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😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫

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ये कहानी ऐसी है जो आपने पहले ना कभी सुनी होगी और नाही देखी होगी ,🍂 ये कहानी है एक ऐसे शैतान 😈की जो धरती लोक पर दुष्टों को नर्क भेजने के लिए स्वयं ईश्वर द्वारा भेजा गया है । लेकिन क्या हो अगर शैतान 😈को हो जाये क...

Characters

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Jiyaansh Khurana chairman of Khurana Empire in Mumbai

Hero

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Vaani oberoi ceo of सारना enterprises

Heroine

Total Chapters (15)

Page 1 of 1

  • 1. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 1

    Words: 2365

    Estimated Reading Time: 15 min

    जैसा कि इस दुनिया के सभी लोग जानते और मानते हैं कि भगवान होते हैं। इस पर हम सभी का विश्वास है। लेकिन जैसे अच्छाई होती है, वैसे ही बुराई भी होती है; सच होता है तो झूठ भी होता है; और अगर उजाला होता है तो अंधेरा भी होता है। उसी तरह, अगर भगवान हैं तो शैतान भी हैं...

    "शैतान", जो नर्क का देवता होता है। हमारे हिंदू धर्म में माना जाता है कि अच्छे कर्म करने वालों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और बुरे कर्म करने वालों को नर्क की। सिर्फ हिंदू धर्म में ही नहीं, हर धर्म में यही माना जाता है कि सत्कर्म (अच्छे कर्म) करने वालों को स्वर्ग (Heaven) और दुष्कर्म (बुरे कर्म) करने वालों को भगवान नर्क (Hell) में भेजते हैं।

    माना जाता है कि स्वर्ग में देवता निवास करते हैं और वहां जाने वाले व्यक्ति को पूर्ण रूप से आनंद की अनुभूति होती है। हर प्रकार की सुख-सुविधा उन्हें प्राप्त होती है, जो उनके अच्छे कर्मों का फल होती हैं।

    इसके विपरीत, नर्क में जाने वाले व्यक्ति को उनके बुरे कर्मों का भयानक और दर्दनाक दंड दिया जाता है।

    इस दुनिया के अनुसार, किसी को स्वर्ग या नर्क में भेजने का काम भगवान का है। लेकिन क्या होगा, अगर भगवान इस कार्य के लिए किसी को चुनें, जो दुष्कर्म करने वाले को नर्क भेजे? और क्या होगा अगर भगवान द्वारा चुना गया प्राणी न तो कोई मनुष्य हो और न ही कोई देवता, बल्कि कुछ और ही हो...?
     
     
     
     
    मुंबई, जिसे "सपनों का शहर" (Dream City) कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां हर किसी के सपने पूरे होते हैं। इसी मुंबई शहर में शुरू होगी एक नई और अनोखी कहानी। तो आइए, इस रहस्यमय कहानी की ओर बढ़ते हैं।
     
     
     
    मुंबई (महाराष्ट्र )
    इंडिया 
     
    मुंबई शहर में इस वक्त आधी रात का समय था। चारों ओर गहरी खामोशी और सन्नाटा पसरा हुआ था। इसी खामोशी को तोड़ते हुए, मुंबई की तंग गलियों में किसी के भागते हुए कदमों की आवाज़ गूंज रही थी।
    इन भागते कदमों के साथ-साथ कुछ और आवाजें और पुलिस की गाड़ी का सायरन भी सुनाई दे रहे थे। तभी एक आदमी भागते हुए एक बड़े से गोदाम में पहुंचता है, जहां बड़े-बड़े बॉक्स रखे हुए थे। वह खिड़की की मदद से अंदर कूद जाता है।
     
     
    वह वहां रखे बॉक्स के पीछे खुद को छिपाने की कोशिश करता है। बॉक्स के पीछे जाकर बैठने के बाद वह अपने मुंह पर हाथ रख लेता है।
     
     
     
    भागने के कारण उसकी सांसें तेज़ चल रही थीं। वह जिस जगह छुपा हुआ था, वहां दीवार में एक छोटा सा छेद था, जिससे बाहर का थोड़ा-बहुत दिखाई दे रहा था और आवाज़ें भी सुनाई दे रही थीं।
     
     
     
    उसे पुलिसवालों की बातें सुनाई देती हैं। वे कह रहे थे, "ढूंढो उसे, इतनी जल्दी भागकर वह कहीं नहीं जा सकता।" उनमें से एक कांस्टेबल दूसरे से कहता है, "इस गोदाम के अलावा यहां आस-पास छिपने की कोई अच्छी जगह भी नहीं है। इतनी जल्दी वह भागकर जा नहीं सकता। जरूर इसी गोदाम के अंदर छुपा होगा। चलो, इसके अंदर देखते हैं।"
     
     
     
     
    पुलिसवालों की बातें सुनकर वह आदमी डर जाता है। जैसे-जैसे पुलिसवालों के कदम गोदाम के पास बढ़ते हैं, वैसे-वैसे उसका डर और उसकी धड़कनें भी बढ़ जाती हैं।
     
     
     
     
    पुलिसवाले गोदाम के दरवाज़े के पास पहुंचते हैं, जिस पर ताला लगा हुआ था। ताला देखकर एक कांस्टेबल अपने हेड कांस्टेबल से कहता है, "सर, इस पर तो ताला लगा हुआ है।" हेड कांस्टेबल जवाब देता है, "इस ताले को तोड़ो। कानूनी रूप से अपराधी को पकड़ने के लिए ताला तोड़ने पर हम पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।"
     
     
     
     
    हेड कांस्टेबल की बात मानकर पुलिसवाले मिलकर ताले को तोड़ देते हैं। दरवाज़ा खोलकर वे अंदर आते हैं और उस आदमी को ढूंढने लगते हैं।
     
     
     
     
    वह आदमी घबराकर अपना मुंह कसकर बंद कर लेता है, ताकि उसकी हल्की आवाज़ भी बाहर न आए। तभी वह हल्के से झांककर देखता है कि एक कांस्टेबल उसकी ओर बढ़ रहा है। यह देखकर उसकी आंखें डर से फैल जाती हैं। कांस्टेबल उसके बिल्कुल करीब पहुंच जाता है और जिस बॉक्स के पीछे वह छिपा हुआ था, उसे हटाने ही वाला था। तभी...
     
     
     
     
     
    अचानक वहां की लाइट चली जाती है। चारों तरफ अंधेरा छा जाता है। वह आदमी अपनी आंखें खोलता है, जो उसने डर के मारे बंद कर ली थीं। उसे वहां अपने अलावा कोई और मौजूद नहीं लगता। वह धीरे-धीरे बॉक्स के पीछे से निकलकर अंधेरे में ही दरवाज़े की ओर बढ़ने लगता है, जहां बाहर से हल्की-सी रोशनी आ रही थी।
     
     
     
     
     
     
    वह दरवाज़े से बस दो कदम की दूरी पर था कि तभी... एक तेज़ रोशनी उसकी आंखों पर पड़ती है। रोशनी इतनी तेज़ थी कि वह सहन नहीं कर पाता और अपनी आंखों को हाथ से ढक लेता है।
     
     
     
    तभी उसे किसी के भारी कदमों की आवाज़ सुनाई देती है। डरते हुए वह अपनी आंखों से हाथ हटाकर देखता है। रोशनी में से एक काली परछाईं उसकी ओर आती हुई नजर आती है।
     
     
     
     
     
    वह असमंजस में उस शख्स को देखने की कोशिश करता है, लेकिन तेज़ रोशनी के कारण वह धुंधला दिखाई दे रहा था। जब वह शख्स उसके बिल्कुल सामने आकर खड़ा हो जाता है, तब उसे साफ दिखाई देने लगता है।
     
     
     
     
     
    ऊपर से नीचे तक काले कपड़ों में लिपटा शख्स। उसके ऊपर एक लंबा काला ओवरकोट, काले जूते, और चेहरे पर काला मास्क था, जिसमें उसका आधा चेहरा ढका हुआ था।
     
     
     
     
    उसके चेहरे का जो हिस्सा नजर आ रहा था, वह साफ बता रहा था कि उसका रंग गोरा है। उसके हल्के बढ़े हुए काले बाल उसके माथे पर झूल रहे थे। उसकी लंबाई करीब 6 फीट थी। लेकिन उससे भी अधिक आकर्षक थी उसकी गहरी नीली आंखें, जो समुद्र की गहराई को मात दे रही थीं।वह शख्स निसंदेह एक आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक था।
     
    वो आदमी अभी भी अपने सामने खड़े शख्स को देख रहा था और जब उसे कुछ समझ नहीं आता, तो वह उससे पूछ बैठता है:।
     
     
     
    "कौन हो तुम?"
     
     
    उसके इस सवाल पर उसके सामने खड़े शख्स के चेहरे पर एक खतरनाक मुस्कान आ जाती, जो मास्क के कारण नहीं दिखती।
     
     
     
    वो आदमी अपने सामने खड़े शख्स से फिर पूछता है, "कौन हो तुम? और मेरे सामने से हटो, मुझे जाना है।" यह कहकर वह अपने कदम आगे बढ़ाने लगता है, पर यह क्या? वह अपना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाता।
     
     
     
     
    उसे ऐसा लगता है जैसे उसके कदम वहीं जम गए हों। लाख कोशिश करने पर भी वह अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिल पाता।
     
     
     
    वो अचानक से अपने सामने खड़े शख्स को देखता है, जो अब भी वहीं खड़ा था। वह आदमी उस शख्स से कहता है, "कौन हो तुम और क्या किया तुमने मेरे साथ? मैं अपनी जगह से हिल क्यों नहीं पा रहा? जाने दो मुझे, मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है।"
     
     
     
    इसके पहले कि वह कुछ और बोलता, उसके कानों में उस
     
     
     शख्स की गहरी, रूह कंपा देने वाली ठंडी आवाज़ पड़ती:"मैं कौन हूँ, यह तुम्हारा जानना ज़रूरी नहीं। फिलहाल यहाँ बात मेरे बारे में नहीं, तुम्हारे बारे में है कि तुम कौन हो और किससे भाग रहे हो।"
     
    वह आदमी हड़बड़ाते हुए कहता है, "मैं क्यों भागूँगा? मैं किसी से नहीं भाग रहा।" वह शख्स फिर से कहता है, "तो फिर यहाँ क्या कर रहे हो? किससे छुप रहे हो?" वह आदमी कहता है, "मैं किसी से नहीं छुप रहा, और यह गोदाम मेरा है। मैं तो यहाँ यह देखने आया था कि सब ठीक है या नहीं।"
     
     
     
    वह शख्स कहता है, "अच्छा? मुझे नहीं पता था कि चोर भी आजकल गोदाम के मालिक बनने लगे हैं। दिलचस्प! वैसे यह गोदाम कैसे खरीदा? उस सोनार की दुकान से चोरी की गई ज्वेलरी को बेचकर, या उस मॉल से चुराए गए पैसों से?"
     
     
     
     
    वह आदमी कहता है, "तुम मेरे बारे में कैसे जानते हो?" यह कहते हुए उसके चेहरे पर पसीना उभर आता है।
     
     
     
     
    वह शख्स कहता है, "मैं तुम्हारे बारे में सब जानता हूँ, और यह भी कि पुलिस तुम्हारे पीछे पड़ी है। मैं कौन हूँ और तुम्हारे बारे में कैसे जानता हूँ, इससे ज़्यादा ज़रूरी यह है कि मैं यहाँ क्यों आया हूँ।"यह कहकर वह पीछे पलटता है।
     
     
     
     
     
    वह चोर सोच में पड़ जाता है। फिर वह पूछता है, "तुम मेरी मदद कैसे कर सकते हो?" शख्स कहता है, "मैं तुम्हारी कोई भी एक इच्छा पूरी कर सकता हूँ, जीवन और मृत्यु को छोड़कर। बाकी तुम जो चाहो, मैं सब कर सकता हूँ।"
     
     
    वह चोर पूछता है, "मैं तुम्हारी बात कैसे मान लूँ?"
     
     
     
     
     
    इस पर शख्स की खतरनाक हंसी गूँजती है। "मेरी बात मानने के अलावा, क्या तुम्हारे पास कोई दूसरा रास्ता है?" चोर सोच में पड़ जाता है। वह मान लेता है कि शख्स की बात सही है और कहता है, "ठीक है। पर इससे पहले मुझे एक सवाल का जवाब चाहिए।"
     
     
     

    शख्स अपने हाथ के इशारे से उसे बोलने का इशारा करता है। चोर पूछता है, "वो सारे पुलिसवाले कहाँ गए?" शख्स कहता है, "फिलहाल यहाँ से बहुत दूर।" चोर कहता है, "क्या यह सब भी तुमने किया है?"
     
     
     
     
    शख्स कहता है, "मेरे अलावा और कौन कर सकता है?" चोर खुश होकर कहता है, "अगर तुम सच में मेरी कोई भी इच्छा पूरी कर सकते हो, तो मेरी इच्छा है कि मैं..."
     
     
     
     
    वह कुछ कहने वाला होता है, तभी शख्स उसे रोकते हुए कहता है, "पहले मेरी पूरी बात सुन लो। मैंने कहा कि मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर सकता हूँ। पर जैसा कि तुम जानते हो, इस दुनिया में कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता। तुम्हें भी अपनी एक इच्छा पूरी होने की कीमत चुकानी होगी।"
     
     
     
     
     
    चोर चौंककर पूछता है, "क़ीमत? कैसी कीमत?" शख्स कहता है, "ज्यादा कुछ नहीं। बस तुम्हारी इच्छा के बदले, 10 साल बाद तुम्हारी आत्मा नर्क में जाएगी।"
     
     
     
    चोर झटके में कहता है, "नर्क? "शख्स कहता है, "हाँ। 10 साल बाद तुम्हारी मौत होगी, और तुम्हारी आत्मा नर्क में जाएगी।"चोर सोच में पड़ जाता है। कुछ देर बाद वह कहता है, "ठीक है, मुझे मंज़ूर है। अब मेरी इच्छा पूरी करो।"
     
     
     
     
    यह सुनते ही, शख्स अपनी जेब से एक प्राचीन पत्र निकालता है और अपनी आँखें बंद करके, अपने हाथ में एक खंजर प्रकट करता है। यह देखकर चोर हैरान रह जाता है।
     
     
     
    वह डरते हुए पूछता है, "क्या, क्या करने वाले हो तुम इससे?" शख्स कहता है, "डरो मत। तुम्हें मारने नहीं वाला। बस तुम्हारे खून की मोहर लगेगी।"
     
     
     
    वो चोर कहता है क्या खून की मोहर ।वो शख्स उस चोर की बात सुनकर कहता है- "हाँ यह नियम है एक तरह से तुम इसे contract कह सकते हो अपनी ईच्छा के बदले तुम मेरे साथ contract sign कर रहे हों" ।
     
     
     
     
    आगे वो शख्स पूछता है कहो क्या इच्छा है तुम्हारी तो वो चोर कहता है-  "मे चाहता हूँ मे बहुत अमीर हो जाऊँ"। उसकी इच्छा सुनकर वो काले कपड़े वाला शख्स कहता है - "ठीक है अपना हाथ आगे करो"। तो वो चोर कहता है यह करना जरूरी है क्या तो वो शख्स उसे घूर कर देखता है जिस पर वो चोर जल्दी-जल्दी अपना हाथ आगे कर देता है ।
     
     
     
     
     
    उसके हाथ आगे करने पर वो शख्स उसके हाथ मे उस खंजर से हल्का सा cut लगा देता है । जिस पर वो चोर दर्द से आंखे मीच लेता है और उसकी हथेली से खून रिसने लगता है। वो शख्स उसके हाथ को उस पत्र के उपर कर देता है जिससे उसके खून की 2-3 बूंद उस पर गिर जाती है। 
     
     
     
     
    उसके बाद वो चोर कहता है- " मेरी इच्छा अब तक पूरी क्यों नहीं हुई"। तो वो शख्स अपने हाथ मे से वो पत्र और खंजर गायब कर देता है और अपना हाथ ऊपर करता है जिससे उसके कलाई पर बना त्रिशूल का चिन्ह जो किसी tettoo जेसा लग रहा था दिखने लग जाता है वो शख्स एक चुटकी बजाने वाला होता है कि रुक जाता है और उस चोर की तरफ देख कर कहता है- "तुम पूछ रहे थे ना में कोन हू, तो तुम्हें बता ही देता हूं में हू एक "शैतान" ।और यह कह्ते ही वो चुटकी बजा देता है और उस चोर की आँखों में तेज़ रोशनी गिरती है जिससे वो अपनी आंखे बंद कर लेता है और फिर जब खोलता है तो हैरान रह जाता है
     
     
     
     
    क्योंकि वो एक बहुत ही आलिशान घर मे खड़ा था और उसने कपड़े भी बहुत महंगे पहने हुए थे। वो अभी सोच ही रहा था कि उसके पीछे से आवाज़ आती है-" good morning sir" वो चोर पीछे पलट कर देखता है तो पाता है कि उसके पीछे बहुत लोग खड़े है जिन्होंने सर्वेंट के कपड़े पहने है उनमे से एक आदमी आगे आकर पूछता है - "सर आप breakfast में क्या पसन्द करेंगे" वो चोर हैरान हो जाता है और मन मे सोचता है "क्या मेरी इच्छा पूरी हो गई "।
    तभी वो आदमी कहता है सर आपने बताया नहीं वो चोर कहता है - "एक काम करो जो रोज बनाते हो वहीं बना दो" उसकी बात सुनकर वो आदमी सब को इशारा करता है तो वो सब वहाँ से चले जाते है 
     
     
     
    उनके पीछे वो आदमी भी जाने लगता है तो वो चोर उसे रोकता है और confirm करने के लिए पूछता है-सुनो ये घर किसका है?
    उसकी बात सुनकर वो आदमी उसे अजीब नजरो से देखता है । जिसे वो चोर भी समझ जाता है पर अभी उसे अपने सवाल का जवाब चाहिए था इसलिए वो उसे ignore कर फिर पूछता है तो वो आदमी कहता है कि - सर ये आप ही का घर है जिसे सुन वो चोर उसे वहां से जाने को कहता है और फिर खुशी के मारे उछलने लगता है और कहता है मतलब में अमीर हो गया अब मे जो चाहूँ वो कर सकता हूं  
     
     
     
    लेकिन एक मिनिट क्या उसने जो कहा वो सच था क्या वो सचमुच एक "शैतान "था  फिर वो अपने ख्यालों को झटक कर कहता है मुझे क्या कोई भी हो मुझे तो जो चाहिये था वो मिल गया ये कह कर वो खुशी से गुनगुनाने लगता है। अभी वो खुशी से गुनगुना रहा था कि उसे एक आवाज़ सुनाई देती है "याद रखना 10 साल "
     
     
     
     
    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी " DEMON- ᵀʰᵉ ˢᵒᵘˡ ᶜᵃᵗᶜʰᵉʳ  पर। 
     
     
    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो please like ❤️ comments 💬 और  review ✨️  दीजिए और अगर मुझसे कोई mistake हुई तो वो भी मुझे comment कर के बताईये ताकि में उसमें सुधार कर सकूँ 🌻
     
     
     
     

     
    जारी है.........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 2. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 2

    Words: 1106

    Estimated Reading Time: 7 min

    खुराना एम्पायर 

    मुंबई 

    ये एक 30 मंज़िला ऊँची इमारत है जहा के चेयरमैन है जियांश खुराना जो लोगों के लिए एक मिस्ट्री है क्योंकि कोई इनके बारे मे कुछ नहीं जानता सिवाय इसके कि ये इंडिया के मोस्ट एलिजेबल बैचलर और उसके साथ - साथ इंडिया के टॉप 10 businessmen में no.1 की position पर है ।

     

    इसके अलावा ये कहा से आए है? इनकी फॅमिली कोन है ?किसी को कुछ नहीं पता बस लोग इतना जानते है कि लगभग 6 साल पहले ये मुंबई आए और उसके बाद तो जेसे success इनके कदम चूमती गई और आज खुराना एम्पायर  top पर है और सबसे ज्यादा हैरानी वाली कि बात ये है कि आज तक किसी ने इनका चेहरा नहीं देखा, 

     

     

     

    यहाँ तक कि किसी news में भी इनका चेहरा नहीं दिखा क्यूंकि ये कभी भी अपना कोई अवार्ड receive करने नहीं जाते हमेशा इनके assistant या कोई और ही इनकी जगह award received करता है और इनकी यही बात लोगों को इनके बारे मे जानने के लिए queries करती है।

     

     

     

    कई बार कई मीडिया वालों ने इनका पीछा कर इनकी फोटो लेने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि ये हमेशा मास्क पहने रहते है जिसकी वज़ह से इनकी फोटो देखने पर भी लोग इनका चेहरा नहीं देख सके लेकिन इनकी फोटो से लोगों को ये पता चल गया कि जियांश खुराना एक बहुत ही दमदार personality का मालिक है। 

     

     

     

     

     

    अभी इस बिल्डिंग के ground floor पर  भागदौड़ लगी हुई थी सब अपने-अपने काम पर लगे हुए थे क्योंकि कल ये अपनी कंपनी का नया  brand लॉन्च करने वाले थे जिसके लिए इनका बहुत बड़ा और important show होने वाला है  इसके लिए अभी यहां की सारी टीम उसके अरेंजमेंट में लगी हुई थी ।

     

     

    एक लड़का कुछ decorations वालों को काम समझा रहा था- ----'अरे "ये पर्दे ऐसे नहीं लगाने है थोड़ा साइड कर के लगाओ और यहां पर बीच मे थोड़े लाइट और थोड़े अच्छे डिज़ाइन वाले पर्दे लगाओ वर्ना show देखने वाले लोग क्या कहेंगे हर चीज़ बेस्ट और यूनिक होनी चाहिए ।"

     

     

    तभी उस लड़के के (जो पर्दे लगाने का बोल रहा था)

    उसके कंधे पर कोई पीछे से हाथ रखता है तो वो लड़का पीछे पलट कर देखता है तो उसी के उम्र का एक लड़का खड़ा था उससे कहता है तन्मय तेरी यहां की decorations पूरी हो गई क्या? जिसके जवाब में तन्मय stage की तरह देख कर कहता है _ हाँ almost सब कुछ हो गया है बस lights चेक करवानी है

     

     

     

     एक बार, तू बता क्या हुआ " अरे यार मुझे एंट्रेंस पर decorations करवानी है पर मे चाहता हो जो आज तक किसी ने expects नहीं किया हो तु मेरी हेल्प कर दे ना" वो दूसरा लड़का कहता है 

    ओके कह कर तन्मय और वो लड़का बाहर चले जाते है तो आइये जान लेते है इन दोनों के बारे  ____

     

     

     

     

    पहला वाला लड़का तन्मय जिसका पूरा नाम- तन्मय मित्तल है 

    उम्र-25 साल ,गौरा रंग, ब्राउन eyes, अच्छी बॉडी, दिखने में अच्छी खासी personality का मालिक ये एक इंटीरियर डेकोरेटर या इंटीरियर डिज़ाइनर भी "कह सकते है " हैँ 

    इस कंपनी में decorations से related सारे काम यही देखते है

     

     

     

    और दूसरा लड़का है "वरूण सेठी " उम्र -23 साल, गेहुंआ रंग, दिखने में दुबला-पतला पर अपनी बॉडी को काफी mantain कर के रखा है इन्होने साल भर पहले ही कंपनी join की है और तन्मय से काम सीख रहे हैं। 

     

     

     

    वो लोग अभी सारी preparation कर रहे थे और वहाँ अभी बहुत आवाज़ हो रही थी पर तभी कोई शख्स entrance gate से अंदर आता है तो सब खामोश हो जाते है सब की नज़र entrance पर ही थी और वहाँ की सारी लड़किया तो उस शख्स को देख कर आहे भर रही थी 

    तन्मय और अरुण जो entrance के पास ही खड़े थे वो उस शख्स को देख कर greet करते है  "good morning बॉस " उसके साथ सभी उस शख्स को एक साथ greet करते है जिससे वो शख्स उन सब को घूरता है तो वो सब झेप जाते है क्यूंकि उन सब ने काफी तेज आवाज़ में उसे greet किया था। 

     

     

     

     

    तो ये है हमारी कहानी के हीरो- जियांश खुराना उर्फ JK

    उम्र - 30 , अभी सिंगल है, ल़डकिया इनके पीछे दिवानी है जबकि आज तक किसी ने इनका चेहरा तक नहीं देखा ,देखी है तो इनकी कातिलाना personality और इनकी आंखे बस , deep ocean blue eyes, परफेक्ट jawline, मस्कुलर बॉडी, 8 pack abs, 6'1 हाइट, गौरा रंग उस पर इनका rude, arrogant और dominating ओरा जो इनकी personality पर suit भी करता है,

    ये ल़डकियों से दूर ही रहते है इन्हें आज तक कहीं भी किसी ल़डकी के साथ नहीं देखा गया ।

     

     

     

    लड़कियां सिर्फ इनकी personality देख कर ही इतनी पागल है कि इनके साथ one night stand करने को भी तय्यार है और उसके लिए कुछ भी कर सकती है लेकिन जियांश खुराना तक पहुंचना इतना आसान नहीं और नाही किसी की इतनी पहुच है। 

     

     

     

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    दूसरी तरफ  सारना enterprises के 16th floor के एक आलिशान कैबिन में एक 24-25 साल की लड़की बैठी थी जिसकी उंगलिया इस वक्त तेज़ी से keyboard पर चल रही थी तभी उसके फोन पर एक कॉल आती है वो अपनी उंगलिया रोक कर फोन उठा के देखती है जिस पर हॉस्पिटल  नाम शो हो रहा था ।

     

     

     

     

     

     

    वो जल्दी से फोन उठा के सामने वाले की बात सुने बिना पूछती है क्या हुआ? वो ठीक है? जिस पर सामने से कुछ कहा जाता है जिसे सुन वो तुरन्त अपना पर्स उठा के वो बाहर निकल जाती है

     

     

     

    उसकी assistant जिसका कैबिन उसके कैबिन से लग कर ही था  उसे ऐसे जाते हुए देख कर बिना कुछ कहे उसके पीछे-पीछे आ जाती वो अपनी personal lift में जाति है और सीधा ground floor पर उतर जाती है और अपनी कार के पास आ जाती है।

     

    उसकी assistant जल्दी से आगे जाकर उसके लिए passenger सीट का door ओपन करती है और अपनी बॉस के बैठने के बाद खुद भी ड्राइविंग सीट पर बैठकर कार स्टार्ट कर देती है ।

     

     

    passenger seat  पर बैठी लड़की कहती है हॉस्पिटल उसके इतना कह्ते ही उसकी assistant हॉस्पिटल की तरह कार मोड़ देती है 

     

     

     

    passenger seat पर बेठि लड़की अपने right hand की अंगुलियों से अपना सिर दबाते हुए खुद मे ही बुदबुदाती "कब बड़ी होंगी आप "

     

    तो आइए जान लेते है इनके बारे मे:-

     

    इनका नाम है-



    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी " DEMON- ᵀʰᵉ ˢᵒᵘˡ ᶜᵃᵗᶜʰᵉʳ  पर। 

     

     

    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो please like ❤️ comments 💬 और  review ✨️  दीजिए और अगर मुझसे कोई mistake हुई तो वो भी मुझे comment कर के बताईये ताकि में उसमें सुधार कर सकूँ 🌻
     

    जारी है.........

  • 3. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 3

    Words: 1151

    Estimated Reading Time: 7 min

    passenger seat पर बेठि लड़की अपने right hand की अंगुलियों से अपना सिर दबाते हुए खुद मे ही बुदबुदाती "कब बड़ी होंगी आप "

     

    तो आइए जान लेते है इनके बारे मे:-

     

    इनका नाम है- वाणी ओबरॉय.....

      गौरा रंग, dark brown eyes, काले लंबे बाल, slim figure, कुल मिलाकर बला की खूबसूरत है ये मोहतरमा।

     

     

    इनके माता-पिता अब इस दुनिया मे नही है जब ये 10 साल की थी तभी इनके पिता "सार्थक ओबरॉय और इनकी मां नैना ओबरॉय "की एक कार accident में मौत हो चुकी है  ।

     

    ,अपने  माता-पिता की मौत की ज़िम्मेदार ये खुद को मानती है क्योंकि उस दिन इनका birthday था इसलिए इनके मम्मी-पापा  इनके लिए surprise प्लान करने के लिए कहीं बाहर गए थे  और इन्होंने उनसे जल्दी आने की जिद्द की थी  ।

     

     

    इन्हें लगता है कि ये जिससे भी प्यार करती है  वो सब इन्हें छोड़ कर  चले जाते है  जिसकी वज़ह भी ये खुद को ही मानती इसलिए ये  प्यार और शादी जेसी चीजों से दूर रहती है  ।

     

     

     

    इनकी company "सारना"  को इन्होंने अकेले अपने दम पर खड़ा किया है  बिना किसी की मदद के  इन्होंने अपनी कंपनी का नाम  अपने स्वर्गीय माता-पिता के नाम पर  "सारना " (सार्थक + नैना) रखा है। 

     

     

     

    इनके साथ जो दूसरी लड़की है वो इनकी assistant नेहा सबरवाल उम्र- 35 साल लेकिन अपने आप को बहुत फिट और stylish रखती है जिससे  इनकी उम्र से 4-5  साल छोटी ही लगती है। 

     

     

    वाणी की कार hospital के सामने रुकती है  वो उतर कर अंदर जाती है और vip एरिया की तरह चली जाती है उसके पीछे नेहा भी चल रही थी 

     

    वाणी Vip एरिया के एक वार्ड में  इंटर करती है जहा bed पर एक 60'-65 साल की औरत अपना मुँह फ़ेर कर बेठि थी दरवाजे की आवाज़ सुन वो उस तरह देखती है और देख कर वापिस मुँह फ़ेर लेती है 

     

     

    वाणी उनके सामने जाकर अपने हाथ बाँधकर खड़ी हो  जाती है और उन्हें घूरते हुए कहती है " क्या में जान सकती हूँ आप अपने टेस्ट क्यूँ नहीं करवा रही" ?

     

    वाणी की बात पर भी वो औरत कोई जवाब नहीं देती 

     

     

    ये है  - गायत्री सिंघानिया  (सिंघानिया textile की चेयर वुमेन)

    कॉलेज time से ही इनकी business में बहुत रुचि थी और  दिमाग भी था 

    लेकिन ये एक मिडल क्लास फैमिली से होने की वजह से ये अपना सपना पूरा नहीं कर पायी  ।

     

     

     

    लेकिन इनकी शादी के बाद इनके पति  विश्मभर सिंघानिया ने इनका सपना पूरा करने में इनका साथ दिया क्योंकि उनके पिता एक कपड़े के व्यापारी थे और उनका भी दिमाग business में बहुत चलता था इन्होंने और इनके पति ने साथ मिलकर business को बढ़ाना शुरू कर दिया ।

     

    और धीरे-धीरे  एक छोटी सी कंपनी खड़ी कर ली लेकिन कुछ समय बाद ही इनके पति का निधन हो गया  ।

     

     

    और  इनके दोनों बच्चों की जिम्मेदारी इन पर आ गई  लेकिन ये कमजोर नहीं पड़ी और मेहनत कर अपनी कंपनी को टॉप लेवल पर पहुंचा दिया। 

     

     

     

    वाणी के पिता इनके साथ  सिंघानिया textile में partnership में काम करते थे ।

     

    उनकी ओर उनकी पत्नि की मौत के बाद ये वाणी को अपने साथ ले आयी थी। 

     

     

     

    आते है कहानी पर  अपनी बात का कोई जवाब ना पाते देख वाणी फिर से बोली में "आपसे कुछ पूछ रही हूँ  आप जवाब क्यूँ नहीं दे रही "

     

    गायत्री जी- क्युकी में जवाब नहीं देना चाहती 

     

    वाणी- जान सकती हूँ किस खुशी में ?

     

    गायत्री जी- क्योंकि तुम भी मेरी बात नहीं मानती तो में क्यू मानू ?

     

     

    वाणी- मेने  आपको अपना  जवाब बता दिया था तो बहस की कोई बात  ही नहीं  बनतीं  में आपकी हर बात मानती हूं पर ये नहीं ।

     

     

    गायत्री जी- फिर में भी तुम्हें अपना जवाब दे चुकी हूं ।

     

    वाणी- ( frustrate वॉयस में) आप समझती क्यूँ नहीं ये आपकी हेल्थ के लिए important है  आपके टेस्ट important है आप खुद के साथ इतनी लापरवाह केसे हो सकती है ।

     

     

    गायत्री जी-  जेसे तुम अपने साथ हो 

     

     

    वाणी - दोनों बातों का कोई connection नहीं है 

     

    गायत्री जी- है तुम्हें मेरे टेस्ट ना होने पर मेरी परवाह है और मुझे तुम्हारे अकेले होने पर तुम्हारी  

     

     

    वाणी- में अकेले नहीं हूं आप है मेरे साथ  मुझे और किसी की जरूरत नहीं ।

     

     

    गायत्री जी- में हूँ लेकिन कब तक  उम्र हो गई है आज नहीं तो कल  में इस दुनिया से चली जाऊँगी उसके बाद  तुम अकेली हो जाओगी जो में नहीं चाहती 

     

    वाणी- B.D........ [उनके मरने वाली बात पर थोड़ा गुस्से में] कितनी बार कहा है कि  ऐसी बात मत किया कीजिए तो फिर क्यूँ............

     

     

     

    गायत्री जी- झूठ नहीं कह रही हूँ  जो सच है वो सच है इसलिए चाहती हूं कि तुम जल्द से जल्द शादी कर लो ।

     

     

    वाणी- (अपना सिर पकडते हुए) फिर वहीं बात आपकी सुई एक ही टॉपिक पर क्यूँ अटक जाती hai , मेने कहा ना आप से मुझे नहीं करनी शादी ।

     

     

    गायत्री जी-  तो मेने भी कहा कि मुझे अपने टेस्ट और treatment नहीं करवाना।

     

     

    वाणी-  आप इतनी जिद्दी क्यूँ है 

     

     

    गायत्री जी- क्युकी तुम  जिद्दी हो मेरी बात नहीं मानती इसलिए मुझे भी अब तुम्हारी तरह ही बनना पड़ा  ।

     

     

    वाणी- B.D. PLEASE 

     

     

    गायत्री जी- no please मेरी बात मानलो में तुम्हारी बात मान लुंगी simple.

     

     

     

    वाणी- ( खिंचते हुए)  फाइन में आपकी बात मान लुंगी पहले आप अपना treatment करवाइए।

     

     

    गायत्री जी - ठीक है में अपना एक station पूरा करूंगी और तुम भी blind date पर जाओगी  और अगर तुम नहीं गई तो में अपने बाकी के station नहीं लुंगी  बोलो मंजूर है ।

     

     

     

    वाणी-  आप से जितना ना मुमकिन है फिर अपने मन मे  "blind date पर जाने का मतलब ये नहीं कि में  लड़के को  हाँ बोल दु कभी नहीं" ।

     

     

    गायत्री जी- वो लड़का तुम्हें  star restaurant में मिलने के लिए आने वाला है और सिर्फ 30 मिनिट बचे है तुम्हें अभी जाना है ।

     

     

    वाणी- okay लेकिन आप अपना station बिना किसी  रुकावट के पूरा करेंगी कह कर वो जाने लगती है ।

     

     

    गायत्री जी- वाणी.... ( उसे आवाज देते हुए रोकती है)

     

     

    वाणी- (पीछे मूड कर)    अब ये मत कहिएगा की लड़के को हाँ बोलकर ही आना पड़ेगा ।

     

    गायत्री जी '- तुम्हें क्या में कोई ब्लैकमेलर लगती हूं ।

     

     

    वाणी उनकी तरह घूर के देखती है जेसे आँखों से ही कह रही हो  "ohh really"

     

    उसके इस तरह देखने पर गायत्री जी सकपका जाती है और फिर कहती है हाँ हाँ थोड़ी बहुत blackmailing की है मेने बस। 

     

     

    वाणी- आपने मुझे क्यूँ रोका ?

     

     

    गायत्री जी- इधर आओ ।

     

    वाणी उनके पास जाती है  तो गायत्री जी नर्स को कुछ इशारा करती है जो कब से नेहा के साथ खड़ी उन दोनों की बहस देख रही थी  उनके इशारे पर वो सिर हिलाकर वहां से चली जाती है और थोड़ी देर में अपने हाथ मे......

    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी "DEMON - The Soul Catcher" पर

     

    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो like ❤️ और comments 📩 कीजिए ।

     

    जारी है.........

  • 4. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 4

    Words: 1119

    Estimated Reading Time: 7 min

    वाणी उनके पास जाती है  तो गायत्री जी नर्स को कुछ इशारा करती है जो कब से नेहा के साथ खड़ी उन दोनों की बहस देख रही थी  उनके इशारे पर वो सिर हिलाकर वहां से चली जाती है और थोड़ी देर में अपने हाथ मे...... एक tray लेकर आती है जिसमें एक box था गायत्री जी उस tray को अपने हाथ मे ले लेती है और वाणी  के आगे कर के कहती है ।  

     

    गायत्री जी- उठाओ इसे ।

     

    वाणी- क्या है ये ?

     

    गायत्री जी- (बच्चों जेसे) अरे उठाओ तो सही खुद पता चल जाएगा 

     

    वाणी उनके बच्चों जेसी हरकत देख वाणी के चेहरे पर मुस्कान आ गई उनके कहने पर वो मुस्कराते हुए box हटाती है ।

     

     

    लेकिन जैसे ही उसने बॉक्स हटाया उसके चेहरे पर खिली मुस्कान एक झटके में  गायब हो गई  क्योंकि उस box के नीचे एक कैक था जिस पर लिखा था " Happy Birthday वाणी" 

     

     

    ये देख वाणी वापिस उस box को ढक देती है और गायत्री जी से कहती है 

     

    वाणी - क्या है ये ?

     

    गायत्री जी- केक 🎂 है तुम्हारा Birthday केक 

     

    Birthday इस शब्द को सुन वाणी को ऐसा लगा जेसे किसी ने उसके कानों में गर्म तेल डाल दिया हो उसे इस शब्द से सख्त नफरत थी अपने Birthday से सख्त नफरत थी ।

     

     

    वाणी  गायत्री जी से-- मेने आपको कितनी बार कहा है आप ऐसा मत किया कीजिए मुझे नहीं पसन्द अपना Birthday मनाना आप समझती क्यूँ नहीं ।

     

     

    गायत्री जी- ( इस बार थोड़ा गंभीर स्वर में) अखिर कब तक कब तक तुम अपने Birthday के दिन को अपने parent's की  death anniversary के रूप मे मनाओगी अतीत से बाहर निकलो वाणी,  तुम समझती क्यूँ नहीं तुम्हारी कोई गलती नहीं थी उन सब में तो अपने आप को कसूरवार ठहराना बंद  करो ।

     

     

    वाणी- (आँखों में नमी के साथ) "मेरा क़ुसूर है B.D.  अगर में उनसे जल्दी आने की जिद्द नहीं करती तो ये सब नहीं होता सब मेरी गलती है" कह्ते हुए उसके आँखों की नमी गालों पर बह जाती है ।

     

    गायत्री जी उसे रोते देख तुरन्त अपने गले लगा लेती है हऔर कहती है--- 

     

    गायत्री जी- नहीं मेरे बच्चे तुम्हारी कोई गलती नहीं है जो होना होता है वो होकर ही रहता है इसमे कोई कुछ नहीं कर सकता इसलिए अपने आप को दोष देना बंद करो। 

     

     

     

    उसके बाद वो वाणी को समझा कर चुप करवा देती है फिर उससे केक 🎂 cut करने को बोलती है जिस पर वाणी मना कर देती है  तो वो उसे अपना वास्ता देकर केक 🎂 कट करने को बोलती है

    उनके कहने पर वाणी बेमन से केक cut करती है। 

    वाणी केक cut करने के बाद सबसे पहले उन्हें खिलाती है और फिर उसके बाद गायत्री जी उसे खिलाती है उसके बाद वाणी वहाँ से चली जाती है और गायत्री जी अपने treatment ke लिए चली जाती है क्योंकि उन्हें हेल्थ issues था ।

     


    ____________________
     
     
     
     
    खुराना  empire के कैबिन में जियांश enter करता है उसके enter करते ही उसके सारे bodyguard बाहर ही रह जाते है। 
     
     
     
     
    जियांश का कैबिन बहुत luxurious था और सबसे टॉप फ्लोर पर था , पूरे कैबिन में सिर्फ ब्लैक paint था यहाँ तक कि कैबिन का सारा furniture भी ब्लैक था, कैबिन के बीचो बीच एक ग्लास टेबल पड़ी जिस पर वर्क stuff रखा हुआ laptop एंड एक्सट्रा. टेबल के पास बेठने के लिए king size चेयर ।
     
     
     
     
    चैयर के पीछे बहुत बड़ी ग्लास wall जिससे पूरा मुंबई शहर दिख रहा था जियांश cabin में आकर एक दीवार के पास जा कर खड़ा हो जाता है और जैसे ही उस दीवार पर हाथ रखता है वो दो हिस्सों में बंट जाती है और जियांश उसके अंदर दाखिल हो जाता है।
     
     
     
     
     
    जियांश के अंदर जाते ही वो दीवार वापिस पहले जैसी हो जाती है 
    दीवार के अंदर एक बहुत ही सुंदर और अजीब जगह थी, चारो तरफ बुक शेल्फ और उसमे अजीब-अजीब नाम लिखी हुई किताबे जिनमे से कुछ के नाम तो समझ ही नहीं आ रहे थे क्योंकि वो दूसरी भाषा मे लिखे थे ।
     
     
     
     
     
    जियांश वहाँ से अंदर की और जाता है जहाँ चारो तरफ बस घड़ियाँ ही घड़ियाँ थी उन सभी घड़ियों को जियांश गोर से देखता है और फिर कहता है---'
     
     
     
     
    जियांश- "हम्म मतलब आज एक और बोझ से ये धरती मुक्त कह कर"
    जियांश पीछे मुड़ता है तभी उसके पिछे कोई आकर खड़ा हो जाता है और उसके आगे एक बुक की धूल झटक देता है जिससे धूल जियांश के चेहरे पर उड़ जाती है- 
     
    जियांश खांसते हुए उस धूल को अपने आगे से हटाता है और
     
     
     सामने वाले इंसान को देख तेज़ आवाज़ में झुंझलाहट के साथ कहता है- "अमन"
     
     
    जियांश- ये क्या कर रहे हों तुम और ये मेरी किताब तुम्हारे हाथों में क्या कर रही है (कह्ते हुए सामने वाले इंसान के हाथों से छीन लेता है)
     
    अमन- आप मुझे ये किताब पढ़ने क्यूँ नहीं देते ,
     
     
    जियांश - (irritating स्माइल के साथ) क्यूँ की मे नही चाहता 
     
     
    अमन- अगर में चाहूं तो इसे आपकी गैर मौजूदगी में पढ़ सकता हू लेकिन मे ऐसा करके आपको दुख नहीं पहचाना चाहता। 
     
     
    जियांश- तुम जानते हो अगर तुमने ऐसा किया तो में तुम्हें गायब कर दूंगा 
     
    अमन- आप ऐसा नहीं कर सकते अखिर आपने मुझे अपना assistant बनाया है। 
     
     
     
    जियांश- correction  बनाया नहीं है , तुम जबरदस्ती बने हो (कहते हुए उस हरे रंग की हीरे से जड़ी किताब जिस पर साफ़ शब्दों मे "शैतान " लिखा हुआ था , उसे शेल्फ में रख देता है)
     
     
     
    अमन- हाँ तो इसमे मेरी क्या गलती की मुझे अपना पिछला जन्म याद आ गया और में आपसे बहुत प्रभावित हुआ। 
     
     
     
    जियांश- तुम कितनी बार अपनी स्टोरी repeat करोगे  (कह्ते हुए जाने लगता है)
     
    अमन- आप कहा जा रहे है ?
     
     
    जियांश- एक और बोझ से इस धरती को मुक्त कर उसके बाद अपनी छुट्टी enjoy करने (कह्ते हुए चुटकी बजाते वहाँ से गायब हो जाता है)
     
     
    अमन- ये सच के शैतान है (कह्ते हुए शेल्फ साफ़ करने लग जाता है)
     
    ये है अमन त्यागी, उम्र- 38 साल , दिखने में ये भी अच्छे खासे handsome है,  गेहुंआ रंग,  5,7 हाईट
     
     
     
    पिछले-  18 सालों से जियांश के assistant है और इन्हें पता है कि जियांश एक कोन है और वो क्यों इंसानी दुनिया मे आया है ये भी  ये जियांश के लिए बहुत loyal है और ये बात जियांश भी जानता है इसलिए  जियांग के अलावा उनकी खुफिया दुनिया मे आने वाले ये पहले इंसान है। 
     
     
     
     ~~~~~~~~~~~~~

     
    दूसरी तरफ एक बहुत ही....

    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी " DEMON- ᵀʰᵉ ˢᵒᵘˡ ᶜᵃᵗᶜʰᵉʳ  पर। 

     

     

    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो please like ❤️ comments 💬 और  review ✨️  दीजिए और अगर मुझसे कोई mistake हुई तो वो भी मुझे comment कर के बताईये ताकि में उसमें सुधार कर सकूँ 🌻

     

     

     

     

     

    जारी है.........
     

     

  • 5. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 5

    Words: 1145

    Estimated Reading Time: 7 min

    दूसरी तरफ एक बहुत ही आलिशान घर के एक bedroom मे एक आदमी बैठा हुआ था जिसने थ्री peace बिजनेस सूट पहना हुआ था और गले में मोटी सी सोने की चैन ।

     

     

     

    उसका assistant उसके पास आता है और उसकी तरफ एक पेपर 📃 बढ़ाते हुए कहता है - "बॉस मिस्टर थापर ने sign कर दिए थे"। 

     

     

     

    उसका बॉस- sign तो करने ही थे अखिर उसे क्या अपनी जान प्यारी नहीं थी  चलो थोड़ा बहुत तो दिमाग है इसमे 

     

     

    फिर अपने assistant को वहां से जाने को कह देता है और किसी को भी उसे disturb ना करने को कहता है। 

     

     

     

    उसकी बात मान उसका assistant वहन से चला जाता है 

     

     

     

    वो आदमी अभी बैठा हुआ था कि अचानक उस कमरे में अंधेरा हो जाता है तो वो आदमी अपने आस-पास देखता है और अपने लोगों को आवाज़ देता है कि lights check  करने को बोलता है लेकिन  कोई response नहीं आता तभी उसे कमरे में अपने अलावा किसी और की मौजूदगी का एहसास होता है। 

     

     

     

    वो अपने फोन की टॉर्च 🔦 ऑन कर सामने देखता है तो उसे अपने सामने काले कपड़े पहने कोई दिखता है वो जब उसका चेहरा देखता है तो डर जाता है लेकिन फिर भी अंजान बनते हुए पूछता है - कोन हो तुम- ?

     

     

     

    सामने वाला शख्स जो कोई और नहीं जियांश था और उसने अपने चेहरे पर मास्क पहन रखा था कहता है- "तुम सच मे मुझे भूल गए कोई बात नहीं में तुम्हें याद दिला देता हूं"

     

     

    कहते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाता है तो उसके हाथ मे आग जलती है और फिर वो आग एक पत्र में बदल जाती है। 

     

     

     

    वो आदमी उस पत्र को देखता है और फिर डरते हुए कहता है- क्या वो दिन आज है ?

     

     

     

    जियांश- तुम आज के दिन को केसे भूल सकते हो मुझे उम्मीद नहीं थी की तुम इतने जरूरी दिन को भूल जाओगे तुम्हें क्या लगा में उस दिन मज़ाक कर रहा था। 

     

     

     

    वो आदमी जियांश से कहता है -"नहीं में कहीं नहीं जाऊंगा" कहते हुए  टेबल से उठा कर लैम्प जियांश के ऊपर फेंक देता है। 

     

     

     

    लेकिन जियांश उसे अपने जादू से हवा में ही रोक लेता है ये देख वो आदमी दरवाजा खोल बाहर जाने की कोशिश करता है और अपने आदमियों को आवाज़ देता है 

     

     

     

    जियांश उसे देख बोरियत से कहता है- क्यूँ अपनी एनर्जी फालतू में वेस्ट कर रहे हों तुम्हारी कोशिशों का कोई फायदा नहीं होने वाला है क्युकी ना ही ये दरवाजा खुलेगा और नाहीं तुम्हारी आवाज़ यहाँ से बाहर जाएगी कह्ते हुए उसकी तरह बढ़ने लगता है 

     

     

     

    वो आदमी डरते हुए- रुको हम क्या deal को जारी रख सकते है या कोई और contract sign कर सकते है 

     

     

    जियांश- इन सब का कोई मतलब नहीं तो चुपचाप मेरे साथ चलो 

     

     

     

    वो आदमी- "नहीं में तुम्हारे साथ नहीं जाऊँगा तुम जाओ यहाँ से निकलो यहां से" कह्ते हुए कमरे में इधर से उधर भागने लगता है। 

     

     

     

    जियांश अपने सिर को 2 अंगुलियों से रब करते हुए कहता है "वो इंसान ही क्या जो बिना चू चा के बात मान ले अच्छा हुआ तुमने अपनी ये इंसानी फितरत नहीं छोड़ी।" 

     

    वो

     आदमी- देखो एक बार मुझे छोड़ दो तुम नहीं जानते में यहां तक केसे पहुंचा हू.........

     

     

    जियांश- में सब जनता हू अखिर मेने ही to किया है सब,  तुम्हें ढेर सारा पैसा और ताकत चाहिए थी, सबसे आगे निकलना चाहते थे तुम, जितना चाहते थे चाहे फिर जो हो जाए और उसके लिए ये रास्ता भी तुम्हीं ने चुना अपनी मर्जी से। 

     

     

    वो आदमी--- नहीं मुझे छोड़ दो इसके बदले तुम्हें जो चाहिए वो दूँगा  में तुम्हें 10 नहीं 100 लोगों की जान दूँगा फिर तो कोई दिक्कत नहीं होगी फिर तो तुम मुझे छोड़ दोगे। 

     

     

     

    जियांश कमरे में इधर-उधर घूमते हुए- तुम्हें पता है मुझे अपना काम बहुत पसंद है  जानते हो क्यों ?

     

     

    क्योंकि ये जो contract में तुम जेसे लोगों के साथ बनाता हू ये किसी के साथ नाइंसाफी नहीं करते इस contract के बदले सिर्फ contract sign करने वाले की ही आत्मा नर्क में जाती है जिसे में खुद नर्क भेजता हू ।

     

    जिसने contract के बदले अपनी इच्छा पूरी की सज़ा भी उसे ही भुगतनी पड़ेगी ।

     

     

    वो आदमी जियांश की बात सुनकर उसके ऊपर हमला करता है लेकिन जियांश गायब हो जाता है जिससे वो आदमी दीवार से टकरा कर नीचे गिर जता है। 

     

     

    जियांग मास्को के अंदर से ही टेड़ी smile करते हुए जब "तुम्हें पता हैक्टर की अब तुम्हारा अंतिम सामी ही तो खुद के हाथ पैर चला कर खुद को थकान रहे हो "।

     

    वो आदमी नीचे गिर कर अपने सीने ओर हाथ रखेगा है और जियांश से खता है "मुझे साँस नहीं आ रही है "

     

     

     

    जियांश- हा क्युकी तुम्हारी मौत heart attack से लिखी है 

     

    वो आदमी- please मुझे बताओं नर्क केसर है 

     

     

     

    जियांश- ज्यादा कुछ नहीं बस बुरे कर्म करने वालों को नर्क में कोड़ों से मारा जाता है और भी कई तरह की सज़ा होती है जो लोगों के पाप के हिसाब से मिलती है, 

     

    वहाँ की लिपटे इतनी गर्म होतो है कि इंसान की हार्डिया तक पिघला दे आत्मायें भी उसे सह नहीं पाती  लेकिन (फिर अपनी चमकती लाल आँखों से उसे देखते हुए ) ये तो पुरानी कहानी है  , 

     

    फिर अपना सिर टेड़ा कर कहता है-  "तुम जहाँ अभी जाने वाले हो वो जगह इससे भी कई गुना भयंकर है जहाँ तुम्हारे साथ साथ क्या होगा ये तुम सोच भी नहीं सकते " कहते हुए उसकी नीली आँखे लाल रंग में बदल कर शैतानी तरीके से चमकते लगती है 

     

    वो आदमी अपनी सांसे संभालते हुए- तुमने ये पहले नहीं बटाया था कि नर्क ऐसा होता है 

     

     

    जियांश शैतानी मुस्कुराहट 😈 के साथ उसके पास पंजों के बल बैठते हिय खता है- तुमने पूछा ही नहीं ,पूछते तो बता देता।

     

      लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं होता अंत मे तो तुम्हें नर्क में ही जाना था तो तुम्हें तो मेरा शुक्रिया अदा करना चाहिए कि मेरी वज़ह से तुम्हें ये सब मुफ्त में मिल गया तुम्हारा तो फायदा ही हुआ तुमने ये contract कर बिल्कुल सही फैसला लिया। 

     

    वो आदमी जियांश की तरफ देख रहा था और तेज सांसे ले रहा था  और उस कमरे में उसकी तेज छलती सांसे साफ सुनाई दे रही थी तभी सब कुछ अचानक शांत हो जाता है उस आदमी की सांसे रुक जाती है हैं और आंखे खुली रह जाती है....।

    उस आदमी की सांसे रुकते ही जियांश के हाथ से वो पत्र जल कर गायब हो जाता है। 

     

    जियांश उस आदमी की खुली अनकहे बंद कर वहाँ से चुटकी बजा कर गायब हो जाता है। 

     

     

     

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    थोड़ी देर बाद 

    Star होटल & restaurant




    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी " DEMON- ᵀʰᵉ ˢᵒᵘˡ ᶜᵃᵗᶜʰᵉʳ  पर। 

     

     

    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो please like ❤️ comments 💬 और  review ✨️  दीजिए और अगर मुझसे कोई mistake हुई तो वो भी मुझे comment कर के बताईये ताकि में उसमें सुधार कर सकूँ 🌻

    जारी है.........

  • 6. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 6

    Words: 1057

    Estimated Reading Time: 7 min

    थोड़ी देर बाद 
    Star होटल & restaurant 

    वाणी आती है वो इस वक्त अकेली थी , निया उसके साथ नहीं थी 
     
    वो restaurant वाले एरिया में अंदर जाने ही वाली थी कि एक ओल्ड ऐज गार्ड गेट पर ही उसे रोक देता है और कहता है- "सॉरी मैम आप अंदर नहीं जा सकती आज हमारे एक customer ने पूरा restaurant book किया है।" 
     
     
     
     
    वाणी अपने मन मे- कहीं B.D ने इसे मेरे Birthday के बारे मे तो नहीं बता दिया। 
    फिर गार्ड को देखते हुए- में आपके customer की गैस्ट हू उन्होंने ही मुझे यहां बुलाया है आप चाहें तो जाकर पूछ सकते है 
     
     
     
    गार्ड- सॉरी मैंम आप जाइए ।
     
     
    वाणी- it's okay कहते हुए अंदर चली जाती है 
     
     
     
     
    वाणी- ये लड़का भी बिल्कुल B.D . की तरह है पूरा restaurant book कराने की क्या जरूरत थी !  दोनों perfect मैच है वो ही इसके साथ शादी क्यूँ नहीं कर लेती खामखा मुझे फंसा दिया ।
     
     

     
    वाणी आगे जाती है तो देखती है कि पूरा restaurant खाली और शांत है और एक शक्स बीचो-बीच बैठा news paper पढ़ रहा है ,उसका पूरा चेहरा newspaper 📰  से कवर था। 
     
     
     
     
     
     
    वाणी- (अपने मन मे आज के मॉडर्न ज़माने में भी लोग ऐसे newspaper पढ़ना पसंद करते है या फिर ये सिर्फ दिखाने के लिए बैठा है)
     
     
     
     
     
    वाणी आगे जाकर उस शख्स के सामने बेठ जाती है और बिना देखे ही बोलना शुरू करती है 
     
     
     वाणी- देखो में यहाँ सिर्फ़ दिखावे के लिए आयी हू, मेरे लिए मेरा काम ही मेरी जिंदगी है और मुझे लड़कों में बिल्कुल भी दिलचस्पी....... नहीं है  ।



    वाणी अपने आखिरी शब्द सामने देखते हुए बिल्कुल mamrise होकर बोलती है क्योंकि .......
     
    उसकी आधी बात मे ही सामने वाले शख्स ने अपने face से newspaper हटा दिया था जिससे उसका handsome face देख वाणी के आखिरी शब्द जेसे खुद को बदलना चाहते हो ।
     
     

    वाणी के सामने इस वक्त और कोई नहीं जियांश बैठा हुआ था ।
     
     
     
     
     
     
    जियांश- (स्ट्रेट face के साथ) तुम्हें अपनी personal details अनजान लोगों के साथ शेयर करना पसंद होगा पर मुझे सुनने में कोई intrastate नहीं, और अगर बताना ही चाहती हो तो मुझे अपना एटीएम पिन बता दो जिससे मुझे कोई फायदा हो। 
     
     
     
     
     
    वाणी- ( झूठी हसी हस्ते हुए) क्या हम पहले college या स्कूल में friends थे या साथ में पढ़ते थे 
     
     
     
     
    जियांश- नामुमकिन 
     
     
     
     
    वाणी- तो हम पहले कहीं मिले होंगे।
     
     
     
     
     
     
     
    जियांश- मुझे याद नहीं लेकिन हो सकता है तुम्हें क्योंकि जो मुझसे मिलता है वो भूल नहीं पाता ।
     
     
     
     
     
     
     
     
    वाणी- ( अपनी नकली हंसी बरकार रखते हुए) नहीं मुझे याद नहीं,  सोचने वाली बात है स्कूल या कॉलेज में साथ नहीं थे और कहीं मिले भी नहीं ,(फिर एकदम से serious होते हुए) तो फिर मुझसे इस तरह बात करने की हिम्मत केसे हुई जेसे बहुत पुरानी पहचान हो manners क्या घर छोड़ के आये हो। 
     
     
     
     
     
    जियांश- हिम्मत का सच से क्या लेना देना और वेसे भी तुम कोई इतनी खास नहीं हो और मेरी नज़र में सारे इंसान एक जैसे हैं "मामूली " हर बात में ओवर रिएक्ट करते है। 
     
     
     
     
     
    वाणी- (अपने मन मे)  handsome है लेकिन पागल लगता है shit...
     
     
     
     
    वाणी जियांश को देखती है जो वापिस newspaper पढ़ने लगा था उसे एक नज़र देख के वो उठ कर जाने लगी तभी उसके फोन  पर एक notification शो होता है। 
     
     
     
     
     
     
    वो उसे open कर के देखती है तो ये गायत्री जी का message था 
     
     
     
     
    गायत्री जी 📩- में बिल्कुल ठीक हू और session भी complete हो गया है तुम ये बताओ डेट कैसी चल रही है, खबरदार जो डेट को बीच मे छोड़कर आयी तो ।
     
     
     
     
     
     
    वाणी- है भगवान किस चीज़ की सज़ा दे रहे है आप मुझे, ये B.D भी ना अगर इनको डेट इतनी अच्छी लगती तो ये क्यूँ नहीं आ जाती मेरी जगह ।
     
     
     
     
     
    फिर एक लंबी साँस भरकर अपने फोन में 30 मिनिट का टाइमर ⏲️ सेट करके वापिस टेबल पर जाकर अपना फोन पटक कर बेठ जाती है और चेहरा फ़ेर लेती है। 
     
     
     
     
     
     
    जियांश- अभी तक तुम मुझे lecture दे रही थी कि manners एंड all that अब तुम्हें क्या हुआ for your kind information ये पूरा restaurant मेने book किया है ताकि में शांति से अपना लंच कर सकू। 
     
     
     
     
     
     
    वाणी- सही कहा तुमने ये जगह तुम्हें बिल्कुल सूट करती है, ( फिर खराब expression के साथ) बड़ी अजीब सी शांत जगह है ।
     
     
     
     
     
     
    अगर तुम लंच करने के लिए restaurant ढूंढ रही हो तो और भी restaurant है तुम  वहा क्यूँ नहीं चली जाती। 
     
     
     
    वाणी- ओह really अगर तुम्हें इतना पता है तो तुम क्यों नहीं चले जाते (कह कर अपना मुँह फ़ेर लेती है)।
     
     
     
     
    जियांश- (अपने मन मे) अजीब पागल लड़की है ।
     
     
     
     
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    दूसरी ओर एक दूसरे restaurant में एक लड़का बैठा हुआ वाणी की information  देख रहा था, 
     
     
     
     
     
     
    ये वहीं लड़का था जिसके साथ गायत्री जी ने वाणी की blind date arranged की थी ।
     
     
     
    वो कुछ ऑर्डर करता है और वापिस से वाणी की information देखने लगता है ।
     
      
     
    नाम-वाणी ओबेरॉय 
    नेचर- serious है 
    सीईओ  ऑफ सारना enterprises 
    और अनाथ है 
    ऐसे ही वो वाणी की information पढ़ रहा था 
     
     
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    Star restaurant 

    जियांश और वाणी बिना किसी से अब बहस किए लंच कर रहे थे क्योंकि जियांश को शांति चाहिए थी और वाणी तो सिर्फ formality की लिये आयी थी। 
     
     
     
     
     
     
    जियांश ये restaurant से उठ कर नहीं जा रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि resort उसने book किया है और वो क्यूँ जाए और वहीं वाणी सिर्फ गायत्री जी की वज़ह से जबरदस्ती बैठी थी। 
     
     
     
     
     
     
    वाणी बेमन से अपना लंच कर रही थी जिसे देख कर जियांश कहता है "तुम्हें देख कर ऐसा लग रहा है जैसे तुम्हें यहाँ जबरदस्ती बिठाया गया है और तुम्हें ज़रा भी भूख नहीं है अगर भूख ही नहीं लगी तो खाने क्यूँ बैठी हो "।
     
     
     
     
     
    वाणी- ये manners होते है किसी से मिलों तो उसके साथ आधा घंटा बिताना शराफत होती है 
     
     
     
     
     
     
    जियांश- ओह really अगर ये शराफत है तो फिर बेज्जती क्या होती है। 
     
     
     
     
     
    वाणी- "look मिस्टर में बिल्कुल आईने की तरह हू जैसे का तैसा सामने वाला इंसान अगर अच्छा है तो मे भी अच्छी हू और अगर टेढ़ा है तो मे भी वैसी ही हू। "वाणी अपना लंच finished कर बैठते हुए कहती है - 
     
     
     
     
    वाणी- So कोई बहाना सोचते है फिर ( कुछ सोचते हुए) हाँ कह दो कि तुम मेरी खूबसूरती बर्दाश्त नहीं कर पाए। 
     
     
     
     जियांश-


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    जारी है.........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 7. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 7

    Words: 1158

    Estimated Reading Time: 7 min

    वाणी- So कोई बहाना सोचते है फिर ( कुछ सोचते हुए) हाँ कह दो कि तुम मेरी खूबसूरती बर्दाश्त नहीं कर पाए। 
     
     
     
     
     
     
    जियांश- ( frustrate होकर) अखिर तुम क्या हो पहले  तो मेरे restaurant बुक करवाने पर भी मेरी मर्जी  के बिना लंच करने बेठ गई और अब , 
           और अब चाहती हो कि मे तुम्हारी तारीफ करू कोई जबरदस्ती है क्या ?
     
     
     
     
     
    वाणी- ( same attitude से) में ये कोई अपनी मर्जी से नहीं कर रही हू, ये ऑर्डर ऊपर से आया है ।
     
     
     
     
     
    और वहाँ से आए ऑर्डर तो बिल्कुल नहीं ताल सकती ।
     
     
     
     
     
     
     
    जियांश- ( ऊपर देखते हुए) ऊपर से ऑर्डर
     
     
     
     
    जियांश को लगता है कि वाणी भगवान की बात कर रही है और वो कोई दिव्य शक्ति है जिसे भगवान ने भेजा है ।
     
     
     
     
     
    वो अब बहुत respect और धीरे से पूछता है- आप कोन है?
     
     
     
     
    वाणी- अब तुमने सही बात की और वेसे भी blind date पर एक दूसरे के बारे मे पूछना चाहिए ( कह्ते हुए वो अपना कार्ड जियांश को दे देती है। 
     
     
     
     
     
     
    जियांश-( उस कार्ड को को लेकर देखते हुए)  वाणी ओबरॉय कहते हुए उसकी तरफ देखता है 
     
     
     
     
     
     
    वाणी उसके सामने अपना हाथ करतीं है तो जियांश उसका कार्ड आगे कर देता है ।
     
     
     
     
     
     
    वाणी- मेरा कार्ड नहीं अपना कार्ड दो ।
     
     
     
     
     
    जियांश- तुम्हारी तरह मुझे अपनी personal details शेयर करने का शौक नहीं है ।
     
     
     
     
     
     
    वाणी- देखो मुझे पता है तुम्हें भी यहाँ ज़बर्दस्ती भेजा गया है पर हम दोनों को इस problem से निकलने के एक दूसरे का साथ देना पड़ेगा ।
    So 🫴 कह कर अपना हाथ आगे कर देती है। 
     
     
     
     
     
    जियांश ये सोच कर की ये भगवान का ऑर्डर है कार्ड उसे दे देता है 
     
     
     
     
     
    वाणी - [कार्ड को देखते हुए] जियांश खुराना,  चेयरमैन of खुराना empire 
    खुराना empire ये नाम सुना सुना लग रहा है 
     
     
     
     
     
     
     
    जियांश- तुम खुराना empire को नहीं जानती वो जो अभी टॉप 10 company's में no.1 पोजीशन में है 
    वो जो अपने प्रोजेक्ट सबसे पहले पूरे करने में no.1 position पर आता है 
    वो जिसके चर्चे पूरे शहर मे no.1 position पर होते है 
     
     
     
     
     
    वाणी- no.1 position , no.1 position , no.1 position  इसके अलावा कुछ सुनाई ही नहीं दिया। 
     
     
     
     
     
    वेसे मेरी company भी बेस्ट है लेकिन मे तुम्हारी तरह announced नहीं करती फिरती 
     
     
     
     
     
    जियांश-  देखो मुझे इन फालतू बातों में time वेस्ट नहीं करना काम की बात करे तो बेहतर होगा 
     
     
     
     
    वाणी- मेरा भी ऐसा ही मानना है ।
     
     
     
     
    जियांश- तुम यहाँ किस वज़ह से आयी हो ?
     
     
     
     
    वाणी- क्या तुम्हें सच मे नही पता कि हम यहाँ क्यूँ आए है या फिर तुम मेरे साथ मज़ाक करने के मूड में हो ।
     
     
     
     
    जियांश - हम कोई close friends नहीं है जो मे तुमसे मज़ाक करूंगा so please 
     
     
     
     
    वाणी- that's मीन तुम्हें भी यहाँ ट्रैप करके भेजा है ओह God क्या blind dates ऐसी होती है 
     
     
     
     
     
     
    जियांश,- (confusion से) blind डेट 
     
     
     
    वाणी- हाँ blind date तुम्हें नहीं पता कि हम अभी शादी के लिए blind डेट पर है ।
     
     
     
     
     
     
    जियांश- " शादी  " तुम्हारे कहने का मतलब है भगवान ने तुम्हें मेरा पार्टनर चुना है 
     
     
     
     
     
     
    वाणी- (हस्ते हुए) भगवान कहना थोड़ा ज्यादा हो जाएगा पर हाँ में अपनी दादी की कोई बात नहीं टालती तो वो मेरे लिए भगवान से कम नहीं है 
     
    जियांश- क्या मतलब दादी वो कहा से आयी 
     
     
     
    वाणी- (अजीब नजरो से जियांश को देखते हुए) कहा से आयी का क्या मतलब उनके कहने पर ही में इस blind डेट पर आयी हू 
     
     
     
     
     
     
    जियांश- मतलब तुम जिस ऊपर वाले की बात कर रही थी वो.......   फिर वो एकदम से हंसने लग जाता है 
     
     
     
     
    वाणी उसे अजीब नजरो से देखने लगती है 
     
     
     
     
    जियांश- ( serious होते हुए)तुम्हें पता है तुम वो पहली लड़की हो जिसकी वजह से में इतना nervous हुआ हूं। 
     
     
     
     
     
    वाणी- (attitude से) वो क्या है ना मेरी presence ही ऐसी है कि सामने वाले के senses अपने आप बंद हो जाते है 
     
     
     
     
    जियांश- तुम्हें पता है तुम कितनी सेल्फ obsessed हो 
     
     
     
     
    वाणी- तुम से कम "खैर छोड़ो " ( फिर अपने फोन में देखते हुए)  अपना बहाना में खुद सोच लुंगी और अब Cinderella की जाने का time है so bye bye. 
     
     
     
     
     
    कह कर वाणी जाने लगती है तभी गेट से कुछ लोग गुस्से से इंटर करते है जो bodyguard टाइप थे वो तेजी से अंदर आते है और तभी दूसरे साइड से एक वेटर अपने अपने हाथ मे एक केक 🎂 लेकर आ रहा था। 
     
     
     
     
     
    वो वेटर उन लोगों के सामने आ जाता  तो वो लोग उसके हाथ मे पकड़ा केक हवा में उछाल देते है जो सीधा वाणी की तरह आ रहा था वाणी की आंखे फैल जाती है क्योंकि वो कैक उसके ऊपर गिरने वाला था। 
     
     
     
     
     
    लेकिन तभी कोई वाणी का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खिंच लेता है जिससे वाणी सीधे उस इंसान की बाहों में गिरती है और वो इंसान वाणी की कमर को कस के थाम लेता है।
     
     
     वाणी जब नजरे जब सामने कर के देखती है तो वो जियांश का attractive और handsome face उसके सामने आ जाता है वाणी तो जियांश की नीली आँखों में जैसे डूब जाती है और पता  नहीं क्यों उसे ऐसा मन होता है कि वो हमेशा जियांश का face ऐसे ही देखते रहे। 
     
     
     
    वो जियांश की आवाज से अपने ख्यालो से बाहर आती है " तुम ठीक हो"
     
    वाणी- (अपने होश में आते हुए) हम्म कह्ते हुए उसकी बाहों से निकलकर तुरन्त वहाँ से washrooms की तरफ भाग जाती है क्योंकि वो जिस तरह जियांश को ताड़ रही थी वो अब एक और मिनिट उसके सामने नहीं रुकना चाहती थी। 
     
     
     
     
     
     
     
    इधर washroom में वाणी अपना face wash कर रही थी 
    वाणी खुद से ही- control वाणी ये तुझे क्या हो रहा है आज तक तूने कितने ही लड़के देखे और उनसे deal की लेकिन आज 
     
     
     
    इस लड़के में ऐसा क्या खास है जो मे उसकी तरफ attract हो रही हू वाणी ने कहा लेकिन फिर जब उसे अपने बात realize हुई तो 
     
     
     
    वो खुद से ही बोली - no , no मे उसकी तरफ कोई अट्रैक्ट नहीं हुई लेकिन फिर मे उसे कैसे बेशर्मी से ताड़ रही थी क्या सोचेगा वो मेरे बारे मे ।वेसे कुछ भी सोचे मे कौनसा उससे बार-बार मिलने वाली हूँ 
     
    वाणी अपने पैर पटकते हुए  - आह एक दिन में ही मुझे पागल कर दिया इस आदमी ने 
     
     
    पर यार उसकी आंखे कितनी डीप थी, और उसका face कितना handsome 
     
     
    ओह my God में blush कर रही हू कह कर वाणी mirror 🪞 खुद को देखती है जहाँ उसका face गुलाबी हो गया था 
     
     
     
    वाणी खुद से- क्या वो cake उसने मेरे Birthday के लिए मंगाया  था हो भी सकता है शायद B.D ने उसे मेरे Birthday के बारे मे बता दिया हो ।
     
     
     
     
    वेसे उसने मुझे कैसे गिरने से बचाया था कहते हुए वो उस पल को याद करने लगती है और जियांश के शब्द उसे याद आते है "तुम ठीक हो"
     
     
    वेसे वो इतना भी बुरा नहीं है कह्ते हुए वाणी मुस्करा देती है। 
     
     
     
     
     
     
     
    इधर restaurant में....



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    जारी है............
     
     

  • 8. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 8

    Words: 1125

    Estimated Reading Time: 7 min

    इधर restaurant में जियांश अपनी लाल आँखों से उन आदमियों को देख रहा था जिस ने उसके सामने से उसका खाना फेंका था। 

     

     

     

     

    उसकी लाल आंखे देख डर जाते है 

     

     

     

     

    जियांश ,----- हिम्मत केसे हुई मेरे सामने से मेरा खाना फेंकने की एक दिन शांति का मिलता है और वो भी पहले उस लड़की और अब तुम लोगों की वज़ह से वेस्ट हो गया इसकी क्या सज़ा दु तुम्हें 

     

     

     

     

    उन गुंडों का लीडर उससे कहता है--- "सज़ा तू क्या हम देंगे तुझे तुझे क्या लगा कि हमारे बॉस को मरकर तू आरंभ से रहेगा लेकिन शायद तुझे नहीं पता हमारे बॉस के हम वफादार है और उनकी मौत का बदला आज हम तुझसे लेकिन रहेंगे। "

     

     

     

     

    जियांश- कोो बॉस केसर बॉस किस पागलपन खाने से भाग के आये हो ।

     

    गुंडों का लीडर- ज्यादा शान पट्टी मत लगा मुकुल Seth जिसको तूने मारा वो हमारे बॉस थे तुझे क्या लगा हम लोगों को बेवक़ूफ़ बना कर निकल जाएगा तू 

     

    जियांश- बेवक़ूफ़ को क्या ही बेवक़ूफ़ बनाना और अब मुझे समझ आया टी तुम उस कचरे के ढेर का कचरा हो तो क्या करूँ तुम्हारा recycle ♻️ या composed 

     

     

    पर तुम्हें recycle भी नहीं कर सकते और तुम्हारा composed भी नहीं बना सकते कह्ते हुए वो उठता है used देख गुंडों का लीडर दर के पूछे होकर खता है तुम्हारे लिए तो मेरे आदमी ही काफी है। 

     

     

     

    और अपने आदमियों से कहता है पकड़ो इसे कह्ते हुए जाकर सोफ़े पर बेठ जाता है 

     

     

     

    उसका एक आदमी चाकू लिए जियांश की तरह बढ़ता है लेकिन जियांश उसी वक्त टेबल से अपना newspaper 📰  उठा कर झटके से खोलता है जिससे वो आदमी अचानक कहीं गायब हो जाता है और उसका चाकू तेज आवाज के साथ जमीन पर गिर जाता है। 

     

     

     

    सब हैरानी से इधर उधर देखने लगते हैकि वो आदमी कहा गया देखते हुए उन लोगों की नजर जियांश के हाथ मे पकड़े newspaper पर जाती है जिस पर उस आदमी की फोटो थी जो जियांश पर हमला करने वाला था। 

     

     

     

    वो जिस position में जियांश पर हमला करने गया हूबहू वेसे ही तस्वीरे उसकी newspaper ने छप  गई सब हैरान होकर उस newspaper को देख रहे थे। 

     

     

     

     

    तभी जियांश एक तेज आवाज के साथ बंद करता है जिसे वो सब दर जातिभेद है और पूछे हो जाती है लेकिन उनमे से एक आदमी हिम्मत आगे जाकर जियांश पर हमला करता तभी जियांश अपना newspaper वापिस खोलता है जिससे वो आदमी भी गायब हो जाता है और उसकी फोटो newspaper में छप जाती है 

     

     

     

     

     

    अब जियांश अपने expressionless चेहरे के साथ उस newspaper को स्टिक जेसा fold कर उनकी तरह बढ़ने लगता है और उसी के साथ उसके हाथ का निशान लाल रंग में चमकाने  लगता है उसे देख डर से सब अपने कदम पीछे लेने लगते है कोई भी आगे नहीं जानते रहा था क्योंकि जियांश का खामोश चेहरा भी बहुत खतरनाक लग रहा था लेकिन फिर सभी हिम्मत कर एक साथ जियांश पर हमला करते है ।

     

     

     

     

     

    जियांश बिना हाथ लगाए उन्हें घायल कर रहा था किसी के सिर पर टेबल पटक रहा था तो किसी के सिर पर वाइन की bottle फोड़ दी और एक एक कर सबको गायब कर दिया। 

     

     

     

     

     

    अब गुंडों का leader और सिर्फ 2 गुंडे ही बचे थे जियांश उनकी तरफ बढ़ने लगता है और वो डर के मारे पीछे होने लगते है 

     

     

     

     

    गुंडों का लीडर- ये केसे किया तुमने वो सब कहा है 

     

     

     

     

    जियांश- मेने क्या किया मे तो बस सफाई कर रहा था देखो सारा कचरा साफ़ कर दिया लेकिन अब तुम लोगों का क्या करूँ कहते हुए तेज आवाज के साथ newspaper खोलता है जिससे वो लोग डर जाते है और तेज आवाज में चिल्लाने लगते है। 

     

     

     

     

    लेकिन उन्हें कुछ नहीं होता तो वो सामने देखते है जहा जियांश खड़ा उन्हें देख रहा था ।

     

     

     

     

     

     

    जियांश बिना कुछ कहे जाने लगता है जिससे उस लीडर और बाकी 2 गुंडों को लगता है कि जियांश ने उन्हें छोड़ दिया जिससे उनकी साँस में साँस आती है लेकिन तभी जियांग जाते- जाते वो newspaper उन लोगों की तरफ उछाल देता है और चुटकी बजा देता है जिससे वो लोग गायब हो जाये है और वो newspaper नीचे गिर जाता है। 

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

    इधर washroom में वाणी अपने आप को जियांश के सामने जाने के लिए prepare कर रही थी 

     

     

     

    वाणी- come on वाणी तु ऐसे nervous क्यूँ हो रही है you can do it .

     

     

    कहते हुए वो बाहर आती है जहा जियांश था वाणी बिना सामने देखे बोलती है 

     

     

     

     

    वाणी- में किसी के साथ 30 मिनिट से ज्यादा नहीं रुकती पर अब जब तुमने केक मंगाया था तो उसे तुम्हारे साथ cut कर थोड़ी शराफत तो........ कह्ते हुए उसकी नजर सामने जाती है और उसके शब्द वहीं रुक जाते है सामने जियांश ड्रिंक 🍸 कर रहा था और सारा खाना और केक नीचे पड़े हुए थे। 

     

     

     

     

    वाणी- ये किसने किया और पार्टी का क्या 

     

     

    जियांश- पार्टी खत्म हुई 

     

     

    वाणी- पर ये ऐसे कैसे  और पार्टी खत्म हुई वो भी मेरे बिना अकेले मतलब 

    जियांश - क्यो जब डिनर अकेले कर सकते है तो पार्टी में क्या बुराई है

     

     

    वाणी - (हल्की सी smile के साथ) हाँ पर वो मेरा birthday cake......एक....

    मिनिट तुम्हारा Birthday केक 🎂  वाणी की बात को काट जियांश बीच में कहता है 

     

    जियांश- (बेरुखी से) तुम्हें किसने कहा कि वो तुम्हारा Birthday केक 🎂 था listen मेरा तुम्हारे साथ कोई लेना-देना नहीं है और नहीं तुम कोई मेरे लिए इतनी special हो जो मे तुम्हारे लिए केक मंगाऊँ एंड please go पहले ही तुम मेरा बहुत time वेस्ट कर चुकी हो। 

     

     

     

    उसकी बात सुनकर वाणी की मुस्कान पल भर मे गायब हो जाती है, उसे बहुत बुरा लगता है पता नहीं क्यों पर उसने अनजाने में जियांश से उम्मीद लगाए ली और जियांश का ये behavior देख उसे रोने का मन कर रहा था पर उसने खुद को कंट्रोल कर अपने चेहरे पर फिकि हंसी लाते हुए जियांश से कहा ,

     

     

    वाणी- तुम से मिलकर अच्छा लगा उम्मीद करूंगी तुम्हारा दिन इससे भी बुरा हो कह कर वो जाने लगती है 

     

     

     

    लेकिन फिर रुक कर बिना मुड़े कहती है "और हाँ उम्मीद करूंगी की हम दोबारा कभी ना मिले और जो मिल भी गए तो मुझे पहचानने से इंकार कर देना मे नही चाहती लोग तुम्हारे साथ मेरा नाम जोड़े" कह कर वो चली जाती है उसके जाने के बाद जियांश कहता है  

     

     

     

     

    जियांश-अजीब ल़डकी थी  कहते हुए  उसकी नज़र उस पेपर पर पड़ती है जिसमें उन सब गुंडों की फोटो थी जियांश उस पेपर को जाकर washroom में फेंक देता है और चुटकी बजा कर वहाँ से गायब हो जाता है उसके जाने के बाद वो सारे गुंडे एक एक कर washroom से बाहर निकलते है और सब दर्द से चिल्लाए जाता रहे थे। 

    वाणी की कार में ......

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    जारी

  • 9. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 9

    Words: 1069

    Estimated Reading Time: 7 min

    वाणी की कार में वाणी इस वक्त बेक सीट पर बैठी थी और ड्राइविंग सीट पर  नेहा बेठि ड्राइव कर रही थी 
     
     
     
     
    वाणी- seriously मेने इतना बदतमीज इंसान अपनी पूरी लाइफ में नहीं देखा पता नहीं B.D. को उस बदतमीज में क्या दिखा ।
     
     
     
    फिर नेहा की तरफ देख कर - वेसे उस फैक property के मामले का क्या हुआ 
     
     
     
     
    नेहा- पता चल गया उसके पीछे मिसेज सिंघानिया की बेटी मिसेज माथुर का हाथ है, उनका एक friend उस न्यूज चैनल में सीईओ है उससे कह कर ही उन्होंने वो झूठी न्यूज लीक करवायी। 
     
     
     
     
     
    वाणी- ओह God इन्हें मुझसे पता नहीं क्या दिक्कत है जब देखो मेरे पीछे पडी रहती है इनकी लाइफ में और कोई काम नहीं है क्या ऐसा लगता है इनके लाइफ की first प्रायॉरिटी मुझे दुःखी देखना है।
     
     
     
     
     
    वाणी  अभी अपने ऑफिस ही जा रही थी कि उसे किसी unknown number से कॉल आता है ।
     
     
    वाणी कॉल pick करती है और "हैलो " बोलती है 
     
     
     
    सामने वाला इंसान- "क्या आप सारना enterprises की सीईओ मिस वाणी ओबरॉय बात कर रही है "
     
     
     
    वाणी- "जी हां आप कोन "?
     
     
     
     
    सामने वाला इंसान- " में सिंघानिया textile का finance team chief नमन वर्मा बोल रहा हू , मेने आपको बहुत जरूरी बात बताने के लिए फोन किया है "


    वाणी- " केसी बात "?
     
     
     
     
     
    नमन वर्मा- " में  सबकुछ फोन पर nahi बताया सकता बस इतना जान लीजिए कि मेरे पास हुकुम का एक ऐसा इक्का है जो आपको सिंघानिया textile की अगली chairperson बनने में मदद कर सकता है। "
     
     
     
     
    वाणी- "आपको मेरा number कहा से मिला" ?
     
     
     
     
    नमन वर्मा- "वो सब छोड़िए आप बस अपने फायदे की बात कीजिए और अगर सब जानना चाहती है तो फिर दुबारा मुझे फोन कीजिएगा ।" कह कर फोन cute कर देता है। 
     
     
     
     
     
     
    वाणी- (फोन देखते हुए) " जिसे देखो वो मुझे अपने गंदे games मे घसीटना चाहता है।"
     
     
     
     
    उसकी इस बात पर नेहा mirror से उसे देखती hair फिर वापिस अपनी नज़रे हटा लेती है। 
     
     
     
     
     
         वाणी यही सब सोच रही थी कि फिर से उसका फोन ring होता है वाणी frustration से बोलती है- "अब कोन्••••••••• "कहते हुए उसकी नजर फोन पर पड़ी जहाँ hospital show हो रहा था वाणी फोन उठा कर कान पर लगाती है और सामने की बात सुन उसके हाथ से फोन छुट गया। 
     
     
     
     
    थोड़ी ही देर में वो भागते हुए hospital पहुँचती है और गायत्री जी के वार्ड में जाकर देखती है जहा गायत्री जी  आंखे बंद कर लेटी थी । वाणी उनके पास जाकर उन्हें उठाने लगती है 
     
     
     
     
     
    वाणी- "B.D आंखे खेलिए, please उठिए, please उठ जाइए आपको कुछ नहीं हो सकता" कहते हुए वो उनके कन्धे पर सिर रख रोने लगती है 
     
     
     
     
    "केसी थी तुम्हारी डेट ?" वाणी जो रो रही थी तभी उसके कानो में ये किसी की आवाज पड़ती है वाणी सिर उठा कर सामने देखती है जहाँ गायत्री जी उसे ही देख रही थी। 
     
     
     
     
     
    वाणी- आप ठीक है ।
     
     
     
    गायत्री जी- चिंता मत करो इतनी जल्दी मुझे कुछ नहीं होगा 
     
     
     
    वाणी- hospital वालों ने मुझे कॉल किया कि........... इसके आगे वो बोल ही नहीं पायी 
     
     
     
    गायत्री जी- उन्हें मेने ही कहा था 
     
     
     
    वाणी - (गुस्से में) B.D ये क्या बच्चों वाली हरकत है ,पता है मे कितना डर गई थी ।
     
     
     
     
    गायत्री जी- मेने तुम्हें msg और calls किए लेकिन तुमने कोई जवाब नहीं दिया इसलिए तुम्हें यहां बुलाना पड़ा ।
     
     
     
     
    वेसे मेरी मौत की खबर सुनकर मेरे साथ बिताई यादे सारी एक साथ तुम्हारे आँखों के सामने आ गई होंगी हेना।
     
     
     
     
    वाणी- बिल्कुल किसी रील की तरह ।
     
     
     
     
    गायत्री जी- अच्छा अब ये सब छोड़ो और मुझे  बताओ तुम्हारी डेट केसी थी ?
     
     
     
     
    वाणी जियांश के बारे मे सोचते हुए- ऐसी की मे अब कभी किसी के साथ डेट पर नहीं जाना चाहूँगी और लड़के की तो बात ही मत कीजिए उससे मिलकर ही मेरा इरादा शादी ना करने के लिए पक्का हो गया ।
     
     
     
     
     
    गायत्री जी- लड़के का सिर्फ रंग रूप देख कर उसे judge नहीं किया जाता जिंदगी उसी से नहीं  चलती ।
     
     
     
    वाणी- रंग रूप के अलावा था ही क्या उसमे ?
     
     
     
    गायत्री जी हैरान होकर अपने फोन में एक फोटो निकालती है जिसमें एक लड़के की तस्वीर थी जो दिखने में ठीक ठाक था ।

    वाणी- ये कोन है ?🙄
     
     
     
     
    गायत्री जी- वहीं लड़का जिसके साथ मेने तुम्हारी डेट फिक्स की थी बहुत बड़ा लॉयर है जिससे तुम अभी मिलकर आयी हो ।
     
     
     
     
    वाणी- "ये वो लड़का नहीं है , मैं तो किसी और से मिलकर आयी हू
    एक मिनिट" कहते हुए वाणी अपने पर्स से जियांश का कार्ड निकालती है

    और  गायत्री जी को देते हुए कहती है "मे इस कार्ड वाले लड़के से मिलकर आयी हू "।
     
     
     
    गायत्री जी उस कार्ड को लेकर पढ़ती हैं- जियांश खुराना, खुराना कंपनी का मालिक। 

    वो अभी बात ही कर रहे थे कि वहाँ पर नेहा आती है 
     
     
    नेहा- डेटिंग एजेंसी ने माफी मांगी है उन्होंने आपको गलत एड्रेस भेज दिया था। 
     
    वाणी अपने मन मे इसलिए  वो इस तरह behave कर रहा था shit......🫣😬कह कर वो अपना सिर पीट लेती है। 
     
     
     
    इधर दूसरी तरफ जियांश अपने ऑफिस के 17 floor पर खड़ा एक painting को बड़े गोर से देखे जा रहा था जिसमें एक लड़की जिसने पुराने ज़माने के कपड़े पहने हुए थे वो नृत्य कर रही थी ।
     
     
     
     
    उस painting में उस लड़की का चेहरा नहीं दिख रहा था जियांश अपने मन मे "इस painting में ऐसा क्या है जो मुझे इससे जुड़ाव महसूस होता है पता नहीं क्यों मेरा दिल इस लड़की के चेहरे को देखने का करता है।" 
     
     
     
     
     
     
    लेकिन फिर जियांश अपने दिमाग को झटक कर उसी फ्लोर के रूम में चला जाता है जिस के ऊपर MAIN DANCE ROOM लिखा हुआ था वो वहाँ आता है तो पूरा कमरा अंधेरे से भरा था और सिर्फ सामने स्टेज पर रोशनी थी जहाँ एक लड़की व स्टेज पर उस पेंटिंग वाली लड़की जेसे ही कपड़े पहन कर डांस कर रही थी। 
     
     
     
     
     
    ये लड़की खुराना कंपनी की model है उनकी कंपनी से कोई रिलेटेड कोई ब्रांड यही represent करती है और उनके कंपनी से related सारे बड़े बड़े शो में भी as a model यही performed करती है और अभी इनके नए performance की practice कर रही है। 
     
    नाम- सनाया बिष्ट 
    उम्र- 22 साल 
    इंडिया की फेमस MODEL,DANCER and बहुत खूबसूरत 
     
    जियांश आगे आकर स्टेज.....



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  • 10. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 10

    Words: 1077

    Estimated Reading Time: 7 min

    नाम- सनाया बिष्ट 
    उम्र- 22 साल 
    इंडिया की फेमस MODEL,DANCER and बहुत खूबसूरत 
     
    जियांश आगे आकर स्टेज में एक सीट पर बेठ जाता है और साइड में देखता है जहाँ अमन घोड़े गधे सब बेंच के सो रहा था जियांश जान बुझ कर तेज़ आवाज़ में चेयर बजाता है उस आवाज़ को सुन कर अमन चौक कर उठ जाता है और इधर-उधर देख कर कहता है कोन है? कोन है ?
     
     
     
     
     
    जियांश- तुम्हें यहाँ काम करने की सैलरी मिलती है या सोने की ।


    अमन चौक कर जियांश को देखता है और कहता है- बॉस आप कब आए ?

    जियांश- जब तुम सो रहे थे ।
     
     
     
    अमन - नहीं नहीं बॉस में सो नहीं रहा था ये तो एक नया तरह का meditation है जिससे करने पर सामने वाले लगता है आप सो रहे हो ।
     
     
     
    जियांश उसकी इस बात पर उसे घूरता है जिस पर अमन अपने दांत दिखा देता है ।
     
     
     
     
    तभी जियांश का फोन रिंग करता है जिस पर unknown number शो हो रहा था और "हैलो" बोलता है 
     
     
     
     
    दूसरी तरफ नेहा जिसने जियांश को कॉल लगाया था उसने फोन को स्पीकर पर रखा हुआ था जिससे जियांश की बात वाणी और गायत्री जी भी सुन रहे थे। 
     
     
     
    नेहा- हैलो मिस्टर खुराना में ओबरॉय enterprise से मिस वाणी ओबरॉय की assistant बात कर रही हू। 
     
     
     
     
    जियांश- So what में क्या तुम्हारे नाम के पोस्टर लगाऊँ।
     
     
     
    उसके इस तरह बात करने पर नेहा मुह बना लेती है ।
     
     
     
    गायत्री धीरे से -  कैसे बात कर रहा है ।
     
     
    वाणी-  ये तो है ही बदतमीज।
     
     
     
    नेहा- मिस्टर सिंघानिया डेटिंग एजेंसी ने हमे गलत address send कर दिया जिससे मिस ओबरॉय गलती से आपके restaurant आ गई आपको जो भी परेशानी हुई उसकी हम माफ़ी चाहेंगे। 
     
     
     
    जियांश बिना कोई जवाब दिए फोन काट देयता है ।
     
     
    अमन- ये ल़डकी किस बारे मे बात कर रही थी ?
     
     
    जियांश- मेरी surprising डेट के बारे मे ।
     
     
     
    तभी स्टेज से सनाया चिल्लाती है - क्या 🤯
     
    अमन- बाप रे कान तो बहुत तेज है इसके ..
     
     
     
     
    सनाया- डेट, आप डेट पर गए थे, कोन है वो लड़की, कितने close आए आप क्या आपने उसके साथ night spend की" कहते हुए सनाया बैचैन हो जाती है ।
     
     
     
    सनाया की बात सुनकर आस-पास के musicians भी उसे देखने लगते है और जियांश को भी जिससे जियांश को अजीब लगता है अखिर सनाया ने ऐसी ही बात कही थी ।
     
     
     
    सनाया की बात पर जियांश उसे पहले घूरता है फिर तुरन्त अमन की तरह घूम कर अमन से कहता है "अमन मे जा रहा हू कैबिन में जो जो फाइल sign करनी है वो जल्दी से लेकर पहुंचो" फिर वहां से चला जाता है 
     
     
     
     
    सनाया अमर से पूछती है "आप बताए मिस्टर अमन मिस्टर खुराना किस डेट की बात कर रहे थे "
     
     
     
    अमन- "सनाया मुझे भी नहीं पता ये तो बॉस ही जाने अच्छा अब मे चलता हू वरना बॉस गुस्सा करेंगे" कह कर निकल जाता है क्योंकि यहाँ रुकता तो सानिया उसे सवाल पूछ-पूछ कर पागल कर देती। 
     
     
     
     
     
    दरसल बात ये थी कि सनाया जियांश को पसन्द करती थी और उसने ये बात जियांश को भी बोल भी दी लेकिन जियांश ने उसे साफ़ मना कर दिया और खुद से दूर रहने को कहा लेकिन सनाया उसकी बात बिल्कुल नहीं मानती क्योंकि जियांश उसे ना कभी डाटता था और ना गुस्सा करता था और ऐसा क्यों है ये तो आगे पता चलेगा 
     
     
     
     
    इसी बात से सनाया को लगता कि शायद एक ना एक दिन जियांश उसे अपना लेगा। 
     
     
     
     
    अमन के बाद सनाया वो दूसरी शक्स थी जो जियांश की सच्चाई जानती थी लेकिन फिर भी वो जियांश को पसन्द करती थी।
     
     
     
     
     
     
     
    दूसरी तरफ hospitals मे

    गायत्री जी वाणी से कहती है ...."गायत्री जी वाणी से कहती है .... ये लड़का केसा निकला ,सोचा था अगर अच्छा होगा तो इसी से तुम्हारी बात चलाऊँगी  लेकिन खेर" ये कह कर वो वापिस अपना फोन scroll करने लगती ह
     
    वाणी- ये क्या कर रही है आप ?
     
    गायत्री जी- तुम्हारे लिए दूसरी blind date ढूंढ रही हू ।
     
     
    वाणी उनके हाथ से फोन छीनते हुए- कोई जरूरत नहीं है आपके treatment के बदले एक डेट काफी है और फिर  ( मजाकिया लहजे में)  और  इतना ही शौक है शादी का तो खुद क्यों नहीं कर लेती 
     
     
     
    गायत्री जी - (उसके सिर में चपत लगाते हुए  ) बदतमीज 🙄

     
    वाणी- आउच ...... 😒

     
    नेहा- (मुस्कराते हुए)😇 आप लोग लड़ते रहिए में चलती हू कह कर चली जाती है ।
     
    गायत्री जी-  शर्म नहीं आती अपनी दादी से ऐसी बात करते हुए मेरी उम्र का तो लिहाज करो ।

     
    वाणी- किस बात की शर्म और रही उम्र की बात तो मे भी वहीं कह रही हू की आप अपनी उम्र देखिए आपकी उम्र की औरते भजन कीर्तन करती है और आप मेरी blind date प्लान कर रही है वाह..........😶
     
     
    गायत्री जी- तुम क्यूँ नहीं समझती में अपनी आंखे बंद होने से पहले तुम्हारी शादी देखना चाहती हू ।
     

    वाणी- B.D  फिर से वहीं बात मेने कहा ना में आपको कुछ नहीं होने दूंगी (और  फिर बच्चों जेसा मुह बनाते हुए)  वेसे भी आप ये जो  मुझे इतना blackmail कर रही है ना इस तरह आपको स्वर्ग की सीट तो नहीं मिलने वाली  ।
     
     
    गायत्री जी- तुम उसकी tantion मत लो ,मेने पहले ही रिश्वत दे रखी है पता नहीं तुम्हें कितनी चैरिटी करती रहती हूँ ।
     
     
    वाणी- B.D मुझे समझ नहीं आ रहा आप को हो क्या गया है आप तो मुझे हमेशा से कहती थी कि किसी पर भरोसा मत करो इस दुनिया मे सब मतलबी और धोखेबाज होते है फिर अब क्या हुआ ?
     
     
    गायत्री जी- "हां कहती थी क्योंकि धोखा देना इंसान की फितरत होती है और उस समय तुम छोटी थी अपना अच्छा बुरा नहीं जानती थी लेकिन अब बड़ी हो गई हो और इसलिए तुम्हें समझा रही हू "
     
     
    "हर इंसान की जिंदगी में कोई ऐसा इंसान होना चाहिए जिसके लिए आप हँसते-हँसते धोखा खाने को भी तैयार हो जाओ जिसकी  गलतियों को माफ़ करने का मन करे (फिर वाणी की तरफ देख) और फिलहाल मेरी जिन्दगी में वो इंसान तुम हो। "
     
    वाणी emotional होकर उनकी तरफ देखने लगती है ।

     
    गायत्री जी- बस अब ज्यादा emotional मत होओ वरना hospital मे बाढ़ आ जाएगी  फिर बात बढते हुए "वेसे मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है "
     
    वाणी- क्या ?
     
    गायत्री जी......
     
     
     
     
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  • 11. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 11

    Words: 1211

    Estimated Reading Time: 8 min

    हर इंसान की जिंदगी में कोई ऐसा इंसान होना चाहिए जिसके लिए आप हँसते-हँसते धोखा खाने को भी तैयार हो जाओ जिसकी  गलतियों को माफ़ करने का मन करे (फिर वाणी की तरफ देख) और फिलहाल मेरी जिन्दगी में वो इंसान तुम हो। 
     

    वाणी emotional होकर उनकी तरफ देखने लगती है 
     
    गायत्री जी- बस अब ज्यादा emotional मत होओ वरना hospital मे बाढ़ आ जाएगी  फिर बात बढते हुए "वेसे मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है "
     
    वाणी- क्या ?
     
    गायत्री जी अपने बेड के पास से एक छोटा सा बॉक्स उठाती है जो कोई ज्वेलरी बॉक्स जेसा था ।

     
    वाणी- ये क्या है ?
     
    गायत्री जी उसे खोल वाणी के सामने कर देती है जिसमें couple rings थी और कहती है -  engagement रिंग्स 

     
    वाणी हैरान होकर- B.D अब ये कुछ ज्यादा ही हो रहा है ।
     
     
    गायत्री जी- कुछ ज्यादा नहीं है (कहते हुए उसका हाथ पकड लेती है) जब तुम्हें तुम्हारे लिए कोई मिल जाए तो उसे ये पहना देना (कह्ते हुए दोनों रिंग्स उसके हाथों की index finger और ring finger  में पहना देती है ।

     
    वाणी- B.D मुझे शादी नहीं करनी 

     
    गायत्री जी- में तुम्हें कितनी बार समझाउ (फिर उसके सिर पर हाथ रख कर) जिंदगी बहुत लंबी होती है बेटा जो अकेले नहीं कटती  ।


     
    तुम्हारे आने से पहले मेने वो अकेले जिंदगी गुजारी है जब तुम्हारे दादू मुझे छोड़ कर चले गए थे तब जिंदगी का अकेलापन क्या होता है ये मे बहुत अच्छे से जान गई और अब मे तुम्हें उस चीज़ का सामना नहीं करने देना चाहती। 

     
    वाणी- (बेबसी से ) B.D कह कर उनके गले लग जाती जाती है ।
     
    गायत्री जी- वाणी ।
     
    वाणी- ह्म्म्म्म ।
     
    गायत्री जी- मेरी नज़र में एक और लड़का..............
     
    वाणी- (उनकी बात बीच मे ही काट कर) मेरी बहुत important मीटिंग है आप अब आराम कीजिए फिर मिलेंगे byyyyy कह कर भाग जाती है 

     
    गायत्री जी- अरे सुनो तो 

     
    ये लड़की भी ना बिल्कुल नहीं सुनती कह कर लेट जाती है। 



    ¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤

     दूसरी तरफ वरुण ( जियांश के ऑफिस में employees) इस वक्त अपनी कार खड़ी कर मेडिकल शॉप से medicine ले रहा था। 
     
     
    मेडिसन लेकर वो जैसे ही अपनी कार में वापिस बैठने को हुआ उसकी नज़र सामने बनी सड़क पर जाति है जहाँ एक छोटा सा  puppy 🐶 सड़क पर बैठा हुआ था, शायद उसके पैर में चोट लगी थी इसलिए वो उठ नहीं पा रहा था। 
     
     
     
     
    वरुण को उसे देख कर दया आ जाती है, उसकी नज़र वहां आती जाती गाड़ियों पर पड़ती है जो किसी भी वक्त उस puppy 🐶 को नुकसान पहुंचा सकती थी। 
     
     
     
     
    वो गाड़ी को lock कर सड़क की तरफ उस puppy के पास जाने लगा ताकि उसे safely कहीं और छोड़ दे। 
     
     
    वो अभी जा ही रहा था तभी उसकी नजर उस puppy के पास आती लड़की पर पड़ती है जिसने इस वक्त जींस और crop top पहना हुआ था और अपने चेहरे पर स्कार्फ बांधा हुआ था ।
     
     
    वो लड़की उस puppy 🐶 के पास आती है और नीचे झुक कर उसे अपनी गोद में उठाने के लिए नीचे झुक जाती है। 
     
     
    वरुण अभी मुस्कराते हुए अपनी जगह पर खड़े होकर उस ल़डकी को देख रहा था तभी उसके चेहरे का रंग उड़ जाता है जब उसकी नजर एक कार पर पड़ती है जो थोड़ी दूर थी और तेजी से उस लड़की की तरफ बढ़ रही थी लेकिन उस ल़डकी को इसका कोई होश नहीं था। 
     
     
    वरुण दौडते हुए उस ल़डकी की तरफ बढ़ता है इधर वो करते भी तेजी से आगे बढ़ रही थी दौडते हुए वरुण की नज़र जब कार के अंदर पड़ती है तो उसमे एक teen age लड़का था जो शायद नशे में धुत था। 
     
    वो कार बिल्कुल उस लड़की के पास पहुंच गई तो और जैसे ही उसे टक्कर मारने वाली थी तभी  कोई उसकी कमर पकड़ कर उसे रोड के साइड मे खिंच लेता है
     
    इधर वो लड़की जैसे ही उस puppy को लेकर उठने वाली थी 
     
    इस sudden हुए action से वो लड़की शौक हो जाती है ।
     
     
     
    उस लड़की का स्कार्फ जो उसने अपने चेहरे पर बांध रखा था वो भी खुल जाता है और वो हैरानी से अपने सामने खड़े वरुण को देखने लगती है। 
     
     
    वहीं वरुण जिसने अपने एक हाथ से उस ल़डकी के हाथ मे लिए उस puppy 🐶  को पकड़ रखा था वहीं उसके एक हाथ ने उस लड़की की कमर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाई हुई थी। 
     
     
    वरुण इस वक्त तेजी से हांफ रहा था,  वो धीरे-धीरे खुद को शांत कर रहा था वहीं वो लड़की वरुण को अपनी आँखे बड़ी किए देख रही थी। 
     
     
    वरुण की नजर उस puppy 🐶 पर पड़ती है जो अपनी मासूम आँखों से टूकूर-टूकूर देख रहा था वरुण उस puppy' की तरफ देख smile करने लगता है , इस वक्त वो बिल्कुल भूल गया था कि वो किस position में है। 
     
     
     
    तभी उसके कानो में उस लड़की की आवाज़ पड़ती है " ये क्या बदतमीजी है "  इस आवाज को सुन वरुण अपना सिर उठा कर ऊपर देखता है तो बस देखता ही रह जाता है,.........
     
     
    वरुण तो बस उस लड़की के चेहरे में ही खो जाता है- काजल से भरी बड़ी- बड़ी आँखे , गौरा चेहरा, होठों के ऊपर की तरफ काला तिल, गुलाबी होंठ और खुले बाल ।
     
     
    वरुण तो जैसे उसकी खूबसूरती में खो सा गया, तभी उसे वापिस उस लड़की की आवाज़ सुनाई देती है " अपना हाथ हटाओ " 
     
    वरुण उसकी बात सुनकर अपने होश में आते हुए उसे confuse लुक से देखने लगता है, तभी वो लड़की फिर से तेज आवाज में बोलती है "मेने कहा अपना हाथ हटाओ " 
     
     
    अब जाकर वरुण को realized होता है कि वो लड़की क्या कह रही है और वो जल्दी से उस लड़की की कमर से अपना हाथ हटा लेता है और थोड़ा दूर खड़े हो जाता है। 
     

    दरसल हुआ ये था कि वरुण ने जब उस ल़डकी को अपनी तरफ खिंचने के लिए उसकी कमर को पकड़ा उसी वक्त उस लड़की का टॉप थोड़ा ऊपर हो गया और इतनी देर से वरुण उसकी खुली कमर पर अपनी बाह लपेटे हुए था ।
     
     
    जिसका अह्सास वरुण को नहीं था लेकिन वो लड़की बहुत uncomfortable हो गई और ऐसा करने के लिए वरुण को बुरी तरह घूर रही थी। 
     
     
     
    वो लड़की लगातार वरुण को घूरती हुई , बदतमीज इंसान शर्म नहीं आती बीच सड़क पर ऐसी हरकत करते हुए,  कपड़े तो ऐसे पहन रखे है जैसे कितने decent इंसान हो लेकिन कपड़े पहनने से इंसान. अपनी आदतें नहीं बदल सकता। 
     
    वरुण- पर मेने क्या......
     
     
    क्या सोचा अकेली लड़की है तो कुछ भी करोगे तुम जैसे लड़कों को बहुत अच्छी तरह जानती हू
     
    वरुण- पर में तो........
     
     
    क्या मे तो लड़की देख खुद को रोक नहीं पाया,  तुम जैसे लड़के जहाँ ल़डकी देखी वहां अपनी छिछोरी हरकते शुरू कर देते है
     
     
    वरुण- पर मेरी बात तो सुनो........
     
    Listen मिस्टर  मुझे कोई अकेली , बिचारी , अबला टाइप मत समझना, लोगों को इकट्ठा कर के वो हाल करवाऊंगी की ऐसी ..................
     
     
    उस लड़की ने अभी इतना ही कहा था उसके आगे के सब्द उसके मुह में ही रह गए क्युकी वरुण ने .......




    आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी रचना " DEMON- 𝚃𝚑𝚎 𝚂𝚘𝚞𝚕 𝚌𝚊𝚝𝚌𝚑𝚎𝚛
     
     
     
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    जारी है.........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     



     

  • 12. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 12

    Words: 1034

    Estimated Reading Time: 7 min

    Listen मिस्टर  मुझे कोई अकेली , बिचारी , अबला टाइप मत समझना, लोगों को इकट्ठा कर के वो हाल करवाऊंगी की ऐसी ..................
     
     
    उस लड़की ने अभी इतना ही कहा था उसके आगे के सब्द उसके मुह में ही रह गए क्युकी वरुण ने एक हाथ उसके सिर के पीछे लगा के दूसरे हाथ से उसके मुह को बंद कर दिया था। 
     
     
    वरुण ने जब देखा कि वो ल़डकी चुप होकर उसकी बात ही नहीं सुन रही सिर्फ अपने मे ही बोलते जा रही है तब उसे इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं सुझा।
     
     
    वरुण- चुप एक दम चुप कब से देख रहा हू खुद की ही सुपरफास्ट express भगाए जा रही हो मेरी बात सुनने को तैयार ही नहीं अब मे बोलूंगा और तुम सुनो ।
     
     
    उम् ........उम्............ वो ल़डकी बोलने की कोशिश कर रही थी लेकिन वरुण का हाथ उसके मुह पर होने की वज़ह से वो बोल नहीं पा रही थी  ,वो लगातार हिल रही थी ताकि वरुण से छुट जाए। 

     
    लेकिन वरुण के सामने उसकी ताकत काम नहीं आयी,  वो अपने दोनों हाथ का use भी नहीं कर सकती थी क्योंकि उसमे उसने puppy 🐶 को पकड़ा था और  वरुण को घूर रही थी।
     
     
    उसके बार- बार हिलने पर वरुण कहता है- जब तक तुम मेरी बात नहीं सुन लेती में तुम्हें नहीं छोड़ने वाला अब शांति से मेरी बात सुनो। 
     
     
    क्या - क्या कहा तुमने मुझे फिर याद करने की ऐक्टिंग करते हुए- हाँ याद आया- लोफर ,बदतमीज, छिछोरी हरकते करने वाला। 

     
    मिस मुझे नहीं पता था कि आज कल लोगों की हेल्प करने वाले भी इन category मे आने लगे ।
     
     
    वो लड़की जहाँ अब तक वरूण को घूर रहीं थीं वहाँ अब उसे confuse होकर देखने लगी। 
     
     
    वो उससे कुछ बोलने की कोशिश करती पर वरुण का हाथ मुह पर होने की वज़ह से कुछ बोल नहीं पाती। 
     
     
    वरुण जब ये देखता है तो वो बोलता है- ठीक है मे तुम्हें छोड़ रहा हू लेकिन तुम अपनी सुपरफास्ट express फिर से शुरू नहीं करोगी ठीक है। 
    उस लड़की को कुछ ना बोलते देख वरुण बोला- ठीक है 

     
    वो लड़की इस बार irritated होकर हाँ में सिर हिला देती है जिसके बाद वरुण उसे छोड़ देता है,  छूटते ही वो लड़की जैसे ही कुछ बोलने वाली थी वरुण उससे कहता है- मेने क्या कहा था 

     
    वो लड़की उसकी बात सुनकर बोलती है- तुम्हारे कहने का क्या मतलब है तुमने कौनसी help की मेरी?

     
     
    वरुण अपने चेहरे पर एक जबरदस्ती की मुस्कान लाते हुए- मिस बात ऐसी है कि अगर में ना होता ना तो आप इस रोड पर पेंटिंग बन चिपक चुकी होती तो आपको मुझे thank you कहना चाहिए कि मेने आपको one piece में बचा लिया। 
     

     
    वो लड़की- क्या मतलब ?

     
    वरुण उस लड़की को आगे देखने का इशारा करता है उसका इशारा समझ वो लड़की सामने देखती है जहाँ एक लड़के को उसकी गाड़ी के साथ traffic police ने पकड़ा हुआ था। 

     
    [ दरसल उस लड़के ने आगे जाकर सिग्नल पर गाड़ी ठोक दी थी जिसके बाद drunk & drive के लिए  traffic पुलिस ने उसे पकड़ लिया था]

     
    उसे देख वो ल़डकी वरुण की तरफ असमंजस से देखती है, वहीं वरुण 
    उसके सवाल को भाप वरुण उसे puppy को देखने से लगा कर उसे बचाने तक सब कुछ बता देता है। 
     

     
    जिसे सुनकर उस लड़की को अब गिल्ट होने लगता है और वरुण को ये चीज़ मेहसूस हो जाती है जिसे जानकर उसके चेहरे पर एक छोटी सी smile आ जाती है जिसे वो उस लड़की के देखने से पहले छुपा लेता है। 
     
     

    वो ल़डकी गिल्टी face से वरुण को देख धीरे से कहती है - I AM SORRY मेने आपको अनजाने में जो कुछ  भी कहा AND THANK YOU मुझे ( फिर puppy की तरफ इशारा कर) और इसे बचाने के लिए। 
     
     
     
    वरुण- used देख smile कर IT'S OK और वेसे भी फिर थोड़ा फिल्म अंदाज में "ऐसे बड़े- बड़े शहरों में ऐसी छोटी बातें होती रहती है "SENORITA" उसके इस तरह करने पर उस ल़डकी की हंसी छुट जाती है जिसे देख वरुण अपने मन मे उसकी प्यारी सी हंसी को admire करने लग जाता है। 
     

     
    वो लड़की वरुण की तरफ देख "वन्स again Thank your And sorry "
     
    कह कर जाने लगती है उसे जाते देख वरुण उसे रोकते हुए- एक मिनिट रुकिए। 
     

    उसके रोकने पर वो लड़की मुड़ कर वरुण को देखने लगती है- वरुण उसे देख कहता है - जाते- जाते अपना नाम तो बता दीजिए 

     
    वो लड़की मुस्कराते हुए- sorry बट में अजनबियों को अपना नाम नहीं बताती 

     
    वरूण- पर हम अजनबी कहा रहे हमने इतनी देर एक दूसरे से बात की और आप मेरी बात पर मुस्कराई भी। 

     
    वो लड़की इस बार कुछ नहीं कहती और जाने लगती है 

     
    वरुण- अच्छा नाम नहीं तो नंबर ही बता दीजिए अखिर मेने आपकी इतनी मदद की है 

     
    वो लड़की वरुण को अजीब नजरो से देखती है और उसके पास आती है उसके पास आने पर वरुण को लगता है कि वो उसे अपना नंबर देने आ रही है 

     
    वो लड़की वरुण के सामने खड़े होकर- i think  तुम्हारे बारे मे  जो मेरा first Opinion था, वहीं सही था। 

     
    Situation का advantage लेने की कोशिश कर रहे हों, but ऐसा होगा नहीं मेरा नाम और number तुम्हें जरूर मिलेगा but in your dreams BYYYYY.
     
     
    कह कर वो लड़की वहाँ से आगे जाकर सड़क की दूसरी साइड स्कूटी लेकर एक लड़की खड़ी थी वहाँ चली जाती है और उस puppy को लेकर बेठ जाती है और चली जाती है। 
     
     
    वहीं वरुण उसे उदास भाव लिए तब तक देखता रहा जब तक वो उसकी आँखों से ओझल नहीं हो गयी पर तभी उस तरफ देखते हुए वरुण के चेहरे पर smile आ गई क्योंकि वरुण की आँखों से ओझल होने से पहले उस लड़की ने पीछे पलट कर देखा था। 
     
     
    वरुण मुस्कराते हुए अपने दिल पर हाथ रख कर बड़ी खुमारी से बोलता है- तीखी मिर्ची 🌶 + soft hearted ♥️ 
     
    I LIKE IT 😉😍
     
    कह कर वो भी अपनी कार में बैठकर वहाँ से निकल जाता है। 



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    जारी है.........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     


     
     
     

  • 13. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 13

    Words: 1027

    Estimated Reading Time: 7 min

    शाम का समय 

    मुंबई बीच 

    वाणी इस वक्त खड़ी सामने बीच को देख रही थी,  इस वक्त यहाँ कोई नहीं था सिर्फ वाणी अकेली खड़ी थी ।

     

    वाणी के साथ इस वक्त नेहा भी नहीं थी, नेहा ने वाणी से request की के वो उसे भी साथ आने दे क्युकी उसे वाणी की चिंता हो रही थी , वो भी जानती थी कि आज के दिन वाणी ने क्या खोया था और ये भी की वाणी अंदर से आज कितनी दुःखी होगी भले वो अपने चेहरे से पता ना चलने दे इसलिए वो उसके साथ आना चाहती थी लेकिन वाणी ने ये कह कर उसे मना कर दिया कि वो कुछ वक्त अकेले खुद के साथ बिताना चाहती है। 

     

    नेहा ने फिर भी जिद्द की लेकिन फिर वाणी ने उसे ऑर्डर देकर माना कर दिया जिसके आगे नेहा ने कुछ नहीं कहा क्योंकि चाहे कुछ भी हो जाए नेहा कभी भी वाणी के ऑर्डर को disowned नहीं करती थी। 

     

     

    वाणी सामने देख रही रहीं थीं जहाँ उसे कुछ लोग दिख रहे थे 

     

     

     

    एक बच्ची जो दिखने में 9 या 10 साल की होगी हंसते हुए बीच के किनारे पर आगे- आगे भाग रही थी और उसके पीछे हंसते हुए एक 35-36 साल का आदमी और एक 32-33 साल की औरत भाग रहे थे। 

     

     "  मम्मा-पापा मुझे पकड़ो " वो बच्ची आगे भागते हुए बोलती है।

    वो औरत उस बच्ची से कहती है- "वाणी बेटा आराम से , गिर जाओगी "

    उसके बाद वो औरत और आदमी उस बच्ची के पास जाकर उसे पकड़ लेते हैं  और हंसते हुए उसे गोद में उठा लेते है। 

     

    वो आदमी और औरत मुस्कराते हुए एक साथ बोलते है-पकड़ लिया 

     

    तभी अचानक बारिश शुरू हो जाती ही तो वो लोग बारिश से बचने के लिए बड़े से बीच अंब्रेला के नीचे आ कर बेठ जाते हैं। 

     

    बच्ची- ये बारिश कब रुकेगी मुझे और खेलना है ।

     

    आदमी- don't worry बच्चा बिन मौसम बरसात है अभी रुक जाएगी। 

     

    बच्ची-   "ममा-  पापा  आपसे एक बात पूछूं ?"

     

    आदमी और औरत एक साथ- "पूछो" ।

     

    बच्ची- आप दोनों हमेशा मेरे साथ ही खेलते हो,  आप का कोई दोस्त नहीं है ?

     

    उसकी बात सुनकर उस couple के चेहरे पर थोड़ी देर के लिए मुस्कान गायब हो जाती है लेकिन फिर वो औरत फिर से अपने चेहरे पर मुस्कान सजाये कहती है - नहीं बेटा ऐसी बात नहीं है पर हमे सबसे तुम्हारे साथ वक्त बिताना और खेलना अच्छा लगता है तुम्हें अच्छा नहीं लगता ।

     

    बच्ची मुस्कराते हुए- नहीं मुझे तो बहुत अच्छा लगता है फिर उन दोनों का हाथ पकड़ कर  और में हमेशा आप लोगों के साथ ऐसे ही रहना चाहती हू। 

     

    उस बच्ची की बात सुनकर दोनों एक दूसरे की तरह और फिर उस बच्ची की तरफ बेबस नजरो से देखने लगते है ।

    तभी बारिश बंद हो जाती है और वो बच्ची अपने parent's का हाथ पकड़ कर कहती हैं- "मामा पापा देखो बारिश रुक  गयी" वो couples उस बच्ची की बात सुनकर मुस्कराते हुए उसका हाथ पकड़ कर समुद्र की लहरों की तरफ दोड़ जाते है और फिर कहीं गायब हो जाते है ।

     

     

    वाणी जो इतनी देर से उन्हें देख मुस्करा रही थी उनके गायब होते ही उसकी चेहरे की मुस्कान भी गायब हो जाती है और वो इधर-उधर देखने लगती है लेकिन उसे उसके सिवा कोई नज़र नहीं आता तभी वाणी की आँखों में उन लोगों को देख खुशी की चमक थी उसकी जगह नमी ने ले ली। 

     

     

    वाणी आसमान की तरह देख कर  कहती है- "ममा- पापा आप लोग मुझसे इतना प्यार क्यूँ करते थे उस वक्त शायद आप मुझे काम प्यार करते तो आज आप लोगों को भुलाना मेरे लिए आसान होता" कहते हुए वो रोने लगती है। 

     

     

    रात के 12:00 बजे 

    जियांश इस वक़्त पूरे काले कपड़े( ब्लैक टी-शर्ट with ब्लैक पेंट एंड ब्लैक ओवर कोट) पहने मुंबई शहर की सबसे ऊंची इमारत पर खड़ा था जहाँ से पूरा मुंबई शहर दिख रहा था।

    उसके ठीक पीछे एक बहुत बड़ी पेंडुलम दीवार घड़ी लगी हुई थी जो इतनी बड़ी थी कि इतनी ऊपर होने के बावजूद भी ज़मीन पर खड़े इंसान को साफ दिख सकती थी। 

     

    उस घड़ी में अभी रात के 12:00 बज रहे थे जियांश उस इमारत पर खड़ा नीचे पूरे शहर को देख रहा था और नीचे देखते हुए अपने दिल पर हाथ रख कर कहता है - "आज इतना अजीब क्यूँ लग रहा है कुछ तो है जो अलग सा है"ै कहते हुए वो सिर उठा कर आसमान में निकले पूरे चांद को देखने लगता है। 

     

     

    इधर बीच पर 

    वाणी इस वक्त लेटी हुई आसमान में चमकते तारों को देख रही थी ।

     

     

    वो अपनी उठ कर बेठ जाती है और अपने फोन में time देखती है जिसमे 12:03 हो रहे थे और फिर फोन को नीचे रख वापिस से सामने समुद्र को देखते हुए कहती है- "finally ये मनहूस birthday खत्म हुआ"। 

     

     

    कुछ देर बाद वाणी उठी और अपनी कार की ओर बढ़ गई।  वाणी ने कार में बैठकर करते start की ओर अपने घर की ओर बढ़ गई।

    वाणी को कार drive करते हुए 10 से 15 मिनिट ही हुए होंगे कि उसे लगा जैसे कोई उसकी कार का पीछा कर रहा है।

    वाणी ने mirror से देखा तो एक कार सच मे उसका पीछा कर रही थी।

    उस कार को देख वाणी ने अपनी कार की स्पीड बढ़ा दी उसे समझ आ गया कि जरूर कोई उसका पीछा कर रहा है पर वो इंसान कोन है और क्यों उसका पीछा कर रहा है ये वाणी को समझ नहीं आया।

    वाणी business world से जुड़ी थी जहाँ आए दिन आपके नए दुश्मन खड़े होते रहते है ऐसे मे कब कोई क्या चाल चल दे कुछ नहीं कह सकते।

    वाणी की कार की स्पीड बढ़ते देख उसके पीछे लगी कार की स्पीड भी बढ़ गयी।

    अब वाणी को पक्का यकीन हो गया कि जरूर कोई उसे नुकसान पहुचाने के इरादे से ही आया है।

    वाणी full speed से अपनी car भगा रही थी और तभी.......

    आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी रचना " DEMON - The Soul Catcher"पर

     

     

     

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    जारी है.........

  • 14. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 14

    Words: 1022

    Estimated Reading Time: 7 min

    अचानक वो आदमी गाड़ी घुमा कर वाणी के सामने ले आता है। ये देख वाणी अपनी कार reverse करने की कोशिश करने लगती है पर उसकी बुरी किस्मत की टायर के नीचे पत्थर आ जाता है।


    वाणी सामने देखती है जहाँ से वो आदमी कार से उतर कर वाणी की तरफ बढ़ रहा था ।

    वाणी फिर से फुल स्पीड के साथ कोशिश करती है पर कोई फायदा नहीं हुआ।

    वाणी सामने देखती है जहाँ वो आदमी उसके गाड़ी के नजदीक पहुंच चुका था।

    वाणी दूसरी साइड का गेट खोल जैसे ही बाहर निकलने की कोशिश करती है उससे पहले ही वो आदमी कार का गेट खोल वाणी को पकड़ लेता है ।

    "छोड़ो मुझे "

    "छोड़ना होता तो पकड़ता ही नहीं "

    " कोन हो तुम ? किसने भेजा है तुम्हें?" वाणी  हिम्मत कर बोली।


    वो"सवाल ही गलत है मैडम,  ये पूछो की मुझे क्यूँ भेजा  हैं "


    वाणी छूटने की कोशिश करती है लेकिन उस आदमी की पकड़ वाणी पर बहुत टाइट थी वो आदमी वाणी के मुह पर एक रुमाल रख कर दबाने लगता है  तो वाणी छटपटाने लगती है।

      वो आदमी उसके कान में कहता है-   तुम्हें पता है तुम्हारे मरने की वजह कोन है "गायत्री सिंघानिया"  अगर तुम उनसे ना जुड़ी होती तो जिंदा रहती लेकिन अफसोस। 
     
     
     
    तभी उसे महसूस होता है कि वाणी बेहोश हो चुकी है तो वो वाणी को सीट पर छोड़कर वाणी को मारने के लिए अपनी जेब से अपना  खंजर निकालने लगता है और जैसे ही वाणी की तरफ पलता है तभी वाणी जो सिर्फ बेहोश होने का नाटक कर रही थी वो एक जोरदार पंच उसके चेहरे पर मार देती है  जिससे वो एडम side में गिर जाता है और वाणी इसी का फायदा उठा कर कार से बाहर भाग जाती है  ।
     
     
    और खाली अंधेरी सड़क पर भागने लगे जाती है और उसके पीछे वो आदमी अपने हाथ मे खंजर लेकर उसका पीछा करने लगता है तो वाणी और तेजी से भागने लगती है। 
     
     
    दूसरी तरफ जियांश इस वक्त उस इमारत पर इधर से उधर  घूम रहा था और नीचे देख कर खता है- ऐसा क्यूँ लगा रहा है  कि मुझे जिसकी तलाश है  वो यही कहीं मेरे आस-पास है। 
     
     
    ऐसा लग रहा है कि जेसे कोई मुझे बुला रहा है एक डरी, सहमी और बेबस आत्मा जिसे इस वक्त मेरी मदद की जरूरत है। 
     
     
    फिर क जगह देख कर अंगुली से point करते हुए -" वो रहा" कह्ते हुए अपनी अंगुली से points की हुई जगह को देखने लगता है। 
     
     
    इधर वाणी लगातर भाग राही थी और बार- बार पीछे पलट के देख रही थी वहीं उसके पीछे वो आदमी था वाणी आगे पलट जाती है। 
     
     
     
    वाणी अभी सामने देखते हुए भाग ही रहीं थी कि उसे अंधेरे में  एक परछाई दिखती है जो उसकी तरफ ही बढ़ रही थी वाणी को वो परछाई को देख एक उम्मीद जगती  है  वो हांफते हुए चिल्लाती- please help me 
     
     
    और पीछे पलट कर देखती है जहाँ वो आदमी अभी कहीं नहीं था वो काफी पीछे छुट गया था ।
     
     
     
    वाणी रुक कर सामने देखते हुए फिर कहती है- help me इस वक्त वाणी पूरी पसीने से तरबतर थी। 
     
     
    वाणी के सामने खड़ी वो परछाई जेसे- जेसे वाणी की तरफ बढ़ रही थी उसका चेहरा वाणी को साफ दिखने लगा और जब उस शख्स का चेहरा वाणी को पूरा साफ़ हो जाता है तो उसके मुह से हैरानी के साथ निकलता है--- "जियांश खुराना"
     
     
    वाणी अपने मन मे- ये यहां केसे?
     
     
     
    वाणी अभी सोच ही रही थी कि जो आदमी वाणी को मरना चाहता था वो वाणी के पीछे आकर खड़ा हो जाता है 
     
     
    वाणी अभी जियांश और उस आदमी के बीच खड़ी थी बारी- बारी दोनों की तरफ देखती है और फिर जियांश को देख कर खुद से ही कहती है- "क्या ये भी इस आदमी के साथ मिला हुआ है"

    लेकिन फिर खुद को ही नकारते हुए "नहीं ऐसा नहीं हो सकता" पता नहीं क्यों पर वाणी खुद भी नहीं मानना  चाहती थी कि जियांश उसे मारना चाहती है। 
     
     
    और फिर वो अपने कदम जियांश की तरफ बढ़ा देती है और उससे कहती है - मेरी मदद करो please 
     
     
    जियांश attitude से - तुम आज मेरी मदद मांग रही हो 

     
    वाणी चिल्लाते हुए- हाँ मांग रही हू, please

     
    जियांश- ठीक है मे तुम्हारी मदद करने के लिए तय्यार हू लेकिन 

     
    वाणी पीछे देखते हुए - लेकिन क्या ?
     
    जियांश- तुम्हें मेरे साथ एक contract sign करना होगा ।
     
    वाणी अवाक सी उसे देख रही थी और फिर तेज आवाज में चिल्लाते हुए- "are you mad तुम्हें उसके हाथों में खंजर नहीं दिख रहा है वो मुझे मारना चाहता है और तुम्हें ऐसी situation में किसी वाहियात contract की पडी है।"
     
     
    जियांश वाणी के चेहरे के करीब झुकते हुए बोला "  मोहतरमा  दुनिया मे कोई चीज़ फ्री नहीं मिलती मदद चाहिए तो contract signe करना पड़ेगा ।
     
    वाणी- मुझे अफसोस हो रहा है कि मेने तुम्हारे जेसे पागल से मदद मांगी। 
     
    जियांश - "तो ठीक है फिर खुद निपटना इस situations से  में जा रहा हू"


    ये कह कर जाने लगता है ।
     
    वाणी पीछे देखती है जहा वो आदमी जियांश को देख कुछ पल रुक गया था वो जियांश को जाते देख वाणी की तरफ एक टेड़ी स्माइल कर्ता है। 
     
    वाणी जियांश को रोकते हुए कहती है- मंजूर है मे contract sign करूंगी पहले मेरी मदद करो।
     
    जियांश - वेसे तो मे बिना deal किए किसी की मदद नहीं करता ये मेरे rules के against है ( फिर अपने मन मे- और मजबूरी भी।)
     
    "लेकिन अभी किसी और को उसकी सही जगह पहुंचाना जरूरी है "कहते हुए उस खंजर पकड़े आदमी की तरफ जानलेवा नजरो से घूरता है। 
     
     
    फिर वाणी को अपने पीछे कर उस आदमी की तरफ बढ़ने लगता है वो खंजर वाला आदमी कुछ पल तो जियांश की वो खतरनाक आँखे और उसका ओरा देख डर जाता है लेकिन फिर हिम्मत कर जियांश के ऊपर उस खंजर से हमला कर देता है। 
     
     

     
    जियांश उस के॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
     
     

    आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी रचना " DEMON-The  Soul Catcher"पर
     
     
     
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    जारी है.........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     


     
     
     
     
     
     

  • 15. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 15

    Words: 1166

    Estimated Reading Time: 7 min

    जियांश उस आदमी के उस खंजर वाले हाथ को पकड़ लेता है।  जियांश की पकड़ उस आदमी के हाथ पर इतनी कसी हुई थी कि उस आदमी को ऐसा लगा जेसे उसके हाथ की हड्डियां अंदर से टूट रही हो। 
     
     
    वाणी उन दोनों ऐसे देख वहां से भाग जाति है क्योंकि भले ही उसने जियांश से मदद मांगी होकर जिस situation में वो थी वो किसी पर भी आँख बंद कर भरोसा नहीं कर सकती थी। 
     
     
    वाणी वापिस भागते हुए अपनी कार के पास जाकर उस  बैठ जाती है और जैसे ही उसे start करने वाली थी तभी उस कार के front ग्लास पर वो आदमी आकर  तेजी से गिरता है जिसे देख वाणी अपने मुह पर हाथ रख लेते है और उसकी तेज चीख निकल जाती है- आह्ह••••••••••••••••
     
     
    वो आदमी car के ऊपर से नीचे जमीन पर लुढ़क जाता है ।वाणी सामने देखती है तो जियांश अपने ब्लैंक  face के साथ आ रहा था। 


    वाणी को पता नहीं क्यों पर जियांश का ओरा कुछ अजीब लग रहा था। वाणी कार से उतर कर भागने लग जाती है वो अभी एक pool के ऊपर थे ।
     

     
    वाणी पूल के बिल्कुल किनारे पर आ गई थी ।  तभी  जियांश उसके सामने आ जाता है और उसे देख कर कहता है "तुम contract के बारे मे भूल तो नहीं गई "कहते हुए उसकी तरफ अपना हाथ बढ़ाता है। 
     
     
    वाणी पहले उसके हाथ को देखती है और फिर  उसे  और पता नहीं किस ख्याल में उसके हाथ मे अपना हाथ रख देती है ।


    वाणी ये नहीं करना चाहती थी पर पता नहीं क्यों जियांश के सामने आते ही उसके सेन्सेस जैसे काम करना बंद कर देते थे। 
     
     
    वाणी के हाथ को अपने हाथ मे मेहसूस कर जियांश उस पर अपनी पकड़ कस देता है उन दोनों के हाथ मिलाते ही जियांश के दायें हाथ मे बना एक त्रिशूल का चिन्ह लाल रंग में चमकने  लगता है जिस पर दोनों का ही ध्यान नहीं जाता। 
     



     
    वो तो बस एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे तभी दोनों के चेहरों पर लाइट पड़ती है दोनों सामने देखते है तो वो आदमी कार start कर उन दोनों की तरफ बढ़ा देता है। 
     
     
    वाणी की आंखे जहाँ डर के मारे फेल जाती है वहीं जियांश के चेहरे पर डर का कोई नामों निशान नहीं था। 
     
     
    जियांश सामने से आती कार को देख अपने हाथ से चुटकी बजाता है लेकिन ये क्या जियांश की आँखों में बेशुमार हैरानी थी क्योंकि उसका जादू काम नहीं किया। 
     
     
    जियांश और वाणी सामने देख रहे थे जहाँ वो करते तेजी से उनकी तरफ बढ़ रही थी। दर के मारे वाणी के कदम लड़खड़ा जाये है और वो पूल से नीचे गिर जाती है। 
     
     
    जियांश जब वाणी को देखता है तो मानो उसकी साँसे सुख जाती है और वो बिना कुछ सोचे समझे वाणी को बचाने उसके साथ कूद जाता है और वो car pool पर लगे बड़े से लैम्प से टकरा जाती है। 
     
     
     
    पानी के अंदर वाणी  होश में थी और डूब रही थी । वाणी खुद को बचाने के लिए तैर कर ऊपर जाने लगती है क्योंकि उसे swimming आती है ।
     
     
    वाणी ऊपर जा ही रही थी कि उसकी नजर जियांश पर पड़ती है  जो बेहोश हो गया था और और गहराई में जा रहा था वाणी कुछ पल उसे देखती है और वापिस उसके पास आती है। 
     
     
    वाणी जियांश का दाहिना हाथ जिसमें चिन्ह था वो अपने दोनों हाथ से पकड़ कर ऊपर खिंचती है और फिर अपने एक हाथ से ऊपर की ओर जाने की कोशिश करती है और अपने एक हाथ से जियांश का हाथ पकड़ कर खिंचने लग जाती है। 
     
     
    वाणी ने जियांश का हाथ पकड़ा ही हुआ था कि जियांश के हाथ मे बना वो चिन्ह वापिस से लाल रंग में चमकने लगता है और जियांश के दाहिने हाथ से मिट कर वाणी के दाहिने हाथ ( जिससे उसने जियांश का हाथ पकड़ा हुआ था) पर आ जाता है। 
     



     
    और ऐसा होते ही वाणी की आंखे बंद होने लग जाती है और उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा जाता है। 


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    वाणी की आंखे जब दोबारा खुलती है तो वो लेटी हुई थी और उसे सब कुछ धुँधला दिख रहा था वो अपनी पलकों को झपकाए साफ़ देखने की कोशिश करती है तो उसे अपने सामने जियांश दिखता है जो उसकी तरफ पीठ कर के खड़ा था लेकिन वाणी उसे पहचान गई। 
     
     
    वाणी उठ कर बेठ जाती है और अपने आस-पास देखती है तो सुबह हो चुकी थी और वो लोग अभी नदी के किनारे के पत्थरों पर थे। 
     
     
    वाणी खड़ी होकर जियांश के पास आती है और कहती है- thank God हम बच गए और जियांश के सामने आकर खड़ी हो जाती है तो जियांश अपने दाहिने हाथ को पकड़ कर खुद मे बड़बड़ा रहा था- कहा गया ?
     
     
     
    वाणी की आवाज सुन जियांश उसकी तरफ देखता है वाणी अपनी आंखे बंद कर के अपने सिर को पकड़ कर कहती है- आह...... मेरा सिर ।
     
     
    जियांश की नज़र वाणी के हाथ पर जाती है तो वो तुरन्त वाणी का हाथ पकड़े उसे अपने करीब खिंच लेता है और उसके हाथ को देखने लगता है ।
     
     
    जियांश की नज़र जहाँ वाणी के हाथ पर बने उस चिन्ह पर थी वहीं उसके इस तरह खिंचने वाणी एकटक उसके चेहरे को देखने लगती है जियांश भी अब अपनी नज़र वाणी की तरफ करता है और दोनों एक-दूसरे को बिना पलके झपकाए देखने लगते है। 
     
     
    तभी वाणी के हाथ का वो चिन्ह चमकता है और पानी मे एक विस्फ़ोट होता है जिससे पानी की बूंदे उड़ कर उन लोगों के आस-पास एक घेरा बना देती है। 
     
     
    वाणी अपने आस-पास देखती है और फिर जियांश को देखती है जो अभी भी उसे ही देख रहा था इस वक्त ये नज़ारा बिल्कुल किसी सपने या जादुई दुनिया की तरह। 
     



     
    वाणी जियांश की तरफ देखते हुए- ये सब क्या हो रहा है,  अखिर तुम हो कोन?
     
    जियांश वाणी की आँखों में देखते हुए अपनी गहरी आवाज़ में- ये तुमने मेरे साथ क्या कर दिया ? कह्ते हुए अभी भी उसकी आँखों में देख रहा था। 
     


     
    वाणी कुछ कहने ही वाली थी कि तभी वो बेहोश हो जाती है वाणी को बेहोश होता देख जियांश तुरन्त उसे अपनी बाहों में सम्भाल लेता है और इसी के साथ ही उनके आस-पास घेरा बनाए वो पानी की बूंदे भी नीचे गिर जाती है। 
     
     
     
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    वाणी हांफते हुए उठती है इस वक्त वो पूरी तरह से पसीने से भीगी हुई थी,  वो कुछ देर अपनी आंखे बंद रखती है और फिर खोलती है और फिर खुद से ही कहती है क्या वो एक बुरा सपना था कहते हुए अपने आस-पास देखती है तो वो इस वक्त hospital बेड पर थी और उसके साइड में नेहा खड़ी थी। 
     
     
     
    नेहा उसे देख फिक्र से पूछती है- मेंम  आप ठीक है?
     
    वाणी नेहा को देखते हुए- मिस नेहा में यहां केसे?
     
    तभी कोई वाणी के सिर पर रुमाल रख उसका पसीना पोछते हुए कहता है- क्या हुआ कोई बुरा सपना देखा,  देखिए पूरी पसीने से भीग गई है 
     
     
    वाणी अपना सिर उठा कर अपनी दूसरी साइड देखती है जहाँ