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😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫

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ये कहानी ऐसी है जो आपने पहले ना कभी सुनी होगी और नाही देखी होगी ,🍂 ये कहानी है एक ऐसे शैतान 😈की जो धरती लोक पर दुष्टों को नर्क भेजने के लिए स्वयं ईश्वर द्वारा भेजा गया है । लेकिन क्या हो अगर शैतान 😈को हो जाये किसी इंसान से...

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Jiyaansh Khurana chairman of Khurana Empire in Mumbai

Hero

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Vaani oberoi ceo of सारना enterprises

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Total Chapters (5)

Page 1 of 1

  • 1. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 1

    Words: 2365

    Estimated Reading Time: 15 min

    जैसा कि इस दुनिया के सभी लोग जानते और मानते हैं कि भगवान होते हैं। इस पर हम सभी का विश्वास है। लेकिन जैसे अच्छाई होती है, वैसे ही बुराई भी होती है; सच होता है तो झूठ भी होता है; और अगर उजाला होता है तो अंधेरा भी होता है। उसी तरह, अगर भगवान हैं तो शैतान भी हैं...

    "शैतान", जो नर्क का देवता होता है। हमारे हिंदू धर्म में माना जाता है कि अच्छे कर्म करने वालों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और बुरे कर्म करने वालों को नर्क की। सिर्फ हिंदू धर्म में ही नहीं, हर धर्म में यही माना जाता है कि सत्कर्म (अच्छे कर्म) करने वालों को स्वर्ग (Heaven) और दुष्कर्म (बुरे कर्म) करने वालों को भगवान नर्क (Hell) में भेजते हैं।

    माना जाता है कि स्वर्ग में देवता निवास करते हैं और वहां जाने वाले व्यक्ति को पूर्ण रूप से आनंद की अनुभूति होती है। हर प्रकार की सुख-सुविधा उन्हें प्राप्त होती है, जो उनके अच्छे कर्मों का फल होती हैं।

    इसके विपरीत, नर्क में जाने वाले व्यक्ति को उनके बुरे कर्मों का भयानक और दर्दनाक दंड दिया जाता है।

    इस दुनिया के अनुसार, किसी को स्वर्ग या नर्क में भेजने का काम भगवान का है। लेकिन क्या होगा, अगर भगवान इस कार्य के लिए किसी को चुनें, जो दुष्कर्म करने वाले को नर्क भेजे? और क्या होगा अगर भगवान द्वारा चुना गया प्राणी न तो कोई मनुष्य हो और न ही कोई देवता, बल्कि कुछ और ही हो...?
     
     
     
     
    मुंबई, जिसे "सपनों का शहर" (Dream City) कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां हर किसी के सपने पूरे होते हैं। इसी मुंबई शहर में शुरू होगी एक नई और अनोखी कहानी। तो आइए, इस रहस्यमय कहानी की ओर बढ़ते हैं।
     
     
     
    मुंबई (महाराष्ट्र )
    इंडिया 
     
    मुंबई शहर में इस वक्त आधी रात का समय था। चारों ओर गहरी खामोशी और सन्नाटा पसरा हुआ था। इसी खामोशी को तोड़ते हुए, मुंबई की तंग गलियों में किसी के भागते हुए कदमों की आवाज़ गूंज रही थी।
    इन भागते कदमों के साथ-साथ कुछ और आवाजें और पुलिस की गाड़ी का सायरन भी सुनाई दे रहे थे। तभी एक आदमी भागते हुए एक बड़े से गोदाम में पहुंचता है, जहां बड़े-बड़े बॉक्स रखे हुए थे। वह खिड़की की मदद से अंदर कूद जाता है।
     
     
    वह वहां रखे बॉक्स के पीछे खुद को छिपाने की कोशिश करता है। बॉक्स के पीछे जाकर बैठने के बाद वह अपने मुंह पर हाथ रख लेता है।
     
     
     
    भागने के कारण उसकी सांसें तेज़ चल रही थीं। वह जिस जगह छुपा हुआ था, वहां दीवार में एक छोटा सा छेद था, जिससे बाहर का थोड़ा-बहुत दिखाई दे रहा था और आवाज़ें भी सुनाई दे रही थीं।
     
     
     
    उसे पुलिसवालों की बातें सुनाई देती हैं। वे कह रहे थे, "ढूंढो उसे, इतनी जल्दी भागकर वह कहीं नहीं जा सकता।" उनमें से एक कांस्टेबल दूसरे से कहता है, "इस गोदाम के अलावा यहां आस-पास छिपने की कोई अच्छी जगह भी नहीं है। इतनी जल्दी वह भागकर जा नहीं सकता। जरूर इसी गोदाम के अंदर छुपा होगा। चलो, इसके अंदर देखते हैं।"
     
     
     
     
    पुलिसवालों की बातें सुनकर वह आदमी डर जाता है। जैसे-जैसे पुलिसवालों के कदम गोदाम के पास बढ़ते हैं, वैसे-वैसे उसका डर और उसकी धड़कनें भी बढ़ जाती हैं।
     
     
     
     
    पुलिसवाले गोदाम के दरवाज़े के पास पहुंचते हैं, जिस पर ताला लगा हुआ था। ताला देखकर एक कांस्टेबल अपने हेड कांस्टेबल से कहता है, "सर, इस पर तो ताला लगा हुआ है।" हेड कांस्टेबल जवाब देता है, "इस ताले को तोड़ो। कानूनी रूप से अपराधी को पकड़ने के लिए ताला तोड़ने पर हम पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।"
     
     
     
     
    हेड कांस्टेबल की बात मानकर पुलिसवाले मिलकर ताले को तोड़ देते हैं। दरवाज़ा खोलकर वे अंदर आते हैं और उस आदमी को ढूंढने लगते हैं।
     
     
     
     
    वह आदमी घबराकर अपना मुंह कसकर बंद कर लेता है, ताकि उसकी हल्की आवाज़ भी बाहर न आए। तभी वह हल्के से झांककर देखता है कि एक कांस्टेबल उसकी ओर बढ़ रहा है। यह देखकर उसकी आंखें डर से फैल जाती हैं। कांस्टेबल उसके बिल्कुल करीब पहुंच जाता है और जिस बॉक्स के पीछे वह छिपा हुआ था, उसे हटाने ही वाला था। तभी...
     
     
     
     
     
    अचानक वहां की लाइट चली जाती है। चारों तरफ अंधेरा छा जाता है। वह आदमी अपनी आंखें खोलता है, जो उसने डर के मारे बंद कर ली थीं। उसे वहां अपने अलावा कोई और मौजूद नहीं लगता। वह धीरे-धीरे बॉक्स के पीछे से निकलकर अंधेरे में ही दरवाज़े की ओर बढ़ने लगता है, जहां बाहर से हल्की-सी रोशनी आ रही थी।
     
     
     
     
     
     
    वह दरवाज़े से बस दो कदम की दूरी पर था कि तभी... एक तेज़ रोशनी उसकी आंखों पर पड़ती है। रोशनी इतनी तेज़ थी कि वह सहन नहीं कर पाता और अपनी आंखों को हाथ से ढक लेता है।
     
     
     
    तभी उसे किसी के भारी कदमों की आवाज़ सुनाई देती है। डरते हुए वह अपनी आंखों से हाथ हटाकर देखता है। रोशनी में से एक काली परछाईं उसकी ओर आती हुई नजर आती है।
     
     
     
     
     
    वह असमंजस में उस शख्स को देखने की कोशिश करता है, लेकिन तेज़ रोशनी के कारण वह धुंधला दिखाई दे रहा था। जब वह शख्स उसके बिल्कुल सामने आकर खड़ा हो जाता है, तब उसे साफ दिखाई देने लगता है।
     
     
     
     
     
    ऊपर से नीचे तक काले कपड़ों में लिपटा शख्स। उसके ऊपर एक लंबा काला ओवरकोट, काले जूते, और चेहरे पर काला मास्क था, जिसमें उसका आधा चेहरा ढका हुआ था।
     
     
     
     
    उसके चेहरे का जो हिस्सा नजर आ रहा था, वह साफ बता रहा था कि उसका रंग गोरा है। उसके हल्के बढ़े हुए काले बाल उसके माथे पर झूल रहे थे। उसकी लंबाई करीब 6 फीट थी। लेकिन उससे भी अधिक आकर्षक थी उसकी गहरी नीली आंखें, जो समुद्र की गहराई को मात दे रही थीं।वह शख्स निसंदेह एक आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक था।
     
    वो आदमी अभी भी अपने सामने खड़े शख्स को देख रहा था और जब उसे कुछ समझ नहीं आता, तो वह उससे पूछ बैठता है:।
     
     
     
    "कौन हो तुम?"
     
     
    उसके इस सवाल पर उसके सामने खड़े शख्स के चेहरे पर एक खतरनाक मुस्कान आ जाती, जो मास्क के कारण नहीं दिखती।
     
     
     
    वो आदमी अपने सामने खड़े शख्स से फिर पूछता है, "कौन हो तुम? और मेरे सामने से हटो, मुझे जाना है।" यह कहकर वह अपने कदम आगे बढ़ाने लगता है, पर यह क्या? वह अपना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाता।
     
     
     
     
    उसे ऐसा लगता है जैसे उसके कदम वहीं जम गए हों। लाख कोशिश करने पर भी वह अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिल पाता।
     
     
     
    वो अचानक से अपने सामने खड़े शख्स को देखता है, जो अब भी वहीं खड़ा था। वह आदमी उस शख्स से कहता है, "कौन हो तुम और क्या किया तुमने मेरे साथ? मैं अपनी जगह से हिल क्यों नहीं पा रहा? जाने दो मुझे, मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है।"
     
     
     
    इसके पहले कि वह कुछ और बोलता, उसके कानों में उस
     
     
     शख्स की गहरी, रूह कंपा देने वाली ठंडी आवाज़ पड़ती:"मैं कौन हूँ, यह तुम्हारा जानना ज़रूरी नहीं। फिलहाल यहाँ बात मेरे बारे में नहीं, तुम्हारे बारे में है कि तुम कौन हो और किससे भाग रहे हो।"
     
    वह आदमी हड़बड़ाते हुए कहता है, "मैं क्यों भागूँगा? मैं किसी से नहीं भाग रहा।" वह शख्स फिर से कहता है, "तो फिर यहाँ क्या कर रहे हो? किससे छुप रहे हो?" वह आदमी कहता है, "मैं किसी से नहीं छुप रहा, और यह गोदाम मेरा है। मैं तो यहाँ यह देखने आया था कि सब ठीक है या नहीं।"
     
     
     
    वह शख्स कहता है, "अच्छा? मुझे नहीं पता था कि चोर भी आजकल गोदाम के मालिक बनने लगे हैं। दिलचस्प! वैसे यह गोदाम कैसे खरीदा? उस सोनार की दुकान से चोरी की गई ज्वेलरी को बेचकर, या उस मॉल से चुराए गए पैसों से?"
     
     
     
     
    वह आदमी कहता है, "तुम मेरे बारे में कैसे जानते हो?" यह कहते हुए उसके चेहरे पर पसीना उभर आता है।
     
     
     
     
    वह शख्स कहता है, "मैं तुम्हारे बारे में सब जानता हूँ, और यह भी कि पुलिस तुम्हारे पीछे पड़ी है। मैं कौन हूँ और तुम्हारे बारे में कैसे जानता हूँ, इससे ज़्यादा ज़रूरी यह है कि मैं यहाँ क्यों आया हूँ।"यह कहकर वह पीछे पलटता है।
     
     
     
     
     
    वह चोर सोच में पड़ जाता है। फिर वह पूछता है, "तुम मेरी मदद कैसे कर सकते हो?" शख्स कहता है, "मैं तुम्हारी कोई भी एक इच्छा पूरी कर सकता हूँ, जीवन और मृत्यु को छोड़कर। बाकी तुम जो चाहो, मैं सब कर सकता हूँ।"
     
     
    वह चोर पूछता है, "मैं तुम्हारी बात कैसे मान लूँ?"
     
     
     
     
     
    इस पर शख्स की खतरनाक हंसी गूँजती है। "मेरी बात मानने के अलावा, क्या तुम्हारे पास कोई दूसरा रास्ता है?" चोर सोच में पड़ जाता है। वह मान लेता है कि शख्स की बात सही है और कहता है, "ठीक है। पर इससे पहले मुझे एक सवाल का जवाब चाहिए।"
     
     
     

    शख्स अपने हाथ के इशारे से उसे बोलने का इशारा करता है। चोर पूछता है, "वो सारे पुलिसवाले कहाँ गए?" शख्स कहता है, "फिलहाल यहाँ से बहुत दूर।" चोर कहता है, "क्या यह सब भी तुमने किया है?"
     
     
     
     
    शख्स कहता है, "मेरे अलावा और कौन कर सकता है?" चोर खुश होकर कहता है, "अगर तुम सच में मेरी कोई भी इच्छा पूरी कर सकते हो, तो मेरी इच्छा है कि मैं..."
     
     
     
     
    वह कुछ कहने वाला होता है, तभी शख्स उसे रोकते हुए कहता है, "पहले मेरी पूरी बात सुन लो। मैंने कहा कि मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर सकता हूँ। पर जैसा कि तुम जानते हो, इस दुनिया में कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता। तुम्हें भी अपनी एक इच्छा पूरी होने की कीमत चुकानी होगी।"
     
     
     
     
     
    चोर चौंककर पूछता है, "क़ीमत? कैसी कीमत?" शख्स कहता है, "ज्यादा कुछ नहीं। बस तुम्हारी इच्छा के बदले, 10 साल बाद तुम्हारी आत्मा नर्क में जाएगी।"
     
     
     
    चोर झटके में कहता है, "नर्क? "शख्स कहता है, "हाँ। 10 साल बाद तुम्हारी मौत होगी, और तुम्हारी आत्मा नर्क में जाएगी।"चोर सोच में पड़ जाता है। कुछ देर बाद वह कहता है, "ठीक है, मुझे मंज़ूर है। अब मेरी इच्छा पूरी करो।"
     
     
     
     
    यह सुनते ही, शख्स अपनी जेब से एक प्राचीन पत्र निकालता है और अपनी आँखें बंद करके, अपने हाथ में एक खंजर प्रकट करता है। यह देखकर चोर हैरान रह जाता है।
     
     
     
    वह डरते हुए पूछता है, "क्या, क्या करने वाले हो तुम इससे?" शख्स कहता है, "डरो मत। तुम्हें मारने नहीं वाला। बस तुम्हारे खून की मोहर लगेगी।"
     
     
     
    वो चोर कहता है क्या खून की मोहर ।वो शख्स उस चोर की बात सुनकर कहता है- "हाँ यह नियम है एक तरह से तुम इसे contract कह सकते हो अपनी ईच्छा के बदले तुम मेरे साथ contract sign कर रहे हों" ।
     
     
     
     
    आगे वो शख्स पूछता है कहो क्या इच्छा है तुम्हारी तो वो चोर कहता है-  "मे चाहता हूँ मे बहुत अमीर हो जाऊँ"। उसकी इच्छा सुनकर वो काले कपड़े वाला शख्स कहता है - "ठीक है अपना हाथ आगे करो"। तो वो चोर कहता है यह करना जरूरी है क्या तो वो शख्स उसे घूर कर देखता है जिस पर वो चोर जल्दी-जल्दी अपना हाथ आगे कर देता है ।
     
     
     
     
     
    उसके हाथ आगे करने पर वो शख्स उसके हाथ मे उस खंजर से हल्का सा cut लगा देता है । जिस पर वो चोर दर्द से आंखे मीच लेता है और उसकी हथेली से खून रिसने लगता है। वो शख्स उसके हाथ को उस पत्र के उपर कर देता है जिससे उसके खून की 2-3 बूंद उस पर गिर जाती है। 
     
     
     
     
    उसके बाद वो चोर कहता है- " मेरी इच्छा अब तक पूरी क्यों नहीं हुई"। तो वो शख्स अपने हाथ मे से वो पत्र और खंजर गायब कर देता है और अपना हाथ ऊपर करता है जिससे उसके कलाई पर बना त्रिशूल का चिन्ह जो किसी tettoo जेसा लग रहा था दिखने लग जाता है वो शख्स एक चुटकी बजाने वाला होता है कि रुक जाता है और उस चोर की तरफ देख कर कहता है- "तुम पूछ रहे थे ना में कोन हू, तो तुम्हें बता ही देता हूं में हू एक "शैतान" ।और यह कह्ते ही वो चुटकी बजा देता है और उस चोर की आँखों में तेज़ रोशनी गिरती है जिससे वो अपनी आंखे बंद कर लेता है और फिर जब खोलता है तो हैरान रह जाता है
     
     
     
     
    क्योंकि वो एक बहुत ही आलिशान घर मे खड़ा था और उसने कपड़े भी बहुत महंगे पहने हुए थे। वो अभी सोच ही रहा था कि उसके पीछे से आवाज़ आती है-" good morning sir" वो चोर पीछे पलट कर देखता है तो पाता है कि उसके पीछे बहुत लोग खड़े है जिन्होंने सर्वेंट के कपड़े पहने है उनमे से एक आदमी आगे आकर पूछता है - "सर आप breakfast में क्या पसन्द करेंगे" वो चोर हैरान हो जाता है और मन मे सोचता है "क्या मेरी इच्छा पूरी हो गई "।
    तभी वो आदमी कहता है सर आपने बताया नहीं वो चोर कहता है - "एक काम करो जो रोज बनाते हो वहीं बना दो" उसकी बात सुनकर वो आदमी सब को इशारा करता है तो वो सब वहाँ से चले जाते है 
     
     
     
    उनके पीछे वो आदमी भी जाने लगता है तो वो चोर उसे रोकता है और confirm करने के लिए पूछता है-सुनो ये घर किसका है?
    उसकी बात सुनकर वो आदमी उसे अजीब नजरो से देखता है । जिसे वो चोर भी समझ जाता है पर अभी उसे अपने सवाल का जवाब चाहिए था इसलिए वो उसे ignore कर फिर पूछता है तो वो आदमी कहता है कि - सर ये आप ही का घर है जिसे सुन वो चोर उसे वहां से जाने को कहता है और फिर खुशी के मारे उछलने लगता है और कहता है मतलब में अमीर हो गया अब मे जो चाहूँ वो कर सकता हूं  
     
     
     
    लेकिन एक मिनिट क्या उसने जो कहा वो सच था क्या वो सचमुच एक "शैतान "था  फिर वो अपने ख्यालों को झटक कर कहता है मुझे क्या कोई भी हो मुझे तो जो चाहिये था वो मिल गया ये कह कर वो खुशी से गुनगुनाने लगता है। अभी वो खुशी से गुनगुना रहा था कि उसे एक आवाज़ सुनाई देती है "याद रखना 10 साल "
     
     
     
     
    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी " DEMON- ᵀʰᵉ ˢᵒᵘˡ ᶜᵃᵗᶜʰᵉʳ  पर। 
     
     
    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो please like ❤️ comments 💬 और  review ✨️  दीजिए और अगर मुझसे कोई mistake हुई तो वो भी मुझे comment कर के बताईये ताकि में उसमें सुधार कर सकूँ 🌻
     
     
     
     

     
    जारी है.........
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 2. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 2

    Words: 1106

    Estimated Reading Time: 7 min

    खुराना एम्पायर 

    मुंबई 

    ये एक 30 मंज़िला ऊँची इमारत है जहा के चेयरमैन है जियांश खुराना जो लोगों के लिए एक मिस्ट्री है क्योंकि कोई इनके बारे मे कुछ नहीं जानता सिवाय इसके कि ये इंडिया के मोस्ट एलिजेबल बैचलर और उसके साथ - साथ इंडिया के टॉप 10 businessmen में no.1 की position पर है ।

     

    इसके अलावा ये कहा से आए है? इनकी फॅमिली कोन है ?किसी को कुछ नहीं पता बस लोग इतना जानते है कि लगभग 6 साल पहले ये मुंबई आए और उसके बाद तो जेसे success इनके कदम चूमती गई और आज खुराना एम्पायर  top पर है और सबसे ज्यादा हैरानी वाली कि बात ये है कि आज तक किसी ने इनका चेहरा नहीं देखा, 

     

     

     

    यहाँ तक कि किसी news में भी इनका चेहरा नहीं दिखा क्यूंकि ये कभी भी अपना कोई अवार्ड receive करने नहीं जाते हमेशा इनके assistant या कोई और ही इनकी जगह award received करता है और इनकी यही बात लोगों को इनके बारे मे जानने के लिए queries करती है।

     

     

     

    कई बार कई मीडिया वालों ने इनका पीछा कर इनकी फोटो लेने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि ये हमेशा मास्क पहने रहते है जिसकी वज़ह से इनकी फोटो देखने पर भी लोग इनका चेहरा नहीं देख सके लेकिन इनकी फोटो से लोगों को ये पता चल गया कि जियांश खुराना एक बहुत ही दमदार personality का मालिक है। 

     

     

     

     

     

    अभी इस बिल्डिंग के ground floor पर  भागदौड़ लगी हुई थी सब अपने-अपने काम पर लगे हुए थे क्योंकि कल ये अपनी कंपनी का नया  brand लॉन्च करने वाले थे जिसके लिए इनका बहुत बड़ा और important show होने वाला है  इसके लिए अभी यहां की सारी टीम उसके अरेंजमेंट में लगी हुई थी ।

     

     

    एक लड़का कुछ decorations वालों को काम समझा रहा था- ----'अरे "ये पर्दे ऐसे नहीं लगाने है थोड़ा साइड कर के लगाओ और यहां पर बीच मे थोड़े लाइट और थोड़े अच्छे डिज़ाइन वाले पर्दे लगाओ वर्ना show देखने वाले लोग क्या कहेंगे हर चीज़ बेस्ट और यूनिक होनी चाहिए ।"

     

     

    तभी उस लड़के के (जो पर्दे लगाने का बोल रहा था)

    उसके कंधे पर कोई पीछे से हाथ रखता है तो वो लड़का पीछे पलट कर देखता है तो उसी के उम्र का एक लड़का खड़ा था उससे कहता है तन्मय तेरी यहां की decorations पूरी हो गई क्या? जिसके जवाब में तन्मय stage की तरह देख कर कहता है _ हाँ almost सब कुछ हो गया है बस lights चेक करवानी है

     

     

     

     एक बार, तू बता क्या हुआ " अरे यार मुझे एंट्रेंस पर decorations करवानी है पर मे चाहता हो जो आज तक किसी ने expects नहीं किया हो तु मेरी हेल्प कर दे ना" वो दूसरा लड़का कहता है 

    ओके कह कर तन्मय और वो लड़का बाहर चले जाते है तो आइये जान लेते है इन दोनों के बारे  ____

     

     

     

     

    पहला वाला लड़का तन्मय जिसका पूरा नाम- तन्मय मित्तल है 

    उम्र-25 साल ,गौरा रंग, ब्राउन eyes, अच्छी बॉडी, दिखने में अच्छी खासी personality का मालिक ये एक इंटीरियर डेकोरेटर या इंटीरियर डिज़ाइनर भी "कह सकते है " हैँ 

    इस कंपनी में decorations से related सारे काम यही देखते है

     

     

     

    और दूसरा लड़का है "वरूण सेठी " उम्र -23 साल, गेहुंआ रंग, दिखने में दुबला-पतला पर अपनी बॉडी को काफी mantain कर के रखा है इन्होने साल भर पहले ही कंपनी join की है और तन्मय से काम सीख रहे हैं। 

     

     

     

    वो लोग अभी सारी preparation कर रहे थे और वहाँ अभी बहुत आवाज़ हो रही थी पर तभी कोई शख्स entrance gate से अंदर आता है तो सब खामोश हो जाते है सब की नज़र entrance पर ही थी और वहाँ की सारी लड़किया तो उस शख्स को देख कर आहे भर रही थी 

    तन्मय और अरुण जो entrance के पास ही खड़े थे वो उस शख्स को देख कर greet करते है  "good morning बॉस " उसके साथ सभी उस शख्स को एक साथ greet करते है जिससे वो शख्स उन सब को घूरता है तो वो सब झेप जाते है क्यूंकि उन सब ने काफी तेज आवाज़ में उसे greet किया था। 

     

     

     

     

    तो ये है हमारी कहानी के हीरो- जियांश खुराना उर्फ JK

    उम्र - 30 , अभी सिंगल है, ल़डकिया इनके पीछे दिवानी है जबकि आज तक किसी ने इनका चेहरा तक नहीं देखा ,देखी है तो इनकी कातिलाना personality और इनकी आंखे बस , deep ocean blue eyes, परफेक्ट jawline, मस्कुलर बॉडी, 8 pack abs, 6'1 हाइट, गौरा रंग उस पर इनका rude, arrogant और dominating ओरा जो इनकी personality पर suit भी करता है,

    ये ल़डकियों से दूर ही रहते है इन्हें आज तक कहीं भी किसी ल़डकी के साथ नहीं देखा गया ।

     

     

     

    लड़कियां सिर्फ इनकी personality देख कर ही इतनी पागल है कि इनके साथ one night stand करने को भी तय्यार है और उसके लिए कुछ भी कर सकती है लेकिन जियांश खुराना तक पहुंचना इतना आसान नहीं और नाही किसी की इतनी पहुच है। 

     

     

     

    ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●

     

     

    दूसरी तरफ  सारना enterprises के 16th floor के एक आलिशान कैबिन में एक 24-25 साल की लड़की बैठी थी जिसकी उंगलिया इस वक्त तेज़ी से keyboard पर चल रही थी तभी उसके फोन पर एक कॉल आती है वो अपनी उंगलिया रोक कर फोन उठा के देखती है जिस पर हॉस्पिटल  नाम शो हो रहा था ।

     

     

     

     

     

     

    वो जल्दी से फोन उठा के सामने वाले की बात सुने बिना पूछती है क्या हुआ? वो ठीक है? जिस पर सामने से कुछ कहा जाता है जिसे सुन वो तुरन्त अपना पर्स उठा के वो बाहर निकल जाती है

     

     

     

    उसकी assistant जिसका कैबिन उसके कैबिन से लग कर ही था  उसे ऐसे जाते हुए देख कर बिना कुछ कहे उसके पीछे-पीछे आ जाती वो अपनी personal lift में जाति है और सीधा ground floor पर उतर जाती है और अपनी कार के पास आ जाती है।

     

    उसकी assistant जल्दी से आगे जाकर उसके लिए passenger सीट का door ओपन करती है और अपनी बॉस के बैठने के बाद खुद भी ड्राइविंग सीट पर बैठकर कार स्टार्ट कर देती है ।

     

     

    passenger seat  पर बैठी लड़की कहती है हॉस्पिटल उसके इतना कह्ते ही उसकी assistant हॉस्पिटल की तरह कार मोड़ देती है 

     

     

     

    passenger seat पर बेठि लड़की अपने right hand की अंगुलियों से अपना सिर दबाते हुए खुद मे ही बुदबुदाती "कब बड़ी होंगी आप "

     

    तो आइए जान लेते है इनके बारे मे:-

     

    इनका नाम है-



    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी " DEMON- ᵀʰᵉ ˢᵒᵘˡ ᶜᵃᵗᶜʰᵉʳ  पर। 

     

     

    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो please like ❤️ comments 💬 और  review ✨️  दीजिए और अगर मुझसे कोई mistake हुई तो वो भी मुझे comment कर के बताईये ताकि में उसमें सुधार कर सकूँ 🌻
     

    जारी है.........

  • 3. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 3

    Words: 1151

    Estimated Reading Time: 7 min

    passenger seat पर बेठि लड़की अपने right hand की अंगुलियों से अपना सिर दबाते हुए खुद मे ही बुदबुदाती "कब बड़ी होंगी आप "

     

    तो आइए जान लेते है इनके बारे मे:-

     

    इनका नाम है- वाणी ओबरॉय.....

      गौरा रंग, dark brown eyes, काले लंबे बाल, slim figure, कुल मिलाकर बला की खूबसूरत है ये मोहतरमा।

     

     

    इनके माता-पिता अब इस दुनिया मे नही है जब ये 10 साल की थी तभी इनके पिता "सार्थक ओबरॉय और इनकी मां नैना ओबरॉय "की एक कार accident में मौत हो चुकी है  ।

     

    ,अपने  माता-पिता की मौत की ज़िम्मेदार ये खुद को मानती है क्योंकि उस दिन इनका birthday था इसलिए इनके मम्मी-पापा  इनके लिए surprise प्लान करने के लिए कहीं बाहर गए थे  और इन्होंने उनसे जल्दी आने की जिद्द की थी  ।

     

     

    इन्हें लगता है कि ये जिससे भी प्यार करती है  वो सब इन्हें छोड़ कर  चले जाते है  जिसकी वज़ह भी ये खुद को ही मानती इसलिए ये  प्यार और शादी जेसी चीजों से दूर रहती है  ।

     

     

     

    इनकी company "सारना"  को इन्होंने अकेले अपने दम पर खड़ा किया है  बिना किसी की मदद के  इन्होंने अपनी कंपनी का नाम  अपने स्वर्गीय माता-पिता के नाम पर  "सारना " (सार्थक + नैना) रखा है। 

     

     

     

    इनके साथ जो दूसरी लड़की है वो इनकी assistant नेहा सबरवाल उम्र- 35 साल लेकिन अपने आप को बहुत फिट और stylish रखती है जिससे  इनकी उम्र से 4-5  साल छोटी ही लगती है। 

     

     

    वाणी की कार hospital के सामने रुकती है  वो उतर कर अंदर जाती है और vip एरिया की तरह चली जाती है उसके पीछे नेहा भी चल रही थी 

     

    वाणी Vip एरिया के एक वार्ड में  इंटर करती है जहा bed पर एक 60'-65 साल की औरत अपना मुँह फ़ेर कर बेठि थी दरवाजे की आवाज़ सुन वो उस तरह देखती है और देख कर वापिस मुँह फ़ेर लेती है 

     

     

    वाणी उनके सामने जाकर अपने हाथ बाँधकर खड़ी हो  जाती है और उन्हें घूरते हुए कहती है " क्या में जान सकती हूँ आप अपने टेस्ट क्यूँ नहीं करवा रही" ?

     

    वाणी की बात पर भी वो औरत कोई जवाब नहीं देती 

     

     

    ये है  - गायत्री सिंघानिया  (सिंघानिया textile की चेयर वुमेन)

    कॉलेज time से ही इनकी business में बहुत रुचि थी और  दिमाग भी था 

    लेकिन ये एक मिडल क्लास फैमिली से होने की वजह से ये अपना सपना पूरा नहीं कर पायी  ।

     

     

     

    लेकिन इनकी शादी के बाद इनके पति  विश्मभर सिंघानिया ने इनका सपना पूरा करने में इनका साथ दिया क्योंकि उनके पिता एक कपड़े के व्यापारी थे और उनका भी दिमाग business में बहुत चलता था इन्होंने और इनके पति ने साथ मिलकर business को बढ़ाना शुरू कर दिया ।

     

    और धीरे-धीरे  एक छोटी सी कंपनी खड़ी कर ली लेकिन कुछ समय बाद ही इनके पति का निधन हो गया  ।

     

     

    और  इनके दोनों बच्चों की जिम्मेदारी इन पर आ गई  लेकिन ये कमजोर नहीं पड़ी और मेहनत कर अपनी कंपनी को टॉप लेवल पर पहुंचा दिया। 

     

     

     

    वाणी के पिता इनके साथ  सिंघानिया textile में partnership में काम करते थे ।

     

    उनकी ओर उनकी पत्नि की मौत के बाद ये वाणी को अपने साथ ले आयी थी। 

     

     

     

    आते है कहानी पर  अपनी बात का कोई जवाब ना पाते देख वाणी फिर से बोली में "आपसे कुछ पूछ रही हूँ  आप जवाब क्यूँ नहीं दे रही "

     

    गायत्री जी- क्युकी में जवाब नहीं देना चाहती 

     

    वाणी- जान सकती हूँ किस खुशी में ?

     

    गायत्री जी- क्योंकि तुम भी मेरी बात नहीं मानती तो में क्यू मानू ?

     

     

    वाणी- मेने  आपको अपना  जवाब बता दिया था तो बहस की कोई बात  ही नहीं  बनतीं  में आपकी हर बात मानती हूं पर ये नहीं ।

     

     

    गायत्री जी- फिर में भी तुम्हें अपना जवाब दे चुकी हूं ।

     

    वाणी- ( frustrate वॉयस में) आप समझती क्यूँ नहीं ये आपकी हेल्थ के लिए important है  आपके टेस्ट important है आप खुद के साथ इतनी लापरवाह केसे हो सकती है ।

     

     

    गायत्री जी-  जेसे तुम अपने साथ हो 

     

     

    वाणी - दोनों बातों का कोई connection नहीं है 

     

    गायत्री जी- है तुम्हें मेरे टेस्ट ना होने पर मेरी परवाह है और मुझे तुम्हारे अकेले होने पर तुम्हारी  

     

     

    वाणी- में अकेले नहीं हूं आप है मेरे साथ  मुझे और किसी की जरूरत नहीं ।

     

     

    गायत्री जी- में हूँ लेकिन कब तक  उम्र हो गई है आज नहीं तो कल  में इस दुनिया से चली जाऊँगी उसके बाद  तुम अकेली हो जाओगी जो में नहीं चाहती 

     

    वाणी- B.D........ [उनके मरने वाली बात पर थोड़ा गुस्से में] कितनी बार कहा है कि  ऐसी बात मत किया कीजिए तो फिर क्यूँ............

     

     

     

    गायत्री जी- झूठ नहीं कह रही हूँ  जो सच है वो सच है इसलिए चाहती हूं कि तुम जल्द से जल्द शादी कर लो ।

     

     

    वाणी- (अपना सिर पकडते हुए) फिर वहीं बात आपकी सुई एक ही टॉपिक पर क्यूँ अटक जाती hai , मेने कहा ना आप से मुझे नहीं करनी शादी ।

     

     

    गायत्री जी-  तो मेने भी कहा कि मुझे अपने टेस्ट और treatment नहीं करवाना।

     

     

    वाणी-  आप इतनी जिद्दी क्यूँ है 

     

     

    गायत्री जी- क्युकी तुम  जिद्दी हो मेरी बात नहीं मानती इसलिए मुझे भी अब तुम्हारी तरह ही बनना पड़ा  ।

     

     

    वाणी- B.D. PLEASE 

     

     

    गायत्री जी- no please मेरी बात मानलो में तुम्हारी बात मान लुंगी simple.

     

     

     

    वाणी- ( खिंचते हुए)  फाइन में आपकी बात मान लुंगी पहले आप अपना treatment करवाइए।

     

     

    गायत्री जी - ठीक है में अपना एक station पूरा करूंगी और तुम भी blind date पर जाओगी  और अगर तुम नहीं गई तो में अपने बाकी के station नहीं लुंगी  बोलो मंजूर है ।

     

     

     

    वाणी-  आप से जितना ना मुमकिन है फिर अपने मन मे  "blind date पर जाने का मतलब ये नहीं कि में  लड़के को  हाँ बोल दु कभी नहीं" ।

     

     

    गायत्री जी- वो लड़का तुम्हें  star restaurant में मिलने के लिए आने वाला है और सिर्फ 30 मिनिट बचे है तुम्हें अभी जाना है ।

     

     

    वाणी- okay लेकिन आप अपना station बिना किसी  रुकावट के पूरा करेंगी कह कर वो जाने लगती है ।

     

     

    गायत्री जी- वाणी.... ( उसे आवाज देते हुए रोकती है)

     

     

    वाणी- (पीछे मूड कर)    अब ये मत कहिएगा की लड़के को हाँ बोलकर ही आना पड़ेगा ।

     

    गायत्री जी '- तुम्हें क्या में कोई ब्लैकमेलर लगती हूं ।

     

     

    वाणी उनकी तरह घूर के देखती है जेसे आँखों से ही कह रही हो  "ohh really"

     

    उसके इस तरह देखने पर गायत्री जी सकपका जाती है और फिर कहती है हाँ हाँ थोड़ी बहुत blackmailing की है मेने बस। 

     

     

    वाणी- आपने मुझे क्यूँ रोका ?

     

     

    गायत्री जी- इधर आओ ।

     

    वाणी उनके पास जाती है  तो गायत्री जी नर्स को कुछ इशारा करती है जो कब से नेहा के साथ खड़ी उन दोनों की बहस देख रही थी  उनके इशारे पर वो सिर हिलाकर वहां से चली जाती है और थोड़ी देर में अपने हाथ मे......

    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी "DEMON - The Soul Catcher" पर

     

    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो like ❤️ और comments 📩 कीजिए ।

     

    जारी है.........

  • 4. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 4

    Words: 1119

    Estimated Reading Time: 7 min

    वाणी उनके पास जाती है  तो गायत्री जी नर्स को कुछ इशारा करती है जो कब से नेहा के साथ खड़ी उन दोनों की बहस देख रही थी  उनके इशारे पर वो सिर हिलाकर वहां से चली जाती है और थोड़ी देर में अपने हाथ मे...... एक tray लेकर आती है जिसमें एक box था गायत्री जी उस tray को अपने हाथ मे ले लेती है और वाणी  के आगे कर के कहती है ।  

     

    गायत्री जी- उठाओ इसे ।

     

    वाणी- क्या है ये ?

     

    गायत्री जी- (बच्चों जेसे) अरे उठाओ तो सही खुद पता चल जाएगा 

     

    वाणी उनके बच्चों जेसी हरकत देख वाणी के चेहरे पर मुस्कान आ गई उनके कहने पर वो मुस्कराते हुए box हटाती है ।

     

     

    लेकिन जैसे ही उसने बॉक्स हटाया उसके चेहरे पर खिली मुस्कान एक झटके में  गायब हो गई  क्योंकि उस box के नीचे एक कैक था जिस पर लिखा था " Happy Birthday वाणी" 

     

     

    ये देख वाणी वापिस उस box को ढक देती है और गायत्री जी से कहती है 

     

    वाणी - क्या है ये ?

     

    गायत्री जी- केक 🎂 है तुम्हारा Birthday केक 

     

    Birthday इस शब्द को सुन वाणी को ऐसा लगा जेसे किसी ने उसके कानों में गर्म तेल डाल दिया हो उसे इस शब्द से सख्त नफरत थी अपने Birthday से सख्त नफरत थी ।

     

     

    वाणी  गायत्री जी से-- मेने आपको कितनी बार कहा है आप ऐसा मत किया कीजिए मुझे नहीं पसन्द अपना Birthday मनाना आप समझती क्यूँ नहीं ।

     

     

    गायत्री जी- ( इस बार थोड़ा गंभीर स्वर में) अखिर कब तक कब तक तुम अपने Birthday के दिन को अपने parent's की  death anniversary के रूप मे मनाओगी अतीत से बाहर निकलो वाणी,  तुम समझती क्यूँ नहीं तुम्हारी कोई गलती नहीं थी उन सब में तो अपने आप को कसूरवार ठहराना बंद  करो ।

     

     

    वाणी- (आँखों में नमी के साथ) "मेरा क़ुसूर है B.D.  अगर में उनसे जल्दी आने की जिद्द नहीं करती तो ये सब नहीं होता सब मेरी गलती है" कह्ते हुए उसके आँखों की नमी गालों पर बह जाती है ।

     

    गायत्री जी उसे रोते देख तुरन्त अपने गले लगा लेती है हऔर कहती है--- 

     

    गायत्री जी- नहीं मेरे बच्चे तुम्हारी कोई गलती नहीं है जो होना होता है वो होकर ही रहता है इसमे कोई कुछ नहीं कर सकता इसलिए अपने आप को दोष देना बंद करो। 

     

     

     

    उसके बाद वो वाणी को समझा कर चुप करवा देती है फिर उससे केक 🎂 cut करने को बोलती है जिस पर वाणी मना कर देती है  तो वो उसे अपना वास्ता देकर केक 🎂 कट करने को बोलती है

    उनके कहने पर वाणी बेमन से केक cut करती है। 

    वाणी केक cut करने के बाद सबसे पहले उन्हें खिलाती है और फिर उसके बाद गायत्री जी उसे खिलाती है उसके बाद वाणी वहाँ से चली जाती है और गायत्री जी अपने treatment ke लिए चली जाती है क्योंकि उन्हें हेल्थ issues था ।

     


    ____________________
     
     
     
     
    खुराना  empire के कैबिन में जियांश enter करता है उसके enter करते ही उसके सारे bodyguard बाहर ही रह जाते है। 
     
     
     
     
    जियांश का कैबिन बहुत luxurious था और सबसे टॉप फ्लोर पर था , पूरे कैबिन में सिर्फ ब्लैक paint था यहाँ तक कि कैबिन का सारा furniture भी ब्लैक था, कैबिन के बीचो बीच एक ग्लास टेबल पड़ी जिस पर वर्क stuff रखा हुआ laptop एंड एक्सट्रा. टेबल के पास बेठने के लिए king size चेयर ।
     
     
     
     
    चैयर के पीछे बहुत बड़ी ग्लास wall जिससे पूरा मुंबई शहर दिख रहा था जियांश cabin में आकर एक दीवार के पास जा कर खड़ा हो जाता है और जैसे ही उस दीवार पर हाथ रखता है वो दो हिस्सों में बंट जाती है और जियांश उसके अंदर दाखिल हो जाता है।
     
     
     
     
     
    जियांश के अंदर जाते ही वो दीवार वापिस पहले जैसी हो जाती है 
    दीवार के अंदर एक बहुत ही सुंदर और अजीब जगह थी, चारो तरफ बुक शेल्फ और उसमे अजीब-अजीब नाम लिखी हुई किताबे जिनमे से कुछ के नाम तो समझ ही नहीं आ रहे थे क्योंकि वो दूसरी भाषा मे लिखे थे ।
     
     
     
     
     
    जियांश वहाँ से अंदर की और जाता है जहाँ चारो तरफ बस घड़ियाँ ही घड़ियाँ थी उन सभी घड़ियों को जियांश गोर से देखता है और फिर कहता है---'
     
     
     
     
    जियांश- "हम्म मतलब आज एक और बोझ से ये धरती मुक्त कह कर"
    जियांश पीछे मुड़ता है तभी उसके पिछे कोई आकर खड़ा हो जाता है और उसके आगे एक बुक की धूल झटक देता है जिससे धूल जियांश के चेहरे पर उड़ जाती है- 
     
    जियांश खांसते हुए उस धूल को अपने आगे से हटाता है और
     
     
     सामने वाले इंसान को देख तेज़ आवाज़ में झुंझलाहट के साथ कहता है- "अमन"
     
     
    जियांश- ये क्या कर रहे हों तुम और ये मेरी किताब तुम्हारे हाथों में क्या कर रही है (कह्ते हुए सामने वाले इंसान के हाथों से छीन लेता है)
     
    अमन- आप मुझे ये किताब पढ़ने क्यूँ नहीं देते ,
     
     
    जियांश - (irritating स्माइल के साथ) क्यूँ की मे नही चाहता 
     
     
    अमन- अगर में चाहूं तो इसे आपकी गैर मौजूदगी में पढ़ सकता हू लेकिन मे ऐसा करके आपको दुख नहीं पहचाना चाहता। 
     
     
    जियांश- तुम जानते हो अगर तुमने ऐसा किया तो में तुम्हें गायब कर दूंगा 
     
    अमन- आप ऐसा नहीं कर सकते अखिर आपने मुझे अपना assistant बनाया है। 
     
     
     
    जियांश- correction  बनाया नहीं है , तुम जबरदस्ती बने हो (कहते हुए उस हरे रंग की हीरे से जड़ी किताब जिस पर साफ़ शब्दों मे "शैतान " लिखा हुआ था , उसे शेल्फ में रख देता है)
     
     
     
    अमन- हाँ तो इसमे मेरी क्या गलती की मुझे अपना पिछला जन्म याद आ गया और में आपसे बहुत प्रभावित हुआ। 
     
     
     
    जियांश- तुम कितनी बार अपनी स्टोरी repeat करोगे  (कह्ते हुए जाने लगता है)
     
    अमन- आप कहा जा रहे है ?
     
     
    जियांश- एक और बोझ से इस धरती को मुक्त कर उसके बाद अपनी छुट्टी enjoy करने (कह्ते हुए चुटकी बजाते वहाँ से गायब हो जाता है)
     
     
    अमन- ये सच के शैतान है (कह्ते हुए शेल्फ साफ़ करने लग जाता है)
     
    ये है अमन त्यागी, उम्र- 38 साल , दिखने में ये भी अच्छे खासे handsome है,  गेहुंआ रंग,  5,7 हाईट
     
     
     
    पिछले-  18 सालों से जियांश के assistant है और इन्हें पता है कि जियांश एक कोन है और वो क्यों इंसानी दुनिया मे आया है ये भी  ये जियांश के लिए बहुत loyal है और ये बात जियांश भी जानता है इसलिए  जियांग के अलावा उनकी खुफिया दुनिया मे आने वाले ये पहले इंसान है। 
     
     
     
     ~~~~~~~~~~~~~

     
    दूसरी तरफ एक बहुत ही....

    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी " DEMON- ᵀʰᵉ ˢᵒᵘˡ ᶜᵃᵗᶜʰᵉʳ  पर। 

     

     

    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो please like ❤️ comments 💬 और  review ✨️  दीजिए और अगर मुझसे कोई mistake हुई तो वो भी मुझे comment कर के बताईये ताकि में उसमें सुधार कर सकूँ 🌻

     

     

     

     

     

    जारी है.........
     

     

  • 5. 😈𝐃𝐄𝐌𝐎𝐍😈 - 𝐓𝐡𝐞 𝐒𝐨𝐮𝐥 𝐂𝐚𝐭𝐜𝐡𝐞𝐫 - Chapter 5

    Words: 1145

    Estimated Reading Time: 7 min

    दूसरी तरफ एक बहुत ही आलिशान घर के एक bedroom मे एक आदमी बैठा हुआ था जिसने थ्री peace बिजनेस सूट पहना हुआ था और गले में मोटी सी सोने की चैन ।

     

     

     

    उसका assistant उसके पास आता है और उसकी तरफ एक पेपर 📃 बढ़ाते हुए कहता है - "बॉस मिस्टर थापर ने sign कर दिए थे"। 

     

     

     

    उसका बॉस- sign तो करने ही थे अखिर उसे क्या अपनी जान प्यारी नहीं थी  चलो थोड़ा बहुत तो दिमाग है इसमे 

     

     

    फिर अपने assistant को वहां से जाने को कह देता है और किसी को भी उसे disturb ना करने को कहता है। 

     

     

     

    उसकी बात मान उसका assistant वहन से चला जाता है 

     

     

     

    वो आदमी अभी बैठा हुआ था कि अचानक उस कमरे में अंधेरा हो जाता है तो वो आदमी अपने आस-पास देखता है और अपने लोगों को आवाज़ देता है कि lights check  करने को बोलता है लेकिन  कोई response नहीं आता तभी उसे कमरे में अपने अलावा किसी और की मौजूदगी का एहसास होता है। 

     

     

     

    वो अपने फोन की टॉर्च 🔦 ऑन कर सामने देखता है तो उसे अपने सामने काले कपड़े पहने कोई दिखता है वो जब उसका चेहरा देखता है तो डर जाता है लेकिन फिर भी अंजान बनते हुए पूछता है - कोन हो तुम- ?

     

     

     

    सामने वाला शख्स जो कोई और नहीं जियांश था और उसने अपने चेहरे पर मास्क पहन रखा था कहता है- "तुम सच मे मुझे भूल गए कोई बात नहीं में तुम्हें याद दिला देता हूं"

     

     

    कहते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाता है तो उसके हाथ मे आग जलती है और फिर वो आग एक पत्र में बदल जाती है। 

     

     

     

    वो आदमी उस पत्र को देखता है और फिर डरते हुए कहता है- क्या वो दिन आज है ?

     

     

     

    जियांश- तुम आज के दिन को केसे भूल सकते हो मुझे उम्मीद नहीं थी की तुम इतने जरूरी दिन को भूल जाओगे तुम्हें क्या लगा में उस दिन मज़ाक कर रहा था। 

     

     

     

    वो आदमी जियांश से कहता है -"नहीं में कहीं नहीं जाऊंगा" कहते हुए  टेबल से उठा कर लैम्प जियांश के ऊपर फेंक देता है। 

     

     

     

    लेकिन जियांश उसे अपने जादू से हवा में ही रोक लेता है ये देख वो आदमी दरवाजा खोल बाहर जाने की कोशिश करता है और अपने आदमियों को आवाज़ देता है 

     

     

     

    जियांश उसे देख बोरियत से कहता है- क्यूँ अपनी एनर्जी फालतू में वेस्ट कर रहे हों तुम्हारी कोशिशों का कोई फायदा नहीं होने वाला है क्युकी ना ही ये दरवाजा खुलेगा और नाहीं तुम्हारी आवाज़ यहाँ से बाहर जाएगी कह्ते हुए उसकी तरह बढ़ने लगता है 

     

     

     

    वो आदमी डरते हुए- रुको हम क्या deal को जारी रख सकते है या कोई और contract sign कर सकते है 

     

     

    जियांश- इन सब का कोई मतलब नहीं तो चुपचाप मेरे साथ चलो 

     

     

     

    वो आदमी- "नहीं में तुम्हारे साथ नहीं जाऊँगा तुम जाओ यहाँ से निकलो यहां से" कह्ते हुए कमरे में इधर से उधर भागने लगता है। 

     

     

     

    जियांश अपने सिर को 2 अंगुलियों से रब करते हुए कहता है "वो इंसान ही क्या जो बिना चू चा के बात मान ले अच्छा हुआ तुमने अपनी ये इंसानी फितरत नहीं छोड़ी।" 

     

    वो

     आदमी- देखो एक बार मुझे छोड़ दो तुम नहीं जानते में यहां तक केसे पहुंचा हू.........

     

     

    जियांश- में सब जनता हू अखिर मेने ही to किया है सब,  तुम्हें ढेर सारा पैसा और ताकत चाहिए थी, सबसे आगे निकलना चाहते थे तुम, जितना चाहते थे चाहे फिर जो हो जाए और उसके लिए ये रास्ता भी तुम्हीं ने चुना अपनी मर्जी से। 

     

     

    वो आदमी--- नहीं मुझे छोड़ दो इसके बदले तुम्हें जो चाहिए वो दूँगा  में तुम्हें 10 नहीं 100 लोगों की जान दूँगा फिर तो कोई दिक्कत नहीं होगी फिर तो तुम मुझे छोड़ दोगे। 

     

     

     

    जियांश कमरे में इधर-उधर घूमते हुए- तुम्हें पता है मुझे अपना काम बहुत पसंद है  जानते हो क्यों ?

     

     

    क्योंकि ये जो contract में तुम जेसे लोगों के साथ बनाता हू ये किसी के साथ नाइंसाफी नहीं करते इस contract के बदले सिर्फ contract sign करने वाले की ही आत्मा नर्क में जाती है जिसे में खुद नर्क भेजता हू ।

     

    जिसने contract के बदले अपनी इच्छा पूरी की सज़ा भी उसे ही भुगतनी पड़ेगी ।

     

     

    वो आदमी जियांश की बात सुनकर उसके ऊपर हमला करता है लेकिन जियांश गायब हो जाता है जिससे वो आदमी दीवार से टकरा कर नीचे गिर जता है। 

     

     

    जियांग मास्को के अंदर से ही टेड़ी smile करते हुए जब "तुम्हें पता हैक्टर की अब तुम्हारा अंतिम सामी ही तो खुद के हाथ पैर चला कर खुद को थकान रहे हो "।

     

    वो आदमी नीचे गिर कर अपने सीने ओर हाथ रखेगा है और जियांश से खता है "मुझे साँस नहीं आ रही है "

     

     

     

    जियांश- हा क्युकी तुम्हारी मौत heart attack से लिखी है 

     

    वो आदमी- please मुझे बताओं नर्क केसर है 

     

     

     

    जियांश- ज्यादा कुछ नहीं बस बुरे कर्म करने वालों को नर्क में कोड़ों से मारा जाता है और भी कई तरह की सज़ा होती है जो लोगों के पाप के हिसाब से मिलती है, 

     

    वहाँ की लिपटे इतनी गर्म होतो है कि इंसान की हार्डिया तक पिघला दे आत्मायें भी उसे सह नहीं पाती  लेकिन (फिर अपनी चमकती लाल आँखों से उसे देखते हुए ) ये तो पुरानी कहानी है  , 

     

    फिर अपना सिर टेड़ा कर कहता है-  "तुम जहाँ अभी जाने वाले हो वो जगह इससे भी कई गुना भयंकर है जहाँ तुम्हारे साथ साथ क्या होगा ये तुम सोच भी नहीं सकते " कहते हुए उसकी नीली आँखे लाल रंग में बदल कर शैतानी तरीके से चमकते लगती है 

     

    वो आदमी अपनी सांसे संभालते हुए- तुमने ये पहले नहीं बटाया था कि नर्क ऐसा होता है 

     

     

    जियांश शैतानी मुस्कुराहट 😈 के साथ उसके पास पंजों के बल बैठते हिय खता है- तुमने पूछा ही नहीं ,पूछते तो बता देता।

     

      लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं होता अंत मे तो तुम्हें नर्क में ही जाना था तो तुम्हें तो मेरा शुक्रिया अदा करना चाहिए कि मेरी वज़ह से तुम्हें ये सब मुफ्त में मिल गया तुम्हारा तो फायदा ही हुआ तुमने ये contract कर बिल्कुल सही फैसला लिया। 

     

    वो आदमी जियांश की तरफ देख रहा था और तेज सांसे ले रहा था  और उस कमरे में उसकी तेज छलती सांसे साफ सुनाई दे रही थी तभी सब कुछ अचानक शांत हो जाता है उस आदमी की सांसे रुक जाती है हैं और आंखे खुली रह जाती है....।

    उस आदमी की सांसे रुकते ही जियांश के हाथ से वो पत्र जल कर गायब हो जाता है। 

     

    जियांश उस आदमी की खुली अनकहे बंद कर वहाँ से चुटकी बजा कर गायब हो जाता है। 

     

     

     

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    थोड़ी देर बाद 

    Star होटल & restaurant




    तो आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहिए मेरी कहानी " DEMON- ᵀʰᵉ ˢᵒᵘˡ ᶜᵃᵗᶜʰᵉʳ  पर। 

     

     

    और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो please like ❤️ comments 💬 और  review ✨️  दीजिए और अगर मुझसे कोई mistake हुई तो वो भी मुझे comment कर के बताईये ताकि में उसमें सुधार कर सकूँ 🌻

    जारी है.........