Novel Cover Image

Anything for love

User Avatar

Aashi Ahir

Comments

0

Views

5

Ratings

0

Read Now

Description

ये कहानी है निधि वशिष्ठ और कृष सिंह शेखावत की है. निधि जो अपने छोटे भाई के साथ राजस्थान के उदयपुर मे रहती है और वाह एक जिंदादिल और हर पल को जीने वाली लड़की! कृष सिंह शेखावत बहुत अमीर होने के साथ ये कहानी है निधि वशिष्ठ और कृष सिंह शेखावत की है. निधि ज...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. Anything for love - Chapter 1

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 2. Anything for love - Chapter 1

    Words: 1275

    Estimated Reading Time: 8 min

    निधि रात मे देर तक जाकर इंटरव्यू की तयारी की,

    सुबह

    निधि सो रही थी रात में बहुत देर जागी थी इसलिए

    सावी निधि की दोस्त कमरे में आते हुए बोलती हैं अरे कुंभकरण की औलाद कब तक सोएगी " आज तुमार इंटरव्यू का पहला दिन है जल्दी उठ "!

    निधि अचानक उठकर बोलती है " क्या आज हमारे इंटरव्यू का पहला दिन है ?

    हां महारानी " सावी एटीट्यूट से बोली

      क्या और मैंने अभी तो यह भी तेहि नहीं किया कि मुझे कपड़े कौन से पहन ने कि तुम मेरी मदद कर सकती है कपड़े चुनने" में नीति मासूम बनते हुए बोली

    ओए माता मैं तुम्हें जगाने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन तुम वह कुंभकरण की तरह सो रही थी अब जल्दी करो पहले ही लेट हो चुकी हो " सावी निधि को घुरत हुए कहा

    निधि " ठीक है हम जा रहे हैं तू मेरे कपड़े चुस केर रेख में बाथरूम होकर आती हूं

    सावी मुंह बना लेती है " इसका सारा काम मुझे ही करना पड़ता है पता नहीं ऑफिस में कैसे काम करेगी

    निधि बाथरूम से चिल्लाती हुई " करे लगे हम तुम परेशान मत हो

    हां वह तो दिख ही रहा है सुबह-सुबह लेट हो इंटरव्यू के लिए पता नहीं रोज ऑफिस टाइम से कैसे जाओगी "सावी कपड़े निकालते हुए बोली

    निधि अच्छे से तैयार होकर इंटरव्यू के लिए निकल जाती है , उसने अपनी घड़ी में देखा वह थोड़ा लेट थी वह दौड़ते दौड़ते हुए जा रही थी क्योंकि उसे किसी हालत में इंटरव्यू को नहीं खोना था उसे जोब की बहुत ज्यादा जरूरत थी

    वह एक ऑटो वालों के पास जाती है, भैया शेखावत इंटरसिटी चलोगे क्या " निधि हांफते हुए का

    उधर जाने के ₹200 लगेंगे मैडम "

    भैया शेखावत इंटरस्टडी जाना है अमेरिका नहीं "

    नहीं मैडम उधर जाने के ₹200 लगेंगे "

    निधि वहां से जाते हुए " क्या लूट मचा रखी है

    निधि को लेट हो रहा था और ऊपर से वो ओटो भी नहीं मिल रहा था दूसरा

    वो जाए ही रही थी कि एक औरत को एक गाड़ी ने टक्कर मार दी उसके साथ एक छोटा बच्चा भी था ।

    निधि उनके पास जाती है और वह कार वाले को चिल्लाकर बोलती है " आंख वाले अंधे गाड़ी चला रहा है या एरोप्लेन उड़ा रहा है दिखाई नहीं देता कि चोट लग गई है

    कृष गाड़ी से निकल कर आता है और उन औरत को और उस बच्चों को पैसा देता और बोलते ही सॉरी "!

    वह औरत कुछ नहीं बोलती है और अपने बच्चों को गोद में लेकर वहां से चली जाती है शायद वह कृष को जानती है कि वह कैसा है

    वह औरत कृष घर में काम करने वाली एक सर्वेंट थी

    कृष गुस्से में निधि की तरफ देखकर" क्या बोला तुमने मुझे आंखों वाला अंदा

    निधि उसके गुस्से को देख कर डर के कहती है " हेह हमने आपको नहीं कहाता

    कृष कुछ बोलता उसे पहले ही निधि वाहा तोड़ते हुए भाग गई

    अरे बाप रे उसके गुस्से को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे नजरों से खा जाएगा केसा अजीब आदमी था " निधि भागते हुए खुद से कह रही थी

    निधी जैसे तैसे शेखावत इंटरसिटी जाती है

    वह काउंटर के पास जाकर बोलती है " आज हमारा इंटरव्यू था

    वह लड़की कहती है " आज आप लेट है पर आज सर भी थोड़ा लेट आए हैं इसलिए आप इंटरव्यू दे सकती हैं

    निधि की तो जैसे सांस में सांस आई थी उसे लग रहा था कि लेट होने की वजह से उसे इंटरव्यू नहीं लेंगे

    आप वहां जाकर बेठ ये आपका नंबर आगा तो मैं आपको भुला दूंगी

    थोड़ी देर बाद में निधि का नंबर आता है

    आप याहा से लिफ्ट में होकर दसवे फ्लोर पर जाइए आपको सर का केबिन सामने ही दिख जाएगा "

    निधि लिफ्ट से होकर केबिन के पास जाती है

    सर क्या हम अंदर आ जाए "

    अंदर से शक्त आवाज आई " कम इन

    निधि अंदर जाती है और वहां पर कृष को देख कर हैरान हो जाती है अब वो खुद में बड़बड़ा रही थी " हे राम मर गए सारे सियापे मेरी जिंदगी में होना है मुझे ढूंढ ढूंढ कर परेशान करते हो आप भगवान , आप आज मुझे उनसे बचा लेना मैं आपको शाम को ही खीर चढ़ा दूंगी वह भी अपने खुद अपने हाथों से " ।

    कृष ने अभी तक निधि को नहीं देखा, वह अभी तक अपने लैपटॉप में देख रहा था, लेकिन इतनी देर से किसी को ना बोलता देखे अपना सर उठा कर देखता है

       तुम "

    " सर वह हम इंटरव्यू के लिए आए हैं "

    कृष वाह पर अपनी नजरें लैपटॉप में घुसा देता और है बोलता है " सीट डाउन

    निधि एक चेयर पर बैठ जाती है और अपनी फाइल कुष की तरफ आगे कर देती है कुष बिना देखे वह फाइल ले लता है  और लैपटॉप से नजर हटा कर वह फाइल देखने लगता है

    तुम ग्रेजुएट हो "

    जी सर "

    कृष और कुछ बोलता ह उससे पहले उसका फोन बज उठता है , कृष फोन उठाता है आगे से आवाज आती है" सर काव्या बेबी खाना नहीं खा रही है

    क्या" तुम उसे प्यार से खिलाओ "

    नहीं सर खारही और बहुत रो रही है वो आपका हि नाम ले रही है "

    ठीक है मैं भी आता हूं "

    कृष बिना कुछ बोले वहां से निकल जाता है, निधि भी उठकर पीछे पीछे जाने लगती " सर क्या हमारी जॉब पक्की हो गई हम कल से जॉब पर आए

    हां कल से आ जाना तुम्हारा काम तुम तुषार बता देगा " और वहां से चला जाता है

    निधि बहुत खुश होती है " हे कान्हा अब आप खिर का क्या करोगे अब तो मेरी जॉब लग गई और आपको पता ही है मुझे तो खीर बनाना आती नहीं है कितनी गंदी खिर बनाती हु में आपका मूड खराब हो जाएगा मेरी खीर खाकर इसलिए इसे रहने देते हैं

    निधि खुश होते हुए घर चली जाती है अपने

    वहीं दूसरी तरफ

    कृष घर जाता है उससे काव्या रोती हुई दिखाई देती है कृष दौड़ कर उसके पास जाता है " क्या हुआ मेरी बच्ची को

    काव्या रोते हुए " पा ,पा

    कृषि उसे अपनी गोद में लेता है और थोड़ा सा खाना खिलाता है और उसे अपने कमरे में ले जाकर सुला देता है और खुद ही भी उसके साथ सो जाता है थोड़ी देर के लिए

    काव्या कृष की बेटी थी 2 साल की वह ज्यादा कुछ नहीं बोल पाती थी क्योंकि अभी तक वह छोटी थी काव्या दिखने में बहुत सुंदर और बहुत क्यूट लड़की थी कोई भी उसे देखे तो उससे प्यार हो जाए काव्या मुश्किल से दो तीन शब्द ही बोल पाती थी पानी,पापा वह भी अपनी तोतली आवाज में

    कृष 25 साल का था ठीक-ठाक हाइट और दिखने में बिल्कुल गोरा था वह इतना हैंडसम था कि जो भी उसको देखकर बस देखते ही रह जाए कुछ की बॉडी एकदम खतरनाक थी उसे देख कर कोई भी यह कह सकता था कि वह दिन भर जिम रूम में ही रहता है

    वही निधि 22 साले कि है निधि दूध की तरह गोरी थी और सबसे बड़ी उसकी बात की वह बहुत प्यारा बोलती थी उसके बात बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी उसके , बाल उसकी कमर तक आते थे निधि पतली थी लेकिन फिट फ़िगर की थी निधि जब हंसती थी तो उसके राइट साइड वाले गाल पर डिंपल पड़ता था

    ★★★★★

    आप जितने अच्छे-अच्छे कमेंट करेंगे इतनी जल्दी-जल्दी कहानी के पाठ आते रहेंगे

    आप सब कहानी पढ़ लेते हो लेकिन बताना ही भूल जाते हो कहानी आपको कैसी लग रही है

    यह मेरी दूसरी कहानी है मुझे बताइए कि उसकी शुरुआत कैसी है

    जय श्री कृष्णा

  • 3. Anything for love - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min