आप सब ने कही न कही से यह तो सुना होगा की खुदा ने इस जहा में सभी के लिए किसी न किसी को बनाया है हर किसी के लिए। लेकिन क्या हो जब उनका रिश्ता ही जबरदस्ती से बना हुआ हो? करणवीर प्रताप सिंह सूर्यवंशी जो उज्जैन का हुकुम सा था, सबसे ज्यादा अपने न्याय के लि... आप सब ने कही न कही से यह तो सुना होगा की खुदा ने इस जहा में सभी के लिए किसी न किसी को बनाया है हर किसी के लिए। लेकिन क्या हो जब उनका रिश्ता ही जबरदस्ती से बना हुआ हो? करणवीर प्रताप सिंह सूर्यवंशी जो उज्जैन का हुकुम सा था, सबसे ज्यादा अपने न्याय के लिए जाना जाता था। वहीं दूसरी तरफ थी प्रिया, जो बहुत ही खुशमिजाज लड़की थी। प्रिया हर छोटी छोटी चीज़ों में भी खुशी ढूंढती रहती थी। क्या होगा जब करणवीर और प्रिया एक साथ आएंगे? क्या प्रिया करणवीर के उसूलों को अपना पाएगी? जानने के लिए पढ़िए।।
Karanvir singh Suryavanshi
King
Priya sharma
Queen
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मध्य प्रदेश, उज्जैन,
उज्जैन, महाकाल की नगरी, जहां करोड़ों लोग अपनी कामनाओं को पूरा करने के लिए आते हैं।
वही सुबह के करीब 6 बजे, राम घाट के पास, मैं क्षिप्रा नदी में एक शख्स पानी के अंदर हाथ जोड़ कर डुपकिया लगा रहा था। कुछ देर इसे करने के बाद वह अपने हाथ में नदी का जल लेता है और सूर्य भगवान की अर्पित करता है। वह शख्स सीढ़ियों से चढ़ते हुए पानी से बाहर आ रहा था, जैसे-जैसे वह ऊपर आ रहा था। उसके 8 पैक्स एब्स, उसकी मस्कुलर बॉडी, उसके ट्राइसेप्स, बाइसेप्स, पूरा बदन गठीला सा, जिसके ऊपर पानी की बूंदे साफ साफ चमक रही थीं। उसके गले में त्रिशूल का लॉकेट था। और उसकी पीठ के बीचों बीच शिवजी के त्रिशूल का निशान बना हुआ था। उसने अपने हाथ में कड़ा पहना हुआ था, और कमर पर उसने एक सफेद रंग की धोती पहनी हुई थी, ऊपर से पूरा शर्टलेस था।
पानी के बाहर आने के बाद, उसके पास एक आदमी आया और उसने उस शख्स को एक सफेद रंग की धोती दी। उस शख्स ने उस धोती को लिया और पहन ली। फिर उस आदमी ने उस शख्स को एक और सफेद रंग का सॉल दिया, और उस शख्स ने वो सॉल अपने गले में डाल लिया और महाकाल मंदिर के अंदर की ओर बढ़ गया। वह शख्स आगे आगे चल रहा था, उसके साथ कुछ पंडित और पुरोहित भी चल रहे थे, और उसके पीछे उसका असिस्टेंट चल रहा था। और उन सभी के पीछे ब्लैक आउटफिट पहने बॉडीगार्ड गन लिए चल रहे थे।
सभी महाकाल मंदिर के अंदर पहुंच गए, और वह शख्स महाकाल के शिवलिंग के आगे बढ़ा और आरती कर रहा था। आरती करते वक्त, इनकी नजर सिर्फ शिवलिंग के ऊपर थी, एक ध्यान कंद्रित करते हुए आरती कर रहे थे, और पंडित ढोल नगाड़े बजा रहे थे।
आरती होने के बाद, वह शख्स ब्रास आरती को वापिस पंडित जी को दे देता है, उसके बाद पंडितजी भगवान जी को आरती देते हैं, फिर उस शख्स के सामने आरती कर देते हैं। उस शख्स आरती लेने के बाद वहां से निकल जाता है।
यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि करणवीर प्रताप सिंह सूर्यवंशी है। यह यहां के हुकुम सा जिनके एक कहने पर दुनिया इधर से उधर जो जाए। और यह महाकाल के सबसे बड़े भक्त हैं। जैसे शिव जी का रौद्र रुप है, इनके भी दूसरा रूप रौद्र रुप से कम नहीं हैं। यह हुकुम सा के साथ साथ उनका खुद का बिजनेस है, सूर्यवंशी इंडस्ट्रीज। जो दुनिया भर में फली हुई है। इनका राज्याभिषेक बहुत जल्दी होने वाला है।
करणवीर मंदिर से बाहर आ जाता है। उसके पीछे उसका असिस्टेंट विक्रांत सिंह, वह आगे आता है और बीएमडब्ल्यू कार का डोर ओपन करता है। और शौर्य उस कार में बैठ जाता है।
विक्रांत भी आगे ड्राइवर के पास बैठ जाता है। और कार वहां से चला देती है।
करणवीर कार में बैठे-बैठे अपने लैपटॉप पर काम कर रहे थे। तभी उनका फोन बजता है। वह ब्लूटूथ को अपने कान में लगाता है और उसके बाद कॉल रिसीव करके बात करने लगता है, जैसे-जैसे वह बात सुन रहा था, उसके हाथों की मुठियाँ काश गई थीं। फिर उसके बाद उसने विक्रांत को इंस्ट्रक्शन दिए और करणवीर ने जैसा कहा वैसा विक्रांत ने ड्राइवर से कहा और ड्राइवर ने घड़ी जंगल की तरफ मोड़ ली।
कुछ ही देर बाद कार घने जंगल में थी, लेकिन उसके आगे जाने का रास्ता पेड़ों की वजह से बंद था।
गाड़ी रुकने पर करणवीर ने विक्रांत से कहा, "क्या हुआ आगे, क्यों नहीं बढ़ रहे हो?"
विक्रांत, "कुंवर सा, वहां पेड़ों की वजह से आगे का रास्ता जाम है, जिस वजह से कार आगे नहीं बढ़ पा रही है।"
करणवीर, गुस्से से कार से बाहर आता है और एक पंच कार की बोनट पर मारता है।
फिर कुछ दूरी पर, जंगली घोड़े की आवाज सुनाई देती है।
करणवीर, उस आवाज को सुनकर उसी दिशा में देखते हैं। तो उन्हें कुछ सूझता है और वह उन जंगली घोड़े के पास आ जाते हैं, वह पहले उस घोड़े के सिर को सहलाता है और उसके बाद वह उस घोड़े के ऊपर बैठ जाता है। "विक्रांत, मैं पहुंचता हूँ, तब तक तुम सभी महल पहुंचो।
विक्रांत, "लेकिन कुंवर सा, वहां पेड़ों की वजह से आगे का रास्ता जाम है, जिस वजह से कार आगे नहीं बढ़ पा रही है।"
करणवीर, गुस्से से, कार से बाहर आता है और एक पंच कार की बोनट पर मारता है।
फिर कुछ दूरी पर, जंगली घोड़े की आवाज सुनाई देती है।
करणवीर उस आवाज को सुनकर उसी दिशा में देखता है। तब उसे कुछ सूझता है और वह उन जंगली घोड़ों के पास आ जाता है। वह पहले उस घोड़े के सिर को सहलाता है, और उसके बाद वह उस घोड़े के ऊपर बैठ जाता है। "विक्रांत, मैं पहुंचता हूँ तब तक तुम सभी महल पहुँचो।"
विक्रांत: "लेकिन कुंवर साहब, मैं आपको ऐसे अकेले नहीं छोड़ सकता। मैं भी आपके साथ चलता हूँ।" लेकिन करणवीर ने मना कर दिया।
और खुद घोड़े पर बैठकर घोड़े को भागते हुए वह ले गया।
विक्रांत: "मैं पहले पहुँचता हूँ, तुम सभी महल में जाओ।"
करणवीर जैसे ही घोड़े को भागाते हुए, वह जैसे राजा घोड़े की सवारी कर रहा हो, उसके बाल उड़ रहे थे और उसके गले में सिर्फ एक सफेद रिंग की सॉल थी, वह भी थोड़ी हवा से उड़ रही थी। घोड़ा किसी पेशेवर की तरह भाग रहा था। कुछ देर बाद, वह एक पहाड़ी पर बनी एक गुफा में पहुँचता है, जहाँ उसने घोड़े को बाहर खड़ा कर दिया और खुद अंदर चला गया।
करणवीर, जैसे जैसे अंदर बढ़ रहा था, वह चुपचाप से खड़े आदमियों के पास पहुँचता था, सिर्फ अपने हाथों का इस्तेमाल करके बिना किसी आवाज के। फिर जैसे वह आगे बढ़ता था, वह एक शख्स को देखता है जो एक लड़की के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा था। करणवीर जल्दी से उस शख्स पर लात मारता है और उसके सिर को दीवार में लगा देता है। करणवीर उस लड़की को अपने सफेद सॉल से कवर कर देता है और उस आदमी की कॉलर पकड़कर उसके मुंह पर मुक्के की बारिश करने लगता है। उस आदमी के नाक और होठों से खून निकल रहा था, लेकिन करणवीर रुकने का नाम नहीं ले रहा था। फिर वह उसका सिर पकड़कर दीवार में दे मारता है, और उसके सिर से खून बहने लगता है। फिर वह उस आदमी को छोड़कर उस बच्ची के पास जाता है और उसका हाथ पकड़कर दूसरे हाथ से उस आदमी का गला पकड़कर बाहर आता है। और उस आदमी के हाथों को रस्सी से बांध देता है।
और उस रस्सी को पकड़कर उस बच्ची को अपने साथ घोड़े पर बिठा कर खुद भी बैठ जाता है। और घोड़े को दौड़ने लगता है, उसके साथ साथ वह आदमी भी घसीटते हुए आ रहा था। उसके घस्तीतने की वजह से उसके खून से लाइन बन रही थी।
कुछ देर बाद,
करणवीर ने घोड़ा अपनी हवेली के पास बनी एक न्याय सभा के पास रोका और खुद नीचे उतर कर उस बच्ची को उतारा और उस आदमी का गला पकड़ लिया। वहां सभी लोग इकट्ठा हो गए। वहां विक्रांत पहले से था और करणवीर के घरवाले और पूरे गांव के लोग वहां मौजूद थे।
क्या होगा आगे? क्या करेगा करणवीर उस आदमी के साथ?
उस आदमी के हाथो को रस्सी से बांध देता है।
और उस रस्सी को पकड़ उस बच्ची को अपने साथ घोड़े पे बिठा के खुद भी बैठ जाता है । और घोड़े को दौड़ने लगता है और वो आदमी घोड़े के भागने के साथ साथ घसीटते हुए आ रहा था। उसके घस्तीतने की वजह से उसके खून से लाइन बनती जा रही थी।
कुछ देर बाद।
करणवीर ने घोड़ा अपनी हवेली के पास बने एक न्याय सभा के पास रोका और खुद नीचे उतर कर उस बच्ची को उतारा और उस आदमी का गला पकड़ लिया । वहा सभी लोग इक्ट्ठा हो गए। वहा विक्रांत पहले से था और करणवीर के घरवाले और पूरा गांव के लोग वहा मोजूद थे।
अब आगे ,
करणवीर उस आदमी का गला पकड़ा हुआ था वो उसे घसीटते हुए लाया और उसे बच्ची के माँ बाप के पैरो में दाल दिया | उसके बाद उसने विक्रांत को आर्डर दिया और विक्रांत करणवीर की बात सुनके वहा से चला गया |
करणवीर की माँ वहा आयो और उन्होंने उस बच्ची को अपने साथ ले गयी और उसे एक सॉल से अचे से कवर कर दिया |
करणवीर उस आदमी को जमीन से कोलर पकड़ के उठाया और कहा "लीजिये काका काकी यह रहा आपका गुनहगार आप ही बताइये की इसके साथ क्या किया जाये ऐसी सजा बताइये की इसकी रूह काँप जाये और आगे किसी ने ऐसी हरकत करने की सोचे उसे यह दर्श्य याद आये और वो अपने जहन से ऐसा कुछ करने का ख्याल भी अपने दिल और दिमाग मई न लाये |
उसके बाद उस बच्ची की की माँ निचे जुक के अपने पैरो में से चप्पल निकाल कर उस आदमी को मरने लगती है | और करणवीर ने उस आदमी को वैसे ही पकड़े रखा हुआ था | उसके बाद उस बच्ची के बाबा ने उस आदमी को थप्पड़ मरना शुरू कर दिया | उस आदमी की हालत ख़राब हो चुकी थी |
उसके बाद विक्रांत अपने साथ एक रस्सी लेके आया और करणवीर को दे दिया | करणवीर ने वो रस्सी ली और उस रस्सी को उस आदमी के गले में बांड दिया और उसे ले जाके एक पेड़ में रस्सी फेक के उस रस्सी को पकड़ लिया और उस रस्सी को खींच लिया | करणवीर ने उस बच्ची को अपने पास बुलाया और उस बच्ची के हाथ में दे दी और कहा "बेटा इस रस्सी को खींचो और उस बच्ची ने उस रस्सी को खींचा करणवीर की मदद से और और वो आदमी वह पेड़ पे रस्सी से लटके हुए तड़पते हुए मर गया | उसके बाद उस रस्सी को छोड़ दिया और वो उस आदमी की लाश एक दम से जमीं पे गिर गयी |
करणवीर - "अगर आज के बाद मुझे मेरे राज्य में किसी ने भी ऐसी हरकत की तोह उसका भी ऐसा ही हाल होगा या उससे भी बुरा मेरे राज्य में किसी भी गुनाह की माफ़ी नहीं होती उसकी सजा सीधा मौत होगी | उसके बाद उसने विक्रांत से कहा "इस गन्दगी को उठाओ और जंगली जानवरो के पास फेक दो |
करणवीर के कहने पर विक्रांत ने उन बॉडीगार्ड से कहा और उस आदमी की लाश को उठा ले गए |
उस बच्ची के माँ बाबा आगे आये और वो करणवीर के पैरो में गिर गए लेकिन करणवीर ने उन्हें उठा लिया उन्होंने हाथ जोड़ कर कहा "हुकुम सा आज आपकी वजह से मेरी बेटी की इज़्ज़त बच गयी हम आपका उपकार कभी नहीं बुलंगे | करणवीर काका के कंधे पे हाथ रख के "इसमें उपकार मानने की किसी बात है यह मेरा फ़र्ज़ बनता है की मेरे राज्य में किसी के साथ भी ऐसा कुछ न हो और फिर सभी लोगो को एक नज़र देख के आप सब को काका की मदद करनी चाइये थी लेकिन आप सब सिर्फ तमाशा देख रहे थे | आशा करता हु आगे सब ऐसा कुछ न हो पाए मेरे राज्य में |
करणवीर उस बच्ची के पास गया और उस बच्ची के सिर पे हाथ रख के कहा "बेटा अगर अगली बार से आपके साथ कोई ऐसी बढ़तमीज़ी करे तोह उसे ऐसा सबक सीखना की वो अगली बार करने से पहले सोचे |
उसके बाद सभी लोग अपने अपने घर चले गए और करणवीर भी अपने पुरे परिवार के साथ महल के अंदर आ गया |
करणवीर वह से सीधे सीढ़ियों से होते हुए अपने कमरे की तरफ चला गया |
उसके बाद भानुप्रताप आये और उन्होंने सब से कहा " आज कुंवर सा ने जो किया उस से हमें उन पर बेहद गर्व हो रहा है हमारे फैसले पे हमें गर्व हो रहा है की हम ने उन्हें होने वाले हुकुमसा चुना है | और ऐसे ही कुंवर सा काम करते रहे तोह कुछ भी गलत नहीं होगा किसी के साथ | उनकी बात से सभी परिवार वालो ने सहमति जताई |
करणवीर रूम ,
करणवीर इस वक़्त अपने बाथरूम में शावर के निचे खड़ा था उसने अपने दोनों हाथ दिवार से टिकाये हुए थे शावर का पानी उसके सिर से होते हुए निचे तक जा रहा था |
करीब 30 मिनट बाद करणवीर आपमें र्रोम मई आये उन्होंने इस वक़्त अपनी कमर पे टॉवल लपेट रखा था और दूसरे टॉवल से अपने बाल पूछ रहा था | उसकी शिरट्लेस्स बॉडी पे पानी की बूंदे साफ़ चमक रही थी |
उसके बाद वो अपने रूम में बने क्लोसेट सेक्शन में गए और वह से ब्राउन कलर का थ्री पीस सूट लिया और चेंज कर लिया चेंज करने के बाद करणवीर अपने रूम मई वापस आया और ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े हो गए वहा से जेल लिया और उसे अपने बाल लगा बाल सेट करने लगा बाल सेट करने के बाद वाच उठाई सॅटॅलाइट वेव 95 और उस वॉच को पहन लिया और परफ्यूम लिया और उसे अपनी बॉडी पे स्प्रे किया किया और उसके बाद अपने लेदर शूज पहने और अपना वॉलेट अपना मोबाइल और रुमाल लिया और उसके बाद एक नजर खुद को मिरर मैं देखा और अपने कमरे से निकल गया |
उसके बाद वो सीढ़ियों से उतरते हुए आया और हॉल के साइड में बने शिवजी के मंदिर में चला गया और उनकी माँ अलका ने आरती की थल से तिलक लिया और उनके सिर पे तिलक लगा दिया और करणवीर ने उनके पर छुए | अलका ने उन्हें आशीर्वाद दिया और वो भी उनके साथ डाइनिंग टेबल की तरफ आ गयी |
करणवीर ने अपने दादाजी और दादीजी के पर छुए और आकर अपनी किंग चेयर पे बैठ गए | उनके दादाजी की भी किंग चेयर थी और उनके बाद करणवीर की थी | भानुप्रताप जी और करणवीर के बाद ही किसी और की चलती थी सबसे ज़ायदा तोह करणवीर की चलती थी वो उज्जैन के होनेवाले हुकुम सा थे | करणवीर ने एक नज़र सको देख और अपने एक्सप्रेशनलेस चेहरे के साथ गुड मॉर्निंग कहा और बैठ गया | सभी लोग अपनी टेबल पे आके बैठ गए | अलका जी और रोहिणी जी सब को ब्रेकफास्ट सर्वे कर रही थी | कुछ देर बाद वहा डाइनिंग एरिया की तरफ 2 लोग भागते हुए आये | और आकर जल्दी से अपनी अपनी चेयर पे बैठ गए | यह दोनों कोई और नहीं बल्कि करणवीर के भाई और बहन थे अमर प्रताप सिंह सूर्यवंशी और अंजलि सिंह सूर्यवंशी थे |
वो दोनों जैसे ही अपनी चेयर पे बैठने वाले थे उस से पहले एक रोब दार आवाज आयी यह आवाज भानुप्रताप सिंह की थी |
उन्होंने कहा "आप दोनों आज सुबह के नास्ते के लिए लेट कैसे हो गए आप दोनों को पता नहीं है हमने आप सब को कितने बजे निचे आने के लिया कहा था |
अमर और अंजलि दोनों सर झुकाये हुए सॉरी कहने लगे | करणवीर की दादीजी देवी सिंह के कहने पर दादाजी ने उन्हें चुप चाप अपनी चेयर पे बैठ के नाश्ता करने के लिए कह दिया |
अलका और रोहिणी जी ने उन दोनों को भी ब्रेकफास्ट सर्वे किया और फिर खुद भी सब के साथ बैठ गयी और सबके साथ बैठ के नास्ता करने लगी |
जय श्री महाकाल
कब होगा करणवीर का राज्य भिसेक ?
कैसे मुलाक़ात होगी प्रिया और करणवीर की मुलाक़ात ?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
वो दोनों जैसे ही अपनी चेयर पे बैठने वाले थे उस से पहले एक रोब दार आवाज आयी यह आवाज भानुप्रताप सिंह की थी |
उन्होंने कहा "आप दोनों आज सुबह के नास्ते के लिए लेट कैसे हो गए आप दोनों को पता नहीं है हमने आप सब को कितने बजे निचे आने के लिया कहा था |
अमर और अंजलि दोनों सर झुकाये हुए सॉरी कहने लगे | करणवीर की दादीजी देवी सिंह के कहने पर दादाजी ने उन्हें चुप चाप अपनी चेयर पे बैठ के नाश्ता करने के लिए कह दिया |
अलका और रोहिणी जी ने उन दोनों को भी ब्रेकफास्ट सर्वे किया और फिर खुद भी सब के साथ बैठ गयी और सबके साथ बैठ के नास्ता करने लगी |
अब आगे,
सभी लोग चुप चाप अपना नाश्ता कर रहे थे । शिवाय अमर और अंजलि वो दोनो के दूसरे मैं खुसुर फुसुर चल रही थी । उन दोनो का ध्यान किसी की भी तरफ नही था । वो दोनो अपनी मस्ती मैं मस्त थे । उन दोनो को यह अंदाजा ही नही था की कोई उन दोनो की खुसुर फुसुर से इरिटेट हो रहा था । वही हेड चेयर पे बैठ करणवीर कब से उन दोनो की फालतू बातो को नोटिस कर रहा था । और उनकी बातो से इरिटेट हो रहा था । वो अपनी चेयर से उठा और उन दोनो की तरफ देख के कहता है "लगता है तुम दोनो कुछ जायदा ही फ्री घूम रहे हो। अमर आज तुम्हे ऑफिस आना है और आज mr भट्ट के साथ जो मीटिंग है उसकी प्रेजेंटेशन तैयार करके उनके सामने प्रेजेंट करोगे याद रहे मुझे प्रेजेंटेशन बिल्कुल अच्छा होना चाइए वरना तुम्हारे सभी कार्ड ब्लॉक हो जायेंगे । " फिर एक नजर अंजली की तरफ देख कर "अंजू तुम्हारा कॉलेज है ना तो कॉलेज जाओ और इस बार मुझे तुम्हारे अच्छे मार्क्स चाइए अगर इस बार एग्जाम्स मैं अच्छे मार्क्स नही आए तो तुम हॉस्टल जाने की तैयारी कर लेना "। इतना कहने के बाद करणवीर सीधा महल से बाहर चला गया।
उन दोनो ने जब करणवीर की बात सुनी तो उन दोनो की शकल रोने जैसी हो गई थी। उन दोनो ने आश भरी नजरो से सबको देखा लेकिन किसी ने उन दोनो को भाव नहीं दिया। करणवीर के हुकुम को ना माने ऐसा हो नहीं सकता था ।
इसलिए दोनो ने एक दूसरे को शांतावना दी और उसके बाद वो दोनो अपना अपना ब्रेकफास्ट करने लगे ।
करणवीर महल से बाहर आ गया । वहा विक्रांत पहले से मौजूद था। और उसने कार भी पहले से रेडी करके रखी थी ।
उसने कार का डोर ओपन किया। और करणवीर ने अपने गोगेलेस लगाए और कार के अंदर बैठ गया। करणवीर के बैठने के बाद विक्रांत ने डोर बंद किया और उसके बाद वो खुद भी आगे ड्राइवर के पास वाली सीट पे बैठ गया। और उसने ड्राइवर को कार चलाने के लिए कहा। ड्राइवर ने विक्रांत की बात सुन कर कार चलना शुरू की कुछ ही देर मैं उनकी कार सड़को पे दौड़ रही थी।
और करणवीर कार मैं पीछे बैठा अपने लैपटॉप मैं कुछ कर रहा था। वो अपने लैपटॉप मैं मेल्स चेक कर रहा था । काफी देर मेल्स चेक करने के बाद करनवीर ने लैपटॉप को बंद किया और वापस रख दिया उसके बाद करणवीर अपना फोन यूज करने लगा ।
करीब 30 मिनट्स बाद ,
सूर्यवंशी इंडस्ट्रीज,
सूर्यवंशी इंडस्ट्रीज बहोट बड़ी बिल्डिंग थी। वहा कम से कम 30 फ्लोर थे। उस बिल्डिंग के नीचे एक बुगत्ती आके रुकी। उनके पीछे पीछे 3–4 बॉडीगार्ड की भी कार आके रुकी। उसके बाद बुगत्ती उसमे से सबसे पहले विक्रांत नीचे उतरा उसने पीछे का डोर ओपन किया और करणवीर अपने कोट को सही करते हुए बाहर निकला । उसके बाद करणवीर के अलग ही औरा के साथ अपने कदम बिल्डिंग के अंदर बड़ा दिए करणवीर के पीछे उसका पीए और उसके बॉडीगार्ड्स चल रहे थे।
केवी ने जैसे ही ऑफिस के अंदर आया सभी एम्प्लॉय ने उसे खड़े होके ग्रीट किया लेकिन केवी ने उन्हें नजर अंदाज किया और लिफ्ट की तरफ बड़ गया।
सभी एम्प्लॉयज केवी के जाने के बाद अपनी सीट पे वापस बैठ गए और अपना काम करने लगे।
( मैं अब सब को बता दू करणवीर एक अंडरवर्ल्ड माफिया भी है उसे सब KV के नाम से जानते है उसके बॉडीगार्ड के कपड़ो पे भी KV का टैग लगा हुआ है । अगर मैं कभी कभी बीच बीच मैं केवी लिख रही तो आप सब समझ जाना। की kv और कोई नही बल्कि करणवीर है ओके कई सारे राज है kv के बारे मैं वो आप सब को बाद मैं पता चलेगा )
नाउ बैक टू स्टोरी।
सूर्यवंशी महल kv के जाने के बाद अमर ने अपना ब्रेकफास्ट जल्दी जल्दी खत्म किया और अपने कमरे की तरफ भाग के गया अंजली ने भी अपना ब्रेकफास्ट जल्दी जल्दी किया और अपने कमरे की तरफ गई।
अमर अपने कमरे मैं जल्दी जल्दी तैयार हो रहा था उसके पास सिर्फ आधा घंटा था उसे आधे घंटे बाद ऑफिस पहुंचना था आज केवी के ऑर्डर पर अमर को ही आज की मीटिंग का प्रेजेंटेशन देना था । अमर ने आज लाइट ब्ल्यू कलर का बिजनेस सूट पहना हुआ था उसने फटाफट अपनी टाई बांधी। और अपना लैपटॉप को बैग मैं रखा और अपने रूम से निकला गया ।
दिखने मैं तो अमर भी बहुत हैंडसम था उसके 6पैक्स अब उसकी मस्कुलर बॉडी जिसपे हर लड़की मर मिटने लगे। लेकिन kv से थोड़ा सा कम हमारे यह जनाब भी किसी को भाव नहीं देते हर लड़की की दोनो भाईयो के पीछे मरती है है लेकिन दोनो भाईयो ने आज तक किसी लड़की को भाव तक नही दिया लेकिन अमर थोड़ा खूसमीजाज लड़का है वो हर किसी के साथ हसी मजाक करता रहता है।
वही अंजली भी अपने रूम मैं फटाफट तैयार हुई। दिखने मैं अंजली भी बेहद खूबसूरत थी लेकिन वो थोड़ी सी पढ़ाई मैं कमजोर थी दोनो भाई अपनी बहन के लिए प्रोटेक्टिव थे । अंजली ने आज व्हाइट कुर्ता पहना हुआ था उसके ऊपर जैकेट नीचे डेनिम जींस पहनी हुई थी। उसके बाद उसने अपना कॉलेज बैग लिया और अपने रूम से निकल गई ।
अमर और अंजलि दोनो ही हॉल मैं आ गए थे दोनो एक साथ बाहर निकल गए। अमर और अंजलि दोनो एक ही कार निकल गए।
अवंतिका यूनिवर्सिटी,
अमर ने पहले अंजली को कॉलेज ड्रॉप किया और कहा "ले तेरा कॉलेज आ गया अगर आज तेरी वजह से लेट हुआ न तो मैं तुझे बताऊंगा अगर तेरी वजह से मुझे भाई ने डाटा तो ।
अंजली ने उसके सिर पे चपेट लगाई और कहा"किसने कहा था कल रात लेट नाइट पार्टी करने के लिए। उसके बाद वो कार से नीचे उतरी और अपने कॉलेज के अंदर चली गई थी।
उसके बाद खुद ऑफिस के लिए निकल गया।
(अवंतिका यूनिवर्सिटी उज्जैन मैं है लेकिन मैने सिर्फ यूनिवर्सिटी का नाम अवंतिका लिखा है इसलिए आप सब इसे रियल अवंतिका यूनिवर्सिटी से कंपेयर मत करना )
दूसरी तरफ ,
राजस्थान,
जयपुर,
एक लड़की अपने कमरे मैं तैयार हो रही थी। उसने इस वक्त ब्लैक कलर का नायर। कट कुर्ता पहना हुआ था । उसने अपने बाल खुले रखे हुए थे। और उसने अपने होठों पे एक पिंक लिप बाम लगाया और अपने एक हाथ मैं उसने बैंगल पहने और एक बार खुद को मिरर मैं देख और अपना बैग उठाया और नीचे चली गई ।
यह लड़की कोई और नहीं बल्कि प्रिया सिंह है .....
जारी।
जय श्री महाकाल,
कैसी होगी प्रिया और केवी की मुलाकात?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -"arrogant devil hukum sa "
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
अवंतिका यूनिवर्सिटी,
अमर ने पहले अंजली को कॉलेज ड्रॉप किया और कहा "ले तेरा कॉलेज आ गया अगर आज तेरी वजह से लेट हुआ न तो मैं तुझे बताऊंगा अगर तेरी वजह से मुझे भाई ने डाटा तो ।
अंजली ने उसके सिर पे चपेट लगाई और कहा"किसने कहा था कल रात लेट नाइट पार्टी करने के लिए। उसके बाद वो कार से नीचे उतरी और अपने कॉलेज के अंदर चली गई थी।
उसके बाद खुद ऑफिस के लिए निकल गया।
(अवंतिका यूनिवर्सिटी उज्जैन मैं है लेकिन मैने सिर्फ यूनिवर्सिटी का नाम अवंतिका लिखा है इसलिए आप सब इसे रियल अवंतिका यूनिवर्सिटी से कंपेयर मत करना )
दूसरी तरफ ,
राजस्थान,
जयपुर,
एक लड़की अपने कमरे मैं तैयार हो रही थी। उसने इस वक्त ब्लैक कलर का नायर। कट कुर्ता पहना हुआ था । उसने अपने बाल खुले रखे हुए थे। और उसने अपने होठों पे एक पिंक लिप बाम लगाया और अपने एक हाथ मैं उसने बैंगल पहने और एक बार खुद को मिरर मैं देख और अपना बैग उठाया और नीचे चली गई ।
यह लड़की कोई और नहीं बल्कि प्रिया सैनी है .....
अब आगे ,
दूसरी तरफ ,
राजस्थान,
जयपुर,
एक लड़की अपने कमरे मैं तैयार हो रही थी। उसने इस वक्त ब्लैक कलर का नायर। कट कुर्ता पहना हुआ था । उसने अपने बाल खुले रखे हुए थे। और उसने अपने होठों पे एक पिंक लिप बाम लगाया और अपने एक हाथ मैं उसने बैंगल पहने और एक बार खुद को मिरर मैं देख और अपना बैग उठाया और नीचे चली गई ।
ये लड़की कोई और नहीं बल्कि प्रिया थी। उसकी गहरी काली आंखे, गुलाबी स्ट्रॉबेरी जैसे होठ, लंबे बाल, गोरा रंग । प्रिया कुलमिलाके बहोत सुंदर थी बहुत खूबसूरत थी ।
लेकिन प्रिया बाकी नाजुक लड़कियों जैसी बिल्कुल नही थी वो अच्छा अच्छा को धूल चटा देती थी । उसका सपना था खुद की डिफेंस एकेडमी खोलना जिस से वो बाकी लड़कियों को आत्म निर्भर बना सके उन्हें कभी भी किसी की मदद की जरूरत ना पड़े।
प्रिया तैयार होके नीचे आती हैं। उसके बाद वो किचन मैं जाती है। उसकी मम्मी पहले से नाश्ता बनाके रखी हुई थी।
वो अपनी मम्मी की हेल्प करती है। डाइनिंग टेबल रखने मैं । उसके बाद उसके पापा और बहन वो सब आ जाते है। और सब साथ मैं बैठ कर नाश्ता करते है। वीरेंद्र जी प्रिया के पापा जी मीनाक्षी जी से कहते है की ,"महाशिवरात्रि आने वाली है। उसके लिए हम सब उज्जैन जायेंगे। ठीक 2 दिन बाद महाशिवरात्रि है तो हम सब कल ही चलेंगे आप सब अपनी अपनी पैकिंग कर लेना ।" इतना कहने के बाद वो अपना नाश्ता करने लगते है ।
सभी लोग बहुत खुश थे। उज्जैन जाने के लिए।
सब का नाश्ता होने के बाद वीरेंद्र जी अपनी दुकान पे चले जाते है । प्रिया और उसकी बहन अनु दोनो साथ मैं कॉलेज के लिए निकल जाती है ।
( प्रिया का लास्ट ईयर था ग्रेजुएशन कंप्लीट होने मैं। और अनु अभी फास्ट ईयर मैं थी । )
दोनो बहने पदल चलते हुए बाते करते हुए कॉलेज पहुंच जाती है ।
अनु अपनी क्लास के लिए चली जाती है। और प्रिया अपनी फ्रेंड श्रुति के साथ अपनी क्लास मैं चली जाती हैं।
प्रिया और श्रुति दोनो क्लास मैं आती है दोनो साथ मैं एक बैंच पे बैठ जाती है। कुछ देर बाद प्रोफेसर आते है वो आज उनका इकोनॉमिक का लेक्चर ले रहे थे।
ऐसे ही सारे लेक्चर खतम हो जाते है। प्रिया फिर HOD के केबिन मैं जाती है और दूर नोक करती हैं। तभी वह से,"कम इन"
बोलता है। प्रिया केबिन के अंदर चली जाती है। और प्रिंसिपल को ग्रीट करती हैं,"गुड आफ्टरनून सर" । प्रिसिपल सिर्फ अपना सर हिला देता है।
प्रिया अपने बैग से एक एप्लीकेशन निकलती है। और प्रिंसिपल को दे देती हैं। ,"सर ये एप्लीकेशन है मुझे एंड मेरी बहन अनु को हमे 3 दिन का लीव चाइए। "
प्रिंसिपल प्रिया की एप्लीकेशन ले लेता है। एप्लीकेशन पढ़ने के बाद उसपे साइन कर देता है। ,"वैसे कहा जाने वाले हो "।
प्रिया सर की बात सुनके के बोलती हैं,"सर हम उज्जैन जाने वाले है महाशिवरात्रि के लिए " ।
प्रिंसिपल,"अच्छा वहा से वापस आओ तो हमारे लिए भी प्रसाद लेते आना "। फिर प्रिया,"जी सर "कह के उनके केबिन से निकल जाती हैं।
कॉलेज ओवर होने के बाद प्रिया अपनी बहन अनु के साथ घर के लिए निकल जाते हैं।
घर जाते हुए बीच रास्ते मैं प्रिया और अनु ने पानी पूरी खाई उसके बाद दोनो घर चले गए।
(देखो यार मैं खुद कभी कभी कॉलेज से घर आती हू तब पानी पूरी खाके आते हु। इसलिए मैने यह सीन लिख दिया एंड मुझे कॉमेंट में बताना कोन कोन ऐसा करता है ।)
दोनो घर आ जाते है। दोनो अपने रूम में जाते है फ्रेशअप होके आते है तब तक मीनाक्षी जी ने उनके लिए टेबल पे खाना सर्व कर दिया था।
अनु बैठ जाती हैं और अपना खाना खाने लगती हैं।
मीनाक्षी जी,"प्रिया बेटा तुम क्यों खाना नही खा रही"। तो प्रिया कहती है,"मम्मी आप ना पापा का लंच पैक कर दो मैं पापा को लंच देके आती हु और मेरा भी कर देना मैं वही पापा के साथ खा लूंगी। " उसके बाद मीनाक्षी जी अंदर जाती हैं और प्रिया और वीरेंद्र जी के लिए खाना पैक कर देती है इक टिफिन में । उसके बाद टिफिन लाकर प्रिया को दे देती हैं। उसके बाद प्राय टिफिन लेके अपने पापा की दुकान पे चले जाती हैं।
कुछ देर बाद प्रिया अपने पापा की दुकान पे पहुंच गई थी। उसके पापा काम कर रहे थे। वो आके उनसे कहती है,"चलिए पापा पहले आप खाना खा लीजिए उसके बाद आप बाकी कुछ करना । वो अपने पापा को ले जाके वही पास में एक टेबल और दो चेयर रखी हुई थी। प्रिया अपने पापा को बिठाती है और प्लेट मैं उन्हे खाना सर्व करती हैं। ,"लीजिए पापा आप खाना खाइए "। उसके बाद वीरेंद्र जी,"अच्छा तो ये इतना मेरे अकेले के लिए हैं तुमने भी नही खाया होगा चलो दोनो बाप बेटी मिलके खायेंगे "।
फिर प्रिया अपनी प्लेट में भी खाना सर्व करती हैं। दोनो बाप बेटी मिलकर अपना अपना खाना खत्म करते हैं।
उसके बाद प्रिया अपने पापा की मदद करती है दुकान में ।
उधर मध्य प्रदेश ,
उज्जैन,
सूर्यवंशी इंडस्ट्रीज,
एक कार सूर्यवंशी इंडस्ट्रीज बिल्डिंग के सामने आकर रुकती हैं।
एक बॉडीगार्ड आके कार का डोर ओपन करता है। उसमे से अमर अपना ब्लेजर ठीक करते हुए बाहर निकला। उसने अपना बैग लिया और बिल्डिंग के अंदर चला गया।
सभी ने अमर की भी ग्रीट किया। अमर ने उन सभी को भी अपना सिर हिला दिया।
उसके बाद वो लिफ्ट के अंदर आया और उसने ऊपर वाले फ्लोर का बटन प्रेस किया।
उसके बाद लिफ्ट 28 फ्लोर पे आके रुकती हैं। लिफ्ट में से अमर बाहर आता है।
और उसके बाद वो बोर्ड मीटिंग रूम में चला जाता है।
रूम के अंदर जाने के बाद वो प्रेजेन्टेशन की तैयारी करता है। ताकि कुछ भी प्रोब्लम में नहीं आए। अगर प्रेजेंटेशन में कुछ भी प्रॉब्लम्स आई और अगर ये डील उनके हाथ से गई तो करणवीर उसको नही छोड़ेगा। इसलिए वो सभी चीजे पहले ही सेटल कर लेता है।
उसके बाद वो kv के पीए विक्रांत को कॉल करता है।
विक्रांत,"जी कुंवर सा"।
अमर,"भाई सा मैने मीटिंग की तैयारी कर ली है। आप भाई सा को बोल देना की मीटिंग कब शुरू करनी है और mr भट्ट कब तक आयेंगे।"
विक्रांत,"कुंवर सा मैं अभी सर से बात करता हु । "
उसके बाद अमर फोन कट कर देता है। और वही चेयर पे बैठ जाता है और लैपटॉप ओपन करके एक बार प्रेजेंटेशन चेक करता है।
जारी,
जय श्री महाकल
क्या होगा आगे?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -"arrogant devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड इवनिंग everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय
उसके बाद लिफ्ट 28 फ्लोर पे आके रुकती हैं। लिफ्ट में से अमर बाहर आता है।
और उसके बाद वो बोर्ड मीटिंग रूम में चला जाता है।
रूम के अंदर जाने के बाद वो प्रेजेन्टेशन की तैयारी करता है। ताकि कुछ भी प्रोब्लम में नहीं आए। अगर प्रेजेंटेशन में कुछ भी प्रॉब्लम्स आई और अगर ये डील उनके हाथ से गई तो करणवीर उसको नही छोड़ेगा। इसलिए वो सभी चीजे पहले ही सेटल कर लेता है।
उसके बाद वो kv के पीए विक्रांत को कॉल करता है।
विक्रांत,"जी कुंवर सा"।
अमर,"भाई सा मैने मीटिंग की तैयारी कर ली है। आप भाई सा को बोल देना की मीटिंग कब शुरू करनी है और mr भट्ट कब तक आयेंगे।"
विक्रांत,"कुंवर सा मैं अभी सर से बात करता हु । "
उसके बाद अमर फोन कट कर देता है। और वही चेयर पे बैठ जाता है और लैपटॉप ओपन करके एक बार प्रेजेंटेशन चेक करता है।
अब आगे ,
अमर से बात करने के बाद विक्रांत अपने केबिन से निकल कर kv की केबिन की तरफ बड़ जाता है।
CEO केबिन,
करणवीर अपने केबिन मैं अपने किंग चेयर पे बैठा हुआ था वो लैपटॉप पे तेजी से अपनी उंगलियां चला रहा था।
करणवीर का केबिन बहुत लग्जरियस था। उसमे एक साइड सोफा सेट रखा हुआ था। उस केबिन के साइड कांच की वाल थी जिससे वहा से खड़े होके देखने से नीचे के आते जाते हुए लोग दिखते थे और उज्जैन का महाकाल मंदिर भी दिखता था। उसके केबिन के अंदर एक सीक्रेट रूम भी अटैच्ड था। उसके केबिन मैं एंटीक एंड रॉयल पेंटिंग लगी हुई थी कुछ एंटीक एंड यूनिक शोपीस रखे हुए थे।
Kv अपने लैपटॉप पे काम कर ही रहा था की उसके केबिन का डोर नोक हुआ । करणवीर अपना काम करते हुए ही बोलता है,"कम इन"। उसके बाद विक्रांत डोर ओपन करके केबिन के अंदर आता है।
विक्रांत अपने सिर झुकाते हुए कहता है,"सिर mr बट्ट आ चुके है वो बोर्ड मीटिंग रूम में आपका इंतजार कर रहे है। और अमर भाई सा भी आ चुके। चलिए मीटिंग का टाइम हो गया है।"
विक्रांत की बात सुनकर सिर्फ ,"हम्म्म"। कहता है।
उसके बाद वो अपनी चेयर से उठता है अपना ब्लेजर सही करता है और अपना मोबाइल उठा के अपने केबिन से निकल जाता है।
विक्रांत भी kv के पीछे पीछे चल रहा था।
करणवीर अपनी प्राइवेट लिफ्ट में चले जाता है। और विक्रांत दूसरी लिफ्ट मैं चले जाता है।
कुछ ही देर मैं दोनो लिफ्ट 28th फ्लोर पे आके रुकती है।
करनवीर अपनी प्राइवेट लिफ्ट से बाहर आता है और विक्रांत दूसरी लिफ्ट से। करणवीर और विक्रांत दोनो मीटिंग रूम मैं आ जाते है।
करणवीर मीटिंग रूम मैं आता है। Mr भट्ट और बाकी मेंबर खड़े होके ग्रीट करते है। करणवीर अपना सिर सिर" हम्म्म " मैं हिला देता है।
उसके बाद जाके वो अपनी हेड चेयर पे बैठ जाता है।
विक्रांत भी वही करणवीर के पास मैं बैठ जाता है।
अमर अपनी जगह से खड़ा होता है। और रिमोट उठा के एक एलईडी स्क्रीन चालू कर देता है उसके बाद वो अपना प्रेजेंटेशन देना शुरू कर देता। अमर अच्छे से प्रेजेंटेशन दे रहा था। वो बिल्कुल कॉन्फिडेंस के साथ अपना पूरा ध्यान सिर्फ प्रेजेंटेशन पे था।
करीबन 3 घंटे बाद मीटिंग खत्म होती है।
Mr. भट्ट खड़े हुए और उन्होंने कहा,"मुझे आप का प्रेजेंटेशन अच्छा लगा। में अपना कॉन्ट्रैक्ट आपको देता हु । "
उसके बाद वो अमर के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करते है।
डील साइन होने के बाद अमर करणवीर के पास आता है और पुछता है ,"भाई सा मैने अच्छी प्रेजेंटेशन दी है न "
करणवीर ने सिर्फ,"हम्म्म" कहा और अपनी हेड चेयर से खड़ा होता है और मीटिंग रूम से निकल गया।
अमर खुशी के मारे मीटिंग मैं उछलते हुए विक्रांत के गले लग गया। ,"भाई सा आज मैं बहोट खुश हु की आज मैने पहली डील साइन की है "। विक्रांत भी उसे बधाई देता है। और उसके बाद विक्रांत और अमर दोनो मीटिंग रूम से निकल जाते है।
करणवीर अपने केबिन मैं आता है और अपनी हेड चेयर पे बैठ जाता। और अपना काम करने लगता है।
ऐसे ही काम करते करते रात के 9 बज गए।
करणवीर ने जब घड़ी मैं टाइम देखा तो उसने विक्रांत को कॉल करके कार रेडी करने को कहा उसके बाद करणवीर ने अपना ब्लेजर उठाया और अपने केबिन से निकल गया।
करणवीर अपनी प्राइवेट लिफ्ट से ग्राउंड फ्लोर पे आया। उसके बाद लिफ्ट से निकल के बिल्डिंग के बाहर आ गया।
वहा विक्रांत पहले से ही कार का डोर ओपन करके रखा था।
करणवीर सीधे कार के अंदर बैठ गया और विक्रांत भी कार मैं बैठ गया।
कुछ ही देर हाईवे पे दौड़ रही थी।
उधर,
प्रिया ने भी आज दुकान मैं अपने पापा की मदद की ऐसे सी काम करते करते रात के 9 बज गए थे।
उन्होंने दुकान की बंद किया और उसके बाद प्रिया और वीरेंद्र जी अपने घर के लिए निकल गए।
प्रिया और वीरेंद्र जी दोनो। घर पहुंच गए।
जब दोनो घर के अंदर आए तो मीनाक्षी जी कब से उन दोनो का इंतजार कर रही थी।
उसके बाद मीनाक्षी जी प्रिया के हाथ से टिफिन लेती है और दोनो को जल्दी से हाथ मुंह धोकर आने के लिए कहती है।
प्रिया और वीरेंद्र जी दोनो हाथ मुंह धोने के लिए अपने अपने रूम में चले जाते है।
प्रिया अपने रूम में आती है और उसके बाद अलमीरा के पास जाके उसका दरवाजा खोलती है और अपना नाईट सूट लेती है और उसे बाथरूम मैं लेके चली जाती हैं।
और 15 मिनट बाद प्रिया अपना नाईट सूट पहन कर अपना चेहरा टॉवेल से पूछते हुए आ रही थी उसके बाद उसने टॉवेल को वही रेलिंग पे सुखा दिया और खुद नीचे चली गई। डिनर करने के लिए।
प्रिया जब नीचे आई तो वहा पहले से अनु, वीरेंद्र जी और मीनाक्षी जी बैठे हुए थे। प्रिया भी आकर बैठ जाती हैं। उसके बाद चारो मिलकर बाते, हस्ती मजाक करते हुए अपना डिनर करते है।
डिनर करने के बाद प्रिया किचन मैं जाके अपनी मम्मी की हेली करवाती है।
कुछ देर काम करने के बाद सब लोग मिलकर बाते करते हैं।
ऐसे ही कुछ देर बाते करने के बाद प्रिया और बाकी सब अपने कमरे में चले जाते है अनु और प्रिया दोनो अपने कमरे में आ जाती है।
प्रिया एक बैग लाती है। ,"अनु तुझे जो जो कपड़े ले चलने है वो ला दे। मैं रख देती हु । अनु प्रिया की बात मानकर अपने कपड़े निकालने लगती है और प्रिया की दे देती है। प्रिया अनु के कपड़े बैग में रखने के बाद अलमीरा से खुद के कपड़े निकाल कर अपने कपड़े भी रख लेती है उसने एक रेड क्लाउड का फ्रॉक सूट लिया था और एक दो कपड़े और रख लिए थे।
ऐसे ही अपनी सारी पैकिंग करने के बाद वो कुछ देर अपनी बुक लेकर पढ़ने बैठ जाती है साथ मैं अनु को भी पढ़ा रही थी जो उसे समझ मै नही आ रहा था उसे वो समझा रही थी।
उज्जैन,
एक कार आके सूर्यवंशी महल आके रुकती है। एक बॉडीगार्ड जल्दी से आके कार का डोर ओपन करता है।
कर्णवीर अपना कोट हाथ मैं लिए बाहर निकलता है।
और विक्रांत भी कार से बाहर निकलता है।
विक्रांत करणवीर के साथ महल के अंदर चला जाता है।
करणवीर जब अंदर आया सभी लोग वही बैठे हुए थे।
और बाते कर रहे थे।
एक नजर सबको देखने के बाद करणवीर सीढ़ियों से जाते हुए चला जाता है। विक्रांत भी अपने रूम मैं चला गया था।
करणवीर रूम,
करणवीर अपने रूम में आने के बाद आने कोट सोफे पे रख दिया और अपनी शर्ट के बटन खोल दिए और बाथरूम मैं चला गया।
ब्रैथरूम में kv ने टैब इन किया और उसके ऊपर शावर से पानी गिरने लगा।
शावर का पानी kv के बालो से होते हुए नीचे तक जा रहा था। उसकी मस्कुलर बॉडी पे पानी नदी की तरह बह रहा था।
करीब 20 मिनट बाद वह वाशरूम से बाहर आया उसने अपनी कमर पे टॉवेल लपेटा हुआ था और दूसरे से वो अपने बाल पूछ रहा था। उसके बाद वो क्लोसेट रूम की तरफ चला गया और एक ब्लैक ट्राउजर और एक ब्लैक शर्ट पहनी हुई थी। जिस में वो बेहद हैंडसम लग रहा था।
उसके बाद वो अपने कमरे से निकल गया। और डाइनिंग एरिया मैं आ गया।
सभी लोग अपनी अपनी चेयर पे बैठे हुए थे।
रोहिणी और अलका जी ने सब को खाना सर्व किया और सभी डिनर कर रहे थे। करणवीर अपना डायट वाला खाना खा रहा था। वो रात को कुछ हल्का ही खाता था।
जारी।
जय श्री महाकाल
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -"arrogant devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड afternoon everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय
bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye
करणवीर अपने रूम में आने के बाद आने कोट सोफे पे रख दिया और अपनी शर्ट के बटन खोल दिए और बाथरूम मैं चला गया।
ब्रैथरूम में kv ने टैब इन किया और उसके ऊपर शावर से पानी गिरने लगा।
शावर का पानी kv के बालो से होते हुए नीचे तक जा रहा था। उसकी मस्कुलर बॉडी पे पानी नदी की तरह बह रहा था।
करीब 20 मिनट बाद वह वाशरूम से बाहर आया उसने अपनी कमर पे टॉवेल लपेटा हुआ था और दूसरे से वो अपने बाल पूछ रहा था। उसके बाद वो क्लोसेट रूम की तरफ चला गया और एक ब्लैक ट्राउजर और एक ब्लैक शर्ट पहनी हुई थी। जिस में वो बेहद हैंडसम लग रहा था।
उसके बाद वो अपने कमरे से निकल गया। और डाइनिंग एरिया मैं आ गया।
सभी लोग अपनी अपनी चेयर पे बैठे हुए थे।
रोहिणी और अलका जी ने सब को खाना सर्व किया और सभी डिनर कर रहे थे। करणवीर अपना डायट वाला खाना खा रहा था। वो रात को कुछ हल्का ही खाता था।
करणवीर और बाकी सब ने अपना डिनर कंप्लीट किया।
सभी लोग हॉल में सोफा पे बैठ गए।
करणवीर अपनी हेड चेयर पे बैठ हुआ था।
भानुप्रताप जी ने सब को एक नजर देखा और कहा,"2 दिन बाद महाशिवरात्रि है और इस बार अभिषेक होने वाले हुकुम सा को करना है तो आप सब तैयारी कर लीजिए। अभिषेक होने के बाद होने वाले हुकुम सा के हाथो से गरीबों को दान भी दिया जाएगा।
तो उसकी तैयारी भी कर लेना।
भानुप्रताप जी की बात पे सब ने सहमति जताई।
उसके बाद करणवीर की दादी सा ने करणवीर की तरफ देख कर कहा,"कुंवर सा अब आप मध्य प्रदेश के होने वाले हुकुम सा है और कुछ ही दिनों बाद आपका राज्य भिसेक होने वाला है और आप को राज्य भिसेक में इस राज्य की होने वाली हुकुम रानी के साथ बैठना होगा तो आप इस राज्य की हुकुम रानी किसे बनाएंगे। अब आपको शादी करनी होगी। अब आप माना नही करेंगे।
करणवीर अपनी दादी सा की बात सुनकर गुस्सा आया और वो अपनी हेड चेयर से खड़ा हुआ और अपनी तेज आवाज में कहा,"मुझे हुकुम सा बनने के लिए किसी की जरूरत नहीं है और मुझे किसी से शादी नहीं करनी। इतना कह के वो सीढ़ियों से चढ़ते हुए अपने कमरे में चले जाता है।
वही सभी लोग करणवीर की बात पे किसी ने सवाल नही उठाया था। जब भी करणवीर को शादी के लिए कहते वो हमेशा मना कर देता था।
सभी अपने अपने कमरे मै चले गए।
करणवीर रूम,
करणवीर अपने रूम में आने के बाद अपना लैपटॉप उठाया और स्टडी रूम में चला गया। स्टडी रूम में आने के बाद करणवीर अपनी हेड चेयर पे बैठ गया। उसने लैपटॉप अपनी टेबल पे रखा और टेबल से अटैच ड्राइवर खोला और उसके अंदर से एक चैन निकली। करणवीर उस पेंडेंट को देख रहा था उस पेंडेंट म
पे P लिखा हुआ था। वो किसी के नाम का पहला अक्षर था। करणवीर इस पेंडेंट पे बने P को देखते हुए,"कोन हो तुम एक ही ही जलक में तुम मेरी दिल और दिमाग में बस गई। ना मुझे तुम्हारा नाम पता है ना मैने तुम्हारा चेहरा देखा है, आखिर कोन हो तुम। सिर्फ ये पेंडेंट है मेरे पास तुम्हारा।
करणवीर उस पेंडेंट को देखते देखते अपने ख्यालों में खो गया।
फ्लैशबैक
6 महीने पहले,
राजस्थान,
जयपुर,
सुबह 6 बजे
करणवीर का प्राइवेट जेट जयपुर में लैंड हुआ।
करणवीर अपने जेट से बाहर निकला। सारे बॉडीगार्ड लाइन में खड़े थे करणवीर उनके बीच से जा रहा था चलते वक्त
करणवीर का औरा और एटीट्यूड अलग ही था। करणवीर ने ब्लैक थ्री पीस सूट पहना हुआ था और ब्लैक गोगल लगा रखे थे वो अपने तेज तेज कदमों से आगे बड़ रहा था। करणवीर के पीछे उसका pa विक्रांत भी चल रहा था।
एक बॉडीगार्ड ने जल्दी से बीएमडब्ल्यू का डोर ओपन किया और करणवीर कार में बैठ गया और विक्रांत भी आगे बैठ गया और ड्राइवर ने कार स्टार्ट की ओर ड्राइव करने लगा।
करणवीर की कार इस वक्त जयपुर के हाईवे पे चल रही थी।
और करणवीर पीछे बैठा अपने टैब में अपना काम कर रहा था।
कुछ देर बाद करणवीर की कार एक विला में आके रुकी।
वो विला दिखने में बहोट खूबसूरत था वो जायदा बड़ा नही था पर उसमे 4-5 तो थे।
विक्रांत कार से बाहर निकला और करणवीर के लिए गेट खोला और करणवीर कार से बाहर आया और अपने विला के अंदर चला गया।
विला के अंदर आने के बाद उसके पास एक 60 साल की दाई मां आई। ,"करणवीर बाबा आप यहां।"
करणवीर -जी दाई मां में यहां कुछ काम से आया हु । 1 दिन बाद वापस जाऊंगा । उसके बाद करणवीर अपने कमरे में चले जाता है।
कमरे आने के बाद करणवीर बाथरूम में जाता है। और शावर लेता है। शावर लेने के बाद करणवीर बाहर आता है।
जब तक विक्रांत वहा पे खड़ा था। उसके हाथ मैं बैग था।
वो बैग वो करणवीर की तरफ बड़ा देता है करणवीर उस बैग को लेके क्लोसेट रूम में चले जाता है। और उन कपड़ों को पहन कर आता है। उसने इस वक्त धोती पहना और उसके गले में एक पटका पहना हुआ।
उसकी शर्टलेस बॉडी पे उसके त्रिशूल का निसान साफ साफ दिख रहा था। और उसके गले में पहना हुआ उसका वो त्रिशूल का लॉकेट वो उन कपड़ों में एक राजा से कम नहीं लग रहा था।
तैयार होने के बाद करणवीर और विक्रांत कमरे से बाहर निकल गए।
करणवीर और विक्रांत विला के बाहर आए और उसके बाद दोनो कार मैं बैठ गए और उनकी कार वहा से निकल गई।
कुछ देर बाद उनकी कार जयपुर के एक बहुत पुराने शिव मंदिर के बाहर आके रुकी।
विक्रांत कार से बाहर आया और उसने पीछे का डोर ओपन किया करणवीर कार से बाहर निकला।
वहा पहले से ही कई पंडित पुरोहित मौजूद थे जो करणवीर का इंतजार कर रहे थे।
करणवीर ने हाथ जोड़ कर सबको प्रणाम किया और उन सब ने करणवीर को आशीर्वाद दिया।
करणवीर उन सब के साथ आगे बड़ गया विक्रांत भी उनके साथ चल रहा था। और उन सब के पीछे करणवीर के बॉडीगार्ड चल रहे थे ।
पंडित जी kv को नदी के पास में बने हवन कुंड के पास ले गए।
करणवीर हवन कुंड के सामने बैठ गया। और सारे पंडित भी बैठ गए। विक्रांत वहा खड़ा था। और बाकी बॉडीगार्ड भी उनकी सुरक्षा के लिए खड़े थे।
पंडित जी मंत्र पढ़ रहे थे। और करणवीर उनके साथ आहुति दे रहा था। वहा शिव मंदिर में भीड़ बहुत जायदा थी। आज शिव मंदिर में शिव मूर्ति की इस्थापना थी। और मूर्ति करणवीर के हाथो से इस्ताहापित की जाने वाली थी।
ऐसे ही 2 घंटे बाद
पूजा खतम हुई। करणवीर और पंडित जी सभी अपनी जगह पे खड़े हुए। और पास में नदी की तरफ चले गए।
जारी ।
जय श्री महाकाल
किसका है वो पेंडेंट?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -"arrogant devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
जारी ।
जय श्री महाकाल
किसका है वो पेंडेंट?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye
Guys मेरी एक न्यू नोवेल है।
रेटिंग, समीक्षाएं, एंड फॉलो कर लीजिएगा।
मिलते हैं नेस्ट पार्ट में
फ्लैशबैक कंटिन्यू,
करणवीर ने हाथ जोड़ कर सबको प्रणाम किया और उन सब ने करणवीर को आशीर्वाद दिया।
करणवीर उन सब के साथ आगे बड़ गया विक्रांत भी उनके साथ चल रहा था। और उन सब के पीछे करणवीर के बॉडीगार्ड चल रहे थे ।
पंडित जी kv को नदी के पास में बने हवन कुंड के पास ले गए।
करणवीर हवन कुंड के सामने बैठ गया। और सारे पंडित भी बैठ गए। विक्रांत वहा खड़ा था। और बाकी बॉडीगार्ड भी उनकी सुरक्षा के लिए खड़े थे।
पंडित जी मंत्र पढ़ रहे थे। और करणवीर उनके साथ आहुति दे रहा था। वहा शिव मंदिर में भीड़ बहुत जायदा थी। आज शिव मंदिर में शिव मूर्ति की इस्थापना थी। और मूर्ति करणवीर के हाथो से इस्ताहापित की जाने वाली थी।
ऐसे ही 2 घंटे बाद
पूजा खतम हुई। करणवीर और पंडित जी सभी अपनी जगह पे खड़े हुए। और पास में घाट की तरफ चले गए घाट के पास बहती नदी के पास आ गए।
पंडित जी के कहने पर करणवीर नदी के अंदर चला गया। और पानी के अंदर आ गया और पानी के अंदर 7 डुबकियां लेने लगा। जब आखरी बार करणवीर पानी के अंदर गया। और बाहर आया। और उसने सूर्य भगवान को जल अर्पित किया और जब वो बाहर निकल रहा था तो उसके हाथ के कड़े में एक चैन जैसा पेंडेंट लटका हुआ था। करणवीर ने उस पेंडेंट को अपने हाथ में लिया और देखने लगा। उस पेंडेंट को देखने के बाद उसने अपने आस पास नजर गुमा कर देखी उसे वहा एक लड़की दिखी जिसका फेस दूसरी तरफ था। और वो पानी के बाहर जा रही थी उसके साथ एक और लड़की थी।
करणवीर को सिर्फ उस लड़की की पीठ दिखाई दी थी। उस लड़की ने एक रेड कलर का सूट पहना हुआ था। और उसके फेस पे स्माइल थी। करणवीर को सिर्फ उस लड़की की आंखे दिखी थी और उसके फेस की वो स्माइल। करणवीर जल्दी से पानी के बाहर निकला और उस लड़की की तरफ बड़ गया।
करणवीर तेज कदमों से उसके पास आ रहा था। लेकिन जैसे ही वो उस लड़की के पास पहुंच ने वाला था। बीच मैं कुछ साधू संतो की रेली आ गई। करणवीर उन सब के बीच में से जाने की कोशिश की लेकिन वो बड़ी कोशिशों के बाद आगे बड़ा तो उसे वो लड़की कही भी दिखाई नही दी। करणवीर चारो तरफ अपनी नजर गुमा के देखी लेकिन उसे वो लड़की कही नही दिखाई दी।
विक्रांत करणवीर के पास आया और कहा,"कुंवर सा क्या हुआ आप किसे ढूंढ रहे हैं।"
विक्रांत की बात सुनकर करणवीर ने कुछ नहीं कहा। और वापस पंडित जी के पास आ गया।
करणवीर के हाथ में वो पेंडेंट अभी भी था उसने उस पेंडेंट को अपने हाथ में लपेट लिया। मोली की तरह ।
करणवीर के साथ सभी पंडित और पुरोहित जी मंदिर के पास पहुंच गए।
करणवीर के हाथो शिव जी की मूर्ति इस्तापना हुई।
उसके बाद करणवीर ने सभी गरीबी को कपड़े बाते।
उसके बाद वो वहा से जा रहा था। तो उसके फेस पे एक लाल रंग का दुपट्टा आ गिरा। उसके कदम वही पे रुक गए।
उसने वो दुपट्टा अपने चेहरे से हटाने लगा। उस दुपट्टे में से आ रही वो खुशबू उसको अलग ही एहसास करवा रही थी। वो इस खुश्बू में कही घूम सा हो गया था।
तभी करणवीर के पास एक लड़की आई,"भैया ये दुपट्टा देना।
उस लड़की की बात सुनकर करणवीर अपने होश मैं आया और वो दुपट्टा अपने चेहरे से हटाया। और उसके पास खड़ी लड़की को देखा।
करणवीर -"ये दुपट्टा आप का है बेटा।
उस लड़की ने अपना सिर ना में हिलाया और कहा,"नही ये दुपट्टा तो मेरी दी का है वो उड़ के आपके पास आ गया।
करणवीर ने देखा उसे नही दिखाई दी। ,"बेटा कहा है तुम्हारी दीदी।"
( ये लड़की कोई और नही अनु थी वो भी अपने पापा मम्मी, और बहन प्रिया के साथ यहां आई थी)
अनु -"वो रही मेरी दी। अनु ने अपनी उंगली से इशारा किया।
करणवीर ने उस तरफ देखा तो उसे वही लाल रंग की सूट वाली लड़की थी। अभी भी उसे उसका फेस नही दिखाई दे रहा था। करणवीर फिर उस लड़की को देखने में खो गया। उसे बस अब भी सिर्फ उसकी आंखे और उसके हिलते हुए होठ उसके उड़ते हुए बाल। करणवीर तो उसे देखने में इतना खो गया की उसे होश ही नहीं था। वो अपने ख्यालों में ही था। और अनु ने उसके हाथ से दुपट्टा लिया। और उसी तरफ भाग गई।
करणवीर को जब एहसास हुआ की उसके हाथ में वो दुपट्टा नही है तो उसने उस तरफ देखा जिस तरफ अनु भागी थी।
वो जब तक अनु के पीछे जाने लगा तभी एक पंडित जी उनके पास आए। और करणवीर को अपने साथ ले गए। करणवीर ने पीछे मुड़ के देखा तो उसे कोई दिखाई नहीं दिया। उसने जायदा ना सोचते हुए उनके साथ आगे बड़ गया।
प्रेजेंट टाइम
स्टडी रूम,
करणवीर ने ख्यालों से बाहर आया। ,"तुम कोन हो मैं नहीं जानता, पर तुम्हारी वो आंखे, तुम्हारे वो बाल तुम्हारी वो हिलते हुए होठ। क्या तुम एक ही लड़की हो। फिर उस पेंडेंट को देख कर क्या तुम एक ही हो पाता नहीं पर ऐसा क्यों लगता है।
की वो डूपटे और ये पेंडेंट वाली लड़की एक ही है। तुम जो कोई भी हो कहा। लेकिन जहा भी हो में तुम्हे ढूंढ कर रहूंगा।
उसके बाद उसने उस पेंडेंट के P अक्षर से बने लॉकेट को अपने होठों से किस किया और वापस उसे अपने ड्रॉवर मैं रख दिया और लैपटॉप ऑन करके अपना काम करने लगा।
ऐसे ही 2 घंटे लैपटॉप पे काम करने के बाद उसने टाइम देखा और अपना लैपटॉप बंद किया और स्टडी रूम से निकल गया।
अपने कमरे में आ गया और अपने किंग साइज पे पेट के बल लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा।
( करणवीर का रूम बहोट बड़ा था, उसका कलर, टेक्सचर बहुत यूनिक था। उसके कमरे में लगा वो झूमर, उसके कमरे कई तरह के एंटीक पेंटिंग, एंटीक पीसेस रखे हुए थे। एक साइड क्लोसेट रूम था एक साइड बालकनी जिस में बाहर का नजारा बहुत अच्छे से दिखता था। और एक साइड वाशरूम जो की एक कमरे जितने बड़ा था। एक तरफ सोफा सेट रखा हुआ था एक तरफ ड्रेसिंग टेबल था उसपे करणवीर के सारे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट रखे हुए थे। )
ऐसे ही लेटे रहने के बाद वो नींद के आगोश को चला गया।
जारी।
जय श्री महाकाल
क्या करणवीर पता लगापाएगा कोन है वो पेंडेंट वाली लड़की?
क्या वो पेंडेंट और डूपटे वाली लड़की एक ही है?
कैसे मिलेंगे वो पेंडेंट वाली लड़की और करणवीर?
क्या होगा आगे?
क्या करणवीर की शादी होगी?
क्या करणवीर का राज्याभि
षेक होगा?
कोन होगी होने वाली हुकुम रानी सा ?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -"devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
जारी।
जय श्री महाकाल
क्या करणवीर पता लगापाएगा कोन है वो पेंडेंट वाली लड़की?
क्या वो पेंडेंट और डूपटे वाली लड़की एक ही है?
कैसे मिलेंगे वो पेंडेंट वाली लड़की और करणवीर?
क्या होगा आगे?
क्या करणवीर की शादी होगी?
क्या करणवीर का राज्याभि
षेक होगा?
कोन होगी होने वाली हुकुम रानी सा ?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -"devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
गुड evening everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय
bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye bye
करणवीर ने ख्यालों से बाहर आया। ,"तुम कोन हो मैं नहीं जानता, पर तुम्हारी वो आंखे, तुम्हारे वो बाल तुम्हारी वो हिलते हुए होठ। क्या तुम एक ही लड़की हो। फिर उस पेंडेंट को देख कर क्या तुम एक ही हो पाता नहीं पर ऐसा क्यों लगता है।
की वो डूपटे और ये पेंडेंट वाली लड़की एक ही है। तुम जो कोई भी हो कहा। लेकिन जहा भी हो में तुम्हे ढूंढ कर रहूंगा।
उसके बाद उसने उस पेंडेंट के P अक्षर से बने लॉकेट को अपने होठों से किस किया और वापस उसे अपने ड्रॉवर मैं रख दिया और लैपटॉप ऑन करके अपना काम करने लगा।
ऐसे ही 2 घंटे लैपटॉप पे काम करने के बाद उसने टाइम देखा और अपना लैपटॉप बंद किया और स्टडी रूम से निकल गया।
अपने कमरे में आ गया और अपने किंग साइज पे पेट के बल लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा।
( करणवीर का रूम बहोट बड़ा था, उसका कलर, टेक्सचर बहुत यूनिक था। उसके कमरे में लगा वो झूमर, उसके कमरे कई तरह के एंटीक पेंटिंग, एंटीक पीसेस रखे हुए थे। एक साइड क्लोसेट रूम था एक साइड बालकनी जिस में बाहर का नजारा बहुत अच्छे से दिखता था। और एक साइड वाशरूम जो की एक कमरे जितने बड़ा था। एक तरफ सोफा सेट रखा हुआ था एक तरफ ड्रेसिंग टेबल था उसपे करणवीर के सारे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट रखे हुए थे। )
ऐसे ही लेटे रहने के बाद वो नींद के आगोश को चला गया।
नेक्स्ट मॉर्निंग,
राजस्थान,
जयपुर,
सुबह 6 बजे,
प्रिया उठ गई थी। वो उठने के बाद वाशरूम में चली गई। और जल्दी जल्दी फ्रशअप और शावर लेने के बाद बाहर आई।
उसके बाद अल्हमिरा में से एक व्हाइट कलर का कुर्ता लिया जिसका एक साइड नीचे की तरफ कट था और उसके साथ उसने एक ब्लू जींस लिया और पहन लिया और पूरी तरह तैयार होने के बाद उसने अपने होठों पे पिंक लिब बाम लगाया और अपने बाल बनाए। और बेड की तरफ चली गई।
प्रिया तैयार हो गई उसके बाद अनु को उठाने लगी। ,"अनु उठ जा देख हमे निकलना है उज्जैन के लिए उठ ना अगर लेट हो गए ना तो डांटे पड़ेगी मम्मी से। प्रिया के इतने उठाने के बाद अनु नही उठ रही तो वो उसे गुदगुदी करने लगी। इसकी वजह से अनु जो प्रिया के इतने उठाने के बाद जो सोने का नाटक कर रही थी वो अपनी हसी कंट्रोल करने की कोशिश करने लगी लेकिन फिर भी वो नाकामयाब रही और हसने लगी। ,"दीदी बस करो रुक जाओ मेरा पेट दुखने लगा है।
अनु और प्रिया दोनो ऐसे ही हस्ती रही। तभी मीनाक्षी जी अंदर आई,"तुम दोनो तैयार नहीं हुई हमे उज्जैन के लिए निकलना है।
प्रिया -"मम्मी में तो तैयार हो गई लेकिन अनु अभी तक तैयार नहीं हुई है।
मीनाक्षी जी थोड़ा गुस्सा करते हुए बोलती है,"अनु जाओ जल्दी तैयार होके आओ।
अनु जल्दी से बेड से उठ कर बाथरूम के अंदर भाग जाती है।
अनु को ऐसा भागता देख प्रिया और मीनाक्षी जी दोनो हसने लगती।
मीनाक्षी-"बेटा मै नीचे जा रही एक बार और चेक कर लेती हू कुछ रह तो नही गया। अगर कुछ रह गया तो तेरे पापा गुस्सा करेंगे। तुम अनु को लेके जल्दी से नीचे आ जाना।
मीनाक्षी जी इतना कहने के बाद कमरे से चली गई।
थोड़ी देर बाद अनु नहा कर आई तो प्रिया ने पहले से ही उसके लिए कपड़े निकाल कर रखे थे।
अनु ने एक ब्लू कलर का कुर्ता पहना और उसके नीचे व्हाइट डेनिम जींस।
अनु भी तैयार हो गई अनु भी बेहद खूबसूरत लग रही थी। दोनो बहने ही बहुत खूबसूरत लग रही थी लेकिन प्रिया की बात ही अलग ही थी।
(वेल guys मैने आप सब को प्रिया और अनु की एज नहीं बताई थी। प्रिया 20 साल की है। और अनु 18 साल की है)
नाउ बैक टू स्टोरी,
दोनो बहने बैग लेके नीचे आई और बैग वही बाकी बैग्स के साथ रख दिया। और प्रिया मंदिर मैं आई और दिया जलाया और हाथ जोड़ कर प्रार्थना करने लगी प्रार्थना करने के बाद प्रिया डाइनिंग टेबल की तरफ बड़ गई। वीरेंद्र जी मीनाक्षी और प्रिया और अनु सब डाइनिंग टेबल पे बैठ गए। मीनाक्षी जी ने सब को ब्रेकफास्ट सर्व किया । चारो अपना अपना नाश्ता करने लगे।
कुछ ही देर में चारो का नाश्ता हो गया।
वीरेंद्र जी और बाकी सब ने अपना बैग उठाया और बाहर लेके निकल गए। बाहर पहले से एक मैजिक खड़ी थी। बैग्स को मैजिक की डिकी में रखा और वीरेंद्र जी आगे बैठ गए और प्रिया, अनु, मीनाक्षी जी ये तीनों पीछे बैठ गए।
सभी के बैठने के बाद ड्राइवर ने कार स्टार्ट की ओर रेलवे स्टेशन की ओर चल पड़ा।
मध्य प्रदेश,
उज्जैन,
सूर्यवंशी महल,
करणवीर इस वक्त तैयार हो रहा था। उसने आज ब्राउन कलर का थ्री पीस सूट पहना हुआ था वो ड्रेसिंग टेबल से अपनी सेटेलाइट वेव 95 उठा के पहन रहा था। वॉच पहने के बाद उसने एक बार खुद को एक अखरी बार मिरर में देखा।
और उसके बाद अपने रूम में निकल गया। रूम से निकलने के बाद करणवीर अपने महल में बने मंदिर में आ गया और आरती करने लगा आरती करने के बाद अलका जी ने करणवीर के माथे पे तिलक लगाया। और पूजा खतम होने के बाद सभी लोग डाइनिंग एरिया में आ गए।
करणवीर अपनी हेड चेयर पे बैठ गया और बाकी सब भी अपनी अपनी जगह पे बैठ गए।
भानुप्रताप जी -"उज्ज्वल कल के लिए सारी तैयारियां हो गई है ना।
उज्जवल जी (करणवीर के डैड),"जी पापा सारी तैयारियां हो गई। विक्रांत ने पहले ही सब तैयारी कर दी है मैने और विजय ने एक बार सब कुछ देख लिया है।
भानुप्रताप जी ने अपने बेटे की बात सुनकर कहा,"अच्छी बात है कल की पूजा में कुछ भी खराब नही होना चाइए।
उसके बाद सभी अपना अपना ब्रेकफास्ट करने लगे।
करणवीर अपनी ब्लैक कॉफी पी रहा था।
उसने अपनी ब्लैक कॉफी खतम की ओर सीधा महल से बाहर निकल गया। और महल के बाहर खड़ी बुगत्ती में बैठ गया।
आज कार को खुद ड्राइव करके ऑफिस जा रहा था।
करीब आधे घंटे बाद उसकी कार सूर्यवंशी इंडस्ट्रीज के आगे आके रुकी।
जल्दी से दूसरी कार से एक बॉडीगार्ड उतर कर वापस आया।
उसने कार का डोर ओपन किया और करणवीर अपने ब्लैक गॉगल्स लगाए बाहर आया। और ऑफिस के अंदर चला गया। उसके चलने का एक अलग ही और था जो सामने वाले की नज़रों में डर भर देता था। उसको देख कर ही उसकी पर्सनेलिटी का अंदाजा लगाया जा सकता था।
करणवीर अपने ऑफिस के अंदर आया। सभी ने उसे ग्रीट किया करणवीर ने सिर्फ अपना सिर हिलाया और अपनी प्राइवेट लिफ्ट के अंदर चला गया।
लिफ्ट 29th फ्लोर पे आके रुकी करणवीर बाहर आया। और अपने केबिन की तरफ बड़ गया। जब वो अपने केबिन के पास आया तो विक्रांत पहले से ही वहा खड़ा था।
विक्रांत -"गुड मॉर्निंग सर"।
करणवीर ने अपना सिर हिलाया और केबिन के अंदर चला गया।
और विक्रांत भी अपने हाथ में टैब लिए अंदर आ गया।
करणवीर अपनी हेड चेयर पे बैठ गया।
विक्रांत ने टैब ऑन किया और आज का शेड्यूल बताने लगा।
शेड्यूल बताने के बाद विक्रांत kv के केबिन से निकल गया।
करणवीर ने भी अपना लैपटॉप ऑन किया और अपने न्यू प्रोजेक्ट पे काम करने लगा।
जारी।
जय श्री महाकाल
महाशिवरात्रि के दिन प्रिया और करणवीर की मुलाकात होगी?
क्या रंग लायेगी ये महाशिवरात्रि?
क्या करणवीर पता लगापाएगा कोन है वो पेंडेंट वाली लड़की?
क्या वो पेंडेंट और डूपटे वाली लड़की एक ही है?
कैसे मिलेंगे वो पेंडेंट वाली लड़की और करणवीर?
क्या होगा आगे?
क्या करणवीर की शादी होगी?
क्या करणवीर का राज्याभिषेक होगा?
कोन होगी होने वाली हुकुम रानी सा ?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -" devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
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आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड evening everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय
करणवीर अपने ब्लैक गॉगल्स लगाए बाहर आया। और ऑफिस के अंदर चला गया। उसके चलने का एक अलग ही और था जो सामने वाले की नज़रों में डर भर देता था। उसको देख कर ही उसकी पर्सनेलिटी का अंदाजा लगाया जा सकता था।
करणवीर अपने ऑफिस के अंदर आया। सभी ने उसे ग्रीट किया करणवीर ने सिर्फ अपना सिर हिलाया और अपनी प्राइवेट लिफ्ट के अंदर चला गया।
लिफ्ट 29th फ्लोर पे आके रुकी करणवीर बाहर आया। और अपने केबिन की तरफ बड़ गया। जब वो अपने केबिन के पास आया तो विक्रांत पहले से ही वहा खड़ा था।
विक्रांत -"गुड मॉर्निंग सर"।
करणवीर ने अपना सिर हिलाया और केबिन के अंदर चला गया।
और विक्रांत भी अपने हाथ में टैब लिए अंदर आ गया।
करणवीर अपनी हेड चेयर पे बैठ गया।
विक्रांत ने टैब ऑन किया और आज का शेड्यूल बताने लगा।
शेड्यूल बताने के बाद विक्रांत kv के केबिन से निकल गया।
करणवीर ने भी अपना लैपटॉप ऑन किया और अपने न्यू प्रोजेक्ट पे काम करने लगा।
वो लगातार 3 घंटे से काम कर रहा था बिना रुके। काम करते करते वो थोड़ा टायर्ड फील कर रहा था तो उसने इंटरकॉम पे काल किया और अपने असिस्टेंट विक्रांत से अपने केबिन में एक ब्लैक काफी बिजवाने को कहा।
कुछ देर में करणवीर का केबिन नॉक हुआ।
करणवीर -"कम इन।"। बोला और वो peon अपने हाथ में एक ट्रे लेके आया और करणवीर की टेबल पे उस ट्रे में से कॉफी का मग उठा के करणवीर की टेबल पे रख दिया। और वहा से चला गया।
करणवीर ने कॉफी का मग उठाया और अपने होठों से लगा उसे पीने लगा।
थोड़ी ही देर में उसने अपनी कॉफी खत्म की ओर वापस अपने काम में लग गया।
दूसरी तरफ,
राजस्थान,
जयपुर,
एक कार जयपुर के स्टेशन पे आके रुकी। उसमे से प्रिया और उसका परिवार बाहर आया। सभी ने गाड़ी से अपना सामान बाहर निकाला। और स्टेशन के अंदर चले गए।
चारों स्टेशन के अंदर आ गए थे वो एक जगह बैठ गए। उनकी ट्रेन को आने में टाइम था।
करीब आधे घंटे बाद स्टेशन पे अनाउंसमेंट हुई।
"किरपा ध्यान दीजिए गाड़ी नंबर 54936 ranthambore SF express कुछ ही समय में प्लेटफार्म नंबर 2 पे आएगी। धन्यवाद।"
( Guys ट्रेन नंबर मैने रैंडम रखा है लेकिन ट्रेन का नाम बिलकुल सही है ओके और यह ट्रेन जयपुर से इंदौर जाती है। मुझे प्लेटफार्म पे जो अनाउंसमेट होती है तो मैने सोचा थोड़ा अलग करू। इसलिए अनाउंसमेंट कर दी फील के लिए)
नाउ बैक टू स्टोरी
एनाउसमेट सुनने के बाद प्रिया और बाकी सब प्लेटफार्म नंबर 2 पे आ गए। और वहा पे चेयर पे बैठ गए। कुछ ही देर में ट्रेन आ गई और प्रिया और बाकी सब ट्रेन के अंदर बैठ गए।
वीरेंद्र जी ने अपने जेब से टिकट निकाली और अपनी सीट नंबर देखा और सभी उनके साथ आ गए अपनी सीट पे। सब ने अपना अपना सामान रखा और सीट पे बैठ गए।
प्रिया और अनु दोनो अपनी अपनी बातो में लगे हुए थे वीरेंद्र जी और मीनाक्षी जी उनके पास बैठे कुछ लोगो से बात कर रहे थे।
ऐसे ही रात हो गई।
मीनाक्षी जी ने खाने के लिए प्रिया और अनु को नीचे बुलाया।
प्रिया और अनु दोनो नीचे उतरी और हाथ धोने के लिए चली गई। दोनो हाथ धोकर आई। तब तक मीनाक्षी जी ने उनकी प्लेट में खान सर्व कर दिया था। सब को सर्व करने के बाद मीनाक्षी जी ने अपनी प्लेट में भी सर्व किया। और चारों अपना डिनर कर रहे थे।
वीरेंद्र जी ने पहले ही मीनाक्षी जी को कह कर खाना बनवा लिया था उन्हें पता था उज्जैन तो वो सुबह तक पहुंगे। तो उन्होंने रात के लिए खाना बना कर रख लिया था।
सभी ने अपना डिनर किया और और उसके बाद मिलकर बाते की। अनु और प्रिया दोनो खाना खाने के बाद वापस खिड़की की पास वाली सीट पे बैठ गई। खिड़की से रात को बाहर का नजारा और भी अच्छा लग रहा था।
ऐसे ही बाते करते करते 10 बज गई। वीरेंद्र जी ने सब को सोने के लिए कह दिया क्युकी सुबह 4 बजे वो उज्जैन पहुंच ने वाले थे।
अनु और प्रिया दोनो उपर वाली अपनी अपनी सीट पे आ गई। वीरेंद्र जी और मीनाक्षी जी दोनो नीचे वाली सीट पे सो गए।
वीरेंद्र जी ने लाइट ऑफ की ओर सभी लोग सो गए।
उज्जैन,
सूर्यवंशी इंडस्ट्रीज ,
करणवीर अभी ड्राइव कर रहा था। उसकी कार महल के बाहर आके रुकी। करणवीर ने कार पार्क की ओर महल के अंदर आ गया। वो महल के अंदर आया तब नीचे हाल में अलका जी करणवीर का वेट कर रही थी। करणवीर ने जब देखा तो वो उनके पास आया और कहा,"मां आप इस वक्त जाग रही है। आप जाइए और सा जाइए।
अलका -"तुम जाओ और फ्रेश होके आओ में तुम्हारे लिए खाना लगवाती हु।
करणवीर -"लेकिन आप ये काम किसी सर्वेंट से भी कह सकती थी। आप को जागने की क्या जरूरत थी।
अलका -"क्यों एक मां अपने बेटे के लिए इंतजार नहीं कर सकती। वैसी भी तुम दिन भर तो ऑफिस और सभा का काम करते रहते हो कभी अपनी मां के हाथ का भी खाना खा लिया करो।
करणवीर -"ठीक है आप बैठो मैं अभी 5मिनट में फ्रेश होके आया।
इतना कह के करणवीर सीढ़ियों से अपने कमरे में चला गया। और अलका जी डाइनिंग एरिया में आ गई और प्लेट में करणवीर के लिए खाना सर्व करने लगी। जब तक उन्होंने खाना सर्व किया जब तक करणवीर फ्रेश होके आ गया था। वो अपनी हेड चेयर पे बैठ और अपना खाना खाने लगा।
अलका जी -"करन पता नही कभी मेरी बहु आएगी की नही। काश वो तुम्हारा इंतजार करती। कम से कम मुझे तुम्हारी चिंता तो नही होती की रात को तुम लेट आए तो तुम बिना खाए सो ना जाओ। लेकिन नही तुम्हे हमारी बात कहा माननी है।
करणवीर अपन खाना खाते उनकी बात सुन रहा था। उसने कुछ नही कहा। और चुप चाप अपना डिनर करने लगा।
अलका जी को पता था उनका बेटा जवाब नही देगा। इसलिए उन्होंने अपना सिर ना में हिला दिया।
करणवीर ने अपना डिनर फिनिश किया। अलका जी ने भी करणवीर को खाना खिलाने के बाद। अपने रूम में चली गई।
वही करणवीर भी अपने कमरे में आ गया। और अपनी शर्ट निकाल कर बालकनी में चला गाय। और वही बालकनी में लगे झूले में बैठ गया और पेंडेंट निकाल कर देखने लगा। उस पेंडेंट को देखने के बाद करणवीर एक तक चांद को देख रहा था।,"कहा हो तुम कोन हो तुम।" उसके इतनी तलाश करने के बाद भी कुछ पता नहीं चला। वो चांद को देखते देखते 6 महीने पहले का वो दिन याद करते करते वही झूले पे सो गया उसे पता ही नही चला।
जारी।
जय श्री महाकाल
क्या होगा कल?
क्या पहचान
पाएगा करणवीर प्रिया को?
क्या होगा इस महाशिवरात्रि पर?
क्या करणवीर की शादी होगी?
क्या करणवीर का राज्याभिषेक होगा?
कोन होगी होने वाली हुकुम रानी सा ?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -" devil hukum sa " सिर्फ प्रतिलिपि पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
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ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड evening everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय
करणवीर फ्रेश होके आ गया था। वो अपनी हेड चेयर पे बैठ और अपना खाना खाने लगा।
अलका जी -"करन पता नही कभी मेरी बहु आएगी की नही। काश वो तुम्हारा इंतजार करती। कम से कम मुझे तुम्हारी चिंता तो नही होती की रात को तुम लेट आए तो तुम बिना खाए सो ना जाओ। लेकिन नही तुम्हे हमारी बात कहा माननी है।
करणवीर अपन खाना खाते उनकी बात सुन रहा था। उसने कुछ नही कहा। और चुप चाप अपना डिनर करने लगा।
अलका जी को पता था उनका बेटा जवाब नही देगा। इसलिए उन्होंने अपना सिर ना में हिला दिया।
करणवीर ने अपना डिनर फिनिश किया। अलका जी ने भी करणवीर को खाना खिलाने के बाद। अपने रूम में चली गई।
वही करणवीर भी अपने कमरे में आ गया। और अपनी शर्ट निकाल कर बालकनी में चला गाय। और वही बालकनी में लगे झूले में बैठ गया और पेंडेंट निकाल कर देखने लगा। उस पेंडेंट को देखने के बाद करणवीर एक तक चांद को देख रहा था।,"कहा हो तुम कोन हो तुम।" उसके इतनी तलाश करने के बाद भी कुछ पता नहीं चला। वो चांद को देखते देखते 6 महीने पहले का वो दिन याद करते करते वही झूले पे सो गया उसे पता ही नही चला।
नेक्स्ट मॉर्निंग,
उज्जैन रेलवे स्टेशन,
सुबह 4 बजे
सभी लोग सुबह जल्दी उठ गए थें । और अपना अपना सामान निकाल लिए था । सुबह 4 बजे ranthambore SF express उज्जैन आके रुकी।
सभी यात्री ट्रेन मै से उतर रहे थे। कुछ लोग धक्का मुक्की करते हुए ट्रेन मै चढ़ रहे थें। विरेंद्र जी सभी के साथ बड़ी मुश्किल से से बाहर निकले। चारो ट्रेन से उतर गए थें। सभी ने समान उठाया और स्टेशन के exit की तरफ चले गए।
चारो स्टेशन से बाहर आ गए। वीरेंद्र जी ने ऑटो वाले से बात की ओर सभी लोग ऑटो में बैठ गए।
ऑटो वाले ने ऑटो स्टार्ट की ओर एक होटल की तरफ ले चले।
कुछ ही देर में ऑटो एक होटल के पास आके रुका।
सभी लोगो ऑटो से उतरे और अपना सामान भी उतारा। और ऑटो वाले को पैसे दिए ।
होटल का नाम "महाकाल होटल" के अंदर चले गए।
वीरेंद्र जी रिसेशन पे जाके रूम की keys ली। और अपना सामान लेके रूम की तरफ चले गए।
(Guys इस होटल का नाम मेंने randomely रखा है और ये होटल उज्जैन दर्शन करने के लिए आते है उनके रहने के लिए ही बनाया गया है। इमेजिनेशन है यह होटल कोई रियल मत समझना)
नाउ बैक टू स्टोरी,
रूम में आए और चारों कुछ देर के लिए आराम करने लगे। क्युकी अभी 5 ही बजे थे। तो वो सब थोड़ी देर आराम करने लगे।
दूसरी तरफ,
सूर्यवंशी महल,
सुबह के पांच बज रहे थे। और करणवीर उठ गया था और वो फ्रेश होके आया। और क्लोसेट रूम में जाके उसने अपना ट्रैक सूट पहना और जिम के लिए चला गया।
जिम में उसके साथ अमर भी था वो भी जिम कर रहा था। वो जिम करते हुए भी नींद में था। वो करणवीर के ऑर्डर की वजह से जिम में आया था। करणवीर ने ही कल उससे अपनी सख्त आवाज में सुबह पांच बजे जिम में मिले। इसी कारण बेचारा अमर सुबह सुबह जिम में आ गया। ऐसा नहीं था की अमर जिम नही करता था वो रोज़ सुबह जिम करता था लेकिन वो करणवीर के जाने के बाद आराम से सुबह 6 बजे के बाद करता था। पर आज उसे इतनी जल्दी सुबह सुबह उसे जिन करना पड़ रहा था। इसलिए वो बे मन से जिम कर रहा था। वही करणवीर ट्रेडमिल पे भाग रहा था वो हर कुछ मिनट बाद अपनी स्पीड बड़ा रहा था।
और ऐसे तेज तेज दौड़ेने के कारण उसका पूरा शरीर पसीने से भीग रहा था।
ऐसे ही डेढ़ घंटा जिम में पसीना बहाने के बाद उसने अपना टॉवल लिया और पसीना पूछते हुए अपने कमरे में आया और कमरे के आने के बाद वो सीधा अपने बाथरूम में चला गया।
आधे घंटे बाद kv शावर लेके बाहर आया और अपने रूम में बने क्लोजेट रूम में चला गया। कुछ ही देर में करणवीर एक व्हाइट कलर की धोती पहन कर आया और गले में उसने एक व्हाइट कलर का पटका पहना हुआ था। करणवीर ने वो पेंडेंट अपने हाथ में पहन लिया था। पता नही क्यों पर आज करणवीर ने वो पेंडेंट पहन लिया। उसके बाद उसने अपना मोबाइल लिया और बालकनी में चला गया। और किसी को फोन करके कुछ इंस्ट्रक्शंस दिए और फोन कट करने के बाद अपना कमरे से बाहर निकल गया।
जब वो नीचे आ रहा था तो उसने अमर की आवाज सुनी जो खुद से बाते करते हुए की। तोह करणवीर ने अपने कदम उसके कमरे की तरफ बड़ा दिए और उसके कमरे के अंदर आ गया।
जब वो कमरे के अंदर आया तो अमर अपनी धोती में उलझा हुआ था। उस से धोती पहनी ही नहीं जा रहा था। करणवीर उसके पास और उसके हाथ से धोती लेके उसे पहनने लगा। कुछ ही देर में kv ने अमर को धोती पहन दी।
अमर ने करणवीर को हग कर लिया,"थैंक्यू भाई सा अपने कितने अच्छे मुझे धोती पहना दी। वरना में कब से पहने की कोशिश कर रहा था मुझे से पहना ही नहीं जा रहा था। अच्छा हुआ अपने पहना दिया अगर खुल जाती तो मेरा क्या होता।
और हट गया। करणवीर ने सिर्फ अपना सिर हिलाया और उसके कमरे से बाहर निकल गया। करणवीर के जाने के बाद अमर भी उसके पीछे पीछे नीचे आ गया था।
वो हॉल में आया सभी लोग पहले से वहा थे।
सभी लोग तैयार होके पहले ही वहा बैठे हुए थे
आज महाशिवरात्रि थी और महाकल मंदिर में करणवीर के हाथो से सबसे पहले अभिसेक होना था। इसलिए सभी लोग जल्दी उठ के तैयार हो गए थे।
सभी ने आज पूजा के हिसाब से कपड़े पहने थे।
विक्रांत भी वहा जल्दी आ गया था।
करणवीर के आने के बाद सभी लोग अपने घर में बने शिव मंदिर में गए और वहा पे पूजा की ओर उसके बाद आरती की। आरती करने के बाद सभी लोग महल के बाहर निकल गए।
एक गाड़ी में भानुप्रताप और उनकी पत्नी बैठी थी। और दूसरी कार में अलका जी, उज्ज्वल जी और विजय और रोहिणी जी बैठे थे। और तीसरी कार में अंजली और अमर दोनो थे। और करणवीर अपनी कार से जा रहा था।
विक्रांत ने करणवीर के लिए कार का डोर ओपन किया। करणवीर कार के अंदर बैठ गया। और विक्रांत भी आगे की सीट पे बैठ गया।
और ड्राइवर ने कार स्टार्ट की ओर चल दिए बाकी कार भी चली गई थी। सभी की गाड़ी के आगे दो बॉडीगार्ड से भरी कार थी और करणवीर के पीछे दो बॉडीगार्ड से भरी गाड़ी थी।
करणवीर की कार अपनी परिवार की कार के पीछे चल रही थी।
करणवीर अपनी कार में बैठा विक्रांत को सारे इंस्ट्रक्शंस दे दिए थे। और बाकी वहा दान करना था उसकी भी तैयारी हो चुकी थी।
होटल महाकाल,
प्रिया और बाकी सब भी तैयार हो चुके थे।
आज प्रिया ने रेड कलर का फ्रॉक सूट पहना हुआ था उसने अपने लंबे बाल खुले रखे हुए थे। और अपने होठों पे लिप बाम लगा रखी थी और आंखों में काजल।
कुलमिला के प्रिया बहोत खूबसूरत लग रही थी।
अगर कोई लड़का उसे ऐसे देखे तो देखता ही रह जाए।
अनु ने भी आज एक व्हाइट कुर्ता पहना हुआ था और नीचे जींस पहनी थी वो भी बहुत खूबसूरत लग रही थी। आज दोनो बहने ही बहुत अच्छी लग रही थी।
सभी लोग तैयार होके होटल से निकल गए थे। होटल से निकलने के बाद वीरेंद्र जी और बाकी सब ऑटो में बैठ गए ।
ऑटो वाला ने ऑटो महाकाल मंदिर की तरफ मोड़ दिया।
अनु और प्रिया दोनो बाहर का नजारा देख रहे थे। बीच बीच में आ रहे मंदिर और उनके बाहर लगी भीड़ आज महाशिवरात्रि होने की वजह से सभी जगह रास्ता रुक रहा था। पर कैसे न कैसे वो पहुंच गए।
पहले वो सब राम घाट पे गए गए वहा शिप्रा नदी से जल लेके सूर्य भगवान को जल अर्पित किया। और उसके बादवहा उन्होंने पूजा की ओर उसके बाद वो सब महाकाल मंदिर के लिए निकल गए।
जारी।
जय श्री महाकाल
क्या होगा कल?
क्या प्रिया पहचान जायेगी अपने पेंडेंट को?
क्या करणवीर जाने देगा प्रिया
की खुद से दूर?
क्या वो दे देगा प्रिया को उसका पेंडेंट?
क्या पहचान पाएगा करणवीर प्रिया को?
क्या होगा इस महाशिवरात्रि पर?
क्या करणवीर की शादी होगी?
क्या करणवीर का राज्याभिषेक होगा?
कोन होगी होने वाली हुकुम रानी सा ?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -"devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड evening everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय
अब आगे,
प्रिया और बाकी सब भी तैयार हो चुके थे।
आज प्रिया ने रेड कलर का फ्रॉक सूट पहना हुआ था उसने अपने लंबे बाल खुले रखे हुए थे। और अपने होठों पे लिप बाम लगा रखी थी और आंखों में काजल।
कुलमिला के प्रिया बहोत खूबसूरत लग रही थी।
अगर कोई लड़का उसे ऐसे देखे तो देखता ही रह जाए।
अनु ने भी आज एक व्हाइट कुर्ता पहना हुआ था और नीचे जींस पहनी थी वो भी बहुत खूबसूरत लग रही थी। आज दोनो बहने ही बहुत अच्छी लग रही थी।
सभी लोग तैयार होके होटल से निकल गए थे। होटल से निकलने के बाद वीरेंद्र जी और बाकी सब ऑटो में बैठ गए ।
ऑटो वाला ने ऑटो महाकाल मंदिर की तरफ मोड़ दिया।
अनु और प्रिया दोनो बाहर का नजारा देख रहे थे। बीच बीच में आ रहे मंदिर और उनके बाहर लगी भीड़ आज महाशिवरात्रि होने की वजह से सभी जगह रास्ता रुक रहा था। पर कैसे न कैसे वो पहुंच गए।
पहले वो सब राम घाट पे गए गए वहा शिप्रा नदी से जल लेके सूर्य भगवान को जल अर्पित किया। और उसके बादवहा उन्होंने पूजा की ओर उसके बाद वो सब महाकाल मंदिर के लिए निकल गए।
महाकाल मंदिर,
सूर्यवंशी परिवार की कार मंदिर के बाहर आके रुकी।
सभी लोग कार से बाहर निकले। विक्रांत भी कार से बाहर आया और उसने कार के पीछे का डोर ओपन किया। करणवीर कार से बाहर आया। उसके सारे बॉडीगार्ड्स ने अपनी अपनी जगह ले ली थी। सभी के उतरने के बाद सभी मंदिर की अंदर की तरफ आ गए। कुछ बॉडीगार्ड बाहर खड़े थे। कुछ सूर्यवंशी फैमिली के प्रोटेक्शन के लिए उनके पीछे चल रहे थे।
आज महाशिवरात्रि का दिन था और सूर्यवंशी फैमिली इंडिया की एक नामी फैमिली थी। और कई सारी दुश्मन भी थे करणवीर के इसलिए बहुत जायदा टाइट सिक्योरिटी थी।
सभी लोग मंदिर के अंदर आ गए थे। वहा पंडित जी पहले से उनका इंतजार कर रहे थे।
सभी ने हाथ जोड़ कर प्रणाम किया। और पंडित जी के साथ आगे बड़ गए।
करणवीर और बाकी सभी लोग गर्भगृह के अंदर चेले गए।
सबसे पहले भानुप्रताप और उनकी पत्नी देवी ने शिवलिंग पे जल अर्पित किया उसके बाद उज्ज्वल जी और उनकी पत्नी अलका जी ने उसके करणवीर के चाचा जी और उनकी पत्नी रोहिणी जी ने और बाकी सब ने जल अर्पित किया।
उसके बाद करणवीर शिवलिंग को इस्नान करवाया उसके बाद पंडित जी जैसे जैसे बता रहे थे वैसे वैसे करणवीर शिवलिंग का श्रृंगार कर रहा था। लगभग डेढ़ घंटे तक पूजा चलती रही।
पूरा श्रृंगार होने के बाद। आरती शुरू हो गई थी।
उधर प्रिया और बाकी सब अंदर आ गए थे। वो सब वीआईपी लाइन से टिकट लेके अंदर आए थे। अगर वो नॉर्मल लाइन से आते तो पता नही कब तक उनका नंबर आता और वो अंदर जाके दर्शन करते। इसलिए वीरेंद्र जी ने पहले ही वीआईपी टिकट ले थी। ऐसा नहीं था की वीआईपी लाइन में भीड़ नहीं थी लेकिन नॉर्मल लाइन से बहुत कम थी।
इसलिए उन्हें जायदा टाइम नही लगा।
वो सब मंदिर के अंदर आ गए थे। वो जब अंदर आए थे तब आरती हो रही थी। और आरती करणवीर कर रहा था।
ऐसी ही सब तालिया बजा रहे थे और आरती गा रहे थे।
कुछ देर बाद आरती खतम हुई। सभी ने आरती ली।
मीनाक्षी जी ने फूल और बाकी सारा पूजा का सामान वहा खड़े पंडित जी को दे दिया उन्होंने थोड़ा सा पूजा का सामान चढ़ाया और बाकी वापस उनकी टोकरी में रख के दे दिया।
वीरेंद्र जी ने कुछ पैसे पअनु को दिया। अनु ने उन पैसों को दान पेटी के अंदर डाल दिया। वहा एलईडी स्क्रीन पे गर्भगृह के अंदर शिवलिंग का लाइव वीडियो चल रहा था। बस उसमे करणवीर का फेस नही दिख रहा था।
सभी ने अपने हाथ जोड़े और प्रार्थना करने लगे।
"भगवान जी मुझे कुछ नहीं चाइए बस मेरे परिवार को हमेशा ऐसे ही हस्ता हुआ रखना और मुझे हिम्मत दीजिएगा की में अपना डिफेंस अकादमी खोलने का सपना पूरा कर सकू। " और उसके बाद उसने अपना सिर जुका के आशीर्वाद लिया।
इतनी भीड़ होने के कारण सब को जल्दी जल्दी वहा से भेज रहे थे।
उसके बाद वो मंदिर से बाहर आके मंदिर के दूसरी तरफ आ गए। वहा पे बने मंदिरों में जाके वीरेंद्र जी, और बाकी सब ने दर्शन किया।
उसके बाद वही एक जगह कुछ पंडित जी बैठे सब को मोली बांद रहे थे। प्रिया और अनु दोनो उनके पास चले गए। और उन्होंने अपने हाथ पे महाकाल का मोली अपने हाथ पे बंधवा लिया। और कुछ पैसे उनके थाल में रख दिए।
उसके बाद उसने ने वहा पे एक फोटोग्राफर से बहुत सारी फोटो खिंचवाई । कुछ देर में उस फोटो ग्राफर ने उनको सारी फोटो बना के दे दी। और उनको पैसे दिए और अपनी फोटो ले ली।
(महाकाल मंदिर में मोबाइल ले जाना अलाउड नहीं है। ऐसा नहीं है की कभी भी नहीं ले जाने देते। कभी कभी अंदर ले जाने देते हैं। लेकिन आज महाशिवरात्रि है तो माना कर रखा था। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पे अलग ही माहौल होता है )
नाउ बैक टू स्टोरी।
प्रिया और बाकी सब ने सारे मंदिर में दर्शन कर लिए थे उसके बाद मंदिर के एग्जिट डोर से बाहर निकल गए।
सूर्यवंशी परिवार ने भी दर्शन कर लिए थे। उसके बाद वो भी गरीबों को दान करने के लिए। और प्रसाद बाटने के लिए।मंदिर से बाहर आ गए।
मंदिर के बाहर बॉडीगार्ड ने सारे इंतजाम कर लिए थे। जितने भी स्रदालु वहा आए थे। उन सब को सूर्यवंशी अपनी फैमिली से प्रसाद बाटने लगे। जितने भी लोग थे सब लाइन में लगे थे। एक एक कर सब को प्रसाद देते जा रहे थे।
प्रिया अनु और बाकी सब भी प्रसाद लेने के लिए लाइन में लग गए।
करणवीर भी अपने हाथो से प्रसाद बात रहा था। और सब को प्रणाम कर रहा था।
वीरेंद्र जी का नंबर आया करणवीर ने उन्हें भी प्रसाद दिया।
लेकिन तभी उसका फोन रिंग हुआ तो वो वहा से साइड में चला गया। तो अलका जी करणवीर की जगह प्रसाद देने लग गई। अब प्रिया की बारी आई। तब उन्होंने प्रिया को प्रसाद दिया।
प्रिया ने उनको हाथ जोड़ के प्रणाम किया। अलका जी ने भी किया और वो एक टक प्रिया को देख रही थी। प्रिया लाल फ्रॉक सूट में बहुत सुंदर लग रही थी।
तभी प्रिया ने बोला,"आंटी जी प्रसाद।"
प्रिया की आवाज सुनकर वो अपने होश में आई। और मुस्कुराते हुए प्रिया को प्रसाद दिया,"बेटा तुम सच में बहुत सुंदर हो।" उन्होंने प्यार से प्रिया के सिर पे हाथ फेरा। उनकी बात पे प्रिया थोड़ा मुस्कुरा दी। और वहा से चली गई। अलका जी प्रिया को जाते हुआ देखा। तभी करणवीर उनके पास आया,"क्या हुआ मां आप उधर क्या देख रही है।
"कुछ नही अभी एक बहुत प्यारी लड़की से मिली सच में बहुत सुंदर लड़की थी।" अलका जी ने करणवीर की तरफ देखते हुए कहा।
करणवीर ने अपने आस पास देखा लेकिन कही भी प्रिया दिखाई नहीं दी। उसके बाद वापस वो अपने काम में लग गया।
प्रसाद बाटने के बाद।
करणवीर के बाहर बैठे गरीबों को एक एक कंबल और मिठाई का डबा दिया। करणवीर ने ऐसे ही सब को दिया।
करणवीर ने लास्ट में दिया तभी वो खड़ा हुआ की तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया।
उसने उधर देखा तो प्रिया ने उसका हाथ पकड़ा हुआ था।
करणवीर ने जब प्रिया की तरफ देखा तो वो एक टक प्रिया को देख रहा था। उसे वो आंखे वो होठ किसी की याद दिला रहे थे।
वो अभी भी प्रिया को देखने में मशरूफ था की प्रिया ने उसके हाथ में बंधे हुए पेंडेंट को पकड़ लिया और बोली,"ये मेरा पेटेंट आपके पास कहा से आया?"
प्रिया की बात सुनकर करणवीर ने उस पेंडेंट की तरफ देखा और बोला,"ये पेंडेंट तुम्हारा है।"
"हा ये पेंडेंट मेरा है और इसे जो P का लेटर है वो मेरे नाम का फर्स्ट लेटर है लेकिन मेरा पेंडेंट जयपुर में शिव मंदिर में गुम हुआ था और यहां उज्जैन में आपके पास क्या कर रहा है।" प्रिया ने बोला।
तभी अनु प्रिया के पास आई और बोला,"दीदी चलो पापा भुला रहे हैं।
तभी उसकी नजर प्रिया के सामने खड़े शख्स पे गई,"भईया आप यहां।"
करणवीर ने अनु की तरफ देखा और बोला,"बेटा आप उस दिन बिना बताए ही चली गई।"
अनु ने अपने सिर पे तपली मार के कहा,"ओह हो में भी न वो आप बात कर रहे थे और मुझे प्रिया दीदी बुला रही थी तो मैंने आपके हाथ से उनकी चुन्नी ली। और चली गई।"
अनु की बात सुनकर करणवीर के चेहरे पे एक एविल स्माइल आ गई। लेकिन जल्दी ही उसे छुपा ली।
आखिर जिस पेंडेंट वाली लड़की और उस दुपट्टा वाली लड़की को अलग अलग समझ रहा था वो एक ही थी।
जारी।
जय श्री महाकाल
क्या करेगा करणवीर अब?
क्या करणवीर प्रिया का पेंडेंट उसे वापस दे देगा?
क्या करणवीर जाने देगा प्रिया की खुद से दूर?
क्या वो दे देगा प्रिया को उसका पेंडेंट?
क्या पहचान पाएगा करणवीर प्रिया को?
क्या होगा इस महाशिवरात्रि पर?
क्या करणवीर की शादी होगी?
क्या करणवीर का राज्याभिषेक होगा?
कोन होगी होने वाली हुकुम रानी सा ?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -" devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड नाईट everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय
now lets start the story ,
happy reading
अब आगे,
प्रिया की बात सुनकर करणवीर ने उस पेंडेंट की तरफ देखा और बोला,"ये पेंडेंट तुम्हारा है।"
"हा ये पेंडेंट मेरा है और इसे जो P का लेटर है वो मेरे नाम का फर्स्ट लेटर है लेकिन मेरा पेंडेंट जयपुर में शिव मंदिर में गुम हुआ था और यहां उज्जैन में आपके पास क्या कर रहा है।" प्रिया ने बोला।
तभी अनु प्रिया के पास आई और बोला,"दीदी चलो पापा भुला रहे हैं।
तभी उसकी नजर प्रिया के सामने खड़े शख्स पे गई,"भईया आप यहां।"
करणवीर ने अनु की तरफ देखा और बोला,"बेटा आप उस दिन बिना बताए ही चली गई।"
अनु ने अपने सिर पे तपली मार के कहा,"ओह हो में भी न वो आप बात कर रहे थे और मुझे प्रिया दीदी बुला रही थी तो मैंने आपके हाथ से उनकी चुन्नी ली। और चली गई।"
अनु की बात सुनकर करणवीर के चेहरे पे एक एविल स्माइल आ गई। लेकिन जल्दी ही उसे छुपा ली।
आखिर जिस पेंडेंट वाली लड़की और उस दुपट्टा वाली लड़की को अलग अलग समझ रहा था वो एक ही थी।
और जिस लड़की वो कहा कहा ढूंढ रहा था आज वो उसे यह मिली। वो भी यहां।
करणवीर ने अनु के सिर पे हाथ रखा और बोल,"थैंक्यू बेटा तुम्हारी वजह से वो मुझे मिल गई।" और एक नजर से प्रिया को देखा।
करणवीर ने प्रिया का हाथ पकड़ा और अपने साथ ले जाने लगा।
प्रिया कोशिश करने लगी और बोली,"कहा ले जा रहे हो मुझे छोड़ो मेरा हाथ और मेरा पेंडेंट मुझे वापस करो।"
लेकिन करणवीर ने उसकी सारी बातों को नजर अंदाज किया और उसे अपने साथ खींचते हुए ले गया।
प्रिया चिल्ला रही थी। उसकी चिलाने की आवाज सुनकर सभी घरवाले उधर देखने लगी।
सभी घरवाले हैरान थे की करणवीर उस लड़की को खींचते हुए कहा ले जा रहा है। सभी लोग करणवीर जिस तरफ जा रहा था उसी तरफ जाने लगे।
अनु और प्रिया के मम्मी पापा भी उनके पीछे जा रहे थे।
प्रिया बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी इस कोशिश का कोई फायदा नही हुआ।
चारो तरफ डोल नगाड़े बज रहे थे। उन नगाड़ों की बजने की आवाज बहुत तेज थी। जैसे ये सब प्लान्ड था।
करणवीर प्रिया को खींचते हुए मंदिर के अंदर लाया और वहा से एक मुट्ठी भर सिंदूर लेके प्रिया की मांग मै बर दिया। सिंदूर प्रिया की नाक पर भी गिर गया था प्रिया का पूरा सिर सिंदूर से भर गया था।
पूरी सूर्यवंशी फैमिली वहा मौजूद थी । और प्रिया के पैरेंट्स भी वहा पहुंच गए थे सभी लोग शॉक मैं थे की करणवीर ने ये क्या कर दिया।
तभी वहा एक पंडित जी आए और उन्होंने कहा बेटा मंगलसूत्र भी पहना दो। करणवीर ने प्रिया के लॉकेट को ही मंगलसूत्र के रूप में पहना दिया।
और पंडित जी ने कहा आज से आप दोनो पति और पत्नी हुए।
तभी प्रिया चिक्ख पड़ी,"मैं नहीं मानती इस शादी को ये जबरदस्ती की है इन्होंने मेरे साथ।"
तभी पंडित जी बोले,"ये तो बोलेनाथ की मर्जी थी। की आपका रिश्ता ऐसे ही जुड़े।
प्रिया के मम्मी पापा आगे आने लगे की उस से पहले ही करणवीर के बॉडीगार्ड ने उन्हें रोक लिया।
करणवीर ने झुक कर प्रिया को अपने कंधो पे उठा लिया और वहा से अपने साथ ले गया।
अनु, मीनाक्षी जी और वीरेंद्र जी इन तीनों की आंखों में आसूं थे। उन की नजरो के सामने किसी ने उनकी बेटी के साथ ज़बरदस्ती शादी कर और वो कुछ भी नही कर पाए।
करणवीर प्रिया को लाया और उसे अपनी कार के अंदर डाल दिया। और खुद भी कार के अंदर बैठ गया।
और ड्राइवर को कार चलाने के लिया बोला।
करणवीर का ऑर्डर सुन ड्राइवर ने कार स्टार्ट कर दी और वहा से ले गया।
मंदिर पूरा सूर्यवंशी परिवार शॉक में खड़ा था।
तभी भानुप्रताप जी आगे आए और उन्होंने सब को चलने के लिए कहा।
सभी उनकी बात मानकर वहा से चलने लगे।
लेकिन अलका जी वही रुक गई और प्रिया के मम्मी के पास गई और बोली,"में जानती हु की ये रोकना तो ना हमारे बस में था ना आपके जो कुछ भी हुआ वो सब अचानक से हुआ है। और मेरे बेटे कुछ सोच के ही ये किया होगा? और आप चिंता मत कीजिए आप की बेटी को कुछ नही होगा। वो अब हमारे घर की बहु बन गई हैं।
अलका जी की बात सुनकर वीरेंद्र जी बोले,"लेकिन आप के बेटे ने गलत किया है। वो भी जबरदस्ती इस से अच्छा होता की में यहां आता ही नहीं और ये सब कुछ होता।
"में आपका दुख तो काम नही कर सकती लेकिन हा आपकी बेटी को कोई तकलीफ नहीं होगा। " इतना कह के अलका जी वहा से चली गई।
वीरेंद्र जी रोते हुए नीचे बैठ गए। और बोले,"ये क्या हो गया मीनाक्षी। ये सब मेरी गलती है ना में आप सब को लता और ना ये सब होता।
मीनाक्षी जी खुद भी रो रही थी लेकिन वो वीरेंद्र जी को भी संभाल रही थी।
अनु को खुद पे अब गुस्सा आ रहा था अगर वो ना करणवीर से मिलती और ना करणवीर को पता चलता।
लेकिन वो क्या कर सकती थी अब।
तभी उनके पास एक साधु आए और बोले,"आप निराश क्यों हो रहे हो। जो भी होता कुछ अच्छे के लिए ही होता है। शायद आप खुद भी ये कारण जानते है। शायद उसकी किस्मत में वही लिखा था जो उसे हर मुसीबत से उसे बचा सकता है। जय जय शिव संभू 🙏🏻
और वो साधु वहा से चले गए।
वीरेंद्र ने सब साधु की बात सुनी तो वो बिलकुल खामोश हो गए थे। लेकिन मन में अभी कही सारे सवाल थे। क्या वो इंसान ही प्रिया को हर मुसीबत से बचा सकता है।
मीनाक्षी जी और अनु दोनो उस साधु की बातो को समझने की कोशिश कर रहे थे कोन किसे किसको बचाना है।
वीरेंद्र जी खड़े हुए और बोले,"चलो चलते है यहां से होटल चलके कुछ सोचते हैं। "
अनु ने मीनाक्षी जी को भी खड़ा किया और तीनो अपने होटल के लिए चले गए।
जारी।
जय श्री महाकाल
क्या होगा आगे?
क्या करणवीर की शादी होगी?
क्या करणवीर का राज्याभिषेक होगा?
कोन होगी होने वाली हुकुम रानी सा ?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -"devil hukum sa " सिर्फ पॉकेट नोवेल पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड नाईट everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय
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ओके बाय
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ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड नाईट everyone
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ओके बाय bye bye bye
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अब आगे,
अनु को खुद पे अब गुस्सा आ रहा था अगर वो ना करणवीर से मिलती और ना करणवीर को पता चलता।
लेकिन वो क्या कर सकती थी अब।
तभी उनके पास एक साधु आए और बोले,"आप निराश क्यों हो रहे हो। जो भी होता कुछ अच्छे के लिए ही होता है। शायद आप खुद भी ये कारण जानते है। शायद उसकी किस्मत में वही लिखा था जो उसे हर मुसीबत से उसे बचा सकता है। जय जय शिव संभू 🙏🏻
और वो साधु वहा से चले गए।
वीरेंद्र ने सब साधु की बात सुनी तो वो बिलकुल खामोश हो गए थे। लेकिन मन में अभी कही सारे सवाल थे। क्या वो इंसान ही प्रिया को हर मुसीबत से बचा सकता है।
मीनाक्षी जी और अनु दोनो उस साधु की बातो को समझने की कोशिश कर रहे थे कोन किसे किसको बचाना है। ।
वीरेंद्र जी खड़े हुए और बोले,"चलो चलते है यहां से होटल चलके कुछ सोचते हैं। "
अनु ने मीनाक्षी जी को भी खड़ा किया और तीनो अपने होटल के लिए चले गए।
उधर कार में करणवीर और प्रिया अंदर बैठे हुए थे। वही प्रिया रो रही थी। और कार की सीट पे एक दम गुश के बैठी थी। जैसे की वो सीट के अंदर छेद कर के उसमे गुश जायेगी। वही करणवीर उसके पास में बैठा ये सब देख रहा था। प्रिया के लगातार रोने की सिसकी की वजह से करणवीर को इरिटेशन फिल हो रही थी।
करणवीर ने एक दम से प्रिया की बाजू पकड़ के अपनी तरफ खींचा और अपनी गोद में बैठ लिया।
एक दम खींच जाने की वजह से प्रिया सीधा करणवीर की गोद में बैठी हुई थीं।
कार का पार्टिशन ऑन होने के कारण ड्राइवर ने ये सब नहीं देखा था।
करणवीर के ऐसे गोद में बैठाने की वजह से प्रिया और ज़ोर से रोने लग गई और साथ में करणवीर के सीने पे अपने छोटे छोटे हाथो से मारने की कोशिश करने लगी।
लेकिन करणवीर को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था। बल्कि वो प्रिया के अपने हाथ से मारने की वजह से प्रिया के हाथ बार बार करणवीर के चेस्ट को छू रहे थे। जिसके कारण करणवीर के अंदर एक अलग सा एहसास हो रहा था।
करणवीर के साथ ऐसा पहली बार हो रहा था। पहले वो किसी की लड़की के इतने करीब नही गया था।
प्रिया अपनी धुन में रोते हुए करणवीर के चेस्ट पे मुक्के मारे जा रही थी और साथ में बोल रही थी,"मुझे छोड़ो राक्षस कही के। वरना में तुम्हे मार मार के चलने लायक नही छोडूंगी। "
वही करणवीर ने जब प्रिया की बात सुनी तो उसने अपने चेहरे पे एक शातिर स्माइल करते हुए," बीवी चलने लायक तो में आपको नही छोडूंगा वैसे भी आज हमारी शादी हुई है। और शादी के बाद क्या होता है? वो तो तुम्हे पता है ना। ... इतना कह के kv ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।
"और आप जो कर रही है ना कही ऐसा ना हो की जो रात को हो वो अभी ना हो जाए।" इतना कह के करणवीर एक आई विंक करता है।
प्रिया ने जब करणवीर की बात सुनी तब उसे समझ नही आया था लेकिन जब उसे समझ आया तो,"यू राक्षस अगर तुमने मेरे साथ ऐसा वैसा कुछ करने की सोची ना तो मैं तुम्हे छोडूंगी नही। और में इस जबरदस्ती की शादी को नही मानती। "
करणवीर ने प्रिया को और बाहों में कसते हुए बोला,"बीवी बहुत बोल लिया आपने अब आप अपना रोना बंद कीजिए और चुप चाप बैठ जाइए वरना आपके मुंह को कैसे बंद करना है वो में अच्छे से जानता हु। " और अपने कोल्ड एक्सप्रेशन से प्रिया को देखने लगा।
करणवीर के कोल्ड एक्सप्रेशन को देख के प्रिया चुप हो गई। " लेकिन वो करणवीर की बाहों में और गोद में से उतरने की कोशिश करने लगी और निकलने की कोशिश करते हुए बोली,"मुझे छोड़िए मुझे यहां नही बैठना।" मुझे अपनी सीट पे बैठा दीजिए।"
प्रिया के एक मासूम चेहरा बना के बोली की करणवीर को ।
करणवीर ने प्रिया के ऐसे मासूमियत से बोलने पर वो प्रिया को सीट पे बैठा देता है और बोला,"ठीक है लेकिन अब तुम्हारी रोने की आवाज नही आनी चाइए। "
प्रिया ने अपना सिर उठा के करणवीर की तरफ देखा और अपने सिर को हा में हिला दिया।
सूर्यवंशी महल,
पूरा सूर्यवंशी परिवार महल आ गया था। सभी लोग कार से उतर के महल के अंदर चले गए थे।
वही भानुप्रताप और बाकी सब के चेहरे पे गुस्सा था। लेकिन अलका जी वो खुश थी की जो लड़की उनको पहली नजर में पसंद आ गई थी। वो अब उनके बेटे ने उसी लड़की से शादी कर ली थी।
उज्ज्वल जी गुस्से में बोले -" पापा आज करणवीर ने जबरदस्ती एक लड़की से शादी कर ली। माना हम सब कहते की उसे शादी कर लेनी चाइए। लेकिन ऐसे। अगर उसे वो लड़की पसंद थी तो हमे बताता। लेकिन नहीं उसे तो तमाशा करना था।"आप सब को पता है जब सब लोगो को पता चलेगा की उनके उनके होने वाले हुकुम सा ने एक लड़की से जबरदस्ती शादी कर ली है। तो क्या सोचेंगे वो लोग हमारे बारे में। जो हुकुम सा लड़कियों के मान सम्मान के लिए कुछ भी कर सकता है। आज उसने खुद ने एक लड़की से बिना उसकी इजाजत के शादी कर ली।"
उज्ज्वल की बात सुनकर भानु प्रताप जी बोले,"अब आप में से कोई भी इस पे बात नही करेगा। करणवीर खुद आके नही बता देता की उसने ऐसा क्यों किया। अब आप अपने अपने कमरे में जाइए।
इतना कह के भानुप्रताप जी अपने कमरे की तरफ चले गए। और बाकी सब ने भी उनकी बात मानकर अपने कमरे में चले गए।
दूसरी तरफ,
वीरेंद्र जी, मीनाक्षी जी और अनु तीनो अपने होटल पहुंच गए थे।
मीनाक्षी जी ने वीरेंद्र जी को बैठ पे बिठाया और उन्हें पानी पिलाया।
अनु -"पापा हम सब दी को वापस लाएंगे वहा से। हम कल सुबह सूर्यवंशी महल जायेंगे और उनसे बात करेंगे।
अनु की बात पे मीनाक्षी जी ने भी बोला,"हा अनु सही कह रही है हम उनसे बात करेंगे।
वीरेंद्र जी ने मीनाक्षी और अनु की बात सुनी तो उन्होंने कहा,"हम कही नही जायेंगे हम वापस कल जयपुर जायेंगे। अब प्रिया की शादी हो गई है अब उसे यही रहना होगा। "
अनु ने वीरेंद्र जी की बात सुनी और बोली,"लेकिन पापा ये शादी जबरदस्ती हुई है । "।
वीरेंद्र जी -"जबरदस्ती ही सही लेकिन अब प्रिया की शादी हो चुकी है लेकिन ठीक है एक बार कल तुम्हारी बहन से मिल लेना। "
इतना कह के वो अपने रूम की तरफ चले गए।
मीनाक्षी जी वीरेंद्र जी के पीछे पीछे चली गई।
वही दूसरी तरफ कार में,
करणवीर कार में बैठा लैपटॉप पे अपना काम कर रहा था।
काफी देर हो गई थी उसे काम करते करते तो उसने अपना लैपटॉप बंद किया और एक नजर प्रिया को देखा जो रोते रोते सो गई थी।
आंसुओ की कुछ बूंदे अब भी प्रिया के गालों पे थी। जिस से साफ पता चल रहा था की वो थोड़ी देर पहले ही सोई है।
करणवीर एक तक प्रिया के चेहरे को देख रहा था।
करणवीर प्रिया के चेहरे को देखते देखते उसकी नजर प्रिया के गुलाबी लिप्स पे पड़ जहा उसके होठ पे आंसू की बूंद थी।
प्रिया के स्ट्रॉबेरी जैसे गुलाबी होठों को देख कर उसका गला सूखने लगा।
वो बस एक तक उन होठों को देखते देखते झुकता गया। और उसने जहा प्रिया के होठों के किनारे पे जो आंसू की बूंद थी वहा पे अपने होठों को रख दिया और उस बूंद को अपने होठों से पी गया।
कुछ सेकंड्स तक उसने अपने होठों को वहा से हटाए।
जब उसने अपने होठों को वहा रखा था तो उसे कुछ अलग ही एहसास हो रहा था।
करणवीर जब प्रिया को ही निहार रहा था। तो उसने देखा कि प्रिया का सिर सीट से लगा हुआ था लेकिन नींद में होने के कारण उसका सिर सीट से हट गया था और गिरने वाला था की करणवीर ने जल्दी से अपना कंधा लगा लिया। जिस से प्रिया का सिर करणवीर के कंधे पे रखा गया। वही प्रिया आराम से करणवीर के कंधे पे सिर रख के सो रही थी।
और करणवीर बस एक तक प्रिया को देख रहा था। उसके मांग में भरे सिंदूर को और उसके गले में पहने हुए उस लॉकेट को।
वो उस लॉकेट को देख कर अपने मन में बोला,"जिस लड़की को कहा कहा नहीं ढूंढा वो अब हमेशा के लिए मेरी हो चुकी है। पता नही क्या कर दिया था तुमने मेरे पास पहले सिर्फ तुम्हारा लॉकेट था तब मेरी हालत कैसी हो गई थी मेरी रातों की नींद उड़ गई थी।। लेकिन अब तो तुम हमेशा के लिए मेरी हो गई तो अब में तुम्हारे लिए कितना पागल हो गया हु । तुम्हारी ये खुशबू मुझे बेचैन करती है। खुद को तुम्हारे अंदर खोने के लिए मजबूर करती है।" तुम तुम मेरा जुनून बन गई हो। "
जारी।
जय श्री महाकाल
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अनाएगी इस शादी को?
क्या प्रिया को अपने साथ ले जा पाएगी अनु?
क्या रंग लायेगा करणवीर का ये जुनून?
कोन होगी होने वाली हुकुम रानी सा ?
उस पेंडेंट में P किसके नाम का पहला अक्षर था ?
क्या ढूंढ पाएगा करणवीर पेंडेंट वाली लड़की को?
कैसी होगी प्रिया और करणवीर की मुलाकात?
क्या होगा आगे?
क्या प्रिया अपनी डिफेंस अकादमी ओपन कर पाएगी?
क्या प्रिया अपना सपना पूरा कर पाएगी?
कैसा होगा प्रिया का उज्जैन आने का सफर ?
क्या अमर की जिंदगी मैं भी आएगी कोई लड़की?
क्या जुड़ेगा इनका रिश्ता ?
क्या होगा आगे जाने के लिए पढ़ते रहे -" devil hukum sa " सिर्फ प्रतिलिपि पर।
कल प्रिया से मुलाकात होगी।
आप सब लाइक करना और कमेंट करना एंड रिव्यु भी देना आप सब क्यूमेंट करोगे तोह अच्छा लगेगा की आप सब को मेरी नावेल पसंद आ रही है |
ओके आज के लिए इतना ही कल मिलते है नेक्स्ट पार्ट में |
गुड नाईट everyone
मैने आज चैप्टर जल्दी अपलोड कर दिया है।
ओके बाय