प्रेम की एक नई कहानी जिसकी किसी की जिन्दगी अंधेरे से भरी है कोई हांथ पकड़ के उसे बाहर निकाल रहा है एक वादे के लिए क्या ये वादे से बंधी जिंदगी में रोशनी आएगी ? क्या अंधेरे से भरी जिंदगी में कोई वादा रोशनी के आयेगा ? क्या ईवा जिसके जीवन साथी उसे छोड... प्रेम की एक नई कहानी जिसकी किसी की जिन्दगी अंधेरे से भरी है कोई हांथ पकड़ के उसे बाहर निकाल रहा है एक वादे के लिए क्या ये वादे से बंधी जिंदगी में रोशनी आएगी ? क्या अंधेरे से भरी जिंदगी में कोई वादा रोशनी के आयेगा ? क्या ईवा जिसके जीवन साथी उसे छोड़ गया ,?.इवान जो एक वादे के लिए ईवा से शादी कर रहा ..?क्या दोनो में होगा प्यार ???क्या दोनो एक दूसरे को कभी अपना पाएंगे??क्या दोनो एक साथ समाज में चल पाएंगे ?? इस कहानी को जानने के लिए पढ़िए! क्या दोनो की जिंदगी आम जिंदगी की तरह होगी?
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लखनऊ जगमगाता शहर उसी शहर में एक बड़ी सी हवेली जो दिखने में ही पुरानी समय की लगती है उसकी कारी गरी देख लोग देखते ही रहते है आज के मॉडम जमाने में होने के बावजूद पुरानी रीति रिवाज से रहना सब के बस की बात नहीं लेकिन लखनऊ में जाना माना परिवार वेदी परिवार जो लखनऊ के रहिशो में गिने जाते है ।।
लखनऊ शहर में सिर्फ स्कूल कॉलेज ही नही बल्कि बड़े बड़े मॉल, क्लब, रेस्टोरेंट ज्यादा तर वेदी परिवार के चलते है ।
वेदी परिवार में बड़े मुखिया,, उधम वेदी जिनकी उम्र 60 साल है लेकिन सासन पूरे परिवार पर ही नहीं लखनऊ पर भी चलता है विधायकी की टिकट कई बार लौटा चुके है ।।
उनकी पत्नी जो पैर काम ना करने पर विल चेयर पर रहती है ,, मंजरी वेदी ,, उनके मूड के हिसाब से वो सही रहती है नही तो सब पर भारी पड़ती है ।।
उधम के बड़े बेटे "अनिल वेदी " बिल्कुल सीधे और सरल स्वभाव के ज्यादा किसी से बात नही करते "
इनकी पत्नी ,,, विशाख " इनका बस एक ही काम है परिवार को जोड़ कर रखना उसके लिए ये कुछ भी कर सकती है किसी का भी बलिदान देके वो परिवार को टूटने नही दे सकती है
उधम वेदी के छोटे बेटे ,,, विनोद वेदी " मजाकिया लहजे के उन्हे तो हर वक्त बस हसी मज़ाक ही सूझता है
पत्नी ,,, ललिता वेदी " इन्हे तीखी मिर्ची कहना गलत नही है
बड़े अनिल और विशाखा के दो बेटे है बड़ा बेटा रेहान जो आर्मी में है स्वभाव पूर्ण पिता की तरह बिल्कुल सभ्य व्यक्तिव"
दुसरा इवान वेदी" जो सारा कारोबार संभालता है गुस्सा तो इनके नाक पर रहती है लेकिन भाईयो के साथ शरारत भी बहुत करते है मां के लाडले है और पूरी तरह मां की तरह है परिवार के एकता में यकीन रखते है बड़ो की इज्ज़त करना इसका धर्म ही नही बल्की संस्कार है ये इनके विचार है "
छोटे बेटे विनोद और ललिता के एक बेटे दो बेटियां है बड़ा बेटा तीर्थ " इवान भाई का फैन कॉलेज का मोस्ट हैंडसम लडका लड़किया पागल है और ये सब को बनाते फिरते भी है "
बड़ी बेटी,, दीप्ति " एक नंबर की घमंडी इन्हे बस खुद की पड़ी रहती है बाकी जाए भाड़ में कोई मतलब नही "
दूसरी दिया वेदी" 22 की ही उम्र में काफी समझदार है बड़ी बड़ी बाते तो कोई इनसे सीखे "
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हमारी हिरोइन बड़े खानदान की इकलौती बेटी ईवा चौधरी पिता आर्मी में मेजर है मां डॉक्टर है और खुद ईवा कॉलेज की प्रोफेसर है कम उम्र में ही ईवा बहुत कुछ हासिल कर पाई है इनके बारे में आगे पता चल जायेगा ।।
______अब आगे कहानी बड़ाते है ,,,
हवेली
शाम का वक्त ..
" अरे भैया थोड़ा जल्दी जल्दी अपना हांथ चलाइए ये क्या कर रहे है शाम हो गया अभी तक आप लोगो ने मंडप तैयार तक नही किया शादी आज है कल नही तो जल्दी जल्दी हांथ चलाइए "
एक लड़की जिसने पिंक सूट पहन रखा था उसने घर के नौकरों से कहा वो खड़ी होके सब कुछ देख रही थी तभी पीछे से आवाज आई
" दिया बेटा " दिया ने पूछे मुड के कहा " जी दादी कहिए"
पीछे मंजरी जी थी उन्होंने दिया से कहा " जरा जाके ईवा को देखो तैयार हुई या नहीं एक रश्म बची है कम से कम वही पूरा कर दे "
मंजरी जी की बात सुन दिया ने कहा " जी दादी अभी जाके देखती हूं भाभी को "
अपनी बात कह दिया वहा से ऊपर के तरफ चली गई मंजरी जी ने एक नौकर को बुला के कहा " इवान घर आया क्या किसी ने देखा उसे ??"
नौकर " नही मैडम सभी तक सर घर नही आए है ना उनकी गाड़ी बाहर है "
मंजरी जी " ठीक है तुम जाओ अपना काम करो और हां अगर वो आए तो मुझे सबसे पहले बताना ठीक है "
नौकर ने सिर हिलाया और वहा से चली जाती है मंजरी जी अपनी बिलचेयर घुमा के दुसरी तरफ जाने लगती है और बड़बड़ाती है " मेरे कहने के बावजूद इस लड़के ने एक नही सुना अभी तक घर नहीं आया है कब तैयार होगा कब शादी होगी कैसे भी करके ईवा को तैयार किया है ।
बीच में किसी की भारी आवाज आई " एक बार फिर से सोच लो कही इस फैसले से आप के लाडले की जिंदगी ना बर्बाद हो जाए आप जानती है वो ईवा को बिल्कुल पसन्द नही करता है फिर भी परिवार को जोड़ रखने के लिए शादी कर रहा है "
मंजरी जी ने सामने देख तो उनके पति उधम वेदी डंडे के सहारे चलते हुए आते है और सोफे पर बैठ जाते है उनकी बार सुन मंजरी कहती है " पसन्द करे या ना करे लेकिन जिम्मेदारी तो निभानी ही है अब क्या विधवा बहू को पूरी जिंदगी घर बैठी रहूं जवान है पूरी जिंदगी बची है तो शादी किसी और घर में करने से अच्छा इसी घर में हो जाए "
उधम जी " आप की बात सही है लेकिन। एक बार आप ने दोनो की मर्जी जननी नही चाहिए "? क्या दिख नही रहा इवान ईवा से कितनी नफ़रत करता है उसे लगता है उसके भाई बॉडर पर गया है ईवा के खातिर "
मंजरी" मुझे इन सब से कोई मतलब नही है ईवा इवान की शादी आज ही होगी किसी भी कीमत पर समय के साथ सब ठीक हो जायेगा ।।
इस बार उधम जी कुछ कहते नही है दोनो लोग अभी बात कर रही रहे थे तभी दरवाजे से आते हुए किसी के कदम सुनाई पड़ते है मंजरी जी पीछे मुड के देखती है तो इवान था बिजनेश सूट में आ रहा उसके पीछे उसका का असिस्टेंट,, विशाल।
मंजरी जी बटन प्रेस कर आगे बड़ा जाति है और कहती है " इवान तुम कहा रह गए थे शाम हो चुकी है "
इवान ने ऊतक सा जवाब दिया " रात तो नही हो गई है बस आ रहा था मेरे इसके आंवला भी काम।है एक यही काम नही है मेरे पास की मैं बस रस्मे ही निभाऊं"
" अगर ईवा रस्में नही निभा रही कम से कम तुम ही पूरा कर सकता है सीढ़ियों से नीचे आती हूं विशाखा जी ने कहा ।
इवान " मेरे निभाने से क्या होता है ताली दोनों हांथ से बजती है एक हांथ से नही एक सारी रस्मे कब तक निभाएगा मैं नही कर सकता हूं जितना करना था उतना कर दिया है अब डायरेक्ट शादी होगी मेरे बस का अब नही है शादी कर रहा हूं उतना ही बहुत है "
अपनी बात कह के इवान कमरे के तरफ जाने लगा पीछे से मंजरी जी ने कहा " लेकिन इवान सुन तो "
इवान ने एक नही सुना और कमरे के तरफ चला गया वही बाकी सब जाते हुए बस देख रहे थे ।।
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नीचे इवान के जाते हुए बस विशाखा जी और मंजरी जी देख रही थी मंजरी जी ने कही खोए हुए कहा " रेहान क्या गया सब कितना बदल गया है इवान भी खुद को सिर्फ कामों में लगा रखा है ईवा शादी के लिए मान गई लेकिन रश्म नही निभा रही पता नही जिंदगी कहा लेके जाएगी दोनो को "
विशाखा जी " जो भी हो बस लेकिन मेरे बच्चे की जिंदगी खराब न हो एक तो छोड़ के चला गया दुसरा किसी से बात तक नही कर रहा सीधे मुंह ईवा है कमरे से बाहर तक नही जाति ।।
प्रेमा जी " तुम सही कह रही हो एक बार शादी हो जाए तो ईवा भी पहले को तरह सबके साथ रहने लगेगी "
दोनो रेहान को याद कर दुखी हो गए आंखों में आसूं भर गए कितने भी साल गुजर जाए लेकिन मां की ममता वही रहती है ।। रेहान विशाखा जी के बड़े बेटे इस घर के बड़े बेटे थे जिनसे ईवा को शादी हुई लेकिन शादी के अभी सिर्फ 6 महीने हुए थे और रेहान शाहिद हो गया मगर बहु विधवा घर में रहे ये कोई नही चाहता था परिवार के खातिर इवान और ईवा ने शादी के लिए हां कहा
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उधर दिया ईवा के कमरे का दरवाजा खोल जैसे ही अंदर गई सारे कमरे में अंधेरा था उसने आवाज लगाते हुए कहा
" ईवा भाभी आप अंदर है क्या ?? ."
दिया अपने कदम अंदर ले जाने लगी लेकिन अंदर से कोई जवाब नही आया बस किसी की तेज सांसे चलने की आवाज जरूर आ रही थी दिया ने अंदर बड़ के लाईट ऑन किया और चारो तरफ देखने लगी तभी बेड के किनारे से उसे ईवा के पैर मिले वो दूसरी तरफ जाके देखा तो तस्वीर को सीने से लगा के ईवा रो रही थी ।।
दिया ने आगे बड़ के इया के पास बैठ गई और कहा " भाभी आप फिर से रोने लगी "
दिया की आवाज सुन ईवा आंखे खोल उसे देखने लगी रोने की वज़ह से इया की आंखे लाल हो रखी थी वो उठ के बैठ गई ,, बाल बिखरे हुए थे ,, चेहरे पर न मेकअप, होंठो पर रोने से पपड़ी जमे हुए चेहरा पूरा पीला पड़ा था ,, इस वक्त इया ने फीके कलर की साड़ी पहन रखा था बिल्कुल सादा। पुरे विधवा रूप में थी ।। ईवा का दर्द बता रहा रेहान के जाने का कितना बड़ा गम है उसे ।
जारी..✍️
दिया की आवाज सुन ईवा आंखे खोल उसे देखने लगी रोने की वज़ह से इया की आंखे लाल हो रखी थी वो उठ के बैठ गई ,, बाल बिखरे हुए थे ,, चेहरे पर न मेकअप, होंठो पर रोने से पपड़ी जमे हुए चेहरा पूरा पीला पड़ा था ,, इस वक्त इया ने फीके कलर की साड़ी पहन रखा था बिल्कुल सादा। पुरे विधवा रूप में थी ।। ईवा का दर्द बता रहा रेहान के जाने का कितना बड़ा गम है उसे।।
अब आगे...
किसी अपने का गम सिर्फ वही इंसान समझ सकता है जो दिल के बेहद करीब हो जो दर्द ईवा महसुश कर रही वो कोई और सोच तक नही सकता है खैर दिया ने आगे बड़ के ईवा के पास बैठ गई और कहा " भाभी आप फिर से रोने लगी "
दिया की आवाज सुन ईवा आंखे खोल उसे देखने लगी रोने की वज़ह से इया की आंखे लाल हो रखी थी वो उठ के बैठ गई ,, बाल बिखरे हुए थे ,, चेहरे पर न मेकअप, होंठो पर रोने से पपड़ी जमे थे चेहरा पूरा पीला पड़ा था ,, इस वक्त इया ने फीके कलर की साड़ी पहन रखा था बिल्कुल सादा।। पुरे विधवा रूप में थी
ईवा बैठी आंखों को साफ कर कहा " तुम यहां? दिया ।
दिया ने ईवा के पास बैठ के कहा " हां क्या आप ठीक हो ?
ईवा " हां मुझे क्या होगा अभी जिंदा हूं ?
दिया " भाभी कैसी बाते कर रही है आप फिर से रोने लगी आप ने मुझसे प्रोमिस किया था "
ईवा " जब जिंदगी ने सब कुछ छीन ही लिया तो रोने से खुद को रोक कैसे सकती हूं "
दिया " लेकिन प्रोमिस का क्या ??
ईवा " जब सात फेरे लेके उन्होने तोड़ दिया तो मैं कैसे निभा सकती हूं "
दिया " अच्छा चलिए ये सब छोड़िए आप फिर से शुरू हो जाएगी इस बात को यही खत्म करते है"
" मेरे बातो का जवाब नही दिया तुम यहां क्या कर रही हो
ईवा ने रेहान को फोटो पर हांथ फेर उसे साइड टेबल पर अच्छे से सेट करते हुए कहा ।।
दिया " वो दादी ने आप को देखने के लिए भेजा है आप रेडी हुई की नही "
ईवा" उन्हे कब से मेरी फिकर होने लगी जाके कह दो जो वो सब चाहते है वो कभी नही होगा मैं किसी भी रश्म को नही करने वाले हूं ये बात सब अपने दिमाक में बैठा ले "
दिया " लेकिन भाभी इवान भाई भी आके रेडी होने चले गए है और सारी तैयारियां हो गई "
ईवा ने अपनी जगह से उठते हुए कहा " मुझे कोई फर्क नही पड़ता है कौन क्या कर रहा है मैने कह दिया मैं कोई रश्म नही करूंगी मतलब नहीं करने वाली कोई मेरे साथ जबर्दस्ती नही कर सकता है जाके कह दो "
ईवा उठ के वॉशरूम के तरफ बड़ने लगी तभी दरवाजे ने किसी ने कहा " अगर नही करोगी तो रेहान के वादे का क्या होगा ??
ये आवाज सुन ईवा के कदम रुक गए दिया ने दरवाज़े के
तरफ देखते हुए कहा " बड़ी मां आप "
दरवाजे पर विशाखा जी खड़ी थी ईवा और दिया दोनो की नजर दरवाजे के तरफ थी ।।
विशाखा जी ने अंदर आते हुए कहा "मेरे बेटे ने जो वादा किया है उसका क्या होगा? आखिर ईवान जब सारी रस्मे कर रहा है तो तुम्हे क्या दिक्कत है तुम क्यों नही कर रही ये शादी तुम्हारी नही बल्की इवान की भी हो रही है लेकिन वो अपने भाई के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार है एक तुम हो जिसे किसी की फिकर ही नही है "
ईवा नर्म लहजे में कहती है " मम्मी जी मैने पहले ही कहा था मै कोई रश्म नही करूंगी ये उनकी इच्छा है वो रस्मे निभा रहे है या नही लेकिन मैं नही कर सकती हूं "
विशाखा जी शक्त आवाज के कहती है " मैं अपना एक बेटा तुम्हे देके खो चुकी हूं परिवार के लिए दूसरा भी दे रही हूं इस शादी को शुभ बनाने के लिए तुम रस्में तक नही कर रही तो कैसे दूं मैं अपना बेटा "
ईवा " मैने कब कहा कि अपना बेटा मुझे दे मैने सिर्फ आप के बड़े बेटे को पसंद किया था उनसे ही प्यार करती हूं और उनकी ही बन के रहना चाहती हूं लेकिन आप सब नही चाहते है "
ये शब्द ईवा के मुंह से काफी मुस्कील से निकले वो और उसका दिल ही जनता है उस पर क्या गुजर रही है ।।
विशाखा जी अब की ऐसी बाते सुन गुराटे हुए कहा "अगर परिवार की इज्ज़त की बात नहीं होती तो मैं खुद नही होने देती ये सब खैर अब इन सब बातो का कोई फायदा नही है इसी लिए दिया तुम्हारी हेल्प कर देगी तैयार होके जल्दी नीचे आओ रस्में नही तो शादी के मंडप में आके बैठो "
अपनी बात कह के विशाखा जी वहा से चली गई ईवा बस आंखो में आंसू लिए देख रही थी उसे अपनी किस्मत पर गुस्सा आ रहा था वही विशाखा जी परिवार के खातिर अपने छोटे बेटे की शादी करवा रही है उनका बस एक ही धारणा है परिवार बिखरना नही चाहिए किसी भी कीमत पर ।।
ईवा ने कुछ नही कहा आंसुओ के साथ जाके मिरर के समाने खड़ी हो गई कुछ देर में दिया ने ईवा को पूरी तरह तैयार कर दिया ईवा ने ना लहंगा पहना था ना ना मेकअप न कोई और सिंगार वो सिंपल तरीके से रेडी हुई थी
ऐसे 👇

इस तरह से ईवा तैयार होके खुद को देख रही थी उसने मन में कहा " रेहान जी ये कैसी किस्मत है आप ने हमे ये मौका ही नही दिया की आप के लिए इस तरह से कभी तैयार होके आप के सामने भी आए हमे छोड़ के चले गए और आज हम किसी और के लिए सिंगार कर के खुद को देख रहे है "
यादों के कोने में कुछ धुंधली सी तस्वीर जगी जिसके पीले कलर के सूट में ईवा हांथ बांध के बैठी थी ।
" हमे आप से बात नही करनी है रेहान जी आप बहुत गंदे है जाओ आप यहां से हम नही आते आप के साथ "
" ईवा क्या बच्चो की तरह जिद करके बैठी हो यार कम से कम मेरे बारे में तो सोचो तुम्हारी उदासी मेरी जान ले लेती है " गुंटनो के बल बैठे रेहान ने कहा गोरा रंग भूरी आंखे,, दाढ़ी ना मूंछ पूरा क्लीन शेव था ।। लेकिन चेहरा काफी आकर्षण कोई देखे तो नजरे न हटा पाए ।।
" आप भी तो मेरे बारे के सोचिए आप के लिए हमने अपने मॉम डैड से भी बात करी है लेकिन आप अपने मॉम डैड से कब बात कर रहे है"
" करता हूं ना बस थोड़ा सा टाइम चाहिए "
" कितना टाइम चाहिए हम दो साल से एक दुसरे को पसंद कर रहे है लेकिन अभी तक बात आगे बड़ ही नही पाई "
" परिवार से बात करना इतना आसान नहीं है "
" क्या मेरे लिए था मैंने भी तो करी ना तो आप क्यू नहींकर पा रहे है _
" मेरी फैमिली तुम्हारी फैमिली की तरह नही है वो अलग है "
" अच्छा तो क्या अपने बेटे से ज्यादा उन्हे किसी और से प्यार है "
" तुम मेरी बात समझ नही रही हो "
" आप समझाएंगे तो मैं समझ जाऊंगी "
" नही समझोगी"
" एक बार बताइए तो "
" छोड़ों जाने दो "
" पर क्यों ??
" बस ऐसे ही "
" लेकिन "
" लेकिन वेकिन कुछ नही चलो आज मैं तुम्हे कही के चलता हूं "
" कहा ?
" पहले चलो फिर पता चल जायेगा ".
" नही पहले बताइए कहा जाना है तभी मैं चलूंगी वरना नही "
" यार तुम्हारे कितने नखरे है "
" वो तो है अब प्यार जब किया है तो नखरे भी उठाइए "
" वो तो अब उठाना ही पड़ेगा भाई आखिर दिल जो दिया है "
" सही तो फिर पहले मुझे मनाइए फिर मैं चलूंगी "
" ओके मेरी जान अच्छा तुम यही चाहती हो ना मैं अपनी फैमिली से शादी की बात करू "
" हां"
" तो फिर ठीक है मैं कल ही जाके बात करता हूं "
" वो मान तो जायेंगे ना " थोड़ा परेशान होके ईवा ने कहा
" पहले बात तो करने दो मानेंगे की नही उस वक्त देखेंगे "
" लेकिन अगर न माने तो फिर क्या होगा?? "
" कुछ नही शादी तो मैं तुमसे ही करूंगा "
" सच के " ईवा ने चहकते हुए कहा "
" बिल्कुल कोई सक " रेहान ने ईवा के गाल खींचते हुए कहा "
" नही मुझे सक तो बिल्कुल नही है मैं खुश हूं "
" तुम खुश तो मैं भी खुश अब चले "
" हम्मम"
हांथ में हांथ डाले दोनो चल बड़े आंखो के को नूर है होंठो पर जो मुस्कान है जीवन में।जो लचक है अब सब कुछ ईवा का कही खो गया रेहान क्या गया सारी दुनिया ही को गई इन छोटे से यादों से आंखो के आंसू भर गए ।।
तभी कानो के आवाज गई " भाभी चलिए सब बुला रहे है "
ईवा ख्यालों से बाहर आगे लास्ट बार खुद को देख वहा से आगे बड़ गई ।।
जारी.✍️
क्या होगा ? रेहान की मौत कैसे हुई ? क्या ईवा रस्में निभायेगी ?
दादी मां आप के कहने पर मैंने शादी किया और अपने भाई के वादे को भी निभाया लेकिन आप जो करने के लिए हमे कर रही है वो नही होगा हम एक कमरे में नही रह सकता हूं " इवान ने मंजरी जी के गोद में सिर रख के कहा ।।
मंजरी जी ने इवान के सिर पर हांथ फेरते हुए कहा " मगर इवान अब वो आप की पत्नी है आप ऐसे कैसी बाते कर रहे है अगर वो आप के कमरे में नही रहेंगी तो कहा जायेगी "
इवान" मुझे नही पाता बस मेरे कमरे में नही ,, यही मेरी किस्मत है मैं पहले भी इस लड़की को पसन्द नही करता था और आज भी नही करता हूं "
मंजरी जी " लेकिन इवान ईवा उसकी क्या गलती है शादी के ही दिन रेहान छोड़ के चल गया छः महीने से विधवा की जिन्दगी जी रही है खुद को एक कमरे में बंद कर रखा था क्या अब आप भी उसे बेरंग सी जिंदगी दोगे एक बार उसके बारे में तो सोचो "
इवान" क्या उस लड़की ने हमारे बारे में सोचा "
मंजरी " आप अभी भी वही बात लेके बैठे हो उसमे अकेली की उसकी मर्जी नही थी रेहान भी वही चाहता था "
इवान " लेकिन बहलाया फुसलाया कौन होगा ये लड़की ही ना "
मंजरी " रेहान कोई बच्चा नहीं था इवान वो बड़ा हो गया था उसे अपने अच्छे बुरे की पहचाना थी वो खुद की मरजी से गया है। "
इवान" अगर पहचान होती तो इस लडकी से भाई भाग के शादी कभी नही करते "
मंजरी " पहचान थी तभी तो भाग के रेहान ने ईवा से शादी किया ,, लेकीन आप।की। मां उनकी भी तो गलती थी ना उन्होने शादी से क्यो मना किया किया नही करती तो रेहान ये कदम नहीं उठाता "
इवान" मां ने मना किया शादी से इस लिए नही की कोई दुसरी लड़की देख रखी थी बल्कि उस लड़की का डर था अगर भाई किसी और लड़की से शादी कर लेंगे तो ये अमीर परिवार में कैसे आएगी आखिर यहां पर एसो आराम जो मिल रहा है "
इवान ने बेहद नफरत से कहा उसकी नजर मंजरी जी के आंखों में थी वह मंजरी जी कुछ कहती की एक भारी आवाज दोनो के कानो में गई " इवान ये आप।कैसी बाते कर रहे हो ?? ईवा लालची लड़की नही है "
इवान ने पीछे मुड के देखा दरवाजे से उधम जी अंदर आ रहे थे जिसे देख इवान ठीक से बैठ के जाता है " दादा जी आप हमेशा उस लड़की की साइड ही क्यों रहते है कभी तो अपने।पोते के तरफ भी हो जाया करिए "
उधम जी ने बेड पर बैठे हुए कहा " मैं किसी के साइड नही हूं बस सही गलत बता रहा हूं ईवा के पास कौन सी पैसों की कमी है उनके माता पिता इतने अच्छे पोस्ट पर है वो खुद एक प्रोफेसर है तो किस बात की कमी है जो वो पैसों के।लिए करेंगी ऐसा "
इवान" दादा जी आप इन लड़कियों को नही जानते है बाहर। निकल के ऐसे ही भोला पन दिखाती है "
उधम जी " अच्छा क्या सच में भाई हमे तो नही पता हम।तो यही जानते है सारी लड़किया खुबसूरत होती है एक आदमी को हमेशा वो खुश रखें रहती ही तभी वो पूरे घर को संवर्ग बना देती है "
इवान ने कड़वी मुस्कान के साथ कहा " हां कैसे उस लङकी ने भाई को उस मिशन पर भेज दिया था ना देखिए पूरा घर कैसे खुश है सब रो रहे है "
इवान "उधम जी ने थोड़े तेज आवाज में।कहा तो इवान ने अपनी जगह से खड़ा हो गया और गुस्से से कहा
" आप के कहने से।मैं चुप।नही हो जाऊंगा दादा जी आप। उस लड़की की तरफदारी कर सकते है लेकिन मैं नही मेरे तो समझ ही नही पा रहा हूं आखिर उस लड़की ने आप।दोनो।पर क्या जादू कर दिया की आप।उसकी असली चेहरा देख नही पा रहे है "
उधम जी अपनी जगह से खड़े हो गए।और तेज आवाज में कहते है " इवान ये क्या तरीका है कहने का वो अब आप।की पत्नी है शादी हुई है आप को और उनकी आज तो आप अपनी ही पत्नी पर इलाज लगा रहे है "
इवान" मैं नही मानता अपनी पत्नी मैने पहले ही कहा था बस भाई के वादे और दादी के कहने पर मैंने ये शादी किया है तो आप सब हमसे कोई उम्मीद मत करिए।"
फिर इवान ने मंजरी जी के तरफ देख के कहा "आप चाहती है ना मैं इस लड़की को।अपने कमरे के।जगह दूं तो ठीक है दूंगा ऐसी जगह दूंगा वो पूरी जिन्दगी याद रखेगी "
इवान।ने गुस्से से तिलमिलाते हुए कहा और कमरे से बाहर निकल गया उसे जाते हुए बस उधम जी और।मंजरी जी देख रहे थे उधम जो हताश होके। मंजरी जी के बगल में बैठ गए उन्होंने हाफ्ट हुए कहा
" इवान का गुस्सा कभी कभी देख के डर लगता है पागल पता नही क्या करेगा अब कही हमने गलती तो नही किया ना "
मंजरी जी ने उधम जी के हांथ पर अपना हांथ रख के कहा " जो किया बिलकुल सही था आप ने किसी लड़की की जिंदगी सवारी है और किसी बाप के दिल को सुकून दिया है तो ये बात कैसे गलत हो सकती है "
" लेकिन इवान उसका क्या ??
" इवान बच्चा है धीरे धीरे समझ जाएगा वैसे भी ईवा समझदार है वो सब संभाल लेगी"
" अगर नही कर पाई तो "
" कर लेगी मैं जानती हूं उसे"
" पता नही वो क्या सोच रही होगी "
" कुछ नही वो सोचेगी आप इतना सब मत सोचिए बस आराम करिए "
" नीद नही आ रही है "
" आ जायेगी "
माजरी जी के कहते ही उधम जी बिस्तर पर लेट गए ।।
रात हो चुकी थी ईवान की शादी बड़े सिंपल तरीके से किया गया ईवा ने मना किया था वो कोई रश्म नही करेगी और ना जाने किसी।और।ने।या। इवान ने।भी। दुबारा कोई रश्म नही किया वो दादी के पास आया था इस लिए की ईवा को उसके कमरे में ना भेजे।क्युकी ईवा को इवान के।कमरे के।रहने के लिए दादी ने कहा था जो इवान को।पसंद नही आया वो इसी।लिए यही बात करना चाहता तभी दादा जी ने। ईवा की साइड लि।जो।इवान।बर्दाश नही कर आया उसे बिलकुल पसंद नहीं है ईवा उसे लगता है ईवा के कहने पर रेहान ने उससे शादी किया ।।
असल।के रेहान की मॉम विशाखा ने रेहान के लिए पहले से एक लड़की ढूंढ रखा था मगर जब रेहान ने बता उसे ईवा पसंद है तो विशाखा जी ने मना कर दिया रेहान ना ईवा छोड़ना नही चाहता था ना ईवा उसी के बीच रेहान को किसी सिक्रेट मिशन पर जाना था इसी लिए वो ईवा को। कहने पर दोनो ने मंदिर में जाके शादी कर लिया ।।
पुरे घर वाले पहले नाराज थे लेकिन धिरे धिरे सब ने ईवा को पसंद किया बस इवान को छोड़ उसे पहले दिन से ईवा पसन्द नही थी वही शादी के दिन ही रेहान को जाना पड़ा ईवा ने उसे रोका नहीं उसके कुछ ही महीने बाद पता चला रेहान सजिद हो गया जिसका इल्जाम इवान ईवा को देता है ।। ।
इवान मंजरी जी के कमरे से निकल।के अपने कमरे में गया लेकिन जैसे ही उसने कमरे में अपने कदम रखे उसके आंखो में गुस्सा उतर आया उसने चिल्लाते हुए कहा " मेरे समान को हांथ लगाने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ??
कहते हुए इवान तेज कदमों से इवा के करीब आ गया जो इवान और रेहान के साथ में लगी तस्वीर को अपने हाथों के ले रखा ईवा ने इवान ने तेज कदमों से अंदर आके ईवा के हांथ से तवीर को ले।लिया और दांत पीसते हुए कहा
" तुम्हारी इतनी हिम्मत हो गई है की मेरे ही कमरे में आके मेरी इजाजत के बीना मेरे समान को छुहा हां"
इवान ने मुड़ के तस्वीर अपनी जगह पर रख फिर से ईवा के तरफ मुड़ गया वही ईवा को कोई फर्क नहीं पड़ा वो वैसे।ही खड़ी थी इस वक्त उसने हल्के लाईट कलर की कॉटन की शादी पहन रखा था कुछ इस तरह

कुछ इस तरह की साड़ी ईवा ने पहना था जो बिलकुल हिल सिंपल था वही उसकी नजर इवान के ऊपर ही थी जो गुस्से से घूर रहा ।।
ईवा को।कुछ न कहता देखाइवान ने कहा " ऐसे घूर क्या रही हो कुछ बोला है जवाब दो मुझे ये मेरा कमरा है समझी आज मेरी भी यहां मेरी मर्ज़ी चलेगी "
इवान ने ईवा के चेहरे के करीब आके कहा वह ईवा ने कोई जवाब न देके वहा से जाने लगी इवान ने देखा तो ईवा की बाजू कस के पकड़ लिया और अपने करीब खिच लिया ।। इवा के लिए तैयार नही थी सीधा इवान के सीने से जा लगी दोनो एक पल के लिए एक दूसरे के आंखों में देखने लगे जहा एक के आंखों में नफ़रत गुस्सा भरा था दूसरे के आंख में दर्द खाली पन था ।।
जारी..✍️
क्या होगा आगे ? क्या इसी इवान होंगे कभी एक ? क्या इवान ईवा को कमरे में रहने देगा ? इवान क्या करेगा ईवा के साथ ?
इवान ने ईवा के चेहरे के करीब आके कहा वह ईवा ने कोई जवाब न देके वहा से जाने लगी इवान ने देखा तो ईवा की बाजू कस के पकड़ लिया और अपने करीब खिच लिया ।। इवा इसके लिए तैयार नही थी सीधा इवान के सीने से जा लगी दोनो एक पल के लिए एक दूसरे के आंखों में देखने लगे जहा एक के आंखों में नफ़रत गुस्सा भरा था दूसरे के आंख में दर्द खाली पन था ।।
इवान ईवा के आंखों में देखते हुए उसे दीवाल से लगा के अपना भार उसपर छोड़ते हुए कहा "मेरी इजाजत के बीना कोई मेरे समान को हांथ लगाए मैं बर्दाश नही करता हूं और तुम मेरे कमरे में आके अपना हांथ वहा तक ले गई जहा किसी की जाने की हिम्मत नही होती है ये मत भूलो की ये मेरा कमरा है ना की किसी और का "
ईवा इवान के आंखो में खुद के लिए नफरत साफ साफ देख पा रही थी लेकिन इन सब से उसे कोई भी फर्क नही पड़ रहा उसने तिरछी मुस्कान के साथ कहा " तुम जिसकी बात कर रहे हो उसमे मेरे पति थे और मेरा पूरा हक है उनके ऊपर "
ईवा एक पल के लिए शांत हो गया क्या ईवा ने उसे पति कहा लेकिन रेहान की तस्वीर याद आते ही इवान ने अपनी पकड़ कसते कहा " अब तुम मेरी पत्नी हो और मैने अभी तक पत्नी का हल भी नही दिया है जिसका साफ मतलब है मेरे समान को मेरे इजाजत के बीना नही छू सकती समझी तुम ये पहली और आखिरी बार है "
ईवा" तुम मुझे खुद की पत्नि भी कर रहे हो और मानने से मना भी कर रहे हो ,,क्या बोलना है पहले सोच लो ? "
इवान" मैं सोच समझ के ही कह रहा हूं तुम्हे अपनी पत्नी क्या कह दिया तुम खुद को वही समझने लगी ,, मुझे पता था मेरे भाई से बस प्यार का नाटक किया था तुम्हे "
ईवा का खून खौल गया कोई इसके प्यार को नाटक कह कैसे सकता है उसने कसमसाते हुए कहा " अपनी हद में रहो मेरा प्यार नाटक नही सच्चा था समझे तुम्हे किसी ने ये हक नही दिया किसी के प्यार का मजाक बनाओ "
इवान ने अजीब तरह से हस्ते हुए कहा " मज़ाक मैं नही तुमने बना के रखा है और क्या कहा प्यार सच्चा था क्या बकवास है अगर प्यार सच्चा होता तो तुम मेरे भाई को मरने के लिए नही भेजती उसे नही देती अपनी कसम जाने के लिए उसे नही कहती की वो मिशन पर जाए आज वो हमारे बीच नहीं है तो इसकी जिम्मेदार तुम खुद हो कोई और नहीं ये ये गलत फेमी अपने अंदर एस की तुमने कुछ नही किया है ।।
ईवा " मैने बस रेहान जी को उसका फर्ज बताया था मैं उसके फर्ज के बीच में आ रही इसी लिए मुझे कसम देना पड़ा मैंने नही चाहा था की उनके साथ आज कुछ हो मेरा यकीन करो "
इवान" मुझे किसी पर कोई यकीन नही करना है मैने वही कहा जो सुना है वैसे भी झूठ बोलने कोई तुमसे सीखे झूठी"
ईवा" झूठ नही ये सच है मैने कुछ नही किया "
इवान" तुम्हारे बार बार कहने से सच बदल नही जाता है तुमने।मेरे भाई को मारा है ये बात मैं पूरी जिंदगी बोलता रहूंगा "
ईवा के आंखो से आंसू बहने लगे उसने कहा " नही ये झूठ है रेहान जी मेरे साथ खुश थे उन्हे क्यू मारूंगी मेरे ऊपर ऐसे इल्जाम मत लगाओ प्लीज।।
इवान " ये इल्जाम नही हकीकत है जो कभी नही बदलने वाला है तुम्हारी चाल मैं अच्छे से समझ गया हूं "
इवा की आंखे सिकुड़ गई उसने कहा " चला ,, ये कोई चाल नही
"ये चाल ही है मेरे घर में आने के लिए "
"नही ये झूठ है"
"ये सच है "
"झूठ को बार बार कह के सच नही बना सकते "
"और तुम भी ये नही कर सकती हो एक बात बार बार कह के "
"आखिर तुम चाहते क्या हो "
"क्या चाहता हूं वो बाद में बताऊंगा फिलहाल तो तुम मेरे कमरे से बाहर निकलो "
" रहना ही कौन चाहता है इस कमरे में मेरी मजबूरी है क्यूंकि यहां मुझे दादी ने भेजा था "
"ये दादी का नही मेरा कमरा है मेरी मर्ज़ी चलेगी ना की दादी की तुम अभी के अभी बाहर निकलो "
" नही मैं कही नही जाऊंगी जब तक दादी मुझे जाने को नही कहती है "
( इवा कैसे जा सकती है अगर वो। ईवान की बात मानेगी तो बाकी घर वाले नाराज हो जायेंगे ये ईवा चाहती नही है )
ईवा की बात सुन ईवान की आंखे सिकुड़ गई ।
उसने अपनी पकड़ और।कसते हुए कहा " तुम्मे इतनी हिम्मत हो गई है की मेरी बात न मानो इसका अंजाम लगता है तुम्हे पता नही है "
ईवा ने इवान के आंखो में आंखे डाल के कहा " ना पहले मुझे अंजाम के होने से डर लगता था ना आज लगता है तुम क्या कर सकते ये बताओ ? "
इवान ने दांत पीसते हुए कहा " करने को मैं वो कर सकता हूं जो तुम सोच तक नही सकती इस कमरे में रहना चाहती हो ना तो ठीक है कल खुद तुम इस कमरे से बाहर जाओगी ये मेरा वादा रहा ।।
अपनी बात कह इवान ने ईवा का हांथ झटके से छोड़ दिया और सीधे वाशरुम में तरफ चला गया वही इसे जाते हुए बस ईवा देख रही थी ।।
इवान ने रेहान को लेके जो कहा इवा उससे काफी दुखी थी इवान के जाते ही आंखे से आंसू बह गए उसने जल्दी से साफ कर कहा
" सब मुझे ही गलत क्यू समझ रहे है ? रेहान जी क्या यही सुनने के लिए आप मुझे अकेला छोड़ गए थे ? आप ने कहा था मेरे लिए आयेंगे आप के होने से कोई मुझे कुछ नही कहता लेकिन आज आप नही है तो पूरी दुनियां उंगली उठा रही है क्यू? 😌
खुद से बड़बड़ाते हुए ईवा बालकनी के तरफ चली गई और चांद को देखने लगी उसके यादों पुरानी तस्वीर एक बार फिर से घूमने लगीं
" रेहान जी आप ज़िद क्यू कर रहे है मेरी वजह से आप को कुछ करने की जरूरत नही है "
रेहान जिसके हांथ में ईवा का हांथ था दोनो सोफे पर बैठ बात कर रहे ।
रेहान ने अपने हांथ ईवा के गाल पर रख के कहा " बीबी साहिबा ये ज़िद नही प्यार है आज ही तो हमारी शादी हुई है सुहागरात मानने से पहले मैं बॉडर पर जाके लड़ाई करूं ,, नही भाई मुझे ये नही होने वाला है आज तो इतनी मुस्किल से मेरी बीबी मिली है और मैं कही और बेचैन सा होके तड़पता रहूं "
रेहान की बात सुन ईवा ने उसके कन्धे पर मारते हुए कहा " आप कैसी बाते कर रहे है आप को सुहागरात की पड़ी है वहा आप की वजह से मिशन रुका हुआ है प्लीज मेरी वजह से कुछ एसा मत करिए जिसके लिए पूरी ज़िंदगी पछताऊं आप ने आर्मी में जाने के लिए कितनी मेहनत करी अगर आज मैं इनके बीच में आई तो मैं खुद को एक बोझ समझने लगूंगी "
रेहान ने मुंह बना के कहा " ये कैसी बाते करने लगी हो यार तुम अब बस बीबी साहिबा मैं समझ गया इसीलिए तुम्हे फिकर करने की जरूरत नहीं है मिशन होने के बाद सुहागरात करूंगा तुम बस तैयार रहना अब खुश " रेहान ने इवा के गाल को खींचते हुए कहा ।।
एक बार फिर रेहान जी की याद ईवा को दुःख दर्द से भर गई चांद के दीदार से ईवा ने कहा
" वादा कर के वापस न आना कोई आप से सीखे रेहान जी आप ने कहा था आप आओगे लेकिन नही आए आप का इंतज़ार आज भी कर रही हूं काश आप वापस आ जाओ "
निगाहे चांद पर और दिल की बेचैनी बढ़ती जा रही थी जिनसे ईवा लड़ रही थी की तभी भी धड़ाम की आवास ईवा के कानो के गई पीछे पलट के देख तो बालकनी का दरवाजा ही बंद हो गया ।।
ये देख ईवा घबरा गई वो फटक से दरवाजे के तरफ गई ईवा दरवाजे पर हांथ मारते हुए कहने कही " खोलो इसे किसने बंद किया है प्लीज खोलो क्या मेरी आवाज सुनाई पड़ रही है "
कमरे में तिरछी मुस्कान लिए इवान जो अभी अभी नहा के आया था उसने जैसे ही ईवा को बालकनी में खड़े थे उसका दरवाजा की बंद कर दिया ईवा के चिल्लाने पर इवान ने हंसते हुए कहा " ये नही खुलेगा बहुत शॉक चढ़ा था ना मेरे कमरे में रहने का तो रहो अब मैने रहने को इजाजत भी दे दिया है बस बालकनी तक इससे ज्यादा तुम मेरे कमरे में नही रह सकती हो।।_
जोर की हंसी के साथ इवान मिरर के सामने चला गया वही ईवा बार हर दरवाजा को खोलने को गुहार लगाने लगी " ईवान प्लीज गेट खोले यहां ठंड बहुत ज्यादा है मैं बीमार हो जाऊंगी प्लीज खोलो "
अंदर से कोई जवाब नही आया क्युकी इवान ईवा के बातो को पूरी तरह इग्नोर कर लाईट ऑफ कर के सोने चला गया ईवा बस दरवाजे को पिटती रही । इवान चादर तान की सोने कहा ।
काफी वक्त हो चला तो थक के ईवा वही दरवाजे के पास खुद को समेट के बैठ गई सच में हवा काफी जोर का। था जिसके अहसास से इवा ठंड से कांप जा रही थी वो हांथ पैर सिकोड़ के बैठी रही ।।
जारी..✍️
क्या होगा आगे ? क्या इवा पूरी रात बाहर ही रहेगी? क्या इवा को सच्चाई पता चलेगी ??
( अब तक आप ने देखा को ईवा को इवान ने कमरे से बाहर कर दिया और ईवा ठंड में बाहर ही बैठी रही )
अब आगे ...
सूरज की तेज किरण पुरे घर पर अपने प्रकाश डाल रही सुबह के दिन चर्या के हिसाब से सब अपने अपने काम पर लगे थे वही वेदी परिवार के सभी सदस्य पूजा के लिए खड़े होके नई नवेली बहु का इंतजार कर रहे आरती के लिए लेकिन नई बहू का कुछ पता ही नही था ।।
कल ही शादी हुई है उसके हिसाब से ईवा नई दुल्हन ही हुई खैर सब एक साथ खड़े थे उन्ही के से विशाखा जी जो हांथ में आरती की थाल लेके खड़ी थी वो पीछे मुड़ दादी के तरफ देख के कहती है
" मां आप को लाडली पोता बहु लगता है आरती का वक्त भूल गई है अगर उनका इंतजार करते रहे तो शाम हो जायेगी आप कहे तो आरती हम सुरु करे सब को अपने काम पर भी जाना है "
मंजरी दादी जिनकी नजर सीढ़ियों पर बनी थी एक नजर फिर उस तरफ देख के वो कहती है " थोडी देर और इंतेजार कर लेते है आती होगी अभी तक तो इवान भी नही आया है "
विशाखा" मां इवान तो कभी कभी पूजा में।आता है ये बात तो आप।जानती ही है "
मंजरी जी " हां जानती हूं मगर थोड़ी देर रुकने में क्या ही हर्ज है?? "
मंजरी जी की बात सुन बीच में ललिता जी टोंट मारते हुए कहती है " मां जी दीदी सही ही कह रही है पहली बार तो इस घर में आई नही है वो महीनो से रह रही है इस घर के नियम कायदे तो पता ही है मुझे तो लगता है कही अभी तक सो तो नही रही नई बहू हा हा"
मंजरी जी ने गुराते हुए ललिता से कहा " तुम्हरा बोलना जरूरी है क्या तुमसे किसी ने कुछ नही पूछा है तो चुप रह सकती हो जब सब शांति से खड़े है तुम भी खड़ी रहो "
मंजरी जी की बात सुन ललिता को मुंह बना गया मन में बड़बड़ाई " भला ऐसा भी क्या कह दिया मैने जो भी कहा सही ही कह रही हम्मम"
ललिता जी मुंह बना के खड़ी हो गई बाकी घर वाले शांति से खड़े थे विशाखा जी कहती है " ठीक है मां आप चाहती है हम कुछ देर इंतज़ार करे तो वही सही हम कुछ देर कर ही लेते है लेकिन और देर हुआ तो हम पूजा सुरु कर देंगे "
अपनी बात कह विशाखा जी शांत हो गई थोडी देर तक सभी इंतेजार करने लगे लेकिन ईवा नही आई वही पीछे खड़े तीर्थ, दिया और दीप्ति थे दिया जो परेशान सी खड़ी थी की ईवा अभी तक आई क्यू नही वही उसके भाई बहन दोनो फ़ोन में लगे थे जिसे देख दिया ने गुस्से से कहा
" यार तुम दोनो कुछ देर के लिए फोन बंद कर नही सकते हो यहां सब परेशान है और तुम दोनो फोन में लगे हो "
उसकी बात सुन दीप्ति ने कहा " सब परेशान है तो उसमे हमारा क्या लेना देना है जब तक पूजा नही हो रहा हम फोन में ही देख ले "
दिया " दीप्ति दी सच में आप कैसे कर लेती हो यहां भाभी अभी तक नीचे आई नही है और बड़ी मां उनका मूड खराब हो चुका है और आप को फ़ोन की पड़ी है "
दीप्ति ने।दिया के तरफ एक नजर देखा और उसके करीब आके धीमे आवाज के कहा " तुम्हे लगता है तुम्हारी प्यारी भाभी नीचेआयेगी हां"
दिया " तुम कहना क्या चाहती हो "
बीच के तीर्थ ने कहा " यही आज रात ईवा भाभी इवान भाई के कमरे के रहने गई है तो सही सलामत नीचे आने का सवाल ही पैदा नही होता "
दीप्ति"क्जेक्टली मैं भी यही कहने वाली थी तभी तो सोचो जो लड़की रोज सुबह सबसे पहले नीचे आती थी आज वो इतनी देर कैसे कर सकती है "
तीर्थ" वही तो आज तो भगवान ही जाने भाभी के साथ क्या हुआ होगा "
दोनो की बात सुन दिया डर गई इतना तो वो भी अपने भाई को जानती है किसी का उनके कमरे में रहना पसन्द नही है चाहे कोई भी हो ।। उसने तीर्थ और दीप्ति के तरफ देख के कहा " पर ईवा भाभी तो इवान भाई की अब पत्नी है उनके साथ गलत नही कर सकते है "
दिया की बात सुन तीर्थ और दीप्ति एक दूसरे को देखने लगी तभी तीनो के कान के एक आवाज गई " तुम तीनो किस बारे में बात कर रहे हो "
ये आवाज ललिता जी की थी जो तीनो को खुसुर फुसुर करते देख कहा वही तीनो अपनी मां की गहरी आंखे देख सकपका गए और इधर उधर देखने लगे तीनो ने जब कुछ नही कहा तो ललिता जी ने तीनो से कहा " शांति से खडे हो जाओ आरती सुरु होने वाली है "
कुछ देर में आरती सुरु हो गई न ईवा आई थी ना इवान आया सभी हांथ जोड़ के खड़े थे वही दिया की घबराई बार बार उपर के तरफ देख रही
दिया जो काफी डरी थी उसने मन में कहा " मुझे दादी से बात करनी चाहिए क्या पता सच में भाई ने भाभी के साथ नही मैं दादी से बात करती हूं "
दिया कुछ कहने को हुई की ऊपर से इवान आता हुआ दिखाई दिया जिसे देख तीर्थ ने कहा " लो भाई आ गए "
दिया की नजर इवान पर चली गई उसे देख उसने फिर से सोचा " भाई आ गए भाभी कहा है " इवा अभी भी नीचे नही आई इवान आरती के बिच के शांति से आके खड़ा हो गया ।। सब ने उसे।देखा लेकिन किसी।ने आरती के बीच में बोलना ठीक नही समझा।
काफी देर होने के बाद भी ईवा नही आई उसके बिना ही आरती सुरु कर दिया गया दिया से रहा नही गया तो वो आरती के बीच से पीछे की तरफ से निकल के ईवा के कमरे के तरफ चली गई उसने।पीछे मुड एक नजर सब को।देखा कोई। देख तो।नही।रहा ।।
जब यकीन हुआ कोई।नही देख रहा दिया कमरे में।चली।गई।
कमरे में उसने चारो तरफ़ देखा लेकिन ईवा कही नही थी दिया आवाज लगाने लगी " भाभी भाभी क्या आप। अन्दर हो ??
दिया ने वाशरुम पर हांथ मारते हुए कहा लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई उसने मन में सोचा "
" ये भाभी अचानक से गायब कहा हो गई " दिया यही सोच रही तभी उसकी नजर बालकनी के तरफ गई जहा का गेट बंद था " ये गेट बंद क्यू है पहले इसे हो खोल देती हूं ।।
दिया यही सोच गेट खोलने चली गई जैसे ही उसने खोला इवा को सामने बेहोश देख हैरान सी हो गई उसके हांथ पैर फूलने लगे ।। ।।
वो जल्दी से घुटनो के। बल बैठ गई और ईवा के सिर को अपने गोद में उठा लिया " भाभी क्या हुआ आप को आंखे खोलिए भाभी " दिया ईवा के गाल पर थपथपाते हुए कहने लगी लेकिन जैसे ही उसने महसूस किया ईवा का बदन आग की तरह जल रहा था ।।
उसे तेज बुखारा था दिया घबराने लगी किसे बुलाए उसे कुछ समझ में नही आ रहा था न कुछ समझ में ।।
वो।क्या करे तभी इवान का ख्याल आया तो बाहर के तरफ भागी जहा पर सब आरती कर रहे थे दिया ने ऊपर से ही जोर से चिल्लाया " ईवान भाई".
दिया की आवाज इतनी तेज़ थी की पुरे लिविंग रूम में गूंज गई वही सब उसकी आवाज सुन सब शान्त हो गए सभी की नजर ऊपर के तरफ गई जहा से दिया घबराई खड़ी थी दिया सीढियों से तेज कदमों।से उतरते हुए कहती है " भाई भाई
जारी..✍️
क्या होगा आगे ?? क्या इवा बचा पाएगी ? क्या करेगा इवान?
( अब तक आप ने देखा की ईवा नीचे नही आई और इवान ने किसी को कुछ नही कहा दिया कमरे के गई तो ईवा बेहोश पड़ी थी )
अब आगे ..
दिया घबराते हुए नीचे आई आरती बीच में ही रुक गई सभी दिया को हैरानी भरी नजरो से देखने लगे ।। जो पसीने से भीग गई थी ललिता जी ने आगे बड़ के कहा " क्या हुआ बच्चे इतना घबराई क्यू है और ऊपर क्या कर रही थी सब नीचे है ना हां "
दिया गहरी गहरी सांस ले रही थी उसे डरा देख सब लोग भी डर गए थे विशाखा ने कहा " दिया कुछ बता क्या हुआ है तू ऐसे चिल्लाई क्यू ??
दिया आंखों में आसूं लिए सब को देखे जा रही फिर वो तुरंत ही दादी यानी मंजरी जी के पास जाके कहा " दादी वो ईवा भाभी बोहोश हो गई है वो वही जमीन पर पड़ी है "
दिया की सुन सभी घबरा गए एक पल के लिए इवान के ऊपर सब की नजर गई क्या उसने कुछ किया वही इवान की हालत भी खराब होने लगी उसने सोचा "
मैं ये सब भूल कैसे सकता हूं !
लेकिन दूसरे ही पल सभी इवा के कमरे के तरफ भाग गए उनके साथ इवान भी कमरे में आया ।।
सब कमरे में आए तो ईवा बेहोश होके जमीन पर पड़ी थी ईवान वो भी घबरा गया था भले ही नफरत करता है लेकिन इंसानियत उसके अंदर थी वो जल्दी से ईवा को उठा के उसे बेड़ पर लेटा दिया ।।
तीर्थ ने डॉक्टर को बुलाया घर के सभी लोग कमरे के खड़े थे बस मंजरी और उधम जी लिंविंग रूम के थे दिया ईवा के पास बैठी थी उसका हांथ ईवा के सिर पर रखा और घबराई हुई इवान से कहा " भाई भाभी का बदल पूरी तरह ठंडा हो गया है कुछ करिए "
इवा इस वक्त किसी बर्फ की तरह ठंडी हो गई थी ।।
इवान ने आगे बड़ के चेक किया तो ये सच था ईवा का बदन ठंडा था उसे अब पछतावा होने कहा उसने मन में कहा " मुझे ये याद क्यू नही आया मैने इसे बालकनी में बंद कर रखा है क्या ये पूरी रात उस ठंड में थी हां थी तभी तो उसकी ये गलत हो गई मैं कैसे ये सब भूल गया इवान तुझे खुद पर थोड़ा तो काबू रखना चाहिए था ये तेरे भाई का प्यार है तू कैसे कर सकता है "
ईवान को।अपने किए का पछतावा भी था और गुस्सा भी ।।
इवान खुद को दोष देने लगा उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था वो कभी किसी लड़की का अपमान नही करता लेकिन जब भी इवा इसके सामने होती वो खुद को रोक नही पता जो कल रात हुआ उसे याद ही नहीं था उसकी शादी होई है शायद इसी लिए वो सीधा पूजा में आके खड़ा हो गया ।।
सभी बेचैन खड़े थे थोड़ी देर बाद डॉक्टर आई उसने ईवा को चेक किया । अनिल जी ने डॉक्टर से आगे बड़ के पूछा " डॉक्टर ईवा कैसी है ??
डॉक्टर ने सभी के तरफ देख के कहा " मैने इन्हे इंजेक्शन दे दिया है ज्यादा ठंड लगने की वज़ह से ये बेहोश हो गई है थोड़ी देर में ठीक हो जाएगी बस आंखे खोलते ही इन्हें गर्म गर्म चीज आप सब को चिलाइए तो ये जल्दी ठीक हो जाएंगी"
डॉक्टर की बात सुन सब को राहत सी हुई तीर्थ अपने साथ डॉक्टर को बाहर तक छोड़ने चला गया दिया ने। कमरे की एसी बंद कर ईवा को अच्छे से कंबल से ढक दिया और उसके पास बैठी रही बाकी सब कमरे से निकल के लिविंग रूम के आ गए ।।
मंजरी और उधम जी ने सुना ईवा ठीक है तो राहत मिली लेकिन सावल अभी भी मन में थे तो इवान जो ऑफिस ही जा रहा था इससे पूछा लिया
" ईवान कहा जा रहे हो "
ईवान ने पिछे मुड़ के कहा " ऑफिस जा रहा हूं दादू और कहा जाऊंगा "
उधम " तुम्हारी पत्नी बेहोश है और तुम ऑफिस जा रहे हो "
इवान " हां तो क्या हुआ अब वो ठीक है डॉक्टर ने भी कहा है "
उधम" डॉक्टर ने कहा लेकिन उसकी हालत देखी है पुरी नीली पड़ गई है इसके पास होने के बजाय।
बीच के इवान ने कहा " देखिए दादू आप ने शादी करने के लिए कहा मैने कर लिया लेकिन इसका मतलब नही है मैं किसी के आगे पीछे घूमु मैं इतना सब नही कर सकता हूं मेरी भी कुछ मर्जी है ।।
मंजरी " अच्छा ये सब छोड़ो पहले हमे ये बातो ईवा बालकनी ने क्या कर रही थी हां???"
इवान ये सवाल सुन आंखे दूसरी तरफ ले गया वो उनकी तरफ देख ही नही पा रहा और ना कुछ कहा जिसका मतलब विशाखा जी समझ रही थी ।। तभी मंजरी जी ने बीच में आके कहा " ईवान मैं कुछ पूछ रही हुं ये सवाल तो हम भी जानना चाहिए थे लेकीन उस वक्त नही पूछा हमे बताओ ईवा बेहोश कैसे हुई और बालकनी में क्या कर रही थी "
ईवान" मुझे क्या पता क्या कर रही थी क्या मैं सब को लेके बैठा हूं जो मुझे पता होगा "
मंजरी जी " तुम लेके बैठे नही हो लेकीन जो तुम्हारे कमरे में है वो बेहोश है इसका मतलब समझ रहे हो "
ईवान ने एकदम से कहा " नही "
उधम जी बीच के आके कहते है " क्या नही इवान ये बात सब जानते है की किसी और का आना तुम्हे अपने कमरे में मंजूर नहीं है इसी लिए तुमने उसे हमारे हिसाब से बालकनी में रहने के लिए कह दिया होगा ।।क्या यही सही है ना "
इवान कुछ देर कुछ नही कहा बीच में उधम जी आए " ईवान जवान दो क्या ये सच है " वो थोड़े गुस्से से बोले ।।
तभी इवान ने भी गुस्से से कहा " हां ये सच है उसे देख मुझे गुस्सा आया मैने बालकनी में बंद कर दिया था लेकिन "
उधम बेहद गुस्से में कहे " लेकिन क्या हां?? आज तुम्हारी वजह से वो बेहोश पड़ी है क्या ऐसे अपने भाई का वादा निभाओगे जिससे वो प्यार करता था उसे तकलीफ देके आखिर तुम कब से इतने निर्दई हो गए इवान "
अब तक ईवान का भी सब्र का बांध टूट गया वो भी जोर से कहा " तो मैने कहा था उसे मेरे कमरे में भेजने के लिए नही ना वादा सिर्फ शादी तक था मैंने उसे करने से इंकार नहीं किया लेकिन आप सब चाहते है की मैं उसे अपने कमरे में अपनी पत्नी बना के रखूं तो ये मुझसे नही होगा ना वो मेरी पत्नी है ना कभी होगी बस इस घर की बहु है और कुछ नही "
अपनी बात कह इवान तेज कदमों से बाहर के तरफ जाने लगा बाकी सब बस इवान को देख रहे थे ये बात सब जानते थे ईवान ईवा से शादी करना कभी चाहता ही नही था सभी उदास खड़े थे विशाखा ने मंजरी जी के समाने आके खड़ी हुई और गुस्से से कहती है
" देख लिया ना आप ने आपके फैसले से क्या अंजाम हुआ है मैने पहले ही कहा था इतना बड़ा झूठ मात बोलिए इवान के साथ गलत होगा हो गया मेरा बच्चा खुश नही है इस शादी से आप चाहती थी वो लड़की इस घर में रहे इसी लिए ये सारा खेल खेला है आप ने बस इवान और ईवा की शादी के लिए "
मंजरी जी " तुम ये कैसी बाते कर रही हो ??
विशाखा " मैं ठीक बाते ही कर रही हूं मां जब आप ने मेरे बेटे के बारे में नही सोचा तो मैं भी किसी के बारे में भी नही सीचूंगी "
ललिता जी बीच के आई " जीजी सही कह रही है घर के एक बेटे को तो वो खा गई क्या पता दूसरे को भी खा जाए लेकिन ये बात आप नही समक्ष सकी पता नही क्या गुड लगे थे इस लड़की के हो आप ने झूठे वादा कह के शादी करा दिया ।।
" ललिता बस करो मैने कितनी बार कह है ऐसे शब्द मुंह से मत निकालना तुम कैसे ये बात बोल सकती हो " मंजरी जी ने चिल्लाते हुए कहा ललिता जी सहम सी गई तभी उन्हें अहसास हुआ वो क्या क्या कह के चली गई ।।
सिर नीचे झुका के कहा " माफ करिएगा मां मैं वो " ,,, बीच में किसी की आवाज आई "आप ने सब सही कहा चाची"
ये शब्द सीढ़ी के तरफ से आई थी सभी ने पलट के देखा सीधी पर दिया और ईवा खड़ी थी उसके चेहरे से कह रहा वो काफी बीमार है ।।
जारी✍️✍️✍️
क्या होगा आगे ? क्या ईवा करेगी ?? कहा लेके जायेगी ये नफरत दोनो को ?
सिर नीचे झुका के कहा " माफ करिएगा मां मैं वो " ,,, बीच में किसी की आवाज आई "आप ने सब सही कहा चाची"
ये शब्द सीढ़ी के तरफ से आई थी सभी ने पलट के देखा सीधी पर दिया और ईवा खड़ी थी उसके चेहरे से कह रहा वो काफी बीमार है ।।
अब आगे ...
ईवा नीचे आई ललिता के तरफ देख के कहा " मैं अभागान हूं आप ने सही कहा आप के छोटे बेटे की शादी मुझसे नही करानी चाहिए थी लेकिन आप ने रोका नही और जो पहले कहा वो क्या सच है ??
बिच में मंजरी जी ने कहा " तुम्हे क्या जरूरत थी नीचे आने की तुम्हे आराम करने की जरूरत थी "
सवाल का जवाब देने के बदले ईवा ने सवाल दिया
" चाची जी ने जो कहा क्या वो सच है दादी"
मंजरी " कौन सा सच ?
ईवा" जो अभी चाची जी ने कहा झूठा वादा किस बात की बात कही है ये आप जानती है आज मत कहिए की कौन सा वादा "
मंजरी जी ने एक नजर ललिता को घूरा जो आंखे दूसरी तरफ घुमा रखा था अब मुंह से निकला है तो जवाब देना ही पड़ेगा ।।
मंजरी जी शांत रही इवा की नजर उन पर बनी रही जब रहा नही गया तो आखिर में कह ही दिया " मतलब ये सच है आप ने जान बुझ कर हमारी शादी कराई आप से दादी हमे ये उम्मीद नहीं थी हमे लगा कोई समझे या ना समझे लेकिन आप तो हमे समझेंगी लेकिन आज आपने भी साबित कर दिया इंसान को सिर्फ अपने मतलब रिश्ते बनते है इस दुनिया में ।।
मंजरी जी के शब्द गले में थे बीच में उधम जी बोले " ईवा बेटा तुम्हारी दादी कभी गलत नहि करती है जो करती है अच्छे के लिए करती है एक बार उनके फैसले पर निगाह डालो सब अच्छा होगा "
इवा" दादा जी आप ये सब कैसे कह सकते है ये बात आप भी अच्छे से जानते है इस शादी से ना मैं खुश हूं ना वो तो ये फैसला कैसे सही हुआ और आखिर आप को मेरी शादी घर के दूसरे बेटे से करा के क्या फायदा है कुछ नही फिर क्यू किया आपने "
मंजरी" क्युकी तुमसे अच्छी लडकी इस घर में कोई दूसरी नही आ सकती है एक तुम ही हो को हमारे बाद इस घर को संभाल सकती हो "
ईवा" आज तक तो हम अपने पहले पति को संभाल नही पाए आते ही खा गए तो दूसरे को क्या ही सभालूंगी और वैसे भी दादी चाची जी ने पहले ही कह दिया है मैं दूसरे भी बेटे को खा सकती हूं तो आप क्या ये चाहेंगी बिल्कुल भी नही ना तो प्लीज आप चाहे तो आज भी सब कुछ ठीक कर सकती है "
विनोद वेदी ललिता चाची जी के हसबैंड" ईवा बेटा तुम अपनी चाची के बातो को ज्यादा माइंड मत करो तुम तो जानती हो और इतने महीने से इस घर में हो ,, और वैसे भी ये अपने दिमाक से कम काम लेती है जो ज्यादा है नही इनके पास "
हा हा" अचानक से पीछे खड़े दीप्ति और तीर्थ अपनी बत्तीसी दिखाने लगे दोनो को सभी ने घूर के देखा तो दोनो ने मुंह पर हांथ रख खड़े हो गए ललिता जी खुद के बारे में सुन विनोद जी को घूरने लगी अब कुछ कह तो सकती नही ।। जैसे कहना चाहती हो " आप चलिए कमरे में फिर बताती हूं "
आंखों में मसूमिय लाके विनोद जी ने इशारा किया " प्लीज कुछ देर शांत रहो क्यू मां का मुड़ खराब कर रही हो "
दोनो एक दूसरे का इशारा कुछ कुछ समझ रहे वही आग बबूला होके ललिता जी खड़ी रही इवा ये सब देख रही उसने बेतुक से हंसी के साथ कहा
" चाचा जी आप को मेरे लिए इतनी मेहनत की जरूरत नही है की अपनी ही पत्नी से नाराजगी देखने को मिले जो है ठीक है मैने क्या मतलब निकाला है वो कोई नही समझ सकता ।।
ललिता बीच के बोल पड़ी" समझना भी कोई नही चाहता है तुम जब से आई हो सारा परिवार हमारा बिखर गया है पहले हंसने की आवाज़ आती थी इस घर से लेकिन आह देखो बस आंखों में आसूं है और कुछ नही "
" ललिता जबान संभाल के " मंजरी जी चिल्लाई ईवा के सुना तो आंखो के आंसु भर गए सिर नीचे झुक गया अब उसके अंदर हिम्मत ही नही थी वो क्या कहें।।। बगल में खड़े अनिल वेदी ने विनोद के तरफ इशारा किया ।।
विनोद ने ललिता के हांथ पका और कहा " चलो यहां से "
ललिता ने हांथ छुड़ा के कहा " मैं कही नही जा रही जो सच है मैने वही कहा है मेरा मुंह ऐसे नही बंद करा सकते सब रेहान की मौत"
बस " उधम दादा जी ने कहा ललिता की नजर विशाखा के तरफ चली गई विशाखा ने ललिता के नजरो को समझ के कहा " यहां कहने का कोई फायदा नही है क्युकी यहां के लोगो ने आंखों पर पट्टी बांध रखा है हमे तो अपना बेटा खोया है और कोई क्या जाने एक मां का दर्द चलो यहां से "
विशाखा ने ईवा को ताना मार ललिता के साथ चली गई बाकी सब वही खड़े रहे।।
ईवा ने मंजरी जी से कहा " दादी मैं कॉलेज जा रही हूं "
मंजरी" तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है तुम्हरे आराम की जरूरत है "
ईवा " यहां से ज्यादा अच्छे से मैं वहा पर आराम कर पाऊंगी"
मंजरी जी उसकी बाते समझ रही थी वही इवा ने जाने लगी की बीच में अनिल जी ने रोका " ईवा बेटा जब तुम जा ही रही हो तो दिया को साथ लेती जाओ वैसे भी कुछ जरूरत पड़ी तो वो रहेंगी तुम्हारे साथ "
दिया " हां भाभी मैं अपना बैग लेके आती हूं
ईवा कुछ कह नहीं सकी वही खड़े तीर्थ से दीप्ति ने कहा " मेरी बहन भाभी की पूंछ हो गई है इसकी शिकायत भाई से करनी ही पड़ेगी क्या कहते हो तुम ??
दीप्ति ने देखा तो तीर्थ ने कुछ सोच के कहा _ बात तो सही है लेकिन अगर भाई ने कुछ उल्टा सीधा भाभी के साथ किया तो पक्का ये दिया सब को बता देंगी "
दीप्ति" ऐसा कुछ नही होगा हम भाई को पहले से इस बात के लिए आगाह कर देंगे "
तीर्थ" फिर ठीक है "
दीप्ति" फिर चलो चलते है भाई के पास "
चलते हुए दोनो ने।मंजरी जी से कहा " दादी कॉलेज जा रहे है "
विनोद" आराम से जाओ "
इवा दिया का वेट कर रही वही दीप्ति और तीर्थ निकल गए घर से कुछ देर में दिया आई तो ईवा चली गई कॉलेज "
_____
" श्री मति जी ये सब क्या था आप को हम कितनी बार समझाए उस बच्ची को कम से कम अपने तानो से तो बक्श दे " विनोद ने अपनी पत्नी ललिता से कहा ।।
" तो आप को लगता है हम सिर्फ जहर ही बोलते है " ललिता ने कहा
।" नही हमारे कहने का ये मतलब नही था " विनोद ने कहा
" तो क्या कहने का मतलब था जरा हमे बताइए " विशाखा जी ने कहा जो पहले से कमरे में मौजूद थी
विनोद _ भाभी आप यहां
विशाखा"तुमसे से मैने पहले जो पुछा तुम उसका जवाब दो "
विनोद _ मैं बस इतना कह रहा भाभी अभी तो ईवा पर इतने तकलीफ है ऊपर से ऐसे बाते उसे कितना तकलीफ देती होंगी क्या जरूरत है इसी बाते करने की "
विशाखा " तो क्या करे अपने बेटे को भूल जाते जो उसने किया है मैं मानती हूं पहले शादी के खिलाफ दी उसके बाद घर की बहु मान लिया था ना तो क्या हुआ मेरा बेटा ही मुझसे दुर चला गाया "
विनोद " लेकिन भाभी"
विशाखा " विनोद हमे इस बारे में मत बताओ की हम क्या करना है तुम अच्छे से जानते हो रेहान हमारा बेटा नही हमारी जान था हम इतनी आसानी से उसे माफ नही कर सकते है ईवान से इस लिए शादी होने दिया क्युकी इस घर को हम तोड नही सकते यही हमारी मजबूरी है और कुछ नही "
विनोद कुछ कहता की बाहर से अनिल ने आते हुए कहा " विनोद ऑफिस चलते है यहां पर बहस करने का कोई जरूरत नहीं है कुछ लोगो को समझाने का कोई फायदा नही उनका,, उनके दिमाक में जो कीड़ा है वो कभी खत्म नहीं होगा "
अनिल की बात सुन विशाखा जी बस घूरते हुऐ खड़ी रही कुछ कहा नही वही विनोद ने कोई जवाब न देके एक नजर सब को देख अनिल जी के साथ चले गए ।।
उनके जाते ही ललिता ने विशाखा के पास आके कहा
" देख रही है भाभी कैसे सब उसके दीवाने हो गए है इनका कुछ तो करना पड़ेगा "
विशाखा " जरूरत नही है
ललिता" क्यू भाभी "
विशाखाऊ" उसके लिए ईवान काफी है इस तरफ मेरा दिल तड़प रहा है उसी तरह ईवान का भी दिल तड़पता होगा "
ललिता " आप की बात कह है भाभी आखिर ईवान रेहान को लालडा भाई जो था हमारा रेहान होता तो आज सब कितने खुश होते "
इवा से जहा तीन शख्स खुश नही रहे विशाखा,ललिता , इवान, वही बाकी घर वाले ईवा को समझते है किसी के मौत किसी और के हांथ में नही होता है जिसकी मौत जैसी लिखी है वैसे ही होगा कोई कुछ कर नही सकता यही नित्तति है लेकिन कोई इस बात को समझता हो नही बीएस दूसरो को इलजाम लगने रहते है जो हाल ईवा के साथ हो रहा है ईवा एक सुलझी हुई लड़की है बड़ो से बहस करना उसे ज्यादा पसंद नही ! होता तो क्या वो जवाब न देती ।।
जारी..✍️
क्या होगा आगे .. क्या करेगा इवान ??
इवा से जहा तीन शख्स खुश नही रहे विशाखा,ललिता , इवान, वही बाकी घर वाले ईवा को समझते है किसी के मौत किसी और के हांथ में नही होता है जिसकी मौत जैसी लिखी है वैसे ही होगा कोई कुछ कर नही सकता यही नित्तति है लेकिन कोई इस बात को समझता हो नही बीएस दूसरो को इलजाम लगने रहते है जो हाल ईवा के साथ हो रहा है ईवा एक सुलझी हुई लड़की है बड़ो से बहस करना उसे ज्यादा पसंद नही ! होता तो क्या वो जवाब न देती ।।
अब आगे ...
कंपनी..
" भाई मैं।सही कह रही हूं दिया ना ईवा भाभी की फैन हो गई है 24 घंटे उनके आगे पीछे घूमते रहती है "
दीप्ति ने इवान से कहा दीप्ति और तीर्थ दोनो ईवान की कंपनी पहुंच के उसके कैबिन में जाके बैठे थे ।।
ईवान ने दोनो की बात सुन बस हां में सिर हिला दिया क्योंकि की उसकी नजर लैपटॉप पर टिकी थी वो कुछ काम कर रहा और वही लगा तार दीप्ति बोल रही ।।
दीप्ति ने नाराज होते हुए कहा " भाई आप मेरी बात सुन भी रहे है बस हां हां किए जा रहे हां"
तीर्थ " हां भाई हमने इतना सब कह दिया आप ने कुछ बताया ही नहीं बस हां हां कह रहे है आप दोनो "
दोनो की बात सुन ईवान ने उनकी तरफ देखा और कहा " हां अब बोलो सुन रहा हूं क्या कह रहे थे "
दोनो ने मुंह बना के कहा " कुछ नही हम तो बस लड्डू खाने आए थे "
ईवान ने घूर के कहा " ज्यादा नखरे दिखाने की जरूरत भाई है बताओ क्या हुआ है "
तीर्थ" और क्या होगा मैडम साहिबा के पीछे अपनी दीया उनकी पुंछ बन के घूम रही है जब देखो भाई ये भाभी वो भाभी ऐसे भाभी वैसे,, फालाना ढेकाना " हर तरफ हर दिन सिर्फ भाभी ,,भाई और कुछ नही ।।
ईवान ने सिर चेयर से टिका के कुछ सोचते हुए कहा " अच्छा तो ये बात है हम्मम"
दीप्ति और तीर्थ दोनो ने हां में अपना सिर हिला दिया ईवान ने उनके तरफ देख के कहा " करने दो भाभी भाभी ,, देखते है कब तक भाभी का साथ देती है एक ना एक दिन तो दूर जायेगी ही "
आप क्या करोगे भाई " दीप्ति ने पूछा तो इवान ने फिर से लैपटॉप चालू करते हुए कहा " मैं कुछ नही करने वाला हूं सब कुछ खुद ही होगा अब तुम लोग कॉलेज जाओ "
दोनो ने फिर से एक दुसरे को देखा और सिर हिला के बाहर जाने लगे तभी ईवान को कुछ याद आया उनसे दोनो को वापस बुला के कहा " अपनी भाभी पर जरा नजर रखना देखते है वो करती क्या है कॉलेज में "
दोनो ने एक साथ कहा " ok भाई "
इतना कह दोनो चले गले उनके जाने के बाद ईवान ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा " आज कुछ इंट्रेस्टिंग हो जाए तुम्हारे साथ बस शाम का इंतज़ार है मजा आयेगा "
ईवान के दीमाक में इस वक्त कुछ चल रहा जो बस उसे पता है ।।
वही दूसरी तरफ ईवा और दिया दोनो कॉलेज पहुंच गई दिया अपने क्लास में गई तो ईवा अपने कैबिन में कॉलेज में ये सब जानते है ईवा वेदी परिवार की बहु है ।।
" नमस्ते मैडम जी कैसी है आप " एक शख्स ने अंदर आते हुए कहा वही इवा जो फाइल चेक कर रही उसने सर उठा के देखा तो आंखे सिकुड़ गई उसने शक्त आवाज में कहा
" आप कौन है और अंदर कैसे आए ??
ईवा अपनी जगह से खड़ी हो गई और गुस्से से चिल्लाई" लाल साहब,,, लाल साहब कहा है आप ?
लाल साहब जो ईवा के पीयू
ईवा ने आवाज लगाई तो सामने कुर्सी पर बैठे आदमी ने कहा " क्या मैडम क्यू इतनी मेहनत कर रही है चलिए बात करते है जिस काम के लिए हम आए है उसे खत्म करते है ,,
बीच में गुस्से से दहाड़ते हुए ईवा ने कहा " शट अप "
ईवा फिर से गुस्से से वही नाम लेके चिल्लाने लगी तभी वो आदमी अपनी जगह से खड़ा हो गया और गुस्से से गुराते हुए कहा " हे मैडम तमीज से बात कर रहे है तो आप को समझ नही आ रहा हां पहले हमारी बात सुनिए "
ईवा ने कहा " तुम अपनी जवाब बंद रखो एक तो बीना इजाजत के अंदर आए ऊपर से मेरे ही समाने बैठ के अकड़ दिखा रहे हो "
शख्स" ये ज्यादा उड़ मत समझी चुप चाप बैठ अपनी जगह पर बात करनी है तो करनी है ।
ईवा" लेकिन हमे कोई बात नही करनी है आप से बाहर निकलिए अभी के अभी तुम्हारे जैसे लोगो से हम बात नही करते है "
शख्स" जिस तरह से आप ने बात की है ना आज तक तेफान भाऊ से किसी ने ऐसे बात नही किया है हां "
इवा" तुम कौन भाऊ हो कौन नही मुझे नही जानना है मैने कहा बाहर निकलो वरना धक्के मार के बाहर निकालूंगी "
तेफान " बीना बात किए तो हम यहा से जाने नही वाले है आज बात कर के ही जायेंगे "
इवा को इस वक्त काफी गुस्सा आ रहा उसने लाल साहब को फिर से आवाज लगी तो एक मिडिल एज का बूढ़ा आदमी दौड़ते हुए अंदर आया उसने अन्दर आके जल्दी से कहा " जी मैडम आप ने बुलाया ।।
इवा ने गुस्से से कहा " क्या आप को सुनी नही दे रहा था मैं कब से आवाज लगा रही थी "
लालसाहब" माफ करिएगा मैडम मैं बस बाहर चला गया था "
इवा ने माथे को रब करते हुए कहा " ये अंदर कैसे आए इन्हे बाहर ले जाओ अभी "
लाल साहब ने सामने खड़े शख्स को जब देखा तो आंखे बड़ी हो गई फिर खुद को नॉर्मल कर कहा " मैडम भाऊ को "
इवा ने गुराते हुए कहा " मैने कहा बाहर लेके जाओ "
लाल साहब जानते है वो तेफान कौन है लेकिन ईवा नही जानती थी की वो लखनऊ शहर का जाना माना गुंडा है उसके शराब के कई सारे ठेके चलते है ईवा बस ऐसे लोगो को अपने कॉलेज में बर्दाश नही कर सकती जिसकी वजह से उसके कॉलेज का नाम खराब हो ।।
लाल साहब को मजबूरन कहना पड़ा " सर प्लीज बाहर चलिए "
तेफान ने एक नजर लाल साहब ईवा को घुर के देखा और ईवा से कहा " मैं तो आप से बात करने आया था कुछ इंपोटेंट सिलसिले में लेकिन कहता है आप को इंट्रेस्ट नही है कोई बात नही अब मैं नही आप खुद मेरे पास चल के आयेंगे यही बात करने के लिए ये मेरा वादा रहा मै इंतजार करूंगा "
इवा" क्या बकवास है "
तेफान ने चलते हुए कहा " बकवास नही हकीकत है अब जो होगा उसके जिम्मेदार आप खुद होंगी"
अपनी बात कह तेफान चला गया ईवा बस समझने की कोशिश कर रही क्युकी इस वक्त उसके दिमाक में बस एक ही चीज़ नही चल रही बहुत कुछ चल रहा था ।।
ईवान से शादी रेहान का जाना घर परिवार के अजीब बाते समाज में ऐसे लोगो को बीच में बैठा जो बाहर से दोस्त और अंदर से खा जाते है ऐसे लोग की बाते ऊपर से उसका दिल बगावत कर रहा कभी कुछ कभी कुछ वो खुद अपने विचारो के उलझी हुई है ।।
इन सब के कारण ईवा के अंदर और ज्यादा चिड़चिड़ाहट आ गई थी जिसकी वज़ह से उसने किसी की बात बीना सुने उन्हे बाहर कर दिया ईवा के कुछ क्लास थे उन्हे लेने के बाद ईवा घर के लिए निकल गई ।।
दिया ईवा के साथ घर ना आके तीर्थ और दीप्ति के साथ गई थी तीनो आज पार्टी करने वाले थे अब तक शाम हो चुका था धीरे धीरे सभी घर पर आ गए थे। सभी एक साथ लिविंग रूम में बैठे चाय पी रहे बाहर से ईवा ने जैसे ही कदम रखे दादी ने कहे "
ईवा सीधे यहां आओ " इवा के पलके उठा के देखा सब एक साथ बैठे थे अब तक ईवान भी आ चुका था ईवा ने देखा तो संकोचाई से कहा " दादी मैं थक गई हूं फिर कभी बैठ जाऊंगी"
इवा के चेहरे से लगा ही था की।वो परेशान है इसी लिए दादी जी ने उसे रोका नही ईवा अपने कमरे के जाके तुरंत ही फ्रेश होने चली गई वही दादी ने ईवान के तरफ देख के कहा
" तुम्हारी मीटिंग का क्या हुआ क्या तुम जा रहे हो ?
इवान ने पहले अनिल जी ने कहा " नही मां इस बार मैं और भाईसाहब जा रहे है ये मीटिंग पूरे एक महीने के चलने वाले है और ईवान की अभी अभी शादी हुई है इतनी जल्दी उसे कही भेज नही सकते है "
उधम दादा जी " सही किया फिर कब से निकल रहे हो तुम दोनो "
विनोद जी " शाम से डैड"
सभी एक साथ बात कर कुछ देर के अपने अपने कमरे में चले गए वही ईवा जैसे ही फ्रेश होके बाहर निकली अचानक से उसके हाथों को।किसी से पकड़ लिया।।
जारी..✍️
अगर कहानी अच्छी लगे तो प्लीज,, रेटिंग और स्टीकर देना न भूले 🙏
उधम दादा जी " सही किया फिर कब से निकल रहे हो तुम दोनो "
विनोद जी " शाम से डैड"
सभी एक साथ बात कर कुछ देर के अपने अपने कमरे में चले गए वही ईवा जैसे ही फ्रेश होके बाहर निकली अचानक से उसके हाथों को।किसी से पकड़ लिया।।
अब आगे ...
इतना आचनक हुआ की ईवा समझ नही पाई।उसने आंखे खोल के देखा समाने कोई और नहीं बल्कि इवान थे ईवान को देख ईवा ने कसमसाते हुए कहा "तुम।क्या कर रहे हो ?मेरा हांथ छोड़ो "
ईवान ने ईवा के आंखों के देख के कहा " जब दादी ने सब के साथ बैठने को कहा तो तुम क्यू नही बैठी??
इवा ने हांथ छुड़ाते हुए कहा " मेरी मर्जी मैं बैठूं या नही तुम ये बात पूछने वाले होते कौन हो "
ईवान " मैं तू.. इसके आगे के शब्द इवान के गले के ही रह गए वो तो कहने जा रहा की मैं तुम्हारा पति लेकिन अचानक से अहसास हुआ तो वो चुप हो गया ईवा ने फिर से कसमसाते हुए कहा " बोलो अब क्या हुआ चुप क्यों हो गए किस हक से मुझे कह रहे हो "
ईवान ने कुछ न कह के हांथ छोड़ दिया और वॉशरूम के तरफ जाते हुए कहा " मैं बताना जरूरी नहीं समझता हूं तुम्हे "
इवा ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा " जब इतनी नफरत है तो मेरे रास्ते में मत आया करो "
ईवान के कदम रुक गए उसने पीछे मुड के ईवा को देखा जो उसे ही देख रही थी कुछ देर शांत रहने के बाद ईवान ने कहा " जिससे नफरत होती है उसी के रास्ते में आया जाता है क्या ये बात तुम नही जानती हो ??"
इवा ने कुछ नही कहा बस ईवान को देख रही तभी ईवान ने मिस्टीरियस स्माइल के साथ ईवा के करीब आया और उसके आंखों में देख के कहा " मैं ईवान वेदी एक बार जिससे नफरत कर लेता हूं उसकी जिंदगी नर्क से भी बत्तर हो जाति है लेकिन तुम मेरे परिवार से जुड़ी हो इस लिए ये मत सोचना की में तुम्हे छोड़ दूंगा तुम बस देखती जाओ मेरा तरीका बदला होगा नफरत नही "
इवा ने एकदम से कहा " मैं तुमसे डरती नही हूं जो करना है कर लो "
ईवान ने होंठों को तिरछा किया और कहा " वो।तो वक्त बताएगा देखते है कौन डरता है कौन नही ?
इवा " देख लेना " उसने भी सिर उठा के कहा ।।
ईवान ने एक नजर देखा और वॉशरूम में चला गया उसके जाते ही ईवा ने राहत की सांस लेके जाके बेड के एक कोने पर बैठ गई और मुंह बना के कहा " पता नही किस नक्षत्र में पैदा हुआ था ये किसी एंगल से रेहान जी का भाई नही लग रहा रेहान जी तो कैसे थे ।।
इवा कहते हुए फिर से एक बार रेहान के यादों।में।खोने लगी जहा पर फूलो के बगीचे में बैठी लड़की अकेले। रो रही तभी एक लडके ने उसके पास आके घुटनो के बल बैठ गया और प्यार से आंसुओ को साफ कर कहा
" ईवा मैने।कितनी।बार कहा है अपने कीमती आंसू ऐसे मत बहाया करो तुम्हारे इन आंसुओ को मैं जब देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है "
रेहान की बात सुन ईवा ने सिर उठा के देखा और कहा " तो क्या करूं आप कह रहे है आप की मम्मी शादी के लिए मान नही रही और आप ने।तो आर्मी भी ज्वाइन कर रखा है फिर मेरा क्या होगा मैं आप के बीना नही रह सकती हूं "
रेहान ने सिर पर हांथ फेरते हुए कहा " इवा मैं जानता हूं शादी के लिए सब को मानना मुश्किल है लेकिन मैने कहा है ना मैं कर लूंगा तुम क्यू फिकर कर रही हो क्या तुम्हे मेरे ऊपर भरोसा नही है "
इवा ने। रेहान का हांथ पकड़ लिया और कहा " खुद से ज्यादा है लेकिन क्या करूं रेहान जी डर लग रहा है कही आप को सब के कहने पर मुझसे दूर कर दिया तो मेरा क्या होगा।मैं जी नही पाऊंगी आप के बैगर "
रेहान ने। इवा के गाल पर हांथ रख के प्यार से कहा " मैं तुम्हे कभी भी खुद से दूर नही करूंगा शादी हम इसी महीने करेंगे अब तुम रोना बंद करो ऐसे ऐसे विचार मन से निकाल फेंको जब तक मैं हूं तुम्हे कोई फिकर करने की जरूरत नही है "
रेहान ने।अपने माथे को ईवा के माथे से लगा के बैठा रहा इसी के साथ साथ ईवा की आंख कब लगी इसे पता ही नही चला वो बेड पर बैठे बैठे सो गई ।
लेकिन।जैसे सोना इसके नसीब में नहीं था अभी कुछ ही देर हुआ उसे आंख लगे हुए तभी एकदम से उसके ऊपर बरसात होने लगी अचानक से पानी पड़ते ही ईवा की आंखे खुल गई उसने बौखलाते हुए ठिक से बैठ गई और चारो तरफ देखने लगी तभी उसकी नजर सामने खड़े ईवान पर गया जो टॉवेल के खड़ा था हांथ में पानी का जग था जिसे देख ईवा अपनी जगह से खड़ी हो गई और गुस्से से कहने लगी
" तुमने।मेरे ऊपर पानी कैसे।डाला "
ईवान ने जग बेड के दूसरी साइड फेकते हुए कहा " हांथ से डाला "
इतना कह वो जाने के लिए मुड़ गया की ईवा ने गुस्से से कन्धे से पकड़ उसे अपनी तरफ मोड़ लिया और गुस्से से कहा " मैने कहा मेरे उपर पानी क्यू डाला क्या तुम्हे दिखाई नही दे रहा है की मैं सो रही थी "
ईवान ने अपने दांत पीसते हुए कहा " क्या तुम नही जानती ये बेड मेरा है और मैने अपने बेड पर सोने से मना कर रखा है "
इवा " बेड पर तुम्हारा नाम नही।लिखा हुआ है और ना कमरे में तो ये तुम्हारा तो बिलकुल नही हुआ समझे तुम "
ईवान" कमरा मेरा है तो यहां का सारा सामान मेरा है मेरा नाम लिखा हो या नही लेकिन सब मेरा है और तुम भुल रही हो मैने बस रहने के लिए कहा है समान यूज करने के लिए नही "
ईवान की बात सुन इवा को बहुत तेज़ गुस्सा आ रहा उसका मन कर रहा की वो इवान का सिर फोड़ दे कल उसे शादी होने का दुख था वो कुछ नही कर पाई लेकिन आज नही छोड़ेगी इवा ने मन में कहा फिर उसने इवान से हाफ़ते हुए कहा " अच्छा तो ये बात है ये कमरा तुम्हारा है और सारे समान बस तुम यूज कर सकते हो "
ईवान ने।कहा " क्यू तुम्हे।एक बार में बात समझ में नही आई थी जो दुबारा वही बाते कर रही हो "
इवा " मुझे।बात समझ।में आई की।नही वो तो अभी पता चलेगा "
अपनी।बात कह ईवा इवान को दूसरी साइड दक्का देके वॉशरूम के तरफ बड़ गई वही इवान ने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा " तुमने मुझे धक्का कैसे दिया ??
इवा दरवाजे पर।ही रुक।के उसकी।तरफ देख के कहा " अपने हाथों से।जैसे तुमने पानी डाला वैसे ही !
इतना कह वो वॉशरूम के।अंदर चली गई वहा इवान ने बड़ाबड़ते हुए कहा " ये खुद को समझती क्या है इसका सारा नशा आज मैं उतार दूंगा अह्ह्ह्ह दादी आप ने मुझे कहा फसा दिया ।।
ईवान बड़बड़ाते हुए सीधे मिरर के सामने चला गया और खुद को मिरर में देख खड़ा था तभी वॉशरूम का दरवाजा खुला मिरर में से ईवान ने ईवा को देखा तो हैरान रह गया ।
वो जैसे ही पीछे मुड के कुछ कहता ईवा हांथ में पकड़ी बाल्टी का पानी सारा बेड पर डाल दिया ।। ईवान आवक सा आगे बड़ा और चिल्ला कहा " तुम पागल हो ये क्या कर दिया "
ईवा ने बाल्टी नीचे फेक के कहा " वही जो तुमने किया था अब हुआ हिसाब बराबर"
ईवान गुस्से से उसके तरफ देख के कहा " अभी हिसाब बराबर नही हुआ ,, इसे तो मैं पूरा करता हूं " इतना कह उसने बाल्टी उठा लिया ।
वही ईवा आंखे सिकोड़ उसे बस देखने लगी।।
जारी.✍️
क्या होगा आगे ?
क्या करेगा इवान? क्या इवा ईवान से बचेगी ?
ईवान गुस्से से उसके तरफ देख के कहा " अभी हिसाब बराबर नही हुआ ,, इसे तो मैं पूरा करता हूं " इतना कह उसने बाल्टी उठा लिया ।
वही ईवा आंखे सिकोड़ उसे बस देखने लगी।।
अब आगे ...
इवा ईवान को देखती रही जो बाल्टी लेके सीधे वॉशरूम में घुस गया थोड़ी देर बाद वो भी बाल्टी भर पानी लाके सारा बेड पर डाल दिया इससे इवा हैरान नही हुई वो बस देख रही थी दोनो के इस हरकत से पूरा बेड भीग चुका था ।।
ईवान ने बाल्टी नीचे जोर से फेक के कहा " अब हुआ हिसाब बराबर अगर मैं नही सो सकता हूं तो तुम भी नही सो सकती ।।
इवा " मैं तो पहले से इस पर सोने नहीं वाली थी तुम ही सोते क्युकी ये तुम्हरा बेड और कमरा है "
इतना कह ईवा जल्दी से सोफे पर जाके बैठ गई और कहा " अब अपने लिए जगह दूसरा ढूंढ लो मैं बेड़ पर नही यहां सोने वाली हूं "
ईवान ने गुस्से से उसके तरफ बड़ के कहा " मैने कहा कमरा है तो ये सारा सामान भी मेरा है तुम कही और जाओ मैं सोफे पर सोऊंगा "
एक बार फिर से दोनो के बहस होने लगी लास्ट में ईवा ने सोफा छोड़ दिया और खड़ी होके कहा " ठीक है अगर तुम्हे यह सोना है तुम सो सकते हो "
इवा इतना कह चेंजिग रूम के चली गई वहा इवान बस देखता रहा उसने मन में कहा " ये इतनी आसानी से कैसे मान गई जरूर अब कुछ नया करेगी "
सोचते हुए ईवान सोफे पर लेट गया लेकिन फिर से गुस्से में उठ के बैठ गया और सोफे को देख के कहा " ये इतना छोटा क्यू है मैं इस पर नही सो सकता यहां तो मेरे पैर भी नही आ रहे है "
सोफा इतना छोटा था या यूं कहे की इवान लम्बा है जिसके लिए सोफे छोटा पढ़े लगा ।। वो उसी सोच में था की इवा अंदर से कारपेट और एक कंबल ले आई इवान उसे बस देख रहा वहा हल्की मुस्कान के साथ इवान ने बालकनी को हल्का सा खोल के उसके पास मेंअपने लिए बिस्तर लगा के लेट गई वैसे भी बालकनी से ठंडी हवा एक सुकून दे रही थी ।।
बाहर के तरफ देखते हुए ईवा मन में कहा " बड़े आए सोफे पर सोने वाले अब सो सोफे पर मजे से " डेविल स्माइल के साथ ईवा ने आंखे बंद बंद कर लिया ।।
वह इवान मुंह बना के बैठा था उसने मन में कहा "ये इतनी चालक नही हो सकती है मैं यहां स्ट्रगल करूं और ये मैसेज सोए "
ईवान बैठा बैठा घूरने लगा इसी तरह रात कब बीत के सुबह हुआ ये अहसास नही हुआ सुबह के 9 बज गए घर में एक अलग ही भूकंप आई थी वही इवा और इवान अभी तक सो रहे आज फिर पूजा के लिए दोनो लेट थे कल तो ईवा बेहोश हो गई जिसके डर के कारण कुछ लोग दरवाजे पर नॉक कर खड़े थे जैसे दिया तीर्थ और दीप्ति इन्ही तीनो को ऊपर भेजा गया बाकी पूजा घर के सब खड़े इंतेजार कर रहे ।।
भाभी भाई दरवाजा खोलिए " बाहर से आ रही आवाज कान में पड़ी तो दिनो की आंखे खुल गई ईवा ने कसमसाते हुए आँखें खोल जैसे ही मुड़ने को हुई की उसे अपने शारीर पर भारी सा लगा इतना की वो हिल तक नही पा रही ।।
आंखे खोल तिरछी नजर डाली तो एक आंखे खुली की खुली रह गई हैरानी से क्युकी उसके बगल के इवान सो रहा जिसका आधा शारीर ईवा के ऊपर था ।।
इवा ने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा " अंधे इंसान पागल मर्द उठ " उसने इतनी जुड़ से बोला की ईवान की आंखे खुल गई उसने जैसे ही आंखो के समाने ईवा को पाया उसके गुस्से से भरी आंखे एक पल के लिए वो थम सा गया तभी ईवा ने दांत पिस्ते हुए कहा " तुम मेरे बिस्तर पर क्या कर रहे हो और वो भी मेरे करीब "
ईवान ने उसकी बाते सुन नजरो को चारो तरफ घुमा के देखा तब जाके उसे अहसास हुआ वो किस तरह से सोया हुआ है वो कुछ बोल ही नही पाया तभी उसके दीमाक में रात का सीना आया जब सोफे पर एक पैर नीचे ऊपर कर के भी उसे नीद नही आ रही थी मजबूरन उसे ईवा के बगल में अजाके सोना पड़ा ।।
लेकिन सोते वक्त कब वो ईवा के करीब कब गया उसेनही पता नही चला वो यही सोच रहा वही ईवा गुस्से से झटक के उसके चेहरे के करीब आके कहा " तुम अकेली लड़की का फायदा उठाना चाहते थे आखिर अपनी असली औकात तुमने दिखाई ही दिया नफरत की आड़ में एक हैवान बैठा है मुझे तो ये बात पता ही नही था हां"
इवा की बात सुन ईवान को गुस्सा आया उसने जैसे ही ईवा को दूसरी साइड पलट के उसके ऊपर आके कहा " अपनी जबान पर लगाम दो ऐसे किसी पर इलजाम नही लगा सकती हो "
इवा" अगर ये झूठ है तो तुम मेरे पास क्या कर अरे हो मेरे करीब क्या ये भी झूठ है सपना है "
इवान" मैं मानता हूं मैं तुम्हारे पास हूं लेकिन बस कल रात ठीक से सो नहीं पा रहा था जिसके कारण मुझे यहां आना पड़ा इसका ये मतलब नही है की मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा था "
इवा " क्या पता यही इरादा हो तुम्हारा कोई कुछ कह नहीं सकता "
ईवान" अगर यही इरादा होता तो पहली रात ही सजा दे चुका होता,,, लेकिन आईडिया बुरा नही है अभी भी कर सकता हूं "
इवा ने आंखे घूरते हुए कहा " ये बकवास है "
ईवान ने टेडी मुस्कान के साथ कहा " बकवास नही सच है जब तुमने मेरे बारे में ये सब सोच ही लिया है तो क्यू ना कर दूं वैसे भी एक हैवान को इतना प्यारा खून होता है उससे कई ज्यादा प्यारा ऐसे खूबसूरत लड़कियों की चाहता होती है क्या कुछ करना चाहती हो मेरे साथ "
ईवान ने कहते हुए अपना हांथ ईवा के गालों के तरफ बड़ा या लेकिन तभी ईवा ने गुस्से से उसके हांथ को दूर झटक के कहा " मेरे करीब आने की कोषिश भी मत करना वरना वो हाल करूंगी तुम किसी जन्म में भी भूल नही पाओगे "
ईवान ने फिर से हांथ बड़ा के कहा " वो तुम तो बड़े जल्दी बुरा मान गई आखिर हमारे शादी हुई है दादी ने इसी लिए तो तुम्हे इस कमरे में भेजा है हम कुछ कर सकते है कल नही आज सुहागरात मना लेते है वैसे भी क्या फरक पड़ता है आज हो या कल "
ईवान ईवा के तरफ बड़ा की इवा ने उसे दूरी तरफ धक्का देते हुए जहा " दूर रहो मूझसे "
इवा ने ईवान को धक्का देके खड़ी हो गई वही इवान दूसरी साइड जाके गिरा ईवा ने अपनी जगह से खड़ी होके कहा " मुझे कामजोर समझने की गलती भी मत करना तुम जैसे को मैं अच्छे से जानती हूं "
वो कह ही रही थी की फिर से दोनो के कान में दरवाजा नॉक करने की आवाज गई " भाभी भाई "
दोनो दरवाजे को तरफ देखने लगे फिर एक नजर दोनो ने एक दूसरे को देख आखे फटी की फटी रह गई ईवान वॉशरूम के तरफ भागा की ईवा खड़ी थी वो पहले अंदर घुस गई मजबूरन इवान ने अपनी मुठ्ठी बना के बस पिस के रह गया वो जनता है पूजा के लिए दोनो देर है आज तो दादी दोनो की खाल खींचने वाली है ।।
ईवान ने जाके दरवाजा खोला और कहा की थोडी देर में आ रहा है बाकी नीचे चले गए थोड़ी देर बाद ईवा निकली और ईवान नहाने लगा कुछ देर में दोनो ही तौयार होके पूजा के लिए गए मंजरी जी ने दोनो को डांटा और कल से जल्दी आने के लिए कहा वही और किसी ने कुछ नही कहा विशाखा जी अकेले ईवा को तो सुना नही सकती थी क्योंकि इवान की भी गलती है ।।
इसी लिए साथ में सब ने आरती कर नाश्ता कर के अपने अपने काम पर निकल गए आज ईवा के साथ तीर्थ और दीप्ति भी गए आखिर दोनो को इवा के ऊपर नजर जो रखनी थी ।।
कॉलेज ने ईवा की कार जैसे ही इंटर हुई सामने लोगो की भिड़ देख ईवा हैरान हो गई आज पहली बार गेटे के पास में लोगो की भिड़ इक्ट्ठा थी पर क्यू उसे नही पता सारे स्टूडेंट एक तरफ खड़े थे टीचर्स भी वही पर इस वक्त मौजूद थे वही ईवा ने कार से गेट के पास में ही निकल गई और सब को देखने लगी ।।आखिर यह अचानक से हुआ क्या और उसे क्यू किसी ने नही बताया ।।
जारी...✍️
क्या होगा आगे ? क्या हुआ कॉलेज में ? क्या करेगा ईवान अब ?
कॉलेज में ईवा की कार जैसे ही इंटर हुई सामने लोगो की भिड़ देख ईवा हैरान हो गई आज पहली बार गेटे के पास में लोगो की भिड़ इक्ट्ठा थी पर क्यू उसे नही पता सारे स्टूडेंट एक तरफ खड़े थे टीचर्स भी वही पर इस वक्त मौजूद थे वही ईवा ने कार से गेट के पास में ही निकल गई और सब को देखने लगी ।।आखिर यह अचानक से हुआ क्या और उसे क्यू किसी ने नही बताया ।।
अब आगे ..
सभी लोग एक तरफ खड़े थे की तभी वहा पर एक आवाज आई " क्या हो रहा है यहां " लोगो के भिड़ के आवाज गूंजी तो सभी की नजर उसी तरफ चली गई प्रोफेसर ने ईवा को देखा तो उसके सामने आके बोले" गुड मॉर्निंग मैम
इवा ने सिर हिला कर कहा " गुड मॉर्निंग यहां इतनी भिड़ क्यू है क्या हो रहा है जो सभी यहां पर खड़े है .
एक प्रोफेसर आगे बड़े और सिर झुका के बड़े आदर से बोले" आज सुबह ही हमारे कॉलेज के होस्टल से कल एक लड़की गायब हो गई मैम है उसका कुछ पता नही है इसी लिए सब यहां खड़े यही बात कर रहे ।
इवा और बाकी तीनों भी हैरान हो गए ऐसे कैसे कोई लड़की गायब हो गई है उसने हैरानी से कहा " ये सब कब हुआ आप लोगो ने पहले मुझे क्यू इस बारे में नही बताया और यहां खड़े होके बात करने से क्या लड़की वापस आ जायेगी आप सब को पुलिस या कुछ करना चाहिए था ना "
प्रोफेसर ने सिर झुका के कहा " माफ करिएगा मैम हमे भी अभी पता चाल रहा है इसके बारे में हम तो ये सब सच है इसी के बारे में पता कर रहे थे क्युकी आज ये पहली बार हुआ है की कोई हमारे गर्ल हॉस्टल से गायब हुआ है ।
इवा ने आंखे सिकुड़ के कहा " क्या अभी पता चल रहा है मतलब यहां हो क्या रहा आलरेडी हॉस्टल से लडकी गायब हो गई और किसी को खबर तक नही इस बारे में हांलकी ये पहली बार तो था लेकिन इसका ये मतलब नही की आप सब बस यहां खड़े होके इस बारे में सिर्फ बात करें लड़की को ढूंढा आप सब का भी काम है।
प्रोफेसर ने कोई जवान नही दिया बस शांत खड़े थे तभी ईवा के कान में किसी की जोर जोर से रोने की आवाज़ है उसने प्रोफेसर के तरफ देख के कहा " ये कौन है ??
प्रोफेसर " लड़की के पैरेंस आए है और वो आप से ही मिलने की विनती कर रहे है लेकिन आप उस वक्त थी नही हम यही कब से उन्हे बता रहे है ।
इवा के कहा" लेकिन इन्हे इस बारे में कैसे पता चला आप लोगो को किसने कहा था की उन्हे इनफॉर्म करने के लिए पहले लड़की ढूंढ लेते क्या पता वो कही अपने किसी दोस्त से मिलने गई हो या किसी और काम से ऐसे किसी के पैरेस को परेशान करना गलत है ।
प्रोफ़ेसर " सॉरी मैडम जब हम यहां आए हमसे पहले ही लड़की के माता पिता यहां मौजूद थे हमे भी उन्ही से पता चल रहा है गार्ड्स से पुछे तो वो लोग कह रहे कुछ नही पता ऐसा कुछ हुआ ही नहि है ।।
इवा ने सिर पर हांथ रख के कहा " हद्द है उनके माता पिता आके बता रहे है गार्ड्स क्या सो पीस के लिए रखे गए है सारे लोग बेकार हो गए है "
प्रोफेसर सिर झुका के खडे रहे एक शब्द नही कहा इवा उसी में घुर रही उसने गहरी सांस लेके कहा " बुलाइए मैं मिलना चाहूंगी उनसे "
उनके इतना कहते ही प्रोफ़ेसर ने लड़की के पैरेंस को बुलाया और सभी ईवा के कैबिन में चले गए सारे कॉलेज के स्टूडेंट को उनके क्लास में भेज दिया गया वैसे तो सब के दिल में दहस्त तो पैदा हो गई थी पढ़ने का किसी का दिल नही था लेकिन ऐसे कोई छोड़ के जा भी नही जाता है ।।
वही कुछ हाल दिया दीप्ति का भी था तीनो कैंटीन में बैठे बात कर रहे " क्या भाई को हमे इस बारे में बताना चाहिए "
तीर्थ ने कहा जिसे सुन दिया ने कहा " नही भाई को पता चला तो भाई को अच्छा नही लगेगा किसी को इस बारे में नही बताना चाहिए वैसे भाभी सब संभाल लेगी"
दीप्ति ने गुस्से से कहा " क्या संभाल लेंगी देखा ना क्या हुआ है कैसे वो इस लड़की को लेके आएंगी उनके मॉम डैड कितना रो रहे थे अपनी बेटी के लिए "
तीनो अभी बात ही कर रहे थे की अचानक से तेज तेज सोर उनके कान में गई सभी वहा से निकल के बाहर ग्राउंड के तरफ आ गए जहा पर लड़की के पैरेंस कॉलेज पर पत्थर मार के बोले जा रहे थे
" हम इस कॉलेज को बर्बाद कर देंगे कोई नही पड़ेगा यहां आज हमारी बेटी गायब हो गई और ये लोग पुलिस कंप्लेन करने से मना कर रहे अरे जब तुम्हारे घर की बेटी के साथ हुआ होता ना तो तब देखती मैं "
इवा को समाने परेशान सी खड़ी थी उसने उन्हे शांत करते हुए कहा " मैम प्लीज पहले हमारी पूरी बात तो सुनिए हम आप के भलाई के लिए कर रहे है "
लडकी की मां" नही चाहिए भलाई बस हमारी बेटी चाहिए अगर नही मिली तो आप सब के लिए अच्छा नही होगा "
इवा और कुछ प्रोफ़ेसर उन्हे समझाने की पूरी कोशिश कर रहे लेकिन एक वो लोग थे की कुछ सुनना ही नही चाह रहे थे अपनी बात कह के वहा से लड़की के माता पिता चले गए ईवा परेशान सी होके अपने केबिन ने गई वही बाकी सब बाहर ही रहे ।
कुछ देर बाद ...
" मैं कुछ सुनना नही चहती हूं मेरे कॉलेज से लड़की गायब हुई है इसका मतलब भी पता है उन्हे किसी भी क़ीमत पर ढूंढ के आओ " इवा ने फोन में किसी से कहा जाहिर सी बात है वो एक अमीर परिवार से है तो इसके बाद बॉडीगार्ड्स की कमी नहीं होगी।
इवा ने कुछ देर बात कर जैसे ही फोन रखा अंदर काका ने आके कहा " मैडम"
इवा ने पीछे मुड के कहा " जी काका क्या हुआ ?
काका काफी घबराए हुए थे उन्होंने माथे पर आए पसीने को साफ कर कहा " मैडम पुलिस आई है ".
ये सुन इस कुछ देर तक देखती रही फिर कहा " कहा है "
काका " बाहर ही "
इवा फाइन लेके बाहर चली गई जहा पुलिस की टिम बाहर छान बीन कर रही थी ।। इवा को देखते ही सब रुक गए और उसकी तरफ बड़ गए ।।
"मैडम आप के खिलाफ FIR किया गया है इसी लिए आप को पूछताछ के लिए हमारे साथ चलना होगा " इंस्पेक्टर ने कहा ।।
अब तक बाहर सारे स्टूडेंट और टीचर मौजूद थे सभी हैरान भी थे ईवा ने इंस्पेक्टर से कहा " मुझसे पूछताछ कर के आप को क्या मिलेगा आप ये बताइए लड़की गायब हुई है उसे ढूंढने के बजाय आप मुझसे पूछ रहे है "
इंस्पेक्टर ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा " अक्सर चोर घर के ही होते है मैडम बाहर तो दिखता है लेकिन रहते नही है ।
इवा की आंखे सिकुड़ गई उसने कन्फ्यूज होके कहा " आप कहना क्या चाहते है की मैने लड़की को गायब किया है "
इंस्पेक्टर" मैने तो ऐसा कुछ नही कहा ये तो आप ही कह रही वैसे अच्छा है अब आप ने खुद अपना गुनाह कुबूल किया है चलिए हमारे साथ "
ये सब सुन ईवा हैरान सी रह गई आखिर ये सब हो क्या रहा पहले लड़की गायब हुई फिर उसके माता पिता इतना सब कर के गए अब इल्जाम ईवा पर आ गया ,, इसका साफ मतलब था की ये किसी ने जान बूझ कर किया है पर किसने ।
ये ख्याल आते ही ईवा ने मन में कहा " ईवान वेदी मैं जानती हूं तुम मुझसे बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हो लेकिन तुम मेरे काम पर हांथ डालोगे मुझे ये नही पता था तुमने मेरे साथ अच्छा नही किया है याद रखना इसकी कीमत तो मैं तुमसे लूंगी ।
इवा ने मन में कहते हुए इसके चेहरे पर अजीब सा दर्द उतर गया क्युकी उसके लिए उसका काम और इस कॉलेज में उसके जो इज्जत बनाई थी वो ईवा को बहुत ज्यादा पसन्द है आज किसी ने उसके ऊपर ही वार किया ।।
जारी..✍️
क्या होगा आगे ?
क्या सच में ये सब इवान ने किया या फिर किसी और का हांथ है ? क्या इवा जेल जायेगी ? कौन लड़की गायब हुई है ?
अगर चैप्टर अच्छा लगा हो तो प्लीज कॉमेंट और स्टीकर जरूर देना ।
इवा ने मन में कहते हुए इसके चेहरे पर अजीब सा दर्द उतर गया क्युकी उसके लिए उसका काम और इस कॉलेज में उसके जो इज्जत बनाई थी वो ईवा को बहुत ज्यादा पसन्द है आज किसी ने उसके ऊपर ही वार किया ।।
अब आगे ...
पुलिस टेंशन में ईवा बैठी थी अब तक उससे पूछताछ हो चुका था यहां तक की काफी बार उन सब के सवाल पर ईवा को गुस्सा आया क्युकी उससे तरह तरह के सवाल किए गए कही वो लड़कियो को बेचने का काम तो नही करती ऐसे सवाल सुन के ईवा का दिमाक घूम चुका था ।।
वही मंजरी और अवध जी को पता चला ईवा PS ( पुलिस स्टेशंस) में है उनके घर की बहु ये उनके लिए बहुत बडी बात थी ईवान ऑफिस मीटिंग में था तो अनिल और उनके भाई मीटिंग के लिए बाहर जा चूके थे । घर पर तीर्थ जो किसी काम का नही है और एक अवध जी जिन्हे PS में खुद आना पड़ा ।।
इवा कुर्सी पर बैठी उनका इंतजार कर रही तभी बाहर से दहाड़ते हुए अवध जी अंदर आए और बोले " किसकी इतनी हिम्मत हुई वेदी परिवार की बहु को यहां लाने की "
उनकी आवाज सुन सभी अपने जगह से खड़े हो गए हो भी क्यू ना आखिर अवध वेदी जी का नाम कुछ कम थोडी ना था बहुत जाने माने में से एक है हर कोई उनकी इज्जत करता है ।।
अवध जी साथ के वकील को लिए अंदर आए ईवा उन्हे।देख कुर्सी।के बगल में खड़ी हो गई अवध जी अंदर आके कहते है " बहु तुम्हे किसी तरह से परेशान तो नही किया ना अगर किसी ने किया तो मुझे अभी बताओ "
इवा ने।ना में सिर हिला या तो अवध जी की नजर इंस्पेक्टर पर बैठी जिनकी सिट्टी पिट्टी पहले से गुम थी वो बस खड़े होके देख रही उनकी इस हरकत पर अवध जी टेबल पर एक हांथ मार के कहते है
" इंस्पेक्टर " उन्होंने इतना तेज बोला की इंस्पेक्टर अपने ख्यालों से बाहर आके बौखला गए और इधर उधर देख के कहने लगे " सर आप यहां बैठिए न बैठिए अरे कोई चाय लेके आओ "
इंस्पेक्टर की बात सुन के अवध जी बोले" मैं यहां पिकनिक मनाने नही आया हूं मैं।जानना।चाहिए हूं मेरी बहु को यहां कौन।लेके आया है ?
इंस्पेक्टर ने सिर झुका के कहा " माफ करिएगा हमे पता नही था की वो आप की बहु है वैसे भी इनके खिलाफ FIR था जिसके चलते हम इन्हें याह लाना पड़ा "
अवध " पता नही था तो एक बार पता कर लेते वैसे भी वो कॉलेज की प्रिंसपल है मेरी बेटी के बारे में नही जानते तो कॉलेज के बारे में।तो पता होगा वो की नही पूछा ।।
इंस्पेक्टर ने कोई जवाब नही दिया और सिर झुका के खडे हो गए अवध जी एक गहरी नज़र डाल के वकील के तरफ इशारा किया और सारा काम पूरा करने को कहा ।। मतलब ईवा से लेन देन का सारा मामला रफा दफा करने को कहा ।।
कुछ देर के सारा काम खत्म होके के बाद अवध जी ने । इंस्पेक्टर से " पहले गायब हुई लड़की को ढूंढिए किसी भी कीमत पर मुझे वो लड़की चाहिए और टीम चाहिए तो आप सब को मिल जायेगी ।।लड़की की तस्वीर पूरे शहर में डाल दो।कही तो होगी किसी ने तो देख होगा कुछ करो लेकिन वो लड़की दो दिन के अंदर मुझे चाहिए".
उनकी बात सुन इंस्पेक्टर ने हां में सिर हिलाया ईवा को।लेके अवध जी PS से बाहर निकल गए कार में बैठ जैसे ही चलने को हुए की इवा ने अवध जी के तरफ देख के कहा " दादी जी मुझे कही जाना जाना है क्या मैं जा सकती हूं "
अवध जी ईवा को देख शायद समझ गए वो कहा जाना चाहती है इसी लिए हां में सिर हिला दिया ईवा कार के गेट खोल के बाहर निकल के दूसरी कार में बैठ गई ।
उसके जाने के बाद अवध दादा जी ने किसी को फोन किया और बोले " ईवा जा रही है उसका ख्याल रखना कोई परेशानी होनी नही चाहिए ।।
दूसरी तरफ से आवाज आई " जी मालिक आप फिकर मत करिए हम पूरा ध्यान रखेंगे।
अपनी बात कह फ़ोन कट गया उसी के साथ कार भी आगे बड़ गई वही ईवा भी अपनी मंजिल के तरफ बड़ गई ।
दूसरी तरफ वेदी मेंशन में
" जीजी मैने सुना है वो लड़की पुलिस स्टेशन गई है दीप्ति बता रही की आज कॉलेज में पुलिस आके उसे ले गई "
किचेन में खड़ी ललिता जी कहती है वही बगल में विशाखा जी जो कुछ पका रही थी उन्होंने कड़ाही में पानी डालते हुए कहा
" सुना तो मैने भी है आज पहली बार पापा जी को पुलिस स्टेशन जाना पड़ा उस लड़की की वजह से मुझे तो समझ में नहीं आ रहा वो लड़की आखिर में चाहती क्या है ? ना कॉलेज संभाल जा रहा और ना ही अपना पति संभाला गया वो किसी काम की नही है "
ललिता " आप सही कह रही है जीजी मैं तो कहती हूं कॉलेज का काम छुड़वा के घर संभालने के लिए कह दे "
विशाखा" अरे नही अगर ये कह देंगे तो अभी के नजरो में हम ही दुश्मन हो जायेंगे जानती ही हो सब कैसे दीवाने है "
ललिता" हम्म मुझे तो ये लड़की पहले दिन से पसंद नही थी जब से हमारा रेहान गया तब से तो फूडी आंख नही भा रही ये लड़की मुझे "
विशाखा" उससे किसी को कोई फर्क नही पड़ता हमे कौन पसन्द है कौन नही सब को बस उस दुख दिखाईं देता है हमारा नही हमने तो जैसे अपना कुछ खोया ही नही है "
ललिता" मैं तो कहती हूं इस लड़की का कुछ इलाज करना चाहिए "
विशाखा" अच्छा छोड़ो ये सब चले मां के पास नही तो हम ही सुनाएंगी चार बाते "
दोनो अपनी बात कह के किचेन से बाहर चली गई जहा पर मंजरी दादी परेशान सी बैठी ईवा और अवध दादा जी का इंतज़ार कर रही ।। विशाखा ललिता भी जाके वही पर खड़ी हो गई ।।
इधर ईवा की कार सीधे इवान के ऑफिस के बाहर आके रुकी ईवा कार से बाहर निकल के एक नजर कंपनी की बड़ी सी बिल्डिंग को देख कहा
" आज हिसाब होके रहेंगे देखते है कौन जितना है तुमने जो किया है उसका जवाब भी चाहिए और बदला भी "
आंखे में एक अलग ही आक्रोश था ईवा के मुठिया कसी थी जैसे आज कुछ होने वाला हो और होगा भी अगर सच में ईवा को जेल ईवान ने भेजा है तो वो छोड़ने वाले नही है ।।
इवा अंदर जाके रिसेप्शनिस्ट से बोली " ईवान वेदी का कैबिन कहा है ??
रिसेप्शनिस्ट ने एक नजर ईवा को ऊपर से लेके नीचे तक देखा वो अजीब तरह से देख रही क्युकी ईवा ने बिल्कुल ही सिंपल सी साड़ी पहन रखा था माथे पर सिंदूर थी लेकिन बहुत हल्का वही साड़ी बिल्कुल फीका रंग जैसे आसमान में सफेद बादल हो ।।
उसे देख रिसेप्शनिस्ट ने कहा " क्या आप ने अपॉयमेंट लिया है उनसे मिलने के लिए ?
इवा" नही लेकिन उनसे कहिए की ईवा आई है "
रिसेप्शनिस्ट" सॉरी मैम अगर अपॉमेंट नही है फिर आप को ऐसे अंदर नही जाने से सकते है और सर सुबह से मीटिंग में है तो हम उनसे आप के बारे में पूछ तक नही सकते है वैसे तो थोडी देर बाद ही पूछ सकते है आप चाहे तो तब तक इंतज़ार कर सकती है ।
इवा " मेरे पास इतना वक्त नही है आप बस उनके कैबिन बताए कौन सा है मैं खुद चली जाऊंगी "
" हम आप को ये नहीं बता सकते "
" ठीक है मैं खुद ढूंढ लूंगी "
इवा एक ना सुन के लिफ्ट के तरफ बड़ गई पीछे से रिसेप्शनिस्ट ने कई बार आवाज देके रोकने की कोशिश की लेकिन जैसे आज ईवा पर कुछ असर नहीं कर रहा हूं वो तेज़ कदम से अंदर बड़ी ही थी की ध्यान न देने की वजह से वो अचानक से किसी से टकरा जाती है ।।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या सच में इवान ने इतना सब किया है ? ईवान के साथ ईवा क्या करेगी ?
इवा एक ना सुन के लिफ्ट के तरफ बड़ गई पीछे से रिसेप्शनिस्ट ने कई बार आवाज देके रोकने की कोशिश की लेकिन जैसे आज ईवा पर कुछ असर नहीं कर रहा हूं वो तेज़ कदम से अंदर बड़ी ही थी की ध्यान न देने की वजह से वो अचानक से किसी से टकरा जाती है
अब आगे ...
इवा खुद को संभाल के खड़ी हुई और समाने देखी तो आंखों में हैरानी के साथ साथ खुशी भी आई उसने चहक के कहा
" करण तुम यहां? सामने करण दिवाकर खड़ा था इवा के कॉलेज का बेस्ट फ्रैंड है और एक बिजनेश मैन भी । रेहान और करण साथ में ही रहा करते थे तीनो की दोस्ती पुरे कॉलेज में फेमस हुआ करती थी ।।
इवा ने मुस्कान के साथ कहा वही सामने फ़ोन में बीजी करण जो लिफ्ट से बाहर ही आ रहा था उसने ईवा की आवाज सुन उसके तरफ देखा उसका भी ईवा की तरफ ही हालत हुई वो एकदम से इवा को गले से लगा के कहा
" इवा तुम मेरे समाने हो सच में " इतना कह वो ईवा से दूर हुआ और उसके चेहरे को देख के बोला " मुझे यकीन नही हो रहा इतने सालो के बाद हम फिर से मिले कैसी हो "
करण की बात सुन ईवा ने उसके कॉलर को सही करते हुए कहा " यही बात करोगे"
उसके कहने का मतलब करण समझ गया उसने ईवा के बाल बिगाड़ के बोला " बिल्कुल नही आराम से बैठ के बाद करेंगे चलो चलते है "
इवा " कहा ?
करण ने आंखे चढ़ा के कहा " जहन्नम में "
इवा ने मुस्कुराके बोली" तो किस बात की देरी चलते है जहन्नुम में "
दोनो ने एक दूसरे के कन्धे पर हांथ रख लंगोटी यार की तरह मज़ाक करते हुए चल दिए ईवा यहां ईवान से बात करने ही आई थी लेकिन सालो बात दोस्त को देख उसने जाना सही नही समझा ऐसा नही है की वो भूल गई ईवा भूलने वाले में से नही थी ।।
खैर दोनो कंपनी के बगल में बने कॉफी शॉप में जाके बैठ गए ।।
वही इवान अपने केबिन में बैठा उसने अपने असिस्टेंट विशाल से कहा " करण दिवाकर से कह दो ये डील नही हो सकती है "
विशाल सिर झुका के खड़ा रहा ईवान के कहने के बाद भी वो गया कही तो इवान ने उसकी तरफ देख के कहा " क्या हुआ तुम जा क्यों नही रहे मैने कहा जाके कह दो ये डील नही होगी क्या अब तुम कम सुनने लगे हो "
विशाल ने सिर ना में हिलाया तो इवान की आंखे छोटी हो गई उसने घुर के कहा "फिर खड़े होके मेरा मुंह क्या देख रहे हो जाके काम करो"
ईवान ने लगभग गुस्से से कहा जिसे सुन विशाल की जान हलक के फस गई उसने मन में कहा
" ये सभी से इतने गुस्से में है अगर मिस्टर करण दिवाकर के बारे में बताया तो और गुस्सा करेंगे और उनका सारा गुस्सा वैसे भी मेरे ही ऊपर निकलता है चाहे गुस्सा किसी ने भी दिलाया हो ।
विशाल ने मन में सोच ही रहा की ईवान ने दांत पीस के बोला " अब कुछ बोलोगे भी या मूहर्त निक्लवाऊं "
विशाल ने जल्दी से कहा " नही वो सिर मिस्टर करण दिवाकर ने "
फिर से विशाल शांत हुआ तो ईवान की आंखे डार्क होने लगी जिसे देख दिवाकर ने आंखे बंद कर एक सांस में कहा " सिर मिस्टर करण ने पहले ही डील कैंसल कर के चले गए उन्होंने फाइल देखते ही कहा उन्हे आप के साथ डील करना नही है ।।
अपनी बात कह विशाल गहरी सांसे लेके एक आंख खोली तो डर से दो कदम पीछे हो गया वह इवान अपनी जगह से खड़ा हो गया था और आंखे अजीब तरह से हो गए जिसे देख बड़े बड़े के पसीने झूठ जाए ।।।
विशाल ने कुछ नही कहा वही इवान ने दोनो हांथ टेबल पर मार के कहा " कोई मेरी ही कंपनी में आके मेरे मुंह पर डील कैसे कैंसल कर के जा सकता है इस डील को करू या ना करूं ये कहने का हक सिफ मेरा है ना किसी और की "
ईवान इस लिए गुस्से में है क्यू की उसका एगो हर्ट हुआ है जब कोई इंसान जो खुद को काफी महान समझने लगे और वो अपनी मरजी से हर चीज़ हासिल करता हो उस इंसान के मुंह पर कोई रिजेक्ट करता है फिर उसका गुस्सा किसी आग से कम नही वो गुस्से में ये नही समझते की इनकार करने का हक हर एक व्यक्ति के पास है सिर्फ उसके पास नही ।
ईवान ने विशाल के तरफ देख के कहा " विशाल" विशाल खुद का नाम सुन समाने आया और बोला " जी सर कहिए मैं आप के लिए क्या कर सकता हूं "
इवान" मुझे अभी मिलना है मिस्टर करण दिवाकर से मैं भी तो देखूं।कितने बड़े बिजनेश मैन है वो "
विशाल" पर वो तो जा चूके सर "
ईवान ने गुस्से से कहा " चला गया तो क्या हुआ दुनियां तो छोड़ के नही गया कही से भी उसे ढूंढ के लाओ आज ये डील होके रहेगी अभी तक मैं ही नही करना चाहता था लेकिन जब पता चले सामने वाला भी नही करना चाहता तो जनरजस्ती करने का मजा ही कुछ और है "
विशाल ने मन में ईवान को देख के कहा " हां क्यू कही ये सब तो राक्षस ही तो करते है पहले शादी जबरस्ती करो फिर डील फिर कुछ और ,,सांड कहिं का यही करोगे कुछ और कही "
विशाल अपना मुंह बना के मन में कह रहा तभी फिर से ईवान की गुस्से भरी आवाज कानो के गई " खड़े क्या हो जाओ जल्दी "
उसकी बात सुन विशाल तेज कदमों एस कैबिन के बाहर जाके गहरी सांसे लेने कहा वही इवान कुर्सी पर बैठ के डेविल स्माइल के साथ कहा
" ना तुम मुझे जानते हो ना कई लेकिन पता नही क्यू लग रहा है मेरी ओर तुम्हारी केमिस्ट्री बहुत अच्छी होने वाली है वैसे मुझे दूसरो के बीना मर्जी होने बाद उन्हें अपना काम करवाना अच्छा लगता है ।।
ईवान अपनी बात कह कुर्सी पर सिर टिका के लेट गया ।।वही अवध जी जैसे ही घर पहुंचे जिसे देख सब अपनी जगह से खड़े हो गए मंजरी दादी उनके पास में जाके खड़ी हो गई ललिता और विशाखा जी खड़ी होके देख रही मंजरी जी से रहा नही गया तो आखिर के पूछ ही लिया
" ईवा कहा है वो आप के साथ नही आई क्या हुआ था पुलिस क्यू लेके गई थी उसे "
मंजरी जी के बातो से लग रहा वो परेशान है वही अवध दादा जी ने उन्हे साथ कहा ले " वो ईवान से मिलने ऑफिस गई है ।
उनकी बात सुन मंजरी जी कुछ कहती की बीच के विशाखा जी ने कहा" वो ईवान से मिलने क्यू गई है कांड खुद करे और मिले मेरे बेटे से "
उन्होंने थोड़े गुस्से में कहा जिसे सुन के मंजरी दादी ने कहा " तुम कुछ देर के लिए बंद हो सकती हो
उनके कहते ही वो शांत हो गया की अवध दादा जी बोले " वो कुछ काम से गई है मैं गया था तो पूरा काम कर चुका हूं तुम्हे इवान की चिंता करने की जरूरत नही है "
ललिता " जीजी का कहने का वो मतलब नही था पापा जी वो तो कह रही की उसे घर आना चाहिए था कही और जानने की क्या जरूर थी ।।।
मंजरी जी ने ललिता को घूर के कहा " जब मुंह बंद नही हो सकता है तो यहां मेरे सिर पर खड़ी मत रहा करो समझी "
दादी की बात सुन ललिता मुंह बना के खड़ी हो गई और मन में कहा " जब देखो तब बुढ़िया मुझे ही सुनाने लगती है बड़ी जीजी ने कहा उन्हे कुछ नही बोल पाई लोग सही ही करते है जिनके पास ज्यादा पैसे है इन्ही का राज वरना सब बेकार है भाई साहब अच्छा कमा रहे है ऊपर से ईवान पूरा बिजनेश संभाल रहा तो इसी लिए इतना अच्छा है "
दुबारा किसी ने कुछ कही कहा ,, अवध जी ने सारी बात मंजरी दादी को बता दिया वही वो परेशान सी होके बैठ गई कुछ देर बाद सब अपने कमरे के चली गई ।
दूसरी तरफ करण ने फॉफी का एक शिप लेके कहा " इतना सब हो गया और तुमने एक बार बताना जरूरी नहीं समझा हां"
इवा ने सरमिंदगी से बोली " ऐसा कुछ नही है मुझे लगा तुम नताशा के साथ लाइफ इंजॉय कर रहे हो तो क्यू मैं फिजूल में टेंशन दूं वैसे तुमने बताया नही नताशा कैसी है "
मिस्टर करण दिवाकर ने उदास मन से कहा " पता नही कैसी है मैं नही जानता "
उसकी बात सुन ईवा करण को घूरने लगी ।।
जारी..✍️
क्या होगा आगे ? क्या इवा ईवान को सबक सिखाएगी ? क्या होगा ईवा का ?
इवा ने सरमिंदगी से बोली " ऐसा कुछ नही है मुझे लगा तुम नताशा के साथ लाइफ इंजॉय कर रहे हो तो क्यू मैं फिजूल में टेंशन दूं वैसे तुमने बताया नही नताशा कैसी है "
मिस्टर करण दिवाकर ने उदास मन से कहा " पता नही कैसी है मैं नही जानता "
उसकी बात सुन ईवा करण को घूरने लगी
अब आगे ...
करण ने अपनी बात कह के कॉफी पीने लगा की ईवा ने उसके हांथ को पकड़ लिया जिससे करण कॉफी पी नही सका करण सवालिया नजरो से ईवा को देखने लगा तभी ईवा ने कहा
" तुम्हारे कहने का क्या मतलब है की तुम नताशा के बारे में नही जानती मैने तो सुना तो वो लंदन तुम्हारे साथ गई थी दोनो रिलेशनशिप में थे फिर अचानक से क्या हुआ तुम ऐसी बाते कह रहे हो "
करण ने कप नीचे रख के कहता है " बस इतना समझ लो की सब खतम है अब पहले जैसा नही है ।
इवा करण के चेहरे के दर्द को अच्छे से देख पा रही थी उसने करण के हांथ पर हांथ रख के कहा " क्या उसने ?
इवा ने इतना ही कहा की करण के आंखो में आंसू भर गए उसने ईवा के आंखों में देख अपना सिर हां में हिला दिया और कहा " उसे कभी मुझसे प्यार था ही नही वो मेरे भाई से प्यार करती थी मेरे साथ इसी लिए रहती थी की वो भाई से मिल सके जब मेरे साथ गई थी तो मैं बहुत खुस था लेकिन वहा जाके मुझे पता चला वो भाई से मिलने आई थी उसने आके मुझे सब कहा ये कहा की मैं उसे जाने दूं जब उसने ये सब मांगा मैंने उसे रोका भी नही सका जाने दिया मैं किसी को खुद में बांधना नही चाहता हूं जिसे जाना है वो जा सकता है मैं बस इतना ही चाहूंगा "
इतना कह करन छुप हो गया उसका सिर शर्म और दर्द से नीचे झुक गया ईवा अपनी जगह से उठी और करण के सिर पर हांथ फेर के कहा " तू फिकर मत कर सब अच्छा होगा शांत हो जा "
इवा करण के दर्द को समझ सकती थी आखिर उसने भी तो अपने प्यार को खोया जब कोई अपने प्यार को खोता है तो जो दर्द सीने में होता है वो वही समझ सकता है और कोई नहीं ।।
कुछ देर बाद शाम तक ईवा घर आई गई थी वही करण से मिलने के बाद उसका मन उदास था और यकीन तो अभी तक नही हुआ था उसे की नताशा उसे छोड़ के चली गई वो कितने साल से दोनो को जानती है ।
इवा खुद के उलझी थी और करन के बारे के खुद के बारे में सोच कंपेयर करते हुए सावर के नीचे बैठी थी उसके दिमाक में नताशा और करण का ही सब चल रहा वहा एक दिल कॉलेज की बात है एक साथ रेहान और ईवा क्लॉस में बैठी थी की करण पीछे बैठा था उस वक्त कोई लड़की करण के पास आके बैठ गई थी जिसे देख के नताशा ने पूरा क्लास अपने सिर पर उठा लिया करण से नाराज भी हुई और साथ में मारा भी वो दिन याद कर के ईवा के लिए यकीन करना मुस्किल था लेकिन क्या करण झूठ कहेगा नही ईवा के अंदर आया वो सावर में खड़ी हुई और खुद को मीर में देख के बोली " किसके साथ क्या हो जाए ये कोई नही जानता है आज बेहद प्यार करने वाले अलग है कितनी अजीब बात है ना "
खुद को बड़े ध्यान से देख रही और बात कर होंठो को तिरछा कर दिया फिर नहा के कमरे से बाहर आ गई ।
तभी कमरे का गेट खोल दीया ने अंदर आके बोली " भाभी बड़ी मां आप को नीचे बुला रही है "
इवा ने उसकी तरफ देख के कहा " ठीक है मैं आती हूं "
दिया चली गई ईवा जान गई अगर विशाखा जी ने बुलाया तो फिर कुछ तो बात है शायद फिर से उसे सुनने को मिले " कुछ देर में रेडी होके ईवा चली गई नीचे ।
जैसे ही वो किचेन के तरफ गई की विशाखा और ललिता जी की नजर ऊपर गई ईवा कुछ ना बोल के खड़ी रही की ललिता जी ने कहा " अभी सुबह तक किसी की जबान कैंची की तरह चल रही थी अब क्या हो गया जीजी सांप सूंघ गया है "
इवा ने कुछ नही कहा बल्की विशाखा जी के तरफ देखा जो सब्जी कट रही थी ईवा उनके तरफ बड़ के कहती है " सोरी मां मैं सुबह वो सब "
बीच के विशाखा जी ने बीना उसकी तरफ देखे कहा " बहु इस घर की बस हम नही है और भी सब की जिम्मेदारी है तो जाके अपना काम करे आंटा रखा है उसे जाके गुथो "
आगे ईवा ने कुछ नही कहा वो जानती थी बात करने का कोई मतलब नही है वो चली गई अंटा गूथने। किचेन में ईवा जब तक थी कुछ नही बोली बल्की बस ललिता जी कुछ न कुछ टोंट मार ही रही थी ।। वही विशाखा जी भी कुछ नही कह रही बस शांति से अपना काम कर रही थी ।
थोड़ी देर में किचेन का काम खतम कर ईवा कमरे में आई वो सीधे बेड पर जा गिरी इसी के साथ इवाइके आंखों के किनारे से एक आंसू की बूंद बिस्तर पर जा गिरी वैसे भी बाहर का काम और घर के अंदर का काम दोनो करने पर थकाई तो लगती ही है ।।
खैर ईवा लेटी थी की तभी वॉशरूम का दरवाजा खुला उसने पलट के देखा तो इवान बाहर आ रहा उसे देख एक बार फिर ईवा को सब कुछ याद आने लगा वो उठ के बैठ गई उसका दिल कर गया वो इस बारे के ईवान से बात करे ।।
वही इवान के कदम भी अपनी जगह ठहर गए ईवा को देख के लेकिन इसके आंखो मे गुस्सा था और कुछ नही लेकिन ईवा बालकनी के तरफ चली गई क्यू पता नही । अभी उसे वहा पर खडे हुए कुछ ही देर हुआ था की किसी ने उसका हांथ पकड़ कमरे में ले आया ईवा ने देखा तो वो कोई और नहीं बल्की इवान ही था ।
इवा के अंदर गुस्सा छा गया उसने अपना हांथ छुड़ा के कहा " क्या कर रहे हो ? छोड़ो मुझे ।
इवान ने फिर से उसका हांथ पकड़ और बेड पर फेक दिया कुछ कहा नही ईवा समझी की ईवान ने उसे घूरते हुए कहा " वैसे मुझे पता नही था तुम इस टाइप कि हो लेकिन आज जब पता चल ही गया है फिर क्यों न मैं भी फायदा उठा लूं"
उनकी बात सुन ईवा की आंखे सिकुड़ गई उसने घुर के देखा और कहा " तुम कहना क्या चाहते हो और मेरे सामने से हटो अभी के अभी ।।
कुछ को खुदा के इवा जाने को हुई की एक बार फिर इवान ने उसे बेड पर थक्का देके कहा " बीना मेरी तम्मा पूरा किए कहा जा सकती हो "
अचानक से ईवान के बदले रूप के देख ईवा हैरान रह गई आज तक उससे नफरत करने वाल ऐसी कैसी बाते कर रहा है ईवा की आंखे हैरानी से फटी थी की ईवान ने उसके करीब खिच के कहा " भाई के जाने के बाद तुम्हारी तन्ना तो अंदर ही रह गई होगी अब मैं तो तुम्हे पुरा वाला हूं नही फिर तो किसी और को ही अपनी तम्मना के लिए पाकडोगी।
इवा होश में आके कहती है " तुम कहना क्या चाहते हो साफ साफ कहो "
इवान " क्या इतना साफ समझ के नही आया है तुम्हे "
इवा " नही आया तभी तो कह रही हूं जो कहना है साफ साफ कहो ऐसे बाते घुमा के करना न मुझे आता है ना पसंद पसन्द है "
इवान " तुम्हारी पसंद और न पसंद जानने में मुझे कोई इंट्रेस्ट तक नही है और जहा तक मेरे बातो का है तो सुनो तुम्हारे जिस्म की प्यास मैं बुझा सकता हूं तुम्हे किसी और के पास जाने की जरूरत नही है लेकिन अगर मुझसे न बुझ पाई और इसके पास गई न तो मुझसे बुरा कि नही होगा । ।
इतना कह ईवान ईवा के चेहरे के तरफ बड़ा ही था की उसके बातो का मतलब ईवा अच्छे से समझ गई थी जिसकी वजह उसका खून खौल गया उसने बिना देरी के इवान के सीने पर हांथ रख उसे खुद से दूर कर एक जोर दार थप्पड़ उसके चेहरे पर जड़ दिया ।।
ईवान का चेहरा एक तरफ झुक गया उसने गुस्से से लाल आंखो से ईवा को घूरने लगा अपनी तिरछी निगाहों से वही इवा ने गुस्से से फिंगर इवान के तरफ पॉइंट कर बोली
" अपनी हद में रहो शादी हुई है खरीदा नही है मुझे और ये हरकत किसी और के साथ कर सके हो जिसके साथ करना हो लेकिन मुझसे दूर रहो वरना वो हाल करूंगी तुम सात जन्म तक भूल नही पाओगे ।।
ईवा अपनी बात कह के जाने को हुई की ईवान ने गुस्से से लाल होके ईवा के हांथ को पकड़ के कमर से लगा दिया वह ईवा दर्द से तड़प गई इवान ने दांत पीसते हुए उसके कान के पास एक बोला " तुम्हारी हिम्मत इतनी बड़ गई मेरे ऊपर हांथ उठाया इसका अंजाम सोचे बैगर तुम्हे क्या लगता है मुझे थप्पड़ मरोगी और मैं किसी से कुछ नही कहूंगा हां"
इवा ने भी गुस्से से बोली " तुम जैसे बत्तमीज के साथ यही करना चाहिए मैने कुछ गलत नही किया सही किया है "
ईवान ने अपनी पकड़ कसते हुए बोला " सही किया तो सही मैं भी कर रहा हूं तो बुरा क्यू लग रहा "
।
इवा ने खुद को छुड़ाने की कोशिश कर बोली " मेरा हांथ छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है "
ईवान " दर्द मुझे भी हुआ था जब तुम उसके साथ "
इतना कह ईवान छुप हो गया और अचानक से ईवा का हांथ छोड़ दिया ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ?
क्या इवान करेगा और क्यू कहा उसने ऐसा किसकी बात कर रहा था वो ?
इवा ने भी गुस्से से बोली " तुम जैसे बत्तमीज के साथ यही करना चाहिए मैने कुछ गलत नही किया सही किया है "
ईवान ने अपनी पकड़ कसते हुए बोला " सही किया तो सही मैं भी कर रहा हूं तो बुरा क्यू लग रहा "
।
इवा ने खुद को छुड़ाने की कोशिश कर बोली " मेरा हांथ छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है "
ईवान " दर्द मुझे भी हुआ था जब तुम उसके साथ "
इतना कह ईवान छुप हो गया और अचानक से ईवा का हांथ छोड़ दिया ।
अब आगे ...
रात के 10 बजे ...
" तेफान भाऊ" एक आदमी कुर्ता और कन्धे पर गमझा लिए दौड़ के कमरे में आया जहा पर सोफे पर पैर पर पैर चढ़ाए तेफ़ान भाऊ बैठे पान चबा रहे थे खुद का नाम सुन तेफान भाऊ ने समाने देखा और बोले
" का हुआ बोलो ऐसे चिल्ला क्यू रहे हो ??
वो लडका कोई और नहीं तेफान भाऊ का खास आदमी है उसने तेफान भाऊ के पैर के पास बैठ के कहा
" भाऊ एक बहुत बुरी खबर"
तेफान भाऊ " क्या हो गया अब कहा बिजली गिरी "
आदमी " अपने घर पर गिरी भाऊ गजब हो गया "
भाऊ " अब बताएगा भी या बस ऐसे ही बोलता रहेगा "
आदमी " भाऊ सारा प्लान उल्टा हो गया वो लड़की जेल से बाहर आ गई है "
जैसे ही तेफान भाऊ ने ये खबर सुना अपनी जगह से खड़े हो गए और गुस्से से हांथ में पकड़े पान के बक्से को नीचे फेक के कहा " कैसे हुआ ये ? किसने किया उसका नाम बता "
भाऊ इतने जोर से चिल्लाए की बाकी खड़े आदमी घबरा गए और दो कदम पीछे होके खड़ा हो गए वही भाऊ के खास आदमी जिनका नाम
मुज्जफर उसने घबराहट भरे चेहरे से कहा "भाऊ सुना है वो मैडम अमीर घर से है उनके ससुर जी ने आके छुड़ाया है नही तो कल तक तो अपना काम हो ही जाता "
भाऊ तेज आवाज में बोले " अमीर हो या गरीब किसके घर की है मुझे कोई लेना देना नही है बस उस मैडम को मेरे अड्डे पर एक बार आना ही है एक बार वो यहां आ गई न तो मेरा काम हो जायेगा "
मुज्जफर " लेकिन भाई वो यहां आयेगी क्यू और कैसे "
भाऊ ने एक आंख चढ़ा के कहा " क्यू ?
मुज्जफर " हां भाऊ क्यू ! क्युकी जिस लड़की के बारे में हमने कहा था वो लड़की उस कॉलेज में कभी पढ़ती ही कही थी और वही मां बाप भी झूठे थे कल तक वो मैडम पता कर लेगी की ये सब एक झूठी खबर थी फिर वो क्यू यहां आयेगी और अगर इस बारे में उन्हे पता चला तो हमारे लिए ही दिक्कत होगी भाई आप समझ रहे है "
भाऊ सोफे पर पैर फैला के बैठें और बोले " तुम अपनी बकवास बंद करो वो आयेगी एक बार और आके मेरे बेटे से शादी भी करेगी "
मुज्जफर" मगर भाऊ कैसे वो तो "
बिच में भाऊ बोले " बस तुम दो दिन का इंतजार करो सब होगा और आयेगी भी शादी भी होगी ये मेरा खुद से वादा रहा "
तेफान भाऊ के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान थी जो कुछ सोच के आई क्या सोचा ये वही जाने ।।
उधर इवान ने ईवा का हांथ जोड़ के बालकनी के तरफ बड़ ही गया था लेकिन बीच में रुक गया क्युकी ईवा ने उसके हांथ को पकड़ लिया ईवान ने पीछे मुड के देखा तो उसकी आंखे सिकुड़ गई तभी ईवा ईवान के सामने आके बोली
" तुम आखिर के कहना क्या चाहते थे की किसी और ने मेरा हांथ जब बोल ही रहे थे तो पूरी बात कहो आधी नही "
ईवान ने ईवा के चेहरे के तरफ झुक के बोला " मैं तुम्हे बताना जरूरी नहीं समझता मैने क्यू कैसे और कहा तुम बस इतना ध्यान रखो मैं भाई नही हूं की तुम्हे बर्दाश कर सकूं मैं ईवान हूं जो मेरा है वो मेरा ही रहता है अगर भूल से कही भी जाने की कोशिश करी तो मैं इस चीज़ को ही खत्म कर देता हूं चाहे वो कोई इंसान ही क्यू ना हो ?
इवा इवान की बात बड़े ध्यान से सुन रही और एकटक उसे देख रही थी वही इवान ने इवा को खुद से दूर कह बालकनी के तरफ चला गया ईवा उसे जाते देख रही पता नही क्यू लेकिन पहली बार उसे कुछ अजीब सा अहसास हुआ लेकिन वो इस पर ज्यादा ध्यान न देके कमरे से बाहर चली गई ।।
इधर इवान चांद को देख कुछ सोचने लगा ।
जहा ईवा करण के सिर पर हांथ फेर रही थी वो सीन याद कर एक बार फिर से ईवान की मुठिया कस गई ।।
असल में करण से मिलने के लिए ईवान ऑफिस से रेस्टोरेंट में जैसे ही आया समाने ईवा और करण को बात करते देख उसके कदम वही रुक गए वो और विशाल दोनो वही खड़े होके देखने लगे ।।
वही इवान ने वो भी देखा जब ईवा करण को शांत कर रही जब नताशा की बात पर करण दुखी हो गया था ।।
ये सब याद कर ईवान ने कहा " मुझे बुरा क्यू लग रहा है तुम किसी के साथ रहो मुझसे क्या मतलब है "
फिर उसने कहा " मुझे बुरा लग रहा है क्युकी तुम मेरे भाई से प्यार करती थी फिर कैसे किसी और के साथ रह सकती हो तुम मेरे भाई को धोखा दोगी तो मैं तुम्हे मार डालूंगा मेरे भाई ने सिद्दत से तुमसे प्यार किया था उसका ये मतलब नही की तुम उनके जाने के बाद किसी और के साथ रहोगी "
ईवान शायद भूल गया था जो वो किसी और पर इल्जाम लगा रहा है वो उसने भी किया है उसकी शादी ईवा से हुई है तो क्या इवा ने रेहान को एक तरह से धोखा नही दिया लेकिन इवान के नजर में ये उसके भाई के वादे को पुरा करना है जो इवान ने शादी करी लेकिन वो नहीं जानता ये वादा कभी उसके भाई में लिया ही नही जब रेहान हॉस्पिटल में था तब उसने ईवा की आजादी दादी यानी मंजरी जी से मांगा था लेकिन मंजरी घर की बहु को किसी और घर भेजना न पड़े इस खातिर ईवा की शादी इवान से कराने के लिए दोनो से झूठ कहा की दोनो से रेहान ने वादा लिया है वैसे तो ईवान और ईवा उस वक्त साथ में नही थे मगर दादी के बात को दोनो झूठ नही समझ सकते थे ।
ईवान कुछ सोच के विशाल को फोन लगा के कहा " मुझे करण के बारे में छोटी सी छोटी जानकारी चाहिए कल तक हो जाना चाहिए "
विशाल " हो जायेगा सर आप फिकर मत करिए "
ईवान ने फ़ोन रखा और कमरे में आ गया जैसे ही वो बेड के तरफ बड़ा ईवा को सोते देख वो अपनी जगह पर ठहर गया और मन में बड़बड़ाया "
ये नागिन यहां फिर से आके सो गई इसे तो मैं यहां रहने नही दूंगा रुको जरा "
वो आगे बड़ा और जैसे ही ईवा के चादर को पकड़ने को हुआ की ईवा उठ के बैठ गई और चादर कस के पकड़ के बोली
" मुझे बेड से नीचे उतारने के बारे में सोचना भी मत क्युकी मैं अगर नही सो पाई फिर तुम भी नही सो पाओगे उस दिन की हाल करना है तो बोलो मैं करने के लिए तयार हूं "
इवा ने धमकी भरे लज्ज़े में कहा जिसे सुन के इवान रुक में मन में बोला " नही सच में इसने सारे बिस्तर खराब कर दिया तो सोफे पर सोना पड़ेगा बिलकुल नही इसे यही सोने ही देता हूं "
ईवान ने अकड़ से चादर छोड़ के अपनी तरफ जाके लेट गया वह ईवा ने उसे ऐसे बीना कुछ बोले जाते देख मन में बोली " अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे अच्छा है लगता है ऐसे धमका के ही रखना पड़ेगा इस टेढ़े जलीबी को "
इवा चुप रहने वाली लड़कियो की तरह नही थी हां सुरु में वो कुछ नही बोली क्युकी उसे दुख था सदमा दिल पर लगा था लेकिन अब कोई गलत करेगा तो ईवा नही छोड़ेगी।
अपनी बात कह होंठो पर मुस्कान लिए ईवा चेहरा दूसरी तरफ कर ले लेट गई । कुछ देख में दोनो सो गए । ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ?
क्या इवा को तेफान के बारे में कटा चलेगा ?
तेफान आगे क्या करने वाला है ?
इवा चुप रहने वाली लड़कियो की तरह नही थी हां सुरु में वो कुछ नही बोली क्युकी उसे दुख था सदमा दिल पर लगा था लेकिन अब कोई गलत करेगा तो ईवा नही छोड़ेगी।
अपनी बात कह होंठो पर मुस्कान लिए ईवा चेहरा दूसरी तरफ कर ले लेट गई । कुछ देख में दोनो सो गए ।
उन्ही दोनो के नोक झोंक में दो दिन बीत गए थे तेफान के कहने के मुताबिक अब तक ईवा को पता चल चूका था ये सब झूठ है उसके कॉलेज में ऐसी कोई लड़की नहीं थी वही इवा परेशान था की उसके साथ ये मज़ाक किया किसने क्युकी ईवान अगर ऐसा करता तो अब तक उसे पता चल चूका होता घर वाले भी परेशान थे ।
वही अब तक इवान को इस बारे में पता चल चूका था वो कुछ करता की मंजरी जी ने यही पर इस बात को दबाने के लिए कह दिया जब कुछ नही था फिर यही सब इस बात को खतम कर दिया लेकिन ईवान को इसमें।कुछ गड़बड़ लगी वो पहले से छान बीन में लग गया इधर ईवा भी कॉलेज के स्टाफ को पहले ही बोल चुकी थी ।
इस वक्त सभी इवा के कैबिन में मौजूद थे ईवा जिसने अपनी कुर्सी पर बैठ के सभी के तरफ एक नजर देख कहती है " आप सब जानते ही है मैने यहां आप को क्यू बुलाया है "
सामने बैठे कुछ प्रोफेसर और स्टॉफ ने कहा " जी मैम"
इवा के टेबल पर अपना हांथ रख के बोली " मैं चाहती हूं की आप कॉलेज में उन सारे बच्चों की लिस्ट बनाई जो इस वक्त कॉलेज नही आ रहे है और साथ में हूं बच्चो की भी लिस्ट चाहिए जो रेगुलर आते है "
इवा की बात सुन एक प्रोफेसर ने कहा " लेकिन मैम इससे क्या फ़ायदा होगा _
इवा " होगा! मैं नही चाहती हो पहले हुआ है वो सब फिर से हो इससे हमारे कॉलेज का रेपुटेशन भी खराब होने लगी है अगर कॉलेज के हर बच्चे को हम बारीकी से देखनेगें हमे पता होगा कौन है कौन नही नही तो ऐसे में इतने सारे स्टूडेंट में कुछ हो सकता है "
सब ने एक साथ मिल के कहा " जी मैम हो जायेगा "
इवा " उम्मीद है जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी आओ सब कर दे इस काम को "
जी " अपनी बात कह के सभी बाहर निकल गए ईवा भी अपने काम में लग गई आज वही दूसरा दिन था उधर तेफान ने अपने एक आदमी को फ़ोन कर कहा " क्या वो कॉलेज से बाहर निकली "
दूसरी तरफ से " नही भाई अभी तक वो दिखी तक नही "
तेफान " कोई बात नही कुछ देर इंतज़ार और कर लेते है "
तेफान के दुमाक में कुछ चल रहा था क्या पता नही ? लेकिन था खतरनाक कुछ वक्त के बाद दोपहर हो चली थी इधर दीप्ति, और तीर्थ बराबर इवान को सारी बाते बता रहे ईवा ने मीटिंग की उससे कौन कौन मिलने आया है वही दिया उसका क्लास खत्म हो गया था ।
वो अपने दोस्तो से बात कर रही उसकी एक फ्रेंड ने कहा " दिया क्यों चल के किसी रेस्टोरेंट में खा के आते है ये कैंटीन का बेकार है कोई मजा ही नही आता है "
दिया ने जो बैग पैक कर रही उसने कहा " इतना भी बेकार नहीं है ठीक है वैसे मुझे घर आज जल्दी जाना है "
दिया की दोस्त ने कहा " क्या यार दिया तेरा हर बार का यही है तू एक बार तो कम से कम बात मान लिया कर "
दिया " हर बार तो मानती हूं मैने पहले ही कहा मुझे घर जाना है "
" कॉलेज के बाद घर ही तो जाना है "
" मुझे घर पर काम कहा है ?
" यार दिया प्लीज ना आज बस इसके बाद नही हूंगी प्लीज! प्लीज।
सब के इतना रिक्वेस्ट करने के बाद दिया उसकी तरफ देख के गहरी सांस लेती है और कहती है " ठीक है लेकिन मैं बस पिज्जा खा के निकल जाऊंगी तुम लोग खा पीके आना मैने पहले ही कहा है मुझे घर जल्दी जाना है "
दिया की दोस्त ने कहा " ठीक है बाबा ! बस तू चल "
दिया बैग लेके दोस्तो के साथ कॉलेज से कुछ ही दूरी पर बने रेस्टोरेंट के तरफ चली गई वो गेट से बाहर निकल के उस तरफ बड़ी वही कोई था जो उसका पीछा कर रहा दो मुंह पर मास्क लगाए जा रहे ।
इधर दीप्ति और तीर्थ का अलग ही मचा था उसने ईशान को कॉल कर कहा " भाई एक मीटिंग थी जिसमे सब के लिस्ट बनने को कहा है मिस मैडम ने ।
ईवान " उसके पास दीमाक नही है ये तो मैं पहले से जानता था अब यकीन हो गया इतने बड़े काम में लिस्ट से क्या मतलब है "
दीप्ति " भाई यही मैं भी सोच रही थी आखिर लिस्ट से क्या होगा जिसको जहा जाना होगा वो तो जायेंगे ही न "
तीर्थ ने भी बीच के कहा " हां यही मैं भी कहने वाला था और हां भाई एक बात और है "
ईवान " जल्दी बोलो "
तीर्थ " भाई इस नाम लिस्ट में सब के पैरेंस के साथ साथ कौन कहा रहता है ये भी पता किया जा रहा है और बड़ी बात ये है की किसी को इस बारे में बताने से मना किया गया है ।
दूसरी तरफ ईशान जो चेयर पर बैठा पेन घुमा रहा था उसने तिरछी मुस्कान के साथ कहा " इवा से पहले वो दोनो लिस्ट मेरे पास आने चाहिए रात ही "
इवान की बात सुन दोनो कान से फोन हटा के एक दूसरे को देख धिरे से बोले " भाई हमारी बली देने के बारे में तो नही सोच रहे है ना "
कह के दोनो ने आंखो के इशारे से बात करी फिर से कान से फोन कहा के कहा " लेकिन भाई ये कैसे होगा वो लिस्ट तो?? "
बीच में ईवान ने कहा " मैं कुछ नही जानता जो करना है जैसे करना है वो करो मुझे पहले ही वो लिस्ट चाहिए अगर अपना पॉकेट मनी इस महीने से ज्यादा चाहिए तो "
तीर्थ से पहले दीप्ति बोली " हां भाई चाहिए और अगली बार जब आप मीटिंग के लिए फ्रांस जाए तो मुझे वहा से हेड बैग चाहिए "
दीप्ति अपनी मांग रख रही वही तीर्थ उसे खा जाने वाली नजरो से घुर रहा था उधर से ईवान ने कहा " मिल जायेगा लेकिन मेरा काम होना चाहिए "
दीप्ति चहकते हुए बोली " हो जायेगा भाई आप का काम "
इतना कह के उसने फोन रख दिया तभी तीर्थ ने दीप्ति के सिर के चपत लगाते हुए बोला " तुम पागल हो गई हो क्या कह रही कैसे होगा ये सब "
दीप्ति ने सिर सहलाते हुए बोली " तू टेंशन क्यू ले रहा है सब हो जायेगा मैं हूं ना बस चल मेरे साथ "
कहा ?
" चल फिर बताती हूं "
दीप्ति तीर्थ का हांथ पकड़ के कॉलेज से बाहर जाने लगी इधर ईवा कुछ जानने के खातिर दिया।को कॉल कर रही थी लेकिन कई बार करने के बाद भी दिया ने नही उठाया ।
क्युकी इस वक्त वो अपने दोस्तो की साथ थी लेकिन बार बार फ़ोन बजने के कारण दिया ने एक नजर फ़ोन को देखा तो मन में बोली _ भाभी मुझे कॉल क्यू कर रही है ?
दिया फ़ोन लेके साइड चली गई और कान से जैसे ही कहा दूसरी तरफ से ईवा ने कहा " दिया तुम कहा हो "
दिया " रेस्टोरेंट में हूं भाभी क्या हुआ कुछ काम है "
इवा " हां तुम्हारी एक हेल्प चाहिए क्या तुम अभी आ सकती हो मैं यही बाहर हो हूं "
दिया " ठीक है ! आती हूं "
अपनी बात खा दोस्तो को बता के दिया रेस्टोरेंट से बाहर निकल के देखा तो कुछ ही दुसरी ओर हांथ हिलाते हुए ईवा दिखी दिया ने अपना हांथ दिखाया और जैसे ही आगे बड़ने को हुई एक काली गाड़ी ठीक उसके समाने आके रुकी दिया कुछ समझती की किसी ने उसके मुंह पर हांथ रख दिया ।
जारी..✍️
क्या होगा आगे ? क्या हुआ दिया के साथ ? कौन है वो लोग ? किसकी गाड़ी है ?
अगर चैप्टर अच्छा कहा हो तो प्लीज कॉमेंट और स्टीकर जरूर दे
अब आगे ....
अपनी बात कह दोस्तो को बता के दिया रेस्टोरेंट से बाहर निकल के देखा तो कुछ ही दुसरी ओर हांथ हिलाते हुए ईवा दिखी दिया ने अपना हांथ दिखाया और जैसे ही आगे बड़ने को हुई एक काली गाड़ी ठीक उसके समाने आके रुकी ।
इतने अचानक के आके रुकी की दिया घबरा गई वो दो कदम पीछे हो गई उसे कुछ समझ नही आ रहा और समझती भी कैसे तब तक किसी ने बाहर निकल के उसे तुरंत ही अंदर खींच लिया ।
वही दूर खड़ी ईवा से सब देख चुकी थी वो फौरन उस गाड़ी के पीछे दौड़ी बस कुछ ही दूर का फासला था की वो काली गाड़ी उससे दूर जाने लगी ईवा का दिल जोरो दे धड़कने लगा आखिर दिया कैसी होगी?.कुछ उसके साथ गलत न हो ? कौन लोग है ?
ये सब सोच ईवा तुरंत ही पीछे मुड गई और अपनी कार लिए पीछा करने लगी वही दूर खड़े दीप्ति और तीर्थ जिसे ही दोनो ने ईवा को वहा से जाते देखा दोनो कुछ समझ नही पा रहे ।
ये इतनी जल्दी के कहा गई ? दीप्ति ने कहा
गई होगी गई हमारा काम है बस उस लिस्ट को पाना पहले चल के उसे लेते है " तीर्थ ने बेपरवाही से कहा ।
" लेकिन भाई ने हमे इनपर पर नजर रखने के लिए कहा
" दीप्ति ने कहा वो चाहती थी की तीर्थ ईवा का पीछा करे पता करे वो कहा गई है लेकिन तीर्थ पहले लिस्ट के बारे में सोच के परेशान था क्युकी उसके लिए ये काम मौत से कम नही लग रहा अगर ईवा को गलती से भी इस बारे के पता चला तो घर तक ये बात जाने में देर नहीं लगेगी यही सोच तीर्थ ने कहा
" अब हमारा राश्ता खाली है चल के लिस्ट चुराते है " दीप्ति कुछ कहती की तीर्थ उसका हांथ पकड़ के साथ ले गया वो दुबारा कुछ नही कह पाई उसकी नजर बस पीछे की तरफ देखते जा रही थी और मन में कहती है
" मुझे ऐसा क्यू लग रहा है कुछ है ईवा के पास एक बार हमे जाके देखना चाहिए " यही सोच वो तीर्थ के साथ चली गई
इधर ईवा उस गाड़ी का पीछा करते हुए जंगल से गुजर रहे रास्ते पर चलने लगी
कुछ देर के ईवा के सामने चल रही गाड़ी एक घर के सामने जाके रुकी ईवा ने खिड़की के बाहर देखा तो शहर के बहार बना ये घर काफी बड़ा और खुबसूरत था लेकिन इसके आस पास काफी सारे गार्ड्स थे जिन्हे देख के ये साफ पता चल रहा किसी आम इंसान का घर नही है ।
इवा फौरन कार से निकल के दीया के पास जाने के लिए बड़ी ईवा डरने वाले में से नही थी चाहे कॉलेज के वक्त की ईवा हो या अब की वो हमेशा से हिम्मत से काम करती है
सामने खड़ी गाड़ी से दो गुंडों ने दिया का हांथ पकड़ के उसे बाहर निकाला और सीधे गेट के अंदर ले जाने लगे ईवा जो आगे बड़ रही थी अचानक से उसके कदम रुक गए उसने मन में उन्हे देख के बोली "
" नही मुझे इस वक्त होश से नही बल्की दिमाक से काम लेना चाहिए इनके पास हथियार है अगर मैं गई तो कुछ भी हो सकता है "
ये सब सोच ईवा अंदर जाने से खुद को रोक के एक पेड़ के पास के जाके खड़ी हो गई इधर उन सब ने दिया को सीधे अंदर ले गए अब तक दिया बेहोश थी ।
" बॉस आप ने जिस लड़की को कहा था वो हम ले आए " दोनो आदमियों ने दिया को तेफान के सामने फेकते हुए बोला ।
दिया का हांथ ऐसे छोटा की दिया सीधे जाके जमीन पर गिरी उन सब ने एक बार ये तक नही सोचा उसे चोट भी लग सकती है ।
वही समाने कुर्सी पर बैठा तेफान दिया को देख उन गुंडों से कहा " ये तो बस जाल है असली मछली फसी या नही मुझे ये बताओ "
दोनो ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा " पुरी तरह बॉस वो अभी बाहर ही है हमे तो लगता है जल्द ही इस लड़की को लेने अंदर भी आयेगी "
तेफान " बहुत बढ़िया! मुझे इसकी नही मैडम जी की जरूरत है वैसे इस लड़की को ले जाके बगल वाले कमरे में बंद कर दो और खिड़की खोल देना क्यू की असली मछली को घर के अंदर आने कें लिए कुछ तो खुला छोड़ना पड़ेगा ना "
तेफान का असली मकसद दिया नही ईवा है जो खुद ही तेफान के घर तक आई है तेफान के कहने के मुताबिक दोनो गुंडे ने वही किया दिया को बगल के कमरे मे ले जाके बंद कर दिया और खिड़की खोल ली लेकिन ईवा उससे पूरी अंजान थी उसे नही पता यहां दिया को नही उसे बुलाया गया है जो उसके लिए पहले से जाल बिछ चुके है ।
वही तेफान अपनी जगह से खड़ा होके ऊपर एक कमरे के गया जहा पर उसका बेटा बेड पर सो रहा तेफान ने उसके सिर पर हांथ फेर के कहा
" राजा बेटा उठ जाओ आज तुम्हारी शादी है "
जैसे ही तेफान की बात सागर ने सुना वो उठ के बैठ गया और ताली बजा के कहा
" क्या सच में पापा मेरी शादी है क्या वो आ गई ?
तेफान ने हां में सिर हिला के कहा " हां बिलकुल वो आज तुमसे शादी करने आ गई और दोनो की आज जल्द ही शादी होगी "
प्यार से तेफान ने सागर के सर पर हांथ फेर के कहे तभी सागर ने कहा " लेकिन वो मुझसे शादी नही करना चाहती उसने कहा था और उसके उस दोस्त ने मुझे मारा भी था " ।
सागर ने कहा तो तेफान के आंखों में खून उतर आया उसने गुस्से में कहा " तुम्हे मारने वाला कब का मर चुका है वो उसकी विधवा है और आज तुझसे शादी करेगी तेरे बरसो का सपना आज पूरा होगा कॉलेज में उसने इनकार किया लेकिन आज वो खुद की मर्जी से करेगी इसके लिए मैं उसे मजबूर कर दूंगा ।
तेफान की बातो से साफ पता चल था ये कहानी शायद काफी पुरानी है आखिर ईवा, रेहान और सागर का क्या कनेक्शन है ये तो बाद में पता चलेगा ।
वही ईवा रात होने का वेट करने लगी जिससे वो अंदर जाके दिया को छुड़ा सके लेकिन उससे पहले उसे कुछ करना होगा .
" क्या मैं पुलिया को फोन करूं हां ये सही है मैं यही करती हूं कुछ देर में पुलिस आ जायेगी पता नही दिया किस हालत में होगी"
ये सब सोच दिया कार के तरफ अपना फोन लेने चली गई लेकिन वो जैसे ही कार के अंदर देखी हैरानी से आंखे बड़ी हो गई ।
इवा के आश्चर्य से कहा " मेरा फ़ोन"
जारी.✍️
क्या होगा आगे ? क्या ईवा दिया को छुड़ा पाएगी ? रॉबिन और ईवा का क्या कनेक्शन है ?
रेटिंग , कॉमेंट, स्टीकर
अब आगे ....
इवा जैसे ही कार के पास गई और अंदर कार में अपना फ़ोन ना देख के हैरान हो गई वो हैरानी से बोली
" मेरा फ़ोन वो तो यही पर था नही नही अगर यहां होता तो कहा जाता ,, ? इवा ने परेशान होके कहा " मेरा फोन कहा रह गया मैने उसे कहा छोड़ा था आते वक्त तो मेरे हांथ में हो था फिर ।
अपनी बात कह के ईवा याद करने की कोशिश करने लगी उसने अपना फोन कहा छोड़ा आते वक्त तो वो दिया से बात कर रही थी तभी उसे याद आया जब उनसे दिया को उन लोगो को ले जाते देखा और हड़बड़ी में फ़ोन उसके हांथ से झूठ गया और वो भाग के सीधे अपने कार के तरफ चली गई ।
ये सब याद आते ही ईवा सिर पर हांथ रख के हताश हो गई और वही पर बैठ गई ।
"मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हूं मैने ध्यान क्यू नही दिया अब क्या करूं ? कैसे पुलिस की हेल्प लूं फ़ोन यहां मिलेगा नही और वापस लेने जा नही सकती क्या करूं ?लेकिन कुछ तो करना पड़ेगा दिया अकेली किस हालात में होगी अंदर क्या करूं ?
इवा बेचैनी से जमीन पर हांथ मारते हुए वो अपना गुस्सा उतार रही थी उसके आंखो में आंसु भी भर गए थे उसका मन कर रहा यही जोर जोर से रोए लेकिन इस वक्त उसे हिम्मत से काम लेने की जरूरत ही ना की इमोस्नल और गुस्से में ।
कुछ देर ऐसे ही बैठ के वो सोचती रही जब लास्ट तक कोई राश्ता नही निकला तो ईवा गहरी सांस लेके उठ के खड़ी हो गई और उस घर को देख के आत्मविश्वास से बोली
" अब आर या पार कुछ भी हो जाए लेकिन अब मुझे ही यहां से दिया को निकलना होगा ना मैं वापस जा सकती हूं ना किसी को बुला सकती हूं बस जो करना ही वो मैं खुद कर सकती हूं जो होगा देखा जायेगा ये तेरी जिम्मेदारी ही की दिया को कुछ ना हो ,,, चल ईवा जैसे कॉलेज में सब के छक्के छुड़ाती थी आज भी तू ये कर सकती है "
खुद को हिम्मत देते हुए ईवा बोली और फिर अपने कन्धे पर हांथ मार के खुद को बहदूर कहती है फिर अंदर जाने का राश्ता देखने लगी कहा से वो जाए क्युकी गेट कुछ दूरी पर था जहा गार्ड्स थे वही हर तरफ बड़ी बड़ी ईंटो के दीवार जिसके ऊपर तार कहे थे ।
इधर शाम होते ही कॉलेज से स्टूडेंट के साथ साथ साथ प्रोफेसर जा चूके थे बस गेट के तरफ गार्ड्स और कुछ सफाई कर्मी थे जिनसे बचते बचाते हुए दीप्ति और तीर्थ अंदर के तरफ जाने लगे उन्हे ईवा के कैबिन में जाना था जहा पर कॉलेज के स्टूडेंट की लिस्ट रखी है ।
दरअसल ईवा सुबह ही प्रोफेसर से कह चुकी थी जब वो कॉलेज में ना हो उसके कैबिन में सारे फाइल और बाकी चीज रख दे वो उन्हे देख लेगी और हुआ भी वही प्रोफेसर ने खुद शाम को वो लिस्ट ईवा के कैबिन में जाके टेबल पर रख दिए ।
जो बात तीर्थ और दीप्ति दोनो को पता थी दोनो हॉल से गुजरे हुए जा रहे थे दीप्ति ने तीर्थ के कन्धे पर मार के कहा
" वैसे तीर्थ तू सही कह रहा था ईवा ऐसे भागते हुए गई लेकिन वापस नही आई कहा गई होगी ओ तू जानता है क्या ? "
तीर्थ उसकी तरफ घूर के बोला " जब मैने ये बात कही तब तो कोई इंट्रेस्ट नही दिखाया अब क्यू दिखा रही है कहा गई कहा नही मुझे कोई लेना देना नही ही ,, चल पहले जो करने आए है वो करते है ।
दीप्ति हंसते हुए कहती है " मैं तो मजाक कर रही थी वो कही भी जाए हमसे क्या लेना देना है खैर भाई को फोन कर के बता दे हम लिस्ट लेने जा रहे है
" पहले लिस्ट मिल जाए फिर बता देंगे भाई को " तीर्थ ने चलते हुए कहा ।दोनो कुछ ही देरी में ईवा के कैबिन के बाहर खड़े हो गए तीर्थ ने उसे हांथ से धक्का देके गेट खोलने की कोशिश करने लगा लेकिन गेट घुला नही उसे बार बार वो खोलने की कोशिश कर के बोला
" ये खुल क्यू नही रहा है? लगता है लॉक गई ,,, ।।
दीप्ति मुंह बन के बोली " लग तो मुझे भी रहा है ।
तीर्थ गेट का हैंडल छोड़ के बोला " अब क्या करे अंदर कैसे जायेगे "
तीर्थ परेशान हो गया दीप्ति कुछ सोच के बोली " तुम हटो मैं ट्राई करती हूं "
अपनी बात कह के उसने तीर्थ को साइड किया और बालो से पिन निकाल के खोलने की कोशिश करने लगी कुछ 10 _15 मिनट के बाद गेट झूल गया जिसे देख के तीर्थ ने खुश होके कहा
" सच के आज मानना पड़ेगा लड़कियो का दीमाक दीमक में होता है "
दीप्ति उसके कन्धे पर मार के कहती है " हां तो वहा नही रहेगा तो कहा रहेगा और ज्यादा लड़कियो पर कॉमेंट मत किया कर नही तो ईवा प्रोफेसर को बता दिया तो तू गया समझा "
तीर्थ ने आगे चलते हुए पिछे मुड़ के बोला " माफ कर देवी उस महान देवी से मेरी शिकायत मत कर वरना भाई से पहले दादी मार डालेंगी "
अपनी बात कह वो बत्तीसी दिखा के आगे बड़ गया बाकी दीप्ति उसे बस घूरती रह गई । और कुछ न बोल के दोनो लिस्ट को टेबल से लेके हर जगह ढूंढने लगे । लेकिन लिस्ट कही भी नजर नही आ रही थी ।
दोनों काफी परेशान होके के चक्कर में ईवा के कैबिन का सारा सामान निचे फेक दिया और फाइल में खोजने लगे वही कुछ देरी की असीम मेहनत के बाद आखिर में सफलता की चाभी मिल ही गई लिस्ट टेबल पर रखी एक फाइल के नीचे थी ।।
मिलते ही तीर्थ ने चहक के कहा " ले मिल गई लिस्ट "
उसकी बात सुन के दिप्ती तीर्थ के हांथ से वो लिस्ट लेके देखती है फिर तीर्थ से कहती है " भाई को कॉल लगा और बोल लिस्ट मिल गई आप क्या करना है "
जैसा दीप्ति के कहा सेम वही तीर्थ ने किया ईवान को दोनो ने कॉल किया कुछ रिंग जाने के बाद दूसरी तरफ से ईवान की कड़क आवाज आई
" बोलो"
तीर्थ " भाई लिस्ट मिल गई है क्या हम वो लेके घर आए "
ईवान जो लैपटॉप पर काम कर रहा था तीर्थ की बात सुन के उसके हांथ रुक गए वो बोला। " क्या ईवा है वहा पर "
तीर्थ और दीप्ति ने एक दूसरे को देख फिर दीप्ति बोली " नही भाई वो तो शाम के वक्त ही कॉलेज से निकल गई थी कही हम नही पता कहा गई "
ईवान जो कुछ सोच रहा उसने फिर से कहा " अच्छा ठिक है लिस्ट की पिक मुझे भेजो और वो अपनी जगह पर रख के तुम दोनो घर वापस चले जाओ और हां कैबिन का सारा सामान ठीक से रख देना एक भी ईशर उधर हुआ तो मैं तुम दोनो को उड़ा दूंगा "
ईवान ने जैसे ही ये बात कही दोनो पूरे कमरे को देख रोने जैसा मुंह बन के देखने लगे फिर बुझी हुई आवाज में बोले " ओके भाई कर लेंगे "
अपनी बात कह के दोनो ने फोन कट कर दिया और कैबिन को ठीक करने में लग ले। ततीर्थ बड़बड़ाते हुए कहता है " भाई ना बहुत खडूस है सच में एक तो चोरी करने के लिए कहा अब नौकर बन के रख दिए और वो महारानी पता नही किसके तरफ भागी है "
तीर्थ अपनी ही बात कहते हुए चौक गया दिप्ती के तरफ देख के बोला " दिप्ती भी को हमने बताना नही वो किसी के पीछे भागी है क्या पता ईवा का कोई कॉलेज का हो या फिर ex boyfriend रेहान भाई से पहले का कोई "
तीर्थ का कुछ ज्यादा ही दिमाक चलने लगा है खैर उसकी बात सुन दिप्ती बोली " कॉलेज में रेहान भाई और स्कूल में भी वह थे तो ज्यादा अपना दिमाक मत चलाया कर अगर तुझे भाई को ये बात बतानी है तो बता दे "
जैसे ही दिप्ती बोली तीर्थ फोन निकल के इवान को मेसेज करता है की ईवा किसी के पीछे भागते हुए गई है कौन थे वो नही जानते । इतना कह दोनो अपना अपना काम खत्म कर घर के लिए निकल गए ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या ईवान समझ पायेगा ईवा मुसीबत में है ? की ईवा दिया को बचा पाएगी ? आखिर तेफान को क्या चाल है ?
चैप्टर अच्छा लगा हो तो रेटिंग, कॉमेंट, स्टीकर जरुर दीजिएगा "
अब आगे.....
इवा काफी देर तक कार के पास में खड़ी होके सोचती रही वो कहा से जाए कुछ देर बाद जब ईवा गेट के तरफ मुड़ के देखने की कोशिश करने लगी उस तरफ कितने गार्ड्स है लेकिन ईवा जैसे ही अंदर देखी हैरानी से उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी ना गेट के पास में कोई था अंदर घर के सामने एक भी गार्ड्स नही थे अब तक उसने जितने लोगो को यहां देखा उनमें से एक लोग भी नही ।
ये सब देख एक पल के लिए ईवा हैरान हुई दूसरे ही पल उसने खुश होके कहा लगता है " लगता है महादेव ने खुद इन सब को मेरे रास्ते से हटा दिया थैंक्यू महादेव अब मैं दिया को यहां से बाहर निकल सकती हूं ।
इवा खुशी से बोली इवा खुद को छुप छुपाते अंदर के तरफ जाने की कोशिश करने लगी उसी के साथ नजरे चारो तरफ घुमाए जा रही वो आस पास देख के चल रही कही कोई अचानक से प्रगट न हो जाए ।।
लेकिन ईवा इन सब से अंजान थी की एक साथ उसे कई सारी आंखे घूर रही है वही एक पहला इन्सान था जिसकी आंखे में ईवा को देख आंसू थे वो मोटे मोटे आंसुओ के साथ में देख रही वो कोई और नही दिया थी।
वही तेफान और उसके आदमी जो साथ में बैठे थे उनकी नजर ईवा के ऊपर थी लेकिन वही दिया इतने लोगो के बीच में खुद को सेफ नही महसूस कर पा रही उनमें से कुछ लोगो की नजर इतनी घटिया थी की वो खुद में घुटन महसूस करने लगी
दिया इन सब को देख मन में बोली " भाभी आप यहां क्यू आ रही है प्लीज चली जाइए ये लोग आप के साथ बहुत गलत करने वाले है "
दिया को पता था ये सब ईवा के लिए क्या करने वाले है वो जान गई थी तेफान अपने बेटे की शादी ईवा से करना चाहता है । और उसी के लिए ईवा को कुछ दिन पहले तेफान कहने गया था लेकिन ईवा ने एक ना सुन के वहा से निकलने के लिए कह दी लेकिन तब उसने ईवा के कॉलेज को बदनाम करने की चाल चली जिससे ईवा उसके घर आए लेकिन ईवा नही गई लास्ट में दीया को ही किडनैप करवा लिया क्युकी वो जनता था दिया रेहान की बहन है और ईवा उसे बचाने के लिए जरूर आएगी । तेफान आखिर ईवा से शादी अपने बेटे की क्यू करना चाहता है ये बात तो वक्त ही बताएगा ।
तेफान जिसने ही बाहर से सारे गार्ड्स को अंदर बुला लिया और ईवा का राश्ता खाली कर दिया जिससे वो अंदर आ सके और हुआ भी वही ईवा अंदर आ गई थी वो बड़े से दरवाजे के बाहर खड़ी उस दरवाजे को देख रही थी जो काफी बड़ा था ।
" दिया मैं आ गई अब यहां से मैं तुम्हे बाहर किसी भी कीमत पर लेके जाऊंगी मैं भी देखती हूं आखिर ये लोग है कौन ? "
इवा ने बड़े आत्मविश्वास से कहा उसे भरोसा था खुद पर वो दिया को यहां से बाहर निकल जायेगी ।
तभी तो बीना सोचे समझे यहां तक आ गई थी वही तेफान के आदमी ईवा को देख कहते है
" बॉस दरवाजा खोल दे बहुरानी को अंदर आने के लिए कब से बाहर खड़ी है "
इवा को सब ने बहु मान लिया क्युकी उनके भाऊ की बहु है बस इसी लिए बहु रानी कहा तेफान उनकी बात सुन बोला " बड़ी फिकर हो रही है "
गार्ड बोला " भाऊ छोटे मालिक नाराज न हो जाए इसी लिए कहा आप तो जानते है उन्हे।
तेफान कुछ सोचे के बोला " बस करो जाके दरवाजा खोल दो
कहते ही दो आदमी दरवाजा खोने चले गए ये देख दिया तेफान के पैर पकड़ के बोली "
प्लीज भाभी के साथ कुछ मत करिए आप को जो करना है मेरे साथ कर लीजिए लेकिन भाभी को छोड़ दीजिए उन्हे जाने दीजिए इनकी शादी हो गई है पहले से उनकी लाइफ में कितने दर्द है और बात बढ़ाइए प्लीज
तेफान दिया की बात सुन उसके गालों पर अपनी पकड़ कस के दिया के चेहरे को ऊपर किया और बोला " ना मैं प्रोफेसर की शादी तेरे भाई के साथ मानता था और ना अब तेरे छोटे भाई के साथ मानता हूं वो मेरे बेटे की बीबी बनेगी मुझे यही पता है वो तेरे घर से ज्यादा यहां खुश रहेगी तेरा दुसरा भाई तो उसे पसन्द तक नही करता लेकिन मेरा बेटा 10 सालो से उसे पसन्द करता है और मैं अपने बेटे की खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूं और जहा तक तेरी बात है तो तू बस एक मोहरा है और कुछ नही तुझे मेरा कोई लेना देना नही है वो आके मेरे बेटे से शादी कर ले तो मैं तुझे छोड़ दूंगा तब तक आराम से बैठी रह ज्यादा कचर कचर करेगी तो मैं मार डालूंगा समझी "
तेफान की बात सुन के दिया घबरा गई उसकी धमकी दिया के लिए किसी बम से कम नही था वही तेफान ने एक गार्ड को इशारा किया गार्ड इशारा समझ के आया और दिया को घसीटते हुए ले जाने लगा । ।
इधर दीप्ति और तीर्थ घर आके अपने अपने कमरे में चले गए उन्होंने ध्यान नही दिया ,, घर पर दिया और ईवा नही आई है अब तक रात काफी हो गई थी ।।
ईवान भी ऑफिस से घर आ चुका था वो सीधे कमरे में गया लेकिन ईवा को कमरे में न देख वो मन में बोला
"महान देवी आज कहा गायब है कल तो लड़ रही थी रहने के लिए " तभी ईवान को याद आया तीर्थ ने कहा इवा जल्दी में कार लेके कही गई ये याद आते ही उसने कहा
" अभी तक तुम घर नही आई तो जिसका मजा तो तुम्हे दादी देंगी "
तिरछी स्माइल के साथ वो कपड़े बदलने चला गया । ईवान जनता था इस घर में आधी रात में कोई बाहर से ना आता और ना जाता है लेकिन आज ईवा इतनी रात तक नही आई तो कुछ होगा ।
कुछ वक्त बाद सब खाने के टेबल पर आके बैठ गए तीर्थ दीप्ति अपने में मस्त थे वही दिया और ईवा को न देख मंजरी जी ललिता बोली " दिया और इवा कहा है ?
ललिता जी बोली " मां जी लगता है दिया थक के सो गई है । तभी नही दिखाई दी आप कहे तो मैं बुला लाऊं।
मंजरी " और ईवा वो कहा है वो क्यू नही आई ? जाके उसे भी बुला लाओ।
इवा के नाम पर ललिता जी का मुंह बन गया वो टोंट मार के बोली" वो मेरी कुछ नही इसीलिए मैं ऐसे लोगों की न ख्याल रखती हूं ना मुझे पता होता है वो कहा और क्या कर रही है ।"
मंजरी जी भारी आवाज में कहती है " कभी तो ढंग से कह दिया करो छोड़ों लेकिन अगर तुम्हारा हो गया हो तो आके दिया को बुलाओ खा के फिर सोए ईवा को मैं खुद संभाल लूंगी । "
ललिता जी मुंह बन के चली गई टेबल पर इस वक्त लगभग सब बैठे थे बस ललिता जी और विशाखा जी के हसबैंड नही थे वो लोग बिजनेश के शिलशिल में बाहर गए थे वह ईवान भी फोन में ईमेल चेक कर रहा उसने भी कुछ नही कहा ।
इधर तीर्थ ने धिरे से दीप्ति के कान में कहा " दादी को बता दूं वो कार लेके गई है " दिप्ती ने आंख दिखा के माना किया तो तीर्थ कुछ नही बोला तभी मंजरी जी उधम ध जी से बोली " आप फोन पता करिए वो कहा है कही कॉलेज में बाकी काम न पूरा कर रही हो उसकी पुरानी आदत है "
उधम जी जो पहले से ही फोन ट्राई कर रहे थे वो परेशान होके बोले ।
" मैं तो लगा तार फ़ोन कर रहा हूं लेकिन वो उठा नही रही "
विशाखा जी " हो सकता हो पापा जी वो रास्ते में हो इसी लिए नही उठा रही थोड़ी देर वेट कर लेते है ।
विशाखा की बात मंजरी जी को सही लगी बाकी इवान ने इवा के बारे में कुछ नही कहा उधर उधम जी एक बार और ट्राई करने लगे। ।
। लेकिन तभी फोन की आवाज घर के अंदर सुनाई पड़ी जो दरवाजे से आ रही थी सब की नजर दरवाजे के तरफ गई तो इवा के बदले ड्राइवर को खड़ा देख सब एक दूसरे को देखने लगे वही ईवा का फोन उसके हाथों में देख ईवान देखता रह गया ।
" ये फोन आप के हांथ में कहा से आया और वो लड़की है ? कहा घर के अंदर क्यू नही आ रही
ड्राइवर ने कहा " मुझे नही पता मैडम कहा है ये फोन तो कॉलेज के बाहर मिला है मैं शाम के वक्त गाड़ी के पास ही गया लेकिन गाड़ी अपनी जगह पर नही थी मैंने ये पता करने के लिए फोन किया मैडम को की वो गाड़ी ले गई है लेकिन तभी सड़क पर मुझे इस फोन की आवाज आई मैने जाके देखा तो। मैडम का फोन था जो बार बार कहे रहा मैने सोचा क्यू ना आप को दे दूं ₹
ड्राइवर की बात सुन सब एक दूसरे को देखने लगे । आखिर ईवा का फोन सड़क पर क्यू जायेगी सब ईवा को लेके परेशान हो गए किसी को कुछ समझ में नही आया ।
लेकिन तभी मंजरी जी ईवान से कुछ कहने को होती है लेकिन तभी सब अपने ख्यालों से बाहर आते है वही ललिता जी भागते हुए आई उन्हे ऐसे देख कोई कुछ कहता उससे वो बोली " दिया कमरे में नही है मैने पूरा घर देख लिया वो कही नही है वो कॉलेज से भी नही आई ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे " क्या इवा बच पाएगी ? क्या दिया घर जायेगी ?
अब आगे .....
जैसे ही ललिता जी ने कहा सब के चेहरे पर परेशानी आ गई दीप्ति ने दिया के सारे फ्रैंड के पास कॉल कर पता किया उन्होने बताया की वो रेस्टोरेंट से शाम को ही निकल गई थी उन्हे नही पता वो कहा है दिया का भी फोन तीर्थ ट्राई करने लगा लेकिन उसका फ़ोन ऑफ आ रहा था ।
उधर इवान ने कॉलेज से पता किया तो ईवा और दिया एक ही टाइम पर निकले थे घर वाले सब के सब घबराने लगे इतनी रात हो गई दोनो लड़किया घर नही आई और ना उनका कुछ पता है अवध जी और मंजरी जी जो सोफे पर बैठे थे वो बोले
" ईवान कुछ भी करो लेकिन घर पर ईवा और दिया दोनो सही सलामत चाहिए पता करो दोनो कहा गई है "
ईवान ने बीना किसी एक्सप्रेशन के कहा " दिया को कोई हांथ तक नही लगा सकता वो ईवान वेदी की बहन है और जहा तक आप की प्यारी बहु की बात है वो अपनी गाडी से किसी से मिलने गई है उनके लिए आप लोगो को इतना परेशान होने की जरूरत नही है क्युकी अगर इस लड़की को आप का ख्याल होता तो वो इनफॉर्म कर देती लेकिन देखिए उन्हे आप को जरा भी फिकर नही है दादी बस एक आप लोग है जो हर वक्त उसका नाम जपते रहते है ।
मंजरी " हम नाम नही जपते बल्की उसके लिए फिकर मंद है उसका यहां हमारे अलावा दूसरा कोई नही है बस इसी लिए और ये कैसी बाते कर रहे हो ईवा किसी से मिलने जायेगी और बीना हमे बताए मानते है उसे ज्यादा महीने नही हुआ है यहां आए लेकिन आज तक वो कही भी गई है घर वालो को बता के गई है बीना किसी को कुछ बताए वो कही नही गई फिर आप ऐसी बाते क्यू कर रहे है
" ईवान " आप को लग रहा मै झूठ कह रहा हूं तो ठीक है जब वो घर आए तो आप खुद पता कर लीजिएगा " ।
बीच में उधम जी बोले क्युकी उन्हे अब बात बिगड़ती हुई नजर आने लगी " ईवान तुम्हारी दादी के कहने का वो मतलब नही है खैर छोड़ो अगर तुम जानते हो ईवा कहा गई है तो हम बताओ नही तो उसे बुलाओ वो घर आए एक बार हमारे सामने आ जाएगी तो हमे तसल्ली हो जायेगी "
दादा जी की बात सुन ईवान ने तीर्थ से कहा " जो देखा वो बताओ ? इन्हे ,, पता तो चले इनकी लाडली क्या क्या करती है "
तीर्थ समझ गया वो तो पहले ही बताने वाला था लेकिन दीप्ति ने उसे कुछ बताने नही दिया । वो मुंह बना के बोला " दादी भाई सही कह रहे है मैं और दीप्ति गेट के बाहर ही खड़े थे तब हमने देखा की ई... तीर्थ रुक गया गलती से वो भाभी के बदले ईवा कहने वाला था लेकिन जबान संभाल के फिर से बोला " हमने देखा की भाभी किसी से फोन में बात कर रही थी अचानक से पता नही क्या हुआ फोन वही पर फेक वो दौड़ के अपनी कार के पास गई और फौरन लेके निकल गई हमे नही पता वो कहा गई लेकिन वो काफी घबराई हुई थी ।
तीर्थ की पूरी बात सुन के जहा ईवान की मुठ्ठी कस गई इस लिए क्युकी तीर्थ ने मैसेज में उसे बस अधूरा बताया था वो परेशान थी क्यू गई ऐसा कुछ नही बताया ईवान ने तीर्थ को घूरते हुए मन में बोला " तुझे मैं बाद में देखता हूं " वही सब को तीर्थ के बात से साफ पता चल रहा जरूर कोई बात थी जो ईवा ऐसे गई ।
ललिता जी जो दिया के लिए परेशान थी वो गुस्से से बोली " मेरी बेटी गायब है ना फ़ोन लग रहा ना दोस्तो के साथ है ना उसका कुछ पता चल रहा है और आप लोग इसे ढूंढने के बजाय किसी और के बारे में फिकर कर रहे है मुझे मेरी बेटी सही सलामत चाहिए लेकिन आप को उसकी फिकर ना होके ईवा महारानी की फिकर है मेरी बेटी के बारे में तो कोई बात तक नही कर रहा "
ललिता जी पहले से ईवा को पसन्द नही करती ऊपर से इस वक्त कोई ये नही कह रहा दिया कहा है सब ईवा के बारे मे बात कर रहे जो ललिता जी से बर्दाश नही हो रहा था ।
" ललिता ईवा भी इस घर की कुछ है और दोनो की बात हो रही है दिया को ईवान जा रहा है ढूंढने तुम इतनी फिकर मत करो सब ठीक होगा " इस बार विशाखा जी ने ललिता के कंधे से पकड़ के कहा ।
" दीदी आप उसकी... ललिता जी बोल ही रही थी की बीच में विशाखा जी बोल पड़ीं" मैं किसी के साथ नही हूं मैं बस इतना कह रही दोनो वेदी खानदान की इज्जत है दोनो घर नही आई है और दोनो का कुछ पता नही है इसी लिए यहां किसी एक के बार में सोचना गलत है और ना कोई एक के बारे में सोचा रहा जितना तुम्हे दिया की फिकर है उतना सब को है लेकिन बस सब पता करने की कोशिश कर है आखिर दोनो गई कहा बस तुम बात को समझो गुस्सा होने से कुछ नही होने वाला है ।
विशाखा जी सिर्फ खानदान और परिवार के बारे में सबसे पहले सोचती है उनके लिए इस वक्त जितना जरूरी दिया थी उतना ही ईवा क्युकी दोनो उनके परिवार की इज्जत है ।
ललिता जी कुछ न बोल के वहा से गुस्से में चली गई बाकी अवध जी के कहने पर इवान और तीर्थ दोनो को ढूंढने के लिए निकल गए अब तो दीप्ति भी परेशान हो गई थी उसे पछतावा हो रहा उसने उस वक्त तीर्थ को क्यू रोका पीछा करने के लिए करते तो पता होता ईवा कहा है और दिया ईवा के साथ रहने वालो में से है क्या पता दोनो साथ में हो। यही सोच वो सब को कॉल कर पूछने लगी ।
इधर इवान ने अपने सारे आदमी लगा दिए पुलिस को भी इन्फोर्मा कर दिया गया चारो तरफ सब पता करने की कोशिश करने लगे कॉलेज से लेके बाहर तक ।
अब तक रात के 12 के आस पास हो रहे दोनो का कुछ पता नही चला था ईवान जो गुस्से से अपने असिस्टेंट विशाल के ऊपर चिल्ला रहा वो बोला " अभी तक कोई इनफॉर्मेशन नही मिला इसका क्या मतलब है दोनो को आसमान खा गई या जमीन मैं कुछ नही जानता किसी भी कीमत पर मुझे दोनो के बारे में जानना है ।
विशाल सिर नीचे झुका के खड़ा था तभी पुलिस इंस्पेक्टर ने वहा पर आके बोले " मिस्टर वेदी हमे कॉलेज का cc TV से ये फुटेज मिला है एक बार आप देख लीजिए ।
इवान" क्या है इसमें ?
इंस्पेक्टर " आप खुद ही देख लीजिए समझ जायेंगे"
इंस्पेक्टर के दिए गए CC फुटेज को विशाला से जल्दी से लैपटॉप में चालू किया और ईवान के पीछे जाके खड़ा हो गया तभी फुटेज में साफ साफ दिखाई दे रहा था पहले दिया कॉलेज से बाहर निकली फिर उसके बार ईवा बाहर गई ।
वही फुटेज के साथ इंस्पेक्टर बोले" आप साफ साफ देखिए आप की वाइफ गेट के पास खड़ी होके किसी को हाय कर रही है वो भी रेस्टोरेंट के तरफ ,,, ईवान ने ये देख सीधे नजर रेस्टोरेंट के पास गई जहा दिया भी खड़ी होके इवा को देख हांथ हिला रही ये सब देख के साफ समझ के आ रहा था की ईवा ने खुद दिया को वही रुकने के लिए और खुद उसके पास आने के लिए इशारा किया । लेकिन फुटेज के मुताबिक जैसे ईवा आगे बड़ी तभी एक गाड़ी आके दिया के सामने रुकती है जिसे देख इवा इनके तरफ जाति है लेकिन तभी वो लोग वहा से निकल जाते है जिसे देख के इवा सीधे कार लेके निकल गई ।
पूरी फुटेज देखने के बाद पुरा मामला साफ साफ आंखों के समाने था की दिया किडनैप हुई है और ईवा उसके पीछे गई है जरूर दोनो एक दुसरे के पास होंगी ये सब सोच ईवान इंस्पेक्टर से बोला " इवा की गाड़ी इस वक्त कहा है लोकेशन पता करो "
इंस्पेक्टर बोले " पता चल चूका है सर हमने कुछ आदमियों को पहले ही उस लोकेशन पर भेज दिया है ।
इवान अपनी कड़क अंदाज में बोला " फिर हम क्यू यहां खडे है चलो यहां से "
_______
" तुम? इवा ने जैसे ही समाने तेफान को देखा वो बोली ।
तेफान के कहने कर दरवाजा खोल दिया गया ईवा जब अंदर आई सामने वो तेफान को बैठा पाई जो घुटने के ऊपर हांथ रख के बैठा था आस पास गन लिए गार्ड खड़े थे । ।
तेफान इवा की बात सुन अपनी जगह से खड़ा हुआ और बोला "मैने मैडम कहा था एक बार कोई मुझसे मिले वो दुबारा भूल नही सकता देखिए आप को भी मैं याद हूं "
इवा तेफान के बातो को इग्नोर कर बोली " मेरी दिया कहा है और तुम उसे यहां क्यू लाए हो चाहते क्या हो तुम ?
इवा एक सांस में सब पूछ गई तभी तेफान ने हंसते हुए कहा " अरे प्रोफेसर साहिबा थम के हां जरा थम के सब बताऊंगा लेकिन धीरे धीरे पहले आप अपनी दिया से मिल ले "
अपनी बात कह तेफान ने इशारा किया तो दो गार्ड दिया का हांथ पकड़ के उसे ले आएं जिसे देख ईवा के आंखो के आंसु भर गए ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या करेगी ईवा? आखिर दिया को क्या हुआ ? किसे निकलेगी ईवा दिया को लेके यहां से ? क्या इवान ढूंढ पाएगा ?