युग राणा, जो एक क्रूर हृदय असलेला माफिया आहे आणि अंडरवर्ल्डच्या दुनियेत सगळे युगला डेव्हिलच्या नावाने ओळखतात. युगचा एकच ध्यास आहे, माफिया किंग बनणे. त्याच्यासाठी त्याला ते सात टप्पे पार करायचे आहेत, जे माफिया किंग बनण्यासाठी आवश्यक आहेत. हे सात टप्पे... युग राणा, जो एक क्रूर हृदय असलेला माफिया आहे आणि अंडरवर्ल्डच्या दुनियेत सगळे युगला डेव्हिलच्या नावाने ओळखतात. युगचा एकच ध्यास आहे, माफिया किंग बनणे. त्याच्यासाठी त्याला ते सात टप्पे पार करायचे आहेत, जे माफिया किंग बनण्यासाठी आवश्यक आहेत. हे सात टप्पे पार करण्यासाठी युगला माफिया प्रिन्सेस सारा सिंघानियाची गरज आहे. कुटुंबांच्या आपापसातील वैरामुळे युग साराला किडनॅप करतो. पण चुकीने साराची मैत्रीण कृशासुद्धा त्याच्यासोबत येते. युगला कृशावर प्रेम जडते. काय युग आपला ध्यास आणि स्वप्न विसरून कृशासोबत राहील, की आपल्या स्वप्नासाठी देईल आपल्या प्रेमाची कुर्बानी? जाणून घेण्यासाठी वाचा "Under the Mafia Moon".<br />
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शाम के लगभग छह बज रहे थे. समुद्र किनारे ठंडी हवा चल रही थी. वहां कुछ लड़के-लड़कियां पार्टी कर रहे थे. वह सिडनी का फेमस बीच एरिया था. उस एरिया को किसी वीआईपी ने बुक किया था, इस वजह से वहां उन्हीं के लोग मौजूद थे. सबने स्विम ड्रेसेस पहनी थीं.
इन सब के बीच वो सभी एक लड़की को घेर कर खड़े थे. वह बीच पार्टी उसी ने रखी थी. उसने रेनबो लाइंस का स्विमसूट पहना था, जिसमें उसका परफेक्ट फिगर उभर कर आ रहा था. उसकी त्वचा गोरी और आंखों का रंग गहरा ग्रे था. वह दिखने में काफी हॉट थी. उसके हाथ में एक महंगी शैंपेन की बोतल थी.
“सारा... तुम्हारा कोई मुकाबला नहीं है. तुम सच में प्रिंसेस हो. इस तरह की पार्टी तुम्हारे अलावा और कोई नहीं रख सकता. मेरा मतलब है, तुमने पूरा बीच बुक कर लिया. यह बहुत खूब है...” एक लड़का उसकी तारीफ करते हुए बोला. इसी के साथ सभी सारा के लिए चीयर करने लगे.
उसकी तारीफ से खुश होकर सारा मुस्कुराई. “चीयर्स...” चिल्लाते हुए सारा ने शैम्पेन की बोतल खोली और अपने दोस्तों की तरफ की. “मज़े करो दोस्तों... आखिरकार सारा सिंघानिया की पार्टी है. तुम सब बहुत भाग्यशाली हो, जो इस पार्टी में शामिल होने का मौका मिला.” उसके कंधे से लंबे सीधे बाल हवा में उड़ रहे थे.
इसी के साथ वहां का म्यूजिक तेज़ हो गया. वो सब बीयर पीते हुए डांस कर रहे थे. उनमें से कुछ स्विम कर रहे थे. हर कोई अपनी धुन में खोया था. वहीं उस भीड़ से थोड़ी दूर एक और लड़की खड़ी थी.
उसके कपड़े बाकियों से अलग थे. उसने स्विम सूट पहनने के बजाय घुटनों तक की पिंक फ्लोरल बीच फ्रॉक पहनी थी. उसके बाल कमर तक के थे और हल्के घुंघराले थे. उसने बालों के एक साइड एक बड़ा सा आर्टिफिशियल येलो फ्लावर लगा रखा था. वो दिखने में काफी मासूम और खूबसूरत थी.
वह बीच के पास खड़ी समुद्र की लहरों को देख रही थी. तभी उसके सिर में दर्द उठा.
उसने पार्टी की तरफ देखकर कहा, “भगवान, अगर ये ऐसे ही तेज़ म्यूजिक रखेंगे तो मेरे सिर दर्द की दवाइयां खत्म हो जाएंगी.” उसने अपने सिर को पकड़ा और फिर अपने पास मौजूद बैग से एक गोली निकालकर खा ली.
वह वापस समुद्र की लहरों को देखने लगी तभी पार्टी से एक लड़का निकलकर उसके पास आने लगा.
“हे कृशा... तुम यहां अकेले बैठकर बोर क्यों हो रही हो? मेरा मतलब है, चलो थोड़ी पार्टी करते हैं.” उसने जबरदस्ती कृशा का हाथ पकड़ा और उसे पार्टी की तरफ खींच कर ले जाने लगा.
कृशा उससे अपना हाथ छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी. वह चिल्लाकर बोली, “प्लीज स्टीव, मेरा हाथ छोड़ो... मुझे कोई पार्टी नहीं करनी.”
म्यूजिक तेज़ होने की वजह से उसकी आवाज़ पर किसी का ध्यान नहीं गया लेकिन डांस करते हुए सारा ने स्टीव को कृशा के साथ बदतमीजी करते देख लिया. उसने इशारे से म्यूजिक रुकवाया.
जैसे ही म्यूजिक रुका उनके कुछ दूरी पर खड़े सिक्योरिटी गार्ड्स ने अपनी गन उठा ली. वो कोई भी एक्शन लेते उससे पहले सारा ने उन्हें वहीं रुकने का इशारा किया.
उसके बाद सारा तेज़ कदमों से चलकर उसके पास जाने लगी और उनके पास जाकर स्टीव का हाथ कृशा के हाथ से अलग किया. हर कोई उसके पीछे था.
“जब ये कह रही है इसे पार्टी नहीं करनी है, तो तुम इसके साथ जबरदस्ती क्यों कर रहे हो?” सारा गुस्से में चिल्लाकर बोली. इसी के साथ वहां एक शांति छा गई.
“कम ऑन बेब... तुम इसकी वजह से मुझ पर गुस्सा कर रही हो? तुम भूल गई कि मैं कौन हूं और ये कौन है. यह सिर्फ तुम्हारी नौकर है... और तुम इसे इतना भाव दे रही हो.” स्टीव ने कृशा की तरफ देखकर कहा, जो गुस्से में उसे घूर रही थी.
“अपने शब्द वापस लो स्टीव और अभी के अभी कृशा से माफी मांगो.” सारा ने उसे सख्त शब्दों में कहा.
सारा के गुस्से से सभी वाकिफ थे. तभी कोई बीच में नहीं आ रहा था. स्टीव का साथ देने के लिए उसकी गर्लफ्रेंड आगे आई, “अब जाने भी दो सारा. ठीक है स्टीव गलती हो गई होगी लेकिन वो कृशा से माफी क्यों मांगेगा. इस तरह की चीजें चलती रहती हैं. देखा जाए तो कृशा की इतनी औकात नहीं है कि यहां मौजूद कोई भी इंसान उससे बात तक करे. तुम्हारे साथ होने की वजह से हम उसे थोड़ी बहुत इंपॉर्टेंस दे देते हैं... इसका मतलब ये नहीं कि स्टीव उसके आगे झुकेगा.”
“अगर तुमने अभी के अभी सारा से माफी नहीं मांगी तो अच्छा नहीं होगा.” सारा ने कोल्ड वॉइस में कहा.
“मैं इसे सॉरी नहीं कहूंगा. भाड़ में जाओ तुम और तुम्हारी ये पार्टी.” स्टीव ने ज़ोर से चिल्लाकर कहा.
जैसे ही उसकी बात खत्म हुई, सारा ने उसके गाल पर कसकर तमाचा लगाया. “आगे से मेरे सामने तेज आवाज में बात मत करना. कृशा तो छोड़ो, यहां तुम में से किसी की औकात नहीं है जो मेरे सामने खड़ा भी हो सके. लगता है साथ पार्टी करते हुए भूल गए हो कि मैं कौन हूं.” सारा ने पूरे एटिट्यूड से कहा और कृशा का हाथ पकड़कर वहां से जाने लगी.
जैसे ही वो दोनों वहां से थोड़ी आगे गई, उनके पीछे बहुत सारे सिक्योरिटी गार्ड आ गए. सारा कोई आम इंसान नहीं थी. वह एक माफिया प्रिंसेस थी, जो उस वक्त के रूलिंग माफिया की पोती थी. कुछ और भी बातें थी जो उन्हें उन सब से अलग बनाती थी. इसी वजह से एनीटाइम उसकी सिक्योरिटी हाई रहती थी.
“आज तो तुमने कुछ ज्यादा ही गुस्सा कर दिया. शांत हो जाओ... वरना यहां भी ब्लास्ट हो जाएगा.” कृशा ने उसे चीयर करने की कोशिश की.
“अपना मुंह बंद रखो.” सारा ने जवाब दिया. वह वाकई काफी गुस्से में थी. जैसे ही वह आगे बढ़ी सिक्योरिटी गार्ड्स उन दोनों के पीछे थे.
उन दोनों से थोड़ा ऊंचाई पर एक छोटा सा पक्षी उड़ रहा था. वह एक एडवांस ड्रोन था, जो उन पर नजर रखने के लिए किसी ने लगाया था.
जैसे ही उस इंसान में उन दोनों को अकेले देखा उसके चेहरे पर स्माइल थी.
“एक्शन के लिए तैयार रहो.” एक आदमी की कोल्ड वॉइस आई.
उसकी आवाज सुनकर कहीं दूर हलचल होने लगी. जिस इंसान ने उन्हें ऑर्डर दिया, वह कहीं और मौजूद था. उसके हाथ में आईपैड था, जिससे वह उन दोनों पर नज़रें बनाए हुए था. उसकी हेजल ब्लू आईज एक पल के लिए भी स्क्रीन से इधर-उधर नहीं हुई थीं.
“जिसने स्विमसूट पहना है, उसे उठाना है. बाकी लोगों को मार देना.” उसने अपने कान में लगे ब्लूटूथ में कहा.
“लेकिन अगर दूसरी लड़की को छोड़ा तो वो जाकर कोई भी क्लू दे सकती है. पिछले 5 महीने में पहली बार ये ज्यादा भीड़ से अलग है. गार्ड्स से हम निपट लेंगे क्योंकि वो अलग गाड़ी में होंगे.. पर ये लड़की सारा सिंघानिया के साथ ही रहेगी.” जवाब में एक आदमी की भारी आवाज आई. वह पायलट के पास था.
“ओके देन फिर उसे डेस्टिनेशन पर लाकर मार देना.” कहकर उसने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया.
वह एक बड़े से विला में बैठा था. उसके हाथ में वाइन का ग्लास था जिस पर उसकी उंगलियां चल रही थीं.
“सारा सिंघानिया, अगले 24 घंटों के बाद तुम मेरे पास होगी. कहते हैं जब शेर बूढ़ा होता है तो उसे खुद ही जंगल छोड़कर चले जाना चाहिए वरना जवान शेर उसे मारकर खुद राजा बन जाता है. तुम्हारा दादा ये बात भूल गया है पर उसे ये याद दिलाने के लिए अंडरवर्ल्ड का डेविल अभी जिंदा है.” वह मुस्कुराते हुए बोला.
वहां बैठा वह शख्स अंडरवर्ल्ड में डेविल के नाम से फेमस था. उम्र लगभग 27 साल, 6 फुट 3 इंच लंबी हाइट और मस्कुलर बॉडी के साथ वह काफी हैंडसम था. सब उसे उसके असली नाम के बजाय डेविल के नाम से जानते थे. वह बिल्कुल किसी डेविल की तरह था जो सामने वाले की हर ख्वाहिश पूरी करने की हैसियत रखता था और बदले में बिल्कुल किसी डेविल की तरह उसे हर तरह से यूज करता था.
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वहीं दूसरी तरफ का सीन पूरी तरह अलग था. सारा और कृशा आगे गई तो एक के बाद एक सात गाड़ियां उसका इंतजार कर रही थीं. सारा काफी इंपॉर्टेंट थी इसलिए उसकी सुरक्षा में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ी जाती थी. सारा बीच की एक गाड़ी में कृशा के साथ बैठी और इसी के साथ सभी गाड़ियां चल दीं.
“आगे से कभी खुद को छोटा मत समझना.” सारा ने कृशा की तरफ देख कर कहा, जिस पर कृशा ने हां में सिर हिलाया.
दोनों आपस में बात कर रही थीं तभी अचानक कार को झटका लगा और कृशा सामने की तरफ नीचे गिरते गिरते बची. सारा को भी सामने की तरफ धक्का सा लगा. सभी कारें एक साथ रुक गईं.
आगे जंगल का रास्ता शुरू हो रहा था, जहां थोड़ी थोड़ी दूरी पर काफी सारे पेड़ थे. वहीं रास्ते के बीचोबीच एक ट्रक गिरा हुआ था, जिसका एक्सीडेंट हो गया था. सामने वाली कार से एक आदमी उतरा और वह ट्रक को देखने के लिए चल पड़ा. वहां ट्रक का ड्राइवर नीचे गिरा हुआ था. वह थोड़ी ही दूर पहुंचा था कि अचानक ट्रक का ड्राइवर खड़ा हुआ और उसने अपने पास आने वाले गाड़ी के ड्राइवर पर गोली चला दी. जैसे ही उसने गोली चलाई आसपास के पेड़ों से कुछ आदमी कूदे. एक के बाद बहुत सारे काले कपड़े पहने आदमी बाहर आ रहे थे और दे दना दन सभी कारों पर गोलियों की बरसात कर दी. उनमें से कुछ में ग्रेनेड को कारों के इर्द-गिर्द फेंक दिया गया जिससे धुआं निकल रहा था. उन्होंने लाइट लेंस पहने हुए थे जिसकी वजह से उन पर धुंए का असर नहीं होने वाला था.
सारा और कृशा की कार पर भी गोलियां चलने लगीं. बुलेट प्रूफ कारें काफी देर तक गोलियों का सामना करती रहीं मगर इसके बाद उनके शीशे टूट गए. एक के बाद एक सभी आदमियों को मारा जाने लगा. सारा की कार का दरवाजा खुला और उसके सिक्योरिटी गार्ड ने दोनों को बाहर आने के लिए कहा. दोनों बाहर आए और सिक्योरिटी गार्ड उनको सेफ जगह की तरफ ले जाने लगे. तभी दूर एक चॉपर आते हुए दिखाई दिया. चॉपर में मौजूद स्नाइपर मेन ने सारा की सिक्योरिटी करने वाले सभी गार्ड्स को ऊपर से ही मार दिया.
सारा और कृशा नीचे बैठ गईं. दोनो इन सबसे घबराई हुई थीं. सारा ने कृशा को हग कर रखा था. देखते ही देखते सारा के सारे सिक्योरिटी गार्ड मारे गए थे और चॉपर नीचे उतर रहा था. ठीक 2 मिनट बाद चॉपर नीचे उतरा.
कुछ देर के लिए सन्नाटा छाया रहा. एक दो आदमी जो जिंदा थे उन्हें भी इस सन्नाटे के बीच गोली चलाकर मार दिया गया. सारा चॉपर की तरफ देखने लगी.
वहां से एक लगभग पैंतीस साल का आदमी बाहर निकला. उसके हाथ में गन थी. उसने अपने आदमियों को उन दोनों को अंदर लाने को कहा.
सारा अपनी जगह से खड़ी हुई. “तुमने ये जो भी किया है तुम जानते हो इसका अंजाम क्या होगा. शायद तुम इस बात से अनजान हो कि तुमने किस पर अटैक किया है.”
“या शायद मैं जानता हूं कि मैंने किस पर और क्यों अटैक किया है.” उस आदमी ने रहस्यमई तरीके से जवाब दिया.
“ये तो पता चल ही जाएगा. चलो फिर तुम्हारी बॉस से भी मिल लिया जाए.” सारा ने कहा. सारा फिर भी इतनी डरी हुई नही थी, जितनी कृशा थी.
लगभग 21 घंटे का लम्बा सफर तय करने के बाद चॉपर लंदन पहुंचा. उसने एक बड़े से विला के पीछे बने हेलीपैड पर लैंड किया.
वहां की सिक्योरिटी भी काफी टाइट थी. इस सबके बीच सारा और कृशा को अंदर ले जाया गया. कुछ ही देर में वो दोनों उस शख्स के सामने मौजूद थीं जिसने ये करवाया था.
उसे देखते ही सारा बोली, “ये तुम्हें बहुत महंगा पड़ने वाला है. पूरा माफिया एंपायर मिलकर तुम्हें ऐसी सजा देगी जो तुम्हारी आने वाली सात पुश्ते याद रखेंगी.”
उस लड़के ने शांत चेहरे के साथ सारा की बात सुनी. उसने अपना चश्मा उतारा और उन दोनो को गौर से देखा. वो चुपचाप खड़ा था. तभी सारा ने देखा कि उसके हेड सिक्योरिटी गार्ड को यहां लाया जा रहा था.
उसके कंधे और घुटनों पर गोली लगी थी जिसकी वजह से वो दर्द से कराह रहा था. उस शख्स ने गन निकाली. वो सारा की सिक्योरिटी गार्ड के पास गया. उसे बालों से पकड़ा और सारा की तरफ देखते हुए गन उसके मुंह में डालकर दो गोली चला दी. इसके बाद दोबारा गोली चलाई और एक के बाद एक तीन फायर उसके मुंह में किए. कुछ ही सेकंड में गार्ड की लाश जमीन पर पड़ी थी.
फिर वो खड़ा हुआ और सारा के पास आकर बोला, “तो क्या कह रही थी? कुछ महंगा पड़ेगा....? कितना महंगा...? इतना महंगा कि वो युग राणा को टक्कर दे सके...?”
उसके अपना नाम लेते ही सारा वहीं फ्रीज हो गई. युग राणा उर्फ डेविल का अब तक उसने नाम सुना था और आज वो उसके सामने था.
सारा सिंघानिया, जी एक माफिया प्रिन्सेस होती, तिला युग राणाने किडनॅप केले होते. तो तिला किडनॅप करून लंडनमध्ये आपल्या विलामध्ये घेऊन आला होता.
व्हिलाच्या बाहेर तगडी सुरक्षा असताना सारा उभी होती, आणि त्याच वेळी युगाने जेव्हा स्वतःची ओळख दिली, तेव्हा ती जागीच थिजली.
तिचा उतरलेला चेहरा बघून युग हसून म्हणाला, “काय ग, तुझ्या सुरक्षा रक्षकांसारखा तुझा आत्मविश्वास पण मरत चालला आहे का? तुला काय वाटलं, इतकी तगडी सुरक्षा असताना तुला माझ्याशिवाय दुसरं कोण किडनॅप करू शकतं?”
“हे तू बरोबर नाही केलंस. अंडरवर्ल्डमध्ये ही गोष्ट पसरली, तर सगळे तुझ्या विरोधात जातील. भलेही आम्ही इल्लीगल काम करतो, पण इथे पण काही नियम आणि कायदे आहेत,” सारा रागाने म्हणाली.
साराच्या रागाचा आणि बोलण्याचा युगावर काहीही परिणाम झाला नाही. तो त्याच ॲटीट्यूडमध्ये बोलला, “पण हे कुणाला माहीत आहे की, तुला किडनॅप करून मीच घेऊन आलो आहे? राणा आणि सिंघानिया फॅमिलीने तर कित्येक वर्षांपूर्वी डील करून एकमेकांपासून दूर राहण्याचा करार केला होता.”
“तरीसुद्धा तू मला उचललंस? तसं, मला या गोष्टीचं अजिबात आश्चर्य वाटत नाही आहे की, तू मला किडनॅप का केलं असेल. बट लेट मी क्लिअर वन थिंग, तू तुझ्या उद्देशात कधीही यशस्वी होऊ शकणार नाही. ते लोक मला इथून बाहेर काढतील,” सारा पूर्ण आत्मविश्वासाने म्हणाली. तिच्या चेहऱ्यावर हलके स्मितहास्य होते.
युग चालत तिच्याजवळ आला आणि कानाच्या अगदी जवळ येऊन म्हणाला, “हे तर वेळच सांगेल बेबी.”
“हो, वेळेनुसार सगळं स्पष्ट होईल युग राणा,” साराने उत्तर दिलं. आता साराच्या चेहऱ्यावर भीतीचा कोणताही भाव नव्हता.
साराशी बोलताना युगाची नजर मागे गेली, जिथे कृशा उभी होती. ती घाबरलेली होती आणि तिचा चेहरा खाली होता.
“आपल्या प्रिन्सेसच्या राहण्याची खास सोय करा... आणि हो, कोणतीही कमी राहता कामा नये,” युग मोठ्या आवाजात म्हणाला.
त्याचे बोलणे पूर्ण होताच दोन मुली साराजवळ गेल्या आणि तिला पकडून जबरदस्तीने आत घेऊन जाऊ लागल्या.
“मला नाही जायचं... लीव्ह मी... हे तुला खूप महागात पडेल युग राणा. आय वॉर्न यू,” सारा ओरडून म्हणाली.
सारा आतमध्ये जाण्यासाठी पूर्ण जोर लावत होती. तिला त्रासात बघून कृशा घाबरून म्हणाली, “सारा.. सारा. प्लीज तिला सोडा. साराला काही करू नका.”
कृशाचा आवाज ऐकून युगाने आपला हात वर केला आणि त्या दोन्ही मुलींना तिथेच थांबायला सांगितले. त्यांनी साराला सोडून दिलं.
सारा आणि कृशा दोघीही हैराण झाल्या. युगाने आतापर्यंत साराच्या ओरडण्याकडे अजिबात लक्ष दिले नव्हते, तर कृशाच्या म्हणण्यावर त्याने तिला लगेच सोडून दिलं. कृशाने युगाकडे पाहिलं, तेव्हा तिची भीती थोडी कमी झाली. तिच्या चेहऱ्यावर हलके स्मितहास्य होते.
“हा कुठूनही गुंड दिसत नाही आहे. हा माझ्याकडे असं का बघत आहे? मी याला आवडले आहे काय? नाही गॉड... असं होऊ देऊ नको प्लीज,” कृशा स्वतःशीच बडबडत बोलत होती, तेवढ्यात युग चालत तिच्याजवळ आला.
“प्लीज आम्हाला जाऊ द्या... आम्ही कुणाला काहीही सांगणार नाही. गॉड प्रॉमिस...” कृशा बोलत होती, तेव्हा युगाने तिच्या केसातलं फूल काढलं आणि त्याला आपल्या मुठीमध्ये दाबून चुरगळलं.
“आय हेट येलो कलर...” युगने ते फूल खाली फेकत म्हटलं.
“तुम्हाला येलो आवडत नाही, तर मी आजनंतर कधीही येलो नाही घालणार. आजपासून आय हेट येलो टू. मी तर आंबा पण नाही खाणार, तो येलो कलरचा असतो. आता तर आम्हाला जाऊ द्या,” कृशा निरागसपणे बोलत होती, तेव्हा युगाने तिच्याकडे बघून तोंड वाकडं केलं आणि मोठ्या आवाजात म्हणाला, “मला जास्त बोलणारी माणसं आवडत नाहीत.” मग तो आपल्या माणसाकडे बघून म्हणाला, “याला इथे का घेऊन आला आहात? मी सांगितलं होतं ना, रस्त्यातच मारून टाका.”
जसे कृशाने स्वतःला मारण्याची गोष्ट ऐकली, तिने आपल्या ओठांवर बोट ठेवलं.
“काही हरकत नाही, जे काम तुम्ही लोकांनी अर्धवट सोडलं, ते मी पूर्ण करतो,” युगने आपली गन काढली आणि त्याला लोड करायला लागला.
त्याने गन समोरच्या दिशेला केली, तेव्हा कृशाने रडवेला चेहरा बनवला. ती त्याच टोनमध्ये म्हणाली, “प्लीज मला जाऊ द्या. माझ्यासोबत साराला पण जाऊ द्या. आय स्वेअर, आम्ही दोघी पोलीसला काहीही सांगणार नाही.”
कृशाचं बोलणं ऐकून साराने डोक्याला हात लावला, तर युगाने तिच्याकडे बघून म्हटलं, “पोलीस? कोण आहे ही मुलगी? हिला हे पण माहीत नाही की, आमच्या कामात पोलीस नावाचा शब्द काहीच अर्थ ठेवत नाही.”
“कृशा काय बोलत आहेस. तू या माणसाशी काहीही बोलू नकोस,” सारा ओरडून म्हणाली.
काहीही करण्याआधी युगाने एक नजर साराच्या चेहऱ्याकडे बारकाईने बघितलं. त्याने तिच्या चेहऱ्यावरील हावभाव बघितले. साराच्या चेहऱ्यावर भीती होती. मग युगाने कृशाकडे पाहिलं आणि पुढे येऊन तिचे केस मुठीत पकडले. कृशा वेदनेने ओरडली.
युगने तिला तसंच तिच्या चेहऱ्याच्या अगदी जवळ आणून म्हटलं, “हे मासूम बनण्याचं नाटक माझ्यासमोर करू नकोस. यापुढे मला तुझ्या तोंडून एकही शब्द ऐकायला नको.”
कृशाचे डोळे ओले झाले. युगाने तिला सोडून दिलं आणि त्या मुलींना म्हणाला, “याला पण घेऊन जा. काय माहीत कोणती वस्तू कधी उपयोगी पडेल. वेस्ट मटेरियल पण अनेकवेळा खूप कामाला येतं.”
युगाच्या तोंडून स्वतःसाठी वेस्ट मटेरियल ऐकून कृशा نفرتने त्याच्याकडे बघत होती. ती धावत साराजवळ गेली आणि तिला ग pelली मारली.
“ॲन्ड मेक श्योर, दोघी एकमेकांशी बिलकुल पण बोलू शकणार नाही,” युगने त्या दोघींकडे न बघता म्हटलं.
त्या दोन्ही मुली सारा आणि कृशाला आत घेऊन गेल्या. त्यांच्या जाताच युगाने त्या माणसाकडे पाहिलं, जो त्या दोघींना इथे घेऊन आला होता.
तो जवळपास ३५ वर्षांचा धष्टपुष्ट माणूस होता, ज्याच्या चेहऱ्यावर दाढी-मिशी खूप वाढलेली होती. तो युगाजवळ आला आणि म्हणाला, “आतापर्यंत या दोघींच्या गायब होण्याची बातमी पसरली असेल.”
“पसरू दे मलिक, तेव्हाच मजा येईल. वेळ आली आहे, जेव्हा वर्षांनुवर्षांची दुश्मनी आणखी वाढवली जाईल,” युग बेफिकीरपणे म्हणाला आणि आत निघून गेला.
त्याच्या जाताच मलिकने व्हिलाची सुरक्षा आणखी कडक केली.
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न्यूयॉर्क सिटीच्या बाहेरच्या एरियामध्ये एक मोठा व्हिला होता. तो दिसायला अगदी एखाद्या महालासारखा होता. तिथली सुरक्षा पण खूप तगडी होती आणि या सगळ्यामध्ये तिथे धावपळ सुरू होती.
जवळपास ४५ वर्षांची एक बाई, जिने डिझायनर ऑफिस सूट घातला होता, ती परेशान होऊन इथे-तिथे हेलपाटे मारत होती.
“माहीत नाही सर कुठे राहिले... असं तर होऊ शकत नाही की, इतकं सगळं झाल्यावर त्यांना काहीच माहीत नसेल,” ती आपल्याजवळ उभ्या असलेल्या माणसावर ओरडत होती.
“जे काही आहे, त्याने खूप मोठा डाव साधला आहे अमृता मॅम. आजपर्यंत कुण्या माफिया फॅमिलीमध्ये एवढी हिंमत नाही झाली, की ती प्रिन्सेसला किडनॅप करू शकेल. जरी प्रयत्न नेहमी होत आले, पण अशा प्रकारे यश कुणालाच नाही मिळालं. त्यांनी आपल्या हेड सिक्योरिटी गार्डला पण किडनॅप केलं आणि तिथे त्यांच्यासोबत असलेल्या सगळ्या गार्ड्सना मारून टाकलं. हा जो कोणी आहे, त्याची पोहोच खूप वरपर्यंत आहे,” त्या माणसाने अमृताला पूर्ण परिस्थिती सांगितली.
सगळं ऐकल्यावर अमृताने त्याला रागाने पाहिलं आणि म्हणाली, “मी इथे त्याची तारीफ ऐकायला उभी नाही आहे. जा आणि काहीतरी कर, आणि ही बातमी बाहेर लीक नाही झाली पाहिजे. विक्रम, आय डोन्ट वॉन्ट की कुणाला कळायला पाहिजे सारा किडनॅप झाली आहे.”
“त्यांच्यासोबत कृशा पण होती,” विक्रमने सांगितलं. मग तो थोडं आश्चर्य दाखवत बोलला, “तुम्ही खरंच या फॅमिलीसाठी खूप जास्त समर्पित आहात. तुमची स्वतःची मुलगी किडनॅप झाली आहे, तरीसुद्धा तुम्ही साराची काळजी करत आहात.”
“हो कारण तो कृशाला काही नाही करणार. आपल्याला आपली लेगसी वाचवायची आहे, ना की या क्षणाला या गोष्टीवर वाद घालायचा आहे की, मला कुणाच्या किडनॅप होण्याने किती फरक पडत आहे,” अमृताने त्याला फटकारलं.
ती त्याच्यासोबत वाद घालत होती, तेव्हा त्या फ्लोअरच्या लिफ्टचा दरवाजा उघडला आणि जवळपास ७० वर्षांचे एक आजोबा बाहेर आले. त्यांच्या हातात एक काठी होती, जिचाHandle गोल्ड आणि डायमंडने सजलेला होता. कपडे पण त्यांनी डिझायनर घातलेले होते. त्यांच्या डोक्यावर त्या वयात पण ठीकठाक केस होते, जे निम्मे काळे आणि निम्मे ग्रे रंगाचे होते.
“आता गप्प बसा तुम्ही दोघे पण,” त्यांनी सक्त आवाजात म्हटलं. त्यांच्या चेहऱ्यावरील भाव खूप गंभीर होते. ते साराचे आजोबा मिस्टर आदित्य सिंघानिया होते, जे या क्षणाला सगळ्या माफियामध्ये किंगच्या पोजीशनवर होते.
“आय एम सो सॉरी सर. हे सगळं माझ्यामुळे झालं, मी साराची काळजी नाही घेऊ शकले,” अमृताने मान खाली घालून म्हटलं.
“बरं झालं, तू आपली चूक मानली. जर साराला एक ओरखडा पण आला, तर त्याची शिक्षा भोगायला तयार राहा,” त्यांनी सक्त लहजात म्हटलं. मग ते काहीतरी विचार करून बोलले, “साराला पार्टीमध्ये जायची परवानगी कुणी दिली?”
“मीच तिला पार्टी करायची परमिशन दिली होती,” अमृताने मान खाली घालून म्हटलं, “ती खूप हट्ट करत होती. मग इतकी सुरक्षा पण होती, तर मी...”
अमृता स्वतःच्या बाजूने सफाई देण्याचा प्रयत्न करत होती, तेव्हा आदित्य सिंघानियाने तिचं बोलणं मध्येच तोडत म्हटलं, “तर तू तिला जाऊ दिलंस, मला न विचारता. तू तिची केअरटेकर आहे, याचा अर्थ असा नाही की, तुला तिची आई होण्याचा हक्क मिळतो. तुला तिच्यासाठी निर्णय घ्यायचा कोणताही हक्क नाही आहे अमृता. एक गोष्ट लक्षात ठेव, जर माझ्या साराला एक ओरखडा पण आला, तर तुझी मुलगी पण नाही वाचणार.”
“अजीब फॅमिली आहे. इथे मुलीला किडनॅप केलं आणि तिच्या जीवाऐवजी यांना तिच्या ओरखड्याची काळजी आहे. अरे जो मारेल, तो हे थोडीच ना सोचेन की, किती मार द्यायचा किंवा किती नाही द्यायचा...” विक्रम बडबडून बोलला. तो नवीनच आला होता आणि त्याला अजून पूर्ण गोष्टी व्यवस्थित माहीत नव्हत्या.
आदित्य जींनी त्याचं बोलणं ऐकलं. त्यांनी त्याच्याकडे रागाने पाहिलं आणि म्हटलं, “ती सारा सिंघानिया आहे. तिच्या आयुष्याची एक किंमत आहे आणि त्याच किमतीला वसूल करण्यासाठी त्या व्यक्तीने तिला किडनॅप केलं आहे. कोण बेवकुफ असेल, जो साराला मारेल.”
आपलं बोलणं बोलून ते तिथून परत निघून गेले. त्यांना या गोष्टीची बिलकुल पर्वा नव्हती की, साराला कुणी किडनॅप केलं असेल.
आदित्य जींच्या तिथून जाताच अमृताने त्याच्याकडे रागाने पाहिलं. ती त्याला त्याच लहजात बोलली, “तू नवीन नवीन जॉईन केलं आहेस, म्हणून आपल्या जिभेवर ताबा ठेव. विसरू नकोस की, तू कुणासाठी काम करत आहेस. आता जा आणि जाऊन पत्ता कर की, या क्षणाला पूर्ण जगात कोण-कोणत्या माफिया फॅमिलीज ॲक्टिव्ह आहेत आणि स्वतःला किंगच्या पोजीशनवर बघू इच्छितात.”
त्या माणसाने होकारार्थी मान हलवली आणि तिथून निघून गेला. किंगची पोजीशन एक अशी पोजीशन होती, जी प्रत्येकाला मिळवायची होती आणि त्याची एकच किल्ली होती आणि ती म्हणजे सारा सिंघानिया.
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युगने ऑर्डर दिल्यानंतर दोन मुली सारा आणि कृषाला आत घेऊन गेल्या. आत येताच सारा आणि कृषाने विला बघायला सुरुवात केली. जरी त्या दोघींचाही दृष्टिकोन विला बघण्याचा पूर्णपणे वेगळा होता.
कृषाने आपले डोळे मोठे केले आणि आश्चर्य व्यक्त करत म्हणाली, "वॉव... हे तर आपल्या राजवाड्याइतकेच सुंदर आहे. याचा इंटिरियर किती लैविश (भव्य) आहे ना सारा... ग्रे (राखाडी) अँड व्हाईट (पांढरा) थीम... मला तर हे घर खूप आवडले."
ती असं बोलल्यावर साराने तिच्याकडे रागाने बघितले आणि दबलेल्या आवाजात तिच्या कानाजवळ येऊन म्हणाली, "चूप कर कृषा. तू इथे पार्टी करायला नाही आली आहेस. त्यांनी आपल्याला किडनॅप (अपहरण) केले आहे."
तिच्या बोलण्यावर कृषा शांत झाली, तर साराने पुन्हा एकदा विलाकडे बघितले आणि स्वतःशीच बडबडली, "इथे काम करणारे स्टाफ (कर्मचारी) आणि सिक्युरिटी गार्ड्स (सुरक्षा रक्षक) यांच्याशिवाय दुसरे कोणी नाही आहे. याचा अर्थ युग राणा इथे एकटाच राहतो. इथे चारही बाजूंनी कॅमेराज (camera) लावले आहेत, म्हणजे इथे काहीतरी महत्त्वाचे काम देखील होते, जे माफिया (गुंड) जगाशी जोडलेले आहे. सुरक्षेची विशेष काळजी घेतली आहे, त्यामुळे या जागेबद्दल या माणसाशिवाय आणखी कोणालाही माहीत नसेल. आणि याची इच्छा पण नसेल... की कोणी इथे पोहोचावे."
साराने एकाच नजरेत विला बद्दल बरंच काही अनुमान लावले होते. ती तिथून बाहेर पडण्याचा विचार करत होती.
सारा आपल्या नजरेने सगळं काही पारखत होती, तेव्हाच तिच्या कानांमध्ये युगचा आवाज पडला, "इतक्या बारकाईने पण सगळ्यांना बघू नकोस, की इथे असलेल्या सिक्युरिटी गार्ड आणि कॅमेराजला पण तुझ्यावर प्रेम होईल. डेव्हिल्स लँडमध्ये (Devils Land) तुझे स्वागत आहे प्रिन्सेस (राजकुमारी)." असं बोलत तो चालत साराजवळ गेला.
"सारा आहेच इतकी ब्यूटीफुल (सुंदर) की तिच्यावर कोणाचेही प्रेम होईल." कृषा निरागसपणे म्हणाली.
तिच्या बोलण्यावर युगच्या चेहऱ्यावरील भाव एकदम कठोर झाले. त्याने आपल्याजवळ उभ्या असलेल्या मुलीला तिला तिथून घेऊन जाण्याचा इशारा केला.
"चल इथून..." कृषाजवळ उभी असलेली लेडी गार्ड (महिला सुरक्षा रक्षक) तिला ओढत आत घेऊन जाऊ लागली.
"अरे सोडा मला... माझा हात का ओढत आहात. निघून बाहेर आले तर मी हाताशिवाय चांगली नाही दिसणार." कृषाने आपला हात सोडवण्याचा निष्फळ प्रयत्न केला. तिच्या वागण्यात एक निरागसपणा आणि बालिशपणा होता.
तिचे बोलणे ऐकून युगने डोळे फिरवले. कृषा तिथून गेल्यावर त्याने दुसऱ्या गार्डला पण तिथून दूर पाठवले. विलाच्या मोठ्या हॉलमध्ये युग आणि साराशिवाय दुसरे कोणीही उभे नव्हते.
"व्हॉट डू यू वॉन्ट?" (तुला काय पाहिजे?) साराने थेट प्रश्न विचारला.
"आय वॉन्ट यू..." (मला तू पाहिजे आहेस...) युगने साराला पकडून आपल्याजवळ ओढले.
सारा त्याला स्वतःपासून दूर करण्यासाठी হাত-पाय मारू लागली. युगने तिला खूप घट्ट पकडले होते. तिचे प्रयत्न अयशस्वी होताना बघून युगच्या चेहऱ्यावर दुष्ट हास्य होते.
"मी तुला एक गोष्ट क्लिअर (स्पष्ट) करू देते की तुला जे पाहिजे आहे, ते तुला कधीच मिळणार नाही. आतापर्यंत तर माझ्या किडनॅप (अपहरण) होण्याची बातमी पूर्ण माफिया (गुंड) जगात पसरली असेल." सारा बोलत होती, तेव्हाच युग मध्ये बोलला, "काय खरंच तुला असं वाटतं? आपल्या मूर्ख दोस्तासोबत राहून तू पण मूर्ख झाली आहेस. आदित्य सिंघानिया ही न्यूज (बातमी) कधीच बाहेर येऊ देणार नाही की तू किडनॅप झाली आहेस."
सारा काही क्षण शांत झाली. मग ती थोडा वेळ थांबून बोलली, "ठीक आहे, मी तुझं हे बोलणं मान्य करते, पण तू ज्या कामासाठी मला किडनॅप केले आहे, ते पूर्ण करायला तर नक्की जाशील ना. आतापर्यंत तर तिथली सिक्युरिटी (सुरक्षा) आणखी हाय (high) झाली असेल. तू तिथे नक्की जाशील, पण परत तुझी बॉडी (शव) येईल." साराच्या चेहऱ्यावर एक आत्मविश्वास भरलेले हास्य होते.
"तू अजून युग राणाला समजूनच नाही घेतलं आहेस. काही हरकत नाही, हा पण चान्स (संधी) मिळेल. चांगल्या प्रकारे समजून घे... आफ्टर ऑल (अखेरीस) आपल्याला पूर्ण लाईफ (आयुष्य) एकत्र जगायची आहे." युगने एका झटक्यात साराला सोडले. "तुझ्या होणाऱ्या सासरमध्ये तुझं स्वागत आहे बेबी... डू व्हॉट एव्हर यू वॉन्ट टू डू (तुला जे करायचं आहे ते कर), बट डोन्ट ट्राय टू ट्रबल मी (पण मला त्रास देण्याचा प्रयत्न करू नकोस)."
आपले बोलणे पूर्ण करून युग तिथून निघून गेला. तर सारा तिथे उभी राहून आश्चर्याने त्याला बघत होती. ती रागाने मोठ्याने ओरडून म्हणाली, "असं कधीच होणार नाही. तू विचार पण कसा करू शकतोस की मी तुझ्याशी लग्न करेन."
"युग राणा कधी विचार करत नाही, करून दाखवतो. तुला मला जाणून घेण्यासाठी जास्तीत जास्त 10 दिवसांचा वेळ आहे. त्यानंतर आपण पहिल्या टप्प्यावर जाऊ... आता वेळ आली आहे या जगाला एक नवीन किंग (राजा) आणि क्वीन (राणी) मिळण्याची." युगने तिच्याकडे न बघता म्हटले.
त्यानंतर युग सरळ लिफ्टमध्ये गेला. युग जाताच सिक्युरिटी गार्ड्स (सुरक्षा रक्षक) अलर्ट (सतर्क) झाले, तर त्याच वेळी दोन आणखी मुली साराजवळ आल्या.
"मॅम चला, मी तुम्हाला रूममध्ये (खोलीत) घेऊन जाते. तुम्ही थोडा वेळ आराम करा." त्यापैकी एक मुलगी नजर खाली करून म्हणाली.
"माझा कोणताही रूम नाही आहे इथे आणि कृषा कुठे आहे? कुठे सोडले आहे तुम्ही तिला?" साराने रागात विचारले.
"उद्या सर तुम्हाला पूर्ण विला फिरवतील. आज तुमचा पहिला दिवस आहे. तुम्ही थकून गेला असाल. चला, नाहीतर सर रागावतील." त्यापैकी दुसरी मुलगी म्हणाली.
"हो तर मी काय करू, जर तो रागावला तर? मला आत्ताच्या आत्ता कृषाला भेटायचे आहे." सारा ओरडून म्हणाली. तिला कोणाचे ऑर्डर्स (आदेश) फॉलो (अनुसरण) करायची सवय नव्हती.
दोन्ही मुलींनी एकमेकींकडे बघितले. मग त्यापैकी एक जण हतबल होऊन म्हणाली, "प्लीज (कृपया) मॅम, आपल्या रूममध्ये (खोलीत) चला जा. तुम्हाला ते काही बोलणार नाहीत, पण आमचा जीव जाईल."
साराने एक दीर्घ श्वास घेतला. ती माफिया (गुंड) जगातली जरूर होती, पण विनाकारण कोणाचा जीव घेण्यात तिला विश्वास नव्हता. तिने त्या दोघींसोबत जाण्याची तयारी दर्शवली.
त्या दोन्ही मुली साराला थर्ड (तिसऱ्या) फ्लोअरवर (मजल्यावर) घेऊन गेल्या. तिथे लिफ्टच्या (lift) आसपास सिक्युरिटी गार्ड (सुरक्षा रक्षक) उभे होते. पूर्ण फ्लोअरवर (मजल्यावर) कॅमेराज (camera) लावले होते. पुढे काही अंतर चालल्यावर साराचा रूम (खोली) होता. त्या फ्लोअरवर (मजल्यावर) लिफ्टशिवाय (lift) आणखी कुठेही गार्ड (रक्षक) नव्हता. हे सगळं बघून साराला आश्चर्य वाटले.
"अजीब गोष्ट आहे, प्रत्येक 20 मीटर (meter) पुढे एक गार्ड (रक्षक) उभा आहे, पण हा पूर्ण फ्लोअर (मजला) कोणत्याही सिक्युरिटी गार्डशिवाय (सुरक्षा रक्षक)? युग राणाला बिलकुल पण भीती नाही आहे काय, की मी इथून पळून जाईन." साराने आश्चर्य व्यक्त करत म्हटले.
"तुम्ही प्रयत्न करून बघू शकता. या विलातून जाण्याचा फक्त एकच रस्ता आहे आणि तिथून निघणे नामुमकिन आहे." त्यापैकी दुसरी मुलगी उत्तरली.
ती पुढे काही बोलणार होती, त्याआधीच पहिली मुलगीने तिला डोळे वटारले, ज्यामुळे ती शांत झाली. त्यांना सारासोबत जास्त बोलायची परवानगी नव्हती. साराला तिच्या रूममध्ये (खोलीत) सोडल्यानंतर त्या दोघी तिथून निघून गेल्या.
सारा पुढे आपल्या रूममध्ये (खोलीत) गेली, तर तिचा रूम (खोली) चांगल्या प्रकारे तयार होता. तिथे प्रत्येक प्रकारची सोय होती, इतकेच नाही, तर एका एरियामध्ये (जागेत) खाण्या-पिण्याचे पण सगळे सामान ठेवलेले होते. सारा रूममध्ये (खोलीत) फिरत फिरत पुढे गेली, तर तिथे क्लोसेट (कपाट) बनवलेले होते, ज्यामध्ये तिच्या साइजचे (मापाचे) प्रत्येक प्रकारचे कपडे ठेवलेले होते.
"वाटतंय, हे खूप आधीपासून प्लॅनिंग (नियोजन) करत आहे." सारा थकून बेडवर (बिछाना) जाऊन बसली. मागच्या दीड दिवसांपासून तिने 1 मिनिटासाठी पण आराम केला नव्हता आणि त्यामुळे तिच्या चेहऱ्यावर थकवा स्पष्ट दिसत होता.
"आय होप (आशा आहे) दादू, तुम्ही मला शोधून घ्याल." साराच्या चेहऱ्यावर उदास भाव होते. ती बेडवर (बिछाना) झोपून सीलिंगकडे (छताकडे) बघू लागली. मग तिला कृषाची आठवण आली, तर ती परत उठून बसली.
"कृषा? माहीत नाही, त्याने कृषाला कुठे ठेवले असेल? इथून निघण्याआधी मला स्वतःसोबत कृषा सिक्युरिटीची पण काळजी घ्यावी लागेल. नाहीतर तो त्या निष्पापला मारून टाकेल. माझ्यामुळे बिचारी ती मोठ्या अडचणीत सापडली आहे."
सारा उठून युग राणासोबत बोलायला गेली, पण सिक्युरिटी गार्डने (सुरक्षा रक्षक) तिला तिथेच थांबवले. तिला युगच्या परवानगीशिवाय त्या फ्लोअरवरून (मजल्यावरून) कुठेही जायची परवानगी नव्हती, त्यामुळे ती पाय आपटत परत रूममध्ये (खोलीत) आली.
सारा बेडवर (बिछाना) झोपून तिथून निघण्याबद्दल विचार करत होती, इतक्यात तिची झोप लागली. तर दुसरीकडे, आपल्या रूममध्ये (खोलीत) बसून युग साराच्या प्रत्येक हालचालीवर नजर ठेवून होता.
जसा त्याने साराला झोपलेले पाहिले, त्याने स्क्रीन झूम (Zoom) करून तिच्या चेहऱ्याला बारकाईने बघायला सुरुवात केली.
"खूबसूरती इतनी की कोई भी दीवाना हो जाए... पर तुम्हारी खूबसूरती से लेकर हर एक चीज पर सिर्फ एक इंसान का हक है और वो है युग राणा. (सौंदर्य इतके की कोणीही वेडा होईल... पण तुझ्या सौंदर्यापासून ते प्रत्येक गोष्टीवर फक्त एका माणसाचा हक्क आहे आणि तो आहे युग राणा.) मेरी भी हर चीज तुम्हारी होगी... प्यार भी होगा, हक भी होगा... तो हदें भी पार होगी... (माझी पण प्रत्येक गोष्ट तुझी असेल... प्रेम पण असेल, हक्क पण असेल... तर मर्यादा पण ओलांडल्या जातील...) लेकिन गलती से भी धोखा देने के बारे में मत सोचना। वरना जो हदे प्यार में पार होने वाली है वो तुम्हें दर्द देने में होगी। (पण चुकीने पण धोका देण्याचा विचार करू नकोस. नाहीतर ज्या मर्यादा प्रेमात ओलांडल्या जातील, त्या तुला दुःख देण्यात असतील.)" असं बोलताना युगच्या चेहऱ्यावरील भाव कठोर झाले.
त्याने आयपॅड (Ipad) बेडसाइडवर (बिछानाजवळ) ठेवला आणि डोळे बंद करून साराबद्दल विचार करू लागला. साराचे सौंदर्य, ॲटीट्यूड (attitude) आणि तिचा कॉन्फिडन्स (आत्मविश्वास) प्रत्येक प्रकारे युगचे मन जिंकत होता.
युगाला साराला पाहिल्यावर कृषाची आठवण झाली. त्याने त्वरित तिच्या रूमचा कॅमेरा चालू केला. कृषाला दुसर्या मजल्यावर रूम मिळाली होती. तिची खोलीही साराच्या खोलीइतकीच चांगली होती, पण तिच्यासाठी तिथे काही सामान ठेवलेले नव्हते. साराची खोली आधीच तिच्या आवडीनुसार तयार केली गेली होती. साराला पूर्ण तयारीनिशी तिथे आणले होते, तर कृषाचे तिथे असणे केवळ एक योगायोग होता. त्यामुळे त्या खोलीत कोणतेही जास्तीचे सामान नव्हते.
खोलीत येताच कृषा सर्वात आधी आंघोळीला गेली. तिथे कपडे नसल्यामुळे तिने स्वतःला एका मोठ्या टॉवेलमध्ये व्यवस्थित लपेटले होते. युगाने तिला टॉवेलमध्ये पाहिले तेव्हा त्याचे डोळे लहान झाले.
"जर तुला जिंकण्याची माझी मजबुरी नसती, तर मी हिला इथे येताच मारले असते." युग कोणत्याही भावनांशिवाय म्हणाला. त्याची नजर स्क्रीनवर टिकून होती.
इकडे कृषा खोलीत कंटाळली होती. "काय यार, किती बोअरिंग जागा आहे. दिसायला जेवढी सुंदर, तेवढीच पकाऊ..." असे बोलत तिने आपल्या पोटावर हात ठेवला, जे भुकेमुळे कुरकुर करत होते.
मग कृषाची नजर वर गेली आणि तिला एका बाजूला कॅमेरा दिसला. ती कॅमेऱ्याजवळ गेली आणि त्यात पाहून मोठ्याने ओरडली, "कपडे नाही दिले, तर निदान जेवण तरी द्या. गेल्या दोन दिवसांपासून मी व्यवस्थित काहीच खाल्ले नाही. कसे होस्ट आहात तुम्ही... पाहुण्यांना घरी बोलावून उपाशी ठेवता. इथे कपडेसुद्धा नाही दिले."
तिचे बोलणे ऐकून युगाने मान हलवून म्हटले, "तू माझी गेस्ट नाही आहेस. जी माझी गेस्ट आहे, तिच्याकडे सर्व सुविधा आहेत. नको असलेल्या गेस्टला राहण्यासाठी सेवन स्टार हॉटेलसारखी रूम मिळाली, तेही खूप आहे."
युग कॅमेरा बंद करणार होता, तेवढ्यात त्याला पुन्हा कृषाचा आवाज ऐकू आला. ती परत ओरडून म्हणाली, "जर तू मला जेवण नाही दिले, तर... तर..." तिने आपले बोलणे अर्धवट सोडले आणि मग काहीतरी विचार करत पुढे म्हणाली, "तर तुला पाप लागेल."
युगाने आपला आयपॅड बाजूला ठेवला आणि टेलिकॉम उचलून मलिकला फोन केला आणि म्हणाला, "ती जी दुसरी मुलगी आली आहे, तिला जेवण पाठवून दे मलिक."
"इतक्या रात्री सर?" मलिकने आश्चर्याने विचारले, कारण त्यावेळी रात्रीचे एक वाजले होते.
"हो पाठवून दे, नाहीतर आपल्याला पाप लागेल." असे बोलून युगाने फोन कट केला.
युगाने जे काही बोलला, ते ऐकून मलिक थोडा हैराण झाला. तो स्वतःशीच म्हणाला, "आज सरंना काय झाले आहे? हे कसे बोलत आहेत. खैर, त्यांनी जे सांगितले आहे, ते तर फॉलो करायलाच पाहिजे."
मलिक त्याच वेळी किचनमध्ये गेला आणि एका महिला हाऊस हेल्परसोबत कृषाला जेवण पाठवले. जेवण मिळताच कृषाच्या चेहऱ्यावर मोठे स्मित आले. ती प्लेट घेऊन आत आली आणि ती पाहू लागली. तिच्यासाठी हॉट इन्स्टंट नूडल्स आणि सूप होते.
"अरे वा! माझी आयडिया काम करून गेली. हे तर खूप टेस्टी दिसत आहे." कृषा चमचा उचलून खायला जाणार होती, तेव्हा तिला काहीतरी आठवले. तिने कॅमेऱ्याकडे पाहून म्हटले, "याचा अर्थ तो मला बघत आहे." विचार करत कृषाचे डोळे मोठे झाले. तिने कपडे घातले नव्हते. ती धावत बाथरूममध्ये गेली आणि तिने तिचा प्रत्येक भाग बारकाईने पाहिला.
बाथरूममध्ये कोणताही कॅमेरा नव्हता, हे पाहून कृषाने सुटकेचा श्वास घेतला, तर युगाला तिच्या हालचालीवरून समजले की ती बाथरूममध्ये धावत का गेली असेल.
"बेवकूफ मुलगी... मी बाथरूममध्ये कॅमेरा का लावेल? मी गुंड आहे, पण लंपट नाही." युग बडबडला.
"हो, मला माहीत आहे बाथरूममध्ये कोणी कॅमेरा लावत नाही, पण रूममध्ये कोण कॅमेरा लावतो? याची तर प्रत्येक खिडकी याच विलाच्या आत उघडते. कोणीSettingsचाहूनही पळून जाऊ शकत नाही. मग कॅमेऱ्याची काय गरज आहे." कृषाने डोळे फिरवून म्हटले. मग ती जेवण करायला लागली.
जेवण संपल्यानंतर तिने आपल्या बॅगमधून औषध काढून घेतले. कृषा आपली बॅग कधीही स्वतःपासून वेगळी करत नसे आणि तिच्यात तिच्या गरजेच्या जवळजवळ सर्व वस्तू असत. मग तिने लाईट बंद केली आणि बॅगला आपल्या छातीशी कवटाळून झोपली.
ती झोपल्यानंतर युगाने पुन्हा साराला तपासले. तीही झोपली होती. त्याने मलिकला फोन करून सिक्युरिटीला जास्त सतर्क राहण्यास सांगितले आणि मग तो स्वतःही झोपायला गेला.
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न्यूयॉर्क शहरामधील सिंघानिया विलामध्ये पूर्णपणे शांतता पसरलेली होती. आदित्य सिंघानिया आपल्या खोलीत गंभीर चेहऱ्याने बसले होते. तर, अमृता त्यांच्यासमोर मान खाली घालून उभी होती.
"साराला कोणी किडनॅप केले, याचा काही पत्ता लागला? मला नाही वाटत या माफिया जगात कोणाची इतकी हिंमत असेल, जी आमच्याशी टक्कर घेण्याचा विचार करेल." आदित्यने कठोर आवाजात विचारले.
"हो, इतरांमध्ये तर नाही, पण एक असा आहे, जो बदला घेण्याच्या ता isolated आहे. आजपासून नाही, तर गेल्या अनेक दशकांपासून." अमृता हळू आवाजात उत्तरली.
"कोण, राणा फॅमिली?" आदित्य किंचित हसून म्हणाला, "नाही, ते ढवळाढवळ करण्याची हिंमत करणार नाहीत. मला नाही वाटत दोन वेळा तोंडावर पडल्यानंतर आता त्यांच्यात आमच्याशी टक्कर घेण्याची हिंमत उरली असेल."
"पराभव तुमच्या आत बदला घेण्याची आग आणखी भडकवतो." अमृता म्हणाली.
"जर त्यांनी असे केले, तर येऊ दे त्यांना. दरवेळेसप्रमाणे या वेळेसही तोंडावर आपटून परत जातील. सगळ्या ठिकाणची सुरक्षा इतकी tight ठेवा की तिथे कोणी अनोळखी व्यक्तीने जरी पाऊल ठेवले, तरी जिवंत वाचून जाऊ नये. बाकी साराला कोणीही नुकसान पोहोचवू शकत नाही. मला तिची किंचितसुद्धा tension नाही आहे. ती उगाच माफिया प्रिन्सेस नाही आहे." आदित्य सिंघानियाने बेपर्वाईने म्हटले. माफिया जगात काम करता करता तो खूप कठोर झाला होता आणि त्यांना कोण किती नुकसान पोहोचवू शकतो, याची जाणीव त्याला चांगली होती.
अमृता काही क्षण थांबली आणि मग हळू आवाजात म्हणाली, "आणि कृषा?"
"सारावर विश्वास ठेव. ती स्वतःसोबत कृषालाही सुरक्षित ठेवेल. एक काम कर, मला राणा फॅमिलीच्या नवीन पिढीशी संबंधित लोकांची माहिती पाठव. Last time आपण एकमेकांपासून दूर राहण्याचा करार केला होता. त्यानंतर मला नाही माहीत त्यांच्या फॅमिलीमध्ये कोण किती powerful बनून पुढे आले आहे. तसेही दोन देशांमध्ये वेगवेगळ्या ठिकाणी राहिल्यामुळे कधी चुकूनही भेटण्याची संधी मिळाली नाही. मी पण बघतो, कोण आहे जो माझ्याविरुद्ध डोके वर काढण्याची हिंमत करत आहे." आदित्य म्हणाला.
"डेव्हिल..." अमृताने मान वर करून म्हटले.
तिच्या तोंडून डेव्हिलचे नाव ऐकून आदित्यचे डोळे मोठे झाले. "काय तो मुलगा राणा फॅमिलीमधून आहे? हल्ली प्रत्येक ठिकाणी त्याचेच नाव ऐकायला मिळत आहे. माझ्याव्यतिरिक्त मी इतक्या वर्षात कोणा माणसाचा इतका दबदबा नाही पाहिला, जेवढे मी त्याच्याबद्दल ऐकले आहे. आजपर्यंत तो माझ्या मार्गात आला नाही, म्हणून मी त्याच्याबद्दल जाणून घेण्याचा प्रयत्न केला नाही. काय त्याने साराला किडनॅप केले आहे?"
"असू शकते, अजून खात्री नाही आहे. मी तुम्हाला राणा फॅमिलीच्या नवीन पिढीची माहिती पाठवते." अमृताने उत्तर दिले आणि तिथून निघून गेली.
ती गेल्यानंतर आदित्य विचारात पडला. तो स्वतःशीच बडबडला, "हर्षवर्धन राणा... आपली मैत्री तू दुश्मनीत बदललीस, जी मागील तीन पिढ्यांपासून चालत आली आहे. विचार नव्हता की तुझ्याशी पुन्हा सामना होईल. तू अजूनही या जगात आहेस, तर अपेक्षा आहे की तू आपल्या नातवाला व्यवस्थित समजावून सांगशील की माझ्यापासून आणि माझ्या फॅमिलीपासून दूर राहा. नाहीतर दरवेळेसप्रमाणे मला तुझा फणा मोडायला चांगला येतो."
आदित्यच्या चेहऱ्यावरील भाव गंभीर होते. तो आपल्या खुर्चीवर मागे रेलला आणि साराबद्दल विचार करू लागला.
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दुसऱ्या दिवशी सकाळी सारा उठली. रात्री कधी तिची झोप लागली, तिला कळले नाही. त्यात सकाळी सकाळी चहा न मिळाल्यामुळे तिच्या डोक्यात भयंकर दुखत होते.
"अजब संकट आहे... मला त्याच्याकडे जाऊन सर्व गोष्टी clear करायला लागतील. सर्वात आधी कृषाबद्दल विचारायला लागेल. त्यानंतर त्याला समजावून सांगायला लागेल. मला आशा आहे, तो माझे बोलणे समजेल." सारा स्वतःशीच म्हणाली. ती उठून बाथरूमकडे जायला निघाली, तेव्हा तिच्या रूमची बेल वाजली.
"माझा त्याचा चेहरा बघण्याचा कोणताही मूड नाही आहे." साराने डोळे फिरवून म्हटले. ती तिथेच बसून राहिली, तर इतक्यात तीन-चार वेळा बेल वाजली.
"प्लीज मॅम, ओपन द डोर." बाहेरून एका मुलीचा आवाज आला. ती तीच होती, जी रात्री साराला तिच्या रूममध्ये सोडून गेली होती.
यावेळेस साराने तिच्यासाठी दरवाजा उघडला. साराने दरवाजा उघडताच तिने Good Morning Wish केले आणि मग म्हणाली, "दोन तासांनंतर तुमची सरसोबत Breakfast date आहे. त्याच्यासाठी तयार होऊन जा. तुमच्या Size चे सर्व प्रकारचे कपडे Closet Room मध्ये आहेत."
"मी त्याची Servant नाही आहे, जी त्याच्या सांगण्यावरून प्रत्येक गोष्टीसाठी तयार होईल. मी या रूमच्या बाहेर पाऊलसुद्धा ठेवणार नाही. जा आणि त्याला बोल... आणि हो, हेसुद्धा सांग की कृषाला जर छोटीशीसुद्धा दुखापत झाली, तर त्याच्यासाठी चांगले नाही होणार." साराने रागाने उत्तर दिले. ती तिच्या तोंडावर दरवाजा बंद करायला गेली, पण त्या मुलीने दरवाजा पकडला.
"प्लीज मॅम, असे नका करू. तुमची प्रत्येक नाही आणि रागाची शिक्षा आम्हाला मिळेल." त्या मुलीने लाचारीने म्हटले.
तिच्या बोलण्याला उत्तर देण्याआधी साराने तिच्या शर्टवर लावलेला Name Tag पाहिला आणि त्यावर लिहिलेले नाव वाचून म्हणाली, "So Listen Miss हया... I Really Don't Care की तो तुम्हाला कशाची शिक्षा देतो. मी वारंवार अशा Emotional Blackmail ला बळी पडणार नाही. त्याला जाऊन सांग, मला त्याचा चेहरासुद्धा बघायचा नाही. Breakfast date गेली तेल लावत..." डोके दुखत असल्यामुळे साराला आणखी राग येत होता. तिने रूमचा दरवाजा हयाच्या तोंडावर बंद केला आणि मग Kitchen Area कडे गेली.
तिथे थोडेफार खाण्यापिण्याचे सामान ठेवलेले होते. बाजूला एक Coffee Machine पण होते. साराने स्वतःसाठी एक Strong Black Coffee बनवली आणि स्वतःला शांत करण्याचा प्रयत्न करू लागली.
इकडे साराच्या नकारानंतर हया दबक्या पावलांनी युगाकडे गेली आणि तिने जे काही सांगितले, ते जसेच्या तसे त्याला सांगितले.
"कृषाला दुखापत व्हायला नको, नाहीतर चांगले नाही होणार... Really?" युगाच्या चेहऱ्यावर रागासोबत Evil Smile होती. "वाटतंय तू विसरलीस की या वेळेस तू डेव्हिलच्या विलामध्ये आहेस, की आपल्या घरी... मला नाही ऐकायची सवय नाही आहे आणि या नाहीची शिक्षा त्याला भोगावी लागेल, ज्याची तू या वेळेस काही जास्तच काळजी करत आहेस. तुझ्या मनात फक्त आणि फक्त माझी काळजी असायला पाहिजे सारा सिंघानिया, नाहीतर कोणत्याही Servant ची... वाटतंय तुला तुझ्या लाईफचा पहिला Lesson देण्याची वेळ आली आहे."
युग त्यावेळेस खूप रागात होता. तो उठून तिथून बाहेर जात होता. त्याच्या डोक्यात काय चालले होते, ते त्यालाच माहीत होते, पण एक गोष्ट clear होती, साराला तिच्या या Badtamizi ची चांगली शिक्षा मिळणार होती.
साराने युगसोबत ब्रेकफास्ट डेटला जाण्यास नकार दिला होता. तसेच, तिने हयाकडून हे बोलवून पाठवले होते की, युगाने चुकूनही कृशाला दुखापत पोहोचवण्याचा विचार करू नये. तिचा नकार आणि कृशाची काळजी घेणे युगाला राग आणत होते. तिला धडा शिकवण्यासाठी तो त्वरित त्याच्या मजल्यावरून कृशाच्या मजल्यावर पोहोचला.
कृशाच्या रूमचा दरवाजा उघडा होता. युग आत गेला. त्याला ती तिथे दिसली नाही. तो रूममध्ये पुढे जाऊन बाल्कनीत गेला, तर कृशा तिथे काचेच्या रेलिंगला लागून बाहेर गार्डन एरियामध्ये बघत होती. तिथे येणारे हलके ऊन तिला आराम देत होते.
युग तिच्याजवळ गेला आणि तिला खेचून आपल्याकडे केले, "पिकनिक करायला आली आहेस इथे?"
"सोड... मला..." कृशाने त्याला स्वतःपासून थोडे दूर केले आणि तिचा टॉवेल ठीक करायला लागली. कपडे नसल्यामुळे तिने अजूनपर्यंत टॉवेललाच ड्रेससारखे बांधले होते.
तिला तसे करताना पाहून युग तिच्यापासून दोन पाऊल मागे सरकला. मग त्याने त्याचे डोळे बंद केले आणि राग शांत करण्याचा प्रयत्न करू लागला.
"मिली... मिली..." युगाने मोठ्या आवाजात हाक मारली.
त्याच्या हाक मारण्यावर एक महिला हाउस हेल्पर धावत आली. तिची नजर खाली होती. तिला पाहताच युगाने म्हटले, "जा आणि जाऊन तिचे काही कपडे तिला दे. अटलीस्ट ती या प्रकारे टॉवेलमध्ये तर फिरणार नाही."
"पण मी तिचे कपडे का घालू? मी कुणाचेही कपडे घालत नाही." कृशाने त्वरित म्हटले. मग तिने पाहिले की युग तिच्याकडे रागाने बघत आहे, तर तिने हळू आवाजात म्हटले, "मला तिचे कपडे फिट्ट बसणार नाहीत. ती माझ्यापेक्षा थोडी जाड आहे."
"तर तू काय इच्छिते आहेस की मी तुझ्यासाठी इथे एखादा स्पेशल डिझायनर बोलवावा, जो तुझ्या मापाप्रमाणे कपडे डिझाइन करून देईल. चुपचाप जे मिळत आहे ते घाल. इथे राहायचे आहे, तर एका मोलकरणीचे कपडे पण घालावे लागतील आणि तिचे काम पण करावे लागेल. फुकटमध्ये काहीही मिळणार नाही. गॉट इट." युग ओरडून बोलला. मग त्याने मिलीकडे पाहिले आणि म्हणाला, "आजपासून ही मुलगी तुझ्यासोबत काम करेल. विलाची साफसफाई करवा, भांडी घासवा किंवा मग जेवण बनव... व्हॉटएवर, पण मला ही फुकट दिसता कामा नये."
"पण मला काम करायला येत नाही." कृशाने रडक्या डोळ्यांनी म्हटले.
युग तिला काही बोलणार होता, त्याआधी त्याची नजर सारावर पडली, जी जशी-तशी युगाशी बोलण्याच्या बहाण्याने त्या मजल्यावरून बाहेर आली होती. तिच्यासोबत हया पण होती, जी तिला कृशाच्या रूमपर्यंत घेऊन आली होती. युगाला कृशासोबत गैरवर्तन करताना पाहून सारा रागाने त्याच्याकडे बघत होती.
सारा कृशाजवळ गेली आणि तिला एका हाताने बाजूने मिठी मारत म्हणाली, "डोंट यू डेअर... कृशा तुझी सर्व्हंट नाही आहे, जी इथे काम करेल. ही माझ्यासोबत आली आहे. तू तिच्यासोबत गैरवर्तन करू शकत नाही." साराच्या डोळ्यांमध्ये राग होता आणि तिचे शब्द कठोर होते. मग तिने कृशाचा हात पकडला आणि म्हणाली, "तू माझ्यासोबत माझ्या रूममध्ये चल. मी तुला काही कपडे देते आणि हो, आजपासून तू माझ्यासोबतच राहणार आहे."
"मला वाटते तू विसरलीस सारा सिंघानिया, हे तुझे घर नाही आहे. तू इथे किडनॅप होऊन आली आहेस. इथे फक्त एकच माणूस ऑर्डर देऊ शकतो आणि तो आहे युग राणा..." युग रागाने म्हणाला.
"हा माझा निर्णय आहे आणि तू याला नकार देऊ शकत नाही. कृशा माझ्यासोबतच राहणार... ती पण माझ्या रूममध्ये." साराने युगाच्या डोळ्यांमध्ये डोळे घालून पाहिले. या क्षणी दोघांचा आय कॉन्टॅक्ट होत होता.
"ठीक आहे, पण त्यासाठी तुला माझे प्रत्येक बोलणे ऐकावे लागेल." युगाने सारासोबत जास्त वाद घातला नाही आणि तिचे बोलणे मान्य केले.
"हे तर वेळच सांगेल कोण कुणाचे किती बोलणे ऐकतो." साराने उत्तर दिले आणि मग ती कृशाचा हात पकडून तिला तिच्या रूममध्ये घेऊन जाऊ लागली.
साराला इथे येऊन फक्त एक दिवस झाला होता, तरीसुद्धा तिचे वागणे असे होते जसे की ती त्या विलाची मालकीण आहे.
"एका तासाच्या आत तू मला थर्ड फ्लोअरच्या डायनिंग एरियामध्ये हवी आहेस... आणि हो, या मुलीला आपल्यासोबत घेऊनच जात आहेस, तर या गोष्टीचे लक्ष ठेव की पुढे ही माझ्या डोळ्यांसमोर येऊ नये." युगाने मागून मोठ्या आवाजात म्हटले.
"बोलतो तर असा आहे, जसे मला याचा चेहरा बघण्याचा शौक आहे." कृशा बडबडून बोलली.
थोड्या वेळापूर्वी युगाने तिच्यासोबत जे काही केले, त्यामुळे कृशाला त्याच्यावर खूप राग येत होता. तिथून निघतानासुद्धा कृशा तिची बॅग घ्यायला विसरली नाही. ते दोघे काही वेळात कृशाच्या रूममध्ये होते.
साराच्या रूममध्ये येताच कृशा त्या रूमला बारकाईने बघायला लागली आणि मग ती बोलली, "वॉव... तो किती वाईट आहे. त्याने तुझ्यासाठी प्रत्येक अरेंजमेंट खूप चांगल्या प्रकारे करून ठेवली आहे, तर मला... खैर, सोड. अच्छा, काय तो तुझ्यावर प्रेम करतो, म्हणून त्याने तुला किडनॅप केले आहे?" कृशाने विचारले.
"तो माझ्यावर काही प्रेम वगैरे करत नाही. तुला या गोष्टींबद्दल काही माहीत नसेल, तर चांगले आहे दूर राहा. आणि हो, त्याच्यासमोर जाऊ नको. तू याच रूममध्ये राहणार आहेस. तुला जे पाहिजे, ते सर्व इथे आहे." साराने तिला समजावत म्हटले.
कृशाची आई अमृता बऱ्याच वर्षांपासून सिंघानिया फॅमिलीसाठी काम करत होती. कृशा सारापेक्षा वयाने थोडीच लहान होती. दोघे सोबत मोठे झाले असले, तरी कृशाला आतल्या गोष्टींबद्दल जरासुद्धा अंदाज नव्हता.
साराच्या समजावण्यावर कृशाने होकारार्थी मान हलवली. तिने होकार भरताच साराने म्हटले, "त्याने माझे बोलणे ऐकले आहे, तर मला पण त्याचे बोलणे ऐकावे लागेल. तसेच, मला त्याच्याशी बोलायचे होते. मी तयार होऊन त्याच्यासोबत ब्रेकफास्ट करायला जात आहे, तोपर्यंत तू आंघोळ करून रेडी हो. मी कुणालातरी बोलेन, जो तुझ्यासाठी ब्रेकफास्ट घेऊन येईल."
सर्व बोलणे ऐकल्यानंतर कृशाने पुन्हा होकारार्थी मान हलवली. कृशाजवळ कपडे नसल्यामुळे साराने तिला आधी आंघोळीला पाठवले. सारा आणि कृशा दोघांनाही जवळपास एकाच साइजचे कपडे होत होते. कृशा क्लोसेट एरियामध्ये गेली आणि तिथून तिने तिच्यासाठी बॅगी डेनिम पॅन्ट आणि लांब बाह्यांचा क्रॉप टॉप काढला. तिने तिच्या केसांमध्ये हाफ बन बनवला होता.
सारा आतमध्ये आंघोळ करत होती, तर बाहेरून कृशाने ओरडून म्हटले, "सारा, ही तुझी पहिली ऑफिशियल डेट आहे, तर तुझ्यासाठी कपडे मी सिलेक्ट करणार."
"ठीक आहे, पण जास्त वेळ लावू नको. त्याने मला फक्त 1 तास सांगितला होता. तुझ्यामुळे मी ऑलरेडी लेट झाली आहे." साराने उत्तर दिले.
तिचे बोलणे ऐकून कृशा हसली. ती बाथरूमजवळ येऊन उभी राहिली. तिने मोठ्या आवाजात म्हटले, "अच्छा सारा, तू त्याच्या गोष्टींना इतक्या चांगल्या प्रकारे फॉलो करत आहेस. तुला तो आवडायला लागला आहे काय?"
"बकवास बंद कर कृशा. मला तो आवडत नाही आहे. इथून बाहेर निघण्यासाठी काहीतरी दिमाग लावावा लागेल ना. बस, त्याचमुळे हे सर्व करावे लागत आहे." सारा चिडून उत्तरली.
"पण तो खूप हँडसम आहे. तू त्याला पटवून घे, त्याचा कॉन्फिडन्स जिंकून घे, त्यानंतर आपण इथून आरामात निघू शकतो." बोलतांना कृशा क्लोसेट एरियामध्ये निघून गेली आणि सारासाठी ड्रेस सिलेक्ट करायला लागली.
तिथे खूप सारे ब्रांडेड कपडे ठेवलेले होते. त्यामधून तिने सारासाठी लाल रंगाची बॉडीकॉन शॉर्ट ड्रेस काढली. तसेच, लाल रंग साराचा फेवरेट होता.
"इथे तर मेकअप आणि एक्सेसरीज पण ठेवलेल्या आहेत." कृशा ड्रेस घेऊन दुसऱ्या बाजूला गेली, तर तिला सर्व सामान दिसले.
कृशाने तिच्या चेहऱ्यावरसुद्धा हलका-फुलका मेकअप केला आणि मग साराच्या येण्याची वाट बघायला लागली. काही वेळात सारा पण आली होती. कृशाने तिला तिच्या पद्धतीने तयार केले.
"मला इथली थंडी नेहमीच जास्त आवडते. आपल्या न्यूयॉर्कमध्ये पण थंडी असते, पण लंडनच्या थंडीची तर गोष्टच वेगळी आहे." कृशा साराला तयार करतांना बोलत होती.
"हो लंडन चांगली जागा आहे, पण या विलामध्ये तर थंडीचा अजिबातच अनुभव येत नाही. खूप चांगले हीटिंग सिस्टम आहे." सारा बोलली. जेव्हा ती पूर्णपणे तयार झाली, तेव्हा कृशाला तिथे सोडून ती युगाला भेटायला निघून गेली.
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युग थर्ड फ्लोअरवर साराच्या येण्याची वाट बघत होता. तिथे एका बाजूला हॉलमध्ये डायनिंग एरिया बनवलेला होता. डायनिंग एरिया अगदी एखाद्या लक्झरियस हॉटेलच्या व्हीआयपी डायनिंग एरियासारखा होता. युगाने तो खास सारासाठी तयार करवला होता. जशीच सारा तिथे आली, युग तिला बारकाईने बघायला लागला. लाल ड्रेसमध्ये ती खूप सुंदर दिसत होती.
युगाने सिक्योरिटी गार्डला इशाऱ्याने तिथून जायला सांगितले आणि तिचा हात पकडून तिला आतमध्ये घेऊन आला.
साराने चारही बाजूला केलेली अरेंजमेंट बघत म्हटले, "फक्त एका ब्रेकफास्टसाठी एवढी मेहनत करून घेण्याची काय गरज होती युग राणा."
"तुझ्यासाठी हे फक्त एक ब्रेकफास्ट असेल, पण माझ्यासाठी ही आपली पहिली डेट आहे. प्रेमाची सुरुवात ঘৃणातूनच होते. ঘৃণা तर पिढ्यांपासून आपल्यामध्ये चालत आलेली आहे, तर चल आपण प्रेमाची सुरुवात करूया." बोलतांना युग आपल्या हाताने साराला जेवण सर्व्ह करत होता.
तो तिच्या जवळच्या खुर्चीवर बसला होता. युगाने व्हाईट सॉस पास्ताची प्लेट आपल्याकडे सरकवली आणि त्यामधून साराला भरवायला लागला, पण साराने नकारार्थी मान हलवली.
"माझ्या इथे येण्याला आपला विजय समजू नको युग राणा. मी फक्त इथे तुझ्याशी बोलण्यासाठी आली आहे. फिरवून-फिरवून बोलण्याची मला सवय नाही आहे, म्हणून सरळ-सरळ बोलते. चल एक डील करूया. मी तुला पहिल्या टप्प्यापर्यंत घेऊन जाते, बदल्यात तू आम्हा दोघांना जाऊ दे." सारा त्याच्याशी खूप प्रोफेशनल पद्धतीने बोलत होती.
जसे तिचे बोलणे संपले, युग भयंकर पद्धतीने हसला. "सात महत्त्वाच्या टप्प्यांपैकी तू मला पहिल्या टप्प्यावर घेऊन जाशील, जेणेकरून ते लोक मला पाहताच मारून टाकतील? तसेच, एवढी हिंमत कुणाची नाही की ती डेव्हिलचा बाल पण बाका करू शकेल, पण प्लानिंग खूप चांगल्या प्रकारे केली आहे. तू या फील्डमध्ये अजून नवीन आहेस बेबी, तुला खूप काही शिकण्याची गरज आहे."
"स्वतःला डेव्हिल म्हणतोस, तर पुढच्या टप्प्यावर जाण्याचे स्वतःच मॅनेज कर." साराने चॅलेंजिंग आवाजात म्हटले.
"तसेच, तुला सांगू इच्छितो की मला तुझ्या त्या सात टप्प्यांशी काही घेणे-देणे नाही आहे आणि ना कोणती आवड... या जगाचा किंग बनण्यासाठी युग राणाला त्या सर्व वाहियात टप्प्यांमधून पण होऊन जाण्याची काही गरज नाही आहे. मला फक्त तू हवीस आणि मी तुला मिळवूनच राहणार. माफिया किंग बनणे माझी इच्छा आहे, तर तुला मिळवणे माझी जिद्द."
"हद्द आहे यार. मी काही वस्तू आहे का, जी तू मला हवीस आणि तू मिळवून राहणार." सारा रागाने त्याच्यावर मोठ्याने ओरडून बोलली. तिचे बोलणे ऐकून युगाचे डोळे थंड झाले. त्याने त्याच भावाने म्हटले, "एकाच चुकीसाठी मी वारंवार माफ करत नाही. पुढे माझ्यासमोर ओरडून बोलण्याची हिंमत करू नको."
"बोलतो तर असा आहे, जसे की मी तुला घाबरते." सारा रागाने तिथून उठली आणि जायला लागली. युगाने तिथे बसूनच तिचा हात पकडून तिला खेचले आणि आपल्या मांडीवर बसवले.
युगाचे हात साराच्या मागे होते आणि त्याने तिच्या केसांना मुठीत भरले होते. दुसऱ्या हाताने त्याने साराला घट्ट पकडून ठेवले होते.
"जोपर्यंत प्रेमाने बोलतो, तोपर्यंत माझा रिस्पेक्ट कर. मला राग आणलास, तर मला जे मिळवायचे आहे, ते मी प्रेमाने न घेता जबरदस्ती करून पण मिळवू शकतो. सारा सिंघानिया, इथून बाहेर काढण्याचा विचार आपल्या मनातून काढून टाक. या जागेवर येण्याचा रस्ता आहे, पण इथून जाण्याचा नाही... युग राणाच्या मर्जीच्या विरोधात तर अजिबात नाही." युगाने थंड आवाजात म्हटले. मग त्याने साराला सोडले आणि तिला इशाऱ्याने जवळच्या खुर्चीवर बसायला सांगितले.
सारा आपल्या जिद्दीत तिथेच उभी होती, तर युग रागाने मोठ्याने ओरडला, "आय सेड सिट डाउन."
सारा लवकरच खुर्चीवर बसली. ती बसताच युगाने म्हटले, "चूपचाप ब्रेकफास्ट कर."
साराने नकारार्थी मान हलवली. ती काहीही न बोलता तिथे हरवलेल्या अंदाजात बसली होती. तिच्या डोळ्यांमध्ये पाणी होते. युगाच्या बोलण्याने तिच्या मनात भीती निर्माण झाली होती.
युगने सारासाठी नाश्त्याची योजना आखली होती. तिथे त्या दोघांमध्ये थोडी बाचाबाची झाली, जिथे साराने युगचा राग पहिल्यांदा पाहिला. युगाने आपल्या रागावर पूर्णपणे नियंत्रण ठेवले होते, पण त्याच्या रागाचा किंचितसा परिणामही सारावर खूप झाला.
सारा कोणतंही बोलणं न करता डायनिंग टेबलसमोर शांतपणे बसली होती. तिच्यासमोर भरपूर जेवण ठेवलेलं होतं, पण तिने एक घासही खाल्ला नाही.
"ऐक, मला राग आणू नकोस... मी तुझ्याशी खूप संयमाने बोलत आहे, याचा गैरफायदा घेऊ नकोस आणि गप्प बसून जेवण कर," युग कठोर स्वरात म्हणाला. त्याला राग येऊ नये म्हणून तो डायनिंग टेबलखाली आपल्या एका हाताची मूठ वारंवार उघडझाप करत होता.
साराने त्याच्या बोलण्याला काहीही उत्तर दिले नाही. तिने युगच्या चेहऱ्याकडेसुद्धा पाहिले नाही. तिची नजर खाली होती.
"आता पुरे झालं," युग मोठ्या आवाजात म्हणाला. त्याने त्याची खुर्ची सरळ साराच्या जवळ ओढली आणि तिची हनुवटी पकडून तिचा चेहरा वर केला. "शेवटी काय अडचण आहे तुला? मी सगळं काही इतक्या प्रेमाने करत आहे, ते तुला रुचत नाहीये. रागवलो तर तू माझ्याबद्दल काहीतरी उलटं-सुलटं विचार करायला लागशील. मी म्हटलं, जेवण कर, सारा."
साराने आतापर्यंत आपल्या भावनांवर नियंत्रण ठेवले होते. युग जास्त रागावल्यामुळे तिचे डोळे ओले झाले. शेवटी नाईलाजाने युगाला तिचा चेहरा सोडावा लागला.
"उफ्फ, ही वचनं आणि बंधनं...", युग स्वतःशीच बडबडला आणि मग तो तिथून उठून बाहेर गेला. बाहेर जातानाही तो बडबड करत होता. "शप्पथ सांगतो, जर मी वचन दिलं नसतं, तर मी या मुलीला जीवे मारलं असतं आणि तिच्या त्या मूर्ख मैत्रिणीलासुद्धा. काय भयंकर संकट आहे... एका वचनामुळे मला तिचं मन जिंकावं लागणार आहे. अरे, ती मला आवडत आहे म्हणून काय झालं, तिला इंप्रेस करण्याची जबरदस्ती कशाला."
युग खरोखरच खूप रागात होता. तो साराच्या नखऱ्यांमुळे आणखी चिडला होता. या क्षणी तो साराच्या खोलीत जात होता, जिथे कृशा होती.
त्याला आपल्या खोलीत पाहताच कृशा लगेच दुसरीकडे वळली.
"माझ्यासोबत चल तू," युग मोठ्या आवाजात म्हणाला.
"आणि ते का? तूच तर म्हणाला होतास की तू मला दिसायला नको. बघ, मी तुला पाहताच लगेच माझा चेहरा दुसरीकडे फिरवला," कृशाने उत्तर दिले.
युगचा मूड खूप खराब झाला होता. त्याला कृशासोबत वाद घालायचा अजिबात मूड नव्हता. त्याने तिचा हात पकडला आणि तिला ओढत लिफ्टमध्ये नेले.
"अरे, सोडा, मला दुखत आहे. इथे राहणाऱ्या लोकांची काय समस्या आहे. बघा, हे मला कसे ओढत आहेत." कृशाला वेदना होत होत्या, म्हणून ती ओरडली.
युगने आपले डोळे मिटून एक दीर्घ श्वास घेतला आणि सोडला. त्याने डोळे उघडले तेव्हा रागाने त्याचे डोळे लाल झाले होते. त्याने कृशाला लिफ्टच्या भिंतीवर ढकलले आणि आपल्या दोन्ही हातांनी कृशाचे खांदे पकडले.
"पुढे माझ्यासमोर ओरडून बोलायचं नाही. मी तुला वॉर्न करत आहे, नाहीतर त्याच क्षणी गोळी घालीन. मी जे सांगतो ते कोणतीही शंका न घेता करायचं, तुझ्यासाठी तेच योग्य राहील," युग थंड आवाजात म्हणाला.
त्यानंतर कृशा गप्प झाली. तिने काहीही न बोलता होकारार्थी मान डोलावली, तेव्हा युगने तिला सोडले. पुढच्याच क्षणी ते तिसऱ्या मजल्यावर होते, जिथे डायनिंग एरियामध्ये सारा एकटी बसली होती.
युग कृशाला तिथे घेऊन गेला आणि म्हणाला, "बस आणि आमच्यासोबत नाश्ता कर."
"काय, खरंच?" कृशा उत्साहाने म्हणाली.
"ही मुलगी पण जरा जास्तच विचित्र आहे. थोड्या वेळापूर्वी भीतीमुळे तिच्या तोंडातून आवाज निघत नव्हता आणि आता बघ... मला आशा आहे की मी सारा सिंघानियावर प्रेम करू शकेन आणि तिचंही माझ्यावर तितकंच खरं प्रेम असेल... नाहीतर दुसरं काही नाही, या दोघी मुलींना जीवे मारून टाकेन मी," युग मनात म्हणाला. त्याने कृशाला काहीही न बोलता बसायला सांगितले.
कृशा बसताच युग म्हणाला, "आपल्या मैत्रिणीला पण बोल, नाश्ता कर म्हणून. केव्हापासून इथे मूर्ती बनून बसली आहे."
"काय झालं सारा? त्याने मारलं तर नाही ना तुला?" कृशाने तिची खुर्ची साराच्या जवळ सरकवत विचारले.
"मी तिला का मारेन?" युगने आश्चर्याने विचारले.
"कारण तुम्ही लोक गुंड आहात. तुमचं हेच तर काम असतं. जेव्हा कोणी तुमचं ऐकत नाही, तेव्हा तुम्ही त्यांना जीवे मारता. तुम्ही साराला जीवे मारू शकत नाही, म्हणून तुम्ही तिला नक्कीच थप्पड मारली असणार," कृशा बोलण्याच्या ओघात जास्तच बोलली.
"मी असं काहीही केलेलं नाही," युगने उत्तर दिले.
"आणि मी तुझ्यावर विश्वास का ठेवावा? गुंड लोक खोटं पण बोलतात," कृशा पुन्हा म्हणाली.
"फॉर गॉड सेक, गप्प बस. मी तुला इथे यासाठी घेऊन आलो होतो की तू तिला जेवण करण्यासाठी मनवावं, तुझ्या बडबडीला नाही," युग यावेळी ओरडून म्हणाला.
त्याचं बोलणं ऐकून कृशाने एक दीर्घ श्वास घेतला आणि सोडला आणि मग तिने डायनिंग टेबलवर ठेवलेल्या जेवणाकडे पाहिलं. डायनिंग टेबलवर व्हाईट सॉस पास्ता, तीन वेगवेगळ्या प्रकारचे पिझ्झा, चीज सँडविच आणि बर्गर ठेवलेले होते. जंक फूडशिवाय तिथे काही डेझर्ट्स पण होते, जे चॉकलेट आणि मिल्कचे होते.
"ह्याव, तुम्हाला तर काहीच माहीत नाही. इतकी व्यवस्था करण्याआधी विचार करायला पाहिजे होता किंवा मला विचारायला पाहिजे होतं. सारा वीगन आहे, ती डेअरी प्रॉडक्ट्स खात नाही," कृशाने तिचं डोकं हलवून म्हटलं.
तिने सगळं सांगितल्यावर युगने साराकडे पाहिलं, तर तिने होकारार्थी मान डोलावली. मग सारा म्हणाली, "इथे मन जिंकण्याची गोष्ट होत आहे आणि कोणाला हेसुद्धा माहीत नाही की मला जेवण काय आवडतं."
युगने तिच्या बोलण्याला काहीही उत्तर दिले नाही. त्याने मलिकला मेसेज केला. त्याला 15 मिनिटांच्या आत वीगन डाएटनुसार नाश्ता हवा होता.
"पुढच्या 15 मिनिटांत तुझा नाश्ता येईल," युग म्हणाला, ज्यावर साराने खांदे उडवले. मग त्याने कृशाकडे पाहिलं, जी मजेत सगळं खात होती.
कृषाला जाणवलं की युग आणि सारा दोघेही तिच्याकडेच बघत आहेत, म्हणून तिने खाताना म्हटलं, "मी थोडीच वीगन आहे? मी सगळं काही खाते आणि हे सगळं तर माझं आवडतं फूड आहे."
"हो, खा," युगने मान हलवून म्हटलं.
जसा त्याने ऑर्डर दिला होता, त्यानुसार पुढच्या 15 मिनिटांत साराच्या आवडीनुसार जेवण तिथे आलं. साराने काहीही न बोलता शांतपणे नाश्ता करायला सुरुवात केली, तर युगसुद्धा सारासारखंच वीगन डाएट फॉलो करत होता.
"आता बघून वाटत आहे की तू तिचं मन जिंकू शकतोस... नाहीतर इतकं बोअरिंग जेवण कोण खातं," युगला वीगन फूड खाताना पाहून कृशा हसून म्हणाली.
युगने तिला काहीही बोलला नाही, पण त्याच्या चेहऱ्यावरचे हावभाव थंड झाले होते, ज्यामुळे कृशा स्वतःच गप्प झाली. नाश्ता झाल्यावर सारा कृशासोबत तिथून जायला निघाली, तेव्हा युग म्हणाला, "रात्री आपण सोबत सिनेमा बघू."
"हो, हॉरर बघू, त्यात जास्त मजा येईल," कृशा झटपट म्हणाली.
"सारा, ही एक मूवी डेट असणार आहे. मला आशा आहे की तू एकटीच येशील," युगने कृशाऐवजी साराला म्हटलं.
"आणि दुसरा काही पर्याय आहे?" साराने खांदे उडवत म्हटलं आणि मग कृशासोबत तिथून निघून गेली.
तिच्या या उत्तराने युगच्या चेहऱ्यावर एक छोटासा स्माईल आला. त्याने मलिकला फोन करून व्हिलामध्ये असलेल्या थिएटरला तयार करायला सांगितलं.
"मला आशा आहे की हे काम माझ्यासाठी मजबुरी बनू नये. तू असंच माझं ऐकत राहा. बघ, तू नक्कीच माझं मन जिंकशील, सारा सिंघानिया आणि ज्या दिवशी असं होईल, प्रॉमिस यू सारा, तुला नुकसान पोहोचवणं तर दूर, कोणी तुला वाईट नजरेनेसुद्धा पाहू शकणार नाही," युग म्हणाला आणि मग तिथून निघून गेला.
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युग कोणत्या मजबुरीमुळे साराचं मन जिंकण्याचा प्रयत्न करत आहे, याचा काही अंदाज आहे का? खरंच या दोघांना प्रेम होईल की प्रकरण काहीतरी वेगळंच असणार आहे. कथेमध्ये अजून खूप काही बाकी आहे. ही तर फक्त सुरुवात आहे. पुढील भागांसाठी संपर्कात राहा आणि कमेंट नक्की करा. आशा आहे, तुम्हाला ही कथा आवडत असेल.
सारा आणि कृशा नाश्ता झाल्यावर आपापल्या रूममध्ये परतल्या. कृशाचा स्वभाव normal होता, तर सारा खूप जास्त रागात होती.
"माझी इच्छा आहे की त्या युग राणाचे डोके फोडावे." रूममध्ये येताच सारा मोठ्याने ओरडली.
"शांत हो सारा... इतका रागही आरोग्यासाठी चांगला नाही." कृशा उत्तरली.
"तर काय करू? दादू याबद्दल काही करत आहेत की नाही, कोण जाणे?" साराने डोक्याला हात लावून म्हटले.
"सारा, आपण इथून बाहेर पडू शकू ना? मला त्याची खूप भीती वाटते." कृशा निरागसपणे म्हणाली.
सारा तिच्या जवळ सरकली आणि तिला मिठी मारली. "काळजी करू नको. मी असताना तो तुला काहीही करू शकत नाही. तू फक्त त्याच्यासमोर जास्त बोलू नकोस."
कृशाने होकारार्थी मान हलवली. मग ती काहीतरी विचार करत म्हणाली, "सारा, मला पण movie बघायची आहे. तू एकटीच गेलीस तर मी मागे bore होईल."
"तुला काय वाटतं, मी तुला एकटीला सोडून जाईन?" सारा हसून म्हणाली.
"अजिबात नाही... त्याला बोल horror movie बघायला. मला घरची आठवण येत आहे. आपण तिथे किती chill करायचो. सोबत movie बघायचो... popcorn खायचो आणि किती मजा यायची." घरची आठवण येताच कृशा उदास झाली.
"कृशा, please उदास होऊ नकोस. तूच माझी real strength आहेस. तू आहेस म्हणूनच मी त्या युगाचा सामना करू शकते. जर मी इथे एकटी असती, तर माझ्यात त्याचा सामना करण्याची हिंमत कधीच आली नसती." सारा म्हणाली.
कृशाने होकारार्थी मान हलवली आणि साराला पुन्हा hug केले.
इकडे युग आपल्या रूममध्ये बसून त्या दोघींना iPad screen मध्ये बघत होता. त्या दोघींना सोबत बघून युगाच्या चेहऱ्यावर तिरकी smile होती.
"म्हणजे या दोघींना अजूनही वाटतंय की त्या इथून निघून जातील. उफ्फ, साराचा confidence.. आणि कृशाचा innocence. दोघेही जरा जास्तच over आहेत." युग evil smile करत म्हणाला.
तो स्वतःशीच बोलत होता, तेव्हा त्याच्या mobile वर एकाचा call आला. Screen वर नाव बघून युगाच्या चेहऱ्यावरील भाव normal झाले.
"कसा आहेस तू?" समोरून एक powerful आवाज आला. ते युगचे आजोबा Mr. हर्षवर्धन राणा होते. हे कृशाच्या आजोबांच्या वयाचे होते.
"ठीक आहे." युगाने कोणत्याही expression शिवाय म्हटले.
"लवकर कर.... मला आता आणखी wait करायला नको. तुला कोणाची help पाहिजे असेल तर मी शब्द...." हर्षवर्धन बोलत होते, तेव्हाच युगाने त्यांचे बोलणे मध्येच थांबवत म्हटले, "मला कोणाची गरज नाही."
"तुझी मर्जी... पण लक्षात ठेव, चुकूनही त्या मुलीवर प्रेम करू नकोस. आपला उद्देश तिचे हृदय तोडणे आहे... तिच्यावर प्रेम करणे नाही. आपल्याला आदित्य सिंघानियाला hurt करायचे आहे..." हर्षवर्धनचे बोलणे पूर्ण होण्याआधीच युगाने call cut केला. "बदतमीज मुलगा...." त्यांनी screen कडे रागाने पाहिले.
तेव्हाच त्यांच्याजवळ उभी असलेली एक बाई त्यांचे बोलणे ऐकत होती. ती जवळपास 42 वर्षांची होती, पण दिसायला तिच्या वयापेक्षा सात-आठ वर्षांनी लहान दिसत होती. तिने blue jeans वर pink kurti घातली होती आणि तिचे लांब केस मोकळे होते.
"Daddy जी, तुम्ही युगावर force करू नका. मला चांगले वाटत नाही." ती त्यांच्याजवळ त्यांना समजावण्यासाठी आली.
"मी तुला आधीच सांगितले आहे की तू मध्ये interfere करायचे नाही हरलीन. मी युगाला खूप मुश्किलिने तयार केले होते. शब्दाकडून तर माझी तशीही काही expectation नाही आहे... युग तयार झाला आहे, तर मला त्याला माझ्या पद्धतीने handle करू दे." हर्षवर्धन कठोर आवाजात म्हणाले.
हरलीन त्यांची मुलगी होती. ती राणा family चा legal business सांभाळत होती आणि unmarried होती. हर्षवर्धनने ओरडल्यावर तिने मान हलवली आणि ती तिथून निघून गेली.
हर्षवर्धनने तिच्या मागे म्हटले, "आणि खबरदार, जर तू युगाला call करून त्याला काहीही करण्यापासून थांबवले, तर...."
"You can't stop me...." हरलीनने न वळता उत्तर दिले आणि तिथून निघून गेली.
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इकडे हर्षवर्धन जी बोलल्यानंतर युगाचा राग आणखी भडकला. तो villa च्या gym area मध्ये होता आणि treadmill वर running करत होता. त्याचा speed normal पेक्षा जास्त होता.
"कोणत्या अशुभ वेळी मी दादूला त्यांच्या कामासाठी होकार दिला होता, कोण जाणे. King ची position मी माझ्या हिमतीवर achieve करू शकलो असतो. मग हे सारा सिंघानियाशी लग्न करून तिचे हृदय तोडणे मध्येच कुठून आले." युग धापा टाकत म्हणाला.
मलिकने युग आणि साराच्या movie date ची सगळी तयारी करून घेतली होती. तो त्याचबद्दल सांगण्यासाठी तिथे येत होता.
"Sir, तयारी झाली आहे." मलिक त्याच्याजवळ येऊन म्हणाला.
"हम्म्म.... कृशाला busy ठेव. ती आपल्या date मध्ये नको यायला. I don’t have much time." युग treadmill वरून उतरून बोलला.
"कोण कृशा?" मलिकने आश्चर्यचकित होऊन विचारले.
"साराची friend... जी तिच्यासोबत इथे आहे." युगाने उत्तर दिले.
"तुम्हाला त्या मुलीचे नावसुद्धा आठवत आहे, strange गोष्ट आहे. इतक्या वर्षात तुम्ही आजपर्यंत मला माझ्या नावाने हाक मारली नाही." मलिकने कडू आवाजात म्हटले.
"तो? तुला काय पाहिजे, मी तुला मलिकऐवजी गौरव म्हणून हाक मारू?" युगाने त्याच्याकडे डोळे वटारून पाहिले.
"काय problem आहे?" गौरव मलिकने खांदे उडवून विचारले.
"जास्त डोकं लावू नकोस. जे सांगितले आहे, ते कर. You are not my girlfriend, जो jealous होत आहे." युगाने त्याला ओरडले आणि sign language मध्ये त्याला तिथून जायला सांगितले.
मलिकने मान हलवली आणि निघून गेला. जाताना तो रागात बडबड करत होता. "म्हणजे ती दोन दिवसांपूर्वी आलेली मुलगी, तिला तिच्या नावाने बोलवत आहेत आणि जो मी मागच्या आठ वर्षांपासून यांना assist करत आहे, तो काहीच नाही."
मलिक तिथून निघून गेला आणि साराला movie date बद्दल सांगण्यासाठी तिच्या room च्या intercom वर call केला. साराला तिथे जाण्याची अजिबात इच्छा नव्हती, पण कृशाने हट्ट केल्यामुळे तिला तयार व्हावे लागले.
साराने pink one piece dress घातला होता, तर कृशाने denim shorts वर loose shirt घातला होता.
"तू काय त्याला impress करायला जात आहेस? इतके चांगले दिसायची काय गरज आहे कृशा?" साराने तिच्याकडे डोळे वटारून पाहिले.
"मी काय करू... मी काहीच केले नाही. फक्त normal कपडे घातले आहेत." कृशाने खांदे उडवून उत्तर दिले.
तिचे बोलणे ऐकून सारा हसून म्हणाली, "हेच तर आहे. तुला चांगले दिसण्यासाठी जास्त मेहनत करावी लागत नाही. तू normal कपडे घालूनसुद्धा इतकी सुंदर दिसत आहेस. तसे या dress मध्ये खूप hot दिसत आहेस." कृशाला hot बोलताना साराने डोळा मारला, ज्यावर कृशाने तिच्या खांद्यावर हलकेच मारले.
"चला, आता जाऊया." कृशा म्हणाली.
साराने होकारार्थी मान हलवली. मलिकने call वर साराला floor number पण सांगितला होता. साराला त्याने fifth floor वर येण्यासाठी सांगितले होते.
सारा आणि कृशा दोघी 5th floor वर पोहोचल्या, जिथे एका बाजूला मोठा multiplex theatre बनवलेला होता. ते बघताच कृशा म्हणाली, "हे आपल्यापेक्षा जास्त चांगले आहे ना?"
"नाही..." साराने तोंड वाकडं करत म्हटले. मग तिला काहीतरी आठवले, म्हणून ती कृशाला म्हणाली, "एक काम कर, तू आतमध्ये जा. मी येते."
"नाही सारा, मी तुझ्याशिवाय एकटी आतमध्ये नाही जाणार. आतमध्ये तो devil आहे आणि मला बघून तर तो चावायला धावतो. मला त्याची भीती वाटते... मला नाही जायचे तुझ्याशिवाय..." कृशाने एकटीने आतमध्ये जाण्यास नकार दिला.
"Don't worry, मी फक्त restroom मध्ये जाऊन येते. मला जास्त वेळ नाही लागणार. तो तुला काहीही नाही बोलणार." साराने कृशाच्या खांद्यावर हात ठेवून म्हटले आणि मग ती तिथून दुसऱ्या बाजूला washroom कडे निघून गेली.
कृशाने मोठा श्वास घेतला आणि हळू हळू आतमध्ये गेली. आतमध्ये पूर्णपणे अंधार होता. समोर असलेल्या मोठ्या screen च्या उजेडाशिवाय तिथे आणखी कोणतीही lighting नव्हती. Screen चा light dark असल्यामुळे तिथे नीट काही दिसत नव्हते.
कृशा हळू हळू आतमध्ये येत होती, तेव्हाच तिला तिच्या आजूबाजूला कोणाचे तरी हात feel झाले. तो युग होता, ज्याने मागून येऊन तिला hug केले होते. त्याने तिला खूप घट्ट पकडले होते.
"तुझा सुगंध खूप छान आहे. It’s driving me crazy..." असे बोलून त्याने कृशाच्या मानेवर आपले ओठ ठेवले.
युगाने मागून हात टाकून कृशाला घट्ट hug केले होते आणि तिच्या मानेवर kiss करत होता, तर त्याच्या असे करण्याने कृशा जागीच freeze झाली. तिच्या हृदयाची धडधड वाढू लागली. युगाने जिला सारा समजून केले, ती कृशा होती.
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ही misunderstanding काय रंग आणेल? युगाने साराला एकटीला यायला सांगितले होते. कृशाला तिथे बघून त्याचे काय reaction असेल. Be ready for next part..! Comment नक्की करा.
युगने साराला त्याच्या विलाच्या पाचव्या मजल्यावर चित्रपट पाहण्यासाठी बोलावले होते. तसेच त्याने कृशाला सोबत घेऊन येण्यास स्पष्टपणे नकार दिला होता.
युगचे न ऐकता सारा कृशाला सोबत घेऊन गेली. ती वॉशरूममध्ये गेली होती, म्हणून तिने कृशाला आधी आतमध्ये जायला सांगितले.
कृशा एकटीच थिएटरमध्ये गेली, तेव्हा तिथे अंधार होता. अचानक युग तिच्या मागून आला आणि त्याने तिला आपल्या बाहुपाशात घेतले. कृशा त्याला काही बोलू शकत होती, त्याआधीच युगचे ओठ कृशाच्या मानेवर होते. तो तिला खूप तीव्रतेने किस करत होता. त्याच्या या कृत्याने कृशा तिथेच गोठून गेली. किस करताना युग कृशाच्या मानेवर हलके चावाही घेत होता.
"इथे इतका अंधार का केला आहे? कमीत कमी लाईट तर चालू करू शकत होतास..." मागून साराचा आवाज आला. त्याचबरोबर युगने कृशाला सोडले.
कृष्णाने पटकन तिची शर्ट ठीक केली. तिच्या हृदयाची धडधड वाढली होती. युगने आपल्या मोबाईलने थिएटरची लाईट चालू केली, तेव्हा आपल्याजवळ साराऐवजी कृशाला पाहून तो तिच्याकडे थंड नजरेने बघत होता.
"मी तिला इथे आणायला नकार दिला होता ना?" युगने साराकडे रागाने बघत विचारले.
"हो नकार दिला होता, तर काय झालं? मी तिच्याशिवाय कुठेही जात नाही. जर तिला इथे असल्याने तुला प्रॉब्लेम होत असेल, तर मी पण परत जाते." सारा खांदे उडवून म्हणाली.
युगने तिच्या बोलण्याला काहीही उत्तर दिले नाही. त्याने तिला पुढे जायला इशारा केला. युगने साराचे म्हणणे मान्य केले होते. युग कोणताही भाव न दाखवता तिथे उभा होता. सारा पूर्ण ॲटीट्यूडमध्ये पुढे जात होती, तर कृषा अजूनही मागे उभी होती.
युग पुढे जात तिच्याजवळ आला आणि दबलेल्या आवाजात म्हणाला, "तू बोलू शकत नव्हतीस की तू सारा नाही आहेस?"
"तू संधीच कुठे दिली?" कृशा त्याच्याकडे रागाने बघत होती.
"साराला याबद्दल कळायला नको होते. यू नो व्हेरी वेल, ते मी मुद्दामून नाही केले." युगने मान हलवून म्हटले आणि तो पुढे निघून गेला.
कृषाने तिच्या मानेवर हात ठेवला. युगने चावा घेतल्यामुळे तिला तिथे दुखत होते. "आय हेट यू युग राणा..." कृशाच्या डोळ्यात राग होता.
ती पुढे जाण्याऐवजी अजूनही तिथेच उभी होती. साराने तिला आवाज देऊन म्हटले, "काय झालं कृशा? पुढे ये ना, तू तिथेच का उभी आहेस?"
"सारा, माझा चित्रपट बघण्याचा मूड नाही आहे. मी परत जात आहे." कृषाने उत्तर दिले.
"थोड्या वेळापूर्वी तर तू खूप उत्साहित झाली होतीस आणि आता परत जात आहेस?" साराने आश्चर्याने विचारले. मग तिने युगकडे रोखून बघितले आणि म्हणाली, "माझ्या गैरहजेरीत तू हिला धमकावले वगैरे तर नाही ना?"
"हिला धमकावण्यासाठी तुझ्या गैरहजर असण्याची गरज नाही आहे. ते तर मी अजून पण करू शकतो." युगने भुवया उंचावून म्हटले.
त्याचे बोलणे ऐकून साराने मान हलवली. मग तिने कृषाकडे बघून म्हटले, "ये ना कृशा. चल आपण तुझा आवडता चित्रपट बघू."
"जेव्हा तिचं मन नाही आहे, तर तू तिला का फोर्स करत आहेस?" युग मध्येच बोलला.
"जर ती इथे नाही आली, तर मी पण तिच्यासोबत परत जात आहे. आता तुझ्यावर अवलंबून आहे की तुला आमच्यासोबत चित्रपट बघायचा आहे की नाही?" साराने त्याला ॲटीट्यूडमध्ये उत्तर दिले.
युगने डोळे फिरवले आणि मनातल्या मनात बडबडला, "काश सगळं काही माझ्यावर अवलंबून असतं, तर मी तुम्हा दोघींना इथे आणायच्या आधीच उडवून दिलं असतं." त्याने त्याच्या चेहऱ्यावरील भाव नॉर्मल केले आणि कृषाकडे बघून म्हणाला, "चल, आता ये पण. ठीक आहे, तुला हॉरर बघायचा होता ना, तर हॉरर मुव्ही प्ले करतो."
साराने पण कृषाला पुढे येण्याचा इशारा केला. कृषाने होकारार्थी मान हलवली आणि ती पुढे येऊ लागली.
ती साराजवळ बसायला गेली, तेव्हाच युग बोलला, "हिच्याजवळ मी बसणार. जा, कुठेतरी दूर कोपरा पकड."
कृषाने त्याच्या बोलण्याला काहीही उत्तर दिले नाही. ती साराच्या दुसऱ्या बाजूला बसायला गेली, पण युगने तिला साराच्या दुसऱ्या बाजूला पण बसू दिले नाही. युग आणि सारा जवळ-जवळ बसले होते, तर कृषा युगपासून एक खुर्ची दूर त्याच्याजवळ बसली होती.
युगने थोड्या वेळापूर्वी जे काही केले होते, त्यानंतर कृषाला चित्रपट बघण्यात अजिबात रस नव्हता. साराने तिला तिची आवड पण विचारली, पण कृषाने काहीही सांगितले नाही.
"अचानक हिला काय झालं, जी ही काहीच सांगत नाही." सारा आपल्या मनात म्हणाली. तिला कृषाचे वागणे थोडे विचित्र वाटत होते.
युगने त्यांच्यासाठी कन्फ्युजिंग मुव्ही सिरीजचा दुसरा चित्रपट लावला होता. साराला या मुव्ही डेटवर येण्याची इच्छा नव्हती. ती चित्रपट बघता बघता मध्येच झोपली, तर युग आणि कृषा दोघेही तिला खूप लक्षपूर्वक बघत होते.
थिएटरमध्ये अंधार असल्यामुळे कृषाला भीती वाटत होती. ती आपल्या खुर्चीवरून सरकून युगच्या जवळच्या खुर्चीवर आली.
एक हॉरर सीन आल्यावर युग आणि कृषा दोघेही एकदम ओरडले. एकसाथ ओरडल्यावर त्यांनी एकमेकांचे चेहरे बघितले.
"तू तर गुंड आहेस ना, मग तुला भूतांची भीती का वाटते?" कृषाने तिचे डोळे लहान करून म्हटले.
"मी? मी कुठे घाबरलो? ते तर तू अचानक ओरडलीस म्हणून मला... मला भीती वगैरे नाही वाटत." युगने बोलणे टाळत म्हटले.
"खोटारडा कुठला..." कृषाने त्याच्याकडे बघत बडबड केली.
युगच्या लक्षात आले की सारा झोपली आहे, मग त्याने कृषाला दबलेल्या आवाजात म्हटले, "ऐक, थोड्या वेळापूर्वी जे काही झालं, त्याचा काही चुकीचा अर्थ काढू नकोस. मला वाटलं ती सारा आहे."
"तुम्ही साराची परवानगी न घेता तिला पण किस नाही करायला पाहिजे." कृषाने उत्तर दिले.
"हो ठीक आहे, जास्त ज्ञान देऊ नकोस. तसे पण मला सगळं काही जबरदस्तीने करायचं असतं, तर आतापर्यंत सारा माझी झाली असती." युगने मान हलवून म्हटले.
तसे तर कृषाला युगची भीती वाटते, पण जेव्हा युगने बोलण्याची सुरुवात केली, तेव्हा कृषा मोकळेपणाने बोलू लागली.
"तुम्हाला साराला यासाठी मिळवायचे आहे ना, कारण तुम्हाला या माफिया जगात किंग बनायचे आहे. यासाठी तुम्हाला साराला कन्व्हिन्स करावे लागेल, जेणेकरून ती तुम्हाला त्या सगळ्या खजिन्याच्या टप्प्यांपर्यंत घेऊन जाईल. एकदा का तुम्ही ते सातही टप्पे पार केले, की मग माफिया जगात कोणाचीही हिंमत होणार नाही, की तुम्हाला तिथला किंग बनण्यापासून रोखू शकेल. बाकी तुम्हाला सारावर प्रेम वगैरे नाही आहे. तुम्हाला फक्त पावर आणि पोझिशन पाहिजे, जी सध्या सारा आणि त्या सात टप्प्यांशी जोडलेली आहे." कृषाच्या मनात जे काही होते, ते तिने कोणतीही भीती न बाळगता बोलून दाखवले.
तिचे बोलणे ऐकून युगाला राग आला. कृषा त्याच्या अगदी जवळ बसली होती, त्यामुळे त्याने कृषाच्या जवळ येऊन तिचे केस मागून पकडले आणि तिच्या डोळ्यात बघून म्हणाला, "आपल्या लायकीत राहा. विसरू नकोस की तू फक्त एक सर्व्हंट आहेस. सारा तुला इतकी इज्जत देते, पण बाकी सगळ्यांना चांगलं माहीत आहे की तू कोण आहेस."
"सोड, मला दुखत आहे." कृषाने गद्गदलेल्या आवाजात म्हटले. तिच्या डोळ्यात पाणी आले होते.
"पुढे माझ्यासमोर जीभ उघडण्याआधी शंभर वेळा विचार कर. मी वारंवार तुझ्या गोष्टींकडे दुर्लक्ष नाही करणार." बोलता बोलता युगने कृषाचे केस सोडले.
युगने केस ओढल्यामुळे कृषाला खूप दुखत होते आणि तिच्या डोळ्यात पाणी आले होते. तिने चित्रपट मध्येच सोडला आणि तिथून धावत आपल्या रूममध्ये निघून गेली.
तेवढ्यात थोड्या वेळापूर्वी जे काही घडले, त्यामुळे युगचा मूड खूप बिघडला होता. त्याने साराला त्याच थिएटर रूममध्ये सोडले आणि तो तिथून निघून गेला.
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काय वाटतं तुम्हाला, युगने कृषासोबत जे काही केलं, ते ती साराला सांगेल की नाही? भाग वाचून प्लीज कमेंट करा. एक मिनिट पण नाही लागत, तर आम्ही तर इतकी मेहनत करून, डोकं लावून स्टोरी लिहितो. एक छोटा ॲप्रिसिएशन एक्सपेक्ट करतो, तिथे पण तुम्ही कंजूसी दाखवता.
युगने पुन्हा एकदा कृशासोबत वाईट वर्तन केले, ज्यामुळे ती रागात रडत तिच्या खोलीत आली. रडल्यामुळे तिला श्वास घ्यायला त्रास होत होता, म्हणून ती गॅलरीत जाऊन मोठे मोठे श्वास घेऊ लागली.
"आय मिस यू अमु... आय रियली मिस यू," कृशा मोठ्याने म्हणाली.
ती इथे अमृताबद्दल बोलत होती. सारा आणि कृशा दोघांनाही अमृताने आपल्या मुलींसारखे वाढवले होते. ती कधी त्यांची आई बनून, तर कधी मैत्रीण बनून त्यांचे सुख-दुःख वाटून घ्यायची. त्यामुळे त्या दोघी तिला 'मम्मा' म्हणण्याऐवजी 'अमु' म्हणायच्या.
"मला इथे राहायचं नाही. तो... तो खूप वाईट आहे. तो सारावरसुद्धा प्रेम करत नाही, अमु... याआधी की तो आमच्या दोघींसोबत काहीतरी वाईट करेल... प्लीज आम्हाला इथून बाहेर काढ, अमु," कृशा रडत म्हणाली.
जेव्हा तिला थोडं बरं वाटलं, तेव्हा ती परत आत आली आणि उशीला मिठी मारून झोपली.
इकडे युगसुद्धा रागात मूव्ही थिएटरमधून निघून गेला होता. तो सध्या जिम एरियामध्ये होता आणि पंचिंग बॅगवर सतत ठोसे मारत होता.
"आय रियली हेट दिस... फक्त सारा सिंघानियाचा विषय असता, तर मला काहीच अडचण नव्हती, पण कृशा... तिच्यामुळे सगळा गोंधळ झाला आहे. आम्ही बेकायदेशीर कामं करतो, माफिया जगात सामील आहोत... त्यामुळे आमच्यासाठी लोकांच्या जीवांना काही किंमत नसते, पण आपली दुनिया आपल्यापुरतीच मर्यादित आहे. आम्ही कधीच निरपराध लोकांच्या जगात ढवळाढवळ करत नाही आणि ती निरपराध आहे. पहिल्यांदाच कुणाबद्दल वाईट वाटत आहे... बिकॉज ऑफ यू दादू... आय हेट टू बी इमोशनल. मला काहीच फील नाही करायचं... ना चांगलं, ना कुणाबद्दल वाईट. मला या प्रकरणात काहीतरी करायला हवं, नाहीतर हे सॉफ्ट कॉर्नर फील होणं माझ्यासाठी चांगलं नाही," युग धापा टाकत म्हणाला.
खूप वेळ पंचिंग बॅगवर मारल्यानंतर युग काउचवर जाऊन बसला. तो स्वतःचा राग शांत करण्याचा प्रयत्न करत होता. थोड्याच वेळात त्याचा राग शांत झाला आणि त्याने लगेच हरलीनला फोन केला.
जिथे लंडनमध्ये रात्रीचे दोन वाजले होते, तिथे भारतात सकाळी साडेसातच्या आसपासची वेळ होती.
हरलीन सध्या मॉर्निंग वॉक करत होती. युगाचा फोन आल्यावर ती चालता-चालता त्याच्याशी बोलू लागली.
"लंडनमध्ये आता रात्रीची वेळ असेल ना? तू जागा आहेस? काही সিরियस आहे का?" हरलीनने फोन उचलగానే विचारले.
"तुम्हाला काय वाटतं बुआ, जोपर्यंत काही সিরियस नसतं, तोपर्यंत मी फोन का करेन?" युगनं उपरोधिकपणे उत्तर दिलं. तो आधीपासूनच रागात होता.
"बघ मी तुला आधीच समजावलं होतं की तू डॅडच्या बोलण्यात येऊ नकोस. ते तुझे आदर्श आहेत, पण याचा अर्थ असा नाही की तू त्यांचे बोलणे डोळे झाकून मानशील," हरलीन हलके धापा टाकत म्हणाली.
"मी त्यांचे बोलणे डोळे झाकून मानत नाही... मी माझ्या हिशोबाने चालतो, पण तो त्यांचा वाढदिवस होता आणि मी त्यांना गिफ्टबद्दल विचारलं, तर त्यांनी वचन घेतलं. यू नो व्हेरी वेल, मी माझी वचनं मोडत नाही. इतक्या वर्षांपासून ते मला या कामासाठी मनवत होते. मला काय माहीत होतं, आपल्या वाढदिवसाच्या गिफ्टसाठी ते मला हे सगळं करायला सांगतील," युगनं हे काम करायला हो का म्हटलं, याबद्दल त्याने हरलीनला सांगितलं.
"तर मग प्रॉब्लेम काय आहे? जेव्हा तू हो बोललास आहेस, तर मग ते पूर्ण कर ना... तसंही तू कोणतंही काम अर्धवट सोडत नाहीस," हरलीननं टोमणे मारत म्हटलं.
"तुम्ही नाही समजणार. मला तुम्हाला फोनच नाही करायला हवा होता," असं म्हणून युग फोन कट करणार होता, तेव्हाच हरलीन लवकरच म्हणाली, "तू डॅडकडून कोणत्याही प्रकारची मदत घ्यायला नकार दिला होता. मी तुझ्याकडे येऊ का? कदाचित मी तुला मदत करू शकेन."
"राहू द्या बुआ... मला तुमची मदत चांगलीच माहीत आहे. तुम्ही लीगल जगात सामील आहात आणि इथे आलात, तर पुन्हा तुमचे दिवस-रात्री लेक्चर सुरू होतील. मला एकटं राहायचं आहे." यावेळेस युगनं हरलीनच्या उत्तराची वाट नाही पाहिली आणि फोन कट केला.
युगनं फोन कट करताच हरलीन स्वतःशीच म्हणाली, "अजीब मुलगा आहे. माहीत नाही याची प्रॉब्लेम काय आहे? प्रॉब्लेममध्ये आहे, तर समोरच्याला सांगायला काय लहान होईल, पण नाही... स्वतःला डेव्हिल सिद्ध करायचं आहे."
हरलीनला युगावर राग येत होता, तेव्हाच समोरून एक मुलगा वॉक करत आला. तो युगाच्याच वयाचा होता आणि दिसायला त्या दोघांचे फेशियल फिचर्ससुद्धा काही प्रमाणात सारखेच होते... फक्त त्याच्या डोळ्यांचा रंग हलका काळा होता.
"काय झालं बुआ? आज तुमच्या पॉझिटिव्ह चेहऱ्यावर इतकी निगेटिव्हिटी का दिसत आहे मला?" त्या मुलानं हसून विचारलं. त्याच्या चेहऱ्यावरसुद्धा एक पॉझिटिव्ह व्हायब होती.
"आता निगेटिव्ह लोकांशी बोलेन, तर थोडीफार निगेटिव्हिटी तर येणारच ना. कोणत्या मूर्ख व्यक्तीने म्हटलं होतं की ट्विन्स सेम असतात... कुठे तू आणि कुठे तुझा तो डेव्हिल भाऊ..." बोलताना हरलीनच्या चेहऱ्यावर राग होता. मग तिने त्या मुलाकडे पाहिलं आणि त्याचे गाल ओढत म्हणाली, "यू आर द एंजेल वन माय बेबी... काश युग राणासुद्धा आपल्या जुळ्या भाऊ शब्द राणासारखा असता."
तो शब्द राणा होता. युगाचा जुळा भाऊ, जो त्याच्यापेक्षा जवळपास ५ मिनिटं लहान होता.
हरलीननं गाल ओढल्यावर शब्दनं तिच्याकडे डोळे लहान करून पाहिलं आणि मग तोंड वाकडे करून म्हणाला, "बुआ मी इतका पण एंजेल नाही आहे की तुम्ही माझे गाल ओढाल आणि मी काही नाही बोलणार. आय एम नॉट ए किड. मी डेव्हिल नाही आहे, बट एंजेल म्हणणं पण चुकीचं ठरेल."
"हा माफिया फॅमिलीमध्ये एंजेल कसा जन्माला येऊ शकतो? तू एक मिक्स कॉम्बिनेशन आहे, ज्यात डेव्हिल 1 आहे आणि 99% एंजेल," हरलीननं मान हलवून म्हटलं.
"फिफ्टी फिफ्टी करती, तर जास्त बेटर राहिलं असतं," शब्दनं तोंड वाकडे करून उत्तर दिलं.
ते दोघे चालता-चालता बोलत होते. शब्द आणि हरलीन मिळून त्यांच्या फॅमिलीचा लीगल बिझनेस सांभाळत होते, तर युग त्याचे आजोबा हर्षवर्धन राणा यांच्यासारखा अंडरवर्ल्डशी जोडलेला होता. त्याच्या फॅमिलीमध्ये बाकीचे लोक पण होते, जे अंडरवर्ल्डशी जोडलेली इल्लीगल कामं करत होते, पण शब्द आणि हरलीन वेगळे होते.
"काय झालं त्याला?" चालता-चालता अचानक शब्दनं विचारलं. त्याच्या चेहऱ्यावरील भाव गंभीर होते.
"कदाचित त्याला कुणाच्या इमोशनल सपोर्टची गरज आहे, पण सांगत नाही आहे," हरलीननं उत्तर दिलं.
"असं कधी नाही झालं, जेव्हा तो इमोशनली वीक झाला असेल किंवा त्याला कुणाच्या इमोशनल सपोर्टची गरज पडली असेल. इतक्या वर्षांत मी त्याला कधी वीक होताना नाही पाहिलं. मला काही खरं वाटत नाही आहे," शब्द बोलला. त्याला हरलीनच्या बोलण्यावर आश्चर्य वाटत होतं. त्याला चांगलंच माहीत होतं की युगाचं अंडरवर्ल्डमधील डेव्हिल नाव असंच नाही आहे.
"हा तो कधी वीक नाही पडला, पण यावेळेस त्याच्या आवाजात एक बेचैनी होती," हरलीननं उत्तर दिलं. ती बोलता-बोलता थांबली. तिने शब्दाच्या खांद्यावर हात ठेवून म्हटलं, "काय तू माझं एक काम करशील?"
"नाही बुआ, मी लंडनला नाही जात. तुम्ही विचार पण करू नका की मी युगाला भेटायला जाणार आहे. भलेही आम्ही दोघे जुळे भाऊ आहोत, पण आमची अजिबात जमत नाही... कधीपासून पण नाही... आम्ही तर एकमेकांशी खूप दिवसांपासून बोललो पण नाही आहोत," शब्द हरलीनच्या न सांगताच समजला की तिला काय म्हणायचं असेल. त्याने थेट नकार दिला आणि हरलीनला तिथेच सोडून जलद पावलांनी पुढे निघून गेला.
"तुमच्या दोघांची नाही जमत असेल, पण दोघे न बोलताच एकमेकांचं बोलणं समजून घेता. डोन्ट वरी मी तुला मनवून घेईन," हरलीननं हसून म्हटलं आणि शब्दाच्या मागे-मागे जाऊ लागली.
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शब्दाचं कॅरेक्टर तुम्हाला कसं वाटलं? आणि कहाणी वाचून कॉमेंट करत जा आणि सोबतच फॉलो पण करा.
युग हरलीनशी बोलल्यानंतर झोपायला गेला. दुसऱ्या दिवशी सकाळी जेव्हा सारा जागी झाली, तेव्हा ती एकटीच थिएटरमध्ये होती. तिने आजूबाजूला पाहिलं, तिच्याशिवाय तिथे दुसरं कोणीच नव्हतं.
युगची तिला पर्वा नव्हती, पण कृशाला आपल्याजवळ न पाहून ती घाबरली.
"कृशा कुठे गेली? माझ्या गैरहजेरीत युगनं तिला मारलं तर नाही?" सारा घाबरलेल्या आवाजात म्हणाली आणि लवकर उठून बाहेर गेली.
बाहेर सुरक्षा रक्षक नेहमीप्रमाणे अलर्ट पोजिशनमध्ये होते. त्यांना पाहून सारा म्हणाली, "हा तर अशा प्रकारे सुरक्षा ठेवतो, जसा एखाद्या देशाचा पंतप्रधान आहे."
स्वतःशीच बोलत सारा लिफ्टच्या दिशेने वळली. सारा आपल्या रूममध्ये पोहोचली, तर कृशा झोपलेली होती. तिला ठीक पाहून साराने सुटकेचा श्वास घेतला.
सारा कृशाजवळ गेली आणि तिला घट्ट मिठी मारली. "थँक गॉड, तू ठीक आहेस, नाहीतर मी अम्ूला तोंड देऊ शकले नसते."
साराच्या आवाजाने कृशाला जाग आली. तिने डोळे मिटूनच म्हटलं, "मला पण अम्ूची खूप आठवण येत आहे. आपण इथून नाही निघू शकलो, तर काय होईल सारा?"
कृशाच्या बोलण्याने साराच्या चेहऱ्यावर काळजीचे भाव आले. "तू जास्त विचार करत आहेस कृशा... चल ऊठ." सारा तिला उठवू लागली.
कृशा उठली, तेव्हा साराने पाहिलं तिचे डोळे लाल झाले होते. साराने कृशाच्या दोन्ही खांद्यांना पकडून विचारलं, "काय झालं? तू रडत होतीस?"
"हो... कारण मला घरी जायचं आहे, सारा. मला भीती वाटते त्याची." बोलताना कृशा साराला बिलगली.
"मग तू असं कर, रूमच्या बाहेर येऊ नको. मी सगळं बघून घेईन." साराने तिला समजावत म्हटलं.
कृशाने होकारार्थी मान हलवली आणि ती तिच्यापासून दूर झाली. थोड्या वेळाने सारा आणि कृशा दोघीही आंघोळ करून तयार झाल्या. साराने दोघांसाठी रूममध्येच नाश्ता मागवला होता, पण मेड फक्त कृशाचा नाश्ता घेऊनच आली.
"मी तुला सांगितलं होतं, मला माझा नाश्ता पण रूममध्येच हवा आहे." सारा तिला रागाने बघत म्हणाली.
तिचं बोलणं ऐकून मेडने नजर खाली करून उत्तर दिलं, "साहेबांनी तुम्हाला खाली बोलावलं आहे."
साराने तिला Jaane चा इशारा केला. मेड गेल्यावर ती कृशाला म्हणाली, "मी येते."
सारा तिथून जायला निघाली, तेव्हाच कृशाने मागून मोठ्या आवाजात तिला थांबवलं, "सांभाळून सारा, तो तुझ्यावर प्रेम नाही करत... माहीत आहे ना, त्याला काय पाहिजे?"
"आणि त्याला जे पाहिजे, ते त्याला कधीच मिळणार नाही." सारा मागे न वळताच म्हणाली आणि तिथून निघून गेली.
कृशा नाश्ता करण्यात व्यस्त होती आणि सारा युगसोबत डायनिंग एरियामध्ये होती. दोघेही शांतपणे नाश्ता करत होते.
युगला शांत पाहून साराला आश्चर्य वाटत होतं, कारण मागच्या दोन दिवसांपासून तो तिला इम्प्रेस करण्यासाठी काही ना काही करत होता, पण आता त्याचा चेहरा अगदी शांत होता.
त्या दोघांमध्ये एक विचित्र शांतता पसरली होती. ती शांतता तोडत साराने विचारलं, "तर काय विचार केला आहेस?"
"कशाबद्दल?" युगने प्रश्नार्थक नजरेने तिच्याकडे बघून विचारलं.
"त्या गोष्टीबद्दल, ज्यासाठी तू आम्हा दोघींना किडनॅप केलं आहे. तुला ते सात टप्पे पार करायचे आहेत. तू कृशाला सोडून दे, मग कदाचित मी तुला मदत करू शकेन. ती इनोसंट आहे. तिला या सगळ्यामध्ये ओढू नकोस." सारा म्हणाली. कृशाला घाबरलेली बघून तिने हा निर्णय घेतला होता.
"प्रत्येक गोष्ट वेळेनुसार झाली, तरच चांगली वाटते सारा सिंघानिया. मी म्हटलं ना, आधी मी तुला १० दिवसांचा वेळ देईन, ज्यापैकी २ दिवस संपले आहेत. बाकी ८ दिवस. या आठ दिवसांत स्वतःला माझ्याशी लग्न करण्यासाठी तयार कर. प्रेमाने करशील, तर चांगली गोष्ट आहे, नाहीतर मी जबरदस्ती करायला पण मागे हटणार नाही." युग कठोर आवाजात म्हणाला.
त्याचं बोलणं ऐकून साराच्या चेहऱ्यावर उपहासात्मक स्मितहास्य आलं. तिने त्याच अंदाजात उत्तर देत म्हटलं, "मला काही आश्चर्य वाटणार नाही, जर तू असं केलंस तरी... तुझ्याकडून दुसरी कोणती अपेक्षा पण नाही केली जाऊ शकत. आधी जबरदस्तीने आम्हाला किडनॅप करून इथे घेऊन आला आणि आता लग्नाची गोष्ट करत आहेस."
"एवढी पण भोळी नको बनू. जबरदस्तीसारखा शब्द तुझ्या तोंडून चांगला नाही वाटत. तू कृशा नाही आहेस सारा सिंघानिया, जी Innocent असल्याचा दिखावा करत आहेस... किंवा एवढी Innocent आहेस की, तू कधी आपल्या आयुष्यात कोणाचा खून होताना पण नाही पाहिला." युग म्हणाला.
"चल, तू हे तरी मानलंस की कृशा Innocent आहे. तिला जाऊ दे युग." सारा म्हणाली. ती शांतपणे बोलत होती, जेणेकरून तो तिला Jaane देईल.
"ठीक आहे Jaane देईन... प्रॉमिस करतो, तिला काही नाही करणार. माफिया जगातली आहेस, तर डेव्हिलच्या (Devil) वचनाबद्दल ऐकलंच असेल. मी कितीही वाईट असलो, तरी कधी कोणाला धोका देत नाही... आणि माझं वचन म्हणजे दगडावरची रेघ असते." युग कठोर शब्दांत म्हणाला.
साराने त्याच्या बोलण्यावर होकारार्थी मान हलवली. ते दोघे पहिल्यांदाच या विलामध्ये भेटले होते, पण साराला त्याच्याबद्दल आधीपासूनच बऱ्याच गोष्टी माहीत होत्या आणि त्यापैकी एक होतं, डेव्हिलचं वचन, जे तो कधी तोडत नसे.
"ठीक आहे. मग सांग मला काय करायचं आहे? मी तयार आहे." सारा म्हणाली.
सारा सगळ्या गोष्टी करायला तयार झाल्यावर युगच्या चेहऱ्यावर दृष्ट हास्य (Evil smile) आलं. काहीही बोलण्याआधी त्याने साराला पुन्हा एकदा विचारलं, "चांगल्या प्रकारे विचार कर सारा सिंघानिया. युग राणा धोका देणाऱ्यांना माफ नाही करत. तू काहीतरी करायचं ठरवलं आहेस, तर तुला ते करावं लागेल, जे मी सांगेन. जसं मी सांगेन."
त्याला होकार द्यायच्या आधी साराने डोळे बंद करून पुन्हा एकदा विचार केला, तेव्हा तिच्या डोळ्यासमोर कृशाचा निष्पाप चेहरा आला. मग तिने अमृता विषयी विचार केला जिने कधी त्या दोघींमध्ये फरक नाही केला. तिला पण तेवढंच प्रेम दिलं जेवढं ती कृशाला देत होती.
युगला हो म्हणणं म्हणजे अंधाऱ्या विहिरीत उडी मारण्यासारखं होतं, तरी पण साराने डोळे उघडले आणि होकारार्थी मान हलवली. तिने आपला हात पुढे करत म्हटलं, "ठीक आहे, मी तुझी प्रत्येक गोष्ट मानायला तयार आहे. जसं तू म्हणशील, ज्या हिशोबाने तू म्हणशील... पण तू कृशाला सुखरूप सिंघानिया मेंशनला पोहोचवशील."
"ठीक आहे, पण एक आठवड्यानंतर. मी तिला काही नाही करणार, ना काही बोलेन. उलट तिला प्रिन्सेससारखी वागणूक देईन... पण एक आठवडा तिला इथे राहावंच लागेल." युगने आपला हात साराच्या हातावर ठेवून वचन दिलं.
"आणि या एका आठवड्यासाठी थांबण्याचं कारण?" साराने आश्चर्याने विचारलं. "तू मला धोका देण्याचा विचार तर नाही करत आहेस?"
"नाही. मला धोक्याच्या शब्दाचीच Atishay chidh आहे. त्यामुळे मी असं नाही करणार. राहिला प्रश्न एका आठवड्यासाठी थांबण्याचा, तर एक गोष्ट स्पष्ट आहे, ती परत जाऊन तिथे सगळं काही सांगणार आहे. तिला पण कळायला पाहिजे, युग राणाची होणारी बायको सारा सिंघानियाला इथे किती चांगल्या प्रकारे ठेवलं आहे." युग दृष्ट हास्य (Evil smile) करत म्हणाला.
साराने याबद्दल जास्त विचार नाही केला आणि तिने होकार दिला. तिला कशावर विश्वास असो वा नसो, पण एका गोष्टीवर तिचा पूर्ण विश्वास होता, युग आता कृशाला काही नाही करणार.
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काय खरंच युगनं कृशाला एक आठवडा याच विचाराने थांबवलं आहे, की आणखी काहीतरी गोष्ट आहे. आता डेव्हिल आहे, तर एवढा सरळ साधा तर नसेलच. पण हो, वचन दिलं आहे, तर कृशाला काही नाही करणार. गोष्ट कोणता इंटरेस्टिंग (Interesting) मोड घेते, या साठी Banera मेरे साथ! भेटूया पुढच्या भागात.
कृषाला युगाच्या तावडीतून सोडवण्यासाठी सारा युगाचं ऐकायला तयार झाली होती. तिने वचन दिल्यावर युग कृषाला परत पाठवायला तयार झाला, पण त्याने कृषाला एक आठवड्यानंतर घरी पाठवण्याचं ठरवलं.
युगाने कृषाला एक आठवडा तिथे ठेवण्याचं कारण विचारल्यावर सारा म्हणाली, "ठीक आहे, मग एक आठवडा कृषा माझ्यासोबत राहील. ती काहीही बोलली, काहीही केलं, तरी तू तिच्यावर रागवायचं नाही."
युगाने होकारार्थी मान हलवली आणि पुढे तो म्हणाला, "मी वचन देतो. एक आठवडा ती इथे राहू शकते, पण तुझ्यासोबत नाही... तुझ्या रूममध्ये..."
युगाचं बोलणं ऐकून साराने त्याच्याकडे प्रश्नार्थक नजरेने पाहिलं. ती काहीतरी विचाराणार, तोच युग म्हणाला, "तू म्हणाली होतीस ना, तू माझं सगळं ऐकणार, तर त्यातली पहिली अट ही आहे की आजपासून तू माझ्यासोबत माझ्या रूममध्ये राहणार."
युगाचं बोलणं ऐकून साराच्या चेहऱ्याचा रंग उडाला. ती गडबडून म्हणाली, "हे बघ... हे चुकीचं आहे. तू माझ्यासोबत असं नाही करू शकत. तू माझं मन जिंकण्याची गोष्ट बोललास आणि इथे लग्नाआधीच एका रूममध्ये... मी तुझ्यासोबत कशी राहू शकते?"
"अरे अरे, तू तर लगेच घाबरलीस. ही तर फक्त सुरुवात आहे सारा सिंघानिया. एवढ्याशा गोष्टीने घाबरलीस, तर पुढे कसं चालेल. माझी यादी खूप मोठी आहे... चल, आता कृषाला व्यवस्थित बाय बोल आणि माझ्या रूममध्ये ये. जॅक तुझं सामान शिफ्ट करेल." युग म्हणाला.
कृषासाठी साराने युगाचं सगळं ऐकायला होकार तर दिला, पण आता तिला पश्चात्ताप होत होता. तिने काही क्षण विचार केला आणि ती म्हणाली, "बघ, मी तुझ्यासोबत जास्तीत जास्त वेळ घालवीन, पण रात्री मी तुझ्यासोबत झोपू शकत नाही. मला अशी झोप नाही येत."
"काळजी नको करू. मी असताना तुला कशाचीही चिंता करायची गरज नाही. चल, मग आपल्या रूममध्ये भेटू." असं बोलून युग तिथून जायला निघाला. मग तो काही पावलं चालल्यावर थांबला आणि साराकडे वळून म्हणाला, "सारा, तुला झोपवण्याची जबाबदारी माझी. ऐकलंय, जास्त थकल्यावर लवकर आणि चांगली झोप येते." युगाने वाईट हास्य (evil smile) देत डोळा मारला आणि तो तिथून निघून गेला.
त्याच्या बोलण्याने साराच्या मनात भीती निर्माण झाली होती. युग निघून गेल्यावरही सारा नाश्त्याच्या टेबलवर बसून राहिली. तिला समजत नव्हतं की ती या सगळ्या गोष्टी कशा हाताळणार. तिने डोक्यावर हात ठेवला आणि ती म्हणाली, "हे तर असंच झालं, 'आप बैल मुझे मार...' दादू, तुम्हाला लवकर काहीतरी करायला हवं, नाहीतर इथे एकदा गोष्टी बिघडल्या, तर तुम्हाला चांगलंच माहीत आहे, काहीही ठीक होणार नाही."
सारा तिच्या जागेवरून उठली आणि रूममध्ये आली. रूममध्ये कृषा कंटाळली होती, म्हणून ती इकडे-तिकडे फिरत होती.
साराला पाहताच कृषा म्हणाली, "तू खूप जास्त वेळ लावला नाही का? दोन तास कोण नाश्ता करतं?"
"एक problem झाली आहे कृषा..." सारा म्हणाली आणि बेडवर बसली. मग ब्रेकफास्ट टेबलवर युग आणि तिच्यामध्ये जे काही बोलणं झालं, ते सगळं तिने कृषाला सांगितलं, "मी युगाला convince केलं की तो तुला इथून जाऊ देईल... बदल्यात मी त्याची प्रत्येक गोष्ट कोणतीही कुरकुर न करता ऐकेन."
"तू असं करायला नको होतंस सारा. मी तुला एकटीला सोडून नाही जाणार." कृषा म्हणाली.
"जर तू इथून निघालीस, तर मला पूर्ण विश्वास आहे की तू तिथे जाऊन दादूला सगळं समजावून सांगशील. इथे काय आहे, कसं आहे, का आहे, मग ते त्यानुसार plan करून मला इथून काढतील. त्यासाठी तुझं इथून निघणं खूप महत्त्वाचं आहे." साराने तिला समजावलं की तिने युगाचं सगळं ऐकायला हो का म्हटलं.
"म्हणजे तो मला परत न्यूयॉर्कला पाठवेल?" कृषाने डोळे बारीक करून विचारलं.
"हो, पण लगेच नाही. त्याला एक आठवड्याचा वेळ हवा आहे. मला चांगलं माहीत आहे, त्याला हा आठवडा का हवा आहे. बाकी, आता त्या गोष्टीने काही फरक पडत नाही. त्याने वचन दिलं आहे की तो तुला काही नाही करणार, त्यामुळे मी तुझ्याबद्दल निश्चिंत आहे. त्याची पहिली अट ही आहे की मी त्याच्यासोबत त्याच्या रूममध्ये राहीन." जसं साराने हे सांगितलं, तसं कृषाच्या चेहऱ्याचा रंग उडाला.
साराच्या बोलण्याला काय उत्तर द्यावं, हे तिला समजत नव्हतं. तिला गप्प बघून सारा म्हणाली, "बस, यातच problem आहे."
"तू चिंता नको करू. सगळं माझ्यावर सोडून दे. मी handle करेन. त्याने खरंच वचन दिलं आहे का, की तो मला काही नाही करणार?" कृषाने पुन्हा एकदा खात्री केली, ज्यावर साराने होकारार्थी मान हलवली.
कृषाने एक मोठा श्वास घेतला आणि शांतपणे म्हणाली, "ठीक आहे. मला चांगलं माहीत आहे, मी तुझ्यापर्यंत कशी पोहोचायचं. तू फक्त थोडी careful राहा. बघ सारा, मला एवढी knowledge नाहीये की या विलाची security कशी आहे किंवा मी दादूला व्यवस्थित सांगू शकेन की नाही... तर या सगळ्या गोष्टींबद्दल तू माहिती काढ आणि जायच्या आधी मला प्रत्येक गोष्ट व्यवस्थित समजावून सांग."
"ते सगळं तू माझ्यावर सोडून दे. मी युगाकडे जातेय. मला त्याच्यासोबत राहावं लागेल." असं बोलून सारा उठली. तिने कृषाला hug केलं आणि मग ती तिथून निघाली.
सारा जशी दाराजवळ पोहोचली, तशी कृषाने मागून तिला हाक मारली, "सारा, त्याला तुझ्या जवळ येऊ नको देऊ."
"तुला वाटतं का, मी त्याला असं काही करू देईन?" साराने कृषाकडे बघून उत्तर दिलं. तिच्या चेहऱ्यावर smile होती.
तिच्या चेहऱ्यावरचं smile बघून कृषा पण हसली आणि तिने दोन्ही हात वर करून thumbs up करत म्हणाली, "All the very best सारा. कधीच विसरू नकोस, तू कोण आहेस आणि काय करू शकतेस."
"हो, युग राणाला पण माहीत व्हायला पाहिजे, त्याचा सामना कोणाशी झाला आहे." साराने उत्तर दिलं आणि ती तिथून निघून गेली.
घरातील मदतनीसाने साराला युगाच्या माळ्यावर पोहोचवलं. युगाचा माळा (floor) स्वतःच एक घर असल्यासारखा होता. तिथे त्याच्या रूमशिवाय office आणि त्याच्या गरजेनुसार बाकी सगळ्या गोष्टी होत्या. त्या माळ्याची खास गोष्ट ही होती की तिथे फक्त living area मध्ये cameras लावले होते आणि तिथे त्याच्याशिवाय दुसरी कोणतीही security नव्हती.
युग त्या वेळेस त्याच्या माळ्यावर नव्हता, म्हणून सारा फिरून तो माळा व्यवस्थित observe करायला लागली.
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सिंघानिया विला,
न्यूयॉर्क शहर.
अमृता एका meeting room सारख्या ठिकाणी उपस्थित होती. तिथे table च्या समोर आदित्य सिंघानिया बसले होते आणि त्यांच्या बाजूला विक्रम उभा होता. समोर लावलेल्या मोठ्या projector वर युगाचा फोटो होता. त्याच्यासमोर अमृता उभी होती.
"वाटतंय हा फक्त नावालाच devil आहे. दिसायला तर खूप चांगला आहे हा... नक्कीच चुकीच्या line मध्ये आला असेल." विक्रम पुटपुटला.
आदित्यने त्याचे बोलणे ऐकले. त्यांनी त्याच्या बोलण्याकडे दुर्लक्ष केले आणि मग अमृताला म्हणाले, "मी mafia king असताना या मुलाकडे power कुठून आली? असं कोणी आहे का, जे माझ्या विरोधात आहे आणि मला या position वरून काढू इच्छित आहे?"
"समोरून तर कोणी नाही येत आहे, पण तुम्हाला चांगलं माहीत आहे, मागे-मागे कोण तुमचा शत्रू आहे... आणि राहिली गोष्ट डेविलची, तर तो powerful आहे, कारण त्याला रशियन आणि इटालियन mafia चा support आहे. तुम्हाला चांगलंच माहीत आहे, रशियन माफिया किती powerful आहे आणि या मुलाची तिथे चांगली चलती आहे." अमृताने सांगितले.
तिचं बोलणं ऐकून आदित्यला पण आश्चर्य वाटलं. त्यांनी त्याच अंदाजात म्हटलं, "अजीब गोष्ट आहे, ज्या रशियन माफियाला आजपर्यंत कोणी control नाही करू शकलं, त्याला हा कालचा मुलगा control करत आहे." असं बोलताना आदित्यच्या चेहऱ्यावर चिंतेच्या रेषा दिसत होत्या. त्यांना पहिल्यांदा त्यांची खुर्ची धोक्यात आहे, असं वाटायला लागलं.
आदित्य त्यांच्या chair वरून उठले आणि मोठ्या आवाजात म्हणाले, "मला पुढच्या एका आठवड्यात सारा सिंघानिया माझ्या विलामध्ये पाहिजे. चुकीनेसुद्धा या मुलाने साराला कोणत्याही प्रकारे effect नाही करायला पाहिजे." आपलं बोलणं बोलून आदित्य तिथून निघून गेले.
त्यांच्या जाण्यानंतर विक्रम म्हणाला, "सारा एवढी खास आहे, तर तिच्याशी related माहिती बाहेर leak नाही करायला पाहिजे होती."
"मी तुला म्हटलं ना, आपलं तोंड बंद ठेव. तुला पूर्ण गोष्ट माहीत नाहीये, तर काहीही बोलू नको. सारा सिंघानिया या विलाच्या बाहेर पण नाही निघाली आणि आजपर्यंत कोणी तिचं तोंड पण व्यवस्थित नाही पाहिलं. मग माहीत नाही, याने इथली security hack करून साराला कसं उचललं." अमृताने रागात उत्तर दिलं आणि ती पण तिथून निघून गेली.
हे खरं होतं की सारा खास होती, त्यामुळे तिचे शत्रू पण खूप होते. साराला party पासून ते education पर्यंत किंवा कोणतीही गोष्ट हवी असली, तर ती सिंघानिया विलामध्येच यायची. खूप कमी वेळा असं व्हायचं, जेव्हा साराने घराबाहेर पाऊल ठेवलं होतं. अशा परिस्थितीत सारा सिंघानियाबद्दल युग राणाला माहीत असणं खरंच धक्कादायक गोष्ट होती.
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युगाला साराबद्दल कोणी सांगितलं असेल? काय सारा सिंघानिया डेविलच्या तावडीतून सुटणार की आता कृषा तिचा जीव वाचवणार. पुढील भागांसाठी माझ्यासोबत रहा.
तुमच्या support साठी धन्यवाद.
कृशाला भेटून आल्यानंतर सारा थेट युगच्या खोलीत आली. ती त्याच्या रूमचं बारकाईने निरीक्षण करत होती. त्याच्या रूमचं इंटिरियर डार्क थीममध्ये होतं आणि भिंतींवर डार्क व अत्यंत बोल्ड अशा आधुनिक कलाकृतींची पेंटिंग्ज लावलेली होती.
"याचा रूम बघूनच कुणी पण सांगेल की हा माणूस किती 'वाईल्ड' आहे. ही पेंटिंग्ज बघितल्यावर तर कुणी म्हणणार नाही की हा आर्ट lover आहे," साराfinal डोके हलवून म्हणाली.
तिचं लक्ष समोरच्या बाजूला गेलं, तेव्हा दारात उभ्या असलेल्या युगाने मोठ्या आवाजात म्हटलं, "कुणालाही माझ्याबद्दल किंवा माझ्या रूमबद्दल मत द्यायचं असेल, तर त्याला या रूममध्ये यावं लागेल, आणि याची परवानगी कुणाला नाही. तू पहिली आहेस, जी माझ्याशिवाय या रूममध्ये आली आहेस."
युगचा आवाज ऐकून साराने त्याच्याकडे पाहिलं. युगाने पूर्ण attitude मध्ये तिला उत्तर दिलं होतं. साराने पण त्याच attitude मध्ये उत्तर दिलं, "ओह, तर मी ती दुर्दैवी व्यक्ती आहे."
साराचं बोलणं ऐकून युगाने तिरकस स्माइल दिली आणि मग साराजवळ येत हलक्याश्या थंड आवाजात म्हणाला, "नाही... तू luckyest आहेस..." असं बोलत युगाने साराला कमरेतून पकडून स्वतःजवळ ओढलं.
दोघेही एकमेकांच्या डोळ्यांत बघत होते. युग तिच्या डोळ्यांत बघून म्हणाला, " तुझे ग्रे eyes तुला आणखी special बनवतात."
"पण मला तुझ्या डोळ्यांत बघून भीती वाटते युग राणा... तुझ्या डोळ्यांत कोणतीही भावना दिसत नाही. हे hazel blue eyes एखाद्या समुद्रासारखे deep आहेत... आणि समुद्राप्रमाणेच आपल्यामध्ये अनेक रहस्य दडवून ठेवले आहेत," युगाच्या डोळ्यांत बघत साराने त्याच्याबद्दल बरंच काही बोलून दाखवलं.
सारा जे काही बोलली, ते बऱ्याच अंशी खरं होतं. ते ऐकल्यावर युगाच्या चेहऱ्यावर हलकीशी स्माइल आली. "इतक्या कमी वेळातच माझ्याबद्दल खूप काही जाणलं आहेस... वाटतंय दहा दिवसांचा वेळ मी तुला जास्त दिला. तू तर त्याआधीच माझ्या प्रेमात पडलीस."
युगाचा confidence बघून सारा हसून म्हणाली, "चेहरा पाहिला आहेस का आरशात तू?"
युगाने तिच्या बोलण्याचं काही उत्तर दिलं नाही, उलट तिला कमरेतून पकडून समोर असलेल्या मोठ्या आरशासमोर उभं केलं. युग साराच्या कमरेत हात टाकून तिच्या मागे उभा होता.
"तू स्वतःच बघ आणि ठरव, कोणाचा चेहरा किती चांगला आहे," युग म्हणाला.
गेल्या काही दिवसांपासून सारासोबत खूप काही घडलं होतं, त्यामुळे तिला स्वतःला maintain करायलासुद्धा वेळ मिळाला नाही. ती चेहऱ्याने थोडी थकेलेली दिसत होती आणि तिने व्यवस्थित prepare पण केलं नव्हतं, तर युग नेहमीप्रमाणे well maintained आणि खूप handsome दिसत होता.
"चेहरा चांगला असून काही होत नाही, मन पण बघायला लागतं," साराने उत्तर दिलं.
"पण इथे चेहऱ्याची गोष्ट चालू आहे," युगाने आरशात साराकडे बघत म्हटलं.
साराने त्याच्या बोलण्याचं काही उत्तर दिलं नाही. ती आरशात एकटक युगाकडे बघत होती, ज्याची personality आणि look खूप impressive होतं.
युगाने हसून साराला सोडलं. तो बाहेर जायला लागला आणि जाताना गुणगुणत होता.
"ऐसे न मुझे तुम देखो... सीने से लगा लूंगा। तुमको मैं चुरा लूँगा तुमसे, दिल में छुपा लूंगा।" गुणगुणत युग बाहेर निघून गेला.
युगच्या जाण्याने साराच्या चेहऱ्यावर हलकीशी स्माइल आली. एका क्षणासाठी ती त्याच्यात हरवून गेली होती. मग तिने स्वतःच्या डोक्यावर हलकेच मारलं. त्याचबरोबर तिच्या चेहऱ्यावरचे भाव कठोर झाले.
"कम ऑन सारा सिंघानिया, नाटक करायचं आहे. हे reality नाही आहे. तसं पण हा माझ्या type चा नाही आहे. मला 'good boys' आवडतात," साराने आपले डोळे फिरवून म्हटलं आणि मग तिचं सामान adjust करायला लागली.
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पूर्ण दिवस युग त्याच्या रूममध्ये आला नाही. सारा रूममध्ये एकटीच होती. संध्याकाळी जवळपास 6:00 वाजता तिच्याकडे इंटरकॉमवर कॉल आला, ज्यामध्ये युगाने तिला घराच्या गार्डन area च्या मागच्या बाजूला बोलावलं होतं.
"आता कोणता नवीन surprise तयार करून ठेवला आहेस युग राणा," स्वतःशीच बोलत साराने ओवरकोट घातला आणि ती बाहेर जायला निघाली.
Lift जवळ तिला हया भेटली, जिची नेमणूक तिची काळजी घेण्यासाठी केली होती. सारा तिच्यासोबत गार्डन area च्या मागच्या बाजूला पोहोचली, तर तिथे वेगवेगळ्या प्रकारचे घोडे होते. ते सगळे rare species चे होते.
युग त्यापैकी एका पांढऱ्या घोड्याजवळ उभा राहून त्याला थोपटत होता. त्याने brown leather चा ओवरकोट घातला होता. जसं साराने त्याला पाहिलं, तिचे डोळे आश्चर्याने मोठे झाले. ती धावत युगाजवळ गेली.
सारा त्याच्याजवळ जाऊन धापा टाकत म्हणाली, " खरंच हे सगळं तुझं आहे? I mean it's so lavish."
"तू तर अशाप्रकारे react करत आहेस, जसं हे सगळं पहिल्यांदा बघत आहेस. तू आदित्य सिंघानियाची 'grand daughter' आहेस. seriously तू हे सगळं पहिल्यांदा पाहिलं आहे?" युगाने आश्चर्य व्यक्त करत विचारलं.
"मी हे सगळं पाहिलं आहे आणि आमच्याकडे पण सगळं काही आहे, पण आम्हाला त्यांना इतक्या जवळून बघायची परवानगी नव्हती. तुला माहीत आहे ना, मी किती 'important' आहे, त्यामुळे दादू माझ्या 'security' ची खास काळजी घेत होते." तिच्या excitement मध्ये सारा खूप काही बोलून गेली. मग तिला तिची चूक लक्षात आली, तिने आपले डोळे लहान केले आणि मग युगाला विचारलं, "तू मला कधी सांगितलंस नाही की तू माझ्यापर्यंत कसा पोहोचलास? मला खूप कमी लोकांनी पाहिलं आहे. इथपर्यंत की आमच्या घरच्या 'security' पर्यंत पोहोचणं पण impossibe आहे. तू आमच्या 'head security guard' ला kidnap केलं आणि मारलं. हे सगळं कसं केलंस तू?"
"तू विसरलीस, तू कोणासमोर उभी आहेस. युग राणासाठी कोणतीही गोष्ट impossible नाही आहे. आज तू पहिल्यांदा काहीतरी विचारलं आहेस... कधी वेळ मिळाला की आरामात सगळं सांगेन. आता हे enjoy करूया," असं बोलत युगाने तिचा हात आपल्या हातात घेऊन विचारलं, "Do you wanna ride with me?"
साराने होकारार्थी मान डोलावली. युग आधी स्वतः घोड्यावर बसला, मग त्याने साराचा हात पकडून तिला आपल्याकडे ओढून पुढे बसवलं. ते दोघेही एका मोठ्या yard वर horse riding करत होते, जिथे सारा excited होऊन सगळं बघत होती.
जवळ बसल्यामुळे दोघेही एकमेकांच्या खूप जवळ होते. साराला भीती वाटत होती, त्यामुळे तिने युगाचा हात घट्ट पकडला होता.
"बस, आता खूप झालं. मी थकून गेली आहे," सारा म्हणाली. ते दोघेही जवळपास अर्ध्या तासापेक्षा जास्त वेळ riding करत होते, त्यामुळे साराला थकवा जाणवत होता.
तिच्या बोलण्यावर युगाने घोडा थांबवला आणि मग स्वतः खाली उतरून साराला खाली उतरवलं. त्याने साराच्या चेहऱ्याकडे बारकाईने पाहिलं आणि मग म्हणाला, "तू खूप थकेलेली दिसत आहेस. तुला आता नेहमीसाठी इथेच राहायचं आहे. तुला आपली deal आठवत असेल, तर आपला हट्ट सोड आणि स्वतःची काळजी घे."
साराने त्याच्या बोलण्याला होकार दिला. युगाने दूर उभ्या असलेल्या हयाला इशारा करून बोलावलं आणि तिच्यासोबत साराला पाठवून दिलं. साराच्या गेल्यानंतर तो पण काही कामासाठी बाहेरच्या दिशेने जात होता, तेव्हा त्याला कृशा दिसली, जी एका छोट्या पप्पीसोबत खेळत होती.
"या घाणेरड्या जागेत फक्त तूच एक 'क्यूट' माणूस भेटलीस. असं करूया, आपण दोघे friendship करूया. दोन 'क्यूट' माणसं मिळून या 'डेव्हिल' च्या जागेला चांगलं बनवण्याचा प्रयत्न करूया," कृशा पप्पीला थोपटत त्याच्याशी बोलत होती.
कृशाला तिथे बघून युगाचे पाय नाईलाजाने तिच्याकडे वळले. युगाला आपल्यासमोर बघून कृशाने लगेच त्या पप्पीला खाली सोडलं.
"अच्छा, तर ही जागा घाणेरडी आहे?" युगाने तिच्याकडे रागाने बघून विचारलं.
कृशाने नकारार्थी मान हलवली आणि म्हणाली, "मी... मी माझ्या रूममध्ये जात आहे."
युगाला टाळण्यासाठी कृशा तिथून जायला लागली, तेव्हा युगाने मोठ्या आवाजात म्हटलं, "थांब..."
युगाचा कठोर आवाज ऐकून कृशा तिथेच थांबली. युग हळू हळू चालत तिच्यासमोर गेला. कृशाने off shoulder स्वेटर घातला होता आणि केसांना बनमध्ये बांधलं होतं. युगाची नजर तिच्या मानेवर गेली.
अचानक युग थंड आवाजात म्हणाला, "Hide your hickey..."
"काय?" कृशाने आश्चर्याने विचारलं आणि मग युगाच्या नजरेला follow करत तिने आपल्या मानेवर पाहिलं, तर तिथे एक लाल निशाण होतं, जे काल रात्री युगाने bite केल्यामुळे बनलं होतं.
कृशा काही बोलणार, त्याआधीच युगाने आपला हात पुढे करून कृशाचे केस मोकळे केले. मग त्याने कृशाच्या केसांना adjust करत दोन्ही बाजूंनी पुढे केले. आता कृशाच्या मानेवर असलेलं bite चं निशाण केसांमुळे झाकलं गेलं होतं.
"याला कोणत्याही परिस्थितीत hide करून ठेव... हे साराला दिसता कामा नये," असं बोलून युग तिथून निघून गेला.
कृशा अजून पण तिथेच उभी राहून युगाला जाताना बघत होती. तो दूर झाल्यावर कृशा बडबडून म्हणाली, "हो, तर कुणी सांगितलं होतं, येऊन मला इतकं जोरात पकडायला... आणि kiss करताना bite कोण करतं? रानटी कुठला..." कृशाच्या डोळ्यांत युगाबद्दल राग होता.
युगच्या गेल्यानंतर कृशा पण तिथून निघून गेली.
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एक आणखी कथेचा प्रोमो.. टाइटल "डेस्टिनी: अ टेल ऑफ लव" आहे, जी माझ्या प्रोफाइलवर मिळेल.
अनुष्का सिंह ओबेरॉय, एक 'फेमस' फिल्म स्टार, जिचा एका 'एक्सीडेंट' मध्ये मृत्यू होतो. तिची जुळी बहीण आयुष्का सिंह ओबेरॉय, आपल्या बहिणीच्या मृत्यूसाठी आरव खुरानाला जबाबदार समजते. कारण मृत्यूच्या शेवटच्या क्षणी ती आरवसोबत होती. आरव खुराना, जो लोकांच्या नजरेत एक 'कॅसानोव्हा' businessman आहे, तर खरं तर याच्या अगदी उलट आहे. आयुष्काच्या आयुष्यात एकच ध्येय आहे, आरव खुरानाला बरबाद करणं. आरवला बरबाद करण्यासाठी आयुष्का प्रत्येक मार्ग निवडते. आरवला businessman समजणाऱ्या आयुष्काला जेव्हा त्याच्या mafia शी connect असण्याची reality समजेल, तेव्हा त्यांच्या नात्यात काय नवीन twist येईल. त्याचप्रकारे, स्त्रियांचा तिरस्कार करणारा आरव, आयुष्काला आपली समजून प्रेमात धोका सहन करू शकेल का? आयुष्काच्या बदलांपासून अनजान असलेला आरव, जेव्हा खरंच तिला आपलं मन देईल, तेव्हा सत्य कळल्यावर त्यांच्या नात्यात नवीन twist येणार आहे.
यांचं हे तिरस्काराने भरलेलं नातं काय वळण घेईल, जेव्हा नशीब त्यांना एकमेकांच्या समोर आणेल. नशिबाच्या दोरीने बांधलेली ही दोन मनं कधीतरी एकत्र येऊ शकतील का, की दोघांमधला तिरस्कार जिंकेल.
युग त्याच्या कामासाठी मलिकसोबत बाहेर गेला होता. त्याच्या मागे सगळ्या सुरक्षेची जबाबदारी युगचा मॅनेजर केविन आणि त्याची सेक्रेटरी जेनीवर होती.
ते दोघेही विलाच्या ऑफिस रूममध्ये होते, तेव्हा केविनला सीसीटीव्ही कंट्रोल रूममधून कॉल आला. तो कॉल जेनीने उचलला.
व्हिलाच्या सुरक्षा प्रमुखाने जेनीला कॉलवर सांगितले, “हेलीपॅडवर एक हेलिकॉप्टर उतरणार आहे. त्यावर राणाज असे नाव आहे.”
“म्हणजे बिग बॉस लंडनला आले आहेत? युग सर पण इथे नाहीत. तुम्ही असं करा, लँड झाल्यावर तिथे पूर्ण टीमला पाठवा. मी केविनसोबत येते.” असे बोलून जेनीने फोन कट केला. ती जवळपास २८ वर्षांची मुलगी होती, जी इंडो ब्रिटिश होती. तिने काळा सूट घातला होता आणि तिने केसांची डच स्टाईलमध्ये वेणी घातली होती. या लूकमध्ये ती खूप प्रोफेशनल दिसत होती.
सुरक्षा प्रमुखाशी बोलल्यानंतर जेनीने केविनकडे पाहिले. त्याने पण काळ्या रंगाचा सूट घातला होता.
“युग सरांना यायला जवळपास २ तास लागतील. मला आशा आहे की हे बिग बॉस असतील, त्यांचे दुसरे फॅमिली मेंबर नसावे.” केविन म्हणाला.
“हो, दुसरे कोणीतरी असेल तर त्यांचा मूड खराब होईल. तू असं कर, इथले सगळे बघ. मी बघते कोण आलं आहे.” जेनी उत्तरली.
केविनने होकारार्थी मान हलवली आणि जेनीने सांगितल्याप्रमाणे तो तिथेच थांबला. जेनी हेलिपॅडजवळ पोहोचली. हेलिकॉप्टर उतरले होते. जेनीने जेव्हा दारातून शब्द राणाला बाहेर येताना पाहिले, तेव्हा तिने एक मोठा श्वास घेतला.
“हा बॉसचा भाऊ देखणा नक्कीच आहे, पण काही कामाचा नाही. हेलिकॉप्टरने आला आहे, म्हणजे थांबणार. याला माहीत नाही का इथे हा नको असलेला पाहुणा आहे. तरी पण तोंड उचलून येतो.” जेनी स्वतःशीच बडबडली. मग तिने शब्दाकडे पाहिले, ज्याने तिला पाहून स्मितहास्य केले.
जेनीने उत्तरादाखल फक्त मान हलवली. ती त्याच्याजवळ जाऊन म्हणाली, “तुम्ही आधी फोन करायला पाहिजे होता. बॉस एका मीटिंगसाठी बाहेर आहेत. मला नाही वाटत, तुम्ही थांबेपर्यंत ते परत येऊ शकतील.”
“मला माहीत आहे जेनी, तू हे सगळं मला इथून पाठवण्यासाठी बोलत आहेस, पण या वेळेस मी काही तासांसाठी नाही आलो आहे... आणि हो, या वेळेस मी तुझ्या बॉसला भेटायला नाही, तर त्यांच्यासोबत राहायला आलो आहे.” शब्द डोळा मारत म्हणाला आणि मग आतमध्ये इशारा करत बोलला, “माझे सामान माझ्या रूमपर्यंत पोहोचवून दे.”
शब्द पूर्ण attitude मध्ये आतमध्ये जात होता आणि जेनीला त्याच्यावर खूप राग येत होता. ती पाय आपटत म्हणाली, “मी काय याची नोकर आहे का, जी याचे सामान रूममध्ये पोहोचवू?”
जेनीने जवळ उभ्या असलेल्या गार्डकडून शब्दाचे सामान बाहेर काढले आणि ती आतमध्ये जायला निघाली. जसाच शब्द आतमध्ये पोहोचला, त्याची नजर कृषा आणि सारावर पडली, त्या दोघी व्हिलाच्या पोर्च एरियामध्ये होत्या.
शब्दाने त्या दोघींकडे बारकाईने पाहिले आणि मग तो त्यांच्याजवळ गेला. त्याने साराच्या दिशेने हात पुढे करत म्हटले, “ओह, तर तू आहेस ती, जिला इथे किडनॅप करून आणले आहे. तुझं तर समजू शकतो, पण ही कोण आहे?” शब्दाने कृषाकडे इशारा करत विचारले.
“मी तिची मैत्रीण आहे आणि चुकून इथे आले. काही हरकत नाही. इथे चुकून आले आहे, तर परत पण जाईन.” कृषाने उत्तर दिले. तिच्या चेहऱ्यावर शब्दाला बघून हलके स्मितहास्य होते.
तिचे बोलणे ऐकून शब्द पण हसला आणि म्हणाला, “मला वाटतं तू विसरलीस, तू कुठे उभी आहेस. ही डेव्हिल्स लँड आहे. इथे येणं आणि जाणं दोन्ही डेव्हिलच्या परवानगीने होतं.”
“तू पण तर आलाच आहेस ना? डेव्हिलच्या भावाला पण इथे येण्यासाठी त्याची परवानगी लागते का?” कृषाने त्याच्याकडे डोळे मोठे करून बघितले. शब्द आणि सारा दोघेही तिच्याकडे आश्चर्याने बघत होते.
“तुला कसं माहीत मी त्याचा भाऊ आहे. तू तर इथे पहिल्यांदा आली आहेस?” शब्दाने आश्चर्याने विचारले.
“ते यासाठी कारण तुमच्या दोघांचे चेहरे खूप मिळतात.” कृषाने खांदे उडवत उत्तर दिले.
"मला आशा आहे की तू इथून निघू शकशील. युग सध्या बाहेर गेला आहे. तुम्हा दोघींना वाटलं तर आपण बोलू शकतो.” शब्द म्हणाला. युगच्या गैरहजेरीत त्याला त्या दोघींकडून खूप काही जाणून घ्यायचे होते.
सारा किंवा कृषा दोघींपैकी कोणीतरी उत्तर देणार, तेवढ्यात मागून जेनीचा मोठा आवाज आला, “इथे गप्पा मारायची काही गरज नाही. सर इथे नाहीत, म्हणजे तुम्ही सगळे मिळून इथे किटी पार्टी कराल.
“आणि तुला का जळण होत आहे आमच्या किटी पार्टीची? तुला पण वाटलं तर तू join करू शकतेस.” शब्द खूप বন্ধুত্বপূর্ণ अंदाजात म्हणाला.
त्याच्या चेहऱ्यावर एक softness होती आणि बोलण्याची पद्धत युगपेक्षा पूर्णपणे वेगळी होती. त्याला बघून positive vibe येत होती.
“चला, इथे कोणीतरी समजूतदार माणूस भेटला. याला सोडा, चला मिळून सोबत डिनर करताना बोलू.” असे बोलत साराने शब्दाचा हात पकडला आणि त्याला दुसरीकडे घेऊन जाऊ लागली.
तिथून जाताना सारा जेनीकडे न पाहता मोठ्या आवाजात म्हणाली, “आणि तू इथे हेरगिरी करण्याऐवजी आमच्यासाठी डिनरची व्यवस्था करशील तर जास्त चांगलं होईल.”
साराने अशा प्रकारे ऑर्डर दिल्यावर जेनीने रागात पाय आपटले आणि तिथून किचन एरियाकडे निघून गेली. कृषा अजून पण तिथेच उभी होती. ती त्या सगळ्यांचे वागणे बारकाईने observe करत होती.
“हा माणूस कामाला येऊ शकतो. काय माहीत युग राणा मला मारण्याचा प्रयत्न करेल, तर हा वाचवेल. असं करते, याला पटवण्याचा प्रयत्न करते. कदाचित हा मला आपल्यासोबत इथून बाहेर काढून घेऊन जाईल.” कृषाने मनात विचार केला आणि मग ती मोठ्या पावलांनी सारा आणि शब्दाच्या मागे जाऊ लागली.
काही वेळातच सारा, शब्द आणि कृषा तिघेही डायनिंग एरियामध्ये बसून सोबत डिनर करत होते. ते तिघेही आपापसात खूप गप्पा मारत होते. शब्द काही वेळातच त्या दोघींसोबत friendly झाला होता.
“तुला बघून कोणी नाही म्हणणार की तू त्या डेव्हिलचा भाऊ आहेस. तू खरंच एक चांगला माणूस आहेस. काय माहीत त्याला कोणत्यातरी मंदिराच्या पायऱ्यांवरून उचलले असेल?” कृषा जेवत म्हणाली. तिचे बोलणे ऐकून शब्द हसू लागला, तेव्हा त्याची नजर समोर उभ्या असलेल्या युगवर गेली, जो थंड चेहऱ्याने त्यांच्याकडे बघत होता.
युगला बघताच शब्दाचे हसणे गायब झाले. त्याचे उतरलेले तोंड बघून कृषा म्हणाली, “काय झालं? अचानक तुझं तोंड का उतरलं... तू तर असा react करत आहेस, जसा समोर तो सैतान उभा आहे. घाबरू नको, त्याला यायला वेळ लागेल.” असे बोलत कृषाने मागे वळून पाहिले, तर तिथे युग उभा होता. त्याला बघताच ती पण गप्प झाली.
युगला तिथे बघताच सारा त्या दोघांना हळू आवाजात म्हणाली, “चला लवकर इथून दोघेही निघा. मी सांभाळून घेईन.”
साराचे बोलणे ऐकून कृषा आणि शब्द हळूच उठले आणि तिथून जायला निघाले. युग काहीतरी बोलणार होता, तेव्हा सारा त्याच्याजवळ आली आणि तिने आपला एक हात त्याच्या खांद्यावर ठेवून म्हटले, “यायला जास्त वेळ नाही लावलास? चल, आपण सोबत डिनर करू.” यावेळी सारा युगसोबत अशा प्रकारे बोलत होती, जशी ती त्याची बायको आहे.
युगने तिच्या बोलण्याला होकार दिला आणि तो डायनिंग टेबलवर आला. सारा त्याला जेवण वाढू लागली, तर युग तिच्या प्रत्येक हावभावाला observe करत होता.
"Don't try to fake with me....” युग बोलता बोलता साराचा हात पकडला, जो तिला जेवण वाढवत होता. युगने तिचा हात खूप जोरat दाबला. वेदनेने साराच्या तोंडून किंचाळी निघाली.
“शेवटी प्रॉब्लेम काय आहे तुझा? तूच तर म्हणाली होतीस की इथेच राहायचं आहे, तर adjust करायला शिक.” युगने अजून पण साराचा हात पकडून ठेवला होता, त्यामुळे तिच्या आवाजात वेदना होती.
“मी adjust करायला नाही, सवय करायला सांगितले होते baby आणि हे पण नाही सांगितले की माझ्यासमोर नाटकं कर. मी काही दोन वर्षांचा बाळ नाही आहे, जे काही नाही समजणार. शांतपणे इथून निघ. मला نفرت आहे तुझ्यासारख्या लोकांशी...” युग ओरडून म्हणाला आणि साराचा हात सोडला.
साराने त्याला पुढे काही नाही म्हटले आणि ती तिथून त्याच्या रूममध्ये निघून गेली. तर युग डिनर करण्याऐवजी डायनिंग टेबलवर आपले हात बांधून काहीतरी विचार करत होता.
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काय शब्दाचे येणे काही positive बदल घेऊन येईल? अजून तर दोघांची भेट पण नाही झाली आहे. Pls guys support... Read karke part par comment jrur Kiya Karo.
कृशाने नकळत युग आणि शब्द यांच्यातील बोलणं ऐकलं, आणि हे युगाला समजलं. कृशा शब्दच्या रूममधून बाहेर पडून आपल्या रूममध्ये जात होती, तेव्हाच युगाने तिला पकडून स्वतःकडे ओढलं आणि भिंतीला टेकवलं.
या क्षणी युग आणि कृशा दोघेही खूप जवळ होते, आणि युगाचा हात कृशाच्या तोंडावर होता. त्याला बघून कृशाची भीतीमुळे मोठी झाली, तर युगाच्या चेहऱ्यावर एक दुष्ट हास्य होतं.
युग थंड आवाजात म्हणाला, “तुला माहीत आहे, जर कोणी जाणूनबुजून किंवा नकळत माझं बोलणं ऐकलं, तर मी त्याला काय शिक्षा देतो?”
कृशाने नकारार्थी मान हलवली. युगाचा हात अजूनही तिच्या तोंडावर होता. युग पुढे म्हणाला, “मी त्याचे कान या लायकीचे ठेवत नाही की ते पुढे काही ऐकू शकतील.”
युगाचं बोलणं ऐकून कृशाच्या डोळ्यात पाणी आलं. तिच्या डोळ्यातले आंसू बघून युग कोणत्याही भावनेशिवाय म्हणाला, “घाबरलीस?”
कृशाने होकारार्थी पापण्यांची उघडझाप केली. युगाने तिचा चेहरा सोडला आणि दोन्ही हातांनी तिला पकडलं. कृशा विनंती करत म्हणाली, “प्लीज मला जाऊ दे... माझा तुमच्या दोघांचं बोलणं ऐकायचा कोणताही हेतू नव्हता.”
“हेतू नव्हता, तरी ऐकलंस? तू पडद्यामागे लपली होतीस. यावरून मी काय समजू?” युगाने भुवया उंचावून विचारलं.
“मी घाबरले होते. मी आणि शब्द बोलत होतो, आणि अचानक तू आलास आणि... आणि...” कृशा बोलता बोलता थांबली, कारण युगाने तिच्यावरची पकड अधिक घट्ट केली होती.
“तू? तू मला ‘तू’ म्हणत आहेस?” युगाने थंड आवाजात विचारलं. त्याच्या डोळ्यांमध्ये बघून कृशाला भीती वाटत होती. युग पुढे म्हणाला, “तुझी एवढी लायकी नाही की तू मला ‘तू’ म्हणून बोलू शकशील. सारामुळे मी तुला सहन करत आहे.”
“हो, मला माहीत आहे, नाहीतर तू मला कधीच मारलं असतं,” कृशा हळू आवाजात म्हणाली. बोलताना तिच्या डोळ्यातून एक अश्रू खाली पडला.
“तर मग सांग, तुझ्या या चुकीची काय शिक्षा द्यायला पाहिजे? जर मी साराला वचन दिलं नसतं, तर आतापर्यंत तुझी लाश इथे पडली असती, पण याचा अर्थ असा नाही की तुझ्या चुकीची तुला कोणतीही शिक्षा मिळणार नाही,” युग कठोर आवाजात म्हणाला. अजूनही त्याच्या मनात कृशाबद्दल कोणतीही दया नव्हती.
“जेव्हा शिक्षा देण्याचा विचार केला आहेस, तर शिक्षासुद्धा तूच ठरव ना?” कृशाने रागात उत्तर दिलं.
तिचं बोलणं ऐकून युगाने काही क्षण विचार केला आणि मग कृशाकडे पाहिलं. विलामध्ये हीटिंग सिस्टम चांगली असल्यामुळे इतक्या थंडीतसुद्धा काही घालायची गरज नव्हती, म्हणून कृशाने नॉर्मल लांब बाहीची क्रॉप टी-शर्ट आणि खाली शॉर्ट्स घातले होते.
युगाने तिला सोडलं आणि मग दुष्ट हास्य करत म्हणाला, “परफेक्ट.”
युगाच्या ‘परफेक्ट’ म्हणण्यावर कृशाने प्रश्नार्थक नजरेने त्याच्याकडे पाहिलं. ती काही विचारणार होती, त्याआधीच युगाने स्पष्टीकरण देत म्हटलं, “मी तुला जी शिक्षा देणार आहे, त्यासाठी तुझा ड्रेस अगदी परफेक्ट आहे.”
युगाने कृशाचा हात पकडला आणि तिला ओढत विलाच्या बाहेर आणलं. बाहेर खूप थंडी होती आणि हवा पण वाहत होती. तिथे येताच कृशा थंडीने हैराण झाली आणि काही मिनिटांतच तिचा चेहरा थंडीने लाल झाला.
“5 मिनिटात ही अवस्था आहे, तर विचार कर, पूर्ण रात्र तू बाहेर घालवलीस तर काय होईल?” युग बोलताच कृशा रडायला लागली.
“नको, प्लीज असं करू नको. मी मुद्दामहून काही ऐकलं नाही, हे तुला पण माहीत आहे,” कृशा त्याच्यासमोर गयावया करू लागली, पण युगावर त्याचा काहीही परिणाम होत नव्हता.
तिला तिथेच सोडण्यापूर्वी युगाने गार्डला सांगितलं, “ही थंडीने मेली तरीसुद्धा, सकाळ झाल्याशिवाय हिला आत येऊ देऊ नका.”
गार्डने त्याच्या बोलण्यावर होकारार्थी मान हलवली. जाण्यापूर्वी युगाने कृशाकडे बघून म्हटलं, “हॅव फन बेबी...”
युग स्मितहास्य करत तिथून निघून गेला, तर कृशा अजूनही तिथेच उभी होती. तिच्यावर लक्ष ठेवण्यासाठी युगाने खास एका गार्डला तिथे उभं केलं होतं.
कृशा तिथेच दुमडून बसली. तिचे पाय तिच्या छातीला लागले होते आणि ती हाताने त्यांना चोळत होती. खाली शॉर्ट्स घातल्यामुळे तिच्या पायांना जास्त थंडी वाजत होती. गार्डला तिची ही अवस्था बघून दया आली, म्हणून त्याने आपली नजर दुसरीकडे फिरवली.
कृशा रडत म्हणाली, “आता समजतंय की लोक तुला डेविल का म्हणतात, युग राणा. तू खरंच डेविल आहेस. तू आज जे काही करत आहेस, बघ, यासाठी तू खूप पछताशील... पण तेव्हा तुझ्याकडे पश्चात्ताप करण्याशिवाय काही नसेल. आज तू जे काही केलं आहेस, त्यासाठी मी तुला कधीही माफ करणार नाही. तू खूप वाईट आहेस... सारा... प्लीज मला वाचव.” कृशा हुंदके देत रडत होती.
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इकडे सारा या सगळ्यांपासून अनभिज्ञ युगाच्या रूममध्ये होती. तिला स्वतःची भीती वाटत होती की युगाने तिला आपल्या रूममध्ये सेटल का केलं आहे. चिंतेत सारा रूममध्ये इकडे-तिकडे फिरत होती.
“भीतीने झोप पण येत नाहीये... माहीत नाही, तो काय करेल. झोपल्याचं नाटक पण करू शकत नाही, कारण त्याचा काही भरोसा नाही मला... तो एक असा माणूस आहे, जो कुणालाही झोपेतून पण उठवू शकतो. काश, मी माझ्या रूममध्ये असते, तर या वेळेस कृषासारखी त्याच्यासोबत आरामात झोपली असती.” कृषाचा विचार येताच साराच्या चेहऱ्यावर हलकं स्मितहास्य आलं. मग ती त्याच अंदाजात म्हणाली, “कृषा ठीक आहे, माझ्यासाठी तेवढं पुरेसं आहे. बाकी मी त्या डेविलला स्वतःजवळ येऊ देणार नाही.” बोलतांना साराच्या चेहऱ्यावरील भाव कठोर झाले.
ती बेडवर झोपली आणि झोपायचा प्रयत्न करू लागली, तेव्हाच रूमचा दरवाजा उघडला. युग आपल्या रूममध्ये आला आणि आत येताच त्याने लाईट चालू केली. युगाला तिथे बघताच सारा उभी राहिली.
“तू अजून झोपली नाही?” युगाने तिला जागी बघून विचारलं.
“तुझीच वाट बघत होते,” साराने उत्तर दिलं, जे ऐकून युगाच्या चेहऱ्यावर उपहासात्मक स्मितहास्य आलं.
“तू पुन्हा खोटं बोलत आहेस. तू झोपायचा खूप प्रयत्न केलास, पण तुला झोप आली नाही. तू परेशान होत आहेस, हे विचार करून की आजची रात्र तू माझ्यासोबत कशी ऍडजस्ट करशील,” युगाने साराच्या चेहऱ्यावरील भाव वाचून म्हटलं.
त्याचं बोलणं ऐकून सारा इकडे-तिकडे बघायला लागली आणि मग उत्तरादाखल म्हणाली, “असं काही नाहीये.”
“असंच आहे.” बोलतांना युगाने आपलं ब्लेझर काढून काऊचवर फेकलं आणि मग तो आपल्या शर्टाचे बटन उघडत साराजवळ येऊन बसला. त्याच्या चेहऱ्यावर एक मादक हास्य होतं.
“मला... मला माहीत आहे, तू काही करणार नाही,” सारा गडबडून म्हणाली. युगाच्या जवळिकीमुळे ती बेचैन झाली होती.
“पण माझा तर खूप काही करण्याचा मूड आहे,” युगाने आपला शर्ट काढून फेकून दिला. त्याची शरीरयष्टी खूपच आकर्षक होती. यानंतर साराने आपली नजर फिरवली.
“बघ... तू म्हणाला होतास की तू माझं मन जिंकण्याचा प्रयत्न करशील. अशाप्रकारे जबरदस्ती करून कुणाचं मन जिंकता येत नाही,” युगाला स्वतःजवळ येण्यापासून रोखण्यासाठी साराला जे काही सुचलं, ते ती बोलली.
“पण मी तर तुला उचलूनच जबरदस्तीने घेऊन आलो आहे. तू माझ्याकडून चांगल्या गोष्टींची अपेक्षा करू नकोस. मी डेविल आहे, एंजेल नाही,” युगाने उत्तर दिलं, जे ऐकून सारा शांत झाली.
साराच्या चेहऱ्यावर असहायतेचे भाव होते. काही असेच भाव तिने थोड्या वेळापूर्वी कृशाच्या चेहऱ्यावर बघितले होते. अचानक युगाच्या चेहऱ्यावरील भाव कठोर झाले आणि तो उठून थंड आवाजात म्हणाला, “झोप जा... फिलहाल माझा काहीही करण्याचा मूड नाहीये, पण हे समजू नकोस की मी काही करू शकत नाही.”
आपलं बोलणं बोलून युग कपडे बदलण्यासाठी बाथरूममध्ये गेला, तर सारा आश्चर्याने त्याच्याकडे बघत होती. अचानक त्याच्या मूडमध्ये झालेला बदल तिला हैराण करत होता.
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आता युगाला कोणीही चांगलं-वाईट बोलणार नाही. मी आधीच सांगितलं होतं, तो डेविल आहे आणि माफिया पण आहे, त्यामुळे अशा प्रकारची शिक्षा देणं आणि कुणाबद्दल दयाभावना न बाळगणं त्याच्या स्वभावात आहे. बघूया, कृषा तिथून निघू शकते की नाही, नाहीतर सकाळपर्यंत तिची हालत खराब होऊन जाईल. भाग वाचून कमेंट नक्की करा. भेटूया पुढच्या भागात.
सारासुद्धा युगच्या भीतीने तिथून पळून गेली होती आणि युग अजूनही डायनिंग टेबलवर बसलेला होता. शब्दला तिथे पाहिल्यावर युगच्या चेहऱ्यावरील भाव कठोर झाले. त्यात भर म्हणजे साराच्या कृत्यामुळे त्याचा राग आणखी वाढला.
"नक्कीच, आत्यानेच त्याला इथे पाठवण्यासाठी मन वळवले असेल. मी त्यांना नकार दिला होता... आणि हेही सांगितले होते की मला कोणाची गरज नाही. शब्दला हाताळणे माझ्यासाठी कठीण आहे. आम्ही तर बोलतसुद्धा नाही," युग स्वतःशीच बोलत होता.
मग युग अचानक उठला आणि बाहेरच्या दिशेने निघाला. बाहेर जाताना त्याने कानात लावलेले ब्लूटूथ सुरू केले आणि कॉलवर म्हणाला, "जेनी, शब्द कोणत्या रूममध्ये आहे?"
"मी त्यांना पाठवण्याचा खूप प्रयत्न केला, पण..." जेनी स्वतःच्या बचावासाठी बोलत होती. युगला शब्दचे इथे येणे अजिबात आवडलेले नाही, हे तिला चांगले माहीत होते.
जेनी बोलत होती, तेव्हाच युगने तिचे बोलणे मध्येच तोडले आणि म्हणाला, "नो एक्सक्यूजेस जेनी... यू नो वेल आय हेट दिस. जे विचारले आहे, तेवढेच सांग."
"जी सर..." जेनी हळू आवाजात म्हणाली, "तो शब्द सर, ग्राउंड फ्लोअरच्या गेस्ट रूममध्ये आहे."
युगने तिच्या बोलण्याला काहीही उत्तर दिले नाही आणि कॉल कट केला. युग लिफ्टच्या दिशेने वळला आणि जेनीने सांगितल्यानुसार ग्राउंड फ्लोअरवर जाऊ लागला.
शब्द तिथे कृशासोबत होता. त्याला कुणाच्या तरी येण्याची चाहूल लागताच तो कृशाला म्हणाला, "शायद युग आ रहा है। तुम्हें यहां से चले जाना चाहिए।"
"मला त्याची भीती वाटते. मी त्याच्यासमोर गेले, तर तो मला परत ओरडेल... आणि काय माहीत, मी त्याच्याबद्दल जे काही बोलले, त्यानंतर तो मला गोळीच घालेल," कृशा तोंड वाकडे करत म्हणाली.
तिचे बोलणे खरेही होते. शब्दला माहीत होते की युगला खूप राग येतो. शब्दने इकडे-तिकडे पाहिले आणि मग कृशाचा हात पकडून तिला दरवाजाजवळ असलेल्या पडद्याजवळ घेऊन गेला.
तिला पडद्यामागे लपवत शब्द म्हणाला, "जैसे ही युग अंदर आए और उसका ध्यान मुझ पर हो, तुम बाहर निकल जाना।"
कृशाने होकारार्थी मान हलवली. शब्दने तिला व्यवस्थित झाकले होते. त्याने योग्य वेळी कृशाला लपवले होते, कारण पुढच्याच क्षणी युग त्यांच्या रूममध्ये होता.
युगला समोर पाहून शब्दने स्मितहास्य केले आणि त्याला मिठी मारण्यासाठी पुढे झाला, तेव्हाच युग काही पाऊले मागे सरकला.
"डॉन्ट..." युगने हात वर करत म्हटले, "कशासाठी आला आहेस इथे? माझी हेरगिरी करण्यासाठी... की मी माझे काम व्यवस्थित करत आहे की नाही, हे बघायला? दादूने पाठवले आहे की आत्याने?"
"मला इथे कुणीही पाठवले नाही. मी माझ्या मर्जीने आलो आहे," शब्दने उत्तर दिले. तो फिरत फिरत पडद्याजवळ आला आणि कृशाला बाहेर पडण्याचा इशारा करणार होता, तेव्हाच युगने त्याचा हात पकडून त्याला आपल्याकडे ओढले.
"डोंट एक्ट स्मार्ट विथ मी..." युग थंड आवाजात म्हणाला, "आपले सामान बांध... आणि सकाळीच निघून जा."
"कितका रूड आहे हा... हा तर एकदम डेव्हिलच आहे. मला वाटले होते, हा आपल्या कुटुंबासोबत तरी चांगला वागत असेल... पण बघा, आपल्या भावाला कसा धाक दाखवत आहे," कृशा तोंड वाकडे करत मनात म्हणाली. शब्दने तिला बाहेर जाण्यास सांगितले होते, हे तिच्या डोक्यातूनच निघून गेले. ती त्या दोघांचे बोलणे ऐकत होती आणि पडद्याच्या फटीतून बाहेर डोकावून बघत होती.
"मी कुठेही जाणार नाही. ना कुणाच्या सांगण्यावरून आलो आहे, ना कुणाच्या सांगण्यावरून जाणार. दादू आणि तुम्हाला नेहमीच वाटत होते ना की मीसुद्धा हे फील्ड जॉइन करावे, तर समजून घ्या, ट्रेनिंग घ्यायला आलो आहे," शब्दने त्याला तिथे थांबण्याचे कारण सांगितले.
शब्दचे बोलणे ऐकून युग हलकेच हसला आणि मग म्हणाला, "ओह रियली? पण मी तर तुला कधी काही बोललो नाही? कधी तुझ्या आयुष्यात ढवळाढवळ केली नाही. तुला जे करायचे होते, ते तू करत होतास."
"पण मी ढवळाढवळ केली होती ना, भाऊ? तुला थांबवण्याचा प्रयत्न केला होता... हे सर्व करण्यापासून रोखण्यासाठी विनंती केली होती... आजही रोखायलाच आलो आहे," बोलताना शब्द भावूक होत होता, पण युगवर त्याच्या बोलण्याचा काहीही परिणाम होत नव्हता.
युगच्या चेहऱ्यावर कोणतेही भाव नव्हते. त्याने कोणत्याही भावनांशिवाय उत्तर दिले, "तेव्हासुद्धा तू अयशस्वी झाला होतास आणि आतासुद्धा होणार आहेस. वारंवार तुझ्या अपेक्षा भंग होताना पाहून आनंद घ्यावा, इतकाही मी वाईट नाही. माझे ऐक आणि इथून निघून जा. मी जे काम हातात घेतले आहे, त्यातून मी मागे हटणार नाही."
"तुला मागे हटायला कुणीही सांगत नाही. फक्त तू तिला जाऊ दे. शी इज इनोसेंट... यू नो व्हॉट आय मीन," शब्द इथे कृशाबद्दल बोलत होता.
"अच्छा, तर इतक्या कमी वेळात त्या मुलीने तुलासुद्धा मॅनिपुलेट केले. तिच्या निरागस चेहऱ्यावर अजिबात जाऊ नकोस. सगळे तुझ्यासारखे स्वच्छ मनाचे नसतात. भलेही ती माफिया फॅमिलीतून नसेल, पण माफियांच्यामध्येच वाढली आहे. मला नाही वाटत ती इनोसेंट आहे, फक्त ड्रामा करत आहे, आणखी काही नाही," बोलताना युगच्या चेहऱ्यावर रागाचे भाव होते. त्याने कृशाचे नाव घेतले नव्हते, पण शब्द आणि कृशा दोघांनाही समजले की तो कोणाबद्दल बोलत आहे.
"हाववव, हा किती मोठा जळकुक्कडू आहे," त्याचे बोलणे ऐकून कृशाने आश्चर्याने डोळे मोठे केले आणि म्हणाली, "मी ड्रामा करत आहे? याला जळण होत आहे माझी... हा स्वतः तर सैतान आहे आणि दिसतोही सैतानासारखाच आणि आता माझा इनोसेंट चेहरा बघून याला वाटत आहे की मी दिखावा करत आहे."
"इतक्या दिवसांपासून तू हे काम करत आहेस, त्यामुळे तुला लोकांची माझ्यापेक्षा जास्त पारख आहे. आपल्या हृदयावर हात ठेवून सांग की खरंच ती ड्रामा करत आहे?" बोलताना शब्दने युगचा हात पकडून त्याच्या हृदयावर ठेवला.
युगने त्याचा हात झटकला आणि रागात म्हणाला, "डोंट क्रॉस युवर लिमिट्स. मी इथे तुझ्यासमोर उभा राहून व्यवस्थित बोलत आहे, याचा अर्थ असा नाही की मला तुझ्या बोलण्याने काही फरक पडतो."
"जर फरक पडत नसेल, तर मला इथे थांबायला का विरोध करत आहेस? राहू दे मला..." शब्दने खांदे उडवत म्हटले.
शब्दने युगला आपल्या बोलण्यात फसवले होते. जर त्याने शब्दला जाण्यास सांगितले असते, तर याचा अर्थ असा झाला असता की त्याला शब्दच्या बोलण्याने फरक पडतो.
नAcceptable असूनसुद्धा युगला त्याला तिथे थांबायला होकार द्यावा लागला. "ठीक आहे, तू थांबू शकतोस, पण आपल्या लिमिटमध्ये राहायचे. सर्वात महत्त्वाची गोष्ट, आपल्या त्या निरागस चिमणीपासून तर दूरच राहायचे. मला नाही वाटत की तिने तुला आपल्या निरागसतेच्या जाळ्यात फसवले,"
"तुम्हाला नाही वाटत की आजकल तुम्हाला माझी काही जास्तच काळजी वाटायला लागली आहे," शब्द हसून आपल्या केसांमध्ये हात फिरवत म्हणाला, ज्यावर युगने डोळे फिरवले.
युग तिथून जायला निघाला, तेव्हा शब्द शिट्टी वाजवत बाथरूममध्ये गेला. युग जाताना दरवाजाजवळ थांबला आणि पडद्याकडे पाहून वाईट हास्य हसला.
युग थांबल्यामुळे कृशाच्या हृदयाची धडधड वाढली. तिला वाटले, ती पकडली गेली, तेव्हाच युग परत बाहेर निघून गेला.
युग गेल्यावर कृशाने सुटकेचा श्वास घेतला. ती स्वतःला शांत करत म्हणाली, "बच गई। अगर वो पकड़ लेता तो भगवान जाने क्या करता मेरे साथ..."
जवळपास पाच मिनिटांनंतर कृशा बाहेर आली. तिने बाहेर डोकावून इकडे-तिकडे पाहिले, तर कुणीही नव्हते. युगला आजूबाजूला न बघून कृशा बाहेर निघाली.
कृशा रिलॅक्स होऊन पुढे जात होती, तेव्हाच कुणीतरी तिला मागून ओढले आणि भिंतीला टेकवले.
तो युग होता, ज्याचा हात कृशाच्या तोंडावर होता.
कृषाला शिक्षा दिल्यानंतर युग आपल्या खोलीत परतला. तिथे त्याने साराशी थोडा वेळ बोलला, पण कृषाचा विचार येताच त्याचा मूड खराब झाला आणि तो बाथरूममध्ये गेला.
कपडे बदलून युग आरशासमोर उभा होता. त्याचे दोन्ही हात स्लॅपवर टेकलेले होते आणि मान खाली झुकलेली होती.
"मी तिच्याबद्दल का विचार करत आहे? मी तिला खूप कमी शिक्षा दिली आहे. ती यापेक्षा जास्त शिक्षेस पात्र आहे. निदान मी तिला जिवंत सोडले... तिच्यावर हात उचलला नाही... तिला कोणत्याही प्रकारचा शारीरिक त्रास दिला नाही. मी तिला अशी शिक्षा दिली आहे, ज्यात तिला शारीरिक इजा होणार नाही... कदाचित मी जास्त विचार करत आहे. मला या सगळ्या Schwung बाहेर पडायला हवे, नाहीतर मी दादूचे काम कधीच करू शकणार नाही." युग बोलत असताना त्याने चेहरा वर केला, तेव्हा रागाने त्याचे डोळे लाल झाले होते.
युग दोन मिनिटे स्वतःला तिथे न्याहाळत उभा होता आणि मग बाहेर आला. सारा अजूनही जागीच होती. युग साराजवळ गेला आणि तिला कमरेतून ओढून एकदम आपल्या जवळ केले.
"तू... तू म्हणाला होतास की तू काही करणार नाहीस? आता... हे काय आहे?" साराने विचारले. तिच्या आवाजात घबराट जाणवत होती.
"किस मी..." युगाने अचानक थंड आवाजात म्हटले.
सारा एक क्षणभर चमकली. "हां? काय?" तिने आश्चर्याने विचारले.
"आय सेड किस मी राइट अवे..." युग मोठ्या आवाजात म्हणाला.
साराने नकारार्थी मान हलवली. तिने युगाच्या डोळ्यांमध्ये पाहिले, ते रागाने लाल झाले होते. साराने युगापासून दूर जाण्याचा प्रयत्न केला, पण त्याने तिला घट्ट पकडले.
"जर तुला वाटत असेल की इथे आज रात्री फक्त एक किसशिवाय दुसरे काही होऊ नये, तर चुपचाप किस कर," युग साराच्या कानाजवळ येऊन हळू पण धोकादायक आवाजात म्हणाला.
त्याचा आवाज ऐकून साराच्या हृदयाची धडधड वाढली. घाईघाईत तिने आपले ओठ युगाच्या ओठांच्या दिशेने केले आणि त्याला किस करू लागली. युगसुद्धा तिला शांतपणे किस करत होता. साराच्या जवळ जाण्याचा त्याचा कोणताही विचार नव्हता, पण कृषाचा विचार आपल्या डोक्यातून काढण्यासाठी युगाला त्या क्षणी जे योग्य वाटले, ते तो करत होता.
युग साराला खूप Intensiv किस करत होता, त्यामुळे थोड्याच वेळात तिला श्वास घ्यायला त्रास होऊ लागला. साराने युगाला स्वतःपासून दूर करण्याचा प्रयत्न केला, पण युगाने तिला खूप घट्ट पकडले होते.
जवळपास पंधरा मिनिटांनंतर युगाने तिला सोडले. युग आणि सारा दोघेही खोल श्वास घेत होते.
सारा बेडवर बसून म्हणाली, "हे खूप वाईट होते. खूप जास्त वाईट, युग राणा."
"ऑफकोर्स सारा सिंघानिया. मला तुला किस करण्याचा कोणताही शौक नाही. फक्त मी मानसिकदृष्ट्या थोडा Disturbed होतो आणि मला माझे लक्ष दुसरीकडे वळवायचे होते," युगाने सांगितले.
"ओह रियली? तुझा मूड खराब होतो, तेव्हा तू कोणत्याही मुलीला पकडून तिला किस करायला लागतोस. हे तर तुझं थोडंफार Mood खराब होतं. जर जास्त Mood खराब झाला, तर तू खूप काही करत असशील. आतापर्यंत किती मुलींसोबत काय काय केले आहेस तू..." बोलता बोलता साराने युगाची कॉलर पकडली. ती रागात खूप काही बोलून गेली.
साराने इतके बोलल्यामुळे आणि कॉलर पकडल्यामुळे युगाचा राग आणखी वाढला. त्याने साराला दूर ढकलले, ज्यामुळे ती बेडवर जाऊन पडली.
"पुढे माझ्या परवानगीशिवाय मला हात लावू नकोस," युगाने थंड आवाजात म्हटले.
"हां, तू समोरच्या व्यक्तीची परवानगी न घेता तिला ब्लॅकमेल करून किस करू शकतोस आणि इतर कुणी तुला हातसुद्धा लावू नये. कोण जाणे, हे घटिया नियम तू का बनवले आहेत," सारा चिडून म्हणाली.
"मी जबरदस्ती काहीच केली नाही," युग खांदे उडवत म्हणाला, "मी तर तुला काही ओळी बोललो होतो, त्यानंतर तू स्वतःच आपले ओठ माझ्या दिशेने वाढवले होतेस. तुला वाटले असते, तर तू माझ्याशी या गोष्टीसाठी भांडू शकली असतीस. खोलीतून बाहेर गेली असतीस किंवा काहीही केले असतेस, पण तू माझ्या एका छोट्याशा वाक्याने ब्लॅकमेल झालीस. कधीकधी मला Doubt येतो की तू माफिया प्रिन्सेस आहेस की नाही." युगाच्या चेहऱ्यावर उपहासात्मक हास्य होते.
तेच सारासुद्धा त्याला आश्चर्याने बघत होती. त्याने जे काही म्हटले, ते खरे होते. युगाने तिला ब्लॅकमेल करण्यासाठी काही वाक्ये बोलली होती आणि ती त्याच्या बोलण्यात फसत गेली.
"मी... मला तुला किस करायचे नव्हते, पण मला हे पण नको होते की आपण दोघे एकत्र रात्र घालवावी," सारा स्वतःच्या बचावासाठी अडखळत बोलण्याचा प्रयत्न करत होती.
"पुअर गर्ल..." युगाने मान हलवून म्हटले.
"आय एम नॉट ए पुअर गर्ल..." सारा रागाने म्हणाली. कुठेतरी युग बोलणं तिच्यावर Palat देईल, असं वाटून साराने विषय बदलला आणि म्हणाली, "तू हे नाही सांगितलं की तुझा Mood खराब झाल्यावर तू अशाच प्रकारे मुलींना पकडून किस करतोस की आणखी काही?"
"हा डेव्हिल काहीही असू शकतो, पण लूज कॅरेक्टरचा माणूस नक्कीच नाही... माझं डोकं जागेवर आहे, माझ्या पॅन्टमध्ये नाही... आणि हो, मी माझा राग शांत करण्यासाठी लोकांचे जीव घेतो. हे असले Murky कामं नाही करत," युगाने सडेतोड उत्तर दिले.
त्याचे बोलणे ऐकून साराच्या चेहऱ्यावर कडवट हास्य आले. ती त्याच अंदाजात म्हणाली, "म्हणजे हे सर्व काम तुला Murky वाटतात, चुकीचे वाटतात आणि कुणाचा जीव घेणे बरोबर?"
"मी असाच आहे, सारा सिंघानिया आणि तू पण अशीच आहेस... विचार कर सारा सिंघानिया, कधी चुकून किंवा जाणूनबुजून तू कुणाला मारले नाही... असे तर होऊच शकत नाही की एका माफिया प्रिन्सेसच्या हातून कधी कुणाचा जीव गेला नाही," युगाने म्हटले.
युगाचे बोलणे सारावर खूप खोलवर परिणाम करत होते. त्याचे बोलणे ऐकून साराच्या डोक्यात काही Scenes फिरत होते, ज्यात तिच्या हातात चाकू होता आणि समोर दोन Dead Bodies.
साराने एक दीर्घ श्वास घेतला आणि स्वतःला त्या दृश्यातून बाहेर काढण्याचा प्रयत्न करू लागली. साराच्या चेहऱ्याचा रंग उडालेला पाहून युगाने Evil Smile देऊन म्हटले, "वाटतंय, मी एखाद्या Weak Point ला स्पर्श केला आहे. काही हरकत नाही, सारा सिंघानिया, पुढे माझ्यावर प्रश्न उचलण्याआधी हे नक्की विचार कर की तू कोण आहेस."
आपले बोलणे संपवून युग बेडवर झोपला आणि त्याने आपल्या बाजूचा दिवा बंद केला. सारा काही वेळ तिथेच उभी राहिली, तेव्हा युग म्हणाला, "काय आता रात्रभर उभे राहण्याचा विचार आहे? झोपायला तर तुला माझ्याच जवळ यावे लागेल."
साराने एक नजर बेडकडे टाकली. बेड खूप मोठा होता, त्यामुळे ती दुसऱ्या कोपऱ्यात जाऊन झोपली. तिला असे करताना पाहून युगाच्या चेहऱ्यावर हलके स्मित आले. ज्या उद्देशाने तो या खोलीत आला होता, तो पूर्ण झाला होता. त्याला कृषाला विसरायचे होते आणि साराशी बोलल्यानंतर तो खरोखरच कृषाबद्दल विसरला होता.
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Guys, कमेंट करून Support करा. भेटूया पुढच्या भागात. बाकी आजचा भाग कसा वाटला, ते नक्की सांगा.
कृषा रात्रभर विलाच्या गार्डन एरियामध्ये होती. सकाळपर्यंत तिची अवस्था खूपच गंभीर झाली होती. थंडीने ती बेशुद्ध झाली होती आणि तिचं शरीर गोठून गेलं होतं.
सकाळ सकाळी उठल्यावर शब्द फ्रेश हवा घेण्यासाठी गार्डन एरियामध्ये आला, तेव्हा त्याने कृषाला तिथे बेशुद्ध पाहिले.
कृषाला बेशुद्ध पाहून शब्द घाबरला. त्याने जवळ उभ्या असलेल्या गार्डला विचारले, "ही इथे काय करत आहे आणि तिची अशी अवस्था कोणी केली?"
"बॉसचा आदेश होता की तिला सकाळ होण्याआधी आत येऊ द्यायचं नाही. त्यांनी तिला शिक्षा दिली होती," गार्डने मान खाली घालून उत्तर दिले.
"आर यू सिरीयस? ही मरत आहे आणि तुला तुझ्या शिक्षेची काळजी आहे? एक क्षणभर सुद्धा तुला तिची काळजी वाटली नाही?" शब्द डोके हलवत म्हणाला. त्याला खूप राग येत होता. त्याने कृषाला आपल्या मांडीवर उचलले आणि तिथून घेऊन जाऊ लागला.
"प्लीज सर, अजून वेळ पूर्ण व्हायला 1 तास बाकी आहे. तुम्ही तिला इथेच सोडून द्या, नाहीतर आमच्या दोघांसाठी मोठी समस्या होऊ शकते," गार्ड त्याच्या मागे जात बोलला.
गार्डचे बोलणे ऐकून शब्द तिथेच थांबला. तो त्याच्याकडे वळून म्हणाला, "मला काही फरक पडत नाही की कुणाचा जीव वाचवण्याच्या बदल्यात मला शिक्षा मिळाली तरी. आता जा इथून, कुणी विचारले तर माझे नाव सांग."
शब्दाला युगवर खूप राग येत होता. तो कृषाला आत आपल्या रूममध्ये घेऊन जाऊ लागला. जाताना तो स्वतःशीच बोलत होता, "डिस्गस्टिंग... मला वाटलं नव्हतं की तू इतका निर्दयी होशील. तुझ्या द्वेषाने तुला काय बनवून टाकले आहे. तुला एका निष्पाप माणसाच्या मरण्या-जिण्याने सुद्धा काही फरक पडत नाही."
रूममध्ये येताच शब्दाने कृषाला बेडवर झोपवले. त्याने तिचे डोके स्पर्श करून पाहिले, तिचं शरीर थंड पडलं होतं. शब्दाने तिची नाडी तपासली, ती खूप हळू चालत होती.
"मला सारा आणि युगला याबद्दल सांगावे लागेल," बोलत शब्द युगला कॉल करू लागला.
युग तेव्हापर्यंत उठला होता. तो सारासोबत बेडवर होता. युग आपल्या फोनमध्ये व्यस्त होता. सारा डोळे बंद करून काहीतरी विचार करत होती.
युगच्या फोनवर शब्दाचा कॉल आला, त्याने कॉल उचलला. समोरून शब्दाचा रागाचा आवाज आला, "तू माणूसकी विसरलास का? मी तुला आधीच सांगितले होते की ती मुलगी निरागस आहे, तरीसुद्धा तू तिला शिक्षा दिली. एकदा येऊन तिची अवस्था बघ. ती जवळपास मरण्याच्या स्थितीत आहे."
"पण मेली तर नाही ना? दोघांचे बोलणे ऐकायला कुणी सांगितले होते?" युगने कोणत्याही भावनांशिवाय म्हटले. कृषा कोणत्या स्थितीत आहे, याने त्याला काही फरक पडत नव्हता.
"तिने हे सर्व जाणूनबुजून नाही केले. आम्ही दोघे बोलत होतो आणि अचानक तू आला. तुझ्या भीतीने ती बिचारी बाहेर येऊ शकली नाही आणि मी तिला पडद्यामागे लपवले होते. आता तू येत आहेस की मी येऊन साराला सर्व काही सांगू?" शब्द एका श्वासात खूप काही बोलला.
त्याचे बोलणे ऐकून सुद्धा युगला काही फरक पडला नाही. त्याने डोळे फिरवले आणि निष्काळजीपणे म्हणाला, "ठीक आहे, येत आहे."
युग उठून जायला निघाला, तेव्हा साराने विचारले, "असं कोण आहे ज्याने तुझ्या पर्सनल गोष्टी ऐकल्या आणि तू त्याला शिक्षा दिली?"
"कृषा..." युगने कोणत्याही भावनांशिवाय उत्तर दिले.
युगच्या तोंडून कृषाचे नाव ऐकून सारा घाबरली. "आर यू सिरीयस? तू इतक्या निष्काळजीपणे तिचं नाव घेत आहेस. तू मला प्रॉमिस केलं होतंस... तू तिला काही करणार नाहीस. ती कुठे आहे?" बोलत सारा लवकरच बेडवरून उठली.
"मी तिला हात सुद्धा लावला नाही, त्यामुळे जास्त हायपर होण्याची गरज नाही. जात आहे तिथेच. यायचं आहे तर ये," युगने उत्तर दिले आणि लिफ्टच्या दिशेने वळला.
सारा सुद्धा धावत युगच्या मागे आली. ते दोघे काही वेळातच ग्राउंड फ्लोअरवर पोहोचले. तिथे येताच युग शब्दाच्या रूमकडे जाऊ लागला. सारा सुद्धा त्याच्या मागे होती. आत जाऊन त्यांनी पाहिले, कृषा बेशुद्ध होती आणि शब्दाच्या बेडवर पडली होती. तिचा चेहरा थंडीने गोठल्यासारखा दिसत होता.
"काय केले आहेस तू तिच्यासोबत?" बोलत सारा युगचा कॉलर पकडण्यासाठी पुढे सरसावली, पण रात्रीची गोष्ट आठवताच तिने स्वतःला तिथेच थांबवले.
युगला तिचा इशारा समजला होता, त्यामुळे तो वाईट हास्य हसत म्हणाला, "व्हेरी गुड, जी स्वतःच समजली. मी जास्त काही केले नाही. फक्त एका रात्रीसाठी तिला बाहेर सोडले होते. बघ बिचारीची काय अवस्था झाली आहे. जे काही आहे, ठीक झाल्यावर ती माझ्याविरुद्ध जाण्याचा प्रयत्न कधीच करणार नाही."
"डिस्गस्टिंग युग..." शब्द रागाने युगवर ओरडला.
"येस आय एम ए डिस्गस्टिंग पर्सन... आता माझी स्तुती करण्याऐवजी तिला हॉस्पिटलमध्ये घेऊन जाल तर कदाचित ती वाचू शकते," युग बोलला आणि बाहेरच्या दिशेने चालू लागला.
युगच्या या वागण्यावरून साराला समजले की त्याच्यामध्ये हृदय नावाLocation: मुंबई Maharashtra India
कृशा युगच्या विलाच्या बेसमेंटमध्ये असलेल्या हॉस्पिटलमध्ये होती. रात्रभर बाहेर राहिल्यामुळे कृशाची तब्येत खूपच खालावली होती.
शब्द आणि सारा तिच्या रूमबाहेर डॉक्टर कधी बाहेर येतात याची वाट बघत होते. युग त्यांच्यापासून थोड्या अंतरावर बसून मोबाईलमध्ये गेम खेळत होता. डॉक्टरला आत जाऊन बराच वेळ झाला होता.
जवळपास दीड तासांनी डॉक्टर बाहेर आले. त्यांना बाहेर बघून सारा आणि शब्द कृषाची माहिती घेण्यासाठी त्यांच्या दिशेने निघाले, पण डॉक्टर त्यांच्याजवळ न थांबता युगाजवळ गेले.
डॉक्टर युगाजवळ जाऊन म्हणाले, "बॉडी टेंपरेचर स्थिर आहे. शुद्धीमध्ये यायला वेळ लागेल. काही दिवस ताप राहील... पण ती ठीक होईल." त्यांनी कमी शब्दांत कृषाचा पूर्ण हेल्थ रिपोर्ट दिला.
युगाने त्यांच्या बोलण्याला काहीही उत्तर दिले नाही. त्याने डॉक्टरांना जाण्याचा इशारा केला. डॉक्टर निघून जाताच युग साराजवळ जाऊन बोलला, "आता ती ठीक आहे."
"मी ऐकलं," सारा रागाने उत्तरली. "तिला मारण्यात तू काहीच कमी ठेवली नव्हतीस."
"पण नशीब बघ... ती अजूनही जिवंत आहे." युग उपहासाने म्हणाला. "बघूया, नशीब किती साथ देतं." असे बोलून युग कृशाच्या रूमच्या दिशेने वळला, तेव्हाच साराने त्याचा हात पकडून त्याला थांबवले.
सारा खूप रागात होती. ती ओरडून म्हणाली, "माझ्या सहनशीलतेची परीक्षा घेऊ नकोस युग राणा. मी तुला वॉर्न करतेय, तू कृषाच्या जवळपाससुद्धा येणार नाहीस."
"तुझ्या या वाईट वागणुकीची शिक्षा तुलाही मिळू शकते, त्यामुळे जरा जपून बोल सारा सिंघानिया," युग थंडपणे म्हणाला.
"हो, याशिवाय तुला दुसरं काही येतंच काय. इतरांना शिक्षा देणे, त्यांना त्रास देणे. खूप मजा येते ना तुला हे सगळं करून. विचार कर, तू जे करत आहेस त्याची शिक्षा जर कुणी तुला द्यायला आलं ना युग राणा, तर लपायला जागा मिळणार नाही," कृशाची मरणासन्न अवस्था बघून साराचा पारा खूप चढला होता आणि तिने रागात युगाला बरंच काही बोललं.
शब्दने युगाच्या डोळ्यांकडे पाहिलं, त्याचे डोळे रागाने लाल झाले होते. युग काही बोलणार इतक्यात शब्द बोलला, "तू... तू जाऊन आराम कर. आम्ही बघतो इथलं."
युगाने त्याच्या बोलण्याला काहीही उत्तर दिले नाही आणि तो तिथून निघून गेला. तो निघून जाताच शब्द साराला म्हणाला, "तू त्याच्याशी विचारपूर्वक बोलायला हवं होतं."
"सिरीयसली शब्द? तू अजूनही त्याची बाजू घेत आहेस. मला वाटलं होतं की तू त्याच्यापेक्षा वेगळा आहेस, पण तुझ्या बोलण्यावरून असं वाटतंय की तू पण अगदी त्याच्यासारखाच आहेस." शब्दांशी बोलताना साराचे डोळे भरले होते.
शब्द तिला समजावत म्हणाला, "मी त्याच्यासारखा नाही आहे, पण त्याला चांगल्या प्रकारे ओळखतो. तू बोललेले प्रत्येक शब्द त्याचा राग वाढवत होते आणि भविष्यात त्याची शिक्षा तुला किंवा कृषाला भोगावी लागली असती."
साराने त्याच्या बोलण्याला होकार दिला. इतक्या दिवसांमध्ये पहिल्यांदा तिला स्वतःला खूप एकटं आणि तुटल्यासारखं वाटत होतं, म्हणून तिने शब्दाला मिठी मारली आणि भरलेल्या आवाजात म्हणाली, "मला इथून बाहेर पडायचं आहे शब्द. मी खरंच खूप थकून गेली आहे या सगळ्याने."
शब्दाने तिच्या बोलण्याला काहीही उत्तर दिले नाही किंवा त्याच्याकडे काही उत्तरच नव्हते. त्याला चांगलं माहीत होतं की युगाच्या तावडीतून सुटणं इतकं सोपं नाहीये. तो शांतपणे साराला शांत करत होता.
दुसरीकडे, हॉस्पिटलमध्ये जे काही चालले होते, ते सर्व युग आपल्या आयपॅड स्क्रीनवर बघत होता आणि त्याच्या चेहऱ्यावर एक दुष्ट हास्य होतं.
"इतक्यात थकून गेली तू सारा सिंघानिया. मी तर अजून सुरुवात पण नाही केली आहे. एका छोट्याशा शिक्षेने, ज्यात तुझ्या त्या तथाकथित सिस्टरला कुणी हातसुद्धा लावला नाही, ते बघून तू इतकी घाबरलीस, तर विचार कर ज्या दिवशी हा डेविल त्याच्यावर आला, तर तुझं आणि तिचं काय होईल," युग हसून स्वतःशीच बोलला.
व्हिलाच्या बाथरूम सोडून प्रत्येक एरियामध्ये कॅमेरा लावला होता. युगाने फुटेज हॉस्पिटलच्या वेटिंग एरियातून कृशाच्या रूममध्ये स्किप केले, तेव्हा त्याने बघितले की कृषाला ऑक्सिजन मास्क लावला होता. तिच्या चेहऱ्यावर एक वेगळीच शांतता होती आणि ती बेशुद्ध होती.
"मी तुला समजावलं होतं की माझ्यापासून दूर राहा. अजूनही वॉर्न करतोय, जर सुरक्षितपणे आपल्या घरी परत जायचं असेल, तर चुकूनसुद्धा माझ्यासमोर येऊ नकोस. तशी तू आहेस तरी कोण? सारा सिंघानियाला स्वतःपेक्षा जास्त तुझी काळजी आहे आणि तुला या अवस्थेत बघून आज पहिल्यांदा मी तिच्या डोळ्यांत беспомощность ( беспомощность ) बघितली." बोलता बोलता युगाने आपला आयपॅड बाजूला ठेवला. त्याला स्वतःलाही आश्चर्य वाटत होतं की असं कोणतं नातं आहे, ज्यामुळे सारा कृषासाठी युगाशी इतकी वाईट वागली.
काही क्षण विचार केल्यावर युगाने मलिकला कॉल केला आणि म्हणाला, "मला 15 मिनिटांत त्या मुलीची पूर्ण डिटेल माहिती पाहिजे, जी सारा सिंघानियासोबत इथे आली आहे. मी कॉफीनंतर तुला मीटिंग रूममध्ये भेटतो."
"ओके सर," मलिकने शांतपणे उत्तर दिले आणि युगाने सांगितलेल्या कामाला लागला.
जवळपास 15 मिनिटांनंतर युगाने सांगितल्यानुसार तो मलिकसोबत मीटिंग रूममध्ये होता. तिथे येताच युग खुर्चीवर बसला आणि बसल्याबरोबर विचारले, "काय कळलं तिच्याबद्दल?"
"जसं की तुम्हाला माहीत आहे, सारा सिंघानियाच्या आई-वडिलांचा मृत्यू तिच्या लहानपणीच झाला होता. आदित्य सिंघानिया माफिया जगात बिझी होते, त्यामुळे सारा सिंघानियाचं पालनपोषण त्यांच्या घरी काम करणाऱ्या एका बाईने केलं. ती सारा सिंघानियाच्या आईची लहान बहीण आहे, त्यामुळे तिने तिला आपल्या मुलीसारखंच वाढवलं आहे. तिचं नाव अमृता चौधरी आहे, ती अविवाहित आहे, पण तरीही तिला एक मुलगी आहे आणि तीच मुलगी म्हणजे कृशा." मलिकने 15 मिनिटांतच कृशाबद्दल बरीच माहिती मिळवली होती.
पूर्ण गोष्ट ऐकल्यानंतर युग काही क्षण शांत राहिला आणि मग म्हणाला, "म्हणजे एका अशा मुलीसाठी, ज्याच्या बाप आणि खानदानाचा पत्ता नाही आहे, तिच्यासाठी सारा सिंघानिया माझ्याशी भांडत आहे? गोष्ट इतकी मामुली तर नाही असू शकत मलिक."
"मी तुम्हाला सांगितलं ना, अमृता हे कारण आहे. त्यांनी साराला आपल्या मुलीसारखं वाढवलं आहे, किंबहुना आपल्या मुलीपेक्षाही जास्त... पुढे जर कृषाच्या पूर्ण आयुष्याबद्दल बोलायचं झालं, तर सारासारखंच तिचंही सुरुवातीचं शिक्षण घरीच झालं आहे. त्यानंतर त्या दोघींनी पुढचं शिक्षण कुठे पूर्ण केलं, याबद्दलची सगळी माहिती गोपनीय आहे. कृशा सिंघानिया पॅलेसमध्ये राहत नव्हती, फक्त कधीतरी जाणं-येणं होतं तिचं. कधीतरी म्हणजे खूप कमी... शायद वर्षातून एकदा किंवा तेही नाही." मलिकला जी काही माहिती मिळाली होती, ती एका फाईलमध्ये वाचून तो सांगत होता. सगळं काही सांगितल्यावर त्याने फाईल बंद केली आणि तो युगासमोर उभा राहिला.
"मला आशा आहे की गोष्ट फक्त इतकीच असेल, मी जे विचार करत आहे तो फक्त माझ्या मनाचा एक وهم ( वहम ) असेल." युगाने एक दीर्घ श्वास घेतला आणि म्हणाला.
"शायद तुमच्या मनाचा وهم ( वहम ) च असेल. मलाही एकदा वाटलं होतं की तीच माफिया प्रिन्सेस आहे... पण तसं नाही आहे. सगळ्यांना माहीत आहे की सारा सिंघानिया आदित्य सिंघानिया आणि लोकांसमोर कमीच आली आहे, पण ती जितक्या वेळा आली आहे, तितक्या वेळा तिलाच बघितलं गेलं आहे, तिच्या मैत्रिणीला नाही... आणखी एक गोष्ट आहे, ज्यामुळे माझा डाऊट डाऊटच राहतो. हाय क्लास पार्टीज आणि मीटिंग्जमध्ये, जिथे साराचं जाणं महत्त्वाचं असतं, तिथे कृशा कधीच नसते. अमृताने आपल्या मुलीला माफियाच्या दुनियेपासून दूर ठेवलं. जर ती खरी माफिया प्रिन्सेस असती, तर हे शक्य नव्हतं." मलिकने युगाला काय म्हणायचं आहे ते लगेच समजून घेतलं. त्याच्या आधारावर त्याने आपला अभिप्राय दिला.
"हां, बरोबर बोललास. मग ती त्या अमृताचीच मुलगी आहे. ठीक आहे, मग तिच्यापासून आपल्याला काही धोका नाही आहे. ती ठीक झाल्यावर तिला इथून पाठवण्याची तयारी करा आणि मग आपण मास्टर प्लॅनवर काम करू," असं बोलून युग तिथून निघून गेला.
साराच्या वागण्यामुळे युगाला कुठेतरी डाऊट आला होता की कृशा तर रिअल माफिया प्रिन्सेस नाहीये ना, पण मलिकने रिपोर्ट्स आणल्यानंतर तो श्योर झाला की खरी माफिया प्रिन्सेस सारा सिंघानियाच आहे आणि त्याने कृषाला सोडण्याचा निर्णय घेतला होता.
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शेवटी डेविलचा मेंदू आहे, तो सगळ्या बाजूने विचार करेल. बघूया, कृशा जर इथून निघून गेली, तर आदित्य सिंघानिया साराला काढण्यात यशस्वी होऊ शकतील का आणि युगाचा मास्टर प्लॅन काय असू शकतो. हे पुढे जाऊन उघड होईल. चला, भेटूया पुढच्या भागात.
कृषाला हॉस्पिटलमध्ये ऍडमिट होऊन जवळपास दोन दिवस झाले होते. आता तिच्या प्रकृतीत बरीच सुधारणा झाली होती आणि डॉक्टरांनी तिला डिस्चार्ज दिला होता. या दोन दिवसांत सारा आणि शब्द यांनी कृशाला एक क्षणभरही एकटे सोडले नाही. युगसुद्धा त्याच्या कामात व्यस्त असल्यामुळे गेल्या दोन दिवसांत तो त्यापैकी कोणालाही भेटला नाही.
हॉस्पिटलमधून डिस्चार्ज घेण्यापूर्वी डॉक्टर कृषाला पुन्हा तपासत होते. तपासणीनंतर ते म्हणाले, "नाऊ यू आर अब्सोल्यूटली फाइन कृषा... बस थोडासा सर्दी आहे, ती दोन-तीन दिवस आणखी राहू शकते. व्यवस्थित औषधोपचार घ्या आणि तू पूर्णपणे ठीक होशील. फक्त बाहेरची हवा सध्या टाळा."
"थँक यू सो मच डॉक्टर," सारा हसून म्हणाली. "कृषाची जी अवस्था आहे, त्यानंतर ती इतक्या लवकर ठीक होईल असे वाटले नव्हते."
"हे सर्व तुमच्या काळजीमुळे शक्य झाले आहे. आता मी निघतो... काही समस्या असल्यास तुम्ही परत येथे येऊन तपासणी करू शकता... अँड ट्राय टू बी हॅपी." असे बोलून डॉक्टर तिथून निघून गेले. त्यांना त्यांच्याशी जास्त बोलायची परवानगी नव्हती.
ते गेल्यावर लगेच शब्दने कृषाकडे बघून विचारले, "आर यू फाइन नाऊ?"
"हम्म्म..." कृषाने एवढेच उत्तर दिले. युगाने तिच्यासोबत जे काही केले, त्यानंतर ती खूप शांत झाली होती.
"आय एम सॉरी कृषा.. मी तुझं लक्ष नाही ठेवू शकले," सारा उदास चेहऱ्याने म्हणाली.
"आणि कुठेतरी मी पण..." शब्दसुद्धा नजर खाली करून बोलला. "त्या दिवशी जे काही झालं ते माझ्या मूर्खपणामुळेच झालं."
त्या दिवसानंतर शब्द आणि साराला कृषाशी बोलायची संधी मिळाली होती, त्यामुळे दोघेही तिची माफी मागत होते.
कृषाने त्यांचे बोलणे ऐकल्यानंतर उत्तर दिले, "डोंट वरी, मी तुमच्या दोघांवर नाराज नाही... चूक फक्त तुमची दोघांची नव्हती. सोडा, त्या गोष्टीला जाऊ द्या. या हॉस्पिटलच्या वासाने मला खूप विचित्र वाटत आहे... आणि जास्त आजारी असल्यासारखे वाटत आहे. मला बाहेर जायचे आहे."
साराने तिच्या बोलण्याला होकार दिला. शब्द आणि सारा कृषाला घेऊन बाहेर आले. बाहेर आल्यावर कृषाला बरे वाटत होते. बाहेरची हलकी हवा तिला शांत करत होती.
"मी थोडा वेळ इथे थांबू शकते का?" कृषाने साराकडे बघून विचारले.
"हो, पण एकटी नाही... मी तुझ्यासोबत राहीन," सारा म्हणाली.
"आणि मी पण..." तिच्या मागे-मागे शब्द पण बोलला.
"पण मला एकटं राहायचं आहे. प्लीज..." कृषाने लहान मुलांसारखीKey Features जिद्द केली. साराला नकार द्यायची संधीच मिळाली नाही, कारण कृषा प्लीज प्लीज म्हणत राहिली.
"ठीक आहे, पण आमच्या आजूबाजूलाच राहा," सारा म्हणाली.
कृषाने तिच्या बोलण्याला होकार दिला आणि त्यांच्यापासून थोड्या दूर जाऊन वॉक करायला लागली. शब्द आणि सारासुद्धा तिच्यापासून काही अंतरावर तिथेच होते. दोघेही आपापसात बोलत होते.
"कृषा किती बदलली आहे ना या दोन दिवसांत... आधी कितीही कठीण परिस्थिती असो, ती आनंदी राहण्याचा प्रयत्न करायची आणि आता बघ... दोन दिवसांपासून तिचा चेहरा उतरलेलाच असतो," शब्दने दूरून कृषाकडे बघत म्हटले.
"हम्म..." साराने त्याच्या बोलण्याला होकारार्थी मान डोलावली, "याचा परिणाम तिच्यावर अजून काही दिवस राहील. ती खूप इमोशनल आहे. जर तिने कोणती गोष्ट मनावर घेतली, तर लवकर त्याचा परिणाम तिच्यावरून जात नाही," साराने सांगितले. तिची नजरसुद्धा कृषावरच होती.
इकडे कृषा वॉक करताना त्या दोघांना बोलताना बघून तिच्या चेहऱ्यावर हलके स्मित आले. ती स्वतःशीच बडबडून म्हणाली, "सारा आणि शब्द एकत्र किती छान दिसत आहेत." तिने काही क्षण दोघांकडे एकटक बघितले आणि मग परत वॉक करायला लागली.
त्यांना तिथे येऊन जवळपास अर्ध्या तासापेक्षा जास्त वेळ झाला होता, तेव्हा सारा कृषाजवळ जाऊन म्हणाली, "कृषा, डॉक्टरांनी तुला बाहेरच्या हवेत राहायला मनाई केली आहे. चल आता खूप झाले, तुझ्या रूममध्ये जाऊया. यू नीड रेस्ट."
"नको सारा, मला इथे चांगले वाटत आहे. प्लीज, थोडा वेळ आणखी राहू दे ना..." कृषा निरागसपणे म्हणाली.
तिच्या अशा हट्टामुळे शब्दच्या चेहऱ्यावर हलके स्मित आले. तिच्या हट्टात त्याला आधीची कृषा दिसत होती.
शब्दने साराला म्हटले, "तिला चांगले वाटत असेल तर काय अडचण आहे? तसेही डॉक्टरांनी तिला आनंदी राहायला सांगितले आहे. तिला इथे राहून आनंद मिळत असेल, तर थोडा वेळ आणखी थांबूया."
"बघ, आता तर हा पण तयार झाला. तू पण हो म्हण सारा. प्लीज..." कृषा सारासमोर गयावया करत बोलली, ज्यावर साराने होकारार्थी मान डोलावली.
"ठीक आहे, तुम्ही दोघे इथे थांबू शकता, पण मला जावे लागेल. आय नीड टू टॉक टू माय फॅमिली. खूप वेळ झाला," शब्द म्हणाला आणि तिथून निघून गेला.
तो गेल्यावर लगेच सारा कृषाला म्हणाली, "अच्छा, तर याची पण फॅमिली आहे. आय होप याची फॅमिली याच्यासारखी असो, त्या डेव्हिलसारखी नको..."
कृषाने तिच्या बोलण्याला काहीच उत्तर दिले नाही. युगाचा उल्लेख होताच तिचा चेहरा परत उतरला आणि तिला विचित्र वाटू लागले.
इकडे युग मीटिंगसाठी बाहेर जात होता, पण त्याने सारा आणि कृषाला तिथे बघितल्यावर तो बाहेर जाण्याऐवजी त्यांच्या दिशेने वळला. गेल्या दोन दिवसांपासून त्याचे त्या दोघांशी बोलणे झाले नव्हते.
त्यांच्याजवळ जाताना युग हळूच बडबडला, "थँक गॉड, ही मुलगी ठीक झाली, नाहीतर साराने तर माझे जगणे हराम केले असते."
जसा युग त्यांच्याजवळ पोहोचला, कृषाने त्याला त्यांच्या दिशेने येताना पाहिले. तिने लगेच आपली नजर साराकडे वळवली आणि म्हणाली, "सारा, मला विचित्र वाटत आहे. मी इथून जात आहे."
कृषा तिथून निघून जाण्यापूर्वी साराने तिचा हात पकडून विचारले, "जर तुला ठीक वाटत नसेल, तर मी तुझ्यासोबत येते."
कृषाने नकारार्थी मान डोलावली. तिने साराला तिथेच सोडले आणि ती तिथून निघून गेली. या दरम्यान तिने एकदाही युगाकडे पाहिले नाही.
"सिरीयसली? शी इज इग्नोरिंग मी?" कृषाला इग्नोर करताना बघून युग स्वतःशीच बडबडला. ऍक्च्युली तो कृषाला बघायलाच तिच्याजवळ येत होता.
कृषाच्या जाण्यानंतर साराने युगाकडे बघितले आणि रागाने म्हणाली, "बोल काय काम आहे?"
"रिअली सारा सिंघानिया? तुला वाटते की तू माझे काही काम करू शकशील?" कृषाने इग्नोर केल्यामुळे युगाला राग आला होता, त्यामुळे त्याने त्याचा सगळा राग सारावर काढला.
सारा त्याला काही उत्तर देणार, तोच युग तिथून निघून गेला आणि सारा त्याच्याकडे आश्चर्याने बघत राहिली.
"आता याला काय झाले? चांगला तर बोलण्यासाठी आला होता आणि आता तोंड पाडून निघून गेला? कधी-कधी समजत नाही की मी इथे सगळ्यांचे मूड स्विंग्स सहन करायला आले आहे की काय?" युगाने रागवल्यामुळे साराला पण वाईट वाटले. ती पाय आपटत तिथून निघून गेली.
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कृशाने दुर्लक्ष केल्यामुळे युग सारावर रागावला आणि निघून गेला. तर दुसरीकडे, युगाच्या वागण्याने चिडलेली सारा कृशाकडे वरती जायला लागली.
जाताना सारा स्वतःशीच बडबड करत होती, "व्हॉट द हेल... स्वतःला काय समजतो? तो डेव्हिल आहे तर मी पण काही साधी माणूस नाहीये. येऊ दे त्याला रात्री माझ्याकडे... त्याला पण कळू दे सारा सिंघानियाशी रूडली बोलण्याचा काय परिणाम होतो."
सारा स्वतःमध्येच मग्न होती, तेवढ्यात ती समोरून येणाऱ्या शब्दला धडकली. साराचे डोके शब्दच्या छातीवर आदळले.
सारा डोके चोळत म्हणाली, "दिसत नाही का..." बोलता बोलता सारा थांबली, कारण समोर शब्द उभा होता. "आय एम सो सॉरी... ते माझं... तुला लागलं तर नाही ना..."
"नाही, मी ठीक आहे... पण तू ठीक दिसत नाहीयेस," शब्द हसून म्हणाला.
त्याच्या चेहऱ्यावरचे हास्य पाहून साराच्या चेहऱ्यावरही एक हलके स्मित आले. "मी थोडी अपसेट होते, बाकी काही नाही."
"युगामुळे ना?" शब्दने विचारले.
"हो, आणखी कोण असणार आहे?" सारा डोळे फिरवत म्हणाली. मग तिने विषय बदलला, "असो, त्याच्याबद्दल बोलून मूड खराब नाही करत. मी कृशाच्या रूममध्ये जात आहे. तू येशील?"
"मी तिकडूनच येत आहे. कृशा झोपली आहे," शब्दने सांगितले.
काही क्षण सारा काहीच बोलली नाही. तिने इकडे-तिकडे पाहिले, तर तिथे त्या दोघांशिवाय आणि सुरक्षा रक्षकांशिवाय (सिक्युरिटी गार्ड्स) आजूबाजूला कोणी दिसत नव्हते. सगळीकडे पूर्ण शांतता पसरली होती. हे पाहून साराचा चेहरा उतरला.
शब्दने अचानक साराच्या चेहऱ्यावरील बदललेले हावभाव पाहिले आणि तिला विचारले, "काय झालं? या ५ मिनिटांत तिसऱ्यांदा तुझ्या चेहऱ्यावरचे हावभाव बदलले आहेत. मी धडकलो तेव्हा तू रागावली होतीस, मला बघून मूड ठीक झाला आणि आता अचानक उदास झालीस. चल सांग काय झालं आहे?"
साराने एक दीर्घ श्वास घेतला आणि म्हणाली, "एवढी सुरक्षा (सिक्युरिटी) आमच्या मेंशनमध्ये पण असते, पण तिथे अशी विचित्र शांतता नसते, जशी इथे आहे. हे ठिकाण मला लाइफ़लेस (निर्जीव) वाटते."
"ते म्हणूनच, कारण हे ठिकाण लाइफ़लेस आहे. इथे युगाशिवाय त्याचे माणसे असतात आणि तुला माहीत आहे ते कसे काम करतात. मी हे नाही म्हणणार की तू याची सवय करून घे, पण जोपर्यंत तू इथे आहेस, तोपर्यंत मी प्रयत्न करेन की तुझा मूड अपसेट होऊ नये," शब्द खूप फ्रेंडली अंदाजात म्हणाला, ज्यामुळे साराच्या उदास चेहऱ्यावर एक हलके स्मित आले.
साराच्या चेहऱ्यावरचे हास्य पाहून शब्द तिला निरखून बघत होता. साराला हसताना पाहून तो मनात म्हणाला, "माहित आहे तू एका वेगळ्या दुनियेतून आली आहेस. त्या दुनियेतून जिचा मी नेहमी तिरस्कार केला आहे, पण न जाने का तू मला आपलीशी वाटू लागली आहेस. तू एक माफिया प्रिन्सेस आहेस आणि युग तुला ज्या हेतूने घेऊन आला आहे, त्यानंतर मी तुझ्या जवळ येऊ शकत नाही, पण तुझ्यासाठी माझ्या भावनांना कोणीही थांबू शकत नाही."
शब्दला हरवलेला पाहून साराने त्याच्यासमोर चुटकी वाजवली आणि म्हणाली, "कुठे हरवलास?"
साराच्या चुटकी वाजवण्याने शब्द भानावर आला. त्याने नाही म्हणून मान हलवली आणि म्हणाला, "चल, वॉक करत बोलूया. याच निमित्ताने तुझा वेळ पण जाईल आणि थोडा व्यायाम पण होईल."
साराने त्याच्या बोलण्याला होकार दिला. ते दोघे वरच्या कॉरिडोरमध्ये (Common passage) चालत बोलत होते. शब्दला येऊन जास्त वेळ झाला नव्हता, तरीसुद्धा त्याची साराशी चांगली मैत्री झाली होती. किंबहुना, कुठेतरी त्याला ती मनातून आवडायला लागली होती. म्हणूनच तो तिला अपसेट पाहून तिचा मूड ठीक करण्याचा प्रयत्न करत होता.
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दुसरीकडे, युग त्याच्या जिम एरियामध्ये होता आणि ट्रेडमिलवर धावत होता. कृशाने त्याला केलेल्या दुर्लक्षाचे विचार त्याच्या डोक्यातून जात नव्हते.
"माहित नाही लोकांना स्वतःच्या चुका दिसतात की नाही... मी तिला विनाकारण शिक्षा दिली नव्हती. तिने जे केले, त्यानंतर कोणीही शिक्षा दिली असती... किंबहुना, मी खूप दयाळू आहे, म्हणून तिला एक मामूली शिक्षा दिली... तिच्यासाठी डॉक्टर आणि योग्य उपचार उपलब्ध करून दिले, तेही त्याच वेळी... मला माहीत नव्हते जगात एवढे उपकार विसरणारे लोक पण असतात. तिची हिम्मत कशी झाली युग राणाला इग्नोर (दुर्लक्ष) करायची? ती या क्षणी ज्या ठिकाणी उभी आहे, ती जागा माझी आहे आणि कोणालाही हक्क नाही मला इग्नोर करायचा..." युग खूप रागात होता.
मग तो ट्रेडमिलवरून उतरला आणि थोडा वेळ विश्रांती (rest) घेतल्यावर त्याने स्नान केले. तयार झाल्यावर युग कृशाच्या फ्लोअरवर पोहोचला.
तिथे गेल्यावर युगाने तिच्या रूमचा दरवाजा ठोठावला. आतून काही उत्तर आले नाही, म्हणून युग स्वतःशीच बडबडला, "कधी कधी समजत नाही की मी यांच्यासारख्या लोकांवर दया का दाखवतो आणि हे मैनर्स... हे सर्व हे डिजर्व्ह पण करत नाही. मी का तिच्या रूमचा दरवाजा नॉक (ठोठावणे) करत आहे. मी तर हा दरवाजा तोडून डायरेक्ट (lang:en) आत जायला पाहिजे."
मग त्याने घड्याळात वेळ पाहिला, रात्रीचे दहा वाजले होते. "नक्कीच झोपली असेल, म्हणून दरवाजा उघडत नसेल," असा विचार करत युग तिथून जायला निघाला, पण तेवढ्यात कृशाने दरवाजा उघडला.
कृशा झोपेतून उठली होती, त्यामुळे तिने नाईट सूट (रात्री घालायचा सूट) घातला होता. तिचे डोळे थकेलेले होते आणि केस विखुरलेले होते. युगाला पाहताच कृशाचे डोळे मोठे झाले. ती परत दरवाजा बंद करायला गेली, पण युगाने दरवाजा पकडला.
"एकदा इग्नोर करून तू चूक केली आहेस, पण हे करून दुसरी चूक करू नकोस. मला चुका इग्नोर करायची सवय नाहीये आणि वाटतं तुला शिक्षा सहन करायची नाहीये," बोलता बोलता युग रूमच्या आत आला. त्याच्या हेजल ब्लू डोळ्यांत राग होता.
कृशाने युगाच्या बोलण्याला काहीच उत्तर दिले नाही. ती पण रूमच्या आत आली. कृशा युगाकडे न बघता, हळू आवाजात म्हणाली, "काही काम आहे का?"
"तुम्हां दोघांना असं का वाटतं की तुम्ही दोघे युग राणांच्या काही कामाला येऊ शकता? सारा सिंघानियाने हे विचारलं तरी समजू शकतं, पण तुझ्यावर तर हे बिलकुल सूट नाही करत कृशा... कृशा चौधरी," बोलता बोलता युगाच्या चेहऱ्यावर एक हलके इव्हिल (दुष्ट) स्मित आले.
युगाच्या तोंडून आपले पूर्ण नाव ऐकून कृशाला समजले की त्याने तिच्याबद्दलची सगळी माहिती काढली आहे.
"जेव्हा तुला माझ्याकडून काही कामच नाही, तर मग माझी डिटेल्स (माहिती) काढण्याचा काय मतलब झाला युग राणा?" कृशाने विचारले. पूर्ण वेळ ती युगाला इग्नोर करत होती आणि तिने त्याच्या चेहऱ्याकडे पण पाहिले नव्हते.
या सगळ्या गोष्टी युगाचा राग वाढवत होत्या. त्याने कृशाच्या दोन्ही खांद्यांना पकडले आणि तिला घट्ट पकडून भिंतीला टेकवले.
"लुक इन टू माय आईज..." युग थंड (सर्द) आवाजात म्हणाला, पण कृशाची नजर अजूनही दुसरीकडेच होती.
तिच्या अशा दुर्लक्ष करण्यावर युग म्हणाला, "यू नो व्हॉट यू ओन्ली डिजर्व्ह माय पनिशमेंट (तुला फक्त माझी शिक्षा मिळायला पाहिजे) आणि तू जे करत आहेस त्याची शिक्षा भोगायला आता तयार राहा."
युग एका क्षणासाठी हे विसरला होता की मागच्या वेळेस त्याने जे काही केले होते, त्यामुळे कृशाची तब्येत अजूनही ठीक झाली नव्हती आणि तो तिला पुढची शिक्षा देण्यासाठी तयार होता.
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ओके, तर काय वाटतं तुम्हाला, युग कृशाला पुढची शिक्षा काय देईल?