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‘ड्रैगन' एक ऐसा नाम जिससे पूरा मुंबई कांपता है। वो एक बेरहम, चालाक और ताक़तवर बिज़नेसमैन है, जिसकी दुनिया दो ही चीज़ों के इर्द-गिर्द घूमती है — उसका इम्पायर और उसकी बीवी आर्या। आर्या से उसका प्यार इतना गहरा है कि शहर वाले उनके रिश्ते को मिसाल मानते ह...

Total Chapters (285)

Page 1 of 15

  • 1. तुम बस मुझे खुश रखो 

    Words: 1575

    Estimated Reading Time: 10 min

    बिना कपड़ों के अपने शरीर को चादर के नीचे महसूस करते हुए उसने अपने हाथों की मुठिया कसी हुई थी। बाहर मौसम बरसात का था। बादलों के गरजने की आवाज उसे सुनाई दे रही थी। और वह पूरी तरह से अपना ध्यान खिड़की से बाहर करने की कोशिश कर रही थी।



    वह आदमी जो इस वक्त उसके ऊपर था, वह उसके स्पर्श को महसूस नहीं करना चाहती थी। वह उसकी गर्म सांसों को अपने कानो में सुन सकती थी। लेकिन वह इस वक्त खुद को पूरी तरह से किसी दूसरी स्थिति में महसूस करना चाहती थी। उसे पता था, कि वह जो कर रही है वह पाप है। लेकिन फिर भी वह उस आदमी को रोक नहीं सकती थी । जो इस वक्त उसकी गरिमा को बर्बाद कर रहा है।



    “ मैंने कभी सोचा नहीं था, कि तुम्हारे पास आ कर मुझे इतना सुकून मिलेगा।” उस आदमी ने अपनी कर्कश आवाज से उसके कानों में यह कहा। और उसकी बात सुन कर उस लड़की ने अपनी आंखें और कस के बंद कर ली। उसके हाथ मुट्ठियों में कस हुई थी और चादर को उसने और कस के अपने हाथों में मजबूती से पकड़ लिया था । उसके चेहरे पर इस समय घृणा और अफसोस साफ नजर आ रहा था। तो वही उस आदमी के चेहरे पर एक डेविल स्माइल थी ।



    जब उस आदमी ने बिस्तर पर लेटी उस लड़की के चेहरे पर वह निराशा देखी, तो उसकी मुस्कान और गहरी हो जाती है। और वह उसके चेहरे को देखते हुए कहता है, “ क्या हुआ ? तुम्हारे लिए तो यह सब बहुत बड़ा रहा होगा ना। आखिर तुम मर्दों को रिझाने में एक्सपर्ट जो हो। तो अब तो तुम्हारे लिए काम और भी ज्यादा आसान हो गया है। अब तुम्हें बहुत सारे मर्दों को अपनी तरफ अट्रैक्ट नहीं करना है। बस मुझे खुश रखना है…”



    वह आदमी अच्छी तरह से जानता है, कि इन शब्दों से उस लड़की को कितनी चोट पहुंचेगी। और हुआ भी कुछ ऐसा ही। उस लड़की की आत्मा पर इन शब्दों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ रहा था। लेकिन वह अपने आंसुओं को जप्त किए हुए सब कुछ बर्दाश्त कर रही थी। क्योंकि वह इन शब्दों से खुद को अलग नहीं महसूस कर सकती थी ।



    वह चाह कर भी इन सबसे आजाद नहीं हो सकती थी। उसके जीवन के 3 साल उसने बार गर्ल बनकर लोगों को अट्रैक्ट करने में और रिझाने में लगाए हैं । उसका काम था, मर्दों को अपनी तरफ अट्रेक्ट करना। पर अफसोस अब उसकी जिंदगी में सिर्फ एक ही मर्द है और वह उसे अपनी जिंदगी में नहीं रखना चाहती है। उसके लिए यह जिंदगी मौत के बराबर थी । जब उसे हर पल यह महसूस हो रहा था, कि वह क्या पाप कर रही है।



    न जाने कितनी देर तक वह लड़की रोते हुए उस आदमी के शरीर को अपने ऊपर बर्दाश्त कर रही थी और उसके बर्दाश्त की हर बार इंतहा ही हो रही थी। आखिरकार आदमी उस लड़की के बगल में लेट जाता है और जोरो से सांस लेने लगता है। उस लड़की को थोड़ी राहत मिलती है। उसे ऐसा लगता है, जैसे उसके शरीर से जान निकलने ही वाली थी।



    पर वह इस आदमी के साथ एक बिस्तर पर नहीं सो सकती थी। इसीलिए वह बिस्तर पर बैठ जाती है और ब्लैंकेट को अपने चारों तरफ लपेट लेती है । हालांकि उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं था, जो उस आदमी ने ना देखा हो। लेकिन फिर भी अपनी गरिमा बढ़ाने के लिए वह इतना तो कर ही सकती है।



    उस आदमी के चेहरे पर एक मक्कारी भरी मुस्कान थी । पर तभी टेबल पर रखा हुआ उसका फोन बजता है। वह स्क्रीन की तरफ देखता है। उस आदमी ने अपने एक हाथ से फोन स्पीकर पर रखा और अपने दूसरे हाथ से वह बेड पर बैठी हुई उस लड़की के शोल्डर पर कोई कलाकृति बना रहा था।



    “ बोलो जान…” उस आदमी ने जैसे ही यह कहा, सामने से एक लड़की की आवाज आती है।



    “ अभय आप कहां हैं ?” बेड पर बैठी हुई लड़की ने जैसी ही यह आवाज सुनी, वह उसकी आवाज को पहचान जाती है। उसने बस हल्की सी तिरछी निगाहों से फोन की स्क्रीन को देखा और फ्लैश हो रहे हैं नाम को देख कर वह फिर से अपराध बोध में गिर जाती है। आर्या…वह इस आदमी की पत्नी है। जिसका नाम है अभयदेव कोटियान।



    “ सॉरी जान मैं तुम्हें बताना भूल गया। एक्चुअली मैं अपने एक बिजनेस डील के लिए बाहर आया हुआ हूं। यहां पर मैंने एक छोटी सी जमीन खरीदी है। वहां पर थोड़ी सी प्रॉब्लम हो गई थी। बस उसी को सॉल्व करने के लिए मुझे शहर से बाहर आना पड़ा।”



    आर्या ने परेशान होते हुए कहा, “ जमीन की डीलिंग में प्रॉब्लम हो गई है? अभय आप ठीक तो है ना ? आपको कुछ हुआ तो नहीं है ना?” आर्या अपनी चिंता जाहिर करते हुए अभय से कहती है।



    तो अभय ने तुरंत उससे कहा, “ नहीं जान कोई प्रॉब्लम नहीं है। दरअसल मैंने जो जमीन खरीदी है ना, मैं बस उसे एक बार चेक करना चाहता था कि वह ठीक है भी या नहीं। मतलब तुम समझ सकती हो ना? कि अगर वह मेरे मतलब की ना हुई, तो मैं उसका क्या करूंगा? इसलिए बस मैं एक बार उसे ठीक से जांच रहा था।”



    अभय ने अपने हाथ की उंगलियों को बेड पर बैठी हुई लड़की की पीठ पर चलाते हुए कहा। जैसे कि वह यह बताना चाहता हो कि अभय जिसकी बात कर रहा है , वह कोई और नहीं बल्कि यह लड़की ही है।



    अभय के शब्दों ने बेड पर बैठी हुई उस लड़की के अंदर हीन भावना और ज्यादा पैदा कर दी। उसने अपने घुटनों को अपने सीने से लगा लिया और कसके अपने हाथों को अपने घुटनों से लपेटकर खुद मैं सिमट कर बैठने लगी । उसे खुद से ही बहुत ज्यादा नफरत हो रही थी। उसे इस तरीके से इस्तेमाल किया गया है, जैसे कि वह एक चीज है। पर वह इस बात से भी इनकार नहीं कर सकती है, कि यह आदमी जो इस वक्त बिना कपड़ों के उसके साथ है वह उसका मालिक है।



    “ ठीक है अगर आप काम में बिजी हैं, तो आप आराम से अपना काम कीजिए। और आपने जो भी खरीदा होगा, मुझे यकीन है कि वह आपके काम का ही होगा।” सामने से आर्या ने मुस्कुराते हुए अभय से कहा ।



    तो अभय भी हा में सर हिलाता है और कहता है, “ हां मेरी जान यह चीज तो मेरे बहुत काम की है। तुम्हें बता नहीं सकता हूं, कि मैं इस चीज को पा कर मैं कितना खुश हूं।”



    “ ठीक है अभय अब मैं रखती हूं । आप सो जाइए।” आर्या कहती है। तो अभय भी प्यार से उसे गुड नाइट और लव यू बोलता है और फोन रख देता है।



    फोन रखने के बाद अभय विश के शोल्डर से लेकर उसकी कोहनी तक अपनी उंगलियों को फ्लो कर रहा था। उसने विश के शोल्डर को पकड़ा और उसे खींचकर अपने ऊपर कर लेता है। अभय के सडन रिएक्शन से विश का ब्लैंकेट छूट जाता है और विश अभय के सीने से लग जाती है।



    अभय उसकी पीठ पर अपने हाथों से पकड़ मजबूत करता है और उसे पूरी तरह से अपनी बाहों में समेट लेता है। विश बहुत मुश्किल से उससे नजरे मिलाते हुए कहती है, “ आपने अपनी बीवी से झूठ क्यों बोला ?”



    अभय के चेहरे पर जो हल्की सी मुस्कान थी वह गायब हो जाती है और वह विश को देख कर सख्त आवाज में कहता है, “ तुम्हें किसने कहा? कि मैंने अपनी बीवी से झूठ बोला है। क्या तुम्हें लगता है ? कि मैं अपनी बीवी से झूठ बोल सकता हूं। मैंने उससे कोई झूठ नहीं बोला है और ना ही मैंने उससे कोई बात छुपाई है।”



    विश घबराते हुए अभय से कहती है, “ लेकिन आपने उनसे कहा, कि आपने कुछ खरीदा है।”



    “ हां मुझे पता है, कि मैंने मेरी बीवी से क्या कहा है । और मैंने उससे झूठ नहीं कहा है। मैंने तुम्हें खरीदा है। क्योंकि तुम मेरी चीज हो। एक बात याद रखना मैं तुम्हारा मालिक हूं और तुम मेरी प्रॉपर्टी हो। आज की रात तो बस शुरुआत है। हमारे बीच ऐसी बहुत सी रातें आएंगे ।



    जब मैं तुम्हें यह बताऊंगा कि तुम्हें अपने मालिक को किस तरीके से खुश रखना है। तुम चाहो तो थोड़ी देर आराम कर सकती हो, क्योंकि अभी खत्म नहीं हुआ है।”



    यह कहता हुआ अभय उसे बिस्तर पर छोड़ कर उठकर बालकनी में चला जाता है। विश का पूरा शरीर दर्द से कराह रहा था। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। और उसे ऐसा लग रहा था, कि अब उसके शरीर में जान ही नहीं है। लेकिन उसे पता है, कि अभय को इनकार करें इतनी उसकी औकात नहीं है। अभय ने सच ही कहा है, वह उसका मालिक है और मालिक की मर्जी वह अपने सामान का जैसे मर्जी वैसे इस्तेमाल करे ।



    विश बेचैनी से इधर-उधर हाथ मारने लगी। दरअसल वह अपना फोन ढूंढ रही थी। जो उसे टेबल पर मिल नहीं रहा था । पर तभी उसे तकिए के नीचे अपना फोन मिलता है । वह अपना फोन निकालती है और उसे ऑन करती है । वहां पर एक मैसेज पहले से ही मौजूद था। जो एक वॉइस मैसेज था।



    जैसे ही विश ने उस वॉइस मैसेज को प्ले किया सामने से एक प्यारी सी और नन्ही सी आवाज आती है, “ आई लव यू मम्मा। मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं।”

  • 2. किसी की हिम्मत नहीं है मेरी सुपर वुमन से पंगा लेने की।

    Words: 1131

    Estimated Reading Time: 7 min

    विश के फोन पर एक वॉइस मैसेज आया हुआ था। जिसमें उसकी 3 साल की बेटी ने उससे कहा था, कि लव यू मां । मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं। विश इस मैसेज को सुनकर इतनी भावुक हो गई थी, कि उसकी आंसू निकल आए थे। उसने भी अपनी बेटी को वॉइस मैसेज में रिप्लाई करते हुए कहा, “ लव यू टू बेटा । मां भी आपसे बहुत प्यार करती है।”









    विश ने अपने आंसू साफ किया और अपनी बेटी की तस्वीर को स्क्रीन पर देखने लगी। उसने स्क्रीन को चूम लिया और फोन को अपने सीने से लगा लिया । उसकी 3 साल की बेटी ट्विंकल जिसके दिल में छेद है। और अपनी उस बीमार बेटी के इलाज के लिए ही खुद के शरीर को किसी के हाथों बेच चुकी है। ताकि खुद को बेचकर वह अपनी बेटी की जान बचा सके। और इसी के लिए वह एक शादीशुदा आदमी के साथ सोने का पाप कर रही है।









    उसके पास और कोई रास्ता नहीं था। ट्विंकल का इलाज होना जरूरी था। और पैसों की उसे सख्त जरूरत थी । पैसों के अलावा इस वक्त उसके लिए और कुछ भी जरूरी नहीं था। उसने फोन स्क्रीन पर ट्विंकल की तस्वीर पर प्यार से हाथ फेरा और फिर उसे एक साइड टेबल पर रखने लगी। लेकिन तभी उसकी नजर टेबल पर मौजूद अन्वीलप पर पड़ी। जो थे अभय के साथ उसके कॉन्ट्रैक्ट के पेपर। और उस कॉन्ट्रैक्ट पर लिखा हुआ था, विश का भविष्य..।









    और साथ ही उस टेबल के ठीक सामने रखी हुई थी एक फोटो फ्रेम। जिसमें अभय अपनी पत्नी आर्या को लेकर खड़ा था। और वह दोनों एक हैप्पी कपल की तरह लग रहे थे। उस तस्वीर को देखकर विश को खुद से और ज्यादा नफरत होने लगी थी। वह एक औरत होके दूसरी औरत का घर बर्बाद कर रही थी। पर वह इस समय बहुत लाचार थी । उस राक्षस ने उसे इतना मजबूर बना दिया था, कि उसे यह करना ही पड़ा था।









    विश अपने ख्यालों में उस दिन को याद करने लगती है, जो दिन उसकी जिंदगी का सबसे मनहूस दिन था।









    1 महीने पहले...









    “ ट्विंकल बेटा जल्दी से उठ जाओ । देखो तुम्हारा फेवरेट आलू का पराठा तैयार है। और अपनी उस कुंभकरण मौसी को भी उठा दो। मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा है, वह तुम्हें संभाल रही है या मैं तुम दोनों को संभाल रही हूं।”









    “ अच्छा हुआ तू मुझे संभाल रही है। वरना जैसी मेरी हरकतें है ना, कभी-कभी तो मेरा खुद का मन करता है अपने आप को थप्पड़ मारने का।” एक लड़की कमरे से बाहर आते हुए कहती है।









    इस लड़की की उम्र 20 साल की थी और चेहरे पर नींद भरी हुई थी । यह है इस घर के मकान मालिक की बेटी और विश की सबसे अच्छी दोस्त जीया…।









    जिया अपनी अधूरी आंखों के साथ डाइनिंग टेबल पर बैठती है और कहती है, “ एक कप चाय बना दे यार । नींद ही नहीं खुल रही है।”









    विश परांठे को प्लेट में रखते हुए कहती है, “नींद कहां से खुलेगी ? जब सुबह 4:00 बजे तक मैडम की ऑनलाइन चैटिंग चलती रहेगी तो। तुम्हारे पापा ने तुम्हें इतना बड़ा घर बनाकर इसलिए दिया था, कि तुम अकेले में रहकर यहां पर पढ़ाई कर सको। और तुम क्या कर रही हो? रात-रात भर लड़कों के साथ चैट करती रहती हो।”









    जिया भी अपना मुंह बनाते हुए कहती है, “प्लीज तू मेरी दोस्त है । मेरी मम्मी की तरह मुझे ज्ञान मत दे। देना ही है , तो जल्दी से एक कप चाय दे दे।”









    “ मम्मी.........” अचानक से ट्विंकल की चिल्लाने की आवाज कमरे से आती है। उसकी आवाज सुनकर विश का दिल जोरो से धड़कने लगता है। वह जल्दी से कमरे की तरफ भागती है। साथ में जिया भी घबराते हुए कमरे की तरफ भागने लगती है। वह दोनों कमरे में गए। विश कमरे में इधर-उधर नजर दौड़ते हुए ट्विंकल को ढूंढती हैं और घबराते हुए कहती है, “ट्विंकल…ट्विंकल बेटा , कहां हो तुम ?”









    तभी एक छोटे से प्रिंसेस बेड के कोने पर उसे एक छोटी सी बच्ची नजर आती है। जो की रजाई के अंदर खुद को छुपाए हुए बैठी थी।









    जिया बेड के पास जाती है और उस रजाई को हटाती है। तो सामने से ट्विंकल का प्यारा सा चेहरा नज़र आता है। उसकी बड़ी-बड़ी गोल सी आंखें, जो डर से घबरा रही थी । और उसका छोटा सा मासूम चेहरा, जो इस समय पिला पड़ा हुआ था।









    विश जल्दी से ट्विंकल के पास आते हुए कहती है, “ ट्विंकल क्या हुआ बेटा ? आप चिल्लाई क्यों..?”









    ट्विंकल सामने टीवी पर चल रहे प्रोग्राम की तरफ इशारा करते हुए कहती है, “ मम्मी वह देखो। उसमें अभी एक मॉन्स्टर आएगा, जो उस प्रिंस को उठाकर ले जाएगा।”









    ट्विंकल की मासूम भरी बात सुनकर उन दोनों की घबराहट कम होती है। और वह दोनों एक सुकून की सांस लेते हैं। जिया ट्विंकल के पास बैठती है और वह ट्विंकल को उठाकर अपनी गोद में बिठाते हुए कहती है, “ अच्छा तो हमारी प्रिंसेस उस मॉन्स्टर से डर रही है । अरे मौसी ने तुम्हें सिखाया था ना, कि मॉन्स्टर का मुकाबला कैसे करना चाहिए ?”









    ट्विंकल हा में सर हिलाती है और कहती है, “हां मौसी, मुझे याद है । आपने कहा था, कि पेपर स्प्रे उसकी आंख में मार देना। अगर पेपर स्प्रे नहीं मिलता है, तो कोई चीज़ उठाकर उसका सर फोड़ देना।”









    अपनी बेटी के मुंह से यह सब बात सुनकर विश हैरान हो जाती है और कहती है, “ जिया यह तुमने क्या सिखाया है मेरी बेटी को? यह मारना काटना सर फोड़ देना। मेरी मासूम बच्ची को इन सब से दूर रखो।”









    “ तुम्हारी मासूम बच्ची को किंडर गार्डन में बच्चे परेशान कर रहे थे। और जब से उसने फाइट करना सीखा है ना, तब से किसी की हिम्मत नहीं है मेरी सुपर वुमन से पंगा लेने की।”









    विश की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है। सच में इन दोनों की जोड़ी तो नेक्स्ट लेवल है। वह ना में सर हिलाती है और वह दोनों हंसने लगते हैं। विश टीवी बंद करती है और ट्विंकल से कहती है, “ चलो अब तुम दोनों जल्दी से बाहर आओ। मैंने नाश्ता तैयार कर दिया है । मुझे उसके बाद काम पर भी जाना है। जिया जल्दी से ट्विंकल को तैयार करके बाहर लेकर आओ ।”



    जिया ट्विंकल को गोद में उठाते हुए विश को देखकर कहती है, “ तुम नाश्ता करके अपने काम पर चली जाओ । ट्विंकल को नाश्ता करवा कर मैं उसको किंडर गार्डन में छोड़ दूंगी। आज मुझे ज्यादा काम नहीं है, तो मैं थोड़ा लेट निकलूंगी। पर तुम्हारी जॉब का टाइम हो रहा है। तुम्हें जल्दी निकलना चाहिए।”



    विश मुस्कुराते हुए हा में सर हिलाती है और ट्विंकल के माथे पर एक प्यारा सा किस करते हुए, वह उसके कमरे से निकल जाती है।

  • 3. मेरे पापा नहीं है 

    Words: 1625

    Estimated Reading Time: 10 min

    जिया अपनी स्कूटी चला रही थी। और ट्विंकल स्कूटी के आगे खड़ी थी। वह पूरे रास्ते अपनी राइड इंजॉय करते हुए जा रही थी। और जिया की स्कूटी के पीछे विश बैठी हुई थी। वह दोनों मुस्कुराते हुए ट्विंकल की उन बचकानी बातों को सुन रहे थे।



    ट्विंकल का किंडरगार्डन आ जाता है। जिया ट्विंकल को स्कूटी से संभाल कर नीचे उतारती है और उसके बाद विश भी नीचे उतर जाती है। वह ट्विंकल का बैग और वॉटर बॉटल उसे देती है। और प्यार से उसके माथे को चूमती है। ट्विंकल मुस्कुराते हुए कहती है, “ मम्मा आप मुझे लेने आओगी ना ?”



    विश का चेहरा थोड़ा उदास हो जाता है और वह कहती है, “ बेटा मम्मा को तो काम है। मम्मा नहीं आ पाएगी । लेकिन मासी आपको लेने आ जाएगी।”



    ट्विंकल खुश हो जाती है और जिया को देखने लगती है। तो जिया ट्विंकल के बाल हल्के से सामने से बिगाड़ते हुए कहती है, “ डोंट वरी मेरी प्रिंसेस। मैं आपको लेने जरूर आऊंगी। और हम दोनों आपकी मम्मा की एब्सेंश में वीडियो गेम खेलेंगे।”



    “ तुम दोनों मेरी गैर मौजूदगी मैं क्या करते हो? क्या नहीं करते हो? इससे मुझे कोई लेना देना नहीं है। मैं बस इतना चाहती हूं, कि जब मैं घर वापस आऊं तो ट्विंकल का होमवर्क पूरा हो जाना चाहिए । और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो तुम दोनों को ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार दिखा दूंगी, बाहर गार्डन में खड़ा करके।”



    विश के डांटने पर वह दोनों मुंह बनाकर एक दूसरे को देखने लगती है । और फिर एक साथ हंस देती है। विश को पता चल जाता है, इन दोनों का कुछ नहीं हो सकता है। यह दोनों मासी भांजी की जोड़ी विश की बात कभी नहीं मानती।



    तभी अंदर से तीन बच्चे जो कि शायद ट्विंकल की उम्र के ही थे, वह ट्विंकल को हाथ हिलाकर आवाज देने लगते हैं । ट्विंकल उन्हें देख कर हाथ हिलाता है और कहती है, “ मम्मा मेरी फ्रेंड्स बुला रहे हैं । मैं जा रही हूं। मासी आप लेट मत करना और वीडियो गेम में हारने के लिए तैयार रहना।”



    ऐसा कहते हुए ट्विंकल अपने किंडर गार्डन में भाग जाती है और उसे ऐसा जाता देख वह दोनों हंसने लगती है।



    विश वापस से स्कूटी के पीछे बैठते हुए कहती है, “ कमाल है . अक्सर बच्चे इस उम्र में स्कूल जाने से रोते हैं। और एक मेरी बेटी है, जो खुद कहती है, कि मुझे स्कूल से घर मत लाया करो। क्योंकि वहां उसके फ्रेंड होते हैं।”



    विश एक बड़े से होटल में क्लीनर का काम करती थी । पर उसे अपनी नौकरी से कोई भी परेशानी नहीं थी । वह खुश थी, कि उसके पास एक काम है। भले ही वह उस होटल के फर्श को साफ किया करती थी, पर उसके लिए यही मायने रखता था कि इस काम से उसे पैसे मिलते हैं। जिससे वह अपनी बेटी की अच्छी परवरिश कर सकती है। और उसके लिए कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं था।



    इसीलिए जब उसे इतने बड़े होटल में एक क्लीनर की जॉब मिली, वह भी एक अच्छे से सैलरी पैकेज के साथ तो उसने तुरंत हां कह दी। क्योंकि उसके लिए यही मायने रखता था, कि उसके पास एक नौकरी है।

    जिया विश को उसके होटल के सामने उतारती है और फिर अपने कॉलेज की तरफ चली जाती है। रोज की तरह विश अपने स्टाफ के पास आती है। वो अपनी यूनिफॉर्म पहनती है । और अटेंडेंस लगाकर वह पोछे की बाल्टी उठाती है। और 6th फ्लोर की तरफ चली जाती है। जहां आज उसे सफाई करनी थी ।



    किंडर गार्डन में ट्विंकल अपने दोस्तों के साथ अपने क्लासरूम में थी। उसके टीचर ने आज उसे सुंदर से फूल को कलर करना सिखाया था। और वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसे कलर भी कर रही थी। तभी वहां पर उनके क्लास की एक लड़की आती है। आज उसने यूनिफॉर्म नहीं पहनी हुई थी। बल्कि घर के कपड़ों में ही आई थी। और वह सारे बच्चों को चॉकलेट दे रही थी ।



    सब बच्चों ने उससे चॉकलेट लिए। ट्विंकल ने भी एक चॉकलेट ली। उसके बाद टीचर्स ने उस लड़की को क्लास के सामने खड़ा करके सब बच्चों के साथ हैप्पी बर्थडे सॉन्ग गाने के लिए कहा । क्योंकि आज उस लड़की का जन्मदिन था।



    थोड़ी देर बाद लंच हो जाता है और सारे बच्चे गार्डन एरिया में बैठकर लंच करने लगते हैं। ट्विंकल लंच में आलू के पराठे लेकर आई थी और उसके सारे फ्रेंड्स ने उसके साथ आलू के पराठे खाए थे। और उन सबको भी वह पराठे बहुत पसंद आए थे । ट्विंकल ने भी उनका लंच शेयर किया था । ट्विंकल के तीन दोस्त थे। विक्की, जूही और मन्नु।



    इन तीनों के अलावा ट्विंकल उनकी सबसे अच्छी और बेस्ट फ्रेंड थी। वह चारों ही एक साथ क्लासरूम में बैठा करते थे। और उन चारों की ही दोस्ती सबसे अलग नजर आती थी। इतनी कम उम्र में भी इन चारों की दोस्ती को देख कर हर कोई खुश हो जाया करता था। क्योंकि यह चारों हमेशा एक दूसरे का सहारा बनते थे और एक दूसरे के साथ ही रहते थे।



    वह लड़की गार्डन एरिया में अपनी फ्रेंड्स के साथ खेल रही थी। जो आज घर के कपड़ों में आई थी। और आज उसका बर्थडे था। उसे देख कर जूही कहती है, “ मनु यह फ्रॉक तुझे कुछ जानी पहचानी नहीं लग रही है?”



    मनु ने हा में सर हिलाते हुए कहा, “ हां ऐसी ही फ्रॉक तो मेरे पास भी है । लेकिन उसका कलर दूसरा है। मैं भी तो पहन कर आई थी एनुअल डे पर। तुम लोगों ने देखा तो था।”



    विक्की जल्दी से कहता है, “ अरे हां ऐसी फ्रॉक तो तेरे पास भी है । लेकिन इसकी पिंक कलर की है और तेरी शायद रेड कलर की है। तभी हम कहें इसने तेरे कपड़े क्यों पहन रखे हैं ?”



    विक्की के एशा कहते ही वह लड़किया आपस में हंस पड़ती है । और उन्हें देख कर विक्की मुंह बनाते हुए कहता है, “ क्या यार ? मेरे ग्रुप में तो सिर्फ लड़कियां ही लड़कियां है। मैं तो बातें भी लड़कियों जैसी ही करने लगा हूं। तुम लोग किसी लड़के से क्यों नहीं दोस्ती करती हो?”



    उसकी बात पर ट्विंकल उसके सर पर हल्का सा मारते हुए कहती है, “ तू एकलौता ही काफी है हमारा दोस्त। हम सब तुझे ही नहीं संभाल पा रही है, एक और कहां से संभालेंगे ?”



    ट्विंकल की बात पर भी वह दोनों हंसने लगती है और ट्विंकल भी उनके साथ हंसते रहती है। उसके बाद विक्की अपना सर सहलाते हुए कहता है, “ अच्छा ठीक है। अरे मैं तो तुम लोगों को यह बताना ही भूल गया हूं । मेरे पापा छुट्टियों से वापस आ गए हैं और वह मेरे लिए बहुत सारे खिलौने लेकर आए हैं।



    सुबह पापा बहुत थक गए थे । इसलिए मैंने उनसे नहीं पूछा। लेकिन कल मैं वह सारे खिलौने लेकर आऊंगा । और तुम्हें दिखाऊंगा। तुम्हें उनमें से जो पसंद आए तुम रख लेना।”



    विक्की की बात पर वह तीनों लड़कियां मुस्कुरा उठती है । मनु भी कहती है, “ हां मेरे पापा भी जब बाहर जाते हैं, तो वह मेरे लिए कुछ ना कुछ जरूर लेकर आते हैं।”



    जूही ने भी कहा, “ और नहीं तो क्या ? मेरे पापा भी वह फ्रॉक मेरे लिए लेकर आए थे और उन्होंने कहा है कि वह इस बार जब बाहर जाएंगे, तो इंपॉर्टेंट चॉकलेट लेकर आएंगे। मैं वह चॉकलेट तुम लोगों के लिए लेकर भी आऊंगी। हम सब मिलकर खाएंगे ।”



    उन सब की बात सुन कर ट्विंकल का चेहरा उदास हो जाता है । जूही ने ट्विंकल से पूछा, “ट्विंकल तुम्हारे पापा तुम्हारे लिए कुछ नहीं लाते हैं क्या ?”



    ट्विंकल मायूसी के साथ कहती है, “मेरे पापा नहीं है। लेकिन फिर भी मेरे लिए कपड़े तो आते हैं और मुझे चॉकलेट भी मिलते हैं। और मुझे खिलौने भी मिलते हैं। पर यह सारी चीज मुझे मेरे पापा नहीं ला कर देते हैं। बल्कि मुझे मेरी मम्मी ला कर देती है। जब मेरे पास मम्मी है, तो मुझे पापा की क्या जरूरत है..?”



    उसकी बात सुन कर वह तीनों हैरानी से एक दूसरे को देखते हैं। विक्की कहता है, “ तुम्हारे पास पापा नहीं है ?”



    ट्विंकल मायूसी के साथ ना में सर हिलाती है। तो विक्की कहता है, “ तुम्हारे पापा कहीं चले गए हैं क्या ? या वह मर गए हैं ?”



    ट्विंकल अपने कंधे ऊंचकाती है और कहती है, “ पता नहीं । मम्मी ने कभी बताया नहीं। और ना ही मैंने कभी उनसे पापा के बारे में पूछा..।”



    जूही ने जल्दी से कहा, “ तुमने कभी उनसे पापा के बारे में क्यों नहीं पूछा ?पापा तो होने चाहिए ना । हम सब के पास पापा हैं।”



    ट्विंकल कुछ सोचती है और फिर जवाब देती है, “ पर मैं उनसे पापा के बारे में क्यों पूछूं ? मुझे तो कभी पापा की जरूरत ही महसूस नहीं हुई । यह सारी चीज तो मेरे लिए मेरी मम्मी भी कर देती है। तो फिर मुझे पापा की क्या जरूरत है ?”



    ट्विंकल की बात पर वह सब हैरानी से एक दूसरे को देखते हैं । पर मनु कहती है, “ ठीक है। सिर्फ सामान के लिए नहीं और खिलौने और चॉकलेट के लिए भी नहीं। लेकिन पापा तो होने ही चाहिए ना । हम सबके पापा हैं। तुम्हारे भी पापा होंगे। बस तुम्हारी मम्मी तुम्हें बता नहीं रही होगी। तुम उनसे अपने पापा के बारे में पूछोगी, तो वह जरूर बताएंगे ।”



    सब की बात सुनकर ट्विंकल सच में पड़ जाती है । आज तक उसने कभी अपने पापा के बारे में जानने की कोशिश नहीं की । और ना ही यह पता करने की कोशिश की , कि उसके पापा है भी या नहीं। लेकिन इन बच्चों की बातों ने ट्विंकल के मन में एक गहरा असर छोड़ दिया था।

  • 4. बार डांसर  

    Words: 1267

    Estimated Reading Time: 8 min

    ट्विंकल स्कूल से वापस घर आ गई थी, और जिया भी उसके साथ ही थी । लेकिन जब से वह घर आई थी तब से ही वह किसी सोच में घूम थी । ना तो उसने जिया के साथ खेला और ना ही कोई और ज़िद की , जैसा वह बाकी दिनों में करती थी । शाम को जब विश घर वापस आती है, तो अपनी बेटी को ऐसा एक जगह शांति से बैठा देख वह हैरान हो जाती है । वह अपनी आंखों के इशारों से जिया से पूछता है तो जिया अपने कंधे उछालती है, और इशारों में ही बताती है कि उसे खुद नहीं पता कि ट्विंकल को आखिर हुआ क्या है।



    विश ट्विंकल के पास सोफे पर बैठी है। जो चुपचाप बैठी हुई थी । सामने रिमोट रखा था, लेकिन उसने टीवी चालू नहीं किया था.. यह देखकर वह थोड़ी सी हैरान हो जाती है, क्योंकि ट्विंकल हमेशा ही टीवी पर अपना फेवरेट कार्टून देखती रहती है लेकिन आज वह चुपचाप बैठी हुई है उसने टीवी की तरफ देखा तक नहीं था ।



    विश हैरानी से ट्विंकल की तरफ देखते हुए कहती है “ क्या हुआ ट्विंकल आप अपना कार्टून नहीं देख रहे हैं और आज शाम को आप खेलने भी नहीं गए क्या बात है आपको आपके फ्रेंड्स के साथ झगड़ा हुआ है?”.



    ट्विंकल ने उदास चेहरे के साथ ना में सर हिलाया तो विश परेशानी से पूछती है, “ तो फिर क्या हुआ क्या तुम्हें कुछ खाना है क्या कहीं दर्द हो रहा है? क्या तुम्हें चोट लगी है ? बताओ मामा को क्या हुआ तुम्हें ?”



    विश जल्दी से अपनी बेटी का हाथ पकड़ कर उसे देखने लगती है कि कहीं सच में तो उसे चोट नहीं लगी है वह उसके चेहरे को भी हर जगह से निहारती है । लेकिन वह पूरी तरह से ठीक थी । और ठीक लग भी रही थी बस चेहरा मुरझाया हुआ था ।



    “मां पापा कहां है?” .. अपनी बेटी के यह कुछ शब्दों को सुनकर विश पूरी तरह से सहम जाती है । उसके शब्दों ने उसे अंदर तक निचोड़ कर रख दिया था । इससे पहले उसने कभी भी इस बारे में कुछ नहीं पूछा था , उसने कभी भी अपने पिता के बारे में कुछ नहीं कहा था और न हीं उसके बारे में विश से कुछ पूछा था तो फिर आज क्यों ?



    “ क्यों तूमे क्या हुआ मुझे बताओ तुम अचानक से पापा के बारे में क्यों पूछ रही हो”.. विश हैरानी से पूछती है । तो ट्विंकल ने विश की तरफ देखते हुए कहा “ मां क्या पापा लिए कोई गिफ्ट लेकर आएं है ?”



    विश जल्दी से अपनी बेटी का हाथ थामते हुए कहती है “ क्या हुआ बच्चा क्या आपको कोई गिफ्ट चाहिए आपको क्या चाहिए? आप मम्मा को बताओ ना. मैं आपको सब कुछ लाकर दुगी तो फिर आपके पापा की क्या जरूरत है मैं हूं ना आपके पास बताओ आपको क्या चाहिए ” ।



    ट्विंकल के सवाल ने जिया को भी हैरान कर दिया था वह भी सोफे पर उनके पास आकर बैठ जाती है । और हैरानी से ट्विंकल की बात सुनने लगती है..



    ट्विंकल ने मासूमियत के साथ इसको देखते हुए कहा.. “ मेरी फ्रेंड है ना जूही उसके पापा उसके लिए बहुत सारे टॉयज लाते हैं उसके लिए अच्छे-अच्छे ड्रेस लाते हैं उसके लिए बहुत सारे गिफ्ट लेकर आते हैं .और मेरे सारे फ्रेंड्स के पापा उनके लिए कुछ ना कुछ लेकर आते हैं, वह मुझसे पूछ रहे थे कि क्या मेरे पापा भी मेरे लिए गिफ्ट लेकर आते हैं तो मैं कुछ बोल ही नहीं पाई”.



    अपनी छोटी सी बच्ची का बात सुनकर विश का दिल दुख से भर जाता है। वह उसकी मासूम आंखों में देखने लगती है । जिन आंखों में इस वक्त अपने पिता के बारे में जानने की चाह थी. पर विश उसे क्या बताती, उसके पापा के बारे में जब वह खुद ही नहीं जानती है कि इस छोटी सी बच्ची का बाप कौन है. विश को खुद ही यकीन नहीं होता कि वह एक ऐसी औरत है जिसे खुद ही नहीं पता कि उसके बच्चे का बाप कौन है, यह बस उसके उस दर्दनाक अतीत की एक सच्चाई है जब वह बार डांसर हुआ करती थी, और मजबूरी में लोगों के सामने नाच कर अपना गुजारा किया करती थी। उसका काम था मर्दों को रिझाना ताकि वह अपने लिए और ज्यादा पैसे कमा सके ।



    विश को याद था कि जब 18 साल की थी तो कैसे अचानक से एक दिन उसकी दुनिया ही पलट जाती है ।



    उसने अभी-अभी कॉलेज में एडमिशन ही लिया था। और उसे नहीं पता था, कि कॉलेज के तौर तरीके कैसे होते हैं लेकिन एक दिन जब वह कॉलेज से घर आती है, तो वह हैरान हो जाती है । घर में जिस इंसान को वह माता-पिता कहती थी वह देखती है, कि उसने विश को किसी अमीर आदमी के हाथों बेच दिया है विश्व साध्वी का चेहरा तो नहीं देख पाई लेकिन अपने माता-पिता द्वारा बेचे जाने का उसे इतना दुख था, कि वह उनका विरोध भी नहीं कर सकी और तब उसे पता चला कि यह लोग उसके असली माता-पिता नहीं है ।



    यह लोग बस विश को उसकी प्रॉपर्टी के लिए पाल रहे थे। और 18 साल की हो जाने के बाद विश की प्रॉपर्टी को धोखे से उसे ले लिया गया । और उसे एक अमीर आदमी के हाथों बेच दिया गया. उस दिन विश दरवाजे से अंदर नहीं जाती है. और वहीं से भाग जाती है । वहां से भाग कर वह दूसरे शहर चली गई पता नहीं कौन सी ट्रेन थी । और वह कौन से शहर जा रही थी लेकिन विश गलती से मुंबई शहर पहुंच जाती है.



    18 साल की मासूम सी विश जब मुंबई आती है तो गलत हाथों में लग जाती है. और गलत लोगों के हाथों को लगी थी । उन्होंने विश को बार डांसर के काम पर लगा दिया था । वह विश को बहुत मारते थे और उसे डांस करके ज्यादा पैसे कमाने के लिए कहते थे.. शुरू शुरू में तो उसने इसे करने से मना कर दिया था लेकिन बाद में जब भूख ने उसकी हिम्मत को तोड़ दिया तो वह इस काम को करने के लिए मान जाती है ।



    18 साल की मासूम से विश अब 20 साल की हो चुकी थी । इन दो सालों के अंदर उस बार क्लब की सबसे फेमस डांसर बन गई थी । ना जाने कितने लोग सिर्फ उसी को निहारने आते थे । और उसकी आमदनी भी बढ़ रही थी.. उसने अपने लिए पैसा जोड़ना शुरू कर लिया था अब उसके पास ना कोई परिवार था और ना ही जीने के लिए कोई वजह थी, तो उसने सोचा अपनी जिंदगी ऐशो आराम से गुजरेगी लेकिन एक दिन उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई जब उसे बार के मैनेजर ने यह बताया कि उसे एक प्राइवेट डांस परफॉर्मेंस देनी है । विश कभी भी प्राइवेट डांस परफॉर्मेंस नहीं देती थी । लेकिन जब उसके मैनेजर ने उसे बहुत बार समझाया तो वह उसके लिए मान जाती है । लेकिन जहां उसे प्राइवेट डांस परफॉर्मेंस के लिए भेजा गया था । वह देखती है, वहां पर उसके अलावा और कोई नहीं है. यहां पर आने के साथ ही एक वेटर ने उसे जूस दिया था । वह जूस पीकर इंतजार कर रही थी कि कोई ने उसे बताया कि, उसे कहां परफॉर्मेंस देनी है पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ उल्टा उसका सर चकराने लगा और उसे चक्कर आ गए वह बेहोश हो गई पर जब अगले दिन वह उठती है, तो वह खुद को किसी के बिस्तर पर बिना कपड़ों के पाती है ।

  • 5. दिल में छेद

    Words: 1119

    Estimated Reading Time: 7 min

    विश जब अगली सुबह जागती है, तो खुद को किसी आदमी के साथ एक बिस्तर पर पाती है। लेकिन वह आदमी विश की तरफ अपनी पीठ करके सो रहा था । इसकी चौड़ी पीठ को देखकर विश को एहसास हो गया था कि उसके साथ क्या हुआ है, और यह सोचने के साथ ही वह पूरी तरह से कांप जाती है । 3 साल के बार गर्ल के करियर में भी उसने कभी भी, इस तरीके का कोई काम नहीं किया था। लोग उसके बॉडी को छूकर अपना दिल बहला लिया करते थे । लेकिन कोई भी उसके इतने करीब नहीं आया था कि विश उसके साथ हम बिस्तर हो जाए ।



    उसके साथ जो हुआ उस एहसास के साथ ही वह बुरी तरह से डर गई थी अभी उम्र ही क्या थी उसकी 20 साल की तो हुई थी.. जल्दी से अपने कपड़े पहन लेती है, और उस कमरे से निकल जाती है, उसने उस शख्स की तरफ देखा तक नहीं जो बिस्तर पर दूसरी तरफ चेहरा किए हुए सो रहा था.



    उस कमरे से निकल कर वह वापस अपने उस क्वार्टर में आती है । जहां पर वह बाकी बार गर्ल्स के साथ रहा करती थी । उसने नॉर्मल रहने की पूरी कोशिश की लेकिन वह हादसा उसके जहन से जा ही नहीं रहा था । तभी एक दिन उसे पता चलता है कि, वह मां बनने वाली है, और इस एहसास के साथ ही वह बुरी तरह से डर जाती है. लेकिन उसे एक खुशी यह भी थी । जहां उसके पास जीने की कोई वजह नहीं थी और कोई जरिया नहीं था । तो वहीं अब उसकी आने वाली संतान उसके जीने की वजह बन रही थी पर वह अपने बच्चे को ऐसी जगह पर जन्म नहीं देना चाहती थी.

    एक चॉल का कमरा और बार डांसर मां । ऐसी जिंदगी शायद कोई भी मां अपने बच्चों को नहीं देना चाहेगी । इसीलिए बार डांसर बन कर उसने जो भी पैसे कमाए थे ।

    वहा से उसने सारे पैसे लिए और एक दिन वहां से भाग गई। पर इस बार वह एक नई उम्मीद के साथ भागी थी । इस बार वह एक नए सपने के साथ भागी थी एक नई जान के साथ एक नए सफर के लिए उसने बस एक ही चीज मांगी थी अपने बच्चों के लिए एक अच्छा भविष्य.. परवाह नहीं थी यह बच्चा किसका है उसके लिए यह बच्चा सिर्फ उसका था ।



    अपनी सारी कमाए हुई पैसों के साथ उसने मुंबई छोड़ दिया था । और पुणे में आकर रहने लगी थी । यहां पर आकर उसने छोटी-मोटी नौकरियां करना शुरू कर दिया घर में साफ सफाई का काम होटल और रेस्टोरेंट में झाड़ू पोछा लगाने का काम कहीं पर खाना बनाने का काम तो कहीं पर बच्चे संभालने का काम उसने हर छोटी-मोटी को नौकरी की जो उसके लिए उस समय पैसे कमाने का जरिया बन रही थी ।



    और इन्हीं नौकरियों से गुजरते हुए एक दिन उसे एक कपड़ा कंपनी में जूनियर असिस्टेंट के तौर पर रखा गया था । विश को लगा यह उसके दर्द का अंत है, उसके पास एक अच्छी नौकरी होगी. यहां पर वह नौकरानी नही होगी जिसे घर के काम करने से आजादी मिल सकेगी । और अपनी बेटी की भी अच्छी तरह से देखभाल कर सकेगी ।



    लेकिन ऐसा नहीं हुआ जब ट्विंकल डेढ़ साल की हुई । तब वो एक दिन अचानक से बेहोश हो गई, पास के अस्पताल में ले जाने पर पता चला कि ट्विंकल की दिल में छेद है. और उसके इलाज में बहुत पैसे लगेंगे हालांकि सरकारी इलाज के जरिए ट्विंकल का बहुत हद तक इलाज हो रहा है, लेकिन फिर भी ऑपरेशन के लिए जो पैसे चाहिए इतनी हैसियत विश की नहीं है।



    डॉक्टर ने वेश की हालत पर तरस खाकर उसे एक बड़े डॉक्टर के पास रेफर किया लेकिन वह बड़ा डॉक्टर मुंबई शहर के लीलावती हॉस्पिटल में बैठता है । इसीलिए ट्विंकल को लेकर विश को वापस मुंबई आना पड़ा । किराए के मकान को ढूंढते हुए उसकी मुलाकात हुई । जिया से, और कब एक साथी के रूप में जिया उसकी हमदर्द बन गई उसे पता ही नहीं चला अब जिया और विश दोनों मिलकर ट्विंकल की देखभाल करती हैं. ट्विंकल का इलाज अभी भी चल रहा है । लेकिन थेरेपी और दवाइयां के बाद भी ऑपरेशन जरूरी है।



    “ मम्मा आप क्या सोच रहे हो” ट्विंकल की आवाज सुनकर विश अपने ख्यालों से बाहर आती है और ट्विंकल को देखने लगती है।



    ट्विंकल अपनी मां की आंखों में आंसू देखी है, तो वह उदास होते हुए खड़ी हो जाती है । वह अपने छोटे-छोटे हाथों से अपने कानों को पकड़ती है और कहती है

    “सॉरी मम्मा अगर आपको बुरा लगा हो तो मैं आज के बाद आपसे पापा के बारे में कभी नहीं पूछूंगी लेकिन प्लीज आप रोया मत करो मुझे आप रोती हुई बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही है आप रोएगी तो ट्विंकल भी रोएगी” ।



    ट्विंकल की बात सुनकर विश के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, उसने अपने आंसुओं को पोछा और ट्विंकल को अपने सीने से लगा लिया । सच में एक मां अपने बच्चों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। इस बात को विश ने साबित कर दिया था । वह ट्विंकल के इलाज के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी लेकिन अपनी जिंदगी के इस आखिरी सहारे को वह खुद से दूर जाने नहीं देगी भले ही इसके लिए विश को अपनी ही जिंदगी क्यों ना दाव पर लगानी पड़े ।



    फार्महाउस के कमरे में.. विश अपने गुजरे हुए दिनों को सोच रही थी..इस वक्त उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. और अभय उसके बगल में लेटा हुआ था वह अभी-अभी उसके ऊपर से उठा था । और विश की हालत बहुत ज्यादा खराब हो रखी थी । कल की पूरी रात उसने अभय का टॉर्चर सहा था और अब उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह उठकर भी बैठ सके लेकिन उसे उठना तो था ही।



    जैसे ही वह उठती है उसे दर्द अपने शरीर पर महसूस होता है, पर अभय उसके साथ उठकर बैठ जाता है और उससे कहता है “तुम्हें कौन सा मैराथन दौड़ना है चुपचाप लेटी रहो”..



    अचानक उसका फोन बचता है वह अपने फोन पर देखता है तो उसमें उसके असिस्टेंट का नंबर था, वह फोन उठाकर कान पर लगाता है , और सामने वाले की बात सुनकर उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है, अभय ने अपने असिस्टेंट से कहा “उसे लेकर तहखाना में पहुंचो मैं आ रहा हूं” ।



    अभय 1 मिनट का भी टाइम वेस्ट नहीं करता है और अपने कपड़े पहनता है, और वहां से निकल जाता है। और विश बिना कपड़ों की बेड पर बैठे हुए बस उसे हैरानी से जाता हुआ देखते ही रह जाती है ।

  • 6. ड्रैगन

    Words: 1565

    Estimated Reading Time: 10 min

    अभय को एक कॉल आता है, और अभय तुरंत फार्म हाउस से निकल जाता है। वह अपने कपड़े पहनता है और विश को इस तरीके से बिस्तर पर बिना कपड़ों के ही छोड़ देता है वह सीधे फार्महाउस से अपनी गाड़ी लेकर निकलता है। रास्ते में ही अभय की गाड़ी के आगे दो गाड़ी और उसके पीछे दो गाड़ियां ने उसे घेर लिया था । यह अभय की सिक्योरिटी और उसका स्टाफ था जो हमेशा अभय को प्रोटेक्ट करते हुए चलता था गाड़ी ड्राइव करते हुए अभय की नजरे तीखी और गहरी हो गई थी। उसकी गाड़ी उसकी डेस्टिनेशन पर पहुंच ही रही थी। शहर से बाहर निकल कर वह हाईवे के पास एक जंगल में पहुंचता है जहां पर एक छोटा सा खंडर उसका ग़ैरक़ानूनी कामों का अड्डा था ।



    सारी गाड़ियां वहां पहुंच जाती है, और देखते ही देखते वहां बहुत सारे बॉडीगार्ड जमा हो जाते हैं. उन सबके हाथों में हथियार थे और अभय उन सबके बीच खड़ा था उसने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया तो उसके एक बॉडीगार्ड ने जल्दी से उसके हाथ पर एक मास्क रख दिया अभय ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया ।



    और उसके कदम खंडर के अंदर के ओर बड़ने लगे । अंदर और भी बॉडीगार्ड थे। जो पहले से ही वहां पर पहरा दे रहे थे, अभय को आता देखकर उन सब ने उसे सेल्यूट करना शुरू कर दिया. लेकिन अभय किसी की तरफ ध्यान नहीं दे रहा था। वह बस अपने तेज कदमों के साथ चला जा रहा था । जैसे ही वह खंडर के अंदर आता है । एक टूटे-फूटे दरवाजे के पास दो बॉडीगार्ड खड़े थे उन्होंने अभय को देखा और सेल्यूट किया । अभय दरवाजे से अंदर आता है तो सामने कुर्सी पर एक आदमी बंधा हुआ था जिसकी आंखों पर पट्टी थी और चेहरा बिगड़ा हुआ था और नाक का नक्शा बिगड़ा हुआ था ।



    एक बॉडीगार्ड जल्दी से अभय के लिए सामने कुर्सी रखता है। अभय उस कुर्सी पर जाकर बैठ जाता है और किसी राजा की तरह अपना एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ा लेता है ।



    वह आदमी जो सामने कुर्सी पर बंधा हुआ था। वह जोरों से चिल्लाते हुए कहता है , “कौन हो तुम लोग क्यों पकड़ रखा है.. मुझे छोड़ दो मैं कह रहा हूं छोड़ दो मुझे! वरना तुम लोगो के लिए अच्छा नहीं होगा। तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूं मैं एक बहुत बड़ी प्रेस का रिपोर्टर हूं. अभी भी वक्त छोड़ दो मुझे, वरना सारी प्रेस तुम लोगों की जान की दुश्मन बन जाएगी तुम जानते नहीं हो मीडिया की ताकत कितनी बड़ी होती है”



    वह आदमी पागलों की तरह कुर्सी पर बंधे हुए खुद को आजाद करवाने के लिए तड़प रहा था। छटपटा रहा था। और जोर से चिल्ला रहा था, उसकी यह छटपटाहट और चिल्लाने की आवाज सुनकर अभय के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। वह एक चुटकी बजाता है। और एक बॉडीगार्ड जल्दी से आकर उस आदमी के आंखों से पट्टी हटा देता है, जैसे ही उसकी आंखों से पट्टी हटती है । वह बार-बार अपनी आंखें मिचते हुआ देखने की कोशिश करता है। लेकिन जब उसने ठीक से अपनी आंखें खोल कर देखा तो अपने सामने कुर्सी पर उसने अभय को बैठा पाया लेकिन उसके चेहरे पर मास्क था और मास्क पर एक ड्रैगन का लोगो बना हुआ था।



    वह आदमी उस मास्क को देखकर घबरा जाता है और घबराते हुए कहता है, “ड्रैगन”..



    अभय स्टाइल से अपनी कुर्सी से खड़ा होता है और उस आदमी के पास आते हुए कहता है “तो तुम्हें पता है कि मैं कौन हूं?चलो अच्छी बात है. मुझे तुम्हें बताना नहीं पड़ रहा है. अब जबकि तुम्हें यह पता है कि मैं कौन हूं तो तुम्हें यह भी पता होगा कि तुमने क्या किया है जिसकी वजह से तुम्हें यहां लाया गया है”.



    रिपोर्टर घबरा जाता है क्योंकि ड्रैगन को कौन नहीं जानता है मुंबई का बेताज बादशाह और अंडरवर्ल्ड माफिया पर इस समय सिर्फ ड्रैगन का ही बोलबाला है। ड्रैगन के नाम से पूरी मुंबई डरती है और अंडरवर्ल्ड में उसका नाम बहुत ही तहजीब के साथ लिया जाता है क्योंकि ड्रैगन वह नहीं है जो एक बार गलती करने पर माफ कर दे।



    ड्रैगन को अपने सामने देखकर उस रिपोर्टर की हालत खराब हो गई थी । उसे पता था उसने कुछ तो गलती की है तभी ड्रैगन के आदमी उसे पकड़ कर लाए हैं वह डरते हुए गिड़गिड़ाने लगता है और रोते हुए कहता है

    “ ड्रैगन मुझे माफ कर दो । मुझे नहीं पता मैंने क्या किया है लेकिन मैंने तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगाड़ा है मैंने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है जो तुम्हें नुकसान पहुंचा सके. मैं तो छोटा-मोटा रिपोर्टर हूं छोटी मोटी न्यूज़ को कवर करता हूं मैंने कुछ भी ऐसा नहीं किया है जो तुम्हारे रास्ते में आय । प्लीज मुझे माफ कर दो मैने कुछ भी नहीं किया है ”.



    रिपोर्टर की बात सुनकर अभय एक डरावनी हंसी हंसने लगता है। उसकी हंसी इतनी डरावनी थी कि उस खंडर का कोना-कोना उसकी भयंकर हंसी से गूंज रहा था । अभय हंसते हुए वापस उस कुर्सी पर बैठता है और फिर से अपने एक पैर पर दूसरा पैर को चढ़ाते हुए उस रिपोर्टर को देखकर कहता है “ तो सच में तुम्हें लगता है कि मेरे आदमी इतनी बेवकूफ है जो बिना किसी मतलब के तुम्हें उठा कर ले आएंगे। अगर तुम मुझे जानते हो तो इतना तो तुम्हें मालूम ही होगा ना कि ड्रैगन के पास इतना फालतू समय नहीं है जो अपना टाइम तुम जैसे मामूली से रिपोर्टर पर वेस्ट कर सके वह क्या है की तुम्हारे पास एक इनफॉरमेशन है जो तुम मीडिया में देने वाले थे. इसलिए मेरे आदमी तुम्हें यहां उठा कर लाए हैं ताकि वह इनफॉरमेशन कल की हेडलाइन ना बन सके”.



    ड्रैगन की बात सुनकर रिपोर्टर हैरान हो जाता है । और हैरानी से कहता है “ मेरे पास तुम्हारी कोई भी इनफॉरमेशन नहीं है ड्रैगन मैं क्यों किसी माफिया वाले से पंगे लूंगा मुझे रहना तो इसी देश में है ना तो मैं क्यों अंडरवर्ल्ड और माफिया के लोगों की खबरें प्रेस में दूंगा कसम से मैने तुम्हारी कोई खबर किसी को नहीं दी है और ना हीं मेरे पास तुम्हारी कोई इनफॉरमेशन है मैं सच कह रहा हूं अपने बच्चों की कसम ” ।



    ड्रैगन फिर से हंसने लगता है और हंसते हुए अपने आदमियों को देखता है उसके आदमी भी मुंह दबाकर हंस रहे थे. ड्रैगन ने दोबारा से उस रिपोर्टर को देखा और अचानक से उसकी हंसी रुक जाती है साथ ही बाकी सारे बॉडीगार्ड की भी। अब वहां पर सिर्फ सन्नाटा था, कुछ था तो सिर्फ उस रिपोर्टर की तेजी से चलती हुई सांसों की आवाज.



    ड्रैगन अपनी तेज और डरावनी आवाज में कहता है

    “ हां मालूम है कि तुम्हारी इतनी औकात नहीं कि तुम माफिया से उलझ सको लेकिन फिर भी तुम्हारे पास एक ऐसी इनफॉरमेशन है जो कल पूरे देश में सनसनी खबर हो सकती थी और वह खबर ड्रैगन की नहीं है बल्कि मेरी है ” ।



    रिपोर्टर हैरान हो जाता है। अगर उसके पास ड्रैगन की खबर नहीं है और उसकी खबर है तो वह कहना क्या चाहता है वह तो ड्रैगन ही है ना. वह हैरानी से ड्रैगन से कहता है “मैं कुछ समझ नहीं”…



    उस रिपोर्टर को इतना ही कहना था कि ड्रैगन ने अपने चेहरे से वह मास्क हटा दिया और सामने अभय का चेहरा आ जाता है । अभय को देखकर उस रिपोर्टर की आंखें एकदम से बड़ी हो जाती है और वह एकदम से चौंकते हुए कहता है “अभयदेव कोटियान” 😳



    अभय के चेहरे पर वही डरावनी हंसी थी और वह हां में सर हिलाते हुए कहता है “हां अभय देव कोटियन. जिसकी तस्वीर तुमने कल रात उस फार्म हाउस के सामने निकाली थी। और तुम उसे आज मीडिया में देने वाले थे. जिससे कल वह तस्वीर पूरे देश में आग की तरफ फैल जाती और मेरा बिजनेस और मेरी पहचान दोनों मिट्टी में मिल जाते”।



    रिपोर्टर के चेहरे पर अब मौत की दहशत थी। क्योंकि सच में उसने अभय और विश की कल शाम फार्म हाउस के अंदर जाते हुए की तस्वीर निकाली थी और वह आज उन तस्वीरों को प्रेस में देने भी वाला था । क्योंकि उसे अपने करियर में तरक्की चाहिए थी , और वह तरक्की उसे एक बड़ी खबर के साथ मिल सकती थी । उसने अभय के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की बारे में पता लगाया और फिर सबूत के तौर पर उसने अभय और विश के कल शाम फार्म हाउस में जाने की तस्वीर चुपके से निकाल ली । रिपोर्टर इस बात से अनजान था की जहां आम इंसान की सोच खत्म होती है वहीं से ड्रैगन की सोच शुरू होती है ।



    उस रिपोर्टर को पता चल चुका था कि अभय और ड्रैगन एक ही इंसान है और मौत अब उसके सामने है । वह गिड़गिड़ाते हुए ऐसे कहता है “प्लीज मुझे माफ कर दो मेरे छोटे बच्चे हैं मेरा एक परिवार है, मैं बहुत गरीब”......



    तभी वहां पर गन शॉट की आवाज आती है । और उस रिपोर्टर के आंखो के बीचो-बीच गोली लगती है वह रिपोर्टर कुर्सी पर ही दम तोड़ देता है और अभय उसे घूर कर देखते हुए कहता है “मैं भी तो यह मेरे परिवार के लिए ही कर रहा हूं। मेरे परिवार को यह पता नहीं लगना चाहिए, कि मैं कौन सी दोहरी जिंदगी जीता हूं। इसलिए तुम जैसे लोगों को मारना जरूरी है, क्योंकि मैं कोई सबूत नहीं छोड़ सकता हूं” ।

  • 7. पेंटिंग एग्जीबिशन 

    Words: 1613

    Estimated Reading Time: 10 min

    वो रिपोर्टर का शव जमीन पर पड़ा हुआ था और अभय उसके सामने पंजो के बल बैठा था। उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल थी और वह एक खतरनाक शैतान की तरह लग रहा था। उसने शैतानी मुस्कान के साथ उस लाश को देखा और उस मरे हुए व्यक्ति को देख कर कहने लगा।



    “ अभय देव कोटियान… भले ही मेरे नाम में देव आता हो। लेकिन मुझसे बड़ा दानव आज तक कोई पैदा नहीं हुआ है। मेरे एक चेहरे पर कितने चेहरे हैं, यह कोई नहीं बता सकता है। मेरा वह चेहरा जिस पर मैं एक बहुत अच्छा बिजनेसमैन हूं और दुनिया के सामने एक शरीफ इंसान हूं ।



    तो वहीं पर उस चेहरे को हटाने के साथ ही अंदर से निकलता है ड्रैगन का चेहरा । जो दुनिया का सबसे बड़ा क्रूर इंसान है। उसकी काली दुनिया में अच्छाई की परछाई तक नहीं है। और तुम्हारी गलती यह है, कि तुमने उसके दोनों चेहरे देख लिए थे । इसलिए तुम्हारा मरना तो तय था ।”



    अभय अपनी जगह पर खड़ा होता है और अपने जूते की नोक से उस आदमी के चेहरे को हिलाते हुए कहता है, “ मर गया साला। चलो अच्छी बात है। भगवान इसकी आत्मा को शांति देने से रहे क्योंकि मौत इसकी मेरे हाथों हुई है।”



    उसके बाद अभय ने अपने आदमियों से कहा, “ जिंदा जला दो इसे। कोई नाम औ निशान नहीं रहना चाहिए । इस नाम का व्यक्ति कभी वजूद में भी था यह भी पता नहीं चलना चाहिए। समझ में आई बात ?”



    उसके सारे आदमी एक साथ हां में कर हिलाते हैं।



    “ बॉस मैडम का फोन है..।” अभय के पर्सनल असिस्टेंट रोहन ने कहा। उसकी बात सुन कर अभय घुर कर रोहन को देखने लगा । रोहन ने जल्दी से हकलाते हुए कहा , “ वह आपको काफी देर से फोन करने की कोशिश कर रही है। लेकिन आपका फोन नहीं लग रहा है। इसीलिए उन्होंने मुझे कॉल किया है।”



    अभय की आंखें छोटी हो गई और उसने कुछ नहीं कहा । वह अपने तेज कदमों से खंडहर से बाहर निकलता है। बाहर ड्राइवर पहले से ही तैयार खड़ा था । अभय को आया देख उसने गाड़ी का पिछला दरवाजा खोल दिया और अभय जाकर उसमें बैठ जाता है । ड्राइवर गाड़ी ड्राइव करता है और वहां से निकल जाता है।



    गाड़ी में बैठने के साथ ही अभय अपना फोन निकालता है। उसमें आर्या की 10 मिस्ड कॉल थी और चार व्हाट्सएप मैसेज थे।



    तभी वह देखता है, उसकी स्क्रीन पर फिर से आर्या की कॉल आती है। अभय थोड़ा सा फ्रस्ट्रेटेड हो जाता है ।



    उसने फोन उठाकर कान पर लगाते हुए कहा, “आर्या तुमसे कितनी बार कहा है, कि जब मैं काम पर रहूं तो मुझे बार-बार फोन करके डिस्टर्ब मत किया करो। मैंने तुम्हें बताया था ना, मैं एक बहुत इंपॉर्टेंट प्रोजेक्ट के लिए आया हुआ हूं । तो क्यों बार-बार फोन कर रही हो ?

    एक बार फोन नहीं उठा रहा हूं, तो समझ जाओ कि मैं बिजी हूं। या इतनी सी बात मुझे तुम्हें समझा नहीं पड़ेगी।” अभय गुस्से में आर्या पर भड़कते हुए कहता है। उसके गुस्से भरी आवाज सुनकर आर्या मायूस हो जाती है और धीरे से कहती है,



    “ सॉरी अभय मैं आपको परेशान नहीं करना चाहती थी। बस आपसे बात नहीं हो पा रही थी, इसलिए मैं थोड़ी सी परेशान हो गई थी । और मुझे समझ ही नहीं आ रहा था, कि आपसे बात कैसे हो पाएगी ? इसलिए मैंने रोहन को फोन लगा दिया।



    आई एम सॉरी अगर आपको बुरा लगा हो तो। पर आप जानते हैं ना, जब बहुत देर तक मेरी आपसे बात नहीं हो पाती है तो मुझे कितने नेगेटिव ख्याल आने लगते हैं। इसीलिए मैं बार-बार आपको फोन करती रहती हूं।”



    आर्या अपनी सफाई देते हुए कहती है । और उसकी यह बात सुन कर अभय कस के अपनी आंखें बंद कर लेता है। उसने रूखेपन के साथ कहा, “ अपनी बकवास बंद करो और मुद्दे पर आओ । तुमने किस लिए मुझे इतने फोन किए हैं? कि मेरे फोन उठाने का भी इंतजार नहीं कर सकी और सीधे रोहन को फोन मिला दिया।”



    और आर्या अभय के इस व्यवहार से अच्छी तरह से वाकिफ थी। उनकी शादी को 3 साल हो गए थे और अब तक तो आर्या को इन सब की आदत भी हो गई थी। आर्या को पता था, कि अभय जब काम में बिजी रहता है तो उसे किसी का भी डिस्टर्ब करना पसंद नहीं है। भले ही वह आर्या ही क्यों ना हो ।



    अभय के पूछने पर आर्य धीरे से कहती है, “अभय मैंने आपको यह बताने के लिए फोन किया था, कि कल मेरा पेंटिंग एग्जीबिशन है। और मैं चाहती हूं, कि आप उस एग्जीबिशन में आए..”



    “ अगर काम से फ्री हुआ तो आ जाऊंगा।” यह कहते हुए अभय ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया और फोन को बगल की सीट पर पटक दिया। वह अपने हाथ को अपने सर पर रख कर प्रेस करते हुए सोचने लगता है, कि वह रिपोर्टर यूं ही उसके फार्म हाउस के आसपास नहीं आया होगा।



    जरूर उसे वहां किसी ने भेजा होगा और जरूर कोई ऐसा है, जिसे यह पता था कि अभय अपनी मिस्ट्रेस के साथ फार्म हाउस में जा रहा है। पर ऐसा कौन है? जिसे अभय के बारे में इतनी गहराई से पता हो। अभय यही सोच रहा था।



    विश का घर..



    विश इस वक्त अपने कमरे में थी और उसके हाथों में एक पेंट ब्रश था। वह मुस्कुराते हुए अपने सामने उस बड़े से कैनवास को देख रही थी । जिया का खुशी का ठिकाना नहीं था ।



    वह विश को गले लगाती है और कहती है, “कंग्रॅजुलेशन विश। बहुत-बहुत मुबारक हो। तुम्हारी पेंटिंग कल के एग्जीबिशन के लिए सिलेक्ट हो गई है। अब देखना कल इस पेंटिंग की इतनी ऊंची बोली लगेगी की तुम्हारी सारी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी।”



    विश के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ जाती है और वह उस कैनवास पर बनी हुई पेंटिंग को देखते हुए कहती है, “ तुम्हें लगता है जिया की मेरी पेंटिंग कल के एग्जीबिशन में बिक सकती है? मतलब कल उस एग्जीबिशन में शहर के जाने-माने लोगों द्वारा बनाई पेंटिंग आएगीa। ऐसे में मेरी यह मामूली सी पेंटिंग क्या वह कोई खरीदना चाहेगा ?”



    विश की बात सुनकर जिया अपना सर पीट लेती है और कहती है, “ क्या बकवास कर रही हो ? अगर तुम्हारी पेंटिंग मामूली होती, तो इतने सारे एप्लीकेशंस में सिर्फ टॉप 10 की लिस्ट में तुम्हारी पेंटिंग सेलेक्ट नहीं होती।



    अरे यह सच में बहुत अच्छी है और तुमने 4 महीने इसके लिए मेहनत भी तो की है। तभी तो यह कल के एग्जीबिशन में सिलेक्ट हुई है। अब बस तुम इसे फिनिशिंग टच दे दो। और कल के एग्जीबिशन में धमाल मचा दो।



    मैं तो कहती हूं, कल इस पेंटिंग को कोई रईस आदमी खरीद ले और इस एक पेंटिंग के वह तुम्हें लाखों में कीमत दे दे।”



    विश के चेहरे पर भी एक मुस्कान आ जाती है और उसे अपनी पेंटिंग में एक उम्मीद नजर आने लगती हैm अभय की मिस्ट्रेस बनकर उसे जो पैसे मिल रहे थे, वह उसके लिए बहुत बड़ी रकम थी। लेकिन इतने अच्छे पैसे मिलने के बाद विश ने ट्विंकल का इलाज सरकारी अस्पताल में ना करवा कर बहुत बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में करवाया था। और उसका बिल भी बहुत बड़ा आ रहा था। क्योंकि वह ट्विंकल के लिए ही तो यह सब कर रही थी । इसके बावजूद उसे और पैसों की जरूरत थी।



    अपनी पेंटिंग के शौक को पूरा करते हुए उसने एक अद्भुत तस्वीर बनाई। और जिया ने उस तस्वीर की फोटो लेकर इंटरनेट गैलरी में डाल दिया। जहां पर पेंटिंग एग्जीबिशन के लिए लोग अपनी पेंटिंग्स डालते हैं। जिया ने बस मजाक में उस पेंटिंग को इंटरनेट पर डाला था। लेकिन एक आर्ट गैलरी ने उसे सेलेक्ट कर लिया। और अपनी एग्जीबिशन के लिए उन्हें इनविटेशन दिया।



    पेंटिंग में रंग भरते हुए उसे फिनिशिंग टच देते हुए विश कहती है, “ ट्विंकल सो गई क्या ?”



    “ हां वह तो कब की सो गई । बस तुम ही सोने का नाम नहीं ले रही हो। पता नहीं इतनी अच्छी पेंटिंग को और कितना अच्छा करना है तुम्हें। यह पहले ही परफेक्ट है, तुम्हें इसे और ज्यादा रंगने की जरूरत नहीं है।”



    जिया कहती है। तो विश ने पेंट ब्रश को पानी के बर्तन में डालते हुए अपने हाथ को साफ किया और पेंटिंग को देख कर कहने लगी, “ मुझे पता है यह अच्छी दिख रही है । मैं बस इसमें थोड़ा सा ही काम कर रही थी। और वैसे भी कल सुबह मुझे ट्विंकल को लेकर डॉक्टर के पास जाना है। और शाम को एग्जिबिशन है। इसलिए कल मैंने अपने काम से छुट्टी ली है।”



    जिया जल्दी से कहती है, “ अगर तुम्हें प्रॉब्लम ना हो, तो मैं तुम्हारे साथ चलती हूं। ट्विंकल का ख्याल रख लूंगी”



    पर विश ने जल्दी से ना में सर हिलाते हुए कहा, “ नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है। मैंने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले लिया है। यह कोई सरकारी हॉस्पिटल थोड़ी ना है। जहां पर मुझे लाइनों के धक्के खाने पड़ेंगे। इतना बड़ा प्राइवेट हॉस्पिटल है।



    वहां पर सब कुछ बहुत आराम से हो जाता है। लेकिन तुम अगर कल शाम को मेरे साथ एग्जिबिशन चल सको, तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। वहां तुम्हारी हेल्प की जरूरत पड़ सकती है।”



    जिया कुछ सोचते हुए कहती है, “ हां मैं तेरे साथ चल सकती हूं एग्जीबिशन में। लेकिन बदले में तुझे मुझे पिज्जा खिलाना होगा।



    उसकी बात पर विश हंसते हुए कहती है, “ तू दो खा लेना ।”



    “ क्या बात कर रही है मेरी जान ! तू मुझे दो पिज्जा खिलाएगी। अरे इसी बात पर मैं पड़ोसियों का घर बेच दू।” जिया ने ऐसे मजाकिया अंदाज में कहा, कि विश बिना हंसी रही नहीं पाई।

  • 8. अरबपति होने का फायदा 

    Words: 1603

    Estimated Reading Time: 10 min

    अपनी पेंटिंग का काम पूरा करके विश कमरे में जाती है । वह देखती है ट्विंकल उसी के कमरे में सो रही है। और वह रजाई में किसी छोटी सी गुड़िया की तरह पूरी सिकुड़ कर सो रही है। उसे ऐसा देख कर विश मुस्कुराने लगती है। वह मुस्कुराते हुए ट्विंकल के पास जाती है।



    ट्विंकल को देख कर उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई थी। आखिर यही तो उसके जीने की आखिरी वजह थी। उसका आखरी सहरा। इस दुनिया में उसका आखिरी वजूद। विश को इस बात की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी, कि ट्विंकल के पिता कौन है? उसके लिए ट्विंकल सिर्फ उसकी बेटी है। वह ट्विंकल को सारी दुनिया की खुशियां देगी और उसे कुछ नहीं होने देगी। ट्विंकल की सलामती के लिए अगर उसे खुद को भी दांव पर लगाना पड़े, तो वह पीछे नहीं हटेगी ।



    विश ने देखा खिड़की खुली हुई है और पर्दे भी खुले हुए हैं । वह जा कर खिड़की लगाती है और उस पर पर्दा ढक देती है । उसके बाद उसने कमरे की इमरजेंसी लाइट को जलाया और बड़ी लाइट को बंद कर दिया। विश को एक मेडिसिन खानी थी। वह खाने के बाद उसने एक अंगड़ाई ली और जा कर ट्विंकल की बगल में लेट गई।



    अपनी मां का एहसास पा कर ट्विंकल अपनी मां से लिपट जाती है और उसके सीने पर सर रख देती है । विश के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी। उसने ट्विंकल को अपनी बाहों में भर लिया। तो ट्विंकल की आंखें हल्की सी नींद में जागती है और वह विश के सीने पर अपनी नाक को रगड़ते हुए कहती है, “ गुड नाइट मम्मा… आई लव यू। मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं।”



    विश ने भी ट्विंकल के सर को सहलाते हुए कहा, “ आई लव यू बच्चा। मम्मा भी आपसे बहुत प्यार करती है। दुनिया में सबसे ज्यादा वह सिर्फ आपसे प्यार करती है।”



    ट्विंकल अपनी मां के सीने से लिपट कर सो गई थी । और विश ने उसे अपनी बाहों में भर कर सोने की कोशिश की । थोड़ी ही देर में उसे भी नींद आ जाती है । एक अच्छे कल की उम्मीद में विश अपनी बेटी के साथ सुकून से सो रही थी । पर क्या उसके आने वाला कल में सुकून था ?



    अगली सुबह...



    10 ब्लैक कलर की गाड़ियां तेजी से सड़क पर जा रही थी । जिसमें चौथे नंबर की गाड़ी में बैठा हुआ था अभय देव कोटियन । जो इस वक्त अपने घर की तरफ जा रहा था। उसकी खतरनाक पर्सनालिटी को दुनिया से छुपाने के लिए उसके बॉडीगार्ड और सारा स्टाफ इस समय गाड़ियों में उसका पिछे चल रहा था।



    अभय की गाड़ियां जैसे-जैसे सड़क पर आगे बढ़ रही थी, अभय ने खिड़की से बाहर देखा मौसम काफी सुहाना था। क्योंकि यह सुबह का समय था । इसीलिए पंछियों की चर्चरहाट और ठंडी ठंडी हवाएं यहां के मौसम को और ज्यादा सुहाना बना रही थी।



    अपनी आंखों से शेड उतारते हुए अभय ने उस सुहाने मौसम को देखा और मुस्कुराते हुए मन में कहने लगा, “ लगता है मेरे अब्सेंस में यहां की हवाओं ने काफी एंजॉय किया है। पर कोई बात नहीं । अब मैं आ गया हूं ना, यह हवाएं फिर से मुझसे डरने लगेगी ।”



    गाड़ियों का काफिला कोटियान मेंशन की तरफ बढ़ गया । और जैसे ही वह लोग मेंशन के पार्किंग में दाखिल हुए बॉडीगार्ड जल्दी से उतर कर सतर्क हो जाते हैं। और अभय की गाड़ी के आसपास खड़े हो जाते हैं । उन सबके हाथों में हथियार थे और सबके चेहरे झुके हुए थे।



    एक बॉडीगार्ड ने पिछली गाड़ी का दरवाजा खोल । अभय अपनी खतरनाक पर्सनालिटी के साथ गाड़ी से बाहर निकलता है और अपने कोर्ट को सही करता हुआ वह बंगले की तरह बढ़ जाता है। पर जैसे ही वह कुछ कदम आगे चला, उसने देखा उसका फोन वाइब्रेट होता है।



    जेब से फोन निकाल कर उसने पाया तो यह आर्या का एक मैसेज था। उसने आर्या के इस मैसेज को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था। क्योंकि वह जानता था, आर्या ने उसे सिर्फ अपने एग्जिबिशन को याद दिलाने के लिए मैसेज किया होगा।



    अभय ने फोन स्क्रीन दोबारा से बंद की और उसे जेब में रख कर अपने बंगले की तरफ बढ़ गया ।



    वहीं दूसरी तरफ हॉस्पिटल में विश ट्विंकल को गोद में ले कर डॉक्टर के केबिन से बाहर निकली है।



    ट्विंकल इस वक्त रो रही थी। क्योंकि उसे इंजेक्शन लगा था। उसका छोटा सा चेहरा आंसुओं से लाल हो गया था। और आंखें आंसुओं से लबालब भरी हुई थी।



    वह छोटी सी डॉल की तरह अपनी मां के सीने से लिपटी हुई थी। और विश ने उसे गोद में उठा रखा था। उसके छोटे-छोटे हाथ विश के गर्दन पर लिपटे हुए थे। और उसका चेहरा विश के कंधे पर टिका हुआ था। वह अपनी मां के कंधे पर सर रख कर बुरी तरह से रो रही थी । उसकी मां को पता था, कि वह दर्द से तड़प रही है। पर यह उसके लिए जरूरी था।



    डॉक्टर ने बताया, कि ट्विंकल बहुत अच्छे से रिकवर कर रही है । उसकी हालत पहले से ज्यादा ठीक है । उसका दिल अब सामान्य तरीके से धड़क रहा है। पर उसके दिल का छेद अभी भी उतना ही है। हालांकि पहले जब विश ने उसका सीटी स्कैन करवाया था, तो उसे पता चला था कि उसके दिल का छेद धीरे-धीरे बड़ा हो रहा है । पर अब वह अपनी जगह पर रुक गया है। वह अपना आकार नहीं बदल रहा है। इसका मतलब यह हैकि , ऑपरेशन करना सरल होगा।



    और ट्विंकल का दिल जो असामान्य स्थिति से कभी कम धड़कता था, तो कभी ज्यादा धड़कता था। अब वह सामान्य तरीके से धड़कने लगा है। और यह काफी अच्छा संकेत है, उसके ऑपरेशन के लिए । जिसे सुन कर विश को थोड़ी सी राहत महसूस हुई थी। पर इस वक्त उसकी छोटी सी बच्ची बिलख कर रो रही थी। वह उसे संभाल रही थी ।



    ट्विंकल रोते हुए अपनी मां को देखती हैं और कहती है, “ मम्मा वह डॉक्टर अंकल बहुत बुरे हैं। वह बहुत गंदे है।”



    विश ने अपने हाथों से ट्विंकल के आंसुओं को साफ किया और उससे कहने लगी, “ नहीं बेटा वह गंदे नहीं है । वह बस आपकी भलाई चाहते हैं । यह आपके लिए जरूरी था।”



    “ पर उन्होंने मुझे सुई लगाई । मुझे दर्द हो रहा है।” अपनी छोटी-छोटी आंखों से मोटे-मोटे आंसू टपकाते हुए मासूमियत के साथ ट्विंकल ने शिकायत भरे लहजे विश से कहा । तो विश मुस्कुराने लगती है।



    उसने प्यार से ट्विंकल के माथे को चुम्मा और उसे देख कर कहने लगी, “ कोई बात नहीं। थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा। और मम्मी आपके लिए चॉकलेट मिल्कशेक बनाएगी। आपको पसंद है ना ?”



    इसकी बात सुन कर ट्विंकल की आंखें चमक जाती है । और अब तो उसे इंजेक्शन का दर्द भी नहीं हो रहा था । उसके चेहरे पर सिर्फ मुस्कान थी । और वह जल्दी से हा में सर हिलाती है।



    विश अपनी बेटी की नौटंकी देख कर हंसने लगती है। वह ठीक से ट्विंकल को अपनी गोद में लेती है और अस्पताल से बाहर आती है। ताकि उसे कोई गाड़ी मिल सके। पर उसने देखा, कि यह सड़क पूरी तरह से खाली है । दूर-दूर तक एक गाड़ी का नाम औ निशान नहीं था।



    यहां तक की टैक्सी स्टैंड भी खाली है। और वहां पर उसे कोई ऑटो भी नहीं दिख रहा था। उसे अपने घर जाने के लिए टैक्सी या ऑटो लेना था। पर यहां पर तो कुछ भी नहीं है। तभी उसकी नजर कॉर्नर पर खड़े दो ट्रैफिक पुलिस पर पड़ती है।



    विश ट्विंकल को अपने गोद में लेकर धीरे-धीरे चलते हुए उन ट्रैफिक पुलिस के पास आती है। और उनसे कहती है, “ एक्सक्यूज मी सर क्या मुझे बताएंगे यह टैक्सी स्टैंड खाली क्यों है? और यह सड़क कितनी खाली क्यों है? मुझे घर जाना था और इस वक्त मुझे कोई भी टैक्सी नहीं मिल रही है।”



    उन दोनों ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल में से एक ने विश को देखा और उससे कहने लगा, “ मैडम आप एक घंटा और इंतजार कीजिए। और अस्पताल के अंदर जाकर ही बैठ जाइए। आपको 1 घंटे बाद यहीं से टैक्सी या ऑटो मिल जाएगा। तब आप चली जाना।



    वह क्या है ना, हमें यह पूरी सड़क खाली रखनी है। क्योंकि अभी कुछ ही देर में यहां से अभय देव कोटियान अपने गाड़ी के काफीलो के साथ गुजरेंगे। वह बहुत बड़ी शख्सियत है । और उनके गुजरने के लिए रास्तों को पूरी तरह से खाली कर दिया जाता है। इसीलिए जब तक उनकी गाड़ी यहां से नहीं निकल जाती है, तब तक के लिए यह सड़क इसी तरीके से खाली रहेंगी।”



    अभय का नाम सुन कर विश पूरी तरह से हैरान हो जाती है और हैरानी से उस खाली सड़क को देखने लगती है। अस्पताल के सामने की यह सड़क कभी भी इतनी खाली नहीं रही है। क्योंकि यह मेंन हाईवे है । जो सिटी को दूसरे शहरों से जोड़ती है। सच में अरबपति होने का भी अपना ही फायदा है।



    विश एक गहरी सांस लेती है और उसके बाद उस खाली सड़क को देख कर वापस अस्पताल की तरफ देखने लगती है। उसे अस्पताल के पास में ही एक छोटा सा रेस्टोरेंट नजर आता है। वह ट्विंकल को अपने गोद में ले कर उस रेस्टोरेंट के पास जाती है। क्योंकि ट्विंकल को अभी-अभी इंजेक्शन लगा था, तो उसका कुछ खाना जरूरी था।



    उसने ट्विंकल को ले जा कर एक टेबल पर बिठाया और उसके लिए एक वेज सैंडविच और ऑरेंज जूस ऑर्डर किया । लेकिन विश की नजर खिड़की के बाहर उस सड़क पर ही थी। जहां से अभय की गाड़ी का काफिला जाने वाला था।

  • 9. किस्मत की अंगूठी 

    Words: 1578

    Estimated Reading Time: 10 min

    अभय की गाड़ियों का काफिला ऑफिस की तरफ बढ़ रहा था। और इसकी वजह से रास्ते को खाली करवा दिया गया था । अस्पताल के सामने की पूरी सड़क इस वक्त पूरी तरह से खाली थी। और विश ट्विंकल को लेकर एक रेस्टोरेंट के अंदर बैठी हुई थी।



    उसकी नजर बाहर खाली सड़क पर थी और वह बस इंतजार कर रही थी, कि कब यह समय गुजरे और वह ट्विंकल को लेकर यहां से निकल सके । कि तभी ट्विंकल ने उससे कहा, “ मम्मी मुझे पेस्ट्री खानी है ।”



    ट्विंकल की यह छोटी सी फरमाइश सुनकर विश के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वह हंसते हुए हां में सर हिलाती है।



    विश ने जल्दी से ट्विंकल के लिए एक पेस्ट्री ऑर्डर की और खुद फोन में कुछ स्क्रोल करने लगी।



    अस्पताल रोड के टर्न पर मुड़ने के साथ ही अभय की गाड़ी एक झटके से रुक जाती है। अभय गुस्से में ड्राइवर को देखते हुए कहता है, “क्या हुआ?”



    “ सर मुझे लगता है, कि इंजन में कुछ प्रॉब्लम आ गई है। मैं अभी चेक करता हूं।” ड्राइवर घबराते हुए अभय से कहता है । तो अभय ने जल्दी से अपना लैपटॉप बंद किया और गुस्से में ड्राइवर को देखकर कहने लगा, “ तुम्हें अपनी जान प्यारी है या नहीं? तुम इस तरीके से बीच सड़क पर गाड़ी रोक कर क्या साबित करना चाहते हो? यह कि मेरे पास एक अच्छी गाड़ी नहीं है ?”



    “ आई एम सॉरी सर। गाड़ी तो बिल्कुल ठीक थी । पर लगता है कार्बोरेटर में कचरा जम गया होगा । आप 10 मिनट दीजिए। मैं जल्दी से साफ कर दूंगा ।” कहते हुए ड्राइवर अपने तरफ का दरवाजा खोलता है और बाहर निकलता है।



    अभय भी अपनी तरफ का दरवाजा खोलता है और बाहर निकल जाता है। उसके ऐसा करते ही ड्राइवर राहत की सांस लेता है, कि कम से कम आज तो उसकी जान बच गई है। अब से वह गाड़ियों के लिए कभी भी लापरवाह नहीं होगा।



    अभय की गाड़ी रुकने के साथ ही पीछे चल रही सारी गाड़ियां एक साथ रुक जाती हैं और सारे बॉडीगार्ड अपनी गाड़ियों से बाहर निकाल कर अभय के आसपास खड़े हो जाते हैं।



    गौतम अभय का असिस्टेंट वह जल्दी से ड्राइवर के पास आते हुए कहता है, “ क्या हुआ? सब ठीक है ना ?”



    गाड़ी को दोबारा बंद करते हुए ड्राइवर ने हां में सर हिलाया और गौतम से कहने लगा, “ जी सर सब कुछ ठीक है। दरअसल कार्बोरेटर में कचरा जम गया था। जिसकी वजह से गाड़ी चल नहीं रही थी । पर अब सब ठीक है।”



    गौतम एक राहत की सांस भरता है और अभय को देखने लगता है। जिसके चेहरे पर इस समय कोई भी एक्सप्रेशन नहीं थे। वह अपने दोनों हाथ सामने की तरफ बांधे हुए सड़क के किनारे पर खड़ा था और उसकी आंखों पर एक ब्लैक कलर का गॉगल था ।



    गौतम अभय के पास आता है और कहता है, “सर गाड़ी तो ठीक हो गई है । लेकिन मेरा सजेशन है, कि आप प्लीज दूसरी गाड़ी में बैठ जाइए । अगर यह गाड़ी रास्ते में आगे जाकर फिर खराब हो गई तो आपको प्रॉब्लम होगी। इससे बेहतर यही है, कि आप कोई दूसरी गाड़ी इस्तेमाल कर लीजिए।”



    अभय ने उसकी बात सुनी और बिना किसी प्रतिक्रिया के वहां से दूसरी गाड़ी की और चल पड़ा । लेकिन इससे पहले, कि वह उस गाड़ी पर पहुंच पाता उसे एक आवाज सुनाई देती है। जो अभय को रुकने पर मजबूर कर देती है ।



    “ 1 मिनट सर..” इस आवाज से अभय रुक जाता है । और चेहरा घूमा कर देखता है। तो सामने एक बुजुर्ग महिला खड़ी थी । जिसके हाथों में एक ट्रे थी । जिसके अंदर कुछ झिलमिलाते हुए से सामान रखे हुए थे।



    “ सर प्लीज अगर आप यह खरीद लेंगे, तो बहुत अच्छा होगा । मेरी सुबह से कमाई नहीं हुई है। यह किस्मत के पत्थर है। लोगों की किस्मत बदल देते हैं। इससे मैंने छोटे-छोटे गहने बनाए हैं। गले का पेंडेंट, हाथ का ब्रेसलेट, उंगली की अंगूठियां अगर आप इन्हें खरीदेंगे तो मेरी आज की कमाई हो जाएगी।”



    एक बॉडीगार्ड जल्दी से उस औरत के पास आता है और अपने हाथ से उसे रोकते हुए कहता है, “ जाओ यहां से । सर को परेशान मत करो ।”



    अभय ने अपना हाथ दिखा कर उस बॉडीगार्ड को रोक दिया। वह उस औरत के पास आता है और उसके हाथ में पड़े हुए उस लकड़ी की ट्रे को देखने लगता है । जिसमें सच में कुछ रंगीन पत्थरों से आभूषण बनाए गए थे। पर यह सारे आभूषण औरतों के मतलब के थे । अभय ने उन सारे आभूषणों में से एक अंगूठी उठाई। जिसमें लाल रंग का पत्थर था। लाल रंग का पत्थर उस अंगूठी में बहुत ही खूबसूरत तरीके से सेट किया गया था । और वह लाल रंग चमक भी रहा था।



    “ यह अंगूठी प्यार को बांधे रखने में कामयाब होती है । आप जिससे प्यार करते हैं, आप उसे यह अंगूठी पहनाइए । वह हमेशा आपके साथ रहेगी और आपकी बनके रहेगी।” उस औरत ने बहुत उत्सुकता के साथ अभय को उस अंगूठी के बारे में बताते हुए कहा।



    अभय के चेहरे पर एक मजाकिया मुस्कान आ जाती है और उसने उस अंगूठी को अपनी उंगली में घूमा घूमा कर देखा और उस औरत को देखकर कहने लगा, “ मैं बड़ी से बड़ी बिजनेस डील एक चुटकी में क्रैक कर लेता हूं। लेकिन बिजनेस करने का यह तरीका मुझे काफी इंटरेस्टिंग लगा है । सच में मैं आपके इस स्किल से काफी ज्यादा इंप्रेस हुआ हूं।”



    औरत हैरानी से कहती है, “ क्या मतलब सर? मैं कुछ समझी नहीं।”



    अभय हंसता हुआ कहने लगता है, “ अभी-अभी आपने कहा, कि आपके पास जितने भी ज्वेलरी हैं इन सब में वह स्टोन है जो किस्मत बदल सकते हैं। और उसके बाद आपने कहा, कि आप की बनी नहीं हुई है। आपको नहीं लगता है, कि आपको अपने स्टोन सबसे पहले खुद पर ट्राई करनी चाहिए । अगर यह सच में काम करते हैं, तो सबसे पहले आपकी किस्मत बदलेगी।”



    अभय की बात सुनकर उस औरत के चेहरे पर भी एक मुस्कान आ जाती है और वह कहती है, “ ऐसी बात नहीं है सर । यह सब आगे की बात है । किसी को उसके भाग्य से ज्यादा नहीं मिलता है। समय से पहले और भाग्य से ज्यादा ना कभी किसी को मिला है और ना कभी किसी को मिलेगा। आज मेरे भाग्य में इस को बेचकर पैसे मिलना लिखा होगा ।तो जरूर मिलेगा और नहीं लिखा होगा तो मैं लाख कोशिश कर लूंगी, मुझे वह नहीं मिलेगा।”



    अभय के चेहरे की वह मिस्टीरियस मुस्कान और ज्यादा गहरी हो जाती है। उसने उस अंगूठी को अपने पॉकेट में रखा और एक चुटकी बजाई। गार्ड ने अपने जेब में से नोटों की एक गड्डी निकाल कर उस औरत के ट्रे में रख दी। वह औरत हैरानी से उस नोटों की गड्डी को देखती हैं और अभय से कहती है, “ यह एक अंगूठी के लिए बहुत ज्यादा कीमत है ।”



    “ आप इसे रख सकती हैं । क्योंकि किस्मत पर तो मुझे यकीन नहीं है । लेकिन हां प्यार की कीमत कोई नहीं चुका सकता है।” अभय यह कहता हुआ अपने कार की तरफ मुड़ा और अपने कार में बैठ गया। गौतम ड्राइवर से कुछ बात कर रहा था, तब तक अभय कार के अंदर ही बैठा गया।



    उसने अपने हाथों में पकड़ी हुई उस अंगूठी को देखा और अचानक से उसे आर्या का चेहरा याद आ जाता है। वह उसके चेहरे को याद करके मुस्कुराते हुए खुद के ऊपर हंसते हुए कहता है, “प्यार..... नॉनसेंस ..”



    और यह कहता हुआ वह हंसते हुए उस अंगूठी को खिड़की से बाहर फेंक देता है । ड्राइवर तब तक गाड़ी में बैठ चुका था। और जैसे ही अभय ने उसे आगे चलने का इशारा किया, गाड़ियों का काफिला दोबारा से आगे की तरफ बढ़ जाता है।



    10 मिनट के अंदर अभय की गाड़ियों के जाने के बाद वहां पर सारी चीज पहले की तरह हो गई थी। ऑटो रिक्शा और टैक्सी वापस आ गए थे । और बाकी सारी बसेस और गाड़ियां भी चलने लगे थे।



    अपने गोद में ट्विंकल को लेकर विश रेस्टोरेंट से बाहर आती है। विश के हाथों में एक पैकेट था । क्योंकि ट्विंकल ने एक और सैंडविच खाने की जिद की थी, तो विश को उसके लिए लेना ही पड़ा ।



    ट्विंकल विश का हाथ पकड़ कर खुशी-खुशी टैक्सी स्टैंड की तरफ बढ़ रही थी। उसके चेहरे पर चमक थी और अब उसे इंजेक्शन का दर्द भी नहीं हो रहा था। विश ट्विंकल को लेकर टैक्सी स्टैंड के पास खड़ी हो जाती है और एक टैक्सी के आने का इंतजार करने लगती है।



    ट्विंकल भी अपनी मां के हाथों को पकड़ते हुए गोल-गोल घूम रही थी और ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार पोयम गा रही थी, कि तभी उसकी नजर सड़क के किनारे कुछ झीलमिलाती हुई चीज पर पड़ती है और वह खुश हो जाती है।



    वह जल्दी से अपनी मां के हाथ से अपना हाथ खींच लेती है और दौड़कर उस तरफ जाने लगती है। उसे सड़क के किनारे पर जाता देख विश हैरान हो जाती है और घबराते हुए कहती है, “ ट्विंकल क्या कर रही हो ? यहां गाड़ी आ जाएगी।”



    अब तक ट्विंकल सड़क के किनारे जा चुकी थी और उसने झुक कर उस चमकीली सी चीज को अपने हाथ में उठा लिया था। वह खुश हो जाती है। विश ट्विंकल के पास आती है, तो वह देखती है कि ट्विंकल के हाथ में एक लाल पत्थर की अंगूठी है।

  • 10. आर्ट गैलरी

    Words: 1763

    Estimated Reading Time: 11 min

    “ ट्विंकल रुको बेटा । तुम कहां जा रही हो? तुम्हें चोट लग जाएगी । सड़क के किनारे मत जाओ।” विश ने ट्विंकल को रोकते हुए कहा। लेकिन अब तक ट्विंकल सड़क के किनारे पहुंच चुकी थी। उसने झुक कर उस चमकती हुई चीज को अपने हाथ में उठा लिया और उसे देखने लगी।



    विश देखती है, तो ट्विंकल के हाथ में एक लाल पत्थर की अंगूठी थी। जिसे वह अपनी हर उंगली पर लगाते हुए देख रही थी। अंगूठी उसकी उंगली के साइज से बड़ी थी। इसीलिए किसी भी उंगली में फिट ही नहीं आ रही थी।



    विश ने ट्विंकल को रोकते हुए उसके हाथ से अंगूठी ली और उससे कहा, “ ट्विंकल यह गलत बात है। यह किसी और की अंगूठी है। आप इसे ऐसे नहीं ले सकती हैं।”



    उसके बाद विश इधर-उधर नजरे दौडाते हुए उस अंगूठी के मालिक को तलाश करने की कोशिश करती है। लेकिन जब उसे कोई नहीं दिखता है, तो विश देखती है कि यह बहुत साधारण सी अंगूठी है। वह दिखने में ही बहुत नॉर्मल लग रही थी। ना तो वह डायमंड की थी और ना ही वह कोई महंगे धातु की बनी हुई थी।



    ट्विंकल ने विश के हाथों से वह अंगूठी वापस लेते हुए कहा, “ नहीं मम्मी यह हमारी है । यह मुझे मिली है, तो यह मेरी है। मिली हुई चीज हमेशा उसके मिलने वाले की होती है। मैंने पाया है, तो अब यह मेरा है।”



    “ नहीं ट्विंकल यह हमारा नहीं है। यह किसी और का है । उनसे गलती से गिर गया होगा और किसी और के समान को आप अपना नहीं कह सकती हो । यह गलत है.. और देखो यह अंगूठी साइज में भी कितनी बड़ी है। तुम क्या करोगी इतनी बड़ी अंगूठी लेकर ? चलो इसे वापस वहीं पर रख दो जहां से तुमने उठाया था । जिसका होगा उसे ढूंढते हुए यहां जरूर आएगा।”



    पर ट्विंकल किसी जिद्दी बच्चे की तरह उस अंगूठी को अपने पीछे छुपाते हुए कहती है, “यह किसी का भी नहीं है। यह सड़क के किनारे पड़ा था और मैंने इसे पाया है। तो अब यह मेरा है। और क्या हुआ अगर यह मेरे हाथ में नहीं आ रहा है तो। यह बड़ी उंगली की अंगूठी है । तो यह आपके हाथ में आ जाएगी ।” ऐसा कहते हुए ट्विंकल ने विश का हाथ पकड़ा और अगले ही पल उसकी रिंग फिंगर में वह रिंग पहना दी।



    विश देखती है, कि वह अंगूठी उसके रिंग फिंगर में बहुत अच्छी तरह से फिट हो गई थी और वह उसकी उंगली में पूरी तरह से आ भी गई थी। ट्विंकल उस अंगूठी को पूरी तरह से विश की उंगली में देखकर खुश होती है और ताली बजाते हुए कहती है, “ येयय…आपकी उंगली में तो यह अंगूठी पूरी तरह से फिट हो गई है। इसका मतलब यह हमारी है।”



    विश परेशान हो गई थी । उसने इधर-उधर देखा लेकिन सच में उसे कोई नजर नहीं आया। आखिरकार उसने अपनी उंगली में पहनी हुई अंगूठी को देखते हुए खुद से ही कहने लगी, कि यह कोई महंगी अंगूठी नहीं है। शायद किसी के काम की नहीं होगी इसीलिए उसे सड़क के किनारे फेंक दी है।



    अगर एक अंगूठी के पहनने से उसकी बेटी को खुशी मिलती है, तो वह उसे क्यों नहीं पहन सकती है । अगर यह किसी की महंगी ज्वेलरी होती, तो वह उसे इस तरीके से सड़क के किनारे क्यों फेंकता ? शायद उसे इसकी परवाह नहीं थी। लेकिन अपनी बेटी की खुशी की परवाह उसे है।



    विश ने मुस्कुराते हुए हा में सर हिलाया और ट्विंकल को अपने गोद में लेते हुए कहा, “ ठीक है बेटा, यह अंगूठी अब से हमारी है..”



    “ मम्मी आप इसे कभी मत उतारना। यह मेरी तरफ से गिफ्ट है..” ट्विंकल ने जब कहा तो विश हंसते हुए कहती है, “ अच्छा जी यह तुम्हारी तरफ से गिफ्ट है ? गिफ्ट अपने पैसों से दिया जाता है, ना कि कहीं से मिला हुआ गिफ्ट किसी दूसरे को चिपकाया जाता है।”



    ट्विंकल मासूमियत के साथ कुछ सोचती है और फिर जल्दी से विश को देखकर कहने लगती है, “ ठीक है जब मैं बड़ी हो जाऊंगी और खूब सारे पैसे कमाऊंगी, तब मैं आपके लिए बहुत सारे गिफ्ट लाऊंगी। बस तब तक के लिए यह अंगूठी आप अपने पास रखिए। इस अंगूठी को देखकर मुझे याद रहेगा, कि मैंने आपको गिफ्ट देने का वादा किया है।”



    विश मुस्कुराते हुए ट्विंकल को अपनी गोद में उठाती है और उसके बाद उसे लेकर घर चली जाती है।



    शाम के वक्त विश ट्विंकल और जिया के साथ अपने पेंटिंग एग्जीबिशन में पहुंची थी। दरअसल वह ट्विंकल को घर छोड़कर आने वाली थी। लेकिन जब वह लोग एग्जीबिशन के लिए निकल रहे थे, तो ट्विंकल ने रोना शुरू कर दिया था। इसीलिए विश को ना चाहते हुए भी ट्विंकल को अपने साथ ही लाना पड़ा। जिया ने उसे भरोसा दिलाया था, कि वह ट्विंकल का ख्याल रखेगी और एग्जीबिशन के दौरान ट्विंकल उन लोगों को बिल्कुल भी परेशान नहीं करेगी।



    वह लोग जब एग्जिबिशन पर पहुंचते हैं, तो जिया वहां की भव्यता देखकर कहती है, “ वाह यार कितनी खूबसूरत जगह है।यहां की कीमत कितनी होगी ?”



    “ बहुत सारी चॉकलेट और बहुत सारी आइसक्रीम के जितनी..! ” ट्विंकल ने हैरानी से कहा और उसकी ऐसी बचपने वाली बात सुनकर जिया और विश दोनों हैरान हो जाती है और हंसने लगते हैं।



    तभी वहां पर आर्ट गैलरी का एक सदस्य आता है और वह विश को उस जगह पर लेकर जाता है , जहां पर उसकी पेंटिंग के लिए जगह डिसाइड की गई थी।



    तभी उस आर्ट गैलरी के बाहर 10 गाड़ियों का काफिला उतरता है और बॉडीगार्ड उनमें से बाहर निकलते हैं । वह जल्दी से एक ब्लैक कलर की मर्सिडीज़ को कार को घेर लेते हैं। एक गार्ड जल्दी से उसका दरवाजा खोलता है, तो उसमें से अभय बाहर निकलता है । वह अपने कोर्ट को सही करता है और उसके बाद उसने अपना हाथ गाड़ी की तरफ बढ़ाता है। उसके हाथ पर एक खूबसूरत सा चूड़ियों से भरा हुआ हाथ आता है और अगले ही पल अभय के साथ आर्या उस गाड़ी से बाहर निकलती है।



    आर्ट गैलरी का मालिक खुद आकर उन लोगों को अटेंड करता है । वह उन लोगों का वेलकम करते हुए कहता है, “ आप लोगों का स्वागत है मिस्टर एंड मिसेज कोटियान.. हमारे छोटे से एग्जीबिशन में आकर आप लोगों ने इस एग्जीबिशन की शोभा बढ़ाई है।”



    अभय के चेहरे पर एक मिस्टीरियस मुस्कान थी और उसने हा में सर हिलाया । आर्या भी उन्हें देखकर हल्की सी मुस्कान के साथ हा में सर हिलाती है और उसके बाद वह लोग अंदर आर्ट गैलरी की तरफ चले जाते हैं । क्योंकि आर्या की भी पेंटिंग की एग्जीबिशन होनी थी और उसकी पेंटिंग पहले से ही अपने तय जगह पर लगा दी गई थी।



    जैसे ही वह लोग अंदर पहुंचते हैं, सबकी नज़रें अभय और आर्या पर ही थी। वहां पर आर्या को देखकर ही ऐसा लग रहा था, जैसे वह यहां की सबसे रईस और सबसे खूबसूरत महिला हो। क्योंकि आर्या ने एक बनारसी ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उसके ऊपर से गले में उसका डायमंड का सेट और उसके मंगलसूत्र भी डायमंड का ही था।



    गोल सा छोटा सा चेहरा और कंधे तक आते उसके बाल । जिसे उसने खुले ही छोड़े हुए थे। कानों में छोटे से डायमंड के झुमके और काली काली आंखों में काजल लगा हुआ था। पतली से गुलाबी होंठ के पास एक छोटा सा तिल था और माथे पर उसने गोल्डन कलर की बिंदी लगा रखी थी । आर्या का चेहरा मासूमियत से भरा हुआ था और वह मुस्कुराते हुए बहुत प्यारी लगती थी।



    अंदर आने के साथ ही अभय ने आर्या का हाथ पकड़ लिया और उसे आर्ट गैलरी के अंदर लाते हुए कहने लगा, “ चलो तुम्हारी पेंटिंग के पास चलते हैं..।”



    तभी वहां पर मीडिया के लोग मौजूद थे। उन्होंने अभय और आर्या को एक साथ देखकर उनकी तस्वीर लेना शुरू कर दी।



    वही आर्ट गैलरी के दूसरे हिस्से में..



    “ जिया सच बताओ ना यह ठीक लग रहा है या नहीं..?” विश अपनी पेंटिंग को दीवार पर टंगा हुआ देखा और घबराते हुए जिया से सवाल किया। तो जिया अपना सर पीटते हुए कहती है, “ अरे यार यह एकदम परफेक्ट है। इसमें कोई भी खराबी नहीं है । तुम खाम खा ही घबरा रही हो।”



    तभी उन लोगों को महसूस होता है, कि यहां पर थोड़ी हलचल हो रही है । आसपास जो लोग थे , वह हॉल की तरफ जा रहे हैं। जिया और विश भी हैरानी से हहॉल की तरफ देखने लगती हैं । जहां पर सभी लोग इकट्ठा हो गए थे। विश हैरानी से पूछा, “ वहां क्या हो रहा है ?”



    जिया ने ट्विंकल को विश की गोद में देते हुए कहा, “ तुम यही दो मिनट रुको । मैं देख कर आती हूं, वहां पर हो क्या रहा है ?” जिया उस भीड़ की तरफ चली जाती है और झांक कर सामने की तरफ देखने लगती है।



    5 मिनट बाद जब वह वापस आती है, तो उसने विश को देखते हुए कहा, “ अरे यार कुछ नहीं कोई बड़ा आदमी है । अपनी बीवी के साथ यहां आया है। मीडिया और बाकी सब लोग मक्खी की तरह उसके आसपास भिन भिना रहे हैं । सुना है उसकी बीवी की पेंटिंग भी इसी एग्जीबिशन में लगी हुई है। खैर हमें क्या करना है ? तेरी पेंटिंग सबसे बेस्ट है और आज तेरी पेंटिंग की सबसे ऊंची बोली लगेगी।”



    विश हैरानी से भीड़ को देखती हैं और वह अपने चेहरे को इधर-उधर करके कुछ देखना चाहती है। भीड़ इतनी ज्यादा थी, कि उसे सामने खड़े शख्स नजर ही नहीं आ रहे थे। और ऊपर से वो लोग थोड़ा दूरी पर भी थे । तभी विश को कुछ महसूस होता है और वह हैरान हो जाती है। उसने जल्दी से अपना हैंडबैग उठाया और ट्विंकल को जिया को देते हुए कहा, “ इसका ध्यान रखना। मैं 2 मिनट में आती हूं ।”



    इससे पहले की विश निकाल पाती जिया ने उसका हाथ पकड़ते हुए, “ तू कहां जा रही है? थोड़ी देर में एग्जिबिशन शुरू होने वाला है।”



    लेकिन विश अपना पेट पकड़ते हुए कहती है, “ पर मुझे भी जाना पड़ेगा । मुझे लगता है मेरे पीरियड्स आ गए हैं। मुझे अभी वॉशरूम जाना है।”



    “ तुझे सच में वॉशरूम ही जाना है ना ? कि हमें छोड़कर कहीं भागने की प्लानिंग कर रही है?” जिया ने संदेह भरी नजरों से विश को देखा। तो विश अपना सर पीटते हुए कहती है, “ अगर मैं कहीं भागूगी भी तो तुझे और ट्विंकल को अपने साथ लेकर भागूगी ना । अकेली क्यों भागूगी ?”

  • 11. चॉकलेट के लिए पेंटिंग का सौदा 

    Words: 1054

    Estimated Reading Time: 7 min

    एग्जीबिशन के लिए सारे पेंटर्स अपनी अपनी पेंटिंग्स को गैलरी के अलग-अलग हिस्से में लगा रहे थे। लेकिन आर्या को ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ी। क्योंकि उसकी पेंटिंग पहले से ही एक बहुत अच्छी जगह पर लगी हुई थी। जहां पर आने वाले सभी खरीदार सबसे पहले आर्या की पेंटिंग ही देख रहे थे।



    एग्जीबिशन शुरू हो चुका था और एक-एक करके सारे पेंटर की पेंटिंग की बोली लगनी शुरू भी हो गई थी। जिया हैरानी से गैलरी की आखिरी कॉर्नर पर देख रही थी । जहां के दूसरी तरफ वॉशरूम था । लेकिन अभी तक विश वापस नहीं आई थी। जिया की गोद में ट्विंकल थी। जो हैरानी से इधर-उधर देख रही थी।



    दरअसल यह वक्त उसके खेलने का और कार्टून देखने का था । और इस वक्त वह यहां पर थी। अब उसे अपने यहां आने के फैसले पर अफसोस हो रहा था। उसे लगा वह किसी मजेदार जगह पर जा रही है । पर यहां पर तो उसे कुछ भी मजा नहीं आ रहा है। उसे वापस घर जाना था । वह बोरियत के साथ जिया की तरफ देख कर कहने लगी, “ मौसी हम यहां क्यों हैं ? घर क्यों नहीं जा रहे हैं ?”



    जिया कभी वॉशरूम के कॉर्नर पर देख कर विश के आने का इंतजार करती, तो कभी उसकी नजर हॉल के दूसरी तरफ जाती। जहां पर लोग भीड लगाकर अभय को घेरे खड़े थे। एक-एक करके लोग हट रहे थे और अभय और आर्या भी अब नजर आने लगे थे।



    जिया ने जैसे ही ट्विंकल का सवाल सुना उसने कहा, “ ट्विंकल हम यहां पर आपकी मम्मी की पेंटिंग की एग्जीबिशन के लिए आए हैं। एक बार उनकी पेंटिंग बिक जाए तो हम घर चलेंगे। पता नहीं तुम्हारी मम्मी वॉशरूम में कहां रह गई है। अभी तक आई क्यों नहीं ?अब तक तो उसे आ जाना चाहिए था।”



    तभी ट्विंकल देखती है, उसकी मम्मी की पेंटिंग के साथ थोड़ी ही दूर पर जो दूसरी पेंटिंग थी। उसे एक आदमी उतारता है और पेपर में लपेटकर वहां से ले जाता है। उसे ऐसा करता देख ट्विंकल हैरानी से जिया से कहती है, “ मौसी वह वाली पेंटिंग क्यों चली गई?”



    जिया ने बताया बेटा, “ क्योंकि वह बिक गई होगी। जैसे यह वाली पेंटिंग बिकी है ना वैसे ही तुम्हारी मां की पेंटिंग भी बिक जाएगी। और उसके बाद हमें बहुत सारे पैसे मिलेंगे।”



    “ तो मेरी मम्मी की पेंटिंग कौन खरीदेगा?” जिया वैसे ही परेशान हो रही थी, क्योंकि एक-एक करके खरीदार पेंटिंग देखते और उसे सेलेक्ट कर लेते थे। कुछ ने तो उनकी पेंटिंग देखी, लेकिन क्योंकि विश आसपास नहीं थी इसलिए जिया उन्हें पेंटिंग के बारे में कुछ नहीं बता पाई । और वो लोग वहां से चले जाते हैं।



    ऊपर से ट्विंकल के सवाल से जिया परेशान हो रही थी । उसने जल्दी से उस तरफ इशारा किया जहां पर अभय और आर्या खड़े थे और उसने अभय की तरफ देखते हुए कहा, “ वह जो अंकल देख रहे हो ना ? जिन्होंने ब्लैक कलर का कोट पहना हुआ है, वह आपकी मम्मी की पेंटिंग खरीदेंगे। और उसके बाद वह आपकी मम्मी को ढेर सारे पैसे देंगे । जिससे आपकी मम्मी आपके लिए ढेर सारी चॉकलेट और आइसक्रीम खरीदेगी।”



    चॉकलेट और आइसक्रीम का नाम सुन कर ट्विंकल की आंखों में चमक आ जाती है। वह जिया की गोद से उतरने के लिए छटपटाने लगती है। जिया ने उसे अपनी गोद में कस के पकड़ा हुआ था। पर तभी वहां पर आर्ट गैलरी का कोई व्यक्ति आता है। जो उस पेंटिंग के बारे में बात करने लगता है।



    जिया ने उस आदमी से बात करने के लिए ट्विंकल को नीचे उतार दिया और उस आदमी से कहने लगी, कि पेंटर वॉशरूम गई है। जैसे ही आ जाएगी, वह इस पेंटिंग की एग्जीबिशन में शामिल हो जाएगी। जिया को कुछ बात कर वह आदमी वहां से चला जाता है। और जिया हैरानी से वॉशरूम के कॉर्नर को देखने लगती है । लेकिन विश अभी भी बाहर नहीं आई थी।



    उसने विश को कॉल करने के लिए अपना फोन निकाला, पर तभी उसके नंबर पर विश की कॉल आ जाती है । उसने जल्दी से फोन रिसीव किया और कान से लगाते हुए विश से कहने लगी, “ विश कहां है तू ? तुझे पता है आर्ट गैलरी के मैनेजर आए थे और उन्होंने कहा है, कि पेंटिंग के लिए लोग इंटरेस्ट दिखा रहे हैं । लेकिन तू यहां मौजूद नहीं है । इसलिए कोई खरीद नहीं रहा है। तू जल्दी आ ।”



    “ अरे यार मैं कैसे आ सकती हूं ? मेरे पीरियड आ गए हैं । और मैं अपने साथ सैनिटरी पेड़ नहीं लेकर आई हूं। इसलिए मैं वॉशरूम में फंसी हुई हूं। अब मैं क्या करूं? मुझे खुद समझ में नहीं आ रहा है।” विश ने कहाँ



    जिया जल्दी से अपना बैग उठाते हुए कहती है, “ ठीक है तू वॉशरूम में ही रह। मेरे पास एक एक्स्ट्रा सेनेटरी पैड है । मैं लेकर आती हूं।”



    यह कहते हुए जिया अपना बैग ले कर वॉशरूम की तरफ चली जाती है। क्योंकि पेंटिंग के पास किसी का रहना जरूरी था, इसीलिए जिया जल्दी से विश को बेग पकड़ती है और दोबारा पेंटिंग के पास आ जाती है। पर वह देखती है ट्विंकल यहां नहीं है। ट्विंकल को वहां न पाकर जिया हैरानी से इधर-उधर देखने लगती है ।



    तभी उसकी नजर हॉल के दूसरे कॉर्नर पर जाती है । जहां पर ट्विंकल अभय से थोड़ी ही दूर पर खड़ी थी । उसे वहां देख कर जिया हैरान हो जाती है। और तेज कदमों से वहां बढ़ने लगती है ।



    ट्विंकल अभय से दो कदम की दूरी पर खड़ी थी। वह जैसे ही अभय के पास पहुंचती है, उसका कोर्ट पीछे से पकड़ कर खींचने लगती हैं। अभय को जब अपने पीछे के खिंचाव का एहसास होता है, तो वह पलट कर पीछे देखता है । अपने सामने मासूम सी ट्विंकल को देख कर अभय के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है।



    पर तभी अभय की सिक्योरिटी वहां जाकर ट्विंकल को वहां से हटाने की वाली थी कि अभय ने उसे हाथ दिखाकर रोक दिया। वह घुटनों के बल ट्विंकल के सामने बैठता है और उससे कहता है, “ क्या बात है बच्चे ? आप मेरा कोर्ट क्यों खींच रहे थे ?”



    “ अंकल आप मेरी मम्मी की पेंटिंग खरीदेंगे ना? जिससे मेरी मम्मी मेरे लिए ढेर सारे चॉकलेट और आइसक्रीम लेगी…”

  • 12. ब्लैंक चेक

    Words: 1036

    Estimated Reading Time: 7 min

    आर्या जो कि अभय से थोड़ी ही दूरी पर किसी दूसरी पेंटर से बात कर रही थी, उसने अभय को किसी बच्चे से बात करते हुए देखा तो वह तुरंत उसके पास आ जाती है।



    वह देखती है अभय के चेहरे पर एक मुस्कान है और वह कैसे मुस्कुराते हुए एक अनजान छोटी सी बच्ची से बात कर रहा है । अभय ने ट्विंकल को गोद में उठा लिया और उसे देख कर कहने लगा, “ तो तुम्हें चॉकलेट और आइसक्रीम चाहिए.....”



    “ ट्विंकल क्या कर रही हो यहां पर ? चलो अपनी जगह पर वापस चलो । तुम क्यों इन्हें परेशान कर रही हो ?” जिया जल्दी से ट्विंकल के पास आते हुए उसे देखकर कहने लगती है। अभय जब जिया को देखता है तो उसे लगता है, कि शायद यही ट्विंकल की मां है। लेकिन अगले ही पल ट्विंकल ने चिल्लाते हुए जिया को देखकर कहा।



    “ मौसी मैं बस अंकल से यह कहने आई थी, कि मेरी मम्मी की पेंटिंग वहां है। वह जल्दी से उसे खरीद ले । ताकि मेरी मम्मी मेरे लिए चॉकलेट और आइसक्रीम ले सके।”



    ट्विंकल की बात सुन कर जिया को अब अपने कहे हुए शब्दों पर अफसोस हो रहा था। वह मन ही मन अपना सर पीट लेती है । कहां इस लड़की को उसने बहकाने के लिए यह कह दिया और वह तो सच में अभय देव कोटियन के पास आ कर यह सब कहने भी लगी थी।



    उसने जल्दी से ट्विंकल को अपनी गोद में लिया। तो ट्विंकल अभय की गोद से उछलकर जिया के पास आ जाती है । पर इससे अभय को यह पता चल जाता है, कि यह लड़की इस बच्ची की मां नहीं है।



    जिया ने शर्मिंदगी के साथ अफसोस जताते हुए कहा, “ आई एम सॉरी सर, मैं इसकी तरफ से आपसे माफी मांगती हूं। बच्ची है , ना समझी में कुछ भी कह दिया इसने।”



    पर ट्विंकल ने मासूमियत के साथ अभय को देखते हुए कहा “ नहीं मैं बच्ची नहीं हूं अंकल। मैं पूरे 5 इयर्स की हु।”



    यह कहते हुए ट्विंकल ने अपनी छोटी से हाथों की पांचो उंगलियां अभय के सामने कर दी। उसे ऐसा करता देख अभय और आर्या दोनों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। अभय ने मुस्कुराते हुए अपने दोनों हाथ अपने पेंट की पॉकेट में डालते हुए ट्विंकल को देख कर कहने लगा, “ तो 5 इयर्स की बिग गर्ल, क्या तुम मुझे बताओगी तुम्हारी मां की पेंटिंग कहां है ?”



    ट्विंकल छोटे से हाथ से इशारा करते हुए कहती है, “ वह उस तरफ…”



    अभय मुस्कुराते हुए हा में सर हिलता है और उस तरफ जाने के लिए अपने कदम बढ़ाने ही वाला था, कि आर्या ने अभय के बाजू को पकड़ते हुए उसे कहने लगी, “ आप क्या कर रहे हैं ? मेरी पेंटिंग का एग्जीबिशन चल रहा है , आप इस तरीके से अगर चले जाएंगे तो…”



    “ तो क्या ? आर्या पेंटिंग तुम्हारी है। एग्जीबिशन भी तुम्हारी पेंटिंग का ही हो रहा है। तो तुम्हे इसमें फिक्र करने की क्या जरूरत है? तुम्हारी पेंटिंग तो बिक ही जाएगी ना। आखिर तुमने पेंटिंग में अपना नाम आर्या कोटियन जो रखा हुआ है।”



    आर्या अपना चेहरा नीचे झुका लेती है और अभय उस तरफ चला जाता है । जहां पर ट्विंकल ने पेंटिंग की जगह बताई थी। उस तरफ जाता देख जिया हैरान हो जाती है और वह जल्दी से पेंटिंग के पास आती है। वह जल्दी से विश को ढूंढने लगती हैं। लेकिन विश अभी तक वॉशरूम से बाहर नहीं आई थी।



    अभय और आर्या उस पेंटिंग के पास पहुंचते हैं और उसे पेंटिंग को देखने लगते हैं । आर्या उस पेंटिंग को देखते हुए कहती है, “ यह तो बहुत नॉर्मली सी पेंटिंग है। इसमें स्पेशल क्या है..?”



    “ आंटी यह पेंटिंग इसीलिए स्पेशल है, क्योंकि यह मेरी मम्मी ने बनाई है।” छोटी सी ट्विंकल ने आर्या को देखते हुए कहा । तो आर्या का चेहरा एंब्रेस मेंट से भर जाता है। पर अभय के चेहरे पर एक मिस्टीरियस मुस्कान थी । उसने उस पेंटिंग को अच्छी तरह से देखा और फिर जिया की तरफ देखकर बोला, “ इसे बनाने वाली पेंटर कहां है ?”



    “ सॉरी सर एक्चुअली वह वॉशरूम गई हुई है. पर आप थोड़ा सा इंतजार करेंगे? मैं अभी उसे बुला देती हूं।”



    अभय ने अपना हाथ दिखाकर उसे रोकते हुए कहा, “ मेरे पास टाइम नहीं है । कीमत क्या है इस पेंटिंग की? मैं इसे खरीदने के लिए तैयार हूं।”



    जैसे ही अभय ने यह कहा आर्या हैरान हो जाती है। वह खुद एक बहुत अच्छी पेंटर है। लेकिन फिर भी अभय किसी दूसरे पेंटर की मामूली सी पेंटिंग को खरीदने की बात कर रहा है। पर उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी, कि वह अभय से इस बारे में कुछ पूछ सके।



    इसलिए उसने चुप रहना ही मुनासिफ समझा। लेकिन जिया भी कम हैरान नहीं हुई। क्योंकि उसे तो पता ही नहीं था, कि इस पेंटिंग की रकम कितनी है। वह क्या बताएं ? वह जल्दी से विश को ढूंढने लगती हैं। ताकि वह इस पेंटिंग की असली कीमत बता सके।



    अभय ने जब उसे कुछ ना कहता हुआ पाया तो उसने जिया से पूछा, “ तुम्हें इस पेंटिंग की कीमत नहीं पता है ?”



    जिया ने घबराते हुए कहा, “ सॉरी सर यह पेंटिंग मेरी नहीं है। मेरी फ्रेंड ने बनाई है और मुझे नहीं पता इसकी कीमत कितनी है। वह वॉशरूम गई है । बस थोड़ी ही देर में आ जाएगी।”



    अभय अपने कोर्ट के जेब में हाथ डालते हुए कहता है, “ मैंने पहले ही कहा है कि मेरे पास टाइम नहीं है । मेरे लिए टाइम ही मनी है। अगर तुम्हें इस पेंटिंग की असली कीमत नहीं पता है, तो फिर ठीक है इसकी कीमत के बनाने वाले से पूछ कर भर देना।”



    लेकिन तभी अभय की आंखें छोटी हो जाती है। उसने अपने कोर्ट की जब में चेक किया, तो उसका चेक बुक वहां मौजूद ही नहीं था। वह थोड़ा हैरान होता है और फिर याद करते हुए हुए आर्या को देख कर कहने लगता है, “ मैं शायद अपना चेक बुक गाड़ी में भूल आया हूं। तुम्हारा चेक बुक तो तुम्हारे पास होगा ना?”



    आर्या जल्दी से हा में सर हिलाती है। तो अभय ने कहा, “ तो एक ब्लैंक चेक काट कर इन्हें दे दो।”

  • 13. मास्क पार्टी

    Words: 1143

    Estimated Reading Time: 7 min

    जिया के हाथों में वो ब्लैंक चेक था और वो हैरानी से उस चेक को देख रही थी । सच में उसके हाथों में वो ब्लैंक चेक था जिसके नीचे आर्या के साइन थे। इसका मतलब उसमें जो भी रकम भरी जाएगी, वो रकम सीधे विश के अकाउंट में ट्रांसफर होगी।



    जिया को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था और उसे अपने हाथों पर भी यकीन नहीं हो रहा था । जिससे ब्लैंक चेक पकड़ा हुआ था। वो नीचे झुक कर जल्दी से ट्विंकल को अपनी गोद में उठा लेती है और ट्विंकल को लेकर जोर से घूमने लगती है । वो ट्विंकल के गालों को किस करती है और खुश होते हुए चिल्लाते हुए कहती है “अरे वो मेरी जान तूने तो कमाल कर दिया है।”



    “किसने क्या कर दिया है..?” पीछे से विश की आवाज आती है , तो जिया उस तरफ देखती है विश उनकी तरफ ही आ रही है । विश को आता हुआ देखकर जिया उछलते हुए विश से कहती है “अरे यार हमारी छोटी सी राजकुमारी ने बड़ा धमाका कर दिया है!उसने तुम्हारी पेंटिंग सेल कर दी है तुम्हारी पेंटिंग बिक गई है ये देखो ब्लैंक चेक। वो अमीर आदमी था, जिसने तुम्हारी पेंटिंग खरीदी है और उसने कहा है की रकम अपने हिसाब से भर लेना!”



    विश को बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी पेंटिंग सच में बिक गई है । क्या पिछले गुजरे 10 मिनट में इतना सब कुछ हो गया कि विश को अंदाजा भी नहीं हुआ । सच में उसकी पेंटिंग के ऊपर रेड फ्लैग लगा हुआ था जिसकी मतलब था पेंटिंग सेल। विश की खुशी का ठिकाना नहीं रहा वो नीचे झुक कर जल्दी से ट्विंकल को अपनी गोद में लेती है और उसके गालों को चूमने लगती है। ट्विंकल उन दोनों को देखकर अपना मुंह बनाते हुए कहती है “मम्मी मौसी आप दोनों मेरे गालों को किसी कर करके मेरे गालों में दर्द कर दिया है । अब मुझे किसी नहीं चाहिए मुझे आइसक्रीम चाहिए।”



    विश बहुत खुश हो रही थी उसने खुशी से ट्विंकल को लेकर हवा में लिफ्ट करते हुए कहा “हां मेरी जान तुम्हें आइसक्रीम भी मिलेगी और चॉकलेट भी मिलेगी.!”



    मैनेजर अपनी टीम के साथ विश के पास आते हैं और उसे कंग्रॅजुलेशन करके पेंटिंग वहां से उतार लेते हैं । विश बहुत खुश हो जाती है ब्लैंक चेक का मतलब है कि वो इसमें कितनी मर्जी उतनी रकम लिख सकती है मैनेजर ने जाने से पहले विशव को कहा की पेंटिंग एग्जीबिशन के बाद पीछे गार्डन एरिया में पार्टी की तैयारी की गई है। जो सारे पेंटर्स और बड़े बिजनेसमैन के लिए रखी गई है.. लेकिन यह एक मास्क पार्टी है तो उन लोगों को पार्टी में आने से पहले मास्क पहनना होगा।



    मैनेजर साहब के इनविटेशन पर विश खुश हो जाती है और हां में सर हिलाती है।



    धीरे-धीरे करके पेंटिंग एग्जीबिशन खत्म हो गई थी और उसके बाद विश जिया और ट्विंकल को लेकर पार्टी एरिया में पहुंच जाती है। वो देखती है सच में वहां पर मौजूद सब लोगों ने अपने चेहरे पर मास्क लगाए हुआ है।



    विश भी अपने लिए एक सिंपल सा पीकॉक मास्क लेती है और जिया ने भी अपने लिए एक नॉर्मल सा परी मास्क लिया था लेकिन ट्विंकल उछलते हुए विशव से कहती है “मम्मी मुझे मास्क पहनना है!”



    विश ने उन सारे मास्क को देखा लेकिन वो सारी मास्क ट्विंकल के हिसाब से बड़े हो रहे थे। विश ने ट्विंकल को देखते हुए कहा ट्विंकल बेटा सारे मास्क बहुत बड़े हैं आपके चेहरे पर फिट नहीं आएंगे।



    ट्विंकल का चेहरा उदासी से भर जाता है विशव अपनी बेटी को उदास कैसे देख सकती थी उसने जल्दी से एक मास्क लिया और उसमें से आसपास लगे हुए पंखों को काटकर उसकी डोरी को छोटा कर दिया।



    विश की सारी दुनिया ट्विंकल के आसपास ही तो बस्ती थी वो ट्विंकल के चेहरे पर उदासी नहीं देख सकती थी उसके चेहरे पर खुशी देखने के लिए तो वो सारी दुनिया से लड़ सकती थी. उसके लिए ट्विंकल ही उसकी दुनिया थी।



    जैसे ही ट्विंकल ने मास्क पहना वो खुशी से उछलने लगती हैं और इधर-उधर भागते हुए नाचने लगती है । वो अपने छोटे से फ्रॉक को गोल-गोल घुमाते हुए विश को देखकर कह रही थी “मम्मी देखो मैं कितनी सुंदर लग रही हूं बिल्कुल एक प्रिंसेस की तरह क्योंकि ये मास्क भी तो एक प्रिंस का ही है!”



    विश मुस्कुराते हुए ट्विंकल को देखती हैं लेकिन उसके इस तरीके से भागने पर वो उसे रोकते हुए कहती है “नहीं ट्विंकल आप ऐसे भाग नहीं सकती हैं। देखो अभी यहां पार्टी शुरू हुई है। आप ऐसे भागोगी, तो आपको चोट लग जाएगी। आराम से मम्मी और मौसी के पास रहो।”



    विश ट्विंकल का हाथ पकड़ कर जिया के साथ पार्टी में आती है और एक तरफ जाने वाली होती है कि तभी गॉड्स उसे रोकते हुए कहते हैं “सॉरी मैडम आप उस तरफ नहीं जा सकती हैं वो वीआईपी एरिया है !आपको आगे जाने की परमिशन नहीं है !” विश देखती है कि उस तरफ में सभी बिजनेसमैन और बड़े लोग थे और जहां पर वे खड़ी थी वहां पर नॉर्मल पेंटर और वहां पर आए कुछ नॉर्मल गेस्ट ही थे । विश को इन सब से कोई प्रॉब्लम नहीं थी उसने अपना सर हिलाया और जिया को लेकर दूसरी तरफ आ जाती है।



    उसने ट्विंकल के हाथ में एक जूस का ग्लास दिया और उसे एक कुर्सी पर बिठा दिया ट्विंकल अपने मनसे पीछे से ही कुर्सी पर बैठकर जूस पीने लगती हैं । लेकिन उसकी नज़रें सामने वीआईपी एरिया पर टिकी हुई थी तभी वो देखती है कि वहा पर दो-चार लोगों के बीच उसे अभय नजर आता है जिसके हाथों में एक ड्रैगन का मास्क था लेकिन उसने अभी तक उसे पहना नहीं था वो मास्क उसके हाथों में ही था।



    अभय को देखकर ट्विंकल खुश हो जाती है। जब अभय उसकी पेंटिंग लेकर गया, तो वो अभय को थैंक यू नहीं बोल पाई। इसीलिए ट्विंकल अपने हाथों में जो उसका गिलास लेकर छोटे-छोटे कदमों से भागते हुए वीआईपी एरिया के अंदर आ जाती है । पर जैसे ही वो उस गेट के अंदर दाखिल होती है वैसे ही वो किसी से टकरा जाती है और उसका सारा जूस नीचे जमीन पर गिर जाता है।



    ट्विंकल रोने लगती है.. रोते हुए अपना चेहरा उठा कर देखती है तो सामने आर्या थी उसके हाथों में भी मास्क था। लेकिन वो बस उसे पहनने ही वाली थी। जेसे ही अपने सामने उसने ट्विंकल को देखा और उसे पहचान लिया। उसने ट्विंकल को उसके कपड़ों से पहचान लिया था । वो गुस्से में ट्विंकल को देखकर कहती है “तुम यहां क्या कर रही हो? पता नहीं है कि ये vip पार्टी है , तुम ऐसी पार्टी में यहां वहां भाग रही हो अगर तुम्हें चोट लग जाएगी तो!”



    तभी वहां पर गॉड्स आ जाते हैं और आर्या को देखकर कहते हैं “क्या हुआ मैडम ?”

  • 14. आर्या और विश का आमना सामना

    Words: 1088

    Estimated Reading Time: 7 min

    आर्य ने गुस्से में उन गार्ड की तरफ देखा और देख कर कहने लगी “कहां मर गए थे तुम दोनों? देख नहीं रहे हो कोई भी हमारी पार्टी में उठकर आ रहा है!”



    गार्ड्स जल्दी से सॉरी कहते हुए आर्या से कहते हैं “सॉरी मैडम वो हम किसी काम से बस कॉर्नर तक गए थे ! कोई बात नहीं हम अभी इस बच्ची को बाहर निकाल देते हैं।”



    कहते हुए एक गार्ड उस बच्ची का हाथ पकड़ता है और उसे खींचता हुआ बाहर की तरफ ले जाने लगता है ।उसने ट्विंकल का हाथ इतनी जोर से पकड़ा था कि ट्विंकल के हाथ में दर्द होने लगा था और वो जोरों से चिल्लाते हुए रोने लगती है।



    विश इस वक्त दूसरे पेंटर्स के साथ खड़े होकर बात कर रही थी लेकिन जैसे ही उसके कानों में ट्विंकल के रोने की आवाज आती है वो हैरान हो जाती है । वो पीछे पलट कर देखती है तो उसकी हैरानी का ठिकाना नहीं था और उसके चेहरे पर गुस्सा उतर आया था ट्विंकल को खींचता हुआ बाहर ले जाया जा रहा था और वो भी लगाते हुए रो रही थी।



    जिया भी ये नजारा देखकर डर जाती है जिया और विश दोनों तेज कदमों से उस गार्ड की तरफ बढ़ते हैं । वो जल्दी से गार्ड के सामने जाती हैं अगले ही पल विश ने गार्ड के हाथों से ट्विंकल का हाथ खींच कर हटा लिया और अचानक उसने उस गार्ड के गाल पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया । जिसकी वजह से वहां का माहौल अचानक से रुक जाता है और सब लोग घबराते हुए उसे तरफ देखने लगते हैं । लेकिन क्योंकि वो लोग दरवाजे के पास थे इसलिए वीआईपी गेस्ट को यहां पर क्या हो रहा हैं इस बात का पता नहीं चल रहा था।



    विश गुस्से में चिल्लाते हुए गार्ड से कहती है “हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी मेरी बेटी को किसी जानवर की तरह खींचने की? क्या तुम्हें इतना भी नहीं सिखाया किसी ने की छोटे बच्चों के साथ कैसे बिहेव करना चाहिए ! वो तुम्हारे सामने रो रही है और तुम उसेइस तरीके से खींच कर ले जा रहे हो !”



    गार्ड कुछ कहता उससे पहले ही उसने देखा कि आसपास के लोग उसे घूरते हुए देख रहे हैं उसे एहसास हो जाता है कि उसने गलत किया है । वो धीरे से विश को देखते हुए बोला “मैडम गलती इस बच्ची की है, यही वीआईपी एरिया में जा रही थी ! तो हमारी मैडम ने इसे बाहर निकालने के लिए बोला है, में बस अपनी मैडम का आर्डर फॉलो कर रहा था।”



    “कौन है तुम्हारी मैडम जिसे इतनी भी तमीज नहीं है कि छोटे बच्चों के साथ किस तरीके का व्यवहार करना चाहिए ! बताओ मुझे कौन है तुम्हारी मैडम मैं भी जरा देखूं की ऐसी कौन से रईस लोग आ गए हैं। जिन्हें भगवान ने पैसा तो दिया है लेकिन तमीज रति भर भी नहीं दी है।”



    गार्ड घबराते हुए अपने हाथ के इशारे से वीआईपी एरिया की तरफ इशारा करता है और आर्या की तरफ अपनी उंगली पॉइंट करता है। आर्या अपनी सोसाइटी की कुछ औरतों के साथ मिलकर वहा पर हंसी मजाक कर रही थी और बातें कर रही थी उसका चेहरा इस वक्त दूसरी तरफ ताबिश को उसकी पीठ नजर आ रही थी।



    नीचे ट्विंकल जोर-जोर से रोए जा रही थी विशव ने ट्विंकल को अपनी गोद में उठाया और जिया के गोद में देते हुए कहा “इसका ख्याल रखना।”



    वो गुस्से में तेज कदमों से वीआईपी एरिया की तरफ बढ़ जाती है। गेट के पास खड़ा दूसरा गार्ड विश को रोकने की कोशिश करता है पर वो उस गार्ड को धक्का देकर अंदर चली जाती है।



    वो सीधे आर्या के पीछे खड़ी हो गई और विश आर्या की कलाई पकड़ कर एक झटके से उसको अपनी तरफ पलट दिया । आर्या संभाल नहीं पाती है और लड़खड़ा जाती है लेकिन वो घबराते हुए विश को देख रही थी, जिसका चेहरा गुस्से में भरा हुआ था।



    यह पहली बार था जब आर्या और विश एक दूसरे के आमने-सामने थी। इससे पहले ना तो विश ने कभी आर्या को देखा था और ना ही कभी उसने आर्या की कोई तस्वीर देखी थी।



    “तुम्हें जरा भी शर्म नहीं आती है ? एक औरत होकर तुम कैसे एक छोटी सी बच्ची को इस तरीके से बाहर निका ल सकती हो?”



    विश ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा, तो आर्या हैरान हो जाती है । उसने हैरानी से विश को देखा और अपने दोनों हाथ बांधते हुए कहा “मैंने तुम्हारी बेटी को बाहर नहीं निकाला । बल्कि मैं उसे ये समझा रही थी, कि वो इस तरीके से पार्टी में भागेगी तो उसे चोट लग जाएगी! मैंने गार्ड से नहीं कहा था, कि उसे बाहर निकले।”



    “तुम होती कौन हो ये बताने वाली की मेरी बेटी को कहां घूमना चाहिए और कहां नहीं? सिर्फ एक एरिया अपना बना लेने से तुम उसकी मालकिन नहीं बन जाती हो। भगवान ने तुम्हें शक्ल और पैसा दोनों दिया है, पर संस्कार और तहजीब देना भूल गया है। तभी तो तुम्हे एक बच्ची से बात करने की तमीज नहीं है!”



    “एक्सक्यूज मी बहुत बोल चुकी हो तुम। मैंने तुम्हारी बेटी को सिर्फ समझाया है । ना तो मैंने उस पर हाथ उठाया है और ना ही मैंने उसे डांटा है। अगर फिर भी तुम्हारा रवैया ऐसा है, तो मैं बता दूं कि मेरे पति ने तुम्हारी पेंटिंग ली थी। वो भी ब्लैंक चेक देकर।”



    विश का रहा सहा सब्र अब जवाब दे जाता है। उसके हाथ गुस्से में कस गए थे। उसने गुस्से में आर्या का हाथ पकड़ा और वहां पर खड़ा कर दिया। आर्या का हाथ में ऊपर था और विश ने चिल्लाते हुए पूरी पार्टी में आवाज लगाना शुरू कर दिया, “ इनके पति कहां है ? अगर इनके पति यहां मौजूद है, तो मेरे सामने आए।”

    “इनके पति कहां है वो इस पार्टी में कहां मौजूद है अगर वो यहां पर है तो मेरे सामने आए मुझे उनसे बात करनी है..”



    विश आर्या का हाथ हवा में उठाते हुए पूरी पार्टी में शोर मचा रही थी और उसकी आवाज से सभी का ध्यान इस की तरफ था। वही अभय की निगाहें भी इस वक्त आर्या और उसके साथ खड़ी विश के ऊपर थी जिसने इस वक्त एक पीकॉक का मास्क पहन रखा था। क्योंकि अभय लोगों के बीच खड़ा था इसीलिए उसे देख पाना थोड़ा मुश्किल था । लेकिन अभय की गहरी निगाहें विश के ऊपर ही थी उसने अपने हाथ में पकड़ा हुआ ड्रैगन का मास्क उठाया और अपने चेहरे पर लगा लिया उसका पूरा चेहरा उसे ड्रैगन के मुखौटे के पीछे छुप गया था।

  • 15. आप मेरी बेटी के आंसुओं की कीमत पैसों से तोलेंगे..?

    Words: 1124

    Estimated Reading Time: 7 min

    “इनके पति कहां है वो इस पार्टी में कहां मौजूद है अगर वो यहां पर है तो मेरे सामने आए मुझे उनसे बात करनी है..”



    विश आर्या का हाथ हवा में उठाते हुए पूरी पार्टी में शोर मचा रही थी और उसकी आवाज से सभी का ध्यान इस की तरफ था। वही अभय की निगाहें भी इस वक्त आर्या और उसके साथ खड़ी विश के ऊपर थी जिसने इस वक्त एक पीकॉक का मास्क पहन रखा था। क्योंकि अभय लोगों के बीच खड़ा था इसीलिए उसे देख पाना थोड़ा मुश्किल था । लेकिन अभय की गहरी निगाहें विश के ऊपर ही थी उसने अपने हाथ में पकड़ा हुआ ड्रैगन का मास्क उठाया और अपने चेहरे पर लगा लिया उसका पूरा चेहरा उसे ड्रैगन के मुखौटे के पीछे छुप गया था।



    वो अपने कदम आगे बढ़ा पाता उससे पहले ही उसका सबसे वफादार आदमी पुरोहित वहां मौजूद था उसने जब उस लड़की को आर्या के ऊपर चिल्लाते हुए देखा तो उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है।



    जब उसे लड़की ने पूरी महफ़िल में अभय को आवाज लगाई , तो पुरोहित कहता है “बॉस मैं हैंडल करता हूं !”



    लेकिन अभय ने अपना हाथ दिखाकर उसे रोक दिया और ना में सर हिलाया, वो देखना चाहता था कि ऐसी कौन सी लड़की है जो इतनी निडर और इतनी साहसी है । जो अभय देव कोटियान की बीवी के सामने खड़े होने की हिम्मत रख सकती है और उसकी आंखों में आंखें डालकर बात कर सकती है।



    आर्या ये देख झटके से अपना हाथ खींचती है और कहती है “पागल हो गई हो क्या? क्या नाटक लगा रखा है यहां! जब मैं कह रही हूं कि मैंने तुम्हारी बेटी को कुछ नहीं कहा है तो तुम्हें समझ में नहीं आता है एक बार में। क्यों यहां पर सीन क्रिएट करने पर तुली हुई हो..! तुम्हारी उस बकवास सी पेंटिंग के लिए मेरे हस्बैंड ने ब्लैंक चेक दिया है! और ऊपर से तुम हमें ही आंखें दिखा रही हो। मैं अभी भी कह रही हूं अपनी हद में रहो और चली जाओ यहां से।।”



    “अपनी हद में तो मैं अभी तक हूं मैडम! लेकिन जब तक मैं आपके उस दानवीर हस्बैंड से नहीं मिल लेती तब तक मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगी! और आप क्या बात कर रही हैं सिर्फ पैसों से रईस होकर आप किसी इंसान की सेल्फ रिस्पेक्ट खरीदने की बात कर रही है? और वो भी एक छोटी सी बच्ची के नाम पर, आपको बिल्कुल भी शर्म नहीं आई की एक छोटी सी बच्ची को अपने इस तरीके से यहां से निकालने की बात कही है! खुद एक औरत है और उसके बाद भी बच्चों के लिए आपका ऐसा व्यवहार है! मुझे तो हैरानी होती है ये जानकर कि आप अपने बच्चों को कैसे संभालती होगी! सॉरी आप अपने बच्चों को क्यों संभालेंगी आप तो बड़े लोग हैं ना आप तो अपने बच्चों को संभालने के लिए वो रखती है ना क्या कहते हैं उसे हां नेनी!”



    जेसे ही बच्चों का जिक्र होता है आर्या के हाथ पैर ठंडे हो जाते हैं और उसके चेहरे पर घबराहट आ जाती है। तभी वहां पर अभय के कदमों की आहट आने लगती है अभय को इस तरीके से उन लोगों के पास जाता देख सभी लोग घबरा जाते हैं । और अपने कदम अपने आप पीछे लेने लगते हैं अभय शांत कदमों से चलता हुआ आर्या के बगल में आ जाता है और उसके साथ खड़ा होते हुए विश को देखता है जिसका चेहरा मास्क से आधा ढका हुआ था और वो गुस्से में उन दोनों को देख रही थी।



    विश की हाइट अभय के कंधे तक भी नहीं आती थी वो उसके सीने तक ही आ पाती थी। और आर्या वो अभय के कंधे से से कंधा मिलाकर खड़ी थी दोनों की हाइट बराबर पर थी।



    अभय ने अपने ड्रैगन मास्क के पीछे से घूरते हुए विश को देखकर कहा “मैं हूं इनका हस्बैंड! बताओ क्या प्रॉब्लम है?”



    “प्रॉब्लम ये है सर की आप अपनी बीवी को थोड़ी सी तमीज सिखाए! जो ये बता सके कि किसी छोटे बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए! पैसों से सिर्फ बड़ा नाम आता है तमीज नहीं. ये बात आपकी बीवी को देख कर सब पता चल रहा है! छोटी सी बच्ची कौन सा यहां पर आकर उनकी प्रॉपर्टी लूट लेती या फिर उनके घर पर जाकर अपना हक जमाती। बच्चे मासूम होते हैं क्या इन्हें इतना भी नहीं पता है.. छोटे बच्चे चीज को देखकर अट्रेक्ट होते हैं! वो क्या ही ले जाती यहां से….ये बैलून? ये रंग बिरंगी फ्लावर ? या फिर ये कलरफुल रिबन ?मेरी बेटी यहां से ऐसी क्या चीज ले जाती जिनकी वजह से आपकी दौलत कम होती बताइए?”



    “अगर इतना ही इसे पता होता तो आज इसकी अपनी औलाद नहीं होती…” अभय ने एक सपाट लहजे में ये कहा और उसकी बात सुनकर आर्या की आंखें एकदम से बड़ी हो जाती है और उसकी आंखों के किनारे में आंसू आ गए थे उसने हैरानी से अभय की तरफ देखा।



    और पार्टी में मौजूद सभी लोगों की आंखें हैरानी से बड़ी हो गई थी । वो सब लोग अपने मुंह पर हाथ रखकर धीमी आवाज में खुसुर पुसुर करने लगते हैं ये सीधे तौर पर आर्या की बेइज्जती थी! अभय भरी महफिल में अपनी बीवी को अपमानित कर रहा था ये कहकर कि वो उसके बच्चे की माँ नहीं बन पाई है।



    आर्या सॉक और शर्म के साथ अपना चेहरा नीचे कर लेती है। अभय ने एक नजर आर्या को देखा और उसके बाद उसने विश को देखकर कहा “मैं अपनी बीवी की हरकत के लिए आपसे माफी मांगता हूं! और इसने जो हरकत की है मैं उसके लिए आपको कीमत चुकाने भी तैयार हूं।”



    अभय की बात सुनकर आर्या हैरान नजरों से उसे देखने लगती है। अभय किसी से माफी मांग रहा है वो भी बिल्कुल शांत लफ्जों में ! और ये बात तो वहां पर खड़े सभी लोगों को चौंकाने वाली थी। सभी लोग हैरानी से अभय को देख रहे थे लेकिन अभय की नजरे सिर्फ विश की उन गुस्से से भरी नजरों में थी जो उसे मस्क के पीछे से अभय को नजर आ रही थी।



    विश का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ वो गुस्से में उन दोनों को देखते हुए कहती है “अफसोस हुआ सुनकर कि भगवान ने आपको औलाद नहीं दी है! इसीलिए शायद आपकी बीवी को बच्चों से बात करने का तरीका नहीं पता है..आप मेरी बेटी के आंसुओं की कीमत चुकाएंगे...ठीक है तो कैसे चुकाएंगे आप मेरी बेटी के आंसुओं की कीमत?”



    “ एक और ब्लैंक चेक देकर..” अभय ने सपाट लहजे में कहा । विश अभय को देखकर कहती है “अच्छा इसका मतलब आप मेरी बेटी के आंसुओं की कीमत पैसों से तोलेंगे..? लेकिन मेरे पास इससे ज्यादा एक बेहतर ऑप्शन है अगर आप कहें तो मैं वो आपके सामने रखू ?”

  • 16. Poison

    Words: 1194

    Estimated Reading Time: 8 min

    “बताइए अगर कोई भी ऐसी चीज है जो आपकी बेटी के आंसुओं की कीमत को पूरा कर सकती है तो मैं बिल्कुल उसे करने के लिए तैयार हूं..” अभय कहता है तो विश ने अपने दोनों हाथ बांधते हुए कहा “तो ठीक है क्या हुआ अगर मैं अपनी बेटी के आंखों से बहते हुए आंसुओं का हिसाब चुकाने के लिए आपको एक थप्पड़ मारूं तो?”



    आर्या की आंखें एकदम से बड़ी हो जाती है और बाकी सब हैरान हो जाते हैं। ये लड़की पागल है क्या जो अभय देव कोटियाल से पंगे ले रही है? और ठीक उसके सामने खड़े होकर उसे थप्पड़ मारने की बात कह रही है। लेकिन अभय की नजरे सख्त हो रही थी वो घूरती हुई तीखी निगाहों के साथ विश को देखे जा रहा था। पर आर्या जल्दी से विश से कहती है “ए लड़की पागल हो गई हो क्या? कैसी बातें कर रही हो तुम मेरे हस्बैंड के साथ! क्या तुम ये भी भूल गई कि अभी भी थोड़ी देर पहले मेरे हस्बैंड ने तुम्हारी उस बे मतलब की पेंटिंग को ब्लैंक चेक देकर खरीदा है!”



    विश तिरछी निगाहों से आर्या से कहने लगी “अच्छा हां याद आया पेंटिंग! आप लोगों ने मेरी पेंटिंग खरीदी है.. जी बिल्कुल मुझे याद है 1 मिनट यही रुकिएगा कहीं जाएगा मत!”



    विश वहां से उस टेबल के पास जाती है जहां पर सेल की गई सारी पेंटिंग्स रखी हुई थी और उन सारी पेंटिंग्स में से विश की भी पेंटिंग थी । विश अपनी पेंटिंग उठाती है और उसे लाकर अभय और आर्या के सामने खड़ी हो जाती है वो जोर से अपनी पेंटिंग को नीचे जमीन पर पटक देती है जिससे पेंटिंग की फ्रेम टूट जाते हैं विश ने साइड में रखी हुई शेमपेन की बोतल उठाई और उसे अपनी पेंटिंग के ऊपर खाली कर दिया। जिससे उसकी पेंटिंग के सारे पैंट आपस में गुल गए विश ने अपनी पेंटिंग पर अपना पैर रखा और उसे कुचलते हुए उन दोनों को देखने लगी है वो दोनों हैरानी से विश को देख रहे थे।



    विश ने 4 महीने से मेहनत करके इस पेंटिंग को बनाया था और अब वो पेंटिंग किसी कूड़े की तरह उसके पैरों में पड़ी हुई थी।



    “मैं अपने हाथों से बने हुई चीजों को आप जैसे लोगों के हाथों में जाने देने के बजाय उसे खुद अपने हाथों से बर्बाद कर देना पसंद करूंगी..!” विश गुस्से में अपने दांत पीसते हुए उन दोनों दंपति को देखा और उनसे कहा..



    उसके बाद विश पलट कर दरवाजे के पास जाती है जहां पर जिया ट्विंकल को अपनी गोद में लेकर खड़ी थी अभय की नजर जब ट्विंकल पर जाती है तो उसकी निगाहें तीखी हो जाती है और उसके दिल में एक टिस की लहर उठती है.. ट्विंकल का वो छोटा सा चेहरा आंसुओं से पूरा लाल हो गया था और उसकी नाक भी फूल गई थी वो सुबक ते हुए रो रही थी.



    उसकी आंखों में आंसू देख कर ना जाने क्यों अभय के पूरे तन बदन के नशे लहर मार रही थी। और ऐसा ही कुछ हाल इस समय विश का भी था उसकी बेटी उसकी पूरी दुनिया थी । वो उसकी आंखों में आंसू देखने से पहले पूरी दुनिया में आग लगा देना पसंद करेगी उसके लिए उसकी बेटी ही उसकी जिंदगी है वो उसी के लिए तो इतना सब कुछ कर रही है।



    उसे फर्क नहीं पड़ता है कि ये लोग कितने अमीर है । कितने राइस है या ये लोग विश का क्या कुछ उखाड़ सकते हैं उसके लिए सिर्फ इतना ही काफी है कि इन लोगों की वजह से उसकी बेटी की आंखों में आंसू आए हैं.. विश के लिए ट्विंकल उसकी पूरी दुनिया है और वो ट्विंकल के लिए पूरी दुनिया से लड़ सकती है।



    वो जल्दी से जिया के पास जाती है और उसके साइड पर्स में से वो ब्लैंक चेक बाहर निका लती है उसने ब्लैंक चेक अभय और आर्या की तरफ करते हुए कहा “तो यही है ना वो चेक जो आप लोगों ने मुझे इस पेंटिंग की कीमत के रूप में दी है ठीक है?”



    ये कहते हुए विश तेज कदमों से डोनेशन बॉक्स की तरफ जाती है जहां इस वक्त बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए डोनेशन कलेक्ट किया जा रहा था विश जाकर वो ब्लैंक चेक उसे डोनेशन बॉक्स में दिया



    उसे पार्टी में खड़े हर लोग हैरानी से विश को देख रहे थे ये लड़की है कौन जो इतनी बहादुर और इतनी निडर है जो सीधे अभय देव कोटियान से टक्कर ले रही है।



    “मेरी बेटी के आंसुओं की कीमत आपकी दौलत से कहीं ज्यादा है.. “ ऐसा कहते हुए विश ने ट्विंकल को अपनी गोद में लिया और उसका सर कंधे पर छुपा लिया वो गुस्से में उन दोनों को देखते हैं और वहां से निकल जाती है। जिया भी एक घबराई हुई नजर से उन लोगों को देखते हैं और वहां से निकल जाती है लेकिन अभी की नजरे तब तक उनका पीछा कर रही थी जब तक वो दोनों में गेट से बाहर नहीं निकल गई।



    अभय धीरे कदमों से चलता हुआ उस कबाड़ हो चुकी पेंटिंग के पास आता है और घुटनों के बल झुकता है उसने पेंटिंग के कोने पर देखा तो वहां पर पेंटर का नाम लिखा हुआ था विशाखा।



    इस नाम को पढ़कर अभय के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है और वो धीरे से उसे विशाखा नाम के लिखे के ऊपर अपनी उंगली रखता है और डेविल स्माइल के साथ उसे देखते हुए धीरे से कहता है “poison!”



    वहीं विश और ट्विंकल को लेकर वापस घर आ गई थी। ट्विंकल की आंखें रोने की वजह से सज गई थी और इतना रोने के कारण वो गाड़ी में ही सो गई थी वेस्ट ट्विंकल को लेकर उसके कमरे में आती है और उसके छोटे से प्रिंस बेड पर उसे सुला देती है । जिया दरवाजे के पास थी उसने देखा कि किस तरीके से पूरे रास्ते विश के चेहरे पर बेचैनी थी। वो ट्विंकल के लिए कितनी मेहनत कर रही है कितनी स्ट्रगल कर रही है ये चीज जिया देख सकती थी और वो ट्विंकल से कितना प्यार करती है ये बात तो वो बहुत पहले से ही जानती थी ऐसे में उसका इस तरीके से बिहेव करना जिया के लिए कोई बड़ी बात नहीं थी. विश पहले भी कई बार ट्विंकल के लिए बहुत से लोगों से उलझ चुकी है वो सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है लेकिन अपनी बेटी की आंखों में आंसू नहीं।



    वही ट्विंकल के बेड के पास बैठे हुए विश उसके सर को सहला रही थी और उसके मायूस हो चुके चेहरे को देख रही थी । उसके गालों पर आंसुओं के निशान अभी भी थी और उन आंसुओं के निशान को देखकर वो और ज्यादा निराश हो गई थी.. वैसे भी उसके जीवन में इतनी सारी मुसीबतें आई है इतनी सारी प्रॉब्लम्स को फेस करके वो न जाने किन-किन हालातो से बाहर निकली है, और इतने सबके बाद जब उसके पास जीने का सिर्फ एक जरिया है तो वो उसे भी संभाल नहीं पा रही है । क्या जिंदगी दे रही है वो ट्विंकल को इस तरीके से? क्या वो ट्विंकल की सही तरीके से परवरिश कर पाएगी? और क्या वो उसे वो सब दे पाएगी जिसकी वो हकदार है?

  • 17. डिजाइनर गाउन 

    Words: 1025

    Estimated Reading Time: 7 min

    विश ने ट्विंकल को सुला दिया था और उसके सर के पास बैठी हुई थी लेकिन उसकी आंखों से आंसू अभी बह रहे थे । उसने ट्विंकल के हाथों पर वो निशान देखे जब वो बॉडीगार्ड उसे खींचता हुआ ले जा रहा था तो कितनी देर में से उसने ट्विंकल के नाजुक से हाथों को पकड़ कर खींचा था। उसके हाथ पर बॉडीगार्ड के उंगलियों के निशान छप गए थे और वो लाल हो गए थे ।



    विश ने धीरे से उन निशानों को छुए और उसके दिल में एक टीस उठी वो अपनी बेटी को कैसे दुनिया में मौजूद रक्षाशो से बचाए की उसकी बेटी बहुत मासूम है बहुत भोली है। ऐसे में विश उसे कैसे दुनिया के इन जालिमों से बचाए गी जहां पर वो खुद इसे नहीं बच पाई थी लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए वो ट्विंकल के ऊपर किसी की भी बुरी नजर नहीं पढ़ने देगी ।

    ट्विंकल को हमेशा इन सब से बचा कर रखेगी उस के लिए ट्विंकल उसकी दुनिया है और वो अपनी दुनिया पर किसी भी घटिया इंसान की नजर नहीं पड़ने देगी ट्विंकल को चादर से ढककर विश उसके माथे को चूमती है और फिर खिड़की के पास जाकर खड़ी हो जाती है ।

    बहार चांद चमक रहा था आज चांद भी पूरे गोल आकार में तेज रोशनी के साथ चमक रहा था और उस चांद की रोशनी में विश का मन एक अजीब से डर से भर गया था। उसे पता था कि उसकी जिंदगी में कितनी तकलीफ है वो किस दौर से गुजर रही है लेकिन इन सब केडी बावजूद वो ट्विंकल को किसी चीज की कमी नहीं होने देगी वो ये सब ट्विंकल के लिए ही तो कर रही है।



    वही दूसरी तरफ कोटियान मेंशन के आउट साइड पर बने आउट हाउस में सिर्फ पेंटिंग ही पेंटिंग है। वैसे तो यहां पर सारी पेंटिंग्स ज्यादातर आर्या की है या फिर वो वाली पेंटिंग है जो अभय को किसी प्रदर्शनी में पसंद आई थी लेकिन इस वक्त अभय एक बड़े से सोफे पर बैठा हुआ था और उसके हाथों में एक ड्रिंक का ग्लास था ।

    सामने शेम्पेन की बोतल रखी हुई थी और दीवार पर लगी थी विश की पेंटिंग हां वो टूटी हुई पेंटिंग जो एक कचरे की तरह विशने वही पर तोड़ कर फेंक दी थी। जिसका फ्रेम लगभग टूट गया था और कैनवास से कलर भी बह गए थे। पर फिर भी अभय उस पेंटिंग को अपने साथ लेकर आता है और उसे अपने आउट हाउस में सामने की दीवार पर लगा कर रखता है।



    “मैं अपनी बनी चीज को अपने हाथों से बर्बाद करना ज्यादा पसंद करूंगी..” अभय के कानों में बार-बार यही शब्द गूंज रहे थे । अचानक से उस ने अपने हाथ में पकड़े ग्लास को एक झटके से खत्म किया और उसे वापस टेबल पर रख दिया ।

    वो अपने दोनों हाथों को सोफे पर फैला ता है और अपना चेहरा ऊपर करते हुए पागलों की तरह हंसने लगता है । उसके चेहरे पर इस समय जो मुस्कान थी वो मामूली नहीं थी बल्कि वो इतनी डरावनी थी कि देख ने वाले की रूह तक कांप जाए।



    एक सिगरेट जलाते हुए अभय गार्डन में आता है और गार्डन में लगे सोफे पर बैठ कर उसकी नजर आसमान में चमक रहे चांद के ऊपर जाती है । इस पल में विश भी अपने कमरे की खिड़की से चांद को ही देख रही थी और अभय भी चांद को ही देख रहा था।



    और दोनों अपने अतीत में उस समय में चली जाती हैं जब उन दोनों का सामना एक दूसरे से हुआ था..



    फ्लैशबैक ...



    विश के घर में विश , जिया और ट्विंकल तीनों हैरानी से जीया के लैपटॉप में देख रहे थे..



    उनके सामने एक वेबसाइट खुली हुई थी जिसमें छोटे बच्चों के कपड़े थे । जैसे ही उस ने एक प्रिंसेस गाउन पर क्लिक कर के उसका प्राइस देखा तो विशकी आंखें एक दम से बड़ी हो गई “बाप रे ₹20000!”



    जिया ने भी हैरानी जता ते हुए कहा “हां यार 20000 का प्रिंसेस गाउन! कोई मुझे 20000 दे मैं उसके सामने बिना गाउन के प्रिंसेस बनाकर बैठ जाऊंगी!”



    लेकिन ट्विंकल अपनी जगह पर खड़ी हो जाती है और अपने दोनों हाथ कमर पर रखते हुए विश और जिया को देखकर कहती है “मम्मी मौसी मुझे नहीं पता मेरे स्कूल में एक प्ले होने वाला है! जिस में मुझे प्रिंसेस का रोल मिला है और मुझे प्रिंसेस गाउन चाहिए और मुझे यही वाला गाउन चाहिए!”



    विश हैरानी से कहती है “ट्विंकल ऐसा क्या खास है इस गाउन में कि तुम्हें यही चाहिए?”



    “अरे मम्मी ये सिंड्रेला वाला गाउन है! आपको दिखाई नहीं दे रहा है क्या? इसमें सिंड्रेला है और इसके शूज भी कांच के हैं.. मुझे सिंड्रेला वाला गाउन ही चाहिए मम्मी!”



    अपनी बेटी की ऐसी इज्जत देखकर विश हैरान तो होती है लेकिन ट्विंकल में ही तो उस की सारी दुनिया बस ती थी। तो वो केसे इसकी छोटी से जिद नहीं पूरी करती। उसने मुस्कुराते हुए ट्विंकल को देखा और हां में सर हीलाते हुए कहा “ठीक है तो आपकी मम्मा आपके लिए ये प्रिंसेस वाला गाउन जरूर लेकर आएगी! और उसके बाद मेरी बेटी भी सिंड्रेला की जैसी क्यूट सी प्रिंसेस बन जाएगि!”



    ट्विंकल खुश हो जाती है और ताली बजाते हुए वो खुशी से चली जाती है वो हाल में जाकर टीवी देखने लगती है । लेकिन जिया ने विश के कंधे पर हल्के से मारते हुए कहा “तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या ? 20000 का प्रिंस गाउन कहां से लाएगी इतने पैसे.. तू भूल गई है तू एक होटल में हाउसकीपिंग की जॉब करती है! तेरी सैलरी ही 12000 है और उस 12000 में घर का रेंट महीने का राशन ट्विंकल की स्कूल की फीस उसके बाकी के खर्च और तेरे बाकी के खर्चे तू कैसे मैनेज करेगी..? ठीक है एक बार के लिए मैं इस महीने का रेंट नहीं भी लिया तो भी इतने पैसे कहां से लेकर आएगी?”



    विश हैरानी से उसे लैपटॉप स्क्रीन को देख रही थी जहां पर वो सिंड्रेला वाला प्रिंसेस गाउन था । उसने कुछ सोचते हुए कहा “अब मैंने ट्विंकल को वादा तो कर दिया है पीछे नहीं हट सकती हूं। मुझे उसे ये गाउन दिलाना ही होगा!”

  • 18. बिस्तर पर सो रही है ये लड़की उसकी बीवी नहीं है!”

    Words: 1468

    Estimated Reading Time: 9 min

    अगले दिन ट्विंकल को उस के स्कूल छोड़ कर विश अपने होटल चली जाती है जहां पर वो एक हाउसकीपिंग की यानी के साफ-सफाई की जॉब करती थी।

    वो परेशानी से आज काम कर रही थी उस का मन आज काम में लग ही नहीं रहा था कि तभी उसके साथ काम करने वाली एक साथी ने पूछा “क्या बात है विश आज तुम बहुत परेशान लग रही हो? काम में मन नहीं लग रहा है! क्या तबीयत खराब है तो छुट्टी ले लेती !”



    विश ना में अपना सर हिलाते हुए बोला “नहीं डोली आंटी में छुट्टी नहीं ले सकती हूं ! वो क्या है ना मेरी बेटी के स्कूल में एनुअल डे है और उस में उसे सिंड्रेला वाली प्रिंसेस बनना है.. और वो मुझे सिंड्रेला वाली ड्रेस की जिद कर रही है मुझे नहीं पता मैं उसे ड्रेस कैसे दिलवाऊंगी मेरी तो इतनी सैलरी भी नहीं है!”



    डॉली आंटी उम्र में थोड़ी बड़ी थी और दुनिया की तौर तरीकों के बारे में भी थोड़ा बहुत पता था। इसीलिए वो मुस्कुरा ते हुए कहती है “बस इतनी सी बात ये भी कोई टेंशन वाली बात है ! अरे तुम्हें क्या लगता है हम इतने बड़े होटल में काम करते हैं जहां पर इस शहर के एक से एक रईस लोग आते हैं तो क्या वो सारे के सारे लोग पैसे वाले ही होते हैं और तुम्हें क्या लगता है यहां पर जितनी भी लड़कियां आती हैं और अमीर मर्दों को रिझाने की कोशिश करती है उन्होंने जो कपड़े पहने होते हैं वो सारे डिजाइनर होते हैं? सब झूठ है सब दिखावा है सब नकली है.. ये झूठ की दुनिया है यहां झूठ दिखता भी है और बिकता भी है!”



    विश हैरानी से कहती है “आंटी आप कहना क्या चाहती है मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है!”

    डॉली आंटी अपना फोन निकाल ती है और उस में से कुछ सर्च करते हुए विशके सामने फोन की स्क्रीन करती है और कहती है “ये देखो ये है असली मनीष मल्होत्रा की डिजाइनर लहंगे और ये देखो उसके साथ बिल्कुल उसकी कॉपी किया हुआ लहंगा कोई बता सकता है कि जो दूसरा लहंगा है वो कॉपी किया हुआ है बिल्कुल मनीष मल्होत्रा के लहंगे के जैसा ही है।!”



    विश हैरानी से देखती है तो दोनों लहंगे बिल्कुल एक जैसे थे । वो हैरान हो जाती है और फिर डोली आंटी से कहती है “हां आंटी लहंगे तो दोनों एक जैसे ही है लेकिन बिल्कुल वैसा ही ड्रेस चाहिए जैसा कि इंटरनेट पर है वैसी ड्रेस मुझे कहां मिल पाएगी?”



    डॉली आंटी इस पर भी हंस देती है और कहती है “अरे ये भी कोई बहुत बड़ी समस्या है क्या तुम्हें काम करो कुर्ला में एक लोकल मार्केट है वहां पर चली जाओ और वही के लोकल मार्केट से तुम कपड़ा भी खरीद लेना किसी भी लोकल टेलर को अगर तुम फोटो दिखा कर कपड़ा दोगी ना तो वो। तुम्हें 2 दिन के अंदर अंदर बिल्कुल वैसी ड्रेस बना कर दे देगा। और अगर हजार 500 एक्स्ट्रा दोगी ना तो सारा काम एक तरफ करके सबसे पहले तुम्हारा काम ही करेगा। 20000 की इंटरनेट पर ड्रेस देख रही हो 4000 में लोकल टेलर बिल्कुल वैसी ड्रेस बना कर दे देगा अब तुम देख लो ब्रांड चाहिए या बेटी की खुशी !”



    विश सोच ने लगती है सच में उसे अपनी बेटी की खुशियां ही तो चाहिए पर वो अपनी औकात के बाहर भी तो नहीं जा सकती थी! उसे पता था कि इससे ज्यादा उसकी औकात नहीं है।

    अगर उसने 4000 का ड्रेस भी ट्विंकल के लिए लाया तो भी उसके लिए उसे डबल शिफ्ट में काम करना पड़ेगा तब जा कर अपनी सैलरी से ट्विंकल की ड्रेस का पैसा निकाल पाएगी और बाकी खर्चों के लिए पैसे जमा कर पाएगी! वरना इत ने से पैसों में वो क्या-क्या करेगी उसे समझ में ही नहीं आ रहा था पर वो अपनी बेटी का राजकुमारी बनने का सपना सच में तो पूरा नहीं कर सकती है ।

    तो क्या हुआ ऐसे में ही सही हो उसके लिए इतना तो कर ही सकती है ना! कुछ सोचते हुए विश ने हा में सर हिला दिया । डोली आंटी ने उसे कुर्ला के एक लोकल ट्रेलर का नंबर और एड्रेस दे दिया विश अपनी शिफ्ट खत्म करके कुर्ला जाने वाली थी उस ने पहले से ही जिया को इन्फॉर्म कर दिया था कि आज वो घर देर से आएगी।



    लेकिन अभी उसकी शिफ्ट खत्म होने में टाइम था.. वो अपनी हाउस कीपिंग वाले बकेट को लेती है और वीआईपी फ्लोर में चली जाती है रूम नंबर 101 के सामने आज उसकी ड्यूटी लगी थी क्योंकि इस फ्लोर की हाउस कीपर आज छुट्टी पर थी इसीलिए उसने वीआईपी कमरे के सामने जाकर डोर बेल बजाई अंदर से एक भारी आवाज आती है “कौन है!”



    “हाउसकीपिंग सर कमरे की सफाई करनी है…!” विश ने बाहर से कहा तो अंदर से कमरा खुल जाता है और जैसे ही दरवाजा खुलता है विश को किसी की खुली हुई पीठ नजर आती है।



    वो आदमी अंदर जाता हुआ कहता है “पहले बाथरूम साफ कर दो!”



    विश सफाई की ट्रोली लेकर अंदर आती है तो वो हैरान हो जाती है बिस्तर पर एक लड़की पहले से ही सो रही थी और जितना उसका शरीर दिख रहा था उसे लड़की के शरीर में एक भी कपड़ा नहीं था।



    वो आदमी जिसने अभी-अभी जाकर दरवाजा खोला था उसने भी पेंट पहन रखी थी उसकी शर्ट कमरे के एक सोफे में पड़ा हुआ था और उस शर्ट के साथ छोटी ड्रेस पड़ी हुई थी.. लेकिन सबसे अजीब तो विश को वो लगा जो उसने बाथरूम के अंदर जाते हुए देखा बेड के किनारे पर अंडर गारमेंट्स।



    विश को बहुत अजीब लगा पर ये उसका काम था इसीलिए उसे सफाई तो करनी ही थी ना । इसलिए वो जल्दी से बॉथरूम मैं जाती है और वहां पर सफाई कर ने लगती है। पुराने और गंदे टॉवल्स को उठा कर उस ने ट्रॉली में रखा और साफ टॉवल सेल्फ पर लगा दिए। वहां का का पानी इतना गंदा हो रखा था कि ऐसा लग रहा था इन दोनों ने बाथ टब के अंदर ही होली खेली है। शैंपू की सारी बोतल बाथटब के अंदर जाग दे रही थी।



    और वॉश बेसिन के पास रखी सारी बोतल इधर-उधर गिरी हुई थी। इस का मतलब इन दोनों ने वॉश बेसिन के आस पास भी रोमांस किया था.. सारे सामान को अपनी जगह पर लगाकर विश देखती है एक शैंपू की बोतल कॉर्नर पर पड़ी हुई है जब वो उस बोतल को उठाने के लिए झुकती है तभी उसकी नजर एक तरफ जाती है जहां उसेएक प्रोटेक्शन का पैकेट दिखाई देता है। वो भी खुला हुआ विश को उसे देखकर उल्टी आने लगी थी।



    क्योंकि वो हाउस कीपिंग से थी तो यहां की सफाई करना उस का काम था अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि इसे कैसे साफ करें.. विश ने अपनी हाउस कीपिंग बकेट से ग्लव्स निकाले और उसे पहन लिया उसने बहुत गंदा सा मुंह बनाते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाया पर उस की हिम्मत नहीं हो रही थी उसे घिनौनी सी चीज को हाथ लगाने की।



    बाहर खड़ा शख्स विंडो के पास खड़ा था और इस वक्त उसके हाथों में एक जलती हुई सिगरेट थी तभी उसके पॉकेट मैं उसका फोन बचाने लगता है वो अपना फोन उठा ता है तो सामने से उसकी बीवी की कॉल थी फोन स्पीकर पर रखकर उसने कान से लगाते हुए कहा.. “क्या हुआ आर्या !?”



    “अभय आप इतनी रात को घर से निकल गए… मुझे टेंशन हो रही थी! सुबह उठकर देखा तो आप मेरे बगल में नहीं थे कहां हैं आप…?”



    अभय सिगरेट के धुएं को हवा में उडा ते हुए कहता है “कल रात एक इंपॉर्टेंट मीटिंग आ गई थी … हमारे जो बिजनेस क्लाइंट थे वो अचानक इंडिया आ गए हैं! बस मैं उन्हें लेने ही एयरपोर्ट चला गया था तुम सो रही थी इसलिए तुम्हें उठाना जरूरी नहीं समझा। मैं नहीं चाहता था तुम्हारी नींद खराब हो और हमारे फॉरेन क्लाइंट को जब मैं होटल में छोड़ कर वापस आने वाला था तो उन्हों ने मुझे अपने साथ ही रोक लिया कहा एक-एक ड्रिंक करके जाओ और उसके बाद में सोफे पर ही सो गया!”



    “क्या आप पूरी रात सोफे पर ही सो रहे थे..? आपको प्रॉब्लम नहीं हुई क्या इतनी परेशानी थी तो घर आ जाते।” आर्या ही फिक्र जता ते हुए कहा। तो अभय कहता है “नहीं तुम्हें टेंशन लेने की जरूरत नहीं है सब ठीक है! मुझे कुछ भी नहीं हुआ है और हां मैं दोपहर तक घर आ जाऊंगा, लंच में घर पर ही करूंगा।”



    अभय ये कहते फ़ोन काट देता है और वापस अपनी जेब में रख लेता है । पर वॉशरूम के अंदर से विश हैरानी से उसकी बात सुन रही थी उसने अपने मुंह पर हाथ रखते हुए कहा “इसका मतलब बिस्तर पर सो रही है ये लड़की उसकी बीवी नहीं है!”

  • 19. तो मिल गई तुम्हें तुम्हारी इज्जत की कीमत?

    Words: 1171

    Estimated Reading Time: 8 min

    अभय खिड़की के पास खड़े होकर आर्या से बात कर रहा था । और बाथरूम के दरवाजे से विश उसकी सारी बातें सुन रही थी। उसे यह सुन कर बहुत हैरानी हुई, कि यह शख्स इस वक्त अपनी बीवी से बात कर रहा है। और बेड पर जो उसके साथ है, वह उसकी बीवी नहीं है।



    बाथरूम में खड़ी विश को अभय की सारी बात सुनाई दे रही थी और वह अपने मन में कहती है, “ कैसा घटिया इंसान है । अपनी बीवी के होते हुए किसी दूसरी लड़की के साथ होटल में रात बीताता है। छी …पता नहीं ऐसी लड़कियां भी कैसी होती होगी ? एक शादीशुदा आदमी के साथ यह लोग होटल में कैसे आ जाती हैं? समझ ही नहीं आता है । इनका कोई कैरेक्टर है भी या नहीं।



    वैसे मुझे क्या करना है यह जान के ? और वह और उसका काम जाने। मेरा काम बस यहां की सफाई करना है। इतनी गंदगी कर रखी है, कि कहां सफ़ाई करूं समझ में ही नहीं आता है। पूरे वॉशरूम में शैंपू फैला रखा है । और प्रोटेक्शन के यह पैकेटस से मुझे कितना घिन आ रही। ऊपर से अभी तो कमरे की भी सफाई करनी बाकी है।”



    भले ही वॉशरूम बहुत बुरी तरह से गंदा हो रखा था । लेकिन विश को सफाई तो करनी ही थी ना । उसने अपने हाथों में ग्लास पहन कर वॉशरूम की सफाई करना जारी रखा और बाहर अभय आर्या से बात करके फोन अपने जेब में रख देता है। उसके हाथों में जलती हुई सिगरेट थी और वह खिड़की से बाहर का नजारा देख रहा था।



    तभी वह लड़की जो बेड पर सो रही थी, वह उठ गई उसने अभय को पीछे से आ कर उसे पीछे से अपनी बाहों में पकड़ लिया । अभय ने हल्का सा अपना चेहरा पीछे करके देखा और फिर बिना किसी एक्सप्रेशन के वह खिड़की की तरफ देखने लगा । उसने अपनी सिगरेट को खत्म करना ज्यादा जरूरी समझा । उसके चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशन नहीं थे। आंखें सिर्फ बाहर का माहौल को देख रही थी। वह लड़की अभय की पीठ पर अपने चेहरे को रगड़ते हुए कहती है।



    “ क्या बात है स्वीटहार्ट? लगता है तुम्हारी बीवी ने फोन करके तुम्हारा मूड खराब कर दिया है। डोंट वरी मैं हूं ना तुम्हारे पास। चलो मैं तुम्हारा मूड फिर से सही कर देती हूं।”



    उस लड़की की बात सुन कर अभय के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ जाती है। लेकिन उस मुस्कान का मतलब शायद कोई समझ ही नहीं सकता था । वैसे दिखने में तो वह नॉर्मल मुस्कान थी, क्योंकि उसके मुस्कुराने पर उसके होठों के किनारे पर डिंपल पड़ रहे थे। पर उस मुस्कान के पीछे क्या वजह है, यह तो बस अभय ही जानता था।



    उसने अपने दूसरे हाथ से उस लड़की के हाथों को अपने कमर से पकड़ा और उस लड़की को एक झटके से अपने सामने कर लिया। वह लड़की सिर्फ इनरवियर में अभय के सामने खड़ी थी। अभय ने उसे ऊपर से लेकर नीचे तक घूर कर देखा और फिर उसे देख कर कहने लगा।



    “ अपनी ही जूठन को दोबारा चख कर ट्राई नहीं करता हूं। और तुम्हारी औकात सिर्फ मेरे बिस्तर पर इस्तेमाल होने की है। इतनी नहीं, कि तुम मेरी बीवी के बारे में कुछ बोल सको।”



    अभय के ऐसे रूड तरीके से बात करने पर वह लड़की हैरान हो जाती है। वह घूर कर अभय को देखते हुए कहती है, “ अभय तुम मुझसे ऐसे कैसे बात कर रहे हो? कल रात हम दोनों ने कितना हसीन वक्त एक साथ गुजारा था।”



    “ गुजारा नहीं था काटा था । मैंने तुम्हारे साथ बस अपना कुछ वक्त काटा था। तुम जैसी लड़कियां वक्त गुजारने के लिए नहीं होती है। बस तुम्हारे साथ तो वक्त काटा जाता है। वह भी सिर्फ खुद को सेटिस्फाई करने तक।”



    वह लड़की घूर कर अभय को देखते हुए कहती है, “ एक्सक्यूज मी मिस्टर कोटियन, आप मेरी बेइज्जती कर रहे हैं।”



    अभय सिगरेट का एक लंबा कष धुएं में उडाते हुए हंसने लगता है और हंसते हुए उस लड़की को देख कर कहता है, “ बेज्जती और वह भी तुम्हारी ? बेज्जती तो उसकी होती है, जिसकी कोई इज्जत है। तुम जैसी लड़कियां जो थोड़े से पैसों के लिए अपने बॉडी का सौदा करने के लिए तैयार हो जाती है, उसकी क्या ही इज्जत है? वैसे अगर तुम्हें इसे अपनी बेइज्जती लगती है, तो इट्स योर प्रॉब्लम। और तुम्हारी इज्जत कम बेज्जती की कीमत अभी बस तुम्हारी फोन पर पहुंचने ही वाली है।”



    वो लड़की हैरानी से अभय को देखती हैं, कि तभी इतने में उसके फोन पर नोटिफिकेशन आ जाता है। वह जल्दी से टेबल से अपना फोन उठा कर देखती है। वहां पर शो हो रहेअमाउंट को देख कर उसकी आंखें हैरत से बड़ी हो जाती है। उसने जल्दी से अभय की तरफ देखा, जो उसे देखते हुए एक डेविल स्माइल के साथ कहता है, “ तो मिल गई तुम्हें तुम्हारी इज्जत की कीमत? अब निकलो यहां से।”



    उस लड़की ने जल्दी से मुस्कुराते हुए हां में सर हिलाया । जितना उसे बताया गया था, यह उससे कहीं ज्यादा पैसे थे। जो उसके अकाउंट में इस वक्त भेजे गए थे। वह जल्दी से अपने कपड़े लेती है और वॉशरूम चली जाती है । वह अभय से और ज्यादा बात नहीं करना चाहती थी। कहीं अभय नाराज ना हो जाए और इस चक्कर में उसे जो मिला है, वह भी उसके हाथ से चला जाए ।



    वह लड़की उन पैसों को ले कर जितनी जल्दी हो सके यहां से निकलना चाहती थी । कहीं अभय का मन ना बदल जाए । पर जैसे ही वह बाथरूम में जाती है, विश वैसे ही बाथरूम से बाहर निकलने को होती है। उस लड़की ने जल्दी से रास्ते से हटकर विश को बाहर जाने का रास्ता दिया। विश अपने क्लीनिंग का सारा सामान ले कर कमरे में आती है। और वह लड़की बाथरूम में चली जाती है ।



    विश ने कमरे में पड़ी सारी गंदी चीजों को उठा कर डस्टबिन में डाला । अभय अभी भी खिड़की के पास ही खड़ा था। एक बार रूम की सफाई हो जाती है, तो विश बेडशीट की तरफ देखने लगती है। लेकिन इतनी देर में वह लड़की बाथरूम से बाहर निकलती है। वह एक नजर अभय को देखती हैं और फिर अपनी हिल को अपने हाथ में ही पकड़ कर वह कमरे से बाहर चली जाती है ।



    अब उस कमरे में सिर्फ अभय और विश ही थे। विश ने पूरे कमरे की क्लीनिंग कर दी । साफ नैपकिन भी रख दिए थे । लेकिन बेडशीट देखते हुए विश ने अभय को देखा । जो खिड़की की तरफ मुंह करके खड़ा था । उसने धीरे से अभय को देखते हुए कहा, “ सॉरी सर मेरे पास क्लीन बेडशीट नहीं है। मैं दूसरी हाउसकीपिंग को भेज देती हूं । वह आपकी बेडशीट चेंज कर देगी।”



    विश यह कह कर अपनी क्लीनिंग का सामान ले कर वहां से जाने ही वाली थी, कि अभय विश उसकी तरफ पलट कर देखता है और उससे कहता है, “ मेरे लिए एक शैंपियन की बोतल निकाल दो।”

  • 20. विश ने मारा अभय को थप्पड़ 

    Words: 1049

    Estimated Reading Time: 7 min

    विश के कदम रुक गए थे और इस वक्त उसकी पीठ अभय की तरफ थी। उसने एकदम से पलट कर अभय की तरफ देखा । तो अभय सिर्फ विश को ही देख रहा था । होटल की यूनिफॉर्म में उसका चेहरा छोटा सा और मासूम नजर आ रहा था।



    विश के सामने के कुछ बाल उसके चेहरे पर आ रहे थे । जो उसकी आंखों के आसपास के हिस्से को ढके हुए थे। जिसकी वजह से उसका चेहरा और अट्रैक्टिव नजर आ रहा था। उसकी वह छोटी सी झील सी आंखें जो बार-बार झपक रही थी और वह उसके गुलाबी से होंठ । नीचे के होंठ हल्के हार्ट शेप के थे।



    विश का मासूम सा चेहरा देख कर अभय की नजरे उसी के ऊपर टिक जाती है । लेकिन विश ने घूर कर अभय को देखते हुए कहा, “ सर मैं हाउसकीपिंग से हूं। अगर आपको अपनी सर्विस के लिए कोई चाहिए, तो आप रिसेप्शन पर कॉल करके वेटर को बुला सकते हैं।”



    विश यह कह कर आगे जाने ही वाली थी, कि अभय ने अपने कोल्ड वॉइस के साथ उसे रोकते हुए कहा, “ तुम्हारी इतनी औकात नहीं, कि तुम मुझे मना कर सको। चुपचाप से फ्रिज से मेरे लिए शैंपियन निकाल के लाओ।”



    “ एक्सक्यूज मी सर मैं आपकी सर्वेंट नहीं हूं। मैं इस होटल के लिए काम करती हूं और मेरा काम सिर्फ हाउसकीपिंग का है। किसी को सर्विस देना मेरा काम नहीं है।”



    विश के इस तरीके से जवाब देने पर अभय की निगाहें तीखी हो जाती है। वह घुर कर विश को देखने लगता है। अभय अपने धीमे कदमों के साथ विश के पास कदम बढ़ाने लगता है। और विश उसे अपने पास आया देख घबरा जाती है। क्योंकि अभय ने अपर बॉडी पर कुछ भी नहीं पहन रखा था। उसका पूरा सीना उसके सामने था और अभय एरोगेंट स्टाइल में चलता हुआ विश के बिल्कुल सामने आ कर खड़ा हो जाता है । वह विश की आंखों में देख कर घूर कर उसे कहता है, “ सैलरी कितनी है तुम्हारी?”



    “ जी…?” विश ने हैरानी से सवाल किया। तो अभय उसे गुस्से में देखते हुए कहता है, “ तुम्हारी जितनी भी सैलरी है, उसका डबल नो नो चार टाइमस तुम्हें मिलेगा। सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए एक बार फ्रिज से वह बोतल लेकर आ जाओ।”



    और उसके बाद अभय धीरे से विश के कानों के पास झुकते हुए कहता है, “ और अगर तुम चाहो तो 10 गुना ज्यादा भी मिल सकता है। अगर मेरे साथ बैठ कर ड्रिंक करोगी तो… और फिर तुम चाहो तो 100 गुना ज्यादा भी मिल सकता है । लेकिन बदले में तुम्हें मेरे साथ वक्त बिताना होगा। तो बताओ इनमें से क्या करना ज्यादा पसंद करोगी ? मुझे लग रहा है 100 गुना ज्यादा पैसे तुम्हारे लिए काफी होंगे ।”



    विश की आंखें एकदम से बड़ी हो जाती है और उसका चेहरा गुस्से से भड़क उठता है। अचानक से उसे वह दिन याद आ जाता हैं, जब वह बार डांसर बन के बार में डांस करके अपनी जिंदगी गुजारा करती थी । ऐसे ही लोग उसे ऑफर दे कर उसके साथ घटिया हरकत करने की कोशिश करते थे।



    अभय विश को देखता हुआ उससे कहता है, “तो बताओ कौन सा ऑफर ज्यादा बैटर है तुम्हारे लिए ?”



    पर विश ने अगले ही पल अभय के गालों पर एक जोरदार तमाचा दे मारा। अभय का गाल एक तरफ झुक जाता है और उसके हाथों की मुठिया कश गई थी। उसने अपनी आंखें कस के बंद कर ली। और उसका जबड़ा कस चुका था। उसने अपनी लाल आंखों के साथ विश को घूर कर देखा ।



    तो विश गुस्से में अभय को देखते हुए कहती है, “ एक्सक्यूज मी मिस्टर, आप जो कोई भी हैं आई डोंट केयर। लेकिन आपने यह कैसे सोच लिया है ? कि आप अपने पैसों से किसी की भी सेल्फ रिस्पेक्ट खरीद सकते हैं।



    वह लड़कियां और होती होगी जो पैसों के लिए आपके साथ सोने को तैयार हो जाती हैं। लेकिन मैं उनमें से नहीं हूं और ना ही मैं उनके जैसी हूं। मैं इस होटल में एक छोटी सी नौकरी करती हूं। और मुझे उससे जो पैसे मिलते हैं, मेरी जिंदगी गुजारने के लिए वह पैसे मेरे लिए काफी है।



    इसके अलावा ना तो मैंने अपना शरीर बेचकर पैसे कमाने के बारे में सोचा है और ना ही मुझे इसकी जरूरत पड़ी है । बल्कि आप जैसे बड़े लोगों को ही ऐसी चीज शोभा देती है। बीवी घर पर है और आप होटल में दूसरी लड़कियों के साथ रंगरलियां मना रहे हैं । इसी से आपका कैरेक्टर पता चल रहा है।



    एक बात याद रखिएगा, मैंने कहीं पर पढ़ा था कर्मा इस रिटेन । आप जैसा बोओगे वैसा ही पाओगे। आज आप अपनी बीवी को धोखा दे रहे हैं, कल को अगर आपकी बेटी होगी और वह ऐसे ही धोखा खाएगी। तब आपको कैसा लगेगा?



    छोड़िए मैं भी यह सारी बातें किसे कह रही हूं? वह इंसान जो इंसान को इंसान ना समझ कर पैसों के लिए काम करने वाली मशीन समझता है। उससे मैं कहां यह रिश्तो की बातें कर रही हूं? रिश्तो की बात समझने के लिए रिश्ते होना भी जरूरी है। जो इंसान अपनी बीवी का सगा नहीं हो सका है, उसके लिए किसी और से रिश्ता निभाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है ?



    पर अभी-अभी आपने जो मेरी रिस्पेक्ट को पैसों से तोला है, तो मैं ठो कर मारती हूं आपके पैसे को। मेरे लिए मेरी इज्जत से बढ़ कर और कुछ भी नहीं है।”

    अभय का चेहरा सख्त था और उसके गालों पर विश की उंगलियों के निशान थे । उसके हाथों की मुठिया कसी हुई थी। लेकिन उसकी तीखी निगाहें सिर्फ विश की निगाहों को ही देख रही थी। और वहीं दूसरी तरफ विश भी। उसकी आंखों में इस वक्त इतना गुस्सा था, कि वह बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। एक बार फिर से उसे वही सब याद आ जाता है। जो सब छोड़ कर वह बहुत मुश्किल से भाग कर निकली थी। 




      लोगों की गंदी बातें, उनकी गंदी हरकतें… लेकिन ट्विंकल के आने के बाद विश ने अपनी पुरानी जिंदगी को पूरी तरह से भुला दिया था। और अब वह अपनी बेटी के साथ एक नई जिंदगी की शुरुआत कर रही थी। ऐसे में वह दोबारा से ऐसी कोई बात नहीं सुनना चाहती थी। जो उसके गुजरे हुए कल से रिलेटेड हो।