देखो कौन जा रहे हैं… जिल्ले इलाही ध्रुव राठौड़ …"

    तनिष्क ने अपनी कार का शीशा नीचे करते हुए तंज कसा।

    "मैंने सुना है कि आजकल तुम गड़बड़ करने में काफी माहिर हो गए हो। यहां तक कि रॉनी भी तुमसे डर कर घबरा रहा है और मैंने सुना है कि तुम लोग अपनी गर्लफ्रेंड को भी डिवाइड करने वाले हो।" तनिष्क ध्रुव का मज़ाक उड़ाते हुए हंसा।

    "कम ऑन बेबी! गरीब आदमी की साइकिल हमेशा पंचर ही रहती है!" तारा ने भी हंसने में तनिष्क का साथ दिया।

    ध्रुव, तनिष्क और तारा ने उसे देखा तो वहां कल्पना को खड़ा पाया। कल्पना ने आज एक गुलाबी रंग का सूट पहना हुआ है और उसका मेकअप भी उस पर काफी जंच रहा है।

    कल्पना को वहां देख कर ध्रुव मन ही मन हंसा। वो देखना चाहता है कि ये दोनों भाई बहन आपस में कैसे निपटते हैं।

    कल्पना को देखकर तनिष्क के हाव भाव तुरंत बदल गए और वह माफ़ी मांगने के अंदाज़ में मुस्कुराते हुए बोला, "दी! तुम यहां क्या कर रही हो?"

    ये सुनते ही ध्रुव के साथ साथ तनिष्क और तारा भी हक्का बक्का रह गए।

    "दी! तुम पागल हो गई हो क्या?" तनिष्क हैरानी से चिल्लाया, "तुम जानती भी हो कि वह कौन है? वह कॉलेज का सबसे बड़ा कंगाल लड़का है। यहां कॉलेज में कचरा बीन कर वो अपना खर्चा निकलता है। यहां तक कि उसकी फीस भी उसके दोस्त भरते हैं!"

    तनिष्क की बात सुनकर कल्पना का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। उसे नहीं पता था कि ध्रुव यहां इस तरह से अपनी लाइफ जीता है, लेकिन वह बहुत अच्छी तरह से जानती है कि वह एक बहुत बड़ा रईस है और तनिष्क को उसकी रईसी का कोई अंदाजा नहीं है। और कल्पना किसी भी कीमत पर इस रईसज़ादे को अपने हाथ से निकलने नहीं देना चाहती है।

    "कल्पना! आई एम सॉरी लेकिन मैं आपको डेट नहीं कर सकता और न ही मैंने आपको इस बात का कोई प्रॉमिस किया है। है न? " ध्रुव ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा।

    यह देखकर शॉक से तनिष्क का जबड़ा लटक गया और वह चौंककर बोला, "दीदी! व्हाट द हेल इज गोइंग ऑन?"

    कल्पना भी ध्रुव के बर्ताव से हैरान रह जाती है, उसे लगा था कि उसने ध्रुव को ऐसी सिचुएशन में धकेल दिया है कि अब ध्रुव के पास उसे मना करने का कोई चांस ही नहीं है। लेकिन उसने कभी सोचा भी नहीं था कि ध्रुव इस तरह से सबके सामने उसे रिजेक्ट कर देगा।

    "ठीक है! उसने मुझसे कोई प्रॉमिस नहीं किया है लेकिन मैं उससे प्यार करती हूं। व्हाट्स रॉंग इन इट? क्या मैं किसी से प्यार नहीं कर सकती?" कल्पना अपनी बात संभालते हुए बोली तभी उसकी नज़र कार में बैठी तारा पर पड़ गई। इस समय वह बहुत गुस्से में है और अपना सारा गुस्सा उसने तारा पर उतार दिया।

    "यह तुम्हारी गाड़ी में कौन बैठा है? दिखने में ही किसी बाज़ारू जैसी दिखती है… मैं तुम्हें पहले ही बता दे रही हूं इस लड़की से दूर रहो, इसके लक्षण मुझे सही नहीं लगते हैं।"

    "दी! वो मेरी गर्लफ्रेंड है… तुम उससे ऐसे बात नहीं कर सकती…" तनिष्क ने अपने गुस्से को दबाते हुए नाराज़गी के साथ कहा।

    गुस्सा दिखा कर वह कल्पना को नाराज़ नहीं कर सकता है, क्योंकि उसके सारे ऐशों आराम की दौलत कल्पना की ही जेब से आती है।

    लेकिन कल्पना की बात सुनकर तारा भड़क उठी, "तुम तनिष्क की बहन हो ना? मुझे नहीं लगता कि तुम्हें इतना अकड़ने की ज़रूरत है। राठी फैमिली की सारी प्रॉपर्टी तनिष्क को मिलने वाली है, इसलिए तुम्हें उसके मामलों में दखल नहीं देना चाहिए…"

    इस तरह की बात सुनकर ध्रुव हंस पड़ा। उसकी नज़र में तारा एक बेवकूफ और लालची लड़की से बढ़कर कुछ भी नहीं है और शायद इसीलिए इतने टाइम के बाद भी वो अब तक यह नहीं समझ पाई है कि तनिष्क का पूरा खर्चा उसकी बहन ही उठाती है। और उसको कुछ भी भला बुरा कह कर वह अपने ही पांव पर कुल्हाड़ी मार रही है।

    जैसा कि उसको पूरी उम्मीद थी तारा की बात सुनकर कल्पना उस पर फट पड़ी। ध्रुव को अब इस महाभारत से कोई लेना देना नहीं है इसलिए उसने ज़ोर ज़ोर से हंसना शुरू कर दिया और अपने कदम आगे की ओर बढ़ा दिए।

    ध्रुव को अपना मज़ाक उड़ाता देख तारा का गुस्सा भी सातवें आसमान पर पहुंच गया।

    उन लोगों के झगड़े से बचकर ध्रुव सीधे कॉलेज बिल्डिंग की ओर बढ़ गया। ‌जैसे ही वह कॉलेज बिल्डिंग के एंट्रेंस पर पहुंचा, उसने देखा कि एक लड़की हाथ में छड़ी पकड़े हुए कॉलेज बिल्डिंग पर ही टकटकी लगाए खड़ी है । लड़की के आंखों पर काला चश्मा चढ़ा हुआ है और ध्रुव को यह समझते देर नहीं लगी वो लड़की देख नहीं सकती है।

    "क्या मैं तुम्हारी कोई मदद कर सकता हूं?" ध्रुव ने लड़की के पास जाकर शालीनता से पूछा।

    ध्रुव की बात सुनकर लड़की चौंक सी गई। ज़ाहिर तौर पर वह उससे डर रही है और अपने डरी हुई आवाज़ में उसने पूछा, "क्या आप मुझे बता सकते हैं कि साउथ गेट तक कैसे जाना है?"

    साउथ गेट तक के रास्ते में काफी सारी गाड़ियां खड़ी है। इसलिए ध्रुव ने सभ्यता दिखाते हुए मुस्कुराकर कहा, "मैं आपको वहां तक ले चलता हूं!"

    ध्रुव की बात सुनकर लड़की मुस्कुराई, "थैंक यू, थैंक यू सो मच! आप ज़रूर एक अच्छे आदमी होंगे।"

    ध्रुव ने लड़की की छड़ी को पकड़कर उसे सहारा देते हुए आगे की ओर कदम बढ़ाए। आज कॉलेज में काफी ज़्यादा गाड़ियां खड़ी हुई है और आखिरकार मीहिर खाली रास्ता ढूंढते हुए एक शांति वाले रास्ते तक पहुंच गया। जहां आसपास कोई मौजूद नहीं है। ठीक उसी समय ध्रुव को लगा कि उसके हाथ के साथ कुछ गड़बड़ है।

    उसने पलट कर लड़की की ओर और देखा तो उसकी हैरानी की सीमा ना रही। उसने पाया की वो लड़की अपनी छड़ी को फोल्ड कर रही है और उसने चलना बंद कर दिया है।

    "और तुम कौन हो?" ध्रुव ने उल्टा सवाल दागा।

    उसने बचपन से ही काफी फाइटिंग स्किल की प्रैक्टिस की है और उसे खुद पर पूरा भरोसा है कि वह आसानी से इस लड़की से निपट सकता है। अगर वह इस लड़ाई से बच भी सकता है तब भी वह लड़ना चाहता है।

    लड़की मुस्कुराई और बोली, "तुम काफी दयालु टाइप के आदमी हो, लेकिन अच्छाई इंसान की एक ऐसी कमज़ोरी है जिसका हम फायदा उठाते हैं।"

    लड़की ने अपने हाथ की लकड़ी को देखा, जिसके निचले कोने पर कुछ मैगनेट सा दिखाई दे रहा है। अचानक लड़की ने छड़ी से ध्रुव पर हमला किया लेकिन ध्रुव पीछे की ओर उछल गया, लेकिन तभी उसकी नज़र अपने पीछे खड़े दो लोगों पर पड़ी जिन्होंने काले कपड़े से खुद को पूरी तरह से ढक रखा है।

    ध्रुव और ज़्यादा नहीं झिझका और उसने उस लड़की को एक लात मारनी चाही, लेकिन वह लड़की घबराई नहीं बल्कि उसने इस मौके का फायदा उठाया और उस छड़ी से ध्रुव के पैर पर हमला कर दिया। जैसे ही वह छड़ी उसके पांव से टकराई, ध्रुव को तुरंत एक तेज़ बिजली का झटका लगा। उसने अपनी नसों में जलन को महसूस किया और उसकी गर्दन में भी एक तेज़ दर्द उठा और इसी के साथ वह बेहोश होकर ज़मीन पर गिर पड़ा।

    एक अंधेरे कमरे में ध्रुव बेहोशी की हालत में है और उसे एक चेयर पर रस्सियों से बांधा हुआ है। उसकी पूरा शरीर पसीने से भीग चुका है और ऐसा लग रहा है की वो एक भयानक सपना देख रहा है।

    ध्रुव अपने सपने में देखता है की एक बच्चों का ग्रुप है। और उसकी उम्र काफी छोटी है। उसके आंखों पर एक कपड़ा बंधा हुआ है। वह लोग हाइड एंड सीक खेल रहे होते है। जैसे ही वह टटोलता हुआ आगे बढ़ा, अचानक वह किसी से टकरा गया। यह कोई औरत है। ध्रुव ने ख़ुशी से अपनी आंखों पर बंधा सफेद कपड़ा हटा दिया, लेकिन वह अपने सामने उस औरत को देखते ही चौक गया। उसके सामने खूबसूरत रेड ड्रेस पहने हुई एक औरत खड़ी है। समय की मार उस औरत के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही होती है। उसकी उम्र लगभग 40 वर्ष के आसपास ही होगी।

    "ध्रुव बेटा! तुम तो सच में बहुत क्यूट हो!" उस औरत का चेहरा खुशी से भर गया और उसने ध्रुव के गालों को सहला दिया लेकिन ध्रुव ने उसके हाथों को परे हटा दिया, "डोंट टच मी!"

    उस औरत के चेहरे की गरम मुस्कान अचानक खूंखार हो गई। उसने ध्रुव की गर्दन दबोच ली और उसे ज़मीन पर पटक दिया। ध्रुव का दम घुटने लगता है। उसे ऐसा लगा कि सब कुछ बस खत्म होने वाला है कि अचानक उसकी आंखों के सामने का दृश्य बदल गया।

    वह किसी अस्पताल के बिस्तर पर लेटा हुआ है और उसे लगातार बाहर से कुछ आवाज़ें आ रही होती है।

    "भाई! वो औरत पागल हो चुकी है। मैं उसे पहले ही तलाक देना चाहता था, लेकिन आप लोगों ने ऐसा होने नहीं दिया!"

    यह दो आवाज़ लगातार ध्रुव के दिमाग में गूंज रही होती है और अचानक उसने अपनी आंखें खोल दी और खुद को एक बेहद ही पेनफुल सिचुएशन में पाया।

    ध्रुव अपने अतीत की यादों में डूबे सपने से अब बाहर आ चूका है।

    उसकी आंखों के आगे अंधेरा छाया हुआ है और ज़ाहिर है कि उसकी आंखों पर पट्टी बांधी गई है। उसे महसूस हो रहा है कि उसे किसी कुर्सी पर बैठाया गया है। उसके दोनों हाथ कुर्सी के पीछे बंधे हुए है। ध्रुव ने याद किया कि किस तरह से उसे यहां लाया गया है! ध्रुव ने जितना इस बारे में सोचा उतना उसे यकीन होता गया कि उसे किडनैप कर लिया गया है।

    तभी एक धमकी भरी मर्दाना आवाज़ गूंजी, "तुम जैसे रईसज़ादे ने कभी यह सोचा भी नहीं होगा कि मेरे जैसा कोई बदबूदार चूहा तुम्हें किडनैप भी कर सकता है! है ना?"

    बदबूदार चूहा सुनते ही ध्रुव को फिर से कुछ याद आने लगा।

    ******

    तो क्या होगा आगे? कौन है ये शख्स जो खुद को बदबूदार चूहा बता रहा है? क्या रिश्ता है इसका ध्रुव के साथ? क्यों किया गया है किडनैप ध्रुव को?

  • 13. Secret Billionaire - Chapter 13

    Words: 1647

    Estimated Reading Time: 10 min

    13

    उस किडनैपर ने जैसे ही ध्रुव के सामने बदबूदार चूहा कहा, ध्रुव हैरान रह गया। बदबूदार चूहा! अचानक ध्रुव के दिमाग में एक झटका सा लगा। उसे महसूस हुआ कि हो ना हो, वो इस आदमी को जानता है। उसे याद आता है कि अपने बचपन में उसका एक दोस्त था, जिसे वह चूहा कहता था। लेकिन ये तो काफी समय पहले की बात है और वह लड़का जिसका नाम सोभू था, वो अपनी मां के साथ आग में जलकर मर गया था।

    "लगता है तुम्हें याद नहीं है कि मैं कौन हूं, है न?" वो आदमी अचानक से खड़ा हो गया और ध्रुव की ओर बढ़ने लगा। उसके शरीर से एक अजीब सी मांस के जलने और सड़ने की गंध आ रही होती है। अगले ही सेकंड ध्रुव की आंखों पर बंधी पट्टी ज़मीन पर गिर गई और ध्रुव को उस आदमी का चेहरा दिखाई दिया। उस आदमी के चेहरे पर जलने के निशान है और पूरे चेहरे पर साबुत मांस का एक भी टुकड़ा नहीं है। यहां तक कि उसकी एक आंख भी जलकर कोयला हो चुकी है। उस आदमी को देखकर ध्रुव ने एक ठंडी सांस छोड़ी और अपने दिल के डर को काबू में करने की कोशिश करने लगा। वह आदमी नरक का कोई राक्षस दिखाई दे रहा होता है। "हा हा हा! तुम्हारे परिवार का कोई भी आदमी अब मुझे नहीं पहचानेगा। लेकिन तुम्हारे चेहरे को देखकर लगता है कि तुम मुझे पहचान गए हो!" उस आदमी की एक आंख सलामत थी जो जोश से भर गई।

    ध्रुव ने आखिरकार खुद को शांत किया और कहा, "मैं तुम्हें पहचानता हूं। तुम चूहे हो! दयाल चाचा के बेटे। तुम्हें इस हाल में देखकर दयाल चाचा बहुत दुखी होंगे।" उसकी आवाज़ में दुख के भाव साफ़ सुनाई पड़ रहे है। "नहीं वह नहीं होंगे! बल्कि उन्हें खुशी होगी…" उस आदमी ने ध्रुव के पांव पर एक लात जमा दी, "क्योंकि मेरी मां उनके हिसाब से अच्छी नहीं थी… सब उसे पागल कहते थे जबकि पागल वो नहीं तुम लोग पागल हो हर जो किसी से नफरत करते हो।" "जहां तक मुझे याद है, तो परिवार ने हमेशा से तुम्हारा ध्यान रखा है और कभी भी तुम्हारे साथ कुछ गलत नहीं किया।" ध्रुव ने उस पागल आदमी की ओर देखते हुए कहा। उसे एक पल के लिए यह ख्याल आया कि कहीं उसकी मां के जींस उसकी बॉडी में तो नहीं आ गए। "मुझे पता है कि तुम सब लोग सोचते हो कि मेरी मां पागल थी तो मैं भी पागल हूं और इसीलिए तुम लोगों ने हमें ज़िंदा जला दिया!" उस आदमी ने गुस्से से ज़मीन पर थूकते हुए कहा, "तुम लोगों ने कभी भी हमें इंसान समझा ही नहीं।"

    "मुझे लगता है कि तुम्हारी याददाश्त खराब है!" ध्रुव लगातार अपने चारों तरफ मुआयना कर रहा है ताकि वह यहां से बाहर निकल सके, लेकिन अब उसके पास एक बहुत ज़रूरी मिशन है। आज उसे इस आदमी के मुंह से सारे राज़ उगलवाने है। वह आदमी तेज़ी से ध्रुव की ओर बढ़ा और उसकी गर्दन पकड़ ली, "मेरी याद्दाश्त गलत है? तो फिर बताओ मुझे, कि मैं क्या गलत सोच रहा हूं? क्या मेरे बाप ने मुझे और मेरी मां को ज़िंदा नहीं जलाया ?" गुस्सा और घृणा उस आदमी के चेहरे पर साफ साफ नज़र आ रही है। "जहां तक मुझे याद है… तो वह आग तुम्हारी मां ने खुद लगाई थी, दयाल चाचा ने नहीं ।" ध्रुव ने जानबूझकर उस आदमी को उकसाते हुए कहा, जिससे वह आदमी और भी ज़्यादा गुस्से में आ गया। वो आदमी बहुत गुस्से में है। उसने ध्रुव की गर्दन को कस कर पकड़ रखा है, ध्रुव को सांस लेने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा होता है ऐसा लग रहा है कि वह ध्रुव को जान से मार डालेगा। हालांकि ध्रुव अपने बचपन में काफी सारी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग से गुज़रा है, और वह जानता है कि यह आदमी ज़्यादा देर तक उसे रोक कर नहीं रख सकता। इसीलिए वह बिल्कुल शांत बना हुआ है और उस आदमी से किसी भी तरह का फाइट बैक नहीं करता है।

    अचानक वह आदमी अपनी आंखों को ध्रुव की आंखों के सामने ले आया और इसी मौके का फायदा उठाकर ध्रुव ने अपने सिर से उसके चेहरे पर हमला कर दिया। उस आदमी के चेहरे पर पहले से ही काफी सारे फ्रैक्चर्स है और इस हमले से वह आदमी तेज़ी से पीछे गिर पड़ा और बेहोश हो गया। ध्रुव ने गहरी सांस ली और अपने हालातों पर नज़र डाली। हालांकि वो आदमी बेहोश हो गया है, लेकिन ध्रुव की प्रॉब्लम जस की तस है। उसके हाथ अभी भी रस्सी से बंधे हुए होते है। रस्सी बहुत लचीली है लेकिन उसे खोलना उतना ही मुश्किल काम है। दूसरी और वह यह भी नहीं जानता है कि इस आदमी के अलावा उसके और कितने साथी वहां मौजूद है। अगर वह सब लोग एक साथ वहां आ जाते तो शायद उनसे एक साथ निपटने में उसे दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए उसका इस समय अपने हाथो को खोलना सबसे ज़रूरी हो गया है। उसने अपनी हथेलियों पर ज़ोर डाला और अपने हाथों को उस रस्सी के बंधन से छुड़वाने की कोशिश करने लगा, लेकिन रस्सी बहुत मज़बूत होती है और उसे लगा कि उसकी हथेली टूटने वाली है।

    तभी उसे सीढियों की ओर से कदमों की आहट सुनाई दी। उसने सिर उठाकर सीढियों की ओर देखा तो ये वही लड़की है, जिसने अंधे होने का नाटक करके उसे फंसाया था। उस लड़की की नज़र ज़मीन पर गिरे आदमी पर पड़ी जिससे उसके चेहरे पर गुस्सा तैरने लगा। "तुम भागने की कोशिश कर रहे हो?" "शायद तुम भूल रही हो कि तुम लोगों ने मुझे किडनैप किया है.. ऐसा कौन आदमी है जिसको किडनैप किया गया हो और वो भागने की कोशिश न करे?" "तुम काफी मज़ाकिया हो!" ध्रुव की शांत आवाज़ सुनकर वो लड़की हंसी, "मुझे नहीं पता था कि तुम शोभित के इतने खास हो। वह हमसे इस बारे में कभी बात ही नहीं करता था लेकिन लास्ट नाइट उसने तुम्हारे बारे में काफी बात की थी।" उस लड़की ने आगे ध्रुव को बताया। यह सुनकर अचानक ध्रुव के दिमाग में बिजली सी कौंध गई। उसे याद आया कि सोभू का असली नाम शोभित था। उसने ज़मीन पर गिरे शोभित पर हमदर्दी भरी एक नज़र डाली। "चाचा जी का बैड लक है। और क्या?" उसने मन ही मन सोचा और बोला।

    वह लड़की आगे बोली, "अब मुझे समझ आया कि उसने तुम्हें किडनैप करने का प्लान क्यों बनाया था। तुम दोनों को देखकर लगता है कि तुम दोनों दुनिया के दो बिल्कुल अलग अलग कोनों पर रहते हो। एक की ज़िन्दगी स्वर्ग है और दूसरे की नर्क। ज़ाहिर सी बात है उसे तुम से जलन होगी ही।" "वैसे मुझे ऐसा क्यों लगता है की उसके ये सब बताने के लिए मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिए! है न?" ध्रुव ने मुस्कुराते हुए लड़की को देखा। अगर वह इस लड़की से शोभित के बारे में और डिटेल्स निकाल पाए तो उसका काम हो जाएगा। उन्हें अपनी बातों में लगाए रखकर उसे रस्सी को खोलने का टाइम मिल जायेगा। "वैसे तुम जैसे अमीरज़ादे को यह तो अंदाज़ा भी नहीं होगा की शोभित इतने टाइम से किस हालत में रह रहा है, है ना?" लड़की भी पास ही रखी कुर्सी पर बैठ गई और अपनी जेब से एक सिगरेट का पैकेट निकालकर सिगरेट सुलगाने लगी। उसने सैटिस्फैक्शन के साथ एक गहरा काश लिया और धुंआ हवा में छोड़ दिया। "नहीं! शायद मुझे अंदाज़ा है?" ध्रुव फीकेपन से मुस्कुराया। उसकी आंखों के सामने अपना अतीत घूमने लगा कि कैसे जायदाद से बेदखल होने के बाद उसकी ज़िन्दगी होपलेस हो गई थी। तारा ने उसे छोड़ दिया था और वह रास्ते का कबाड़ बीनने के लिए मजबूर हो गया था।

    लड़की ने अपना सिर ना में हिला दिया और कहा, "नहीं! तुम नहीं लगा सकते। तुमने सब कुछ नहीं खोया है। तुमने सिर्फ अपने पैसे और रिसोर्सेज खोए थे, लेकिन तुम ये बात अच्छी तरह से जानते हो कि कभी ना कभी तुम्हारे डैड का गुस्सा शांत होगा और तुम्हें वह सारी चीज़ें वापस मिल जाएंगी। तुम एक बार फिर वही रईसों वाली ज़िन्दगी जिओगे। तुमने न तो अपना चेहरा खोया, न हीं अपनी सेहत और ना ही अपनी उम्मीद। और अपनी बॉडी के साथ तुम बहुत कुछ कर सकते हो जो शोभित डेफिनेटली नहीं कर पाएगा।" कहते हुए उस लड़की ने अपना सिर उस अंधेरे कमरे की एकमात्र खिड़की की ओर मोड़ दिया और धीरे से बोली, "शोभित का मामला अलग है। तुम्हारी फैमिली के लिए तो वह कब का मर चुका है और अब खुद को ज़िंदा रखने के लिए वह यहां इस दलदल में आ फंसा है। उसके पूरी ताकत बस खुद को भूखा न मरने देने में खर्च होती है। इसलिए उसके पास में तो कोई सेहत है और ना ही कोई उम्मीद।"

    उस लड़की की बात सुनकर अचानक ध्रुव को फील हुआ कि सच में शोभित के सामने उसने जो कुछ भी झेला है वह बस नाकाफी है। "मैं देख रही हूं कि तुम्हारी आंखें गिल्ट और अपनेपन से भरी हुई हैं, तुम अब भी उसके लिए बुरा फील कर रहे हो तो मतलब तुम एक अच्छे आदमी हो।"

    लड़की अपनी सिगरेट बुझाते हुए मुस्कुराई और आगे बोली, "जब उसकी बेहोशी टूटेगी तो मुझे उम्मीद है कि तुम दोनों के बीच एक अच्छा कॉनवर्शेशन होगा।"

    "लेकिन मुझे तुमसे एक सवाल पूछना है…" ध्रुव में अपना सिर उठाते हुए कहा, "तुम मेरे साथ क्या करना चाहती हो?" "जहां तक तुम्हारे सवाल का जवाब है वो तो तुम्हें बस शोभित ही दे सकता है। मैं बस उसकी मदद कर रही हूं।"

    खिड़की से आती धीमी रोशनी में उस लड़की का चेहरा पीला पड़ गया, "मैं ज़्यादा लंबे टाइम तक ज़िंदा नहीं रहूंगी इसलिए मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूं कि जब यमराज मुझे लेने आए तो मुझे अपनी ज़िन्दगी में कोई अफसोस न रहे और मैं खुशी खुशी उनके साथ जा सकूं।" कहते हुए वह ध्रुव की ओर मुड़ी और एक सर्द आवाज़ में बोली

    To be continued

  • 14. Secret Billionaire - Chapter 14

    Words: 1652

    Estimated Reading Time: 10 min

    14

    खिड़की से आती धीमी रोशनी में उस लड़की का चेहरा पीला पड़ गया, "मैं ज़्यादा लंबे टाइम तक ज़िंदा नहीं रहूंगी इसलिए मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूं कि जब यमराज मुझे लेने आए तो मुझे अपनी ज़िन्दगी में कोई अफसोस न रहे और मैं खुशी खुशी उनके साथ जा सकूं।" कहते हुए वह ध्रुव की ओर मुड़ी और एक सर्द आवाज़ में बोली, "मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम इतने पावरफुल होने के साथ साथ इतने शातिर इंसान भी हो। मतलब शिकारियों के परिवार में एक और भेड़िया पैदा हो ही गया।" "इसका क्या मतलब हुआ? मुझे तुम्हारी कोई भी बात समझ में नहीं आ रही।" ध्रुव चौका। इसी बीच शोभित अपने होश में लौट आता है और ध्रुव की बात सुनकर हंसने लगा।

    "तुम कहीं यह तो नहीं सोचते कि फैमिली ने तुम्हें अपने वारिस के तौर पर पाला है! क्योंकि हर किसी की नज़र में तो तुम ही वारिस हो।" शोभित की बात सुनकर ध्रुव हैरान रह गया। उसे अचानक अपनी सज़ा की याद आ गई और अब जब वह पीछे मुड़कर देखता है तो सारी चीज़ें उसके सामने क्लियर हो जाती है। उसने हमेशा से यही सोचा था कि वही अकेला वारिस है। आखिरकार उसका बाप एसबी ग्रुप का वारिस है और वह अपने बाप का इकलौता बेटा है तो ज़ाहिर तौर पर पूरे फैमिली बिज़नेस पर उसी की विरासत है। शोभित अचानक से ध्रुव के करीब आ गया लेकिन इस बार उसने अपना चेहरा ध्रुव से दूर ही रखा और बोला, "क्या तुम जानते हो कि मैं तुम्हें क्यों पकड़ना चाहता था?" "क्योंकि मैं अकेला हूं जिसे तुम पकड़ सकते हो।”' ध्रुव के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई, "लेकिन क्या तुम जानते हो कि मैं यहां से क्यों भागूंगा?" "क्या तुम यहां से भाग सकते हो?" शोभित हैरान रह गया। "वैसे इस बात के लिए तुम्हें इस लड़की को दोष देना चाहिए। वो इस अंधेरे कमरे में अगर वह लाइट नहीं जलाती तो मुझे पता भी नहीं चलता कि वह खड़ी कहां है। लेकिन अब मैं जानता हूं और उसकी शक्ल भी देख चुका हूं।"

    ध्रुव मुस्कुराया, "इसके अलावा, जब तुम्हें पता है कि मैं फैमिली बिज़नेस का वारिस हूं तो क्या तुम्हें लगता है कि मेरी सिक्योरिटी मुझे ऐसे खतरे में छोड़ सकती हैं? मैं तो बस एक माध्यम हूं।" ठीक उसी समय ध्रुव ने अपने पांव उठाकर शोभित के कानों के नीचे लात मार दी। अब तक उसने अपने हाथ खोल लिए होते है और वो सीधे उस लड़की की ओर बढ़ गया। ध्रुव को अपनी ओर और बढ़ता देखकर उस लड़की ने अपने हाथ में चाकू ले लिया और ध्रुव पर अटैक कर दिया लेकिन ध्रुव पहले ही एक ओर हट गया और उस लड़की का हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया। लड़की तुरंत चीख पड़ी और उसके हाथ से चाकू छूट गया। इसी के साथ ध्रुव ने झट से चाकू उठाया और उस लड़की पर तान दिया।

    ध्रुव ने अपने हाथ खुलते ही उस लड़की पर हमला कर दिया और चाकू उस पर तान दिया।

    ध्रुव मुस्कुराते हुए बोला, "अब तुम लोगों के पास दो ही चॉइस है।

    उसके सामने खड़ा आदमी गुस्से में ध्रुव को घूरने लगा। "मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं…" शोभित दांत पीसते हुए ध्रुव की ओर बढ़ा लेकिन ध्रुव ने उसे रोक दिया। "नहीं डियर ब्रदर… ऐसी गलती मत करना। वो आदमी ध्रुव को चकमा देकर वहां पड़ी एक स्टिक को उठाने लगता है की तभी ध्रुव ने उसे रोकते हुए कहा, “खबरदार, अगर अपनी जगह से हिले तो। मैं बहुत अच्छे से जानता हूँ की अपने उन स्पेशल इक्विपमेंट्स के बगैर तुम लोग मुझे हाथ भी नहीं लगा सकते।"

    ये सुनकर उस लड़की की आँखों में भी हैरानी नज़र आने लगी।

    ध्रुव मुस्कुराते हुए बोला, "तुम्हारी प्लानिंग आज तो कामयाब होने से रही तो तुम लोगों के पास बस दो ही रास्ते हैं। या तो मुझसे लड़ो और अपनी पसलियां तुडवाओ… या फिर चुपचाप यहां से चले जाओ। मैं तुम दोनों को कुछ नहीं करूंगा।"

    ध्रुव ने अभी इतना कहा ही है कि तभी ऊपर सीढ़ियों पर किसी के कदमों की आहट सुनाई देने लगी और अगले ही पल निखिल सीढ़ियों पर दिखाई दिए।

    उसने हैरानी के साथ नीचे ध्रुव को उन दो लोगों के साथ देखा और चीखा, "जल्दी करो, जल्दी ऊपर आओ। छोटे सरकार यहां है।" शोभित और उस लड़की की नज़र भी ऊपर खड़े निखिल पर पड़ी और अगले ही पल शोभित ने उस लड़की को कुछ इशारा किया। ध्रुव का ध्यान निखिल की ओर देखकर उस लड़की ने ध्रुव को हल्का धक्का दिया और खुद को उस से अलग करते ही, वो लड़की और शोभित दोनों खिड़की से कूद कर भाग गए। निखिल ने अपने साथ आए बॉडीगार्ड्स से कहा "जल्दी करो और पकड़ो उन्हें। वह लोग बचकर नहीं जाने चाहिए।" लेकिन तभी निखिल को चौंकाते हुए ध्रुव ने कहा, “रहने दो। उनके पीछे जाने की ज़रूरत नहीं है।" ध्रुव ने एक गहरी नज़र निखिल पर डाली। ध्रुव को ना चाहते हुए भी निखिल पर कुछ शक होने लगता है। निखिल ध्रुव से कोई भी सवाल नहीं पूछता है पर उसे ऐसा लग रहा है कि जैसे उसने ऐसा होने की उम्मीद की थी। ध्रुव ने ये उम्मीद नहीं की थी की निखिल चुपचाप ध्रुव का आर्डर मान लेंगे। लेकिन निखिल काफी शांत है और इस चीज़ ने ध्रुव को काफी चौका दिया। "तुम्हें नहीं लगता कि जो कुछ भी हुआ थोड़ा अजीब है?" "हां है तो, लेकिन हम लोग पहले से ही यही एक्सपेक्ट कर रहे थे।" निखिल हल्के से मुस्कुराए। ध्रुव ने चौंकते हुए पूछा, “एक्सपेक्ट कर रहे थे लेकिन क्यों ?” निखिल ने कहा, "आपकी सज़ा खत्म हो गई है और काफी लोगों की नज़र आप पर है। ज़ाहिर है कि आप एसबी ग्रुप्स के वारिस हैं इसलिए एसबी ग्रुप्स के सभी दुश्मन आपके भी दुश्मन है। इसके अलावा हो सकता है कि फैमिली का कोई और बच्चा आपको अपने रास्ते से हटा कर खुद फैमिली बिज़नेस का वारिस बनना चाहता हो। इस विषय में हम कुछ कह नहीं सकते।" निखिल के शब्द ध्रुव पर बिजली की तरह गिरे। उसने निखिल को ऊपर से नीचे तक घूरा। ज़ाहिर है कि वह इस बारे में काफी कुछ जानता है लेकिन उसने कभी भी ध्रुव से इस बारे में बात नहीं की। "चलो ठीक है। छोड़ो इन सब बातों को। जब वापस जाएंगे तो इस बारे में बात करेंगे।" ध्रुव ने एक गहरी सांस के साथ कहा और उस उजाड़ फैक्ट्री से बाहर निकल गया।

    बाहर निकलते ही ध्रुव के कदम अचानक से रुक गए और उसने निखिल की ओर देखते हुए पूछा, “आप यहाँ पहुंचे कैसे ?” निखिल ने थोड़ा चौंकते हुए कहा, “छोटे सरकार, ये कैसा सवाल है ?” ध्रुव ने अपनी बात पर ज़ोर डालते हुए कहा, “हाँ मेरा सवाल बिलकुल सही है निखिल। इन दोनों किडनैपर्स ने तो मेरा फ़ोन तोड़कर फेंक दिया था, फिर तुम्हें कैसे पता चला की मैं यहाँ इस फैक्ट्री में कैद हूँ ?” ध्रुव ने मन में सोचा की अब तो निखिल ज़रूर फंस जायेगा। लेकिन निखिल ने मुस्कुराते हुए कहा, “छोटे सरकार ज़रा अपनी पहनी हुई घडी को देखिये, ये कोई आम घड़ी नहीं है।” मीहिर ने हैरानी से एक नज़र अपनी घड़ी की ओर देखा। निखिल ने आगे बताया, “जी आपकी इस घड़ी में एक ख़ास चिप लगा हुआ है जिस से हम आपकी लोकेशन कभी भी ट्रैक कर सकते हैं।” ध्रुव ने बिना ज़्यादा कुछ कहे हामी में अपना सिर हिलाया। इसके बाद दोनों वहां से आगे बढ़ गए। ध्रुव को चुप देखकर निखिल ने कहा, "वैसे छोटे सरकार! आपने मुझसे जिस आर्ट एग्जिबिशन की तैयारियों के लिए कहा था वह मैंने शुरू कर दी है। आज बहुत से लोगों ने पहली वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर लिया है और आज कॉलेज में वह competition होने वाला है।" निखिल बात को बदलते हुए बोले। दोनों कार में सवार होकर ध्रुव के कॉलेज की ओर बढ़ने लगते है। "हमारे एम के वी कॉलेज के कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाए?" "लगभग कुछ दर्जन स्टूडेंट्स ने !" "ठीक है। अब सबसे पहले कल मेरे लिए घर ढूंढना है। मुझे रहने के लिए कोई अच्छी सी जगह चाहिए।" "बेशक! आपके लिए घर का इंतज़ाम हो जाएगा। इन फैक्ट मैं आज ही कल्पना से कह कर आपके लिए कुछ बढ़िया बंगले सेलेक्ट कर देता हूं।" "हम्म…" ध्रुव कार की खिड़की से बाहर देखने लगा। जो जानकारी उसे शोभित से मिली है वह बेकार नहीं है । अचानक उसकी आंखों के सामने आग में जलता हुआ घर घूमने लगा और उसके कानों में किसी पागल औरत की हंसी गूंजने लगी। अगर यह बात सच है कि आग उसके चाचा ने लगाई थी तो यह एक मर्डर है, जो इतने सालों से छिपा हुआ है, लेकिन अचानक उसे ऐसा लगा कि जैसा वह काफी ज़रूरी चीज़ें भूल गया है और वह अपने ख्यालों में ही खोया रहा।

    "छोटे सरकार! आप कॉलेज लौट जाइए। मैं गाड़ी को इससे आगे नहीं ले जाऊंगा जिससे लोगों को शक ना हो।" निखिल ने कार कॉलेज गेट से कुछ दूर रोक दिया, "यहां से आप पैदल ही हॉस्टल तक चले जाइएगा।" ध्रुव ने कार का दरवाज़ा खोला और निखिल की ओर देखते हुए बिल्कुल सर्द आवाज़ में बोला, "निखिल! आप मेरे साथ बहुत वफादार हो, हैं ना?" ये सवाल की उम्मीद निखिल ने बिलकुल नहीं की थी इसलिए वो थोड़ा सकपका गए। "छोटे सरकार, आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं?" निखिल ने एक गहरी नज़र से ध्रुव को देखा और अचानक उसकी आवाज़ बहुत ज़्यादा सॉफ्ट हो गई, "मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आपके इस सवाल के पीछे क्या लॉजिक है?" "कुछ नहीं! शायद मैं कुछ ज्यादा ही सेंसिटिव हो रहा हूं।" ध्रुव ने मुस्कुरा कर कहा और कार का दरवाज़ा बंद कर दिया। इसके बाद वह तेज़ी से कॉलेज की ओर जाने लगा। वहीँ निखिल ध्रुव को वहां से जाते हुए देखता रहा, ना जाने इस वक़्त उसके दिमाग में क्या चल रहा है। कॉलेज के अंदर जाते ही ध्रुव ने देखा कि आर्ट्स डिपार्टमेंट के बाहर काफी भीड़ जमा है। वहां काफी सारे स्टूडेंट है जिनके चेहरों पर खुशी और एक्साइटमेंट साफ दिख रही होती है ।

    To be continued

  • 15. Secret Billionaire - Chapter 15

    Words: 1661

    Estimated Reading Time: 10 min

    15

    ध्रुव बैचैन होकर संध्या को इधर-उधर ढूंढ रहा था कि तभी, "ब्रो! कहां रहता है तू आजकल? काफी दिनों से दिखाई नहीं दिया! कोई लड़की वड़की पटा ली है क्या?" अचल ने अचानक ध्रुव के कंधे पर अपना हाथ रखते हुए कहा, "वैसे उधर क्या देख रहा है?"

    "कुछ नहीं यार! मैं बस यूँ ही कुछ सोच रहा था…" ध्रुव मुस्कुराया।

    तभी ध्रुव को सामने एक जाना पहचाना चेहरा नजर आया और ध्रुव भी आश्चर्य के साथ उस ओर बढ़ा और अचानक उसके होठों पर मुस्कान तैर गई।

    आर्ट्स डिपार्टमेंट के गलियारों की दीवारों पर एसबी ग्रुप्स द्वारा आयोजित की गई पेंटिंग एग्जीबिशन के विज्ञापन चिपके हुए हैं। ध्रुव खुशी से चारों ओर देख रहा होता है कि तभी उसके कानों में एक आवाज पड़ी।

    लड़की की बात सुनकर ध्रुव मुस्कुरा दिया। ध्रुव का पहनावा काफी साफ सुथरा है और यह डिस्गस्टिंग शब्द कहीं भी उसके पर्सनैलिटी से इस समय मेल नहीं खाता है। ये लोग बस उसको नीचा दिखाने के लिए यह सब कह रहे होते हैं। लेकिन ध्रुव को इन सब बातों से कुछ ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता क्यूंकि उसे खुद को पता है की अगर इन लोगों को उसकी रईसी का पता चल गया तो वो खड़े खड़े ढेर हो जाएंगे। ध्रुव उनकी बातों को नज़रअंदाज़ करता हुआ आगे बड़ा तो उसके कानों में एक आवाज़ गयी, "रियली संध्या? तुम भी इस एक्सिबिशन में पार्टिसिपेट करना चाहती हो? शायद तुमने एडवर्टाइजमेंट को ढंग से नहीं पढ़ा? पेंटिंग्स का कंपटीशन है और तुम्हारी पेंटिंग्स देखकर लगता है 200 साल पुरानी होंगी!"

    संध्या नाम सुनते ही ध्रुव के चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी। ये वही संध्या है जिसने ध्रुव की एक बहुत ही खूबसूरत तस्वीर बनाई थी। ये लड़की कोई आम आर्टिस्ट नहीं है। ध्रुव चुपचाप उस लड़की की बात सुनने लगा। तभी एक दूसरी लड़की ने कहा, “संध्या से नहीं हो पायेगा, ये तो बाबा आदम के ज़माने की पेंटिंग बनाती है।”

    अचानक वहां मौजूद भीड़ में हंसी का फव्वारा फूट पड़ा। ध्रुव ने उस ओर देखा तो उसकी नज़र संध्या पर पड़ी, जिसके हाथों में कोई पोस्टर है और ध्रुव को लगा कि डेफिनेटली वह इसी कंपटीशन का पोस्टर होगा। संध्या हमेशा से अकेला रहना पसंद करती है और उसके ज़्यादा दोस्त भी नहीं है। उसकी इसी बात की वजह से लोग उसे चिढ़ाते है। संध्या ने अपना सिर उठाया और बोली, "मुझे सिर्फ क्लासिकल पेंटिंग्स पसंद है अब यह मत कहना कि हर किसी को मॉडर्न आर्ट ही पसंद होता है?"

    "मुझे पेंटिंग्स पसंद है।" अचानक ध्रुव भीड़ को चीरते हुए संध्या के पास जा पहुंचा और उस लड़की के ड्राइंग बोर्ड को देखने लगा, जो संध्या का मज़ाक उड़ा रही थी, "तुम्हारी पेंटिंग अच्छी हैं लेकिन ऐसा लगता है कि तुम दूसरे लोगों के स्टाइल की नकल करने की कोशिश कर रही हो। हर किसी का अपना एक यूनिक स्टाइल होता है और अभी भले ही तुम्हारी पेंटिंग्स काफी अच्छी है लेकिन तुम अपनी स्टाइल को सेट नहीं कर पाई हो तो ऐसा लगता है जैसे तुम्हारी पेंटिंग्स में से सोल मिसिंग हो।"

    "तो अब कबाड़ी वाला हमको पेंटिंग करना सिखाएगा?" लड़की ने ध्रुव को ताना मारते हुए कहा।

    वहां मौजूद सभी लोग ध्रुव का मज़ाक उड़ाते हुए हंसने लगे। तभी उस लड़की ने ध्रुव और संध्या को देखते हुए बोला, "एनीवे, मैंने सुना है कि आज रात एसबी ग्रुप्स से कोई पर्सनली आकर इन सभी पेंटिंग्स को देखेगा और विनर को फरदर स्टडीज़ के लिए फॉरेन में स्पॉन्सर करेगा। तो मुझे लगता है कि आज रात तुम्हें पता चल ही जाएगा कि बैटर कौन है।"

    उस लड़की ने मुस्कुराते हुए एक नज़र ध्रुव पर डाली और वहां से चली गई। आसपास के स्टूडेंट्स भी उस एडवर्टाइजमेंट को लेकर काफी एक्साइटेड हो जाते है। मीहिर को एक पल के लिए लगा की शायद संध्या भी उसे कबाड़ी का काम करने की वजह से नज़रअंदाज़ कर देगी लेकिन इस से बिल्कुल उलट वो ध्रुव को बहुत ही प्यार से मुस्कुराते हुए देख रही होती है। ध्रुव उसकी मुस्कान को देखकर एक बार फिर उसका कायल हो गया। संध्या ध्रुव के थोड़ा नज़दीक गयी और अपनी कोमल आवाज़ में बोली, "डेड वाले मैटर में जो कुछ भी तुमने किया, उसके लिए थैंक्स। अगर उस दिन तुम नहीं होते तो जाने क्या हो जाता।”

    ध्रुव ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है।”

    संध्या ने आगे कहा, “नहीं तुम सच में एक अच्छे दिल वाले लड़के हो और मुझे खुशी है कि मैं तुमसे मिली।” ध्रुव को कुछ समझ ही नहीं आ रहा होता कि आखिर वो संध्या से क्या कहे, क्या वो उसे बता दे की वो संध्या के बारे में क्या महसूस कर रहा है। पर उसके मन में ये भी डर होता है की कहीं संध्या उस से नाराज़ ना हो जाए। ध्रुव अपने ही ख्यालों में खोया हुआ है, उसे कोई अंदाज़ा नहीं है की उसके आसपास क्या हो रहा है। तभी कोयल से भी मीठी संध्या की आवाज़ उसके कानों में पड़ी, “आज रात को एसबी ग्रुप के द्वारा हो रहे कम्पटीशन में मैंने भी हिस्सा लिया। इसलिए तुम मेरी पेंटिंग को देखने आज रात आर्ट गैलरी में ज़रूर आना। तुम आओगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा।”

    ध्रुव ने जवाब दिया, “हाँ हाँ मैं ज़रूर आऊंगा।”

    इस से पहले की ध्रुव उस से आगे कुछ कह पाता संध्या ने आगे कहा, “मैं शायद जल्दी ही कॉलेज छोड़ दूंगी और आज की पेंटिंग जो मैंने बनाई है वो मैंने खास तुम्हारे लिए बनाई है।" ये सुनते ही ध्रुव के ऊपर जैसे बिजली गिर गयी वो दुखी भी हो गया और खुश भी। दुखी इसीलिए की संध्या कॉलेज छोड़ देगी और खुश इसलिए की उसने पेंटिंग ध्रुव के लिए बनाई है। ध्रुव उस से और बात करना चाहता है, उसके साथ समय बिताना चाहता है लेकिन संध्या चुपचाप इतना कहने के साथ ही आर्ट गैलरी से चली जाती है। ध्रुव उसे रोकना चाहता है और उसका नंबर मांगना चाहता है। संध्या के दूर जाने से जाने क्यों लेकिन उसके दिल में अलग सी बेचैनी होने लगती है।

    ध्रुव संध्या को वहां से जाते हुए देख रहा होता है और उसका नंबर माँगना चाहता है लेकिन तभी उसे याद आया कि वह किडनैपिंग में अपना फोन खो चुका है। इतनी देर में संध्या उस से काफी दूर चली जाती है। ध्रुव ने एक गहरी सांस ली और बुदबुदाया, "सबसे पहले तो मुझे एक फोन लेना चाहिए।"

    \*\*\*\*\*\* दुकान के बाहर ध्रुव एक दुकान में फ़ोन लेने पहुँच जाता है। वहां काफी ज़्यादा लग्ज़री सामान पड़ा होता है। ध्रुव ने आज काफी सादे कपड़े पहने हुए है, जिस कारण उस दुकान में वह ऐसे लग रहा होता है मानो हंसों के बीच में कौआ घुस आया हो। हर किसी की नज़र उसी पर ही टिक जाती है। अचानक वह एक काउंटर पर जाकर रुका, जहां पर La Medusa का एक काले रंग का लेडीज़ हैंडबैग रखा होता है। उसने बड़ी दिलचस्पी के साथ उस बैग को देखा और एक्साइटेड होकर उस बैग की ओर बढ़ने लगा लेकिन तभी एक शॉप अटेंडेंट ने आकर उसे रोक दिया।

    "आई एम सॉरी सर, लेकिन यह चीजें काफी महंगी है और हम इसे किसी को छूने नहीं देते।"

    ध्रुव ने एक नज़र अपने अगल बगल खड़े लोगों पर डाली जो बिना किसी रोक टोक के काउंटर से सामान उठा रहे होते है। "क्या तुम्हें लगता है कि मैं इसे अफोर्ड नहीं कर सकता?" ध्रुव ने मुस्कुराते हुए शॉप अटेंडेंट से पूछा।

    "ऐसा नहीं है सर!" अटेंडेंट ने कहा, "दरअसल बात यह है कि यह लिमिटेड एडिशन का आखरी बैग है और पहले ही किसी ने इसे बुक कर रखा है।"

    अटेंडेंट की बात सुनकर ध्रुव मुस्कुरा दिया। दरअसल शॉप अटेंडेंट ने उसे इसलिए नहीं रोका था कि वह गरीब दिख रहा है बल्कि इसलिए रोका है क्योंकि वह बैग पहले ही रिज़र्व हो चुका है। ध्रुव की नज़र उस लड़की के आई कार्ड पर पड़ी जिस पर इंटर्नशिप लिखा हुआ है।

    "काव्या! तुम किस चीज़ का इंतज़ार कर रही हो? कस्टमर्स की मदद करने की बजाय तुम यहां टाइम पास कर रही हो?" अचानक एक औरत की तेज़ आवज़ आई और ब्लैक ड्रेस पहने हुए एक औरत चलते हुए ध्रुव के बगल में आकर खड़ी हो गई, "काव्या? तुम्हें नहीं लगता कि दुकान में काफी कस्टमर है ? तुम जाकर उन्हें अटेंड करो, इन्हें मैं देख लूंगी।"

    काव्या ने उस औरत को देखकर एक गहरी सांस ली और वहां से चली गई। काली ड्रेस वाली अटेंडेट ने एक नकली मुस्कान बिखेरी और ध्रुव से बोली, "सर! यह हमारी शॉप का स्पेशल सेक्शन है। यहां के ज़्यादातर आइटम्स 50000 से 5 लाख तक की रेंज में है। मुझे नहीं लगता कि आप इस सेक्शन से कुछ खरीद सकते हो? आप ऑर्डिनरी सेक्शन में क्यों नहीं कुछ खरीद लेते?"

    "मैं बस उस ब्लैक बैग को चेक करना चाहता हूँ।" ध्रुव फीकेपन से मुस्कुराया। उसके साथ पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है इसलिए अब उसने इस ओर ध्यान देना ही बंद कर दिया है।

    "यह तो और भी इंपॉसिबल है। वह आइटम पहले ही किसी और ने बुक करवा लिया है।" अटेंडेंट ने एक गहरी मुस्कान दी, "और यह लिमिटेड एडिशन का बैग है। इसका प्राइस नब्बे हज़ार है। मुझे लगता है कि आप…"

    "मुझे लगता है कि ये बिलकुल सही रहेगा!" कहते हुए ध्रुव ने अपना ब्लैक कार्ड आगे कर दिया।

    "ये… ये ब्लैक कार्ड है?" हैरानी से शॉप अटेंडेंट की आंखें फटी की फटी रह गई। मुंबई में ब्लैक कार्ड होल्डर्स को उंगलियों में गिना जा सकता है।

    "क्या मैं देख सकती हूं?" शॉप अटेंडेंट ने एक झिझक के साथ अपना हाथ आगे बढ़ाया और ध्रुव के पास जाकर ध्यान से उस कार्ड को देखने लगी। "एम सॉरी सर! आई एम रियली सॉरी कि मैंने आपसे इतना रूडली बिहेव किया। लेकिन सर हम यह हैंडबैग आपको नहीं दे सकते। वह पहले ही रिज़र्व है। आई एम ट्रूली सॉरी!"

    "मुझे बस वही बैग चाहिए!" ध्रुव मुस्कुराया और उसकी आंखों में उसके इरादे साफ दिखने लगते है, "अगर तुम चाहो तो मैं इसे दोगुने दामों में खरीद सकता हूं। अगर तुम्हारे पास उस आदमी का कोई कांटेक्ट हो तो आप उसे इन्फॉर्म कर सकते हैं।"

    To be continued

  • 16. Secret Billionaire - Chapter 16

    Words: 1628

    Estimated Reading Time: 10 min

    16

    ध्रुव की बात सुनकर सेल्स अटेंडेंट भ्रमित हो जाती है, लेकिन अचानक वह वहाँ से जाने लगती है।

    "सर, क्या आप सुनिश्चित हैं कि आपको कोई दूसरा मॉडल नहीं चाहिए?" उसने पूछा।

    "क्या तुम मेरी बात को समझी नहीं कि मुझे वही बैग चाहिए?" ध्रुव गुस्से से बोला। वह ऐसा करके उस सेल्स अटेंडेंट को सबक सिखाना चाहता था कि किसी भी आदमी को उसके लुक से जज न करें। ध्रुव की रौबदार आवाज़ सुनकर एक मिनट के लिए शॉप अटेंडेंट हक्की बक्की रह गई।

    फिर उसने एक गहरी सांस ली और चिल्लाई, "काव्या! उस मैडम से कॉन्टैक्ट करो जिसने यह बैग बुक किया है। उनसे पूछो कि अगर वो यह बैग इन मिस्टर को देना चाहे तो।"

    इंटर्नशिप असिस्टेंट ने तुरंत सिर हिलाया और काउंटर पर रखे फोन की ओर बढ़ गई। ध्रुव ध्यान से उसी लड़की को देखता है। ज़ाहिर तौर पर काम करने को लेकर इस लड़की का रवैया काफी अच्छा है और यह बात ध्रुव को काफी पसंद भी आई।

    "हेलो मैम! एक कस्टमर आये है जो उस बैग को खरीदना चाहता है, जिसे आपने बुक किया है। वो कीमत बढ़ाना चाहते हैं और आप से पूछ रहे हैं कि अगर आप यह बैग उन्हें दे दे तो…" शॉप अटेंडेंट ने धीरे से फोन पर कहा और अचानक ही हड़बड़ाने लगी , "मैम, मैं मैं…"

    अचानक उसने रिसीवर डायलर पर पटक दिया और बोली, "वो आ रही है… लेकिन शायद बहुत गुस्से में हैं।"

    ध्रुव पूछना चाहता है कि यह बैग किसने बुक किया है लेकिन तभी उसकी नज़र गुस्से में काउंटर की ओर बढ़ती हुई एक औरत पर पड़ी।

    "कौन है जो मेरा आर्डर खरीदना चाहता है?" औरत चीखी।

    इंटर्न अटेंडेंट ने अपना चेहरा ध्रुव की ओर घुमाते हुए इशारा किया, "वो सर है मैम…"

    उस औरत ने एक नज़र ध्रुव की ओर देखा और उसे ऊपर से नीचे तक घूरा।

    "रियली?" औरत चीखी, "तुम इस घटिया आदमी को मेरा बैग बेचना चाहती हो? क्या तुम पागल हो गई हो?"

    सबको लगता है कि वह औरत झगड़ा करने के इरादे से ही आई है। उसको इस तरह गुस्से में देख कर दुकान की पूरी भीड़ उसी जगह पर इकट्ठी हो गई।

    ध्रुव ध्यान से उसी औरत को देखता है, उसे यकीन हो गया कि उसने इस औरत को पहले भी कहीं देखा है लेकिन उसे याद नहीं आ रहा है की आखिर उसने इस औरत को कहाँ देखा है?

    "मेरा बैग मुझे हैंडोवर करो। मैं इसे किसी और को नहीं बेचने वाली हूं चाहे कोई कितना भी पैसा दे।" अचानक उस औरत ने अपना फाइनल डिसीजन सुनाया।

    "जी!" उस औरत से कहते हुए इंटर्न अटेंडेंट ने एक परेशान नज़र ध्रुव पर डाली और बोली, "आई एम सॉरी सर लेकिन मैडम यह बैग नहीं बेचना चाहती है तो हम कुछ नहीं कर सकते…"

    "मुझे याद आ गया… तुम तो वह फेमस सिंगर दिविजा हो ना?" ध्रुव की नज़र अब भी धूपी चश्मे के पीछे छिपे उसी औरत के चेहरे पर होती है।

    "क्या!" अटेंडेंट के हाथ से बैग छीन कर वह औरत जाने ही वाली होती है कि ध्रुव की बात सुनकर चौंक उठी। और आसपास के लोगों की नज़र भी उसी औरत पर टिक गई।

    ध्रुव हंड्रेड परसेंट कंफर्म है कि यह औरत वही मशहूर सिंगर दिविजा है। हालांकि वह पहले काफी फेमस थी लेकिन 2 साल पहले उसने शादी कर ली और गाना छोड़ दिया था और शायद इसीलिए ध्रुव को उसे पहचानने में थोड़ा वक्त लग गया।

    अनएक्सपेक्टेडली, दिविजा की आंखों के किनारे पर एक बड़ा घाव है और शायद इसीलिए उसने धूप का चश्मा पहना हुआ है। जो अपनी पहचान छिपाने के लिए नहीं बल्कि इस घाव को छुपाने के लिए पहना है।

    "यह क्या? इसके चेहरे पर तो ज़ख्म है? क्या उसे किसी ने पीटा है?" अचानक भीड़ में खुसुर पुसुर की आवाज़ आने लगी।

    "मैंने सुना है कि उसका पति बहुत अमीर है लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं कि वह अपनी बीवी को पीटेगा। है न?"

    "मुझे ये बैग नहीं चाहिए। तुम इसे खरीद लो।" दिविजा अचानक भीड़ को चीरते हुए बाहर चली गई। उसके हाव भाव देखकर लगता है कि वह बुरी तरह डर गई है, जैसे कि उसका कोई सीक्रेट बाहर आ गया हो। ध्रुव की नज़र अब भी बाहर जाती दिविजा की पीठ पर ही होती है।

    इंटर्नशिप अटेंडेंट ने घबराहट के साथ ध्रुव को देखा। उसे डर है कि अगर अब ध्रुव ने भी इस प्रोडक्ट को न खरीदा तो वह मुश्किल में फंस सकती है। लेकिन ध्रुव की नज़र उसके बैज पर गई।

    "तुम्हारा नाम काव्या है?"

    अटेंडेंट चौक गई और अपने सिर को हिलाते हुए बोली, "हम्म्… yes sir, कोई प्रॉब्लम है?"

    "नहीं! बस जल्दी से कार्ड स्वाइप करो और यह हैंडबैग मुझे दे दो। मुझे बहुत ज़रूरी काम है।"

    ये सुनते ही उस इंटर्न के चेहरे पर मुस्कराहट आ गयी।

    "ओके सर! लेकिन क्या इससे किसी गिफ्ट रैपर में लपेटना है?"

    "हां और ज़रा जल्दी प्लीज़!" कहते हुए ध्रुव दिविजा को देखने के लिए फिर से पलट गया।

    "ओके सर!" काव्या ने जल्दी जल्दी पैक कर लिया। उसने जल्दी से बैग को एक गिफ्ट पेपर में लपेटा और ध्रुव के हाथों में रख दिया। इसके बाद कार्ड को स्वाइप करते हुए ध्रुव को लौटा कर बोली, "हो गया सर!"

    "थैंक यू!" ध्रुव मुस्कुराया और तेज़ी से काउंटर छोड़कर दिविजा के पीछे दौड़ गया और दुकान से कुछ ही दूरी पर दिविजा को रोक लिया।

    "मैम, क्या हम बात कर सकते हैं?"

    "क्या कर रहे हो तुम?" दिविजा काफी घबराई हुई लग रही है, " अगर तुमने मेरे रास्ता रोका तो मैं शोर मचा दूंगी और…"

    "रिलैक्स मैडम! मैं आपको हार्म करने नहीं आया हूं। मेरी खुशकिस्मती है कि मैं आपसे मिला हूं। आप नहीं जानती कि मैं आपका कितना बड़ा फैन हूं। मैं बस आपसे बात करना चाहता हूं कुछ देर। यह पास ही में एक कॉफी शॉप है, क्या आप वहां पर मेरे साथ चल सकती हैं?"

    दिविजा हालांकि काफी डरी हुई है लेकिन ध्रुव के इस हार्मलेस लुक ने उसे काफी सिक्योर फील करवाया। उसने कुछ देर सोचा और फिर झिझकते हुए सिर हिलाया, "ठीक है, चलो एक कप कॉफी पीते हैं।"

    *****

    कुछ देर बाद वो दोनों कैफ़े में बैठकर कॉफ़ी पी रहे हैं।

    दिविजा धीरे धीरे ध्रुव के साथ सहज हो रही है उसने होठों पर एक मुस्कान लिए ध्रुव से कहा, "मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि हम दोनों साथ में कॉफी पी रहे हैं क्योंकि अभी कुछ देर पहले तक मैं आपसे सिर्फ इसलिए नाराज़ थी क्यूंकि आप मेरा पसंद किया हुआ पर्स खरीदना चाहते थे।"

    ये कहते कहते अचानक उसकी मासूम मुस्कान धीरे धीरे फीकी पड़ने लगी।

    "आप मुझसे क्या जानना चाहते हैं? साफ साफ कहिए। ये बिग फैन वाला नाटक नहीं। मैं कोई छोटी बच्ची नहीं हूं। मुझे अपने चार्म के बारे में पता है, लेकिन यह भी पता है कि तुम जैसे टीनएजर को अट्रैक्ट करने के लिए यह काफी नहीं है।" दिविजा की बात सुनकर ध्रुव भी मुस्कुराया और उसने बोलना शुरू किया।

    "मुझे याद है कि आपने अपनी शादी की वजह से सिंगिंग छोड़ दी है। 2 साल पहले अचानक खबर आई कि आपने मुंबई की एक अमीर शख्स से शादी कर ली है, जो कि मुंबई के टॉप टेन रईसों में से एक है, लेकिन उसके बाद पिछले कुछ सालों से आपकी कोई खबर नहीं आई है।"

    ध्रुव अपनी उंगली से कप के हैंडल को सहलाते हुए आगे कहता है, "मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या आपकी आंखों की चोट उस आदमी की वजह से है?"

    ध्रुव की बात सुनते ही दिविजा के चेहरे के हाव भाव बदलने लगे और उसकी आँखों में गुस्सा साफ दिखाई देने लगा।

    उसने गुस्से में कहा, "This is none of your business, और तुमने ये सब बातें करने के लिए मुझे यहाँ बुलाया है? तुम होते कौन हो मुझसे ये सब सवाल पूछने वाले? मुझे एक मिनट भी अब यहाँ नहीं रुकना है। जा रही हूँ मैं।”

    "मैं जानता हूं कि तुम डरी हुई हो।" ध्रुव ने शांत आवाज़ में कहा, "दरअसल आपको नुकसान पहुँचनहाने का मेरा कोई और इरादा नहीं है। मैं बस आपकी मदद करना चाहता हूँ।"

    दिविजा ने ध्रुव की बात का कोई जवाब नहीं दिया और गुस्से में अपना बैग पकड़ा और कॉफी शॉप से बाहर निकल गई।

    ध्रुव ने उसके पीछे जाकर उसे रोकने की कोशिश की, “देखिये आप गलत समझ रही है, मैं सिर्फ आपकी मदद करना चाहता हूँ।” लेकिन दिविजा बिना कुछ बोले वहां से चली जाती है।

    दिविजा के वहां से जाने के बाद ध्रुव एक मोबाइल की शॉप पर पहुंच गया और उसने अपनी पसंद का एक मोबाइल खरीदा और उसमें सिम कार्ड डलवाया। यह सब करने के बाद वह एक सुनसान जगह पर गया और उसने एक ख़ास नंबर पर कॉल किया।

    "मैं बस यह चाहता हूं कि मेरी फैमिली की ओर से मेरे लिए एक ढंग की सेक्रेटरी अप्वॉइंट की जाए। अगर आप लोग यह नहीं कर सकते हैं तो मेरे पास एक उम्मीदवार है।"

    "छोटे सरकार! आप की नज़र में कोई है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मुझे डर है कि नई सेक्रेटरी को काम सीखने में काफी वक्त लग जाएगा और इस बीच आपको काफी दिक्कतें झेलनी पड़ेगी।"

    "जल्दी इस मामले का कुछ करो!" कहते हुए ध्रुव ने कॉल कट किया और तभी अचानक एक परछाई ने उसका ध्यान अपनी ओर खींचा। उसने अपना सिर उठा कर देखा तो यह वही शॉप वाली इंटर्न असिस्टेंट काव्या निकली।

    "छोटे सरकार!" काव्या ध्रुव के पास आकर बोली, "आप मुझे देख कर चौंक गए हैं। है ना?"

    "मुझे तुम्हारी बॉडी से कुछ जानी पहचानी से खुशबू आ रही थी इसीलिए मैंने तुम्हारा नाम पूछा था।"

    "मैं भी राठौड़ फैमिली की एक सर्वेंट हूं।" काव्या हल्के से मुस्कुराई। अब वह कोई भोली भाली शॉप असिस्टेंट बिल्कुल भी नहीं लग रही है, बल्कि उसकी जगह पर एक तेज़ तर्रार लड़की बैठी हुई है जिसकी ठंडी निगाहों में हल्की सी गर्मजोशी भी देखी जा सकती है।

    To be continued

  • 17. Secret Billionaire - Chapter 17

    Words: 1658

    Estimated Reading Time: 10 min

    17

    कुछ साल पहले, एस बी ग्रुप्स ने कुछ टैलेंटेड आदमियों को हायर करके बिज़नेस में लगा दिया था। निखिल भी इन्हीं आदमियों में से एक है जिन्हें एसबी ग्रुप्स ने पालकर अपने बिज़नेस में लगाया है। लेकिन, बढ़ते बिजनेस के साथ चुनौतियां भी बढ़ जाती है इसीलिए लगभग 20 साल पहले एसबी ग्रुप्स और राठौड़ फैमिली ने एक नई प्लानिंग शुरू की थी। उन्होंने छोटे छोटे बच्चों को गोद लेकर अपने नए व्यापारिक किले का निर्माण किया। यह लोग राठौड़ फैमिली के लिए पूरी तरह से समर्पित है। और इन लोगों को आमतौर पर जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें ट्रेनिंग भी उसी तरह से दी जाती है इन लोगों को कबूतर कहा जाता है।

    "जब से आपका फ़ोन ग़ुम हुआ था तब से आपका कांटेक्ट भी खो गया था और आपके घर के लोग आपकी सिक्योरिटी के लिए काफी परेशान थे और इसीलिए उन्होंने मुंबई में कबूतरों को एक्टिव कर दिया।" काव्या ने धीरे से कहा।

    "मैं भी उन्हीं में से एक हूं। आपकी हरकतें थोड़ी खतरनाक सी लग रही थी इसलिए मैंने आपका पीछा किया।"

    "तब तो तुम जासूस बन सकती हो। तुम्हें अपना ध्यान इस कैरियर की ओर मोड़ना चाहिए।" ध्रुव हंस पड़ा।

    "वैसे मैं अभी बिल्कुल सेफ हूं, तो तुम्हें मेरे पीछे आने की ज़रूरत नहीं है।"

    "छोटे सरकार! अगर आपको कोई परेशानी नहीं हो तो मैं आपको सर्व करना चाहती हूं।" कहते हुए काव्य ने अपना हाथ दिखाया। उसके हाथों में एक छोटी सी चिप होती है। यह चिप तंत्रिकाओं से जुड़ी है जिसका मतलब है कि अगर उनके दिमाग में कोई उल्टा मकसद होगा तब वह फट जाएगी और बिना चिप के वह यह नहीं कर सकती थी कि वह एक चींटी है। एक तरह से यह चिप वफादारी की गारंटी होती है। इस समय काव्या ने ध्रुव को अपनी पहचान साबित करने के लिए चिप का इस्तेमाल किया है। हालांकि कबूतरों को वफादार रखने के लिए इस चिप का इस्तेमाल करने को लेकर ध्रुव हमेशा से ही परिवार से नाराज़ रहता था लेकिन इस समय वह पूरी तरह आश्वस्त हो गया कि काव्या राठौड़ फैमिली के लिए वफादार है।

    "मैंने अभी घर फोन किया था। actually मुझे एक सेक्रेटरी चाहिए। क्या तुम सेक्रेटरी का काम कर सकती हो?"

    "मुझे इस फील्ड में कई सालों का एक्सपीरियंस है।" काव्या ने निश्चिंतता के साथ कहा।

    "मुझे मुंबई में बाकी कबूतरों की जगह भी पता है।"

    "ठीक है। अगर ऐसी बात है तो मैं चाहता हूं कि तुम मेरे लिए कुछ करो। पता लगाओ कि दिविजा के साथ क्या हुआ और उसके पति का उसको लेकर बर्ताव कैसा है। आज रात हमारे कॉलेज में पेंटिंग एग्जिबिशन है इसलिए मुझे वहां जाना होगा।"

    "1 मिनट रुकिए। क्या आप मुझे अपना फोन दे सकते हैं?" काव्या ने अपना हाथ बढ़ाया और पूछा।

    ध्रुव ने अपना फोन उसके पास रख दिया। "तुम इसके अंदर भी जीपीएस चिप जोड़ना चाहती हो?"

    "नहीं!" कहते हुए काव्या ने एक सिम कार्ड निकाला और ध्रुव के फोन में फिट कर दिया।

    "इसमें पहले से ही एक चिप है। इसलिए आपके लोकेशन की जानकारी हमारे पास रहेगी। फोन ऑफ होने के बाद लोकेशन गायब हो जाती है लेकिन इस कारण से ऐसा नहीं होगा और आप ज़्यादा सेफ रहेंगे।"

    "ठीक है, अब मैं चलता हूं।" ध्रुव ने अपना फोन लिया और वहां से चला गया। उसके हाथों में अब भी वही बैग है, जो उसने संध्या को देने के लिए खरीदा है।

    *******

    जब तक ध्रुव कॉलेज लौटा, तब तक पेंटिंग एग्जीबिशन शुरु हो गया है। काफी सारे स्टूडेंट्स ने इसमें इंटरेस्ट दिखाया है और लगभग पेंटिंग के सारे स्टूडेंट्स इस कंपटीशन में पार्टिसिपेट करने के लिए आए है। इस कंपटीशन की सबसे खास बात ये है की जो भी इसे जीतेगा उसे फॉरेन में पढ़ाई का मौका और साथ ही मुफ्त में रहने और खाने-पीने का खर्चा भी दिया जायेगा।

    पूरे एग्जीबिशन हॉल के भीतर सबसे अट्रैक्टिव पेंटिंग पर कोई और नहीं बल्कि ध्रुव होता है। जैसे ही ध्रुव आर्ट एग्जिबिशन गैलरी में गया, उसने उस बड़ी क्लासिकल ऑयल पेंटिंग को देखा। उस पर किसी ने ध्रुव का पोर्ट्रेट ड्रॉ किया हुआ है।

    "ईयू.. एक कबाड़ी वाले की पेंटिंग किसने बनाई है?"

    "सच में! दिस इज डिस्गस्टिंग।" ध्रुव की पेंटिंग को देखकर वहां पर चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो जाता है

    "पर ये पेंटिंग बनाई किसने?"

    "उस पर सिग्नेचर देखो!" अचानक कोई पेंटिंग पर झुक गया और किनारे पर साइन को पढ़ते हुए चिल्लाया।

    "संध्या! उसी पागल ने बनाया है।"

    "हां! ये उसे ही होना चाहिए। उस पागल को अभी तक क्लासिकल ऑयल पेंटिंग्स पसंद है।" ध्रुव ने ध्यान से ऑयल पेंटिंग को देखा और एक पल के लिए उसे लगा कि मानो वह पेंटिंग सच में हिल रही हो।

    "वाह! किसी ने हमारे हीरो की पेंटिंग बनाई है।" अचानक उसके पीछे से एक अजीब आवाज़ आई। वह लड़का ध्रुव की क्लास में ही पढ़ता है और एक आलसी, और मोटा रईसज़ादा है, जिसका नाम सनी है।

    सनी ध्रुव की बगल में आकर खड़ा हो गया और उसका मज़ाक उड़ाते हुए बोला, "मुझे ये बात समझ नहीं आ रही है कि उस साइको को तुम्हारे अंदर क्या पसंद आ गया? और तुम्हारे हाथ में यह क्या चीज़ है?"

    सनी धीरे धीरे आगे बढ़ा और उसके निगाहें आस - पास के लोगों पर ही टिकी हुई है। ध्रुव के हाथों में वह बैग की एक झलक देखकर उसके चेहरे पर हैरानी का भाव आ जाता है।

    "अरे! अब यह लोग भी अमीरों का पर्स यूज़ करेंगे। भाई सबको पता है कि तुम्हारी हैसियत नहीं है यह बैग खरीद पाने की। नकली बैग लेने से क्या फायदा है?"

    अगले ही पल आर्ट्स अकैडमी के कई लोगों ने उन दोनों को घेर लिया। सबसे आगे वर्षा और रुपाली है, जो अपने हाथ लपेटे हुए उदासीन भाव के साथ ध्रुव को देख रही होती है। वर्षा ध्रुव की बचपन की दोस्त है तो वहीँ रूपाली जो की इस से पहले ध्रुव के दोस्त अचल की गर्लफ्रेंड थी लेकिन पैसों के लिए उसने अचल को छोड़ दिए था। रुपाली ने डरते हुए उसकी ओर देखने से परहेज़ किया।

    ध्रुव ने अपनी नज़र पूरी भीड़ पर डाली लेकिन वह संध्या को नहीं ढूंढ पाया।

    "किसे ढूंढ रहे हो?" अचानक सनी ठहाका लगाकर हंस पड़ा और बोला।

    "कहीं तुम उस साइको को ढूंढने की कोशिश तो नहीं कर रहे हो?"

    ध्रुव ने सनी को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया और उसकी आंखें चारों ओर भीड़ में ही किसी को ढूंढने लगती है। आखिरकार उसे पहली मंज़िल पर संध्या दिखी। उसने गुलाबी रंग का एक साधारण सा सलवार सूट पहना हुआ है। वह सीढ़ियों से नीचे उतरी और हैरानी के साथ लोगों को देखने लगी। ठीक उसी समय ध्रुव ने अपना हाथ उठाया और संध्या धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ी। उसके चेहरे पर हल्का सा उत्साह दिखा उसने ध्रुव को देखते हुए पूछा।

    "क्या तुमने पेंटिंग देखी? वह मैंने खास तुम्हारे लिए बनाई है।" संध्या की बात सुनते ही भीड़ ठहाका लगा कर हंस पड़ी।

    "एक साइको और एक कबाड़ी वाले का जोड़ा! भगवान ने भी क्या खूब जोड़ी बनाई है।" ध्रुव ने उन सब की बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया और अपने हाथों में पकड़ा हुआ पैकेट संध्या की ओर बढ़ा दिया।

    "तुम्हारे लिए है।"

    "नहीं, ये मैं नहीं ले सकती!" कहते हुए संध्या की‌ आवाज़ कांपने लगी‌।

    "तुमने पहले ही मेरी बहुत मदद की है। अब मैं तुम्हारे गिफ्ट को एक्सेप्ट नहीं कर सकती…"

    "यह बस तुम्हारे जीतने की ख़ुशी में तुम्हारे लिए एक छोटा सा तोहफा है।" ध्रुव ने ऊपर की ओर देखा जहां दूसरी मंज़िल पर एक पोडियम लगा दिया गया है। ऐसा लग रहा है कि थोड़ी देर बाद ही विनर का नाम अनाउंस कर दिया जाएगा। लेकिन अब ध्रुव लाइमलाइट को बाहर नहीं जाने देना चाहता है उसने संध्या की ओर देखा और कहा।

    "इसे खोल कर तो देखो।" संध्या नहीं जानती है कि बिना रिज़ल्ट अनाउंस हुए ध्रुव उसे कांग्रेचुलेट क्यों कर रहा है, लेकिन उसने ध्रुव का गिफ्ट एक्सेप्ट कर लिया और उसके कहने पर धीरे से गिफ्ट खोला।

    "अरे नहीं! यह तो बिल्कुल नया लग रहा है! क्या यह सच में नया पीस है?" भीड़ में खुसर फुसुर की आवाज़ें गूंजने लगी। आर्ट्स अकैडमी की अधिकतर लड़कियों को पता है कि यह क्या है। भले ही उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि ध्रुव यह बैग कहां से और कैसे लेकर आया है, लेकिन सब जानते है कि गिफ्ट में मिले बैग की कीमत क्या है।

    "इसके पैकिंग और रेपर से… ऐसा लगता है कि सच में यह नया कलेक्शन है।"

    "इंपॉसिबल, यह ध्रुव तो कचरा इकट्ठा करता है और इस बैग की कीमत एक लाख से भी ज़्यादा होगी। इतनी बड़ी रकम इकट्ठा करने में उसे 12, 15 साल लग जाएंगे।" आमतौर पर अमीर लोगों के बीच गरीब लोगों को कुछ खास अच्छे तरीके से ट्रीट नहीं किया जाता है और दुनिया की नज़रों में ध्रुव जैसे गरीब आदमी के लिए ऐसे मंहगे बैग को खरीदना नामुमकिन है। सबको यही लग रहा होता है कि वो संध्या को कोई नकली बैग गिफ्ट में दे रहा है। एक पल में ही ध्रुव को सैकड़ों निगाहें खुद पर चुभती हुई सी महसूस हुई। इन आंखों में उसे गुस्सा और बहुत हद तक घृणा भी नज़र आ रही है।

    लेकिन ध्रुव को इन निगाहों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। उसने मुस्कुराते हुए संध्या को देखा और कहा, "यह बैग वाकई में तुम पर सूट करेगा।" संध्या के हाथ कांपने लगता है, और उसने कांपते हाथों से ही बैग को अपने काँधें पर डाल लिया।

    "कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुमने मुझे क्या दिया है। भले ही यह असली है या नकली। लेकिन मेरे लिए ये बेशकीमती है और मुझे यह पसंद है।"

    "इस चूहे को बस एक बिल चाहिए।" अचानक एक आवाज़ आई।

    "वैसे भी वह सिर्फ एक नकली बैग है। और जनाब का चेहरा तो देखो। ऐसा लग रहा है कि कोहिनूर हीरा गिफ्ट कर दिया हो। भाई तुम से कई गुना अमीर आदमी इस कॉलेज में पढ़ते हैं।" भीड़ मैं एक बार फिर से खुसर फुसुर होने लगी। लेकिन उन दोनों के चेहरे पर हल्की सी भी बेचैनी नहीं दिखाई दी।

    To be continued

  • 18. Secret Billionaire - Chapter 18

    Words: 1776

    Estimated Reading Time: 11 min

    18

    उसी समय कल्पना अपनी हाई हील्स में काफी एटीट्यूड के साथ चलती हुई वहां आई।

    संध्या के कंधों पर टंगे बैग पर अपनी निगाहें टिका दी।

    "क्या यह Versace La Medusa का लेटेस्ट मॉडल है? व्हट द…" उसने लगभग चीखते हुए ध्रुव से पूछा, लेकिन ध्रुव की नज़रों के सामने तुरंत अपना मुंह बंद कर लिया।

    कल्पना ने एक गहरी सांस ली।

    संध्या से बोली, "तुम वाकई में काफी खुश किस्मत हो। तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने जो बैग तुम्हें दिया है वह असली है।" इतना कहकर वह मुस्कुराई।

    "क्योंकि यह बैग हमारी कंपनी की तरफ से ध्रुव को गिफ्ट किया गया है।" जैसे ही कल्पना ने यह बात कही, ध्रुव ने महसूस किया कि अब तक उस पर टकटकी लगाए भीड़ की नज़रें उस से हट गई और यह जानकर उसने एक राहत की सांस ली।

    "तुम तनिष्क की बड़ी बहन हो तो क्या हुआ? तुम भी यह साबित नहीं कर सकती हो कि ये बैग असली है, है ना?" सनी चिढ़ते हुए बोला।

    "तुम कैसे भी देखो लेकिन यह बैग नकली है। हर कोई जानता है कि ध्रुव कंगाल है और इतना महंगा बैग खरीद नहीं सकता। वैसे भी यह नया मॉडल है और पूरे मुंबई में एक ही है।"

    "यह s. b. ग्रुप की ओर से तोहफा है क्योंकि मैंने संध्या के टैलेंट को ढूंढा है।" ध्रुव ने तेज़ आवाज़ में जवाब देते हुए कहा तो पूरे एग्जिबिशन में सन्नाटा छा गया।

    हर किसी की हैरान नज़र संध्या और ध्रुव पर ही टिक गई।

    ठीक उसी समय मंच पर खड़ा एक आदमी, जो कि इस कल्चरल एग्जिबिशन का प्रभारी है, वो उठा और मुस्कुराते हुए बोला, "क्योंकि अब सीक्रेट लीक हो ही गया है तो मैं इसे और नहीं छुपाऊंगा। इस कल्चरल एग्जीबिशन में हमने फॉरेन स्टडीज़ के लिए मिस संध्या को चुना है।" किसी ने भी ध्यान नहीं दिया कि इसके बाद उस आदमी ने आगे और क्या कहा। हर किसी की जलन भरी नज़र संध्या पर ही टिक जाती है।

    वही संध्या हैरानी के साथ ध्रुव को देखती रहती है। उसके सिक्सथ सेंस उसे कह रही है कि ये सब कुछ वैसा नहीं है जैसा दिखाई दे रहा है और कहीं ना कहीं इन सब की जड़ में ध्रुव ही है।

    रूपाली भी वहां पर आई थी और जब से उसे पता चल गया था कि ध्रुव सबसे अमीर आदमियों में से एक है उसे अभी यह तो नहीं पता था कि उसके पास टोटल प्रॉपर्टी कितनी होगी।

    लेकिन वह इतना समझ चुकी थी कि वह बहुत ही अमीर घर से है और सिर्फ कबाड़ी वाला होने का नाटक करता है इसलिए उसने अपने मन ही मन कुछ डिसाइड कर लिया था।

    वह काफी देर से ध्रुव की तरफ देख रही थी।

    ध्रुव जो संध्या के आगे पीछे घूम रहा था रूपाली को मन ही मन संध्या से बहुत जलन हो रही थी और कुछ देर में जैसे ही संध्या ध्रुव को छोड़कर गई, तो वह खुद ही ध्रुव के पास जाकर बैठ गई थी।

    ध्रुव बार के पास बैठा हुआ था और रूपाली भी उसके बगल वाली कुर्सी पर बैठ गए और उसने अपने लिए ड्रिंक का ऑर्डर दे दिया।

    ध्रुव ने उसकी तरफ देखा और तुरंत ही उसे पहचान गया लेकिन उसे रूपाली से कुछ खास मतलब नहीं था।

    क्योंकि उसने उसके दोस्त अचल से ब्रेकअप कर लिया था इसलिए वह उससे नाराज था क्योंकि उसे पता था रूपाली ने पैसों की वजह से ही अचल को छोड़ा है और इसलिए वह जंगली सूअर (राॅनी) के साथ घूम रही है।

    रूपाली की तरफ गुस्से से देखते हुए ध्रुव ने कहा, "लगता है जंगली सूअर ने भी तुम्हें छोड़ दिया है इसीलिए यहां पर अकेली बैठी हो। तुमने मेरे दोस्त अचल को छोड़ जो तुमसे इतना प्यार करता है तुम्हें अब उसकी अहमियत का पता चलेगा सच्चा प्यार होना ज्यादा जरूरी होता है जिंदगी में पैसे होने से.."

    अब तक वेटर ने उन दोनों की ड्रिंक के गिलास उनके सामने रख दिए थे।

    "हमने ब्रेकअप कर लिया है।" कहते हुए रूपाली ने अपने गिलास से एक घूंट वाइन गटकी।

    "दरअसल मैं तुमसे यही कहने वाली थी। मैं शुरू से ही जिसे पसंद करती हूं वह न तो अचल है और ना ही जंगली सूअर। मैं हमेशा से तुम्हें पसंद करती हूँ ध्रुव।"

    लेकिन अचानक उसकी आंखें सर्द हो गई और वह गुस्से से बोला, "सच क्यों नहीं कहती कि तुम्हें बस पैसों से प्यार है ? वैसे कहना तो नहीं चाहता था लेकिन अब कहना पड़ेगा। तुम जैसी लड़कियां, लड़कियां नहीं बल्कि वह लालची और मतलबी औरतें हो जिन से सिर्फ बिस्तर गर्म किया जाता है, उनसे कोई रिश्ता नहीं बनाया जाता। तुम्हारा चेहरा सुंदर है लेकिन आदमी की पहचान सुंदर चेहरे से नहीं उसके सुंदर कर्मों और सुंदर गुणों से होती है।" कहते हुए ध्रुव वहां से चला गया।

    ध्रुव की बात सुनकर रूपाली का चेहरा गुस्से से तमतमा गया। उसने कभी नहीं सोचा था कि ध्रुव इस तरह उसके मुंह पर उसकी बेइज्जती करेगा।

    कहां तो वह ध्रुव को अपने जाल में फंसाना चाहती थी और कहां ध्रुव ने उसकी इस सोच में पर पानी फेर दिया।

    "ध्रुव, तुम्हें इस बात पर बहुत पछतावा होगा।" रूपाली पीछे से ध्रुव पर चिल्लाई। उसकी आंखें बस अंत घृणा से भर जाती है।

    ध्रुव पर रूपाली के गुस्से का कोई असर नहीं पड़ा और वह भीड़ को चीरते हुए आगे बढ़ गया।

    "तुम हो?" अचानक ध्रुव ने चलना बंद कर दिया और वह आदमी भी अंधेरे से बाहर आ गया। उस आदमी ने धीरे से अपनी जेब से एक मोबाइल निकाला और ध्रुव की ओर बढ़ा दिया।

    "बड़े सरकार को आपसे कुछ बात करनी है।" ध्रुव दंग रह गया। उसे समझ में नहीं आया कि उसके डैड ने उसे इस समय कॉल क्यों किया है और वह भी डायरेक्टली नहीं बल्कि किसी और आदमी के थ्रू…

    "आज रात 12 बजे मून नाइट होटल की सबसे ऊपरी मंज़िल पर कोई आपका इंतज़ार कर रहा होगा।" कहते हुए उस आदमी ने अपना फोन ध्रुव के हाथ में थमाया और खुद वहां से चला गया। ध्रुव एक बार फिर उन्हें देखकर हैरान हो गया आखिर अब ऐसा क्या रह गया है जो उसके पिता फिर वापिस लौट आये?

    ध्रुव कार से निचे उतरा और अपना सिर हिलाया। वह Hotel moon night के गेट से अंदर चला गया। उसे देखते ही रिसेप्शन में बैठे एक लड़की ने हल्के से सिर झुका लिया।

    उसे देख कर ये बता पाना मुश्किल है की उसने ध्रुव को देखते ही सिर हिलाया है क्यूंकि राठौड़ फैमिली हमेशा से अपने लोगो को अपने आस पास इस तरीके से रखते है की किसी को शक भी ना हो।

    उसको देख कर ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता है की वो ध्रुव को जानती है।

    किसी के आंखों में आए बिना ही उसने अपनी ड्यूटी पूरी कर दी और उसी तरीके से ध्रुव भी उसे इशारे से जवाब देते हुए एलीवेटर में दाखिल हो गया।

    इस जगह पर भी 3 एलिवेटर लगे हुए हैं जिनमे से एक को पहचान कर ध्रुव उसके अंदर चला गया। वहां पर तीन साइन बने हुए हैं लिब्रा, स्कार्पियो और लियो। ध्रुव को बचपन से सिखाया गया है की उसे लियो साइन का पहचान मार्क याद रखना है।

    कुछ ही देर में एलिवेटर टॉप फ्लोर पर पहुंच गया। उसने सामने देखा तो उसके सामने कुछ सीढ़ियों के बाद एक बड़ा सा दरवाज़ा है। जहाँ पर 2 लोग पहले से मौजूद है उन्होंने ध्रुव को देखकर दरवाज़ा खोला और ध्रुव उसके अंदर चला गया।

    अंदर जाकर उसने देखा की ये जगह पूरी तरीके से एक स्पेस को सोचकर डिज़ाइन की गयी है।

    यहाँ अनगिनत तारों और सितारों का इस्तेमाल कर एक बहुत ही सुंदर दुनिया बनाई गयी है।

    यहाँ बेहद रंग बिरंगी तारे नज़र आ रहे है वही बीच में एक नीले रंग की चांदनी है जो पूरे कमरे को अपनी रौशनी से जगमगा रही है जो इस दृश्य को और भी खूबसूरत बना रहे है।

    यहाँ आकर किसी को भी ऐसा लगेगा जैसे की वो किसी सपने में हो जो पृथ्वी की दुनिया से बिलकुल किसी अलग दुनिया में हो लेकिन ध्रुव पर इस खूबसूरत जगह को देख कर भी कोई फर्क नही पड़ा। जैसे ध्रुव ने पहले भी ये सब देखा हुआ हो।

    उसने अपनी नज़र इधर उधर घुमाई और सारी चीज़ों पर बारीकी से गौर करने लगा।

    उसने अपनी नज़र जब नीचे की ओर घुमाई तो देखा उससे कुछ दूरी पर किनारे में दो सोफे लगे हुए है जिसके सामने एक छोटा सा टेबल लगा हुआ है वो सीधे उस ओर बढ़ गया।

    पास जाकर उसने देखा तो उसके सामने टेबल के ऊपर एक वाईन का गिलास और एक वाइन की बोतल रखी हुई है जिसे देख कर साफ समझ आ रहा है की उसे अभी ओपन नहीं किया गया है।

    ध्रुव ने अपने सामने पड़े वाइन की बोतल को उठाया और अपने हाथ में लेकर सोचने लगा कि वह बोतल उसके पिता ने उसके लिए भेजी है और वह उससे किसी के साथ भी शेयर नहीं करने वाला है।

    ध्रुव ने उसे गिलास में लिया और कुछ देर उसे उस कप में रोल अप किया। धीरे से उसने उस वाइन की गिलास की सुगंध ली जिसमें से उसे एक अलग सी खुशबू आ रही होती है फिर उसने धीरे से उसमें से एक सिप लिया।

    उसे लगा कुछ तो गलत हैं लेकिन क्या? या फिर इस वाइन में ही कुछ gadbad है?

    लेकिन ऐसे कैसे हो सकता है ये तो ख़ास पापा ने तैयार करवाई है। ये सोचकर मीहिर ने वापस से एक सिप लिया और जैसे ही वह वाइन उसके अंदर गई उसे कुछ भी अजीब महसूस नहीं हुआ इसलिए धीरे - धीरे करके उसने उस बोतल को आधी खत्म कर दी और जैसे ही वह वापस जाने के लिए उठने लगा।

    उसका सिर चकराने लगा, उसे अब थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर भी उसने खुद को यह कह कर टाल दिया, ‘ऐसे कैसे हो सकता है यह बोतल तो मेरे पापा ने दी है।’ ध्रुव ने एक कदम आगे बढ़ाया कि तभी अचानक से उसे फिर से चक्कर आया और वह ज़मीन पर गिर गया।

    इस वक्त उसे ऐसा लग रहा है जैसे दुनिया पूरी गोल घूम रही हो।

    उस जगह की खूबसूरती भी ध्रुव को अब अपने आप को होश में लाने के लिए काफी नहीं होता है।

    ध्रुव को ऐसा लग रहा है जैसे धीरे धीरे उसका सिर भारी हो रहा हैं और उसका अपने दिमाग पर से कंट्रोल हट रहा है।

    इस वक्त वह पूरी तरह से अपने होश खो रहा है और वो चाहकर भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा है।

    वह बार-बार अपनी पलकें झपका रहा है ताकि वह अपनी आंखें खुली रख सके लेकिन नशा इतना ज़्यादा बढ़ गया है की धीरे धीरे उसकी आँखें बंद होती जा रही है।

    इस वक्त वह अपने आप को बहुत ही कमज़ोर महसूस कर रहा है।

    To be continued

  • 19. Secret Billionaire - Chapter 19

    Words: 1764

    Estimated Reading Time: 11 min

    19

    ध्रुव ने जैसे ही वाइन पी, उसे लगा जैसे धीरे-धीरे उसका सिर भारी हो रहा था और उसका अपने दिमाग पर से कंट्रोल हट रहा था।

    उस वक्त वह पूरी तरह से होश खो रहा था और वह चाहकर भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था।

    वह बार-बार अपनी पलकें झपका रहा था ताकि वह अपनी आंखें खुली रख सके लेकिन नशा इतना ज़्यादा बढ़ गया था कि धीरे-धीरे उसकी आँखें बंद होती जा रही थीं।

    उस वक्त वह अपने आप को बहुत ही कमज़ोर महसूस कर रहा था।

    तभी उसे महसूस हुआ कि कुछ लोग ब्लैक सूट में उस कमरे में दाखिल हुए।

    ये वही लोग थे जिन्हें पिछली रात उसने देखा था।

    उसके दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि दुनिया पूरी तरह से गोल है।

    कल ही वह उस किडनैपिंग से निकलकर बाहर आया था और आज फिर से किडनैप हो गया।

    कुछ ही देर में उसकी आंखों के आगे पूरी तरीके से अंधेरा छा गया और वह पूरी तरह से बेहोश हो गया।

    उस वक्त उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह बादलों में उड़ रहा हो और एक पॉइंट पर नीचे देखने पर उसे ऐसा लगा जैसे उसका पूरा परिवार अपनी पीढ़ी सहित नीचे मौजूद हो और हर एक उत्तराधिकारी को उसकी काबिलियत को देखते हुए और उसकी ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक लाइन में खड़ा किया गया था।

    ऊपर से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे नीचे उस गार्डन में राठौड़ फैमिली के अलग-अलग जगहों से सभी लोग अपने-अपने वारिस को लेकर इस गार्डन में मौजूद थे और अपने-अपने टैलेंट के हिसाब से वह अपनी काबिलियत साबित कर रहे थे।

    ध्रुव ने जैसे ही नीचे देखा उसे इस बात की क्लेरिटी हो गई कि ज़रूर यह पूरा फैमिली का यंगर जेनरेशन है लेकिन वह इस जनरेशन में कहीं भी शामिल नहीं है।

    ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी जगह फंसा हुआ था।

    वह जैसे ही निचे जाने की कोशिश करने लगा वैसे ही उसके सामने एक बड़ा सा दरवाज़ा बन गया।

    ध्रुव अपनी जगह छटपटाने लगा कि वह जैसे तैसे उस जगह से बाहर निकल जाए।

    वह दरवाज़ा भी पीटने लगा कि कोई आकर उसे खोल दे लेकिन किसी को भी उसकी आवाज़ सुनाई नहीं देती थी।

    ऐसा लग रहा था जैसे वह दरवाज़ा धीरे-धीरे बड़ा और बड़ा और बड़ा होता जा रहा है।

    ध्रुव चिल्लाते हुए उठ गया, “नहीं रुक जाओ!”

    ध्रुव की जैसे ही आंखे खुली उसने खुद को अंधेरे कमरे में पाया।

    ध्रुव किसी गहरे सपने में था और अब अचानक वो अपनी असलियत में आ गया।

    इससे पहले कि वो कुछ और समझ पाता तभी उसे कुछ मुलायम मुलायम महसूस हुआ।

    जब उसने अपने बगल में देखा तो उसकी ऑंखें हैरानी में बड़ी हो गयीं।

    वहां पर एक लड़की लेटी हुई थी और वो लड़की इतनी खूबसूरत थी कि ध्रुव की आंखे उस पर ठहर सी गयीं।

    तभी उसके दिमाग की बत्ती जली और उसे लगा कुछ तो गलत है।

    आखिर यहां हो क्या रहा है?

    दरअसल इस वक़्त ध्रुव लगभग लगभग उस लड़की के ऊपर ही लेटा हुआ था।

    उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वो बेहोश होने के बाद एक लड़की के इतना क़रीब कैसे हो सकता है।

    ध्रुव ने जैसे ही अपनी बगल में सोई हुई लड़की को गौर से देखा तो उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया।

    उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।

    और जहां तक उसे याद था वह इस जगह पर बेहोश नहीं हुआ था।

    वो तो उस लॉबी में बेहोश हुआ था, फिर वो इस रूम में कैसे आ गया।

    ध्रुव की छटपटाहट के कारण उसके बगल में सोई हुई लड़की की भी नींद खुल जाती है।

    उसने धीरे से अपनी आंखे खोलीं, धीरे से अपनी काली घनी पलकें उठाईं जिसमे कुछ पानी की बूंदे थीं जो सीप के मोती जैसे चमक रही थीं और अपनी काली गहरी सुंदर आंखों से ध्रुव की तरफ देखने लगी।

    उसकी आंखें इतनी सुंदर थीं कि कोई भी उस में खो जाए।

    लेकिन तभी धीरे धीरे उसके हाव भाव बदलने लगे जैसे उसे कुछ ध्यान आया।

    उसकी नजरें ध्रुव पर ही टिक गईं।

    उसे देख कर लग रहा था जैसे उसे सारी चीज़ें समझ में आने लगी हैं।

    और फिर वो अचानक से ही ध्रुव को देखते हुए चौंक गई और ज़ोर से चीख पड़ी, "आ… तुम कौन हो और दूर हटो मुझसे, मेरे इतना क़रीब क्या कर रहे हो तुम?"

    उसने अगले ही पल ध्रुव को ज़ोर का धक्का दिया और खुद से अलग कर दिया।

    उसने ब्लैंकेट को कस कर पकड़ रखा था और वो थोड़ी डरी हुई भी दिखाई दे रही थी।

    ध्रुव ने उसे समझाने की कोशिश की, “देखिये, मुझे नहीं पता की मैं यहाँ कैसे आया।”

    इतना कहकर ध्रुव उसके क़रीब जाने लगा मगर उस लड़की ने अचानक से ही बगल में टेबल पर रखी हुई फ्रूट बास्केट के साथ रखे हुए चाकू को उठा लिया और उसे ध्रुव की गर्दन पर टिका दिया और अपनी भारी आवाज़ में कहने लगी, "हिलना भी मत, मुझे जल्दी से बताओ कौन हो तुम? और तुम यहाँ मेरे कमरे में क्या कर रहे हो? क्या चाहते हो तुम?"

    ध्रुव उसके इस तरफ से रिएक्ट करने से थोड़ा चौंक गया।

    लेकिन फिर उसने खुद को जल्दी ही संभाल लिया और बोला, "आई एम सॉरी, पर मेरी बात पर यकीन कीजिये मुझे इस बारे में कुछ भी पता है, क्योंकि मैं तो लॉबी में बेहोश हो गया था, मैं यहाँ कैसे आया मैं नहीं जानता। शायद मुझे किडनैप किया गया है।"

    ध्रुव को अब वो चाकू अपने गले पर कसता हुआ फील होता है।

    अगर उसने ज़रा सी भी कोई मूवमेंट की तो वह चाकू उसके गले को खरोचने में बिलकुल भी वक्त नहीं लगाएगा।

    इस समय उसकी हालत ऐसी है कि वो कुछ कर भी नही सकता लेकिन उसके एक्सप्रेशन पूरी तरह से नार्मल ही होते हैं।

    वह बिल्कुल भी घबराया हुआ नहीं लग रहा है बल्कि वह एक दम काम और साइलेंट बैठा हुआ है।

    उसने धीरे से अपना कंधा हिलाया और कुछ सोच कर कहने लगा, "मैं समझ सकता हूं की तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा है लेकिन तुम पूरी तरह से गलत हो।

    मुझे तुम में कोई भी इंटरेस्ट नहीं है इसलिए मेरे बारे में ऐसा सोचना भी मत और ना ही मैं यहाँ अपनी मर्ज़ी से आया हूँ।"

    लड़की ने इस बारे में कुछ देर सोच कर अपनी पलकें झपकाईं और लंबी सांस ले कर कहा, "कोई तुम्हें किडनैप करके मेरे कमरे में क्यों छोड़ कर जायेगा और मैंने तुम्हें आज से पहले कभी नहीं देखा है?"

    ध्रुव ने उसकी बात पर सिर हिलाया और कहा, "हाँ तुम बिल्कुल सही कह रही हैं? हम लोगों ने कभी भी एक दूसरे को नहीं देखा है।

    और अगर मैंने तुम्हें किडनैप किया होता तो मुझे लगता है कि हम ज़रूर पहले भी मिले होते हैं लेकिन तुम मेरे लिए पूरी तरह से एक अजनबी हो, मुझे नहीं लगता कि मैंने तुम्हें पहले कभी देखा भी है।"

    उस लड़की की पकड़ अब चाकू पर ढीली हो गई तो ध्रुव ने हल्के से अपनी गर्दन को घुमाया और उस लड़की की तरफ देख कर कहा, "क्या अब तुम्हे मेरी बात पर यकीन है? तो प्लीज़ क्या तुम ये चाकू मेरे गले से हटा सकती हो? मुझे बेड से बाहर जाना है।"

    ये कहते ही उस लड़की ने एक नज़र अपनी बॉडी पर डाली, ध्रुव के क़रीब आने की वजह से उसके कपडे ऊपर नीचे हो चुके थे।

    उसने चाकू उसके गले पर वापस कसते हुए कहा, "अगर तुमने ज़रा सी हिलने की कोशिश की तो तुम मुझे इसके लिए ब्लेम मत करना कि मैंने तुम्हें पहले नहीं बताया और तुम्हे चोंट लग गयी।"

    वो कमरा पूरी तरह से अंधेरे से ढका हुआ होता है लेकिन खिड़की से चाँद की रौशनी अंदर आ रही होती है, जिस से ध्रुव ने उस लड़की को देखा जिसने शाॅर्ट नाइटी पहनी हुई थी और उसमें उसका बदन अच्छी तरह से देख पा रहा था।

    उसका बदन काफी ज़्यादा चमकदार है जो उस हल्की रोशनी में भी साफ नज़र आ रहा था।

    ये देखते ही ध्रुव पर तो कोई जादू सा चल गया।

    वो अपनी पलकें तक झपकाना भूल जाता है।

    उसकी छुअन तो उसने पहले ही महसूस कर ली थी, वह काफी कोमल और रूई के जैसे मुलायम थी।

    यह कहना गलत नहीं होगा कि इस हालत को देखते हुए किसी भी मर्द को ऐसा लगेगा कि वह अब अपनी सारी कल्पनाएं पूरी कर सकता है लेकिन ध्रुव के दिमाग में ऐसा कुछ भी नहीं आता है।

    अचानक से ध्रुव की नज़र एक बार फिर से उस लड़की के चेहरे पर गयी।

    ध्रुव को ऐसा लगा जैसे उसने इस लड़की को पहले भी देखा है।

    ध्रुव ने बड़े ही ध्यान से उस लड़की को देखकर झिझकते हुए कहा, "अब तुम मुझसे यह मत कहना कि तुम ही आवन्या हो!"

    वो लड़की अपने पूरे बदन को बड़े गौर से देख रही होती है जैसे की वो जानना चाहती हो की कल रात ध्रुव ने उसके साथ कुछ किया तो नहीं ?

    उसे इतना परेशान देखकर ध्रुव मुस्कुराते हुए कहने लग , "मुझे नहीं लगता कि तुम्हें इतना परेशान होने की ज़रूरत है, कल रात हमारे बीच कुछ भी नहीं हुआ है तुम कुछ भी गलत मत समझो। "

    यह सिर्फ ध्रुव कह ही नहीं रहा बल्कि महसूस कर पा रहा है। उसे पूरा यकीन है कि उन दोनों के बीच कुछ भी नहीं हुआ है ।

    इतने सालों से जो ध्रुव ने अपने आप को बचा कर रखा हुआ है वह अभी वैसा ही है। उसे अपने शरीर में किसी भी तरह की अजीब फीलिंग महसूस नहीं हो रही है ।

    वह पूरी तरीके से कंफर्टेबल है, पिछली रात उन दोनों के बीच कुछ भी नहीं हुआ है ।  ध्रुव की बात सुनकर उस लड़की को भी यकीन हो जाता है कि उन दोनों के बीच कुछ नहीं हुआ है।

    उस लड़की ने अपना सिर नीचे झुकाया और कुछ देर सोचने के बाद वापस से अपना सिर ऊंचा किया और खुद को काम डाउन करने लगी और उसने धीरे से कहा, "सॉरी मुझसे गलती हुई है मुझे पता है कि मैंने थोड़ा ज़्यादा ही रिएक्ट कर दिया।" इतना कहकर वो लड़की वहां से उठ कर गयी और सामने पड़े अपने कपड़े उठाकर वाशरूम की ओर चली गयी।

    थोड़ी देर बाद जब वो लड़की बाहर आयी तो ध्रुव ने देखा कि उस लड़की ने प्रोफेशनल कपड़े या यूं कहें कि बिज़नेस सूट पहना हुआ हैं । जो कि उस पर काफी ज़्यादा अच्छा भी लग रहा होता है । अब उसे देख कर यह कहना गलत नहीं है कि वह काफी अच्छे घर की लड़की है और एक इज्जत दार फैमिली से बिलॉन्ग करती हैं।

    To be continued

  • 20. Secret Billionaire - Chapter 20

    Words: 1844

    Estimated Reading Time: 12 min

    20

    ध्रुव उस लड़की को ही देख रहा था और कुछ देर के बाद उसने देखा कि उस लड़की ने एक नंबर डायल किया और दूसरी तरफ से कॉल उठा लिए जाने के बाद उसने कठोर आवाज़ में कहा, "अंकल राजू प्लीज़ आप अभी-अभी के होटल के टॉप फ्लोर पर आ जाइए और हां मुझे जल्द से जल्द पापा से बात करनी है।"

    उस लड़की ने कॉल एंड किया और मुड़ कर ध्रुव की तरफ देखा।

    उसके एक्सप्रेशन में कोई बदलाव नहीं आये थे।

    वह कठोर भाव से ध्रुव को ही घूर रही थी।

    जब ध्रुव ने उसके एक्सप्रेशंस देखे तो उसने नोटिस किया कि वह थोड़ी डरी हुई भी नज़र आ रही थी।

    वह किसी भी तरह से इस बात को ऐसे ही नही जाने देने वाली थी।

    वो गिव अप करना नहीं चाहती थी।

    उसने ध्रुव की आंखों में देखते हुए कहा, "अगर तुम राठौड़ फैमिली से हो तो इस जगह से जल्द से जल्द चले जाओ।

    मैं तुम्हें यहाँ एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं कर सकती हूँ।

    यह होटल मून नाईट है और यह माहेश्वरी फैमिली की प्रॉपर्टी है और मैं…"

    ध्रुव को उसका रवैया बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा इसलिए उसने भी थोड़ा गुस्से में उस लड़की को बीच में ही रोकते हुए कहा, "अगर मैं गलत नहीं हूं तो इस होटल का 76% शेयर राठौड़ फैमिली को बिलॉन्ग करता है तो मुझे नहीं लगता कि यह होटल सिर्फ तुम्हारा है। यह होटल मेरी फैमिली का है क्योंकि इसमें तुम लोगों से ज़्यादा यानि की 76 परसेंट शेयर मेरी फैमिली का है।"

    वो लड़की गुस्से में अपने पैर पटकते हुए खिड़की के पास चली गई।

    कुछ ही देर में ध्रुव भी वाशरूम से अपना हाथ मुँह धो आया और धीरे धीरे उस लड़की के पास चला गया।

    वो लड़की वहां खड़ी बाहर जलती हुई लाइट्स को देखे जा रही थी जो उस अंधेरी रात में भी काफी चमक रही थीं।

    उस लड़की ने गुस्से में अपनी उंगली ध्रुव की तरफ करते हुए कहा, "मेरे साथ इस तरह से बौसी बिहेव करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

    हम में से किसी ने भी किसी को खरीद कर नहीं रखा है तो थोड़ा सही तरीके से बात करो और अगली बार मेरी ये बात ज़रूर याद रखना।"

    फिर उसने अपना हाथ नीचे कर लिया और आगे कहा, "तुम सच में ऐसी बातें कैसे कर सकते हो?"

    इस वक्त उसे गुस्सा और इरीटेशन फील हो रहा था।

    उसे ऐसा लग रहा था जैसे कि यह आदमी उसे बेइज्जत कर रहा है।

    जिसकी वजह से उसके दिल में कड़वाहट बढ़ने लगी।

    वह धीरे से गई और साइड में लगे सोफे पर बैठ कर अपनी हील्स पहनने लगी।

    ध्रुव को समझ में नहीं आया कि वह कैसे इस लड़की का गुस्सा शांत करें।

    उस लड़की को बस अपने लिए बहुत बुरा लग रहा था।

    ध्रुव को समझ आ रहा था कि जिस तरह से उन दोनों के पिता ने उन्हे मिलाने की कोशिश की है और उनके साथ जो भी किया है वो कोई सही तरीका नही है।

    ध्रुव को अब उन पर थोड़ा गुस्सा आने लगा।

    लेकिन उसने खुद को शांत किया और उस लड़की की तरफ बढ़ने लगा।

    वह जैसे ही उस लड़की के पास पहुंचा।

    वह कुछ कहने ही वाला होता है कि तभी डोर बेल की आवाज़ सुनाई दी।

    उसने डोर की तरफ इशारा करते हुए कहा, "पहले हमें देखना चाहिए कि दरवाज़े पर कौन है और इस समय बाहर क्या हालात है?"

    उस लड़की ने शांत आवाज़ में कहा, "मुझे लगता है कि यह अंकल राजू है।"

    यह कहते हुए उसने अपने लिप्स को दबा लिया और दरवाज़ा खोलने के लिए आगे बढ़ गई।

    दरवाज़ा खोलते ही उसने देखा कि सामने एक बूढ़ा आदमी खड़ा हुआ है जिसके हाथ में कुछ बैग रखे हुए हैं।

    उसने सिर झुकाया और बहुत ही धीमें से कहा, "मैम, सर ने मुझसे ये करने के लिए कहा था उन्होंने ये भी कहा है कि यह उनके और मिस्टर राठौड़ के बीच का एग्रीमेंट है।

    सो आपको इस तरीके से रिएक्ट करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

    आप कुछ ज़्यादा ही गुस्सा कर रही है…."

    वह आगे कुछ कहने वाला होता है कि आवन्या ने उन्हें रोकते हुए कहा, "क्या मेरे पापा पागल हो गए हैं?"

    वह लड़की अचानक ही गुस्से से भर गई, "क्या कोई और आसान तरीका नहीं है जिससे मैं किसी को जान सकूं।

    क्या इस तरीके से किसी को मिलाने की कोई ज़रूरत पड़ती है?

    यह कितना इंबेरेसिंग है इस तरीके से.."

    तभी उसका फोन बजने लगता है जब उसने अपना फोन निकाल कर देखा तो उसमें निखिल का कॉल आ रहा होता है।

    ध्रुव ने कुछ भी नहीं सोचा और जल्दी से कॉल उठा ली।

    निखिल की आवाज़ बिल्कुल शांत थी।

    उसने कहा, "छोटे सरकार! क्या आपने अपना काम पूरा कर लिया है?

    क्या आप अभी भी मून नाईट होटल में है?”

    ध्रुव को उनकी आवाज़ काफी गंभीर लगी फिर भी कहीं ना कहीं उनकी आवाज़ में एक राज़ छुपा हुआ महसूस होता है इसलिए ध्रुव ने कुछ सोचते हुए उनसे पूछा, "निखिल मुझे साफ साफ बताओ क्या तुम्हें इस बारे में पहले से पता था?"

    निखिल कुछ देर तक हिचकिचाया और हड़बड़ाते हुए बोला, "जी छोटे सरकार, मुझे इस बारे में पहले ही पता था और जो वाइन की बोतल आपके लिए तैयार की गई थी उसे मैंने ही कराया था।"

    ध्रुव ये सुनते ही थोड़ा सा परेशान ज़रूर हो जाता है लेकिन उसे यह समझ में आ गया है कि निखिल हमेशा से ही एक सीक्रेटिव इंसान रहा है।

    वो ध्रुव के सामने जैसे दिखाई दे रहा है वो वैसा है नहीं क्यूंकि जैसे जैसे ध्रुव उसके साथ वक़्त बिता रहा है धीरे - धीरे उसके राज़ बाहर आते जा रहे हैं।

    किसी दिन वह ज़रूर इसकी वजह से मुसीबत में पड़ सकता है।

    "छोटे सरकार, आप सुन रहे हैं ना?”

    ध्रुव ये सुनते ही अपने ख्याल से बाहर आया और उसने कहा, “हाँ... हाँ मैं सुन रहा हूँ, आप कहिये।”

    निखिल ने आगे कहा, “छोटे सरकार, इस काम को करने के लिए मुझे स्पेशली आपके पिता यानी की बड़े सरकार ने आर्डर दिया था और मेरे पास उन्हें मना करने का कोई हक़ नहीं है।

    इसलिए मुझे ये काम करना पड़ा था।"

    निखिल ने अपनी बात बिलकुल तरीके से ध्रुव के सामने रख दी है।

    अब ध्रुव के पास निखिल से कुछ भी कहने के लिए नहीं बचता है इसलिए उसने अपना सिर हिलाया और कहा, "चलिए ठीक है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या हुआ है?

    आप जल्दी से मूननाईट होटल आइए और मुझे जल्द से जल्द यहां से पिक करिए।"

    ये सुनते ही निखिल ने जल्दी से कहा, “जी छोटे सरकार, मैं अभी पहुँचता हूँ।”

    इतना कहकर ध्रुव उस कमरे से निकलकर होटल से बाहर जाने लगा।

    फिर ध्रुव जैसे ही बाहर निकला तो उसकी मुलाकात फिर से उसी लड़की से हुई।

    इस बार उस लड़की ने प्रोफेशनल तरीके से अपना हाथ आगे बढ़ाया और ध्रुव से कहा, "Hello, I'm aliya kapoor, the manager of the Moon Night Hotel"

    इस बार उस लड़की ने अपनी सच्चाई नहीं छुपाई की वो ही आवन्या माहेश्वरी है।

    वो अब शरमा नहीं रही है उसका चेहरा थोड़ा पीला पड़ा हुआ है।

    लेकिन उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं हैं हालांकि उसके स्वभाव से यह स्पष्ट है कि उसे अच्छी तरह से पाल पोस कर बड़ा किया गया है, और वो अच्छी फैमिली से बिलोंग करती है और यहां तक कि उसके हाथ मिलाने के style से भी ये साफ पता चल रहा है की उसे काफी अच्छी तरीके से ट्रेन किया गया है।

    उस लड़की के संस्कार उसके हाव भाव से ही पता चल रहे हैं।

    जब ध्रुव छोटा था तो वो थोड़ा rebellious था।

    उसे अपनी ज़िद और पैसों की अकड़ में अपने आलावा कोई दिखाई नहीं देता था और ना ही वो किसी की कोई बात सुनता था।

    उसने अपने परिवार के स्टैण्डर्ड को पूरी तरह से नेग्लेक्ट किया और हमेशा अपने चुने हुए रास्ते पर चला।

    वो कभी भी अपने फैमिली ट्रेडिशन और रिस्ट्रिक्शन को फॉलो नहीं करता था।

    वो हमेशा अपनी मनमानी किया करता, इसी बीच उस से एक ऐसी गलती हुई जिसकी माफ़ी उसके परिवार वालों के पास नहीं थी।

    इसी वजह से ध्रुव को उसके परिवार ने सज़ा दी थी।

    उसे इस तरीके से पनिश किया गया कि उससे सारी फैमिली रिसोर्सेज छीन लिए गए जिससे उसे चीज़ों और लोगो की वैल्यू समझ आ जाये।

    एक तरह से कहाँ जाए तो उसका घमंड तोड़ कर रख दिया था।

    अब ध्रुव अपनी उस गलती से बहुत कुछ सिख चूका है जिस तरीके से उसकी पास्ट लाइफ रही वो कभी भी दोबारा उस तरह से नहीं जीना चाहता है इसलिए उसने अचानक से आवन्या माहेश्वरी का हाथ पकड़ लिया और मुस्कुरा कर कहा, "It's a pleasure to meet you, even if it's in this way."

    ध्रुव के मुँह से ये सुनकर वो लड़की हैरान हो जाती है लेकिन अपने हाव भाव को संभालते हुए, उस लड़की ने कुछ देर ध्रुव को देखा और धीरे से कहा, " I'm नॉट आवन्या । "

    फिर उस लड़की ने धीरे से अपनी गर्दन नीचे की और ध्रुव से पूछा, "क्या तुम ध्रुव हो?"

    ध्रुव हल्के से मुस्कुराया और बोला, "यस that's राइट, आई एम ध्रुव और अगर मैं गलत नहीं हूँ तो तुम आवन्या हो।

    इसके साथ ही मुझे अब ये समझ भी आ रहा है की मैं इस कमरे में कैसे पहुंचा हूँ शायद इस के पीछे हमारे बड़े हैं।"

    उस लड़की ने सिर्फ ध्रुव की ओर देखा लेकिन उस से कुछ नहीं कहा।

    ध्रुव को पूरी तरह से यकीन है कि उसके सामने बैठी लड़की आवन्या है पर वह लड़की ना जाने क्यों इस बात को मानने में थोड़ा झिझक रही है।

    "वो आवन्या mam, सर ने कहा था कि…"

    राजू आगे बहुत कुछ कहना चाहता है लेकिन जैसे ही उसने आवन्या की शक्ल देखी तो उसने खुद से ही बड़बड़ाते हुए कहा, "मुझे लगता है कि मैम अभी बहुत ज़्यादा गुस्से में है और वह थोड़ी चिड़चिड़ी भी लग रही हैं और इस समय उन्हें कुछ कहना मतलब अपना पैर कुल्हाड़ी पर मारने के बराबर होगा।"

    राजू अंकल के हाव भाव से आवन्या को साफ समझ में आ गया कि वह क्या कहना चाहते हैं, उन्हें यह अच्छे से पता है कि आवन्या को बचपन से ही बड़े ही लाड प्यार से बड़ा किया गया है।

    आवन्या ने कहा, "बस कीजिए, अगर उन्होंने इस तरह की हरकत फिर कभी की तो मैं यह भूल जाऊंगी कि मेरे और उनके बीच बाप और बेटी का कोई रिश्ता भी है।

    आप उन्हें जाकर यह साफ-साफ कह दीजिएगा, इसके आगे मैं उनसे और कुछ भी नहीं कहना चाहती हूं।"

    इतना कहकर आवन्या ने दरवाज़ा ज़ोर से बंद किया और वहां से चली गई।

    उसके जाते ही अंकल राजू ने एक नज़र ध्रुव की तरफ देखा और सिर झुका कर वहां से आवन्या के पीछे पीछे चला गया।

    वह पीछे से उसे पुकारने लगा, "आवन्या मैम, मेरी बात तो सुनीये…प्लीज़ रुकिए आवन्या मैम।"

    लेकिन अगले ही पल आवन्या ने अपना पैर उठाया और बुरी तरह से ध्रुव के पैर पर किक किया।

    उसने अपना हाथ पीछे खींच लिया और कहा, "हां, बट मुझे नहीं लगता है कि मैं तुम जैसे लड़के से दोबारा मिलना चाहूंगी!”

    To be continued