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Tera suroor

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तलब! ये तलब ही है जिसे पूरा करने के लिए एक हार्टलेस इंसान ने किया अपनी ही साली से उसके जिस्म का सौदा और बना लिया उसे एक साल के लिए अपनी वुमन, वहीं रसिका जो पांच साल बाद लौटी है इंडिया अपने मंगेतर से शादी करने के लिए लेकिन अपने ही प्यार से धोखा मिलने...

Total Chapters (10)

Page 1 of 1

  • 1. Tera suroor - Chapter 1

    Words: 1699

    Estimated Reading Time: 11 min

    जिन्हें डार्क रोमांस पढ़ना नहीं पसंद कृपया वो इस नॉवेल को मत पढ़ें और ना ही रिपोर्ट करें।


    तलब! ये तलब ही है जिसे पूरा करने के लिए एक हार्टलेस इंसान ने किया अपनी ही साली से उसके जिस्म का सौदा और बना लिया उसे एक साल के लिए अपनी वुमन, वहीं रसिका जो पांच साल बाद लौटी है इंडिया अपने मंगेतर से शादी करने के लिए लेकिन अपने ही प्यार से धोखा मिलने के बाद उसने कर लिया ग़लती से अपने ही जीजा के साथ वन नाइट स्टैंड! क्या होगा जब रसिका को पता चलेगा कि उसने नशे की हालत में अपनी वर्जिनिटी अपने ही जीजा को सौंप दी और आख़िर किस वजह से रसिका ने किया एक साल के अपने जिस्म का सौदा? क्या वो अपने मंगेतर को उसके दिए धोखे की सज़ा दे पाएगी? और क्या होगा जब रसिका की बहन को पता चलेगा उसके पति और रसिका के इस डिजायर भरे रिश्ते के बारे में? जानने के लिए पढ़ते रहिए "Sinful Addiction"







    The intercity (Delhi)
    (काल्पनिक नाम)



    दिल्ली शहर के सबसे बड़े सेवन स्टार होटल The intercity के फर्स्ट फ्लोर पर बने क्लब में इस वक्त रात के 9 बजे माहौल अपने पिक पर था।

    चारों ओर लड़के लड़कियां वेस्टर्न गानों पर थिरक रहे थे। इस क्लब में एंट्री मिलना हर किसी नॉर्मल इंसान के बस की बात नहीं होती थी।

    इस क्लब में आने वाला हर एक मेंबर या तो कोई बहुत बड़े नामी गिरामी शख़्स, बिल्डर्स, पॉलिटिशियंस, सेलिब्रिटी या बिज़नेस टायकून्स के बच्चे होते या ख़ुद ही कोई बिजनेस टाइकून या सेलिब्रिटी होते। ये बोलना गलत नहीं होगा कि ये क्लब अमीरों का ही था।

    उसी क्लब में इन सारे शोर शराबे के बीच एक लड़की बार काउंटर से टेक लगाए अपनी सुनी sea green आईज से एक तक अपने ड्रिंक के भरे ग्लास को ही देख रही थी।

    उस लड़की की उम्र क़रीब 19 साल रही होगी उस लड़की ने बार्बी पिंक कलर की नी लेंथ फ्रॉक पहनी हुई थी जिसके कंधे पर स्ट्रैप थे, जो उस लड़की के ग्लास व्हाइट स्किन कलर पर काफ़ी ज़्यादा जच रही थी। वो बिल्कुल किसी बार्बी डॉल की तरह दिख रही थी।

    उस लड़की का सांचे में ढला परफेक्ट ज़ीरो फिगर भी उस ड्रेस में काफ़ी अच्छे से उभर कर नज़र आ रहा था।


    सी ग्रीन आईज, छोटी सी नाक, हार्ट शेप होठ और उस लड़की के काले सियाह कमर के जस्ट ऊपर तक आते बाल खुले हुए थे। कुल मिलाकर वो लड़की बेहद खुबसूरत थी जिसे कोई एक बार देख ले तो अपनी नज़रे ही ना फेर पाए।

    ऐसा ही कुछ हल वहां मौजूद हर एक शख्स का था जिनकी निगाहें रह रहकर उस लड़की के ऊपर ही ठहर रही थी।


    उस लड़की की सी ग्रीन आइज बिलकुल रेड थी जैसे कि वो बहुत ज्यादा रोई हो

    वह अभी भी उस ड्रिंक से भरी ग्लास को ही देख रही थी

    "ग्लास को इसी तरह देखने से वो ग्लास खाली नहीं हो जाएगा" उस लड़की के बगल में खड़े एक लड़के ने अपनी ड्रिंक का सिप लेते हुए उससे कहा


    मगर उस लड़की ने कोई जवाब नहीं दिया


    "क्या हुआ ब्यूटीफुल लेडी तुम इतनी उदास क्यों हो अगर तुम चाहो तो हम आज रात कुछ इंजॉय कर सकते हैं जिससे यकीन मानो तुम्हारे चेहरे की ये उदासी दूर हो जाएगी" उस लड़के ने बेशर्मी भरी मुस्कराहट के साथ कहा

    उस लड़के की बातें सुन उस लड़की की पकड़ अपने ग्लास में कस गई मगर उस लड़की के होंठ जरा भी नहीं हिले

    वो लड़का लगातार उस लड़की से बातें करने की कोशिश कर रहा था और वो लड़की लगातार उसे इग्नोर कर रही थी।

    तभी उस लड़की के कान में अपने आस पास मौजूद लड़कियों की हैरानी से भरी आवाजें सुनाई दी।

    "क्या मैं कोई सपना देख रही हूं MB कॉरपोरेशन के CEO यहां आए है"

    "नहीं तुम कोई सपना नहीं देख रही हो वो सच में यहां आए है"

    "मुझे नहीं पता था कि मैं आज club में वर्ल्ड के टॉप टेन बिजनेस टाइकून में से एक को देखूंगी"

    उस आख़िरी लड़की की बातें सुन उस लड़की के कान खड़े हो गए।

    उस लड़की ने अब जाकर अपनी सी ग्रीन आईज उस क्लब के चारों ओर दौड़ाई और सबका सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन बने एक क़रीब 33 साल के शख़्स की ओर देखा।


    वो शख़्स बेहद हैंडसम था हद से ज़्यादा हैंडसम।  उस शख़्स ने ग्रे पैंट के ऊपर ब्लैक शर्ट पहनी हुई थी उस शख़्स का कोट लिए पीछे उसका बॉडीगार्ड खड़ा हुआ था।

    वो शख़्स शायद वहां अपने दोस्तों के साथ आया हुआ था। उस शख़्स के साथ तीन शख़्स उसी के उम्र के थे वो भी दिखने में काफ़ी अमीर और हैंडसम था लेकिन उस शख़्स थोड़े कम ही थे।

    वो चारों वहां क्लब के साइड में रखें सोफे पर किसी किंग की तरह बैठे हुए थे। जहां उस शख्स के बाकी दोस्तों के चेहरों पर स्माइल थी वहीं उस शख़्स का चेहरा बिल्कुल एक्सप्रेशन लैस था मानों वो वहां दोस्तों के साथ नहीं किसी बिजनेस मीटिंग में आया हो।

    "कोई शख़्स एक ही वक्त में इतना ज्यादा डेंजरस और अट्रैक्टिव कैसे दिख सकता है" उस लड़की ने मन ही मन कहा


    वही उस लड़की के बगल में खड़े लड़के जिसका नाम मोंटी था जब उसने उस लड़की की नज़र एक टक उस शख़्स की ओर देखी तो उसका चेहरा उतर गया।


    मोंटी ने मुंह बनाते हुए उस लड़की से कहा "तुम्हारी तो क्या पूरे क्लब में मौजूद हर लड़की की रेंज से बाहर है वो। दिखने में वो आदमी जितना अमीर और हैंडसम है उतना ही एरोगेंट और रूड...,,,,...,,,,"

    "क्या ये शख़्स बजाज इंडस्ट्रीज को खरीद सकता है?" उस लड़की ने मोंटी की बात बिच में ही काटते हुए कहा

    उस लड़की की बात सुनकर मोंटी ने हंसते हुए कहा "तुम बजाज इंडस्ट्रीज कहती हो ये शख़्स चाहें तो बजाज इंडस्ट्रीज जैसी पचास कंपनी एक ही रात में खरीद सकता है और सिर्फ़ खरीद हो नहीं उसे बर्बाद भी कर सकता है वो भी मिनटों में लेकिन ये ऐसा करेगा क्यों आखिर ये भी तो बजाज फैमिली का बे....,,,,"

    "बस जितना पूछा जाए उतना ही बताओ ज़्यादा पंचायती करने वाली अम्मा ना बनो" उस लड़की ने मोंटी की बात बिच में ही काटते हुए कहा जिसे सुन मोंटी का मुंह बन गया।


    उस लड़की ने उस शख़्स को देखते हुए ही अपनी ग्लास के भरे सारे ड्रिंक को ही एक ही बार में पी लिया।


    उसकी आंखों में जहां कुछ देर पहले उदासी और सुनापन थी अब वहां अलग ही चमक और डिटरमिनेशन दिखाई दे रहा था।




    वो लड़की अदा से चलती हुई उस शख़्स के क़रीब गई और सीधा जाकर उस शख़्स के गोद में बैठ गई।


    उस लड़की की इस हरकत पर उस शख़्स के तीनों दोस्तों की आंखें हैरानी से फ़ैल गई वहीं उस शख़्स के गार्ड्स भी तुरंत उस लड़की को उस शख़्स से दूर करने के लिए आगे बढ़े मगर उस शख़्स ने उन्हें हाथ के इशारे से दूर रहने को कहा


    वो शख़्स अपनी जलती हुई निगाहों से उस लड़की को ही घूर रहा था जो अब अपनी आँखें भी बड़ी मुश्किल से खोल पा रही थी।


    वो लड़की अपनी लंबी घनी पलकों को बार बार झपकाते हुए टुकुर टुकुर उस शख्स को ही अपनी सी ग्रीन आईज से देख रही थी।


    तभी अचानक उस शख़्स के एक्सप्रेशन अजीब हो गए जैसे कि वो बहुत ज़्यादा हैरान हो गया हो।


    वो शख्स अब अपनी इंटेंस नज़रों से एक टक उस लड़की को ही देख रहा था।

    वहीं उस शख्स के तीनों दोस्त तो अपनी आँखें फाड़े अपने दोस्त और उस लड़की के नैन मटक्का को देख रहे थे।


    "वरुण! ध्रुव! क्या तुम दोनों भी वहीं देख रहे हो जो मैं देख रहा हूं?" उस शख़्स के एक दोस्त जिसका नाम रेहान था उसने अपने दोनों दोस्तों से कहा


    "हा! मैं भी वहीं देख रहा हूं" वरुण और ध्रुव ने एक साथ कहा

    उन तीनों के एक्सप्रेशन अभी ऐसे थे मानों उन्होंने कोई भूत देख लिया हो।


    आख़िर उनका दोस्त द बिज़नेस टायकून मुकुल बजाज जिसे ख़ुद से चिपकने वाली लड़कियों से शख्स नफ़रत होती थी वो आज अपने से उम्र में बेहद छोटी दिख रही लड़की को अपने लैप पर बिठाए बैठा था। ये नज़ारा देखने में काफ़ी अनबेलीवेबल था।



    वहीं वो शख़्स यानि मुकुल बजाज अपनी गोद में बैठी लड़की को ही अजीब नज़रों से देख रहा था।



    उस लड़की ने तुरंत अपनी गोरी बाहें उस शख़्स के गले के चारों ओर लपेट दी और उस शख़्स के कान में अपनी बेहद सेडक्टिव वॉइस में बोली "मैं आज रात आपके साथ सोना चाहती हूं। मैं पूरी कोशिश करूंगी कि आपको सेटिस्फाई कर सकूं। लेकिन अगर आपने मुझे मना किया तो I'm sure आपमें ज़रूर कोई डिफेक्ट होगा"

    वह लड़की खुद को स्ट्रांग दिखाकर यह सब बोलने की कोशिश कर रही थी लेकिन मुकुल ने उसकी आंखों में उसकी झिझक और घबराहट को नोटिस कर लिया था।


    उस लड़की की बातें सुन और उसके इस मूव से मुकुल को अपनी बॉडी हिट होती सी महसूस हुई जिसे फील कर मुकुल की आंखों में जितनी हैरानी थी उतनी ही चमक भी थी।


    मुकुल ने आंखें बंद कर गहरी सांस ली और अपनी आंखें खोल उस लड़की की ओर देखा जो उम्मीद भरी निगाहों से टुकुर टुकुर उसे ही देख रही थी।


    अचानक उसे देख मुकुल के फेस पर डेविल स्माइल आ गई जिसे देख उसके दोस्तों वरुण रेहान और ध्रुव को अब उस लड़की के लिए डर लग रहा था।


    तभी उनके सोच से उलट उन्होंने देखा कि मुकुल ने उस लड़की को अपनी बाहों में ब्राइडल स्टाइल में उठा लिया था।

    मुकुल के ऐसा करते ही उस लड़की के होठों पर विनिंग स्माइल आ गई।

    वही वरुण रेहान और ध्रुव के तो तोते उड़े हुए थे।


    रेहान ने हैरानी से पूछा "मुकुल ये लड़की?"

    "तुम लोगों को जो करना है करो I don't care और मेरा इंतेज़ार मत करना" इतना बोल मुकुल उस लड़की को अपनी बाहों में उठाए उस क्लब से बाहर चला गया और छोड़ गया क्लब में मौजूद सबके हैरान परेशान चेहरे।


    आख़िर कौन है ये लड़की? क्या मकसद है उसका? वो क्यों मुकुल बजाज के साथ रात बिताना चाहती है?

    और आख़िर उस लड़की के क़रीब आते ही क्यूं हैरान हो गया मुकुल बजाज?

    क्या वो लड़की फंसने वाली है मुकुल के किसी खतरनाक ट्रैप में?


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  • 2. Tera suroor - Chapter 2

    Words: 732

    Estimated Reading Time: 5 min

    अब आगे


    मुकुल उस लड़की को लेकर अपने ऑल टाइम बुक्ड प्रेसिडेंशियल सुइट में ले आया। ये सुइट मुकुल के लिए हमेशा बुक रहता था। जहां वो अक्सर अपने खाली वक्त में टाइम स्पेंड करने या रिलैक्स करने आया करता था।


    मुकुल को अकेले रहना ज़्यादा पसंद था। इस सुइट में गैलरी, एक बड़ा हॉल, दो मास्टर बेडरूम अटैच बालकनी और किचन थे।



    मुकुल उस लड़की को लेकर अपने मास्टर बेडरूम में आ गया और उसे बेड पर किसी नाज़ुक गुड़िया की तरह लेटा दिया।


    वो लड़की अब पूरी तरह ड्रिंक के नशे में थी। शायद उसने पहली बार ड्रिंक किया था इसलिए उसे एक ही ग्लास में इतना ज़्यादा नशा चढ़ गया।


    मुकुल गौर से उस लड़की को देख रहा था। वो लड़की बार बार अपनी आंखों को खोलने की नाकाम कोशिशें कर रही थी। जिससे वो बहुत ज्यादा क्यूट लग रही थी।


    मुकुल को वो लड़की किसी बिल्ली के छोटे से बच्चे की तरह लग रही थी

    "My Kitten!🐾🐈" मुकुल ने अपने पतले होठों को फड़फड़ाकर धीरे से कहा

    वहीं वो लड़की तो अब अपना होश पूरी तरह खो चुकी थी बस उसे इतना याद था कि उसे अपने सामने खड़े बिलेनियर के साथ वन नाइट स्टैंड करना है।


    वो लड़की हल्का सा उठी और उसने आगे बढ़कर मुकुल की टाई पकड़ उसे अपनी ओर खींच लिया, मुकुल तुरंत उस लड़की के ऊपर आ गया।

    ऐसा नहीं था कि वो उस लड़की के खींचे जाने से उसके ऊपर गिरा हो बल्कि वो तो ख़ुद अपनी मर्ज़ी से उसके ऊपर आया था।



    अब मुकुल का चेहरा और उस लड़की का चेहरा एक दूसरे के बिल्कुल क़रीब था इतना कि वो दोनों ही एक दूसरे की गर्म सांसें अपने अपने चेहरों पर फील कर सकते थे।


    उस लड़की का चेहरा कुछ नशे की वजह से तो कुछ मुकुल की करीबी से बिल्कुल लाल हो गया था।


    मुकुल की नज़र उस लड़की के हार्ट शेप रेड होठों पर ही थी जिसे देखकर उसका गला सूखने लगा।

    "Do you really want की मैं तुम्हारे क़रीब आऊ?" मुकुल ने अपनी हस्की वॉइस में पूछा

    उस लड़की अपनी मदहोशी भरी आवाज़ में मुकुल से कहा "Yes! I want you right now!" इतना बोल उस लड़की ने अपने मुलायम चेरी जैसे लिप्स मुकुल के हार्ड लिप्स पर रख दिए।

    मुकुल के किस करने के तरीके से ही समझ गया था कि ये लड़की ख़ुद को जितना डेस्परेट दिखाने की कोशिश कर रही है ये उतनी ही नर्वस है और उसे ये समझने में भी देर नहीं लगी की उसकी Kitten को किस करना नहीं आता।

    मुकुल ने उसे ख़ुद से दूर किया

    "My Li'l Kitten क्या ये तुम्हारी फर्स्ट किस है?" मुकुल ने उस लड़की के होठों पर फुसफुसाते हुए सवाल किया


    मुकुल का सवाल सुन उस लड़की ने अपनी बंद होती आंखों से मुकुल की ओर देखा और मासूमियत से हां में अपना सिर हिला दिया


    उस लड़की का जवाब सुन मुकुल को के होठों पर हल्की स्माइल आ गई।

    "Tonight I'll make sure kitten your mourning turn into moaning" इतना बोल मुकुल ने उस लड़की के चेरी जैसे लिप्स को कैप्चर कर लिया।


    वही अब वो लड़की भी मुकुल के पैसेनेट किस का रिस्पॉन्स देने लगी और धीरे धीरे उनकी किस वक्त के साथ और भी ज़्यादा इंटेंस होती गई।


    धीरे धीरे करके उन दोनों के ही कपड़े नीचे फर्श पर गिरने लगे।

    मुकुल समझ गया था कि अब उस लड़की का पूरी तरह से मूड बन चुका है

    इस वक्त उस लड़की का चेहरा पूरी तरह से लाल हो चुका था

      उस लड़की ने बेडशीट को अपनी मुट्ठियों में भर लिया और अगले ही पल उस लड़की की एक ज़ोरदार चीख उस कमरे में गूंज उठी।

    वो बुरी तरह छटपटाने लगी।

    उस लड़की ने मुकुल को उसके साथ जेंटल होने को कहा
    लेकिन आज मुकुल तो जेंटल होने की हालत में बिलकुल नहीं था।

    वो लड़की दर्द से कराहती हुई उस दर्द में सुकून तलाश करने लगी।

    वो लड़की बार बार मुकुल से जेंटल होने की रिक्वेस्ट करने लगी जिसे मुकुल ने पूरी तरह से इग्नोर किया।


    कुछ देर बाद उन दोनों के ही बदन स्वेट से पूरे तरबतर थे और उन दोनों की सांसे गहरी थी।


     ये सिलसिला पूरी रात चलता रहा वो लड़की तो दर्द की वजह से पहले ही बेहोश हो चुकी थी मगर मुकुल किस पहर शांत हुआ ये तो सिर्फ़ वहीं जानता था।


    आखिर कौन है ये लड़की और सुबह उठने के बाद कैसा होगा उन दोनों का रिएक्शन?

     

     


     

     

     

  • 3. Tera suroor - Chapter 3

    Words: 1132

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे


    सुबह के क़रीब सात बजे उस लड़की की पलकें फड़फड़ाने लगी शायद वो नींद से जागने वाली थी।


    थोड़ा कसमसाते हुए उस लड़की ने जम्हाई ली और बोझिल आंखों को बमुश्किल खोलते हुए जैसे ही अंगड़ाई लेने को हुई उसकी आंखें हैरानी से फ़ैल गई।

    उसका मुंह खुला का खुला ही रह गया उसे ऐसा लगा जैसे किसी ने उसके ऊपर खोलता हुआ तेल डाल दिया हो।


    उस लड़की के सीने पर किसी अनजान शख़्स का हाथ था और वो शख़्स उसके जस्ट बगल में दूसरी तरफ मुंह कर लेटा हुआ था।

    लेकिन जो चीज़ उस लड़की के लिए सबसे ज्यादा शॉकिंग थी वो थी उनके बदन पर कपड़े के नाम पर सिर्फ़ एक कंफर्टर का होना।


    ये उस लड़की के लिए बेहद शर्मनाक सिचुएशन थी उसे ऐसा लगा जैसे कि वो अभी चक्कर खाकर गिर जाएगी।


    "Omg रसिका ये तुझसे क्या नया कांड हो गया। किसने कहा था उस नीच माहिर के लिए इतना ड्रंक होने की इससे बेहतर तो उसे चप्पलों से दे मारती वो भी गोबर में डूबो डुबो कर कम से कम वो इससे तो बेहतर होता।

    अब पता नहीं ये कौनसी आफत मेरे संग लिपटी हुई है, बैक व्यू से तो बंदा हॉट लग रहा है क्या biceps है मतलब फुल ऑन तबाही मगर कहीं इसे एड्स हुआ तो.... नो.. नो.. नो.. मैं रिस्क नहीं ले सकती। ऑलरेडी तेरी लाइफ किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं जहां पता नहीं कब क्या हो जाए अब ऐसी लाइलाज बीमारी को गले नहीं लगाना वो भी तब जब तक उस क-मिने माहिर को सबक न सिखा दूं" उस लड़की यानी रसिका ने ख़ुद से कहा

    वो जब भी माहिर का नाम ले रही थी उसकी आंखों में अलग ही नफ़रत दिखाई दे रही थी जैसे कि वो माहिर को जान से ही मार देगी।



    रसिका! जिसका पूरा नाम था रसिका राठी, राठी कंस्ट्रक्शंस के ऑनर रमन राठी और रोहिणी राठी की सबसे छोटी बेटी, जो लास्ट डे ही पांच सालों बाद कनाडा से इंडिया लौटी थी अपने बचपन के प्यार और मंगेतर माहिर को उसके बर्थडे पर सरप्राइस देने।

    मगर यहां आकर जो उसे देखने को मिला वो उसके लिए भी किसी भयानक सरप्राइस से कम नहीं था।

    उसने माहिर को बिना इन्फॉर्म किए उसका पीछा किया ताकि वो उसे सरप्राइस दे सकें। वो उसका पीछा करते हुए होटल द intercity आ गई।

    माहिर तो उस लड़की के क़रीब जाने के लिए इतना ज़्यादा बेचैन था कि उसने कमरे को लॉक भी नहीं किया और फ़िर रसिका ने जो अंदर देखा वो उसे देख उसकी आंखें मानों पत्थर सी हो गई।

    उसका सो कॉल्ड फायोंसे किसी और लड़की के साथ आपत्तिजनक सिचुएशन में था। रसिका के तरफ उस लड़की की पीठ थी जिस वजह से वो उस लड़की का चेहरा तो नहीं देख पाई मगर उसे उस लड़की का स्ट्रक्चर काफ़ी जाना पहचाना लगा।

    वो उस वक्त इतने ज़्यादा शौक में थी कि उसका दिमाग़ मानो सुन्न सा रह गया और उसकी आंखों से आशु बहने लगे।

    "कौन है वहां?" माहिर की तेज़ आवाज़ सुन रसिका तुरंत वहां से ऐसे गायब हो गई जैसे वो वहां मौजूद ही ना हो।

    रसिका बेहद मासूम थी जिसमें आत्मविश्वास की कमी थी वो सही होने पर भी चाहकर अपने ओपिनियन खुलकर रख नहीं पाती थी जिसका फ़ायदा अक्सर उसके आस पास के लोग उठाते थे और शायद माहिर भी उनमें से ही एक था।

    रसिका अभी अपने ख्यालों में ही गुम थी कि उसे मुकुल ने अपने क़रीब खींच लिया।

    एक "अह्ह्ह" के साथ रसिका मुकुल के ऊपर आ गई और उसकी काली सियाह जुल्फे मुकुल के नेक्ड सीने पर बिखर गई।

    रसिका कांप गई! वो उस शख़्स यानि मुकुल की गर्म सांसे अपने कंधे पर फील कर सकती थी। उसने डर और घबराहट के मारे ब्लैंकेट को अपनी मुट्ठी में भर लिया।

    "क्या तुम कल रात की बातें याद करने की कोशिश कर रही थी Kitten?" मुकुल की बेहद अट्रैक्टिव मेनली वॉइस सुन रसिका के रोंगटे खड़े हो गए।

    रसिका ने डर के मारे अपनी आंखे मिंच ली। रसिका का कांपना मुकुल भी महसूस कर सकता था।

    मुकुल ने अपने होठ रसिका के कान पर रखे और धीरे से फुसफुसाते हुए उससे बोला "I'm asking you Kitten?" ये सब बोलते हुए उसके होठ रसिका के कान को छू रहे थे।

    अब रसिका समझ गई थी कि उसके आंखें बंद करने से उसके नीचे लेटी मुसीबत गायब नहीं हो जाएगी उससे पीछा छुड़ाने के लिए उसे ही कुछ करना होगा।

    रसिका ने अपने चेहरे से बालों को हटाया और उस शख़्स के सीने पर हाथ रख अपने चेहरे को उठाकर उसे देखने लगी।

    इसी के साथ रसिका की सी ग्रीन आईज उस शख़्स की काली गहरी आंखों से जा टकराई। रसिका ने अब जाकर उस शख़्स के चेहरे को गौर से देखा और उसे लास्ट नाइट की सारी बातें एक झटके से याद आ गई और ये भी याद आ गया कि उसने ही इस शख़्स वन नाइट स्टैंड के लिए अप्रोच किया था।

    रसिका ने अपने नीचे होठ काट लिए। शर्म से इस वक्त उसका पूरा चेहरा लाल हों रखा था।

    वहीं मुकुल को तो वो और भी ज़्यादा क्यूट लग रही थी। उसका चेहरा भले एक्सप्रेशनलेस था मगर उसकी आंखों में कुछ तो अजीब था जिसे शायद रसिका समझ नहीं पा रही थी।

    "Sorry!" रसिका ने अपनी मरी हुई आवाज़ में कहा

    मुकुल की आइब्रोज कन्फ्यूजन से सिकुड़ गई

    "For what?" मुकुल ने सवाल किया

    मुकुल का सवाल सुन रसिका को उस पर बहुत ज़्यादा गुस्सा आ रहा था आखिर उसके नीचे लेटा शख़्स इतना ज्यादा बेवकूफ़ तो नहीं लगता जो ये भी ने समझ सके कि रसिका के कहने का क्या मतलब है?


    रसिका ने गहरी सांस लेकर मुकुल से कहा "I'm sorry for last night and I hope आप भी अपना दिल बड़ा करके मुझ जैसे मासूम सी छोटी सी cute सी लड़की को माफ़ कर देंगे और लास्ट नाइट की सारी बातें भूल जायेंगे।" रसिका ने बुलेट की स्पीड से कहा


    मगर मुकुल के एक्सप्रेशन जस के तस थे। रसिका ने अब अपने अल्फाजों पर ज़ोर देते हुए कहा "आप प्लीज़ कल रात की बातें भूल जाइए अरे कम से कम मूझपर इसलिए ये अहसान कर दीजिए क्योकि मैंने आपको अपना फर्स्ट टाइम दिया है ये भी बिना सोचे कि आपको कहीं वो वाली बीमारी भी हो सकती है चिंता मत करिए मैं भी आफ्टर नाइट पिल्स खा लूंगी और आपके बच्चे भी पैदा नहीं करूंगी क्योंकि मुझे इतनी जल्दी mommy नहीं......"

    अभी रसिका ने इतना ही कहा था कि मुकुल ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुन रसिका का चेहरा गुस्से से तमतमा गया और वो चीखते हुए बोली "what?"




    क्या कहा होगा माहिर ने रसिका को? और क्या अब रसिका और मुकुल के रास्ते हो जाएंगे जुदा ? या होने वाली है एक डिजायरेबल रिश्ते की शुरुआत?

    Reader's आप सब प्लीज़ इस चैप्टर में लाईक और कमेंट्स करना मत भूलना💓💓💓💓

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  • 4. Tera suroor - Chapter 4

    Words: 1147

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे



    "be my woman!" मुकुल ने रसिका की बात बिच में ही काटते हुए कहा


    रसिका को कुछ पल लगे डाइजेस्ट करने के लिए फ़िर वो ज़ोर से चीखी "what?... Are you insane? आप तो बड़े वाले वो निकले मैं कोई ऐसी वैसी लड़की नहीं हूं जिसका ये सब रोज़ का काम होगा।

    अरे मैं तो आपको ढंग से जानती भी नहीं यहां तक की आपका नाम भी नहीं जानती वो तो कल मैं कुछ ज्यादा ही फ्रस्ट्रेटेड थी और मेरा दिमाग़ भी ख़राब था जिसका नतीजा लास्ट नाइट थी। अब आप भी कल की बात भूल जाइए और मुझे भी..." इतना बोलकर रसिका मुकुल के ऊपर से उठी और अपने चारों ओर चादर लपेटकर बॉथरूम के अंदर चली गई।

    उसका पूरा चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ था।

    मुकुल बस बॉथरूम के अंदर जाती हुई रसिका की पीठ को देखता रहा।

    रसिका ने बॉथरूम के अंदर जाकर अपने बदन ने ब्लैंकेट हटाया तो उसकी सुन्दर सी ग्रीन आईज हैरानी से फ़ैल गई।

    रसिका के पूरे बदन पर मुकुल के वहशीपने के निशान थे। रसिका ने आगे पीछे घूमकर ख़ुद को आईने में देखा उसके पूरे बॉडी पर लव बाइट्स के मार्क्स थे जो उसके ग्लास व्हाइट स्किन पर कुछ ज़्यादा ही उभर कर नज़र आ रहे थे।


    "ये आदमी है या कुत्ता? इस उम्र में भी उसके अंदर इतनी ठरक? मन कर रहा है उसके मुंह नोच लू" रसिका ने जमकर मुकुल को कोसा और शॉवर के नीचे खड़ी होकर ख़ुद को अच्छे से क्लीन करने लगी।

    उसे अभी भी अपने लोवर बॉडी में काफ़ी दर्द हो रहा था।

    रसिका ने जब शॉवर ले लिया तो उसे याद आया कि उसके पास तो बदलने के लिए कोई कपड़े ही नहीं है।


    "अब क्या करूं? ऐसी हालत में बाहर जाऊंगी तो कहीं उस भेड़िए ने मुझ जैसी मासूम पर झपट्टा मार दिया तो क्या करूंगी। कुछ सोच रसिका कुछ सोच" रसिका अपने नाखूनों को चबाते हुए ख़ुद से बडबडा रही थी।


    तभी किसी ने उसके बॉथरूम के डोर को नॉक किया।

    डर के मारे रसिका के कंधे ऊंचक गए।

    "इस कपड़े को। ले लो ताकि तुम बाथरूम से बाहर आ सको!" मुकुल की डोमिनेटिंग वॉइस सुन रसिका के कान खड़े हो गए।


    "क्या करूं उससे कपड़े लू? ले ही लेती हु वैसे भी ऑप्शन ही क्या है मेरे पास, अगर अब इस Mr बिलेनियर ने मेरा फायदा उठाना चाहा तो उसके झुनझुने को ही डिस्ट्रॉय कर दूंगी" रसिका ने डिटरमिनेशन के साथ ख़ुद से कहा और बॉथरूम के डोर को थोड़ा से खोलकर उसने उस पॉकेट पर ऐसे झपट्टा मारा जैसे बिल्ली चूहे पर मारती है।

    पॉकेट लेकर रसिका ने मुकुल के मुंह पर दरवाज़ा बंद कर दिया।


    मुकुल ने अपना सिर हिला दिया।


    बॉथरूम के अंदर रसिका ने जब उस पैकेट को खोलकर अंदर रखी ड्रेस को देखा तो उसकी आंखें हैरानी से चौड़ी हो गई।

    ये एक टॉप डिजाइनर की लेटेस्ट ड्रेस थी और जो चीज़ सबसे ज्यादा शॉकिंग थी वो थी उस ड्रेस की साइज जो कि उसके बदन पर परफेक्ट आ रही थी।

    "इसे एक ही रात में मेरा साइज़ कैसे पता चल गया? ज़रूर ये ठरकी Billionaire लड़कियों के साथ मेक आउट करने में काफ़ी एक्सपीरियंस्ड होगा तभी तो इसे मेरा साइज़ इतने अच्छे से पता चल गया। लेकिन जो भी बोलो ड्रेस तो इसने अच्छी मंगवाई है" रसिका ख़ुद से ही बड़बड़ाई


    थोड़ी देर बाद बॉथरूम का दरवाज़ा खुला और रसिका बाहर आई।




    उसने Apricot कलर की Asymmetric Fishtail Dress पहनी हुई थी। जो एक साइड से ऑफ शोल्डर था। उस ड्रेस से उस रसिका का सांचे में ढला परफेक्ट ज़ीरो फिगर काफ़ी उभर कर नज़र आ रहा था

    रसिका के बाल गिले थे जिनसे रिसता पानी उसके एक कंधे पर टपक रहा था। उसके चेहरा बिल्कुल किसी खिले हुए गुलाब की तरह फ्रेश लग रहा था और उसके होठ तो नैचुरली पिंक कलर के थे।


    रसिका की नज़र मुकुल पर गई जो कि उसके सामने अपने हैंड मेड कस्टम सूट में बिलकुल किसी कंपनी के सीईओ की तरह रेडी था।

    उसके बाल प्रॉपर जेल से सेट थे। हाथों में पहनी उसकी महंगी रोलेक्स की वॉच और पैरों में पहने अपने महंगे लेदर सूज में उसका औरा किसी किंग से कम नहीं था।


    एक पल के लिए तो रसिका भी उसके ऊपर से अपनी नज़रें हटा नहीं पाई लेकिन मुकुल की नज़रे ख़ुद पर मेहसूस कर उसके रोंगटे खड़े हो गए

    मुकुल अपनी इंटेंस नज़रों से रसिका को ऊपर से नीचे तक देख रहा था।

    रसिका बिना की मैकअप के भी बेहद खूबसूरत थी जिसे देख एक पल के लिए तो मुकुल को भी अपनी आंखों पर यक़ीन नहीं आया।।


    उसने आज तक एक से बढ़कर एक लड़कियां देखी थी मगर आज तक अगर उसकी नज़रे किसी पर ठहरी और जो लड़की उसके पहली बार क़रीब आई वो रसिका ही थी।

    मुकुल को यूं ख़ुद को ताड़ता देख रसिका को उस पर बहुत ज़्यादा गुस्सा आ रहा था।

    रसिका ने फ्रस्ट्रेशन में गहरी सांस ली और वहां से जैसे ही जाने को हुई की उसे मुकुल की मैग्नेटिक वॉइस सुनाई दी

    "Breakfast कर लो!"


    मुकुल की आवाज़ सुन रसिका के कदम अपनी जगह पर ठिठक गए

    "ये मुझसे पूछ रहा है या मुझे ऑर्डर दे रहा है?" रसिका ने भौहें सिकोड़ ली


    "थैंक यू बट नो थैंक यूं coz मैं ब्रेकफास्ट नहीं कर सकती" इतना बोल रसिका वहां से जाने लगी


    "तुमने मेरे ऑफ़र के बारे में क्या सोचा?" मुकुल का सवाल सुन रसिका ने उसे ऐसे देखा जैसे कि वो किसी पागल को देख रही हो

    मुकुल अपनी ब्लैक कॉफ़ी का सिप लेते हुए उसे ही देख रहा था।

    उसका चेहरा हमेशा की तरह एक्सप्रेशन लेस था मगर उसकी आंखें हद से ज़्यादा गहरी थी।

    रसिका ने अपने सीने पर हाथ बांध लिए और अपने दांतों को किटकिटाते हुए बोली "फर्स्ट एंड लास्ट बार बोल रही हु मैं आपके ऑफ़र में ज़रा भी इंटरेस्टेड नहीं हूं और आप मुझे एक खूबसूरत ख़्वाब समझकर भूल जाइए।

    इस जन्म में तो क्या अगले सात जन्म में भी मेरी तरफ़ से ना है" इतना बोलकर रसिका वहां से पैर पटककर जाने लगी


    अभी उसने डोर हैंडल को पकड़ा ही था कि उसे मुकुल की smirk भरी आवाज़ सुनाई दी "अगले सात जन्म का तो मुझे नहीं पता लेकिन इस जन्म में तो तुम मेरी वूमन बनकर ही रहोगी और यक़ीन मानो अगले दो दिनों के अंदर ही तुम अपनी मर्ज़ी से मेरे पास आओगी मेरा ऑफ़र एक्सेप्ट करने"

    रसिका को उसकी बात सुन अंदर ही अंदर अजीब सा डर लग रहा था जैसे कि कुछ बुरा होने वाला है।


    लेकिन रसिका ने अपनी फीलिंग को इग्नोर किया और दरवाज़े को ज़ोर से बंद करते हुए कमरे से बाहर निकल गई।

    रसिका के जाते ही मुकुल के लबों पर मिस्टीरियस स्माइल आ गई।


    क्या करने वाला है मुकुल अब रसिका के इंकार के बाद? क्या सच में दो दिनों के अंदर रसिका बदल लेगी अपना फ़ैसला और बन जाएगी मुकुल की वूमन?

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  • 5. Tera suroor - Chapter 5

    Words: 1798

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे



    एक बड़ा बांग्ला जिसके बाहर राठी हाउस लिखा हुआ था उसके में इंट्रेस पर रसिका की कैब आकर रुकी


    रसिका कैब से उतरी और उसने ड्राइवर को पैसे दिए

    रसिक अभी हाल में इंटर ही हुई थी कि उसे किसी औरत की कड़क आवाज सुनाई दी

    यह औरत कोई और नहीं बल्कि रसिका की मॉम थी।

    "तुम वापस दिल्ली क्यों आई?" अपनी मॉम के इस सवाल को सुन रसिका के कदम अपनी जगह पर ठिठक गए और उसके होठों पर कड़वाहट भरी मुस्कुराहट तैर गई
    रसिका ने सीढ़ियों की ओर देखा जहां एक क़रीब 50 साल की औरत महंगी साड़ी और सोने की ज्वेलरी से लदी हुई थी।
    उस औरत के चेहरे पर अलग ही गुरूर और रौब नज़र आ रहा था। ये औरत थी रसिका की मां रोहिणी राठी।

    रोहाणी राठी तो एक पल के लिए रसिका को पहचान ही नहीं पाई थी जब पांच साल पहले रसिका कनाडा गई थी तो उसका वेट बहुत ज़्यादा था और अब तो वो एक ज़ीरो फिगर की मालकिन थी।

    "जब बेटी पांच साल बाद घर आती है उससे उसका हाल चाल पूछा जाता है ना कि उससे उसके आने का रीज़न पूछा जाता है" रसिका के लफ्ज़ों में नाराज़गी थी।

    रोहिणी राठी को अपने ग़लत अल्फ़ाज़ के चूज करने का अफसोस हुआ उन्होंने अपने चेहरे पर हल्की स्माइल सजाए रसिका से कहा "अरे बेटा तुम कुछ ज़्यादा ही ओवर थिंकिंग कर रही हो मैं तो बस ऐसे ही बोल रही थी" रोहिणी जी की बात सुन रसिका के फेस एक्सप्रेशन चेंज नहीं हुए।


    "रौनक! रौनक! जाकर रसिका का सामान उसके कमरे में रखवा दो" रोहिणी राठी ने अपने नौकर को आवाज़ दी।


    रौनक एक 35 साल का आदमी था रौनक ने रसिका से उसका लगेज लिया और उसे उसके कमरे में पहुंचा दिया।


    रसिका इंतेज़ार कर रही थी कि कब उसकी मां आकर उसे गले लगाएगी और उसका हाल चाल पूछेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।


    पांच साल पहले भी हालात कुछ ऐसे ही थे और आज भी। रसिका की आंखों में हल्की नमी छा गई जिसे उसे ख़ुद ही पोछना था क्योंकि इस घर में किसी को भी उसके आंसुओं से फर्क नहीं पड़ता था।

    रसिका ने द एमरल्ड से के होटल अपना लगेज पहले ही अपने ठहरे होटल से कलेक्ट कर लिया था।

    रसिका जैसे ही सीढ़ियां चढ़ने को हुई उसे रोहिणी राठी की ऑर्डरिंग वॉइस सुनाई दी "अब जब तुम वापस आ गई हो तो क्यों आज तुम माहिर के बर्थडे पार्टी में हमारे साथ चलो"

    रोहाणी राठी की बात सुन रसिका के कदम अपनी जगह पर ठिठक गए।


    उसके सामने लास्ट नाइट माहिर के दिए धोखे की याद आ गई जिसे सोच उसका खून खौल उठा।

    रसिका ने अभी ना बोलने के लिए अपना मुंह खोला ही था की उसे रोहिणी राठी की आवाज़ दोबारा सुनाई दी "तुम तो जानती ही हो माहिर और उसके दादा जी का बर्थडे आज ही है और वो भी तुम्हें बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। वो तुम्हें देखेंगे तो बहुत खुश हो जायेंगे"


    माहिर के दादा जी का नाम सुन रसिका गहरी सोच में डूब गई। वो माहिर से आज जितनी नफ़रत करती थी उससे कहीं ज़्यादा वो दादा जी की रिस्पेक्ट करती थी और भला वो क्यों उस नीच माहिर की वज़ह से छुपती फिरे।

    "ओके!" रसिका ने कहा और सीढ़ियां से होती हुई अपने कमरे की ओर चली गई



    बजाज मेंशन



    साउथ दिल्ली में बना बजाज मेंशन किसी पहचान का मोहताज नहीं था। कई एकड़ की प्रॉपर्टी में बना बजाज मेंशन काफ़ी आलीशान और लक्जरी था।

    आज वहां सुबह से काफ़ी चहल पहल छाई हुई थी आख़िर आज बजाज फैमिली के छोटे बेटे माहिर बजाज और उसके दादा जी महीपाल बजाज के Birthday की जो पार्टी रखी गई थी।

    हॉल में सोफे पर बैठी Mrs लता बजाज (माहिर की मां) और रुचि बजाज (लता बजाज की बड़ी बहु और रसिका की बड़ी बहन) पार्टी प्लानर्स के काम देख रहे थे।

    "आज की ये पार्टी काफ़ी शानदार होने वाली है मम्मी जी" रुचि ने अपनी सास से कहा

    "क्या तुम्हें कोई शक़ है रुचि आफ्टरऑल ये बजाज फैमिली की पार्टी है शानदार तो होगी ही" लता बजाज ने घमंड से कहा

    रुचि ने भी हा में अपना सिर हिला दिया।


    तभी उन्हें सीढ़ियों से नीचे उतारते हुए दादा जी महीपाल बजाज के साथ माहिर नज़र आया।


    माहिर बजाज एक हैंडसम 26 साल का शख़्स था। जिसकी शादी बचपन से ही रसिका के साथ तय कर दी गई थी।


    "Happy birthday दादा जी" रुचि ने अपनी स्वीट सी वॉइस में कहा और झुककर महिपाल जी के पैर छुए

    "खुश रहो बेटा दूतों नहाओ पूतों फलों!" महिपाल जी ने खुशी से आशीर्वाद दिया


    रुचि उनके आशीर्वाद देने पर हल्का सा मुस्कुरा दी।


    "Happy birthday देवर ji" रुचि ने माहिर को विश किया तो माहिर ने झुककर रुचि के पैर छू लिए


    रुचि ने माहिर को उठाते हुए कहा "अरे देवर जी आप भी न"

    "अरे भाभी आप तो जानती है न भाभी मां समान होती है तो बस इसीलिए आपके पैर छू रहा हू" माहिर ने eye विंक करते हुए कहा तो सब मुस्कुरा दिए


    "Happy birthday पापा ji" लता बजाज ने महिपाल जी को विश किया फिर अपने छोटे बेटे को भी।

    "वैसे आपके बड़े साहबजादे कहा है?" महिपाल जी ने लता बजाज से सवाल किया

    "जी पापा जी आप तो जानते है न उसकी सुबह काम से होती है और रात भी काम पर खत्म होती है। कल रात तो वो ऑफिस में ही रुक गया क्योंकि आज सुबह उसे urgently अपने फौरेन क्लाइंट के साथ मीटिंग जो अटेंड करनी थी" लता बजाज ने कहा

    "पता नहीं उसके ज़िंदगी में उसे काम के अलावा कुछ दिखाई देता भी है या नहीं" महिपाल जी ने गहरी सांस लेकर कहा

    उन्हें रुचि के लिए काफ़ी बुरा फील हो रहा था और अपने बड़े पोते पर काफ़ी गुस्सा भी आ रहा था।


    रात का वक़्त

    बजाज मेंशन

    तमाम डिकोरेशंस से जगमगाता बजाज मेंशन आज पूरे दिल्ली का सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बना हुआ था।

    आज वहा होने वाली बर्थडे पार्टी में बड़े बड़े बिजनेसमैन से लेकर बड़े बड़े राजनेता और बॉलीवुड एक्टर्स भी शिरकत करने वाले थे।

    बाहर इंट्रेस पर बड़े बड़े नारियल के पेड़ों पर झगमगती लाइटे लड़ियो की तरह लपेटी गई थी। जो देखने आई कैचिंग थी।

    वहीं अंदर हॉल में पूरा बजाज परिवार पार्टी में आए मेहमानों से मिल रहा है।


    माहिर के डैड मानिक बजाज भी शाम को ही अपने बिजनेस ट्रिप से वापस आ चुके थे।


    रुचि ने आज वाइन कलर की मैक्सी ड्रेस पहनी हुई थी अपने बालों की सुन्दर सी hairstyle किए वो आज काफ़ी ब्यूटीफुल दिख रही थी।


    27 साल की रुचि इंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज की जानी मानी एक्ट्रेस थी जिसे एक्टिंग का A भी नहीं आता था लेकिन बजाज फैमिली के नाम पर ही आज वो इंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज में बनी हुई थी।

    लता जी ने भी बेहद महंगी एंब्रायडरी वाली फेमस डिजाइनर की साड़ी पहनी हुई थी। उनके नेचर में ही उनका रुतबा और रसूख साफ नज़र आता था। उनके ठीक बगल में ही उनके पति मानिक बजाज अपने बिज़नेस पार्टनर्स से बात कर रहे थे।


    वहीं माहिर ने भी आज नेवी ब्लू कलर का सूट पहना हुआ था। जिसमें वो आज काफ़ी हैंडसम लग रहा था।

    "तुम्हारा भाई कब आएगा?" दादा जी ने माहिर के कान में फुसफुसाते हुए सवाल किया


    "वो अपना काम कंप्लीट कर निकल चुके है बस आते ही होंगे" माहिर ने धीमी आवाज़ में कहा


    महिपाल जी ने दांत पीस लिए
    "बस काम काम काम काम इस लड़के को काम के अलावा कुछ नज़र भी आता है क्या, जब देखो तब काम ना फैमिली को टाईम देता है और न बहु को। अगर टाईम देता तो आज मैं अपने पोते पोतियों को खिला रहा होता" महिपाल जी ने रुचि की ओर देखते हुए माहिर से कहा

    माहिर ने भी अपना सिर हिला दिया।


    तभी उन दोनों की नज़रे हॉल इंट्रेस से आती हुई राठी फैमिली पर गई जहां से Mr रमन राठी और Mrs रोहिणी राठी आ रहे थे। Mr रमन राठी और Mrs रोहिणी राठी ने माहिर और दादा जी को उनके जन्मदिन की बधाई दी और अपने साथ लाए हुए गिफ्ट हैंपर्स भी वहा रखवा दिए।

    तभी रोहिणी राठी अपने आस पास किसी को ढूंढने लगी।

    "क्या आप किसी को ढूंढ रही है आंटी?" माहिर ने कन्फ्यूजन से सवाल किया

    रोहिणी राठी ने अपनी नज़रे आस पास दौड़ाते हुए कहा "हां वो रसिका...,,," अभी रोहिणी राठी ने इतना ही कहा था कि उनकी नज़र दरवाज़े से आती हुई रसिका पर गई और उन्होंने मुस्कुराकर कहा "वो रही मेरी बेटी रसिका राठी। मैं उसी का इंतज़ार कर रही थी। वो आज ही कनाडा से वापस आई है" रोहिणी राठी की बात सुन पूरे बजाज फैमिली ने उस ओर देखा तो उनकी आँखें मानो उस हसीना पर जम सी गई।


    रसिका ने आज मरून कलर की शोल्डर स्ट्रैप बॉडीकॉन ड्रेस पहनी हुई थी। उसने अपने बटरफ्लाई कट में कटे बालों को खुला रखा हुआ था जो उसकी पूरी पीठ पर बिखरे हुए थे। आंखो में लगा उसका हल्का शिमर आई मेकअप और होठों पर लगी उसकी रेड मैट लिपस्टिक में आज वो कहर ढा रही थी।



    उसके फेयर ग्लास व्हाइट स्किन पर उसकी मरून ड्रेस काफ़ी जम रही थी। उसे देखकर पार्टी हॉल में मौजूद हर शख़्स की आंखें कुछ पल के लिए उस पर थम सी गई।

    वही रसिका की जिन आंखों में थोड़ी देर पहले सूनापन था अब वहां माहिर को देखकर सिर्फ़ गुस्सा और नफ़रत दिखाई दे रही थी।

    वही माहिर तो आंखें फाड़े सिर्फ़ रसिका को ही देख रहा था उसे अपने आस पास रसिका के अलावा कुछ नज़र नहीं आ रहा था।


    उसने पिछले पांच सालों से रसिका को देखा ही नहीं था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वो ओवर वेट लड़की पांच सालों बाद बला की खूबसूरत दिखने लगेगी।


    लेकिन अब उसका दिल अलग ही ख़ुशी महसूस कर रहा था आखिर वो उसकी फिओंसे जो थी।

    "Happy birthday दादू" रसिका ने महिपाल जी के गले लगते हुए कहा

    "थैंक यू मेरी डॉल कैसी हो तुम?" दादा जी ने रसिका के माथे को चूमते हुए कहा

    "एकदम मस्त" रसिका ने खिलखिलाकर हंसते हुए जवाब दिया।


    रसिका मुस्कुराई तो माहिर के होठों पर भी हल्की स्माइल आ गई।


    तभी हॉल में एक बार फिर खुसुर फुसुर स्टार्ट हो गई। महिपाल जी की नज़र जब हॉल इंट्रेस पर पड़ी तो उनकी आँखें चमक उठी।

    "लो आ गए इस घर के बड़े चिराग़ रसिका देखो मेरा बड़ा पोता और तुम्हारे जीजा जी आ गए" महिपाल जी ने रसिका के पीछे की ओर इशारा करते हुए कहा


    रसिका भी मुस्कुराकर पीछे मुड़ी और उसकी मुस्कुराहट धीरे धीरे बुझ गई

    अपने ठीक सामने मौजूद शख़्स को देख रसिका के तो पैरों तले जमीन ही खिसक गई।

    वही उसके सामने मौजूद शख़्स के होठों पर रसिका को देख तिरछी स्माइल आ गई।


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  • 6. Tera suroor - Chapter 6

    Words: 1467

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे




    "Meet my big bro Mukul Bajaj the CEO of MB कॉरपोरेशन..." माहिर ने रसिका के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा


    इस वक्त रसिका का हाल तो ऐसा था जैसे किसी ने उसके ऊपर खौलता हुआ तेल डाल दिया हो।

    माहिर के कहे गए शब्द रसिका के कानों में किसी गर्म पिघले हुए शीशे की तरह लगे। जिससे वो अंदर तक झुलस उठी।


    "क्या मैंने अपनी बेवकूफी की वज़ह से अपने ही जीजू के साथ वन नाइट स्टैंड कर लिया? अपनी ही दी की शादीसुदा ज़िंदगी में थर्ड वील बनने की कोशिश की?" रसिका ये सारे सवाल ख़ुद से ही मन ही मन कर रही थी।


    उसका पूरा चेहरा सफ़ेद पड़ गया था। जैसे उससे उसकी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा गुनाह हो गया हो।

    मुकुल ने आज ब्लैक टक्सीडो पहना हुआ था। प्रॉपर जेल से सेट बाल, हल्की बियर्ड, हाथ में पहनी महंगी रिस्ट वॉच, डायमंड कफलिंक्स और ब्लैक लेदर शूज पहने मुकुल आज बहुत ज्यादा हैंडसम दिख रहा था जिस पर से कोई चाहकर भी अपनी नज़रे नहीं हटा पा रहा था।




    उसका औरा जितना ज़्यादा कोल्ड था वो उतना ही ज़्यादा अट्रैक्टिव भी था। लड़किया तो बस उसे देखती ही रह गई।


    वहीं रसिका के चेहरे के उड़े हुए रंग को देखकर मुकुल के होठों पर डेविल स्माइल आ गई।

    मुकुल ने handshake के लिए अपना हाथ रसिका की ओर बढ़ाया "हेलो! मिस????"

    "रसिका राठी एंड फ्यूचर Mrs रसिका माहिर बजाज" रुचि ने मुकुल के बाजुओं में हाथ डालते हुए कहा

    रुचि बड़ी प्यार भरी नजरों से मुकुल की ओर देख रही थी।

    रुचि की आवाज़ से मानो रसिका अपने सेंस में आई और उसने मुकुल से हाथ जोड़कर नमस्ते कर लिया।

    मुकुल ने अपने बढ़े हुए हाथ को पीछे खींच लिया


    वहीं वहां मौजूद फैमिली मेंबर्स रसिका को अजीब नज़रों से देखने लगे।


    "जब मुकुल ने हैंडशेक के लिए अपना हाथ बढ़ाया तो तुमने क्या मिडिल क्लास लोगों की तरह अपने हाथ जोड़ लिए?" रोहिनी राठी ने धीमी आवाज़ में रसिका से कहा

    रसिका ने हैरानी से अपनी मॉम की ओर देखा "ये आप क्या कह रही है मॉम नमस्ते करना कब से down मार्केट थिंग हो गया? ये तो हमारा इंडियन कल्चर है। हम कितने भी माडर्न क्यों ना हो जाए अपने संस्कार अपने नेचर में लाना कोई बुरी बात तो नहीं और मिडिल क्लास सोसाइटी में रहने वाले लोग भी इंसान ही होते है वो भी हमारी तरह सांस लेते है हमारी तरह खाना खाते है और उनके भी शरीर में खून दौड़ता है पानी नहीं" रसिका ने सॉफ्ट वॉइस में अपनी मां से कहा

    रोहिणी राठी ने अपने होठ भींच लिए।

    "क्या बात है बेटा तुम्हारे उम्र से काफ़ी बड़े तुम्हारे संस्कार है" महिपाल जी ने रसिका के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा

    रसिका हल्का सा मुस्कुरा दी।


    "रसिका भले तुम्हारी बातें सही है लेकिन तुम तो ऐसा बोल रही हो जैसे मॉम के पास संस्कार ही नहीं। आख़िर तुम्हें भी तो संस्कार उन्हीं ने दिए होंगे कौनसा तुमने ये सब कनाडा से सिखा है" रुचि ने रसिका को समझाते हुए कहा

    इस वक्त उसके चेहरे पर स्वीट सी स्माइल थी लेकिन उसकी आंखें कुछ अलग ही बयां कर रही थी।

    वही दादा जी माहिर और रमन राठी के फेस एक्सप्रेशन देख कोई भी बता सकता था कि उन्हें रुचि का रसिका को ऐसा बोलना बिल्कुल पसंद नहीं आया।


    "क्या आप दोनों ने केक कट कर लिया?" मुकुल ने अपने दादा जी और माहिर से पूछा

    "हा ब्रो बस आपका ही इंतेज़ार था"

    "चलो मुकुल तुम आ गए तो केक भी कट कर करे है"

    माहिर और महिपाल जी ने कहा


    लता बजाज ने सर्वेंट्स को इशारा किया। सर्वेंट उनका इशारा मिलते ही किचन की ओर चला गया।


    थोड़ी देर बाद वहां एक लंबी चौड़ी ट्रॉली लेकर चार सर्वेंट्स आए।

    उसमें करीब दस अलग अलग साइज़ के केक्स थे और बीच में छ मंजिला केक था। जो देखने में बेहद डिलीशियस दिख रहा था।

    रसिका को अपने आस पास ही रही किसी भी मूवमेंट में कोई इंटरेस्ट नहीं था। उसके दिमाग़ में तो मुकुल के साथ बिताई उसकी पैसेनेट नाइट ही किसी रोलर कोस्टर की तरह याद आ रही थी।

    "Let's go baby" माहिर ने रसिका की कमर में हाथ डालते हुए कहा


    माहिर के छूते ही रसिका हक़ीक़त में वापस आई।

    रसिका को माहिर के टच से घिन आ रही थी।

    "मैं खुद भी चलकर वहां तक जा सकती हु Mr माहिर बजाज" रसिका ने अपनी कमर से माहिर के हाथ को हटाते हुए कहा और वहां से आगे बढ़ गई

    उनके जस्ट पीछे खड़े मुकुल जिसकी नज़रे रसिका के कमर में माहिर के हाथ डालते ही ठंडी हो गई थी वो रसिका के उसे हटाते ही बिल्कुल शांत हो गई।

    वहीं माहिर का तो चेहरा रसिका के इस बिहेव से पिला पड़ गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि क्या ये वहीं रसिका थी जो पांच साल पहले तक उसके आगे पीछे अटेंशन पाने के लिए घूमती रहती थी वो आज उससे इतना रूड बिहेव कर रही थी।

    लेकिन जो चीज़ माहिर को सबसे ज्यादा खटक रही थी वो थे रसिका का उसे Mr माहिर बजाज कहना वरना वो उसे हमेशा आहिर कहती था न कि उसे उसके पूरे नाम से बुलाती थी।

    "मैंने इसे जो पांच सालों तक इग्नोर किया शायद उसी का बदला ले रही है चलो कोई बात नहीं इस ज़ालिम हसीना की बेरुखी भी सह लेंगे आख़िर आना तो इसे मेरी ही बाहों में है। क्या क़िस्मत पाई है तूने माहिर तू जिसे यूजलेस और बोझ समझ रहा था उसकी चमक के आगे तो यहां मौजूद हर तितलियां फीकी है" माहिर ने शैतानी मुस्कुराहट के साथ खुद से कहा और रसिका के पीछे बढ़ चला गया।

    दादा जी और माहिर ने एक साथ केक कट किया तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

    रसिका को बहुत देर से ख़ुद को ऊपर किसी के गहरी नज़रों की तपिश महसूस हो रही थी उसने आस पास अपनी नज़रे दौड़ाई अचानक उसकी सी ग्रीन किसी की डार्क आईज से जा टकराई जो बिना पलकें झपकाए एक तक रसिका को ही देख रहा था।

    रसिका की नज़र ख़ुद की ओर पाते ही मुकुल ने रसिका को देख आई विंक कर दिया तो रसिका झेप गई। वो तुरंत अपनी नज़रे इधर उधर करने लगी।

    वो अभी तक ये बात ही डाइजेस्ट नहीं कर पा रही थी कि वो अपनी ही बहन के पति के साथ इंटीमेट हो चुकी हैं

    "मुझे नहीं पता था कि ये ठरकी आदमी मेरा जीजा है क्योंकि मैंने ना रुचि दी कि शादी अटेंड की थी और ना किसी ने मेरे पास उनकी कोई तस्वीर सेंड की थी लेकिन क्या इन्हें भी नहीं मालूम था कि मैं इनकी साली हूं। लेकिन जो भी हो मैंने अपनी ही बहन को अंजाने में ही सही हर्ट किया है" रसिका ने रुचि की ओर देखते हुए मन ही मन ख़ुद से कहा

    माहिर जब रसिका को केक खिलाने को हुआ तो रसिका ने उसे मना कर दिया।

    रसिका की रुडनेस देख माहिर ने जबड़े कस लिए।

    थोड़ी देर बाद वापस सब पार्टी में बिजी हो गए। रसिका को उस एसी हॉल में भी सफोकेशन हो रही थी

    रसिका ने तिरछी नजरों से मुकुल की ओर देखा जो बार काउंटर से टेक लगाए अपने दोस्त रेहान ध्रुव और वरुण के साथ बातें कर रहा था, लेकिन उसकी इंटेंस नज़रे रसिका पर ही जमी हुई थी। जिससे अब रसिका इरिटेट हो रही थी।

    रसिका किसी को बिना बताएं ही उस हॉल से बाहर चली गई। मुकुल जाती हुई रसिका को ही देख रहा था।


    क़रीब आधे घंटे बाद रसिका को फर्स्ट फ्लोर की गैलरी में किसी से कॉल पर बात करता हुआ मुकुल दिखाई दिया।

    रसिका के पैर शेक हो रहे थे। रसिका की आंखे इस वक्त बुरी तरह लाल थी। मुकुल को जब अपने पीछे किसी के कदमों की आहट सुनाई दी तो उसने भी कॉल कट कर दी।


    मुकुल ने पीछे मुड़कर देखा जो वहां रसिका खड़ी थी।

    मुकुल ने रसिका को अपनी एक आईब्रो रेस करते हुए देखा मानों पूछ रहा हो क्या काम है तुम्हें?

    रसिका मानो जैसे उसका सवाल समझ गई।
    रसिका ने अपने चेहरे पर आ रही बालों की लट को कान के पीछे किया और थोड़ा हिचकिचाते हुए बोली "I'm ready to accept your offer and i want to be your woman...!"

    क्या है रसिका के इस फैसले के पीछे की वजह? क्या मुकुल की वूमन बनकर रसिका करने वाली है अपने ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती और अब क्या करेगा मुकुल रसिका के साथ? आख़िर अपनी बीवी के होते हुए भी मुकुल क्यों बनाना चाहता है रसिका को अपनी वुमन?

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  • 7. Tera suroor - Chapter 7

    Words: 1980

    Estimated Reading Time: 12 min

    अब आगे


    पार्टी हॉल से बाहर निकलकर रसिका बाहर गार्डन में टहल रही थी।

    उसके दिमाग़ में बार बार माहिर के साथ बिताए उसके सारे लम्हें याद आ रहे थे। उसके ज़िंदगी का बचपन से एक ही सपना था माहिर की बीवी बनने का।

    उसके नेचर से इंप्रेस होकर महिपाल जी ने उसकी और माहिर की शादी बचपन में तय कर दी थी। उस वक्त वो सिर्फ 10 साल की थी और माहिर 16-17 साल का।

    उन दोनों को ही शादी का मतलब नहीं पता था लेकिन वो दोनों ही एक दूसरे के दोस्त थे इसलिए उन्हें भी ये सब अच्छा लगा था।


    लेकिन वक्त के साथ माहिर की दोस्ती कमज़ोर होती गई जिसका रीज़न था अचानक रसिका का वेट गेन होना।

    रसिका ने अपने खाने पर बहुत कंट्रोल किया और जमकर एक्सरसाइज भी की फ़िर भी उसका वेट लगातार बढ़ रहा था।

    फ़िर पांच साल पहले अपनी ही दी रुचि के कहे तीखे अल्फ़ाज़ "रसिका तुम्हारे इस मोटे भद्दे शरीर की वजह से कहीं मेरी शादी ना टूट जाए कहीं मेरे होने वाले हसबैंड को ये न लगे कि मैं भी तुम्हारी तरह मोटी हो जाऊंगी इसलिए तुम यहां से बाहर चली जाओ तुम कनाडा आंटी के पास चली जाओ और वहीं जाकर अपनी स्कूलिंग करों"

    अपनी दी की बातें सुन मासूम सो रसिका ने उम्मीद भरी नजरों से अपने मॉम डैड की ओर देखा जिन्हें वो बिल्कुल छोड़कर नहीं जाना चाहती थी लेकिन उन्होंने भी रुचि की बात को सपोर्ट करते हुए रसिका से कहा "हा रसिका तुम्हारी दी बिल्कुल ठीक कहा रही है तुम यहां रहकर अपनी दी के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकती हो तो बैटर होगा तुम कनाडा चली जाओ"

    अपने पैरेंट्स की बात सुन रसिका का दिल हज़ार टुकड़ों में टूट गया लेकिन उसने उनसे कुछ ना कहा और हा में अपना सिर हिलाकर अपने कमरे में चली गई।

    अपने कमरे में आकर रसिका दरवाज़ा बंद कर उस रोज़ बहुत रोई थी।

    14 साल की रसिका उस रोज़ एयरपोर्ट पर माहिर के आने का इंतज़ार कर रही थी लेकिन उसे सी ऑफ करने माहिर तो क्या उसके ख़ुद के फैमिली के कोई मेंबर भी नहीं आए थे। बस उसे एक सर्वेंट के थ्रू कनाडा भेज दिया गया था।


    ये सब याद करते हुए रसिका ने गहरी सांस ली उसके आंखों के कोर गीले हो चुके थे।

    रसिका ने गहरी सांस ली और मुड़कर जैसे ही वहां से जाने को हुई उसकी आइब्रोज सिकुड़ गई।


    रसिका ने मुड़कर मेंशन के पीछे कोने में बने outhouse की ओर देखा जहां उसने शायद रुचि को जाते देखा था लेकिन अब वहां कोई नहीं था।


    "क्या वो दी थी? अरे नहीं वो वहां क्या करेंगी वो तो...." रसिका अभी इतना ही सोच पाई थी कि उसे अपनी नज़रे आस पास दौड़ाते हुए उस ओर जाता हुआ माहिर दिखाई दिया।


    माहिर ने एक नज़र फिर से चारों ओर दौड़ाई इस बार रसिका झाड़ियों के पीछे छुप गई और माहिर की एक्टिविटी को ऑब्जर्व करने लगी।

    माहिर जब कन्फर्म हो गया कि किसी ने उसे नहीं देखा तो वो भी outhouse के अंदर चला गया।


    "ये लीचड़ इंसान इस वक्त outhouse के अंदर क्यों जा रहा है ? और वो लड़की? क्या वो सच में रुचि दी थी या कोई और? मुझे एक बार देखना चाहिए" रसिका ने ख़ुद से कहा और माहिर के पीछा करती हुई वो भी outhouse की ओर चली गई।


    रसिका ने दरवाज़े को धक्का देना चाहा "शीट! ये दरवाज़ा अन्दर से बंद है अब क्या करूं..." रसिका बंद दरवाज़े को देख झुंझला उठी।

    तभी उसकी नज़र खिड़की पर गई जिसे देखकर उसकी सी ग्रीन आंखें चमक उठी।

    रसिका उस ओर बढ़ी। वो खिड़की भी अंदर से लॉक थी लेकिन वो खुदकी थोड़ी डैमेज थी जिस वजह से रसिका। डैमेज हिस्से से अंदर का नज़ारा देख सकती थी।

    रसिका ने जेसे ही अंदर का नज़ारा देखा वो अपनी जगह बर्फ सी जम गई।

    उस कमरे के अंदर माहिर और रुचि एक दूसरे को किस कर रहें थे। ये नज़ारा देख उसके पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई।

    अचानक उसके होठों पर कड़वाहट भरी मुस्कुराहट तैर गई। "जैसी बीवी वैसा पति" रसिका ने उन दोनों को देख नफ़रत से कहा और जैसे ही वहा से जानें को हुई उसके कानों में रुचि की कहीं गई बात सुनाई दी

    "क्या तुम्हारा अब मुझसे दिल भर गया है माहिर जो तुम यूं उल्लुओं की तरह उस भैंस I mean तुम्हारी सो कॉल्ड फायोंसे को लार टपकाते हुए देख रहे थे। क्या मैं तुम्हें अच्छे से सेटिस्फाई नहीं करती?" रुचि ने गुस्सा जताते हुए माहिर से कहा


    माहिर ने प्यार से रुचि के चेहरे को थामा और उसके होठों को स्मूच करते हुए रुचि से बोला "तुम ऐसा कैसे बोल सकती हो भाभी जी उप्स my bed पार्टनर। तुम्हारी जगह कोई नहीं ले सकता आख़िर तुमसे ज़्यादा अच्छा कोई मुझे सेटिस्फाई थोड़ी कर सकता है। बेड पर तुम्हारी परफॉर्मेस लाज़वाब रहती है।

    जहां तक बात है उस रसिका की तो ये बात तो तुम भी जानती ही हो कि अगर मैंने उस रसिका से शादी नहीं की तो दादू मुझे मेरे हिस्से के 40% शेयर्स नहीं देंगे और हमेशा के लिए इस घर का नौकर ही बनकर रह जाऊंगा

    तुम तो जानती ही हो मेरी फैमिली की नज़र में उनके Mr परफेक्ट बेटे द ग्रेट मुकुल बजाज के अलावा उन्हें कोई नजर भी आता है। मैं जब भी फ्रस्ट्रेशन में रहता हु तुम्हारी ये हॉट बॉडी ही मेरी वाइल्डनेस झेल पाती है"

    "एंड I love your wildness" रुचि भी माहिर को आई विंक करते हुए कहा

    "पता नहीं तुम्हारे तुम्हारे उस बुड्ढे दादू का दिमाग़ क्या घास चरने गया था जो उसने उस अनाथ रसिका की शादी तुमसे तय कर दी। अरे हमें तो आज तक उसके असली मां बाप का भी पता नहीं चला पता नहीं किसका गन्दा खून है" रुचि ने मुंह बनाते हुए कहा

    रुचि की बात सुन रिदा के तो पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई। "क्या मैं राठी फैमिली की बेटी नहीं हूं?" रसिकाने ख़ुद से कहा

    तभी उसकी नज़र रुचि पर गई जो अब शायद उस कमरे से निकलने वाली थी।

    उसे बाहर आते देख रसिका तुरन्त वहा से चली गई इससे पहले की रुचि उसे देख पाती वो वहा से जा चुकी थी।

    "क्या यहीं रीज़न है कि मां....(फ़िर अपने अल्फाजों को करेक्ट करके) Mr & Mrs राठी मुझसे यूं सौतेले सा बिहेव करते है? क्योंकि मैं उनका ख़ून नहीं हूं! तो उन्होंने मुझे पाला क्यों जब उन्हें मेरी ज़रूरत ही नहीं थी और ये रुचि राठी! इसने सब जानते हुए भी कि मैं माहिर से कितना प्यार करती हूं इन्होंने मुझसे मेरे प्यार को छीना

    ओह सॉरी वो प्यार तो मेरा हमेशा से एक तरफा ही था।
    बस बहुत हुआ अब मैं किसी को भी अपनी फीलिंग के साथ खेलने नहीं दूंगी। सबने मेरे पीठ पीछे बहुत धोखा दिया अब उन्हें जवाब देने की बारी मेरी है" रसिका ने आंखों में चिंगारी लिए कहा

    पार्टी हॉल में आकर रुचि ने नज़र दौड़ाई तो उसे सीढ़ियों से ऊपर जाता हुआ मुकुल नज़र आया।


    "क्या तुम सच में श्योर हो कि तुम मेरी वूमन बनना चाहती हो?" मुकुल की आवाज़ सुन रसिका अपने ख्यालों से बाहर आई और उसने मुकुल की ओर देखा जो उसे बात करता हुआ उसके बेहद क़रीब आ चुका था।



    मुकुल को ख़ुद के इतने क़रीब देख रसिका हड़बड़ा गई वो जैसे ही अपने कदम पीछे लेने को हुई मुकुल ने उसकी कमर में हाथ डाल उसे खुद से चिपका लिया।

    इस वक्त रसिका के दोनों हाथ मुकुल के सीने पर थे और उसका पूरा बदन मुकुल से चिपका हुआ था।


    मुकुल की गर्म सांसे रसिका अपने चेहरे पर फील कर सकती थी जिस वजह से उसका दिल जोरो से धड़कनें लगा।।

    मुकुल भी रसिका की नर्वसनेस साफ़ फील कर सकता था। उसने हौले से अपने हाथ से रसिका की कमर को सहलाया तो रसिका सिहर उठी।

    रसिका ने मुकुल की कोट को अपनी मुट्ठियों में भर लिया।


    उसकी धड़कनें अब बुलेट ट्रेन की स्पीड से दौड़ने लगी।
    वही मुकुल की नज़र तो रसिका के ऊपर नीचे होते सीने पर था। और रसिका की क्लीवेज से झांकता उसका काला तिल तो मुकुल को अपनी ओर इनवाइट कर रहा था।

    मुकुल ने एक ठंडी आह भरी और रसिका को अपनी बाहों के घेरे से रिहा कर दिया।

    वो ऐसा करना तो बिल्कुल नहीं चाहता था लेकिन अगर वो ऐसा नहीं करता तो शायद वो अपना कंट्रोल लूज कर देता।


    मुकुल से छूटते ही रसिका ने चैन की सांस ली। मुकुल की बाहों में तो वो सांस भी नहीं ले पा रही थी।

    "क्या तुम स्योर हो कि तुम मेरी वूमन बनना चाहती हो?" मुकुल ने अपनी शांत मगर गहरी आवाज में कहा

    अपने लिए मुकुल की वूमन नाम का शब्द सीधा रसिका के दिल पर लगा लेकिन रसिका ने अपना फेस एक्सप्रेशन नॉर्मल बनाए रखा।

    रसिका ने अपनी लंबी घनी पलकों को उठाकर मुकुल की ओर देखा जो अपने पैंट की जेब में हाथ डाले उसे ही देख रहा था


    मुकुल इस वक्त रसिका को किसी विरासत के राजा की तरह लग रहा था और रसिका उसके सामने भीगी बिल्ली से कम नहीं थी।

    रसिका ने हा में अपना सिर हिलाते हुए कहा "जी बिल्कुल मैं अपने फैसले को लेकर श्योर हू लेकिन ये डील दो तरफा होगी"

    रसिका की बात सुन मुकुल के माथे पर हल्की शिकन उभर आई लेकिन उसने रसिका से कुछ कहा नहीं।


    रसिका ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा "मैं आपको कल सोच समझकर अपनी कुछ शर्ते बताऊंगी जिन्हें आपको मानना होगा और हमारे बीच ये एक साल का रिश्ता एक कॉन्ट्रेक्ट पेपर में लिखा हुआ होगा जिसपर हम दोनों ही साइन करेंगे। मैं नहीं चाहती कि फ्यूचर में मुझे और आपको किसी मुसीबत का सामना करना पड़े" रसिका ने एक ही सांस में सब कुछ कह दिया और टुकुर टुकुर मुकुल को देखने लगी मानो उसके जवाब का इंतज़ार कर रही ही।

    "Okay!" मुकुल ने एक वर्ड में कहा

    रसिका को यकीन नहीं हो रहा था कि मुकुल ने उसकी बात कैसे मान ली।

    लेकिन मुकुल के आगे की बात सुनकर रसिका के कान उल्लू की तरह खड़े हो गए।

    "तुम्हें ये प्रूफ करना होगा कि तुम मेरी वूमन बनने के लिए तैयार हो" मुकुल की बात सुन रसिका ने उसे हैरानी से देखा लेकिन अब मुकुल ने उससे कुछ कहा नहीं बल्कि उसका हाथ थामे उस मेंशन के सीक्रेट डोर से बाहर निकल गया जो कि उस मेंशन के बैकयार्ड में खुलता था।


    वहां पहले से एक ब्लैक कार खड़ी थी जिसके ड्राइविंग सीट का डोर खोलकर मुकुल अंदर बैठा तो रसिका को भी मजबूरन पैसेंजर सीट पर बैठना पड़ा।


    रसिका ने रोहिणी राठी को मैसेज कर दिया था कि उसकी फ्रेंड चाहत की तबीयत ठीक नहीं तो वो आज रात उसकी केयर के लिए उसके फ्लैट जा रही है। रसिका जानती थी कि उसकी मॉम को इस बात से कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा कि रसिका किसी फ्रेंड के घर जा रही है या किसी कोठे।

    हुआ भी कुछ ऐसा ही कुछ सेकंड हीं बीते थे अभी मैसेज सेंड हुए के दूसरी ओर से "ओके" का मैसेज आ गया।

    रसिका के होठों और कड़वाहट भरी मुस्कुराहट तैर गई और वो विंडो के बाहर देखने लगी।

    मुकुल जो तिरछी नजरों से रसिका की ओर देख रहा था उसने अचानक कार रोक दी।

    रसिका उसके कार रोकने से विंडो के बाहर देखने लगी। इस वक्त वो दोनों किसी सुनसान सड़क पर थे।


    रसिका को जब आस पास दूर दूर तक कोई घर या कॉटेज नज़र नहीं आया तो उसने मुड़कर मुकुल की ओर देखा।

    "आआआआ" रसिका ज़ोर से चीखी क्योंकि मुकुल इस वक्त उसके बेहद क़रीब आ गया था।

    मुकुल ने रसिका के मुंह पर हाथ रखा और उसके चेहरे से होता हुआ उसके बदन को देखते हुए मदहोशी भरे लहज़े से बोला "I want you now Kitten"

    मुकुल की बात सुन रसिका की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई और अगले ही पल उसकी चीख निकल गई।






    *Reader's अब शुरू होगा रसिका और मुकुल #RaKul के डिजायर का सफ़र।

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  • 8. Tera suroor - Chapter 8

    Words: 1111

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे



    मुकुल के ऐसा कहने पर रसिका हैरानी से उसकी ओर देखने लगी।

    उसका दिल जोरो से धड़क रहा था जो कि नर्वसनेस की वज़ह से था। वरना उसके दिल में मुकुल के लिए कोई फीलिंग नहीं थी न गुस्सा न प्यार न कुछ और।


    "रसिका अगर तुझे रुचि राठी और माहिर से बदला लेना है तो इसमें तेरी मदद सिर्फ़ मुकुल बजाज ही कर सकता है। इसे बस तेरा जिस्म चाहिए और तुझे माहिर और रुचि की बर्बादी। भले उन्हें बर्बाद करने के लिए मैं खुद ही क्यूं ना बर्बाद हो जाऊ" रसिका ने मन ही मन डिसाइड किया।

    रसिका को कोई रिएक्शन न देता देख मुकुल ने स्मर्क करतें हुए कहा "मुझे पहले से ही पता था तुम इन सबके लिए बिल्कुल रेडी नहीं हो।" मुकुल इतना बोल जैसे ही कार ऑन करने को हुआ रसिका ने मुकुल के उस हाथ पर हाथ रख दिया जो स्टीयरिंग व्हील पर था।

    मुकुल ने एक्सप्रेशनलेस फेस के साथ रसिका की ओर देखा।

    रसिका मुकुल की गोद में आकर बैठ गई। मुकुल उसके इस एक्शन से हैरान था मगर उसने अपना फेस एक्सप्रेशन लेस ही बनाए रखा।

    "मैंने कहा न कि मैं अपने फैसलों से नहीं पलटती और अपनी ये लाईन मैं आपको प्रूफ भी करूंगी" रसिका ने मुकुल के गले में अपनी गोरी बाहें डालते हुए कहा

    इसी के साथ उसने आगे बढ़कर अपने मुलायम लबों को मुकुल के डार्क लिप्स के पर रख दिया और उसे किस करने लगी।

    रसिका को अभी भी ठीक से किस करना नहीं आता था लेकिन वो अपना 100% एफर्ट्स दे रही थी।


    मुकुल ने रसिका के सिर के पीछे अपना हाथ रखा और उसे वाइल्डली किस करने लगा।


    रसिका के दोनों हाथ मुकुल के बालों में उलझे हुए थे तो वहीं मुकुल के दोनों हाथ रसिका के पूरे बदन पर चल रहे थे।

    वो दोनो एक दूसरे को बड़े पैशन के साथ चूम रहे थे।

    क़रीब बीस मिनट की लॉन्ग किस के बाद उन दोनों ने अपनी किस ब्रेक की। उन दोनों की ही सांसे बढ़ी हुई हैं।

    रसिका की बढ़ी सांसों की वज़ह से उसकी क्लीवेज काफ़ी शो हो रही थी जिसे देखकर मुकुल को हीट सी मेहसूस होने लगी।

    मुकुल अब अपने होठों को रसिका के गले कंधे और कॉलरबोन पर चलाने लगा।

    रसिका जिसने स्टार्टिंग में ये सब मजबूरी में स्टार्ट किया था वो मुकुल के सेंशुअल टच से अब बहकने लगी या ये कहना गलत नहीं होगा कि वो मुकुल का टच एंजॉय करने लगी थी।


    रसिका मुकुल के शर्ट के बटंस खोलने लगी।

    कुछ ही पलों में उनके कपड़े कार की बैक सीट पर पड़े थे और उस कार में उत्तेजना से भरी सिसकियों का शोर गूंज रहा था।

    क़रीब आधे घंटे बाद रसिका ने अपना सिर मुकुल के कंधे पर रख दिया। वो दोनो ही इस वक्त गहरी गहरी सांसें ले रहे थे

    उनके बदन पसीने से तरबतर थे।

    लेकिन मुकुल अभी भी सेटिस्फाई नहीं था इसलिए उसने दोबारा रसिका को ख़ुद के करीब कर लिया जिससे रसिका की हल्की चीख निकल गई।

    उनकी कार रोड के एक साइड लगी हुई थी और उनकी कार मुकुल और रसिका की इन वाइल्ड हरकतों की वजह से हिल रही थी 


    कार के अंदर का माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था क्योंकि कार के अंदर सिर्फ रसिका की प्लेजर भरी आहे और मुकुल के हाफने की आवाज ही सुनाई दे रही थी।

    करीब दो घंटे बाद रसिका और मुकुल एक दूसरे से अलग हुए।

    "I think अब तो मैंने ख़ुद को प्रूफ कर दिया है कि मैं आपकी वुमन बनना चाहती हुं" रसिका ने थकी हुईं आवाज़ में कहा

    "कल हम कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लेंगे" मुकुल ने अपने शर्ट के बटंस लगाते हुए कहा

    "ओके मैं अपनी शर्ते कल आपको बता दूंगी जिन्हें आप एड कर दीजिएगा" रसिका ने अपने ड्रेस की जिप लगाने की कोशिश करते हुए कहा


    मुकुल ने अपने हाथ आगे बढ़ाकर रसिका के ड्रेस की ज़िप लगा दी।

    ये सब करते वक्त वो दोनों फ़िर एक दफा एक दूसरे के बेहद क़रीब आ गए थे


    मुकुल से आने वाली कलोन की मदहोश कर देने वाली फ्रेगरेंस इन्हेल कर रसिका ने अपनी आंखे बंद कर ली।

    रसिका को यू आंखें बंद कर बैठे देख मुकुल गौर से रसिका के उस हसीन चेहरे को देखने लगा।

    समुद्र सी गहरी आँखें जो अभी उसकी लंबी घनी पलकों से ढकी हुई थी। रसिका की छोटी सी पतली नाक जिसमें उसने nose पिन पहना हुआ था। उसके हार्ट शेप के नेचुरल पिंक लिप्स जिसे देखकर मुकुल को। उसका गला सूखता सा महसूस हुआ

    "बेहद खुबसूरत हो तुम kitten, हमेशा मेरी ज़रूरत बनकर रहना कभी मेरे जिस्म से मेरी रूह में उतरने की गुस्ताख़ी मत करना।

    अगर गलती से भी तुम एक बार मुकुल बजाज के दिल में बस गई तो वहां से तुम्हारी रिहाई सिर्फ़ मौत के बाद हो होगी। इसलिए हमेशा मेरी तलब ही बनकर रहना।

    मुकुल बजाज ने आज तक जो भी किया है हर हद पार करके ही किया है तो जब मुकुल बजाज को इश्क होगा तो उसमें अगर वो खुद फ़िदा हो सकता है तो सब कुछ फ़ना भी कार सकता है" मुकुल ने अपनी गहरी निगाहें रसिका पर जमाए हुए मन ही मन कहा


    रसिका को जब अपने चेहरे पर कुछ फील नहीं हुआ तो उसने अपने आंखे खोल मुकुल की ओर देखा जो अब कार ड्राइव कर रहा था।

    रसिका ने चैन की सांस ली और कार के बाहर की ओर देखने लगी।


    उसके मन में अलग ही उथल पुथल मची हुई थी। उसे इस बात का गिल्ट था कि माहिर के दिए धोखे ने आज उसे एक मासूम चुलबुली रसिका से अपने ही जीजा की मिस्ट्रेस बना दिया था।


    लेकिन उसके इस हालत का जितना जिम्मेदार माहिर था रुचि भी उससे कुछ कम नहीं थी।

    रसिका ये तो बचपन से जानती थी कि। रुचि उसे कुछ ख़ास पसंद नहीं करती थी मगर रुचि उससे इतनी ज़्यादा नफ़रत करती होगी ये उसे मालूम ना था।

    "लेकिन मैने रुचि दी का क्या बिगाड़ा था। मैंने तो हमेशा उन्हें अपनी बड़ी बहन ही माना उन्हें रिस्पेक्ट दी उन्हें प्यार दिया फ़िर उन्हें मुझसे ये बेवजह की नफ़रत क्यों है यहां तक कि उन्होंने माहिर....." इतना सोचकर रसिका ने आंखें बंद कर ली।


    उसे इस वक्त जितना उसके बदन में नहीं नहीं था उससे ज़्यादा रसिका को अपने दिल में दर्द हो रहा था।

    तभी उनकी कार रूकी इस एहसास से रसिका ने कार विंडो से बाहर की ओर देखा इसी के साथ उनकी आइब्रोज आपस में जुड़ गई।


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  • 9. Tera suroor - Chapter 9

    Words: 940

    Estimated Reading Time: 6 min

    अब आगे



    "ये हम कहा है?" रसिका ने बाहर की ओर देखते हुए कहा


    "ये मेरा पर्सनल विला है जिसके बारे में सिर्फ़ कुछ ही लोगों को पता है" मुकुल ने कार से उतरते हुए जवाब दिया


    "क्या रुचि दी...,,," इतना बोल रसिका ठिठक गई फिर ख़ुद को संभालती हुई बोली "आपकी वाइफ को इस विला के बारे में पता है?"

    "No!" मुकुल ने आगे बढ़ते हुए जवाब दिया

    रसिका भी कार से उतरकर मुकुल के पीछे बढ़ गई।

    रसिका गौर से उस विला को देख रही थी वो विला बेहद एलिगेंट और लक्जरियस था। जिसमें सुख सुविधा की हर चीज़ मौजूद थी।


    रसिका आस पास नज़रे दौड़ाते हुए आगे बढ़ रही थी अचानक वो किसी दीवार से टकरा गई।

    "आउच" रसिका ने अपनी छोटी सी नाक को सहलाते हुए जब सामने देखा तो उसकी आंखें छोटी हो गई

    रसिका ने चिढ़ते हुए कहा "Mr बजाज आप क्या बताकर नहीं रुक सकते थे?"

    "क्या तुम आगे देखकर नहीं चल सकती थी?" मुकुल ने बिना किसी एक्सप्रेशन के रसिका से पूछा

    रसिका स्पीचलेस रह गई।

    मुकुल ने रसिका के चिढ़े हुए चेहरे को एक नज़र देखा फ़िर उसे अपने पीछे आने का इशारा किया

    रसिका अब अंदर से उस विला को गौर से देखने लगी वो विला जितना बाहर से शानदार था उससे भी कहीं ज्यादा वो अंदर से लक्जरी था।

    "Kitten को उसका कमरा दिखा दो" मुकुल ने एक सर्वेंट से कहा

    "जी सर! चलिए मैम!" उस सर्वेंट ने रसिका से कहा

    रसिका के लिए वैसे भी आज का दिन काफ़ी हेक्टिक था इसलिए वो बिना किसी झिझक के सोने के लिए सर्वेंट के पीछे चली गई।

    वो सर्वेंट रसिका को एक कमरे के बाहर छोड़कर चली गई।

    रसिका को इस वक्त इतनी ज्यादा नींद आ रही थी कि उसने कमरे के इंटीरियर पर भी गौर नहीं किया और सीधा जाकर बेड पर लेट गई।

    वही नीचे हॉल में मुकुल सोफे पर दोनों पैरों को फैलाए बैठा हुआ था उसकी आंखें बंद थी और वो किसी गहरी सोच में डूबा हुआ था।

    वहीं दूसरी ओर पार्टी में माहिर रसिका को ढूंढ रहा था फिर जब उसे रोहिणी राठी के मुंह से रसिका के जाने की बात सुनी तो उसे काफ़ी हैरानी हुई।

    क्योंकि रसिका दो दिन पहले तक जब इंडिया वापस नहीं लौटी थी तब तक वो उसे हर एक चीज की अपडेट उसे मैसेज के जरिए देती थी कि वो कहा आ रही है कहा जा रही है etc...

    असल में माहिर ने ही रसिका को कॉल करने से मना किया था जिस वजह से उसके प्यार में पागल रसिका उसे मैसेज में बातें करती थी जो कि एक तरफा ही होती थीं क्योंकि माहिर ने रसिका के मैसेजेस को ऑटो रिप्लाई में डाल दिया था।

    अगली सुबह

    रसिका की नींद सुबह जल्दी ही खुल गई थी जिसका रीज़न था उसका मॉर्निंग एक्सरसाइज करना। रसिका ने अपनी रूटीन कंटिन्यू की और बॉथरूम में जाकर शॉवर लेने लगी।

    थोड़ी देर बाद रसिका शॉवर लेकर बाहर आई तो उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गई।

    "आ आप यहां इस वक्त?" रसिका ने अपनी अटकती हुई आवाज में पूछा

    रसिका के सामने इस वक्त मुकुल खड़ा हुआ था। जो कि अपने बिज़नेस सूट में किसी कंपनी के सीईओ की तरह ही दिख रहा था जो कि वो असल में भी था।

    रसिका ने इस वक्त ख़ुद के बदन पर ब्लैक टॉवल लपेटा हुआ था जो उसकी व्हाइट ग्लास स्किन पर बेहद जच रहा था। उसकी स्किन हॉट शावर की वजह से हल्की लाल हो गई थी।

    उसके काले सियाह गिले बाल उसके बदन पर चिपके हुए थे। इस वक्त रसिका इतनी हॉट लग रही थी कि मुकुल की आंखें तो मानों उस पर चिपक ही गई थी।

    मुकुल जो रसिका को देखने में पूरी तरह खोया हुआ था वो रसिका की आवाज़ सुन हक़ीक़त में वापस आया।

    "क्या तुमने अपनी शर्त डिसाइड कर ली?" मुकुल ने रसिका के सवाल के बदले उससे ही सवाल किया

    मुकुल का सवाल सुन रसिका के माथे पर बल पड़ गया उसने हा में अपना सिर हिलाया और अपने बेड के साइड ड्रॉवर एक पेपर निकाल कर मुकुल की ओर बढ़ गई।

    लेकिन कुछ सोचकर उसने मुकुल से कहा "आप इन शर्तों को जानने से पहले मुझे आपको कुछ बताना है मैं चाहती हूं कि पहले आप मेरी बात सुन लीजिए फ़िर आपका जो फैसला होगा मुझे मंज़ूर होगा" इतना बोल रसिका अपनी सी ग्रीन आईज से टुकुर टुकुर मुकुल की ओर देखने लगी।

    मुकुल ने हा में अपना सिर हिलाया

    जिसे देख रसिका ने आगे बोलना स्टार्ट किया "आपके भाई और आपकी वाइफ का अफेयर चल रहा है। आप अब तक जान गए होंगे कि मैं माहिर की फिओंसे हू, मैंने कल उन दोनों को साथ में आउट हाउस में एक दूसरे को किस करते देखा और वो उनकी बातें सुनी।

    माहिर आपसे नफ़रत करता है और आपकी बीवी मुझसे। जहां तक आपको जानने की बात है मैं जब तक इंडिया में थी आप आउट ऑफ़ कंट्री रहते थे, कभी ऐसी सिचुएशन ही नहीं बनी की मैं आपकी तस्वीरे देख सकूं और न ही आपकी शादी की तस्वीरें मुझे किसी ने सेंड की।

    ये सब मैं आपको इसलिए बता रही हु ताकि आप समझ जाए कि मैंने ये जानकर कि आप मेरे जीजू है आपके साथ रात नहीं बिताई" रसिका ने सब एक ही सांस में कहा


    और फ़िर मुकुल को टुकुर टुकुर देखने लगी।

    तभी मुकुल ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुन रसिका के पैरों तले जमीन ही खिसक गई।


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  • 10. Tera suroor - Chapter 10

    Words: 1827

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे



    "I know everything!" मुकुल ने अपने पैर पर पैर चढ़ाते हुए कहा

    मुकुल की बात सुन रसिका हैरान रह गई।

    "तो फ़िर आपने अभी तक कुछ किया क्यों नहीं?" रसिका ने अपनी भौहें चढ़ाते हुए पूछा

    "क्योंकि मुझे तब ये ज़रूरी नहीं लगा था" मुकुल ने एक्सप्रेशनलेस फेस के साथ कहा

    मुकुल की बात सुन रसिका उसे अजीब नज़रों से देखने लगी वो दुनियां का पहला ऐसा शख़्स रहा होगा जिसे इस बात से फर्क नहीं पड़ता था कि उसकी बीवी उसके भाई का बिस्तर गर्म कर रही थी।

    "क्या आपके और आपकी वाइफ के रिलेशन अच्छे नहीं?" रसिका ख़ुद को ये सवाल पूछने से रोक न सकी

    रसिका का सवाल सुन मुकुल के होठ के कोने कर्ल हो गए।

    मुकुल अपनी जगह से खड़ा हुआ और रसिका की ओर अपने कदम बढ़ाते हुए बोला "मैंने रुचि से शादी से पहले ही कहा दिया था कि वो मुझसे शादी करने से मना कर दे क्योंकि मैं दादू की वजह से मजबूर था लेकिन उसे तो द मुकुल बजाज की बीवी बनना था।

    मैंने उसे ये भी बता दिया था कि हमारे बीच शादी के बाद भी पति पत्नी जैसा कुछ नहीं रहेगा तब उसने मुझे साफ़ कह दिया था कि उसे अपनी लाइफ में मेरे सरनेम के अलावा कुछ नहीं चाहिए लेकिन वो अपनी बात पर एक महीने भी न टिक सकी और मेरे ही भाई के साथ अपनी ज़रूरतें पूरी करने लगी।" मुकुल ये सब बोलते हुए रसिका के बहुत क़रीब आ गया था।

    वही रसिका जो मुकुल की बात गौर से सुन रही थी उसने ध्यान ही नहीं दिया कि मुकुल इस वक्त उसके कितने करीब है।

    जब रसिका ने अपने चेहरे पर मुकुल की गर्म सांसे फील की तो मानों वो अपने सेंस में वापस आई।

    रसिका ने अपनी सुनी सी ग्रीन आंखों से मुकुल की उन काली गहरी आंखों में देखा जिनमें अगर कोई एक दफा डूब जाए तो उसका निकलना नामुमकिन था।

    मुकुल एक टक रसिका की उन लाल आंखों में देख रहा था जिनमें उसके लिए न प्यार था ना गुस्सा।

    "क्या तुम अब अपनी शर्तों को बताओगे?" मुकुल ने रसिका के लोअर लिप को अपने अंगूठे से सहलाते हुए कहा

    उसके ऐसा करने से रसिका सिहर उठी।

    रसिका ने अपने बदन से लिपटे टॉवल को अपनी मुट्ठी में भर लिया।

    उसका दिल अपने फैसले को लेकर डिसगस्ट से भरा जा रहा था कि आखिर वो कैसे मुकुल की वूमन बन सकती है  ये जानते हुए भी कि वो मैरिड है और उसकी बीवी उसकी सो कॉल्ड बहन है।


    "i asked you something Kitten?" मुकुल ने रसिका की चीन पर अपनी पकड़ मज़बूत करते हुए कहा

    रसिका ने अपनी लंबी घनी पलकों को बारी बारी से झपकाया

    "मेरी पहली शर्त है कि हमारा रिश्ता सिर्फ़ एक साल के लिए आपकी फिजिकल नीड्स पूरा करने तक होगा मैं आपकी जरूरतों को पूरा करूंगी लेकिन आप इसके अलावा मेरी लाइफ में कोई इंटरफेयर नहीं करेंगे मैं क्या करती हु कहा आती हु जाती हु इससे आपको कोई मतलब नहीं होगा और ना ही मैं आपकी लाइफ़ में किसी भी तरह का इंटरफेयर करूंगी
    मेरी दूसरी शर्त है कि आपको माहिर को बर्बाद करने में मेरी मदद करनी होगी।

    मेरी तीसरी शर्त है कि कभी मेरी फैमिली और दुनियां वालों को हमारे रिश्ते का सच पता नहीं चलना चाहिए" इतना बोल रसिका खामोश हो गई।

    "क्या तुम मुझसे कुछ और नहीं मांगना चाहोगी?" मुकुल की आवाज़ भले पानी की तरह शांत थी लेकिन उसकी आंखों में हैरानी थी।

    "नहीं!" रसिका ने एक वर्ड में जवाब दिया

    मुकुल रसिका को बस देखता ही रह गया। शायद ही दुनियां में ऐसी कोई लड़की होती जो इतने अच्छे ऑफ़र को अपने हाथ से जानें देता।

    मुकुल कुछ वक्त रसिका की उन समुद्र सी हरि आंखों में देखता रहा जहां सिर्फ़ सुनापन था ना कुछ पाने की चाह न कुछ खोने का डर


    "अब आप इन शर्तों के अकॉर्डिंग कॉन्ट्रेक्ट रेडी कर दीजिए!" रसिका ने मुकुल का हाथ अपनी कमर से हटाते हुए कहा


    तभी मुकुल की पकड़ उसकी कमर पर कस गई।

    रसिका ने हैरानी से मुकुल की ओर देखा जिसका चेहरा इस वक्त रसिका के कंधे और गले के बीच था।

    "तुमने अपनी शर्त तो बता दी kitten अब मेरी भी सुन लो" मुकुल ने रसिका के कान में फुसफुसाते हुए कहा

    रसिका को मुकुल का टच इरिटेट कर रहा था लेकिन अब उसने जब ख़ुद ही इस रास्ते को चुना था तो उसके पास पीछे लौटने का कोई चारा ही नहीं था।

    रसिका ने हा में अपना सिर हिलाया।

    रसिका की हा मिलते ही मुकुल ने कहना स्टार्ट किया "मेरी पहली शर्त है जब तक तुम मेरी वूमन हो तुम मेरे अलावा और किसी लड़के के क़रीब नहीं जा सकती तो फ़िर तुम्हारे किसी और के साथ रिलेशनशिप में आने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता।

    मेरी दूसरी शर्त ये है कि मैं जब कहूंगा जहां कहूंगा तुम्हें मेरी होना पड़ेगा फ़िर चाहे इसमें तुम्हारी मर्ज़ी शामिल हो या ना हो।

    मेरी तीसरी शर्त है कि अब से तुम इसी विला में रहोगी मेरे साथ"

    मुकुल की दो शर्तों को ख़ामोशी से सुन रही रसिका के कानों में जब मुकुल की तीसरी शर्त गई तो उसका चेहरा पीला पड़ गया।

    "मैं यहां कैसे रह सकती हूं मुझे परमिशन नहीं मिलेगी घर से" रसिका ने चिढ़ते हुए कहा

    "वो सब तुम्हारी प्रोबलेम है!" मुकुल ने रसिका के कंधे से बालों को पीछे करते हुए कहा

    रसिका ने मुकुल को घूर कर देखा मुकुल हल्का मुस्कुरा दिया।

    "एंड मोस्ट इंपॉर्टेंट थिंग की जब भी मैं तुम्हारे क़रीब आऊ तुम्हे हक़ नहीं की तुम मुझे ख़ुद से दूर करो" मुकुल ने अपनी शांत मगर गहरी आवाज में कहा

    रसिका को ऐसा लग रहा था जैसे मुकुल की एसपेक्टेशन उससे बढ़ती जा रही है लेकिन उसके दिमाग में और भी बहुत कुछ चल रहा था जिसे सोचकर उसने अपनी पलकें झपका ली।

    "मैं डाइनिंग टेबल पर तुम्हारा इंतेज़ार कर रहा हूं!" मुकुल इतना बोल रसिका को कमरे में छोड़ चला गया।

    थोड़ी देर बाद रसिका अपने कपड़े चेंज कर डाइनिंग टेबल पर आई ये कपड़े उसे मुकुल ने ही अवेलेबल कराए थे।

    मुकुल ने जब रसिका को देखा तो एक पल के लिए वो उसे देखता ही रह गया।

    रसिका ने इस वक्त नी लेंथ येलो कलर की फ्रॉक पहनी थी। उसके बाल एक High पोनीटेल में बंधे हुए थे जिनकी कुछ लटे ना चाहते हुए भी उसके गालों को चूम रही थी।


    वो इस वक्त मुकुल को किसी स्कूल गोइंग टीन गर्ल जैसी लग रही थी। रसिका को देख मुकुल में एक नज़र ख़ुद की ओर देखा उसने अभी व्हाइट पेंट के ऊपर स्काई ब्लू कलर की शर्ट पहनी हुई थी। उसके बाल जेल से प्रॉपर सेट थे उसकी बियर्ड भी सेट थी।

    वो भी काफ़ी हैंडसम लग रहा था मगर रसिका से वो उम्र में काफ़ी बड़ा और मच्योर लग रहा था जो को रियलिटी भी थी। आख़िर वो रसिका से पूरे 12 साल बड़ा जो था।


    रसिका आकर मुकुल से एक चेयर दूर बैठ गई जिसे देख मुकुल के माथे पर हल्की शिकन उभर आई।


    उनके बीच एक awkward साइलेंट क़ायम था जिसे तोड़ते हुए मुकुल ने कहना स्टार्ट किया "तुम्हें मेरे साथ रहना है तो मेरे हिसाब से रहना होगा"

    मुकुल की बात सुन रसिका की भौहें आपस में सिकुड़ गई।

    "Mr बजाज आप...."

    "Just say Mukul" मुकुल ने रसिका की बात बिच में ही काटते हुए कहा

    रसिका ने फ्रस्ट्रेशन भरी गहरी सांस ली और अपने गुस्से को दबाते हुए बोली "मुकुल आप मुझे कंट्रोल नहीं कर सकते। मैंने पहले ही कहा है मैं अपनी मर्ज़ी की ख़ुद मालिक हूं आप मुझे डोमिनेंस नहीं कर सकते। हमारा रिश्ता सिर्फ़ बेड तक ही रहे हो बैटर होगा" रसिका की आवाज ना चाहते हुए भी सख़्त हो चुकी थी।

    अब उसके लिए मुकुल के साथ बैठकर नाश्ता करना पॉसिबल नहीं था उसने एक ठंडी आह भरी और उठकर वहां से जाने लगी।


    "अपना गुस्सा खाने पर मत निकालो" मुकुल की आवाज़ कॉमनेस से भरी हुई थी।

    "Sorry लेकिन मेरा बिल्कुल भी मन नहीं है" रसिका इतना बोल वहां से चली

    मुकुल बस जाती हुई रसिका की पीठ को ही देखता रहा। मुकुल के विला से बाहर आकर रसिका ने आंखें बंद की इसी के साथ उसकी आंखों में रुके हुए आंसू बह निकले।


    उसके लिए ये सब आसान नहीं था। पिछले दो दिनों में उसके साथ इतना कुछ हो गया था कि उसका मन अब ख़ुद को ही ख़त्म करने का कर रहा था।

    वो जानती थी कि उसके और मुकुल के बीच का रिश्ता पूरी तरह से नाजायज़ था जिसका किसी भी वर्ड में जस्टिफाई नहीं किया जा सकता था मगर उसके साथ हुआ उसका क्या?

    किसी को बचपन से दीवानों की तरह चाहना और उससे ही धोखा मिलना।

    ऐसा नहीं था कि रसिका का प्यार हमेशा से एक तरफा था स्टार्टिंग में माहिर भी रसिका के लिए प्रोटेक्टिव और स्वीट था लेकिन शायद वो रसिका को अपनी दोस्त से ज़्यादा कुछ नहीं मानता था।

    मगर उसे बचपन से ये मालूम था कि रसिका उसकी मंगेतर थी जिससे उसे कोई ऐतराज नहीं था इनफैक्ट वो खुश था और उसकी इसी ख़ुशी से रसिका को लगा कि शायद वो भी उससे प्यार करता है।


    रसिका अभी मुकुल के विला से थोड़ी दूर आ गई थी। वो बिल्कुल बेजान सी चली जा रही थी।

    उसके दिल का दर्द इतना बढ़ गया था कि अब उससे चला भी नहीं जा रहा था वो वहीं जमीन पर बैठ गई और फूट फुटकर रोने लगी।


    "क्यों क्यों भगवान क्यूं मेरे ही साथ ऐसा क्यों हुआ? जिसे चाहा उससे धोखा मिला जिसे अपना प्यार समझा वो सिवाय छलावे के और कुछ ना निकला जिसे अपने मां बाप समझा वो तो मेरे कुछ लगते भी नहीं और जिसे अपनी दी समझा जिसे इज्ज़त दी जिसकी खुशियों के लिए मैंने बचपन से कॉम्प्रोमाइज किया

    मुझे ये भी याद नहीं की कनाडा जाने से पहले कभी मां पापा ने मेरे लिए नए कपड़े भी लिए थे या नहीं।


    मेरा ख़ुद का वजूद क्या है मुझे नहीं पता मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है भगवान जी लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा है यहां (रसिका ने अपने दिल की ओर प्वाइंट करते हुए कहा) ऐसा लग रहा है जैसे मेरी जान निकली जा रही है I hate you माहिर I hate you very much" रसिका ये सब बोलते हुए फुटफुटकर रोने लगी।

    इस वक्त वो ख़ुद को हारा हुआ महसूस कर रही थी। वो इस बात से अनजान थी कि उससे थोड़ी दूर खड़ी ब्लैक कार में बैठा एक शख़्स अपनी काली गहरी आंखों से उसे ही देख रहा था जिसने उसे देखते हुए अपनी पलकें भी नहीं झपकाई थी।

    आखिर कौन है वो शख्स?

    इस स्टोरी में काफ़ी सस्पेंस और मिस्ट्री है जैसे मुकुल रुचि की शादी, रसिका का अचानक कनाडा जाना और रसिका की रियल आइडेंटिटी। जो आपको आगे के चैप्टर्स में पता चलेगी।

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