यह कहानी है अयान मित्तल और आइना रॉय की। आइना एक चुलबुली मस्त मौला लड़की है। जो मुंबई के कॉलेज में पढ़ती है और थर्ड ईयर स्टूडेंट है। जिसे पहली नजर में ही अयान पर क्रश हो जाता है। लेकिन अयान मित्तल है द वेपन किंग और अंडरवर्ल्ड की दुनि... यह कहानी है अयान मित्तल और आइना रॉय की। आइना एक चुलबुली मस्त मौला लड़की है। जो मुंबई के कॉलेज में पढ़ती है और थर्ड ईयर स्टूडेंट है। जिसे पहली नजर में ही अयान पर क्रश हो जाता है। लेकिन अयान मित्तल है द वेपन किंग और अंडरवर्ल्ड की दुनिया का बादशाह। वो भी आइना को चाहता है लेकिन अपनी जिंदगी में शामिल करने से डरता है। लेकिन आइना की जिद है अयान को पाना। कैसे जगह बनाएगी आइना अयान की दुनिया में। जानने के लिए पढ़िए बंदिशे: तेरे इश्क की स्टोरी मानिया ऐप पर। अपने लाइक और review जरूर दे।
अयान मित्तल
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आइना रॉय
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मुंबई
रात के करीब नौ बजे का वक्त था।
समुंदर के किनारे बने एक आलीशान रिसॉर्ट में एक हाई-फाई यूथ पार्टी चल रही थी। म्यूजिक इतना तेज़ था कि समंदर की लहरों की आवाज़ भी दब चुकी थी। रिसॉर्ट का गार्डन एरिया रंग-बिरंगी लाइट्स से सजा हुआ था , और वहाँ बहुत से लड़के लड़कियों म्यूजिक के साथ थिरक रहे थे।
तभी उस रिसॉर्ट के बाहर एक शानदार वाइट कलर की कार आकर रूकी। कार के डोर खुले और उसमें से तीन लड़कियां बाहर आई। तीनों ही खूबसूरती के एक दूसरे से कम नहीं थी। लेकिन बीच में चल रही एक लड़की जिसने रेड कलर की नी लेंथ फ्रिल वाली बहुत ही प्यारी सी ड्रेस पहनी हुई थी। जिसमें वो किसी डॉल से कम नहीं लग रही थी। उसके लम्बे सुनहरे बाल हवा के झोंको के साथ लहरा रहे थे।
वो तीनों गार्डन एरिया में आकर खड़ी हुई और वहीं खड़ी पूरे गार्डन एरिया को एक्सप्लोर करने लगी। जैसे तीनों की ही नजरें किसी को ढूंढ रही हो।
तभी लेफ्ट साइड में खड़ी लड़की जिसने ब्लैक कलर की शिमरी वन शोल्डर ड्रेस पहन रखी थी, उसने रेड ड्रेस वाली लड़की का हाथ पकड़कर हल्के से कहा
" आइना, प्रिशा वो रहा... रिहान!"
प्रिशा बोली, " सानवी तेरी नजरों का भी जवाब नहीं तू तो अंधेरे में सुई ढूंढ निकाले फिर एक लड़का क्या चीज है।" प्रिशा अपनी बात कहकर खुद ही हँसने लगी।
बीच में खड़ी आइना ने उसे कोल्ड लुक देते हुए कहा, " तेरा हो गया तो चलें और चलकर बर्थडे बॉय को बर्थडे विश कर दें।"
सान्वी और प्रिशा एक साथ बोली, " जो हुकुम सरकार का।"
प्रिशा और सान्वी की हरकत पर आइना के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान आ गई जिससे उसके गालों पर डिंपल पड़ गए। जो उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे।
ये हैं आइना, प्रिशा और सानवी। तीनों बेस्ट फ्रेंड है और कोलकाता से मुंबई पढ़ने के लिए एकसाथ आई थी। ये तीनों ही कोलकाता की रेपुटेड फैमिली से बिलोंग करती है। आज ये यहाँ अपने कॉलेज फ्रेंड रिहान मित्तल की बर्थडे पार्टी में आई हैं।
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तीनों लड़कियाँ म्यूजिक के बीच लोगों को चीरती हुई आगे बढ़ीं, जैसे कोई फिल्मी एंट्री हो।
रिहान उन्हें देखते ही मुस्कुराया और अपनी जगह से आगे बढ़ा, "Finally, Kolkata Queens are here..."
"तो तुमने क्या सोचा था हम नहीं आएंगी?" आइना ने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा।
"Of course I knew you'd come. Especially तुम्हें तो पार्टी मिस करने की आदत नहीं है।"
बोलते हुए रिहान की आँखें खास तौर पर आइना पर टिकी थीं।
"Happy Birthday, Rihan."
तीनों ने मिलकर विश किया, और प्रिशा ने अपने हाथ में पकड़ा बुके रिहान की तरफ बढ़ा दिया। फिर रिहान ने एक-एक करके सबके साथ फोटो खिंचवाया।
तभी वहाँ एक और लड़की आई और बोली, " रिहान प्लीज कट द केक। अब तो पार्टी की जान भी आ गई अब तुम्हें किसका इंतजार है।"
लड़की की बात सुनकर सबके चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई। और सब हूटिंग करने लगे।
रिहान ने हल्की सी मुस्कान के साथ कहा, " अभी तो सिर्फ जान आई है... लेकिन जिस वजह से दिल धड़कता है, वो अभी आना बाकी है।" कहकर उसका ध्यान आइना पर था लेकिन आइना ने उसे पूरी तरह से इगनोर कर दिया और वहाँ से ड्रिंक एरिया की तरफ चली गई।
उसके पीछे पीछे प्रिशा और सान्वी भी ड्रिंक एरिया के पास आकर अपनी फेवरेट ड्रिंक का ऑर्डर कर दिया ।
रिहान अभी भी वहीं खड़ा था जहाँ पहले खड़ा हुआ था तभी उसी लड़की ने रिहान से कहा, " रिहान आइना तुम्हें उस नजर से देखती तक नहीं और तुम हो कि उसके पीछे पागल हो।"
रिहान ने उस लड़की को मुस्कुराते हुए देखा, " प्यार में पागलपन का भी एक अलग ही मजा होता है।" लेकिन उसके चेहरे पर जो मुस्कान थी वो कहीं से ही नॉर्मल तो नहीं लग रही थी देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसके दिमाग में कुछ ज्यादा ही शातिर चल रहा है।
******
आज के लिए इतना ही।
रिहान की पार्टी में कौन स्पेशल आने वाला है और रिहान के क्या है शातिर इरादे? कहीं आइना को तो कोई खतरा नहीं?
आपको पहला भाग कैसा लगा कमेंट में जरूर बताएं
अब आगे...
पार्टी में आए सब लड़के लडकियां बेसब्री से रिहान के केक काटने का वेट कर रहे थे।
तभी रिसॉर्ट एरिया के बाहर कुछ 6- 7 लग्जरी गाड़ियां आकर रूकी। बीच वाली गाड़ी को छोड़कर बाकी सब गाड़ियों के दरवाजे खुले और उनमें से कुछ गार्ड्स बाहर आए जिन्होंने ब्लैक कलर की यूनिफार्म पहनी हुई थी और हाथों में बड़ी बड़ी गन ले रखी थी।
उनमें से एक गार्ड ने आगे बढ़ बीच वाली रोल्स रॉयस का पीछे वाला दरवाजा खोला। दरवाजा खुलते ही एक जोड़ी ब्लैक कलर के चमचमाते शूज बाहर निकले और फिर उन शूजों के साथ एक शख़्स धीरे-धीरे गाड़ी से बाहर आया।
उस शख्स की मौजूदगी में ऐसा लगा जैसे अचानक ही मौसम ने एक अलग ही रुख लिया हो।
अच्छी लम्बी हाइट, काले सिल्की बाल, गहरी नीली आँखें, चेहरे पर हल्की बियर्ड, मस्क्युलर बॉडी, ऊपर से जो उसने ब्लैक कलर का बिजनेस सूट पहना हुआ था वो उसपर इतना जच रहा था जैसे सिर्फ और सिर्फ ये उसी के लिए हो।
आँखों पर ब्लैक शेड्स और हाथ में सिल्वर वॉच की चमक जैसे उसके हाई-प्रोफाइल होने की गवाही दे रही थी।
उसने चारों तरफ नज़र दौड़ाई, लेकिन उसका चेहरा बेहद सधा हुआ था , न कोई मुस्कान, न कोई घमंड, बस एक गहरी शांति।
जैसे ही वो आगे बढ़ा उसके सब गार्ड भी उसके पीछे चलने लगे लेकिन उसने सबको हाथ से इशारा कर अपने पीछे आने से मना कर दिया।
और खुद कदम बढ़ाते हुए रिसॉर्ट के गार्डन एरिया में आकर खड़ा हो गया। जहाँ रिहान पहले से ही खड़ा उसके ही आने का इंतजार कर रहा था।
उसके वहाँ आते ही रिहान ने DJ से म्यूजिक स्लो करने के लिए कहा। फिर रिहान ने उस शख्स के गले लगते हुए कहा, " अयान ब्रो... आई नो कि आप आपके छोटे और लाडले भाई का बर्थडे कभी भी मिस नहीं कर सकते।" रिहान के चेहरे पर अपने बड़े भाई को देखकर कुछ ज्यादा ही खुशी थी।
ये है अयान मित्तल... रिहान मित्तल का बड़ा भाई। जिसका औरा कुछ ज्यादा ही सख्त है। अयान मित्तल ही वो शख्स है जिसे द वेपन किंग के नाम से भी जाना जाता है और वो है अंडरवर्ल्ड की दुनिया का बादशाह ... किंग ऑफ डार्कनेस। जिससे अंडरवर्ल्ड में हर कोई खौफ खाता है।
थोड़ी ही देर में सब लोग टेबल के पास खड़े हुए थे जिसपर बहुत बड़ा केक रखा हुआ था।
टेबल के ठीक सामने खड़ा था। उसके एक साइड अयान और दूसरी साइड आइना, प्रिशा, सान्वी और खड़े थे बाकी सब फ्रेंड्स सामने की तरफ खड़े हुए थे।
आइना का मन तो नहीं था लेकिन रिहान के जिद करने पर उसे उसके साथ खड़ा होना पड़ा। वो चाहती तो मना भी कर देती लेकिन वो उसके खास दिन उसे अपसेट नहीं करना चाहती थी।
तभी रिहान बोला, " लिस्टन एवरीबॉडी आज मैं आप सबको अपने बारे भाई अयान मित्तल से मिलवाना चाहता हूँ।" रिहान सिर्फ सबकी नजरों में अपनी अहमियत ऊंची करने के लिए और आइना की नजरों में बने रहने के लिए अयान को जरिया बना रहा था।
कहते हुए रिहान ने अयान की तरफ इशारा करते हुए कहा, "meet my big bro Ayaan Mittal जिन्हें आप सब द वेपन किंग के नाम से भी जानते हैं।"
ये सुनते ही सभी हैरानी भरी नजरों से एक दूसरे को देखने लगे। द वेपन किंग और रिहान के बड़े भाई। आज तक सबने सिर्फ वेपन किंग के बारे में सिर्फ सुना ही था लेकिन देखा किसी ने नहीं था।
आईना रिहान के दूसरी साइड थी लेकिन उसकी नजरें अयान पर से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी। उसकी बड़ी बड़ी हनी ब्राउन आँखें कुछ पल के लिए अयान के चेहरे पर आकर टिक गई और जैसे वो सबकुछ भूल उसी को देखने में खो गई हो। लेकिन अयान ने एक नजर भी आईना पर नहीं डाली थी। उसका पूरा ध्यान उसके फोन पर था जिसमें वो कुछ मेल्स चेक कर रहा होता है।
थोड़ी ही देर बाद रिहान ने केक कट कर , सबसे पहले उसका पीस अयान को खिलाया। अयान ने बहुत थोड़ा सा खाया। उसके बाद उसने वही केक का पीस आईना की तरफ बढ़ा दिया।
आईना ने वो पीस मुस्कुराते हुए खा लिया। फिर उसने भी रिहान को अपने हाथों से केक खिलाया।
फिर वो वॉशरूम का बहाना बनाकर वहां से चली गई और एक बड़ी सी ओपन विंडो के पास खड़ी हो बाहर का नजारा देखने लगी जहां से समुद्र नजर आ रहा था। हवा के झोंके आकर आईना के बालों को छेड़ छेड़ कर जा रहे थे
तभी उसके कान में एक बहुत ही दिलकश मेनली आवाज आई ," मिस्ड मी!"
उस आवाज को सुनकर आईना का जैसे रोम रोम खिल गया। उसने हिम्मत कर पीछे पलट कर देखा उसके ठीक सामने अयान खड़ा था। आईना की हनी ब्राउन आईज अयान की गहरी नीली आंखों में कहीं डूब ही गई थी।
आईना, " आप... आप यहाँ?" आईना के शब्द थोड़े थोड़े लड़खड़ा रहे थे।
अयान ने उसकी नजरों में देखते हुए कहा, " शायद आप यहाँ खड़ी किसी और का इंतजार कर रही होंगी।"
आईना, " नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है। मैं बस थोड़ी फ्रेश एयर लेने के लिए यहाँ आई थी।" इस बीच दोनों की नजरें एकपल के लिए भी एकदूसरे से हटी नहीं थी।
" कल रात मुझे तुमसे मिलना है... जगह तुम्हें कल पता चल जाएगी।" अयान ने अपने होंठ आईना के पास लाकर कहा। अयान को अपने इतने करीब महसूस कर आईना की आँखें खुद ब खुद बंद हो गई और वो उसकी करीबी के एहसास में डूब गई।
वो ऐसे ही खड़ी थी लेकिन अयान पीछे हट गया। और तिरछी स्माइल करते हुए अभी भी आईना को ही देख रहा होता है। तभी उसके फोन पर किसी की कॉल आई।
जिसकी आवाज सुन आईना ने भी अपनी आँखें खोली उसने देखा अयान फोन पर बात करते हुए वहाँ से चला गया। उसे जाते देख आईना ने गुस्से से अपने पैर पटके, " डेविल कहीं के तुम्हें तो मैं छोडूंगी नहीं इस बार। बहुत सता लिया तुमने मुझे।"
आईना वापिस से पार्टी वाली जगह पर आ गई। थोड़ा बहुत एंजॉय करने के बाद। आईना रिहान से जाने की परमिशन ले प्रिशा और सान्वी के साथ रिसॉर्ट से बाहर आ गई।
*****
मिलते हैं अगले भाग में
क्या अयान और आईना एक दूसरे को पहले से जानते हैं? क्या आईना मिलने जाएगी अयान से?
घड़ी में रात के बारह बज रहे थे। आइना अपने अपार्टमेंट की बालकनी में झूले पर बैठी सामने आसमान में तारों को देख रही थी। इस वक्त उसने पिंक कलर की टीशर्ट जिसपर एक फेयरी का प्रिंट बना हुआ था और थाइ तक की शॉर्ट्स पहनी हुई थी।
इस समय वो 15-16 साल की बच्ची की तरह लग रही थी। लेकिन उसके चेहरे पर एक दिलकश मुस्कान तैर रही होती है। जिससे साफ था कि वो कुछ खास सोच कर मुस्कुरा रही है।
" आखिर इतने लम्बे समय के इंतजार के बाद आपसे मिलना हो ही गया मिस्टर डेविल। अब इंतजार है तो बस कल की मुलाकात का... लेकिन अब आप क्यों मिलना चाहते हैं मुझसे?" खुद में सोचते हुए ही उसके चेहरे पर मुस्कान चली आई। कुछ गुनगुनाते हुए वो झूले पर से खड़ी हो गई और अपने रूम में जाकर सो गई।
***
मुंबई का आलीशान सेवन स्टार होटल
सर्द रात की ठंडी हवाओं में भी उस छत पर गूंजती खामोशी किसी तूफान से पहले की शांति जैसी लग रही थी।
रात के करीब एक बजे एक होटल की छत पर एक बड़ी सी राउंड सेंटर टेबल रखी हुई थी और उस घेरे के चारों तरफ करीब 10-12 कुर्सियां रखी हुई थी और उन पर कुछ लोग बैठे हुए थे। सारी कुर्सियों के बीचों बीच एक किंग चेयर रखी हुई थी जो फिलहाल खाली थी।
बैठे हुए सभी लोगों के चेहरे अंधेरे और लाइट की हल्की झिलमिलाहट में साफ नजर नहीं आ रहे थे, लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि ये कोई आम लोग नहीं हैं। किसी के पास लैपटॉप था, कोई अपने फोन में कोड्स देख रहा था, तो कोई बस चुपचाप सिगार पीते हुए छत से नीचे शहर की रौशनी को निहार रहा था।
"कितनी देर और?" एक भारी आवाज़ आई — वो शायद कोई रूसी था।
"बॉस जब आएंगे, तभी ये मीटिंग शुरू होगी। तब तक चुपचाप बैठो।," पास बैठे आदमी ने शांति से जवाब दिया।
कुछ ही सेकेंड बाद एक शांत लेकिन दबदबे वाली आहट हुई । छत की सीढ़ियों से किसी के आने की आहट सुनाई दी।— धीमे, मगर हर कदम गूंजता हुआ।
वहाँ मौजूद सब की निगाहें एक साथ उस ओर घूम गईं।
तभी लिफ्ट से एक आदमी निकला , ब्लैक फॉर्मल सूट, परफेक्ट कट के साथ एक शख्स का वहाँ आना हुआ। दूरी और अंधेरे की वजह से फिलहाल वो किसी को ठीक से नजर नहीं आ रहा था।
उसके पीछे गार्ड्स भी बढ़ते चले आ रहे थे।
जैसे ही उसका चेहरा हल्की रोशनी में आया वो और कोई नहीं वो था अयान कपूर।
"Let’s begin," उसने ठंडी आवाज़ में कहा और उस खाली किंग चेयर पर पूरी शान के साथ बैठ गया।
तभी उसके ठीक सामने बैठे रशियन आदमी ने अपनी भाषा में अयान से कहा, " मिस्टर मित्तल हमारे बीच एक डील हुई थी लेकिन मैं वो डील खत्म करना चाहता हूँ।"
अपने पीछे खड़े असिस्टेंट को अयान ने कुछ इशारा किया, अयान का इशारा समझ उसके असिस्टेंट ने रशियन से कहा, " सॉरी लेकिन ये डील अब कैंसिल नहीं हो सकती। एक बार जो डील हो गई सो हो गई। वैसे भी आपका माल लगभग रेडी है, हम कुछ ही दिनों में आपका माल आपको हैंडओवर कर देंगे।"
रशियन ने टेबल पर हाथ पटकते हुए गुस्से में कहा, " कोई जबरदस्ती है क्या?"
तभी वहाँ एक गन शॉट की आवाज आई। सबकी नजर उस रशियन पर थी जिसके माथे के ठीक बीचों बीच गोली लगी हुई होती है। गोली लगने के तुरंत बाद उसका बेजान शरीर जमीन पर गिर गया।
अयान ने बाकी सबकी तरफ सर्द नजरों से घुरा, " और किसी को भी कुछ कहना है?"
ये सब देखने के बाद किसी में हिम्मत ही कहाँ बची थी कुछ कहने की। सबने ना में सिर हिला दिया। अयान ने अपने हाथ से सबको जाने का इशारा किया।
सबके चले जाने के बाद उसने अपनी पॉकेट में से सिगरेट निकाल उसे सुलगा लम्बे लम्बे कश भरने लगा। " अयान मित्तल की दुनिया में डील्स तोड़ने वालों के लिए सिर्फ एक ही ऑप्शन बचता है ... मौत।"
उसकी आँखें अब दूर शून्य में किसी और ही गहराई को देख रही थीं। उसकी आंखों में उस वक्त कोई गुस्सा नहीं था, न अफ़सोस। बस एक गहरी, ठंडी सी शांति… जैसे किसी को खत्म करना उसके लिए उतना ही आम हो, जितना किसी के लिए चाय या कॉफी बनाना।
उसने सिगरेट का आख़िरी कश खींचा, फिर बगल में खड़े अपने खास आदमी शिवे की ओर देखा। "उसका सामान अगले हफ्ते मास्को भेज देना, अब उसका इस्तेमाल हमारे नाम से होगा।" सिगरेट खत्म कर उसे अपने जूते की नोक से मसलते हुए कहा, " अयान के काम के बीच आने वालों का भी यही हश्र होगा।"
बोलते हुए उसके चेहरे पर डेविल स्माइल थी। आइना ने अयान को डेविल नाम गलत नहीं दिया था। उसकी दुनिया का वो सच में डेविल ही था।
"यस बॉस," शिवे ने सिर झुकाकर जवाब दिया।
अयान छत की रेलिंग के पास जाकर खड़ा हुआ और अपनी सिल्वर रिस्टवॉच पर नज़र डाली जिसमें रात के 01:27 बज रहे थे। "अब वक्त है असली खेल शुरू करने का..." वो बुदबुदाया और छत से उतरते हुए फोन कान पर लगाया।
"अगला नाम लिस्ट में किसका है?" उसने पूछा।
"सर... रॉयल ग्रुप ऑफ कंपनीज़ – और उनके चीफ लॉयर सुदीप आहूजा।"
फोन के उस पार से जवाब आया।
अयान मुस्कुराया, "Perfect. अब बारी है कानून को घुटनों पर लाने की।"
अयान लगभग तीन साल बाद कल ही इंडिया लौटा था। और आते ही वो यहाँ सबको दिखाना चाहता था कि मुंबई पर आज भी राज सिर्फ और सिर्फ अयान मित्तल का ही है और हमेशा रहेगा।
करीब पौने घंटे बाद उसकी गाड़ियों का काफिला एक आलीशान दिख रहे विला के सामने आकर रूका। बाहर बैठे गार्ड ने रिमोट से वो बड़ा सा लोहे का ऑटोमैटिक गेट खोल दिया। सारी गाड़ियां एक एक करके गेट से अन्दर ड्राइव वे से होते हुए पार्किंग एरिया में आकर खड़ी हो गई।
एक गार्ड जल्दी से आगे आया और उसने बीच वाली गाड़ी का पीछे वाला गेट खोला जिसमें से अयान बाहर निकला। इस समय उसने अपने कोट को अपने कंधों पर डाला हुआ था। शर्ट की स्लीव्स एल्बो तक फोल्ड थी और शर्ट के ऊपर के तीन बटन खुले हुए थे। बाल मैसी हुए हुए थे। चलते हुए इस लुक में अयान हद से ज्यादा हॉट एंड हैंडसम लग रहा था।
वहीं विला के लिविंग एरिया में करीब 25 साल की एक खूबसूरत लड़की बैठी हुई थी। उसने इस समय रेड कलर की नाइटी पहनी हुई थी और बालों को इकठ्ठा कर आगे किया हुआ था। चेहरे पर खूब सारा मेकअप और होंठों पर रेड कलर की डार्क लिपस्टिक। देखने से वो इंडियन तो कहीं से भी नहीं लग रही थी।
गाड़ियों की आवाज सुनते ही वो सोफे से खड़ी हो अपनी नाइटी ठीक करने लगी। गले से थोड़ी और नीचे सरकाई और बालों को ठीक से आगे करते हुए नेट के shrug को ठीक करने लगी।
तभी उसे सामने से अयान आता दिखा। जिसे देख उस लड़की के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ गई।
अयान के लिविंग एरिया में आते ही वो उसके सीने से लग गई और अपनी अंगुलियों को उसकी चेस्ट पर फेरते हुए कहा, "डार्लिंग... बहुत टाइम लगा दिया तुमने घर आने में।" उस लड़की के चेहरे पर बहुत ही प्यारी स्माइल थी।
अयान ने बिना उसकी तरफ देखे ही कहा, " सेलिना डार्लिंग... you know very well work is very important for me." बोलते हुए उसने सेलिना का हाथ अपनी चेस्ट पर से हटाया ," I need some rest. तुम फिलहाल तुम्हारे रूम में जाकर रेस्ट करो।"
बोलकर उसके कदम सीढ़ियों की तरफ बढ़ गए।
***
सेलिना का अयान से क्या रिश्ता है ये आगे के भागों में जानेंगे और आईना को वो कैसे जानता है और उनके बीच में क्या है ये भी हम आगे पढ़ेंगे।
अयान ने बिना सेलिना की तरफ देखे कहा, " सेलिना डार्लिंग... you know very well work is very important for me." बोलते हुए उसने सेलिना का हाथ अपनी चेस्ट पर से हटाया ," I need some rest. तुम भी अपने रूम में जाकर रेस्ट करो बहुत रात हो चुकी है।" भले ही उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे लेकिन आवाज में एक सख्ती थी जैसे सेलिना का इस तरह से बिहेव करना उसे बिल्कुल भी पसन्द ना आया हो।
अपनी बात खत्म करके उसके कदम सीढ़ियों की तरफ बढ़ गए।
अयान का इतना ठंडा और सख्त रवैया देख सेलिना का चेहरा एक पल को काला पड़ गया। उसकी आंखों में गुस्सा और तिरस्कार साफ झलक रहा था। उसने पीछे से अयान को जाते हुए देखा, फिर अपने हाथ को देखा जिसे अभी कुछ सेकंड पहले अयान ने झटक कर अलग किया था।
उसके होंठों पर एक फीकी मुस्कान आ गई, लेकिन वो मुस्कान उसकी आँखों में छुपे तूफान को नहीं ढक सकी।
"तुम इस तरह मुझसे आसानी से पीछा नहीं छुड़ा सकते, अयान," सेलिना ने धीमे से बुदबुदाया और अपनी ड्रिंक उठाकर एक लंबा घूंट लिया।
फिर वो ग्राउंड फ्लोर पर ही बने कमरों में से एक कमरे में चली गई।
***
अगली सुबह
Bandra Bandstand, Skyline Bay
समंदर की लहरें सूरज की पहली किरणों से सोने जैसी चमकने लगी थीं। सुबह के सात बज रहे थे आइना बालकनी में पूरी एनर्जी के साथ कार्डियो कर रही थी। उसने ग्रे कलर का फिटेड टॉप और ब्लैक योगा पैंट पहनी हुई थी और बालों की हाई पोनी बनाई हुई थी। पसीने में भीगी उसकी स्किन पर जब सूरज की किरणें पड़ उसके स्किन में अलग ही चमक पैदा कर रही थी। उसकी स्किन सोने के समान दमक रही थी।
तभी पीछे से सान्वी की आवाज आई, " आईना तेरे फोन पर अंकल की कॉल कितनी बार आ चुकी है।" ये सुनते ही आईना तुरंत रूक गई और पास ही रखे टॉवेल से अपना पसीना पौछते हुए उसने सान्वी के हाथ से फोन ले लिया। काफी देर से कार्डियो करने के बाद भी उसके चेहरे पर कोई जरा सी भी थकान नहीं थी।
उसने देखा उसके डेड की तीन मिस्ड कॉल्स थी।
कॉल बैक कर फोन कान पर लगा सामने से रिस्पॉन्स आने का वेट करने लगी। दो ही रिंग बाद फोन पिक हो गया।
सामने से आईना के डेड अनिरुद्ध रॉय की आवाज आई, " गुड मॉर्निंग प्रिंसेस!"
" गुड मॉर्निंग डेड" बालकनी की रेलिंग के पास खड़ी समुद्र को देखते हुए कहा। " आज सुबह सुबह आपको आपकी प्रिंसेस की याद कैसे आ गई।"
अनिरुद्ध, " प्रिंसेस , नेक्स्ट वीक ओजस लन्दन से वापिस आ रहा है। और हम चाहते हैं उस समय आप यहाँ कोलकाता में हो। उसे बहुत खुशी होगी अगर उसकी छोटी बहन उससे मिलने आएगी।"
" क्या... ओज ब्रो वापिस इंडिया आ रहे हैं।" आईना एक्साइटेड में उछलते हुए बोली।
" यस माय स्वीटहार्ट। इसलिए अब आपको यहाँ आना ही होगा। और उन दोनों आतंकियों को भी ले आना।" अनिरुद्ध जी ने मुस्कुराते हुए कहा।
आईना, "ऑफकोर्स डेड हम सब टाईम से आ जाएंगे।"
" आप अकेले ही अपनी बेटी से बात करते रहेंगे या मुझे भी बात करने का थोड़ा टाईम देंगे।" आईना को वो फोन के दूसरी तरफ से एक लेडी की स्वीट सी आवाज सुनाई दी।
" डेड मम्मा भी वहीं हैं?" आईना ने आवाज सुन पूछा।
" हाँ बेटा मैं भी यहीं हूँ लेकिन तुम्हारे डेड की बातें ही इतनी लम्बी होती है कि किसी और को बात करने का मौका ही नहीं देते।" गौरी ( आईना की मॉम) ने कहा।
थोड़ी देर अपनी मॉम से बात करने के बाद आईना कॉल कट कर लिविंग एरिया में सोफे पर आकर बैठ गई, सान्वी वहाँ पहले से ही बैठी हुई थी।
प्रिशा अगड़ाई लेते हुए वहां आई, " गुड मॉर्निंग गर्ल्स।"
सान्वी और आईना एक साथ बोली, " गुड मॉर्निंग स्लीपिंग ब्यूटी!"
प्रिशा, " तुम दोनों इतने आराम से बैठी हो... कॉलेज नहीं जाना?"
आईना मुस्कुराते हुए, " सोच रहे हैं आज बंक मार ले क्यों कैसा लगा आइडिया?"
" मस्त!" दोनों एकसाथ बोली।
***
Mittal Empire Tower, Mumbai
Mittal Empire Tower, इंडिया की सबसे बड़ी मल्टी-बिजनेस स्काईलाइन में से एक थी। जहां एक ओर बिजनेस, टेक्नोलॉजी, फार्मा, इंटेलिजेंस और डिफेन्स जैसे अलग-अलग सेक्टर्स के हेडक्वार्टर्स मौजूद थे, वहीं इस टावर की सबसे ऊँची और सबसे सिक्योर्ड फ्लोर पर था – "A.K. Enterprises" का हेड ऑफिस।
अयान कपूर, देश-विदेश में चर्चित नाम, आज बहुत टाइम बाद इंडिया के ऑफिस में कदम रख रहा था।
सुबह के दस भी नहीं बजे से उससे पहले ही हेड क्वार्टर के बार अयान की गाड़ी आकर रूकी। उसके एंट्री करते ही उसकी सिक्योरिटी टीम रेडी खड़ी थी। अयान गाड़ी से बाहर निकला , ब्लैक सूट में दो बॉडीगार्ड्स उसके साथ लिफ्ट तक गए, जहां खास “रिटिना स्कैन” से लिफ्ट खुली, कुछ मिनट बाद लिफ्ट सीधा 52वीं मंज़िल पर आकर रुकी।
लिफ्ट के दरवाज़े खुले, तो सामने से रिसेप्शन पर बैठी लड़की घबरा गई। इतनी पॉवरफुल प्रेसेंस वाला आदमी उसने अब तक सिर्फ न्यूज़ में ही देखा था।
"गुड मॉर्निंग, मिस्टर मित्तल," वो लड़खड़ाते हुए बोली।
अयान ने बिना मुस्कुराए सिर्फ एक नजर डाली और आगे बढ़ गया। तभी पीछे से भागता हुआ और अयान के पीछे पीछे चलते हुए उसे आज का शेड्यूल बताने लगा।
चारों ओर कांच की दीवारों से बना हॉल, हाई-टेक स्क्रीन, ऑटोमैटिक डोर लॉक सिस्टम, और साइलेंस… ऐसा माहौल था जहाँ सिर्फ पॉवर की गूंज थी।
उसका केबिन एक पूरे फ्लोर के बराबर था – बड़े ग्लास पैनल से शहर और समुद्र का नज़ारा साफ दिखता था। एक ओर स्ट्रैटेजी मीटिंग रूम था, तो दूसरी ओर प्राइवेट आर्म्स लैब का एंट्री पॉइंट।
वहाँ पहले से ही सारे टॉप डायरेक्टर्स और असिस्टेंट्स अयान के वेलकम के लिए मौजूद थे।
"बैठ जाइए," अयान ने धीमे स्वर में कहा, लेकिन उसके लहजे में जो ठंडापन था, वो किसी आदेश से कम नहीं था।
"आज से सबकुछ मेरे हिसाब से होगा... बहुत टाइम आप लोगों ने अपनी मर्जी कर ली लेकिन अब अयान मित्तल वापसी आ गया है। मुझे काम में किसी भी तरफ की लापरवाही नहीं चाहिए। एक गलती आपको बाहर का रास्ता दिखाएगी।" अयान की लहजा सख्त और वार्निंग वाला था।
उसकी ये बात सुनकर सबके चेहरों पर तनाव की रेखा खिंच गई। लेकिन किसी की हिम्मत नहीं थी सवाल करने की।
कुछ ही देर में प्रोजेक्टर ऑन हुआ – हथियारों के नए मॉडल, इंटरनेशनल ट्रेड डील्स, और डिफेन्स मिनिस्ट्री से जुड़ी गोपनीय डील्स सामने आने लगीं।
अयान सब ध्यान से सुन रहा था, लेकिन उसके चेहरे पर कोई खास एक्सप्रेशन नहीं था।
अचानक वो उठा और खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया।
"मुझे इस ऑफिस की हर चीज़ की रिपोर्ट चाहिए – हर आदमी, हर प्रोजेक्ट, हर ट्रांजेक्शन। और हां..."
वो पलटा और एक ठंडी मुस्कान के साथ बोला,
"जिन्हें लगता है मैं सिर्फ बाहर से बिजनेस चलाता था… अब देखो, मैं यहां क्या-क्या बदलने वाला हूँ।"
ऑफिस में पहली बार किसी को समझ आ गया था –
"अयान मित्तल इंडिया लौट चुका है… और अब कोई खेल नहीं होगा।"
थोड़ी देर बाद हॉल पूरी तरीके से खाली हो चुका था। अयान ने अपने असिस्टेंट समीर से पूछा, " शाम के लिए सारी अरेंजमेंट हो गई।"
समीर, "यस सर!"
अयान, "और उसका क्या हुआ जो तुम्हें स्पेशल ऑर्डर करने के लिए कहा था।"
समीर, " उसकी डिलीवरी भी दोपहर तक हो जाएगी।"
अयान ने बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "गुड!"
अयान ने फिर पूछा, " डिलीवरी ऑफिस एड्रेस पर ही बोली है ना।"
अयान का यह सवाल सुनते ही समीर ने कुछ नहीं कहा और सिर झुका कर खड़ा हो गया।
वहीं अयान उसे गुस्से से जलती हुई नजरों से घूर रहा था।
" सॉरी सर, वो मुझे ध्यान नहीं रहा और मैंने विला का एड्रेस दे दिया।" समीर ने अटकते हुए किसी तरह अपनी बात पूरी की।
" कितने सालों से जानते हो तुम मुझे?" अयान ने घूरते हुए सवाल किया।
" कॉलेज टाइम से !" समीर ने हिम्मत करके जवाब दिया।
अयान , " तब भी नहीं पता अयान की दुनिया में गलती का अंजाम क्या होता है।" अयान ने जलती निगाहों से समीर को देखते हुए कहा, " दोपहर में डिलीवरी होने वाली है ना... अभी फोन करो और बोलो डिलीवरी अब ऑफिस एड्रेस पर होगी।"
यह सुनते ही समीर की जान में जान आई उसे तसल्ली हुई कि अयान ने उसे कोई पनिशमेंट नहीं दी उसने जल्दी से ज्वैलर को फोन किया और उसे डिलीवरी ऑफिस में करने के लिए कहा।
लेकिन सामने वाले की बात सुन उसकी आंखें हारने से फैल गई और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन भी बिल्कुल बदल गए।
उसका मन कर रहा था कहीं जाकर छुप जाऊं लेकिन अयान के सामने होते हुए यह भी करना मुश्किल था।
वहीं अयान की नजरे अभी भी समीर पर तकलीफ टिकी हुई थी और उसके चेहरे के आते जाते भावों को देख समझने की कोशिश कर रहा था जैसे ही समीर ने फोन कट किया अयान ने घूरते हुए पूछा, " क्या हुआ तुम इतना क्यों डर रहे हो।"
अयान की सख्त आवाज सुनकर समीर अंदर तक हिल गया उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ भी बताने की लेकिन बताना तो था ही आखिर वह कब तक अयान से इस बात को छुपा सकता था।
घबराते हुए उसने बोलना शुरू किया, " सर ज्वेलर ने वह पार्सल थोड़ी देर पहले ही भेज दिया है आपके घर के एड्रेस पर और उनके डिलीवरी बॉय ने बताया है कि वहां पर एक मैडम ने पार्सल को रिसीव कर लिया है।" आज तो समीर की जान हल्क में अटकी हुई थी वो किसी तरह भगवान से प्रेयर कर रहा था कि उसकी आज की गलती के लिए किसी भी तरह अयान उसकी जान बख्श दे।
***
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अब आगे...
यह सुनते ही अयान की थ्योरियां चढ़ गई और वह पहले से भी ज्यादा गुस्से से समीर को घूरने लगा। अयान की गुस्से भरी निगाहें देख समीर को एक पल के लिए लगा कि जैसे आज उसकी मौत निश्चित है आज यमराज खुद उसे लेने आने वाले हैं ।
लेकिन तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आया उसने हिम्मत कर कहा, "सर अगर आप कहें तो मैं सेम वैसा ही एक और ऑर्डर पर बनाने के लिए बोल देता हूँ शाम तक वो लोग डिलीवरी कर ही देंगे।"
समीर की बात सुन अयान अपनी जगह से खड़ा हुआ, इस समय उसका चेहरा बिल्कुल एक्सप्रेशनलेस था। उसके मन में चल क्या रहा है पता लगाना मुश्किल।
वो समीर के सामने आकर खड़ा हो गया... और घूरते हुए कहा, " मैंने मेरी बटरफ्लाई के लिए सबसे यूनीक गिफ्ट चूस किया था जो तुम्हारी वजह से गलत हाथों में चला गया और अब तुमने यह बात कह कर एक और गलती कर दी।" फिर एक गहरी सांस ले, " गलती पर गलती करके तुम क्या सोच रहे हो तुम बच जाओगे। "
समीर गर्दन झुका कर खड़ा हो गया। जैसे एक बच्चे को उसके पैरेंट्स से डांट सुननी पड़ रही हो और उसे ये भी नहीं पता हो कि उसे पनिशमेंट क्या मिलने वाली है।
अयान, " तुम अभी मेरे घर जाओ और सेलिना से वो लेकर आओ। समझे!"
समीर शॉक्ड नजरों से अयान को देखने लगा। " सर आप मुझे कोई और पनिशमेंट दे दीजिए मैं रेडी हूँ लेकिन सेलिना मैम से वो वापिस मांगना... उन्हें कैसा लगेगा?"
अयान एक हाथ पॉकेट में डाल विंडो के पास जा बाहर देखते हुए, "ये सोचना मेरा काम नहीं है। गलती तुमने की है तो अब सुधारनी भी तुम्हें ही होगी।"
अयान ने अपना फरमान सुना दिया था अब समीर उसे अंजाम कैसे देगा ये देखना उसकी जिम्मेदारी थी।
***
तीनों फ्रेंड्स रेडी हो अपार्टमेंट से निकल गई।
सान्वी, " यार आज हम कितने दिनों बाद इस तरह से घूमने निकलें हैं।"
प्रिशा, " अभी पिछले हफ्ते ही गए थे।"
सान्वी, " हां तो उस बात को पूरे सात दिन से ज्यादा हो गए।"
इनकी बकबक खत्म ना होती देख आईना ने गाड़ी में म्यूजिक प्ले कर दिया और एंजॉय करते हुए ड्राइव करने लगी।
थोड़ी ही देर बाद आईना ने गाड़ी मुंबई के लग्जरी मॉल में से एक मॉल के बाहर रोकी।
आईना बोली, " पहले हम लोग मूवी देखेंगे उसके बाद डिसाइड करेंगे कि क्या करना है।" सान्वी और प्रिशा ने अच्छे बच्चों की तरह हां में सिर हिला दिया।
पहले उन तीनों ने एक रोमांटिक मूवी देखी उसके बाद उन्होंने पहले लंच करने का सोचा जिसके लिए पहले वो मॉल में ही बने रेस्टोरेंट एरिया में चली गई। फिर उन तीनों ने बहुत सारी शॉपिंग की। और आज उन तीनों ने खूब मस्ती भी की।
वैसे भी आईना को नेक्स्ट वीक कोलकाता जाना था इसलिए उसने अपनी फैमिली के लिए भी शॉपिंग की।
इन सब में आईना को याद ही नहीं रहा कि वो आज अयान से मिलने वाली है।
***
कम्पनी से निकलने के एक घंटे बाद समीर अयान के विला के बाहर अपनी गाड़ी के पास खड़ा हुआ था। उसके चेहरे पर घबराहट झलक रही थी।
" अयान सर ने काम दिया है तो उसे पूरा करना ही होगा। चल समीर अब तेरा कुछ भी नहीं हो सकता।" समीर गाड़ी के पास खड़ा खुद से बोल रहा था।
उसने हिम्मत कर डोर बेल बजाई। एक सर्वेंट के कुछ ही सेकेंड बाद डोर खोल दिया।
समीर, "मुझे सेलिना मैम से मिलना है।"
सर्वेंट ने समीर को अन्दर आने की जगह दी और खुद वो सेलिना को बुलाने चली गई।
करीब पाँच मिनट बाद ग्राउंड फ्लोर के उसके रूम से सेलिना बाहर आई। उसके चेहरे पर बड़ी सी स्माइल झलक रही थी।
समीर को देख, "अब क्या सरप्राइस देने का सोचा है अयान ने मुझे और हां उन्हें बता देना कि मुझे उसका सरप्राइस पसन्द आया।"
समीर अपनी हथेलियों को मसलते हुए अपनी बात कहने की हिम्मत जुटा रहा होता है। उसे कुछ ना बोलते देख सेलिना बोली, " कुछ बात है क्या?"
समीर, " व... वो मैम एक्चुअली आपके पास गलत गिफ्ट आ गया। अयान सर ने आपके लिए वो नहीं ये लिया था।" समीर ने झिझकते हुए अपनी बात कह ही डाली और सेलिना की तरफ एक छोटा सा बॉक्स बढ़ा दिया।
सेलिना कभी उस बॉक्स को देखती तो कभी समीर को।
" तो वो गिफ्ट फिर किसके लिए है?" सेलिना ने सवाल किया।
" वो तो मुझे नहीं पता लेकिन सर ने मुझे ये आपको देने के लिए कहा है और आप प्लीज वो वाला बॉक्स वापिस कर दीजिए।" समीर ने कहा।
सेलिना, " अयान ये लेकर खुद भी तो यहाँ आ सकता था... उसने तुम्हें क्यों भेजा?"
समीर, " सर की दो इंपोर्टेंट मीटिंग हैं और शायद वो रात को भी देर से ही आएं।"
"ओह तो उसने इसलिए तुम्हें यहां भेजा है उसकी तरफ से सफाई देने के लिए" सेलिना ने झूठी मुस्कान मुस्कुराते हुए कहा।
" नो मैम... ऐसा कुछ भी नहीं है। सर सच में बिजी हैं।" समीर ने सफाई पेश की। " आप प्लीज वो बॉक्स का देंगी। मुझे ऑफिस भी जाना है।"
" yaa sure! " सेलिना अपने रूम में चली गई।
समीर वहीं खड़ा हुआ था , उसे देख ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी जंग के मैदान में खड़ा हुआ हो और कहीं से भी कभी भी उसपर हमला हो सकता हो।
" ये लो और ये वाला भी मुझे कोई सा भी नहीं चाहिए। बोल देना अपने अयान सर से कि मुझे उसकी खैरात की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।" समीर ने कांपते हाथों से दोनों गिफ्ट बॉक्स ले लिए। अब उसे ज्यादा देर वहां खड़े रहना ठीक नहीं लगा इसलिए जल्दी से बाहर आ गया।
" थैंक्स टू गॉड! आज तो बाल बाल जान बची।" गहरी साँस भरते हुए कहा। "चल समीर अब जल्दी से जाकर ये गिफ्ट जाकर अयान सर को देना है। इनके चक्कर में आजतक एक लड़की भी नहीं पता सका और खुद को देखो... " समीर बड़बड़ाते हुए ड्राइव कर रहा होता है। अचानक ही उसकी नजर सामने गई और उसने जल्दी से गाड़ी की ब्रेक लगाई।
ब्रेक लगते ही समीर की गाड़ी एक झटके से रुकती है। उसने घबराकर सामने देखा, एक लड़की रोड क्रॉस कर रही थी और वो उसे टक्कर मार ही देता अगर उसने ब्रेक लगाने में एक सेकेंड की भी देरी की होती।
लड़की पीछे हटकर गाड़ी को घूरती है, चेहरे पर गुस्सा लिए।
लड़की तेज़ आवाज़ में बोली, " ओए अंधा है क्या? जो सड़क पार करती इतनी बड़ी लड़की नहीं दिखी।
समीर जल्दी से गाड़ी से उतरा, " पहले ही देर हो रही है इस लड़की की वजह से और देर हो जाएगी।
उसने उस लड़कर के आगे हाथ जोड़ते हुए "सॉरी मैम, वो मैं ज़रा टेंशन में था..." समीर किसी भी तरह जल्दी से जल्दी इस परेशानी से निकलना चाहता था।
समीर, "sorry मैम! आपको कहीं लगी तो नहीं? वो मैं थोड़ा जल्दी में था।"
लड़की अपनी कमर पर हाथ रख समीर को घूरते हुए बोली, " ओह मिस्टर जल्दी में थे का क्या मतलब है गाड़ी को प्लेन समझकर सड़क पर चलाओगे और किसी को भी उड़ाने के लिए तैयार रहोगे।"
लड़की की बात सुन समीर को अब गुस्सा आने लगा, " देखिए मैम आपको लगी तो नहीं ना... मैंने गाड़ी के ब्रेक टाइम से लगा लिए थे। इसलिए अब आप फालतू बोल रही हैं।"
लड़की, " तो तुम क्या चाहते थे आज ही मेरा राम नाम सत्य हो जाता।"
करीब पाँच मिनट की बहस के बाद समीर ने उस लड़की से बहुत ही मुश्किल से अपना पीछा छुड़ाया और गाड़ी को फूल स्पीड से दौड़ाने लगा क्योंकि उसे जल्द से जल्द ऑफिस पहुंचना था।
*****
हैलो फ्रेंड्स
आज के लिए इतना ही।
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समीर गाड़ी को सुपर स्पीड में दौड़ाते हुए सीधा मित्तल एम्पायर की बिल्डिंग के बाहर आकर रुका।
कुछ ही देर बाद वो अयान के सामने खड़ा हुआ था।
अयान के चेहरे पर हल्की सी मुस्कराहट थी। उसने उसे एक नजर देखते हुए कहा, "अच्छा! मुझे तुम्हारी यही आदत अच्छी लगती है, तुम्हें जो काम दिया जाए, तुम वह किसी भी हाल में करके ही रहते हो, तभी तो आज तक मेरे पास तुम ही टिके हुए हो।"
अयान के मुँह से अपनी तारीफ सुनकर समीर फूला नहीं समा रहा था, शरमाते हुए उसने कहा, "थैंक यू सर। मैं तो हमेशा अपनी तरफ से 102% देने की कोशिश करता हूँ।" वो शर्मा तो ऐसे रहा था जैसे उसकी तारीफ अयान ने नहीं, किसी लड़की ने की हो।
***
तीनों शॉपिंग करके करीब 5 बजे घर वापिस आई। आईना जैसे ही अपने रूम में आई तभी उसके फोन पर एक मैसेज का नोटिफिकेशन आया।
आईना ने देखा उसमें अयान का मैसेज था। उसमें लिखा था कि वो 7 बजे तक तैयार रहे। अयान उसे लेने के लिए गाड़ी भेज देगा।
अयान का मैसेज पढ़ आईना खुशी से उछल पड़ी और फिर कबर्ड में से शाम को पहनने के लिए ड्रेस चूस करने लगी। ये सब करते हुए वो बहुत ही ज्यादा खुश थी।
***
शाम का समय
एक पहाड़ी को बहुत ही सुंदर सजाया गया था। चारों तरफ फैली फेयरी लाइट्स जैसे रात के अंधेरे को अपनी नरम रोशनी से गले लगा रही थीं और अंधेरे को मिटाना चाह रही थीं। अभी शाम पूरी तरह से नहीं ढली थी, इसलिए वहाँ का नज़ारा और भी खूबसूरत लग रहा था।
आसपास के पेड़ों पर हैंडमेड लैम्प्स टंगे हुए थे, जो टिमटिमा रहे थे और वहाँ की खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे।
एक किनारे पर लकड़ी का छोटा सा डिनर सेटअप, जिसमें सफेद गुलाबों से सजा टेबल और कैंडल्स की रोशनी, हर चीज़ को बेहद इंटिमेट और ड्रीमी बना रही थी।
ब्लैक सिल्क शर्ट और डार्क ट्राउज़र्स में, अयान पहाड़ी के किनारे पर खड़ा हुआ किसी के आने का इंतजार कर रहा था।
इंतजार की घड़ियाँ खत्म हुईं और तेज़ी से एक गाड़ी उस पहाड़ी की तरफ ही बढ़ते हुए आ रही थी। गाड़ी की आवाज़ सुनते ही अयान ने पीछे मुड़कर देखा और धीमे कदमों से आगे बढ़ा। जैसे ही गाड़ी उसके पास आकर रुकी, उसने बड़ी ही शिद्दत से गाड़ी के पीछे का दरवाजा खोला और अपना हाथ आगे बढ़ा दिया।
आईना ने अपनी नाज़ुक हथेली अयान की हथेली पर रख दी और बहुत ही संभल कर वो गाड़ी से बाहर निकली। उसने लैवेंडर कलर का ऑफ-शोल्डर गाउन पहना हुआ था। कानों में डायमंड इयररिंग्स, गले में पतली सी चेन, कलाई में ब्रेसलेट। मेकअप के नाम पर बस आँखों में हल्का सा काजल और होंठों पर लाइट पिंक कलर की लिपस्टिक और गालों पर ब्लशर लगाया हुआ था।
आईना इतने में ही बहुत खूबसूरत लग रही थी।
जैसे ही उसके पैर ज़मीन पर पड़े, अयान ने धीमे से कहा, "Welcome to my kind of magic... butterfly..."
आईना ने चारों तरफ देखा, उसे ये सबकुछ बहुत ही सुंदर लगा। जैसे कोई सपनों का जहां हो।
आईना, "ये सब... मेरे लिए?"
अयान मुस्कुराया, "नहीं, ये सब हमारे लिए है।" उसने उसके कान के पास आकर कहा।
उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया, आईना ने बिना झिझके थाम लिया।
वो दोनों पहाड़ी के किनारे बने टेबल तक पहुँचे। अयान ने कुर्सी खींचकर आईना को बैठाया, फिर खुद बैठा।
उनके बीच कुछ पल की खामोशी थी... लेकिन वो खामोशी बोझिल नहीं थी। उसमें एक अलग ही एहसास दिख रहा था... जैसे कुछ ना कहकर भी बहुत कुछ कह रहे हों।
आईना को क्या पसंद है और क्या नहीं, अयान को उसकी पसंद बखूबी पता थी। इसलिए उसने आज की सारी डेकोरेशन आईना की पसंद की हिसाब से ही रखी थी। अयान ने अपने फोन में कुछ किया। तभी वहाँ दो लोग आए और टेबल पर जूस और स्नैक्स रख उन्हें दोनों को सर्व करने लगे। लेकिन अयान ने उन्हें इशारे से मना कर दिया और वहाँ से जाने का इशारा किया ।
वहां टेबल पर सबकुछ आईना की ही पसंद का था। जिसे देख आईना की आंखों में चमक आ गई।
अयान ने खुद आईना को उसकी पसंद का ऑरेंज जूस सर्व किया। अयान को पता था कि आईना को जूस में पल्प पसंद नहीं है, इसलिए उसने पहले ही सब उसके हिसाब से ही बनवाया था अपने शेफ से।
आईना ने मुस्कुराते हुए अयान को देखा और कहा, " मिस्टर डेविल... नाइस देख कर अच्छा लगा कि आपको अभी तक मेरी पसन्द और नापसंद के बारे में बहुत ही अच्छे से पता है।"
उसकी बात सुनते ही वो हल्के से मुस्कराया और बोला, "तुम्हारी पसंद भुलाना आसान नहीं है, बटरफ्लाई... और वैसे भी, जो चीज़ दिल के करीब होती है, वो याद रखने की ज़रूरत नहीं पड़ती — वो खुद-ब-खुद याद रह जाती है।"
आईना ने जूस का सिप लिया, " हम्मम... यम्मी! वैसे ना आप बहुत बड़े वाले liar हो।"
आईना की बात सुन अयान उसे हैरानी भरे भाव से देखने लगा। उसे कुछ समझ नहीं आया कि उसने liar क्यों कहा
त्यौरियां चढ़ा अयान ने पूछा, " वो कैसे..?"
आईना, "इतना ही मेरी पसन्द और नापसंद का ख्याल होता तो ... मुझसे इतनी दूर नहीं जाते आप!"
आईना बहुत ही प्यार से अयान को देख रही थी लेकिन उसकी आंखों में बहुत से सवाल मौजूद थे। वहीं अयान के चेहरे पर ज्यादा कोई एक्सप्रेशन नहीं होते लेकिन उसकी आँखें वो बहुत कुछ कहना चाह रही थी।
आईना ने कुछ सोच सवाल किया, " वैसे आप अचानक से इंडिया क्यों आए?"
आईना का सवाल सुन पहले तो कुछ देर अयान उसे देखते रहा। लेकिन जैसे ही वो बोलने वाला था तभी टेबल पर रखा उसका फोन बजने लगा।
स्क्रीन की तरफ देख अयान की नजरें सर्द हो गई उसने फोन साइलेंट कर वापिस रख दिया। आईना ने भी कॉल के बारे में कुछ पूछना जरूरी नहीं समझा।
तभी अयान ने एक प्लेट में नूडल्स सर्व किए और आईना को खुद अपने हाथों से खिलाने लगा। आईना भी बहुत ही आराम से अयान के हाथों से खा रही थी। उन दोनों को देख ये कहीं से भी नहीं लग रहा था कि वो आज पहली बार मिल रहे हैं। और यह सच भी था यह उन दोनों की कोई पहली मुलाकात नहीं थी।
अयान सिर्फ आईना को खिला रहा था खुद तो उसने कुछ खाया ही नहीं। ये देख आईना ने आँखें बड़ी करते हुए कहा, " अरे आप तो सिर्फ मुझे ही खिला रहे हैं। खुद तो आपने कुछ खाया ही नहीं।"
आईना के थोड़ा करीब झुकते हुए बोला, " तुम्हें तो मैं खिला रहा हूँ... अब तुम्हारा फर्ज बनता है ना कि तुम मुझे अपने हाथों से खिलाओ।"
आईना ने दूसरा फोर्क उठाया और अयान को खिलाने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि उसका फोन दुबारा से बजने लगा। अयान ने वापिस से फोन साइलेंट कर दिया।
अब आईना अयान को नूडल्स खिलाने लगी।
अयान का फोन एक बार फिर बजा। स्क्रीन पर चमक रहे नाम को देख हर बार अयान की आंखों में पहले से भी ज्यादा सर्दपन आ जाता। लेकिन वो आईना के सामने अपने एक्सप्रेशन छुपाने की पूरी कोशिश कर रहा था।
वहीं आईना की नजरें सिर्फ अयान पर टिकी हुई थी। " कॉल रिसीव कर लीजिए। लगता है कोई आपसे बात करने के 🤥 बेसब्र हो रहा है।" आईना ने अयान की तरफ देखते हुए कहा। लेकिन आईना ही जानती थी, इन कॉल्स की वजह से उसे कहीं ना कहीं इनसिक्योरिटी फील हो रही होती है।
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कैसा लगा आज का पार्ट
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अयान का फोन बार-बार बजने की वजह से कहा आखिरकार आईना ने कहा, "लगता है कोई आपसे बात करने के लिए कुछ ज्यादा ही बेताब हो रहा है पहले आप जाकर बात कर लीजिए उसके बाद हम आगे कंटिन्यू करते हैं।"
आईना की बात सुन अयान खड़ा हुआ और टेबल पर से अपना फोन उठा आ रही कॉल को रिसीव कर लिया। "व्हाट इस दिस, सेलिना? जब मैं कॉल नहीं उठा रहा... इसका मतलब है कि मैं कहीं बिजी हूँ... तो बार-बार कॉल करके क्यों परेशान कर रही हो?" अयान ने ये बात बहुत ही गुस्से में कही थी। क्योंकि वो नहीं चाहता था उसके और आईना के बीच के लम्हों को भी स्पाइल करे।
सेलिना, "मैं सिर्फ़ यह जानना चाहती हूँ कि तुम कहाँ और किसके साथ हो?" सेलिना की आवाज़ से लग रहा था कि उसे अयान के गुस्से से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
अयान, " मैं तुम्हें हर बात नहीं बता सकता समझी!"
सेलिना ने अपने ही अंदाज में कहा, " बेबी! लगता है तुम नाराज हो रहे हो? मुझे तो बस तुम्हारी फिक्र हो रही थी। क्योंकि मैं देख रही हूँ जब से हम इंडिया आए हैं तुमने मेरे साथ बिल्कुल भी टाइम स्पेंड नहीं किया।"
अयान बोला," तुम्हारे साथ टाइम स्पेंड करने के अलावा भी मुझे यहां पर और भी बहुत से कम है। तुम अपना इंजॉय करो जो करना है वह करो और मुझे मेरा काम करने दो।"
"अयान अगर तुमने मुझे धोखा देने के बारे में सोचा भी तो... तुम सोच भी नहीं सकते कि मैं तुम्हारे साथ क्या कर सकती हूं।" इस बार सेलिना का लेजा थोड़ा सा था। जैसे वो अयान को धमका रही हो। लेकिन अयान कहां किसी से डरने वालों में से था।
" सेलिना डार्लिंग... धमकी... वो भी अयान मित्तल को। बहुत ही बेवकूफाना हरकत है।" अगले ही पल अयान ने कॉल कट कर दी।
दूसरी तरह सेलिना ने गुस्से में अपना फोन फेंक दिया वो तो शुक्र है फोन कार्पेट पर गिरा जिसकी वजह से टूटा नहीं।
गुस्से में उसने ड्रेसिंग टेबल पर रखा सारा कीमती सामान फेंक दिया फिर मिरर में खुद को देखते हुए खुद से बोली, " तुमने वादा किया था कि तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे लेकिन अब वो वादा झूठा लग रहा है। अगर तुम्हारी जिंदगी में कोई शख्स आया तो उसे मैं छोडूंगी नहीं।" अपना अक्स देखते हुए वो जोर जोर से हँसने लगी।
दूसरी तरफ
अयान कॉल कट कर जैसे ही पीछे मुड़ा उसके ठीक सामने आईना खड़ी हुई थी।
अयान, " बटरफ्लाई... तुम यहाँ क्यों आ गई?"
आईना, " क्योंकि आपको कुछ ज्यादा ही टाईम लग रहा था... वैसे क्या बात है आप कुछ परेशान लग रहे हो?"
अयान ने अपने चेहरे पर हाथ फेरा फिर आईना की आंखों में देखते हुए कहा, " बहुत टाईम बाद यहाँ का बिजनेस देख रहा हूँ तो बस..."
अयान ने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया क्योंकि वो आईना से झूठ बोलना नहीं चाहता था और सच फिलहाल बता नहीं सकता है।
आईना , " अच्छा अब ये सब छोड़िए आइए बैठकर थोड़ी देर बातें करते हैं।" आईना ने अयान का हाथ पकड़ा और अपने साथ खींचते हुए टेबल के पास ले आई।
उसका ऐसा रवैया देख अयान ने उसकी नोज पर पिंच करते हुए कहा, " कुछ ज्यादा ही समझदार हो गई हो।" फिर कुछ सोचकर, " इस बार तो कहीं नहीं जाएंगे ना?"
अयान ने नजर उठाकर देखा आईना की आँखें हल्की नम थी। अयान ने आईना का हाथ थामा और उसे कुर्सी से उठा अपनी गोद में बैठा लिया। अब उसके हाथ आईना की कमर के इर्द-गिर्द बंधे हुए थे।
आईना ने जरा सी भी खुद को छुड़ाने की या अयान से दूर जाने की कोशिश नहीं की। उसने अयान के कंधे पर अपना सर रख लिया जैसे वो सिर्फ इस पल को महसूस करना चाहती हो और अपने अंदर तक बसा लेना चाहती हो।
तभी आईना को कुछ याद आया वह अयान की गोद में ही सीधी बैठते हुए बोली, " मैं अगले हफ्ते कोलकाता जा रही हूं।"
अयान ने आईना को सवालिया नजरों से देखते हुए पूछा , "अचानक से कोलकाता क्यों ..?
आईना ने अयान को बताया ...उसका भाई ओजस इंडिया आ रहा है और इसीलिए उसके पापा ने वहां पार्टी रखी है।
अयान, ओजस को पहले से ही जानता था। वह दोनों कॉलेज फ्रेंड थे। यह खबर सुनते ही अयान ने भी मुस्कुराते हुए कहा, " यह तो अच्छी बात है कि ओजस इंडिया आ रहा है तुम्हें जरूर जाना चाहिए।"
थोड़ी देर बाद अयान की गोद से उठकर आईना अपनी चेयर पर आकर बैठ गई। फिर भी काफी देर तक वो लोग एक दूसरे से बातें करते रहे।
अचानक से वहाँ की हवाएं तेज होने लगी। आईना मौसम को देख बोली, " लगता है यहाँ बारिश होने वाली है।"
अयान , " बटरफ्लाई तुम्हें तो बारिश पसंद है ना?"
आईना चहकते हुए, " बहुत ही ज्यादा... लेकिन उससे भी ज्यादा आप पसंद हो। याद है आपको मेरा आपके साथ बारिश में भीगने का कितना मन था।"
अयान ने शिद्दत से आईना की तरफ देखते हुए कहा, " अब मैं हमेशा के लिए आ गया हूँ। मेरे साथ जो भी तुम्हारी विशेज थी सब पूरी होगी।"
अचानक हल्की हल्की बौछार शुरू हो गई। आईना खुश होते हुए खड़ी हो बाहें फैला गोल गोल घूमने लगी। अयान ने टेबल पर कोहनी टिकाई और अपने चेहरे को हथेली के सहारा से आईना को देखने लगा।
आईना, " वहां क्यों बैठे हैं...? यहाँ आइए ना भीग तो वैसे भी रहे है तो क्यों ना थोड़ा एंजॉय करके ही भीग लें।"
अयान अपने बालों में हाथ फेरता हुआ अपनी जगह से खड़ा हो आईना के पास आया और उसकी कमर में हाथ डाल अचानक से उसे अपने करीब खींच लिया। जिस वजह से आईना के हाथ अपने आप ही अयान के सीने पर आ गए।
अयान का एक हाथ आईना की कमर पर और दूसरा हाथ उसके चेहरे से बाल हटा कान के पीछे करने में लगा था। वहीं आईना उसे ये सब करते हुए बहुत ही प्यार भरी निगाहों से देख रही थी।
बारिश पहले से तेज हो चुकी थी और दोनों अब पूरी तरह भीग रहे थे।
अचानक से आईना अयान के सीने से लग गई, " अब तो आप मुझे छोड़कर कहीं नहीं जायेंगे ना।"
अयान आईना के सिर पर हाथ फेरते हुए, " कभी नहीं..."
आईना सिर उठा अयान के चेहरे को देखते हुए, " पक्के वाला प्रॉमिस।"
" मुझे प्रॉमिस करना पसन्द नहीं है... फिर भी सिर्फ तुम्हारे लिए प्रॉमिस।" अयान ने आईना का चेहरा अपने हाथों में भर कहा जिसे सुन आईना के चेहरे पर बड़ी वाली स्माइल आ गई। अगले ही पल अयान ने आईना के कोमल होंठो को अपने होंठों की गिरफ्त में ले आईना का एहसास महसूस करने लगा।
वहीं आईना के चेहरे पर एकपल के लिए भी शिकन या हैरानी नहीं थी। वो बस आँखें बन्द किए अयान को महसूस कर रही थी।
पाँच मिनट बाद ही वो आईना से दूर हो गया। अयान ने अपनी पॉकेट में से एक छोटा सा डार्क ब्लू कलर बॉक्स निकाला। ये वही बॉक्स था जो गलती से सेलिना के पास चला गया था।
उस बॉक्स पर गोल्डन कलर की बेहद ही खूबसूरत ‘Butterfly’ उकेरी गई थी।
आईना ने हैरानी से उस बॉक्स को देखा और फिर अयान को।
"ये क्या है?" वो धीरे से पूछ बैठी।
अयान उसकी आँखों में देखते हुए बोला,
" a very special gift for a special person."
उसने धीमे से वो बॉक्स खोला।
अंदर रखी थी एक बिलकुल यूनीक सी बटरफ्लाई शेप की लॉकेट चेन,
लॉकेट के पंखों पर बहुत सारे छोटे छोटे डायमंड्स थे।
और उसके सेंटर में एक नन्हा सा 'A & I' उकेरा हुआ था, बहुत ही सुन्दर.... जिसका साफ मतलब था...
Ayan & Aina
आईना की आंखें चमक उठीं। "ये... मेरे लिए?"
अयान ने लॉकेट बाहर निकालते हुए कहा,
"हाँ... तुम्हारे लिए। क्योंकि तुम मेरी दुनिया की वो तितली हो, जो मेरे अंधेरे को रंगों से भर देती है।"
उसने लॉकेट की चेन खोलकर, बहुत नर्मी से आईना के गले में पहनाया।
आईना अब भी कुछ नहीं कह पा रही थी। उसकी उंगलियाँ उस लॉकेट को छू रही थीं, जैसे यकीन कर रही हो कि ये सच है।
"Thank you, Mister Devil," कही ना कहीं आईना की आंखों में हल्की सी नमी थी।
अयान ने हल्के से उसके माथे को चूमा और बोला,
"मेरा प्यार अब सिर्फ लफ्जों में नहीं रहेगा... हर पल, हर चीज़ में तुम्हारा अक्स होगा... मेरी बटरफ्लाई।"
अब बारिश तेज हो चुकी थी। अयान ने कहा, " लगता नहीं आज ये बारिश रूकेगी। हमें यहां से चलना चाहिए।"
आसमान की तरफ देखते हुए आईना ने कहा, " लगता है हमारी खुशी देखकर आसमान भी आज खुश है।"
दोनों एक दूसरे का हाथ थामे अयान की गाड़ी के पास आ गए। अयान ने अपने फोन से किसी को मैसेज किया।
कुछ ही देर बाद वहां छाता लिए समीर दौड़ता हुआ आया उसके हाथ में दो टॉवेल भी थे। टॉवेल अयान को दे समीर बड़बड़ाता हुआ ड्राइविंग सीट पर आकर बैठ गया। " आज तो सर ने मुझे ड्राइवर भी बना दिया।"
*****
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अब आगे...
दोनों गाड़ी की बैक सीट पर बैठे हुए थे।
आईना, अयान के कंधे पर सिर रखे गहरी नींद में सो चुकी थी। उसकी सांसें धीमी और मद्धम थीं, और उसके चेहरे पर एक शांत मुस्कान तैर रही थी ... जैसे वो किसी खूबसूरत ख्वाब में खोई हो।
वहीं अयान, सिर पीछे टिकाए आँखें बंद किए बैठा था। उसके चेहरे पर थकावट के साथ एक अजीब सी शांति थी , जैसे आज उसकी अधूरी तलाश को थोड़ी सी राहत मिल गई हो।
गाड़ी अपनी पूरी स्पीड में बारिश हवा को चिढ़ते हुए आगे बढ़ रही थी।
कुछ सेकंड बाद, अयान ने धीरे और गहरे लहजे में कहा,
"समीर, पैंटहाउस की तरफ गाड़ी ले लेना..."
ड्राइविंग सीट पर बैठे समीर ने बिना पीछे देखे बस ‘Yes sir’ कहा, लेकिन अपने मन में बुदबुदाया, " क्या सर आईना मैडम के साथ उस पेंट हाउस में जाएंगे जहां आने की परमिशन किसी को भी नहीं हैं।"
एक घंटे बाद गाड़ी एक बहुत ही ऊंची बिल्डिंग के नीचे आकर रूकी। समीर जल्दी से बाहर आया और पीछे के दरवाजा खोल दिया। अयान आईना को अपनी बाहों में समेटे हुए बाहर निकला और बिल्डिंग की तरफ बढ़ गया।
गाड़ी को जल्दी से लॉक कर समीर ने भी पीछे पीछे दौड़ लगा दी। क्योंकि पेंट हाउस की चाबी तो गाड़ी में थी जो समीर ने लॉक करने से पहले निकाल ली थी और वो ही देने के लिए वो अयान के पीछे दौड़ पड़ा।
लेकिन तब तक अयान लिफ्ट के अन्दर जा चुका था और लिफ्ट बन्द गई थी। समीर जल्दी से दूसरी लिफ्ट की तरफ गया और और उसे लिफ्ट में घुस गया। समीर की लिस्ट जब तक ऊपर पहुंची अयान पहले से ही अपने पेट हाउस के बाहर खड़ा हुआ था समीर ने डोर को अनलॉक कर दिया। और गुड नाइट बोल वहां से चला गया।
अगली सुबह
8 बजे के करीब कसमसाते हुए आईना ने धीरे धीरे अपनी आँखें खोलने लगी। फिर अपने आसपास नजर दौड़ाई और अनजान जगह का एहसास होते ही वो जल्दी से उठकर बैठ गई।
तभी उसने देखा उसके कपड़े भी बदले हुए थे इस समय उसने पिंक कलर की शर्ट पहनी हुई होती है। आईना समझ गई इस समय वो अयान के साथ है इसलिए ये सोचते ही उसके चेहरे पर बड़ी वाली स्माइल आ गई।
वो बेड से खड़ी हुई और आसपास देखा। फिर वॉशरूम का डोर देख फ्रेश होने चली गई। पन्द्रह मिनट बाद आईना रूम से बाहर निकली। और अयान को ढूंढने लगी।
तभी उसे हॉल के लेफ्ट साइड से हल्की सी खटपट की आवाज आई।
आईना, " लगता है मिस्टर डेविल वहीं होंगे।"
आईना आवाज की तरफ बढ़ गई।
वहीं अयान किचन में सिर्फ लोवर में खड़ा कॉफी बना रहा होता है। कुछ देर तो आईना किचन के बाहर ही खड़ी हुई अयान को देखती रही। अयान की मस्क्युलर बॉडी आईना को अट्रैक्ट कर रही थी।
तभी उसके कानों में अयान की आवाज आई, " बटरफ्लाई बाहर खड़ी होकर ताड़ने से अच्छा है सामने से आकर देख लो।" अयान की बात सुन वो झेंप गई फिर भी इतनी जल्दी शर्माने या घबराने वालो में से वो नहीं थी।
इसलिए वो आगे बढ़ी और उसने अयान को पीछे से ही हग कर लिया।
अयान को आईना की उस मुलायम सी छुअन का एहसास जैसे एक पल में ही सुकून दे गया हो।
उसके होंठों पर एक हल्की मुस्कराहट आ गई, लेकिन उसने पीछे पलट कर नहीं देखा... बस उसी अंदाज़ में कॉफी बनाते हुए बोला,
"नींद अच्छे से आई...?"
आईना ने और कसकर उसे पकड़ लिया, उसकी पीठ पर अपना सिर टिका लिया।
"जब आप करीब थे तो नींद तो अच्छी होनी ही थी।"
अयान ने कॉफी मग्स ट्रे में रखते हुए कहा, "तुम्हारी ये बातें... मुझे एक दिन पागल कर देंगी।"
आईना मुस्कुराई, "फिर ठीक है, मेरा काम आसान हो गया।"
अयान ने धीरे से पलट कर उसे देखा। वो अब तक उसी तरह बाँहों में थी।
उसने उसके गाल पर हल्के से एक किस किया और कहा, "कॉफी तैयार है, पहले ये पी लो... फिर बता देना ब्रेकफास्ट में क्या खाना है।
उसने आईना को किचन स्लैब पर बिठा दिया और खुद उसके पास खड़ा हो गया।
कॉफी का एक सिप लेते ही आईना की आँखें बंद हो गई, " हम्मम! नाइस कॉफी। मैं तो आपकी कॉफी की फैन हो गई।" कुछ सोचते हुए चेहरे पर शरारती मुस्कान लिए आईना ने कहा , " हमारी शादी के बाद भी आप ऐसे ही रोज कॉफी बनाकर पिलाएंगे ना।"
" शादी...!" अयान हैरानी से आईना को देखते हुए बोला।
आईना आँखें बड़ी कर अयान से , " हाँ शादी! क्यों आप मुझसे शादी नहीं करेंगे। अब तो मैं 20 साल की हो गई। मैं तो आपसे पहले भी शादी करने के लिए तैयार थी लेकिन तब अपने कहा था मेरी उम्र कम है। और अगर..." आईना ने कुछ सोचते हुए अपनी बात अधूरी छोड़ दी।
आईना की हथेली अपने हाथों में थाम, " बटरफ्लाई जब सही टाईम आएगा तो शादी भी हो जाएगी। और हाँ तब भी मैं तुम्हें रोज कॉफी बनाकर पिलाऊंगा।"
अयान की बात सुन, स्लैब पर कॉफी मग रख खड़ी हुई और जल्दी से अयान के गाल को चूम लिया।
अगले ही पल अयान में आईना के माथे पर अपने होंठ रख दिए और फिर दूर होते हुए बोला, " बटरफ्लाई नहा लो फिर तुम्हें समीर कॉलेज छोड़ आएगा"
आईना अपनी आंखें बड़ी कर अयान को देखते हुए बोली, "लेकिन मैं नहा कर पहनूंगी क्या? यहां पर तो मेरे पास कपड़े है ही नहीं?" आईना टुकुर टुकुर आँखें मटकाते हुए अयान के जवाब का इंतजार करने लगी।
ब्रेकफास्ट की तैयारी करते हुए अयान ने कहा, " रूम में जाकर राइट साइड के कबर्ड में चेक करो और जो मन करे वह पहन लेना।"
आईना अच्छे बच्चे की तरह अयान की बात मान किचन से चली गई। उसने रूम में जाकर कबर्ड खोलकर देखा तो वहां उसकी साइज की बहुत सारी अलग-अलग तरह की ड्रेस रखी हुई थी। इंडियन वेयर से लेकर वेस्टर्न वेयर हर तरह की ड्रेस इवेन साड़ी भी।
उन्हें देख आई ना खुशी से उछल पड़ी। आईना को वो सब ड्रेस बहुत पसंद आए। उसने उनमें से एक फ्लोरल प्रिंट की मैक्सी ड्रेस अपने पहनने के लिए निकाल ली और फिर वॉशरूम में नहाने के लिए चली गई
करीब 20 मिनट बाद आईना ड्रेसिंग मिरर के सामने खड़ी हो ड्रायर से अपने बाल सुखा रही थी। ड्रेसिंग टेबल पर आईना की जरूरत का सारा सामान मौजूद था वोभी उसकी पसन्द की ब्रांड का। जिसे देख आईना अयान से और भी ज्यादा इंप्रेस हो गई।
थोड़ी ही देर में आईना रेडी होकर बाहर हाल में आई जहां किचन के बाहर की तरफ डायनिंग एरिया था। आईना की नजर वहां गई जहां अयान डाइनिंग टेबल पर ब्रेकफास्ट रख रहा था। आईना जल्दी से अयान के पास गई और डाइनिंग टेबल पर रखे हुए चीजों को देखकर बोली, "मुझे तो पता ही नहीं था आपको इतना कुछ बनाना भी आता है मिस्टर डेविल। लगता है मुझे आपका नाम बदलकर मिस्टर शेफ रखना पड़ेगा।"
जग से गिलास में जूस निकलते हुए अयान ने कहा, " मेरी ये वाली साइड सिर तुम्हारे लिए है बटरफ्लाई।" फिर अयान ने एक कुर्सी पीछे की तरफ खींची और आईना को उस पर बैठने का इशारा किया।
आईना जल्दी से कुर्सी पर बैठ गई अयान ने उसके आगे जूस का गिलास उठाकर रख दिया और जल्दी से फिनिश करने के लिए कहा और खुद वहां से जाने लगा तभी आईना ने उसका हाथ पकड़ लिया जिससे आगे बढ़ते अयान के कदम नहीं रुक गए उसने पीछे मुड़कर देखा तो आईना मासूमियत भरी नजरों से अयान की तरफ देखते हुए कहा आप मेरे साथ बैठकर ब्रेकफास्ट नहीं करेंगे ?"
अयान ने अपने दूसरे हाथ से आईना का हाथ छुड़ाया और उसकी गाल पर अपनी हथेली रखते हुए कहा, " 5 मिनट वेट करो मैं बस अभी आया।" आईना ने अपनी पलकें झपका दी। जैसे उसने अयान को वहां से जाने की परमिशन दे दी हो।
उसके जाते ही आईना ने अपने आप को चिकोटी काटी। आईना खुद से बोली, " कहीं यह सब सपना तो नहीं पता चले नींद से जागो और यह सब अगले ही पल गायब हो जाए लेकिन जल्द ही उसे एहसास हुआ नहीं की सपना नहीं है वह सच में अयान के पास है।" अयान के पास होने का एहसास ही उसके मन को खुशियों से भर दे रहा था।
कुछ ही देर में अयान भी रेडी होकर आ गया उसने अपना बिजनेस सूट पहना हुआ था। वो आईना के पास वाली चेयर पर बैठकर ब्रेकफास्ट करने लगा।
ब्रेकफास्ट फिनिश होने के बाद दोनों नीचे पार्किंग एरिया में आ गए जहां पर पहले से समीर एक गाड़ी के सामने खड़ा हुआ था। अयान को देखते ही, "गुड मॉर्निंग सर!" फिर आईना को देख, " गुड मॉर्निंग मैम"।
आईना की तरफ इशारा करते हुए अयान ने समीर से कहा, "इन्हें safely कॉलेज पहुंचा देना और उसके बाद सीधा ऑफिस आ जाना।"
समीर ने मुस्कुराते हुए कहा , "यस बॉस।"
फिर उसने आईना के लिए गाड़ी का बैक डोर खोल दिया है। आईना ने एक नजर अयान की तरफ देखा, अयान ने उसके माथे पर अपने होंठ टिका दिए। कुछ सेकेंड बाद दूर हो उसने आंखों से ही आईना को गाड़ी में बैठने का इशारा किया।
आईना बिना कुछ कहे गाड़ी में बैठ गई और अपना हाथ खिलाकर अयान को बाय किया। अयान ने भी आईना को देख अपना हाथ हिला दिया और तब तक नहीं खड़ा रहा जब तक की समीर की गाड़ी वहां से चली नहीं गई।
उनके जाते ही अयान के चेहरे की भाव एकदम से बदल गए। जहां पहले उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी अब उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थी और वह जल्दी से अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गया और कुछ ही देर में गाड़ी में बैठ वहां से चला गया।
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Mittal Empire Tower
अयान अपने केबिन में इधर से उधर घूम रहा था उसके चेहरे पर हल्की-हल्की तनाव की रेखाएं दिख रही थी। तभी उसके केबिन का गेट खुला और समीर अंदर आ गया।
समीर, " सर जर्मनी से मिस्टर रॉबर्ट की कॉल आई थी वो आपसे मिलना चाहते हैं।" कहकर समीर अयान के जवाब का इंतजार करने लगा।
अयान कुछ सोचते हुए , " कल की मीटिंग अरेंज करो।"
समीर, "ओक सर, और आज नए वाला कंसाइनमेंट आने वाला है तो आप..."
" उस कंसाइनमेंट को रिसीव करने मैं खुद जाऊंगा। बाकी तुम्हें पता है तुम्हें क्या करना है।" समीर की बात बीच में काटकर अयान ने अपनी बात कही।
समीर जाने लगा तभी अयान ने उसे रुकने के लिए कहा।
अयान, " बटरफ्लाई को सेफ्ली कॉलेज छोड़ दिया था?"
समीर, "यस सर और शेरा को कह दिया है मैडम की सिक्योरिटी का खास ध्यान रखने के लिए।"
अयान, " गुड! कभी कभी तुम बिना कहे भी अच्छा काम कर लेते हो।"
तभी अयान का फोन बजने लगा। उसने स्क्रीन पर देखा सेलिना का नाम चमक रहा था। कॉल देखते ही अयान का फेस थोड़ा रूड हो गया। जैसे उसे इस समय सेलिना का अचानक से कॉल आना अच्छा ना लगा हो।
call receive kar phone Kan per lagate hue कॉल रिसीव कर फोन कान पर लगाते हुए अयान ने कहा सेलिना इस टाइम मैं भी थोड़ा बिजी हूं बाद में बात करूंगा
दूसरी तरफ से सेलिना की गुस्से भरी आवाज सुनाई दी बट व्हाट'एस रॉन्ग विद यू आई एम जब से हम यहां आए हैं तुमने मुझे कुछ पल भी टाइम नहीं दिया हर टाइम जब भी कॉल करो मैं बिजी हूं मैं बिजी हूं और रात को भी घर नहीं आते कुछ प्रॉब्लम है तो मुझे बताओ
सेलिना की बात सुन अयान ने भी उसे उसी लहजे में बात करते हुए कहा तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है तुम मुझे पहले यह बताओ तुम आप ही चाहती क्या हो मैं तुम्हें अपने साथ इंडिया लाया हूं इसका यह मतलब नहीं कि मैं अपनी लाइफ नहीं जिऊंगा क्या तुम मेरे सर पर चढ़ के बैठोगे गोट इट रात को घर आऊंगा तब तुमसे बात करूंगा।
बिना कॉल कट कर ही अयान ने अपना फोन साइड में सोफे पर फेंक दिया और वह गहरी सांस लेने लगा अपने बालों में हाथ फेरतता हुआ खुद से कहा पता नहीं कि प्रॉब्लम से कब छुटकारा मिलेगा।
रात का समय,
डॉकयार्ड पर हल्की बारिश की बौछारों के बीच शिप से अयान का कंसाइनमेंट उतर रहा था और बड़े-बड़े ट्रैकों में लोड हो रहा होता है।
डॉकयार्ड के चारों तरफ काले कपड़ों में सिक्योरिटी गार्ड्स तैनात थे, उनकी नजरें हर जगह पर बाज़ की तरह टिकी हुई थीं।
अयान, अपने काले कोट के ऊपर लंबा रेनकोट पहने, डॉकयार्ड के बीचो-बीच खड़ा था।
उसकी निगाहें उन क्रेनों पर थीं जो बड़े-बड़े लकड़ी के क्रेट्स को कंटेनर शिप से उतार रही थीं।
हर क्रेट के कोनों पर एक खास लाल मार्क था, ये वही स्पेशल कंसाइनमेंट था, जो सिर्फ़ "Mittal Empire" की पहचान बनने वाले थे।
समीर उसके पास आकर धीरे से बोला, "सर, पहला बैच ट्रकों में लोड हो चुका है। बाक़ी अगले बीस मिनट में तैयार हो जाएगा।"
अयान ने सिर हिलाया और पास खड़े अपने खास आदमी "शेरा" को इशारा किया।
शेरा तुरंत आगे आया।
अयान ने उससे धीमे, लेकिन ठंडे लहजे में कहा, "हर ट्रक अलग रूट से जाएगा। और हाँ… कल रात वाले इलाके में जो गड़बड़ हुई थी, वैसा दोबारा नहीं होना चाहिए। अगर ज़रा सी भी चूक हुई… तो समझ लेना तुम्हारा आखिरी काम था।"
शेरा ने तुरंत सिर झुका दिया, "ऑर्डर इज़ ऑर्डर, बॉस। कोई गलती नहीं होगी।"
अयान ने अपनी जेब से सिगार निकाला, उसे जलाया और लंबा कश खींचते हुए समुद्र की ओर देखने लगा।
उसकी आंखों में एक अलग ही कशिश और चेहरे पर एक अजीब सी सख्ती थी, जैसे वो सिर्फ़ इस कंसाइनमेंट को नहीं, बल्कि अपनी पोज़िशन और इज़्ज़त को भी सुरक्षित कर रहा हो।
अचानक समीर का फोन बजा।
समीर ने स्क्रीन देखी और तुरंत अयान के पास आकर बोला,
"सर… ये कॉल आपको लेनी चाहिए।"
अयान ने हल्की भौंहें चढ़ाईं, "कौन?"
समीर संकोच के साथ बोला,
"मिस्टर रॉबर्ट… लेकिन इस बार वो वीडियो कॉल पर हैं।"
अयान की आँखों में हल्की चमक आई,
"ह्म्म… ।"
कंसाइनमेंट के बीच खड़े अयान की स्क्रीन पर अब जर्मनी से मिस्टर रॉबर्ट का चेहरा था…
और उनके पहले ही शब्दों ने माहौल और भी भारी कर दिया, "मिस्टर मित्तल … हमें एक प्रॉब्लम है, और वो तुम्हारे इंडिया आने के बाद शुरू हुई है।"
अयान ने हल्की मुस्कान के साथ सिगार का धुआँ छोड़ा, जैसे मिस्टर रॉबर्ट की चिंता उसे बिल्कुल विचलित नहीं कर रही हो।
अयान ने धीमे, लेकिन रॉबर्ट के ऊपर पैनी नजरें डालते हुए कहा, "प्रॉब्लम? या फिर किसी की हिम्मत ज़्यादा बढ़ गई है?"
रॉबर्ट गंभीर लहजा में बोला, "दोनों। हमारे जर्मनी वाले रूट से तीन कंटेनर मिसिंग हैं। और ट्रैकिंग में जो सिग्नल आया… वो मुंबई डॉक के पास का था।"
इस बार अयान की आँखों में एक ठंडी चमक आ गई। उसने धीरे-धीरे समीर की तरफ देखा, और समीर तुरंत समझ गया कि ये मामला हल्का नहीं है।
अयान धीमे, लेकिन खतरनाक अंदाज़ में, "मतलब… चोर घर के अंदर ही है।"
रॉबर्ट उसी लहजे में, "मुझे नहीं पता इंडिया में तुम किस पर भरोसा करते हो… लेकिन तुम्हारे लौटते ही ये सब होना… ये कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं है।"
अयान ने स्क्रीन पर हल्की स्माइल दी। "रॉबर्ट… इत्तेफ़ाक़ सिर्फ़ कहानियों में होता है। हक़ीक़त में… ये किसी का मैसेज है। जिसे हमें समय रहते डिकोड करना होगा। यू डॉन'टी वरी यहां का मैटर मैं सॉल्व कर लूंगा। फिलहाल तुम्हें इंडिया आने की जरूरत नहीं है तो वही सही सारा काम संभालो गॉट इट।"
रॉबर्ट ने हामी भरी।
अयान ने कॉल काट दी और तुरंत शेरा को इशारा किया।
अयान ने तेज़ आवाज़ में कहा, "अगले एक घंटे में यहाँ मौजूद हर आदमी का बैकग्राउंड चेक करो। कोई भी ग़लत निकला… तो उसे उसी वक्त पानी में डुबा दो।"
तभी…
दूर से कुछ हलचल सी सुनाई दी। जैसे ट्रक का टायर घसीट रहा हो या फिर...
सबको आवाज़ में कुछ गड़बड़ नजर आई...
और अगले ही पल… धाड़!!! डॉकयार्ड के एक कोने में धमाका हो गया।
सिक्योरिटी गार्ड्स में जल्दी से उस आवाज वाली दिशा में भागे। चारों तरफ अफ़रा-तफ़री मच गई।
समीर अयान के पास दौड़ता हुआ आया, "सर… वो आखिरी कंटेनर… कोई ले गया!"
अयान ने सिगार नीचे फेंका, जूते से कुचल दिया, और धीमे से बोला , "अब खेल शुरू होता है।"
अयान वहीं खड़ा रहा, उसके चेहरे पर एक शातिर मुस्कान थी।
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आखिर किसने चुराया होगा अयान का कंसाइनमेंट?
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thanks
पिछले अध्याय में, आपने देखा कि अयान जर्मनी से मिस्टर रॉबर्ट की कॉल आने के बाद तनाव में है और उसने उनसे मिलने की व्यवस्था की। वह खुद कंसाइनमेंट रिसीव करने गया और उसने सेलिना की कॉल को रूडली काट दिया।
रात में, डॉकयार्ड पर अयान का कंसाइनमेंट उतर रहा था। उसे पता चला कि जर्मनी वाले रूट से तीन कंटेनर मिसिंग हैं और ट्रैकिंग में उनका सिग्नल मुंबई डॉक के पास का था। अयान ने सभी का बैकग्राउंड चेक करने का आदेश दिया। तभी डॉकयार्ड में धमाका हो गया और आखिरी कंटेनर चोरी हो गया।
अब आगे।
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रात का समय,
प्रिशा और सान्वी अपने अपने रूम में सो चुकी थी। लेकिन आईना अपनी बालकनी में बैठी हुई थी। रह रहकर उसे अयान की याद आ रही होती है। वो बार बार फोन में अयान का नाम तो देखती लेकिन पता नहीं क्यों उसके अंदर कॉल करने की हिम्मत नहीं हो पाती।
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दूसरी तरफ रात के अगले पहर में अयान की गाड़ी एक बंद पड़ी फैक्ट्री के बाहर आकर रूकी। चारों तरफ अजीब सी खामोशी पसरी हुई थी। कभी कभी दूर से कुत्तों के भौंकने की आवाज जरूर आ रही थी।
चाँद की हल्की रोशनी और बीच-बीच में चमकती बिजली उस वीरान जगह को और डरावना बना रही थी।
तभी गाड़ी का दरवाजा खुला और अयान ने अपने कदम गाड़ी से बाहर रखें। बाहर कदम रखते ही उसकी काली लेदर जैकेट बारिश की नमी से हल्की गीली हो गई।
शेरा जो पहले से ही वहाँ मौजूद था वो आगे आया और बोला,
शेरा , "बॉस, अंदर सब सेट है।"
अयान ने सिर हिलाया और बिना कुछ कहे फैक्ट्री के जंग लगे बड़े गेट के पास पहुंचा।
गेट खोलते ही अन्दर नजर पड़ी बाहर से देखने में ये फैक्ट्री बिल्कुल वीरान नजर आ रही थी। लेकिन इसके अंदर कुछ अलग ही था।
कदम बढ़ाते हुए अयान अन्दर आया और उसके पीछे शेरा। उन दोनों के अन्दर आते ही सेंसर की वजह से दरवाजा अपने आप ही बन्द हो गया।
अंदर अँधेरे में बस एक जगह हल्की-सी रोशनी थी... वहीं पर कुछ दूरी पर एक कुर्सी पर किसी को रस्सियों से बांधा गया था।
उसके चेहरे पर खून और पसीना मिला हुआ था, और कपड़े भी जगह-जगह से फटे हुए थे। देखकर साफ पता चल रहा था उस शख्स की बहुत अच्छे से खातिरदारी की गई है।
जैसे ही अयान पास आया, उस शख्स ने डर से सिर उठाया।
अयान ने धीमे, लेकिन ठंडी आवाज़ में कहा, " you know... गद्दारी… दो तरह की होती है—एक, जो डर से होती है… और दूसरी, जो लालच से होती है। तू किसमें आता है? अब ये तू डिसाइड करेगा।"
वो आदमी कांपते हुए बोला,
"स-साहब… मजबूरी थी… उन्होंने कहा था, अगर माल दे दूँ तो…"
अयान ने बीच में उसकी बात काट दी, और अपना जबड़ा भींचते हुए कहा,
" फालतू बकवास नहीं... नाम ले… किसने भेजा?" अयान की आवाज में एक तरह का आक्रोश था और आंखों में दहकते हुए अंगारे।
वो आदमी चुप रहा, बस जमीन की तरफ देखता रहा।
अयान कुछ कहता उससे पहले ही उसका फोन बज उठा। उसे लगा सेलिना की कॉल होगी इसलिए वो बिना देखे कॉल कट करने ही वाला था तभी स्क्रीन पर फ्लैश हो रही बटरफ्लाई पर उसका ध्यान गया। जिसे देखते ही अयान के चेहरे के हाव भाव धीरे धीरे बदलने लगे।
अयान ने शेरा को देखा और कहा,
"इसे बोलने पर मजबूर करो… लेकिन याद रखना, सांसें चलनी चाहिए।"
शेरा मुस्कुराया, "ओके बॉस।"
अयान मुड़कर बाहर चला गया। उसकी आँखों में कोई भावना नहीं थी, बस एक ठंडी, घातक शांति।
बाहर खड़े होकर उसने सिगरेट जलाई और धुआं छोड़ते हुए खुद से कहा,
"अब देखते हैं… इस खेल के पीछे असली खिलाड़ी कौन है।"
तभी बटरफ्लाई के नाम से उसका फोन दुबारा बजने लगा। अयान ने सिगरेट को नीचे फेंक अपने जूतों से मसल, फोन कान पर लगा लिया।
आईना, " मैंने आपको डिस्टर्ब तो नहीं किया?"
अयान गाड़ी के बोनट से टिक खड़ा हो, " खुद सोचो क्या मैं कभी भी तुम्हारी कॉल से डिस्टर्ब हो सकता हूँ?"
आईना बच्चों की तरफ मुंह बनाते हुए बोली, " that's not fair me. devil. आपने मेरे सवाल के बदले में सवाल किया।"
अयान के चेहरे कर मुस्कुराहट आ गई।
अयान, " वैसे सोई क्यों नहीं? ऐसे तो तबियत खराब हो जाएगी ना।"
आईना जिद्दी लहजे में, " मुझे कुछ नहीं पता मुझे आपसे मिलना है। अब आप जब यहाँ है तो मैं आपसे दूर नहीं रह सकती।"
अयान, " बटरफ्लाई थोड़ा टाइम और दो... अभी बहुत कुछ सॉर्ट आउट करना है वो होते ही तुम्हें अपने पास ले आऊंगा हमेशा के लिए।"
आईना, "प्रोमिस।"
अयान, "तुम्हें पता है ना मैं प्रोमिस नहीं करता।"
आईना, "हां हां मुझे सब अच्छे से पता है।"
अयान, " कोलकाता के लिए कब निकलोगी?"
आईना, " तीन दिन बाद... लेकिन जाने से पहले मुझे आपसे मिलना है।"
अयान, " ठीक है... लेकिन उसके बदले मुझे भी कुछ चाहिए होगा।"
आईना जानकर भी अनजान बनते हुए, " आपको मुझसे क्या चाहिए? आपके पास तो सब कुछ है।" बोलकर आईना अपने निचले होंठ को चबाने लगी।
अयान आईना को फील करते हुए, " dont do this... butterfly..."
आईना झेंपते हुए, " मैंने क्या किया और अगर कुछ किया भी तो आपको कैसे पता।"
अयान, " तुम मेरी रूह में बड़ी हुई हो तो तुम कब क्या करती हो,,, मुझे सब पता रहता है।"
अगले ही पल आईना का दुबारा अपने होंठ को काटना हुआ। अयान फिर से, " ये हक सिर्फ मेरा है।"
आईना छेड़ते हुए, " तो आ जाइए और अपना हक ले लीजिए। मैंने कब रोका है आपको..."
अयान, " उकसा रही हो,,,"
आईना मुस्कुरा अपने बालों को अंगुलियों में उलझाते हुए, "नहीं तो,,, फिलहाल तो मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है।"
तभी शेरा बाहर आया, " बॉस ,,, वो अपना मुंह खोलने..." अयान ने अपना हाथ ऊपर कर चुप रहने का इशारा किया। फिर शेरा ने आगे कुछ नहीं कहा। वैसे भी शेरा को कहाँ पता था कि अयान किसी से फोन पर बात कर रहा है।
आईना पीछे से आई आवाज को सुनकर पूछने लगी, " आप कहीं बाहर है,,, और ये कौन है और क्या बोल रहा है।"
अयान, " बहुत रात हो गई है तुम्हें अब सोना चाहिए। कल मिलकर बात करेंगे।"
आईना खुशी से चहकते हुए, " सच्ची,,,"
अयान बिना कोई एक्सप्रेशन के , " ह्म्म!" उसने सिर्फ इतना कहा और कॉल कट कर दी।
आईना अचानक से कॉल के कट जाने से फोन कान पर से हटा फोन को देखने लगी। फिर उसने फोन को बेड पर रखा और खुद भी आकर लेट गई।
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पिछले अध्याय में, आइना अयान को याद कर रही है पर कॉल नहीं कर पा रही। अयान एक बंद फैक्ट्री में है, जहाँ शेरा ने एक गद्दार को पकड़ रखा है। अयान उससे जानकारी निकालने की कोशिश कर रहा है कि उसे किसने भेजा। तभी अयान को आइना का फोन आता है। आइना उससे मिलने की जिद करती है और अयान उससे प्रॉमिस करने से इनकार करता है, पर उसे जल्द मिलने का आश्वासन देता है। शेरा के आने से आइना को अयान के बाहर होने का पता चलता है। अयान कॉल काट देता है और आइना खुश हो जाती है।
अब आगे ...
कॉल कट कर अयान वापस से फैक्ट्री में अंदर आ गया
अयान ने धीमे लेकिन धारदार लहजे में कहा, "कहो… क्या बताना चाहते हो?"
वो शख्स घबराहट में हकलाने लगा,
"स-साहब… मैं… मैंने जो किया… मजबूरी थी… रवि ने कहा था… साहब मुझे माफ कर दीजिए,,, प्लीज मेरे परिवार को कोई नुकसान मत पहुंचाना।"
अयान ने तुरंत पूछा, "रवि… कौन-सा रवि?"
बंदा मुश्किल से बोला, "रवि मल्होत्रा… वो… वो कह रहा था माल उसके हवाले कर दूँ… वरना…"
अयान की आंखें हल्की सिकुड़ गईं। उसने अपनी गर्दन थोड़ी झुकाई, जैसे पुराने किसी नाम को पहचानने की कोशिश कर रहा हो।
अयान गंभीर आवाज में, "रवि मल्होत्रा… interesting…" कुछ पल के लिए उसके चेहरे पर शातिर स्माइल आई।
वो आदमी कांपते हुए बोला, "स-साहब… मैं आपको धोखा नहीं देना चाहता था… लेकिन…"
अयान ने उसके सामने झुककर, उसकी आंखों में आंखें डालते हुए कहा, "तुम्हारा काम खत्म… लेकिन जिस खेल में तुमने कदम रखा है, अब उसका अंत मैं करूंगा।"
वो सीधा खड़ा हुआ और शेरा को इशारा किया, "इसे छोड़ दो… लेकिन शहर से बाहर निकलने की कोशिश करे, तो अगली बार जिंदा ना बचे।"
शेरा ने सिर हिलाया,
"ओके बॉस।"
अयान मुड़कर बाहर जाने लगा, लेकिन उसके चेहरे पर अब एक ठंडी मुस्कान थी,,, जैसे उसे अपने अगले शिकार का नाम मिल चुका हो।
अयान अच्छे से जानता है कि उसे कब, कहाँ और कैसे काम करना है। इसलिए फिर उसने शेर से उसे आदमी को छोड़ने के लिए कहा और शेरा,,, अयान की बातों के पीछे छुपे मतलब को बखूबी समझता है इसलिए उसे पता था कि उसे कब क्या करना है?
***
अगली सुबह अपनी डेली रूटीन को फॉलो करते हुए रेड कलर का टॉप और ब्लैक कलर की जींस पहने हुए आईना रेडी हो गई। बालों को हमेशा की तरह उसने खुला ही रखा आंखों में काजल होठों पर गुलाबी लिपस्टिक सजाई और अपना बैग लिए रूम से बाहर आ गई। जहां प्रिशा और सान्वी भी पहले से ही तैयार खड़ी हुई थी। ब्रेकफास्ट कर वो तीनों कॉलेज जाने के लिए घर से निकल गई।
जैसे ही आईना की गाड़ी अपार्टमेंट के मैन गेट से बाहर निकली,,, बाहर कब से खड़ी एक ब्लैक कलर की ऑडी उसकी गाड़ी के पीछे लग गई। जिस बात का अंदाजा आईना को बिल्कुल भी नहीं था। जब उसकी गाड़ी कॉलेज में इंटर हुई तो वह ब्लैक बॉडी कॉलेज के बाहर ही रुक गई ।
गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठे शेरा ने अयान को कॉल करके कहा, " सर मैडम सेफिली कॉलेज पहुंच गई है।"
सामने से अयान का जवाब आया, " ठीक है,,, लेकिन अपने आदमियों को उसके आसपास ही रहने के लिए कहो। लेकिन इन सब में उसे कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।"
शेरा, " yes boss! हमेशा की तरह आपको इस बार भी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा।"
दूसरी तरफ इन सब से बेखबर आईना आराम से अपनी सारी क्लास अटैंड करते हुए अयान की कॉल का वेट कर रही थी क्योंकि आज उसने मिलने के लिए कहा था।
***
वहीं सुबह का समय अयान अपने लिविंग रूम में लैपटॉप पर कुछ डिटेल्स चेक कर रहा था।
सेलिना उसके सामने बैठी उसे ही ध्यान से देख रही थी। "मुझे पता चला कि कल तुम पर किसी ने अटैक करवाने की कोशिश की और तुम्हारे कंसाइनमेंट का एक ट्रक भी गायब हो गया।"
अयान की उंगलियाँ अब भी लैपटॉप कीबोर्ड पर चल रही थीं, लेकिन उसकी नज़रें स्क्रीन से हटकर धीरे-धीरे सेलिना की ओर उठीं।
उसकी आवाज़ बेहद ठंडी थी, मानो किसी बर्फीले पानी में डूबोकर बोली गई हो।
अयान संयमित लेकिन सख्त लहजे में बोला,
"You stay away from all of these… तुम्हें मैं यहाँ बिज़नेस में दखल देने के लिए नहीं लाया, और ना ही तुम्हारी राय की ज़रूरत है। तुम मेरी जिम्मेदारी हो इसलिए तुम्हें मैं यहाँ अपने साथ लाया हूँ।"
सेलिना ने हल्का-सा ताना मारा,
"और अगर मैं कहूँ कि मुझे तुम्हारी सिक्योरिटी की फिक्र है? क्या तब भी ये तुम्हारा ‘Stay away’ वाला डायलॉग चलेगा?"
अयान हल्की मुस्कान के साथ सोफे पर पीछे झुक गया,
"फिक्र सिर्फ उसी की करनी चाहिए… जो फिक्र के काबिल हो।"
सेलिना उसकी आँखों में देखते हुए बोली, "और वो ‘काबिल’ तुम्हारे लिए अब कोई और है, है ना?"
ये सुनते ही अयान के चेहरे पर क्षणभर के लिए भाव बदल गए, लेकिन उसने बिना कोई रिएक्शन दिए लैपटॉप बंद किया और खड़ा हो गया।
अयान धीमे लेकिन चेतावनी भरे लहजे में आईना की आंखों में देखते हुए बोला, "Don’t go there, Selina… तुम्हारे लिए बेहतर होगा कि तुम बस वही देखो जो मैं दिखाता हूँ।"
उसके इतना कहते ही शेरा जो थोड़ी देर पहले तक आईना के कॉलेज के बाहर थे यहाँ आ गया, "बॉस, रवि मल्होत्रा के बारे में कुछ अपडेट मिला है…" बोलकर शेरा चुप हो गया जैसे आगे बोलने के लिए अयान की परमिशन चाहता हो।
अयान ने सिर हिलाया, "बोलो।" फिर अपनी पॉकेट से सिगरेट निकाली और उसे जला उसके कश भरते हुए शेरा की बात सुनने लगा।
शेरा, "रवि कल शाम डॉकयार्ड के पास देखा गया था… और लगता है, वो किसी बड़े डील की तैयारी में है।"
अयान की आँखों में वही शिकारी चमक लौट आई।
"तो खेल शुरू करते हैं… लेकिन इस बार चाल मैं चलूँगा।"
दोपहर के समय,
तीन लेक्चर खत्म होने के बाद आगे कोई लेक्चर नहीं था इसलिए आईना ने प्रिशा और सानवी से घर चलने के लिए कहा।
जैसे ही वो तीनों गाड़ी में बैठ कॉलेज से बाहर निकली एक ब्लैक कलर की बेंटले, आईना की गाड़ी से थोड़ी दूरी पर आकर रूक गई। मजबूरी में आईना को भी अपनी गाड़ी रोकनी पड़ी।
प्रिशा, " लगता है कोई पागल है,,, ऐसे कौन गाड़ी रोकता है अभी एक्सीडेंट हो जाता।"
सान्वी भी प्रिशा की बात से सहमत थी। लेकिन आईना चुप बैठी गौर से सामने खड़ी गाड़ी को देख रही थी...
क्रमशः
प्लीज प्लीज,
एक कमेंट और लाइक तो कर ही सकते है लोग।
पिछले अध्याय में, आइना अयान को याद कर रही है पर कॉल नहीं कर पा रही। अयान एक गद्दार से रवि मल्होत्रा के बारे में जानकारी निकलवाता है, और आइना को जल्द मिलने का आश्वासन देता है।
कॉल कट कर अयान वापस से फैक्ट्री में अंदर आ गया और उस आदमी को छोड़ देने को कहता है। अगली सुबह आईना कॉलेज जाती है, जिसका शेरा पीछा करता है। वहीं अयान सेलिना को बिजनेस में दखल देने से मना करता है। शेरा बताता है कि रवि मल्होत्रा डॉकयार्ड के पास देखा गया था। दोपहर में, कॉलेज से निकलते वक़्त आईना की गाड़ी के सामने एक ब्लैक कलर की बेंटले आकर रुक जाती है।
अब आगे
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सामने खड़ी गाड़ी को देख आईना के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में चमक आ गई। उसने अपनी तरफ का दरवाजा खोला और प्रिशा को देखते हुए बोली, " तुम लोग घर चली जाओ,,, रात को मिलते हैं।"
आईना की बात सुन दोनों उसे हैरानी से देखने लगी। लेकिन आईना को कहाँ कुछ फर्क पड़ने वाला था। वो गाड़ी से उतर सामने खड़ी गाड़ी की तरफ बढ़ गई।
आईना की गाड़ी में प्रिशा ड्राइविंग सीट पर आकर बैठ गई और सानवी पैसेंजर सीट पर। दूसरी तरफ आईना ने उस गाड़ी के पैसेंजर सीट का दरवाजा खोला और बैठ गई। उसके बैठते ही वो गाड़ी हवा की तरह वहां से चली गई। उसके बाद आईना की गाड़ी भी आगे बढ़ गई।
आईना, " मुझे लगा आप नहीं आओगे।"
अयान, " प्रोमिस करता तो नहीं आता,,, इसलिए प्रोमिस नहीं किया और देखो अब तुम्हारी नजरों के सामने हूँ।"
अयान की तरफ घुमकर बैठती हुई आईना बोली, " ये कौन सा लॉजिक हुआ।"
अयान, " ये अयान मित्तल का लॉजिक है।" आईना मुस्कुरा दी। उसकी स्माइल देख अयान के चेहरे पर स्माइल आ गई।
आईना, " आपको पता है, मुझे आपकी स्माइल सबसे ज्यादा पसन्द है। वैसे हम जा कहाँ रहे हैं?" आईना रास्ते की तरफ देखते हुए बोली।
तभी गाड़ी एक बड़े से मॉल के बाहर आकर रूकी। आईना, " यहाँ क्यों...?"
अयान, " चलो आज तुम्हारे लिए शॉपिंग करते हैं।"
आईना, " लेकिन मैंने अभी तो शॉपिंग की थी।"
अयान, " कोई बात नहीं... थोड़ी और मेरे साथ कर लो।"
आईना हँसते हुए, " ठीक है... वैसे भी लड़कियां कभी शॉपिंग के लिए मना नहीं करती।"
आईना ने अयान का हाथ पकड़ा और उछलते हुए आगे बढ़ गई। आईना की यही चंचलता तो थी जिसका दीवाना अयान पिछले चार सालों से था।
आईना अयान का हाथ थामे एक डिजाइनर स्टोर की तरफ बढ़ गई। अयान को देखते ही वहाँ का मैनेजर आगे आया और उसे देख उसे ग्रीट करते हुए कहा, " how can I help you sir?"
अयान,आईना ने अयान का हाथ पकड़ा और उछलते हुए आगे बढ़ गई। आईना की यही चंचलता तो थी जिसका दीवाना अयान पिछले चार सालों से था।
आईना अयान का हाथ थामे एक डिजाइनर स्टोर की तरफ बढ़ गई। अयान को देखते ही वहाँ का मैनेजर आगे आया और उसे देख उसे ग्रीट करते हुए कहा, " how can I help you sir?"
अयान ने मैनेजर को पूरी तरह से इगनोर कर दिया और आईना की तरफ देखते हुए कहा, "मेरी बटरफ्लाई के लिए कुछ ऐसा दिखाओ… जो सबकी नज़रें उस पर ठहर जाने पर मजबूर कर दे।"
मैनेजर सिर झुकाए, " sure sir!"
फिर उसने एक अटेंडेंट को इशारा किया तो एक मेल अटेंडेंट आगे आ गया आईना उसके साथ जाने ही वाली थी तभी अयान बोला, " फीमेल अटेंडेंट नहीं है तो हम यहाँ से चले जाते हैं?" अयान का लहजा सख्त और सर्द था।
मैनेजर, " नहीं सर ऐसी बात नहीं है मैं अभी फीमेल अटेंडेंट को भेज देता हूँ।"
आईना ने अयान का हाथ पकड़ अपनी तरह झुका उसके कान में कहा, " लगता है मुझे आपका नाम मिस्टर डेविल से चेंज करके मिस्टर पोजेसिव रखना पड़ेगा।" फिर आईना ने अयान को छोड़ दिया और वो सीधा खड़ा हो गया।
अयान आईना को घूरने लगा लेकिन आईना को कहाँ फर्क पड़ने वाला था वो तो चेहरे पर शरारती स्माइल की अपनी भवें उचकाते हुए अयान को देख रही थी।
तभी एक फीमेल अटेंडेंट आई और आईना को अपने साथ ले जाकर ड्रेस दिखाने लगी।
आईना ने चार पाँच ड्रेस चूस की और आईना उन्हें ट्राई करने के लिए ट्रायल रूम में चली गई। करीब पाँच मिनट बाद वो बाहर आई और अयान के सामने खड़ी हो बोली, " मिस्टर पोजेसिव देखिए और बताइए इस ड्रेस में मैं कैसी लग रही हूँ।"
अयान जिसका ध्यान पूरी तरह से उसके फोन में था। आईना की आवाज सुनकर उसने फोन से अपनी नजरें हटाई और आईना को देखने लगा। लेकिन उसे देखते ही अयान की नजरें सर्द हो गई। क्योंकि आईना ने जो ड्रेस पहनी थी वो कुछ ज्यादा ही रिवीलिंग थी।
आईना की बात सुनकर अयान कुछ सेकंड तक उसे बस घूरता रहा, जैसे अपने गुस्से को दबाने की कोशिश कर रहा हो। उसकी आँखों में वो ठंडी, तीखी नज़र थी जो आईना पहले भी कई बार देख चुकी थी।
वो धीरे-धीरे अपनी जगह से उठा, उसके कदम बेहद शांत लेकिन भारी थे। उसके पास आकर उसने बेहद लो टोन में कहा—
"ट्रायल रूम में जाओ… और ये ड्रेस अभी के अभी बदलो।"
आईना ने भौंहें चढ़ाईं,
"क्यों? इसमें क्या खराबी है? मुझे तो ये अच्छी लग रही है।" वो घूम घुमकर अयान को अपनी ड्रेस दिखाने लगी। वैसे आईना खुद भी इस ड्रेस को नहीं लेने वाली थी वो तो बस अयान को परेशान करने के लिए उसकी पोजेसिवनेस देखने के लिए ये ड्रेस पहनकर आई थी।
अयान ने हल्की सी मुस्कान दी, लेकिन उसमें softness कही भी नहीं थी, बस एक खतरनाक फीलिंग आ रही थी।
"अच्छी है… लेकिन ये ड्रेस तुम्हारे लिए नहीं बनी। मैं नहीं चाहता मेरी बटरफ्लाई दुनिया के सामने खुद को शॉ पीस की तरह प्रेजेंट करें।
आईना ने होंठ भींचे, "आपको हर चीज़ में कंट्रोल रखना ज़रूरी है?" लेकिन उसके मन में अयान का चेहरा देख लड्डू फूट रहे थे।
अयान एक कदम और करीब आया, उसकी आवाज़ और भी धीमी हो गई, "तुम्हारे मामले में… हाँ।"
कुछ पल के लिए दोनों के बीच एक साइलेंस छा गया। आईना ने उसकी आँखों में देखा,,, वो गुस्सा नहीं था, वो एक अजीब सी पज़ेशन थी, जो उसे अंदर तक महसूस हो रही थी। और यही तो वो देखना चाहती थी अयान की आंखों में खुद के लिए।
बिना कुछ और कहे, आईना ट्रायल रूम में लौट गई और दूसरी ड्रेस पहनकर बाहर आई—जो एलिगेंट थी लेकिन उतनी रिवीलिंग नहीं।
अयान ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा, और बस इतना कहा,
"अब… परफेक्ट। अब लग रही हो तुम मेरी बटरफ्लाई।"
आईना, " ठीक है मैं चेंज करके आई।" थोड़ी देर में आईना बाहर आई उसने अब अपने पहले वाले कपड़े पहने हुए थे। अयान ने बिल पे किया और दोनों शॉ रूम से बाहर आ गए।
आईना, " मुझे नहीं पता था आप मेरे लिए इतने पोजेसिव है।"
अयान, " अभी तुम्हें मेरे बारे में बहुत कुछ नहीं पता।"
आईना, " अच्छा जी और वो क्या है?"
अयान, "समय आने पर पता चल जाएगा।"
आईना अचानक से रूकी जिस वजह से अयान को भी रुकना पड़ा। फिर वो बच्चों जैसा क्यूट सा फेस बनाकर बोली, " मिस्टर डेविल, मुझे भूखी लगी है।"
अयान, " ठीक है, पहले हम कुछ खा लेते हैं।"
मॉल के फूड कोर्ट की तरफ बढ़ते हुए अयान और आईना के बीच एक अलग ही माहौल था,,, आईना की चंचल बातें और अयान का शांत लेकिन पोज़ेसिव अंदाज़।
वो दोनों एक कोने वाली टेबल पर बैठ गए। आईना ने मेन्यू उठाया और एक-एक करके कई डिश के नाम पढ़ने लगी,
"ये भी अच्छा लग रहा है… ये भी… और ये भी!"
अयान ने भौंहें उठाईं, "तो क्या तुम पूरा मेन्यू ही ऑर्डर करने का प्लान बना रही हो?"
आईना ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ, ताकि पता चल सके कि मुझे कितनी भूख लगी है।"
अयान ने हल्की सांस लेते हुए कहा, "मुझे भूख से ज़्यादा तुम्हारे नखरे झेलने की आदत हो रही है।" ( आईना के सामने अयान का एक अलग ही रूप देखने को मिलता था। इस अयान को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि ये अंडरवर्ल्ड का किंग है।)
थोड़ी देर में खाना आ गया, पास्ता, पिज़्ज़ा, और आईना के लिए चॉकलेट मूस। वो बच्चों की तरह चम्मच में मूस लेकर खाने लगी, लेकिन बीच-बीच में अयान की प्लेट से पास्ता भी खा रही थी।
"अपना भी है, फिर भी मेरी प्लेट से क्यों?" अयान ने पूछा।
आईना ने मासूमियत से जवाब दिया,
"क्योंकि… आपके पास्ता में लव फ्लेवर है।"
अयान ने हंसते हुए सिर हिलाया, लेकिन उसी समय उसकी नज़र फूड कोर्ट के एक कोने में खड़े एक शख्स पर पड़ी—जो लगातार उनकी तरफ देख रहा था।
अयान की आंखों में अचानक से सतर्कता आ गई।
आईना ने नोटिस किया,
"क्या हुआ?" बोलकर वो अपनी नजरें इधर उधर घुमाने लगी।
अयान ने अपनी निगाहें उसी तरफ रखते हुए धीरे से कहा,
"कुछ नहीं… तुम खाना खाओ।"
लेकिन अंदर ही अंदर, वो शख्स अयान के लिए बिल्कुल अजनबी नहीं था,,, और उसका यहां होना किसी इत्तेफ़ाक से कम नहीं लग रहा था।
*****
आखिर कौन है वो इंसान?
अयान का दुश्मन या दोस्त या फिर कोई और ही...?
कॉलेज से निकलते वक़्त आईना की गाड़ी के सामने एक ब्लैक कलर की बेंटले आकर रुक जाती है।
सामने खड़ी गाड़ी में अयान को देख आईना उससे मिलने चली जाती है। अयान उसे प्रोमिस न करने की वजह से मिलने की बात कहता है। फिर अयान, आइना को शॉपिंग कराने ले जाता है जहाँ वो आईना के लिए एक रिवीलिंग ड्रेस पसंद न आने पर उसे बदलने को कहता है। फिर दोनों फ़ूड कोर्ट में खाना खाने जाते हैं, जहाँ अयान को एक शख्स उन पर नज़र रखते हुए दिखाई देता है।
अब आगे
--------
आईना अपने चॉकलेट मूस में मग्न थी, लेकिन अयान की निगाहें अब भी उस शख्स पर टिकी हुई थीं।
कुछ पलों बाद, वो आदमी धीरे-धीरे उनकी टेबल की तरफ बढ़ा। उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी, लेकिन आंखों में ऐसा ठंडा सन्नाटा, जिसे देखकर अयान की उंगलियां टेबल पर रखे ग्लास पर कस गईं।
वो शख्स आकर उनके टेबल के पास खड़ा हो गया और स्माइल करते हुए बोला, "लंबे समय बाद मुलाकात हो रही है… अयान मित्तल।"
उसकी आवाज़ में एक अजीब-सा खिंचाव था,,, जैसे हर शब्द के पीछे कोई छुपा हुआ राज हो।
आईना ने हैरानी से अयान को देखा,
"आप इन्हें जानते हैं?"
अयान ने आईना की तरफ नहीं देखा लेकिन उस शख्स की तरफ देखते हुए आईना की बात का जवाब देते हुए कहा, "इतना कि जानना ही नहीं चाहिए था।" कहते हुए उसके जबड़े भींचे हुए थे।
वो शख्स हल्के से झुककर टेबल के पास आया और फुसफुसाहट के अंदाज़ में अयान के कान आते हुए बोला, "सुना है… तुम्हारा ‘पुराना सौदा’ अब भी अधूरा है। लेकिन इस बार तुम्हारे पास वक्त कम है… और दुश्मन ज्यादा।"
उस शख्स के धीरे बोलने के बाद भी आईना ने उसकी बात सुन ली थी।
जिसे सुन आईना का चेहरा सख्त हो गया, "कौन सा सौदा? ये सब क्या,,,"
अयान ने उसका हाथ पकड़कर टेबल से उठते हुए कहा,
" बटरफ्लाई,,, यहाँ से चलो, right now."
लेकिन उस आदमी ने पीछे से आवाज़ लगाई,
"अयान… तुम्हारी ‘बटरफ्लाई’ बहुत नायाब है।"
ये सुनते ही अयान के हाथ की मुट्ठी गुस्से में कस गई और उसने पलटकर गुस्से भरी नजरों से उस शख्स को देखा। वो चाहता तो उसकी इस बात का जवाब उसका मुँह तोड़कर दे सकता था,,, लेकिन उसने साथ आईना थी और वो फिलहाल आईना के सामने ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था।
वो शख्स, " अफ़सोस… जो लोग तुम्हें खत्म करना चाहते हैं, वो पहले इसी को निशाना बनाएंगे।"
एक बार फिर आगे बढ़ते आईना के कदम वहीं थम गए।
अयान ने उसे गुरा, उसकी आंखों में अब वो ठंडी, खतरनाक चमक थी,,, जो किसी को भी खामोश कर दे।
"जिसने भी मेरी जान की तरफ नजर उठाकर देखने की कोशिश भी की वो उसकी सांसों का आखिरी पल होगा।"
फूड कोर्ट का माहौल अचानक भारी हो गया। अयान ने आईना का हाथ मजबूती से पकड़ा और बाहर की तरफ बढ़ गया,,, लेकिन आईना के मन में अब सैकड़ों सवाल थे ,,, और डर भी।
एकपल के लिए तो उसे अयान से भी डर लग रहा था। वो बस बेजान जी अयान के साथ खींची चली जा रही थी।
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थोड़ी देर बाद अयान ड्राइविंग कर रहा था और आईना बगल वाली सीट पर खामोश बैठी अभी कुछ देर पहले हुए हादसे के बारे में सोच रही थी।
गाड़ी में अजीब सा सन्नाटा था।
बाहर सड़क पर गाड़ियों का शोर था,,, लेकिन अंदर बस एक अजीब-सी खामोशी थी।
आईना बार-बार अयान की तरफ देख रही थी, पर उसके चेहरे पर जैसे पत्थर की परत चढ़ी थी,,, कोई हाव-भाव नहीं, बस स्टेयरिंग पर कसते हाथ और आगे की सड़क।
आखिरकार आईना ने चुप्पी तोड़ी,
" मिस्टर डेविल आप कुछ बोल क्यों नहीं रहे... इतने गुस्से में क्यों हैं? वो आदमी कौन था… और आपको देखकर ऐसा क्यों बोला जैसे… जैसे वो आपका कोई पुराना दुश्मन हो?"
जवाब के इंतजार में आईना की नजरें अयान पर टिकी हुई थी।
अयान ने सांस खींची, लेकिन आंखें सामने सड़क से नहीं हटाईं,
"ये वो सवाल है… जिसका जवाब तुम अभी सुनना नहीं चाहोगी।" कुछ देर बाद अयान ने सीधे सपाट लहजे में कहा।
आईना ने हल्का-सा हंसने की कोशिश की, लेकिन उसके माथे पर शिकन चली आई,
"आप ये तय कैसे कर सकते हो कि मैं क्या सुनना चाहती हूँ,,, क्या नहीं?" आईना ने अभी भी अपने स्वभाव के हिसाब से चंचलता रखते हुए कहा।
अयान ने उसकी तरफ देखा ,,, उसकी नजरें ठंडी, लेकिन अंदर कहीं चिंता थी, " बटरफ्लाई मेरे बारे में बहुत कुछ ऐसा है जो अभी तुम नहीं जानती,,, और मैं डरता हूँ अगर तुम्हें वो पता चला तो कहीं तुम्हें खो ना दूं।"
आईना उसका हाथ थामते हुए बोली, " जिस उम्र में चाहत का पता भी नहीं होता तब से आपको चाहती हूँ। तो खोने का डर तो आप,,,, आपके मन से निकाल ही दीजिए। बाकी सच पर डिपेंड करता है,,, लेकिन सच चाहे जो भी हो मैं आपको कभी छोड़कर नहीं जाऊंगी।" फिर रुककर, " हाँ नाराज भले ही हो सकती हूँ,,, जिससे कि आप मुझे मनाने के लिए आपके सारे एफर्ट्स लगा सकें।"
आईना की बात सुन अयान हल्के से मुस्कुरा दिया।
वहीं अब आईना चुप हो गई, लेकिन उसकी आंखें अब भी जवाब तलाश रही थीं।
अयान ने फिर कहा,
"जिस दुनिया में मैं हूं… वहां भरोसा ही सबसे बड़ी कमजोरी है। और तुम… तुम मेरी सबसे बड़ी कमजोरी नहीं ताकत हो।"
उसने गाड़ी मोड़ दी, लेकिन इस बार रास्ता उनके पेंटहाउस की तरफ नहीं था।
आईना ने सवालिया नजरों से देखा,
"हम कहां जा रहे हैं?"
अयान ने बस इतना कहा,
"सुरक्षित जगह। आज रात… जहाँ हम कुछ पल सुकून के बिता सकें।"
आईना का दिल अचानक तेजी से धड़कने लगा—उसके मन में अब डर से ज्यादा ये जानने की बेचैनी थी कि अयान आखिर किस खेल में फंसा हुआ है।
समय बीतता जा रहा था और रात होने को आई थी। शहर से दूर अयान ने अपनी गाड़ी एक सुनसान जगह पर रोकी,,,, थोड़ी दूरी पर ही, सामने की तरफ एक सुंदर कॉटेज बना हुआ था। कॉटेज के चारों तरफ हरियाली ही हरियाली और बहुत ही सुंदर फूल लगे हुए होते हैं।
अयान ने गाड़ी पार्क की और बाहर निकलकर कॉटेज की तरफ बढ़ा और पीछे पीछे आईना।
वो सबकुछ बहुत ही उत्साह के साथ देख रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा अचानक से अपने सामने अपनी मनपसंद चीज को देखकर खिल उठता है।
आईना धीरे से मुस्कुराते हुए, "ये जगह तो किसी कहानी जैसी लग रही है…"
अयान ने बिना कुछ कहे कॉटेज का दरवाज़ा खोला। अंदर हॉल में लकड़ी की सादगी भरी खुशबू थी, एक ओर बड़ा-सा फायरप्लेस, और खिड़की से दिखती चांदनी की रोशनी। सबकुछ जैसे किसी और ही दुनिया का हिस्सा हो।
आईना कमरे में दाखिल हुई और चारों तरफ देखते हुए बोली, " मिस्टर डेविल, हम यहाँ क्यों आए।"
अयान हल्के कदमों से चलते हुए सोफे के पास गया और अपनी जैकेट उतारकर आर्मरेस्ट पर डाल दी। फिर धीमे स्वर में बोला—
अयान: "क्योंकि यहाँ कोई नहीं है… न कोई शोर, न कोई नजर। बस तुम… और मैं।"
आईना उसकी बात सुनकर ठहर गई। उसकी आँखें अयान पर टिकी हुई थीं, लेकिन अयान अब भी फायरप्लेस की ओर देख रहा था। उसकी आंखों में आग की परछाई थी, और चेहरे पर गहराई।
आईना (मुस्कुराने की कोशिश करते हुए): "आप हमेशा बातें घुमा देते हो। सच बताइए… ये सब अचानक क्यों?"
अयान धीरे से उसकी तरफ मुड़ा। उसकी निगाहें सख्त तो थीं, लेकिन उनमें एक नर्मियत भी थी।
अयान, "आज मॉल में जो हुआ… उसके बाद मुझे समझ आया कि अब तुम्हें भी मेरी दुनिया की सच्चाई छूने लगी है। और सच कहूँ तो, मुझे डर है।"
आईना भौंचक्की होकर बोली,
आईना, "डर? आपसे बड़ा तो कोई डरावना हो ही नहीं सकता।"
अयान हल्की सी हंसी हंसा, लेकिन उसकी आंखों का बोझ वैसा ही रहा।
वो आईना के करीब आया, उसके चेहरे से बालों की एक लट हटाते हुए बोला वो गंभीर लहजे में बोला, "डर मुझे अपने लिए नहीं है, बटरफ्लाई… डर है तुम्हारे लिए।"
आईना उसकी आंखों में देखते हुए धीरे से बोली,
"लेकिन मुझे क्यों…? आप तो कहते थे कि मैं आपकी कमजोरी नहीं, आपकी ताकत हूँ।"
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क्रमशः....
जब वो दोनों गाड़ी में बैठे हुए होते हैं , आईना अयान से उस आदमी के बारे में पूछती है, लेकिन अयान कहता है कि वह जवाब सुनने के लिए तैयार नहीं है। अयान उसे बताता है कि वह उससे बहुत कुछ छुपा रहा है और उसे खोने से डरता है। आईना उसे विश्वास दिलाती है कि वह उसे कभी नहीं छोड़ेगी। अयान उसे एक सुरक्षित कॉटेज में ले जाता है, जहाँ वह उससे कहता है कि वह उससे डरता नहीं है, बल्कि उसके लिए डरता है।
अब आगे
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आईना उसकी आंखों में देखते हुए धीरे से बोली,
"लेकिन मुझे क्यों…? आप तो कहते थे कि मैं आपकी कमजोरी नहीं, आपकी ताकत हूँ।"
अयान उसकी बात पर चुप हो गया। उसने उसकी कलाई पकड़कर अपने सीने पर रखी और धीमे स्वर में कहा,
"हाँ… ताकत हो। लेकिन जो ताकत सबसे कीमती होती है, वही दुश्मनों के लिए सबसे आसान निशाना बन जाती है।"
आईना कुछ पलों तक चुप रही। उसकी आंखों में हल्की नमी थी, लेकिन होंठों पर मुस्कान आई।
"तो फिर मैं कमजोर नहीं बनूँगी। आप बस मुझ पर भरोसा कीजिए… चाहे आपकी सच्चाई कितनी भी खतरनाक क्यों न हो।" आईना अभी मुश्किल से 20- 21 साल की थी इसलिए शायद वो ये सब सही से समझ नहीं पा रही थी जो उसे अयान समझाना चाह रहा था,,,, या फिर आईना अयान से प्यार ही इतना करती है कि उसके आगे उसे इस बात की परवाह ही नहीं कि अयान क्या है और क्यों है?
अयान उसकी बात सुनकर ठहर गया। उसके चेहरे पर पहली बार हल्की-सी राहत झलकी। उसने फुसफुसाकर कहा, "तुम्हें नहीं पता बटरफ्लाई… ये दुनिया कितनी खून से सनी हुई है। यहाँ वादे से ज्यादा कीमत सिर्फ खून की होती है।"
आईना ने उसका हाथ थामा और सीधे उसकी आंखों में देखते हुए बोली, "और मेरा खून भी आपके नाम है।" फिर उठकर विंडो के पास जा खड़ी होते हुए बोली, " ये जगह सच में बहुत ही खूबसूरत है।"